akshay kranti vol 3€¦ · पक्ष को प्रभािवत न कर e,...

Post on 14-Aug-2020

11 Views

Category:

Documents

0 Downloads

Preview:

Click to see full reader

TRANSCRIPT

सरकषक ी दबाशीष मजमदार

अ यकष एव परबध िनदशक

परामशरदाता मडल

अ यकष

ी एएखटाना

सद य

ी अिभलाख िसह

डॉ आरसीशमार

ी आरक िवमल

ी कमरवीर

ीमती सगीता ीवा तव

ी हरीश कमार चावला

ीमती अलका कमार

सपादक

ीमती सगीता ीवा तव

सपादन सहयोग

ी सजय कमार आयर

ी आलर क ल

ीमती शिश बाला पपन

स ी तलसी

नव वषर 2014 क अवसर पर इरडा की िहदी ई-पितरका क अगल अक को जारी करत हए मझ अ यिधक हषर और गौरव का अनभव हो रहा ह नव वषर पर हम िहदी क परित और अिधक समिपरत होकर कायर करन तथा िहदी भाषा क िवकास क िलए और अिधक परितबदध ह

िकसी भी lsquoकराितrsquo की सफलता क िलए जन-जन की सहभािगता अिनवायर ह अकषय ऊजार कराित को भी साकार करन क िलए जन जाग कता परम आव यक ह तािक ऊजार उ पादन और उपयोग क वतरमान पटनर म परभावी पिरवतरन और सधार हो सक तथा यह पयारवरण अनकल बन सक हम आशा ह अकषय ऊजार पर कि दरत इरडा की यह पितरका इस िदशा म जाग कता पदा कर अपना सबल योगदान दन म सफल हो पाएगी इस ई-पितरका क मा यम स इरडा किमरय को िहदी म अपनी रचनाओ और लख को पर तत करन लखन कौशल सजना मकता और कषमता को बढ़ान तथा उस और पिर कत करन का अ छा अवसर परदान िकया गया ह हमार इस अिभनव परयास म अपनी-अपनी रचनाओ क जिरए नवीन और नवीकरणीय ऊजार मतरालय तथा उपकरम क कमीरगण भी जड़ रह ह हमार इस परयास स जड़न क िलए म इरडा पिरवार की ओर स उ ह हािदरक ध यवाद दता ह हम आशा ह िक भिव य म आप सभी का यह सहयोग और भी बढ़गा मझ यह भी िव वास ह िक हमार इस पयारवरण अनकल िहदी ई-पितरका क परयास स जड़कर अ य उपकरम की सहभािगता भी बनी रहगी भाषा तो िवचार की अिभ यिक त का साधन ह सपरषण का जिरया ह यह सपरषण साथरक तभी हो सकता ह जब सनन अथवा पढ़न वाल कहन अथवा िलखन वाल की बात अथरपणर तरीक स समझ सक भाषाई ि ट स िहदी समदध सरल और सहज ह तथा जनता स अथरपणर सपकर क िलए िहदी अहम भिमका भी िनभा रही ह हम सभी यिद यादा स यादा िहदी का परयोग कर तो िहदी अपनी यह भिमका और बहतर तथा यापक तरीक स िनभा सकती ह जनता की भाषा क परयोग स सरकारी नीितय और कायरकरम क कायार वयन की सफलता को और अिधक कारगर प स सिनि चत िकया जा सकता ह

(दबाशीष मजमदार) अ यकष एव परबध िनदशक

अकषय कराित

िनजी िवतरण क िलए

आईएसआईएसओ 90012008 परमािणत

सदश

इरडा की िहदी ई - पितरका एक अिभनव परयास

प ठ 2

मसी ए क िघि डयाल भारतीय रा य फामर िनगम िलिमटड

अकषय कराित

हा इसी नाम स म उस पकारता था या य कह िक िचढ़ाता था गाव की भाषा म मसी का अथर होता ह छोटी सी चिहया गाव क बड़ स दो मिजल मकान म हम दो पिरवार रहत थ काफी समय पहल की बात ह म कल म पढ़ रहा था गाव म िबजली नही थी लालटन या ल प की रोशनी म ही पढ़ाई होती थी हमारा पिरवार भल ही आिथरक प स बहत समदध नही था िक त सामा य रहन सहन म कोई कमी भी नही थी गाव म कछ ही पिरवार थ िजनक ब च का पढ़न का कमरा अलग होता था तथा कसीर मज पर बठ कर पढ़त थ एक िदन कल स लौटा तो दखा आगन म एक छोटी सी ब ची खल रही थी लगभग तीन साढ़ तीन वषर की स दर कोमल सी उस काया न बरबस ही मरा यान खीच िलया गाव की तो वह थी नही कही बाहर स आई थी म उसस कछ पछन उसक पास गया तो वह शरमा कर भाग गई यह तो मालम हो गया िक यह पड़ोस क पिरवार म ही आई ह पड़ोस म एक स दर सी मिहला रहती थी िज ह म चाची कहा करता था पता चला िक वह ब ची उनकी छोटी बहन ह जो िक आज ही इस गाव म आई ह स दरता का ऐसा मल म दग था िक त उमर म इतना अ तर चाची न खद ही रह य खोला-मरी सौतली बहन ह छोटी मा की बटी न जान उस छोटी सी आ मा न क या असर डाला मरी आख उस ही ढढ रही थी बहत दर तक नही िदखी तो म मन मार कर चला आया शाम को खलत-खलत अनायास ही मझस टकरा गई मन पछा ndash चाची की बहन हो हा कहन क बजाय उसन िसर िहला िदया मन कहा िफर तो मरी मौसी हई ना उसन सदहा पद ि ट मझ पर डाली और भाग गई मझ लगा िक उस मरा पछना अ छा नही लगा मझ वय पर बड़ा ग सा आया रात म खाना खान क बाद म अपन कमर म पढ़न बठ गया अचानक मझ न ह पर की आहट सनाई दी दरवाज की ओर दखा तो वह दरवाज की ओट म खड़ी थी मर इशारा करन पर वह िनसकोच अ दर

पड़ोस म एक स दर सी मिहला रहती थी िज ह म चाची कहा करता था पता चला िक वह ब ची उनकी छोटी बहन ह जो िक आज ही इस गाव म आई ह

प ठ 3

अकषय कराित

आ गई उस पास दखकर ही मर अ दर एक नई ऊजार का सचार हो गया मन उस मौसी कहकर पकारा तो उसन मर गाल पर धीर स एक चपत लगा दी उन न ह हाथ का पशर मानो मर िलए जीवन सजीवनी बन गया उस िदन मन मन लगाकर पढ़ाई की दसर िदन जब म पढ़न बठा था तो वह वय ही सीध कमर म आ गई और इशार स उसन कछ पढ़न क िलए मागा मन एक प तक उस पकड़ा दी िजसस वह काफी िचतर आिद दख सकती थी वह बहत कम बोलती िक त िजतना भी बोलती मझ लगता की मान फल झड़ रह ह म उसकी आखो की चचलता तथा होठ की म कराहट ही दखता रह जाता तीसर िदन वह चपचाप कमर म आई और कसीर पर मर पीछ चढ़ गई अब म उस मौसी न कहकर मसी नाम स िचढ़ान लगा था िक त वह थी िक िचढ़ती ही न थी मानो उस मौसी या मसी िकसी श द स कोई भी फकर नही पड़ता था वह श द क इस फर स कोस दर थी अब मझ उसकी आदत पड़ चकी थी जब तक वह नही आती मरा मन पढ़ाई म न लगता िक त वह रोज आकर मरी कसीर पर चढ़कर मरी पीठ पर झल जाती उसकी बाह का आिलगन मझ जीवन म कछ करन की पररणा दता सा परतीत होता म उसकी आख की भाषा समझन लगा था उसकी आखो म भरी शरारत उसक मन की खशी को जािहर करती थी ओर मझ एक सकन दती थी एक िदन कल स घर पहचा तो आदतन सवरपरथम उस ही तलाशा कही नही िदखी तो लगा िक शायद ब च क साथ खलन चली गई होगी रात म पढ़न बठा तो कान उसक पर की आहट सनन क िलए आतर थ प तक खोलकर बठा तो था िक त िबना उस दख पढ़न को जी नही कर रहा था वह नही आई म उस िदन पढ़ नही पाया सवर उठत ही पहल मन चाची स ही पछा - वो िदखाई नही द रही व बोली - वह तो चली गई मरी मानो धड़कन क गई आखो क आस मन बाहर नही आन िदए बोला क य जान िदया आपन कछ िदन और रह न दती व बोली-उसकी मा उसक िलए परशान थी िफर वापस घर तो जाना ही था िकतन िदन यहा रहती म िन तर था िक त बहत िदन तक मरा मन उदास रहा

म उसकी आखो की चचलता तथा होठ की म कराहट ही दखता रह जाता

प ठ 4

अकषय कराित

समय बीतता गया म उ च िश कषा क िलए गाव छोड़कर शहर आ गया िफर िशकषा नौकरी आिद क चक कर म ऐसा डबा िक िपछला समय मित पटल स ओझल सा हो गया अब मरी नौकरी लग चकी थी पिरवार क सभी सद य शहर म ही थ अत गाव स नाता लगभग टट सा गया था काफी समय बाद गाव जान का मौका िमला परान घर क आगन म पहचत ही अनायास ही वह चहरा मर मित पटल पर आ गया चहरा कछ धधला सा था िक त उसकी चचल आख की स दरता तथा होठ की म कराहट परी तरह ताजा थी मर कमर म कसीर ndash मज अब भी वस ही रख थ जस ही म कसीर पर बठा उसकी बाह क आिलगन की क पना स ही मन परफि लत हो गया इसस अिधक मझस रहा नही गया तरत चाची क पास पहचा और पछा वो कसी ह अब तो बहत बड़ी हो गई होगी शादी-वादी भी हो गई होगी (गाव म शादी कछ ज दी हो जाती ह) चाची चप रह गई म अपन सवाल का जवाब तरत चाहता था मन पन पछा तो चाची कछ आसी होकर बोली ndash वो अब इस दिनया म नही ह मन कहा - क या मतलब मझ लगा िक चाची मर सवाल को समझी नही िक त उ ह न पन दोहराया िक यहा स जान क बाद उसकी तबीयत खराब रहन लगी थी काफी इलाज करवाया िक त वह दो वषर स अिधक नही जी पाई मझ अपन गाव आन पर बहत कषोभ था न आता तो शायद यह कट स य सनन को नही िमलता कम स कम मरी क पना म ही सही वह िज दा तो रहती उसक बाद भी म गाव क उस मकान म गया िक त पन म उस कसीर पर नही बठा िजस पर खड़ होकर वह मरी पीठ पर झलती थी आज भी जब वह िन छल चहरा म कराती मासम आख याद आती ह तो अनायास ही आस िनकल आत ह उसस तो मरा नजदीक का कोई िर ता भी नही था िफर उस आ मा स ऐसा लगाव क य मझ आज भी अपन इस सवाल का जवाब नही िमला सोचता ह क या वह िन छल आ मा ही परमा मा का प थी या परमा मा वय ही धरती पर ----------------

उसक बाद भी म गाव क उस मकान म गया िक त पन म उस कसीर पर नही बठा िजस पर खड़ होकर वह मरी पीठ पर झलती थी

प ठ 5

अकषय कराित

कोई ही ऐसा यिकत या सगठन िवशष होगा जो अपन बहतर अथारत उ क ट जीवन की चाह न रखता हो लिकन चाह रखन मातर स काम नही चलता और न ही िकसी यय को परा त िकया जा सकता चाह हमारा यिकतगत जीवन हो या कायारलयीन जीवन अपन ल य को परा त करन क िलए सबिधत काय गितिविधय क ठ परबधन की आव यकता होती ह ठ परबधन क बहत स सतर हम गीता स िमल ह िजन पर आज हम

ल छदार अगरजी म ढर सािह य उपल ध ह कछ वष पहल बीएचईएल म एक नारा काफी परचिलत रहा वह था उ क टता की ओर अगरसर िविभ न कषतर म उ क टता क ल य को हािसल करन क िलए बीएचईएल न उ क टता पर कार योजना लाग की थी िजसका आधार सतर भी गीता का एक पद ह योग कमरस कौशलम कमर म कौशल का नाम योग ह यह योग की एक पिरभाषा ह शारीिरक मानिसक और भावा मक - इस ितरिवध वा य क सदभर म ही कायर कौशल को दखा जा सकता ह समझा जा सकता ह काम करना अिनवायर नही ह परयोजन क साथ कायर आता ह परयोजन समा त कायर समा त कायर क परित परवि त क िलए परयोजन मखय होता ह हमारा परयोजन कया ह परयोजन ह जीवन की अिनवायर आव यकताए- रोटी कपड़ा मकान िशकषा िचिक सा आिद-आिद इसी क साथ कायर क िव तार क साथ-साथ वतरमान यग म औ योिगक और यावसाियक िव तार हआ और इसन ज म िदया कायर की कषमता और कायर-कौशल अवधारणा को यहा कौशल की चचार स पवर अ छा होगा िक हम कौशल श द को समझ कायर का कौशल वह ह जो दसर क िहत को बािधत न कर जो लाभ द हािन न

पहचाए इन िदन हमारा कायर-कौशल बढ़ा ह िक त उसी क साथ मानिसक

अ त- य तता भी बढ़ी ह कौशल यिद हमार वा य को परभािवत कर रहा ह मानिसक िवकषप बढ़ा रहा ह तो उस कायर-कौशल और कायर-कषमता नही कहा जा सकता

कछ वष पहल बीएचईएल म एक नारा काफी परचिलत रहा वह था उ क टता की ओर अगरसर

कपाराम लहकरा बीएचईएल

कायर-कौशल बढाए तथा उ क टता का ल य पाए

प ठ 6

अकषय कराित

एक सतलन होना बहत ज री ह कायर म दकषता बढ़ तो शारीिरक और मानिसक वा य भी उसी अनपात म बढ़ आज िवकास और कायर-कौशल की अवधारणा मातर पदाथर एवम पदाथर-िनमारण पर अटक गई ह पदाथर का िवकास अिधकािधक होना चािहए हर िदशा म िवकास और कायर-कौशल बढ़ रहा ह लिकन इसान अ छा बन इस परयास म कमी दखी जा सकती ह आदमी अपन आप म इतना पीिड़त और अशात ह िक उसकी क पना भी नही की जा सकती भावा मक वा य क अभाव म कायर-कौशल की सभावना नही की जा सकती भावा मक वा य का कोई पमाना नही ह िक त यिकत क यवहार स हम उस परख सकत ह भावा मक वा य की चार कसौिटया ह

1) उपशम - मन की शाित 2) मदता या िवनमर यवहार 3) मदता या िन छल यवहार 4) सतोष

यिद कायर-कौशल मन की अशाित पदा कर रहा ह िवनमर यवहार म बाधा डाल रहा ह तो िफर कायर की ऐसी दकषता को अदकषता ही कहा जाएगा कायर-कौशल की पहली पिरभाषा यह होनी चािहए - जो जीवन क िकसी अ य पकष को परभािवत न कर बािधत व पीिड़त न कर वह कायर-कौशल ह इस सदभर म िन न बात को अपनात हए कायर-कौशल बढ़ाया जा सकता ह और उ क टता का ल य हािसल िकया जा सकता ह 1) िकसी भी कायर को योजनापवरक कर - कायर-कौशल क साधन म

मह वपणर ह िक िकसी भी कायर को योजना-पवरक करना कायर-कौशल क िलए लिनन का एक परिसदध सतर याद आ रहा ह - िचतन िनणरय और कायार वयन म ल बा अतराल न हो उनम उिचत सामज य रह िचतन आज िकया िनणरय एक वषर बाद और कायार वयन पाच वषर बाद यह बात नही होनी चािहए स कत सािह य म इस दीघरसतरता कहा गया ह जो काम िजस समय करना चािहए उस समय न करक ल ब अतराल क बाद िकया जाए तो असफलता ही हाथ लगगी

2) कोई कायर हड़बड़ी म न कर - कायर-कौशल का दसरा मखय सतर ह िक हड़बड़ी म कोई काम न कर िचतन और िववकपवरक कर

यिद कायर-कौशल मन की अशाित पदा कर रहा ह िवनमर यवहार म बाधा डाल रहा ह तो िफर कायर की ऐसी दकषता को अदकषता ही कहा जाएगा

प ठ 7

अकषय कराित

3 कायर को एकागरता स कर - कायर-कौशल का एक मह वपणर सतर ह - एकागरता का िवकास एक िवचार एक िवक प एक कायर ल और उसी म त मय बन जाए उसी म परी तरह िचत व मन को लगा द हमार अतकरण की सारी परवि तया उसक िलए समिपरत हो जाए जब तक उस कायर क िलए समपरण नही होता तब तक कायर-कौशल नही बढ़ता एकागरता क िलए साधना और अ यास ज री ह अ यास होता ह तो एकागरता बढ़ जाती ह

4 वतरमान म जीना सीख - भत-भिव य को मार भगाई वतरमान म जीओ भाई वतरमान म जीन का ता पयर वतरमान का अनभव वतरमान का जीवन और वतरमान का वास हम वास लत ह तो कभी अतीत म नही लत न भिव य म लत ह अतीत और भिव य की िचता स हम मानिसक अशाित तो होती ह बि क शारीिरक िवकार भी पदा हो जात ह िजसस हमार कायर-कौशल म कमी आती ह जन सािह य म दो श द आत ह - दर य िकरया और भाव िकरया दर य िकरया का ता पयर ह - मदार िकरया मत िकरया भाव िकरया का ता पयर ह जीिवत िकरया पराणवान िकरया वतरमान म जो िजया जा रहा ह कवल उसी का अनभव करत रह यह कायर-कौशल का मह वपणर सतर ह

अत म सार यह उभर कर आता ह िक हमार ल य पिवतर ह हमारा कायर-कौशल इस परकार िवकिसत ह जो िकसी को अकशल न बनाए पीड़ा न पहचाए दसर क िहत पर कठाराघात न कर हमारा सारा परय न और प षाथर इस िदशा म चल िक हमारा अपना कायर िकसी दसर क कायर म बाधा न पहचाए कायर-कौशल का दय यही ह

कायर-कौशल का एक मह वपणर सतर ह - एकागरता का िवकास एक िवचार एक िवक प एक कायर ल और उसी म त मय बन जाए उसी म परी तरह िचत व मन को लगा द

प ठ 8

अकषय कराित

एक राजा था उसक रा य म सब परकार स सख शाित थी िकसी परकार का कोई वर-िवरोध नही था जनता हर परकार स सखी थी पर त राजा को एक बहत बड़ा दख था िक उसकी कोई सतान न थी उस अपना वश चलान की तथा अपन उ तरािधकारी की िचता खाए जा रही थी मिदर मि जद ग वार म जाकर माथा टका कई तीथर थान की यातरा की पर त कोई लाभ न हआ सतान की कमी उस िदन ब िदन खाए जा रही थी बहत सोच-िवचार क प चात उसन अपन रा य क सभी िव वान पिडत को बलवाया और उनस सतान पराि त का उपाय ढढ़न को कहा सभी िव वान न िवचार िकया राजा की ज म कडली का गहन िव लषण िकया अत म व सभी एक मत स एक िन कषर पर पहच उ ह न राजा स कहा िक यिद कोई बरा मण का ब चा अपनी खशी स दवता को बिल द तो आपको सतान की पराि त हो सकती ह राजा न िव वान की बात सनी उसन सार रा य म घोषणा करवा दी िक यिद कोई बरा मण का ब चा अपनी इ छा स खशी-खशी बिल दगा तो उसक घर वाल को बहत सा धन िदया जाएगा राजा क रा य म एक बहत ही गरीब बरा मण था कई िदन फाक म ही गजर जात थ उसक चार लड़क थ बड़ तीन लड़क तो अपना काम-धधा करत थ और अपन पिरवार को आिथरक सहयोग दत थ पर त जो सबस छोटा लड़का था वह कोई काम नही करता था उसका सारा यान हमशा भगवान भिकत म लगा रहता था उसका सारा िदन स कमर करत हए भगवान का मरण करत ही बीत जाता था उसक िपता न भी घोषणा सनी और सोचा यह लड़का िनठ ला ह और कोई काम-धधा भी नही करता इसको बिल क िलए भज दत ह राजा स धन िमल जाएगा तो घर की हालत कछ सधर जाएगी बरा मण अपन सबस छोट लड़क को लकर राजा क पास पहचा राजा न उस लड़क स पछा कया तम िबना िकसी दबाव क अपनी मजीर स अपनी खशी स बिल दन को तयार हो जी महाराज लड़क न बड़ी िवनमरता स उ तर िदया यिद मरी बिल दन स आपको सतान की पराि त होती ह तो म खशी स अपनी बिल दन को तयार ह दकर िवदा िकया ठहराया गया

उसन सार रा य म घोषणा करवा दी िक यिद कोई बरा मण का ब चा अपनी इ छा स खशी-खशी बिल दगा तो उसक घर वाल को बहत सा धन िदया जाएगा

शकर द त पीईसी िलिमटड

िचतन कर

प ठ 9

अकषय कराित

लड़क को अितिथ गह म ठहराया गया हर परकार स उसका खयाल रखा गया अत म उसकी बिल दन का िदन भी आ गया राजा न लड़क को बलाया और कहा आज त हारी बिल द दी जाएगी अगर त हारी कोई आिखरी इ छा हो तो बताओ हम उस परी करग मझ कछ भी नही चािहए बरा मण पतर न कहा बस म बिल दन स पहल नदी म नान करक पजा करना चाहता ह राजा यह सनकर बहत परस न हआ और बोला ठीक ह हम भी त हार साथ नदी तक चलग उस लड़क न नदी म नान िकया िफर नदी िकनार की रत को इकटठा िकया और उसकी चार ढिरया बना दी उसन चार ढिरओ की ओर दखा िफर एक ढरी को अपन पर स िगरा िदया िफर उसी परकार स दसरी ढरी को भी िगरा िदया िफर तीसरी ढरी को भी िगरा िदया उसक वह चौथी ढरी क पास गया उसक चार ओर तीन बार चककर लगाया हाथ जोड़कर उसको माथा टका उसकी वदना की और राजा क पास बिल क िलए आ गया राजा उसका यह सारा करतब बड़ ही कौतहल स दख रहा था पहल तो राजा न सोचा िक बालक ह रत स खल रहा ह पर त जब राजा न दखा िक उसन चौथी ढरी को हाथ जोड़कर परणाम िकया ह तो राजा को इसका रह य जानन की इ छा हई राजा न बालक स पछा बालक तमन रत की चार ढिरया बनाई िफर उनम स तीन को तोड़ िदया और चौथी को परणाम िकया इसका कया रह य ह पहल तो ब च न कोई उ तर नही िदया पर त राजा क दोबारा पछन पर लड़क न कहा राजन आपन बिल क िलए मझ कहा ह म बिल दन क िलए तयार ह आप अपना काम कीिजए आपको इस बात स कया लना िक मन रत की वो ढिरया कय तोड़ी ह राजा को बालक स ऐस उ तर की आशान थी राजा न उसस कहा बालक हमन त हार िपता को त हारी कीमत दकर त ह खरीदा ह तम हमार खरीद हए गलाम हो इसिलए हमार हर पर न का उ तर दना और हमारी हर बात को मानना त हारा धमर बनता ह ह राजन जब आप िजद कर रह ह तो सिनए लड़क न उ तर िदया जब कोई ब चा पदा होता ह तो सबस पहल उसक माता-िपता उसकी रकषा करत ह अगर वह आग क पास जान लगता ह तो उसको उसस बचात ह उसकी हर परकार स रकषा करन की िज मवारी उनकी होती ह लिकन यहा तो मर िपता न ही धन क लालच म मझ बिल दन क िलए आपक पास बच िदया इसिलए पहली

उसकी वदना की और राजा क पास बिल क िलए आ गया राजा उसका यह सारा करतब बड़ ही कौतहल स दख रहा था

प ठ 10

अकषय कराित

ढरी जो उनक नाम की बनाई थी वह मन ढहा दी लड़क न आग कहा दसरी िज मदारी राजा पर होती ह अपनी परजा की रकषा करन की आपन मझ अपनी सतान पराि त क िलए बिल दन क िलए खरीद िलया तब आपस कया पराथरना करता इसिलए दसरी ढरी जो मन आपक नाम की बनाई थी वह भी तोड़ दी जीव की रकषा करन का तीसरा भार दवी-दवताओ का होता ह बालक न तीसरी ढरी का रह य बतात हए कहा लिकन यहा तो दवता वय ही मरी बिल लन को तयार बठा ह तो इसस कया पराथरना करता इसिलए मन तीसरी ढरी भी तोड़ दी लिकन चौथी ढरी का कया रह य ह राजा न पछा और अत म सहारा होता ह भगवान का ई वर का ब च न रत की ढिरय का रह य खोलत हए कहा मरी बिल दी जानी थी सो मन अत म ई वर स पराथरना की परभ की पजा-अचरना करक उनस रकषा करन की पराथरना की अब वही मरी रकषा करग वही होगा जो ई वर को मजर होगा म बिल दन क िलए तयार ह rsquo इतना कहकर वह बालक राजा क पास जाकर िसर झका कर खड़ा हो गया राजा उस छोट स बालक की इतनी जञान की बात सनकर स न रह गया राजा न सोचा म इस बालक की बिल द दगा बरा मण ह या भी हो जायगी िफर पता नही मझ जो सतान परा त होगी वो कसी होगी परजा का खयाल रखन वाली होगी या नही कही मरा और वश का नाम ही न डबो द यह बालक गणवान ह ई वर का भकत ह सब परकार स मर लायक ह कय न म इस ही गोद ल ल और इस ही अपना पतर बना ल इतना िवचार करत ही उसन उस बालक की बिल दन का कायरकरम र कर िदया और उस बालक को गोद ल िलया कहत ह उस बालक म अ छ गण होन क कारण उसन कई साल तक रा य िकया और हर परकार स परजा की रकषा की उसक रा य म िकसी को िकसी परकार का कोई क ट नही था

इतना कहकर वह बालक राजा क पास जाकर िसर झका कर खड़ा हो गया राजा उस छोट स बालक की इतनी जञान की बात सनकर स न रह गया

परकित िजदगी स ह िजदगी बनी भी परकित स ह चलता रह य िविचतर खल य ही इसका भी अमल िजदगी स ह

प ठ 11

शोिभत ह िज़दगी धरती की धार पर इस हिरत धारा पर ऊजार स भरपर ह हिरत ऊजार स य ससि जत य खब ह

हिरत ऊजार क भ डार का खजाना य खब ह जल वाय और सौर ऊजार ह इनक अ यत ोत

ल अमल म इनको अगर बचाना ह य धरा अनमोल अदभत ह खजान परकित क अगर कर ल मन य इनका सदपयोग

य झोखा जो हवा का ह य जो तरग म जलधारा ह अदभत िकरण जो फलाती जीवन की धारा ह

समझ ल इनका जो इशारा ह कर परयोग इ ही का अपन यतर मतर स छपा ऊजार का अनमोल खजाना ह

परकित िजदगी स ह िजदगी बनी भी परकित स ह चलता रह य िविचतर खल य ही इसका भी अमल िजदगी स ह

रकषा कर इस धरा की स पना इसको नई िजदगी को ह इस परकित स बना मन य महान

िफर क य कर रहा परकित का सवरनाश खद को बचा हर िजदगी को बचा

करक हिरत ऊजार का स मान जीन द जीवन को और भी कर ल सयम म अपना य िवषकत घटता जीवन का चकर य ह इशारा परकित का हर पल सभल जरा ना कर इसको त तग

मक त खल परकित स कर ल इस हिरत ऊजार का परयोग अ छ क बदल अ छा दना सीख परकित का य खल

अलका कमार इरडा

अकषय कराित

किवता

प ठ 12

नही सीखा अब भी अगर परकित म सब जाएगा बदल जी ना पायगा िफर त इस परकित म िमट जाएगा अश तरा इस परकित स हिरत परकित और य हिरत ऊजार ह य इस धरा क जीवन दायक सीख परकित स लना दना

िसखा रह य जीवन का मल मतर परकित का आहार परकित मत द आहार आपराकितक सतलन िबगड़ गया अगर हो जायगी िवनाश िजदगी

अब सभल जरा और कर ल परण करक हिरत ऊजार को ही खचर बना धारा को शोिभत हरदम

िफर रहगा परकित और िजदगी का य खबसरत सग

हिरत परकित और य हिरत ऊजार ह य इस धारा क जीवन दायक सीख परकित स लना दना िसखा रह य जीवन का मल मतर

अकषय कराित

प ठ 13

अकषय कराित

कमरचािरय की आदत उनक यिक त व और िन पादन कषमता का पार पिरक सबध - एक िव लषण

हम िजस िकसी सगठन म काम करत ह उसक परित हमारा ल य होना चािहए सबिधत स थान क िलए अपनी सपणर कषमताओ का इ तमाल कषमताओ का बहतर परयोग तभी हो सकता ह जब हम अपन अदर अ छी आदत का िवकास कर हमार शा तर वद उपिनष और अ य धािमरक गरथ हम अ छी आदत क िवकास क सबध म बीज मतर बतात ह िक हम मनसा वाचा और कमरणा शदध रहना चािहए मनसा वाचा और कमरणा शदधता स ता पयर ह िक हम मन वाणी और कम स अ छ बन रह हमारी नीयत नक हो हम अपन सहकिमरय सािथय और अ य लोग क साथ अ छा बरताव कर और हमार कमर अ छ ह इस बीज मतर पर चलन वाला हमशा अपन अदर अ छी आदत का िवकास होता पायगा

असल म िदककत यही ह िक हम उपदश दन म तो आग रहत ह लिकन खद क अदर नही झाकत या कम ही झाकत ह - lsquoपर उपदश कशल बहतरrsquo सपरिसदध लखक सरदार परन िसह न एक बार कहा था आचरण की स यतामय भाषा सदा मौन रहती ह अथारत आदमी खद चप रहकर खद को ठीक रख तो इसका परभाव खद-ब-खद दसर पर पड़ता ह इसको हम एक छोट स उदाहरण स प ट कर सकत ह िक मान िलया जाए हम ब च स कह धमरपान नही करत लिकन उसक सामन खद ऐसा कर इसस इतर हम अगर यह सब करत ही नही ह तो इसका यादा असर ब च पर पड़गा अ छी आदत घर स श होकर समाज द तर और उसस आग तक हम हमशा हमारा फायदा िदलाती ह

कहा जाता ह िक व थ तन म ही व थ मन िनवास करता ह इसी तरह यह भी कहा जाता ह िक व थ वातावरण ही उ नित का योतक होता ह व थ वातावरण तभी बनगा जब उस माहौल म रहन वाल लोग

हीरा व लभ नराकास

असल म िदककत यही ह िक हम उपदश दन म तो आग रहत ह लिकन खद क अदर नही झाकत या कम ही झाकत ह - lsquoपर उपदश कशल बहतरrsquo

प ठ 14

अकषय कराित एक दसर का स मान करग खद की आदत को सधारग और उस स था की तरककी क िलए अपन तर पर हर वह काररवाई करग जो औ योिगक सगठन और लोग की उ नित म ज री होती ह

औ योिगक सगठन िकसी भी दश की अथर यव था को मजबत आधार परदान करत ह औ योिगक सगठन म परयोग होन वाल सम त ससाधन म मानव ससाधन अथारत उसम काम करन वाल कमरचारी मह वपणर और िनणारयक होत ह इन सगठन का सफल सचालन वहा कायररत कमरचािरय की कशलता और कायरकषमता पर आधािरत होता ह कशलता और कायरकषमता का ोत हमारा आचरण और यवहार होता ह जािहर ह औ योिगक सगठन म मानवीय सबध परी एक ऐसी िकताब ह िजसक िबना कभी कछ नही कराया जा सकता लोग क साथ सतोषजनक प स काम करना परबधन क काम का िसफर एक िह सा नही ह वरन सारा

काम इसी पर िटका ह कय िक सभी उ योग म मशीन माल या दसरी चीज़ क साथ कोई भी काम लोग क मा यम स ही िकया जा सकता ह तीन lsquoएमrsquo अथारत मनी मटीिरयल और मशीन औ योिगक सगठन क िलए मह वपणर ससाधन होत ह लिकन इ ह पिरणाम तक पहचान का कायर कमरचारी (man) ही करत ह जो सगठन दर अदशी रहकर कमरचािरय क जञान उनकी िविश टताओ उनक आचरण को अनकल साच म ढालन क परित सजग रहत ह वही सफलता की ऊचाइय को छत ह अगरजी म एक परानी कहावत ह -- Where the vision is one year Cultivate flowers Where the vision is ten years Cultivate trees Where the vision is eternity Cultivate people अथारत जहा दरअदशी एक साल क िलए हो तो फल लगाइय जहा दरअदशी दस साल क िलए हो तो पड़ लगाइय

औ योिगक सगठन म परयोग होन वाल सम त ससाधन म मानव ससाधन अथारत उसम काम करन वाल कमरचारी मह वपणर और िनणारयक होत ह

प ठ 15

अकषय कराित जहा दरअदशी अनत काल क िलए हो तो लोग का िवकास कीिजए औ योिगक सगठन म 500 आदमी ह 5000 आदमी ह 50000 ह या इसस अिधक अगर कामकाज ठीक स चलाना ह तो बहत ज री ह परबधन उनस िनभाना जानता हो यिकतगत सपकर का मह व

वातानकिलत कमर म बठकर और सचार मा यम या िकसी अ य तरीक स कमरचािरय की िरपोटर लना और आस पास होन वाल घटनाकरम को जानना अलग बात ह और कायर थल पर वय उपि थत रहकर ि थित को समझना और िनदश दना अलग बात महान जनरल रोमल की सफलता का मखय कारण यह था िक व हमशा कायर थल पर वय उपि थत होकर िनदश दत बात की पि ट करत सम याए सलझात और दखत िक काम कसा चल रहा ह रोमल का यह तरीका इतना सफल रहा िक िकसी भी औ योिगक सगठन या कारोबार म इस अपनाया जाए तो आशातीत पिरणाम सामन आ सकत ह लोग क बीच खद उपि थत होकर काम करन का कोई िवक प नही ह लोग अिधकाशतः उनको नापसद करत ह िज ह व ठीक स जानत नही ह पर एक बार जान पहचान हो जान पर हालात बदल जात ह कमरचािरय म अ छी आदत का िवकास करन की पहली शतर ह िक पहल उनक िदल म घर िकया जाए ऐस िकसी भी बरताव स बचा जाए िजसस वह अपन को उपिकषत महसस करन लग अतः सवदनशीलता का यान रखना बहत ज री ह

कमरचािरय क परित सवदनशील यवहार-कौशल और धयरपणर होन क अितिरकत इस बात पर ढ़ रहना ज री ह िक काम ठीक परकार स हो अ छ यवहार क साथ कमरचािरय को यह जताना भी ज री ह िक उनस काम का उ च तर अपिकषत ह और उस पर उनक साथ कोई समझौता नही और अगर इस पर अमल नही करत तो उ ह पता होना चािहए िक आप कड़ी काररवाई करग

सकारा मक नजिरया परबधन का एकमातर काम िनदश दना नही ह वरन उस साथ-साथ लोग का िवकास करना होता ह

महान जनरल रोमल की सफलता का मखय कारण यह था िक व हमशा कायर थल पर वय उपि थत होकर िनदश दत बात की पि ट करत सम याए सलझात और दखत िक काम कसा चल रहा ह

प ठ 16

अकषय कराित एक अिधकारी का मखय काम यही ह िक वह अपन साथ काम करन वाल लोग म अ छी आदत का िवकास कर उनकी सहायता कर यिद यह काम परभावशाली ढग स कर पाता ह तो इसस कवल उसक अपन काम ही बहतर नही ह ग बि क उसक पास परिशिकषत और कशल कमरचािरय का परा दल होगा जो उसक परित परी िन ठा स काम करगा इसक िलए सबस पहल कमरचािरय का नजिरया ठीक करना ज री ह उनम सबस पहल यह भावना लानी होगी िक हमार अदर जो चीज ह वही हम ऊपर की ओर ल जाती ह और वह हमारा नजिरया ह

एक आदमी मल म ग बार बचकर अपनी गज़र-बसर करता था उसक पास लाल नील पील हर-चार रग क ग बार थ जब कभी उसकी िबकरी कम होन लगती तब वह हीिलयम गस स भरा एक ग बारा हवा म छोड़ दता ब च उस उड़ता दखकर वसा ही उड़न वाला ग बारा पान क िलए मचल उठत ब च उसस ग बारा ख़रीदत और इस तरह उसकी िबकरी िफर स बढ़ जाती िदन-भर यही िसलिसला चलता रहता एक िदन वह आदमी बाज़ार म खड़ा ग बार बच रहा था अचानक उस महसस हआ िक पीछ स कोई उसका करता पकड़कर खीच रहा ह उसन पीछ मड़कर दखा तो एक छोट स ब च को खड़ा पाया उस ब च न ग बार वाल स पछा ldquoअगर आप काला ग बारा छोड़ग तो कया वह भी उड़गाrdquo ब च की बात उसक िदल म लगी और उसन यार स जवाब िदया ldquoबट ग बारा अपन रग की वजह स नही उड़ता बि क उसक अदर कया ह इस वजह स ही वह ऊपर जाता ह rdquo ठीक यही बात हमारी िज़दगी म भी लाग होती ह अगर लोग का नजिरया बहतर हो उनम अदर स काम करन की इ छा भरी हो तो व खलकर आपस म िमलकर काम करग इसस नकसान तो कम होगा ही स थान क परित िन ठा बढ़गी और लगन स काम करन का वातावरण तयार होगा िव वास हािसल करना आव यक

कमरचािरय स बहतरीन काम लन क िलए शानदार टीम लीडर होना ज री ह मटठीभर लोग का कोई समह िकला तभी फतह कर सकता ह जब

एक आदमी मल म ग बार बचकर अपनी गज़र-बसर करता था उसक पास लाल नील पील हर-चार रग क ग बार थ

प ठ 17

अकषय कराित जब उनका सनापित उनम वह जोश भर सक िक उ ह कोई भी ऊचाई यादा न लग अतः सबस ज री ह िक स थान म कमरचािरय की

कषमताओ का परा फायदा लन क िलए उनका िव वास जीता जाए इसक िलए उनक साथ परी इ जत स पश आना ज री ह उनकी छोटी-बड़ी खशी को बाटना और उनकी राय को परा स मान दना भी उतना ही ज री ह कई बार परबधन क उ चािधकारी या लीडर अपनी टीम क सद य स िसफर इसिलए राय नही लत कय िक उ ह लगता ह िक एक बार राय लन पर अगर उनकी बात नही मानी गयी तो उ ह बरा लगगा लिकन सबस ज री ह िक टीम म सभी सद य को िव वास म लकर काम िकया जाए यहा टीम लीडर की भिमका मह वपणर होती ह वह खद वकत का पाबद होगा तो उसक मातहत कमरचािरय म वयमव यह गण आदत का प ल लगी टीम लीडर का काम अपनी टीम का उ साह बढ़ात हए दी गयी िज मदािरय को समय स परा करना ह मगर उसम नयी चीज़ को सीखन की ललक होनी चािहए ऐसी ललक जब स थान क कमरचािरय म आदत का प लन लगती ह तो वह स थान जािहर ह नए परितमान थािपत करन लगता ह जापानी कपिनया हर बात म कमरचािरय क िहत का यान रखती ह िजसस व वय ही उ पादकता क परित सचत हो जात ह जानी-मानी टोयोटा कपनी क कमरचािरय म तो काम की ऐसी आदत सी या ललक होती ह िक व तब तक काम करत ह जब तक खद थक कर चर नही हो जात यह उनकी आदत ही बन चकी ह िक यिद व िकसी बात पर नाराज होत ह तब भी कपनी या अपन भागय को भल ही कोस ल पर अपन काम पर असर नही पड़न दत इसका कारण यह ह िक जापानी कपिनया काम का एक अ छा वातावरण बनान और लोग म काम क परित स ची लगन को बढ़ावा दन क िलए कड़ा परयास करती ह वहा लोग को लगातार परिशकषण िमलता रहता ह जो कवल तकनीक और मनजमट ही नही कायर स जड़ी नितकता और अ छी आदत क िवकास पर किदरत होता ह चिरतर का िनमारण उनकी एक आदत सी बन जाती ह अगर हम भी एक अ छी शिखसयत बनना ह तो हम अपनी आदत को गहराई स जाचना होगा

ऐसी ललक जब स थान क कमरचािरय म आदत का प लन लगती ह तो वह स थान जािहर ह नए परितमान थािपत करन लगता ह जापानी कपिनया हर बात म कमरचािरय क िहत का यान रखती ह

प ठ 18

अकषय कराित चतन और अवचतन मन

हमार चतन मन क पास सोचन की शिकत होती ह यह िकसी बात को मान सकता ह और नही भी मान सकता मगर अवचतन मन िसफर वीकार करता ह यह इनपट (input) को लकर कोई भदभाव नही करता अगर हम अपन मन म डर शका नफरत क भाव भर तो यह आ म सझाव इन सभी भाव को सिकरय बनाकर हकीकत म बदल दगा हमारा अवचतन मन एक डाटा बक की तरह ह अवचतन मन एक गाड़ी की तरह ह और चतन मन एक डराइवर की तरह शिकत तो गाड़ी म होती ह मगर उसका कटरोल डराइवर क पास होता ह

हम अवचतन मन को इस तरह ढालन की ज रत ह िक वह हम सही और ठीक रा त पर ल जा सक अवचतन मन एक बगीच की तरह होता ह िजस कोई परवाह नही होती िक आप कस पौध लगात ह यह िनरपकष (neutral) होता ह इसम अ छा बोन पर अ छा िमलता ह अ यथा जगली पौध उग जायग

बि क अ छ बीज बोन क बावजद जगली पौध उगन बद नही होत आव यकता होती ह उ ह उखाड़ फकन का िसलिसला जारी रखन की इसी िसदधात को कमरचािरय क मामल म समझन की ज रत ह हम याद रखना ह िक सही और गलत िवचार मन म एक साथ नही रह सकत आव यकता उनक अवचतन मन को इस तरह ढालन की ह िक उनम अ छी आदत का िवकास हो दरअसल अवचतन योगयता वह होती ह जब हम यान दन और सोचन की यादा ज रत नही होती कय िक यह हमार यवहार म खद ब खद उतरन लगा ह िजस स थान क कमरचारी इस तर पर पहच जात ह उनम अ छी आदत वयमव घर करन लगती ह जब बरी आदत हमार अवचतन योगयता क तर तक पहच जाती ह तो वह कावट उ प न करती ह

पिरवतरन का िवरोध बरी आदत को पहचान लन क बाद भी अकसर दखा गया ह िक

लोग उ ह बदलत नही ह ऐसा आिखर कय होता ह उनक न बदलन का कारण ह िक व िज मदारी को वीकार करन स इनकार करत ह

हम अवचतन मन को इस तरह ढालन की ज रत ह िक वह हम सही और ठीक रा त पर ल जा सक अवचतन मन एक बगीच की तरह होता ह िजस कोई परवाह नही होती िक आप कस पौध लगात ह

प ठ 19

अकषय कराित अपनी उन आदत को बनाय रखन म उ ह जो आनद िमलता ह वह पिरवतरन क ददर स यादा होता ह इसक िन निलिखत कारण हो सकत ह -- 1 पिरवतरन की इ छाशिकत का अभाव 2 पिरवतरन क िलए आव यक अनशासन की कमी 3 िव वास की कमी 4 आव यक जानकारी की कमी परबधन वारा इन िबदओ पर िवचार कर अपन किमरय म आशातीत पिरवतरन लाया जा सकता ह सामा यतः खराब आदत को न बदलन क बहान िदय जात ह और कहा जाता ह -- हम लोग इसी तरह करत ह या िक म नही समझता इसस कोई फकर पड़गा और कछ न िमला तो कह िदया जाता ह म बहत य त ह अ छी आदत का िन पण

आदत म पिरवतरन लाया जा सकता ह आव यकता ह इसक िलए सही पिरवश का िनमारण करन की कमरचािरय को परिशिकषत करन की परिरत करन की और ऐसी ि थितया उ प न करन की िजसस कमरचािरय म अ छी आदत का िन पण हो सक दरअसल सफल लोग का राज यह ह िक व काम करन की उन आदत को डाल लत ह जो असफल लोग करना नही चाहत य वही काम ह िज ह सफल लोग भी करना

नही चाहत लिकन व िफर भी करत ह उदाहरण क िलए असफल लोग अनशासन और महनत करना पसद नही करत सफल लोग भी अनशासन और कड़ी महनत नापसद करत ह लिकन व िफर भी ऐसा करत ह कय िक य लोग उन काम को करन की आदत डाल लत ह िज ह असफल लोग नही कर पात नजिरय और सोच का तरीका एक आदत ह और इस बदला जा सकता ह सही ि ट और सतलन कमरचािरय म काम क सबध म सही ि ट बनाय रखन की परवि त िवकिसत करना ज री ह जब कछ गलत हो रहा होता ह तो उस ठीक करना परबधन का ही काम होता ह समझा यह जाता ह िक परायः हम गलत हो रह काम को लकर इतन िचितत हो जात ह िक जो सही हो रहा ह उस भी अनदखा करन की हमम आदत होती ह

दरअसल सफल लोग का राज यह ह िक व काम करन की उन आदत को डाल लत ह जो असफल लोग करना नही चाहत

प ठ 20

अकषय कराित उदाहरण क िलए अगर िकसी स कोई गलती हो जाती ह तो हम एकदम उस पर िच ला पड़त ह या उसक िव दध काररवाई कर बठतहअ छा यह रहगा िक आप उस अलग ल जाकर अकल म बात कर अगर परशसा करनी हो तो सबक सामन कर

अगर िकसी स सहमित न बन तो उस पर करोध करना ज री नही ह अगर अपन करोध पर काब रखग तो लोग अपनी असहमित को अ यथा नही लग अगर आप अपन िवचार को खला रखग तो दसरी ओर स भी आप ऐस ही यवहार की अपकषा कर सकत ह परायः लोग अपनी सहमित कछ इस तरह जतात ह िक सामन वाला भी अपनी बात पर अड़ जाता ह समझन की बात यह ह िक सभी ि थितय म कवल तकर ही काफी नही होगा िकसी स असहमत होन म भी यवहार कशल होना ज री ह सबस पहल तो दसर को अपना पकष रखन का मौका द उसकी बात सन और जहा तक हो सक उसस अपनी सहमित भी परकट कर और िजन बात पर सहमित न बना सक उस समझाए

हमम स अिधकाश लोग उन किमरय और उनकी गलितय पर अ यिधक यान दत ह िजनक िलए हम काम करत ह पर अपन किमरय पर नज़र डालना भल जात ह अगर वय को उन लोग की नजर स दखा जाए तो आशातीत पिरणाम दखन को िमलत ह

आ म मथन आप कया करना चाहत ह कसा करना चाहत ह - इस सोच को

वतरमान म अपन अदर मथन करन को आ म-सझाव कहत ह एक बार सब म जब इसकी पिरपाटी श हो जाती ह तो यह हमार अदर िवजञापन की तरह काम करता ह अपन बार म अपन िलए अदर ही परचािरत करता ह इसका हमार चतन और अवचतन (Sub-concious) मन दोन पर परभाव पड़ता ह अततः यह हमार नजिरए और यवहार को परभािवत करता ह और धीर-धीर आदत का प लता ह यह दरअसल अपन अवचतन मन को ढ़ालन या परोगराम करन की िविध ह

हमम स अिधकाश लोग उन किमरय और उनकी गलितय पर अ यिधक यान दत ह िजनक िलए हम काम करत ह पर अपन किमरय पर नज़र डालना भल जात ह

प ठ 21

अकषय कराित आ म-सझाव अ छ या बर हो सकत ह जब हम बर आ म-सझाव को बार-बार दोहरात ह तब हमारा अवचतन मन उन पर िव वास करन लगता ह और हम उसी को वा तव म यवहार करन लगत ह सकारा मक आ म-सझाव को बार-बार मथन करन स उसकी हमार िदलोिदमाग म त वीर बन जाती ह और वही असिलयत का प लन लगता ह एक उदाहरण क िलए जब कभी हम सबह 0600 बज टरन पकड़नी हो और हमार पास अलामर घड़ी न हो तो हम मन म कहकर उठत ह िक 0400 बज उठना ह तो कया हम नही उठत अगर उठत ह तो इसक पीछ आ म-सझाव ही काम करता ह आ म-सझाव एक रा ता ह िजसस हम अपन िदमाग को परोगराम करक ढ़ालत ह सकारा मक आदत को िवकिसत करन म आ म-सझाव की परवि त मह वपणर िसदध हो सकती ह हमार नजिरए और आदत को तय करन वाल कारक हमार नज़िरए को मखयतः तीन कारक परभािवत करत ह - वातावरणः घर कल आिफस मीिडया सा कितक प ठभिम धािमरक प ठभिम परपराए और भाषाए सामािजक-राजनितक माहौल - य सब िमलकर एक तहजीब बनात ह चाह घर हो या आिफस या अ यतर - हर जगह हर िकसी की अपनी तहजीब होती ह उदाहरण क िलए हम एक दकान म जात ह तो वहा का स समन बड़ अदब वाला होता ह लिकन वही जब दसरी दकान पर जात ह तो वहा का स समन कभी-कभी बड़ा खा और बदतमीज िमल जाता ह उसी तरह िकसी क घर म यार भरा माहौल िमलता ह तो िकसी क घर म हमशा लड़ाई-झगड़ का इसी तरह जब सरकार और राजनीितक माहौल ईमानदारी का होता ह तो लोग भी ईमानदार मददगार और कानन का पालन करन वाल होत ह बईमान और भर ट माहौल म िजस तरह एक ईमानदार का जीना मि कल होता ह उसी तरह ईमानदारी भर माहौल म बईमान यिकत को मि कल होती ह िन सदह अ छ वातावरण म मामली कमरचारी म वमव अ छी आदत िवकिसत होती ह और उसकी कायर करन की शिकत बढ़ जाती ह जबिक खराब माहौल म अ छा काम करन वाल की भी कषमता िगर जाती ह

सकारा मक आदत को िवकिसत करन म आ म-सझाव की परवि त मह वपणर िसदध हो सकती ह

प ठ 22

अकषय कराित कायर-स कित का बहाव ऊपर स नीच की ओर होता ह नीच स ऊपर की ओर कभी नही यह दखना बहत ज री ह िक हमन अपन िलए और आस-पास क लोग क िलए कसा वातावरण तयार िकया ह खराब वातावरण म अ छ की उ मीद करना बमानी ह अनभवः हम अपन जीवन म अपन काम-काज म हालात स जसा अनभव पात ह वह हमारी आदत का िह सा बन जात ह और उसी क अनसार हमारा यवहार होता ह अगर िकसी क परित हमारा अनभव अ छा होता ह तो हमारा नज़िरया भी अ छा होता ह ज री ह िक कमरचािरय को ऐसा कायर-पिरवश िमल िजसस उनक अवचतन म अ छ अनभव की छाप अिकत हो

परिशकषण भी ज़ री यहा िसफर सदधाितक जञान ही काफी नही होता बि क औपचािरक और अनौपचािरक दोन ही तरह की िशकषा व परिशकषण ज री ह जञान और जानकारी को यिद योजनाबदध तरीक स परयोग िकया जाए तो उसस बौिदधक तर को बढ़ान म आशातीत सफलता िमलती ह काम करन की कला अ छी िशकषा स ही आती ह ज री ह िक परिशकषण म मनोवजञािनक सामािजक आिथरक व अ य पहल को समझन की आदत िवकिसत की जाए अवचतन म यह िबठाना बहत ज री ह िक जीवन की भ यता काम क वारा ही सभव ह स थान म सभी को लगना चािहए िक उनका काम मह वपणर ह यही परबधन कला का सार ह जब कमरचािरय को ऐसा एहसास होन लगता ह तो उनक नज़िरए म बदलाव आन लगता ह उपसहारः काम क परित लोग म अ छी आदत िन िपत करन और उनम उ साह जगान स कायर-िन पादन म िनरतर िनखार आता ह दरअसल हर यिकत म मानिसक और शारीिरक ऊजार उ प न होती ह िजसक िलए काम ही सबस अ छा िनकास ह एक िवचारक क अनसार lsquoआप पछत ह म लगातार काम कय करता ह

यहा िसफर सदधाितक जञान ही काफी नही होता बि क औपचािरक और अनौपचािरक दोन ही तरह की िशकषा व परिशकषण ज री ह

प ठ 23

अकषय कराित इसका वही कारण ह िजस कारण स मगीर अ ड दती जाती ह rsquo काम क िबना इसान घट सा जाता ह उस काम की उतनी ही ज रत होती ह िजतनी हवा की आव यकता ह िक उस सही वातावरण उपल ध करान और सही िदशा म अिभपरिरत करन की व ततः हर यिकत अदर स गिरमा और आ मस मान की चाह रखता ह आव यकता ह उस अतःपरिरत करन की लोग को खद स परिरत करन क िलए हम उनकी ज रत और इ छाओ को समझना होगा पररणा कायरकषमता और आदत क बीच सीधा सबध ह जो लोग उतना ही काम करत ह िक उनकी नौकरी बची रह तो ऐस लोग िकसी भी स थान क िलए मह वपणर नही हो सकत अतपररणा स सोच म बदलाव लाया जा सकता ह पररणा आग क समान होती ह

कमरचािरय को िजतना परिरत िकया जाएगा उनम उतनी ही सकारा मक आदत का िवकास होगा कमरचािरय को उिचत स मान दकर उनक कायर को अिधक मनोरजक बनाकर परबधन वारा उनकी बात को गौर स सनकर उनकी सम याओ और सझाव पर गौर करक उ ह वय ल य िनधारिरत करन क िलए परो सािहत करक िवकास क नय अवसर उपल ध कराकर आव यकतानसार समय-समय पर समिचत परिशकषण िदलाकर तथा नयी चनौितय स जझन क िलए परो सािहत करक िन सदह उनक आचार और यवहार को सकारा मक िदशा म पाियत िकया जा सकता ह

कमरचािरय को िजतना परिरत िकया जाएगा उनम उतनी ही सकारा मक आदत का िवकास होगा

ई-पितरका म लख आिद म परकट िवचार

मलतः लखक क ह तथा यह आव यक नही ह िक

इरडा भी इन िवचार स सहमत हो

प ठ 24

अकषय कराित

िबिटया

आख म मोती लकर तम िबिटया जाती हो हा जाओ िशकषा का उपहार द रह िवदा समय यह लो ल जाओ इन पराण म परीित त हारी ममता क धन िसदरी इन नयन की बद पली परकट करती ह मजबरी लाचारी ह िफर पराण म क य ह इतनी आकलता

जब इस रीित पर पराओ म वश न िकसी का ह चलता िपतकल को तजकर अब िबिटया पित-कल म जाना होगा

नटखटपन को छोड़ धमर का ही िजसम बाना होगा इस घर की तम बड़ी लाडली पराण स यारी िबिटया

चली लाकर आज सभी को िपता की कर सनी किटया िजन हाथ न लाड़ चाव स अब तक था िजसको पाला उन हाथ न ही िबिटया को दलह राजा जी को द डाला

िजसका दख जरा मन मला हो जाती थी हरानी क यादान उसी का कर क दय बनाया पाषाणी

िकया न जाता था पल भर को इन आख स दर िजस मोती झरत िवदा द रहा आज सकल पिरवार उस अपनी मा क जीवन की तम परित-पल हो आधार रहो

िवजयता िपता क दय मिदर की िबिटया तम साकार रही आज जीवन क सख-दख सार वही िबतान तम लो जान आओगी जब कभी यहा तम होगी महमान समान

सतीश कमार कलावत इरडा

इस घर की तम बड़ी लाडली पराण स यारी िबिटया चली लाकर आज सभी

को िपता की कर सनी किटया

प ठ 25

ससराल की कभी बराई कही न मह पर आ जाव धमर कमर क तर य पथ म पाव नही िडगन पाव

सात परितजञाय जो तमन अिग नदव स मख की धारण द पि त जीवन का मह व ह करना स च मन स पालन

बटी इन सात बचन का यान दय म रह सदा दोन कल की लाज इसी म भला न दना इस कदा पित ही ह सवर तर त हार पित ही को जीवन समझो

जो कछ कह उसी को मान उनको िबिटया तम धन समझो शीलवती तम बन िबिटया पित-भक त मना सदर िनस दह वय उपजग क प-वकष घर क अ दर

पहन सिशकषा की साड़ी को शभ गण भषण अपनाओ दस लकषण शभ लकषण धार िन य नय मगल गाओ यह िशकषा उपहार दय का तम को राह िदखायगा भल भटक कर भी अिधयारा पास न आन पायगा

हम सब की आख स मोती उर स िनकल रही आशीष सभी सख स पणर परफि लत कर त ह दलह राजा की ईश

अकषय कराित

िजन हाथ न लाड़ चाव स अब तक था िजसको पाला उन हाथ न ही िबिटया को दलह राजा जी को द डाला

प ठ 26 अकषय कराित

ldquoपयारवरणrdquo श द पिर+आवरण स बना ह अथारत बा य आवरण को ही पयारवरण कहत ह इस बा य आवरण का ता पयर हमार चार ओर क वातावरण और पिरवश स ह िजस हम दसर श द म परकित भी कह सकत ह प वी पर िव यमान सपणर जीव-जगत क अि त व जीवन-यापन एव चहमखी िवकास म परकित की मह वपणर भिमका ह मानव बिदधजीवी पराणी ह और परकित क मह व स भली-भाित पिरिचत होन क कारण ही सिदय स परकित की पजा करता रहा ह

विदक काल स ही परकित तथा मानव क बीच जीवन ततर का अटट सबध रहा ह हमार पराचीन ऋिष-मिनय न प वी म हवा पानी िमटटी पड़-पौध जीव-ज तओ और मानव क सिकरय सहयोगा मक सतलन को यान म रखकर ही परकित को प य माना धमर क साथ परकित को जोड़कर उ ह न परकित को पयार त मह व िदया व जानत थ िक िजस परकार जीवन क िलए भिम की आव यकता होती ह उसी परकार वन पितया व अ य पराणी भी आव यक ह य सभी परकित क अिभ न अग ह इनम स एक क भी न ट होन का परभाव दसर पर पड़ता ह और पिरणाम व प पराकितक असतलन पदा हो जाता ह व तत प वी म हवा पानी िमटटी पड़-पौध जीव-ज तओ और मानव का सिकरय सहयोगा मक सतलन रहता ह पड़-पौध भिम को उपजाऊ बनात ह िमटटी को बाधकर रखत ह बरसात करवान तथा जल एव वाय को व छ रखन म सहायक होत ह परत आज क बढ़त औ योिगकीकरण और शहरीकरण न परकित और मानव क बीच असतलन उ प न कर िदया ह यह असतलन अिशकषण बढ़ती जनसख या शहर की ओर पलायन वकष की कटाई गगनचबी इमारत बड़-बड़ उ योग की थापना आिद क कारण ह और यही पयारवरण परदषण क मख य कारण ह मटरोपोिलटन एव बड़ शहर म अनक काबरिनक और अकाबरिनक गस जस ndash काबरन-मोनोऑक साइड अमोिनया आिद परदषण क मख य ोत ह

वतरमान पयारवरण -21वी सदी की चनौती

लख सरीन सल

विदक काल स ही परकित तथा मानव क बीच जीवन ततर का अटट सबध रहा ह

प ठ 27 अकषय कराित मन य न अपनी भितक सख-सिवधाओ की आपित र क िलए परकरित स

िखलवाड़ िकया ह वतरमान मशीनी यग म मन य वारा परकित क अ यिधक दोहन एव िनत नए कारखान की थापना स पयारवरण सकट उ प न हआ ह मानव न परकित क साथ जो अ यायपणर यवहार िकया ह उसी क फल व प परकित का िवरोधी रवया हआ ह िजस भिव य म सह पाना मि कल होगा

अिशकषा क कारण दश की तजी स बढ़ती आबादी क आवास की मलभत आव यकता को परा करन क िलए वकष की कटाई करक ऊची-ऊची इमारत बनाई जा रही ह वकष की अधाधध कटाई स भिम की ऊवररा शिक त का तो ास हो ही रहा ह साथ ही परदषण जसी िवकराल सम या भी ज म ल रही ह

परदषण पयारवरण क ास का परमख कारण ह िवकासशील दश िनत नए उ योग की थापना करक बराजगारी की सम या को तो दर कर रह ह िकत इसस जल वाय विन तथा िविभ न परकार क परदषण बढ़ रह ह कल-कारखान और मोटर स िनकलन वाल धए स वाय परदषण हो रहा ह जल थल व नभ क मागर पर शिक त चािलत वाहन विन परदषण का मख य ोत ह शहरीकरण और औ योिगकीकरण क कारण शदध पयजल की सम या िवकराल प धारण कर रही ह कारखान स िनकलन वाल कड़-कचर क निदय म िमलन स जल परदषण हो रहा ह रासायिनक खाद और कीटनाशी दवाओ स मदा परदषण का खतरा बन गया ह

इस परकार जनसख या विदध शहरीकरण औ योिगकीकरण एव परदषण जसी सम याओ न पयारवरण को बरी तरह परभािवत िकया ह आज सपणर िव व पयारवरण को लकर िचितत ह इस भयावह ि थित स बचन क िलए पर यक यिक त को पयारवरण क परित जाग क करना आज की अिनवायर आव यकता ह

इस िदशा म सवरपरथम िनरकषरता को समा त िकया जाना चािहए साकषर भारत की पिरक पना म जनसख या विदध दर वय िनयितरत हो जाएगी करल रा य इसका परमाण ह जहा साकषरता क साथ-साथ जनसख या िनयतरण भी ह

जल थल व नभ क मागर पर शिक त चािलत वाहन विन परदषण का मख य ोत ह

प ठ 28 अकषय कराित

इसक बाद बात आती ह परदषण िनवारण की आज िव व भर क

वजञािनक और पयारवरणिवद इस िदशा म कायररत ह सवरपरथम वन क काटन पर परितबध लगाया गया ह और वन सपना क िव तार हत वकष लगान क िलए परो सािहत िकया गया इसक िलए सरकार की ओर स वकष आिद िनश क उपल ध कराए जात ह ldquoपयारवरण परदषण स थाrdquo और व छ वाय अिधिनयम जस िविधक उपाय स वाय परदषण पर रोक लगान का परयास िकया जा रहा ह जहरील धआ उगलन वाल कारखान तथा वाहन पर भारी आिथरक दड का परावधान ह िविभ न सचार मा यम mdashदरदशरन समाचार-पतर तथा आकाशवाणी क मा यम स जनता को पयारवरण क परित जाग क करन क परयास िकए जा रह ह निदय म खलन वाल परदषण ोत को बद करन की योजनाए चलाई जा रही ह पािलथीन क परयोग को बद करन क िलए चलाया जा रहा ह अिभयान भी परशसनीय ह

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह इस खतर स सपणर भमडल का अि त व न ट हो जाए इसस पहल हम पयारवरण की सरकषा करन का सक प लना होगा

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह

िस धी होन क प चात भी मझ बगाली रीित िरवाज़ िमठाइया यहा का पहनावा अगरज क ज़मान की बनी सरचनाए एव भवन इ यािद म बहत िदलच पी एव िच थी

प ठ 29 अकषय कराित

यातरा स मरण-कोलकाता-खिशय हषर का शहर(िसटी ऑफ जॉय)

सोिनया सिह वानी पीईसी िलिमटड

म पी ई सी िलिमटड नामक कपनी क िविध ककष म उप िविध परबधक क पद पर कायररत ह सन 2010 जन स इस कपनी म मन परबधन परिशकष क प म अपनी पहली नौकरी की श आत की पी ई सी िलिमटड वािण य मतरालय क अतगरत आन वाली आयात-िनयारत यापार स स बिधत क पिनय म स एक ह इस स दभर म जनवरी 2011 म िविभ न िवभाग क परबधन परिशकषओ को ओिरएटशन हत काडला कोलकाता इ यािद शहर म भजन का कायरकरम िनि चत िकया गया कोलकाता क पास हि दया पोटर होन क कारण कोलकाता शहर चना गया जहा पी ई सी वारा आयात की गयी व तए पोटर गोदाम म रखी जाती ह साथ ही म कोलकाता पोटर िभ न गोदाम इ यािद दखन की यव था की गयी एव सची म समावश िकया गया यह सनकर मरी ख़शी का िठकाना न रहा क य िक मन कोलकाता शहर क बार म सना बहत था पर त कभी दखा न था िस धी होन क प चात भी मझ बगाली रीित िरवाज़ िमठाइया यहा का पहनावा अगरज क ज़मान की बनी सरचनाए एव भवन इ यािद म बहत िदलच पी एव िच थी आिखरकार मझ मौका िमला और जनवरी की कड़ाकदार ठ ड क बीच हम एक रिववार शाम कोलकाता राजधानी स अपनी मिजल की और िनकल पड़ िद ली स कोलकाता क सफ़र क बीच हमारी गाड़ी इलाहाबाद गया िबहार तथा धनबाद जस शहर स होत हए बगाल की ओर पहची हसत-गात खलत-खात हए हम अगली सबह हावड़ा जकशन पहच गए रलगाड़ी स उतर कर टशन स बाहर िनकलत ही मझ िसटी ऑफ जॉय क नाम स मशहर कोलकाता की पहली झलक िदखाई दी ऐसा लगा मानो मझ भारत क दो पहल एकसाथ जीत हए नज़र आए एक तरफ थ टशन स बाहर एव अ दर जात हए स दर कपड़ गहन म लद हए कोलकाता क बगाली िनवासी साथ म बड़ी-बड़ी गािड़य म घमत कोलकाता क नौजवान और ठीक दसरी तरफ मरी नज़र पड़ी हगली नदी पर बन परिसदध हावड़ा िबरज पर िजस दख एक अलग ही दिनया का एहसास हआ

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह

िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी

एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया नतीजा मर समकष था

प ठ 30 अकषय कराित

हावड़ा िबरज पर हर तरफ लोग का जमावड़ा था इतन लोग दख िद ली क चादनी चौक की याद आ गयी ऐसा लगा मानो म 50 साल पीछ िकसी लक एव वाईट दिनया म कदम रख चकी थी िबरज क दोन तरफ सामान बचत हए दकानदार िखलौन मछली रख हए औरत एव छोट-छोट ब च मख य शहर स हावड़ा जान वाल आम आदमी मजदर की तज़ र तार फरी स र ता पार करन वाल यापारी इन सब को दख लगा कोलकाता म मबई जसी भागम भाग भी थी िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया नतीजा मर समकष था जस-जस म कोलकाता शहर क भीतर आन लगी मझ इस शहर क िवकास की झलक िदखाई दी एक तरफ थी ऊची ईमारत सदर िवशाल िव यासागर सत पल बड़-बड़ होटल माल कोलकाता उ च यायालय राईटसर िबि डग मशहर इडन गाडरन टिडयम इ यािद तो दसरी तरफ था िवक टोिरया ममोिरयल अगरज की वा तकला क अनसार िदखती लाल ईटो की इमारत िवक टोिरयल सरचनाए भवन छोटी-छोटी पटिरय पर समान बचत नया बाज़ार (New Market) क दकानदार एव िवक टोिरया ममोिरयल क बाहर चलत सलािनय क िलए रथ वाल घोड़ हमारा होटल जसीबोस सड़क पर ि थत था एव सिवधाओ स भरपर था पर त मन य जाना िक असली कोलकाता का मज़ा गाड़ी म नही अथवा िरक शा ऑटो तथा साल स चलती आ रही सड़क पर टराम म था

हर तरफ मझ पील रग की टिक सया िदखाई दी सब एक समान थी तथा मरसीडीज़ गाड़ी क बगल म चलती 1-2 पय म सफ़र की जान वाली टराम भी साथ िदखाई दी परी िजदगी िद ली म यतीत करन क बाद हर नए शहर का रहन-सहन बोल-चाल रीित-िरवाज़ जानन की जाग कता मझम हमशा रही पहल ही िदन स कोलकाता मझ रास आया जस िक कहत ह lsquoकोलकाता हमार खब भाला लागली छ rsquo कहन का ता पयर य िक मझ कोलकाता बहत अ छा लगा पहल िदन िक शाम को हमन य मािकर ट म खरीददारी करन का मन बनाया म हरान थी िक वहा चीज िकतनी स ती िमल रही थी िद ली क मतािबक एक ितहाई दाम पर चिडया गहन बग जत कत इ यािद िमल

िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया

प ठ 31 अकषय कराित य मािकर ट िद ली क लाजपत एव सरोिजनी नगर समान ह कम

दाम म अ छा समान िमला कोलकाता चमड़ क िलए भी मशहर ह एव परिसदध ी लदसर दकान भी इस बाज़ार म ि थत ह यहा खरीदारी का हमन खब ल फ़ उठाया

अगल िदन हम हि दया पोटर गए एव अनक जहाज़ दख 3-4 घट की दरी पर ि थत यह पोटर अनक एकड़ म फला हआ था पहली बार इतन बड़ जहाज़ को अदर स दख खब आनद आया तीसर िदन हम काली बाड़ी मिदर गए बगाली अ यत पाठ-पजा वाल दगार मा क स च उपासक ह यह सब जानत ह दगार पजा इनका लोकिपरय उ सव ह तथा काली मा एव दगार मा की स च मन स पजा करत ह कोलकाता क िनवासी भिक त भावपणर ह यह सना था अब खद दख भी िलया बगाली र म स पजा करन का य मौका अ यत आनदमयी था इसक अलावा काली बाड़ी क नज़दीक ही ि थत ह गौिरहाट बाज़ार यहा की दकान बगाली सािड़या कपड़ सट कत इ यािद क िलए परिसदध ह आिद धक तशवर नामक मशहर दकान म जाकर मरा भी मन िकया िक म भी खरीददारी क मर सािथय न बहत सािड़या खरीदी एव दाम दखकर म दग रह गई सदर स सदर साड़ी मातर 600700 पय की थी मन बगाल की मशहर लाल एव सफद िपरट की साड़ी भी खरीदी कोलकाता म खरीददारी का अलग की मज़ा ह उसी िदन शाम हम सा ट लक िसटी मॉल गए वह सा ट लक टिडयम क नज़दीक ह यहा िदखाई िदया कोलकाता का परगितशील प नौजवान फटबाल की जसीर पहन माल म घम रह थ एक स एक

मशहर बरड वहा मौजद थ इसक अलावा कोलकाता क िनवासी खब मनोरजन क शौक़ीन ह सगीत नाच गाना इ यादी म िच रखत ह कोलकाता म जगह-जगह सगीत कला अकडमी तथा पढ़न (रीिडग) क क लब ह अगरज क शौक तथा रहन-सहन की झलक आज भी यहा िदखती ह यहा क नौजवान को खल-कद म भी खब िदलच पी ह फटबाल का तो जस यहॉ सबको जनन ह

भारत क परिसदध मोहन बगान फटबाल क लब फटबाल क वहा क नौजवान ही नही परा शहर ही दीवाना ह भारत-पाक मच हो या आई पी एल इडन गाडरन मदान लोग स खचा-खच भरा रहता ह अफ़सोस म वहा अदर जा न सकी

इसक अलावा काली बाड़ी क नज़दीक ही ि थत ह गौिरहाट बाज़ार यहा की दकान बगाली सािडया कपड़ सट कत इ यािद क िलए परिसदध ह

प ठ 32 अकषय कराित

मर सफर क आखरी िदन म मन कोलकाता क लोग म एकता क नजार दख िविभ नता म भी एकता का उदाहरण दखा चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख िजस िदन हम कोलकाता पहच थ उसी िदन वहा शहर बद था और मन एक जट होकर लोग को अपनी बात कहत हए दखा एव सना यहा क लोग अपन शहर क िवकास बहतरी क िलए जाग क ह िज मदारी लत ह तथा सरकार को अपनी बात भली-भाित कहत ह लड़िकय औरत की इ ज़त करत ह एव यहा िक मिहलाओ को मन िनदरलीय पाया जहा एक ओर भारत की राजधानी होन क बावजद िद ली वाल अपनी िजदगी म मगन रहत ह वही दसरी और कोलकाता म अमीरी-गरीबी िभ न जाितय म भी एक जटता ह कपड़ा एव खाना आज भी यहा खब स ता िमलता ह पर त दसरी तरफ सब जानत ह िक बड़-बड़ उ योगपित िव वान लखक िखलाड़ी गायक अिभनता िनदशक यहा स उभर ह सािह य हो या लख बॉलीवड हो या िकरकट बगाल न भारत को अनक नाम एव गौरव िदए ह चाह सौरव दादा हो या रिव दर नाथ टगोर ममता बनजीर रानी मखजीर हो या योित बस भारत म इनकी भिमका का वणरन करन की ज रत नही

मन कछ िदन क कोलकाता क सफर म इस शहर को जानन समझन का परयास िकया हगली नदी क िकनार खड़ होकर समदर को दखा निदय को िनहारा िव यासागर सत िबरज की सदरता िवशालता को सराहा क सी दास की परिसदध िमठाई का ल फ उठाया मन बहत शहर घम पर त यह सफर मर िलए सबस यादगार रहा कोलकाता परगित क मागर पर िनरतर बढ़ रहा ह पर त आज भी वह अपनी जड़ नितक म य को नही भला ह एक आम आदमी आज भी टराम म या फरी स सफर करता ह यहा क िनवासी दो पय स लकर 500 ० का खाना खात ह पराना एव नया कोलकाता एक साथ जीिवत ह िसक क क दो पहल की तरह कोलकाता क यह दो प को एक साथ रहत दख बहत आनद आया

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 33 अकषय कराित

जल परकित का अनपम उपहार ह मानव जाित अपन परादभारवकाल स ही इस उपहार का उपयोग अपन िहत क िलए करती आई ह जल वह पराकितक उपहार ह िजसका कोई िवक प नही ह इसिलए जल को अमतया जीवन भी कहा गया ह जल क िबना जीवन की सभावना भी नही ह पर यकष प स तो जल की मानवीय आव यकता सीिमत ह परत परोकष आव यकताओ पर नजर डाल तो दिनक जीवन की आव यकताए जस अ न फल स जी दध स लकर हमार पहराव आवास तक सब जल स जड़ हजल का जरा भी सतलन िबगड़ जाए तो जीवन यापन क टपरद होन म दर नही परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह जल क सामा य त य जल या पानी एक आम रासायिनक पदाथर ह जो जीवन क सभी जञात प क जीिवत रहन क िलए ज री ह आमतौर पर जल अपनी दरव अव था म उपयोग म लाया जाता ह पर यह ठोस अव था बफर और गस अव था जल वा प या भाप प म भी पाया जाता ह प वी क लगभग तीन चौथाई िह स पर िव व क महासागर का अिधकार ह अनमानत प वी पर जल की कल मातरा लगभग 1400 िमिलयन घन िकलोमीटर ह जो िक प वी पर 3000 मीटर गहरी परत िबछा दन क िलए काफी ह तथािप जल की इस िवशाल मातरा म व छ जल का अनपात बहत कम ह प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह शष जल झील निदय वायम डल नमी मदा और वन पित म मौजद ह जल की जो मातरा उपभोग और अ य परयोग क िलए व ततः उपल ध ह वह निदय झील और भजल म उपल ध मातरा का छोटा-सा िह सा ह इसिलए जल ससाधन िवकास और परब ध की बाबत सकट इसिलए उ प न होता ह कय िक अिधकाश जल उपभोग क िलए उपल ध नही हो पाता

परभावी जल परबधन और दश का िवकास

दीपक आहजा ओएनजीसी िवदश

प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह

प ठ 34 अकषय कराित

और दसर इसका िवषमतापणर थािनक िवतरण इसकी एक अ य िविश टता ह फलतः जल का मह व वीकार िकया गया ह और इसक िकफायती परयोग तथा परब ध पर अिधक बल िदया गया ह प वी पर उपल ध जल जल-चकर क मा यम स चलायमान ह जल लगातार एक चकर म घमता रहता ह िजस जलचकर कहत ह इसम वा पीकरण वषार और बह कर सागर म पहचना शािमल ह हवा जल वा प को थल क ऊपर उसी दर स उड़ा ल जाती ह िजस गित स यह बहकर सागर म पहचाता ह जल चकर का िचतर नीच पर तत िकया गया ह

अिधकाश उपभोकताओ जस िक मन य पशओ अथवा पौध क िलए जल क सचलन की ज रत होती ह जल ससाधन की गितशील और नवीकरणीय परकित और इसक परयोग की बार बार ज रत को ि टगत रखत हए यह ज री ह िक जल ससाधन को उनकी परवाह दर क अनसार मापा जाए इस परकार जल ससाधन क दो पहल ह अिधकाश िवकासा मक ज रत क िलए परवाह क प म मािपत गितशील ससाधन अिधक परासिगक ह आरिकषत भ डार की ि थर अथवा िनयत परकित और साथ ही जल की मातरा तथा जल िनकाय क कषतर की ल बाई व म यपालन नौ सचालन आिद जस कछक िकरयाकलाप क िलए भी परासिगक ह

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 35 अकषय कराित

जल का यय अप यय जल क बार म एक नही कई च कान वाल त य ह िव व म और िवशष प स भारत म जल िकस परकार न ट होता ह इस िवषय म जो त य सामन आए ह उस पर जाग कता स यान दकर जल क अप यय को रोका जा सकता ह अनक त य ऐस ह जो हम आन वाल ख़तर स तो सावधान करत ही ह दसर स पररणा लन क िलए परो सािहत करत ह और पानी क मह व व इसक अनजान ोत की जानकारी भी दत ह प वी पर पदा होन वाली सभी वन पितया स भी हम पानी िमलता ह

आल और अनानास म 80 परितशत और टमाटर म 95 परितशत पानी ह पीन क िलए मानव को परितिदन 3 लीटर और पशओ को 50 लीटर पानी

चािहए भारत म 83 परितशत पानी खती और िसचाई क िलए उपयोग िकया जाता

ह इज़राइल म औसतन मातर 10 सटीमीटर वषार होती ह इस वषार स वह

इतना अनाज पदा कर लता ह िक वह उसका िनयारत कर सकता ह दसरी ओर भारत म औसतन 50 सटीमीटर स भी अिधक वषार होन क बावजद अनाज की कमी बनी रहती ह

िपछल 50 वष म जल क िलए 37 भीषण ह याकाड हए ह भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल

चलती ह पानी ज य रोग स िव व म हर वषर 22 लाख लोग की मौत हो जाती ह यिद बरश करत समय नल खला रह गया ह तो पाच िमनट म करीब 25

स 30 लीटर पानी बरबाद होता ह बाथ टब म नहात समय 300 स 500 लीटर पानी खचर होता ह जबिक

सामा य प स नहान म 100 स 150 लीटर पानी खचर होता ह िव व म परित 10 यिकतय म स 2 यिकतय को पीन का शदध पानी

नही िमल पाता ह परित वषर 6 अरब लीटर बोतल पक पानी मन य वारा पीन क िलए

परयकत िकया जाता ह मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 36 अकषय कराित

िद ली मबई और च नई जस महानगर म पाइप लाइन क वॉ व की खराबी क कारण रोज़ 14 स 44 परितशत पानी बकार बह जाता ह

निदया पानी का सबस बड़ा ोत ह जहा एक ओर निदय म बढ़त परदषण रोकन क िलए िवशषजञ उपाय खोज रह ह वही कल कारखान स बहत हए रसायन उ ह भारी मातरा म दिषत कर रह ह

भारत म जल सकट नासा की एक िरपोटर न पानी को लकर दश भर म बढ़ती जा रही लापरवाही क परित आख खोली ह इस िरपोटर म भारत म सख की ि थित पदा होन क िलए िज मवार कारण म स एक अहम कारण अधाधध जल दोहन को बताया गया ह बतात चल िक दश भर क 604 िजल म स 161 सख की मार झल रह ह वस अब बताया जा रहा ह िक सख की मार स बहाल िजल की सखया बढ़कर 246 हो गई ह यानी कहा जाए तो आधा दश सख की चपट म ह बहरहाल नासा की इस िरपोटर म बताया गया ह िक भारत क कई रा य कषमता स यादा जल दोहन कर रह ह यहा कषमता स ता पयर यह ह िक उनस िजतन सलाना जल दोहन की उ मीद कदर करती ह व उसस कही यादा जल दोहन कर रह ह नासा न यह अ ययन 2002 स 2008 क बीच

की ि थितय क आधार पर िकया ह इस िरपोटर म बताया गया ह िक पजाब हिरयाणा और राज थान हर साल औसतन 177 अरब कयिबक मीटर पानी जमीन क अदर स िनकाल रह ह जबिक कदर की तरफ स लगाए गए अनमान क मतािबक इ ह हर साल 132 अरब कयिबक मीटर पानी ही जमीन क अदर स िनकालना था इस तरह स दखा जाए तो य तीन रा य िमलकर कषमता स 30 फीसदी यादा पानी का दोहन कर रह ह जािहर ह िक िबना कछ सोच-िवचार जब इस पमान पर पराकितक ससाधन का दोहन िकया जाएगा तो परकित भी बदला लगी और वही हो रहा ह इस िरपोटर म यह भी बताया गया ह िक भारत का महज 58 फीसदी भजल ही हर साल िरचाजर हो पाता ह नासा की यह िरपोटर बताती ह िक अधाधध जल दोहन की वजह स पर उ तर पि चम भारत क भजल तर म हर साल 4 सटीमीटर यानी 16 इच की कमी आ रही ह इस अ ययन को अजाम दन म नासा क जल िवजञानी मट रोडल न अहम भिमका िनभाई ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 37 अकषय कराित

उनक हवाल स इस िरपोटर म बताया गया ह िक दश क उ तर पि चम कषतर म 2002 स 2008 क दौरान तकरीबन 109 कयिबक िकलोमीटर पानी की कमी हई ह यह मातरा िकतनी अिधक ह इसका अदाजा इसी स लगाया जा सकता ह िक यह अमिरका क सबस बड़ जलाशय लक मीड की कषमता स दगन स भी कही यादा ह अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह इस िरपोटर क मतािबक अगर अधाधध जल दोहन इसी तरह स जारी रहा तो आन वाल समय म भारत को अनाज और पानी क सकट को झलन क िलए अभी स तयार हो जाना चािहए जािहर ह िक जब जल सकट बढ़गा तो खती पर इसका गहरा परभाव पड़गा अनाज क उ पादन म कमी आएगी इस वजह स अनाज सकट पदा होगा और भख का एक नया चहरा उभरकर सामन आएगा एक बड़ा तबका जो आज भरपट भोजन कर पाता ह उसक िलए पट भर खाना िमलना मि कल हो जाएगा भखमरी की जो सम या पदा होगी उसस िफर िनपटना आसान नही होगा इसक अलावा पीन क पानी का टोटा तो होगा ही अभी ही दश क कई िह स ऐस ह जहा क लोग को पीन क िलए साफ पानी नही िमल पा रहा ह कई कषतर ऐस ह जहा गमीर क िदन म हडपप स पानी आना बद हो जाता ह वहा क लोग को हर साल बोिरग को कछ फट बढ़वाना होता ह यह सम या भजल तर क िगरत जान की वजह स ही पदा हई ह जब पीन क पानी का सकट पदा होगा तो बोतलबद पानी का कारोबार काफी तजी स बढ़गा कहन का मतलब यह िक िजसक पास पसा होगा वह अपनी यास बझा सकगा और िजसक पास पसा नही होगा उस अपनी यास बझान क िलए भी सघषर करना पड़गा ि थित की भयावहता की क पना ही िसहरन पदा करती ह भारत म दिनया का हर छठा आदमी रहता ह यानी कहा जाए तो दिनया क कल आबादी क तकरीबन सतरह फीसदी लोग भारत म रहत ह जबिक दिनया का महज साढ़ चार फीसदी पानी ही भारत म उपल ध ह ऐस म जल सम या स दो-चार होना कोई आनापिकषत बात नही ह एक बात तो तय ह िक पराकितक ससाधन म इजाफा तो नही िकया जा सकता ह लिकन इसका सरकषण अव य िकया जा सकता ह

अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह

प ठ 38 अकषय कराित

भारत म लोग िकसी एक मा यम स पयजल परा त करन पर िनभरर नही ह इस दश म 357 फीसदी लोग हडपप स 367 फीसदी लोग नल स 182 फीसदी लोग तालाब पोखर या झील स 56 फीसदी कओ स 12 फीसदी लोग पारपिरक साधन स और 26 फीसदी लोग अ य मा यम स पीन का पानी परा त करत ह इस िलहाज स अगर दखा जाए तो जल सकट को दर करन क िलए समगर कायरयोजना की ज रत ह

दरअसल भारत म गहरात जल सकट क िलए काफी हद तक पानी की बबारदी भी िज मवार ह यहा जल आपित र की यव था म काफी खािमया ह नल क जिरए घर तक पहचन वाल पानी का एक बड़ा िह सा िरस कर बबारद हो जाता ह हर शहर म फट हए आपित र पाइप आसानी स दख जा सकत ह इस बदहाल यव था क िलए सरकार क साथ-साथ सामा य लोग भी कम िज मदार नही ह एक तरफ तो सरकार पयजल क नाम पर हर साल हजार करोड़ पए का बजट बनाती ह और दसरी तरफ जमीनी तर पर हालात म कोई बदलाव नही िदखता ह सामािजक तौर पर भी जल सरकषण को लकर जाग कता का अभाव िदखता ह यह सामािजक तान-बान का ही असर ह िक लोग कही भी जल की बबारदी को दखकर उस सामा य घटना मानत हए नजरअदाज कर दत ह दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था यह अब घटकर 1800 कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर हो चका ह

दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था

प ठ 39 अकषय कराित

िवशषजञ का अनमान ह िक अगर पानी की खपत और बबारदी इसी तरह स जारी रही तो 2025 तक यह घटकर हजार कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर ही रह जाएगा उस समय तक पानी की उपल धता म आन वाली इस कमी की वजह स किष उ पादन म तीस फीसदी की कमी आन की सभावना ह इन पिरि थितय म दश की आिथरक और सामािजक ि थित का कया होगा इसका अदाजा सहज ही लगाया जा सकता ह भारत म जल सरकषण क परित आज भी आम लोग क मन म उपकषा का भाव बना हआ ह साथ ही इस कायर क िलए आव यक तकनीक की भी कमी ह जो तकनीक उपल ध ह उनस सामा य लोग अनजान ह बािरश क पानी का सगरह करक उस उपयोग म लाना एक अ छा िवक प ह पर इस तरह की कोिशश काफी सीिमत मातरा म काफी छोट तर पर हो रही ह यही वजह ह िक दश म होन वाली बािरश क पानी का अ सी फीसदी िह सा आज भी समदर म पहच जाता ह अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह अगर जल की इस िवशाल मातरा का आधा भी परयोग कर िलया जाए तो ि थित म यापक बदलाव आना तय ह शहरी कषतर म तो पानी की कालाबाजारी जोर पर ह जगह-जगह पर जल मािफया सिकरय हो गए ह िद ली क ही एक अखबार न कछ समय पहल यह बात उजागर िकया था यहा तो समानातर जल बोडर भी चलाया जा रहा ह हरानी की बात तो यह ह िक इसक बावजद भी पानी क काल धध पर अकश नही लगाया जा सका ह अहम सवाल यह ह िक कस सामा य तबक क लोग तक व छ पानी पहचाया जाए शहरी कषतर क साथ-साथ गरामीण कषतर म भी यह एक बड़ी चनौती ह आबादी म अपर यािशत विदध बढ़त शहरीकरण औ योिगकीकरण और किष उ पाद की बढ़ती माग क कारण पानी की माग िपछल कछ साल म वाभािवक प स बढ़ी ह इसक पिरणाम व प भजल ससाधन का अ यिधक दोहन हआ ह और इसका नतीजा हआ िक लगातार भजल का तर घटता जा रहा ह शहरी कषतर म ि थित बहद भयावह ह तदनसार वहा न कवल शीघराितशीघर जल ससाधन क सरकषण की ज रत ह बि क परभावी रणनीित और परबधन क जिरए त काल कदम उठान की ज रत ह

अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह

प ठ 40 अकषय कराित

खासकर इस बात को यान म ऱखकर िक िविभ न परितयोगी कषतर म कभी भी माग बढ़ सकती ह भिव य म उपयोग क िलए छत पर या सतह पर जलगरहण बनाकर वषारजल सरकषण बहद ज री ह यह पानी की बढ़ती ज रत का खयाल रखन िमटटी की नमी तर को बढ़ान शहरी हिरयाली को बढ़ान भजल तर को कितरम प स पनभररण करन और भजल की गणव ता स सधार का काम करता ह भारत म जल परबधन स दश का िवकास भारत म दिनया की 16 परितशत आबादी रहती ह लिकन दिनया क िसफर 4 परितशत जल ससाधन ही भारत क पास ह 3290000 वगर िकलोमीटर क भिम कषतर और एक अरब स यादा की आबादी क साथ भारत क एक बहलवादी िविवधता का िचतर ह िवशाल पराकितक ससाधन क साथ सप न तकनीकी और वजञािनक किमरय का भी यह दिनया म दसरा सबस बड़ा सम चय ह भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह मानव िवकास म 80 क दशक म लगभग 26 परितशत और 90 क दशक क दौरान और 24 परितशत क वारा सधार हआ ह आजादी क बाद छह दशक म भारत न जल ससाधन का अभतपवर िवकास और खा या न म आ मिनभररता शहरी कषतर ऊजार और औ योिगक कषतर और पीन का पानी क बिनयादी ढाच म तजी स िव तार दखा ह िजसका उपयोग भारत की लगभग 85 परितशत शहरी और गरामीण आबादी क वारा िकया जाता ह भारत म रा य सरकार और भारत सरकार क परितबदध और ठोस परयास की वजह स गरामीण और शहरी आबादी को सरिकषत पयजल को उपल ध करवान म काफी सफलता हािसल की ह इस उपलि ध न भजल की कमी जल जमावजल गणव ता िगरावट जल परदषण और बढ़त लवणता तर स बड़ कषतर को परभािवत िकया ह और अभी भी िविभ न रा य म गरामीण और शहरी भारत क मानव िवकास सचकाक (HDI)rsquo म बहत असमानता मौजद ह पानी क िलए कषतरीय माग तजी स बढ़ रह शहरीकरण की गित स बढ़ रही ह (अनमानत 2025 तक दश की आबादी का 50 परितशत स अिधक शहर म रहग) जनसखया विदध बढ़ती आय और औ योिगक िवकासशहरी भारत तजी स िवकास की माग क कदर क प म उभर रहा ह

भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह

प ठ 41 अकषय कराित

नतीजतन परित यिकत पानी की उपल धता िगर रही ह परधानमतरी की अ यकषता म 12वी योजना क िलए हई योजना आयोग की पणर बठक म दसर म क साथ जल परबधन पर िवशष चचार हई बठक क बाद योजना आयोग क उपा यकष म टक िसह अहलवािलया न कहा िक भ-जल कानन स लकर दसर म की यापक समीकषा ज री ह व यनाथन सिमित जहा वतरमान म भ-जल कानन की साथरकता का अ ययन करगी वही भारतीय अतिरकष अनसधान सगठन [इसरो] की मदद स पानी की उपल धता का िव तत अ ययन होगा म टक न कहा िक उसी आधार पर रणनीित तय होगी सरकार यह यान रखगी िक पानी का अिधकतम उपयोग हो सक और सभी को उपल ध हो पानी पर िकसी का एकािधकार न हो सक बतात ह िक द पयोग को रोकन क िलए श क लगान पर भी िवचार िकया जा सकता ह हालािक इसस पहल रा य सरकार स चचार होगी यह तय ह िक एआइबीपी कायरकरम म यापक बदलाव ह ग ी म टक िसह अहलवािलया न कहा िक वतरमान म इस कायरकरम का सही िकरया वयन नही हो रहा ह िलहाजा उसम पिरवतरन ज री ह सभव ह िक हर रा य म जल िनयामक परािधकरण बनान की शतर भी लगाई जाए उ ह न कहा िक जल परबधन की यापक समीकषा कर नई रणनीित तय की जाएगी कल िमलाकर रा टरीय तर पर वतरमान जल ससाधन का अिधक स अिधक करन क िलए माग को परा करन क िलए पयार त ह लिकन भिव य क अ ययन पिरयोजना ह िक जल आपित र की ि थित अगल आध सदी म अिधक किठन हो सकती ह जल सकट स िनपटन को जल सरकषण परबधन अिनवायर परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह बढ़त वि वक तापमान क फल व प अितवि ट अनावि ट अ पवि ट और असामियक वि ट हम परितवषर दख रह ह िजसका परभाव हमार जल ससाधन पर पड़ता िदखाई द रहा ह कओ व बाविडय का िमटता अि त व नदी-नाल का घटता पानी भ-गभर जल का िगरता तर िचता की पिरिध स िनकलकर खतर की घटी बनता जा रहा ह

निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह

प ठ 42 अकषय कराित

िव व भर म सीमट क अधाधध परयोग न धरातल क सहज अवशोषण कषतर को घटाया ह तथा जल बहाव भिम कटाव व बाढ़ म विदध की ह ऐसी ि थित म जल सरकषण का दािय व मातर वजञािनक व सरकार तक सीिमत न रहकर पर यक उपभोकता क कध पर आ जाता ह इसी दािय व क िनवरहन क िलए हमार पास दो िवक प सामन आत ह 1 वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई

उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

2 पािरवािरक तर पर वषार जल को सगरिहत कर उसका उपयोग कर य दोन ही परयास गरामीण कषतर म तो सरलता स अपनाए जा सकत ह परत शहरी कषतर म व ट वाटर मनजमट की बड़ी पिरयोजनाए बनाकर ही पानी को िरसाइिकल िकया जा सकता ह भ-गभर अिधकािधक जल अवशोिषत होकर

जाए इसक िलए मदानी भाग म िनयोिजत ढग स बड़-बड़ पोखर बनाकर तथा पहाड़ी कषतर म नाल -ख ड म िमटटी प थर आरसीसी क बड़-छोट डम लगाकर जल बहाव रोक भ-सरकषण बचाव व जल भडारण और धरातल जल शोषण कषतर बढ़ाया जा सकता ह िव व बक भारत सरकार वारा म य िहमालय जलागम पिरयोजना रा य क भ-सरकषण िवभाग इस कषतर म कारगर उपाय लकर

हमार सामन ह परत जनसहयोग क िबना इन पिरयोजनाओ क आशातीत पिरणाम ल पाना किठन ह वकषारोपण इस सपणर जल चकर को बल दन वाला कारक ह जल क परित चतना जागत न हई तो अव य ही अगल िव व यदध का कारण जल ही होगा

जल भोजन ह और अिगन भोजन का भकषक ह अिगन जल म और जल अिगन म िव यमान ह

- ततरीय उपिनषद 38

वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

प ठ 43 अकषय कराित

म भी गान गा सकता ह शबनम क िखलत फल क म भी गीत सना सकता ह सावन क म त झल क लिकन जब घर-घर म बादल छाय घोर िनराशा क तब म नगम गा रहा ह उ मीद की आशा क

सड़क पर खड़ बचपन की य बात सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह

हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

इस बदलत पिरवश का राग सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

गाधी जी क सपन का जो राम-रा य कहलाता ह उस भारत म सड़क पर छोट चाय पहचाता ह

कहा गई वो अ हड़ म ती कहा गया वो यार का रा ता उन हाथ स बचत झड िजन हाथ को चािहए ब ता

उस सोन की िचिड़या की म बात बतान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

कही बम की गमर हवाए कही ससद म कोहराम ह कही होत घोटाल स परशान आदमी आम ह

कही कल की िकलकारी ह कही सड़क पर बचपन ह कही चलता नही गजारा कही िवदश म काला धन ह

म स चाई गा-गाकर सबको बतलान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

बदलता भारत मनीष लाल इरडा

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

प ठ 44 अकषय कराित

करन वाल काम बहत ह यथर उलझन को छोड़ो म ला-पिड़त तोड़ रह ह तम बस lsquoअपन को जोड़ो

lsquoहम बदलग-यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का lsquoवद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का

वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हम बदलग mdash यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का वद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

प ठ 45 अकषय कराित

िसफर काला और सफ़द य ही वो दो रग थ जो तर पास सि ट बनान क आधार थ

काला वो जो कािलमा िलय ह िजस कहत ह दख िनराशा म य अपयश और वो सबकछ जो नकारा मक ह

मगर सफद ह वो रग िजसस जड़ा ह जीवन आशा सख और कीितर और वो सब कछ जो सकारा मक ह पर इन रग स तझ चन ना िमला त सोचन लगा अगर सि ट बनानी ह

तो िकस िलए- ससगर और परम क िलए और

इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग

ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह

बस- बना डाला तन इ दरधनष

जो बरसात क बाद सरज और प वी क अनपम परम को रग दता ह सतरगी रग स

और उ ही सतरगी इ दरधनषी रग म हम हर पल हर कषण डबत गहरात इतरात रहत ह

और खिशय भर ससार म हर रग को अलग-अलग तरह स महसस करक जीत रहत ह

रग तो रग ह मगर-

ससगर और परम क िलए और इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह बस-

सतरगी िचतर सगीता ीवा तव इरडा

प ठ 46 अकषय कराित

कभी पक क कभी फीक़ तो कछ कभी दाग बनकर उभर आत ह

कछ आख म नील बादल स छाए रहत ह तो कछ गाल पर गलाबी रग बनकर छलक जात ह

याद रहत ह अक सर वो रग- जो खदी पर इस तरह छा जात ह िक खद म घलकर खद क होन

का एहसास दत-दत खद का एक रग बन जात ह

बगनी आसामनी नीला हरा पीला नारगी लाल इ दरधनष क य सात रग ही जोड़त ह हमार िदल को

हमार मन को जोड़न वाल इन रग की सतरगी दिनया म-

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा बनाय

और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क

सतरगी िचतर

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा

बनाय और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क सतरगी िचतर

प ठ 2

मसी ए क िघि डयाल भारतीय रा य फामर िनगम िलिमटड

अकषय कराित

हा इसी नाम स म उस पकारता था या य कह िक िचढ़ाता था गाव की भाषा म मसी का अथर होता ह छोटी सी चिहया गाव क बड़ स दो मिजल मकान म हम दो पिरवार रहत थ काफी समय पहल की बात ह म कल म पढ़ रहा था गाव म िबजली नही थी लालटन या ल प की रोशनी म ही पढ़ाई होती थी हमारा पिरवार भल ही आिथरक प स बहत समदध नही था िक त सामा य रहन सहन म कोई कमी भी नही थी गाव म कछ ही पिरवार थ िजनक ब च का पढ़न का कमरा अलग होता था तथा कसीर मज पर बठ कर पढ़त थ एक िदन कल स लौटा तो दखा आगन म एक छोटी सी ब ची खल रही थी लगभग तीन साढ़ तीन वषर की स दर कोमल सी उस काया न बरबस ही मरा यान खीच िलया गाव की तो वह थी नही कही बाहर स आई थी म उसस कछ पछन उसक पास गया तो वह शरमा कर भाग गई यह तो मालम हो गया िक यह पड़ोस क पिरवार म ही आई ह पड़ोस म एक स दर सी मिहला रहती थी िज ह म चाची कहा करता था पता चला िक वह ब ची उनकी छोटी बहन ह जो िक आज ही इस गाव म आई ह स दरता का ऐसा मल म दग था िक त उमर म इतना अ तर चाची न खद ही रह य खोला-मरी सौतली बहन ह छोटी मा की बटी न जान उस छोटी सी आ मा न क या असर डाला मरी आख उस ही ढढ रही थी बहत दर तक नही िदखी तो म मन मार कर चला आया शाम को खलत-खलत अनायास ही मझस टकरा गई मन पछा ndash चाची की बहन हो हा कहन क बजाय उसन िसर िहला िदया मन कहा िफर तो मरी मौसी हई ना उसन सदहा पद ि ट मझ पर डाली और भाग गई मझ लगा िक उस मरा पछना अ छा नही लगा मझ वय पर बड़ा ग सा आया रात म खाना खान क बाद म अपन कमर म पढ़न बठ गया अचानक मझ न ह पर की आहट सनाई दी दरवाज की ओर दखा तो वह दरवाज की ओट म खड़ी थी मर इशारा करन पर वह िनसकोच अ दर

पड़ोस म एक स दर सी मिहला रहती थी िज ह म चाची कहा करता था पता चला िक वह ब ची उनकी छोटी बहन ह जो िक आज ही इस गाव म आई ह

प ठ 3

अकषय कराित

आ गई उस पास दखकर ही मर अ दर एक नई ऊजार का सचार हो गया मन उस मौसी कहकर पकारा तो उसन मर गाल पर धीर स एक चपत लगा दी उन न ह हाथ का पशर मानो मर िलए जीवन सजीवनी बन गया उस िदन मन मन लगाकर पढ़ाई की दसर िदन जब म पढ़न बठा था तो वह वय ही सीध कमर म आ गई और इशार स उसन कछ पढ़न क िलए मागा मन एक प तक उस पकड़ा दी िजसस वह काफी िचतर आिद दख सकती थी वह बहत कम बोलती िक त िजतना भी बोलती मझ लगता की मान फल झड़ रह ह म उसकी आखो की चचलता तथा होठ की म कराहट ही दखता रह जाता तीसर िदन वह चपचाप कमर म आई और कसीर पर मर पीछ चढ़ गई अब म उस मौसी न कहकर मसी नाम स िचढ़ान लगा था िक त वह थी िक िचढ़ती ही न थी मानो उस मौसी या मसी िकसी श द स कोई भी फकर नही पड़ता था वह श द क इस फर स कोस दर थी अब मझ उसकी आदत पड़ चकी थी जब तक वह नही आती मरा मन पढ़ाई म न लगता िक त वह रोज आकर मरी कसीर पर चढ़कर मरी पीठ पर झल जाती उसकी बाह का आिलगन मझ जीवन म कछ करन की पररणा दता सा परतीत होता म उसकी आख की भाषा समझन लगा था उसकी आखो म भरी शरारत उसक मन की खशी को जािहर करती थी ओर मझ एक सकन दती थी एक िदन कल स घर पहचा तो आदतन सवरपरथम उस ही तलाशा कही नही िदखी तो लगा िक शायद ब च क साथ खलन चली गई होगी रात म पढ़न बठा तो कान उसक पर की आहट सनन क िलए आतर थ प तक खोलकर बठा तो था िक त िबना उस दख पढ़न को जी नही कर रहा था वह नही आई म उस िदन पढ़ नही पाया सवर उठत ही पहल मन चाची स ही पछा - वो िदखाई नही द रही व बोली - वह तो चली गई मरी मानो धड़कन क गई आखो क आस मन बाहर नही आन िदए बोला क य जान िदया आपन कछ िदन और रह न दती व बोली-उसकी मा उसक िलए परशान थी िफर वापस घर तो जाना ही था िकतन िदन यहा रहती म िन तर था िक त बहत िदन तक मरा मन उदास रहा

म उसकी आखो की चचलता तथा होठ की म कराहट ही दखता रह जाता

प ठ 4

अकषय कराित

समय बीतता गया म उ च िश कषा क िलए गाव छोड़कर शहर आ गया िफर िशकषा नौकरी आिद क चक कर म ऐसा डबा िक िपछला समय मित पटल स ओझल सा हो गया अब मरी नौकरी लग चकी थी पिरवार क सभी सद य शहर म ही थ अत गाव स नाता लगभग टट सा गया था काफी समय बाद गाव जान का मौका िमला परान घर क आगन म पहचत ही अनायास ही वह चहरा मर मित पटल पर आ गया चहरा कछ धधला सा था िक त उसकी चचल आख की स दरता तथा होठ की म कराहट परी तरह ताजा थी मर कमर म कसीर ndash मज अब भी वस ही रख थ जस ही म कसीर पर बठा उसकी बाह क आिलगन की क पना स ही मन परफि लत हो गया इसस अिधक मझस रहा नही गया तरत चाची क पास पहचा और पछा वो कसी ह अब तो बहत बड़ी हो गई होगी शादी-वादी भी हो गई होगी (गाव म शादी कछ ज दी हो जाती ह) चाची चप रह गई म अपन सवाल का जवाब तरत चाहता था मन पन पछा तो चाची कछ आसी होकर बोली ndash वो अब इस दिनया म नही ह मन कहा - क या मतलब मझ लगा िक चाची मर सवाल को समझी नही िक त उ ह न पन दोहराया िक यहा स जान क बाद उसकी तबीयत खराब रहन लगी थी काफी इलाज करवाया िक त वह दो वषर स अिधक नही जी पाई मझ अपन गाव आन पर बहत कषोभ था न आता तो शायद यह कट स य सनन को नही िमलता कम स कम मरी क पना म ही सही वह िज दा तो रहती उसक बाद भी म गाव क उस मकान म गया िक त पन म उस कसीर पर नही बठा िजस पर खड़ होकर वह मरी पीठ पर झलती थी आज भी जब वह िन छल चहरा म कराती मासम आख याद आती ह तो अनायास ही आस िनकल आत ह उसस तो मरा नजदीक का कोई िर ता भी नही था िफर उस आ मा स ऐसा लगाव क य मझ आज भी अपन इस सवाल का जवाब नही िमला सोचता ह क या वह िन छल आ मा ही परमा मा का प थी या परमा मा वय ही धरती पर ----------------

उसक बाद भी म गाव क उस मकान म गया िक त पन म उस कसीर पर नही बठा िजस पर खड़ होकर वह मरी पीठ पर झलती थी

प ठ 5

अकषय कराित

कोई ही ऐसा यिकत या सगठन िवशष होगा जो अपन बहतर अथारत उ क ट जीवन की चाह न रखता हो लिकन चाह रखन मातर स काम नही चलता और न ही िकसी यय को परा त िकया जा सकता चाह हमारा यिकतगत जीवन हो या कायारलयीन जीवन अपन ल य को परा त करन क िलए सबिधत काय गितिविधय क ठ परबधन की आव यकता होती ह ठ परबधन क बहत स सतर हम गीता स िमल ह िजन पर आज हम

ल छदार अगरजी म ढर सािह य उपल ध ह कछ वष पहल बीएचईएल म एक नारा काफी परचिलत रहा वह था उ क टता की ओर अगरसर िविभ न कषतर म उ क टता क ल य को हािसल करन क िलए बीएचईएल न उ क टता पर कार योजना लाग की थी िजसका आधार सतर भी गीता का एक पद ह योग कमरस कौशलम कमर म कौशल का नाम योग ह यह योग की एक पिरभाषा ह शारीिरक मानिसक और भावा मक - इस ितरिवध वा य क सदभर म ही कायर कौशल को दखा जा सकता ह समझा जा सकता ह काम करना अिनवायर नही ह परयोजन क साथ कायर आता ह परयोजन समा त कायर समा त कायर क परित परवि त क िलए परयोजन मखय होता ह हमारा परयोजन कया ह परयोजन ह जीवन की अिनवायर आव यकताए- रोटी कपड़ा मकान िशकषा िचिक सा आिद-आिद इसी क साथ कायर क िव तार क साथ-साथ वतरमान यग म औ योिगक और यावसाियक िव तार हआ और इसन ज म िदया कायर की कषमता और कायर-कौशल अवधारणा को यहा कौशल की चचार स पवर अ छा होगा िक हम कौशल श द को समझ कायर का कौशल वह ह जो दसर क िहत को बािधत न कर जो लाभ द हािन न

पहचाए इन िदन हमारा कायर-कौशल बढ़ा ह िक त उसी क साथ मानिसक

अ त- य तता भी बढ़ी ह कौशल यिद हमार वा य को परभािवत कर रहा ह मानिसक िवकषप बढ़ा रहा ह तो उस कायर-कौशल और कायर-कषमता नही कहा जा सकता

कछ वष पहल बीएचईएल म एक नारा काफी परचिलत रहा वह था उ क टता की ओर अगरसर

कपाराम लहकरा बीएचईएल

कायर-कौशल बढाए तथा उ क टता का ल य पाए

प ठ 6

अकषय कराित

एक सतलन होना बहत ज री ह कायर म दकषता बढ़ तो शारीिरक और मानिसक वा य भी उसी अनपात म बढ़ आज िवकास और कायर-कौशल की अवधारणा मातर पदाथर एवम पदाथर-िनमारण पर अटक गई ह पदाथर का िवकास अिधकािधक होना चािहए हर िदशा म िवकास और कायर-कौशल बढ़ रहा ह लिकन इसान अ छा बन इस परयास म कमी दखी जा सकती ह आदमी अपन आप म इतना पीिड़त और अशात ह िक उसकी क पना भी नही की जा सकती भावा मक वा य क अभाव म कायर-कौशल की सभावना नही की जा सकती भावा मक वा य का कोई पमाना नही ह िक त यिकत क यवहार स हम उस परख सकत ह भावा मक वा य की चार कसौिटया ह

1) उपशम - मन की शाित 2) मदता या िवनमर यवहार 3) मदता या िन छल यवहार 4) सतोष

यिद कायर-कौशल मन की अशाित पदा कर रहा ह िवनमर यवहार म बाधा डाल रहा ह तो िफर कायर की ऐसी दकषता को अदकषता ही कहा जाएगा कायर-कौशल की पहली पिरभाषा यह होनी चािहए - जो जीवन क िकसी अ य पकष को परभािवत न कर बािधत व पीिड़त न कर वह कायर-कौशल ह इस सदभर म िन न बात को अपनात हए कायर-कौशल बढ़ाया जा सकता ह और उ क टता का ल य हािसल िकया जा सकता ह 1) िकसी भी कायर को योजनापवरक कर - कायर-कौशल क साधन म

मह वपणर ह िक िकसी भी कायर को योजना-पवरक करना कायर-कौशल क िलए लिनन का एक परिसदध सतर याद आ रहा ह - िचतन िनणरय और कायार वयन म ल बा अतराल न हो उनम उिचत सामज य रह िचतन आज िकया िनणरय एक वषर बाद और कायार वयन पाच वषर बाद यह बात नही होनी चािहए स कत सािह य म इस दीघरसतरता कहा गया ह जो काम िजस समय करना चािहए उस समय न करक ल ब अतराल क बाद िकया जाए तो असफलता ही हाथ लगगी

2) कोई कायर हड़बड़ी म न कर - कायर-कौशल का दसरा मखय सतर ह िक हड़बड़ी म कोई काम न कर िचतन और िववकपवरक कर

यिद कायर-कौशल मन की अशाित पदा कर रहा ह िवनमर यवहार म बाधा डाल रहा ह तो िफर कायर की ऐसी दकषता को अदकषता ही कहा जाएगा

प ठ 7

अकषय कराित

3 कायर को एकागरता स कर - कायर-कौशल का एक मह वपणर सतर ह - एकागरता का िवकास एक िवचार एक िवक प एक कायर ल और उसी म त मय बन जाए उसी म परी तरह िचत व मन को लगा द हमार अतकरण की सारी परवि तया उसक िलए समिपरत हो जाए जब तक उस कायर क िलए समपरण नही होता तब तक कायर-कौशल नही बढ़ता एकागरता क िलए साधना और अ यास ज री ह अ यास होता ह तो एकागरता बढ़ जाती ह

4 वतरमान म जीना सीख - भत-भिव य को मार भगाई वतरमान म जीओ भाई वतरमान म जीन का ता पयर वतरमान का अनभव वतरमान का जीवन और वतरमान का वास हम वास लत ह तो कभी अतीत म नही लत न भिव य म लत ह अतीत और भिव य की िचता स हम मानिसक अशाित तो होती ह बि क शारीिरक िवकार भी पदा हो जात ह िजसस हमार कायर-कौशल म कमी आती ह जन सािह य म दो श द आत ह - दर य िकरया और भाव िकरया दर य िकरया का ता पयर ह - मदार िकरया मत िकरया भाव िकरया का ता पयर ह जीिवत िकरया पराणवान िकरया वतरमान म जो िजया जा रहा ह कवल उसी का अनभव करत रह यह कायर-कौशल का मह वपणर सतर ह

अत म सार यह उभर कर आता ह िक हमार ल य पिवतर ह हमारा कायर-कौशल इस परकार िवकिसत ह जो िकसी को अकशल न बनाए पीड़ा न पहचाए दसर क िहत पर कठाराघात न कर हमारा सारा परय न और प षाथर इस िदशा म चल िक हमारा अपना कायर िकसी दसर क कायर म बाधा न पहचाए कायर-कौशल का दय यही ह

कायर-कौशल का एक मह वपणर सतर ह - एकागरता का िवकास एक िवचार एक िवक प एक कायर ल और उसी म त मय बन जाए उसी म परी तरह िचत व मन को लगा द

प ठ 8

अकषय कराित

एक राजा था उसक रा य म सब परकार स सख शाित थी िकसी परकार का कोई वर-िवरोध नही था जनता हर परकार स सखी थी पर त राजा को एक बहत बड़ा दख था िक उसकी कोई सतान न थी उस अपना वश चलान की तथा अपन उ तरािधकारी की िचता खाए जा रही थी मिदर मि जद ग वार म जाकर माथा टका कई तीथर थान की यातरा की पर त कोई लाभ न हआ सतान की कमी उस िदन ब िदन खाए जा रही थी बहत सोच-िवचार क प चात उसन अपन रा य क सभी िव वान पिडत को बलवाया और उनस सतान पराि त का उपाय ढढ़न को कहा सभी िव वान न िवचार िकया राजा की ज म कडली का गहन िव लषण िकया अत म व सभी एक मत स एक िन कषर पर पहच उ ह न राजा स कहा िक यिद कोई बरा मण का ब चा अपनी खशी स दवता को बिल द तो आपको सतान की पराि त हो सकती ह राजा न िव वान की बात सनी उसन सार रा य म घोषणा करवा दी िक यिद कोई बरा मण का ब चा अपनी इ छा स खशी-खशी बिल दगा तो उसक घर वाल को बहत सा धन िदया जाएगा राजा क रा य म एक बहत ही गरीब बरा मण था कई िदन फाक म ही गजर जात थ उसक चार लड़क थ बड़ तीन लड़क तो अपना काम-धधा करत थ और अपन पिरवार को आिथरक सहयोग दत थ पर त जो सबस छोटा लड़का था वह कोई काम नही करता था उसका सारा यान हमशा भगवान भिकत म लगा रहता था उसका सारा िदन स कमर करत हए भगवान का मरण करत ही बीत जाता था उसक िपता न भी घोषणा सनी और सोचा यह लड़का िनठ ला ह और कोई काम-धधा भी नही करता इसको बिल क िलए भज दत ह राजा स धन िमल जाएगा तो घर की हालत कछ सधर जाएगी बरा मण अपन सबस छोट लड़क को लकर राजा क पास पहचा राजा न उस लड़क स पछा कया तम िबना िकसी दबाव क अपनी मजीर स अपनी खशी स बिल दन को तयार हो जी महाराज लड़क न बड़ी िवनमरता स उ तर िदया यिद मरी बिल दन स आपको सतान की पराि त होती ह तो म खशी स अपनी बिल दन को तयार ह दकर िवदा िकया ठहराया गया

उसन सार रा य म घोषणा करवा दी िक यिद कोई बरा मण का ब चा अपनी इ छा स खशी-खशी बिल दगा तो उसक घर वाल को बहत सा धन िदया जाएगा

शकर द त पीईसी िलिमटड

िचतन कर

प ठ 9

अकषय कराित

लड़क को अितिथ गह म ठहराया गया हर परकार स उसका खयाल रखा गया अत म उसकी बिल दन का िदन भी आ गया राजा न लड़क को बलाया और कहा आज त हारी बिल द दी जाएगी अगर त हारी कोई आिखरी इ छा हो तो बताओ हम उस परी करग मझ कछ भी नही चािहए बरा मण पतर न कहा बस म बिल दन स पहल नदी म नान करक पजा करना चाहता ह राजा यह सनकर बहत परस न हआ और बोला ठीक ह हम भी त हार साथ नदी तक चलग उस लड़क न नदी म नान िकया िफर नदी िकनार की रत को इकटठा िकया और उसकी चार ढिरया बना दी उसन चार ढिरओ की ओर दखा िफर एक ढरी को अपन पर स िगरा िदया िफर उसी परकार स दसरी ढरी को भी िगरा िदया िफर तीसरी ढरी को भी िगरा िदया उसक वह चौथी ढरी क पास गया उसक चार ओर तीन बार चककर लगाया हाथ जोड़कर उसको माथा टका उसकी वदना की और राजा क पास बिल क िलए आ गया राजा उसका यह सारा करतब बड़ ही कौतहल स दख रहा था पहल तो राजा न सोचा िक बालक ह रत स खल रहा ह पर त जब राजा न दखा िक उसन चौथी ढरी को हाथ जोड़कर परणाम िकया ह तो राजा को इसका रह य जानन की इ छा हई राजा न बालक स पछा बालक तमन रत की चार ढिरया बनाई िफर उनम स तीन को तोड़ िदया और चौथी को परणाम िकया इसका कया रह य ह पहल तो ब च न कोई उ तर नही िदया पर त राजा क दोबारा पछन पर लड़क न कहा राजन आपन बिल क िलए मझ कहा ह म बिल दन क िलए तयार ह आप अपना काम कीिजए आपको इस बात स कया लना िक मन रत की वो ढिरया कय तोड़ी ह राजा को बालक स ऐस उ तर की आशान थी राजा न उसस कहा बालक हमन त हार िपता को त हारी कीमत दकर त ह खरीदा ह तम हमार खरीद हए गलाम हो इसिलए हमार हर पर न का उ तर दना और हमारी हर बात को मानना त हारा धमर बनता ह ह राजन जब आप िजद कर रह ह तो सिनए लड़क न उ तर िदया जब कोई ब चा पदा होता ह तो सबस पहल उसक माता-िपता उसकी रकषा करत ह अगर वह आग क पास जान लगता ह तो उसको उसस बचात ह उसकी हर परकार स रकषा करन की िज मवारी उनकी होती ह लिकन यहा तो मर िपता न ही धन क लालच म मझ बिल दन क िलए आपक पास बच िदया इसिलए पहली

उसकी वदना की और राजा क पास बिल क िलए आ गया राजा उसका यह सारा करतब बड़ ही कौतहल स दख रहा था

प ठ 10

अकषय कराित

ढरी जो उनक नाम की बनाई थी वह मन ढहा दी लड़क न आग कहा दसरी िज मदारी राजा पर होती ह अपनी परजा की रकषा करन की आपन मझ अपनी सतान पराि त क िलए बिल दन क िलए खरीद िलया तब आपस कया पराथरना करता इसिलए दसरी ढरी जो मन आपक नाम की बनाई थी वह भी तोड़ दी जीव की रकषा करन का तीसरा भार दवी-दवताओ का होता ह बालक न तीसरी ढरी का रह य बतात हए कहा लिकन यहा तो दवता वय ही मरी बिल लन को तयार बठा ह तो इसस कया पराथरना करता इसिलए मन तीसरी ढरी भी तोड़ दी लिकन चौथी ढरी का कया रह य ह राजा न पछा और अत म सहारा होता ह भगवान का ई वर का ब च न रत की ढिरय का रह य खोलत हए कहा मरी बिल दी जानी थी सो मन अत म ई वर स पराथरना की परभ की पजा-अचरना करक उनस रकषा करन की पराथरना की अब वही मरी रकषा करग वही होगा जो ई वर को मजर होगा म बिल दन क िलए तयार ह rsquo इतना कहकर वह बालक राजा क पास जाकर िसर झका कर खड़ा हो गया राजा उस छोट स बालक की इतनी जञान की बात सनकर स न रह गया राजा न सोचा म इस बालक की बिल द दगा बरा मण ह या भी हो जायगी िफर पता नही मझ जो सतान परा त होगी वो कसी होगी परजा का खयाल रखन वाली होगी या नही कही मरा और वश का नाम ही न डबो द यह बालक गणवान ह ई वर का भकत ह सब परकार स मर लायक ह कय न म इस ही गोद ल ल और इस ही अपना पतर बना ल इतना िवचार करत ही उसन उस बालक की बिल दन का कायरकरम र कर िदया और उस बालक को गोद ल िलया कहत ह उस बालक म अ छ गण होन क कारण उसन कई साल तक रा य िकया और हर परकार स परजा की रकषा की उसक रा य म िकसी को िकसी परकार का कोई क ट नही था

इतना कहकर वह बालक राजा क पास जाकर िसर झका कर खड़ा हो गया राजा उस छोट स बालक की इतनी जञान की बात सनकर स न रह गया

परकित िजदगी स ह िजदगी बनी भी परकित स ह चलता रह य िविचतर खल य ही इसका भी अमल िजदगी स ह

प ठ 11

शोिभत ह िज़दगी धरती की धार पर इस हिरत धारा पर ऊजार स भरपर ह हिरत ऊजार स य ससि जत य खब ह

हिरत ऊजार क भ डार का खजाना य खब ह जल वाय और सौर ऊजार ह इनक अ यत ोत

ल अमल म इनको अगर बचाना ह य धरा अनमोल अदभत ह खजान परकित क अगर कर ल मन य इनका सदपयोग

य झोखा जो हवा का ह य जो तरग म जलधारा ह अदभत िकरण जो फलाती जीवन की धारा ह

समझ ल इनका जो इशारा ह कर परयोग इ ही का अपन यतर मतर स छपा ऊजार का अनमोल खजाना ह

परकित िजदगी स ह िजदगी बनी भी परकित स ह चलता रह य िविचतर खल य ही इसका भी अमल िजदगी स ह

रकषा कर इस धरा की स पना इसको नई िजदगी को ह इस परकित स बना मन य महान

िफर क य कर रहा परकित का सवरनाश खद को बचा हर िजदगी को बचा

करक हिरत ऊजार का स मान जीन द जीवन को और भी कर ल सयम म अपना य िवषकत घटता जीवन का चकर य ह इशारा परकित का हर पल सभल जरा ना कर इसको त तग

मक त खल परकित स कर ल इस हिरत ऊजार का परयोग अ छ क बदल अ छा दना सीख परकित का य खल

अलका कमार इरडा

अकषय कराित

किवता

प ठ 12

नही सीखा अब भी अगर परकित म सब जाएगा बदल जी ना पायगा िफर त इस परकित म िमट जाएगा अश तरा इस परकित स हिरत परकित और य हिरत ऊजार ह य इस धरा क जीवन दायक सीख परकित स लना दना

िसखा रह य जीवन का मल मतर परकित का आहार परकित मत द आहार आपराकितक सतलन िबगड़ गया अगर हो जायगी िवनाश िजदगी

अब सभल जरा और कर ल परण करक हिरत ऊजार को ही खचर बना धारा को शोिभत हरदम

िफर रहगा परकित और िजदगी का य खबसरत सग

हिरत परकित और य हिरत ऊजार ह य इस धारा क जीवन दायक सीख परकित स लना दना िसखा रह य जीवन का मल मतर

अकषय कराित

प ठ 13

अकषय कराित

कमरचािरय की आदत उनक यिक त व और िन पादन कषमता का पार पिरक सबध - एक िव लषण

हम िजस िकसी सगठन म काम करत ह उसक परित हमारा ल य होना चािहए सबिधत स थान क िलए अपनी सपणर कषमताओ का इ तमाल कषमताओ का बहतर परयोग तभी हो सकता ह जब हम अपन अदर अ छी आदत का िवकास कर हमार शा तर वद उपिनष और अ य धािमरक गरथ हम अ छी आदत क िवकास क सबध म बीज मतर बतात ह िक हम मनसा वाचा और कमरणा शदध रहना चािहए मनसा वाचा और कमरणा शदधता स ता पयर ह िक हम मन वाणी और कम स अ छ बन रह हमारी नीयत नक हो हम अपन सहकिमरय सािथय और अ य लोग क साथ अ छा बरताव कर और हमार कमर अ छ ह इस बीज मतर पर चलन वाला हमशा अपन अदर अ छी आदत का िवकास होता पायगा

असल म िदककत यही ह िक हम उपदश दन म तो आग रहत ह लिकन खद क अदर नही झाकत या कम ही झाकत ह - lsquoपर उपदश कशल बहतरrsquo सपरिसदध लखक सरदार परन िसह न एक बार कहा था आचरण की स यतामय भाषा सदा मौन रहती ह अथारत आदमी खद चप रहकर खद को ठीक रख तो इसका परभाव खद-ब-खद दसर पर पड़ता ह इसको हम एक छोट स उदाहरण स प ट कर सकत ह िक मान िलया जाए हम ब च स कह धमरपान नही करत लिकन उसक सामन खद ऐसा कर इसस इतर हम अगर यह सब करत ही नही ह तो इसका यादा असर ब च पर पड़गा अ छी आदत घर स श होकर समाज द तर और उसस आग तक हम हमशा हमारा फायदा िदलाती ह

कहा जाता ह िक व थ तन म ही व थ मन िनवास करता ह इसी तरह यह भी कहा जाता ह िक व थ वातावरण ही उ नित का योतक होता ह व थ वातावरण तभी बनगा जब उस माहौल म रहन वाल लोग

हीरा व लभ नराकास

असल म िदककत यही ह िक हम उपदश दन म तो आग रहत ह लिकन खद क अदर नही झाकत या कम ही झाकत ह - lsquoपर उपदश कशल बहतरrsquo

प ठ 14

अकषय कराित एक दसर का स मान करग खद की आदत को सधारग और उस स था की तरककी क िलए अपन तर पर हर वह काररवाई करग जो औ योिगक सगठन और लोग की उ नित म ज री होती ह

औ योिगक सगठन िकसी भी दश की अथर यव था को मजबत आधार परदान करत ह औ योिगक सगठन म परयोग होन वाल सम त ससाधन म मानव ससाधन अथारत उसम काम करन वाल कमरचारी मह वपणर और िनणारयक होत ह इन सगठन का सफल सचालन वहा कायररत कमरचािरय की कशलता और कायरकषमता पर आधािरत होता ह कशलता और कायरकषमता का ोत हमारा आचरण और यवहार होता ह जािहर ह औ योिगक सगठन म मानवीय सबध परी एक ऐसी िकताब ह िजसक िबना कभी कछ नही कराया जा सकता लोग क साथ सतोषजनक प स काम करना परबधन क काम का िसफर एक िह सा नही ह वरन सारा

काम इसी पर िटका ह कय िक सभी उ योग म मशीन माल या दसरी चीज़ क साथ कोई भी काम लोग क मा यम स ही िकया जा सकता ह तीन lsquoएमrsquo अथारत मनी मटीिरयल और मशीन औ योिगक सगठन क िलए मह वपणर ससाधन होत ह लिकन इ ह पिरणाम तक पहचान का कायर कमरचारी (man) ही करत ह जो सगठन दर अदशी रहकर कमरचािरय क जञान उनकी िविश टताओ उनक आचरण को अनकल साच म ढालन क परित सजग रहत ह वही सफलता की ऊचाइय को छत ह अगरजी म एक परानी कहावत ह -- Where the vision is one year Cultivate flowers Where the vision is ten years Cultivate trees Where the vision is eternity Cultivate people अथारत जहा दरअदशी एक साल क िलए हो तो फल लगाइय जहा दरअदशी दस साल क िलए हो तो पड़ लगाइय

औ योिगक सगठन म परयोग होन वाल सम त ससाधन म मानव ससाधन अथारत उसम काम करन वाल कमरचारी मह वपणर और िनणारयक होत ह

प ठ 15

अकषय कराित जहा दरअदशी अनत काल क िलए हो तो लोग का िवकास कीिजए औ योिगक सगठन म 500 आदमी ह 5000 आदमी ह 50000 ह या इसस अिधक अगर कामकाज ठीक स चलाना ह तो बहत ज री ह परबधन उनस िनभाना जानता हो यिकतगत सपकर का मह व

वातानकिलत कमर म बठकर और सचार मा यम या िकसी अ य तरीक स कमरचािरय की िरपोटर लना और आस पास होन वाल घटनाकरम को जानना अलग बात ह और कायर थल पर वय उपि थत रहकर ि थित को समझना और िनदश दना अलग बात महान जनरल रोमल की सफलता का मखय कारण यह था िक व हमशा कायर थल पर वय उपि थत होकर िनदश दत बात की पि ट करत सम याए सलझात और दखत िक काम कसा चल रहा ह रोमल का यह तरीका इतना सफल रहा िक िकसी भी औ योिगक सगठन या कारोबार म इस अपनाया जाए तो आशातीत पिरणाम सामन आ सकत ह लोग क बीच खद उपि थत होकर काम करन का कोई िवक प नही ह लोग अिधकाशतः उनको नापसद करत ह िज ह व ठीक स जानत नही ह पर एक बार जान पहचान हो जान पर हालात बदल जात ह कमरचािरय म अ छी आदत का िवकास करन की पहली शतर ह िक पहल उनक िदल म घर िकया जाए ऐस िकसी भी बरताव स बचा जाए िजसस वह अपन को उपिकषत महसस करन लग अतः सवदनशीलता का यान रखना बहत ज री ह

कमरचािरय क परित सवदनशील यवहार-कौशल और धयरपणर होन क अितिरकत इस बात पर ढ़ रहना ज री ह िक काम ठीक परकार स हो अ छ यवहार क साथ कमरचािरय को यह जताना भी ज री ह िक उनस काम का उ च तर अपिकषत ह और उस पर उनक साथ कोई समझौता नही और अगर इस पर अमल नही करत तो उ ह पता होना चािहए िक आप कड़ी काररवाई करग

सकारा मक नजिरया परबधन का एकमातर काम िनदश दना नही ह वरन उस साथ-साथ लोग का िवकास करना होता ह

महान जनरल रोमल की सफलता का मखय कारण यह था िक व हमशा कायर थल पर वय उपि थत होकर िनदश दत बात की पि ट करत सम याए सलझात और दखत िक काम कसा चल रहा ह

प ठ 16

अकषय कराित एक अिधकारी का मखय काम यही ह िक वह अपन साथ काम करन वाल लोग म अ छी आदत का िवकास कर उनकी सहायता कर यिद यह काम परभावशाली ढग स कर पाता ह तो इसस कवल उसक अपन काम ही बहतर नही ह ग बि क उसक पास परिशिकषत और कशल कमरचािरय का परा दल होगा जो उसक परित परी िन ठा स काम करगा इसक िलए सबस पहल कमरचािरय का नजिरया ठीक करना ज री ह उनम सबस पहल यह भावना लानी होगी िक हमार अदर जो चीज ह वही हम ऊपर की ओर ल जाती ह और वह हमारा नजिरया ह

एक आदमी मल म ग बार बचकर अपनी गज़र-बसर करता था उसक पास लाल नील पील हर-चार रग क ग बार थ जब कभी उसकी िबकरी कम होन लगती तब वह हीिलयम गस स भरा एक ग बारा हवा म छोड़ दता ब च उस उड़ता दखकर वसा ही उड़न वाला ग बारा पान क िलए मचल उठत ब च उसस ग बारा ख़रीदत और इस तरह उसकी िबकरी िफर स बढ़ जाती िदन-भर यही िसलिसला चलता रहता एक िदन वह आदमी बाज़ार म खड़ा ग बार बच रहा था अचानक उस महसस हआ िक पीछ स कोई उसका करता पकड़कर खीच रहा ह उसन पीछ मड़कर दखा तो एक छोट स ब च को खड़ा पाया उस ब च न ग बार वाल स पछा ldquoअगर आप काला ग बारा छोड़ग तो कया वह भी उड़गाrdquo ब च की बात उसक िदल म लगी और उसन यार स जवाब िदया ldquoबट ग बारा अपन रग की वजह स नही उड़ता बि क उसक अदर कया ह इस वजह स ही वह ऊपर जाता ह rdquo ठीक यही बात हमारी िज़दगी म भी लाग होती ह अगर लोग का नजिरया बहतर हो उनम अदर स काम करन की इ छा भरी हो तो व खलकर आपस म िमलकर काम करग इसस नकसान तो कम होगा ही स थान क परित िन ठा बढ़गी और लगन स काम करन का वातावरण तयार होगा िव वास हािसल करना आव यक

कमरचािरय स बहतरीन काम लन क िलए शानदार टीम लीडर होना ज री ह मटठीभर लोग का कोई समह िकला तभी फतह कर सकता ह जब

एक आदमी मल म ग बार बचकर अपनी गज़र-बसर करता था उसक पास लाल नील पील हर-चार रग क ग बार थ

प ठ 17

अकषय कराित जब उनका सनापित उनम वह जोश भर सक िक उ ह कोई भी ऊचाई यादा न लग अतः सबस ज री ह िक स थान म कमरचािरय की

कषमताओ का परा फायदा लन क िलए उनका िव वास जीता जाए इसक िलए उनक साथ परी इ जत स पश आना ज री ह उनकी छोटी-बड़ी खशी को बाटना और उनकी राय को परा स मान दना भी उतना ही ज री ह कई बार परबधन क उ चािधकारी या लीडर अपनी टीम क सद य स िसफर इसिलए राय नही लत कय िक उ ह लगता ह िक एक बार राय लन पर अगर उनकी बात नही मानी गयी तो उ ह बरा लगगा लिकन सबस ज री ह िक टीम म सभी सद य को िव वास म लकर काम िकया जाए यहा टीम लीडर की भिमका मह वपणर होती ह वह खद वकत का पाबद होगा तो उसक मातहत कमरचािरय म वयमव यह गण आदत का प ल लगी टीम लीडर का काम अपनी टीम का उ साह बढ़ात हए दी गयी िज मदािरय को समय स परा करना ह मगर उसम नयी चीज़ को सीखन की ललक होनी चािहए ऐसी ललक जब स थान क कमरचािरय म आदत का प लन लगती ह तो वह स थान जािहर ह नए परितमान थािपत करन लगता ह जापानी कपिनया हर बात म कमरचािरय क िहत का यान रखती ह िजसस व वय ही उ पादकता क परित सचत हो जात ह जानी-मानी टोयोटा कपनी क कमरचािरय म तो काम की ऐसी आदत सी या ललक होती ह िक व तब तक काम करत ह जब तक खद थक कर चर नही हो जात यह उनकी आदत ही बन चकी ह िक यिद व िकसी बात पर नाराज होत ह तब भी कपनी या अपन भागय को भल ही कोस ल पर अपन काम पर असर नही पड़न दत इसका कारण यह ह िक जापानी कपिनया काम का एक अ छा वातावरण बनान और लोग म काम क परित स ची लगन को बढ़ावा दन क िलए कड़ा परयास करती ह वहा लोग को लगातार परिशकषण िमलता रहता ह जो कवल तकनीक और मनजमट ही नही कायर स जड़ी नितकता और अ छी आदत क िवकास पर किदरत होता ह चिरतर का िनमारण उनकी एक आदत सी बन जाती ह अगर हम भी एक अ छी शिखसयत बनना ह तो हम अपनी आदत को गहराई स जाचना होगा

ऐसी ललक जब स थान क कमरचािरय म आदत का प लन लगती ह तो वह स थान जािहर ह नए परितमान थािपत करन लगता ह जापानी कपिनया हर बात म कमरचािरय क िहत का यान रखती ह

प ठ 18

अकषय कराित चतन और अवचतन मन

हमार चतन मन क पास सोचन की शिकत होती ह यह िकसी बात को मान सकता ह और नही भी मान सकता मगर अवचतन मन िसफर वीकार करता ह यह इनपट (input) को लकर कोई भदभाव नही करता अगर हम अपन मन म डर शका नफरत क भाव भर तो यह आ म सझाव इन सभी भाव को सिकरय बनाकर हकीकत म बदल दगा हमारा अवचतन मन एक डाटा बक की तरह ह अवचतन मन एक गाड़ी की तरह ह और चतन मन एक डराइवर की तरह शिकत तो गाड़ी म होती ह मगर उसका कटरोल डराइवर क पास होता ह

हम अवचतन मन को इस तरह ढालन की ज रत ह िक वह हम सही और ठीक रा त पर ल जा सक अवचतन मन एक बगीच की तरह होता ह िजस कोई परवाह नही होती िक आप कस पौध लगात ह यह िनरपकष (neutral) होता ह इसम अ छा बोन पर अ छा िमलता ह अ यथा जगली पौध उग जायग

बि क अ छ बीज बोन क बावजद जगली पौध उगन बद नही होत आव यकता होती ह उ ह उखाड़ फकन का िसलिसला जारी रखन की इसी िसदधात को कमरचािरय क मामल म समझन की ज रत ह हम याद रखना ह िक सही और गलत िवचार मन म एक साथ नही रह सकत आव यकता उनक अवचतन मन को इस तरह ढालन की ह िक उनम अ छी आदत का िवकास हो दरअसल अवचतन योगयता वह होती ह जब हम यान दन और सोचन की यादा ज रत नही होती कय िक यह हमार यवहार म खद ब खद उतरन लगा ह िजस स थान क कमरचारी इस तर पर पहच जात ह उनम अ छी आदत वयमव घर करन लगती ह जब बरी आदत हमार अवचतन योगयता क तर तक पहच जाती ह तो वह कावट उ प न करती ह

पिरवतरन का िवरोध बरी आदत को पहचान लन क बाद भी अकसर दखा गया ह िक

लोग उ ह बदलत नही ह ऐसा आिखर कय होता ह उनक न बदलन का कारण ह िक व िज मदारी को वीकार करन स इनकार करत ह

हम अवचतन मन को इस तरह ढालन की ज रत ह िक वह हम सही और ठीक रा त पर ल जा सक अवचतन मन एक बगीच की तरह होता ह िजस कोई परवाह नही होती िक आप कस पौध लगात ह

प ठ 19

अकषय कराित अपनी उन आदत को बनाय रखन म उ ह जो आनद िमलता ह वह पिरवतरन क ददर स यादा होता ह इसक िन निलिखत कारण हो सकत ह -- 1 पिरवतरन की इ छाशिकत का अभाव 2 पिरवतरन क िलए आव यक अनशासन की कमी 3 िव वास की कमी 4 आव यक जानकारी की कमी परबधन वारा इन िबदओ पर िवचार कर अपन किमरय म आशातीत पिरवतरन लाया जा सकता ह सामा यतः खराब आदत को न बदलन क बहान िदय जात ह और कहा जाता ह -- हम लोग इसी तरह करत ह या िक म नही समझता इसस कोई फकर पड़गा और कछ न िमला तो कह िदया जाता ह म बहत य त ह अ छी आदत का िन पण

आदत म पिरवतरन लाया जा सकता ह आव यकता ह इसक िलए सही पिरवश का िनमारण करन की कमरचािरय को परिशिकषत करन की परिरत करन की और ऐसी ि थितया उ प न करन की िजसस कमरचािरय म अ छी आदत का िन पण हो सक दरअसल सफल लोग का राज यह ह िक व काम करन की उन आदत को डाल लत ह जो असफल लोग करना नही चाहत य वही काम ह िज ह सफल लोग भी करना

नही चाहत लिकन व िफर भी करत ह उदाहरण क िलए असफल लोग अनशासन और महनत करना पसद नही करत सफल लोग भी अनशासन और कड़ी महनत नापसद करत ह लिकन व िफर भी ऐसा करत ह कय िक य लोग उन काम को करन की आदत डाल लत ह िज ह असफल लोग नही कर पात नजिरय और सोच का तरीका एक आदत ह और इस बदला जा सकता ह सही ि ट और सतलन कमरचािरय म काम क सबध म सही ि ट बनाय रखन की परवि त िवकिसत करना ज री ह जब कछ गलत हो रहा होता ह तो उस ठीक करना परबधन का ही काम होता ह समझा यह जाता ह िक परायः हम गलत हो रह काम को लकर इतन िचितत हो जात ह िक जो सही हो रहा ह उस भी अनदखा करन की हमम आदत होती ह

दरअसल सफल लोग का राज यह ह िक व काम करन की उन आदत को डाल लत ह जो असफल लोग करना नही चाहत

प ठ 20

अकषय कराित उदाहरण क िलए अगर िकसी स कोई गलती हो जाती ह तो हम एकदम उस पर िच ला पड़त ह या उसक िव दध काररवाई कर बठतहअ छा यह रहगा िक आप उस अलग ल जाकर अकल म बात कर अगर परशसा करनी हो तो सबक सामन कर

अगर िकसी स सहमित न बन तो उस पर करोध करना ज री नही ह अगर अपन करोध पर काब रखग तो लोग अपनी असहमित को अ यथा नही लग अगर आप अपन िवचार को खला रखग तो दसरी ओर स भी आप ऐस ही यवहार की अपकषा कर सकत ह परायः लोग अपनी सहमित कछ इस तरह जतात ह िक सामन वाला भी अपनी बात पर अड़ जाता ह समझन की बात यह ह िक सभी ि थितय म कवल तकर ही काफी नही होगा िकसी स असहमत होन म भी यवहार कशल होना ज री ह सबस पहल तो दसर को अपना पकष रखन का मौका द उसकी बात सन और जहा तक हो सक उसस अपनी सहमित भी परकट कर और िजन बात पर सहमित न बना सक उस समझाए

हमम स अिधकाश लोग उन किमरय और उनकी गलितय पर अ यिधक यान दत ह िजनक िलए हम काम करत ह पर अपन किमरय पर नज़र डालना भल जात ह अगर वय को उन लोग की नजर स दखा जाए तो आशातीत पिरणाम दखन को िमलत ह

आ म मथन आप कया करना चाहत ह कसा करना चाहत ह - इस सोच को

वतरमान म अपन अदर मथन करन को आ म-सझाव कहत ह एक बार सब म जब इसकी पिरपाटी श हो जाती ह तो यह हमार अदर िवजञापन की तरह काम करता ह अपन बार म अपन िलए अदर ही परचािरत करता ह इसका हमार चतन और अवचतन (Sub-concious) मन दोन पर परभाव पड़ता ह अततः यह हमार नजिरए और यवहार को परभािवत करता ह और धीर-धीर आदत का प लता ह यह दरअसल अपन अवचतन मन को ढ़ालन या परोगराम करन की िविध ह

हमम स अिधकाश लोग उन किमरय और उनकी गलितय पर अ यिधक यान दत ह िजनक िलए हम काम करत ह पर अपन किमरय पर नज़र डालना भल जात ह

प ठ 21

अकषय कराित आ म-सझाव अ छ या बर हो सकत ह जब हम बर आ म-सझाव को बार-बार दोहरात ह तब हमारा अवचतन मन उन पर िव वास करन लगता ह और हम उसी को वा तव म यवहार करन लगत ह सकारा मक आ म-सझाव को बार-बार मथन करन स उसकी हमार िदलोिदमाग म त वीर बन जाती ह और वही असिलयत का प लन लगता ह एक उदाहरण क िलए जब कभी हम सबह 0600 बज टरन पकड़नी हो और हमार पास अलामर घड़ी न हो तो हम मन म कहकर उठत ह िक 0400 बज उठना ह तो कया हम नही उठत अगर उठत ह तो इसक पीछ आ म-सझाव ही काम करता ह आ म-सझाव एक रा ता ह िजसस हम अपन िदमाग को परोगराम करक ढ़ालत ह सकारा मक आदत को िवकिसत करन म आ म-सझाव की परवि त मह वपणर िसदध हो सकती ह हमार नजिरए और आदत को तय करन वाल कारक हमार नज़िरए को मखयतः तीन कारक परभािवत करत ह - वातावरणः घर कल आिफस मीिडया सा कितक प ठभिम धािमरक प ठभिम परपराए और भाषाए सामािजक-राजनितक माहौल - य सब िमलकर एक तहजीब बनात ह चाह घर हो या आिफस या अ यतर - हर जगह हर िकसी की अपनी तहजीब होती ह उदाहरण क िलए हम एक दकान म जात ह तो वहा का स समन बड़ अदब वाला होता ह लिकन वही जब दसरी दकान पर जात ह तो वहा का स समन कभी-कभी बड़ा खा और बदतमीज िमल जाता ह उसी तरह िकसी क घर म यार भरा माहौल िमलता ह तो िकसी क घर म हमशा लड़ाई-झगड़ का इसी तरह जब सरकार और राजनीितक माहौल ईमानदारी का होता ह तो लोग भी ईमानदार मददगार और कानन का पालन करन वाल होत ह बईमान और भर ट माहौल म िजस तरह एक ईमानदार का जीना मि कल होता ह उसी तरह ईमानदारी भर माहौल म बईमान यिकत को मि कल होती ह िन सदह अ छ वातावरण म मामली कमरचारी म वमव अ छी आदत िवकिसत होती ह और उसकी कायर करन की शिकत बढ़ जाती ह जबिक खराब माहौल म अ छा काम करन वाल की भी कषमता िगर जाती ह

सकारा मक आदत को िवकिसत करन म आ म-सझाव की परवि त मह वपणर िसदध हो सकती ह

प ठ 22

अकषय कराित कायर-स कित का बहाव ऊपर स नीच की ओर होता ह नीच स ऊपर की ओर कभी नही यह दखना बहत ज री ह िक हमन अपन िलए और आस-पास क लोग क िलए कसा वातावरण तयार िकया ह खराब वातावरण म अ छ की उ मीद करना बमानी ह अनभवः हम अपन जीवन म अपन काम-काज म हालात स जसा अनभव पात ह वह हमारी आदत का िह सा बन जात ह और उसी क अनसार हमारा यवहार होता ह अगर िकसी क परित हमारा अनभव अ छा होता ह तो हमारा नज़िरया भी अ छा होता ह ज री ह िक कमरचािरय को ऐसा कायर-पिरवश िमल िजसस उनक अवचतन म अ छ अनभव की छाप अिकत हो

परिशकषण भी ज़ री यहा िसफर सदधाितक जञान ही काफी नही होता बि क औपचािरक और अनौपचािरक दोन ही तरह की िशकषा व परिशकषण ज री ह जञान और जानकारी को यिद योजनाबदध तरीक स परयोग िकया जाए तो उसस बौिदधक तर को बढ़ान म आशातीत सफलता िमलती ह काम करन की कला अ छी िशकषा स ही आती ह ज री ह िक परिशकषण म मनोवजञािनक सामािजक आिथरक व अ य पहल को समझन की आदत िवकिसत की जाए अवचतन म यह िबठाना बहत ज री ह िक जीवन की भ यता काम क वारा ही सभव ह स थान म सभी को लगना चािहए िक उनका काम मह वपणर ह यही परबधन कला का सार ह जब कमरचािरय को ऐसा एहसास होन लगता ह तो उनक नज़िरए म बदलाव आन लगता ह उपसहारः काम क परित लोग म अ छी आदत िन िपत करन और उनम उ साह जगान स कायर-िन पादन म िनरतर िनखार आता ह दरअसल हर यिकत म मानिसक और शारीिरक ऊजार उ प न होती ह िजसक िलए काम ही सबस अ छा िनकास ह एक िवचारक क अनसार lsquoआप पछत ह म लगातार काम कय करता ह

यहा िसफर सदधाितक जञान ही काफी नही होता बि क औपचािरक और अनौपचािरक दोन ही तरह की िशकषा व परिशकषण ज री ह

प ठ 23

अकषय कराित इसका वही कारण ह िजस कारण स मगीर अ ड दती जाती ह rsquo काम क िबना इसान घट सा जाता ह उस काम की उतनी ही ज रत होती ह िजतनी हवा की आव यकता ह िक उस सही वातावरण उपल ध करान और सही िदशा म अिभपरिरत करन की व ततः हर यिकत अदर स गिरमा और आ मस मान की चाह रखता ह आव यकता ह उस अतःपरिरत करन की लोग को खद स परिरत करन क िलए हम उनकी ज रत और इ छाओ को समझना होगा पररणा कायरकषमता और आदत क बीच सीधा सबध ह जो लोग उतना ही काम करत ह िक उनकी नौकरी बची रह तो ऐस लोग िकसी भी स थान क िलए मह वपणर नही हो सकत अतपररणा स सोच म बदलाव लाया जा सकता ह पररणा आग क समान होती ह

कमरचािरय को िजतना परिरत िकया जाएगा उनम उतनी ही सकारा मक आदत का िवकास होगा कमरचािरय को उिचत स मान दकर उनक कायर को अिधक मनोरजक बनाकर परबधन वारा उनकी बात को गौर स सनकर उनकी सम याओ और सझाव पर गौर करक उ ह वय ल य िनधारिरत करन क िलए परो सािहत करक िवकास क नय अवसर उपल ध कराकर आव यकतानसार समय-समय पर समिचत परिशकषण िदलाकर तथा नयी चनौितय स जझन क िलए परो सािहत करक िन सदह उनक आचार और यवहार को सकारा मक िदशा म पाियत िकया जा सकता ह

कमरचािरय को िजतना परिरत िकया जाएगा उनम उतनी ही सकारा मक आदत का िवकास होगा

ई-पितरका म लख आिद म परकट िवचार

मलतः लखक क ह तथा यह आव यक नही ह िक

इरडा भी इन िवचार स सहमत हो

प ठ 24

अकषय कराित

िबिटया

आख म मोती लकर तम िबिटया जाती हो हा जाओ िशकषा का उपहार द रह िवदा समय यह लो ल जाओ इन पराण म परीित त हारी ममता क धन िसदरी इन नयन की बद पली परकट करती ह मजबरी लाचारी ह िफर पराण म क य ह इतनी आकलता

जब इस रीित पर पराओ म वश न िकसी का ह चलता िपतकल को तजकर अब िबिटया पित-कल म जाना होगा

नटखटपन को छोड़ धमर का ही िजसम बाना होगा इस घर की तम बड़ी लाडली पराण स यारी िबिटया

चली लाकर आज सभी को िपता की कर सनी किटया िजन हाथ न लाड़ चाव स अब तक था िजसको पाला उन हाथ न ही िबिटया को दलह राजा जी को द डाला

िजसका दख जरा मन मला हो जाती थी हरानी क यादान उसी का कर क दय बनाया पाषाणी

िकया न जाता था पल भर को इन आख स दर िजस मोती झरत िवदा द रहा आज सकल पिरवार उस अपनी मा क जीवन की तम परित-पल हो आधार रहो

िवजयता िपता क दय मिदर की िबिटया तम साकार रही आज जीवन क सख-दख सार वही िबतान तम लो जान आओगी जब कभी यहा तम होगी महमान समान

सतीश कमार कलावत इरडा

इस घर की तम बड़ी लाडली पराण स यारी िबिटया चली लाकर आज सभी

को िपता की कर सनी किटया

प ठ 25

ससराल की कभी बराई कही न मह पर आ जाव धमर कमर क तर य पथ म पाव नही िडगन पाव

सात परितजञाय जो तमन अिग नदव स मख की धारण द पि त जीवन का मह व ह करना स च मन स पालन

बटी इन सात बचन का यान दय म रह सदा दोन कल की लाज इसी म भला न दना इस कदा पित ही ह सवर तर त हार पित ही को जीवन समझो

जो कछ कह उसी को मान उनको िबिटया तम धन समझो शीलवती तम बन िबिटया पित-भक त मना सदर िनस दह वय उपजग क प-वकष घर क अ दर

पहन सिशकषा की साड़ी को शभ गण भषण अपनाओ दस लकषण शभ लकषण धार िन य नय मगल गाओ यह िशकषा उपहार दय का तम को राह िदखायगा भल भटक कर भी अिधयारा पास न आन पायगा

हम सब की आख स मोती उर स िनकल रही आशीष सभी सख स पणर परफि लत कर त ह दलह राजा की ईश

अकषय कराित

िजन हाथ न लाड़ चाव स अब तक था िजसको पाला उन हाथ न ही िबिटया को दलह राजा जी को द डाला

प ठ 26 अकषय कराित

ldquoपयारवरणrdquo श द पिर+आवरण स बना ह अथारत बा य आवरण को ही पयारवरण कहत ह इस बा य आवरण का ता पयर हमार चार ओर क वातावरण और पिरवश स ह िजस हम दसर श द म परकित भी कह सकत ह प वी पर िव यमान सपणर जीव-जगत क अि त व जीवन-यापन एव चहमखी िवकास म परकित की मह वपणर भिमका ह मानव बिदधजीवी पराणी ह और परकित क मह व स भली-भाित पिरिचत होन क कारण ही सिदय स परकित की पजा करता रहा ह

विदक काल स ही परकित तथा मानव क बीच जीवन ततर का अटट सबध रहा ह हमार पराचीन ऋिष-मिनय न प वी म हवा पानी िमटटी पड़-पौध जीव-ज तओ और मानव क सिकरय सहयोगा मक सतलन को यान म रखकर ही परकित को प य माना धमर क साथ परकित को जोड़कर उ ह न परकित को पयार त मह व िदया व जानत थ िक िजस परकार जीवन क िलए भिम की आव यकता होती ह उसी परकार वन पितया व अ य पराणी भी आव यक ह य सभी परकित क अिभ न अग ह इनम स एक क भी न ट होन का परभाव दसर पर पड़ता ह और पिरणाम व प पराकितक असतलन पदा हो जाता ह व तत प वी म हवा पानी िमटटी पड़-पौध जीव-ज तओ और मानव का सिकरय सहयोगा मक सतलन रहता ह पड़-पौध भिम को उपजाऊ बनात ह िमटटी को बाधकर रखत ह बरसात करवान तथा जल एव वाय को व छ रखन म सहायक होत ह परत आज क बढ़त औ योिगकीकरण और शहरीकरण न परकित और मानव क बीच असतलन उ प न कर िदया ह यह असतलन अिशकषण बढ़ती जनसख या शहर की ओर पलायन वकष की कटाई गगनचबी इमारत बड़-बड़ उ योग की थापना आिद क कारण ह और यही पयारवरण परदषण क मख य कारण ह मटरोपोिलटन एव बड़ शहर म अनक काबरिनक और अकाबरिनक गस जस ndash काबरन-मोनोऑक साइड अमोिनया आिद परदषण क मख य ोत ह

वतरमान पयारवरण -21वी सदी की चनौती

लख सरीन सल

विदक काल स ही परकित तथा मानव क बीच जीवन ततर का अटट सबध रहा ह

प ठ 27 अकषय कराित मन य न अपनी भितक सख-सिवधाओ की आपित र क िलए परकरित स

िखलवाड़ िकया ह वतरमान मशीनी यग म मन य वारा परकित क अ यिधक दोहन एव िनत नए कारखान की थापना स पयारवरण सकट उ प न हआ ह मानव न परकित क साथ जो अ यायपणर यवहार िकया ह उसी क फल व प परकित का िवरोधी रवया हआ ह िजस भिव य म सह पाना मि कल होगा

अिशकषा क कारण दश की तजी स बढ़ती आबादी क आवास की मलभत आव यकता को परा करन क िलए वकष की कटाई करक ऊची-ऊची इमारत बनाई जा रही ह वकष की अधाधध कटाई स भिम की ऊवररा शिक त का तो ास हो ही रहा ह साथ ही परदषण जसी िवकराल सम या भी ज म ल रही ह

परदषण पयारवरण क ास का परमख कारण ह िवकासशील दश िनत नए उ योग की थापना करक बराजगारी की सम या को तो दर कर रह ह िकत इसस जल वाय विन तथा िविभ न परकार क परदषण बढ़ रह ह कल-कारखान और मोटर स िनकलन वाल धए स वाय परदषण हो रहा ह जल थल व नभ क मागर पर शिक त चािलत वाहन विन परदषण का मख य ोत ह शहरीकरण और औ योिगकीकरण क कारण शदध पयजल की सम या िवकराल प धारण कर रही ह कारखान स िनकलन वाल कड़-कचर क निदय म िमलन स जल परदषण हो रहा ह रासायिनक खाद और कीटनाशी दवाओ स मदा परदषण का खतरा बन गया ह

इस परकार जनसख या विदध शहरीकरण औ योिगकीकरण एव परदषण जसी सम याओ न पयारवरण को बरी तरह परभािवत िकया ह आज सपणर िव व पयारवरण को लकर िचितत ह इस भयावह ि थित स बचन क िलए पर यक यिक त को पयारवरण क परित जाग क करना आज की अिनवायर आव यकता ह

इस िदशा म सवरपरथम िनरकषरता को समा त िकया जाना चािहए साकषर भारत की पिरक पना म जनसख या विदध दर वय िनयितरत हो जाएगी करल रा य इसका परमाण ह जहा साकषरता क साथ-साथ जनसख या िनयतरण भी ह

जल थल व नभ क मागर पर शिक त चािलत वाहन विन परदषण का मख य ोत ह

प ठ 28 अकषय कराित

इसक बाद बात आती ह परदषण िनवारण की आज िव व भर क

वजञािनक और पयारवरणिवद इस िदशा म कायररत ह सवरपरथम वन क काटन पर परितबध लगाया गया ह और वन सपना क िव तार हत वकष लगान क िलए परो सािहत िकया गया इसक िलए सरकार की ओर स वकष आिद िनश क उपल ध कराए जात ह ldquoपयारवरण परदषण स थाrdquo और व छ वाय अिधिनयम जस िविधक उपाय स वाय परदषण पर रोक लगान का परयास िकया जा रहा ह जहरील धआ उगलन वाल कारखान तथा वाहन पर भारी आिथरक दड का परावधान ह िविभ न सचार मा यम mdashदरदशरन समाचार-पतर तथा आकाशवाणी क मा यम स जनता को पयारवरण क परित जाग क करन क परयास िकए जा रह ह निदय म खलन वाल परदषण ोत को बद करन की योजनाए चलाई जा रही ह पािलथीन क परयोग को बद करन क िलए चलाया जा रहा ह अिभयान भी परशसनीय ह

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह इस खतर स सपणर भमडल का अि त व न ट हो जाए इसस पहल हम पयारवरण की सरकषा करन का सक प लना होगा

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह

िस धी होन क प चात भी मझ बगाली रीित िरवाज़ िमठाइया यहा का पहनावा अगरज क ज़मान की बनी सरचनाए एव भवन इ यािद म बहत िदलच पी एव िच थी

प ठ 29 अकषय कराित

यातरा स मरण-कोलकाता-खिशय हषर का शहर(िसटी ऑफ जॉय)

सोिनया सिह वानी पीईसी िलिमटड

म पी ई सी िलिमटड नामक कपनी क िविध ककष म उप िविध परबधक क पद पर कायररत ह सन 2010 जन स इस कपनी म मन परबधन परिशकष क प म अपनी पहली नौकरी की श आत की पी ई सी िलिमटड वािण य मतरालय क अतगरत आन वाली आयात-िनयारत यापार स स बिधत क पिनय म स एक ह इस स दभर म जनवरी 2011 म िविभ न िवभाग क परबधन परिशकषओ को ओिरएटशन हत काडला कोलकाता इ यािद शहर म भजन का कायरकरम िनि चत िकया गया कोलकाता क पास हि दया पोटर होन क कारण कोलकाता शहर चना गया जहा पी ई सी वारा आयात की गयी व तए पोटर गोदाम म रखी जाती ह साथ ही म कोलकाता पोटर िभ न गोदाम इ यािद दखन की यव था की गयी एव सची म समावश िकया गया यह सनकर मरी ख़शी का िठकाना न रहा क य िक मन कोलकाता शहर क बार म सना बहत था पर त कभी दखा न था िस धी होन क प चात भी मझ बगाली रीित िरवाज़ िमठाइया यहा का पहनावा अगरज क ज़मान की बनी सरचनाए एव भवन इ यािद म बहत िदलच पी एव िच थी आिखरकार मझ मौका िमला और जनवरी की कड़ाकदार ठ ड क बीच हम एक रिववार शाम कोलकाता राजधानी स अपनी मिजल की और िनकल पड़ िद ली स कोलकाता क सफ़र क बीच हमारी गाड़ी इलाहाबाद गया िबहार तथा धनबाद जस शहर स होत हए बगाल की ओर पहची हसत-गात खलत-खात हए हम अगली सबह हावड़ा जकशन पहच गए रलगाड़ी स उतर कर टशन स बाहर िनकलत ही मझ िसटी ऑफ जॉय क नाम स मशहर कोलकाता की पहली झलक िदखाई दी ऐसा लगा मानो मझ भारत क दो पहल एकसाथ जीत हए नज़र आए एक तरफ थ टशन स बाहर एव अ दर जात हए स दर कपड़ गहन म लद हए कोलकाता क बगाली िनवासी साथ म बड़ी-बड़ी गािड़य म घमत कोलकाता क नौजवान और ठीक दसरी तरफ मरी नज़र पड़ी हगली नदी पर बन परिसदध हावड़ा िबरज पर िजस दख एक अलग ही दिनया का एहसास हआ

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह

िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी

एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया नतीजा मर समकष था

प ठ 30 अकषय कराित

हावड़ा िबरज पर हर तरफ लोग का जमावड़ा था इतन लोग दख िद ली क चादनी चौक की याद आ गयी ऐसा लगा मानो म 50 साल पीछ िकसी लक एव वाईट दिनया म कदम रख चकी थी िबरज क दोन तरफ सामान बचत हए दकानदार िखलौन मछली रख हए औरत एव छोट-छोट ब च मख य शहर स हावड़ा जान वाल आम आदमी मजदर की तज़ र तार फरी स र ता पार करन वाल यापारी इन सब को दख लगा कोलकाता म मबई जसी भागम भाग भी थी िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया नतीजा मर समकष था जस-जस म कोलकाता शहर क भीतर आन लगी मझ इस शहर क िवकास की झलक िदखाई दी एक तरफ थी ऊची ईमारत सदर िवशाल िव यासागर सत पल बड़-बड़ होटल माल कोलकाता उ च यायालय राईटसर िबि डग मशहर इडन गाडरन टिडयम इ यािद तो दसरी तरफ था िवक टोिरया ममोिरयल अगरज की वा तकला क अनसार िदखती लाल ईटो की इमारत िवक टोिरयल सरचनाए भवन छोटी-छोटी पटिरय पर समान बचत नया बाज़ार (New Market) क दकानदार एव िवक टोिरया ममोिरयल क बाहर चलत सलािनय क िलए रथ वाल घोड़ हमारा होटल जसीबोस सड़क पर ि थत था एव सिवधाओ स भरपर था पर त मन य जाना िक असली कोलकाता का मज़ा गाड़ी म नही अथवा िरक शा ऑटो तथा साल स चलती आ रही सड़क पर टराम म था

हर तरफ मझ पील रग की टिक सया िदखाई दी सब एक समान थी तथा मरसीडीज़ गाड़ी क बगल म चलती 1-2 पय म सफ़र की जान वाली टराम भी साथ िदखाई दी परी िजदगी िद ली म यतीत करन क बाद हर नए शहर का रहन-सहन बोल-चाल रीित-िरवाज़ जानन की जाग कता मझम हमशा रही पहल ही िदन स कोलकाता मझ रास आया जस िक कहत ह lsquoकोलकाता हमार खब भाला लागली छ rsquo कहन का ता पयर य िक मझ कोलकाता बहत अ छा लगा पहल िदन िक शाम को हमन य मािकर ट म खरीददारी करन का मन बनाया म हरान थी िक वहा चीज िकतनी स ती िमल रही थी िद ली क मतािबक एक ितहाई दाम पर चिडया गहन बग जत कत इ यािद िमल

िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया

प ठ 31 अकषय कराित य मािकर ट िद ली क लाजपत एव सरोिजनी नगर समान ह कम

दाम म अ छा समान िमला कोलकाता चमड़ क िलए भी मशहर ह एव परिसदध ी लदसर दकान भी इस बाज़ार म ि थत ह यहा खरीदारी का हमन खब ल फ़ उठाया

अगल िदन हम हि दया पोटर गए एव अनक जहाज़ दख 3-4 घट की दरी पर ि थत यह पोटर अनक एकड़ म फला हआ था पहली बार इतन बड़ जहाज़ को अदर स दख खब आनद आया तीसर िदन हम काली बाड़ी मिदर गए बगाली अ यत पाठ-पजा वाल दगार मा क स च उपासक ह यह सब जानत ह दगार पजा इनका लोकिपरय उ सव ह तथा काली मा एव दगार मा की स च मन स पजा करत ह कोलकाता क िनवासी भिक त भावपणर ह यह सना था अब खद दख भी िलया बगाली र म स पजा करन का य मौका अ यत आनदमयी था इसक अलावा काली बाड़ी क नज़दीक ही ि थत ह गौिरहाट बाज़ार यहा की दकान बगाली सािड़या कपड़ सट कत इ यािद क िलए परिसदध ह आिद धक तशवर नामक मशहर दकान म जाकर मरा भी मन िकया िक म भी खरीददारी क मर सािथय न बहत सािड़या खरीदी एव दाम दखकर म दग रह गई सदर स सदर साड़ी मातर 600700 पय की थी मन बगाल की मशहर लाल एव सफद िपरट की साड़ी भी खरीदी कोलकाता म खरीददारी का अलग की मज़ा ह उसी िदन शाम हम सा ट लक िसटी मॉल गए वह सा ट लक टिडयम क नज़दीक ह यहा िदखाई िदया कोलकाता का परगितशील प नौजवान फटबाल की जसीर पहन माल म घम रह थ एक स एक

मशहर बरड वहा मौजद थ इसक अलावा कोलकाता क िनवासी खब मनोरजन क शौक़ीन ह सगीत नाच गाना इ यादी म िच रखत ह कोलकाता म जगह-जगह सगीत कला अकडमी तथा पढ़न (रीिडग) क क लब ह अगरज क शौक तथा रहन-सहन की झलक आज भी यहा िदखती ह यहा क नौजवान को खल-कद म भी खब िदलच पी ह फटबाल का तो जस यहॉ सबको जनन ह

भारत क परिसदध मोहन बगान फटबाल क लब फटबाल क वहा क नौजवान ही नही परा शहर ही दीवाना ह भारत-पाक मच हो या आई पी एल इडन गाडरन मदान लोग स खचा-खच भरा रहता ह अफ़सोस म वहा अदर जा न सकी

इसक अलावा काली बाड़ी क नज़दीक ही ि थत ह गौिरहाट बाज़ार यहा की दकान बगाली सािडया कपड़ सट कत इ यािद क िलए परिसदध ह

प ठ 32 अकषय कराित

मर सफर क आखरी िदन म मन कोलकाता क लोग म एकता क नजार दख िविभ नता म भी एकता का उदाहरण दखा चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख िजस िदन हम कोलकाता पहच थ उसी िदन वहा शहर बद था और मन एक जट होकर लोग को अपनी बात कहत हए दखा एव सना यहा क लोग अपन शहर क िवकास बहतरी क िलए जाग क ह िज मदारी लत ह तथा सरकार को अपनी बात भली-भाित कहत ह लड़िकय औरत की इ ज़त करत ह एव यहा िक मिहलाओ को मन िनदरलीय पाया जहा एक ओर भारत की राजधानी होन क बावजद िद ली वाल अपनी िजदगी म मगन रहत ह वही दसरी और कोलकाता म अमीरी-गरीबी िभ न जाितय म भी एक जटता ह कपड़ा एव खाना आज भी यहा खब स ता िमलता ह पर त दसरी तरफ सब जानत ह िक बड़-बड़ उ योगपित िव वान लखक िखलाड़ी गायक अिभनता िनदशक यहा स उभर ह सािह य हो या लख बॉलीवड हो या िकरकट बगाल न भारत को अनक नाम एव गौरव िदए ह चाह सौरव दादा हो या रिव दर नाथ टगोर ममता बनजीर रानी मखजीर हो या योित बस भारत म इनकी भिमका का वणरन करन की ज रत नही

मन कछ िदन क कोलकाता क सफर म इस शहर को जानन समझन का परयास िकया हगली नदी क िकनार खड़ होकर समदर को दखा निदय को िनहारा िव यासागर सत िबरज की सदरता िवशालता को सराहा क सी दास की परिसदध िमठाई का ल फ उठाया मन बहत शहर घम पर त यह सफर मर िलए सबस यादगार रहा कोलकाता परगित क मागर पर िनरतर बढ़ रहा ह पर त आज भी वह अपनी जड़ नितक म य को नही भला ह एक आम आदमी आज भी टराम म या फरी स सफर करता ह यहा क िनवासी दो पय स लकर 500 ० का खाना खात ह पराना एव नया कोलकाता एक साथ जीिवत ह िसक क क दो पहल की तरह कोलकाता क यह दो प को एक साथ रहत दख बहत आनद आया

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 33 अकषय कराित

जल परकित का अनपम उपहार ह मानव जाित अपन परादभारवकाल स ही इस उपहार का उपयोग अपन िहत क िलए करती आई ह जल वह पराकितक उपहार ह िजसका कोई िवक प नही ह इसिलए जल को अमतया जीवन भी कहा गया ह जल क िबना जीवन की सभावना भी नही ह पर यकष प स तो जल की मानवीय आव यकता सीिमत ह परत परोकष आव यकताओ पर नजर डाल तो दिनक जीवन की आव यकताए जस अ न फल स जी दध स लकर हमार पहराव आवास तक सब जल स जड़ हजल का जरा भी सतलन िबगड़ जाए तो जीवन यापन क टपरद होन म दर नही परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह जल क सामा य त य जल या पानी एक आम रासायिनक पदाथर ह जो जीवन क सभी जञात प क जीिवत रहन क िलए ज री ह आमतौर पर जल अपनी दरव अव था म उपयोग म लाया जाता ह पर यह ठोस अव था बफर और गस अव था जल वा प या भाप प म भी पाया जाता ह प वी क लगभग तीन चौथाई िह स पर िव व क महासागर का अिधकार ह अनमानत प वी पर जल की कल मातरा लगभग 1400 िमिलयन घन िकलोमीटर ह जो िक प वी पर 3000 मीटर गहरी परत िबछा दन क िलए काफी ह तथािप जल की इस िवशाल मातरा म व छ जल का अनपात बहत कम ह प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह शष जल झील निदय वायम डल नमी मदा और वन पित म मौजद ह जल की जो मातरा उपभोग और अ य परयोग क िलए व ततः उपल ध ह वह निदय झील और भजल म उपल ध मातरा का छोटा-सा िह सा ह इसिलए जल ससाधन िवकास और परब ध की बाबत सकट इसिलए उ प न होता ह कय िक अिधकाश जल उपभोग क िलए उपल ध नही हो पाता

परभावी जल परबधन और दश का िवकास

दीपक आहजा ओएनजीसी िवदश

प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह

प ठ 34 अकषय कराित

और दसर इसका िवषमतापणर थािनक िवतरण इसकी एक अ य िविश टता ह फलतः जल का मह व वीकार िकया गया ह और इसक िकफायती परयोग तथा परब ध पर अिधक बल िदया गया ह प वी पर उपल ध जल जल-चकर क मा यम स चलायमान ह जल लगातार एक चकर म घमता रहता ह िजस जलचकर कहत ह इसम वा पीकरण वषार और बह कर सागर म पहचना शािमल ह हवा जल वा प को थल क ऊपर उसी दर स उड़ा ल जाती ह िजस गित स यह बहकर सागर म पहचाता ह जल चकर का िचतर नीच पर तत िकया गया ह

अिधकाश उपभोकताओ जस िक मन य पशओ अथवा पौध क िलए जल क सचलन की ज रत होती ह जल ससाधन की गितशील और नवीकरणीय परकित और इसक परयोग की बार बार ज रत को ि टगत रखत हए यह ज री ह िक जल ससाधन को उनकी परवाह दर क अनसार मापा जाए इस परकार जल ससाधन क दो पहल ह अिधकाश िवकासा मक ज रत क िलए परवाह क प म मािपत गितशील ससाधन अिधक परासिगक ह आरिकषत भ डार की ि थर अथवा िनयत परकित और साथ ही जल की मातरा तथा जल िनकाय क कषतर की ल बाई व म यपालन नौ सचालन आिद जस कछक िकरयाकलाप क िलए भी परासिगक ह

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 35 अकषय कराित

जल का यय अप यय जल क बार म एक नही कई च कान वाल त य ह िव व म और िवशष प स भारत म जल िकस परकार न ट होता ह इस िवषय म जो त य सामन आए ह उस पर जाग कता स यान दकर जल क अप यय को रोका जा सकता ह अनक त य ऐस ह जो हम आन वाल ख़तर स तो सावधान करत ही ह दसर स पररणा लन क िलए परो सािहत करत ह और पानी क मह व व इसक अनजान ोत की जानकारी भी दत ह प वी पर पदा होन वाली सभी वन पितया स भी हम पानी िमलता ह

आल और अनानास म 80 परितशत और टमाटर म 95 परितशत पानी ह पीन क िलए मानव को परितिदन 3 लीटर और पशओ को 50 लीटर पानी

चािहए भारत म 83 परितशत पानी खती और िसचाई क िलए उपयोग िकया जाता

ह इज़राइल म औसतन मातर 10 सटीमीटर वषार होती ह इस वषार स वह

इतना अनाज पदा कर लता ह िक वह उसका िनयारत कर सकता ह दसरी ओर भारत म औसतन 50 सटीमीटर स भी अिधक वषार होन क बावजद अनाज की कमी बनी रहती ह

िपछल 50 वष म जल क िलए 37 भीषण ह याकाड हए ह भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल

चलती ह पानी ज य रोग स िव व म हर वषर 22 लाख लोग की मौत हो जाती ह यिद बरश करत समय नल खला रह गया ह तो पाच िमनट म करीब 25

स 30 लीटर पानी बरबाद होता ह बाथ टब म नहात समय 300 स 500 लीटर पानी खचर होता ह जबिक

सामा य प स नहान म 100 स 150 लीटर पानी खचर होता ह िव व म परित 10 यिकतय म स 2 यिकतय को पीन का शदध पानी

नही िमल पाता ह परित वषर 6 अरब लीटर बोतल पक पानी मन य वारा पीन क िलए

परयकत िकया जाता ह मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 36 अकषय कराित

िद ली मबई और च नई जस महानगर म पाइप लाइन क वॉ व की खराबी क कारण रोज़ 14 स 44 परितशत पानी बकार बह जाता ह

निदया पानी का सबस बड़ा ोत ह जहा एक ओर निदय म बढ़त परदषण रोकन क िलए िवशषजञ उपाय खोज रह ह वही कल कारखान स बहत हए रसायन उ ह भारी मातरा म दिषत कर रह ह

भारत म जल सकट नासा की एक िरपोटर न पानी को लकर दश भर म बढ़ती जा रही लापरवाही क परित आख खोली ह इस िरपोटर म भारत म सख की ि थित पदा होन क िलए िज मवार कारण म स एक अहम कारण अधाधध जल दोहन को बताया गया ह बतात चल िक दश भर क 604 िजल म स 161 सख की मार झल रह ह वस अब बताया जा रहा ह िक सख की मार स बहाल िजल की सखया बढ़कर 246 हो गई ह यानी कहा जाए तो आधा दश सख की चपट म ह बहरहाल नासा की इस िरपोटर म बताया गया ह िक भारत क कई रा य कषमता स यादा जल दोहन कर रह ह यहा कषमता स ता पयर यह ह िक उनस िजतन सलाना जल दोहन की उ मीद कदर करती ह व उसस कही यादा जल दोहन कर रह ह नासा न यह अ ययन 2002 स 2008 क बीच

की ि थितय क आधार पर िकया ह इस िरपोटर म बताया गया ह िक पजाब हिरयाणा और राज थान हर साल औसतन 177 अरब कयिबक मीटर पानी जमीन क अदर स िनकाल रह ह जबिक कदर की तरफ स लगाए गए अनमान क मतािबक इ ह हर साल 132 अरब कयिबक मीटर पानी ही जमीन क अदर स िनकालना था इस तरह स दखा जाए तो य तीन रा य िमलकर कषमता स 30 फीसदी यादा पानी का दोहन कर रह ह जािहर ह िक िबना कछ सोच-िवचार जब इस पमान पर पराकितक ससाधन का दोहन िकया जाएगा तो परकित भी बदला लगी और वही हो रहा ह इस िरपोटर म यह भी बताया गया ह िक भारत का महज 58 फीसदी भजल ही हर साल िरचाजर हो पाता ह नासा की यह िरपोटर बताती ह िक अधाधध जल दोहन की वजह स पर उ तर पि चम भारत क भजल तर म हर साल 4 सटीमीटर यानी 16 इच की कमी आ रही ह इस अ ययन को अजाम दन म नासा क जल िवजञानी मट रोडल न अहम भिमका िनभाई ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 37 अकषय कराित

उनक हवाल स इस िरपोटर म बताया गया ह िक दश क उ तर पि चम कषतर म 2002 स 2008 क दौरान तकरीबन 109 कयिबक िकलोमीटर पानी की कमी हई ह यह मातरा िकतनी अिधक ह इसका अदाजा इसी स लगाया जा सकता ह िक यह अमिरका क सबस बड़ जलाशय लक मीड की कषमता स दगन स भी कही यादा ह अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह इस िरपोटर क मतािबक अगर अधाधध जल दोहन इसी तरह स जारी रहा तो आन वाल समय म भारत को अनाज और पानी क सकट को झलन क िलए अभी स तयार हो जाना चािहए जािहर ह िक जब जल सकट बढ़गा तो खती पर इसका गहरा परभाव पड़गा अनाज क उ पादन म कमी आएगी इस वजह स अनाज सकट पदा होगा और भख का एक नया चहरा उभरकर सामन आएगा एक बड़ा तबका जो आज भरपट भोजन कर पाता ह उसक िलए पट भर खाना िमलना मि कल हो जाएगा भखमरी की जो सम या पदा होगी उसस िफर िनपटना आसान नही होगा इसक अलावा पीन क पानी का टोटा तो होगा ही अभी ही दश क कई िह स ऐस ह जहा क लोग को पीन क िलए साफ पानी नही िमल पा रहा ह कई कषतर ऐस ह जहा गमीर क िदन म हडपप स पानी आना बद हो जाता ह वहा क लोग को हर साल बोिरग को कछ फट बढ़वाना होता ह यह सम या भजल तर क िगरत जान की वजह स ही पदा हई ह जब पीन क पानी का सकट पदा होगा तो बोतलबद पानी का कारोबार काफी तजी स बढ़गा कहन का मतलब यह िक िजसक पास पसा होगा वह अपनी यास बझा सकगा और िजसक पास पसा नही होगा उस अपनी यास बझान क िलए भी सघषर करना पड़गा ि थित की भयावहता की क पना ही िसहरन पदा करती ह भारत म दिनया का हर छठा आदमी रहता ह यानी कहा जाए तो दिनया क कल आबादी क तकरीबन सतरह फीसदी लोग भारत म रहत ह जबिक दिनया का महज साढ़ चार फीसदी पानी ही भारत म उपल ध ह ऐस म जल सम या स दो-चार होना कोई आनापिकषत बात नही ह एक बात तो तय ह िक पराकितक ससाधन म इजाफा तो नही िकया जा सकता ह लिकन इसका सरकषण अव य िकया जा सकता ह

अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह

प ठ 38 अकषय कराित

भारत म लोग िकसी एक मा यम स पयजल परा त करन पर िनभरर नही ह इस दश म 357 फीसदी लोग हडपप स 367 फीसदी लोग नल स 182 फीसदी लोग तालाब पोखर या झील स 56 फीसदी कओ स 12 फीसदी लोग पारपिरक साधन स और 26 फीसदी लोग अ य मा यम स पीन का पानी परा त करत ह इस िलहाज स अगर दखा जाए तो जल सकट को दर करन क िलए समगर कायरयोजना की ज रत ह

दरअसल भारत म गहरात जल सकट क िलए काफी हद तक पानी की बबारदी भी िज मवार ह यहा जल आपित र की यव था म काफी खािमया ह नल क जिरए घर तक पहचन वाल पानी का एक बड़ा िह सा िरस कर बबारद हो जाता ह हर शहर म फट हए आपित र पाइप आसानी स दख जा सकत ह इस बदहाल यव था क िलए सरकार क साथ-साथ सामा य लोग भी कम िज मदार नही ह एक तरफ तो सरकार पयजल क नाम पर हर साल हजार करोड़ पए का बजट बनाती ह और दसरी तरफ जमीनी तर पर हालात म कोई बदलाव नही िदखता ह सामािजक तौर पर भी जल सरकषण को लकर जाग कता का अभाव िदखता ह यह सामािजक तान-बान का ही असर ह िक लोग कही भी जल की बबारदी को दखकर उस सामा य घटना मानत हए नजरअदाज कर दत ह दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था यह अब घटकर 1800 कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर हो चका ह

दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था

प ठ 39 अकषय कराित

िवशषजञ का अनमान ह िक अगर पानी की खपत और बबारदी इसी तरह स जारी रही तो 2025 तक यह घटकर हजार कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर ही रह जाएगा उस समय तक पानी की उपल धता म आन वाली इस कमी की वजह स किष उ पादन म तीस फीसदी की कमी आन की सभावना ह इन पिरि थितय म दश की आिथरक और सामािजक ि थित का कया होगा इसका अदाजा सहज ही लगाया जा सकता ह भारत म जल सरकषण क परित आज भी आम लोग क मन म उपकषा का भाव बना हआ ह साथ ही इस कायर क िलए आव यक तकनीक की भी कमी ह जो तकनीक उपल ध ह उनस सामा य लोग अनजान ह बािरश क पानी का सगरह करक उस उपयोग म लाना एक अ छा िवक प ह पर इस तरह की कोिशश काफी सीिमत मातरा म काफी छोट तर पर हो रही ह यही वजह ह िक दश म होन वाली बािरश क पानी का अ सी फीसदी िह सा आज भी समदर म पहच जाता ह अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह अगर जल की इस िवशाल मातरा का आधा भी परयोग कर िलया जाए तो ि थित म यापक बदलाव आना तय ह शहरी कषतर म तो पानी की कालाबाजारी जोर पर ह जगह-जगह पर जल मािफया सिकरय हो गए ह िद ली क ही एक अखबार न कछ समय पहल यह बात उजागर िकया था यहा तो समानातर जल बोडर भी चलाया जा रहा ह हरानी की बात तो यह ह िक इसक बावजद भी पानी क काल धध पर अकश नही लगाया जा सका ह अहम सवाल यह ह िक कस सामा य तबक क लोग तक व छ पानी पहचाया जाए शहरी कषतर क साथ-साथ गरामीण कषतर म भी यह एक बड़ी चनौती ह आबादी म अपर यािशत विदध बढ़त शहरीकरण औ योिगकीकरण और किष उ पाद की बढ़ती माग क कारण पानी की माग िपछल कछ साल म वाभािवक प स बढ़ी ह इसक पिरणाम व प भजल ससाधन का अ यिधक दोहन हआ ह और इसका नतीजा हआ िक लगातार भजल का तर घटता जा रहा ह शहरी कषतर म ि थित बहद भयावह ह तदनसार वहा न कवल शीघराितशीघर जल ससाधन क सरकषण की ज रत ह बि क परभावी रणनीित और परबधन क जिरए त काल कदम उठान की ज रत ह

अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह

प ठ 40 अकषय कराित

खासकर इस बात को यान म ऱखकर िक िविभ न परितयोगी कषतर म कभी भी माग बढ़ सकती ह भिव य म उपयोग क िलए छत पर या सतह पर जलगरहण बनाकर वषारजल सरकषण बहद ज री ह यह पानी की बढ़ती ज रत का खयाल रखन िमटटी की नमी तर को बढ़ान शहरी हिरयाली को बढ़ान भजल तर को कितरम प स पनभररण करन और भजल की गणव ता स सधार का काम करता ह भारत म जल परबधन स दश का िवकास भारत म दिनया की 16 परितशत आबादी रहती ह लिकन दिनया क िसफर 4 परितशत जल ससाधन ही भारत क पास ह 3290000 वगर िकलोमीटर क भिम कषतर और एक अरब स यादा की आबादी क साथ भारत क एक बहलवादी िविवधता का िचतर ह िवशाल पराकितक ससाधन क साथ सप न तकनीकी और वजञािनक किमरय का भी यह दिनया म दसरा सबस बड़ा सम चय ह भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह मानव िवकास म 80 क दशक म लगभग 26 परितशत और 90 क दशक क दौरान और 24 परितशत क वारा सधार हआ ह आजादी क बाद छह दशक म भारत न जल ससाधन का अभतपवर िवकास और खा या न म आ मिनभररता शहरी कषतर ऊजार और औ योिगक कषतर और पीन का पानी क बिनयादी ढाच म तजी स िव तार दखा ह िजसका उपयोग भारत की लगभग 85 परितशत शहरी और गरामीण आबादी क वारा िकया जाता ह भारत म रा य सरकार और भारत सरकार क परितबदध और ठोस परयास की वजह स गरामीण और शहरी आबादी को सरिकषत पयजल को उपल ध करवान म काफी सफलता हािसल की ह इस उपलि ध न भजल की कमी जल जमावजल गणव ता िगरावट जल परदषण और बढ़त लवणता तर स बड़ कषतर को परभािवत िकया ह और अभी भी िविभ न रा य म गरामीण और शहरी भारत क मानव िवकास सचकाक (HDI)rsquo म बहत असमानता मौजद ह पानी क िलए कषतरीय माग तजी स बढ़ रह शहरीकरण की गित स बढ़ रही ह (अनमानत 2025 तक दश की आबादी का 50 परितशत स अिधक शहर म रहग) जनसखया विदध बढ़ती आय और औ योिगक िवकासशहरी भारत तजी स िवकास की माग क कदर क प म उभर रहा ह

भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह

प ठ 41 अकषय कराित

नतीजतन परित यिकत पानी की उपल धता िगर रही ह परधानमतरी की अ यकषता म 12वी योजना क िलए हई योजना आयोग की पणर बठक म दसर म क साथ जल परबधन पर िवशष चचार हई बठक क बाद योजना आयोग क उपा यकष म टक िसह अहलवािलया न कहा िक भ-जल कानन स लकर दसर म की यापक समीकषा ज री ह व यनाथन सिमित जहा वतरमान म भ-जल कानन की साथरकता का अ ययन करगी वही भारतीय अतिरकष अनसधान सगठन [इसरो] की मदद स पानी की उपल धता का िव तत अ ययन होगा म टक न कहा िक उसी आधार पर रणनीित तय होगी सरकार यह यान रखगी िक पानी का अिधकतम उपयोग हो सक और सभी को उपल ध हो पानी पर िकसी का एकािधकार न हो सक बतात ह िक द पयोग को रोकन क िलए श क लगान पर भी िवचार िकया जा सकता ह हालािक इसस पहल रा य सरकार स चचार होगी यह तय ह िक एआइबीपी कायरकरम म यापक बदलाव ह ग ी म टक िसह अहलवािलया न कहा िक वतरमान म इस कायरकरम का सही िकरया वयन नही हो रहा ह िलहाजा उसम पिरवतरन ज री ह सभव ह िक हर रा य म जल िनयामक परािधकरण बनान की शतर भी लगाई जाए उ ह न कहा िक जल परबधन की यापक समीकषा कर नई रणनीित तय की जाएगी कल िमलाकर रा टरीय तर पर वतरमान जल ससाधन का अिधक स अिधक करन क िलए माग को परा करन क िलए पयार त ह लिकन भिव य क अ ययन पिरयोजना ह िक जल आपित र की ि थित अगल आध सदी म अिधक किठन हो सकती ह जल सकट स िनपटन को जल सरकषण परबधन अिनवायर परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह बढ़त वि वक तापमान क फल व प अितवि ट अनावि ट अ पवि ट और असामियक वि ट हम परितवषर दख रह ह िजसका परभाव हमार जल ससाधन पर पड़ता िदखाई द रहा ह कओ व बाविडय का िमटता अि त व नदी-नाल का घटता पानी भ-गभर जल का िगरता तर िचता की पिरिध स िनकलकर खतर की घटी बनता जा रहा ह

निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह

प ठ 42 अकषय कराित

िव व भर म सीमट क अधाधध परयोग न धरातल क सहज अवशोषण कषतर को घटाया ह तथा जल बहाव भिम कटाव व बाढ़ म विदध की ह ऐसी ि थित म जल सरकषण का दािय व मातर वजञािनक व सरकार तक सीिमत न रहकर पर यक उपभोकता क कध पर आ जाता ह इसी दािय व क िनवरहन क िलए हमार पास दो िवक प सामन आत ह 1 वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई

उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

2 पािरवािरक तर पर वषार जल को सगरिहत कर उसका उपयोग कर य दोन ही परयास गरामीण कषतर म तो सरलता स अपनाए जा सकत ह परत शहरी कषतर म व ट वाटर मनजमट की बड़ी पिरयोजनाए बनाकर ही पानी को िरसाइिकल िकया जा सकता ह भ-गभर अिधकािधक जल अवशोिषत होकर

जाए इसक िलए मदानी भाग म िनयोिजत ढग स बड़-बड़ पोखर बनाकर तथा पहाड़ी कषतर म नाल -ख ड म िमटटी प थर आरसीसी क बड़-छोट डम लगाकर जल बहाव रोक भ-सरकषण बचाव व जल भडारण और धरातल जल शोषण कषतर बढ़ाया जा सकता ह िव व बक भारत सरकार वारा म य िहमालय जलागम पिरयोजना रा य क भ-सरकषण िवभाग इस कषतर म कारगर उपाय लकर

हमार सामन ह परत जनसहयोग क िबना इन पिरयोजनाओ क आशातीत पिरणाम ल पाना किठन ह वकषारोपण इस सपणर जल चकर को बल दन वाला कारक ह जल क परित चतना जागत न हई तो अव य ही अगल िव व यदध का कारण जल ही होगा

जल भोजन ह और अिगन भोजन का भकषक ह अिगन जल म और जल अिगन म िव यमान ह

- ततरीय उपिनषद 38

वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

प ठ 43 अकषय कराित

म भी गान गा सकता ह शबनम क िखलत फल क म भी गीत सना सकता ह सावन क म त झल क लिकन जब घर-घर म बादल छाय घोर िनराशा क तब म नगम गा रहा ह उ मीद की आशा क

सड़क पर खड़ बचपन की य बात सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह

हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

इस बदलत पिरवश का राग सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

गाधी जी क सपन का जो राम-रा य कहलाता ह उस भारत म सड़क पर छोट चाय पहचाता ह

कहा गई वो अ हड़ म ती कहा गया वो यार का रा ता उन हाथ स बचत झड िजन हाथ को चािहए ब ता

उस सोन की िचिड़या की म बात बतान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

कही बम की गमर हवाए कही ससद म कोहराम ह कही होत घोटाल स परशान आदमी आम ह

कही कल की िकलकारी ह कही सड़क पर बचपन ह कही चलता नही गजारा कही िवदश म काला धन ह

म स चाई गा-गाकर सबको बतलान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

बदलता भारत मनीष लाल इरडा

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

प ठ 44 अकषय कराित

करन वाल काम बहत ह यथर उलझन को छोड़ो म ला-पिड़त तोड़ रह ह तम बस lsquoअपन को जोड़ो

lsquoहम बदलग-यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का lsquoवद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का

वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हम बदलग mdash यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का वद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

प ठ 45 अकषय कराित

िसफर काला और सफ़द य ही वो दो रग थ जो तर पास सि ट बनान क आधार थ

काला वो जो कािलमा िलय ह िजस कहत ह दख िनराशा म य अपयश और वो सबकछ जो नकारा मक ह

मगर सफद ह वो रग िजसस जड़ा ह जीवन आशा सख और कीितर और वो सब कछ जो सकारा मक ह पर इन रग स तझ चन ना िमला त सोचन लगा अगर सि ट बनानी ह

तो िकस िलए- ससगर और परम क िलए और

इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग

ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह

बस- बना डाला तन इ दरधनष

जो बरसात क बाद सरज और प वी क अनपम परम को रग दता ह सतरगी रग स

और उ ही सतरगी इ दरधनषी रग म हम हर पल हर कषण डबत गहरात इतरात रहत ह

और खिशय भर ससार म हर रग को अलग-अलग तरह स महसस करक जीत रहत ह

रग तो रग ह मगर-

ससगर और परम क िलए और इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह बस-

सतरगी िचतर सगीता ीवा तव इरडा

प ठ 46 अकषय कराित

कभी पक क कभी फीक़ तो कछ कभी दाग बनकर उभर आत ह

कछ आख म नील बादल स छाए रहत ह तो कछ गाल पर गलाबी रग बनकर छलक जात ह

याद रहत ह अक सर वो रग- जो खदी पर इस तरह छा जात ह िक खद म घलकर खद क होन

का एहसास दत-दत खद का एक रग बन जात ह

बगनी आसामनी नीला हरा पीला नारगी लाल इ दरधनष क य सात रग ही जोड़त ह हमार िदल को

हमार मन को जोड़न वाल इन रग की सतरगी दिनया म-

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा बनाय

और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क

सतरगी िचतर

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा

बनाय और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क सतरगी िचतर

प ठ 3

अकषय कराित

आ गई उस पास दखकर ही मर अ दर एक नई ऊजार का सचार हो गया मन उस मौसी कहकर पकारा तो उसन मर गाल पर धीर स एक चपत लगा दी उन न ह हाथ का पशर मानो मर िलए जीवन सजीवनी बन गया उस िदन मन मन लगाकर पढ़ाई की दसर िदन जब म पढ़न बठा था तो वह वय ही सीध कमर म आ गई और इशार स उसन कछ पढ़न क िलए मागा मन एक प तक उस पकड़ा दी िजसस वह काफी िचतर आिद दख सकती थी वह बहत कम बोलती िक त िजतना भी बोलती मझ लगता की मान फल झड़ रह ह म उसकी आखो की चचलता तथा होठ की म कराहट ही दखता रह जाता तीसर िदन वह चपचाप कमर म आई और कसीर पर मर पीछ चढ़ गई अब म उस मौसी न कहकर मसी नाम स िचढ़ान लगा था िक त वह थी िक िचढ़ती ही न थी मानो उस मौसी या मसी िकसी श द स कोई भी फकर नही पड़ता था वह श द क इस फर स कोस दर थी अब मझ उसकी आदत पड़ चकी थी जब तक वह नही आती मरा मन पढ़ाई म न लगता िक त वह रोज आकर मरी कसीर पर चढ़कर मरी पीठ पर झल जाती उसकी बाह का आिलगन मझ जीवन म कछ करन की पररणा दता सा परतीत होता म उसकी आख की भाषा समझन लगा था उसकी आखो म भरी शरारत उसक मन की खशी को जािहर करती थी ओर मझ एक सकन दती थी एक िदन कल स घर पहचा तो आदतन सवरपरथम उस ही तलाशा कही नही िदखी तो लगा िक शायद ब च क साथ खलन चली गई होगी रात म पढ़न बठा तो कान उसक पर की आहट सनन क िलए आतर थ प तक खोलकर बठा तो था िक त िबना उस दख पढ़न को जी नही कर रहा था वह नही आई म उस िदन पढ़ नही पाया सवर उठत ही पहल मन चाची स ही पछा - वो िदखाई नही द रही व बोली - वह तो चली गई मरी मानो धड़कन क गई आखो क आस मन बाहर नही आन िदए बोला क य जान िदया आपन कछ िदन और रह न दती व बोली-उसकी मा उसक िलए परशान थी िफर वापस घर तो जाना ही था िकतन िदन यहा रहती म िन तर था िक त बहत िदन तक मरा मन उदास रहा

म उसकी आखो की चचलता तथा होठ की म कराहट ही दखता रह जाता

प ठ 4

अकषय कराित

समय बीतता गया म उ च िश कषा क िलए गाव छोड़कर शहर आ गया िफर िशकषा नौकरी आिद क चक कर म ऐसा डबा िक िपछला समय मित पटल स ओझल सा हो गया अब मरी नौकरी लग चकी थी पिरवार क सभी सद य शहर म ही थ अत गाव स नाता लगभग टट सा गया था काफी समय बाद गाव जान का मौका िमला परान घर क आगन म पहचत ही अनायास ही वह चहरा मर मित पटल पर आ गया चहरा कछ धधला सा था िक त उसकी चचल आख की स दरता तथा होठ की म कराहट परी तरह ताजा थी मर कमर म कसीर ndash मज अब भी वस ही रख थ जस ही म कसीर पर बठा उसकी बाह क आिलगन की क पना स ही मन परफि लत हो गया इसस अिधक मझस रहा नही गया तरत चाची क पास पहचा और पछा वो कसी ह अब तो बहत बड़ी हो गई होगी शादी-वादी भी हो गई होगी (गाव म शादी कछ ज दी हो जाती ह) चाची चप रह गई म अपन सवाल का जवाब तरत चाहता था मन पन पछा तो चाची कछ आसी होकर बोली ndash वो अब इस दिनया म नही ह मन कहा - क या मतलब मझ लगा िक चाची मर सवाल को समझी नही िक त उ ह न पन दोहराया िक यहा स जान क बाद उसकी तबीयत खराब रहन लगी थी काफी इलाज करवाया िक त वह दो वषर स अिधक नही जी पाई मझ अपन गाव आन पर बहत कषोभ था न आता तो शायद यह कट स य सनन को नही िमलता कम स कम मरी क पना म ही सही वह िज दा तो रहती उसक बाद भी म गाव क उस मकान म गया िक त पन म उस कसीर पर नही बठा िजस पर खड़ होकर वह मरी पीठ पर झलती थी आज भी जब वह िन छल चहरा म कराती मासम आख याद आती ह तो अनायास ही आस िनकल आत ह उसस तो मरा नजदीक का कोई िर ता भी नही था िफर उस आ मा स ऐसा लगाव क य मझ आज भी अपन इस सवाल का जवाब नही िमला सोचता ह क या वह िन छल आ मा ही परमा मा का प थी या परमा मा वय ही धरती पर ----------------

उसक बाद भी म गाव क उस मकान म गया िक त पन म उस कसीर पर नही बठा िजस पर खड़ होकर वह मरी पीठ पर झलती थी

प ठ 5

अकषय कराित

कोई ही ऐसा यिकत या सगठन िवशष होगा जो अपन बहतर अथारत उ क ट जीवन की चाह न रखता हो लिकन चाह रखन मातर स काम नही चलता और न ही िकसी यय को परा त िकया जा सकता चाह हमारा यिकतगत जीवन हो या कायारलयीन जीवन अपन ल य को परा त करन क िलए सबिधत काय गितिविधय क ठ परबधन की आव यकता होती ह ठ परबधन क बहत स सतर हम गीता स िमल ह िजन पर आज हम

ल छदार अगरजी म ढर सािह य उपल ध ह कछ वष पहल बीएचईएल म एक नारा काफी परचिलत रहा वह था उ क टता की ओर अगरसर िविभ न कषतर म उ क टता क ल य को हािसल करन क िलए बीएचईएल न उ क टता पर कार योजना लाग की थी िजसका आधार सतर भी गीता का एक पद ह योग कमरस कौशलम कमर म कौशल का नाम योग ह यह योग की एक पिरभाषा ह शारीिरक मानिसक और भावा मक - इस ितरिवध वा य क सदभर म ही कायर कौशल को दखा जा सकता ह समझा जा सकता ह काम करना अिनवायर नही ह परयोजन क साथ कायर आता ह परयोजन समा त कायर समा त कायर क परित परवि त क िलए परयोजन मखय होता ह हमारा परयोजन कया ह परयोजन ह जीवन की अिनवायर आव यकताए- रोटी कपड़ा मकान िशकषा िचिक सा आिद-आिद इसी क साथ कायर क िव तार क साथ-साथ वतरमान यग म औ योिगक और यावसाियक िव तार हआ और इसन ज म िदया कायर की कषमता और कायर-कौशल अवधारणा को यहा कौशल की चचार स पवर अ छा होगा िक हम कौशल श द को समझ कायर का कौशल वह ह जो दसर क िहत को बािधत न कर जो लाभ द हािन न

पहचाए इन िदन हमारा कायर-कौशल बढ़ा ह िक त उसी क साथ मानिसक

अ त- य तता भी बढ़ी ह कौशल यिद हमार वा य को परभािवत कर रहा ह मानिसक िवकषप बढ़ा रहा ह तो उस कायर-कौशल और कायर-कषमता नही कहा जा सकता

कछ वष पहल बीएचईएल म एक नारा काफी परचिलत रहा वह था उ क टता की ओर अगरसर

कपाराम लहकरा बीएचईएल

कायर-कौशल बढाए तथा उ क टता का ल य पाए

प ठ 6

अकषय कराित

एक सतलन होना बहत ज री ह कायर म दकषता बढ़ तो शारीिरक और मानिसक वा य भी उसी अनपात म बढ़ आज िवकास और कायर-कौशल की अवधारणा मातर पदाथर एवम पदाथर-िनमारण पर अटक गई ह पदाथर का िवकास अिधकािधक होना चािहए हर िदशा म िवकास और कायर-कौशल बढ़ रहा ह लिकन इसान अ छा बन इस परयास म कमी दखी जा सकती ह आदमी अपन आप म इतना पीिड़त और अशात ह िक उसकी क पना भी नही की जा सकती भावा मक वा य क अभाव म कायर-कौशल की सभावना नही की जा सकती भावा मक वा य का कोई पमाना नही ह िक त यिकत क यवहार स हम उस परख सकत ह भावा मक वा य की चार कसौिटया ह

1) उपशम - मन की शाित 2) मदता या िवनमर यवहार 3) मदता या िन छल यवहार 4) सतोष

यिद कायर-कौशल मन की अशाित पदा कर रहा ह िवनमर यवहार म बाधा डाल रहा ह तो िफर कायर की ऐसी दकषता को अदकषता ही कहा जाएगा कायर-कौशल की पहली पिरभाषा यह होनी चािहए - जो जीवन क िकसी अ य पकष को परभािवत न कर बािधत व पीिड़त न कर वह कायर-कौशल ह इस सदभर म िन न बात को अपनात हए कायर-कौशल बढ़ाया जा सकता ह और उ क टता का ल य हािसल िकया जा सकता ह 1) िकसी भी कायर को योजनापवरक कर - कायर-कौशल क साधन म

मह वपणर ह िक िकसी भी कायर को योजना-पवरक करना कायर-कौशल क िलए लिनन का एक परिसदध सतर याद आ रहा ह - िचतन िनणरय और कायार वयन म ल बा अतराल न हो उनम उिचत सामज य रह िचतन आज िकया िनणरय एक वषर बाद और कायार वयन पाच वषर बाद यह बात नही होनी चािहए स कत सािह य म इस दीघरसतरता कहा गया ह जो काम िजस समय करना चािहए उस समय न करक ल ब अतराल क बाद िकया जाए तो असफलता ही हाथ लगगी

2) कोई कायर हड़बड़ी म न कर - कायर-कौशल का दसरा मखय सतर ह िक हड़बड़ी म कोई काम न कर िचतन और िववकपवरक कर

यिद कायर-कौशल मन की अशाित पदा कर रहा ह िवनमर यवहार म बाधा डाल रहा ह तो िफर कायर की ऐसी दकषता को अदकषता ही कहा जाएगा

प ठ 7

अकषय कराित

3 कायर को एकागरता स कर - कायर-कौशल का एक मह वपणर सतर ह - एकागरता का िवकास एक िवचार एक िवक प एक कायर ल और उसी म त मय बन जाए उसी म परी तरह िचत व मन को लगा द हमार अतकरण की सारी परवि तया उसक िलए समिपरत हो जाए जब तक उस कायर क िलए समपरण नही होता तब तक कायर-कौशल नही बढ़ता एकागरता क िलए साधना और अ यास ज री ह अ यास होता ह तो एकागरता बढ़ जाती ह

4 वतरमान म जीना सीख - भत-भिव य को मार भगाई वतरमान म जीओ भाई वतरमान म जीन का ता पयर वतरमान का अनभव वतरमान का जीवन और वतरमान का वास हम वास लत ह तो कभी अतीत म नही लत न भिव य म लत ह अतीत और भिव य की िचता स हम मानिसक अशाित तो होती ह बि क शारीिरक िवकार भी पदा हो जात ह िजसस हमार कायर-कौशल म कमी आती ह जन सािह य म दो श द आत ह - दर य िकरया और भाव िकरया दर य िकरया का ता पयर ह - मदार िकरया मत िकरया भाव िकरया का ता पयर ह जीिवत िकरया पराणवान िकरया वतरमान म जो िजया जा रहा ह कवल उसी का अनभव करत रह यह कायर-कौशल का मह वपणर सतर ह

अत म सार यह उभर कर आता ह िक हमार ल य पिवतर ह हमारा कायर-कौशल इस परकार िवकिसत ह जो िकसी को अकशल न बनाए पीड़ा न पहचाए दसर क िहत पर कठाराघात न कर हमारा सारा परय न और प षाथर इस िदशा म चल िक हमारा अपना कायर िकसी दसर क कायर म बाधा न पहचाए कायर-कौशल का दय यही ह

कायर-कौशल का एक मह वपणर सतर ह - एकागरता का िवकास एक िवचार एक िवक प एक कायर ल और उसी म त मय बन जाए उसी म परी तरह िचत व मन को लगा द

प ठ 8

अकषय कराित

एक राजा था उसक रा य म सब परकार स सख शाित थी िकसी परकार का कोई वर-िवरोध नही था जनता हर परकार स सखी थी पर त राजा को एक बहत बड़ा दख था िक उसकी कोई सतान न थी उस अपना वश चलान की तथा अपन उ तरािधकारी की िचता खाए जा रही थी मिदर मि जद ग वार म जाकर माथा टका कई तीथर थान की यातरा की पर त कोई लाभ न हआ सतान की कमी उस िदन ब िदन खाए जा रही थी बहत सोच-िवचार क प चात उसन अपन रा य क सभी िव वान पिडत को बलवाया और उनस सतान पराि त का उपाय ढढ़न को कहा सभी िव वान न िवचार िकया राजा की ज म कडली का गहन िव लषण िकया अत म व सभी एक मत स एक िन कषर पर पहच उ ह न राजा स कहा िक यिद कोई बरा मण का ब चा अपनी खशी स दवता को बिल द तो आपको सतान की पराि त हो सकती ह राजा न िव वान की बात सनी उसन सार रा य म घोषणा करवा दी िक यिद कोई बरा मण का ब चा अपनी इ छा स खशी-खशी बिल दगा तो उसक घर वाल को बहत सा धन िदया जाएगा राजा क रा य म एक बहत ही गरीब बरा मण था कई िदन फाक म ही गजर जात थ उसक चार लड़क थ बड़ तीन लड़क तो अपना काम-धधा करत थ और अपन पिरवार को आिथरक सहयोग दत थ पर त जो सबस छोटा लड़का था वह कोई काम नही करता था उसका सारा यान हमशा भगवान भिकत म लगा रहता था उसका सारा िदन स कमर करत हए भगवान का मरण करत ही बीत जाता था उसक िपता न भी घोषणा सनी और सोचा यह लड़का िनठ ला ह और कोई काम-धधा भी नही करता इसको बिल क िलए भज दत ह राजा स धन िमल जाएगा तो घर की हालत कछ सधर जाएगी बरा मण अपन सबस छोट लड़क को लकर राजा क पास पहचा राजा न उस लड़क स पछा कया तम िबना िकसी दबाव क अपनी मजीर स अपनी खशी स बिल दन को तयार हो जी महाराज लड़क न बड़ी िवनमरता स उ तर िदया यिद मरी बिल दन स आपको सतान की पराि त होती ह तो म खशी स अपनी बिल दन को तयार ह दकर िवदा िकया ठहराया गया

उसन सार रा य म घोषणा करवा दी िक यिद कोई बरा मण का ब चा अपनी इ छा स खशी-खशी बिल दगा तो उसक घर वाल को बहत सा धन िदया जाएगा

शकर द त पीईसी िलिमटड

िचतन कर

प ठ 9

अकषय कराित

लड़क को अितिथ गह म ठहराया गया हर परकार स उसका खयाल रखा गया अत म उसकी बिल दन का िदन भी आ गया राजा न लड़क को बलाया और कहा आज त हारी बिल द दी जाएगी अगर त हारी कोई आिखरी इ छा हो तो बताओ हम उस परी करग मझ कछ भी नही चािहए बरा मण पतर न कहा बस म बिल दन स पहल नदी म नान करक पजा करना चाहता ह राजा यह सनकर बहत परस न हआ और बोला ठीक ह हम भी त हार साथ नदी तक चलग उस लड़क न नदी म नान िकया िफर नदी िकनार की रत को इकटठा िकया और उसकी चार ढिरया बना दी उसन चार ढिरओ की ओर दखा िफर एक ढरी को अपन पर स िगरा िदया िफर उसी परकार स दसरी ढरी को भी िगरा िदया िफर तीसरी ढरी को भी िगरा िदया उसक वह चौथी ढरी क पास गया उसक चार ओर तीन बार चककर लगाया हाथ जोड़कर उसको माथा टका उसकी वदना की और राजा क पास बिल क िलए आ गया राजा उसका यह सारा करतब बड़ ही कौतहल स दख रहा था पहल तो राजा न सोचा िक बालक ह रत स खल रहा ह पर त जब राजा न दखा िक उसन चौथी ढरी को हाथ जोड़कर परणाम िकया ह तो राजा को इसका रह य जानन की इ छा हई राजा न बालक स पछा बालक तमन रत की चार ढिरया बनाई िफर उनम स तीन को तोड़ िदया और चौथी को परणाम िकया इसका कया रह य ह पहल तो ब च न कोई उ तर नही िदया पर त राजा क दोबारा पछन पर लड़क न कहा राजन आपन बिल क िलए मझ कहा ह म बिल दन क िलए तयार ह आप अपना काम कीिजए आपको इस बात स कया लना िक मन रत की वो ढिरया कय तोड़ी ह राजा को बालक स ऐस उ तर की आशान थी राजा न उसस कहा बालक हमन त हार िपता को त हारी कीमत दकर त ह खरीदा ह तम हमार खरीद हए गलाम हो इसिलए हमार हर पर न का उ तर दना और हमारी हर बात को मानना त हारा धमर बनता ह ह राजन जब आप िजद कर रह ह तो सिनए लड़क न उ तर िदया जब कोई ब चा पदा होता ह तो सबस पहल उसक माता-िपता उसकी रकषा करत ह अगर वह आग क पास जान लगता ह तो उसको उसस बचात ह उसकी हर परकार स रकषा करन की िज मवारी उनकी होती ह लिकन यहा तो मर िपता न ही धन क लालच म मझ बिल दन क िलए आपक पास बच िदया इसिलए पहली

उसकी वदना की और राजा क पास बिल क िलए आ गया राजा उसका यह सारा करतब बड़ ही कौतहल स दख रहा था

प ठ 10

अकषय कराित

ढरी जो उनक नाम की बनाई थी वह मन ढहा दी लड़क न आग कहा दसरी िज मदारी राजा पर होती ह अपनी परजा की रकषा करन की आपन मझ अपनी सतान पराि त क िलए बिल दन क िलए खरीद िलया तब आपस कया पराथरना करता इसिलए दसरी ढरी जो मन आपक नाम की बनाई थी वह भी तोड़ दी जीव की रकषा करन का तीसरा भार दवी-दवताओ का होता ह बालक न तीसरी ढरी का रह य बतात हए कहा लिकन यहा तो दवता वय ही मरी बिल लन को तयार बठा ह तो इसस कया पराथरना करता इसिलए मन तीसरी ढरी भी तोड़ दी लिकन चौथी ढरी का कया रह य ह राजा न पछा और अत म सहारा होता ह भगवान का ई वर का ब च न रत की ढिरय का रह य खोलत हए कहा मरी बिल दी जानी थी सो मन अत म ई वर स पराथरना की परभ की पजा-अचरना करक उनस रकषा करन की पराथरना की अब वही मरी रकषा करग वही होगा जो ई वर को मजर होगा म बिल दन क िलए तयार ह rsquo इतना कहकर वह बालक राजा क पास जाकर िसर झका कर खड़ा हो गया राजा उस छोट स बालक की इतनी जञान की बात सनकर स न रह गया राजा न सोचा म इस बालक की बिल द दगा बरा मण ह या भी हो जायगी िफर पता नही मझ जो सतान परा त होगी वो कसी होगी परजा का खयाल रखन वाली होगी या नही कही मरा और वश का नाम ही न डबो द यह बालक गणवान ह ई वर का भकत ह सब परकार स मर लायक ह कय न म इस ही गोद ल ल और इस ही अपना पतर बना ल इतना िवचार करत ही उसन उस बालक की बिल दन का कायरकरम र कर िदया और उस बालक को गोद ल िलया कहत ह उस बालक म अ छ गण होन क कारण उसन कई साल तक रा य िकया और हर परकार स परजा की रकषा की उसक रा य म िकसी को िकसी परकार का कोई क ट नही था

इतना कहकर वह बालक राजा क पास जाकर िसर झका कर खड़ा हो गया राजा उस छोट स बालक की इतनी जञान की बात सनकर स न रह गया

परकित िजदगी स ह िजदगी बनी भी परकित स ह चलता रह य िविचतर खल य ही इसका भी अमल िजदगी स ह

प ठ 11

शोिभत ह िज़दगी धरती की धार पर इस हिरत धारा पर ऊजार स भरपर ह हिरत ऊजार स य ससि जत य खब ह

हिरत ऊजार क भ डार का खजाना य खब ह जल वाय और सौर ऊजार ह इनक अ यत ोत

ल अमल म इनको अगर बचाना ह य धरा अनमोल अदभत ह खजान परकित क अगर कर ल मन य इनका सदपयोग

य झोखा जो हवा का ह य जो तरग म जलधारा ह अदभत िकरण जो फलाती जीवन की धारा ह

समझ ल इनका जो इशारा ह कर परयोग इ ही का अपन यतर मतर स छपा ऊजार का अनमोल खजाना ह

परकित िजदगी स ह िजदगी बनी भी परकित स ह चलता रह य िविचतर खल य ही इसका भी अमल िजदगी स ह

रकषा कर इस धरा की स पना इसको नई िजदगी को ह इस परकित स बना मन य महान

िफर क य कर रहा परकित का सवरनाश खद को बचा हर िजदगी को बचा

करक हिरत ऊजार का स मान जीन द जीवन को और भी कर ल सयम म अपना य िवषकत घटता जीवन का चकर य ह इशारा परकित का हर पल सभल जरा ना कर इसको त तग

मक त खल परकित स कर ल इस हिरत ऊजार का परयोग अ छ क बदल अ छा दना सीख परकित का य खल

अलका कमार इरडा

अकषय कराित

किवता

प ठ 12

नही सीखा अब भी अगर परकित म सब जाएगा बदल जी ना पायगा िफर त इस परकित म िमट जाएगा अश तरा इस परकित स हिरत परकित और य हिरत ऊजार ह य इस धरा क जीवन दायक सीख परकित स लना दना

िसखा रह य जीवन का मल मतर परकित का आहार परकित मत द आहार आपराकितक सतलन िबगड़ गया अगर हो जायगी िवनाश िजदगी

अब सभल जरा और कर ल परण करक हिरत ऊजार को ही खचर बना धारा को शोिभत हरदम

िफर रहगा परकित और िजदगी का य खबसरत सग

हिरत परकित और य हिरत ऊजार ह य इस धारा क जीवन दायक सीख परकित स लना दना िसखा रह य जीवन का मल मतर

अकषय कराित

प ठ 13

अकषय कराित

कमरचािरय की आदत उनक यिक त व और िन पादन कषमता का पार पिरक सबध - एक िव लषण

हम िजस िकसी सगठन म काम करत ह उसक परित हमारा ल य होना चािहए सबिधत स थान क िलए अपनी सपणर कषमताओ का इ तमाल कषमताओ का बहतर परयोग तभी हो सकता ह जब हम अपन अदर अ छी आदत का िवकास कर हमार शा तर वद उपिनष और अ य धािमरक गरथ हम अ छी आदत क िवकास क सबध म बीज मतर बतात ह िक हम मनसा वाचा और कमरणा शदध रहना चािहए मनसा वाचा और कमरणा शदधता स ता पयर ह िक हम मन वाणी और कम स अ छ बन रह हमारी नीयत नक हो हम अपन सहकिमरय सािथय और अ य लोग क साथ अ छा बरताव कर और हमार कमर अ छ ह इस बीज मतर पर चलन वाला हमशा अपन अदर अ छी आदत का िवकास होता पायगा

असल म िदककत यही ह िक हम उपदश दन म तो आग रहत ह लिकन खद क अदर नही झाकत या कम ही झाकत ह - lsquoपर उपदश कशल बहतरrsquo सपरिसदध लखक सरदार परन िसह न एक बार कहा था आचरण की स यतामय भाषा सदा मौन रहती ह अथारत आदमी खद चप रहकर खद को ठीक रख तो इसका परभाव खद-ब-खद दसर पर पड़ता ह इसको हम एक छोट स उदाहरण स प ट कर सकत ह िक मान िलया जाए हम ब च स कह धमरपान नही करत लिकन उसक सामन खद ऐसा कर इसस इतर हम अगर यह सब करत ही नही ह तो इसका यादा असर ब च पर पड़गा अ छी आदत घर स श होकर समाज द तर और उसस आग तक हम हमशा हमारा फायदा िदलाती ह

कहा जाता ह िक व थ तन म ही व थ मन िनवास करता ह इसी तरह यह भी कहा जाता ह िक व थ वातावरण ही उ नित का योतक होता ह व थ वातावरण तभी बनगा जब उस माहौल म रहन वाल लोग

हीरा व लभ नराकास

असल म िदककत यही ह िक हम उपदश दन म तो आग रहत ह लिकन खद क अदर नही झाकत या कम ही झाकत ह - lsquoपर उपदश कशल बहतरrsquo

प ठ 14

अकषय कराित एक दसर का स मान करग खद की आदत को सधारग और उस स था की तरककी क िलए अपन तर पर हर वह काररवाई करग जो औ योिगक सगठन और लोग की उ नित म ज री होती ह

औ योिगक सगठन िकसी भी दश की अथर यव था को मजबत आधार परदान करत ह औ योिगक सगठन म परयोग होन वाल सम त ससाधन म मानव ससाधन अथारत उसम काम करन वाल कमरचारी मह वपणर और िनणारयक होत ह इन सगठन का सफल सचालन वहा कायररत कमरचािरय की कशलता और कायरकषमता पर आधािरत होता ह कशलता और कायरकषमता का ोत हमारा आचरण और यवहार होता ह जािहर ह औ योिगक सगठन म मानवीय सबध परी एक ऐसी िकताब ह िजसक िबना कभी कछ नही कराया जा सकता लोग क साथ सतोषजनक प स काम करना परबधन क काम का िसफर एक िह सा नही ह वरन सारा

काम इसी पर िटका ह कय िक सभी उ योग म मशीन माल या दसरी चीज़ क साथ कोई भी काम लोग क मा यम स ही िकया जा सकता ह तीन lsquoएमrsquo अथारत मनी मटीिरयल और मशीन औ योिगक सगठन क िलए मह वपणर ससाधन होत ह लिकन इ ह पिरणाम तक पहचान का कायर कमरचारी (man) ही करत ह जो सगठन दर अदशी रहकर कमरचािरय क जञान उनकी िविश टताओ उनक आचरण को अनकल साच म ढालन क परित सजग रहत ह वही सफलता की ऊचाइय को छत ह अगरजी म एक परानी कहावत ह -- Where the vision is one year Cultivate flowers Where the vision is ten years Cultivate trees Where the vision is eternity Cultivate people अथारत जहा दरअदशी एक साल क िलए हो तो फल लगाइय जहा दरअदशी दस साल क िलए हो तो पड़ लगाइय

औ योिगक सगठन म परयोग होन वाल सम त ससाधन म मानव ससाधन अथारत उसम काम करन वाल कमरचारी मह वपणर और िनणारयक होत ह

प ठ 15

अकषय कराित जहा दरअदशी अनत काल क िलए हो तो लोग का िवकास कीिजए औ योिगक सगठन म 500 आदमी ह 5000 आदमी ह 50000 ह या इसस अिधक अगर कामकाज ठीक स चलाना ह तो बहत ज री ह परबधन उनस िनभाना जानता हो यिकतगत सपकर का मह व

वातानकिलत कमर म बठकर और सचार मा यम या िकसी अ य तरीक स कमरचािरय की िरपोटर लना और आस पास होन वाल घटनाकरम को जानना अलग बात ह और कायर थल पर वय उपि थत रहकर ि थित को समझना और िनदश दना अलग बात महान जनरल रोमल की सफलता का मखय कारण यह था िक व हमशा कायर थल पर वय उपि थत होकर िनदश दत बात की पि ट करत सम याए सलझात और दखत िक काम कसा चल रहा ह रोमल का यह तरीका इतना सफल रहा िक िकसी भी औ योिगक सगठन या कारोबार म इस अपनाया जाए तो आशातीत पिरणाम सामन आ सकत ह लोग क बीच खद उपि थत होकर काम करन का कोई िवक प नही ह लोग अिधकाशतः उनको नापसद करत ह िज ह व ठीक स जानत नही ह पर एक बार जान पहचान हो जान पर हालात बदल जात ह कमरचािरय म अ छी आदत का िवकास करन की पहली शतर ह िक पहल उनक िदल म घर िकया जाए ऐस िकसी भी बरताव स बचा जाए िजसस वह अपन को उपिकषत महसस करन लग अतः सवदनशीलता का यान रखना बहत ज री ह

कमरचािरय क परित सवदनशील यवहार-कौशल और धयरपणर होन क अितिरकत इस बात पर ढ़ रहना ज री ह िक काम ठीक परकार स हो अ छ यवहार क साथ कमरचािरय को यह जताना भी ज री ह िक उनस काम का उ च तर अपिकषत ह और उस पर उनक साथ कोई समझौता नही और अगर इस पर अमल नही करत तो उ ह पता होना चािहए िक आप कड़ी काररवाई करग

सकारा मक नजिरया परबधन का एकमातर काम िनदश दना नही ह वरन उस साथ-साथ लोग का िवकास करना होता ह

महान जनरल रोमल की सफलता का मखय कारण यह था िक व हमशा कायर थल पर वय उपि थत होकर िनदश दत बात की पि ट करत सम याए सलझात और दखत िक काम कसा चल रहा ह

प ठ 16

अकषय कराित एक अिधकारी का मखय काम यही ह िक वह अपन साथ काम करन वाल लोग म अ छी आदत का िवकास कर उनकी सहायता कर यिद यह काम परभावशाली ढग स कर पाता ह तो इसस कवल उसक अपन काम ही बहतर नही ह ग बि क उसक पास परिशिकषत और कशल कमरचािरय का परा दल होगा जो उसक परित परी िन ठा स काम करगा इसक िलए सबस पहल कमरचािरय का नजिरया ठीक करना ज री ह उनम सबस पहल यह भावना लानी होगी िक हमार अदर जो चीज ह वही हम ऊपर की ओर ल जाती ह और वह हमारा नजिरया ह

एक आदमी मल म ग बार बचकर अपनी गज़र-बसर करता था उसक पास लाल नील पील हर-चार रग क ग बार थ जब कभी उसकी िबकरी कम होन लगती तब वह हीिलयम गस स भरा एक ग बारा हवा म छोड़ दता ब च उस उड़ता दखकर वसा ही उड़न वाला ग बारा पान क िलए मचल उठत ब च उसस ग बारा ख़रीदत और इस तरह उसकी िबकरी िफर स बढ़ जाती िदन-भर यही िसलिसला चलता रहता एक िदन वह आदमी बाज़ार म खड़ा ग बार बच रहा था अचानक उस महसस हआ िक पीछ स कोई उसका करता पकड़कर खीच रहा ह उसन पीछ मड़कर दखा तो एक छोट स ब च को खड़ा पाया उस ब च न ग बार वाल स पछा ldquoअगर आप काला ग बारा छोड़ग तो कया वह भी उड़गाrdquo ब च की बात उसक िदल म लगी और उसन यार स जवाब िदया ldquoबट ग बारा अपन रग की वजह स नही उड़ता बि क उसक अदर कया ह इस वजह स ही वह ऊपर जाता ह rdquo ठीक यही बात हमारी िज़दगी म भी लाग होती ह अगर लोग का नजिरया बहतर हो उनम अदर स काम करन की इ छा भरी हो तो व खलकर आपस म िमलकर काम करग इसस नकसान तो कम होगा ही स थान क परित िन ठा बढ़गी और लगन स काम करन का वातावरण तयार होगा िव वास हािसल करना आव यक

कमरचािरय स बहतरीन काम लन क िलए शानदार टीम लीडर होना ज री ह मटठीभर लोग का कोई समह िकला तभी फतह कर सकता ह जब

एक आदमी मल म ग बार बचकर अपनी गज़र-बसर करता था उसक पास लाल नील पील हर-चार रग क ग बार थ

प ठ 17

अकषय कराित जब उनका सनापित उनम वह जोश भर सक िक उ ह कोई भी ऊचाई यादा न लग अतः सबस ज री ह िक स थान म कमरचािरय की

कषमताओ का परा फायदा लन क िलए उनका िव वास जीता जाए इसक िलए उनक साथ परी इ जत स पश आना ज री ह उनकी छोटी-बड़ी खशी को बाटना और उनकी राय को परा स मान दना भी उतना ही ज री ह कई बार परबधन क उ चािधकारी या लीडर अपनी टीम क सद य स िसफर इसिलए राय नही लत कय िक उ ह लगता ह िक एक बार राय लन पर अगर उनकी बात नही मानी गयी तो उ ह बरा लगगा लिकन सबस ज री ह िक टीम म सभी सद य को िव वास म लकर काम िकया जाए यहा टीम लीडर की भिमका मह वपणर होती ह वह खद वकत का पाबद होगा तो उसक मातहत कमरचािरय म वयमव यह गण आदत का प ल लगी टीम लीडर का काम अपनी टीम का उ साह बढ़ात हए दी गयी िज मदािरय को समय स परा करना ह मगर उसम नयी चीज़ को सीखन की ललक होनी चािहए ऐसी ललक जब स थान क कमरचािरय म आदत का प लन लगती ह तो वह स थान जािहर ह नए परितमान थािपत करन लगता ह जापानी कपिनया हर बात म कमरचािरय क िहत का यान रखती ह िजसस व वय ही उ पादकता क परित सचत हो जात ह जानी-मानी टोयोटा कपनी क कमरचािरय म तो काम की ऐसी आदत सी या ललक होती ह िक व तब तक काम करत ह जब तक खद थक कर चर नही हो जात यह उनकी आदत ही बन चकी ह िक यिद व िकसी बात पर नाराज होत ह तब भी कपनी या अपन भागय को भल ही कोस ल पर अपन काम पर असर नही पड़न दत इसका कारण यह ह िक जापानी कपिनया काम का एक अ छा वातावरण बनान और लोग म काम क परित स ची लगन को बढ़ावा दन क िलए कड़ा परयास करती ह वहा लोग को लगातार परिशकषण िमलता रहता ह जो कवल तकनीक और मनजमट ही नही कायर स जड़ी नितकता और अ छी आदत क िवकास पर किदरत होता ह चिरतर का िनमारण उनकी एक आदत सी बन जाती ह अगर हम भी एक अ छी शिखसयत बनना ह तो हम अपनी आदत को गहराई स जाचना होगा

ऐसी ललक जब स थान क कमरचािरय म आदत का प लन लगती ह तो वह स थान जािहर ह नए परितमान थािपत करन लगता ह जापानी कपिनया हर बात म कमरचािरय क िहत का यान रखती ह

प ठ 18

अकषय कराित चतन और अवचतन मन

हमार चतन मन क पास सोचन की शिकत होती ह यह िकसी बात को मान सकता ह और नही भी मान सकता मगर अवचतन मन िसफर वीकार करता ह यह इनपट (input) को लकर कोई भदभाव नही करता अगर हम अपन मन म डर शका नफरत क भाव भर तो यह आ म सझाव इन सभी भाव को सिकरय बनाकर हकीकत म बदल दगा हमारा अवचतन मन एक डाटा बक की तरह ह अवचतन मन एक गाड़ी की तरह ह और चतन मन एक डराइवर की तरह शिकत तो गाड़ी म होती ह मगर उसका कटरोल डराइवर क पास होता ह

हम अवचतन मन को इस तरह ढालन की ज रत ह िक वह हम सही और ठीक रा त पर ल जा सक अवचतन मन एक बगीच की तरह होता ह िजस कोई परवाह नही होती िक आप कस पौध लगात ह यह िनरपकष (neutral) होता ह इसम अ छा बोन पर अ छा िमलता ह अ यथा जगली पौध उग जायग

बि क अ छ बीज बोन क बावजद जगली पौध उगन बद नही होत आव यकता होती ह उ ह उखाड़ फकन का िसलिसला जारी रखन की इसी िसदधात को कमरचािरय क मामल म समझन की ज रत ह हम याद रखना ह िक सही और गलत िवचार मन म एक साथ नही रह सकत आव यकता उनक अवचतन मन को इस तरह ढालन की ह िक उनम अ छी आदत का िवकास हो दरअसल अवचतन योगयता वह होती ह जब हम यान दन और सोचन की यादा ज रत नही होती कय िक यह हमार यवहार म खद ब खद उतरन लगा ह िजस स थान क कमरचारी इस तर पर पहच जात ह उनम अ छी आदत वयमव घर करन लगती ह जब बरी आदत हमार अवचतन योगयता क तर तक पहच जाती ह तो वह कावट उ प न करती ह

पिरवतरन का िवरोध बरी आदत को पहचान लन क बाद भी अकसर दखा गया ह िक

लोग उ ह बदलत नही ह ऐसा आिखर कय होता ह उनक न बदलन का कारण ह िक व िज मदारी को वीकार करन स इनकार करत ह

हम अवचतन मन को इस तरह ढालन की ज रत ह िक वह हम सही और ठीक रा त पर ल जा सक अवचतन मन एक बगीच की तरह होता ह िजस कोई परवाह नही होती िक आप कस पौध लगात ह

प ठ 19

अकषय कराित अपनी उन आदत को बनाय रखन म उ ह जो आनद िमलता ह वह पिरवतरन क ददर स यादा होता ह इसक िन निलिखत कारण हो सकत ह -- 1 पिरवतरन की इ छाशिकत का अभाव 2 पिरवतरन क िलए आव यक अनशासन की कमी 3 िव वास की कमी 4 आव यक जानकारी की कमी परबधन वारा इन िबदओ पर िवचार कर अपन किमरय म आशातीत पिरवतरन लाया जा सकता ह सामा यतः खराब आदत को न बदलन क बहान िदय जात ह और कहा जाता ह -- हम लोग इसी तरह करत ह या िक म नही समझता इसस कोई फकर पड़गा और कछ न िमला तो कह िदया जाता ह म बहत य त ह अ छी आदत का िन पण

आदत म पिरवतरन लाया जा सकता ह आव यकता ह इसक िलए सही पिरवश का िनमारण करन की कमरचािरय को परिशिकषत करन की परिरत करन की और ऐसी ि थितया उ प न करन की िजसस कमरचािरय म अ छी आदत का िन पण हो सक दरअसल सफल लोग का राज यह ह िक व काम करन की उन आदत को डाल लत ह जो असफल लोग करना नही चाहत य वही काम ह िज ह सफल लोग भी करना

नही चाहत लिकन व िफर भी करत ह उदाहरण क िलए असफल लोग अनशासन और महनत करना पसद नही करत सफल लोग भी अनशासन और कड़ी महनत नापसद करत ह लिकन व िफर भी ऐसा करत ह कय िक य लोग उन काम को करन की आदत डाल लत ह िज ह असफल लोग नही कर पात नजिरय और सोच का तरीका एक आदत ह और इस बदला जा सकता ह सही ि ट और सतलन कमरचािरय म काम क सबध म सही ि ट बनाय रखन की परवि त िवकिसत करना ज री ह जब कछ गलत हो रहा होता ह तो उस ठीक करना परबधन का ही काम होता ह समझा यह जाता ह िक परायः हम गलत हो रह काम को लकर इतन िचितत हो जात ह िक जो सही हो रहा ह उस भी अनदखा करन की हमम आदत होती ह

दरअसल सफल लोग का राज यह ह िक व काम करन की उन आदत को डाल लत ह जो असफल लोग करना नही चाहत

प ठ 20

अकषय कराित उदाहरण क िलए अगर िकसी स कोई गलती हो जाती ह तो हम एकदम उस पर िच ला पड़त ह या उसक िव दध काररवाई कर बठतहअ छा यह रहगा िक आप उस अलग ल जाकर अकल म बात कर अगर परशसा करनी हो तो सबक सामन कर

अगर िकसी स सहमित न बन तो उस पर करोध करना ज री नही ह अगर अपन करोध पर काब रखग तो लोग अपनी असहमित को अ यथा नही लग अगर आप अपन िवचार को खला रखग तो दसरी ओर स भी आप ऐस ही यवहार की अपकषा कर सकत ह परायः लोग अपनी सहमित कछ इस तरह जतात ह िक सामन वाला भी अपनी बात पर अड़ जाता ह समझन की बात यह ह िक सभी ि थितय म कवल तकर ही काफी नही होगा िकसी स असहमत होन म भी यवहार कशल होना ज री ह सबस पहल तो दसर को अपना पकष रखन का मौका द उसकी बात सन और जहा तक हो सक उसस अपनी सहमित भी परकट कर और िजन बात पर सहमित न बना सक उस समझाए

हमम स अिधकाश लोग उन किमरय और उनकी गलितय पर अ यिधक यान दत ह िजनक िलए हम काम करत ह पर अपन किमरय पर नज़र डालना भल जात ह अगर वय को उन लोग की नजर स दखा जाए तो आशातीत पिरणाम दखन को िमलत ह

आ म मथन आप कया करना चाहत ह कसा करना चाहत ह - इस सोच को

वतरमान म अपन अदर मथन करन को आ म-सझाव कहत ह एक बार सब म जब इसकी पिरपाटी श हो जाती ह तो यह हमार अदर िवजञापन की तरह काम करता ह अपन बार म अपन िलए अदर ही परचािरत करता ह इसका हमार चतन और अवचतन (Sub-concious) मन दोन पर परभाव पड़ता ह अततः यह हमार नजिरए और यवहार को परभािवत करता ह और धीर-धीर आदत का प लता ह यह दरअसल अपन अवचतन मन को ढ़ालन या परोगराम करन की िविध ह

हमम स अिधकाश लोग उन किमरय और उनकी गलितय पर अ यिधक यान दत ह िजनक िलए हम काम करत ह पर अपन किमरय पर नज़र डालना भल जात ह

प ठ 21

अकषय कराित आ म-सझाव अ छ या बर हो सकत ह जब हम बर आ म-सझाव को बार-बार दोहरात ह तब हमारा अवचतन मन उन पर िव वास करन लगता ह और हम उसी को वा तव म यवहार करन लगत ह सकारा मक आ म-सझाव को बार-बार मथन करन स उसकी हमार िदलोिदमाग म त वीर बन जाती ह और वही असिलयत का प लन लगता ह एक उदाहरण क िलए जब कभी हम सबह 0600 बज टरन पकड़नी हो और हमार पास अलामर घड़ी न हो तो हम मन म कहकर उठत ह िक 0400 बज उठना ह तो कया हम नही उठत अगर उठत ह तो इसक पीछ आ म-सझाव ही काम करता ह आ म-सझाव एक रा ता ह िजसस हम अपन िदमाग को परोगराम करक ढ़ालत ह सकारा मक आदत को िवकिसत करन म आ म-सझाव की परवि त मह वपणर िसदध हो सकती ह हमार नजिरए और आदत को तय करन वाल कारक हमार नज़िरए को मखयतः तीन कारक परभािवत करत ह - वातावरणः घर कल आिफस मीिडया सा कितक प ठभिम धािमरक प ठभिम परपराए और भाषाए सामािजक-राजनितक माहौल - य सब िमलकर एक तहजीब बनात ह चाह घर हो या आिफस या अ यतर - हर जगह हर िकसी की अपनी तहजीब होती ह उदाहरण क िलए हम एक दकान म जात ह तो वहा का स समन बड़ अदब वाला होता ह लिकन वही जब दसरी दकान पर जात ह तो वहा का स समन कभी-कभी बड़ा खा और बदतमीज िमल जाता ह उसी तरह िकसी क घर म यार भरा माहौल िमलता ह तो िकसी क घर म हमशा लड़ाई-झगड़ का इसी तरह जब सरकार और राजनीितक माहौल ईमानदारी का होता ह तो लोग भी ईमानदार मददगार और कानन का पालन करन वाल होत ह बईमान और भर ट माहौल म िजस तरह एक ईमानदार का जीना मि कल होता ह उसी तरह ईमानदारी भर माहौल म बईमान यिकत को मि कल होती ह िन सदह अ छ वातावरण म मामली कमरचारी म वमव अ छी आदत िवकिसत होती ह और उसकी कायर करन की शिकत बढ़ जाती ह जबिक खराब माहौल म अ छा काम करन वाल की भी कषमता िगर जाती ह

सकारा मक आदत को िवकिसत करन म आ म-सझाव की परवि त मह वपणर िसदध हो सकती ह

प ठ 22

अकषय कराित कायर-स कित का बहाव ऊपर स नीच की ओर होता ह नीच स ऊपर की ओर कभी नही यह दखना बहत ज री ह िक हमन अपन िलए और आस-पास क लोग क िलए कसा वातावरण तयार िकया ह खराब वातावरण म अ छ की उ मीद करना बमानी ह अनभवः हम अपन जीवन म अपन काम-काज म हालात स जसा अनभव पात ह वह हमारी आदत का िह सा बन जात ह और उसी क अनसार हमारा यवहार होता ह अगर िकसी क परित हमारा अनभव अ छा होता ह तो हमारा नज़िरया भी अ छा होता ह ज री ह िक कमरचािरय को ऐसा कायर-पिरवश िमल िजसस उनक अवचतन म अ छ अनभव की छाप अिकत हो

परिशकषण भी ज़ री यहा िसफर सदधाितक जञान ही काफी नही होता बि क औपचािरक और अनौपचािरक दोन ही तरह की िशकषा व परिशकषण ज री ह जञान और जानकारी को यिद योजनाबदध तरीक स परयोग िकया जाए तो उसस बौिदधक तर को बढ़ान म आशातीत सफलता िमलती ह काम करन की कला अ छी िशकषा स ही आती ह ज री ह िक परिशकषण म मनोवजञािनक सामािजक आिथरक व अ य पहल को समझन की आदत िवकिसत की जाए अवचतन म यह िबठाना बहत ज री ह िक जीवन की भ यता काम क वारा ही सभव ह स थान म सभी को लगना चािहए िक उनका काम मह वपणर ह यही परबधन कला का सार ह जब कमरचािरय को ऐसा एहसास होन लगता ह तो उनक नज़िरए म बदलाव आन लगता ह उपसहारः काम क परित लोग म अ छी आदत िन िपत करन और उनम उ साह जगान स कायर-िन पादन म िनरतर िनखार आता ह दरअसल हर यिकत म मानिसक और शारीिरक ऊजार उ प न होती ह िजसक िलए काम ही सबस अ छा िनकास ह एक िवचारक क अनसार lsquoआप पछत ह म लगातार काम कय करता ह

यहा िसफर सदधाितक जञान ही काफी नही होता बि क औपचािरक और अनौपचािरक दोन ही तरह की िशकषा व परिशकषण ज री ह

प ठ 23

अकषय कराित इसका वही कारण ह िजस कारण स मगीर अ ड दती जाती ह rsquo काम क िबना इसान घट सा जाता ह उस काम की उतनी ही ज रत होती ह िजतनी हवा की आव यकता ह िक उस सही वातावरण उपल ध करान और सही िदशा म अिभपरिरत करन की व ततः हर यिकत अदर स गिरमा और आ मस मान की चाह रखता ह आव यकता ह उस अतःपरिरत करन की लोग को खद स परिरत करन क िलए हम उनकी ज रत और इ छाओ को समझना होगा पररणा कायरकषमता और आदत क बीच सीधा सबध ह जो लोग उतना ही काम करत ह िक उनकी नौकरी बची रह तो ऐस लोग िकसी भी स थान क िलए मह वपणर नही हो सकत अतपररणा स सोच म बदलाव लाया जा सकता ह पररणा आग क समान होती ह

कमरचािरय को िजतना परिरत िकया जाएगा उनम उतनी ही सकारा मक आदत का िवकास होगा कमरचािरय को उिचत स मान दकर उनक कायर को अिधक मनोरजक बनाकर परबधन वारा उनकी बात को गौर स सनकर उनकी सम याओ और सझाव पर गौर करक उ ह वय ल य िनधारिरत करन क िलए परो सािहत करक िवकास क नय अवसर उपल ध कराकर आव यकतानसार समय-समय पर समिचत परिशकषण िदलाकर तथा नयी चनौितय स जझन क िलए परो सािहत करक िन सदह उनक आचार और यवहार को सकारा मक िदशा म पाियत िकया जा सकता ह

कमरचािरय को िजतना परिरत िकया जाएगा उनम उतनी ही सकारा मक आदत का िवकास होगा

ई-पितरका म लख आिद म परकट िवचार

मलतः लखक क ह तथा यह आव यक नही ह िक

इरडा भी इन िवचार स सहमत हो

प ठ 24

अकषय कराित

िबिटया

आख म मोती लकर तम िबिटया जाती हो हा जाओ िशकषा का उपहार द रह िवदा समय यह लो ल जाओ इन पराण म परीित त हारी ममता क धन िसदरी इन नयन की बद पली परकट करती ह मजबरी लाचारी ह िफर पराण म क य ह इतनी आकलता

जब इस रीित पर पराओ म वश न िकसी का ह चलता िपतकल को तजकर अब िबिटया पित-कल म जाना होगा

नटखटपन को छोड़ धमर का ही िजसम बाना होगा इस घर की तम बड़ी लाडली पराण स यारी िबिटया

चली लाकर आज सभी को िपता की कर सनी किटया िजन हाथ न लाड़ चाव स अब तक था िजसको पाला उन हाथ न ही िबिटया को दलह राजा जी को द डाला

िजसका दख जरा मन मला हो जाती थी हरानी क यादान उसी का कर क दय बनाया पाषाणी

िकया न जाता था पल भर को इन आख स दर िजस मोती झरत िवदा द रहा आज सकल पिरवार उस अपनी मा क जीवन की तम परित-पल हो आधार रहो

िवजयता िपता क दय मिदर की िबिटया तम साकार रही आज जीवन क सख-दख सार वही िबतान तम लो जान आओगी जब कभी यहा तम होगी महमान समान

सतीश कमार कलावत इरडा

इस घर की तम बड़ी लाडली पराण स यारी िबिटया चली लाकर आज सभी

को िपता की कर सनी किटया

प ठ 25

ससराल की कभी बराई कही न मह पर आ जाव धमर कमर क तर य पथ म पाव नही िडगन पाव

सात परितजञाय जो तमन अिग नदव स मख की धारण द पि त जीवन का मह व ह करना स च मन स पालन

बटी इन सात बचन का यान दय म रह सदा दोन कल की लाज इसी म भला न दना इस कदा पित ही ह सवर तर त हार पित ही को जीवन समझो

जो कछ कह उसी को मान उनको िबिटया तम धन समझो शीलवती तम बन िबिटया पित-भक त मना सदर िनस दह वय उपजग क प-वकष घर क अ दर

पहन सिशकषा की साड़ी को शभ गण भषण अपनाओ दस लकषण शभ लकषण धार िन य नय मगल गाओ यह िशकषा उपहार दय का तम को राह िदखायगा भल भटक कर भी अिधयारा पास न आन पायगा

हम सब की आख स मोती उर स िनकल रही आशीष सभी सख स पणर परफि लत कर त ह दलह राजा की ईश

अकषय कराित

िजन हाथ न लाड़ चाव स अब तक था िजसको पाला उन हाथ न ही िबिटया को दलह राजा जी को द डाला

प ठ 26 अकषय कराित

ldquoपयारवरणrdquo श द पिर+आवरण स बना ह अथारत बा य आवरण को ही पयारवरण कहत ह इस बा य आवरण का ता पयर हमार चार ओर क वातावरण और पिरवश स ह िजस हम दसर श द म परकित भी कह सकत ह प वी पर िव यमान सपणर जीव-जगत क अि त व जीवन-यापन एव चहमखी िवकास म परकित की मह वपणर भिमका ह मानव बिदधजीवी पराणी ह और परकित क मह व स भली-भाित पिरिचत होन क कारण ही सिदय स परकित की पजा करता रहा ह

विदक काल स ही परकित तथा मानव क बीच जीवन ततर का अटट सबध रहा ह हमार पराचीन ऋिष-मिनय न प वी म हवा पानी िमटटी पड़-पौध जीव-ज तओ और मानव क सिकरय सहयोगा मक सतलन को यान म रखकर ही परकित को प य माना धमर क साथ परकित को जोड़कर उ ह न परकित को पयार त मह व िदया व जानत थ िक िजस परकार जीवन क िलए भिम की आव यकता होती ह उसी परकार वन पितया व अ य पराणी भी आव यक ह य सभी परकित क अिभ न अग ह इनम स एक क भी न ट होन का परभाव दसर पर पड़ता ह और पिरणाम व प पराकितक असतलन पदा हो जाता ह व तत प वी म हवा पानी िमटटी पड़-पौध जीव-ज तओ और मानव का सिकरय सहयोगा मक सतलन रहता ह पड़-पौध भिम को उपजाऊ बनात ह िमटटी को बाधकर रखत ह बरसात करवान तथा जल एव वाय को व छ रखन म सहायक होत ह परत आज क बढ़त औ योिगकीकरण और शहरीकरण न परकित और मानव क बीच असतलन उ प न कर िदया ह यह असतलन अिशकषण बढ़ती जनसख या शहर की ओर पलायन वकष की कटाई गगनचबी इमारत बड़-बड़ उ योग की थापना आिद क कारण ह और यही पयारवरण परदषण क मख य कारण ह मटरोपोिलटन एव बड़ शहर म अनक काबरिनक और अकाबरिनक गस जस ndash काबरन-मोनोऑक साइड अमोिनया आिद परदषण क मख य ोत ह

वतरमान पयारवरण -21वी सदी की चनौती

लख सरीन सल

विदक काल स ही परकित तथा मानव क बीच जीवन ततर का अटट सबध रहा ह

प ठ 27 अकषय कराित मन य न अपनी भितक सख-सिवधाओ की आपित र क िलए परकरित स

िखलवाड़ िकया ह वतरमान मशीनी यग म मन य वारा परकित क अ यिधक दोहन एव िनत नए कारखान की थापना स पयारवरण सकट उ प न हआ ह मानव न परकित क साथ जो अ यायपणर यवहार िकया ह उसी क फल व प परकित का िवरोधी रवया हआ ह िजस भिव य म सह पाना मि कल होगा

अिशकषा क कारण दश की तजी स बढ़ती आबादी क आवास की मलभत आव यकता को परा करन क िलए वकष की कटाई करक ऊची-ऊची इमारत बनाई जा रही ह वकष की अधाधध कटाई स भिम की ऊवररा शिक त का तो ास हो ही रहा ह साथ ही परदषण जसी िवकराल सम या भी ज म ल रही ह

परदषण पयारवरण क ास का परमख कारण ह िवकासशील दश िनत नए उ योग की थापना करक बराजगारी की सम या को तो दर कर रह ह िकत इसस जल वाय विन तथा िविभ न परकार क परदषण बढ़ रह ह कल-कारखान और मोटर स िनकलन वाल धए स वाय परदषण हो रहा ह जल थल व नभ क मागर पर शिक त चािलत वाहन विन परदषण का मख य ोत ह शहरीकरण और औ योिगकीकरण क कारण शदध पयजल की सम या िवकराल प धारण कर रही ह कारखान स िनकलन वाल कड़-कचर क निदय म िमलन स जल परदषण हो रहा ह रासायिनक खाद और कीटनाशी दवाओ स मदा परदषण का खतरा बन गया ह

इस परकार जनसख या विदध शहरीकरण औ योिगकीकरण एव परदषण जसी सम याओ न पयारवरण को बरी तरह परभािवत िकया ह आज सपणर िव व पयारवरण को लकर िचितत ह इस भयावह ि थित स बचन क िलए पर यक यिक त को पयारवरण क परित जाग क करना आज की अिनवायर आव यकता ह

इस िदशा म सवरपरथम िनरकषरता को समा त िकया जाना चािहए साकषर भारत की पिरक पना म जनसख या विदध दर वय िनयितरत हो जाएगी करल रा य इसका परमाण ह जहा साकषरता क साथ-साथ जनसख या िनयतरण भी ह

जल थल व नभ क मागर पर शिक त चािलत वाहन विन परदषण का मख य ोत ह

प ठ 28 अकषय कराित

इसक बाद बात आती ह परदषण िनवारण की आज िव व भर क

वजञािनक और पयारवरणिवद इस िदशा म कायररत ह सवरपरथम वन क काटन पर परितबध लगाया गया ह और वन सपना क िव तार हत वकष लगान क िलए परो सािहत िकया गया इसक िलए सरकार की ओर स वकष आिद िनश क उपल ध कराए जात ह ldquoपयारवरण परदषण स थाrdquo और व छ वाय अिधिनयम जस िविधक उपाय स वाय परदषण पर रोक लगान का परयास िकया जा रहा ह जहरील धआ उगलन वाल कारखान तथा वाहन पर भारी आिथरक दड का परावधान ह िविभ न सचार मा यम mdashदरदशरन समाचार-पतर तथा आकाशवाणी क मा यम स जनता को पयारवरण क परित जाग क करन क परयास िकए जा रह ह निदय म खलन वाल परदषण ोत को बद करन की योजनाए चलाई जा रही ह पािलथीन क परयोग को बद करन क िलए चलाया जा रहा ह अिभयान भी परशसनीय ह

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह इस खतर स सपणर भमडल का अि त व न ट हो जाए इसस पहल हम पयारवरण की सरकषा करन का सक प लना होगा

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह

िस धी होन क प चात भी मझ बगाली रीित िरवाज़ िमठाइया यहा का पहनावा अगरज क ज़मान की बनी सरचनाए एव भवन इ यािद म बहत िदलच पी एव िच थी

प ठ 29 अकषय कराित

यातरा स मरण-कोलकाता-खिशय हषर का शहर(िसटी ऑफ जॉय)

सोिनया सिह वानी पीईसी िलिमटड

म पी ई सी िलिमटड नामक कपनी क िविध ककष म उप िविध परबधक क पद पर कायररत ह सन 2010 जन स इस कपनी म मन परबधन परिशकष क प म अपनी पहली नौकरी की श आत की पी ई सी िलिमटड वािण य मतरालय क अतगरत आन वाली आयात-िनयारत यापार स स बिधत क पिनय म स एक ह इस स दभर म जनवरी 2011 म िविभ न िवभाग क परबधन परिशकषओ को ओिरएटशन हत काडला कोलकाता इ यािद शहर म भजन का कायरकरम िनि चत िकया गया कोलकाता क पास हि दया पोटर होन क कारण कोलकाता शहर चना गया जहा पी ई सी वारा आयात की गयी व तए पोटर गोदाम म रखी जाती ह साथ ही म कोलकाता पोटर िभ न गोदाम इ यािद दखन की यव था की गयी एव सची म समावश िकया गया यह सनकर मरी ख़शी का िठकाना न रहा क य िक मन कोलकाता शहर क बार म सना बहत था पर त कभी दखा न था िस धी होन क प चात भी मझ बगाली रीित िरवाज़ िमठाइया यहा का पहनावा अगरज क ज़मान की बनी सरचनाए एव भवन इ यािद म बहत िदलच पी एव िच थी आिखरकार मझ मौका िमला और जनवरी की कड़ाकदार ठ ड क बीच हम एक रिववार शाम कोलकाता राजधानी स अपनी मिजल की और िनकल पड़ िद ली स कोलकाता क सफ़र क बीच हमारी गाड़ी इलाहाबाद गया िबहार तथा धनबाद जस शहर स होत हए बगाल की ओर पहची हसत-गात खलत-खात हए हम अगली सबह हावड़ा जकशन पहच गए रलगाड़ी स उतर कर टशन स बाहर िनकलत ही मझ िसटी ऑफ जॉय क नाम स मशहर कोलकाता की पहली झलक िदखाई दी ऐसा लगा मानो मझ भारत क दो पहल एकसाथ जीत हए नज़र आए एक तरफ थ टशन स बाहर एव अ दर जात हए स दर कपड़ गहन म लद हए कोलकाता क बगाली िनवासी साथ म बड़ी-बड़ी गािड़य म घमत कोलकाता क नौजवान और ठीक दसरी तरफ मरी नज़र पड़ी हगली नदी पर बन परिसदध हावड़ा िबरज पर िजस दख एक अलग ही दिनया का एहसास हआ

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह

िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी

एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया नतीजा मर समकष था

प ठ 30 अकषय कराित

हावड़ा िबरज पर हर तरफ लोग का जमावड़ा था इतन लोग दख िद ली क चादनी चौक की याद आ गयी ऐसा लगा मानो म 50 साल पीछ िकसी लक एव वाईट दिनया म कदम रख चकी थी िबरज क दोन तरफ सामान बचत हए दकानदार िखलौन मछली रख हए औरत एव छोट-छोट ब च मख य शहर स हावड़ा जान वाल आम आदमी मजदर की तज़ र तार फरी स र ता पार करन वाल यापारी इन सब को दख लगा कोलकाता म मबई जसी भागम भाग भी थी िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया नतीजा मर समकष था जस-जस म कोलकाता शहर क भीतर आन लगी मझ इस शहर क िवकास की झलक िदखाई दी एक तरफ थी ऊची ईमारत सदर िवशाल िव यासागर सत पल बड़-बड़ होटल माल कोलकाता उ च यायालय राईटसर िबि डग मशहर इडन गाडरन टिडयम इ यािद तो दसरी तरफ था िवक टोिरया ममोिरयल अगरज की वा तकला क अनसार िदखती लाल ईटो की इमारत िवक टोिरयल सरचनाए भवन छोटी-छोटी पटिरय पर समान बचत नया बाज़ार (New Market) क दकानदार एव िवक टोिरया ममोिरयल क बाहर चलत सलािनय क िलए रथ वाल घोड़ हमारा होटल जसीबोस सड़क पर ि थत था एव सिवधाओ स भरपर था पर त मन य जाना िक असली कोलकाता का मज़ा गाड़ी म नही अथवा िरक शा ऑटो तथा साल स चलती आ रही सड़क पर टराम म था

हर तरफ मझ पील रग की टिक सया िदखाई दी सब एक समान थी तथा मरसीडीज़ गाड़ी क बगल म चलती 1-2 पय म सफ़र की जान वाली टराम भी साथ िदखाई दी परी िजदगी िद ली म यतीत करन क बाद हर नए शहर का रहन-सहन बोल-चाल रीित-िरवाज़ जानन की जाग कता मझम हमशा रही पहल ही िदन स कोलकाता मझ रास आया जस िक कहत ह lsquoकोलकाता हमार खब भाला लागली छ rsquo कहन का ता पयर य िक मझ कोलकाता बहत अ छा लगा पहल िदन िक शाम को हमन य मािकर ट म खरीददारी करन का मन बनाया म हरान थी िक वहा चीज िकतनी स ती िमल रही थी िद ली क मतािबक एक ितहाई दाम पर चिडया गहन बग जत कत इ यािद िमल

िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया

प ठ 31 अकषय कराित य मािकर ट िद ली क लाजपत एव सरोिजनी नगर समान ह कम

दाम म अ छा समान िमला कोलकाता चमड़ क िलए भी मशहर ह एव परिसदध ी लदसर दकान भी इस बाज़ार म ि थत ह यहा खरीदारी का हमन खब ल फ़ उठाया

अगल िदन हम हि दया पोटर गए एव अनक जहाज़ दख 3-4 घट की दरी पर ि थत यह पोटर अनक एकड़ म फला हआ था पहली बार इतन बड़ जहाज़ को अदर स दख खब आनद आया तीसर िदन हम काली बाड़ी मिदर गए बगाली अ यत पाठ-पजा वाल दगार मा क स च उपासक ह यह सब जानत ह दगार पजा इनका लोकिपरय उ सव ह तथा काली मा एव दगार मा की स च मन स पजा करत ह कोलकाता क िनवासी भिक त भावपणर ह यह सना था अब खद दख भी िलया बगाली र म स पजा करन का य मौका अ यत आनदमयी था इसक अलावा काली बाड़ी क नज़दीक ही ि थत ह गौिरहाट बाज़ार यहा की दकान बगाली सािड़या कपड़ सट कत इ यािद क िलए परिसदध ह आिद धक तशवर नामक मशहर दकान म जाकर मरा भी मन िकया िक म भी खरीददारी क मर सािथय न बहत सािड़या खरीदी एव दाम दखकर म दग रह गई सदर स सदर साड़ी मातर 600700 पय की थी मन बगाल की मशहर लाल एव सफद िपरट की साड़ी भी खरीदी कोलकाता म खरीददारी का अलग की मज़ा ह उसी िदन शाम हम सा ट लक िसटी मॉल गए वह सा ट लक टिडयम क नज़दीक ह यहा िदखाई िदया कोलकाता का परगितशील प नौजवान फटबाल की जसीर पहन माल म घम रह थ एक स एक

मशहर बरड वहा मौजद थ इसक अलावा कोलकाता क िनवासी खब मनोरजन क शौक़ीन ह सगीत नाच गाना इ यादी म िच रखत ह कोलकाता म जगह-जगह सगीत कला अकडमी तथा पढ़न (रीिडग) क क लब ह अगरज क शौक तथा रहन-सहन की झलक आज भी यहा िदखती ह यहा क नौजवान को खल-कद म भी खब िदलच पी ह फटबाल का तो जस यहॉ सबको जनन ह

भारत क परिसदध मोहन बगान फटबाल क लब फटबाल क वहा क नौजवान ही नही परा शहर ही दीवाना ह भारत-पाक मच हो या आई पी एल इडन गाडरन मदान लोग स खचा-खच भरा रहता ह अफ़सोस म वहा अदर जा न सकी

इसक अलावा काली बाड़ी क नज़दीक ही ि थत ह गौिरहाट बाज़ार यहा की दकान बगाली सािडया कपड़ सट कत इ यािद क िलए परिसदध ह

प ठ 32 अकषय कराित

मर सफर क आखरी िदन म मन कोलकाता क लोग म एकता क नजार दख िविभ नता म भी एकता का उदाहरण दखा चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख िजस िदन हम कोलकाता पहच थ उसी िदन वहा शहर बद था और मन एक जट होकर लोग को अपनी बात कहत हए दखा एव सना यहा क लोग अपन शहर क िवकास बहतरी क िलए जाग क ह िज मदारी लत ह तथा सरकार को अपनी बात भली-भाित कहत ह लड़िकय औरत की इ ज़त करत ह एव यहा िक मिहलाओ को मन िनदरलीय पाया जहा एक ओर भारत की राजधानी होन क बावजद िद ली वाल अपनी िजदगी म मगन रहत ह वही दसरी और कोलकाता म अमीरी-गरीबी िभ न जाितय म भी एक जटता ह कपड़ा एव खाना आज भी यहा खब स ता िमलता ह पर त दसरी तरफ सब जानत ह िक बड़-बड़ उ योगपित िव वान लखक िखलाड़ी गायक अिभनता िनदशक यहा स उभर ह सािह य हो या लख बॉलीवड हो या िकरकट बगाल न भारत को अनक नाम एव गौरव िदए ह चाह सौरव दादा हो या रिव दर नाथ टगोर ममता बनजीर रानी मखजीर हो या योित बस भारत म इनकी भिमका का वणरन करन की ज रत नही

मन कछ िदन क कोलकाता क सफर म इस शहर को जानन समझन का परयास िकया हगली नदी क िकनार खड़ होकर समदर को दखा निदय को िनहारा िव यासागर सत िबरज की सदरता िवशालता को सराहा क सी दास की परिसदध िमठाई का ल फ उठाया मन बहत शहर घम पर त यह सफर मर िलए सबस यादगार रहा कोलकाता परगित क मागर पर िनरतर बढ़ रहा ह पर त आज भी वह अपनी जड़ नितक म य को नही भला ह एक आम आदमी आज भी टराम म या फरी स सफर करता ह यहा क िनवासी दो पय स लकर 500 ० का खाना खात ह पराना एव नया कोलकाता एक साथ जीिवत ह िसक क क दो पहल की तरह कोलकाता क यह दो प को एक साथ रहत दख बहत आनद आया

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 33 अकषय कराित

जल परकित का अनपम उपहार ह मानव जाित अपन परादभारवकाल स ही इस उपहार का उपयोग अपन िहत क िलए करती आई ह जल वह पराकितक उपहार ह िजसका कोई िवक प नही ह इसिलए जल को अमतया जीवन भी कहा गया ह जल क िबना जीवन की सभावना भी नही ह पर यकष प स तो जल की मानवीय आव यकता सीिमत ह परत परोकष आव यकताओ पर नजर डाल तो दिनक जीवन की आव यकताए जस अ न फल स जी दध स लकर हमार पहराव आवास तक सब जल स जड़ हजल का जरा भी सतलन िबगड़ जाए तो जीवन यापन क टपरद होन म दर नही परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह जल क सामा य त य जल या पानी एक आम रासायिनक पदाथर ह जो जीवन क सभी जञात प क जीिवत रहन क िलए ज री ह आमतौर पर जल अपनी दरव अव था म उपयोग म लाया जाता ह पर यह ठोस अव था बफर और गस अव था जल वा प या भाप प म भी पाया जाता ह प वी क लगभग तीन चौथाई िह स पर िव व क महासागर का अिधकार ह अनमानत प वी पर जल की कल मातरा लगभग 1400 िमिलयन घन िकलोमीटर ह जो िक प वी पर 3000 मीटर गहरी परत िबछा दन क िलए काफी ह तथािप जल की इस िवशाल मातरा म व छ जल का अनपात बहत कम ह प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह शष जल झील निदय वायम डल नमी मदा और वन पित म मौजद ह जल की जो मातरा उपभोग और अ य परयोग क िलए व ततः उपल ध ह वह निदय झील और भजल म उपल ध मातरा का छोटा-सा िह सा ह इसिलए जल ससाधन िवकास और परब ध की बाबत सकट इसिलए उ प न होता ह कय िक अिधकाश जल उपभोग क िलए उपल ध नही हो पाता

परभावी जल परबधन और दश का िवकास

दीपक आहजा ओएनजीसी िवदश

प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह

प ठ 34 अकषय कराित

और दसर इसका िवषमतापणर थािनक िवतरण इसकी एक अ य िविश टता ह फलतः जल का मह व वीकार िकया गया ह और इसक िकफायती परयोग तथा परब ध पर अिधक बल िदया गया ह प वी पर उपल ध जल जल-चकर क मा यम स चलायमान ह जल लगातार एक चकर म घमता रहता ह िजस जलचकर कहत ह इसम वा पीकरण वषार और बह कर सागर म पहचना शािमल ह हवा जल वा प को थल क ऊपर उसी दर स उड़ा ल जाती ह िजस गित स यह बहकर सागर म पहचाता ह जल चकर का िचतर नीच पर तत िकया गया ह

अिधकाश उपभोकताओ जस िक मन य पशओ अथवा पौध क िलए जल क सचलन की ज रत होती ह जल ससाधन की गितशील और नवीकरणीय परकित और इसक परयोग की बार बार ज रत को ि टगत रखत हए यह ज री ह िक जल ससाधन को उनकी परवाह दर क अनसार मापा जाए इस परकार जल ससाधन क दो पहल ह अिधकाश िवकासा मक ज रत क िलए परवाह क प म मािपत गितशील ससाधन अिधक परासिगक ह आरिकषत भ डार की ि थर अथवा िनयत परकित और साथ ही जल की मातरा तथा जल िनकाय क कषतर की ल बाई व म यपालन नौ सचालन आिद जस कछक िकरयाकलाप क िलए भी परासिगक ह

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 35 अकषय कराित

जल का यय अप यय जल क बार म एक नही कई च कान वाल त य ह िव व म और िवशष प स भारत म जल िकस परकार न ट होता ह इस िवषय म जो त य सामन आए ह उस पर जाग कता स यान दकर जल क अप यय को रोका जा सकता ह अनक त य ऐस ह जो हम आन वाल ख़तर स तो सावधान करत ही ह दसर स पररणा लन क िलए परो सािहत करत ह और पानी क मह व व इसक अनजान ोत की जानकारी भी दत ह प वी पर पदा होन वाली सभी वन पितया स भी हम पानी िमलता ह

आल और अनानास म 80 परितशत और टमाटर म 95 परितशत पानी ह पीन क िलए मानव को परितिदन 3 लीटर और पशओ को 50 लीटर पानी

चािहए भारत म 83 परितशत पानी खती और िसचाई क िलए उपयोग िकया जाता

ह इज़राइल म औसतन मातर 10 सटीमीटर वषार होती ह इस वषार स वह

इतना अनाज पदा कर लता ह िक वह उसका िनयारत कर सकता ह दसरी ओर भारत म औसतन 50 सटीमीटर स भी अिधक वषार होन क बावजद अनाज की कमी बनी रहती ह

िपछल 50 वष म जल क िलए 37 भीषण ह याकाड हए ह भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल

चलती ह पानी ज य रोग स िव व म हर वषर 22 लाख लोग की मौत हो जाती ह यिद बरश करत समय नल खला रह गया ह तो पाच िमनट म करीब 25

स 30 लीटर पानी बरबाद होता ह बाथ टब म नहात समय 300 स 500 लीटर पानी खचर होता ह जबिक

सामा य प स नहान म 100 स 150 लीटर पानी खचर होता ह िव व म परित 10 यिकतय म स 2 यिकतय को पीन का शदध पानी

नही िमल पाता ह परित वषर 6 अरब लीटर बोतल पक पानी मन य वारा पीन क िलए

परयकत िकया जाता ह मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 36 अकषय कराित

िद ली मबई और च नई जस महानगर म पाइप लाइन क वॉ व की खराबी क कारण रोज़ 14 स 44 परितशत पानी बकार बह जाता ह

निदया पानी का सबस बड़ा ोत ह जहा एक ओर निदय म बढ़त परदषण रोकन क िलए िवशषजञ उपाय खोज रह ह वही कल कारखान स बहत हए रसायन उ ह भारी मातरा म दिषत कर रह ह

भारत म जल सकट नासा की एक िरपोटर न पानी को लकर दश भर म बढ़ती जा रही लापरवाही क परित आख खोली ह इस िरपोटर म भारत म सख की ि थित पदा होन क िलए िज मवार कारण म स एक अहम कारण अधाधध जल दोहन को बताया गया ह बतात चल िक दश भर क 604 िजल म स 161 सख की मार झल रह ह वस अब बताया जा रहा ह िक सख की मार स बहाल िजल की सखया बढ़कर 246 हो गई ह यानी कहा जाए तो आधा दश सख की चपट म ह बहरहाल नासा की इस िरपोटर म बताया गया ह िक भारत क कई रा य कषमता स यादा जल दोहन कर रह ह यहा कषमता स ता पयर यह ह िक उनस िजतन सलाना जल दोहन की उ मीद कदर करती ह व उसस कही यादा जल दोहन कर रह ह नासा न यह अ ययन 2002 स 2008 क बीच

की ि थितय क आधार पर िकया ह इस िरपोटर म बताया गया ह िक पजाब हिरयाणा और राज थान हर साल औसतन 177 अरब कयिबक मीटर पानी जमीन क अदर स िनकाल रह ह जबिक कदर की तरफ स लगाए गए अनमान क मतािबक इ ह हर साल 132 अरब कयिबक मीटर पानी ही जमीन क अदर स िनकालना था इस तरह स दखा जाए तो य तीन रा य िमलकर कषमता स 30 फीसदी यादा पानी का दोहन कर रह ह जािहर ह िक िबना कछ सोच-िवचार जब इस पमान पर पराकितक ससाधन का दोहन िकया जाएगा तो परकित भी बदला लगी और वही हो रहा ह इस िरपोटर म यह भी बताया गया ह िक भारत का महज 58 फीसदी भजल ही हर साल िरचाजर हो पाता ह नासा की यह िरपोटर बताती ह िक अधाधध जल दोहन की वजह स पर उ तर पि चम भारत क भजल तर म हर साल 4 सटीमीटर यानी 16 इच की कमी आ रही ह इस अ ययन को अजाम दन म नासा क जल िवजञानी मट रोडल न अहम भिमका िनभाई ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 37 अकषय कराित

उनक हवाल स इस िरपोटर म बताया गया ह िक दश क उ तर पि चम कषतर म 2002 स 2008 क दौरान तकरीबन 109 कयिबक िकलोमीटर पानी की कमी हई ह यह मातरा िकतनी अिधक ह इसका अदाजा इसी स लगाया जा सकता ह िक यह अमिरका क सबस बड़ जलाशय लक मीड की कषमता स दगन स भी कही यादा ह अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह इस िरपोटर क मतािबक अगर अधाधध जल दोहन इसी तरह स जारी रहा तो आन वाल समय म भारत को अनाज और पानी क सकट को झलन क िलए अभी स तयार हो जाना चािहए जािहर ह िक जब जल सकट बढ़गा तो खती पर इसका गहरा परभाव पड़गा अनाज क उ पादन म कमी आएगी इस वजह स अनाज सकट पदा होगा और भख का एक नया चहरा उभरकर सामन आएगा एक बड़ा तबका जो आज भरपट भोजन कर पाता ह उसक िलए पट भर खाना िमलना मि कल हो जाएगा भखमरी की जो सम या पदा होगी उसस िफर िनपटना आसान नही होगा इसक अलावा पीन क पानी का टोटा तो होगा ही अभी ही दश क कई िह स ऐस ह जहा क लोग को पीन क िलए साफ पानी नही िमल पा रहा ह कई कषतर ऐस ह जहा गमीर क िदन म हडपप स पानी आना बद हो जाता ह वहा क लोग को हर साल बोिरग को कछ फट बढ़वाना होता ह यह सम या भजल तर क िगरत जान की वजह स ही पदा हई ह जब पीन क पानी का सकट पदा होगा तो बोतलबद पानी का कारोबार काफी तजी स बढ़गा कहन का मतलब यह िक िजसक पास पसा होगा वह अपनी यास बझा सकगा और िजसक पास पसा नही होगा उस अपनी यास बझान क िलए भी सघषर करना पड़गा ि थित की भयावहता की क पना ही िसहरन पदा करती ह भारत म दिनया का हर छठा आदमी रहता ह यानी कहा जाए तो दिनया क कल आबादी क तकरीबन सतरह फीसदी लोग भारत म रहत ह जबिक दिनया का महज साढ़ चार फीसदी पानी ही भारत म उपल ध ह ऐस म जल सम या स दो-चार होना कोई आनापिकषत बात नही ह एक बात तो तय ह िक पराकितक ससाधन म इजाफा तो नही िकया जा सकता ह लिकन इसका सरकषण अव य िकया जा सकता ह

अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह

प ठ 38 अकषय कराित

भारत म लोग िकसी एक मा यम स पयजल परा त करन पर िनभरर नही ह इस दश म 357 फीसदी लोग हडपप स 367 फीसदी लोग नल स 182 फीसदी लोग तालाब पोखर या झील स 56 फीसदी कओ स 12 फीसदी लोग पारपिरक साधन स और 26 फीसदी लोग अ य मा यम स पीन का पानी परा त करत ह इस िलहाज स अगर दखा जाए तो जल सकट को दर करन क िलए समगर कायरयोजना की ज रत ह

दरअसल भारत म गहरात जल सकट क िलए काफी हद तक पानी की बबारदी भी िज मवार ह यहा जल आपित र की यव था म काफी खािमया ह नल क जिरए घर तक पहचन वाल पानी का एक बड़ा िह सा िरस कर बबारद हो जाता ह हर शहर म फट हए आपित र पाइप आसानी स दख जा सकत ह इस बदहाल यव था क िलए सरकार क साथ-साथ सामा य लोग भी कम िज मदार नही ह एक तरफ तो सरकार पयजल क नाम पर हर साल हजार करोड़ पए का बजट बनाती ह और दसरी तरफ जमीनी तर पर हालात म कोई बदलाव नही िदखता ह सामािजक तौर पर भी जल सरकषण को लकर जाग कता का अभाव िदखता ह यह सामािजक तान-बान का ही असर ह िक लोग कही भी जल की बबारदी को दखकर उस सामा य घटना मानत हए नजरअदाज कर दत ह दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था यह अब घटकर 1800 कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर हो चका ह

दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था

प ठ 39 अकषय कराित

िवशषजञ का अनमान ह िक अगर पानी की खपत और बबारदी इसी तरह स जारी रही तो 2025 तक यह घटकर हजार कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर ही रह जाएगा उस समय तक पानी की उपल धता म आन वाली इस कमी की वजह स किष उ पादन म तीस फीसदी की कमी आन की सभावना ह इन पिरि थितय म दश की आिथरक और सामािजक ि थित का कया होगा इसका अदाजा सहज ही लगाया जा सकता ह भारत म जल सरकषण क परित आज भी आम लोग क मन म उपकषा का भाव बना हआ ह साथ ही इस कायर क िलए आव यक तकनीक की भी कमी ह जो तकनीक उपल ध ह उनस सामा य लोग अनजान ह बािरश क पानी का सगरह करक उस उपयोग म लाना एक अ छा िवक प ह पर इस तरह की कोिशश काफी सीिमत मातरा म काफी छोट तर पर हो रही ह यही वजह ह िक दश म होन वाली बािरश क पानी का अ सी फीसदी िह सा आज भी समदर म पहच जाता ह अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह अगर जल की इस िवशाल मातरा का आधा भी परयोग कर िलया जाए तो ि थित म यापक बदलाव आना तय ह शहरी कषतर म तो पानी की कालाबाजारी जोर पर ह जगह-जगह पर जल मािफया सिकरय हो गए ह िद ली क ही एक अखबार न कछ समय पहल यह बात उजागर िकया था यहा तो समानातर जल बोडर भी चलाया जा रहा ह हरानी की बात तो यह ह िक इसक बावजद भी पानी क काल धध पर अकश नही लगाया जा सका ह अहम सवाल यह ह िक कस सामा य तबक क लोग तक व छ पानी पहचाया जाए शहरी कषतर क साथ-साथ गरामीण कषतर म भी यह एक बड़ी चनौती ह आबादी म अपर यािशत विदध बढ़त शहरीकरण औ योिगकीकरण और किष उ पाद की बढ़ती माग क कारण पानी की माग िपछल कछ साल म वाभािवक प स बढ़ी ह इसक पिरणाम व प भजल ससाधन का अ यिधक दोहन हआ ह और इसका नतीजा हआ िक लगातार भजल का तर घटता जा रहा ह शहरी कषतर म ि थित बहद भयावह ह तदनसार वहा न कवल शीघराितशीघर जल ससाधन क सरकषण की ज रत ह बि क परभावी रणनीित और परबधन क जिरए त काल कदम उठान की ज रत ह

अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह

प ठ 40 अकषय कराित

खासकर इस बात को यान म ऱखकर िक िविभ न परितयोगी कषतर म कभी भी माग बढ़ सकती ह भिव य म उपयोग क िलए छत पर या सतह पर जलगरहण बनाकर वषारजल सरकषण बहद ज री ह यह पानी की बढ़ती ज रत का खयाल रखन िमटटी की नमी तर को बढ़ान शहरी हिरयाली को बढ़ान भजल तर को कितरम प स पनभररण करन और भजल की गणव ता स सधार का काम करता ह भारत म जल परबधन स दश का िवकास भारत म दिनया की 16 परितशत आबादी रहती ह लिकन दिनया क िसफर 4 परितशत जल ससाधन ही भारत क पास ह 3290000 वगर िकलोमीटर क भिम कषतर और एक अरब स यादा की आबादी क साथ भारत क एक बहलवादी िविवधता का िचतर ह िवशाल पराकितक ससाधन क साथ सप न तकनीकी और वजञािनक किमरय का भी यह दिनया म दसरा सबस बड़ा सम चय ह भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह मानव िवकास म 80 क दशक म लगभग 26 परितशत और 90 क दशक क दौरान और 24 परितशत क वारा सधार हआ ह आजादी क बाद छह दशक म भारत न जल ससाधन का अभतपवर िवकास और खा या न म आ मिनभररता शहरी कषतर ऊजार और औ योिगक कषतर और पीन का पानी क बिनयादी ढाच म तजी स िव तार दखा ह िजसका उपयोग भारत की लगभग 85 परितशत शहरी और गरामीण आबादी क वारा िकया जाता ह भारत म रा य सरकार और भारत सरकार क परितबदध और ठोस परयास की वजह स गरामीण और शहरी आबादी को सरिकषत पयजल को उपल ध करवान म काफी सफलता हािसल की ह इस उपलि ध न भजल की कमी जल जमावजल गणव ता िगरावट जल परदषण और बढ़त लवणता तर स बड़ कषतर को परभािवत िकया ह और अभी भी िविभ न रा य म गरामीण और शहरी भारत क मानव िवकास सचकाक (HDI)rsquo म बहत असमानता मौजद ह पानी क िलए कषतरीय माग तजी स बढ़ रह शहरीकरण की गित स बढ़ रही ह (अनमानत 2025 तक दश की आबादी का 50 परितशत स अिधक शहर म रहग) जनसखया विदध बढ़ती आय और औ योिगक िवकासशहरी भारत तजी स िवकास की माग क कदर क प म उभर रहा ह

भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह

प ठ 41 अकषय कराित

नतीजतन परित यिकत पानी की उपल धता िगर रही ह परधानमतरी की अ यकषता म 12वी योजना क िलए हई योजना आयोग की पणर बठक म दसर म क साथ जल परबधन पर िवशष चचार हई बठक क बाद योजना आयोग क उपा यकष म टक िसह अहलवािलया न कहा िक भ-जल कानन स लकर दसर म की यापक समीकषा ज री ह व यनाथन सिमित जहा वतरमान म भ-जल कानन की साथरकता का अ ययन करगी वही भारतीय अतिरकष अनसधान सगठन [इसरो] की मदद स पानी की उपल धता का िव तत अ ययन होगा म टक न कहा िक उसी आधार पर रणनीित तय होगी सरकार यह यान रखगी िक पानी का अिधकतम उपयोग हो सक और सभी को उपल ध हो पानी पर िकसी का एकािधकार न हो सक बतात ह िक द पयोग को रोकन क िलए श क लगान पर भी िवचार िकया जा सकता ह हालािक इसस पहल रा य सरकार स चचार होगी यह तय ह िक एआइबीपी कायरकरम म यापक बदलाव ह ग ी म टक िसह अहलवािलया न कहा िक वतरमान म इस कायरकरम का सही िकरया वयन नही हो रहा ह िलहाजा उसम पिरवतरन ज री ह सभव ह िक हर रा य म जल िनयामक परािधकरण बनान की शतर भी लगाई जाए उ ह न कहा िक जल परबधन की यापक समीकषा कर नई रणनीित तय की जाएगी कल िमलाकर रा टरीय तर पर वतरमान जल ससाधन का अिधक स अिधक करन क िलए माग को परा करन क िलए पयार त ह लिकन भिव य क अ ययन पिरयोजना ह िक जल आपित र की ि थित अगल आध सदी म अिधक किठन हो सकती ह जल सकट स िनपटन को जल सरकषण परबधन अिनवायर परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह बढ़त वि वक तापमान क फल व प अितवि ट अनावि ट अ पवि ट और असामियक वि ट हम परितवषर दख रह ह िजसका परभाव हमार जल ससाधन पर पड़ता िदखाई द रहा ह कओ व बाविडय का िमटता अि त व नदी-नाल का घटता पानी भ-गभर जल का िगरता तर िचता की पिरिध स िनकलकर खतर की घटी बनता जा रहा ह

निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह

प ठ 42 अकषय कराित

िव व भर म सीमट क अधाधध परयोग न धरातल क सहज अवशोषण कषतर को घटाया ह तथा जल बहाव भिम कटाव व बाढ़ म विदध की ह ऐसी ि थित म जल सरकषण का दािय व मातर वजञािनक व सरकार तक सीिमत न रहकर पर यक उपभोकता क कध पर आ जाता ह इसी दािय व क िनवरहन क िलए हमार पास दो िवक प सामन आत ह 1 वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई

उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

2 पािरवािरक तर पर वषार जल को सगरिहत कर उसका उपयोग कर य दोन ही परयास गरामीण कषतर म तो सरलता स अपनाए जा सकत ह परत शहरी कषतर म व ट वाटर मनजमट की बड़ी पिरयोजनाए बनाकर ही पानी को िरसाइिकल िकया जा सकता ह भ-गभर अिधकािधक जल अवशोिषत होकर

जाए इसक िलए मदानी भाग म िनयोिजत ढग स बड़-बड़ पोखर बनाकर तथा पहाड़ी कषतर म नाल -ख ड म िमटटी प थर आरसीसी क बड़-छोट डम लगाकर जल बहाव रोक भ-सरकषण बचाव व जल भडारण और धरातल जल शोषण कषतर बढ़ाया जा सकता ह िव व बक भारत सरकार वारा म य िहमालय जलागम पिरयोजना रा य क भ-सरकषण िवभाग इस कषतर म कारगर उपाय लकर

हमार सामन ह परत जनसहयोग क िबना इन पिरयोजनाओ क आशातीत पिरणाम ल पाना किठन ह वकषारोपण इस सपणर जल चकर को बल दन वाला कारक ह जल क परित चतना जागत न हई तो अव य ही अगल िव व यदध का कारण जल ही होगा

जल भोजन ह और अिगन भोजन का भकषक ह अिगन जल म और जल अिगन म िव यमान ह

- ततरीय उपिनषद 38

वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

प ठ 43 अकषय कराित

म भी गान गा सकता ह शबनम क िखलत फल क म भी गीत सना सकता ह सावन क म त झल क लिकन जब घर-घर म बादल छाय घोर िनराशा क तब म नगम गा रहा ह उ मीद की आशा क

सड़क पर खड़ बचपन की य बात सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह

हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

इस बदलत पिरवश का राग सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

गाधी जी क सपन का जो राम-रा य कहलाता ह उस भारत म सड़क पर छोट चाय पहचाता ह

कहा गई वो अ हड़ म ती कहा गया वो यार का रा ता उन हाथ स बचत झड िजन हाथ को चािहए ब ता

उस सोन की िचिड़या की म बात बतान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

कही बम की गमर हवाए कही ससद म कोहराम ह कही होत घोटाल स परशान आदमी आम ह

कही कल की िकलकारी ह कही सड़क पर बचपन ह कही चलता नही गजारा कही िवदश म काला धन ह

म स चाई गा-गाकर सबको बतलान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

बदलता भारत मनीष लाल इरडा

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

प ठ 44 अकषय कराित

करन वाल काम बहत ह यथर उलझन को छोड़ो म ला-पिड़त तोड़ रह ह तम बस lsquoअपन को जोड़ो

lsquoहम बदलग-यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का lsquoवद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का

वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हम बदलग mdash यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का वद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

प ठ 45 अकषय कराित

िसफर काला और सफ़द य ही वो दो रग थ जो तर पास सि ट बनान क आधार थ

काला वो जो कािलमा िलय ह िजस कहत ह दख िनराशा म य अपयश और वो सबकछ जो नकारा मक ह

मगर सफद ह वो रग िजसस जड़ा ह जीवन आशा सख और कीितर और वो सब कछ जो सकारा मक ह पर इन रग स तझ चन ना िमला त सोचन लगा अगर सि ट बनानी ह

तो िकस िलए- ससगर और परम क िलए और

इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग

ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह

बस- बना डाला तन इ दरधनष

जो बरसात क बाद सरज और प वी क अनपम परम को रग दता ह सतरगी रग स

और उ ही सतरगी इ दरधनषी रग म हम हर पल हर कषण डबत गहरात इतरात रहत ह

और खिशय भर ससार म हर रग को अलग-अलग तरह स महसस करक जीत रहत ह

रग तो रग ह मगर-

ससगर और परम क िलए और इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह बस-

सतरगी िचतर सगीता ीवा तव इरडा

प ठ 46 अकषय कराित

कभी पक क कभी फीक़ तो कछ कभी दाग बनकर उभर आत ह

कछ आख म नील बादल स छाए रहत ह तो कछ गाल पर गलाबी रग बनकर छलक जात ह

याद रहत ह अक सर वो रग- जो खदी पर इस तरह छा जात ह िक खद म घलकर खद क होन

का एहसास दत-दत खद का एक रग बन जात ह

बगनी आसामनी नीला हरा पीला नारगी लाल इ दरधनष क य सात रग ही जोड़त ह हमार िदल को

हमार मन को जोड़न वाल इन रग की सतरगी दिनया म-

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा बनाय

और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क

सतरगी िचतर

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा

बनाय और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क सतरगी िचतर

प ठ 4

अकषय कराित

समय बीतता गया म उ च िश कषा क िलए गाव छोड़कर शहर आ गया िफर िशकषा नौकरी आिद क चक कर म ऐसा डबा िक िपछला समय मित पटल स ओझल सा हो गया अब मरी नौकरी लग चकी थी पिरवार क सभी सद य शहर म ही थ अत गाव स नाता लगभग टट सा गया था काफी समय बाद गाव जान का मौका िमला परान घर क आगन म पहचत ही अनायास ही वह चहरा मर मित पटल पर आ गया चहरा कछ धधला सा था िक त उसकी चचल आख की स दरता तथा होठ की म कराहट परी तरह ताजा थी मर कमर म कसीर ndash मज अब भी वस ही रख थ जस ही म कसीर पर बठा उसकी बाह क आिलगन की क पना स ही मन परफि लत हो गया इसस अिधक मझस रहा नही गया तरत चाची क पास पहचा और पछा वो कसी ह अब तो बहत बड़ी हो गई होगी शादी-वादी भी हो गई होगी (गाव म शादी कछ ज दी हो जाती ह) चाची चप रह गई म अपन सवाल का जवाब तरत चाहता था मन पन पछा तो चाची कछ आसी होकर बोली ndash वो अब इस दिनया म नही ह मन कहा - क या मतलब मझ लगा िक चाची मर सवाल को समझी नही िक त उ ह न पन दोहराया िक यहा स जान क बाद उसकी तबीयत खराब रहन लगी थी काफी इलाज करवाया िक त वह दो वषर स अिधक नही जी पाई मझ अपन गाव आन पर बहत कषोभ था न आता तो शायद यह कट स य सनन को नही िमलता कम स कम मरी क पना म ही सही वह िज दा तो रहती उसक बाद भी म गाव क उस मकान म गया िक त पन म उस कसीर पर नही बठा िजस पर खड़ होकर वह मरी पीठ पर झलती थी आज भी जब वह िन छल चहरा म कराती मासम आख याद आती ह तो अनायास ही आस िनकल आत ह उसस तो मरा नजदीक का कोई िर ता भी नही था िफर उस आ मा स ऐसा लगाव क य मझ आज भी अपन इस सवाल का जवाब नही िमला सोचता ह क या वह िन छल आ मा ही परमा मा का प थी या परमा मा वय ही धरती पर ----------------

उसक बाद भी म गाव क उस मकान म गया िक त पन म उस कसीर पर नही बठा िजस पर खड़ होकर वह मरी पीठ पर झलती थी

प ठ 5

अकषय कराित

कोई ही ऐसा यिकत या सगठन िवशष होगा जो अपन बहतर अथारत उ क ट जीवन की चाह न रखता हो लिकन चाह रखन मातर स काम नही चलता और न ही िकसी यय को परा त िकया जा सकता चाह हमारा यिकतगत जीवन हो या कायारलयीन जीवन अपन ल य को परा त करन क िलए सबिधत काय गितिविधय क ठ परबधन की आव यकता होती ह ठ परबधन क बहत स सतर हम गीता स िमल ह िजन पर आज हम

ल छदार अगरजी म ढर सािह य उपल ध ह कछ वष पहल बीएचईएल म एक नारा काफी परचिलत रहा वह था उ क टता की ओर अगरसर िविभ न कषतर म उ क टता क ल य को हािसल करन क िलए बीएचईएल न उ क टता पर कार योजना लाग की थी िजसका आधार सतर भी गीता का एक पद ह योग कमरस कौशलम कमर म कौशल का नाम योग ह यह योग की एक पिरभाषा ह शारीिरक मानिसक और भावा मक - इस ितरिवध वा य क सदभर म ही कायर कौशल को दखा जा सकता ह समझा जा सकता ह काम करना अिनवायर नही ह परयोजन क साथ कायर आता ह परयोजन समा त कायर समा त कायर क परित परवि त क िलए परयोजन मखय होता ह हमारा परयोजन कया ह परयोजन ह जीवन की अिनवायर आव यकताए- रोटी कपड़ा मकान िशकषा िचिक सा आिद-आिद इसी क साथ कायर क िव तार क साथ-साथ वतरमान यग म औ योिगक और यावसाियक िव तार हआ और इसन ज म िदया कायर की कषमता और कायर-कौशल अवधारणा को यहा कौशल की चचार स पवर अ छा होगा िक हम कौशल श द को समझ कायर का कौशल वह ह जो दसर क िहत को बािधत न कर जो लाभ द हािन न

पहचाए इन िदन हमारा कायर-कौशल बढ़ा ह िक त उसी क साथ मानिसक

अ त- य तता भी बढ़ी ह कौशल यिद हमार वा य को परभािवत कर रहा ह मानिसक िवकषप बढ़ा रहा ह तो उस कायर-कौशल और कायर-कषमता नही कहा जा सकता

कछ वष पहल बीएचईएल म एक नारा काफी परचिलत रहा वह था उ क टता की ओर अगरसर

कपाराम लहकरा बीएचईएल

कायर-कौशल बढाए तथा उ क टता का ल य पाए

प ठ 6

अकषय कराित

एक सतलन होना बहत ज री ह कायर म दकषता बढ़ तो शारीिरक और मानिसक वा य भी उसी अनपात म बढ़ आज िवकास और कायर-कौशल की अवधारणा मातर पदाथर एवम पदाथर-िनमारण पर अटक गई ह पदाथर का िवकास अिधकािधक होना चािहए हर िदशा म िवकास और कायर-कौशल बढ़ रहा ह लिकन इसान अ छा बन इस परयास म कमी दखी जा सकती ह आदमी अपन आप म इतना पीिड़त और अशात ह िक उसकी क पना भी नही की जा सकती भावा मक वा य क अभाव म कायर-कौशल की सभावना नही की जा सकती भावा मक वा य का कोई पमाना नही ह िक त यिकत क यवहार स हम उस परख सकत ह भावा मक वा य की चार कसौिटया ह

1) उपशम - मन की शाित 2) मदता या िवनमर यवहार 3) मदता या िन छल यवहार 4) सतोष

यिद कायर-कौशल मन की अशाित पदा कर रहा ह िवनमर यवहार म बाधा डाल रहा ह तो िफर कायर की ऐसी दकषता को अदकषता ही कहा जाएगा कायर-कौशल की पहली पिरभाषा यह होनी चािहए - जो जीवन क िकसी अ य पकष को परभािवत न कर बािधत व पीिड़त न कर वह कायर-कौशल ह इस सदभर म िन न बात को अपनात हए कायर-कौशल बढ़ाया जा सकता ह और उ क टता का ल य हािसल िकया जा सकता ह 1) िकसी भी कायर को योजनापवरक कर - कायर-कौशल क साधन म

मह वपणर ह िक िकसी भी कायर को योजना-पवरक करना कायर-कौशल क िलए लिनन का एक परिसदध सतर याद आ रहा ह - िचतन िनणरय और कायार वयन म ल बा अतराल न हो उनम उिचत सामज य रह िचतन आज िकया िनणरय एक वषर बाद और कायार वयन पाच वषर बाद यह बात नही होनी चािहए स कत सािह य म इस दीघरसतरता कहा गया ह जो काम िजस समय करना चािहए उस समय न करक ल ब अतराल क बाद िकया जाए तो असफलता ही हाथ लगगी

2) कोई कायर हड़बड़ी म न कर - कायर-कौशल का दसरा मखय सतर ह िक हड़बड़ी म कोई काम न कर िचतन और िववकपवरक कर

यिद कायर-कौशल मन की अशाित पदा कर रहा ह िवनमर यवहार म बाधा डाल रहा ह तो िफर कायर की ऐसी दकषता को अदकषता ही कहा जाएगा

प ठ 7

अकषय कराित

3 कायर को एकागरता स कर - कायर-कौशल का एक मह वपणर सतर ह - एकागरता का िवकास एक िवचार एक िवक प एक कायर ल और उसी म त मय बन जाए उसी म परी तरह िचत व मन को लगा द हमार अतकरण की सारी परवि तया उसक िलए समिपरत हो जाए जब तक उस कायर क िलए समपरण नही होता तब तक कायर-कौशल नही बढ़ता एकागरता क िलए साधना और अ यास ज री ह अ यास होता ह तो एकागरता बढ़ जाती ह

4 वतरमान म जीना सीख - भत-भिव य को मार भगाई वतरमान म जीओ भाई वतरमान म जीन का ता पयर वतरमान का अनभव वतरमान का जीवन और वतरमान का वास हम वास लत ह तो कभी अतीत म नही लत न भिव य म लत ह अतीत और भिव य की िचता स हम मानिसक अशाित तो होती ह बि क शारीिरक िवकार भी पदा हो जात ह िजसस हमार कायर-कौशल म कमी आती ह जन सािह य म दो श द आत ह - दर य िकरया और भाव िकरया दर य िकरया का ता पयर ह - मदार िकरया मत िकरया भाव िकरया का ता पयर ह जीिवत िकरया पराणवान िकरया वतरमान म जो िजया जा रहा ह कवल उसी का अनभव करत रह यह कायर-कौशल का मह वपणर सतर ह

अत म सार यह उभर कर आता ह िक हमार ल य पिवतर ह हमारा कायर-कौशल इस परकार िवकिसत ह जो िकसी को अकशल न बनाए पीड़ा न पहचाए दसर क िहत पर कठाराघात न कर हमारा सारा परय न और प षाथर इस िदशा म चल िक हमारा अपना कायर िकसी दसर क कायर म बाधा न पहचाए कायर-कौशल का दय यही ह

कायर-कौशल का एक मह वपणर सतर ह - एकागरता का िवकास एक िवचार एक िवक प एक कायर ल और उसी म त मय बन जाए उसी म परी तरह िचत व मन को लगा द

प ठ 8

अकषय कराित

एक राजा था उसक रा य म सब परकार स सख शाित थी िकसी परकार का कोई वर-िवरोध नही था जनता हर परकार स सखी थी पर त राजा को एक बहत बड़ा दख था िक उसकी कोई सतान न थी उस अपना वश चलान की तथा अपन उ तरािधकारी की िचता खाए जा रही थी मिदर मि जद ग वार म जाकर माथा टका कई तीथर थान की यातरा की पर त कोई लाभ न हआ सतान की कमी उस िदन ब िदन खाए जा रही थी बहत सोच-िवचार क प चात उसन अपन रा य क सभी िव वान पिडत को बलवाया और उनस सतान पराि त का उपाय ढढ़न को कहा सभी िव वान न िवचार िकया राजा की ज म कडली का गहन िव लषण िकया अत म व सभी एक मत स एक िन कषर पर पहच उ ह न राजा स कहा िक यिद कोई बरा मण का ब चा अपनी खशी स दवता को बिल द तो आपको सतान की पराि त हो सकती ह राजा न िव वान की बात सनी उसन सार रा य म घोषणा करवा दी िक यिद कोई बरा मण का ब चा अपनी इ छा स खशी-खशी बिल दगा तो उसक घर वाल को बहत सा धन िदया जाएगा राजा क रा य म एक बहत ही गरीब बरा मण था कई िदन फाक म ही गजर जात थ उसक चार लड़क थ बड़ तीन लड़क तो अपना काम-धधा करत थ और अपन पिरवार को आिथरक सहयोग दत थ पर त जो सबस छोटा लड़का था वह कोई काम नही करता था उसका सारा यान हमशा भगवान भिकत म लगा रहता था उसका सारा िदन स कमर करत हए भगवान का मरण करत ही बीत जाता था उसक िपता न भी घोषणा सनी और सोचा यह लड़का िनठ ला ह और कोई काम-धधा भी नही करता इसको बिल क िलए भज दत ह राजा स धन िमल जाएगा तो घर की हालत कछ सधर जाएगी बरा मण अपन सबस छोट लड़क को लकर राजा क पास पहचा राजा न उस लड़क स पछा कया तम िबना िकसी दबाव क अपनी मजीर स अपनी खशी स बिल दन को तयार हो जी महाराज लड़क न बड़ी िवनमरता स उ तर िदया यिद मरी बिल दन स आपको सतान की पराि त होती ह तो म खशी स अपनी बिल दन को तयार ह दकर िवदा िकया ठहराया गया

उसन सार रा य म घोषणा करवा दी िक यिद कोई बरा मण का ब चा अपनी इ छा स खशी-खशी बिल दगा तो उसक घर वाल को बहत सा धन िदया जाएगा

शकर द त पीईसी िलिमटड

िचतन कर

प ठ 9

अकषय कराित

लड़क को अितिथ गह म ठहराया गया हर परकार स उसका खयाल रखा गया अत म उसकी बिल दन का िदन भी आ गया राजा न लड़क को बलाया और कहा आज त हारी बिल द दी जाएगी अगर त हारी कोई आिखरी इ छा हो तो बताओ हम उस परी करग मझ कछ भी नही चािहए बरा मण पतर न कहा बस म बिल दन स पहल नदी म नान करक पजा करना चाहता ह राजा यह सनकर बहत परस न हआ और बोला ठीक ह हम भी त हार साथ नदी तक चलग उस लड़क न नदी म नान िकया िफर नदी िकनार की रत को इकटठा िकया और उसकी चार ढिरया बना दी उसन चार ढिरओ की ओर दखा िफर एक ढरी को अपन पर स िगरा िदया िफर उसी परकार स दसरी ढरी को भी िगरा िदया िफर तीसरी ढरी को भी िगरा िदया उसक वह चौथी ढरी क पास गया उसक चार ओर तीन बार चककर लगाया हाथ जोड़कर उसको माथा टका उसकी वदना की और राजा क पास बिल क िलए आ गया राजा उसका यह सारा करतब बड़ ही कौतहल स दख रहा था पहल तो राजा न सोचा िक बालक ह रत स खल रहा ह पर त जब राजा न दखा िक उसन चौथी ढरी को हाथ जोड़कर परणाम िकया ह तो राजा को इसका रह य जानन की इ छा हई राजा न बालक स पछा बालक तमन रत की चार ढिरया बनाई िफर उनम स तीन को तोड़ िदया और चौथी को परणाम िकया इसका कया रह य ह पहल तो ब च न कोई उ तर नही िदया पर त राजा क दोबारा पछन पर लड़क न कहा राजन आपन बिल क िलए मझ कहा ह म बिल दन क िलए तयार ह आप अपना काम कीिजए आपको इस बात स कया लना िक मन रत की वो ढिरया कय तोड़ी ह राजा को बालक स ऐस उ तर की आशान थी राजा न उसस कहा बालक हमन त हार िपता को त हारी कीमत दकर त ह खरीदा ह तम हमार खरीद हए गलाम हो इसिलए हमार हर पर न का उ तर दना और हमारी हर बात को मानना त हारा धमर बनता ह ह राजन जब आप िजद कर रह ह तो सिनए लड़क न उ तर िदया जब कोई ब चा पदा होता ह तो सबस पहल उसक माता-िपता उसकी रकषा करत ह अगर वह आग क पास जान लगता ह तो उसको उसस बचात ह उसकी हर परकार स रकषा करन की िज मवारी उनकी होती ह लिकन यहा तो मर िपता न ही धन क लालच म मझ बिल दन क िलए आपक पास बच िदया इसिलए पहली

उसकी वदना की और राजा क पास बिल क िलए आ गया राजा उसका यह सारा करतब बड़ ही कौतहल स दख रहा था

प ठ 10

अकषय कराित

ढरी जो उनक नाम की बनाई थी वह मन ढहा दी लड़क न आग कहा दसरी िज मदारी राजा पर होती ह अपनी परजा की रकषा करन की आपन मझ अपनी सतान पराि त क िलए बिल दन क िलए खरीद िलया तब आपस कया पराथरना करता इसिलए दसरी ढरी जो मन आपक नाम की बनाई थी वह भी तोड़ दी जीव की रकषा करन का तीसरा भार दवी-दवताओ का होता ह बालक न तीसरी ढरी का रह य बतात हए कहा लिकन यहा तो दवता वय ही मरी बिल लन को तयार बठा ह तो इसस कया पराथरना करता इसिलए मन तीसरी ढरी भी तोड़ दी लिकन चौथी ढरी का कया रह य ह राजा न पछा और अत म सहारा होता ह भगवान का ई वर का ब च न रत की ढिरय का रह य खोलत हए कहा मरी बिल दी जानी थी सो मन अत म ई वर स पराथरना की परभ की पजा-अचरना करक उनस रकषा करन की पराथरना की अब वही मरी रकषा करग वही होगा जो ई वर को मजर होगा म बिल दन क िलए तयार ह rsquo इतना कहकर वह बालक राजा क पास जाकर िसर झका कर खड़ा हो गया राजा उस छोट स बालक की इतनी जञान की बात सनकर स न रह गया राजा न सोचा म इस बालक की बिल द दगा बरा मण ह या भी हो जायगी िफर पता नही मझ जो सतान परा त होगी वो कसी होगी परजा का खयाल रखन वाली होगी या नही कही मरा और वश का नाम ही न डबो द यह बालक गणवान ह ई वर का भकत ह सब परकार स मर लायक ह कय न म इस ही गोद ल ल और इस ही अपना पतर बना ल इतना िवचार करत ही उसन उस बालक की बिल दन का कायरकरम र कर िदया और उस बालक को गोद ल िलया कहत ह उस बालक म अ छ गण होन क कारण उसन कई साल तक रा य िकया और हर परकार स परजा की रकषा की उसक रा य म िकसी को िकसी परकार का कोई क ट नही था

इतना कहकर वह बालक राजा क पास जाकर िसर झका कर खड़ा हो गया राजा उस छोट स बालक की इतनी जञान की बात सनकर स न रह गया

परकित िजदगी स ह िजदगी बनी भी परकित स ह चलता रह य िविचतर खल य ही इसका भी अमल िजदगी स ह

प ठ 11

शोिभत ह िज़दगी धरती की धार पर इस हिरत धारा पर ऊजार स भरपर ह हिरत ऊजार स य ससि जत य खब ह

हिरत ऊजार क भ डार का खजाना य खब ह जल वाय और सौर ऊजार ह इनक अ यत ोत

ल अमल म इनको अगर बचाना ह य धरा अनमोल अदभत ह खजान परकित क अगर कर ल मन य इनका सदपयोग

य झोखा जो हवा का ह य जो तरग म जलधारा ह अदभत िकरण जो फलाती जीवन की धारा ह

समझ ल इनका जो इशारा ह कर परयोग इ ही का अपन यतर मतर स छपा ऊजार का अनमोल खजाना ह

परकित िजदगी स ह िजदगी बनी भी परकित स ह चलता रह य िविचतर खल य ही इसका भी अमल िजदगी स ह

रकषा कर इस धरा की स पना इसको नई िजदगी को ह इस परकित स बना मन य महान

िफर क य कर रहा परकित का सवरनाश खद को बचा हर िजदगी को बचा

करक हिरत ऊजार का स मान जीन द जीवन को और भी कर ल सयम म अपना य िवषकत घटता जीवन का चकर य ह इशारा परकित का हर पल सभल जरा ना कर इसको त तग

मक त खल परकित स कर ल इस हिरत ऊजार का परयोग अ छ क बदल अ छा दना सीख परकित का य खल

अलका कमार इरडा

अकषय कराित

किवता

प ठ 12

नही सीखा अब भी अगर परकित म सब जाएगा बदल जी ना पायगा िफर त इस परकित म िमट जाएगा अश तरा इस परकित स हिरत परकित और य हिरत ऊजार ह य इस धरा क जीवन दायक सीख परकित स लना दना

िसखा रह य जीवन का मल मतर परकित का आहार परकित मत द आहार आपराकितक सतलन िबगड़ गया अगर हो जायगी िवनाश िजदगी

अब सभल जरा और कर ल परण करक हिरत ऊजार को ही खचर बना धारा को शोिभत हरदम

िफर रहगा परकित और िजदगी का य खबसरत सग

हिरत परकित और य हिरत ऊजार ह य इस धारा क जीवन दायक सीख परकित स लना दना िसखा रह य जीवन का मल मतर

अकषय कराित

प ठ 13

अकषय कराित

कमरचािरय की आदत उनक यिक त व और िन पादन कषमता का पार पिरक सबध - एक िव लषण

हम िजस िकसी सगठन म काम करत ह उसक परित हमारा ल य होना चािहए सबिधत स थान क िलए अपनी सपणर कषमताओ का इ तमाल कषमताओ का बहतर परयोग तभी हो सकता ह जब हम अपन अदर अ छी आदत का िवकास कर हमार शा तर वद उपिनष और अ य धािमरक गरथ हम अ छी आदत क िवकास क सबध म बीज मतर बतात ह िक हम मनसा वाचा और कमरणा शदध रहना चािहए मनसा वाचा और कमरणा शदधता स ता पयर ह िक हम मन वाणी और कम स अ छ बन रह हमारी नीयत नक हो हम अपन सहकिमरय सािथय और अ य लोग क साथ अ छा बरताव कर और हमार कमर अ छ ह इस बीज मतर पर चलन वाला हमशा अपन अदर अ छी आदत का िवकास होता पायगा

असल म िदककत यही ह िक हम उपदश दन म तो आग रहत ह लिकन खद क अदर नही झाकत या कम ही झाकत ह - lsquoपर उपदश कशल बहतरrsquo सपरिसदध लखक सरदार परन िसह न एक बार कहा था आचरण की स यतामय भाषा सदा मौन रहती ह अथारत आदमी खद चप रहकर खद को ठीक रख तो इसका परभाव खद-ब-खद दसर पर पड़ता ह इसको हम एक छोट स उदाहरण स प ट कर सकत ह िक मान िलया जाए हम ब च स कह धमरपान नही करत लिकन उसक सामन खद ऐसा कर इसस इतर हम अगर यह सब करत ही नही ह तो इसका यादा असर ब च पर पड़गा अ छी आदत घर स श होकर समाज द तर और उसस आग तक हम हमशा हमारा फायदा िदलाती ह

कहा जाता ह िक व थ तन म ही व थ मन िनवास करता ह इसी तरह यह भी कहा जाता ह िक व थ वातावरण ही उ नित का योतक होता ह व थ वातावरण तभी बनगा जब उस माहौल म रहन वाल लोग

हीरा व लभ नराकास

असल म िदककत यही ह िक हम उपदश दन म तो आग रहत ह लिकन खद क अदर नही झाकत या कम ही झाकत ह - lsquoपर उपदश कशल बहतरrsquo

प ठ 14

अकषय कराित एक दसर का स मान करग खद की आदत को सधारग और उस स था की तरककी क िलए अपन तर पर हर वह काररवाई करग जो औ योिगक सगठन और लोग की उ नित म ज री होती ह

औ योिगक सगठन िकसी भी दश की अथर यव था को मजबत आधार परदान करत ह औ योिगक सगठन म परयोग होन वाल सम त ससाधन म मानव ससाधन अथारत उसम काम करन वाल कमरचारी मह वपणर और िनणारयक होत ह इन सगठन का सफल सचालन वहा कायररत कमरचािरय की कशलता और कायरकषमता पर आधािरत होता ह कशलता और कायरकषमता का ोत हमारा आचरण और यवहार होता ह जािहर ह औ योिगक सगठन म मानवीय सबध परी एक ऐसी िकताब ह िजसक िबना कभी कछ नही कराया जा सकता लोग क साथ सतोषजनक प स काम करना परबधन क काम का िसफर एक िह सा नही ह वरन सारा

काम इसी पर िटका ह कय िक सभी उ योग म मशीन माल या दसरी चीज़ क साथ कोई भी काम लोग क मा यम स ही िकया जा सकता ह तीन lsquoएमrsquo अथारत मनी मटीिरयल और मशीन औ योिगक सगठन क िलए मह वपणर ससाधन होत ह लिकन इ ह पिरणाम तक पहचान का कायर कमरचारी (man) ही करत ह जो सगठन दर अदशी रहकर कमरचािरय क जञान उनकी िविश टताओ उनक आचरण को अनकल साच म ढालन क परित सजग रहत ह वही सफलता की ऊचाइय को छत ह अगरजी म एक परानी कहावत ह -- Where the vision is one year Cultivate flowers Where the vision is ten years Cultivate trees Where the vision is eternity Cultivate people अथारत जहा दरअदशी एक साल क िलए हो तो फल लगाइय जहा दरअदशी दस साल क िलए हो तो पड़ लगाइय

औ योिगक सगठन म परयोग होन वाल सम त ससाधन म मानव ससाधन अथारत उसम काम करन वाल कमरचारी मह वपणर और िनणारयक होत ह

प ठ 15

अकषय कराित जहा दरअदशी अनत काल क िलए हो तो लोग का िवकास कीिजए औ योिगक सगठन म 500 आदमी ह 5000 आदमी ह 50000 ह या इसस अिधक अगर कामकाज ठीक स चलाना ह तो बहत ज री ह परबधन उनस िनभाना जानता हो यिकतगत सपकर का मह व

वातानकिलत कमर म बठकर और सचार मा यम या िकसी अ य तरीक स कमरचािरय की िरपोटर लना और आस पास होन वाल घटनाकरम को जानना अलग बात ह और कायर थल पर वय उपि थत रहकर ि थित को समझना और िनदश दना अलग बात महान जनरल रोमल की सफलता का मखय कारण यह था िक व हमशा कायर थल पर वय उपि थत होकर िनदश दत बात की पि ट करत सम याए सलझात और दखत िक काम कसा चल रहा ह रोमल का यह तरीका इतना सफल रहा िक िकसी भी औ योिगक सगठन या कारोबार म इस अपनाया जाए तो आशातीत पिरणाम सामन आ सकत ह लोग क बीच खद उपि थत होकर काम करन का कोई िवक प नही ह लोग अिधकाशतः उनको नापसद करत ह िज ह व ठीक स जानत नही ह पर एक बार जान पहचान हो जान पर हालात बदल जात ह कमरचािरय म अ छी आदत का िवकास करन की पहली शतर ह िक पहल उनक िदल म घर िकया जाए ऐस िकसी भी बरताव स बचा जाए िजसस वह अपन को उपिकषत महसस करन लग अतः सवदनशीलता का यान रखना बहत ज री ह

कमरचािरय क परित सवदनशील यवहार-कौशल और धयरपणर होन क अितिरकत इस बात पर ढ़ रहना ज री ह िक काम ठीक परकार स हो अ छ यवहार क साथ कमरचािरय को यह जताना भी ज री ह िक उनस काम का उ च तर अपिकषत ह और उस पर उनक साथ कोई समझौता नही और अगर इस पर अमल नही करत तो उ ह पता होना चािहए िक आप कड़ी काररवाई करग

सकारा मक नजिरया परबधन का एकमातर काम िनदश दना नही ह वरन उस साथ-साथ लोग का िवकास करना होता ह

महान जनरल रोमल की सफलता का मखय कारण यह था िक व हमशा कायर थल पर वय उपि थत होकर िनदश दत बात की पि ट करत सम याए सलझात और दखत िक काम कसा चल रहा ह

प ठ 16

अकषय कराित एक अिधकारी का मखय काम यही ह िक वह अपन साथ काम करन वाल लोग म अ छी आदत का िवकास कर उनकी सहायता कर यिद यह काम परभावशाली ढग स कर पाता ह तो इसस कवल उसक अपन काम ही बहतर नही ह ग बि क उसक पास परिशिकषत और कशल कमरचािरय का परा दल होगा जो उसक परित परी िन ठा स काम करगा इसक िलए सबस पहल कमरचािरय का नजिरया ठीक करना ज री ह उनम सबस पहल यह भावना लानी होगी िक हमार अदर जो चीज ह वही हम ऊपर की ओर ल जाती ह और वह हमारा नजिरया ह

एक आदमी मल म ग बार बचकर अपनी गज़र-बसर करता था उसक पास लाल नील पील हर-चार रग क ग बार थ जब कभी उसकी िबकरी कम होन लगती तब वह हीिलयम गस स भरा एक ग बारा हवा म छोड़ दता ब च उस उड़ता दखकर वसा ही उड़न वाला ग बारा पान क िलए मचल उठत ब च उसस ग बारा ख़रीदत और इस तरह उसकी िबकरी िफर स बढ़ जाती िदन-भर यही िसलिसला चलता रहता एक िदन वह आदमी बाज़ार म खड़ा ग बार बच रहा था अचानक उस महसस हआ िक पीछ स कोई उसका करता पकड़कर खीच रहा ह उसन पीछ मड़कर दखा तो एक छोट स ब च को खड़ा पाया उस ब च न ग बार वाल स पछा ldquoअगर आप काला ग बारा छोड़ग तो कया वह भी उड़गाrdquo ब च की बात उसक िदल म लगी और उसन यार स जवाब िदया ldquoबट ग बारा अपन रग की वजह स नही उड़ता बि क उसक अदर कया ह इस वजह स ही वह ऊपर जाता ह rdquo ठीक यही बात हमारी िज़दगी म भी लाग होती ह अगर लोग का नजिरया बहतर हो उनम अदर स काम करन की इ छा भरी हो तो व खलकर आपस म िमलकर काम करग इसस नकसान तो कम होगा ही स थान क परित िन ठा बढ़गी और लगन स काम करन का वातावरण तयार होगा िव वास हािसल करना आव यक

कमरचािरय स बहतरीन काम लन क िलए शानदार टीम लीडर होना ज री ह मटठीभर लोग का कोई समह िकला तभी फतह कर सकता ह जब

एक आदमी मल म ग बार बचकर अपनी गज़र-बसर करता था उसक पास लाल नील पील हर-चार रग क ग बार थ

प ठ 17

अकषय कराित जब उनका सनापित उनम वह जोश भर सक िक उ ह कोई भी ऊचाई यादा न लग अतः सबस ज री ह िक स थान म कमरचािरय की

कषमताओ का परा फायदा लन क िलए उनका िव वास जीता जाए इसक िलए उनक साथ परी इ जत स पश आना ज री ह उनकी छोटी-बड़ी खशी को बाटना और उनकी राय को परा स मान दना भी उतना ही ज री ह कई बार परबधन क उ चािधकारी या लीडर अपनी टीम क सद य स िसफर इसिलए राय नही लत कय िक उ ह लगता ह िक एक बार राय लन पर अगर उनकी बात नही मानी गयी तो उ ह बरा लगगा लिकन सबस ज री ह िक टीम म सभी सद य को िव वास म लकर काम िकया जाए यहा टीम लीडर की भिमका मह वपणर होती ह वह खद वकत का पाबद होगा तो उसक मातहत कमरचािरय म वयमव यह गण आदत का प ल लगी टीम लीडर का काम अपनी टीम का उ साह बढ़ात हए दी गयी िज मदािरय को समय स परा करना ह मगर उसम नयी चीज़ को सीखन की ललक होनी चािहए ऐसी ललक जब स थान क कमरचािरय म आदत का प लन लगती ह तो वह स थान जािहर ह नए परितमान थािपत करन लगता ह जापानी कपिनया हर बात म कमरचािरय क िहत का यान रखती ह िजसस व वय ही उ पादकता क परित सचत हो जात ह जानी-मानी टोयोटा कपनी क कमरचािरय म तो काम की ऐसी आदत सी या ललक होती ह िक व तब तक काम करत ह जब तक खद थक कर चर नही हो जात यह उनकी आदत ही बन चकी ह िक यिद व िकसी बात पर नाराज होत ह तब भी कपनी या अपन भागय को भल ही कोस ल पर अपन काम पर असर नही पड़न दत इसका कारण यह ह िक जापानी कपिनया काम का एक अ छा वातावरण बनान और लोग म काम क परित स ची लगन को बढ़ावा दन क िलए कड़ा परयास करती ह वहा लोग को लगातार परिशकषण िमलता रहता ह जो कवल तकनीक और मनजमट ही नही कायर स जड़ी नितकता और अ छी आदत क िवकास पर किदरत होता ह चिरतर का िनमारण उनकी एक आदत सी बन जाती ह अगर हम भी एक अ छी शिखसयत बनना ह तो हम अपनी आदत को गहराई स जाचना होगा

ऐसी ललक जब स थान क कमरचािरय म आदत का प लन लगती ह तो वह स थान जािहर ह नए परितमान थािपत करन लगता ह जापानी कपिनया हर बात म कमरचािरय क िहत का यान रखती ह

प ठ 18

अकषय कराित चतन और अवचतन मन

हमार चतन मन क पास सोचन की शिकत होती ह यह िकसी बात को मान सकता ह और नही भी मान सकता मगर अवचतन मन िसफर वीकार करता ह यह इनपट (input) को लकर कोई भदभाव नही करता अगर हम अपन मन म डर शका नफरत क भाव भर तो यह आ म सझाव इन सभी भाव को सिकरय बनाकर हकीकत म बदल दगा हमारा अवचतन मन एक डाटा बक की तरह ह अवचतन मन एक गाड़ी की तरह ह और चतन मन एक डराइवर की तरह शिकत तो गाड़ी म होती ह मगर उसका कटरोल डराइवर क पास होता ह

हम अवचतन मन को इस तरह ढालन की ज रत ह िक वह हम सही और ठीक रा त पर ल जा सक अवचतन मन एक बगीच की तरह होता ह िजस कोई परवाह नही होती िक आप कस पौध लगात ह यह िनरपकष (neutral) होता ह इसम अ छा बोन पर अ छा िमलता ह अ यथा जगली पौध उग जायग

बि क अ छ बीज बोन क बावजद जगली पौध उगन बद नही होत आव यकता होती ह उ ह उखाड़ फकन का िसलिसला जारी रखन की इसी िसदधात को कमरचािरय क मामल म समझन की ज रत ह हम याद रखना ह िक सही और गलत िवचार मन म एक साथ नही रह सकत आव यकता उनक अवचतन मन को इस तरह ढालन की ह िक उनम अ छी आदत का िवकास हो दरअसल अवचतन योगयता वह होती ह जब हम यान दन और सोचन की यादा ज रत नही होती कय िक यह हमार यवहार म खद ब खद उतरन लगा ह िजस स थान क कमरचारी इस तर पर पहच जात ह उनम अ छी आदत वयमव घर करन लगती ह जब बरी आदत हमार अवचतन योगयता क तर तक पहच जाती ह तो वह कावट उ प न करती ह

पिरवतरन का िवरोध बरी आदत को पहचान लन क बाद भी अकसर दखा गया ह िक

लोग उ ह बदलत नही ह ऐसा आिखर कय होता ह उनक न बदलन का कारण ह िक व िज मदारी को वीकार करन स इनकार करत ह

हम अवचतन मन को इस तरह ढालन की ज रत ह िक वह हम सही और ठीक रा त पर ल जा सक अवचतन मन एक बगीच की तरह होता ह िजस कोई परवाह नही होती िक आप कस पौध लगात ह

प ठ 19

अकषय कराित अपनी उन आदत को बनाय रखन म उ ह जो आनद िमलता ह वह पिरवतरन क ददर स यादा होता ह इसक िन निलिखत कारण हो सकत ह -- 1 पिरवतरन की इ छाशिकत का अभाव 2 पिरवतरन क िलए आव यक अनशासन की कमी 3 िव वास की कमी 4 आव यक जानकारी की कमी परबधन वारा इन िबदओ पर िवचार कर अपन किमरय म आशातीत पिरवतरन लाया जा सकता ह सामा यतः खराब आदत को न बदलन क बहान िदय जात ह और कहा जाता ह -- हम लोग इसी तरह करत ह या िक म नही समझता इसस कोई फकर पड़गा और कछ न िमला तो कह िदया जाता ह म बहत य त ह अ छी आदत का िन पण

आदत म पिरवतरन लाया जा सकता ह आव यकता ह इसक िलए सही पिरवश का िनमारण करन की कमरचािरय को परिशिकषत करन की परिरत करन की और ऐसी ि थितया उ प न करन की िजसस कमरचािरय म अ छी आदत का िन पण हो सक दरअसल सफल लोग का राज यह ह िक व काम करन की उन आदत को डाल लत ह जो असफल लोग करना नही चाहत य वही काम ह िज ह सफल लोग भी करना

नही चाहत लिकन व िफर भी करत ह उदाहरण क िलए असफल लोग अनशासन और महनत करना पसद नही करत सफल लोग भी अनशासन और कड़ी महनत नापसद करत ह लिकन व िफर भी ऐसा करत ह कय िक य लोग उन काम को करन की आदत डाल लत ह िज ह असफल लोग नही कर पात नजिरय और सोच का तरीका एक आदत ह और इस बदला जा सकता ह सही ि ट और सतलन कमरचािरय म काम क सबध म सही ि ट बनाय रखन की परवि त िवकिसत करना ज री ह जब कछ गलत हो रहा होता ह तो उस ठीक करना परबधन का ही काम होता ह समझा यह जाता ह िक परायः हम गलत हो रह काम को लकर इतन िचितत हो जात ह िक जो सही हो रहा ह उस भी अनदखा करन की हमम आदत होती ह

दरअसल सफल लोग का राज यह ह िक व काम करन की उन आदत को डाल लत ह जो असफल लोग करना नही चाहत

प ठ 20

अकषय कराित उदाहरण क िलए अगर िकसी स कोई गलती हो जाती ह तो हम एकदम उस पर िच ला पड़त ह या उसक िव दध काररवाई कर बठतहअ छा यह रहगा िक आप उस अलग ल जाकर अकल म बात कर अगर परशसा करनी हो तो सबक सामन कर

अगर िकसी स सहमित न बन तो उस पर करोध करना ज री नही ह अगर अपन करोध पर काब रखग तो लोग अपनी असहमित को अ यथा नही लग अगर आप अपन िवचार को खला रखग तो दसरी ओर स भी आप ऐस ही यवहार की अपकषा कर सकत ह परायः लोग अपनी सहमित कछ इस तरह जतात ह िक सामन वाला भी अपनी बात पर अड़ जाता ह समझन की बात यह ह िक सभी ि थितय म कवल तकर ही काफी नही होगा िकसी स असहमत होन म भी यवहार कशल होना ज री ह सबस पहल तो दसर को अपना पकष रखन का मौका द उसकी बात सन और जहा तक हो सक उसस अपनी सहमित भी परकट कर और िजन बात पर सहमित न बना सक उस समझाए

हमम स अिधकाश लोग उन किमरय और उनकी गलितय पर अ यिधक यान दत ह िजनक िलए हम काम करत ह पर अपन किमरय पर नज़र डालना भल जात ह अगर वय को उन लोग की नजर स दखा जाए तो आशातीत पिरणाम दखन को िमलत ह

आ म मथन आप कया करना चाहत ह कसा करना चाहत ह - इस सोच को

वतरमान म अपन अदर मथन करन को आ म-सझाव कहत ह एक बार सब म जब इसकी पिरपाटी श हो जाती ह तो यह हमार अदर िवजञापन की तरह काम करता ह अपन बार म अपन िलए अदर ही परचािरत करता ह इसका हमार चतन और अवचतन (Sub-concious) मन दोन पर परभाव पड़ता ह अततः यह हमार नजिरए और यवहार को परभािवत करता ह और धीर-धीर आदत का प लता ह यह दरअसल अपन अवचतन मन को ढ़ालन या परोगराम करन की िविध ह

हमम स अिधकाश लोग उन किमरय और उनकी गलितय पर अ यिधक यान दत ह िजनक िलए हम काम करत ह पर अपन किमरय पर नज़र डालना भल जात ह

प ठ 21

अकषय कराित आ म-सझाव अ छ या बर हो सकत ह जब हम बर आ म-सझाव को बार-बार दोहरात ह तब हमारा अवचतन मन उन पर िव वास करन लगता ह और हम उसी को वा तव म यवहार करन लगत ह सकारा मक आ म-सझाव को बार-बार मथन करन स उसकी हमार िदलोिदमाग म त वीर बन जाती ह और वही असिलयत का प लन लगता ह एक उदाहरण क िलए जब कभी हम सबह 0600 बज टरन पकड़नी हो और हमार पास अलामर घड़ी न हो तो हम मन म कहकर उठत ह िक 0400 बज उठना ह तो कया हम नही उठत अगर उठत ह तो इसक पीछ आ म-सझाव ही काम करता ह आ म-सझाव एक रा ता ह िजसस हम अपन िदमाग को परोगराम करक ढ़ालत ह सकारा मक आदत को िवकिसत करन म आ म-सझाव की परवि त मह वपणर िसदध हो सकती ह हमार नजिरए और आदत को तय करन वाल कारक हमार नज़िरए को मखयतः तीन कारक परभािवत करत ह - वातावरणः घर कल आिफस मीिडया सा कितक प ठभिम धािमरक प ठभिम परपराए और भाषाए सामािजक-राजनितक माहौल - य सब िमलकर एक तहजीब बनात ह चाह घर हो या आिफस या अ यतर - हर जगह हर िकसी की अपनी तहजीब होती ह उदाहरण क िलए हम एक दकान म जात ह तो वहा का स समन बड़ अदब वाला होता ह लिकन वही जब दसरी दकान पर जात ह तो वहा का स समन कभी-कभी बड़ा खा और बदतमीज िमल जाता ह उसी तरह िकसी क घर म यार भरा माहौल िमलता ह तो िकसी क घर म हमशा लड़ाई-झगड़ का इसी तरह जब सरकार और राजनीितक माहौल ईमानदारी का होता ह तो लोग भी ईमानदार मददगार और कानन का पालन करन वाल होत ह बईमान और भर ट माहौल म िजस तरह एक ईमानदार का जीना मि कल होता ह उसी तरह ईमानदारी भर माहौल म बईमान यिकत को मि कल होती ह िन सदह अ छ वातावरण म मामली कमरचारी म वमव अ छी आदत िवकिसत होती ह और उसकी कायर करन की शिकत बढ़ जाती ह जबिक खराब माहौल म अ छा काम करन वाल की भी कषमता िगर जाती ह

सकारा मक आदत को िवकिसत करन म आ म-सझाव की परवि त मह वपणर िसदध हो सकती ह

प ठ 22

अकषय कराित कायर-स कित का बहाव ऊपर स नीच की ओर होता ह नीच स ऊपर की ओर कभी नही यह दखना बहत ज री ह िक हमन अपन िलए और आस-पास क लोग क िलए कसा वातावरण तयार िकया ह खराब वातावरण म अ छ की उ मीद करना बमानी ह अनभवः हम अपन जीवन म अपन काम-काज म हालात स जसा अनभव पात ह वह हमारी आदत का िह सा बन जात ह और उसी क अनसार हमारा यवहार होता ह अगर िकसी क परित हमारा अनभव अ छा होता ह तो हमारा नज़िरया भी अ छा होता ह ज री ह िक कमरचािरय को ऐसा कायर-पिरवश िमल िजसस उनक अवचतन म अ छ अनभव की छाप अिकत हो

परिशकषण भी ज़ री यहा िसफर सदधाितक जञान ही काफी नही होता बि क औपचािरक और अनौपचािरक दोन ही तरह की िशकषा व परिशकषण ज री ह जञान और जानकारी को यिद योजनाबदध तरीक स परयोग िकया जाए तो उसस बौिदधक तर को बढ़ान म आशातीत सफलता िमलती ह काम करन की कला अ छी िशकषा स ही आती ह ज री ह िक परिशकषण म मनोवजञािनक सामािजक आिथरक व अ य पहल को समझन की आदत िवकिसत की जाए अवचतन म यह िबठाना बहत ज री ह िक जीवन की भ यता काम क वारा ही सभव ह स थान म सभी को लगना चािहए िक उनका काम मह वपणर ह यही परबधन कला का सार ह जब कमरचािरय को ऐसा एहसास होन लगता ह तो उनक नज़िरए म बदलाव आन लगता ह उपसहारः काम क परित लोग म अ छी आदत िन िपत करन और उनम उ साह जगान स कायर-िन पादन म िनरतर िनखार आता ह दरअसल हर यिकत म मानिसक और शारीिरक ऊजार उ प न होती ह िजसक िलए काम ही सबस अ छा िनकास ह एक िवचारक क अनसार lsquoआप पछत ह म लगातार काम कय करता ह

यहा िसफर सदधाितक जञान ही काफी नही होता बि क औपचािरक और अनौपचािरक दोन ही तरह की िशकषा व परिशकषण ज री ह

प ठ 23

अकषय कराित इसका वही कारण ह िजस कारण स मगीर अ ड दती जाती ह rsquo काम क िबना इसान घट सा जाता ह उस काम की उतनी ही ज रत होती ह िजतनी हवा की आव यकता ह िक उस सही वातावरण उपल ध करान और सही िदशा म अिभपरिरत करन की व ततः हर यिकत अदर स गिरमा और आ मस मान की चाह रखता ह आव यकता ह उस अतःपरिरत करन की लोग को खद स परिरत करन क िलए हम उनकी ज रत और इ छाओ को समझना होगा पररणा कायरकषमता और आदत क बीच सीधा सबध ह जो लोग उतना ही काम करत ह िक उनकी नौकरी बची रह तो ऐस लोग िकसी भी स थान क िलए मह वपणर नही हो सकत अतपररणा स सोच म बदलाव लाया जा सकता ह पररणा आग क समान होती ह

कमरचािरय को िजतना परिरत िकया जाएगा उनम उतनी ही सकारा मक आदत का िवकास होगा कमरचािरय को उिचत स मान दकर उनक कायर को अिधक मनोरजक बनाकर परबधन वारा उनकी बात को गौर स सनकर उनकी सम याओ और सझाव पर गौर करक उ ह वय ल य िनधारिरत करन क िलए परो सािहत करक िवकास क नय अवसर उपल ध कराकर आव यकतानसार समय-समय पर समिचत परिशकषण िदलाकर तथा नयी चनौितय स जझन क िलए परो सािहत करक िन सदह उनक आचार और यवहार को सकारा मक िदशा म पाियत िकया जा सकता ह

कमरचािरय को िजतना परिरत िकया जाएगा उनम उतनी ही सकारा मक आदत का िवकास होगा

ई-पितरका म लख आिद म परकट िवचार

मलतः लखक क ह तथा यह आव यक नही ह िक

इरडा भी इन िवचार स सहमत हो

प ठ 24

अकषय कराित

िबिटया

आख म मोती लकर तम िबिटया जाती हो हा जाओ िशकषा का उपहार द रह िवदा समय यह लो ल जाओ इन पराण म परीित त हारी ममता क धन िसदरी इन नयन की बद पली परकट करती ह मजबरी लाचारी ह िफर पराण म क य ह इतनी आकलता

जब इस रीित पर पराओ म वश न िकसी का ह चलता िपतकल को तजकर अब िबिटया पित-कल म जाना होगा

नटखटपन को छोड़ धमर का ही िजसम बाना होगा इस घर की तम बड़ी लाडली पराण स यारी िबिटया

चली लाकर आज सभी को िपता की कर सनी किटया िजन हाथ न लाड़ चाव स अब तक था िजसको पाला उन हाथ न ही िबिटया को दलह राजा जी को द डाला

िजसका दख जरा मन मला हो जाती थी हरानी क यादान उसी का कर क दय बनाया पाषाणी

िकया न जाता था पल भर को इन आख स दर िजस मोती झरत िवदा द रहा आज सकल पिरवार उस अपनी मा क जीवन की तम परित-पल हो आधार रहो

िवजयता िपता क दय मिदर की िबिटया तम साकार रही आज जीवन क सख-दख सार वही िबतान तम लो जान आओगी जब कभी यहा तम होगी महमान समान

सतीश कमार कलावत इरडा

इस घर की तम बड़ी लाडली पराण स यारी िबिटया चली लाकर आज सभी

को िपता की कर सनी किटया

प ठ 25

ससराल की कभी बराई कही न मह पर आ जाव धमर कमर क तर य पथ म पाव नही िडगन पाव

सात परितजञाय जो तमन अिग नदव स मख की धारण द पि त जीवन का मह व ह करना स च मन स पालन

बटी इन सात बचन का यान दय म रह सदा दोन कल की लाज इसी म भला न दना इस कदा पित ही ह सवर तर त हार पित ही को जीवन समझो

जो कछ कह उसी को मान उनको िबिटया तम धन समझो शीलवती तम बन िबिटया पित-भक त मना सदर िनस दह वय उपजग क प-वकष घर क अ दर

पहन सिशकषा की साड़ी को शभ गण भषण अपनाओ दस लकषण शभ लकषण धार िन य नय मगल गाओ यह िशकषा उपहार दय का तम को राह िदखायगा भल भटक कर भी अिधयारा पास न आन पायगा

हम सब की आख स मोती उर स िनकल रही आशीष सभी सख स पणर परफि लत कर त ह दलह राजा की ईश

अकषय कराित

िजन हाथ न लाड़ चाव स अब तक था िजसको पाला उन हाथ न ही िबिटया को दलह राजा जी को द डाला

प ठ 26 अकषय कराित

ldquoपयारवरणrdquo श द पिर+आवरण स बना ह अथारत बा य आवरण को ही पयारवरण कहत ह इस बा य आवरण का ता पयर हमार चार ओर क वातावरण और पिरवश स ह िजस हम दसर श द म परकित भी कह सकत ह प वी पर िव यमान सपणर जीव-जगत क अि त व जीवन-यापन एव चहमखी िवकास म परकित की मह वपणर भिमका ह मानव बिदधजीवी पराणी ह और परकित क मह व स भली-भाित पिरिचत होन क कारण ही सिदय स परकित की पजा करता रहा ह

विदक काल स ही परकित तथा मानव क बीच जीवन ततर का अटट सबध रहा ह हमार पराचीन ऋिष-मिनय न प वी म हवा पानी िमटटी पड़-पौध जीव-ज तओ और मानव क सिकरय सहयोगा मक सतलन को यान म रखकर ही परकित को प य माना धमर क साथ परकित को जोड़कर उ ह न परकित को पयार त मह व िदया व जानत थ िक िजस परकार जीवन क िलए भिम की आव यकता होती ह उसी परकार वन पितया व अ य पराणी भी आव यक ह य सभी परकित क अिभ न अग ह इनम स एक क भी न ट होन का परभाव दसर पर पड़ता ह और पिरणाम व प पराकितक असतलन पदा हो जाता ह व तत प वी म हवा पानी िमटटी पड़-पौध जीव-ज तओ और मानव का सिकरय सहयोगा मक सतलन रहता ह पड़-पौध भिम को उपजाऊ बनात ह िमटटी को बाधकर रखत ह बरसात करवान तथा जल एव वाय को व छ रखन म सहायक होत ह परत आज क बढ़त औ योिगकीकरण और शहरीकरण न परकित और मानव क बीच असतलन उ प न कर िदया ह यह असतलन अिशकषण बढ़ती जनसख या शहर की ओर पलायन वकष की कटाई गगनचबी इमारत बड़-बड़ उ योग की थापना आिद क कारण ह और यही पयारवरण परदषण क मख य कारण ह मटरोपोिलटन एव बड़ शहर म अनक काबरिनक और अकाबरिनक गस जस ndash काबरन-मोनोऑक साइड अमोिनया आिद परदषण क मख य ोत ह

वतरमान पयारवरण -21वी सदी की चनौती

लख सरीन सल

विदक काल स ही परकित तथा मानव क बीच जीवन ततर का अटट सबध रहा ह

प ठ 27 अकषय कराित मन य न अपनी भितक सख-सिवधाओ की आपित र क िलए परकरित स

िखलवाड़ िकया ह वतरमान मशीनी यग म मन य वारा परकित क अ यिधक दोहन एव िनत नए कारखान की थापना स पयारवरण सकट उ प न हआ ह मानव न परकित क साथ जो अ यायपणर यवहार िकया ह उसी क फल व प परकित का िवरोधी रवया हआ ह िजस भिव य म सह पाना मि कल होगा

अिशकषा क कारण दश की तजी स बढ़ती आबादी क आवास की मलभत आव यकता को परा करन क िलए वकष की कटाई करक ऊची-ऊची इमारत बनाई जा रही ह वकष की अधाधध कटाई स भिम की ऊवररा शिक त का तो ास हो ही रहा ह साथ ही परदषण जसी िवकराल सम या भी ज म ल रही ह

परदषण पयारवरण क ास का परमख कारण ह िवकासशील दश िनत नए उ योग की थापना करक बराजगारी की सम या को तो दर कर रह ह िकत इसस जल वाय विन तथा िविभ न परकार क परदषण बढ़ रह ह कल-कारखान और मोटर स िनकलन वाल धए स वाय परदषण हो रहा ह जल थल व नभ क मागर पर शिक त चािलत वाहन विन परदषण का मख य ोत ह शहरीकरण और औ योिगकीकरण क कारण शदध पयजल की सम या िवकराल प धारण कर रही ह कारखान स िनकलन वाल कड़-कचर क निदय म िमलन स जल परदषण हो रहा ह रासायिनक खाद और कीटनाशी दवाओ स मदा परदषण का खतरा बन गया ह

इस परकार जनसख या विदध शहरीकरण औ योिगकीकरण एव परदषण जसी सम याओ न पयारवरण को बरी तरह परभािवत िकया ह आज सपणर िव व पयारवरण को लकर िचितत ह इस भयावह ि थित स बचन क िलए पर यक यिक त को पयारवरण क परित जाग क करना आज की अिनवायर आव यकता ह

इस िदशा म सवरपरथम िनरकषरता को समा त िकया जाना चािहए साकषर भारत की पिरक पना म जनसख या विदध दर वय िनयितरत हो जाएगी करल रा य इसका परमाण ह जहा साकषरता क साथ-साथ जनसख या िनयतरण भी ह

जल थल व नभ क मागर पर शिक त चािलत वाहन विन परदषण का मख य ोत ह

प ठ 28 अकषय कराित

इसक बाद बात आती ह परदषण िनवारण की आज िव व भर क

वजञािनक और पयारवरणिवद इस िदशा म कायररत ह सवरपरथम वन क काटन पर परितबध लगाया गया ह और वन सपना क िव तार हत वकष लगान क िलए परो सािहत िकया गया इसक िलए सरकार की ओर स वकष आिद िनश क उपल ध कराए जात ह ldquoपयारवरण परदषण स थाrdquo और व छ वाय अिधिनयम जस िविधक उपाय स वाय परदषण पर रोक लगान का परयास िकया जा रहा ह जहरील धआ उगलन वाल कारखान तथा वाहन पर भारी आिथरक दड का परावधान ह िविभ न सचार मा यम mdashदरदशरन समाचार-पतर तथा आकाशवाणी क मा यम स जनता को पयारवरण क परित जाग क करन क परयास िकए जा रह ह निदय म खलन वाल परदषण ोत को बद करन की योजनाए चलाई जा रही ह पािलथीन क परयोग को बद करन क िलए चलाया जा रहा ह अिभयान भी परशसनीय ह

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह इस खतर स सपणर भमडल का अि त व न ट हो जाए इसस पहल हम पयारवरण की सरकषा करन का सक प लना होगा

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह

िस धी होन क प चात भी मझ बगाली रीित िरवाज़ िमठाइया यहा का पहनावा अगरज क ज़मान की बनी सरचनाए एव भवन इ यािद म बहत िदलच पी एव िच थी

प ठ 29 अकषय कराित

यातरा स मरण-कोलकाता-खिशय हषर का शहर(िसटी ऑफ जॉय)

सोिनया सिह वानी पीईसी िलिमटड

म पी ई सी िलिमटड नामक कपनी क िविध ककष म उप िविध परबधक क पद पर कायररत ह सन 2010 जन स इस कपनी म मन परबधन परिशकष क प म अपनी पहली नौकरी की श आत की पी ई सी िलिमटड वािण य मतरालय क अतगरत आन वाली आयात-िनयारत यापार स स बिधत क पिनय म स एक ह इस स दभर म जनवरी 2011 म िविभ न िवभाग क परबधन परिशकषओ को ओिरएटशन हत काडला कोलकाता इ यािद शहर म भजन का कायरकरम िनि चत िकया गया कोलकाता क पास हि दया पोटर होन क कारण कोलकाता शहर चना गया जहा पी ई सी वारा आयात की गयी व तए पोटर गोदाम म रखी जाती ह साथ ही म कोलकाता पोटर िभ न गोदाम इ यािद दखन की यव था की गयी एव सची म समावश िकया गया यह सनकर मरी ख़शी का िठकाना न रहा क य िक मन कोलकाता शहर क बार म सना बहत था पर त कभी दखा न था िस धी होन क प चात भी मझ बगाली रीित िरवाज़ िमठाइया यहा का पहनावा अगरज क ज़मान की बनी सरचनाए एव भवन इ यािद म बहत िदलच पी एव िच थी आिखरकार मझ मौका िमला और जनवरी की कड़ाकदार ठ ड क बीच हम एक रिववार शाम कोलकाता राजधानी स अपनी मिजल की और िनकल पड़ िद ली स कोलकाता क सफ़र क बीच हमारी गाड़ी इलाहाबाद गया िबहार तथा धनबाद जस शहर स होत हए बगाल की ओर पहची हसत-गात खलत-खात हए हम अगली सबह हावड़ा जकशन पहच गए रलगाड़ी स उतर कर टशन स बाहर िनकलत ही मझ िसटी ऑफ जॉय क नाम स मशहर कोलकाता की पहली झलक िदखाई दी ऐसा लगा मानो मझ भारत क दो पहल एकसाथ जीत हए नज़र आए एक तरफ थ टशन स बाहर एव अ दर जात हए स दर कपड़ गहन म लद हए कोलकाता क बगाली िनवासी साथ म बड़ी-बड़ी गािड़य म घमत कोलकाता क नौजवान और ठीक दसरी तरफ मरी नज़र पड़ी हगली नदी पर बन परिसदध हावड़ा िबरज पर िजस दख एक अलग ही दिनया का एहसास हआ

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह

िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी

एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया नतीजा मर समकष था

प ठ 30 अकषय कराित

हावड़ा िबरज पर हर तरफ लोग का जमावड़ा था इतन लोग दख िद ली क चादनी चौक की याद आ गयी ऐसा लगा मानो म 50 साल पीछ िकसी लक एव वाईट दिनया म कदम रख चकी थी िबरज क दोन तरफ सामान बचत हए दकानदार िखलौन मछली रख हए औरत एव छोट-छोट ब च मख य शहर स हावड़ा जान वाल आम आदमी मजदर की तज़ र तार फरी स र ता पार करन वाल यापारी इन सब को दख लगा कोलकाता म मबई जसी भागम भाग भी थी िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया नतीजा मर समकष था जस-जस म कोलकाता शहर क भीतर आन लगी मझ इस शहर क िवकास की झलक िदखाई दी एक तरफ थी ऊची ईमारत सदर िवशाल िव यासागर सत पल बड़-बड़ होटल माल कोलकाता उ च यायालय राईटसर िबि डग मशहर इडन गाडरन टिडयम इ यािद तो दसरी तरफ था िवक टोिरया ममोिरयल अगरज की वा तकला क अनसार िदखती लाल ईटो की इमारत िवक टोिरयल सरचनाए भवन छोटी-छोटी पटिरय पर समान बचत नया बाज़ार (New Market) क दकानदार एव िवक टोिरया ममोिरयल क बाहर चलत सलािनय क िलए रथ वाल घोड़ हमारा होटल जसीबोस सड़क पर ि थत था एव सिवधाओ स भरपर था पर त मन य जाना िक असली कोलकाता का मज़ा गाड़ी म नही अथवा िरक शा ऑटो तथा साल स चलती आ रही सड़क पर टराम म था

हर तरफ मझ पील रग की टिक सया िदखाई दी सब एक समान थी तथा मरसीडीज़ गाड़ी क बगल म चलती 1-2 पय म सफ़र की जान वाली टराम भी साथ िदखाई दी परी िजदगी िद ली म यतीत करन क बाद हर नए शहर का रहन-सहन बोल-चाल रीित-िरवाज़ जानन की जाग कता मझम हमशा रही पहल ही िदन स कोलकाता मझ रास आया जस िक कहत ह lsquoकोलकाता हमार खब भाला लागली छ rsquo कहन का ता पयर य िक मझ कोलकाता बहत अ छा लगा पहल िदन िक शाम को हमन य मािकर ट म खरीददारी करन का मन बनाया म हरान थी िक वहा चीज िकतनी स ती िमल रही थी िद ली क मतािबक एक ितहाई दाम पर चिडया गहन बग जत कत इ यािद िमल

िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया

प ठ 31 अकषय कराित य मािकर ट िद ली क लाजपत एव सरोिजनी नगर समान ह कम

दाम म अ छा समान िमला कोलकाता चमड़ क िलए भी मशहर ह एव परिसदध ी लदसर दकान भी इस बाज़ार म ि थत ह यहा खरीदारी का हमन खब ल फ़ उठाया

अगल िदन हम हि दया पोटर गए एव अनक जहाज़ दख 3-4 घट की दरी पर ि थत यह पोटर अनक एकड़ म फला हआ था पहली बार इतन बड़ जहाज़ को अदर स दख खब आनद आया तीसर िदन हम काली बाड़ी मिदर गए बगाली अ यत पाठ-पजा वाल दगार मा क स च उपासक ह यह सब जानत ह दगार पजा इनका लोकिपरय उ सव ह तथा काली मा एव दगार मा की स च मन स पजा करत ह कोलकाता क िनवासी भिक त भावपणर ह यह सना था अब खद दख भी िलया बगाली र म स पजा करन का य मौका अ यत आनदमयी था इसक अलावा काली बाड़ी क नज़दीक ही ि थत ह गौिरहाट बाज़ार यहा की दकान बगाली सािड़या कपड़ सट कत इ यािद क िलए परिसदध ह आिद धक तशवर नामक मशहर दकान म जाकर मरा भी मन िकया िक म भी खरीददारी क मर सािथय न बहत सािड़या खरीदी एव दाम दखकर म दग रह गई सदर स सदर साड़ी मातर 600700 पय की थी मन बगाल की मशहर लाल एव सफद िपरट की साड़ी भी खरीदी कोलकाता म खरीददारी का अलग की मज़ा ह उसी िदन शाम हम सा ट लक िसटी मॉल गए वह सा ट लक टिडयम क नज़दीक ह यहा िदखाई िदया कोलकाता का परगितशील प नौजवान फटबाल की जसीर पहन माल म घम रह थ एक स एक

मशहर बरड वहा मौजद थ इसक अलावा कोलकाता क िनवासी खब मनोरजन क शौक़ीन ह सगीत नाच गाना इ यादी म िच रखत ह कोलकाता म जगह-जगह सगीत कला अकडमी तथा पढ़न (रीिडग) क क लब ह अगरज क शौक तथा रहन-सहन की झलक आज भी यहा िदखती ह यहा क नौजवान को खल-कद म भी खब िदलच पी ह फटबाल का तो जस यहॉ सबको जनन ह

भारत क परिसदध मोहन बगान फटबाल क लब फटबाल क वहा क नौजवान ही नही परा शहर ही दीवाना ह भारत-पाक मच हो या आई पी एल इडन गाडरन मदान लोग स खचा-खच भरा रहता ह अफ़सोस म वहा अदर जा न सकी

इसक अलावा काली बाड़ी क नज़दीक ही ि थत ह गौिरहाट बाज़ार यहा की दकान बगाली सािडया कपड़ सट कत इ यािद क िलए परिसदध ह

प ठ 32 अकषय कराित

मर सफर क आखरी िदन म मन कोलकाता क लोग म एकता क नजार दख िविभ नता म भी एकता का उदाहरण दखा चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख िजस िदन हम कोलकाता पहच थ उसी िदन वहा शहर बद था और मन एक जट होकर लोग को अपनी बात कहत हए दखा एव सना यहा क लोग अपन शहर क िवकास बहतरी क िलए जाग क ह िज मदारी लत ह तथा सरकार को अपनी बात भली-भाित कहत ह लड़िकय औरत की इ ज़त करत ह एव यहा िक मिहलाओ को मन िनदरलीय पाया जहा एक ओर भारत की राजधानी होन क बावजद िद ली वाल अपनी िजदगी म मगन रहत ह वही दसरी और कोलकाता म अमीरी-गरीबी िभ न जाितय म भी एक जटता ह कपड़ा एव खाना आज भी यहा खब स ता िमलता ह पर त दसरी तरफ सब जानत ह िक बड़-बड़ उ योगपित िव वान लखक िखलाड़ी गायक अिभनता िनदशक यहा स उभर ह सािह य हो या लख बॉलीवड हो या िकरकट बगाल न भारत को अनक नाम एव गौरव िदए ह चाह सौरव दादा हो या रिव दर नाथ टगोर ममता बनजीर रानी मखजीर हो या योित बस भारत म इनकी भिमका का वणरन करन की ज रत नही

मन कछ िदन क कोलकाता क सफर म इस शहर को जानन समझन का परयास िकया हगली नदी क िकनार खड़ होकर समदर को दखा निदय को िनहारा िव यासागर सत िबरज की सदरता िवशालता को सराहा क सी दास की परिसदध िमठाई का ल फ उठाया मन बहत शहर घम पर त यह सफर मर िलए सबस यादगार रहा कोलकाता परगित क मागर पर िनरतर बढ़ रहा ह पर त आज भी वह अपनी जड़ नितक म य को नही भला ह एक आम आदमी आज भी टराम म या फरी स सफर करता ह यहा क िनवासी दो पय स लकर 500 ० का खाना खात ह पराना एव नया कोलकाता एक साथ जीिवत ह िसक क क दो पहल की तरह कोलकाता क यह दो प को एक साथ रहत दख बहत आनद आया

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 33 अकषय कराित

जल परकित का अनपम उपहार ह मानव जाित अपन परादभारवकाल स ही इस उपहार का उपयोग अपन िहत क िलए करती आई ह जल वह पराकितक उपहार ह िजसका कोई िवक प नही ह इसिलए जल को अमतया जीवन भी कहा गया ह जल क िबना जीवन की सभावना भी नही ह पर यकष प स तो जल की मानवीय आव यकता सीिमत ह परत परोकष आव यकताओ पर नजर डाल तो दिनक जीवन की आव यकताए जस अ न फल स जी दध स लकर हमार पहराव आवास तक सब जल स जड़ हजल का जरा भी सतलन िबगड़ जाए तो जीवन यापन क टपरद होन म दर नही परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह जल क सामा य त य जल या पानी एक आम रासायिनक पदाथर ह जो जीवन क सभी जञात प क जीिवत रहन क िलए ज री ह आमतौर पर जल अपनी दरव अव था म उपयोग म लाया जाता ह पर यह ठोस अव था बफर और गस अव था जल वा प या भाप प म भी पाया जाता ह प वी क लगभग तीन चौथाई िह स पर िव व क महासागर का अिधकार ह अनमानत प वी पर जल की कल मातरा लगभग 1400 िमिलयन घन िकलोमीटर ह जो िक प वी पर 3000 मीटर गहरी परत िबछा दन क िलए काफी ह तथािप जल की इस िवशाल मातरा म व छ जल का अनपात बहत कम ह प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह शष जल झील निदय वायम डल नमी मदा और वन पित म मौजद ह जल की जो मातरा उपभोग और अ य परयोग क िलए व ततः उपल ध ह वह निदय झील और भजल म उपल ध मातरा का छोटा-सा िह सा ह इसिलए जल ससाधन िवकास और परब ध की बाबत सकट इसिलए उ प न होता ह कय िक अिधकाश जल उपभोग क िलए उपल ध नही हो पाता

परभावी जल परबधन और दश का िवकास

दीपक आहजा ओएनजीसी िवदश

प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह

प ठ 34 अकषय कराित

और दसर इसका िवषमतापणर थािनक िवतरण इसकी एक अ य िविश टता ह फलतः जल का मह व वीकार िकया गया ह और इसक िकफायती परयोग तथा परब ध पर अिधक बल िदया गया ह प वी पर उपल ध जल जल-चकर क मा यम स चलायमान ह जल लगातार एक चकर म घमता रहता ह िजस जलचकर कहत ह इसम वा पीकरण वषार और बह कर सागर म पहचना शािमल ह हवा जल वा प को थल क ऊपर उसी दर स उड़ा ल जाती ह िजस गित स यह बहकर सागर म पहचाता ह जल चकर का िचतर नीच पर तत िकया गया ह

अिधकाश उपभोकताओ जस िक मन य पशओ अथवा पौध क िलए जल क सचलन की ज रत होती ह जल ससाधन की गितशील और नवीकरणीय परकित और इसक परयोग की बार बार ज रत को ि टगत रखत हए यह ज री ह िक जल ससाधन को उनकी परवाह दर क अनसार मापा जाए इस परकार जल ससाधन क दो पहल ह अिधकाश िवकासा मक ज रत क िलए परवाह क प म मािपत गितशील ससाधन अिधक परासिगक ह आरिकषत भ डार की ि थर अथवा िनयत परकित और साथ ही जल की मातरा तथा जल िनकाय क कषतर की ल बाई व म यपालन नौ सचालन आिद जस कछक िकरयाकलाप क िलए भी परासिगक ह

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 35 अकषय कराित

जल का यय अप यय जल क बार म एक नही कई च कान वाल त य ह िव व म और िवशष प स भारत म जल िकस परकार न ट होता ह इस िवषय म जो त य सामन आए ह उस पर जाग कता स यान दकर जल क अप यय को रोका जा सकता ह अनक त य ऐस ह जो हम आन वाल ख़तर स तो सावधान करत ही ह दसर स पररणा लन क िलए परो सािहत करत ह और पानी क मह व व इसक अनजान ोत की जानकारी भी दत ह प वी पर पदा होन वाली सभी वन पितया स भी हम पानी िमलता ह

आल और अनानास म 80 परितशत और टमाटर म 95 परितशत पानी ह पीन क िलए मानव को परितिदन 3 लीटर और पशओ को 50 लीटर पानी

चािहए भारत म 83 परितशत पानी खती और िसचाई क िलए उपयोग िकया जाता

ह इज़राइल म औसतन मातर 10 सटीमीटर वषार होती ह इस वषार स वह

इतना अनाज पदा कर लता ह िक वह उसका िनयारत कर सकता ह दसरी ओर भारत म औसतन 50 सटीमीटर स भी अिधक वषार होन क बावजद अनाज की कमी बनी रहती ह

िपछल 50 वष म जल क िलए 37 भीषण ह याकाड हए ह भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल

चलती ह पानी ज य रोग स िव व म हर वषर 22 लाख लोग की मौत हो जाती ह यिद बरश करत समय नल खला रह गया ह तो पाच िमनट म करीब 25

स 30 लीटर पानी बरबाद होता ह बाथ टब म नहात समय 300 स 500 लीटर पानी खचर होता ह जबिक

सामा य प स नहान म 100 स 150 लीटर पानी खचर होता ह िव व म परित 10 यिकतय म स 2 यिकतय को पीन का शदध पानी

नही िमल पाता ह परित वषर 6 अरब लीटर बोतल पक पानी मन य वारा पीन क िलए

परयकत िकया जाता ह मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 36 अकषय कराित

िद ली मबई और च नई जस महानगर म पाइप लाइन क वॉ व की खराबी क कारण रोज़ 14 स 44 परितशत पानी बकार बह जाता ह

निदया पानी का सबस बड़ा ोत ह जहा एक ओर निदय म बढ़त परदषण रोकन क िलए िवशषजञ उपाय खोज रह ह वही कल कारखान स बहत हए रसायन उ ह भारी मातरा म दिषत कर रह ह

भारत म जल सकट नासा की एक िरपोटर न पानी को लकर दश भर म बढ़ती जा रही लापरवाही क परित आख खोली ह इस िरपोटर म भारत म सख की ि थित पदा होन क िलए िज मवार कारण म स एक अहम कारण अधाधध जल दोहन को बताया गया ह बतात चल िक दश भर क 604 िजल म स 161 सख की मार झल रह ह वस अब बताया जा रहा ह िक सख की मार स बहाल िजल की सखया बढ़कर 246 हो गई ह यानी कहा जाए तो आधा दश सख की चपट म ह बहरहाल नासा की इस िरपोटर म बताया गया ह िक भारत क कई रा य कषमता स यादा जल दोहन कर रह ह यहा कषमता स ता पयर यह ह िक उनस िजतन सलाना जल दोहन की उ मीद कदर करती ह व उसस कही यादा जल दोहन कर रह ह नासा न यह अ ययन 2002 स 2008 क बीच

की ि थितय क आधार पर िकया ह इस िरपोटर म बताया गया ह िक पजाब हिरयाणा और राज थान हर साल औसतन 177 अरब कयिबक मीटर पानी जमीन क अदर स िनकाल रह ह जबिक कदर की तरफ स लगाए गए अनमान क मतािबक इ ह हर साल 132 अरब कयिबक मीटर पानी ही जमीन क अदर स िनकालना था इस तरह स दखा जाए तो य तीन रा य िमलकर कषमता स 30 फीसदी यादा पानी का दोहन कर रह ह जािहर ह िक िबना कछ सोच-िवचार जब इस पमान पर पराकितक ससाधन का दोहन िकया जाएगा तो परकित भी बदला लगी और वही हो रहा ह इस िरपोटर म यह भी बताया गया ह िक भारत का महज 58 फीसदी भजल ही हर साल िरचाजर हो पाता ह नासा की यह िरपोटर बताती ह िक अधाधध जल दोहन की वजह स पर उ तर पि चम भारत क भजल तर म हर साल 4 सटीमीटर यानी 16 इच की कमी आ रही ह इस अ ययन को अजाम दन म नासा क जल िवजञानी मट रोडल न अहम भिमका िनभाई ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 37 अकषय कराित

उनक हवाल स इस िरपोटर म बताया गया ह िक दश क उ तर पि चम कषतर म 2002 स 2008 क दौरान तकरीबन 109 कयिबक िकलोमीटर पानी की कमी हई ह यह मातरा िकतनी अिधक ह इसका अदाजा इसी स लगाया जा सकता ह िक यह अमिरका क सबस बड़ जलाशय लक मीड की कषमता स दगन स भी कही यादा ह अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह इस िरपोटर क मतािबक अगर अधाधध जल दोहन इसी तरह स जारी रहा तो आन वाल समय म भारत को अनाज और पानी क सकट को झलन क िलए अभी स तयार हो जाना चािहए जािहर ह िक जब जल सकट बढ़गा तो खती पर इसका गहरा परभाव पड़गा अनाज क उ पादन म कमी आएगी इस वजह स अनाज सकट पदा होगा और भख का एक नया चहरा उभरकर सामन आएगा एक बड़ा तबका जो आज भरपट भोजन कर पाता ह उसक िलए पट भर खाना िमलना मि कल हो जाएगा भखमरी की जो सम या पदा होगी उसस िफर िनपटना आसान नही होगा इसक अलावा पीन क पानी का टोटा तो होगा ही अभी ही दश क कई िह स ऐस ह जहा क लोग को पीन क िलए साफ पानी नही िमल पा रहा ह कई कषतर ऐस ह जहा गमीर क िदन म हडपप स पानी आना बद हो जाता ह वहा क लोग को हर साल बोिरग को कछ फट बढ़वाना होता ह यह सम या भजल तर क िगरत जान की वजह स ही पदा हई ह जब पीन क पानी का सकट पदा होगा तो बोतलबद पानी का कारोबार काफी तजी स बढ़गा कहन का मतलब यह िक िजसक पास पसा होगा वह अपनी यास बझा सकगा और िजसक पास पसा नही होगा उस अपनी यास बझान क िलए भी सघषर करना पड़गा ि थित की भयावहता की क पना ही िसहरन पदा करती ह भारत म दिनया का हर छठा आदमी रहता ह यानी कहा जाए तो दिनया क कल आबादी क तकरीबन सतरह फीसदी लोग भारत म रहत ह जबिक दिनया का महज साढ़ चार फीसदी पानी ही भारत म उपल ध ह ऐस म जल सम या स दो-चार होना कोई आनापिकषत बात नही ह एक बात तो तय ह िक पराकितक ससाधन म इजाफा तो नही िकया जा सकता ह लिकन इसका सरकषण अव य िकया जा सकता ह

अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह

प ठ 38 अकषय कराित

भारत म लोग िकसी एक मा यम स पयजल परा त करन पर िनभरर नही ह इस दश म 357 फीसदी लोग हडपप स 367 फीसदी लोग नल स 182 फीसदी लोग तालाब पोखर या झील स 56 फीसदी कओ स 12 फीसदी लोग पारपिरक साधन स और 26 फीसदी लोग अ य मा यम स पीन का पानी परा त करत ह इस िलहाज स अगर दखा जाए तो जल सकट को दर करन क िलए समगर कायरयोजना की ज रत ह

दरअसल भारत म गहरात जल सकट क िलए काफी हद तक पानी की बबारदी भी िज मवार ह यहा जल आपित र की यव था म काफी खािमया ह नल क जिरए घर तक पहचन वाल पानी का एक बड़ा िह सा िरस कर बबारद हो जाता ह हर शहर म फट हए आपित र पाइप आसानी स दख जा सकत ह इस बदहाल यव था क िलए सरकार क साथ-साथ सामा य लोग भी कम िज मदार नही ह एक तरफ तो सरकार पयजल क नाम पर हर साल हजार करोड़ पए का बजट बनाती ह और दसरी तरफ जमीनी तर पर हालात म कोई बदलाव नही िदखता ह सामािजक तौर पर भी जल सरकषण को लकर जाग कता का अभाव िदखता ह यह सामािजक तान-बान का ही असर ह िक लोग कही भी जल की बबारदी को दखकर उस सामा य घटना मानत हए नजरअदाज कर दत ह दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था यह अब घटकर 1800 कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर हो चका ह

दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था

प ठ 39 अकषय कराित

िवशषजञ का अनमान ह िक अगर पानी की खपत और बबारदी इसी तरह स जारी रही तो 2025 तक यह घटकर हजार कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर ही रह जाएगा उस समय तक पानी की उपल धता म आन वाली इस कमी की वजह स किष उ पादन म तीस फीसदी की कमी आन की सभावना ह इन पिरि थितय म दश की आिथरक और सामािजक ि थित का कया होगा इसका अदाजा सहज ही लगाया जा सकता ह भारत म जल सरकषण क परित आज भी आम लोग क मन म उपकषा का भाव बना हआ ह साथ ही इस कायर क िलए आव यक तकनीक की भी कमी ह जो तकनीक उपल ध ह उनस सामा य लोग अनजान ह बािरश क पानी का सगरह करक उस उपयोग म लाना एक अ छा िवक प ह पर इस तरह की कोिशश काफी सीिमत मातरा म काफी छोट तर पर हो रही ह यही वजह ह िक दश म होन वाली बािरश क पानी का अ सी फीसदी िह सा आज भी समदर म पहच जाता ह अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह अगर जल की इस िवशाल मातरा का आधा भी परयोग कर िलया जाए तो ि थित म यापक बदलाव आना तय ह शहरी कषतर म तो पानी की कालाबाजारी जोर पर ह जगह-जगह पर जल मािफया सिकरय हो गए ह िद ली क ही एक अखबार न कछ समय पहल यह बात उजागर िकया था यहा तो समानातर जल बोडर भी चलाया जा रहा ह हरानी की बात तो यह ह िक इसक बावजद भी पानी क काल धध पर अकश नही लगाया जा सका ह अहम सवाल यह ह िक कस सामा य तबक क लोग तक व छ पानी पहचाया जाए शहरी कषतर क साथ-साथ गरामीण कषतर म भी यह एक बड़ी चनौती ह आबादी म अपर यािशत विदध बढ़त शहरीकरण औ योिगकीकरण और किष उ पाद की बढ़ती माग क कारण पानी की माग िपछल कछ साल म वाभािवक प स बढ़ी ह इसक पिरणाम व प भजल ससाधन का अ यिधक दोहन हआ ह और इसका नतीजा हआ िक लगातार भजल का तर घटता जा रहा ह शहरी कषतर म ि थित बहद भयावह ह तदनसार वहा न कवल शीघराितशीघर जल ससाधन क सरकषण की ज रत ह बि क परभावी रणनीित और परबधन क जिरए त काल कदम उठान की ज रत ह

अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह

प ठ 40 अकषय कराित

खासकर इस बात को यान म ऱखकर िक िविभ न परितयोगी कषतर म कभी भी माग बढ़ सकती ह भिव य म उपयोग क िलए छत पर या सतह पर जलगरहण बनाकर वषारजल सरकषण बहद ज री ह यह पानी की बढ़ती ज रत का खयाल रखन िमटटी की नमी तर को बढ़ान शहरी हिरयाली को बढ़ान भजल तर को कितरम प स पनभररण करन और भजल की गणव ता स सधार का काम करता ह भारत म जल परबधन स दश का िवकास भारत म दिनया की 16 परितशत आबादी रहती ह लिकन दिनया क िसफर 4 परितशत जल ससाधन ही भारत क पास ह 3290000 वगर िकलोमीटर क भिम कषतर और एक अरब स यादा की आबादी क साथ भारत क एक बहलवादी िविवधता का िचतर ह िवशाल पराकितक ससाधन क साथ सप न तकनीकी और वजञािनक किमरय का भी यह दिनया म दसरा सबस बड़ा सम चय ह भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह मानव िवकास म 80 क दशक म लगभग 26 परितशत और 90 क दशक क दौरान और 24 परितशत क वारा सधार हआ ह आजादी क बाद छह दशक म भारत न जल ससाधन का अभतपवर िवकास और खा या न म आ मिनभररता शहरी कषतर ऊजार और औ योिगक कषतर और पीन का पानी क बिनयादी ढाच म तजी स िव तार दखा ह िजसका उपयोग भारत की लगभग 85 परितशत शहरी और गरामीण आबादी क वारा िकया जाता ह भारत म रा य सरकार और भारत सरकार क परितबदध और ठोस परयास की वजह स गरामीण और शहरी आबादी को सरिकषत पयजल को उपल ध करवान म काफी सफलता हािसल की ह इस उपलि ध न भजल की कमी जल जमावजल गणव ता िगरावट जल परदषण और बढ़त लवणता तर स बड़ कषतर को परभािवत िकया ह और अभी भी िविभ न रा य म गरामीण और शहरी भारत क मानव िवकास सचकाक (HDI)rsquo म बहत असमानता मौजद ह पानी क िलए कषतरीय माग तजी स बढ़ रह शहरीकरण की गित स बढ़ रही ह (अनमानत 2025 तक दश की आबादी का 50 परितशत स अिधक शहर म रहग) जनसखया विदध बढ़ती आय और औ योिगक िवकासशहरी भारत तजी स िवकास की माग क कदर क प म उभर रहा ह

भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह

प ठ 41 अकषय कराित

नतीजतन परित यिकत पानी की उपल धता िगर रही ह परधानमतरी की अ यकषता म 12वी योजना क िलए हई योजना आयोग की पणर बठक म दसर म क साथ जल परबधन पर िवशष चचार हई बठक क बाद योजना आयोग क उपा यकष म टक िसह अहलवािलया न कहा िक भ-जल कानन स लकर दसर म की यापक समीकषा ज री ह व यनाथन सिमित जहा वतरमान म भ-जल कानन की साथरकता का अ ययन करगी वही भारतीय अतिरकष अनसधान सगठन [इसरो] की मदद स पानी की उपल धता का िव तत अ ययन होगा म टक न कहा िक उसी आधार पर रणनीित तय होगी सरकार यह यान रखगी िक पानी का अिधकतम उपयोग हो सक और सभी को उपल ध हो पानी पर िकसी का एकािधकार न हो सक बतात ह िक द पयोग को रोकन क िलए श क लगान पर भी िवचार िकया जा सकता ह हालािक इसस पहल रा य सरकार स चचार होगी यह तय ह िक एआइबीपी कायरकरम म यापक बदलाव ह ग ी म टक िसह अहलवािलया न कहा िक वतरमान म इस कायरकरम का सही िकरया वयन नही हो रहा ह िलहाजा उसम पिरवतरन ज री ह सभव ह िक हर रा य म जल िनयामक परािधकरण बनान की शतर भी लगाई जाए उ ह न कहा िक जल परबधन की यापक समीकषा कर नई रणनीित तय की जाएगी कल िमलाकर रा टरीय तर पर वतरमान जल ससाधन का अिधक स अिधक करन क िलए माग को परा करन क िलए पयार त ह लिकन भिव य क अ ययन पिरयोजना ह िक जल आपित र की ि थित अगल आध सदी म अिधक किठन हो सकती ह जल सकट स िनपटन को जल सरकषण परबधन अिनवायर परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह बढ़त वि वक तापमान क फल व प अितवि ट अनावि ट अ पवि ट और असामियक वि ट हम परितवषर दख रह ह िजसका परभाव हमार जल ससाधन पर पड़ता िदखाई द रहा ह कओ व बाविडय का िमटता अि त व नदी-नाल का घटता पानी भ-गभर जल का िगरता तर िचता की पिरिध स िनकलकर खतर की घटी बनता जा रहा ह

निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह

प ठ 42 अकषय कराित

िव व भर म सीमट क अधाधध परयोग न धरातल क सहज अवशोषण कषतर को घटाया ह तथा जल बहाव भिम कटाव व बाढ़ म विदध की ह ऐसी ि थित म जल सरकषण का दािय व मातर वजञािनक व सरकार तक सीिमत न रहकर पर यक उपभोकता क कध पर आ जाता ह इसी दािय व क िनवरहन क िलए हमार पास दो िवक प सामन आत ह 1 वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई

उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

2 पािरवािरक तर पर वषार जल को सगरिहत कर उसका उपयोग कर य दोन ही परयास गरामीण कषतर म तो सरलता स अपनाए जा सकत ह परत शहरी कषतर म व ट वाटर मनजमट की बड़ी पिरयोजनाए बनाकर ही पानी को िरसाइिकल िकया जा सकता ह भ-गभर अिधकािधक जल अवशोिषत होकर

जाए इसक िलए मदानी भाग म िनयोिजत ढग स बड़-बड़ पोखर बनाकर तथा पहाड़ी कषतर म नाल -ख ड म िमटटी प थर आरसीसी क बड़-छोट डम लगाकर जल बहाव रोक भ-सरकषण बचाव व जल भडारण और धरातल जल शोषण कषतर बढ़ाया जा सकता ह िव व बक भारत सरकार वारा म य िहमालय जलागम पिरयोजना रा य क भ-सरकषण िवभाग इस कषतर म कारगर उपाय लकर

हमार सामन ह परत जनसहयोग क िबना इन पिरयोजनाओ क आशातीत पिरणाम ल पाना किठन ह वकषारोपण इस सपणर जल चकर को बल दन वाला कारक ह जल क परित चतना जागत न हई तो अव य ही अगल िव व यदध का कारण जल ही होगा

जल भोजन ह और अिगन भोजन का भकषक ह अिगन जल म और जल अिगन म िव यमान ह

- ततरीय उपिनषद 38

वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

प ठ 43 अकषय कराित

म भी गान गा सकता ह शबनम क िखलत फल क म भी गीत सना सकता ह सावन क म त झल क लिकन जब घर-घर म बादल छाय घोर िनराशा क तब म नगम गा रहा ह उ मीद की आशा क

सड़क पर खड़ बचपन की य बात सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह

हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

इस बदलत पिरवश का राग सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

गाधी जी क सपन का जो राम-रा य कहलाता ह उस भारत म सड़क पर छोट चाय पहचाता ह

कहा गई वो अ हड़ म ती कहा गया वो यार का रा ता उन हाथ स बचत झड िजन हाथ को चािहए ब ता

उस सोन की िचिड़या की म बात बतान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

कही बम की गमर हवाए कही ससद म कोहराम ह कही होत घोटाल स परशान आदमी आम ह

कही कल की िकलकारी ह कही सड़क पर बचपन ह कही चलता नही गजारा कही िवदश म काला धन ह

म स चाई गा-गाकर सबको बतलान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

बदलता भारत मनीष लाल इरडा

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

प ठ 44 अकषय कराित

करन वाल काम बहत ह यथर उलझन को छोड़ो म ला-पिड़त तोड़ रह ह तम बस lsquoअपन को जोड़ो

lsquoहम बदलग-यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का lsquoवद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का

वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हम बदलग mdash यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का वद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

प ठ 45 अकषय कराित

िसफर काला और सफ़द य ही वो दो रग थ जो तर पास सि ट बनान क आधार थ

काला वो जो कािलमा िलय ह िजस कहत ह दख िनराशा म य अपयश और वो सबकछ जो नकारा मक ह

मगर सफद ह वो रग िजसस जड़ा ह जीवन आशा सख और कीितर और वो सब कछ जो सकारा मक ह पर इन रग स तझ चन ना िमला त सोचन लगा अगर सि ट बनानी ह

तो िकस िलए- ससगर और परम क िलए और

इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग

ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह

बस- बना डाला तन इ दरधनष

जो बरसात क बाद सरज और प वी क अनपम परम को रग दता ह सतरगी रग स

और उ ही सतरगी इ दरधनषी रग म हम हर पल हर कषण डबत गहरात इतरात रहत ह

और खिशय भर ससार म हर रग को अलग-अलग तरह स महसस करक जीत रहत ह

रग तो रग ह मगर-

ससगर और परम क िलए और इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह बस-

सतरगी िचतर सगीता ीवा तव इरडा

प ठ 46 अकषय कराित

कभी पक क कभी फीक़ तो कछ कभी दाग बनकर उभर आत ह

कछ आख म नील बादल स छाए रहत ह तो कछ गाल पर गलाबी रग बनकर छलक जात ह

याद रहत ह अक सर वो रग- जो खदी पर इस तरह छा जात ह िक खद म घलकर खद क होन

का एहसास दत-दत खद का एक रग बन जात ह

बगनी आसामनी नीला हरा पीला नारगी लाल इ दरधनष क य सात रग ही जोड़त ह हमार िदल को

हमार मन को जोड़न वाल इन रग की सतरगी दिनया म-

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा बनाय

और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क

सतरगी िचतर

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा

बनाय और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क सतरगी िचतर

प ठ 5

अकषय कराित

कोई ही ऐसा यिकत या सगठन िवशष होगा जो अपन बहतर अथारत उ क ट जीवन की चाह न रखता हो लिकन चाह रखन मातर स काम नही चलता और न ही िकसी यय को परा त िकया जा सकता चाह हमारा यिकतगत जीवन हो या कायारलयीन जीवन अपन ल य को परा त करन क िलए सबिधत काय गितिविधय क ठ परबधन की आव यकता होती ह ठ परबधन क बहत स सतर हम गीता स िमल ह िजन पर आज हम

ल छदार अगरजी म ढर सािह य उपल ध ह कछ वष पहल बीएचईएल म एक नारा काफी परचिलत रहा वह था उ क टता की ओर अगरसर िविभ न कषतर म उ क टता क ल य को हािसल करन क िलए बीएचईएल न उ क टता पर कार योजना लाग की थी िजसका आधार सतर भी गीता का एक पद ह योग कमरस कौशलम कमर म कौशल का नाम योग ह यह योग की एक पिरभाषा ह शारीिरक मानिसक और भावा मक - इस ितरिवध वा य क सदभर म ही कायर कौशल को दखा जा सकता ह समझा जा सकता ह काम करना अिनवायर नही ह परयोजन क साथ कायर आता ह परयोजन समा त कायर समा त कायर क परित परवि त क िलए परयोजन मखय होता ह हमारा परयोजन कया ह परयोजन ह जीवन की अिनवायर आव यकताए- रोटी कपड़ा मकान िशकषा िचिक सा आिद-आिद इसी क साथ कायर क िव तार क साथ-साथ वतरमान यग म औ योिगक और यावसाियक िव तार हआ और इसन ज म िदया कायर की कषमता और कायर-कौशल अवधारणा को यहा कौशल की चचार स पवर अ छा होगा िक हम कौशल श द को समझ कायर का कौशल वह ह जो दसर क िहत को बािधत न कर जो लाभ द हािन न

पहचाए इन िदन हमारा कायर-कौशल बढ़ा ह िक त उसी क साथ मानिसक

अ त- य तता भी बढ़ी ह कौशल यिद हमार वा य को परभािवत कर रहा ह मानिसक िवकषप बढ़ा रहा ह तो उस कायर-कौशल और कायर-कषमता नही कहा जा सकता

कछ वष पहल बीएचईएल म एक नारा काफी परचिलत रहा वह था उ क टता की ओर अगरसर

कपाराम लहकरा बीएचईएल

कायर-कौशल बढाए तथा उ क टता का ल य पाए

प ठ 6

अकषय कराित

एक सतलन होना बहत ज री ह कायर म दकषता बढ़ तो शारीिरक और मानिसक वा य भी उसी अनपात म बढ़ आज िवकास और कायर-कौशल की अवधारणा मातर पदाथर एवम पदाथर-िनमारण पर अटक गई ह पदाथर का िवकास अिधकािधक होना चािहए हर िदशा म िवकास और कायर-कौशल बढ़ रहा ह लिकन इसान अ छा बन इस परयास म कमी दखी जा सकती ह आदमी अपन आप म इतना पीिड़त और अशात ह िक उसकी क पना भी नही की जा सकती भावा मक वा य क अभाव म कायर-कौशल की सभावना नही की जा सकती भावा मक वा य का कोई पमाना नही ह िक त यिकत क यवहार स हम उस परख सकत ह भावा मक वा य की चार कसौिटया ह

1) उपशम - मन की शाित 2) मदता या िवनमर यवहार 3) मदता या िन छल यवहार 4) सतोष

यिद कायर-कौशल मन की अशाित पदा कर रहा ह िवनमर यवहार म बाधा डाल रहा ह तो िफर कायर की ऐसी दकषता को अदकषता ही कहा जाएगा कायर-कौशल की पहली पिरभाषा यह होनी चािहए - जो जीवन क िकसी अ य पकष को परभािवत न कर बािधत व पीिड़त न कर वह कायर-कौशल ह इस सदभर म िन न बात को अपनात हए कायर-कौशल बढ़ाया जा सकता ह और उ क टता का ल य हािसल िकया जा सकता ह 1) िकसी भी कायर को योजनापवरक कर - कायर-कौशल क साधन म

मह वपणर ह िक िकसी भी कायर को योजना-पवरक करना कायर-कौशल क िलए लिनन का एक परिसदध सतर याद आ रहा ह - िचतन िनणरय और कायार वयन म ल बा अतराल न हो उनम उिचत सामज य रह िचतन आज िकया िनणरय एक वषर बाद और कायार वयन पाच वषर बाद यह बात नही होनी चािहए स कत सािह य म इस दीघरसतरता कहा गया ह जो काम िजस समय करना चािहए उस समय न करक ल ब अतराल क बाद िकया जाए तो असफलता ही हाथ लगगी

2) कोई कायर हड़बड़ी म न कर - कायर-कौशल का दसरा मखय सतर ह िक हड़बड़ी म कोई काम न कर िचतन और िववकपवरक कर

यिद कायर-कौशल मन की अशाित पदा कर रहा ह िवनमर यवहार म बाधा डाल रहा ह तो िफर कायर की ऐसी दकषता को अदकषता ही कहा जाएगा

प ठ 7

अकषय कराित

3 कायर को एकागरता स कर - कायर-कौशल का एक मह वपणर सतर ह - एकागरता का िवकास एक िवचार एक िवक प एक कायर ल और उसी म त मय बन जाए उसी म परी तरह िचत व मन को लगा द हमार अतकरण की सारी परवि तया उसक िलए समिपरत हो जाए जब तक उस कायर क िलए समपरण नही होता तब तक कायर-कौशल नही बढ़ता एकागरता क िलए साधना और अ यास ज री ह अ यास होता ह तो एकागरता बढ़ जाती ह

4 वतरमान म जीना सीख - भत-भिव य को मार भगाई वतरमान म जीओ भाई वतरमान म जीन का ता पयर वतरमान का अनभव वतरमान का जीवन और वतरमान का वास हम वास लत ह तो कभी अतीत म नही लत न भिव य म लत ह अतीत और भिव य की िचता स हम मानिसक अशाित तो होती ह बि क शारीिरक िवकार भी पदा हो जात ह िजसस हमार कायर-कौशल म कमी आती ह जन सािह य म दो श द आत ह - दर य िकरया और भाव िकरया दर य िकरया का ता पयर ह - मदार िकरया मत िकरया भाव िकरया का ता पयर ह जीिवत िकरया पराणवान िकरया वतरमान म जो िजया जा रहा ह कवल उसी का अनभव करत रह यह कायर-कौशल का मह वपणर सतर ह

अत म सार यह उभर कर आता ह िक हमार ल य पिवतर ह हमारा कायर-कौशल इस परकार िवकिसत ह जो िकसी को अकशल न बनाए पीड़ा न पहचाए दसर क िहत पर कठाराघात न कर हमारा सारा परय न और प षाथर इस िदशा म चल िक हमारा अपना कायर िकसी दसर क कायर म बाधा न पहचाए कायर-कौशल का दय यही ह

कायर-कौशल का एक मह वपणर सतर ह - एकागरता का िवकास एक िवचार एक िवक प एक कायर ल और उसी म त मय बन जाए उसी म परी तरह िचत व मन को लगा द

प ठ 8

अकषय कराित

एक राजा था उसक रा य म सब परकार स सख शाित थी िकसी परकार का कोई वर-िवरोध नही था जनता हर परकार स सखी थी पर त राजा को एक बहत बड़ा दख था िक उसकी कोई सतान न थी उस अपना वश चलान की तथा अपन उ तरािधकारी की िचता खाए जा रही थी मिदर मि जद ग वार म जाकर माथा टका कई तीथर थान की यातरा की पर त कोई लाभ न हआ सतान की कमी उस िदन ब िदन खाए जा रही थी बहत सोच-िवचार क प चात उसन अपन रा य क सभी िव वान पिडत को बलवाया और उनस सतान पराि त का उपाय ढढ़न को कहा सभी िव वान न िवचार िकया राजा की ज म कडली का गहन िव लषण िकया अत म व सभी एक मत स एक िन कषर पर पहच उ ह न राजा स कहा िक यिद कोई बरा मण का ब चा अपनी खशी स दवता को बिल द तो आपको सतान की पराि त हो सकती ह राजा न िव वान की बात सनी उसन सार रा य म घोषणा करवा दी िक यिद कोई बरा मण का ब चा अपनी इ छा स खशी-खशी बिल दगा तो उसक घर वाल को बहत सा धन िदया जाएगा राजा क रा य म एक बहत ही गरीब बरा मण था कई िदन फाक म ही गजर जात थ उसक चार लड़क थ बड़ तीन लड़क तो अपना काम-धधा करत थ और अपन पिरवार को आिथरक सहयोग दत थ पर त जो सबस छोटा लड़का था वह कोई काम नही करता था उसका सारा यान हमशा भगवान भिकत म लगा रहता था उसका सारा िदन स कमर करत हए भगवान का मरण करत ही बीत जाता था उसक िपता न भी घोषणा सनी और सोचा यह लड़का िनठ ला ह और कोई काम-धधा भी नही करता इसको बिल क िलए भज दत ह राजा स धन िमल जाएगा तो घर की हालत कछ सधर जाएगी बरा मण अपन सबस छोट लड़क को लकर राजा क पास पहचा राजा न उस लड़क स पछा कया तम िबना िकसी दबाव क अपनी मजीर स अपनी खशी स बिल दन को तयार हो जी महाराज लड़क न बड़ी िवनमरता स उ तर िदया यिद मरी बिल दन स आपको सतान की पराि त होती ह तो म खशी स अपनी बिल दन को तयार ह दकर िवदा िकया ठहराया गया

उसन सार रा य म घोषणा करवा दी िक यिद कोई बरा मण का ब चा अपनी इ छा स खशी-खशी बिल दगा तो उसक घर वाल को बहत सा धन िदया जाएगा

शकर द त पीईसी िलिमटड

िचतन कर

प ठ 9

अकषय कराित

लड़क को अितिथ गह म ठहराया गया हर परकार स उसका खयाल रखा गया अत म उसकी बिल दन का िदन भी आ गया राजा न लड़क को बलाया और कहा आज त हारी बिल द दी जाएगी अगर त हारी कोई आिखरी इ छा हो तो बताओ हम उस परी करग मझ कछ भी नही चािहए बरा मण पतर न कहा बस म बिल दन स पहल नदी म नान करक पजा करना चाहता ह राजा यह सनकर बहत परस न हआ और बोला ठीक ह हम भी त हार साथ नदी तक चलग उस लड़क न नदी म नान िकया िफर नदी िकनार की रत को इकटठा िकया और उसकी चार ढिरया बना दी उसन चार ढिरओ की ओर दखा िफर एक ढरी को अपन पर स िगरा िदया िफर उसी परकार स दसरी ढरी को भी िगरा िदया िफर तीसरी ढरी को भी िगरा िदया उसक वह चौथी ढरी क पास गया उसक चार ओर तीन बार चककर लगाया हाथ जोड़कर उसको माथा टका उसकी वदना की और राजा क पास बिल क िलए आ गया राजा उसका यह सारा करतब बड़ ही कौतहल स दख रहा था पहल तो राजा न सोचा िक बालक ह रत स खल रहा ह पर त जब राजा न दखा िक उसन चौथी ढरी को हाथ जोड़कर परणाम िकया ह तो राजा को इसका रह य जानन की इ छा हई राजा न बालक स पछा बालक तमन रत की चार ढिरया बनाई िफर उनम स तीन को तोड़ िदया और चौथी को परणाम िकया इसका कया रह य ह पहल तो ब च न कोई उ तर नही िदया पर त राजा क दोबारा पछन पर लड़क न कहा राजन आपन बिल क िलए मझ कहा ह म बिल दन क िलए तयार ह आप अपना काम कीिजए आपको इस बात स कया लना िक मन रत की वो ढिरया कय तोड़ी ह राजा को बालक स ऐस उ तर की आशान थी राजा न उसस कहा बालक हमन त हार िपता को त हारी कीमत दकर त ह खरीदा ह तम हमार खरीद हए गलाम हो इसिलए हमार हर पर न का उ तर दना और हमारी हर बात को मानना त हारा धमर बनता ह ह राजन जब आप िजद कर रह ह तो सिनए लड़क न उ तर िदया जब कोई ब चा पदा होता ह तो सबस पहल उसक माता-िपता उसकी रकषा करत ह अगर वह आग क पास जान लगता ह तो उसको उसस बचात ह उसकी हर परकार स रकषा करन की िज मवारी उनकी होती ह लिकन यहा तो मर िपता न ही धन क लालच म मझ बिल दन क िलए आपक पास बच िदया इसिलए पहली

उसकी वदना की और राजा क पास बिल क िलए आ गया राजा उसका यह सारा करतब बड़ ही कौतहल स दख रहा था

प ठ 10

अकषय कराित

ढरी जो उनक नाम की बनाई थी वह मन ढहा दी लड़क न आग कहा दसरी िज मदारी राजा पर होती ह अपनी परजा की रकषा करन की आपन मझ अपनी सतान पराि त क िलए बिल दन क िलए खरीद िलया तब आपस कया पराथरना करता इसिलए दसरी ढरी जो मन आपक नाम की बनाई थी वह भी तोड़ दी जीव की रकषा करन का तीसरा भार दवी-दवताओ का होता ह बालक न तीसरी ढरी का रह य बतात हए कहा लिकन यहा तो दवता वय ही मरी बिल लन को तयार बठा ह तो इसस कया पराथरना करता इसिलए मन तीसरी ढरी भी तोड़ दी लिकन चौथी ढरी का कया रह य ह राजा न पछा और अत म सहारा होता ह भगवान का ई वर का ब च न रत की ढिरय का रह य खोलत हए कहा मरी बिल दी जानी थी सो मन अत म ई वर स पराथरना की परभ की पजा-अचरना करक उनस रकषा करन की पराथरना की अब वही मरी रकषा करग वही होगा जो ई वर को मजर होगा म बिल दन क िलए तयार ह rsquo इतना कहकर वह बालक राजा क पास जाकर िसर झका कर खड़ा हो गया राजा उस छोट स बालक की इतनी जञान की बात सनकर स न रह गया राजा न सोचा म इस बालक की बिल द दगा बरा मण ह या भी हो जायगी िफर पता नही मझ जो सतान परा त होगी वो कसी होगी परजा का खयाल रखन वाली होगी या नही कही मरा और वश का नाम ही न डबो द यह बालक गणवान ह ई वर का भकत ह सब परकार स मर लायक ह कय न म इस ही गोद ल ल और इस ही अपना पतर बना ल इतना िवचार करत ही उसन उस बालक की बिल दन का कायरकरम र कर िदया और उस बालक को गोद ल िलया कहत ह उस बालक म अ छ गण होन क कारण उसन कई साल तक रा य िकया और हर परकार स परजा की रकषा की उसक रा य म िकसी को िकसी परकार का कोई क ट नही था

इतना कहकर वह बालक राजा क पास जाकर िसर झका कर खड़ा हो गया राजा उस छोट स बालक की इतनी जञान की बात सनकर स न रह गया

परकित िजदगी स ह िजदगी बनी भी परकित स ह चलता रह य िविचतर खल य ही इसका भी अमल िजदगी स ह

प ठ 11

शोिभत ह िज़दगी धरती की धार पर इस हिरत धारा पर ऊजार स भरपर ह हिरत ऊजार स य ससि जत य खब ह

हिरत ऊजार क भ डार का खजाना य खब ह जल वाय और सौर ऊजार ह इनक अ यत ोत

ल अमल म इनको अगर बचाना ह य धरा अनमोल अदभत ह खजान परकित क अगर कर ल मन य इनका सदपयोग

य झोखा जो हवा का ह य जो तरग म जलधारा ह अदभत िकरण जो फलाती जीवन की धारा ह

समझ ल इनका जो इशारा ह कर परयोग इ ही का अपन यतर मतर स छपा ऊजार का अनमोल खजाना ह

परकित िजदगी स ह िजदगी बनी भी परकित स ह चलता रह य िविचतर खल य ही इसका भी अमल िजदगी स ह

रकषा कर इस धरा की स पना इसको नई िजदगी को ह इस परकित स बना मन य महान

िफर क य कर रहा परकित का सवरनाश खद को बचा हर िजदगी को बचा

करक हिरत ऊजार का स मान जीन द जीवन को और भी कर ल सयम म अपना य िवषकत घटता जीवन का चकर य ह इशारा परकित का हर पल सभल जरा ना कर इसको त तग

मक त खल परकित स कर ल इस हिरत ऊजार का परयोग अ छ क बदल अ छा दना सीख परकित का य खल

अलका कमार इरडा

अकषय कराित

किवता

प ठ 12

नही सीखा अब भी अगर परकित म सब जाएगा बदल जी ना पायगा िफर त इस परकित म िमट जाएगा अश तरा इस परकित स हिरत परकित और य हिरत ऊजार ह य इस धरा क जीवन दायक सीख परकित स लना दना

िसखा रह य जीवन का मल मतर परकित का आहार परकित मत द आहार आपराकितक सतलन िबगड़ गया अगर हो जायगी िवनाश िजदगी

अब सभल जरा और कर ल परण करक हिरत ऊजार को ही खचर बना धारा को शोिभत हरदम

िफर रहगा परकित और िजदगी का य खबसरत सग

हिरत परकित और य हिरत ऊजार ह य इस धारा क जीवन दायक सीख परकित स लना दना िसखा रह य जीवन का मल मतर

अकषय कराित

प ठ 13

अकषय कराित

कमरचािरय की आदत उनक यिक त व और िन पादन कषमता का पार पिरक सबध - एक िव लषण

हम िजस िकसी सगठन म काम करत ह उसक परित हमारा ल य होना चािहए सबिधत स थान क िलए अपनी सपणर कषमताओ का इ तमाल कषमताओ का बहतर परयोग तभी हो सकता ह जब हम अपन अदर अ छी आदत का िवकास कर हमार शा तर वद उपिनष और अ य धािमरक गरथ हम अ छी आदत क िवकास क सबध म बीज मतर बतात ह िक हम मनसा वाचा और कमरणा शदध रहना चािहए मनसा वाचा और कमरणा शदधता स ता पयर ह िक हम मन वाणी और कम स अ छ बन रह हमारी नीयत नक हो हम अपन सहकिमरय सािथय और अ य लोग क साथ अ छा बरताव कर और हमार कमर अ छ ह इस बीज मतर पर चलन वाला हमशा अपन अदर अ छी आदत का िवकास होता पायगा

असल म िदककत यही ह िक हम उपदश दन म तो आग रहत ह लिकन खद क अदर नही झाकत या कम ही झाकत ह - lsquoपर उपदश कशल बहतरrsquo सपरिसदध लखक सरदार परन िसह न एक बार कहा था आचरण की स यतामय भाषा सदा मौन रहती ह अथारत आदमी खद चप रहकर खद को ठीक रख तो इसका परभाव खद-ब-खद दसर पर पड़ता ह इसको हम एक छोट स उदाहरण स प ट कर सकत ह िक मान िलया जाए हम ब च स कह धमरपान नही करत लिकन उसक सामन खद ऐसा कर इसस इतर हम अगर यह सब करत ही नही ह तो इसका यादा असर ब च पर पड़गा अ छी आदत घर स श होकर समाज द तर और उसस आग तक हम हमशा हमारा फायदा िदलाती ह

कहा जाता ह िक व थ तन म ही व थ मन िनवास करता ह इसी तरह यह भी कहा जाता ह िक व थ वातावरण ही उ नित का योतक होता ह व थ वातावरण तभी बनगा जब उस माहौल म रहन वाल लोग

हीरा व लभ नराकास

असल म िदककत यही ह िक हम उपदश दन म तो आग रहत ह लिकन खद क अदर नही झाकत या कम ही झाकत ह - lsquoपर उपदश कशल बहतरrsquo

प ठ 14

अकषय कराित एक दसर का स मान करग खद की आदत को सधारग और उस स था की तरककी क िलए अपन तर पर हर वह काररवाई करग जो औ योिगक सगठन और लोग की उ नित म ज री होती ह

औ योिगक सगठन िकसी भी दश की अथर यव था को मजबत आधार परदान करत ह औ योिगक सगठन म परयोग होन वाल सम त ससाधन म मानव ससाधन अथारत उसम काम करन वाल कमरचारी मह वपणर और िनणारयक होत ह इन सगठन का सफल सचालन वहा कायररत कमरचािरय की कशलता और कायरकषमता पर आधािरत होता ह कशलता और कायरकषमता का ोत हमारा आचरण और यवहार होता ह जािहर ह औ योिगक सगठन म मानवीय सबध परी एक ऐसी िकताब ह िजसक िबना कभी कछ नही कराया जा सकता लोग क साथ सतोषजनक प स काम करना परबधन क काम का िसफर एक िह सा नही ह वरन सारा

काम इसी पर िटका ह कय िक सभी उ योग म मशीन माल या दसरी चीज़ क साथ कोई भी काम लोग क मा यम स ही िकया जा सकता ह तीन lsquoएमrsquo अथारत मनी मटीिरयल और मशीन औ योिगक सगठन क िलए मह वपणर ससाधन होत ह लिकन इ ह पिरणाम तक पहचान का कायर कमरचारी (man) ही करत ह जो सगठन दर अदशी रहकर कमरचािरय क जञान उनकी िविश टताओ उनक आचरण को अनकल साच म ढालन क परित सजग रहत ह वही सफलता की ऊचाइय को छत ह अगरजी म एक परानी कहावत ह -- Where the vision is one year Cultivate flowers Where the vision is ten years Cultivate trees Where the vision is eternity Cultivate people अथारत जहा दरअदशी एक साल क िलए हो तो फल लगाइय जहा दरअदशी दस साल क िलए हो तो पड़ लगाइय

औ योिगक सगठन म परयोग होन वाल सम त ससाधन म मानव ससाधन अथारत उसम काम करन वाल कमरचारी मह वपणर और िनणारयक होत ह

प ठ 15

अकषय कराित जहा दरअदशी अनत काल क िलए हो तो लोग का िवकास कीिजए औ योिगक सगठन म 500 आदमी ह 5000 आदमी ह 50000 ह या इसस अिधक अगर कामकाज ठीक स चलाना ह तो बहत ज री ह परबधन उनस िनभाना जानता हो यिकतगत सपकर का मह व

वातानकिलत कमर म बठकर और सचार मा यम या िकसी अ य तरीक स कमरचािरय की िरपोटर लना और आस पास होन वाल घटनाकरम को जानना अलग बात ह और कायर थल पर वय उपि थत रहकर ि थित को समझना और िनदश दना अलग बात महान जनरल रोमल की सफलता का मखय कारण यह था िक व हमशा कायर थल पर वय उपि थत होकर िनदश दत बात की पि ट करत सम याए सलझात और दखत िक काम कसा चल रहा ह रोमल का यह तरीका इतना सफल रहा िक िकसी भी औ योिगक सगठन या कारोबार म इस अपनाया जाए तो आशातीत पिरणाम सामन आ सकत ह लोग क बीच खद उपि थत होकर काम करन का कोई िवक प नही ह लोग अिधकाशतः उनको नापसद करत ह िज ह व ठीक स जानत नही ह पर एक बार जान पहचान हो जान पर हालात बदल जात ह कमरचािरय म अ छी आदत का िवकास करन की पहली शतर ह िक पहल उनक िदल म घर िकया जाए ऐस िकसी भी बरताव स बचा जाए िजसस वह अपन को उपिकषत महसस करन लग अतः सवदनशीलता का यान रखना बहत ज री ह

कमरचािरय क परित सवदनशील यवहार-कौशल और धयरपणर होन क अितिरकत इस बात पर ढ़ रहना ज री ह िक काम ठीक परकार स हो अ छ यवहार क साथ कमरचािरय को यह जताना भी ज री ह िक उनस काम का उ च तर अपिकषत ह और उस पर उनक साथ कोई समझौता नही और अगर इस पर अमल नही करत तो उ ह पता होना चािहए िक आप कड़ी काररवाई करग

सकारा मक नजिरया परबधन का एकमातर काम िनदश दना नही ह वरन उस साथ-साथ लोग का िवकास करना होता ह

महान जनरल रोमल की सफलता का मखय कारण यह था िक व हमशा कायर थल पर वय उपि थत होकर िनदश दत बात की पि ट करत सम याए सलझात और दखत िक काम कसा चल रहा ह

प ठ 16

अकषय कराित एक अिधकारी का मखय काम यही ह िक वह अपन साथ काम करन वाल लोग म अ छी आदत का िवकास कर उनकी सहायता कर यिद यह काम परभावशाली ढग स कर पाता ह तो इसस कवल उसक अपन काम ही बहतर नही ह ग बि क उसक पास परिशिकषत और कशल कमरचािरय का परा दल होगा जो उसक परित परी िन ठा स काम करगा इसक िलए सबस पहल कमरचािरय का नजिरया ठीक करना ज री ह उनम सबस पहल यह भावना लानी होगी िक हमार अदर जो चीज ह वही हम ऊपर की ओर ल जाती ह और वह हमारा नजिरया ह

एक आदमी मल म ग बार बचकर अपनी गज़र-बसर करता था उसक पास लाल नील पील हर-चार रग क ग बार थ जब कभी उसकी िबकरी कम होन लगती तब वह हीिलयम गस स भरा एक ग बारा हवा म छोड़ दता ब च उस उड़ता दखकर वसा ही उड़न वाला ग बारा पान क िलए मचल उठत ब च उसस ग बारा ख़रीदत और इस तरह उसकी िबकरी िफर स बढ़ जाती िदन-भर यही िसलिसला चलता रहता एक िदन वह आदमी बाज़ार म खड़ा ग बार बच रहा था अचानक उस महसस हआ िक पीछ स कोई उसका करता पकड़कर खीच रहा ह उसन पीछ मड़कर दखा तो एक छोट स ब च को खड़ा पाया उस ब च न ग बार वाल स पछा ldquoअगर आप काला ग बारा छोड़ग तो कया वह भी उड़गाrdquo ब च की बात उसक िदल म लगी और उसन यार स जवाब िदया ldquoबट ग बारा अपन रग की वजह स नही उड़ता बि क उसक अदर कया ह इस वजह स ही वह ऊपर जाता ह rdquo ठीक यही बात हमारी िज़दगी म भी लाग होती ह अगर लोग का नजिरया बहतर हो उनम अदर स काम करन की इ छा भरी हो तो व खलकर आपस म िमलकर काम करग इसस नकसान तो कम होगा ही स थान क परित िन ठा बढ़गी और लगन स काम करन का वातावरण तयार होगा िव वास हािसल करना आव यक

कमरचािरय स बहतरीन काम लन क िलए शानदार टीम लीडर होना ज री ह मटठीभर लोग का कोई समह िकला तभी फतह कर सकता ह जब

एक आदमी मल म ग बार बचकर अपनी गज़र-बसर करता था उसक पास लाल नील पील हर-चार रग क ग बार थ

प ठ 17

अकषय कराित जब उनका सनापित उनम वह जोश भर सक िक उ ह कोई भी ऊचाई यादा न लग अतः सबस ज री ह िक स थान म कमरचािरय की

कषमताओ का परा फायदा लन क िलए उनका िव वास जीता जाए इसक िलए उनक साथ परी इ जत स पश आना ज री ह उनकी छोटी-बड़ी खशी को बाटना और उनकी राय को परा स मान दना भी उतना ही ज री ह कई बार परबधन क उ चािधकारी या लीडर अपनी टीम क सद य स िसफर इसिलए राय नही लत कय िक उ ह लगता ह िक एक बार राय लन पर अगर उनकी बात नही मानी गयी तो उ ह बरा लगगा लिकन सबस ज री ह िक टीम म सभी सद य को िव वास म लकर काम िकया जाए यहा टीम लीडर की भिमका मह वपणर होती ह वह खद वकत का पाबद होगा तो उसक मातहत कमरचािरय म वयमव यह गण आदत का प ल लगी टीम लीडर का काम अपनी टीम का उ साह बढ़ात हए दी गयी िज मदािरय को समय स परा करना ह मगर उसम नयी चीज़ को सीखन की ललक होनी चािहए ऐसी ललक जब स थान क कमरचािरय म आदत का प लन लगती ह तो वह स थान जािहर ह नए परितमान थािपत करन लगता ह जापानी कपिनया हर बात म कमरचािरय क िहत का यान रखती ह िजसस व वय ही उ पादकता क परित सचत हो जात ह जानी-मानी टोयोटा कपनी क कमरचािरय म तो काम की ऐसी आदत सी या ललक होती ह िक व तब तक काम करत ह जब तक खद थक कर चर नही हो जात यह उनकी आदत ही बन चकी ह िक यिद व िकसी बात पर नाराज होत ह तब भी कपनी या अपन भागय को भल ही कोस ल पर अपन काम पर असर नही पड़न दत इसका कारण यह ह िक जापानी कपिनया काम का एक अ छा वातावरण बनान और लोग म काम क परित स ची लगन को बढ़ावा दन क िलए कड़ा परयास करती ह वहा लोग को लगातार परिशकषण िमलता रहता ह जो कवल तकनीक और मनजमट ही नही कायर स जड़ी नितकता और अ छी आदत क िवकास पर किदरत होता ह चिरतर का िनमारण उनकी एक आदत सी बन जाती ह अगर हम भी एक अ छी शिखसयत बनना ह तो हम अपनी आदत को गहराई स जाचना होगा

ऐसी ललक जब स थान क कमरचािरय म आदत का प लन लगती ह तो वह स थान जािहर ह नए परितमान थािपत करन लगता ह जापानी कपिनया हर बात म कमरचािरय क िहत का यान रखती ह

प ठ 18

अकषय कराित चतन और अवचतन मन

हमार चतन मन क पास सोचन की शिकत होती ह यह िकसी बात को मान सकता ह और नही भी मान सकता मगर अवचतन मन िसफर वीकार करता ह यह इनपट (input) को लकर कोई भदभाव नही करता अगर हम अपन मन म डर शका नफरत क भाव भर तो यह आ म सझाव इन सभी भाव को सिकरय बनाकर हकीकत म बदल दगा हमारा अवचतन मन एक डाटा बक की तरह ह अवचतन मन एक गाड़ी की तरह ह और चतन मन एक डराइवर की तरह शिकत तो गाड़ी म होती ह मगर उसका कटरोल डराइवर क पास होता ह

हम अवचतन मन को इस तरह ढालन की ज रत ह िक वह हम सही और ठीक रा त पर ल जा सक अवचतन मन एक बगीच की तरह होता ह िजस कोई परवाह नही होती िक आप कस पौध लगात ह यह िनरपकष (neutral) होता ह इसम अ छा बोन पर अ छा िमलता ह अ यथा जगली पौध उग जायग

बि क अ छ बीज बोन क बावजद जगली पौध उगन बद नही होत आव यकता होती ह उ ह उखाड़ फकन का िसलिसला जारी रखन की इसी िसदधात को कमरचािरय क मामल म समझन की ज रत ह हम याद रखना ह िक सही और गलत िवचार मन म एक साथ नही रह सकत आव यकता उनक अवचतन मन को इस तरह ढालन की ह िक उनम अ छी आदत का िवकास हो दरअसल अवचतन योगयता वह होती ह जब हम यान दन और सोचन की यादा ज रत नही होती कय िक यह हमार यवहार म खद ब खद उतरन लगा ह िजस स थान क कमरचारी इस तर पर पहच जात ह उनम अ छी आदत वयमव घर करन लगती ह जब बरी आदत हमार अवचतन योगयता क तर तक पहच जाती ह तो वह कावट उ प न करती ह

पिरवतरन का िवरोध बरी आदत को पहचान लन क बाद भी अकसर दखा गया ह िक

लोग उ ह बदलत नही ह ऐसा आिखर कय होता ह उनक न बदलन का कारण ह िक व िज मदारी को वीकार करन स इनकार करत ह

हम अवचतन मन को इस तरह ढालन की ज रत ह िक वह हम सही और ठीक रा त पर ल जा सक अवचतन मन एक बगीच की तरह होता ह िजस कोई परवाह नही होती िक आप कस पौध लगात ह

प ठ 19

अकषय कराित अपनी उन आदत को बनाय रखन म उ ह जो आनद िमलता ह वह पिरवतरन क ददर स यादा होता ह इसक िन निलिखत कारण हो सकत ह -- 1 पिरवतरन की इ छाशिकत का अभाव 2 पिरवतरन क िलए आव यक अनशासन की कमी 3 िव वास की कमी 4 आव यक जानकारी की कमी परबधन वारा इन िबदओ पर िवचार कर अपन किमरय म आशातीत पिरवतरन लाया जा सकता ह सामा यतः खराब आदत को न बदलन क बहान िदय जात ह और कहा जाता ह -- हम लोग इसी तरह करत ह या िक म नही समझता इसस कोई फकर पड़गा और कछ न िमला तो कह िदया जाता ह म बहत य त ह अ छी आदत का िन पण

आदत म पिरवतरन लाया जा सकता ह आव यकता ह इसक िलए सही पिरवश का िनमारण करन की कमरचािरय को परिशिकषत करन की परिरत करन की और ऐसी ि थितया उ प न करन की िजसस कमरचािरय म अ छी आदत का िन पण हो सक दरअसल सफल लोग का राज यह ह िक व काम करन की उन आदत को डाल लत ह जो असफल लोग करना नही चाहत य वही काम ह िज ह सफल लोग भी करना

नही चाहत लिकन व िफर भी करत ह उदाहरण क िलए असफल लोग अनशासन और महनत करना पसद नही करत सफल लोग भी अनशासन और कड़ी महनत नापसद करत ह लिकन व िफर भी ऐसा करत ह कय िक य लोग उन काम को करन की आदत डाल लत ह िज ह असफल लोग नही कर पात नजिरय और सोच का तरीका एक आदत ह और इस बदला जा सकता ह सही ि ट और सतलन कमरचािरय म काम क सबध म सही ि ट बनाय रखन की परवि त िवकिसत करना ज री ह जब कछ गलत हो रहा होता ह तो उस ठीक करना परबधन का ही काम होता ह समझा यह जाता ह िक परायः हम गलत हो रह काम को लकर इतन िचितत हो जात ह िक जो सही हो रहा ह उस भी अनदखा करन की हमम आदत होती ह

दरअसल सफल लोग का राज यह ह िक व काम करन की उन आदत को डाल लत ह जो असफल लोग करना नही चाहत

प ठ 20

अकषय कराित उदाहरण क िलए अगर िकसी स कोई गलती हो जाती ह तो हम एकदम उस पर िच ला पड़त ह या उसक िव दध काररवाई कर बठतहअ छा यह रहगा िक आप उस अलग ल जाकर अकल म बात कर अगर परशसा करनी हो तो सबक सामन कर

अगर िकसी स सहमित न बन तो उस पर करोध करना ज री नही ह अगर अपन करोध पर काब रखग तो लोग अपनी असहमित को अ यथा नही लग अगर आप अपन िवचार को खला रखग तो दसरी ओर स भी आप ऐस ही यवहार की अपकषा कर सकत ह परायः लोग अपनी सहमित कछ इस तरह जतात ह िक सामन वाला भी अपनी बात पर अड़ जाता ह समझन की बात यह ह िक सभी ि थितय म कवल तकर ही काफी नही होगा िकसी स असहमत होन म भी यवहार कशल होना ज री ह सबस पहल तो दसर को अपना पकष रखन का मौका द उसकी बात सन और जहा तक हो सक उसस अपनी सहमित भी परकट कर और िजन बात पर सहमित न बना सक उस समझाए

हमम स अिधकाश लोग उन किमरय और उनकी गलितय पर अ यिधक यान दत ह िजनक िलए हम काम करत ह पर अपन किमरय पर नज़र डालना भल जात ह अगर वय को उन लोग की नजर स दखा जाए तो आशातीत पिरणाम दखन को िमलत ह

आ म मथन आप कया करना चाहत ह कसा करना चाहत ह - इस सोच को

वतरमान म अपन अदर मथन करन को आ म-सझाव कहत ह एक बार सब म जब इसकी पिरपाटी श हो जाती ह तो यह हमार अदर िवजञापन की तरह काम करता ह अपन बार म अपन िलए अदर ही परचािरत करता ह इसका हमार चतन और अवचतन (Sub-concious) मन दोन पर परभाव पड़ता ह अततः यह हमार नजिरए और यवहार को परभािवत करता ह और धीर-धीर आदत का प लता ह यह दरअसल अपन अवचतन मन को ढ़ालन या परोगराम करन की िविध ह

हमम स अिधकाश लोग उन किमरय और उनकी गलितय पर अ यिधक यान दत ह िजनक िलए हम काम करत ह पर अपन किमरय पर नज़र डालना भल जात ह

प ठ 21

अकषय कराित आ म-सझाव अ छ या बर हो सकत ह जब हम बर आ म-सझाव को बार-बार दोहरात ह तब हमारा अवचतन मन उन पर िव वास करन लगता ह और हम उसी को वा तव म यवहार करन लगत ह सकारा मक आ म-सझाव को बार-बार मथन करन स उसकी हमार िदलोिदमाग म त वीर बन जाती ह और वही असिलयत का प लन लगता ह एक उदाहरण क िलए जब कभी हम सबह 0600 बज टरन पकड़नी हो और हमार पास अलामर घड़ी न हो तो हम मन म कहकर उठत ह िक 0400 बज उठना ह तो कया हम नही उठत अगर उठत ह तो इसक पीछ आ म-सझाव ही काम करता ह आ म-सझाव एक रा ता ह िजसस हम अपन िदमाग को परोगराम करक ढ़ालत ह सकारा मक आदत को िवकिसत करन म आ म-सझाव की परवि त मह वपणर िसदध हो सकती ह हमार नजिरए और आदत को तय करन वाल कारक हमार नज़िरए को मखयतः तीन कारक परभािवत करत ह - वातावरणः घर कल आिफस मीिडया सा कितक प ठभिम धािमरक प ठभिम परपराए और भाषाए सामािजक-राजनितक माहौल - य सब िमलकर एक तहजीब बनात ह चाह घर हो या आिफस या अ यतर - हर जगह हर िकसी की अपनी तहजीब होती ह उदाहरण क िलए हम एक दकान म जात ह तो वहा का स समन बड़ अदब वाला होता ह लिकन वही जब दसरी दकान पर जात ह तो वहा का स समन कभी-कभी बड़ा खा और बदतमीज िमल जाता ह उसी तरह िकसी क घर म यार भरा माहौल िमलता ह तो िकसी क घर म हमशा लड़ाई-झगड़ का इसी तरह जब सरकार और राजनीितक माहौल ईमानदारी का होता ह तो लोग भी ईमानदार मददगार और कानन का पालन करन वाल होत ह बईमान और भर ट माहौल म िजस तरह एक ईमानदार का जीना मि कल होता ह उसी तरह ईमानदारी भर माहौल म बईमान यिकत को मि कल होती ह िन सदह अ छ वातावरण म मामली कमरचारी म वमव अ छी आदत िवकिसत होती ह और उसकी कायर करन की शिकत बढ़ जाती ह जबिक खराब माहौल म अ छा काम करन वाल की भी कषमता िगर जाती ह

सकारा मक आदत को िवकिसत करन म आ म-सझाव की परवि त मह वपणर िसदध हो सकती ह

प ठ 22

अकषय कराित कायर-स कित का बहाव ऊपर स नीच की ओर होता ह नीच स ऊपर की ओर कभी नही यह दखना बहत ज री ह िक हमन अपन िलए और आस-पास क लोग क िलए कसा वातावरण तयार िकया ह खराब वातावरण म अ छ की उ मीद करना बमानी ह अनभवः हम अपन जीवन म अपन काम-काज म हालात स जसा अनभव पात ह वह हमारी आदत का िह सा बन जात ह और उसी क अनसार हमारा यवहार होता ह अगर िकसी क परित हमारा अनभव अ छा होता ह तो हमारा नज़िरया भी अ छा होता ह ज री ह िक कमरचािरय को ऐसा कायर-पिरवश िमल िजसस उनक अवचतन म अ छ अनभव की छाप अिकत हो

परिशकषण भी ज़ री यहा िसफर सदधाितक जञान ही काफी नही होता बि क औपचािरक और अनौपचािरक दोन ही तरह की िशकषा व परिशकषण ज री ह जञान और जानकारी को यिद योजनाबदध तरीक स परयोग िकया जाए तो उसस बौिदधक तर को बढ़ान म आशातीत सफलता िमलती ह काम करन की कला अ छी िशकषा स ही आती ह ज री ह िक परिशकषण म मनोवजञािनक सामािजक आिथरक व अ य पहल को समझन की आदत िवकिसत की जाए अवचतन म यह िबठाना बहत ज री ह िक जीवन की भ यता काम क वारा ही सभव ह स थान म सभी को लगना चािहए िक उनका काम मह वपणर ह यही परबधन कला का सार ह जब कमरचािरय को ऐसा एहसास होन लगता ह तो उनक नज़िरए म बदलाव आन लगता ह उपसहारः काम क परित लोग म अ छी आदत िन िपत करन और उनम उ साह जगान स कायर-िन पादन म िनरतर िनखार आता ह दरअसल हर यिकत म मानिसक और शारीिरक ऊजार उ प न होती ह िजसक िलए काम ही सबस अ छा िनकास ह एक िवचारक क अनसार lsquoआप पछत ह म लगातार काम कय करता ह

यहा िसफर सदधाितक जञान ही काफी नही होता बि क औपचािरक और अनौपचािरक दोन ही तरह की िशकषा व परिशकषण ज री ह

प ठ 23

अकषय कराित इसका वही कारण ह िजस कारण स मगीर अ ड दती जाती ह rsquo काम क िबना इसान घट सा जाता ह उस काम की उतनी ही ज रत होती ह िजतनी हवा की आव यकता ह िक उस सही वातावरण उपल ध करान और सही िदशा म अिभपरिरत करन की व ततः हर यिकत अदर स गिरमा और आ मस मान की चाह रखता ह आव यकता ह उस अतःपरिरत करन की लोग को खद स परिरत करन क िलए हम उनकी ज रत और इ छाओ को समझना होगा पररणा कायरकषमता और आदत क बीच सीधा सबध ह जो लोग उतना ही काम करत ह िक उनकी नौकरी बची रह तो ऐस लोग िकसी भी स थान क िलए मह वपणर नही हो सकत अतपररणा स सोच म बदलाव लाया जा सकता ह पररणा आग क समान होती ह

कमरचािरय को िजतना परिरत िकया जाएगा उनम उतनी ही सकारा मक आदत का िवकास होगा कमरचािरय को उिचत स मान दकर उनक कायर को अिधक मनोरजक बनाकर परबधन वारा उनकी बात को गौर स सनकर उनकी सम याओ और सझाव पर गौर करक उ ह वय ल य िनधारिरत करन क िलए परो सािहत करक िवकास क नय अवसर उपल ध कराकर आव यकतानसार समय-समय पर समिचत परिशकषण िदलाकर तथा नयी चनौितय स जझन क िलए परो सािहत करक िन सदह उनक आचार और यवहार को सकारा मक िदशा म पाियत िकया जा सकता ह

कमरचािरय को िजतना परिरत िकया जाएगा उनम उतनी ही सकारा मक आदत का िवकास होगा

ई-पितरका म लख आिद म परकट िवचार

मलतः लखक क ह तथा यह आव यक नही ह िक

इरडा भी इन िवचार स सहमत हो

प ठ 24

अकषय कराित

िबिटया

आख म मोती लकर तम िबिटया जाती हो हा जाओ िशकषा का उपहार द रह िवदा समय यह लो ल जाओ इन पराण म परीित त हारी ममता क धन िसदरी इन नयन की बद पली परकट करती ह मजबरी लाचारी ह िफर पराण म क य ह इतनी आकलता

जब इस रीित पर पराओ म वश न िकसी का ह चलता िपतकल को तजकर अब िबिटया पित-कल म जाना होगा

नटखटपन को छोड़ धमर का ही िजसम बाना होगा इस घर की तम बड़ी लाडली पराण स यारी िबिटया

चली लाकर आज सभी को िपता की कर सनी किटया िजन हाथ न लाड़ चाव स अब तक था िजसको पाला उन हाथ न ही िबिटया को दलह राजा जी को द डाला

िजसका दख जरा मन मला हो जाती थी हरानी क यादान उसी का कर क दय बनाया पाषाणी

िकया न जाता था पल भर को इन आख स दर िजस मोती झरत िवदा द रहा आज सकल पिरवार उस अपनी मा क जीवन की तम परित-पल हो आधार रहो

िवजयता िपता क दय मिदर की िबिटया तम साकार रही आज जीवन क सख-दख सार वही िबतान तम लो जान आओगी जब कभी यहा तम होगी महमान समान

सतीश कमार कलावत इरडा

इस घर की तम बड़ी लाडली पराण स यारी िबिटया चली लाकर आज सभी

को िपता की कर सनी किटया

प ठ 25

ससराल की कभी बराई कही न मह पर आ जाव धमर कमर क तर य पथ म पाव नही िडगन पाव

सात परितजञाय जो तमन अिग नदव स मख की धारण द पि त जीवन का मह व ह करना स च मन स पालन

बटी इन सात बचन का यान दय म रह सदा दोन कल की लाज इसी म भला न दना इस कदा पित ही ह सवर तर त हार पित ही को जीवन समझो

जो कछ कह उसी को मान उनको िबिटया तम धन समझो शीलवती तम बन िबिटया पित-भक त मना सदर िनस दह वय उपजग क प-वकष घर क अ दर

पहन सिशकषा की साड़ी को शभ गण भषण अपनाओ दस लकषण शभ लकषण धार िन य नय मगल गाओ यह िशकषा उपहार दय का तम को राह िदखायगा भल भटक कर भी अिधयारा पास न आन पायगा

हम सब की आख स मोती उर स िनकल रही आशीष सभी सख स पणर परफि लत कर त ह दलह राजा की ईश

अकषय कराित

िजन हाथ न लाड़ चाव स अब तक था िजसको पाला उन हाथ न ही िबिटया को दलह राजा जी को द डाला

प ठ 26 अकषय कराित

ldquoपयारवरणrdquo श द पिर+आवरण स बना ह अथारत बा य आवरण को ही पयारवरण कहत ह इस बा य आवरण का ता पयर हमार चार ओर क वातावरण और पिरवश स ह िजस हम दसर श द म परकित भी कह सकत ह प वी पर िव यमान सपणर जीव-जगत क अि त व जीवन-यापन एव चहमखी िवकास म परकित की मह वपणर भिमका ह मानव बिदधजीवी पराणी ह और परकित क मह व स भली-भाित पिरिचत होन क कारण ही सिदय स परकित की पजा करता रहा ह

विदक काल स ही परकित तथा मानव क बीच जीवन ततर का अटट सबध रहा ह हमार पराचीन ऋिष-मिनय न प वी म हवा पानी िमटटी पड़-पौध जीव-ज तओ और मानव क सिकरय सहयोगा मक सतलन को यान म रखकर ही परकित को प य माना धमर क साथ परकित को जोड़कर उ ह न परकित को पयार त मह व िदया व जानत थ िक िजस परकार जीवन क िलए भिम की आव यकता होती ह उसी परकार वन पितया व अ य पराणी भी आव यक ह य सभी परकित क अिभ न अग ह इनम स एक क भी न ट होन का परभाव दसर पर पड़ता ह और पिरणाम व प पराकितक असतलन पदा हो जाता ह व तत प वी म हवा पानी िमटटी पड़-पौध जीव-ज तओ और मानव का सिकरय सहयोगा मक सतलन रहता ह पड़-पौध भिम को उपजाऊ बनात ह िमटटी को बाधकर रखत ह बरसात करवान तथा जल एव वाय को व छ रखन म सहायक होत ह परत आज क बढ़त औ योिगकीकरण और शहरीकरण न परकित और मानव क बीच असतलन उ प न कर िदया ह यह असतलन अिशकषण बढ़ती जनसख या शहर की ओर पलायन वकष की कटाई गगनचबी इमारत बड़-बड़ उ योग की थापना आिद क कारण ह और यही पयारवरण परदषण क मख य कारण ह मटरोपोिलटन एव बड़ शहर म अनक काबरिनक और अकाबरिनक गस जस ndash काबरन-मोनोऑक साइड अमोिनया आिद परदषण क मख य ोत ह

वतरमान पयारवरण -21वी सदी की चनौती

लख सरीन सल

विदक काल स ही परकित तथा मानव क बीच जीवन ततर का अटट सबध रहा ह

प ठ 27 अकषय कराित मन य न अपनी भितक सख-सिवधाओ की आपित र क िलए परकरित स

िखलवाड़ िकया ह वतरमान मशीनी यग म मन य वारा परकित क अ यिधक दोहन एव िनत नए कारखान की थापना स पयारवरण सकट उ प न हआ ह मानव न परकित क साथ जो अ यायपणर यवहार िकया ह उसी क फल व प परकित का िवरोधी रवया हआ ह िजस भिव य म सह पाना मि कल होगा

अिशकषा क कारण दश की तजी स बढ़ती आबादी क आवास की मलभत आव यकता को परा करन क िलए वकष की कटाई करक ऊची-ऊची इमारत बनाई जा रही ह वकष की अधाधध कटाई स भिम की ऊवररा शिक त का तो ास हो ही रहा ह साथ ही परदषण जसी िवकराल सम या भी ज म ल रही ह

परदषण पयारवरण क ास का परमख कारण ह िवकासशील दश िनत नए उ योग की थापना करक बराजगारी की सम या को तो दर कर रह ह िकत इसस जल वाय विन तथा िविभ न परकार क परदषण बढ़ रह ह कल-कारखान और मोटर स िनकलन वाल धए स वाय परदषण हो रहा ह जल थल व नभ क मागर पर शिक त चािलत वाहन विन परदषण का मख य ोत ह शहरीकरण और औ योिगकीकरण क कारण शदध पयजल की सम या िवकराल प धारण कर रही ह कारखान स िनकलन वाल कड़-कचर क निदय म िमलन स जल परदषण हो रहा ह रासायिनक खाद और कीटनाशी दवाओ स मदा परदषण का खतरा बन गया ह

इस परकार जनसख या विदध शहरीकरण औ योिगकीकरण एव परदषण जसी सम याओ न पयारवरण को बरी तरह परभािवत िकया ह आज सपणर िव व पयारवरण को लकर िचितत ह इस भयावह ि थित स बचन क िलए पर यक यिक त को पयारवरण क परित जाग क करना आज की अिनवायर आव यकता ह

इस िदशा म सवरपरथम िनरकषरता को समा त िकया जाना चािहए साकषर भारत की पिरक पना म जनसख या विदध दर वय िनयितरत हो जाएगी करल रा य इसका परमाण ह जहा साकषरता क साथ-साथ जनसख या िनयतरण भी ह

जल थल व नभ क मागर पर शिक त चािलत वाहन विन परदषण का मख य ोत ह

प ठ 28 अकषय कराित

इसक बाद बात आती ह परदषण िनवारण की आज िव व भर क

वजञािनक और पयारवरणिवद इस िदशा म कायररत ह सवरपरथम वन क काटन पर परितबध लगाया गया ह और वन सपना क िव तार हत वकष लगान क िलए परो सािहत िकया गया इसक िलए सरकार की ओर स वकष आिद िनश क उपल ध कराए जात ह ldquoपयारवरण परदषण स थाrdquo और व छ वाय अिधिनयम जस िविधक उपाय स वाय परदषण पर रोक लगान का परयास िकया जा रहा ह जहरील धआ उगलन वाल कारखान तथा वाहन पर भारी आिथरक दड का परावधान ह िविभ न सचार मा यम mdashदरदशरन समाचार-पतर तथा आकाशवाणी क मा यम स जनता को पयारवरण क परित जाग क करन क परयास िकए जा रह ह निदय म खलन वाल परदषण ोत को बद करन की योजनाए चलाई जा रही ह पािलथीन क परयोग को बद करन क िलए चलाया जा रहा ह अिभयान भी परशसनीय ह

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह इस खतर स सपणर भमडल का अि त व न ट हो जाए इसस पहल हम पयारवरण की सरकषा करन का सक प लना होगा

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह

िस धी होन क प चात भी मझ बगाली रीित िरवाज़ िमठाइया यहा का पहनावा अगरज क ज़मान की बनी सरचनाए एव भवन इ यािद म बहत िदलच पी एव िच थी

प ठ 29 अकषय कराित

यातरा स मरण-कोलकाता-खिशय हषर का शहर(िसटी ऑफ जॉय)

सोिनया सिह वानी पीईसी िलिमटड

म पी ई सी िलिमटड नामक कपनी क िविध ककष म उप िविध परबधक क पद पर कायररत ह सन 2010 जन स इस कपनी म मन परबधन परिशकष क प म अपनी पहली नौकरी की श आत की पी ई सी िलिमटड वािण य मतरालय क अतगरत आन वाली आयात-िनयारत यापार स स बिधत क पिनय म स एक ह इस स दभर म जनवरी 2011 म िविभ न िवभाग क परबधन परिशकषओ को ओिरएटशन हत काडला कोलकाता इ यािद शहर म भजन का कायरकरम िनि चत िकया गया कोलकाता क पास हि दया पोटर होन क कारण कोलकाता शहर चना गया जहा पी ई सी वारा आयात की गयी व तए पोटर गोदाम म रखी जाती ह साथ ही म कोलकाता पोटर िभ न गोदाम इ यािद दखन की यव था की गयी एव सची म समावश िकया गया यह सनकर मरी ख़शी का िठकाना न रहा क य िक मन कोलकाता शहर क बार म सना बहत था पर त कभी दखा न था िस धी होन क प चात भी मझ बगाली रीित िरवाज़ िमठाइया यहा का पहनावा अगरज क ज़मान की बनी सरचनाए एव भवन इ यािद म बहत िदलच पी एव िच थी आिखरकार मझ मौका िमला और जनवरी की कड़ाकदार ठ ड क बीच हम एक रिववार शाम कोलकाता राजधानी स अपनी मिजल की और िनकल पड़ िद ली स कोलकाता क सफ़र क बीच हमारी गाड़ी इलाहाबाद गया िबहार तथा धनबाद जस शहर स होत हए बगाल की ओर पहची हसत-गात खलत-खात हए हम अगली सबह हावड़ा जकशन पहच गए रलगाड़ी स उतर कर टशन स बाहर िनकलत ही मझ िसटी ऑफ जॉय क नाम स मशहर कोलकाता की पहली झलक िदखाई दी ऐसा लगा मानो मझ भारत क दो पहल एकसाथ जीत हए नज़र आए एक तरफ थ टशन स बाहर एव अ दर जात हए स दर कपड़ गहन म लद हए कोलकाता क बगाली िनवासी साथ म बड़ी-बड़ी गािड़य म घमत कोलकाता क नौजवान और ठीक दसरी तरफ मरी नज़र पड़ी हगली नदी पर बन परिसदध हावड़ा िबरज पर िजस दख एक अलग ही दिनया का एहसास हआ

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह

िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी

एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया नतीजा मर समकष था

प ठ 30 अकषय कराित

हावड़ा िबरज पर हर तरफ लोग का जमावड़ा था इतन लोग दख िद ली क चादनी चौक की याद आ गयी ऐसा लगा मानो म 50 साल पीछ िकसी लक एव वाईट दिनया म कदम रख चकी थी िबरज क दोन तरफ सामान बचत हए दकानदार िखलौन मछली रख हए औरत एव छोट-छोट ब च मख य शहर स हावड़ा जान वाल आम आदमी मजदर की तज़ र तार फरी स र ता पार करन वाल यापारी इन सब को दख लगा कोलकाता म मबई जसी भागम भाग भी थी िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया नतीजा मर समकष था जस-जस म कोलकाता शहर क भीतर आन लगी मझ इस शहर क िवकास की झलक िदखाई दी एक तरफ थी ऊची ईमारत सदर िवशाल िव यासागर सत पल बड़-बड़ होटल माल कोलकाता उ च यायालय राईटसर िबि डग मशहर इडन गाडरन टिडयम इ यािद तो दसरी तरफ था िवक टोिरया ममोिरयल अगरज की वा तकला क अनसार िदखती लाल ईटो की इमारत िवक टोिरयल सरचनाए भवन छोटी-छोटी पटिरय पर समान बचत नया बाज़ार (New Market) क दकानदार एव िवक टोिरया ममोिरयल क बाहर चलत सलािनय क िलए रथ वाल घोड़ हमारा होटल जसीबोस सड़क पर ि थत था एव सिवधाओ स भरपर था पर त मन य जाना िक असली कोलकाता का मज़ा गाड़ी म नही अथवा िरक शा ऑटो तथा साल स चलती आ रही सड़क पर टराम म था

हर तरफ मझ पील रग की टिक सया िदखाई दी सब एक समान थी तथा मरसीडीज़ गाड़ी क बगल म चलती 1-2 पय म सफ़र की जान वाली टराम भी साथ िदखाई दी परी िजदगी िद ली म यतीत करन क बाद हर नए शहर का रहन-सहन बोल-चाल रीित-िरवाज़ जानन की जाग कता मझम हमशा रही पहल ही िदन स कोलकाता मझ रास आया जस िक कहत ह lsquoकोलकाता हमार खब भाला लागली छ rsquo कहन का ता पयर य िक मझ कोलकाता बहत अ छा लगा पहल िदन िक शाम को हमन य मािकर ट म खरीददारी करन का मन बनाया म हरान थी िक वहा चीज िकतनी स ती िमल रही थी िद ली क मतािबक एक ितहाई दाम पर चिडया गहन बग जत कत इ यािद िमल

िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया

प ठ 31 अकषय कराित य मािकर ट िद ली क लाजपत एव सरोिजनी नगर समान ह कम

दाम म अ छा समान िमला कोलकाता चमड़ क िलए भी मशहर ह एव परिसदध ी लदसर दकान भी इस बाज़ार म ि थत ह यहा खरीदारी का हमन खब ल फ़ उठाया

अगल िदन हम हि दया पोटर गए एव अनक जहाज़ दख 3-4 घट की दरी पर ि थत यह पोटर अनक एकड़ म फला हआ था पहली बार इतन बड़ जहाज़ को अदर स दख खब आनद आया तीसर िदन हम काली बाड़ी मिदर गए बगाली अ यत पाठ-पजा वाल दगार मा क स च उपासक ह यह सब जानत ह दगार पजा इनका लोकिपरय उ सव ह तथा काली मा एव दगार मा की स च मन स पजा करत ह कोलकाता क िनवासी भिक त भावपणर ह यह सना था अब खद दख भी िलया बगाली र म स पजा करन का य मौका अ यत आनदमयी था इसक अलावा काली बाड़ी क नज़दीक ही ि थत ह गौिरहाट बाज़ार यहा की दकान बगाली सािड़या कपड़ सट कत इ यािद क िलए परिसदध ह आिद धक तशवर नामक मशहर दकान म जाकर मरा भी मन िकया िक म भी खरीददारी क मर सािथय न बहत सािड़या खरीदी एव दाम दखकर म दग रह गई सदर स सदर साड़ी मातर 600700 पय की थी मन बगाल की मशहर लाल एव सफद िपरट की साड़ी भी खरीदी कोलकाता म खरीददारी का अलग की मज़ा ह उसी िदन शाम हम सा ट लक िसटी मॉल गए वह सा ट लक टिडयम क नज़दीक ह यहा िदखाई िदया कोलकाता का परगितशील प नौजवान फटबाल की जसीर पहन माल म घम रह थ एक स एक

मशहर बरड वहा मौजद थ इसक अलावा कोलकाता क िनवासी खब मनोरजन क शौक़ीन ह सगीत नाच गाना इ यादी म िच रखत ह कोलकाता म जगह-जगह सगीत कला अकडमी तथा पढ़न (रीिडग) क क लब ह अगरज क शौक तथा रहन-सहन की झलक आज भी यहा िदखती ह यहा क नौजवान को खल-कद म भी खब िदलच पी ह फटबाल का तो जस यहॉ सबको जनन ह

भारत क परिसदध मोहन बगान फटबाल क लब फटबाल क वहा क नौजवान ही नही परा शहर ही दीवाना ह भारत-पाक मच हो या आई पी एल इडन गाडरन मदान लोग स खचा-खच भरा रहता ह अफ़सोस म वहा अदर जा न सकी

इसक अलावा काली बाड़ी क नज़दीक ही ि थत ह गौिरहाट बाज़ार यहा की दकान बगाली सािडया कपड़ सट कत इ यािद क िलए परिसदध ह

प ठ 32 अकषय कराित

मर सफर क आखरी िदन म मन कोलकाता क लोग म एकता क नजार दख िविभ नता म भी एकता का उदाहरण दखा चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख िजस िदन हम कोलकाता पहच थ उसी िदन वहा शहर बद था और मन एक जट होकर लोग को अपनी बात कहत हए दखा एव सना यहा क लोग अपन शहर क िवकास बहतरी क िलए जाग क ह िज मदारी लत ह तथा सरकार को अपनी बात भली-भाित कहत ह लड़िकय औरत की इ ज़त करत ह एव यहा िक मिहलाओ को मन िनदरलीय पाया जहा एक ओर भारत की राजधानी होन क बावजद िद ली वाल अपनी िजदगी म मगन रहत ह वही दसरी और कोलकाता म अमीरी-गरीबी िभ न जाितय म भी एक जटता ह कपड़ा एव खाना आज भी यहा खब स ता िमलता ह पर त दसरी तरफ सब जानत ह िक बड़-बड़ उ योगपित िव वान लखक िखलाड़ी गायक अिभनता िनदशक यहा स उभर ह सािह य हो या लख बॉलीवड हो या िकरकट बगाल न भारत को अनक नाम एव गौरव िदए ह चाह सौरव दादा हो या रिव दर नाथ टगोर ममता बनजीर रानी मखजीर हो या योित बस भारत म इनकी भिमका का वणरन करन की ज रत नही

मन कछ िदन क कोलकाता क सफर म इस शहर को जानन समझन का परयास िकया हगली नदी क िकनार खड़ होकर समदर को दखा निदय को िनहारा िव यासागर सत िबरज की सदरता िवशालता को सराहा क सी दास की परिसदध िमठाई का ल फ उठाया मन बहत शहर घम पर त यह सफर मर िलए सबस यादगार रहा कोलकाता परगित क मागर पर िनरतर बढ़ रहा ह पर त आज भी वह अपनी जड़ नितक म य को नही भला ह एक आम आदमी आज भी टराम म या फरी स सफर करता ह यहा क िनवासी दो पय स लकर 500 ० का खाना खात ह पराना एव नया कोलकाता एक साथ जीिवत ह िसक क क दो पहल की तरह कोलकाता क यह दो प को एक साथ रहत दख बहत आनद आया

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 33 अकषय कराित

जल परकित का अनपम उपहार ह मानव जाित अपन परादभारवकाल स ही इस उपहार का उपयोग अपन िहत क िलए करती आई ह जल वह पराकितक उपहार ह िजसका कोई िवक प नही ह इसिलए जल को अमतया जीवन भी कहा गया ह जल क िबना जीवन की सभावना भी नही ह पर यकष प स तो जल की मानवीय आव यकता सीिमत ह परत परोकष आव यकताओ पर नजर डाल तो दिनक जीवन की आव यकताए जस अ न फल स जी दध स लकर हमार पहराव आवास तक सब जल स जड़ हजल का जरा भी सतलन िबगड़ जाए तो जीवन यापन क टपरद होन म दर नही परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह जल क सामा य त य जल या पानी एक आम रासायिनक पदाथर ह जो जीवन क सभी जञात प क जीिवत रहन क िलए ज री ह आमतौर पर जल अपनी दरव अव था म उपयोग म लाया जाता ह पर यह ठोस अव था बफर और गस अव था जल वा प या भाप प म भी पाया जाता ह प वी क लगभग तीन चौथाई िह स पर िव व क महासागर का अिधकार ह अनमानत प वी पर जल की कल मातरा लगभग 1400 िमिलयन घन िकलोमीटर ह जो िक प वी पर 3000 मीटर गहरी परत िबछा दन क िलए काफी ह तथािप जल की इस िवशाल मातरा म व छ जल का अनपात बहत कम ह प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह शष जल झील निदय वायम डल नमी मदा और वन पित म मौजद ह जल की जो मातरा उपभोग और अ य परयोग क िलए व ततः उपल ध ह वह निदय झील और भजल म उपल ध मातरा का छोटा-सा िह सा ह इसिलए जल ससाधन िवकास और परब ध की बाबत सकट इसिलए उ प न होता ह कय िक अिधकाश जल उपभोग क िलए उपल ध नही हो पाता

परभावी जल परबधन और दश का िवकास

दीपक आहजा ओएनजीसी िवदश

प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह

प ठ 34 अकषय कराित

और दसर इसका िवषमतापणर थािनक िवतरण इसकी एक अ य िविश टता ह फलतः जल का मह व वीकार िकया गया ह और इसक िकफायती परयोग तथा परब ध पर अिधक बल िदया गया ह प वी पर उपल ध जल जल-चकर क मा यम स चलायमान ह जल लगातार एक चकर म घमता रहता ह िजस जलचकर कहत ह इसम वा पीकरण वषार और बह कर सागर म पहचना शािमल ह हवा जल वा प को थल क ऊपर उसी दर स उड़ा ल जाती ह िजस गित स यह बहकर सागर म पहचाता ह जल चकर का िचतर नीच पर तत िकया गया ह

अिधकाश उपभोकताओ जस िक मन य पशओ अथवा पौध क िलए जल क सचलन की ज रत होती ह जल ससाधन की गितशील और नवीकरणीय परकित और इसक परयोग की बार बार ज रत को ि टगत रखत हए यह ज री ह िक जल ससाधन को उनकी परवाह दर क अनसार मापा जाए इस परकार जल ससाधन क दो पहल ह अिधकाश िवकासा मक ज रत क िलए परवाह क प म मािपत गितशील ससाधन अिधक परासिगक ह आरिकषत भ डार की ि थर अथवा िनयत परकित और साथ ही जल की मातरा तथा जल िनकाय क कषतर की ल बाई व म यपालन नौ सचालन आिद जस कछक िकरयाकलाप क िलए भी परासिगक ह

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 35 अकषय कराित

जल का यय अप यय जल क बार म एक नही कई च कान वाल त य ह िव व म और िवशष प स भारत म जल िकस परकार न ट होता ह इस िवषय म जो त य सामन आए ह उस पर जाग कता स यान दकर जल क अप यय को रोका जा सकता ह अनक त य ऐस ह जो हम आन वाल ख़तर स तो सावधान करत ही ह दसर स पररणा लन क िलए परो सािहत करत ह और पानी क मह व व इसक अनजान ोत की जानकारी भी दत ह प वी पर पदा होन वाली सभी वन पितया स भी हम पानी िमलता ह

आल और अनानास म 80 परितशत और टमाटर म 95 परितशत पानी ह पीन क िलए मानव को परितिदन 3 लीटर और पशओ को 50 लीटर पानी

चािहए भारत म 83 परितशत पानी खती और िसचाई क िलए उपयोग िकया जाता

ह इज़राइल म औसतन मातर 10 सटीमीटर वषार होती ह इस वषार स वह

इतना अनाज पदा कर लता ह िक वह उसका िनयारत कर सकता ह दसरी ओर भारत म औसतन 50 सटीमीटर स भी अिधक वषार होन क बावजद अनाज की कमी बनी रहती ह

िपछल 50 वष म जल क िलए 37 भीषण ह याकाड हए ह भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल

चलती ह पानी ज य रोग स िव व म हर वषर 22 लाख लोग की मौत हो जाती ह यिद बरश करत समय नल खला रह गया ह तो पाच िमनट म करीब 25

स 30 लीटर पानी बरबाद होता ह बाथ टब म नहात समय 300 स 500 लीटर पानी खचर होता ह जबिक

सामा य प स नहान म 100 स 150 लीटर पानी खचर होता ह िव व म परित 10 यिकतय म स 2 यिकतय को पीन का शदध पानी

नही िमल पाता ह परित वषर 6 अरब लीटर बोतल पक पानी मन य वारा पीन क िलए

परयकत िकया जाता ह मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 36 अकषय कराित

िद ली मबई और च नई जस महानगर म पाइप लाइन क वॉ व की खराबी क कारण रोज़ 14 स 44 परितशत पानी बकार बह जाता ह

निदया पानी का सबस बड़ा ोत ह जहा एक ओर निदय म बढ़त परदषण रोकन क िलए िवशषजञ उपाय खोज रह ह वही कल कारखान स बहत हए रसायन उ ह भारी मातरा म दिषत कर रह ह

भारत म जल सकट नासा की एक िरपोटर न पानी को लकर दश भर म बढ़ती जा रही लापरवाही क परित आख खोली ह इस िरपोटर म भारत म सख की ि थित पदा होन क िलए िज मवार कारण म स एक अहम कारण अधाधध जल दोहन को बताया गया ह बतात चल िक दश भर क 604 िजल म स 161 सख की मार झल रह ह वस अब बताया जा रहा ह िक सख की मार स बहाल िजल की सखया बढ़कर 246 हो गई ह यानी कहा जाए तो आधा दश सख की चपट म ह बहरहाल नासा की इस िरपोटर म बताया गया ह िक भारत क कई रा य कषमता स यादा जल दोहन कर रह ह यहा कषमता स ता पयर यह ह िक उनस िजतन सलाना जल दोहन की उ मीद कदर करती ह व उसस कही यादा जल दोहन कर रह ह नासा न यह अ ययन 2002 स 2008 क बीच

की ि थितय क आधार पर िकया ह इस िरपोटर म बताया गया ह िक पजाब हिरयाणा और राज थान हर साल औसतन 177 अरब कयिबक मीटर पानी जमीन क अदर स िनकाल रह ह जबिक कदर की तरफ स लगाए गए अनमान क मतािबक इ ह हर साल 132 अरब कयिबक मीटर पानी ही जमीन क अदर स िनकालना था इस तरह स दखा जाए तो य तीन रा य िमलकर कषमता स 30 फीसदी यादा पानी का दोहन कर रह ह जािहर ह िक िबना कछ सोच-िवचार जब इस पमान पर पराकितक ससाधन का दोहन िकया जाएगा तो परकित भी बदला लगी और वही हो रहा ह इस िरपोटर म यह भी बताया गया ह िक भारत का महज 58 फीसदी भजल ही हर साल िरचाजर हो पाता ह नासा की यह िरपोटर बताती ह िक अधाधध जल दोहन की वजह स पर उ तर पि चम भारत क भजल तर म हर साल 4 सटीमीटर यानी 16 इच की कमी आ रही ह इस अ ययन को अजाम दन म नासा क जल िवजञानी मट रोडल न अहम भिमका िनभाई ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 37 अकषय कराित

उनक हवाल स इस िरपोटर म बताया गया ह िक दश क उ तर पि चम कषतर म 2002 स 2008 क दौरान तकरीबन 109 कयिबक िकलोमीटर पानी की कमी हई ह यह मातरा िकतनी अिधक ह इसका अदाजा इसी स लगाया जा सकता ह िक यह अमिरका क सबस बड़ जलाशय लक मीड की कषमता स दगन स भी कही यादा ह अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह इस िरपोटर क मतािबक अगर अधाधध जल दोहन इसी तरह स जारी रहा तो आन वाल समय म भारत को अनाज और पानी क सकट को झलन क िलए अभी स तयार हो जाना चािहए जािहर ह िक जब जल सकट बढ़गा तो खती पर इसका गहरा परभाव पड़गा अनाज क उ पादन म कमी आएगी इस वजह स अनाज सकट पदा होगा और भख का एक नया चहरा उभरकर सामन आएगा एक बड़ा तबका जो आज भरपट भोजन कर पाता ह उसक िलए पट भर खाना िमलना मि कल हो जाएगा भखमरी की जो सम या पदा होगी उसस िफर िनपटना आसान नही होगा इसक अलावा पीन क पानी का टोटा तो होगा ही अभी ही दश क कई िह स ऐस ह जहा क लोग को पीन क िलए साफ पानी नही िमल पा रहा ह कई कषतर ऐस ह जहा गमीर क िदन म हडपप स पानी आना बद हो जाता ह वहा क लोग को हर साल बोिरग को कछ फट बढ़वाना होता ह यह सम या भजल तर क िगरत जान की वजह स ही पदा हई ह जब पीन क पानी का सकट पदा होगा तो बोतलबद पानी का कारोबार काफी तजी स बढ़गा कहन का मतलब यह िक िजसक पास पसा होगा वह अपनी यास बझा सकगा और िजसक पास पसा नही होगा उस अपनी यास बझान क िलए भी सघषर करना पड़गा ि थित की भयावहता की क पना ही िसहरन पदा करती ह भारत म दिनया का हर छठा आदमी रहता ह यानी कहा जाए तो दिनया क कल आबादी क तकरीबन सतरह फीसदी लोग भारत म रहत ह जबिक दिनया का महज साढ़ चार फीसदी पानी ही भारत म उपल ध ह ऐस म जल सम या स दो-चार होना कोई आनापिकषत बात नही ह एक बात तो तय ह िक पराकितक ससाधन म इजाफा तो नही िकया जा सकता ह लिकन इसका सरकषण अव य िकया जा सकता ह

अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह

प ठ 38 अकषय कराित

भारत म लोग िकसी एक मा यम स पयजल परा त करन पर िनभरर नही ह इस दश म 357 फीसदी लोग हडपप स 367 फीसदी लोग नल स 182 फीसदी लोग तालाब पोखर या झील स 56 फीसदी कओ स 12 फीसदी लोग पारपिरक साधन स और 26 फीसदी लोग अ य मा यम स पीन का पानी परा त करत ह इस िलहाज स अगर दखा जाए तो जल सकट को दर करन क िलए समगर कायरयोजना की ज रत ह

दरअसल भारत म गहरात जल सकट क िलए काफी हद तक पानी की बबारदी भी िज मवार ह यहा जल आपित र की यव था म काफी खािमया ह नल क जिरए घर तक पहचन वाल पानी का एक बड़ा िह सा िरस कर बबारद हो जाता ह हर शहर म फट हए आपित र पाइप आसानी स दख जा सकत ह इस बदहाल यव था क िलए सरकार क साथ-साथ सामा य लोग भी कम िज मदार नही ह एक तरफ तो सरकार पयजल क नाम पर हर साल हजार करोड़ पए का बजट बनाती ह और दसरी तरफ जमीनी तर पर हालात म कोई बदलाव नही िदखता ह सामािजक तौर पर भी जल सरकषण को लकर जाग कता का अभाव िदखता ह यह सामािजक तान-बान का ही असर ह िक लोग कही भी जल की बबारदी को दखकर उस सामा य घटना मानत हए नजरअदाज कर दत ह दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था यह अब घटकर 1800 कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर हो चका ह

दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था

प ठ 39 अकषय कराित

िवशषजञ का अनमान ह िक अगर पानी की खपत और बबारदी इसी तरह स जारी रही तो 2025 तक यह घटकर हजार कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर ही रह जाएगा उस समय तक पानी की उपल धता म आन वाली इस कमी की वजह स किष उ पादन म तीस फीसदी की कमी आन की सभावना ह इन पिरि थितय म दश की आिथरक और सामािजक ि थित का कया होगा इसका अदाजा सहज ही लगाया जा सकता ह भारत म जल सरकषण क परित आज भी आम लोग क मन म उपकषा का भाव बना हआ ह साथ ही इस कायर क िलए आव यक तकनीक की भी कमी ह जो तकनीक उपल ध ह उनस सामा य लोग अनजान ह बािरश क पानी का सगरह करक उस उपयोग म लाना एक अ छा िवक प ह पर इस तरह की कोिशश काफी सीिमत मातरा म काफी छोट तर पर हो रही ह यही वजह ह िक दश म होन वाली बािरश क पानी का अ सी फीसदी िह सा आज भी समदर म पहच जाता ह अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह अगर जल की इस िवशाल मातरा का आधा भी परयोग कर िलया जाए तो ि थित म यापक बदलाव आना तय ह शहरी कषतर म तो पानी की कालाबाजारी जोर पर ह जगह-जगह पर जल मािफया सिकरय हो गए ह िद ली क ही एक अखबार न कछ समय पहल यह बात उजागर िकया था यहा तो समानातर जल बोडर भी चलाया जा रहा ह हरानी की बात तो यह ह िक इसक बावजद भी पानी क काल धध पर अकश नही लगाया जा सका ह अहम सवाल यह ह िक कस सामा य तबक क लोग तक व छ पानी पहचाया जाए शहरी कषतर क साथ-साथ गरामीण कषतर म भी यह एक बड़ी चनौती ह आबादी म अपर यािशत विदध बढ़त शहरीकरण औ योिगकीकरण और किष उ पाद की बढ़ती माग क कारण पानी की माग िपछल कछ साल म वाभािवक प स बढ़ी ह इसक पिरणाम व प भजल ससाधन का अ यिधक दोहन हआ ह और इसका नतीजा हआ िक लगातार भजल का तर घटता जा रहा ह शहरी कषतर म ि थित बहद भयावह ह तदनसार वहा न कवल शीघराितशीघर जल ससाधन क सरकषण की ज रत ह बि क परभावी रणनीित और परबधन क जिरए त काल कदम उठान की ज रत ह

अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह

प ठ 40 अकषय कराित

खासकर इस बात को यान म ऱखकर िक िविभ न परितयोगी कषतर म कभी भी माग बढ़ सकती ह भिव य म उपयोग क िलए छत पर या सतह पर जलगरहण बनाकर वषारजल सरकषण बहद ज री ह यह पानी की बढ़ती ज रत का खयाल रखन िमटटी की नमी तर को बढ़ान शहरी हिरयाली को बढ़ान भजल तर को कितरम प स पनभररण करन और भजल की गणव ता स सधार का काम करता ह भारत म जल परबधन स दश का िवकास भारत म दिनया की 16 परितशत आबादी रहती ह लिकन दिनया क िसफर 4 परितशत जल ससाधन ही भारत क पास ह 3290000 वगर िकलोमीटर क भिम कषतर और एक अरब स यादा की आबादी क साथ भारत क एक बहलवादी िविवधता का िचतर ह िवशाल पराकितक ससाधन क साथ सप न तकनीकी और वजञािनक किमरय का भी यह दिनया म दसरा सबस बड़ा सम चय ह भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह मानव िवकास म 80 क दशक म लगभग 26 परितशत और 90 क दशक क दौरान और 24 परितशत क वारा सधार हआ ह आजादी क बाद छह दशक म भारत न जल ससाधन का अभतपवर िवकास और खा या न म आ मिनभररता शहरी कषतर ऊजार और औ योिगक कषतर और पीन का पानी क बिनयादी ढाच म तजी स िव तार दखा ह िजसका उपयोग भारत की लगभग 85 परितशत शहरी और गरामीण आबादी क वारा िकया जाता ह भारत म रा य सरकार और भारत सरकार क परितबदध और ठोस परयास की वजह स गरामीण और शहरी आबादी को सरिकषत पयजल को उपल ध करवान म काफी सफलता हािसल की ह इस उपलि ध न भजल की कमी जल जमावजल गणव ता िगरावट जल परदषण और बढ़त लवणता तर स बड़ कषतर को परभािवत िकया ह और अभी भी िविभ न रा य म गरामीण और शहरी भारत क मानव िवकास सचकाक (HDI)rsquo म बहत असमानता मौजद ह पानी क िलए कषतरीय माग तजी स बढ़ रह शहरीकरण की गित स बढ़ रही ह (अनमानत 2025 तक दश की आबादी का 50 परितशत स अिधक शहर म रहग) जनसखया विदध बढ़ती आय और औ योिगक िवकासशहरी भारत तजी स िवकास की माग क कदर क प म उभर रहा ह

भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह

प ठ 41 अकषय कराित

नतीजतन परित यिकत पानी की उपल धता िगर रही ह परधानमतरी की अ यकषता म 12वी योजना क िलए हई योजना आयोग की पणर बठक म दसर म क साथ जल परबधन पर िवशष चचार हई बठक क बाद योजना आयोग क उपा यकष म टक िसह अहलवािलया न कहा िक भ-जल कानन स लकर दसर म की यापक समीकषा ज री ह व यनाथन सिमित जहा वतरमान म भ-जल कानन की साथरकता का अ ययन करगी वही भारतीय अतिरकष अनसधान सगठन [इसरो] की मदद स पानी की उपल धता का िव तत अ ययन होगा म टक न कहा िक उसी आधार पर रणनीित तय होगी सरकार यह यान रखगी िक पानी का अिधकतम उपयोग हो सक और सभी को उपल ध हो पानी पर िकसी का एकािधकार न हो सक बतात ह िक द पयोग को रोकन क िलए श क लगान पर भी िवचार िकया जा सकता ह हालािक इसस पहल रा य सरकार स चचार होगी यह तय ह िक एआइबीपी कायरकरम म यापक बदलाव ह ग ी म टक िसह अहलवािलया न कहा िक वतरमान म इस कायरकरम का सही िकरया वयन नही हो रहा ह िलहाजा उसम पिरवतरन ज री ह सभव ह िक हर रा य म जल िनयामक परािधकरण बनान की शतर भी लगाई जाए उ ह न कहा िक जल परबधन की यापक समीकषा कर नई रणनीित तय की जाएगी कल िमलाकर रा टरीय तर पर वतरमान जल ससाधन का अिधक स अिधक करन क िलए माग को परा करन क िलए पयार त ह लिकन भिव य क अ ययन पिरयोजना ह िक जल आपित र की ि थित अगल आध सदी म अिधक किठन हो सकती ह जल सकट स िनपटन को जल सरकषण परबधन अिनवायर परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह बढ़त वि वक तापमान क फल व प अितवि ट अनावि ट अ पवि ट और असामियक वि ट हम परितवषर दख रह ह िजसका परभाव हमार जल ससाधन पर पड़ता िदखाई द रहा ह कओ व बाविडय का िमटता अि त व नदी-नाल का घटता पानी भ-गभर जल का िगरता तर िचता की पिरिध स िनकलकर खतर की घटी बनता जा रहा ह

निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह

प ठ 42 अकषय कराित

िव व भर म सीमट क अधाधध परयोग न धरातल क सहज अवशोषण कषतर को घटाया ह तथा जल बहाव भिम कटाव व बाढ़ म विदध की ह ऐसी ि थित म जल सरकषण का दािय व मातर वजञािनक व सरकार तक सीिमत न रहकर पर यक उपभोकता क कध पर आ जाता ह इसी दािय व क िनवरहन क िलए हमार पास दो िवक प सामन आत ह 1 वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई

उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

2 पािरवािरक तर पर वषार जल को सगरिहत कर उसका उपयोग कर य दोन ही परयास गरामीण कषतर म तो सरलता स अपनाए जा सकत ह परत शहरी कषतर म व ट वाटर मनजमट की बड़ी पिरयोजनाए बनाकर ही पानी को िरसाइिकल िकया जा सकता ह भ-गभर अिधकािधक जल अवशोिषत होकर

जाए इसक िलए मदानी भाग म िनयोिजत ढग स बड़-बड़ पोखर बनाकर तथा पहाड़ी कषतर म नाल -ख ड म िमटटी प थर आरसीसी क बड़-छोट डम लगाकर जल बहाव रोक भ-सरकषण बचाव व जल भडारण और धरातल जल शोषण कषतर बढ़ाया जा सकता ह िव व बक भारत सरकार वारा म य िहमालय जलागम पिरयोजना रा य क भ-सरकषण िवभाग इस कषतर म कारगर उपाय लकर

हमार सामन ह परत जनसहयोग क िबना इन पिरयोजनाओ क आशातीत पिरणाम ल पाना किठन ह वकषारोपण इस सपणर जल चकर को बल दन वाला कारक ह जल क परित चतना जागत न हई तो अव य ही अगल िव व यदध का कारण जल ही होगा

जल भोजन ह और अिगन भोजन का भकषक ह अिगन जल म और जल अिगन म िव यमान ह

- ततरीय उपिनषद 38

वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

प ठ 43 अकषय कराित

म भी गान गा सकता ह शबनम क िखलत फल क म भी गीत सना सकता ह सावन क म त झल क लिकन जब घर-घर म बादल छाय घोर िनराशा क तब म नगम गा रहा ह उ मीद की आशा क

सड़क पर खड़ बचपन की य बात सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह

हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

इस बदलत पिरवश का राग सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

गाधी जी क सपन का जो राम-रा य कहलाता ह उस भारत म सड़क पर छोट चाय पहचाता ह

कहा गई वो अ हड़ म ती कहा गया वो यार का रा ता उन हाथ स बचत झड िजन हाथ को चािहए ब ता

उस सोन की िचिड़या की म बात बतान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

कही बम की गमर हवाए कही ससद म कोहराम ह कही होत घोटाल स परशान आदमी आम ह

कही कल की िकलकारी ह कही सड़क पर बचपन ह कही चलता नही गजारा कही िवदश म काला धन ह

म स चाई गा-गाकर सबको बतलान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

बदलता भारत मनीष लाल इरडा

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

प ठ 44 अकषय कराित

करन वाल काम बहत ह यथर उलझन को छोड़ो म ला-पिड़त तोड़ रह ह तम बस lsquoअपन को जोड़ो

lsquoहम बदलग-यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का lsquoवद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का

वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हम बदलग mdash यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का वद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

प ठ 45 अकषय कराित

िसफर काला और सफ़द य ही वो दो रग थ जो तर पास सि ट बनान क आधार थ

काला वो जो कािलमा िलय ह िजस कहत ह दख िनराशा म य अपयश और वो सबकछ जो नकारा मक ह

मगर सफद ह वो रग िजसस जड़ा ह जीवन आशा सख और कीितर और वो सब कछ जो सकारा मक ह पर इन रग स तझ चन ना िमला त सोचन लगा अगर सि ट बनानी ह

तो िकस िलए- ससगर और परम क िलए और

इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग

ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह

बस- बना डाला तन इ दरधनष

जो बरसात क बाद सरज और प वी क अनपम परम को रग दता ह सतरगी रग स

और उ ही सतरगी इ दरधनषी रग म हम हर पल हर कषण डबत गहरात इतरात रहत ह

और खिशय भर ससार म हर रग को अलग-अलग तरह स महसस करक जीत रहत ह

रग तो रग ह मगर-

ससगर और परम क िलए और इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह बस-

सतरगी िचतर सगीता ीवा तव इरडा

प ठ 46 अकषय कराित

कभी पक क कभी फीक़ तो कछ कभी दाग बनकर उभर आत ह

कछ आख म नील बादल स छाए रहत ह तो कछ गाल पर गलाबी रग बनकर छलक जात ह

याद रहत ह अक सर वो रग- जो खदी पर इस तरह छा जात ह िक खद म घलकर खद क होन

का एहसास दत-दत खद का एक रग बन जात ह

बगनी आसामनी नीला हरा पीला नारगी लाल इ दरधनष क य सात रग ही जोड़त ह हमार िदल को

हमार मन को जोड़न वाल इन रग की सतरगी दिनया म-

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा बनाय

और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क

सतरगी िचतर

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा

बनाय और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क सतरगी िचतर

प ठ 6

अकषय कराित

एक सतलन होना बहत ज री ह कायर म दकषता बढ़ तो शारीिरक और मानिसक वा य भी उसी अनपात म बढ़ आज िवकास और कायर-कौशल की अवधारणा मातर पदाथर एवम पदाथर-िनमारण पर अटक गई ह पदाथर का िवकास अिधकािधक होना चािहए हर िदशा म िवकास और कायर-कौशल बढ़ रहा ह लिकन इसान अ छा बन इस परयास म कमी दखी जा सकती ह आदमी अपन आप म इतना पीिड़त और अशात ह िक उसकी क पना भी नही की जा सकती भावा मक वा य क अभाव म कायर-कौशल की सभावना नही की जा सकती भावा मक वा य का कोई पमाना नही ह िक त यिकत क यवहार स हम उस परख सकत ह भावा मक वा य की चार कसौिटया ह

1) उपशम - मन की शाित 2) मदता या िवनमर यवहार 3) मदता या िन छल यवहार 4) सतोष

यिद कायर-कौशल मन की अशाित पदा कर रहा ह िवनमर यवहार म बाधा डाल रहा ह तो िफर कायर की ऐसी दकषता को अदकषता ही कहा जाएगा कायर-कौशल की पहली पिरभाषा यह होनी चािहए - जो जीवन क िकसी अ य पकष को परभािवत न कर बािधत व पीिड़त न कर वह कायर-कौशल ह इस सदभर म िन न बात को अपनात हए कायर-कौशल बढ़ाया जा सकता ह और उ क टता का ल य हािसल िकया जा सकता ह 1) िकसी भी कायर को योजनापवरक कर - कायर-कौशल क साधन म

मह वपणर ह िक िकसी भी कायर को योजना-पवरक करना कायर-कौशल क िलए लिनन का एक परिसदध सतर याद आ रहा ह - िचतन िनणरय और कायार वयन म ल बा अतराल न हो उनम उिचत सामज य रह िचतन आज िकया िनणरय एक वषर बाद और कायार वयन पाच वषर बाद यह बात नही होनी चािहए स कत सािह य म इस दीघरसतरता कहा गया ह जो काम िजस समय करना चािहए उस समय न करक ल ब अतराल क बाद िकया जाए तो असफलता ही हाथ लगगी

2) कोई कायर हड़बड़ी म न कर - कायर-कौशल का दसरा मखय सतर ह िक हड़बड़ी म कोई काम न कर िचतन और िववकपवरक कर

यिद कायर-कौशल मन की अशाित पदा कर रहा ह िवनमर यवहार म बाधा डाल रहा ह तो िफर कायर की ऐसी दकषता को अदकषता ही कहा जाएगा

प ठ 7

अकषय कराित

3 कायर को एकागरता स कर - कायर-कौशल का एक मह वपणर सतर ह - एकागरता का िवकास एक िवचार एक िवक प एक कायर ल और उसी म त मय बन जाए उसी म परी तरह िचत व मन को लगा द हमार अतकरण की सारी परवि तया उसक िलए समिपरत हो जाए जब तक उस कायर क िलए समपरण नही होता तब तक कायर-कौशल नही बढ़ता एकागरता क िलए साधना और अ यास ज री ह अ यास होता ह तो एकागरता बढ़ जाती ह

4 वतरमान म जीना सीख - भत-भिव य को मार भगाई वतरमान म जीओ भाई वतरमान म जीन का ता पयर वतरमान का अनभव वतरमान का जीवन और वतरमान का वास हम वास लत ह तो कभी अतीत म नही लत न भिव य म लत ह अतीत और भिव य की िचता स हम मानिसक अशाित तो होती ह बि क शारीिरक िवकार भी पदा हो जात ह िजसस हमार कायर-कौशल म कमी आती ह जन सािह य म दो श द आत ह - दर य िकरया और भाव िकरया दर य िकरया का ता पयर ह - मदार िकरया मत िकरया भाव िकरया का ता पयर ह जीिवत िकरया पराणवान िकरया वतरमान म जो िजया जा रहा ह कवल उसी का अनभव करत रह यह कायर-कौशल का मह वपणर सतर ह

अत म सार यह उभर कर आता ह िक हमार ल य पिवतर ह हमारा कायर-कौशल इस परकार िवकिसत ह जो िकसी को अकशल न बनाए पीड़ा न पहचाए दसर क िहत पर कठाराघात न कर हमारा सारा परय न और प षाथर इस िदशा म चल िक हमारा अपना कायर िकसी दसर क कायर म बाधा न पहचाए कायर-कौशल का दय यही ह

कायर-कौशल का एक मह वपणर सतर ह - एकागरता का िवकास एक िवचार एक िवक प एक कायर ल और उसी म त मय बन जाए उसी म परी तरह िचत व मन को लगा द

प ठ 8

अकषय कराित

एक राजा था उसक रा य म सब परकार स सख शाित थी िकसी परकार का कोई वर-िवरोध नही था जनता हर परकार स सखी थी पर त राजा को एक बहत बड़ा दख था िक उसकी कोई सतान न थी उस अपना वश चलान की तथा अपन उ तरािधकारी की िचता खाए जा रही थी मिदर मि जद ग वार म जाकर माथा टका कई तीथर थान की यातरा की पर त कोई लाभ न हआ सतान की कमी उस िदन ब िदन खाए जा रही थी बहत सोच-िवचार क प चात उसन अपन रा य क सभी िव वान पिडत को बलवाया और उनस सतान पराि त का उपाय ढढ़न को कहा सभी िव वान न िवचार िकया राजा की ज म कडली का गहन िव लषण िकया अत म व सभी एक मत स एक िन कषर पर पहच उ ह न राजा स कहा िक यिद कोई बरा मण का ब चा अपनी खशी स दवता को बिल द तो आपको सतान की पराि त हो सकती ह राजा न िव वान की बात सनी उसन सार रा य म घोषणा करवा दी िक यिद कोई बरा मण का ब चा अपनी इ छा स खशी-खशी बिल दगा तो उसक घर वाल को बहत सा धन िदया जाएगा राजा क रा य म एक बहत ही गरीब बरा मण था कई िदन फाक म ही गजर जात थ उसक चार लड़क थ बड़ तीन लड़क तो अपना काम-धधा करत थ और अपन पिरवार को आिथरक सहयोग दत थ पर त जो सबस छोटा लड़का था वह कोई काम नही करता था उसका सारा यान हमशा भगवान भिकत म लगा रहता था उसका सारा िदन स कमर करत हए भगवान का मरण करत ही बीत जाता था उसक िपता न भी घोषणा सनी और सोचा यह लड़का िनठ ला ह और कोई काम-धधा भी नही करता इसको बिल क िलए भज दत ह राजा स धन िमल जाएगा तो घर की हालत कछ सधर जाएगी बरा मण अपन सबस छोट लड़क को लकर राजा क पास पहचा राजा न उस लड़क स पछा कया तम िबना िकसी दबाव क अपनी मजीर स अपनी खशी स बिल दन को तयार हो जी महाराज लड़क न बड़ी िवनमरता स उ तर िदया यिद मरी बिल दन स आपको सतान की पराि त होती ह तो म खशी स अपनी बिल दन को तयार ह दकर िवदा िकया ठहराया गया

उसन सार रा य म घोषणा करवा दी िक यिद कोई बरा मण का ब चा अपनी इ छा स खशी-खशी बिल दगा तो उसक घर वाल को बहत सा धन िदया जाएगा

शकर द त पीईसी िलिमटड

िचतन कर

प ठ 9

अकषय कराित

लड़क को अितिथ गह म ठहराया गया हर परकार स उसका खयाल रखा गया अत म उसकी बिल दन का िदन भी आ गया राजा न लड़क को बलाया और कहा आज त हारी बिल द दी जाएगी अगर त हारी कोई आिखरी इ छा हो तो बताओ हम उस परी करग मझ कछ भी नही चािहए बरा मण पतर न कहा बस म बिल दन स पहल नदी म नान करक पजा करना चाहता ह राजा यह सनकर बहत परस न हआ और बोला ठीक ह हम भी त हार साथ नदी तक चलग उस लड़क न नदी म नान िकया िफर नदी िकनार की रत को इकटठा िकया और उसकी चार ढिरया बना दी उसन चार ढिरओ की ओर दखा िफर एक ढरी को अपन पर स िगरा िदया िफर उसी परकार स दसरी ढरी को भी िगरा िदया िफर तीसरी ढरी को भी िगरा िदया उसक वह चौथी ढरी क पास गया उसक चार ओर तीन बार चककर लगाया हाथ जोड़कर उसको माथा टका उसकी वदना की और राजा क पास बिल क िलए आ गया राजा उसका यह सारा करतब बड़ ही कौतहल स दख रहा था पहल तो राजा न सोचा िक बालक ह रत स खल रहा ह पर त जब राजा न दखा िक उसन चौथी ढरी को हाथ जोड़कर परणाम िकया ह तो राजा को इसका रह य जानन की इ छा हई राजा न बालक स पछा बालक तमन रत की चार ढिरया बनाई िफर उनम स तीन को तोड़ िदया और चौथी को परणाम िकया इसका कया रह य ह पहल तो ब च न कोई उ तर नही िदया पर त राजा क दोबारा पछन पर लड़क न कहा राजन आपन बिल क िलए मझ कहा ह म बिल दन क िलए तयार ह आप अपना काम कीिजए आपको इस बात स कया लना िक मन रत की वो ढिरया कय तोड़ी ह राजा को बालक स ऐस उ तर की आशान थी राजा न उसस कहा बालक हमन त हार िपता को त हारी कीमत दकर त ह खरीदा ह तम हमार खरीद हए गलाम हो इसिलए हमार हर पर न का उ तर दना और हमारी हर बात को मानना त हारा धमर बनता ह ह राजन जब आप िजद कर रह ह तो सिनए लड़क न उ तर िदया जब कोई ब चा पदा होता ह तो सबस पहल उसक माता-िपता उसकी रकषा करत ह अगर वह आग क पास जान लगता ह तो उसको उसस बचात ह उसकी हर परकार स रकषा करन की िज मवारी उनकी होती ह लिकन यहा तो मर िपता न ही धन क लालच म मझ बिल दन क िलए आपक पास बच िदया इसिलए पहली

उसकी वदना की और राजा क पास बिल क िलए आ गया राजा उसका यह सारा करतब बड़ ही कौतहल स दख रहा था

प ठ 10

अकषय कराित

ढरी जो उनक नाम की बनाई थी वह मन ढहा दी लड़क न आग कहा दसरी िज मदारी राजा पर होती ह अपनी परजा की रकषा करन की आपन मझ अपनी सतान पराि त क िलए बिल दन क िलए खरीद िलया तब आपस कया पराथरना करता इसिलए दसरी ढरी जो मन आपक नाम की बनाई थी वह भी तोड़ दी जीव की रकषा करन का तीसरा भार दवी-दवताओ का होता ह बालक न तीसरी ढरी का रह य बतात हए कहा लिकन यहा तो दवता वय ही मरी बिल लन को तयार बठा ह तो इसस कया पराथरना करता इसिलए मन तीसरी ढरी भी तोड़ दी लिकन चौथी ढरी का कया रह य ह राजा न पछा और अत म सहारा होता ह भगवान का ई वर का ब च न रत की ढिरय का रह य खोलत हए कहा मरी बिल दी जानी थी सो मन अत म ई वर स पराथरना की परभ की पजा-अचरना करक उनस रकषा करन की पराथरना की अब वही मरी रकषा करग वही होगा जो ई वर को मजर होगा म बिल दन क िलए तयार ह rsquo इतना कहकर वह बालक राजा क पास जाकर िसर झका कर खड़ा हो गया राजा उस छोट स बालक की इतनी जञान की बात सनकर स न रह गया राजा न सोचा म इस बालक की बिल द दगा बरा मण ह या भी हो जायगी िफर पता नही मझ जो सतान परा त होगी वो कसी होगी परजा का खयाल रखन वाली होगी या नही कही मरा और वश का नाम ही न डबो द यह बालक गणवान ह ई वर का भकत ह सब परकार स मर लायक ह कय न म इस ही गोद ल ल और इस ही अपना पतर बना ल इतना िवचार करत ही उसन उस बालक की बिल दन का कायरकरम र कर िदया और उस बालक को गोद ल िलया कहत ह उस बालक म अ छ गण होन क कारण उसन कई साल तक रा य िकया और हर परकार स परजा की रकषा की उसक रा य म िकसी को िकसी परकार का कोई क ट नही था

इतना कहकर वह बालक राजा क पास जाकर िसर झका कर खड़ा हो गया राजा उस छोट स बालक की इतनी जञान की बात सनकर स न रह गया

परकित िजदगी स ह िजदगी बनी भी परकित स ह चलता रह य िविचतर खल य ही इसका भी अमल िजदगी स ह

प ठ 11

शोिभत ह िज़दगी धरती की धार पर इस हिरत धारा पर ऊजार स भरपर ह हिरत ऊजार स य ससि जत य खब ह

हिरत ऊजार क भ डार का खजाना य खब ह जल वाय और सौर ऊजार ह इनक अ यत ोत

ल अमल म इनको अगर बचाना ह य धरा अनमोल अदभत ह खजान परकित क अगर कर ल मन य इनका सदपयोग

य झोखा जो हवा का ह य जो तरग म जलधारा ह अदभत िकरण जो फलाती जीवन की धारा ह

समझ ल इनका जो इशारा ह कर परयोग इ ही का अपन यतर मतर स छपा ऊजार का अनमोल खजाना ह

परकित िजदगी स ह िजदगी बनी भी परकित स ह चलता रह य िविचतर खल य ही इसका भी अमल िजदगी स ह

रकषा कर इस धरा की स पना इसको नई िजदगी को ह इस परकित स बना मन य महान

िफर क य कर रहा परकित का सवरनाश खद को बचा हर िजदगी को बचा

करक हिरत ऊजार का स मान जीन द जीवन को और भी कर ल सयम म अपना य िवषकत घटता जीवन का चकर य ह इशारा परकित का हर पल सभल जरा ना कर इसको त तग

मक त खल परकित स कर ल इस हिरत ऊजार का परयोग अ छ क बदल अ छा दना सीख परकित का य खल

अलका कमार इरडा

अकषय कराित

किवता

प ठ 12

नही सीखा अब भी अगर परकित म सब जाएगा बदल जी ना पायगा िफर त इस परकित म िमट जाएगा अश तरा इस परकित स हिरत परकित और य हिरत ऊजार ह य इस धरा क जीवन दायक सीख परकित स लना दना

िसखा रह य जीवन का मल मतर परकित का आहार परकित मत द आहार आपराकितक सतलन िबगड़ गया अगर हो जायगी िवनाश िजदगी

अब सभल जरा और कर ल परण करक हिरत ऊजार को ही खचर बना धारा को शोिभत हरदम

िफर रहगा परकित और िजदगी का य खबसरत सग

हिरत परकित और य हिरत ऊजार ह य इस धारा क जीवन दायक सीख परकित स लना दना िसखा रह य जीवन का मल मतर

अकषय कराित

प ठ 13

अकषय कराित

कमरचािरय की आदत उनक यिक त व और िन पादन कषमता का पार पिरक सबध - एक िव लषण

हम िजस िकसी सगठन म काम करत ह उसक परित हमारा ल य होना चािहए सबिधत स थान क िलए अपनी सपणर कषमताओ का इ तमाल कषमताओ का बहतर परयोग तभी हो सकता ह जब हम अपन अदर अ छी आदत का िवकास कर हमार शा तर वद उपिनष और अ य धािमरक गरथ हम अ छी आदत क िवकास क सबध म बीज मतर बतात ह िक हम मनसा वाचा और कमरणा शदध रहना चािहए मनसा वाचा और कमरणा शदधता स ता पयर ह िक हम मन वाणी और कम स अ छ बन रह हमारी नीयत नक हो हम अपन सहकिमरय सािथय और अ य लोग क साथ अ छा बरताव कर और हमार कमर अ छ ह इस बीज मतर पर चलन वाला हमशा अपन अदर अ छी आदत का िवकास होता पायगा

असल म िदककत यही ह िक हम उपदश दन म तो आग रहत ह लिकन खद क अदर नही झाकत या कम ही झाकत ह - lsquoपर उपदश कशल बहतरrsquo सपरिसदध लखक सरदार परन िसह न एक बार कहा था आचरण की स यतामय भाषा सदा मौन रहती ह अथारत आदमी खद चप रहकर खद को ठीक रख तो इसका परभाव खद-ब-खद दसर पर पड़ता ह इसको हम एक छोट स उदाहरण स प ट कर सकत ह िक मान िलया जाए हम ब च स कह धमरपान नही करत लिकन उसक सामन खद ऐसा कर इसस इतर हम अगर यह सब करत ही नही ह तो इसका यादा असर ब च पर पड़गा अ छी आदत घर स श होकर समाज द तर और उसस आग तक हम हमशा हमारा फायदा िदलाती ह

कहा जाता ह िक व थ तन म ही व थ मन िनवास करता ह इसी तरह यह भी कहा जाता ह िक व थ वातावरण ही उ नित का योतक होता ह व थ वातावरण तभी बनगा जब उस माहौल म रहन वाल लोग

हीरा व लभ नराकास

असल म िदककत यही ह िक हम उपदश दन म तो आग रहत ह लिकन खद क अदर नही झाकत या कम ही झाकत ह - lsquoपर उपदश कशल बहतरrsquo

प ठ 14

अकषय कराित एक दसर का स मान करग खद की आदत को सधारग और उस स था की तरककी क िलए अपन तर पर हर वह काररवाई करग जो औ योिगक सगठन और लोग की उ नित म ज री होती ह

औ योिगक सगठन िकसी भी दश की अथर यव था को मजबत आधार परदान करत ह औ योिगक सगठन म परयोग होन वाल सम त ससाधन म मानव ससाधन अथारत उसम काम करन वाल कमरचारी मह वपणर और िनणारयक होत ह इन सगठन का सफल सचालन वहा कायररत कमरचािरय की कशलता और कायरकषमता पर आधािरत होता ह कशलता और कायरकषमता का ोत हमारा आचरण और यवहार होता ह जािहर ह औ योिगक सगठन म मानवीय सबध परी एक ऐसी िकताब ह िजसक िबना कभी कछ नही कराया जा सकता लोग क साथ सतोषजनक प स काम करना परबधन क काम का िसफर एक िह सा नही ह वरन सारा

काम इसी पर िटका ह कय िक सभी उ योग म मशीन माल या दसरी चीज़ क साथ कोई भी काम लोग क मा यम स ही िकया जा सकता ह तीन lsquoएमrsquo अथारत मनी मटीिरयल और मशीन औ योिगक सगठन क िलए मह वपणर ससाधन होत ह लिकन इ ह पिरणाम तक पहचान का कायर कमरचारी (man) ही करत ह जो सगठन दर अदशी रहकर कमरचािरय क जञान उनकी िविश टताओ उनक आचरण को अनकल साच म ढालन क परित सजग रहत ह वही सफलता की ऊचाइय को छत ह अगरजी म एक परानी कहावत ह -- Where the vision is one year Cultivate flowers Where the vision is ten years Cultivate trees Where the vision is eternity Cultivate people अथारत जहा दरअदशी एक साल क िलए हो तो फल लगाइय जहा दरअदशी दस साल क िलए हो तो पड़ लगाइय

औ योिगक सगठन म परयोग होन वाल सम त ससाधन म मानव ससाधन अथारत उसम काम करन वाल कमरचारी मह वपणर और िनणारयक होत ह

प ठ 15

अकषय कराित जहा दरअदशी अनत काल क िलए हो तो लोग का िवकास कीिजए औ योिगक सगठन म 500 आदमी ह 5000 आदमी ह 50000 ह या इसस अिधक अगर कामकाज ठीक स चलाना ह तो बहत ज री ह परबधन उनस िनभाना जानता हो यिकतगत सपकर का मह व

वातानकिलत कमर म बठकर और सचार मा यम या िकसी अ य तरीक स कमरचािरय की िरपोटर लना और आस पास होन वाल घटनाकरम को जानना अलग बात ह और कायर थल पर वय उपि थत रहकर ि थित को समझना और िनदश दना अलग बात महान जनरल रोमल की सफलता का मखय कारण यह था िक व हमशा कायर थल पर वय उपि थत होकर िनदश दत बात की पि ट करत सम याए सलझात और दखत िक काम कसा चल रहा ह रोमल का यह तरीका इतना सफल रहा िक िकसी भी औ योिगक सगठन या कारोबार म इस अपनाया जाए तो आशातीत पिरणाम सामन आ सकत ह लोग क बीच खद उपि थत होकर काम करन का कोई िवक प नही ह लोग अिधकाशतः उनको नापसद करत ह िज ह व ठीक स जानत नही ह पर एक बार जान पहचान हो जान पर हालात बदल जात ह कमरचािरय म अ छी आदत का िवकास करन की पहली शतर ह िक पहल उनक िदल म घर िकया जाए ऐस िकसी भी बरताव स बचा जाए िजसस वह अपन को उपिकषत महसस करन लग अतः सवदनशीलता का यान रखना बहत ज री ह

कमरचािरय क परित सवदनशील यवहार-कौशल और धयरपणर होन क अितिरकत इस बात पर ढ़ रहना ज री ह िक काम ठीक परकार स हो अ छ यवहार क साथ कमरचािरय को यह जताना भी ज री ह िक उनस काम का उ च तर अपिकषत ह और उस पर उनक साथ कोई समझौता नही और अगर इस पर अमल नही करत तो उ ह पता होना चािहए िक आप कड़ी काररवाई करग

सकारा मक नजिरया परबधन का एकमातर काम िनदश दना नही ह वरन उस साथ-साथ लोग का िवकास करना होता ह

महान जनरल रोमल की सफलता का मखय कारण यह था िक व हमशा कायर थल पर वय उपि थत होकर िनदश दत बात की पि ट करत सम याए सलझात और दखत िक काम कसा चल रहा ह

प ठ 16

अकषय कराित एक अिधकारी का मखय काम यही ह िक वह अपन साथ काम करन वाल लोग म अ छी आदत का िवकास कर उनकी सहायता कर यिद यह काम परभावशाली ढग स कर पाता ह तो इसस कवल उसक अपन काम ही बहतर नही ह ग बि क उसक पास परिशिकषत और कशल कमरचािरय का परा दल होगा जो उसक परित परी िन ठा स काम करगा इसक िलए सबस पहल कमरचािरय का नजिरया ठीक करना ज री ह उनम सबस पहल यह भावना लानी होगी िक हमार अदर जो चीज ह वही हम ऊपर की ओर ल जाती ह और वह हमारा नजिरया ह

एक आदमी मल म ग बार बचकर अपनी गज़र-बसर करता था उसक पास लाल नील पील हर-चार रग क ग बार थ जब कभी उसकी िबकरी कम होन लगती तब वह हीिलयम गस स भरा एक ग बारा हवा म छोड़ दता ब च उस उड़ता दखकर वसा ही उड़न वाला ग बारा पान क िलए मचल उठत ब च उसस ग बारा ख़रीदत और इस तरह उसकी िबकरी िफर स बढ़ जाती िदन-भर यही िसलिसला चलता रहता एक िदन वह आदमी बाज़ार म खड़ा ग बार बच रहा था अचानक उस महसस हआ िक पीछ स कोई उसका करता पकड़कर खीच रहा ह उसन पीछ मड़कर दखा तो एक छोट स ब च को खड़ा पाया उस ब च न ग बार वाल स पछा ldquoअगर आप काला ग बारा छोड़ग तो कया वह भी उड़गाrdquo ब च की बात उसक िदल म लगी और उसन यार स जवाब िदया ldquoबट ग बारा अपन रग की वजह स नही उड़ता बि क उसक अदर कया ह इस वजह स ही वह ऊपर जाता ह rdquo ठीक यही बात हमारी िज़दगी म भी लाग होती ह अगर लोग का नजिरया बहतर हो उनम अदर स काम करन की इ छा भरी हो तो व खलकर आपस म िमलकर काम करग इसस नकसान तो कम होगा ही स थान क परित िन ठा बढ़गी और लगन स काम करन का वातावरण तयार होगा िव वास हािसल करना आव यक

कमरचािरय स बहतरीन काम लन क िलए शानदार टीम लीडर होना ज री ह मटठीभर लोग का कोई समह िकला तभी फतह कर सकता ह जब

एक आदमी मल म ग बार बचकर अपनी गज़र-बसर करता था उसक पास लाल नील पील हर-चार रग क ग बार थ

प ठ 17

अकषय कराित जब उनका सनापित उनम वह जोश भर सक िक उ ह कोई भी ऊचाई यादा न लग अतः सबस ज री ह िक स थान म कमरचािरय की

कषमताओ का परा फायदा लन क िलए उनका िव वास जीता जाए इसक िलए उनक साथ परी इ जत स पश आना ज री ह उनकी छोटी-बड़ी खशी को बाटना और उनकी राय को परा स मान दना भी उतना ही ज री ह कई बार परबधन क उ चािधकारी या लीडर अपनी टीम क सद य स िसफर इसिलए राय नही लत कय िक उ ह लगता ह िक एक बार राय लन पर अगर उनकी बात नही मानी गयी तो उ ह बरा लगगा लिकन सबस ज री ह िक टीम म सभी सद य को िव वास म लकर काम िकया जाए यहा टीम लीडर की भिमका मह वपणर होती ह वह खद वकत का पाबद होगा तो उसक मातहत कमरचािरय म वयमव यह गण आदत का प ल लगी टीम लीडर का काम अपनी टीम का उ साह बढ़ात हए दी गयी िज मदािरय को समय स परा करना ह मगर उसम नयी चीज़ को सीखन की ललक होनी चािहए ऐसी ललक जब स थान क कमरचािरय म आदत का प लन लगती ह तो वह स थान जािहर ह नए परितमान थािपत करन लगता ह जापानी कपिनया हर बात म कमरचािरय क िहत का यान रखती ह िजसस व वय ही उ पादकता क परित सचत हो जात ह जानी-मानी टोयोटा कपनी क कमरचािरय म तो काम की ऐसी आदत सी या ललक होती ह िक व तब तक काम करत ह जब तक खद थक कर चर नही हो जात यह उनकी आदत ही बन चकी ह िक यिद व िकसी बात पर नाराज होत ह तब भी कपनी या अपन भागय को भल ही कोस ल पर अपन काम पर असर नही पड़न दत इसका कारण यह ह िक जापानी कपिनया काम का एक अ छा वातावरण बनान और लोग म काम क परित स ची लगन को बढ़ावा दन क िलए कड़ा परयास करती ह वहा लोग को लगातार परिशकषण िमलता रहता ह जो कवल तकनीक और मनजमट ही नही कायर स जड़ी नितकता और अ छी आदत क िवकास पर किदरत होता ह चिरतर का िनमारण उनकी एक आदत सी बन जाती ह अगर हम भी एक अ छी शिखसयत बनना ह तो हम अपनी आदत को गहराई स जाचना होगा

ऐसी ललक जब स थान क कमरचािरय म आदत का प लन लगती ह तो वह स थान जािहर ह नए परितमान थािपत करन लगता ह जापानी कपिनया हर बात म कमरचािरय क िहत का यान रखती ह

प ठ 18

अकषय कराित चतन और अवचतन मन

हमार चतन मन क पास सोचन की शिकत होती ह यह िकसी बात को मान सकता ह और नही भी मान सकता मगर अवचतन मन िसफर वीकार करता ह यह इनपट (input) को लकर कोई भदभाव नही करता अगर हम अपन मन म डर शका नफरत क भाव भर तो यह आ म सझाव इन सभी भाव को सिकरय बनाकर हकीकत म बदल दगा हमारा अवचतन मन एक डाटा बक की तरह ह अवचतन मन एक गाड़ी की तरह ह और चतन मन एक डराइवर की तरह शिकत तो गाड़ी म होती ह मगर उसका कटरोल डराइवर क पास होता ह

हम अवचतन मन को इस तरह ढालन की ज रत ह िक वह हम सही और ठीक रा त पर ल जा सक अवचतन मन एक बगीच की तरह होता ह िजस कोई परवाह नही होती िक आप कस पौध लगात ह यह िनरपकष (neutral) होता ह इसम अ छा बोन पर अ छा िमलता ह अ यथा जगली पौध उग जायग

बि क अ छ बीज बोन क बावजद जगली पौध उगन बद नही होत आव यकता होती ह उ ह उखाड़ फकन का िसलिसला जारी रखन की इसी िसदधात को कमरचािरय क मामल म समझन की ज रत ह हम याद रखना ह िक सही और गलत िवचार मन म एक साथ नही रह सकत आव यकता उनक अवचतन मन को इस तरह ढालन की ह िक उनम अ छी आदत का िवकास हो दरअसल अवचतन योगयता वह होती ह जब हम यान दन और सोचन की यादा ज रत नही होती कय िक यह हमार यवहार म खद ब खद उतरन लगा ह िजस स थान क कमरचारी इस तर पर पहच जात ह उनम अ छी आदत वयमव घर करन लगती ह जब बरी आदत हमार अवचतन योगयता क तर तक पहच जाती ह तो वह कावट उ प न करती ह

पिरवतरन का िवरोध बरी आदत को पहचान लन क बाद भी अकसर दखा गया ह िक

लोग उ ह बदलत नही ह ऐसा आिखर कय होता ह उनक न बदलन का कारण ह िक व िज मदारी को वीकार करन स इनकार करत ह

हम अवचतन मन को इस तरह ढालन की ज रत ह िक वह हम सही और ठीक रा त पर ल जा सक अवचतन मन एक बगीच की तरह होता ह िजस कोई परवाह नही होती िक आप कस पौध लगात ह

प ठ 19

अकषय कराित अपनी उन आदत को बनाय रखन म उ ह जो आनद िमलता ह वह पिरवतरन क ददर स यादा होता ह इसक िन निलिखत कारण हो सकत ह -- 1 पिरवतरन की इ छाशिकत का अभाव 2 पिरवतरन क िलए आव यक अनशासन की कमी 3 िव वास की कमी 4 आव यक जानकारी की कमी परबधन वारा इन िबदओ पर िवचार कर अपन किमरय म आशातीत पिरवतरन लाया जा सकता ह सामा यतः खराब आदत को न बदलन क बहान िदय जात ह और कहा जाता ह -- हम लोग इसी तरह करत ह या िक म नही समझता इसस कोई फकर पड़गा और कछ न िमला तो कह िदया जाता ह म बहत य त ह अ छी आदत का िन पण

आदत म पिरवतरन लाया जा सकता ह आव यकता ह इसक िलए सही पिरवश का िनमारण करन की कमरचािरय को परिशिकषत करन की परिरत करन की और ऐसी ि थितया उ प न करन की िजसस कमरचािरय म अ छी आदत का िन पण हो सक दरअसल सफल लोग का राज यह ह िक व काम करन की उन आदत को डाल लत ह जो असफल लोग करना नही चाहत य वही काम ह िज ह सफल लोग भी करना

नही चाहत लिकन व िफर भी करत ह उदाहरण क िलए असफल लोग अनशासन और महनत करना पसद नही करत सफल लोग भी अनशासन और कड़ी महनत नापसद करत ह लिकन व िफर भी ऐसा करत ह कय िक य लोग उन काम को करन की आदत डाल लत ह िज ह असफल लोग नही कर पात नजिरय और सोच का तरीका एक आदत ह और इस बदला जा सकता ह सही ि ट और सतलन कमरचािरय म काम क सबध म सही ि ट बनाय रखन की परवि त िवकिसत करना ज री ह जब कछ गलत हो रहा होता ह तो उस ठीक करना परबधन का ही काम होता ह समझा यह जाता ह िक परायः हम गलत हो रह काम को लकर इतन िचितत हो जात ह िक जो सही हो रहा ह उस भी अनदखा करन की हमम आदत होती ह

दरअसल सफल लोग का राज यह ह िक व काम करन की उन आदत को डाल लत ह जो असफल लोग करना नही चाहत

प ठ 20

अकषय कराित उदाहरण क िलए अगर िकसी स कोई गलती हो जाती ह तो हम एकदम उस पर िच ला पड़त ह या उसक िव दध काररवाई कर बठतहअ छा यह रहगा िक आप उस अलग ल जाकर अकल म बात कर अगर परशसा करनी हो तो सबक सामन कर

अगर िकसी स सहमित न बन तो उस पर करोध करना ज री नही ह अगर अपन करोध पर काब रखग तो लोग अपनी असहमित को अ यथा नही लग अगर आप अपन िवचार को खला रखग तो दसरी ओर स भी आप ऐस ही यवहार की अपकषा कर सकत ह परायः लोग अपनी सहमित कछ इस तरह जतात ह िक सामन वाला भी अपनी बात पर अड़ जाता ह समझन की बात यह ह िक सभी ि थितय म कवल तकर ही काफी नही होगा िकसी स असहमत होन म भी यवहार कशल होना ज री ह सबस पहल तो दसर को अपना पकष रखन का मौका द उसकी बात सन और जहा तक हो सक उसस अपनी सहमित भी परकट कर और िजन बात पर सहमित न बना सक उस समझाए

हमम स अिधकाश लोग उन किमरय और उनकी गलितय पर अ यिधक यान दत ह िजनक िलए हम काम करत ह पर अपन किमरय पर नज़र डालना भल जात ह अगर वय को उन लोग की नजर स दखा जाए तो आशातीत पिरणाम दखन को िमलत ह

आ म मथन आप कया करना चाहत ह कसा करना चाहत ह - इस सोच को

वतरमान म अपन अदर मथन करन को आ म-सझाव कहत ह एक बार सब म जब इसकी पिरपाटी श हो जाती ह तो यह हमार अदर िवजञापन की तरह काम करता ह अपन बार म अपन िलए अदर ही परचािरत करता ह इसका हमार चतन और अवचतन (Sub-concious) मन दोन पर परभाव पड़ता ह अततः यह हमार नजिरए और यवहार को परभािवत करता ह और धीर-धीर आदत का प लता ह यह दरअसल अपन अवचतन मन को ढ़ालन या परोगराम करन की िविध ह

हमम स अिधकाश लोग उन किमरय और उनकी गलितय पर अ यिधक यान दत ह िजनक िलए हम काम करत ह पर अपन किमरय पर नज़र डालना भल जात ह

प ठ 21

अकषय कराित आ म-सझाव अ छ या बर हो सकत ह जब हम बर आ म-सझाव को बार-बार दोहरात ह तब हमारा अवचतन मन उन पर िव वास करन लगता ह और हम उसी को वा तव म यवहार करन लगत ह सकारा मक आ म-सझाव को बार-बार मथन करन स उसकी हमार िदलोिदमाग म त वीर बन जाती ह और वही असिलयत का प लन लगता ह एक उदाहरण क िलए जब कभी हम सबह 0600 बज टरन पकड़नी हो और हमार पास अलामर घड़ी न हो तो हम मन म कहकर उठत ह िक 0400 बज उठना ह तो कया हम नही उठत अगर उठत ह तो इसक पीछ आ म-सझाव ही काम करता ह आ म-सझाव एक रा ता ह िजसस हम अपन िदमाग को परोगराम करक ढ़ालत ह सकारा मक आदत को िवकिसत करन म आ म-सझाव की परवि त मह वपणर िसदध हो सकती ह हमार नजिरए और आदत को तय करन वाल कारक हमार नज़िरए को मखयतः तीन कारक परभािवत करत ह - वातावरणः घर कल आिफस मीिडया सा कितक प ठभिम धािमरक प ठभिम परपराए और भाषाए सामािजक-राजनितक माहौल - य सब िमलकर एक तहजीब बनात ह चाह घर हो या आिफस या अ यतर - हर जगह हर िकसी की अपनी तहजीब होती ह उदाहरण क िलए हम एक दकान म जात ह तो वहा का स समन बड़ अदब वाला होता ह लिकन वही जब दसरी दकान पर जात ह तो वहा का स समन कभी-कभी बड़ा खा और बदतमीज िमल जाता ह उसी तरह िकसी क घर म यार भरा माहौल िमलता ह तो िकसी क घर म हमशा लड़ाई-झगड़ का इसी तरह जब सरकार और राजनीितक माहौल ईमानदारी का होता ह तो लोग भी ईमानदार मददगार और कानन का पालन करन वाल होत ह बईमान और भर ट माहौल म िजस तरह एक ईमानदार का जीना मि कल होता ह उसी तरह ईमानदारी भर माहौल म बईमान यिकत को मि कल होती ह िन सदह अ छ वातावरण म मामली कमरचारी म वमव अ छी आदत िवकिसत होती ह और उसकी कायर करन की शिकत बढ़ जाती ह जबिक खराब माहौल म अ छा काम करन वाल की भी कषमता िगर जाती ह

सकारा मक आदत को िवकिसत करन म आ म-सझाव की परवि त मह वपणर िसदध हो सकती ह

प ठ 22

अकषय कराित कायर-स कित का बहाव ऊपर स नीच की ओर होता ह नीच स ऊपर की ओर कभी नही यह दखना बहत ज री ह िक हमन अपन िलए और आस-पास क लोग क िलए कसा वातावरण तयार िकया ह खराब वातावरण म अ छ की उ मीद करना बमानी ह अनभवः हम अपन जीवन म अपन काम-काज म हालात स जसा अनभव पात ह वह हमारी आदत का िह सा बन जात ह और उसी क अनसार हमारा यवहार होता ह अगर िकसी क परित हमारा अनभव अ छा होता ह तो हमारा नज़िरया भी अ छा होता ह ज री ह िक कमरचािरय को ऐसा कायर-पिरवश िमल िजसस उनक अवचतन म अ छ अनभव की छाप अिकत हो

परिशकषण भी ज़ री यहा िसफर सदधाितक जञान ही काफी नही होता बि क औपचािरक और अनौपचािरक दोन ही तरह की िशकषा व परिशकषण ज री ह जञान और जानकारी को यिद योजनाबदध तरीक स परयोग िकया जाए तो उसस बौिदधक तर को बढ़ान म आशातीत सफलता िमलती ह काम करन की कला अ छी िशकषा स ही आती ह ज री ह िक परिशकषण म मनोवजञािनक सामािजक आिथरक व अ य पहल को समझन की आदत िवकिसत की जाए अवचतन म यह िबठाना बहत ज री ह िक जीवन की भ यता काम क वारा ही सभव ह स थान म सभी को लगना चािहए िक उनका काम मह वपणर ह यही परबधन कला का सार ह जब कमरचािरय को ऐसा एहसास होन लगता ह तो उनक नज़िरए म बदलाव आन लगता ह उपसहारः काम क परित लोग म अ छी आदत िन िपत करन और उनम उ साह जगान स कायर-िन पादन म िनरतर िनखार आता ह दरअसल हर यिकत म मानिसक और शारीिरक ऊजार उ प न होती ह िजसक िलए काम ही सबस अ छा िनकास ह एक िवचारक क अनसार lsquoआप पछत ह म लगातार काम कय करता ह

यहा िसफर सदधाितक जञान ही काफी नही होता बि क औपचािरक और अनौपचािरक दोन ही तरह की िशकषा व परिशकषण ज री ह

प ठ 23

अकषय कराित इसका वही कारण ह िजस कारण स मगीर अ ड दती जाती ह rsquo काम क िबना इसान घट सा जाता ह उस काम की उतनी ही ज रत होती ह िजतनी हवा की आव यकता ह िक उस सही वातावरण उपल ध करान और सही िदशा म अिभपरिरत करन की व ततः हर यिकत अदर स गिरमा और आ मस मान की चाह रखता ह आव यकता ह उस अतःपरिरत करन की लोग को खद स परिरत करन क िलए हम उनकी ज रत और इ छाओ को समझना होगा पररणा कायरकषमता और आदत क बीच सीधा सबध ह जो लोग उतना ही काम करत ह िक उनकी नौकरी बची रह तो ऐस लोग िकसी भी स थान क िलए मह वपणर नही हो सकत अतपररणा स सोच म बदलाव लाया जा सकता ह पररणा आग क समान होती ह

कमरचािरय को िजतना परिरत िकया जाएगा उनम उतनी ही सकारा मक आदत का िवकास होगा कमरचािरय को उिचत स मान दकर उनक कायर को अिधक मनोरजक बनाकर परबधन वारा उनकी बात को गौर स सनकर उनकी सम याओ और सझाव पर गौर करक उ ह वय ल य िनधारिरत करन क िलए परो सािहत करक िवकास क नय अवसर उपल ध कराकर आव यकतानसार समय-समय पर समिचत परिशकषण िदलाकर तथा नयी चनौितय स जझन क िलए परो सािहत करक िन सदह उनक आचार और यवहार को सकारा मक िदशा म पाियत िकया जा सकता ह

कमरचािरय को िजतना परिरत िकया जाएगा उनम उतनी ही सकारा मक आदत का िवकास होगा

ई-पितरका म लख आिद म परकट िवचार

मलतः लखक क ह तथा यह आव यक नही ह िक

इरडा भी इन िवचार स सहमत हो

प ठ 24

अकषय कराित

िबिटया

आख म मोती लकर तम िबिटया जाती हो हा जाओ िशकषा का उपहार द रह िवदा समय यह लो ल जाओ इन पराण म परीित त हारी ममता क धन िसदरी इन नयन की बद पली परकट करती ह मजबरी लाचारी ह िफर पराण म क य ह इतनी आकलता

जब इस रीित पर पराओ म वश न िकसी का ह चलता िपतकल को तजकर अब िबिटया पित-कल म जाना होगा

नटखटपन को छोड़ धमर का ही िजसम बाना होगा इस घर की तम बड़ी लाडली पराण स यारी िबिटया

चली लाकर आज सभी को िपता की कर सनी किटया िजन हाथ न लाड़ चाव स अब तक था िजसको पाला उन हाथ न ही िबिटया को दलह राजा जी को द डाला

िजसका दख जरा मन मला हो जाती थी हरानी क यादान उसी का कर क दय बनाया पाषाणी

िकया न जाता था पल भर को इन आख स दर िजस मोती झरत िवदा द रहा आज सकल पिरवार उस अपनी मा क जीवन की तम परित-पल हो आधार रहो

िवजयता िपता क दय मिदर की िबिटया तम साकार रही आज जीवन क सख-दख सार वही िबतान तम लो जान आओगी जब कभी यहा तम होगी महमान समान

सतीश कमार कलावत इरडा

इस घर की तम बड़ी लाडली पराण स यारी िबिटया चली लाकर आज सभी

को िपता की कर सनी किटया

प ठ 25

ससराल की कभी बराई कही न मह पर आ जाव धमर कमर क तर य पथ म पाव नही िडगन पाव

सात परितजञाय जो तमन अिग नदव स मख की धारण द पि त जीवन का मह व ह करना स च मन स पालन

बटी इन सात बचन का यान दय म रह सदा दोन कल की लाज इसी म भला न दना इस कदा पित ही ह सवर तर त हार पित ही को जीवन समझो

जो कछ कह उसी को मान उनको िबिटया तम धन समझो शीलवती तम बन िबिटया पित-भक त मना सदर िनस दह वय उपजग क प-वकष घर क अ दर

पहन सिशकषा की साड़ी को शभ गण भषण अपनाओ दस लकषण शभ लकषण धार िन य नय मगल गाओ यह िशकषा उपहार दय का तम को राह िदखायगा भल भटक कर भी अिधयारा पास न आन पायगा

हम सब की आख स मोती उर स िनकल रही आशीष सभी सख स पणर परफि लत कर त ह दलह राजा की ईश

अकषय कराित

िजन हाथ न लाड़ चाव स अब तक था िजसको पाला उन हाथ न ही िबिटया को दलह राजा जी को द डाला

प ठ 26 अकषय कराित

ldquoपयारवरणrdquo श द पिर+आवरण स बना ह अथारत बा य आवरण को ही पयारवरण कहत ह इस बा य आवरण का ता पयर हमार चार ओर क वातावरण और पिरवश स ह िजस हम दसर श द म परकित भी कह सकत ह प वी पर िव यमान सपणर जीव-जगत क अि त व जीवन-यापन एव चहमखी िवकास म परकित की मह वपणर भिमका ह मानव बिदधजीवी पराणी ह और परकित क मह व स भली-भाित पिरिचत होन क कारण ही सिदय स परकित की पजा करता रहा ह

विदक काल स ही परकित तथा मानव क बीच जीवन ततर का अटट सबध रहा ह हमार पराचीन ऋिष-मिनय न प वी म हवा पानी िमटटी पड़-पौध जीव-ज तओ और मानव क सिकरय सहयोगा मक सतलन को यान म रखकर ही परकित को प य माना धमर क साथ परकित को जोड़कर उ ह न परकित को पयार त मह व िदया व जानत थ िक िजस परकार जीवन क िलए भिम की आव यकता होती ह उसी परकार वन पितया व अ य पराणी भी आव यक ह य सभी परकित क अिभ न अग ह इनम स एक क भी न ट होन का परभाव दसर पर पड़ता ह और पिरणाम व प पराकितक असतलन पदा हो जाता ह व तत प वी म हवा पानी िमटटी पड़-पौध जीव-ज तओ और मानव का सिकरय सहयोगा मक सतलन रहता ह पड़-पौध भिम को उपजाऊ बनात ह िमटटी को बाधकर रखत ह बरसात करवान तथा जल एव वाय को व छ रखन म सहायक होत ह परत आज क बढ़त औ योिगकीकरण और शहरीकरण न परकित और मानव क बीच असतलन उ प न कर िदया ह यह असतलन अिशकषण बढ़ती जनसख या शहर की ओर पलायन वकष की कटाई गगनचबी इमारत बड़-बड़ उ योग की थापना आिद क कारण ह और यही पयारवरण परदषण क मख य कारण ह मटरोपोिलटन एव बड़ शहर म अनक काबरिनक और अकाबरिनक गस जस ndash काबरन-मोनोऑक साइड अमोिनया आिद परदषण क मख य ोत ह

वतरमान पयारवरण -21वी सदी की चनौती

लख सरीन सल

विदक काल स ही परकित तथा मानव क बीच जीवन ततर का अटट सबध रहा ह

प ठ 27 अकषय कराित मन य न अपनी भितक सख-सिवधाओ की आपित र क िलए परकरित स

िखलवाड़ िकया ह वतरमान मशीनी यग म मन य वारा परकित क अ यिधक दोहन एव िनत नए कारखान की थापना स पयारवरण सकट उ प न हआ ह मानव न परकित क साथ जो अ यायपणर यवहार िकया ह उसी क फल व प परकित का िवरोधी रवया हआ ह िजस भिव य म सह पाना मि कल होगा

अिशकषा क कारण दश की तजी स बढ़ती आबादी क आवास की मलभत आव यकता को परा करन क िलए वकष की कटाई करक ऊची-ऊची इमारत बनाई जा रही ह वकष की अधाधध कटाई स भिम की ऊवररा शिक त का तो ास हो ही रहा ह साथ ही परदषण जसी िवकराल सम या भी ज म ल रही ह

परदषण पयारवरण क ास का परमख कारण ह िवकासशील दश िनत नए उ योग की थापना करक बराजगारी की सम या को तो दर कर रह ह िकत इसस जल वाय विन तथा िविभ न परकार क परदषण बढ़ रह ह कल-कारखान और मोटर स िनकलन वाल धए स वाय परदषण हो रहा ह जल थल व नभ क मागर पर शिक त चािलत वाहन विन परदषण का मख य ोत ह शहरीकरण और औ योिगकीकरण क कारण शदध पयजल की सम या िवकराल प धारण कर रही ह कारखान स िनकलन वाल कड़-कचर क निदय म िमलन स जल परदषण हो रहा ह रासायिनक खाद और कीटनाशी दवाओ स मदा परदषण का खतरा बन गया ह

इस परकार जनसख या विदध शहरीकरण औ योिगकीकरण एव परदषण जसी सम याओ न पयारवरण को बरी तरह परभािवत िकया ह आज सपणर िव व पयारवरण को लकर िचितत ह इस भयावह ि थित स बचन क िलए पर यक यिक त को पयारवरण क परित जाग क करना आज की अिनवायर आव यकता ह

इस िदशा म सवरपरथम िनरकषरता को समा त िकया जाना चािहए साकषर भारत की पिरक पना म जनसख या विदध दर वय िनयितरत हो जाएगी करल रा य इसका परमाण ह जहा साकषरता क साथ-साथ जनसख या िनयतरण भी ह

जल थल व नभ क मागर पर शिक त चािलत वाहन विन परदषण का मख य ोत ह

प ठ 28 अकषय कराित

इसक बाद बात आती ह परदषण िनवारण की आज िव व भर क

वजञािनक और पयारवरणिवद इस िदशा म कायररत ह सवरपरथम वन क काटन पर परितबध लगाया गया ह और वन सपना क िव तार हत वकष लगान क िलए परो सािहत िकया गया इसक िलए सरकार की ओर स वकष आिद िनश क उपल ध कराए जात ह ldquoपयारवरण परदषण स थाrdquo और व छ वाय अिधिनयम जस िविधक उपाय स वाय परदषण पर रोक लगान का परयास िकया जा रहा ह जहरील धआ उगलन वाल कारखान तथा वाहन पर भारी आिथरक दड का परावधान ह िविभ न सचार मा यम mdashदरदशरन समाचार-पतर तथा आकाशवाणी क मा यम स जनता को पयारवरण क परित जाग क करन क परयास िकए जा रह ह निदय म खलन वाल परदषण ोत को बद करन की योजनाए चलाई जा रही ह पािलथीन क परयोग को बद करन क िलए चलाया जा रहा ह अिभयान भी परशसनीय ह

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह इस खतर स सपणर भमडल का अि त व न ट हो जाए इसस पहल हम पयारवरण की सरकषा करन का सक प लना होगा

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह

िस धी होन क प चात भी मझ बगाली रीित िरवाज़ िमठाइया यहा का पहनावा अगरज क ज़मान की बनी सरचनाए एव भवन इ यािद म बहत िदलच पी एव िच थी

प ठ 29 अकषय कराित

यातरा स मरण-कोलकाता-खिशय हषर का शहर(िसटी ऑफ जॉय)

सोिनया सिह वानी पीईसी िलिमटड

म पी ई सी िलिमटड नामक कपनी क िविध ककष म उप िविध परबधक क पद पर कायररत ह सन 2010 जन स इस कपनी म मन परबधन परिशकष क प म अपनी पहली नौकरी की श आत की पी ई सी िलिमटड वािण य मतरालय क अतगरत आन वाली आयात-िनयारत यापार स स बिधत क पिनय म स एक ह इस स दभर म जनवरी 2011 म िविभ न िवभाग क परबधन परिशकषओ को ओिरएटशन हत काडला कोलकाता इ यािद शहर म भजन का कायरकरम िनि चत िकया गया कोलकाता क पास हि दया पोटर होन क कारण कोलकाता शहर चना गया जहा पी ई सी वारा आयात की गयी व तए पोटर गोदाम म रखी जाती ह साथ ही म कोलकाता पोटर िभ न गोदाम इ यािद दखन की यव था की गयी एव सची म समावश िकया गया यह सनकर मरी ख़शी का िठकाना न रहा क य िक मन कोलकाता शहर क बार म सना बहत था पर त कभी दखा न था िस धी होन क प चात भी मझ बगाली रीित िरवाज़ िमठाइया यहा का पहनावा अगरज क ज़मान की बनी सरचनाए एव भवन इ यािद म बहत िदलच पी एव िच थी आिखरकार मझ मौका िमला और जनवरी की कड़ाकदार ठ ड क बीच हम एक रिववार शाम कोलकाता राजधानी स अपनी मिजल की और िनकल पड़ िद ली स कोलकाता क सफ़र क बीच हमारी गाड़ी इलाहाबाद गया िबहार तथा धनबाद जस शहर स होत हए बगाल की ओर पहची हसत-गात खलत-खात हए हम अगली सबह हावड़ा जकशन पहच गए रलगाड़ी स उतर कर टशन स बाहर िनकलत ही मझ िसटी ऑफ जॉय क नाम स मशहर कोलकाता की पहली झलक िदखाई दी ऐसा लगा मानो मझ भारत क दो पहल एकसाथ जीत हए नज़र आए एक तरफ थ टशन स बाहर एव अ दर जात हए स दर कपड़ गहन म लद हए कोलकाता क बगाली िनवासी साथ म बड़ी-बड़ी गािड़य म घमत कोलकाता क नौजवान और ठीक दसरी तरफ मरी नज़र पड़ी हगली नदी पर बन परिसदध हावड़ा िबरज पर िजस दख एक अलग ही दिनया का एहसास हआ

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह

िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी

एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया नतीजा मर समकष था

प ठ 30 अकषय कराित

हावड़ा िबरज पर हर तरफ लोग का जमावड़ा था इतन लोग दख िद ली क चादनी चौक की याद आ गयी ऐसा लगा मानो म 50 साल पीछ िकसी लक एव वाईट दिनया म कदम रख चकी थी िबरज क दोन तरफ सामान बचत हए दकानदार िखलौन मछली रख हए औरत एव छोट-छोट ब च मख य शहर स हावड़ा जान वाल आम आदमी मजदर की तज़ र तार फरी स र ता पार करन वाल यापारी इन सब को दख लगा कोलकाता म मबई जसी भागम भाग भी थी िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया नतीजा मर समकष था जस-जस म कोलकाता शहर क भीतर आन लगी मझ इस शहर क िवकास की झलक िदखाई दी एक तरफ थी ऊची ईमारत सदर िवशाल िव यासागर सत पल बड़-बड़ होटल माल कोलकाता उ च यायालय राईटसर िबि डग मशहर इडन गाडरन टिडयम इ यािद तो दसरी तरफ था िवक टोिरया ममोिरयल अगरज की वा तकला क अनसार िदखती लाल ईटो की इमारत िवक टोिरयल सरचनाए भवन छोटी-छोटी पटिरय पर समान बचत नया बाज़ार (New Market) क दकानदार एव िवक टोिरया ममोिरयल क बाहर चलत सलािनय क िलए रथ वाल घोड़ हमारा होटल जसीबोस सड़क पर ि थत था एव सिवधाओ स भरपर था पर त मन य जाना िक असली कोलकाता का मज़ा गाड़ी म नही अथवा िरक शा ऑटो तथा साल स चलती आ रही सड़क पर टराम म था

हर तरफ मझ पील रग की टिक सया िदखाई दी सब एक समान थी तथा मरसीडीज़ गाड़ी क बगल म चलती 1-2 पय म सफ़र की जान वाली टराम भी साथ िदखाई दी परी िजदगी िद ली म यतीत करन क बाद हर नए शहर का रहन-सहन बोल-चाल रीित-िरवाज़ जानन की जाग कता मझम हमशा रही पहल ही िदन स कोलकाता मझ रास आया जस िक कहत ह lsquoकोलकाता हमार खब भाला लागली छ rsquo कहन का ता पयर य िक मझ कोलकाता बहत अ छा लगा पहल िदन िक शाम को हमन य मािकर ट म खरीददारी करन का मन बनाया म हरान थी िक वहा चीज िकतनी स ती िमल रही थी िद ली क मतािबक एक ितहाई दाम पर चिडया गहन बग जत कत इ यािद िमल

िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया

प ठ 31 अकषय कराित य मािकर ट िद ली क लाजपत एव सरोिजनी नगर समान ह कम

दाम म अ छा समान िमला कोलकाता चमड़ क िलए भी मशहर ह एव परिसदध ी लदसर दकान भी इस बाज़ार म ि थत ह यहा खरीदारी का हमन खब ल फ़ उठाया

अगल िदन हम हि दया पोटर गए एव अनक जहाज़ दख 3-4 घट की दरी पर ि थत यह पोटर अनक एकड़ म फला हआ था पहली बार इतन बड़ जहाज़ को अदर स दख खब आनद आया तीसर िदन हम काली बाड़ी मिदर गए बगाली अ यत पाठ-पजा वाल दगार मा क स च उपासक ह यह सब जानत ह दगार पजा इनका लोकिपरय उ सव ह तथा काली मा एव दगार मा की स च मन स पजा करत ह कोलकाता क िनवासी भिक त भावपणर ह यह सना था अब खद दख भी िलया बगाली र म स पजा करन का य मौका अ यत आनदमयी था इसक अलावा काली बाड़ी क नज़दीक ही ि थत ह गौिरहाट बाज़ार यहा की दकान बगाली सािड़या कपड़ सट कत इ यािद क िलए परिसदध ह आिद धक तशवर नामक मशहर दकान म जाकर मरा भी मन िकया िक म भी खरीददारी क मर सािथय न बहत सािड़या खरीदी एव दाम दखकर म दग रह गई सदर स सदर साड़ी मातर 600700 पय की थी मन बगाल की मशहर लाल एव सफद िपरट की साड़ी भी खरीदी कोलकाता म खरीददारी का अलग की मज़ा ह उसी िदन शाम हम सा ट लक िसटी मॉल गए वह सा ट लक टिडयम क नज़दीक ह यहा िदखाई िदया कोलकाता का परगितशील प नौजवान फटबाल की जसीर पहन माल म घम रह थ एक स एक

मशहर बरड वहा मौजद थ इसक अलावा कोलकाता क िनवासी खब मनोरजन क शौक़ीन ह सगीत नाच गाना इ यादी म िच रखत ह कोलकाता म जगह-जगह सगीत कला अकडमी तथा पढ़न (रीिडग) क क लब ह अगरज क शौक तथा रहन-सहन की झलक आज भी यहा िदखती ह यहा क नौजवान को खल-कद म भी खब िदलच पी ह फटबाल का तो जस यहॉ सबको जनन ह

भारत क परिसदध मोहन बगान फटबाल क लब फटबाल क वहा क नौजवान ही नही परा शहर ही दीवाना ह भारत-पाक मच हो या आई पी एल इडन गाडरन मदान लोग स खचा-खच भरा रहता ह अफ़सोस म वहा अदर जा न सकी

इसक अलावा काली बाड़ी क नज़दीक ही ि थत ह गौिरहाट बाज़ार यहा की दकान बगाली सािडया कपड़ सट कत इ यािद क िलए परिसदध ह

प ठ 32 अकषय कराित

मर सफर क आखरी िदन म मन कोलकाता क लोग म एकता क नजार दख िविभ नता म भी एकता का उदाहरण दखा चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख िजस िदन हम कोलकाता पहच थ उसी िदन वहा शहर बद था और मन एक जट होकर लोग को अपनी बात कहत हए दखा एव सना यहा क लोग अपन शहर क िवकास बहतरी क िलए जाग क ह िज मदारी लत ह तथा सरकार को अपनी बात भली-भाित कहत ह लड़िकय औरत की इ ज़त करत ह एव यहा िक मिहलाओ को मन िनदरलीय पाया जहा एक ओर भारत की राजधानी होन क बावजद िद ली वाल अपनी िजदगी म मगन रहत ह वही दसरी और कोलकाता म अमीरी-गरीबी िभ न जाितय म भी एक जटता ह कपड़ा एव खाना आज भी यहा खब स ता िमलता ह पर त दसरी तरफ सब जानत ह िक बड़-बड़ उ योगपित िव वान लखक िखलाड़ी गायक अिभनता िनदशक यहा स उभर ह सािह य हो या लख बॉलीवड हो या िकरकट बगाल न भारत को अनक नाम एव गौरव िदए ह चाह सौरव दादा हो या रिव दर नाथ टगोर ममता बनजीर रानी मखजीर हो या योित बस भारत म इनकी भिमका का वणरन करन की ज रत नही

मन कछ िदन क कोलकाता क सफर म इस शहर को जानन समझन का परयास िकया हगली नदी क िकनार खड़ होकर समदर को दखा निदय को िनहारा िव यासागर सत िबरज की सदरता िवशालता को सराहा क सी दास की परिसदध िमठाई का ल फ उठाया मन बहत शहर घम पर त यह सफर मर िलए सबस यादगार रहा कोलकाता परगित क मागर पर िनरतर बढ़ रहा ह पर त आज भी वह अपनी जड़ नितक म य को नही भला ह एक आम आदमी आज भी टराम म या फरी स सफर करता ह यहा क िनवासी दो पय स लकर 500 ० का खाना खात ह पराना एव नया कोलकाता एक साथ जीिवत ह िसक क क दो पहल की तरह कोलकाता क यह दो प को एक साथ रहत दख बहत आनद आया

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 33 अकषय कराित

जल परकित का अनपम उपहार ह मानव जाित अपन परादभारवकाल स ही इस उपहार का उपयोग अपन िहत क िलए करती आई ह जल वह पराकितक उपहार ह िजसका कोई िवक प नही ह इसिलए जल को अमतया जीवन भी कहा गया ह जल क िबना जीवन की सभावना भी नही ह पर यकष प स तो जल की मानवीय आव यकता सीिमत ह परत परोकष आव यकताओ पर नजर डाल तो दिनक जीवन की आव यकताए जस अ न फल स जी दध स लकर हमार पहराव आवास तक सब जल स जड़ हजल का जरा भी सतलन िबगड़ जाए तो जीवन यापन क टपरद होन म दर नही परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह जल क सामा य त य जल या पानी एक आम रासायिनक पदाथर ह जो जीवन क सभी जञात प क जीिवत रहन क िलए ज री ह आमतौर पर जल अपनी दरव अव था म उपयोग म लाया जाता ह पर यह ठोस अव था बफर और गस अव था जल वा प या भाप प म भी पाया जाता ह प वी क लगभग तीन चौथाई िह स पर िव व क महासागर का अिधकार ह अनमानत प वी पर जल की कल मातरा लगभग 1400 िमिलयन घन िकलोमीटर ह जो िक प वी पर 3000 मीटर गहरी परत िबछा दन क िलए काफी ह तथािप जल की इस िवशाल मातरा म व छ जल का अनपात बहत कम ह प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह शष जल झील निदय वायम डल नमी मदा और वन पित म मौजद ह जल की जो मातरा उपभोग और अ य परयोग क िलए व ततः उपल ध ह वह निदय झील और भजल म उपल ध मातरा का छोटा-सा िह सा ह इसिलए जल ससाधन िवकास और परब ध की बाबत सकट इसिलए उ प न होता ह कय िक अिधकाश जल उपभोग क िलए उपल ध नही हो पाता

परभावी जल परबधन और दश का िवकास

दीपक आहजा ओएनजीसी िवदश

प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह

प ठ 34 अकषय कराित

और दसर इसका िवषमतापणर थािनक िवतरण इसकी एक अ य िविश टता ह फलतः जल का मह व वीकार िकया गया ह और इसक िकफायती परयोग तथा परब ध पर अिधक बल िदया गया ह प वी पर उपल ध जल जल-चकर क मा यम स चलायमान ह जल लगातार एक चकर म घमता रहता ह िजस जलचकर कहत ह इसम वा पीकरण वषार और बह कर सागर म पहचना शािमल ह हवा जल वा प को थल क ऊपर उसी दर स उड़ा ल जाती ह िजस गित स यह बहकर सागर म पहचाता ह जल चकर का िचतर नीच पर तत िकया गया ह

अिधकाश उपभोकताओ जस िक मन य पशओ अथवा पौध क िलए जल क सचलन की ज रत होती ह जल ससाधन की गितशील और नवीकरणीय परकित और इसक परयोग की बार बार ज रत को ि टगत रखत हए यह ज री ह िक जल ससाधन को उनकी परवाह दर क अनसार मापा जाए इस परकार जल ससाधन क दो पहल ह अिधकाश िवकासा मक ज रत क िलए परवाह क प म मािपत गितशील ससाधन अिधक परासिगक ह आरिकषत भ डार की ि थर अथवा िनयत परकित और साथ ही जल की मातरा तथा जल िनकाय क कषतर की ल बाई व म यपालन नौ सचालन आिद जस कछक िकरयाकलाप क िलए भी परासिगक ह

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 35 अकषय कराित

जल का यय अप यय जल क बार म एक नही कई च कान वाल त य ह िव व म और िवशष प स भारत म जल िकस परकार न ट होता ह इस िवषय म जो त य सामन आए ह उस पर जाग कता स यान दकर जल क अप यय को रोका जा सकता ह अनक त य ऐस ह जो हम आन वाल ख़तर स तो सावधान करत ही ह दसर स पररणा लन क िलए परो सािहत करत ह और पानी क मह व व इसक अनजान ोत की जानकारी भी दत ह प वी पर पदा होन वाली सभी वन पितया स भी हम पानी िमलता ह

आल और अनानास म 80 परितशत और टमाटर म 95 परितशत पानी ह पीन क िलए मानव को परितिदन 3 लीटर और पशओ को 50 लीटर पानी

चािहए भारत म 83 परितशत पानी खती और िसचाई क िलए उपयोग िकया जाता

ह इज़राइल म औसतन मातर 10 सटीमीटर वषार होती ह इस वषार स वह

इतना अनाज पदा कर लता ह िक वह उसका िनयारत कर सकता ह दसरी ओर भारत म औसतन 50 सटीमीटर स भी अिधक वषार होन क बावजद अनाज की कमी बनी रहती ह

िपछल 50 वष म जल क िलए 37 भीषण ह याकाड हए ह भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल

चलती ह पानी ज य रोग स िव व म हर वषर 22 लाख लोग की मौत हो जाती ह यिद बरश करत समय नल खला रह गया ह तो पाच िमनट म करीब 25

स 30 लीटर पानी बरबाद होता ह बाथ टब म नहात समय 300 स 500 लीटर पानी खचर होता ह जबिक

सामा य प स नहान म 100 स 150 लीटर पानी खचर होता ह िव व म परित 10 यिकतय म स 2 यिकतय को पीन का शदध पानी

नही िमल पाता ह परित वषर 6 अरब लीटर बोतल पक पानी मन य वारा पीन क िलए

परयकत िकया जाता ह मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 36 अकषय कराित

िद ली मबई और च नई जस महानगर म पाइप लाइन क वॉ व की खराबी क कारण रोज़ 14 स 44 परितशत पानी बकार बह जाता ह

निदया पानी का सबस बड़ा ोत ह जहा एक ओर निदय म बढ़त परदषण रोकन क िलए िवशषजञ उपाय खोज रह ह वही कल कारखान स बहत हए रसायन उ ह भारी मातरा म दिषत कर रह ह

भारत म जल सकट नासा की एक िरपोटर न पानी को लकर दश भर म बढ़ती जा रही लापरवाही क परित आख खोली ह इस िरपोटर म भारत म सख की ि थित पदा होन क िलए िज मवार कारण म स एक अहम कारण अधाधध जल दोहन को बताया गया ह बतात चल िक दश भर क 604 िजल म स 161 सख की मार झल रह ह वस अब बताया जा रहा ह िक सख की मार स बहाल िजल की सखया बढ़कर 246 हो गई ह यानी कहा जाए तो आधा दश सख की चपट म ह बहरहाल नासा की इस िरपोटर म बताया गया ह िक भारत क कई रा य कषमता स यादा जल दोहन कर रह ह यहा कषमता स ता पयर यह ह िक उनस िजतन सलाना जल दोहन की उ मीद कदर करती ह व उसस कही यादा जल दोहन कर रह ह नासा न यह अ ययन 2002 स 2008 क बीच

की ि थितय क आधार पर िकया ह इस िरपोटर म बताया गया ह िक पजाब हिरयाणा और राज थान हर साल औसतन 177 अरब कयिबक मीटर पानी जमीन क अदर स िनकाल रह ह जबिक कदर की तरफ स लगाए गए अनमान क मतािबक इ ह हर साल 132 अरब कयिबक मीटर पानी ही जमीन क अदर स िनकालना था इस तरह स दखा जाए तो य तीन रा य िमलकर कषमता स 30 फीसदी यादा पानी का दोहन कर रह ह जािहर ह िक िबना कछ सोच-िवचार जब इस पमान पर पराकितक ससाधन का दोहन िकया जाएगा तो परकित भी बदला लगी और वही हो रहा ह इस िरपोटर म यह भी बताया गया ह िक भारत का महज 58 फीसदी भजल ही हर साल िरचाजर हो पाता ह नासा की यह िरपोटर बताती ह िक अधाधध जल दोहन की वजह स पर उ तर पि चम भारत क भजल तर म हर साल 4 सटीमीटर यानी 16 इच की कमी आ रही ह इस अ ययन को अजाम दन म नासा क जल िवजञानी मट रोडल न अहम भिमका िनभाई ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 37 अकषय कराित

उनक हवाल स इस िरपोटर म बताया गया ह िक दश क उ तर पि चम कषतर म 2002 स 2008 क दौरान तकरीबन 109 कयिबक िकलोमीटर पानी की कमी हई ह यह मातरा िकतनी अिधक ह इसका अदाजा इसी स लगाया जा सकता ह िक यह अमिरका क सबस बड़ जलाशय लक मीड की कषमता स दगन स भी कही यादा ह अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह इस िरपोटर क मतािबक अगर अधाधध जल दोहन इसी तरह स जारी रहा तो आन वाल समय म भारत को अनाज और पानी क सकट को झलन क िलए अभी स तयार हो जाना चािहए जािहर ह िक जब जल सकट बढ़गा तो खती पर इसका गहरा परभाव पड़गा अनाज क उ पादन म कमी आएगी इस वजह स अनाज सकट पदा होगा और भख का एक नया चहरा उभरकर सामन आएगा एक बड़ा तबका जो आज भरपट भोजन कर पाता ह उसक िलए पट भर खाना िमलना मि कल हो जाएगा भखमरी की जो सम या पदा होगी उसस िफर िनपटना आसान नही होगा इसक अलावा पीन क पानी का टोटा तो होगा ही अभी ही दश क कई िह स ऐस ह जहा क लोग को पीन क िलए साफ पानी नही िमल पा रहा ह कई कषतर ऐस ह जहा गमीर क िदन म हडपप स पानी आना बद हो जाता ह वहा क लोग को हर साल बोिरग को कछ फट बढ़वाना होता ह यह सम या भजल तर क िगरत जान की वजह स ही पदा हई ह जब पीन क पानी का सकट पदा होगा तो बोतलबद पानी का कारोबार काफी तजी स बढ़गा कहन का मतलब यह िक िजसक पास पसा होगा वह अपनी यास बझा सकगा और िजसक पास पसा नही होगा उस अपनी यास बझान क िलए भी सघषर करना पड़गा ि थित की भयावहता की क पना ही िसहरन पदा करती ह भारत म दिनया का हर छठा आदमी रहता ह यानी कहा जाए तो दिनया क कल आबादी क तकरीबन सतरह फीसदी लोग भारत म रहत ह जबिक दिनया का महज साढ़ चार फीसदी पानी ही भारत म उपल ध ह ऐस म जल सम या स दो-चार होना कोई आनापिकषत बात नही ह एक बात तो तय ह िक पराकितक ससाधन म इजाफा तो नही िकया जा सकता ह लिकन इसका सरकषण अव य िकया जा सकता ह

अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह

प ठ 38 अकषय कराित

भारत म लोग िकसी एक मा यम स पयजल परा त करन पर िनभरर नही ह इस दश म 357 फीसदी लोग हडपप स 367 फीसदी लोग नल स 182 फीसदी लोग तालाब पोखर या झील स 56 फीसदी कओ स 12 फीसदी लोग पारपिरक साधन स और 26 फीसदी लोग अ य मा यम स पीन का पानी परा त करत ह इस िलहाज स अगर दखा जाए तो जल सकट को दर करन क िलए समगर कायरयोजना की ज रत ह

दरअसल भारत म गहरात जल सकट क िलए काफी हद तक पानी की बबारदी भी िज मवार ह यहा जल आपित र की यव था म काफी खािमया ह नल क जिरए घर तक पहचन वाल पानी का एक बड़ा िह सा िरस कर बबारद हो जाता ह हर शहर म फट हए आपित र पाइप आसानी स दख जा सकत ह इस बदहाल यव था क िलए सरकार क साथ-साथ सामा य लोग भी कम िज मदार नही ह एक तरफ तो सरकार पयजल क नाम पर हर साल हजार करोड़ पए का बजट बनाती ह और दसरी तरफ जमीनी तर पर हालात म कोई बदलाव नही िदखता ह सामािजक तौर पर भी जल सरकषण को लकर जाग कता का अभाव िदखता ह यह सामािजक तान-बान का ही असर ह िक लोग कही भी जल की बबारदी को दखकर उस सामा य घटना मानत हए नजरअदाज कर दत ह दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था यह अब घटकर 1800 कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर हो चका ह

दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था

प ठ 39 अकषय कराित

िवशषजञ का अनमान ह िक अगर पानी की खपत और बबारदी इसी तरह स जारी रही तो 2025 तक यह घटकर हजार कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर ही रह जाएगा उस समय तक पानी की उपल धता म आन वाली इस कमी की वजह स किष उ पादन म तीस फीसदी की कमी आन की सभावना ह इन पिरि थितय म दश की आिथरक और सामािजक ि थित का कया होगा इसका अदाजा सहज ही लगाया जा सकता ह भारत म जल सरकषण क परित आज भी आम लोग क मन म उपकषा का भाव बना हआ ह साथ ही इस कायर क िलए आव यक तकनीक की भी कमी ह जो तकनीक उपल ध ह उनस सामा य लोग अनजान ह बािरश क पानी का सगरह करक उस उपयोग म लाना एक अ छा िवक प ह पर इस तरह की कोिशश काफी सीिमत मातरा म काफी छोट तर पर हो रही ह यही वजह ह िक दश म होन वाली बािरश क पानी का अ सी फीसदी िह सा आज भी समदर म पहच जाता ह अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह अगर जल की इस िवशाल मातरा का आधा भी परयोग कर िलया जाए तो ि थित म यापक बदलाव आना तय ह शहरी कषतर म तो पानी की कालाबाजारी जोर पर ह जगह-जगह पर जल मािफया सिकरय हो गए ह िद ली क ही एक अखबार न कछ समय पहल यह बात उजागर िकया था यहा तो समानातर जल बोडर भी चलाया जा रहा ह हरानी की बात तो यह ह िक इसक बावजद भी पानी क काल धध पर अकश नही लगाया जा सका ह अहम सवाल यह ह िक कस सामा य तबक क लोग तक व छ पानी पहचाया जाए शहरी कषतर क साथ-साथ गरामीण कषतर म भी यह एक बड़ी चनौती ह आबादी म अपर यािशत विदध बढ़त शहरीकरण औ योिगकीकरण और किष उ पाद की बढ़ती माग क कारण पानी की माग िपछल कछ साल म वाभािवक प स बढ़ी ह इसक पिरणाम व प भजल ससाधन का अ यिधक दोहन हआ ह और इसका नतीजा हआ िक लगातार भजल का तर घटता जा रहा ह शहरी कषतर म ि थित बहद भयावह ह तदनसार वहा न कवल शीघराितशीघर जल ससाधन क सरकषण की ज रत ह बि क परभावी रणनीित और परबधन क जिरए त काल कदम उठान की ज रत ह

अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह

प ठ 40 अकषय कराित

खासकर इस बात को यान म ऱखकर िक िविभ न परितयोगी कषतर म कभी भी माग बढ़ सकती ह भिव य म उपयोग क िलए छत पर या सतह पर जलगरहण बनाकर वषारजल सरकषण बहद ज री ह यह पानी की बढ़ती ज रत का खयाल रखन िमटटी की नमी तर को बढ़ान शहरी हिरयाली को बढ़ान भजल तर को कितरम प स पनभररण करन और भजल की गणव ता स सधार का काम करता ह भारत म जल परबधन स दश का िवकास भारत म दिनया की 16 परितशत आबादी रहती ह लिकन दिनया क िसफर 4 परितशत जल ससाधन ही भारत क पास ह 3290000 वगर िकलोमीटर क भिम कषतर और एक अरब स यादा की आबादी क साथ भारत क एक बहलवादी िविवधता का िचतर ह िवशाल पराकितक ससाधन क साथ सप न तकनीकी और वजञािनक किमरय का भी यह दिनया म दसरा सबस बड़ा सम चय ह भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह मानव िवकास म 80 क दशक म लगभग 26 परितशत और 90 क दशक क दौरान और 24 परितशत क वारा सधार हआ ह आजादी क बाद छह दशक म भारत न जल ससाधन का अभतपवर िवकास और खा या न म आ मिनभररता शहरी कषतर ऊजार और औ योिगक कषतर और पीन का पानी क बिनयादी ढाच म तजी स िव तार दखा ह िजसका उपयोग भारत की लगभग 85 परितशत शहरी और गरामीण आबादी क वारा िकया जाता ह भारत म रा य सरकार और भारत सरकार क परितबदध और ठोस परयास की वजह स गरामीण और शहरी आबादी को सरिकषत पयजल को उपल ध करवान म काफी सफलता हािसल की ह इस उपलि ध न भजल की कमी जल जमावजल गणव ता िगरावट जल परदषण और बढ़त लवणता तर स बड़ कषतर को परभािवत िकया ह और अभी भी िविभ न रा य म गरामीण और शहरी भारत क मानव िवकास सचकाक (HDI)rsquo म बहत असमानता मौजद ह पानी क िलए कषतरीय माग तजी स बढ़ रह शहरीकरण की गित स बढ़ रही ह (अनमानत 2025 तक दश की आबादी का 50 परितशत स अिधक शहर म रहग) जनसखया विदध बढ़ती आय और औ योिगक िवकासशहरी भारत तजी स िवकास की माग क कदर क प म उभर रहा ह

भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह

प ठ 41 अकषय कराित

नतीजतन परित यिकत पानी की उपल धता िगर रही ह परधानमतरी की अ यकषता म 12वी योजना क िलए हई योजना आयोग की पणर बठक म दसर म क साथ जल परबधन पर िवशष चचार हई बठक क बाद योजना आयोग क उपा यकष म टक िसह अहलवािलया न कहा िक भ-जल कानन स लकर दसर म की यापक समीकषा ज री ह व यनाथन सिमित जहा वतरमान म भ-जल कानन की साथरकता का अ ययन करगी वही भारतीय अतिरकष अनसधान सगठन [इसरो] की मदद स पानी की उपल धता का िव तत अ ययन होगा म टक न कहा िक उसी आधार पर रणनीित तय होगी सरकार यह यान रखगी िक पानी का अिधकतम उपयोग हो सक और सभी को उपल ध हो पानी पर िकसी का एकािधकार न हो सक बतात ह िक द पयोग को रोकन क िलए श क लगान पर भी िवचार िकया जा सकता ह हालािक इसस पहल रा य सरकार स चचार होगी यह तय ह िक एआइबीपी कायरकरम म यापक बदलाव ह ग ी म टक िसह अहलवािलया न कहा िक वतरमान म इस कायरकरम का सही िकरया वयन नही हो रहा ह िलहाजा उसम पिरवतरन ज री ह सभव ह िक हर रा य म जल िनयामक परािधकरण बनान की शतर भी लगाई जाए उ ह न कहा िक जल परबधन की यापक समीकषा कर नई रणनीित तय की जाएगी कल िमलाकर रा टरीय तर पर वतरमान जल ससाधन का अिधक स अिधक करन क िलए माग को परा करन क िलए पयार त ह लिकन भिव य क अ ययन पिरयोजना ह िक जल आपित र की ि थित अगल आध सदी म अिधक किठन हो सकती ह जल सकट स िनपटन को जल सरकषण परबधन अिनवायर परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह बढ़त वि वक तापमान क फल व प अितवि ट अनावि ट अ पवि ट और असामियक वि ट हम परितवषर दख रह ह िजसका परभाव हमार जल ससाधन पर पड़ता िदखाई द रहा ह कओ व बाविडय का िमटता अि त व नदी-नाल का घटता पानी भ-गभर जल का िगरता तर िचता की पिरिध स िनकलकर खतर की घटी बनता जा रहा ह

निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह

प ठ 42 अकषय कराित

िव व भर म सीमट क अधाधध परयोग न धरातल क सहज अवशोषण कषतर को घटाया ह तथा जल बहाव भिम कटाव व बाढ़ म विदध की ह ऐसी ि थित म जल सरकषण का दािय व मातर वजञािनक व सरकार तक सीिमत न रहकर पर यक उपभोकता क कध पर आ जाता ह इसी दािय व क िनवरहन क िलए हमार पास दो िवक प सामन आत ह 1 वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई

उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

2 पािरवािरक तर पर वषार जल को सगरिहत कर उसका उपयोग कर य दोन ही परयास गरामीण कषतर म तो सरलता स अपनाए जा सकत ह परत शहरी कषतर म व ट वाटर मनजमट की बड़ी पिरयोजनाए बनाकर ही पानी को िरसाइिकल िकया जा सकता ह भ-गभर अिधकािधक जल अवशोिषत होकर

जाए इसक िलए मदानी भाग म िनयोिजत ढग स बड़-बड़ पोखर बनाकर तथा पहाड़ी कषतर म नाल -ख ड म िमटटी प थर आरसीसी क बड़-छोट डम लगाकर जल बहाव रोक भ-सरकषण बचाव व जल भडारण और धरातल जल शोषण कषतर बढ़ाया जा सकता ह िव व बक भारत सरकार वारा म य िहमालय जलागम पिरयोजना रा य क भ-सरकषण िवभाग इस कषतर म कारगर उपाय लकर

हमार सामन ह परत जनसहयोग क िबना इन पिरयोजनाओ क आशातीत पिरणाम ल पाना किठन ह वकषारोपण इस सपणर जल चकर को बल दन वाला कारक ह जल क परित चतना जागत न हई तो अव य ही अगल िव व यदध का कारण जल ही होगा

जल भोजन ह और अिगन भोजन का भकषक ह अिगन जल म और जल अिगन म िव यमान ह

- ततरीय उपिनषद 38

वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

प ठ 43 अकषय कराित

म भी गान गा सकता ह शबनम क िखलत फल क म भी गीत सना सकता ह सावन क म त झल क लिकन जब घर-घर म बादल छाय घोर िनराशा क तब म नगम गा रहा ह उ मीद की आशा क

सड़क पर खड़ बचपन की य बात सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह

हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

इस बदलत पिरवश का राग सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

गाधी जी क सपन का जो राम-रा य कहलाता ह उस भारत म सड़क पर छोट चाय पहचाता ह

कहा गई वो अ हड़ म ती कहा गया वो यार का रा ता उन हाथ स बचत झड िजन हाथ को चािहए ब ता

उस सोन की िचिड़या की म बात बतान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

कही बम की गमर हवाए कही ससद म कोहराम ह कही होत घोटाल स परशान आदमी आम ह

कही कल की िकलकारी ह कही सड़क पर बचपन ह कही चलता नही गजारा कही िवदश म काला धन ह

म स चाई गा-गाकर सबको बतलान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

बदलता भारत मनीष लाल इरडा

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

प ठ 44 अकषय कराित

करन वाल काम बहत ह यथर उलझन को छोड़ो म ला-पिड़त तोड़ रह ह तम बस lsquoअपन को जोड़ो

lsquoहम बदलग-यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का lsquoवद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का

वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हम बदलग mdash यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का वद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

प ठ 45 अकषय कराित

िसफर काला और सफ़द य ही वो दो रग थ जो तर पास सि ट बनान क आधार थ

काला वो जो कािलमा िलय ह िजस कहत ह दख िनराशा म य अपयश और वो सबकछ जो नकारा मक ह

मगर सफद ह वो रग िजसस जड़ा ह जीवन आशा सख और कीितर और वो सब कछ जो सकारा मक ह पर इन रग स तझ चन ना िमला त सोचन लगा अगर सि ट बनानी ह

तो िकस िलए- ससगर और परम क िलए और

इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग

ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह

बस- बना डाला तन इ दरधनष

जो बरसात क बाद सरज और प वी क अनपम परम को रग दता ह सतरगी रग स

और उ ही सतरगी इ दरधनषी रग म हम हर पल हर कषण डबत गहरात इतरात रहत ह

और खिशय भर ससार म हर रग को अलग-अलग तरह स महसस करक जीत रहत ह

रग तो रग ह मगर-

ससगर और परम क िलए और इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह बस-

सतरगी िचतर सगीता ीवा तव इरडा

प ठ 46 अकषय कराित

कभी पक क कभी फीक़ तो कछ कभी दाग बनकर उभर आत ह

कछ आख म नील बादल स छाए रहत ह तो कछ गाल पर गलाबी रग बनकर छलक जात ह

याद रहत ह अक सर वो रग- जो खदी पर इस तरह छा जात ह िक खद म घलकर खद क होन

का एहसास दत-दत खद का एक रग बन जात ह

बगनी आसामनी नीला हरा पीला नारगी लाल इ दरधनष क य सात रग ही जोड़त ह हमार िदल को

हमार मन को जोड़न वाल इन रग की सतरगी दिनया म-

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा बनाय

और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क

सतरगी िचतर

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा

बनाय और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क सतरगी िचतर

प ठ 7

अकषय कराित

3 कायर को एकागरता स कर - कायर-कौशल का एक मह वपणर सतर ह - एकागरता का िवकास एक िवचार एक िवक प एक कायर ल और उसी म त मय बन जाए उसी म परी तरह िचत व मन को लगा द हमार अतकरण की सारी परवि तया उसक िलए समिपरत हो जाए जब तक उस कायर क िलए समपरण नही होता तब तक कायर-कौशल नही बढ़ता एकागरता क िलए साधना और अ यास ज री ह अ यास होता ह तो एकागरता बढ़ जाती ह

4 वतरमान म जीना सीख - भत-भिव य को मार भगाई वतरमान म जीओ भाई वतरमान म जीन का ता पयर वतरमान का अनभव वतरमान का जीवन और वतरमान का वास हम वास लत ह तो कभी अतीत म नही लत न भिव य म लत ह अतीत और भिव य की िचता स हम मानिसक अशाित तो होती ह बि क शारीिरक िवकार भी पदा हो जात ह िजसस हमार कायर-कौशल म कमी आती ह जन सािह य म दो श द आत ह - दर य िकरया और भाव िकरया दर य िकरया का ता पयर ह - मदार िकरया मत िकरया भाव िकरया का ता पयर ह जीिवत िकरया पराणवान िकरया वतरमान म जो िजया जा रहा ह कवल उसी का अनभव करत रह यह कायर-कौशल का मह वपणर सतर ह

अत म सार यह उभर कर आता ह िक हमार ल य पिवतर ह हमारा कायर-कौशल इस परकार िवकिसत ह जो िकसी को अकशल न बनाए पीड़ा न पहचाए दसर क िहत पर कठाराघात न कर हमारा सारा परय न और प षाथर इस िदशा म चल िक हमारा अपना कायर िकसी दसर क कायर म बाधा न पहचाए कायर-कौशल का दय यही ह

कायर-कौशल का एक मह वपणर सतर ह - एकागरता का िवकास एक िवचार एक िवक प एक कायर ल और उसी म त मय बन जाए उसी म परी तरह िचत व मन को लगा द

प ठ 8

अकषय कराित

एक राजा था उसक रा य म सब परकार स सख शाित थी िकसी परकार का कोई वर-िवरोध नही था जनता हर परकार स सखी थी पर त राजा को एक बहत बड़ा दख था िक उसकी कोई सतान न थी उस अपना वश चलान की तथा अपन उ तरािधकारी की िचता खाए जा रही थी मिदर मि जद ग वार म जाकर माथा टका कई तीथर थान की यातरा की पर त कोई लाभ न हआ सतान की कमी उस िदन ब िदन खाए जा रही थी बहत सोच-िवचार क प चात उसन अपन रा य क सभी िव वान पिडत को बलवाया और उनस सतान पराि त का उपाय ढढ़न को कहा सभी िव वान न िवचार िकया राजा की ज म कडली का गहन िव लषण िकया अत म व सभी एक मत स एक िन कषर पर पहच उ ह न राजा स कहा िक यिद कोई बरा मण का ब चा अपनी खशी स दवता को बिल द तो आपको सतान की पराि त हो सकती ह राजा न िव वान की बात सनी उसन सार रा य म घोषणा करवा दी िक यिद कोई बरा मण का ब चा अपनी इ छा स खशी-खशी बिल दगा तो उसक घर वाल को बहत सा धन िदया जाएगा राजा क रा य म एक बहत ही गरीब बरा मण था कई िदन फाक म ही गजर जात थ उसक चार लड़क थ बड़ तीन लड़क तो अपना काम-धधा करत थ और अपन पिरवार को आिथरक सहयोग दत थ पर त जो सबस छोटा लड़का था वह कोई काम नही करता था उसका सारा यान हमशा भगवान भिकत म लगा रहता था उसका सारा िदन स कमर करत हए भगवान का मरण करत ही बीत जाता था उसक िपता न भी घोषणा सनी और सोचा यह लड़का िनठ ला ह और कोई काम-धधा भी नही करता इसको बिल क िलए भज दत ह राजा स धन िमल जाएगा तो घर की हालत कछ सधर जाएगी बरा मण अपन सबस छोट लड़क को लकर राजा क पास पहचा राजा न उस लड़क स पछा कया तम िबना िकसी दबाव क अपनी मजीर स अपनी खशी स बिल दन को तयार हो जी महाराज लड़क न बड़ी िवनमरता स उ तर िदया यिद मरी बिल दन स आपको सतान की पराि त होती ह तो म खशी स अपनी बिल दन को तयार ह दकर िवदा िकया ठहराया गया

उसन सार रा य म घोषणा करवा दी िक यिद कोई बरा मण का ब चा अपनी इ छा स खशी-खशी बिल दगा तो उसक घर वाल को बहत सा धन िदया जाएगा

शकर द त पीईसी िलिमटड

िचतन कर

प ठ 9

अकषय कराित

लड़क को अितिथ गह म ठहराया गया हर परकार स उसका खयाल रखा गया अत म उसकी बिल दन का िदन भी आ गया राजा न लड़क को बलाया और कहा आज त हारी बिल द दी जाएगी अगर त हारी कोई आिखरी इ छा हो तो बताओ हम उस परी करग मझ कछ भी नही चािहए बरा मण पतर न कहा बस म बिल दन स पहल नदी म नान करक पजा करना चाहता ह राजा यह सनकर बहत परस न हआ और बोला ठीक ह हम भी त हार साथ नदी तक चलग उस लड़क न नदी म नान िकया िफर नदी िकनार की रत को इकटठा िकया और उसकी चार ढिरया बना दी उसन चार ढिरओ की ओर दखा िफर एक ढरी को अपन पर स िगरा िदया िफर उसी परकार स दसरी ढरी को भी िगरा िदया िफर तीसरी ढरी को भी िगरा िदया उसक वह चौथी ढरी क पास गया उसक चार ओर तीन बार चककर लगाया हाथ जोड़कर उसको माथा टका उसकी वदना की और राजा क पास बिल क िलए आ गया राजा उसका यह सारा करतब बड़ ही कौतहल स दख रहा था पहल तो राजा न सोचा िक बालक ह रत स खल रहा ह पर त जब राजा न दखा िक उसन चौथी ढरी को हाथ जोड़कर परणाम िकया ह तो राजा को इसका रह य जानन की इ छा हई राजा न बालक स पछा बालक तमन रत की चार ढिरया बनाई िफर उनम स तीन को तोड़ िदया और चौथी को परणाम िकया इसका कया रह य ह पहल तो ब च न कोई उ तर नही िदया पर त राजा क दोबारा पछन पर लड़क न कहा राजन आपन बिल क िलए मझ कहा ह म बिल दन क िलए तयार ह आप अपना काम कीिजए आपको इस बात स कया लना िक मन रत की वो ढिरया कय तोड़ी ह राजा को बालक स ऐस उ तर की आशान थी राजा न उसस कहा बालक हमन त हार िपता को त हारी कीमत दकर त ह खरीदा ह तम हमार खरीद हए गलाम हो इसिलए हमार हर पर न का उ तर दना और हमारी हर बात को मानना त हारा धमर बनता ह ह राजन जब आप िजद कर रह ह तो सिनए लड़क न उ तर िदया जब कोई ब चा पदा होता ह तो सबस पहल उसक माता-िपता उसकी रकषा करत ह अगर वह आग क पास जान लगता ह तो उसको उसस बचात ह उसकी हर परकार स रकषा करन की िज मवारी उनकी होती ह लिकन यहा तो मर िपता न ही धन क लालच म मझ बिल दन क िलए आपक पास बच िदया इसिलए पहली

उसकी वदना की और राजा क पास बिल क िलए आ गया राजा उसका यह सारा करतब बड़ ही कौतहल स दख रहा था

प ठ 10

अकषय कराित

ढरी जो उनक नाम की बनाई थी वह मन ढहा दी लड़क न आग कहा दसरी िज मदारी राजा पर होती ह अपनी परजा की रकषा करन की आपन मझ अपनी सतान पराि त क िलए बिल दन क िलए खरीद िलया तब आपस कया पराथरना करता इसिलए दसरी ढरी जो मन आपक नाम की बनाई थी वह भी तोड़ दी जीव की रकषा करन का तीसरा भार दवी-दवताओ का होता ह बालक न तीसरी ढरी का रह य बतात हए कहा लिकन यहा तो दवता वय ही मरी बिल लन को तयार बठा ह तो इसस कया पराथरना करता इसिलए मन तीसरी ढरी भी तोड़ दी लिकन चौथी ढरी का कया रह य ह राजा न पछा और अत म सहारा होता ह भगवान का ई वर का ब च न रत की ढिरय का रह य खोलत हए कहा मरी बिल दी जानी थी सो मन अत म ई वर स पराथरना की परभ की पजा-अचरना करक उनस रकषा करन की पराथरना की अब वही मरी रकषा करग वही होगा जो ई वर को मजर होगा म बिल दन क िलए तयार ह rsquo इतना कहकर वह बालक राजा क पास जाकर िसर झका कर खड़ा हो गया राजा उस छोट स बालक की इतनी जञान की बात सनकर स न रह गया राजा न सोचा म इस बालक की बिल द दगा बरा मण ह या भी हो जायगी िफर पता नही मझ जो सतान परा त होगी वो कसी होगी परजा का खयाल रखन वाली होगी या नही कही मरा और वश का नाम ही न डबो द यह बालक गणवान ह ई वर का भकत ह सब परकार स मर लायक ह कय न म इस ही गोद ल ल और इस ही अपना पतर बना ल इतना िवचार करत ही उसन उस बालक की बिल दन का कायरकरम र कर िदया और उस बालक को गोद ल िलया कहत ह उस बालक म अ छ गण होन क कारण उसन कई साल तक रा य िकया और हर परकार स परजा की रकषा की उसक रा य म िकसी को िकसी परकार का कोई क ट नही था

इतना कहकर वह बालक राजा क पास जाकर िसर झका कर खड़ा हो गया राजा उस छोट स बालक की इतनी जञान की बात सनकर स न रह गया

परकित िजदगी स ह िजदगी बनी भी परकित स ह चलता रह य िविचतर खल य ही इसका भी अमल िजदगी स ह

प ठ 11

शोिभत ह िज़दगी धरती की धार पर इस हिरत धारा पर ऊजार स भरपर ह हिरत ऊजार स य ससि जत य खब ह

हिरत ऊजार क भ डार का खजाना य खब ह जल वाय और सौर ऊजार ह इनक अ यत ोत

ल अमल म इनको अगर बचाना ह य धरा अनमोल अदभत ह खजान परकित क अगर कर ल मन य इनका सदपयोग

य झोखा जो हवा का ह य जो तरग म जलधारा ह अदभत िकरण जो फलाती जीवन की धारा ह

समझ ल इनका जो इशारा ह कर परयोग इ ही का अपन यतर मतर स छपा ऊजार का अनमोल खजाना ह

परकित िजदगी स ह िजदगी बनी भी परकित स ह चलता रह य िविचतर खल य ही इसका भी अमल िजदगी स ह

रकषा कर इस धरा की स पना इसको नई िजदगी को ह इस परकित स बना मन य महान

िफर क य कर रहा परकित का सवरनाश खद को बचा हर िजदगी को बचा

करक हिरत ऊजार का स मान जीन द जीवन को और भी कर ल सयम म अपना य िवषकत घटता जीवन का चकर य ह इशारा परकित का हर पल सभल जरा ना कर इसको त तग

मक त खल परकित स कर ल इस हिरत ऊजार का परयोग अ छ क बदल अ छा दना सीख परकित का य खल

अलका कमार इरडा

अकषय कराित

किवता

प ठ 12

नही सीखा अब भी अगर परकित म सब जाएगा बदल जी ना पायगा िफर त इस परकित म िमट जाएगा अश तरा इस परकित स हिरत परकित और य हिरत ऊजार ह य इस धरा क जीवन दायक सीख परकित स लना दना

िसखा रह य जीवन का मल मतर परकित का आहार परकित मत द आहार आपराकितक सतलन िबगड़ गया अगर हो जायगी िवनाश िजदगी

अब सभल जरा और कर ल परण करक हिरत ऊजार को ही खचर बना धारा को शोिभत हरदम

िफर रहगा परकित और िजदगी का य खबसरत सग

हिरत परकित और य हिरत ऊजार ह य इस धारा क जीवन दायक सीख परकित स लना दना िसखा रह य जीवन का मल मतर

अकषय कराित

प ठ 13

अकषय कराित

कमरचािरय की आदत उनक यिक त व और िन पादन कषमता का पार पिरक सबध - एक िव लषण

हम िजस िकसी सगठन म काम करत ह उसक परित हमारा ल य होना चािहए सबिधत स थान क िलए अपनी सपणर कषमताओ का इ तमाल कषमताओ का बहतर परयोग तभी हो सकता ह जब हम अपन अदर अ छी आदत का िवकास कर हमार शा तर वद उपिनष और अ य धािमरक गरथ हम अ छी आदत क िवकास क सबध म बीज मतर बतात ह िक हम मनसा वाचा और कमरणा शदध रहना चािहए मनसा वाचा और कमरणा शदधता स ता पयर ह िक हम मन वाणी और कम स अ छ बन रह हमारी नीयत नक हो हम अपन सहकिमरय सािथय और अ य लोग क साथ अ छा बरताव कर और हमार कमर अ छ ह इस बीज मतर पर चलन वाला हमशा अपन अदर अ छी आदत का िवकास होता पायगा

असल म िदककत यही ह िक हम उपदश दन म तो आग रहत ह लिकन खद क अदर नही झाकत या कम ही झाकत ह - lsquoपर उपदश कशल बहतरrsquo सपरिसदध लखक सरदार परन िसह न एक बार कहा था आचरण की स यतामय भाषा सदा मौन रहती ह अथारत आदमी खद चप रहकर खद को ठीक रख तो इसका परभाव खद-ब-खद दसर पर पड़ता ह इसको हम एक छोट स उदाहरण स प ट कर सकत ह िक मान िलया जाए हम ब च स कह धमरपान नही करत लिकन उसक सामन खद ऐसा कर इसस इतर हम अगर यह सब करत ही नही ह तो इसका यादा असर ब च पर पड़गा अ छी आदत घर स श होकर समाज द तर और उसस आग तक हम हमशा हमारा फायदा िदलाती ह

कहा जाता ह िक व थ तन म ही व थ मन िनवास करता ह इसी तरह यह भी कहा जाता ह िक व थ वातावरण ही उ नित का योतक होता ह व थ वातावरण तभी बनगा जब उस माहौल म रहन वाल लोग

हीरा व लभ नराकास

असल म िदककत यही ह िक हम उपदश दन म तो आग रहत ह लिकन खद क अदर नही झाकत या कम ही झाकत ह - lsquoपर उपदश कशल बहतरrsquo

प ठ 14

अकषय कराित एक दसर का स मान करग खद की आदत को सधारग और उस स था की तरककी क िलए अपन तर पर हर वह काररवाई करग जो औ योिगक सगठन और लोग की उ नित म ज री होती ह

औ योिगक सगठन िकसी भी दश की अथर यव था को मजबत आधार परदान करत ह औ योिगक सगठन म परयोग होन वाल सम त ससाधन म मानव ससाधन अथारत उसम काम करन वाल कमरचारी मह वपणर और िनणारयक होत ह इन सगठन का सफल सचालन वहा कायररत कमरचािरय की कशलता और कायरकषमता पर आधािरत होता ह कशलता और कायरकषमता का ोत हमारा आचरण और यवहार होता ह जािहर ह औ योिगक सगठन म मानवीय सबध परी एक ऐसी िकताब ह िजसक िबना कभी कछ नही कराया जा सकता लोग क साथ सतोषजनक प स काम करना परबधन क काम का िसफर एक िह सा नही ह वरन सारा

काम इसी पर िटका ह कय िक सभी उ योग म मशीन माल या दसरी चीज़ क साथ कोई भी काम लोग क मा यम स ही िकया जा सकता ह तीन lsquoएमrsquo अथारत मनी मटीिरयल और मशीन औ योिगक सगठन क िलए मह वपणर ससाधन होत ह लिकन इ ह पिरणाम तक पहचान का कायर कमरचारी (man) ही करत ह जो सगठन दर अदशी रहकर कमरचािरय क जञान उनकी िविश टताओ उनक आचरण को अनकल साच म ढालन क परित सजग रहत ह वही सफलता की ऊचाइय को छत ह अगरजी म एक परानी कहावत ह -- Where the vision is one year Cultivate flowers Where the vision is ten years Cultivate trees Where the vision is eternity Cultivate people अथारत जहा दरअदशी एक साल क िलए हो तो फल लगाइय जहा दरअदशी दस साल क िलए हो तो पड़ लगाइय

औ योिगक सगठन म परयोग होन वाल सम त ससाधन म मानव ससाधन अथारत उसम काम करन वाल कमरचारी मह वपणर और िनणारयक होत ह

प ठ 15

अकषय कराित जहा दरअदशी अनत काल क िलए हो तो लोग का िवकास कीिजए औ योिगक सगठन म 500 आदमी ह 5000 आदमी ह 50000 ह या इसस अिधक अगर कामकाज ठीक स चलाना ह तो बहत ज री ह परबधन उनस िनभाना जानता हो यिकतगत सपकर का मह व

वातानकिलत कमर म बठकर और सचार मा यम या िकसी अ य तरीक स कमरचािरय की िरपोटर लना और आस पास होन वाल घटनाकरम को जानना अलग बात ह और कायर थल पर वय उपि थत रहकर ि थित को समझना और िनदश दना अलग बात महान जनरल रोमल की सफलता का मखय कारण यह था िक व हमशा कायर थल पर वय उपि थत होकर िनदश दत बात की पि ट करत सम याए सलझात और दखत िक काम कसा चल रहा ह रोमल का यह तरीका इतना सफल रहा िक िकसी भी औ योिगक सगठन या कारोबार म इस अपनाया जाए तो आशातीत पिरणाम सामन आ सकत ह लोग क बीच खद उपि थत होकर काम करन का कोई िवक प नही ह लोग अिधकाशतः उनको नापसद करत ह िज ह व ठीक स जानत नही ह पर एक बार जान पहचान हो जान पर हालात बदल जात ह कमरचािरय म अ छी आदत का िवकास करन की पहली शतर ह िक पहल उनक िदल म घर िकया जाए ऐस िकसी भी बरताव स बचा जाए िजसस वह अपन को उपिकषत महसस करन लग अतः सवदनशीलता का यान रखना बहत ज री ह

कमरचािरय क परित सवदनशील यवहार-कौशल और धयरपणर होन क अितिरकत इस बात पर ढ़ रहना ज री ह िक काम ठीक परकार स हो अ छ यवहार क साथ कमरचािरय को यह जताना भी ज री ह िक उनस काम का उ च तर अपिकषत ह और उस पर उनक साथ कोई समझौता नही और अगर इस पर अमल नही करत तो उ ह पता होना चािहए िक आप कड़ी काररवाई करग

सकारा मक नजिरया परबधन का एकमातर काम िनदश दना नही ह वरन उस साथ-साथ लोग का िवकास करना होता ह

महान जनरल रोमल की सफलता का मखय कारण यह था िक व हमशा कायर थल पर वय उपि थत होकर िनदश दत बात की पि ट करत सम याए सलझात और दखत िक काम कसा चल रहा ह

प ठ 16

अकषय कराित एक अिधकारी का मखय काम यही ह िक वह अपन साथ काम करन वाल लोग म अ छी आदत का िवकास कर उनकी सहायता कर यिद यह काम परभावशाली ढग स कर पाता ह तो इसस कवल उसक अपन काम ही बहतर नही ह ग बि क उसक पास परिशिकषत और कशल कमरचािरय का परा दल होगा जो उसक परित परी िन ठा स काम करगा इसक िलए सबस पहल कमरचािरय का नजिरया ठीक करना ज री ह उनम सबस पहल यह भावना लानी होगी िक हमार अदर जो चीज ह वही हम ऊपर की ओर ल जाती ह और वह हमारा नजिरया ह

एक आदमी मल म ग बार बचकर अपनी गज़र-बसर करता था उसक पास लाल नील पील हर-चार रग क ग बार थ जब कभी उसकी िबकरी कम होन लगती तब वह हीिलयम गस स भरा एक ग बारा हवा म छोड़ दता ब च उस उड़ता दखकर वसा ही उड़न वाला ग बारा पान क िलए मचल उठत ब च उसस ग बारा ख़रीदत और इस तरह उसकी िबकरी िफर स बढ़ जाती िदन-भर यही िसलिसला चलता रहता एक िदन वह आदमी बाज़ार म खड़ा ग बार बच रहा था अचानक उस महसस हआ िक पीछ स कोई उसका करता पकड़कर खीच रहा ह उसन पीछ मड़कर दखा तो एक छोट स ब च को खड़ा पाया उस ब च न ग बार वाल स पछा ldquoअगर आप काला ग बारा छोड़ग तो कया वह भी उड़गाrdquo ब च की बात उसक िदल म लगी और उसन यार स जवाब िदया ldquoबट ग बारा अपन रग की वजह स नही उड़ता बि क उसक अदर कया ह इस वजह स ही वह ऊपर जाता ह rdquo ठीक यही बात हमारी िज़दगी म भी लाग होती ह अगर लोग का नजिरया बहतर हो उनम अदर स काम करन की इ छा भरी हो तो व खलकर आपस म िमलकर काम करग इसस नकसान तो कम होगा ही स थान क परित िन ठा बढ़गी और लगन स काम करन का वातावरण तयार होगा िव वास हािसल करना आव यक

कमरचािरय स बहतरीन काम लन क िलए शानदार टीम लीडर होना ज री ह मटठीभर लोग का कोई समह िकला तभी फतह कर सकता ह जब

एक आदमी मल म ग बार बचकर अपनी गज़र-बसर करता था उसक पास लाल नील पील हर-चार रग क ग बार थ

प ठ 17

अकषय कराित जब उनका सनापित उनम वह जोश भर सक िक उ ह कोई भी ऊचाई यादा न लग अतः सबस ज री ह िक स थान म कमरचािरय की

कषमताओ का परा फायदा लन क िलए उनका िव वास जीता जाए इसक िलए उनक साथ परी इ जत स पश आना ज री ह उनकी छोटी-बड़ी खशी को बाटना और उनकी राय को परा स मान दना भी उतना ही ज री ह कई बार परबधन क उ चािधकारी या लीडर अपनी टीम क सद य स िसफर इसिलए राय नही लत कय िक उ ह लगता ह िक एक बार राय लन पर अगर उनकी बात नही मानी गयी तो उ ह बरा लगगा लिकन सबस ज री ह िक टीम म सभी सद य को िव वास म लकर काम िकया जाए यहा टीम लीडर की भिमका मह वपणर होती ह वह खद वकत का पाबद होगा तो उसक मातहत कमरचािरय म वयमव यह गण आदत का प ल लगी टीम लीडर का काम अपनी टीम का उ साह बढ़ात हए दी गयी िज मदािरय को समय स परा करना ह मगर उसम नयी चीज़ को सीखन की ललक होनी चािहए ऐसी ललक जब स थान क कमरचािरय म आदत का प लन लगती ह तो वह स थान जािहर ह नए परितमान थािपत करन लगता ह जापानी कपिनया हर बात म कमरचािरय क िहत का यान रखती ह िजसस व वय ही उ पादकता क परित सचत हो जात ह जानी-मानी टोयोटा कपनी क कमरचािरय म तो काम की ऐसी आदत सी या ललक होती ह िक व तब तक काम करत ह जब तक खद थक कर चर नही हो जात यह उनकी आदत ही बन चकी ह िक यिद व िकसी बात पर नाराज होत ह तब भी कपनी या अपन भागय को भल ही कोस ल पर अपन काम पर असर नही पड़न दत इसका कारण यह ह िक जापानी कपिनया काम का एक अ छा वातावरण बनान और लोग म काम क परित स ची लगन को बढ़ावा दन क िलए कड़ा परयास करती ह वहा लोग को लगातार परिशकषण िमलता रहता ह जो कवल तकनीक और मनजमट ही नही कायर स जड़ी नितकता और अ छी आदत क िवकास पर किदरत होता ह चिरतर का िनमारण उनकी एक आदत सी बन जाती ह अगर हम भी एक अ छी शिखसयत बनना ह तो हम अपनी आदत को गहराई स जाचना होगा

ऐसी ललक जब स थान क कमरचािरय म आदत का प लन लगती ह तो वह स थान जािहर ह नए परितमान थािपत करन लगता ह जापानी कपिनया हर बात म कमरचािरय क िहत का यान रखती ह

प ठ 18

अकषय कराित चतन और अवचतन मन

हमार चतन मन क पास सोचन की शिकत होती ह यह िकसी बात को मान सकता ह और नही भी मान सकता मगर अवचतन मन िसफर वीकार करता ह यह इनपट (input) को लकर कोई भदभाव नही करता अगर हम अपन मन म डर शका नफरत क भाव भर तो यह आ म सझाव इन सभी भाव को सिकरय बनाकर हकीकत म बदल दगा हमारा अवचतन मन एक डाटा बक की तरह ह अवचतन मन एक गाड़ी की तरह ह और चतन मन एक डराइवर की तरह शिकत तो गाड़ी म होती ह मगर उसका कटरोल डराइवर क पास होता ह

हम अवचतन मन को इस तरह ढालन की ज रत ह िक वह हम सही और ठीक रा त पर ल जा सक अवचतन मन एक बगीच की तरह होता ह िजस कोई परवाह नही होती िक आप कस पौध लगात ह यह िनरपकष (neutral) होता ह इसम अ छा बोन पर अ छा िमलता ह अ यथा जगली पौध उग जायग

बि क अ छ बीज बोन क बावजद जगली पौध उगन बद नही होत आव यकता होती ह उ ह उखाड़ फकन का िसलिसला जारी रखन की इसी िसदधात को कमरचािरय क मामल म समझन की ज रत ह हम याद रखना ह िक सही और गलत िवचार मन म एक साथ नही रह सकत आव यकता उनक अवचतन मन को इस तरह ढालन की ह िक उनम अ छी आदत का िवकास हो दरअसल अवचतन योगयता वह होती ह जब हम यान दन और सोचन की यादा ज रत नही होती कय िक यह हमार यवहार म खद ब खद उतरन लगा ह िजस स थान क कमरचारी इस तर पर पहच जात ह उनम अ छी आदत वयमव घर करन लगती ह जब बरी आदत हमार अवचतन योगयता क तर तक पहच जाती ह तो वह कावट उ प न करती ह

पिरवतरन का िवरोध बरी आदत को पहचान लन क बाद भी अकसर दखा गया ह िक

लोग उ ह बदलत नही ह ऐसा आिखर कय होता ह उनक न बदलन का कारण ह िक व िज मदारी को वीकार करन स इनकार करत ह

हम अवचतन मन को इस तरह ढालन की ज रत ह िक वह हम सही और ठीक रा त पर ल जा सक अवचतन मन एक बगीच की तरह होता ह िजस कोई परवाह नही होती िक आप कस पौध लगात ह

प ठ 19

अकषय कराित अपनी उन आदत को बनाय रखन म उ ह जो आनद िमलता ह वह पिरवतरन क ददर स यादा होता ह इसक िन निलिखत कारण हो सकत ह -- 1 पिरवतरन की इ छाशिकत का अभाव 2 पिरवतरन क िलए आव यक अनशासन की कमी 3 िव वास की कमी 4 आव यक जानकारी की कमी परबधन वारा इन िबदओ पर िवचार कर अपन किमरय म आशातीत पिरवतरन लाया जा सकता ह सामा यतः खराब आदत को न बदलन क बहान िदय जात ह और कहा जाता ह -- हम लोग इसी तरह करत ह या िक म नही समझता इसस कोई फकर पड़गा और कछ न िमला तो कह िदया जाता ह म बहत य त ह अ छी आदत का िन पण

आदत म पिरवतरन लाया जा सकता ह आव यकता ह इसक िलए सही पिरवश का िनमारण करन की कमरचािरय को परिशिकषत करन की परिरत करन की और ऐसी ि थितया उ प न करन की िजसस कमरचािरय म अ छी आदत का िन पण हो सक दरअसल सफल लोग का राज यह ह िक व काम करन की उन आदत को डाल लत ह जो असफल लोग करना नही चाहत य वही काम ह िज ह सफल लोग भी करना

नही चाहत लिकन व िफर भी करत ह उदाहरण क िलए असफल लोग अनशासन और महनत करना पसद नही करत सफल लोग भी अनशासन और कड़ी महनत नापसद करत ह लिकन व िफर भी ऐसा करत ह कय िक य लोग उन काम को करन की आदत डाल लत ह िज ह असफल लोग नही कर पात नजिरय और सोच का तरीका एक आदत ह और इस बदला जा सकता ह सही ि ट और सतलन कमरचािरय म काम क सबध म सही ि ट बनाय रखन की परवि त िवकिसत करना ज री ह जब कछ गलत हो रहा होता ह तो उस ठीक करना परबधन का ही काम होता ह समझा यह जाता ह िक परायः हम गलत हो रह काम को लकर इतन िचितत हो जात ह िक जो सही हो रहा ह उस भी अनदखा करन की हमम आदत होती ह

दरअसल सफल लोग का राज यह ह िक व काम करन की उन आदत को डाल लत ह जो असफल लोग करना नही चाहत

प ठ 20

अकषय कराित उदाहरण क िलए अगर िकसी स कोई गलती हो जाती ह तो हम एकदम उस पर िच ला पड़त ह या उसक िव दध काररवाई कर बठतहअ छा यह रहगा िक आप उस अलग ल जाकर अकल म बात कर अगर परशसा करनी हो तो सबक सामन कर

अगर िकसी स सहमित न बन तो उस पर करोध करना ज री नही ह अगर अपन करोध पर काब रखग तो लोग अपनी असहमित को अ यथा नही लग अगर आप अपन िवचार को खला रखग तो दसरी ओर स भी आप ऐस ही यवहार की अपकषा कर सकत ह परायः लोग अपनी सहमित कछ इस तरह जतात ह िक सामन वाला भी अपनी बात पर अड़ जाता ह समझन की बात यह ह िक सभी ि थितय म कवल तकर ही काफी नही होगा िकसी स असहमत होन म भी यवहार कशल होना ज री ह सबस पहल तो दसर को अपना पकष रखन का मौका द उसकी बात सन और जहा तक हो सक उसस अपनी सहमित भी परकट कर और िजन बात पर सहमित न बना सक उस समझाए

हमम स अिधकाश लोग उन किमरय और उनकी गलितय पर अ यिधक यान दत ह िजनक िलए हम काम करत ह पर अपन किमरय पर नज़र डालना भल जात ह अगर वय को उन लोग की नजर स दखा जाए तो आशातीत पिरणाम दखन को िमलत ह

आ म मथन आप कया करना चाहत ह कसा करना चाहत ह - इस सोच को

वतरमान म अपन अदर मथन करन को आ म-सझाव कहत ह एक बार सब म जब इसकी पिरपाटी श हो जाती ह तो यह हमार अदर िवजञापन की तरह काम करता ह अपन बार म अपन िलए अदर ही परचािरत करता ह इसका हमार चतन और अवचतन (Sub-concious) मन दोन पर परभाव पड़ता ह अततः यह हमार नजिरए और यवहार को परभािवत करता ह और धीर-धीर आदत का प लता ह यह दरअसल अपन अवचतन मन को ढ़ालन या परोगराम करन की िविध ह

हमम स अिधकाश लोग उन किमरय और उनकी गलितय पर अ यिधक यान दत ह िजनक िलए हम काम करत ह पर अपन किमरय पर नज़र डालना भल जात ह

प ठ 21

अकषय कराित आ म-सझाव अ छ या बर हो सकत ह जब हम बर आ म-सझाव को बार-बार दोहरात ह तब हमारा अवचतन मन उन पर िव वास करन लगता ह और हम उसी को वा तव म यवहार करन लगत ह सकारा मक आ म-सझाव को बार-बार मथन करन स उसकी हमार िदलोिदमाग म त वीर बन जाती ह और वही असिलयत का प लन लगता ह एक उदाहरण क िलए जब कभी हम सबह 0600 बज टरन पकड़नी हो और हमार पास अलामर घड़ी न हो तो हम मन म कहकर उठत ह िक 0400 बज उठना ह तो कया हम नही उठत अगर उठत ह तो इसक पीछ आ म-सझाव ही काम करता ह आ म-सझाव एक रा ता ह िजसस हम अपन िदमाग को परोगराम करक ढ़ालत ह सकारा मक आदत को िवकिसत करन म आ म-सझाव की परवि त मह वपणर िसदध हो सकती ह हमार नजिरए और आदत को तय करन वाल कारक हमार नज़िरए को मखयतः तीन कारक परभािवत करत ह - वातावरणः घर कल आिफस मीिडया सा कितक प ठभिम धािमरक प ठभिम परपराए और भाषाए सामािजक-राजनितक माहौल - य सब िमलकर एक तहजीब बनात ह चाह घर हो या आिफस या अ यतर - हर जगह हर िकसी की अपनी तहजीब होती ह उदाहरण क िलए हम एक दकान म जात ह तो वहा का स समन बड़ अदब वाला होता ह लिकन वही जब दसरी दकान पर जात ह तो वहा का स समन कभी-कभी बड़ा खा और बदतमीज िमल जाता ह उसी तरह िकसी क घर म यार भरा माहौल िमलता ह तो िकसी क घर म हमशा लड़ाई-झगड़ का इसी तरह जब सरकार और राजनीितक माहौल ईमानदारी का होता ह तो लोग भी ईमानदार मददगार और कानन का पालन करन वाल होत ह बईमान और भर ट माहौल म िजस तरह एक ईमानदार का जीना मि कल होता ह उसी तरह ईमानदारी भर माहौल म बईमान यिकत को मि कल होती ह िन सदह अ छ वातावरण म मामली कमरचारी म वमव अ छी आदत िवकिसत होती ह और उसकी कायर करन की शिकत बढ़ जाती ह जबिक खराब माहौल म अ छा काम करन वाल की भी कषमता िगर जाती ह

सकारा मक आदत को िवकिसत करन म आ म-सझाव की परवि त मह वपणर िसदध हो सकती ह

प ठ 22

अकषय कराित कायर-स कित का बहाव ऊपर स नीच की ओर होता ह नीच स ऊपर की ओर कभी नही यह दखना बहत ज री ह िक हमन अपन िलए और आस-पास क लोग क िलए कसा वातावरण तयार िकया ह खराब वातावरण म अ छ की उ मीद करना बमानी ह अनभवः हम अपन जीवन म अपन काम-काज म हालात स जसा अनभव पात ह वह हमारी आदत का िह सा बन जात ह और उसी क अनसार हमारा यवहार होता ह अगर िकसी क परित हमारा अनभव अ छा होता ह तो हमारा नज़िरया भी अ छा होता ह ज री ह िक कमरचािरय को ऐसा कायर-पिरवश िमल िजसस उनक अवचतन म अ छ अनभव की छाप अिकत हो

परिशकषण भी ज़ री यहा िसफर सदधाितक जञान ही काफी नही होता बि क औपचािरक और अनौपचािरक दोन ही तरह की िशकषा व परिशकषण ज री ह जञान और जानकारी को यिद योजनाबदध तरीक स परयोग िकया जाए तो उसस बौिदधक तर को बढ़ान म आशातीत सफलता िमलती ह काम करन की कला अ छी िशकषा स ही आती ह ज री ह िक परिशकषण म मनोवजञािनक सामािजक आिथरक व अ य पहल को समझन की आदत िवकिसत की जाए अवचतन म यह िबठाना बहत ज री ह िक जीवन की भ यता काम क वारा ही सभव ह स थान म सभी को लगना चािहए िक उनका काम मह वपणर ह यही परबधन कला का सार ह जब कमरचािरय को ऐसा एहसास होन लगता ह तो उनक नज़िरए म बदलाव आन लगता ह उपसहारः काम क परित लोग म अ छी आदत िन िपत करन और उनम उ साह जगान स कायर-िन पादन म िनरतर िनखार आता ह दरअसल हर यिकत म मानिसक और शारीिरक ऊजार उ प न होती ह िजसक िलए काम ही सबस अ छा िनकास ह एक िवचारक क अनसार lsquoआप पछत ह म लगातार काम कय करता ह

यहा िसफर सदधाितक जञान ही काफी नही होता बि क औपचािरक और अनौपचािरक दोन ही तरह की िशकषा व परिशकषण ज री ह

प ठ 23

अकषय कराित इसका वही कारण ह िजस कारण स मगीर अ ड दती जाती ह rsquo काम क िबना इसान घट सा जाता ह उस काम की उतनी ही ज रत होती ह िजतनी हवा की आव यकता ह िक उस सही वातावरण उपल ध करान और सही िदशा म अिभपरिरत करन की व ततः हर यिकत अदर स गिरमा और आ मस मान की चाह रखता ह आव यकता ह उस अतःपरिरत करन की लोग को खद स परिरत करन क िलए हम उनकी ज रत और इ छाओ को समझना होगा पररणा कायरकषमता और आदत क बीच सीधा सबध ह जो लोग उतना ही काम करत ह िक उनकी नौकरी बची रह तो ऐस लोग िकसी भी स थान क िलए मह वपणर नही हो सकत अतपररणा स सोच म बदलाव लाया जा सकता ह पररणा आग क समान होती ह

कमरचािरय को िजतना परिरत िकया जाएगा उनम उतनी ही सकारा मक आदत का िवकास होगा कमरचािरय को उिचत स मान दकर उनक कायर को अिधक मनोरजक बनाकर परबधन वारा उनकी बात को गौर स सनकर उनकी सम याओ और सझाव पर गौर करक उ ह वय ल य िनधारिरत करन क िलए परो सािहत करक िवकास क नय अवसर उपल ध कराकर आव यकतानसार समय-समय पर समिचत परिशकषण िदलाकर तथा नयी चनौितय स जझन क िलए परो सािहत करक िन सदह उनक आचार और यवहार को सकारा मक िदशा म पाियत िकया जा सकता ह

कमरचािरय को िजतना परिरत िकया जाएगा उनम उतनी ही सकारा मक आदत का िवकास होगा

ई-पितरका म लख आिद म परकट िवचार

मलतः लखक क ह तथा यह आव यक नही ह िक

इरडा भी इन िवचार स सहमत हो

प ठ 24

अकषय कराित

िबिटया

आख म मोती लकर तम िबिटया जाती हो हा जाओ िशकषा का उपहार द रह िवदा समय यह लो ल जाओ इन पराण म परीित त हारी ममता क धन िसदरी इन नयन की बद पली परकट करती ह मजबरी लाचारी ह िफर पराण म क य ह इतनी आकलता

जब इस रीित पर पराओ म वश न िकसी का ह चलता िपतकल को तजकर अब िबिटया पित-कल म जाना होगा

नटखटपन को छोड़ धमर का ही िजसम बाना होगा इस घर की तम बड़ी लाडली पराण स यारी िबिटया

चली लाकर आज सभी को िपता की कर सनी किटया िजन हाथ न लाड़ चाव स अब तक था िजसको पाला उन हाथ न ही िबिटया को दलह राजा जी को द डाला

िजसका दख जरा मन मला हो जाती थी हरानी क यादान उसी का कर क दय बनाया पाषाणी

िकया न जाता था पल भर को इन आख स दर िजस मोती झरत िवदा द रहा आज सकल पिरवार उस अपनी मा क जीवन की तम परित-पल हो आधार रहो

िवजयता िपता क दय मिदर की िबिटया तम साकार रही आज जीवन क सख-दख सार वही िबतान तम लो जान आओगी जब कभी यहा तम होगी महमान समान

सतीश कमार कलावत इरडा

इस घर की तम बड़ी लाडली पराण स यारी िबिटया चली लाकर आज सभी

को िपता की कर सनी किटया

प ठ 25

ससराल की कभी बराई कही न मह पर आ जाव धमर कमर क तर य पथ म पाव नही िडगन पाव

सात परितजञाय जो तमन अिग नदव स मख की धारण द पि त जीवन का मह व ह करना स च मन स पालन

बटी इन सात बचन का यान दय म रह सदा दोन कल की लाज इसी म भला न दना इस कदा पित ही ह सवर तर त हार पित ही को जीवन समझो

जो कछ कह उसी को मान उनको िबिटया तम धन समझो शीलवती तम बन िबिटया पित-भक त मना सदर िनस दह वय उपजग क प-वकष घर क अ दर

पहन सिशकषा की साड़ी को शभ गण भषण अपनाओ दस लकषण शभ लकषण धार िन य नय मगल गाओ यह िशकषा उपहार दय का तम को राह िदखायगा भल भटक कर भी अिधयारा पास न आन पायगा

हम सब की आख स मोती उर स िनकल रही आशीष सभी सख स पणर परफि लत कर त ह दलह राजा की ईश

अकषय कराित

िजन हाथ न लाड़ चाव स अब तक था िजसको पाला उन हाथ न ही िबिटया को दलह राजा जी को द डाला

प ठ 26 अकषय कराित

ldquoपयारवरणrdquo श द पिर+आवरण स बना ह अथारत बा य आवरण को ही पयारवरण कहत ह इस बा य आवरण का ता पयर हमार चार ओर क वातावरण और पिरवश स ह िजस हम दसर श द म परकित भी कह सकत ह प वी पर िव यमान सपणर जीव-जगत क अि त व जीवन-यापन एव चहमखी िवकास म परकित की मह वपणर भिमका ह मानव बिदधजीवी पराणी ह और परकित क मह व स भली-भाित पिरिचत होन क कारण ही सिदय स परकित की पजा करता रहा ह

विदक काल स ही परकित तथा मानव क बीच जीवन ततर का अटट सबध रहा ह हमार पराचीन ऋिष-मिनय न प वी म हवा पानी िमटटी पड़-पौध जीव-ज तओ और मानव क सिकरय सहयोगा मक सतलन को यान म रखकर ही परकित को प य माना धमर क साथ परकित को जोड़कर उ ह न परकित को पयार त मह व िदया व जानत थ िक िजस परकार जीवन क िलए भिम की आव यकता होती ह उसी परकार वन पितया व अ य पराणी भी आव यक ह य सभी परकित क अिभ न अग ह इनम स एक क भी न ट होन का परभाव दसर पर पड़ता ह और पिरणाम व प पराकितक असतलन पदा हो जाता ह व तत प वी म हवा पानी िमटटी पड़-पौध जीव-ज तओ और मानव का सिकरय सहयोगा मक सतलन रहता ह पड़-पौध भिम को उपजाऊ बनात ह िमटटी को बाधकर रखत ह बरसात करवान तथा जल एव वाय को व छ रखन म सहायक होत ह परत आज क बढ़त औ योिगकीकरण और शहरीकरण न परकित और मानव क बीच असतलन उ प न कर िदया ह यह असतलन अिशकषण बढ़ती जनसख या शहर की ओर पलायन वकष की कटाई गगनचबी इमारत बड़-बड़ उ योग की थापना आिद क कारण ह और यही पयारवरण परदषण क मख य कारण ह मटरोपोिलटन एव बड़ शहर म अनक काबरिनक और अकाबरिनक गस जस ndash काबरन-मोनोऑक साइड अमोिनया आिद परदषण क मख य ोत ह

वतरमान पयारवरण -21वी सदी की चनौती

लख सरीन सल

विदक काल स ही परकित तथा मानव क बीच जीवन ततर का अटट सबध रहा ह

प ठ 27 अकषय कराित मन य न अपनी भितक सख-सिवधाओ की आपित र क िलए परकरित स

िखलवाड़ िकया ह वतरमान मशीनी यग म मन य वारा परकित क अ यिधक दोहन एव िनत नए कारखान की थापना स पयारवरण सकट उ प न हआ ह मानव न परकित क साथ जो अ यायपणर यवहार िकया ह उसी क फल व प परकित का िवरोधी रवया हआ ह िजस भिव य म सह पाना मि कल होगा

अिशकषा क कारण दश की तजी स बढ़ती आबादी क आवास की मलभत आव यकता को परा करन क िलए वकष की कटाई करक ऊची-ऊची इमारत बनाई जा रही ह वकष की अधाधध कटाई स भिम की ऊवररा शिक त का तो ास हो ही रहा ह साथ ही परदषण जसी िवकराल सम या भी ज म ल रही ह

परदषण पयारवरण क ास का परमख कारण ह िवकासशील दश िनत नए उ योग की थापना करक बराजगारी की सम या को तो दर कर रह ह िकत इसस जल वाय विन तथा िविभ न परकार क परदषण बढ़ रह ह कल-कारखान और मोटर स िनकलन वाल धए स वाय परदषण हो रहा ह जल थल व नभ क मागर पर शिक त चािलत वाहन विन परदषण का मख य ोत ह शहरीकरण और औ योिगकीकरण क कारण शदध पयजल की सम या िवकराल प धारण कर रही ह कारखान स िनकलन वाल कड़-कचर क निदय म िमलन स जल परदषण हो रहा ह रासायिनक खाद और कीटनाशी दवाओ स मदा परदषण का खतरा बन गया ह

इस परकार जनसख या विदध शहरीकरण औ योिगकीकरण एव परदषण जसी सम याओ न पयारवरण को बरी तरह परभािवत िकया ह आज सपणर िव व पयारवरण को लकर िचितत ह इस भयावह ि थित स बचन क िलए पर यक यिक त को पयारवरण क परित जाग क करना आज की अिनवायर आव यकता ह

इस िदशा म सवरपरथम िनरकषरता को समा त िकया जाना चािहए साकषर भारत की पिरक पना म जनसख या विदध दर वय िनयितरत हो जाएगी करल रा य इसका परमाण ह जहा साकषरता क साथ-साथ जनसख या िनयतरण भी ह

जल थल व नभ क मागर पर शिक त चािलत वाहन विन परदषण का मख य ोत ह

प ठ 28 अकषय कराित

इसक बाद बात आती ह परदषण िनवारण की आज िव व भर क

वजञािनक और पयारवरणिवद इस िदशा म कायररत ह सवरपरथम वन क काटन पर परितबध लगाया गया ह और वन सपना क िव तार हत वकष लगान क िलए परो सािहत िकया गया इसक िलए सरकार की ओर स वकष आिद िनश क उपल ध कराए जात ह ldquoपयारवरण परदषण स थाrdquo और व छ वाय अिधिनयम जस िविधक उपाय स वाय परदषण पर रोक लगान का परयास िकया जा रहा ह जहरील धआ उगलन वाल कारखान तथा वाहन पर भारी आिथरक दड का परावधान ह िविभ न सचार मा यम mdashदरदशरन समाचार-पतर तथा आकाशवाणी क मा यम स जनता को पयारवरण क परित जाग क करन क परयास िकए जा रह ह निदय म खलन वाल परदषण ोत को बद करन की योजनाए चलाई जा रही ह पािलथीन क परयोग को बद करन क िलए चलाया जा रहा ह अिभयान भी परशसनीय ह

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह इस खतर स सपणर भमडल का अि त व न ट हो जाए इसस पहल हम पयारवरण की सरकषा करन का सक प लना होगा

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह

िस धी होन क प चात भी मझ बगाली रीित िरवाज़ िमठाइया यहा का पहनावा अगरज क ज़मान की बनी सरचनाए एव भवन इ यािद म बहत िदलच पी एव िच थी

प ठ 29 अकषय कराित

यातरा स मरण-कोलकाता-खिशय हषर का शहर(िसटी ऑफ जॉय)

सोिनया सिह वानी पीईसी िलिमटड

म पी ई सी िलिमटड नामक कपनी क िविध ककष म उप िविध परबधक क पद पर कायररत ह सन 2010 जन स इस कपनी म मन परबधन परिशकष क प म अपनी पहली नौकरी की श आत की पी ई सी िलिमटड वािण य मतरालय क अतगरत आन वाली आयात-िनयारत यापार स स बिधत क पिनय म स एक ह इस स दभर म जनवरी 2011 म िविभ न िवभाग क परबधन परिशकषओ को ओिरएटशन हत काडला कोलकाता इ यािद शहर म भजन का कायरकरम िनि चत िकया गया कोलकाता क पास हि दया पोटर होन क कारण कोलकाता शहर चना गया जहा पी ई सी वारा आयात की गयी व तए पोटर गोदाम म रखी जाती ह साथ ही म कोलकाता पोटर िभ न गोदाम इ यािद दखन की यव था की गयी एव सची म समावश िकया गया यह सनकर मरी ख़शी का िठकाना न रहा क य िक मन कोलकाता शहर क बार म सना बहत था पर त कभी दखा न था िस धी होन क प चात भी मझ बगाली रीित िरवाज़ िमठाइया यहा का पहनावा अगरज क ज़मान की बनी सरचनाए एव भवन इ यािद म बहत िदलच पी एव िच थी आिखरकार मझ मौका िमला और जनवरी की कड़ाकदार ठ ड क बीच हम एक रिववार शाम कोलकाता राजधानी स अपनी मिजल की और िनकल पड़ िद ली स कोलकाता क सफ़र क बीच हमारी गाड़ी इलाहाबाद गया िबहार तथा धनबाद जस शहर स होत हए बगाल की ओर पहची हसत-गात खलत-खात हए हम अगली सबह हावड़ा जकशन पहच गए रलगाड़ी स उतर कर टशन स बाहर िनकलत ही मझ िसटी ऑफ जॉय क नाम स मशहर कोलकाता की पहली झलक िदखाई दी ऐसा लगा मानो मझ भारत क दो पहल एकसाथ जीत हए नज़र आए एक तरफ थ टशन स बाहर एव अ दर जात हए स दर कपड़ गहन म लद हए कोलकाता क बगाली िनवासी साथ म बड़ी-बड़ी गािड़य म घमत कोलकाता क नौजवान और ठीक दसरी तरफ मरी नज़र पड़ी हगली नदी पर बन परिसदध हावड़ा िबरज पर िजस दख एक अलग ही दिनया का एहसास हआ

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह

िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी

एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया नतीजा मर समकष था

प ठ 30 अकषय कराित

हावड़ा िबरज पर हर तरफ लोग का जमावड़ा था इतन लोग दख िद ली क चादनी चौक की याद आ गयी ऐसा लगा मानो म 50 साल पीछ िकसी लक एव वाईट दिनया म कदम रख चकी थी िबरज क दोन तरफ सामान बचत हए दकानदार िखलौन मछली रख हए औरत एव छोट-छोट ब च मख य शहर स हावड़ा जान वाल आम आदमी मजदर की तज़ र तार फरी स र ता पार करन वाल यापारी इन सब को दख लगा कोलकाता म मबई जसी भागम भाग भी थी िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया नतीजा मर समकष था जस-जस म कोलकाता शहर क भीतर आन लगी मझ इस शहर क िवकास की झलक िदखाई दी एक तरफ थी ऊची ईमारत सदर िवशाल िव यासागर सत पल बड़-बड़ होटल माल कोलकाता उ च यायालय राईटसर िबि डग मशहर इडन गाडरन टिडयम इ यािद तो दसरी तरफ था िवक टोिरया ममोिरयल अगरज की वा तकला क अनसार िदखती लाल ईटो की इमारत िवक टोिरयल सरचनाए भवन छोटी-छोटी पटिरय पर समान बचत नया बाज़ार (New Market) क दकानदार एव िवक टोिरया ममोिरयल क बाहर चलत सलािनय क िलए रथ वाल घोड़ हमारा होटल जसीबोस सड़क पर ि थत था एव सिवधाओ स भरपर था पर त मन य जाना िक असली कोलकाता का मज़ा गाड़ी म नही अथवा िरक शा ऑटो तथा साल स चलती आ रही सड़क पर टराम म था

हर तरफ मझ पील रग की टिक सया िदखाई दी सब एक समान थी तथा मरसीडीज़ गाड़ी क बगल म चलती 1-2 पय म सफ़र की जान वाली टराम भी साथ िदखाई दी परी िजदगी िद ली म यतीत करन क बाद हर नए शहर का रहन-सहन बोल-चाल रीित-िरवाज़ जानन की जाग कता मझम हमशा रही पहल ही िदन स कोलकाता मझ रास आया जस िक कहत ह lsquoकोलकाता हमार खब भाला लागली छ rsquo कहन का ता पयर य िक मझ कोलकाता बहत अ छा लगा पहल िदन िक शाम को हमन य मािकर ट म खरीददारी करन का मन बनाया म हरान थी िक वहा चीज िकतनी स ती िमल रही थी िद ली क मतािबक एक ितहाई दाम पर चिडया गहन बग जत कत इ यािद िमल

िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया

प ठ 31 अकषय कराित य मािकर ट िद ली क लाजपत एव सरोिजनी नगर समान ह कम

दाम म अ छा समान िमला कोलकाता चमड़ क िलए भी मशहर ह एव परिसदध ी लदसर दकान भी इस बाज़ार म ि थत ह यहा खरीदारी का हमन खब ल फ़ उठाया

अगल िदन हम हि दया पोटर गए एव अनक जहाज़ दख 3-4 घट की दरी पर ि थत यह पोटर अनक एकड़ म फला हआ था पहली बार इतन बड़ जहाज़ को अदर स दख खब आनद आया तीसर िदन हम काली बाड़ी मिदर गए बगाली अ यत पाठ-पजा वाल दगार मा क स च उपासक ह यह सब जानत ह दगार पजा इनका लोकिपरय उ सव ह तथा काली मा एव दगार मा की स च मन स पजा करत ह कोलकाता क िनवासी भिक त भावपणर ह यह सना था अब खद दख भी िलया बगाली र म स पजा करन का य मौका अ यत आनदमयी था इसक अलावा काली बाड़ी क नज़दीक ही ि थत ह गौिरहाट बाज़ार यहा की दकान बगाली सािड़या कपड़ सट कत इ यािद क िलए परिसदध ह आिद धक तशवर नामक मशहर दकान म जाकर मरा भी मन िकया िक म भी खरीददारी क मर सािथय न बहत सािड़या खरीदी एव दाम दखकर म दग रह गई सदर स सदर साड़ी मातर 600700 पय की थी मन बगाल की मशहर लाल एव सफद िपरट की साड़ी भी खरीदी कोलकाता म खरीददारी का अलग की मज़ा ह उसी िदन शाम हम सा ट लक िसटी मॉल गए वह सा ट लक टिडयम क नज़दीक ह यहा िदखाई िदया कोलकाता का परगितशील प नौजवान फटबाल की जसीर पहन माल म घम रह थ एक स एक

मशहर बरड वहा मौजद थ इसक अलावा कोलकाता क िनवासी खब मनोरजन क शौक़ीन ह सगीत नाच गाना इ यादी म िच रखत ह कोलकाता म जगह-जगह सगीत कला अकडमी तथा पढ़न (रीिडग) क क लब ह अगरज क शौक तथा रहन-सहन की झलक आज भी यहा िदखती ह यहा क नौजवान को खल-कद म भी खब िदलच पी ह फटबाल का तो जस यहॉ सबको जनन ह

भारत क परिसदध मोहन बगान फटबाल क लब फटबाल क वहा क नौजवान ही नही परा शहर ही दीवाना ह भारत-पाक मच हो या आई पी एल इडन गाडरन मदान लोग स खचा-खच भरा रहता ह अफ़सोस म वहा अदर जा न सकी

इसक अलावा काली बाड़ी क नज़दीक ही ि थत ह गौिरहाट बाज़ार यहा की दकान बगाली सािडया कपड़ सट कत इ यािद क िलए परिसदध ह

प ठ 32 अकषय कराित

मर सफर क आखरी िदन म मन कोलकाता क लोग म एकता क नजार दख िविभ नता म भी एकता का उदाहरण दखा चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख िजस िदन हम कोलकाता पहच थ उसी िदन वहा शहर बद था और मन एक जट होकर लोग को अपनी बात कहत हए दखा एव सना यहा क लोग अपन शहर क िवकास बहतरी क िलए जाग क ह िज मदारी लत ह तथा सरकार को अपनी बात भली-भाित कहत ह लड़िकय औरत की इ ज़त करत ह एव यहा िक मिहलाओ को मन िनदरलीय पाया जहा एक ओर भारत की राजधानी होन क बावजद िद ली वाल अपनी िजदगी म मगन रहत ह वही दसरी और कोलकाता म अमीरी-गरीबी िभ न जाितय म भी एक जटता ह कपड़ा एव खाना आज भी यहा खब स ता िमलता ह पर त दसरी तरफ सब जानत ह िक बड़-बड़ उ योगपित िव वान लखक िखलाड़ी गायक अिभनता िनदशक यहा स उभर ह सािह य हो या लख बॉलीवड हो या िकरकट बगाल न भारत को अनक नाम एव गौरव िदए ह चाह सौरव दादा हो या रिव दर नाथ टगोर ममता बनजीर रानी मखजीर हो या योित बस भारत म इनकी भिमका का वणरन करन की ज रत नही

मन कछ िदन क कोलकाता क सफर म इस शहर को जानन समझन का परयास िकया हगली नदी क िकनार खड़ होकर समदर को दखा निदय को िनहारा िव यासागर सत िबरज की सदरता िवशालता को सराहा क सी दास की परिसदध िमठाई का ल फ उठाया मन बहत शहर घम पर त यह सफर मर िलए सबस यादगार रहा कोलकाता परगित क मागर पर िनरतर बढ़ रहा ह पर त आज भी वह अपनी जड़ नितक म य को नही भला ह एक आम आदमी आज भी टराम म या फरी स सफर करता ह यहा क िनवासी दो पय स लकर 500 ० का खाना खात ह पराना एव नया कोलकाता एक साथ जीिवत ह िसक क क दो पहल की तरह कोलकाता क यह दो प को एक साथ रहत दख बहत आनद आया

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 33 अकषय कराित

जल परकित का अनपम उपहार ह मानव जाित अपन परादभारवकाल स ही इस उपहार का उपयोग अपन िहत क िलए करती आई ह जल वह पराकितक उपहार ह िजसका कोई िवक प नही ह इसिलए जल को अमतया जीवन भी कहा गया ह जल क िबना जीवन की सभावना भी नही ह पर यकष प स तो जल की मानवीय आव यकता सीिमत ह परत परोकष आव यकताओ पर नजर डाल तो दिनक जीवन की आव यकताए जस अ न फल स जी दध स लकर हमार पहराव आवास तक सब जल स जड़ हजल का जरा भी सतलन िबगड़ जाए तो जीवन यापन क टपरद होन म दर नही परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह जल क सामा य त य जल या पानी एक आम रासायिनक पदाथर ह जो जीवन क सभी जञात प क जीिवत रहन क िलए ज री ह आमतौर पर जल अपनी दरव अव था म उपयोग म लाया जाता ह पर यह ठोस अव था बफर और गस अव था जल वा प या भाप प म भी पाया जाता ह प वी क लगभग तीन चौथाई िह स पर िव व क महासागर का अिधकार ह अनमानत प वी पर जल की कल मातरा लगभग 1400 िमिलयन घन िकलोमीटर ह जो िक प वी पर 3000 मीटर गहरी परत िबछा दन क िलए काफी ह तथािप जल की इस िवशाल मातरा म व छ जल का अनपात बहत कम ह प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह शष जल झील निदय वायम डल नमी मदा और वन पित म मौजद ह जल की जो मातरा उपभोग और अ य परयोग क िलए व ततः उपल ध ह वह निदय झील और भजल म उपल ध मातरा का छोटा-सा िह सा ह इसिलए जल ससाधन िवकास और परब ध की बाबत सकट इसिलए उ प न होता ह कय िक अिधकाश जल उपभोग क िलए उपल ध नही हो पाता

परभावी जल परबधन और दश का िवकास

दीपक आहजा ओएनजीसी िवदश

प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह

प ठ 34 अकषय कराित

और दसर इसका िवषमतापणर थािनक िवतरण इसकी एक अ य िविश टता ह फलतः जल का मह व वीकार िकया गया ह और इसक िकफायती परयोग तथा परब ध पर अिधक बल िदया गया ह प वी पर उपल ध जल जल-चकर क मा यम स चलायमान ह जल लगातार एक चकर म घमता रहता ह िजस जलचकर कहत ह इसम वा पीकरण वषार और बह कर सागर म पहचना शािमल ह हवा जल वा प को थल क ऊपर उसी दर स उड़ा ल जाती ह िजस गित स यह बहकर सागर म पहचाता ह जल चकर का िचतर नीच पर तत िकया गया ह

अिधकाश उपभोकताओ जस िक मन य पशओ अथवा पौध क िलए जल क सचलन की ज रत होती ह जल ससाधन की गितशील और नवीकरणीय परकित और इसक परयोग की बार बार ज रत को ि टगत रखत हए यह ज री ह िक जल ससाधन को उनकी परवाह दर क अनसार मापा जाए इस परकार जल ससाधन क दो पहल ह अिधकाश िवकासा मक ज रत क िलए परवाह क प म मािपत गितशील ससाधन अिधक परासिगक ह आरिकषत भ डार की ि थर अथवा िनयत परकित और साथ ही जल की मातरा तथा जल िनकाय क कषतर की ल बाई व म यपालन नौ सचालन आिद जस कछक िकरयाकलाप क िलए भी परासिगक ह

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 35 अकषय कराित

जल का यय अप यय जल क बार म एक नही कई च कान वाल त य ह िव व म और िवशष प स भारत म जल िकस परकार न ट होता ह इस िवषय म जो त य सामन आए ह उस पर जाग कता स यान दकर जल क अप यय को रोका जा सकता ह अनक त य ऐस ह जो हम आन वाल ख़तर स तो सावधान करत ही ह दसर स पररणा लन क िलए परो सािहत करत ह और पानी क मह व व इसक अनजान ोत की जानकारी भी दत ह प वी पर पदा होन वाली सभी वन पितया स भी हम पानी िमलता ह

आल और अनानास म 80 परितशत और टमाटर म 95 परितशत पानी ह पीन क िलए मानव को परितिदन 3 लीटर और पशओ को 50 लीटर पानी

चािहए भारत म 83 परितशत पानी खती और िसचाई क िलए उपयोग िकया जाता

ह इज़राइल म औसतन मातर 10 सटीमीटर वषार होती ह इस वषार स वह

इतना अनाज पदा कर लता ह िक वह उसका िनयारत कर सकता ह दसरी ओर भारत म औसतन 50 सटीमीटर स भी अिधक वषार होन क बावजद अनाज की कमी बनी रहती ह

िपछल 50 वष म जल क िलए 37 भीषण ह याकाड हए ह भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल

चलती ह पानी ज य रोग स िव व म हर वषर 22 लाख लोग की मौत हो जाती ह यिद बरश करत समय नल खला रह गया ह तो पाच िमनट म करीब 25

स 30 लीटर पानी बरबाद होता ह बाथ टब म नहात समय 300 स 500 लीटर पानी खचर होता ह जबिक

सामा य प स नहान म 100 स 150 लीटर पानी खचर होता ह िव व म परित 10 यिकतय म स 2 यिकतय को पीन का शदध पानी

नही िमल पाता ह परित वषर 6 अरब लीटर बोतल पक पानी मन य वारा पीन क िलए

परयकत िकया जाता ह मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 36 अकषय कराित

िद ली मबई और च नई जस महानगर म पाइप लाइन क वॉ व की खराबी क कारण रोज़ 14 स 44 परितशत पानी बकार बह जाता ह

निदया पानी का सबस बड़ा ोत ह जहा एक ओर निदय म बढ़त परदषण रोकन क िलए िवशषजञ उपाय खोज रह ह वही कल कारखान स बहत हए रसायन उ ह भारी मातरा म दिषत कर रह ह

भारत म जल सकट नासा की एक िरपोटर न पानी को लकर दश भर म बढ़ती जा रही लापरवाही क परित आख खोली ह इस िरपोटर म भारत म सख की ि थित पदा होन क िलए िज मवार कारण म स एक अहम कारण अधाधध जल दोहन को बताया गया ह बतात चल िक दश भर क 604 िजल म स 161 सख की मार झल रह ह वस अब बताया जा रहा ह िक सख की मार स बहाल िजल की सखया बढ़कर 246 हो गई ह यानी कहा जाए तो आधा दश सख की चपट म ह बहरहाल नासा की इस िरपोटर म बताया गया ह िक भारत क कई रा य कषमता स यादा जल दोहन कर रह ह यहा कषमता स ता पयर यह ह िक उनस िजतन सलाना जल दोहन की उ मीद कदर करती ह व उसस कही यादा जल दोहन कर रह ह नासा न यह अ ययन 2002 स 2008 क बीच

की ि थितय क आधार पर िकया ह इस िरपोटर म बताया गया ह िक पजाब हिरयाणा और राज थान हर साल औसतन 177 अरब कयिबक मीटर पानी जमीन क अदर स िनकाल रह ह जबिक कदर की तरफ स लगाए गए अनमान क मतािबक इ ह हर साल 132 अरब कयिबक मीटर पानी ही जमीन क अदर स िनकालना था इस तरह स दखा जाए तो य तीन रा य िमलकर कषमता स 30 फीसदी यादा पानी का दोहन कर रह ह जािहर ह िक िबना कछ सोच-िवचार जब इस पमान पर पराकितक ससाधन का दोहन िकया जाएगा तो परकित भी बदला लगी और वही हो रहा ह इस िरपोटर म यह भी बताया गया ह िक भारत का महज 58 फीसदी भजल ही हर साल िरचाजर हो पाता ह नासा की यह िरपोटर बताती ह िक अधाधध जल दोहन की वजह स पर उ तर पि चम भारत क भजल तर म हर साल 4 सटीमीटर यानी 16 इच की कमी आ रही ह इस अ ययन को अजाम दन म नासा क जल िवजञानी मट रोडल न अहम भिमका िनभाई ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 37 अकषय कराित

उनक हवाल स इस िरपोटर म बताया गया ह िक दश क उ तर पि चम कषतर म 2002 स 2008 क दौरान तकरीबन 109 कयिबक िकलोमीटर पानी की कमी हई ह यह मातरा िकतनी अिधक ह इसका अदाजा इसी स लगाया जा सकता ह िक यह अमिरका क सबस बड़ जलाशय लक मीड की कषमता स दगन स भी कही यादा ह अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह इस िरपोटर क मतािबक अगर अधाधध जल दोहन इसी तरह स जारी रहा तो आन वाल समय म भारत को अनाज और पानी क सकट को झलन क िलए अभी स तयार हो जाना चािहए जािहर ह िक जब जल सकट बढ़गा तो खती पर इसका गहरा परभाव पड़गा अनाज क उ पादन म कमी आएगी इस वजह स अनाज सकट पदा होगा और भख का एक नया चहरा उभरकर सामन आएगा एक बड़ा तबका जो आज भरपट भोजन कर पाता ह उसक िलए पट भर खाना िमलना मि कल हो जाएगा भखमरी की जो सम या पदा होगी उसस िफर िनपटना आसान नही होगा इसक अलावा पीन क पानी का टोटा तो होगा ही अभी ही दश क कई िह स ऐस ह जहा क लोग को पीन क िलए साफ पानी नही िमल पा रहा ह कई कषतर ऐस ह जहा गमीर क िदन म हडपप स पानी आना बद हो जाता ह वहा क लोग को हर साल बोिरग को कछ फट बढ़वाना होता ह यह सम या भजल तर क िगरत जान की वजह स ही पदा हई ह जब पीन क पानी का सकट पदा होगा तो बोतलबद पानी का कारोबार काफी तजी स बढ़गा कहन का मतलब यह िक िजसक पास पसा होगा वह अपनी यास बझा सकगा और िजसक पास पसा नही होगा उस अपनी यास बझान क िलए भी सघषर करना पड़गा ि थित की भयावहता की क पना ही िसहरन पदा करती ह भारत म दिनया का हर छठा आदमी रहता ह यानी कहा जाए तो दिनया क कल आबादी क तकरीबन सतरह फीसदी लोग भारत म रहत ह जबिक दिनया का महज साढ़ चार फीसदी पानी ही भारत म उपल ध ह ऐस म जल सम या स दो-चार होना कोई आनापिकषत बात नही ह एक बात तो तय ह िक पराकितक ससाधन म इजाफा तो नही िकया जा सकता ह लिकन इसका सरकषण अव य िकया जा सकता ह

अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह

प ठ 38 अकषय कराित

भारत म लोग िकसी एक मा यम स पयजल परा त करन पर िनभरर नही ह इस दश म 357 फीसदी लोग हडपप स 367 फीसदी लोग नल स 182 फीसदी लोग तालाब पोखर या झील स 56 फीसदी कओ स 12 फीसदी लोग पारपिरक साधन स और 26 फीसदी लोग अ य मा यम स पीन का पानी परा त करत ह इस िलहाज स अगर दखा जाए तो जल सकट को दर करन क िलए समगर कायरयोजना की ज रत ह

दरअसल भारत म गहरात जल सकट क िलए काफी हद तक पानी की बबारदी भी िज मवार ह यहा जल आपित र की यव था म काफी खािमया ह नल क जिरए घर तक पहचन वाल पानी का एक बड़ा िह सा िरस कर बबारद हो जाता ह हर शहर म फट हए आपित र पाइप आसानी स दख जा सकत ह इस बदहाल यव था क िलए सरकार क साथ-साथ सामा य लोग भी कम िज मदार नही ह एक तरफ तो सरकार पयजल क नाम पर हर साल हजार करोड़ पए का बजट बनाती ह और दसरी तरफ जमीनी तर पर हालात म कोई बदलाव नही िदखता ह सामािजक तौर पर भी जल सरकषण को लकर जाग कता का अभाव िदखता ह यह सामािजक तान-बान का ही असर ह िक लोग कही भी जल की बबारदी को दखकर उस सामा य घटना मानत हए नजरअदाज कर दत ह दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था यह अब घटकर 1800 कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर हो चका ह

दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था

प ठ 39 अकषय कराित

िवशषजञ का अनमान ह िक अगर पानी की खपत और बबारदी इसी तरह स जारी रही तो 2025 तक यह घटकर हजार कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर ही रह जाएगा उस समय तक पानी की उपल धता म आन वाली इस कमी की वजह स किष उ पादन म तीस फीसदी की कमी आन की सभावना ह इन पिरि थितय म दश की आिथरक और सामािजक ि थित का कया होगा इसका अदाजा सहज ही लगाया जा सकता ह भारत म जल सरकषण क परित आज भी आम लोग क मन म उपकषा का भाव बना हआ ह साथ ही इस कायर क िलए आव यक तकनीक की भी कमी ह जो तकनीक उपल ध ह उनस सामा य लोग अनजान ह बािरश क पानी का सगरह करक उस उपयोग म लाना एक अ छा िवक प ह पर इस तरह की कोिशश काफी सीिमत मातरा म काफी छोट तर पर हो रही ह यही वजह ह िक दश म होन वाली बािरश क पानी का अ सी फीसदी िह सा आज भी समदर म पहच जाता ह अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह अगर जल की इस िवशाल मातरा का आधा भी परयोग कर िलया जाए तो ि थित म यापक बदलाव आना तय ह शहरी कषतर म तो पानी की कालाबाजारी जोर पर ह जगह-जगह पर जल मािफया सिकरय हो गए ह िद ली क ही एक अखबार न कछ समय पहल यह बात उजागर िकया था यहा तो समानातर जल बोडर भी चलाया जा रहा ह हरानी की बात तो यह ह िक इसक बावजद भी पानी क काल धध पर अकश नही लगाया जा सका ह अहम सवाल यह ह िक कस सामा य तबक क लोग तक व छ पानी पहचाया जाए शहरी कषतर क साथ-साथ गरामीण कषतर म भी यह एक बड़ी चनौती ह आबादी म अपर यािशत विदध बढ़त शहरीकरण औ योिगकीकरण और किष उ पाद की बढ़ती माग क कारण पानी की माग िपछल कछ साल म वाभािवक प स बढ़ी ह इसक पिरणाम व प भजल ससाधन का अ यिधक दोहन हआ ह और इसका नतीजा हआ िक लगातार भजल का तर घटता जा रहा ह शहरी कषतर म ि थित बहद भयावह ह तदनसार वहा न कवल शीघराितशीघर जल ससाधन क सरकषण की ज रत ह बि क परभावी रणनीित और परबधन क जिरए त काल कदम उठान की ज रत ह

अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह

प ठ 40 अकषय कराित

खासकर इस बात को यान म ऱखकर िक िविभ न परितयोगी कषतर म कभी भी माग बढ़ सकती ह भिव य म उपयोग क िलए छत पर या सतह पर जलगरहण बनाकर वषारजल सरकषण बहद ज री ह यह पानी की बढ़ती ज रत का खयाल रखन िमटटी की नमी तर को बढ़ान शहरी हिरयाली को बढ़ान भजल तर को कितरम प स पनभररण करन और भजल की गणव ता स सधार का काम करता ह भारत म जल परबधन स दश का िवकास भारत म दिनया की 16 परितशत आबादी रहती ह लिकन दिनया क िसफर 4 परितशत जल ससाधन ही भारत क पास ह 3290000 वगर िकलोमीटर क भिम कषतर और एक अरब स यादा की आबादी क साथ भारत क एक बहलवादी िविवधता का िचतर ह िवशाल पराकितक ससाधन क साथ सप न तकनीकी और वजञािनक किमरय का भी यह दिनया म दसरा सबस बड़ा सम चय ह भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह मानव िवकास म 80 क दशक म लगभग 26 परितशत और 90 क दशक क दौरान और 24 परितशत क वारा सधार हआ ह आजादी क बाद छह दशक म भारत न जल ससाधन का अभतपवर िवकास और खा या न म आ मिनभररता शहरी कषतर ऊजार और औ योिगक कषतर और पीन का पानी क बिनयादी ढाच म तजी स िव तार दखा ह िजसका उपयोग भारत की लगभग 85 परितशत शहरी और गरामीण आबादी क वारा िकया जाता ह भारत म रा य सरकार और भारत सरकार क परितबदध और ठोस परयास की वजह स गरामीण और शहरी आबादी को सरिकषत पयजल को उपल ध करवान म काफी सफलता हािसल की ह इस उपलि ध न भजल की कमी जल जमावजल गणव ता िगरावट जल परदषण और बढ़त लवणता तर स बड़ कषतर को परभािवत िकया ह और अभी भी िविभ न रा य म गरामीण और शहरी भारत क मानव िवकास सचकाक (HDI)rsquo म बहत असमानता मौजद ह पानी क िलए कषतरीय माग तजी स बढ़ रह शहरीकरण की गित स बढ़ रही ह (अनमानत 2025 तक दश की आबादी का 50 परितशत स अिधक शहर म रहग) जनसखया विदध बढ़ती आय और औ योिगक िवकासशहरी भारत तजी स िवकास की माग क कदर क प म उभर रहा ह

भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह

प ठ 41 अकषय कराित

नतीजतन परित यिकत पानी की उपल धता िगर रही ह परधानमतरी की अ यकषता म 12वी योजना क िलए हई योजना आयोग की पणर बठक म दसर म क साथ जल परबधन पर िवशष चचार हई बठक क बाद योजना आयोग क उपा यकष म टक िसह अहलवािलया न कहा िक भ-जल कानन स लकर दसर म की यापक समीकषा ज री ह व यनाथन सिमित जहा वतरमान म भ-जल कानन की साथरकता का अ ययन करगी वही भारतीय अतिरकष अनसधान सगठन [इसरो] की मदद स पानी की उपल धता का िव तत अ ययन होगा म टक न कहा िक उसी आधार पर रणनीित तय होगी सरकार यह यान रखगी िक पानी का अिधकतम उपयोग हो सक और सभी को उपल ध हो पानी पर िकसी का एकािधकार न हो सक बतात ह िक द पयोग को रोकन क िलए श क लगान पर भी िवचार िकया जा सकता ह हालािक इसस पहल रा य सरकार स चचार होगी यह तय ह िक एआइबीपी कायरकरम म यापक बदलाव ह ग ी म टक िसह अहलवािलया न कहा िक वतरमान म इस कायरकरम का सही िकरया वयन नही हो रहा ह िलहाजा उसम पिरवतरन ज री ह सभव ह िक हर रा य म जल िनयामक परािधकरण बनान की शतर भी लगाई जाए उ ह न कहा िक जल परबधन की यापक समीकषा कर नई रणनीित तय की जाएगी कल िमलाकर रा टरीय तर पर वतरमान जल ससाधन का अिधक स अिधक करन क िलए माग को परा करन क िलए पयार त ह लिकन भिव य क अ ययन पिरयोजना ह िक जल आपित र की ि थित अगल आध सदी म अिधक किठन हो सकती ह जल सकट स िनपटन को जल सरकषण परबधन अिनवायर परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह बढ़त वि वक तापमान क फल व प अितवि ट अनावि ट अ पवि ट और असामियक वि ट हम परितवषर दख रह ह िजसका परभाव हमार जल ससाधन पर पड़ता िदखाई द रहा ह कओ व बाविडय का िमटता अि त व नदी-नाल का घटता पानी भ-गभर जल का िगरता तर िचता की पिरिध स िनकलकर खतर की घटी बनता जा रहा ह

निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह

प ठ 42 अकषय कराित

िव व भर म सीमट क अधाधध परयोग न धरातल क सहज अवशोषण कषतर को घटाया ह तथा जल बहाव भिम कटाव व बाढ़ म विदध की ह ऐसी ि थित म जल सरकषण का दािय व मातर वजञािनक व सरकार तक सीिमत न रहकर पर यक उपभोकता क कध पर आ जाता ह इसी दािय व क िनवरहन क िलए हमार पास दो िवक प सामन आत ह 1 वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई

उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

2 पािरवािरक तर पर वषार जल को सगरिहत कर उसका उपयोग कर य दोन ही परयास गरामीण कषतर म तो सरलता स अपनाए जा सकत ह परत शहरी कषतर म व ट वाटर मनजमट की बड़ी पिरयोजनाए बनाकर ही पानी को िरसाइिकल िकया जा सकता ह भ-गभर अिधकािधक जल अवशोिषत होकर

जाए इसक िलए मदानी भाग म िनयोिजत ढग स बड़-बड़ पोखर बनाकर तथा पहाड़ी कषतर म नाल -ख ड म िमटटी प थर आरसीसी क बड़-छोट डम लगाकर जल बहाव रोक भ-सरकषण बचाव व जल भडारण और धरातल जल शोषण कषतर बढ़ाया जा सकता ह िव व बक भारत सरकार वारा म य िहमालय जलागम पिरयोजना रा य क भ-सरकषण िवभाग इस कषतर म कारगर उपाय लकर

हमार सामन ह परत जनसहयोग क िबना इन पिरयोजनाओ क आशातीत पिरणाम ल पाना किठन ह वकषारोपण इस सपणर जल चकर को बल दन वाला कारक ह जल क परित चतना जागत न हई तो अव य ही अगल िव व यदध का कारण जल ही होगा

जल भोजन ह और अिगन भोजन का भकषक ह अिगन जल म और जल अिगन म िव यमान ह

- ततरीय उपिनषद 38

वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

प ठ 43 अकषय कराित

म भी गान गा सकता ह शबनम क िखलत फल क म भी गीत सना सकता ह सावन क म त झल क लिकन जब घर-घर म बादल छाय घोर िनराशा क तब म नगम गा रहा ह उ मीद की आशा क

सड़क पर खड़ बचपन की य बात सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह

हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

इस बदलत पिरवश का राग सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

गाधी जी क सपन का जो राम-रा य कहलाता ह उस भारत म सड़क पर छोट चाय पहचाता ह

कहा गई वो अ हड़ म ती कहा गया वो यार का रा ता उन हाथ स बचत झड िजन हाथ को चािहए ब ता

उस सोन की िचिड़या की म बात बतान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

कही बम की गमर हवाए कही ससद म कोहराम ह कही होत घोटाल स परशान आदमी आम ह

कही कल की िकलकारी ह कही सड़क पर बचपन ह कही चलता नही गजारा कही िवदश म काला धन ह

म स चाई गा-गाकर सबको बतलान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

बदलता भारत मनीष लाल इरडा

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

प ठ 44 अकषय कराित

करन वाल काम बहत ह यथर उलझन को छोड़ो म ला-पिड़त तोड़ रह ह तम बस lsquoअपन को जोड़ो

lsquoहम बदलग-यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का lsquoवद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का

वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हम बदलग mdash यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का वद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

प ठ 45 अकषय कराित

िसफर काला और सफ़द य ही वो दो रग थ जो तर पास सि ट बनान क आधार थ

काला वो जो कािलमा िलय ह िजस कहत ह दख िनराशा म य अपयश और वो सबकछ जो नकारा मक ह

मगर सफद ह वो रग िजसस जड़ा ह जीवन आशा सख और कीितर और वो सब कछ जो सकारा मक ह पर इन रग स तझ चन ना िमला त सोचन लगा अगर सि ट बनानी ह

तो िकस िलए- ससगर और परम क िलए और

इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग

ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह

बस- बना डाला तन इ दरधनष

जो बरसात क बाद सरज और प वी क अनपम परम को रग दता ह सतरगी रग स

और उ ही सतरगी इ दरधनषी रग म हम हर पल हर कषण डबत गहरात इतरात रहत ह

और खिशय भर ससार म हर रग को अलग-अलग तरह स महसस करक जीत रहत ह

रग तो रग ह मगर-

ससगर और परम क िलए और इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह बस-

सतरगी िचतर सगीता ीवा तव इरडा

प ठ 46 अकषय कराित

कभी पक क कभी फीक़ तो कछ कभी दाग बनकर उभर आत ह

कछ आख म नील बादल स छाए रहत ह तो कछ गाल पर गलाबी रग बनकर छलक जात ह

याद रहत ह अक सर वो रग- जो खदी पर इस तरह छा जात ह िक खद म घलकर खद क होन

का एहसास दत-दत खद का एक रग बन जात ह

बगनी आसामनी नीला हरा पीला नारगी लाल इ दरधनष क य सात रग ही जोड़त ह हमार िदल को

हमार मन को जोड़न वाल इन रग की सतरगी दिनया म-

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा बनाय

और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क

सतरगी िचतर

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा

बनाय और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क सतरगी िचतर

प ठ 8

अकषय कराित

एक राजा था उसक रा य म सब परकार स सख शाित थी िकसी परकार का कोई वर-िवरोध नही था जनता हर परकार स सखी थी पर त राजा को एक बहत बड़ा दख था िक उसकी कोई सतान न थी उस अपना वश चलान की तथा अपन उ तरािधकारी की िचता खाए जा रही थी मिदर मि जद ग वार म जाकर माथा टका कई तीथर थान की यातरा की पर त कोई लाभ न हआ सतान की कमी उस िदन ब िदन खाए जा रही थी बहत सोच-िवचार क प चात उसन अपन रा य क सभी िव वान पिडत को बलवाया और उनस सतान पराि त का उपाय ढढ़न को कहा सभी िव वान न िवचार िकया राजा की ज म कडली का गहन िव लषण िकया अत म व सभी एक मत स एक िन कषर पर पहच उ ह न राजा स कहा िक यिद कोई बरा मण का ब चा अपनी खशी स दवता को बिल द तो आपको सतान की पराि त हो सकती ह राजा न िव वान की बात सनी उसन सार रा य म घोषणा करवा दी िक यिद कोई बरा मण का ब चा अपनी इ छा स खशी-खशी बिल दगा तो उसक घर वाल को बहत सा धन िदया जाएगा राजा क रा य म एक बहत ही गरीब बरा मण था कई िदन फाक म ही गजर जात थ उसक चार लड़क थ बड़ तीन लड़क तो अपना काम-धधा करत थ और अपन पिरवार को आिथरक सहयोग दत थ पर त जो सबस छोटा लड़का था वह कोई काम नही करता था उसका सारा यान हमशा भगवान भिकत म लगा रहता था उसका सारा िदन स कमर करत हए भगवान का मरण करत ही बीत जाता था उसक िपता न भी घोषणा सनी और सोचा यह लड़का िनठ ला ह और कोई काम-धधा भी नही करता इसको बिल क िलए भज दत ह राजा स धन िमल जाएगा तो घर की हालत कछ सधर जाएगी बरा मण अपन सबस छोट लड़क को लकर राजा क पास पहचा राजा न उस लड़क स पछा कया तम िबना िकसी दबाव क अपनी मजीर स अपनी खशी स बिल दन को तयार हो जी महाराज लड़क न बड़ी िवनमरता स उ तर िदया यिद मरी बिल दन स आपको सतान की पराि त होती ह तो म खशी स अपनी बिल दन को तयार ह दकर िवदा िकया ठहराया गया

उसन सार रा य म घोषणा करवा दी िक यिद कोई बरा मण का ब चा अपनी इ छा स खशी-खशी बिल दगा तो उसक घर वाल को बहत सा धन िदया जाएगा

शकर द त पीईसी िलिमटड

िचतन कर

प ठ 9

अकषय कराित

लड़क को अितिथ गह म ठहराया गया हर परकार स उसका खयाल रखा गया अत म उसकी बिल दन का िदन भी आ गया राजा न लड़क को बलाया और कहा आज त हारी बिल द दी जाएगी अगर त हारी कोई आिखरी इ छा हो तो बताओ हम उस परी करग मझ कछ भी नही चािहए बरा मण पतर न कहा बस म बिल दन स पहल नदी म नान करक पजा करना चाहता ह राजा यह सनकर बहत परस न हआ और बोला ठीक ह हम भी त हार साथ नदी तक चलग उस लड़क न नदी म नान िकया िफर नदी िकनार की रत को इकटठा िकया और उसकी चार ढिरया बना दी उसन चार ढिरओ की ओर दखा िफर एक ढरी को अपन पर स िगरा िदया िफर उसी परकार स दसरी ढरी को भी िगरा िदया िफर तीसरी ढरी को भी िगरा िदया उसक वह चौथी ढरी क पास गया उसक चार ओर तीन बार चककर लगाया हाथ जोड़कर उसको माथा टका उसकी वदना की और राजा क पास बिल क िलए आ गया राजा उसका यह सारा करतब बड़ ही कौतहल स दख रहा था पहल तो राजा न सोचा िक बालक ह रत स खल रहा ह पर त जब राजा न दखा िक उसन चौथी ढरी को हाथ जोड़कर परणाम िकया ह तो राजा को इसका रह य जानन की इ छा हई राजा न बालक स पछा बालक तमन रत की चार ढिरया बनाई िफर उनम स तीन को तोड़ िदया और चौथी को परणाम िकया इसका कया रह य ह पहल तो ब च न कोई उ तर नही िदया पर त राजा क दोबारा पछन पर लड़क न कहा राजन आपन बिल क िलए मझ कहा ह म बिल दन क िलए तयार ह आप अपना काम कीिजए आपको इस बात स कया लना िक मन रत की वो ढिरया कय तोड़ी ह राजा को बालक स ऐस उ तर की आशान थी राजा न उसस कहा बालक हमन त हार िपता को त हारी कीमत दकर त ह खरीदा ह तम हमार खरीद हए गलाम हो इसिलए हमार हर पर न का उ तर दना और हमारी हर बात को मानना त हारा धमर बनता ह ह राजन जब आप िजद कर रह ह तो सिनए लड़क न उ तर िदया जब कोई ब चा पदा होता ह तो सबस पहल उसक माता-िपता उसकी रकषा करत ह अगर वह आग क पास जान लगता ह तो उसको उसस बचात ह उसकी हर परकार स रकषा करन की िज मवारी उनकी होती ह लिकन यहा तो मर िपता न ही धन क लालच म मझ बिल दन क िलए आपक पास बच िदया इसिलए पहली

उसकी वदना की और राजा क पास बिल क िलए आ गया राजा उसका यह सारा करतब बड़ ही कौतहल स दख रहा था

प ठ 10

अकषय कराित

ढरी जो उनक नाम की बनाई थी वह मन ढहा दी लड़क न आग कहा दसरी िज मदारी राजा पर होती ह अपनी परजा की रकषा करन की आपन मझ अपनी सतान पराि त क िलए बिल दन क िलए खरीद िलया तब आपस कया पराथरना करता इसिलए दसरी ढरी जो मन आपक नाम की बनाई थी वह भी तोड़ दी जीव की रकषा करन का तीसरा भार दवी-दवताओ का होता ह बालक न तीसरी ढरी का रह य बतात हए कहा लिकन यहा तो दवता वय ही मरी बिल लन को तयार बठा ह तो इसस कया पराथरना करता इसिलए मन तीसरी ढरी भी तोड़ दी लिकन चौथी ढरी का कया रह य ह राजा न पछा और अत म सहारा होता ह भगवान का ई वर का ब च न रत की ढिरय का रह य खोलत हए कहा मरी बिल दी जानी थी सो मन अत म ई वर स पराथरना की परभ की पजा-अचरना करक उनस रकषा करन की पराथरना की अब वही मरी रकषा करग वही होगा जो ई वर को मजर होगा म बिल दन क िलए तयार ह rsquo इतना कहकर वह बालक राजा क पास जाकर िसर झका कर खड़ा हो गया राजा उस छोट स बालक की इतनी जञान की बात सनकर स न रह गया राजा न सोचा म इस बालक की बिल द दगा बरा मण ह या भी हो जायगी िफर पता नही मझ जो सतान परा त होगी वो कसी होगी परजा का खयाल रखन वाली होगी या नही कही मरा और वश का नाम ही न डबो द यह बालक गणवान ह ई वर का भकत ह सब परकार स मर लायक ह कय न म इस ही गोद ल ल और इस ही अपना पतर बना ल इतना िवचार करत ही उसन उस बालक की बिल दन का कायरकरम र कर िदया और उस बालक को गोद ल िलया कहत ह उस बालक म अ छ गण होन क कारण उसन कई साल तक रा य िकया और हर परकार स परजा की रकषा की उसक रा य म िकसी को िकसी परकार का कोई क ट नही था

इतना कहकर वह बालक राजा क पास जाकर िसर झका कर खड़ा हो गया राजा उस छोट स बालक की इतनी जञान की बात सनकर स न रह गया

परकित िजदगी स ह िजदगी बनी भी परकित स ह चलता रह य िविचतर खल य ही इसका भी अमल िजदगी स ह

प ठ 11

शोिभत ह िज़दगी धरती की धार पर इस हिरत धारा पर ऊजार स भरपर ह हिरत ऊजार स य ससि जत य खब ह

हिरत ऊजार क भ डार का खजाना य खब ह जल वाय और सौर ऊजार ह इनक अ यत ोत

ल अमल म इनको अगर बचाना ह य धरा अनमोल अदभत ह खजान परकित क अगर कर ल मन य इनका सदपयोग

य झोखा जो हवा का ह य जो तरग म जलधारा ह अदभत िकरण जो फलाती जीवन की धारा ह

समझ ल इनका जो इशारा ह कर परयोग इ ही का अपन यतर मतर स छपा ऊजार का अनमोल खजाना ह

परकित िजदगी स ह िजदगी बनी भी परकित स ह चलता रह य िविचतर खल य ही इसका भी अमल िजदगी स ह

रकषा कर इस धरा की स पना इसको नई िजदगी को ह इस परकित स बना मन य महान

िफर क य कर रहा परकित का सवरनाश खद को बचा हर िजदगी को बचा

करक हिरत ऊजार का स मान जीन द जीवन को और भी कर ल सयम म अपना य िवषकत घटता जीवन का चकर य ह इशारा परकित का हर पल सभल जरा ना कर इसको त तग

मक त खल परकित स कर ल इस हिरत ऊजार का परयोग अ छ क बदल अ छा दना सीख परकित का य खल

अलका कमार इरडा

अकषय कराित

किवता

प ठ 12

नही सीखा अब भी अगर परकित म सब जाएगा बदल जी ना पायगा िफर त इस परकित म िमट जाएगा अश तरा इस परकित स हिरत परकित और य हिरत ऊजार ह य इस धरा क जीवन दायक सीख परकित स लना दना

िसखा रह य जीवन का मल मतर परकित का आहार परकित मत द आहार आपराकितक सतलन िबगड़ गया अगर हो जायगी िवनाश िजदगी

अब सभल जरा और कर ल परण करक हिरत ऊजार को ही खचर बना धारा को शोिभत हरदम

िफर रहगा परकित और िजदगी का य खबसरत सग

हिरत परकित और य हिरत ऊजार ह य इस धारा क जीवन दायक सीख परकित स लना दना िसखा रह य जीवन का मल मतर

अकषय कराित

प ठ 13

अकषय कराित

कमरचािरय की आदत उनक यिक त व और िन पादन कषमता का पार पिरक सबध - एक िव लषण

हम िजस िकसी सगठन म काम करत ह उसक परित हमारा ल य होना चािहए सबिधत स थान क िलए अपनी सपणर कषमताओ का इ तमाल कषमताओ का बहतर परयोग तभी हो सकता ह जब हम अपन अदर अ छी आदत का िवकास कर हमार शा तर वद उपिनष और अ य धािमरक गरथ हम अ छी आदत क िवकास क सबध म बीज मतर बतात ह िक हम मनसा वाचा और कमरणा शदध रहना चािहए मनसा वाचा और कमरणा शदधता स ता पयर ह िक हम मन वाणी और कम स अ छ बन रह हमारी नीयत नक हो हम अपन सहकिमरय सािथय और अ य लोग क साथ अ छा बरताव कर और हमार कमर अ छ ह इस बीज मतर पर चलन वाला हमशा अपन अदर अ छी आदत का िवकास होता पायगा

असल म िदककत यही ह िक हम उपदश दन म तो आग रहत ह लिकन खद क अदर नही झाकत या कम ही झाकत ह - lsquoपर उपदश कशल बहतरrsquo सपरिसदध लखक सरदार परन िसह न एक बार कहा था आचरण की स यतामय भाषा सदा मौन रहती ह अथारत आदमी खद चप रहकर खद को ठीक रख तो इसका परभाव खद-ब-खद दसर पर पड़ता ह इसको हम एक छोट स उदाहरण स प ट कर सकत ह िक मान िलया जाए हम ब च स कह धमरपान नही करत लिकन उसक सामन खद ऐसा कर इसस इतर हम अगर यह सब करत ही नही ह तो इसका यादा असर ब च पर पड़गा अ छी आदत घर स श होकर समाज द तर और उसस आग तक हम हमशा हमारा फायदा िदलाती ह

कहा जाता ह िक व थ तन म ही व थ मन िनवास करता ह इसी तरह यह भी कहा जाता ह िक व थ वातावरण ही उ नित का योतक होता ह व थ वातावरण तभी बनगा जब उस माहौल म रहन वाल लोग

हीरा व लभ नराकास

असल म िदककत यही ह िक हम उपदश दन म तो आग रहत ह लिकन खद क अदर नही झाकत या कम ही झाकत ह - lsquoपर उपदश कशल बहतरrsquo

प ठ 14

अकषय कराित एक दसर का स मान करग खद की आदत को सधारग और उस स था की तरककी क िलए अपन तर पर हर वह काररवाई करग जो औ योिगक सगठन और लोग की उ नित म ज री होती ह

औ योिगक सगठन िकसी भी दश की अथर यव था को मजबत आधार परदान करत ह औ योिगक सगठन म परयोग होन वाल सम त ससाधन म मानव ससाधन अथारत उसम काम करन वाल कमरचारी मह वपणर और िनणारयक होत ह इन सगठन का सफल सचालन वहा कायररत कमरचािरय की कशलता और कायरकषमता पर आधािरत होता ह कशलता और कायरकषमता का ोत हमारा आचरण और यवहार होता ह जािहर ह औ योिगक सगठन म मानवीय सबध परी एक ऐसी िकताब ह िजसक िबना कभी कछ नही कराया जा सकता लोग क साथ सतोषजनक प स काम करना परबधन क काम का िसफर एक िह सा नही ह वरन सारा

काम इसी पर िटका ह कय िक सभी उ योग म मशीन माल या दसरी चीज़ क साथ कोई भी काम लोग क मा यम स ही िकया जा सकता ह तीन lsquoएमrsquo अथारत मनी मटीिरयल और मशीन औ योिगक सगठन क िलए मह वपणर ससाधन होत ह लिकन इ ह पिरणाम तक पहचान का कायर कमरचारी (man) ही करत ह जो सगठन दर अदशी रहकर कमरचािरय क जञान उनकी िविश टताओ उनक आचरण को अनकल साच म ढालन क परित सजग रहत ह वही सफलता की ऊचाइय को छत ह अगरजी म एक परानी कहावत ह -- Where the vision is one year Cultivate flowers Where the vision is ten years Cultivate trees Where the vision is eternity Cultivate people अथारत जहा दरअदशी एक साल क िलए हो तो फल लगाइय जहा दरअदशी दस साल क िलए हो तो पड़ लगाइय

औ योिगक सगठन म परयोग होन वाल सम त ससाधन म मानव ससाधन अथारत उसम काम करन वाल कमरचारी मह वपणर और िनणारयक होत ह

प ठ 15

अकषय कराित जहा दरअदशी अनत काल क िलए हो तो लोग का िवकास कीिजए औ योिगक सगठन म 500 आदमी ह 5000 आदमी ह 50000 ह या इसस अिधक अगर कामकाज ठीक स चलाना ह तो बहत ज री ह परबधन उनस िनभाना जानता हो यिकतगत सपकर का मह व

वातानकिलत कमर म बठकर और सचार मा यम या िकसी अ य तरीक स कमरचािरय की िरपोटर लना और आस पास होन वाल घटनाकरम को जानना अलग बात ह और कायर थल पर वय उपि थत रहकर ि थित को समझना और िनदश दना अलग बात महान जनरल रोमल की सफलता का मखय कारण यह था िक व हमशा कायर थल पर वय उपि थत होकर िनदश दत बात की पि ट करत सम याए सलझात और दखत िक काम कसा चल रहा ह रोमल का यह तरीका इतना सफल रहा िक िकसी भी औ योिगक सगठन या कारोबार म इस अपनाया जाए तो आशातीत पिरणाम सामन आ सकत ह लोग क बीच खद उपि थत होकर काम करन का कोई िवक प नही ह लोग अिधकाशतः उनको नापसद करत ह िज ह व ठीक स जानत नही ह पर एक बार जान पहचान हो जान पर हालात बदल जात ह कमरचािरय म अ छी आदत का िवकास करन की पहली शतर ह िक पहल उनक िदल म घर िकया जाए ऐस िकसी भी बरताव स बचा जाए िजसस वह अपन को उपिकषत महसस करन लग अतः सवदनशीलता का यान रखना बहत ज री ह

कमरचािरय क परित सवदनशील यवहार-कौशल और धयरपणर होन क अितिरकत इस बात पर ढ़ रहना ज री ह िक काम ठीक परकार स हो अ छ यवहार क साथ कमरचािरय को यह जताना भी ज री ह िक उनस काम का उ च तर अपिकषत ह और उस पर उनक साथ कोई समझौता नही और अगर इस पर अमल नही करत तो उ ह पता होना चािहए िक आप कड़ी काररवाई करग

सकारा मक नजिरया परबधन का एकमातर काम िनदश दना नही ह वरन उस साथ-साथ लोग का िवकास करना होता ह

महान जनरल रोमल की सफलता का मखय कारण यह था िक व हमशा कायर थल पर वय उपि थत होकर िनदश दत बात की पि ट करत सम याए सलझात और दखत िक काम कसा चल रहा ह

प ठ 16

अकषय कराित एक अिधकारी का मखय काम यही ह िक वह अपन साथ काम करन वाल लोग म अ छी आदत का िवकास कर उनकी सहायता कर यिद यह काम परभावशाली ढग स कर पाता ह तो इसस कवल उसक अपन काम ही बहतर नही ह ग बि क उसक पास परिशिकषत और कशल कमरचािरय का परा दल होगा जो उसक परित परी िन ठा स काम करगा इसक िलए सबस पहल कमरचािरय का नजिरया ठीक करना ज री ह उनम सबस पहल यह भावना लानी होगी िक हमार अदर जो चीज ह वही हम ऊपर की ओर ल जाती ह और वह हमारा नजिरया ह

एक आदमी मल म ग बार बचकर अपनी गज़र-बसर करता था उसक पास लाल नील पील हर-चार रग क ग बार थ जब कभी उसकी िबकरी कम होन लगती तब वह हीिलयम गस स भरा एक ग बारा हवा म छोड़ दता ब च उस उड़ता दखकर वसा ही उड़न वाला ग बारा पान क िलए मचल उठत ब च उसस ग बारा ख़रीदत और इस तरह उसकी िबकरी िफर स बढ़ जाती िदन-भर यही िसलिसला चलता रहता एक िदन वह आदमी बाज़ार म खड़ा ग बार बच रहा था अचानक उस महसस हआ िक पीछ स कोई उसका करता पकड़कर खीच रहा ह उसन पीछ मड़कर दखा तो एक छोट स ब च को खड़ा पाया उस ब च न ग बार वाल स पछा ldquoअगर आप काला ग बारा छोड़ग तो कया वह भी उड़गाrdquo ब च की बात उसक िदल म लगी और उसन यार स जवाब िदया ldquoबट ग बारा अपन रग की वजह स नही उड़ता बि क उसक अदर कया ह इस वजह स ही वह ऊपर जाता ह rdquo ठीक यही बात हमारी िज़दगी म भी लाग होती ह अगर लोग का नजिरया बहतर हो उनम अदर स काम करन की इ छा भरी हो तो व खलकर आपस म िमलकर काम करग इसस नकसान तो कम होगा ही स थान क परित िन ठा बढ़गी और लगन स काम करन का वातावरण तयार होगा िव वास हािसल करना आव यक

कमरचािरय स बहतरीन काम लन क िलए शानदार टीम लीडर होना ज री ह मटठीभर लोग का कोई समह िकला तभी फतह कर सकता ह जब

एक आदमी मल म ग बार बचकर अपनी गज़र-बसर करता था उसक पास लाल नील पील हर-चार रग क ग बार थ

प ठ 17

अकषय कराित जब उनका सनापित उनम वह जोश भर सक िक उ ह कोई भी ऊचाई यादा न लग अतः सबस ज री ह िक स थान म कमरचािरय की

कषमताओ का परा फायदा लन क िलए उनका िव वास जीता जाए इसक िलए उनक साथ परी इ जत स पश आना ज री ह उनकी छोटी-बड़ी खशी को बाटना और उनकी राय को परा स मान दना भी उतना ही ज री ह कई बार परबधन क उ चािधकारी या लीडर अपनी टीम क सद य स िसफर इसिलए राय नही लत कय िक उ ह लगता ह िक एक बार राय लन पर अगर उनकी बात नही मानी गयी तो उ ह बरा लगगा लिकन सबस ज री ह िक टीम म सभी सद य को िव वास म लकर काम िकया जाए यहा टीम लीडर की भिमका मह वपणर होती ह वह खद वकत का पाबद होगा तो उसक मातहत कमरचािरय म वयमव यह गण आदत का प ल लगी टीम लीडर का काम अपनी टीम का उ साह बढ़ात हए दी गयी िज मदािरय को समय स परा करना ह मगर उसम नयी चीज़ को सीखन की ललक होनी चािहए ऐसी ललक जब स थान क कमरचािरय म आदत का प लन लगती ह तो वह स थान जािहर ह नए परितमान थािपत करन लगता ह जापानी कपिनया हर बात म कमरचािरय क िहत का यान रखती ह िजसस व वय ही उ पादकता क परित सचत हो जात ह जानी-मानी टोयोटा कपनी क कमरचािरय म तो काम की ऐसी आदत सी या ललक होती ह िक व तब तक काम करत ह जब तक खद थक कर चर नही हो जात यह उनकी आदत ही बन चकी ह िक यिद व िकसी बात पर नाराज होत ह तब भी कपनी या अपन भागय को भल ही कोस ल पर अपन काम पर असर नही पड़न दत इसका कारण यह ह िक जापानी कपिनया काम का एक अ छा वातावरण बनान और लोग म काम क परित स ची लगन को बढ़ावा दन क िलए कड़ा परयास करती ह वहा लोग को लगातार परिशकषण िमलता रहता ह जो कवल तकनीक और मनजमट ही नही कायर स जड़ी नितकता और अ छी आदत क िवकास पर किदरत होता ह चिरतर का िनमारण उनकी एक आदत सी बन जाती ह अगर हम भी एक अ छी शिखसयत बनना ह तो हम अपनी आदत को गहराई स जाचना होगा

ऐसी ललक जब स थान क कमरचािरय म आदत का प लन लगती ह तो वह स थान जािहर ह नए परितमान थािपत करन लगता ह जापानी कपिनया हर बात म कमरचािरय क िहत का यान रखती ह

प ठ 18

अकषय कराित चतन और अवचतन मन

हमार चतन मन क पास सोचन की शिकत होती ह यह िकसी बात को मान सकता ह और नही भी मान सकता मगर अवचतन मन िसफर वीकार करता ह यह इनपट (input) को लकर कोई भदभाव नही करता अगर हम अपन मन म डर शका नफरत क भाव भर तो यह आ म सझाव इन सभी भाव को सिकरय बनाकर हकीकत म बदल दगा हमारा अवचतन मन एक डाटा बक की तरह ह अवचतन मन एक गाड़ी की तरह ह और चतन मन एक डराइवर की तरह शिकत तो गाड़ी म होती ह मगर उसका कटरोल डराइवर क पास होता ह

हम अवचतन मन को इस तरह ढालन की ज रत ह िक वह हम सही और ठीक रा त पर ल जा सक अवचतन मन एक बगीच की तरह होता ह िजस कोई परवाह नही होती िक आप कस पौध लगात ह यह िनरपकष (neutral) होता ह इसम अ छा बोन पर अ छा िमलता ह अ यथा जगली पौध उग जायग

बि क अ छ बीज बोन क बावजद जगली पौध उगन बद नही होत आव यकता होती ह उ ह उखाड़ फकन का िसलिसला जारी रखन की इसी िसदधात को कमरचािरय क मामल म समझन की ज रत ह हम याद रखना ह िक सही और गलत िवचार मन म एक साथ नही रह सकत आव यकता उनक अवचतन मन को इस तरह ढालन की ह िक उनम अ छी आदत का िवकास हो दरअसल अवचतन योगयता वह होती ह जब हम यान दन और सोचन की यादा ज रत नही होती कय िक यह हमार यवहार म खद ब खद उतरन लगा ह िजस स थान क कमरचारी इस तर पर पहच जात ह उनम अ छी आदत वयमव घर करन लगती ह जब बरी आदत हमार अवचतन योगयता क तर तक पहच जाती ह तो वह कावट उ प न करती ह

पिरवतरन का िवरोध बरी आदत को पहचान लन क बाद भी अकसर दखा गया ह िक

लोग उ ह बदलत नही ह ऐसा आिखर कय होता ह उनक न बदलन का कारण ह िक व िज मदारी को वीकार करन स इनकार करत ह

हम अवचतन मन को इस तरह ढालन की ज रत ह िक वह हम सही और ठीक रा त पर ल जा सक अवचतन मन एक बगीच की तरह होता ह िजस कोई परवाह नही होती िक आप कस पौध लगात ह

प ठ 19

अकषय कराित अपनी उन आदत को बनाय रखन म उ ह जो आनद िमलता ह वह पिरवतरन क ददर स यादा होता ह इसक िन निलिखत कारण हो सकत ह -- 1 पिरवतरन की इ छाशिकत का अभाव 2 पिरवतरन क िलए आव यक अनशासन की कमी 3 िव वास की कमी 4 आव यक जानकारी की कमी परबधन वारा इन िबदओ पर िवचार कर अपन किमरय म आशातीत पिरवतरन लाया जा सकता ह सामा यतः खराब आदत को न बदलन क बहान िदय जात ह और कहा जाता ह -- हम लोग इसी तरह करत ह या िक म नही समझता इसस कोई फकर पड़गा और कछ न िमला तो कह िदया जाता ह म बहत य त ह अ छी आदत का िन पण

आदत म पिरवतरन लाया जा सकता ह आव यकता ह इसक िलए सही पिरवश का िनमारण करन की कमरचािरय को परिशिकषत करन की परिरत करन की और ऐसी ि थितया उ प न करन की िजसस कमरचािरय म अ छी आदत का िन पण हो सक दरअसल सफल लोग का राज यह ह िक व काम करन की उन आदत को डाल लत ह जो असफल लोग करना नही चाहत य वही काम ह िज ह सफल लोग भी करना

नही चाहत लिकन व िफर भी करत ह उदाहरण क िलए असफल लोग अनशासन और महनत करना पसद नही करत सफल लोग भी अनशासन और कड़ी महनत नापसद करत ह लिकन व िफर भी ऐसा करत ह कय िक य लोग उन काम को करन की आदत डाल लत ह िज ह असफल लोग नही कर पात नजिरय और सोच का तरीका एक आदत ह और इस बदला जा सकता ह सही ि ट और सतलन कमरचािरय म काम क सबध म सही ि ट बनाय रखन की परवि त िवकिसत करना ज री ह जब कछ गलत हो रहा होता ह तो उस ठीक करना परबधन का ही काम होता ह समझा यह जाता ह िक परायः हम गलत हो रह काम को लकर इतन िचितत हो जात ह िक जो सही हो रहा ह उस भी अनदखा करन की हमम आदत होती ह

दरअसल सफल लोग का राज यह ह िक व काम करन की उन आदत को डाल लत ह जो असफल लोग करना नही चाहत

प ठ 20

अकषय कराित उदाहरण क िलए अगर िकसी स कोई गलती हो जाती ह तो हम एकदम उस पर िच ला पड़त ह या उसक िव दध काररवाई कर बठतहअ छा यह रहगा िक आप उस अलग ल जाकर अकल म बात कर अगर परशसा करनी हो तो सबक सामन कर

अगर िकसी स सहमित न बन तो उस पर करोध करना ज री नही ह अगर अपन करोध पर काब रखग तो लोग अपनी असहमित को अ यथा नही लग अगर आप अपन िवचार को खला रखग तो दसरी ओर स भी आप ऐस ही यवहार की अपकषा कर सकत ह परायः लोग अपनी सहमित कछ इस तरह जतात ह िक सामन वाला भी अपनी बात पर अड़ जाता ह समझन की बात यह ह िक सभी ि थितय म कवल तकर ही काफी नही होगा िकसी स असहमत होन म भी यवहार कशल होना ज री ह सबस पहल तो दसर को अपना पकष रखन का मौका द उसकी बात सन और जहा तक हो सक उसस अपनी सहमित भी परकट कर और िजन बात पर सहमित न बना सक उस समझाए

हमम स अिधकाश लोग उन किमरय और उनकी गलितय पर अ यिधक यान दत ह िजनक िलए हम काम करत ह पर अपन किमरय पर नज़र डालना भल जात ह अगर वय को उन लोग की नजर स दखा जाए तो आशातीत पिरणाम दखन को िमलत ह

आ म मथन आप कया करना चाहत ह कसा करना चाहत ह - इस सोच को

वतरमान म अपन अदर मथन करन को आ म-सझाव कहत ह एक बार सब म जब इसकी पिरपाटी श हो जाती ह तो यह हमार अदर िवजञापन की तरह काम करता ह अपन बार म अपन िलए अदर ही परचािरत करता ह इसका हमार चतन और अवचतन (Sub-concious) मन दोन पर परभाव पड़ता ह अततः यह हमार नजिरए और यवहार को परभािवत करता ह और धीर-धीर आदत का प लता ह यह दरअसल अपन अवचतन मन को ढ़ालन या परोगराम करन की िविध ह

हमम स अिधकाश लोग उन किमरय और उनकी गलितय पर अ यिधक यान दत ह िजनक िलए हम काम करत ह पर अपन किमरय पर नज़र डालना भल जात ह

प ठ 21

अकषय कराित आ म-सझाव अ छ या बर हो सकत ह जब हम बर आ म-सझाव को बार-बार दोहरात ह तब हमारा अवचतन मन उन पर िव वास करन लगता ह और हम उसी को वा तव म यवहार करन लगत ह सकारा मक आ म-सझाव को बार-बार मथन करन स उसकी हमार िदलोिदमाग म त वीर बन जाती ह और वही असिलयत का प लन लगता ह एक उदाहरण क िलए जब कभी हम सबह 0600 बज टरन पकड़नी हो और हमार पास अलामर घड़ी न हो तो हम मन म कहकर उठत ह िक 0400 बज उठना ह तो कया हम नही उठत अगर उठत ह तो इसक पीछ आ म-सझाव ही काम करता ह आ म-सझाव एक रा ता ह िजसस हम अपन िदमाग को परोगराम करक ढ़ालत ह सकारा मक आदत को िवकिसत करन म आ म-सझाव की परवि त मह वपणर िसदध हो सकती ह हमार नजिरए और आदत को तय करन वाल कारक हमार नज़िरए को मखयतः तीन कारक परभािवत करत ह - वातावरणः घर कल आिफस मीिडया सा कितक प ठभिम धािमरक प ठभिम परपराए और भाषाए सामािजक-राजनितक माहौल - य सब िमलकर एक तहजीब बनात ह चाह घर हो या आिफस या अ यतर - हर जगह हर िकसी की अपनी तहजीब होती ह उदाहरण क िलए हम एक दकान म जात ह तो वहा का स समन बड़ अदब वाला होता ह लिकन वही जब दसरी दकान पर जात ह तो वहा का स समन कभी-कभी बड़ा खा और बदतमीज िमल जाता ह उसी तरह िकसी क घर म यार भरा माहौल िमलता ह तो िकसी क घर म हमशा लड़ाई-झगड़ का इसी तरह जब सरकार और राजनीितक माहौल ईमानदारी का होता ह तो लोग भी ईमानदार मददगार और कानन का पालन करन वाल होत ह बईमान और भर ट माहौल म िजस तरह एक ईमानदार का जीना मि कल होता ह उसी तरह ईमानदारी भर माहौल म बईमान यिकत को मि कल होती ह िन सदह अ छ वातावरण म मामली कमरचारी म वमव अ छी आदत िवकिसत होती ह और उसकी कायर करन की शिकत बढ़ जाती ह जबिक खराब माहौल म अ छा काम करन वाल की भी कषमता िगर जाती ह

सकारा मक आदत को िवकिसत करन म आ म-सझाव की परवि त मह वपणर िसदध हो सकती ह

प ठ 22

अकषय कराित कायर-स कित का बहाव ऊपर स नीच की ओर होता ह नीच स ऊपर की ओर कभी नही यह दखना बहत ज री ह िक हमन अपन िलए और आस-पास क लोग क िलए कसा वातावरण तयार िकया ह खराब वातावरण म अ छ की उ मीद करना बमानी ह अनभवः हम अपन जीवन म अपन काम-काज म हालात स जसा अनभव पात ह वह हमारी आदत का िह सा बन जात ह और उसी क अनसार हमारा यवहार होता ह अगर िकसी क परित हमारा अनभव अ छा होता ह तो हमारा नज़िरया भी अ छा होता ह ज री ह िक कमरचािरय को ऐसा कायर-पिरवश िमल िजसस उनक अवचतन म अ छ अनभव की छाप अिकत हो

परिशकषण भी ज़ री यहा िसफर सदधाितक जञान ही काफी नही होता बि क औपचािरक और अनौपचािरक दोन ही तरह की िशकषा व परिशकषण ज री ह जञान और जानकारी को यिद योजनाबदध तरीक स परयोग िकया जाए तो उसस बौिदधक तर को बढ़ान म आशातीत सफलता िमलती ह काम करन की कला अ छी िशकषा स ही आती ह ज री ह िक परिशकषण म मनोवजञािनक सामािजक आिथरक व अ य पहल को समझन की आदत िवकिसत की जाए अवचतन म यह िबठाना बहत ज री ह िक जीवन की भ यता काम क वारा ही सभव ह स थान म सभी को लगना चािहए िक उनका काम मह वपणर ह यही परबधन कला का सार ह जब कमरचािरय को ऐसा एहसास होन लगता ह तो उनक नज़िरए म बदलाव आन लगता ह उपसहारः काम क परित लोग म अ छी आदत िन िपत करन और उनम उ साह जगान स कायर-िन पादन म िनरतर िनखार आता ह दरअसल हर यिकत म मानिसक और शारीिरक ऊजार उ प न होती ह िजसक िलए काम ही सबस अ छा िनकास ह एक िवचारक क अनसार lsquoआप पछत ह म लगातार काम कय करता ह

यहा िसफर सदधाितक जञान ही काफी नही होता बि क औपचािरक और अनौपचािरक दोन ही तरह की िशकषा व परिशकषण ज री ह

प ठ 23

अकषय कराित इसका वही कारण ह िजस कारण स मगीर अ ड दती जाती ह rsquo काम क िबना इसान घट सा जाता ह उस काम की उतनी ही ज रत होती ह िजतनी हवा की आव यकता ह िक उस सही वातावरण उपल ध करान और सही िदशा म अिभपरिरत करन की व ततः हर यिकत अदर स गिरमा और आ मस मान की चाह रखता ह आव यकता ह उस अतःपरिरत करन की लोग को खद स परिरत करन क िलए हम उनकी ज रत और इ छाओ को समझना होगा पररणा कायरकषमता और आदत क बीच सीधा सबध ह जो लोग उतना ही काम करत ह िक उनकी नौकरी बची रह तो ऐस लोग िकसी भी स थान क िलए मह वपणर नही हो सकत अतपररणा स सोच म बदलाव लाया जा सकता ह पररणा आग क समान होती ह

कमरचािरय को िजतना परिरत िकया जाएगा उनम उतनी ही सकारा मक आदत का िवकास होगा कमरचािरय को उिचत स मान दकर उनक कायर को अिधक मनोरजक बनाकर परबधन वारा उनकी बात को गौर स सनकर उनकी सम याओ और सझाव पर गौर करक उ ह वय ल य िनधारिरत करन क िलए परो सािहत करक िवकास क नय अवसर उपल ध कराकर आव यकतानसार समय-समय पर समिचत परिशकषण िदलाकर तथा नयी चनौितय स जझन क िलए परो सािहत करक िन सदह उनक आचार और यवहार को सकारा मक िदशा म पाियत िकया जा सकता ह

कमरचािरय को िजतना परिरत िकया जाएगा उनम उतनी ही सकारा मक आदत का िवकास होगा

ई-पितरका म लख आिद म परकट िवचार

मलतः लखक क ह तथा यह आव यक नही ह िक

इरडा भी इन िवचार स सहमत हो

प ठ 24

अकषय कराित

िबिटया

आख म मोती लकर तम िबिटया जाती हो हा जाओ िशकषा का उपहार द रह िवदा समय यह लो ल जाओ इन पराण म परीित त हारी ममता क धन िसदरी इन नयन की बद पली परकट करती ह मजबरी लाचारी ह िफर पराण म क य ह इतनी आकलता

जब इस रीित पर पराओ म वश न िकसी का ह चलता िपतकल को तजकर अब िबिटया पित-कल म जाना होगा

नटखटपन को छोड़ धमर का ही िजसम बाना होगा इस घर की तम बड़ी लाडली पराण स यारी िबिटया

चली लाकर आज सभी को िपता की कर सनी किटया िजन हाथ न लाड़ चाव स अब तक था िजसको पाला उन हाथ न ही िबिटया को दलह राजा जी को द डाला

िजसका दख जरा मन मला हो जाती थी हरानी क यादान उसी का कर क दय बनाया पाषाणी

िकया न जाता था पल भर को इन आख स दर िजस मोती झरत िवदा द रहा आज सकल पिरवार उस अपनी मा क जीवन की तम परित-पल हो आधार रहो

िवजयता िपता क दय मिदर की िबिटया तम साकार रही आज जीवन क सख-दख सार वही िबतान तम लो जान आओगी जब कभी यहा तम होगी महमान समान

सतीश कमार कलावत इरडा

इस घर की तम बड़ी लाडली पराण स यारी िबिटया चली लाकर आज सभी

को िपता की कर सनी किटया

प ठ 25

ससराल की कभी बराई कही न मह पर आ जाव धमर कमर क तर य पथ म पाव नही िडगन पाव

सात परितजञाय जो तमन अिग नदव स मख की धारण द पि त जीवन का मह व ह करना स च मन स पालन

बटी इन सात बचन का यान दय म रह सदा दोन कल की लाज इसी म भला न दना इस कदा पित ही ह सवर तर त हार पित ही को जीवन समझो

जो कछ कह उसी को मान उनको िबिटया तम धन समझो शीलवती तम बन िबिटया पित-भक त मना सदर िनस दह वय उपजग क प-वकष घर क अ दर

पहन सिशकषा की साड़ी को शभ गण भषण अपनाओ दस लकषण शभ लकषण धार िन य नय मगल गाओ यह िशकषा उपहार दय का तम को राह िदखायगा भल भटक कर भी अिधयारा पास न आन पायगा

हम सब की आख स मोती उर स िनकल रही आशीष सभी सख स पणर परफि लत कर त ह दलह राजा की ईश

अकषय कराित

िजन हाथ न लाड़ चाव स अब तक था िजसको पाला उन हाथ न ही िबिटया को दलह राजा जी को द डाला

प ठ 26 अकषय कराित

ldquoपयारवरणrdquo श द पिर+आवरण स बना ह अथारत बा य आवरण को ही पयारवरण कहत ह इस बा य आवरण का ता पयर हमार चार ओर क वातावरण और पिरवश स ह िजस हम दसर श द म परकित भी कह सकत ह प वी पर िव यमान सपणर जीव-जगत क अि त व जीवन-यापन एव चहमखी िवकास म परकित की मह वपणर भिमका ह मानव बिदधजीवी पराणी ह और परकित क मह व स भली-भाित पिरिचत होन क कारण ही सिदय स परकित की पजा करता रहा ह

विदक काल स ही परकित तथा मानव क बीच जीवन ततर का अटट सबध रहा ह हमार पराचीन ऋिष-मिनय न प वी म हवा पानी िमटटी पड़-पौध जीव-ज तओ और मानव क सिकरय सहयोगा मक सतलन को यान म रखकर ही परकित को प य माना धमर क साथ परकित को जोड़कर उ ह न परकित को पयार त मह व िदया व जानत थ िक िजस परकार जीवन क िलए भिम की आव यकता होती ह उसी परकार वन पितया व अ य पराणी भी आव यक ह य सभी परकित क अिभ न अग ह इनम स एक क भी न ट होन का परभाव दसर पर पड़ता ह और पिरणाम व प पराकितक असतलन पदा हो जाता ह व तत प वी म हवा पानी िमटटी पड़-पौध जीव-ज तओ और मानव का सिकरय सहयोगा मक सतलन रहता ह पड़-पौध भिम को उपजाऊ बनात ह िमटटी को बाधकर रखत ह बरसात करवान तथा जल एव वाय को व छ रखन म सहायक होत ह परत आज क बढ़त औ योिगकीकरण और शहरीकरण न परकित और मानव क बीच असतलन उ प न कर िदया ह यह असतलन अिशकषण बढ़ती जनसख या शहर की ओर पलायन वकष की कटाई गगनचबी इमारत बड़-बड़ उ योग की थापना आिद क कारण ह और यही पयारवरण परदषण क मख य कारण ह मटरोपोिलटन एव बड़ शहर म अनक काबरिनक और अकाबरिनक गस जस ndash काबरन-मोनोऑक साइड अमोिनया आिद परदषण क मख य ोत ह

वतरमान पयारवरण -21वी सदी की चनौती

लख सरीन सल

विदक काल स ही परकित तथा मानव क बीच जीवन ततर का अटट सबध रहा ह

प ठ 27 अकषय कराित मन य न अपनी भितक सख-सिवधाओ की आपित र क िलए परकरित स

िखलवाड़ िकया ह वतरमान मशीनी यग म मन य वारा परकित क अ यिधक दोहन एव िनत नए कारखान की थापना स पयारवरण सकट उ प न हआ ह मानव न परकित क साथ जो अ यायपणर यवहार िकया ह उसी क फल व प परकित का िवरोधी रवया हआ ह िजस भिव य म सह पाना मि कल होगा

अिशकषा क कारण दश की तजी स बढ़ती आबादी क आवास की मलभत आव यकता को परा करन क िलए वकष की कटाई करक ऊची-ऊची इमारत बनाई जा रही ह वकष की अधाधध कटाई स भिम की ऊवररा शिक त का तो ास हो ही रहा ह साथ ही परदषण जसी िवकराल सम या भी ज म ल रही ह

परदषण पयारवरण क ास का परमख कारण ह िवकासशील दश िनत नए उ योग की थापना करक बराजगारी की सम या को तो दर कर रह ह िकत इसस जल वाय विन तथा िविभ न परकार क परदषण बढ़ रह ह कल-कारखान और मोटर स िनकलन वाल धए स वाय परदषण हो रहा ह जल थल व नभ क मागर पर शिक त चािलत वाहन विन परदषण का मख य ोत ह शहरीकरण और औ योिगकीकरण क कारण शदध पयजल की सम या िवकराल प धारण कर रही ह कारखान स िनकलन वाल कड़-कचर क निदय म िमलन स जल परदषण हो रहा ह रासायिनक खाद और कीटनाशी दवाओ स मदा परदषण का खतरा बन गया ह

इस परकार जनसख या विदध शहरीकरण औ योिगकीकरण एव परदषण जसी सम याओ न पयारवरण को बरी तरह परभािवत िकया ह आज सपणर िव व पयारवरण को लकर िचितत ह इस भयावह ि थित स बचन क िलए पर यक यिक त को पयारवरण क परित जाग क करना आज की अिनवायर आव यकता ह

इस िदशा म सवरपरथम िनरकषरता को समा त िकया जाना चािहए साकषर भारत की पिरक पना म जनसख या विदध दर वय िनयितरत हो जाएगी करल रा य इसका परमाण ह जहा साकषरता क साथ-साथ जनसख या िनयतरण भी ह

जल थल व नभ क मागर पर शिक त चािलत वाहन विन परदषण का मख य ोत ह

प ठ 28 अकषय कराित

इसक बाद बात आती ह परदषण िनवारण की आज िव व भर क

वजञािनक और पयारवरणिवद इस िदशा म कायररत ह सवरपरथम वन क काटन पर परितबध लगाया गया ह और वन सपना क िव तार हत वकष लगान क िलए परो सािहत िकया गया इसक िलए सरकार की ओर स वकष आिद िनश क उपल ध कराए जात ह ldquoपयारवरण परदषण स थाrdquo और व छ वाय अिधिनयम जस िविधक उपाय स वाय परदषण पर रोक लगान का परयास िकया जा रहा ह जहरील धआ उगलन वाल कारखान तथा वाहन पर भारी आिथरक दड का परावधान ह िविभ न सचार मा यम mdashदरदशरन समाचार-पतर तथा आकाशवाणी क मा यम स जनता को पयारवरण क परित जाग क करन क परयास िकए जा रह ह निदय म खलन वाल परदषण ोत को बद करन की योजनाए चलाई जा रही ह पािलथीन क परयोग को बद करन क िलए चलाया जा रहा ह अिभयान भी परशसनीय ह

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह इस खतर स सपणर भमडल का अि त व न ट हो जाए इसस पहल हम पयारवरण की सरकषा करन का सक प लना होगा

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह

िस धी होन क प चात भी मझ बगाली रीित िरवाज़ िमठाइया यहा का पहनावा अगरज क ज़मान की बनी सरचनाए एव भवन इ यािद म बहत िदलच पी एव िच थी

प ठ 29 अकषय कराित

यातरा स मरण-कोलकाता-खिशय हषर का शहर(िसटी ऑफ जॉय)

सोिनया सिह वानी पीईसी िलिमटड

म पी ई सी िलिमटड नामक कपनी क िविध ककष म उप िविध परबधक क पद पर कायररत ह सन 2010 जन स इस कपनी म मन परबधन परिशकष क प म अपनी पहली नौकरी की श आत की पी ई सी िलिमटड वािण य मतरालय क अतगरत आन वाली आयात-िनयारत यापार स स बिधत क पिनय म स एक ह इस स दभर म जनवरी 2011 म िविभ न िवभाग क परबधन परिशकषओ को ओिरएटशन हत काडला कोलकाता इ यािद शहर म भजन का कायरकरम िनि चत िकया गया कोलकाता क पास हि दया पोटर होन क कारण कोलकाता शहर चना गया जहा पी ई सी वारा आयात की गयी व तए पोटर गोदाम म रखी जाती ह साथ ही म कोलकाता पोटर िभ न गोदाम इ यािद दखन की यव था की गयी एव सची म समावश िकया गया यह सनकर मरी ख़शी का िठकाना न रहा क य िक मन कोलकाता शहर क बार म सना बहत था पर त कभी दखा न था िस धी होन क प चात भी मझ बगाली रीित िरवाज़ िमठाइया यहा का पहनावा अगरज क ज़मान की बनी सरचनाए एव भवन इ यािद म बहत िदलच पी एव िच थी आिखरकार मझ मौका िमला और जनवरी की कड़ाकदार ठ ड क बीच हम एक रिववार शाम कोलकाता राजधानी स अपनी मिजल की और िनकल पड़ िद ली स कोलकाता क सफ़र क बीच हमारी गाड़ी इलाहाबाद गया िबहार तथा धनबाद जस शहर स होत हए बगाल की ओर पहची हसत-गात खलत-खात हए हम अगली सबह हावड़ा जकशन पहच गए रलगाड़ी स उतर कर टशन स बाहर िनकलत ही मझ िसटी ऑफ जॉय क नाम स मशहर कोलकाता की पहली झलक िदखाई दी ऐसा लगा मानो मझ भारत क दो पहल एकसाथ जीत हए नज़र आए एक तरफ थ टशन स बाहर एव अ दर जात हए स दर कपड़ गहन म लद हए कोलकाता क बगाली िनवासी साथ म बड़ी-बड़ी गािड़य म घमत कोलकाता क नौजवान और ठीक दसरी तरफ मरी नज़र पड़ी हगली नदी पर बन परिसदध हावड़ा िबरज पर िजस दख एक अलग ही दिनया का एहसास हआ

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह

िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी

एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया नतीजा मर समकष था

प ठ 30 अकषय कराित

हावड़ा िबरज पर हर तरफ लोग का जमावड़ा था इतन लोग दख िद ली क चादनी चौक की याद आ गयी ऐसा लगा मानो म 50 साल पीछ िकसी लक एव वाईट दिनया म कदम रख चकी थी िबरज क दोन तरफ सामान बचत हए दकानदार िखलौन मछली रख हए औरत एव छोट-छोट ब च मख य शहर स हावड़ा जान वाल आम आदमी मजदर की तज़ र तार फरी स र ता पार करन वाल यापारी इन सब को दख लगा कोलकाता म मबई जसी भागम भाग भी थी िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया नतीजा मर समकष था जस-जस म कोलकाता शहर क भीतर आन लगी मझ इस शहर क िवकास की झलक िदखाई दी एक तरफ थी ऊची ईमारत सदर िवशाल िव यासागर सत पल बड़-बड़ होटल माल कोलकाता उ च यायालय राईटसर िबि डग मशहर इडन गाडरन टिडयम इ यािद तो दसरी तरफ था िवक टोिरया ममोिरयल अगरज की वा तकला क अनसार िदखती लाल ईटो की इमारत िवक टोिरयल सरचनाए भवन छोटी-छोटी पटिरय पर समान बचत नया बाज़ार (New Market) क दकानदार एव िवक टोिरया ममोिरयल क बाहर चलत सलािनय क िलए रथ वाल घोड़ हमारा होटल जसीबोस सड़क पर ि थत था एव सिवधाओ स भरपर था पर त मन य जाना िक असली कोलकाता का मज़ा गाड़ी म नही अथवा िरक शा ऑटो तथा साल स चलती आ रही सड़क पर टराम म था

हर तरफ मझ पील रग की टिक सया िदखाई दी सब एक समान थी तथा मरसीडीज़ गाड़ी क बगल म चलती 1-2 पय म सफ़र की जान वाली टराम भी साथ िदखाई दी परी िजदगी िद ली म यतीत करन क बाद हर नए शहर का रहन-सहन बोल-चाल रीित-िरवाज़ जानन की जाग कता मझम हमशा रही पहल ही िदन स कोलकाता मझ रास आया जस िक कहत ह lsquoकोलकाता हमार खब भाला लागली छ rsquo कहन का ता पयर य िक मझ कोलकाता बहत अ छा लगा पहल िदन िक शाम को हमन य मािकर ट म खरीददारी करन का मन बनाया म हरान थी िक वहा चीज िकतनी स ती िमल रही थी िद ली क मतािबक एक ितहाई दाम पर चिडया गहन बग जत कत इ यािद िमल

िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया

प ठ 31 अकषय कराित य मािकर ट िद ली क लाजपत एव सरोिजनी नगर समान ह कम

दाम म अ छा समान िमला कोलकाता चमड़ क िलए भी मशहर ह एव परिसदध ी लदसर दकान भी इस बाज़ार म ि थत ह यहा खरीदारी का हमन खब ल फ़ उठाया

अगल िदन हम हि दया पोटर गए एव अनक जहाज़ दख 3-4 घट की दरी पर ि थत यह पोटर अनक एकड़ म फला हआ था पहली बार इतन बड़ जहाज़ को अदर स दख खब आनद आया तीसर िदन हम काली बाड़ी मिदर गए बगाली अ यत पाठ-पजा वाल दगार मा क स च उपासक ह यह सब जानत ह दगार पजा इनका लोकिपरय उ सव ह तथा काली मा एव दगार मा की स च मन स पजा करत ह कोलकाता क िनवासी भिक त भावपणर ह यह सना था अब खद दख भी िलया बगाली र म स पजा करन का य मौका अ यत आनदमयी था इसक अलावा काली बाड़ी क नज़दीक ही ि थत ह गौिरहाट बाज़ार यहा की दकान बगाली सािड़या कपड़ सट कत इ यािद क िलए परिसदध ह आिद धक तशवर नामक मशहर दकान म जाकर मरा भी मन िकया िक म भी खरीददारी क मर सािथय न बहत सािड़या खरीदी एव दाम दखकर म दग रह गई सदर स सदर साड़ी मातर 600700 पय की थी मन बगाल की मशहर लाल एव सफद िपरट की साड़ी भी खरीदी कोलकाता म खरीददारी का अलग की मज़ा ह उसी िदन शाम हम सा ट लक िसटी मॉल गए वह सा ट लक टिडयम क नज़दीक ह यहा िदखाई िदया कोलकाता का परगितशील प नौजवान फटबाल की जसीर पहन माल म घम रह थ एक स एक

मशहर बरड वहा मौजद थ इसक अलावा कोलकाता क िनवासी खब मनोरजन क शौक़ीन ह सगीत नाच गाना इ यादी म िच रखत ह कोलकाता म जगह-जगह सगीत कला अकडमी तथा पढ़न (रीिडग) क क लब ह अगरज क शौक तथा रहन-सहन की झलक आज भी यहा िदखती ह यहा क नौजवान को खल-कद म भी खब िदलच पी ह फटबाल का तो जस यहॉ सबको जनन ह

भारत क परिसदध मोहन बगान फटबाल क लब फटबाल क वहा क नौजवान ही नही परा शहर ही दीवाना ह भारत-पाक मच हो या आई पी एल इडन गाडरन मदान लोग स खचा-खच भरा रहता ह अफ़सोस म वहा अदर जा न सकी

इसक अलावा काली बाड़ी क नज़दीक ही ि थत ह गौिरहाट बाज़ार यहा की दकान बगाली सािडया कपड़ सट कत इ यािद क िलए परिसदध ह

प ठ 32 अकषय कराित

मर सफर क आखरी िदन म मन कोलकाता क लोग म एकता क नजार दख िविभ नता म भी एकता का उदाहरण दखा चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख िजस िदन हम कोलकाता पहच थ उसी िदन वहा शहर बद था और मन एक जट होकर लोग को अपनी बात कहत हए दखा एव सना यहा क लोग अपन शहर क िवकास बहतरी क िलए जाग क ह िज मदारी लत ह तथा सरकार को अपनी बात भली-भाित कहत ह लड़िकय औरत की इ ज़त करत ह एव यहा िक मिहलाओ को मन िनदरलीय पाया जहा एक ओर भारत की राजधानी होन क बावजद िद ली वाल अपनी िजदगी म मगन रहत ह वही दसरी और कोलकाता म अमीरी-गरीबी िभ न जाितय म भी एक जटता ह कपड़ा एव खाना आज भी यहा खब स ता िमलता ह पर त दसरी तरफ सब जानत ह िक बड़-बड़ उ योगपित िव वान लखक िखलाड़ी गायक अिभनता िनदशक यहा स उभर ह सािह य हो या लख बॉलीवड हो या िकरकट बगाल न भारत को अनक नाम एव गौरव िदए ह चाह सौरव दादा हो या रिव दर नाथ टगोर ममता बनजीर रानी मखजीर हो या योित बस भारत म इनकी भिमका का वणरन करन की ज रत नही

मन कछ िदन क कोलकाता क सफर म इस शहर को जानन समझन का परयास िकया हगली नदी क िकनार खड़ होकर समदर को दखा निदय को िनहारा िव यासागर सत िबरज की सदरता िवशालता को सराहा क सी दास की परिसदध िमठाई का ल फ उठाया मन बहत शहर घम पर त यह सफर मर िलए सबस यादगार रहा कोलकाता परगित क मागर पर िनरतर बढ़ रहा ह पर त आज भी वह अपनी जड़ नितक म य को नही भला ह एक आम आदमी आज भी टराम म या फरी स सफर करता ह यहा क िनवासी दो पय स लकर 500 ० का खाना खात ह पराना एव नया कोलकाता एक साथ जीिवत ह िसक क क दो पहल की तरह कोलकाता क यह दो प को एक साथ रहत दख बहत आनद आया

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 33 अकषय कराित

जल परकित का अनपम उपहार ह मानव जाित अपन परादभारवकाल स ही इस उपहार का उपयोग अपन िहत क िलए करती आई ह जल वह पराकितक उपहार ह िजसका कोई िवक प नही ह इसिलए जल को अमतया जीवन भी कहा गया ह जल क िबना जीवन की सभावना भी नही ह पर यकष प स तो जल की मानवीय आव यकता सीिमत ह परत परोकष आव यकताओ पर नजर डाल तो दिनक जीवन की आव यकताए जस अ न फल स जी दध स लकर हमार पहराव आवास तक सब जल स जड़ हजल का जरा भी सतलन िबगड़ जाए तो जीवन यापन क टपरद होन म दर नही परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह जल क सामा य त य जल या पानी एक आम रासायिनक पदाथर ह जो जीवन क सभी जञात प क जीिवत रहन क िलए ज री ह आमतौर पर जल अपनी दरव अव था म उपयोग म लाया जाता ह पर यह ठोस अव था बफर और गस अव था जल वा प या भाप प म भी पाया जाता ह प वी क लगभग तीन चौथाई िह स पर िव व क महासागर का अिधकार ह अनमानत प वी पर जल की कल मातरा लगभग 1400 िमिलयन घन िकलोमीटर ह जो िक प वी पर 3000 मीटर गहरी परत िबछा दन क िलए काफी ह तथािप जल की इस िवशाल मातरा म व छ जल का अनपात बहत कम ह प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह शष जल झील निदय वायम डल नमी मदा और वन पित म मौजद ह जल की जो मातरा उपभोग और अ य परयोग क िलए व ततः उपल ध ह वह निदय झील और भजल म उपल ध मातरा का छोटा-सा िह सा ह इसिलए जल ससाधन िवकास और परब ध की बाबत सकट इसिलए उ प न होता ह कय िक अिधकाश जल उपभोग क िलए उपल ध नही हो पाता

परभावी जल परबधन और दश का िवकास

दीपक आहजा ओएनजीसी िवदश

प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह

प ठ 34 अकषय कराित

और दसर इसका िवषमतापणर थािनक िवतरण इसकी एक अ य िविश टता ह फलतः जल का मह व वीकार िकया गया ह और इसक िकफायती परयोग तथा परब ध पर अिधक बल िदया गया ह प वी पर उपल ध जल जल-चकर क मा यम स चलायमान ह जल लगातार एक चकर म घमता रहता ह िजस जलचकर कहत ह इसम वा पीकरण वषार और बह कर सागर म पहचना शािमल ह हवा जल वा प को थल क ऊपर उसी दर स उड़ा ल जाती ह िजस गित स यह बहकर सागर म पहचाता ह जल चकर का िचतर नीच पर तत िकया गया ह

अिधकाश उपभोकताओ जस िक मन य पशओ अथवा पौध क िलए जल क सचलन की ज रत होती ह जल ससाधन की गितशील और नवीकरणीय परकित और इसक परयोग की बार बार ज रत को ि टगत रखत हए यह ज री ह िक जल ससाधन को उनकी परवाह दर क अनसार मापा जाए इस परकार जल ससाधन क दो पहल ह अिधकाश िवकासा मक ज रत क िलए परवाह क प म मािपत गितशील ससाधन अिधक परासिगक ह आरिकषत भ डार की ि थर अथवा िनयत परकित और साथ ही जल की मातरा तथा जल िनकाय क कषतर की ल बाई व म यपालन नौ सचालन आिद जस कछक िकरयाकलाप क िलए भी परासिगक ह

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 35 अकषय कराित

जल का यय अप यय जल क बार म एक नही कई च कान वाल त य ह िव व म और िवशष प स भारत म जल िकस परकार न ट होता ह इस िवषय म जो त य सामन आए ह उस पर जाग कता स यान दकर जल क अप यय को रोका जा सकता ह अनक त य ऐस ह जो हम आन वाल ख़तर स तो सावधान करत ही ह दसर स पररणा लन क िलए परो सािहत करत ह और पानी क मह व व इसक अनजान ोत की जानकारी भी दत ह प वी पर पदा होन वाली सभी वन पितया स भी हम पानी िमलता ह

आल और अनानास म 80 परितशत और टमाटर म 95 परितशत पानी ह पीन क िलए मानव को परितिदन 3 लीटर और पशओ को 50 लीटर पानी

चािहए भारत म 83 परितशत पानी खती और िसचाई क िलए उपयोग िकया जाता

ह इज़राइल म औसतन मातर 10 सटीमीटर वषार होती ह इस वषार स वह

इतना अनाज पदा कर लता ह िक वह उसका िनयारत कर सकता ह दसरी ओर भारत म औसतन 50 सटीमीटर स भी अिधक वषार होन क बावजद अनाज की कमी बनी रहती ह

िपछल 50 वष म जल क िलए 37 भीषण ह याकाड हए ह भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल

चलती ह पानी ज य रोग स िव व म हर वषर 22 लाख लोग की मौत हो जाती ह यिद बरश करत समय नल खला रह गया ह तो पाच िमनट म करीब 25

स 30 लीटर पानी बरबाद होता ह बाथ टब म नहात समय 300 स 500 लीटर पानी खचर होता ह जबिक

सामा य प स नहान म 100 स 150 लीटर पानी खचर होता ह िव व म परित 10 यिकतय म स 2 यिकतय को पीन का शदध पानी

नही िमल पाता ह परित वषर 6 अरब लीटर बोतल पक पानी मन य वारा पीन क िलए

परयकत िकया जाता ह मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 36 अकषय कराित

िद ली मबई और च नई जस महानगर म पाइप लाइन क वॉ व की खराबी क कारण रोज़ 14 स 44 परितशत पानी बकार बह जाता ह

निदया पानी का सबस बड़ा ोत ह जहा एक ओर निदय म बढ़त परदषण रोकन क िलए िवशषजञ उपाय खोज रह ह वही कल कारखान स बहत हए रसायन उ ह भारी मातरा म दिषत कर रह ह

भारत म जल सकट नासा की एक िरपोटर न पानी को लकर दश भर म बढ़ती जा रही लापरवाही क परित आख खोली ह इस िरपोटर म भारत म सख की ि थित पदा होन क िलए िज मवार कारण म स एक अहम कारण अधाधध जल दोहन को बताया गया ह बतात चल िक दश भर क 604 िजल म स 161 सख की मार झल रह ह वस अब बताया जा रहा ह िक सख की मार स बहाल िजल की सखया बढ़कर 246 हो गई ह यानी कहा जाए तो आधा दश सख की चपट म ह बहरहाल नासा की इस िरपोटर म बताया गया ह िक भारत क कई रा य कषमता स यादा जल दोहन कर रह ह यहा कषमता स ता पयर यह ह िक उनस िजतन सलाना जल दोहन की उ मीद कदर करती ह व उसस कही यादा जल दोहन कर रह ह नासा न यह अ ययन 2002 स 2008 क बीच

की ि थितय क आधार पर िकया ह इस िरपोटर म बताया गया ह िक पजाब हिरयाणा और राज थान हर साल औसतन 177 अरब कयिबक मीटर पानी जमीन क अदर स िनकाल रह ह जबिक कदर की तरफ स लगाए गए अनमान क मतािबक इ ह हर साल 132 अरब कयिबक मीटर पानी ही जमीन क अदर स िनकालना था इस तरह स दखा जाए तो य तीन रा य िमलकर कषमता स 30 फीसदी यादा पानी का दोहन कर रह ह जािहर ह िक िबना कछ सोच-िवचार जब इस पमान पर पराकितक ससाधन का दोहन िकया जाएगा तो परकित भी बदला लगी और वही हो रहा ह इस िरपोटर म यह भी बताया गया ह िक भारत का महज 58 फीसदी भजल ही हर साल िरचाजर हो पाता ह नासा की यह िरपोटर बताती ह िक अधाधध जल दोहन की वजह स पर उ तर पि चम भारत क भजल तर म हर साल 4 सटीमीटर यानी 16 इच की कमी आ रही ह इस अ ययन को अजाम दन म नासा क जल िवजञानी मट रोडल न अहम भिमका िनभाई ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 37 अकषय कराित

उनक हवाल स इस िरपोटर म बताया गया ह िक दश क उ तर पि चम कषतर म 2002 स 2008 क दौरान तकरीबन 109 कयिबक िकलोमीटर पानी की कमी हई ह यह मातरा िकतनी अिधक ह इसका अदाजा इसी स लगाया जा सकता ह िक यह अमिरका क सबस बड़ जलाशय लक मीड की कषमता स दगन स भी कही यादा ह अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह इस िरपोटर क मतािबक अगर अधाधध जल दोहन इसी तरह स जारी रहा तो आन वाल समय म भारत को अनाज और पानी क सकट को झलन क िलए अभी स तयार हो जाना चािहए जािहर ह िक जब जल सकट बढ़गा तो खती पर इसका गहरा परभाव पड़गा अनाज क उ पादन म कमी आएगी इस वजह स अनाज सकट पदा होगा और भख का एक नया चहरा उभरकर सामन आएगा एक बड़ा तबका जो आज भरपट भोजन कर पाता ह उसक िलए पट भर खाना िमलना मि कल हो जाएगा भखमरी की जो सम या पदा होगी उसस िफर िनपटना आसान नही होगा इसक अलावा पीन क पानी का टोटा तो होगा ही अभी ही दश क कई िह स ऐस ह जहा क लोग को पीन क िलए साफ पानी नही िमल पा रहा ह कई कषतर ऐस ह जहा गमीर क िदन म हडपप स पानी आना बद हो जाता ह वहा क लोग को हर साल बोिरग को कछ फट बढ़वाना होता ह यह सम या भजल तर क िगरत जान की वजह स ही पदा हई ह जब पीन क पानी का सकट पदा होगा तो बोतलबद पानी का कारोबार काफी तजी स बढ़गा कहन का मतलब यह िक िजसक पास पसा होगा वह अपनी यास बझा सकगा और िजसक पास पसा नही होगा उस अपनी यास बझान क िलए भी सघषर करना पड़गा ि थित की भयावहता की क पना ही िसहरन पदा करती ह भारत म दिनया का हर छठा आदमी रहता ह यानी कहा जाए तो दिनया क कल आबादी क तकरीबन सतरह फीसदी लोग भारत म रहत ह जबिक दिनया का महज साढ़ चार फीसदी पानी ही भारत म उपल ध ह ऐस म जल सम या स दो-चार होना कोई आनापिकषत बात नही ह एक बात तो तय ह िक पराकितक ससाधन म इजाफा तो नही िकया जा सकता ह लिकन इसका सरकषण अव य िकया जा सकता ह

अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह

प ठ 38 अकषय कराित

भारत म लोग िकसी एक मा यम स पयजल परा त करन पर िनभरर नही ह इस दश म 357 फीसदी लोग हडपप स 367 फीसदी लोग नल स 182 फीसदी लोग तालाब पोखर या झील स 56 फीसदी कओ स 12 फीसदी लोग पारपिरक साधन स और 26 फीसदी लोग अ य मा यम स पीन का पानी परा त करत ह इस िलहाज स अगर दखा जाए तो जल सकट को दर करन क िलए समगर कायरयोजना की ज रत ह

दरअसल भारत म गहरात जल सकट क िलए काफी हद तक पानी की बबारदी भी िज मवार ह यहा जल आपित र की यव था म काफी खािमया ह नल क जिरए घर तक पहचन वाल पानी का एक बड़ा िह सा िरस कर बबारद हो जाता ह हर शहर म फट हए आपित र पाइप आसानी स दख जा सकत ह इस बदहाल यव था क िलए सरकार क साथ-साथ सामा य लोग भी कम िज मदार नही ह एक तरफ तो सरकार पयजल क नाम पर हर साल हजार करोड़ पए का बजट बनाती ह और दसरी तरफ जमीनी तर पर हालात म कोई बदलाव नही िदखता ह सामािजक तौर पर भी जल सरकषण को लकर जाग कता का अभाव िदखता ह यह सामािजक तान-बान का ही असर ह िक लोग कही भी जल की बबारदी को दखकर उस सामा य घटना मानत हए नजरअदाज कर दत ह दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था यह अब घटकर 1800 कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर हो चका ह

दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था

प ठ 39 अकषय कराित

िवशषजञ का अनमान ह िक अगर पानी की खपत और बबारदी इसी तरह स जारी रही तो 2025 तक यह घटकर हजार कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर ही रह जाएगा उस समय तक पानी की उपल धता म आन वाली इस कमी की वजह स किष उ पादन म तीस फीसदी की कमी आन की सभावना ह इन पिरि थितय म दश की आिथरक और सामािजक ि थित का कया होगा इसका अदाजा सहज ही लगाया जा सकता ह भारत म जल सरकषण क परित आज भी आम लोग क मन म उपकषा का भाव बना हआ ह साथ ही इस कायर क िलए आव यक तकनीक की भी कमी ह जो तकनीक उपल ध ह उनस सामा य लोग अनजान ह बािरश क पानी का सगरह करक उस उपयोग म लाना एक अ छा िवक प ह पर इस तरह की कोिशश काफी सीिमत मातरा म काफी छोट तर पर हो रही ह यही वजह ह िक दश म होन वाली बािरश क पानी का अ सी फीसदी िह सा आज भी समदर म पहच जाता ह अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह अगर जल की इस िवशाल मातरा का आधा भी परयोग कर िलया जाए तो ि थित म यापक बदलाव आना तय ह शहरी कषतर म तो पानी की कालाबाजारी जोर पर ह जगह-जगह पर जल मािफया सिकरय हो गए ह िद ली क ही एक अखबार न कछ समय पहल यह बात उजागर िकया था यहा तो समानातर जल बोडर भी चलाया जा रहा ह हरानी की बात तो यह ह िक इसक बावजद भी पानी क काल धध पर अकश नही लगाया जा सका ह अहम सवाल यह ह िक कस सामा य तबक क लोग तक व छ पानी पहचाया जाए शहरी कषतर क साथ-साथ गरामीण कषतर म भी यह एक बड़ी चनौती ह आबादी म अपर यािशत विदध बढ़त शहरीकरण औ योिगकीकरण और किष उ पाद की बढ़ती माग क कारण पानी की माग िपछल कछ साल म वाभािवक प स बढ़ी ह इसक पिरणाम व प भजल ससाधन का अ यिधक दोहन हआ ह और इसका नतीजा हआ िक लगातार भजल का तर घटता जा रहा ह शहरी कषतर म ि थित बहद भयावह ह तदनसार वहा न कवल शीघराितशीघर जल ससाधन क सरकषण की ज रत ह बि क परभावी रणनीित और परबधन क जिरए त काल कदम उठान की ज रत ह

अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह

प ठ 40 अकषय कराित

खासकर इस बात को यान म ऱखकर िक िविभ न परितयोगी कषतर म कभी भी माग बढ़ सकती ह भिव य म उपयोग क िलए छत पर या सतह पर जलगरहण बनाकर वषारजल सरकषण बहद ज री ह यह पानी की बढ़ती ज रत का खयाल रखन िमटटी की नमी तर को बढ़ान शहरी हिरयाली को बढ़ान भजल तर को कितरम प स पनभररण करन और भजल की गणव ता स सधार का काम करता ह भारत म जल परबधन स दश का िवकास भारत म दिनया की 16 परितशत आबादी रहती ह लिकन दिनया क िसफर 4 परितशत जल ससाधन ही भारत क पास ह 3290000 वगर िकलोमीटर क भिम कषतर और एक अरब स यादा की आबादी क साथ भारत क एक बहलवादी िविवधता का िचतर ह िवशाल पराकितक ससाधन क साथ सप न तकनीकी और वजञािनक किमरय का भी यह दिनया म दसरा सबस बड़ा सम चय ह भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह मानव िवकास म 80 क दशक म लगभग 26 परितशत और 90 क दशक क दौरान और 24 परितशत क वारा सधार हआ ह आजादी क बाद छह दशक म भारत न जल ससाधन का अभतपवर िवकास और खा या न म आ मिनभररता शहरी कषतर ऊजार और औ योिगक कषतर और पीन का पानी क बिनयादी ढाच म तजी स िव तार दखा ह िजसका उपयोग भारत की लगभग 85 परितशत शहरी और गरामीण आबादी क वारा िकया जाता ह भारत म रा य सरकार और भारत सरकार क परितबदध और ठोस परयास की वजह स गरामीण और शहरी आबादी को सरिकषत पयजल को उपल ध करवान म काफी सफलता हािसल की ह इस उपलि ध न भजल की कमी जल जमावजल गणव ता िगरावट जल परदषण और बढ़त लवणता तर स बड़ कषतर को परभािवत िकया ह और अभी भी िविभ न रा य म गरामीण और शहरी भारत क मानव िवकास सचकाक (HDI)rsquo म बहत असमानता मौजद ह पानी क िलए कषतरीय माग तजी स बढ़ रह शहरीकरण की गित स बढ़ रही ह (अनमानत 2025 तक दश की आबादी का 50 परितशत स अिधक शहर म रहग) जनसखया विदध बढ़ती आय और औ योिगक िवकासशहरी भारत तजी स िवकास की माग क कदर क प म उभर रहा ह

भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह

प ठ 41 अकषय कराित

नतीजतन परित यिकत पानी की उपल धता िगर रही ह परधानमतरी की अ यकषता म 12वी योजना क िलए हई योजना आयोग की पणर बठक म दसर म क साथ जल परबधन पर िवशष चचार हई बठक क बाद योजना आयोग क उपा यकष म टक िसह अहलवािलया न कहा िक भ-जल कानन स लकर दसर म की यापक समीकषा ज री ह व यनाथन सिमित जहा वतरमान म भ-जल कानन की साथरकता का अ ययन करगी वही भारतीय अतिरकष अनसधान सगठन [इसरो] की मदद स पानी की उपल धता का िव तत अ ययन होगा म टक न कहा िक उसी आधार पर रणनीित तय होगी सरकार यह यान रखगी िक पानी का अिधकतम उपयोग हो सक और सभी को उपल ध हो पानी पर िकसी का एकािधकार न हो सक बतात ह िक द पयोग को रोकन क िलए श क लगान पर भी िवचार िकया जा सकता ह हालािक इसस पहल रा य सरकार स चचार होगी यह तय ह िक एआइबीपी कायरकरम म यापक बदलाव ह ग ी म टक िसह अहलवािलया न कहा िक वतरमान म इस कायरकरम का सही िकरया वयन नही हो रहा ह िलहाजा उसम पिरवतरन ज री ह सभव ह िक हर रा य म जल िनयामक परािधकरण बनान की शतर भी लगाई जाए उ ह न कहा िक जल परबधन की यापक समीकषा कर नई रणनीित तय की जाएगी कल िमलाकर रा टरीय तर पर वतरमान जल ससाधन का अिधक स अिधक करन क िलए माग को परा करन क िलए पयार त ह लिकन भिव य क अ ययन पिरयोजना ह िक जल आपित र की ि थित अगल आध सदी म अिधक किठन हो सकती ह जल सकट स िनपटन को जल सरकषण परबधन अिनवायर परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह बढ़त वि वक तापमान क फल व प अितवि ट अनावि ट अ पवि ट और असामियक वि ट हम परितवषर दख रह ह िजसका परभाव हमार जल ससाधन पर पड़ता िदखाई द रहा ह कओ व बाविडय का िमटता अि त व नदी-नाल का घटता पानी भ-गभर जल का िगरता तर िचता की पिरिध स िनकलकर खतर की घटी बनता जा रहा ह

निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह

प ठ 42 अकषय कराित

िव व भर म सीमट क अधाधध परयोग न धरातल क सहज अवशोषण कषतर को घटाया ह तथा जल बहाव भिम कटाव व बाढ़ म विदध की ह ऐसी ि थित म जल सरकषण का दािय व मातर वजञािनक व सरकार तक सीिमत न रहकर पर यक उपभोकता क कध पर आ जाता ह इसी दािय व क िनवरहन क िलए हमार पास दो िवक प सामन आत ह 1 वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई

उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

2 पािरवािरक तर पर वषार जल को सगरिहत कर उसका उपयोग कर य दोन ही परयास गरामीण कषतर म तो सरलता स अपनाए जा सकत ह परत शहरी कषतर म व ट वाटर मनजमट की बड़ी पिरयोजनाए बनाकर ही पानी को िरसाइिकल िकया जा सकता ह भ-गभर अिधकािधक जल अवशोिषत होकर

जाए इसक िलए मदानी भाग म िनयोिजत ढग स बड़-बड़ पोखर बनाकर तथा पहाड़ी कषतर म नाल -ख ड म िमटटी प थर आरसीसी क बड़-छोट डम लगाकर जल बहाव रोक भ-सरकषण बचाव व जल भडारण और धरातल जल शोषण कषतर बढ़ाया जा सकता ह िव व बक भारत सरकार वारा म य िहमालय जलागम पिरयोजना रा य क भ-सरकषण िवभाग इस कषतर म कारगर उपाय लकर

हमार सामन ह परत जनसहयोग क िबना इन पिरयोजनाओ क आशातीत पिरणाम ल पाना किठन ह वकषारोपण इस सपणर जल चकर को बल दन वाला कारक ह जल क परित चतना जागत न हई तो अव य ही अगल िव व यदध का कारण जल ही होगा

जल भोजन ह और अिगन भोजन का भकषक ह अिगन जल म और जल अिगन म िव यमान ह

- ततरीय उपिनषद 38

वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

प ठ 43 अकषय कराित

म भी गान गा सकता ह शबनम क िखलत फल क म भी गीत सना सकता ह सावन क म त झल क लिकन जब घर-घर म बादल छाय घोर िनराशा क तब म नगम गा रहा ह उ मीद की आशा क

सड़क पर खड़ बचपन की य बात सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह

हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

इस बदलत पिरवश का राग सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

गाधी जी क सपन का जो राम-रा य कहलाता ह उस भारत म सड़क पर छोट चाय पहचाता ह

कहा गई वो अ हड़ म ती कहा गया वो यार का रा ता उन हाथ स बचत झड िजन हाथ को चािहए ब ता

उस सोन की िचिड़या की म बात बतान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

कही बम की गमर हवाए कही ससद म कोहराम ह कही होत घोटाल स परशान आदमी आम ह

कही कल की िकलकारी ह कही सड़क पर बचपन ह कही चलता नही गजारा कही िवदश म काला धन ह

म स चाई गा-गाकर सबको बतलान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

बदलता भारत मनीष लाल इरडा

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

प ठ 44 अकषय कराित

करन वाल काम बहत ह यथर उलझन को छोड़ो म ला-पिड़त तोड़ रह ह तम बस lsquoअपन को जोड़ो

lsquoहम बदलग-यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का lsquoवद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का

वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हम बदलग mdash यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का वद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

प ठ 45 अकषय कराित

िसफर काला और सफ़द य ही वो दो रग थ जो तर पास सि ट बनान क आधार थ

काला वो जो कािलमा िलय ह िजस कहत ह दख िनराशा म य अपयश और वो सबकछ जो नकारा मक ह

मगर सफद ह वो रग िजसस जड़ा ह जीवन आशा सख और कीितर और वो सब कछ जो सकारा मक ह पर इन रग स तझ चन ना िमला त सोचन लगा अगर सि ट बनानी ह

तो िकस िलए- ससगर और परम क िलए और

इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग

ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह

बस- बना डाला तन इ दरधनष

जो बरसात क बाद सरज और प वी क अनपम परम को रग दता ह सतरगी रग स

और उ ही सतरगी इ दरधनषी रग म हम हर पल हर कषण डबत गहरात इतरात रहत ह

और खिशय भर ससार म हर रग को अलग-अलग तरह स महसस करक जीत रहत ह

रग तो रग ह मगर-

ससगर और परम क िलए और इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह बस-

सतरगी िचतर सगीता ीवा तव इरडा

प ठ 46 अकषय कराित

कभी पक क कभी फीक़ तो कछ कभी दाग बनकर उभर आत ह

कछ आख म नील बादल स छाए रहत ह तो कछ गाल पर गलाबी रग बनकर छलक जात ह

याद रहत ह अक सर वो रग- जो खदी पर इस तरह छा जात ह िक खद म घलकर खद क होन

का एहसास दत-दत खद का एक रग बन जात ह

बगनी आसामनी नीला हरा पीला नारगी लाल इ दरधनष क य सात रग ही जोड़त ह हमार िदल को

हमार मन को जोड़न वाल इन रग की सतरगी दिनया म-

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा बनाय

और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क

सतरगी िचतर

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा

बनाय और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क सतरगी िचतर

प ठ 9

अकषय कराित

लड़क को अितिथ गह म ठहराया गया हर परकार स उसका खयाल रखा गया अत म उसकी बिल दन का िदन भी आ गया राजा न लड़क को बलाया और कहा आज त हारी बिल द दी जाएगी अगर त हारी कोई आिखरी इ छा हो तो बताओ हम उस परी करग मझ कछ भी नही चािहए बरा मण पतर न कहा बस म बिल दन स पहल नदी म नान करक पजा करना चाहता ह राजा यह सनकर बहत परस न हआ और बोला ठीक ह हम भी त हार साथ नदी तक चलग उस लड़क न नदी म नान िकया िफर नदी िकनार की रत को इकटठा िकया और उसकी चार ढिरया बना दी उसन चार ढिरओ की ओर दखा िफर एक ढरी को अपन पर स िगरा िदया िफर उसी परकार स दसरी ढरी को भी िगरा िदया िफर तीसरी ढरी को भी िगरा िदया उसक वह चौथी ढरी क पास गया उसक चार ओर तीन बार चककर लगाया हाथ जोड़कर उसको माथा टका उसकी वदना की और राजा क पास बिल क िलए आ गया राजा उसका यह सारा करतब बड़ ही कौतहल स दख रहा था पहल तो राजा न सोचा िक बालक ह रत स खल रहा ह पर त जब राजा न दखा िक उसन चौथी ढरी को हाथ जोड़कर परणाम िकया ह तो राजा को इसका रह य जानन की इ छा हई राजा न बालक स पछा बालक तमन रत की चार ढिरया बनाई िफर उनम स तीन को तोड़ िदया और चौथी को परणाम िकया इसका कया रह य ह पहल तो ब च न कोई उ तर नही िदया पर त राजा क दोबारा पछन पर लड़क न कहा राजन आपन बिल क िलए मझ कहा ह म बिल दन क िलए तयार ह आप अपना काम कीिजए आपको इस बात स कया लना िक मन रत की वो ढिरया कय तोड़ी ह राजा को बालक स ऐस उ तर की आशान थी राजा न उसस कहा बालक हमन त हार िपता को त हारी कीमत दकर त ह खरीदा ह तम हमार खरीद हए गलाम हो इसिलए हमार हर पर न का उ तर दना और हमारी हर बात को मानना त हारा धमर बनता ह ह राजन जब आप िजद कर रह ह तो सिनए लड़क न उ तर िदया जब कोई ब चा पदा होता ह तो सबस पहल उसक माता-िपता उसकी रकषा करत ह अगर वह आग क पास जान लगता ह तो उसको उसस बचात ह उसकी हर परकार स रकषा करन की िज मवारी उनकी होती ह लिकन यहा तो मर िपता न ही धन क लालच म मझ बिल दन क िलए आपक पास बच िदया इसिलए पहली

उसकी वदना की और राजा क पास बिल क िलए आ गया राजा उसका यह सारा करतब बड़ ही कौतहल स दख रहा था

प ठ 10

अकषय कराित

ढरी जो उनक नाम की बनाई थी वह मन ढहा दी लड़क न आग कहा दसरी िज मदारी राजा पर होती ह अपनी परजा की रकषा करन की आपन मझ अपनी सतान पराि त क िलए बिल दन क िलए खरीद िलया तब आपस कया पराथरना करता इसिलए दसरी ढरी जो मन आपक नाम की बनाई थी वह भी तोड़ दी जीव की रकषा करन का तीसरा भार दवी-दवताओ का होता ह बालक न तीसरी ढरी का रह य बतात हए कहा लिकन यहा तो दवता वय ही मरी बिल लन को तयार बठा ह तो इसस कया पराथरना करता इसिलए मन तीसरी ढरी भी तोड़ दी लिकन चौथी ढरी का कया रह य ह राजा न पछा और अत म सहारा होता ह भगवान का ई वर का ब च न रत की ढिरय का रह य खोलत हए कहा मरी बिल दी जानी थी सो मन अत म ई वर स पराथरना की परभ की पजा-अचरना करक उनस रकषा करन की पराथरना की अब वही मरी रकषा करग वही होगा जो ई वर को मजर होगा म बिल दन क िलए तयार ह rsquo इतना कहकर वह बालक राजा क पास जाकर िसर झका कर खड़ा हो गया राजा उस छोट स बालक की इतनी जञान की बात सनकर स न रह गया राजा न सोचा म इस बालक की बिल द दगा बरा मण ह या भी हो जायगी िफर पता नही मझ जो सतान परा त होगी वो कसी होगी परजा का खयाल रखन वाली होगी या नही कही मरा और वश का नाम ही न डबो द यह बालक गणवान ह ई वर का भकत ह सब परकार स मर लायक ह कय न म इस ही गोद ल ल और इस ही अपना पतर बना ल इतना िवचार करत ही उसन उस बालक की बिल दन का कायरकरम र कर िदया और उस बालक को गोद ल िलया कहत ह उस बालक म अ छ गण होन क कारण उसन कई साल तक रा य िकया और हर परकार स परजा की रकषा की उसक रा य म िकसी को िकसी परकार का कोई क ट नही था

इतना कहकर वह बालक राजा क पास जाकर िसर झका कर खड़ा हो गया राजा उस छोट स बालक की इतनी जञान की बात सनकर स न रह गया

परकित िजदगी स ह िजदगी बनी भी परकित स ह चलता रह य िविचतर खल य ही इसका भी अमल िजदगी स ह

प ठ 11

शोिभत ह िज़दगी धरती की धार पर इस हिरत धारा पर ऊजार स भरपर ह हिरत ऊजार स य ससि जत य खब ह

हिरत ऊजार क भ डार का खजाना य खब ह जल वाय और सौर ऊजार ह इनक अ यत ोत

ल अमल म इनको अगर बचाना ह य धरा अनमोल अदभत ह खजान परकित क अगर कर ल मन य इनका सदपयोग

य झोखा जो हवा का ह य जो तरग म जलधारा ह अदभत िकरण जो फलाती जीवन की धारा ह

समझ ल इनका जो इशारा ह कर परयोग इ ही का अपन यतर मतर स छपा ऊजार का अनमोल खजाना ह

परकित िजदगी स ह िजदगी बनी भी परकित स ह चलता रह य िविचतर खल य ही इसका भी अमल िजदगी स ह

रकषा कर इस धरा की स पना इसको नई िजदगी को ह इस परकित स बना मन य महान

िफर क य कर रहा परकित का सवरनाश खद को बचा हर िजदगी को बचा

करक हिरत ऊजार का स मान जीन द जीवन को और भी कर ल सयम म अपना य िवषकत घटता जीवन का चकर य ह इशारा परकित का हर पल सभल जरा ना कर इसको त तग

मक त खल परकित स कर ल इस हिरत ऊजार का परयोग अ छ क बदल अ छा दना सीख परकित का य खल

अलका कमार इरडा

अकषय कराित

किवता

प ठ 12

नही सीखा अब भी अगर परकित म सब जाएगा बदल जी ना पायगा िफर त इस परकित म िमट जाएगा अश तरा इस परकित स हिरत परकित और य हिरत ऊजार ह य इस धरा क जीवन दायक सीख परकित स लना दना

िसखा रह य जीवन का मल मतर परकित का आहार परकित मत द आहार आपराकितक सतलन िबगड़ गया अगर हो जायगी िवनाश िजदगी

अब सभल जरा और कर ल परण करक हिरत ऊजार को ही खचर बना धारा को शोिभत हरदम

िफर रहगा परकित और िजदगी का य खबसरत सग

हिरत परकित और य हिरत ऊजार ह य इस धारा क जीवन दायक सीख परकित स लना दना िसखा रह य जीवन का मल मतर

अकषय कराित

प ठ 13

अकषय कराित

कमरचािरय की आदत उनक यिक त व और िन पादन कषमता का पार पिरक सबध - एक िव लषण

हम िजस िकसी सगठन म काम करत ह उसक परित हमारा ल य होना चािहए सबिधत स थान क िलए अपनी सपणर कषमताओ का इ तमाल कषमताओ का बहतर परयोग तभी हो सकता ह जब हम अपन अदर अ छी आदत का िवकास कर हमार शा तर वद उपिनष और अ य धािमरक गरथ हम अ छी आदत क िवकास क सबध म बीज मतर बतात ह िक हम मनसा वाचा और कमरणा शदध रहना चािहए मनसा वाचा और कमरणा शदधता स ता पयर ह िक हम मन वाणी और कम स अ छ बन रह हमारी नीयत नक हो हम अपन सहकिमरय सािथय और अ य लोग क साथ अ छा बरताव कर और हमार कमर अ छ ह इस बीज मतर पर चलन वाला हमशा अपन अदर अ छी आदत का िवकास होता पायगा

असल म िदककत यही ह िक हम उपदश दन म तो आग रहत ह लिकन खद क अदर नही झाकत या कम ही झाकत ह - lsquoपर उपदश कशल बहतरrsquo सपरिसदध लखक सरदार परन िसह न एक बार कहा था आचरण की स यतामय भाषा सदा मौन रहती ह अथारत आदमी खद चप रहकर खद को ठीक रख तो इसका परभाव खद-ब-खद दसर पर पड़ता ह इसको हम एक छोट स उदाहरण स प ट कर सकत ह िक मान िलया जाए हम ब च स कह धमरपान नही करत लिकन उसक सामन खद ऐसा कर इसस इतर हम अगर यह सब करत ही नही ह तो इसका यादा असर ब च पर पड़गा अ छी आदत घर स श होकर समाज द तर और उसस आग तक हम हमशा हमारा फायदा िदलाती ह

कहा जाता ह िक व थ तन म ही व थ मन िनवास करता ह इसी तरह यह भी कहा जाता ह िक व थ वातावरण ही उ नित का योतक होता ह व थ वातावरण तभी बनगा जब उस माहौल म रहन वाल लोग

हीरा व लभ नराकास

असल म िदककत यही ह िक हम उपदश दन म तो आग रहत ह लिकन खद क अदर नही झाकत या कम ही झाकत ह - lsquoपर उपदश कशल बहतरrsquo

प ठ 14

अकषय कराित एक दसर का स मान करग खद की आदत को सधारग और उस स था की तरककी क िलए अपन तर पर हर वह काररवाई करग जो औ योिगक सगठन और लोग की उ नित म ज री होती ह

औ योिगक सगठन िकसी भी दश की अथर यव था को मजबत आधार परदान करत ह औ योिगक सगठन म परयोग होन वाल सम त ससाधन म मानव ससाधन अथारत उसम काम करन वाल कमरचारी मह वपणर और िनणारयक होत ह इन सगठन का सफल सचालन वहा कायररत कमरचािरय की कशलता और कायरकषमता पर आधािरत होता ह कशलता और कायरकषमता का ोत हमारा आचरण और यवहार होता ह जािहर ह औ योिगक सगठन म मानवीय सबध परी एक ऐसी िकताब ह िजसक िबना कभी कछ नही कराया जा सकता लोग क साथ सतोषजनक प स काम करना परबधन क काम का िसफर एक िह सा नही ह वरन सारा

काम इसी पर िटका ह कय िक सभी उ योग म मशीन माल या दसरी चीज़ क साथ कोई भी काम लोग क मा यम स ही िकया जा सकता ह तीन lsquoएमrsquo अथारत मनी मटीिरयल और मशीन औ योिगक सगठन क िलए मह वपणर ससाधन होत ह लिकन इ ह पिरणाम तक पहचान का कायर कमरचारी (man) ही करत ह जो सगठन दर अदशी रहकर कमरचािरय क जञान उनकी िविश टताओ उनक आचरण को अनकल साच म ढालन क परित सजग रहत ह वही सफलता की ऊचाइय को छत ह अगरजी म एक परानी कहावत ह -- Where the vision is one year Cultivate flowers Where the vision is ten years Cultivate trees Where the vision is eternity Cultivate people अथारत जहा दरअदशी एक साल क िलए हो तो फल लगाइय जहा दरअदशी दस साल क िलए हो तो पड़ लगाइय

औ योिगक सगठन म परयोग होन वाल सम त ससाधन म मानव ससाधन अथारत उसम काम करन वाल कमरचारी मह वपणर और िनणारयक होत ह

प ठ 15

अकषय कराित जहा दरअदशी अनत काल क िलए हो तो लोग का िवकास कीिजए औ योिगक सगठन म 500 आदमी ह 5000 आदमी ह 50000 ह या इसस अिधक अगर कामकाज ठीक स चलाना ह तो बहत ज री ह परबधन उनस िनभाना जानता हो यिकतगत सपकर का मह व

वातानकिलत कमर म बठकर और सचार मा यम या िकसी अ य तरीक स कमरचािरय की िरपोटर लना और आस पास होन वाल घटनाकरम को जानना अलग बात ह और कायर थल पर वय उपि थत रहकर ि थित को समझना और िनदश दना अलग बात महान जनरल रोमल की सफलता का मखय कारण यह था िक व हमशा कायर थल पर वय उपि थत होकर िनदश दत बात की पि ट करत सम याए सलझात और दखत िक काम कसा चल रहा ह रोमल का यह तरीका इतना सफल रहा िक िकसी भी औ योिगक सगठन या कारोबार म इस अपनाया जाए तो आशातीत पिरणाम सामन आ सकत ह लोग क बीच खद उपि थत होकर काम करन का कोई िवक प नही ह लोग अिधकाशतः उनको नापसद करत ह िज ह व ठीक स जानत नही ह पर एक बार जान पहचान हो जान पर हालात बदल जात ह कमरचािरय म अ छी आदत का िवकास करन की पहली शतर ह िक पहल उनक िदल म घर िकया जाए ऐस िकसी भी बरताव स बचा जाए िजसस वह अपन को उपिकषत महसस करन लग अतः सवदनशीलता का यान रखना बहत ज री ह

कमरचािरय क परित सवदनशील यवहार-कौशल और धयरपणर होन क अितिरकत इस बात पर ढ़ रहना ज री ह िक काम ठीक परकार स हो अ छ यवहार क साथ कमरचािरय को यह जताना भी ज री ह िक उनस काम का उ च तर अपिकषत ह और उस पर उनक साथ कोई समझौता नही और अगर इस पर अमल नही करत तो उ ह पता होना चािहए िक आप कड़ी काररवाई करग

सकारा मक नजिरया परबधन का एकमातर काम िनदश दना नही ह वरन उस साथ-साथ लोग का िवकास करना होता ह

महान जनरल रोमल की सफलता का मखय कारण यह था िक व हमशा कायर थल पर वय उपि थत होकर िनदश दत बात की पि ट करत सम याए सलझात और दखत िक काम कसा चल रहा ह

प ठ 16

अकषय कराित एक अिधकारी का मखय काम यही ह िक वह अपन साथ काम करन वाल लोग म अ छी आदत का िवकास कर उनकी सहायता कर यिद यह काम परभावशाली ढग स कर पाता ह तो इसस कवल उसक अपन काम ही बहतर नही ह ग बि क उसक पास परिशिकषत और कशल कमरचािरय का परा दल होगा जो उसक परित परी िन ठा स काम करगा इसक िलए सबस पहल कमरचािरय का नजिरया ठीक करना ज री ह उनम सबस पहल यह भावना लानी होगी िक हमार अदर जो चीज ह वही हम ऊपर की ओर ल जाती ह और वह हमारा नजिरया ह

एक आदमी मल म ग बार बचकर अपनी गज़र-बसर करता था उसक पास लाल नील पील हर-चार रग क ग बार थ जब कभी उसकी िबकरी कम होन लगती तब वह हीिलयम गस स भरा एक ग बारा हवा म छोड़ दता ब च उस उड़ता दखकर वसा ही उड़न वाला ग बारा पान क िलए मचल उठत ब च उसस ग बारा ख़रीदत और इस तरह उसकी िबकरी िफर स बढ़ जाती िदन-भर यही िसलिसला चलता रहता एक िदन वह आदमी बाज़ार म खड़ा ग बार बच रहा था अचानक उस महसस हआ िक पीछ स कोई उसका करता पकड़कर खीच रहा ह उसन पीछ मड़कर दखा तो एक छोट स ब च को खड़ा पाया उस ब च न ग बार वाल स पछा ldquoअगर आप काला ग बारा छोड़ग तो कया वह भी उड़गाrdquo ब च की बात उसक िदल म लगी और उसन यार स जवाब िदया ldquoबट ग बारा अपन रग की वजह स नही उड़ता बि क उसक अदर कया ह इस वजह स ही वह ऊपर जाता ह rdquo ठीक यही बात हमारी िज़दगी म भी लाग होती ह अगर लोग का नजिरया बहतर हो उनम अदर स काम करन की इ छा भरी हो तो व खलकर आपस म िमलकर काम करग इसस नकसान तो कम होगा ही स थान क परित िन ठा बढ़गी और लगन स काम करन का वातावरण तयार होगा िव वास हािसल करना आव यक

कमरचािरय स बहतरीन काम लन क िलए शानदार टीम लीडर होना ज री ह मटठीभर लोग का कोई समह िकला तभी फतह कर सकता ह जब

एक आदमी मल म ग बार बचकर अपनी गज़र-बसर करता था उसक पास लाल नील पील हर-चार रग क ग बार थ

प ठ 17

अकषय कराित जब उनका सनापित उनम वह जोश भर सक िक उ ह कोई भी ऊचाई यादा न लग अतः सबस ज री ह िक स थान म कमरचािरय की

कषमताओ का परा फायदा लन क िलए उनका िव वास जीता जाए इसक िलए उनक साथ परी इ जत स पश आना ज री ह उनकी छोटी-बड़ी खशी को बाटना और उनकी राय को परा स मान दना भी उतना ही ज री ह कई बार परबधन क उ चािधकारी या लीडर अपनी टीम क सद य स िसफर इसिलए राय नही लत कय िक उ ह लगता ह िक एक बार राय लन पर अगर उनकी बात नही मानी गयी तो उ ह बरा लगगा लिकन सबस ज री ह िक टीम म सभी सद य को िव वास म लकर काम िकया जाए यहा टीम लीडर की भिमका मह वपणर होती ह वह खद वकत का पाबद होगा तो उसक मातहत कमरचािरय म वयमव यह गण आदत का प ल लगी टीम लीडर का काम अपनी टीम का उ साह बढ़ात हए दी गयी िज मदािरय को समय स परा करना ह मगर उसम नयी चीज़ को सीखन की ललक होनी चािहए ऐसी ललक जब स थान क कमरचािरय म आदत का प लन लगती ह तो वह स थान जािहर ह नए परितमान थािपत करन लगता ह जापानी कपिनया हर बात म कमरचािरय क िहत का यान रखती ह िजसस व वय ही उ पादकता क परित सचत हो जात ह जानी-मानी टोयोटा कपनी क कमरचािरय म तो काम की ऐसी आदत सी या ललक होती ह िक व तब तक काम करत ह जब तक खद थक कर चर नही हो जात यह उनकी आदत ही बन चकी ह िक यिद व िकसी बात पर नाराज होत ह तब भी कपनी या अपन भागय को भल ही कोस ल पर अपन काम पर असर नही पड़न दत इसका कारण यह ह िक जापानी कपिनया काम का एक अ छा वातावरण बनान और लोग म काम क परित स ची लगन को बढ़ावा दन क िलए कड़ा परयास करती ह वहा लोग को लगातार परिशकषण िमलता रहता ह जो कवल तकनीक और मनजमट ही नही कायर स जड़ी नितकता और अ छी आदत क िवकास पर किदरत होता ह चिरतर का िनमारण उनकी एक आदत सी बन जाती ह अगर हम भी एक अ छी शिखसयत बनना ह तो हम अपनी आदत को गहराई स जाचना होगा

ऐसी ललक जब स थान क कमरचािरय म आदत का प लन लगती ह तो वह स थान जािहर ह नए परितमान थािपत करन लगता ह जापानी कपिनया हर बात म कमरचािरय क िहत का यान रखती ह

प ठ 18

अकषय कराित चतन और अवचतन मन

हमार चतन मन क पास सोचन की शिकत होती ह यह िकसी बात को मान सकता ह और नही भी मान सकता मगर अवचतन मन िसफर वीकार करता ह यह इनपट (input) को लकर कोई भदभाव नही करता अगर हम अपन मन म डर शका नफरत क भाव भर तो यह आ म सझाव इन सभी भाव को सिकरय बनाकर हकीकत म बदल दगा हमारा अवचतन मन एक डाटा बक की तरह ह अवचतन मन एक गाड़ी की तरह ह और चतन मन एक डराइवर की तरह शिकत तो गाड़ी म होती ह मगर उसका कटरोल डराइवर क पास होता ह

हम अवचतन मन को इस तरह ढालन की ज रत ह िक वह हम सही और ठीक रा त पर ल जा सक अवचतन मन एक बगीच की तरह होता ह िजस कोई परवाह नही होती िक आप कस पौध लगात ह यह िनरपकष (neutral) होता ह इसम अ छा बोन पर अ छा िमलता ह अ यथा जगली पौध उग जायग

बि क अ छ बीज बोन क बावजद जगली पौध उगन बद नही होत आव यकता होती ह उ ह उखाड़ फकन का िसलिसला जारी रखन की इसी िसदधात को कमरचािरय क मामल म समझन की ज रत ह हम याद रखना ह िक सही और गलत िवचार मन म एक साथ नही रह सकत आव यकता उनक अवचतन मन को इस तरह ढालन की ह िक उनम अ छी आदत का िवकास हो दरअसल अवचतन योगयता वह होती ह जब हम यान दन और सोचन की यादा ज रत नही होती कय िक यह हमार यवहार म खद ब खद उतरन लगा ह िजस स थान क कमरचारी इस तर पर पहच जात ह उनम अ छी आदत वयमव घर करन लगती ह जब बरी आदत हमार अवचतन योगयता क तर तक पहच जाती ह तो वह कावट उ प न करती ह

पिरवतरन का िवरोध बरी आदत को पहचान लन क बाद भी अकसर दखा गया ह िक

लोग उ ह बदलत नही ह ऐसा आिखर कय होता ह उनक न बदलन का कारण ह िक व िज मदारी को वीकार करन स इनकार करत ह

हम अवचतन मन को इस तरह ढालन की ज रत ह िक वह हम सही और ठीक रा त पर ल जा सक अवचतन मन एक बगीच की तरह होता ह िजस कोई परवाह नही होती िक आप कस पौध लगात ह

प ठ 19

अकषय कराित अपनी उन आदत को बनाय रखन म उ ह जो आनद िमलता ह वह पिरवतरन क ददर स यादा होता ह इसक िन निलिखत कारण हो सकत ह -- 1 पिरवतरन की इ छाशिकत का अभाव 2 पिरवतरन क िलए आव यक अनशासन की कमी 3 िव वास की कमी 4 आव यक जानकारी की कमी परबधन वारा इन िबदओ पर िवचार कर अपन किमरय म आशातीत पिरवतरन लाया जा सकता ह सामा यतः खराब आदत को न बदलन क बहान िदय जात ह और कहा जाता ह -- हम लोग इसी तरह करत ह या िक म नही समझता इसस कोई फकर पड़गा और कछ न िमला तो कह िदया जाता ह म बहत य त ह अ छी आदत का िन पण

आदत म पिरवतरन लाया जा सकता ह आव यकता ह इसक िलए सही पिरवश का िनमारण करन की कमरचािरय को परिशिकषत करन की परिरत करन की और ऐसी ि थितया उ प न करन की िजसस कमरचािरय म अ छी आदत का िन पण हो सक दरअसल सफल लोग का राज यह ह िक व काम करन की उन आदत को डाल लत ह जो असफल लोग करना नही चाहत य वही काम ह िज ह सफल लोग भी करना

नही चाहत लिकन व िफर भी करत ह उदाहरण क िलए असफल लोग अनशासन और महनत करना पसद नही करत सफल लोग भी अनशासन और कड़ी महनत नापसद करत ह लिकन व िफर भी ऐसा करत ह कय िक य लोग उन काम को करन की आदत डाल लत ह िज ह असफल लोग नही कर पात नजिरय और सोच का तरीका एक आदत ह और इस बदला जा सकता ह सही ि ट और सतलन कमरचािरय म काम क सबध म सही ि ट बनाय रखन की परवि त िवकिसत करना ज री ह जब कछ गलत हो रहा होता ह तो उस ठीक करना परबधन का ही काम होता ह समझा यह जाता ह िक परायः हम गलत हो रह काम को लकर इतन िचितत हो जात ह िक जो सही हो रहा ह उस भी अनदखा करन की हमम आदत होती ह

दरअसल सफल लोग का राज यह ह िक व काम करन की उन आदत को डाल लत ह जो असफल लोग करना नही चाहत

प ठ 20

अकषय कराित उदाहरण क िलए अगर िकसी स कोई गलती हो जाती ह तो हम एकदम उस पर िच ला पड़त ह या उसक िव दध काररवाई कर बठतहअ छा यह रहगा िक आप उस अलग ल जाकर अकल म बात कर अगर परशसा करनी हो तो सबक सामन कर

अगर िकसी स सहमित न बन तो उस पर करोध करना ज री नही ह अगर अपन करोध पर काब रखग तो लोग अपनी असहमित को अ यथा नही लग अगर आप अपन िवचार को खला रखग तो दसरी ओर स भी आप ऐस ही यवहार की अपकषा कर सकत ह परायः लोग अपनी सहमित कछ इस तरह जतात ह िक सामन वाला भी अपनी बात पर अड़ जाता ह समझन की बात यह ह िक सभी ि थितय म कवल तकर ही काफी नही होगा िकसी स असहमत होन म भी यवहार कशल होना ज री ह सबस पहल तो दसर को अपना पकष रखन का मौका द उसकी बात सन और जहा तक हो सक उसस अपनी सहमित भी परकट कर और िजन बात पर सहमित न बना सक उस समझाए

हमम स अिधकाश लोग उन किमरय और उनकी गलितय पर अ यिधक यान दत ह िजनक िलए हम काम करत ह पर अपन किमरय पर नज़र डालना भल जात ह अगर वय को उन लोग की नजर स दखा जाए तो आशातीत पिरणाम दखन को िमलत ह

आ म मथन आप कया करना चाहत ह कसा करना चाहत ह - इस सोच को

वतरमान म अपन अदर मथन करन को आ म-सझाव कहत ह एक बार सब म जब इसकी पिरपाटी श हो जाती ह तो यह हमार अदर िवजञापन की तरह काम करता ह अपन बार म अपन िलए अदर ही परचािरत करता ह इसका हमार चतन और अवचतन (Sub-concious) मन दोन पर परभाव पड़ता ह अततः यह हमार नजिरए और यवहार को परभािवत करता ह और धीर-धीर आदत का प लता ह यह दरअसल अपन अवचतन मन को ढ़ालन या परोगराम करन की िविध ह

हमम स अिधकाश लोग उन किमरय और उनकी गलितय पर अ यिधक यान दत ह िजनक िलए हम काम करत ह पर अपन किमरय पर नज़र डालना भल जात ह

प ठ 21

अकषय कराित आ म-सझाव अ छ या बर हो सकत ह जब हम बर आ म-सझाव को बार-बार दोहरात ह तब हमारा अवचतन मन उन पर िव वास करन लगता ह और हम उसी को वा तव म यवहार करन लगत ह सकारा मक आ म-सझाव को बार-बार मथन करन स उसकी हमार िदलोिदमाग म त वीर बन जाती ह और वही असिलयत का प लन लगता ह एक उदाहरण क िलए जब कभी हम सबह 0600 बज टरन पकड़नी हो और हमार पास अलामर घड़ी न हो तो हम मन म कहकर उठत ह िक 0400 बज उठना ह तो कया हम नही उठत अगर उठत ह तो इसक पीछ आ म-सझाव ही काम करता ह आ म-सझाव एक रा ता ह िजसस हम अपन िदमाग को परोगराम करक ढ़ालत ह सकारा मक आदत को िवकिसत करन म आ म-सझाव की परवि त मह वपणर िसदध हो सकती ह हमार नजिरए और आदत को तय करन वाल कारक हमार नज़िरए को मखयतः तीन कारक परभािवत करत ह - वातावरणः घर कल आिफस मीिडया सा कितक प ठभिम धािमरक प ठभिम परपराए और भाषाए सामािजक-राजनितक माहौल - य सब िमलकर एक तहजीब बनात ह चाह घर हो या आिफस या अ यतर - हर जगह हर िकसी की अपनी तहजीब होती ह उदाहरण क िलए हम एक दकान म जात ह तो वहा का स समन बड़ अदब वाला होता ह लिकन वही जब दसरी दकान पर जात ह तो वहा का स समन कभी-कभी बड़ा खा और बदतमीज िमल जाता ह उसी तरह िकसी क घर म यार भरा माहौल िमलता ह तो िकसी क घर म हमशा लड़ाई-झगड़ का इसी तरह जब सरकार और राजनीितक माहौल ईमानदारी का होता ह तो लोग भी ईमानदार मददगार और कानन का पालन करन वाल होत ह बईमान और भर ट माहौल म िजस तरह एक ईमानदार का जीना मि कल होता ह उसी तरह ईमानदारी भर माहौल म बईमान यिकत को मि कल होती ह िन सदह अ छ वातावरण म मामली कमरचारी म वमव अ छी आदत िवकिसत होती ह और उसकी कायर करन की शिकत बढ़ जाती ह जबिक खराब माहौल म अ छा काम करन वाल की भी कषमता िगर जाती ह

सकारा मक आदत को िवकिसत करन म आ म-सझाव की परवि त मह वपणर िसदध हो सकती ह

प ठ 22

अकषय कराित कायर-स कित का बहाव ऊपर स नीच की ओर होता ह नीच स ऊपर की ओर कभी नही यह दखना बहत ज री ह िक हमन अपन िलए और आस-पास क लोग क िलए कसा वातावरण तयार िकया ह खराब वातावरण म अ छ की उ मीद करना बमानी ह अनभवः हम अपन जीवन म अपन काम-काज म हालात स जसा अनभव पात ह वह हमारी आदत का िह सा बन जात ह और उसी क अनसार हमारा यवहार होता ह अगर िकसी क परित हमारा अनभव अ छा होता ह तो हमारा नज़िरया भी अ छा होता ह ज री ह िक कमरचािरय को ऐसा कायर-पिरवश िमल िजसस उनक अवचतन म अ छ अनभव की छाप अिकत हो

परिशकषण भी ज़ री यहा िसफर सदधाितक जञान ही काफी नही होता बि क औपचािरक और अनौपचािरक दोन ही तरह की िशकषा व परिशकषण ज री ह जञान और जानकारी को यिद योजनाबदध तरीक स परयोग िकया जाए तो उसस बौिदधक तर को बढ़ान म आशातीत सफलता िमलती ह काम करन की कला अ छी िशकषा स ही आती ह ज री ह िक परिशकषण म मनोवजञािनक सामािजक आिथरक व अ य पहल को समझन की आदत िवकिसत की जाए अवचतन म यह िबठाना बहत ज री ह िक जीवन की भ यता काम क वारा ही सभव ह स थान म सभी को लगना चािहए िक उनका काम मह वपणर ह यही परबधन कला का सार ह जब कमरचािरय को ऐसा एहसास होन लगता ह तो उनक नज़िरए म बदलाव आन लगता ह उपसहारः काम क परित लोग म अ छी आदत िन िपत करन और उनम उ साह जगान स कायर-िन पादन म िनरतर िनखार आता ह दरअसल हर यिकत म मानिसक और शारीिरक ऊजार उ प न होती ह िजसक िलए काम ही सबस अ छा िनकास ह एक िवचारक क अनसार lsquoआप पछत ह म लगातार काम कय करता ह

यहा िसफर सदधाितक जञान ही काफी नही होता बि क औपचािरक और अनौपचािरक दोन ही तरह की िशकषा व परिशकषण ज री ह

प ठ 23

अकषय कराित इसका वही कारण ह िजस कारण स मगीर अ ड दती जाती ह rsquo काम क िबना इसान घट सा जाता ह उस काम की उतनी ही ज रत होती ह िजतनी हवा की आव यकता ह िक उस सही वातावरण उपल ध करान और सही िदशा म अिभपरिरत करन की व ततः हर यिकत अदर स गिरमा और आ मस मान की चाह रखता ह आव यकता ह उस अतःपरिरत करन की लोग को खद स परिरत करन क िलए हम उनकी ज रत और इ छाओ को समझना होगा पररणा कायरकषमता और आदत क बीच सीधा सबध ह जो लोग उतना ही काम करत ह िक उनकी नौकरी बची रह तो ऐस लोग िकसी भी स थान क िलए मह वपणर नही हो सकत अतपररणा स सोच म बदलाव लाया जा सकता ह पररणा आग क समान होती ह

कमरचािरय को िजतना परिरत िकया जाएगा उनम उतनी ही सकारा मक आदत का िवकास होगा कमरचािरय को उिचत स मान दकर उनक कायर को अिधक मनोरजक बनाकर परबधन वारा उनकी बात को गौर स सनकर उनकी सम याओ और सझाव पर गौर करक उ ह वय ल य िनधारिरत करन क िलए परो सािहत करक िवकास क नय अवसर उपल ध कराकर आव यकतानसार समय-समय पर समिचत परिशकषण िदलाकर तथा नयी चनौितय स जझन क िलए परो सािहत करक िन सदह उनक आचार और यवहार को सकारा मक िदशा म पाियत िकया जा सकता ह

कमरचािरय को िजतना परिरत िकया जाएगा उनम उतनी ही सकारा मक आदत का िवकास होगा

ई-पितरका म लख आिद म परकट िवचार

मलतः लखक क ह तथा यह आव यक नही ह िक

इरडा भी इन िवचार स सहमत हो

प ठ 24

अकषय कराित

िबिटया

आख म मोती लकर तम िबिटया जाती हो हा जाओ िशकषा का उपहार द रह िवदा समय यह लो ल जाओ इन पराण म परीित त हारी ममता क धन िसदरी इन नयन की बद पली परकट करती ह मजबरी लाचारी ह िफर पराण म क य ह इतनी आकलता

जब इस रीित पर पराओ म वश न िकसी का ह चलता िपतकल को तजकर अब िबिटया पित-कल म जाना होगा

नटखटपन को छोड़ धमर का ही िजसम बाना होगा इस घर की तम बड़ी लाडली पराण स यारी िबिटया

चली लाकर आज सभी को िपता की कर सनी किटया िजन हाथ न लाड़ चाव स अब तक था िजसको पाला उन हाथ न ही िबिटया को दलह राजा जी को द डाला

िजसका दख जरा मन मला हो जाती थी हरानी क यादान उसी का कर क दय बनाया पाषाणी

िकया न जाता था पल भर को इन आख स दर िजस मोती झरत िवदा द रहा आज सकल पिरवार उस अपनी मा क जीवन की तम परित-पल हो आधार रहो

िवजयता िपता क दय मिदर की िबिटया तम साकार रही आज जीवन क सख-दख सार वही िबतान तम लो जान आओगी जब कभी यहा तम होगी महमान समान

सतीश कमार कलावत इरडा

इस घर की तम बड़ी लाडली पराण स यारी िबिटया चली लाकर आज सभी

को िपता की कर सनी किटया

प ठ 25

ससराल की कभी बराई कही न मह पर आ जाव धमर कमर क तर य पथ म पाव नही िडगन पाव

सात परितजञाय जो तमन अिग नदव स मख की धारण द पि त जीवन का मह व ह करना स च मन स पालन

बटी इन सात बचन का यान दय म रह सदा दोन कल की लाज इसी म भला न दना इस कदा पित ही ह सवर तर त हार पित ही को जीवन समझो

जो कछ कह उसी को मान उनको िबिटया तम धन समझो शीलवती तम बन िबिटया पित-भक त मना सदर िनस दह वय उपजग क प-वकष घर क अ दर

पहन सिशकषा की साड़ी को शभ गण भषण अपनाओ दस लकषण शभ लकषण धार िन य नय मगल गाओ यह िशकषा उपहार दय का तम को राह िदखायगा भल भटक कर भी अिधयारा पास न आन पायगा

हम सब की आख स मोती उर स िनकल रही आशीष सभी सख स पणर परफि लत कर त ह दलह राजा की ईश

अकषय कराित

िजन हाथ न लाड़ चाव स अब तक था िजसको पाला उन हाथ न ही िबिटया को दलह राजा जी को द डाला

प ठ 26 अकषय कराित

ldquoपयारवरणrdquo श द पिर+आवरण स बना ह अथारत बा य आवरण को ही पयारवरण कहत ह इस बा य आवरण का ता पयर हमार चार ओर क वातावरण और पिरवश स ह िजस हम दसर श द म परकित भी कह सकत ह प वी पर िव यमान सपणर जीव-जगत क अि त व जीवन-यापन एव चहमखी िवकास म परकित की मह वपणर भिमका ह मानव बिदधजीवी पराणी ह और परकित क मह व स भली-भाित पिरिचत होन क कारण ही सिदय स परकित की पजा करता रहा ह

विदक काल स ही परकित तथा मानव क बीच जीवन ततर का अटट सबध रहा ह हमार पराचीन ऋिष-मिनय न प वी म हवा पानी िमटटी पड़-पौध जीव-ज तओ और मानव क सिकरय सहयोगा मक सतलन को यान म रखकर ही परकित को प य माना धमर क साथ परकित को जोड़कर उ ह न परकित को पयार त मह व िदया व जानत थ िक िजस परकार जीवन क िलए भिम की आव यकता होती ह उसी परकार वन पितया व अ य पराणी भी आव यक ह य सभी परकित क अिभ न अग ह इनम स एक क भी न ट होन का परभाव दसर पर पड़ता ह और पिरणाम व प पराकितक असतलन पदा हो जाता ह व तत प वी म हवा पानी िमटटी पड़-पौध जीव-ज तओ और मानव का सिकरय सहयोगा मक सतलन रहता ह पड़-पौध भिम को उपजाऊ बनात ह िमटटी को बाधकर रखत ह बरसात करवान तथा जल एव वाय को व छ रखन म सहायक होत ह परत आज क बढ़त औ योिगकीकरण और शहरीकरण न परकित और मानव क बीच असतलन उ प न कर िदया ह यह असतलन अिशकषण बढ़ती जनसख या शहर की ओर पलायन वकष की कटाई गगनचबी इमारत बड़-बड़ उ योग की थापना आिद क कारण ह और यही पयारवरण परदषण क मख य कारण ह मटरोपोिलटन एव बड़ शहर म अनक काबरिनक और अकाबरिनक गस जस ndash काबरन-मोनोऑक साइड अमोिनया आिद परदषण क मख य ोत ह

वतरमान पयारवरण -21वी सदी की चनौती

लख सरीन सल

विदक काल स ही परकित तथा मानव क बीच जीवन ततर का अटट सबध रहा ह

प ठ 27 अकषय कराित मन य न अपनी भितक सख-सिवधाओ की आपित र क िलए परकरित स

िखलवाड़ िकया ह वतरमान मशीनी यग म मन य वारा परकित क अ यिधक दोहन एव िनत नए कारखान की थापना स पयारवरण सकट उ प न हआ ह मानव न परकित क साथ जो अ यायपणर यवहार िकया ह उसी क फल व प परकित का िवरोधी रवया हआ ह िजस भिव य म सह पाना मि कल होगा

अिशकषा क कारण दश की तजी स बढ़ती आबादी क आवास की मलभत आव यकता को परा करन क िलए वकष की कटाई करक ऊची-ऊची इमारत बनाई जा रही ह वकष की अधाधध कटाई स भिम की ऊवररा शिक त का तो ास हो ही रहा ह साथ ही परदषण जसी िवकराल सम या भी ज म ल रही ह

परदषण पयारवरण क ास का परमख कारण ह िवकासशील दश िनत नए उ योग की थापना करक बराजगारी की सम या को तो दर कर रह ह िकत इसस जल वाय विन तथा िविभ न परकार क परदषण बढ़ रह ह कल-कारखान और मोटर स िनकलन वाल धए स वाय परदषण हो रहा ह जल थल व नभ क मागर पर शिक त चािलत वाहन विन परदषण का मख य ोत ह शहरीकरण और औ योिगकीकरण क कारण शदध पयजल की सम या िवकराल प धारण कर रही ह कारखान स िनकलन वाल कड़-कचर क निदय म िमलन स जल परदषण हो रहा ह रासायिनक खाद और कीटनाशी दवाओ स मदा परदषण का खतरा बन गया ह

इस परकार जनसख या विदध शहरीकरण औ योिगकीकरण एव परदषण जसी सम याओ न पयारवरण को बरी तरह परभािवत िकया ह आज सपणर िव व पयारवरण को लकर िचितत ह इस भयावह ि थित स बचन क िलए पर यक यिक त को पयारवरण क परित जाग क करना आज की अिनवायर आव यकता ह

इस िदशा म सवरपरथम िनरकषरता को समा त िकया जाना चािहए साकषर भारत की पिरक पना म जनसख या विदध दर वय िनयितरत हो जाएगी करल रा य इसका परमाण ह जहा साकषरता क साथ-साथ जनसख या िनयतरण भी ह

जल थल व नभ क मागर पर शिक त चािलत वाहन विन परदषण का मख य ोत ह

प ठ 28 अकषय कराित

इसक बाद बात आती ह परदषण िनवारण की आज िव व भर क

वजञािनक और पयारवरणिवद इस िदशा म कायररत ह सवरपरथम वन क काटन पर परितबध लगाया गया ह और वन सपना क िव तार हत वकष लगान क िलए परो सािहत िकया गया इसक िलए सरकार की ओर स वकष आिद िनश क उपल ध कराए जात ह ldquoपयारवरण परदषण स थाrdquo और व छ वाय अिधिनयम जस िविधक उपाय स वाय परदषण पर रोक लगान का परयास िकया जा रहा ह जहरील धआ उगलन वाल कारखान तथा वाहन पर भारी आिथरक दड का परावधान ह िविभ न सचार मा यम mdashदरदशरन समाचार-पतर तथा आकाशवाणी क मा यम स जनता को पयारवरण क परित जाग क करन क परयास िकए जा रह ह निदय म खलन वाल परदषण ोत को बद करन की योजनाए चलाई जा रही ह पािलथीन क परयोग को बद करन क िलए चलाया जा रहा ह अिभयान भी परशसनीय ह

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह इस खतर स सपणर भमडल का अि त व न ट हो जाए इसस पहल हम पयारवरण की सरकषा करन का सक प लना होगा

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह

िस धी होन क प चात भी मझ बगाली रीित िरवाज़ िमठाइया यहा का पहनावा अगरज क ज़मान की बनी सरचनाए एव भवन इ यािद म बहत िदलच पी एव िच थी

प ठ 29 अकषय कराित

यातरा स मरण-कोलकाता-खिशय हषर का शहर(िसटी ऑफ जॉय)

सोिनया सिह वानी पीईसी िलिमटड

म पी ई सी िलिमटड नामक कपनी क िविध ककष म उप िविध परबधक क पद पर कायररत ह सन 2010 जन स इस कपनी म मन परबधन परिशकष क प म अपनी पहली नौकरी की श आत की पी ई सी िलिमटड वािण य मतरालय क अतगरत आन वाली आयात-िनयारत यापार स स बिधत क पिनय म स एक ह इस स दभर म जनवरी 2011 म िविभ न िवभाग क परबधन परिशकषओ को ओिरएटशन हत काडला कोलकाता इ यािद शहर म भजन का कायरकरम िनि चत िकया गया कोलकाता क पास हि दया पोटर होन क कारण कोलकाता शहर चना गया जहा पी ई सी वारा आयात की गयी व तए पोटर गोदाम म रखी जाती ह साथ ही म कोलकाता पोटर िभ न गोदाम इ यािद दखन की यव था की गयी एव सची म समावश िकया गया यह सनकर मरी ख़शी का िठकाना न रहा क य िक मन कोलकाता शहर क बार म सना बहत था पर त कभी दखा न था िस धी होन क प चात भी मझ बगाली रीित िरवाज़ िमठाइया यहा का पहनावा अगरज क ज़मान की बनी सरचनाए एव भवन इ यािद म बहत िदलच पी एव िच थी आिखरकार मझ मौका िमला और जनवरी की कड़ाकदार ठ ड क बीच हम एक रिववार शाम कोलकाता राजधानी स अपनी मिजल की और िनकल पड़ िद ली स कोलकाता क सफ़र क बीच हमारी गाड़ी इलाहाबाद गया िबहार तथा धनबाद जस शहर स होत हए बगाल की ओर पहची हसत-गात खलत-खात हए हम अगली सबह हावड़ा जकशन पहच गए रलगाड़ी स उतर कर टशन स बाहर िनकलत ही मझ िसटी ऑफ जॉय क नाम स मशहर कोलकाता की पहली झलक िदखाई दी ऐसा लगा मानो मझ भारत क दो पहल एकसाथ जीत हए नज़र आए एक तरफ थ टशन स बाहर एव अ दर जात हए स दर कपड़ गहन म लद हए कोलकाता क बगाली िनवासी साथ म बड़ी-बड़ी गािड़य म घमत कोलकाता क नौजवान और ठीक दसरी तरफ मरी नज़र पड़ी हगली नदी पर बन परिसदध हावड़ा िबरज पर िजस दख एक अलग ही दिनया का एहसास हआ

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह

िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी

एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया नतीजा मर समकष था

प ठ 30 अकषय कराित

हावड़ा िबरज पर हर तरफ लोग का जमावड़ा था इतन लोग दख िद ली क चादनी चौक की याद आ गयी ऐसा लगा मानो म 50 साल पीछ िकसी लक एव वाईट दिनया म कदम रख चकी थी िबरज क दोन तरफ सामान बचत हए दकानदार िखलौन मछली रख हए औरत एव छोट-छोट ब च मख य शहर स हावड़ा जान वाल आम आदमी मजदर की तज़ र तार फरी स र ता पार करन वाल यापारी इन सब को दख लगा कोलकाता म मबई जसी भागम भाग भी थी िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया नतीजा मर समकष था जस-जस म कोलकाता शहर क भीतर आन लगी मझ इस शहर क िवकास की झलक िदखाई दी एक तरफ थी ऊची ईमारत सदर िवशाल िव यासागर सत पल बड़-बड़ होटल माल कोलकाता उ च यायालय राईटसर िबि डग मशहर इडन गाडरन टिडयम इ यािद तो दसरी तरफ था िवक टोिरया ममोिरयल अगरज की वा तकला क अनसार िदखती लाल ईटो की इमारत िवक टोिरयल सरचनाए भवन छोटी-छोटी पटिरय पर समान बचत नया बाज़ार (New Market) क दकानदार एव िवक टोिरया ममोिरयल क बाहर चलत सलािनय क िलए रथ वाल घोड़ हमारा होटल जसीबोस सड़क पर ि थत था एव सिवधाओ स भरपर था पर त मन य जाना िक असली कोलकाता का मज़ा गाड़ी म नही अथवा िरक शा ऑटो तथा साल स चलती आ रही सड़क पर टराम म था

हर तरफ मझ पील रग की टिक सया िदखाई दी सब एक समान थी तथा मरसीडीज़ गाड़ी क बगल म चलती 1-2 पय म सफ़र की जान वाली टराम भी साथ िदखाई दी परी िजदगी िद ली म यतीत करन क बाद हर नए शहर का रहन-सहन बोल-चाल रीित-िरवाज़ जानन की जाग कता मझम हमशा रही पहल ही िदन स कोलकाता मझ रास आया जस िक कहत ह lsquoकोलकाता हमार खब भाला लागली छ rsquo कहन का ता पयर य िक मझ कोलकाता बहत अ छा लगा पहल िदन िक शाम को हमन य मािकर ट म खरीददारी करन का मन बनाया म हरान थी िक वहा चीज िकतनी स ती िमल रही थी िद ली क मतािबक एक ितहाई दाम पर चिडया गहन बग जत कत इ यािद िमल

िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया

प ठ 31 अकषय कराित य मािकर ट िद ली क लाजपत एव सरोिजनी नगर समान ह कम

दाम म अ छा समान िमला कोलकाता चमड़ क िलए भी मशहर ह एव परिसदध ी लदसर दकान भी इस बाज़ार म ि थत ह यहा खरीदारी का हमन खब ल फ़ उठाया

अगल िदन हम हि दया पोटर गए एव अनक जहाज़ दख 3-4 घट की दरी पर ि थत यह पोटर अनक एकड़ म फला हआ था पहली बार इतन बड़ जहाज़ को अदर स दख खब आनद आया तीसर िदन हम काली बाड़ी मिदर गए बगाली अ यत पाठ-पजा वाल दगार मा क स च उपासक ह यह सब जानत ह दगार पजा इनका लोकिपरय उ सव ह तथा काली मा एव दगार मा की स च मन स पजा करत ह कोलकाता क िनवासी भिक त भावपणर ह यह सना था अब खद दख भी िलया बगाली र म स पजा करन का य मौका अ यत आनदमयी था इसक अलावा काली बाड़ी क नज़दीक ही ि थत ह गौिरहाट बाज़ार यहा की दकान बगाली सािड़या कपड़ सट कत इ यािद क िलए परिसदध ह आिद धक तशवर नामक मशहर दकान म जाकर मरा भी मन िकया िक म भी खरीददारी क मर सािथय न बहत सािड़या खरीदी एव दाम दखकर म दग रह गई सदर स सदर साड़ी मातर 600700 पय की थी मन बगाल की मशहर लाल एव सफद िपरट की साड़ी भी खरीदी कोलकाता म खरीददारी का अलग की मज़ा ह उसी िदन शाम हम सा ट लक िसटी मॉल गए वह सा ट लक टिडयम क नज़दीक ह यहा िदखाई िदया कोलकाता का परगितशील प नौजवान फटबाल की जसीर पहन माल म घम रह थ एक स एक

मशहर बरड वहा मौजद थ इसक अलावा कोलकाता क िनवासी खब मनोरजन क शौक़ीन ह सगीत नाच गाना इ यादी म िच रखत ह कोलकाता म जगह-जगह सगीत कला अकडमी तथा पढ़न (रीिडग) क क लब ह अगरज क शौक तथा रहन-सहन की झलक आज भी यहा िदखती ह यहा क नौजवान को खल-कद म भी खब िदलच पी ह फटबाल का तो जस यहॉ सबको जनन ह

भारत क परिसदध मोहन बगान फटबाल क लब फटबाल क वहा क नौजवान ही नही परा शहर ही दीवाना ह भारत-पाक मच हो या आई पी एल इडन गाडरन मदान लोग स खचा-खच भरा रहता ह अफ़सोस म वहा अदर जा न सकी

इसक अलावा काली बाड़ी क नज़दीक ही ि थत ह गौिरहाट बाज़ार यहा की दकान बगाली सािडया कपड़ सट कत इ यािद क िलए परिसदध ह

प ठ 32 अकषय कराित

मर सफर क आखरी िदन म मन कोलकाता क लोग म एकता क नजार दख िविभ नता म भी एकता का उदाहरण दखा चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख िजस िदन हम कोलकाता पहच थ उसी िदन वहा शहर बद था और मन एक जट होकर लोग को अपनी बात कहत हए दखा एव सना यहा क लोग अपन शहर क िवकास बहतरी क िलए जाग क ह िज मदारी लत ह तथा सरकार को अपनी बात भली-भाित कहत ह लड़िकय औरत की इ ज़त करत ह एव यहा िक मिहलाओ को मन िनदरलीय पाया जहा एक ओर भारत की राजधानी होन क बावजद िद ली वाल अपनी िजदगी म मगन रहत ह वही दसरी और कोलकाता म अमीरी-गरीबी िभ न जाितय म भी एक जटता ह कपड़ा एव खाना आज भी यहा खब स ता िमलता ह पर त दसरी तरफ सब जानत ह िक बड़-बड़ उ योगपित िव वान लखक िखलाड़ी गायक अिभनता िनदशक यहा स उभर ह सािह य हो या लख बॉलीवड हो या िकरकट बगाल न भारत को अनक नाम एव गौरव िदए ह चाह सौरव दादा हो या रिव दर नाथ टगोर ममता बनजीर रानी मखजीर हो या योित बस भारत म इनकी भिमका का वणरन करन की ज रत नही

मन कछ िदन क कोलकाता क सफर म इस शहर को जानन समझन का परयास िकया हगली नदी क िकनार खड़ होकर समदर को दखा निदय को िनहारा िव यासागर सत िबरज की सदरता िवशालता को सराहा क सी दास की परिसदध िमठाई का ल फ उठाया मन बहत शहर घम पर त यह सफर मर िलए सबस यादगार रहा कोलकाता परगित क मागर पर िनरतर बढ़ रहा ह पर त आज भी वह अपनी जड़ नितक म य को नही भला ह एक आम आदमी आज भी टराम म या फरी स सफर करता ह यहा क िनवासी दो पय स लकर 500 ० का खाना खात ह पराना एव नया कोलकाता एक साथ जीिवत ह िसक क क दो पहल की तरह कोलकाता क यह दो प को एक साथ रहत दख बहत आनद आया

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 33 अकषय कराित

जल परकित का अनपम उपहार ह मानव जाित अपन परादभारवकाल स ही इस उपहार का उपयोग अपन िहत क िलए करती आई ह जल वह पराकितक उपहार ह िजसका कोई िवक प नही ह इसिलए जल को अमतया जीवन भी कहा गया ह जल क िबना जीवन की सभावना भी नही ह पर यकष प स तो जल की मानवीय आव यकता सीिमत ह परत परोकष आव यकताओ पर नजर डाल तो दिनक जीवन की आव यकताए जस अ न फल स जी दध स लकर हमार पहराव आवास तक सब जल स जड़ हजल का जरा भी सतलन िबगड़ जाए तो जीवन यापन क टपरद होन म दर नही परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह जल क सामा य त य जल या पानी एक आम रासायिनक पदाथर ह जो जीवन क सभी जञात प क जीिवत रहन क िलए ज री ह आमतौर पर जल अपनी दरव अव था म उपयोग म लाया जाता ह पर यह ठोस अव था बफर और गस अव था जल वा प या भाप प म भी पाया जाता ह प वी क लगभग तीन चौथाई िह स पर िव व क महासागर का अिधकार ह अनमानत प वी पर जल की कल मातरा लगभग 1400 िमिलयन घन िकलोमीटर ह जो िक प वी पर 3000 मीटर गहरी परत िबछा दन क िलए काफी ह तथािप जल की इस िवशाल मातरा म व छ जल का अनपात बहत कम ह प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह शष जल झील निदय वायम डल नमी मदा और वन पित म मौजद ह जल की जो मातरा उपभोग और अ य परयोग क िलए व ततः उपल ध ह वह निदय झील और भजल म उपल ध मातरा का छोटा-सा िह सा ह इसिलए जल ससाधन िवकास और परब ध की बाबत सकट इसिलए उ प न होता ह कय िक अिधकाश जल उपभोग क िलए उपल ध नही हो पाता

परभावी जल परबधन और दश का िवकास

दीपक आहजा ओएनजीसी िवदश

प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह

प ठ 34 अकषय कराित

और दसर इसका िवषमतापणर थािनक िवतरण इसकी एक अ य िविश टता ह फलतः जल का मह व वीकार िकया गया ह और इसक िकफायती परयोग तथा परब ध पर अिधक बल िदया गया ह प वी पर उपल ध जल जल-चकर क मा यम स चलायमान ह जल लगातार एक चकर म घमता रहता ह िजस जलचकर कहत ह इसम वा पीकरण वषार और बह कर सागर म पहचना शािमल ह हवा जल वा प को थल क ऊपर उसी दर स उड़ा ल जाती ह िजस गित स यह बहकर सागर म पहचाता ह जल चकर का िचतर नीच पर तत िकया गया ह

अिधकाश उपभोकताओ जस िक मन य पशओ अथवा पौध क िलए जल क सचलन की ज रत होती ह जल ससाधन की गितशील और नवीकरणीय परकित और इसक परयोग की बार बार ज रत को ि टगत रखत हए यह ज री ह िक जल ससाधन को उनकी परवाह दर क अनसार मापा जाए इस परकार जल ससाधन क दो पहल ह अिधकाश िवकासा मक ज रत क िलए परवाह क प म मािपत गितशील ससाधन अिधक परासिगक ह आरिकषत भ डार की ि थर अथवा िनयत परकित और साथ ही जल की मातरा तथा जल िनकाय क कषतर की ल बाई व म यपालन नौ सचालन आिद जस कछक िकरयाकलाप क िलए भी परासिगक ह

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 35 अकषय कराित

जल का यय अप यय जल क बार म एक नही कई च कान वाल त य ह िव व म और िवशष प स भारत म जल िकस परकार न ट होता ह इस िवषय म जो त य सामन आए ह उस पर जाग कता स यान दकर जल क अप यय को रोका जा सकता ह अनक त य ऐस ह जो हम आन वाल ख़तर स तो सावधान करत ही ह दसर स पररणा लन क िलए परो सािहत करत ह और पानी क मह व व इसक अनजान ोत की जानकारी भी दत ह प वी पर पदा होन वाली सभी वन पितया स भी हम पानी िमलता ह

आल और अनानास म 80 परितशत और टमाटर म 95 परितशत पानी ह पीन क िलए मानव को परितिदन 3 लीटर और पशओ को 50 लीटर पानी

चािहए भारत म 83 परितशत पानी खती और िसचाई क िलए उपयोग िकया जाता

ह इज़राइल म औसतन मातर 10 सटीमीटर वषार होती ह इस वषार स वह

इतना अनाज पदा कर लता ह िक वह उसका िनयारत कर सकता ह दसरी ओर भारत म औसतन 50 सटीमीटर स भी अिधक वषार होन क बावजद अनाज की कमी बनी रहती ह

िपछल 50 वष म जल क िलए 37 भीषण ह याकाड हए ह भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल

चलती ह पानी ज य रोग स िव व म हर वषर 22 लाख लोग की मौत हो जाती ह यिद बरश करत समय नल खला रह गया ह तो पाच िमनट म करीब 25

स 30 लीटर पानी बरबाद होता ह बाथ टब म नहात समय 300 स 500 लीटर पानी खचर होता ह जबिक

सामा य प स नहान म 100 स 150 लीटर पानी खचर होता ह िव व म परित 10 यिकतय म स 2 यिकतय को पीन का शदध पानी

नही िमल पाता ह परित वषर 6 अरब लीटर बोतल पक पानी मन य वारा पीन क िलए

परयकत िकया जाता ह मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 36 अकषय कराित

िद ली मबई और च नई जस महानगर म पाइप लाइन क वॉ व की खराबी क कारण रोज़ 14 स 44 परितशत पानी बकार बह जाता ह

निदया पानी का सबस बड़ा ोत ह जहा एक ओर निदय म बढ़त परदषण रोकन क िलए िवशषजञ उपाय खोज रह ह वही कल कारखान स बहत हए रसायन उ ह भारी मातरा म दिषत कर रह ह

भारत म जल सकट नासा की एक िरपोटर न पानी को लकर दश भर म बढ़ती जा रही लापरवाही क परित आख खोली ह इस िरपोटर म भारत म सख की ि थित पदा होन क िलए िज मवार कारण म स एक अहम कारण अधाधध जल दोहन को बताया गया ह बतात चल िक दश भर क 604 िजल म स 161 सख की मार झल रह ह वस अब बताया जा रहा ह िक सख की मार स बहाल िजल की सखया बढ़कर 246 हो गई ह यानी कहा जाए तो आधा दश सख की चपट म ह बहरहाल नासा की इस िरपोटर म बताया गया ह िक भारत क कई रा य कषमता स यादा जल दोहन कर रह ह यहा कषमता स ता पयर यह ह िक उनस िजतन सलाना जल दोहन की उ मीद कदर करती ह व उसस कही यादा जल दोहन कर रह ह नासा न यह अ ययन 2002 स 2008 क बीच

की ि थितय क आधार पर िकया ह इस िरपोटर म बताया गया ह िक पजाब हिरयाणा और राज थान हर साल औसतन 177 अरब कयिबक मीटर पानी जमीन क अदर स िनकाल रह ह जबिक कदर की तरफ स लगाए गए अनमान क मतािबक इ ह हर साल 132 अरब कयिबक मीटर पानी ही जमीन क अदर स िनकालना था इस तरह स दखा जाए तो य तीन रा य िमलकर कषमता स 30 फीसदी यादा पानी का दोहन कर रह ह जािहर ह िक िबना कछ सोच-िवचार जब इस पमान पर पराकितक ससाधन का दोहन िकया जाएगा तो परकित भी बदला लगी और वही हो रहा ह इस िरपोटर म यह भी बताया गया ह िक भारत का महज 58 फीसदी भजल ही हर साल िरचाजर हो पाता ह नासा की यह िरपोटर बताती ह िक अधाधध जल दोहन की वजह स पर उ तर पि चम भारत क भजल तर म हर साल 4 सटीमीटर यानी 16 इच की कमी आ रही ह इस अ ययन को अजाम दन म नासा क जल िवजञानी मट रोडल न अहम भिमका िनभाई ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 37 अकषय कराित

उनक हवाल स इस िरपोटर म बताया गया ह िक दश क उ तर पि चम कषतर म 2002 स 2008 क दौरान तकरीबन 109 कयिबक िकलोमीटर पानी की कमी हई ह यह मातरा िकतनी अिधक ह इसका अदाजा इसी स लगाया जा सकता ह िक यह अमिरका क सबस बड़ जलाशय लक मीड की कषमता स दगन स भी कही यादा ह अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह इस िरपोटर क मतािबक अगर अधाधध जल दोहन इसी तरह स जारी रहा तो आन वाल समय म भारत को अनाज और पानी क सकट को झलन क िलए अभी स तयार हो जाना चािहए जािहर ह िक जब जल सकट बढ़गा तो खती पर इसका गहरा परभाव पड़गा अनाज क उ पादन म कमी आएगी इस वजह स अनाज सकट पदा होगा और भख का एक नया चहरा उभरकर सामन आएगा एक बड़ा तबका जो आज भरपट भोजन कर पाता ह उसक िलए पट भर खाना िमलना मि कल हो जाएगा भखमरी की जो सम या पदा होगी उसस िफर िनपटना आसान नही होगा इसक अलावा पीन क पानी का टोटा तो होगा ही अभी ही दश क कई िह स ऐस ह जहा क लोग को पीन क िलए साफ पानी नही िमल पा रहा ह कई कषतर ऐस ह जहा गमीर क िदन म हडपप स पानी आना बद हो जाता ह वहा क लोग को हर साल बोिरग को कछ फट बढ़वाना होता ह यह सम या भजल तर क िगरत जान की वजह स ही पदा हई ह जब पीन क पानी का सकट पदा होगा तो बोतलबद पानी का कारोबार काफी तजी स बढ़गा कहन का मतलब यह िक िजसक पास पसा होगा वह अपनी यास बझा सकगा और िजसक पास पसा नही होगा उस अपनी यास बझान क िलए भी सघषर करना पड़गा ि थित की भयावहता की क पना ही िसहरन पदा करती ह भारत म दिनया का हर छठा आदमी रहता ह यानी कहा जाए तो दिनया क कल आबादी क तकरीबन सतरह फीसदी लोग भारत म रहत ह जबिक दिनया का महज साढ़ चार फीसदी पानी ही भारत म उपल ध ह ऐस म जल सम या स दो-चार होना कोई आनापिकषत बात नही ह एक बात तो तय ह िक पराकितक ससाधन म इजाफा तो नही िकया जा सकता ह लिकन इसका सरकषण अव य िकया जा सकता ह

अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह

प ठ 38 अकषय कराित

भारत म लोग िकसी एक मा यम स पयजल परा त करन पर िनभरर नही ह इस दश म 357 फीसदी लोग हडपप स 367 फीसदी लोग नल स 182 फीसदी लोग तालाब पोखर या झील स 56 फीसदी कओ स 12 फीसदी लोग पारपिरक साधन स और 26 फीसदी लोग अ य मा यम स पीन का पानी परा त करत ह इस िलहाज स अगर दखा जाए तो जल सकट को दर करन क िलए समगर कायरयोजना की ज रत ह

दरअसल भारत म गहरात जल सकट क िलए काफी हद तक पानी की बबारदी भी िज मवार ह यहा जल आपित र की यव था म काफी खािमया ह नल क जिरए घर तक पहचन वाल पानी का एक बड़ा िह सा िरस कर बबारद हो जाता ह हर शहर म फट हए आपित र पाइप आसानी स दख जा सकत ह इस बदहाल यव था क िलए सरकार क साथ-साथ सामा य लोग भी कम िज मदार नही ह एक तरफ तो सरकार पयजल क नाम पर हर साल हजार करोड़ पए का बजट बनाती ह और दसरी तरफ जमीनी तर पर हालात म कोई बदलाव नही िदखता ह सामािजक तौर पर भी जल सरकषण को लकर जाग कता का अभाव िदखता ह यह सामािजक तान-बान का ही असर ह िक लोग कही भी जल की बबारदी को दखकर उस सामा य घटना मानत हए नजरअदाज कर दत ह दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था यह अब घटकर 1800 कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर हो चका ह

दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था

प ठ 39 अकषय कराित

िवशषजञ का अनमान ह िक अगर पानी की खपत और बबारदी इसी तरह स जारी रही तो 2025 तक यह घटकर हजार कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर ही रह जाएगा उस समय तक पानी की उपल धता म आन वाली इस कमी की वजह स किष उ पादन म तीस फीसदी की कमी आन की सभावना ह इन पिरि थितय म दश की आिथरक और सामािजक ि थित का कया होगा इसका अदाजा सहज ही लगाया जा सकता ह भारत म जल सरकषण क परित आज भी आम लोग क मन म उपकषा का भाव बना हआ ह साथ ही इस कायर क िलए आव यक तकनीक की भी कमी ह जो तकनीक उपल ध ह उनस सामा य लोग अनजान ह बािरश क पानी का सगरह करक उस उपयोग म लाना एक अ छा िवक प ह पर इस तरह की कोिशश काफी सीिमत मातरा म काफी छोट तर पर हो रही ह यही वजह ह िक दश म होन वाली बािरश क पानी का अ सी फीसदी िह सा आज भी समदर म पहच जाता ह अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह अगर जल की इस िवशाल मातरा का आधा भी परयोग कर िलया जाए तो ि थित म यापक बदलाव आना तय ह शहरी कषतर म तो पानी की कालाबाजारी जोर पर ह जगह-जगह पर जल मािफया सिकरय हो गए ह िद ली क ही एक अखबार न कछ समय पहल यह बात उजागर िकया था यहा तो समानातर जल बोडर भी चलाया जा रहा ह हरानी की बात तो यह ह िक इसक बावजद भी पानी क काल धध पर अकश नही लगाया जा सका ह अहम सवाल यह ह िक कस सामा य तबक क लोग तक व छ पानी पहचाया जाए शहरी कषतर क साथ-साथ गरामीण कषतर म भी यह एक बड़ी चनौती ह आबादी म अपर यािशत विदध बढ़त शहरीकरण औ योिगकीकरण और किष उ पाद की बढ़ती माग क कारण पानी की माग िपछल कछ साल म वाभािवक प स बढ़ी ह इसक पिरणाम व प भजल ससाधन का अ यिधक दोहन हआ ह और इसका नतीजा हआ िक लगातार भजल का तर घटता जा रहा ह शहरी कषतर म ि थित बहद भयावह ह तदनसार वहा न कवल शीघराितशीघर जल ससाधन क सरकषण की ज रत ह बि क परभावी रणनीित और परबधन क जिरए त काल कदम उठान की ज रत ह

अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह

प ठ 40 अकषय कराित

खासकर इस बात को यान म ऱखकर िक िविभ न परितयोगी कषतर म कभी भी माग बढ़ सकती ह भिव य म उपयोग क िलए छत पर या सतह पर जलगरहण बनाकर वषारजल सरकषण बहद ज री ह यह पानी की बढ़ती ज रत का खयाल रखन िमटटी की नमी तर को बढ़ान शहरी हिरयाली को बढ़ान भजल तर को कितरम प स पनभररण करन और भजल की गणव ता स सधार का काम करता ह भारत म जल परबधन स दश का िवकास भारत म दिनया की 16 परितशत आबादी रहती ह लिकन दिनया क िसफर 4 परितशत जल ससाधन ही भारत क पास ह 3290000 वगर िकलोमीटर क भिम कषतर और एक अरब स यादा की आबादी क साथ भारत क एक बहलवादी िविवधता का िचतर ह िवशाल पराकितक ससाधन क साथ सप न तकनीकी और वजञािनक किमरय का भी यह दिनया म दसरा सबस बड़ा सम चय ह भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह मानव िवकास म 80 क दशक म लगभग 26 परितशत और 90 क दशक क दौरान और 24 परितशत क वारा सधार हआ ह आजादी क बाद छह दशक म भारत न जल ससाधन का अभतपवर िवकास और खा या न म आ मिनभररता शहरी कषतर ऊजार और औ योिगक कषतर और पीन का पानी क बिनयादी ढाच म तजी स िव तार दखा ह िजसका उपयोग भारत की लगभग 85 परितशत शहरी और गरामीण आबादी क वारा िकया जाता ह भारत म रा य सरकार और भारत सरकार क परितबदध और ठोस परयास की वजह स गरामीण और शहरी आबादी को सरिकषत पयजल को उपल ध करवान म काफी सफलता हािसल की ह इस उपलि ध न भजल की कमी जल जमावजल गणव ता िगरावट जल परदषण और बढ़त लवणता तर स बड़ कषतर को परभािवत िकया ह और अभी भी िविभ न रा य म गरामीण और शहरी भारत क मानव िवकास सचकाक (HDI)rsquo म बहत असमानता मौजद ह पानी क िलए कषतरीय माग तजी स बढ़ रह शहरीकरण की गित स बढ़ रही ह (अनमानत 2025 तक दश की आबादी का 50 परितशत स अिधक शहर म रहग) जनसखया विदध बढ़ती आय और औ योिगक िवकासशहरी भारत तजी स िवकास की माग क कदर क प म उभर रहा ह

भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह

प ठ 41 अकषय कराित

नतीजतन परित यिकत पानी की उपल धता िगर रही ह परधानमतरी की अ यकषता म 12वी योजना क िलए हई योजना आयोग की पणर बठक म दसर म क साथ जल परबधन पर िवशष चचार हई बठक क बाद योजना आयोग क उपा यकष म टक िसह अहलवािलया न कहा िक भ-जल कानन स लकर दसर म की यापक समीकषा ज री ह व यनाथन सिमित जहा वतरमान म भ-जल कानन की साथरकता का अ ययन करगी वही भारतीय अतिरकष अनसधान सगठन [इसरो] की मदद स पानी की उपल धता का िव तत अ ययन होगा म टक न कहा िक उसी आधार पर रणनीित तय होगी सरकार यह यान रखगी िक पानी का अिधकतम उपयोग हो सक और सभी को उपल ध हो पानी पर िकसी का एकािधकार न हो सक बतात ह िक द पयोग को रोकन क िलए श क लगान पर भी िवचार िकया जा सकता ह हालािक इसस पहल रा य सरकार स चचार होगी यह तय ह िक एआइबीपी कायरकरम म यापक बदलाव ह ग ी म टक िसह अहलवािलया न कहा िक वतरमान म इस कायरकरम का सही िकरया वयन नही हो रहा ह िलहाजा उसम पिरवतरन ज री ह सभव ह िक हर रा य म जल िनयामक परािधकरण बनान की शतर भी लगाई जाए उ ह न कहा िक जल परबधन की यापक समीकषा कर नई रणनीित तय की जाएगी कल िमलाकर रा टरीय तर पर वतरमान जल ससाधन का अिधक स अिधक करन क िलए माग को परा करन क िलए पयार त ह लिकन भिव य क अ ययन पिरयोजना ह िक जल आपित र की ि थित अगल आध सदी म अिधक किठन हो सकती ह जल सकट स िनपटन को जल सरकषण परबधन अिनवायर परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह बढ़त वि वक तापमान क फल व प अितवि ट अनावि ट अ पवि ट और असामियक वि ट हम परितवषर दख रह ह िजसका परभाव हमार जल ससाधन पर पड़ता िदखाई द रहा ह कओ व बाविडय का िमटता अि त व नदी-नाल का घटता पानी भ-गभर जल का िगरता तर िचता की पिरिध स िनकलकर खतर की घटी बनता जा रहा ह

निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह

प ठ 42 अकषय कराित

िव व भर म सीमट क अधाधध परयोग न धरातल क सहज अवशोषण कषतर को घटाया ह तथा जल बहाव भिम कटाव व बाढ़ म विदध की ह ऐसी ि थित म जल सरकषण का दािय व मातर वजञािनक व सरकार तक सीिमत न रहकर पर यक उपभोकता क कध पर आ जाता ह इसी दािय व क िनवरहन क िलए हमार पास दो िवक प सामन आत ह 1 वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई

उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

2 पािरवािरक तर पर वषार जल को सगरिहत कर उसका उपयोग कर य दोन ही परयास गरामीण कषतर म तो सरलता स अपनाए जा सकत ह परत शहरी कषतर म व ट वाटर मनजमट की बड़ी पिरयोजनाए बनाकर ही पानी को िरसाइिकल िकया जा सकता ह भ-गभर अिधकािधक जल अवशोिषत होकर

जाए इसक िलए मदानी भाग म िनयोिजत ढग स बड़-बड़ पोखर बनाकर तथा पहाड़ी कषतर म नाल -ख ड म िमटटी प थर आरसीसी क बड़-छोट डम लगाकर जल बहाव रोक भ-सरकषण बचाव व जल भडारण और धरातल जल शोषण कषतर बढ़ाया जा सकता ह िव व बक भारत सरकार वारा म य िहमालय जलागम पिरयोजना रा य क भ-सरकषण िवभाग इस कषतर म कारगर उपाय लकर

हमार सामन ह परत जनसहयोग क िबना इन पिरयोजनाओ क आशातीत पिरणाम ल पाना किठन ह वकषारोपण इस सपणर जल चकर को बल दन वाला कारक ह जल क परित चतना जागत न हई तो अव य ही अगल िव व यदध का कारण जल ही होगा

जल भोजन ह और अिगन भोजन का भकषक ह अिगन जल म और जल अिगन म िव यमान ह

- ततरीय उपिनषद 38

वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

प ठ 43 अकषय कराित

म भी गान गा सकता ह शबनम क िखलत फल क म भी गीत सना सकता ह सावन क म त झल क लिकन जब घर-घर म बादल छाय घोर िनराशा क तब म नगम गा रहा ह उ मीद की आशा क

सड़क पर खड़ बचपन की य बात सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह

हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

इस बदलत पिरवश का राग सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

गाधी जी क सपन का जो राम-रा य कहलाता ह उस भारत म सड़क पर छोट चाय पहचाता ह

कहा गई वो अ हड़ म ती कहा गया वो यार का रा ता उन हाथ स बचत झड िजन हाथ को चािहए ब ता

उस सोन की िचिड़या की म बात बतान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

कही बम की गमर हवाए कही ससद म कोहराम ह कही होत घोटाल स परशान आदमी आम ह

कही कल की िकलकारी ह कही सड़क पर बचपन ह कही चलता नही गजारा कही िवदश म काला धन ह

म स चाई गा-गाकर सबको बतलान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

बदलता भारत मनीष लाल इरडा

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

प ठ 44 अकषय कराित

करन वाल काम बहत ह यथर उलझन को छोड़ो म ला-पिड़त तोड़ रह ह तम बस lsquoअपन को जोड़ो

lsquoहम बदलग-यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का lsquoवद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का

वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हम बदलग mdash यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का वद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

प ठ 45 अकषय कराित

िसफर काला और सफ़द य ही वो दो रग थ जो तर पास सि ट बनान क आधार थ

काला वो जो कािलमा िलय ह िजस कहत ह दख िनराशा म य अपयश और वो सबकछ जो नकारा मक ह

मगर सफद ह वो रग िजसस जड़ा ह जीवन आशा सख और कीितर और वो सब कछ जो सकारा मक ह पर इन रग स तझ चन ना िमला त सोचन लगा अगर सि ट बनानी ह

तो िकस िलए- ससगर और परम क िलए और

इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग

ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह

बस- बना डाला तन इ दरधनष

जो बरसात क बाद सरज और प वी क अनपम परम को रग दता ह सतरगी रग स

और उ ही सतरगी इ दरधनषी रग म हम हर पल हर कषण डबत गहरात इतरात रहत ह

और खिशय भर ससार म हर रग को अलग-अलग तरह स महसस करक जीत रहत ह

रग तो रग ह मगर-

ससगर और परम क िलए और इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह बस-

सतरगी िचतर सगीता ीवा तव इरडा

प ठ 46 अकषय कराित

कभी पक क कभी फीक़ तो कछ कभी दाग बनकर उभर आत ह

कछ आख म नील बादल स छाए रहत ह तो कछ गाल पर गलाबी रग बनकर छलक जात ह

याद रहत ह अक सर वो रग- जो खदी पर इस तरह छा जात ह िक खद म घलकर खद क होन

का एहसास दत-दत खद का एक रग बन जात ह

बगनी आसामनी नीला हरा पीला नारगी लाल इ दरधनष क य सात रग ही जोड़त ह हमार िदल को

हमार मन को जोड़न वाल इन रग की सतरगी दिनया म-

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा बनाय

और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क

सतरगी िचतर

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा

बनाय और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क सतरगी िचतर

प ठ 10

अकषय कराित

ढरी जो उनक नाम की बनाई थी वह मन ढहा दी लड़क न आग कहा दसरी िज मदारी राजा पर होती ह अपनी परजा की रकषा करन की आपन मझ अपनी सतान पराि त क िलए बिल दन क िलए खरीद िलया तब आपस कया पराथरना करता इसिलए दसरी ढरी जो मन आपक नाम की बनाई थी वह भी तोड़ दी जीव की रकषा करन का तीसरा भार दवी-दवताओ का होता ह बालक न तीसरी ढरी का रह य बतात हए कहा लिकन यहा तो दवता वय ही मरी बिल लन को तयार बठा ह तो इसस कया पराथरना करता इसिलए मन तीसरी ढरी भी तोड़ दी लिकन चौथी ढरी का कया रह य ह राजा न पछा और अत म सहारा होता ह भगवान का ई वर का ब च न रत की ढिरय का रह य खोलत हए कहा मरी बिल दी जानी थी सो मन अत म ई वर स पराथरना की परभ की पजा-अचरना करक उनस रकषा करन की पराथरना की अब वही मरी रकषा करग वही होगा जो ई वर को मजर होगा म बिल दन क िलए तयार ह rsquo इतना कहकर वह बालक राजा क पास जाकर िसर झका कर खड़ा हो गया राजा उस छोट स बालक की इतनी जञान की बात सनकर स न रह गया राजा न सोचा म इस बालक की बिल द दगा बरा मण ह या भी हो जायगी िफर पता नही मझ जो सतान परा त होगी वो कसी होगी परजा का खयाल रखन वाली होगी या नही कही मरा और वश का नाम ही न डबो द यह बालक गणवान ह ई वर का भकत ह सब परकार स मर लायक ह कय न म इस ही गोद ल ल और इस ही अपना पतर बना ल इतना िवचार करत ही उसन उस बालक की बिल दन का कायरकरम र कर िदया और उस बालक को गोद ल िलया कहत ह उस बालक म अ छ गण होन क कारण उसन कई साल तक रा य िकया और हर परकार स परजा की रकषा की उसक रा य म िकसी को िकसी परकार का कोई क ट नही था

इतना कहकर वह बालक राजा क पास जाकर िसर झका कर खड़ा हो गया राजा उस छोट स बालक की इतनी जञान की बात सनकर स न रह गया

परकित िजदगी स ह िजदगी बनी भी परकित स ह चलता रह य िविचतर खल य ही इसका भी अमल िजदगी स ह

प ठ 11

शोिभत ह िज़दगी धरती की धार पर इस हिरत धारा पर ऊजार स भरपर ह हिरत ऊजार स य ससि जत य खब ह

हिरत ऊजार क भ डार का खजाना य खब ह जल वाय और सौर ऊजार ह इनक अ यत ोत

ल अमल म इनको अगर बचाना ह य धरा अनमोल अदभत ह खजान परकित क अगर कर ल मन य इनका सदपयोग

य झोखा जो हवा का ह य जो तरग म जलधारा ह अदभत िकरण जो फलाती जीवन की धारा ह

समझ ल इनका जो इशारा ह कर परयोग इ ही का अपन यतर मतर स छपा ऊजार का अनमोल खजाना ह

परकित िजदगी स ह िजदगी बनी भी परकित स ह चलता रह य िविचतर खल य ही इसका भी अमल िजदगी स ह

रकषा कर इस धरा की स पना इसको नई िजदगी को ह इस परकित स बना मन य महान

िफर क य कर रहा परकित का सवरनाश खद को बचा हर िजदगी को बचा

करक हिरत ऊजार का स मान जीन द जीवन को और भी कर ल सयम म अपना य िवषकत घटता जीवन का चकर य ह इशारा परकित का हर पल सभल जरा ना कर इसको त तग

मक त खल परकित स कर ल इस हिरत ऊजार का परयोग अ छ क बदल अ छा दना सीख परकित का य खल

अलका कमार इरडा

अकषय कराित

किवता

प ठ 12

नही सीखा अब भी अगर परकित म सब जाएगा बदल जी ना पायगा िफर त इस परकित म िमट जाएगा अश तरा इस परकित स हिरत परकित और य हिरत ऊजार ह य इस धरा क जीवन दायक सीख परकित स लना दना

िसखा रह य जीवन का मल मतर परकित का आहार परकित मत द आहार आपराकितक सतलन िबगड़ गया अगर हो जायगी िवनाश िजदगी

अब सभल जरा और कर ल परण करक हिरत ऊजार को ही खचर बना धारा को शोिभत हरदम

िफर रहगा परकित और िजदगी का य खबसरत सग

हिरत परकित और य हिरत ऊजार ह य इस धारा क जीवन दायक सीख परकित स लना दना िसखा रह य जीवन का मल मतर

अकषय कराित

प ठ 13

अकषय कराित

कमरचािरय की आदत उनक यिक त व और िन पादन कषमता का पार पिरक सबध - एक िव लषण

हम िजस िकसी सगठन म काम करत ह उसक परित हमारा ल य होना चािहए सबिधत स थान क िलए अपनी सपणर कषमताओ का इ तमाल कषमताओ का बहतर परयोग तभी हो सकता ह जब हम अपन अदर अ छी आदत का िवकास कर हमार शा तर वद उपिनष और अ य धािमरक गरथ हम अ छी आदत क िवकास क सबध म बीज मतर बतात ह िक हम मनसा वाचा और कमरणा शदध रहना चािहए मनसा वाचा और कमरणा शदधता स ता पयर ह िक हम मन वाणी और कम स अ छ बन रह हमारी नीयत नक हो हम अपन सहकिमरय सािथय और अ य लोग क साथ अ छा बरताव कर और हमार कमर अ छ ह इस बीज मतर पर चलन वाला हमशा अपन अदर अ छी आदत का िवकास होता पायगा

असल म िदककत यही ह िक हम उपदश दन म तो आग रहत ह लिकन खद क अदर नही झाकत या कम ही झाकत ह - lsquoपर उपदश कशल बहतरrsquo सपरिसदध लखक सरदार परन िसह न एक बार कहा था आचरण की स यतामय भाषा सदा मौन रहती ह अथारत आदमी खद चप रहकर खद को ठीक रख तो इसका परभाव खद-ब-खद दसर पर पड़ता ह इसको हम एक छोट स उदाहरण स प ट कर सकत ह िक मान िलया जाए हम ब च स कह धमरपान नही करत लिकन उसक सामन खद ऐसा कर इसस इतर हम अगर यह सब करत ही नही ह तो इसका यादा असर ब च पर पड़गा अ छी आदत घर स श होकर समाज द तर और उसस आग तक हम हमशा हमारा फायदा िदलाती ह

कहा जाता ह िक व थ तन म ही व थ मन िनवास करता ह इसी तरह यह भी कहा जाता ह िक व थ वातावरण ही उ नित का योतक होता ह व थ वातावरण तभी बनगा जब उस माहौल म रहन वाल लोग

हीरा व लभ नराकास

असल म िदककत यही ह िक हम उपदश दन म तो आग रहत ह लिकन खद क अदर नही झाकत या कम ही झाकत ह - lsquoपर उपदश कशल बहतरrsquo

प ठ 14

अकषय कराित एक दसर का स मान करग खद की आदत को सधारग और उस स था की तरककी क िलए अपन तर पर हर वह काररवाई करग जो औ योिगक सगठन और लोग की उ नित म ज री होती ह

औ योिगक सगठन िकसी भी दश की अथर यव था को मजबत आधार परदान करत ह औ योिगक सगठन म परयोग होन वाल सम त ससाधन म मानव ससाधन अथारत उसम काम करन वाल कमरचारी मह वपणर और िनणारयक होत ह इन सगठन का सफल सचालन वहा कायररत कमरचािरय की कशलता और कायरकषमता पर आधािरत होता ह कशलता और कायरकषमता का ोत हमारा आचरण और यवहार होता ह जािहर ह औ योिगक सगठन म मानवीय सबध परी एक ऐसी िकताब ह िजसक िबना कभी कछ नही कराया जा सकता लोग क साथ सतोषजनक प स काम करना परबधन क काम का िसफर एक िह सा नही ह वरन सारा

काम इसी पर िटका ह कय िक सभी उ योग म मशीन माल या दसरी चीज़ क साथ कोई भी काम लोग क मा यम स ही िकया जा सकता ह तीन lsquoएमrsquo अथारत मनी मटीिरयल और मशीन औ योिगक सगठन क िलए मह वपणर ससाधन होत ह लिकन इ ह पिरणाम तक पहचान का कायर कमरचारी (man) ही करत ह जो सगठन दर अदशी रहकर कमरचािरय क जञान उनकी िविश टताओ उनक आचरण को अनकल साच म ढालन क परित सजग रहत ह वही सफलता की ऊचाइय को छत ह अगरजी म एक परानी कहावत ह -- Where the vision is one year Cultivate flowers Where the vision is ten years Cultivate trees Where the vision is eternity Cultivate people अथारत जहा दरअदशी एक साल क िलए हो तो फल लगाइय जहा दरअदशी दस साल क िलए हो तो पड़ लगाइय

औ योिगक सगठन म परयोग होन वाल सम त ससाधन म मानव ससाधन अथारत उसम काम करन वाल कमरचारी मह वपणर और िनणारयक होत ह

प ठ 15

अकषय कराित जहा दरअदशी अनत काल क िलए हो तो लोग का िवकास कीिजए औ योिगक सगठन म 500 आदमी ह 5000 आदमी ह 50000 ह या इसस अिधक अगर कामकाज ठीक स चलाना ह तो बहत ज री ह परबधन उनस िनभाना जानता हो यिकतगत सपकर का मह व

वातानकिलत कमर म बठकर और सचार मा यम या िकसी अ य तरीक स कमरचािरय की िरपोटर लना और आस पास होन वाल घटनाकरम को जानना अलग बात ह और कायर थल पर वय उपि थत रहकर ि थित को समझना और िनदश दना अलग बात महान जनरल रोमल की सफलता का मखय कारण यह था िक व हमशा कायर थल पर वय उपि थत होकर िनदश दत बात की पि ट करत सम याए सलझात और दखत िक काम कसा चल रहा ह रोमल का यह तरीका इतना सफल रहा िक िकसी भी औ योिगक सगठन या कारोबार म इस अपनाया जाए तो आशातीत पिरणाम सामन आ सकत ह लोग क बीच खद उपि थत होकर काम करन का कोई िवक प नही ह लोग अिधकाशतः उनको नापसद करत ह िज ह व ठीक स जानत नही ह पर एक बार जान पहचान हो जान पर हालात बदल जात ह कमरचािरय म अ छी आदत का िवकास करन की पहली शतर ह िक पहल उनक िदल म घर िकया जाए ऐस िकसी भी बरताव स बचा जाए िजसस वह अपन को उपिकषत महसस करन लग अतः सवदनशीलता का यान रखना बहत ज री ह

कमरचािरय क परित सवदनशील यवहार-कौशल और धयरपणर होन क अितिरकत इस बात पर ढ़ रहना ज री ह िक काम ठीक परकार स हो अ छ यवहार क साथ कमरचािरय को यह जताना भी ज री ह िक उनस काम का उ च तर अपिकषत ह और उस पर उनक साथ कोई समझौता नही और अगर इस पर अमल नही करत तो उ ह पता होना चािहए िक आप कड़ी काररवाई करग

सकारा मक नजिरया परबधन का एकमातर काम िनदश दना नही ह वरन उस साथ-साथ लोग का िवकास करना होता ह

महान जनरल रोमल की सफलता का मखय कारण यह था िक व हमशा कायर थल पर वय उपि थत होकर िनदश दत बात की पि ट करत सम याए सलझात और दखत िक काम कसा चल रहा ह

प ठ 16

अकषय कराित एक अिधकारी का मखय काम यही ह िक वह अपन साथ काम करन वाल लोग म अ छी आदत का िवकास कर उनकी सहायता कर यिद यह काम परभावशाली ढग स कर पाता ह तो इसस कवल उसक अपन काम ही बहतर नही ह ग बि क उसक पास परिशिकषत और कशल कमरचािरय का परा दल होगा जो उसक परित परी िन ठा स काम करगा इसक िलए सबस पहल कमरचािरय का नजिरया ठीक करना ज री ह उनम सबस पहल यह भावना लानी होगी िक हमार अदर जो चीज ह वही हम ऊपर की ओर ल जाती ह और वह हमारा नजिरया ह

एक आदमी मल म ग बार बचकर अपनी गज़र-बसर करता था उसक पास लाल नील पील हर-चार रग क ग बार थ जब कभी उसकी िबकरी कम होन लगती तब वह हीिलयम गस स भरा एक ग बारा हवा म छोड़ दता ब च उस उड़ता दखकर वसा ही उड़न वाला ग बारा पान क िलए मचल उठत ब च उसस ग बारा ख़रीदत और इस तरह उसकी िबकरी िफर स बढ़ जाती िदन-भर यही िसलिसला चलता रहता एक िदन वह आदमी बाज़ार म खड़ा ग बार बच रहा था अचानक उस महसस हआ िक पीछ स कोई उसका करता पकड़कर खीच रहा ह उसन पीछ मड़कर दखा तो एक छोट स ब च को खड़ा पाया उस ब च न ग बार वाल स पछा ldquoअगर आप काला ग बारा छोड़ग तो कया वह भी उड़गाrdquo ब च की बात उसक िदल म लगी और उसन यार स जवाब िदया ldquoबट ग बारा अपन रग की वजह स नही उड़ता बि क उसक अदर कया ह इस वजह स ही वह ऊपर जाता ह rdquo ठीक यही बात हमारी िज़दगी म भी लाग होती ह अगर लोग का नजिरया बहतर हो उनम अदर स काम करन की इ छा भरी हो तो व खलकर आपस म िमलकर काम करग इसस नकसान तो कम होगा ही स थान क परित िन ठा बढ़गी और लगन स काम करन का वातावरण तयार होगा िव वास हािसल करना आव यक

कमरचािरय स बहतरीन काम लन क िलए शानदार टीम लीडर होना ज री ह मटठीभर लोग का कोई समह िकला तभी फतह कर सकता ह जब

एक आदमी मल म ग बार बचकर अपनी गज़र-बसर करता था उसक पास लाल नील पील हर-चार रग क ग बार थ

प ठ 17

अकषय कराित जब उनका सनापित उनम वह जोश भर सक िक उ ह कोई भी ऊचाई यादा न लग अतः सबस ज री ह िक स थान म कमरचािरय की

कषमताओ का परा फायदा लन क िलए उनका िव वास जीता जाए इसक िलए उनक साथ परी इ जत स पश आना ज री ह उनकी छोटी-बड़ी खशी को बाटना और उनकी राय को परा स मान दना भी उतना ही ज री ह कई बार परबधन क उ चािधकारी या लीडर अपनी टीम क सद य स िसफर इसिलए राय नही लत कय िक उ ह लगता ह िक एक बार राय लन पर अगर उनकी बात नही मानी गयी तो उ ह बरा लगगा लिकन सबस ज री ह िक टीम म सभी सद य को िव वास म लकर काम िकया जाए यहा टीम लीडर की भिमका मह वपणर होती ह वह खद वकत का पाबद होगा तो उसक मातहत कमरचािरय म वयमव यह गण आदत का प ल लगी टीम लीडर का काम अपनी टीम का उ साह बढ़ात हए दी गयी िज मदािरय को समय स परा करना ह मगर उसम नयी चीज़ को सीखन की ललक होनी चािहए ऐसी ललक जब स थान क कमरचािरय म आदत का प लन लगती ह तो वह स थान जािहर ह नए परितमान थािपत करन लगता ह जापानी कपिनया हर बात म कमरचािरय क िहत का यान रखती ह िजसस व वय ही उ पादकता क परित सचत हो जात ह जानी-मानी टोयोटा कपनी क कमरचािरय म तो काम की ऐसी आदत सी या ललक होती ह िक व तब तक काम करत ह जब तक खद थक कर चर नही हो जात यह उनकी आदत ही बन चकी ह िक यिद व िकसी बात पर नाराज होत ह तब भी कपनी या अपन भागय को भल ही कोस ल पर अपन काम पर असर नही पड़न दत इसका कारण यह ह िक जापानी कपिनया काम का एक अ छा वातावरण बनान और लोग म काम क परित स ची लगन को बढ़ावा दन क िलए कड़ा परयास करती ह वहा लोग को लगातार परिशकषण िमलता रहता ह जो कवल तकनीक और मनजमट ही नही कायर स जड़ी नितकता और अ छी आदत क िवकास पर किदरत होता ह चिरतर का िनमारण उनकी एक आदत सी बन जाती ह अगर हम भी एक अ छी शिखसयत बनना ह तो हम अपनी आदत को गहराई स जाचना होगा

ऐसी ललक जब स थान क कमरचािरय म आदत का प लन लगती ह तो वह स थान जािहर ह नए परितमान थािपत करन लगता ह जापानी कपिनया हर बात म कमरचािरय क िहत का यान रखती ह

प ठ 18

अकषय कराित चतन और अवचतन मन

हमार चतन मन क पास सोचन की शिकत होती ह यह िकसी बात को मान सकता ह और नही भी मान सकता मगर अवचतन मन िसफर वीकार करता ह यह इनपट (input) को लकर कोई भदभाव नही करता अगर हम अपन मन म डर शका नफरत क भाव भर तो यह आ म सझाव इन सभी भाव को सिकरय बनाकर हकीकत म बदल दगा हमारा अवचतन मन एक डाटा बक की तरह ह अवचतन मन एक गाड़ी की तरह ह और चतन मन एक डराइवर की तरह शिकत तो गाड़ी म होती ह मगर उसका कटरोल डराइवर क पास होता ह

हम अवचतन मन को इस तरह ढालन की ज रत ह िक वह हम सही और ठीक रा त पर ल जा सक अवचतन मन एक बगीच की तरह होता ह िजस कोई परवाह नही होती िक आप कस पौध लगात ह यह िनरपकष (neutral) होता ह इसम अ छा बोन पर अ छा िमलता ह अ यथा जगली पौध उग जायग

बि क अ छ बीज बोन क बावजद जगली पौध उगन बद नही होत आव यकता होती ह उ ह उखाड़ फकन का िसलिसला जारी रखन की इसी िसदधात को कमरचािरय क मामल म समझन की ज रत ह हम याद रखना ह िक सही और गलत िवचार मन म एक साथ नही रह सकत आव यकता उनक अवचतन मन को इस तरह ढालन की ह िक उनम अ छी आदत का िवकास हो दरअसल अवचतन योगयता वह होती ह जब हम यान दन और सोचन की यादा ज रत नही होती कय िक यह हमार यवहार म खद ब खद उतरन लगा ह िजस स थान क कमरचारी इस तर पर पहच जात ह उनम अ छी आदत वयमव घर करन लगती ह जब बरी आदत हमार अवचतन योगयता क तर तक पहच जाती ह तो वह कावट उ प न करती ह

पिरवतरन का िवरोध बरी आदत को पहचान लन क बाद भी अकसर दखा गया ह िक

लोग उ ह बदलत नही ह ऐसा आिखर कय होता ह उनक न बदलन का कारण ह िक व िज मदारी को वीकार करन स इनकार करत ह

हम अवचतन मन को इस तरह ढालन की ज रत ह िक वह हम सही और ठीक रा त पर ल जा सक अवचतन मन एक बगीच की तरह होता ह िजस कोई परवाह नही होती िक आप कस पौध लगात ह

प ठ 19

अकषय कराित अपनी उन आदत को बनाय रखन म उ ह जो आनद िमलता ह वह पिरवतरन क ददर स यादा होता ह इसक िन निलिखत कारण हो सकत ह -- 1 पिरवतरन की इ छाशिकत का अभाव 2 पिरवतरन क िलए आव यक अनशासन की कमी 3 िव वास की कमी 4 आव यक जानकारी की कमी परबधन वारा इन िबदओ पर िवचार कर अपन किमरय म आशातीत पिरवतरन लाया जा सकता ह सामा यतः खराब आदत को न बदलन क बहान िदय जात ह और कहा जाता ह -- हम लोग इसी तरह करत ह या िक म नही समझता इसस कोई फकर पड़गा और कछ न िमला तो कह िदया जाता ह म बहत य त ह अ छी आदत का िन पण

आदत म पिरवतरन लाया जा सकता ह आव यकता ह इसक िलए सही पिरवश का िनमारण करन की कमरचािरय को परिशिकषत करन की परिरत करन की और ऐसी ि थितया उ प न करन की िजसस कमरचािरय म अ छी आदत का िन पण हो सक दरअसल सफल लोग का राज यह ह िक व काम करन की उन आदत को डाल लत ह जो असफल लोग करना नही चाहत य वही काम ह िज ह सफल लोग भी करना

नही चाहत लिकन व िफर भी करत ह उदाहरण क िलए असफल लोग अनशासन और महनत करना पसद नही करत सफल लोग भी अनशासन और कड़ी महनत नापसद करत ह लिकन व िफर भी ऐसा करत ह कय िक य लोग उन काम को करन की आदत डाल लत ह िज ह असफल लोग नही कर पात नजिरय और सोच का तरीका एक आदत ह और इस बदला जा सकता ह सही ि ट और सतलन कमरचािरय म काम क सबध म सही ि ट बनाय रखन की परवि त िवकिसत करना ज री ह जब कछ गलत हो रहा होता ह तो उस ठीक करना परबधन का ही काम होता ह समझा यह जाता ह िक परायः हम गलत हो रह काम को लकर इतन िचितत हो जात ह िक जो सही हो रहा ह उस भी अनदखा करन की हमम आदत होती ह

दरअसल सफल लोग का राज यह ह िक व काम करन की उन आदत को डाल लत ह जो असफल लोग करना नही चाहत

प ठ 20

अकषय कराित उदाहरण क िलए अगर िकसी स कोई गलती हो जाती ह तो हम एकदम उस पर िच ला पड़त ह या उसक िव दध काररवाई कर बठतहअ छा यह रहगा िक आप उस अलग ल जाकर अकल म बात कर अगर परशसा करनी हो तो सबक सामन कर

अगर िकसी स सहमित न बन तो उस पर करोध करना ज री नही ह अगर अपन करोध पर काब रखग तो लोग अपनी असहमित को अ यथा नही लग अगर आप अपन िवचार को खला रखग तो दसरी ओर स भी आप ऐस ही यवहार की अपकषा कर सकत ह परायः लोग अपनी सहमित कछ इस तरह जतात ह िक सामन वाला भी अपनी बात पर अड़ जाता ह समझन की बात यह ह िक सभी ि थितय म कवल तकर ही काफी नही होगा िकसी स असहमत होन म भी यवहार कशल होना ज री ह सबस पहल तो दसर को अपना पकष रखन का मौका द उसकी बात सन और जहा तक हो सक उसस अपनी सहमित भी परकट कर और िजन बात पर सहमित न बना सक उस समझाए

हमम स अिधकाश लोग उन किमरय और उनकी गलितय पर अ यिधक यान दत ह िजनक िलए हम काम करत ह पर अपन किमरय पर नज़र डालना भल जात ह अगर वय को उन लोग की नजर स दखा जाए तो आशातीत पिरणाम दखन को िमलत ह

आ म मथन आप कया करना चाहत ह कसा करना चाहत ह - इस सोच को

वतरमान म अपन अदर मथन करन को आ म-सझाव कहत ह एक बार सब म जब इसकी पिरपाटी श हो जाती ह तो यह हमार अदर िवजञापन की तरह काम करता ह अपन बार म अपन िलए अदर ही परचािरत करता ह इसका हमार चतन और अवचतन (Sub-concious) मन दोन पर परभाव पड़ता ह अततः यह हमार नजिरए और यवहार को परभािवत करता ह और धीर-धीर आदत का प लता ह यह दरअसल अपन अवचतन मन को ढ़ालन या परोगराम करन की िविध ह

हमम स अिधकाश लोग उन किमरय और उनकी गलितय पर अ यिधक यान दत ह िजनक िलए हम काम करत ह पर अपन किमरय पर नज़र डालना भल जात ह

प ठ 21

अकषय कराित आ म-सझाव अ छ या बर हो सकत ह जब हम बर आ म-सझाव को बार-बार दोहरात ह तब हमारा अवचतन मन उन पर िव वास करन लगता ह और हम उसी को वा तव म यवहार करन लगत ह सकारा मक आ म-सझाव को बार-बार मथन करन स उसकी हमार िदलोिदमाग म त वीर बन जाती ह और वही असिलयत का प लन लगता ह एक उदाहरण क िलए जब कभी हम सबह 0600 बज टरन पकड़नी हो और हमार पास अलामर घड़ी न हो तो हम मन म कहकर उठत ह िक 0400 बज उठना ह तो कया हम नही उठत अगर उठत ह तो इसक पीछ आ म-सझाव ही काम करता ह आ म-सझाव एक रा ता ह िजसस हम अपन िदमाग को परोगराम करक ढ़ालत ह सकारा मक आदत को िवकिसत करन म आ म-सझाव की परवि त मह वपणर िसदध हो सकती ह हमार नजिरए और आदत को तय करन वाल कारक हमार नज़िरए को मखयतः तीन कारक परभािवत करत ह - वातावरणः घर कल आिफस मीिडया सा कितक प ठभिम धािमरक प ठभिम परपराए और भाषाए सामािजक-राजनितक माहौल - य सब िमलकर एक तहजीब बनात ह चाह घर हो या आिफस या अ यतर - हर जगह हर िकसी की अपनी तहजीब होती ह उदाहरण क िलए हम एक दकान म जात ह तो वहा का स समन बड़ अदब वाला होता ह लिकन वही जब दसरी दकान पर जात ह तो वहा का स समन कभी-कभी बड़ा खा और बदतमीज िमल जाता ह उसी तरह िकसी क घर म यार भरा माहौल िमलता ह तो िकसी क घर म हमशा लड़ाई-झगड़ का इसी तरह जब सरकार और राजनीितक माहौल ईमानदारी का होता ह तो लोग भी ईमानदार मददगार और कानन का पालन करन वाल होत ह बईमान और भर ट माहौल म िजस तरह एक ईमानदार का जीना मि कल होता ह उसी तरह ईमानदारी भर माहौल म बईमान यिकत को मि कल होती ह िन सदह अ छ वातावरण म मामली कमरचारी म वमव अ छी आदत िवकिसत होती ह और उसकी कायर करन की शिकत बढ़ जाती ह जबिक खराब माहौल म अ छा काम करन वाल की भी कषमता िगर जाती ह

सकारा मक आदत को िवकिसत करन म आ म-सझाव की परवि त मह वपणर िसदध हो सकती ह

प ठ 22

अकषय कराित कायर-स कित का बहाव ऊपर स नीच की ओर होता ह नीच स ऊपर की ओर कभी नही यह दखना बहत ज री ह िक हमन अपन िलए और आस-पास क लोग क िलए कसा वातावरण तयार िकया ह खराब वातावरण म अ छ की उ मीद करना बमानी ह अनभवः हम अपन जीवन म अपन काम-काज म हालात स जसा अनभव पात ह वह हमारी आदत का िह सा बन जात ह और उसी क अनसार हमारा यवहार होता ह अगर िकसी क परित हमारा अनभव अ छा होता ह तो हमारा नज़िरया भी अ छा होता ह ज री ह िक कमरचािरय को ऐसा कायर-पिरवश िमल िजसस उनक अवचतन म अ छ अनभव की छाप अिकत हो

परिशकषण भी ज़ री यहा िसफर सदधाितक जञान ही काफी नही होता बि क औपचािरक और अनौपचािरक दोन ही तरह की िशकषा व परिशकषण ज री ह जञान और जानकारी को यिद योजनाबदध तरीक स परयोग िकया जाए तो उसस बौिदधक तर को बढ़ान म आशातीत सफलता िमलती ह काम करन की कला अ छी िशकषा स ही आती ह ज री ह िक परिशकषण म मनोवजञािनक सामािजक आिथरक व अ य पहल को समझन की आदत िवकिसत की जाए अवचतन म यह िबठाना बहत ज री ह िक जीवन की भ यता काम क वारा ही सभव ह स थान म सभी को लगना चािहए िक उनका काम मह वपणर ह यही परबधन कला का सार ह जब कमरचािरय को ऐसा एहसास होन लगता ह तो उनक नज़िरए म बदलाव आन लगता ह उपसहारः काम क परित लोग म अ छी आदत िन िपत करन और उनम उ साह जगान स कायर-िन पादन म िनरतर िनखार आता ह दरअसल हर यिकत म मानिसक और शारीिरक ऊजार उ प न होती ह िजसक िलए काम ही सबस अ छा िनकास ह एक िवचारक क अनसार lsquoआप पछत ह म लगातार काम कय करता ह

यहा िसफर सदधाितक जञान ही काफी नही होता बि क औपचािरक और अनौपचािरक दोन ही तरह की िशकषा व परिशकषण ज री ह

प ठ 23

अकषय कराित इसका वही कारण ह िजस कारण स मगीर अ ड दती जाती ह rsquo काम क िबना इसान घट सा जाता ह उस काम की उतनी ही ज रत होती ह िजतनी हवा की आव यकता ह िक उस सही वातावरण उपल ध करान और सही िदशा म अिभपरिरत करन की व ततः हर यिकत अदर स गिरमा और आ मस मान की चाह रखता ह आव यकता ह उस अतःपरिरत करन की लोग को खद स परिरत करन क िलए हम उनकी ज रत और इ छाओ को समझना होगा पररणा कायरकषमता और आदत क बीच सीधा सबध ह जो लोग उतना ही काम करत ह िक उनकी नौकरी बची रह तो ऐस लोग िकसी भी स थान क िलए मह वपणर नही हो सकत अतपररणा स सोच म बदलाव लाया जा सकता ह पररणा आग क समान होती ह

कमरचािरय को िजतना परिरत िकया जाएगा उनम उतनी ही सकारा मक आदत का िवकास होगा कमरचािरय को उिचत स मान दकर उनक कायर को अिधक मनोरजक बनाकर परबधन वारा उनकी बात को गौर स सनकर उनकी सम याओ और सझाव पर गौर करक उ ह वय ल य िनधारिरत करन क िलए परो सािहत करक िवकास क नय अवसर उपल ध कराकर आव यकतानसार समय-समय पर समिचत परिशकषण िदलाकर तथा नयी चनौितय स जझन क िलए परो सािहत करक िन सदह उनक आचार और यवहार को सकारा मक िदशा म पाियत िकया जा सकता ह

कमरचािरय को िजतना परिरत िकया जाएगा उनम उतनी ही सकारा मक आदत का िवकास होगा

ई-पितरका म लख आिद म परकट िवचार

मलतः लखक क ह तथा यह आव यक नही ह िक

इरडा भी इन िवचार स सहमत हो

प ठ 24

अकषय कराित

िबिटया

आख म मोती लकर तम िबिटया जाती हो हा जाओ िशकषा का उपहार द रह िवदा समय यह लो ल जाओ इन पराण म परीित त हारी ममता क धन िसदरी इन नयन की बद पली परकट करती ह मजबरी लाचारी ह िफर पराण म क य ह इतनी आकलता

जब इस रीित पर पराओ म वश न िकसी का ह चलता िपतकल को तजकर अब िबिटया पित-कल म जाना होगा

नटखटपन को छोड़ धमर का ही िजसम बाना होगा इस घर की तम बड़ी लाडली पराण स यारी िबिटया

चली लाकर आज सभी को िपता की कर सनी किटया िजन हाथ न लाड़ चाव स अब तक था िजसको पाला उन हाथ न ही िबिटया को दलह राजा जी को द डाला

िजसका दख जरा मन मला हो जाती थी हरानी क यादान उसी का कर क दय बनाया पाषाणी

िकया न जाता था पल भर को इन आख स दर िजस मोती झरत िवदा द रहा आज सकल पिरवार उस अपनी मा क जीवन की तम परित-पल हो आधार रहो

िवजयता िपता क दय मिदर की िबिटया तम साकार रही आज जीवन क सख-दख सार वही िबतान तम लो जान आओगी जब कभी यहा तम होगी महमान समान

सतीश कमार कलावत इरडा

इस घर की तम बड़ी लाडली पराण स यारी िबिटया चली लाकर आज सभी

को िपता की कर सनी किटया

प ठ 25

ससराल की कभी बराई कही न मह पर आ जाव धमर कमर क तर य पथ म पाव नही िडगन पाव

सात परितजञाय जो तमन अिग नदव स मख की धारण द पि त जीवन का मह व ह करना स च मन स पालन

बटी इन सात बचन का यान दय म रह सदा दोन कल की लाज इसी म भला न दना इस कदा पित ही ह सवर तर त हार पित ही को जीवन समझो

जो कछ कह उसी को मान उनको िबिटया तम धन समझो शीलवती तम बन िबिटया पित-भक त मना सदर िनस दह वय उपजग क प-वकष घर क अ दर

पहन सिशकषा की साड़ी को शभ गण भषण अपनाओ दस लकषण शभ लकषण धार िन य नय मगल गाओ यह िशकषा उपहार दय का तम को राह िदखायगा भल भटक कर भी अिधयारा पास न आन पायगा

हम सब की आख स मोती उर स िनकल रही आशीष सभी सख स पणर परफि लत कर त ह दलह राजा की ईश

अकषय कराित

िजन हाथ न लाड़ चाव स अब तक था िजसको पाला उन हाथ न ही िबिटया को दलह राजा जी को द डाला

प ठ 26 अकषय कराित

ldquoपयारवरणrdquo श द पिर+आवरण स बना ह अथारत बा य आवरण को ही पयारवरण कहत ह इस बा य आवरण का ता पयर हमार चार ओर क वातावरण और पिरवश स ह िजस हम दसर श द म परकित भी कह सकत ह प वी पर िव यमान सपणर जीव-जगत क अि त व जीवन-यापन एव चहमखी िवकास म परकित की मह वपणर भिमका ह मानव बिदधजीवी पराणी ह और परकित क मह व स भली-भाित पिरिचत होन क कारण ही सिदय स परकित की पजा करता रहा ह

विदक काल स ही परकित तथा मानव क बीच जीवन ततर का अटट सबध रहा ह हमार पराचीन ऋिष-मिनय न प वी म हवा पानी िमटटी पड़-पौध जीव-ज तओ और मानव क सिकरय सहयोगा मक सतलन को यान म रखकर ही परकित को प य माना धमर क साथ परकित को जोड़कर उ ह न परकित को पयार त मह व िदया व जानत थ िक िजस परकार जीवन क िलए भिम की आव यकता होती ह उसी परकार वन पितया व अ य पराणी भी आव यक ह य सभी परकित क अिभ न अग ह इनम स एक क भी न ट होन का परभाव दसर पर पड़ता ह और पिरणाम व प पराकितक असतलन पदा हो जाता ह व तत प वी म हवा पानी िमटटी पड़-पौध जीव-ज तओ और मानव का सिकरय सहयोगा मक सतलन रहता ह पड़-पौध भिम को उपजाऊ बनात ह िमटटी को बाधकर रखत ह बरसात करवान तथा जल एव वाय को व छ रखन म सहायक होत ह परत आज क बढ़त औ योिगकीकरण और शहरीकरण न परकित और मानव क बीच असतलन उ प न कर िदया ह यह असतलन अिशकषण बढ़ती जनसख या शहर की ओर पलायन वकष की कटाई गगनचबी इमारत बड़-बड़ उ योग की थापना आिद क कारण ह और यही पयारवरण परदषण क मख य कारण ह मटरोपोिलटन एव बड़ शहर म अनक काबरिनक और अकाबरिनक गस जस ndash काबरन-मोनोऑक साइड अमोिनया आिद परदषण क मख य ोत ह

वतरमान पयारवरण -21वी सदी की चनौती

लख सरीन सल

विदक काल स ही परकित तथा मानव क बीच जीवन ततर का अटट सबध रहा ह

प ठ 27 अकषय कराित मन य न अपनी भितक सख-सिवधाओ की आपित र क िलए परकरित स

िखलवाड़ िकया ह वतरमान मशीनी यग म मन य वारा परकित क अ यिधक दोहन एव िनत नए कारखान की थापना स पयारवरण सकट उ प न हआ ह मानव न परकित क साथ जो अ यायपणर यवहार िकया ह उसी क फल व प परकित का िवरोधी रवया हआ ह िजस भिव य म सह पाना मि कल होगा

अिशकषा क कारण दश की तजी स बढ़ती आबादी क आवास की मलभत आव यकता को परा करन क िलए वकष की कटाई करक ऊची-ऊची इमारत बनाई जा रही ह वकष की अधाधध कटाई स भिम की ऊवररा शिक त का तो ास हो ही रहा ह साथ ही परदषण जसी िवकराल सम या भी ज म ल रही ह

परदषण पयारवरण क ास का परमख कारण ह िवकासशील दश िनत नए उ योग की थापना करक बराजगारी की सम या को तो दर कर रह ह िकत इसस जल वाय विन तथा िविभ न परकार क परदषण बढ़ रह ह कल-कारखान और मोटर स िनकलन वाल धए स वाय परदषण हो रहा ह जल थल व नभ क मागर पर शिक त चािलत वाहन विन परदषण का मख य ोत ह शहरीकरण और औ योिगकीकरण क कारण शदध पयजल की सम या िवकराल प धारण कर रही ह कारखान स िनकलन वाल कड़-कचर क निदय म िमलन स जल परदषण हो रहा ह रासायिनक खाद और कीटनाशी दवाओ स मदा परदषण का खतरा बन गया ह

इस परकार जनसख या विदध शहरीकरण औ योिगकीकरण एव परदषण जसी सम याओ न पयारवरण को बरी तरह परभािवत िकया ह आज सपणर िव व पयारवरण को लकर िचितत ह इस भयावह ि थित स बचन क िलए पर यक यिक त को पयारवरण क परित जाग क करना आज की अिनवायर आव यकता ह

इस िदशा म सवरपरथम िनरकषरता को समा त िकया जाना चािहए साकषर भारत की पिरक पना म जनसख या विदध दर वय िनयितरत हो जाएगी करल रा य इसका परमाण ह जहा साकषरता क साथ-साथ जनसख या िनयतरण भी ह

जल थल व नभ क मागर पर शिक त चािलत वाहन विन परदषण का मख य ोत ह

प ठ 28 अकषय कराित

इसक बाद बात आती ह परदषण िनवारण की आज िव व भर क

वजञािनक और पयारवरणिवद इस िदशा म कायररत ह सवरपरथम वन क काटन पर परितबध लगाया गया ह और वन सपना क िव तार हत वकष लगान क िलए परो सािहत िकया गया इसक िलए सरकार की ओर स वकष आिद िनश क उपल ध कराए जात ह ldquoपयारवरण परदषण स थाrdquo और व छ वाय अिधिनयम जस िविधक उपाय स वाय परदषण पर रोक लगान का परयास िकया जा रहा ह जहरील धआ उगलन वाल कारखान तथा वाहन पर भारी आिथरक दड का परावधान ह िविभ न सचार मा यम mdashदरदशरन समाचार-पतर तथा आकाशवाणी क मा यम स जनता को पयारवरण क परित जाग क करन क परयास िकए जा रह ह निदय म खलन वाल परदषण ोत को बद करन की योजनाए चलाई जा रही ह पािलथीन क परयोग को बद करन क िलए चलाया जा रहा ह अिभयान भी परशसनीय ह

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह इस खतर स सपणर भमडल का अि त व न ट हो जाए इसस पहल हम पयारवरण की सरकषा करन का सक प लना होगा

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह

िस धी होन क प चात भी मझ बगाली रीित िरवाज़ िमठाइया यहा का पहनावा अगरज क ज़मान की बनी सरचनाए एव भवन इ यािद म बहत िदलच पी एव िच थी

प ठ 29 अकषय कराित

यातरा स मरण-कोलकाता-खिशय हषर का शहर(िसटी ऑफ जॉय)

सोिनया सिह वानी पीईसी िलिमटड

म पी ई सी िलिमटड नामक कपनी क िविध ककष म उप िविध परबधक क पद पर कायररत ह सन 2010 जन स इस कपनी म मन परबधन परिशकष क प म अपनी पहली नौकरी की श आत की पी ई सी िलिमटड वािण य मतरालय क अतगरत आन वाली आयात-िनयारत यापार स स बिधत क पिनय म स एक ह इस स दभर म जनवरी 2011 म िविभ न िवभाग क परबधन परिशकषओ को ओिरएटशन हत काडला कोलकाता इ यािद शहर म भजन का कायरकरम िनि चत िकया गया कोलकाता क पास हि दया पोटर होन क कारण कोलकाता शहर चना गया जहा पी ई सी वारा आयात की गयी व तए पोटर गोदाम म रखी जाती ह साथ ही म कोलकाता पोटर िभ न गोदाम इ यािद दखन की यव था की गयी एव सची म समावश िकया गया यह सनकर मरी ख़शी का िठकाना न रहा क य िक मन कोलकाता शहर क बार म सना बहत था पर त कभी दखा न था िस धी होन क प चात भी मझ बगाली रीित िरवाज़ िमठाइया यहा का पहनावा अगरज क ज़मान की बनी सरचनाए एव भवन इ यािद म बहत िदलच पी एव िच थी आिखरकार मझ मौका िमला और जनवरी की कड़ाकदार ठ ड क बीच हम एक रिववार शाम कोलकाता राजधानी स अपनी मिजल की और िनकल पड़ िद ली स कोलकाता क सफ़र क बीच हमारी गाड़ी इलाहाबाद गया िबहार तथा धनबाद जस शहर स होत हए बगाल की ओर पहची हसत-गात खलत-खात हए हम अगली सबह हावड़ा जकशन पहच गए रलगाड़ी स उतर कर टशन स बाहर िनकलत ही मझ िसटी ऑफ जॉय क नाम स मशहर कोलकाता की पहली झलक िदखाई दी ऐसा लगा मानो मझ भारत क दो पहल एकसाथ जीत हए नज़र आए एक तरफ थ टशन स बाहर एव अ दर जात हए स दर कपड़ गहन म लद हए कोलकाता क बगाली िनवासी साथ म बड़ी-बड़ी गािड़य म घमत कोलकाता क नौजवान और ठीक दसरी तरफ मरी नज़र पड़ी हगली नदी पर बन परिसदध हावड़ा िबरज पर िजस दख एक अलग ही दिनया का एहसास हआ

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह

िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी

एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया नतीजा मर समकष था

प ठ 30 अकषय कराित

हावड़ा िबरज पर हर तरफ लोग का जमावड़ा था इतन लोग दख िद ली क चादनी चौक की याद आ गयी ऐसा लगा मानो म 50 साल पीछ िकसी लक एव वाईट दिनया म कदम रख चकी थी िबरज क दोन तरफ सामान बचत हए दकानदार िखलौन मछली रख हए औरत एव छोट-छोट ब च मख य शहर स हावड़ा जान वाल आम आदमी मजदर की तज़ र तार फरी स र ता पार करन वाल यापारी इन सब को दख लगा कोलकाता म मबई जसी भागम भाग भी थी िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया नतीजा मर समकष था जस-जस म कोलकाता शहर क भीतर आन लगी मझ इस शहर क िवकास की झलक िदखाई दी एक तरफ थी ऊची ईमारत सदर िवशाल िव यासागर सत पल बड़-बड़ होटल माल कोलकाता उ च यायालय राईटसर िबि डग मशहर इडन गाडरन टिडयम इ यािद तो दसरी तरफ था िवक टोिरया ममोिरयल अगरज की वा तकला क अनसार िदखती लाल ईटो की इमारत िवक टोिरयल सरचनाए भवन छोटी-छोटी पटिरय पर समान बचत नया बाज़ार (New Market) क दकानदार एव िवक टोिरया ममोिरयल क बाहर चलत सलािनय क िलए रथ वाल घोड़ हमारा होटल जसीबोस सड़क पर ि थत था एव सिवधाओ स भरपर था पर त मन य जाना िक असली कोलकाता का मज़ा गाड़ी म नही अथवा िरक शा ऑटो तथा साल स चलती आ रही सड़क पर टराम म था

हर तरफ मझ पील रग की टिक सया िदखाई दी सब एक समान थी तथा मरसीडीज़ गाड़ी क बगल म चलती 1-2 पय म सफ़र की जान वाली टराम भी साथ िदखाई दी परी िजदगी िद ली म यतीत करन क बाद हर नए शहर का रहन-सहन बोल-चाल रीित-िरवाज़ जानन की जाग कता मझम हमशा रही पहल ही िदन स कोलकाता मझ रास आया जस िक कहत ह lsquoकोलकाता हमार खब भाला लागली छ rsquo कहन का ता पयर य िक मझ कोलकाता बहत अ छा लगा पहल िदन िक शाम को हमन य मािकर ट म खरीददारी करन का मन बनाया म हरान थी िक वहा चीज िकतनी स ती िमल रही थी िद ली क मतािबक एक ितहाई दाम पर चिडया गहन बग जत कत इ यािद िमल

िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया

प ठ 31 अकषय कराित य मािकर ट िद ली क लाजपत एव सरोिजनी नगर समान ह कम

दाम म अ छा समान िमला कोलकाता चमड़ क िलए भी मशहर ह एव परिसदध ी लदसर दकान भी इस बाज़ार म ि थत ह यहा खरीदारी का हमन खब ल फ़ उठाया

अगल िदन हम हि दया पोटर गए एव अनक जहाज़ दख 3-4 घट की दरी पर ि थत यह पोटर अनक एकड़ म फला हआ था पहली बार इतन बड़ जहाज़ को अदर स दख खब आनद आया तीसर िदन हम काली बाड़ी मिदर गए बगाली अ यत पाठ-पजा वाल दगार मा क स च उपासक ह यह सब जानत ह दगार पजा इनका लोकिपरय उ सव ह तथा काली मा एव दगार मा की स च मन स पजा करत ह कोलकाता क िनवासी भिक त भावपणर ह यह सना था अब खद दख भी िलया बगाली र म स पजा करन का य मौका अ यत आनदमयी था इसक अलावा काली बाड़ी क नज़दीक ही ि थत ह गौिरहाट बाज़ार यहा की दकान बगाली सािड़या कपड़ सट कत इ यािद क िलए परिसदध ह आिद धक तशवर नामक मशहर दकान म जाकर मरा भी मन िकया िक म भी खरीददारी क मर सािथय न बहत सािड़या खरीदी एव दाम दखकर म दग रह गई सदर स सदर साड़ी मातर 600700 पय की थी मन बगाल की मशहर लाल एव सफद िपरट की साड़ी भी खरीदी कोलकाता म खरीददारी का अलग की मज़ा ह उसी िदन शाम हम सा ट लक िसटी मॉल गए वह सा ट लक टिडयम क नज़दीक ह यहा िदखाई िदया कोलकाता का परगितशील प नौजवान फटबाल की जसीर पहन माल म घम रह थ एक स एक

मशहर बरड वहा मौजद थ इसक अलावा कोलकाता क िनवासी खब मनोरजन क शौक़ीन ह सगीत नाच गाना इ यादी म िच रखत ह कोलकाता म जगह-जगह सगीत कला अकडमी तथा पढ़न (रीिडग) क क लब ह अगरज क शौक तथा रहन-सहन की झलक आज भी यहा िदखती ह यहा क नौजवान को खल-कद म भी खब िदलच पी ह फटबाल का तो जस यहॉ सबको जनन ह

भारत क परिसदध मोहन बगान फटबाल क लब फटबाल क वहा क नौजवान ही नही परा शहर ही दीवाना ह भारत-पाक मच हो या आई पी एल इडन गाडरन मदान लोग स खचा-खच भरा रहता ह अफ़सोस म वहा अदर जा न सकी

इसक अलावा काली बाड़ी क नज़दीक ही ि थत ह गौिरहाट बाज़ार यहा की दकान बगाली सािडया कपड़ सट कत इ यािद क िलए परिसदध ह

प ठ 32 अकषय कराित

मर सफर क आखरी िदन म मन कोलकाता क लोग म एकता क नजार दख िविभ नता म भी एकता का उदाहरण दखा चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख िजस िदन हम कोलकाता पहच थ उसी िदन वहा शहर बद था और मन एक जट होकर लोग को अपनी बात कहत हए दखा एव सना यहा क लोग अपन शहर क िवकास बहतरी क िलए जाग क ह िज मदारी लत ह तथा सरकार को अपनी बात भली-भाित कहत ह लड़िकय औरत की इ ज़त करत ह एव यहा िक मिहलाओ को मन िनदरलीय पाया जहा एक ओर भारत की राजधानी होन क बावजद िद ली वाल अपनी िजदगी म मगन रहत ह वही दसरी और कोलकाता म अमीरी-गरीबी िभ न जाितय म भी एक जटता ह कपड़ा एव खाना आज भी यहा खब स ता िमलता ह पर त दसरी तरफ सब जानत ह िक बड़-बड़ उ योगपित िव वान लखक िखलाड़ी गायक अिभनता िनदशक यहा स उभर ह सािह य हो या लख बॉलीवड हो या िकरकट बगाल न भारत को अनक नाम एव गौरव िदए ह चाह सौरव दादा हो या रिव दर नाथ टगोर ममता बनजीर रानी मखजीर हो या योित बस भारत म इनकी भिमका का वणरन करन की ज रत नही

मन कछ िदन क कोलकाता क सफर म इस शहर को जानन समझन का परयास िकया हगली नदी क िकनार खड़ होकर समदर को दखा निदय को िनहारा िव यासागर सत िबरज की सदरता िवशालता को सराहा क सी दास की परिसदध िमठाई का ल फ उठाया मन बहत शहर घम पर त यह सफर मर िलए सबस यादगार रहा कोलकाता परगित क मागर पर िनरतर बढ़ रहा ह पर त आज भी वह अपनी जड़ नितक म य को नही भला ह एक आम आदमी आज भी टराम म या फरी स सफर करता ह यहा क िनवासी दो पय स लकर 500 ० का खाना खात ह पराना एव नया कोलकाता एक साथ जीिवत ह िसक क क दो पहल की तरह कोलकाता क यह दो प को एक साथ रहत दख बहत आनद आया

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 33 अकषय कराित

जल परकित का अनपम उपहार ह मानव जाित अपन परादभारवकाल स ही इस उपहार का उपयोग अपन िहत क िलए करती आई ह जल वह पराकितक उपहार ह िजसका कोई िवक प नही ह इसिलए जल को अमतया जीवन भी कहा गया ह जल क िबना जीवन की सभावना भी नही ह पर यकष प स तो जल की मानवीय आव यकता सीिमत ह परत परोकष आव यकताओ पर नजर डाल तो दिनक जीवन की आव यकताए जस अ न फल स जी दध स लकर हमार पहराव आवास तक सब जल स जड़ हजल का जरा भी सतलन िबगड़ जाए तो जीवन यापन क टपरद होन म दर नही परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह जल क सामा य त य जल या पानी एक आम रासायिनक पदाथर ह जो जीवन क सभी जञात प क जीिवत रहन क िलए ज री ह आमतौर पर जल अपनी दरव अव था म उपयोग म लाया जाता ह पर यह ठोस अव था बफर और गस अव था जल वा प या भाप प म भी पाया जाता ह प वी क लगभग तीन चौथाई िह स पर िव व क महासागर का अिधकार ह अनमानत प वी पर जल की कल मातरा लगभग 1400 िमिलयन घन िकलोमीटर ह जो िक प वी पर 3000 मीटर गहरी परत िबछा दन क िलए काफी ह तथािप जल की इस िवशाल मातरा म व छ जल का अनपात बहत कम ह प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह शष जल झील निदय वायम डल नमी मदा और वन पित म मौजद ह जल की जो मातरा उपभोग और अ य परयोग क िलए व ततः उपल ध ह वह निदय झील और भजल म उपल ध मातरा का छोटा-सा िह सा ह इसिलए जल ससाधन िवकास और परब ध की बाबत सकट इसिलए उ प न होता ह कय िक अिधकाश जल उपभोग क िलए उपल ध नही हो पाता

परभावी जल परबधन और दश का िवकास

दीपक आहजा ओएनजीसी िवदश

प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह

प ठ 34 अकषय कराित

और दसर इसका िवषमतापणर थािनक िवतरण इसकी एक अ य िविश टता ह फलतः जल का मह व वीकार िकया गया ह और इसक िकफायती परयोग तथा परब ध पर अिधक बल िदया गया ह प वी पर उपल ध जल जल-चकर क मा यम स चलायमान ह जल लगातार एक चकर म घमता रहता ह िजस जलचकर कहत ह इसम वा पीकरण वषार और बह कर सागर म पहचना शािमल ह हवा जल वा प को थल क ऊपर उसी दर स उड़ा ल जाती ह िजस गित स यह बहकर सागर म पहचाता ह जल चकर का िचतर नीच पर तत िकया गया ह

अिधकाश उपभोकताओ जस िक मन य पशओ अथवा पौध क िलए जल क सचलन की ज रत होती ह जल ससाधन की गितशील और नवीकरणीय परकित और इसक परयोग की बार बार ज रत को ि टगत रखत हए यह ज री ह िक जल ससाधन को उनकी परवाह दर क अनसार मापा जाए इस परकार जल ससाधन क दो पहल ह अिधकाश िवकासा मक ज रत क िलए परवाह क प म मािपत गितशील ससाधन अिधक परासिगक ह आरिकषत भ डार की ि थर अथवा िनयत परकित और साथ ही जल की मातरा तथा जल िनकाय क कषतर की ल बाई व म यपालन नौ सचालन आिद जस कछक िकरयाकलाप क िलए भी परासिगक ह

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 35 अकषय कराित

जल का यय अप यय जल क बार म एक नही कई च कान वाल त य ह िव व म और िवशष प स भारत म जल िकस परकार न ट होता ह इस िवषय म जो त य सामन आए ह उस पर जाग कता स यान दकर जल क अप यय को रोका जा सकता ह अनक त य ऐस ह जो हम आन वाल ख़तर स तो सावधान करत ही ह दसर स पररणा लन क िलए परो सािहत करत ह और पानी क मह व व इसक अनजान ोत की जानकारी भी दत ह प वी पर पदा होन वाली सभी वन पितया स भी हम पानी िमलता ह

आल और अनानास म 80 परितशत और टमाटर म 95 परितशत पानी ह पीन क िलए मानव को परितिदन 3 लीटर और पशओ को 50 लीटर पानी

चािहए भारत म 83 परितशत पानी खती और िसचाई क िलए उपयोग िकया जाता

ह इज़राइल म औसतन मातर 10 सटीमीटर वषार होती ह इस वषार स वह

इतना अनाज पदा कर लता ह िक वह उसका िनयारत कर सकता ह दसरी ओर भारत म औसतन 50 सटीमीटर स भी अिधक वषार होन क बावजद अनाज की कमी बनी रहती ह

िपछल 50 वष म जल क िलए 37 भीषण ह याकाड हए ह भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल

चलती ह पानी ज य रोग स िव व म हर वषर 22 लाख लोग की मौत हो जाती ह यिद बरश करत समय नल खला रह गया ह तो पाच िमनट म करीब 25

स 30 लीटर पानी बरबाद होता ह बाथ टब म नहात समय 300 स 500 लीटर पानी खचर होता ह जबिक

सामा य प स नहान म 100 स 150 लीटर पानी खचर होता ह िव व म परित 10 यिकतय म स 2 यिकतय को पीन का शदध पानी

नही िमल पाता ह परित वषर 6 अरब लीटर बोतल पक पानी मन य वारा पीन क िलए

परयकत िकया जाता ह मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 36 अकषय कराित

िद ली मबई और च नई जस महानगर म पाइप लाइन क वॉ व की खराबी क कारण रोज़ 14 स 44 परितशत पानी बकार बह जाता ह

निदया पानी का सबस बड़ा ोत ह जहा एक ओर निदय म बढ़त परदषण रोकन क िलए िवशषजञ उपाय खोज रह ह वही कल कारखान स बहत हए रसायन उ ह भारी मातरा म दिषत कर रह ह

भारत म जल सकट नासा की एक िरपोटर न पानी को लकर दश भर म बढ़ती जा रही लापरवाही क परित आख खोली ह इस िरपोटर म भारत म सख की ि थित पदा होन क िलए िज मवार कारण म स एक अहम कारण अधाधध जल दोहन को बताया गया ह बतात चल िक दश भर क 604 िजल म स 161 सख की मार झल रह ह वस अब बताया जा रहा ह िक सख की मार स बहाल िजल की सखया बढ़कर 246 हो गई ह यानी कहा जाए तो आधा दश सख की चपट म ह बहरहाल नासा की इस िरपोटर म बताया गया ह िक भारत क कई रा य कषमता स यादा जल दोहन कर रह ह यहा कषमता स ता पयर यह ह िक उनस िजतन सलाना जल दोहन की उ मीद कदर करती ह व उसस कही यादा जल दोहन कर रह ह नासा न यह अ ययन 2002 स 2008 क बीच

की ि थितय क आधार पर िकया ह इस िरपोटर म बताया गया ह िक पजाब हिरयाणा और राज थान हर साल औसतन 177 अरब कयिबक मीटर पानी जमीन क अदर स िनकाल रह ह जबिक कदर की तरफ स लगाए गए अनमान क मतािबक इ ह हर साल 132 अरब कयिबक मीटर पानी ही जमीन क अदर स िनकालना था इस तरह स दखा जाए तो य तीन रा य िमलकर कषमता स 30 फीसदी यादा पानी का दोहन कर रह ह जािहर ह िक िबना कछ सोच-िवचार जब इस पमान पर पराकितक ससाधन का दोहन िकया जाएगा तो परकित भी बदला लगी और वही हो रहा ह इस िरपोटर म यह भी बताया गया ह िक भारत का महज 58 फीसदी भजल ही हर साल िरचाजर हो पाता ह नासा की यह िरपोटर बताती ह िक अधाधध जल दोहन की वजह स पर उ तर पि चम भारत क भजल तर म हर साल 4 सटीमीटर यानी 16 इच की कमी आ रही ह इस अ ययन को अजाम दन म नासा क जल िवजञानी मट रोडल न अहम भिमका िनभाई ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 37 अकषय कराित

उनक हवाल स इस िरपोटर म बताया गया ह िक दश क उ तर पि चम कषतर म 2002 स 2008 क दौरान तकरीबन 109 कयिबक िकलोमीटर पानी की कमी हई ह यह मातरा िकतनी अिधक ह इसका अदाजा इसी स लगाया जा सकता ह िक यह अमिरका क सबस बड़ जलाशय लक मीड की कषमता स दगन स भी कही यादा ह अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह इस िरपोटर क मतािबक अगर अधाधध जल दोहन इसी तरह स जारी रहा तो आन वाल समय म भारत को अनाज और पानी क सकट को झलन क िलए अभी स तयार हो जाना चािहए जािहर ह िक जब जल सकट बढ़गा तो खती पर इसका गहरा परभाव पड़गा अनाज क उ पादन म कमी आएगी इस वजह स अनाज सकट पदा होगा और भख का एक नया चहरा उभरकर सामन आएगा एक बड़ा तबका जो आज भरपट भोजन कर पाता ह उसक िलए पट भर खाना िमलना मि कल हो जाएगा भखमरी की जो सम या पदा होगी उसस िफर िनपटना आसान नही होगा इसक अलावा पीन क पानी का टोटा तो होगा ही अभी ही दश क कई िह स ऐस ह जहा क लोग को पीन क िलए साफ पानी नही िमल पा रहा ह कई कषतर ऐस ह जहा गमीर क िदन म हडपप स पानी आना बद हो जाता ह वहा क लोग को हर साल बोिरग को कछ फट बढ़वाना होता ह यह सम या भजल तर क िगरत जान की वजह स ही पदा हई ह जब पीन क पानी का सकट पदा होगा तो बोतलबद पानी का कारोबार काफी तजी स बढ़गा कहन का मतलब यह िक िजसक पास पसा होगा वह अपनी यास बझा सकगा और िजसक पास पसा नही होगा उस अपनी यास बझान क िलए भी सघषर करना पड़गा ि थित की भयावहता की क पना ही िसहरन पदा करती ह भारत म दिनया का हर छठा आदमी रहता ह यानी कहा जाए तो दिनया क कल आबादी क तकरीबन सतरह फीसदी लोग भारत म रहत ह जबिक दिनया का महज साढ़ चार फीसदी पानी ही भारत म उपल ध ह ऐस म जल सम या स दो-चार होना कोई आनापिकषत बात नही ह एक बात तो तय ह िक पराकितक ससाधन म इजाफा तो नही िकया जा सकता ह लिकन इसका सरकषण अव य िकया जा सकता ह

अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह

प ठ 38 अकषय कराित

भारत म लोग िकसी एक मा यम स पयजल परा त करन पर िनभरर नही ह इस दश म 357 फीसदी लोग हडपप स 367 फीसदी लोग नल स 182 फीसदी लोग तालाब पोखर या झील स 56 फीसदी कओ स 12 फीसदी लोग पारपिरक साधन स और 26 फीसदी लोग अ य मा यम स पीन का पानी परा त करत ह इस िलहाज स अगर दखा जाए तो जल सकट को दर करन क िलए समगर कायरयोजना की ज रत ह

दरअसल भारत म गहरात जल सकट क िलए काफी हद तक पानी की बबारदी भी िज मवार ह यहा जल आपित र की यव था म काफी खािमया ह नल क जिरए घर तक पहचन वाल पानी का एक बड़ा िह सा िरस कर बबारद हो जाता ह हर शहर म फट हए आपित र पाइप आसानी स दख जा सकत ह इस बदहाल यव था क िलए सरकार क साथ-साथ सामा य लोग भी कम िज मदार नही ह एक तरफ तो सरकार पयजल क नाम पर हर साल हजार करोड़ पए का बजट बनाती ह और दसरी तरफ जमीनी तर पर हालात म कोई बदलाव नही िदखता ह सामािजक तौर पर भी जल सरकषण को लकर जाग कता का अभाव िदखता ह यह सामािजक तान-बान का ही असर ह िक लोग कही भी जल की बबारदी को दखकर उस सामा य घटना मानत हए नजरअदाज कर दत ह दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था यह अब घटकर 1800 कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर हो चका ह

दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था

प ठ 39 अकषय कराित

िवशषजञ का अनमान ह िक अगर पानी की खपत और बबारदी इसी तरह स जारी रही तो 2025 तक यह घटकर हजार कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर ही रह जाएगा उस समय तक पानी की उपल धता म आन वाली इस कमी की वजह स किष उ पादन म तीस फीसदी की कमी आन की सभावना ह इन पिरि थितय म दश की आिथरक और सामािजक ि थित का कया होगा इसका अदाजा सहज ही लगाया जा सकता ह भारत म जल सरकषण क परित आज भी आम लोग क मन म उपकषा का भाव बना हआ ह साथ ही इस कायर क िलए आव यक तकनीक की भी कमी ह जो तकनीक उपल ध ह उनस सामा य लोग अनजान ह बािरश क पानी का सगरह करक उस उपयोग म लाना एक अ छा िवक प ह पर इस तरह की कोिशश काफी सीिमत मातरा म काफी छोट तर पर हो रही ह यही वजह ह िक दश म होन वाली बािरश क पानी का अ सी फीसदी िह सा आज भी समदर म पहच जाता ह अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह अगर जल की इस िवशाल मातरा का आधा भी परयोग कर िलया जाए तो ि थित म यापक बदलाव आना तय ह शहरी कषतर म तो पानी की कालाबाजारी जोर पर ह जगह-जगह पर जल मािफया सिकरय हो गए ह िद ली क ही एक अखबार न कछ समय पहल यह बात उजागर िकया था यहा तो समानातर जल बोडर भी चलाया जा रहा ह हरानी की बात तो यह ह िक इसक बावजद भी पानी क काल धध पर अकश नही लगाया जा सका ह अहम सवाल यह ह िक कस सामा य तबक क लोग तक व छ पानी पहचाया जाए शहरी कषतर क साथ-साथ गरामीण कषतर म भी यह एक बड़ी चनौती ह आबादी म अपर यािशत विदध बढ़त शहरीकरण औ योिगकीकरण और किष उ पाद की बढ़ती माग क कारण पानी की माग िपछल कछ साल म वाभािवक प स बढ़ी ह इसक पिरणाम व प भजल ससाधन का अ यिधक दोहन हआ ह और इसका नतीजा हआ िक लगातार भजल का तर घटता जा रहा ह शहरी कषतर म ि थित बहद भयावह ह तदनसार वहा न कवल शीघराितशीघर जल ससाधन क सरकषण की ज रत ह बि क परभावी रणनीित और परबधन क जिरए त काल कदम उठान की ज रत ह

अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह

प ठ 40 अकषय कराित

खासकर इस बात को यान म ऱखकर िक िविभ न परितयोगी कषतर म कभी भी माग बढ़ सकती ह भिव य म उपयोग क िलए छत पर या सतह पर जलगरहण बनाकर वषारजल सरकषण बहद ज री ह यह पानी की बढ़ती ज रत का खयाल रखन िमटटी की नमी तर को बढ़ान शहरी हिरयाली को बढ़ान भजल तर को कितरम प स पनभररण करन और भजल की गणव ता स सधार का काम करता ह भारत म जल परबधन स दश का िवकास भारत म दिनया की 16 परितशत आबादी रहती ह लिकन दिनया क िसफर 4 परितशत जल ससाधन ही भारत क पास ह 3290000 वगर िकलोमीटर क भिम कषतर और एक अरब स यादा की आबादी क साथ भारत क एक बहलवादी िविवधता का िचतर ह िवशाल पराकितक ससाधन क साथ सप न तकनीकी और वजञािनक किमरय का भी यह दिनया म दसरा सबस बड़ा सम चय ह भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह मानव िवकास म 80 क दशक म लगभग 26 परितशत और 90 क दशक क दौरान और 24 परितशत क वारा सधार हआ ह आजादी क बाद छह दशक म भारत न जल ससाधन का अभतपवर िवकास और खा या न म आ मिनभररता शहरी कषतर ऊजार और औ योिगक कषतर और पीन का पानी क बिनयादी ढाच म तजी स िव तार दखा ह िजसका उपयोग भारत की लगभग 85 परितशत शहरी और गरामीण आबादी क वारा िकया जाता ह भारत म रा य सरकार और भारत सरकार क परितबदध और ठोस परयास की वजह स गरामीण और शहरी आबादी को सरिकषत पयजल को उपल ध करवान म काफी सफलता हािसल की ह इस उपलि ध न भजल की कमी जल जमावजल गणव ता िगरावट जल परदषण और बढ़त लवणता तर स बड़ कषतर को परभािवत िकया ह और अभी भी िविभ न रा य म गरामीण और शहरी भारत क मानव िवकास सचकाक (HDI)rsquo म बहत असमानता मौजद ह पानी क िलए कषतरीय माग तजी स बढ़ रह शहरीकरण की गित स बढ़ रही ह (अनमानत 2025 तक दश की आबादी का 50 परितशत स अिधक शहर म रहग) जनसखया विदध बढ़ती आय और औ योिगक िवकासशहरी भारत तजी स िवकास की माग क कदर क प म उभर रहा ह

भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह

प ठ 41 अकषय कराित

नतीजतन परित यिकत पानी की उपल धता िगर रही ह परधानमतरी की अ यकषता म 12वी योजना क िलए हई योजना आयोग की पणर बठक म दसर म क साथ जल परबधन पर िवशष चचार हई बठक क बाद योजना आयोग क उपा यकष म टक िसह अहलवािलया न कहा िक भ-जल कानन स लकर दसर म की यापक समीकषा ज री ह व यनाथन सिमित जहा वतरमान म भ-जल कानन की साथरकता का अ ययन करगी वही भारतीय अतिरकष अनसधान सगठन [इसरो] की मदद स पानी की उपल धता का िव तत अ ययन होगा म टक न कहा िक उसी आधार पर रणनीित तय होगी सरकार यह यान रखगी िक पानी का अिधकतम उपयोग हो सक और सभी को उपल ध हो पानी पर िकसी का एकािधकार न हो सक बतात ह िक द पयोग को रोकन क िलए श क लगान पर भी िवचार िकया जा सकता ह हालािक इसस पहल रा य सरकार स चचार होगी यह तय ह िक एआइबीपी कायरकरम म यापक बदलाव ह ग ी म टक िसह अहलवािलया न कहा िक वतरमान म इस कायरकरम का सही िकरया वयन नही हो रहा ह िलहाजा उसम पिरवतरन ज री ह सभव ह िक हर रा य म जल िनयामक परािधकरण बनान की शतर भी लगाई जाए उ ह न कहा िक जल परबधन की यापक समीकषा कर नई रणनीित तय की जाएगी कल िमलाकर रा टरीय तर पर वतरमान जल ससाधन का अिधक स अिधक करन क िलए माग को परा करन क िलए पयार त ह लिकन भिव य क अ ययन पिरयोजना ह िक जल आपित र की ि थित अगल आध सदी म अिधक किठन हो सकती ह जल सकट स िनपटन को जल सरकषण परबधन अिनवायर परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह बढ़त वि वक तापमान क फल व प अितवि ट अनावि ट अ पवि ट और असामियक वि ट हम परितवषर दख रह ह िजसका परभाव हमार जल ससाधन पर पड़ता िदखाई द रहा ह कओ व बाविडय का िमटता अि त व नदी-नाल का घटता पानी भ-गभर जल का िगरता तर िचता की पिरिध स िनकलकर खतर की घटी बनता जा रहा ह

निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह

प ठ 42 अकषय कराित

िव व भर म सीमट क अधाधध परयोग न धरातल क सहज अवशोषण कषतर को घटाया ह तथा जल बहाव भिम कटाव व बाढ़ म विदध की ह ऐसी ि थित म जल सरकषण का दािय व मातर वजञािनक व सरकार तक सीिमत न रहकर पर यक उपभोकता क कध पर आ जाता ह इसी दािय व क िनवरहन क िलए हमार पास दो िवक प सामन आत ह 1 वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई

उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

2 पािरवािरक तर पर वषार जल को सगरिहत कर उसका उपयोग कर य दोन ही परयास गरामीण कषतर म तो सरलता स अपनाए जा सकत ह परत शहरी कषतर म व ट वाटर मनजमट की बड़ी पिरयोजनाए बनाकर ही पानी को िरसाइिकल िकया जा सकता ह भ-गभर अिधकािधक जल अवशोिषत होकर

जाए इसक िलए मदानी भाग म िनयोिजत ढग स बड़-बड़ पोखर बनाकर तथा पहाड़ी कषतर म नाल -ख ड म िमटटी प थर आरसीसी क बड़-छोट डम लगाकर जल बहाव रोक भ-सरकषण बचाव व जल भडारण और धरातल जल शोषण कषतर बढ़ाया जा सकता ह िव व बक भारत सरकार वारा म य िहमालय जलागम पिरयोजना रा य क भ-सरकषण िवभाग इस कषतर म कारगर उपाय लकर

हमार सामन ह परत जनसहयोग क िबना इन पिरयोजनाओ क आशातीत पिरणाम ल पाना किठन ह वकषारोपण इस सपणर जल चकर को बल दन वाला कारक ह जल क परित चतना जागत न हई तो अव य ही अगल िव व यदध का कारण जल ही होगा

जल भोजन ह और अिगन भोजन का भकषक ह अिगन जल म और जल अिगन म िव यमान ह

- ततरीय उपिनषद 38

वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

प ठ 43 अकषय कराित

म भी गान गा सकता ह शबनम क िखलत फल क म भी गीत सना सकता ह सावन क म त झल क लिकन जब घर-घर म बादल छाय घोर िनराशा क तब म नगम गा रहा ह उ मीद की आशा क

सड़क पर खड़ बचपन की य बात सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह

हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

इस बदलत पिरवश का राग सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

गाधी जी क सपन का जो राम-रा य कहलाता ह उस भारत म सड़क पर छोट चाय पहचाता ह

कहा गई वो अ हड़ म ती कहा गया वो यार का रा ता उन हाथ स बचत झड िजन हाथ को चािहए ब ता

उस सोन की िचिड़या की म बात बतान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

कही बम की गमर हवाए कही ससद म कोहराम ह कही होत घोटाल स परशान आदमी आम ह

कही कल की िकलकारी ह कही सड़क पर बचपन ह कही चलता नही गजारा कही िवदश म काला धन ह

म स चाई गा-गाकर सबको बतलान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

बदलता भारत मनीष लाल इरडा

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

प ठ 44 अकषय कराित

करन वाल काम बहत ह यथर उलझन को छोड़ो म ला-पिड़त तोड़ रह ह तम बस lsquoअपन को जोड़ो

lsquoहम बदलग-यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का lsquoवद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का

वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हम बदलग mdash यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का वद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

प ठ 45 अकषय कराित

िसफर काला और सफ़द य ही वो दो रग थ जो तर पास सि ट बनान क आधार थ

काला वो जो कािलमा िलय ह िजस कहत ह दख िनराशा म य अपयश और वो सबकछ जो नकारा मक ह

मगर सफद ह वो रग िजसस जड़ा ह जीवन आशा सख और कीितर और वो सब कछ जो सकारा मक ह पर इन रग स तझ चन ना िमला त सोचन लगा अगर सि ट बनानी ह

तो िकस िलए- ससगर और परम क िलए और

इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग

ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह

बस- बना डाला तन इ दरधनष

जो बरसात क बाद सरज और प वी क अनपम परम को रग दता ह सतरगी रग स

और उ ही सतरगी इ दरधनषी रग म हम हर पल हर कषण डबत गहरात इतरात रहत ह

और खिशय भर ससार म हर रग को अलग-अलग तरह स महसस करक जीत रहत ह

रग तो रग ह मगर-

ससगर और परम क िलए और इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह बस-

सतरगी िचतर सगीता ीवा तव इरडा

प ठ 46 अकषय कराित

कभी पक क कभी फीक़ तो कछ कभी दाग बनकर उभर आत ह

कछ आख म नील बादल स छाए रहत ह तो कछ गाल पर गलाबी रग बनकर छलक जात ह

याद रहत ह अक सर वो रग- जो खदी पर इस तरह छा जात ह िक खद म घलकर खद क होन

का एहसास दत-दत खद का एक रग बन जात ह

बगनी आसामनी नीला हरा पीला नारगी लाल इ दरधनष क य सात रग ही जोड़त ह हमार िदल को

हमार मन को जोड़न वाल इन रग की सतरगी दिनया म-

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा बनाय

और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क

सतरगी िचतर

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा

बनाय और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क सतरगी िचतर

परकित िजदगी स ह िजदगी बनी भी परकित स ह चलता रह य िविचतर खल य ही इसका भी अमल िजदगी स ह

प ठ 11

शोिभत ह िज़दगी धरती की धार पर इस हिरत धारा पर ऊजार स भरपर ह हिरत ऊजार स य ससि जत य खब ह

हिरत ऊजार क भ डार का खजाना य खब ह जल वाय और सौर ऊजार ह इनक अ यत ोत

ल अमल म इनको अगर बचाना ह य धरा अनमोल अदभत ह खजान परकित क अगर कर ल मन य इनका सदपयोग

य झोखा जो हवा का ह य जो तरग म जलधारा ह अदभत िकरण जो फलाती जीवन की धारा ह

समझ ल इनका जो इशारा ह कर परयोग इ ही का अपन यतर मतर स छपा ऊजार का अनमोल खजाना ह

परकित िजदगी स ह िजदगी बनी भी परकित स ह चलता रह य िविचतर खल य ही इसका भी अमल िजदगी स ह

रकषा कर इस धरा की स पना इसको नई िजदगी को ह इस परकित स बना मन य महान

िफर क य कर रहा परकित का सवरनाश खद को बचा हर िजदगी को बचा

करक हिरत ऊजार का स मान जीन द जीवन को और भी कर ल सयम म अपना य िवषकत घटता जीवन का चकर य ह इशारा परकित का हर पल सभल जरा ना कर इसको त तग

मक त खल परकित स कर ल इस हिरत ऊजार का परयोग अ छ क बदल अ छा दना सीख परकित का य खल

अलका कमार इरडा

अकषय कराित

किवता

प ठ 12

नही सीखा अब भी अगर परकित म सब जाएगा बदल जी ना पायगा िफर त इस परकित म िमट जाएगा अश तरा इस परकित स हिरत परकित और य हिरत ऊजार ह य इस धरा क जीवन दायक सीख परकित स लना दना

िसखा रह य जीवन का मल मतर परकित का आहार परकित मत द आहार आपराकितक सतलन िबगड़ गया अगर हो जायगी िवनाश िजदगी

अब सभल जरा और कर ल परण करक हिरत ऊजार को ही खचर बना धारा को शोिभत हरदम

िफर रहगा परकित और िजदगी का य खबसरत सग

हिरत परकित और य हिरत ऊजार ह य इस धारा क जीवन दायक सीख परकित स लना दना िसखा रह य जीवन का मल मतर

अकषय कराित

प ठ 13

अकषय कराित

कमरचािरय की आदत उनक यिक त व और िन पादन कषमता का पार पिरक सबध - एक िव लषण

हम िजस िकसी सगठन म काम करत ह उसक परित हमारा ल य होना चािहए सबिधत स थान क िलए अपनी सपणर कषमताओ का इ तमाल कषमताओ का बहतर परयोग तभी हो सकता ह जब हम अपन अदर अ छी आदत का िवकास कर हमार शा तर वद उपिनष और अ य धािमरक गरथ हम अ छी आदत क िवकास क सबध म बीज मतर बतात ह िक हम मनसा वाचा और कमरणा शदध रहना चािहए मनसा वाचा और कमरणा शदधता स ता पयर ह िक हम मन वाणी और कम स अ छ बन रह हमारी नीयत नक हो हम अपन सहकिमरय सािथय और अ य लोग क साथ अ छा बरताव कर और हमार कमर अ छ ह इस बीज मतर पर चलन वाला हमशा अपन अदर अ छी आदत का िवकास होता पायगा

असल म िदककत यही ह िक हम उपदश दन म तो आग रहत ह लिकन खद क अदर नही झाकत या कम ही झाकत ह - lsquoपर उपदश कशल बहतरrsquo सपरिसदध लखक सरदार परन िसह न एक बार कहा था आचरण की स यतामय भाषा सदा मौन रहती ह अथारत आदमी खद चप रहकर खद को ठीक रख तो इसका परभाव खद-ब-खद दसर पर पड़ता ह इसको हम एक छोट स उदाहरण स प ट कर सकत ह िक मान िलया जाए हम ब च स कह धमरपान नही करत लिकन उसक सामन खद ऐसा कर इसस इतर हम अगर यह सब करत ही नही ह तो इसका यादा असर ब च पर पड़गा अ छी आदत घर स श होकर समाज द तर और उसस आग तक हम हमशा हमारा फायदा िदलाती ह

कहा जाता ह िक व थ तन म ही व थ मन िनवास करता ह इसी तरह यह भी कहा जाता ह िक व थ वातावरण ही उ नित का योतक होता ह व थ वातावरण तभी बनगा जब उस माहौल म रहन वाल लोग

हीरा व लभ नराकास

असल म िदककत यही ह िक हम उपदश दन म तो आग रहत ह लिकन खद क अदर नही झाकत या कम ही झाकत ह - lsquoपर उपदश कशल बहतरrsquo

प ठ 14

अकषय कराित एक दसर का स मान करग खद की आदत को सधारग और उस स था की तरककी क िलए अपन तर पर हर वह काररवाई करग जो औ योिगक सगठन और लोग की उ नित म ज री होती ह

औ योिगक सगठन िकसी भी दश की अथर यव था को मजबत आधार परदान करत ह औ योिगक सगठन म परयोग होन वाल सम त ससाधन म मानव ससाधन अथारत उसम काम करन वाल कमरचारी मह वपणर और िनणारयक होत ह इन सगठन का सफल सचालन वहा कायररत कमरचािरय की कशलता और कायरकषमता पर आधािरत होता ह कशलता और कायरकषमता का ोत हमारा आचरण और यवहार होता ह जािहर ह औ योिगक सगठन म मानवीय सबध परी एक ऐसी िकताब ह िजसक िबना कभी कछ नही कराया जा सकता लोग क साथ सतोषजनक प स काम करना परबधन क काम का िसफर एक िह सा नही ह वरन सारा

काम इसी पर िटका ह कय िक सभी उ योग म मशीन माल या दसरी चीज़ क साथ कोई भी काम लोग क मा यम स ही िकया जा सकता ह तीन lsquoएमrsquo अथारत मनी मटीिरयल और मशीन औ योिगक सगठन क िलए मह वपणर ससाधन होत ह लिकन इ ह पिरणाम तक पहचान का कायर कमरचारी (man) ही करत ह जो सगठन दर अदशी रहकर कमरचािरय क जञान उनकी िविश टताओ उनक आचरण को अनकल साच म ढालन क परित सजग रहत ह वही सफलता की ऊचाइय को छत ह अगरजी म एक परानी कहावत ह -- Where the vision is one year Cultivate flowers Where the vision is ten years Cultivate trees Where the vision is eternity Cultivate people अथारत जहा दरअदशी एक साल क िलए हो तो फल लगाइय जहा दरअदशी दस साल क िलए हो तो पड़ लगाइय

औ योिगक सगठन म परयोग होन वाल सम त ससाधन म मानव ससाधन अथारत उसम काम करन वाल कमरचारी मह वपणर और िनणारयक होत ह

प ठ 15

अकषय कराित जहा दरअदशी अनत काल क िलए हो तो लोग का िवकास कीिजए औ योिगक सगठन म 500 आदमी ह 5000 आदमी ह 50000 ह या इसस अिधक अगर कामकाज ठीक स चलाना ह तो बहत ज री ह परबधन उनस िनभाना जानता हो यिकतगत सपकर का मह व

वातानकिलत कमर म बठकर और सचार मा यम या िकसी अ य तरीक स कमरचािरय की िरपोटर लना और आस पास होन वाल घटनाकरम को जानना अलग बात ह और कायर थल पर वय उपि थत रहकर ि थित को समझना और िनदश दना अलग बात महान जनरल रोमल की सफलता का मखय कारण यह था िक व हमशा कायर थल पर वय उपि थत होकर िनदश दत बात की पि ट करत सम याए सलझात और दखत िक काम कसा चल रहा ह रोमल का यह तरीका इतना सफल रहा िक िकसी भी औ योिगक सगठन या कारोबार म इस अपनाया जाए तो आशातीत पिरणाम सामन आ सकत ह लोग क बीच खद उपि थत होकर काम करन का कोई िवक प नही ह लोग अिधकाशतः उनको नापसद करत ह िज ह व ठीक स जानत नही ह पर एक बार जान पहचान हो जान पर हालात बदल जात ह कमरचािरय म अ छी आदत का िवकास करन की पहली शतर ह िक पहल उनक िदल म घर िकया जाए ऐस िकसी भी बरताव स बचा जाए िजसस वह अपन को उपिकषत महसस करन लग अतः सवदनशीलता का यान रखना बहत ज री ह

कमरचािरय क परित सवदनशील यवहार-कौशल और धयरपणर होन क अितिरकत इस बात पर ढ़ रहना ज री ह िक काम ठीक परकार स हो अ छ यवहार क साथ कमरचािरय को यह जताना भी ज री ह िक उनस काम का उ च तर अपिकषत ह और उस पर उनक साथ कोई समझौता नही और अगर इस पर अमल नही करत तो उ ह पता होना चािहए िक आप कड़ी काररवाई करग

सकारा मक नजिरया परबधन का एकमातर काम िनदश दना नही ह वरन उस साथ-साथ लोग का िवकास करना होता ह

महान जनरल रोमल की सफलता का मखय कारण यह था िक व हमशा कायर थल पर वय उपि थत होकर िनदश दत बात की पि ट करत सम याए सलझात और दखत िक काम कसा चल रहा ह

प ठ 16

अकषय कराित एक अिधकारी का मखय काम यही ह िक वह अपन साथ काम करन वाल लोग म अ छी आदत का िवकास कर उनकी सहायता कर यिद यह काम परभावशाली ढग स कर पाता ह तो इसस कवल उसक अपन काम ही बहतर नही ह ग बि क उसक पास परिशिकषत और कशल कमरचािरय का परा दल होगा जो उसक परित परी िन ठा स काम करगा इसक िलए सबस पहल कमरचािरय का नजिरया ठीक करना ज री ह उनम सबस पहल यह भावना लानी होगी िक हमार अदर जो चीज ह वही हम ऊपर की ओर ल जाती ह और वह हमारा नजिरया ह

एक आदमी मल म ग बार बचकर अपनी गज़र-बसर करता था उसक पास लाल नील पील हर-चार रग क ग बार थ जब कभी उसकी िबकरी कम होन लगती तब वह हीिलयम गस स भरा एक ग बारा हवा म छोड़ दता ब च उस उड़ता दखकर वसा ही उड़न वाला ग बारा पान क िलए मचल उठत ब च उसस ग बारा ख़रीदत और इस तरह उसकी िबकरी िफर स बढ़ जाती िदन-भर यही िसलिसला चलता रहता एक िदन वह आदमी बाज़ार म खड़ा ग बार बच रहा था अचानक उस महसस हआ िक पीछ स कोई उसका करता पकड़कर खीच रहा ह उसन पीछ मड़कर दखा तो एक छोट स ब च को खड़ा पाया उस ब च न ग बार वाल स पछा ldquoअगर आप काला ग बारा छोड़ग तो कया वह भी उड़गाrdquo ब च की बात उसक िदल म लगी और उसन यार स जवाब िदया ldquoबट ग बारा अपन रग की वजह स नही उड़ता बि क उसक अदर कया ह इस वजह स ही वह ऊपर जाता ह rdquo ठीक यही बात हमारी िज़दगी म भी लाग होती ह अगर लोग का नजिरया बहतर हो उनम अदर स काम करन की इ छा भरी हो तो व खलकर आपस म िमलकर काम करग इसस नकसान तो कम होगा ही स थान क परित िन ठा बढ़गी और लगन स काम करन का वातावरण तयार होगा िव वास हािसल करना आव यक

कमरचािरय स बहतरीन काम लन क िलए शानदार टीम लीडर होना ज री ह मटठीभर लोग का कोई समह िकला तभी फतह कर सकता ह जब

एक आदमी मल म ग बार बचकर अपनी गज़र-बसर करता था उसक पास लाल नील पील हर-चार रग क ग बार थ

प ठ 17

अकषय कराित जब उनका सनापित उनम वह जोश भर सक िक उ ह कोई भी ऊचाई यादा न लग अतः सबस ज री ह िक स थान म कमरचािरय की

कषमताओ का परा फायदा लन क िलए उनका िव वास जीता जाए इसक िलए उनक साथ परी इ जत स पश आना ज री ह उनकी छोटी-बड़ी खशी को बाटना और उनकी राय को परा स मान दना भी उतना ही ज री ह कई बार परबधन क उ चािधकारी या लीडर अपनी टीम क सद य स िसफर इसिलए राय नही लत कय िक उ ह लगता ह िक एक बार राय लन पर अगर उनकी बात नही मानी गयी तो उ ह बरा लगगा लिकन सबस ज री ह िक टीम म सभी सद य को िव वास म लकर काम िकया जाए यहा टीम लीडर की भिमका मह वपणर होती ह वह खद वकत का पाबद होगा तो उसक मातहत कमरचािरय म वयमव यह गण आदत का प ल लगी टीम लीडर का काम अपनी टीम का उ साह बढ़ात हए दी गयी िज मदािरय को समय स परा करना ह मगर उसम नयी चीज़ को सीखन की ललक होनी चािहए ऐसी ललक जब स थान क कमरचािरय म आदत का प लन लगती ह तो वह स थान जािहर ह नए परितमान थािपत करन लगता ह जापानी कपिनया हर बात म कमरचािरय क िहत का यान रखती ह िजसस व वय ही उ पादकता क परित सचत हो जात ह जानी-मानी टोयोटा कपनी क कमरचािरय म तो काम की ऐसी आदत सी या ललक होती ह िक व तब तक काम करत ह जब तक खद थक कर चर नही हो जात यह उनकी आदत ही बन चकी ह िक यिद व िकसी बात पर नाराज होत ह तब भी कपनी या अपन भागय को भल ही कोस ल पर अपन काम पर असर नही पड़न दत इसका कारण यह ह िक जापानी कपिनया काम का एक अ छा वातावरण बनान और लोग म काम क परित स ची लगन को बढ़ावा दन क िलए कड़ा परयास करती ह वहा लोग को लगातार परिशकषण िमलता रहता ह जो कवल तकनीक और मनजमट ही नही कायर स जड़ी नितकता और अ छी आदत क िवकास पर किदरत होता ह चिरतर का िनमारण उनकी एक आदत सी बन जाती ह अगर हम भी एक अ छी शिखसयत बनना ह तो हम अपनी आदत को गहराई स जाचना होगा

ऐसी ललक जब स थान क कमरचािरय म आदत का प लन लगती ह तो वह स थान जािहर ह नए परितमान थािपत करन लगता ह जापानी कपिनया हर बात म कमरचािरय क िहत का यान रखती ह

प ठ 18

अकषय कराित चतन और अवचतन मन

हमार चतन मन क पास सोचन की शिकत होती ह यह िकसी बात को मान सकता ह और नही भी मान सकता मगर अवचतन मन िसफर वीकार करता ह यह इनपट (input) को लकर कोई भदभाव नही करता अगर हम अपन मन म डर शका नफरत क भाव भर तो यह आ म सझाव इन सभी भाव को सिकरय बनाकर हकीकत म बदल दगा हमारा अवचतन मन एक डाटा बक की तरह ह अवचतन मन एक गाड़ी की तरह ह और चतन मन एक डराइवर की तरह शिकत तो गाड़ी म होती ह मगर उसका कटरोल डराइवर क पास होता ह

हम अवचतन मन को इस तरह ढालन की ज रत ह िक वह हम सही और ठीक रा त पर ल जा सक अवचतन मन एक बगीच की तरह होता ह िजस कोई परवाह नही होती िक आप कस पौध लगात ह यह िनरपकष (neutral) होता ह इसम अ छा बोन पर अ छा िमलता ह अ यथा जगली पौध उग जायग

बि क अ छ बीज बोन क बावजद जगली पौध उगन बद नही होत आव यकता होती ह उ ह उखाड़ फकन का िसलिसला जारी रखन की इसी िसदधात को कमरचािरय क मामल म समझन की ज रत ह हम याद रखना ह िक सही और गलत िवचार मन म एक साथ नही रह सकत आव यकता उनक अवचतन मन को इस तरह ढालन की ह िक उनम अ छी आदत का िवकास हो दरअसल अवचतन योगयता वह होती ह जब हम यान दन और सोचन की यादा ज रत नही होती कय िक यह हमार यवहार म खद ब खद उतरन लगा ह िजस स थान क कमरचारी इस तर पर पहच जात ह उनम अ छी आदत वयमव घर करन लगती ह जब बरी आदत हमार अवचतन योगयता क तर तक पहच जाती ह तो वह कावट उ प न करती ह

पिरवतरन का िवरोध बरी आदत को पहचान लन क बाद भी अकसर दखा गया ह िक

लोग उ ह बदलत नही ह ऐसा आिखर कय होता ह उनक न बदलन का कारण ह िक व िज मदारी को वीकार करन स इनकार करत ह

हम अवचतन मन को इस तरह ढालन की ज रत ह िक वह हम सही और ठीक रा त पर ल जा सक अवचतन मन एक बगीच की तरह होता ह िजस कोई परवाह नही होती िक आप कस पौध लगात ह

प ठ 19

अकषय कराित अपनी उन आदत को बनाय रखन म उ ह जो आनद िमलता ह वह पिरवतरन क ददर स यादा होता ह इसक िन निलिखत कारण हो सकत ह -- 1 पिरवतरन की इ छाशिकत का अभाव 2 पिरवतरन क िलए आव यक अनशासन की कमी 3 िव वास की कमी 4 आव यक जानकारी की कमी परबधन वारा इन िबदओ पर िवचार कर अपन किमरय म आशातीत पिरवतरन लाया जा सकता ह सामा यतः खराब आदत को न बदलन क बहान िदय जात ह और कहा जाता ह -- हम लोग इसी तरह करत ह या िक म नही समझता इसस कोई फकर पड़गा और कछ न िमला तो कह िदया जाता ह म बहत य त ह अ छी आदत का िन पण

आदत म पिरवतरन लाया जा सकता ह आव यकता ह इसक िलए सही पिरवश का िनमारण करन की कमरचािरय को परिशिकषत करन की परिरत करन की और ऐसी ि थितया उ प न करन की िजसस कमरचािरय म अ छी आदत का िन पण हो सक दरअसल सफल लोग का राज यह ह िक व काम करन की उन आदत को डाल लत ह जो असफल लोग करना नही चाहत य वही काम ह िज ह सफल लोग भी करना

नही चाहत लिकन व िफर भी करत ह उदाहरण क िलए असफल लोग अनशासन और महनत करना पसद नही करत सफल लोग भी अनशासन और कड़ी महनत नापसद करत ह लिकन व िफर भी ऐसा करत ह कय िक य लोग उन काम को करन की आदत डाल लत ह िज ह असफल लोग नही कर पात नजिरय और सोच का तरीका एक आदत ह और इस बदला जा सकता ह सही ि ट और सतलन कमरचािरय म काम क सबध म सही ि ट बनाय रखन की परवि त िवकिसत करना ज री ह जब कछ गलत हो रहा होता ह तो उस ठीक करना परबधन का ही काम होता ह समझा यह जाता ह िक परायः हम गलत हो रह काम को लकर इतन िचितत हो जात ह िक जो सही हो रहा ह उस भी अनदखा करन की हमम आदत होती ह

दरअसल सफल लोग का राज यह ह िक व काम करन की उन आदत को डाल लत ह जो असफल लोग करना नही चाहत

प ठ 20

अकषय कराित उदाहरण क िलए अगर िकसी स कोई गलती हो जाती ह तो हम एकदम उस पर िच ला पड़त ह या उसक िव दध काररवाई कर बठतहअ छा यह रहगा िक आप उस अलग ल जाकर अकल म बात कर अगर परशसा करनी हो तो सबक सामन कर

अगर िकसी स सहमित न बन तो उस पर करोध करना ज री नही ह अगर अपन करोध पर काब रखग तो लोग अपनी असहमित को अ यथा नही लग अगर आप अपन िवचार को खला रखग तो दसरी ओर स भी आप ऐस ही यवहार की अपकषा कर सकत ह परायः लोग अपनी सहमित कछ इस तरह जतात ह िक सामन वाला भी अपनी बात पर अड़ जाता ह समझन की बात यह ह िक सभी ि थितय म कवल तकर ही काफी नही होगा िकसी स असहमत होन म भी यवहार कशल होना ज री ह सबस पहल तो दसर को अपना पकष रखन का मौका द उसकी बात सन और जहा तक हो सक उसस अपनी सहमित भी परकट कर और िजन बात पर सहमित न बना सक उस समझाए

हमम स अिधकाश लोग उन किमरय और उनकी गलितय पर अ यिधक यान दत ह िजनक िलए हम काम करत ह पर अपन किमरय पर नज़र डालना भल जात ह अगर वय को उन लोग की नजर स दखा जाए तो आशातीत पिरणाम दखन को िमलत ह

आ म मथन आप कया करना चाहत ह कसा करना चाहत ह - इस सोच को

वतरमान म अपन अदर मथन करन को आ म-सझाव कहत ह एक बार सब म जब इसकी पिरपाटी श हो जाती ह तो यह हमार अदर िवजञापन की तरह काम करता ह अपन बार म अपन िलए अदर ही परचािरत करता ह इसका हमार चतन और अवचतन (Sub-concious) मन दोन पर परभाव पड़ता ह अततः यह हमार नजिरए और यवहार को परभािवत करता ह और धीर-धीर आदत का प लता ह यह दरअसल अपन अवचतन मन को ढ़ालन या परोगराम करन की िविध ह

हमम स अिधकाश लोग उन किमरय और उनकी गलितय पर अ यिधक यान दत ह िजनक िलए हम काम करत ह पर अपन किमरय पर नज़र डालना भल जात ह

प ठ 21

अकषय कराित आ म-सझाव अ छ या बर हो सकत ह जब हम बर आ म-सझाव को बार-बार दोहरात ह तब हमारा अवचतन मन उन पर िव वास करन लगता ह और हम उसी को वा तव म यवहार करन लगत ह सकारा मक आ म-सझाव को बार-बार मथन करन स उसकी हमार िदलोिदमाग म त वीर बन जाती ह और वही असिलयत का प लन लगता ह एक उदाहरण क िलए जब कभी हम सबह 0600 बज टरन पकड़नी हो और हमार पास अलामर घड़ी न हो तो हम मन म कहकर उठत ह िक 0400 बज उठना ह तो कया हम नही उठत अगर उठत ह तो इसक पीछ आ म-सझाव ही काम करता ह आ म-सझाव एक रा ता ह िजसस हम अपन िदमाग को परोगराम करक ढ़ालत ह सकारा मक आदत को िवकिसत करन म आ म-सझाव की परवि त मह वपणर िसदध हो सकती ह हमार नजिरए और आदत को तय करन वाल कारक हमार नज़िरए को मखयतः तीन कारक परभािवत करत ह - वातावरणः घर कल आिफस मीिडया सा कितक प ठभिम धािमरक प ठभिम परपराए और भाषाए सामािजक-राजनितक माहौल - य सब िमलकर एक तहजीब बनात ह चाह घर हो या आिफस या अ यतर - हर जगह हर िकसी की अपनी तहजीब होती ह उदाहरण क िलए हम एक दकान म जात ह तो वहा का स समन बड़ अदब वाला होता ह लिकन वही जब दसरी दकान पर जात ह तो वहा का स समन कभी-कभी बड़ा खा और बदतमीज िमल जाता ह उसी तरह िकसी क घर म यार भरा माहौल िमलता ह तो िकसी क घर म हमशा लड़ाई-झगड़ का इसी तरह जब सरकार और राजनीितक माहौल ईमानदारी का होता ह तो लोग भी ईमानदार मददगार और कानन का पालन करन वाल होत ह बईमान और भर ट माहौल म िजस तरह एक ईमानदार का जीना मि कल होता ह उसी तरह ईमानदारी भर माहौल म बईमान यिकत को मि कल होती ह िन सदह अ छ वातावरण म मामली कमरचारी म वमव अ छी आदत िवकिसत होती ह और उसकी कायर करन की शिकत बढ़ जाती ह जबिक खराब माहौल म अ छा काम करन वाल की भी कषमता िगर जाती ह

सकारा मक आदत को िवकिसत करन म आ म-सझाव की परवि त मह वपणर िसदध हो सकती ह

प ठ 22

अकषय कराित कायर-स कित का बहाव ऊपर स नीच की ओर होता ह नीच स ऊपर की ओर कभी नही यह दखना बहत ज री ह िक हमन अपन िलए और आस-पास क लोग क िलए कसा वातावरण तयार िकया ह खराब वातावरण म अ छ की उ मीद करना बमानी ह अनभवः हम अपन जीवन म अपन काम-काज म हालात स जसा अनभव पात ह वह हमारी आदत का िह सा बन जात ह और उसी क अनसार हमारा यवहार होता ह अगर िकसी क परित हमारा अनभव अ छा होता ह तो हमारा नज़िरया भी अ छा होता ह ज री ह िक कमरचािरय को ऐसा कायर-पिरवश िमल िजसस उनक अवचतन म अ छ अनभव की छाप अिकत हो

परिशकषण भी ज़ री यहा िसफर सदधाितक जञान ही काफी नही होता बि क औपचािरक और अनौपचािरक दोन ही तरह की िशकषा व परिशकषण ज री ह जञान और जानकारी को यिद योजनाबदध तरीक स परयोग िकया जाए तो उसस बौिदधक तर को बढ़ान म आशातीत सफलता िमलती ह काम करन की कला अ छी िशकषा स ही आती ह ज री ह िक परिशकषण म मनोवजञािनक सामािजक आिथरक व अ य पहल को समझन की आदत िवकिसत की जाए अवचतन म यह िबठाना बहत ज री ह िक जीवन की भ यता काम क वारा ही सभव ह स थान म सभी को लगना चािहए िक उनका काम मह वपणर ह यही परबधन कला का सार ह जब कमरचािरय को ऐसा एहसास होन लगता ह तो उनक नज़िरए म बदलाव आन लगता ह उपसहारः काम क परित लोग म अ छी आदत िन िपत करन और उनम उ साह जगान स कायर-िन पादन म िनरतर िनखार आता ह दरअसल हर यिकत म मानिसक और शारीिरक ऊजार उ प न होती ह िजसक िलए काम ही सबस अ छा िनकास ह एक िवचारक क अनसार lsquoआप पछत ह म लगातार काम कय करता ह

यहा िसफर सदधाितक जञान ही काफी नही होता बि क औपचािरक और अनौपचािरक दोन ही तरह की िशकषा व परिशकषण ज री ह

प ठ 23

अकषय कराित इसका वही कारण ह िजस कारण स मगीर अ ड दती जाती ह rsquo काम क िबना इसान घट सा जाता ह उस काम की उतनी ही ज रत होती ह िजतनी हवा की आव यकता ह िक उस सही वातावरण उपल ध करान और सही िदशा म अिभपरिरत करन की व ततः हर यिकत अदर स गिरमा और आ मस मान की चाह रखता ह आव यकता ह उस अतःपरिरत करन की लोग को खद स परिरत करन क िलए हम उनकी ज रत और इ छाओ को समझना होगा पररणा कायरकषमता और आदत क बीच सीधा सबध ह जो लोग उतना ही काम करत ह िक उनकी नौकरी बची रह तो ऐस लोग िकसी भी स थान क िलए मह वपणर नही हो सकत अतपररणा स सोच म बदलाव लाया जा सकता ह पररणा आग क समान होती ह

कमरचािरय को िजतना परिरत िकया जाएगा उनम उतनी ही सकारा मक आदत का िवकास होगा कमरचािरय को उिचत स मान दकर उनक कायर को अिधक मनोरजक बनाकर परबधन वारा उनकी बात को गौर स सनकर उनकी सम याओ और सझाव पर गौर करक उ ह वय ल य िनधारिरत करन क िलए परो सािहत करक िवकास क नय अवसर उपल ध कराकर आव यकतानसार समय-समय पर समिचत परिशकषण िदलाकर तथा नयी चनौितय स जझन क िलए परो सािहत करक िन सदह उनक आचार और यवहार को सकारा मक िदशा म पाियत िकया जा सकता ह

कमरचािरय को िजतना परिरत िकया जाएगा उनम उतनी ही सकारा मक आदत का िवकास होगा

ई-पितरका म लख आिद म परकट िवचार

मलतः लखक क ह तथा यह आव यक नही ह िक

इरडा भी इन िवचार स सहमत हो

प ठ 24

अकषय कराित

िबिटया

आख म मोती लकर तम िबिटया जाती हो हा जाओ िशकषा का उपहार द रह िवदा समय यह लो ल जाओ इन पराण म परीित त हारी ममता क धन िसदरी इन नयन की बद पली परकट करती ह मजबरी लाचारी ह िफर पराण म क य ह इतनी आकलता

जब इस रीित पर पराओ म वश न िकसी का ह चलता िपतकल को तजकर अब िबिटया पित-कल म जाना होगा

नटखटपन को छोड़ धमर का ही िजसम बाना होगा इस घर की तम बड़ी लाडली पराण स यारी िबिटया

चली लाकर आज सभी को िपता की कर सनी किटया िजन हाथ न लाड़ चाव स अब तक था िजसको पाला उन हाथ न ही िबिटया को दलह राजा जी को द डाला

िजसका दख जरा मन मला हो जाती थी हरानी क यादान उसी का कर क दय बनाया पाषाणी

िकया न जाता था पल भर को इन आख स दर िजस मोती झरत िवदा द रहा आज सकल पिरवार उस अपनी मा क जीवन की तम परित-पल हो आधार रहो

िवजयता िपता क दय मिदर की िबिटया तम साकार रही आज जीवन क सख-दख सार वही िबतान तम लो जान आओगी जब कभी यहा तम होगी महमान समान

सतीश कमार कलावत इरडा

इस घर की तम बड़ी लाडली पराण स यारी िबिटया चली लाकर आज सभी

को िपता की कर सनी किटया

प ठ 25

ससराल की कभी बराई कही न मह पर आ जाव धमर कमर क तर य पथ म पाव नही िडगन पाव

सात परितजञाय जो तमन अिग नदव स मख की धारण द पि त जीवन का मह व ह करना स च मन स पालन

बटी इन सात बचन का यान दय म रह सदा दोन कल की लाज इसी म भला न दना इस कदा पित ही ह सवर तर त हार पित ही को जीवन समझो

जो कछ कह उसी को मान उनको िबिटया तम धन समझो शीलवती तम बन िबिटया पित-भक त मना सदर िनस दह वय उपजग क प-वकष घर क अ दर

पहन सिशकषा की साड़ी को शभ गण भषण अपनाओ दस लकषण शभ लकषण धार िन य नय मगल गाओ यह िशकषा उपहार दय का तम को राह िदखायगा भल भटक कर भी अिधयारा पास न आन पायगा

हम सब की आख स मोती उर स िनकल रही आशीष सभी सख स पणर परफि लत कर त ह दलह राजा की ईश

अकषय कराित

िजन हाथ न लाड़ चाव स अब तक था िजसको पाला उन हाथ न ही िबिटया को दलह राजा जी को द डाला

प ठ 26 अकषय कराित

ldquoपयारवरणrdquo श द पिर+आवरण स बना ह अथारत बा य आवरण को ही पयारवरण कहत ह इस बा य आवरण का ता पयर हमार चार ओर क वातावरण और पिरवश स ह िजस हम दसर श द म परकित भी कह सकत ह प वी पर िव यमान सपणर जीव-जगत क अि त व जीवन-यापन एव चहमखी िवकास म परकित की मह वपणर भिमका ह मानव बिदधजीवी पराणी ह और परकित क मह व स भली-भाित पिरिचत होन क कारण ही सिदय स परकित की पजा करता रहा ह

विदक काल स ही परकित तथा मानव क बीच जीवन ततर का अटट सबध रहा ह हमार पराचीन ऋिष-मिनय न प वी म हवा पानी िमटटी पड़-पौध जीव-ज तओ और मानव क सिकरय सहयोगा मक सतलन को यान म रखकर ही परकित को प य माना धमर क साथ परकित को जोड़कर उ ह न परकित को पयार त मह व िदया व जानत थ िक िजस परकार जीवन क िलए भिम की आव यकता होती ह उसी परकार वन पितया व अ य पराणी भी आव यक ह य सभी परकित क अिभ न अग ह इनम स एक क भी न ट होन का परभाव दसर पर पड़ता ह और पिरणाम व प पराकितक असतलन पदा हो जाता ह व तत प वी म हवा पानी िमटटी पड़-पौध जीव-ज तओ और मानव का सिकरय सहयोगा मक सतलन रहता ह पड़-पौध भिम को उपजाऊ बनात ह िमटटी को बाधकर रखत ह बरसात करवान तथा जल एव वाय को व छ रखन म सहायक होत ह परत आज क बढ़त औ योिगकीकरण और शहरीकरण न परकित और मानव क बीच असतलन उ प न कर िदया ह यह असतलन अिशकषण बढ़ती जनसख या शहर की ओर पलायन वकष की कटाई गगनचबी इमारत बड़-बड़ उ योग की थापना आिद क कारण ह और यही पयारवरण परदषण क मख य कारण ह मटरोपोिलटन एव बड़ शहर म अनक काबरिनक और अकाबरिनक गस जस ndash काबरन-मोनोऑक साइड अमोिनया आिद परदषण क मख य ोत ह

वतरमान पयारवरण -21वी सदी की चनौती

लख सरीन सल

विदक काल स ही परकित तथा मानव क बीच जीवन ततर का अटट सबध रहा ह

प ठ 27 अकषय कराित मन य न अपनी भितक सख-सिवधाओ की आपित र क िलए परकरित स

िखलवाड़ िकया ह वतरमान मशीनी यग म मन य वारा परकित क अ यिधक दोहन एव िनत नए कारखान की थापना स पयारवरण सकट उ प न हआ ह मानव न परकित क साथ जो अ यायपणर यवहार िकया ह उसी क फल व प परकित का िवरोधी रवया हआ ह िजस भिव य म सह पाना मि कल होगा

अिशकषा क कारण दश की तजी स बढ़ती आबादी क आवास की मलभत आव यकता को परा करन क िलए वकष की कटाई करक ऊची-ऊची इमारत बनाई जा रही ह वकष की अधाधध कटाई स भिम की ऊवररा शिक त का तो ास हो ही रहा ह साथ ही परदषण जसी िवकराल सम या भी ज म ल रही ह

परदषण पयारवरण क ास का परमख कारण ह िवकासशील दश िनत नए उ योग की थापना करक बराजगारी की सम या को तो दर कर रह ह िकत इसस जल वाय विन तथा िविभ न परकार क परदषण बढ़ रह ह कल-कारखान और मोटर स िनकलन वाल धए स वाय परदषण हो रहा ह जल थल व नभ क मागर पर शिक त चािलत वाहन विन परदषण का मख य ोत ह शहरीकरण और औ योिगकीकरण क कारण शदध पयजल की सम या िवकराल प धारण कर रही ह कारखान स िनकलन वाल कड़-कचर क निदय म िमलन स जल परदषण हो रहा ह रासायिनक खाद और कीटनाशी दवाओ स मदा परदषण का खतरा बन गया ह

इस परकार जनसख या विदध शहरीकरण औ योिगकीकरण एव परदषण जसी सम याओ न पयारवरण को बरी तरह परभािवत िकया ह आज सपणर िव व पयारवरण को लकर िचितत ह इस भयावह ि थित स बचन क िलए पर यक यिक त को पयारवरण क परित जाग क करना आज की अिनवायर आव यकता ह

इस िदशा म सवरपरथम िनरकषरता को समा त िकया जाना चािहए साकषर भारत की पिरक पना म जनसख या विदध दर वय िनयितरत हो जाएगी करल रा य इसका परमाण ह जहा साकषरता क साथ-साथ जनसख या िनयतरण भी ह

जल थल व नभ क मागर पर शिक त चािलत वाहन विन परदषण का मख य ोत ह

प ठ 28 अकषय कराित

इसक बाद बात आती ह परदषण िनवारण की आज िव व भर क

वजञािनक और पयारवरणिवद इस िदशा म कायररत ह सवरपरथम वन क काटन पर परितबध लगाया गया ह और वन सपना क िव तार हत वकष लगान क िलए परो सािहत िकया गया इसक िलए सरकार की ओर स वकष आिद िनश क उपल ध कराए जात ह ldquoपयारवरण परदषण स थाrdquo और व छ वाय अिधिनयम जस िविधक उपाय स वाय परदषण पर रोक लगान का परयास िकया जा रहा ह जहरील धआ उगलन वाल कारखान तथा वाहन पर भारी आिथरक दड का परावधान ह िविभ न सचार मा यम mdashदरदशरन समाचार-पतर तथा आकाशवाणी क मा यम स जनता को पयारवरण क परित जाग क करन क परयास िकए जा रह ह निदय म खलन वाल परदषण ोत को बद करन की योजनाए चलाई जा रही ह पािलथीन क परयोग को बद करन क िलए चलाया जा रहा ह अिभयान भी परशसनीय ह

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह इस खतर स सपणर भमडल का अि त व न ट हो जाए इसस पहल हम पयारवरण की सरकषा करन का सक प लना होगा

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह

िस धी होन क प चात भी मझ बगाली रीित िरवाज़ िमठाइया यहा का पहनावा अगरज क ज़मान की बनी सरचनाए एव भवन इ यािद म बहत िदलच पी एव िच थी

प ठ 29 अकषय कराित

यातरा स मरण-कोलकाता-खिशय हषर का शहर(िसटी ऑफ जॉय)

सोिनया सिह वानी पीईसी िलिमटड

म पी ई सी िलिमटड नामक कपनी क िविध ककष म उप िविध परबधक क पद पर कायररत ह सन 2010 जन स इस कपनी म मन परबधन परिशकष क प म अपनी पहली नौकरी की श आत की पी ई सी िलिमटड वािण य मतरालय क अतगरत आन वाली आयात-िनयारत यापार स स बिधत क पिनय म स एक ह इस स दभर म जनवरी 2011 म िविभ न िवभाग क परबधन परिशकषओ को ओिरएटशन हत काडला कोलकाता इ यािद शहर म भजन का कायरकरम िनि चत िकया गया कोलकाता क पास हि दया पोटर होन क कारण कोलकाता शहर चना गया जहा पी ई सी वारा आयात की गयी व तए पोटर गोदाम म रखी जाती ह साथ ही म कोलकाता पोटर िभ न गोदाम इ यािद दखन की यव था की गयी एव सची म समावश िकया गया यह सनकर मरी ख़शी का िठकाना न रहा क य िक मन कोलकाता शहर क बार म सना बहत था पर त कभी दखा न था िस धी होन क प चात भी मझ बगाली रीित िरवाज़ िमठाइया यहा का पहनावा अगरज क ज़मान की बनी सरचनाए एव भवन इ यािद म बहत िदलच पी एव िच थी आिखरकार मझ मौका िमला और जनवरी की कड़ाकदार ठ ड क बीच हम एक रिववार शाम कोलकाता राजधानी स अपनी मिजल की और िनकल पड़ िद ली स कोलकाता क सफ़र क बीच हमारी गाड़ी इलाहाबाद गया िबहार तथा धनबाद जस शहर स होत हए बगाल की ओर पहची हसत-गात खलत-खात हए हम अगली सबह हावड़ा जकशन पहच गए रलगाड़ी स उतर कर टशन स बाहर िनकलत ही मझ िसटी ऑफ जॉय क नाम स मशहर कोलकाता की पहली झलक िदखाई दी ऐसा लगा मानो मझ भारत क दो पहल एकसाथ जीत हए नज़र आए एक तरफ थ टशन स बाहर एव अ दर जात हए स दर कपड़ गहन म लद हए कोलकाता क बगाली िनवासी साथ म बड़ी-बड़ी गािड़य म घमत कोलकाता क नौजवान और ठीक दसरी तरफ मरी नज़र पड़ी हगली नदी पर बन परिसदध हावड़ा िबरज पर िजस दख एक अलग ही दिनया का एहसास हआ

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह

िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी

एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया नतीजा मर समकष था

प ठ 30 अकषय कराित

हावड़ा िबरज पर हर तरफ लोग का जमावड़ा था इतन लोग दख िद ली क चादनी चौक की याद आ गयी ऐसा लगा मानो म 50 साल पीछ िकसी लक एव वाईट दिनया म कदम रख चकी थी िबरज क दोन तरफ सामान बचत हए दकानदार िखलौन मछली रख हए औरत एव छोट-छोट ब च मख य शहर स हावड़ा जान वाल आम आदमी मजदर की तज़ र तार फरी स र ता पार करन वाल यापारी इन सब को दख लगा कोलकाता म मबई जसी भागम भाग भी थी िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया नतीजा मर समकष था जस-जस म कोलकाता शहर क भीतर आन लगी मझ इस शहर क िवकास की झलक िदखाई दी एक तरफ थी ऊची ईमारत सदर िवशाल िव यासागर सत पल बड़-बड़ होटल माल कोलकाता उ च यायालय राईटसर िबि डग मशहर इडन गाडरन टिडयम इ यािद तो दसरी तरफ था िवक टोिरया ममोिरयल अगरज की वा तकला क अनसार िदखती लाल ईटो की इमारत िवक टोिरयल सरचनाए भवन छोटी-छोटी पटिरय पर समान बचत नया बाज़ार (New Market) क दकानदार एव िवक टोिरया ममोिरयल क बाहर चलत सलािनय क िलए रथ वाल घोड़ हमारा होटल जसीबोस सड़क पर ि थत था एव सिवधाओ स भरपर था पर त मन य जाना िक असली कोलकाता का मज़ा गाड़ी म नही अथवा िरक शा ऑटो तथा साल स चलती आ रही सड़क पर टराम म था

हर तरफ मझ पील रग की टिक सया िदखाई दी सब एक समान थी तथा मरसीडीज़ गाड़ी क बगल म चलती 1-2 पय म सफ़र की जान वाली टराम भी साथ िदखाई दी परी िजदगी िद ली म यतीत करन क बाद हर नए शहर का रहन-सहन बोल-चाल रीित-िरवाज़ जानन की जाग कता मझम हमशा रही पहल ही िदन स कोलकाता मझ रास आया जस िक कहत ह lsquoकोलकाता हमार खब भाला लागली छ rsquo कहन का ता पयर य िक मझ कोलकाता बहत अ छा लगा पहल िदन िक शाम को हमन य मािकर ट म खरीददारी करन का मन बनाया म हरान थी िक वहा चीज िकतनी स ती िमल रही थी िद ली क मतािबक एक ितहाई दाम पर चिडया गहन बग जत कत इ यािद िमल

िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया

प ठ 31 अकषय कराित य मािकर ट िद ली क लाजपत एव सरोिजनी नगर समान ह कम

दाम म अ छा समान िमला कोलकाता चमड़ क िलए भी मशहर ह एव परिसदध ी लदसर दकान भी इस बाज़ार म ि थत ह यहा खरीदारी का हमन खब ल फ़ उठाया

अगल िदन हम हि दया पोटर गए एव अनक जहाज़ दख 3-4 घट की दरी पर ि थत यह पोटर अनक एकड़ म फला हआ था पहली बार इतन बड़ जहाज़ को अदर स दख खब आनद आया तीसर िदन हम काली बाड़ी मिदर गए बगाली अ यत पाठ-पजा वाल दगार मा क स च उपासक ह यह सब जानत ह दगार पजा इनका लोकिपरय उ सव ह तथा काली मा एव दगार मा की स च मन स पजा करत ह कोलकाता क िनवासी भिक त भावपणर ह यह सना था अब खद दख भी िलया बगाली र म स पजा करन का य मौका अ यत आनदमयी था इसक अलावा काली बाड़ी क नज़दीक ही ि थत ह गौिरहाट बाज़ार यहा की दकान बगाली सािड़या कपड़ सट कत इ यािद क िलए परिसदध ह आिद धक तशवर नामक मशहर दकान म जाकर मरा भी मन िकया िक म भी खरीददारी क मर सािथय न बहत सािड़या खरीदी एव दाम दखकर म दग रह गई सदर स सदर साड़ी मातर 600700 पय की थी मन बगाल की मशहर लाल एव सफद िपरट की साड़ी भी खरीदी कोलकाता म खरीददारी का अलग की मज़ा ह उसी िदन शाम हम सा ट लक िसटी मॉल गए वह सा ट लक टिडयम क नज़दीक ह यहा िदखाई िदया कोलकाता का परगितशील प नौजवान फटबाल की जसीर पहन माल म घम रह थ एक स एक

मशहर बरड वहा मौजद थ इसक अलावा कोलकाता क िनवासी खब मनोरजन क शौक़ीन ह सगीत नाच गाना इ यादी म िच रखत ह कोलकाता म जगह-जगह सगीत कला अकडमी तथा पढ़न (रीिडग) क क लब ह अगरज क शौक तथा रहन-सहन की झलक आज भी यहा िदखती ह यहा क नौजवान को खल-कद म भी खब िदलच पी ह फटबाल का तो जस यहॉ सबको जनन ह

भारत क परिसदध मोहन बगान फटबाल क लब फटबाल क वहा क नौजवान ही नही परा शहर ही दीवाना ह भारत-पाक मच हो या आई पी एल इडन गाडरन मदान लोग स खचा-खच भरा रहता ह अफ़सोस म वहा अदर जा न सकी

इसक अलावा काली बाड़ी क नज़दीक ही ि थत ह गौिरहाट बाज़ार यहा की दकान बगाली सािडया कपड़ सट कत इ यािद क िलए परिसदध ह

प ठ 32 अकषय कराित

मर सफर क आखरी िदन म मन कोलकाता क लोग म एकता क नजार दख िविभ नता म भी एकता का उदाहरण दखा चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख िजस िदन हम कोलकाता पहच थ उसी िदन वहा शहर बद था और मन एक जट होकर लोग को अपनी बात कहत हए दखा एव सना यहा क लोग अपन शहर क िवकास बहतरी क िलए जाग क ह िज मदारी लत ह तथा सरकार को अपनी बात भली-भाित कहत ह लड़िकय औरत की इ ज़त करत ह एव यहा िक मिहलाओ को मन िनदरलीय पाया जहा एक ओर भारत की राजधानी होन क बावजद िद ली वाल अपनी िजदगी म मगन रहत ह वही दसरी और कोलकाता म अमीरी-गरीबी िभ न जाितय म भी एक जटता ह कपड़ा एव खाना आज भी यहा खब स ता िमलता ह पर त दसरी तरफ सब जानत ह िक बड़-बड़ उ योगपित िव वान लखक िखलाड़ी गायक अिभनता िनदशक यहा स उभर ह सािह य हो या लख बॉलीवड हो या िकरकट बगाल न भारत को अनक नाम एव गौरव िदए ह चाह सौरव दादा हो या रिव दर नाथ टगोर ममता बनजीर रानी मखजीर हो या योित बस भारत म इनकी भिमका का वणरन करन की ज रत नही

मन कछ िदन क कोलकाता क सफर म इस शहर को जानन समझन का परयास िकया हगली नदी क िकनार खड़ होकर समदर को दखा निदय को िनहारा िव यासागर सत िबरज की सदरता िवशालता को सराहा क सी दास की परिसदध िमठाई का ल फ उठाया मन बहत शहर घम पर त यह सफर मर िलए सबस यादगार रहा कोलकाता परगित क मागर पर िनरतर बढ़ रहा ह पर त आज भी वह अपनी जड़ नितक म य को नही भला ह एक आम आदमी आज भी टराम म या फरी स सफर करता ह यहा क िनवासी दो पय स लकर 500 ० का खाना खात ह पराना एव नया कोलकाता एक साथ जीिवत ह िसक क क दो पहल की तरह कोलकाता क यह दो प को एक साथ रहत दख बहत आनद आया

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 33 अकषय कराित

जल परकित का अनपम उपहार ह मानव जाित अपन परादभारवकाल स ही इस उपहार का उपयोग अपन िहत क िलए करती आई ह जल वह पराकितक उपहार ह िजसका कोई िवक प नही ह इसिलए जल को अमतया जीवन भी कहा गया ह जल क िबना जीवन की सभावना भी नही ह पर यकष प स तो जल की मानवीय आव यकता सीिमत ह परत परोकष आव यकताओ पर नजर डाल तो दिनक जीवन की आव यकताए जस अ न फल स जी दध स लकर हमार पहराव आवास तक सब जल स जड़ हजल का जरा भी सतलन िबगड़ जाए तो जीवन यापन क टपरद होन म दर नही परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह जल क सामा य त य जल या पानी एक आम रासायिनक पदाथर ह जो जीवन क सभी जञात प क जीिवत रहन क िलए ज री ह आमतौर पर जल अपनी दरव अव था म उपयोग म लाया जाता ह पर यह ठोस अव था बफर और गस अव था जल वा प या भाप प म भी पाया जाता ह प वी क लगभग तीन चौथाई िह स पर िव व क महासागर का अिधकार ह अनमानत प वी पर जल की कल मातरा लगभग 1400 िमिलयन घन िकलोमीटर ह जो िक प वी पर 3000 मीटर गहरी परत िबछा दन क िलए काफी ह तथािप जल की इस िवशाल मातरा म व छ जल का अनपात बहत कम ह प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह शष जल झील निदय वायम डल नमी मदा और वन पित म मौजद ह जल की जो मातरा उपभोग और अ य परयोग क िलए व ततः उपल ध ह वह निदय झील और भजल म उपल ध मातरा का छोटा-सा िह सा ह इसिलए जल ससाधन िवकास और परब ध की बाबत सकट इसिलए उ प न होता ह कय िक अिधकाश जल उपभोग क िलए उपल ध नही हो पाता

परभावी जल परबधन और दश का िवकास

दीपक आहजा ओएनजीसी िवदश

प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह

प ठ 34 अकषय कराित

और दसर इसका िवषमतापणर थािनक िवतरण इसकी एक अ य िविश टता ह फलतः जल का मह व वीकार िकया गया ह और इसक िकफायती परयोग तथा परब ध पर अिधक बल िदया गया ह प वी पर उपल ध जल जल-चकर क मा यम स चलायमान ह जल लगातार एक चकर म घमता रहता ह िजस जलचकर कहत ह इसम वा पीकरण वषार और बह कर सागर म पहचना शािमल ह हवा जल वा प को थल क ऊपर उसी दर स उड़ा ल जाती ह िजस गित स यह बहकर सागर म पहचाता ह जल चकर का िचतर नीच पर तत िकया गया ह

अिधकाश उपभोकताओ जस िक मन य पशओ अथवा पौध क िलए जल क सचलन की ज रत होती ह जल ससाधन की गितशील और नवीकरणीय परकित और इसक परयोग की बार बार ज रत को ि टगत रखत हए यह ज री ह िक जल ससाधन को उनकी परवाह दर क अनसार मापा जाए इस परकार जल ससाधन क दो पहल ह अिधकाश िवकासा मक ज रत क िलए परवाह क प म मािपत गितशील ससाधन अिधक परासिगक ह आरिकषत भ डार की ि थर अथवा िनयत परकित और साथ ही जल की मातरा तथा जल िनकाय क कषतर की ल बाई व म यपालन नौ सचालन आिद जस कछक िकरयाकलाप क िलए भी परासिगक ह

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 35 अकषय कराित

जल का यय अप यय जल क बार म एक नही कई च कान वाल त य ह िव व म और िवशष प स भारत म जल िकस परकार न ट होता ह इस िवषय म जो त य सामन आए ह उस पर जाग कता स यान दकर जल क अप यय को रोका जा सकता ह अनक त य ऐस ह जो हम आन वाल ख़तर स तो सावधान करत ही ह दसर स पररणा लन क िलए परो सािहत करत ह और पानी क मह व व इसक अनजान ोत की जानकारी भी दत ह प वी पर पदा होन वाली सभी वन पितया स भी हम पानी िमलता ह

आल और अनानास म 80 परितशत और टमाटर म 95 परितशत पानी ह पीन क िलए मानव को परितिदन 3 लीटर और पशओ को 50 लीटर पानी

चािहए भारत म 83 परितशत पानी खती और िसचाई क िलए उपयोग िकया जाता

ह इज़राइल म औसतन मातर 10 सटीमीटर वषार होती ह इस वषार स वह

इतना अनाज पदा कर लता ह िक वह उसका िनयारत कर सकता ह दसरी ओर भारत म औसतन 50 सटीमीटर स भी अिधक वषार होन क बावजद अनाज की कमी बनी रहती ह

िपछल 50 वष म जल क िलए 37 भीषण ह याकाड हए ह भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल

चलती ह पानी ज य रोग स िव व म हर वषर 22 लाख लोग की मौत हो जाती ह यिद बरश करत समय नल खला रह गया ह तो पाच िमनट म करीब 25

स 30 लीटर पानी बरबाद होता ह बाथ टब म नहात समय 300 स 500 लीटर पानी खचर होता ह जबिक

सामा य प स नहान म 100 स 150 लीटर पानी खचर होता ह िव व म परित 10 यिकतय म स 2 यिकतय को पीन का शदध पानी

नही िमल पाता ह परित वषर 6 अरब लीटर बोतल पक पानी मन य वारा पीन क िलए

परयकत िकया जाता ह मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 36 अकषय कराित

िद ली मबई और च नई जस महानगर म पाइप लाइन क वॉ व की खराबी क कारण रोज़ 14 स 44 परितशत पानी बकार बह जाता ह

निदया पानी का सबस बड़ा ोत ह जहा एक ओर निदय म बढ़त परदषण रोकन क िलए िवशषजञ उपाय खोज रह ह वही कल कारखान स बहत हए रसायन उ ह भारी मातरा म दिषत कर रह ह

भारत म जल सकट नासा की एक िरपोटर न पानी को लकर दश भर म बढ़ती जा रही लापरवाही क परित आख खोली ह इस िरपोटर म भारत म सख की ि थित पदा होन क िलए िज मवार कारण म स एक अहम कारण अधाधध जल दोहन को बताया गया ह बतात चल िक दश भर क 604 िजल म स 161 सख की मार झल रह ह वस अब बताया जा रहा ह िक सख की मार स बहाल िजल की सखया बढ़कर 246 हो गई ह यानी कहा जाए तो आधा दश सख की चपट म ह बहरहाल नासा की इस िरपोटर म बताया गया ह िक भारत क कई रा य कषमता स यादा जल दोहन कर रह ह यहा कषमता स ता पयर यह ह िक उनस िजतन सलाना जल दोहन की उ मीद कदर करती ह व उसस कही यादा जल दोहन कर रह ह नासा न यह अ ययन 2002 स 2008 क बीच

की ि थितय क आधार पर िकया ह इस िरपोटर म बताया गया ह िक पजाब हिरयाणा और राज थान हर साल औसतन 177 अरब कयिबक मीटर पानी जमीन क अदर स िनकाल रह ह जबिक कदर की तरफ स लगाए गए अनमान क मतािबक इ ह हर साल 132 अरब कयिबक मीटर पानी ही जमीन क अदर स िनकालना था इस तरह स दखा जाए तो य तीन रा य िमलकर कषमता स 30 फीसदी यादा पानी का दोहन कर रह ह जािहर ह िक िबना कछ सोच-िवचार जब इस पमान पर पराकितक ससाधन का दोहन िकया जाएगा तो परकित भी बदला लगी और वही हो रहा ह इस िरपोटर म यह भी बताया गया ह िक भारत का महज 58 फीसदी भजल ही हर साल िरचाजर हो पाता ह नासा की यह िरपोटर बताती ह िक अधाधध जल दोहन की वजह स पर उ तर पि चम भारत क भजल तर म हर साल 4 सटीमीटर यानी 16 इच की कमी आ रही ह इस अ ययन को अजाम दन म नासा क जल िवजञानी मट रोडल न अहम भिमका िनभाई ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 37 अकषय कराित

उनक हवाल स इस िरपोटर म बताया गया ह िक दश क उ तर पि चम कषतर म 2002 स 2008 क दौरान तकरीबन 109 कयिबक िकलोमीटर पानी की कमी हई ह यह मातरा िकतनी अिधक ह इसका अदाजा इसी स लगाया जा सकता ह िक यह अमिरका क सबस बड़ जलाशय लक मीड की कषमता स दगन स भी कही यादा ह अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह इस िरपोटर क मतािबक अगर अधाधध जल दोहन इसी तरह स जारी रहा तो आन वाल समय म भारत को अनाज और पानी क सकट को झलन क िलए अभी स तयार हो जाना चािहए जािहर ह िक जब जल सकट बढ़गा तो खती पर इसका गहरा परभाव पड़गा अनाज क उ पादन म कमी आएगी इस वजह स अनाज सकट पदा होगा और भख का एक नया चहरा उभरकर सामन आएगा एक बड़ा तबका जो आज भरपट भोजन कर पाता ह उसक िलए पट भर खाना िमलना मि कल हो जाएगा भखमरी की जो सम या पदा होगी उसस िफर िनपटना आसान नही होगा इसक अलावा पीन क पानी का टोटा तो होगा ही अभी ही दश क कई िह स ऐस ह जहा क लोग को पीन क िलए साफ पानी नही िमल पा रहा ह कई कषतर ऐस ह जहा गमीर क िदन म हडपप स पानी आना बद हो जाता ह वहा क लोग को हर साल बोिरग को कछ फट बढ़वाना होता ह यह सम या भजल तर क िगरत जान की वजह स ही पदा हई ह जब पीन क पानी का सकट पदा होगा तो बोतलबद पानी का कारोबार काफी तजी स बढ़गा कहन का मतलब यह िक िजसक पास पसा होगा वह अपनी यास बझा सकगा और िजसक पास पसा नही होगा उस अपनी यास बझान क िलए भी सघषर करना पड़गा ि थित की भयावहता की क पना ही िसहरन पदा करती ह भारत म दिनया का हर छठा आदमी रहता ह यानी कहा जाए तो दिनया क कल आबादी क तकरीबन सतरह फीसदी लोग भारत म रहत ह जबिक दिनया का महज साढ़ चार फीसदी पानी ही भारत म उपल ध ह ऐस म जल सम या स दो-चार होना कोई आनापिकषत बात नही ह एक बात तो तय ह िक पराकितक ससाधन म इजाफा तो नही िकया जा सकता ह लिकन इसका सरकषण अव य िकया जा सकता ह

अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह

प ठ 38 अकषय कराित

भारत म लोग िकसी एक मा यम स पयजल परा त करन पर िनभरर नही ह इस दश म 357 फीसदी लोग हडपप स 367 फीसदी लोग नल स 182 फीसदी लोग तालाब पोखर या झील स 56 फीसदी कओ स 12 फीसदी लोग पारपिरक साधन स और 26 फीसदी लोग अ य मा यम स पीन का पानी परा त करत ह इस िलहाज स अगर दखा जाए तो जल सकट को दर करन क िलए समगर कायरयोजना की ज रत ह

दरअसल भारत म गहरात जल सकट क िलए काफी हद तक पानी की बबारदी भी िज मवार ह यहा जल आपित र की यव था म काफी खािमया ह नल क जिरए घर तक पहचन वाल पानी का एक बड़ा िह सा िरस कर बबारद हो जाता ह हर शहर म फट हए आपित र पाइप आसानी स दख जा सकत ह इस बदहाल यव था क िलए सरकार क साथ-साथ सामा य लोग भी कम िज मदार नही ह एक तरफ तो सरकार पयजल क नाम पर हर साल हजार करोड़ पए का बजट बनाती ह और दसरी तरफ जमीनी तर पर हालात म कोई बदलाव नही िदखता ह सामािजक तौर पर भी जल सरकषण को लकर जाग कता का अभाव िदखता ह यह सामािजक तान-बान का ही असर ह िक लोग कही भी जल की बबारदी को दखकर उस सामा य घटना मानत हए नजरअदाज कर दत ह दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था यह अब घटकर 1800 कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर हो चका ह

दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था

प ठ 39 अकषय कराित

िवशषजञ का अनमान ह िक अगर पानी की खपत और बबारदी इसी तरह स जारी रही तो 2025 तक यह घटकर हजार कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर ही रह जाएगा उस समय तक पानी की उपल धता म आन वाली इस कमी की वजह स किष उ पादन म तीस फीसदी की कमी आन की सभावना ह इन पिरि थितय म दश की आिथरक और सामािजक ि थित का कया होगा इसका अदाजा सहज ही लगाया जा सकता ह भारत म जल सरकषण क परित आज भी आम लोग क मन म उपकषा का भाव बना हआ ह साथ ही इस कायर क िलए आव यक तकनीक की भी कमी ह जो तकनीक उपल ध ह उनस सामा य लोग अनजान ह बािरश क पानी का सगरह करक उस उपयोग म लाना एक अ छा िवक प ह पर इस तरह की कोिशश काफी सीिमत मातरा म काफी छोट तर पर हो रही ह यही वजह ह िक दश म होन वाली बािरश क पानी का अ सी फीसदी िह सा आज भी समदर म पहच जाता ह अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह अगर जल की इस िवशाल मातरा का आधा भी परयोग कर िलया जाए तो ि थित म यापक बदलाव आना तय ह शहरी कषतर म तो पानी की कालाबाजारी जोर पर ह जगह-जगह पर जल मािफया सिकरय हो गए ह िद ली क ही एक अखबार न कछ समय पहल यह बात उजागर िकया था यहा तो समानातर जल बोडर भी चलाया जा रहा ह हरानी की बात तो यह ह िक इसक बावजद भी पानी क काल धध पर अकश नही लगाया जा सका ह अहम सवाल यह ह िक कस सामा य तबक क लोग तक व छ पानी पहचाया जाए शहरी कषतर क साथ-साथ गरामीण कषतर म भी यह एक बड़ी चनौती ह आबादी म अपर यािशत विदध बढ़त शहरीकरण औ योिगकीकरण और किष उ पाद की बढ़ती माग क कारण पानी की माग िपछल कछ साल म वाभािवक प स बढ़ी ह इसक पिरणाम व प भजल ससाधन का अ यिधक दोहन हआ ह और इसका नतीजा हआ िक लगातार भजल का तर घटता जा रहा ह शहरी कषतर म ि थित बहद भयावह ह तदनसार वहा न कवल शीघराितशीघर जल ससाधन क सरकषण की ज रत ह बि क परभावी रणनीित और परबधन क जिरए त काल कदम उठान की ज रत ह

अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह

प ठ 40 अकषय कराित

खासकर इस बात को यान म ऱखकर िक िविभ न परितयोगी कषतर म कभी भी माग बढ़ सकती ह भिव य म उपयोग क िलए छत पर या सतह पर जलगरहण बनाकर वषारजल सरकषण बहद ज री ह यह पानी की बढ़ती ज रत का खयाल रखन िमटटी की नमी तर को बढ़ान शहरी हिरयाली को बढ़ान भजल तर को कितरम प स पनभररण करन और भजल की गणव ता स सधार का काम करता ह भारत म जल परबधन स दश का िवकास भारत म दिनया की 16 परितशत आबादी रहती ह लिकन दिनया क िसफर 4 परितशत जल ससाधन ही भारत क पास ह 3290000 वगर िकलोमीटर क भिम कषतर और एक अरब स यादा की आबादी क साथ भारत क एक बहलवादी िविवधता का िचतर ह िवशाल पराकितक ससाधन क साथ सप न तकनीकी और वजञािनक किमरय का भी यह दिनया म दसरा सबस बड़ा सम चय ह भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह मानव िवकास म 80 क दशक म लगभग 26 परितशत और 90 क दशक क दौरान और 24 परितशत क वारा सधार हआ ह आजादी क बाद छह दशक म भारत न जल ससाधन का अभतपवर िवकास और खा या न म आ मिनभररता शहरी कषतर ऊजार और औ योिगक कषतर और पीन का पानी क बिनयादी ढाच म तजी स िव तार दखा ह िजसका उपयोग भारत की लगभग 85 परितशत शहरी और गरामीण आबादी क वारा िकया जाता ह भारत म रा य सरकार और भारत सरकार क परितबदध और ठोस परयास की वजह स गरामीण और शहरी आबादी को सरिकषत पयजल को उपल ध करवान म काफी सफलता हािसल की ह इस उपलि ध न भजल की कमी जल जमावजल गणव ता िगरावट जल परदषण और बढ़त लवणता तर स बड़ कषतर को परभािवत िकया ह और अभी भी िविभ न रा य म गरामीण और शहरी भारत क मानव िवकास सचकाक (HDI)rsquo म बहत असमानता मौजद ह पानी क िलए कषतरीय माग तजी स बढ़ रह शहरीकरण की गित स बढ़ रही ह (अनमानत 2025 तक दश की आबादी का 50 परितशत स अिधक शहर म रहग) जनसखया विदध बढ़ती आय और औ योिगक िवकासशहरी भारत तजी स िवकास की माग क कदर क प म उभर रहा ह

भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह

प ठ 41 अकषय कराित

नतीजतन परित यिकत पानी की उपल धता िगर रही ह परधानमतरी की अ यकषता म 12वी योजना क िलए हई योजना आयोग की पणर बठक म दसर म क साथ जल परबधन पर िवशष चचार हई बठक क बाद योजना आयोग क उपा यकष म टक िसह अहलवािलया न कहा िक भ-जल कानन स लकर दसर म की यापक समीकषा ज री ह व यनाथन सिमित जहा वतरमान म भ-जल कानन की साथरकता का अ ययन करगी वही भारतीय अतिरकष अनसधान सगठन [इसरो] की मदद स पानी की उपल धता का िव तत अ ययन होगा म टक न कहा िक उसी आधार पर रणनीित तय होगी सरकार यह यान रखगी िक पानी का अिधकतम उपयोग हो सक और सभी को उपल ध हो पानी पर िकसी का एकािधकार न हो सक बतात ह िक द पयोग को रोकन क िलए श क लगान पर भी िवचार िकया जा सकता ह हालािक इसस पहल रा य सरकार स चचार होगी यह तय ह िक एआइबीपी कायरकरम म यापक बदलाव ह ग ी म टक िसह अहलवािलया न कहा िक वतरमान म इस कायरकरम का सही िकरया वयन नही हो रहा ह िलहाजा उसम पिरवतरन ज री ह सभव ह िक हर रा य म जल िनयामक परािधकरण बनान की शतर भी लगाई जाए उ ह न कहा िक जल परबधन की यापक समीकषा कर नई रणनीित तय की जाएगी कल िमलाकर रा टरीय तर पर वतरमान जल ससाधन का अिधक स अिधक करन क िलए माग को परा करन क िलए पयार त ह लिकन भिव य क अ ययन पिरयोजना ह िक जल आपित र की ि थित अगल आध सदी म अिधक किठन हो सकती ह जल सकट स िनपटन को जल सरकषण परबधन अिनवायर परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह बढ़त वि वक तापमान क फल व प अितवि ट अनावि ट अ पवि ट और असामियक वि ट हम परितवषर दख रह ह िजसका परभाव हमार जल ससाधन पर पड़ता िदखाई द रहा ह कओ व बाविडय का िमटता अि त व नदी-नाल का घटता पानी भ-गभर जल का िगरता तर िचता की पिरिध स िनकलकर खतर की घटी बनता जा रहा ह

निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह

प ठ 42 अकषय कराित

िव व भर म सीमट क अधाधध परयोग न धरातल क सहज अवशोषण कषतर को घटाया ह तथा जल बहाव भिम कटाव व बाढ़ म विदध की ह ऐसी ि थित म जल सरकषण का दािय व मातर वजञािनक व सरकार तक सीिमत न रहकर पर यक उपभोकता क कध पर आ जाता ह इसी दािय व क िनवरहन क िलए हमार पास दो िवक प सामन आत ह 1 वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई

उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

2 पािरवािरक तर पर वषार जल को सगरिहत कर उसका उपयोग कर य दोन ही परयास गरामीण कषतर म तो सरलता स अपनाए जा सकत ह परत शहरी कषतर म व ट वाटर मनजमट की बड़ी पिरयोजनाए बनाकर ही पानी को िरसाइिकल िकया जा सकता ह भ-गभर अिधकािधक जल अवशोिषत होकर

जाए इसक िलए मदानी भाग म िनयोिजत ढग स बड़-बड़ पोखर बनाकर तथा पहाड़ी कषतर म नाल -ख ड म िमटटी प थर आरसीसी क बड़-छोट डम लगाकर जल बहाव रोक भ-सरकषण बचाव व जल भडारण और धरातल जल शोषण कषतर बढ़ाया जा सकता ह िव व बक भारत सरकार वारा म य िहमालय जलागम पिरयोजना रा य क भ-सरकषण िवभाग इस कषतर म कारगर उपाय लकर

हमार सामन ह परत जनसहयोग क िबना इन पिरयोजनाओ क आशातीत पिरणाम ल पाना किठन ह वकषारोपण इस सपणर जल चकर को बल दन वाला कारक ह जल क परित चतना जागत न हई तो अव य ही अगल िव व यदध का कारण जल ही होगा

जल भोजन ह और अिगन भोजन का भकषक ह अिगन जल म और जल अिगन म िव यमान ह

- ततरीय उपिनषद 38

वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

प ठ 43 अकषय कराित

म भी गान गा सकता ह शबनम क िखलत फल क म भी गीत सना सकता ह सावन क म त झल क लिकन जब घर-घर म बादल छाय घोर िनराशा क तब म नगम गा रहा ह उ मीद की आशा क

सड़क पर खड़ बचपन की य बात सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह

हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

इस बदलत पिरवश का राग सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

गाधी जी क सपन का जो राम-रा य कहलाता ह उस भारत म सड़क पर छोट चाय पहचाता ह

कहा गई वो अ हड़ म ती कहा गया वो यार का रा ता उन हाथ स बचत झड िजन हाथ को चािहए ब ता

उस सोन की िचिड़या की म बात बतान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

कही बम की गमर हवाए कही ससद म कोहराम ह कही होत घोटाल स परशान आदमी आम ह

कही कल की िकलकारी ह कही सड़क पर बचपन ह कही चलता नही गजारा कही िवदश म काला धन ह

म स चाई गा-गाकर सबको बतलान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

बदलता भारत मनीष लाल इरडा

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

प ठ 44 अकषय कराित

करन वाल काम बहत ह यथर उलझन को छोड़ो म ला-पिड़त तोड़ रह ह तम बस lsquoअपन को जोड़ो

lsquoहम बदलग-यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का lsquoवद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का

वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हम बदलग mdash यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का वद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

प ठ 45 अकषय कराित

िसफर काला और सफ़द य ही वो दो रग थ जो तर पास सि ट बनान क आधार थ

काला वो जो कािलमा िलय ह िजस कहत ह दख िनराशा म य अपयश और वो सबकछ जो नकारा मक ह

मगर सफद ह वो रग िजसस जड़ा ह जीवन आशा सख और कीितर और वो सब कछ जो सकारा मक ह पर इन रग स तझ चन ना िमला त सोचन लगा अगर सि ट बनानी ह

तो िकस िलए- ससगर और परम क िलए और

इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग

ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह

बस- बना डाला तन इ दरधनष

जो बरसात क बाद सरज और प वी क अनपम परम को रग दता ह सतरगी रग स

और उ ही सतरगी इ दरधनषी रग म हम हर पल हर कषण डबत गहरात इतरात रहत ह

और खिशय भर ससार म हर रग को अलग-अलग तरह स महसस करक जीत रहत ह

रग तो रग ह मगर-

ससगर और परम क िलए और इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह बस-

सतरगी िचतर सगीता ीवा तव इरडा

प ठ 46 अकषय कराित

कभी पक क कभी फीक़ तो कछ कभी दाग बनकर उभर आत ह

कछ आख म नील बादल स छाए रहत ह तो कछ गाल पर गलाबी रग बनकर छलक जात ह

याद रहत ह अक सर वो रग- जो खदी पर इस तरह छा जात ह िक खद म घलकर खद क होन

का एहसास दत-दत खद का एक रग बन जात ह

बगनी आसामनी नीला हरा पीला नारगी लाल इ दरधनष क य सात रग ही जोड़त ह हमार िदल को

हमार मन को जोड़न वाल इन रग की सतरगी दिनया म-

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा बनाय

और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क

सतरगी िचतर

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा

बनाय और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क सतरगी िचतर

प ठ 12

नही सीखा अब भी अगर परकित म सब जाएगा बदल जी ना पायगा िफर त इस परकित म िमट जाएगा अश तरा इस परकित स हिरत परकित और य हिरत ऊजार ह य इस धरा क जीवन दायक सीख परकित स लना दना

िसखा रह य जीवन का मल मतर परकित का आहार परकित मत द आहार आपराकितक सतलन िबगड़ गया अगर हो जायगी िवनाश िजदगी

अब सभल जरा और कर ल परण करक हिरत ऊजार को ही खचर बना धारा को शोिभत हरदम

िफर रहगा परकित और िजदगी का य खबसरत सग

हिरत परकित और य हिरत ऊजार ह य इस धारा क जीवन दायक सीख परकित स लना दना िसखा रह य जीवन का मल मतर

अकषय कराित

प ठ 13

अकषय कराित

कमरचािरय की आदत उनक यिक त व और िन पादन कषमता का पार पिरक सबध - एक िव लषण

हम िजस िकसी सगठन म काम करत ह उसक परित हमारा ल य होना चािहए सबिधत स थान क िलए अपनी सपणर कषमताओ का इ तमाल कषमताओ का बहतर परयोग तभी हो सकता ह जब हम अपन अदर अ छी आदत का िवकास कर हमार शा तर वद उपिनष और अ य धािमरक गरथ हम अ छी आदत क िवकास क सबध म बीज मतर बतात ह िक हम मनसा वाचा और कमरणा शदध रहना चािहए मनसा वाचा और कमरणा शदधता स ता पयर ह िक हम मन वाणी और कम स अ छ बन रह हमारी नीयत नक हो हम अपन सहकिमरय सािथय और अ य लोग क साथ अ छा बरताव कर और हमार कमर अ छ ह इस बीज मतर पर चलन वाला हमशा अपन अदर अ छी आदत का िवकास होता पायगा

असल म िदककत यही ह िक हम उपदश दन म तो आग रहत ह लिकन खद क अदर नही झाकत या कम ही झाकत ह - lsquoपर उपदश कशल बहतरrsquo सपरिसदध लखक सरदार परन िसह न एक बार कहा था आचरण की स यतामय भाषा सदा मौन रहती ह अथारत आदमी खद चप रहकर खद को ठीक रख तो इसका परभाव खद-ब-खद दसर पर पड़ता ह इसको हम एक छोट स उदाहरण स प ट कर सकत ह िक मान िलया जाए हम ब च स कह धमरपान नही करत लिकन उसक सामन खद ऐसा कर इसस इतर हम अगर यह सब करत ही नही ह तो इसका यादा असर ब च पर पड़गा अ छी आदत घर स श होकर समाज द तर और उसस आग तक हम हमशा हमारा फायदा िदलाती ह

कहा जाता ह िक व थ तन म ही व थ मन िनवास करता ह इसी तरह यह भी कहा जाता ह िक व थ वातावरण ही उ नित का योतक होता ह व थ वातावरण तभी बनगा जब उस माहौल म रहन वाल लोग

हीरा व लभ नराकास

असल म िदककत यही ह िक हम उपदश दन म तो आग रहत ह लिकन खद क अदर नही झाकत या कम ही झाकत ह - lsquoपर उपदश कशल बहतरrsquo

प ठ 14

अकषय कराित एक दसर का स मान करग खद की आदत को सधारग और उस स था की तरककी क िलए अपन तर पर हर वह काररवाई करग जो औ योिगक सगठन और लोग की उ नित म ज री होती ह

औ योिगक सगठन िकसी भी दश की अथर यव था को मजबत आधार परदान करत ह औ योिगक सगठन म परयोग होन वाल सम त ससाधन म मानव ससाधन अथारत उसम काम करन वाल कमरचारी मह वपणर और िनणारयक होत ह इन सगठन का सफल सचालन वहा कायररत कमरचािरय की कशलता और कायरकषमता पर आधािरत होता ह कशलता और कायरकषमता का ोत हमारा आचरण और यवहार होता ह जािहर ह औ योिगक सगठन म मानवीय सबध परी एक ऐसी िकताब ह िजसक िबना कभी कछ नही कराया जा सकता लोग क साथ सतोषजनक प स काम करना परबधन क काम का िसफर एक िह सा नही ह वरन सारा

काम इसी पर िटका ह कय िक सभी उ योग म मशीन माल या दसरी चीज़ क साथ कोई भी काम लोग क मा यम स ही िकया जा सकता ह तीन lsquoएमrsquo अथारत मनी मटीिरयल और मशीन औ योिगक सगठन क िलए मह वपणर ससाधन होत ह लिकन इ ह पिरणाम तक पहचान का कायर कमरचारी (man) ही करत ह जो सगठन दर अदशी रहकर कमरचािरय क जञान उनकी िविश टताओ उनक आचरण को अनकल साच म ढालन क परित सजग रहत ह वही सफलता की ऊचाइय को छत ह अगरजी म एक परानी कहावत ह -- Where the vision is one year Cultivate flowers Where the vision is ten years Cultivate trees Where the vision is eternity Cultivate people अथारत जहा दरअदशी एक साल क िलए हो तो फल लगाइय जहा दरअदशी दस साल क िलए हो तो पड़ लगाइय

औ योिगक सगठन म परयोग होन वाल सम त ससाधन म मानव ससाधन अथारत उसम काम करन वाल कमरचारी मह वपणर और िनणारयक होत ह

प ठ 15

अकषय कराित जहा दरअदशी अनत काल क िलए हो तो लोग का िवकास कीिजए औ योिगक सगठन म 500 आदमी ह 5000 आदमी ह 50000 ह या इसस अिधक अगर कामकाज ठीक स चलाना ह तो बहत ज री ह परबधन उनस िनभाना जानता हो यिकतगत सपकर का मह व

वातानकिलत कमर म बठकर और सचार मा यम या िकसी अ य तरीक स कमरचािरय की िरपोटर लना और आस पास होन वाल घटनाकरम को जानना अलग बात ह और कायर थल पर वय उपि थत रहकर ि थित को समझना और िनदश दना अलग बात महान जनरल रोमल की सफलता का मखय कारण यह था िक व हमशा कायर थल पर वय उपि थत होकर िनदश दत बात की पि ट करत सम याए सलझात और दखत िक काम कसा चल रहा ह रोमल का यह तरीका इतना सफल रहा िक िकसी भी औ योिगक सगठन या कारोबार म इस अपनाया जाए तो आशातीत पिरणाम सामन आ सकत ह लोग क बीच खद उपि थत होकर काम करन का कोई िवक प नही ह लोग अिधकाशतः उनको नापसद करत ह िज ह व ठीक स जानत नही ह पर एक बार जान पहचान हो जान पर हालात बदल जात ह कमरचािरय म अ छी आदत का िवकास करन की पहली शतर ह िक पहल उनक िदल म घर िकया जाए ऐस िकसी भी बरताव स बचा जाए िजसस वह अपन को उपिकषत महसस करन लग अतः सवदनशीलता का यान रखना बहत ज री ह

कमरचािरय क परित सवदनशील यवहार-कौशल और धयरपणर होन क अितिरकत इस बात पर ढ़ रहना ज री ह िक काम ठीक परकार स हो अ छ यवहार क साथ कमरचािरय को यह जताना भी ज री ह िक उनस काम का उ च तर अपिकषत ह और उस पर उनक साथ कोई समझौता नही और अगर इस पर अमल नही करत तो उ ह पता होना चािहए िक आप कड़ी काररवाई करग

सकारा मक नजिरया परबधन का एकमातर काम िनदश दना नही ह वरन उस साथ-साथ लोग का िवकास करना होता ह

महान जनरल रोमल की सफलता का मखय कारण यह था िक व हमशा कायर थल पर वय उपि थत होकर िनदश दत बात की पि ट करत सम याए सलझात और दखत िक काम कसा चल रहा ह

प ठ 16

अकषय कराित एक अिधकारी का मखय काम यही ह िक वह अपन साथ काम करन वाल लोग म अ छी आदत का िवकास कर उनकी सहायता कर यिद यह काम परभावशाली ढग स कर पाता ह तो इसस कवल उसक अपन काम ही बहतर नही ह ग बि क उसक पास परिशिकषत और कशल कमरचािरय का परा दल होगा जो उसक परित परी िन ठा स काम करगा इसक िलए सबस पहल कमरचािरय का नजिरया ठीक करना ज री ह उनम सबस पहल यह भावना लानी होगी िक हमार अदर जो चीज ह वही हम ऊपर की ओर ल जाती ह और वह हमारा नजिरया ह

एक आदमी मल म ग बार बचकर अपनी गज़र-बसर करता था उसक पास लाल नील पील हर-चार रग क ग बार थ जब कभी उसकी िबकरी कम होन लगती तब वह हीिलयम गस स भरा एक ग बारा हवा म छोड़ दता ब च उस उड़ता दखकर वसा ही उड़न वाला ग बारा पान क िलए मचल उठत ब च उसस ग बारा ख़रीदत और इस तरह उसकी िबकरी िफर स बढ़ जाती िदन-भर यही िसलिसला चलता रहता एक िदन वह आदमी बाज़ार म खड़ा ग बार बच रहा था अचानक उस महसस हआ िक पीछ स कोई उसका करता पकड़कर खीच रहा ह उसन पीछ मड़कर दखा तो एक छोट स ब च को खड़ा पाया उस ब च न ग बार वाल स पछा ldquoअगर आप काला ग बारा छोड़ग तो कया वह भी उड़गाrdquo ब च की बात उसक िदल म लगी और उसन यार स जवाब िदया ldquoबट ग बारा अपन रग की वजह स नही उड़ता बि क उसक अदर कया ह इस वजह स ही वह ऊपर जाता ह rdquo ठीक यही बात हमारी िज़दगी म भी लाग होती ह अगर लोग का नजिरया बहतर हो उनम अदर स काम करन की इ छा भरी हो तो व खलकर आपस म िमलकर काम करग इसस नकसान तो कम होगा ही स थान क परित िन ठा बढ़गी और लगन स काम करन का वातावरण तयार होगा िव वास हािसल करना आव यक

कमरचािरय स बहतरीन काम लन क िलए शानदार टीम लीडर होना ज री ह मटठीभर लोग का कोई समह िकला तभी फतह कर सकता ह जब

एक आदमी मल म ग बार बचकर अपनी गज़र-बसर करता था उसक पास लाल नील पील हर-चार रग क ग बार थ

प ठ 17

अकषय कराित जब उनका सनापित उनम वह जोश भर सक िक उ ह कोई भी ऊचाई यादा न लग अतः सबस ज री ह िक स थान म कमरचािरय की

कषमताओ का परा फायदा लन क िलए उनका िव वास जीता जाए इसक िलए उनक साथ परी इ जत स पश आना ज री ह उनकी छोटी-बड़ी खशी को बाटना और उनकी राय को परा स मान दना भी उतना ही ज री ह कई बार परबधन क उ चािधकारी या लीडर अपनी टीम क सद य स िसफर इसिलए राय नही लत कय िक उ ह लगता ह िक एक बार राय लन पर अगर उनकी बात नही मानी गयी तो उ ह बरा लगगा लिकन सबस ज री ह िक टीम म सभी सद य को िव वास म लकर काम िकया जाए यहा टीम लीडर की भिमका मह वपणर होती ह वह खद वकत का पाबद होगा तो उसक मातहत कमरचािरय म वयमव यह गण आदत का प ल लगी टीम लीडर का काम अपनी टीम का उ साह बढ़ात हए दी गयी िज मदािरय को समय स परा करना ह मगर उसम नयी चीज़ को सीखन की ललक होनी चािहए ऐसी ललक जब स थान क कमरचािरय म आदत का प लन लगती ह तो वह स थान जािहर ह नए परितमान थािपत करन लगता ह जापानी कपिनया हर बात म कमरचािरय क िहत का यान रखती ह िजसस व वय ही उ पादकता क परित सचत हो जात ह जानी-मानी टोयोटा कपनी क कमरचािरय म तो काम की ऐसी आदत सी या ललक होती ह िक व तब तक काम करत ह जब तक खद थक कर चर नही हो जात यह उनकी आदत ही बन चकी ह िक यिद व िकसी बात पर नाराज होत ह तब भी कपनी या अपन भागय को भल ही कोस ल पर अपन काम पर असर नही पड़न दत इसका कारण यह ह िक जापानी कपिनया काम का एक अ छा वातावरण बनान और लोग म काम क परित स ची लगन को बढ़ावा दन क िलए कड़ा परयास करती ह वहा लोग को लगातार परिशकषण िमलता रहता ह जो कवल तकनीक और मनजमट ही नही कायर स जड़ी नितकता और अ छी आदत क िवकास पर किदरत होता ह चिरतर का िनमारण उनकी एक आदत सी बन जाती ह अगर हम भी एक अ छी शिखसयत बनना ह तो हम अपनी आदत को गहराई स जाचना होगा

ऐसी ललक जब स थान क कमरचािरय म आदत का प लन लगती ह तो वह स थान जािहर ह नए परितमान थािपत करन लगता ह जापानी कपिनया हर बात म कमरचािरय क िहत का यान रखती ह

प ठ 18

अकषय कराित चतन और अवचतन मन

हमार चतन मन क पास सोचन की शिकत होती ह यह िकसी बात को मान सकता ह और नही भी मान सकता मगर अवचतन मन िसफर वीकार करता ह यह इनपट (input) को लकर कोई भदभाव नही करता अगर हम अपन मन म डर शका नफरत क भाव भर तो यह आ म सझाव इन सभी भाव को सिकरय बनाकर हकीकत म बदल दगा हमारा अवचतन मन एक डाटा बक की तरह ह अवचतन मन एक गाड़ी की तरह ह और चतन मन एक डराइवर की तरह शिकत तो गाड़ी म होती ह मगर उसका कटरोल डराइवर क पास होता ह

हम अवचतन मन को इस तरह ढालन की ज रत ह िक वह हम सही और ठीक रा त पर ल जा सक अवचतन मन एक बगीच की तरह होता ह िजस कोई परवाह नही होती िक आप कस पौध लगात ह यह िनरपकष (neutral) होता ह इसम अ छा बोन पर अ छा िमलता ह अ यथा जगली पौध उग जायग

बि क अ छ बीज बोन क बावजद जगली पौध उगन बद नही होत आव यकता होती ह उ ह उखाड़ फकन का िसलिसला जारी रखन की इसी िसदधात को कमरचािरय क मामल म समझन की ज रत ह हम याद रखना ह िक सही और गलत िवचार मन म एक साथ नही रह सकत आव यकता उनक अवचतन मन को इस तरह ढालन की ह िक उनम अ छी आदत का िवकास हो दरअसल अवचतन योगयता वह होती ह जब हम यान दन और सोचन की यादा ज रत नही होती कय िक यह हमार यवहार म खद ब खद उतरन लगा ह िजस स थान क कमरचारी इस तर पर पहच जात ह उनम अ छी आदत वयमव घर करन लगती ह जब बरी आदत हमार अवचतन योगयता क तर तक पहच जाती ह तो वह कावट उ प न करती ह

पिरवतरन का िवरोध बरी आदत को पहचान लन क बाद भी अकसर दखा गया ह िक

लोग उ ह बदलत नही ह ऐसा आिखर कय होता ह उनक न बदलन का कारण ह िक व िज मदारी को वीकार करन स इनकार करत ह

हम अवचतन मन को इस तरह ढालन की ज रत ह िक वह हम सही और ठीक रा त पर ल जा सक अवचतन मन एक बगीच की तरह होता ह िजस कोई परवाह नही होती िक आप कस पौध लगात ह

प ठ 19

अकषय कराित अपनी उन आदत को बनाय रखन म उ ह जो आनद िमलता ह वह पिरवतरन क ददर स यादा होता ह इसक िन निलिखत कारण हो सकत ह -- 1 पिरवतरन की इ छाशिकत का अभाव 2 पिरवतरन क िलए आव यक अनशासन की कमी 3 िव वास की कमी 4 आव यक जानकारी की कमी परबधन वारा इन िबदओ पर िवचार कर अपन किमरय म आशातीत पिरवतरन लाया जा सकता ह सामा यतः खराब आदत को न बदलन क बहान िदय जात ह और कहा जाता ह -- हम लोग इसी तरह करत ह या िक म नही समझता इसस कोई फकर पड़गा और कछ न िमला तो कह िदया जाता ह म बहत य त ह अ छी आदत का िन पण

आदत म पिरवतरन लाया जा सकता ह आव यकता ह इसक िलए सही पिरवश का िनमारण करन की कमरचािरय को परिशिकषत करन की परिरत करन की और ऐसी ि थितया उ प न करन की िजसस कमरचािरय म अ छी आदत का िन पण हो सक दरअसल सफल लोग का राज यह ह िक व काम करन की उन आदत को डाल लत ह जो असफल लोग करना नही चाहत य वही काम ह िज ह सफल लोग भी करना

नही चाहत लिकन व िफर भी करत ह उदाहरण क िलए असफल लोग अनशासन और महनत करना पसद नही करत सफल लोग भी अनशासन और कड़ी महनत नापसद करत ह लिकन व िफर भी ऐसा करत ह कय िक य लोग उन काम को करन की आदत डाल लत ह िज ह असफल लोग नही कर पात नजिरय और सोच का तरीका एक आदत ह और इस बदला जा सकता ह सही ि ट और सतलन कमरचािरय म काम क सबध म सही ि ट बनाय रखन की परवि त िवकिसत करना ज री ह जब कछ गलत हो रहा होता ह तो उस ठीक करना परबधन का ही काम होता ह समझा यह जाता ह िक परायः हम गलत हो रह काम को लकर इतन िचितत हो जात ह िक जो सही हो रहा ह उस भी अनदखा करन की हमम आदत होती ह

दरअसल सफल लोग का राज यह ह िक व काम करन की उन आदत को डाल लत ह जो असफल लोग करना नही चाहत

प ठ 20

अकषय कराित उदाहरण क िलए अगर िकसी स कोई गलती हो जाती ह तो हम एकदम उस पर िच ला पड़त ह या उसक िव दध काररवाई कर बठतहअ छा यह रहगा िक आप उस अलग ल जाकर अकल म बात कर अगर परशसा करनी हो तो सबक सामन कर

अगर िकसी स सहमित न बन तो उस पर करोध करना ज री नही ह अगर अपन करोध पर काब रखग तो लोग अपनी असहमित को अ यथा नही लग अगर आप अपन िवचार को खला रखग तो दसरी ओर स भी आप ऐस ही यवहार की अपकषा कर सकत ह परायः लोग अपनी सहमित कछ इस तरह जतात ह िक सामन वाला भी अपनी बात पर अड़ जाता ह समझन की बात यह ह िक सभी ि थितय म कवल तकर ही काफी नही होगा िकसी स असहमत होन म भी यवहार कशल होना ज री ह सबस पहल तो दसर को अपना पकष रखन का मौका द उसकी बात सन और जहा तक हो सक उसस अपनी सहमित भी परकट कर और िजन बात पर सहमित न बना सक उस समझाए

हमम स अिधकाश लोग उन किमरय और उनकी गलितय पर अ यिधक यान दत ह िजनक िलए हम काम करत ह पर अपन किमरय पर नज़र डालना भल जात ह अगर वय को उन लोग की नजर स दखा जाए तो आशातीत पिरणाम दखन को िमलत ह

आ म मथन आप कया करना चाहत ह कसा करना चाहत ह - इस सोच को

वतरमान म अपन अदर मथन करन को आ म-सझाव कहत ह एक बार सब म जब इसकी पिरपाटी श हो जाती ह तो यह हमार अदर िवजञापन की तरह काम करता ह अपन बार म अपन िलए अदर ही परचािरत करता ह इसका हमार चतन और अवचतन (Sub-concious) मन दोन पर परभाव पड़ता ह अततः यह हमार नजिरए और यवहार को परभािवत करता ह और धीर-धीर आदत का प लता ह यह दरअसल अपन अवचतन मन को ढ़ालन या परोगराम करन की िविध ह

हमम स अिधकाश लोग उन किमरय और उनकी गलितय पर अ यिधक यान दत ह िजनक िलए हम काम करत ह पर अपन किमरय पर नज़र डालना भल जात ह

प ठ 21

अकषय कराित आ म-सझाव अ छ या बर हो सकत ह जब हम बर आ म-सझाव को बार-बार दोहरात ह तब हमारा अवचतन मन उन पर िव वास करन लगता ह और हम उसी को वा तव म यवहार करन लगत ह सकारा मक आ म-सझाव को बार-बार मथन करन स उसकी हमार िदलोिदमाग म त वीर बन जाती ह और वही असिलयत का प लन लगता ह एक उदाहरण क िलए जब कभी हम सबह 0600 बज टरन पकड़नी हो और हमार पास अलामर घड़ी न हो तो हम मन म कहकर उठत ह िक 0400 बज उठना ह तो कया हम नही उठत अगर उठत ह तो इसक पीछ आ म-सझाव ही काम करता ह आ म-सझाव एक रा ता ह िजसस हम अपन िदमाग को परोगराम करक ढ़ालत ह सकारा मक आदत को िवकिसत करन म आ म-सझाव की परवि त मह वपणर िसदध हो सकती ह हमार नजिरए और आदत को तय करन वाल कारक हमार नज़िरए को मखयतः तीन कारक परभािवत करत ह - वातावरणः घर कल आिफस मीिडया सा कितक प ठभिम धािमरक प ठभिम परपराए और भाषाए सामािजक-राजनितक माहौल - य सब िमलकर एक तहजीब बनात ह चाह घर हो या आिफस या अ यतर - हर जगह हर िकसी की अपनी तहजीब होती ह उदाहरण क िलए हम एक दकान म जात ह तो वहा का स समन बड़ अदब वाला होता ह लिकन वही जब दसरी दकान पर जात ह तो वहा का स समन कभी-कभी बड़ा खा और बदतमीज िमल जाता ह उसी तरह िकसी क घर म यार भरा माहौल िमलता ह तो िकसी क घर म हमशा लड़ाई-झगड़ का इसी तरह जब सरकार और राजनीितक माहौल ईमानदारी का होता ह तो लोग भी ईमानदार मददगार और कानन का पालन करन वाल होत ह बईमान और भर ट माहौल म िजस तरह एक ईमानदार का जीना मि कल होता ह उसी तरह ईमानदारी भर माहौल म बईमान यिकत को मि कल होती ह िन सदह अ छ वातावरण म मामली कमरचारी म वमव अ छी आदत िवकिसत होती ह और उसकी कायर करन की शिकत बढ़ जाती ह जबिक खराब माहौल म अ छा काम करन वाल की भी कषमता िगर जाती ह

सकारा मक आदत को िवकिसत करन म आ म-सझाव की परवि त मह वपणर िसदध हो सकती ह

प ठ 22

अकषय कराित कायर-स कित का बहाव ऊपर स नीच की ओर होता ह नीच स ऊपर की ओर कभी नही यह दखना बहत ज री ह िक हमन अपन िलए और आस-पास क लोग क िलए कसा वातावरण तयार िकया ह खराब वातावरण म अ छ की उ मीद करना बमानी ह अनभवः हम अपन जीवन म अपन काम-काज म हालात स जसा अनभव पात ह वह हमारी आदत का िह सा बन जात ह और उसी क अनसार हमारा यवहार होता ह अगर िकसी क परित हमारा अनभव अ छा होता ह तो हमारा नज़िरया भी अ छा होता ह ज री ह िक कमरचािरय को ऐसा कायर-पिरवश िमल िजसस उनक अवचतन म अ छ अनभव की छाप अिकत हो

परिशकषण भी ज़ री यहा िसफर सदधाितक जञान ही काफी नही होता बि क औपचािरक और अनौपचािरक दोन ही तरह की िशकषा व परिशकषण ज री ह जञान और जानकारी को यिद योजनाबदध तरीक स परयोग िकया जाए तो उसस बौिदधक तर को बढ़ान म आशातीत सफलता िमलती ह काम करन की कला अ छी िशकषा स ही आती ह ज री ह िक परिशकषण म मनोवजञािनक सामािजक आिथरक व अ य पहल को समझन की आदत िवकिसत की जाए अवचतन म यह िबठाना बहत ज री ह िक जीवन की भ यता काम क वारा ही सभव ह स थान म सभी को लगना चािहए िक उनका काम मह वपणर ह यही परबधन कला का सार ह जब कमरचािरय को ऐसा एहसास होन लगता ह तो उनक नज़िरए म बदलाव आन लगता ह उपसहारः काम क परित लोग म अ छी आदत िन िपत करन और उनम उ साह जगान स कायर-िन पादन म िनरतर िनखार आता ह दरअसल हर यिकत म मानिसक और शारीिरक ऊजार उ प न होती ह िजसक िलए काम ही सबस अ छा िनकास ह एक िवचारक क अनसार lsquoआप पछत ह म लगातार काम कय करता ह

यहा िसफर सदधाितक जञान ही काफी नही होता बि क औपचािरक और अनौपचािरक दोन ही तरह की िशकषा व परिशकषण ज री ह

प ठ 23

अकषय कराित इसका वही कारण ह िजस कारण स मगीर अ ड दती जाती ह rsquo काम क िबना इसान घट सा जाता ह उस काम की उतनी ही ज रत होती ह िजतनी हवा की आव यकता ह िक उस सही वातावरण उपल ध करान और सही िदशा म अिभपरिरत करन की व ततः हर यिकत अदर स गिरमा और आ मस मान की चाह रखता ह आव यकता ह उस अतःपरिरत करन की लोग को खद स परिरत करन क िलए हम उनकी ज रत और इ छाओ को समझना होगा पररणा कायरकषमता और आदत क बीच सीधा सबध ह जो लोग उतना ही काम करत ह िक उनकी नौकरी बची रह तो ऐस लोग िकसी भी स थान क िलए मह वपणर नही हो सकत अतपररणा स सोच म बदलाव लाया जा सकता ह पररणा आग क समान होती ह

कमरचािरय को िजतना परिरत िकया जाएगा उनम उतनी ही सकारा मक आदत का िवकास होगा कमरचािरय को उिचत स मान दकर उनक कायर को अिधक मनोरजक बनाकर परबधन वारा उनकी बात को गौर स सनकर उनकी सम याओ और सझाव पर गौर करक उ ह वय ल य िनधारिरत करन क िलए परो सािहत करक िवकास क नय अवसर उपल ध कराकर आव यकतानसार समय-समय पर समिचत परिशकषण िदलाकर तथा नयी चनौितय स जझन क िलए परो सािहत करक िन सदह उनक आचार और यवहार को सकारा मक िदशा म पाियत िकया जा सकता ह

कमरचािरय को िजतना परिरत िकया जाएगा उनम उतनी ही सकारा मक आदत का िवकास होगा

ई-पितरका म लख आिद म परकट िवचार

मलतः लखक क ह तथा यह आव यक नही ह िक

इरडा भी इन िवचार स सहमत हो

प ठ 24

अकषय कराित

िबिटया

आख म मोती लकर तम िबिटया जाती हो हा जाओ िशकषा का उपहार द रह िवदा समय यह लो ल जाओ इन पराण म परीित त हारी ममता क धन िसदरी इन नयन की बद पली परकट करती ह मजबरी लाचारी ह िफर पराण म क य ह इतनी आकलता

जब इस रीित पर पराओ म वश न िकसी का ह चलता िपतकल को तजकर अब िबिटया पित-कल म जाना होगा

नटखटपन को छोड़ धमर का ही िजसम बाना होगा इस घर की तम बड़ी लाडली पराण स यारी िबिटया

चली लाकर आज सभी को िपता की कर सनी किटया िजन हाथ न लाड़ चाव स अब तक था िजसको पाला उन हाथ न ही िबिटया को दलह राजा जी को द डाला

िजसका दख जरा मन मला हो जाती थी हरानी क यादान उसी का कर क दय बनाया पाषाणी

िकया न जाता था पल भर को इन आख स दर िजस मोती झरत िवदा द रहा आज सकल पिरवार उस अपनी मा क जीवन की तम परित-पल हो आधार रहो

िवजयता िपता क दय मिदर की िबिटया तम साकार रही आज जीवन क सख-दख सार वही िबतान तम लो जान आओगी जब कभी यहा तम होगी महमान समान

सतीश कमार कलावत इरडा

इस घर की तम बड़ी लाडली पराण स यारी िबिटया चली लाकर आज सभी

को िपता की कर सनी किटया

प ठ 25

ससराल की कभी बराई कही न मह पर आ जाव धमर कमर क तर य पथ म पाव नही िडगन पाव

सात परितजञाय जो तमन अिग नदव स मख की धारण द पि त जीवन का मह व ह करना स च मन स पालन

बटी इन सात बचन का यान दय म रह सदा दोन कल की लाज इसी म भला न दना इस कदा पित ही ह सवर तर त हार पित ही को जीवन समझो

जो कछ कह उसी को मान उनको िबिटया तम धन समझो शीलवती तम बन िबिटया पित-भक त मना सदर िनस दह वय उपजग क प-वकष घर क अ दर

पहन सिशकषा की साड़ी को शभ गण भषण अपनाओ दस लकषण शभ लकषण धार िन य नय मगल गाओ यह िशकषा उपहार दय का तम को राह िदखायगा भल भटक कर भी अिधयारा पास न आन पायगा

हम सब की आख स मोती उर स िनकल रही आशीष सभी सख स पणर परफि लत कर त ह दलह राजा की ईश

अकषय कराित

िजन हाथ न लाड़ चाव स अब तक था िजसको पाला उन हाथ न ही िबिटया को दलह राजा जी को द डाला

प ठ 26 अकषय कराित

ldquoपयारवरणrdquo श द पिर+आवरण स बना ह अथारत बा य आवरण को ही पयारवरण कहत ह इस बा य आवरण का ता पयर हमार चार ओर क वातावरण और पिरवश स ह िजस हम दसर श द म परकित भी कह सकत ह प वी पर िव यमान सपणर जीव-जगत क अि त व जीवन-यापन एव चहमखी िवकास म परकित की मह वपणर भिमका ह मानव बिदधजीवी पराणी ह और परकित क मह व स भली-भाित पिरिचत होन क कारण ही सिदय स परकित की पजा करता रहा ह

विदक काल स ही परकित तथा मानव क बीच जीवन ततर का अटट सबध रहा ह हमार पराचीन ऋिष-मिनय न प वी म हवा पानी िमटटी पड़-पौध जीव-ज तओ और मानव क सिकरय सहयोगा मक सतलन को यान म रखकर ही परकित को प य माना धमर क साथ परकित को जोड़कर उ ह न परकित को पयार त मह व िदया व जानत थ िक िजस परकार जीवन क िलए भिम की आव यकता होती ह उसी परकार वन पितया व अ य पराणी भी आव यक ह य सभी परकित क अिभ न अग ह इनम स एक क भी न ट होन का परभाव दसर पर पड़ता ह और पिरणाम व प पराकितक असतलन पदा हो जाता ह व तत प वी म हवा पानी िमटटी पड़-पौध जीव-ज तओ और मानव का सिकरय सहयोगा मक सतलन रहता ह पड़-पौध भिम को उपजाऊ बनात ह िमटटी को बाधकर रखत ह बरसात करवान तथा जल एव वाय को व छ रखन म सहायक होत ह परत आज क बढ़त औ योिगकीकरण और शहरीकरण न परकित और मानव क बीच असतलन उ प न कर िदया ह यह असतलन अिशकषण बढ़ती जनसख या शहर की ओर पलायन वकष की कटाई गगनचबी इमारत बड़-बड़ उ योग की थापना आिद क कारण ह और यही पयारवरण परदषण क मख य कारण ह मटरोपोिलटन एव बड़ शहर म अनक काबरिनक और अकाबरिनक गस जस ndash काबरन-मोनोऑक साइड अमोिनया आिद परदषण क मख य ोत ह

वतरमान पयारवरण -21वी सदी की चनौती

लख सरीन सल

विदक काल स ही परकित तथा मानव क बीच जीवन ततर का अटट सबध रहा ह

प ठ 27 अकषय कराित मन य न अपनी भितक सख-सिवधाओ की आपित र क िलए परकरित स

िखलवाड़ िकया ह वतरमान मशीनी यग म मन य वारा परकित क अ यिधक दोहन एव िनत नए कारखान की थापना स पयारवरण सकट उ प न हआ ह मानव न परकित क साथ जो अ यायपणर यवहार िकया ह उसी क फल व प परकित का िवरोधी रवया हआ ह िजस भिव य म सह पाना मि कल होगा

अिशकषा क कारण दश की तजी स बढ़ती आबादी क आवास की मलभत आव यकता को परा करन क िलए वकष की कटाई करक ऊची-ऊची इमारत बनाई जा रही ह वकष की अधाधध कटाई स भिम की ऊवररा शिक त का तो ास हो ही रहा ह साथ ही परदषण जसी िवकराल सम या भी ज म ल रही ह

परदषण पयारवरण क ास का परमख कारण ह िवकासशील दश िनत नए उ योग की थापना करक बराजगारी की सम या को तो दर कर रह ह िकत इसस जल वाय विन तथा िविभ न परकार क परदषण बढ़ रह ह कल-कारखान और मोटर स िनकलन वाल धए स वाय परदषण हो रहा ह जल थल व नभ क मागर पर शिक त चािलत वाहन विन परदषण का मख य ोत ह शहरीकरण और औ योिगकीकरण क कारण शदध पयजल की सम या िवकराल प धारण कर रही ह कारखान स िनकलन वाल कड़-कचर क निदय म िमलन स जल परदषण हो रहा ह रासायिनक खाद और कीटनाशी दवाओ स मदा परदषण का खतरा बन गया ह

इस परकार जनसख या विदध शहरीकरण औ योिगकीकरण एव परदषण जसी सम याओ न पयारवरण को बरी तरह परभािवत िकया ह आज सपणर िव व पयारवरण को लकर िचितत ह इस भयावह ि थित स बचन क िलए पर यक यिक त को पयारवरण क परित जाग क करना आज की अिनवायर आव यकता ह

इस िदशा म सवरपरथम िनरकषरता को समा त िकया जाना चािहए साकषर भारत की पिरक पना म जनसख या विदध दर वय िनयितरत हो जाएगी करल रा य इसका परमाण ह जहा साकषरता क साथ-साथ जनसख या िनयतरण भी ह

जल थल व नभ क मागर पर शिक त चािलत वाहन विन परदषण का मख य ोत ह

प ठ 28 अकषय कराित

इसक बाद बात आती ह परदषण िनवारण की आज िव व भर क

वजञािनक और पयारवरणिवद इस िदशा म कायररत ह सवरपरथम वन क काटन पर परितबध लगाया गया ह और वन सपना क िव तार हत वकष लगान क िलए परो सािहत िकया गया इसक िलए सरकार की ओर स वकष आिद िनश क उपल ध कराए जात ह ldquoपयारवरण परदषण स थाrdquo और व छ वाय अिधिनयम जस िविधक उपाय स वाय परदषण पर रोक लगान का परयास िकया जा रहा ह जहरील धआ उगलन वाल कारखान तथा वाहन पर भारी आिथरक दड का परावधान ह िविभ न सचार मा यम mdashदरदशरन समाचार-पतर तथा आकाशवाणी क मा यम स जनता को पयारवरण क परित जाग क करन क परयास िकए जा रह ह निदय म खलन वाल परदषण ोत को बद करन की योजनाए चलाई जा रही ह पािलथीन क परयोग को बद करन क िलए चलाया जा रहा ह अिभयान भी परशसनीय ह

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह इस खतर स सपणर भमडल का अि त व न ट हो जाए इसस पहल हम पयारवरण की सरकषा करन का सक प लना होगा

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह

िस धी होन क प चात भी मझ बगाली रीित िरवाज़ िमठाइया यहा का पहनावा अगरज क ज़मान की बनी सरचनाए एव भवन इ यािद म बहत िदलच पी एव िच थी

प ठ 29 अकषय कराित

यातरा स मरण-कोलकाता-खिशय हषर का शहर(िसटी ऑफ जॉय)

सोिनया सिह वानी पीईसी िलिमटड

म पी ई सी िलिमटड नामक कपनी क िविध ककष म उप िविध परबधक क पद पर कायररत ह सन 2010 जन स इस कपनी म मन परबधन परिशकष क प म अपनी पहली नौकरी की श आत की पी ई सी िलिमटड वािण य मतरालय क अतगरत आन वाली आयात-िनयारत यापार स स बिधत क पिनय म स एक ह इस स दभर म जनवरी 2011 म िविभ न िवभाग क परबधन परिशकषओ को ओिरएटशन हत काडला कोलकाता इ यािद शहर म भजन का कायरकरम िनि चत िकया गया कोलकाता क पास हि दया पोटर होन क कारण कोलकाता शहर चना गया जहा पी ई सी वारा आयात की गयी व तए पोटर गोदाम म रखी जाती ह साथ ही म कोलकाता पोटर िभ न गोदाम इ यािद दखन की यव था की गयी एव सची म समावश िकया गया यह सनकर मरी ख़शी का िठकाना न रहा क य िक मन कोलकाता शहर क बार म सना बहत था पर त कभी दखा न था िस धी होन क प चात भी मझ बगाली रीित िरवाज़ िमठाइया यहा का पहनावा अगरज क ज़मान की बनी सरचनाए एव भवन इ यािद म बहत िदलच पी एव िच थी आिखरकार मझ मौका िमला और जनवरी की कड़ाकदार ठ ड क बीच हम एक रिववार शाम कोलकाता राजधानी स अपनी मिजल की और िनकल पड़ िद ली स कोलकाता क सफ़र क बीच हमारी गाड़ी इलाहाबाद गया िबहार तथा धनबाद जस शहर स होत हए बगाल की ओर पहची हसत-गात खलत-खात हए हम अगली सबह हावड़ा जकशन पहच गए रलगाड़ी स उतर कर टशन स बाहर िनकलत ही मझ िसटी ऑफ जॉय क नाम स मशहर कोलकाता की पहली झलक िदखाई दी ऐसा लगा मानो मझ भारत क दो पहल एकसाथ जीत हए नज़र आए एक तरफ थ टशन स बाहर एव अ दर जात हए स दर कपड़ गहन म लद हए कोलकाता क बगाली िनवासी साथ म बड़ी-बड़ी गािड़य म घमत कोलकाता क नौजवान और ठीक दसरी तरफ मरी नज़र पड़ी हगली नदी पर बन परिसदध हावड़ा िबरज पर िजस दख एक अलग ही दिनया का एहसास हआ

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह

िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी

एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया नतीजा मर समकष था

प ठ 30 अकषय कराित

हावड़ा िबरज पर हर तरफ लोग का जमावड़ा था इतन लोग दख िद ली क चादनी चौक की याद आ गयी ऐसा लगा मानो म 50 साल पीछ िकसी लक एव वाईट दिनया म कदम रख चकी थी िबरज क दोन तरफ सामान बचत हए दकानदार िखलौन मछली रख हए औरत एव छोट-छोट ब च मख य शहर स हावड़ा जान वाल आम आदमी मजदर की तज़ र तार फरी स र ता पार करन वाल यापारी इन सब को दख लगा कोलकाता म मबई जसी भागम भाग भी थी िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया नतीजा मर समकष था जस-जस म कोलकाता शहर क भीतर आन लगी मझ इस शहर क िवकास की झलक िदखाई दी एक तरफ थी ऊची ईमारत सदर िवशाल िव यासागर सत पल बड़-बड़ होटल माल कोलकाता उ च यायालय राईटसर िबि डग मशहर इडन गाडरन टिडयम इ यािद तो दसरी तरफ था िवक टोिरया ममोिरयल अगरज की वा तकला क अनसार िदखती लाल ईटो की इमारत िवक टोिरयल सरचनाए भवन छोटी-छोटी पटिरय पर समान बचत नया बाज़ार (New Market) क दकानदार एव िवक टोिरया ममोिरयल क बाहर चलत सलािनय क िलए रथ वाल घोड़ हमारा होटल जसीबोस सड़क पर ि थत था एव सिवधाओ स भरपर था पर त मन य जाना िक असली कोलकाता का मज़ा गाड़ी म नही अथवा िरक शा ऑटो तथा साल स चलती आ रही सड़क पर टराम म था

हर तरफ मझ पील रग की टिक सया िदखाई दी सब एक समान थी तथा मरसीडीज़ गाड़ी क बगल म चलती 1-2 पय म सफ़र की जान वाली टराम भी साथ िदखाई दी परी िजदगी िद ली म यतीत करन क बाद हर नए शहर का रहन-सहन बोल-चाल रीित-िरवाज़ जानन की जाग कता मझम हमशा रही पहल ही िदन स कोलकाता मझ रास आया जस िक कहत ह lsquoकोलकाता हमार खब भाला लागली छ rsquo कहन का ता पयर य िक मझ कोलकाता बहत अ छा लगा पहल िदन िक शाम को हमन य मािकर ट म खरीददारी करन का मन बनाया म हरान थी िक वहा चीज िकतनी स ती िमल रही थी िद ली क मतािबक एक ितहाई दाम पर चिडया गहन बग जत कत इ यािद िमल

िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया

प ठ 31 अकषय कराित य मािकर ट िद ली क लाजपत एव सरोिजनी नगर समान ह कम

दाम म अ छा समान िमला कोलकाता चमड़ क िलए भी मशहर ह एव परिसदध ी लदसर दकान भी इस बाज़ार म ि थत ह यहा खरीदारी का हमन खब ल फ़ उठाया

अगल िदन हम हि दया पोटर गए एव अनक जहाज़ दख 3-4 घट की दरी पर ि थत यह पोटर अनक एकड़ म फला हआ था पहली बार इतन बड़ जहाज़ को अदर स दख खब आनद आया तीसर िदन हम काली बाड़ी मिदर गए बगाली अ यत पाठ-पजा वाल दगार मा क स च उपासक ह यह सब जानत ह दगार पजा इनका लोकिपरय उ सव ह तथा काली मा एव दगार मा की स च मन स पजा करत ह कोलकाता क िनवासी भिक त भावपणर ह यह सना था अब खद दख भी िलया बगाली र म स पजा करन का य मौका अ यत आनदमयी था इसक अलावा काली बाड़ी क नज़दीक ही ि थत ह गौिरहाट बाज़ार यहा की दकान बगाली सािड़या कपड़ सट कत इ यािद क िलए परिसदध ह आिद धक तशवर नामक मशहर दकान म जाकर मरा भी मन िकया िक म भी खरीददारी क मर सािथय न बहत सािड़या खरीदी एव दाम दखकर म दग रह गई सदर स सदर साड़ी मातर 600700 पय की थी मन बगाल की मशहर लाल एव सफद िपरट की साड़ी भी खरीदी कोलकाता म खरीददारी का अलग की मज़ा ह उसी िदन शाम हम सा ट लक िसटी मॉल गए वह सा ट लक टिडयम क नज़दीक ह यहा िदखाई िदया कोलकाता का परगितशील प नौजवान फटबाल की जसीर पहन माल म घम रह थ एक स एक

मशहर बरड वहा मौजद थ इसक अलावा कोलकाता क िनवासी खब मनोरजन क शौक़ीन ह सगीत नाच गाना इ यादी म िच रखत ह कोलकाता म जगह-जगह सगीत कला अकडमी तथा पढ़न (रीिडग) क क लब ह अगरज क शौक तथा रहन-सहन की झलक आज भी यहा िदखती ह यहा क नौजवान को खल-कद म भी खब िदलच पी ह फटबाल का तो जस यहॉ सबको जनन ह

भारत क परिसदध मोहन बगान फटबाल क लब फटबाल क वहा क नौजवान ही नही परा शहर ही दीवाना ह भारत-पाक मच हो या आई पी एल इडन गाडरन मदान लोग स खचा-खच भरा रहता ह अफ़सोस म वहा अदर जा न सकी

इसक अलावा काली बाड़ी क नज़दीक ही ि थत ह गौिरहाट बाज़ार यहा की दकान बगाली सािडया कपड़ सट कत इ यािद क िलए परिसदध ह

प ठ 32 अकषय कराित

मर सफर क आखरी िदन म मन कोलकाता क लोग म एकता क नजार दख िविभ नता म भी एकता का उदाहरण दखा चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख िजस िदन हम कोलकाता पहच थ उसी िदन वहा शहर बद था और मन एक जट होकर लोग को अपनी बात कहत हए दखा एव सना यहा क लोग अपन शहर क िवकास बहतरी क िलए जाग क ह िज मदारी लत ह तथा सरकार को अपनी बात भली-भाित कहत ह लड़िकय औरत की इ ज़त करत ह एव यहा िक मिहलाओ को मन िनदरलीय पाया जहा एक ओर भारत की राजधानी होन क बावजद िद ली वाल अपनी िजदगी म मगन रहत ह वही दसरी और कोलकाता म अमीरी-गरीबी िभ न जाितय म भी एक जटता ह कपड़ा एव खाना आज भी यहा खब स ता िमलता ह पर त दसरी तरफ सब जानत ह िक बड़-बड़ उ योगपित िव वान लखक िखलाड़ी गायक अिभनता िनदशक यहा स उभर ह सािह य हो या लख बॉलीवड हो या िकरकट बगाल न भारत को अनक नाम एव गौरव िदए ह चाह सौरव दादा हो या रिव दर नाथ टगोर ममता बनजीर रानी मखजीर हो या योित बस भारत म इनकी भिमका का वणरन करन की ज रत नही

मन कछ िदन क कोलकाता क सफर म इस शहर को जानन समझन का परयास िकया हगली नदी क िकनार खड़ होकर समदर को दखा निदय को िनहारा िव यासागर सत िबरज की सदरता िवशालता को सराहा क सी दास की परिसदध िमठाई का ल फ उठाया मन बहत शहर घम पर त यह सफर मर िलए सबस यादगार रहा कोलकाता परगित क मागर पर िनरतर बढ़ रहा ह पर त आज भी वह अपनी जड़ नितक म य को नही भला ह एक आम आदमी आज भी टराम म या फरी स सफर करता ह यहा क िनवासी दो पय स लकर 500 ० का खाना खात ह पराना एव नया कोलकाता एक साथ जीिवत ह िसक क क दो पहल की तरह कोलकाता क यह दो प को एक साथ रहत दख बहत आनद आया

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 33 अकषय कराित

जल परकित का अनपम उपहार ह मानव जाित अपन परादभारवकाल स ही इस उपहार का उपयोग अपन िहत क िलए करती आई ह जल वह पराकितक उपहार ह िजसका कोई िवक प नही ह इसिलए जल को अमतया जीवन भी कहा गया ह जल क िबना जीवन की सभावना भी नही ह पर यकष प स तो जल की मानवीय आव यकता सीिमत ह परत परोकष आव यकताओ पर नजर डाल तो दिनक जीवन की आव यकताए जस अ न फल स जी दध स लकर हमार पहराव आवास तक सब जल स जड़ हजल का जरा भी सतलन िबगड़ जाए तो जीवन यापन क टपरद होन म दर नही परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह जल क सामा य त य जल या पानी एक आम रासायिनक पदाथर ह जो जीवन क सभी जञात प क जीिवत रहन क िलए ज री ह आमतौर पर जल अपनी दरव अव था म उपयोग म लाया जाता ह पर यह ठोस अव था बफर और गस अव था जल वा प या भाप प म भी पाया जाता ह प वी क लगभग तीन चौथाई िह स पर िव व क महासागर का अिधकार ह अनमानत प वी पर जल की कल मातरा लगभग 1400 िमिलयन घन िकलोमीटर ह जो िक प वी पर 3000 मीटर गहरी परत िबछा दन क िलए काफी ह तथािप जल की इस िवशाल मातरा म व छ जल का अनपात बहत कम ह प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह शष जल झील निदय वायम डल नमी मदा और वन पित म मौजद ह जल की जो मातरा उपभोग और अ य परयोग क िलए व ततः उपल ध ह वह निदय झील और भजल म उपल ध मातरा का छोटा-सा िह सा ह इसिलए जल ससाधन िवकास और परब ध की बाबत सकट इसिलए उ प न होता ह कय िक अिधकाश जल उपभोग क िलए उपल ध नही हो पाता

परभावी जल परबधन और दश का िवकास

दीपक आहजा ओएनजीसी िवदश

प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह

प ठ 34 अकषय कराित

और दसर इसका िवषमतापणर थािनक िवतरण इसकी एक अ य िविश टता ह फलतः जल का मह व वीकार िकया गया ह और इसक िकफायती परयोग तथा परब ध पर अिधक बल िदया गया ह प वी पर उपल ध जल जल-चकर क मा यम स चलायमान ह जल लगातार एक चकर म घमता रहता ह िजस जलचकर कहत ह इसम वा पीकरण वषार और बह कर सागर म पहचना शािमल ह हवा जल वा प को थल क ऊपर उसी दर स उड़ा ल जाती ह िजस गित स यह बहकर सागर म पहचाता ह जल चकर का िचतर नीच पर तत िकया गया ह

अिधकाश उपभोकताओ जस िक मन य पशओ अथवा पौध क िलए जल क सचलन की ज रत होती ह जल ससाधन की गितशील और नवीकरणीय परकित और इसक परयोग की बार बार ज रत को ि टगत रखत हए यह ज री ह िक जल ससाधन को उनकी परवाह दर क अनसार मापा जाए इस परकार जल ससाधन क दो पहल ह अिधकाश िवकासा मक ज रत क िलए परवाह क प म मािपत गितशील ससाधन अिधक परासिगक ह आरिकषत भ डार की ि थर अथवा िनयत परकित और साथ ही जल की मातरा तथा जल िनकाय क कषतर की ल बाई व म यपालन नौ सचालन आिद जस कछक िकरयाकलाप क िलए भी परासिगक ह

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 35 अकषय कराित

जल का यय अप यय जल क बार म एक नही कई च कान वाल त य ह िव व म और िवशष प स भारत म जल िकस परकार न ट होता ह इस िवषय म जो त य सामन आए ह उस पर जाग कता स यान दकर जल क अप यय को रोका जा सकता ह अनक त य ऐस ह जो हम आन वाल ख़तर स तो सावधान करत ही ह दसर स पररणा लन क िलए परो सािहत करत ह और पानी क मह व व इसक अनजान ोत की जानकारी भी दत ह प वी पर पदा होन वाली सभी वन पितया स भी हम पानी िमलता ह

आल और अनानास म 80 परितशत और टमाटर म 95 परितशत पानी ह पीन क िलए मानव को परितिदन 3 लीटर और पशओ को 50 लीटर पानी

चािहए भारत म 83 परितशत पानी खती और िसचाई क िलए उपयोग िकया जाता

ह इज़राइल म औसतन मातर 10 सटीमीटर वषार होती ह इस वषार स वह

इतना अनाज पदा कर लता ह िक वह उसका िनयारत कर सकता ह दसरी ओर भारत म औसतन 50 सटीमीटर स भी अिधक वषार होन क बावजद अनाज की कमी बनी रहती ह

िपछल 50 वष म जल क िलए 37 भीषण ह याकाड हए ह भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल

चलती ह पानी ज य रोग स िव व म हर वषर 22 लाख लोग की मौत हो जाती ह यिद बरश करत समय नल खला रह गया ह तो पाच िमनट म करीब 25

स 30 लीटर पानी बरबाद होता ह बाथ टब म नहात समय 300 स 500 लीटर पानी खचर होता ह जबिक

सामा य प स नहान म 100 स 150 लीटर पानी खचर होता ह िव व म परित 10 यिकतय म स 2 यिकतय को पीन का शदध पानी

नही िमल पाता ह परित वषर 6 अरब लीटर बोतल पक पानी मन य वारा पीन क िलए

परयकत िकया जाता ह मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 36 अकषय कराित

िद ली मबई और च नई जस महानगर म पाइप लाइन क वॉ व की खराबी क कारण रोज़ 14 स 44 परितशत पानी बकार बह जाता ह

निदया पानी का सबस बड़ा ोत ह जहा एक ओर निदय म बढ़त परदषण रोकन क िलए िवशषजञ उपाय खोज रह ह वही कल कारखान स बहत हए रसायन उ ह भारी मातरा म दिषत कर रह ह

भारत म जल सकट नासा की एक िरपोटर न पानी को लकर दश भर म बढ़ती जा रही लापरवाही क परित आख खोली ह इस िरपोटर म भारत म सख की ि थित पदा होन क िलए िज मवार कारण म स एक अहम कारण अधाधध जल दोहन को बताया गया ह बतात चल िक दश भर क 604 िजल म स 161 सख की मार झल रह ह वस अब बताया जा रहा ह िक सख की मार स बहाल िजल की सखया बढ़कर 246 हो गई ह यानी कहा जाए तो आधा दश सख की चपट म ह बहरहाल नासा की इस िरपोटर म बताया गया ह िक भारत क कई रा य कषमता स यादा जल दोहन कर रह ह यहा कषमता स ता पयर यह ह िक उनस िजतन सलाना जल दोहन की उ मीद कदर करती ह व उसस कही यादा जल दोहन कर रह ह नासा न यह अ ययन 2002 स 2008 क बीच

की ि थितय क आधार पर िकया ह इस िरपोटर म बताया गया ह िक पजाब हिरयाणा और राज थान हर साल औसतन 177 अरब कयिबक मीटर पानी जमीन क अदर स िनकाल रह ह जबिक कदर की तरफ स लगाए गए अनमान क मतािबक इ ह हर साल 132 अरब कयिबक मीटर पानी ही जमीन क अदर स िनकालना था इस तरह स दखा जाए तो य तीन रा य िमलकर कषमता स 30 फीसदी यादा पानी का दोहन कर रह ह जािहर ह िक िबना कछ सोच-िवचार जब इस पमान पर पराकितक ससाधन का दोहन िकया जाएगा तो परकित भी बदला लगी और वही हो रहा ह इस िरपोटर म यह भी बताया गया ह िक भारत का महज 58 फीसदी भजल ही हर साल िरचाजर हो पाता ह नासा की यह िरपोटर बताती ह िक अधाधध जल दोहन की वजह स पर उ तर पि चम भारत क भजल तर म हर साल 4 सटीमीटर यानी 16 इच की कमी आ रही ह इस अ ययन को अजाम दन म नासा क जल िवजञानी मट रोडल न अहम भिमका िनभाई ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 37 अकषय कराित

उनक हवाल स इस िरपोटर म बताया गया ह िक दश क उ तर पि चम कषतर म 2002 स 2008 क दौरान तकरीबन 109 कयिबक िकलोमीटर पानी की कमी हई ह यह मातरा िकतनी अिधक ह इसका अदाजा इसी स लगाया जा सकता ह िक यह अमिरका क सबस बड़ जलाशय लक मीड की कषमता स दगन स भी कही यादा ह अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह इस िरपोटर क मतािबक अगर अधाधध जल दोहन इसी तरह स जारी रहा तो आन वाल समय म भारत को अनाज और पानी क सकट को झलन क िलए अभी स तयार हो जाना चािहए जािहर ह िक जब जल सकट बढ़गा तो खती पर इसका गहरा परभाव पड़गा अनाज क उ पादन म कमी आएगी इस वजह स अनाज सकट पदा होगा और भख का एक नया चहरा उभरकर सामन आएगा एक बड़ा तबका जो आज भरपट भोजन कर पाता ह उसक िलए पट भर खाना िमलना मि कल हो जाएगा भखमरी की जो सम या पदा होगी उसस िफर िनपटना आसान नही होगा इसक अलावा पीन क पानी का टोटा तो होगा ही अभी ही दश क कई िह स ऐस ह जहा क लोग को पीन क िलए साफ पानी नही िमल पा रहा ह कई कषतर ऐस ह जहा गमीर क िदन म हडपप स पानी आना बद हो जाता ह वहा क लोग को हर साल बोिरग को कछ फट बढ़वाना होता ह यह सम या भजल तर क िगरत जान की वजह स ही पदा हई ह जब पीन क पानी का सकट पदा होगा तो बोतलबद पानी का कारोबार काफी तजी स बढ़गा कहन का मतलब यह िक िजसक पास पसा होगा वह अपनी यास बझा सकगा और िजसक पास पसा नही होगा उस अपनी यास बझान क िलए भी सघषर करना पड़गा ि थित की भयावहता की क पना ही िसहरन पदा करती ह भारत म दिनया का हर छठा आदमी रहता ह यानी कहा जाए तो दिनया क कल आबादी क तकरीबन सतरह फीसदी लोग भारत म रहत ह जबिक दिनया का महज साढ़ चार फीसदी पानी ही भारत म उपल ध ह ऐस म जल सम या स दो-चार होना कोई आनापिकषत बात नही ह एक बात तो तय ह िक पराकितक ससाधन म इजाफा तो नही िकया जा सकता ह लिकन इसका सरकषण अव य िकया जा सकता ह

अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह

प ठ 38 अकषय कराित

भारत म लोग िकसी एक मा यम स पयजल परा त करन पर िनभरर नही ह इस दश म 357 फीसदी लोग हडपप स 367 फीसदी लोग नल स 182 फीसदी लोग तालाब पोखर या झील स 56 फीसदी कओ स 12 फीसदी लोग पारपिरक साधन स और 26 फीसदी लोग अ य मा यम स पीन का पानी परा त करत ह इस िलहाज स अगर दखा जाए तो जल सकट को दर करन क िलए समगर कायरयोजना की ज रत ह

दरअसल भारत म गहरात जल सकट क िलए काफी हद तक पानी की बबारदी भी िज मवार ह यहा जल आपित र की यव था म काफी खािमया ह नल क जिरए घर तक पहचन वाल पानी का एक बड़ा िह सा िरस कर बबारद हो जाता ह हर शहर म फट हए आपित र पाइप आसानी स दख जा सकत ह इस बदहाल यव था क िलए सरकार क साथ-साथ सामा य लोग भी कम िज मदार नही ह एक तरफ तो सरकार पयजल क नाम पर हर साल हजार करोड़ पए का बजट बनाती ह और दसरी तरफ जमीनी तर पर हालात म कोई बदलाव नही िदखता ह सामािजक तौर पर भी जल सरकषण को लकर जाग कता का अभाव िदखता ह यह सामािजक तान-बान का ही असर ह िक लोग कही भी जल की बबारदी को दखकर उस सामा य घटना मानत हए नजरअदाज कर दत ह दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था यह अब घटकर 1800 कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर हो चका ह

दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था

प ठ 39 अकषय कराित

िवशषजञ का अनमान ह िक अगर पानी की खपत और बबारदी इसी तरह स जारी रही तो 2025 तक यह घटकर हजार कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर ही रह जाएगा उस समय तक पानी की उपल धता म आन वाली इस कमी की वजह स किष उ पादन म तीस फीसदी की कमी आन की सभावना ह इन पिरि थितय म दश की आिथरक और सामािजक ि थित का कया होगा इसका अदाजा सहज ही लगाया जा सकता ह भारत म जल सरकषण क परित आज भी आम लोग क मन म उपकषा का भाव बना हआ ह साथ ही इस कायर क िलए आव यक तकनीक की भी कमी ह जो तकनीक उपल ध ह उनस सामा य लोग अनजान ह बािरश क पानी का सगरह करक उस उपयोग म लाना एक अ छा िवक प ह पर इस तरह की कोिशश काफी सीिमत मातरा म काफी छोट तर पर हो रही ह यही वजह ह िक दश म होन वाली बािरश क पानी का अ सी फीसदी िह सा आज भी समदर म पहच जाता ह अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह अगर जल की इस िवशाल मातरा का आधा भी परयोग कर िलया जाए तो ि थित म यापक बदलाव आना तय ह शहरी कषतर म तो पानी की कालाबाजारी जोर पर ह जगह-जगह पर जल मािफया सिकरय हो गए ह िद ली क ही एक अखबार न कछ समय पहल यह बात उजागर िकया था यहा तो समानातर जल बोडर भी चलाया जा रहा ह हरानी की बात तो यह ह िक इसक बावजद भी पानी क काल धध पर अकश नही लगाया जा सका ह अहम सवाल यह ह िक कस सामा य तबक क लोग तक व छ पानी पहचाया जाए शहरी कषतर क साथ-साथ गरामीण कषतर म भी यह एक बड़ी चनौती ह आबादी म अपर यािशत विदध बढ़त शहरीकरण औ योिगकीकरण और किष उ पाद की बढ़ती माग क कारण पानी की माग िपछल कछ साल म वाभािवक प स बढ़ी ह इसक पिरणाम व प भजल ससाधन का अ यिधक दोहन हआ ह और इसका नतीजा हआ िक लगातार भजल का तर घटता जा रहा ह शहरी कषतर म ि थित बहद भयावह ह तदनसार वहा न कवल शीघराितशीघर जल ससाधन क सरकषण की ज रत ह बि क परभावी रणनीित और परबधन क जिरए त काल कदम उठान की ज रत ह

अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह

प ठ 40 अकषय कराित

खासकर इस बात को यान म ऱखकर िक िविभ न परितयोगी कषतर म कभी भी माग बढ़ सकती ह भिव य म उपयोग क िलए छत पर या सतह पर जलगरहण बनाकर वषारजल सरकषण बहद ज री ह यह पानी की बढ़ती ज रत का खयाल रखन िमटटी की नमी तर को बढ़ान शहरी हिरयाली को बढ़ान भजल तर को कितरम प स पनभररण करन और भजल की गणव ता स सधार का काम करता ह भारत म जल परबधन स दश का िवकास भारत म दिनया की 16 परितशत आबादी रहती ह लिकन दिनया क िसफर 4 परितशत जल ससाधन ही भारत क पास ह 3290000 वगर िकलोमीटर क भिम कषतर और एक अरब स यादा की आबादी क साथ भारत क एक बहलवादी िविवधता का िचतर ह िवशाल पराकितक ससाधन क साथ सप न तकनीकी और वजञािनक किमरय का भी यह दिनया म दसरा सबस बड़ा सम चय ह भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह मानव िवकास म 80 क दशक म लगभग 26 परितशत और 90 क दशक क दौरान और 24 परितशत क वारा सधार हआ ह आजादी क बाद छह दशक म भारत न जल ससाधन का अभतपवर िवकास और खा या न म आ मिनभररता शहरी कषतर ऊजार और औ योिगक कषतर और पीन का पानी क बिनयादी ढाच म तजी स िव तार दखा ह िजसका उपयोग भारत की लगभग 85 परितशत शहरी और गरामीण आबादी क वारा िकया जाता ह भारत म रा य सरकार और भारत सरकार क परितबदध और ठोस परयास की वजह स गरामीण और शहरी आबादी को सरिकषत पयजल को उपल ध करवान म काफी सफलता हािसल की ह इस उपलि ध न भजल की कमी जल जमावजल गणव ता िगरावट जल परदषण और बढ़त लवणता तर स बड़ कषतर को परभािवत िकया ह और अभी भी िविभ न रा य म गरामीण और शहरी भारत क मानव िवकास सचकाक (HDI)rsquo म बहत असमानता मौजद ह पानी क िलए कषतरीय माग तजी स बढ़ रह शहरीकरण की गित स बढ़ रही ह (अनमानत 2025 तक दश की आबादी का 50 परितशत स अिधक शहर म रहग) जनसखया विदध बढ़ती आय और औ योिगक िवकासशहरी भारत तजी स िवकास की माग क कदर क प म उभर रहा ह

भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह

प ठ 41 अकषय कराित

नतीजतन परित यिकत पानी की उपल धता िगर रही ह परधानमतरी की अ यकषता म 12वी योजना क िलए हई योजना आयोग की पणर बठक म दसर म क साथ जल परबधन पर िवशष चचार हई बठक क बाद योजना आयोग क उपा यकष म टक िसह अहलवािलया न कहा िक भ-जल कानन स लकर दसर म की यापक समीकषा ज री ह व यनाथन सिमित जहा वतरमान म भ-जल कानन की साथरकता का अ ययन करगी वही भारतीय अतिरकष अनसधान सगठन [इसरो] की मदद स पानी की उपल धता का िव तत अ ययन होगा म टक न कहा िक उसी आधार पर रणनीित तय होगी सरकार यह यान रखगी िक पानी का अिधकतम उपयोग हो सक और सभी को उपल ध हो पानी पर िकसी का एकािधकार न हो सक बतात ह िक द पयोग को रोकन क िलए श क लगान पर भी िवचार िकया जा सकता ह हालािक इसस पहल रा य सरकार स चचार होगी यह तय ह िक एआइबीपी कायरकरम म यापक बदलाव ह ग ी म टक िसह अहलवािलया न कहा िक वतरमान म इस कायरकरम का सही िकरया वयन नही हो रहा ह िलहाजा उसम पिरवतरन ज री ह सभव ह िक हर रा य म जल िनयामक परािधकरण बनान की शतर भी लगाई जाए उ ह न कहा िक जल परबधन की यापक समीकषा कर नई रणनीित तय की जाएगी कल िमलाकर रा टरीय तर पर वतरमान जल ससाधन का अिधक स अिधक करन क िलए माग को परा करन क िलए पयार त ह लिकन भिव य क अ ययन पिरयोजना ह िक जल आपित र की ि थित अगल आध सदी म अिधक किठन हो सकती ह जल सकट स िनपटन को जल सरकषण परबधन अिनवायर परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह बढ़त वि वक तापमान क फल व प अितवि ट अनावि ट अ पवि ट और असामियक वि ट हम परितवषर दख रह ह िजसका परभाव हमार जल ससाधन पर पड़ता िदखाई द रहा ह कओ व बाविडय का िमटता अि त व नदी-नाल का घटता पानी भ-गभर जल का िगरता तर िचता की पिरिध स िनकलकर खतर की घटी बनता जा रहा ह

निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह

प ठ 42 अकषय कराित

िव व भर म सीमट क अधाधध परयोग न धरातल क सहज अवशोषण कषतर को घटाया ह तथा जल बहाव भिम कटाव व बाढ़ म विदध की ह ऐसी ि थित म जल सरकषण का दािय व मातर वजञािनक व सरकार तक सीिमत न रहकर पर यक उपभोकता क कध पर आ जाता ह इसी दािय व क िनवरहन क िलए हमार पास दो िवक प सामन आत ह 1 वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई

उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

2 पािरवािरक तर पर वषार जल को सगरिहत कर उसका उपयोग कर य दोन ही परयास गरामीण कषतर म तो सरलता स अपनाए जा सकत ह परत शहरी कषतर म व ट वाटर मनजमट की बड़ी पिरयोजनाए बनाकर ही पानी को िरसाइिकल िकया जा सकता ह भ-गभर अिधकािधक जल अवशोिषत होकर

जाए इसक िलए मदानी भाग म िनयोिजत ढग स बड़-बड़ पोखर बनाकर तथा पहाड़ी कषतर म नाल -ख ड म िमटटी प थर आरसीसी क बड़-छोट डम लगाकर जल बहाव रोक भ-सरकषण बचाव व जल भडारण और धरातल जल शोषण कषतर बढ़ाया जा सकता ह िव व बक भारत सरकार वारा म य िहमालय जलागम पिरयोजना रा य क भ-सरकषण िवभाग इस कषतर म कारगर उपाय लकर

हमार सामन ह परत जनसहयोग क िबना इन पिरयोजनाओ क आशातीत पिरणाम ल पाना किठन ह वकषारोपण इस सपणर जल चकर को बल दन वाला कारक ह जल क परित चतना जागत न हई तो अव य ही अगल िव व यदध का कारण जल ही होगा

जल भोजन ह और अिगन भोजन का भकषक ह अिगन जल म और जल अिगन म िव यमान ह

- ततरीय उपिनषद 38

वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

प ठ 43 अकषय कराित

म भी गान गा सकता ह शबनम क िखलत फल क म भी गीत सना सकता ह सावन क म त झल क लिकन जब घर-घर म बादल छाय घोर िनराशा क तब म नगम गा रहा ह उ मीद की आशा क

सड़क पर खड़ बचपन की य बात सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह

हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

इस बदलत पिरवश का राग सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

गाधी जी क सपन का जो राम-रा य कहलाता ह उस भारत म सड़क पर छोट चाय पहचाता ह

कहा गई वो अ हड़ म ती कहा गया वो यार का रा ता उन हाथ स बचत झड िजन हाथ को चािहए ब ता

उस सोन की िचिड़या की म बात बतान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

कही बम की गमर हवाए कही ससद म कोहराम ह कही होत घोटाल स परशान आदमी आम ह

कही कल की िकलकारी ह कही सड़क पर बचपन ह कही चलता नही गजारा कही िवदश म काला धन ह

म स चाई गा-गाकर सबको बतलान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

बदलता भारत मनीष लाल इरडा

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

प ठ 44 अकषय कराित

करन वाल काम बहत ह यथर उलझन को छोड़ो म ला-पिड़त तोड़ रह ह तम बस lsquoअपन को जोड़ो

lsquoहम बदलग-यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का lsquoवद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का

वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हम बदलग mdash यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का वद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

प ठ 45 अकषय कराित

िसफर काला और सफ़द य ही वो दो रग थ जो तर पास सि ट बनान क आधार थ

काला वो जो कािलमा िलय ह िजस कहत ह दख िनराशा म य अपयश और वो सबकछ जो नकारा मक ह

मगर सफद ह वो रग िजसस जड़ा ह जीवन आशा सख और कीितर और वो सब कछ जो सकारा मक ह पर इन रग स तझ चन ना िमला त सोचन लगा अगर सि ट बनानी ह

तो िकस िलए- ससगर और परम क िलए और

इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग

ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह

बस- बना डाला तन इ दरधनष

जो बरसात क बाद सरज और प वी क अनपम परम को रग दता ह सतरगी रग स

और उ ही सतरगी इ दरधनषी रग म हम हर पल हर कषण डबत गहरात इतरात रहत ह

और खिशय भर ससार म हर रग को अलग-अलग तरह स महसस करक जीत रहत ह

रग तो रग ह मगर-

ससगर और परम क िलए और इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह बस-

सतरगी िचतर सगीता ीवा तव इरडा

प ठ 46 अकषय कराित

कभी पक क कभी फीक़ तो कछ कभी दाग बनकर उभर आत ह

कछ आख म नील बादल स छाए रहत ह तो कछ गाल पर गलाबी रग बनकर छलक जात ह

याद रहत ह अक सर वो रग- जो खदी पर इस तरह छा जात ह िक खद म घलकर खद क होन

का एहसास दत-दत खद का एक रग बन जात ह

बगनी आसामनी नीला हरा पीला नारगी लाल इ दरधनष क य सात रग ही जोड़त ह हमार िदल को

हमार मन को जोड़न वाल इन रग की सतरगी दिनया म-

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा बनाय

और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क

सतरगी िचतर

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा

बनाय और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क सतरगी िचतर

प ठ 13

अकषय कराित

कमरचािरय की आदत उनक यिक त व और िन पादन कषमता का पार पिरक सबध - एक िव लषण

हम िजस िकसी सगठन म काम करत ह उसक परित हमारा ल य होना चािहए सबिधत स थान क िलए अपनी सपणर कषमताओ का इ तमाल कषमताओ का बहतर परयोग तभी हो सकता ह जब हम अपन अदर अ छी आदत का िवकास कर हमार शा तर वद उपिनष और अ य धािमरक गरथ हम अ छी आदत क िवकास क सबध म बीज मतर बतात ह िक हम मनसा वाचा और कमरणा शदध रहना चािहए मनसा वाचा और कमरणा शदधता स ता पयर ह िक हम मन वाणी और कम स अ छ बन रह हमारी नीयत नक हो हम अपन सहकिमरय सािथय और अ य लोग क साथ अ छा बरताव कर और हमार कमर अ छ ह इस बीज मतर पर चलन वाला हमशा अपन अदर अ छी आदत का िवकास होता पायगा

असल म िदककत यही ह िक हम उपदश दन म तो आग रहत ह लिकन खद क अदर नही झाकत या कम ही झाकत ह - lsquoपर उपदश कशल बहतरrsquo सपरिसदध लखक सरदार परन िसह न एक बार कहा था आचरण की स यतामय भाषा सदा मौन रहती ह अथारत आदमी खद चप रहकर खद को ठीक रख तो इसका परभाव खद-ब-खद दसर पर पड़ता ह इसको हम एक छोट स उदाहरण स प ट कर सकत ह िक मान िलया जाए हम ब च स कह धमरपान नही करत लिकन उसक सामन खद ऐसा कर इसस इतर हम अगर यह सब करत ही नही ह तो इसका यादा असर ब च पर पड़गा अ छी आदत घर स श होकर समाज द तर और उसस आग तक हम हमशा हमारा फायदा िदलाती ह

कहा जाता ह िक व थ तन म ही व थ मन िनवास करता ह इसी तरह यह भी कहा जाता ह िक व थ वातावरण ही उ नित का योतक होता ह व थ वातावरण तभी बनगा जब उस माहौल म रहन वाल लोग

हीरा व लभ नराकास

असल म िदककत यही ह िक हम उपदश दन म तो आग रहत ह लिकन खद क अदर नही झाकत या कम ही झाकत ह - lsquoपर उपदश कशल बहतरrsquo

प ठ 14

अकषय कराित एक दसर का स मान करग खद की आदत को सधारग और उस स था की तरककी क िलए अपन तर पर हर वह काररवाई करग जो औ योिगक सगठन और लोग की उ नित म ज री होती ह

औ योिगक सगठन िकसी भी दश की अथर यव था को मजबत आधार परदान करत ह औ योिगक सगठन म परयोग होन वाल सम त ससाधन म मानव ससाधन अथारत उसम काम करन वाल कमरचारी मह वपणर और िनणारयक होत ह इन सगठन का सफल सचालन वहा कायररत कमरचािरय की कशलता और कायरकषमता पर आधािरत होता ह कशलता और कायरकषमता का ोत हमारा आचरण और यवहार होता ह जािहर ह औ योिगक सगठन म मानवीय सबध परी एक ऐसी िकताब ह िजसक िबना कभी कछ नही कराया जा सकता लोग क साथ सतोषजनक प स काम करना परबधन क काम का िसफर एक िह सा नही ह वरन सारा

काम इसी पर िटका ह कय िक सभी उ योग म मशीन माल या दसरी चीज़ क साथ कोई भी काम लोग क मा यम स ही िकया जा सकता ह तीन lsquoएमrsquo अथारत मनी मटीिरयल और मशीन औ योिगक सगठन क िलए मह वपणर ससाधन होत ह लिकन इ ह पिरणाम तक पहचान का कायर कमरचारी (man) ही करत ह जो सगठन दर अदशी रहकर कमरचािरय क जञान उनकी िविश टताओ उनक आचरण को अनकल साच म ढालन क परित सजग रहत ह वही सफलता की ऊचाइय को छत ह अगरजी म एक परानी कहावत ह -- Where the vision is one year Cultivate flowers Where the vision is ten years Cultivate trees Where the vision is eternity Cultivate people अथारत जहा दरअदशी एक साल क िलए हो तो फल लगाइय जहा दरअदशी दस साल क िलए हो तो पड़ लगाइय

औ योिगक सगठन म परयोग होन वाल सम त ससाधन म मानव ससाधन अथारत उसम काम करन वाल कमरचारी मह वपणर और िनणारयक होत ह

प ठ 15

अकषय कराित जहा दरअदशी अनत काल क िलए हो तो लोग का िवकास कीिजए औ योिगक सगठन म 500 आदमी ह 5000 आदमी ह 50000 ह या इसस अिधक अगर कामकाज ठीक स चलाना ह तो बहत ज री ह परबधन उनस िनभाना जानता हो यिकतगत सपकर का मह व

वातानकिलत कमर म बठकर और सचार मा यम या िकसी अ य तरीक स कमरचािरय की िरपोटर लना और आस पास होन वाल घटनाकरम को जानना अलग बात ह और कायर थल पर वय उपि थत रहकर ि थित को समझना और िनदश दना अलग बात महान जनरल रोमल की सफलता का मखय कारण यह था िक व हमशा कायर थल पर वय उपि थत होकर िनदश दत बात की पि ट करत सम याए सलझात और दखत िक काम कसा चल रहा ह रोमल का यह तरीका इतना सफल रहा िक िकसी भी औ योिगक सगठन या कारोबार म इस अपनाया जाए तो आशातीत पिरणाम सामन आ सकत ह लोग क बीच खद उपि थत होकर काम करन का कोई िवक प नही ह लोग अिधकाशतः उनको नापसद करत ह िज ह व ठीक स जानत नही ह पर एक बार जान पहचान हो जान पर हालात बदल जात ह कमरचािरय म अ छी आदत का िवकास करन की पहली शतर ह िक पहल उनक िदल म घर िकया जाए ऐस िकसी भी बरताव स बचा जाए िजसस वह अपन को उपिकषत महसस करन लग अतः सवदनशीलता का यान रखना बहत ज री ह

कमरचािरय क परित सवदनशील यवहार-कौशल और धयरपणर होन क अितिरकत इस बात पर ढ़ रहना ज री ह िक काम ठीक परकार स हो अ छ यवहार क साथ कमरचािरय को यह जताना भी ज री ह िक उनस काम का उ च तर अपिकषत ह और उस पर उनक साथ कोई समझौता नही और अगर इस पर अमल नही करत तो उ ह पता होना चािहए िक आप कड़ी काररवाई करग

सकारा मक नजिरया परबधन का एकमातर काम िनदश दना नही ह वरन उस साथ-साथ लोग का िवकास करना होता ह

महान जनरल रोमल की सफलता का मखय कारण यह था िक व हमशा कायर थल पर वय उपि थत होकर िनदश दत बात की पि ट करत सम याए सलझात और दखत िक काम कसा चल रहा ह

प ठ 16

अकषय कराित एक अिधकारी का मखय काम यही ह िक वह अपन साथ काम करन वाल लोग म अ छी आदत का िवकास कर उनकी सहायता कर यिद यह काम परभावशाली ढग स कर पाता ह तो इसस कवल उसक अपन काम ही बहतर नही ह ग बि क उसक पास परिशिकषत और कशल कमरचािरय का परा दल होगा जो उसक परित परी िन ठा स काम करगा इसक िलए सबस पहल कमरचािरय का नजिरया ठीक करना ज री ह उनम सबस पहल यह भावना लानी होगी िक हमार अदर जो चीज ह वही हम ऊपर की ओर ल जाती ह और वह हमारा नजिरया ह

एक आदमी मल म ग बार बचकर अपनी गज़र-बसर करता था उसक पास लाल नील पील हर-चार रग क ग बार थ जब कभी उसकी िबकरी कम होन लगती तब वह हीिलयम गस स भरा एक ग बारा हवा म छोड़ दता ब च उस उड़ता दखकर वसा ही उड़न वाला ग बारा पान क िलए मचल उठत ब च उसस ग बारा ख़रीदत और इस तरह उसकी िबकरी िफर स बढ़ जाती िदन-भर यही िसलिसला चलता रहता एक िदन वह आदमी बाज़ार म खड़ा ग बार बच रहा था अचानक उस महसस हआ िक पीछ स कोई उसका करता पकड़कर खीच रहा ह उसन पीछ मड़कर दखा तो एक छोट स ब च को खड़ा पाया उस ब च न ग बार वाल स पछा ldquoअगर आप काला ग बारा छोड़ग तो कया वह भी उड़गाrdquo ब च की बात उसक िदल म लगी और उसन यार स जवाब िदया ldquoबट ग बारा अपन रग की वजह स नही उड़ता बि क उसक अदर कया ह इस वजह स ही वह ऊपर जाता ह rdquo ठीक यही बात हमारी िज़दगी म भी लाग होती ह अगर लोग का नजिरया बहतर हो उनम अदर स काम करन की इ छा भरी हो तो व खलकर आपस म िमलकर काम करग इसस नकसान तो कम होगा ही स थान क परित िन ठा बढ़गी और लगन स काम करन का वातावरण तयार होगा िव वास हािसल करना आव यक

कमरचािरय स बहतरीन काम लन क िलए शानदार टीम लीडर होना ज री ह मटठीभर लोग का कोई समह िकला तभी फतह कर सकता ह जब

एक आदमी मल म ग बार बचकर अपनी गज़र-बसर करता था उसक पास लाल नील पील हर-चार रग क ग बार थ

प ठ 17

अकषय कराित जब उनका सनापित उनम वह जोश भर सक िक उ ह कोई भी ऊचाई यादा न लग अतः सबस ज री ह िक स थान म कमरचािरय की

कषमताओ का परा फायदा लन क िलए उनका िव वास जीता जाए इसक िलए उनक साथ परी इ जत स पश आना ज री ह उनकी छोटी-बड़ी खशी को बाटना और उनकी राय को परा स मान दना भी उतना ही ज री ह कई बार परबधन क उ चािधकारी या लीडर अपनी टीम क सद य स िसफर इसिलए राय नही लत कय िक उ ह लगता ह िक एक बार राय लन पर अगर उनकी बात नही मानी गयी तो उ ह बरा लगगा लिकन सबस ज री ह िक टीम म सभी सद य को िव वास म लकर काम िकया जाए यहा टीम लीडर की भिमका मह वपणर होती ह वह खद वकत का पाबद होगा तो उसक मातहत कमरचािरय म वयमव यह गण आदत का प ल लगी टीम लीडर का काम अपनी टीम का उ साह बढ़ात हए दी गयी िज मदािरय को समय स परा करना ह मगर उसम नयी चीज़ को सीखन की ललक होनी चािहए ऐसी ललक जब स थान क कमरचािरय म आदत का प लन लगती ह तो वह स थान जािहर ह नए परितमान थािपत करन लगता ह जापानी कपिनया हर बात म कमरचािरय क िहत का यान रखती ह िजसस व वय ही उ पादकता क परित सचत हो जात ह जानी-मानी टोयोटा कपनी क कमरचािरय म तो काम की ऐसी आदत सी या ललक होती ह िक व तब तक काम करत ह जब तक खद थक कर चर नही हो जात यह उनकी आदत ही बन चकी ह िक यिद व िकसी बात पर नाराज होत ह तब भी कपनी या अपन भागय को भल ही कोस ल पर अपन काम पर असर नही पड़न दत इसका कारण यह ह िक जापानी कपिनया काम का एक अ छा वातावरण बनान और लोग म काम क परित स ची लगन को बढ़ावा दन क िलए कड़ा परयास करती ह वहा लोग को लगातार परिशकषण िमलता रहता ह जो कवल तकनीक और मनजमट ही नही कायर स जड़ी नितकता और अ छी आदत क िवकास पर किदरत होता ह चिरतर का िनमारण उनकी एक आदत सी बन जाती ह अगर हम भी एक अ छी शिखसयत बनना ह तो हम अपनी आदत को गहराई स जाचना होगा

ऐसी ललक जब स थान क कमरचािरय म आदत का प लन लगती ह तो वह स थान जािहर ह नए परितमान थािपत करन लगता ह जापानी कपिनया हर बात म कमरचािरय क िहत का यान रखती ह

प ठ 18

अकषय कराित चतन और अवचतन मन

हमार चतन मन क पास सोचन की शिकत होती ह यह िकसी बात को मान सकता ह और नही भी मान सकता मगर अवचतन मन िसफर वीकार करता ह यह इनपट (input) को लकर कोई भदभाव नही करता अगर हम अपन मन म डर शका नफरत क भाव भर तो यह आ म सझाव इन सभी भाव को सिकरय बनाकर हकीकत म बदल दगा हमारा अवचतन मन एक डाटा बक की तरह ह अवचतन मन एक गाड़ी की तरह ह और चतन मन एक डराइवर की तरह शिकत तो गाड़ी म होती ह मगर उसका कटरोल डराइवर क पास होता ह

हम अवचतन मन को इस तरह ढालन की ज रत ह िक वह हम सही और ठीक रा त पर ल जा सक अवचतन मन एक बगीच की तरह होता ह िजस कोई परवाह नही होती िक आप कस पौध लगात ह यह िनरपकष (neutral) होता ह इसम अ छा बोन पर अ छा िमलता ह अ यथा जगली पौध उग जायग

बि क अ छ बीज बोन क बावजद जगली पौध उगन बद नही होत आव यकता होती ह उ ह उखाड़ फकन का िसलिसला जारी रखन की इसी िसदधात को कमरचािरय क मामल म समझन की ज रत ह हम याद रखना ह िक सही और गलत िवचार मन म एक साथ नही रह सकत आव यकता उनक अवचतन मन को इस तरह ढालन की ह िक उनम अ छी आदत का िवकास हो दरअसल अवचतन योगयता वह होती ह जब हम यान दन और सोचन की यादा ज रत नही होती कय िक यह हमार यवहार म खद ब खद उतरन लगा ह िजस स थान क कमरचारी इस तर पर पहच जात ह उनम अ छी आदत वयमव घर करन लगती ह जब बरी आदत हमार अवचतन योगयता क तर तक पहच जाती ह तो वह कावट उ प न करती ह

पिरवतरन का िवरोध बरी आदत को पहचान लन क बाद भी अकसर दखा गया ह िक

लोग उ ह बदलत नही ह ऐसा आिखर कय होता ह उनक न बदलन का कारण ह िक व िज मदारी को वीकार करन स इनकार करत ह

हम अवचतन मन को इस तरह ढालन की ज रत ह िक वह हम सही और ठीक रा त पर ल जा सक अवचतन मन एक बगीच की तरह होता ह िजस कोई परवाह नही होती िक आप कस पौध लगात ह

प ठ 19

अकषय कराित अपनी उन आदत को बनाय रखन म उ ह जो आनद िमलता ह वह पिरवतरन क ददर स यादा होता ह इसक िन निलिखत कारण हो सकत ह -- 1 पिरवतरन की इ छाशिकत का अभाव 2 पिरवतरन क िलए आव यक अनशासन की कमी 3 िव वास की कमी 4 आव यक जानकारी की कमी परबधन वारा इन िबदओ पर िवचार कर अपन किमरय म आशातीत पिरवतरन लाया जा सकता ह सामा यतः खराब आदत को न बदलन क बहान िदय जात ह और कहा जाता ह -- हम लोग इसी तरह करत ह या िक म नही समझता इसस कोई फकर पड़गा और कछ न िमला तो कह िदया जाता ह म बहत य त ह अ छी आदत का िन पण

आदत म पिरवतरन लाया जा सकता ह आव यकता ह इसक िलए सही पिरवश का िनमारण करन की कमरचािरय को परिशिकषत करन की परिरत करन की और ऐसी ि थितया उ प न करन की िजसस कमरचािरय म अ छी आदत का िन पण हो सक दरअसल सफल लोग का राज यह ह िक व काम करन की उन आदत को डाल लत ह जो असफल लोग करना नही चाहत य वही काम ह िज ह सफल लोग भी करना

नही चाहत लिकन व िफर भी करत ह उदाहरण क िलए असफल लोग अनशासन और महनत करना पसद नही करत सफल लोग भी अनशासन और कड़ी महनत नापसद करत ह लिकन व िफर भी ऐसा करत ह कय िक य लोग उन काम को करन की आदत डाल लत ह िज ह असफल लोग नही कर पात नजिरय और सोच का तरीका एक आदत ह और इस बदला जा सकता ह सही ि ट और सतलन कमरचािरय म काम क सबध म सही ि ट बनाय रखन की परवि त िवकिसत करना ज री ह जब कछ गलत हो रहा होता ह तो उस ठीक करना परबधन का ही काम होता ह समझा यह जाता ह िक परायः हम गलत हो रह काम को लकर इतन िचितत हो जात ह िक जो सही हो रहा ह उस भी अनदखा करन की हमम आदत होती ह

दरअसल सफल लोग का राज यह ह िक व काम करन की उन आदत को डाल लत ह जो असफल लोग करना नही चाहत

प ठ 20

अकषय कराित उदाहरण क िलए अगर िकसी स कोई गलती हो जाती ह तो हम एकदम उस पर िच ला पड़त ह या उसक िव दध काररवाई कर बठतहअ छा यह रहगा िक आप उस अलग ल जाकर अकल म बात कर अगर परशसा करनी हो तो सबक सामन कर

अगर िकसी स सहमित न बन तो उस पर करोध करना ज री नही ह अगर अपन करोध पर काब रखग तो लोग अपनी असहमित को अ यथा नही लग अगर आप अपन िवचार को खला रखग तो दसरी ओर स भी आप ऐस ही यवहार की अपकषा कर सकत ह परायः लोग अपनी सहमित कछ इस तरह जतात ह िक सामन वाला भी अपनी बात पर अड़ जाता ह समझन की बात यह ह िक सभी ि थितय म कवल तकर ही काफी नही होगा िकसी स असहमत होन म भी यवहार कशल होना ज री ह सबस पहल तो दसर को अपना पकष रखन का मौका द उसकी बात सन और जहा तक हो सक उसस अपनी सहमित भी परकट कर और िजन बात पर सहमित न बना सक उस समझाए

हमम स अिधकाश लोग उन किमरय और उनकी गलितय पर अ यिधक यान दत ह िजनक िलए हम काम करत ह पर अपन किमरय पर नज़र डालना भल जात ह अगर वय को उन लोग की नजर स दखा जाए तो आशातीत पिरणाम दखन को िमलत ह

आ म मथन आप कया करना चाहत ह कसा करना चाहत ह - इस सोच को

वतरमान म अपन अदर मथन करन को आ म-सझाव कहत ह एक बार सब म जब इसकी पिरपाटी श हो जाती ह तो यह हमार अदर िवजञापन की तरह काम करता ह अपन बार म अपन िलए अदर ही परचािरत करता ह इसका हमार चतन और अवचतन (Sub-concious) मन दोन पर परभाव पड़ता ह अततः यह हमार नजिरए और यवहार को परभािवत करता ह और धीर-धीर आदत का प लता ह यह दरअसल अपन अवचतन मन को ढ़ालन या परोगराम करन की िविध ह

हमम स अिधकाश लोग उन किमरय और उनकी गलितय पर अ यिधक यान दत ह िजनक िलए हम काम करत ह पर अपन किमरय पर नज़र डालना भल जात ह

प ठ 21

अकषय कराित आ म-सझाव अ छ या बर हो सकत ह जब हम बर आ म-सझाव को बार-बार दोहरात ह तब हमारा अवचतन मन उन पर िव वास करन लगता ह और हम उसी को वा तव म यवहार करन लगत ह सकारा मक आ म-सझाव को बार-बार मथन करन स उसकी हमार िदलोिदमाग म त वीर बन जाती ह और वही असिलयत का प लन लगता ह एक उदाहरण क िलए जब कभी हम सबह 0600 बज टरन पकड़नी हो और हमार पास अलामर घड़ी न हो तो हम मन म कहकर उठत ह िक 0400 बज उठना ह तो कया हम नही उठत अगर उठत ह तो इसक पीछ आ म-सझाव ही काम करता ह आ म-सझाव एक रा ता ह िजसस हम अपन िदमाग को परोगराम करक ढ़ालत ह सकारा मक आदत को िवकिसत करन म आ म-सझाव की परवि त मह वपणर िसदध हो सकती ह हमार नजिरए और आदत को तय करन वाल कारक हमार नज़िरए को मखयतः तीन कारक परभािवत करत ह - वातावरणः घर कल आिफस मीिडया सा कितक प ठभिम धािमरक प ठभिम परपराए और भाषाए सामािजक-राजनितक माहौल - य सब िमलकर एक तहजीब बनात ह चाह घर हो या आिफस या अ यतर - हर जगह हर िकसी की अपनी तहजीब होती ह उदाहरण क िलए हम एक दकान म जात ह तो वहा का स समन बड़ अदब वाला होता ह लिकन वही जब दसरी दकान पर जात ह तो वहा का स समन कभी-कभी बड़ा खा और बदतमीज िमल जाता ह उसी तरह िकसी क घर म यार भरा माहौल िमलता ह तो िकसी क घर म हमशा लड़ाई-झगड़ का इसी तरह जब सरकार और राजनीितक माहौल ईमानदारी का होता ह तो लोग भी ईमानदार मददगार और कानन का पालन करन वाल होत ह बईमान और भर ट माहौल म िजस तरह एक ईमानदार का जीना मि कल होता ह उसी तरह ईमानदारी भर माहौल म बईमान यिकत को मि कल होती ह िन सदह अ छ वातावरण म मामली कमरचारी म वमव अ छी आदत िवकिसत होती ह और उसकी कायर करन की शिकत बढ़ जाती ह जबिक खराब माहौल म अ छा काम करन वाल की भी कषमता िगर जाती ह

सकारा मक आदत को िवकिसत करन म आ म-सझाव की परवि त मह वपणर िसदध हो सकती ह

प ठ 22

अकषय कराित कायर-स कित का बहाव ऊपर स नीच की ओर होता ह नीच स ऊपर की ओर कभी नही यह दखना बहत ज री ह िक हमन अपन िलए और आस-पास क लोग क िलए कसा वातावरण तयार िकया ह खराब वातावरण म अ छ की उ मीद करना बमानी ह अनभवः हम अपन जीवन म अपन काम-काज म हालात स जसा अनभव पात ह वह हमारी आदत का िह सा बन जात ह और उसी क अनसार हमारा यवहार होता ह अगर िकसी क परित हमारा अनभव अ छा होता ह तो हमारा नज़िरया भी अ छा होता ह ज री ह िक कमरचािरय को ऐसा कायर-पिरवश िमल िजसस उनक अवचतन म अ छ अनभव की छाप अिकत हो

परिशकषण भी ज़ री यहा िसफर सदधाितक जञान ही काफी नही होता बि क औपचािरक और अनौपचािरक दोन ही तरह की िशकषा व परिशकषण ज री ह जञान और जानकारी को यिद योजनाबदध तरीक स परयोग िकया जाए तो उसस बौिदधक तर को बढ़ान म आशातीत सफलता िमलती ह काम करन की कला अ छी िशकषा स ही आती ह ज री ह िक परिशकषण म मनोवजञािनक सामािजक आिथरक व अ य पहल को समझन की आदत िवकिसत की जाए अवचतन म यह िबठाना बहत ज री ह िक जीवन की भ यता काम क वारा ही सभव ह स थान म सभी को लगना चािहए िक उनका काम मह वपणर ह यही परबधन कला का सार ह जब कमरचािरय को ऐसा एहसास होन लगता ह तो उनक नज़िरए म बदलाव आन लगता ह उपसहारः काम क परित लोग म अ छी आदत िन िपत करन और उनम उ साह जगान स कायर-िन पादन म िनरतर िनखार आता ह दरअसल हर यिकत म मानिसक और शारीिरक ऊजार उ प न होती ह िजसक िलए काम ही सबस अ छा िनकास ह एक िवचारक क अनसार lsquoआप पछत ह म लगातार काम कय करता ह

यहा िसफर सदधाितक जञान ही काफी नही होता बि क औपचािरक और अनौपचािरक दोन ही तरह की िशकषा व परिशकषण ज री ह

प ठ 23

अकषय कराित इसका वही कारण ह िजस कारण स मगीर अ ड दती जाती ह rsquo काम क िबना इसान घट सा जाता ह उस काम की उतनी ही ज रत होती ह िजतनी हवा की आव यकता ह िक उस सही वातावरण उपल ध करान और सही िदशा म अिभपरिरत करन की व ततः हर यिकत अदर स गिरमा और आ मस मान की चाह रखता ह आव यकता ह उस अतःपरिरत करन की लोग को खद स परिरत करन क िलए हम उनकी ज रत और इ छाओ को समझना होगा पररणा कायरकषमता और आदत क बीच सीधा सबध ह जो लोग उतना ही काम करत ह िक उनकी नौकरी बची रह तो ऐस लोग िकसी भी स थान क िलए मह वपणर नही हो सकत अतपररणा स सोच म बदलाव लाया जा सकता ह पररणा आग क समान होती ह

कमरचािरय को िजतना परिरत िकया जाएगा उनम उतनी ही सकारा मक आदत का िवकास होगा कमरचािरय को उिचत स मान दकर उनक कायर को अिधक मनोरजक बनाकर परबधन वारा उनकी बात को गौर स सनकर उनकी सम याओ और सझाव पर गौर करक उ ह वय ल य िनधारिरत करन क िलए परो सािहत करक िवकास क नय अवसर उपल ध कराकर आव यकतानसार समय-समय पर समिचत परिशकषण िदलाकर तथा नयी चनौितय स जझन क िलए परो सािहत करक िन सदह उनक आचार और यवहार को सकारा मक िदशा म पाियत िकया जा सकता ह

कमरचािरय को िजतना परिरत िकया जाएगा उनम उतनी ही सकारा मक आदत का िवकास होगा

ई-पितरका म लख आिद म परकट िवचार

मलतः लखक क ह तथा यह आव यक नही ह िक

इरडा भी इन िवचार स सहमत हो

प ठ 24

अकषय कराित

िबिटया

आख म मोती लकर तम िबिटया जाती हो हा जाओ िशकषा का उपहार द रह िवदा समय यह लो ल जाओ इन पराण म परीित त हारी ममता क धन िसदरी इन नयन की बद पली परकट करती ह मजबरी लाचारी ह िफर पराण म क य ह इतनी आकलता

जब इस रीित पर पराओ म वश न िकसी का ह चलता िपतकल को तजकर अब िबिटया पित-कल म जाना होगा

नटखटपन को छोड़ धमर का ही िजसम बाना होगा इस घर की तम बड़ी लाडली पराण स यारी िबिटया

चली लाकर आज सभी को िपता की कर सनी किटया िजन हाथ न लाड़ चाव स अब तक था िजसको पाला उन हाथ न ही िबिटया को दलह राजा जी को द डाला

िजसका दख जरा मन मला हो जाती थी हरानी क यादान उसी का कर क दय बनाया पाषाणी

िकया न जाता था पल भर को इन आख स दर िजस मोती झरत िवदा द रहा आज सकल पिरवार उस अपनी मा क जीवन की तम परित-पल हो आधार रहो

िवजयता िपता क दय मिदर की िबिटया तम साकार रही आज जीवन क सख-दख सार वही िबतान तम लो जान आओगी जब कभी यहा तम होगी महमान समान

सतीश कमार कलावत इरडा

इस घर की तम बड़ी लाडली पराण स यारी िबिटया चली लाकर आज सभी

को िपता की कर सनी किटया

प ठ 25

ससराल की कभी बराई कही न मह पर आ जाव धमर कमर क तर य पथ म पाव नही िडगन पाव

सात परितजञाय जो तमन अिग नदव स मख की धारण द पि त जीवन का मह व ह करना स च मन स पालन

बटी इन सात बचन का यान दय म रह सदा दोन कल की लाज इसी म भला न दना इस कदा पित ही ह सवर तर त हार पित ही को जीवन समझो

जो कछ कह उसी को मान उनको िबिटया तम धन समझो शीलवती तम बन िबिटया पित-भक त मना सदर िनस दह वय उपजग क प-वकष घर क अ दर

पहन सिशकषा की साड़ी को शभ गण भषण अपनाओ दस लकषण शभ लकषण धार िन य नय मगल गाओ यह िशकषा उपहार दय का तम को राह िदखायगा भल भटक कर भी अिधयारा पास न आन पायगा

हम सब की आख स मोती उर स िनकल रही आशीष सभी सख स पणर परफि लत कर त ह दलह राजा की ईश

अकषय कराित

िजन हाथ न लाड़ चाव स अब तक था िजसको पाला उन हाथ न ही िबिटया को दलह राजा जी को द डाला

प ठ 26 अकषय कराित

ldquoपयारवरणrdquo श द पिर+आवरण स बना ह अथारत बा य आवरण को ही पयारवरण कहत ह इस बा य आवरण का ता पयर हमार चार ओर क वातावरण और पिरवश स ह िजस हम दसर श द म परकित भी कह सकत ह प वी पर िव यमान सपणर जीव-जगत क अि त व जीवन-यापन एव चहमखी िवकास म परकित की मह वपणर भिमका ह मानव बिदधजीवी पराणी ह और परकित क मह व स भली-भाित पिरिचत होन क कारण ही सिदय स परकित की पजा करता रहा ह

विदक काल स ही परकित तथा मानव क बीच जीवन ततर का अटट सबध रहा ह हमार पराचीन ऋिष-मिनय न प वी म हवा पानी िमटटी पड़-पौध जीव-ज तओ और मानव क सिकरय सहयोगा मक सतलन को यान म रखकर ही परकित को प य माना धमर क साथ परकित को जोड़कर उ ह न परकित को पयार त मह व िदया व जानत थ िक िजस परकार जीवन क िलए भिम की आव यकता होती ह उसी परकार वन पितया व अ य पराणी भी आव यक ह य सभी परकित क अिभ न अग ह इनम स एक क भी न ट होन का परभाव दसर पर पड़ता ह और पिरणाम व प पराकितक असतलन पदा हो जाता ह व तत प वी म हवा पानी िमटटी पड़-पौध जीव-ज तओ और मानव का सिकरय सहयोगा मक सतलन रहता ह पड़-पौध भिम को उपजाऊ बनात ह िमटटी को बाधकर रखत ह बरसात करवान तथा जल एव वाय को व छ रखन म सहायक होत ह परत आज क बढ़त औ योिगकीकरण और शहरीकरण न परकित और मानव क बीच असतलन उ प न कर िदया ह यह असतलन अिशकषण बढ़ती जनसख या शहर की ओर पलायन वकष की कटाई गगनचबी इमारत बड़-बड़ उ योग की थापना आिद क कारण ह और यही पयारवरण परदषण क मख य कारण ह मटरोपोिलटन एव बड़ शहर म अनक काबरिनक और अकाबरिनक गस जस ndash काबरन-मोनोऑक साइड अमोिनया आिद परदषण क मख य ोत ह

वतरमान पयारवरण -21वी सदी की चनौती

लख सरीन सल

विदक काल स ही परकित तथा मानव क बीच जीवन ततर का अटट सबध रहा ह

प ठ 27 अकषय कराित मन य न अपनी भितक सख-सिवधाओ की आपित र क िलए परकरित स

िखलवाड़ िकया ह वतरमान मशीनी यग म मन य वारा परकित क अ यिधक दोहन एव िनत नए कारखान की थापना स पयारवरण सकट उ प न हआ ह मानव न परकित क साथ जो अ यायपणर यवहार िकया ह उसी क फल व प परकित का िवरोधी रवया हआ ह िजस भिव य म सह पाना मि कल होगा

अिशकषा क कारण दश की तजी स बढ़ती आबादी क आवास की मलभत आव यकता को परा करन क िलए वकष की कटाई करक ऊची-ऊची इमारत बनाई जा रही ह वकष की अधाधध कटाई स भिम की ऊवररा शिक त का तो ास हो ही रहा ह साथ ही परदषण जसी िवकराल सम या भी ज म ल रही ह

परदषण पयारवरण क ास का परमख कारण ह िवकासशील दश िनत नए उ योग की थापना करक बराजगारी की सम या को तो दर कर रह ह िकत इसस जल वाय विन तथा िविभ न परकार क परदषण बढ़ रह ह कल-कारखान और मोटर स िनकलन वाल धए स वाय परदषण हो रहा ह जल थल व नभ क मागर पर शिक त चािलत वाहन विन परदषण का मख य ोत ह शहरीकरण और औ योिगकीकरण क कारण शदध पयजल की सम या िवकराल प धारण कर रही ह कारखान स िनकलन वाल कड़-कचर क निदय म िमलन स जल परदषण हो रहा ह रासायिनक खाद और कीटनाशी दवाओ स मदा परदषण का खतरा बन गया ह

इस परकार जनसख या विदध शहरीकरण औ योिगकीकरण एव परदषण जसी सम याओ न पयारवरण को बरी तरह परभािवत िकया ह आज सपणर िव व पयारवरण को लकर िचितत ह इस भयावह ि थित स बचन क िलए पर यक यिक त को पयारवरण क परित जाग क करना आज की अिनवायर आव यकता ह

इस िदशा म सवरपरथम िनरकषरता को समा त िकया जाना चािहए साकषर भारत की पिरक पना म जनसख या विदध दर वय िनयितरत हो जाएगी करल रा य इसका परमाण ह जहा साकषरता क साथ-साथ जनसख या िनयतरण भी ह

जल थल व नभ क मागर पर शिक त चािलत वाहन विन परदषण का मख य ोत ह

प ठ 28 अकषय कराित

इसक बाद बात आती ह परदषण िनवारण की आज िव व भर क

वजञािनक और पयारवरणिवद इस िदशा म कायररत ह सवरपरथम वन क काटन पर परितबध लगाया गया ह और वन सपना क िव तार हत वकष लगान क िलए परो सािहत िकया गया इसक िलए सरकार की ओर स वकष आिद िनश क उपल ध कराए जात ह ldquoपयारवरण परदषण स थाrdquo और व छ वाय अिधिनयम जस िविधक उपाय स वाय परदषण पर रोक लगान का परयास िकया जा रहा ह जहरील धआ उगलन वाल कारखान तथा वाहन पर भारी आिथरक दड का परावधान ह िविभ न सचार मा यम mdashदरदशरन समाचार-पतर तथा आकाशवाणी क मा यम स जनता को पयारवरण क परित जाग क करन क परयास िकए जा रह ह निदय म खलन वाल परदषण ोत को बद करन की योजनाए चलाई जा रही ह पािलथीन क परयोग को बद करन क िलए चलाया जा रहा ह अिभयान भी परशसनीय ह

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह इस खतर स सपणर भमडल का अि त व न ट हो जाए इसस पहल हम पयारवरण की सरकषा करन का सक प लना होगा

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह

िस धी होन क प चात भी मझ बगाली रीित िरवाज़ िमठाइया यहा का पहनावा अगरज क ज़मान की बनी सरचनाए एव भवन इ यािद म बहत िदलच पी एव िच थी

प ठ 29 अकषय कराित

यातरा स मरण-कोलकाता-खिशय हषर का शहर(िसटी ऑफ जॉय)

सोिनया सिह वानी पीईसी िलिमटड

म पी ई सी िलिमटड नामक कपनी क िविध ककष म उप िविध परबधक क पद पर कायररत ह सन 2010 जन स इस कपनी म मन परबधन परिशकष क प म अपनी पहली नौकरी की श आत की पी ई सी िलिमटड वािण य मतरालय क अतगरत आन वाली आयात-िनयारत यापार स स बिधत क पिनय म स एक ह इस स दभर म जनवरी 2011 म िविभ न िवभाग क परबधन परिशकषओ को ओिरएटशन हत काडला कोलकाता इ यािद शहर म भजन का कायरकरम िनि चत िकया गया कोलकाता क पास हि दया पोटर होन क कारण कोलकाता शहर चना गया जहा पी ई सी वारा आयात की गयी व तए पोटर गोदाम म रखी जाती ह साथ ही म कोलकाता पोटर िभ न गोदाम इ यािद दखन की यव था की गयी एव सची म समावश िकया गया यह सनकर मरी ख़शी का िठकाना न रहा क य िक मन कोलकाता शहर क बार म सना बहत था पर त कभी दखा न था िस धी होन क प चात भी मझ बगाली रीित िरवाज़ िमठाइया यहा का पहनावा अगरज क ज़मान की बनी सरचनाए एव भवन इ यािद म बहत िदलच पी एव िच थी आिखरकार मझ मौका िमला और जनवरी की कड़ाकदार ठ ड क बीच हम एक रिववार शाम कोलकाता राजधानी स अपनी मिजल की और िनकल पड़ िद ली स कोलकाता क सफ़र क बीच हमारी गाड़ी इलाहाबाद गया िबहार तथा धनबाद जस शहर स होत हए बगाल की ओर पहची हसत-गात खलत-खात हए हम अगली सबह हावड़ा जकशन पहच गए रलगाड़ी स उतर कर टशन स बाहर िनकलत ही मझ िसटी ऑफ जॉय क नाम स मशहर कोलकाता की पहली झलक िदखाई दी ऐसा लगा मानो मझ भारत क दो पहल एकसाथ जीत हए नज़र आए एक तरफ थ टशन स बाहर एव अ दर जात हए स दर कपड़ गहन म लद हए कोलकाता क बगाली िनवासी साथ म बड़ी-बड़ी गािड़य म घमत कोलकाता क नौजवान और ठीक दसरी तरफ मरी नज़र पड़ी हगली नदी पर बन परिसदध हावड़ा िबरज पर िजस दख एक अलग ही दिनया का एहसास हआ

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह

िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी

एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया नतीजा मर समकष था

प ठ 30 अकषय कराित

हावड़ा िबरज पर हर तरफ लोग का जमावड़ा था इतन लोग दख िद ली क चादनी चौक की याद आ गयी ऐसा लगा मानो म 50 साल पीछ िकसी लक एव वाईट दिनया म कदम रख चकी थी िबरज क दोन तरफ सामान बचत हए दकानदार िखलौन मछली रख हए औरत एव छोट-छोट ब च मख य शहर स हावड़ा जान वाल आम आदमी मजदर की तज़ र तार फरी स र ता पार करन वाल यापारी इन सब को दख लगा कोलकाता म मबई जसी भागम भाग भी थी िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया नतीजा मर समकष था जस-जस म कोलकाता शहर क भीतर आन लगी मझ इस शहर क िवकास की झलक िदखाई दी एक तरफ थी ऊची ईमारत सदर िवशाल िव यासागर सत पल बड़-बड़ होटल माल कोलकाता उ च यायालय राईटसर िबि डग मशहर इडन गाडरन टिडयम इ यािद तो दसरी तरफ था िवक टोिरया ममोिरयल अगरज की वा तकला क अनसार िदखती लाल ईटो की इमारत िवक टोिरयल सरचनाए भवन छोटी-छोटी पटिरय पर समान बचत नया बाज़ार (New Market) क दकानदार एव िवक टोिरया ममोिरयल क बाहर चलत सलािनय क िलए रथ वाल घोड़ हमारा होटल जसीबोस सड़क पर ि थत था एव सिवधाओ स भरपर था पर त मन य जाना िक असली कोलकाता का मज़ा गाड़ी म नही अथवा िरक शा ऑटो तथा साल स चलती आ रही सड़क पर टराम म था

हर तरफ मझ पील रग की टिक सया िदखाई दी सब एक समान थी तथा मरसीडीज़ गाड़ी क बगल म चलती 1-2 पय म सफ़र की जान वाली टराम भी साथ िदखाई दी परी िजदगी िद ली म यतीत करन क बाद हर नए शहर का रहन-सहन बोल-चाल रीित-िरवाज़ जानन की जाग कता मझम हमशा रही पहल ही िदन स कोलकाता मझ रास आया जस िक कहत ह lsquoकोलकाता हमार खब भाला लागली छ rsquo कहन का ता पयर य िक मझ कोलकाता बहत अ छा लगा पहल िदन िक शाम को हमन य मािकर ट म खरीददारी करन का मन बनाया म हरान थी िक वहा चीज िकतनी स ती िमल रही थी िद ली क मतािबक एक ितहाई दाम पर चिडया गहन बग जत कत इ यािद िमल

िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया

प ठ 31 अकषय कराित य मािकर ट िद ली क लाजपत एव सरोिजनी नगर समान ह कम

दाम म अ छा समान िमला कोलकाता चमड़ क िलए भी मशहर ह एव परिसदध ी लदसर दकान भी इस बाज़ार म ि थत ह यहा खरीदारी का हमन खब ल फ़ उठाया

अगल िदन हम हि दया पोटर गए एव अनक जहाज़ दख 3-4 घट की दरी पर ि थत यह पोटर अनक एकड़ म फला हआ था पहली बार इतन बड़ जहाज़ को अदर स दख खब आनद आया तीसर िदन हम काली बाड़ी मिदर गए बगाली अ यत पाठ-पजा वाल दगार मा क स च उपासक ह यह सब जानत ह दगार पजा इनका लोकिपरय उ सव ह तथा काली मा एव दगार मा की स च मन स पजा करत ह कोलकाता क िनवासी भिक त भावपणर ह यह सना था अब खद दख भी िलया बगाली र म स पजा करन का य मौका अ यत आनदमयी था इसक अलावा काली बाड़ी क नज़दीक ही ि थत ह गौिरहाट बाज़ार यहा की दकान बगाली सािड़या कपड़ सट कत इ यािद क िलए परिसदध ह आिद धक तशवर नामक मशहर दकान म जाकर मरा भी मन िकया िक म भी खरीददारी क मर सािथय न बहत सािड़या खरीदी एव दाम दखकर म दग रह गई सदर स सदर साड़ी मातर 600700 पय की थी मन बगाल की मशहर लाल एव सफद िपरट की साड़ी भी खरीदी कोलकाता म खरीददारी का अलग की मज़ा ह उसी िदन शाम हम सा ट लक िसटी मॉल गए वह सा ट लक टिडयम क नज़दीक ह यहा िदखाई िदया कोलकाता का परगितशील प नौजवान फटबाल की जसीर पहन माल म घम रह थ एक स एक

मशहर बरड वहा मौजद थ इसक अलावा कोलकाता क िनवासी खब मनोरजन क शौक़ीन ह सगीत नाच गाना इ यादी म िच रखत ह कोलकाता म जगह-जगह सगीत कला अकडमी तथा पढ़न (रीिडग) क क लब ह अगरज क शौक तथा रहन-सहन की झलक आज भी यहा िदखती ह यहा क नौजवान को खल-कद म भी खब िदलच पी ह फटबाल का तो जस यहॉ सबको जनन ह

भारत क परिसदध मोहन बगान फटबाल क लब फटबाल क वहा क नौजवान ही नही परा शहर ही दीवाना ह भारत-पाक मच हो या आई पी एल इडन गाडरन मदान लोग स खचा-खच भरा रहता ह अफ़सोस म वहा अदर जा न सकी

इसक अलावा काली बाड़ी क नज़दीक ही ि थत ह गौिरहाट बाज़ार यहा की दकान बगाली सािडया कपड़ सट कत इ यािद क िलए परिसदध ह

प ठ 32 अकषय कराित

मर सफर क आखरी िदन म मन कोलकाता क लोग म एकता क नजार दख िविभ नता म भी एकता का उदाहरण दखा चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख िजस िदन हम कोलकाता पहच थ उसी िदन वहा शहर बद था और मन एक जट होकर लोग को अपनी बात कहत हए दखा एव सना यहा क लोग अपन शहर क िवकास बहतरी क िलए जाग क ह िज मदारी लत ह तथा सरकार को अपनी बात भली-भाित कहत ह लड़िकय औरत की इ ज़त करत ह एव यहा िक मिहलाओ को मन िनदरलीय पाया जहा एक ओर भारत की राजधानी होन क बावजद िद ली वाल अपनी िजदगी म मगन रहत ह वही दसरी और कोलकाता म अमीरी-गरीबी िभ न जाितय म भी एक जटता ह कपड़ा एव खाना आज भी यहा खब स ता िमलता ह पर त दसरी तरफ सब जानत ह िक बड़-बड़ उ योगपित िव वान लखक िखलाड़ी गायक अिभनता िनदशक यहा स उभर ह सािह य हो या लख बॉलीवड हो या िकरकट बगाल न भारत को अनक नाम एव गौरव िदए ह चाह सौरव दादा हो या रिव दर नाथ टगोर ममता बनजीर रानी मखजीर हो या योित बस भारत म इनकी भिमका का वणरन करन की ज रत नही

मन कछ िदन क कोलकाता क सफर म इस शहर को जानन समझन का परयास िकया हगली नदी क िकनार खड़ होकर समदर को दखा निदय को िनहारा िव यासागर सत िबरज की सदरता िवशालता को सराहा क सी दास की परिसदध िमठाई का ल फ उठाया मन बहत शहर घम पर त यह सफर मर िलए सबस यादगार रहा कोलकाता परगित क मागर पर िनरतर बढ़ रहा ह पर त आज भी वह अपनी जड़ नितक म य को नही भला ह एक आम आदमी आज भी टराम म या फरी स सफर करता ह यहा क िनवासी दो पय स लकर 500 ० का खाना खात ह पराना एव नया कोलकाता एक साथ जीिवत ह िसक क क दो पहल की तरह कोलकाता क यह दो प को एक साथ रहत दख बहत आनद आया

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 33 अकषय कराित

जल परकित का अनपम उपहार ह मानव जाित अपन परादभारवकाल स ही इस उपहार का उपयोग अपन िहत क िलए करती आई ह जल वह पराकितक उपहार ह िजसका कोई िवक प नही ह इसिलए जल को अमतया जीवन भी कहा गया ह जल क िबना जीवन की सभावना भी नही ह पर यकष प स तो जल की मानवीय आव यकता सीिमत ह परत परोकष आव यकताओ पर नजर डाल तो दिनक जीवन की आव यकताए जस अ न फल स जी दध स लकर हमार पहराव आवास तक सब जल स जड़ हजल का जरा भी सतलन िबगड़ जाए तो जीवन यापन क टपरद होन म दर नही परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह जल क सामा य त य जल या पानी एक आम रासायिनक पदाथर ह जो जीवन क सभी जञात प क जीिवत रहन क िलए ज री ह आमतौर पर जल अपनी दरव अव था म उपयोग म लाया जाता ह पर यह ठोस अव था बफर और गस अव था जल वा प या भाप प म भी पाया जाता ह प वी क लगभग तीन चौथाई िह स पर िव व क महासागर का अिधकार ह अनमानत प वी पर जल की कल मातरा लगभग 1400 िमिलयन घन िकलोमीटर ह जो िक प वी पर 3000 मीटर गहरी परत िबछा दन क िलए काफी ह तथािप जल की इस िवशाल मातरा म व छ जल का अनपात बहत कम ह प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह शष जल झील निदय वायम डल नमी मदा और वन पित म मौजद ह जल की जो मातरा उपभोग और अ य परयोग क िलए व ततः उपल ध ह वह निदय झील और भजल म उपल ध मातरा का छोटा-सा िह सा ह इसिलए जल ससाधन िवकास और परब ध की बाबत सकट इसिलए उ प न होता ह कय िक अिधकाश जल उपभोग क िलए उपल ध नही हो पाता

परभावी जल परबधन और दश का िवकास

दीपक आहजा ओएनजीसी िवदश

प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह

प ठ 34 अकषय कराित

और दसर इसका िवषमतापणर थािनक िवतरण इसकी एक अ य िविश टता ह फलतः जल का मह व वीकार िकया गया ह और इसक िकफायती परयोग तथा परब ध पर अिधक बल िदया गया ह प वी पर उपल ध जल जल-चकर क मा यम स चलायमान ह जल लगातार एक चकर म घमता रहता ह िजस जलचकर कहत ह इसम वा पीकरण वषार और बह कर सागर म पहचना शािमल ह हवा जल वा प को थल क ऊपर उसी दर स उड़ा ल जाती ह िजस गित स यह बहकर सागर म पहचाता ह जल चकर का िचतर नीच पर तत िकया गया ह

अिधकाश उपभोकताओ जस िक मन य पशओ अथवा पौध क िलए जल क सचलन की ज रत होती ह जल ससाधन की गितशील और नवीकरणीय परकित और इसक परयोग की बार बार ज रत को ि टगत रखत हए यह ज री ह िक जल ससाधन को उनकी परवाह दर क अनसार मापा जाए इस परकार जल ससाधन क दो पहल ह अिधकाश िवकासा मक ज रत क िलए परवाह क प म मािपत गितशील ससाधन अिधक परासिगक ह आरिकषत भ डार की ि थर अथवा िनयत परकित और साथ ही जल की मातरा तथा जल िनकाय क कषतर की ल बाई व म यपालन नौ सचालन आिद जस कछक िकरयाकलाप क िलए भी परासिगक ह

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 35 अकषय कराित

जल का यय अप यय जल क बार म एक नही कई च कान वाल त य ह िव व म और िवशष प स भारत म जल िकस परकार न ट होता ह इस िवषय म जो त य सामन आए ह उस पर जाग कता स यान दकर जल क अप यय को रोका जा सकता ह अनक त य ऐस ह जो हम आन वाल ख़तर स तो सावधान करत ही ह दसर स पररणा लन क िलए परो सािहत करत ह और पानी क मह व व इसक अनजान ोत की जानकारी भी दत ह प वी पर पदा होन वाली सभी वन पितया स भी हम पानी िमलता ह

आल और अनानास म 80 परितशत और टमाटर म 95 परितशत पानी ह पीन क िलए मानव को परितिदन 3 लीटर और पशओ को 50 लीटर पानी

चािहए भारत म 83 परितशत पानी खती और िसचाई क िलए उपयोग िकया जाता

ह इज़राइल म औसतन मातर 10 सटीमीटर वषार होती ह इस वषार स वह

इतना अनाज पदा कर लता ह िक वह उसका िनयारत कर सकता ह दसरी ओर भारत म औसतन 50 सटीमीटर स भी अिधक वषार होन क बावजद अनाज की कमी बनी रहती ह

िपछल 50 वष म जल क िलए 37 भीषण ह याकाड हए ह भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल

चलती ह पानी ज य रोग स िव व म हर वषर 22 लाख लोग की मौत हो जाती ह यिद बरश करत समय नल खला रह गया ह तो पाच िमनट म करीब 25

स 30 लीटर पानी बरबाद होता ह बाथ टब म नहात समय 300 स 500 लीटर पानी खचर होता ह जबिक

सामा य प स नहान म 100 स 150 लीटर पानी खचर होता ह िव व म परित 10 यिकतय म स 2 यिकतय को पीन का शदध पानी

नही िमल पाता ह परित वषर 6 अरब लीटर बोतल पक पानी मन य वारा पीन क िलए

परयकत िकया जाता ह मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 36 अकषय कराित

िद ली मबई और च नई जस महानगर म पाइप लाइन क वॉ व की खराबी क कारण रोज़ 14 स 44 परितशत पानी बकार बह जाता ह

निदया पानी का सबस बड़ा ोत ह जहा एक ओर निदय म बढ़त परदषण रोकन क िलए िवशषजञ उपाय खोज रह ह वही कल कारखान स बहत हए रसायन उ ह भारी मातरा म दिषत कर रह ह

भारत म जल सकट नासा की एक िरपोटर न पानी को लकर दश भर म बढ़ती जा रही लापरवाही क परित आख खोली ह इस िरपोटर म भारत म सख की ि थित पदा होन क िलए िज मवार कारण म स एक अहम कारण अधाधध जल दोहन को बताया गया ह बतात चल िक दश भर क 604 िजल म स 161 सख की मार झल रह ह वस अब बताया जा रहा ह िक सख की मार स बहाल िजल की सखया बढ़कर 246 हो गई ह यानी कहा जाए तो आधा दश सख की चपट म ह बहरहाल नासा की इस िरपोटर म बताया गया ह िक भारत क कई रा य कषमता स यादा जल दोहन कर रह ह यहा कषमता स ता पयर यह ह िक उनस िजतन सलाना जल दोहन की उ मीद कदर करती ह व उसस कही यादा जल दोहन कर रह ह नासा न यह अ ययन 2002 स 2008 क बीच

की ि थितय क आधार पर िकया ह इस िरपोटर म बताया गया ह िक पजाब हिरयाणा और राज थान हर साल औसतन 177 अरब कयिबक मीटर पानी जमीन क अदर स िनकाल रह ह जबिक कदर की तरफ स लगाए गए अनमान क मतािबक इ ह हर साल 132 अरब कयिबक मीटर पानी ही जमीन क अदर स िनकालना था इस तरह स दखा जाए तो य तीन रा य िमलकर कषमता स 30 फीसदी यादा पानी का दोहन कर रह ह जािहर ह िक िबना कछ सोच-िवचार जब इस पमान पर पराकितक ससाधन का दोहन िकया जाएगा तो परकित भी बदला लगी और वही हो रहा ह इस िरपोटर म यह भी बताया गया ह िक भारत का महज 58 फीसदी भजल ही हर साल िरचाजर हो पाता ह नासा की यह िरपोटर बताती ह िक अधाधध जल दोहन की वजह स पर उ तर पि चम भारत क भजल तर म हर साल 4 सटीमीटर यानी 16 इच की कमी आ रही ह इस अ ययन को अजाम दन म नासा क जल िवजञानी मट रोडल न अहम भिमका िनभाई ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 37 अकषय कराित

उनक हवाल स इस िरपोटर म बताया गया ह िक दश क उ तर पि चम कषतर म 2002 स 2008 क दौरान तकरीबन 109 कयिबक िकलोमीटर पानी की कमी हई ह यह मातरा िकतनी अिधक ह इसका अदाजा इसी स लगाया जा सकता ह िक यह अमिरका क सबस बड़ जलाशय लक मीड की कषमता स दगन स भी कही यादा ह अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह इस िरपोटर क मतािबक अगर अधाधध जल दोहन इसी तरह स जारी रहा तो आन वाल समय म भारत को अनाज और पानी क सकट को झलन क िलए अभी स तयार हो जाना चािहए जािहर ह िक जब जल सकट बढ़गा तो खती पर इसका गहरा परभाव पड़गा अनाज क उ पादन म कमी आएगी इस वजह स अनाज सकट पदा होगा और भख का एक नया चहरा उभरकर सामन आएगा एक बड़ा तबका जो आज भरपट भोजन कर पाता ह उसक िलए पट भर खाना िमलना मि कल हो जाएगा भखमरी की जो सम या पदा होगी उसस िफर िनपटना आसान नही होगा इसक अलावा पीन क पानी का टोटा तो होगा ही अभी ही दश क कई िह स ऐस ह जहा क लोग को पीन क िलए साफ पानी नही िमल पा रहा ह कई कषतर ऐस ह जहा गमीर क िदन म हडपप स पानी आना बद हो जाता ह वहा क लोग को हर साल बोिरग को कछ फट बढ़वाना होता ह यह सम या भजल तर क िगरत जान की वजह स ही पदा हई ह जब पीन क पानी का सकट पदा होगा तो बोतलबद पानी का कारोबार काफी तजी स बढ़गा कहन का मतलब यह िक िजसक पास पसा होगा वह अपनी यास बझा सकगा और िजसक पास पसा नही होगा उस अपनी यास बझान क िलए भी सघषर करना पड़गा ि थित की भयावहता की क पना ही िसहरन पदा करती ह भारत म दिनया का हर छठा आदमी रहता ह यानी कहा जाए तो दिनया क कल आबादी क तकरीबन सतरह फीसदी लोग भारत म रहत ह जबिक दिनया का महज साढ़ चार फीसदी पानी ही भारत म उपल ध ह ऐस म जल सम या स दो-चार होना कोई आनापिकषत बात नही ह एक बात तो तय ह िक पराकितक ससाधन म इजाफा तो नही िकया जा सकता ह लिकन इसका सरकषण अव य िकया जा सकता ह

अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह

प ठ 38 अकषय कराित

भारत म लोग िकसी एक मा यम स पयजल परा त करन पर िनभरर नही ह इस दश म 357 फीसदी लोग हडपप स 367 फीसदी लोग नल स 182 फीसदी लोग तालाब पोखर या झील स 56 फीसदी कओ स 12 फीसदी लोग पारपिरक साधन स और 26 फीसदी लोग अ य मा यम स पीन का पानी परा त करत ह इस िलहाज स अगर दखा जाए तो जल सकट को दर करन क िलए समगर कायरयोजना की ज रत ह

दरअसल भारत म गहरात जल सकट क िलए काफी हद तक पानी की बबारदी भी िज मवार ह यहा जल आपित र की यव था म काफी खािमया ह नल क जिरए घर तक पहचन वाल पानी का एक बड़ा िह सा िरस कर बबारद हो जाता ह हर शहर म फट हए आपित र पाइप आसानी स दख जा सकत ह इस बदहाल यव था क िलए सरकार क साथ-साथ सामा य लोग भी कम िज मदार नही ह एक तरफ तो सरकार पयजल क नाम पर हर साल हजार करोड़ पए का बजट बनाती ह और दसरी तरफ जमीनी तर पर हालात म कोई बदलाव नही िदखता ह सामािजक तौर पर भी जल सरकषण को लकर जाग कता का अभाव िदखता ह यह सामािजक तान-बान का ही असर ह िक लोग कही भी जल की बबारदी को दखकर उस सामा य घटना मानत हए नजरअदाज कर दत ह दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था यह अब घटकर 1800 कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर हो चका ह

दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था

प ठ 39 अकषय कराित

िवशषजञ का अनमान ह िक अगर पानी की खपत और बबारदी इसी तरह स जारी रही तो 2025 तक यह घटकर हजार कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर ही रह जाएगा उस समय तक पानी की उपल धता म आन वाली इस कमी की वजह स किष उ पादन म तीस फीसदी की कमी आन की सभावना ह इन पिरि थितय म दश की आिथरक और सामािजक ि थित का कया होगा इसका अदाजा सहज ही लगाया जा सकता ह भारत म जल सरकषण क परित आज भी आम लोग क मन म उपकषा का भाव बना हआ ह साथ ही इस कायर क िलए आव यक तकनीक की भी कमी ह जो तकनीक उपल ध ह उनस सामा य लोग अनजान ह बािरश क पानी का सगरह करक उस उपयोग म लाना एक अ छा िवक प ह पर इस तरह की कोिशश काफी सीिमत मातरा म काफी छोट तर पर हो रही ह यही वजह ह िक दश म होन वाली बािरश क पानी का अ सी फीसदी िह सा आज भी समदर म पहच जाता ह अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह अगर जल की इस िवशाल मातरा का आधा भी परयोग कर िलया जाए तो ि थित म यापक बदलाव आना तय ह शहरी कषतर म तो पानी की कालाबाजारी जोर पर ह जगह-जगह पर जल मािफया सिकरय हो गए ह िद ली क ही एक अखबार न कछ समय पहल यह बात उजागर िकया था यहा तो समानातर जल बोडर भी चलाया जा रहा ह हरानी की बात तो यह ह िक इसक बावजद भी पानी क काल धध पर अकश नही लगाया जा सका ह अहम सवाल यह ह िक कस सामा य तबक क लोग तक व छ पानी पहचाया जाए शहरी कषतर क साथ-साथ गरामीण कषतर म भी यह एक बड़ी चनौती ह आबादी म अपर यािशत विदध बढ़त शहरीकरण औ योिगकीकरण और किष उ पाद की बढ़ती माग क कारण पानी की माग िपछल कछ साल म वाभािवक प स बढ़ी ह इसक पिरणाम व प भजल ससाधन का अ यिधक दोहन हआ ह और इसका नतीजा हआ िक लगातार भजल का तर घटता जा रहा ह शहरी कषतर म ि थित बहद भयावह ह तदनसार वहा न कवल शीघराितशीघर जल ससाधन क सरकषण की ज रत ह बि क परभावी रणनीित और परबधन क जिरए त काल कदम उठान की ज रत ह

अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह

प ठ 40 अकषय कराित

खासकर इस बात को यान म ऱखकर िक िविभ न परितयोगी कषतर म कभी भी माग बढ़ सकती ह भिव य म उपयोग क िलए छत पर या सतह पर जलगरहण बनाकर वषारजल सरकषण बहद ज री ह यह पानी की बढ़ती ज रत का खयाल रखन िमटटी की नमी तर को बढ़ान शहरी हिरयाली को बढ़ान भजल तर को कितरम प स पनभररण करन और भजल की गणव ता स सधार का काम करता ह भारत म जल परबधन स दश का िवकास भारत म दिनया की 16 परितशत आबादी रहती ह लिकन दिनया क िसफर 4 परितशत जल ससाधन ही भारत क पास ह 3290000 वगर िकलोमीटर क भिम कषतर और एक अरब स यादा की आबादी क साथ भारत क एक बहलवादी िविवधता का िचतर ह िवशाल पराकितक ससाधन क साथ सप न तकनीकी और वजञािनक किमरय का भी यह दिनया म दसरा सबस बड़ा सम चय ह भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह मानव िवकास म 80 क दशक म लगभग 26 परितशत और 90 क दशक क दौरान और 24 परितशत क वारा सधार हआ ह आजादी क बाद छह दशक म भारत न जल ससाधन का अभतपवर िवकास और खा या न म आ मिनभररता शहरी कषतर ऊजार और औ योिगक कषतर और पीन का पानी क बिनयादी ढाच म तजी स िव तार दखा ह िजसका उपयोग भारत की लगभग 85 परितशत शहरी और गरामीण आबादी क वारा िकया जाता ह भारत म रा य सरकार और भारत सरकार क परितबदध और ठोस परयास की वजह स गरामीण और शहरी आबादी को सरिकषत पयजल को उपल ध करवान म काफी सफलता हािसल की ह इस उपलि ध न भजल की कमी जल जमावजल गणव ता िगरावट जल परदषण और बढ़त लवणता तर स बड़ कषतर को परभािवत िकया ह और अभी भी िविभ न रा य म गरामीण और शहरी भारत क मानव िवकास सचकाक (HDI)rsquo म बहत असमानता मौजद ह पानी क िलए कषतरीय माग तजी स बढ़ रह शहरीकरण की गित स बढ़ रही ह (अनमानत 2025 तक दश की आबादी का 50 परितशत स अिधक शहर म रहग) जनसखया विदध बढ़ती आय और औ योिगक िवकासशहरी भारत तजी स िवकास की माग क कदर क प म उभर रहा ह

भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह

प ठ 41 अकषय कराित

नतीजतन परित यिकत पानी की उपल धता िगर रही ह परधानमतरी की अ यकषता म 12वी योजना क िलए हई योजना आयोग की पणर बठक म दसर म क साथ जल परबधन पर िवशष चचार हई बठक क बाद योजना आयोग क उपा यकष म टक िसह अहलवािलया न कहा िक भ-जल कानन स लकर दसर म की यापक समीकषा ज री ह व यनाथन सिमित जहा वतरमान म भ-जल कानन की साथरकता का अ ययन करगी वही भारतीय अतिरकष अनसधान सगठन [इसरो] की मदद स पानी की उपल धता का िव तत अ ययन होगा म टक न कहा िक उसी आधार पर रणनीित तय होगी सरकार यह यान रखगी िक पानी का अिधकतम उपयोग हो सक और सभी को उपल ध हो पानी पर िकसी का एकािधकार न हो सक बतात ह िक द पयोग को रोकन क िलए श क लगान पर भी िवचार िकया जा सकता ह हालािक इसस पहल रा य सरकार स चचार होगी यह तय ह िक एआइबीपी कायरकरम म यापक बदलाव ह ग ी म टक िसह अहलवािलया न कहा िक वतरमान म इस कायरकरम का सही िकरया वयन नही हो रहा ह िलहाजा उसम पिरवतरन ज री ह सभव ह िक हर रा य म जल िनयामक परािधकरण बनान की शतर भी लगाई जाए उ ह न कहा िक जल परबधन की यापक समीकषा कर नई रणनीित तय की जाएगी कल िमलाकर रा टरीय तर पर वतरमान जल ससाधन का अिधक स अिधक करन क िलए माग को परा करन क िलए पयार त ह लिकन भिव य क अ ययन पिरयोजना ह िक जल आपित र की ि थित अगल आध सदी म अिधक किठन हो सकती ह जल सकट स िनपटन को जल सरकषण परबधन अिनवायर परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह बढ़त वि वक तापमान क फल व प अितवि ट अनावि ट अ पवि ट और असामियक वि ट हम परितवषर दख रह ह िजसका परभाव हमार जल ससाधन पर पड़ता िदखाई द रहा ह कओ व बाविडय का िमटता अि त व नदी-नाल का घटता पानी भ-गभर जल का िगरता तर िचता की पिरिध स िनकलकर खतर की घटी बनता जा रहा ह

निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह

प ठ 42 अकषय कराित

िव व भर म सीमट क अधाधध परयोग न धरातल क सहज अवशोषण कषतर को घटाया ह तथा जल बहाव भिम कटाव व बाढ़ म विदध की ह ऐसी ि थित म जल सरकषण का दािय व मातर वजञािनक व सरकार तक सीिमत न रहकर पर यक उपभोकता क कध पर आ जाता ह इसी दािय व क िनवरहन क िलए हमार पास दो िवक प सामन आत ह 1 वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई

उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

2 पािरवािरक तर पर वषार जल को सगरिहत कर उसका उपयोग कर य दोन ही परयास गरामीण कषतर म तो सरलता स अपनाए जा सकत ह परत शहरी कषतर म व ट वाटर मनजमट की बड़ी पिरयोजनाए बनाकर ही पानी को िरसाइिकल िकया जा सकता ह भ-गभर अिधकािधक जल अवशोिषत होकर

जाए इसक िलए मदानी भाग म िनयोिजत ढग स बड़-बड़ पोखर बनाकर तथा पहाड़ी कषतर म नाल -ख ड म िमटटी प थर आरसीसी क बड़-छोट डम लगाकर जल बहाव रोक भ-सरकषण बचाव व जल भडारण और धरातल जल शोषण कषतर बढ़ाया जा सकता ह िव व बक भारत सरकार वारा म य िहमालय जलागम पिरयोजना रा य क भ-सरकषण िवभाग इस कषतर म कारगर उपाय लकर

हमार सामन ह परत जनसहयोग क िबना इन पिरयोजनाओ क आशातीत पिरणाम ल पाना किठन ह वकषारोपण इस सपणर जल चकर को बल दन वाला कारक ह जल क परित चतना जागत न हई तो अव य ही अगल िव व यदध का कारण जल ही होगा

जल भोजन ह और अिगन भोजन का भकषक ह अिगन जल म और जल अिगन म िव यमान ह

- ततरीय उपिनषद 38

वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

प ठ 43 अकषय कराित

म भी गान गा सकता ह शबनम क िखलत फल क म भी गीत सना सकता ह सावन क म त झल क लिकन जब घर-घर म बादल छाय घोर िनराशा क तब म नगम गा रहा ह उ मीद की आशा क

सड़क पर खड़ बचपन की य बात सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह

हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

इस बदलत पिरवश का राग सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

गाधी जी क सपन का जो राम-रा य कहलाता ह उस भारत म सड़क पर छोट चाय पहचाता ह

कहा गई वो अ हड़ म ती कहा गया वो यार का रा ता उन हाथ स बचत झड िजन हाथ को चािहए ब ता

उस सोन की िचिड़या की म बात बतान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

कही बम की गमर हवाए कही ससद म कोहराम ह कही होत घोटाल स परशान आदमी आम ह

कही कल की िकलकारी ह कही सड़क पर बचपन ह कही चलता नही गजारा कही िवदश म काला धन ह

म स चाई गा-गाकर सबको बतलान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

बदलता भारत मनीष लाल इरडा

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

प ठ 44 अकषय कराित

करन वाल काम बहत ह यथर उलझन को छोड़ो म ला-पिड़त तोड़ रह ह तम बस lsquoअपन को जोड़ो

lsquoहम बदलग-यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का lsquoवद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का

वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हम बदलग mdash यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का वद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

प ठ 45 अकषय कराित

िसफर काला और सफ़द य ही वो दो रग थ जो तर पास सि ट बनान क आधार थ

काला वो जो कािलमा िलय ह िजस कहत ह दख िनराशा म य अपयश और वो सबकछ जो नकारा मक ह

मगर सफद ह वो रग िजसस जड़ा ह जीवन आशा सख और कीितर और वो सब कछ जो सकारा मक ह पर इन रग स तझ चन ना िमला त सोचन लगा अगर सि ट बनानी ह

तो िकस िलए- ससगर और परम क िलए और

इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग

ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह

बस- बना डाला तन इ दरधनष

जो बरसात क बाद सरज और प वी क अनपम परम को रग दता ह सतरगी रग स

और उ ही सतरगी इ दरधनषी रग म हम हर पल हर कषण डबत गहरात इतरात रहत ह

और खिशय भर ससार म हर रग को अलग-अलग तरह स महसस करक जीत रहत ह

रग तो रग ह मगर-

ससगर और परम क िलए और इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह बस-

सतरगी िचतर सगीता ीवा तव इरडा

प ठ 46 अकषय कराित

कभी पक क कभी फीक़ तो कछ कभी दाग बनकर उभर आत ह

कछ आख म नील बादल स छाए रहत ह तो कछ गाल पर गलाबी रग बनकर छलक जात ह

याद रहत ह अक सर वो रग- जो खदी पर इस तरह छा जात ह िक खद म घलकर खद क होन

का एहसास दत-दत खद का एक रग बन जात ह

बगनी आसामनी नीला हरा पीला नारगी लाल इ दरधनष क य सात रग ही जोड़त ह हमार िदल को

हमार मन को जोड़न वाल इन रग की सतरगी दिनया म-

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा बनाय

और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क

सतरगी िचतर

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा

बनाय और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क सतरगी िचतर

प ठ 14

अकषय कराित एक दसर का स मान करग खद की आदत को सधारग और उस स था की तरककी क िलए अपन तर पर हर वह काररवाई करग जो औ योिगक सगठन और लोग की उ नित म ज री होती ह

औ योिगक सगठन िकसी भी दश की अथर यव था को मजबत आधार परदान करत ह औ योिगक सगठन म परयोग होन वाल सम त ससाधन म मानव ससाधन अथारत उसम काम करन वाल कमरचारी मह वपणर और िनणारयक होत ह इन सगठन का सफल सचालन वहा कायररत कमरचािरय की कशलता और कायरकषमता पर आधािरत होता ह कशलता और कायरकषमता का ोत हमारा आचरण और यवहार होता ह जािहर ह औ योिगक सगठन म मानवीय सबध परी एक ऐसी िकताब ह िजसक िबना कभी कछ नही कराया जा सकता लोग क साथ सतोषजनक प स काम करना परबधन क काम का िसफर एक िह सा नही ह वरन सारा

काम इसी पर िटका ह कय िक सभी उ योग म मशीन माल या दसरी चीज़ क साथ कोई भी काम लोग क मा यम स ही िकया जा सकता ह तीन lsquoएमrsquo अथारत मनी मटीिरयल और मशीन औ योिगक सगठन क िलए मह वपणर ससाधन होत ह लिकन इ ह पिरणाम तक पहचान का कायर कमरचारी (man) ही करत ह जो सगठन दर अदशी रहकर कमरचािरय क जञान उनकी िविश टताओ उनक आचरण को अनकल साच म ढालन क परित सजग रहत ह वही सफलता की ऊचाइय को छत ह अगरजी म एक परानी कहावत ह -- Where the vision is one year Cultivate flowers Where the vision is ten years Cultivate trees Where the vision is eternity Cultivate people अथारत जहा दरअदशी एक साल क िलए हो तो फल लगाइय जहा दरअदशी दस साल क िलए हो तो पड़ लगाइय

औ योिगक सगठन म परयोग होन वाल सम त ससाधन म मानव ससाधन अथारत उसम काम करन वाल कमरचारी मह वपणर और िनणारयक होत ह

प ठ 15

अकषय कराित जहा दरअदशी अनत काल क िलए हो तो लोग का िवकास कीिजए औ योिगक सगठन म 500 आदमी ह 5000 आदमी ह 50000 ह या इसस अिधक अगर कामकाज ठीक स चलाना ह तो बहत ज री ह परबधन उनस िनभाना जानता हो यिकतगत सपकर का मह व

वातानकिलत कमर म बठकर और सचार मा यम या िकसी अ य तरीक स कमरचािरय की िरपोटर लना और आस पास होन वाल घटनाकरम को जानना अलग बात ह और कायर थल पर वय उपि थत रहकर ि थित को समझना और िनदश दना अलग बात महान जनरल रोमल की सफलता का मखय कारण यह था िक व हमशा कायर थल पर वय उपि थत होकर िनदश दत बात की पि ट करत सम याए सलझात और दखत िक काम कसा चल रहा ह रोमल का यह तरीका इतना सफल रहा िक िकसी भी औ योिगक सगठन या कारोबार म इस अपनाया जाए तो आशातीत पिरणाम सामन आ सकत ह लोग क बीच खद उपि थत होकर काम करन का कोई िवक प नही ह लोग अिधकाशतः उनको नापसद करत ह िज ह व ठीक स जानत नही ह पर एक बार जान पहचान हो जान पर हालात बदल जात ह कमरचािरय म अ छी आदत का िवकास करन की पहली शतर ह िक पहल उनक िदल म घर िकया जाए ऐस िकसी भी बरताव स बचा जाए िजसस वह अपन को उपिकषत महसस करन लग अतः सवदनशीलता का यान रखना बहत ज री ह

कमरचािरय क परित सवदनशील यवहार-कौशल और धयरपणर होन क अितिरकत इस बात पर ढ़ रहना ज री ह िक काम ठीक परकार स हो अ छ यवहार क साथ कमरचािरय को यह जताना भी ज री ह िक उनस काम का उ च तर अपिकषत ह और उस पर उनक साथ कोई समझौता नही और अगर इस पर अमल नही करत तो उ ह पता होना चािहए िक आप कड़ी काररवाई करग

सकारा मक नजिरया परबधन का एकमातर काम िनदश दना नही ह वरन उस साथ-साथ लोग का िवकास करना होता ह

महान जनरल रोमल की सफलता का मखय कारण यह था िक व हमशा कायर थल पर वय उपि थत होकर िनदश दत बात की पि ट करत सम याए सलझात और दखत िक काम कसा चल रहा ह

प ठ 16

अकषय कराित एक अिधकारी का मखय काम यही ह िक वह अपन साथ काम करन वाल लोग म अ छी आदत का िवकास कर उनकी सहायता कर यिद यह काम परभावशाली ढग स कर पाता ह तो इसस कवल उसक अपन काम ही बहतर नही ह ग बि क उसक पास परिशिकषत और कशल कमरचािरय का परा दल होगा जो उसक परित परी िन ठा स काम करगा इसक िलए सबस पहल कमरचािरय का नजिरया ठीक करना ज री ह उनम सबस पहल यह भावना लानी होगी िक हमार अदर जो चीज ह वही हम ऊपर की ओर ल जाती ह और वह हमारा नजिरया ह

एक आदमी मल म ग बार बचकर अपनी गज़र-बसर करता था उसक पास लाल नील पील हर-चार रग क ग बार थ जब कभी उसकी िबकरी कम होन लगती तब वह हीिलयम गस स भरा एक ग बारा हवा म छोड़ दता ब च उस उड़ता दखकर वसा ही उड़न वाला ग बारा पान क िलए मचल उठत ब च उसस ग बारा ख़रीदत और इस तरह उसकी िबकरी िफर स बढ़ जाती िदन-भर यही िसलिसला चलता रहता एक िदन वह आदमी बाज़ार म खड़ा ग बार बच रहा था अचानक उस महसस हआ िक पीछ स कोई उसका करता पकड़कर खीच रहा ह उसन पीछ मड़कर दखा तो एक छोट स ब च को खड़ा पाया उस ब च न ग बार वाल स पछा ldquoअगर आप काला ग बारा छोड़ग तो कया वह भी उड़गाrdquo ब च की बात उसक िदल म लगी और उसन यार स जवाब िदया ldquoबट ग बारा अपन रग की वजह स नही उड़ता बि क उसक अदर कया ह इस वजह स ही वह ऊपर जाता ह rdquo ठीक यही बात हमारी िज़दगी म भी लाग होती ह अगर लोग का नजिरया बहतर हो उनम अदर स काम करन की इ छा भरी हो तो व खलकर आपस म िमलकर काम करग इसस नकसान तो कम होगा ही स थान क परित िन ठा बढ़गी और लगन स काम करन का वातावरण तयार होगा िव वास हािसल करना आव यक

कमरचािरय स बहतरीन काम लन क िलए शानदार टीम लीडर होना ज री ह मटठीभर लोग का कोई समह िकला तभी फतह कर सकता ह जब

एक आदमी मल म ग बार बचकर अपनी गज़र-बसर करता था उसक पास लाल नील पील हर-चार रग क ग बार थ

प ठ 17

अकषय कराित जब उनका सनापित उनम वह जोश भर सक िक उ ह कोई भी ऊचाई यादा न लग अतः सबस ज री ह िक स थान म कमरचािरय की

कषमताओ का परा फायदा लन क िलए उनका िव वास जीता जाए इसक िलए उनक साथ परी इ जत स पश आना ज री ह उनकी छोटी-बड़ी खशी को बाटना और उनकी राय को परा स मान दना भी उतना ही ज री ह कई बार परबधन क उ चािधकारी या लीडर अपनी टीम क सद य स िसफर इसिलए राय नही लत कय िक उ ह लगता ह िक एक बार राय लन पर अगर उनकी बात नही मानी गयी तो उ ह बरा लगगा लिकन सबस ज री ह िक टीम म सभी सद य को िव वास म लकर काम िकया जाए यहा टीम लीडर की भिमका मह वपणर होती ह वह खद वकत का पाबद होगा तो उसक मातहत कमरचािरय म वयमव यह गण आदत का प ल लगी टीम लीडर का काम अपनी टीम का उ साह बढ़ात हए दी गयी िज मदािरय को समय स परा करना ह मगर उसम नयी चीज़ को सीखन की ललक होनी चािहए ऐसी ललक जब स थान क कमरचािरय म आदत का प लन लगती ह तो वह स थान जािहर ह नए परितमान थािपत करन लगता ह जापानी कपिनया हर बात म कमरचािरय क िहत का यान रखती ह िजसस व वय ही उ पादकता क परित सचत हो जात ह जानी-मानी टोयोटा कपनी क कमरचािरय म तो काम की ऐसी आदत सी या ललक होती ह िक व तब तक काम करत ह जब तक खद थक कर चर नही हो जात यह उनकी आदत ही बन चकी ह िक यिद व िकसी बात पर नाराज होत ह तब भी कपनी या अपन भागय को भल ही कोस ल पर अपन काम पर असर नही पड़न दत इसका कारण यह ह िक जापानी कपिनया काम का एक अ छा वातावरण बनान और लोग म काम क परित स ची लगन को बढ़ावा दन क िलए कड़ा परयास करती ह वहा लोग को लगातार परिशकषण िमलता रहता ह जो कवल तकनीक और मनजमट ही नही कायर स जड़ी नितकता और अ छी आदत क िवकास पर किदरत होता ह चिरतर का िनमारण उनकी एक आदत सी बन जाती ह अगर हम भी एक अ छी शिखसयत बनना ह तो हम अपनी आदत को गहराई स जाचना होगा

ऐसी ललक जब स थान क कमरचािरय म आदत का प लन लगती ह तो वह स थान जािहर ह नए परितमान थािपत करन लगता ह जापानी कपिनया हर बात म कमरचािरय क िहत का यान रखती ह

प ठ 18

अकषय कराित चतन और अवचतन मन

हमार चतन मन क पास सोचन की शिकत होती ह यह िकसी बात को मान सकता ह और नही भी मान सकता मगर अवचतन मन िसफर वीकार करता ह यह इनपट (input) को लकर कोई भदभाव नही करता अगर हम अपन मन म डर शका नफरत क भाव भर तो यह आ म सझाव इन सभी भाव को सिकरय बनाकर हकीकत म बदल दगा हमारा अवचतन मन एक डाटा बक की तरह ह अवचतन मन एक गाड़ी की तरह ह और चतन मन एक डराइवर की तरह शिकत तो गाड़ी म होती ह मगर उसका कटरोल डराइवर क पास होता ह

हम अवचतन मन को इस तरह ढालन की ज रत ह िक वह हम सही और ठीक रा त पर ल जा सक अवचतन मन एक बगीच की तरह होता ह िजस कोई परवाह नही होती िक आप कस पौध लगात ह यह िनरपकष (neutral) होता ह इसम अ छा बोन पर अ छा िमलता ह अ यथा जगली पौध उग जायग

बि क अ छ बीज बोन क बावजद जगली पौध उगन बद नही होत आव यकता होती ह उ ह उखाड़ फकन का िसलिसला जारी रखन की इसी िसदधात को कमरचािरय क मामल म समझन की ज रत ह हम याद रखना ह िक सही और गलत िवचार मन म एक साथ नही रह सकत आव यकता उनक अवचतन मन को इस तरह ढालन की ह िक उनम अ छी आदत का िवकास हो दरअसल अवचतन योगयता वह होती ह जब हम यान दन और सोचन की यादा ज रत नही होती कय िक यह हमार यवहार म खद ब खद उतरन लगा ह िजस स थान क कमरचारी इस तर पर पहच जात ह उनम अ छी आदत वयमव घर करन लगती ह जब बरी आदत हमार अवचतन योगयता क तर तक पहच जाती ह तो वह कावट उ प न करती ह

पिरवतरन का िवरोध बरी आदत को पहचान लन क बाद भी अकसर दखा गया ह िक

लोग उ ह बदलत नही ह ऐसा आिखर कय होता ह उनक न बदलन का कारण ह िक व िज मदारी को वीकार करन स इनकार करत ह

हम अवचतन मन को इस तरह ढालन की ज रत ह िक वह हम सही और ठीक रा त पर ल जा सक अवचतन मन एक बगीच की तरह होता ह िजस कोई परवाह नही होती िक आप कस पौध लगात ह

प ठ 19

अकषय कराित अपनी उन आदत को बनाय रखन म उ ह जो आनद िमलता ह वह पिरवतरन क ददर स यादा होता ह इसक िन निलिखत कारण हो सकत ह -- 1 पिरवतरन की इ छाशिकत का अभाव 2 पिरवतरन क िलए आव यक अनशासन की कमी 3 िव वास की कमी 4 आव यक जानकारी की कमी परबधन वारा इन िबदओ पर िवचार कर अपन किमरय म आशातीत पिरवतरन लाया जा सकता ह सामा यतः खराब आदत को न बदलन क बहान िदय जात ह और कहा जाता ह -- हम लोग इसी तरह करत ह या िक म नही समझता इसस कोई फकर पड़गा और कछ न िमला तो कह िदया जाता ह म बहत य त ह अ छी आदत का िन पण

आदत म पिरवतरन लाया जा सकता ह आव यकता ह इसक िलए सही पिरवश का िनमारण करन की कमरचािरय को परिशिकषत करन की परिरत करन की और ऐसी ि थितया उ प न करन की िजसस कमरचािरय म अ छी आदत का िन पण हो सक दरअसल सफल लोग का राज यह ह िक व काम करन की उन आदत को डाल लत ह जो असफल लोग करना नही चाहत य वही काम ह िज ह सफल लोग भी करना

नही चाहत लिकन व िफर भी करत ह उदाहरण क िलए असफल लोग अनशासन और महनत करना पसद नही करत सफल लोग भी अनशासन और कड़ी महनत नापसद करत ह लिकन व िफर भी ऐसा करत ह कय िक य लोग उन काम को करन की आदत डाल लत ह िज ह असफल लोग नही कर पात नजिरय और सोच का तरीका एक आदत ह और इस बदला जा सकता ह सही ि ट और सतलन कमरचािरय म काम क सबध म सही ि ट बनाय रखन की परवि त िवकिसत करना ज री ह जब कछ गलत हो रहा होता ह तो उस ठीक करना परबधन का ही काम होता ह समझा यह जाता ह िक परायः हम गलत हो रह काम को लकर इतन िचितत हो जात ह िक जो सही हो रहा ह उस भी अनदखा करन की हमम आदत होती ह

दरअसल सफल लोग का राज यह ह िक व काम करन की उन आदत को डाल लत ह जो असफल लोग करना नही चाहत

प ठ 20

अकषय कराित उदाहरण क िलए अगर िकसी स कोई गलती हो जाती ह तो हम एकदम उस पर िच ला पड़त ह या उसक िव दध काररवाई कर बठतहअ छा यह रहगा िक आप उस अलग ल जाकर अकल म बात कर अगर परशसा करनी हो तो सबक सामन कर

अगर िकसी स सहमित न बन तो उस पर करोध करना ज री नही ह अगर अपन करोध पर काब रखग तो लोग अपनी असहमित को अ यथा नही लग अगर आप अपन िवचार को खला रखग तो दसरी ओर स भी आप ऐस ही यवहार की अपकषा कर सकत ह परायः लोग अपनी सहमित कछ इस तरह जतात ह िक सामन वाला भी अपनी बात पर अड़ जाता ह समझन की बात यह ह िक सभी ि थितय म कवल तकर ही काफी नही होगा िकसी स असहमत होन म भी यवहार कशल होना ज री ह सबस पहल तो दसर को अपना पकष रखन का मौका द उसकी बात सन और जहा तक हो सक उसस अपनी सहमित भी परकट कर और िजन बात पर सहमित न बना सक उस समझाए

हमम स अिधकाश लोग उन किमरय और उनकी गलितय पर अ यिधक यान दत ह िजनक िलए हम काम करत ह पर अपन किमरय पर नज़र डालना भल जात ह अगर वय को उन लोग की नजर स दखा जाए तो आशातीत पिरणाम दखन को िमलत ह

आ म मथन आप कया करना चाहत ह कसा करना चाहत ह - इस सोच को

वतरमान म अपन अदर मथन करन को आ म-सझाव कहत ह एक बार सब म जब इसकी पिरपाटी श हो जाती ह तो यह हमार अदर िवजञापन की तरह काम करता ह अपन बार म अपन िलए अदर ही परचािरत करता ह इसका हमार चतन और अवचतन (Sub-concious) मन दोन पर परभाव पड़ता ह अततः यह हमार नजिरए और यवहार को परभािवत करता ह और धीर-धीर आदत का प लता ह यह दरअसल अपन अवचतन मन को ढ़ालन या परोगराम करन की िविध ह

हमम स अिधकाश लोग उन किमरय और उनकी गलितय पर अ यिधक यान दत ह िजनक िलए हम काम करत ह पर अपन किमरय पर नज़र डालना भल जात ह

प ठ 21

अकषय कराित आ म-सझाव अ छ या बर हो सकत ह जब हम बर आ म-सझाव को बार-बार दोहरात ह तब हमारा अवचतन मन उन पर िव वास करन लगता ह और हम उसी को वा तव म यवहार करन लगत ह सकारा मक आ म-सझाव को बार-बार मथन करन स उसकी हमार िदलोिदमाग म त वीर बन जाती ह और वही असिलयत का प लन लगता ह एक उदाहरण क िलए जब कभी हम सबह 0600 बज टरन पकड़नी हो और हमार पास अलामर घड़ी न हो तो हम मन म कहकर उठत ह िक 0400 बज उठना ह तो कया हम नही उठत अगर उठत ह तो इसक पीछ आ म-सझाव ही काम करता ह आ म-सझाव एक रा ता ह िजसस हम अपन िदमाग को परोगराम करक ढ़ालत ह सकारा मक आदत को िवकिसत करन म आ म-सझाव की परवि त मह वपणर िसदध हो सकती ह हमार नजिरए और आदत को तय करन वाल कारक हमार नज़िरए को मखयतः तीन कारक परभािवत करत ह - वातावरणः घर कल आिफस मीिडया सा कितक प ठभिम धािमरक प ठभिम परपराए और भाषाए सामािजक-राजनितक माहौल - य सब िमलकर एक तहजीब बनात ह चाह घर हो या आिफस या अ यतर - हर जगह हर िकसी की अपनी तहजीब होती ह उदाहरण क िलए हम एक दकान म जात ह तो वहा का स समन बड़ अदब वाला होता ह लिकन वही जब दसरी दकान पर जात ह तो वहा का स समन कभी-कभी बड़ा खा और बदतमीज िमल जाता ह उसी तरह िकसी क घर म यार भरा माहौल िमलता ह तो िकसी क घर म हमशा लड़ाई-झगड़ का इसी तरह जब सरकार और राजनीितक माहौल ईमानदारी का होता ह तो लोग भी ईमानदार मददगार और कानन का पालन करन वाल होत ह बईमान और भर ट माहौल म िजस तरह एक ईमानदार का जीना मि कल होता ह उसी तरह ईमानदारी भर माहौल म बईमान यिकत को मि कल होती ह िन सदह अ छ वातावरण म मामली कमरचारी म वमव अ छी आदत िवकिसत होती ह और उसकी कायर करन की शिकत बढ़ जाती ह जबिक खराब माहौल म अ छा काम करन वाल की भी कषमता िगर जाती ह

सकारा मक आदत को िवकिसत करन म आ म-सझाव की परवि त मह वपणर िसदध हो सकती ह

प ठ 22

अकषय कराित कायर-स कित का बहाव ऊपर स नीच की ओर होता ह नीच स ऊपर की ओर कभी नही यह दखना बहत ज री ह िक हमन अपन िलए और आस-पास क लोग क िलए कसा वातावरण तयार िकया ह खराब वातावरण म अ छ की उ मीद करना बमानी ह अनभवः हम अपन जीवन म अपन काम-काज म हालात स जसा अनभव पात ह वह हमारी आदत का िह सा बन जात ह और उसी क अनसार हमारा यवहार होता ह अगर िकसी क परित हमारा अनभव अ छा होता ह तो हमारा नज़िरया भी अ छा होता ह ज री ह िक कमरचािरय को ऐसा कायर-पिरवश िमल िजसस उनक अवचतन म अ छ अनभव की छाप अिकत हो

परिशकषण भी ज़ री यहा िसफर सदधाितक जञान ही काफी नही होता बि क औपचािरक और अनौपचािरक दोन ही तरह की िशकषा व परिशकषण ज री ह जञान और जानकारी को यिद योजनाबदध तरीक स परयोग िकया जाए तो उसस बौिदधक तर को बढ़ान म आशातीत सफलता िमलती ह काम करन की कला अ छी िशकषा स ही आती ह ज री ह िक परिशकषण म मनोवजञािनक सामािजक आिथरक व अ य पहल को समझन की आदत िवकिसत की जाए अवचतन म यह िबठाना बहत ज री ह िक जीवन की भ यता काम क वारा ही सभव ह स थान म सभी को लगना चािहए िक उनका काम मह वपणर ह यही परबधन कला का सार ह जब कमरचािरय को ऐसा एहसास होन लगता ह तो उनक नज़िरए म बदलाव आन लगता ह उपसहारः काम क परित लोग म अ छी आदत िन िपत करन और उनम उ साह जगान स कायर-िन पादन म िनरतर िनखार आता ह दरअसल हर यिकत म मानिसक और शारीिरक ऊजार उ प न होती ह िजसक िलए काम ही सबस अ छा िनकास ह एक िवचारक क अनसार lsquoआप पछत ह म लगातार काम कय करता ह

यहा िसफर सदधाितक जञान ही काफी नही होता बि क औपचािरक और अनौपचािरक दोन ही तरह की िशकषा व परिशकषण ज री ह

प ठ 23

अकषय कराित इसका वही कारण ह िजस कारण स मगीर अ ड दती जाती ह rsquo काम क िबना इसान घट सा जाता ह उस काम की उतनी ही ज रत होती ह िजतनी हवा की आव यकता ह िक उस सही वातावरण उपल ध करान और सही िदशा म अिभपरिरत करन की व ततः हर यिकत अदर स गिरमा और आ मस मान की चाह रखता ह आव यकता ह उस अतःपरिरत करन की लोग को खद स परिरत करन क िलए हम उनकी ज रत और इ छाओ को समझना होगा पररणा कायरकषमता और आदत क बीच सीधा सबध ह जो लोग उतना ही काम करत ह िक उनकी नौकरी बची रह तो ऐस लोग िकसी भी स थान क िलए मह वपणर नही हो सकत अतपररणा स सोच म बदलाव लाया जा सकता ह पररणा आग क समान होती ह

कमरचािरय को िजतना परिरत िकया जाएगा उनम उतनी ही सकारा मक आदत का िवकास होगा कमरचािरय को उिचत स मान दकर उनक कायर को अिधक मनोरजक बनाकर परबधन वारा उनकी बात को गौर स सनकर उनकी सम याओ और सझाव पर गौर करक उ ह वय ल य िनधारिरत करन क िलए परो सािहत करक िवकास क नय अवसर उपल ध कराकर आव यकतानसार समय-समय पर समिचत परिशकषण िदलाकर तथा नयी चनौितय स जझन क िलए परो सािहत करक िन सदह उनक आचार और यवहार को सकारा मक िदशा म पाियत िकया जा सकता ह

कमरचािरय को िजतना परिरत िकया जाएगा उनम उतनी ही सकारा मक आदत का िवकास होगा

ई-पितरका म लख आिद म परकट िवचार

मलतः लखक क ह तथा यह आव यक नही ह िक

इरडा भी इन िवचार स सहमत हो

प ठ 24

अकषय कराित

िबिटया

आख म मोती लकर तम िबिटया जाती हो हा जाओ िशकषा का उपहार द रह िवदा समय यह लो ल जाओ इन पराण म परीित त हारी ममता क धन िसदरी इन नयन की बद पली परकट करती ह मजबरी लाचारी ह िफर पराण म क य ह इतनी आकलता

जब इस रीित पर पराओ म वश न िकसी का ह चलता िपतकल को तजकर अब िबिटया पित-कल म जाना होगा

नटखटपन को छोड़ धमर का ही िजसम बाना होगा इस घर की तम बड़ी लाडली पराण स यारी िबिटया

चली लाकर आज सभी को िपता की कर सनी किटया िजन हाथ न लाड़ चाव स अब तक था िजसको पाला उन हाथ न ही िबिटया को दलह राजा जी को द डाला

िजसका दख जरा मन मला हो जाती थी हरानी क यादान उसी का कर क दय बनाया पाषाणी

िकया न जाता था पल भर को इन आख स दर िजस मोती झरत िवदा द रहा आज सकल पिरवार उस अपनी मा क जीवन की तम परित-पल हो आधार रहो

िवजयता िपता क दय मिदर की िबिटया तम साकार रही आज जीवन क सख-दख सार वही िबतान तम लो जान आओगी जब कभी यहा तम होगी महमान समान

सतीश कमार कलावत इरडा

इस घर की तम बड़ी लाडली पराण स यारी िबिटया चली लाकर आज सभी

को िपता की कर सनी किटया

प ठ 25

ससराल की कभी बराई कही न मह पर आ जाव धमर कमर क तर य पथ म पाव नही िडगन पाव

सात परितजञाय जो तमन अिग नदव स मख की धारण द पि त जीवन का मह व ह करना स च मन स पालन

बटी इन सात बचन का यान दय म रह सदा दोन कल की लाज इसी म भला न दना इस कदा पित ही ह सवर तर त हार पित ही को जीवन समझो

जो कछ कह उसी को मान उनको िबिटया तम धन समझो शीलवती तम बन िबिटया पित-भक त मना सदर िनस दह वय उपजग क प-वकष घर क अ दर

पहन सिशकषा की साड़ी को शभ गण भषण अपनाओ दस लकषण शभ लकषण धार िन य नय मगल गाओ यह िशकषा उपहार दय का तम को राह िदखायगा भल भटक कर भी अिधयारा पास न आन पायगा

हम सब की आख स मोती उर स िनकल रही आशीष सभी सख स पणर परफि लत कर त ह दलह राजा की ईश

अकषय कराित

िजन हाथ न लाड़ चाव स अब तक था िजसको पाला उन हाथ न ही िबिटया को दलह राजा जी को द डाला

प ठ 26 अकषय कराित

ldquoपयारवरणrdquo श द पिर+आवरण स बना ह अथारत बा य आवरण को ही पयारवरण कहत ह इस बा य आवरण का ता पयर हमार चार ओर क वातावरण और पिरवश स ह िजस हम दसर श द म परकित भी कह सकत ह प वी पर िव यमान सपणर जीव-जगत क अि त व जीवन-यापन एव चहमखी िवकास म परकित की मह वपणर भिमका ह मानव बिदधजीवी पराणी ह और परकित क मह व स भली-भाित पिरिचत होन क कारण ही सिदय स परकित की पजा करता रहा ह

विदक काल स ही परकित तथा मानव क बीच जीवन ततर का अटट सबध रहा ह हमार पराचीन ऋिष-मिनय न प वी म हवा पानी िमटटी पड़-पौध जीव-ज तओ और मानव क सिकरय सहयोगा मक सतलन को यान म रखकर ही परकित को प य माना धमर क साथ परकित को जोड़कर उ ह न परकित को पयार त मह व िदया व जानत थ िक िजस परकार जीवन क िलए भिम की आव यकता होती ह उसी परकार वन पितया व अ य पराणी भी आव यक ह य सभी परकित क अिभ न अग ह इनम स एक क भी न ट होन का परभाव दसर पर पड़ता ह और पिरणाम व प पराकितक असतलन पदा हो जाता ह व तत प वी म हवा पानी िमटटी पड़-पौध जीव-ज तओ और मानव का सिकरय सहयोगा मक सतलन रहता ह पड़-पौध भिम को उपजाऊ बनात ह िमटटी को बाधकर रखत ह बरसात करवान तथा जल एव वाय को व छ रखन म सहायक होत ह परत आज क बढ़त औ योिगकीकरण और शहरीकरण न परकित और मानव क बीच असतलन उ प न कर िदया ह यह असतलन अिशकषण बढ़ती जनसख या शहर की ओर पलायन वकष की कटाई गगनचबी इमारत बड़-बड़ उ योग की थापना आिद क कारण ह और यही पयारवरण परदषण क मख य कारण ह मटरोपोिलटन एव बड़ शहर म अनक काबरिनक और अकाबरिनक गस जस ndash काबरन-मोनोऑक साइड अमोिनया आिद परदषण क मख य ोत ह

वतरमान पयारवरण -21वी सदी की चनौती

लख सरीन सल

विदक काल स ही परकित तथा मानव क बीच जीवन ततर का अटट सबध रहा ह

प ठ 27 अकषय कराित मन य न अपनी भितक सख-सिवधाओ की आपित र क िलए परकरित स

िखलवाड़ िकया ह वतरमान मशीनी यग म मन य वारा परकित क अ यिधक दोहन एव िनत नए कारखान की थापना स पयारवरण सकट उ प न हआ ह मानव न परकित क साथ जो अ यायपणर यवहार िकया ह उसी क फल व प परकित का िवरोधी रवया हआ ह िजस भिव य म सह पाना मि कल होगा

अिशकषा क कारण दश की तजी स बढ़ती आबादी क आवास की मलभत आव यकता को परा करन क िलए वकष की कटाई करक ऊची-ऊची इमारत बनाई जा रही ह वकष की अधाधध कटाई स भिम की ऊवररा शिक त का तो ास हो ही रहा ह साथ ही परदषण जसी िवकराल सम या भी ज म ल रही ह

परदषण पयारवरण क ास का परमख कारण ह िवकासशील दश िनत नए उ योग की थापना करक बराजगारी की सम या को तो दर कर रह ह िकत इसस जल वाय विन तथा िविभ न परकार क परदषण बढ़ रह ह कल-कारखान और मोटर स िनकलन वाल धए स वाय परदषण हो रहा ह जल थल व नभ क मागर पर शिक त चािलत वाहन विन परदषण का मख य ोत ह शहरीकरण और औ योिगकीकरण क कारण शदध पयजल की सम या िवकराल प धारण कर रही ह कारखान स िनकलन वाल कड़-कचर क निदय म िमलन स जल परदषण हो रहा ह रासायिनक खाद और कीटनाशी दवाओ स मदा परदषण का खतरा बन गया ह

इस परकार जनसख या विदध शहरीकरण औ योिगकीकरण एव परदषण जसी सम याओ न पयारवरण को बरी तरह परभािवत िकया ह आज सपणर िव व पयारवरण को लकर िचितत ह इस भयावह ि थित स बचन क िलए पर यक यिक त को पयारवरण क परित जाग क करना आज की अिनवायर आव यकता ह

इस िदशा म सवरपरथम िनरकषरता को समा त िकया जाना चािहए साकषर भारत की पिरक पना म जनसख या विदध दर वय िनयितरत हो जाएगी करल रा य इसका परमाण ह जहा साकषरता क साथ-साथ जनसख या िनयतरण भी ह

जल थल व नभ क मागर पर शिक त चािलत वाहन विन परदषण का मख य ोत ह

प ठ 28 अकषय कराित

इसक बाद बात आती ह परदषण िनवारण की आज िव व भर क

वजञािनक और पयारवरणिवद इस िदशा म कायररत ह सवरपरथम वन क काटन पर परितबध लगाया गया ह और वन सपना क िव तार हत वकष लगान क िलए परो सािहत िकया गया इसक िलए सरकार की ओर स वकष आिद िनश क उपल ध कराए जात ह ldquoपयारवरण परदषण स थाrdquo और व छ वाय अिधिनयम जस िविधक उपाय स वाय परदषण पर रोक लगान का परयास िकया जा रहा ह जहरील धआ उगलन वाल कारखान तथा वाहन पर भारी आिथरक दड का परावधान ह िविभ न सचार मा यम mdashदरदशरन समाचार-पतर तथा आकाशवाणी क मा यम स जनता को पयारवरण क परित जाग क करन क परयास िकए जा रह ह निदय म खलन वाल परदषण ोत को बद करन की योजनाए चलाई जा रही ह पािलथीन क परयोग को बद करन क िलए चलाया जा रहा ह अिभयान भी परशसनीय ह

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह इस खतर स सपणर भमडल का अि त व न ट हो जाए इसस पहल हम पयारवरण की सरकषा करन का सक प लना होगा

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह

िस धी होन क प चात भी मझ बगाली रीित िरवाज़ िमठाइया यहा का पहनावा अगरज क ज़मान की बनी सरचनाए एव भवन इ यािद म बहत िदलच पी एव िच थी

प ठ 29 अकषय कराित

यातरा स मरण-कोलकाता-खिशय हषर का शहर(िसटी ऑफ जॉय)

सोिनया सिह वानी पीईसी िलिमटड

म पी ई सी िलिमटड नामक कपनी क िविध ककष म उप िविध परबधक क पद पर कायररत ह सन 2010 जन स इस कपनी म मन परबधन परिशकष क प म अपनी पहली नौकरी की श आत की पी ई सी िलिमटड वािण य मतरालय क अतगरत आन वाली आयात-िनयारत यापार स स बिधत क पिनय म स एक ह इस स दभर म जनवरी 2011 म िविभ न िवभाग क परबधन परिशकषओ को ओिरएटशन हत काडला कोलकाता इ यािद शहर म भजन का कायरकरम िनि चत िकया गया कोलकाता क पास हि दया पोटर होन क कारण कोलकाता शहर चना गया जहा पी ई सी वारा आयात की गयी व तए पोटर गोदाम म रखी जाती ह साथ ही म कोलकाता पोटर िभ न गोदाम इ यािद दखन की यव था की गयी एव सची म समावश िकया गया यह सनकर मरी ख़शी का िठकाना न रहा क य िक मन कोलकाता शहर क बार म सना बहत था पर त कभी दखा न था िस धी होन क प चात भी मझ बगाली रीित िरवाज़ िमठाइया यहा का पहनावा अगरज क ज़मान की बनी सरचनाए एव भवन इ यािद म बहत िदलच पी एव िच थी आिखरकार मझ मौका िमला और जनवरी की कड़ाकदार ठ ड क बीच हम एक रिववार शाम कोलकाता राजधानी स अपनी मिजल की और िनकल पड़ िद ली स कोलकाता क सफ़र क बीच हमारी गाड़ी इलाहाबाद गया िबहार तथा धनबाद जस शहर स होत हए बगाल की ओर पहची हसत-गात खलत-खात हए हम अगली सबह हावड़ा जकशन पहच गए रलगाड़ी स उतर कर टशन स बाहर िनकलत ही मझ िसटी ऑफ जॉय क नाम स मशहर कोलकाता की पहली झलक िदखाई दी ऐसा लगा मानो मझ भारत क दो पहल एकसाथ जीत हए नज़र आए एक तरफ थ टशन स बाहर एव अ दर जात हए स दर कपड़ गहन म लद हए कोलकाता क बगाली िनवासी साथ म बड़ी-बड़ी गािड़य म घमत कोलकाता क नौजवान और ठीक दसरी तरफ मरी नज़र पड़ी हगली नदी पर बन परिसदध हावड़ा िबरज पर िजस दख एक अलग ही दिनया का एहसास हआ

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह

िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी

एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया नतीजा मर समकष था

प ठ 30 अकषय कराित

हावड़ा िबरज पर हर तरफ लोग का जमावड़ा था इतन लोग दख िद ली क चादनी चौक की याद आ गयी ऐसा लगा मानो म 50 साल पीछ िकसी लक एव वाईट दिनया म कदम रख चकी थी िबरज क दोन तरफ सामान बचत हए दकानदार िखलौन मछली रख हए औरत एव छोट-छोट ब च मख य शहर स हावड़ा जान वाल आम आदमी मजदर की तज़ र तार फरी स र ता पार करन वाल यापारी इन सब को दख लगा कोलकाता म मबई जसी भागम भाग भी थी िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया नतीजा मर समकष था जस-जस म कोलकाता शहर क भीतर आन लगी मझ इस शहर क िवकास की झलक िदखाई दी एक तरफ थी ऊची ईमारत सदर िवशाल िव यासागर सत पल बड़-बड़ होटल माल कोलकाता उ च यायालय राईटसर िबि डग मशहर इडन गाडरन टिडयम इ यािद तो दसरी तरफ था िवक टोिरया ममोिरयल अगरज की वा तकला क अनसार िदखती लाल ईटो की इमारत िवक टोिरयल सरचनाए भवन छोटी-छोटी पटिरय पर समान बचत नया बाज़ार (New Market) क दकानदार एव िवक टोिरया ममोिरयल क बाहर चलत सलािनय क िलए रथ वाल घोड़ हमारा होटल जसीबोस सड़क पर ि थत था एव सिवधाओ स भरपर था पर त मन य जाना िक असली कोलकाता का मज़ा गाड़ी म नही अथवा िरक शा ऑटो तथा साल स चलती आ रही सड़क पर टराम म था

हर तरफ मझ पील रग की टिक सया िदखाई दी सब एक समान थी तथा मरसीडीज़ गाड़ी क बगल म चलती 1-2 पय म सफ़र की जान वाली टराम भी साथ िदखाई दी परी िजदगी िद ली म यतीत करन क बाद हर नए शहर का रहन-सहन बोल-चाल रीित-िरवाज़ जानन की जाग कता मझम हमशा रही पहल ही िदन स कोलकाता मझ रास आया जस िक कहत ह lsquoकोलकाता हमार खब भाला लागली छ rsquo कहन का ता पयर य िक मझ कोलकाता बहत अ छा लगा पहल िदन िक शाम को हमन य मािकर ट म खरीददारी करन का मन बनाया म हरान थी िक वहा चीज िकतनी स ती िमल रही थी िद ली क मतािबक एक ितहाई दाम पर चिडया गहन बग जत कत इ यािद िमल

िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया

प ठ 31 अकषय कराित य मािकर ट िद ली क लाजपत एव सरोिजनी नगर समान ह कम

दाम म अ छा समान िमला कोलकाता चमड़ क िलए भी मशहर ह एव परिसदध ी लदसर दकान भी इस बाज़ार म ि थत ह यहा खरीदारी का हमन खब ल फ़ उठाया

अगल िदन हम हि दया पोटर गए एव अनक जहाज़ दख 3-4 घट की दरी पर ि थत यह पोटर अनक एकड़ म फला हआ था पहली बार इतन बड़ जहाज़ को अदर स दख खब आनद आया तीसर िदन हम काली बाड़ी मिदर गए बगाली अ यत पाठ-पजा वाल दगार मा क स च उपासक ह यह सब जानत ह दगार पजा इनका लोकिपरय उ सव ह तथा काली मा एव दगार मा की स च मन स पजा करत ह कोलकाता क िनवासी भिक त भावपणर ह यह सना था अब खद दख भी िलया बगाली र म स पजा करन का य मौका अ यत आनदमयी था इसक अलावा काली बाड़ी क नज़दीक ही ि थत ह गौिरहाट बाज़ार यहा की दकान बगाली सािड़या कपड़ सट कत इ यािद क िलए परिसदध ह आिद धक तशवर नामक मशहर दकान म जाकर मरा भी मन िकया िक म भी खरीददारी क मर सािथय न बहत सािड़या खरीदी एव दाम दखकर म दग रह गई सदर स सदर साड़ी मातर 600700 पय की थी मन बगाल की मशहर लाल एव सफद िपरट की साड़ी भी खरीदी कोलकाता म खरीददारी का अलग की मज़ा ह उसी िदन शाम हम सा ट लक िसटी मॉल गए वह सा ट लक टिडयम क नज़दीक ह यहा िदखाई िदया कोलकाता का परगितशील प नौजवान फटबाल की जसीर पहन माल म घम रह थ एक स एक

मशहर बरड वहा मौजद थ इसक अलावा कोलकाता क िनवासी खब मनोरजन क शौक़ीन ह सगीत नाच गाना इ यादी म िच रखत ह कोलकाता म जगह-जगह सगीत कला अकडमी तथा पढ़न (रीिडग) क क लब ह अगरज क शौक तथा रहन-सहन की झलक आज भी यहा िदखती ह यहा क नौजवान को खल-कद म भी खब िदलच पी ह फटबाल का तो जस यहॉ सबको जनन ह

भारत क परिसदध मोहन बगान फटबाल क लब फटबाल क वहा क नौजवान ही नही परा शहर ही दीवाना ह भारत-पाक मच हो या आई पी एल इडन गाडरन मदान लोग स खचा-खच भरा रहता ह अफ़सोस म वहा अदर जा न सकी

इसक अलावा काली बाड़ी क नज़दीक ही ि थत ह गौिरहाट बाज़ार यहा की दकान बगाली सािडया कपड़ सट कत इ यािद क िलए परिसदध ह

प ठ 32 अकषय कराित

मर सफर क आखरी िदन म मन कोलकाता क लोग म एकता क नजार दख िविभ नता म भी एकता का उदाहरण दखा चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख िजस िदन हम कोलकाता पहच थ उसी िदन वहा शहर बद था और मन एक जट होकर लोग को अपनी बात कहत हए दखा एव सना यहा क लोग अपन शहर क िवकास बहतरी क िलए जाग क ह िज मदारी लत ह तथा सरकार को अपनी बात भली-भाित कहत ह लड़िकय औरत की इ ज़त करत ह एव यहा िक मिहलाओ को मन िनदरलीय पाया जहा एक ओर भारत की राजधानी होन क बावजद िद ली वाल अपनी िजदगी म मगन रहत ह वही दसरी और कोलकाता म अमीरी-गरीबी िभ न जाितय म भी एक जटता ह कपड़ा एव खाना आज भी यहा खब स ता िमलता ह पर त दसरी तरफ सब जानत ह िक बड़-बड़ उ योगपित िव वान लखक िखलाड़ी गायक अिभनता िनदशक यहा स उभर ह सािह य हो या लख बॉलीवड हो या िकरकट बगाल न भारत को अनक नाम एव गौरव िदए ह चाह सौरव दादा हो या रिव दर नाथ टगोर ममता बनजीर रानी मखजीर हो या योित बस भारत म इनकी भिमका का वणरन करन की ज रत नही

मन कछ िदन क कोलकाता क सफर म इस शहर को जानन समझन का परयास िकया हगली नदी क िकनार खड़ होकर समदर को दखा निदय को िनहारा िव यासागर सत िबरज की सदरता िवशालता को सराहा क सी दास की परिसदध िमठाई का ल फ उठाया मन बहत शहर घम पर त यह सफर मर िलए सबस यादगार रहा कोलकाता परगित क मागर पर िनरतर बढ़ रहा ह पर त आज भी वह अपनी जड़ नितक म य को नही भला ह एक आम आदमी आज भी टराम म या फरी स सफर करता ह यहा क िनवासी दो पय स लकर 500 ० का खाना खात ह पराना एव नया कोलकाता एक साथ जीिवत ह िसक क क दो पहल की तरह कोलकाता क यह दो प को एक साथ रहत दख बहत आनद आया

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 33 अकषय कराित

जल परकित का अनपम उपहार ह मानव जाित अपन परादभारवकाल स ही इस उपहार का उपयोग अपन िहत क िलए करती आई ह जल वह पराकितक उपहार ह िजसका कोई िवक प नही ह इसिलए जल को अमतया जीवन भी कहा गया ह जल क िबना जीवन की सभावना भी नही ह पर यकष प स तो जल की मानवीय आव यकता सीिमत ह परत परोकष आव यकताओ पर नजर डाल तो दिनक जीवन की आव यकताए जस अ न फल स जी दध स लकर हमार पहराव आवास तक सब जल स जड़ हजल का जरा भी सतलन िबगड़ जाए तो जीवन यापन क टपरद होन म दर नही परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह जल क सामा य त य जल या पानी एक आम रासायिनक पदाथर ह जो जीवन क सभी जञात प क जीिवत रहन क िलए ज री ह आमतौर पर जल अपनी दरव अव था म उपयोग म लाया जाता ह पर यह ठोस अव था बफर और गस अव था जल वा प या भाप प म भी पाया जाता ह प वी क लगभग तीन चौथाई िह स पर िव व क महासागर का अिधकार ह अनमानत प वी पर जल की कल मातरा लगभग 1400 िमिलयन घन िकलोमीटर ह जो िक प वी पर 3000 मीटर गहरी परत िबछा दन क िलए काफी ह तथािप जल की इस िवशाल मातरा म व छ जल का अनपात बहत कम ह प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह शष जल झील निदय वायम डल नमी मदा और वन पित म मौजद ह जल की जो मातरा उपभोग और अ य परयोग क िलए व ततः उपल ध ह वह निदय झील और भजल म उपल ध मातरा का छोटा-सा िह सा ह इसिलए जल ससाधन िवकास और परब ध की बाबत सकट इसिलए उ प न होता ह कय िक अिधकाश जल उपभोग क िलए उपल ध नही हो पाता

परभावी जल परबधन और दश का िवकास

दीपक आहजा ओएनजीसी िवदश

प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह

प ठ 34 अकषय कराित

और दसर इसका िवषमतापणर थािनक िवतरण इसकी एक अ य िविश टता ह फलतः जल का मह व वीकार िकया गया ह और इसक िकफायती परयोग तथा परब ध पर अिधक बल िदया गया ह प वी पर उपल ध जल जल-चकर क मा यम स चलायमान ह जल लगातार एक चकर म घमता रहता ह िजस जलचकर कहत ह इसम वा पीकरण वषार और बह कर सागर म पहचना शािमल ह हवा जल वा प को थल क ऊपर उसी दर स उड़ा ल जाती ह िजस गित स यह बहकर सागर म पहचाता ह जल चकर का िचतर नीच पर तत िकया गया ह

अिधकाश उपभोकताओ जस िक मन य पशओ अथवा पौध क िलए जल क सचलन की ज रत होती ह जल ससाधन की गितशील और नवीकरणीय परकित और इसक परयोग की बार बार ज रत को ि टगत रखत हए यह ज री ह िक जल ससाधन को उनकी परवाह दर क अनसार मापा जाए इस परकार जल ससाधन क दो पहल ह अिधकाश िवकासा मक ज रत क िलए परवाह क प म मािपत गितशील ससाधन अिधक परासिगक ह आरिकषत भ डार की ि थर अथवा िनयत परकित और साथ ही जल की मातरा तथा जल िनकाय क कषतर की ल बाई व म यपालन नौ सचालन आिद जस कछक िकरयाकलाप क िलए भी परासिगक ह

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 35 अकषय कराित

जल का यय अप यय जल क बार म एक नही कई च कान वाल त य ह िव व म और िवशष प स भारत म जल िकस परकार न ट होता ह इस िवषय म जो त य सामन आए ह उस पर जाग कता स यान दकर जल क अप यय को रोका जा सकता ह अनक त य ऐस ह जो हम आन वाल ख़तर स तो सावधान करत ही ह दसर स पररणा लन क िलए परो सािहत करत ह और पानी क मह व व इसक अनजान ोत की जानकारी भी दत ह प वी पर पदा होन वाली सभी वन पितया स भी हम पानी िमलता ह

आल और अनानास म 80 परितशत और टमाटर म 95 परितशत पानी ह पीन क िलए मानव को परितिदन 3 लीटर और पशओ को 50 लीटर पानी

चािहए भारत म 83 परितशत पानी खती और िसचाई क िलए उपयोग िकया जाता

ह इज़राइल म औसतन मातर 10 सटीमीटर वषार होती ह इस वषार स वह

इतना अनाज पदा कर लता ह िक वह उसका िनयारत कर सकता ह दसरी ओर भारत म औसतन 50 सटीमीटर स भी अिधक वषार होन क बावजद अनाज की कमी बनी रहती ह

िपछल 50 वष म जल क िलए 37 भीषण ह याकाड हए ह भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल

चलती ह पानी ज य रोग स िव व म हर वषर 22 लाख लोग की मौत हो जाती ह यिद बरश करत समय नल खला रह गया ह तो पाच िमनट म करीब 25

स 30 लीटर पानी बरबाद होता ह बाथ टब म नहात समय 300 स 500 लीटर पानी खचर होता ह जबिक

सामा य प स नहान म 100 स 150 लीटर पानी खचर होता ह िव व म परित 10 यिकतय म स 2 यिकतय को पीन का शदध पानी

नही िमल पाता ह परित वषर 6 अरब लीटर बोतल पक पानी मन य वारा पीन क िलए

परयकत िकया जाता ह मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 36 अकषय कराित

िद ली मबई और च नई जस महानगर म पाइप लाइन क वॉ व की खराबी क कारण रोज़ 14 स 44 परितशत पानी बकार बह जाता ह

निदया पानी का सबस बड़ा ोत ह जहा एक ओर निदय म बढ़त परदषण रोकन क िलए िवशषजञ उपाय खोज रह ह वही कल कारखान स बहत हए रसायन उ ह भारी मातरा म दिषत कर रह ह

भारत म जल सकट नासा की एक िरपोटर न पानी को लकर दश भर म बढ़ती जा रही लापरवाही क परित आख खोली ह इस िरपोटर म भारत म सख की ि थित पदा होन क िलए िज मवार कारण म स एक अहम कारण अधाधध जल दोहन को बताया गया ह बतात चल िक दश भर क 604 िजल म स 161 सख की मार झल रह ह वस अब बताया जा रहा ह िक सख की मार स बहाल िजल की सखया बढ़कर 246 हो गई ह यानी कहा जाए तो आधा दश सख की चपट म ह बहरहाल नासा की इस िरपोटर म बताया गया ह िक भारत क कई रा य कषमता स यादा जल दोहन कर रह ह यहा कषमता स ता पयर यह ह िक उनस िजतन सलाना जल दोहन की उ मीद कदर करती ह व उसस कही यादा जल दोहन कर रह ह नासा न यह अ ययन 2002 स 2008 क बीच

की ि थितय क आधार पर िकया ह इस िरपोटर म बताया गया ह िक पजाब हिरयाणा और राज थान हर साल औसतन 177 अरब कयिबक मीटर पानी जमीन क अदर स िनकाल रह ह जबिक कदर की तरफ स लगाए गए अनमान क मतािबक इ ह हर साल 132 अरब कयिबक मीटर पानी ही जमीन क अदर स िनकालना था इस तरह स दखा जाए तो य तीन रा य िमलकर कषमता स 30 फीसदी यादा पानी का दोहन कर रह ह जािहर ह िक िबना कछ सोच-िवचार जब इस पमान पर पराकितक ससाधन का दोहन िकया जाएगा तो परकित भी बदला लगी और वही हो रहा ह इस िरपोटर म यह भी बताया गया ह िक भारत का महज 58 फीसदी भजल ही हर साल िरचाजर हो पाता ह नासा की यह िरपोटर बताती ह िक अधाधध जल दोहन की वजह स पर उ तर पि चम भारत क भजल तर म हर साल 4 सटीमीटर यानी 16 इच की कमी आ रही ह इस अ ययन को अजाम दन म नासा क जल िवजञानी मट रोडल न अहम भिमका िनभाई ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 37 अकषय कराित

उनक हवाल स इस िरपोटर म बताया गया ह िक दश क उ तर पि चम कषतर म 2002 स 2008 क दौरान तकरीबन 109 कयिबक िकलोमीटर पानी की कमी हई ह यह मातरा िकतनी अिधक ह इसका अदाजा इसी स लगाया जा सकता ह िक यह अमिरका क सबस बड़ जलाशय लक मीड की कषमता स दगन स भी कही यादा ह अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह इस िरपोटर क मतािबक अगर अधाधध जल दोहन इसी तरह स जारी रहा तो आन वाल समय म भारत को अनाज और पानी क सकट को झलन क िलए अभी स तयार हो जाना चािहए जािहर ह िक जब जल सकट बढ़गा तो खती पर इसका गहरा परभाव पड़गा अनाज क उ पादन म कमी आएगी इस वजह स अनाज सकट पदा होगा और भख का एक नया चहरा उभरकर सामन आएगा एक बड़ा तबका जो आज भरपट भोजन कर पाता ह उसक िलए पट भर खाना िमलना मि कल हो जाएगा भखमरी की जो सम या पदा होगी उसस िफर िनपटना आसान नही होगा इसक अलावा पीन क पानी का टोटा तो होगा ही अभी ही दश क कई िह स ऐस ह जहा क लोग को पीन क िलए साफ पानी नही िमल पा रहा ह कई कषतर ऐस ह जहा गमीर क िदन म हडपप स पानी आना बद हो जाता ह वहा क लोग को हर साल बोिरग को कछ फट बढ़वाना होता ह यह सम या भजल तर क िगरत जान की वजह स ही पदा हई ह जब पीन क पानी का सकट पदा होगा तो बोतलबद पानी का कारोबार काफी तजी स बढ़गा कहन का मतलब यह िक िजसक पास पसा होगा वह अपनी यास बझा सकगा और िजसक पास पसा नही होगा उस अपनी यास बझान क िलए भी सघषर करना पड़गा ि थित की भयावहता की क पना ही िसहरन पदा करती ह भारत म दिनया का हर छठा आदमी रहता ह यानी कहा जाए तो दिनया क कल आबादी क तकरीबन सतरह फीसदी लोग भारत म रहत ह जबिक दिनया का महज साढ़ चार फीसदी पानी ही भारत म उपल ध ह ऐस म जल सम या स दो-चार होना कोई आनापिकषत बात नही ह एक बात तो तय ह िक पराकितक ससाधन म इजाफा तो नही िकया जा सकता ह लिकन इसका सरकषण अव य िकया जा सकता ह

अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह

प ठ 38 अकषय कराित

भारत म लोग िकसी एक मा यम स पयजल परा त करन पर िनभरर नही ह इस दश म 357 फीसदी लोग हडपप स 367 फीसदी लोग नल स 182 फीसदी लोग तालाब पोखर या झील स 56 फीसदी कओ स 12 फीसदी लोग पारपिरक साधन स और 26 फीसदी लोग अ य मा यम स पीन का पानी परा त करत ह इस िलहाज स अगर दखा जाए तो जल सकट को दर करन क िलए समगर कायरयोजना की ज रत ह

दरअसल भारत म गहरात जल सकट क िलए काफी हद तक पानी की बबारदी भी िज मवार ह यहा जल आपित र की यव था म काफी खािमया ह नल क जिरए घर तक पहचन वाल पानी का एक बड़ा िह सा िरस कर बबारद हो जाता ह हर शहर म फट हए आपित र पाइप आसानी स दख जा सकत ह इस बदहाल यव था क िलए सरकार क साथ-साथ सामा य लोग भी कम िज मदार नही ह एक तरफ तो सरकार पयजल क नाम पर हर साल हजार करोड़ पए का बजट बनाती ह और दसरी तरफ जमीनी तर पर हालात म कोई बदलाव नही िदखता ह सामािजक तौर पर भी जल सरकषण को लकर जाग कता का अभाव िदखता ह यह सामािजक तान-बान का ही असर ह िक लोग कही भी जल की बबारदी को दखकर उस सामा य घटना मानत हए नजरअदाज कर दत ह दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था यह अब घटकर 1800 कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर हो चका ह

दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था

प ठ 39 अकषय कराित

िवशषजञ का अनमान ह िक अगर पानी की खपत और बबारदी इसी तरह स जारी रही तो 2025 तक यह घटकर हजार कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर ही रह जाएगा उस समय तक पानी की उपल धता म आन वाली इस कमी की वजह स किष उ पादन म तीस फीसदी की कमी आन की सभावना ह इन पिरि थितय म दश की आिथरक और सामािजक ि थित का कया होगा इसका अदाजा सहज ही लगाया जा सकता ह भारत म जल सरकषण क परित आज भी आम लोग क मन म उपकषा का भाव बना हआ ह साथ ही इस कायर क िलए आव यक तकनीक की भी कमी ह जो तकनीक उपल ध ह उनस सामा य लोग अनजान ह बािरश क पानी का सगरह करक उस उपयोग म लाना एक अ छा िवक प ह पर इस तरह की कोिशश काफी सीिमत मातरा म काफी छोट तर पर हो रही ह यही वजह ह िक दश म होन वाली बािरश क पानी का अ सी फीसदी िह सा आज भी समदर म पहच जाता ह अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह अगर जल की इस िवशाल मातरा का आधा भी परयोग कर िलया जाए तो ि थित म यापक बदलाव आना तय ह शहरी कषतर म तो पानी की कालाबाजारी जोर पर ह जगह-जगह पर जल मािफया सिकरय हो गए ह िद ली क ही एक अखबार न कछ समय पहल यह बात उजागर िकया था यहा तो समानातर जल बोडर भी चलाया जा रहा ह हरानी की बात तो यह ह िक इसक बावजद भी पानी क काल धध पर अकश नही लगाया जा सका ह अहम सवाल यह ह िक कस सामा य तबक क लोग तक व छ पानी पहचाया जाए शहरी कषतर क साथ-साथ गरामीण कषतर म भी यह एक बड़ी चनौती ह आबादी म अपर यािशत विदध बढ़त शहरीकरण औ योिगकीकरण और किष उ पाद की बढ़ती माग क कारण पानी की माग िपछल कछ साल म वाभािवक प स बढ़ी ह इसक पिरणाम व प भजल ससाधन का अ यिधक दोहन हआ ह और इसका नतीजा हआ िक लगातार भजल का तर घटता जा रहा ह शहरी कषतर म ि थित बहद भयावह ह तदनसार वहा न कवल शीघराितशीघर जल ससाधन क सरकषण की ज रत ह बि क परभावी रणनीित और परबधन क जिरए त काल कदम उठान की ज रत ह

अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह

प ठ 40 अकषय कराित

खासकर इस बात को यान म ऱखकर िक िविभ न परितयोगी कषतर म कभी भी माग बढ़ सकती ह भिव य म उपयोग क िलए छत पर या सतह पर जलगरहण बनाकर वषारजल सरकषण बहद ज री ह यह पानी की बढ़ती ज रत का खयाल रखन िमटटी की नमी तर को बढ़ान शहरी हिरयाली को बढ़ान भजल तर को कितरम प स पनभररण करन और भजल की गणव ता स सधार का काम करता ह भारत म जल परबधन स दश का िवकास भारत म दिनया की 16 परितशत आबादी रहती ह लिकन दिनया क िसफर 4 परितशत जल ससाधन ही भारत क पास ह 3290000 वगर िकलोमीटर क भिम कषतर और एक अरब स यादा की आबादी क साथ भारत क एक बहलवादी िविवधता का िचतर ह िवशाल पराकितक ससाधन क साथ सप न तकनीकी और वजञािनक किमरय का भी यह दिनया म दसरा सबस बड़ा सम चय ह भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह मानव िवकास म 80 क दशक म लगभग 26 परितशत और 90 क दशक क दौरान और 24 परितशत क वारा सधार हआ ह आजादी क बाद छह दशक म भारत न जल ससाधन का अभतपवर िवकास और खा या न म आ मिनभररता शहरी कषतर ऊजार और औ योिगक कषतर और पीन का पानी क बिनयादी ढाच म तजी स िव तार दखा ह िजसका उपयोग भारत की लगभग 85 परितशत शहरी और गरामीण आबादी क वारा िकया जाता ह भारत म रा य सरकार और भारत सरकार क परितबदध और ठोस परयास की वजह स गरामीण और शहरी आबादी को सरिकषत पयजल को उपल ध करवान म काफी सफलता हािसल की ह इस उपलि ध न भजल की कमी जल जमावजल गणव ता िगरावट जल परदषण और बढ़त लवणता तर स बड़ कषतर को परभािवत िकया ह और अभी भी िविभ न रा य म गरामीण और शहरी भारत क मानव िवकास सचकाक (HDI)rsquo म बहत असमानता मौजद ह पानी क िलए कषतरीय माग तजी स बढ़ रह शहरीकरण की गित स बढ़ रही ह (अनमानत 2025 तक दश की आबादी का 50 परितशत स अिधक शहर म रहग) जनसखया विदध बढ़ती आय और औ योिगक िवकासशहरी भारत तजी स िवकास की माग क कदर क प म उभर रहा ह

भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह

प ठ 41 अकषय कराित

नतीजतन परित यिकत पानी की उपल धता िगर रही ह परधानमतरी की अ यकषता म 12वी योजना क िलए हई योजना आयोग की पणर बठक म दसर म क साथ जल परबधन पर िवशष चचार हई बठक क बाद योजना आयोग क उपा यकष म टक िसह अहलवािलया न कहा िक भ-जल कानन स लकर दसर म की यापक समीकषा ज री ह व यनाथन सिमित जहा वतरमान म भ-जल कानन की साथरकता का अ ययन करगी वही भारतीय अतिरकष अनसधान सगठन [इसरो] की मदद स पानी की उपल धता का िव तत अ ययन होगा म टक न कहा िक उसी आधार पर रणनीित तय होगी सरकार यह यान रखगी िक पानी का अिधकतम उपयोग हो सक और सभी को उपल ध हो पानी पर िकसी का एकािधकार न हो सक बतात ह िक द पयोग को रोकन क िलए श क लगान पर भी िवचार िकया जा सकता ह हालािक इसस पहल रा य सरकार स चचार होगी यह तय ह िक एआइबीपी कायरकरम म यापक बदलाव ह ग ी म टक िसह अहलवािलया न कहा िक वतरमान म इस कायरकरम का सही िकरया वयन नही हो रहा ह िलहाजा उसम पिरवतरन ज री ह सभव ह िक हर रा य म जल िनयामक परािधकरण बनान की शतर भी लगाई जाए उ ह न कहा िक जल परबधन की यापक समीकषा कर नई रणनीित तय की जाएगी कल िमलाकर रा टरीय तर पर वतरमान जल ससाधन का अिधक स अिधक करन क िलए माग को परा करन क िलए पयार त ह लिकन भिव य क अ ययन पिरयोजना ह िक जल आपित र की ि थित अगल आध सदी म अिधक किठन हो सकती ह जल सकट स िनपटन को जल सरकषण परबधन अिनवायर परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह बढ़त वि वक तापमान क फल व प अितवि ट अनावि ट अ पवि ट और असामियक वि ट हम परितवषर दख रह ह िजसका परभाव हमार जल ससाधन पर पड़ता िदखाई द रहा ह कओ व बाविडय का िमटता अि त व नदी-नाल का घटता पानी भ-गभर जल का िगरता तर िचता की पिरिध स िनकलकर खतर की घटी बनता जा रहा ह

निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह

प ठ 42 अकषय कराित

िव व भर म सीमट क अधाधध परयोग न धरातल क सहज अवशोषण कषतर को घटाया ह तथा जल बहाव भिम कटाव व बाढ़ म विदध की ह ऐसी ि थित म जल सरकषण का दािय व मातर वजञािनक व सरकार तक सीिमत न रहकर पर यक उपभोकता क कध पर आ जाता ह इसी दािय व क िनवरहन क िलए हमार पास दो िवक प सामन आत ह 1 वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई

उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

2 पािरवािरक तर पर वषार जल को सगरिहत कर उसका उपयोग कर य दोन ही परयास गरामीण कषतर म तो सरलता स अपनाए जा सकत ह परत शहरी कषतर म व ट वाटर मनजमट की बड़ी पिरयोजनाए बनाकर ही पानी को िरसाइिकल िकया जा सकता ह भ-गभर अिधकािधक जल अवशोिषत होकर

जाए इसक िलए मदानी भाग म िनयोिजत ढग स बड़-बड़ पोखर बनाकर तथा पहाड़ी कषतर म नाल -ख ड म िमटटी प थर आरसीसी क बड़-छोट डम लगाकर जल बहाव रोक भ-सरकषण बचाव व जल भडारण और धरातल जल शोषण कषतर बढ़ाया जा सकता ह िव व बक भारत सरकार वारा म य िहमालय जलागम पिरयोजना रा य क भ-सरकषण िवभाग इस कषतर म कारगर उपाय लकर

हमार सामन ह परत जनसहयोग क िबना इन पिरयोजनाओ क आशातीत पिरणाम ल पाना किठन ह वकषारोपण इस सपणर जल चकर को बल दन वाला कारक ह जल क परित चतना जागत न हई तो अव य ही अगल िव व यदध का कारण जल ही होगा

जल भोजन ह और अिगन भोजन का भकषक ह अिगन जल म और जल अिगन म िव यमान ह

- ततरीय उपिनषद 38

वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

प ठ 43 अकषय कराित

म भी गान गा सकता ह शबनम क िखलत फल क म भी गीत सना सकता ह सावन क म त झल क लिकन जब घर-घर म बादल छाय घोर िनराशा क तब म नगम गा रहा ह उ मीद की आशा क

सड़क पर खड़ बचपन की य बात सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह

हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

इस बदलत पिरवश का राग सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

गाधी जी क सपन का जो राम-रा य कहलाता ह उस भारत म सड़क पर छोट चाय पहचाता ह

कहा गई वो अ हड़ म ती कहा गया वो यार का रा ता उन हाथ स बचत झड िजन हाथ को चािहए ब ता

उस सोन की िचिड़या की म बात बतान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

कही बम की गमर हवाए कही ससद म कोहराम ह कही होत घोटाल स परशान आदमी आम ह

कही कल की िकलकारी ह कही सड़क पर बचपन ह कही चलता नही गजारा कही िवदश म काला धन ह

म स चाई गा-गाकर सबको बतलान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

बदलता भारत मनीष लाल इरडा

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

प ठ 44 अकषय कराित

करन वाल काम बहत ह यथर उलझन को छोड़ो म ला-पिड़त तोड़ रह ह तम बस lsquoअपन को जोड़ो

lsquoहम बदलग-यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का lsquoवद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का

वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हम बदलग mdash यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का वद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

प ठ 45 अकषय कराित

िसफर काला और सफ़द य ही वो दो रग थ जो तर पास सि ट बनान क आधार थ

काला वो जो कािलमा िलय ह िजस कहत ह दख िनराशा म य अपयश और वो सबकछ जो नकारा मक ह

मगर सफद ह वो रग िजसस जड़ा ह जीवन आशा सख और कीितर और वो सब कछ जो सकारा मक ह पर इन रग स तझ चन ना िमला त सोचन लगा अगर सि ट बनानी ह

तो िकस िलए- ससगर और परम क िलए और

इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग

ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह

बस- बना डाला तन इ दरधनष

जो बरसात क बाद सरज और प वी क अनपम परम को रग दता ह सतरगी रग स

और उ ही सतरगी इ दरधनषी रग म हम हर पल हर कषण डबत गहरात इतरात रहत ह

और खिशय भर ससार म हर रग को अलग-अलग तरह स महसस करक जीत रहत ह

रग तो रग ह मगर-

ससगर और परम क िलए और इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह बस-

सतरगी िचतर सगीता ीवा तव इरडा

प ठ 46 अकषय कराित

कभी पक क कभी फीक़ तो कछ कभी दाग बनकर उभर आत ह

कछ आख म नील बादल स छाए रहत ह तो कछ गाल पर गलाबी रग बनकर छलक जात ह

याद रहत ह अक सर वो रग- जो खदी पर इस तरह छा जात ह िक खद म घलकर खद क होन

का एहसास दत-दत खद का एक रग बन जात ह

बगनी आसामनी नीला हरा पीला नारगी लाल इ दरधनष क य सात रग ही जोड़त ह हमार िदल को

हमार मन को जोड़न वाल इन रग की सतरगी दिनया म-

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा बनाय

और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क

सतरगी िचतर

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा

बनाय और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क सतरगी िचतर

प ठ 15

अकषय कराित जहा दरअदशी अनत काल क िलए हो तो लोग का िवकास कीिजए औ योिगक सगठन म 500 आदमी ह 5000 आदमी ह 50000 ह या इसस अिधक अगर कामकाज ठीक स चलाना ह तो बहत ज री ह परबधन उनस िनभाना जानता हो यिकतगत सपकर का मह व

वातानकिलत कमर म बठकर और सचार मा यम या िकसी अ य तरीक स कमरचािरय की िरपोटर लना और आस पास होन वाल घटनाकरम को जानना अलग बात ह और कायर थल पर वय उपि थत रहकर ि थित को समझना और िनदश दना अलग बात महान जनरल रोमल की सफलता का मखय कारण यह था िक व हमशा कायर थल पर वय उपि थत होकर िनदश दत बात की पि ट करत सम याए सलझात और दखत िक काम कसा चल रहा ह रोमल का यह तरीका इतना सफल रहा िक िकसी भी औ योिगक सगठन या कारोबार म इस अपनाया जाए तो आशातीत पिरणाम सामन आ सकत ह लोग क बीच खद उपि थत होकर काम करन का कोई िवक प नही ह लोग अिधकाशतः उनको नापसद करत ह िज ह व ठीक स जानत नही ह पर एक बार जान पहचान हो जान पर हालात बदल जात ह कमरचािरय म अ छी आदत का िवकास करन की पहली शतर ह िक पहल उनक िदल म घर िकया जाए ऐस िकसी भी बरताव स बचा जाए िजसस वह अपन को उपिकषत महसस करन लग अतः सवदनशीलता का यान रखना बहत ज री ह

कमरचािरय क परित सवदनशील यवहार-कौशल और धयरपणर होन क अितिरकत इस बात पर ढ़ रहना ज री ह िक काम ठीक परकार स हो अ छ यवहार क साथ कमरचािरय को यह जताना भी ज री ह िक उनस काम का उ च तर अपिकषत ह और उस पर उनक साथ कोई समझौता नही और अगर इस पर अमल नही करत तो उ ह पता होना चािहए िक आप कड़ी काररवाई करग

सकारा मक नजिरया परबधन का एकमातर काम िनदश दना नही ह वरन उस साथ-साथ लोग का िवकास करना होता ह

महान जनरल रोमल की सफलता का मखय कारण यह था िक व हमशा कायर थल पर वय उपि थत होकर िनदश दत बात की पि ट करत सम याए सलझात और दखत िक काम कसा चल रहा ह

प ठ 16

अकषय कराित एक अिधकारी का मखय काम यही ह िक वह अपन साथ काम करन वाल लोग म अ छी आदत का िवकास कर उनकी सहायता कर यिद यह काम परभावशाली ढग स कर पाता ह तो इसस कवल उसक अपन काम ही बहतर नही ह ग बि क उसक पास परिशिकषत और कशल कमरचािरय का परा दल होगा जो उसक परित परी िन ठा स काम करगा इसक िलए सबस पहल कमरचािरय का नजिरया ठीक करना ज री ह उनम सबस पहल यह भावना लानी होगी िक हमार अदर जो चीज ह वही हम ऊपर की ओर ल जाती ह और वह हमारा नजिरया ह

एक आदमी मल म ग बार बचकर अपनी गज़र-बसर करता था उसक पास लाल नील पील हर-चार रग क ग बार थ जब कभी उसकी िबकरी कम होन लगती तब वह हीिलयम गस स भरा एक ग बारा हवा म छोड़ दता ब च उस उड़ता दखकर वसा ही उड़न वाला ग बारा पान क िलए मचल उठत ब च उसस ग बारा ख़रीदत और इस तरह उसकी िबकरी िफर स बढ़ जाती िदन-भर यही िसलिसला चलता रहता एक िदन वह आदमी बाज़ार म खड़ा ग बार बच रहा था अचानक उस महसस हआ िक पीछ स कोई उसका करता पकड़कर खीच रहा ह उसन पीछ मड़कर दखा तो एक छोट स ब च को खड़ा पाया उस ब च न ग बार वाल स पछा ldquoअगर आप काला ग बारा छोड़ग तो कया वह भी उड़गाrdquo ब च की बात उसक िदल म लगी और उसन यार स जवाब िदया ldquoबट ग बारा अपन रग की वजह स नही उड़ता बि क उसक अदर कया ह इस वजह स ही वह ऊपर जाता ह rdquo ठीक यही बात हमारी िज़दगी म भी लाग होती ह अगर लोग का नजिरया बहतर हो उनम अदर स काम करन की इ छा भरी हो तो व खलकर आपस म िमलकर काम करग इसस नकसान तो कम होगा ही स थान क परित िन ठा बढ़गी और लगन स काम करन का वातावरण तयार होगा िव वास हािसल करना आव यक

कमरचािरय स बहतरीन काम लन क िलए शानदार टीम लीडर होना ज री ह मटठीभर लोग का कोई समह िकला तभी फतह कर सकता ह जब

एक आदमी मल म ग बार बचकर अपनी गज़र-बसर करता था उसक पास लाल नील पील हर-चार रग क ग बार थ

प ठ 17

अकषय कराित जब उनका सनापित उनम वह जोश भर सक िक उ ह कोई भी ऊचाई यादा न लग अतः सबस ज री ह िक स थान म कमरचािरय की

कषमताओ का परा फायदा लन क िलए उनका िव वास जीता जाए इसक िलए उनक साथ परी इ जत स पश आना ज री ह उनकी छोटी-बड़ी खशी को बाटना और उनकी राय को परा स मान दना भी उतना ही ज री ह कई बार परबधन क उ चािधकारी या लीडर अपनी टीम क सद य स िसफर इसिलए राय नही लत कय िक उ ह लगता ह िक एक बार राय लन पर अगर उनकी बात नही मानी गयी तो उ ह बरा लगगा लिकन सबस ज री ह िक टीम म सभी सद य को िव वास म लकर काम िकया जाए यहा टीम लीडर की भिमका मह वपणर होती ह वह खद वकत का पाबद होगा तो उसक मातहत कमरचािरय म वयमव यह गण आदत का प ल लगी टीम लीडर का काम अपनी टीम का उ साह बढ़ात हए दी गयी िज मदािरय को समय स परा करना ह मगर उसम नयी चीज़ को सीखन की ललक होनी चािहए ऐसी ललक जब स थान क कमरचािरय म आदत का प लन लगती ह तो वह स थान जािहर ह नए परितमान थािपत करन लगता ह जापानी कपिनया हर बात म कमरचािरय क िहत का यान रखती ह िजसस व वय ही उ पादकता क परित सचत हो जात ह जानी-मानी टोयोटा कपनी क कमरचािरय म तो काम की ऐसी आदत सी या ललक होती ह िक व तब तक काम करत ह जब तक खद थक कर चर नही हो जात यह उनकी आदत ही बन चकी ह िक यिद व िकसी बात पर नाराज होत ह तब भी कपनी या अपन भागय को भल ही कोस ल पर अपन काम पर असर नही पड़न दत इसका कारण यह ह िक जापानी कपिनया काम का एक अ छा वातावरण बनान और लोग म काम क परित स ची लगन को बढ़ावा दन क िलए कड़ा परयास करती ह वहा लोग को लगातार परिशकषण िमलता रहता ह जो कवल तकनीक और मनजमट ही नही कायर स जड़ी नितकता और अ छी आदत क िवकास पर किदरत होता ह चिरतर का िनमारण उनकी एक आदत सी बन जाती ह अगर हम भी एक अ छी शिखसयत बनना ह तो हम अपनी आदत को गहराई स जाचना होगा

ऐसी ललक जब स थान क कमरचािरय म आदत का प लन लगती ह तो वह स थान जािहर ह नए परितमान थािपत करन लगता ह जापानी कपिनया हर बात म कमरचािरय क िहत का यान रखती ह

प ठ 18

अकषय कराित चतन और अवचतन मन

हमार चतन मन क पास सोचन की शिकत होती ह यह िकसी बात को मान सकता ह और नही भी मान सकता मगर अवचतन मन िसफर वीकार करता ह यह इनपट (input) को लकर कोई भदभाव नही करता अगर हम अपन मन म डर शका नफरत क भाव भर तो यह आ म सझाव इन सभी भाव को सिकरय बनाकर हकीकत म बदल दगा हमारा अवचतन मन एक डाटा बक की तरह ह अवचतन मन एक गाड़ी की तरह ह और चतन मन एक डराइवर की तरह शिकत तो गाड़ी म होती ह मगर उसका कटरोल डराइवर क पास होता ह

हम अवचतन मन को इस तरह ढालन की ज रत ह िक वह हम सही और ठीक रा त पर ल जा सक अवचतन मन एक बगीच की तरह होता ह िजस कोई परवाह नही होती िक आप कस पौध लगात ह यह िनरपकष (neutral) होता ह इसम अ छा बोन पर अ छा िमलता ह अ यथा जगली पौध उग जायग

बि क अ छ बीज बोन क बावजद जगली पौध उगन बद नही होत आव यकता होती ह उ ह उखाड़ फकन का िसलिसला जारी रखन की इसी िसदधात को कमरचािरय क मामल म समझन की ज रत ह हम याद रखना ह िक सही और गलत िवचार मन म एक साथ नही रह सकत आव यकता उनक अवचतन मन को इस तरह ढालन की ह िक उनम अ छी आदत का िवकास हो दरअसल अवचतन योगयता वह होती ह जब हम यान दन और सोचन की यादा ज रत नही होती कय िक यह हमार यवहार म खद ब खद उतरन लगा ह िजस स थान क कमरचारी इस तर पर पहच जात ह उनम अ छी आदत वयमव घर करन लगती ह जब बरी आदत हमार अवचतन योगयता क तर तक पहच जाती ह तो वह कावट उ प न करती ह

पिरवतरन का िवरोध बरी आदत को पहचान लन क बाद भी अकसर दखा गया ह िक

लोग उ ह बदलत नही ह ऐसा आिखर कय होता ह उनक न बदलन का कारण ह िक व िज मदारी को वीकार करन स इनकार करत ह

हम अवचतन मन को इस तरह ढालन की ज रत ह िक वह हम सही और ठीक रा त पर ल जा सक अवचतन मन एक बगीच की तरह होता ह िजस कोई परवाह नही होती िक आप कस पौध लगात ह

प ठ 19

अकषय कराित अपनी उन आदत को बनाय रखन म उ ह जो आनद िमलता ह वह पिरवतरन क ददर स यादा होता ह इसक िन निलिखत कारण हो सकत ह -- 1 पिरवतरन की इ छाशिकत का अभाव 2 पिरवतरन क िलए आव यक अनशासन की कमी 3 िव वास की कमी 4 आव यक जानकारी की कमी परबधन वारा इन िबदओ पर िवचार कर अपन किमरय म आशातीत पिरवतरन लाया जा सकता ह सामा यतः खराब आदत को न बदलन क बहान िदय जात ह और कहा जाता ह -- हम लोग इसी तरह करत ह या िक म नही समझता इसस कोई फकर पड़गा और कछ न िमला तो कह िदया जाता ह म बहत य त ह अ छी आदत का िन पण

आदत म पिरवतरन लाया जा सकता ह आव यकता ह इसक िलए सही पिरवश का िनमारण करन की कमरचािरय को परिशिकषत करन की परिरत करन की और ऐसी ि थितया उ प न करन की िजसस कमरचािरय म अ छी आदत का िन पण हो सक दरअसल सफल लोग का राज यह ह िक व काम करन की उन आदत को डाल लत ह जो असफल लोग करना नही चाहत य वही काम ह िज ह सफल लोग भी करना

नही चाहत लिकन व िफर भी करत ह उदाहरण क िलए असफल लोग अनशासन और महनत करना पसद नही करत सफल लोग भी अनशासन और कड़ी महनत नापसद करत ह लिकन व िफर भी ऐसा करत ह कय िक य लोग उन काम को करन की आदत डाल लत ह िज ह असफल लोग नही कर पात नजिरय और सोच का तरीका एक आदत ह और इस बदला जा सकता ह सही ि ट और सतलन कमरचािरय म काम क सबध म सही ि ट बनाय रखन की परवि त िवकिसत करना ज री ह जब कछ गलत हो रहा होता ह तो उस ठीक करना परबधन का ही काम होता ह समझा यह जाता ह िक परायः हम गलत हो रह काम को लकर इतन िचितत हो जात ह िक जो सही हो रहा ह उस भी अनदखा करन की हमम आदत होती ह

दरअसल सफल लोग का राज यह ह िक व काम करन की उन आदत को डाल लत ह जो असफल लोग करना नही चाहत

प ठ 20

अकषय कराित उदाहरण क िलए अगर िकसी स कोई गलती हो जाती ह तो हम एकदम उस पर िच ला पड़त ह या उसक िव दध काररवाई कर बठतहअ छा यह रहगा िक आप उस अलग ल जाकर अकल म बात कर अगर परशसा करनी हो तो सबक सामन कर

अगर िकसी स सहमित न बन तो उस पर करोध करना ज री नही ह अगर अपन करोध पर काब रखग तो लोग अपनी असहमित को अ यथा नही लग अगर आप अपन िवचार को खला रखग तो दसरी ओर स भी आप ऐस ही यवहार की अपकषा कर सकत ह परायः लोग अपनी सहमित कछ इस तरह जतात ह िक सामन वाला भी अपनी बात पर अड़ जाता ह समझन की बात यह ह िक सभी ि थितय म कवल तकर ही काफी नही होगा िकसी स असहमत होन म भी यवहार कशल होना ज री ह सबस पहल तो दसर को अपना पकष रखन का मौका द उसकी बात सन और जहा तक हो सक उसस अपनी सहमित भी परकट कर और िजन बात पर सहमित न बना सक उस समझाए

हमम स अिधकाश लोग उन किमरय और उनकी गलितय पर अ यिधक यान दत ह िजनक िलए हम काम करत ह पर अपन किमरय पर नज़र डालना भल जात ह अगर वय को उन लोग की नजर स दखा जाए तो आशातीत पिरणाम दखन को िमलत ह

आ म मथन आप कया करना चाहत ह कसा करना चाहत ह - इस सोच को

वतरमान म अपन अदर मथन करन को आ म-सझाव कहत ह एक बार सब म जब इसकी पिरपाटी श हो जाती ह तो यह हमार अदर िवजञापन की तरह काम करता ह अपन बार म अपन िलए अदर ही परचािरत करता ह इसका हमार चतन और अवचतन (Sub-concious) मन दोन पर परभाव पड़ता ह अततः यह हमार नजिरए और यवहार को परभािवत करता ह और धीर-धीर आदत का प लता ह यह दरअसल अपन अवचतन मन को ढ़ालन या परोगराम करन की िविध ह

हमम स अिधकाश लोग उन किमरय और उनकी गलितय पर अ यिधक यान दत ह िजनक िलए हम काम करत ह पर अपन किमरय पर नज़र डालना भल जात ह

प ठ 21

अकषय कराित आ म-सझाव अ छ या बर हो सकत ह जब हम बर आ म-सझाव को बार-बार दोहरात ह तब हमारा अवचतन मन उन पर िव वास करन लगता ह और हम उसी को वा तव म यवहार करन लगत ह सकारा मक आ म-सझाव को बार-बार मथन करन स उसकी हमार िदलोिदमाग म त वीर बन जाती ह और वही असिलयत का प लन लगता ह एक उदाहरण क िलए जब कभी हम सबह 0600 बज टरन पकड़नी हो और हमार पास अलामर घड़ी न हो तो हम मन म कहकर उठत ह िक 0400 बज उठना ह तो कया हम नही उठत अगर उठत ह तो इसक पीछ आ म-सझाव ही काम करता ह आ म-सझाव एक रा ता ह िजसस हम अपन िदमाग को परोगराम करक ढ़ालत ह सकारा मक आदत को िवकिसत करन म आ म-सझाव की परवि त मह वपणर िसदध हो सकती ह हमार नजिरए और आदत को तय करन वाल कारक हमार नज़िरए को मखयतः तीन कारक परभािवत करत ह - वातावरणः घर कल आिफस मीिडया सा कितक प ठभिम धािमरक प ठभिम परपराए और भाषाए सामािजक-राजनितक माहौल - य सब िमलकर एक तहजीब बनात ह चाह घर हो या आिफस या अ यतर - हर जगह हर िकसी की अपनी तहजीब होती ह उदाहरण क िलए हम एक दकान म जात ह तो वहा का स समन बड़ अदब वाला होता ह लिकन वही जब दसरी दकान पर जात ह तो वहा का स समन कभी-कभी बड़ा खा और बदतमीज िमल जाता ह उसी तरह िकसी क घर म यार भरा माहौल िमलता ह तो िकसी क घर म हमशा लड़ाई-झगड़ का इसी तरह जब सरकार और राजनीितक माहौल ईमानदारी का होता ह तो लोग भी ईमानदार मददगार और कानन का पालन करन वाल होत ह बईमान और भर ट माहौल म िजस तरह एक ईमानदार का जीना मि कल होता ह उसी तरह ईमानदारी भर माहौल म बईमान यिकत को मि कल होती ह िन सदह अ छ वातावरण म मामली कमरचारी म वमव अ छी आदत िवकिसत होती ह और उसकी कायर करन की शिकत बढ़ जाती ह जबिक खराब माहौल म अ छा काम करन वाल की भी कषमता िगर जाती ह

सकारा मक आदत को िवकिसत करन म आ म-सझाव की परवि त मह वपणर िसदध हो सकती ह

प ठ 22

अकषय कराित कायर-स कित का बहाव ऊपर स नीच की ओर होता ह नीच स ऊपर की ओर कभी नही यह दखना बहत ज री ह िक हमन अपन िलए और आस-पास क लोग क िलए कसा वातावरण तयार िकया ह खराब वातावरण म अ छ की उ मीद करना बमानी ह अनभवः हम अपन जीवन म अपन काम-काज म हालात स जसा अनभव पात ह वह हमारी आदत का िह सा बन जात ह और उसी क अनसार हमारा यवहार होता ह अगर िकसी क परित हमारा अनभव अ छा होता ह तो हमारा नज़िरया भी अ छा होता ह ज री ह िक कमरचािरय को ऐसा कायर-पिरवश िमल िजसस उनक अवचतन म अ छ अनभव की छाप अिकत हो

परिशकषण भी ज़ री यहा िसफर सदधाितक जञान ही काफी नही होता बि क औपचािरक और अनौपचािरक दोन ही तरह की िशकषा व परिशकषण ज री ह जञान और जानकारी को यिद योजनाबदध तरीक स परयोग िकया जाए तो उसस बौिदधक तर को बढ़ान म आशातीत सफलता िमलती ह काम करन की कला अ छी िशकषा स ही आती ह ज री ह िक परिशकषण म मनोवजञािनक सामािजक आिथरक व अ य पहल को समझन की आदत िवकिसत की जाए अवचतन म यह िबठाना बहत ज री ह िक जीवन की भ यता काम क वारा ही सभव ह स थान म सभी को लगना चािहए िक उनका काम मह वपणर ह यही परबधन कला का सार ह जब कमरचािरय को ऐसा एहसास होन लगता ह तो उनक नज़िरए म बदलाव आन लगता ह उपसहारः काम क परित लोग म अ छी आदत िन िपत करन और उनम उ साह जगान स कायर-िन पादन म िनरतर िनखार आता ह दरअसल हर यिकत म मानिसक और शारीिरक ऊजार उ प न होती ह िजसक िलए काम ही सबस अ छा िनकास ह एक िवचारक क अनसार lsquoआप पछत ह म लगातार काम कय करता ह

यहा िसफर सदधाितक जञान ही काफी नही होता बि क औपचािरक और अनौपचािरक दोन ही तरह की िशकषा व परिशकषण ज री ह

प ठ 23

अकषय कराित इसका वही कारण ह िजस कारण स मगीर अ ड दती जाती ह rsquo काम क िबना इसान घट सा जाता ह उस काम की उतनी ही ज रत होती ह िजतनी हवा की आव यकता ह िक उस सही वातावरण उपल ध करान और सही िदशा म अिभपरिरत करन की व ततः हर यिकत अदर स गिरमा और आ मस मान की चाह रखता ह आव यकता ह उस अतःपरिरत करन की लोग को खद स परिरत करन क िलए हम उनकी ज रत और इ छाओ को समझना होगा पररणा कायरकषमता और आदत क बीच सीधा सबध ह जो लोग उतना ही काम करत ह िक उनकी नौकरी बची रह तो ऐस लोग िकसी भी स थान क िलए मह वपणर नही हो सकत अतपररणा स सोच म बदलाव लाया जा सकता ह पररणा आग क समान होती ह

कमरचािरय को िजतना परिरत िकया जाएगा उनम उतनी ही सकारा मक आदत का िवकास होगा कमरचािरय को उिचत स मान दकर उनक कायर को अिधक मनोरजक बनाकर परबधन वारा उनकी बात को गौर स सनकर उनकी सम याओ और सझाव पर गौर करक उ ह वय ल य िनधारिरत करन क िलए परो सािहत करक िवकास क नय अवसर उपल ध कराकर आव यकतानसार समय-समय पर समिचत परिशकषण िदलाकर तथा नयी चनौितय स जझन क िलए परो सािहत करक िन सदह उनक आचार और यवहार को सकारा मक िदशा म पाियत िकया जा सकता ह

कमरचािरय को िजतना परिरत िकया जाएगा उनम उतनी ही सकारा मक आदत का िवकास होगा

ई-पितरका म लख आिद म परकट िवचार

मलतः लखक क ह तथा यह आव यक नही ह िक

इरडा भी इन िवचार स सहमत हो

प ठ 24

अकषय कराित

िबिटया

आख म मोती लकर तम िबिटया जाती हो हा जाओ िशकषा का उपहार द रह िवदा समय यह लो ल जाओ इन पराण म परीित त हारी ममता क धन िसदरी इन नयन की बद पली परकट करती ह मजबरी लाचारी ह िफर पराण म क य ह इतनी आकलता

जब इस रीित पर पराओ म वश न िकसी का ह चलता िपतकल को तजकर अब िबिटया पित-कल म जाना होगा

नटखटपन को छोड़ धमर का ही िजसम बाना होगा इस घर की तम बड़ी लाडली पराण स यारी िबिटया

चली लाकर आज सभी को िपता की कर सनी किटया िजन हाथ न लाड़ चाव स अब तक था िजसको पाला उन हाथ न ही िबिटया को दलह राजा जी को द डाला

िजसका दख जरा मन मला हो जाती थी हरानी क यादान उसी का कर क दय बनाया पाषाणी

िकया न जाता था पल भर को इन आख स दर िजस मोती झरत िवदा द रहा आज सकल पिरवार उस अपनी मा क जीवन की तम परित-पल हो आधार रहो

िवजयता िपता क दय मिदर की िबिटया तम साकार रही आज जीवन क सख-दख सार वही िबतान तम लो जान आओगी जब कभी यहा तम होगी महमान समान

सतीश कमार कलावत इरडा

इस घर की तम बड़ी लाडली पराण स यारी िबिटया चली लाकर आज सभी

को िपता की कर सनी किटया

प ठ 25

ससराल की कभी बराई कही न मह पर आ जाव धमर कमर क तर य पथ म पाव नही िडगन पाव

सात परितजञाय जो तमन अिग नदव स मख की धारण द पि त जीवन का मह व ह करना स च मन स पालन

बटी इन सात बचन का यान दय म रह सदा दोन कल की लाज इसी म भला न दना इस कदा पित ही ह सवर तर त हार पित ही को जीवन समझो

जो कछ कह उसी को मान उनको िबिटया तम धन समझो शीलवती तम बन िबिटया पित-भक त मना सदर िनस दह वय उपजग क प-वकष घर क अ दर

पहन सिशकषा की साड़ी को शभ गण भषण अपनाओ दस लकषण शभ लकषण धार िन य नय मगल गाओ यह िशकषा उपहार दय का तम को राह िदखायगा भल भटक कर भी अिधयारा पास न आन पायगा

हम सब की आख स मोती उर स िनकल रही आशीष सभी सख स पणर परफि लत कर त ह दलह राजा की ईश

अकषय कराित

िजन हाथ न लाड़ चाव स अब तक था िजसको पाला उन हाथ न ही िबिटया को दलह राजा जी को द डाला

प ठ 26 अकषय कराित

ldquoपयारवरणrdquo श द पिर+आवरण स बना ह अथारत बा य आवरण को ही पयारवरण कहत ह इस बा य आवरण का ता पयर हमार चार ओर क वातावरण और पिरवश स ह िजस हम दसर श द म परकित भी कह सकत ह प वी पर िव यमान सपणर जीव-जगत क अि त व जीवन-यापन एव चहमखी िवकास म परकित की मह वपणर भिमका ह मानव बिदधजीवी पराणी ह और परकित क मह व स भली-भाित पिरिचत होन क कारण ही सिदय स परकित की पजा करता रहा ह

विदक काल स ही परकित तथा मानव क बीच जीवन ततर का अटट सबध रहा ह हमार पराचीन ऋिष-मिनय न प वी म हवा पानी िमटटी पड़-पौध जीव-ज तओ और मानव क सिकरय सहयोगा मक सतलन को यान म रखकर ही परकित को प य माना धमर क साथ परकित को जोड़कर उ ह न परकित को पयार त मह व िदया व जानत थ िक िजस परकार जीवन क िलए भिम की आव यकता होती ह उसी परकार वन पितया व अ य पराणी भी आव यक ह य सभी परकित क अिभ न अग ह इनम स एक क भी न ट होन का परभाव दसर पर पड़ता ह और पिरणाम व प पराकितक असतलन पदा हो जाता ह व तत प वी म हवा पानी िमटटी पड़-पौध जीव-ज तओ और मानव का सिकरय सहयोगा मक सतलन रहता ह पड़-पौध भिम को उपजाऊ बनात ह िमटटी को बाधकर रखत ह बरसात करवान तथा जल एव वाय को व छ रखन म सहायक होत ह परत आज क बढ़त औ योिगकीकरण और शहरीकरण न परकित और मानव क बीच असतलन उ प न कर िदया ह यह असतलन अिशकषण बढ़ती जनसख या शहर की ओर पलायन वकष की कटाई गगनचबी इमारत बड़-बड़ उ योग की थापना आिद क कारण ह और यही पयारवरण परदषण क मख य कारण ह मटरोपोिलटन एव बड़ शहर म अनक काबरिनक और अकाबरिनक गस जस ndash काबरन-मोनोऑक साइड अमोिनया आिद परदषण क मख य ोत ह

वतरमान पयारवरण -21वी सदी की चनौती

लख सरीन सल

विदक काल स ही परकित तथा मानव क बीच जीवन ततर का अटट सबध रहा ह

प ठ 27 अकषय कराित मन य न अपनी भितक सख-सिवधाओ की आपित र क िलए परकरित स

िखलवाड़ िकया ह वतरमान मशीनी यग म मन य वारा परकित क अ यिधक दोहन एव िनत नए कारखान की थापना स पयारवरण सकट उ प न हआ ह मानव न परकित क साथ जो अ यायपणर यवहार िकया ह उसी क फल व प परकित का िवरोधी रवया हआ ह िजस भिव य म सह पाना मि कल होगा

अिशकषा क कारण दश की तजी स बढ़ती आबादी क आवास की मलभत आव यकता को परा करन क िलए वकष की कटाई करक ऊची-ऊची इमारत बनाई जा रही ह वकष की अधाधध कटाई स भिम की ऊवररा शिक त का तो ास हो ही रहा ह साथ ही परदषण जसी िवकराल सम या भी ज म ल रही ह

परदषण पयारवरण क ास का परमख कारण ह िवकासशील दश िनत नए उ योग की थापना करक बराजगारी की सम या को तो दर कर रह ह िकत इसस जल वाय विन तथा िविभ न परकार क परदषण बढ़ रह ह कल-कारखान और मोटर स िनकलन वाल धए स वाय परदषण हो रहा ह जल थल व नभ क मागर पर शिक त चािलत वाहन विन परदषण का मख य ोत ह शहरीकरण और औ योिगकीकरण क कारण शदध पयजल की सम या िवकराल प धारण कर रही ह कारखान स िनकलन वाल कड़-कचर क निदय म िमलन स जल परदषण हो रहा ह रासायिनक खाद और कीटनाशी दवाओ स मदा परदषण का खतरा बन गया ह

इस परकार जनसख या विदध शहरीकरण औ योिगकीकरण एव परदषण जसी सम याओ न पयारवरण को बरी तरह परभािवत िकया ह आज सपणर िव व पयारवरण को लकर िचितत ह इस भयावह ि थित स बचन क िलए पर यक यिक त को पयारवरण क परित जाग क करना आज की अिनवायर आव यकता ह

इस िदशा म सवरपरथम िनरकषरता को समा त िकया जाना चािहए साकषर भारत की पिरक पना म जनसख या विदध दर वय िनयितरत हो जाएगी करल रा य इसका परमाण ह जहा साकषरता क साथ-साथ जनसख या िनयतरण भी ह

जल थल व नभ क मागर पर शिक त चािलत वाहन विन परदषण का मख य ोत ह

प ठ 28 अकषय कराित

इसक बाद बात आती ह परदषण िनवारण की आज िव व भर क

वजञािनक और पयारवरणिवद इस िदशा म कायररत ह सवरपरथम वन क काटन पर परितबध लगाया गया ह और वन सपना क िव तार हत वकष लगान क िलए परो सािहत िकया गया इसक िलए सरकार की ओर स वकष आिद िनश क उपल ध कराए जात ह ldquoपयारवरण परदषण स थाrdquo और व छ वाय अिधिनयम जस िविधक उपाय स वाय परदषण पर रोक लगान का परयास िकया जा रहा ह जहरील धआ उगलन वाल कारखान तथा वाहन पर भारी आिथरक दड का परावधान ह िविभ न सचार मा यम mdashदरदशरन समाचार-पतर तथा आकाशवाणी क मा यम स जनता को पयारवरण क परित जाग क करन क परयास िकए जा रह ह निदय म खलन वाल परदषण ोत को बद करन की योजनाए चलाई जा रही ह पािलथीन क परयोग को बद करन क िलए चलाया जा रहा ह अिभयान भी परशसनीय ह

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह इस खतर स सपणर भमडल का अि त व न ट हो जाए इसस पहल हम पयारवरण की सरकषा करन का सक प लना होगा

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह

िस धी होन क प चात भी मझ बगाली रीित िरवाज़ िमठाइया यहा का पहनावा अगरज क ज़मान की बनी सरचनाए एव भवन इ यािद म बहत िदलच पी एव िच थी

प ठ 29 अकषय कराित

यातरा स मरण-कोलकाता-खिशय हषर का शहर(िसटी ऑफ जॉय)

सोिनया सिह वानी पीईसी िलिमटड

म पी ई सी िलिमटड नामक कपनी क िविध ककष म उप िविध परबधक क पद पर कायररत ह सन 2010 जन स इस कपनी म मन परबधन परिशकष क प म अपनी पहली नौकरी की श आत की पी ई सी िलिमटड वािण य मतरालय क अतगरत आन वाली आयात-िनयारत यापार स स बिधत क पिनय म स एक ह इस स दभर म जनवरी 2011 म िविभ न िवभाग क परबधन परिशकषओ को ओिरएटशन हत काडला कोलकाता इ यािद शहर म भजन का कायरकरम िनि चत िकया गया कोलकाता क पास हि दया पोटर होन क कारण कोलकाता शहर चना गया जहा पी ई सी वारा आयात की गयी व तए पोटर गोदाम म रखी जाती ह साथ ही म कोलकाता पोटर िभ न गोदाम इ यािद दखन की यव था की गयी एव सची म समावश िकया गया यह सनकर मरी ख़शी का िठकाना न रहा क य िक मन कोलकाता शहर क बार म सना बहत था पर त कभी दखा न था िस धी होन क प चात भी मझ बगाली रीित िरवाज़ िमठाइया यहा का पहनावा अगरज क ज़मान की बनी सरचनाए एव भवन इ यािद म बहत िदलच पी एव िच थी आिखरकार मझ मौका िमला और जनवरी की कड़ाकदार ठ ड क बीच हम एक रिववार शाम कोलकाता राजधानी स अपनी मिजल की और िनकल पड़ िद ली स कोलकाता क सफ़र क बीच हमारी गाड़ी इलाहाबाद गया िबहार तथा धनबाद जस शहर स होत हए बगाल की ओर पहची हसत-गात खलत-खात हए हम अगली सबह हावड़ा जकशन पहच गए रलगाड़ी स उतर कर टशन स बाहर िनकलत ही मझ िसटी ऑफ जॉय क नाम स मशहर कोलकाता की पहली झलक िदखाई दी ऐसा लगा मानो मझ भारत क दो पहल एकसाथ जीत हए नज़र आए एक तरफ थ टशन स बाहर एव अ दर जात हए स दर कपड़ गहन म लद हए कोलकाता क बगाली िनवासी साथ म बड़ी-बड़ी गािड़य म घमत कोलकाता क नौजवान और ठीक दसरी तरफ मरी नज़र पड़ी हगली नदी पर बन परिसदध हावड़ा िबरज पर िजस दख एक अलग ही दिनया का एहसास हआ

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह

िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी

एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया नतीजा मर समकष था

प ठ 30 अकषय कराित

हावड़ा िबरज पर हर तरफ लोग का जमावड़ा था इतन लोग दख िद ली क चादनी चौक की याद आ गयी ऐसा लगा मानो म 50 साल पीछ िकसी लक एव वाईट दिनया म कदम रख चकी थी िबरज क दोन तरफ सामान बचत हए दकानदार िखलौन मछली रख हए औरत एव छोट-छोट ब च मख य शहर स हावड़ा जान वाल आम आदमी मजदर की तज़ र तार फरी स र ता पार करन वाल यापारी इन सब को दख लगा कोलकाता म मबई जसी भागम भाग भी थी िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया नतीजा मर समकष था जस-जस म कोलकाता शहर क भीतर आन लगी मझ इस शहर क िवकास की झलक िदखाई दी एक तरफ थी ऊची ईमारत सदर िवशाल िव यासागर सत पल बड़-बड़ होटल माल कोलकाता उ च यायालय राईटसर िबि डग मशहर इडन गाडरन टिडयम इ यािद तो दसरी तरफ था िवक टोिरया ममोिरयल अगरज की वा तकला क अनसार िदखती लाल ईटो की इमारत िवक टोिरयल सरचनाए भवन छोटी-छोटी पटिरय पर समान बचत नया बाज़ार (New Market) क दकानदार एव िवक टोिरया ममोिरयल क बाहर चलत सलािनय क िलए रथ वाल घोड़ हमारा होटल जसीबोस सड़क पर ि थत था एव सिवधाओ स भरपर था पर त मन य जाना िक असली कोलकाता का मज़ा गाड़ी म नही अथवा िरक शा ऑटो तथा साल स चलती आ रही सड़क पर टराम म था

हर तरफ मझ पील रग की टिक सया िदखाई दी सब एक समान थी तथा मरसीडीज़ गाड़ी क बगल म चलती 1-2 पय म सफ़र की जान वाली टराम भी साथ िदखाई दी परी िजदगी िद ली म यतीत करन क बाद हर नए शहर का रहन-सहन बोल-चाल रीित-िरवाज़ जानन की जाग कता मझम हमशा रही पहल ही िदन स कोलकाता मझ रास आया जस िक कहत ह lsquoकोलकाता हमार खब भाला लागली छ rsquo कहन का ता पयर य िक मझ कोलकाता बहत अ छा लगा पहल िदन िक शाम को हमन य मािकर ट म खरीददारी करन का मन बनाया म हरान थी िक वहा चीज िकतनी स ती िमल रही थी िद ली क मतािबक एक ितहाई दाम पर चिडया गहन बग जत कत इ यािद िमल

िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया

प ठ 31 अकषय कराित य मािकर ट िद ली क लाजपत एव सरोिजनी नगर समान ह कम

दाम म अ छा समान िमला कोलकाता चमड़ क िलए भी मशहर ह एव परिसदध ी लदसर दकान भी इस बाज़ार म ि थत ह यहा खरीदारी का हमन खब ल फ़ उठाया

अगल िदन हम हि दया पोटर गए एव अनक जहाज़ दख 3-4 घट की दरी पर ि थत यह पोटर अनक एकड़ म फला हआ था पहली बार इतन बड़ जहाज़ को अदर स दख खब आनद आया तीसर िदन हम काली बाड़ी मिदर गए बगाली अ यत पाठ-पजा वाल दगार मा क स च उपासक ह यह सब जानत ह दगार पजा इनका लोकिपरय उ सव ह तथा काली मा एव दगार मा की स च मन स पजा करत ह कोलकाता क िनवासी भिक त भावपणर ह यह सना था अब खद दख भी िलया बगाली र म स पजा करन का य मौका अ यत आनदमयी था इसक अलावा काली बाड़ी क नज़दीक ही ि थत ह गौिरहाट बाज़ार यहा की दकान बगाली सािड़या कपड़ सट कत इ यािद क िलए परिसदध ह आिद धक तशवर नामक मशहर दकान म जाकर मरा भी मन िकया िक म भी खरीददारी क मर सािथय न बहत सािड़या खरीदी एव दाम दखकर म दग रह गई सदर स सदर साड़ी मातर 600700 पय की थी मन बगाल की मशहर लाल एव सफद िपरट की साड़ी भी खरीदी कोलकाता म खरीददारी का अलग की मज़ा ह उसी िदन शाम हम सा ट लक िसटी मॉल गए वह सा ट लक टिडयम क नज़दीक ह यहा िदखाई िदया कोलकाता का परगितशील प नौजवान फटबाल की जसीर पहन माल म घम रह थ एक स एक

मशहर बरड वहा मौजद थ इसक अलावा कोलकाता क िनवासी खब मनोरजन क शौक़ीन ह सगीत नाच गाना इ यादी म िच रखत ह कोलकाता म जगह-जगह सगीत कला अकडमी तथा पढ़न (रीिडग) क क लब ह अगरज क शौक तथा रहन-सहन की झलक आज भी यहा िदखती ह यहा क नौजवान को खल-कद म भी खब िदलच पी ह फटबाल का तो जस यहॉ सबको जनन ह

भारत क परिसदध मोहन बगान फटबाल क लब फटबाल क वहा क नौजवान ही नही परा शहर ही दीवाना ह भारत-पाक मच हो या आई पी एल इडन गाडरन मदान लोग स खचा-खच भरा रहता ह अफ़सोस म वहा अदर जा न सकी

इसक अलावा काली बाड़ी क नज़दीक ही ि थत ह गौिरहाट बाज़ार यहा की दकान बगाली सािडया कपड़ सट कत इ यािद क िलए परिसदध ह

प ठ 32 अकषय कराित

मर सफर क आखरी िदन म मन कोलकाता क लोग म एकता क नजार दख िविभ नता म भी एकता का उदाहरण दखा चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख िजस िदन हम कोलकाता पहच थ उसी िदन वहा शहर बद था और मन एक जट होकर लोग को अपनी बात कहत हए दखा एव सना यहा क लोग अपन शहर क िवकास बहतरी क िलए जाग क ह िज मदारी लत ह तथा सरकार को अपनी बात भली-भाित कहत ह लड़िकय औरत की इ ज़त करत ह एव यहा िक मिहलाओ को मन िनदरलीय पाया जहा एक ओर भारत की राजधानी होन क बावजद िद ली वाल अपनी िजदगी म मगन रहत ह वही दसरी और कोलकाता म अमीरी-गरीबी िभ न जाितय म भी एक जटता ह कपड़ा एव खाना आज भी यहा खब स ता िमलता ह पर त दसरी तरफ सब जानत ह िक बड़-बड़ उ योगपित िव वान लखक िखलाड़ी गायक अिभनता िनदशक यहा स उभर ह सािह य हो या लख बॉलीवड हो या िकरकट बगाल न भारत को अनक नाम एव गौरव िदए ह चाह सौरव दादा हो या रिव दर नाथ टगोर ममता बनजीर रानी मखजीर हो या योित बस भारत म इनकी भिमका का वणरन करन की ज रत नही

मन कछ िदन क कोलकाता क सफर म इस शहर को जानन समझन का परयास िकया हगली नदी क िकनार खड़ होकर समदर को दखा निदय को िनहारा िव यासागर सत िबरज की सदरता िवशालता को सराहा क सी दास की परिसदध िमठाई का ल फ उठाया मन बहत शहर घम पर त यह सफर मर िलए सबस यादगार रहा कोलकाता परगित क मागर पर िनरतर बढ़ रहा ह पर त आज भी वह अपनी जड़ नितक म य को नही भला ह एक आम आदमी आज भी टराम म या फरी स सफर करता ह यहा क िनवासी दो पय स लकर 500 ० का खाना खात ह पराना एव नया कोलकाता एक साथ जीिवत ह िसक क क दो पहल की तरह कोलकाता क यह दो प को एक साथ रहत दख बहत आनद आया

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 33 अकषय कराित

जल परकित का अनपम उपहार ह मानव जाित अपन परादभारवकाल स ही इस उपहार का उपयोग अपन िहत क िलए करती आई ह जल वह पराकितक उपहार ह िजसका कोई िवक प नही ह इसिलए जल को अमतया जीवन भी कहा गया ह जल क िबना जीवन की सभावना भी नही ह पर यकष प स तो जल की मानवीय आव यकता सीिमत ह परत परोकष आव यकताओ पर नजर डाल तो दिनक जीवन की आव यकताए जस अ न फल स जी दध स लकर हमार पहराव आवास तक सब जल स जड़ हजल का जरा भी सतलन िबगड़ जाए तो जीवन यापन क टपरद होन म दर नही परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह जल क सामा य त य जल या पानी एक आम रासायिनक पदाथर ह जो जीवन क सभी जञात प क जीिवत रहन क िलए ज री ह आमतौर पर जल अपनी दरव अव था म उपयोग म लाया जाता ह पर यह ठोस अव था बफर और गस अव था जल वा प या भाप प म भी पाया जाता ह प वी क लगभग तीन चौथाई िह स पर िव व क महासागर का अिधकार ह अनमानत प वी पर जल की कल मातरा लगभग 1400 िमिलयन घन िकलोमीटर ह जो िक प वी पर 3000 मीटर गहरी परत िबछा दन क िलए काफी ह तथािप जल की इस िवशाल मातरा म व छ जल का अनपात बहत कम ह प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह शष जल झील निदय वायम डल नमी मदा और वन पित म मौजद ह जल की जो मातरा उपभोग और अ य परयोग क िलए व ततः उपल ध ह वह निदय झील और भजल म उपल ध मातरा का छोटा-सा िह सा ह इसिलए जल ससाधन िवकास और परब ध की बाबत सकट इसिलए उ प न होता ह कय िक अिधकाश जल उपभोग क िलए उपल ध नही हो पाता

परभावी जल परबधन और दश का िवकास

दीपक आहजा ओएनजीसी िवदश

प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह

प ठ 34 अकषय कराित

और दसर इसका िवषमतापणर थािनक िवतरण इसकी एक अ य िविश टता ह फलतः जल का मह व वीकार िकया गया ह और इसक िकफायती परयोग तथा परब ध पर अिधक बल िदया गया ह प वी पर उपल ध जल जल-चकर क मा यम स चलायमान ह जल लगातार एक चकर म घमता रहता ह िजस जलचकर कहत ह इसम वा पीकरण वषार और बह कर सागर म पहचना शािमल ह हवा जल वा प को थल क ऊपर उसी दर स उड़ा ल जाती ह िजस गित स यह बहकर सागर म पहचाता ह जल चकर का िचतर नीच पर तत िकया गया ह

अिधकाश उपभोकताओ जस िक मन य पशओ अथवा पौध क िलए जल क सचलन की ज रत होती ह जल ससाधन की गितशील और नवीकरणीय परकित और इसक परयोग की बार बार ज रत को ि टगत रखत हए यह ज री ह िक जल ससाधन को उनकी परवाह दर क अनसार मापा जाए इस परकार जल ससाधन क दो पहल ह अिधकाश िवकासा मक ज रत क िलए परवाह क प म मािपत गितशील ससाधन अिधक परासिगक ह आरिकषत भ डार की ि थर अथवा िनयत परकित और साथ ही जल की मातरा तथा जल िनकाय क कषतर की ल बाई व म यपालन नौ सचालन आिद जस कछक िकरयाकलाप क िलए भी परासिगक ह

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 35 अकषय कराित

जल का यय अप यय जल क बार म एक नही कई च कान वाल त य ह िव व म और िवशष प स भारत म जल िकस परकार न ट होता ह इस िवषय म जो त य सामन आए ह उस पर जाग कता स यान दकर जल क अप यय को रोका जा सकता ह अनक त य ऐस ह जो हम आन वाल ख़तर स तो सावधान करत ही ह दसर स पररणा लन क िलए परो सािहत करत ह और पानी क मह व व इसक अनजान ोत की जानकारी भी दत ह प वी पर पदा होन वाली सभी वन पितया स भी हम पानी िमलता ह

आल और अनानास म 80 परितशत और टमाटर म 95 परितशत पानी ह पीन क िलए मानव को परितिदन 3 लीटर और पशओ को 50 लीटर पानी

चािहए भारत म 83 परितशत पानी खती और िसचाई क िलए उपयोग िकया जाता

ह इज़राइल म औसतन मातर 10 सटीमीटर वषार होती ह इस वषार स वह

इतना अनाज पदा कर लता ह िक वह उसका िनयारत कर सकता ह दसरी ओर भारत म औसतन 50 सटीमीटर स भी अिधक वषार होन क बावजद अनाज की कमी बनी रहती ह

िपछल 50 वष म जल क िलए 37 भीषण ह याकाड हए ह भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल

चलती ह पानी ज य रोग स िव व म हर वषर 22 लाख लोग की मौत हो जाती ह यिद बरश करत समय नल खला रह गया ह तो पाच िमनट म करीब 25

स 30 लीटर पानी बरबाद होता ह बाथ टब म नहात समय 300 स 500 लीटर पानी खचर होता ह जबिक

सामा य प स नहान म 100 स 150 लीटर पानी खचर होता ह िव व म परित 10 यिकतय म स 2 यिकतय को पीन का शदध पानी

नही िमल पाता ह परित वषर 6 अरब लीटर बोतल पक पानी मन य वारा पीन क िलए

परयकत िकया जाता ह मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 36 अकषय कराित

िद ली मबई और च नई जस महानगर म पाइप लाइन क वॉ व की खराबी क कारण रोज़ 14 स 44 परितशत पानी बकार बह जाता ह

निदया पानी का सबस बड़ा ोत ह जहा एक ओर निदय म बढ़त परदषण रोकन क िलए िवशषजञ उपाय खोज रह ह वही कल कारखान स बहत हए रसायन उ ह भारी मातरा म दिषत कर रह ह

भारत म जल सकट नासा की एक िरपोटर न पानी को लकर दश भर म बढ़ती जा रही लापरवाही क परित आख खोली ह इस िरपोटर म भारत म सख की ि थित पदा होन क िलए िज मवार कारण म स एक अहम कारण अधाधध जल दोहन को बताया गया ह बतात चल िक दश भर क 604 िजल म स 161 सख की मार झल रह ह वस अब बताया जा रहा ह िक सख की मार स बहाल िजल की सखया बढ़कर 246 हो गई ह यानी कहा जाए तो आधा दश सख की चपट म ह बहरहाल नासा की इस िरपोटर म बताया गया ह िक भारत क कई रा य कषमता स यादा जल दोहन कर रह ह यहा कषमता स ता पयर यह ह िक उनस िजतन सलाना जल दोहन की उ मीद कदर करती ह व उसस कही यादा जल दोहन कर रह ह नासा न यह अ ययन 2002 स 2008 क बीच

की ि थितय क आधार पर िकया ह इस िरपोटर म बताया गया ह िक पजाब हिरयाणा और राज थान हर साल औसतन 177 अरब कयिबक मीटर पानी जमीन क अदर स िनकाल रह ह जबिक कदर की तरफ स लगाए गए अनमान क मतािबक इ ह हर साल 132 अरब कयिबक मीटर पानी ही जमीन क अदर स िनकालना था इस तरह स दखा जाए तो य तीन रा य िमलकर कषमता स 30 फीसदी यादा पानी का दोहन कर रह ह जािहर ह िक िबना कछ सोच-िवचार जब इस पमान पर पराकितक ससाधन का दोहन िकया जाएगा तो परकित भी बदला लगी और वही हो रहा ह इस िरपोटर म यह भी बताया गया ह िक भारत का महज 58 फीसदी भजल ही हर साल िरचाजर हो पाता ह नासा की यह िरपोटर बताती ह िक अधाधध जल दोहन की वजह स पर उ तर पि चम भारत क भजल तर म हर साल 4 सटीमीटर यानी 16 इच की कमी आ रही ह इस अ ययन को अजाम दन म नासा क जल िवजञानी मट रोडल न अहम भिमका िनभाई ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 37 अकषय कराित

उनक हवाल स इस िरपोटर म बताया गया ह िक दश क उ तर पि चम कषतर म 2002 स 2008 क दौरान तकरीबन 109 कयिबक िकलोमीटर पानी की कमी हई ह यह मातरा िकतनी अिधक ह इसका अदाजा इसी स लगाया जा सकता ह िक यह अमिरका क सबस बड़ जलाशय लक मीड की कषमता स दगन स भी कही यादा ह अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह इस िरपोटर क मतािबक अगर अधाधध जल दोहन इसी तरह स जारी रहा तो आन वाल समय म भारत को अनाज और पानी क सकट को झलन क िलए अभी स तयार हो जाना चािहए जािहर ह िक जब जल सकट बढ़गा तो खती पर इसका गहरा परभाव पड़गा अनाज क उ पादन म कमी आएगी इस वजह स अनाज सकट पदा होगा और भख का एक नया चहरा उभरकर सामन आएगा एक बड़ा तबका जो आज भरपट भोजन कर पाता ह उसक िलए पट भर खाना िमलना मि कल हो जाएगा भखमरी की जो सम या पदा होगी उसस िफर िनपटना आसान नही होगा इसक अलावा पीन क पानी का टोटा तो होगा ही अभी ही दश क कई िह स ऐस ह जहा क लोग को पीन क िलए साफ पानी नही िमल पा रहा ह कई कषतर ऐस ह जहा गमीर क िदन म हडपप स पानी आना बद हो जाता ह वहा क लोग को हर साल बोिरग को कछ फट बढ़वाना होता ह यह सम या भजल तर क िगरत जान की वजह स ही पदा हई ह जब पीन क पानी का सकट पदा होगा तो बोतलबद पानी का कारोबार काफी तजी स बढ़गा कहन का मतलब यह िक िजसक पास पसा होगा वह अपनी यास बझा सकगा और िजसक पास पसा नही होगा उस अपनी यास बझान क िलए भी सघषर करना पड़गा ि थित की भयावहता की क पना ही िसहरन पदा करती ह भारत म दिनया का हर छठा आदमी रहता ह यानी कहा जाए तो दिनया क कल आबादी क तकरीबन सतरह फीसदी लोग भारत म रहत ह जबिक दिनया का महज साढ़ चार फीसदी पानी ही भारत म उपल ध ह ऐस म जल सम या स दो-चार होना कोई आनापिकषत बात नही ह एक बात तो तय ह िक पराकितक ससाधन म इजाफा तो नही िकया जा सकता ह लिकन इसका सरकषण अव य िकया जा सकता ह

अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह

प ठ 38 अकषय कराित

भारत म लोग िकसी एक मा यम स पयजल परा त करन पर िनभरर नही ह इस दश म 357 फीसदी लोग हडपप स 367 फीसदी लोग नल स 182 फीसदी लोग तालाब पोखर या झील स 56 फीसदी कओ स 12 फीसदी लोग पारपिरक साधन स और 26 फीसदी लोग अ य मा यम स पीन का पानी परा त करत ह इस िलहाज स अगर दखा जाए तो जल सकट को दर करन क िलए समगर कायरयोजना की ज रत ह

दरअसल भारत म गहरात जल सकट क िलए काफी हद तक पानी की बबारदी भी िज मवार ह यहा जल आपित र की यव था म काफी खािमया ह नल क जिरए घर तक पहचन वाल पानी का एक बड़ा िह सा िरस कर बबारद हो जाता ह हर शहर म फट हए आपित र पाइप आसानी स दख जा सकत ह इस बदहाल यव था क िलए सरकार क साथ-साथ सामा य लोग भी कम िज मदार नही ह एक तरफ तो सरकार पयजल क नाम पर हर साल हजार करोड़ पए का बजट बनाती ह और दसरी तरफ जमीनी तर पर हालात म कोई बदलाव नही िदखता ह सामािजक तौर पर भी जल सरकषण को लकर जाग कता का अभाव िदखता ह यह सामािजक तान-बान का ही असर ह िक लोग कही भी जल की बबारदी को दखकर उस सामा य घटना मानत हए नजरअदाज कर दत ह दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था यह अब घटकर 1800 कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर हो चका ह

दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था

प ठ 39 अकषय कराित

िवशषजञ का अनमान ह िक अगर पानी की खपत और बबारदी इसी तरह स जारी रही तो 2025 तक यह घटकर हजार कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर ही रह जाएगा उस समय तक पानी की उपल धता म आन वाली इस कमी की वजह स किष उ पादन म तीस फीसदी की कमी आन की सभावना ह इन पिरि थितय म दश की आिथरक और सामािजक ि थित का कया होगा इसका अदाजा सहज ही लगाया जा सकता ह भारत म जल सरकषण क परित आज भी आम लोग क मन म उपकषा का भाव बना हआ ह साथ ही इस कायर क िलए आव यक तकनीक की भी कमी ह जो तकनीक उपल ध ह उनस सामा य लोग अनजान ह बािरश क पानी का सगरह करक उस उपयोग म लाना एक अ छा िवक प ह पर इस तरह की कोिशश काफी सीिमत मातरा म काफी छोट तर पर हो रही ह यही वजह ह िक दश म होन वाली बािरश क पानी का अ सी फीसदी िह सा आज भी समदर म पहच जाता ह अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह अगर जल की इस िवशाल मातरा का आधा भी परयोग कर िलया जाए तो ि थित म यापक बदलाव आना तय ह शहरी कषतर म तो पानी की कालाबाजारी जोर पर ह जगह-जगह पर जल मािफया सिकरय हो गए ह िद ली क ही एक अखबार न कछ समय पहल यह बात उजागर िकया था यहा तो समानातर जल बोडर भी चलाया जा रहा ह हरानी की बात तो यह ह िक इसक बावजद भी पानी क काल धध पर अकश नही लगाया जा सका ह अहम सवाल यह ह िक कस सामा य तबक क लोग तक व छ पानी पहचाया जाए शहरी कषतर क साथ-साथ गरामीण कषतर म भी यह एक बड़ी चनौती ह आबादी म अपर यािशत विदध बढ़त शहरीकरण औ योिगकीकरण और किष उ पाद की बढ़ती माग क कारण पानी की माग िपछल कछ साल म वाभािवक प स बढ़ी ह इसक पिरणाम व प भजल ससाधन का अ यिधक दोहन हआ ह और इसका नतीजा हआ िक लगातार भजल का तर घटता जा रहा ह शहरी कषतर म ि थित बहद भयावह ह तदनसार वहा न कवल शीघराितशीघर जल ससाधन क सरकषण की ज रत ह बि क परभावी रणनीित और परबधन क जिरए त काल कदम उठान की ज रत ह

अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह

प ठ 40 अकषय कराित

खासकर इस बात को यान म ऱखकर िक िविभ न परितयोगी कषतर म कभी भी माग बढ़ सकती ह भिव य म उपयोग क िलए छत पर या सतह पर जलगरहण बनाकर वषारजल सरकषण बहद ज री ह यह पानी की बढ़ती ज रत का खयाल रखन िमटटी की नमी तर को बढ़ान शहरी हिरयाली को बढ़ान भजल तर को कितरम प स पनभररण करन और भजल की गणव ता स सधार का काम करता ह भारत म जल परबधन स दश का िवकास भारत म दिनया की 16 परितशत आबादी रहती ह लिकन दिनया क िसफर 4 परितशत जल ससाधन ही भारत क पास ह 3290000 वगर िकलोमीटर क भिम कषतर और एक अरब स यादा की आबादी क साथ भारत क एक बहलवादी िविवधता का िचतर ह िवशाल पराकितक ससाधन क साथ सप न तकनीकी और वजञािनक किमरय का भी यह दिनया म दसरा सबस बड़ा सम चय ह भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह मानव िवकास म 80 क दशक म लगभग 26 परितशत और 90 क दशक क दौरान और 24 परितशत क वारा सधार हआ ह आजादी क बाद छह दशक म भारत न जल ससाधन का अभतपवर िवकास और खा या न म आ मिनभररता शहरी कषतर ऊजार और औ योिगक कषतर और पीन का पानी क बिनयादी ढाच म तजी स िव तार दखा ह िजसका उपयोग भारत की लगभग 85 परितशत शहरी और गरामीण आबादी क वारा िकया जाता ह भारत म रा य सरकार और भारत सरकार क परितबदध और ठोस परयास की वजह स गरामीण और शहरी आबादी को सरिकषत पयजल को उपल ध करवान म काफी सफलता हािसल की ह इस उपलि ध न भजल की कमी जल जमावजल गणव ता िगरावट जल परदषण और बढ़त लवणता तर स बड़ कषतर को परभािवत िकया ह और अभी भी िविभ न रा य म गरामीण और शहरी भारत क मानव िवकास सचकाक (HDI)rsquo म बहत असमानता मौजद ह पानी क िलए कषतरीय माग तजी स बढ़ रह शहरीकरण की गित स बढ़ रही ह (अनमानत 2025 तक दश की आबादी का 50 परितशत स अिधक शहर म रहग) जनसखया विदध बढ़ती आय और औ योिगक िवकासशहरी भारत तजी स िवकास की माग क कदर क प म उभर रहा ह

भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह

प ठ 41 अकषय कराित

नतीजतन परित यिकत पानी की उपल धता िगर रही ह परधानमतरी की अ यकषता म 12वी योजना क िलए हई योजना आयोग की पणर बठक म दसर म क साथ जल परबधन पर िवशष चचार हई बठक क बाद योजना आयोग क उपा यकष म टक िसह अहलवािलया न कहा िक भ-जल कानन स लकर दसर म की यापक समीकषा ज री ह व यनाथन सिमित जहा वतरमान म भ-जल कानन की साथरकता का अ ययन करगी वही भारतीय अतिरकष अनसधान सगठन [इसरो] की मदद स पानी की उपल धता का िव तत अ ययन होगा म टक न कहा िक उसी आधार पर रणनीित तय होगी सरकार यह यान रखगी िक पानी का अिधकतम उपयोग हो सक और सभी को उपल ध हो पानी पर िकसी का एकािधकार न हो सक बतात ह िक द पयोग को रोकन क िलए श क लगान पर भी िवचार िकया जा सकता ह हालािक इसस पहल रा य सरकार स चचार होगी यह तय ह िक एआइबीपी कायरकरम म यापक बदलाव ह ग ी म टक िसह अहलवािलया न कहा िक वतरमान म इस कायरकरम का सही िकरया वयन नही हो रहा ह िलहाजा उसम पिरवतरन ज री ह सभव ह िक हर रा य म जल िनयामक परािधकरण बनान की शतर भी लगाई जाए उ ह न कहा िक जल परबधन की यापक समीकषा कर नई रणनीित तय की जाएगी कल िमलाकर रा टरीय तर पर वतरमान जल ससाधन का अिधक स अिधक करन क िलए माग को परा करन क िलए पयार त ह लिकन भिव य क अ ययन पिरयोजना ह िक जल आपित र की ि थित अगल आध सदी म अिधक किठन हो सकती ह जल सकट स िनपटन को जल सरकषण परबधन अिनवायर परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह बढ़त वि वक तापमान क फल व प अितवि ट अनावि ट अ पवि ट और असामियक वि ट हम परितवषर दख रह ह िजसका परभाव हमार जल ससाधन पर पड़ता िदखाई द रहा ह कओ व बाविडय का िमटता अि त व नदी-नाल का घटता पानी भ-गभर जल का िगरता तर िचता की पिरिध स िनकलकर खतर की घटी बनता जा रहा ह

निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह

प ठ 42 अकषय कराित

िव व भर म सीमट क अधाधध परयोग न धरातल क सहज अवशोषण कषतर को घटाया ह तथा जल बहाव भिम कटाव व बाढ़ म विदध की ह ऐसी ि थित म जल सरकषण का दािय व मातर वजञािनक व सरकार तक सीिमत न रहकर पर यक उपभोकता क कध पर आ जाता ह इसी दािय व क िनवरहन क िलए हमार पास दो िवक प सामन आत ह 1 वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई

उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

2 पािरवािरक तर पर वषार जल को सगरिहत कर उसका उपयोग कर य दोन ही परयास गरामीण कषतर म तो सरलता स अपनाए जा सकत ह परत शहरी कषतर म व ट वाटर मनजमट की बड़ी पिरयोजनाए बनाकर ही पानी को िरसाइिकल िकया जा सकता ह भ-गभर अिधकािधक जल अवशोिषत होकर

जाए इसक िलए मदानी भाग म िनयोिजत ढग स बड़-बड़ पोखर बनाकर तथा पहाड़ी कषतर म नाल -ख ड म िमटटी प थर आरसीसी क बड़-छोट डम लगाकर जल बहाव रोक भ-सरकषण बचाव व जल भडारण और धरातल जल शोषण कषतर बढ़ाया जा सकता ह िव व बक भारत सरकार वारा म य िहमालय जलागम पिरयोजना रा य क भ-सरकषण िवभाग इस कषतर म कारगर उपाय लकर

हमार सामन ह परत जनसहयोग क िबना इन पिरयोजनाओ क आशातीत पिरणाम ल पाना किठन ह वकषारोपण इस सपणर जल चकर को बल दन वाला कारक ह जल क परित चतना जागत न हई तो अव य ही अगल िव व यदध का कारण जल ही होगा

जल भोजन ह और अिगन भोजन का भकषक ह अिगन जल म और जल अिगन म िव यमान ह

- ततरीय उपिनषद 38

वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

प ठ 43 अकषय कराित

म भी गान गा सकता ह शबनम क िखलत फल क म भी गीत सना सकता ह सावन क म त झल क लिकन जब घर-घर म बादल छाय घोर िनराशा क तब म नगम गा रहा ह उ मीद की आशा क

सड़क पर खड़ बचपन की य बात सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह

हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

इस बदलत पिरवश का राग सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

गाधी जी क सपन का जो राम-रा य कहलाता ह उस भारत म सड़क पर छोट चाय पहचाता ह

कहा गई वो अ हड़ म ती कहा गया वो यार का रा ता उन हाथ स बचत झड िजन हाथ को चािहए ब ता

उस सोन की िचिड़या की म बात बतान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

कही बम की गमर हवाए कही ससद म कोहराम ह कही होत घोटाल स परशान आदमी आम ह

कही कल की िकलकारी ह कही सड़क पर बचपन ह कही चलता नही गजारा कही िवदश म काला धन ह

म स चाई गा-गाकर सबको बतलान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

बदलता भारत मनीष लाल इरडा

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

प ठ 44 अकषय कराित

करन वाल काम बहत ह यथर उलझन को छोड़ो म ला-पिड़त तोड़ रह ह तम बस lsquoअपन को जोड़ो

lsquoहम बदलग-यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का lsquoवद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का

वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हम बदलग mdash यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का वद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

प ठ 45 अकषय कराित

िसफर काला और सफ़द य ही वो दो रग थ जो तर पास सि ट बनान क आधार थ

काला वो जो कािलमा िलय ह िजस कहत ह दख िनराशा म य अपयश और वो सबकछ जो नकारा मक ह

मगर सफद ह वो रग िजसस जड़ा ह जीवन आशा सख और कीितर और वो सब कछ जो सकारा मक ह पर इन रग स तझ चन ना िमला त सोचन लगा अगर सि ट बनानी ह

तो िकस िलए- ससगर और परम क िलए और

इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग

ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह

बस- बना डाला तन इ दरधनष

जो बरसात क बाद सरज और प वी क अनपम परम को रग दता ह सतरगी रग स

और उ ही सतरगी इ दरधनषी रग म हम हर पल हर कषण डबत गहरात इतरात रहत ह

और खिशय भर ससार म हर रग को अलग-अलग तरह स महसस करक जीत रहत ह

रग तो रग ह मगर-

ससगर और परम क िलए और इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह बस-

सतरगी िचतर सगीता ीवा तव इरडा

प ठ 46 अकषय कराित

कभी पक क कभी फीक़ तो कछ कभी दाग बनकर उभर आत ह

कछ आख म नील बादल स छाए रहत ह तो कछ गाल पर गलाबी रग बनकर छलक जात ह

याद रहत ह अक सर वो रग- जो खदी पर इस तरह छा जात ह िक खद म घलकर खद क होन

का एहसास दत-दत खद का एक रग बन जात ह

बगनी आसामनी नीला हरा पीला नारगी लाल इ दरधनष क य सात रग ही जोड़त ह हमार िदल को

हमार मन को जोड़न वाल इन रग की सतरगी दिनया म-

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा बनाय

और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क

सतरगी िचतर

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा

बनाय और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क सतरगी िचतर

प ठ 16

अकषय कराित एक अिधकारी का मखय काम यही ह िक वह अपन साथ काम करन वाल लोग म अ छी आदत का िवकास कर उनकी सहायता कर यिद यह काम परभावशाली ढग स कर पाता ह तो इसस कवल उसक अपन काम ही बहतर नही ह ग बि क उसक पास परिशिकषत और कशल कमरचािरय का परा दल होगा जो उसक परित परी िन ठा स काम करगा इसक िलए सबस पहल कमरचािरय का नजिरया ठीक करना ज री ह उनम सबस पहल यह भावना लानी होगी िक हमार अदर जो चीज ह वही हम ऊपर की ओर ल जाती ह और वह हमारा नजिरया ह

एक आदमी मल म ग बार बचकर अपनी गज़र-बसर करता था उसक पास लाल नील पील हर-चार रग क ग बार थ जब कभी उसकी िबकरी कम होन लगती तब वह हीिलयम गस स भरा एक ग बारा हवा म छोड़ दता ब च उस उड़ता दखकर वसा ही उड़न वाला ग बारा पान क िलए मचल उठत ब च उसस ग बारा ख़रीदत और इस तरह उसकी िबकरी िफर स बढ़ जाती िदन-भर यही िसलिसला चलता रहता एक िदन वह आदमी बाज़ार म खड़ा ग बार बच रहा था अचानक उस महसस हआ िक पीछ स कोई उसका करता पकड़कर खीच रहा ह उसन पीछ मड़कर दखा तो एक छोट स ब च को खड़ा पाया उस ब च न ग बार वाल स पछा ldquoअगर आप काला ग बारा छोड़ग तो कया वह भी उड़गाrdquo ब च की बात उसक िदल म लगी और उसन यार स जवाब िदया ldquoबट ग बारा अपन रग की वजह स नही उड़ता बि क उसक अदर कया ह इस वजह स ही वह ऊपर जाता ह rdquo ठीक यही बात हमारी िज़दगी म भी लाग होती ह अगर लोग का नजिरया बहतर हो उनम अदर स काम करन की इ छा भरी हो तो व खलकर आपस म िमलकर काम करग इसस नकसान तो कम होगा ही स थान क परित िन ठा बढ़गी और लगन स काम करन का वातावरण तयार होगा िव वास हािसल करना आव यक

कमरचािरय स बहतरीन काम लन क िलए शानदार टीम लीडर होना ज री ह मटठीभर लोग का कोई समह िकला तभी फतह कर सकता ह जब

एक आदमी मल म ग बार बचकर अपनी गज़र-बसर करता था उसक पास लाल नील पील हर-चार रग क ग बार थ

प ठ 17

अकषय कराित जब उनका सनापित उनम वह जोश भर सक िक उ ह कोई भी ऊचाई यादा न लग अतः सबस ज री ह िक स थान म कमरचािरय की

कषमताओ का परा फायदा लन क िलए उनका िव वास जीता जाए इसक िलए उनक साथ परी इ जत स पश आना ज री ह उनकी छोटी-बड़ी खशी को बाटना और उनकी राय को परा स मान दना भी उतना ही ज री ह कई बार परबधन क उ चािधकारी या लीडर अपनी टीम क सद य स िसफर इसिलए राय नही लत कय िक उ ह लगता ह िक एक बार राय लन पर अगर उनकी बात नही मानी गयी तो उ ह बरा लगगा लिकन सबस ज री ह िक टीम म सभी सद य को िव वास म लकर काम िकया जाए यहा टीम लीडर की भिमका मह वपणर होती ह वह खद वकत का पाबद होगा तो उसक मातहत कमरचािरय म वयमव यह गण आदत का प ल लगी टीम लीडर का काम अपनी टीम का उ साह बढ़ात हए दी गयी िज मदािरय को समय स परा करना ह मगर उसम नयी चीज़ को सीखन की ललक होनी चािहए ऐसी ललक जब स थान क कमरचािरय म आदत का प लन लगती ह तो वह स थान जािहर ह नए परितमान थािपत करन लगता ह जापानी कपिनया हर बात म कमरचािरय क िहत का यान रखती ह िजसस व वय ही उ पादकता क परित सचत हो जात ह जानी-मानी टोयोटा कपनी क कमरचािरय म तो काम की ऐसी आदत सी या ललक होती ह िक व तब तक काम करत ह जब तक खद थक कर चर नही हो जात यह उनकी आदत ही बन चकी ह िक यिद व िकसी बात पर नाराज होत ह तब भी कपनी या अपन भागय को भल ही कोस ल पर अपन काम पर असर नही पड़न दत इसका कारण यह ह िक जापानी कपिनया काम का एक अ छा वातावरण बनान और लोग म काम क परित स ची लगन को बढ़ावा दन क िलए कड़ा परयास करती ह वहा लोग को लगातार परिशकषण िमलता रहता ह जो कवल तकनीक और मनजमट ही नही कायर स जड़ी नितकता और अ छी आदत क िवकास पर किदरत होता ह चिरतर का िनमारण उनकी एक आदत सी बन जाती ह अगर हम भी एक अ छी शिखसयत बनना ह तो हम अपनी आदत को गहराई स जाचना होगा

ऐसी ललक जब स थान क कमरचािरय म आदत का प लन लगती ह तो वह स थान जािहर ह नए परितमान थािपत करन लगता ह जापानी कपिनया हर बात म कमरचािरय क िहत का यान रखती ह

प ठ 18

अकषय कराित चतन और अवचतन मन

हमार चतन मन क पास सोचन की शिकत होती ह यह िकसी बात को मान सकता ह और नही भी मान सकता मगर अवचतन मन िसफर वीकार करता ह यह इनपट (input) को लकर कोई भदभाव नही करता अगर हम अपन मन म डर शका नफरत क भाव भर तो यह आ म सझाव इन सभी भाव को सिकरय बनाकर हकीकत म बदल दगा हमारा अवचतन मन एक डाटा बक की तरह ह अवचतन मन एक गाड़ी की तरह ह और चतन मन एक डराइवर की तरह शिकत तो गाड़ी म होती ह मगर उसका कटरोल डराइवर क पास होता ह

हम अवचतन मन को इस तरह ढालन की ज रत ह िक वह हम सही और ठीक रा त पर ल जा सक अवचतन मन एक बगीच की तरह होता ह िजस कोई परवाह नही होती िक आप कस पौध लगात ह यह िनरपकष (neutral) होता ह इसम अ छा बोन पर अ छा िमलता ह अ यथा जगली पौध उग जायग

बि क अ छ बीज बोन क बावजद जगली पौध उगन बद नही होत आव यकता होती ह उ ह उखाड़ फकन का िसलिसला जारी रखन की इसी िसदधात को कमरचािरय क मामल म समझन की ज रत ह हम याद रखना ह िक सही और गलत िवचार मन म एक साथ नही रह सकत आव यकता उनक अवचतन मन को इस तरह ढालन की ह िक उनम अ छी आदत का िवकास हो दरअसल अवचतन योगयता वह होती ह जब हम यान दन और सोचन की यादा ज रत नही होती कय िक यह हमार यवहार म खद ब खद उतरन लगा ह िजस स थान क कमरचारी इस तर पर पहच जात ह उनम अ छी आदत वयमव घर करन लगती ह जब बरी आदत हमार अवचतन योगयता क तर तक पहच जाती ह तो वह कावट उ प न करती ह

पिरवतरन का िवरोध बरी आदत को पहचान लन क बाद भी अकसर दखा गया ह िक

लोग उ ह बदलत नही ह ऐसा आिखर कय होता ह उनक न बदलन का कारण ह िक व िज मदारी को वीकार करन स इनकार करत ह

हम अवचतन मन को इस तरह ढालन की ज रत ह िक वह हम सही और ठीक रा त पर ल जा सक अवचतन मन एक बगीच की तरह होता ह िजस कोई परवाह नही होती िक आप कस पौध लगात ह

प ठ 19

अकषय कराित अपनी उन आदत को बनाय रखन म उ ह जो आनद िमलता ह वह पिरवतरन क ददर स यादा होता ह इसक िन निलिखत कारण हो सकत ह -- 1 पिरवतरन की इ छाशिकत का अभाव 2 पिरवतरन क िलए आव यक अनशासन की कमी 3 िव वास की कमी 4 आव यक जानकारी की कमी परबधन वारा इन िबदओ पर िवचार कर अपन किमरय म आशातीत पिरवतरन लाया जा सकता ह सामा यतः खराब आदत को न बदलन क बहान िदय जात ह और कहा जाता ह -- हम लोग इसी तरह करत ह या िक म नही समझता इसस कोई फकर पड़गा और कछ न िमला तो कह िदया जाता ह म बहत य त ह अ छी आदत का िन पण

आदत म पिरवतरन लाया जा सकता ह आव यकता ह इसक िलए सही पिरवश का िनमारण करन की कमरचािरय को परिशिकषत करन की परिरत करन की और ऐसी ि थितया उ प न करन की िजसस कमरचािरय म अ छी आदत का िन पण हो सक दरअसल सफल लोग का राज यह ह िक व काम करन की उन आदत को डाल लत ह जो असफल लोग करना नही चाहत य वही काम ह िज ह सफल लोग भी करना

नही चाहत लिकन व िफर भी करत ह उदाहरण क िलए असफल लोग अनशासन और महनत करना पसद नही करत सफल लोग भी अनशासन और कड़ी महनत नापसद करत ह लिकन व िफर भी ऐसा करत ह कय िक य लोग उन काम को करन की आदत डाल लत ह िज ह असफल लोग नही कर पात नजिरय और सोच का तरीका एक आदत ह और इस बदला जा सकता ह सही ि ट और सतलन कमरचािरय म काम क सबध म सही ि ट बनाय रखन की परवि त िवकिसत करना ज री ह जब कछ गलत हो रहा होता ह तो उस ठीक करना परबधन का ही काम होता ह समझा यह जाता ह िक परायः हम गलत हो रह काम को लकर इतन िचितत हो जात ह िक जो सही हो रहा ह उस भी अनदखा करन की हमम आदत होती ह

दरअसल सफल लोग का राज यह ह िक व काम करन की उन आदत को डाल लत ह जो असफल लोग करना नही चाहत

प ठ 20

अकषय कराित उदाहरण क िलए अगर िकसी स कोई गलती हो जाती ह तो हम एकदम उस पर िच ला पड़त ह या उसक िव दध काररवाई कर बठतहअ छा यह रहगा िक आप उस अलग ल जाकर अकल म बात कर अगर परशसा करनी हो तो सबक सामन कर

अगर िकसी स सहमित न बन तो उस पर करोध करना ज री नही ह अगर अपन करोध पर काब रखग तो लोग अपनी असहमित को अ यथा नही लग अगर आप अपन िवचार को खला रखग तो दसरी ओर स भी आप ऐस ही यवहार की अपकषा कर सकत ह परायः लोग अपनी सहमित कछ इस तरह जतात ह िक सामन वाला भी अपनी बात पर अड़ जाता ह समझन की बात यह ह िक सभी ि थितय म कवल तकर ही काफी नही होगा िकसी स असहमत होन म भी यवहार कशल होना ज री ह सबस पहल तो दसर को अपना पकष रखन का मौका द उसकी बात सन और जहा तक हो सक उसस अपनी सहमित भी परकट कर और िजन बात पर सहमित न बना सक उस समझाए

हमम स अिधकाश लोग उन किमरय और उनकी गलितय पर अ यिधक यान दत ह िजनक िलए हम काम करत ह पर अपन किमरय पर नज़र डालना भल जात ह अगर वय को उन लोग की नजर स दखा जाए तो आशातीत पिरणाम दखन को िमलत ह

आ म मथन आप कया करना चाहत ह कसा करना चाहत ह - इस सोच को

वतरमान म अपन अदर मथन करन को आ म-सझाव कहत ह एक बार सब म जब इसकी पिरपाटी श हो जाती ह तो यह हमार अदर िवजञापन की तरह काम करता ह अपन बार म अपन िलए अदर ही परचािरत करता ह इसका हमार चतन और अवचतन (Sub-concious) मन दोन पर परभाव पड़ता ह अततः यह हमार नजिरए और यवहार को परभािवत करता ह और धीर-धीर आदत का प लता ह यह दरअसल अपन अवचतन मन को ढ़ालन या परोगराम करन की िविध ह

हमम स अिधकाश लोग उन किमरय और उनकी गलितय पर अ यिधक यान दत ह िजनक िलए हम काम करत ह पर अपन किमरय पर नज़र डालना भल जात ह

प ठ 21

अकषय कराित आ म-सझाव अ छ या बर हो सकत ह जब हम बर आ म-सझाव को बार-बार दोहरात ह तब हमारा अवचतन मन उन पर िव वास करन लगता ह और हम उसी को वा तव म यवहार करन लगत ह सकारा मक आ म-सझाव को बार-बार मथन करन स उसकी हमार िदलोिदमाग म त वीर बन जाती ह और वही असिलयत का प लन लगता ह एक उदाहरण क िलए जब कभी हम सबह 0600 बज टरन पकड़नी हो और हमार पास अलामर घड़ी न हो तो हम मन म कहकर उठत ह िक 0400 बज उठना ह तो कया हम नही उठत अगर उठत ह तो इसक पीछ आ म-सझाव ही काम करता ह आ म-सझाव एक रा ता ह िजसस हम अपन िदमाग को परोगराम करक ढ़ालत ह सकारा मक आदत को िवकिसत करन म आ म-सझाव की परवि त मह वपणर िसदध हो सकती ह हमार नजिरए और आदत को तय करन वाल कारक हमार नज़िरए को मखयतः तीन कारक परभािवत करत ह - वातावरणः घर कल आिफस मीिडया सा कितक प ठभिम धािमरक प ठभिम परपराए और भाषाए सामािजक-राजनितक माहौल - य सब िमलकर एक तहजीब बनात ह चाह घर हो या आिफस या अ यतर - हर जगह हर िकसी की अपनी तहजीब होती ह उदाहरण क िलए हम एक दकान म जात ह तो वहा का स समन बड़ अदब वाला होता ह लिकन वही जब दसरी दकान पर जात ह तो वहा का स समन कभी-कभी बड़ा खा और बदतमीज िमल जाता ह उसी तरह िकसी क घर म यार भरा माहौल िमलता ह तो िकसी क घर म हमशा लड़ाई-झगड़ का इसी तरह जब सरकार और राजनीितक माहौल ईमानदारी का होता ह तो लोग भी ईमानदार मददगार और कानन का पालन करन वाल होत ह बईमान और भर ट माहौल म िजस तरह एक ईमानदार का जीना मि कल होता ह उसी तरह ईमानदारी भर माहौल म बईमान यिकत को मि कल होती ह िन सदह अ छ वातावरण म मामली कमरचारी म वमव अ छी आदत िवकिसत होती ह और उसकी कायर करन की शिकत बढ़ जाती ह जबिक खराब माहौल म अ छा काम करन वाल की भी कषमता िगर जाती ह

सकारा मक आदत को िवकिसत करन म आ म-सझाव की परवि त मह वपणर िसदध हो सकती ह

प ठ 22

अकषय कराित कायर-स कित का बहाव ऊपर स नीच की ओर होता ह नीच स ऊपर की ओर कभी नही यह दखना बहत ज री ह िक हमन अपन िलए और आस-पास क लोग क िलए कसा वातावरण तयार िकया ह खराब वातावरण म अ छ की उ मीद करना बमानी ह अनभवः हम अपन जीवन म अपन काम-काज म हालात स जसा अनभव पात ह वह हमारी आदत का िह सा बन जात ह और उसी क अनसार हमारा यवहार होता ह अगर िकसी क परित हमारा अनभव अ छा होता ह तो हमारा नज़िरया भी अ छा होता ह ज री ह िक कमरचािरय को ऐसा कायर-पिरवश िमल िजसस उनक अवचतन म अ छ अनभव की छाप अिकत हो

परिशकषण भी ज़ री यहा िसफर सदधाितक जञान ही काफी नही होता बि क औपचािरक और अनौपचािरक दोन ही तरह की िशकषा व परिशकषण ज री ह जञान और जानकारी को यिद योजनाबदध तरीक स परयोग िकया जाए तो उसस बौिदधक तर को बढ़ान म आशातीत सफलता िमलती ह काम करन की कला अ छी िशकषा स ही आती ह ज री ह िक परिशकषण म मनोवजञािनक सामािजक आिथरक व अ य पहल को समझन की आदत िवकिसत की जाए अवचतन म यह िबठाना बहत ज री ह िक जीवन की भ यता काम क वारा ही सभव ह स थान म सभी को लगना चािहए िक उनका काम मह वपणर ह यही परबधन कला का सार ह जब कमरचािरय को ऐसा एहसास होन लगता ह तो उनक नज़िरए म बदलाव आन लगता ह उपसहारः काम क परित लोग म अ छी आदत िन िपत करन और उनम उ साह जगान स कायर-िन पादन म िनरतर िनखार आता ह दरअसल हर यिकत म मानिसक और शारीिरक ऊजार उ प न होती ह िजसक िलए काम ही सबस अ छा िनकास ह एक िवचारक क अनसार lsquoआप पछत ह म लगातार काम कय करता ह

यहा िसफर सदधाितक जञान ही काफी नही होता बि क औपचािरक और अनौपचािरक दोन ही तरह की िशकषा व परिशकषण ज री ह

प ठ 23

अकषय कराित इसका वही कारण ह िजस कारण स मगीर अ ड दती जाती ह rsquo काम क िबना इसान घट सा जाता ह उस काम की उतनी ही ज रत होती ह िजतनी हवा की आव यकता ह िक उस सही वातावरण उपल ध करान और सही िदशा म अिभपरिरत करन की व ततः हर यिकत अदर स गिरमा और आ मस मान की चाह रखता ह आव यकता ह उस अतःपरिरत करन की लोग को खद स परिरत करन क िलए हम उनकी ज रत और इ छाओ को समझना होगा पररणा कायरकषमता और आदत क बीच सीधा सबध ह जो लोग उतना ही काम करत ह िक उनकी नौकरी बची रह तो ऐस लोग िकसी भी स थान क िलए मह वपणर नही हो सकत अतपररणा स सोच म बदलाव लाया जा सकता ह पररणा आग क समान होती ह

कमरचािरय को िजतना परिरत िकया जाएगा उनम उतनी ही सकारा मक आदत का िवकास होगा कमरचािरय को उिचत स मान दकर उनक कायर को अिधक मनोरजक बनाकर परबधन वारा उनकी बात को गौर स सनकर उनकी सम याओ और सझाव पर गौर करक उ ह वय ल य िनधारिरत करन क िलए परो सािहत करक िवकास क नय अवसर उपल ध कराकर आव यकतानसार समय-समय पर समिचत परिशकषण िदलाकर तथा नयी चनौितय स जझन क िलए परो सािहत करक िन सदह उनक आचार और यवहार को सकारा मक िदशा म पाियत िकया जा सकता ह

कमरचािरय को िजतना परिरत िकया जाएगा उनम उतनी ही सकारा मक आदत का िवकास होगा

ई-पितरका म लख आिद म परकट िवचार

मलतः लखक क ह तथा यह आव यक नही ह िक

इरडा भी इन िवचार स सहमत हो

प ठ 24

अकषय कराित

िबिटया

आख म मोती लकर तम िबिटया जाती हो हा जाओ िशकषा का उपहार द रह िवदा समय यह लो ल जाओ इन पराण म परीित त हारी ममता क धन िसदरी इन नयन की बद पली परकट करती ह मजबरी लाचारी ह िफर पराण म क य ह इतनी आकलता

जब इस रीित पर पराओ म वश न िकसी का ह चलता िपतकल को तजकर अब िबिटया पित-कल म जाना होगा

नटखटपन को छोड़ धमर का ही िजसम बाना होगा इस घर की तम बड़ी लाडली पराण स यारी िबिटया

चली लाकर आज सभी को िपता की कर सनी किटया िजन हाथ न लाड़ चाव स अब तक था िजसको पाला उन हाथ न ही िबिटया को दलह राजा जी को द डाला

िजसका दख जरा मन मला हो जाती थी हरानी क यादान उसी का कर क दय बनाया पाषाणी

िकया न जाता था पल भर को इन आख स दर िजस मोती झरत िवदा द रहा आज सकल पिरवार उस अपनी मा क जीवन की तम परित-पल हो आधार रहो

िवजयता िपता क दय मिदर की िबिटया तम साकार रही आज जीवन क सख-दख सार वही िबतान तम लो जान आओगी जब कभी यहा तम होगी महमान समान

सतीश कमार कलावत इरडा

इस घर की तम बड़ी लाडली पराण स यारी िबिटया चली लाकर आज सभी

को िपता की कर सनी किटया

प ठ 25

ससराल की कभी बराई कही न मह पर आ जाव धमर कमर क तर य पथ म पाव नही िडगन पाव

सात परितजञाय जो तमन अिग नदव स मख की धारण द पि त जीवन का मह व ह करना स च मन स पालन

बटी इन सात बचन का यान दय म रह सदा दोन कल की लाज इसी म भला न दना इस कदा पित ही ह सवर तर त हार पित ही को जीवन समझो

जो कछ कह उसी को मान उनको िबिटया तम धन समझो शीलवती तम बन िबिटया पित-भक त मना सदर िनस दह वय उपजग क प-वकष घर क अ दर

पहन सिशकषा की साड़ी को शभ गण भषण अपनाओ दस लकषण शभ लकषण धार िन य नय मगल गाओ यह िशकषा उपहार दय का तम को राह िदखायगा भल भटक कर भी अिधयारा पास न आन पायगा

हम सब की आख स मोती उर स िनकल रही आशीष सभी सख स पणर परफि लत कर त ह दलह राजा की ईश

अकषय कराित

िजन हाथ न लाड़ चाव स अब तक था िजसको पाला उन हाथ न ही िबिटया को दलह राजा जी को द डाला

प ठ 26 अकषय कराित

ldquoपयारवरणrdquo श द पिर+आवरण स बना ह अथारत बा य आवरण को ही पयारवरण कहत ह इस बा य आवरण का ता पयर हमार चार ओर क वातावरण और पिरवश स ह िजस हम दसर श द म परकित भी कह सकत ह प वी पर िव यमान सपणर जीव-जगत क अि त व जीवन-यापन एव चहमखी िवकास म परकित की मह वपणर भिमका ह मानव बिदधजीवी पराणी ह और परकित क मह व स भली-भाित पिरिचत होन क कारण ही सिदय स परकित की पजा करता रहा ह

विदक काल स ही परकित तथा मानव क बीच जीवन ततर का अटट सबध रहा ह हमार पराचीन ऋिष-मिनय न प वी म हवा पानी िमटटी पड़-पौध जीव-ज तओ और मानव क सिकरय सहयोगा मक सतलन को यान म रखकर ही परकित को प य माना धमर क साथ परकित को जोड़कर उ ह न परकित को पयार त मह व िदया व जानत थ िक िजस परकार जीवन क िलए भिम की आव यकता होती ह उसी परकार वन पितया व अ य पराणी भी आव यक ह य सभी परकित क अिभ न अग ह इनम स एक क भी न ट होन का परभाव दसर पर पड़ता ह और पिरणाम व प पराकितक असतलन पदा हो जाता ह व तत प वी म हवा पानी िमटटी पड़-पौध जीव-ज तओ और मानव का सिकरय सहयोगा मक सतलन रहता ह पड़-पौध भिम को उपजाऊ बनात ह िमटटी को बाधकर रखत ह बरसात करवान तथा जल एव वाय को व छ रखन म सहायक होत ह परत आज क बढ़त औ योिगकीकरण और शहरीकरण न परकित और मानव क बीच असतलन उ प न कर िदया ह यह असतलन अिशकषण बढ़ती जनसख या शहर की ओर पलायन वकष की कटाई गगनचबी इमारत बड़-बड़ उ योग की थापना आिद क कारण ह और यही पयारवरण परदषण क मख य कारण ह मटरोपोिलटन एव बड़ शहर म अनक काबरिनक और अकाबरिनक गस जस ndash काबरन-मोनोऑक साइड अमोिनया आिद परदषण क मख य ोत ह

वतरमान पयारवरण -21वी सदी की चनौती

लख सरीन सल

विदक काल स ही परकित तथा मानव क बीच जीवन ततर का अटट सबध रहा ह

प ठ 27 अकषय कराित मन य न अपनी भितक सख-सिवधाओ की आपित र क िलए परकरित स

िखलवाड़ िकया ह वतरमान मशीनी यग म मन य वारा परकित क अ यिधक दोहन एव िनत नए कारखान की थापना स पयारवरण सकट उ प न हआ ह मानव न परकित क साथ जो अ यायपणर यवहार िकया ह उसी क फल व प परकित का िवरोधी रवया हआ ह िजस भिव य म सह पाना मि कल होगा

अिशकषा क कारण दश की तजी स बढ़ती आबादी क आवास की मलभत आव यकता को परा करन क िलए वकष की कटाई करक ऊची-ऊची इमारत बनाई जा रही ह वकष की अधाधध कटाई स भिम की ऊवररा शिक त का तो ास हो ही रहा ह साथ ही परदषण जसी िवकराल सम या भी ज म ल रही ह

परदषण पयारवरण क ास का परमख कारण ह िवकासशील दश िनत नए उ योग की थापना करक बराजगारी की सम या को तो दर कर रह ह िकत इसस जल वाय विन तथा िविभ न परकार क परदषण बढ़ रह ह कल-कारखान और मोटर स िनकलन वाल धए स वाय परदषण हो रहा ह जल थल व नभ क मागर पर शिक त चािलत वाहन विन परदषण का मख य ोत ह शहरीकरण और औ योिगकीकरण क कारण शदध पयजल की सम या िवकराल प धारण कर रही ह कारखान स िनकलन वाल कड़-कचर क निदय म िमलन स जल परदषण हो रहा ह रासायिनक खाद और कीटनाशी दवाओ स मदा परदषण का खतरा बन गया ह

इस परकार जनसख या विदध शहरीकरण औ योिगकीकरण एव परदषण जसी सम याओ न पयारवरण को बरी तरह परभािवत िकया ह आज सपणर िव व पयारवरण को लकर िचितत ह इस भयावह ि थित स बचन क िलए पर यक यिक त को पयारवरण क परित जाग क करना आज की अिनवायर आव यकता ह

इस िदशा म सवरपरथम िनरकषरता को समा त िकया जाना चािहए साकषर भारत की पिरक पना म जनसख या विदध दर वय िनयितरत हो जाएगी करल रा य इसका परमाण ह जहा साकषरता क साथ-साथ जनसख या िनयतरण भी ह

जल थल व नभ क मागर पर शिक त चािलत वाहन विन परदषण का मख य ोत ह

प ठ 28 अकषय कराित

इसक बाद बात आती ह परदषण िनवारण की आज िव व भर क

वजञािनक और पयारवरणिवद इस िदशा म कायररत ह सवरपरथम वन क काटन पर परितबध लगाया गया ह और वन सपना क िव तार हत वकष लगान क िलए परो सािहत िकया गया इसक िलए सरकार की ओर स वकष आिद िनश क उपल ध कराए जात ह ldquoपयारवरण परदषण स थाrdquo और व छ वाय अिधिनयम जस िविधक उपाय स वाय परदषण पर रोक लगान का परयास िकया जा रहा ह जहरील धआ उगलन वाल कारखान तथा वाहन पर भारी आिथरक दड का परावधान ह िविभ न सचार मा यम mdashदरदशरन समाचार-पतर तथा आकाशवाणी क मा यम स जनता को पयारवरण क परित जाग क करन क परयास िकए जा रह ह निदय म खलन वाल परदषण ोत को बद करन की योजनाए चलाई जा रही ह पािलथीन क परयोग को बद करन क िलए चलाया जा रहा ह अिभयान भी परशसनीय ह

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह इस खतर स सपणर भमडल का अि त व न ट हो जाए इसस पहल हम पयारवरण की सरकषा करन का सक प लना होगा

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह

िस धी होन क प चात भी मझ बगाली रीित िरवाज़ िमठाइया यहा का पहनावा अगरज क ज़मान की बनी सरचनाए एव भवन इ यािद म बहत िदलच पी एव िच थी

प ठ 29 अकषय कराित

यातरा स मरण-कोलकाता-खिशय हषर का शहर(िसटी ऑफ जॉय)

सोिनया सिह वानी पीईसी िलिमटड

म पी ई सी िलिमटड नामक कपनी क िविध ककष म उप िविध परबधक क पद पर कायररत ह सन 2010 जन स इस कपनी म मन परबधन परिशकष क प म अपनी पहली नौकरी की श आत की पी ई सी िलिमटड वािण य मतरालय क अतगरत आन वाली आयात-िनयारत यापार स स बिधत क पिनय म स एक ह इस स दभर म जनवरी 2011 म िविभ न िवभाग क परबधन परिशकषओ को ओिरएटशन हत काडला कोलकाता इ यािद शहर म भजन का कायरकरम िनि चत िकया गया कोलकाता क पास हि दया पोटर होन क कारण कोलकाता शहर चना गया जहा पी ई सी वारा आयात की गयी व तए पोटर गोदाम म रखी जाती ह साथ ही म कोलकाता पोटर िभ न गोदाम इ यािद दखन की यव था की गयी एव सची म समावश िकया गया यह सनकर मरी ख़शी का िठकाना न रहा क य िक मन कोलकाता शहर क बार म सना बहत था पर त कभी दखा न था िस धी होन क प चात भी मझ बगाली रीित िरवाज़ िमठाइया यहा का पहनावा अगरज क ज़मान की बनी सरचनाए एव भवन इ यािद म बहत िदलच पी एव िच थी आिखरकार मझ मौका िमला और जनवरी की कड़ाकदार ठ ड क बीच हम एक रिववार शाम कोलकाता राजधानी स अपनी मिजल की और िनकल पड़ िद ली स कोलकाता क सफ़र क बीच हमारी गाड़ी इलाहाबाद गया िबहार तथा धनबाद जस शहर स होत हए बगाल की ओर पहची हसत-गात खलत-खात हए हम अगली सबह हावड़ा जकशन पहच गए रलगाड़ी स उतर कर टशन स बाहर िनकलत ही मझ िसटी ऑफ जॉय क नाम स मशहर कोलकाता की पहली झलक िदखाई दी ऐसा लगा मानो मझ भारत क दो पहल एकसाथ जीत हए नज़र आए एक तरफ थ टशन स बाहर एव अ दर जात हए स दर कपड़ गहन म लद हए कोलकाता क बगाली िनवासी साथ म बड़ी-बड़ी गािड़य म घमत कोलकाता क नौजवान और ठीक दसरी तरफ मरी नज़र पड़ी हगली नदी पर बन परिसदध हावड़ा िबरज पर िजस दख एक अलग ही दिनया का एहसास हआ

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह

िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी

एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया नतीजा मर समकष था

प ठ 30 अकषय कराित

हावड़ा िबरज पर हर तरफ लोग का जमावड़ा था इतन लोग दख िद ली क चादनी चौक की याद आ गयी ऐसा लगा मानो म 50 साल पीछ िकसी लक एव वाईट दिनया म कदम रख चकी थी िबरज क दोन तरफ सामान बचत हए दकानदार िखलौन मछली रख हए औरत एव छोट-छोट ब च मख य शहर स हावड़ा जान वाल आम आदमी मजदर की तज़ र तार फरी स र ता पार करन वाल यापारी इन सब को दख लगा कोलकाता म मबई जसी भागम भाग भी थी िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया नतीजा मर समकष था जस-जस म कोलकाता शहर क भीतर आन लगी मझ इस शहर क िवकास की झलक िदखाई दी एक तरफ थी ऊची ईमारत सदर िवशाल िव यासागर सत पल बड़-बड़ होटल माल कोलकाता उ च यायालय राईटसर िबि डग मशहर इडन गाडरन टिडयम इ यािद तो दसरी तरफ था िवक टोिरया ममोिरयल अगरज की वा तकला क अनसार िदखती लाल ईटो की इमारत िवक टोिरयल सरचनाए भवन छोटी-छोटी पटिरय पर समान बचत नया बाज़ार (New Market) क दकानदार एव िवक टोिरया ममोिरयल क बाहर चलत सलािनय क िलए रथ वाल घोड़ हमारा होटल जसीबोस सड़क पर ि थत था एव सिवधाओ स भरपर था पर त मन य जाना िक असली कोलकाता का मज़ा गाड़ी म नही अथवा िरक शा ऑटो तथा साल स चलती आ रही सड़क पर टराम म था

हर तरफ मझ पील रग की टिक सया िदखाई दी सब एक समान थी तथा मरसीडीज़ गाड़ी क बगल म चलती 1-2 पय म सफ़र की जान वाली टराम भी साथ िदखाई दी परी िजदगी िद ली म यतीत करन क बाद हर नए शहर का रहन-सहन बोल-चाल रीित-िरवाज़ जानन की जाग कता मझम हमशा रही पहल ही िदन स कोलकाता मझ रास आया जस िक कहत ह lsquoकोलकाता हमार खब भाला लागली छ rsquo कहन का ता पयर य िक मझ कोलकाता बहत अ छा लगा पहल िदन िक शाम को हमन य मािकर ट म खरीददारी करन का मन बनाया म हरान थी िक वहा चीज िकतनी स ती िमल रही थी िद ली क मतािबक एक ितहाई दाम पर चिडया गहन बग जत कत इ यािद िमल

िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया

प ठ 31 अकषय कराित य मािकर ट िद ली क लाजपत एव सरोिजनी नगर समान ह कम

दाम म अ छा समान िमला कोलकाता चमड़ क िलए भी मशहर ह एव परिसदध ी लदसर दकान भी इस बाज़ार म ि थत ह यहा खरीदारी का हमन खब ल फ़ उठाया

अगल िदन हम हि दया पोटर गए एव अनक जहाज़ दख 3-4 घट की दरी पर ि थत यह पोटर अनक एकड़ म फला हआ था पहली बार इतन बड़ जहाज़ को अदर स दख खब आनद आया तीसर िदन हम काली बाड़ी मिदर गए बगाली अ यत पाठ-पजा वाल दगार मा क स च उपासक ह यह सब जानत ह दगार पजा इनका लोकिपरय उ सव ह तथा काली मा एव दगार मा की स च मन स पजा करत ह कोलकाता क िनवासी भिक त भावपणर ह यह सना था अब खद दख भी िलया बगाली र म स पजा करन का य मौका अ यत आनदमयी था इसक अलावा काली बाड़ी क नज़दीक ही ि थत ह गौिरहाट बाज़ार यहा की दकान बगाली सािड़या कपड़ सट कत इ यािद क िलए परिसदध ह आिद धक तशवर नामक मशहर दकान म जाकर मरा भी मन िकया िक म भी खरीददारी क मर सािथय न बहत सािड़या खरीदी एव दाम दखकर म दग रह गई सदर स सदर साड़ी मातर 600700 पय की थी मन बगाल की मशहर लाल एव सफद िपरट की साड़ी भी खरीदी कोलकाता म खरीददारी का अलग की मज़ा ह उसी िदन शाम हम सा ट लक िसटी मॉल गए वह सा ट लक टिडयम क नज़दीक ह यहा िदखाई िदया कोलकाता का परगितशील प नौजवान फटबाल की जसीर पहन माल म घम रह थ एक स एक

मशहर बरड वहा मौजद थ इसक अलावा कोलकाता क िनवासी खब मनोरजन क शौक़ीन ह सगीत नाच गाना इ यादी म िच रखत ह कोलकाता म जगह-जगह सगीत कला अकडमी तथा पढ़न (रीिडग) क क लब ह अगरज क शौक तथा रहन-सहन की झलक आज भी यहा िदखती ह यहा क नौजवान को खल-कद म भी खब िदलच पी ह फटबाल का तो जस यहॉ सबको जनन ह

भारत क परिसदध मोहन बगान फटबाल क लब फटबाल क वहा क नौजवान ही नही परा शहर ही दीवाना ह भारत-पाक मच हो या आई पी एल इडन गाडरन मदान लोग स खचा-खच भरा रहता ह अफ़सोस म वहा अदर जा न सकी

इसक अलावा काली बाड़ी क नज़दीक ही ि थत ह गौिरहाट बाज़ार यहा की दकान बगाली सािडया कपड़ सट कत इ यािद क िलए परिसदध ह

प ठ 32 अकषय कराित

मर सफर क आखरी िदन म मन कोलकाता क लोग म एकता क नजार दख िविभ नता म भी एकता का उदाहरण दखा चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख िजस िदन हम कोलकाता पहच थ उसी िदन वहा शहर बद था और मन एक जट होकर लोग को अपनी बात कहत हए दखा एव सना यहा क लोग अपन शहर क िवकास बहतरी क िलए जाग क ह िज मदारी लत ह तथा सरकार को अपनी बात भली-भाित कहत ह लड़िकय औरत की इ ज़त करत ह एव यहा िक मिहलाओ को मन िनदरलीय पाया जहा एक ओर भारत की राजधानी होन क बावजद िद ली वाल अपनी िजदगी म मगन रहत ह वही दसरी और कोलकाता म अमीरी-गरीबी िभ न जाितय म भी एक जटता ह कपड़ा एव खाना आज भी यहा खब स ता िमलता ह पर त दसरी तरफ सब जानत ह िक बड़-बड़ उ योगपित िव वान लखक िखलाड़ी गायक अिभनता िनदशक यहा स उभर ह सािह य हो या लख बॉलीवड हो या िकरकट बगाल न भारत को अनक नाम एव गौरव िदए ह चाह सौरव दादा हो या रिव दर नाथ टगोर ममता बनजीर रानी मखजीर हो या योित बस भारत म इनकी भिमका का वणरन करन की ज रत नही

मन कछ िदन क कोलकाता क सफर म इस शहर को जानन समझन का परयास िकया हगली नदी क िकनार खड़ होकर समदर को दखा निदय को िनहारा िव यासागर सत िबरज की सदरता िवशालता को सराहा क सी दास की परिसदध िमठाई का ल फ उठाया मन बहत शहर घम पर त यह सफर मर िलए सबस यादगार रहा कोलकाता परगित क मागर पर िनरतर बढ़ रहा ह पर त आज भी वह अपनी जड़ नितक म य को नही भला ह एक आम आदमी आज भी टराम म या फरी स सफर करता ह यहा क िनवासी दो पय स लकर 500 ० का खाना खात ह पराना एव नया कोलकाता एक साथ जीिवत ह िसक क क दो पहल की तरह कोलकाता क यह दो प को एक साथ रहत दख बहत आनद आया

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 33 अकषय कराित

जल परकित का अनपम उपहार ह मानव जाित अपन परादभारवकाल स ही इस उपहार का उपयोग अपन िहत क िलए करती आई ह जल वह पराकितक उपहार ह िजसका कोई िवक प नही ह इसिलए जल को अमतया जीवन भी कहा गया ह जल क िबना जीवन की सभावना भी नही ह पर यकष प स तो जल की मानवीय आव यकता सीिमत ह परत परोकष आव यकताओ पर नजर डाल तो दिनक जीवन की आव यकताए जस अ न फल स जी दध स लकर हमार पहराव आवास तक सब जल स जड़ हजल का जरा भी सतलन िबगड़ जाए तो जीवन यापन क टपरद होन म दर नही परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह जल क सामा य त य जल या पानी एक आम रासायिनक पदाथर ह जो जीवन क सभी जञात प क जीिवत रहन क िलए ज री ह आमतौर पर जल अपनी दरव अव था म उपयोग म लाया जाता ह पर यह ठोस अव था बफर और गस अव था जल वा प या भाप प म भी पाया जाता ह प वी क लगभग तीन चौथाई िह स पर िव व क महासागर का अिधकार ह अनमानत प वी पर जल की कल मातरा लगभग 1400 िमिलयन घन िकलोमीटर ह जो िक प वी पर 3000 मीटर गहरी परत िबछा दन क िलए काफी ह तथािप जल की इस िवशाल मातरा म व छ जल का अनपात बहत कम ह प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह शष जल झील निदय वायम डल नमी मदा और वन पित म मौजद ह जल की जो मातरा उपभोग और अ य परयोग क िलए व ततः उपल ध ह वह निदय झील और भजल म उपल ध मातरा का छोटा-सा िह सा ह इसिलए जल ससाधन िवकास और परब ध की बाबत सकट इसिलए उ प न होता ह कय िक अिधकाश जल उपभोग क िलए उपल ध नही हो पाता

परभावी जल परबधन और दश का िवकास

दीपक आहजा ओएनजीसी िवदश

प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह

प ठ 34 अकषय कराित

और दसर इसका िवषमतापणर थािनक िवतरण इसकी एक अ य िविश टता ह फलतः जल का मह व वीकार िकया गया ह और इसक िकफायती परयोग तथा परब ध पर अिधक बल िदया गया ह प वी पर उपल ध जल जल-चकर क मा यम स चलायमान ह जल लगातार एक चकर म घमता रहता ह िजस जलचकर कहत ह इसम वा पीकरण वषार और बह कर सागर म पहचना शािमल ह हवा जल वा प को थल क ऊपर उसी दर स उड़ा ल जाती ह िजस गित स यह बहकर सागर म पहचाता ह जल चकर का िचतर नीच पर तत िकया गया ह

अिधकाश उपभोकताओ जस िक मन य पशओ अथवा पौध क िलए जल क सचलन की ज रत होती ह जल ससाधन की गितशील और नवीकरणीय परकित और इसक परयोग की बार बार ज रत को ि टगत रखत हए यह ज री ह िक जल ससाधन को उनकी परवाह दर क अनसार मापा जाए इस परकार जल ससाधन क दो पहल ह अिधकाश िवकासा मक ज रत क िलए परवाह क प म मािपत गितशील ससाधन अिधक परासिगक ह आरिकषत भ डार की ि थर अथवा िनयत परकित और साथ ही जल की मातरा तथा जल िनकाय क कषतर की ल बाई व म यपालन नौ सचालन आिद जस कछक िकरयाकलाप क िलए भी परासिगक ह

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 35 अकषय कराित

जल का यय अप यय जल क बार म एक नही कई च कान वाल त य ह िव व म और िवशष प स भारत म जल िकस परकार न ट होता ह इस िवषय म जो त य सामन आए ह उस पर जाग कता स यान दकर जल क अप यय को रोका जा सकता ह अनक त य ऐस ह जो हम आन वाल ख़तर स तो सावधान करत ही ह दसर स पररणा लन क िलए परो सािहत करत ह और पानी क मह व व इसक अनजान ोत की जानकारी भी दत ह प वी पर पदा होन वाली सभी वन पितया स भी हम पानी िमलता ह

आल और अनानास म 80 परितशत और टमाटर म 95 परितशत पानी ह पीन क िलए मानव को परितिदन 3 लीटर और पशओ को 50 लीटर पानी

चािहए भारत म 83 परितशत पानी खती और िसचाई क िलए उपयोग िकया जाता

ह इज़राइल म औसतन मातर 10 सटीमीटर वषार होती ह इस वषार स वह

इतना अनाज पदा कर लता ह िक वह उसका िनयारत कर सकता ह दसरी ओर भारत म औसतन 50 सटीमीटर स भी अिधक वषार होन क बावजद अनाज की कमी बनी रहती ह

िपछल 50 वष म जल क िलए 37 भीषण ह याकाड हए ह भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल

चलती ह पानी ज य रोग स िव व म हर वषर 22 लाख लोग की मौत हो जाती ह यिद बरश करत समय नल खला रह गया ह तो पाच िमनट म करीब 25

स 30 लीटर पानी बरबाद होता ह बाथ टब म नहात समय 300 स 500 लीटर पानी खचर होता ह जबिक

सामा य प स नहान म 100 स 150 लीटर पानी खचर होता ह िव व म परित 10 यिकतय म स 2 यिकतय को पीन का शदध पानी

नही िमल पाता ह परित वषर 6 अरब लीटर बोतल पक पानी मन य वारा पीन क िलए

परयकत िकया जाता ह मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 36 अकषय कराित

िद ली मबई और च नई जस महानगर म पाइप लाइन क वॉ व की खराबी क कारण रोज़ 14 स 44 परितशत पानी बकार बह जाता ह

निदया पानी का सबस बड़ा ोत ह जहा एक ओर निदय म बढ़त परदषण रोकन क िलए िवशषजञ उपाय खोज रह ह वही कल कारखान स बहत हए रसायन उ ह भारी मातरा म दिषत कर रह ह

भारत म जल सकट नासा की एक िरपोटर न पानी को लकर दश भर म बढ़ती जा रही लापरवाही क परित आख खोली ह इस िरपोटर म भारत म सख की ि थित पदा होन क िलए िज मवार कारण म स एक अहम कारण अधाधध जल दोहन को बताया गया ह बतात चल िक दश भर क 604 िजल म स 161 सख की मार झल रह ह वस अब बताया जा रहा ह िक सख की मार स बहाल िजल की सखया बढ़कर 246 हो गई ह यानी कहा जाए तो आधा दश सख की चपट म ह बहरहाल नासा की इस िरपोटर म बताया गया ह िक भारत क कई रा य कषमता स यादा जल दोहन कर रह ह यहा कषमता स ता पयर यह ह िक उनस िजतन सलाना जल दोहन की उ मीद कदर करती ह व उसस कही यादा जल दोहन कर रह ह नासा न यह अ ययन 2002 स 2008 क बीच

की ि थितय क आधार पर िकया ह इस िरपोटर म बताया गया ह िक पजाब हिरयाणा और राज थान हर साल औसतन 177 अरब कयिबक मीटर पानी जमीन क अदर स िनकाल रह ह जबिक कदर की तरफ स लगाए गए अनमान क मतािबक इ ह हर साल 132 अरब कयिबक मीटर पानी ही जमीन क अदर स िनकालना था इस तरह स दखा जाए तो य तीन रा य िमलकर कषमता स 30 फीसदी यादा पानी का दोहन कर रह ह जािहर ह िक िबना कछ सोच-िवचार जब इस पमान पर पराकितक ससाधन का दोहन िकया जाएगा तो परकित भी बदला लगी और वही हो रहा ह इस िरपोटर म यह भी बताया गया ह िक भारत का महज 58 फीसदी भजल ही हर साल िरचाजर हो पाता ह नासा की यह िरपोटर बताती ह िक अधाधध जल दोहन की वजह स पर उ तर पि चम भारत क भजल तर म हर साल 4 सटीमीटर यानी 16 इच की कमी आ रही ह इस अ ययन को अजाम दन म नासा क जल िवजञानी मट रोडल न अहम भिमका िनभाई ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 37 अकषय कराित

उनक हवाल स इस िरपोटर म बताया गया ह िक दश क उ तर पि चम कषतर म 2002 स 2008 क दौरान तकरीबन 109 कयिबक िकलोमीटर पानी की कमी हई ह यह मातरा िकतनी अिधक ह इसका अदाजा इसी स लगाया जा सकता ह िक यह अमिरका क सबस बड़ जलाशय लक मीड की कषमता स दगन स भी कही यादा ह अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह इस िरपोटर क मतािबक अगर अधाधध जल दोहन इसी तरह स जारी रहा तो आन वाल समय म भारत को अनाज और पानी क सकट को झलन क िलए अभी स तयार हो जाना चािहए जािहर ह िक जब जल सकट बढ़गा तो खती पर इसका गहरा परभाव पड़गा अनाज क उ पादन म कमी आएगी इस वजह स अनाज सकट पदा होगा और भख का एक नया चहरा उभरकर सामन आएगा एक बड़ा तबका जो आज भरपट भोजन कर पाता ह उसक िलए पट भर खाना िमलना मि कल हो जाएगा भखमरी की जो सम या पदा होगी उसस िफर िनपटना आसान नही होगा इसक अलावा पीन क पानी का टोटा तो होगा ही अभी ही दश क कई िह स ऐस ह जहा क लोग को पीन क िलए साफ पानी नही िमल पा रहा ह कई कषतर ऐस ह जहा गमीर क िदन म हडपप स पानी आना बद हो जाता ह वहा क लोग को हर साल बोिरग को कछ फट बढ़वाना होता ह यह सम या भजल तर क िगरत जान की वजह स ही पदा हई ह जब पीन क पानी का सकट पदा होगा तो बोतलबद पानी का कारोबार काफी तजी स बढ़गा कहन का मतलब यह िक िजसक पास पसा होगा वह अपनी यास बझा सकगा और िजसक पास पसा नही होगा उस अपनी यास बझान क िलए भी सघषर करना पड़गा ि थित की भयावहता की क पना ही िसहरन पदा करती ह भारत म दिनया का हर छठा आदमी रहता ह यानी कहा जाए तो दिनया क कल आबादी क तकरीबन सतरह फीसदी लोग भारत म रहत ह जबिक दिनया का महज साढ़ चार फीसदी पानी ही भारत म उपल ध ह ऐस म जल सम या स दो-चार होना कोई आनापिकषत बात नही ह एक बात तो तय ह िक पराकितक ससाधन म इजाफा तो नही िकया जा सकता ह लिकन इसका सरकषण अव य िकया जा सकता ह

अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह

प ठ 38 अकषय कराित

भारत म लोग िकसी एक मा यम स पयजल परा त करन पर िनभरर नही ह इस दश म 357 फीसदी लोग हडपप स 367 फीसदी लोग नल स 182 फीसदी लोग तालाब पोखर या झील स 56 फीसदी कओ स 12 फीसदी लोग पारपिरक साधन स और 26 फीसदी लोग अ य मा यम स पीन का पानी परा त करत ह इस िलहाज स अगर दखा जाए तो जल सकट को दर करन क िलए समगर कायरयोजना की ज रत ह

दरअसल भारत म गहरात जल सकट क िलए काफी हद तक पानी की बबारदी भी िज मवार ह यहा जल आपित र की यव था म काफी खािमया ह नल क जिरए घर तक पहचन वाल पानी का एक बड़ा िह सा िरस कर बबारद हो जाता ह हर शहर म फट हए आपित र पाइप आसानी स दख जा सकत ह इस बदहाल यव था क िलए सरकार क साथ-साथ सामा य लोग भी कम िज मदार नही ह एक तरफ तो सरकार पयजल क नाम पर हर साल हजार करोड़ पए का बजट बनाती ह और दसरी तरफ जमीनी तर पर हालात म कोई बदलाव नही िदखता ह सामािजक तौर पर भी जल सरकषण को लकर जाग कता का अभाव िदखता ह यह सामािजक तान-बान का ही असर ह िक लोग कही भी जल की बबारदी को दखकर उस सामा य घटना मानत हए नजरअदाज कर दत ह दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था यह अब घटकर 1800 कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर हो चका ह

दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था

प ठ 39 अकषय कराित

िवशषजञ का अनमान ह िक अगर पानी की खपत और बबारदी इसी तरह स जारी रही तो 2025 तक यह घटकर हजार कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर ही रह जाएगा उस समय तक पानी की उपल धता म आन वाली इस कमी की वजह स किष उ पादन म तीस फीसदी की कमी आन की सभावना ह इन पिरि थितय म दश की आिथरक और सामािजक ि थित का कया होगा इसका अदाजा सहज ही लगाया जा सकता ह भारत म जल सरकषण क परित आज भी आम लोग क मन म उपकषा का भाव बना हआ ह साथ ही इस कायर क िलए आव यक तकनीक की भी कमी ह जो तकनीक उपल ध ह उनस सामा य लोग अनजान ह बािरश क पानी का सगरह करक उस उपयोग म लाना एक अ छा िवक प ह पर इस तरह की कोिशश काफी सीिमत मातरा म काफी छोट तर पर हो रही ह यही वजह ह िक दश म होन वाली बािरश क पानी का अ सी फीसदी िह सा आज भी समदर म पहच जाता ह अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह अगर जल की इस िवशाल मातरा का आधा भी परयोग कर िलया जाए तो ि थित म यापक बदलाव आना तय ह शहरी कषतर म तो पानी की कालाबाजारी जोर पर ह जगह-जगह पर जल मािफया सिकरय हो गए ह िद ली क ही एक अखबार न कछ समय पहल यह बात उजागर िकया था यहा तो समानातर जल बोडर भी चलाया जा रहा ह हरानी की बात तो यह ह िक इसक बावजद भी पानी क काल धध पर अकश नही लगाया जा सका ह अहम सवाल यह ह िक कस सामा य तबक क लोग तक व छ पानी पहचाया जाए शहरी कषतर क साथ-साथ गरामीण कषतर म भी यह एक बड़ी चनौती ह आबादी म अपर यािशत विदध बढ़त शहरीकरण औ योिगकीकरण और किष उ पाद की बढ़ती माग क कारण पानी की माग िपछल कछ साल म वाभािवक प स बढ़ी ह इसक पिरणाम व प भजल ससाधन का अ यिधक दोहन हआ ह और इसका नतीजा हआ िक लगातार भजल का तर घटता जा रहा ह शहरी कषतर म ि थित बहद भयावह ह तदनसार वहा न कवल शीघराितशीघर जल ससाधन क सरकषण की ज रत ह बि क परभावी रणनीित और परबधन क जिरए त काल कदम उठान की ज रत ह

अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह

प ठ 40 अकषय कराित

खासकर इस बात को यान म ऱखकर िक िविभ न परितयोगी कषतर म कभी भी माग बढ़ सकती ह भिव य म उपयोग क िलए छत पर या सतह पर जलगरहण बनाकर वषारजल सरकषण बहद ज री ह यह पानी की बढ़ती ज रत का खयाल रखन िमटटी की नमी तर को बढ़ान शहरी हिरयाली को बढ़ान भजल तर को कितरम प स पनभररण करन और भजल की गणव ता स सधार का काम करता ह भारत म जल परबधन स दश का िवकास भारत म दिनया की 16 परितशत आबादी रहती ह लिकन दिनया क िसफर 4 परितशत जल ससाधन ही भारत क पास ह 3290000 वगर िकलोमीटर क भिम कषतर और एक अरब स यादा की आबादी क साथ भारत क एक बहलवादी िविवधता का िचतर ह िवशाल पराकितक ससाधन क साथ सप न तकनीकी और वजञािनक किमरय का भी यह दिनया म दसरा सबस बड़ा सम चय ह भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह मानव िवकास म 80 क दशक म लगभग 26 परितशत और 90 क दशक क दौरान और 24 परितशत क वारा सधार हआ ह आजादी क बाद छह दशक म भारत न जल ससाधन का अभतपवर िवकास और खा या न म आ मिनभररता शहरी कषतर ऊजार और औ योिगक कषतर और पीन का पानी क बिनयादी ढाच म तजी स िव तार दखा ह िजसका उपयोग भारत की लगभग 85 परितशत शहरी और गरामीण आबादी क वारा िकया जाता ह भारत म रा य सरकार और भारत सरकार क परितबदध और ठोस परयास की वजह स गरामीण और शहरी आबादी को सरिकषत पयजल को उपल ध करवान म काफी सफलता हािसल की ह इस उपलि ध न भजल की कमी जल जमावजल गणव ता िगरावट जल परदषण और बढ़त लवणता तर स बड़ कषतर को परभािवत िकया ह और अभी भी िविभ न रा य म गरामीण और शहरी भारत क मानव िवकास सचकाक (HDI)rsquo म बहत असमानता मौजद ह पानी क िलए कषतरीय माग तजी स बढ़ रह शहरीकरण की गित स बढ़ रही ह (अनमानत 2025 तक दश की आबादी का 50 परितशत स अिधक शहर म रहग) जनसखया विदध बढ़ती आय और औ योिगक िवकासशहरी भारत तजी स िवकास की माग क कदर क प म उभर रहा ह

भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह

प ठ 41 अकषय कराित

नतीजतन परित यिकत पानी की उपल धता िगर रही ह परधानमतरी की अ यकषता म 12वी योजना क िलए हई योजना आयोग की पणर बठक म दसर म क साथ जल परबधन पर िवशष चचार हई बठक क बाद योजना आयोग क उपा यकष म टक िसह अहलवािलया न कहा िक भ-जल कानन स लकर दसर म की यापक समीकषा ज री ह व यनाथन सिमित जहा वतरमान म भ-जल कानन की साथरकता का अ ययन करगी वही भारतीय अतिरकष अनसधान सगठन [इसरो] की मदद स पानी की उपल धता का िव तत अ ययन होगा म टक न कहा िक उसी आधार पर रणनीित तय होगी सरकार यह यान रखगी िक पानी का अिधकतम उपयोग हो सक और सभी को उपल ध हो पानी पर िकसी का एकािधकार न हो सक बतात ह िक द पयोग को रोकन क िलए श क लगान पर भी िवचार िकया जा सकता ह हालािक इसस पहल रा य सरकार स चचार होगी यह तय ह िक एआइबीपी कायरकरम म यापक बदलाव ह ग ी म टक िसह अहलवािलया न कहा िक वतरमान म इस कायरकरम का सही िकरया वयन नही हो रहा ह िलहाजा उसम पिरवतरन ज री ह सभव ह िक हर रा य म जल िनयामक परािधकरण बनान की शतर भी लगाई जाए उ ह न कहा िक जल परबधन की यापक समीकषा कर नई रणनीित तय की जाएगी कल िमलाकर रा टरीय तर पर वतरमान जल ससाधन का अिधक स अिधक करन क िलए माग को परा करन क िलए पयार त ह लिकन भिव य क अ ययन पिरयोजना ह िक जल आपित र की ि थित अगल आध सदी म अिधक किठन हो सकती ह जल सकट स िनपटन को जल सरकषण परबधन अिनवायर परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह बढ़त वि वक तापमान क फल व प अितवि ट अनावि ट अ पवि ट और असामियक वि ट हम परितवषर दख रह ह िजसका परभाव हमार जल ससाधन पर पड़ता िदखाई द रहा ह कओ व बाविडय का िमटता अि त व नदी-नाल का घटता पानी भ-गभर जल का िगरता तर िचता की पिरिध स िनकलकर खतर की घटी बनता जा रहा ह

निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह

प ठ 42 अकषय कराित

िव व भर म सीमट क अधाधध परयोग न धरातल क सहज अवशोषण कषतर को घटाया ह तथा जल बहाव भिम कटाव व बाढ़ म विदध की ह ऐसी ि थित म जल सरकषण का दािय व मातर वजञािनक व सरकार तक सीिमत न रहकर पर यक उपभोकता क कध पर आ जाता ह इसी दािय व क िनवरहन क िलए हमार पास दो िवक प सामन आत ह 1 वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई

उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

2 पािरवािरक तर पर वषार जल को सगरिहत कर उसका उपयोग कर य दोन ही परयास गरामीण कषतर म तो सरलता स अपनाए जा सकत ह परत शहरी कषतर म व ट वाटर मनजमट की बड़ी पिरयोजनाए बनाकर ही पानी को िरसाइिकल िकया जा सकता ह भ-गभर अिधकािधक जल अवशोिषत होकर

जाए इसक िलए मदानी भाग म िनयोिजत ढग स बड़-बड़ पोखर बनाकर तथा पहाड़ी कषतर म नाल -ख ड म िमटटी प थर आरसीसी क बड़-छोट डम लगाकर जल बहाव रोक भ-सरकषण बचाव व जल भडारण और धरातल जल शोषण कषतर बढ़ाया जा सकता ह िव व बक भारत सरकार वारा म य िहमालय जलागम पिरयोजना रा य क भ-सरकषण िवभाग इस कषतर म कारगर उपाय लकर

हमार सामन ह परत जनसहयोग क िबना इन पिरयोजनाओ क आशातीत पिरणाम ल पाना किठन ह वकषारोपण इस सपणर जल चकर को बल दन वाला कारक ह जल क परित चतना जागत न हई तो अव य ही अगल िव व यदध का कारण जल ही होगा

जल भोजन ह और अिगन भोजन का भकषक ह अिगन जल म और जल अिगन म िव यमान ह

- ततरीय उपिनषद 38

वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

प ठ 43 अकषय कराित

म भी गान गा सकता ह शबनम क िखलत फल क म भी गीत सना सकता ह सावन क म त झल क लिकन जब घर-घर म बादल छाय घोर िनराशा क तब म नगम गा रहा ह उ मीद की आशा क

सड़क पर खड़ बचपन की य बात सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह

हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

इस बदलत पिरवश का राग सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

गाधी जी क सपन का जो राम-रा य कहलाता ह उस भारत म सड़क पर छोट चाय पहचाता ह

कहा गई वो अ हड़ म ती कहा गया वो यार का रा ता उन हाथ स बचत झड िजन हाथ को चािहए ब ता

उस सोन की िचिड़या की म बात बतान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

कही बम की गमर हवाए कही ससद म कोहराम ह कही होत घोटाल स परशान आदमी आम ह

कही कल की िकलकारी ह कही सड़क पर बचपन ह कही चलता नही गजारा कही िवदश म काला धन ह

म स चाई गा-गाकर सबको बतलान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

बदलता भारत मनीष लाल इरडा

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

प ठ 44 अकषय कराित

करन वाल काम बहत ह यथर उलझन को छोड़ो म ला-पिड़त तोड़ रह ह तम बस lsquoअपन को जोड़ो

lsquoहम बदलग-यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का lsquoवद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का

वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हम बदलग mdash यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का वद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

प ठ 45 अकषय कराित

िसफर काला और सफ़द य ही वो दो रग थ जो तर पास सि ट बनान क आधार थ

काला वो जो कािलमा िलय ह िजस कहत ह दख िनराशा म य अपयश और वो सबकछ जो नकारा मक ह

मगर सफद ह वो रग िजसस जड़ा ह जीवन आशा सख और कीितर और वो सब कछ जो सकारा मक ह पर इन रग स तझ चन ना िमला त सोचन लगा अगर सि ट बनानी ह

तो िकस िलए- ससगर और परम क िलए और

इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग

ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह

बस- बना डाला तन इ दरधनष

जो बरसात क बाद सरज और प वी क अनपम परम को रग दता ह सतरगी रग स

और उ ही सतरगी इ दरधनषी रग म हम हर पल हर कषण डबत गहरात इतरात रहत ह

और खिशय भर ससार म हर रग को अलग-अलग तरह स महसस करक जीत रहत ह

रग तो रग ह मगर-

ससगर और परम क िलए और इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह बस-

सतरगी िचतर सगीता ीवा तव इरडा

प ठ 46 अकषय कराित

कभी पक क कभी फीक़ तो कछ कभी दाग बनकर उभर आत ह

कछ आख म नील बादल स छाए रहत ह तो कछ गाल पर गलाबी रग बनकर छलक जात ह

याद रहत ह अक सर वो रग- जो खदी पर इस तरह छा जात ह िक खद म घलकर खद क होन

का एहसास दत-दत खद का एक रग बन जात ह

बगनी आसामनी नीला हरा पीला नारगी लाल इ दरधनष क य सात रग ही जोड़त ह हमार िदल को

हमार मन को जोड़न वाल इन रग की सतरगी दिनया म-

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा बनाय

और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क

सतरगी िचतर

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा

बनाय और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क सतरगी िचतर

प ठ 17

अकषय कराित जब उनका सनापित उनम वह जोश भर सक िक उ ह कोई भी ऊचाई यादा न लग अतः सबस ज री ह िक स थान म कमरचािरय की

कषमताओ का परा फायदा लन क िलए उनका िव वास जीता जाए इसक िलए उनक साथ परी इ जत स पश आना ज री ह उनकी छोटी-बड़ी खशी को बाटना और उनकी राय को परा स मान दना भी उतना ही ज री ह कई बार परबधन क उ चािधकारी या लीडर अपनी टीम क सद य स िसफर इसिलए राय नही लत कय िक उ ह लगता ह िक एक बार राय लन पर अगर उनकी बात नही मानी गयी तो उ ह बरा लगगा लिकन सबस ज री ह िक टीम म सभी सद य को िव वास म लकर काम िकया जाए यहा टीम लीडर की भिमका मह वपणर होती ह वह खद वकत का पाबद होगा तो उसक मातहत कमरचािरय म वयमव यह गण आदत का प ल लगी टीम लीडर का काम अपनी टीम का उ साह बढ़ात हए दी गयी िज मदािरय को समय स परा करना ह मगर उसम नयी चीज़ को सीखन की ललक होनी चािहए ऐसी ललक जब स थान क कमरचािरय म आदत का प लन लगती ह तो वह स थान जािहर ह नए परितमान थािपत करन लगता ह जापानी कपिनया हर बात म कमरचािरय क िहत का यान रखती ह िजसस व वय ही उ पादकता क परित सचत हो जात ह जानी-मानी टोयोटा कपनी क कमरचािरय म तो काम की ऐसी आदत सी या ललक होती ह िक व तब तक काम करत ह जब तक खद थक कर चर नही हो जात यह उनकी आदत ही बन चकी ह िक यिद व िकसी बात पर नाराज होत ह तब भी कपनी या अपन भागय को भल ही कोस ल पर अपन काम पर असर नही पड़न दत इसका कारण यह ह िक जापानी कपिनया काम का एक अ छा वातावरण बनान और लोग म काम क परित स ची लगन को बढ़ावा दन क िलए कड़ा परयास करती ह वहा लोग को लगातार परिशकषण िमलता रहता ह जो कवल तकनीक और मनजमट ही नही कायर स जड़ी नितकता और अ छी आदत क िवकास पर किदरत होता ह चिरतर का िनमारण उनकी एक आदत सी बन जाती ह अगर हम भी एक अ छी शिखसयत बनना ह तो हम अपनी आदत को गहराई स जाचना होगा

ऐसी ललक जब स थान क कमरचािरय म आदत का प लन लगती ह तो वह स थान जािहर ह नए परितमान थािपत करन लगता ह जापानी कपिनया हर बात म कमरचािरय क िहत का यान रखती ह

प ठ 18

अकषय कराित चतन और अवचतन मन

हमार चतन मन क पास सोचन की शिकत होती ह यह िकसी बात को मान सकता ह और नही भी मान सकता मगर अवचतन मन िसफर वीकार करता ह यह इनपट (input) को लकर कोई भदभाव नही करता अगर हम अपन मन म डर शका नफरत क भाव भर तो यह आ म सझाव इन सभी भाव को सिकरय बनाकर हकीकत म बदल दगा हमारा अवचतन मन एक डाटा बक की तरह ह अवचतन मन एक गाड़ी की तरह ह और चतन मन एक डराइवर की तरह शिकत तो गाड़ी म होती ह मगर उसका कटरोल डराइवर क पास होता ह

हम अवचतन मन को इस तरह ढालन की ज रत ह िक वह हम सही और ठीक रा त पर ल जा सक अवचतन मन एक बगीच की तरह होता ह िजस कोई परवाह नही होती िक आप कस पौध लगात ह यह िनरपकष (neutral) होता ह इसम अ छा बोन पर अ छा िमलता ह अ यथा जगली पौध उग जायग

बि क अ छ बीज बोन क बावजद जगली पौध उगन बद नही होत आव यकता होती ह उ ह उखाड़ फकन का िसलिसला जारी रखन की इसी िसदधात को कमरचािरय क मामल म समझन की ज रत ह हम याद रखना ह िक सही और गलत िवचार मन म एक साथ नही रह सकत आव यकता उनक अवचतन मन को इस तरह ढालन की ह िक उनम अ छी आदत का िवकास हो दरअसल अवचतन योगयता वह होती ह जब हम यान दन और सोचन की यादा ज रत नही होती कय िक यह हमार यवहार म खद ब खद उतरन लगा ह िजस स थान क कमरचारी इस तर पर पहच जात ह उनम अ छी आदत वयमव घर करन लगती ह जब बरी आदत हमार अवचतन योगयता क तर तक पहच जाती ह तो वह कावट उ प न करती ह

पिरवतरन का िवरोध बरी आदत को पहचान लन क बाद भी अकसर दखा गया ह िक

लोग उ ह बदलत नही ह ऐसा आिखर कय होता ह उनक न बदलन का कारण ह िक व िज मदारी को वीकार करन स इनकार करत ह

हम अवचतन मन को इस तरह ढालन की ज रत ह िक वह हम सही और ठीक रा त पर ल जा सक अवचतन मन एक बगीच की तरह होता ह िजस कोई परवाह नही होती िक आप कस पौध लगात ह

प ठ 19

अकषय कराित अपनी उन आदत को बनाय रखन म उ ह जो आनद िमलता ह वह पिरवतरन क ददर स यादा होता ह इसक िन निलिखत कारण हो सकत ह -- 1 पिरवतरन की इ छाशिकत का अभाव 2 पिरवतरन क िलए आव यक अनशासन की कमी 3 िव वास की कमी 4 आव यक जानकारी की कमी परबधन वारा इन िबदओ पर िवचार कर अपन किमरय म आशातीत पिरवतरन लाया जा सकता ह सामा यतः खराब आदत को न बदलन क बहान िदय जात ह और कहा जाता ह -- हम लोग इसी तरह करत ह या िक म नही समझता इसस कोई फकर पड़गा और कछ न िमला तो कह िदया जाता ह म बहत य त ह अ छी आदत का िन पण

आदत म पिरवतरन लाया जा सकता ह आव यकता ह इसक िलए सही पिरवश का िनमारण करन की कमरचािरय को परिशिकषत करन की परिरत करन की और ऐसी ि थितया उ प न करन की िजसस कमरचािरय म अ छी आदत का िन पण हो सक दरअसल सफल लोग का राज यह ह िक व काम करन की उन आदत को डाल लत ह जो असफल लोग करना नही चाहत य वही काम ह िज ह सफल लोग भी करना

नही चाहत लिकन व िफर भी करत ह उदाहरण क िलए असफल लोग अनशासन और महनत करना पसद नही करत सफल लोग भी अनशासन और कड़ी महनत नापसद करत ह लिकन व िफर भी ऐसा करत ह कय िक य लोग उन काम को करन की आदत डाल लत ह िज ह असफल लोग नही कर पात नजिरय और सोच का तरीका एक आदत ह और इस बदला जा सकता ह सही ि ट और सतलन कमरचािरय म काम क सबध म सही ि ट बनाय रखन की परवि त िवकिसत करना ज री ह जब कछ गलत हो रहा होता ह तो उस ठीक करना परबधन का ही काम होता ह समझा यह जाता ह िक परायः हम गलत हो रह काम को लकर इतन िचितत हो जात ह िक जो सही हो रहा ह उस भी अनदखा करन की हमम आदत होती ह

दरअसल सफल लोग का राज यह ह िक व काम करन की उन आदत को डाल लत ह जो असफल लोग करना नही चाहत

प ठ 20

अकषय कराित उदाहरण क िलए अगर िकसी स कोई गलती हो जाती ह तो हम एकदम उस पर िच ला पड़त ह या उसक िव दध काररवाई कर बठतहअ छा यह रहगा िक आप उस अलग ल जाकर अकल म बात कर अगर परशसा करनी हो तो सबक सामन कर

अगर िकसी स सहमित न बन तो उस पर करोध करना ज री नही ह अगर अपन करोध पर काब रखग तो लोग अपनी असहमित को अ यथा नही लग अगर आप अपन िवचार को खला रखग तो दसरी ओर स भी आप ऐस ही यवहार की अपकषा कर सकत ह परायः लोग अपनी सहमित कछ इस तरह जतात ह िक सामन वाला भी अपनी बात पर अड़ जाता ह समझन की बात यह ह िक सभी ि थितय म कवल तकर ही काफी नही होगा िकसी स असहमत होन म भी यवहार कशल होना ज री ह सबस पहल तो दसर को अपना पकष रखन का मौका द उसकी बात सन और जहा तक हो सक उसस अपनी सहमित भी परकट कर और िजन बात पर सहमित न बना सक उस समझाए

हमम स अिधकाश लोग उन किमरय और उनकी गलितय पर अ यिधक यान दत ह िजनक िलए हम काम करत ह पर अपन किमरय पर नज़र डालना भल जात ह अगर वय को उन लोग की नजर स दखा जाए तो आशातीत पिरणाम दखन को िमलत ह

आ म मथन आप कया करना चाहत ह कसा करना चाहत ह - इस सोच को

वतरमान म अपन अदर मथन करन को आ म-सझाव कहत ह एक बार सब म जब इसकी पिरपाटी श हो जाती ह तो यह हमार अदर िवजञापन की तरह काम करता ह अपन बार म अपन िलए अदर ही परचािरत करता ह इसका हमार चतन और अवचतन (Sub-concious) मन दोन पर परभाव पड़ता ह अततः यह हमार नजिरए और यवहार को परभािवत करता ह और धीर-धीर आदत का प लता ह यह दरअसल अपन अवचतन मन को ढ़ालन या परोगराम करन की िविध ह

हमम स अिधकाश लोग उन किमरय और उनकी गलितय पर अ यिधक यान दत ह िजनक िलए हम काम करत ह पर अपन किमरय पर नज़र डालना भल जात ह

प ठ 21

अकषय कराित आ म-सझाव अ छ या बर हो सकत ह जब हम बर आ म-सझाव को बार-बार दोहरात ह तब हमारा अवचतन मन उन पर िव वास करन लगता ह और हम उसी को वा तव म यवहार करन लगत ह सकारा मक आ म-सझाव को बार-बार मथन करन स उसकी हमार िदलोिदमाग म त वीर बन जाती ह और वही असिलयत का प लन लगता ह एक उदाहरण क िलए जब कभी हम सबह 0600 बज टरन पकड़नी हो और हमार पास अलामर घड़ी न हो तो हम मन म कहकर उठत ह िक 0400 बज उठना ह तो कया हम नही उठत अगर उठत ह तो इसक पीछ आ म-सझाव ही काम करता ह आ म-सझाव एक रा ता ह िजसस हम अपन िदमाग को परोगराम करक ढ़ालत ह सकारा मक आदत को िवकिसत करन म आ म-सझाव की परवि त मह वपणर िसदध हो सकती ह हमार नजिरए और आदत को तय करन वाल कारक हमार नज़िरए को मखयतः तीन कारक परभािवत करत ह - वातावरणः घर कल आिफस मीिडया सा कितक प ठभिम धािमरक प ठभिम परपराए और भाषाए सामािजक-राजनितक माहौल - य सब िमलकर एक तहजीब बनात ह चाह घर हो या आिफस या अ यतर - हर जगह हर िकसी की अपनी तहजीब होती ह उदाहरण क िलए हम एक दकान म जात ह तो वहा का स समन बड़ अदब वाला होता ह लिकन वही जब दसरी दकान पर जात ह तो वहा का स समन कभी-कभी बड़ा खा और बदतमीज िमल जाता ह उसी तरह िकसी क घर म यार भरा माहौल िमलता ह तो िकसी क घर म हमशा लड़ाई-झगड़ का इसी तरह जब सरकार और राजनीितक माहौल ईमानदारी का होता ह तो लोग भी ईमानदार मददगार और कानन का पालन करन वाल होत ह बईमान और भर ट माहौल म िजस तरह एक ईमानदार का जीना मि कल होता ह उसी तरह ईमानदारी भर माहौल म बईमान यिकत को मि कल होती ह िन सदह अ छ वातावरण म मामली कमरचारी म वमव अ छी आदत िवकिसत होती ह और उसकी कायर करन की शिकत बढ़ जाती ह जबिक खराब माहौल म अ छा काम करन वाल की भी कषमता िगर जाती ह

सकारा मक आदत को िवकिसत करन म आ म-सझाव की परवि त मह वपणर िसदध हो सकती ह

प ठ 22

अकषय कराित कायर-स कित का बहाव ऊपर स नीच की ओर होता ह नीच स ऊपर की ओर कभी नही यह दखना बहत ज री ह िक हमन अपन िलए और आस-पास क लोग क िलए कसा वातावरण तयार िकया ह खराब वातावरण म अ छ की उ मीद करना बमानी ह अनभवः हम अपन जीवन म अपन काम-काज म हालात स जसा अनभव पात ह वह हमारी आदत का िह सा बन जात ह और उसी क अनसार हमारा यवहार होता ह अगर िकसी क परित हमारा अनभव अ छा होता ह तो हमारा नज़िरया भी अ छा होता ह ज री ह िक कमरचािरय को ऐसा कायर-पिरवश िमल िजसस उनक अवचतन म अ छ अनभव की छाप अिकत हो

परिशकषण भी ज़ री यहा िसफर सदधाितक जञान ही काफी नही होता बि क औपचािरक और अनौपचािरक दोन ही तरह की िशकषा व परिशकषण ज री ह जञान और जानकारी को यिद योजनाबदध तरीक स परयोग िकया जाए तो उसस बौिदधक तर को बढ़ान म आशातीत सफलता िमलती ह काम करन की कला अ छी िशकषा स ही आती ह ज री ह िक परिशकषण म मनोवजञािनक सामािजक आिथरक व अ य पहल को समझन की आदत िवकिसत की जाए अवचतन म यह िबठाना बहत ज री ह िक जीवन की भ यता काम क वारा ही सभव ह स थान म सभी को लगना चािहए िक उनका काम मह वपणर ह यही परबधन कला का सार ह जब कमरचािरय को ऐसा एहसास होन लगता ह तो उनक नज़िरए म बदलाव आन लगता ह उपसहारः काम क परित लोग म अ छी आदत िन िपत करन और उनम उ साह जगान स कायर-िन पादन म िनरतर िनखार आता ह दरअसल हर यिकत म मानिसक और शारीिरक ऊजार उ प न होती ह िजसक िलए काम ही सबस अ छा िनकास ह एक िवचारक क अनसार lsquoआप पछत ह म लगातार काम कय करता ह

यहा िसफर सदधाितक जञान ही काफी नही होता बि क औपचािरक और अनौपचािरक दोन ही तरह की िशकषा व परिशकषण ज री ह

प ठ 23

अकषय कराित इसका वही कारण ह िजस कारण स मगीर अ ड दती जाती ह rsquo काम क िबना इसान घट सा जाता ह उस काम की उतनी ही ज रत होती ह िजतनी हवा की आव यकता ह िक उस सही वातावरण उपल ध करान और सही िदशा म अिभपरिरत करन की व ततः हर यिकत अदर स गिरमा और आ मस मान की चाह रखता ह आव यकता ह उस अतःपरिरत करन की लोग को खद स परिरत करन क िलए हम उनकी ज रत और इ छाओ को समझना होगा पररणा कायरकषमता और आदत क बीच सीधा सबध ह जो लोग उतना ही काम करत ह िक उनकी नौकरी बची रह तो ऐस लोग िकसी भी स थान क िलए मह वपणर नही हो सकत अतपररणा स सोच म बदलाव लाया जा सकता ह पररणा आग क समान होती ह

कमरचािरय को िजतना परिरत िकया जाएगा उनम उतनी ही सकारा मक आदत का िवकास होगा कमरचािरय को उिचत स मान दकर उनक कायर को अिधक मनोरजक बनाकर परबधन वारा उनकी बात को गौर स सनकर उनकी सम याओ और सझाव पर गौर करक उ ह वय ल य िनधारिरत करन क िलए परो सािहत करक िवकास क नय अवसर उपल ध कराकर आव यकतानसार समय-समय पर समिचत परिशकषण िदलाकर तथा नयी चनौितय स जझन क िलए परो सािहत करक िन सदह उनक आचार और यवहार को सकारा मक िदशा म पाियत िकया जा सकता ह

कमरचािरय को िजतना परिरत िकया जाएगा उनम उतनी ही सकारा मक आदत का िवकास होगा

ई-पितरका म लख आिद म परकट िवचार

मलतः लखक क ह तथा यह आव यक नही ह िक

इरडा भी इन िवचार स सहमत हो

प ठ 24

अकषय कराित

िबिटया

आख म मोती लकर तम िबिटया जाती हो हा जाओ िशकषा का उपहार द रह िवदा समय यह लो ल जाओ इन पराण म परीित त हारी ममता क धन िसदरी इन नयन की बद पली परकट करती ह मजबरी लाचारी ह िफर पराण म क य ह इतनी आकलता

जब इस रीित पर पराओ म वश न िकसी का ह चलता िपतकल को तजकर अब िबिटया पित-कल म जाना होगा

नटखटपन को छोड़ धमर का ही िजसम बाना होगा इस घर की तम बड़ी लाडली पराण स यारी िबिटया

चली लाकर आज सभी को िपता की कर सनी किटया िजन हाथ न लाड़ चाव स अब तक था िजसको पाला उन हाथ न ही िबिटया को दलह राजा जी को द डाला

िजसका दख जरा मन मला हो जाती थी हरानी क यादान उसी का कर क दय बनाया पाषाणी

िकया न जाता था पल भर को इन आख स दर िजस मोती झरत िवदा द रहा आज सकल पिरवार उस अपनी मा क जीवन की तम परित-पल हो आधार रहो

िवजयता िपता क दय मिदर की िबिटया तम साकार रही आज जीवन क सख-दख सार वही िबतान तम लो जान आओगी जब कभी यहा तम होगी महमान समान

सतीश कमार कलावत इरडा

इस घर की तम बड़ी लाडली पराण स यारी िबिटया चली लाकर आज सभी

को िपता की कर सनी किटया

प ठ 25

ससराल की कभी बराई कही न मह पर आ जाव धमर कमर क तर य पथ म पाव नही िडगन पाव

सात परितजञाय जो तमन अिग नदव स मख की धारण द पि त जीवन का मह व ह करना स च मन स पालन

बटी इन सात बचन का यान दय म रह सदा दोन कल की लाज इसी म भला न दना इस कदा पित ही ह सवर तर त हार पित ही को जीवन समझो

जो कछ कह उसी को मान उनको िबिटया तम धन समझो शीलवती तम बन िबिटया पित-भक त मना सदर िनस दह वय उपजग क प-वकष घर क अ दर

पहन सिशकषा की साड़ी को शभ गण भषण अपनाओ दस लकषण शभ लकषण धार िन य नय मगल गाओ यह िशकषा उपहार दय का तम को राह िदखायगा भल भटक कर भी अिधयारा पास न आन पायगा

हम सब की आख स मोती उर स िनकल रही आशीष सभी सख स पणर परफि लत कर त ह दलह राजा की ईश

अकषय कराित

िजन हाथ न लाड़ चाव स अब तक था िजसको पाला उन हाथ न ही िबिटया को दलह राजा जी को द डाला

प ठ 26 अकषय कराित

ldquoपयारवरणrdquo श द पिर+आवरण स बना ह अथारत बा य आवरण को ही पयारवरण कहत ह इस बा य आवरण का ता पयर हमार चार ओर क वातावरण और पिरवश स ह िजस हम दसर श द म परकित भी कह सकत ह प वी पर िव यमान सपणर जीव-जगत क अि त व जीवन-यापन एव चहमखी िवकास म परकित की मह वपणर भिमका ह मानव बिदधजीवी पराणी ह और परकित क मह व स भली-भाित पिरिचत होन क कारण ही सिदय स परकित की पजा करता रहा ह

विदक काल स ही परकित तथा मानव क बीच जीवन ततर का अटट सबध रहा ह हमार पराचीन ऋिष-मिनय न प वी म हवा पानी िमटटी पड़-पौध जीव-ज तओ और मानव क सिकरय सहयोगा मक सतलन को यान म रखकर ही परकित को प य माना धमर क साथ परकित को जोड़कर उ ह न परकित को पयार त मह व िदया व जानत थ िक िजस परकार जीवन क िलए भिम की आव यकता होती ह उसी परकार वन पितया व अ य पराणी भी आव यक ह य सभी परकित क अिभ न अग ह इनम स एक क भी न ट होन का परभाव दसर पर पड़ता ह और पिरणाम व प पराकितक असतलन पदा हो जाता ह व तत प वी म हवा पानी िमटटी पड़-पौध जीव-ज तओ और मानव का सिकरय सहयोगा मक सतलन रहता ह पड़-पौध भिम को उपजाऊ बनात ह िमटटी को बाधकर रखत ह बरसात करवान तथा जल एव वाय को व छ रखन म सहायक होत ह परत आज क बढ़त औ योिगकीकरण और शहरीकरण न परकित और मानव क बीच असतलन उ प न कर िदया ह यह असतलन अिशकषण बढ़ती जनसख या शहर की ओर पलायन वकष की कटाई गगनचबी इमारत बड़-बड़ उ योग की थापना आिद क कारण ह और यही पयारवरण परदषण क मख य कारण ह मटरोपोिलटन एव बड़ शहर म अनक काबरिनक और अकाबरिनक गस जस ndash काबरन-मोनोऑक साइड अमोिनया आिद परदषण क मख य ोत ह

वतरमान पयारवरण -21वी सदी की चनौती

लख सरीन सल

विदक काल स ही परकित तथा मानव क बीच जीवन ततर का अटट सबध रहा ह

प ठ 27 अकषय कराित मन य न अपनी भितक सख-सिवधाओ की आपित र क िलए परकरित स

िखलवाड़ िकया ह वतरमान मशीनी यग म मन य वारा परकित क अ यिधक दोहन एव िनत नए कारखान की थापना स पयारवरण सकट उ प न हआ ह मानव न परकित क साथ जो अ यायपणर यवहार िकया ह उसी क फल व प परकित का िवरोधी रवया हआ ह िजस भिव य म सह पाना मि कल होगा

अिशकषा क कारण दश की तजी स बढ़ती आबादी क आवास की मलभत आव यकता को परा करन क िलए वकष की कटाई करक ऊची-ऊची इमारत बनाई जा रही ह वकष की अधाधध कटाई स भिम की ऊवररा शिक त का तो ास हो ही रहा ह साथ ही परदषण जसी िवकराल सम या भी ज म ल रही ह

परदषण पयारवरण क ास का परमख कारण ह िवकासशील दश िनत नए उ योग की थापना करक बराजगारी की सम या को तो दर कर रह ह िकत इसस जल वाय विन तथा िविभ न परकार क परदषण बढ़ रह ह कल-कारखान और मोटर स िनकलन वाल धए स वाय परदषण हो रहा ह जल थल व नभ क मागर पर शिक त चािलत वाहन विन परदषण का मख य ोत ह शहरीकरण और औ योिगकीकरण क कारण शदध पयजल की सम या िवकराल प धारण कर रही ह कारखान स िनकलन वाल कड़-कचर क निदय म िमलन स जल परदषण हो रहा ह रासायिनक खाद और कीटनाशी दवाओ स मदा परदषण का खतरा बन गया ह

इस परकार जनसख या विदध शहरीकरण औ योिगकीकरण एव परदषण जसी सम याओ न पयारवरण को बरी तरह परभािवत िकया ह आज सपणर िव व पयारवरण को लकर िचितत ह इस भयावह ि थित स बचन क िलए पर यक यिक त को पयारवरण क परित जाग क करना आज की अिनवायर आव यकता ह

इस िदशा म सवरपरथम िनरकषरता को समा त िकया जाना चािहए साकषर भारत की पिरक पना म जनसख या विदध दर वय िनयितरत हो जाएगी करल रा य इसका परमाण ह जहा साकषरता क साथ-साथ जनसख या िनयतरण भी ह

जल थल व नभ क मागर पर शिक त चािलत वाहन विन परदषण का मख य ोत ह

प ठ 28 अकषय कराित

इसक बाद बात आती ह परदषण िनवारण की आज िव व भर क

वजञािनक और पयारवरणिवद इस िदशा म कायररत ह सवरपरथम वन क काटन पर परितबध लगाया गया ह और वन सपना क िव तार हत वकष लगान क िलए परो सािहत िकया गया इसक िलए सरकार की ओर स वकष आिद िनश क उपल ध कराए जात ह ldquoपयारवरण परदषण स थाrdquo और व छ वाय अिधिनयम जस िविधक उपाय स वाय परदषण पर रोक लगान का परयास िकया जा रहा ह जहरील धआ उगलन वाल कारखान तथा वाहन पर भारी आिथरक दड का परावधान ह िविभ न सचार मा यम mdashदरदशरन समाचार-पतर तथा आकाशवाणी क मा यम स जनता को पयारवरण क परित जाग क करन क परयास िकए जा रह ह निदय म खलन वाल परदषण ोत को बद करन की योजनाए चलाई जा रही ह पािलथीन क परयोग को बद करन क िलए चलाया जा रहा ह अिभयान भी परशसनीय ह

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह इस खतर स सपणर भमडल का अि त व न ट हो जाए इसस पहल हम पयारवरण की सरकषा करन का सक प लना होगा

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह

िस धी होन क प चात भी मझ बगाली रीित िरवाज़ िमठाइया यहा का पहनावा अगरज क ज़मान की बनी सरचनाए एव भवन इ यािद म बहत िदलच पी एव िच थी

प ठ 29 अकषय कराित

यातरा स मरण-कोलकाता-खिशय हषर का शहर(िसटी ऑफ जॉय)

सोिनया सिह वानी पीईसी िलिमटड

म पी ई सी िलिमटड नामक कपनी क िविध ककष म उप िविध परबधक क पद पर कायररत ह सन 2010 जन स इस कपनी म मन परबधन परिशकष क प म अपनी पहली नौकरी की श आत की पी ई सी िलिमटड वािण य मतरालय क अतगरत आन वाली आयात-िनयारत यापार स स बिधत क पिनय म स एक ह इस स दभर म जनवरी 2011 म िविभ न िवभाग क परबधन परिशकषओ को ओिरएटशन हत काडला कोलकाता इ यािद शहर म भजन का कायरकरम िनि चत िकया गया कोलकाता क पास हि दया पोटर होन क कारण कोलकाता शहर चना गया जहा पी ई सी वारा आयात की गयी व तए पोटर गोदाम म रखी जाती ह साथ ही म कोलकाता पोटर िभ न गोदाम इ यािद दखन की यव था की गयी एव सची म समावश िकया गया यह सनकर मरी ख़शी का िठकाना न रहा क य िक मन कोलकाता शहर क बार म सना बहत था पर त कभी दखा न था िस धी होन क प चात भी मझ बगाली रीित िरवाज़ िमठाइया यहा का पहनावा अगरज क ज़मान की बनी सरचनाए एव भवन इ यािद म बहत िदलच पी एव िच थी आिखरकार मझ मौका िमला और जनवरी की कड़ाकदार ठ ड क बीच हम एक रिववार शाम कोलकाता राजधानी स अपनी मिजल की और िनकल पड़ िद ली स कोलकाता क सफ़र क बीच हमारी गाड़ी इलाहाबाद गया िबहार तथा धनबाद जस शहर स होत हए बगाल की ओर पहची हसत-गात खलत-खात हए हम अगली सबह हावड़ा जकशन पहच गए रलगाड़ी स उतर कर टशन स बाहर िनकलत ही मझ िसटी ऑफ जॉय क नाम स मशहर कोलकाता की पहली झलक िदखाई दी ऐसा लगा मानो मझ भारत क दो पहल एकसाथ जीत हए नज़र आए एक तरफ थ टशन स बाहर एव अ दर जात हए स दर कपड़ गहन म लद हए कोलकाता क बगाली िनवासी साथ म बड़ी-बड़ी गािड़य म घमत कोलकाता क नौजवान और ठीक दसरी तरफ मरी नज़र पड़ी हगली नदी पर बन परिसदध हावड़ा िबरज पर िजस दख एक अलग ही दिनया का एहसास हआ

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह

िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी

एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया नतीजा मर समकष था

प ठ 30 अकषय कराित

हावड़ा िबरज पर हर तरफ लोग का जमावड़ा था इतन लोग दख िद ली क चादनी चौक की याद आ गयी ऐसा लगा मानो म 50 साल पीछ िकसी लक एव वाईट दिनया म कदम रख चकी थी िबरज क दोन तरफ सामान बचत हए दकानदार िखलौन मछली रख हए औरत एव छोट-छोट ब च मख य शहर स हावड़ा जान वाल आम आदमी मजदर की तज़ र तार फरी स र ता पार करन वाल यापारी इन सब को दख लगा कोलकाता म मबई जसी भागम भाग भी थी िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया नतीजा मर समकष था जस-जस म कोलकाता शहर क भीतर आन लगी मझ इस शहर क िवकास की झलक िदखाई दी एक तरफ थी ऊची ईमारत सदर िवशाल िव यासागर सत पल बड़-बड़ होटल माल कोलकाता उ च यायालय राईटसर िबि डग मशहर इडन गाडरन टिडयम इ यािद तो दसरी तरफ था िवक टोिरया ममोिरयल अगरज की वा तकला क अनसार िदखती लाल ईटो की इमारत िवक टोिरयल सरचनाए भवन छोटी-छोटी पटिरय पर समान बचत नया बाज़ार (New Market) क दकानदार एव िवक टोिरया ममोिरयल क बाहर चलत सलािनय क िलए रथ वाल घोड़ हमारा होटल जसीबोस सड़क पर ि थत था एव सिवधाओ स भरपर था पर त मन य जाना िक असली कोलकाता का मज़ा गाड़ी म नही अथवा िरक शा ऑटो तथा साल स चलती आ रही सड़क पर टराम म था

हर तरफ मझ पील रग की टिक सया िदखाई दी सब एक समान थी तथा मरसीडीज़ गाड़ी क बगल म चलती 1-2 पय म सफ़र की जान वाली टराम भी साथ िदखाई दी परी िजदगी िद ली म यतीत करन क बाद हर नए शहर का रहन-सहन बोल-चाल रीित-िरवाज़ जानन की जाग कता मझम हमशा रही पहल ही िदन स कोलकाता मझ रास आया जस िक कहत ह lsquoकोलकाता हमार खब भाला लागली छ rsquo कहन का ता पयर य िक मझ कोलकाता बहत अ छा लगा पहल िदन िक शाम को हमन य मािकर ट म खरीददारी करन का मन बनाया म हरान थी िक वहा चीज िकतनी स ती िमल रही थी िद ली क मतािबक एक ितहाई दाम पर चिडया गहन बग जत कत इ यािद िमल

िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया

प ठ 31 अकषय कराित य मािकर ट िद ली क लाजपत एव सरोिजनी नगर समान ह कम

दाम म अ छा समान िमला कोलकाता चमड़ क िलए भी मशहर ह एव परिसदध ी लदसर दकान भी इस बाज़ार म ि थत ह यहा खरीदारी का हमन खब ल फ़ उठाया

अगल िदन हम हि दया पोटर गए एव अनक जहाज़ दख 3-4 घट की दरी पर ि थत यह पोटर अनक एकड़ म फला हआ था पहली बार इतन बड़ जहाज़ को अदर स दख खब आनद आया तीसर िदन हम काली बाड़ी मिदर गए बगाली अ यत पाठ-पजा वाल दगार मा क स च उपासक ह यह सब जानत ह दगार पजा इनका लोकिपरय उ सव ह तथा काली मा एव दगार मा की स च मन स पजा करत ह कोलकाता क िनवासी भिक त भावपणर ह यह सना था अब खद दख भी िलया बगाली र म स पजा करन का य मौका अ यत आनदमयी था इसक अलावा काली बाड़ी क नज़दीक ही ि थत ह गौिरहाट बाज़ार यहा की दकान बगाली सािड़या कपड़ सट कत इ यािद क िलए परिसदध ह आिद धक तशवर नामक मशहर दकान म जाकर मरा भी मन िकया िक म भी खरीददारी क मर सािथय न बहत सािड़या खरीदी एव दाम दखकर म दग रह गई सदर स सदर साड़ी मातर 600700 पय की थी मन बगाल की मशहर लाल एव सफद िपरट की साड़ी भी खरीदी कोलकाता म खरीददारी का अलग की मज़ा ह उसी िदन शाम हम सा ट लक िसटी मॉल गए वह सा ट लक टिडयम क नज़दीक ह यहा िदखाई िदया कोलकाता का परगितशील प नौजवान फटबाल की जसीर पहन माल म घम रह थ एक स एक

मशहर बरड वहा मौजद थ इसक अलावा कोलकाता क िनवासी खब मनोरजन क शौक़ीन ह सगीत नाच गाना इ यादी म िच रखत ह कोलकाता म जगह-जगह सगीत कला अकडमी तथा पढ़न (रीिडग) क क लब ह अगरज क शौक तथा रहन-सहन की झलक आज भी यहा िदखती ह यहा क नौजवान को खल-कद म भी खब िदलच पी ह फटबाल का तो जस यहॉ सबको जनन ह

भारत क परिसदध मोहन बगान फटबाल क लब फटबाल क वहा क नौजवान ही नही परा शहर ही दीवाना ह भारत-पाक मच हो या आई पी एल इडन गाडरन मदान लोग स खचा-खच भरा रहता ह अफ़सोस म वहा अदर जा न सकी

इसक अलावा काली बाड़ी क नज़दीक ही ि थत ह गौिरहाट बाज़ार यहा की दकान बगाली सािडया कपड़ सट कत इ यािद क िलए परिसदध ह

प ठ 32 अकषय कराित

मर सफर क आखरी िदन म मन कोलकाता क लोग म एकता क नजार दख िविभ नता म भी एकता का उदाहरण दखा चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख िजस िदन हम कोलकाता पहच थ उसी िदन वहा शहर बद था और मन एक जट होकर लोग को अपनी बात कहत हए दखा एव सना यहा क लोग अपन शहर क िवकास बहतरी क िलए जाग क ह िज मदारी लत ह तथा सरकार को अपनी बात भली-भाित कहत ह लड़िकय औरत की इ ज़त करत ह एव यहा िक मिहलाओ को मन िनदरलीय पाया जहा एक ओर भारत की राजधानी होन क बावजद िद ली वाल अपनी िजदगी म मगन रहत ह वही दसरी और कोलकाता म अमीरी-गरीबी िभ न जाितय म भी एक जटता ह कपड़ा एव खाना आज भी यहा खब स ता िमलता ह पर त दसरी तरफ सब जानत ह िक बड़-बड़ उ योगपित िव वान लखक िखलाड़ी गायक अिभनता िनदशक यहा स उभर ह सािह य हो या लख बॉलीवड हो या िकरकट बगाल न भारत को अनक नाम एव गौरव िदए ह चाह सौरव दादा हो या रिव दर नाथ टगोर ममता बनजीर रानी मखजीर हो या योित बस भारत म इनकी भिमका का वणरन करन की ज रत नही

मन कछ िदन क कोलकाता क सफर म इस शहर को जानन समझन का परयास िकया हगली नदी क िकनार खड़ होकर समदर को दखा निदय को िनहारा िव यासागर सत िबरज की सदरता िवशालता को सराहा क सी दास की परिसदध िमठाई का ल फ उठाया मन बहत शहर घम पर त यह सफर मर िलए सबस यादगार रहा कोलकाता परगित क मागर पर िनरतर बढ़ रहा ह पर त आज भी वह अपनी जड़ नितक म य को नही भला ह एक आम आदमी आज भी टराम म या फरी स सफर करता ह यहा क िनवासी दो पय स लकर 500 ० का खाना खात ह पराना एव नया कोलकाता एक साथ जीिवत ह िसक क क दो पहल की तरह कोलकाता क यह दो प को एक साथ रहत दख बहत आनद आया

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 33 अकषय कराित

जल परकित का अनपम उपहार ह मानव जाित अपन परादभारवकाल स ही इस उपहार का उपयोग अपन िहत क िलए करती आई ह जल वह पराकितक उपहार ह िजसका कोई िवक प नही ह इसिलए जल को अमतया जीवन भी कहा गया ह जल क िबना जीवन की सभावना भी नही ह पर यकष प स तो जल की मानवीय आव यकता सीिमत ह परत परोकष आव यकताओ पर नजर डाल तो दिनक जीवन की आव यकताए जस अ न फल स जी दध स लकर हमार पहराव आवास तक सब जल स जड़ हजल का जरा भी सतलन िबगड़ जाए तो जीवन यापन क टपरद होन म दर नही परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह जल क सामा य त य जल या पानी एक आम रासायिनक पदाथर ह जो जीवन क सभी जञात प क जीिवत रहन क िलए ज री ह आमतौर पर जल अपनी दरव अव था म उपयोग म लाया जाता ह पर यह ठोस अव था बफर और गस अव था जल वा प या भाप प म भी पाया जाता ह प वी क लगभग तीन चौथाई िह स पर िव व क महासागर का अिधकार ह अनमानत प वी पर जल की कल मातरा लगभग 1400 िमिलयन घन िकलोमीटर ह जो िक प वी पर 3000 मीटर गहरी परत िबछा दन क िलए काफी ह तथािप जल की इस िवशाल मातरा म व छ जल का अनपात बहत कम ह प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह शष जल झील निदय वायम डल नमी मदा और वन पित म मौजद ह जल की जो मातरा उपभोग और अ य परयोग क िलए व ततः उपल ध ह वह निदय झील और भजल म उपल ध मातरा का छोटा-सा िह सा ह इसिलए जल ससाधन िवकास और परब ध की बाबत सकट इसिलए उ प न होता ह कय िक अिधकाश जल उपभोग क िलए उपल ध नही हो पाता

परभावी जल परबधन और दश का िवकास

दीपक आहजा ओएनजीसी िवदश

प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह

प ठ 34 अकषय कराित

और दसर इसका िवषमतापणर थािनक िवतरण इसकी एक अ य िविश टता ह फलतः जल का मह व वीकार िकया गया ह और इसक िकफायती परयोग तथा परब ध पर अिधक बल िदया गया ह प वी पर उपल ध जल जल-चकर क मा यम स चलायमान ह जल लगातार एक चकर म घमता रहता ह िजस जलचकर कहत ह इसम वा पीकरण वषार और बह कर सागर म पहचना शािमल ह हवा जल वा प को थल क ऊपर उसी दर स उड़ा ल जाती ह िजस गित स यह बहकर सागर म पहचाता ह जल चकर का िचतर नीच पर तत िकया गया ह

अिधकाश उपभोकताओ जस िक मन य पशओ अथवा पौध क िलए जल क सचलन की ज रत होती ह जल ससाधन की गितशील और नवीकरणीय परकित और इसक परयोग की बार बार ज रत को ि टगत रखत हए यह ज री ह िक जल ससाधन को उनकी परवाह दर क अनसार मापा जाए इस परकार जल ससाधन क दो पहल ह अिधकाश िवकासा मक ज रत क िलए परवाह क प म मािपत गितशील ससाधन अिधक परासिगक ह आरिकषत भ डार की ि थर अथवा िनयत परकित और साथ ही जल की मातरा तथा जल िनकाय क कषतर की ल बाई व म यपालन नौ सचालन आिद जस कछक िकरयाकलाप क िलए भी परासिगक ह

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 35 अकषय कराित

जल का यय अप यय जल क बार म एक नही कई च कान वाल त य ह िव व म और िवशष प स भारत म जल िकस परकार न ट होता ह इस िवषय म जो त य सामन आए ह उस पर जाग कता स यान दकर जल क अप यय को रोका जा सकता ह अनक त य ऐस ह जो हम आन वाल ख़तर स तो सावधान करत ही ह दसर स पररणा लन क िलए परो सािहत करत ह और पानी क मह व व इसक अनजान ोत की जानकारी भी दत ह प वी पर पदा होन वाली सभी वन पितया स भी हम पानी िमलता ह

आल और अनानास म 80 परितशत और टमाटर म 95 परितशत पानी ह पीन क िलए मानव को परितिदन 3 लीटर और पशओ को 50 लीटर पानी

चािहए भारत म 83 परितशत पानी खती और िसचाई क िलए उपयोग िकया जाता

ह इज़राइल म औसतन मातर 10 सटीमीटर वषार होती ह इस वषार स वह

इतना अनाज पदा कर लता ह िक वह उसका िनयारत कर सकता ह दसरी ओर भारत म औसतन 50 सटीमीटर स भी अिधक वषार होन क बावजद अनाज की कमी बनी रहती ह

िपछल 50 वष म जल क िलए 37 भीषण ह याकाड हए ह भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल

चलती ह पानी ज य रोग स िव व म हर वषर 22 लाख लोग की मौत हो जाती ह यिद बरश करत समय नल खला रह गया ह तो पाच िमनट म करीब 25

स 30 लीटर पानी बरबाद होता ह बाथ टब म नहात समय 300 स 500 लीटर पानी खचर होता ह जबिक

सामा य प स नहान म 100 स 150 लीटर पानी खचर होता ह िव व म परित 10 यिकतय म स 2 यिकतय को पीन का शदध पानी

नही िमल पाता ह परित वषर 6 अरब लीटर बोतल पक पानी मन य वारा पीन क िलए

परयकत िकया जाता ह मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 36 अकषय कराित

िद ली मबई और च नई जस महानगर म पाइप लाइन क वॉ व की खराबी क कारण रोज़ 14 स 44 परितशत पानी बकार बह जाता ह

निदया पानी का सबस बड़ा ोत ह जहा एक ओर निदय म बढ़त परदषण रोकन क िलए िवशषजञ उपाय खोज रह ह वही कल कारखान स बहत हए रसायन उ ह भारी मातरा म दिषत कर रह ह

भारत म जल सकट नासा की एक िरपोटर न पानी को लकर दश भर म बढ़ती जा रही लापरवाही क परित आख खोली ह इस िरपोटर म भारत म सख की ि थित पदा होन क िलए िज मवार कारण म स एक अहम कारण अधाधध जल दोहन को बताया गया ह बतात चल िक दश भर क 604 िजल म स 161 सख की मार झल रह ह वस अब बताया जा रहा ह िक सख की मार स बहाल िजल की सखया बढ़कर 246 हो गई ह यानी कहा जाए तो आधा दश सख की चपट म ह बहरहाल नासा की इस िरपोटर म बताया गया ह िक भारत क कई रा य कषमता स यादा जल दोहन कर रह ह यहा कषमता स ता पयर यह ह िक उनस िजतन सलाना जल दोहन की उ मीद कदर करती ह व उसस कही यादा जल दोहन कर रह ह नासा न यह अ ययन 2002 स 2008 क बीच

की ि थितय क आधार पर िकया ह इस िरपोटर म बताया गया ह िक पजाब हिरयाणा और राज थान हर साल औसतन 177 अरब कयिबक मीटर पानी जमीन क अदर स िनकाल रह ह जबिक कदर की तरफ स लगाए गए अनमान क मतािबक इ ह हर साल 132 अरब कयिबक मीटर पानी ही जमीन क अदर स िनकालना था इस तरह स दखा जाए तो य तीन रा य िमलकर कषमता स 30 फीसदी यादा पानी का दोहन कर रह ह जािहर ह िक िबना कछ सोच-िवचार जब इस पमान पर पराकितक ससाधन का दोहन िकया जाएगा तो परकित भी बदला लगी और वही हो रहा ह इस िरपोटर म यह भी बताया गया ह िक भारत का महज 58 फीसदी भजल ही हर साल िरचाजर हो पाता ह नासा की यह िरपोटर बताती ह िक अधाधध जल दोहन की वजह स पर उ तर पि चम भारत क भजल तर म हर साल 4 सटीमीटर यानी 16 इच की कमी आ रही ह इस अ ययन को अजाम दन म नासा क जल िवजञानी मट रोडल न अहम भिमका िनभाई ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 37 अकषय कराित

उनक हवाल स इस िरपोटर म बताया गया ह िक दश क उ तर पि चम कषतर म 2002 स 2008 क दौरान तकरीबन 109 कयिबक िकलोमीटर पानी की कमी हई ह यह मातरा िकतनी अिधक ह इसका अदाजा इसी स लगाया जा सकता ह िक यह अमिरका क सबस बड़ जलाशय लक मीड की कषमता स दगन स भी कही यादा ह अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह इस िरपोटर क मतािबक अगर अधाधध जल दोहन इसी तरह स जारी रहा तो आन वाल समय म भारत को अनाज और पानी क सकट को झलन क िलए अभी स तयार हो जाना चािहए जािहर ह िक जब जल सकट बढ़गा तो खती पर इसका गहरा परभाव पड़गा अनाज क उ पादन म कमी आएगी इस वजह स अनाज सकट पदा होगा और भख का एक नया चहरा उभरकर सामन आएगा एक बड़ा तबका जो आज भरपट भोजन कर पाता ह उसक िलए पट भर खाना िमलना मि कल हो जाएगा भखमरी की जो सम या पदा होगी उसस िफर िनपटना आसान नही होगा इसक अलावा पीन क पानी का टोटा तो होगा ही अभी ही दश क कई िह स ऐस ह जहा क लोग को पीन क िलए साफ पानी नही िमल पा रहा ह कई कषतर ऐस ह जहा गमीर क िदन म हडपप स पानी आना बद हो जाता ह वहा क लोग को हर साल बोिरग को कछ फट बढ़वाना होता ह यह सम या भजल तर क िगरत जान की वजह स ही पदा हई ह जब पीन क पानी का सकट पदा होगा तो बोतलबद पानी का कारोबार काफी तजी स बढ़गा कहन का मतलब यह िक िजसक पास पसा होगा वह अपनी यास बझा सकगा और िजसक पास पसा नही होगा उस अपनी यास बझान क िलए भी सघषर करना पड़गा ि थित की भयावहता की क पना ही िसहरन पदा करती ह भारत म दिनया का हर छठा आदमी रहता ह यानी कहा जाए तो दिनया क कल आबादी क तकरीबन सतरह फीसदी लोग भारत म रहत ह जबिक दिनया का महज साढ़ चार फीसदी पानी ही भारत म उपल ध ह ऐस म जल सम या स दो-चार होना कोई आनापिकषत बात नही ह एक बात तो तय ह िक पराकितक ससाधन म इजाफा तो नही िकया जा सकता ह लिकन इसका सरकषण अव य िकया जा सकता ह

अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह

प ठ 38 अकषय कराित

भारत म लोग िकसी एक मा यम स पयजल परा त करन पर िनभरर नही ह इस दश म 357 फीसदी लोग हडपप स 367 फीसदी लोग नल स 182 फीसदी लोग तालाब पोखर या झील स 56 फीसदी कओ स 12 फीसदी लोग पारपिरक साधन स और 26 फीसदी लोग अ य मा यम स पीन का पानी परा त करत ह इस िलहाज स अगर दखा जाए तो जल सकट को दर करन क िलए समगर कायरयोजना की ज रत ह

दरअसल भारत म गहरात जल सकट क िलए काफी हद तक पानी की बबारदी भी िज मवार ह यहा जल आपित र की यव था म काफी खािमया ह नल क जिरए घर तक पहचन वाल पानी का एक बड़ा िह सा िरस कर बबारद हो जाता ह हर शहर म फट हए आपित र पाइप आसानी स दख जा सकत ह इस बदहाल यव था क िलए सरकार क साथ-साथ सामा य लोग भी कम िज मदार नही ह एक तरफ तो सरकार पयजल क नाम पर हर साल हजार करोड़ पए का बजट बनाती ह और दसरी तरफ जमीनी तर पर हालात म कोई बदलाव नही िदखता ह सामािजक तौर पर भी जल सरकषण को लकर जाग कता का अभाव िदखता ह यह सामािजक तान-बान का ही असर ह िक लोग कही भी जल की बबारदी को दखकर उस सामा य घटना मानत हए नजरअदाज कर दत ह दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था यह अब घटकर 1800 कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर हो चका ह

दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था

प ठ 39 अकषय कराित

िवशषजञ का अनमान ह िक अगर पानी की खपत और बबारदी इसी तरह स जारी रही तो 2025 तक यह घटकर हजार कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर ही रह जाएगा उस समय तक पानी की उपल धता म आन वाली इस कमी की वजह स किष उ पादन म तीस फीसदी की कमी आन की सभावना ह इन पिरि थितय म दश की आिथरक और सामािजक ि थित का कया होगा इसका अदाजा सहज ही लगाया जा सकता ह भारत म जल सरकषण क परित आज भी आम लोग क मन म उपकषा का भाव बना हआ ह साथ ही इस कायर क िलए आव यक तकनीक की भी कमी ह जो तकनीक उपल ध ह उनस सामा य लोग अनजान ह बािरश क पानी का सगरह करक उस उपयोग म लाना एक अ छा िवक प ह पर इस तरह की कोिशश काफी सीिमत मातरा म काफी छोट तर पर हो रही ह यही वजह ह िक दश म होन वाली बािरश क पानी का अ सी फीसदी िह सा आज भी समदर म पहच जाता ह अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह अगर जल की इस िवशाल मातरा का आधा भी परयोग कर िलया जाए तो ि थित म यापक बदलाव आना तय ह शहरी कषतर म तो पानी की कालाबाजारी जोर पर ह जगह-जगह पर जल मािफया सिकरय हो गए ह िद ली क ही एक अखबार न कछ समय पहल यह बात उजागर िकया था यहा तो समानातर जल बोडर भी चलाया जा रहा ह हरानी की बात तो यह ह िक इसक बावजद भी पानी क काल धध पर अकश नही लगाया जा सका ह अहम सवाल यह ह िक कस सामा य तबक क लोग तक व छ पानी पहचाया जाए शहरी कषतर क साथ-साथ गरामीण कषतर म भी यह एक बड़ी चनौती ह आबादी म अपर यािशत विदध बढ़त शहरीकरण औ योिगकीकरण और किष उ पाद की बढ़ती माग क कारण पानी की माग िपछल कछ साल म वाभािवक प स बढ़ी ह इसक पिरणाम व प भजल ससाधन का अ यिधक दोहन हआ ह और इसका नतीजा हआ िक लगातार भजल का तर घटता जा रहा ह शहरी कषतर म ि थित बहद भयावह ह तदनसार वहा न कवल शीघराितशीघर जल ससाधन क सरकषण की ज रत ह बि क परभावी रणनीित और परबधन क जिरए त काल कदम उठान की ज रत ह

अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह

प ठ 40 अकषय कराित

खासकर इस बात को यान म ऱखकर िक िविभ न परितयोगी कषतर म कभी भी माग बढ़ सकती ह भिव य म उपयोग क िलए छत पर या सतह पर जलगरहण बनाकर वषारजल सरकषण बहद ज री ह यह पानी की बढ़ती ज रत का खयाल रखन िमटटी की नमी तर को बढ़ान शहरी हिरयाली को बढ़ान भजल तर को कितरम प स पनभररण करन और भजल की गणव ता स सधार का काम करता ह भारत म जल परबधन स दश का िवकास भारत म दिनया की 16 परितशत आबादी रहती ह लिकन दिनया क िसफर 4 परितशत जल ससाधन ही भारत क पास ह 3290000 वगर िकलोमीटर क भिम कषतर और एक अरब स यादा की आबादी क साथ भारत क एक बहलवादी िविवधता का िचतर ह िवशाल पराकितक ससाधन क साथ सप न तकनीकी और वजञािनक किमरय का भी यह दिनया म दसरा सबस बड़ा सम चय ह भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह मानव िवकास म 80 क दशक म लगभग 26 परितशत और 90 क दशक क दौरान और 24 परितशत क वारा सधार हआ ह आजादी क बाद छह दशक म भारत न जल ससाधन का अभतपवर िवकास और खा या न म आ मिनभररता शहरी कषतर ऊजार और औ योिगक कषतर और पीन का पानी क बिनयादी ढाच म तजी स िव तार दखा ह िजसका उपयोग भारत की लगभग 85 परितशत शहरी और गरामीण आबादी क वारा िकया जाता ह भारत म रा य सरकार और भारत सरकार क परितबदध और ठोस परयास की वजह स गरामीण और शहरी आबादी को सरिकषत पयजल को उपल ध करवान म काफी सफलता हािसल की ह इस उपलि ध न भजल की कमी जल जमावजल गणव ता िगरावट जल परदषण और बढ़त लवणता तर स बड़ कषतर को परभािवत िकया ह और अभी भी िविभ न रा य म गरामीण और शहरी भारत क मानव िवकास सचकाक (HDI)rsquo म बहत असमानता मौजद ह पानी क िलए कषतरीय माग तजी स बढ़ रह शहरीकरण की गित स बढ़ रही ह (अनमानत 2025 तक दश की आबादी का 50 परितशत स अिधक शहर म रहग) जनसखया विदध बढ़ती आय और औ योिगक िवकासशहरी भारत तजी स िवकास की माग क कदर क प म उभर रहा ह

भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह

प ठ 41 अकषय कराित

नतीजतन परित यिकत पानी की उपल धता िगर रही ह परधानमतरी की अ यकषता म 12वी योजना क िलए हई योजना आयोग की पणर बठक म दसर म क साथ जल परबधन पर िवशष चचार हई बठक क बाद योजना आयोग क उपा यकष म टक िसह अहलवािलया न कहा िक भ-जल कानन स लकर दसर म की यापक समीकषा ज री ह व यनाथन सिमित जहा वतरमान म भ-जल कानन की साथरकता का अ ययन करगी वही भारतीय अतिरकष अनसधान सगठन [इसरो] की मदद स पानी की उपल धता का िव तत अ ययन होगा म टक न कहा िक उसी आधार पर रणनीित तय होगी सरकार यह यान रखगी िक पानी का अिधकतम उपयोग हो सक और सभी को उपल ध हो पानी पर िकसी का एकािधकार न हो सक बतात ह िक द पयोग को रोकन क िलए श क लगान पर भी िवचार िकया जा सकता ह हालािक इसस पहल रा य सरकार स चचार होगी यह तय ह िक एआइबीपी कायरकरम म यापक बदलाव ह ग ी म टक िसह अहलवािलया न कहा िक वतरमान म इस कायरकरम का सही िकरया वयन नही हो रहा ह िलहाजा उसम पिरवतरन ज री ह सभव ह िक हर रा य म जल िनयामक परािधकरण बनान की शतर भी लगाई जाए उ ह न कहा िक जल परबधन की यापक समीकषा कर नई रणनीित तय की जाएगी कल िमलाकर रा टरीय तर पर वतरमान जल ससाधन का अिधक स अिधक करन क िलए माग को परा करन क िलए पयार त ह लिकन भिव य क अ ययन पिरयोजना ह िक जल आपित र की ि थित अगल आध सदी म अिधक किठन हो सकती ह जल सकट स िनपटन को जल सरकषण परबधन अिनवायर परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह बढ़त वि वक तापमान क फल व प अितवि ट अनावि ट अ पवि ट और असामियक वि ट हम परितवषर दख रह ह िजसका परभाव हमार जल ससाधन पर पड़ता िदखाई द रहा ह कओ व बाविडय का िमटता अि त व नदी-नाल का घटता पानी भ-गभर जल का िगरता तर िचता की पिरिध स िनकलकर खतर की घटी बनता जा रहा ह

निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह

प ठ 42 अकषय कराित

िव व भर म सीमट क अधाधध परयोग न धरातल क सहज अवशोषण कषतर को घटाया ह तथा जल बहाव भिम कटाव व बाढ़ म विदध की ह ऐसी ि थित म जल सरकषण का दािय व मातर वजञािनक व सरकार तक सीिमत न रहकर पर यक उपभोकता क कध पर आ जाता ह इसी दािय व क िनवरहन क िलए हमार पास दो िवक प सामन आत ह 1 वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई

उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

2 पािरवािरक तर पर वषार जल को सगरिहत कर उसका उपयोग कर य दोन ही परयास गरामीण कषतर म तो सरलता स अपनाए जा सकत ह परत शहरी कषतर म व ट वाटर मनजमट की बड़ी पिरयोजनाए बनाकर ही पानी को िरसाइिकल िकया जा सकता ह भ-गभर अिधकािधक जल अवशोिषत होकर

जाए इसक िलए मदानी भाग म िनयोिजत ढग स बड़-बड़ पोखर बनाकर तथा पहाड़ी कषतर म नाल -ख ड म िमटटी प थर आरसीसी क बड़-छोट डम लगाकर जल बहाव रोक भ-सरकषण बचाव व जल भडारण और धरातल जल शोषण कषतर बढ़ाया जा सकता ह िव व बक भारत सरकार वारा म य िहमालय जलागम पिरयोजना रा य क भ-सरकषण िवभाग इस कषतर म कारगर उपाय लकर

हमार सामन ह परत जनसहयोग क िबना इन पिरयोजनाओ क आशातीत पिरणाम ल पाना किठन ह वकषारोपण इस सपणर जल चकर को बल दन वाला कारक ह जल क परित चतना जागत न हई तो अव य ही अगल िव व यदध का कारण जल ही होगा

जल भोजन ह और अिगन भोजन का भकषक ह अिगन जल म और जल अिगन म िव यमान ह

- ततरीय उपिनषद 38

वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

प ठ 43 अकषय कराित

म भी गान गा सकता ह शबनम क िखलत फल क म भी गीत सना सकता ह सावन क म त झल क लिकन जब घर-घर म बादल छाय घोर िनराशा क तब म नगम गा रहा ह उ मीद की आशा क

सड़क पर खड़ बचपन की य बात सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह

हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

इस बदलत पिरवश का राग सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

गाधी जी क सपन का जो राम-रा य कहलाता ह उस भारत म सड़क पर छोट चाय पहचाता ह

कहा गई वो अ हड़ म ती कहा गया वो यार का रा ता उन हाथ स बचत झड िजन हाथ को चािहए ब ता

उस सोन की िचिड़या की म बात बतान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

कही बम की गमर हवाए कही ससद म कोहराम ह कही होत घोटाल स परशान आदमी आम ह

कही कल की िकलकारी ह कही सड़क पर बचपन ह कही चलता नही गजारा कही िवदश म काला धन ह

म स चाई गा-गाकर सबको बतलान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

बदलता भारत मनीष लाल इरडा

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

प ठ 44 अकषय कराित

करन वाल काम बहत ह यथर उलझन को छोड़ो म ला-पिड़त तोड़ रह ह तम बस lsquoअपन को जोड़ो

lsquoहम बदलग-यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का lsquoवद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का

वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हम बदलग mdash यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का वद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

प ठ 45 अकषय कराित

िसफर काला और सफ़द य ही वो दो रग थ जो तर पास सि ट बनान क आधार थ

काला वो जो कािलमा िलय ह िजस कहत ह दख िनराशा म य अपयश और वो सबकछ जो नकारा मक ह

मगर सफद ह वो रग िजसस जड़ा ह जीवन आशा सख और कीितर और वो सब कछ जो सकारा मक ह पर इन रग स तझ चन ना िमला त सोचन लगा अगर सि ट बनानी ह

तो िकस िलए- ससगर और परम क िलए और

इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग

ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह

बस- बना डाला तन इ दरधनष

जो बरसात क बाद सरज और प वी क अनपम परम को रग दता ह सतरगी रग स

और उ ही सतरगी इ दरधनषी रग म हम हर पल हर कषण डबत गहरात इतरात रहत ह

और खिशय भर ससार म हर रग को अलग-अलग तरह स महसस करक जीत रहत ह

रग तो रग ह मगर-

ससगर और परम क िलए और इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह बस-

सतरगी िचतर सगीता ीवा तव इरडा

प ठ 46 अकषय कराित

कभी पक क कभी फीक़ तो कछ कभी दाग बनकर उभर आत ह

कछ आख म नील बादल स छाए रहत ह तो कछ गाल पर गलाबी रग बनकर छलक जात ह

याद रहत ह अक सर वो रग- जो खदी पर इस तरह छा जात ह िक खद म घलकर खद क होन

का एहसास दत-दत खद का एक रग बन जात ह

बगनी आसामनी नीला हरा पीला नारगी लाल इ दरधनष क य सात रग ही जोड़त ह हमार िदल को

हमार मन को जोड़न वाल इन रग की सतरगी दिनया म-

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा बनाय

और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क

सतरगी िचतर

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा

बनाय और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क सतरगी िचतर

प ठ 18

अकषय कराित चतन और अवचतन मन

हमार चतन मन क पास सोचन की शिकत होती ह यह िकसी बात को मान सकता ह और नही भी मान सकता मगर अवचतन मन िसफर वीकार करता ह यह इनपट (input) को लकर कोई भदभाव नही करता अगर हम अपन मन म डर शका नफरत क भाव भर तो यह आ म सझाव इन सभी भाव को सिकरय बनाकर हकीकत म बदल दगा हमारा अवचतन मन एक डाटा बक की तरह ह अवचतन मन एक गाड़ी की तरह ह और चतन मन एक डराइवर की तरह शिकत तो गाड़ी म होती ह मगर उसका कटरोल डराइवर क पास होता ह

हम अवचतन मन को इस तरह ढालन की ज रत ह िक वह हम सही और ठीक रा त पर ल जा सक अवचतन मन एक बगीच की तरह होता ह िजस कोई परवाह नही होती िक आप कस पौध लगात ह यह िनरपकष (neutral) होता ह इसम अ छा बोन पर अ छा िमलता ह अ यथा जगली पौध उग जायग

बि क अ छ बीज बोन क बावजद जगली पौध उगन बद नही होत आव यकता होती ह उ ह उखाड़ फकन का िसलिसला जारी रखन की इसी िसदधात को कमरचािरय क मामल म समझन की ज रत ह हम याद रखना ह िक सही और गलत िवचार मन म एक साथ नही रह सकत आव यकता उनक अवचतन मन को इस तरह ढालन की ह िक उनम अ छी आदत का िवकास हो दरअसल अवचतन योगयता वह होती ह जब हम यान दन और सोचन की यादा ज रत नही होती कय िक यह हमार यवहार म खद ब खद उतरन लगा ह िजस स थान क कमरचारी इस तर पर पहच जात ह उनम अ छी आदत वयमव घर करन लगती ह जब बरी आदत हमार अवचतन योगयता क तर तक पहच जाती ह तो वह कावट उ प न करती ह

पिरवतरन का िवरोध बरी आदत को पहचान लन क बाद भी अकसर दखा गया ह िक

लोग उ ह बदलत नही ह ऐसा आिखर कय होता ह उनक न बदलन का कारण ह िक व िज मदारी को वीकार करन स इनकार करत ह

हम अवचतन मन को इस तरह ढालन की ज रत ह िक वह हम सही और ठीक रा त पर ल जा सक अवचतन मन एक बगीच की तरह होता ह िजस कोई परवाह नही होती िक आप कस पौध लगात ह

प ठ 19

अकषय कराित अपनी उन आदत को बनाय रखन म उ ह जो आनद िमलता ह वह पिरवतरन क ददर स यादा होता ह इसक िन निलिखत कारण हो सकत ह -- 1 पिरवतरन की इ छाशिकत का अभाव 2 पिरवतरन क िलए आव यक अनशासन की कमी 3 िव वास की कमी 4 आव यक जानकारी की कमी परबधन वारा इन िबदओ पर िवचार कर अपन किमरय म आशातीत पिरवतरन लाया जा सकता ह सामा यतः खराब आदत को न बदलन क बहान िदय जात ह और कहा जाता ह -- हम लोग इसी तरह करत ह या िक म नही समझता इसस कोई फकर पड़गा और कछ न िमला तो कह िदया जाता ह म बहत य त ह अ छी आदत का िन पण

आदत म पिरवतरन लाया जा सकता ह आव यकता ह इसक िलए सही पिरवश का िनमारण करन की कमरचािरय को परिशिकषत करन की परिरत करन की और ऐसी ि थितया उ प न करन की िजसस कमरचािरय म अ छी आदत का िन पण हो सक दरअसल सफल लोग का राज यह ह िक व काम करन की उन आदत को डाल लत ह जो असफल लोग करना नही चाहत य वही काम ह िज ह सफल लोग भी करना

नही चाहत लिकन व िफर भी करत ह उदाहरण क िलए असफल लोग अनशासन और महनत करना पसद नही करत सफल लोग भी अनशासन और कड़ी महनत नापसद करत ह लिकन व िफर भी ऐसा करत ह कय िक य लोग उन काम को करन की आदत डाल लत ह िज ह असफल लोग नही कर पात नजिरय और सोच का तरीका एक आदत ह और इस बदला जा सकता ह सही ि ट और सतलन कमरचािरय म काम क सबध म सही ि ट बनाय रखन की परवि त िवकिसत करना ज री ह जब कछ गलत हो रहा होता ह तो उस ठीक करना परबधन का ही काम होता ह समझा यह जाता ह िक परायः हम गलत हो रह काम को लकर इतन िचितत हो जात ह िक जो सही हो रहा ह उस भी अनदखा करन की हमम आदत होती ह

दरअसल सफल लोग का राज यह ह िक व काम करन की उन आदत को डाल लत ह जो असफल लोग करना नही चाहत

प ठ 20

अकषय कराित उदाहरण क िलए अगर िकसी स कोई गलती हो जाती ह तो हम एकदम उस पर िच ला पड़त ह या उसक िव दध काररवाई कर बठतहअ छा यह रहगा िक आप उस अलग ल जाकर अकल म बात कर अगर परशसा करनी हो तो सबक सामन कर

अगर िकसी स सहमित न बन तो उस पर करोध करना ज री नही ह अगर अपन करोध पर काब रखग तो लोग अपनी असहमित को अ यथा नही लग अगर आप अपन िवचार को खला रखग तो दसरी ओर स भी आप ऐस ही यवहार की अपकषा कर सकत ह परायः लोग अपनी सहमित कछ इस तरह जतात ह िक सामन वाला भी अपनी बात पर अड़ जाता ह समझन की बात यह ह िक सभी ि थितय म कवल तकर ही काफी नही होगा िकसी स असहमत होन म भी यवहार कशल होना ज री ह सबस पहल तो दसर को अपना पकष रखन का मौका द उसकी बात सन और जहा तक हो सक उसस अपनी सहमित भी परकट कर और िजन बात पर सहमित न बना सक उस समझाए

हमम स अिधकाश लोग उन किमरय और उनकी गलितय पर अ यिधक यान दत ह िजनक िलए हम काम करत ह पर अपन किमरय पर नज़र डालना भल जात ह अगर वय को उन लोग की नजर स दखा जाए तो आशातीत पिरणाम दखन को िमलत ह

आ म मथन आप कया करना चाहत ह कसा करना चाहत ह - इस सोच को

वतरमान म अपन अदर मथन करन को आ म-सझाव कहत ह एक बार सब म जब इसकी पिरपाटी श हो जाती ह तो यह हमार अदर िवजञापन की तरह काम करता ह अपन बार म अपन िलए अदर ही परचािरत करता ह इसका हमार चतन और अवचतन (Sub-concious) मन दोन पर परभाव पड़ता ह अततः यह हमार नजिरए और यवहार को परभािवत करता ह और धीर-धीर आदत का प लता ह यह दरअसल अपन अवचतन मन को ढ़ालन या परोगराम करन की िविध ह

हमम स अिधकाश लोग उन किमरय और उनकी गलितय पर अ यिधक यान दत ह िजनक िलए हम काम करत ह पर अपन किमरय पर नज़र डालना भल जात ह

प ठ 21

अकषय कराित आ म-सझाव अ छ या बर हो सकत ह जब हम बर आ म-सझाव को बार-बार दोहरात ह तब हमारा अवचतन मन उन पर िव वास करन लगता ह और हम उसी को वा तव म यवहार करन लगत ह सकारा मक आ म-सझाव को बार-बार मथन करन स उसकी हमार िदलोिदमाग म त वीर बन जाती ह और वही असिलयत का प लन लगता ह एक उदाहरण क िलए जब कभी हम सबह 0600 बज टरन पकड़नी हो और हमार पास अलामर घड़ी न हो तो हम मन म कहकर उठत ह िक 0400 बज उठना ह तो कया हम नही उठत अगर उठत ह तो इसक पीछ आ म-सझाव ही काम करता ह आ म-सझाव एक रा ता ह िजसस हम अपन िदमाग को परोगराम करक ढ़ालत ह सकारा मक आदत को िवकिसत करन म आ म-सझाव की परवि त मह वपणर िसदध हो सकती ह हमार नजिरए और आदत को तय करन वाल कारक हमार नज़िरए को मखयतः तीन कारक परभािवत करत ह - वातावरणः घर कल आिफस मीिडया सा कितक प ठभिम धािमरक प ठभिम परपराए और भाषाए सामािजक-राजनितक माहौल - य सब िमलकर एक तहजीब बनात ह चाह घर हो या आिफस या अ यतर - हर जगह हर िकसी की अपनी तहजीब होती ह उदाहरण क िलए हम एक दकान म जात ह तो वहा का स समन बड़ अदब वाला होता ह लिकन वही जब दसरी दकान पर जात ह तो वहा का स समन कभी-कभी बड़ा खा और बदतमीज िमल जाता ह उसी तरह िकसी क घर म यार भरा माहौल िमलता ह तो िकसी क घर म हमशा लड़ाई-झगड़ का इसी तरह जब सरकार और राजनीितक माहौल ईमानदारी का होता ह तो लोग भी ईमानदार मददगार और कानन का पालन करन वाल होत ह बईमान और भर ट माहौल म िजस तरह एक ईमानदार का जीना मि कल होता ह उसी तरह ईमानदारी भर माहौल म बईमान यिकत को मि कल होती ह िन सदह अ छ वातावरण म मामली कमरचारी म वमव अ छी आदत िवकिसत होती ह और उसकी कायर करन की शिकत बढ़ जाती ह जबिक खराब माहौल म अ छा काम करन वाल की भी कषमता िगर जाती ह

सकारा मक आदत को िवकिसत करन म आ म-सझाव की परवि त मह वपणर िसदध हो सकती ह

प ठ 22

अकषय कराित कायर-स कित का बहाव ऊपर स नीच की ओर होता ह नीच स ऊपर की ओर कभी नही यह दखना बहत ज री ह िक हमन अपन िलए और आस-पास क लोग क िलए कसा वातावरण तयार िकया ह खराब वातावरण म अ छ की उ मीद करना बमानी ह अनभवः हम अपन जीवन म अपन काम-काज म हालात स जसा अनभव पात ह वह हमारी आदत का िह सा बन जात ह और उसी क अनसार हमारा यवहार होता ह अगर िकसी क परित हमारा अनभव अ छा होता ह तो हमारा नज़िरया भी अ छा होता ह ज री ह िक कमरचािरय को ऐसा कायर-पिरवश िमल िजसस उनक अवचतन म अ छ अनभव की छाप अिकत हो

परिशकषण भी ज़ री यहा िसफर सदधाितक जञान ही काफी नही होता बि क औपचािरक और अनौपचािरक दोन ही तरह की िशकषा व परिशकषण ज री ह जञान और जानकारी को यिद योजनाबदध तरीक स परयोग िकया जाए तो उसस बौिदधक तर को बढ़ान म आशातीत सफलता िमलती ह काम करन की कला अ छी िशकषा स ही आती ह ज री ह िक परिशकषण म मनोवजञािनक सामािजक आिथरक व अ य पहल को समझन की आदत िवकिसत की जाए अवचतन म यह िबठाना बहत ज री ह िक जीवन की भ यता काम क वारा ही सभव ह स थान म सभी को लगना चािहए िक उनका काम मह वपणर ह यही परबधन कला का सार ह जब कमरचािरय को ऐसा एहसास होन लगता ह तो उनक नज़िरए म बदलाव आन लगता ह उपसहारः काम क परित लोग म अ छी आदत िन िपत करन और उनम उ साह जगान स कायर-िन पादन म िनरतर िनखार आता ह दरअसल हर यिकत म मानिसक और शारीिरक ऊजार उ प न होती ह िजसक िलए काम ही सबस अ छा िनकास ह एक िवचारक क अनसार lsquoआप पछत ह म लगातार काम कय करता ह

यहा िसफर सदधाितक जञान ही काफी नही होता बि क औपचािरक और अनौपचािरक दोन ही तरह की िशकषा व परिशकषण ज री ह

प ठ 23

अकषय कराित इसका वही कारण ह िजस कारण स मगीर अ ड दती जाती ह rsquo काम क िबना इसान घट सा जाता ह उस काम की उतनी ही ज रत होती ह िजतनी हवा की आव यकता ह िक उस सही वातावरण उपल ध करान और सही िदशा म अिभपरिरत करन की व ततः हर यिकत अदर स गिरमा और आ मस मान की चाह रखता ह आव यकता ह उस अतःपरिरत करन की लोग को खद स परिरत करन क िलए हम उनकी ज रत और इ छाओ को समझना होगा पररणा कायरकषमता और आदत क बीच सीधा सबध ह जो लोग उतना ही काम करत ह िक उनकी नौकरी बची रह तो ऐस लोग िकसी भी स थान क िलए मह वपणर नही हो सकत अतपररणा स सोच म बदलाव लाया जा सकता ह पररणा आग क समान होती ह

कमरचािरय को िजतना परिरत िकया जाएगा उनम उतनी ही सकारा मक आदत का िवकास होगा कमरचािरय को उिचत स मान दकर उनक कायर को अिधक मनोरजक बनाकर परबधन वारा उनकी बात को गौर स सनकर उनकी सम याओ और सझाव पर गौर करक उ ह वय ल य िनधारिरत करन क िलए परो सािहत करक िवकास क नय अवसर उपल ध कराकर आव यकतानसार समय-समय पर समिचत परिशकषण िदलाकर तथा नयी चनौितय स जझन क िलए परो सािहत करक िन सदह उनक आचार और यवहार को सकारा मक िदशा म पाियत िकया जा सकता ह

कमरचािरय को िजतना परिरत िकया जाएगा उनम उतनी ही सकारा मक आदत का िवकास होगा

ई-पितरका म लख आिद म परकट िवचार

मलतः लखक क ह तथा यह आव यक नही ह िक

इरडा भी इन िवचार स सहमत हो

प ठ 24

अकषय कराित

िबिटया

आख म मोती लकर तम िबिटया जाती हो हा जाओ िशकषा का उपहार द रह िवदा समय यह लो ल जाओ इन पराण म परीित त हारी ममता क धन िसदरी इन नयन की बद पली परकट करती ह मजबरी लाचारी ह िफर पराण म क य ह इतनी आकलता

जब इस रीित पर पराओ म वश न िकसी का ह चलता िपतकल को तजकर अब िबिटया पित-कल म जाना होगा

नटखटपन को छोड़ धमर का ही िजसम बाना होगा इस घर की तम बड़ी लाडली पराण स यारी िबिटया

चली लाकर आज सभी को िपता की कर सनी किटया िजन हाथ न लाड़ चाव स अब तक था िजसको पाला उन हाथ न ही िबिटया को दलह राजा जी को द डाला

िजसका दख जरा मन मला हो जाती थी हरानी क यादान उसी का कर क दय बनाया पाषाणी

िकया न जाता था पल भर को इन आख स दर िजस मोती झरत िवदा द रहा आज सकल पिरवार उस अपनी मा क जीवन की तम परित-पल हो आधार रहो

िवजयता िपता क दय मिदर की िबिटया तम साकार रही आज जीवन क सख-दख सार वही िबतान तम लो जान आओगी जब कभी यहा तम होगी महमान समान

सतीश कमार कलावत इरडा

इस घर की तम बड़ी लाडली पराण स यारी िबिटया चली लाकर आज सभी

को िपता की कर सनी किटया

प ठ 25

ससराल की कभी बराई कही न मह पर आ जाव धमर कमर क तर य पथ म पाव नही िडगन पाव

सात परितजञाय जो तमन अिग नदव स मख की धारण द पि त जीवन का मह व ह करना स च मन स पालन

बटी इन सात बचन का यान दय म रह सदा दोन कल की लाज इसी म भला न दना इस कदा पित ही ह सवर तर त हार पित ही को जीवन समझो

जो कछ कह उसी को मान उनको िबिटया तम धन समझो शीलवती तम बन िबिटया पित-भक त मना सदर िनस दह वय उपजग क प-वकष घर क अ दर

पहन सिशकषा की साड़ी को शभ गण भषण अपनाओ दस लकषण शभ लकषण धार िन य नय मगल गाओ यह िशकषा उपहार दय का तम को राह िदखायगा भल भटक कर भी अिधयारा पास न आन पायगा

हम सब की आख स मोती उर स िनकल रही आशीष सभी सख स पणर परफि लत कर त ह दलह राजा की ईश

अकषय कराित

िजन हाथ न लाड़ चाव स अब तक था िजसको पाला उन हाथ न ही िबिटया को दलह राजा जी को द डाला

प ठ 26 अकषय कराित

ldquoपयारवरणrdquo श द पिर+आवरण स बना ह अथारत बा य आवरण को ही पयारवरण कहत ह इस बा य आवरण का ता पयर हमार चार ओर क वातावरण और पिरवश स ह िजस हम दसर श द म परकित भी कह सकत ह प वी पर िव यमान सपणर जीव-जगत क अि त व जीवन-यापन एव चहमखी िवकास म परकित की मह वपणर भिमका ह मानव बिदधजीवी पराणी ह और परकित क मह व स भली-भाित पिरिचत होन क कारण ही सिदय स परकित की पजा करता रहा ह

विदक काल स ही परकित तथा मानव क बीच जीवन ततर का अटट सबध रहा ह हमार पराचीन ऋिष-मिनय न प वी म हवा पानी िमटटी पड़-पौध जीव-ज तओ और मानव क सिकरय सहयोगा मक सतलन को यान म रखकर ही परकित को प य माना धमर क साथ परकित को जोड़कर उ ह न परकित को पयार त मह व िदया व जानत थ िक िजस परकार जीवन क िलए भिम की आव यकता होती ह उसी परकार वन पितया व अ य पराणी भी आव यक ह य सभी परकित क अिभ न अग ह इनम स एक क भी न ट होन का परभाव दसर पर पड़ता ह और पिरणाम व प पराकितक असतलन पदा हो जाता ह व तत प वी म हवा पानी िमटटी पड़-पौध जीव-ज तओ और मानव का सिकरय सहयोगा मक सतलन रहता ह पड़-पौध भिम को उपजाऊ बनात ह िमटटी को बाधकर रखत ह बरसात करवान तथा जल एव वाय को व छ रखन म सहायक होत ह परत आज क बढ़त औ योिगकीकरण और शहरीकरण न परकित और मानव क बीच असतलन उ प न कर िदया ह यह असतलन अिशकषण बढ़ती जनसख या शहर की ओर पलायन वकष की कटाई गगनचबी इमारत बड़-बड़ उ योग की थापना आिद क कारण ह और यही पयारवरण परदषण क मख य कारण ह मटरोपोिलटन एव बड़ शहर म अनक काबरिनक और अकाबरिनक गस जस ndash काबरन-मोनोऑक साइड अमोिनया आिद परदषण क मख य ोत ह

वतरमान पयारवरण -21वी सदी की चनौती

लख सरीन सल

विदक काल स ही परकित तथा मानव क बीच जीवन ततर का अटट सबध रहा ह

प ठ 27 अकषय कराित मन य न अपनी भितक सख-सिवधाओ की आपित र क िलए परकरित स

िखलवाड़ िकया ह वतरमान मशीनी यग म मन य वारा परकित क अ यिधक दोहन एव िनत नए कारखान की थापना स पयारवरण सकट उ प न हआ ह मानव न परकित क साथ जो अ यायपणर यवहार िकया ह उसी क फल व प परकित का िवरोधी रवया हआ ह िजस भिव य म सह पाना मि कल होगा

अिशकषा क कारण दश की तजी स बढ़ती आबादी क आवास की मलभत आव यकता को परा करन क िलए वकष की कटाई करक ऊची-ऊची इमारत बनाई जा रही ह वकष की अधाधध कटाई स भिम की ऊवररा शिक त का तो ास हो ही रहा ह साथ ही परदषण जसी िवकराल सम या भी ज म ल रही ह

परदषण पयारवरण क ास का परमख कारण ह िवकासशील दश िनत नए उ योग की थापना करक बराजगारी की सम या को तो दर कर रह ह िकत इसस जल वाय विन तथा िविभ न परकार क परदषण बढ़ रह ह कल-कारखान और मोटर स िनकलन वाल धए स वाय परदषण हो रहा ह जल थल व नभ क मागर पर शिक त चािलत वाहन विन परदषण का मख य ोत ह शहरीकरण और औ योिगकीकरण क कारण शदध पयजल की सम या िवकराल प धारण कर रही ह कारखान स िनकलन वाल कड़-कचर क निदय म िमलन स जल परदषण हो रहा ह रासायिनक खाद और कीटनाशी दवाओ स मदा परदषण का खतरा बन गया ह

इस परकार जनसख या विदध शहरीकरण औ योिगकीकरण एव परदषण जसी सम याओ न पयारवरण को बरी तरह परभािवत िकया ह आज सपणर िव व पयारवरण को लकर िचितत ह इस भयावह ि थित स बचन क िलए पर यक यिक त को पयारवरण क परित जाग क करना आज की अिनवायर आव यकता ह

इस िदशा म सवरपरथम िनरकषरता को समा त िकया जाना चािहए साकषर भारत की पिरक पना म जनसख या विदध दर वय िनयितरत हो जाएगी करल रा य इसका परमाण ह जहा साकषरता क साथ-साथ जनसख या िनयतरण भी ह

जल थल व नभ क मागर पर शिक त चािलत वाहन विन परदषण का मख य ोत ह

प ठ 28 अकषय कराित

इसक बाद बात आती ह परदषण िनवारण की आज िव व भर क

वजञािनक और पयारवरणिवद इस िदशा म कायररत ह सवरपरथम वन क काटन पर परितबध लगाया गया ह और वन सपना क िव तार हत वकष लगान क िलए परो सािहत िकया गया इसक िलए सरकार की ओर स वकष आिद िनश क उपल ध कराए जात ह ldquoपयारवरण परदषण स थाrdquo और व छ वाय अिधिनयम जस िविधक उपाय स वाय परदषण पर रोक लगान का परयास िकया जा रहा ह जहरील धआ उगलन वाल कारखान तथा वाहन पर भारी आिथरक दड का परावधान ह िविभ न सचार मा यम mdashदरदशरन समाचार-पतर तथा आकाशवाणी क मा यम स जनता को पयारवरण क परित जाग क करन क परयास िकए जा रह ह निदय म खलन वाल परदषण ोत को बद करन की योजनाए चलाई जा रही ह पािलथीन क परयोग को बद करन क िलए चलाया जा रहा ह अिभयान भी परशसनीय ह

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह इस खतर स सपणर भमडल का अि त व न ट हो जाए इसस पहल हम पयारवरण की सरकषा करन का सक प लना होगा

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह

िस धी होन क प चात भी मझ बगाली रीित िरवाज़ िमठाइया यहा का पहनावा अगरज क ज़मान की बनी सरचनाए एव भवन इ यािद म बहत िदलच पी एव िच थी

प ठ 29 अकषय कराित

यातरा स मरण-कोलकाता-खिशय हषर का शहर(िसटी ऑफ जॉय)

सोिनया सिह वानी पीईसी िलिमटड

म पी ई सी िलिमटड नामक कपनी क िविध ककष म उप िविध परबधक क पद पर कायररत ह सन 2010 जन स इस कपनी म मन परबधन परिशकष क प म अपनी पहली नौकरी की श आत की पी ई सी िलिमटड वािण य मतरालय क अतगरत आन वाली आयात-िनयारत यापार स स बिधत क पिनय म स एक ह इस स दभर म जनवरी 2011 म िविभ न िवभाग क परबधन परिशकषओ को ओिरएटशन हत काडला कोलकाता इ यािद शहर म भजन का कायरकरम िनि चत िकया गया कोलकाता क पास हि दया पोटर होन क कारण कोलकाता शहर चना गया जहा पी ई सी वारा आयात की गयी व तए पोटर गोदाम म रखी जाती ह साथ ही म कोलकाता पोटर िभ न गोदाम इ यािद दखन की यव था की गयी एव सची म समावश िकया गया यह सनकर मरी ख़शी का िठकाना न रहा क य िक मन कोलकाता शहर क बार म सना बहत था पर त कभी दखा न था िस धी होन क प चात भी मझ बगाली रीित िरवाज़ िमठाइया यहा का पहनावा अगरज क ज़मान की बनी सरचनाए एव भवन इ यािद म बहत िदलच पी एव िच थी आिखरकार मझ मौका िमला और जनवरी की कड़ाकदार ठ ड क बीच हम एक रिववार शाम कोलकाता राजधानी स अपनी मिजल की और िनकल पड़ िद ली स कोलकाता क सफ़र क बीच हमारी गाड़ी इलाहाबाद गया िबहार तथा धनबाद जस शहर स होत हए बगाल की ओर पहची हसत-गात खलत-खात हए हम अगली सबह हावड़ा जकशन पहच गए रलगाड़ी स उतर कर टशन स बाहर िनकलत ही मझ िसटी ऑफ जॉय क नाम स मशहर कोलकाता की पहली झलक िदखाई दी ऐसा लगा मानो मझ भारत क दो पहल एकसाथ जीत हए नज़र आए एक तरफ थ टशन स बाहर एव अ दर जात हए स दर कपड़ गहन म लद हए कोलकाता क बगाली िनवासी साथ म बड़ी-बड़ी गािड़य म घमत कोलकाता क नौजवान और ठीक दसरी तरफ मरी नज़र पड़ी हगली नदी पर बन परिसदध हावड़ा िबरज पर िजस दख एक अलग ही दिनया का एहसास हआ

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह

िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी

एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया नतीजा मर समकष था

प ठ 30 अकषय कराित

हावड़ा िबरज पर हर तरफ लोग का जमावड़ा था इतन लोग दख िद ली क चादनी चौक की याद आ गयी ऐसा लगा मानो म 50 साल पीछ िकसी लक एव वाईट दिनया म कदम रख चकी थी िबरज क दोन तरफ सामान बचत हए दकानदार िखलौन मछली रख हए औरत एव छोट-छोट ब च मख य शहर स हावड़ा जान वाल आम आदमी मजदर की तज़ र तार फरी स र ता पार करन वाल यापारी इन सब को दख लगा कोलकाता म मबई जसी भागम भाग भी थी िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया नतीजा मर समकष था जस-जस म कोलकाता शहर क भीतर आन लगी मझ इस शहर क िवकास की झलक िदखाई दी एक तरफ थी ऊची ईमारत सदर िवशाल िव यासागर सत पल बड़-बड़ होटल माल कोलकाता उ च यायालय राईटसर िबि डग मशहर इडन गाडरन टिडयम इ यािद तो दसरी तरफ था िवक टोिरया ममोिरयल अगरज की वा तकला क अनसार िदखती लाल ईटो की इमारत िवक टोिरयल सरचनाए भवन छोटी-छोटी पटिरय पर समान बचत नया बाज़ार (New Market) क दकानदार एव िवक टोिरया ममोिरयल क बाहर चलत सलािनय क िलए रथ वाल घोड़ हमारा होटल जसीबोस सड़क पर ि थत था एव सिवधाओ स भरपर था पर त मन य जाना िक असली कोलकाता का मज़ा गाड़ी म नही अथवा िरक शा ऑटो तथा साल स चलती आ रही सड़क पर टराम म था

हर तरफ मझ पील रग की टिक सया िदखाई दी सब एक समान थी तथा मरसीडीज़ गाड़ी क बगल म चलती 1-2 पय म सफ़र की जान वाली टराम भी साथ िदखाई दी परी िजदगी िद ली म यतीत करन क बाद हर नए शहर का रहन-सहन बोल-चाल रीित-िरवाज़ जानन की जाग कता मझम हमशा रही पहल ही िदन स कोलकाता मझ रास आया जस िक कहत ह lsquoकोलकाता हमार खब भाला लागली छ rsquo कहन का ता पयर य िक मझ कोलकाता बहत अ छा लगा पहल िदन िक शाम को हमन य मािकर ट म खरीददारी करन का मन बनाया म हरान थी िक वहा चीज िकतनी स ती िमल रही थी िद ली क मतािबक एक ितहाई दाम पर चिडया गहन बग जत कत इ यािद िमल

िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया

प ठ 31 अकषय कराित य मािकर ट िद ली क लाजपत एव सरोिजनी नगर समान ह कम

दाम म अ छा समान िमला कोलकाता चमड़ क िलए भी मशहर ह एव परिसदध ी लदसर दकान भी इस बाज़ार म ि थत ह यहा खरीदारी का हमन खब ल फ़ उठाया

अगल िदन हम हि दया पोटर गए एव अनक जहाज़ दख 3-4 घट की दरी पर ि थत यह पोटर अनक एकड़ म फला हआ था पहली बार इतन बड़ जहाज़ को अदर स दख खब आनद आया तीसर िदन हम काली बाड़ी मिदर गए बगाली अ यत पाठ-पजा वाल दगार मा क स च उपासक ह यह सब जानत ह दगार पजा इनका लोकिपरय उ सव ह तथा काली मा एव दगार मा की स च मन स पजा करत ह कोलकाता क िनवासी भिक त भावपणर ह यह सना था अब खद दख भी िलया बगाली र म स पजा करन का य मौका अ यत आनदमयी था इसक अलावा काली बाड़ी क नज़दीक ही ि थत ह गौिरहाट बाज़ार यहा की दकान बगाली सािड़या कपड़ सट कत इ यािद क िलए परिसदध ह आिद धक तशवर नामक मशहर दकान म जाकर मरा भी मन िकया िक म भी खरीददारी क मर सािथय न बहत सािड़या खरीदी एव दाम दखकर म दग रह गई सदर स सदर साड़ी मातर 600700 पय की थी मन बगाल की मशहर लाल एव सफद िपरट की साड़ी भी खरीदी कोलकाता म खरीददारी का अलग की मज़ा ह उसी िदन शाम हम सा ट लक िसटी मॉल गए वह सा ट लक टिडयम क नज़दीक ह यहा िदखाई िदया कोलकाता का परगितशील प नौजवान फटबाल की जसीर पहन माल म घम रह थ एक स एक

मशहर बरड वहा मौजद थ इसक अलावा कोलकाता क िनवासी खब मनोरजन क शौक़ीन ह सगीत नाच गाना इ यादी म िच रखत ह कोलकाता म जगह-जगह सगीत कला अकडमी तथा पढ़न (रीिडग) क क लब ह अगरज क शौक तथा रहन-सहन की झलक आज भी यहा िदखती ह यहा क नौजवान को खल-कद म भी खब िदलच पी ह फटबाल का तो जस यहॉ सबको जनन ह

भारत क परिसदध मोहन बगान फटबाल क लब फटबाल क वहा क नौजवान ही नही परा शहर ही दीवाना ह भारत-पाक मच हो या आई पी एल इडन गाडरन मदान लोग स खचा-खच भरा रहता ह अफ़सोस म वहा अदर जा न सकी

इसक अलावा काली बाड़ी क नज़दीक ही ि थत ह गौिरहाट बाज़ार यहा की दकान बगाली सािडया कपड़ सट कत इ यािद क िलए परिसदध ह

प ठ 32 अकषय कराित

मर सफर क आखरी िदन म मन कोलकाता क लोग म एकता क नजार दख िविभ नता म भी एकता का उदाहरण दखा चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख िजस िदन हम कोलकाता पहच थ उसी िदन वहा शहर बद था और मन एक जट होकर लोग को अपनी बात कहत हए दखा एव सना यहा क लोग अपन शहर क िवकास बहतरी क िलए जाग क ह िज मदारी लत ह तथा सरकार को अपनी बात भली-भाित कहत ह लड़िकय औरत की इ ज़त करत ह एव यहा िक मिहलाओ को मन िनदरलीय पाया जहा एक ओर भारत की राजधानी होन क बावजद िद ली वाल अपनी िजदगी म मगन रहत ह वही दसरी और कोलकाता म अमीरी-गरीबी िभ न जाितय म भी एक जटता ह कपड़ा एव खाना आज भी यहा खब स ता िमलता ह पर त दसरी तरफ सब जानत ह िक बड़-बड़ उ योगपित िव वान लखक िखलाड़ी गायक अिभनता िनदशक यहा स उभर ह सािह य हो या लख बॉलीवड हो या िकरकट बगाल न भारत को अनक नाम एव गौरव िदए ह चाह सौरव दादा हो या रिव दर नाथ टगोर ममता बनजीर रानी मखजीर हो या योित बस भारत म इनकी भिमका का वणरन करन की ज रत नही

मन कछ िदन क कोलकाता क सफर म इस शहर को जानन समझन का परयास िकया हगली नदी क िकनार खड़ होकर समदर को दखा निदय को िनहारा िव यासागर सत िबरज की सदरता िवशालता को सराहा क सी दास की परिसदध िमठाई का ल फ उठाया मन बहत शहर घम पर त यह सफर मर िलए सबस यादगार रहा कोलकाता परगित क मागर पर िनरतर बढ़ रहा ह पर त आज भी वह अपनी जड़ नितक म य को नही भला ह एक आम आदमी आज भी टराम म या फरी स सफर करता ह यहा क िनवासी दो पय स लकर 500 ० का खाना खात ह पराना एव नया कोलकाता एक साथ जीिवत ह िसक क क दो पहल की तरह कोलकाता क यह दो प को एक साथ रहत दख बहत आनद आया

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 33 अकषय कराित

जल परकित का अनपम उपहार ह मानव जाित अपन परादभारवकाल स ही इस उपहार का उपयोग अपन िहत क िलए करती आई ह जल वह पराकितक उपहार ह िजसका कोई िवक प नही ह इसिलए जल को अमतया जीवन भी कहा गया ह जल क िबना जीवन की सभावना भी नही ह पर यकष प स तो जल की मानवीय आव यकता सीिमत ह परत परोकष आव यकताओ पर नजर डाल तो दिनक जीवन की आव यकताए जस अ न फल स जी दध स लकर हमार पहराव आवास तक सब जल स जड़ हजल का जरा भी सतलन िबगड़ जाए तो जीवन यापन क टपरद होन म दर नही परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह जल क सामा य त य जल या पानी एक आम रासायिनक पदाथर ह जो जीवन क सभी जञात प क जीिवत रहन क िलए ज री ह आमतौर पर जल अपनी दरव अव था म उपयोग म लाया जाता ह पर यह ठोस अव था बफर और गस अव था जल वा प या भाप प म भी पाया जाता ह प वी क लगभग तीन चौथाई िह स पर िव व क महासागर का अिधकार ह अनमानत प वी पर जल की कल मातरा लगभग 1400 िमिलयन घन िकलोमीटर ह जो िक प वी पर 3000 मीटर गहरी परत िबछा दन क िलए काफी ह तथािप जल की इस िवशाल मातरा म व छ जल का अनपात बहत कम ह प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह शष जल झील निदय वायम डल नमी मदा और वन पित म मौजद ह जल की जो मातरा उपभोग और अ य परयोग क िलए व ततः उपल ध ह वह निदय झील और भजल म उपल ध मातरा का छोटा-सा िह सा ह इसिलए जल ससाधन िवकास और परब ध की बाबत सकट इसिलए उ प न होता ह कय िक अिधकाश जल उपभोग क िलए उपल ध नही हो पाता

परभावी जल परबधन और दश का िवकास

दीपक आहजा ओएनजीसी िवदश

प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह

प ठ 34 अकषय कराित

और दसर इसका िवषमतापणर थािनक िवतरण इसकी एक अ य िविश टता ह फलतः जल का मह व वीकार िकया गया ह और इसक िकफायती परयोग तथा परब ध पर अिधक बल िदया गया ह प वी पर उपल ध जल जल-चकर क मा यम स चलायमान ह जल लगातार एक चकर म घमता रहता ह िजस जलचकर कहत ह इसम वा पीकरण वषार और बह कर सागर म पहचना शािमल ह हवा जल वा प को थल क ऊपर उसी दर स उड़ा ल जाती ह िजस गित स यह बहकर सागर म पहचाता ह जल चकर का िचतर नीच पर तत िकया गया ह

अिधकाश उपभोकताओ जस िक मन य पशओ अथवा पौध क िलए जल क सचलन की ज रत होती ह जल ससाधन की गितशील और नवीकरणीय परकित और इसक परयोग की बार बार ज रत को ि टगत रखत हए यह ज री ह िक जल ससाधन को उनकी परवाह दर क अनसार मापा जाए इस परकार जल ससाधन क दो पहल ह अिधकाश िवकासा मक ज रत क िलए परवाह क प म मािपत गितशील ससाधन अिधक परासिगक ह आरिकषत भ डार की ि थर अथवा िनयत परकित और साथ ही जल की मातरा तथा जल िनकाय क कषतर की ल बाई व म यपालन नौ सचालन आिद जस कछक िकरयाकलाप क िलए भी परासिगक ह

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 35 अकषय कराित

जल का यय अप यय जल क बार म एक नही कई च कान वाल त य ह िव व म और िवशष प स भारत म जल िकस परकार न ट होता ह इस िवषय म जो त य सामन आए ह उस पर जाग कता स यान दकर जल क अप यय को रोका जा सकता ह अनक त य ऐस ह जो हम आन वाल ख़तर स तो सावधान करत ही ह दसर स पररणा लन क िलए परो सािहत करत ह और पानी क मह व व इसक अनजान ोत की जानकारी भी दत ह प वी पर पदा होन वाली सभी वन पितया स भी हम पानी िमलता ह

आल और अनानास म 80 परितशत और टमाटर म 95 परितशत पानी ह पीन क िलए मानव को परितिदन 3 लीटर और पशओ को 50 लीटर पानी

चािहए भारत म 83 परितशत पानी खती और िसचाई क िलए उपयोग िकया जाता

ह इज़राइल म औसतन मातर 10 सटीमीटर वषार होती ह इस वषार स वह

इतना अनाज पदा कर लता ह िक वह उसका िनयारत कर सकता ह दसरी ओर भारत म औसतन 50 सटीमीटर स भी अिधक वषार होन क बावजद अनाज की कमी बनी रहती ह

िपछल 50 वष म जल क िलए 37 भीषण ह याकाड हए ह भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल

चलती ह पानी ज य रोग स िव व म हर वषर 22 लाख लोग की मौत हो जाती ह यिद बरश करत समय नल खला रह गया ह तो पाच िमनट म करीब 25

स 30 लीटर पानी बरबाद होता ह बाथ टब म नहात समय 300 स 500 लीटर पानी खचर होता ह जबिक

सामा य प स नहान म 100 स 150 लीटर पानी खचर होता ह िव व म परित 10 यिकतय म स 2 यिकतय को पीन का शदध पानी

नही िमल पाता ह परित वषर 6 अरब लीटर बोतल पक पानी मन य वारा पीन क िलए

परयकत िकया जाता ह मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 36 अकषय कराित

िद ली मबई और च नई जस महानगर म पाइप लाइन क वॉ व की खराबी क कारण रोज़ 14 स 44 परितशत पानी बकार बह जाता ह

निदया पानी का सबस बड़ा ोत ह जहा एक ओर निदय म बढ़त परदषण रोकन क िलए िवशषजञ उपाय खोज रह ह वही कल कारखान स बहत हए रसायन उ ह भारी मातरा म दिषत कर रह ह

भारत म जल सकट नासा की एक िरपोटर न पानी को लकर दश भर म बढ़ती जा रही लापरवाही क परित आख खोली ह इस िरपोटर म भारत म सख की ि थित पदा होन क िलए िज मवार कारण म स एक अहम कारण अधाधध जल दोहन को बताया गया ह बतात चल िक दश भर क 604 िजल म स 161 सख की मार झल रह ह वस अब बताया जा रहा ह िक सख की मार स बहाल िजल की सखया बढ़कर 246 हो गई ह यानी कहा जाए तो आधा दश सख की चपट म ह बहरहाल नासा की इस िरपोटर म बताया गया ह िक भारत क कई रा य कषमता स यादा जल दोहन कर रह ह यहा कषमता स ता पयर यह ह िक उनस िजतन सलाना जल दोहन की उ मीद कदर करती ह व उसस कही यादा जल दोहन कर रह ह नासा न यह अ ययन 2002 स 2008 क बीच

की ि थितय क आधार पर िकया ह इस िरपोटर म बताया गया ह िक पजाब हिरयाणा और राज थान हर साल औसतन 177 अरब कयिबक मीटर पानी जमीन क अदर स िनकाल रह ह जबिक कदर की तरफ स लगाए गए अनमान क मतािबक इ ह हर साल 132 अरब कयिबक मीटर पानी ही जमीन क अदर स िनकालना था इस तरह स दखा जाए तो य तीन रा य िमलकर कषमता स 30 फीसदी यादा पानी का दोहन कर रह ह जािहर ह िक िबना कछ सोच-िवचार जब इस पमान पर पराकितक ससाधन का दोहन िकया जाएगा तो परकित भी बदला लगी और वही हो रहा ह इस िरपोटर म यह भी बताया गया ह िक भारत का महज 58 फीसदी भजल ही हर साल िरचाजर हो पाता ह नासा की यह िरपोटर बताती ह िक अधाधध जल दोहन की वजह स पर उ तर पि चम भारत क भजल तर म हर साल 4 सटीमीटर यानी 16 इच की कमी आ रही ह इस अ ययन को अजाम दन म नासा क जल िवजञानी मट रोडल न अहम भिमका िनभाई ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 37 अकषय कराित

उनक हवाल स इस िरपोटर म बताया गया ह िक दश क उ तर पि चम कषतर म 2002 स 2008 क दौरान तकरीबन 109 कयिबक िकलोमीटर पानी की कमी हई ह यह मातरा िकतनी अिधक ह इसका अदाजा इसी स लगाया जा सकता ह िक यह अमिरका क सबस बड़ जलाशय लक मीड की कषमता स दगन स भी कही यादा ह अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह इस िरपोटर क मतािबक अगर अधाधध जल दोहन इसी तरह स जारी रहा तो आन वाल समय म भारत को अनाज और पानी क सकट को झलन क िलए अभी स तयार हो जाना चािहए जािहर ह िक जब जल सकट बढ़गा तो खती पर इसका गहरा परभाव पड़गा अनाज क उ पादन म कमी आएगी इस वजह स अनाज सकट पदा होगा और भख का एक नया चहरा उभरकर सामन आएगा एक बड़ा तबका जो आज भरपट भोजन कर पाता ह उसक िलए पट भर खाना िमलना मि कल हो जाएगा भखमरी की जो सम या पदा होगी उसस िफर िनपटना आसान नही होगा इसक अलावा पीन क पानी का टोटा तो होगा ही अभी ही दश क कई िह स ऐस ह जहा क लोग को पीन क िलए साफ पानी नही िमल पा रहा ह कई कषतर ऐस ह जहा गमीर क िदन म हडपप स पानी आना बद हो जाता ह वहा क लोग को हर साल बोिरग को कछ फट बढ़वाना होता ह यह सम या भजल तर क िगरत जान की वजह स ही पदा हई ह जब पीन क पानी का सकट पदा होगा तो बोतलबद पानी का कारोबार काफी तजी स बढ़गा कहन का मतलब यह िक िजसक पास पसा होगा वह अपनी यास बझा सकगा और िजसक पास पसा नही होगा उस अपनी यास बझान क िलए भी सघषर करना पड़गा ि थित की भयावहता की क पना ही िसहरन पदा करती ह भारत म दिनया का हर छठा आदमी रहता ह यानी कहा जाए तो दिनया क कल आबादी क तकरीबन सतरह फीसदी लोग भारत म रहत ह जबिक दिनया का महज साढ़ चार फीसदी पानी ही भारत म उपल ध ह ऐस म जल सम या स दो-चार होना कोई आनापिकषत बात नही ह एक बात तो तय ह िक पराकितक ससाधन म इजाफा तो नही िकया जा सकता ह लिकन इसका सरकषण अव य िकया जा सकता ह

अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह

प ठ 38 अकषय कराित

भारत म लोग िकसी एक मा यम स पयजल परा त करन पर िनभरर नही ह इस दश म 357 फीसदी लोग हडपप स 367 फीसदी लोग नल स 182 फीसदी लोग तालाब पोखर या झील स 56 फीसदी कओ स 12 फीसदी लोग पारपिरक साधन स और 26 फीसदी लोग अ य मा यम स पीन का पानी परा त करत ह इस िलहाज स अगर दखा जाए तो जल सकट को दर करन क िलए समगर कायरयोजना की ज रत ह

दरअसल भारत म गहरात जल सकट क िलए काफी हद तक पानी की बबारदी भी िज मवार ह यहा जल आपित र की यव था म काफी खािमया ह नल क जिरए घर तक पहचन वाल पानी का एक बड़ा िह सा िरस कर बबारद हो जाता ह हर शहर म फट हए आपित र पाइप आसानी स दख जा सकत ह इस बदहाल यव था क िलए सरकार क साथ-साथ सामा य लोग भी कम िज मदार नही ह एक तरफ तो सरकार पयजल क नाम पर हर साल हजार करोड़ पए का बजट बनाती ह और दसरी तरफ जमीनी तर पर हालात म कोई बदलाव नही िदखता ह सामािजक तौर पर भी जल सरकषण को लकर जाग कता का अभाव िदखता ह यह सामािजक तान-बान का ही असर ह िक लोग कही भी जल की बबारदी को दखकर उस सामा य घटना मानत हए नजरअदाज कर दत ह दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था यह अब घटकर 1800 कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर हो चका ह

दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था

प ठ 39 अकषय कराित

िवशषजञ का अनमान ह िक अगर पानी की खपत और बबारदी इसी तरह स जारी रही तो 2025 तक यह घटकर हजार कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर ही रह जाएगा उस समय तक पानी की उपल धता म आन वाली इस कमी की वजह स किष उ पादन म तीस फीसदी की कमी आन की सभावना ह इन पिरि थितय म दश की आिथरक और सामािजक ि थित का कया होगा इसका अदाजा सहज ही लगाया जा सकता ह भारत म जल सरकषण क परित आज भी आम लोग क मन म उपकषा का भाव बना हआ ह साथ ही इस कायर क िलए आव यक तकनीक की भी कमी ह जो तकनीक उपल ध ह उनस सामा य लोग अनजान ह बािरश क पानी का सगरह करक उस उपयोग म लाना एक अ छा िवक प ह पर इस तरह की कोिशश काफी सीिमत मातरा म काफी छोट तर पर हो रही ह यही वजह ह िक दश म होन वाली बािरश क पानी का अ सी फीसदी िह सा आज भी समदर म पहच जाता ह अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह अगर जल की इस िवशाल मातरा का आधा भी परयोग कर िलया जाए तो ि थित म यापक बदलाव आना तय ह शहरी कषतर म तो पानी की कालाबाजारी जोर पर ह जगह-जगह पर जल मािफया सिकरय हो गए ह िद ली क ही एक अखबार न कछ समय पहल यह बात उजागर िकया था यहा तो समानातर जल बोडर भी चलाया जा रहा ह हरानी की बात तो यह ह िक इसक बावजद भी पानी क काल धध पर अकश नही लगाया जा सका ह अहम सवाल यह ह िक कस सामा य तबक क लोग तक व छ पानी पहचाया जाए शहरी कषतर क साथ-साथ गरामीण कषतर म भी यह एक बड़ी चनौती ह आबादी म अपर यािशत विदध बढ़त शहरीकरण औ योिगकीकरण और किष उ पाद की बढ़ती माग क कारण पानी की माग िपछल कछ साल म वाभािवक प स बढ़ी ह इसक पिरणाम व प भजल ससाधन का अ यिधक दोहन हआ ह और इसका नतीजा हआ िक लगातार भजल का तर घटता जा रहा ह शहरी कषतर म ि थित बहद भयावह ह तदनसार वहा न कवल शीघराितशीघर जल ससाधन क सरकषण की ज रत ह बि क परभावी रणनीित और परबधन क जिरए त काल कदम उठान की ज रत ह

अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह

प ठ 40 अकषय कराित

खासकर इस बात को यान म ऱखकर िक िविभ न परितयोगी कषतर म कभी भी माग बढ़ सकती ह भिव य म उपयोग क िलए छत पर या सतह पर जलगरहण बनाकर वषारजल सरकषण बहद ज री ह यह पानी की बढ़ती ज रत का खयाल रखन िमटटी की नमी तर को बढ़ान शहरी हिरयाली को बढ़ान भजल तर को कितरम प स पनभररण करन और भजल की गणव ता स सधार का काम करता ह भारत म जल परबधन स दश का िवकास भारत म दिनया की 16 परितशत आबादी रहती ह लिकन दिनया क िसफर 4 परितशत जल ससाधन ही भारत क पास ह 3290000 वगर िकलोमीटर क भिम कषतर और एक अरब स यादा की आबादी क साथ भारत क एक बहलवादी िविवधता का िचतर ह िवशाल पराकितक ससाधन क साथ सप न तकनीकी और वजञािनक किमरय का भी यह दिनया म दसरा सबस बड़ा सम चय ह भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह मानव िवकास म 80 क दशक म लगभग 26 परितशत और 90 क दशक क दौरान और 24 परितशत क वारा सधार हआ ह आजादी क बाद छह दशक म भारत न जल ससाधन का अभतपवर िवकास और खा या न म आ मिनभररता शहरी कषतर ऊजार और औ योिगक कषतर और पीन का पानी क बिनयादी ढाच म तजी स िव तार दखा ह िजसका उपयोग भारत की लगभग 85 परितशत शहरी और गरामीण आबादी क वारा िकया जाता ह भारत म रा य सरकार और भारत सरकार क परितबदध और ठोस परयास की वजह स गरामीण और शहरी आबादी को सरिकषत पयजल को उपल ध करवान म काफी सफलता हािसल की ह इस उपलि ध न भजल की कमी जल जमावजल गणव ता िगरावट जल परदषण और बढ़त लवणता तर स बड़ कषतर को परभािवत िकया ह और अभी भी िविभ न रा य म गरामीण और शहरी भारत क मानव िवकास सचकाक (HDI)rsquo म बहत असमानता मौजद ह पानी क िलए कषतरीय माग तजी स बढ़ रह शहरीकरण की गित स बढ़ रही ह (अनमानत 2025 तक दश की आबादी का 50 परितशत स अिधक शहर म रहग) जनसखया विदध बढ़ती आय और औ योिगक िवकासशहरी भारत तजी स िवकास की माग क कदर क प म उभर रहा ह

भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह

प ठ 41 अकषय कराित

नतीजतन परित यिकत पानी की उपल धता िगर रही ह परधानमतरी की अ यकषता म 12वी योजना क िलए हई योजना आयोग की पणर बठक म दसर म क साथ जल परबधन पर िवशष चचार हई बठक क बाद योजना आयोग क उपा यकष म टक िसह अहलवािलया न कहा िक भ-जल कानन स लकर दसर म की यापक समीकषा ज री ह व यनाथन सिमित जहा वतरमान म भ-जल कानन की साथरकता का अ ययन करगी वही भारतीय अतिरकष अनसधान सगठन [इसरो] की मदद स पानी की उपल धता का िव तत अ ययन होगा म टक न कहा िक उसी आधार पर रणनीित तय होगी सरकार यह यान रखगी िक पानी का अिधकतम उपयोग हो सक और सभी को उपल ध हो पानी पर िकसी का एकािधकार न हो सक बतात ह िक द पयोग को रोकन क िलए श क लगान पर भी िवचार िकया जा सकता ह हालािक इसस पहल रा य सरकार स चचार होगी यह तय ह िक एआइबीपी कायरकरम म यापक बदलाव ह ग ी म टक िसह अहलवािलया न कहा िक वतरमान म इस कायरकरम का सही िकरया वयन नही हो रहा ह िलहाजा उसम पिरवतरन ज री ह सभव ह िक हर रा य म जल िनयामक परािधकरण बनान की शतर भी लगाई जाए उ ह न कहा िक जल परबधन की यापक समीकषा कर नई रणनीित तय की जाएगी कल िमलाकर रा टरीय तर पर वतरमान जल ससाधन का अिधक स अिधक करन क िलए माग को परा करन क िलए पयार त ह लिकन भिव य क अ ययन पिरयोजना ह िक जल आपित र की ि थित अगल आध सदी म अिधक किठन हो सकती ह जल सकट स िनपटन को जल सरकषण परबधन अिनवायर परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह बढ़त वि वक तापमान क फल व प अितवि ट अनावि ट अ पवि ट और असामियक वि ट हम परितवषर दख रह ह िजसका परभाव हमार जल ससाधन पर पड़ता िदखाई द रहा ह कओ व बाविडय का िमटता अि त व नदी-नाल का घटता पानी भ-गभर जल का िगरता तर िचता की पिरिध स िनकलकर खतर की घटी बनता जा रहा ह

निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह

प ठ 42 अकषय कराित

िव व भर म सीमट क अधाधध परयोग न धरातल क सहज अवशोषण कषतर को घटाया ह तथा जल बहाव भिम कटाव व बाढ़ म विदध की ह ऐसी ि थित म जल सरकषण का दािय व मातर वजञािनक व सरकार तक सीिमत न रहकर पर यक उपभोकता क कध पर आ जाता ह इसी दािय व क िनवरहन क िलए हमार पास दो िवक प सामन आत ह 1 वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई

उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

2 पािरवािरक तर पर वषार जल को सगरिहत कर उसका उपयोग कर य दोन ही परयास गरामीण कषतर म तो सरलता स अपनाए जा सकत ह परत शहरी कषतर म व ट वाटर मनजमट की बड़ी पिरयोजनाए बनाकर ही पानी को िरसाइिकल िकया जा सकता ह भ-गभर अिधकािधक जल अवशोिषत होकर

जाए इसक िलए मदानी भाग म िनयोिजत ढग स बड़-बड़ पोखर बनाकर तथा पहाड़ी कषतर म नाल -ख ड म िमटटी प थर आरसीसी क बड़-छोट डम लगाकर जल बहाव रोक भ-सरकषण बचाव व जल भडारण और धरातल जल शोषण कषतर बढ़ाया जा सकता ह िव व बक भारत सरकार वारा म य िहमालय जलागम पिरयोजना रा य क भ-सरकषण िवभाग इस कषतर म कारगर उपाय लकर

हमार सामन ह परत जनसहयोग क िबना इन पिरयोजनाओ क आशातीत पिरणाम ल पाना किठन ह वकषारोपण इस सपणर जल चकर को बल दन वाला कारक ह जल क परित चतना जागत न हई तो अव य ही अगल िव व यदध का कारण जल ही होगा

जल भोजन ह और अिगन भोजन का भकषक ह अिगन जल म और जल अिगन म िव यमान ह

- ततरीय उपिनषद 38

वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

प ठ 43 अकषय कराित

म भी गान गा सकता ह शबनम क िखलत फल क म भी गीत सना सकता ह सावन क म त झल क लिकन जब घर-घर म बादल छाय घोर िनराशा क तब म नगम गा रहा ह उ मीद की आशा क

सड़क पर खड़ बचपन की य बात सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह

हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

इस बदलत पिरवश का राग सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

गाधी जी क सपन का जो राम-रा य कहलाता ह उस भारत म सड़क पर छोट चाय पहचाता ह

कहा गई वो अ हड़ म ती कहा गया वो यार का रा ता उन हाथ स बचत झड िजन हाथ को चािहए ब ता

उस सोन की िचिड़या की म बात बतान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

कही बम की गमर हवाए कही ससद म कोहराम ह कही होत घोटाल स परशान आदमी आम ह

कही कल की िकलकारी ह कही सड़क पर बचपन ह कही चलता नही गजारा कही िवदश म काला धन ह

म स चाई गा-गाकर सबको बतलान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

बदलता भारत मनीष लाल इरडा

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

प ठ 44 अकषय कराित

करन वाल काम बहत ह यथर उलझन को छोड़ो म ला-पिड़त तोड़ रह ह तम बस lsquoअपन को जोड़ो

lsquoहम बदलग-यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का lsquoवद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का

वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हम बदलग mdash यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का वद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

प ठ 45 अकषय कराित

िसफर काला और सफ़द य ही वो दो रग थ जो तर पास सि ट बनान क आधार थ

काला वो जो कािलमा िलय ह िजस कहत ह दख िनराशा म य अपयश और वो सबकछ जो नकारा मक ह

मगर सफद ह वो रग िजसस जड़ा ह जीवन आशा सख और कीितर और वो सब कछ जो सकारा मक ह पर इन रग स तझ चन ना िमला त सोचन लगा अगर सि ट बनानी ह

तो िकस िलए- ससगर और परम क िलए और

इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग

ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह

बस- बना डाला तन इ दरधनष

जो बरसात क बाद सरज और प वी क अनपम परम को रग दता ह सतरगी रग स

और उ ही सतरगी इ दरधनषी रग म हम हर पल हर कषण डबत गहरात इतरात रहत ह

और खिशय भर ससार म हर रग को अलग-अलग तरह स महसस करक जीत रहत ह

रग तो रग ह मगर-

ससगर और परम क िलए और इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह बस-

सतरगी िचतर सगीता ीवा तव इरडा

प ठ 46 अकषय कराित

कभी पक क कभी फीक़ तो कछ कभी दाग बनकर उभर आत ह

कछ आख म नील बादल स छाए रहत ह तो कछ गाल पर गलाबी रग बनकर छलक जात ह

याद रहत ह अक सर वो रग- जो खदी पर इस तरह छा जात ह िक खद म घलकर खद क होन

का एहसास दत-दत खद का एक रग बन जात ह

बगनी आसामनी नीला हरा पीला नारगी लाल इ दरधनष क य सात रग ही जोड़त ह हमार िदल को

हमार मन को जोड़न वाल इन रग की सतरगी दिनया म-

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा बनाय

और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क

सतरगी िचतर

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा

बनाय और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क सतरगी िचतर

प ठ 19

अकषय कराित अपनी उन आदत को बनाय रखन म उ ह जो आनद िमलता ह वह पिरवतरन क ददर स यादा होता ह इसक िन निलिखत कारण हो सकत ह -- 1 पिरवतरन की इ छाशिकत का अभाव 2 पिरवतरन क िलए आव यक अनशासन की कमी 3 िव वास की कमी 4 आव यक जानकारी की कमी परबधन वारा इन िबदओ पर िवचार कर अपन किमरय म आशातीत पिरवतरन लाया जा सकता ह सामा यतः खराब आदत को न बदलन क बहान िदय जात ह और कहा जाता ह -- हम लोग इसी तरह करत ह या िक म नही समझता इसस कोई फकर पड़गा और कछ न िमला तो कह िदया जाता ह म बहत य त ह अ छी आदत का िन पण

आदत म पिरवतरन लाया जा सकता ह आव यकता ह इसक िलए सही पिरवश का िनमारण करन की कमरचािरय को परिशिकषत करन की परिरत करन की और ऐसी ि थितया उ प न करन की िजसस कमरचािरय म अ छी आदत का िन पण हो सक दरअसल सफल लोग का राज यह ह िक व काम करन की उन आदत को डाल लत ह जो असफल लोग करना नही चाहत य वही काम ह िज ह सफल लोग भी करना

नही चाहत लिकन व िफर भी करत ह उदाहरण क िलए असफल लोग अनशासन और महनत करना पसद नही करत सफल लोग भी अनशासन और कड़ी महनत नापसद करत ह लिकन व िफर भी ऐसा करत ह कय िक य लोग उन काम को करन की आदत डाल लत ह िज ह असफल लोग नही कर पात नजिरय और सोच का तरीका एक आदत ह और इस बदला जा सकता ह सही ि ट और सतलन कमरचािरय म काम क सबध म सही ि ट बनाय रखन की परवि त िवकिसत करना ज री ह जब कछ गलत हो रहा होता ह तो उस ठीक करना परबधन का ही काम होता ह समझा यह जाता ह िक परायः हम गलत हो रह काम को लकर इतन िचितत हो जात ह िक जो सही हो रहा ह उस भी अनदखा करन की हमम आदत होती ह

दरअसल सफल लोग का राज यह ह िक व काम करन की उन आदत को डाल लत ह जो असफल लोग करना नही चाहत

प ठ 20

अकषय कराित उदाहरण क िलए अगर िकसी स कोई गलती हो जाती ह तो हम एकदम उस पर िच ला पड़त ह या उसक िव दध काररवाई कर बठतहअ छा यह रहगा िक आप उस अलग ल जाकर अकल म बात कर अगर परशसा करनी हो तो सबक सामन कर

अगर िकसी स सहमित न बन तो उस पर करोध करना ज री नही ह अगर अपन करोध पर काब रखग तो लोग अपनी असहमित को अ यथा नही लग अगर आप अपन िवचार को खला रखग तो दसरी ओर स भी आप ऐस ही यवहार की अपकषा कर सकत ह परायः लोग अपनी सहमित कछ इस तरह जतात ह िक सामन वाला भी अपनी बात पर अड़ जाता ह समझन की बात यह ह िक सभी ि थितय म कवल तकर ही काफी नही होगा िकसी स असहमत होन म भी यवहार कशल होना ज री ह सबस पहल तो दसर को अपना पकष रखन का मौका द उसकी बात सन और जहा तक हो सक उसस अपनी सहमित भी परकट कर और िजन बात पर सहमित न बना सक उस समझाए

हमम स अिधकाश लोग उन किमरय और उनकी गलितय पर अ यिधक यान दत ह िजनक िलए हम काम करत ह पर अपन किमरय पर नज़र डालना भल जात ह अगर वय को उन लोग की नजर स दखा जाए तो आशातीत पिरणाम दखन को िमलत ह

आ म मथन आप कया करना चाहत ह कसा करना चाहत ह - इस सोच को

वतरमान म अपन अदर मथन करन को आ म-सझाव कहत ह एक बार सब म जब इसकी पिरपाटी श हो जाती ह तो यह हमार अदर िवजञापन की तरह काम करता ह अपन बार म अपन िलए अदर ही परचािरत करता ह इसका हमार चतन और अवचतन (Sub-concious) मन दोन पर परभाव पड़ता ह अततः यह हमार नजिरए और यवहार को परभािवत करता ह और धीर-धीर आदत का प लता ह यह दरअसल अपन अवचतन मन को ढ़ालन या परोगराम करन की िविध ह

हमम स अिधकाश लोग उन किमरय और उनकी गलितय पर अ यिधक यान दत ह िजनक िलए हम काम करत ह पर अपन किमरय पर नज़र डालना भल जात ह

प ठ 21

अकषय कराित आ म-सझाव अ छ या बर हो सकत ह जब हम बर आ म-सझाव को बार-बार दोहरात ह तब हमारा अवचतन मन उन पर िव वास करन लगता ह और हम उसी को वा तव म यवहार करन लगत ह सकारा मक आ म-सझाव को बार-बार मथन करन स उसकी हमार िदलोिदमाग म त वीर बन जाती ह और वही असिलयत का प लन लगता ह एक उदाहरण क िलए जब कभी हम सबह 0600 बज टरन पकड़नी हो और हमार पास अलामर घड़ी न हो तो हम मन म कहकर उठत ह िक 0400 बज उठना ह तो कया हम नही उठत अगर उठत ह तो इसक पीछ आ म-सझाव ही काम करता ह आ म-सझाव एक रा ता ह िजसस हम अपन िदमाग को परोगराम करक ढ़ालत ह सकारा मक आदत को िवकिसत करन म आ म-सझाव की परवि त मह वपणर िसदध हो सकती ह हमार नजिरए और आदत को तय करन वाल कारक हमार नज़िरए को मखयतः तीन कारक परभािवत करत ह - वातावरणः घर कल आिफस मीिडया सा कितक प ठभिम धािमरक प ठभिम परपराए और भाषाए सामािजक-राजनितक माहौल - य सब िमलकर एक तहजीब बनात ह चाह घर हो या आिफस या अ यतर - हर जगह हर िकसी की अपनी तहजीब होती ह उदाहरण क िलए हम एक दकान म जात ह तो वहा का स समन बड़ अदब वाला होता ह लिकन वही जब दसरी दकान पर जात ह तो वहा का स समन कभी-कभी बड़ा खा और बदतमीज िमल जाता ह उसी तरह िकसी क घर म यार भरा माहौल िमलता ह तो िकसी क घर म हमशा लड़ाई-झगड़ का इसी तरह जब सरकार और राजनीितक माहौल ईमानदारी का होता ह तो लोग भी ईमानदार मददगार और कानन का पालन करन वाल होत ह बईमान और भर ट माहौल म िजस तरह एक ईमानदार का जीना मि कल होता ह उसी तरह ईमानदारी भर माहौल म बईमान यिकत को मि कल होती ह िन सदह अ छ वातावरण म मामली कमरचारी म वमव अ छी आदत िवकिसत होती ह और उसकी कायर करन की शिकत बढ़ जाती ह जबिक खराब माहौल म अ छा काम करन वाल की भी कषमता िगर जाती ह

सकारा मक आदत को िवकिसत करन म आ म-सझाव की परवि त मह वपणर िसदध हो सकती ह

प ठ 22

अकषय कराित कायर-स कित का बहाव ऊपर स नीच की ओर होता ह नीच स ऊपर की ओर कभी नही यह दखना बहत ज री ह िक हमन अपन िलए और आस-पास क लोग क िलए कसा वातावरण तयार िकया ह खराब वातावरण म अ छ की उ मीद करना बमानी ह अनभवः हम अपन जीवन म अपन काम-काज म हालात स जसा अनभव पात ह वह हमारी आदत का िह सा बन जात ह और उसी क अनसार हमारा यवहार होता ह अगर िकसी क परित हमारा अनभव अ छा होता ह तो हमारा नज़िरया भी अ छा होता ह ज री ह िक कमरचािरय को ऐसा कायर-पिरवश िमल िजसस उनक अवचतन म अ छ अनभव की छाप अिकत हो

परिशकषण भी ज़ री यहा िसफर सदधाितक जञान ही काफी नही होता बि क औपचािरक और अनौपचािरक दोन ही तरह की िशकषा व परिशकषण ज री ह जञान और जानकारी को यिद योजनाबदध तरीक स परयोग िकया जाए तो उसस बौिदधक तर को बढ़ान म आशातीत सफलता िमलती ह काम करन की कला अ छी िशकषा स ही आती ह ज री ह िक परिशकषण म मनोवजञािनक सामािजक आिथरक व अ य पहल को समझन की आदत िवकिसत की जाए अवचतन म यह िबठाना बहत ज री ह िक जीवन की भ यता काम क वारा ही सभव ह स थान म सभी को लगना चािहए िक उनका काम मह वपणर ह यही परबधन कला का सार ह जब कमरचािरय को ऐसा एहसास होन लगता ह तो उनक नज़िरए म बदलाव आन लगता ह उपसहारः काम क परित लोग म अ छी आदत िन िपत करन और उनम उ साह जगान स कायर-िन पादन म िनरतर िनखार आता ह दरअसल हर यिकत म मानिसक और शारीिरक ऊजार उ प न होती ह िजसक िलए काम ही सबस अ छा िनकास ह एक िवचारक क अनसार lsquoआप पछत ह म लगातार काम कय करता ह

यहा िसफर सदधाितक जञान ही काफी नही होता बि क औपचािरक और अनौपचािरक दोन ही तरह की िशकषा व परिशकषण ज री ह

प ठ 23

अकषय कराित इसका वही कारण ह िजस कारण स मगीर अ ड दती जाती ह rsquo काम क िबना इसान घट सा जाता ह उस काम की उतनी ही ज रत होती ह िजतनी हवा की आव यकता ह िक उस सही वातावरण उपल ध करान और सही िदशा म अिभपरिरत करन की व ततः हर यिकत अदर स गिरमा और आ मस मान की चाह रखता ह आव यकता ह उस अतःपरिरत करन की लोग को खद स परिरत करन क िलए हम उनकी ज रत और इ छाओ को समझना होगा पररणा कायरकषमता और आदत क बीच सीधा सबध ह जो लोग उतना ही काम करत ह िक उनकी नौकरी बची रह तो ऐस लोग िकसी भी स थान क िलए मह वपणर नही हो सकत अतपररणा स सोच म बदलाव लाया जा सकता ह पररणा आग क समान होती ह

कमरचािरय को िजतना परिरत िकया जाएगा उनम उतनी ही सकारा मक आदत का िवकास होगा कमरचािरय को उिचत स मान दकर उनक कायर को अिधक मनोरजक बनाकर परबधन वारा उनकी बात को गौर स सनकर उनकी सम याओ और सझाव पर गौर करक उ ह वय ल य िनधारिरत करन क िलए परो सािहत करक िवकास क नय अवसर उपल ध कराकर आव यकतानसार समय-समय पर समिचत परिशकषण िदलाकर तथा नयी चनौितय स जझन क िलए परो सािहत करक िन सदह उनक आचार और यवहार को सकारा मक िदशा म पाियत िकया जा सकता ह

कमरचािरय को िजतना परिरत िकया जाएगा उनम उतनी ही सकारा मक आदत का िवकास होगा

ई-पितरका म लख आिद म परकट िवचार

मलतः लखक क ह तथा यह आव यक नही ह िक

इरडा भी इन िवचार स सहमत हो

प ठ 24

अकषय कराित

िबिटया

आख म मोती लकर तम िबिटया जाती हो हा जाओ िशकषा का उपहार द रह िवदा समय यह लो ल जाओ इन पराण म परीित त हारी ममता क धन िसदरी इन नयन की बद पली परकट करती ह मजबरी लाचारी ह िफर पराण म क य ह इतनी आकलता

जब इस रीित पर पराओ म वश न िकसी का ह चलता िपतकल को तजकर अब िबिटया पित-कल म जाना होगा

नटखटपन को छोड़ धमर का ही िजसम बाना होगा इस घर की तम बड़ी लाडली पराण स यारी िबिटया

चली लाकर आज सभी को िपता की कर सनी किटया िजन हाथ न लाड़ चाव स अब तक था िजसको पाला उन हाथ न ही िबिटया को दलह राजा जी को द डाला

िजसका दख जरा मन मला हो जाती थी हरानी क यादान उसी का कर क दय बनाया पाषाणी

िकया न जाता था पल भर को इन आख स दर िजस मोती झरत िवदा द रहा आज सकल पिरवार उस अपनी मा क जीवन की तम परित-पल हो आधार रहो

िवजयता िपता क दय मिदर की िबिटया तम साकार रही आज जीवन क सख-दख सार वही िबतान तम लो जान आओगी जब कभी यहा तम होगी महमान समान

सतीश कमार कलावत इरडा

इस घर की तम बड़ी लाडली पराण स यारी िबिटया चली लाकर आज सभी

को िपता की कर सनी किटया

प ठ 25

ससराल की कभी बराई कही न मह पर आ जाव धमर कमर क तर य पथ म पाव नही िडगन पाव

सात परितजञाय जो तमन अिग नदव स मख की धारण द पि त जीवन का मह व ह करना स च मन स पालन

बटी इन सात बचन का यान दय म रह सदा दोन कल की लाज इसी म भला न दना इस कदा पित ही ह सवर तर त हार पित ही को जीवन समझो

जो कछ कह उसी को मान उनको िबिटया तम धन समझो शीलवती तम बन िबिटया पित-भक त मना सदर िनस दह वय उपजग क प-वकष घर क अ दर

पहन सिशकषा की साड़ी को शभ गण भषण अपनाओ दस लकषण शभ लकषण धार िन य नय मगल गाओ यह िशकषा उपहार दय का तम को राह िदखायगा भल भटक कर भी अिधयारा पास न आन पायगा

हम सब की आख स मोती उर स िनकल रही आशीष सभी सख स पणर परफि लत कर त ह दलह राजा की ईश

अकषय कराित

िजन हाथ न लाड़ चाव स अब तक था िजसको पाला उन हाथ न ही िबिटया को दलह राजा जी को द डाला

प ठ 26 अकषय कराित

ldquoपयारवरणrdquo श द पिर+आवरण स बना ह अथारत बा य आवरण को ही पयारवरण कहत ह इस बा य आवरण का ता पयर हमार चार ओर क वातावरण और पिरवश स ह िजस हम दसर श द म परकित भी कह सकत ह प वी पर िव यमान सपणर जीव-जगत क अि त व जीवन-यापन एव चहमखी िवकास म परकित की मह वपणर भिमका ह मानव बिदधजीवी पराणी ह और परकित क मह व स भली-भाित पिरिचत होन क कारण ही सिदय स परकित की पजा करता रहा ह

विदक काल स ही परकित तथा मानव क बीच जीवन ततर का अटट सबध रहा ह हमार पराचीन ऋिष-मिनय न प वी म हवा पानी िमटटी पड़-पौध जीव-ज तओ और मानव क सिकरय सहयोगा मक सतलन को यान म रखकर ही परकित को प य माना धमर क साथ परकित को जोड़कर उ ह न परकित को पयार त मह व िदया व जानत थ िक िजस परकार जीवन क िलए भिम की आव यकता होती ह उसी परकार वन पितया व अ य पराणी भी आव यक ह य सभी परकित क अिभ न अग ह इनम स एक क भी न ट होन का परभाव दसर पर पड़ता ह और पिरणाम व प पराकितक असतलन पदा हो जाता ह व तत प वी म हवा पानी िमटटी पड़-पौध जीव-ज तओ और मानव का सिकरय सहयोगा मक सतलन रहता ह पड़-पौध भिम को उपजाऊ बनात ह िमटटी को बाधकर रखत ह बरसात करवान तथा जल एव वाय को व छ रखन म सहायक होत ह परत आज क बढ़त औ योिगकीकरण और शहरीकरण न परकित और मानव क बीच असतलन उ प न कर िदया ह यह असतलन अिशकषण बढ़ती जनसख या शहर की ओर पलायन वकष की कटाई गगनचबी इमारत बड़-बड़ उ योग की थापना आिद क कारण ह और यही पयारवरण परदषण क मख य कारण ह मटरोपोिलटन एव बड़ शहर म अनक काबरिनक और अकाबरिनक गस जस ndash काबरन-मोनोऑक साइड अमोिनया आिद परदषण क मख य ोत ह

वतरमान पयारवरण -21वी सदी की चनौती

लख सरीन सल

विदक काल स ही परकित तथा मानव क बीच जीवन ततर का अटट सबध रहा ह

प ठ 27 अकषय कराित मन य न अपनी भितक सख-सिवधाओ की आपित र क िलए परकरित स

िखलवाड़ िकया ह वतरमान मशीनी यग म मन य वारा परकित क अ यिधक दोहन एव िनत नए कारखान की थापना स पयारवरण सकट उ प न हआ ह मानव न परकित क साथ जो अ यायपणर यवहार िकया ह उसी क फल व प परकित का िवरोधी रवया हआ ह िजस भिव य म सह पाना मि कल होगा

अिशकषा क कारण दश की तजी स बढ़ती आबादी क आवास की मलभत आव यकता को परा करन क िलए वकष की कटाई करक ऊची-ऊची इमारत बनाई जा रही ह वकष की अधाधध कटाई स भिम की ऊवररा शिक त का तो ास हो ही रहा ह साथ ही परदषण जसी िवकराल सम या भी ज म ल रही ह

परदषण पयारवरण क ास का परमख कारण ह िवकासशील दश िनत नए उ योग की थापना करक बराजगारी की सम या को तो दर कर रह ह िकत इसस जल वाय विन तथा िविभ न परकार क परदषण बढ़ रह ह कल-कारखान और मोटर स िनकलन वाल धए स वाय परदषण हो रहा ह जल थल व नभ क मागर पर शिक त चािलत वाहन विन परदषण का मख य ोत ह शहरीकरण और औ योिगकीकरण क कारण शदध पयजल की सम या िवकराल प धारण कर रही ह कारखान स िनकलन वाल कड़-कचर क निदय म िमलन स जल परदषण हो रहा ह रासायिनक खाद और कीटनाशी दवाओ स मदा परदषण का खतरा बन गया ह

इस परकार जनसख या विदध शहरीकरण औ योिगकीकरण एव परदषण जसी सम याओ न पयारवरण को बरी तरह परभािवत िकया ह आज सपणर िव व पयारवरण को लकर िचितत ह इस भयावह ि थित स बचन क िलए पर यक यिक त को पयारवरण क परित जाग क करना आज की अिनवायर आव यकता ह

इस िदशा म सवरपरथम िनरकषरता को समा त िकया जाना चािहए साकषर भारत की पिरक पना म जनसख या विदध दर वय िनयितरत हो जाएगी करल रा य इसका परमाण ह जहा साकषरता क साथ-साथ जनसख या िनयतरण भी ह

जल थल व नभ क मागर पर शिक त चािलत वाहन विन परदषण का मख य ोत ह

प ठ 28 अकषय कराित

इसक बाद बात आती ह परदषण िनवारण की आज िव व भर क

वजञािनक और पयारवरणिवद इस िदशा म कायररत ह सवरपरथम वन क काटन पर परितबध लगाया गया ह और वन सपना क िव तार हत वकष लगान क िलए परो सािहत िकया गया इसक िलए सरकार की ओर स वकष आिद िनश क उपल ध कराए जात ह ldquoपयारवरण परदषण स थाrdquo और व छ वाय अिधिनयम जस िविधक उपाय स वाय परदषण पर रोक लगान का परयास िकया जा रहा ह जहरील धआ उगलन वाल कारखान तथा वाहन पर भारी आिथरक दड का परावधान ह िविभ न सचार मा यम mdashदरदशरन समाचार-पतर तथा आकाशवाणी क मा यम स जनता को पयारवरण क परित जाग क करन क परयास िकए जा रह ह निदय म खलन वाल परदषण ोत को बद करन की योजनाए चलाई जा रही ह पािलथीन क परयोग को बद करन क िलए चलाया जा रहा ह अिभयान भी परशसनीय ह

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह इस खतर स सपणर भमडल का अि त व न ट हो जाए इसस पहल हम पयारवरण की सरकषा करन का सक प लना होगा

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह

िस धी होन क प चात भी मझ बगाली रीित िरवाज़ िमठाइया यहा का पहनावा अगरज क ज़मान की बनी सरचनाए एव भवन इ यािद म बहत िदलच पी एव िच थी

प ठ 29 अकषय कराित

यातरा स मरण-कोलकाता-खिशय हषर का शहर(िसटी ऑफ जॉय)

सोिनया सिह वानी पीईसी िलिमटड

म पी ई सी िलिमटड नामक कपनी क िविध ककष म उप िविध परबधक क पद पर कायररत ह सन 2010 जन स इस कपनी म मन परबधन परिशकष क प म अपनी पहली नौकरी की श आत की पी ई सी िलिमटड वािण य मतरालय क अतगरत आन वाली आयात-िनयारत यापार स स बिधत क पिनय म स एक ह इस स दभर म जनवरी 2011 म िविभ न िवभाग क परबधन परिशकषओ को ओिरएटशन हत काडला कोलकाता इ यािद शहर म भजन का कायरकरम िनि चत िकया गया कोलकाता क पास हि दया पोटर होन क कारण कोलकाता शहर चना गया जहा पी ई सी वारा आयात की गयी व तए पोटर गोदाम म रखी जाती ह साथ ही म कोलकाता पोटर िभ न गोदाम इ यािद दखन की यव था की गयी एव सची म समावश िकया गया यह सनकर मरी ख़शी का िठकाना न रहा क य िक मन कोलकाता शहर क बार म सना बहत था पर त कभी दखा न था िस धी होन क प चात भी मझ बगाली रीित िरवाज़ िमठाइया यहा का पहनावा अगरज क ज़मान की बनी सरचनाए एव भवन इ यािद म बहत िदलच पी एव िच थी आिखरकार मझ मौका िमला और जनवरी की कड़ाकदार ठ ड क बीच हम एक रिववार शाम कोलकाता राजधानी स अपनी मिजल की और िनकल पड़ िद ली स कोलकाता क सफ़र क बीच हमारी गाड़ी इलाहाबाद गया िबहार तथा धनबाद जस शहर स होत हए बगाल की ओर पहची हसत-गात खलत-खात हए हम अगली सबह हावड़ा जकशन पहच गए रलगाड़ी स उतर कर टशन स बाहर िनकलत ही मझ िसटी ऑफ जॉय क नाम स मशहर कोलकाता की पहली झलक िदखाई दी ऐसा लगा मानो मझ भारत क दो पहल एकसाथ जीत हए नज़र आए एक तरफ थ टशन स बाहर एव अ दर जात हए स दर कपड़ गहन म लद हए कोलकाता क बगाली िनवासी साथ म बड़ी-बड़ी गािड़य म घमत कोलकाता क नौजवान और ठीक दसरी तरफ मरी नज़र पड़ी हगली नदी पर बन परिसदध हावड़ा िबरज पर िजस दख एक अलग ही दिनया का एहसास हआ

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह

िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी

एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया नतीजा मर समकष था

प ठ 30 अकषय कराित

हावड़ा िबरज पर हर तरफ लोग का जमावड़ा था इतन लोग दख िद ली क चादनी चौक की याद आ गयी ऐसा लगा मानो म 50 साल पीछ िकसी लक एव वाईट दिनया म कदम रख चकी थी िबरज क दोन तरफ सामान बचत हए दकानदार िखलौन मछली रख हए औरत एव छोट-छोट ब च मख य शहर स हावड़ा जान वाल आम आदमी मजदर की तज़ र तार फरी स र ता पार करन वाल यापारी इन सब को दख लगा कोलकाता म मबई जसी भागम भाग भी थी िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया नतीजा मर समकष था जस-जस म कोलकाता शहर क भीतर आन लगी मझ इस शहर क िवकास की झलक िदखाई दी एक तरफ थी ऊची ईमारत सदर िवशाल िव यासागर सत पल बड़-बड़ होटल माल कोलकाता उ च यायालय राईटसर िबि डग मशहर इडन गाडरन टिडयम इ यािद तो दसरी तरफ था िवक टोिरया ममोिरयल अगरज की वा तकला क अनसार िदखती लाल ईटो की इमारत िवक टोिरयल सरचनाए भवन छोटी-छोटी पटिरय पर समान बचत नया बाज़ार (New Market) क दकानदार एव िवक टोिरया ममोिरयल क बाहर चलत सलािनय क िलए रथ वाल घोड़ हमारा होटल जसीबोस सड़क पर ि थत था एव सिवधाओ स भरपर था पर त मन य जाना िक असली कोलकाता का मज़ा गाड़ी म नही अथवा िरक शा ऑटो तथा साल स चलती आ रही सड़क पर टराम म था

हर तरफ मझ पील रग की टिक सया िदखाई दी सब एक समान थी तथा मरसीडीज़ गाड़ी क बगल म चलती 1-2 पय म सफ़र की जान वाली टराम भी साथ िदखाई दी परी िजदगी िद ली म यतीत करन क बाद हर नए शहर का रहन-सहन बोल-चाल रीित-िरवाज़ जानन की जाग कता मझम हमशा रही पहल ही िदन स कोलकाता मझ रास आया जस िक कहत ह lsquoकोलकाता हमार खब भाला लागली छ rsquo कहन का ता पयर य िक मझ कोलकाता बहत अ छा लगा पहल िदन िक शाम को हमन य मािकर ट म खरीददारी करन का मन बनाया म हरान थी िक वहा चीज िकतनी स ती िमल रही थी िद ली क मतािबक एक ितहाई दाम पर चिडया गहन बग जत कत इ यािद िमल

िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया

प ठ 31 अकषय कराित य मािकर ट िद ली क लाजपत एव सरोिजनी नगर समान ह कम

दाम म अ छा समान िमला कोलकाता चमड़ क िलए भी मशहर ह एव परिसदध ी लदसर दकान भी इस बाज़ार म ि थत ह यहा खरीदारी का हमन खब ल फ़ उठाया

अगल िदन हम हि दया पोटर गए एव अनक जहाज़ दख 3-4 घट की दरी पर ि थत यह पोटर अनक एकड़ म फला हआ था पहली बार इतन बड़ जहाज़ को अदर स दख खब आनद आया तीसर िदन हम काली बाड़ी मिदर गए बगाली अ यत पाठ-पजा वाल दगार मा क स च उपासक ह यह सब जानत ह दगार पजा इनका लोकिपरय उ सव ह तथा काली मा एव दगार मा की स च मन स पजा करत ह कोलकाता क िनवासी भिक त भावपणर ह यह सना था अब खद दख भी िलया बगाली र म स पजा करन का य मौका अ यत आनदमयी था इसक अलावा काली बाड़ी क नज़दीक ही ि थत ह गौिरहाट बाज़ार यहा की दकान बगाली सािड़या कपड़ सट कत इ यािद क िलए परिसदध ह आिद धक तशवर नामक मशहर दकान म जाकर मरा भी मन िकया िक म भी खरीददारी क मर सािथय न बहत सािड़या खरीदी एव दाम दखकर म दग रह गई सदर स सदर साड़ी मातर 600700 पय की थी मन बगाल की मशहर लाल एव सफद िपरट की साड़ी भी खरीदी कोलकाता म खरीददारी का अलग की मज़ा ह उसी िदन शाम हम सा ट लक िसटी मॉल गए वह सा ट लक टिडयम क नज़दीक ह यहा िदखाई िदया कोलकाता का परगितशील प नौजवान फटबाल की जसीर पहन माल म घम रह थ एक स एक

मशहर बरड वहा मौजद थ इसक अलावा कोलकाता क िनवासी खब मनोरजन क शौक़ीन ह सगीत नाच गाना इ यादी म िच रखत ह कोलकाता म जगह-जगह सगीत कला अकडमी तथा पढ़न (रीिडग) क क लब ह अगरज क शौक तथा रहन-सहन की झलक आज भी यहा िदखती ह यहा क नौजवान को खल-कद म भी खब िदलच पी ह फटबाल का तो जस यहॉ सबको जनन ह

भारत क परिसदध मोहन बगान फटबाल क लब फटबाल क वहा क नौजवान ही नही परा शहर ही दीवाना ह भारत-पाक मच हो या आई पी एल इडन गाडरन मदान लोग स खचा-खच भरा रहता ह अफ़सोस म वहा अदर जा न सकी

इसक अलावा काली बाड़ी क नज़दीक ही ि थत ह गौिरहाट बाज़ार यहा की दकान बगाली सािडया कपड़ सट कत इ यािद क िलए परिसदध ह

प ठ 32 अकषय कराित

मर सफर क आखरी िदन म मन कोलकाता क लोग म एकता क नजार दख िविभ नता म भी एकता का उदाहरण दखा चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख िजस िदन हम कोलकाता पहच थ उसी िदन वहा शहर बद था और मन एक जट होकर लोग को अपनी बात कहत हए दखा एव सना यहा क लोग अपन शहर क िवकास बहतरी क िलए जाग क ह िज मदारी लत ह तथा सरकार को अपनी बात भली-भाित कहत ह लड़िकय औरत की इ ज़त करत ह एव यहा िक मिहलाओ को मन िनदरलीय पाया जहा एक ओर भारत की राजधानी होन क बावजद िद ली वाल अपनी िजदगी म मगन रहत ह वही दसरी और कोलकाता म अमीरी-गरीबी िभ न जाितय म भी एक जटता ह कपड़ा एव खाना आज भी यहा खब स ता िमलता ह पर त दसरी तरफ सब जानत ह िक बड़-बड़ उ योगपित िव वान लखक िखलाड़ी गायक अिभनता िनदशक यहा स उभर ह सािह य हो या लख बॉलीवड हो या िकरकट बगाल न भारत को अनक नाम एव गौरव िदए ह चाह सौरव दादा हो या रिव दर नाथ टगोर ममता बनजीर रानी मखजीर हो या योित बस भारत म इनकी भिमका का वणरन करन की ज रत नही

मन कछ िदन क कोलकाता क सफर म इस शहर को जानन समझन का परयास िकया हगली नदी क िकनार खड़ होकर समदर को दखा निदय को िनहारा िव यासागर सत िबरज की सदरता िवशालता को सराहा क सी दास की परिसदध िमठाई का ल फ उठाया मन बहत शहर घम पर त यह सफर मर िलए सबस यादगार रहा कोलकाता परगित क मागर पर िनरतर बढ़ रहा ह पर त आज भी वह अपनी जड़ नितक म य को नही भला ह एक आम आदमी आज भी टराम म या फरी स सफर करता ह यहा क िनवासी दो पय स लकर 500 ० का खाना खात ह पराना एव नया कोलकाता एक साथ जीिवत ह िसक क क दो पहल की तरह कोलकाता क यह दो प को एक साथ रहत दख बहत आनद आया

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 33 अकषय कराित

जल परकित का अनपम उपहार ह मानव जाित अपन परादभारवकाल स ही इस उपहार का उपयोग अपन िहत क िलए करती आई ह जल वह पराकितक उपहार ह िजसका कोई िवक प नही ह इसिलए जल को अमतया जीवन भी कहा गया ह जल क िबना जीवन की सभावना भी नही ह पर यकष प स तो जल की मानवीय आव यकता सीिमत ह परत परोकष आव यकताओ पर नजर डाल तो दिनक जीवन की आव यकताए जस अ न फल स जी दध स लकर हमार पहराव आवास तक सब जल स जड़ हजल का जरा भी सतलन िबगड़ जाए तो जीवन यापन क टपरद होन म दर नही परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह जल क सामा य त य जल या पानी एक आम रासायिनक पदाथर ह जो जीवन क सभी जञात प क जीिवत रहन क िलए ज री ह आमतौर पर जल अपनी दरव अव था म उपयोग म लाया जाता ह पर यह ठोस अव था बफर और गस अव था जल वा प या भाप प म भी पाया जाता ह प वी क लगभग तीन चौथाई िह स पर िव व क महासागर का अिधकार ह अनमानत प वी पर जल की कल मातरा लगभग 1400 िमिलयन घन िकलोमीटर ह जो िक प वी पर 3000 मीटर गहरी परत िबछा दन क िलए काफी ह तथािप जल की इस िवशाल मातरा म व छ जल का अनपात बहत कम ह प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह शष जल झील निदय वायम डल नमी मदा और वन पित म मौजद ह जल की जो मातरा उपभोग और अ य परयोग क िलए व ततः उपल ध ह वह निदय झील और भजल म उपल ध मातरा का छोटा-सा िह सा ह इसिलए जल ससाधन िवकास और परब ध की बाबत सकट इसिलए उ प न होता ह कय िक अिधकाश जल उपभोग क िलए उपल ध नही हो पाता

परभावी जल परबधन और दश का िवकास

दीपक आहजा ओएनजीसी िवदश

प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह

प ठ 34 अकषय कराित

और दसर इसका िवषमतापणर थािनक िवतरण इसकी एक अ य िविश टता ह फलतः जल का मह व वीकार िकया गया ह और इसक िकफायती परयोग तथा परब ध पर अिधक बल िदया गया ह प वी पर उपल ध जल जल-चकर क मा यम स चलायमान ह जल लगातार एक चकर म घमता रहता ह िजस जलचकर कहत ह इसम वा पीकरण वषार और बह कर सागर म पहचना शािमल ह हवा जल वा प को थल क ऊपर उसी दर स उड़ा ल जाती ह िजस गित स यह बहकर सागर म पहचाता ह जल चकर का िचतर नीच पर तत िकया गया ह

अिधकाश उपभोकताओ जस िक मन य पशओ अथवा पौध क िलए जल क सचलन की ज रत होती ह जल ससाधन की गितशील और नवीकरणीय परकित और इसक परयोग की बार बार ज रत को ि टगत रखत हए यह ज री ह िक जल ससाधन को उनकी परवाह दर क अनसार मापा जाए इस परकार जल ससाधन क दो पहल ह अिधकाश िवकासा मक ज रत क िलए परवाह क प म मािपत गितशील ससाधन अिधक परासिगक ह आरिकषत भ डार की ि थर अथवा िनयत परकित और साथ ही जल की मातरा तथा जल िनकाय क कषतर की ल बाई व म यपालन नौ सचालन आिद जस कछक िकरयाकलाप क िलए भी परासिगक ह

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 35 अकषय कराित

जल का यय अप यय जल क बार म एक नही कई च कान वाल त य ह िव व म और िवशष प स भारत म जल िकस परकार न ट होता ह इस िवषय म जो त य सामन आए ह उस पर जाग कता स यान दकर जल क अप यय को रोका जा सकता ह अनक त य ऐस ह जो हम आन वाल ख़तर स तो सावधान करत ही ह दसर स पररणा लन क िलए परो सािहत करत ह और पानी क मह व व इसक अनजान ोत की जानकारी भी दत ह प वी पर पदा होन वाली सभी वन पितया स भी हम पानी िमलता ह

आल और अनानास म 80 परितशत और टमाटर म 95 परितशत पानी ह पीन क िलए मानव को परितिदन 3 लीटर और पशओ को 50 लीटर पानी

चािहए भारत म 83 परितशत पानी खती और िसचाई क िलए उपयोग िकया जाता

ह इज़राइल म औसतन मातर 10 सटीमीटर वषार होती ह इस वषार स वह

इतना अनाज पदा कर लता ह िक वह उसका िनयारत कर सकता ह दसरी ओर भारत म औसतन 50 सटीमीटर स भी अिधक वषार होन क बावजद अनाज की कमी बनी रहती ह

िपछल 50 वष म जल क िलए 37 भीषण ह याकाड हए ह भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल

चलती ह पानी ज य रोग स िव व म हर वषर 22 लाख लोग की मौत हो जाती ह यिद बरश करत समय नल खला रह गया ह तो पाच िमनट म करीब 25

स 30 लीटर पानी बरबाद होता ह बाथ टब म नहात समय 300 स 500 लीटर पानी खचर होता ह जबिक

सामा य प स नहान म 100 स 150 लीटर पानी खचर होता ह िव व म परित 10 यिकतय म स 2 यिकतय को पीन का शदध पानी

नही िमल पाता ह परित वषर 6 अरब लीटर बोतल पक पानी मन य वारा पीन क िलए

परयकत िकया जाता ह मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 36 अकषय कराित

िद ली मबई और च नई जस महानगर म पाइप लाइन क वॉ व की खराबी क कारण रोज़ 14 स 44 परितशत पानी बकार बह जाता ह

निदया पानी का सबस बड़ा ोत ह जहा एक ओर निदय म बढ़त परदषण रोकन क िलए िवशषजञ उपाय खोज रह ह वही कल कारखान स बहत हए रसायन उ ह भारी मातरा म दिषत कर रह ह

भारत म जल सकट नासा की एक िरपोटर न पानी को लकर दश भर म बढ़ती जा रही लापरवाही क परित आख खोली ह इस िरपोटर म भारत म सख की ि थित पदा होन क िलए िज मवार कारण म स एक अहम कारण अधाधध जल दोहन को बताया गया ह बतात चल िक दश भर क 604 िजल म स 161 सख की मार झल रह ह वस अब बताया जा रहा ह िक सख की मार स बहाल िजल की सखया बढ़कर 246 हो गई ह यानी कहा जाए तो आधा दश सख की चपट म ह बहरहाल नासा की इस िरपोटर म बताया गया ह िक भारत क कई रा य कषमता स यादा जल दोहन कर रह ह यहा कषमता स ता पयर यह ह िक उनस िजतन सलाना जल दोहन की उ मीद कदर करती ह व उसस कही यादा जल दोहन कर रह ह नासा न यह अ ययन 2002 स 2008 क बीच

की ि थितय क आधार पर िकया ह इस िरपोटर म बताया गया ह िक पजाब हिरयाणा और राज थान हर साल औसतन 177 अरब कयिबक मीटर पानी जमीन क अदर स िनकाल रह ह जबिक कदर की तरफ स लगाए गए अनमान क मतािबक इ ह हर साल 132 अरब कयिबक मीटर पानी ही जमीन क अदर स िनकालना था इस तरह स दखा जाए तो य तीन रा य िमलकर कषमता स 30 फीसदी यादा पानी का दोहन कर रह ह जािहर ह िक िबना कछ सोच-िवचार जब इस पमान पर पराकितक ससाधन का दोहन िकया जाएगा तो परकित भी बदला लगी और वही हो रहा ह इस िरपोटर म यह भी बताया गया ह िक भारत का महज 58 फीसदी भजल ही हर साल िरचाजर हो पाता ह नासा की यह िरपोटर बताती ह िक अधाधध जल दोहन की वजह स पर उ तर पि चम भारत क भजल तर म हर साल 4 सटीमीटर यानी 16 इच की कमी आ रही ह इस अ ययन को अजाम दन म नासा क जल िवजञानी मट रोडल न अहम भिमका िनभाई ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 37 अकषय कराित

उनक हवाल स इस िरपोटर म बताया गया ह िक दश क उ तर पि चम कषतर म 2002 स 2008 क दौरान तकरीबन 109 कयिबक िकलोमीटर पानी की कमी हई ह यह मातरा िकतनी अिधक ह इसका अदाजा इसी स लगाया जा सकता ह िक यह अमिरका क सबस बड़ जलाशय लक मीड की कषमता स दगन स भी कही यादा ह अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह इस िरपोटर क मतािबक अगर अधाधध जल दोहन इसी तरह स जारी रहा तो आन वाल समय म भारत को अनाज और पानी क सकट को झलन क िलए अभी स तयार हो जाना चािहए जािहर ह िक जब जल सकट बढ़गा तो खती पर इसका गहरा परभाव पड़गा अनाज क उ पादन म कमी आएगी इस वजह स अनाज सकट पदा होगा और भख का एक नया चहरा उभरकर सामन आएगा एक बड़ा तबका जो आज भरपट भोजन कर पाता ह उसक िलए पट भर खाना िमलना मि कल हो जाएगा भखमरी की जो सम या पदा होगी उसस िफर िनपटना आसान नही होगा इसक अलावा पीन क पानी का टोटा तो होगा ही अभी ही दश क कई िह स ऐस ह जहा क लोग को पीन क िलए साफ पानी नही िमल पा रहा ह कई कषतर ऐस ह जहा गमीर क िदन म हडपप स पानी आना बद हो जाता ह वहा क लोग को हर साल बोिरग को कछ फट बढ़वाना होता ह यह सम या भजल तर क िगरत जान की वजह स ही पदा हई ह जब पीन क पानी का सकट पदा होगा तो बोतलबद पानी का कारोबार काफी तजी स बढ़गा कहन का मतलब यह िक िजसक पास पसा होगा वह अपनी यास बझा सकगा और िजसक पास पसा नही होगा उस अपनी यास बझान क िलए भी सघषर करना पड़गा ि थित की भयावहता की क पना ही िसहरन पदा करती ह भारत म दिनया का हर छठा आदमी रहता ह यानी कहा जाए तो दिनया क कल आबादी क तकरीबन सतरह फीसदी लोग भारत म रहत ह जबिक दिनया का महज साढ़ चार फीसदी पानी ही भारत म उपल ध ह ऐस म जल सम या स दो-चार होना कोई आनापिकषत बात नही ह एक बात तो तय ह िक पराकितक ससाधन म इजाफा तो नही िकया जा सकता ह लिकन इसका सरकषण अव य िकया जा सकता ह

अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह

प ठ 38 अकषय कराित

भारत म लोग िकसी एक मा यम स पयजल परा त करन पर िनभरर नही ह इस दश म 357 फीसदी लोग हडपप स 367 फीसदी लोग नल स 182 फीसदी लोग तालाब पोखर या झील स 56 फीसदी कओ स 12 फीसदी लोग पारपिरक साधन स और 26 फीसदी लोग अ य मा यम स पीन का पानी परा त करत ह इस िलहाज स अगर दखा जाए तो जल सकट को दर करन क िलए समगर कायरयोजना की ज रत ह

दरअसल भारत म गहरात जल सकट क िलए काफी हद तक पानी की बबारदी भी िज मवार ह यहा जल आपित र की यव था म काफी खािमया ह नल क जिरए घर तक पहचन वाल पानी का एक बड़ा िह सा िरस कर बबारद हो जाता ह हर शहर म फट हए आपित र पाइप आसानी स दख जा सकत ह इस बदहाल यव था क िलए सरकार क साथ-साथ सामा य लोग भी कम िज मदार नही ह एक तरफ तो सरकार पयजल क नाम पर हर साल हजार करोड़ पए का बजट बनाती ह और दसरी तरफ जमीनी तर पर हालात म कोई बदलाव नही िदखता ह सामािजक तौर पर भी जल सरकषण को लकर जाग कता का अभाव िदखता ह यह सामािजक तान-बान का ही असर ह िक लोग कही भी जल की बबारदी को दखकर उस सामा य घटना मानत हए नजरअदाज कर दत ह दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था यह अब घटकर 1800 कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर हो चका ह

दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था

प ठ 39 अकषय कराित

िवशषजञ का अनमान ह िक अगर पानी की खपत और बबारदी इसी तरह स जारी रही तो 2025 तक यह घटकर हजार कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर ही रह जाएगा उस समय तक पानी की उपल धता म आन वाली इस कमी की वजह स किष उ पादन म तीस फीसदी की कमी आन की सभावना ह इन पिरि थितय म दश की आिथरक और सामािजक ि थित का कया होगा इसका अदाजा सहज ही लगाया जा सकता ह भारत म जल सरकषण क परित आज भी आम लोग क मन म उपकषा का भाव बना हआ ह साथ ही इस कायर क िलए आव यक तकनीक की भी कमी ह जो तकनीक उपल ध ह उनस सामा य लोग अनजान ह बािरश क पानी का सगरह करक उस उपयोग म लाना एक अ छा िवक प ह पर इस तरह की कोिशश काफी सीिमत मातरा म काफी छोट तर पर हो रही ह यही वजह ह िक दश म होन वाली बािरश क पानी का अ सी फीसदी िह सा आज भी समदर म पहच जाता ह अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह अगर जल की इस िवशाल मातरा का आधा भी परयोग कर िलया जाए तो ि थित म यापक बदलाव आना तय ह शहरी कषतर म तो पानी की कालाबाजारी जोर पर ह जगह-जगह पर जल मािफया सिकरय हो गए ह िद ली क ही एक अखबार न कछ समय पहल यह बात उजागर िकया था यहा तो समानातर जल बोडर भी चलाया जा रहा ह हरानी की बात तो यह ह िक इसक बावजद भी पानी क काल धध पर अकश नही लगाया जा सका ह अहम सवाल यह ह िक कस सामा य तबक क लोग तक व छ पानी पहचाया जाए शहरी कषतर क साथ-साथ गरामीण कषतर म भी यह एक बड़ी चनौती ह आबादी म अपर यािशत विदध बढ़त शहरीकरण औ योिगकीकरण और किष उ पाद की बढ़ती माग क कारण पानी की माग िपछल कछ साल म वाभािवक प स बढ़ी ह इसक पिरणाम व प भजल ससाधन का अ यिधक दोहन हआ ह और इसका नतीजा हआ िक लगातार भजल का तर घटता जा रहा ह शहरी कषतर म ि थित बहद भयावह ह तदनसार वहा न कवल शीघराितशीघर जल ससाधन क सरकषण की ज रत ह बि क परभावी रणनीित और परबधन क जिरए त काल कदम उठान की ज रत ह

अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह

प ठ 40 अकषय कराित

खासकर इस बात को यान म ऱखकर िक िविभ न परितयोगी कषतर म कभी भी माग बढ़ सकती ह भिव य म उपयोग क िलए छत पर या सतह पर जलगरहण बनाकर वषारजल सरकषण बहद ज री ह यह पानी की बढ़ती ज रत का खयाल रखन िमटटी की नमी तर को बढ़ान शहरी हिरयाली को बढ़ान भजल तर को कितरम प स पनभररण करन और भजल की गणव ता स सधार का काम करता ह भारत म जल परबधन स दश का िवकास भारत म दिनया की 16 परितशत आबादी रहती ह लिकन दिनया क िसफर 4 परितशत जल ससाधन ही भारत क पास ह 3290000 वगर िकलोमीटर क भिम कषतर और एक अरब स यादा की आबादी क साथ भारत क एक बहलवादी िविवधता का िचतर ह िवशाल पराकितक ससाधन क साथ सप न तकनीकी और वजञािनक किमरय का भी यह दिनया म दसरा सबस बड़ा सम चय ह भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह मानव िवकास म 80 क दशक म लगभग 26 परितशत और 90 क दशक क दौरान और 24 परितशत क वारा सधार हआ ह आजादी क बाद छह दशक म भारत न जल ससाधन का अभतपवर िवकास और खा या न म आ मिनभररता शहरी कषतर ऊजार और औ योिगक कषतर और पीन का पानी क बिनयादी ढाच म तजी स िव तार दखा ह िजसका उपयोग भारत की लगभग 85 परितशत शहरी और गरामीण आबादी क वारा िकया जाता ह भारत म रा य सरकार और भारत सरकार क परितबदध और ठोस परयास की वजह स गरामीण और शहरी आबादी को सरिकषत पयजल को उपल ध करवान म काफी सफलता हािसल की ह इस उपलि ध न भजल की कमी जल जमावजल गणव ता िगरावट जल परदषण और बढ़त लवणता तर स बड़ कषतर को परभािवत िकया ह और अभी भी िविभ न रा य म गरामीण और शहरी भारत क मानव िवकास सचकाक (HDI)rsquo म बहत असमानता मौजद ह पानी क िलए कषतरीय माग तजी स बढ़ रह शहरीकरण की गित स बढ़ रही ह (अनमानत 2025 तक दश की आबादी का 50 परितशत स अिधक शहर म रहग) जनसखया विदध बढ़ती आय और औ योिगक िवकासशहरी भारत तजी स िवकास की माग क कदर क प म उभर रहा ह

भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह

प ठ 41 अकषय कराित

नतीजतन परित यिकत पानी की उपल धता िगर रही ह परधानमतरी की अ यकषता म 12वी योजना क िलए हई योजना आयोग की पणर बठक म दसर म क साथ जल परबधन पर िवशष चचार हई बठक क बाद योजना आयोग क उपा यकष म टक िसह अहलवािलया न कहा िक भ-जल कानन स लकर दसर म की यापक समीकषा ज री ह व यनाथन सिमित जहा वतरमान म भ-जल कानन की साथरकता का अ ययन करगी वही भारतीय अतिरकष अनसधान सगठन [इसरो] की मदद स पानी की उपल धता का िव तत अ ययन होगा म टक न कहा िक उसी आधार पर रणनीित तय होगी सरकार यह यान रखगी िक पानी का अिधकतम उपयोग हो सक और सभी को उपल ध हो पानी पर िकसी का एकािधकार न हो सक बतात ह िक द पयोग को रोकन क िलए श क लगान पर भी िवचार िकया जा सकता ह हालािक इसस पहल रा य सरकार स चचार होगी यह तय ह िक एआइबीपी कायरकरम म यापक बदलाव ह ग ी म टक िसह अहलवािलया न कहा िक वतरमान म इस कायरकरम का सही िकरया वयन नही हो रहा ह िलहाजा उसम पिरवतरन ज री ह सभव ह िक हर रा य म जल िनयामक परािधकरण बनान की शतर भी लगाई जाए उ ह न कहा िक जल परबधन की यापक समीकषा कर नई रणनीित तय की जाएगी कल िमलाकर रा टरीय तर पर वतरमान जल ससाधन का अिधक स अिधक करन क िलए माग को परा करन क िलए पयार त ह लिकन भिव य क अ ययन पिरयोजना ह िक जल आपित र की ि थित अगल आध सदी म अिधक किठन हो सकती ह जल सकट स िनपटन को जल सरकषण परबधन अिनवायर परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह बढ़त वि वक तापमान क फल व प अितवि ट अनावि ट अ पवि ट और असामियक वि ट हम परितवषर दख रह ह िजसका परभाव हमार जल ससाधन पर पड़ता िदखाई द रहा ह कओ व बाविडय का िमटता अि त व नदी-नाल का घटता पानी भ-गभर जल का िगरता तर िचता की पिरिध स िनकलकर खतर की घटी बनता जा रहा ह

निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह

प ठ 42 अकषय कराित

िव व भर म सीमट क अधाधध परयोग न धरातल क सहज अवशोषण कषतर को घटाया ह तथा जल बहाव भिम कटाव व बाढ़ म विदध की ह ऐसी ि थित म जल सरकषण का दािय व मातर वजञािनक व सरकार तक सीिमत न रहकर पर यक उपभोकता क कध पर आ जाता ह इसी दािय व क िनवरहन क िलए हमार पास दो िवक प सामन आत ह 1 वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई

उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

2 पािरवािरक तर पर वषार जल को सगरिहत कर उसका उपयोग कर य दोन ही परयास गरामीण कषतर म तो सरलता स अपनाए जा सकत ह परत शहरी कषतर म व ट वाटर मनजमट की बड़ी पिरयोजनाए बनाकर ही पानी को िरसाइिकल िकया जा सकता ह भ-गभर अिधकािधक जल अवशोिषत होकर

जाए इसक िलए मदानी भाग म िनयोिजत ढग स बड़-बड़ पोखर बनाकर तथा पहाड़ी कषतर म नाल -ख ड म िमटटी प थर आरसीसी क बड़-छोट डम लगाकर जल बहाव रोक भ-सरकषण बचाव व जल भडारण और धरातल जल शोषण कषतर बढ़ाया जा सकता ह िव व बक भारत सरकार वारा म य िहमालय जलागम पिरयोजना रा य क भ-सरकषण िवभाग इस कषतर म कारगर उपाय लकर

हमार सामन ह परत जनसहयोग क िबना इन पिरयोजनाओ क आशातीत पिरणाम ल पाना किठन ह वकषारोपण इस सपणर जल चकर को बल दन वाला कारक ह जल क परित चतना जागत न हई तो अव य ही अगल िव व यदध का कारण जल ही होगा

जल भोजन ह और अिगन भोजन का भकषक ह अिगन जल म और जल अिगन म िव यमान ह

- ततरीय उपिनषद 38

वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

प ठ 43 अकषय कराित

म भी गान गा सकता ह शबनम क िखलत फल क म भी गीत सना सकता ह सावन क म त झल क लिकन जब घर-घर म बादल छाय घोर िनराशा क तब म नगम गा रहा ह उ मीद की आशा क

सड़क पर खड़ बचपन की य बात सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह

हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

इस बदलत पिरवश का राग सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

गाधी जी क सपन का जो राम-रा य कहलाता ह उस भारत म सड़क पर छोट चाय पहचाता ह

कहा गई वो अ हड़ म ती कहा गया वो यार का रा ता उन हाथ स बचत झड िजन हाथ को चािहए ब ता

उस सोन की िचिड़या की म बात बतान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

कही बम की गमर हवाए कही ससद म कोहराम ह कही होत घोटाल स परशान आदमी आम ह

कही कल की िकलकारी ह कही सड़क पर बचपन ह कही चलता नही गजारा कही िवदश म काला धन ह

म स चाई गा-गाकर सबको बतलान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

बदलता भारत मनीष लाल इरडा

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

प ठ 44 अकषय कराित

करन वाल काम बहत ह यथर उलझन को छोड़ो म ला-पिड़त तोड़ रह ह तम बस lsquoअपन को जोड़ो

lsquoहम बदलग-यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का lsquoवद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का

वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हम बदलग mdash यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का वद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

प ठ 45 अकषय कराित

िसफर काला और सफ़द य ही वो दो रग थ जो तर पास सि ट बनान क आधार थ

काला वो जो कािलमा िलय ह िजस कहत ह दख िनराशा म य अपयश और वो सबकछ जो नकारा मक ह

मगर सफद ह वो रग िजसस जड़ा ह जीवन आशा सख और कीितर और वो सब कछ जो सकारा मक ह पर इन रग स तझ चन ना िमला त सोचन लगा अगर सि ट बनानी ह

तो िकस िलए- ससगर और परम क िलए और

इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग

ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह

बस- बना डाला तन इ दरधनष

जो बरसात क बाद सरज और प वी क अनपम परम को रग दता ह सतरगी रग स

और उ ही सतरगी इ दरधनषी रग म हम हर पल हर कषण डबत गहरात इतरात रहत ह

और खिशय भर ससार म हर रग को अलग-अलग तरह स महसस करक जीत रहत ह

रग तो रग ह मगर-

ससगर और परम क िलए और इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह बस-

सतरगी िचतर सगीता ीवा तव इरडा

प ठ 46 अकषय कराित

कभी पक क कभी फीक़ तो कछ कभी दाग बनकर उभर आत ह

कछ आख म नील बादल स छाए रहत ह तो कछ गाल पर गलाबी रग बनकर छलक जात ह

याद रहत ह अक सर वो रग- जो खदी पर इस तरह छा जात ह िक खद म घलकर खद क होन

का एहसास दत-दत खद का एक रग बन जात ह

बगनी आसामनी नीला हरा पीला नारगी लाल इ दरधनष क य सात रग ही जोड़त ह हमार िदल को

हमार मन को जोड़न वाल इन रग की सतरगी दिनया म-

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा बनाय

और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क

सतरगी िचतर

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा

बनाय और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क सतरगी िचतर

प ठ 20

अकषय कराित उदाहरण क िलए अगर िकसी स कोई गलती हो जाती ह तो हम एकदम उस पर िच ला पड़त ह या उसक िव दध काररवाई कर बठतहअ छा यह रहगा िक आप उस अलग ल जाकर अकल म बात कर अगर परशसा करनी हो तो सबक सामन कर

अगर िकसी स सहमित न बन तो उस पर करोध करना ज री नही ह अगर अपन करोध पर काब रखग तो लोग अपनी असहमित को अ यथा नही लग अगर आप अपन िवचार को खला रखग तो दसरी ओर स भी आप ऐस ही यवहार की अपकषा कर सकत ह परायः लोग अपनी सहमित कछ इस तरह जतात ह िक सामन वाला भी अपनी बात पर अड़ जाता ह समझन की बात यह ह िक सभी ि थितय म कवल तकर ही काफी नही होगा िकसी स असहमत होन म भी यवहार कशल होना ज री ह सबस पहल तो दसर को अपना पकष रखन का मौका द उसकी बात सन और जहा तक हो सक उसस अपनी सहमित भी परकट कर और िजन बात पर सहमित न बना सक उस समझाए

हमम स अिधकाश लोग उन किमरय और उनकी गलितय पर अ यिधक यान दत ह िजनक िलए हम काम करत ह पर अपन किमरय पर नज़र डालना भल जात ह अगर वय को उन लोग की नजर स दखा जाए तो आशातीत पिरणाम दखन को िमलत ह

आ म मथन आप कया करना चाहत ह कसा करना चाहत ह - इस सोच को

वतरमान म अपन अदर मथन करन को आ म-सझाव कहत ह एक बार सब म जब इसकी पिरपाटी श हो जाती ह तो यह हमार अदर िवजञापन की तरह काम करता ह अपन बार म अपन िलए अदर ही परचािरत करता ह इसका हमार चतन और अवचतन (Sub-concious) मन दोन पर परभाव पड़ता ह अततः यह हमार नजिरए और यवहार को परभािवत करता ह और धीर-धीर आदत का प लता ह यह दरअसल अपन अवचतन मन को ढ़ालन या परोगराम करन की िविध ह

हमम स अिधकाश लोग उन किमरय और उनकी गलितय पर अ यिधक यान दत ह िजनक िलए हम काम करत ह पर अपन किमरय पर नज़र डालना भल जात ह

प ठ 21

अकषय कराित आ म-सझाव अ छ या बर हो सकत ह जब हम बर आ म-सझाव को बार-बार दोहरात ह तब हमारा अवचतन मन उन पर िव वास करन लगता ह और हम उसी को वा तव म यवहार करन लगत ह सकारा मक आ म-सझाव को बार-बार मथन करन स उसकी हमार िदलोिदमाग म त वीर बन जाती ह और वही असिलयत का प लन लगता ह एक उदाहरण क िलए जब कभी हम सबह 0600 बज टरन पकड़नी हो और हमार पास अलामर घड़ी न हो तो हम मन म कहकर उठत ह िक 0400 बज उठना ह तो कया हम नही उठत अगर उठत ह तो इसक पीछ आ म-सझाव ही काम करता ह आ म-सझाव एक रा ता ह िजसस हम अपन िदमाग को परोगराम करक ढ़ालत ह सकारा मक आदत को िवकिसत करन म आ म-सझाव की परवि त मह वपणर िसदध हो सकती ह हमार नजिरए और आदत को तय करन वाल कारक हमार नज़िरए को मखयतः तीन कारक परभािवत करत ह - वातावरणः घर कल आिफस मीिडया सा कितक प ठभिम धािमरक प ठभिम परपराए और भाषाए सामािजक-राजनितक माहौल - य सब िमलकर एक तहजीब बनात ह चाह घर हो या आिफस या अ यतर - हर जगह हर िकसी की अपनी तहजीब होती ह उदाहरण क िलए हम एक दकान म जात ह तो वहा का स समन बड़ अदब वाला होता ह लिकन वही जब दसरी दकान पर जात ह तो वहा का स समन कभी-कभी बड़ा खा और बदतमीज िमल जाता ह उसी तरह िकसी क घर म यार भरा माहौल िमलता ह तो िकसी क घर म हमशा लड़ाई-झगड़ का इसी तरह जब सरकार और राजनीितक माहौल ईमानदारी का होता ह तो लोग भी ईमानदार मददगार और कानन का पालन करन वाल होत ह बईमान और भर ट माहौल म िजस तरह एक ईमानदार का जीना मि कल होता ह उसी तरह ईमानदारी भर माहौल म बईमान यिकत को मि कल होती ह िन सदह अ छ वातावरण म मामली कमरचारी म वमव अ छी आदत िवकिसत होती ह और उसकी कायर करन की शिकत बढ़ जाती ह जबिक खराब माहौल म अ छा काम करन वाल की भी कषमता िगर जाती ह

सकारा मक आदत को िवकिसत करन म आ म-सझाव की परवि त मह वपणर िसदध हो सकती ह

प ठ 22

अकषय कराित कायर-स कित का बहाव ऊपर स नीच की ओर होता ह नीच स ऊपर की ओर कभी नही यह दखना बहत ज री ह िक हमन अपन िलए और आस-पास क लोग क िलए कसा वातावरण तयार िकया ह खराब वातावरण म अ छ की उ मीद करना बमानी ह अनभवः हम अपन जीवन म अपन काम-काज म हालात स जसा अनभव पात ह वह हमारी आदत का िह सा बन जात ह और उसी क अनसार हमारा यवहार होता ह अगर िकसी क परित हमारा अनभव अ छा होता ह तो हमारा नज़िरया भी अ छा होता ह ज री ह िक कमरचािरय को ऐसा कायर-पिरवश िमल िजसस उनक अवचतन म अ छ अनभव की छाप अिकत हो

परिशकषण भी ज़ री यहा िसफर सदधाितक जञान ही काफी नही होता बि क औपचािरक और अनौपचािरक दोन ही तरह की िशकषा व परिशकषण ज री ह जञान और जानकारी को यिद योजनाबदध तरीक स परयोग िकया जाए तो उसस बौिदधक तर को बढ़ान म आशातीत सफलता िमलती ह काम करन की कला अ छी िशकषा स ही आती ह ज री ह िक परिशकषण म मनोवजञािनक सामािजक आिथरक व अ य पहल को समझन की आदत िवकिसत की जाए अवचतन म यह िबठाना बहत ज री ह िक जीवन की भ यता काम क वारा ही सभव ह स थान म सभी को लगना चािहए िक उनका काम मह वपणर ह यही परबधन कला का सार ह जब कमरचािरय को ऐसा एहसास होन लगता ह तो उनक नज़िरए म बदलाव आन लगता ह उपसहारः काम क परित लोग म अ छी आदत िन िपत करन और उनम उ साह जगान स कायर-िन पादन म िनरतर िनखार आता ह दरअसल हर यिकत म मानिसक और शारीिरक ऊजार उ प न होती ह िजसक िलए काम ही सबस अ छा िनकास ह एक िवचारक क अनसार lsquoआप पछत ह म लगातार काम कय करता ह

यहा िसफर सदधाितक जञान ही काफी नही होता बि क औपचािरक और अनौपचािरक दोन ही तरह की िशकषा व परिशकषण ज री ह

प ठ 23

अकषय कराित इसका वही कारण ह िजस कारण स मगीर अ ड दती जाती ह rsquo काम क िबना इसान घट सा जाता ह उस काम की उतनी ही ज रत होती ह िजतनी हवा की आव यकता ह िक उस सही वातावरण उपल ध करान और सही िदशा म अिभपरिरत करन की व ततः हर यिकत अदर स गिरमा और आ मस मान की चाह रखता ह आव यकता ह उस अतःपरिरत करन की लोग को खद स परिरत करन क िलए हम उनकी ज रत और इ छाओ को समझना होगा पररणा कायरकषमता और आदत क बीच सीधा सबध ह जो लोग उतना ही काम करत ह िक उनकी नौकरी बची रह तो ऐस लोग िकसी भी स थान क िलए मह वपणर नही हो सकत अतपररणा स सोच म बदलाव लाया जा सकता ह पररणा आग क समान होती ह

कमरचािरय को िजतना परिरत िकया जाएगा उनम उतनी ही सकारा मक आदत का िवकास होगा कमरचािरय को उिचत स मान दकर उनक कायर को अिधक मनोरजक बनाकर परबधन वारा उनकी बात को गौर स सनकर उनकी सम याओ और सझाव पर गौर करक उ ह वय ल य िनधारिरत करन क िलए परो सािहत करक िवकास क नय अवसर उपल ध कराकर आव यकतानसार समय-समय पर समिचत परिशकषण िदलाकर तथा नयी चनौितय स जझन क िलए परो सािहत करक िन सदह उनक आचार और यवहार को सकारा मक िदशा म पाियत िकया जा सकता ह

कमरचािरय को िजतना परिरत िकया जाएगा उनम उतनी ही सकारा मक आदत का िवकास होगा

ई-पितरका म लख आिद म परकट िवचार

मलतः लखक क ह तथा यह आव यक नही ह िक

इरडा भी इन िवचार स सहमत हो

प ठ 24

अकषय कराित

िबिटया

आख म मोती लकर तम िबिटया जाती हो हा जाओ िशकषा का उपहार द रह िवदा समय यह लो ल जाओ इन पराण म परीित त हारी ममता क धन िसदरी इन नयन की बद पली परकट करती ह मजबरी लाचारी ह िफर पराण म क य ह इतनी आकलता

जब इस रीित पर पराओ म वश न िकसी का ह चलता िपतकल को तजकर अब िबिटया पित-कल म जाना होगा

नटखटपन को छोड़ धमर का ही िजसम बाना होगा इस घर की तम बड़ी लाडली पराण स यारी िबिटया

चली लाकर आज सभी को िपता की कर सनी किटया िजन हाथ न लाड़ चाव स अब तक था िजसको पाला उन हाथ न ही िबिटया को दलह राजा जी को द डाला

िजसका दख जरा मन मला हो जाती थी हरानी क यादान उसी का कर क दय बनाया पाषाणी

िकया न जाता था पल भर को इन आख स दर िजस मोती झरत िवदा द रहा आज सकल पिरवार उस अपनी मा क जीवन की तम परित-पल हो आधार रहो

िवजयता िपता क दय मिदर की िबिटया तम साकार रही आज जीवन क सख-दख सार वही िबतान तम लो जान आओगी जब कभी यहा तम होगी महमान समान

सतीश कमार कलावत इरडा

इस घर की तम बड़ी लाडली पराण स यारी िबिटया चली लाकर आज सभी

को िपता की कर सनी किटया

प ठ 25

ससराल की कभी बराई कही न मह पर आ जाव धमर कमर क तर य पथ म पाव नही िडगन पाव

सात परितजञाय जो तमन अिग नदव स मख की धारण द पि त जीवन का मह व ह करना स च मन स पालन

बटी इन सात बचन का यान दय म रह सदा दोन कल की लाज इसी म भला न दना इस कदा पित ही ह सवर तर त हार पित ही को जीवन समझो

जो कछ कह उसी को मान उनको िबिटया तम धन समझो शीलवती तम बन िबिटया पित-भक त मना सदर िनस दह वय उपजग क प-वकष घर क अ दर

पहन सिशकषा की साड़ी को शभ गण भषण अपनाओ दस लकषण शभ लकषण धार िन य नय मगल गाओ यह िशकषा उपहार दय का तम को राह िदखायगा भल भटक कर भी अिधयारा पास न आन पायगा

हम सब की आख स मोती उर स िनकल रही आशीष सभी सख स पणर परफि लत कर त ह दलह राजा की ईश

अकषय कराित

िजन हाथ न लाड़ चाव स अब तक था िजसको पाला उन हाथ न ही िबिटया को दलह राजा जी को द डाला

प ठ 26 अकषय कराित

ldquoपयारवरणrdquo श द पिर+आवरण स बना ह अथारत बा य आवरण को ही पयारवरण कहत ह इस बा य आवरण का ता पयर हमार चार ओर क वातावरण और पिरवश स ह िजस हम दसर श द म परकित भी कह सकत ह प वी पर िव यमान सपणर जीव-जगत क अि त व जीवन-यापन एव चहमखी िवकास म परकित की मह वपणर भिमका ह मानव बिदधजीवी पराणी ह और परकित क मह व स भली-भाित पिरिचत होन क कारण ही सिदय स परकित की पजा करता रहा ह

विदक काल स ही परकित तथा मानव क बीच जीवन ततर का अटट सबध रहा ह हमार पराचीन ऋिष-मिनय न प वी म हवा पानी िमटटी पड़-पौध जीव-ज तओ और मानव क सिकरय सहयोगा मक सतलन को यान म रखकर ही परकित को प य माना धमर क साथ परकित को जोड़कर उ ह न परकित को पयार त मह व िदया व जानत थ िक िजस परकार जीवन क िलए भिम की आव यकता होती ह उसी परकार वन पितया व अ य पराणी भी आव यक ह य सभी परकित क अिभ न अग ह इनम स एक क भी न ट होन का परभाव दसर पर पड़ता ह और पिरणाम व प पराकितक असतलन पदा हो जाता ह व तत प वी म हवा पानी िमटटी पड़-पौध जीव-ज तओ और मानव का सिकरय सहयोगा मक सतलन रहता ह पड़-पौध भिम को उपजाऊ बनात ह िमटटी को बाधकर रखत ह बरसात करवान तथा जल एव वाय को व छ रखन म सहायक होत ह परत आज क बढ़त औ योिगकीकरण और शहरीकरण न परकित और मानव क बीच असतलन उ प न कर िदया ह यह असतलन अिशकषण बढ़ती जनसख या शहर की ओर पलायन वकष की कटाई गगनचबी इमारत बड़-बड़ उ योग की थापना आिद क कारण ह और यही पयारवरण परदषण क मख य कारण ह मटरोपोिलटन एव बड़ शहर म अनक काबरिनक और अकाबरिनक गस जस ndash काबरन-मोनोऑक साइड अमोिनया आिद परदषण क मख य ोत ह

वतरमान पयारवरण -21वी सदी की चनौती

लख सरीन सल

विदक काल स ही परकित तथा मानव क बीच जीवन ततर का अटट सबध रहा ह

प ठ 27 अकषय कराित मन य न अपनी भितक सख-सिवधाओ की आपित र क िलए परकरित स

िखलवाड़ िकया ह वतरमान मशीनी यग म मन य वारा परकित क अ यिधक दोहन एव िनत नए कारखान की थापना स पयारवरण सकट उ प न हआ ह मानव न परकित क साथ जो अ यायपणर यवहार िकया ह उसी क फल व प परकित का िवरोधी रवया हआ ह िजस भिव य म सह पाना मि कल होगा

अिशकषा क कारण दश की तजी स बढ़ती आबादी क आवास की मलभत आव यकता को परा करन क िलए वकष की कटाई करक ऊची-ऊची इमारत बनाई जा रही ह वकष की अधाधध कटाई स भिम की ऊवररा शिक त का तो ास हो ही रहा ह साथ ही परदषण जसी िवकराल सम या भी ज म ल रही ह

परदषण पयारवरण क ास का परमख कारण ह िवकासशील दश िनत नए उ योग की थापना करक बराजगारी की सम या को तो दर कर रह ह िकत इसस जल वाय विन तथा िविभ न परकार क परदषण बढ़ रह ह कल-कारखान और मोटर स िनकलन वाल धए स वाय परदषण हो रहा ह जल थल व नभ क मागर पर शिक त चािलत वाहन विन परदषण का मख य ोत ह शहरीकरण और औ योिगकीकरण क कारण शदध पयजल की सम या िवकराल प धारण कर रही ह कारखान स िनकलन वाल कड़-कचर क निदय म िमलन स जल परदषण हो रहा ह रासायिनक खाद और कीटनाशी दवाओ स मदा परदषण का खतरा बन गया ह

इस परकार जनसख या विदध शहरीकरण औ योिगकीकरण एव परदषण जसी सम याओ न पयारवरण को बरी तरह परभािवत िकया ह आज सपणर िव व पयारवरण को लकर िचितत ह इस भयावह ि थित स बचन क िलए पर यक यिक त को पयारवरण क परित जाग क करना आज की अिनवायर आव यकता ह

इस िदशा म सवरपरथम िनरकषरता को समा त िकया जाना चािहए साकषर भारत की पिरक पना म जनसख या विदध दर वय िनयितरत हो जाएगी करल रा य इसका परमाण ह जहा साकषरता क साथ-साथ जनसख या िनयतरण भी ह

जल थल व नभ क मागर पर शिक त चािलत वाहन विन परदषण का मख य ोत ह

प ठ 28 अकषय कराित

इसक बाद बात आती ह परदषण िनवारण की आज िव व भर क

वजञािनक और पयारवरणिवद इस िदशा म कायररत ह सवरपरथम वन क काटन पर परितबध लगाया गया ह और वन सपना क िव तार हत वकष लगान क िलए परो सािहत िकया गया इसक िलए सरकार की ओर स वकष आिद िनश क उपल ध कराए जात ह ldquoपयारवरण परदषण स थाrdquo और व छ वाय अिधिनयम जस िविधक उपाय स वाय परदषण पर रोक लगान का परयास िकया जा रहा ह जहरील धआ उगलन वाल कारखान तथा वाहन पर भारी आिथरक दड का परावधान ह िविभ न सचार मा यम mdashदरदशरन समाचार-पतर तथा आकाशवाणी क मा यम स जनता को पयारवरण क परित जाग क करन क परयास िकए जा रह ह निदय म खलन वाल परदषण ोत को बद करन की योजनाए चलाई जा रही ह पािलथीन क परयोग को बद करन क िलए चलाया जा रहा ह अिभयान भी परशसनीय ह

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह इस खतर स सपणर भमडल का अि त व न ट हो जाए इसस पहल हम पयारवरण की सरकषा करन का सक प लना होगा

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह

िस धी होन क प चात भी मझ बगाली रीित िरवाज़ िमठाइया यहा का पहनावा अगरज क ज़मान की बनी सरचनाए एव भवन इ यािद म बहत िदलच पी एव िच थी

प ठ 29 अकषय कराित

यातरा स मरण-कोलकाता-खिशय हषर का शहर(िसटी ऑफ जॉय)

सोिनया सिह वानी पीईसी िलिमटड

म पी ई सी िलिमटड नामक कपनी क िविध ककष म उप िविध परबधक क पद पर कायररत ह सन 2010 जन स इस कपनी म मन परबधन परिशकष क प म अपनी पहली नौकरी की श आत की पी ई सी िलिमटड वािण य मतरालय क अतगरत आन वाली आयात-िनयारत यापार स स बिधत क पिनय म स एक ह इस स दभर म जनवरी 2011 म िविभ न िवभाग क परबधन परिशकषओ को ओिरएटशन हत काडला कोलकाता इ यािद शहर म भजन का कायरकरम िनि चत िकया गया कोलकाता क पास हि दया पोटर होन क कारण कोलकाता शहर चना गया जहा पी ई सी वारा आयात की गयी व तए पोटर गोदाम म रखी जाती ह साथ ही म कोलकाता पोटर िभ न गोदाम इ यािद दखन की यव था की गयी एव सची म समावश िकया गया यह सनकर मरी ख़शी का िठकाना न रहा क य िक मन कोलकाता शहर क बार म सना बहत था पर त कभी दखा न था िस धी होन क प चात भी मझ बगाली रीित िरवाज़ िमठाइया यहा का पहनावा अगरज क ज़मान की बनी सरचनाए एव भवन इ यािद म बहत िदलच पी एव िच थी आिखरकार मझ मौका िमला और जनवरी की कड़ाकदार ठ ड क बीच हम एक रिववार शाम कोलकाता राजधानी स अपनी मिजल की और िनकल पड़ िद ली स कोलकाता क सफ़र क बीच हमारी गाड़ी इलाहाबाद गया िबहार तथा धनबाद जस शहर स होत हए बगाल की ओर पहची हसत-गात खलत-खात हए हम अगली सबह हावड़ा जकशन पहच गए रलगाड़ी स उतर कर टशन स बाहर िनकलत ही मझ िसटी ऑफ जॉय क नाम स मशहर कोलकाता की पहली झलक िदखाई दी ऐसा लगा मानो मझ भारत क दो पहल एकसाथ जीत हए नज़र आए एक तरफ थ टशन स बाहर एव अ दर जात हए स दर कपड़ गहन म लद हए कोलकाता क बगाली िनवासी साथ म बड़ी-बड़ी गािड़य म घमत कोलकाता क नौजवान और ठीक दसरी तरफ मरी नज़र पड़ी हगली नदी पर बन परिसदध हावड़ा िबरज पर िजस दख एक अलग ही दिनया का एहसास हआ

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह

िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी

एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया नतीजा मर समकष था

प ठ 30 अकषय कराित

हावड़ा िबरज पर हर तरफ लोग का जमावड़ा था इतन लोग दख िद ली क चादनी चौक की याद आ गयी ऐसा लगा मानो म 50 साल पीछ िकसी लक एव वाईट दिनया म कदम रख चकी थी िबरज क दोन तरफ सामान बचत हए दकानदार िखलौन मछली रख हए औरत एव छोट-छोट ब च मख य शहर स हावड़ा जान वाल आम आदमी मजदर की तज़ र तार फरी स र ता पार करन वाल यापारी इन सब को दख लगा कोलकाता म मबई जसी भागम भाग भी थी िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया नतीजा मर समकष था जस-जस म कोलकाता शहर क भीतर आन लगी मझ इस शहर क िवकास की झलक िदखाई दी एक तरफ थी ऊची ईमारत सदर िवशाल िव यासागर सत पल बड़-बड़ होटल माल कोलकाता उ च यायालय राईटसर िबि डग मशहर इडन गाडरन टिडयम इ यािद तो दसरी तरफ था िवक टोिरया ममोिरयल अगरज की वा तकला क अनसार िदखती लाल ईटो की इमारत िवक टोिरयल सरचनाए भवन छोटी-छोटी पटिरय पर समान बचत नया बाज़ार (New Market) क दकानदार एव िवक टोिरया ममोिरयल क बाहर चलत सलािनय क िलए रथ वाल घोड़ हमारा होटल जसीबोस सड़क पर ि थत था एव सिवधाओ स भरपर था पर त मन य जाना िक असली कोलकाता का मज़ा गाड़ी म नही अथवा िरक शा ऑटो तथा साल स चलती आ रही सड़क पर टराम म था

हर तरफ मझ पील रग की टिक सया िदखाई दी सब एक समान थी तथा मरसीडीज़ गाड़ी क बगल म चलती 1-2 पय म सफ़र की जान वाली टराम भी साथ िदखाई दी परी िजदगी िद ली म यतीत करन क बाद हर नए शहर का रहन-सहन बोल-चाल रीित-िरवाज़ जानन की जाग कता मझम हमशा रही पहल ही िदन स कोलकाता मझ रास आया जस िक कहत ह lsquoकोलकाता हमार खब भाला लागली छ rsquo कहन का ता पयर य िक मझ कोलकाता बहत अ छा लगा पहल िदन िक शाम को हमन य मािकर ट म खरीददारी करन का मन बनाया म हरान थी िक वहा चीज िकतनी स ती िमल रही थी िद ली क मतािबक एक ितहाई दाम पर चिडया गहन बग जत कत इ यािद िमल

िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया

प ठ 31 अकषय कराित य मािकर ट िद ली क लाजपत एव सरोिजनी नगर समान ह कम

दाम म अ छा समान िमला कोलकाता चमड़ क िलए भी मशहर ह एव परिसदध ी लदसर दकान भी इस बाज़ार म ि थत ह यहा खरीदारी का हमन खब ल फ़ उठाया

अगल िदन हम हि दया पोटर गए एव अनक जहाज़ दख 3-4 घट की दरी पर ि थत यह पोटर अनक एकड़ म फला हआ था पहली बार इतन बड़ जहाज़ को अदर स दख खब आनद आया तीसर िदन हम काली बाड़ी मिदर गए बगाली अ यत पाठ-पजा वाल दगार मा क स च उपासक ह यह सब जानत ह दगार पजा इनका लोकिपरय उ सव ह तथा काली मा एव दगार मा की स च मन स पजा करत ह कोलकाता क िनवासी भिक त भावपणर ह यह सना था अब खद दख भी िलया बगाली र म स पजा करन का य मौका अ यत आनदमयी था इसक अलावा काली बाड़ी क नज़दीक ही ि थत ह गौिरहाट बाज़ार यहा की दकान बगाली सािड़या कपड़ सट कत इ यािद क िलए परिसदध ह आिद धक तशवर नामक मशहर दकान म जाकर मरा भी मन िकया िक म भी खरीददारी क मर सािथय न बहत सािड़या खरीदी एव दाम दखकर म दग रह गई सदर स सदर साड़ी मातर 600700 पय की थी मन बगाल की मशहर लाल एव सफद िपरट की साड़ी भी खरीदी कोलकाता म खरीददारी का अलग की मज़ा ह उसी िदन शाम हम सा ट लक िसटी मॉल गए वह सा ट लक टिडयम क नज़दीक ह यहा िदखाई िदया कोलकाता का परगितशील प नौजवान फटबाल की जसीर पहन माल म घम रह थ एक स एक

मशहर बरड वहा मौजद थ इसक अलावा कोलकाता क िनवासी खब मनोरजन क शौक़ीन ह सगीत नाच गाना इ यादी म िच रखत ह कोलकाता म जगह-जगह सगीत कला अकडमी तथा पढ़न (रीिडग) क क लब ह अगरज क शौक तथा रहन-सहन की झलक आज भी यहा िदखती ह यहा क नौजवान को खल-कद म भी खब िदलच पी ह फटबाल का तो जस यहॉ सबको जनन ह

भारत क परिसदध मोहन बगान फटबाल क लब फटबाल क वहा क नौजवान ही नही परा शहर ही दीवाना ह भारत-पाक मच हो या आई पी एल इडन गाडरन मदान लोग स खचा-खच भरा रहता ह अफ़सोस म वहा अदर जा न सकी

इसक अलावा काली बाड़ी क नज़दीक ही ि थत ह गौिरहाट बाज़ार यहा की दकान बगाली सािडया कपड़ सट कत इ यािद क िलए परिसदध ह

प ठ 32 अकषय कराित

मर सफर क आखरी िदन म मन कोलकाता क लोग म एकता क नजार दख िविभ नता म भी एकता का उदाहरण दखा चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख िजस िदन हम कोलकाता पहच थ उसी िदन वहा शहर बद था और मन एक जट होकर लोग को अपनी बात कहत हए दखा एव सना यहा क लोग अपन शहर क िवकास बहतरी क िलए जाग क ह िज मदारी लत ह तथा सरकार को अपनी बात भली-भाित कहत ह लड़िकय औरत की इ ज़त करत ह एव यहा िक मिहलाओ को मन िनदरलीय पाया जहा एक ओर भारत की राजधानी होन क बावजद िद ली वाल अपनी िजदगी म मगन रहत ह वही दसरी और कोलकाता म अमीरी-गरीबी िभ न जाितय म भी एक जटता ह कपड़ा एव खाना आज भी यहा खब स ता िमलता ह पर त दसरी तरफ सब जानत ह िक बड़-बड़ उ योगपित िव वान लखक िखलाड़ी गायक अिभनता िनदशक यहा स उभर ह सािह य हो या लख बॉलीवड हो या िकरकट बगाल न भारत को अनक नाम एव गौरव िदए ह चाह सौरव दादा हो या रिव दर नाथ टगोर ममता बनजीर रानी मखजीर हो या योित बस भारत म इनकी भिमका का वणरन करन की ज रत नही

मन कछ िदन क कोलकाता क सफर म इस शहर को जानन समझन का परयास िकया हगली नदी क िकनार खड़ होकर समदर को दखा निदय को िनहारा िव यासागर सत िबरज की सदरता िवशालता को सराहा क सी दास की परिसदध िमठाई का ल फ उठाया मन बहत शहर घम पर त यह सफर मर िलए सबस यादगार रहा कोलकाता परगित क मागर पर िनरतर बढ़ रहा ह पर त आज भी वह अपनी जड़ नितक म य को नही भला ह एक आम आदमी आज भी टराम म या फरी स सफर करता ह यहा क िनवासी दो पय स लकर 500 ० का खाना खात ह पराना एव नया कोलकाता एक साथ जीिवत ह िसक क क दो पहल की तरह कोलकाता क यह दो प को एक साथ रहत दख बहत आनद आया

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 33 अकषय कराित

जल परकित का अनपम उपहार ह मानव जाित अपन परादभारवकाल स ही इस उपहार का उपयोग अपन िहत क िलए करती आई ह जल वह पराकितक उपहार ह िजसका कोई िवक प नही ह इसिलए जल को अमतया जीवन भी कहा गया ह जल क िबना जीवन की सभावना भी नही ह पर यकष प स तो जल की मानवीय आव यकता सीिमत ह परत परोकष आव यकताओ पर नजर डाल तो दिनक जीवन की आव यकताए जस अ न फल स जी दध स लकर हमार पहराव आवास तक सब जल स जड़ हजल का जरा भी सतलन िबगड़ जाए तो जीवन यापन क टपरद होन म दर नही परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह जल क सामा य त य जल या पानी एक आम रासायिनक पदाथर ह जो जीवन क सभी जञात प क जीिवत रहन क िलए ज री ह आमतौर पर जल अपनी दरव अव था म उपयोग म लाया जाता ह पर यह ठोस अव था बफर और गस अव था जल वा प या भाप प म भी पाया जाता ह प वी क लगभग तीन चौथाई िह स पर िव व क महासागर का अिधकार ह अनमानत प वी पर जल की कल मातरा लगभग 1400 िमिलयन घन िकलोमीटर ह जो िक प वी पर 3000 मीटर गहरी परत िबछा दन क िलए काफी ह तथािप जल की इस िवशाल मातरा म व छ जल का अनपात बहत कम ह प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह शष जल झील निदय वायम डल नमी मदा और वन पित म मौजद ह जल की जो मातरा उपभोग और अ य परयोग क िलए व ततः उपल ध ह वह निदय झील और भजल म उपल ध मातरा का छोटा-सा िह सा ह इसिलए जल ससाधन िवकास और परब ध की बाबत सकट इसिलए उ प न होता ह कय िक अिधकाश जल उपभोग क िलए उपल ध नही हो पाता

परभावी जल परबधन और दश का िवकास

दीपक आहजा ओएनजीसी िवदश

प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह

प ठ 34 अकषय कराित

और दसर इसका िवषमतापणर थािनक िवतरण इसकी एक अ य िविश टता ह फलतः जल का मह व वीकार िकया गया ह और इसक िकफायती परयोग तथा परब ध पर अिधक बल िदया गया ह प वी पर उपल ध जल जल-चकर क मा यम स चलायमान ह जल लगातार एक चकर म घमता रहता ह िजस जलचकर कहत ह इसम वा पीकरण वषार और बह कर सागर म पहचना शािमल ह हवा जल वा प को थल क ऊपर उसी दर स उड़ा ल जाती ह िजस गित स यह बहकर सागर म पहचाता ह जल चकर का िचतर नीच पर तत िकया गया ह

अिधकाश उपभोकताओ जस िक मन य पशओ अथवा पौध क िलए जल क सचलन की ज रत होती ह जल ससाधन की गितशील और नवीकरणीय परकित और इसक परयोग की बार बार ज रत को ि टगत रखत हए यह ज री ह िक जल ससाधन को उनकी परवाह दर क अनसार मापा जाए इस परकार जल ससाधन क दो पहल ह अिधकाश िवकासा मक ज रत क िलए परवाह क प म मािपत गितशील ससाधन अिधक परासिगक ह आरिकषत भ डार की ि थर अथवा िनयत परकित और साथ ही जल की मातरा तथा जल िनकाय क कषतर की ल बाई व म यपालन नौ सचालन आिद जस कछक िकरयाकलाप क िलए भी परासिगक ह

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 35 अकषय कराित

जल का यय अप यय जल क बार म एक नही कई च कान वाल त य ह िव व म और िवशष प स भारत म जल िकस परकार न ट होता ह इस िवषय म जो त य सामन आए ह उस पर जाग कता स यान दकर जल क अप यय को रोका जा सकता ह अनक त य ऐस ह जो हम आन वाल ख़तर स तो सावधान करत ही ह दसर स पररणा लन क िलए परो सािहत करत ह और पानी क मह व व इसक अनजान ोत की जानकारी भी दत ह प वी पर पदा होन वाली सभी वन पितया स भी हम पानी िमलता ह

आल और अनानास म 80 परितशत और टमाटर म 95 परितशत पानी ह पीन क िलए मानव को परितिदन 3 लीटर और पशओ को 50 लीटर पानी

चािहए भारत म 83 परितशत पानी खती और िसचाई क िलए उपयोग िकया जाता

ह इज़राइल म औसतन मातर 10 सटीमीटर वषार होती ह इस वषार स वह

इतना अनाज पदा कर लता ह िक वह उसका िनयारत कर सकता ह दसरी ओर भारत म औसतन 50 सटीमीटर स भी अिधक वषार होन क बावजद अनाज की कमी बनी रहती ह

िपछल 50 वष म जल क िलए 37 भीषण ह याकाड हए ह भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल

चलती ह पानी ज य रोग स िव व म हर वषर 22 लाख लोग की मौत हो जाती ह यिद बरश करत समय नल खला रह गया ह तो पाच िमनट म करीब 25

स 30 लीटर पानी बरबाद होता ह बाथ टब म नहात समय 300 स 500 लीटर पानी खचर होता ह जबिक

सामा य प स नहान म 100 स 150 लीटर पानी खचर होता ह िव व म परित 10 यिकतय म स 2 यिकतय को पीन का शदध पानी

नही िमल पाता ह परित वषर 6 अरब लीटर बोतल पक पानी मन य वारा पीन क िलए

परयकत िकया जाता ह मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 36 अकषय कराित

िद ली मबई और च नई जस महानगर म पाइप लाइन क वॉ व की खराबी क कारण रोज़ 14 स 44 परितशत पानी बकार बह जाता ह

निदया पानी का सबस बड़ा ोत ह जहा एक ओर निदय म बढ़त परदषण रोकन क िलए िवशषजञ उपाय खोज रह ह वही कल कारखान स बहत हए रसायन उ ह भारी मातरा म दिषत कर रह ह

भारत म जल सकट नासा की एक िरपोटर न पानी को लकर दश भर म बढ़ती जा रही लापरवाही क परित आख खोली ह इस िरपोटर म भारत म सख की ि थित पदा होन क िलए िज मवार कारण म स एक अहम कारण अधाधध जल दोहन को बताया गया ह बतात चल िक दश भर क 604 िजल म स 161 सख की मार झल रह ह वस अब बताया जा रहा ह िक सख की मार स बहाल िजल की सखया बढ़कर 246 हो गई ह यानी कहा जाए तो आधा दश सख की चपट म ह बहरहाल नासा की इस िरपोटर म बताया गया ह िक भारत क कई रा य कषमता स यादा जल दोहन कर रह ह यहा कषमता स ता पयर यह ह िक उनस िजतन सलाना जल दोहन की उ मीद कदर करती ह व उसस कही यादा जल दोहन कर रह ह नासा न यह अ ययन 2002 स 2008 क बीच

की ि थितय क आधार पर िकया ह इस िरपोटर म बताया गया ह िक पजाब हिरयाणा और राज थान हर साल औसतन 177 अरब कयिबक मीटर पानी जमीन क अदर स िनकाल रह ह जबिक कदर की तरफ स लगाए गए अनमान क मतािबक इ ह हर साल 132 अरब कयिबक मीटर पानी ही जमीन क अदर स िनकालना था इस तरह स दखा जाए तो य तीन रा य िमलकर कषमता स 30 फीसदी यादा पानी का दोहन कर रह ह जािहर ह िक िबना कछ सोच-िवचार जब इस पमान पर पराकितक ससाधन का दोहन िकया जाएगा तो परकित भी बदला लगी और वही हो रहा ह इस िरपोटर म यह भी बताया गया ह िक भारत का महज 58 फीसदी भजल ही हर साल िरचाजर हो पाता ह नासा की यह िरपोटर बताती ह िक अधाधध जल दोहन की वजह स पर उ तर पि चम भारत क भजल तर म हर साल 4 सटीमीटर यानी 16 इच की कमी आ रही ह इस अ ययन को अजाम दन म नासा क जल िवजञानी मट रोडल न अहम भिमका िनभाई ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 37 अकषय कराित

उनक हवाल स इस िरपोटर म बताया गया ह िक दश क उ तर पि चम कषतर म 2002 स 2008 क दौरान तकरीबन 109 कयिबक िकलोमीटर पानी की कमी हई ह यह मातरा िकतनी अिधक ह इसका अदाजा इसी स लगाया जा सकता ह िक यह अमिरका क सबस बड़ जलाशय लक मीड की कषमता स दगन स भी कही यादा ह अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह इस िरपोटर क मतािबक अगर अधाधध जल दोहन इसी तरह स जारी रहा तो आन वाल समय म भारत को अनाज और पानी क सकट को झलन क िलए अभी स तयार हो जाना चािहए जािहर ह िक जब जल सकट बढ़गा तो खती पर इसका गहरा परभाव पड़गा अनाज क उ पादन म कमी आएगी इस वजह स अनाज सकट पदा होगा और भख का एक नया चहरा उभरकर सामन आएगा एक बड़ा तबका जो आज भरपट भोजन कर पाता ह उसक िलए पट भर खाना िमलना मि कल हो जाएगा भखमरी की जो सम या पदा होगी उसस िफर िनपटना आसान नही होगा इसक अलावा पीन क पानी का टोटा तो होगा ही अभी ही दश क कई िह स ऐस ह जहा क लोग को पीन क िलए साफ पानी नही िमल पा रहा ह कई कषतर ऐस ह जहा गमीर क िदन म हडपप स पानी आना बद हो जाता ह वहा क लोग को हर साल बोिरग को कछ फट बढ़वाना होता ह यह सम या भजल तर क िगरत जान की वजह स ही पदा हई ह जब पीन क पानी का सकट पदा होगा तो बोतलबद पानी का कारोबार काफी तजी स बढ़गा कहन का मतलब यह िक िजसक पास पसा होगा वह अपनी यास बझा सकगा और िजसक पास पसा नही होगा उस अपनी यास बझान क िलए भी सघषर करना पड़गा ि थित की भयावहता की क पना ही िसहरन पदा करती ह भारत म दिनया का हर छठा आदमी रहता ह यानी कहा जाए तो दिनया क कल आबादी क तकरीबन सतरह फीसदी लोग भारत म रहत ह जबिक दिनया का महज साढ़ चार फीसदी पानी ही भारत म उपल ध ह ऐस म जल सम या स दो-चार होना कोई आनापिकषत बात नही ह एक बात तो तय ह िक पराकितक ससाधन म इजाफा तो नही िकया जा सकता ह लिकन इसका सरकषण अव य िकया जा सकता ह

अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह

प ठ 38 अकषय कराित

भारत म लोग िकसी एक मा यम स पयजल परा त करन पर िनभरर नही ह इस दश म 357 फीसदी लोग हडपप स 367 फीसदी लोग नल स 182 फीसदी लोग तालाब पोखर या झील स 56 फीसदी कओ स 12 फीसदी लोग पारपिरक साधन स और 26 फीसदी लोग अ य मा यम स पीन का पानी परा त करत ह इस िलहाज स अगर दखा जाए तो जल सकट को दर करन क िलए समगर कायरयोजना की ज रत ह

दरअसल भारत म गहरात जल सकट क िलए काफी हद तक पानी की बबारदी भी िज मवार ह यहा जल आपित र की यव था म काफी खािमया ह नल क जिरए घर तक पहचन वाल पानी का एक बड़ा िह सा िरस कर बबारद हो जाता ह हर शहर म फट हए आपित र पाइप आसानी स दख जा सकत ह इस बदहाल यव था क िलए सरकार क साथ-साथ सामा य लोग भी कम िज मदार नही ह एक तरफ तो सरकार पयजल क नाम पर हर साल हजार करोड़ पए का बजट बनाती ह और दसरी तरफ जमीनी तर पर हालात म कोई बदलाव नही िदखता ह सामािजक तौर पर भी जल सरकषण को लकर जाग कता का अभाव िदखता ह यह सामािजक तान-बान का ही असर ह िक लोग कही भी जल की बबारदी को दखकर उस सामा य घटना मानत हए नजरअदाज कर दत ह दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था यह अब घटकर 1800 कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर हो चका ह

दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था

प ठ 39 अकषय कराित

िवशषजञ का अनमान ह िक अगर पानी की खपत और बबारदी इसी तरह स जारी रही तो 2025 तक यह घटकर हजार कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर ही रह जाएगा उस समय तक पानी की उपल धता म आन वाली इस कमी की वजह स किष उ पादन म तीस फीसदी की कमी आन की सभावना ह इन पिरि थितय म दश की आिथरक और सामािजक ि थित का कया होगा इसका अदाजा सहज ही लगाया जा सकता ह भारत म जल सरकषण क परित आज भी आम लोग क मन म उपकषा का भाव बना हआ ह साथ ही इस कायर क िलए आव यक तकनीक की भी कमी ह जो तकनीक उपल ध ह उनस सामा य लोग अनजान ह बािरश क पानी का सगरह करक उस उपयोग म लाना एक अ छा िवक प ह पर इस तरह की कोिशश काफी सीिमत मातरा म काफी छोट तर पर हो रही ह यही वजह ह िक दश म होन वाली बािरश क पानी का अ सी फीसदी िह सा आज भी समदर म पहच जाता ह अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह अगर जल की इस िवशाल मातरा का आधा भी परयोग कर िलया जाए तो ि थित म यापक बदलाव आना तय ह शहरी कषतर म तो पानी की कालाबाजारी जोर पर ह जगह-जगह पर जल मािफया सिकरय हो गए ह िद ली क ही एक अखबार न कछ समय पहल यह बात उजागर िकया था यहा तो समानातर जल बोडर भी चलाया जा रहा ह हरानी की बात तो यह ह िक इसक बावजद भी पानी क काल धध पर अकश नही लगाया जा सका ह अहम सवाल यह ह िक कस सामा य तबक क लोग तक व छ पानी पहचाया जाए शहरी कषतर क साथ-साथ गरामीण कषतर म भी यह एक बड़ी चनौती ह आबादी म अपर यािशत विदध बढ़त शहरीकरण औ योिगकीकरण और किष उ पाद की बढ़ती माग क कारण पानी की माग िपछल कछ साल म वाभािवक प स बढ़ी ह इसक पिरणाम व प भजल ससाधन का अ यिधक दोहन हआ ह और इसका नतीजा हआ िक लगातार भजल का तर घटता जा रहा ह शहरी कषतर म ि थित बहद भयावह ह तदनसार वहा न कवल शीघराितशीघर जल ससाधन क सरकषण की ज रत ह बि क परभावी रणनीित और परबधन क जिरए त काल कदम उठान की ज रत ह

अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह

प ठ 40 अकषय कराित

खासकर इस बात को यान म ऱखकर िक िविभ न परितयोगी कषतर म कभी भी माग बढ़ सकती ह भिव य म उपयोग क िलए छत पर या सतह पर जलगरहण बनाकर वषारजल सरकषण बहद ज री ह यह पानी की बढ़ती ज रत का खयाल रखन िमटटी की नमी तर को बढ़ान शहरी हिरयाली को बढ़ान भजल तर को कितरम प स पनभररण करन और भजल की गणव ता स सधार का काम करता ह भारत म जल परबधन स दश का िवकास भारत म दिनया की 16 परितशत आबादी रहती ह लिकन दिनया क िसफर 4 परितशत जल ससाधन ही भारत क पास ह 3290000 वगर िकलोमीटर क भिम कषतर और एक अरब स यादा की आबादी क साथ भारत क एक बहलवादी िविवधता का िचतर ह िवशाल पराकितक ससाधन क साथ सप न तकनीकी और वजञािनक किमरय का भी यह दिनया म दसरा सबस बड़ा सम चय ह भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह मानव िवकास म 80 क दशक म लगभग 26 परितशत और 90 क दशक क दौरान और 24 परितशत क वारा सधार हआ ह आजादी क बाद छह दशक म भारत न जल ससाधन का अभतपवर िवकास और खा या न म आ मिनभररता शहरी कषतर ऊजार और औ योिगक कषतर और पीन का पानी क बिनयादी ढाच म तजी स िव तार दखा ह िजसका उपयोग भारत की लगभग 85 परितशत शहरी और गरामीण आबादी क वारा िकया जाता ह भारत म रा य सरकार और भारत सरकार क परितबदध और ठोस परयास की वजह स गरामीण और शहरी आबादी को सरिकषत पयजल को उपल ध करवान म काफी सफलता हािसल की ह इस उपलि ध न भजल की कमी जल जमावजल गणव ता िगरावट जल परदषण और बढ़त लवणता तर स बड़ कषतर को परभािवत िकया ह और अभी भी िविभ न रा य म गरामीण और शहरी भारत क मानव िवकास सचकाक (HDI)rsquo म बहत असमानता मौजद ह पानी क िलए कषतरीय माग तजी स बढ़ रह शहरीकरण की गित स बढ़ रही ह (अनमानत 2025 तक दश की आबादी का 50 परितशत स अिधक शहर म रहग) जनसखया विदध बढ़ती आय और औ योिगक िवकासशहरी भारत तजी स िवकास की माग क कदर क प म उभर रहा ह

भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह

प ठ 41 अकषय कराित

नतीजतन परित यिकत पानी की उपल धता िगर रही ह परधानमतरी की अ यकषता म 12वी योजना क िलए हई योजना आयोग की पणर बठक म दसर म क साथ जल परबधन पर िवशष चचार हई बठक क बाद योजना आयोग क उपा यकष म टक िसह अहलवािलया न कहा िक भ-जल कानन स लकर दसर म की यापक समीकषा ज री ह व यनाथन सिमित जहा वतरमान म भ-जल कानन की साथरकता का अ ययन करगी वही भारतीय अतिरकष अनसधान सगठन [इसरो] की मदद स पानी की उपल धता का िव तत अ ययन होगा म टक न कहा िक उसी आधार पर रणनीित तय होगी सरकार यह यान रखगी िक पानी का अिधकतम उपयोग हो सक और सभी को उपल ध हो पानी पर िकसी का एकािधकार न हो सक बतात ह िक द पयोग को रोकन क िलए श क लगान पर भी िवचार िकया जा सकता ह हालािक इसस पहल रा य सरकार स चचार होगी यह तय ह िक एआइबीपी कायरकरम म यापक बदलाव ह ग ी म टक िसह अहलवािलया न कहा िक वतरमान म इस कायरकरम का सही िकरया वयन नही हो रहा ह िलहाजा उसम पिरवतरन ज री ह सभव ह िक हर रा य म जल िनयामक परािधकरण बनान की शतर भी लगाई जाए उ ह न कहा िक जल परबधन की यापक समीकषा कर नई रणनीित तय की जाएगी कल िमलाकर रा टरीय तर पर वतरमान जल ससाधन का अिधक स अिधक करन क िलए माग को परा करन क िलए पयार त ह लिकन भिव य क अ ययन पिरयोजना ह िक जल आपित र की ि थित अगल आध सदी म अिधक किठन हो सकती ह जल सकट स िनपटन को जल सरकषण परबधन अिनवायर परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह बढ़त वि वक तापमान क फल व प अितवि ट अनावि ट अ पवि ट और असामियक वि ट हम परितवषर दख रह ह िजसका परभाव हमार जल ससाधन पर पड़ता िदखाई द रहा ह कओ व बाविडय का िमटता अि त व नदी-नाल का घटता पानी भ-गभर जल का िगरता तर िचता की पिरिध स िनकलकर खतर की घटी बनता जा रहा ह

निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह

प ठ 42 अकषय कराित

िव व भर म सीमट क अधाधध परयोग न धरातल क सहज अवशोषण कषतर को घटाया ह तथा जल बहाव भिम कटाव व बाढ़ म विदध की ह ऐसी ि थित म जल सरकषण का दािय व मातर वजञािनक व सरकार तक सीिमत न रहकर पर यक उपभोकता क कध पर आ जाता ह इसी दािय व क िनवरहन क िलए हमार पास दो िवक प सामन आत ह 1 वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई

उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

2 पािरवािरक तर पर वषार जल को सगरिहत कर उसका उपयोग कर य दोन ही परयास गरामीण कषतर म तो सरलता स अपनाए जा सकत ह परत शहरी कषतर म व ट वाटर मनजमट की बड़ी पिरयोजनाए बनाकर ही पानी को िरसाइिकल िकया जा सकता ह भ-गभर अिधकािधक जल अवशोिषत होकर

जाए इसक िलए मदानी भाग म िनयोिजत ढग स बड़-बड़ पोखर बनाकर तथा पहाड़ी कषतर म नाल -ख ड म िमटटी प थर आरसीसी क बड़-छोट डम लगाकर जल बहाव रोक भ-सरकषण बचाव व जल भडारण और धरातल जल शोषण कषतर बढ़ाया जा सकता ह िव व बक भारत सरकार वारा म य िहमालय जलागम पिरयोजना रा य क भ-सरकषण िवभाग इस कषतर म कारगर उपाय लकर

हमार सामन ह परत जनसहयोग क िबना इन पिरयोजनाओ क आशातीत पिरणाम ल पाना किठन ह वकषारोपण इस सपणर जल चकर को बल दन वाला कारक ह जल क परित चतना जागत न हई तो अव य ही अगल िव व यदध का कारण जल ही होगा

जल भोजन ह और अिगन भोजन का भकषक ह अिगन जल म और जल अिगन म िव यमान ह

- ततरीय उपिनषद 38

वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

प ठ 43 अकषय कराित

म भी गान गा सकता ह शबनम क िखलत फल क म भी गीत सना सकता ह सावन क म त झल क लिकन जब घर-घर म बादल छाय घोर िनराशा क तब म नगम गा रहा ह उ मीद की आशा क

सड़क पर खड़ बचपन की य बात सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह

हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

इस बदलत पिरवश का राग सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

गाधी जी क सपन का जो राम-रा य कहलाता ह उस भारत म सड़क पर छोट चाय पहचाता ह

कहा गई वो अ हड़ म ती कहा गया वो यार का रा ता उन हाथ स बचत झड िजन हाथ को चािहए ब ता

उस सोन की िचिड़या की म बात बतान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

कही बम की गमर हवाए कही ससद म कोहराम ह कही होत घोटाल स परशान आदमी आम ह

कही कल की िकलकारी ह कही सड़क पर बचपन ह कही चलता नही गजारा कही िवदश म काला धन ह

म स चाई गा-गाकर सबको बतलान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

बदलता भारत मनीष लाल इरडा

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

प ठ 44 अकषय कराित

करन वाल काम बहत ह यथर उलझन को छोड़ो म ला-पिड़त तोड़ रह ह तम बस lsquoअपन को जोड़ो

lsquoहम बदलग-यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का lsquoवद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का

वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हम बदलग mdash यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का वद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

प ठ 45 अकषय कराित

िसफर काला और सफ़द य ही वो दो रग थ जो तर पास सि ट बनान क आधार थ

काला वो जो कािलमा िलय ह िजस कहत ह दख िनराशा म य अपयश और वो सबकछ जो नकारा मक ह

मगर सफद ह वो रग िजसस जड़ा ह जीवन आशा सख और कीितर और वो सब कछ जो सकारा मक ह पर इन रग स तझ चन ना िमला त सोचन लगा अगर सि ट बनानी ह

तो िकस िलए- ससगर और परम क िलए और

इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग

ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह

बस- बना डाला तन इ दरधनष

जो बरसात क बाद सरज और प वी क अनपम परम को रग दता ह सतरगी रग स

और उ ही सतरगी इ दरधनषी रग म हम हर पल हर कषण डबत गहरात इतरात रहत ह

और खिशय भर ससार म हर रग को अलग-अलग तरह स महसस करक जीत रहत ह

रग तो रग ह मगर-

ससगर और परम क िलए और इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह बस-

सतरगी िचतर सगीता ीवा तव इरडा

प ठ 46 अकषय कराित

कभी पक क कभी फीक़ तो कछ कभी दाग बनकर उभर आत ह

कछ आख म नील बादल स छाए रहत ह तो कछ गाल पर गलाबी रग बनकर छलक जात ह

याद रहत ह अक सर वो रग- जो खदी पर इस तरह छा जात ह िक खद म घलकर खद क होन

का एहसास दत-दत खद का एक रग बन जात ह

बगनी आसामनी नीला हरा पीला नारगी लाल इ दरधनष क य सात रग ही जोड़त ह हमार िदल को

हमार मन को जोड़न वाल इन रग की सतरगी दिनया म-

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा बनाय

और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क

सतरगी िचतर

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा

बनाय और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क सतरगी िचतर

प ठ 21

अकषय कराित आ म-सझाव अ छ या बर हो सकत ह जब हम बर आ म-सझाव को बार-बार दोहरात ह तब हमारा अवचतन मन उन पर िव वास करन लगता ह और हम उसी को वा तव म यवहार करन लगत ह सकारा मक आ म-सझाव को बार-बार मथन करन स उसकी हमार िदलोिदमाग म त वीर बन जाती ह और वही असिलयत का प लन लगता ह एक उदाहरण क िलए जब कभी हम सबह 0600 बज टरन पकड़नी हो और हमार पास अलामर घड़ी न हो तो हम मन म कहकर उठत ह िक 0400 बज उठना ह तो कया हम नही उठत अगर उठत ह तो इसक पीछ आ म-सझाव ही काम करता ह आ म-सझाव एक रा ता ह िजसस हम अपन िदमाग को परोगराम करक ढ़ालत ह सकारा मक आदत को िवकिसत करन म आ म-सझाव की परवि त मह वपणर िसदध हो सकती ह हमार नजिरए और आदत को तय करन वाल कारक हमार नज़िरए को मखयतः तीन कारक परभािवत करत ह - वातावरणः घर कल आिफस मीिडया सा कितक प ठभिम धािमरक प ठभिम परपराए और भाषाए सामािजक-राजनितक माहौल - य सब िमलकर एक तहजीब बनात ह चाह घर हो या आिफस या अ यतर - हर जगह हर िकसी की अपनी तहजीब होती ह उदाहरण क िलए हम एक दकान म जात ह तो वहा का स समन बड़ अदब वाला होता ह लिकन वही जब दसरी दकान पर जात ह तो वहा का स समन कभी-कभी बड़ा खा और बदतमीज िमल जाता ह उसी तरह िकसी क घर म यार भरा माहौल िमलता ह तो िकसी क घर म हमशा लड़ाई-झगड़ का इसी तरह जब सरकार और राजनीितक माहौल ईमानदारी का होता ह तो लोग भी ईमानदार मददगार और कानन का पालन करन वाल होत ह बईमान और भर ट माहौल म िजस तरह एक ईमानदार का जीना मि कल होता ह उसी तरह ईमानदारी भर माहौल म बईमान यिकत को मि कल होती ह िन सदह अ छ वातावरण म मामली कमरचारी म वमव अ छी आदत िवकिसत होती ह और उसकी कायर करन की शिकत बढ़ जाती ह जबिक खराब माहौल म अ छा काम करन वाल की भी कषमता िगर जाती ह

सकारा मक आदत को िवकिसत करन म आ म-सझाव की परवि त मह वपणर िसदध हो सकती ह

प ठ 22

अकषय कराित कायर-स कित का बहाव ऊपर स नीच की ओर होता ह नीच स ऊपर की ओर कभी नही यह दखना बहत ज री ह िक हमन अपन िलए और आस-पास क लोग क िलए कसा वातावरण तयार िकया ह खराब वातावरण म अ छ की उ मीद करना बमानी ह अनभवः हम अपन जीवन म अपन काम-काज म हालात स जसा अनभव पात ह वह हमारी आदत का िह सा बन जात ह और उसी क अनसार हमारा यवहार होता ह अगर िकसी क परित हमारा अनभव अ छा होता ह तो हमारा नज़िरया भी अ छा होता ह ज री ह िक कमरचािरय को ऐसा कायर-पिरवश िमल िजसस उनक अवचतन म अ छ अनभव की छाप अिकत हो

परिशकषण भी ज़ री यहा िसफर सदधाितक जञान ही काफी नही होता बि क औपचािरक और अनौपचािरक दोन ही तरह की िशकषा व परिशकषण ज री ह जञान और जानकारी को यिद योजनाबदध तरीक स परयोग िकया जाए तो उसस बौिदधक तर को बढ़ान म आशातीत सफलता िमलती ह काम करन की कला अ छी िशकषा स ही आती ह ज री ह िक परिशकषण म मनोवजञािनक सामािजक आिथरक व अ य पहल को समझन की आदत िवकिसत की जाए अवचतन म यह िबठाना बहत ज री ह िक जीवन की भ यता काम क वारा ही सभव ह स थान म सभी को लगना चािहए िक उनका काम मह वपणर ह यही परबधन कला का सार ह जब कमरचािरय को ऐसा एहसास होन लगता ह तो उनक नज़िरए म बदलाव आन लगता ह उपसहारः काम क परित लोग म अ छी आदत िन िपत करन और उनम उ साह जगान स कायर-िन पादन म िनरतर िनखार आता ह दरअसल हर यिकत म मानिसक और शारीिरक ऊजार उ प न होती ह िजसक िलए काम ही सबस अ छा िनकास ह एक िवचारक क अनसार lsquoआप पछत ह म लगातार काम कय करता ह

यहा िसफर सदधाितक जञान ही काफी नही होता बि क औपचािरक और अनौपचािरक दोन ही तरह की िशकषा व परिशकषण ज री ह

प ठ 23

अकषय कराित इसका वही कारण ह िजस कारण स मगीर अ ड दती जाती ह rsquo काम क िबना इसान घट सा जाता ह उस काम की उतनी ही ज रत होती ह िजतनी हवा की आव यकता ह िक उस सही वातावरण उपल ध करान और सही िदशा म अिभपरिरत करन की व ततः हर यिकत अदर स गिरमा और आ मस मान की चाह रखता ह आव यकता ह उस अतःपरिरत करन की लोग को खद स परिरत करन क िलए हम उनकी ज रत और इ छाओ को समझना होगा पररणा कायरकषमता और आदत क बीच सीधा सबध ह जो लोग उतना ही काम करत ह िक उनकी नौकरी बची रह तो ऐस लोग िकसी भी स थान क िलए मह वपणर नही हो सकत अतपररणा स सोच म बदलाव लाया जा सकता ह पररणा आग क समान होती ह

कमरचािरय को िजतना परिरत िकया जाएगा उनम उतनी ही सकारा मक आदत का िवकास होगा कमरचािरय को उिचत स मान दकर उनक कायर को अिधक मनोरजक बनाकर परबधन वारा उनकी बात को गौर स सनकर उनकी सम याओ और सझाव पर गौर करक उ ह वय ल य िनधारिरत करन क िलए परो सािहत करक िवकास क नय अवसर उपल ध कराकर आव यकतानसार समय-समय पर समिचत परिशकषण िदलाकर तथा नयी चनौितय स जझन क िलए परो सािहत करक िन सदह उनक आचार और यवहार को सकारा मक िदशा म पाियत िकया जा सकता ह

कमरचािरय को िजतना परिरत िकया जाएगा उनम उतनी ही सकारा मक आदत का िवकास होगा

ई-पितरका म लख आिद म परकट िवचार

मलतः लखक क ह तथा यह आव यक नही ह िक

इरडा भी इन िवचार स सहमत हो

प ठ 24

अकषय कराित

िबिटया

आख म मोती लकर तम िबिटया जाती हो हा जाओ िशकषा का उपहार द रह िवदा समय यह लो ल जाओ इन पराण म परीित त हारी ममता क धन िसदरी इन नयन की बद पली परकट करती ह मजबरी लाचारी ह िफर पराण म क य ह इतनी आकलता

जब इस रीित पर पराओ म वश न िकसी का ह चलता िपतकल को तजकर अब िबिटया पित-कल म जाना होगा

नटखटपन को छोड़ धमर का ही िजसम बाना होगा इस घर की तम बड़ी लाडली पराण स यारी िबिटया

चली लाकर आज सभी को िपता की कर सनी किटया िजन हाथ न लाड़ चाव स अब तक था िजसको पाला उन हाथ न ही िबिटया को दलह राजा जी को द डाला

िजसका दख जरा मन मला हो जाती थी हरानी क यादान उसी का कर क दय बनाया पाषाणी

िकया न जाता था पल भर को इन आख स दर िजस मोती झरत िवदा द रहा आज सकल पिरवार उस अपनी मा क जीवन की तम परित-पल हो आधार रहो

िवजयता िपता क दय मिदर की िबिटया तम साकार रही आज जीवन क सख-दख सार वही िबतान तम लो जान आओगी जब कभी यहा तम होगी महमान समान

सतीश कमार कलावत इरडा

इस घर की तम बड़ी लाडली पराण स यारी िबिटया चली लाकर आज सभी

को िपता की कर सनी किटया

प ठ 25

ससराल की कभी बराई कही न मह पर आ जाव धमर कमर क तर य पथ म पाव नही िडगन पाव

सात परितजञाय जो तमन अिग नदव स मख की धारण द पि त जीवन का मह व ह करना स च मन स पालन

बटी इन सात बचन का यान दय म रह सदा दोन कल की लाज इसी म भला न दना इस कदा पित ही ह सवर तर त हार पित ही को जीवन समझो

जो कछ कह उसी को मान उनको िबिटया तम धन समझो शीलवती तम बन िबिटया पित-भक त मना सदर िनस दह वय उपजग क प-वकष घर क अ दर

पहन सिशकषा की साड़ी को शभ गण भषण अपनाओ दस लकषण शभ लकषण धार िन य नय मगल गाओ यह िशकषा उपहार दय का तम को राह िदखायगा भल भटक कर भी अिधयारा पास न आन पायगा

हम सब की आख स मोती उर स िनकल रही आशीष सभी सख स पणर परफि लत कर त ह दलह राजा की ईश

अकषय कराित

िजन हाथ न लाड़ चाव स अब तक था िजसको पाला उन हाथ न ही िबिटया को दलह राजा जी को द डाला

प ठ 26 अकषय कराित

ldquoपयारवरणrdquo श द पिर+आवरण स बना ह अथारत बा य आवरण को ही पयारवरण कहत ह इस बा य आवरण का ता पयर हमार चार ओर क वातावरण और पिरवश स ह िजस हम दसर श द म परकित भी कह सकत ह प वी पर िव यमान सपणर जीव-जगत क अि त व जीवन-यापन एव चहमखी िवकास म परकित की मह वपणर भिमका ह मानव बिदधजीवी पराणी ह और परकित क मह व स भली-भाित पिरिचत होन क कारण ही सिदय स परकित की पजा करता रहा ह

विदक काल स ही परकित तथा मानव क बीच जीवन ततर का अटट सबध रहा ह हमार पराचीन ऋिष-मिनय न प वी म हवा पानी िमटटी पड़-पौध जीव-ज तओ और मानव क सिकरय सहयोगा मक सतलन को यान म रखकर ही परकित को प य माना धमर क साथ परकित को जोड़कर उ ह न परकित को पयार त मह व िदया व जानत थ िक िजस परकार जीवन क िलए भिम की आव यकता होती ह उसी परकार वन पितया व अ य पराणी भी आव यक ह य सभी परकित क अिभ न अग ह इनम स एक क भी न ट होन का परभाव दसर पर पड़ता ह और पिरणाम व प पराकितक असतलन पदा हो जाता ह व तत प वी म हवा पानी िमटटी पड़-पौध जीव-ज तओ और मानव का सिकरय सहयोगा मक सतलन रहता ह पड़-पौध भिम को उपजाऊ बनात ह िमटटी को बाधकर रखत ह बरसात करवान तथा जल एव वाय को व छ रखन म सहायक होत ह परत आज क बढ़त औ योिगकीकरण और शहरीकरण न परकित और मानव क बीच असतलन उ प न कर िदया ह यह असतलन अिशकषण बढ़ती जनसख या शहर की ओर पलायन वकष की कटाई गगनचबी इमारत बड़-बड़ उ योग की थापना आिद क कारण ह और यही पयारवरण परदषण क मख य कारण ह मटरोपोिलटन एव बड़ शहर म अनक काबरिनक और अकाबरिनक गस जस ndash काबरन-मोनोऑक साइड अमोिनया आिद परदषण क मख य ोत ह

वतरमान पयारवरण -21वी सदी की चनौती

लख सरीन सल

विदक काल स ही परकित तथा मानव क बीच जीवन ततर का अटट सबध रहा ह

प ठ 27 अकषय कराित मन य न अपनी भितक सख-सिवधाओ की आपित र क िलए परकरित स

िखलवाड़ िकया ह वतरमान मशीनी यग म मन य वारा परकित क अ यिधक दोहन एव िनत नए कारखान की थापना स पयारवरण सकट उ प न हआ ह मानव न परकित क साथ जो अ यायपणर यवहार िकया ह उसी क फल व प परकित का िवरोधी रवया हआ ह िजस भिव य म सह पाना मि कल होगा

अिशकषा क कारण दश की तजी स बढ़ती आबादी क आवास की मलभत आव यकता को परा करन क िलए वकष की कटाई करक ऊची-ऊची इमारत बनाई जा रही ह वकष की अधाधध कटाई स भिम की ऊवररा शिक त का तो ास हो ही रहा ह साथ ही परदषण जसी िवकराल सम या भी ज म ल रही ह

परदषण पयारवरण क ास का परमख कारण ह िवकासशील दश िनत नए उ योग की थापना करक बराजगारी की सम या को तो दर कर रह ह िकत इसस जल वाय विन तथा िविभ न परकार क परदषण बढ़ रह ह कल-कारखान और मोटर स िनकलन वाल धए स वाय परदषण हो रहा ह जल थल व नभ क मागर पर शिक त चािलत वाहन विन परदषण का मख य ोत ह शहरीकरण और औ योिगकीकरण क कारण शदध पयजल की सम या िवकराल प धारण कर रही ह कारखान स िनकलन वाल कड़-कचर क निदय म िमलन स जल परदषण हो रहा ह रासायिनक खाद और कीटनाशी दवाओ स मदा परदषण का खतरा बन गया ह

इस परकार जनसख या विदध शहरीकरण औ योिगकीकरण एव परदषण जसी सम याओ न पयारवरण को बरी तरह परभािवत िकया ह आज सपणर िव व पयारवरण को लकर िचितत ह इस भयावह ि थित स बचन क िलए पर यक यिक त को पयारवरण क परित जाग क करना आज की अिनवायर आव यकता ह

इस िदशा म सवरपरथम िनरकषरता को समा त िकया जाना चािहए साकषर भारत की पिरक पना म जनसख या विदध दर वय िनयितरत हो जाएगी करल रा य इसका परमाण ह जहा साकषरता क साथ-साथ जनसख या िनयतरण भी ह

जल थल व नभ क मागर पर शिक त चािलत वाहन विन परदषण का मख य ोत ह

प ठ 28 अकषय कराित

इसक बाद बात आती ह परदषण िनवारण की आज िव व भर क

वजञािनक और पयारवरणिवद इस िदशा म कायररत ह सवरपरथम वन क काटन पर परितबध लगाया गया ह और वन सपना क िव तार हत वकष लगान क िलए परो सािहत िकया गया इसक िलए सरकार की ओर स वकष आिद िनश क उपल ध कराए जात ह ldquoपयारवरण परदषण स थाrdquo और व छ वाय अिधिनयम जस िविधक उपाय स वाय परदषण पर रोक लगान का परयास िकया जा रहा ह जहरील धआ उगलन वाल कारखान तथा वाहन पर भारी आिथरक दड का परावधान ह िविभ न सचार मा यम mdashदरदशरन समाचार-पतर तथा आकाशवाणी क मा यम स जनता को पयारवरण क परित जाग क करन क परयास िकए जा रह ह निदय म खलन वाल परदषण ोत को बद करन की योजनाए चलाई जा रही ह पािलथीन क परयोग को बद करन क िलए चलाया जा रहा ह अिभयान भी परशसनीय ह

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह इस खतर स सपणर भमडल का अि त व न ट हो जाए इसस पहल हम पयारवरण की सरकषा करन का सक प लना होगा

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह

िस धी होन क प चात भी मझ बगाली रीित िरवाज़ िमठाइया यहा का पहनावा अगरज क ज़मान की बनी सरचनाए एव भवन इ यािद म बहत िदलच पी एव िच थी

प ठ 29 अकषय कराित

यातरा स मरण-कोलकाता-खिशय हषर का शहर(िसटी ऑफ जॉय)

सोिनया सिह वानी पीईसी िलिमटड

म पी ई सी िलिमटड नामक कपनी क िविध ककष म उप िविध परबधक क पद पर कायररत ह सन 2010 जन स इस कपनी म मन परबधन परिशकष क प म अपनी पहली नौकरी की श आत की पी ई सी िलिमटड वािण य मतरालय क अतगरत आन वाली आयात-िनयारत यापार स स बिधत क पिनय म स एक ह इस स दभर म जनवरी 2011 म िविभ न िवभाग क परबधन परिशकषओ को ओिरएटशन हत काडला कोलकाता इ यािद शहर म भजन का कायरकरम िनि चत िकया गया कोलकाता क पास हि दया पोटर होन क कारण कोलकाता शहर चना गया जहा पी ई सी वारा आयात की गयी व तए पोटर गोदाम म रखी जाती ह साथ ही म कोलकाता पोटर िभ न गोदाम इ यािद दखन की यव था की गयी एव सची म समावश िकया गया यह सनकर मरी ख़शी का िठकाना न रहा क य िक मन कोलकाता शहर क बार म सना बहत था पर त कभी दखा न था िस धी होन क प चात भी मझ बगाली रीित िरवाज़ िमठाइया यहा का पहनावा अगरज क ज़मान की बनी सरचनाए एव भवन इ यािद म बहत िदलच पी एव िच थी आिखरकार मझ मौका िमला और जनवरी की कड़ाकदार ठ ड क बीच हम एक रिववार शाम कोलकाता राजधानी स अपनी मिजल की और िनकल पड़ िद ली स कोलकाता क सफ़र क बीच हमारी गाड़ी इलाहाबाद गया िबहार तथा धनबाद जस शहर स होत हए बगाल की ओर पहची हसत-गात खलत-खात हए हम अगली सबह हावड़ा जकशन पहच गए रलगाड़ी स उतर कर टशन स बाहर िनकलत ही मझ िसटी ऑफ जॉय क नाम स मशहर कोलकाता की पहली झलक िदखाई दी ऐसा लगा मानो मझ भारत क दो पहल एकसाथ जीत हए नज़र आए एक तरफ थ टशन स बाहर एव अ दर जात हए स दर कपड़ गहन म लद हए कोलकाता क बगाली िनवासी साथ म बड़ी-बड़ी गािड़य म घमत कोलकाता क नौजवान और ठीक दसरी तरफ मरी नज़र पड़ी हगली नदी पर बन परिसदध हावड़ा िबरज पर िजस दख एक अलग ही दिनया का एहसास हआ

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह

िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी

एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया नतीजा मर समकष था

प ठ 30 अकषय कराित

हावड़ा िबरज पर हर तरफ लोग का जमावड़ा था इतन लोग दख िद ली क चादनी चौक की याद आ गयी ऐसा लगा मानो म 50 साल पीछ िकसी लक एव वाईट दिनया म कदम रख चकी थी िबरज क दोन तरफ सामान बचत हए दकानदार िखलौन मछली रख हए औरत एव छोट-छोट ब च मख य शहर स हावड़ा जान वाल आम आदमी मजदर की तज़ र तार फरी स र ता पार करन वाल यापारी इन सब को दख लगा कोलकाता म मबई जसी भागम भाग भी थी िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया नतीजा मर समकष था जस-जस म कोलकाता शहर क भीतर आन लगी मझ इस शहर क िवकास की झलक िदखाई दी एक तरफ थी ऊची ईमारत सदर िवशाल िव यासागर सत पल बड़-बड़ होटल माल कोलकाता उ च यायालय राईटसर िबि डग मशहर इडन गाडरन टिडयम इ यािद तो दसरी तरफ था िवक टोिरया ममोिरयल अगरज की वा तकला क अनसार िदखती लाल ईटो की इमारत िवक टोिरयल सरचनाए भवन छोटी-छोटी पटिरय पर समान बचत नया बाज़ार (New Market) क दकानदार एव िवक टोिरया ममोिरयल क बाहर चलत सलािनय क िलए रथ वाल घोड़ हमारा होटल जसीबोस सड़क पर ि थत था एव सिवधाओ स भरपर था पर त मन य जाना िक असली कोलकाता का मज़ा गाड़ी म नही अथवा िरक शा ऑटो तथा साल स चलती आ रही सड़क पर टराम म था

हर तरफ मझ पील रग की टिक सया िदखाई दी सब एक समान थी तथा मरसीडीज़ गाड़ी क बगल म चलती 1-2 पय म सफ़र की जान वाली टराम भी साथ िदखाई दी परी िजदगी िद ली म यतीत करन क बाद हर नए शहर का रहन-सहन बोल-चाल रीित-िरवाज़ जानन की जाग कता मझम हमशा रही पहल ही िदन स कोलकाता मझ रास आया जस िक कहत ह lsquoकोलकाता हमार खब भाला लागली छ rsquo कहन का ता पयर य िक मझ कोलकाता बहत अ छा लगा पहल िदन िक शाम को हमन य मािकर ट म खरीददारी करन का मन बनाया म हरान थी िक वहा चीज िकतनी स ती िमल रही थी िद ली क मतािबक एक ितहाई दाम पर चिडया गहन बग जत कत इ यािद िमल

िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया

प ठ 31 अकषय कराित य मािकर ट िद ली क लाजपत एव सरोिजनी नगर समान ह कम

दाम म अ छा समान िमला कोलकाता चमड़ क िलए भी मशहर ह एव परिसदध ी लदसर दकान भी इस बाज़ार म ि थत ह यहा खरीदारी का हमन खब ल फ़ उठाया

अगल िदन हम हि दया पोटर गए एव अनक जहाज़ दख 3-4 घट की दरी पर ि थत यह पोटर अनक एकड़ म फला हआ था पहली बार इतन बड़ जहाज़ को अदर स दख खब आनद आया तीसर िदन हम काली बाड़ी मिदर गए बगाली अ यत पाठ-पजा वाल दगार मा क स च उपासक ह यह सब जानत ह दगार पजा इनका लोकिपरय उ सव ह तथा काली मा एव दगार मा की स च मन स पजा करत ह कोलकाता क िनवासी भिक त भावपणर ह यह सना था अब खद दख भी िलया बगाली र म स पजा करन का य मौका अ यत आनदमयी था इसक अलावा काली बाड़ी क नज़दीक ही ि थत ह गौिरहाट बाज़ार यहा की दकान बगाली सािड़या कपड़ सट कत इ यािद क िलए परिसदध ह आिद धक तशवर नामक मशहर दकान म जाकर मरा भी मन िकया िक म भी खरीददारी क मर सािथय न बहत सािड़या खरीदी एव दाम दखकर म दग रह गई सदर स सदर साड़ी मातर 600700 पय की थी मन बगाल की मशहर लाल एव सफद िपरट की साड़ी भी खरीदी कोलकाता म खरीददारी का अलग की मज़ा ह उसी िदन शाम हम सा ट लक िसटी मॉल गए वह सा ट लक टिडयम क नज़दीक ह यहा िदखाई िदया कोलकाता का परगितशील प नौजवान फटबाल की जसीर पहन माल म घम रह थ एक स एक

मशहर बरड वहा मौजद थ इसक अलावा कोलकाता क िनवासी खब मनोरजन क शौक़ीन ह सगीत नाच गाना इ यादी म िच रखत ह कोलकाता म जगह-जगह सगीत कला अकडमी तथा पढ़न (रीिडग) क क लब ह अगरज क शौक तथा रहन-सहन की झलक आज भी यहा िदखती ह यहा क नौजवान को खल-कद म भी खब िदलच पी ह फटबाल का तो जस यहॉ सबको जनन ह

भारत क परिसदध मोहन बगान फटबाल क लब फटबाल क वहा क नौजवान ही नही परा शहर ही दीवाना ह भारत-पाक मच हो या आई पी एल इडन गाडरन मदान लोग स खचा-खच भरा रहता ह अफ़सोस म वहा अदर जा न सकी

इसक अलावा काली बाड़ी क नज़दीक ही ि थत ह गौिरहाट बाज़ार यहा की दकान बगाली सािडया कपड़ सट कत इ यािद क िलए परिसदध ह

प ठ 32 अकषय कराित

मर सफर क आखरी िदन म मन कोलकाता क लोग म एकता क नजार दख िविभ नता म भी एकता का उदाहरण दखा चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख िजस िदन हम कोलकाता पहच थ उसी िदन वहा शहर बद था और मन एक जट होकर लोग को अपनी बात कहत हए दखा एव सना यहा क लोग अपन शहर क िवकास बहतरी क िलए जाग क ह िज मदारी लत ह तथा सरकार को अपनी बात भली-भाित कहत ह लड़िकय औरत की इ ज़त करत ह एव यहा िक मिहलाओ को मन िनदरलीय पाया जहा एक ओर भारत की राजधानी होन क बावजद िद ली वाल अपनी िजदगी म मगन रहत ह वही दसरी और कोलकाता म अमीरी-गरीबी िभ न जाितय म भी एक जटता ह कपड़ा एव खाना आज भी यहा खब स ता िमलता ह पर त दसरी तरफ सब जानत ह िक बड़-बड़ उ योगपित िव वान लखक िखलाड़ी गायक अिभनता िनदशक यहा स उभर ह सािह य हो या लख बॉलीवड हो या िकरकट बगाल न भारत को अनक नाम एव गौरव िदए ह चाह सौरव दादा हो या रिव दर नाथ टगोर ममता बनजीर रानी मखजीर हो या योित बस भारत म इनकी भिमका का वणरन करन की ज रत नही

मन कछ िदन क कोलकाता क सफर म इस शहर को जानन समझन का परयास िकया हगली नदी क िकनार खड़ होकर समदर को दखा निदय को िनहारा िव यासागर सत िबरज की सदरता िवशालता को सराहा क सी दास की परिसदध िमठाई का ल फ उठाया मन बहत शहर घम पर त यह सफर मर िलए सबस यादगार रहा कोलकाता परगित क मागर पर िनरतर बढ़ रहा ह पर त आज भी वह अपनी जड़ नितक म य को नही भला ह एक आम आदमी आज भी टराम म या फरी स सफर करता ह यहा क िनवासी दो पय स लकर 500 ० का खाना खात ह पराना एव नया कोलकाता एक साथ जीिवत ह िसक क क दो पहल की तरह कोलकाता क यह दो प को एक साथ रहत दख बहत आनद आया

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 33 अकषय कराित

जल परकित का अनपम उपहार ह मानव जाित अपन परादभारवकाल स ही इस उपहार का उपयोग अपन िहत क िलए करती आई ह जल वह पराकितक उपहार ह िजसका कोई िवक प नही ह इसिलए जल को अमतया जीवन भी कहा गया ह जल क िबना जीवन की सभावना भी नही ह पर यकष प स तो जल की मानवीय आव यकता सीिमत ह परत परोकष आव यकताओ पर नजर डाल तो दिनक जीवन की आव यकताए जस अ न फल स जी दध स लकर हमार पहराव आवास तक सब जल स जड़ हजल का जरा भी सतलन िबगड़ जाए तो जीवन यापन क टपरद होन म दर नही परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह जल क सामा य त य जल या पानी एक आम रासायिनक पदाथर ह जो जीवन क सभी जञात प क जीिवत रहन क िलए ज री ह आमतौर पर जल अपनी दरव अव था म उपयोग म लाया जाता ह पर यह ठोस अव था बफर और गस अव था जल वा प या भाप प म भी पाया जाता ह प वी क लगभग तीन चौथाई िह स पर िव व क महासागर का अिधकार ह अनमानत प वी पर जल की कल मातरा लगभग 1400 िमिलयन घन िकलोमीटर ह जो िक प वी पर 3000 मीटर गहरी परत िबछा दन क िलए काफी ह तथािप जल की इस िवशाल मातरा म व छ जल का अनपात बहत कम ह प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह शष जल झील निदय वायम डल नमी मदा और वन पित म मौजद ह जल की जो मातरा उपभोग और अ य परयोग क िलए व ततः उपल ध ह वह निदय झील और भजल म उपल ध मातरा का छोटा-सा िह सा ह इसिलए जल ससाधन िवकास और परब ध की बाबत सकट इसिलए उ प न होता ह कय िक अिधकाश जल उपभोग क िलए उपल ध नही हो पाता

परभावी जल परबधन और दश का िवकास

दीपक आहजा ओएनजीसी िवदश

प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह

प ठ 34 अकषय कराित

और दसर इसका िवषमतापणर थािनक िवतरण इसकी एक अ य िविश टता ह फलतः जल का मह व वीकार िकया गया ह और इसक िकफायती परयोग तथा परब ध पर अिधक बल िदया गया ह प वी पर उपल ध जल जल-चकर क मा यम स चलायमान ह जल लगातार एक चकर म घमता रहता ह िजस जलचकर कहत ह इसम वा पीकरण वषार और बह कर सागर म पहचना शािमल ह हवा जल वा प को थल क ऊपर उसी दर स उड़ा ल जाती ह िजस गित स यह बहकर सागर म पहचाता ह जल चकर का िचतर नीच पर तत िकया गया ह

अिधकाश उपभोकताओ जस िक मन य पशओ अथवा पौध क िलए जल क सचलन की ज रत होती ह जल ससाधन की गितशील और नवीकरणीय परकित और इसक परयोग की बार बार ज रत को ि टगत रखत हए यह ज री ह िक जल ससाधन को उनकी परवाह दर क अनसार मापा जाए इस परकार जल ससाधन क दो पहल ह अिधकाश िवकासा मक ज रत क िलए परवाह क प म मािपत गितशील ससाधन अिधक परासिगक ह आरिकषत भ डार की ि थर अथवा िनयत परकित और साथ ही जल की मातरा तथा जल िनकाय क कषतर की ल बाई व म यपालन नौ सचालन आिद जस कछक िकरयाकलाप क िलए भी परासिगक ह

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 35 अकषय कराित

जल का यय अप यय जल क बार म एक नही कई च कान वाल त य ह िव व म और िवशष प स भारत म जल िकस परकार न ट होता ह इस िवषय म जो त य सामन आए ह उस पर जाग कता स यान दकर जल क अप यय को रोका जा सकता ह अनक त य ऐस ह जो हम आन वाल ख़तर स तो सावधान करत ही ह दसर स पररणा लन क िलए परो सािहत करत ह और पानी क मह व व इसक अनजान ोत की जानकारी भी दत ह प वी पर पदा होन वाली सभी वन पितया स भी हम पानी िमलता ह

आल और अनानास म 80 परितशत और टमाटर म 95 परितशत पानी ह पीन क िलए मानव को परितिदन 3 लीटर और पशओ को 50 लीटर पानी

चािहए भारत म 83 परितशत पानी खती और िसचाई क िलए उपयोग िकया जाता

ह इज़राइल म औसतन मातर 10 सटीमीटर वषार होती ह इस वषार स वह

इतना अनाज पदा कर लता ह िक वह उसका िनयारत कर सकता ह दसरी ओर भारत म औसतन 50 सटीमीटर स भी अिधक वषार होन क बावजद अनाज की कमी बनी रहती ह

िपछल 50 वष म जल क िलए 37 भीषण ह याकाड हए ह भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल

चलती ह पानी ज य रोग स िव व म हर वषर 22 लाख लोग की मौत हो जाती ह यिद बरश करत समय नल खला रह गया ह तो पाच िमनट म करीब 25

स 30 लीटर पानी बरबाद होता ह बाथ टब म नहात समय 300 स 500 लीटर पानी खचर होता ह जबिक

सामा य प स नहान म 100 स 150 लीटर पानी खचर होता ह िव व म परित 10 यिकतय म स 2 यिकतय को पीन का शदध पानी

नही िमल पाता ह परित वषर 6 अरब लीटर बोतल पक पानी मन य वारा पीन क िलए

परयकत िकया जाता ह मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 36 अकषय कराित

िद ली मबई और च नई जस महानगर म पाइप लाइन क वॉ व की खराबी क कारण रोज़ 14 स 44 परितशत पानी बकार बह जाता ह

निदया पानी का सबस बड़ा ोत ह जहा एक ओर निदय म बढ़त परदषण रोकन क िलए िवशषजञ उपाय खोज रह ह वही कल कारखान स बहत हए रसायन उ ह भारी मातरा म दिषत कर रह ह

भारत म जल सकट नासा की एक िरपोटर न पानी को लकर दश भर म बढ़ती जा रही लापरवाही क परित आख खोली ह इस िरपोटर म भारत म सख की ि थित पदा होन क िलए िज मवार कारण म स एक अहम कारण अधाधध जल दोहन को बताया गया ह बतात चल िक दश भर क 604 िजल म स 161 सख की मार झल रह ह वस अब बताया जा रहा ह िक सख की मार स बहाल िजल की सखया बढ़कर 246 हो गई ह यानी कहा जाए तो आधा दश सख की चपट म ह बहरहाल नासा की इस िरपोटर म बताया गया ह िक भारत क कई रा य कषमता स यादा जल दोहन कर रह ह यहा कषमता स ता पयर यह ह िक उनस िजतन सलाना जल दोहन की उ मीद कदर करती ह व उसस कही यादा जल दोहन कर रह ह नासा न यह अ ययन 2002 स 2008 क बीच

की ि थितय क आधार पर िकया ह इस िरपोटर म बताया गया ह िक पजाब हिरयाणा और राज थान हर साल औसतन 177 अरब कयिबक मीटर पानी जमीन क अदर स िनकाल रह ह जबिक कदर की तरफ स लगाए गए अनमान क मतािबक इ ह हर साल 132 अरब कयिबक मीटर पानी ही जमीन क अदर स िनकालना था इस तरह स दखा जाए तो य तीन रा य िमलकर कषमता स 30 फीसदी यादा पानी का दोहन कर रह ह जािहर ह िक िबना कछ सोच-िवचार जब इस पमान पर पराकितक ससाधन का दोहन िकया जाएगा तो परकित भी बदला लगी और वही हो रहा ह इस िरपोटर म यह भी बताया गया ह िक भारत का महज 58 फीसदी भजल ही हर साल िरचाजर हो पाता ह नासा की यह िरपोटर बताती ह िक अधाधध जल दोहन की वजह स पर उ तर पि चम भारत क भजल तर म हर साल 4 सटीमीटर यानी 16 इच की कमी आ रही ह इस अ ययन को अजाम दन म नासा क जल िवजञानी मट रोडल न अहम भिमका िनभाई ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 37 अकषय कराित

उनक हवाल स इस िरपोटर म बताया गया ह िक दश क उ तर पि चम कषतर म 2002 स 2008 क दौरान तकरीबन 109 कयिबक िकलोमीटर पानी की कमी हई ह यह मातरा िकतनी अिधक ह इसका अदाजा इसी स लगाया जा सकता ह िक यह अमिरका क सबस बड़ जलाशय लक मीड की कषमता स दगन स भी कही यादा ह अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह इस िरपोटर क मतािबक अगर अधाधध जल दोहन इसी तरह स जारी रहा तो आन वाल समय म भारत को अनाज और पानी क सकट को झलन क िलए अभी स तयार हो जाना चािहए जािहर ह िक जब जल सकट बढ़गा तो खती पर इसका गहरा परभाव पड़गा अनाज क उ पादन म कमी आएगी इस वजह स अनाज सकट पदा होगा और भख का एक नया चहरा उभरकर सामन आएगा एक बड़ा तबका जो आज भरपट भोजन कर पाता ह उसक िलए पट भर खाना िमलना मि कल हो जाएगा भखमरी की जो सम या पदा होगी उसस िफर िनपटना आसान नही होगा इसक अलावा पीन क पानी का टोटा तो होगा ही अभी ही दश क कई िह स ऐस ह जहा क लोग को पीन क िलए साफ पानी नही िमल पा रहा ह कई कषतर ऐस ह जहा गमीर क िदन म हडपप स पानी आना बद हो जाता ह वहा क लोग को हर साल बोिरग को कछ फट बढ़वाना होता ह यह सम या भजल तर क िगरत जान की वजह स ही पदा हई ह जब पीन क पानी का सकट पदा होगा तो बोतलबद पानी का कारोबार काफी तजी स बढ़गा कहन का मतलब यह िक िजसक पास पसा होगा वह अपनी यास बझा सकगा और िजसक पास पसा नही होगा उस अपनी यास बझान क िलए भी सघषर करना पड़गा ि थित की भयावहता की क पना ही िसहरन पदा करती ह भारत म दिनया का हर छठा आदमी रहता ह यानी कहा जाए तो दिनया क कल आबादी क तकरीबन सतरह फीसदी लोग भारत म रहत ह जबिक दिनया का महज साढ़ चार फीसदी पानी ही भारत म उपल ध ह ऐस म जल सम या स दो-चार होना कोई आनापिकषत बात नही ह एक बात तो तय ह िक पराकितक ससाधन म इजाफा तो नही िकया जा सकता ह लिकन इसका सरकषण अव य िकया जा सकता ह

अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह

प ठ 38 अकषय कराित

भारत म लोग िकसी एक मा यम स पयजल परा त करन पर िनभरर नही ह इस दश म 357 फीसदी लोग हडपप स 367 फीसदी लोग नल स 182 फीसदी लोग तालाब पोखर या झील स 56 फीसदी कओ स 12 फीसदी लोग पारपिरक साधन स और 26 फीसदी लोग अ य मा यम स पीन का पानी परा त करत ह इस िलहाज स अगर दखा जाए तो जल सकट को दर करन क िलए समगर कायरयोजना की ज रत ह

दरअसल भारत म गहरात जल सकट क िलए काफी हद तक पानी की बबारदी भी िज मवार ह यहा जल आपित र की यव था म काफी खािमया ह नल क जिरए घर तक पहचन वाल पानी का एक बड़ा िह सा िरस कर बबारद हो जाता ह हर शहर म फट हए आपित र पाइप आसानी स दख जा सकत ह इस बदहाल यव था क िलए सरकार क साथ-साथ सामा य लोग भी कम िज मदार नही ह एक तरफ तो सरकार पयजल क नाम पर हर साल हजार करोड़ पए का बजट बनाती ह और दसरी तरफ जमीनी तर पर हालात म कोई बदलाव नही िदखता ह सामािजक तौर पर भी जल सरकषण को लकर जाग कता का अभाव िदखता ह यह सामािजक तान-बान का ही असर ह िक लोग कही भी जल की बबारदी को दखकर उस सामा य घटना मानत हए नजरअदाज कर दत ह दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था यह अब घटकर 1800 कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर हो चका ह

दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था

प ठ 39 अकषय कराित

िवशषजञ का अनमान ह िक अगर पानी की खपत और बबारदी इसी तरह स जारी रही तो 2025 तक यह घटकर हजार कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर ही रह जाएगा उस समय तक पानी की उपल धता म आन वाली इस कमी की वजह स किष उ पादन म तीस फीसदी की कमी आन की सभावना ह इन पिरि थितय म दश की आिथरक और सामािजक ि थित का कया होगा इसका अदाजा सहज ही लगाया जा सकता ह भारत म जल सरकषण क परित आज भी आम लोग क मन म उपकषा का भाव बना हआ ह साथ ही इस कायर क िलए आव यक तकनीक की भी कमी ह जो तकनीक उपल ध ह उनस सामा य लोग अनजान ह बािरश क पानी का सगरह करक उस उपयोग म लाना एक अ छा िवक प ह पर इस तरह की कोिशश काफी सीिमत मातरा म काफी छोट तर पर हो रही ह यही वजह ह िक दश म होन वाली बािरश क पानी का अ सी फीसदी िह सा आज भी समदर म पहच जाता ह अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह अगर जल की इस िवशाल मातरा का आधा भी परयोग कर िलया जाए तो ि थित म यापक बदलाव आना तय ह शहरी कषतर म तो पानी की कालाबाजारी जोर पर ह जगह-जगह पर जल मािफया सिकरय हो गए ह िद ली क ही एक अखबार न कछ समय पहल यह बात उजागर िकया था यहा तो समानातर जल बोडर भी चलाया जा रहा ह हरानी की बात तो यह ह िक इसक बावजद भी पानी क काल धध पर अकश नही लगाया जा सका ह अहम सवाल यह ह िक कस सामा य तबक क लोग तक व छ पानी पहचाया जाए शहरी कषतर क साथ-साथ गरामीण कषतर म भी यह एक बड़ी चनौती ह आबादी म अपर यािशत विदध बढ़त शहरीकरण औ योिगकीकरण और किष उ पाद की बढ़ती माग क कारण पानी की माग िपछल कछ साल म वाभािवक प स बढ़ी ह इसक पिरणाम व प भजल ससाधन का अ यिधक दोहन हआ ह और इसका नतीजा हआ िक लगातार भजल का तर घटता जा रहा ह शहरी कषतर म ि थित बहद भयावह ह तदनसार वहा न कवल शीघराितशीघर जल ससाधन क सरकषण की ज रत ह बि क परभावी रणनीित और परबधन क जिरए त काल कदम उठान की ज रत ह

अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह

प ठ 40 अकषय कराित

खासकर इस बात को यान म ऱखकर िक िविभ न परितयोगी कषतर म कभी भी माग बढ़ सकती ह भिव य म उपयोग क िलए छत पर या सतह पर जलगरहण बनाकर वषारजल सरकषण बहद ज री ह यह पानी की बढ़ती ज रत का खयाल रखन िमटटी की नमी तर को बढ़ान शहरी हिरयाली को बढ़ान भजल तर को कितरम प स पनभररण करन और भजल की गणव ता स सधार का काम करता ह भारत म जल परबधन स दश का िवकास भारत म दिनया की 16 परितशत आबादी रहती ह लिकन दिनया क िसफर 4 परितशत जल ससाधन ही भारत क पास ह 3290000 वगर िकलोमीटर क भिम कषतर और एक अरब स यादा की आबादी क साथ भारत क एक बहलवादी िविवधता का िचतर ह िवशाल पराकितक ससाधन क साथ सप न तकनीकी और वजञािनक किमरय का भी यह दिनया म दसरा सबस बड़ा सम चय ह भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह मानव िवकास म 80 क दशक म लगभग 26 परितशत और 90 क दशक क दौरान और 24 परितशत क वारा सधार हआ ह आजादी क बाद छह दशक म भारत न जल ससाधन का अभतपवर िवकास और खा या न म आ मिनभररता शहरी कषतर ऊजार और औ योिगक कषतर और पीन का पानी क बिनयादी ढाच म तजी स िव तार दखा ह िजसका उपयोग भारत की लगभग 85 परितशत शहरी और गरामीण आबादी क वारा िकया जाता ह भारत म रा य सरकार और भारत सरकार क परितबदध और ठोस परयास की वजह स गरामीण और शहरी आबादी को सरिकषत पयजल को उपल ध करवान म काफी सफलता हािसल की ह इस उपलि ध न भजल की कमी जल जमावजल गणव ता िगरावट जल परदषण और बढ़त लवणता तर स बड़ कषतर को परभािवत िकया ह और अभी भी िविभ न रा य म गरामीण और शहरी भारत क मानव िवकास सचकाक (HDI)rsquo म बहत असमानता मौजद ह पानी क िलए कषतरीय माग तजी स बढ़ रह शहरीकरण की गित स बढ़ रही ह (अनमानत 2025 तक दश की आबादी का 50 परितशत स अिधक शहर म रहग) जनसखया विदध बढ़ती आय और औ योिगक िवकासशहरी भारत तजी स िवकास की माग क कदर क प म उभर रहा ह

भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह

प ठ 41 अकषय कराित

नतीजतन परित यिकत पानी की उपल धता िगर रही ह परधानमतरी की अ यकषता म 12वी योजना क िलए हई योजना आयोग की पणर बठक म दसर म क साथ जल परबधन पर िवशष चचार हई बठक क बाद योजना आयोग क उपा यकष म टक िसह अहलवािलया न कहा िक भ-जल कानन स लकर दसर म की यापक समीकषा ज री ह व यनाथन सिमित जहा वतरमान म भ-जल कानन की साथरकता का अ ययन करगी वही भारतीय अतिरकष अनसधान सगठन [इसरो] की मदद स पानी की उपल धता का िव तत अ ययन होगा म टक न कहा िक उसी आधार पर रणनीित तय होगी सरकार यह यान रखगी िक पानी का अिधकतम उपयोग हो सक और सभी को उपल ध हो पानी पर िकसी का एकािधकार न हो सक बतात ह िक द पयोग को रोकन क िलए श क लगान पर भी िवचार िकया जा सकता ह हालािक इसस पहल रा य सरकार स चचार होगी यह तय ह िक एआइबीपी कायरकरम म यापक बदलाव ह ग ी म टक िसह अहलवािलया न कहा िक वतरमान म इस कायरकरम का सही िकरया वयन नही हो रहा ह िलहाजा उसम पिरवतरन ज री ह सभव ह िक हर रा य म जल िनयामक परािधकरण बनान की शतर भी लगाई जाए उ ह न कहा िक जल परबधन की यापक समीकषा कर नई रणनीित तय की जाएगी कल िमलाकर रा टरीय तर पर वतरमान जल ससाधन का अिधक स अिधक करन क िलए माग को परा करन क िलए पयार त ह लिकन भिव य क अ ययन पिरयोजना ह िक जल आपित र की ि थित अगल आध सदी म अिधक किठन हो सकती ह जल सकट स िनपटन को जल सरकषण परबधन अिनवायर परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह बढ़त वि वक तापमान क फल व प अितवि ट अनावि ट अ पवि ट और असामियक वि ट हम परितवषर दख रह ह िजसका परभाव हमार जल ससाधन पर पड़ता िदखाई द रहा ह कओ व बाविडय का िमटता अि त व नदी-नाल का घटता पानी भ-गभर जल का िगरता तर िचता की पिरिध स िनकलकर खतर की घटी बनता जा रहा ह

निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह

प ठ 42 अकषय कराित

िव व भर म सीमट क अधाधध परयोग न धरातल क सहज अवशोषण कषतर को घटाया ह तथा जल बहाव भिम कटाव व बाढ़ म विदध की ह ऐसी ि थित म जल सरकषण का दािय व मातर वजञािनक व सरकार तक सीिमत न रहकर पर यक उपभोकता क कध पर आ जाता ह इसी दािय व क िनवरहन क िलए हमार पास दो िवक प सामन आत ह 1 वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई

उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

2 पािरवािरक तर पर वषार जल को सगरिहत कर उसका उपयोग कर य दोन ही परयास गरामीण कषतर म तो सरलता स अपनाए जा सकत ह परत शहरी कषतर म व ट वाटर मनजमट की बड़ी पिरयोजनाए बनाकर ही पानी को िरसाइिकल िकया जा सकता ह भ-गभर अिधकािधक जल अवशोिषत होकर

जाए इसक िलए मदानी भाग म िनयोिजत ढग स बड़-बड़ पोखर बनाकर तथा पहाड़ी कषतर म नाल -ख ड म िमटटी प थर आरसीसी क बड़-छोट डम लगाकर जल बहाव रोक भ-सरकषण बचाव व जल भडारण और धरातल जल शोषण कषतर बढ़ाया जा सकता ह िव व बक भारत सरकार वारा म य िहमालय जलागम पिरयोजना रा य क भ-सरकषण िवभाग इस कषतर म कारगर उपाय लकर

हमार सामन ह परत जनसहयोग क िबना इन पिरयोजनाओ क आशातीत पिरणाम ल पाना किठन ह वकषारोपण इस सपणर जल चकर को बल दन वाला कारक ह जल क परित चतना जागत न हई तो अव य ही अगल िव व यदध का कारण जल ही होगा

जल भोजन ह और अिगन भोजन का भकषक ह अिगन जल म और जल अिगन म िव यमान ह

- ततरीय उपिनषद 38

वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

प ठ 43 अकषय कराित

म भी गान गा सकता ह शबनम क िखलत फल क म भी गीत सना सकता ह सावन क म त झल क लिकन जब घर-घर म बादल छाय घोर िनराशा क तब म नगम गा रहा ह उ मीद की आशा क

सड़क पर खड़ बचपन की य बात सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह

हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

इस बदलत पिरवश का राग सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

गाधी जी क सपन का जो राम-रा य कहलाता ह उस भारत म सड़क पर छोट चाय पहचाता ह

कहा गई वो अ हड़ म ती कहा गया वो यार का रा ता उन हाथ स बचत झड िजन हाथ को चािहए ब ता

उस सोन की िचिड़या की म बात बतान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

कही बम की गमर हवाए कही ससद म कोहराम ह कही होत घोटाल स परशान आदमी आम ह

कही कल की िकलकारी ह कही सड़क पर बचपन ह कही चलता नही गजारा कही िवदश म काला धन ह

म स चाई गा-गाकर सबको बतलान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

बदलता भारत मनीष लाल इरडा

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

प ठ 44 अकषय कराित

करन वाल काम बहत ह यथर उलझन को छोड़ो म ला-पिड़त तोड़ रह ह तम बस lsquoअपन को जोड़ो

lsquoहम बदलग-यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का lsquoवद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का

वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हम बदलग mdash यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का वद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

प ठ 45 अकषय कराित

िसफर काला और सफ़द य ही वो दो रग थ जो तर पास सि ट बनान क आधार थ

काला वो जो कािलमा िलय ह िजस कहत ह दख िनराशा म य अपयश और वो सबकछ जो नकारा मक ह

मगर सफद ह वो रग िजसस जड़ा ह जीवन आशा सख और कीितर और वो सब कछ जो सकारा मक ह पर इन रग स तझ चन ना िमला त सोचन लगा अगर सि ट बनानी ह

तो िकस िलए- ससगर और परम क िलए और

इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग

ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह

बस- बना डाला तन इ दरधनष

जो बरसात क बाद सरज और प वी क अनपम परम को रग दता ह सतरगी रग स

और उ ही सतरगी इ दरधनषी रग म हम हर पल हर कषण डबत गहरात इतरात रहत ह

और खिशय भर ससार म हर रग को अलग-अलग तरह स महसस करक जीत रहत ह

रग तो रग ह मगर-

ससगर और परम क िलए और इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह बस-

सतरगी िचतर सगीता ीवा तव इरडा

प ठ 46 अकषय कराित

कभी पक क कभी फीक़ तो कछ कभी दाग बनकर उभर आत ह

कछ आख म नील बादल स छाए रहत ह तो कछ गाल पर गलाबी रग बनकर छलक जात ह

याद रहत ह अक सर वो रग- जो खदी पर इस तरह छा जात ह िक खद म घलकर खद क होन

का एहसास दत-दत खद का एक रग बन जात ह

बगनी आसामनी नीला हरा पीला नारगी लाल इ दरधनष क य सात रग ही जोड़त ह हमार िदल को

हमार मन को जोड़न वाल इन रग की सतरगी दिनया म-

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा बनाय

और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क

सतरगी िचतर

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा

बनाय और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क सतरगी िचतर

प ठ 22

अकषय कराित कायर-स कित का बहाव ऊपर स नीच की ओर होता ह नीच स ऊपर की ओर कभी नही यह दखना बहत ज री ह िक हमन अपन िलए और आस-पास क लोग क िलए कसा वातावरण तयार िकया ह खराब वातावरण म अ छ की उ मीद करना बमानी ह अनभवः हम अपन जीवन म अपन काम-काज म हालात स जसा अनभव पात ह वह हमारी आदत का िह सा बन जात ह और उसी क अनसार हमारा यवहार होता ह अगर िकसी क परित हमारा अनभव अ छा होता ह तो हमारा नज़िरया भी अ छा होता ह ज री ह िक कमरचािरय को ऐसा कायर-पिरवश िमल िजसस उनक अवचतन म अ छ अनभव की छाप अिकत हो

परिशकषण भी ज़ री यहा िसफर सदधाितक जञान ही काफी नही होता बि क औपचािरक और अनौपचािरक दोन ही तरह की िशकषा व परिशकषण ज री ह जञान और जानकारी को यिद योजनाबदध तरीक स परयोग िकया जाए तो उसस बौिदधक तर को बढ़ान म आशातीत सफलता िमलती ह काम करन की कला अ छी िशकषा स ही आती ह ज री ह िक परिशकषण म मनोवजञािनक सामािजक आिथरक व अ य पहल को समझन की आदत िवकिसत की जाए अवचतन म यह िबठाना बहत ज री ह िक जीवन की भ यता काम क वारा ही सभव ह स थान म सभी को लगना चािहए िक उनका काम मह वपणर ह यही परबधन कला का सार ह जब कमरचािरय को ऐसा एहसास होन लगता ह तो उनक नज़िरए म बदलाव आन लगता ह उपसहारः काम क परित लोग म अ छी आदत िन िपत करन और उनम उ साह जगान स कायर-िन पादन म िनरतर िनखार आता ह दरअसल हर यिकत म मानिसक और शारीिरक ऊजार उ प न होती ह िजसक िलए काम ही सबस अ छा िनकास ह एक िवचारक क अनसार lsquoआप पछत ह म लगातार काम कय करता ह

यहा िसफर सदधाितक जञान ही काफी नही होता बि क औपचािरक और अनौपचािरक दोन ही तरह की िशकषा व परिशकषण ज री ह

प ठ 23

अकषय कराित इसका वही कारण ह िजस कारण स मगीर अ ड दती जाती ह rsquo काम क िबना इसान घट सा जाता ह उस काम की उतनी ही ज रत होती ह िजतनी हवा की आव यकता ह िक उस सही वातावरण उपल ध करान और सही िदशा म अिभपरिरत करन की व ततः हर यिकत अदर स गिरमा और आ मस मान की चाह रखता ह आव यकता ह उस अतःपरिरत करन की लोग को खद स परिरत करन क िलए हम उनकी ज रत और इ छाओ को समझना होगा पररणा कायरकषमता और आदत क बीच सीधा सबध ह जो लोग उतना ही काम करत ह िक उनकी नौकरी बची रह तो ऐस लोग िकसी भी स थान क िलए मह वपणर नही हो सकत अतपररणा स सोच म बदलाव लाया जा सकता ह पररणा आग क समान होती ह

कमरचािरय को िजतना परिरत िकया जाएगा उनम उतनी ही सकारा मक आदत का िवकास होगा कमरचािरय को उिचत स मान दकर उनक कायर को अिधक मनोरजक बनाकर परबधन वारा उनकी बात को गौर स सनकर उनकी सम याओ और सझाव पर गौर करक उ ह वय ल य िनधारिरत करन क िलए परो सािहत करक िवकास क नय अवसर उपल ध कराकर आव यकतानसार समय-समय पर समिचत परिशकषण िदलाकर तथा नयी चनौितय स जझन क िलए परो सािहत करक िन सदह उनक आचार और यवहार को सकारा मक िदशा म पाियत िकया जा सकता ह

कमरचािरय को िजतना परिरत िकया जाएगा उनम उतनी ही सकारा मक आदत का िवकास होगा

ई-पितरका म लख आिद म परकट िवचार

मलतः लखक क ह तथा यह आव यक नही ह िक

इरडा भी इन िवचार स सहमत हो

प ठ 24

अकषय कराित

िबिटया

आख म मोती लकर तम िबिटया जाती हो हा जाओ िशकषा का उपहार द रह िवदा समय यह लो ल जाओ इन पराण म परीित त हारी ममता क धन िसदरी इन नयन की बद पली परकट करती ह मजबरी लाचारी ह िफर पराण म क य ह इतनी आकलता

जब इस रीित पर पराओ म वश न िकसी का ह चलता िपतकल को तजकर अब िबिटया पित-कल म जाना होगा

नटखटपन को छोड़ धमर का ही िजसम बाना होगा इस घर की तम बड़ी लाडली पराण स यारी िबिटया

चली लाकर आज सभी को िपता की कर सनी किटया िजन हाथ न लाड़ चाव स अब तक था िजसको पाला उन हाथ न ही िबिटया को दलह राजा जी को द डाला

िजसका दख जरा मन मला हो जाती थी हरानी क यादान उसी का कर क दय बनाया पाषाणी

िकया न जाता था पल भर को इन आख स दर िजस मोती झरत िवदा द रहा आज सकल पिरवार उस अपनी मा क जीवन की तम परित-पल हो आधार रहो

िवजयता िपता क दय मिदर की िबिटया तम साकार रही आज जीवन क सख-दख सार वही िबतान तम लो जान आओगी जब कभी यहा तम होगी महमान समान

सतीश कमार कलावत इरडा

इस घर की तम बड़ी लाडली पराण स यारी िबिटया चली लाकर आज सभी

को िपता की कर सनी किटया

प ठ 25

ससराल की कभी बराई कही न मह पर आ जाव धमर कमर क तर य पथ म पाव नही िडगन पाव

सात परितजञाय जो तमन अिग नदव स मख की धारण द पि त जीवन का मह व ह करना स च मन स पालन

बटी इन सात बचन का यान दय म रह सदा दोन कल की लाज इसी म भला न दना इस कदा पित ही ह सवर तर त हार पित ही को जीवन समझो

जो कछ कह उसी को मान उनको िबिटया तम धन समझो शीलवती तम बन िबिटया पित-भक त मना सदर िनस दह वय उपजग क प-वकष घर क अ दर

पहन सिशकषा की साड़ी को शभ गण भषण अपनाओ दस लकषण शभ लकषण धार िन य नय मगल गाओ यह िशकषा उपहार दय का तम को राह िदखायगा भल भटक कर भी अिधयारा पास न आन पायगा

हम सब की आख स मोती उर स िनकल रही आशीष सभी सख स पणर परफि लत कर त ह दलह राजा की ईश

अकषय कराित

िजन हाथ न लाड़ चाव स अब तक था िजसको पाला उन हाथ न ही िबिटया को दलह राजा जी को द डाला

प ठ 26 अकषय कराित

ldquoपयारवरणrdquo श द पिर+आवरण स बना ह अथारत बा य आवरण को ही पयारवरण कहत ह इस बा य आवरण का ता पयर हमार चार ओर क वातावरण और पिरवश स ह िजस हम दसर श द म परकित भी कह सकत ह प वी पर िव यमान सपणर जीव-जगत क अि त व जीवन-यापन एव चहमखी िवकास म परकित की मह वपणर भिमका ह मानव बिदधजीवी पराणी ह और परकित क मह व स भली-भाित पिरिचत होन क कारण ही सिदय स परकित की पजा करता रहा ह

विदक काल स ही परकित तथा मानव क बीच जीवन ततर का अटट सबध रहा ह हमार पराचीन ऋिष-मिनय न प वी म हवा पानी िमटटी पड़-पौध जीव-ज तओ और मानव क सिकरय सहयोगा मक सतलन को यान म रखकर ही परकित को प य माना धमर क साथ परकित को जोड़कर उ ह न परकित को पयार त मह व िदया व जानत थ िक िजस परकार जीवन क िलए भिम की आव यकता होती ह उसी परकार वन पितया व अ य पराणी भी आव यक ह य सभी परकित क अिभ न अग ह इनम स एक क भी न ट होन का परभाव दसर पर पड़ता ह और पिरणाम व प पराकितक असतलन पदा हो जाता ह व तत प वी म हवा पानी िमटटी पड़-पौध जीव-ज तओ और मानव का सिकरय सहयोगा मक सतलन रहता ह पड़-पौध भिम को उपजाऊ बनात ह िमटटी को बाधकर रखत ह बरसात करवान तथा जल एव वाय को व छ रखन म सहायक होत ह परत आज क बढ़त औ योिगकीकरण और शहरीकरण न परकित और मानव क बीच असतलन उ प न कर िदया ह यह असतलन अिशकषण बढ़ती जनसख या शहर की ओर पलायन वकष की कटाई गगनचबी इमारत बड़-बड़ उ योग की थापना आिद क कारण ह और यही पयारवरण परदषण क मख य कारण ह मटरोपोिलटन एव बड़ शहर म अनक काबरिनक और अकाबरिनक गस जस ndash काबरन-मोनोऑक साइड अमोिनया आिद परदषण क मख य ोत ह

वतरमान पयारवरण -21वी सदी की चनौती

लख सरीन सल

विदक काल स ही परकित तथा मानव क बीच जीवन ततर का अटट सबध रहा ह

प ठ 27 अकषय कराित मन य न अपनी भितक सख-सिवधाओ की आपित र क िलए परकरित स

िखलवाड़ िकया ह वतरमान मशीनी यग म मन य वारा परकित क अ यिधक दोहन एव िनत नए कारखान की थापना स पयारवरण सकट उ प न हआ ह मानव न परकित क साथ जो अ यायपणर यवहार िकया ह उसी क फल व प परकित का िवरोधी रवया हआ ह िजस भिव य म सह पाना मि कल होगा

अिशकषा क कारण दश की तजी स बढ़ती आबादी क आवास की मलभत आव यकता को परा करन क िलए वकष की कटाई करक ऊची-ऊची इमारत बनाई जा रही ह वकष की अधाधध कटाई स भिम की ऊवररा शिक त का तो ास हो ही रहा ह साथ ही परदषण जसी िवकराल सम या भी ज म ल रही ह

परदषण पयारवरण क ास का परमख कारण ह िवकासशील दश िनत नए उ योग की थापना करक बराजगारी की सम या को तो दर कर रह ह िकत इसस जल वाय विन तथा िविभ न परकार क परदषण बढ़ रह ह कल-कारखान और मोटर स िनकलन वाल धए स वाय परदषण हो रहा ह जल थल व नभ क मागर पर शिक त चािलत वाहन विन परदषण का मख य ोत ह शहरीकरण और औ योिगकीकरण क कारण शदध पयजल की सम या िवकराल प धारण कर रही ह कारखान स िनकलन वाल कड़-कचर क निदय म िमलन स जल परदषण हो रहा ह रासायिनक खाद और कीटनाशी दवाओ स मदा परदषण का खतरा बन गया ह

इस परकार जनसख या विदध शहरीकरण औ योिगकीकरण एव परदषण जसी सम याओ न पयारवरण को बरी तरह परभािवत िकया ह आज सपणर िव व पयारवरण को लकर िचितत ह इस भयावह ि थित स बचन क िलए पर यक यिक त को पयारवरण क परित जाग क करना आज की अिनवायर आव यकता ह

इस िदशा म सवरपरथम िनरकषरता को समा त िकया जाना चािहए साकषर भारत की पिरक पना म जनसख या विदध दर वय िनयितरत हो जाएगी करल रा य इसका परमाण ह जहा साकषरता क साथ-साथ जनसख या िनयतरण भी ह

जल थल व नभ क मागर पर शिक त चािलत वाहन विन परदषण का मख य ोत ह

प ठ 28 अकषय कराित

इसक बाद बात आती ह परदषण िनवारण की आज िव व भर क

वजञािनक और पयारवरणिवद इस िदशा म कायररत ह सवरपरथम वन क काटन पर परितबध लगाया गया ह और वन सपना क िव तार हत वकष लगान क िलए परो सािहत िकया गया इसक िलए सरकार की ओर स वकष आिद िनश क उपल ध कराए जात ह ldquoपयारवरण परदषण स थाrdquo और व छ वाय अिधिनयम जस िविधक उपाय स वाय परदषण पर रोक लगान का परयास िकया जा रहा ह जहरील धआ उगलन वाल कारखान तथा वाहन पर भारी आिथरक दड का परावधान ह िविभ न सचार मा यम mdashदरदशरन समाचार-पतर तथा आकाशवाणी क मा यम स जनता को पयारवरण क परित जाग क करन क परयास िकए जा रह ह निदय म खलन वाल परदषण ोत को बद करन की योजनाए चलाई जा रही ह पािलथीन क परयोग को बद करन क िलए चलाया जा रहा ह अिभयान भी परशसनीय ह

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह इस खतर स सपणर भमडल का अि त व न ट हो जाए इसस पहल हम पयारवरण की सरकषा करन का सक प लना होगा

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह

िस धी होन क प चात भी मझ बगाली रीित िरवाज़ िमठाइया यहा का पहनावा अगरज क ज़मान की बनी सरचनाए एव भवन इ यािद म बहत िदलच पी एव िच थी

प ठ 29 अकषय कराित

यातरा स मरण-कोलकाता-खिशय हषर का शहर(िसटी ऑफ जॉय)

सोिनया सिह वानी पीईसी िलिमटड

म पी ई सी िलिमटड नामक कपनी क िविध ककष म उप िविध परबधक क पद पर कायररत ह सन 2010 जन स इस कपनी म मन परबधन परिशकष क प म अपनी पहली नौकरी की श आत की पी ई सी िलिमटड वािण य मतरालय क अतगरत आन वाली आयात-िनयारत यापार स स बिधत क पिनय म स एक ह इस स दभर म जनवरी 2011 म िविभ न िवभाग क परबधन परिशकषओ को ओिरएटशन हत काडला कोलकाता इ यािद शहर म भजन का कायरकरम िनि चत िकया गया कोलकाता क पास हि दया पोटर होन क कारण कोलकाता शहर चना गया जहा पी ई सी वारा आयात की गयी व तए पोटर गोदाम म रखी जाती ह साथ ही म कोलकाता पोटर िभ न गोदाम इ यािद दखन की यव था की गयी एव सची म समावश िकया गया यह सनकर मरी ख़शी का िठकाना न रहा क य िक मन कोलकाता शहर क बार म सना बहत था पर त कभी दखा न था िस धी होन क प चात भी मझ बगाली रीित िरवाज़ िमठाइया यहा का पहनावा अगरज क ज़मान की बनी सरचनाए एव भवन इ यािद म बहत िदलच पी एव िच थी आिखरकार मझ मौका िमला और जनवरी की कड़ाकदार ठ ड क बीच हम एक रिववार शाम कोलकाता राजधानी स अपनी मिजल की और िनकल पड़ िद ली स कोलकाता क सफ़र क बीच हमारी गाड़ी इलाहाबाद गया िबहार तथा धनबाद जस शहर स होत हए बगाल की ओर पहची हसत-गात खलत-खात हए हम अगली सबह हावड़ा जकशन पहच गए रलगाड़ी स उतर कर टशन स बाहर िनकलत ही मझ िसटी ऑफ जॉय क नाम स मशहर कोलकाता की पहली झलक िदखाई दी ऐसा लगा मानो मझ भारत क दो पहल एकसाथ जीत हए नज़र आए एक तरफ थ टशन स बाहर एव अ दर जात हए स दर कपड़ गहन म लद हए कोलकाता क बगाली िनवासी साथ म बड़ी-बड़ी गािड़य म घमत कोलकाता क नौजवान और ठीक दसरी तरफ मरी नज़र पड़ी हगली नदी पर बन परिसदध हावड़ा िबरज पर िजस दख एक अलग ही दिनया का एहसास हआ

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह

िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी

एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया नतीजा मर समकष था

प ठ 30 अकषय कराित

हावड़ा िबरज पर हर तरफ लोग का जमावड़ा था इतन लोग दख िद ली क चादनी चौक की याद आ गयी ऐसा लगा मानो म 50 साल पीछ िकसी लक एव वाईट दिनया म कदम रख चकी थी िबरज क दोन तरफ सामान बचत हए दकानदार िखलौन मछली रख हए औरत एव छोट-छोट ब च मख य शहर स हावड़ा जान वाल आम आदमी मजदर की तज़ र तार फरी स र ता पार करन वाल यापारी इन सब को दख लगा कोलकाता म मबई जसी भागम भाग भी थी िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया नतीजा मर समकष था जस-जस म कोलकाता शहर क भीतर आन लगी मझ इस शहर क िवकास की झलक िदखाई दी एक तरफ थी ऊची ईमारत सदर िवशाल िव यासागर सत पल बड़-बड़ होटल माल कोलकाता उ च यायालय राईटसर िबि डग मशहर इडन गाडरन टिडयम इ यािद तो दसरी तरफ था िवक टोिरया ममोिरयल अगरज की वा तकला क अनसार िदखती लाल ईटो की इमारत िवक टोिरयल सरचनाए भवन छोटी-छोटी पटिरय पर समान बचत नया बाज़ार (New Market) क दकानदार एव िवक टोिरया ममोिरयल क बाहर चलत सलािनय क िलए रथ वाल घोड़ हमारा होटल जसीबोस सड़क पर ि थत था एव सिवधाओ स भरपर था पर त मन य जाना िक असली कोलकाता का मज़ा गाड़ी म नही अथवा िरक शा ऑटो तथा साल स चलती आ रही सड़क पर टराम म था

हर तरफ मझ पील रग की टिक सया िदखाई दी सब एक समान थी तथा मरसीडीज़ गाड़ी क बगल म चलती 1-2 पय म सफ़र की जान वाली टराम भी साथ िदखाई दी परी िजदगी िद ली म यतीत करन क बाद हर नए शहर का रहन-सहन बोल-चाल रीित-िरवाज़ जानन की जाग कता मझम हमशा रही पहल ही िदन स कोलकाता मझ रास आया जस िक कहत ह lsquoकोलकाता हमार खब भाला लागली छ rsquo कहन का ता पयर य िक मझ कोलकाता बहत अ छा लगा पहल िदन िक शाम को हमन य मािकर ट म खरीददारी करन का मन बनाया म हरान थी िक वहा चीज िकतनी स ती िमल रही थी िद ली क मतािबक एक ितहाई दाम पर चिडया गहन बग जत कत इ यािद िमल

िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया

प ठ 31 अकषय कराित य मािकर ट िद ली क लाजपत एव सरोिजनी नगर समान ह कम

दाम म अ छा समान िमला कोलकाता चमड़ क िलए भी मशहर ह एव परिसदध ी लदसर दकान भी इस बाज़ार म ि थत ह यहा खरीदारी का हमन खब ल फ़ उठाया

अगल िदन हम हि दया पोटर गए एव अनक जहाज़ दख 3-4 घट की दरी पर ि थत यह पोटर अनक एकड़ म फला हआ था पहली बार इतन बड़ जहाज़ को अदर स दख खब आनद आया तीसर िदन हम काली बाड़ी मिदर गए बगाली अ यत पाठ-पजा वाल दगार मा क स च उपासक ह यह सब जानत ह दगार पजा इनका लोकिपरय उ सव ह तथा काली मा एव दगार मा की स च मन स पजा करत ह कोलकाता क िनवासी भिक त भावपणर ह यह सना था अब खद दख भी िलया बगाली र म स पजा करन का य मौका अ यत आनदमयी था इसक अलावा काली बाड़ी क नज़दीक ही ि थत ह गौिरहाट बाज़ार यहा की दकान बगाली सािड़या कपड़ सट कत इ यािद क िलए परिसदध ह आिद धक तशवर नामक मशहर दकान म जाकर मरा भी मन िकया िक म भी खरीददारी क मर सािथय न बहत सािड़या खरीदी एव दाम दखकर म दग रह गई सदर स सदर साड़ी मातर 600700 पय की थी मन बगाल की मशहर लाल एव सफद िपरट की साड़ी भी खरीदी कोलकाता म खरीददारी का अलग की मज़ा ह उसी िदन शाम हम सा ट लक िसटी मॉल गए वह सा ट लक टिडयम क नज़दीक ह यहा िदखाई िदया कोलकाता का परगितशील प नौजवान फटबाल की जसीर पहन माल म घम रह थ एक स एक

मशहर बरड वहा मौजद थ इसक अलावा कोलकाता क िनवासी खब मनोरजन क शौक़ीन ह सगीत नाच गाना इ यादी म िच रखत ह कोलकाता म जगह-जगह सगीत कला अकडमी तथा पढ़न (रीिडग) क क लब ह अगरज क शौक तथा रहन-सहन की झलक आज भी यहा िदखती ह यहा क नौजवान को खल-कद म भी खब िदलच पी ह फटबाल का तो जस यहॉ सबको जनन ह

भारत क परिसदध मोहन बगान फटबाल क लब फटबाल क वहा क नौजवान ही नही परा शहर ही दीवाना ह भारत-पाक मच हो या आई पी एल इडन गाडरन मदान लोग स खचा-खच भरा रहता ह अफ़सोस म वहा अदर जा न सकी

इसक अलावा काली बाड़ी क नज़दीक ही ि थत ह गौिरहाट बाज़ार यहा की दकान बगाली सािडया कपड़ सट कत इ यािद क िलए परिसदध ह

प ठ 32 अकषय कराित

मर सफर क आखरी िदन म मन कोलकाता क लोग म एकता क नजार दख िविभ नता म भी एकता का उदाहरण दखा चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख िजस िदन हम कोलकाता पहच थ उसी िदन वहा शहर बद था और मन एक जट होकर लोग को अपनी बात कहत हए दखा एव सना यहा क लोग अपन शहर क िवकास बहतरी क िलए जाग क ह िज मदारी लत ह तथा सरकार को अपनी बात भली-भाित कहत ह लड़िकय औरत की इ ज़त करत ह एव यहा िक मिहलाओ को मन िनदरलीय पाया जहा एक ओर भारत की राजधानी होन क बावजद िद ली वाल अपनी िजदगी म मगन रहत ह वही दसरी और कोलकाता म अमीरी-गरीबी िभ न जाितय म भी एक जटता ह कपड़ा एव खाना आज भी यहा खब स ता िमलता ह पर त दसरी तरफ सब जानत ह िक बड़-बड़ उ योगपित िव वान लखक िखलाड़ी गायक अिभनता िनदशक यहा स उभर ह सािह य हो या लख बॉलीवड हो या िकरकट बगाल न भारत को अनक नाम एव गौरव िदए ह चाह सौरव दादा हो या रिव दर नाथ टगोर ममता बनजीर रानी मखजीर हो या योित बस भारत म इनकी भिमका का वणरन करन की ज रत नही

मन कछ िदन क कोलकाता क सफर म इस शहर को जानन समझन का परयास िकया हगली नदी क िकनार खड़ होकर समदर को दखा निदय को िनहारा िव यासागर सत िबरज की सदरता िवशालता को सराहा क सी दास की परिसदध िमठाई का ल फ उठाया मन बहत शहर घम पर त यह सफर मर िलए सबस यादगार रहा कोलकाता परगित क मागर पर िनरतर बढ़ रहा ह पर त आज भी वह अपनी जड़ नितक म य को नही भला ह एक आम आदमी आज भी टराम म या फरी स सफर करता ह यहा क िनवासी दो पय स लकर 500 ० का खाना खात ह पराना एव नया कोलकाता एक साथ जीिवत ह िसक क क दो पहल की तरह कोलकाता क यह दो प को एक साथ रहत दख बहत आनद आया

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 33 अकषय कराित

जल परकित का अनपम उपहार ह मानव जाित अपन परादभारवकाल स ही इस उपहार का उपयोग अपन िहत क िलए करती आई ह जल वह पराकितक उपहार ह िजसका कोई िवक प नही ह इसिलए जल को अमतया जीवन भी कहा गया ह जल क िबना जीवन की सभावना भी नही ह पर यकष प स तो जल की मानवीय आव यकता सीिमत ह परत परोकष आव यकताओ पर नजर डाल तो दिनक जीवन की आव यकताए जस अ न फल स जी दध स लकर हमार पहराव आवास तक सब जल स जड़ हजल का जरा भी सतलन िबगड़ जाए तो जीवन यापन क टपरद होन म दर नही परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह जल क सामा य त य जल या पानी एक आम रासायिनक पदाथर ह जो जीवन क सभी जञात प क जीिवत रहन क िलए ज री ह आमतौर पर जल अपनी दरव अव था म उपयोग म लाया जाता ह पर यह ठोस अव था बफर और गस अव था जल वा प या भाप प म भी पाया जाता ह प वी क लगभग तीन चौथाई िह स पर िव व क महासागर का अिधकार ह अनमानत प वी पर जल की कल मातरा लगभग 1400 िमिलयन घन िकलोमीटर ह जो िक प वी पर 3000 मीटर गहरी परत िबछा दन क िलए काफी ह तथािप जल की इस िवशाल मातरा म व छ जल का अनपात बहत कम ह प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह शष जल झील निदय वायम डल नमी मदा और वन पित म मौजद ह जल की जो मातरा उपभोग और अ य परयोग क िलए व ततः उपल ध ह वह निदय झील और भजल म उपल ध मातरा का छोटा-सा िह सा ह इसिलए जल ससाधन िवकास और परब ध की बाबत सकट इसिलए उ प न होता ह कय िक अिधकाश जल उपभोग क िलए उपल ध नही हो पाता

परभावी जल परबधन और दश का िवकास

दीपक आहजा ओएनजीसी िवदश

प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह

प ठ 34 अकषय कराित

और दसर इसका िवषमतापणर थािनक िवतरण इसकी एक अ य िविश टता ह फलतः जल का मह व वीकार िकया गया ह और इसक िकफायती परयोग तथा परब ध पर अिधक बल िदया गया ह प वी पर उपल ध जल जल-चकर क मा यम स चलायमान ह जल लगातार एक चकर म घमता रहता ह िजस जलचकर कहत ह इसम वा पीकरण वषार और बह कर सागर म पहचना शािमल ह हवा जल वा प को थल क ऊपर उसी दर स उड़ा ल जाती ह िजस गित स यह बहकर सागर म पहचाता ह जल चकर का िचतर नीच पर तत िकया गया ह

अिधकाश उपभोकताओ जस िक मन य पशओ अथवा पौध क िलए जल क सचलन की ज रत होती ह जल ससाधन की गितशील और नवीकरणीय परकित और इसक परयोग की बार बार ज रत को ि टगत रखत हए यह ज री ह िक जल ससाधन को उनकी परवाह दर क अनसार मापा जाए इस परकार जल ससाधन क दो पहल ह अिधकाश िवकासा मक ज रत क िलए परवाह क प म मािपत गितशील ससाधन अिधक परासिगक ह आरिकषत भ डार की ि थर अथवा िनयत परकित और साथ ही जल की मातरा तथा जल िनकाय क कषतर की ल बाई व म यपालन नौ सचालन आिद जस कछक िकरयाकलाप क िलए भी परासिगक ह

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 35 अकषय कराित

जल का यय अप यय जल क बार म एक नही कई च कान वाल त य ह िव व म और िवशष प स भारत म जल िकस परकार न ट होता ह इस िवषय म जो त य सामन आए ह उस पर जाग कता स यान दकर जल क अप यय को रोका जा सकता ह अनक त य ऐस ह जो हम आन वाल ख़तर स तो सावधान करत ही ह दसर स पररणा लन क िलए परो सािहत करत ह और पानी क मह व व इसक अनजान ोत की जानकारी भी दत ह प वी पर पदा होन वाली सभी वन पितया स भी हम पानी िमलता ह

आल और अनानास म 80 परितशत और टमाटर म 95 परितशत पानी ह पीन क िलए मानव को परितिदन 3 लीटर और पशओ को 50 लीटर पानी

चािहए भारत म 83 परितशत पानी खती और िसचाई क िलए उपयोग िकया जाता

ह इज़राइल म औसतन मातर 10 सटीमीटर वषार होती ह इस वषार स वह

इतना अनाज पदा कर लता ह िक वह उसका िनयारत कर सकता ह दसरी ओर भारत म औसतन 50 सटीमीटर स भी अिधक वषार होन क बावजद अनाज की कमी बनी रहती ह

िपछल 50 वष म जल क िलए 37 भीषण ह याकाड हए ह भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल

चलती ह पानी ज य रोग स िव व म हर वषर 22 लाख लोग की मौत हो जाती ह यिद बरश करत समय नल खला रह गया ह तो पाच िमनट म करीब 25

स 30 लीटर पानी बरबाद होता ह बाथ टब म नहात समय 300 स 500 लीटर पानी खचर होता ह जबिक

सामा य प स नहान म 100 स 150 लीटर पानी खचर होता ह िव व म परित 10 यिकतय म स 2 यिकतय को पीन का शदध पानी

नही िमल पाता ह परित वषर 6 अरब लीटर बोतल पक पानी मन य वारा पीन क िलए

परयकत िकया जाता ह मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 36 अकषय कराित

िद ली मबई और च नई जस महानगर म पाइप लाइन क वॉ व की खराबी क कारण रोज़ 14 स 44 परितशत पानी बकार बह जाता ह

निदया पानी का सबस बड़ा ोत ह जहा एक ओर निदय म बढ़त परदषण रोकन क िलए िवशषजञ उपाय खोज रह ह वही कल कारखान स बहत हए रसायन उ ह भारी मातरा म दिषत कर रह ह

भारत म जल सकट नासा की एक िरपोटर न पानी को लकर दश भर म बढ़ती जा रही लापरवाही क परित आख खोली ह इस िरपोटर म भारत म सख की ि थित पदा होन क िलए िज मवार कारण म स एक अहम कारण अधाधध जल दोहन को बताया गया ह बतात चल िक दश भर क 604 िजल म स 161 सख की मार झल रह ह वस अब बताया जा रहा ह िक सख की मार स बहाल िजल की सखया बढ़कर 246 हो गई ह यानी कहा जाए तो आधा दश सख की चपट म ह बहरहाल नासा की इस िरपोटर म बताया गया ह िक भारत क कई रा य कषमता स यादा जल दोहन कर रह ह यहा कषमता स ता पयर यह ह िक उनस िजतन सलाना जल दोहन की उ मीद कदर करती ह व उसस कही यादा जल दोहन कर रह ह नासा न यह अ ययन 2002 स 2008 क बीच

की ि थितय क आधार पर िकया ह इस िरपोटर म बताया गया ह िक पजाब हिरयाणा और राज थान हर साल औसतन 177 अरब कयिबक मीटर पानी जमीन क अदर स िनकाल रह ह जबिक कदर की तरफ स लगाए गए अनमान क मतािबक इ ह हर साल 132 अरब कयिबक मीटर पानी ही जमीन क अदर स िनकालना था इस तरह स दखा जाए तो य तीन रा य िमलकर कषमता स 30 फीसदी यादा पानी का दोहन कर रह ह जािहर ह िक िबना कछ सोच-िवचार जब इस पमान पर पराकितक ससाधन का दोहन िकया जाएगा तो परकित भी बदला लगी और वही हो रहा ह इस िरपोटर म यह भी बताया गया ह िक भारत का महज 58 फीसदी भजल ही हर साल िरचाजर हो पाता ह नासा की यह िरपोटर बताती ह िक अधाधध जल दोहन की वजह स पर उ तर पि चम भारत क भजल तर म हर साल 4 सटीमीटर यानी 16 इच की कमी आ रही ह इस अ ययन को अजाम दन म नासा क जल िवजञानी मट रोडल न अहम भिमका िनभाई ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 37 अकषय कराित

उनक हवाल स इस िरपोटर म बताया गया ह िक दश क उ तर पि चम कषतर म 2002 स 2008 क दौरान तकरीबन 109 कयिबक िकलोमीटर पानी की कमी हई ह यह मातरा िकतनी अिधक ह इसका अदाजा इसी स लगाया जा सकता ह िक यह अमिरका क सबस बड़ जलाशय लक मीड की कषमता स दगन स भी कही यादा ह अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह इस िरपोटर क मतािबक अगर अधाधध जल दोहन इसी तरह स जारी रहा तो आन वाल समय म भारत को अनाज और पानी क सकट को झलन क िलए अभी स तयार हो जाना चािहए जािहर ह िक जब जल सकट बढ़गा तो खती पर इसका गहरा परभाव पड़गा अनाज क उ पादन म कमी आएगी इस वजह स अनाज सकट पदा होगा और भख का एक नया चहरा उभरकर सामन आएगा एक बड़ा तबका जो आज भरपट भोजन कर पाता ह उसक िलए पट भर खाना िमलना मि कल हो जाएगा भखमरी की जो सम या पदा होगी उसस िफर िनपटना आसान नही होगा इसक अलावा पीन क पानी का टोटा तो होगा ही अभी ही दश क कई िह स ऐस ह जहा क लोग को पीन क िलए साफ पानी नही िमल पा रहा ह कई कषतर ऐस ह जहा गमीर क िदन म हडपप स पानी आना बद हो जाता ह वहा क लोग को हर साल बोिरग को कछ फट बढ़वाना होता ह यह सम या भजल तर क िगरत जान की वजह स ही पदा हई ह जब पीन क पानी का सकट पदा होगा तो बोतलबद पानी का कारोबार काफी तजी स बढ़गा कहन का मतलब यह िक िजसक पास पसा होगा वह अपनी यास बझा सकगा और िजसक पास पसा नही होगा उस अपनी यास बझान क िलए भी सघषर करना पड़गा ि थित की भयावहता की क पना ही िसहरन पदा करती ह भारत म दिनया का हर छठा आदमी रहता ह यानी कहा जाए तो दिनया क कल आबादी क तकरीबन सतरह फीसदी लोग भारत म रहत ह जबिक दिनया का महज साढ़ चार फीसदी पानी ही भारत म उपल ध ह ऐस म जल सम या स दो-चार होना कोई आनापिकषत बात नही ह एक बात तो तय ह िक पराकितक ससाधन म इजाफा तो नही िकया जा सकता ह लिकन इसका सरकषण अव य िकया जा सकता ह

अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह

प ठ 38 अकषय कराित

भारत म लोग िकसी एक मा यम स पयजल परा त करन पर िनभरर नही ह इस दश म 357 फीसदी लोग हडपप स 367 फीसदी लोग नल स 182 फीसदी लोग तालाब पोखर या झील स 56 फीसदी कओ स 12 फीसदी लोग पारपिरक साधन स और 26 फीसदी लोग अ य मा यम स पीन का पानी परा त करत ह इस िलहाज स अगर दखा जाए तो जल सकट को दर करन क िलए समगर कायरयोजना की ज रत ह

दरअसल भारत म गहरात जल सकट क िलए काफी हद तक पानी की बबारदी भी िज मवार ह यहा जल आपित र की यव था म काफी खािमया ह नल क जिरए घर तक पहचन वाल पानी का एक बड़ा िह सा िरस कर बबारद हो जाता ह हर शहर म फट हए आपित र पाइप आसानी स दख जा सकत ह इस बदहाल यव था क िलए सरकार क साथ-साथ सामा य लोग भी कम िज मदार नही ह एक तरफ तो सरकार पयजल क नाम पर हर साल हजार करोड़ पए का बजट बनाती ह और दसरी तरफ जमीनी तर पर हालात म कोई बदलाव नही िदखता ह सामािजक तौर पर भी जल सरकषण को लकर जाग कता का अभाव िदखता ह यह सामािजक तान-बान का ही असर ह िक लोग कही भी जल की बबारदी को दखकर उस सामा य घटना मानत हए नजरअदाज कर दत ह दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था यह अब घटकर 1800 कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर हो चका ह

दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था

प ठ 39 अकषय कराित

िवशषजञ का अनमान ह िक अगर पानी की खपत और बबारदी इसी तरह स जारी रही तो 2025 तक यह घटकर हजार कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर ही रह जाएगा उस समय तक पानी की उपल धता म आन वाली इस कमी की वजह स किष उ पादन म तीस फीसदी की कमी आन की सभावना ह इन पिरि थितय म दश की आिथरक और सामािजक ि थित का कया होगा इसका अदाजा सहज ही लगाया जा सकता ह भारत म जल सरकषण क परित आज भी आम लोग क मन म उपकषा का भाव बना हआ ह साथ ही इस कायर क िलए आव यक तकनीक की भी कमी ह जो तकनीक उपल ध ह उनस सामा य लोग अनजान ह बािरश क पानी का सगरह करक उस उपयोग म लाना एक अ छा िवक प ह पर इस तरह की कोिशश काफी सीिमत मातरा म काफी छोट तर पर हो रही ह यही वजह ह िक दश म होन वाली बािरश क पानी का अ सी फीसदी िह सा आज भी समदर म पहच जाता ह अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह अगर जल की इस िवशाल मातरा का आधा भी परयोग कर िलया जाए तो ि थित म यापक बदलाव आना तय ह शहरी कषतर म तो पानी की कालाबाजारी जोर पर ह जगह-जगह पर जल मािफया सिकरय हो गए ह िद ली क ही एक अखबार न कछ समय पहल यह बात उजागर िकया था यहा तो समानातर जल बोडर भी चलाया जा रहा ह हरानी की बात तो यह ह िक इसक बावजद भी पानी क काल धध पर अकश नही लगाया जा सका ह अहम सवाल यह ह िक कस सामा य तबक क लोग तक व छ पानी पहचाया जाए शहरी कषतर क साथ-साथ गरामीण कषतर म भी यह एक बड़ी चनौती ह आबादी म अपर यािशत विदध बढ़त शहरीकरण औ योिगकीकरण और किष उ पाद की बढ़ती माग क कारण पानी की माग िपछल कछ साल म वाभािवक प स बढ़ी ह इसक पिरणाम व प भजल ससाधन का अ यिधक दोहन हआ ह और इसका नतीजा हआ िक लगातार भजल का तर घटता जा रहा ह शहरी कषतर म ि थित बहद भयावह ह तदनसार वहा न कवल शीघराितशीघर जल ससाधन क सरकषण की ज रत ह बि क परभावी रणनीित और परबधन क जिरए त काल कदम उठान की ज रत ह

अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह

प ठ 40 अकषय कराित

खासकर इस बात को यान म ऱखकर िक िविभ न परितयोगी कषतर म कभी भी माग बढ़ सकती ह भिव य म उपयोग क िलए छत पर या सतह पर जलगरहण बनाकर वषारजल सरकषण बहद ज री ह यह पानी की बढ़ती ज रत का खयाल रखन िमटटी की नमी तर को बढ़ान शहरी हिरयाली को बढ़ान भजल तर को कितरम प स पनभररण करन और भजल की गणव ता स सधार का काम करता ह भारत म जल परबधन स दश का िवकास भारत म दिनया की 16 परितशत आबादी रहती ह लिकन दिनया क िसफर 4 परितशत जल ससाधन ही भारत क पास ह 3290000 वगर िकलोमीटर क भिम कषतर और एक अरब स यादा की आबादी क साथ भारत क एक बहलवादी िविवधता का िचतर ह िवशाल पराकितक ससाधन क साथ सप न तकनीकी और वजञािनक किमरय का भी यह दिनया म दसरा सबस बड़ा सम चय ह भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह मानव िवकास म 80 क दशक म लगभग 26 परितशत और 90 क दशक क दौरान और 24 परितशत क वारा सधार हआ ह आजादी क बाद छह दशक म भारत न जल ससाधन का अभतपवर िवकास और खा या न म आ मिनभररता शहरी कषतर ऊजार और औ योिगक कषतर और पीन का पानी क बिनयादी ढाच म तजी स िव तार दखा ह िजसका उपयोग भारत की लगभग 85 परितशत शहरी और गरामीण आबादी क वारा िकया जाता ह भारत म रा य सरकार और भारत सरकार क परितबदध और ठोस परयास की वजह स गरामीण और शहरी आबादी को सरिकषत पयजल को उपल ध करवान म काफी सफलता हािसल की ह इस उपलि ध न भजल की कमी जल जमावजल गणव ता िगरावट जल परदषण और बढ़त लवणता तर स बड़ कषतर को परभािवत िकया ह और अभी भी िविभ न रा य म गरामीण और शहरी भारत क मानव िवकास सचकाक (HDI)rsquo म बहत असमानता मौजद ह पानी क िलए कषतरीय माग तजी स बढ़ रह शहरीकरण की गित स बढ़ रही ह (अनमानत 2025 तक दश की आबादी का 50 परितशत स अिधक शहर म रहग) जनसखया विदध बढ़ती आय और औ योिगक िवकासशहरी भारत तजी स िवकास की माग क कदर क प म उभर रहा ह

भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह

प ठ 41 अकषय कराित

नतीजतन परित यिकत पानी की उपल धता िगर रही ह परधानमतरी की अ यकषता म 12वी योजना क िलए हई योजना आयोग की पणर बठक म दसर म क साथ जल परबधन पर िवशष चचार हई बठक क बाद योजना आयोग क उपा यकष म टक िसह अहलवािलया न कहा िक भ-जल कानन स लकर दसर म की यापक समीकषा ज री ह व यनाथन सिमित जहा वतरमान म भ-जल कानन की साथरकता का अ ययन करगी वही भारतीय अतिरकष अनसधान सगठन [इसरो] की मदद स पानी की उपल धता का िव तत अ ययन होगा म टक न कहा िक उसी आधार पर रणनीित तय होगी सरकार यह यान रखगी िक पानी का अिधकतम उपयोग हो सक और सभी को उपल ध हो पानी पर िकसी का एकािधकार न हो सक बतात ह िक द पयोग को रोकन क िलए श क लगान पर भी िवचार िकया जा सकता ह हालािक इसस पहल रा य सरकार स चचार होगी यह तय ह िक एआइबीपी कायरकरम म यापक बदलाव ह ग ी म टक िसह अहलवािलया न कहा िक वतरमान म इस कायरकरम का सही िकरया वयन नही हो रहा ह िलहाजा उसम पिरवतरन ज री ह सभव ह िक हर रा य म जल िनयामक परािधकरण बनान की शतर भी लगाई जाए उ ह न कहा िक जल परबधन की यापक समीकषा कर नई रणनीित तय की जाएगी कल िमलाकर रा टरीय तर पर वतरमान जल ससाधन का अिधक स अिधक करन क िलए माग को परा करन क िलए पयार त ह लिकन भिव य क अ ययन पिरयोजना ह िक जल आपित र की ि थित अगल आध सदी म अिधक किठन हो सकती ह जल सकट स िनपटन को जल सरकषण परबधन अिनवायर परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह बढ़त वि वक तापमान क फल व प अितवि ट अनावि ट अ पवि ट और असामियक वि ट हम परितवषर दख रह ह िजसका परभाव हमार जल ससाधन पर पड़ता िदखाई द रहा ह कओ व बाविडय का िमटता अि त व नदी-नाल का घटता पानी भ-गभर जल का िगरता तर िचता की पिरिध स िनकलकर खतर की घटी बनता जा रहा ह

निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह

प ठ 42 अकषय कराित

िव व भर म सीमट क अधाधध परयोग न धरातल क सहज अवशोषण कषतर को घटाया ह तथा जल बहाव भिम कटाव व बाढ़ म विदध की ह ऐसी ि थित म जल सरकषण का दािय व मातर वजञािनक व सरकार तक सीिमत न रहकर पर यक उपभोकता क कध पर आ जाता ह इसी दािय व क िनवरहन क िलए हमार पास दो िवक प सामन आत ह 1 वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई

उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

2 पािरवािरक तर पर वषार जल को सगरिहत कर उसका उपयोग कर य दोन ही परयास गरामीण कषतर म तो सरलता स अपनाए जा सकत ह परत शहरी कषतर म व ट वाटर मनजमट की बड़ी पिरयोजनाए बनाकर ही पानी को िरसाइिकल िकया जा सकता ह भ-गभर अिधकािधक जल अवशोिषत होकर

जाए इसक िलए मदानी भाग म िनयोिजत ढग स बड़-बड़ पोखर बनाकर तथा पहाड़ी कषतर म नाल -ख ड म िमटटी प थर आरसीसी क बड़-छोट डम लगाकर जल बहाव रोक भ-सरकषण बचाव व जल भडारण और धरातल जल शोषण कषतर बढ़ाया जा सकता ह िव व बक भारत सरकार वारा म य िहमालय जलागम पिरयोजना रा य क भ-सरकषण िवभाग इस कषतर म कारगर उपाय लकर

हमार सामन ह परत जनसहयोग क िबना इन पिरयोजनाओ क आशातीत पिरणाम ल पाना किठन ह वकषारोपण इस सपणर जल चकर को बल दन वाला कारक ह जल क परित चतना जागत न हई तो अव य ही अगल िव व यदध का कारण जल ही होगा

जल भोजन ह और अिगन भोजन का भकषक ह अिगन जल म और जल अिगन म िव यमान ह

- ततरीय उपिनषद 38

वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

प ठ 43 अकषय कराित

म भी गान गा सकता ह शबनम क िखलत फल क म भी गीत सना सकता ह सावन क म त झल क लिकन जब घर-घर म बादल छाय घोर िनराशा क तब म नगम गा रहा ह उ मीद की आशा क

सड़क पर खड़ बचपन की य बात सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह

हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

इस बदलत पिरवश का राग सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

गाधी जी क सपन का जो राम-रा य कहलाता ह उस भारत म सड़क पर छोट चाय पहचाता ह

कहा गई वो अ हड़ म ती कहा गया वो यार का रा ता उन हाथ स बचत झड िजन हाथ को चािहए ब ता

उस सोन की िचिड़या की म बात बतान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

कही बम की गमर हवाए कही ससद म कोहराम ह कही होत घोटाल स परशान आदमी आम ह

कही कल की िकलकारी ह कही सड़क पर बचपन ह कही चलता नही गजारा कही िवदश म काला धन ह

म स चाई गा-गाकर सबको बतलान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

बदलता भारत मनीष लाल इरडा

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

प ठ 44 अकषय कराित

करन वाल काम बहत ह यथर उलझन को छोड़ो म ला-पिड़त तोड़ रह ह तम बस lsquoअपन को जोड़ो

lsquoहम बदलग-यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का lsquoवद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का

वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हम बदलग mdash यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का वद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

प ठ 45 अकषय कराित

िसफर काला और सफ़द य ही वो दो रग थ जो तर पास सि ट बनान क आधार थ

काला वो जो कािलमा िलय ह िजस कहत ह दख िनराशा म य अपयश और वो सबकछ जो नकारा मक ह

मगर सफद ह वो रग िजसस जड़ा ह जीवन आशा सख और कीितर और वो सब कछ जो सकारा मक ह पर इन रग स तझ चन ना िमला त सोचन लगा अगर सि ट बनानी ह

तो िकस िलए- ससगर और परम क िलए और

इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग

ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह

बस- बना डाला तन इ दरधनष

जो बरसात क बाद सरज और प वी क अनपम परम को रग दता ह सतरगी रग स

और उ ही सतरगी इ दरधनषी रग म हम हर पल हर कषण डबत गहरात इतरात रहत ह

और खिशय भर ससार म हर रग को अलग-अलग तरह स महसस करक जीत रहत ह

रग तो रग ह मगर-

ससगर और परम क िलए और इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह बस-

सतरगी िचतर सगीता ीवा तव इरडा

प ठ 46 अकषय कराित

कभी पक क कभी फीक़ तो कछ कभी दाग बनकर उभर आत ह

कछ आख म नील बादल स छाए रहत ह तो कछ गाल पर गलाबी रग बनकर छलक जात ह

याद रहत ह अक सर वो रग- जो खदी पर इस तरह छा जात ह िक खद म घलकर खद क होन

का एहसास दत-दत खद का एक रग बन जात ह

बगनी आसामनी नीला हरा पीला नारगी लाल इ दरधनष क य सात रग ही जोड़त ह हमार िदल को

हमार मन को जोड़न वाल इन रग की सतरगी दिनया म-

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा बनाय

और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क

सतरगी िचतर

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा

बनाय और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क सतरगी िचतर

प ठ 23

अकषय कराित इसका वही कारण ह िजस कारण स मगीर अ ड दती जाती ह rsquo काम क िबना इसान घट सा जाता ह उस काम की उतनी ही ज रत होती ह िजतनी हवा की आव यकता ह िक उस सही वातावरण उपल ध करान और सही िदशा म अिभपरिरत करन की व ततः हर यिकत अदर स गिरमा और आ मस मान की चाह रखता ह आव यकता ह उस अतःपरिरत करन की लोग को खद स परिरत करन क िलए हम उनकी ज रत और इ छाओ को समझना होगा पररणा कायरकषमता और आदत क बीच सीधा सबध ह जो लोग उतना ही काम करत ह िक उनकी नौकरी बची रह तो ऐस लोग िकसी भी स थान क िलए मह वपणर नही हो सकत अतपररणा स सोच म बदलाव लाया जा सकता ह पररणा आग क समान होती ह

कमरचािरय को िजतना परिरत िकया जाएगा उनम उतनी ही सकारा मक आदत का िवकास होगा कमरचािरय को उिचत स मान दकर उनक कायर को अिधक मनोरजक बनाकर परबधन वारा उनकी बात को गौर स सनकर उनकी सम याओ और सझाव पर गौर करक उ ह वय ल य िनधारिरत करन क िलए परो सािहत करक िवकास क नय अवसर उपल ध कराकर आव यकतानसार समय-समय पर समिचत परिशकषण िदलाकर तथा नयी चनौितय स जझन क िलए परो सािहत करक िन सदह उनक आचार और यवहार को सकारा मक िदशा म पाियत िकया जा सकता ह

कमरचािरय को िजतना परिरत िकया जाएगा उनम उतनी ही सकारा मक आदत का िवकास होगा

ई-पितरका म लख आिद म परकट िवचार

मलतः लखक क ह तथा यह आव यक नही ह िक

इरडा भी इन िवचार स सहमत हो

प ठ 24

अकषय कराित

िबिटया

आख म मोती लकर तम िबिटया जाती हो हा जाओ िशकषा का उपहार द रह िवदा समय यह लो ल जाओ इन पराण म परीित त हारी ममता क धन िसदरी इन नयन की बद पली परकट करती ह मजबरी लाचारी ह िफर पराण म क य ह इतनी आकलता

जब इस रीित पर पराओ म वश न िकसी का ह चलता िपतकल को तजकर अब िबिटया पित-कल म जाना होगा

नटखटपन को छोड़ धमर का ही िजसम बाना होगा इस घर की तम बड़ी लाडली पराण स यारी िबिटया

चली लाकर आज सभी को िपता की कर सनी किटया िजन हाथ न लाड़ चाव स अब तक था िजसको पाला उन हाथ न ही िबिटया को दलह राजा जी को द डाला

िजसका दख जरा मन मला हो जाती थी हरानी क यादान उसी का कर क दय बनाया पाषाणी

िकया न जाता था पल भर को इन आख स दर िजस मोती झरत िवदा द रहा आज सकल पिरवार उस अपनी मा क जीवन की तम परित-पल हो आधार रहो

िवजयता िपता क दय मिदर की िबिटया तम साकार रही आज जीवन क सख-दख सार वही िबतान तम लो जान आओगी जब कभी यहा तम होगी महमान समान

सतीश कमार कलावत इरडा

इस घर की तम बड़ी लाडली पराण स यारी िबिटया चली लाकर आज सभी

को िपता की कर सनी किटया

प ठ 25

ससराल की कभी बराई कही न मह पर आ जाव धमर कमर क तर य पथ म पाव नही िडगन पाव

सात परितजञाय जो तमन अिग नदव स मख की धारण द पि त जीवन का मह व ह करना स च मन स पालन

बटी इन सात बचन का यान दय म रह सदा दोन कल की लाज इसी म भला न दना इस कदा पित ही ह सवर तर त हार पित ही को जीवन समझो

जो कछ कह उसी को मान उनको िबिटया तम धन समझो शीलवती तम बन िबिटया पित-भक त मना सदर िनस दह वय उपजग क प-वकष घर क अ दर

पहन सिशकषा की साड़ी को शभ गण भषण अपनाओ दस लकषण शभ लकषण धार िन य नय मगल गाओ यह िशकषा उपहार दय का तम को राह िदखायगा भल भटक कर भी अिधयारा पास न आन पायगा

हम सब की आख स मोती उर स िनकल रही आशीष सभी सख स पणर परफि लत कर त ह दलह राजा की ईश

अकषय कराित

िजन हाथ न लाड़ चाव स अब तक था िजसको पाला उन हाथ न ही िबिटया को दलह राजा जी को द डाला

प ठ 26 अकषय कराित

ldquoपयारवरणrdquo श द पिर+आवरण स बना ह अथारत बा य आवरण को ही पयारवरण कहत ह इस बा य आवरण का ता पयर हमार चार ओर क वातावरण और पिरवश स ह िजस हम दसर श द म परकित भी कह सकत ह प वी पर िव यमान सपणर जीव-जगत क अि त व जीवन-यापन एव चहमखी िवकास म परकित की मह वपणर भिमका ह मानव बिदधजीवी पराणी ह और परकित क मह व स भली-भाित पिरिचत होन क कारण ही सिदय स परकित की पजा करता रहा ह

विदक काल स ही परकित तथा मानव क बीच जीवन ततर का अटट सबध रहा ह हमार पराचीन ऋिष-मिनय न प वी म हवा पानी िमटटी पड़-पौध जीव-ज तओ और मानव क सिकरय सहयोगा मक सतलन को यान म रखकर ही परकित को प य माना धमर क साथ परकित को जोड़कर उ ह न परकित को पयार त मह व िदया व जानत थ िक िजस परकार जीवन क िलए भिम की आव यकता होती ह उसी परकार वन पितया व अ य पराणी भी आव यक ह य सभी परकित क अिभ न अग ह इनम स एक क भी न ट होन का परभाव दसर पर पड़ता ह और पिरणाम व प पराकितक असतलन पदा हो जाता ह व तत प वी म हवा पानी िमटटी पड़-पौध जीव-ज तओ और मानव का सिकरय सहयोगा मक सतलन रहता ह पड़-पौध भिम को उपजाऊ बनात ह िमटटी को बाधकर रखत ह बरसात करवान तथा जल एव वाय को व छ रखन म सहायक होत ह परत आज क बढ़त औ योिगकीकरण और शहरीकरण न परकित और मानव क बीच असतलन उ प न कर िदया ह यह असतलन अिशकषण बढ़ती जनसख या शहर की ओर पलायन वकष की कटाई गगनचबी इमारत बड़-बड़ उ योग की थापना आिद क कारण ह और यही पयारवरण परदषण क मख य कारण ह मटरोपोिलटन एव बड़ शहर म अनक काबरिनक और अकाबरिनक गस जस ndash काबरन-मोनोऑक साइड अमोिनया आिद परदषण क मख य ोत ह

वतरमान पयारवरण -21वी सदी की चनौती

लख सरीन सल

विदक काल स ही परकित तथा मानव क बीच जीवन ततर का अटट सबध रहा ह

प ठ 27 अकषय कराित मन य न अपनी भितक सख-सिवधाओ की आपित र क िलए परकरित स

िखलवाड़ िकया ह वतरमान मशीनी यग म मन य वारा परकित क अ यिधक दोहन एव िनत नए कारखान की थापना स पयारवरण सकट उ प न हआ ह मानव न परकित क साथ जो अ यायपणर यवहार िकया ह उसी क फल व प परकित का िवरोधी रवया हआ ह िजस भिव य म सह पाना मि कल होगा

अिशकषा क कारण दश की तजी स बढ़ती आबादी क आवास की मलभत आव यकता को परा करन क िलए वकष की कटाई करक ऊची-ऊची इमारत बनाई जा रही ह वकष की अधाधध कटाई स भिम की ऊवररा शिक त का तो ास हो ही रहा ह साथ ही परदषण जसी िवकराल सम या भी ज म ल रही ह

परदषण पयारवरण क ास का परमख कारण ह िवकासशील दश िनत नए उ योग की थापना करक बराजगारी की सम या को तो दर कर रह ह िकत इसस जल वाय विन तथा िविभ न परकार क परदषण बढ़ रह ह कल-कारखान और मोटर स िनकलन वाल धए स वाय परदषण हो रहा ह जल थल व नभ क मागर पर शिक त चािलत वाहन विन परदषण का मख य ोत ह शहरीकरण और औ योिगकीकरण क कारण शदध पयजल की सम या िवकराल प धारण कर रही ह कारखान स िनकलन वाल कड़-कचर क निदय म िमलन स जल परदषण हो रहा ह रासायिनक खाद और कीटनाशी दवाओ स मदा परदषण का खतरा बन गया ह

इस परकार जनसख या विदध शहरीकरण औ योिगकीकरण एव परदषण जसी सम याओ न पयारवरण को बरी तरह परभािवत िकया ह आज सपणर िव व पयारवरण को लकर िचितत ह इस भयावह ि थित स बचन क िलए पर यक यिक त को पयारवरण क परित जाग क करना आज की अिनवायर आव यकता ह

इस िदशा म सवरपरथम िनरकषरता को समा त िकया जाना चािहए साकषर भारत की पिरक पना म जनसख या विदध दर वय िनयितरत हो जाएगी करल रा य इसका परमाण ह जहा साकषरता क साथ-साथ जनसख या िनयतरण भी ह

जल थल व नभ क मागर पर शिक त चािलत वाहन विन परदषण का मख य ोत ह

प ठ 28 अकषय कराित

इसक बाद बात आती ह परदषण िनवारण की आज िव व भर क

वजञािनक और पयारवरणिवद इस िदशा म कायररत ह सवरपरथम वन क काटन पर परितबध लगाया गया ह और वन सपना क िव तार हत वकष लगान क िलए परो सािहत िकया गया इसक िलए सरकार की ओर स वकष आिद िनश क उपल ध कराए जात ह ldquoपयारवरण परदषण स थाrdquo और व छ वाय अिधिनयम जस िविधक उपाय स वाय परदषण पर रोक लगान का परयास िकया जा रहा ह जहरील धआ उगलन वाल कारखान तथा वाहन पर भारी आिथरक दड का परावधान ह िविभ न सचार मा यम mdashदरदशरन समाचार-पतर तथा आकाशवाणी क मा यम स जनता को पयारवरण क परित जाग क करन क परयास िकए जा रह ह निदय म खलन वाल परदषण ोत को बद करन की योजनाए चलाई जा रही ह पािलथीन क परयोग को बद करन क िलए चलाया जा रहा ह अिभयान भी परशसनीय ह

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह इस खतर स सपणर भमडल का अि त व न ट हो जाए इसस पहल हम पयारवरण की सरकषा करन का सक प लना होगा

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह

िस धी होन क प चात भी मझ बगाली रीित िरवाज़ िमठाइया यहा का पहनावा अगरज क ज़मान की बनी सरचनाए एव भवन इ यािद म बहत िदलच पी एव िच थी

प ठ 29 अकषय कराित

यातरा स मरण-कोलकाता-खिशय हषर का शहर(िसटी ऑफ जॉय)

सोिनया सिह वानी पीईसी िलिमटड

म पी ई सी िलिमटड नामक कपनी क िविध ककष म उप िविध परबधक क पद पर कायररत ह सन 2010 जन स इस कपनी म मन परबधन परिशकष क प म अपनी पहली नौकरी की श आत की पी ई सी िलिमटड वािण य मतरालय क अतगरत आन वाली आयात-िनयारत यापार स स बिधत क पिनय म स एक ह इस स दभर म जनवरी 2011 म िविभ न िवभाग क परबधन परिशकषओ को ओिरएटशन हत काडला कोलकाता इ यािद शहर म भजन का कायरकरम िनि चत िकया गया कोलकाता क पास हि दया पोटर होन क कारण कोलकाता शहर चना गया जहा पी ई सी वारा आयात की गयी व तए पोटर गोदाम म रखी जाती ह साथ ही म कोलकाता पोटर िभ न गोदाम इ यािद दखन की यव था की गयी एव सची म समावश िकया गया यह सनकर मरी ख़शी का िठकाना न रहा क य िक मन कोलकाता शहर क बार म सना बहत था पर त कभी दखा न था िस धी होन क प चात भी मझ बगाली रीित िरवाज़ िमठाइया यहा का पहनावा अगरज क ज़मान की बनी सरचनाए एव भवन इ यािद म बहत िदलच पी एव िच थी आिखरकार मझ मौका िमला और जनवरी की कड़ाकदार ठ ड क बीच हम एक रिववार शाम कोलकाता राजधानी स अपनी मिजल की और िनकल पड़ िद ली स कोलकाता क सफ़र क बीच हमारी गाड़ी इलाहाबाद गया िबहार तथा धनबाद जस शहर स होत हए बगाल की ओर पहची हसत-गात खलत-खात हए हम अगली सबह हावड़ा जकशन पहच गए रलगाड़ी स उतर कर टशन स बाहर िनकलत ही मझ िसटी ऑफ जॉय क नाम स मशहर कोलकाता की पहली झलक िदखाई दी ऐसा लगा मानो मझ भारत क दो पहल एकसाथ जीत हए नज़र आए एक तरफ थ टशन स बाहर एव अ दर जात हए स दर कपड़ गहन म लद हए कोलकाता क बगाली िनवासी साथ म बड़ी-बड़ी गािड़य म घमत कोलकाता क नौजवान और ठीक दसरी तरफ मरी नज़र पड़ी हगली नदी पर बन परिसदध हावड़ा िबरज पर िजस दख एक अलग ही दिनया का एहसास हआ

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह

िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी

एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया नतीजा मर समकष था

प ठ 30 अकषय कराित

हावड़ा िबरज पर हर तरफ लोग का जमावड़ा था इतन लोग दख िद ली क चादनी चौक की याद आ गयी ऐसा लगा मानो म 50 साल पीछ िकसी लक एव वाईट दिनया म कदम रख चकी थी िबरज क दोन तरफ सामान बचत हए दकानदार िखलौन मछली रख हए औरत एव छोट-छोट ब च मख य शहर स हावड़ा जान वाल आम आदमी मजदर की तज़ र तार फरी स र ता पार करन वाल यापारी इन सब को दख लगा कोलकाता म मबई जसी भागम भाग भी थी िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया नतीजा मर समकष था जस-जस म कोलकाता शहर क भीतर आन लगी मझ इस शहर क िवकास की झलक िदखाई दी एक तरफ थी ऊची ईमारत सदर िवशाल िव यासागर सत पल बड़-बड़ होटल माल कोलकाता उ च यायालय राईटसर िबि डग मशहर इडन गाडरन टिडयम इ यािद तो दसरी तरफ था िवक टोिरया ममोिरयल अगरज की वा तकला क अनसार िदखती लाल ईटो की इमारत िवक टोिरयल सरचनाए भवन छोटी-छोटी पटिरय पर समान बचत नया बाज़ार (New Market) क दकानदार एव िवक टोिरया ममोिरयल क बाहर चलत सलािनय क िलए रथ वाल घोड़ हमारा होटल जसीबोस सड़क पर ि थत था एव सिवधाओ स भरपर था पर त मन य जाना िक असली कोलकाता का मज़ा गाड़ी म नही अथवा िरक शा ऑटो तथा साल स चलती आ रही सड़क पर टराम म था

हर तरफ मझ पील रग की टिक सया िदखाई दी सब एक समान थी तथा मरसीडीज़ गाड़ी क बगल म चलती 1-2 पय म सफ़र की जान वाली टराम भी साथ िदखाई दी परी िजदगी िद ली म यतीत करन क बाद हर नए शहर का रहन-सहन बोल-चाल रीित-िरवाज़ जानन की जाग कता मझम हमशा रही पहल ही िदन स कोलकाता मझ रास आया जस िक कहत ह lsquoकोलकाता हमार खब भाला लागली छ rsquo कहन का ता पयर य िक मझ कोलकाता बहत अ छा लगा पहल िदन िक शाम को हमन य मािकर ट म खरीददारी करन का मन बनाया म हरान थी िक वहा चीज िकतनी स ती िमल रही थी िद ली क मतािबक एक ितहाई दाम पर चिडया गहन बग जत कत इ यािद िमल

िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया

प ठ 31 अकषय कराित य मािकर ट िद ली क लाजपत एव सरोिजनी नगर समान ह कम

दाम म अ छा समान िमला कोलकाता चमड़ क िलए भी मशहर ह एव परिसदध ी लदसर दकान भी इस बाज़ार म ि थत ह यहा खरीदारी का हमन खब ल फ़ उठाया

अगल िदन हम हि दया पोटर गए एव अनक जहाज़ दख 3-4 घट की दरी पर ि थत यह पोटर अनक एकड़ म फला हआ था पहली बार इतन बड़ जहाज़ को अदर स दख खब आनद आया तीसर िदन हम काली बाड़ी मिदर गए बगाली अ यत पाठ-पजा वाल दगार मा क स च उपासक ह यह सब जानत ह दगार पजा इनका लोकिपरय उ सव ह तथा काली मा एव दगार मा की स च मन स पजा करत ह कोलकाता क िनवासी भिक त भावपणर ह यह सना था अब खद दख भी िलया बगाली र म स पजा करन का य मौका अ यत आनदमयी था इसक अलावा काली बाड़ी क नज़दीक ही ि थत ह गौिरहाट बाज़ार यहा की दकान बगाली सािड़या कपड़ सट कत इ यािद क िलए परिसदध ह आिद धक तशवर नामक मशहर दकान म जाकर मरा भी मन िकया िक म भी खरीददारी क मर सािथय न बहत सािड़या खरीदी एव दाम दखकर म दग रह गई सदर स सदर साड़ी मातर 600700 पय की थी मन बगाल की मशहर लाल एव सफद िपरट की साड़ी भी खरीदी कोलकाता म खरीददारी का अलग की मज़ा ह उसी िदन शाम हम सा ट लक िसटी मॉल गए वह सा ट लक टिडयम क नज़दीक ह यहा िदखाई िदया कोलकाता का परगितशील प नौजवान फटबाल की जसीर पहन माल म घम रह थ एक स एक

मशहर बरड वहा मौजद थ इसक अलावा कोलकाता क िनवासी खब मनोरजन क शौक़ीन ह सगीत नाच गाना इ यादी म िच रखत ह कोलकाता म जगह-जगह सगीत कला अकडमी तथा पढ़न (रीिडग) क क लब ह अगरज क शौक तथा रहन-सहन की झलक आज भी यहा िदखती ह यहा क नौजवान को खल-कद म भी खब िदलच पी ह फटबाल का तो जस यहॉ सबको जनन ह

भारत क परिसदध मोहन बगान फटबाल क लब फटबाल क वहा क नौजवान ही नही परा शहर ही दीवाना ह भारत-पाक मच हो या आई पी एल इडन गाडरन मदान लोग स खचा-खच भरा रहता ह अफ़सोस म वहा अदर जा न सकी

इसक अलावा काली बाड़ी क नज़दीक ही ि थत ह गौिरहाट बाज़ार यहा की दकान बगाली सािडया कपड़ सट कत इ यािद क िलए परिसदध ह

प ठ 32 अकषय कराित

मर सफर क आखरी िदन म मन कोलकाता क लोग म एकता क नजार दख िविभ नता म भी एकता का उदाहरण दखा चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख िजस िदन हम कोलकाता पहच थ उसी िदन वहा शहर बद था और मन एक जट होकर लोग को अपनी बात कहत हए दखा एव सना यहा क लोग अपन शहर क िवकास बहतरी क िलए जाग क ह िज मदारी लत ह तथा सरकार को अपनी बात भली-भाित कहत ह लड़िकय औरत की इ ज़त करत ह एव यहा िक मिहलाओ को मन िनदरलीय पाया जहा एक ओर भारत की राजधानी होन क बावजद िद ली वाल अपनी िजदगी म मगन रहत ह वही दसरी और कोलकाता म अमीरी-गरीबी िभ न जाितय म भी एक जटता ह कपड़ा एव खाना आज भी यहा खब स ता िमलता ह पर त दसरी तरफ सब जानत ह िक बड़-बड़ उ योगपित िव वान लखक िखलाड़ी गायक अिभनता िनदशक यहा स उभर ह सािह य हो या लख बॉलीवड हो या िकरकट बगाल न भारत को अनक नाम एव गौरव िदए ह चाह सौरव दादा हो या रिव दर नाथ टगोर ममता बनजीर रानी मखजीर हो या योित बस भारत म इनकी भिमका का वणरन करन की ज रत नही

मन कछ िदन क कोलकाता क सफर म इस शहर को जानन समझन का परयास िकया हगली नदी क िकनार खड़ होकर समदर को दखा निदय को िनहारा िव यासागर सत िबरज की सदरता िवशालता को सराहा क सी दास की परिसदध िमठाई का ल फ उठाया मन बहत शहर घम पर त यह सफर मर िलए सबस यादगार रहा कोलकाता परगित क मागर पर िनरतर बढ़ रहा ह पर त आज भी वह अपनी जड़ नितक म य को नही भला ह एक आम आदमी आज भी टराम म या फरी स सफर करता ह यहा क िनवासी दो पय स लकर 500 ० का खाना खात ह पराना एव नया कोलकाता एक साथ जीिवत ह िसक क क दो पहल की तरह कोलकाता क यह दो प को एक साथ रहत दख बहत आनद आया

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 33 अकषय कराित

जल परकित का अनपम उपहार ह मानव जाित अपन परादभारवकाल स ही इस उपहार का उपयोग अपन िहत क िलए करती आई ह जल वह पराकितक उपहार ह िजसका कोई िवक प नही ह इसिलए जल को अमतया जीवन भी कहा गया ह जल क िबना जीवन की सभावना भी नही ह पर यकष प स तो जल की मानवीय आव यकता सीिमत ह परत परोकष आव यकताओ पर नजर डाल तो दिनक जीवन की आव यकताए जस अ न फल स जी दध स लकर हमार पहराव आवास तक सब जल स जड़ हजल का जरा भी सतलन िबगड़ जाए तो जीवन यापन क टपरद होन म दर नही परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह जल क सामा य त य जल या पानी एक आम रासायिनक पदाथर ह जो जीवन क सभी जञात प क जीिवत रहन क िलए ज री ह आमतौर पर जल अपनी दरव अव था म उपयोग म लाया जाता ह पर यह ठोस अव था बफर और गस अव था जल वा प या भाप प म भी पाया जाता ह प वी क लगभग तीन चौथाई िह स पर िव व क महासागर का अिधकार ह अनमानत प वी पर जल की कल मातरा लगभग 1400 िमिलयन घन िकलोमीटर ह जो िक प वी पर 3000 मीटर गहरी परत िबछा दन क िलए काफी ह तथािप जल की इस िवशाल मातरा म व छ जल का अनपात बहत कम ह प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह शष जल झील निदय वायम डल नमी मदा और वन पित म मौजद ह जल की जो मातरा उपभोग और अ य परयोग क िलए व ततः उपल ध ह वह निदय झील और भजल म उपल ध मातरा का छोटा-सा िह सा ह इसिलए जल ससाधन िवकास और परब ध की बाबत सकट इसिलए उ प न होता ह कय िक अिधकाश जल उपभोग क िलए उपल ध नही हो पाता

परभावी जल परबधन और दश का िवकास

दीपक आहजा ओएनजीसी िवदश

प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह

प ठ 34 अकषय कराित

और दसर इसका िवषमतापणर थािनक िवतरण इसकी एक अ य िविश टता ह फलतः जल का मह व वीकार िकया गया ह और इसक िकफायती परयोग तथा परब ध पर अिधक बल िदया गया ह प वी पर उपल ध जल जल-चकर क मा यम स चलायमान ह जल लगातार एक चकर म घमता रहता ह िजस जलचकर कहत ह इसम वा पीकरण वषार और बह कर सागर म पहचना शािमल ह हवा जल वा प को थल क ऊपर उसी दर स उड़ा ल जाती ह िजस गित स यह बहकर सागर म पहचाता ह जल चकर का िचतर नीच पर तत िकया गया ह

अिधकाश उपभोकताओ जस िक मन य पशओ अथवा पौध क िलए जल क सचलन की ज रत होती ह जल ससाधन की गितशील और नवीकरणीय परकित और इसक परयोग की बार बार ज रत को ि टगत रखत हए यह ज री ह िक जल ससाधन को उनकी परवाह दर क अनसार मापा जाए इस परकार जल ससाधन क दो पहल ह अिधकाश िवकासा मक ज रत क िलए परवाह क प म मािपत गितशील ससाधन अिधक परासिगक ह आरिकषत भ डार की ि थर अथवा िनयत परकित और साथ ही जल की मातरा तथा जल िनकाय क कषतर की ल बाई व म यपालन नौ सचालन आिद जस कछक िकरयाकलाप क िलए भी परासिगक ह

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 35 अकषय कराित

जल का यय अप यय जल क बार म एक नही कई च कान वाल त य ह िव व म और िवशष प स भारत म जल िकस परकार न ट होता ह इस िवषय म जो त य सामन आए ह उस पर जाग कता स यान दकर जल क अप यय को रोका जा सकता ह अनक त य ऐस ह जो हम आन वाल ख़तर स तो सावधान करत ही ह दसर स पररणा लन क िलए परो सािहत करत ह और पानी क मह व व इसक अनजान ोत की जानकारी भी दत ह प वी पर पदा होन वाली सभी वन पितया स भी हम पानी िमलता ह

आल और अनानास म 80 परितशत और टमाटर म 95 परितशत पानी ह पीन क िलए मानव को परितिदन 3 लीटर और पशओ को 50 लीटर पानी

चािहए भारत म 83 परितशत पानी खती और िसचाई क िलए उपयोग िकया जाता

ह इज़राइल म औसतन मातर 10 सटीमीटर वषार होती ह इस वषार स वह

इतना अनाज पदा कर लता ह िक वह उसका िनयारत कर सकता ह दसरी ओर भारत म औसतन 50 सटीमीटर स भी अिधक वषार होन क बावजद अनाज की कमी बनी रहती ह

िपछल 50 वष म जल क िलए 37 भीषण ह याकाड हए ह भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल

चलती ह पानी ज य रोग स िव व म हर वषर 22 लाख लोग की मौत हो जाती ह यिद बरश करत समय नल खला रह गया ह तो पाच िमनट म करीब 25

स 30 लीटर पानी बरबाद होता ह बाथ टब म नहात समय 300 स 500 लीटर पानी खचर होता ह जबिक

सामा य प स नहान म 100 स 150 लीटर पानी खचर होता ह िव व म परित 10 यिकतय म स 2 यिकतय को पीन का शदध पानी

नही िमल पाता ह परित वषर 6 अरब लीटर बोतल पक पानी मन य वारा पीन क िलए

परयकत िकया जाता ह मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 36 अकषय कराित

िद ली मबई और च नई जस महानगर म पाइप लाइन क वॉ व की खराबी क कारण रोज़ 14 स 44 परितशत पानी बकार बह जाता ह

निदया पानी का सबस बड़ा ोत ह जहा एक ओर निदय म बढ़त परदषण रोकन क िलए िवशषजञ उपाय खोज रह ह वही कल कारखान स बहत हए रसायन उ ह भारी मातरा म दिषत कर रह ह

भारत म जल सकट नासा की एक िरपोटर न पानी को लकर दश भर म बढ़ती जा रही लापरवाही क परित आख खोली ह इस िरपोटर म भारत म सख की ि थित पदा होन क िलए िज मवार कारण म स एक अहम कारण अधाधध जल दोहन को बताया गया ह बतात चल िक दश भर क 604 िजल म स 161 सख की मार झल रह ह वस अब बताया जा रहा ह िक सख की मार स बहाल िजल की सखया बढ़कर 246 हो गई ह यानी कहा जाए तो आधा दश सख की चपट म ह बहरहाल नासा की इस िरपोटर म बताया गया ह िक भारत क कई रा य कषमता स यादा जल दोहन कर रह ह यहा कषमता स ता पयर यह ह िक उनस िजतन सलाना जल दोहन की उ मीद कदर करती ह व उसस कही यादा जल दोहन कर रह ह नासा न यह अ ययन 2002 स 2008 क बीच

की ि थितय क आधार पर िकया ह इस िरपोटर म बताया गया ह िक पजाब हिरयाणा और राज थान हर साल औसतन 177 अरब कयिबक मीटर पानी जमीन क अदर स िनकाल रह ह जबिक कदर की तरफ स लगाए गए अनमान क मतािबक इ ह हर साल 132 अरब कयिबक मीटर पानी ही जमीन क अदर स िनकालना था इस तरह स दखा जाए तो य तीन रा य िमलकर कषमता स 30 फीसदी यादा पानी का दोहन कर रह ह जािहर ह िक िबना कछ सोच-िवचार जब इस पमान पर पराकितक ससाधन का दोहन िकया जाएगा तो परकित भी बदला लगी और वही हो रहा ह इस िरपोटर म यह भी बताया गया ह िक भारत का महज 58 फीसदी भजल ही हर साल िरचाजर हो पाता ह नासा की यह िरपोटर बताती ह िक अधाधध जल दोहन की वजह स पर उ तर पि चम भारत क भजल तर म हर साल 4 सटीमीटर यानी 16 इच की कमी आ रही ह इस अ ययन को अजाम दन म नासा क जल िवजञानी मट रोडल न अहम भिमका िनभाई ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 37 अकषय कराित

उनक हवाल स इस िरपोटर म बताया गया ह िक दश क उ तर पि चम कषतर म 2002 स 2008 क दौरान तकरीबन 109 कयिबक िकलोमीटर पानी की कमी हई ह यह मातरा िकतनी अिधक ह इसका अदाजा इसी स लगाया जा सकता ह िक यह अमिरका क सबस बड़ जलाशय लक मीड की कषमता स दगन स भी कही यादा ह अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह इस िरपोटर क मतािबक अगर अधाधध जल दोहन इसी तरह स जारी रहा तो आन वाल समय म भारत को अनाज और पानी क सकट को झलन क िलए अभी स तयार हो जाना चािहए जािहर ह िक जब जल सकट बढ़गा तो खती पर इसका गहरा परभाव पड़गा अनाज क उ पादन म कमी आएगी इस वजह स अनाज सकट पदा होगा और भख का एक नया चहरा उभरकर सामन आएगा एक बड़ा तबका जो आज भरपट भोजन कर पाता ह उसक िलए पट भर खाना िमलना मि कल हो जाएगा भखमरी की जो सम या पदा होगी उसस िफर िनपटना आसान नही होगा इसक अलावा पीन क पानी का टोटा तो होगा ही अभी ही दश क कई िह स ऐस ह जहा क लोग को पीन क िलए साफ पानी नही िमल पा रहा ह कई कषतर ऐस ह जहा गमीर क िदन म हडपप स पानी आना बद हो जाता ह वहा क लोग को हर साल बोिरग को कछ फट बढ़वाना होता ह यह सम या भजल तर क िगरत जान की वजह स ही पदा हई ह जब पीन क पानी का सकट पदा होगा तो बोतलबद पानी का कारोबार काफी तजी स बढ़गा कहन का मतलब यह िक िजसक पास पसा होगा वह अपनी यास बझा सकगा और िजसक पास पसा नही होगा उस अपनी यास बझान क िलए भी सघषर करना पड़गा ि थित की भयावहता की क पना ही िसहरन पदा करती ह भारत म दिनया का हर छठा आदमी रहता ह यानी कहा जाए तो दिनया क कल आबादी क तकरीबन सतरह फीसदी लोग भारत म रहत ह जबिक दिनया का महज साढ़ चार फीसदी पानी ही भारत म उपल ध ह ऐस म जल सम या स दो-चार होना कोई आनापिकषत बात नही ह एक बात तो तय ह िक पराकितक ससाधन म इजाफा तो नही िकया जा सकता ह लिकन इसका सरकषण अव य िकया जा सकता ह

अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह

प ठ 38 अकषय कराित

भारत म लोग िकसी एक मा यम स पयजल परा त करन पर िनभरर नही ह इस दश म 357 फीसदी लोग हडपप स 367 फीसदी लोग नल स 182 फीसदी लोग तालाब पोखर या झील स 56 फीसदी कओ स 12 फीसदी लोग पारपिरक साधन स और 26 फीसदी लोग अ य मा यम स पीन का पानी परा त करत ह इस िलहाज स अगर दखा जाए तो जल सकट को दर करन क िलए समगर कायरयोजना की ज रत ह

दरअसल भारत म गहरात जल सकट क िलए काफी हद तक पानी की बबारदी भी िज मवार ह यहा जल आपित र की यव था म काफी खािमया ह नल क जिरए घर तक पहचन वाल पानी का एक बड़ा िह सा िरस कर बबारद हो जाता ह हर शहर म फट हए आपित र पाइप आसानी स दख जा सकत ह इस बदहाल यव था क िलए सरकार क साथ-साथ सामा य लोग भी कम िज मदार नही ह एक तरफ तो सरकार पयजल क नाम पर हर साल हजार करोड़ पए का बजट बनाती ह और दसरी तरफ जमीनी तर पर हालात म कोई बदलाव नही िदखता ह सामािजक तौर पर भी जल सरकषण को लकर जाग कता का अभाव िदखता ह यह सामािजक तान-बान का ही असर ह िक लोग कही भी जल की बबारदी को दखकर उस सामा य घटना मानत हए नजरअदाज कर दत ह दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था यह अब घटकर 1800 कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर हो चका ह

दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था

प ठ 39 अकषय कराित

िवशषजञ का अनमान ह िक अगर पानी की खपत और बबारदी इसी तरह स जारी रही तो 2025 तक यह घटकर हजार कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर ही रह जाएगा उस समय तक पानी की उपल धता म आन वाली इस कमी की वजह स किष उ पादन म तीस फीसदी की कमी आन की सभावना ह इन पिरि थितय म दश की आिथरक और सामािजक ि थित का कया होगा इसका अदाजा सहज ही लगाया जा सकता ह भारत म जल सरकषण क परित आज भी आम लोग क मन म उपकषा का भाव बना हआ ह साथ ही इस कायर क िलए आव यक तकनीक की भी कमी ह जो तकनीक उपल ध ह उनस सामा य लोग अनजान ह बािरश क पानी का सगरह करक उस उपयोग म लाना एक अ छा िवक प ह पर इस तरह की कोिशश काफी सीिमत मातरा म काफी छोट तर पर हो रही ह यही वजह ह िक दश म होन वाली बािरश क पानी का अ सी फीसदी िह सा आज भी समदर म पहच जाता ह अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह अगर जल की इस िवशाल मातरा का आधा भी परयोग कर िलया जाए तो ि थित म यापक बदलाव आना तय ह शहरी कषतर म तो पानी की कालाबाजारी जोर पर ह जगह-जगह पर जल मािफया सिकरय हो गए ह िद ली क ही एक अखबार न कछ समय पहल यह बात उजागर िकया था यहा तो समानातर जल बोडर भी चलाया जा रहा ह हरानी की बात तो यह ह िक इसक बावजद भी पानी क काल धध पर अकश नही लगाया जा सका ह अहम सवाल यह ह िक कस सामा य तबक क लोग तक व छ पानी पहचाया जाए शहरी कषतर क साथ-साथ गरामीण कषतर म भी यह एक बड़ी चनौती ह आबादी म अपर यािशत विदध बढ़त शहरीकरण औ योिगकीकरण और किष उ पाद की बढ़ती माग क कारण पानी की माग िपछल कछ साल म वाभािवक प स बढ़ी ह इसक पिरणाम व प भजल ससाधन का अ यिधक दोहन हआ ह और इसका नतीजा हआ िक लगातार भजल का तर घटता जा रहा ह शहरी कषतर म ि थित बहद भयावह ह तदनसार वहा न कवल शीघराितशीघर जल ससाधन क सरकषण की ज रत ह बि क परभावी रणनीित और परबधन क जिरए त काल कदम उठान की ज रत ह

अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह

प ठ 40 अकषय कराित

खासकर इस बात को यान म ऱखकर िक िविभ न परितयोगी कषतर म कभी भी माग बढ़ सकती ह भिव य म उपयोग क िलए छत पर या सतह पर जलगरहण बनाकर वषारजल सरकषण बहद ज री ह यह पानी की बढ़ती ज रत का खयाल रखन िमटटी की नमी तर को बढ़ान शहरी हिरयाली को बढ़ान भजल तर को कितरम प स पनभररण करन और भजल की गणव ता स सधार का काम करता ह भारत म जल परबधन स दश का िवकास भारत म दिनया की 16 परितशत आबादी रहती ह लिकन दिनया क िसफर 4 परितशत जल ससाधन ही भारत क पास ह 3290000 वगर िकलोमीटर क भिम कषतर और एक अरब स यादा की आबादी क साथ भारत क एक बहलवादी िविवधता का िचतर ह िवशाल पराकितक ससाधन क साथ सप न तकनीकी और वजञािनक किमरय का भी यह दिनया म दसरा सबस बड़ा सम चय ह भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह मानव िवकास म 80 क दशक म लगभग 26 परितशत और 90 क दशक क दौरान और 24 परितशत क वारा सधार हआ ह आजादी क बाद छह दशक म भारत न जल ससाधन का अभतपवर िवकास और खा या न म आ मिनभररता शहरी कषतर ऊजार और औ योिगक कषतर और पीन का पानी क बिनयादी ढाच म तजी स िव तार दखा ह िजसका उपयोग भारत की लगभग 85 परितशत शहरी और गरामीण आबादी क वारा िकया जाता ह भारत म रा य सरकार और भारत सरकार क परितबदध और ठोस परयास की वजह स गरामीण और शहरी आबादी को सरिकषत पयजल को उपल ध करवान म काफी सफलता हािसल की ह इस उपलि ध न भजल की कमी जल जमावजल गणव ता िगरावट जल परदषण और बढ़त लवणता तर स बड़ कषतर को परभािवत िकया ह और अभी भी िविभ न रा य म गरामीण और शहरी भारत क मानव िवकास सचकाक (HDI)rsquo म बहत असमानता मौजद ह पानी क िलए कषतरीय माग तजी स बढ़ रह शहरीकरण की गित स बढ़ रही ह (अनमानत 2025 तक दश की आबादी का 50 परितशत स अिधक शहर म रहग) जनसखया विदध बढ़ती आय और औ योिगक िवकासशहरी भारत तजी स िवकास की माग क कदर क प म उभर रहा ह

भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह

प ठ 41 अकषय कराित

नतीजतन परित यिकत पानी की उपल धता िगर रही ह परधानमतरी की अ यकषता म 12वी योजना क िलए हई योजना आयोग की पणर बठक म दसर म क साथ जल परबधन पर िवशष चचार हई बठक क बाद योजना आयोग क उपा यकष म टक िसह अहलवािलया न कहा िक भ-जल कानन स लकर दसर म की यापक समीकषा ज री ह व यनाथन सिमित जहा वतरमान म भ-जल कानन की साथरकता का अ ययन करगी वही भारतीय अतिरकष अनसधान सगठन [इसरो] की मदद स पानी की उपल धता का िव तत अ ययन होगा म टक न कहा िक उसी आधार पर रणनीित तय होगी सरकार यह यान रखगी िक पानी का अिधकतम उपयोग हो सक और सभी को उपल ध हो पानी पर िकसी का एकािधकार न हो सक बतात ह िक द पयोग को रोकन क िलए श क लगान पर भी िवचार िकया जा सकता ह हालािक इसस पहल रा य सरकार स चचार होगी यह तय ह िक एआइबीपी कायरकरम म यापक बदलाव ह ग ी म टक िसह अहलवािलया न कहा िक वतरमान म इस कायरकरम का सही िकरया वयन नही हो रहा ह िलहाजा उसम पिरवतरन ज री ह सभव ह िक हर रा य म जल िनयामक परािधकरण बनान की शतर भी लगाई जाए उ ह न कहा िक जल परबधन की यापक समीकषा कर नई रणनीित तय की जाएगी कल िमलाकर रा टरीय तर पर वतरमान जल ससाधन का अिधक स अिधक करन क िलए माग को परा करन क िलए पयार त ह लिकन भिव य क अ ययन पिरयोजना ह िक जल आपित र की ि थित अगल आध सदी म अिधक किठन हो सकती ह जल सकट स िनपटन को जल सरकषण परबधन अिनवायर परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह बढ़त वि वक तापमान क फल व प अितवि ट अनावि ट अ पवि ट और असामियक वि ट हम परितवषर दख रह ह िजसका परभाव हमार जल ससाधन पर पड़ता िदखाई द रहा ह कओ व बाविडय का िमटता अि त व नदी-नाल का घटता पानी भ-गभर जल का िगरता तर िचता की पिरिध स िनकलकर खतर की घटी बनता जा रहा ह

निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह

प ठ 42 अकषय कराित

िव व भर म सीमट क अधाधध परयोग न धरातल क सहज अवशोषण कषतर को घटाया ह तथा जल बहाव भिम कटाव व बाढ़ म विदध की ह ऐसी ि थित म जल सरकषण का दािय व मातर वजञािनक व सरकार तक सीिमत न रहकर पर यक उपभोकता क कध पर आ जाता ह इसी दािय व क िनवरहन क िलए हमार पास दो िवक प सामन आत ह 1 वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई

उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

2 पािरवािरक तर पर वषार जल को सगरिहत कर उसका उपयोग कर य दोन ही परयास गरामीण कषतर म तो सरलता स अपनाए जा सकत ह परत शहरी कषतर म व ट वाटर मनजमट की बड़ी पिरयोजनाए बनाकर ही पानी को िरसाइिकल िकया जा सकता ह भ-गभर अिधकािधक जल अवशोिषत होकर

जाए इसक िलए मदानी भाग म िनयोिजत ढग स बड़-बड़ पोखर बनाकर तथा पहाड़ी कषतर म नाल -ख ड म िमटटी प थर आरसीसी क बड़-छोट डम लगाकर जल बहाव रोक भ-सरकषण बचाव व जल भडारण और धरातल जल शोषण कषतर बढ़ाया जा सकता ह िव व बक भारत सरकार वारा म य िहमालय जलागम पिरयोजना रा य क भ-सरकषण िवभाग इस कषतर म कारगर उपाय लकर

हमार सामन ह परत जनसहयोग क िबना इन पिरयोजनाओ क आशातीत पिरणाम ल पाना किठन ह वकषारोपण इस सपणर जल चकर को बल दन वाला कारक ह जल क परित चतना जागत न हई तो अव य ही अगल िव व यदध का कारण जल ही होगा

जल भोजन ह और अिगन भोजन का भकषक ह अिगन जल म और जल अिगन म िव यमान ह

- ततरीय उपिनषद 38

वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

प ठ 43 अकषय कराित

म भी गान गा सकता ह शबनम क िखलत फल क म भी गीत सना सकता ह सावन क म त झल क लिकन जब घर-घर म बादल छाय घोर िनराशा क तब म नगम गा रहा ह उ मीद की आशा क

सड़क पर खड़ बचपन की य बात सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह

हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

इस बदलत पिरवश का राग सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

गाधी जी क सपन का जो राम-रा य कहलाता ह उस भारत म सड़क पर छोट चाय पहचाता ह

कहा गई वो अ हड़ म ती कहा गया वो यार का रा ता उन हाथ स बचत झड िजन हाथ को चािहए ब ता

उस सोन की िचिड़या की म बात बतान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

कही बम की गमर हवाए कही ससद म कोहराम ह कही होत घोटाल स परशान आदमी आम ह

कही कल की िकलकारी ह कही सड़क पर बचपन ह कही चलता नही गजारा कही िवदश म काला धन ह

म स चाई गा-गाकर सबको बतलान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

बदलता भारत मनीष लाल इरडा

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

प ठ 44 अकषय कराित

करन वाल काम बहत ह यथर उलझन को छोड़ो म ला-पिड़त तोड़ रह ह तम बस lsquoअपन को जोड़ो

lsquoहम बदलग-यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का lsquoवद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का

वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हम बदलग mdash यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का वद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

प ठ 45 अकषय कराित

िसफर काला और सफ़द य ही वो दो रग थ जो तर पास सि ट बनान क आधार थ

काला वो जो कािलमा िलय ह िजस कहत ह दख िनराशा म य अपयश और वो सबकछ जो नकारा मक ह

मगर सफद ह वो रग िजसस जड़ा ह जीवन आशा सख और कीितर और वो सब कछ जो सकारा मक ह पर इन रग स तझ चन ना िमला त सोचन लगा अगर सि ट बनानी ह

तो िकस िलए- ससगर और परम क िलए और

इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग

ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह

बस- बना डाला तन इ दरधनष

जो बरसात क बाद सरज और प वी क अनपम परम को रग दता ह सतरगी रग स

और उ ही सतरगी इ दरधनषी रग म हम हर पल हर कषण डबत गहरात इतरात रहत ह

और खिशय भर ससार म हर रग को अलग-अलग तरह स महसस करक जीत रहत ह

रग तो रग ह मगर-

ससगर और परम क िलए और इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह बस-

सतरगी िचतर सगीता ीवा तव इरडा

प ठ 46 अकषय कराित

कभी पक क कभी फीक़ तो कछ कभी दाग बनकर उभर आत ह

कछ आख म नील बादल स छाए रहत ह तो कछ गाल पर गलाबी रग बनकर छलक जात ह

याद रहत ह अक सर वो रग- जो खदी पर इस तरह छा जात ह िक खद म घलकर खद क होन

का एहसास दत-दत खद का एक रग बन जात ह

बगनी आसामनी नीला हरा पीला नारगी लाल इ दरधनष क य सात रग ही जोड़त ह हमार िदल को

हमार मन को जोड़न वाल इन रग की सतरगी दिनया म-

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा बनाय

और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क

सतरगी िचतर

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा

बनाय और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क सतरगी िचतर

प ठ 24

अकषय कराित

िबिटया

आख म मोती लकर तम िबिटया जाती हो हा जाओ िशकषा का उपहार द रह िवदा समय यह लो ल जाओ इन पराण म परीित त हारी ममता क धन िसदरी इन नयन की बद पली परकट करती ह मजबरी लाचारी ह िफर पराण म क य ह इतनी आकलता

जब इस रीित पर पराओ म वश न िकसी का ह चलता िपतकल को तजकर अब िबिटया पित-कल म जाना होगा

नटखटपन को छोड़ धमर का ही िजसम बाना होगा इस घर की तम बड़ी लाडली पराण स यारी िबिटया

चली लाकर आज सभी को िपता की कर सनी किटया िजन हाथ न लाड़ चाव स अब तक था िजसको पाला उन हाथ न ही िबिटया को दलह राजा जी को द डाला

िजसका दख जरा मन मला हो जाती थी हरानी क यादान उसी का कर क दय बनाया पाषाणी

िकया न जाता था पल भर को इन आख स दर िजस मोती झरत िवदा द रहा आज सकल पिरवार उस अपनी मा क जीवन की तम परित-पल हो आधार रहो

िवजयता िपता क दय मिदर की िबिटया तम साकार रही आज जीवन क सख-दख सार वही िबतान तम लो जान आओगी जब कभी यहा तम होगी महमान समान

सतीश कमार कलावत इरडा

इस घर की तम बड़ी लाडली पराण स यारी िबिटया चली लाकर आज सभी

को िपता की कर सनी किटया

प ठ 25

ससराल की कभी बराई कही न मह पर आ जाव धमर कमर क तर य पथ म पाव नही िडगन पाव

सात परितजञाय जो तमन अिग नदव स मख की धारण द पि त जीवन का मह व ह करना स च मन स पालन

बटी इन सात बचन का यान दय म रह सदा दोन कल की लाज इसी म भला न दना इस कदा पित ही ह सवर तर त हार पित ही को जीवन समझो

जो कछ कह उसी को मान उनको िबिटया तम धन समझो शीलवती तम बन िबिटया पित-भक त मना सदर िनस दह वय उपजग क प-वकष घर क अ दर

पहन सिशकषा की साड़ी को शभ गण भषण अपनाओ दस लकषण शभ लकषण धार िन य नय मगल गाओ यह िशकषा उपहार दय का तम को राह िदखायगा भल भटक कर भी अिधयारा पास न आन पायगा

हम सब की आख स मोती उर स िनकल रही आशीष सभी सख स पणर परफि लत कर त ह दलह राजा की ईश

अकषय कराित

िजन हाथ न लाड़ चाव स अब तक था िजसको पाला उन हाथ न ही िबिटया को दलह राजा जी को द डाला

प ठ 26 अकषय कराित

ldquoपयारवरणrdquo श द पिर+आवरण स बना ह अथारत बा य आवरण को ही पयारवरण कहत ह इस बा य आवरण का ता पयर हमार चार ओर क वातावरण और पिरवश स ह िजस हम दसर श द म परकित भी कह सकत ह प वी पर िव यमान सपणर जीव-जगत क अि त व जीवन-यापन एव चहमखी िवकास म परकित की मह वपणर भिमका ह मानव बिदधजीवी पराणी ह और परकित क मह व स भली-भाित पिरिचत होन क कारण ही सिदय स परकित की पजा करता रहा ह

विदक काल स ही परकित तथा मानव क बीच जीवन ततर का अटट सबध रहा ह हमार पराचीन ऋिष-मिनय न प वी म हवा पानी िमटटी पड़-पौध जीव-ज तओ और मानव क सिकरय सहयोगा मक सतलन को यान म रखकर ही परकित को प य माना धमर क साथ परकित को जोड़कर उ ह न परकित को पयार त मह व िदया व जानत थ िक िजस परकार जीवन क िलए भिम की आव यकता होती ह उसी परकार वन पितया व अ य पराणी भी आव यक ह य सभी परकित क अिभ न अग ह इनम स एक क भी न ट होन का परभाव दसर पर पड़ता ह और पिरणाम व प पराकितक असतलन पदा हो जाता ह व तत प वी म हवा पानी िमटटी पड़-पौध जीव-ज तओ और मानव का सिकरय सहयोगा मक सतलन रहता ह पड़-पौध भिम को उपजाऊ बनात ह िमटटी को बाधकर रखत ह बरसात करवान तथा जल एव वाय को व छ रखन म सहायक होत ह परत आज क बढ़त औ योिगकीकरण और शहरीकरण न परकित और मानव क बीच असतलन उ प न कर िदया ह यह असतलन अिशकषण बढ़ती जनसख या शहर की ओर पलायन वकष की कटाई गगनचबी इमारत बड़-बड़ उ योग की थापना आिद क कारण ह और यही पयारवरण परदषण क मख य कारण ह मटरोपोिलटन एव बड़ शहर म अनक काबरिनक और अकाबरिनक गस जस ndash काबरन-मोनोऑक साइड अमोिनया आिद परदषण क मख य ोत ह

वतरमान पयारवरण -21वी सदी की चनौती

लख सरीन सल

विदक काल स ही परकित तथा मानव क बीच जीवन ततर का अटट सबध रहा ह

प ठ 27 अकषय कराित मन य न अपनी भितक सख-सिवधाओ की आपित र क िलए परकरित स

िखलवाड़ िकया ह वतरमान मशीनी यग म मन य वारा परकित क अ यिधक दोहन एव िनत नए कारखान की थापना स पयारवरण सकट उ प न हआ ह मानव न परकित क साथ जो अ यायपणर यवहार िकया ह उसी क फल व प परकित का िवरोधी रवया हआ ह िजस भिव य म सह पाना मि कल होगा

अिशकषा क कारण दश की तजी स बढ़ती आबादी क आवास की मलभत आव यकता को परा करन क िलए वकष की कटाई करक ऊची-ऊची इमारत बनाई जा रही ह वकष की अधाधध कटाई स भिम की ऊवररा शिक त का तो ास हो ही रहा ह साथ ही परदषण जसी िवकराल सम या भी ज म ल रही ह

परदषण पयारवरण क ास का परमख कारण ह िवकासशील दश िनत नए उ योग की थापना करक बराजगारी की सम या को तो दर कर रह ह िकत इसस जल वाय विन तथा िविभ न परकार क परदषण बढ़ रह ह कल-कारखान और मोटर स िनकलन वाल धए स वाय परदषण हो रहा ह जल थल व नभ क मागर पर शिक त चािलत वाहन विन परदषण का मख य ोत ह शहरीकरण और औ योिगकीकरण क कारण शदध पयजल की सम या िवकराल प धारण कर रही ह कारखान स िनकलन वाल कड़-कचर क निदय म िमलन स जल परदषण हो रहा ह रासायिनक खाद और कीटनाशी दवाओ स मदा परदषण का खतरा बन गया ह

इस परकार जनसख या विदध शहरीकरण औ योिगकीकरण एव परदषण जसी सम याओ न पयारवरण को बरी तरह परभािवत िकया ह आज सपणर िव व पयारवरण को लकर िचितत ह इस भयावह ि थित स बचन क िलए पर यक यिक त को पयारवरण क परित जाग क करना आज की अिनवायर आव यकता ह

इस िदशा म सवरपरथम िनरकषरता को समा त िकया जाना चािहए साकषर भारत की पिरक पना म जनसख या विदध दर वय िनयितरत हो जाएगी करल रा य इसका परमाण ह जहा साकषरता क साथ-साथ जनसख या िनयतरण भी ह

जल थल व नभ क मागर पर शिक त चािलत वाहन विन परदषण का मख य ोत ह

प ठ 28 अकषय कराित

इसक बाद बात आती ह परदषण िनवारण की आज िव व भर क

वजञािनक और पयारवरणिवद इस िदशा म कायररत ह सवरपरथम वन क काटन पर परितबध लगाया गया ह और वन सपना क िव तार हत वकष लगान क िलए परो सािहत िकया गया इसक िलए सरकार की ओर स वकष आिद िनश क उपल ध कराए जात ह ldquoपयारवरण परदषण स थाrdquo और व छ वाय अिधिनयम जस िविधक उपाय स वाय परदषण पर रोक लगान का परयास िकया जा रहा ह जहरील धआ उगलन वाल कारखान तथा वाहन पर भारी आिथरक दड का परावधान ह िविभ न सचार मा यम mdashदरदशरन समाचार-पतर तथा आकाशवाणी क मा यम स जनता को पयारवरण क परित जाग क करन क परयास िकए जा रह ह निदय म खलन वाल परदषण ोत को बद करन की योजनाए चलाई जा रही ह पािलथीन क परयोग को बद करन क िलए चलाया जा रहा ह अिभयान भी परशसनीय ह

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह इस खतर स सपणर भमडल का अि त व न ट हो जाए इसस पहल हम पयारवरण की सरकषा करन का सक प लना होगा

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह

िस धी होन क प चात भी मझ बगाली रीित िरवाज़ िमठाइया यहा का पहनावा अगरज क ज़मान की बनी सरचनाए एव भवन इ यािद म बहत िदलच पी एव िच थी

प ठ 29 अकषय कराित

यातरा स मरण-कोलकाता-खिशय हषर का शहर(िसटी ऑफ जॉय)

सोिनया सिह वानी पीईसी िलिमटड

म पी ई सी िलिमटड नामक कपनी क िविध ककष म उप िविध परबधक क पद पर कायररत ह सन 2010 जन स इस कपनी म मन परबधन परिशकष क प म अपनी पहली नौकरी की श आत की पी ई सी िलिमटड वािण य मतरालय क अतगरत आन वाली आयात-िनयारत यापार स स बिधत क पिनय म स एक ह इस स दभर म जनवरी 2011 म िविभ न िवभाग क परबधन परिशकषओ को ओिरएटशन हत काडला कोलकाता इ यािद शहर म भजन का कायरकरम िनि चत िकया गया कोलकाता क पास हि दया पोटर होन क कारण कोलकाता शहर चना गया जहा पी ई सी वारा आयात की गयी व तए पोटर गोदाम म रखी जाती ह साथ ही म कोलकाता पोटर िभ न गोदाम इ यािद दखन की यव था की गयी एव सची म समावश िकया गया यह सनकर मरी ख़शी का िठकाना न रहा क य िक मन कोलकाता शहर क बार म सना बहत था पर त कभी दखा न था िस धी होन क प चात भी मझ बगाली रीित िरवाज़ िमठाइया यहा का पहनावा अगरज क ज़मान की बनी सरचनाए एव भवन इ यािद म बहत िदलच पी एव िच थी आिखरकार मझ मौका िमला और जनवरी की कड़ाकदार ठ ड क बीच हम एक रिववार शाम कोलकाता राजधानी स अपनी मिजल की और िनकल पड़ िद ली स कोलकाता क सफ़र क बीच हमारी गाड़ी इलाहाबाद गया िबहार तथा धनबाद जस शहर स होत हए बगाल की ओर पहची हसत-गात खलत-खात हए हम अगली सबह हावड़ा जकशन पहच गए रलगाड़ी स उतर कर टशन स बाहर िनकलत ही मझ िसटी ऑफ जॉय क नाम स मशहर कोलकाता की पहली झलक िदखाई दी ऐसा लगा मानो मझ भारत क दो पहल एकसाथ जीत हए नज़र आए एक तरफ थ टशन स बाहर एव अ दर जात हए स दर कपड़ गहन म लद हए कोलकाता क बगाली िनवासी साथ म बड़ी-बड़ी गािड़य म घमत कोलकाता क नौजवान और ठीक दसरी तरफ मरी नज़र पड़ी हगली नदी पर बन परिसदध हावड़ा िबरज पर िजस दख एक अलग ही दिनया का एहसास हआ

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह

िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी

एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया नतीजा मर समकष था

प ठ 30 अकषय कराित

हावड़ा िबरज पर हर तरफ लोग का जमावड़ा था इतन लोग दख िद ली क चादनी चौक की याद आ गयी ऐसा लगा मानो म 50 साल पीछ िकसी लक एव वाईट दिनया म कदम रख चकी थी िबरज क दोन तरफ सामान बचत हए दकानदार िखलौन मछली रख हए औरत एव छोट-छोट ब च मख य शहर स हावड़ा जान वाल आम आदमी मजदर की तज़ र तार फरी स र ता पार करन वाल यापारी इन सब को दख लगा कोलकाता म मबई जसी भागम भाग भी थी िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया नतीजा मर समकष था जस-जस म कोलकाता शहर क भीतर आन लगी मझ इस शहर क िवकास की झलक िदखाई दी एक तरफ थी ऊची ईमारत सदर िवशाल िव यासागर सत पल बड़-बड़ होटल माल कोलकाता उ च यायालय राईटसर िबि डग मशहर इडन गाडरन टिडयम इ यािद तो दसरी तरफ था िवक टोिरया ममोिरयल अगरज की वा तकला क अनसार िदखती लाल ईटो की इमारत िवक टोिरयल सरचनाए भवन छोटी-छोटी पटिरय पर समान बचत नया बाज़ार (New Market) क दकानदार एव िवक टोिरया ममोिरयल क बाहर चलत सलािनय क िलए रथ वाल घोड़ हमारा होटल जसीबोस सड़क पर ि थत था एव सिवधाओ स भरपर था पर त मन य जाना िक असली कोलकाता का मज़ा गाड़ी म नही अथवा िरक शा ऑटो तथा साल स चलती आ रही सड़क पर टराम म था

हर तरफ मझ पील रग की टिक सया िदखाई दी सब एक समान थी तथा मरसीडीज़ गाड़ी क बगल म चलती 1-2 पय म सफ़र की जान वाली टराम भी साथ िदखाई दी परी िजदगी िद ली म यतीत करन क बाद हर नए शहर का रहन-सहन बोल-चाल रीित-िरवाज़ जानन की जाग कता मझम हमशा रही पहल ही िदन स कोलकाता मझ रास आया जस िक कहत ह lsquoकोलकाता हमार खब भाला लागली छ rsquo कहन का ता पयर य िक मझ कोलकाता बहत अ छा लगा पहल िदन िक शाम को हमन य मािकर ट म खरीददारी करन का मन बनाया म हरान थी िक वहा चीज िकतनी स ती िमल रही थी िद ली क मतािबक एक ितहाई दाम पर चिडया गहन बग जत कत इ यािद िमल

िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया

प ठ 31 अकषय कराित य मािकर ट िद ली क लाजपत एव सरोिजनी नगर समान ह कम

दाम म अ छा समान िमला कोलकाता चमड़ क िलए भी मशहर ह एव परिसदध ी लदसर दकान भी इस बाज़ार म ि थत ह यहा खरीदारी का हमन खब ल फ़ उठाया

अगल िदन हम हि दया पोटर गए एव अनक जहाज़ दख 3-4 घट की दरी पर ि थत यह पोटर अनक एकड़ म फला हआ था पहली बार इतन बड़ जहाज़ को अदर स दख खब आनद आया तीसर िदन हम काली बाड़ी मिदर गए बगाली अ यत पाठ-पजा वाल दगार मा क स च उपासक ह यह सब जानत ह दगार पजा इनका लोकिपरय उ सव ह तथा काली मा एव दगार मा की स च मन स पजा करत ह कोलकाता क िनवासी भिक त भावपणर ह यह सना था अब खद दख भी िलया बगाली र म स पजा करन का य मौका अ यत आनदमयी था इसक अलावा काली बाड़ी क नज़दीक ही ि थत ह गौिरहाट बाज़ार यहा की दकान बगाली सािड़या कपड़ सट कत इ यािद क िलए परिसदध ह आिद धक तशवर नामक मशहर दकान म जाकर मरा भी मन िकया िक म भी खरीददारी क मर सािथय न बहत सािड़या खरीदी एव दाम दखकर म दग रह गई सदर स सदर साड़ी मातर 600700 पय की थी मन बगाल की मशहर लाल एव सफद िपरट की साड़ी भी खरीदी कोलकाता म खरीददारी का अलग की मज़ा ह उसी िदन शाम हम सा ट लक िसटी मॉल गए वह सा ट लक टिडयम क नज़दीक ह यहा िदखाई िदया कोलकाता का परगितशील प नौजवान फटबाल की जसीर पहन माल म घम रह थ एक स एक

मशहर बरड वहा मौजद थ इसक अलावा कोलकाता क िनवासी खब मनोरजन क शौक़ीन ह सगीत नाच गाना इ यादी म िच रखत ह कोलकाता म जगह-जगह सगीत कला अकडमी तथा पढ़न (रीिडग) क क लब ह अगरज क शौक तथा रहन-सहन की झलक आज भी यहा िदखती ह यहा क नौजवान को खल-कद म भी खब िदलच पी ह फटबाल का तो जस यहॉ सबको जनन ह

भारत क परिसदध मोहन बगान फटबाल क लब फटबाल क वहा क नौजवान ही नही परा शहर ही दीवाना ह भारत-पाक मच हो या आई पी एल इडन गाडरन मदान लोग स खचा-खच भरा रहता ह अफ़सोस म वहा अदर जा न सकी

इसक अलावा काली बाड़ी क नज़दीक ही ि थत ह गौिरहाट बाज़ार यहा की दकान बगाली सािडया कपड़ सट कत इ यािद क िलए परिसदध ह

प ठ 32 अकषय कराित

मर सफर क आखरी िदन म मन कोलकाता क लोग म एकता क नजार दख िविभ नता म भी एकता का उदाहरण दखा चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख िजस िदन हम कोलकाता पहच थ उसी िदन वहा शहर बद था और मन एक जट होकर लोग को अपनी बात कहत हए दखा एव सना यहा क लोग अपन शहर क िवकास बहतरी क िलए जाग क ह िज मदारी लत ह तथा सरकार को अपनी बात भली-भाित कहत ह लड़िकय औरत की इ ज़त करत ह एव यहा िक मिहलाओ को मन िनदरलीय पाया जहा एक ओर भारत की राजधानी होन क बावजद िद ली वाल अपनी िजदगी म मगन रहत ह वही दसरी और कोलकाता म अमीरी-गरीबी िभ न जाितय म भी एक जटता ह कपड़ा एव खाना आज भी यहा खब स ता िमलता ह पर त दसरी तरफ सब जानत ह िक बड़-बड़ उ योगपित िव वान लखक िखलाड़ी गायक अिभनता िनदशक यहा स उभर ह सािह य हो या लख बॉलीवड हो या िकरकट बगाल न भारत को अनक नाम एव गौरव िदए ह चाह सौरव दादा हो या रिव दर नाथ टगोर ममता बनजीर रानी मखजीर हो या योित बस भारत म इनकी भिमका का वणरन करन की ज रत नही

मन कछ िदन क कोलकाता क सफर म इस शहर को जानन समझन का परयास िकया हगली नदी क िकनार खड़ होकर समदर को दखा निदय को िनहारा िव यासागर सत िबरज की सदरता िवशालता को सराहा क सी दास की परिसदध िमठाई का ल फ उठाया मन बहत शहर घम पर त यह सफर मर िलए सबस यादगार रहा कोलकाता परगित क मागर पर िनरतर बढ़ रहा ह पर त आज भी वह अपनी जड़ नितक म य को नही भला ह एक आम आदमी आज भी टराम म या फरी स सफर करता ह यहा क िनवासी दो पय स लकर 500 ० का खाना खात ह पराना एव नया कोलकाता एक साथ जीिवत ह िसक क क दो पहल की तरह कोलकाता क यह दो प को एक साथ रहत दख बहत आनद आया

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 33 अकषय कराित

जल परकित का अनपम उपहार ह मानव जाित अपन परादभारवकाल स ही इस उपहार का उपयोग अपन िहत क िलए करती आई ह जल वह पराकितक उपहार ह िजसका कोई िवक प नही ह इसिलए जल को अमतया जीवन भी कहा गया ह जल क िबना जीवन की सभावना भी नही ह पर यकष प स तो जल की मानवीय आव यकता सीिमत ह परत परोकष आव यकताओ पर नजर डाल तो दिनक जीवन की आव यकताए जस अ न फल स जी दध स लकर हमार पहराव आवास तक सब जल स जड़ हजल का जरा भी सतलन िबगड़ जाए तो जीवन यापन क टपरद होन म दर नही परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह जल क सामा य त य जल या पानी एक आम रासायिनक पदाथर ह जो जीवन क सभी जञात प क जीिवत रहन क िलए ज री ह आमतौर पर जल अपनी दरव अव था म उपयोग म लाया जाता ह पर यह ठोस अव था बफर और गस अव था जल वा प या भाप प म भी पाया जाता ह प वी क लगभग तीन चौथाई िह स पर िव व क महासागर का अिधकार ह अनमानत प वी पर जल की कल मातरा लगभग 1400 िमिलयन घन िकलोमीटर ह जो िक प वी पर 3000 मीटर गहरी परत िबछा दन क िलए काफी ह तथािप जल की इस िवशाल मातरा म व छ जल का अनपात बहत कम ह प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह शष जल झील निदय वायम डल नमी मदा और वन पित म मौजद ह जल की जो मातरा उपभोग और अ य परयोग क िलए व ततः उपल ध ह वह निदय झील और भजल म उपल ध मातरा का छोटा-सा िह सा ह इसिलए जल ससाधन िवकास और परब ध की बाबत सकट इसिलए उ प न होता ह कय िक अिधकाश जल उपभोग क िलए उपल ध नही हो पाता

परभावी जल परबधन और दश का िवकास

दीपक आहजा ओएनजीसी िवदश

प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह

प ठ 34 अकषय कराित

और दसर इसका िवषमतापणर थािनक िवतरण इसकी एक अ य िविश टता ह फलतः जल का मह व वीकार िकया गया ह और इसक िकफायती परयोग तथा परब ध पर अिधक बल िदया गया ह प वी पर उपल ध जल जल-चकर क मा यम स चलायमान ह जल लगातार एक चकर म घमता रहता ह िजस जलचकर कहत ह इसम वा पीकरण वषार और बह कर सागर म पहचना शािमल ह हवा जल वा प को थल क ऊपर उसी दर स उड़ा ल जाती ह िजस गित स यह बहकर सागर म पहचाता ह जल चकर का िचतर नीच पर तत िकया गया ह

अिधकाश उपभोकताओ जस िक मन य पशओ अथवा पौध क िलए जल क सचलन की ज रत होती ह जल ससाधन की गितशील और नवीकरणीय परकित और इसक परयोग की बार बार ज रत को ि टगत रखत हए यह ज री ह िक जल ससाधन को उनकी परवाह दर क अनसार मापा जाए इस परकार जल ससाधन क दो पहल ह अिधकाश िवकासा मक ज रत क िलए परवाह क प म मािपत गितशील ससाधन अिधक परासिगक ह आरिकषत भ डार की ि थर अथवा िनयत परकित और साथ ही जल की मातरा तथा जल िनकाय क कषतर की ल बाई व म यपालन नौ सचालन आिद जस कछक िकरयाकलाप क िलए भी परासिगक ह

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 35 अकषय कराित

जल का यय अप यय जल क बार म एक नही कई च कान वाल त य ह िव व म और िवशष प स भारत म जल िकस परकार न ट होता ह इस िवषय म जो त य सामन आए ह उस पर जाग कता स यान दकर जल क अप यय को रोका जा सकता ह अनक त य ऐस ह जो हम आन वाल ख़तर स तो सावधान करत ही ह दसर स पररणा लन क िलए परो सािहत करत ह और पानी क मह व व इसक अनजान ोत की जानकारी भी दत ह प वी पर पदा होन वाली सभी वन पितया स भी हम पानी िमलता ह

आल और अनानास म 80 परितशत और टमाटर म 95 परितशत पानी ह पीन क िलए मानव को परितिदन 3 लीटर और पशओ को 50 लीटर पानी

चािहए भारत म 83 परितशत पानी खती और िसचाई क िलए उपयोग िकया जाता

ह इज़राइल म औसतन मातर 10 सटीमीटर वषार होती ह इस वषार स वह

इतना अनाज पदा कर लता ह िक वह उसका िनयारत कर सकता ह दसरी ओर भारत म औसतन 50 सटीमीटर स भी अिधक वषार होन क बावजद अनाज की कमी बनी रहती ह

िपछल 50 वष म जल क िलए 37 भीषण ह याकाड हए ह भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल

चलती ह पानी ज य रोग स िव व म हर वषर 22 लाख लोग की मौत हो जाती ह यिद बरश करत समय नल खला रह गया ह तो पाच िमनट म करीब 25

स 30 लीटर पानी बरबाद होता ह बाथ टब म नहात समय 300 स 500 लीटर पानी खचर होता ह जबिक

सामा य प स नहान म 100 स 150 लीटर पानी खचर होता ह िव व म परित 10 यिकतय म स 2 यिकतय को पीन का शदध पानी

नही िमल पाता ह परित वषर 6 अरब लीटर बोतल पक पानी मन य वारा पीन क िलए

परयकत िकया जाता ह मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 36 अकषय कराित

िद ली मबई और च नई जस महानगर म पाइप लाइन क वॉ व की खराबी क कारण रोज़ 14 स 44 परितशत पानी बकार बह जाता ह

निदया पानी का सबस बड़ा ोत ह जहा एक ओर निदय म बढ़त परदषण रोकन क िलए िवशषजञ उपाय खोज रह ह वही कल कारखान स बहत हए रसायन उ ह भारी मातरा म दिषत कर रह ह

भारत म जल सकट नासा की एक िरपोटर न पानी को लकर दश भर म बढ़ती जा रही लापरवाही क परित आख खोली ह इस िरपोटर म भारत म सख की ि थित पदा होन क िलए िज मवार कारण म स एक अहम कारण अधाधध जल दोहन को बताया गया ह बतात चल िक दश भर क 604 िजल म स 161 सख की मार झल रह ह वस अब बताया जा रहा ह िक सख की मार स बहाल िजल की सखया बढ़कर 246 हो गई ह यानी कहा जाए तो आधा दश सख की चपट म ह बहरहाल नासा की इस िरपोटर म बताया गया ह िक भारत क कई रा य कषमता स यादा जल दोहन कर रह ह यहा कषमता स ता पयर यह ह िक उनस िजतन सलाना जल दोहन की उ मीद कदर करती ह व उसस कही यादा जल दोहन कर रह ह नासा न यह अ ययन 2002 स 2008 क बीच

की ि थितय क आधार पर िकया ह इस िरपोटर म बताया गया ह िक पजाब हिरयाणा और राज थान हर साल औसतन 177 अरब कयिबक मीटर पानी जमीन क अदर स िनकाल रह ह जबिक कदर की तरफ स लगाए गए अनमान क मतािबक इ ह हर साल 132 अरब कयिबक मीटर पानी ही जमीन क अदर स िनकालना था इस तरह स दखा जाए तो य तीन रा य िमलकर कषमता स 30 फीसदी यादा पानी का दोहन कर रह ह जािहर ह िक िबना कछ सोच-िवचार जब इस पमान पर पराकितक ससाधन का दोहन िकया जाएगा तो परकित भी बदला लगी और वही हो रहा ह इस िरपोटर म यह भी बताया गया ह िक भारत का महज 58 फीसदी भजल ही हर साल िरचाजर हो पाता ह नासा की यह िरपोटर बताती ह िक अधाधध जल दोहन की वजह स पर उ तर पि चम भारत क भजल तर म हर साल 4 सटीमीटर यानी 16 इच की कमी आ रही ह इस अ ययन को अजाम दन म नासा क जल िवजञानी मट रोडल न अहम भिमका िनभाई ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 37 अकषय कराित

उनक हवाल स इस िरपोटर म बताया गया ह िक दश क उ तर पि चम कषतर म 2002 स 2008 क दौरान तकरीबन 109 कयिबक िकलोमीटर पानी की कमी हई ह यह मातरा िकतनी अिधक ह इसका अदाजा इसी स लगाया जा सकता ह िक यह अमिरका क सबस बड़ जलाशय लक मीड की कषमता स दगन स भी कही यादा ह अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह इस िरपोटर क मतािबक अगर अधाधध जल दोहन इसी तरह स जारी रहा तो आन वाल समय म भारत को अनाज और पानी क सकट को झलन क िलए अभी स तयार हो जाना चािहए जािहर ह िक जब जल सकट बढ़गा तो खती पर इसका गहरा परभाव पड़गा अनाज क उ पादन म कमी आएगी इस वजह स अनाज सकट पदा होगा और भख का एक नया चहरा उभरकर सामन आएगा एक बड़ा तबका जो आज भरपट भोजन कर पाता ह उसक िलए पट भर खाना िमलना मि कल हो जाएगा भखमरी की जो सम या पदा होगी उसस िफर िनपटना आसान नही होगा इसक अलावा पीन क पानी का टोटा तो होगा ही अभी ही दश क कई िह स ऐस ह जहा क लोग को पीन क िलए साफ पानी नही िमल पा रहा ह कई कषतर ऐस ह जहा गमीर क िदन म हडपप स पानी आना बद हो जाता ह वहा क लोग को हर साल बोिरग को कछ फट बढ़वाना होता ह यह सम या भजल तर क िगरत जान की वजह स ही पदा हई ह जब पीन क पानी का सकट पदा होगा तो बोतलबद पानी का कारोबार काफी तजी स बढ़गा कहन का मतलब यह िक िजसक पास पसा होगा वह अपनी यास बझा सकगा और िजसक पास पसा नही होगा उस अपनी यास बझान क िलए भी सघषर करना पड़गा ि थित की भयावहता की क पना ही िसहरन पदा करती ह भारत म दिनया का हर छठा आदमी रहता ह यानी कहा जाए तो दिनया क कल आबादी क तकरीबन सतरह फीसदी लोग भारत म रहत ह जबिक दिनया का महज साढ़ चार फीसदी पानी ही भारत म उपल ध ह ऐस म जल सम या स दो-चार होना कोई आनापिकषत बात नही ह एक बात तो तय ह िक पराकितक ससाधन म इजाफा तो नही िकया जा सकता ह लिकन इसका सरकषण अव य िकया जा सकता ह

अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह

प ठ 38 अकषय कराित

भारत म लोग िकसी एक मा यम स पयजल परा त करन पर िनभरर नही ह इस दश म 357 फीसदी लोग हडपप स 367 फीसदी लोग नल स 182 फीसदी लोग तालाब पोखर या झील स 56 फीसदी कओ स 12 फीसदी लोग पारपिरक साधन स और 26 फीसदी लोग अ य मा यम स पीन का पानी परा त करत ह इस िलहाज स अगर दखा जाए तो जल सकट को दर करन क िलए समगर कायरयोजना की ज रत ह

दरअसल भारत म गहरात जल सकट क िलए काफी हद तक पानी की बबारदी भी िज मवार ह यहा जल आपित र की यव था म काफी खािमया ह नल क जिरए घर तक पहचन वाल पानी का एक बड़ा िह सा िरस कर बबारद हो जाता ह हर शहर म फट हए आपित र पाइप आसानी स दख जा सकत ह इस बदहाल यव था क िलए सरकार क साथ-साथ सामा य लोग भी कम िज मदार नही ह एक तरफ तो सरकार पयजल क नाम पर हर साल हजार करोड़ पए का बजट बनाती ह और दसरी तरफ जमीनी तर पर हालात म कोई बदलाव नही िदखता ह सामािजक तौर पर भी जल सरकषण को लकर जाग कता का अभाव िदखता ह यह सामािजक तान-बान का ही असर ह िक लोग कही भी जल की बबारदी को दखकर उस सामा य घटना मानत हए नजरअदाज कर दत ह दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था यह अब घटकर 1800 कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर हो चका ह

दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था

प ठ 39 अकषय कराित

िवशषजञ का अनमान ह िक अगर पानी की खपत और बबारदी इसी तरह स जारी रही तो 2025 तक यह घटकर हजार कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर ही रह जाएगा उस समय तक पानी की उपल धता म आन वाली इस कमी की वजह स किष उ पादन म तीस फीसदी की कमी आन की सभावना ह इन पिरि थितय म दश की आिथरक और सामािजक ि थित का कया होगा इसका अदाजा सहज ही लगाया जा सकता ह भारत म जल सरकषण क परित आज भी आम लोग क मन म उपकषा का भाव बना हआ ह साथ ही इस कायर क िलए आव यक तकनीक की भी कमी ह जो तकनीक उपल ध ह उनस सामा य लोग अनजान ह बािरश क पानी का सगरह करक उस उपयोग म लाना एक अ छा िवक प ह पर इस तरह की कोिशश काफी सीिमत मातरा म काफी छोट तर पर हो रही ह यही वजह ह िक दश म होन वाली बािरश क पानी का अ सी फीसदी िह सा आज भी समदर म पहच जाता ह अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह अगर जल की इस िवशाल मातरा का आधा भी परयोग कर िलया जाए तो ि थित म यापक बदलाव आना तय ह शहरी कषतर म तो पानी की कालाबाजारी जोर पर ह जगह-जगह पर जल मािफया सिकरय हो गए ह िद ली क ही एक अखबार न कछ समय पहल यह बात उजागर िकया था यहा तो समानातर जल बोडर भी चलाया जा रहा ह हरानी की बात तो यह ह िक इसक बावजद भी पानी क काल धध पर अकश नही लगाया जा सका ह अहम सवाल यह ह िक कस सामा य तबक क लोग तक व छ पानी पहचाया जाए शहरी कषतर क साथ-साथ गरामीण कषतर म भी यह एक बड़ी चनौती ह आबादी म अपर यािशत विदध बढ़त शहरीकरण औ योिगकीकरण और किष उ पाद की बढ़ती माग क कारण पानी की माग िपछल कछ साल म वाभािवक प स बढ़ी ह इसक पिरणाम व प भजल ससाधन का अ यिधक दोहन हआ ह और इसका नतीजा हआ िक लगातार भजल का तर घटता जा रहा ह शहरी कषतर म ि थित बहद भयावह ह तदनसार वहा न कवल शीघराितशीघर जल ससाधन क सरकषण की ज रत ह बि क परभावी रणनीित और परबधन क जिरए त काल कदम उठान की ज रत ह

अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह

प ठ 40 अकषय कराित

खासकर इस बात को यान म ऱखकर िक िविभ न परितयोगी कषतर म कभी भी माग बढ़ सकती ह भिव य म उपयोग क िलए छत पर या सतह पर जलगरहण बनाकर वषारजल सरकषण बहद ज री ह यह पानी की बढ़ती ज रत का खयाल रखन िमटटी की नमी तर को बढ़ान शहरी हिरयाली को बढ़ान भजल तर को कितरम प स पनभररण करन और भजल की गणव ता स सधार का काम करता ह भारत म जल परबधन स दश का िवकास भारत म दिनया की 16 परितशत आबादी रहती ह लिकन दिनया क िसफर 4 परितशत जल ससाधन ही भारत क पास ह 3290000 वगर िकलोमीटर क भिम कषतर और एक अरब स यादा की आबादी क साथ भारत क एक बहलवादी िविवधता का िचतर ह िवशाल पराकितक ससाधन क साथ सप न तकनीकी और वजञािनक किमरय का भी यह दिनया म दसरा सबस बड़ा सम चय ह भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह मानव िवकास म 80 क दशक म लगभग 26 परितशत और 90 क दशक क दौरान और 24 परितशत क वारा सधार हआ ह आजादी क बाद छह दशक म भारत न जल ससाधन का अभतपवर िवकास और खा या न म आ मिनभररता शहरी कषतर ऊजार और औ योिगक कषतर और पीन का पानी क बिनयादी ढाच म तजी स िव तार दखा ह िजसका उपयोग भारत की लगभग 85 परितशत शहरी और गरामीण आबादी क वारा िकया जाता ह भारत म रा य सरकार और भारत सरकार क परितबदध और ठोस परयास की वजह स गरामीण और शहरी आबादी को सरिकषत पयजल को उपल ध करवान म काफी सफलता हािसल की ह इस उपलि ध न भजल की कमी जल जमावजल गणव ता िगरावट जल परदषण और बढ़त लवणता तर स बड़ कषतर को परभािवत िकया ह और अभी भी िविभ न रा य म गरामीण और शहरी भारत क मानव िवकास सचकाक (HDI)rsquo म बहत असमानता मौजद ह पानी क िलए कषतरीय माग तजी स बढ़ रह शहरीकरण की गित स बढ़ रही ह (अनमानत 2025 तक दश की आबादी का 50 परितशत स अिधक शहर म रहग) जनसखया विदध बढ़ती आय और औ योिगक िवकासशहरी भारत तजी स िवकास की माग क कदर क प म उभर रहा ह

भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह

प ठ 41 अकषय कराित

नतीजतन परित यिकत पानी की उपल धता िगर रही ह परधानमतरी की अ यकषता म 12वी योजना क िलए हई योजना आयोग की पणर बठक म दसर म क साथ जल परबधन पर िवशष चचार हई बठक क बाद योजना आयोग क उपा यकष म टक िसह अहलवािलया न कहा िक भ-जल कानन स लकर दसर म की यापक समीकषा ज री ह व यनाथन सिमित जहा वतरमान म भ-जल कानन की साथरकता का अ ययन करगी वही भारतीय अतिरकष अनसधान सगठन [इसरो] की मदद स पानी की उपल धता का िव तत अ ययन होगा म टक न कहा िक उसी आधार पर रणनीित तय होगी सरकार यह यान रखगी िक पानी का अिधकतम उपयोग हो सक और सभी को उपल ध हो पानी पर िकसी का एकािधकार न हो सक बतात ह िक द पयोग को रोकन क िलए श क लगान पर भी िवचार िकया जा सकता ह हालािक इसस पहल रा य सरकार स चचार होगी यह तय ह िक एआइबीपी कायरकरम म यापक बदलाव ह ग ी म टक िसह अहलवािलया न कहा िक वतरमान म इस कायरकरम का सही िकरया वयन नही हो रहा ह िलहाजा उसम पिरवतरन ज री ह सभव ह िक हर रा य म जल िनयामक परािधकरण बनान की शतर भी लगाई जाए उ ह न कहा िक जल परबधन की यापक समीकषा कर नई रणनीित तय की जाएगी कल िमलाकर रा टरीय तर पर वतरमान जल ससाधन का अिधक स अिधक करन क िलए माग को परा करन क िलए पयार त ह लिकन भिव य क अ ययन पिरयोजना ह िक जल आपित र की ि थित अगल आध सदी म अिधक किठन हो सकती ह जल सकट स िनपटन को जल सरकषण परबधन अिनवायर परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह बढ़त वि वक तापमान क फल व प अितवि ट अनावि ट अ पवि ट और असामियक वि ट हम परितवषर दख रह ह िजसका परभाव हमार जल ससाधन पर पड़ता िदखाई द रहा ह कओ व बाविडय का िमटता अि त व नदी-नाल का घटता पानी भ-गभर जल का िगरता तर िचता की पिरिध स िनकलकर खतर की घटी बनता जा रहा ह

निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह

प ठ 42 अकषय कराित

िव व भर म सीमट क अधाधध परयोग न धरातल क सहज अवशोषण कषतर को घटाया ह तथा जल बहाव भिम कटाव व बाढ़ म विदध की ह ऐसी ि थित म जल सरकषण का दािय व मातर वजञािनक व सरकार तक सीिमत न रहकर पर यक उपभोकता क कध पर आ जाता ह इसी दािय व क िनवरहन क िलए हमार पास दो िवक प सामन आत ह 1 वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई

उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

2 पािरवािरक तर पर वषार जल को सगरिहत कर उसका उपयोग कर य दोन ही परयास गरामीण कषतर म तो सरलता स अपनाए जा सकत ह परत शहरी कषतर म व ट वाटर मनजमट की बड़ी पिरयोजनाए बनाकर ही पानी को िरसाइिकल िकया जा सकता ह भ-गभर अिधकािधक जल अवशोिषत होकर

जाए इसक िलए मदानी भाग म िनयोिजत ढग स बड़-बड़ पोखर बनाकर तथा पहाड़ी कषतर म नाल -ख ड म िमटटी प थर आरसीसी क बड़-छोट डम लगाकर जल बहाव रोक भ-सरकषण बचाव व जल भडारण और धरातल जल शोषण कषतर बढ़ाया जा सकता ह िव व बक भारत सरकार वारा म य िहमालय जलागम पिरयोजना रा य क भ-सरकषण िवभाग इस कषतर म कारगर उपाय लकर

हमार सामन ह परत जनसहयोग क िबना इन पिरयोजनाओ क आशातीत पिरणाम ल पाना किठन ह वकषारोपण इस सपणर जल चकर को बल दन वाला कारक ह जल क परित चतना जागत न हई तो अव य ही अगल िव व यदध का कारण जल ही होगा

जल भोजन ह और अिगन भोजन का भकषक ह अिगन जल म और जल अिगन म िव यमान ह

- ततरीय उपिनषद 38

वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

प ठ 43 अकषय कराित

म भी गान गा सकता ह शबनम क िखलत फल क म भी गीत सना सकता ह सावन क म त झल क लिकन जब घर-घर म बादल छाय घोर िनराशा क तब म नगम गा रहा ह उ मीद की आशा क

सड़क पर खड़ बचपन की य बात सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह

हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

इस बदलत पिरवश का राग सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

गाधी जी क सपन का जो राम-रा य कहलाता ह उस भारत म सड़क पर छोट चाय पहचाता ह

कहा गई वो अ हड़ म ती कहा गया वो यार का रा ता उन हाथ स बचत झड िजन हाथ को चािहए ब ता

उस सोन की िचिड़या की म बात बतान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

कही बम की गमर हवाए कही ससद म कोहराम ह कही होत घोटाल स परशान आदमी आम ह

कही कल की िकलकारी ह कही सड़क पर बचपन ह कही चलता नही गजारा कही िवदश म काला धन ह

म स चाई गा-गाकर सबको बतलान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

बदलता भारत मनीष लाल इरडा

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

प ठ 44 अकषय कराित

करन वाल काम बहत ह यथर उलझन को छोड़ो म ला-पिड़त तोड़ रह ह तम बस lsquoअपन को जोड़ो

lsquoहम बदलग-यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का lsquoवद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का

वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हम बदलग mdash यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का वद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

प ठ 45 अकषय कराित

िसफर काला और सफ़द य ही वो दो रग थ जो तर पास सि ट बनान क आधार थ

काला वो जो कािलमा िलय ह िजस कहत ह दख िनराशा म य अपयश और वो सबकछ जो नकारा मक ह

मगर सफद ह वो रग िजसस जड़ा ह जीवन आशा सख और कीितर और वो सब कछ जो सकारा मक ह पर इन रग स तझ चन ना िमला त सोचन लगा अगर सि ट बनानी ह

तो िकस िलए- ससगर और परम क िलए और

इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग

ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह

बस- बना डाला तन इ दरधनष

जो बरसात क बाद सरज और प वी क अनपम परम को रग दता ह सतरगी रग स

और उ ही सतरगी इ दरधनषी रग म हम हर पल हर कषण डबत गहरात इतरात रहत ह

और खिशय भर ससार म हर रग को अलग-अलग तरह स महसस करक जीत रहत ह

रग तो रग ह मगर-

ससगर और परम क िलए और इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह बस-

सतरगी िचतर सगीता ीवा तव इरडा

प ठ 46 अकषय कराित

कभी पक क कभी फीक़ तो कछ कभी दाग बनकर उभर आत ह

कछ आख म नील बादल स छाए रहत ह तो कछ गाल पर गलाबी रग बनकर छलक जात ह

याद रहत ह अक सर वो रग- जो खदी पर इस तरह छा जात ह िक खद म घलकर खद क होन

का एहसास दत-दत खद का एक रग बन जात ह

बगनी आसामनी नीला हरा पीला नारगी लाल इ दरधनष क य सात रग ही जोड़त ह हमार िदल को

हमार मन को जोड़न वाल इन रग की सतरगी दिनया म-

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा बनाय

और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क

सतरगी िचतर

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा

बनाय और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क सतरगी िचतर

प ठ 25

ससराल की कभी बराई कही न मह पर आ जाव धमर कमर क तर य पथ म पाव नही िडगन पाव

सात परितजञाय जो तमन अिग नदव स मख की धारण द पि त जीवन का मह व ह करना स च मन स पालन

बटी इन सात बचन का यान दय म रह सदा दोन कल की लाज इसी म भला न दना इस कदा पित ही ह सवर तर त हार पित ही को जीवन समझो

जो कछ कह उसी को मान उनको िबिटया तम धन समझो शीलवती तम बन िबिटया पित-भक त मना सदर िनस दह वय उपजग क प-वकष घर क अ दर

पहन सिशकषा की साड़ी को शभ गण भषण अपनाओ दस लकषण शभ लकषण धार िन य नय मगल गाओ यह िशकषा उपहार दय का तम को राह िदखायगा भल भटक कर भी अिधयारा पास न आन पायगा

हम सब की आख स मोती उर स िनकल रही आशीष सभी सख स पणर परफि लत कर त ह दलह राजा की ईश

अकषय कराित

िजन हाथ न लाड़ चाव स अब तक था िजसको पाला उन हाथ न ही िबिटया को दलह राजा जी को द डाला

प ठ 26 अकषय कराित

ldquoपयारवरणrdquo श द पिर+आवरण स बना ह अथारत बा य आवरण को ही पयारवरण कहत ह इस बा य आवरण का ता पयर हमार चार ओर क वातावरण और पिरवश स ह िजस हम दसर श द म परकित भी कह सकत ह प वी पर िव यमान सपणर जीव-जगत क अि त व जीवन-यापन एव चहमखी िवकास म परकित की मह वपणर भिमका ह मानव बिदधजीवी पराणी ह और परकित क मह व स भली-भाित पिरिचत होन क कारण ही सिदय स परकित की पजा करता रहा ह

विदक काल स ही परकित तथा मानव क बीच जीवन ततर का अटट सबध रहा ह हमार पराचीन ऋिष-मिनय न प वी म हवा पानी िमटटी पड़-पौध जीव-ज तओ और मानव क सिकरय सहयोगा मक सतलन को यान म रखकर ही परकित को प य माना धमर क साथ परकित को जोड़कर उ ह न परकित को पयार त मह व िदया व जानत थ िक िजस परकार जीवन क िलए भिम की आव यकता होती ह उसी परकार वन पितया व अ य पराणी भी आव यक ह य सभी परकित क अिभ न अग ह इनम स एक क भी न ट होन का परभाव दसर पर पड़ता ह और पिरणाम व प पराकितक असतलन पदा हो जाता ह व तत प वी म हवा पानी िमटटी पड़-पौध जीव-ज तओ और मानव का सिकरय सहयोगा मक सतलन रहता ह पड़-पौध भिम को उपजाऊ बनात ह िमटटी को बाधकर रखत ह बरसात करवान तथा जल एव वाय को व छ रखन म सहायक होत ह परत आज क बढ़त औ योिगकीकरण और शहरीकरण न परकित और मानव क बीच असतलन उ प न कर िदया ह यह असतलन अिशकषण बढ़ती जनसख या शहर की ओर पलायन वकष की कटाई गगनचबी इमारत बड़-बड़ उ योग की थापना आिद क कारण ह और यही पयारवरण परदषण क मख य कारण ह मटरोपोिलटन एव बड़ शहर म अनक काबरिनक और अकाबरिनक गस जस ndash काबरन-मोनोऑक साइड अमोिनया आिद परदषण क मख य ोत ह

वतरमान पयारवरण -21वी सदी की चनौती

लख सरीन सल

विदक काल स ही परकित तथा मानव क बीच जीवन ततर का अटट सबध रहा ह

प ठ 27 अकषय कराित मन य न अपनी भितक सख-सिवधाओ की आपित र क िलए परकरित स

िखलवाड़ िकया ह वतरमान मशीनी यग म मन य वारा परकित क अ यिधक दोहन एव िनत नए कारखान की थापना स पयारवरण सकट उ प न हआ ह मानव न परकित क साथ जो अ यायपणर यवहार िकया ह उसी क फल व प परकित का िवरोधी रवया हआ ह िजस भिव य म सह पाना मि कल होगा

अिशकषा क कारण दश की तजी स बढ़ती आबादी क आवास की मलभत आव यकता को परा करन क िलए वकष की कटाई करक ऊची-ऊची इमारत बनाई जा रही ह वकष की अधाधध कटाई स भिम की ऊवररा शिक त का तो ास हो ही रहा ह साथ ही परदषण जसी िवकराल सम या भी ज म ल रही ह

परदषण पयारवरण क ास का परमख कारण ह िवकासशील दश िनत नए उ योग की थापना करक बराजगारी की सम या को तो दर कर रह ह िकत इसस जल वाय विन तथा िविभ न परकार क परदषण बढ़ रह ह कल-कारखान और मोटर स िनकलन वाल धए स वाय परदषण हो रहा ह जल थल व नभ क मागर पर शिक त चािलत वाहन विन परदषण का मख य ोत ह शहरीकरण और औ योिगकीकरण क कारण शदध पयजल की सम या िवकराल प धारण कर रही ह कारखान स िनकलन वाल कड़-कचर क निदय म िमलन स जल परदषण हो रहा ह रासायिनक खाद और कीटनाशी दवाओ स मदा परदषण का खतरा बन गया ह

इस परकार जनसख या विदध शहरीकरण औ योिगकीकरण एव परदषण जसी सम याओ न पयारवरण को बरी तरह परभािवत िकया ह आज सपणर िव व पयारवरण को लकर िचितत ह इस भयावह ि थित स बचन क िलए पर यक यिक त को पयारवरण क परित जाग क करना आज की अिनवायर आव यकता ह

इस िदशा म सवरपरथम िनरकषरता को समा त िकया जाना चािहए साकषर भारत की पिरक पना म जनसख या विदध दर वय िनयितरत हो जाएगी करल रा य इसका परमाण ह जहा साकषरता क साथ-साथ जनसख या िनयतरण भी ह

जल थल व नभ क मागर पर शिक त चािलत वाहन विन परदषण का मख य ोत ह

प ठ 28 अकषय कराित

इसक बाद बात आती ह परदषण िनवारण की आज िव व भर क

वजञािनक और पयारवरणिवद इस िदशा म कायररत ह सवरपरथम वन क काटन पर परितबध लगाया गया ह और वन सपना क िव तार हत वकष लगान क िलए परो सािहत िकया गया इसक िलए सरकार की ओर स वकष आिद िनश क उपल ध कराए जात ह ldquoपयारवरण परदषण स थाrdquo और व छ वाय अिधिनयम जस िविधक उपाय स वाय परदषण पर रोक लगान का परयास िकया जा रहा ह जहरील धआ उगलन वाल कारखान तथा वाहन पर भारी आिथरक दड का परावधान ह िविभ न सचार मा यम mdashदरदशरन समाचार-पतर तथा आकाशवाणी क मा यम स जनता को पयारवरण क परित जाग क करन क परयास िकए जा रह ह निदय म खलन वाल परदषण ोत को बद करन की योजनाए चलाई जा रही ह पािलथीन क परयोग को बद करन क िलए चलाया जा रहा ह अिभयान भी परशसनीय ह

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह इस खतर स सपणर भमडल का अि त व न ट हो जाए इसस पहल हम पयारवरण की सरकषा करन का सक प लना होगा

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह

िस धी होन क प चात भी मझ बगाली रीित िरवाज़ िमठाइया यहा का पहनावा अगरज क ज़मान की बनी सरचनाए एव भवन इ यािद म बहत िदलच पी एव िच थी

प ठ 29 अकषय कराित

यातरा स मरण-कोलकाता-खिशय हषर का शहर(िसटी ऑफ जॉय)

सोिनया सिह वानी पीईसी िलिमटड

म पी ई सी िलिमटड नामक कपनी क िविध ककष म उप िविध परबधक क पद पर कायररत ह सन 2010 जन स इस कपनी म मन परबधन परिशकष क प म अपनी पहली नौकरी की श आत की पी ई सी िलिमटड वािण य मतरालय क अतगरत आन वाली आयात-िनयारत यापार स स बिधत क पिनय म स एक ह इस स दभर म जनवरी 2011 म िविभ न िवभाग क परबधन परिशकषओ को ओिरएटशन हत काडला कोलकाता इ यािद शहर म भजन का कायरकरम िनि चत िकया गया कोलकाता क पास हि दया पोटर होन क कारण कोलकाता शहर चना गया जहा पी ई सी वारा आयात की गयी व तए पोटर गोदाम म रखी जाती ह साथ ही म कोलकाता पोटर िभ न गोदाम इ यािद दखन की यव था की गयी एव सची म समावश िकया गया यह सनकर मरी ख़शी का िठकाना न रहा क य िक मन कोलकाता शहर क बार म सना बहत था पर त कभी दखा न था िस धी होन क प चात भी मझ बगाली रीित िरवाज़ िमठाइया यहा का पहनावा अगरज क ज़मान की बनी सरचनाए एव भवन इ यािद म बहत िदलच पी एव िच थी आिखरकार मझ मौका िमला और जनवरी की कड़ाकदार ठ ड क बीच हम एक रिववार शाम कोलकाता राजधानी स अपनी मिजल की और िनकल पड़ िद ली स कोलकाता क सफ़र क बीच हमारी गाड़ी इलाहाबाद गया िबहार तथा धनबाद जस शहर स होत हए बगाल की ओर पहची हसत-गात खलत-खात हए हम अगली सबह हावड़ा जकशन पहच गए रलगाड़ी स उतर कर टशन स बाहर िनकलत ही मझ िसटी ऑफ जॉय क नाम स मशहर कोलकाता की पहली झलक िदखाई दी ऐसा लगा मानो मझ भारत क दो पहल एकसाथ जीत हए नज़र आए एक तरफ थ टशन स बाहर एव अ दर जात हए स दर कपड़ गहन म लद हए कोलकाता क बगाली िनवासी साथ म बड़ी-बड़ी गािड़य म घमत कोलकाता क नौजवान और ठीक दसरी तरफ मरी नज़र पड़ी हगली नदी पर बन परिसदध हावड़ा िबरज पर िजस दख एक अलग ही दिनया का एहसास हआ

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह

िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी

एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया नतीजा मर समकष था

प ठ 30 अकषय कराित

हावड़ा िबरज पर हर तरफ लोग का जमावड़ा था इतन लोग दख िद ली क चादनी चौक की याद आ गयी ऐसा लगा मानो म 50 साल पीछ िकसी लक एव वाईट दिनया म कदम रख चकी थी िबरज क दोन तरफ सामान बचत हए दकानदार िखलौन मछली रख हए औरत एव छोट-छोट ब च मख य शहर स हावड़ा जान वाल आम आदमी मजदर की तज़ र तार फरी स र ता पार करन वाल यापारी इन सब को दख लगा कोलकाता म मबई जसी भागम भाग भी थी िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया नतीजा मर समकष था जस-जस म कोलकाता शहर क भीतर आन लगी मझ इस शहर क िवकास की झलक िदखाई दी एक तरफ थी ऊची ईमारत सदर िवशाल िव यासागर सत पल बड़-बड़ होटल माल कोलकाता उ च यायालय राईटसर िबि डग मशहर इडन गाडरन टिडयम इ यािद तो दसरी तरफ था िवक टोिरया ममोिरयल अगरज की वा तकला क अनसार िदखती लाल ईटो की इमारत िवक टोिरयल सरचनाए भवन छोटी-छोटी पटिरय पर समान बचत नया बाज़ार (New Market) क दकानदार एव िवक टोिरया ममोिरयल क बाहर चलत सलािनय क िलए रथ वाल घोड़ हमारा होटल जसीबोस सड़क पर ि थत था एव सिवधाओ स भरपर था पर त मन य जाना िक असली कोलकाता का मज़ा गाड़ी म नही अथवा िरक शा ऑटो तथा साल स चलती आ रही सड़क पर टराम म था

हर तरफ मझ पील रग की टिक सया िदखाई दी सब एक समान थी तथा मरसीडीज़ गाड़ी क बगल म चलती 1-2 पय म सफ़र की जान वाली टराम भी साथ िदखाई दी परी िजदगी िद ली म यतीत करन क बाद हर नए शहर का रहन-सहन बोल-चाल रीित-िरवाज़ जानन की जाग कता मझम हमशा रही पहल ही िदन स कोलकाता मझ रास आया जस िक कहत ह lsquoकोलकाता हमार खब भाला लागली छ rsquo कहन का ता पयर य िक मझ कोलकाता बहत अ छा लगा पहल िदन िक शाम को हमन य मािकर ट म खरीददारी करन का मन बनाया म हरान थी िक वहा चीज िकतनी स ती िमल रही थी िद ली क मतािबक एक ितहाई दाम पर चिडया गहन बग जत कत इ यािद िमल

िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया

प ठ 31 अकषय कराित य मािकर ट िद ली क लाजपत एव सरोिजनी नगर समान ह कम

दाम म अ छा समान िमला कोलकाता चमड़ क िलए भी मशहर ह एव परिसदध ी लदसर दकान भी इस बाज़ार म ि थत ह यहा खरीदारी का हमन खब ल फ़ उठाया

अगल िदन हम हि दया पोटर गए एव अनक जहाज़ दख 3-4 घट की दरी पर ि थत यह पोटर अनक एकड़ म फला हआ था पहली बार इतन बड़ जहाज़ को अदर स दख खब आनद आया तीसर िदन हम काली बाड़ी मिदर गए बगाली अ यत पाठ-पजा वाल दगार मा क स च उपासक ह यह सब जानत ह दगार पजा इनका लोकिपरय उ सव ह तथा काली मा एव दगार मा की स च मन स पजा करत ह कोलकाता क िनवासी भिक त भावपणर ह यह सना था अब खद दख भी िलया बगाली र म स पजा करन का य मौका अ यत आनदमयी था इसक अलावा काली बाड़ी क नज़दीक ही ि थत ह गौिरहाट बाज़ार यहा की दकान बगाली सािड़या कपड़ सट कत इ यािद क िलए परिसदध ह आिद धक तशवर नामक मशहर दकान म जाकर मरा भी मन िकया िक म भी खरीददारी क मर सािथय न बहत सािड़या खरीदी एव दाम दखकर म दग रह गई सदर स सदर साड़ी मातर 600700 पय की थी मन बगाल की मशहर लाल एव सफद िपरट की साड़ी भी खरीदी कोलकाता म खरीददारी का अलग की मज़ा ह उसी िदन शाम हम सा ट लक िसटी मॉल गए वह सा ट लक टिडयम क नज़दीक ह यहा िदखाई िदया कोलकाता का परगितशील प नौजवान फटबाल की जसीर पहन माल म घम रह थ एक स एक

मशहर बरड वहा मौजद थ इसक अलावा कोलकाता क िनवासी खब मनोरजन क शौक़ीन ह सगीत नाच गाना इ यादी म िच रखत ह कोलकाता म जगह-जगह सगीत कला अकडमी तथा पढ़न (रीिडग) क क लब ह अगरज क शौक तथा रहन-सहन की झलक आज भी यहा िदखती ह यहा क नौजवान को खल-कद म भी खब िदलच पी ह फटबाल का तो जस यहॉ सबको जनन ह

भारत क परिसदध मोहन बगान फटबाल क लब फटबाल क वहा क नौजवान ही नही परा शहर ही दीवाना ह भारत-पाक मच हो या आई पी एल इडन गाडरन मदान लोग स खचा-खच भरा रहता ह अफ़सोस म वहा अदर जा न सकी

इसक अलावा काली बाड़ी क नज़दीक ही ि थत ह गौिरहाट बाज़ार यहा की दकान बगाली सािडया कपड़ सट कत इ यािद क िलए परिसदध ह

प ठ 32 अकषय कराित

मर सफर क आखरी िदन म मन कोलकाता क लोग म एकता क नजार दख िविभ नता म भी एकता का उदाहरण दखा चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख िजस िदन हम कोलकाता पहच थ उसी िदन वहा शहर बद था और मन एक जट होकर लोग को अपनी बात कहत हए दखा एव सना यहा क लोग अपन शहर क िवकास बहतरी क िलए जाग क ह िज मदारी लत ह तथा सरकार को अपनी बात भली-भाित कहत ह लड़िकय औरत की इ ज़त करत ह एव यहा िक मिहलाओ को मन िनदरलीय पाया जहा एक ओर भारत की राजधानी होन क बावजद िद ली वाल अपनी िजदगी म मगन रहत ह वही दसरी और कोलकाता म अमीरी-गरीबी िभ न जाितय म भी एक जटता ह कपड़ा एव खाना आज भी यहा खब स ता िमलता ह पर त दसरी तरफ सब जानत ह िक बड़-बड़ उ योगपित िव वान लखक िखलाड़ी गायक अिभनता िनदशक यहा स उभर ह सािह य हो या लख बॉलीवड हो या िकरकट बगाल न भारत को अनक नाम एव गौरव िदए ह चाह सौरव दादा हो या रिव दर नाथ टगोर ममता बनजीर रानी मखजीर हो या योित बस भारत म इनकी भिमका का वणरन करन की ज रत नही

मन कछ िदन क कोलकाता क सफर म इस शहर को जानन समझन का परयास िकया हगली नदी क िकनार खड़ होकर समदर को दखा निदय को िनहारा िव यासागर सत िबरज की सदरता िवशालता को सराहा क सी दास की परिसदध िमठाई का ल फ उठाया मन बहत शहर घम पर त यह सफर मर िलए सबस यादगार रहा कोलकाता परगित क मागर पर िनरतर बढ़ रहा ह पर त आज भी वह अपनी जड़ नितक म य को नही भला ह एक आम आदमी आज भी टराम म या फरी स सफर करता ह यहा क िनवासी दो पय स लकर 500 ० का खाना खात ह पराना एव नया कोलकाता एक साथ जीिवत ह िसक क क दो पहल की तरह कोलकाता क यह दो प को एक साथ रहत दख बहत आनद आया

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 33 अकषय कराित

जल परकित का अनपम उपहार ह मानव जाित अपन परादभारवकाल स ही इस उपहार का उपयोग अपन िहत क िलए करती आई ह जल वह पराकितक उपहार ह िजसका कोई िवक प नही ह इसिलए जल को अमतया जीवन भी कहा गया ह जल क िबना जीवन की सभावना भी नही ह पर यकष प स तो जल की मानवीय आव यकता सीिमत ह परत परोकष आव यकताओ पर नजर डाल तो दिनक जीवन की आव यकताए जस अ न फल स जी दध स लकर हमार पहराव आवास तक सब जल स जड़ हजल का जरा भी सतलन िबगड़ जाए तो जीवन यापन क टपरद होन म दर नही परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह जल क सामा य त य जल या पानी एक आम रासायिनक पदाथर ह जो जीवन क सभी जञात प क जीिवत रहन क िलए ज री ह आमतौर पर जल अपनी दरव अव था म उपयोग म लाया जाता ह पर यह ठोस अव था बफर और गस अव था जल वा प या भाप प म भी पाया जाता ह प वी क लगभग तीन चौथाई िह स पर िव व क महासागर का अिधकार ह अनमानत प वी पर जल की कल मातरा लगभग 1400 िमिलयन घन िकलोमीटर ह जो िक प वी पर 3000 मीटर गहरी परत िबछा दन क िलए काफी ह तथािप जल की इस िवशाल मातरा म व छ जल का अनपात बहत कम ह प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह शष जल झील निदय वायम डल नमी मदा और वन पित म मौजद ह जल की जो मातरा उपभोग और अ य परयोग क िलए व ततः उपल ध ह वह निदय झील और भजल म उपल ध मातरा का छोटा-सा िह सा ह इसिलए जल ससाधन िवकास और परब ध की बाबत सकट इसिलए उ प न होता ह कय िक अिधकाश जल उपभोग क िलए उपल ध नही हो पाता

परभावी जल परबधन और दश का िवकास

दीपक आहजा ओएनजीसी िवदश

प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह

प ठ 34 अकषय कराित

और दसर इसका िवषमतापणर थािनक िवतरण इसकी एक अ य िविश टता ह फलतः जल का मह व वीकार िकया गया ह और इसक िकफायती परयोग तथा परब ध पर अिधक बल िदया गया ह प वी पर उपल ध जल जल-चकर क मा यम स चलायमान ह जल लगातार एक चकर म घमता रहता ह िजस जलचकर कहत ह इसम वा पीकरण वषार और बह कर सागर म पहचना शािमल ह हवा जल वा प को थल क ऊपर उसी दर स उड़ा ल जाती ह िजस गित स यह बहकर सागर म पहचाता ह जल चकर का िचतर नीच पर तत िकया गया ह

अिधकाश उपभोकताओ जस िक मन य पशओ अथवा पौध क िलए जल क सचलन की ज रत होती ह जल ससाधन की गितशील और नवीकरणीय परकित और इसक परयोग की बार बार ज रत को ि टगत रखत हए यह ज री ह िक जल ससाधन को उनकी परवाह दर क अनसार मापा जाए इस परकार जल ससाधन क दो पहल ह अिधकाश िवकासा मक ज रत क िलए परवाह क प म मािपत गितशील ससाधन अिधक परासिगक ह आरिकषत भ डार की ि थर अथवा िनयत परकित और साथ ही जल की मातरा तथा जल िनकाय क कषतर की ल बाई व म यपालन नौ सचालन आिद जस कछक िकरयाकलाप क िलए भी परासिगक ह

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 35 अकषय कराित

जल का यय अप यय जल क बार म एक नही कई च कान वाल त य ह िव व म और िवशष प स भारत म जल िकस परकार न ट होता ह इस िवषय म जो त य सामन आए ह उस पर जाग कता स यान दकर जल क अप यय को रोका जा सकता ह अनक त य ऐस ह जो हम आन वाल ख़तर स तो सावधान करत ही ह दसर स पररणा लन क िलए परो सािहत करत ह और पानी क मह व व इसक अनजान ोत की जानकारी भी दत ह प वी पर पदा होन वाली सभी वन पितया स भी हम पानी िमलता ह

आल और अनानास म 80 परितशत और टमाटर म 95 परितशत पानी ह पीन क िलए मानव को परितिदन 3 लीटर और पशओ को 50 लीटर पानी

चािहए भारत म 83 परितशत पानी खती और िसचाई क िलए उपयोग िकया जाता

ह इज़राइल म औसतन मातर 10 सटीमीटर वषार होती ह इस वषार स वह

इतना अनाज पदा कर लता ह िक वह उसका िनयारत कर सकता ह दसरी ओर भारत म औसतन 50 सटीमीटर स भी अिधक वषार होन क बावजद अनाज की कमी बनी रहती ह

िपछल 50 वष म जल क िलए 37 भीषण ह याकाड हए ह भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल

चलती ह पानी ज य रोग स िव व म हर वषर 22 लाख लोग की मौत हो जाती ह यिद बरश करत समय नल खला रह गया ह तो पाच िमनट म करीब 25

स 30 लीटर पानी बरबाद होता ह बाथ टब म नहात समय 300 स 500 लीटर पानी खचर होता ह जबिक

सामा य प स नहान म 100 स 150 लीटर पानी खचर होता ह िव व म परित 10 यिकतय म स 2 यिकतय को पीन का शदध पानी

नही िमल पाता ह परित वषर 6 अरब लीटर बोतल पक पानी मन य वारा पीन क िलए

परयकत िकया जाता ह मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 36 अकषय कराित

िद ली मबई और च नई जस महानगर म पाइप लाइन क वॉ व की खराबी क कारण रोज़ 14 स 44 परितशत पानी बकार बह जाता ह

निदया पानी का सबस बड़ा ोत ह जहा एक ओर निदय म बढ़त परदषण रोकन क िलए िवशषजञ उपाय खोज रह ह वही कल कारखान स बहत हए रसायन उ ह भारी मातरा म दिषत कर रह ह

भारत म जल सकट नासा की एक िरपोटर न पानी को लकर दश भर म बढ़ती जा रही लापरवाही क परित आख खोली ह इस िरपोटर म भारत म सख की ि थित पदा होन क िलए िज मवार कारण म स एक अहम कारण अधाधध जल दोहन को बताया गया ह बतात चल िक दश भर क 604 िजल म स 161 सख की मार झल रह ह वस अब बताया जा रहा ह िक सख की मार स बहाल िजल की सखया बढ़कर 246 हो गई ह यानी कहा जाए तो आधा दश सख की चपट म ह बहरहाल नासा की इस िरपोटर म बताया गया ह िक भारत क कई रा य कषमता स यादा जल दोहन कर रह ह यहा कषमता स ता पयर यह ह िक उनस िजतन सलाना जल दोहन की उ मीद कदर करती ह व उसस कही यादा जल दोहन कर रह ह नासा न यह अ ययन 2002 स 2008 क बीच

की ि थितय क आधार पर िकया ह इस िरपोटर म बताया गया ह िक पजाब हिरयाणा और राज थान हर साल औसतन 177 अरब कयिबक मीटर पानी जमीन क अदर स िनकाल रह ह जबिक कदर की तरफ स लगाए गए अनमान क मतािबक इ ह हर साल 132 अरब कयिबक मीटर पानी ही जमीन क अदर स िनकालना था इस तरह स दखा जाए तो य तीन रा य िमलकर कषमता स 30 फीसदी यादा पानी का दोहन कर रह ह जािहर ह िक िबना कछ सोच-िवचार जब इस पमान पर पराकितक ससाधन का दोहन िकया जाएगा तो परकित भी बदला लगी और वही हो रहा ह इस िरपोटर म यह भी बताया गया ह िक भारत का महज 58 फीसदी भजल ही हर साल िरचाजर हो पाता ह नासा की यह िरपोटर बताती ह िक अधाधध जल दोहन की वजह स पर उ तर पि चम भारत क भजल तर म हर साल 4 सटीमीटर यानी 16 इच की कमी आ रही ह इस अ ययन को अजाम दन म नासा क जल िवजञानी मट रोडल न अहम भिमका िनभाई ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 37 अकषय कराित

उनक हवाल स इस िरपोटर म बताया गया ह िक दश क उ तर पि चम कषतर म 2002 स 2008 क दौरान तकरीबन 109 कयिबक िकलोमीटर पानी की कमी हई ह यह मातरा िकतनी अिधक ह इसका अदाजा इसी स लगाया जा सकता ह िक यह अमिरका क सबस बड़ जलाशय लक मीड की कषमता स दगन स भी कही यादा ह अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह इस िरपोटर क मतािबक अगर अधाधध जल दोहन इसी तरह स जारी रहा तो आन वाल समय म भारत को अनाज और पानी क सकट को झलन क िलए अभी स तयार हो जाना चािहए जािहर ह िक जब जल सकट बढ़गा तो खती पर इसका गहरा परभाव पड़गा अनाज क उ पादन म कमी आएगी इस वजह स अनाज सकट पदा होगा और भख का एक नया चहरा उभरकर सामन आएगा एक बड़ा तबका जो आज भरपट भोजन कर पाता ह उसक िलए पट भर खाना िमलना मि कल हो जाएगा भखमरी की जो सम या पदा होगी उसस िफर िनपटना आसान नही होगा इसक अलावा पीन क पानी का टोटा तो होगा ही अभी ही दश क कई िह स ऐस ह जहा क लोग को पीन क िलए साफ पानी नही िमल पा रहा ह कई कषतर ऐस ह जहा गमीर क िदन म हडपप स पानी आना बद हो जाता ह वहा क लोग को हर साल बोिरग को कछ फट बढ़वाना होता ह यह सम या भजल तर क िगरत जान की वजह स ही पदा हई ह जब पीन क पानी का सकट पदा होगा तो बोतलबद पानी का कारोबार काफी तजी स बढ़गा कहन का मतलब यह िक िजसक पास पसा होगा वह अपनी यास बझा सकगा और िजसक पास पसा नही होगा उस अपनी यास बझान क िलए भी सघषर करना पड़गा ि थित की भयावहता की क पना ही िसहरन पदा करती ह भारत म दिनया का हर छठा आदमी रहता ह यानी कहा जाए तो दिनया क कल आबादी क तकरीबन सतरह फीसदी लोग भारत म रहत ह जबिक दिनया का महज साढ़ चार फीसदी पानी ही भारत म उपल ध ह ऐस म जल सम या स दो-चार होना कोई आनापिकषत बात नही ह एक बात तो तय ह िक पराकितक ससाधन म इजाफा तो नही िकया जा सकता ह लिकन इसका सरकषण अव य िकया जा सकता ह

अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह

प ठ 38 अकषय कराित

भारत म लोग िकसी एक मा यम स पयजल परा त करन पर िनभरर नही ह इस दश म 357 फीसदी लोग हडपप स 367 फीसदी लोग नल स 182 फीसदी लोग तालाब पोखर या झील स 56 फीसदी कओ स 12 फीसदी लोग पारपिरक साधन स और 26 फीसदी लोग अ य मा यम स पीन का पानी परा त करत ह इस िलहाज स अगर दखा जाए तो जल सकट को दर करन क िलए समगर कायरयोजना की ज रत ह

दरअसल भारत म गहरात जल सकट क िलए काफी हद तक पानी की बबारदी भी िज मवार ह यहा जल आपित र की यव था म काफी खािमया ह नल क जिरए घर तक पहचन वाल पानी का एक बड़ा िह सा िरस कर बबारद हो जाता ह हर शहर म फट हए आपित र पाइप आसानी स दख जा सकत ह इस बदहाल यव था क िलए सरकार क साथ-साथ सामा य लोग भी कम िज मदार नही ह एक तरफ तो सरकार पयजल क नाम पर हर साल हजार करोड़ पए का बजट बनाती ह और दसरी तरफ जमीनी तर पर हालात म कोई बदलाव नही िदखता ह सामािजक तौर पर भी जल सरकषण को लकर जाग कता का अभाव िदखता ह यह सामािजक तान-बान का ही असर ह िक लोग कही भी जल की बबारदी को दखकर उस सामा य घटना मानत हए नजरअदाज कर दत ह दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था यह अब घटकर 1800 कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर हो चका ह

दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था

प ठ 39 अकषय कराित

िवशषजञ का अनमान ह िक अगर पानी की खपत और बबारदी इसी तरह स जारी रही तो 2025 तक यह घटकर हजार कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर ही रह जाएगा उस समय तक पानी की उपल धता म आन वाली इस कमी की वजह स किष उ पादन म तीस फीसदी की कमी आन की सभावना ह इन पिरि थितय म दश की आिथरक और सामािजक ि थित का कया होगा इसका अदाजा सहज ही लगाया जा सकता ह भारत म जल सरकषण क परित आज भी आम लोग क मन म उपकषा का भाव बना हआ ह साथ ही इस कायर क िलए आव यक तकनीक की भी कमी ह जो तकनीक उपल ध ह उनस सामा य लोग अनजान ह बािरश क पानी का सगरह करक उस उपयोग म लाना एक अ छा िवक प ह पर इस तरह की कोिशश काफी सीिमत मातरा म काफी छोट तर पर हो रही ह यही वजह ह िक दश म होन वाली बािरश क पानी का अ सी फीसदी िह सा आज भी समदर म पहच जाता ह अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह अगर जल की इस िवशाल मातरा का आधा भी परयोग कर िलया जाए तो ि थित म यापक बदलाव आना तय ह शहरी कषतर म तो पानी की कालाबाजारी जोर पर ह जगह-जगह पर जल मािफया सिकरय हो गए ह िद ली क ही एक अखबार न कछ समय पहल यह बात उजागर िकया था यहा तो समानातर जल बोडर भी चलाया जा रहा ह हरानी की बात तो यह ह िक इसक बावजद भी पानी क काल धध पर अकश नही लगाया जा सका ह अहम सवाल यह ह िक कस सामा य तबक क लोग तक व छ पानी पहचाया जाए शहरी कषतर क साथ-साथ गरामीण कषतर म भी यह एक बड़ी चनौती ह आबादी म अपर यािशत विदध बढ़त शहरीकरण औ योिगकीकरण और किष उ पाद की बढ़ती माग क कारण पानी की माग िपछल कछ साल म वाभािवक प स बढ़ी ह इसक पिरणाम व प भजल ससाधन का अ यिधक दोहन हआ ह और इसका नतीजा हआ िक लगातार भजल का तर घटता जा रहा ह शहरी कषतर म ि थित बहद भयावह ह तदनसार वहा न कवल शीघराितशीघर जल ससाधन क सरकषण की ज रत ह बि क परभावी रणनीित और परबधन क जिरए त काल कदम उठान की ज रत ह

अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह

प ठ 40 अकषय कराित

खासकर इस बात को यान म ऱखकर िक िविभ न परितयोगी कषतर म कभी भी माग बढ़ सकती ह भिव य म उपयोग क िलए छत पर या सतह पर जलगरहण बनाकर वषारजल सरकषण बहद ज री ह यह पानी की बढ़ती ज रत का खयाल रखन िमटटी की नमी तर को बढ़ान शहरी हिरयाली को बढ़ान भजल तर को कितरम प स पनभररण करन और भजल की गणव ता स सधार का काम करता ह भारत म जल परबधन स दश का िवकास भारत म दिनया की 16 परितशत आबादी रहती ह लिकन दिनया क िसफर 4 परितशत जल ससाधन ही भारत क पास ह 3290000 वगर िकलोमीटर क भिम कषतर और एक अरब स यादा की आबादी क साथ भारत क एक बहलवादी िविवधता का िचतर ह िवशाल पराकितक ससाधन क साथ सप न तकनीकी और वजञािनक किमरय का भी यह दिनया म दसरा सबस बड़ा सम चय ह भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह मानव िवकास म 80 क दशक म लगभग 26 परितशत और 90 क दशक क दौरान और 24 परितशत क वारा सधार हआ ह आजादी क बाद छह दशक म भारत न जल ससाधन का अभतपवर िवकास और खा या न म आ मिनभररता शहरी कषतर ऊजार और औ योिगक कषतर और पीन का पानी क बिनयादी ढाच म तजी स िव तार दखा ह िजसका उपयोग भारत की लगभग 85 परितशत शहरी और गरामीण आबादी क वारा िकया जाता ह भारत म रा य सरकार और भारत सरकार क परितबदध और ठोस परयास की वजह स गरामीण और शहरी आबादी को सरिकषत पयजल को उपल ध करवान म काफी सफलता हािसल की ह इस उपलि ध न भजल की कमी जल जमावजल गणव ता िगरावट जल परदषण और बढ़त लवणता तर स बड़ कषतर को परभािवत िकया ह और अभी भी िविभ न रा य म गरामीण और शहरी भारत क मानव िवकास सचकाक (HDI)rsquo म बहत असमानता मौजद ह पानी क िलए कषतरीय माग तजी स बढ़ रह शहरीकरण की गित स बढ़ रही ह (अनमानत 2025 तक दश की आबादी का 50 परितशत स अिधक शहर म रहग) जनसखया विदध बढ़ती आय और औ योिगक िवकासशहरी भारत तजी स िवकास की माग क कदर क प म उभर रहा ह

भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह

प ठ 41 अकषय कराित

नतीजतन परित यिकत पानी की उपल धता िगर रही ह परधानमतरी की अ यकषता म 12वी योजना क िलए हई योजना आयोग की पणर बठक म दसर म क साथ जल परबधन पर िवशष चचार हई बठक क बाद योजना आयोग क उपा यकष म टक िसह अहलवािलया न कहा िक भ-जल कानन स लकर दसर म की यापक समीकषा ज री ह व यनाथन सिमित जहा वतरमान म भ-जल कानन की साथरकता का अ ययन करगी वही भारतीय अतिरकष अनसधान सगठन [इसरो] की मदद स पानी की उपल धता का िव तत अ ययन होगा म टक न कहा िक उसी आधार पर रणनीित तय होगी सरकार यह यान रखगी िक पानी का अिधकतम उपयोग हो सक और सभी को उपल ध हो पानी पर िकसी का एकािधकार न हो सक बतात ह िक द पयोग को रोकन क िलए श क लगान पर भी िवचार िकया जा सकता ह हालािक इसस पहल रा य सरकार स चचार होगी यह तय ह िक एआइबीपी कायरकरम म यापक बदलाव ह ग ी म टक िसह अहलवािलया न कहा िक वतरमान म इस कायरकरम का सही िकरया वयन नही हो रहा ह िलहाजा उसम पिरवतरन ज री ह सभव ह िक हर रा य म जल िनयामक परािधकरण बनान की शतर भी लगाई जाए उ ह न कहा िक जल परबधन की यापक समीकषा कर नई रणनीित तय की जाएगी कल िमलाकर रा टरीय तर पर वतरमान जल ससाधन का अिधक स अिधक करन क िलए माग को परा करन क िलए पयार त ह लिकन भिव य क अ ययन पिरयोजना ह िक जल आपित र की ि थित अगल आध सदी म अिधक किठन हो सकती ह जल सकट स िनपटन को जल सरकषण परबधन अिनवायर परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह बढ़त वि वक तापमान क फल व प अितवि ट अनावि ट अ पवि ट और असामियक वि ट हम परितवषर दख रह ह िजसका परभाव हमार जल ससाधन पर पड़ता िदखाई द रहा ह कओ व बाविडय का िमटता अि त व नदी-नाल का घटता पानी भ-गभर जल का िगरता तर िचता की पिरिध स िनकलकर खतर की घटी बनता जा रहा ह

निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह

प ठ 42 अकषय कराित

िव व भर म सीमट क अधाधध परयोग न धरातल क सहज अवशोषण कषतर को घटाया ह तथा जल बहाव भिम कटाव व बाढ़ म विदध की ह ऐसी ि थित म जल सरकषण का दािय व मातर वजञािनक व सरकार तक सीिमत न रहकर पर यक उपभोकता क कध पर आ जाता ह इसी दािय व क िनवरहन क िलए हमार पास दो िवक प सामन आत ह 1 वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई

उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

2 पािरवािरक तर पर वषार जल को सगरिहत कर उसका उपयोग कर य दोन ही परयास गरामीण कषतर म तो सरलता स अपनाए जा सकत ह परत शहरी कषतर म व ट वाटर मनजमट की बड़ी पिरयोजनाए बनाकर ही पानी को िरसाइिकल िकया जा सकता ह भ-गभर अिधकािधक जल अवशोिषत होकर

जाए इसक िलए मदानी भाग म िनयोिजत ढग स बड़-बड़ पोखर बनाकर तथा पहाड़ी कषतर म नाल -ख ड म िमटटी प थर आरसीसी क बड़-छोट डम लगाकर जल बहाव रोक भ-सरकषण बचाव व जल भडारण और धरातल जल शोषण कषतर बढ़ाया जा सकता ह िव व बक भारत सरकार वारा म य िहमालय जलागम पिरयोजना रा य क भ-सरकषण िवभाग इस कषतर म कारगर उपाय लकर

हमार सामन ह परत जनसहयोग क िबना इन पिरयोजनाओ क आशातीत पिरणाम ल पाना किठन ह वकषारोपण इस सपणर जल चकर को बल दन वाला कारक ह जल क परित चतना जागत न हई तो अव य ही अगल िव व यदध का कारण जल ही होगा

जल भोजन ह और अिगन भोजन का भकषक ह अिगन जल म और जल अिगन म िव यमान ह

- ततरीय उपिनषद 38

वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

प ठ 43 अकषय कराित

म भी गान गा सकता ह शबनम क िखलत फल क म भी गीत सना सकता ह सावन क म त झल क लिकन जब घर-घर म बादल छाय घोर िनराशा क तब म नगम गा रहा ह उ मीद की आशा क

सड़क पर खड़ बचपन की य बात सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह

हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

इस बदलत पिरवश का राग सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

गाधी जी क सपन का जो राम-रा य कहलाता ह उस भारत म सड़क पर छोट चाय पहचाता ह

कहा गई वो अ हड़ म ती कहा गया वो यार का रा ता उन हाथ स बचत झड िजन हाथ को चािहए ब ता

उस सोन की िचिड़या की म बात बतान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

कही बम की गमर हवाए कही ससद म कोहराम ह कही होत घोटाल स परशान आदमी आम ह

कही कल की िकलकारी ह कही सड़क पर बचपन ह कही चलता नही गजारा कही िवदश म काला धन ह

म स चाई गा-गाकर सबको बतलान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

बदलता भारत मनीष लाल इरडा

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

प ठ 44 अकषय कराित

करन वाल काम बहत ह यथर उलझन को छोड़ो म ला-पिड़त तोड़ रह ह तम बस lsquoअपन को जोड़ो

lsquoहम बदलग-यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का lsquoवद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का

वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हम बदलग mdash यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का वद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

प ठ 45 अकषय कराित

िसफर काला और सफ़द य ही वो दो रग थ जो तर पास सि ट बनान क आधार थ

काला वो जो कािलमा िलय ह िजस कहत ह दख िनराशा म य अपयश और वो सबकछ जो नकारा मक ह

मगर सफद ह वो रग िजसस जड़ा ह जीवन आशा सख और कीितर और वो सब कछ जो सकारा मक ह पर इन रग स तझ चन ना िमला त सोचन लगा अगर सि ट बनानी ह

तो िकस िलए- ससगर और परम क िलए और

इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग

ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह

बस- बना डाला तन इ दरधनष

जो बरसात क बाद सरज और प वी क अनपम परम को रग दता ह सतरगी रग स

और उ ही सतरगी इ दरधनषी रग म हम हर पल हर कषण डबत गहरात इतरात रहत ह

और खिशय भर ससार म हर रग को अलग-अलग तरह स महसस करक जीत रहत ह

रग तो रग ह मगर-

ससगर और परम क िलए और इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह बस-

सतरगी िचतर सगीता ीवा तव इरडा

प ठ 46 अकषय कराित

कभी पक क कभी फीक़ तो कछ कभी दाग बनकर उभर आत ह

कछ आख म नील बादल स छाए रहत ह तो कछ गाल पर गलाबी रग बनकर छलक जात ह

याद रहत ह अक सर वो रग- जो खदी पर इस तरह छा जात ह िक खद म घलकर खद क होन

का एहसास दत-दत खद का एक रग बन जात ह

बगनी आसामनी नीला हरा पीला नारगी लाल इ दरधनष क य सात रग ही जोड़त ह हमार िदल को

हमार मन को जोड़न वाल इन रग की सतरगी दिनया म-

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा बनाय

और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क

सतरगी िचतर

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा

बनाय और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क सतरगी िचतर

प ठ 26 अकषय कराित

ldquoपयारवरणrdquo श द पिर+आवरण स बना ह अथारत बा य आवरण को ही पयारवरण कहत ह इस बा य आवरण का ता पयर हमार चार ओर क वातावरण और पिरवश स ह िजस हम दसर श द म परकित भी कह सकत ह प वी पर िव यमान सपणर जीव-जगत क अि त व जीवन-यापन एव चहमखी िवकास म परकित की मह वपणर भिमका ह मानव बिदधजीवी पराणी ह और परकित क मह व स भली-भाित पिरिचत होन क कारण ही सिदय स परकित की पजा करता रहा ह

विदक काल स ही परकित तथा मानव क बीच जीवन ततर का अटट सबध रहा ह हमार पराचीन ऋिष-मिनय न प वी म हवा पानी िमटटी पड़-पौध जीव-ज तओ और मानव क सिकरय सहयोगा मक सतलन को यान म रखकर ही परकित को प य माना धमर क साथ परकित को जोड़कर उ ह न परकित को पयार त मह व िदया व जानत थ िक िजस परकार जीवन क िलए भिम की आव यकता होती ह उसी परकार वन पितया व अ य पराणी भी आव यक ह य सभी परकित क अिभ न अग ह इनम स एक क भी न ट होन का परभाव दसर पर पड़ता ह और पिरणाम व प पराकितक असतलन पदा हो जाता ह व तत प वी म हवा पानी िमटटी पड़-पौध जीव-ज तओ और मानव का सिकरय सहयोगा मक सतलन रहता ह पड़-पौध भिम को उपजाऊ बनात ह िमटटी को बाधकर रखत ह बरसात करवान तथा जल एव वाय को व छ रखन म सहायक होत ह परत आज क बढ़त औ योिगकीकरण और शहरीकरण न परकित और मानव क बीच असतलन उ प न कर िदया ह यह असतलन अिशकषण बढ़ती जनसख या शहर की ओर पलायन वकष की कटाई गगनचबी इमारत बड़-बड़ उ योग की थापना आिद क कारण ह और यही पयारवरण परदषण क मख य कारण ह मटरोपोिलटन एव बड़ शहर म अनक काबरिनक और अकाबरिनक गस जस ndash काबरन-मोनोऑक साइड अमोिनया आिद परदषण क मख य ोत ह

वतरमान पयारवरण -21वी सदी की चनौती

लख सरीन सल

विदक काल स ही परकित तथा मानव क बीच जीवन ततर का अटट सबध रहा ह

प ठ 27 अकषय कराित मन य न अपनी भितक सख-सिवधाओ की आपित र क िलए परकरित स

िखलवाड़ िकया ह वतरमान मशीनी यग म मन य वारा परकित क अ यिधक दोहन एव िनत नए कारखान की थापना स पयारवरण सकट उ प न हआ ह मानव न परकित क साथ जो अ यायपणर यवहार िकया ह उसी क फल व प परकित का िवरोधी रवया हआ ह िजस भिव य म सह पाना मि कल होगा

अिशकषा क कारण दश की तजी स बढ़ती आबादी क आवास की मलभत आव यकता को परा करन क िलए वकष की कटाई करक ऊची-ऊची इमारत बनाई जा रही ह वकष की अधाधध कटाई स भिम की ऊवररा शिक त का तो ास हो ही रहा ह साथ ही परदषण जसी िवकराल सम या भी ज म ल रही ह

परदषण पयारवरण क ास का परमख कारण ह िवकासशील दश िनत नए उ योग की थापना करक बराजगारी की सम या को तो दर कर रह ह िकत इसस जल वाय विन तथा िविभ न परकार क परदषण बढ़ रह ह कल-कारखान और मोटर स िनकलन वाल धए स वाय परदषण हो रहा ह जल थल व नभ क मागर पर शिक त चािलत वाहन विन परदषण का मख य ोत ह शहरीकरण और औ योिगकीकरण क कारण शदध पयजल की सम या िवकराल प धारण कर रही ह कारखान स िनकलन वाल कड़-कचर क निदय म िमलन स जल परदषण हो रहा ह रासायिनक खाद और कीटनाशी दवाओ स मदा परदषण का खतरा बन गया ह

इस परकार जनसख या विदध शहरीकरण औ योिगकीकरण एव परदषण जसी सम याओ न पयारवरण को बरी तरह परभािवत िकया ह आज सपणर िव व पयारवरण को लकर िचितत ह इस भयावह ि थित स बचन क िलए पर यक यिक त को पयारवरण क परित जाग क करना आज की अिनवायर आव यकता ह

इस िदशा म सवरपरथम िनरकषरता को समा त िकया जाना चािहए साकषर भारत की पिरक पना म जनसख या विदध दर वय िनयितरत हो जाएगी करल रा य इसका परमाण ह जहा साकषरता क साथ-साथ जनसख या िनयतरण भी ह

जल थल व नभ क मागर पर शिक त चािलत वाहन विन परदषण का मख य ोत ह

प ठ 28 अकषय कराित

इसक बाद बात आती ह परदषण िनवारण की आज िव व भर क

वजञािनक और पयारवरणिवद इस िदशा म कायररत ह सवरपरथम वन क काटन पर परितबध लगाया गया ह और वन सपना क िव तार हत वकष लगान क िलए परो सािहत िकया गया इसक िलए सरकार की ओर स वकष आिद िनश क उपल ध कराए जात ह ldquoपयारवरण परदषण स थाrdquo और व छ वाय अिधिनयम जस िविधक उपाय स वाय परदषण पर रोक लगान का परयास िकया जा रहा ह जहरील धआ उगलन वाल कारखान तथा वाहन पर भारी आिथरक दड का परावधान ह िविभ न सचार मा यम mdashदरदशरन समाचार-पतर तथा आकाशवाणी क मा यम स जनता को पयारवरण क परित जाग क करन क परयास िकए जा रह ह निदय म खलन वाल परदषण ोत को बद करन की योजनाए चलाई जा रही ह पािलथीन क परयोग को बद करन क िलए चलाया जा रहा ह अिभयान भी परशसनीय ह

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह इस खतर स सपणर भमडल का अि त व न ट हो जाए इसस पहल हम पयारवरण की सरकषा करन का सक प लना होगा

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह

िस धी होन क प चात भी मझ बगाली रीित िरवाज़ िमठाइया यहा का पहनावा अगरज क ज़मान की बनी सरचनाए एव भवन इ यािद म बहत िदलच पी एव िच थी

प ठ 29 अकषय कराित

यातरा स मरण-कोलकाता-खिशय हषर का शहर(िसटी ऑफ जॉय)

सोिनया सिह वानी पीईसी िलिमटड

म पी ई सी िलिमटड नामक कपनी क िविध ककष म उप िविध परबधक क पद पर कायररत ह सन 2010 जन स इस कपनी म मन परबधन परिशकष क प म अपनी पहली नौकरी की श आत की पी ई सी िलिमटड वािण य मतरालय क अतगरत आन वाली आयात-िनयारत यापार स स बिधत क पिनय म स एक ह इस स दभर म जनवरी 2011 म िविभ न िवभाग क परबधन परिशकषओ को ओिरएटशन हत काडला कोलकाता इ यािद शहर म भजन का कायरकरम िनि चत िकया गया कोलकाता क पास हि दया पोटर होन क कारण कोलकाता शहर चना गया जहा पी ई सी वारा आयात की गयी व तए पोटर गोदाम म रखी जाती ह साथ ही म कोलकाता पोटर िभ न गोदाम इ यािद दखन की यव था की गयी एव सची म समावश िकया गया यह सनकर मरी ख़शी का िठकाना न रहा क य िक मन कोलकाता शहर क बार म सना बहत था पर त कभी दखा न था िस धी होन क प चात भी मझ बगाली रीित िरवाज़ िमठाइया यहा का पहनावा अगरज क ज़मान की बनी सरचनाए एव भवन इ यािद म बहत िदलच पी एव िच थी आिखरकार मझ मौका िमला और जनवरी की कड़ाकदार ठ ड क बीच हम एक रिववार शाम कोलकाता राजधानी स अपनी मिजल की और िनकल पड़ िद ली स कोलकाता क सफ़र क बीच हमारी गाड़ी इलाहाबाद गया िबहार तथा धनबाद जस शहर स होत हए बगाल की ओर पहची हसत-गात खलत-खात हए हम अगली सबह हावड़ा जकशन पहच गए रलगाड़ी स उतर कर टशन स बाहर िनकलत ही मझ िसटी ऑफ जॉय क नाम स मशहर कोलकाता की पहली झलक िदखाई दी ऐसा लगा मानो मझ भारत क दो पहल एकसाथ जीत हए नज़र आए एक तरफ थ टशन स बाहर एव अ दर जात हए स दर कपड़ गहन म लद हए कोलकाता क बगाली िनवासी साथ म बड़ी-बड़ी गािड़य म घमत कोलकाता क नौजवान और ठीक दसरी तरफ मरी नज़र पड़ी हगली नदी पर बन परिसदध हावड़ा िबरज पर िजस दख एक अलग ही दिनया का एहसास हआ

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह

िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी

एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया नतीजा मर समकष था

प ठ 30 अकषय कराित

हावड़ा िबरज पर हर तरफ लोग का जमावड़ा था इतन लोग दख िद ली क चादनी चौक की याद आ गयी ऐसा लगा मानो म 50 साल पीछ िकसी लक एव वाईट दिनया म कदम रख चकी थी िबरज क दोन तरफ सामान बचत हए दकानदार िखलौन मछली रख हए औरत एव छोट-छोट ब च मख य शहर स हावड़ा जान वाल आम आदमी मजदर की तज़ र तार फरी स र ता पार करन वाल यापारी इन सब को दख लगा कोलकाता म मबई जसी भागम भाग भी थी िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया नतीजा मर समकष था जस-जस म कोलकाता शहर क भीतर आन लगी मझ इस शहर क िवकास की झलक िदखाई दी एक तरफ थी ऊची ईमारत सदर िवशाल िव यासागर सत पल बड़-बड़ होटल माल कोलकाता उ च यायालय राईटसर िबि डग मशहर इडन गाडरन टिडयम इ यािद तो दसरी तरफ था िवक टोिरया ममोिरयल अगरज की वा तकला क अनसार िदखती लाल ईटो की इमारत िवक टोिरयल सरचनाए भवन छोटी-छोटी पटिरय पर समान बचत नया बाज़ार (New Market) क दकानदार एव िवक टोिरया ममोिरयल क बाहर चलत सलािनय क िलए रथ वाल घोड़ हमारा होटल जसीबोस सड़क पर ि थत था एव सिवधाओ स भरपर था पर त मन य जाना िक असली कोलकाता का मज़ा गाड़ी म नही अथवा िरक शा ऑटो तथा साल स चलती आ रही सड़क पर टराम म था

हर तरफ मझ पील रग की टिक सया िदखाई दी सब एक समान थी तथा मरसीडीज़ गाड़ी क बगल म चलती 1-2 पय म सफ़र की जान वाली टराम भी साथ िदखाई दी परी िजदगी िद ली म यतीत करन क बाद हर नए शहर का रहन-सहन बोल-चाल रीित-िरवाज़ जानन की जाग कता मझम हमशा रही पहल ही िदन स कोलकाता मझ रास आया जस िक कहत ह lsquoकोलकाता हमार खब भाला लागली छ rsquo कहन का ता पयर य िक मझ कोलकाता बहत अ छा लगा पहल िदन िक शाम को हमन य मािकर ट म खरीददारी करन का मन बनाया म हरान थी िक वहा चीज िकतनी स ती िमल रही थी िद ली क मतािबक एक ितहाई दाम पर चिडया गहन बग जत कत इ यािद िमल

िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया

प ठ 31 अकषय कराित य मािकर ट िद ली क लाजपत एव सरोिजनी नगर समान ह कम

दाम म अ छा समान िमला कोलकाता चमड़ क िलए भी मशहर ह एव परिसदध ी लदसर दकान भी इस बाज़ार म ि थत ह यहा खरीदारी का हमन खब ल फ़ उठाया

अगल िदन हम हि दया पोटर गए एव अनक जहाज़ दख 3-4 घट की दरी पर ि थत यह पोटर अनक एकड़ म फला हआ था पहली बार इतन बड़ जहाज़ को अदर स दख खब आनद आया तीसर िदन हम काली बाड़ी मिदर गए बगाली अ यत पाठ-पजा वाल दगार मा क स च उपासक ह यह सब जानत ह दगार पजा इनका लोकिपरय उ सव ह तथा काली मा एव दगार मा की स च मन स पजा करत ह कोलकाता क िनवासी भिक त भावपणर ह यह सना था अब खद दख भी िलया बगाली र म स पजा करन का य मौका अ यत आनदमयी था इसक अलावा काली बाड़ी क नज़दीक ही ि थत ह गौिरहाट बाज़ार यहा की दकान बगाली सािड़या कपड़ सट कत इ यािद क िलए परिसदध ह आिद धक तशवर नामक मशहर दकान म जाकर मरा भी मन िकया िक म भी खरीददारी क मर सािथय न बहत सािड़या खरीदी एव दाम दखकर म दग रह गई सदर स सदर साड़ी मातर 600700 पय की थी मन बगाल की मशहर लाल एव सफद िपरट की साड़ी भी खरीदी कोलकाता म खरीददारी का अलग की मज़ा ह उसी िदन शाम हम सा ट लक िसटी मॉल गए वह सा ट लक टिडयम क नज़दीक ह यहा िदखाई िदया कोलकाता का परगितशील प नौजवान फटबाल की जसीर पहन माल म घम रह थ एक स एक

मशहर बरड वहा मौजद थ इसक अलावा कोलकाता क िनवासी खब मनोरजन क शौक़ीन ह सगीत नाच गाना इ यादी म िच रखत ह कोलकाता म जगह-जगह सगीत कला अकडमी तथा पढ़न (रीिडग) क क लब ह अगरज क शौक तथा रहन-सहन की झलक आज भी यहा िदखती ह यहा क नौजवान को खल-कद म भी खब िदलच पी ह फटबाल का तो जस यहॉ सबको जनन ह

भारत क परिसदध मोहन बगान फटबाल क लब फटबाल क वहा क नौजवान ही नही परा शहर ही दीवाना ह भारत-पाक मच हो या आई पी एल इडन गाडरन मदान लोग स खचा-खच भरा रहता ह अफ़सोस म वहा अदर जा न सकी

इसक अलावा काली बाड़ी क नज़दीक ही ि थत ह गौिरहाट बाज़ार यहा की दकान बगाली सािडया कपड़ सट कत इ यािद क िलए परिसदध ह

प ठ 32 अकषय कराित

मर सफर क आखरी िदन म मन कोलकाता क लोग म एकता क नजार दख िविभ नता म भी एकता का उदाहरण दखा चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख िजस िदन हम कोलकाता पहच थ उसी िदन वहा शहर बद था और मन एक जट होकर लोग को अपनी बात कहत हए दखा एव सना यहा क लोग अपन शहर क िवकास बहतरी क िलए जाग क ह िज मदारी लत ह तथा सरकार को अपनी बात भली-भाित कहत ह लड़िकय औरत की इ ज़त करत ह एव यहा िक मिहलाओ को मन िनदरलीय पाया जहा एक ओर भारत की राजधानी होन क बावजद िद ली वाल अपनी िजदगी म मगन रहत ह वही दसरी और कोलकाता म अमीरी-गरीबी िभ न जाितय म भी एक जटता ह कपड़ा एव खाना आज भी यहा खब स ता िमलता ह पर त दसरी तरफ सब जानत ह िक बड़-बड़ उ योगपित िव वान लखक िखलाड़ी गायक अिभनता िनदशक यहा स उभर ह सािह य हो या लख बॉलीवड हो या िकरकट बगाल न भारत को अनक नाम एव गौरव िदए ह चाह सौरव दादा हो या रिव दर नाथ टगोर ममता बनजीर रानी मखजीर हो या योित बस भारत म इनकी भिमका का वणरन करन की ज रत नही

मन कछ िदन क कोलकाता क सफर म इस शहर को जानन समझन का परयास िकया हगली नदी क िकनार खड़ होकर समदर को दखा निदय को िनहारा िव यासागर सत िबरज की सदरता िवशालता को सराहा क सी दास की परिसदध िमठाई का ल फ उठाया मन बहत शहर घम पर त यह सफर मर िलए सबस यादगार रहा कोलकाता परगित क मागर पर िनरतर बढ़ रहा ह पर त आज भी वह अपनी जड़ नितक म य को नही भला ह एक आम आदमी आज भी टराम म या फरी स सफर करता ह यहा क िनवासी दो पय स लकर 500 ० का खाना खात ह पराना एव नया कोलकाता एक साथ जीिवत ह िसक क क दो पहल की तरह कोलकाता क यह दो प को एक साथ रहत दख बहत आनद आया

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 33 अकषय कराित

जल परकित का अनपम उपहार ह मानव जाित अपन परादभारवकाल स ही इस उपहार का उपयोग अपन िहत क िलए करती आई ह जल वह पराकितक उपहार ह िजसका कोई िवक प नही ह इसिलए जल को अमतया जीवन भी कहा गया ह जल क िबना जीवन की सभावना भी नही ह पर यकष प स तो जल की मानवीय आव यकता सीिमत ह परत परोकष आव यकताओ पर नजर डाल तो दिनक जीवन की आव यकताए जस अ न फल स जी दध स लकर हमार पहराव आवास तक सब जल स जड़ हजल का जरा भी सतलन िबगड़ जाए तो जीवन यापन क टपरद होन म दर नही परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह जल क सामा य त य जल या पानी एक आम रासायिनक पदाथर ह जो जीवन क सभी जञात प क जीिवत रहन क िलए ज री ह आमतौर पर जल अपनी दरव अव था म उपयोग म लाया जाता ह पर यह ठोस अव था बफर और गस अव था जल वा प या भाप प म भी पाया जाता ह प वी क लगभग तीन चौथाई िह स पर िव व क महासागर का अिधकार ह अनमानत प वी पर जल की कल मातरा लगभग 1400 िमिलयन घन िकलोमीटर ह जो िक प वी पर 3000 मीटर गहरी परत िबछा दन क िलए काफी ह तथािप जल की इस िवशाल मातरा म व छ जल का अनपात बहत कम ह प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह शष जल झील निदय वायम डल नमी मदा और वन पित म मौजद ह जल की जो मातरा उपभोग और अ य परयोग क िलए व ततः उपल ध ह वह निदय झील और भजल म उपल ध मातरा का छोटा-सा िह सा ह इसिलए जल ससाधन िवकास और परब ध की बाबत सकट इसिलए उ प न होता ह कय िक अिधकाश जल उपभोग क िलए उपल ध नही हो पाता

परभावी जल परबधन और दश का िवकास

दीपक आहजा ओएनजीसी िवदश

प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह

प ठ 34 अकषय कराित

और दसर इसका िवषमतापणर थािनक िवतरण इसकी एक अ य िविश टता ह फलतः जल का मह व वीकार िकया गया ह और इसक िकफायती परयोग तथा परब ध पर अिधक बल िदया गया ह प वी पर उपल ध जल जल-चकर क मा यम स चलायमान ह जल लगातार एक चकर म घमता रहता ह िजस जलचकर कहत ह इसम वा पीकरण वषार और बह कर सागर म पहचना शािमल ह हवा जल वा प को थल क ऊपर उसी दर स उड़ा ल जाती ह िजस गित स यह बहकर सागर म पहचाता ह जल चकर का िचतर नीच पर तत िकया गया ह

अिधकाश उपभोकताओ जस िक मन य पशओ अथवा पौध क िलए जल क सचलन की ज रत होती ह जल ससाधन की गितशील और नवीकरणीय परकित और इसक परयोग की बार बार ज रत को ि टगत रखत हए यह ज री ह िक जल ससाधन को उनकी परवाह दर क अनसार मापा जाए इस परकार जल ससाधन क दो पहल ह अिधकाश िवकासा मक ज रत क िलए परवाह क प म मािपत गितशील ससाधन अिधक परासिगक ह आरिकषत भ डार की ि थर अथवा िनयत परकित और साथ ही जल की मातरा तथा जल िनकाय क कषतर की ल बाई व म यपालन नौ सचालन आिद जस कछक िकरयाकलाप क िलए भी परासिगक ह

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 35 अकषय कराित

जल का यय अप यय जल क बार म एक नही कई च कान वाल त य ह िव व म और िवशष प स भारत म जल िकस परकार न ट होता ह इस िवषय म जो त य सामन आए ह उस पर जाग कता स यान दकर जल क अप यय को रोका जा सकता ह अनक त य ऐस ह जो हम आन वाल ख़तर स तो सावधान करत ही ह दसर स पररणा लन क िलए परो सािहत करत ह और पानी क मह व व इसक अनजान ोत की जानकारी भी दत ह प वी पर पदा होन वाली सभी वन पितया स भी हम पानी िमलता ह

आल और अनानास म 80 परितशत और टमाटर म 95 परितशत पानी ह पीन क िलए मानव को परितिदन 3 लीटर और पशओ को 50 लीटर पानी

चािहए भारत म 83 परितशत पानी खती और िसचाई क िलए उपयोग िकया जाता

ह इज़राइल म औसतन मातर 10 सटीमीटर वषार होती ह इस वषार स वह

इतना अनाज पदा कर लता ह िक वह उसका िनयारत कर सकता ह दसरी ओर भारत म औसतन 50 सटीमीटर स भी अिधक वषार होन क बावजद अनाज की कमी बनी रहती ह

िपछल 50 वष म जल क िलए 37 भीषण ह याकाड हए ह भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल

चलती ह पानी ज य रोग स िव व म हर वषर 22 लाख लोग की मौत हो जाती ह यिद बरश करत समय नल खला रह गया ह तो पाच िमनट म करीब 25

स 30 लीटर पानी बरबाद होता ह बाथ टब म नहात समय 300 स 500 लीटर पानी खचर होता ह जबिक

सामा य प स नहान म 100 स 150 लीटर पानी खचर होता ह िव व म परित 10 यिकतय म स 2 यिकतय को पीन का शदध पानी

नही िमल पाता ह परित वषर 6 अरब लीटर बोतल पक पानी मन य वारा पीन क िलए

परयकत िकया जाता ह मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 36 अकषय कराित

िद ली मबई और च नई जस महानगर म पाइप लाइन क वॉ व की खराबी क कारण रोज़ 14 स 44 परितशत पानी बकार बह जाता ह

निदया पानी का सबस बड़ा ोत ह जहा एक ओर निदय म बढ़त परदषण रोकन क िलए िवशषजञ उपाय खोज रह ह वही कल कारखान स बहत हए रसायन उ ह भारी मातरा म दिषत कर रह ह

भारत म जल सकट नासा की एक िरपोटर न पानी को लकर दश भर म बढ़ती जा रही लापरवाही क परित आख खोली ह इस िरपोटर म भारत म सख की ि थित पदा होन क िलए िज मवार कारण म स एक अहम कारण अधाधध जल दोहन को बताया गया ह बतात चल िक दश भर क 604 िजल म स 161 सख की मार झल रह ह वस अब बताया जा रहा ह िक सख की मार स बहाल िजल की सखया बढ़कर 246 हो गई ह यानी कहा जाए तो आधा दश सख की चपट म ह बहरहाल नासा की इस िरपोटर म बताया गया ह िक भारत क कई रा य कषमता स यादा जल दोहन कर रह ह यहा कषमता स ता पयर यह ह िक उनस िजतन सलाना जल दोहन की उ मीद कदर करती ह व उसस कही यादा जल दोहन कर रह ह नासा न यह अ ययन 2002 स 2008 क बीच

की ि थितय क आधार पर िकया ह इस िरपोटर म बताया गया ह िक पजाब हिरयाणा और राज थान हर साल औसतन 177 अरब कयिबक मीटर पानी जमीन क अदर स िनकाल रह ह जबिक कदर की तरफ स लगाए गए अनमान क मतािबक इ ह हर साल 132 अरब कयिबक मीटर पानी ही जमीन क अदर स िनकालना था इस तरह स दखा जाए तो य तीन रा य िमलकर कषमता स 30 फीसदी यादा पानी का दोहन कर रह ह जािहर ह िक िबना कछ सोच-िवचार जब इस पमान पर पराकितक ससाधन का दोहन िकया जाएगा तो परकित भी बदला लगी और वही हो रहा ह इस िरपोटर म यह भी बताया गया ह िक भारत का महज 58 फीसदी भजल ही हर साल िरचाजर हो पाता ह नासा की यह िरपोटर बताती ह िक अधाधध जल दोहन की वजह स पर उ तर पि चम भारत क भजल तर म हर साल 4 सटीमीटर यानी 16 इच की कमी आ रही ह इस अ ययन को अजाम दन म नासा क जल िवजञानी मट रोडल न अहम भिमका िनभाई ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 37 अकषय कराित

उनक हवाल स इस िरपोटर म बताया गया ह िक दश क उ तर पि चम कषतर म 2002 स 2008 क दौरान तकरीबन 109 कयिबक िकलोमीटर पानी की कमी हई ह यह मातरा िकतनी अिधक ह इसका अदाजा इसी स लगाया जा सकता ह िक यह अमिरका क सबस बड़ जलाशय लक मीड की कषमता स दगन स भी कही यादा ह अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह इस िरपोटर क मतािबक अगर अधाधध जल दोहन इसी तरह स जारी रहा तो आन वाल समय म भारत को अनाज और पानी क सकट को झलन क िलए अभी स तयार हो जाना चािहए जािहर ह िक जब जल सकट बढ़गा तो खती पर इसका गहरा परभाव पड़गा अनाज क उ पादन म कमी आएगी इस वजह स अनाज सकट पदा होगा और भख का एक नया चहरा उभरकर सामन आएगा एक बड़ा तबका जो आज भरपट भोजन कर पाता ह उसक िलए पट भर खाना िमलना मि कल हो जाएगा भखमरी की जो सम या पदा होगी उसस िफर िनपटना आसान नही होगा इसक अलावा पीन क पानी का टोटा तो होगा ही अभी ही दश क कई िह स ऐस ह जहा क लोग को पीन क िलए साफ पानी नही िमल पा रहा ह कई कषतर ऐस ह जहा गमीर क िदन म हडपप स पानी आना बद हो जाता ह वहा क लोग को हर साल बोिरग को कछ फट बढ़वाना होता ह यह सम या भजल तर क िगरत जान की वजह स ही पदा हई ह जब पीन क पानी का सकट पदा होगा तो बोतलबद पानी का कारोबार काफी तजी स बढ़गा कहन का मतलब यह िक िजसक पास पसा होगा वह अपनी यास बझा सकगा और िजसक पास पसा नही होगा उस अपनी यास बझान क िलए भी सघषर करना पड़गा ि थित की भयावहता की क पना ही िसहरन पदा करती ह भारत म दिनया का हर छठा आदमी रहता ह यानी कहा जाए तो दिनया क कल आबादी क तकरीबन सतरह फीसदी लोग भारत म रहत ह जबिक दिनया का महज साढ़ चार फीसदी पानी ही भारत म उपल ध ह ऐस म जल सम या स दो-चार होना कोई आनापिकषत बात नही ह एक बात तो तय ह िक पराकितक ससाधन म इजाफा तो नही िकया जा सकता ह लिकन इसका सरकषण अव य िकया जा सकता ह

अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह

प ठ 38 अकषय कराित

भारत म लोग िकसी एक मा यम स पयजल परा त करन पर िनभरर नही ह इस दश म 357 फीसदी लोग हडपप स 367 फीसदी लोग नल स 182 फीसदी लोग तालाब पोखर या झील स 56 फीसदी कओ स 12 फीसदी लोग पारपिरक साधन स और 26 फीसदी लोग अ य मा यम स पीन का पानी परा त करत ह इस िलहाज स अगर दखा जाए तो जल सकट को दर करन क िलए समगर कायरयोजना की ज रत ह

दरअसल भारत म गहरात जल सकट क िलए काफी हद तक पानी की बबारदी भी िज मवार ह यहा जल आपित र की यव था म काफी खािमया ह नल क जिरए घर तक पहचन वाल पानी का एक बड़ा िह सा िरस कर बबारद हो जाता ह हर शहर म फट हए आपित र पाइप आसानी स दख जा सकत ह इस बदहाल यव था क िलए सरकार क साथ-साथ सामा य लोग भी कम िज मदार नही ह एक तरफ तो सरकार पयजल क नाम पर हर साल हजार करोड़ पए का बजट बनाती ह और दसरी तरफ जमीनी तर पर हालात म कोई बदलाव नही िदखता ह सामािजक तौर पर भी जल सरकषण को लकर जाग कता का अभाव िदखता ह यह सामािजक तान-बान का ही असर ह िक लोग कही भी जल की बबारदी को दखकर उस सामा य घटना मानत हए नजरअदाज कर दत ह दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था यह अब घटकर 1800 कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर हो चका ह

दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था

प ठ 39 अकषय कराित

िवशषजञ का अनमान ह िक अगर पानी की खपत और बबारदी इसी तरह स जारी रही तो 2025 तक यह घटकर हजार कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर ही रह जाएगा उस समय तक पानी की उपल धता म आन वाली इस कमी की वजह स किष उ पादन म तीस फीसदी की कमी आन की सभावना ह इन पिरि थितय म दश की आिथरक और सामािजक ि थित का कया होगा इसका अदाजा सहज ही लगाया जा सकता ह भारत म जल सरकषण क परित आज भी आम लोग क मन म उपकषा का भाव बना हआ ह साथ ही इस कायर क िलए आव यक तकनीक की भी कमी ह जो तकनीक उपल ध ह उनस सामा य लोग अनजान ह बािरश क पानी का सगरह करक उस उपयोग म लाना एक अ छा िवक प ह पर इस तरह की कोिशश काफी सीिमत मातरा म काफी छोट तर पर हो रही ह यही वजह ह िक दश म होन वाली बािरश क पानी का अ सी फीसदी िह सा आज भी समदर म पहच जाता ह अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह अगर जल की इस िवशाल मातरा का आधा भी परयोग कर िलया जाए तो ि थित म यापक बदलाव आना तय ह शहरी कषतर म तो पानी की कालाबाजारी जोर पर ह जगह-जगह पर जल मािफया सिकरय हो गए ह िद ली क ही एक अखबार न कछ समय पहल यह बात उजागर िकया था यहा तो समानातर जल बोडर भी चलाया जा रहा ह हरानी की बात तो यह ह िक इसक बावजद भी पानी क काल धध पर अकश नही लगाया जा सका ह अहम सवाल यह ह िक कस सामा य तबक क लोग तक व छ पानी पहचाया जाए शहरी कषतर क साथ-साथ गरामीण कषतर म भी यह एक बड़ी चनौती ह आबादी म अपर यािशत विदध बढ़त शहरीकरण औ योिगकीकरण और किष उ पाद की बढ़ती माग क कारण पानी की माग िपछल कछ साल म वाभािवक प स बढ़ी ह इसक पिरणाम व प भजल ससाधन का अ यिधक दोहन हआ ह और इसका नतीजा हआ िक लगातार भजल का तर घटता जा रहा ह शहरी कषतर म ि थित बहद भयावह ह तदनसार वहा न कवल शीघराितशीघर जल ससाधन क सरकषण की ज रत ह बि क परभावी रणनीित और परबधन क जिरए त काल कदम उठान की ज रत ह

अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह

प ठ 40 अकषय कराित

खासकर इस बात को यान म ऱखकर िक िविभ न परितयोगी कषतर म कभी भी माग बढ़ सकती ह भिव य म उपयोग क िलए छत पर या सतह पर जलगरहण बनाकर वषारजल सरकषण बहद ज री ह यह पानी की बढ़ती ज रत का खयाल रखन िमटटी की नमी तर को बढ़ान शहरी हिरयाली को बढ़ान भजल तर को कितरम प स पनभररण करन और भजल की गणव ता स सधार का काम करता ह भारत म जल परबधन स दश का िवकास भारत म दिनया की 16 परितशत आबादी रहती ह लिकन दिनया क िसफर 4 परितशत जल ससाधन ही भारत क पास ह 3290000 वगर िकलोमीटर क भिम कषतर और एक अरब स यादा की आबादी क साथ भारत क एक बहलवादी िविवधता का िचतर ह िवशाल पराकितक ससाधन क साथ सप न तकनीकी और वजञािनक किमरय का भी यह दिनया म दसरा सबस बड़ा सम चय ह भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह मानव िवकास म 80 क दशक म लगभग 26 परितशत और 90 क दशक क दौरान और 24 परितशत क वारा सधार हआ ह आजादी क बाद छह दशक म भारत न जल ससाधन का अभतपवर िवकास और खा या न म आ मिनभररता शहरी कषतर ऊजार और औ योिगक कषतर और पीन का पानी क बिनयादी ढाच म तजी स िव तार दखा ह िजसका उपयोग भारत की लगभग 85 परितशत शहरी और गरामीण आबादी क वारा िकया जाता ह भारत म रा य सरकार और भारत सरकार क परितबदध और ठोस परयास की वजह स गरामीण और शहरी आबादी को सरिकषत पयजल को उपल ध करवान म काफी सफलता हािसल की ह इस उपलि ध न भजल की कमी जल जमावजल गणव ता िगरावट जल परदषण और बढ़त लवणता तर स बड़ कषतर को परभािवत िकया ह और अभी भी िविभ न रा य म गरामीण और शहरी भारत क मानव िवकास सचकाक (HDI)rsquo म बहत असमानता मौजद ह पानी क िलए कषतरीय माग तजी स बढ़ रह शहरीकरण की गित स बढ़ रही ह (अनमानत 2025 तक दश की आबादी का 50 परितशत स अिधक शहर म रहग) जनसखया विदध बढ़ती आय और औ योिगक िवकासशहरी भारत तजी स िवकास की माग क कदर क प म उभर रहा ह

भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह

प ठ 41 अकषय कराित

नतीजतन परित यिकत पानी की उपल धता िगर रही ह परधानमतरी की अ यकषता म 12वी योजना क िलए हई योजना आयोग की पणर बठक म दसर म क साथ जल परबधन पर िवशष चचार हई बठक क बाद योजना आयोग क उपा यकष म टक िसह अहलवािलया न कहा िक भ-जल कानन स लकर दसर म की यापक समीकषा ज री ह व यनाथन सिमित जहा वतरमान म भ-जल कानन की साथरकता का अ ययन करगी वही भारतीय अतिरकष अनसधान सगठन [इसरो] की मदद स पानी की उपल धता का िव तत अ ययन होगा म टक न कहा िक उसी आधार पर रणनीित तय होगी सरकार यह यान रखगी िक पानी का अिधकतम उपयोग हो सक और सभी को उपल ध हो पानी पर िकसी का एकािधकार न हो सक बतात ह िक द पयोग को रोकन क िलए श क लगान पर भी िवचार िकया जा सकता ह हालािक इसस पहल रा य सरकार स चचार होगी यह तय ह िक एआइबीपी कायरकरम म यापक बदलाव ह ग ी म टक िसह अहलवािलया न कहा िक वतरमान म इस कायरकरम का सही िकरया वयन नही हो रहा ह िलहाजा उसम पिरवतरन ज री ह सभव ह िक हर रा य म जल िनयामक परािधकरण बनान की शतर भी लगाई जाए उ ह न कहा िक जल परबधन की यापक समीकषा कर नई रणनीित तय की जाएगी कल िमलाकर रा टरीय तर पर वतरमान जल ससाधन का अिधक स अिधक करन क िलए माग को परा करन क िलए पयार त ह लिकन भिव य क अ ययन पिरयोजना ह िक जल आपित र की ि थित अगल आध सदी म अिधक किठन हो सकती ह जल सकट स िनपटन को जल सरकषण परबधन अिनवायर परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह बढ़त वि वक तापमान क फल व प अितवि ट अनावि ट अ पवि ट और असामियक वि ट हम परितवषर दख रह ह िजसका परभाव हमार जल ससाधन पर पड़ता िदखाई द रहा ह कओ व बाविडय का िमटता अि त व नदी-नाल का घटता पानी भ-गभर जल का िगरता तर िचता की पिरिध स िनकलकर खतर की घटी बनता जा रहा ह

निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह

प ठ 42 अकषय कराित

िव व भर म सीमट क अधाधध परयोग न धरातल क सहज अवशोषण कषतर को घटाया ह तथा जल बहाव भिम कटाव व बाढ़ म विदध की ह ऐसी ि थित म जल सरकषण का दािय व मातर वजञािनक व सरकार तक सीिमत न रहकर पर यक उपभोकता क कध पर आ जाता ह इसी दािय व क िनवरहन क िलए हमार पास दो िवक प सामन आत ह 1 वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई

उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

2 पािरवािरक तर पर वषार जल को सगरिहत कर उसका उपयोग कर य दोन ही परयास गरामीण कषतर म तो सरलता स अपनाए जा सकत ह परत शहरी कषतर म व ट वाटर मनजमट की बड़ी पिरयोजनाए बनाकर ही पानी को िरसाइिकल िकया जा सकता ह भ-गभर अिधकािधक जल अवशोिषत होकर

जाए इसक िलए मदानी भाग म िनयोिजत ढग स बड़-बड़ पोखर बनाकर तथा पहाड़ी कषतर म नाल -ख ड म िमटटी प थर आरसीसी क बड़-छोट डम लगाकर जल बहाव रोक भ-सरकषण बचाव व जल भडारण और धरातल जल शोषण कषतर बढ़ाया जा सकता ह िव व बक भारत सरकार वारा म य िहमालय जलागम पिरयोजना रा य क भ-सरकषण िवभाग इस कषतर म कारगर उपाय लकर

हमार सामन ह परत जनसहयोग क िबना इन पिरयोजनाओ क आशातीत पिरणाम ल पाना किठन ह वकषारोपण इस सपणर जल चकर को बल दन वाला कारक ह जल क परित चतना जागत न हई तो अव य ही अगल िव व यदध का कारण जल ही होगा

जल भोजन ह और अिगन भोजन का भकषक ह अिगन जल म और जल अिगन म िव यमान ह

- ततरीय उपिनषद 38

वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

प ठ 43 अकषय कराित

म भी गान गा सकता ह शबनम क िखलत फल क म भी गीत सना सकता ह सावन क म त झल क लिकन जब घर-घर म बादल छाय घोर िनराशा क तब म नगम गा रहा ह उ मीद की आशा क

सड़क पर खड़ बचपन की य बात सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह

हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

इस बदलत पिरवश का राग सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

गाधी जी क सपन का जो राम-रा य कहलाता ह उस भारत म सड़क पर छोट चाय पहचाता ह

कहा गई वो अ हड़ म ती कहा गया वो यार का रा ता उन हाथ स बचत झड िजन हाथ को चािहए ब ता

उस सोन की िचिड़या की म बात बतान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

कही बम की गमर हवाए कही ससद म कोहराम ह कही होत घोटाल स परशान आदमी आम ह

कही कल की िकलकारी ह कही सड़क पर बचपन ह कही चलता नही गजारा कही िवदश म काला धन ह

म स चाई गा-गाकर सबको बतलान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

बदलता भारत मनीष लाल इरडा

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

प ठ 44 अकषय कराित

करन वाल काम बहत ह यथर उलझन को छोड़ो म ला-पिड़त तोड़ रह ह तम बस lsquoअपन को जोड़ो

lsquoहम बदलग-यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का lsquoवद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का

वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हम बदलग mdash यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का वद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

प ठ 45 अकषय कराित

िसफर काला और सफ़द य ही वो दो रग थ जो तर पास सि ट बनान क आधार थ

काला वो जो कािलमा िलय ह िजस कहत ह दख िनराशा म य अपयश और वो सबकछ जो नकारा मक ह

मगर सफद ह वो रग िजसस जड़ा ह जीवन आशा सख और कीितर और वो सब कछ जो सकारा मक ह पर इन रग स तझ चन ना िमला त सोचन लगा अगर सि ट बनानी ह

तो िकस िलए- ससगर और परम क िलए और

इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग

ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह

बस- बना डाला तन इ दरधनष

जो बरसात क बाद सरज और प वी क अनपम परम को रग दता ह सतरगी रग स

और उ ही सतरगी इ दरधनषी रग म हम हर पल हर कषण डबत गहरात इतरात रहत ह

और खिशय भर ससार म हर रग को अलग-अलग तरह स महसस करक जीत रहत ह

रग तो रग ह मगर-

ससगर और परम क िलए और इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह बस-

सतरगी िचतर सगीता ीवा तव इरडा

प ठ 46 अकषय कराित

कभी पक क कभी फीक़ तो कछ कभी दाग बनकर उभर आत ह

कछ आख म नील बादल स छाए रहत ह तो कछ गाल पर गलाबी रग बनकर छलक जात ह

याद रहत ह अक सर वो रग- जो खदी पर इस तरह छा जात ह िक खद म घलकर खद क होन

का एहसास दत-दत खद का एक रग बन जात ह

बगनी आसामनी नीला हरा पीला नारगी लाल इ दरधनष क य सात रग ही जोड़त ह हमार िदल को

हमार मन को जोड़न वाल इन रग की सतरगी दिनया म-

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा बनाय

और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क

सतरगी िचतर

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा

बनाय और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क सतरगी िचतर

प ठ 27 अकषय कराित मन य न अपनी भितक सख-सिवधाओ की आपित र क िलए परकरित स

िखलवाड़ िकया ह वतरमान मशीनी यग म मन य वारा परकित क अ यिधक दोहन एव िनत नए कारखान की थापना स पयारवरण सकट उ प न हआ ह मानव न परकित क साथ जो अ यायपणर यवहार िकया ह उसी क फल व प परकित का िवरोधी रवया हआ ह िजस भिव य म सह पाना मि कल होगा

अिशकषा क कारण दश की तजी स बढ़ती आबादी क आवास की मलभत आव यकता को परा करन क िलए वकष की कटाई करक ऊची-ऊची इमारत बनाई जा रही ह वकष की अधाधध कटाई स भिम की ऊवररा शिक त का तो ास हो ही रहा ह साथ ही परदषण जसी िवकराल सम या भी ज म ल रही ह

परदषण पयारवरण क ास का परमख कारण ह िवकासशील दश िनत नए उ योग की थापना करक बराजगारी की सम या को तो दर कर रह ह िकत इसस जल वाय विन तथा िविभ न परकार क परदषण बढ़ रह ह कल-कारखान और मोटर स िनकलन वाल धए स वाय परदषण हो रहा ह जल थल व नभ क मागर पर शिक त चािलत वाहन विन परदषण का मख य ोत ह शहरीकरण और औ योिगकीकरण क कारण शदध पयजल की सम या िवकराल प धारण कर रही ह कारखान स िनकलन वाल कड़-कचर क निदय म िमलन स जल परदषण हो रहा ह रासायिनक खाद और कीटनाशी दवाओ स मदा परदषण का खतरा बन गया ह

इस परकार जनसख या विदध शहरीकरण औ योिगकीकरण एव परदषण जसी सम याओ न पयारवरण को बरी तरह परभािवत िकया ह आज सपणर िव व पयारवरण को लकर िचितत ह इस भयावह ि थित स बचन क िलए पर यक यिक त को पयारवरण क परित जाग क करना आज की अिनवायर आव यकता ह

इस िदशा म सवरपरथम िनरकषरता को समा त िकया जाना चािहए साकषर भारत की पिरक पना म जनसख या विदध दर वय िनयितरत हो जाएगी करल रा य इसका परमाण ह जहा साकषरता क साथ-साथ जनसख या िनयतरण भी ह

जल थल व नभ क मागर पर शिक त चािलत वाहन विन परदषण का मख य ोत ह

प ठ 28 अकषय कराित

इसक बाद बात आती ह परदषण िनवारण की आज िव व भर क

वजञािनक और पयारवरणिवद इस िदशा म कायररत ह सवरपरथम वन क काटन पर परितबध लगाया गया ह और वन सपना क िव तार हत वकष लगान क िलए परो सािहत िकया गया इसक िलए सरकार की ओर स वकष आिद िनश क उपल ध कराए जात ह ldquoपयारवरण परदषण स थाrdquo और व छ वाय अिधिनयम जस िविधक उपाय स वाय परदषण पर रोक लगान का परयास िकया जा रहा ह जहरील धआ उगलन वाल कारखान तथा वाहन पर भारी आिथरक दड का परावधान ह िविभ न सचार मा यम mdashदरदशरन समाचार-पतर तथा आकाशवाणी क मा यम स जनता को पयारवरण क परित जाग क करन क परयास िकए जा रह ह निदय म खलन वाल परदषण ोत को बद करन की योजनाए चलाई जा रही ह पािलथीन क परयोग को बद करन क िलए चलाया जा रहा ह अिभयान भी परशसनीय ह

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह इस खतर स सपणर भमडल का अि त व न ट हो जाए इसस पहल हम पयारवरण की सरकषा करन का सक प लना होगा

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह

िस धी होन क प चात भी मझ बगाली रीित िरवाज़ िमठाइया यहा का पहनावा अगरज क ज़मान की बनी सरचनाए एव भवन इ यािद म बहत िदलच पी एव िच थी

प ठ 29 अकषय कराित

यातरा स मरण-कोलकाता-खिशय हषर का शहर(िसटी ऑफ जॉय)

सोिनया सिह वानी पीईसी िलिमटड

म पी ई सी िलिमटड नामक कपनी क िविध ककष म उप िविध परबधक क पद पर कायररत ह सन 2010 जन स इस कपनी म मन परबधन परिशकष क प म अपनी पहली नौकरी की श आत की पी ई सी िलिमटड वािण य मतरालय क अतगरत आन वाली आयात-िनयारत यापार स स बिधत क पिनय म स एक ह इस स दभर म जनवरी 2011 म िविभ न िवभाग क परबधन परिशकषओ को ओिरएटशन हत काडला कोलकाता इ यािद शहर म भजन का कायरकरम िनि चत िकया गया कोलकाता क पास हि दया पोटर होन क कारण कोलकाता शहर चना गया जहा पी ई सी वारा आयात की गयी व तए पोटर गोदाम म रखी जाती ह साथ ही म कोलकाता पोटर िभ न गोदाम इ यािद दखन की यव था की गयी एव सची म समावश िकया गया यह सनकर मरी ख़शी का िठकाना न रहा क य िक मन कोलकाता शहर क बार म सना बहत था पर त कभी दखा न था िस धी होन क प चात भी मझ बगाली रीित िरवाज़ िमठाइया यहा का पहनावा अगरज क ज़मान की बनी सरचनाए एव भवन इ यािद म बहत िदलच पी एव िच थी आिखरकार मझ मौका िमला और जनवरी की कड़ाकदार ठ ड क बीच हम एक रिववार शाम कोलकाता राजधानी स अपनी मिजल की और िनकल पड़ िद ली स कोलकाता क सफ़र क बीच हमारी गाड़ी इलाहाबाद गया िबहार तथा धनबाद जस शहर स होत हए बगाल की ओर पहची हसत-गात खलत-खात हए हम अगली सबह हावड़ा जकशन पहच गए रलगाड़ी स उतर कर टशन स बाहर िनकलत ही मझ िसटी ऑफ जॉय क नाम स मशहर कोलकाता की पहली झलक िदखाई दी ऐसा लगा मानो मझ भारत क दो पहल एकसाथ जीत हए नज़र आए एक तरफ थ टशन स बाहर एव अ दर जात हए स दर कपड़ गहन म लद हए कोलकाता क बगाली िनवासी साथ म बड़ी-बड़ी गािड़य म घमत कोलकाता क नौजवान और ठीक दसरी तरफ मरी नज़र पड़ी हगली नदी पर बन परिसदध हावड़ा िबरज पर िजस दख एक अलग ही दिनया का एहसास हआ

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह

िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी

एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया नतीजा मर समकष था

प ठ 30 अकषय कराित

हावड़ा िबरज पर हर तरफ लोग का जमावड़ा था इतन लोग दख िद ली क चादनी चौक की याद आ गयी ऐसा लगा मानो म 50 साल पीछ िकसी लक एव वाईट दिनया म कदम रख चकी थी िबरज क दोन तरफ सामान बचत हए दकानदार िखलौन मछली रख हए औरत एव छोट-छोट ब च मख य शहर स हावड़ा जान वाल आम आदमी मजदर की तज़ र तार फरी स र ता पार करन वाल यापारी इन सब को दख लगा कोलकाता म मबई जसी भागम भाग भी थी िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया नतीजा मर समकष था जस-जस म कोलकाता शहर क भीतर आन लगी मझ इस शहर क िवकास की झलक िदखाई दी एक तरफ थी ऊची ईमारत सदर िवशाल िव यासागर सत पल बड़-बड़ होटल माल कोलकाता उ च यायालय राईटसर िबि डग मशहर इडन गाडरन टिडयम इ यािद तो दसरी तरफ था िवक टोिरया ममोिरयल अगरज की वा तकला क अनसार िदखती लाल ईटो की इमारत िवक टोिरयल सरचनाए भवन छोटी-छोटी पटिरय पर समान बचत नया बाज़ार (New Market) क दकानदार एव िवक टोिरया ममोिरयल क बाहर चलत सलािनय क िलए रथ वाल घोड़ हमारा होटल जसीबोस सड़क पर ि थत था एव सिवधाओ स भरपर था पर त मन य जाना िक असली कोलकाता का मज़ा गाड़ी म नही अथवा िरक शा ऑटो तथा साल स चलती आ रही सड़क पर टराम म था

हर तरफ मझ पील रग की टिक सया िदखाई दी सब एक समान थी तथा मरसीडीज़ गाड़ी क बगल म चलती 1-2 पय म सफ़र की जान वाली टराम भी साथ िदखाई दी परी िजदगी िद ली म यतीत करन क बाद हर नए शहर का रहन-सहन बोल-चाल रीित-िरवाज़ जानन की जाग कता मझम हमशा रही पहल ही िदन स कोलकाता मझ रास आया जस िक कहत ह lsquoकोलकाता हमार खब भाला लागली छ rsquo कहन का ता पयर य िक मझ कोलकाता बहत अ छा लगा पहल िदन िक शाम को हमन य मािकर ट म खरीददारी करन का मन बनाया म हरान थी िक वहा चीज िकतनी स ती िमल रही थी िद ली क मतािबक एक ितहाई दाम पर चिडया गहन बग जत कत इ यािद िमल

िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया

प ठ 31 अकषय कराित य मािकर ट िद ली क लाजपत एव सरोिजनी नगर समान ह कम

दाम म अ छा समान िमला कोलकाता चमड़ क िलए भी मशहर ह एव परिसदध ी लदसर दकान भी इस बाज़ार म ि थत ह यहा खरीदारी का हमन खब ल फ़ उठाया

अगल िदन हम हि दया पोटर गए एव अनक जहाज़ दख 3-4 घट की दरी पर ि थत यह पोटर अनक एकड़ म फला हआ था पहली बार इतन बड़ जहाज़ को अदर स दख खब आनद आया तीसर िदन हम काली बाड़ी मिदर गए बगाली अ यत पाठ-पजा वाल दगार मा क स च उपासक ह यह सब जानत ह दगार पजा इनका लोकिपरय उ सव ह तथा काली मा एव दगार मा की स च मन स पजा करत ह कोलकाता क िनवासी भिक त भावपणर ह यह सना था अब खद दख भी िलया बगाली र म स पजा करन का य मौका अ यत आनदमयी था इसक अलावा काली बाड़ी क नज़दीक ही ि थत ह गौिरहाट बाज़ार यहा की दकान बगाली सािड़या कपड़ सट कत इ यािद क िलए परिसदध ह आिद धक तशवर नामक मशहर दकान म जाकर मरा भी मन िकया िक म भी खरीददारी क मर सािथय न बहत सािड़या खरीदी एव दाम दखकर म दग रह गई सदर स सदर साड़ी मातर 600700 पय की थी मन बगाल की मशहर लाल एव सफद िपरट की साड़ी भी खरीदी कोलकाता म खरीददारी का अलग की मज़ा ह उसी िदन शाम हम सा ट लक िसटी मॉल गए वह सा ट लक टिडयम क नज़दीक ह यहा िदखाई िदया कोलकाता का परगितशील प नौजवान फटबाल की जसीर पहन माल म घम रह थ एक स एक

मशहर बरड वहा मौजद थ इसक अलावा कोलकाता क िनवासी खब मनोरजन क शौक़ीन ह सगीत नाच गाना इ यादी म िच रखत ह कोलकाता म जगह-जगह सगीत कला अकडमी तथा पढ़न (रीिडग) क क लब ह अगरज क शौक तथा रहन-सहन की झलक आज भी यहा िदखती ह यहा क नौजवान को खल-कद म भी खब िदलच पी ह फटबाल का तो जस यहॉ सबको जनन ह

भारत क परिसदध मोहन बगान फटबाल क लब फटबाल क वहा क नौजवान ही नही परा शहर ही दीवाना ह भारत-पाक मच हो या आई पी एल इडन गाडरन मदान लोग स खचा-खच भरा रहता ह अफ़सोस म वहा अदर जा न सकी

इसक अलावा काली बाड़ी क नज़दीक ही ि थत ह गौिरहाट बाज़ार यहा की दकान बगाली सािडया कपड़ सट कत इ यािद क िलए परिसदध ह

प ठ 32 अकषय कराित

मर सफर क आखरी िदन म मन कोलकाता क लोग म एकता क नजार दख िविभ नता म भी एकता का उदाहरण दखा चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख िजस िदन हम कोलकाता पहच थ उसी िदन वहा शहर बद था और मन एक जट होकर लोग को अपनी बात कहत हए दखा एव सना यहा क लोग अपन शहर क िवकास बहतरी क िलए जाग क ह िज मदारी लत ह तथा सरकार को अपनी बात भली-भाित कहत ह लड़िकय औरत की इ ज़त करत ह एव यहा िक मिहलाओ को मन िनदरलीय पाया जहा एक ओर भारत की राजधानी होन क बावजद िद ली वाल अपनी िजदगी म मगन रहत ह वही दसरी और कोलकाता म अमीरी-गरीबी िभ न जाितय म भी एक जटता ह कपड़ा एव खाना आज भी यहा खब स ता िमलता ह पर त दसरी तरफ सब जानत ह िक बड़-बड़ उ योगपित िव वान लखक िखलाड़ी गायक अिभनता िनदशक यहा स उभर ह सािह य हो या लख बॉलीवड हो या िकरकट बगाल न भारत को अनक नाम एव गौरव िदए ह चाह सौरव दादा हो या रिव दर नाथ टगोर ममता बनजीर रानी मखजीर हो या योित बस भारत म इनकी भिमका का वणरन करन की ज रत नही

मन कछ िदन क कोलकाता क सफर म इस शहर को जानन समझन का परयास िकया हगली नदी क िकनार खड़ होकर समदर को दखा निदय को िनहारा िव यासागर सत िबरज की सदरता िवशालता को सराहा क सी दास की परिसदध िमठाई का ल फ उठाया मन बहत शहर घम पर त यह सफर मर िलए सबस यादगार रहा कोलकाता परगित क मागर पर िनरतर बढ़ रहा ह पर त आज भी वह अपनी जड़ नितक म य को नही भला ह एक आम आदमी आज भी टराम म या फरी स सफर करता ह यहा क िनवासी दो पय स लकर 500 ० का खाना खात ह पराना एव नया कोलकाता एक साथ जीिवत ह िसक क क दो पहल की तरह कोलकाता क यह दो प को एक साथ रहत दख बहत आनद आया

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 33 अकषय कराित

जल परकित का अनपम उपहार ह मानव जाित अपन परादभारवकाल स ही इस उपहार का उपयोग अपन िहत क िलए करती आई ह जल वह पराकितक उपहार ह िजसका कोई िवक प नही ह इसिलए जल को अमतया जीवन भी कहा गया ह जल क िबना जीवन की सभावना भी नही ह पर यकष प स तो जल की मानवीय आव यकता सीिमत ह परत परोकष आव यकताओ पर नजर डाल तो दिनक जीवन की आव यकताए जस अ न फल स जी दध स लकर हमार पहराव आवास तक सब जल स जड़ हजल का जरा भी सतलन िबगड़ जाए तो जीवन यापन क टपरद होन म दर नही परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह जल क सामा य त य जल या पानी एक आम रासायिनक पदाथर ह जो जीवन क सभी जञात प क जीिवत रहन क िलए ज री ह आमतौर पर जल अपनी दरव अव था म उपयोग म लाया जाता ह पर यह ठोस अव था बफर और गस अव था जल वा प या भाप प म भी पाया जाता ह प वी क लगभग तीन चौथाई िह स पर िव व क महासागर का अिधकार ह अनमानत प वी पर जल की कल मातरा लगभग 1400 िमिलयन घन िकलोमीटर ह जो िक प वी पर 3000 मीटर गहरी परत िबछा दन क िलए काफी ह तथािप जल की इस िवशाल मातरा म व छ जल का अनपात बहत कम ह प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह शष जल झील निदय वायम डल नमी मदा और वन पित म मौजद ह जल की जो मातरा उपभोग और अ य परयोग क िलए व ततः उपल ध ह वह निदय झील और भजल म उपल ध मातरा का छोटा-सा िह सा ह इसिलए जल ससाधन िवकास और परब ध की बाबत सकट इसिलए उ प न होता ह कय िक अिधकाश जल उपभोग क िलए उपल ध नही हो पाता

परभावी जल परबधन और दश का िवकास

दीपक आहजा ओएनजीसी िवदश

प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह

प ठ 34 अकषय कराित

और दसर इसका िवषमतापणर थािनक िवतरण इसकी एक अ य िविश टता ह फलतः जल का मह व वीकार िकया गया ह और इसक िकफायती परयोग तथा परब ध पर अिधक बल िदया गया ह प वी पर उपल ध जल जल-चकर क मा यम स चलायमान ह जल लगातार एक चकर म घमता रहता ह िजस जलचकर कहत ह इसम वा पीकरण वषार और बह कर सागर म पहचना शािमल ह हवा जल वा प को थल क ऊपर उसी दर स उड़ा ल जाती ह िजस गित स यह बहकर सागर म पहचाता ह जल चकर का िचतर नीच पर तत िकया गया ह

अिधकाश उपभोकताओ जस िक मन य पशओ अथवा पौध क िलए जल क सचलन की ज रत होती ह जल ससाधन की गितशील और नवीकरणीय परकित और इसक परयोग की बार बार ज रत को ि टगत रखत हए यह ज री ह िक जल ससाधन को उनकी परवाह दर क अनसार मापा जाए इस परकार जल ससाधन क दो पहल ह अिधकाश िवकासा मक ज रत क िलए परवाह क प म मािपत गितशील ससाधन अिधक परासिगक ह आरिकषत भ डार की ि थर अथवा िनयत परकित और साथ ही जल की मातरा तथा जल िनकाय क कषतर की ल बाई व म यपालन नौ सचालन आिद जस कछक िकरयाकलाप क िलए भी परासिगक ह

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 35 अकषय कराित

जल का यय अप यय जल क बार म एक नही कई च कान वाल त य ह िव व म और िवशष प स भारत म जल िकस परकार न ट होता ह इस िवषय म जो त य सामन आए ह उस पर जाग कता स यान दकर जल क अप यय को रोका जा सकता ह अनक त य ऐस ह जो हम आन वाल ख़तर स तो सावधान करत ही ह दसर स पररणा लन क िलए परो सािहत करत ह और पानी क मह व व इसक अनजान ोत की जानकारी भी दत ह प वी पर पदा होन वाली सभी वन पितया स भी हम पानी िमलता ह

आल और अनानास म 80 परितशत और टमाटर म 95 परितशत पानी ह पीन क िलए मानव को परितिदन 3 लीटर और पशओ को 50 लीटर पानी

चािहए भारत म 83 परितशत पानी खती और िसचाई क िलए उपयोग िकया जाता

ह इज़राइल म औसतन मातर 10 सटीमीटर वषार होती ह इस वषार स वह

इतना अनाज पदा कर लता ह िक वह उसका िनयारत कर सकता ह दसरी ओर भारत म औसतन 50 सटीमीटर स भी अिधक वषार होन क बावजद अनाज की कमी बनी रहती ह

िपछल 50 वष म जल क िलए 37 भीषण ह याकाड हए ह भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल

चलती ह पानी ज य रोग स िव व म हर वषर 22 लाख लोग की मौत हो जाती ह यिद बरश करत समय नल खला रह गया ह तो पाच िमनट म करीब 25

स 30 लीटर पानी बरबाद होता ह बाथ टब म नहात समय 300 स 500 लीटर पानी खचर होता ह जबिक

सामा य प स नहान म 100 स 150 लीटर पानी खचर होता ह िव व म परित 10 यिकतय म स 2 यिकतय को पीन का शदध पानी

नही िमल पाता ह परित वषर 6 अरब लीटर बोतल पक पानी मन य वारा पीन क िलए

परयकत िकया जाता ह मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 36 अकषय कराित

िद ली मबई और च नई जस महानगर म पाइप लाइन क वॉ व की खराबी क कारण रोज़ 14 स 44 परितशत पानी बकार बह जाता ह

निदया पानी का सबस बड़ा ोत ह जहा एक ओर निदय म बढ़त परदषण रोकन क िलए िवशषजञ उपाय खोज रह ह वही कल कारखान स बहत हए रसायन उ ह भारी मातरा म दिषत कर रह ह

भारत म जल सकट नासा की एक िरपोटर न पानी को लकर दश भर म बढ़ती जा रही लापरवाही क परित आख खोली ह इस िरपोटर म भारत म सख की ि थित पदा होन क िलए िज मवार कारण म स एक अहम कारण अधाधध जल दोहन को बताया गया ह बतात चल िक दश भर क 604 िजल म स 161 सख की मार झल रह ह वस अब बताया जा रहा ह िक सख की मार स बहाल िजल की सखया बढ़कर 246 हो गई ह यानी कहा जाए तो आधा दश सख की चपट म ह बहरहाल नासा की इस िरपोटर म बताया गया ह िक भारत क कई रा य कषमता स यादा जल दोहन कर रह ह यहा कषमता स ता पयर यह ह िक उनस िजतन सलाना जल दोहन की उ मीद कदर करती ह व उसस कही यादा जल दोहन कर रह ह नासा न यह अ ययन 2002 स 2008 क बीच

की ि थितय क आधार पर िकया ह इस िरपोटर म बताया गया ह िक पजाब हिरयाणा और राज थान हर साल औसतन 177 अरब कयिबक मीटर पानी जमीन क अदर स िनकाल रह ह जबिक कदर की तरफ स लगाए गए अनमान क मतािबक इ ह हर साल 132 अरब कयिबक मीटर पानी ही जमीन क अदर स िनकालना था इस तरह स दखा जाए तो य तीन रा य िमलकर कषमता स 30 फीसदी यादा पानी का दोहन कर रह ह जािहर ह िक िबना कछ सोच-िवचार जब इस पमान पर पराकितक ससाधन का दोहन िकया जाएगा तो परकित भी बदला लगी और वही हो रहा ह इस िरपोटर म यह भी बताया गया ह िक भारत का महज 58 फीसदी भजल ही हर साल िरचाजर हो पाता ह नासा की यह िरपोटर बताती ह िक अधाधध जल दोहन की वजह स पर उ तर पि चम भारत क भजल तर म हर साल 4 सटीमीटर यानी 16 इच की कमी आ रही ह इस अ ययन को अजाम दन म नासा क जल िवजञानी मट रोडल न अहम भिमका िनभाई ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 37 अकषय कराित

उनक हवाल स इस िरपोटर म बताया गया ह िक दश क उ तर पि चम कषतर म 2002 स 2008 क दौरान तकरीबन 109 कयिबक िकलोमीटर पानी की कमी हई ह यह मातरा िकतनी अिधक ह इसका अदाजा इसी स लगाया जा सकता ह िक यह अमिरका क सबस बड़ जलाशय लक मीड की कषमता स दगन स भी कही यादा ह अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह इस िरपोटर क मतािबक अगर अधाधध जल दोहन इसी तरह स जारी रहा तो आन वाल समय म भारत को अनाज और पानी क सकट को झलन क िलए अभी स तयार हो जाना चािहए जािहर ह िक जब जल सकट बढ़गा तो खती पर इसका गहरा परभाव पड़गा अनाज क उ पादन म कमी आएगी इस वजह स अनाज सकट पदा होगा और भख का एक नया चहरा उभरकर सामन आएगा एक बड़ा तबका जो आज भरपट भोजन कर पाता ह उसक िलए पट भर खाना िमलना मि कल हो जाएगा भखमरी की जो सम या पदा होगी उसस िफर िनपटना आसान नही होगा इसक अलावा पीन क पानी का टोटा तो होगा ही अभी ही दश क कई िह स ऐस ह जहा क लोग को पीन क िलए साफ पानी नही िमल पा रहा ह कई कषतर ऐस ह जहा गमीर क िदन म हडपप स पानी आना बद हो जाता ह वहा क लोग को हर साल बोिरग को कछ फट बढ़वाना होता ह यह सम या भजल तर क िगरत जान की वजह स ही पदा हई ह जब पीन क पानी का सकट पदा होगा तो बोतलबद पानी का कारोबार काफी तजी स बढ़गा कहन का मतलब यह िक िजसक पास पसा होगा वह अपनी यास बझा सकगा और िजसक पास पसा नही होगा उस अपनी यास बझान क िलए भी सघषर करना पड़गा ि थित की भयावहता की क पना ही िसहरन पदा करती ह भारत म दिनया का हर छठा आदमी रहता ह यानी कहा जाए तो दिनया क कल आबादी क तकरीबन सतरह फीसदी लोग भारत म रहत ह जबिक दिनया का महज साढ़ चार फीसदी पानी ही भारत म उपल ध ह ऐस म जल सम या स दो-चार होना कोई आनापिकषत बात नही ह एक बात तो तय ह िक पराकितक ससाधन म इजाफा तो नही िकया जा सकता ह लिकन इसका सरकषण अव य िकया जा सकता ह

अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह

प ठ 38 अकषय कराित

भारत म लोग िकसी एक मा यम स पयजल परा त करन पर िनभरर नही ह इस दश म 357 फीसदी लोग हडपप स 367 फीसदी लोग नल स 182 फीसदी लोग तालाब पोखर या झील स 56 फीसदी कओ स 12 फीसदी लोग पारपिरक साधन स और 26 फीसदी लोग अ य मा यम स पीन का पानी परा त करत ह इस िलहाज स अगर दखा जाए तो जल सकट को दर करन क िलए समगर कायरयोजना की ज रत ह

दरअसल भारत म गहरात जल सकट क िलए काफी हद तक पानी की बबारदी भी िज मवार ह यहा जल आपित र की यव था म काफी खािमया ह नल क जिरए घर तक पहचन वाल पानी का एक बड़ा िह सा िरस कर बबारद हो जाता ह हर शहर म फट हए आपित र पाइप आसानी स दख जा सकत ह इस बदहाल यव था क िलए सरकार क साथ-साथ सामा य लोग भी कम िज मदार नही ह एक तरफ तो सरकार पयजल क नाम पर हर साल हजार करोड़ पए का बजट बनाती ह और दसरी तरफ जमीनी तर पर हालात म कोई बदलाव नही िदखता ह सामािजक तौर पर भी जल सरकषण को लकर जाग कता का अभाव िदखता ह यह सामािजक तान-बान का ही असर ह िक लोग कही भी जल की बबारदी को दखकर उस सामा य घटना मानत हए नजरअदाज कर दत ह दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था यह अब घटकर 1800 कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर हो चका ह

दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था

प ठ 39 अकषय कराित

िवशषजञ का अनमान ह िक अगर पानी की खपत और बबारदी इसी तरह स जारी रही तो 2025 तक यह घटकर हजार कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर ही रह जाएगा उस समय तक पानी की उपल धता म आन वाली इस कमी की वजह स किष उ पादन म तीस फीसदी की कमी आन की सभावना ह इन पिरि थितय म दश की आिथरक और सामािजक ि थित का कया होगा इसका अदाजा सहज ही लगाया जा सकता ह भारत म जल सरकषण क परित आज भी आम लोग क मन म उपकषा का भाव बना हआ ह साथ ही इस कायर क िलए आव यक तकनीक की भी कमी ह जो तकनीक उपल ध ह उनस सामा य लोग अनजान ह बािरश क पानी का सगरह करक उस उपयोग म लाना एक अ छा िवक प ह पर इस तरह की कोिशश काफी सीिमत मातरा म काफी छोट तर पर हो रही ह यही वजह ह िक दश म होन वाली बािरश क पानी का अ सी फीसदी िह सा आज भी समदर म पहच जाता ह अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह अगर जल की इस िवशाल मातरा का आधा भी परयोग कर िलया जाए तो ि थित म यापक बदलाव आना तय ह शहरी कषतर म तो पानी की कालाबाजारी जोर पर ह जगह-जगह पर जल मािफया सिकरय हो गए ह िद ली क ही एक अखबार न कछ समय पहल यह बात उजागर िकया था यहा तो समानातर जल बोडर भी चलाया जा रहा ह हरानी की बात तो यह ह िक इसक बावजद भी पानी क काल धध पर अकश नही लगाया जा सका ह अहम सवाल यह ह िक कस सामा य तबक क लोग तक व छ पानी पहचाया जाए शहरी कषतर क साथ-साथ गरामीण कषतर म भी यह एक बड़ी चनौती ह आबादी म अपर यािशत विदध बढ़त शहरीकरण औ योिगकीकरण और किष उ पाद की बढ़ती माग क कारण पानी की माग िपछल कछ साल म वाभािवक प स बढ़ी ह इसक पिरणाम व प भजल ससाधन का अ यिधक दोहन हआ ह और इसका नतीजा हआ िक लगातार भजल का तर घटता जा रहा ह शहरी कषतर म ि थित बहद भयावह ह तदनसार वहा न कवल शीघराितशीघर जल ससाधन क सरकषण की ज रत ह बि क परभावी रणनीित और परबधन क जिरए त काल कदम उठान की ज रत ह

अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह

प ठ 40 अकषय कराित

खासकर इस बात को यान म ऱखकर िक िविभ न परितयोगी कषतर म कभी भी माग बढ़ सकती ह भिव य म उपयोग क िलए छत पर या सतह पर जलगरहण बनाकर वषारजल सरकषण बहद ज री ह यह पानी की बढ़ती ज रत का खयाल रखन िमटटी की नमी तर को बढ़ान शहरी हिरयाली को बढ़ान भजल तर को कितरम प स पनभररण करन और भजल की गणव ता स सधार का काम करता ह भारत म जल परबधन स दश का िवकास भारत म दिनया की 16 परितशत आबादी रहती ह लिकन दिनया क िसफर 4 परितशत जल ससाधन ही भारत क पास ह 3290000 वगर िकलोमीटर क भिम कषतर और एक अरब स यादा की आबादी क साथ भारत क एक बहलवादी िविवधता का िचतर ह िवशाल पराकितक ससाधन क साथ सप न तकनीकी और वजञािनक किमरय का भी यह दिनया म दसरा सबस बड़ा सम चय ह भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह मानव िवकास म 80 क दशक म लगभग 26 परितशत और 90 क दशक क दौरान और 24 परितशत क वारा सधार हआ ह आजादी क बाद छह दशक म भारत न जल ससाधन का अभतपवर िवकास और खा या न म आ मिनभररता शहरी कषतर ऊजार और औ योिगक कषतर और पीन का पानी क बिनयादी ढाच म तजी स िव तार दखा ह िजसका उपयोग भारत की लगभग 85 परितशत शहरी और गरामीण आबादी क वारा िकया जाता ह भारत म रा य सरकार और भारत सरकार क परितबदध और ठोस परयास की वजह स गरामीण और शहरी आबादी को सरिकषत पयजल को उपल ध करवान म काफी सफलता हािसल की ह इस उपलि ध न भजल की कमी जल जमावजल गणव ता िगरावट जल परदषण और बढ़त लवणता तर स बड़ कषतर को परभािवत िकया ह और अभी भी िविभ न रा य म गरामीण और शहरी भारत क मानव िवकास सचकाक (HDI)rsquo म बहत असमानता मौजद ह पानी क िलए कषतरीय माग तजी स बढ़ रह शहरीकरण की गित स बढ़ रही ह (अनमानत 2025 तक दश की आबादी का 50 परितशत स अिधक शहर म रहग) जनसखया विदध बढ़ती आय और औ योिगक िवकासशहरी भारत तजी स िवकास की माग क कदर क प म उभर रहा ह

भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह

प ठ 41 अकषय कराित

नतीजतन परित यिकत पानी की उपल धता िगर रही ह परधानमतरी की अ यकषता म 12वी योजना क िलए हई योजना आयोग की पणर बठक म दसर म क साथ जल परबधन पर िवशष चचार हई बठक क बाद योजना आयोग क उपा यकष म टक िसह अहलवािलया न कहा िक भ-जल कानन स लकर दसर म की यापक समीकषा ज री ह व यनाथन सिमित जहा वतरमान म भ-जल कानन की साथरकता का अ ययन करगी वही भारतीय अतिरकष अनसधान सगठन [इसरो] की मदद स पानी की उपल धता का िव तत अ ययन होगा म टक न कहा िक उसी आधार पर रणनीित तय होगी सरकार यह यान रखगी िक पानी का अिधकतम उपयोग हो सक और सभी को उपल ध हो पानी पर िकसी का एकािधकार न हो सक बतात ह िक द पयोग को रोकन क िलए श क लगान पर भी िवचार िकया जा सकता ह हालािक इसस पहल रा य सरकार स चचार होगी यह तय ह िक एआइबीपी कायरकरम म यापक बदलाव ह ग ी म टक िसह अहलवािलया न कहा िक वतरमान म इस कायरकरम का सही िकरया वयन नही हो रहा ह िलहाजा उसम पिरवतरन ज री ह सभव ह िक हर रा य म जल िनयामक परािधकरण बनान की शतर भी लगाई जाए उ ह न कहा िक जल परबधन की यापक समीकषा कर नई रणनीित तय की जाएगी कल िमलाकर रा टरीय तर पर वतरमान जल ससाधन का अिधक स अिधक करन क िलए माग को परा करन क िलए पयार त ह लिकन भिव य क अ ययन पिरयोजना ह िक जल आपित र की ि थित अगल आध सदी म अिधक किठन हो सकती ह जल सकट स िनपटन को जल सरकषण परबधन अिनवायर परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह बढ़त वि वक तापमान क फल व प अितवि ट अनावि ट अ पवि ट और असामियक वि ट हम परितवषर दख रह ह िजसका परभाव हमार जल ससाधन पर पड़ता िदखाई द रहा ह कओ व बाविडय का िमटता अि त व नदी-नाल का घटता पानी भ-गभर जल का िगरता तर िचता की पिरिध स िनकलकर खतर की घटी बनता जा रहा ह

निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह

प ठ 42 अकषय कराित

िव व भर म सीमट क अधाधध परयोग न धरातल क सहज अवशोषण कषतर को घटाया ह तथा जल बहाव भिम कटाव व बाढ़ म विदध की ह ऐसी ि थित म जल सरकषण का दािय व मातर वजञािनक व सरकार तक सीिमत न रहकर पर यक उपभोकता क कध पर आ जाता ह इसी दािय व क िनवरहन क िलए हमार पास दो िवक प सामन आत ह 1 वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई

उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

2 पािरवािरक तर पर वषार जल को सगरिहत कर उसका उपयोग कर य दोन ही परयास गरामीण कषतर म तो सरलता स अपनाए जा सकत ह परत शहरी कषतर म व ट वाटर मनजमट की बड़ी पिरयोजनाए बनाकर ही पानी को िरसाइिकल िकया जा सकता ह भ-गभर अिधकािधक जल अवशोिषत होकर

जाए इसक िलए मदानी भाग म िनयोिजत ढग स बड़-बड़ पोखर बनाकर तथा पहाड़ी कषतर म नाल -ख ड म िमटटी प थर आरसीसी क बड़-छोट डम लगाकर जल बहाव रोक भ-सरकषण बचाव व जल भडारण और धरातल जल शोषण कषतर बढ़ाया जा सकता ह िव व बक भारत सरकार वारा म य िहमालय जलागम पिरयोजना रा य क भ-सरकषण िवभाग इस कषतर म कारगर उपाय लकर

हमार सामन ह परत जनसहयोग क िबना इन पिरयोजनाओ क आशातीत पिरणाम ल पाना किठन ह वकषारोपण इस सपणर जल चकर को बल दन वाला कारक ह जल क परित चतना जागत न हई तो अव य ही अगल िव व यदध का कारण जल ही होगा

जल भोजन ह और अिगन भोजन का भकषक ह अिगन जल म और जल अिगन म िव यमान ह

- ततरीय उपिनषद 38

वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

प ठ 43 अकषय कराित

म भी गान गा सकता ह शबनम क िखलत फल क म भी गीत सना सकता ह सावन क म त झल क लिकन जब घर-घर म बादल छाय घोर िनराशा क तब म नगम गा रहा ह उ मीद की आशा क

सड़क पर खड़ बचपन की य बात सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह

हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

इस बदलत पिरवश का राग सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

गाधी जी क सपन का जो राम-रा य कहलाता ह उस भारत म सड़क पर छोट चाय पहचाता ह

कहा गई वो अ हड़ म ती कहा गया वो यार का रा ता उन हाथ स बचत झड िजन हाथ को चािहए ब ता

उस सोन की िचिड़या की म बात बतान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

कही बम की गमर हवाए कही ससद म कोहराम ह कही होत घोटाल स परशान आदमी आम ह

कही कल की िकलकारी ह कही सड़क पर बचपन ह कही चलता नही गजारा कही िवदश म काला धन ह

म स चाई गा-गाकर सबको बतलान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

बदलता भारत मनीष लाल इरडा

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

प ठ 44 अकषय कराित

करन वाल काम बहत ह यथर उलझन को छोड़ो म ला-पिड़त तोड़ रह ह तम बस lsquoअपन को जोड़ो

lsquoहम बदलग-यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का lsquoवद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का

वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हम बदलग mdash यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का वद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

प ठ 45 अकषय कराित

िसफर काला और सफ़द य ही वो दो रग थ जो तर पास सि ट बनान क आधार थ

काला वो जो कािलमा िलय ह िजस कहत ह दख िनराशा म य अपयश और वो सबकछ जो नकारा मक ह

मगर सफद ह वो रग िजसस जड़ा ह जीवन आशा सख और कीितर और वो सब कछ जो सकारा मक ह पर इन रग स तझ चन ना िमला त सोचन लगा अगर सि ट बनानी ह

तो िकस िलए- ससगर और परम क िलए और

इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग

ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह

बस- बना डाला तन इ दरधनष

जो बरसात क बाद सरज और प वी क अनपम परम को रग दता ह सतरगी रग स

और उ ही सतरगी इ दरधनषी रग म हम हर पल हर कषण डबत गहरात इतरात रहत ह

और खिशय भर ससार म हर रग को अलग-अलग तरह स महसस करक जीत रहत ह

रग तो रग ह मगर-

ससगर और परम क िलए और इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह बस-

सतरगी िचतर सगीता ीवा तव इरडा

प ठ 46 अकषय कराित

कभी पक क कभी फीक़ तो कछ कभी दाग बनकर उभर आत ह

कछ आख म नील बादल स छाए रहत ह तो कछ गाल पर गलाबी रग बनकर छलक जात ह

याद रहत ह अक सर वो रग- जो खदी पर इस तरह छा जात ह िक खद म घलकर खद क होन

का एहसास दत-दत खद का एक रग बन जात ह

बगनी आसामनी नीला हरा पीला नारगी लाल इ दरधनष क य सात रग ही जोड़त ह हमार िदल को

हमार मन को जोड़न वाल इन रग की सतरगी दिनया म-

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा बनाय

और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क

सतरगी िचतर

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा

बनाय और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क सतरगी िचतर

प ठ 28 अकषय कराित

इसक बाद बात आती ह परदषण िनवारण की आज िव व भर क

वजञािनक और पयारवरणिवद इस िदशा म कायररत ह सवरपरथम वन क काटन पर परितबध लगाया गया ह और वन सपना क िव तार हत वकष लगान क िलए परो सािहत िकया गया इसक िलए सरकार की ओर स वकष आिद िनश क उपल ध कराए जात ह ldquoपयारवरण परदषण स थाrdquo और व छ वाय अिधिनयम जस िविधक उपाय स वाय परदषण पर रोक लगान का परयास िकया जा रहा ह जहरील धआ उगलन वाल कारखान तथा वाहन पर भारी आिथरक दड का परावधान ह िविभ न सचार मा यम mdashदरदशरन समाचार-पतर तथा आकाशवाणी क मा यम स जनता को पयारवरण क परित जाग क करन क परयास िकए जा रह ह निदय म खलन वाल परदषण ोत को बद करन की योजनाए चलाई जा रही ह पािलथीन क परयोग को बद करन क िलए चलाया जा रहा ह अिभयान भी परशसनीय ह

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह इस खतर स सपणर भमडल का अि त व न ट हो जाए इसस पहल हम पयारवरण की सरकषा करन का सक प लना होगा

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह

िस धी होन क प चात भी मझ बगाली रीित िरवाज़ िमठाइया यहा का पहनावा अगरज क ज़मान की बनी सरचनाए एव भवन इ यािद म बहत िदलच पी एव िच थी

प ठ 29 अकषय कराित

यातरा स मरण-कोलकाता-खिशय हषर का शहर(िसटी ऑफ जॉय)

सोिनया सिह वानी पीईसी िलिमटड

म पी ई सी िलिमटड नामक कपनी क िविध ककष म उप िविध परबधक क पद पर कायररत ह सन 2010 जन स इस कपनी म मन परबधन परिशकष क प म अपनी पहली नौकरी की श आत की पी ई सी िलिमटड वािण य मतरालय क अतगरत आन वाली आयात-िनयारत यापार स स बिधत क पिनय म स एक ह इस स दभर म जनवरी 2011 म िविभ न िवभाग क परबधन परिशकषओ को ओिरएटशन हत काडला कोलकाता इ यािद शहर म भजन का कायरकरम िनि चत िकया गया कोलकाता क पास हि दया पोटर होन क कारण कोलकाता शहर चना गया जहा पी ई सी वारा आयात की गयी व तए पोटर गोदाम म रखी जाती ह साथ ही म कोलकाता पोटर िभ न गोदाम इ यािद दखन की यव था की गयी एव सची म समावश िकया गया यह सनकर मरी ख़शी का िठकाना न रहा क य िक मन कोलकाता शहर क बार म सना बहत था पर त कभी दखा न था िस धी होन क प चात भी मझ बगाली रीित िरवाज़ िमठाइया यहा का पहनावा अगरज क ज़मान की बनी सरचनाए एव भवन इ यािद म बहत िदलच पी एव िच थी आिखरकार मझ मौका िमला और जनवरी की कड़ाकदार ठ ड क बीच हम एक रिववार शाम कोलकाता राजधानी स अपनी मिजल की और िनकल पड़ िद ली स कोलकाता क सफ़र क बीच हमारी गाड़ी इलाहाबाद गया िबहार तथा धनबाद जस शहर स होत हए बगाल की ओर पहची हसत-गात खलत-खात हए हम अगली सबह हावड़ा जकशन पहच गए रलगाड़ी स उतर कर टशन स बाहर िनकलत ही मझ िसटी ऑफ जॉय क नाम स मशहर कोलकाता की पहली झलक िदखाई दी ऐसा लगा मानो मझ भारत क दो पहल एकसाथ जीत हए नज़र आए एक तरफ थ टशन स बाहर एव अ दर जात हए स दर कपड़ गहन म लद हए कोलकाता क बगाली िनवासी साथ म बड़ी-बड़ी गािड़य म घमत कोलकाता क नौजवान और ठीक दसरी तरफ मरी नज़र पड़ी हगली नदी पर बन परिसदध हावड़ा िबरज पर िजस दख एक अलग ही दिनया का एहसास हआ

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह

िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी

एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया नतीजा मर समकष था

प ठ 30 अकषय कराित

हावड़ा िबरज पर हर तरफ लोग का जमावड़ा था इतन लोग दख िद ली क चादनी चौक की याद आ गयी ऐसा लगा मानो म 50 साल पीछ िकसी लक एव वाईट दिनया म कदम रख चकी थी िबरज क दोन तरफ सामान बचत हए दकानदार िखलौन मछली रख हए औरत एव छोट-छोट ब च मख य शहर स हावड़ा जान वाल आम आदमी मजदर की तज़ र तार फरी स र ता पार करन वाल यापारी इन सब को दख लगा कोलकाता म मबई जसी भागम भाग भी थी िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया नतीजा मर समकष था जस-जस म कोलकाता शहर क भीतर आन लगी मझ इस शहर क िवकास की झलक िदखाई दी एक तरफ थी ऊची ईमारत सदर िवशाल िव यासागर सत पल बड़-बड़ होटल माल कोलकाता उ च यायालय राईटसर िबि डग मशहर इडन गाडरन टिडयम इ यािद तो दसरी तरफ था िवक टोिरया ममोिरयल अगरज की वा तकला क अनसार िदखती लाल ईटो की इमारत िवक टोिरयल सरचनाए भवन छोटी-छोटी पटिरय पर समान बचत नया बाज़ार (New Market) क दकानदार एव िवक टोिरया ममोिरयल क बाहर चलत सलािनय क िलए रथ वाल घोड़ हमारा होटल जसीबोस सड़क पर ि थत था एव सिवधाओ स भरपर था पर त मन य जाना िक असली कोलकाता का मज़ा गाड़ी म नही अथवा िरक शा ऑटो तथा साल स चलती आ रही सड़क पर टराम म था

हर तरफ मझ पील रग की टिक सया िदखाई दी सब एक समान थी तथा मरसीडीज़ गाड़ी क बगल म चलती 1-2 पय म सफ़र की जान वाली टराम भी साथ िदखाई दी परी िजदगी िद ली म यतीत करन क बाद हर नए शहर का रहन-सहन बोल-चाल रीित-िरवाज़ जानन की जाग कता मझम हमशा रही पहल ही िदन स कोलकाता मझ रास आया जस िक कहत ह lsquoकोलकाता हमार खब भाला लागली छ rsquo कहन का ता पयर य िक मझ कोलकाता बहत अ छा लगा पहल िदन िक शाम को हमन य मािकर ट म खरीददारी करन का मन बनाया म हरान थी िक वहा चीज िकतनी स ती िमल रही थी िद ली क मतािबक एक ितहाई दाम पर चिडया गहन बग जत कत इ यािद िमल

िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया

प ठ 31 अकषय कराित य मािकर ट िद ली क लाजपत एव सरोिजनी नगर समान ह कम

दाम म अ छा समान िमला कोलकाता चमड़ क िलए भी मशहर ह एव परिसदध ी लदसर दकान भी इस बाज़ार म ि थत ह यहा खरीदारी का हमन खब ल फ़ उठाया

अगल िदन हम हि दया पोटर गए एव अनक जहाज़ दख 3-4 घट की दरी पर ि थत यह पोटर अनक एकड़ म फला हआ था पहली बार इतन बड़ जहाज़ को अदर स दख खब आनद आया तीसर िदन हम काली बाड़ी मिदर गए बगाली अ यत पाठ-पजा वाल दगार मा क स च उपासक ह यह सब जानत ह दगार पजा इनका लोकिपरय उ सव ह तथा काली मा एव दगार मा की स च मन स पजा करत ह कोलकाता क िनवासी भिक त भावपणर ह यह सना था अब खद दख भी िलया बगाली र म स पजा करन का य मौका अ यत आनदमयी था इसक अलावा काली बाड़ी क नज़दीक ही ि थत ह गौिरहाट बाज़ार यहा की दकान बगाली सािड़या कपड़ सट कत इ यािद क िलए परिसदध ह आिद धक तशवर नामक मशहर दकान म जाकर मरा भी मन िकया िक म भी खरीददारी क मर सािथय न बहत सािड़या खरीदी एव दाम दखकर म दग रह गई सदर स सदर साड़ी मातर 600700 पय की थी मन बगाल की मशहर लाल एव सफद िपरट की साड़ी भी खरीदी कोलकाता म खरीददारी का अलग की मज़ा ह उसी िदन शाम हम सा ट लक िसटी मॉल गए वह सा ट लक टिडयम क नज़दीक ह यहा िदखाई िदया कोलकाता का परगितशील प नौजवान फटबाल की जसीर पहन माल म घम रह थ एक स एक

मशहर बरड वहा मौजद थ इसक अलावा कोलकाता क िनवासी खब मनोरजन क शौक़ीन ह सगीत नाच गाना इ यादी म िच रखत ह कोलकाता म जगह-जगह सगीत कला अकडमी तथा पढ़न (रीिडग) क क लब ह अगरज क शौक तथा रहन-सहन की झलक आज भी यहा िदखती ह यहा क नौजवान को खल-कद म भी खब िदलच पी ह फटबाल का तो जस यहॉ सबको जनन ह

भारत क परिसदध मोहन बगान फटबाल क लब फटबाल क वहा क नौजवान ही नही परा शहर ही दीवाना ह भारत-पाक मच हो या आई पी एल इडन गाडरन मदान लोग स खचा-खच भरा रहता ह अफ़सोस म वहा अदर जा न सकी

इसक अलावा काली बाड़ी क नज़दीक ही ि थत ह गौिरहाट बाज़ार यहा की दकान बगाली सािडया कपड़ सट कत इ यािद क िलए परिसदध ह

प ठ 32 अकषय कराित

मर सफर क आखरी िदन म मन कोलकाता क लोग म एकता क नजार दख िविभ नता म भी एकता का उदाहरण दखा चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख िजस िदन हम कोलकाता पहच थ उसी िदन वहा शहर बद था और मन एक जट होकर लोग को अपनी बात कहत हए दखा एव सना यहा क लोग अपन शहर क िवकास बहतरी क िलए जाग क ह िज मदारी लत ह तथा सरकार को अपनी बात भली-भाित कहत ह लड़िकय औरत की इ ज़त करत ह एव यहा िक मिहलाओ को मन िनदरलीय पाया जहा एक ओर भारत की राजधानी होन क बावजद िद ली वाल अपनी िजदगी म मगन रहत ह वही दसरी और कोलकाता म अमीरी-गरीबी िभ न जाितय म भी एक जटता ह कपड़ा एव खाना आज भी यहा खब स ता िमलता ह पर त दसरी तरफ सब जानत ह िक बड़-बड़ उ योगपित िव वान लखक िखलाड़ी गायक अिभनता िनदशक यहा स उभर ह सािह य हो या लख बॉलीवड हो या िकरकट बगाल न भारत को अनक नाम एव गौरव िदए ह चाह सौरव दादा हो या रिव दर नाथ टगोर ममता बनजीर रानी मखजीर हो या योित बस भारत म इनकी भिमका का वणरन करन की ज रत नही

मन कछ िदन क कोलकाता क सफर म इस शहर को जानन समझन का परयास िकया हगली नदी क िकनार खड़ होकर समदर को दखा निदय को िनहारा िव यासागर सत िबरज की सदरता िवशालता को सराहा क सी दास की परिसदध िमठाई का ल फ उठाया मन बहत शहर घम पर त यह सफर मर िलए सबस यादगार रहा कोलकाता परगित क मागर पर िनरतर बढ़ रहा ह पर त आज भी वह अपनी जड़ नितक म य को नही भला ह एक आम आदमी आज भी टराम म या फरी स सफर करता ह यहा क िनवासी दो पय स लकर 500 ० का खाना खात ह पराना एव नया कोलकाता एक साथ जीिवत ह िसक क क दो पहल की तरह कोलकाता क यह दो प को एक साथ रहत दख बहत आनद आया

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 33 अकषय कराित

जल परकित का अनपम उपहार ह मानव जाित अपन परादभारवकाल स ही इस उपहार का उपयोग अपन िहत क िलए करती आई ह जल वह पराकितक उपहार ह िजसका कोई िवक प नही ह इसिलए जल को अमतया जीवन भी कहा गया ह जल क िबना जीवन की सभावना भी नही ह पर यकष प स तो जल की मानवीय आव यकता सीिमत ह परत परोकष आव यकताओ पर नजर डाल तो दिनक जीवन की आव यकताए जस अ न फल स जी दध स लकर हमार पहराव आवास तक सब जल स जड़ हजल का जरा भी सतलन िबगड़ जाए तो जीवन यापन क टपरद होन म दर नही परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह जल क सामा य त य जल या पानी एक आम रासायिनक पदाथर ह जो जीवन क सभी जञात प क जीिवत रहन क िलए ज री ह आमतौर पर जल अपनी दरव अव था म उपयोग म लाया जाता ह पर यह ठोस अव था बफर और गस अव था जल वा प या भाप प म भी पाया जाता ह प वी क लगभग तीन चौथाई िह स पर िव व क महासागर का अिधकार ह अनमानत प वी पर जल की कल मातरा लगभग 1400 िमिलयन घन िकलोमीटर ह जो िक प वी पर 3000 मीटर गहरी परत िबछा दन क िलए काफी ह तथािप जल की इस िवशाल मातरा म व छ जल का अनपात बहत कम ह प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह शष जल झील निदय वायम डल नमी मदा और वन पित म मौजद ह जल की जो मातरा उपभोग और अ य परयोग क िलए व ततः उपल ध ह वह निदय झील और भजल म उपल ध मातरा का छोटा-सा िह सा ह इसिलए जल ससाधन िवकास और परब ध की बाबत सकट इसिलए उ प न होता ह कय िक अिधकाश जल उपभोग क िलए उपल ध नही हो पाता

परभावी जल परबधन और दश का िवकास

दीपक आहजा ओएनजीसी िवदश

प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह

प ठ 34 अकषय कराित

और दसर इसका िवषमतापणर थािनक िवतरण इसकी एक अ य िविश टता ह फलतः जल का मह व वीकार िकया गया ह और इसक िकफायती परयोग तथा परब ध पर अिधक बल िदया गया ह प वी पर उपल ध जल जल-चकर क मा यम स चलायमान ह जल लगातार एक चकर म घमता रहता ह िजस जलचकर कहत ह इसम वा पीकरण वषार और बह कर सागर म पहचना शािमल ह हवा जल वा प को थल क ऊपर उसी दर स उड़ा ल जाती ह िजस गित स यह बहकर सागर म पहचाता ह जल चकर का िचतर नीच पर तत िकया गया ह

अिधकाश उपभोकताओ जस िक मन य पशओ अथवा पौध क िलए जल क सचलन की ज रत होती ह जल ससाधन की गितशील और नवीकरणीय परकित और इसक परयोग की बार बार ज रत को ि टगत रखत हए यह ज री ह िक जल ससाधन को उनकी परवाह दर क अनसार मापा जाए इस परकार जल ससाधन क दो पहल ह अिधकाश िवकासा मक ज रत क िलए परवाह क प म मािपत गितशील ससाधन अिधक परासिगक ह आरिकषत भ डार की ि थर अथवा िनयत परकित और साथ ही जल की मातरा तथा जल िनकाय क कषतर की ल बाई व म यपालन नौ सचालन आिद जस कछक िकरयाकलाप क िलए भी परासिगक ह

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 35 अकषय कराित

जल का यय अप यय जल क बार म एक नही कई च कान वाल त य ह िव व म और िवशष प स भारत म जल िकस परकार न ट होता ह इस िवषय म जो त य सामन आए ह उस पर जाग कता स यान दकर जल क अप यय को रोका जा सकता ह अनक त य ऐस ह जो हम आन वाल ख़तर स तो सावधान करत ही ह दसर स पररणा लन क िलए परो सािहत करत ह और पानी क मह व व इसक अनजान ोत की जानकारी भी दत ह प वी पर पदा होन वाली सभी वन पितया स भी हम पानी िमलता ह

आल और अनानास म 80 परितशत और टमाटर म 95 परितशत पानी ह पीन क िलए मानव को परितिदन 3 लीटर और पशओ को 50 लीटर पानी

चािहए भारत म 83 परितशत पानी खती और िसचाई क िलए उपयोग िकया जाता

ह इज़राइल म औसतन मातर 10 सटीमीटर वषार होती ह इस वषार स वह

इतना अनाज पदा कर लता ह िक वह उसका िनयारत कर सकता ह दसरी ओर भारत म औसतन 50 सटीमीटर स भी अिधक वषार होन क बावजद अनाज की कमी बनी रहती ह

िपछल 50 वष म जल क िलए 37 भीषण ह याकाड हए ह भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल

चलती ह पानी ज य रोग स िव व म हर वषर 22 लाख लोग की मौत हो जाती ह यिद बरश करत समय नल खला रह गया ह तो पाच िमनट म करीब 25

स 30 लीटर पानी बरबाद होता ह बाथ टब म नहात समय 300 स 500 लीटर पानी खचर होता ह जबिक

सामा य प स नहान म 100 स 150 लीटर पानी खचर होता ह िव व म परित 10 यिकतय म स 2 यिकतय को पीन का शदध पानी

नही िमल पाता ह परित वषर 6 अरब लीटर बोतल पक पानी मन य वारा पीन क िलए

परयकत िकया जाता ह मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 36 अकषय कराित

िद ली मबई और च नई जस महानगर म पाइप लाइन क वॉ व की खराबी क कारण रोज़ 14 स 44 परितशत पानी बकार बह जाता ह

निदया पानी का सबस बड़ा ोत ह जहा एक ओर निदय म बढ़त परदषण रोकन क िलए िवशषजञ उपाय खोज रह ह वही कल कारखान स बहत हए रसायन उ ह भारी मातरा म दिषत कर रह ह

भारत म जल सकट नासा की एक िरपोटर न पानी को लकर दश भर म बढ़ती जा रही लापरवाही क परित आख खोली ह इस िरपोटर म भारत म सख की ि थित पदा होन क िलए िज मवार कारण म स एक अहम कारण अधाधध जल दोहन को बताया गया ह बतात चल िक दश भर क 604 िजल म स 161 सख की मार झल रह ह वस अब बताया जा रहा ह िक सख की मार स बहाल िजल की सखया बढ़कर 246 हो गई ह यानी कहा जाए तो आधा दश सख की चपट म ह बहरहाल नासा की इस िरपोटर म बताया गया ह िक भारत क कई रा य कषमता स यादा जल दोहन कर रह ह यहा कषमता स ता पयर यह ह िक उनस िजतन सलाना जल दोहन की उ मीद कदर करती ह व उसस कही यादा जल दोहन कर रह ह नासा न यह अ ययन 2002 स 2008 क बीच

की ि थितय क आधार पर िकया ह इस िरपोटर म बताया गया ह िक पजाब हिरयाणा और राज थान हर साल औसतन 177 अरब कयिबक मीटर पानी जमीन क अदर स िनकाल रह ह जबिक कदर की तरफ स लगाए गए अनमान क मतािबक इ ह हर साल 132 अरब कयिबक मीटर पानी ही जमीन क अदर स िनकालना था इस तरह स दखा जाए तो य तीन रा य िमलकर कषमता स 30 फीसदी यादा पानी का दोहन कर रह ह जािहर ह िक िबना कछ सोच-िवचार जब इस पमान पर पराकितक ससाधन का दोहन िकया जाएगा तो परकित भी बदला लगी और वही हो रहा ह इस िरपोटर म यह भी बताया गया ह िक भारत का महज 58 फीसदी भजल ही हर साल िरचाजर हो पाता ह नासा की यह िरपोटर बताती ह िक अधाधध जल दोहन की वजह स पर उ तर पि चम भारत क भजल तर म हर साल 4 सटीमीटर यानी 16 इच की कमी आ रही ह इस अ ययन को अजाम दन म नासा क जल िवजञानी मट रोडल न अहम भिमका िनभाई ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 37 अकषय कराित

उनक हवाल स इस िरपोटर म बताया गया ह िक दश क उ तर पि चम कषतर म 2002 स 2008 क दौरान तकरीबन 109 कयिबक िकलोमीटर पानी की कमी हई ह यह मातरा िकतनी अिधक ह इसका अदाजा इसी स लगाया जा सकता ह िक यह अमिरका क सबस बड़ जलाशय लक मीड की कषमता स दगन स भी कही यादा ह अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह इस िरपोटर क मतािबक अगर अधाधध जल दोहन इसी तरह स जारी रहा तो आन वाल समय म भारत को अनाज और पानी क सकट को झलन क िलए अभी स तयार हो जाना चािहए जािहर ह िक जब जल सकट बढ़गा तो खती पर इसका गहरा परभाव पड़गा अनाज क उ पादन म कमी आएगी इस वजह स अनाज सकट पदा होगा और भख का एक नया चहरा उभरकर सामन आएगा एक बड़ा तबका जो आज भरपट भोजन कर पाता ह उसक िलए पट भर खाना िमलना मि कल हो जाएगा भखमरी की जो सम या पदा होगी उसस िफर िनपटना आसान नही होगा इसक अलावा पीन क पानी का टोटा तो होगा ही अभी ही दश क कई िह स ऐस ह जहा क लोग को पीन क िलए साफ पानी नही िमल पा रहा ह कई कषतर ऐस ह जहा गमीर क िदन म हडपप स पानी आना बद हो जाता ह वहा क लोग को हर साल बोिरग को कछ फट बढ़वाना होता ह यह सम या भजल तर क िगरत जान की वजह स ही पदा हई ह जब पीन क पानी का सकट पदा होगा तो बोतलबद पानी का कारोबार काफी तजी स बढ़गा कहन का मतलब यह िक िजसक पास पसा होगा वह अपनी यास बझा सकगा और िजसक पास पसा नही होगा उस अपनी यास बझान क िलए भी सघषर करना पड़गा ि थित की भयावहता की क पना ही िसहरन पदा करती ह भारत म दिनया का हर छठा आदमी रहता ह यानी कहा जाए तो दिनया क कल आबादी क तकरीबन सतरह फीसदी लोग भारत म रहत ह जबिक दिनया का महज साढ़ चार फीसदी पानी ही भारत म उपल ध ह ऐस म जल सम या स दो-चार होना कोई आनापिकषत बात नही ह एक बात तो तय ह िक पराकितक ससाधन म इजाफा तो नही िकया जा सकता ह लिकन इसका सरकषण अव य िकया जा सकता ह

अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह

प ठ 38 अकषय कराित

भारत म लोग िकसी एक मा यम स पयजल परा त करन पर िनभरर नही ह इस दश म 357 फीसदी लोग हडपप स 367 फीसदी लोग नल स 182 फीसदी लोग तालाब पोखर या झील स 56 फीसदी कओ स 12 फीसदी लोग पारपिरक साधन स और 26 फीसदी लोग अ य मा यम स पीन का पानी परा त करत ह इस िलहाज स अगर दखा जाए तो जल सकट को दर करन क िलए समगर कायरयोजना की ज रत ह

दरअसल भारत म गहरात जल सकट क िलए काफी हद तक पानी की बबारदी भी िज मवार ह यहा जल आपित र की यव था म काफी खािमया ह नल क जिरए घर तक पहचन वाल पानी का एक बड़ा िह सा िरस कर बबारद हो जाता ह हर शहर म फट हए आपित र पाइप आसानी स दख जा सकत ह इस बदहाल यव था क िलए सरकार क साथ-साथ सामा य लोग भी कम िज मदार नही ह एक तरफ तो सरकार पयजल क नाम पर हर साल हजार करोड़ पए का बजट बनाती ह और दसरी तरफ जमीनी तर पर हालात म कोई बदलाव नही िदखता ह सामािजक तौर पर भी जल सरकषण को लकर जाग कता का अभाव िदखता ह यह सामािजक तान-बान का ही असर ह िक लोग कही भी जल की बबारदी को दखकर उस सामा य घटना मानत हए नजरअदाज कर दत ह दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था यह अब घटकर 1800 कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर हो चका ह

दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था

प ठ 39 अकषय कराित

िवशषजञ का अनमान ह िक अगर पानी की खपत और बबारदी इसी तरह स जारी रही तो 2025 तक यह घटकर हजार कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर ही रह जाएगा उस समय तक पानी की उपल धता म आन वाली इस कमी की वजह स किष उ पादन म तीस फीसदी की कमी आन की सभावना ह इन पिरि थितय म दश की आिथरक और सामािजक ि थित का कया होगा इसका अदाजा सहज ही लगाया जा सकता ह भारत म जल सरकषण क परित आज भी आम लोग क मन म उपकषा का भाव बना हआ ह साथ ही इस कायर क िलए आव यक तकनीक की भी कमी ह जो तकनीक उपल ध ह उनस सामा य लोग अनजान ह बािरश क पानी का सगरह करक उस उपयोग म लाना एक अ छा िवक प ह पर इस तरह की कोिशश काफी सीिमत मातरा म काफी छोट तर पर हो रही ह यही वजह ह िक दश म होन वाली बािरश क पानी का अ सी फीसदी िह सा आज भी समदर म पहच जाता ह अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह अगर जल की इस िवशाल मातरा का आधा भी परयोग कर िलया जाए तो ि थित म यापक बदलाव आना तय ह शहरी कषतर म तो पानी की कालाबाजारी जोर पर ह जगह-जगह पर जल मािफया सिकरय हो गए ह िद ली क ही एक अखबार न कछ समय पहल यह बात उजागर िकया था यहा तो समानातर जल बोडर भी चलाया जा रहा ह हरानी की बात तो यह ह िक इसक बावजद भी पानी क काल धध पर अकश नही लगाया जा सका ह अहम सवाल यह ह िक कस सामा य तबक क लोग तक व छ पानी पहचाया जाए शहरी कषतर क साथ-साथ गरामीण कषतर म भी यह एक बड़ी चनौती ह आबादी म अपर यािशत विदध बढ़त शहरीकरण औ योिगकीकरण और किष उ पाद की बढ़ती माग क कारण पानी की माग िपछल कछ साल म वाभािवक प स बढ़ी ह इसक पिरणाम व प भजल ससाधन का अ यिधक दोहन हआ ह और इसका नतीजा हआ िक लगातार भजल का तर घटता जा रहा ह शहरी कषतर म ि थित बहद भयावह ह तदनसार वहा न कवल शीघराितशीघर जल ससाधन क सरकषण की ज रत ह बि क परभावी रणनीित और परबधन क जिरए त काल कदम उठान की ज रत ह

अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह

प ठ 40 अकषय कराित

खासकर इस बात को यान म ऱखकर िक िविभ न परितयोगी कषतर म कभी भी माग बढ़ सकती ह भिव य म उपयोग क िलए छत पर या सतह पर जलगरहण बनाकर वषारजल सरकषण बहद ज री ह यह पानी की बढ़ती ज रत का खयाल रखन िमटटी की नमी तर को बढ़ान शहरी हिरयाली को बढ़ान भजल तर को कितरम प स पनभररण करन और भजल की गणव ता स सधार का काम करता ह भारत म जल परबधन स दश का िवकास भारत म दिनया की 16 परितशत आबादी रहती ह लिकन दिनया क िसफर 4 परितशत जल ससाधन ही भारत क पास ह 3290000 वगर िकलोमीटर क भिम कषतर और एक अरब स यादा की आबादी क साथ भारत क एक बहलवादी िविवधता का िचतर ह िवशाल पराकितक ससाधन क साथ सप न तकनीकी और वजञािनक किमरय का भी यह दिनया म दसरा सबस बड़ा सम चय ह भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह मानव िवकास म 80 क दशक म लगभग 26 परितशत और 90 क दशक क दौरान और 24 परितशत क वारा सधार हआ ह आजादी क बाद छह दशक म भारत न जल ससाधन का अभतपवर िवकास और खा या न म आ मिनभररता शहरी कषतर ऊजार और औ योिगक कषतर और पीन का पानी क बिनयादी ढाच म तजी स िव तार दखा ह िजसका उपयोग भारत की लगभग 85 परितशत शहरी और गरामीण आबादी क वारा िकया जाता ह भारत म रा य सरकार और भारत सरकार क परितबदध और ठोस परयास की वजह स गरामीण और शहरी आबादी को सरिकषत पयजल को उपल ध करवान म काफी सफलता हािसल की ह इस उपलि ध न भजल की कमी जल जमावजल गणव ता िगरावट जल परदषण और बढ़त लवणता तर स बड़ कषतर को परभािवत िकया ह और अभी भी िविभ न रा य म गरामीण और शहरी भारत क मानव िवकास सचकाक (HDI)rsquo म बहत असमानता मौजद ह पानी क िलए कषतरीय माग तजी स बढ़ रह शहरीकरण की गित स बढ़ रही ह (अनमानत 2025 तक दश की आबादी का 50 परितशत स अिधक शहर म रहग) जनसखया विदध बढ़ती आय और औ योिगक िवकासशहरी भारत तजी स िवकास की माग क कदर क प म उभर रहा ह

भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह

प ठ 41 अकषय कराित

नतीजतन परित यिकत पानी की उपल धता िगर रही ह परधानमतरी की अ यकषता म 12वी योजना क िलए हई योजना आयोग की पणर बठक म दसर म क साथ जल परबधन पर िवशष चचार हई बठक क बाद योजना आयोग क उपा यकष म टक िसह अहलवािलया न कहा िक भ-जल कानन स लकर दसर म की यापक समीकषा ज री ह व यनाथन सिमित जहा वतरमान म भ-जल कानन की साथरकता का अ ययन करगी वही भारतीय अतिरकष अनसधान सगठन [इसरो] की मदद स पानी की उपल धता का िव तत अ ययन होगा म टक न कहा िक उसी आधार पर रणनीित तय होगी सरकार यह यान रखगी िक पानी का अिधकतम उपयोग हो सक और सभी को उपल ध हो पानी पर िकसी का एकािधकार न हो सक बतात ह िक द पयोग को रोकन क िलए श क लगान पर भी िवचार िकया जा सकता ह हालािक इसस पहल रा य सरकार स चचार होगी यह तय ह िक एआइबीपी कायरकरम म यापक बदलाव ह ग ी म टक िसह अहलवािलया न कहा िक वतरमान म इस कायरकरम का सही िकरया वयन नही हो रहा ह िलहाजा उसम पिरवतरन ज री ह सभव ह िक हर रा य म जल िनयामक परािधकरण बनान की शतर भी लगाई जाए उ ह न कहा िक जल परबधन की यापक समीकषा कर नई रणनीित तय की जाएगी कल िमलाकर रा टरीय तर पर वतरमान जल ससाधन का अिधक स अिधक करन क िलए माग को परा करन क िलए पयार त ह लिकन भिव य क अ ययन पिरयोजना ह िक जल आपित र की ि थित अगल आध सदी म अिधक किठन हो सकती ह जल सकट स िनपटन को जल सरकषण परबधन अिनवायर परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह बढ़त वि वक तापमान क फल व प अितवि ट अनावि ट अ पवि ट और असामियक वि ट हम परितवषर दख रह ह िजसका परभाव हमार जल ससाधन पर पड़ता िदखाई द रहा ह कओ व बाविडय का िमटता अि त व नदी-नाल का घटता पानी भ-गभर जल का िगरता तर िचता की पिरिध स िनकलकर खतर की घटी बनता जा रहा ह

निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह

प ठ 42 अकषय कराित

िव व भर म सीमट क अधाधध परयोग न धरातल क सहज अवशोषण कषतर को घटाया ह तथा जल बहाव भिम कटाव व बाढ़ म विदध की ह ऐसी ि थित म जल सरकषण का दािय व मातर वजञािनक व सरकार तक सीिमत न रहकर पर यक उपभोकता क कध पर आ जाता ह इसी दािय व क िनवरहन क िलए हमार पास दो िवक प सामन आत ह 1 वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई

उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

2 पािरवािरक तर पर वषार जल को सगरिहत कर उसका उपयोग कर य दोन ही परयास गरामीण कषतर म तो सरलता स अपनाए जा सकत ह परत शहरी कषतर म व ट वाटर मनजमट की बड़ी पिरयोजनाए बनाकर ही पानी को िरसाइिकल िकया जा सकता ह भ-गभर अिधकािधक जल अवशोिषत होकर

जाए इसक िलए मदानी भाग म िनयोिजत ढग स बड़-बड़ पोखर बनाकर तथा पहाड़ी कषतर म नाल -ख ड म िमटटी प थर आरसीसी क बड़-छोट डम लगाकर जल बहाव रोक भ-सरकषण बचाव व जल भडारण और धरातल जल शोषण कषतर बढ़ाया जा सकता ह िव व बक भारत सरकार वारा म य िहमालय जलागम पिरयोजना रा य क भ-सरकषण िवभाग इस कषतर म कारगर उपाय लकर

हमार सामन ह परत जनसहयोग क िबना इन पिरयोजनाओ क आशातीत पिरणाम ल पाना किठन ह वकषारोपण इस सपणर जल चकर को बल दन वाला कारक ह जल क परित चतना जागत न हई तो अव य ही अगल िव व यदध का कारण जल ही होगा

जल भोजन ह और अिगन भोजन का भकषक ह अिगन जल म और जल अिगन म िव यमान ह

- ततरीय उपिनषद 38

वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

प ठ 43 अकषय कराित

म भी गान गा सकता ह शबनम क िखलत फल क म भी गीत सना सकता ह सावन क म त झल क लिकन जब घर-घर म बादल छाय घोर िनराशा क तब म नगम गा रहा ह उ मीद की आशा क

सड़क पर खड़ बचपन की य बात सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह

हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

इस बदलत पिरवश का राग सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

गाधी जी क सपन का जो राम-रा य कहलाता ह उस भारत म सड़क पर छोट चाय पहचाता ह

कहा गई वो अ हड़ म ती कहा गया वो यार का रा ता उन हाथ स बचत झड िजन हाथ को चािहए ब ता

उस सोन की िचिड़या की म बात बतान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

कही बम की गमर हवाए कही ससद म कोहराम ह कही होत घोटाल स परशान आदमी आम ह

कही कल की िकलकारी ह कही सड़क पर बचपन ह कही चलता नही गजारा कही िवदश म काला धन ह

म स चाई गा-गाकर सबको बतलान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

बदलता भारत मनीष लाल इरडा

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

प ठ 44 अकषय कराित

करन वाल काम बहत ह यथर उलझन को छोड़ो म ला-पिड़त तोड़ रह ह तम बस lsquoअपन को जोड़ो

lsquoहम बदलग-यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का lsquoवद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का

वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हम बदलग mdash यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का वद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

प ठ 45 अकषय कराित

िसफर काला और सफ़द य ही वो दो रग थ जो तर पास सि ट बनान क आधार थ

काला वो जो कािलमा िलय ह िजस कहत ह दख िनराशा म य अपयश और वो सबकछ जो नकारा मक ह

मगर सफद ह वो रग िजसस जड़ा ह जीवन आशा सख और कीितर और वो सब कछ जो सकारा मक ह पर इन रग स तझ चन ना िमला त सोचन लगा अगर सि ट बनानी ह

तो िकस िलए- ससगर और परम क िलए और

इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग

ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह

बस- बना डाला तन इ दरधनष

जो बरसात क बाद सरज और प वी क अनपम परम को रग दता ह सतरगी रग स

और उ ही सतरगी इ दरधनषी रग म हम हर पल हर कषण डबत गहरात इतरात रहत ह

और खिशय भर ससार म हर रग को अलग-अलग तरह स महसस करक जीत रहत ह

रग तो रग ह मगर-

ससगर और परम क िलए और इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह बस-

सतरगी िचतर सगीता ीवा तव इरडा

प ठ 46 अकषय कराित

कभी पक क कभी फीक़ तो कछ कभी दाग बनकर उभर आत ह

कछ आख म नील बादल स छाए रहत ह तो कछ गाल पर गलाबी रग बनकर छलक जात ह

याद रहत ह अक सर वो रग- जो खदी पर इस तरह छा जात ह िक खद म घलकर खद क होन

का एहसास दत-दत खद का एक रग बन जात ह

बगनी आसामनी नीला हरा पीला नारगी लाल इ दरधनष क य सात रग ही जोड़त ह हमार िदल को

हमार मन को जोड़न वाल इन रग की सतरगी दिनया म-

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा बनाय

और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क

सतरगी िचतर

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा

बनाय और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क सतरगी िचतर

िस धी होन क प चात भी मझ बगाली रीित िरवाज़ िमठाइया यहा का पहनावा अगरज क ज़मान की बनी सरचनाए एव भवन इ यािद म बहत िदलच पी एव िच थी

प ठ 29 अकषय कराित

यातरा स मरण-कोलकाता-खिशय हषर का शहर(िसटी ऑफ जॉय)

सोिनया सिह वानी पीईसी िलिमटड

म पी ई सी िलिमटड नामक कपनी क िविध ककष म उप िविध परबधक क पद पर कायररत ह सन 2010 जन स इस कपनी म मन परबधन परिशकष क प म अपनी पहली नौकरी की श आत की पी ई सी िलिमटड वािण य मतरालय क अतगरत आन वाली आयात-िनयारत यापार स स बिधत क पिनय म स एक ह इस स दभर म जनवरी 2011 म िविभ न िवभाग क परबधन परिशकषओ को ओिरएटशन हत काडला कोलकाता इ यािद शहर म भजन का कायरकरम िनि चत िकया गया कोलकाता क पास हि दया पोटर होन क कारण कोलकाता शहर चना गया जहा पी ई सी वारा आयात की गयी व तए पोटर गोदाम म रखी जाती ह साथ ही म कोलकाता पोटर िभ न गोदाम इ यािद दखन की यव था की गयी एव सची म समावश िकया गया यह सनकर मरी ख़शी का िठकाना न रहा क य िक मन कोलकाता शहर क बार म सना बहत था पर त कभी दखा न था िस धी होन क प चात भी मझ बगाली रीित िरवाज़ िमठाइया यहा का पहनावा अगरज क ज़मान की बनी सरचनाए एव भवन इ यािद म बहत िदलच पी एव िच थी आिखरकार मझ मौका िमला और जनवरी की कड़ाकदार ठ ड क बीच हम एक रिववार शाम कोलकाता राजधानी स अपनी मिजल की और िनकल पड़ िद ली स कोलकाता क सफ़र क बीच हमारी गाड़ी इलाहाबाद गया िबहार तथा धनबाद जस शहर स होत हए बगाल की ओर पहची हसत-गात खलत-खात हए हम अगली सबह हावड़ा जकशन पहच गए रलगाड़ी स उतर कर टशन स बाहर िनकलत ही मझ िसटी ऑफ जॉय क नाम स मशहर कोलकाता की पहली झलक िदखाई दी ऐसा लगा मानो मझ भारत क दो पहल एकसाथ जीत हए नज़र आए एक तरफ थ टशन स बाहर एव अ दर जात हए स दर कपड़ गहन म लद हए कोलकाता क बगाली िनवासी साथ म बड़ी-बड़ी गािड़य म घमत कोलकाता क नौजवान और ठीक दसरी तरफ मरी नज़र पड़ी हगली नदी पर बन परिसदध हावड़ा िबरज पर िजस दख एक अलग ही दिनया का एहसास हआ

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह

िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी

एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया नतीजा मर समकष था

प ठ 30 अकषय कराित

हावड़ा िबरज पर हर तरफ लोग का जमावड़ा था इतन लोग दख िद ली क चादनी चौक की याद आ गयी ऐसा लगा मानो म 50 साल पीछ िकसी लक एव वाईट दिनया म कदम रख चकी थी िबरज क दोन तरफ सामान बचत हए दकानदार िखलौन मछली रख हए औरत एव छोट-छोट ब च मख य शहर स हावड़ा जान वाल आम आदमी मजदर की तज़ र तार फरी स र ता पार करन वाल यापारी इन सब को दख लगा कोलकाता म मबई जसी भागम भाग भी थी िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया नतीजा मर समकष था जस-जस म कोलकाता शहर क भीतर आन लगी मझ इस शहर क िवकास की झलक िदखाई दी एक तरफ थी ऊची ईमारत सदर िवशाल िव यासागर सत पल बड़-बड़ होटल माल कोलकाता उ च यायालय राईटसर िबि डग मशहर इडन गाडरन टिडयम इ यािद तो दसरी तरफ था िवक टोिरया ममोिरयल अगरज की वा तकला क अनसार िदखती लाल ईटो की इमारत िवक टोिरयल सरचनाए भवन छोटी-छोटी पटिरय पर समान बचत नया बाज़ार (New Market) क दकानदार एव िवक टोिरया ममोिरयल क बाहर चलत सलािनय क िलए रथ वाल घोड़ हमारा होटल जसीबोस सड़क पर ि थत था एव सिवधाओ स भरपर था पर त मन य जाना िक असली कोलकाता का मज़ा गाड़ी म नही अथवा िरक शा ऑटो तथा साल स चलती आ रही सड़क पर टराम म था

हर तरफ मझ पील रग की टिक सया िदखाई दी सब एक समान थी तथा मरसीडीज़ गाड़ी क बगल म चलती 1-2 पय म सफ़र की जान वाली टराम भी साथ िदखाई दी परी िजदगी िद ली म यतीत करन क बाद हर नए शहर का रहन-सहन बोल-चाल रीित-िरवाज़ जानन की जाग कता मझम हमशा रही पहल ही िदन स कोलकाता मझ रास आया जस िक कहत ह lsquoकोलकाता हमार खब भाला लागली छ rsquo कहन का ता पयर य िक मझ कोलकाता बहत अ छा लगा पहल िदन िक शाम को हमन य मािकर ट म खरीददारी करन का मन बनाया म हरान थी िक वहा चीज िकतनी स ती िमल रही थी िद ली क मतािबक एक ितहाई दाम पर चिडया गहन बग जत कत इ यािद िमल

िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया

प ठ 31 अकषय कराित य मािकर ट िद ली क लाजपत एव सरोिजनी नगर समान ह कम

दाम म अ छा समान िमला कोलकाता चमड़ क िलए भी मशहर ह एव परिसदध ी लदसर दकान भी इस बाज़ार म ि थत ह यहा खरीदारी का हमन खब ल फ़ उठाया

अगल िदन हम हि दया पोटर गए एव अनक जहाज़ दख 3-4 घट की दरी पर ि थत यह पोटर अनक एकड़ म फला हआ था पहली बार इतन बड़ जहाज़ को अदर स दख खब आनद आया तीसर िदन हम काली बाड़ी मिदर गए बगाली अ यत पाठ-पजा वाल दगार मा क स च उपासक ह यह सब जानत ह दगार पजा इनका लोकिपरय उ सव ह तथा काली मा एव दगार मा की स च मन स पजा करत ह कोलकाता क िनवासी भिक त भावपणर ह यह सना था अब खद दख भी िलया बगाली र म स पजा करन का य मौका अ यत आनदमयी था इसक अलावा काली बाड़ी क नज़दीक ही ि थत ह गौिरहाट बाज़ार यहा की दकान बगाली सािड़या कपड़ सट कत इ यािद क िलए परिसदध ह आिद धक तशवर नामक मशहर दकान म जाकर मरा भी मन िकया िक म भी खरीददारी क मर सािथय न बहत सािड़या खरीदी एव दाम दखकर म दग रह गई सदर स सदर साड़ी मातर 600700 पय की थी मन बगाल की मशहर लाल एव सफद िपरट की साड़ी भी खरीदी कोलकाता म खरीददारी का अलग की मज़ा ह उसी िदन शाम हम सा ट लक िसटी मॉल गए वह सा ट लक टिडयम क नज़दीक ह यहा िदखाई िदया कोलकाता का परगितशील प नौजवान फटबाल की जसीर पहन माल म घम रह थ एक स एक

मशहर बरड वहा मौजद थ इसक अलावा कोलकाता क िनवासी खब मनोरजन क शौक़ीन ह सगीत नाच गाना इ यादी म िच रखत ह कोलकाता म जगह-जगह सगीत कला अकडमी तथा पढ़न (रीिडग) क क लब ह अगरज क शौक तथा रहन-सहन की झलक आज भी यहा िदखती ह यहा क नौजवान को खल-कद म भी खब िदलच पी ह फटबाल का तो जस यहॉ सबको जनन ह

भारत क परिसदध मोहन बगान फटबाल क लब फटबाल क वहा क नौजवान ही नही परा शहर ही दीवाना ह भारत-पाक मच हो या आई पी एल इडन गाडरन मदान लोग स खचा-खच भरा रहता ह अफ़सोस म वहा अदर जा न सकी

इसक अलावा काली बाड़ी क नज़दीक ही ि थत ह गौिरहाट बाज़ार यहा की दकान बगाली सािडया कपड़ सट कत इ यािद क िलए परिसदध ह

प ठ 32 अकषय कराित

मर सफर क आखरी िदन म मन कोलकाता क लोग म एकता क नजार दख िविभ नता म भी एकता का उदाहरण दखा चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख िजस िदन हम कोलकाता पहच थ उसी िदन वहा शहर बद था और मन एक जट होकर लोग को अपनी बात कहत हए दखा एव सना यहा क लोग अपन शहर क िवकास बहतरी क िलए जाग क ह िज मदारी लत ह तथा सरकार को अपनी बात भली-भाित कहत ह लड़िकय औरत की इ ज़त करत ह एव यहा िक मिहलाओ को मन िनदरलीय पाया जहा एक ओर भारत की राजधानी होन क बावजद िद ली वाल अपनी िजदगी म मगन रहत ह वही दसरी और कोलकाता म अमीरी-गरीबी िभ न जाितय म भी एक जटता ह कपड़ा एव खाना आज भी यहा खब स ता िमलता ह पर त दसरी तरफ सब जानत ह िक बड़-बड़ उ योगपित िव वान लखक िखलाड़ी गायक अिभनता िनदशक यहा स उभर ह सािह य हो या लख बॉलीवड हो या िकरकट बगाल न भारत को अनक नाम एव गौरव िदए ह चाह सौरव दादा हो या रिव दर नाथ टगोर ममता बनजीर रानी मखजीर हो या योित बस भारत म इनकी भिमका का वणरन करन की ज रत नही

मन कछ िदन क कोलकाता क सफर म इस शहर को जानन समझन का परयास िकया हगली नदी क िकनार खड़ होकर समदर को दखा निदय को िनहारा िव यासागर सत िबरज की सदरता िवशालता को सराहा क सी दास की परिसदध िमठाई का ल फ उठाया मन बहत शहर घम पर त यह सफर मर िलए सबस यादगार रहा कोलकाता परगित क मागर पर िनरतर बढ़ रहा ह पर त आज भी वह अपनी जड़ नितक म य को नही भला ह एक आम आदमी आज भी टराम म या फरी स सफर करता ह यहा क िनवासी दो पय स लकर 500 ० का खाना खात ह पराना एव नया कोलकाता एक साथ जीिवत ह िसक क क दो पहल की तरह कोलकाता क यह दो प को एक साथ रहत दख बहत आनद आया

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 33 अकषय कराित

जल परकित का अनपम उपहार ह मानव जाित अपन परादभारवकाल स ही इस उपहार का उपयोग अपन िहत क िलए करती आई ह जल वह पराकितक उपहार ह िजसका कोई िवक प नही ह इसिलए जल को अमतया जीवन भी कहा गया ह जल क िबना जीवन की सभावना भी नही ह पर यकष प स तो जल की मानवीय आव यकता सीिमत ह परत परोकष आव यकताओ पर नजर डाल तो दिनक जीवन की आव यकताए जस अ न फल स जी दध स लकर हमार पहराव आवास तक सब जल स जड़ हजल का जरा भी सतलन िबगड़ जाए तो जीवन यापन क टपरद होन म दर नही परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह जल क सामा य त य जल या पानी एक आम रासायिनक पदाथर ह जो जीवन क सभी जञात प क जीिवत रहन क िलए ज री ह आमतौर पर जल अपनी दरव अव था म उपयोग म लाया जाता ह पर यह ठोस अव था बफर और गस अव था जल वा प या भाप प म भी पाया जाता ह प वी क लगभग तीन चौथाई िह स पर िव व क महासागर का अिधकार ह अनमानत प वी पर जल की कल मातरा लगभग 1400 िमिलयन घन िकलोमीटर ह जो िक प वी पर 3000 मीटर गहरी परत िबछा दन क िलए काफी ह तथािप जल की इस िवशाल मातरा म व छ जल का अनपात बहत कम ह प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह शष जल झील निदय वायम डल नमी मदा और वन पित म मौजद ह जल की जो मातरा उपभोग और अ य परयोग क िलए व ततः उपल ध ह वह निदय झील और भजल म उपल ध मातरा का छोटा-सा िह सा ह इसिलए जल ससाधन िवकास और परब ध की बाबत सकट इसिलए उ प न होता ह कय िक अिधकाश जल उपभोग क िलए उपल ध नही हो पाता

परभावी जल परबधन और दश का िवकास

दीपक आहजा ओएनजीसी िवदश

प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह

प ठ 34 अकषय कराित

और दसर इसका िवषमतापणर थािनक िवतरण इसकी एक अ य िविश टता ह फलतः जल का मह व वीकार िकया गया ह और इसक िकफायती परयोग तथा परब ध पर अिधक बल िदया गया ह प वी पर उपल ध जल जल-चकर क मा यम स चलायमान ह जल लगातार एक चकर म घमता रहता ह िजस जलचकर कहत ह इसम वा पीकरण वषार और बह कर सागर म पहचना शािमल ह हवा जल वा प को थल क ऊपर उसी दर स उड़ा ल जाती ह िजस गित स यह बहकर सागर म पहचाता ह जल चकर का िचतर नीच पर तत िकया गया ह

अिधकाश उपभोकताओ जस िक मन य पशओ अथवा पौध क िलए जल क सचलन की ज रत होती ह जल ससाधन की गितशील और नवीकरणीय परकित और इसक परयोग की बार बार ज रत को ि टगत रखत हए यह ज री ह िक जल ससाधन को उनकी परवाह दर क अनसार मापा जाए इस परकार जल ससाधन क दो पहल ह अिधकाश िवकासा मक ज रत क िलए परवाह क प म मािपत गितशील ससाधन अिधक परासिगक ह आरिकषत भ डार की ि थर अथवा िनयत परकित और साथ ही जल की मातरा तथा जल िनकाय क कषतर की ल बाई व म यपालन नौ सचालन आिद जस कछक िकरयाकलाप क िलए भी परासिगक ह

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 35 अकषय कराित

जल का यय अप यय जल क बार म एक नही कई च कान वाल त य ह िव व म और िवशष प स भारत म जल िकस परकार न ट होता ह इस िवषय म जो त य सामन आए ह उस पर जाग कता स यान दकर जल क अप यय को रोका जा सकता ह अनक त य ऐस ह जो हम आन वाल ख़तर स तो सावधान करत ही ह दसर स पररणा लन क िलए परो सािहत करत ह और पानी क मह व व इसक अनजान ोत की जानकारी भी दत ह प वी पर पदा होन वाली सभी वन पितया स भी हम पानी िमलता ह

आल और अनानास म 80 परितशत और टमाटर म 95 परितशत पानी ह पीन क िलए मानव को परितिदन 3 लीटर और पशओ को 50 लीटर पानी

चािहए भारत म 83 परितशत पानी खती और िसचाई क िलए उपयोग िकया जाता

ह इज़राइल म औसतन मातर 10 सटीमीटर वषार होती ह इस वषार स वह

इतना अनाज पदा कर लता ह िक वह उसका िनयारत कर सकता ह दसरी ओर भारत म औसतन 50 सटीमीटर स भी अिधक वषार होन क बावजद अनाज की कमी बनी रहती ह

िपछल 50 वष म जल क िलए 37 भीषण ह याकाड हए ह भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल

चलती ह पानी ज य रोग स िव व म हर वषर 22 लाख लोग की मौत हो जाती ह यिद बरश करत समय नल खला रह गया ह तो पाच िमनट म करीब 25

स 30 लीटर पानी बरबाद होता ह बाथ टब म नहात समय 300 स 500 लीटर पानी खचर होता ह जबिक

सामा य प स नहान म 100 स 150 लीटर पानी खचर होता ह िव व म परित 10 यिकतय म स 2 यिकतय को पीन का शदध पानी

नही िमल पाता ह परित वषर 6 अरब लीटर बोतल पक पानी मन य वारा पीन क िलए

परयकत िकया जाता ह मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 36 अकषय कराित

िद ली मबई और च नई जस महानगर म पाइप लाइन क वॉ व की खराबी क कारण रोज़ 14 स 44 परितशत पानी बकार बह जाता ह

निदया पानी का सबस बड़ा ोत ह जहा एक ओर निदय म बढ़त परदषण रोकन क िलए िवशषजञ उपाय खोज रह ह वही कल कारखान स बहत हए रसायन उ ह भारी मातरा म दिषत कर रह ह

भारत म जल सकट नासा की एक िरपोटर न पानी को लकर दश भर म बढ़ती जा रही लापरवाही क परित आख खोली ह इस िरपोटर म भारत म सख की ि थित पदा होन क िलए िज मवार कारण म स एक अहम कारण अधाधध जल दोहन को बताया गया ह बतात चल िक दश भर क 604 िजल म स 161 सख की मार झल रह ह वस अब बताया जा रहा ह िक सख की मार स बहाल िजल की सखया बढ़कर 246 हो गई ह यानी कहा जाए तो आधा दश सख की चपट म ह बहरहाल नासा की इस िरपोटर म बताया गया ह िक भारत क कई रा य कषमता स यादा जल दोहन कर रह ह यहा कषमता स ता पयर यह ह िक उनस िजतन सलाना जल दोहन की उ मीद कदर करती ह व उसस कही यादा जल दोहन कर रह ह नासा न यह अ ययन 2002 स 2008 क बीच

की ि थितय क आधार पर िकया ह इस िरपोटर म बताया गया ह िक पजाब हिरयाणा और राज थान हर साल औसतन 177 अरब कयिबक मीटर पानी जमीन क अदर स िनकाल रह ह जबिक कदर की तरफ स लगाए गए अनमान क मतािबक इ ह हर साल 132 अरब कयिबक मीटर पानी ही जमीन क अदर स िनकालना था इस तरह स दखा जाए तो य तीन रा य िमलकर कषमता स 30 फीसदी यादा पानी का दोहन कर रह ह जािहर ह िक िबना कछ सोच-िवचार जब इस पमान पर पराकितक ससाधन का दोहन िकया जाएगा तो परकित भी बदला लगी और वही हो रहा ह इस िरपोटर म यह भी बताया गया ह िक भारत का महज 58 फीसदी भजल ही हर साल िरचाजर हो पाता ह नासा की यह िरपोटर बताती ह िक अधाधध जल दोहन की वजह स पर उ तर पि चम भारत क भजल तर म हर साल 4 सटीमीटर यानी 16 इच की कमी आ रही ह इस अ ययन को अजाम दन म नासा क जल िवजञानी मट रोडल न अहम भिमका िनभाई ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 37 अकषय कराित

उनक हवाल स इस िरपोटर म बताया गया ह िक दश क उ तर पि चम कषतर म 2002 स 2008 क दौरान तकरीबन 109 कयिबक िकलोमीटर पानी की कमी हई ह यह मातरा िकतनी अिधक ह इसका अदाजा इसी स लगाया जा सकता ह िक यह अमिरका क सबस बड़ जलाशय लक मीड की कषमता स दगन स भी कही यादा ह अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह इस िरपोटर क मतािबक अगर अधाधध जल दोहन इसी तरह स जारी रहा तो आन वाल समय म भारत को अनाज और पानी क सकट को झलन क िलए अभी स तयार हो जाना चािहए जािहर ह िक जब जल सकट बढ़गा तो खती पर इसका गहरा परभाव पड़गा अनाज क उ पादन म कमी आएगी इस वजह स अनाज सकट पदा होगा और भख का एक नया चहरा उभरकर सामन आएगा एक बड़ा तबका जो आज भरपट भोजन कर पाता ह उसक िलए पट भर खाना िमलना मि कल हो जाएगा भखमरी की जो सम या पदा होगी उसस िफर िनपटना आसान नही होगा इसक अलावा पीन क पानी का टोटा तो होगा ही अभी ही दश क कई िह स ऐस ह जहा क लोग को पीन क िलए साफ पानी नही िमल पा रहा ह कई कषतर ऐस ह जहा गमीर क िदन म हडपप स पानी आना बद हो जाता ह वहा क लोग को हर साल बोिरग को कछ फट बढ़वाना होता ह यह सम या भजल तर क िगरत जान की वजह स ही पदा हई ह जब पीन क पानी का सकट पदा होगा तो बोतलबद पानी का कारोबार काफी तजी स बढ़गा कहन का मतलब यह िक िजसक पास पसा होगा वह अपनी यास बझा सकगा और िजसक पास पसा नही होगा उस अपनी यास बझान क िलए भी सघषर करना पड़गा ि थित की भयावहता की क पना ही िसहरन पदा करती ह भारत म दिनया का हर छठा आदमी रहता ह यानी कहा जाए तो दिनया क कल आबादी क तकरीबन सतरह फीसदी लोग भारत म रहत ह जबिक दिनया का महज साढ़ चार फीसदी पानी ही भारत म उपल ध ह ऐस म जल सम या स दो-चार होना कोई आनापिकषत बात नही ह एक बात तो तय ह िक पराकितक ससाधन म इजाफा तो नही िकया जा सकता ह लिकन इसका सरकषण अव य िकया जा सकता ह

अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह

प ठ 38 अकषय कराित

भारत म लोग िकसी एक मा यम स पयजल परा त करन पर िनभरर नही ह इस दश म 357 फीसदी लोग हडपप स 367 फीसदी लोग नल स 182 फीसदी लोग तालाब पोखर या झील स 56 फीसदी कओ स 12 फीसदी लोग पारपिरक साधन स और 26 फीसदी लोग अ य मा यम स पीन का पानी परा त करत ह इस िलहाज स अगर दखा जाए तो जल सकट को दर करन क िलए समगर कायरयोजना की ज रत ह

दरअसल भारत म गहरात जल सकट क िलए काफी हद तक पानी की बबारदी भी िज मवार ह यहा जल आपित र की यव था म काफी खािमया ह नल क जिरए घर तक पहचन वाल पानी का एक बड़ा िह सा िरस कर बबारद हो जाता ह हर शहर म फट हए आपित र पाइप आसानी स दख जा सकत ह इस बदहाल यव था क िलए सरकार क साथ-साथ सामा य लोग भी कम िज मदार नही ह एक तरफ तो सरकार पयजल क नाम पर हर साल हजार करोड़ पए का बजट बनाती ह और दसरी तरफ जमीनी तर पर हालात म कोई बदलाव नही िदखता ह सामािजक तौर पर भी जल सरकषण को लकर जाग कता का अभाव िदखता ह यह सामािजक तान-बान का ही असर ह िक लोग कही भी जल की बबारदी को दखकर उस सामा य घटना मानत हए नजरअदाज कर दत ह दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था यह अब घटकर 1800 कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर हो चका ह

दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था

प ठ 39 अकषय कराित

िवशषजञ का अनमान ह िक अगर पानी की खपत और बबारदी इसी तरह स जारी रही तो 2025 तक यह घटकर हजार कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर ही रह जाएगा उस समय तक पानी की उपल धता म आन वाली इस कमी की वजह स किष उ पादन म तीस फीसदी की कमी आन की सभावना ह इन पिरि थितय म दश की आिथरक और सामािजक ि थित का कया होगा इसका अदाजा सहज ही लगाया जा सकता ह भारत म जल सरकषण क परित आज भी आम लोग क मन म उपकषा का भाव बना हआ ह साथ ही इस कायर क िलए आव यक तकनीक की भी कमी ह जो तकनीक उपल ध ह उनस सामा य लोग अनजान ह बािरश क पानी का सगरह करक उस उपयोग म लाना एक अ छा िवक प ह पर इस तरह की कोिशश काफी सीिमत मातरा म काफी छोट तर पर हो रही ह यही वजह ह िक दश म होन वाली बािरश क पानी का अ सी फीसदी िह सा आज भी समदर म पहच जाता ह अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह अगर जल की इस िवशाल मातरा का आधा भी परयोग कर िलया जाए तो ि थित म यापक बदलाव आना तय ह शहरी कषतर म तो पानी की कालाबाजारी जोर पर ह जगह-जगह पर जल मािफया सिकरय हो गए ह िद ली क ही एक अखबार न कछ समय पहल यह बात उजागर िकया था यहा तो समानातर जल बोडर भी चलाया जा रहा ह हरानी की बात तो यह ह िक इसक बावजद भी पानी क काल धध पर अकश नही लगाया जा सका ह अहम सवाल यह ह िक कस सामा य तबक क लोग तक व छ पानी पहचाया जाए शहरी कषतर क साथ-साथ गरामीण कषतर म भी यह एक बड़ी चनौती ह आबादी म अपर यािशत विदध बढ़त शहरीकरण औ योिगकीकरण और किष उ पाद की बढ़ती माग क कारण पानी की माग िपछल कछ साल म वाभािवक प स बढ़ी ह इसक पिरणाम व प भजल ससाधन का अ यिधक दोहन हआ ह और इसका नतीजा हआ िक लगातार भजल का तर घटता जा रहा ह शहरी कषतर म ि थित बहद भयावह ह तदनसार वहा न कवल शीघराितशीघर जल ससाधन क सरकषण की ज रत ह बि क परभावी रणनीित और परबधन क जिरए त काल कदम उठान की ज रत ह

अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह

प ठ 40 अकषय कराित

खासकर इस बात को यान म ऱखकर िक िविभ न परितयोगी कषतर म कभी भी माग बढ़ सकती ह भिव य म उपयोग क िलए छत पर या सतह पर जलगरहण बनाकर वषारजल सरकषण बहद ज री ह यह पानी की बढ़ती ज रत का खयाल रखन िमटटी की नमी तर को बढ़ान शहरी हिरयाली को बढ़ान भजल तर को कितरम प स पनभररण करन और भजल की गणव ता स सधार का काम करता ह भारत म जल परबधन स दश का िवकास भारत म दिनया की 16 परितशत आबादी रहती ह लिकन दिनया क िसफर 4 परितशत जल ससाधन ही भारत क पास ह 3290000 वगर िकलोमीटर क भिम कषतर और एक अरब स यादा की आबादी क साथ भारत क एक बहलवादी िविवधता का िचतर ह िवशाल पराकितक ससाधन क साथ सप न तकनीकी और वजञािनक किमरय का भी यह दिनया म दसरा सबस बड़ा सम चय ह भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह मानव िवकास म 80 क दशक म लगभग 26 परितशत और 90 क दशक क दौरान और 24 परितशत क वारा सधार हआ ह आजादी क बाद छह दशक म भारत न जल ससाधन का अभतपवर िवकास और खा या न म आ मिनभररता शहरी कषतर ऊजार और औ योिगक कषतर और पीन का पानी क बिनयादी ढाच म तजी स िव तार दखा ह िजसका उपयोग भारत की लगभग 85 परितशत शहरी और गरामीण आबादी क वारा िकया जाता ह भारत म रा य सरकार और भारत सरकार क परितबदध और ठोस परयास की वजह स गरामीण और शहरी आबादी को सरिकषत पयजल को उपल ध करवान म काफी सफलता हािसल की ह इस उपलि ध न भजल की कमी जल जमावजल गणव ता िगरावट जल परदषण और बढ़त लवणता तर स बड़ कषतर को परभािवत िकया ह और अभी भी िविभ न रा य म गरामीण और शहरी भारत क मानव िवकास सचकाक (HDI)rsquo म बहत असमानता मौजद ह पानी क िलए कषतरीय माग तजी स बढ़ रह शहरीकरण की गित स बढ़ रही ह (अनमानत 2025 तक दश की आबादी का 50 परितशत स अिधक शहर म रहग) जनसखया विदध बढ़ती आय और औ योिगक िवकासशहरी भारत तजी स िवकास की माग क कदर क प म उभर रहा ह

भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह

प ठ 41 अकषय कराित

नतीजतन परित यिकत पानी की उपल धता िगर रही ह परधानमतरी की अ यकषता म 12वी योजना क िलए हई योजना आयोग की पणर बठक म दसर म क साथ जल परबधन पर िवशष चचार हई बठक क बाद योजना आयोग क उपा यकष म टक िसह अहलवािलया न कहा िक भ-जल कानन स लकर दसर म की यापक समीकषा ज री ह व यनाथन सिमित जहा वतरमान म भ-जल कानन की साथरकता का अ ययन करगी वही भारतीय अतिरकष अनसधान सगठन [इसरो] की मदद स पानी की उपल धता का िव तत अ ययन होगा म टक न कहा िक उसी आधार पर रणनीित तय होगी सरकार यह यान रखगी िक पानी का अिधकतम उपयोग हो सक और सभी को उपल ध हो पानी पर िकसी का एकािधकार न हो सक बतात ह िक द पयोग को रोकन क िलए श क लगान पर भी िवचार िकया जा सकता ह हालािक इसस पहल रा य सरकार स चचार होगी यह तय ह िक एआइबीपी कायरकरम म यापक बदलाव ह ग ी म टक िसह अहलवािलया न कहा िक वतरमान म इस कायरकरम का सही िकरया वयन नही हो रहा ह िलहाजा उसम पिरवतरन ज री ह सभव ह िक हर रा य म जल िनयामक परािधकरण बनान की शतर भी लगाई जाए उ ह न कहा िक जल परबधन की यापक समीकषा कर नई रणनीित तय की जाएगी कल िमलाकर रा टरीय तर पर वतरमान जल ससाधन का अिधक स अिधक करन क िलए माग को परा करन क िलए पयार त ह लिकन भिव य क अ ययन पिरयोजना ह िक जल आपित र की ि थित अगल आध सदी म अिधक किठन हो सकती ह जल सकट स िनपटन को जल सरकषण परबधन अिनवायर परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह बढ़त वि वक तापमान क फल व प अितवि ट अनावि ट अ पवि ट और असामियक वि ट हम परितवषर दख रह ह िजसका परभाव हमार जल ससाधन पर पड़ता िदखाई द रहा ह कओ व बाविडय का िमटता अि त व नदी-नाल का घटता पानी भ-गभर जल का िगरता तर िचता की पिरिध स िनकलकर खतर की घटी बनता जा रहा ह

निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह

प ठ 42 अकषय कराित

िव व भर म सीमट क अधाधध परयोग न धरातल क सहज अवशोषण कषतर को घटाया ह तथा जल बहाव भिम कटाव व बाढ़ म विदध की ह ऐसी ि थित म जल सरकषण का दािय व मातर वजञािनक व सरकार तक सीिमत न रहकर पर यक उपभोकता क कध पर आ जाता ह इसी दािय व क िनवरहन क िलए हमार पास दो िवक प सामन आत ह 1 वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई

उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

2 पािरवािरक तर पर वषार जल को सगरिहत कर उसका उपयोग कर य दोन ही परयास गरामीण कषतर म तो सरलता स अपनाए जा सकत ह परत शहरी कषतर म व ट वाटर मनजमट की बड़ी पिरयोजनाए बनाकर ही पानी को िरसाइिकल िकया जा सकता ह भ-गभर अिधकािधक जल अवशोिषत होकर

जाए इसक िलए मदानी भाग म िनयोिजत ढग स बड़-बड़ पोखर बनाकर तथा पहाड़ी कषतर म नाल -ख ड म िमटटी प थर आरसीसी क बड़-छोट डम लगाकर जल बहाव रोक भ-सरकषण बचाव व जल भडारण और धरातल जल शोषण कषतर बढ़ाया जा सकता ह िव व बक भारत सरकार वारा म य िहमालय जलागम पिरयोजना रा य क भ-सरकषण िवभाग इस कषतर म कारगर उपाय लकर

हमार सामन ह परत जनसहयोग क िबना इन पिरयोजनाओ क आशातीत पिरणाम ल पाना किठन ह वकषारोपण इस सपणर जल चकर को बल दन वाला कारक ह जल क परित चतना जागत न हई तो अव य ही अगल िव व यदध का कारण जल ही होगा

जल भोजन ह और अिगन भोजन का भकषक ह अिगन जल म और जल अिगन म िव यमान ह

- ततरीय उपिनषद 38

वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

प ठ 43 अकषय कराित

म भी गान गा सकता ह शबनम क िखलत फल क म भी गीत सना सकता ह सावन क म त झल क लिकन जब घर-घर म बादल छाय घोर िनराशा क तब म नगम गा रहा ह उ मीद की आशा क

सड़क पर खड़ बचपन की य बात सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह

हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

इस बदलत पिरवश का राग सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

गाधी जी क सपन का जो राम-रा य कहलाता ह उस भारत म सड़क पर छोट चाय पहचाता ह

कहा गई वो अ हड़ म ती कहा गया वो यार का रा ता उन हाथ स बचत झड िजन हाथ को चािहए ब ता

उस सोन की िचिड़या की म बात बतान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

कही बम की गमर हवाए कही ससद म कोहराम ह कही होत घोटाल स परशान आदमी आम ह

कही कल की िकलकारी ह कही सड़क पर बचपन ह कही चलता नही गजारा कही िवदश म काला धन ह

म स चाई गा-गाकर सबको बतलान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

बदलता भारत मनीष लाल इरडा

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

प ठ 44 अकषय कराित

करन वाल काम बहत ह यथर उलझन को छोड़ो म ला-पिड़त तोड़ रह ह तम बस lsquoअपन को जोड़ो

lsquoहम बदलग-यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का lsquoवद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का

वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हम बदलग mdash यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का वद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

प ठ 45 अकषय कराित

िसफर काला और सफ़द य ही वो दो रग थ जो तर पास सि ट बनान क आधार थ

काला वो जो कािलमा िलय ह िजस कहत ह दख िनराशा म य अपयश और वो सबकछ जो नकारा मक ह

मगर सफद ह वो रग िजसस जड़ा ह जीवन आशा सख और कीितर और वो सब कछ जो सकारा मक ह पर इन रग स तझ चन ना िमला त सोचन लगा अगर सि ट बनानी ह

तो िकस िलए- ससगर और परम क िलए और

इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग

ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह

बस- बना डाला तन इ दरधनष

जो बरसात क बाद सरज और प वी क अनपम परम को रग दता ह सतरगी रग स

और उ ही सतरगी इ दरधनषी रग म हम हर पल हर कषण डबत गहरात इतरात रहत ह

और खिशय भर ससार म हर रग को अलग-अलग तरह स महसस करक जीत रहत ह

रग तो रग ह मगर-

ससगर और परम क िलए और इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह बस-

सतरगी िचतर सगीता ीवा तव इरडा

प ठ 46 अकषय कराित

कभी पक क कभी फीक़ तो कछ कभी दाग बनकर उभर आत ह

कछ आख म नील बादल स छाए रहत ह तो कछ गाल पर गलाबी रग बनकर छलक जात ह

याद रहत ह अक सर वो रग- जो खदी पर इस तरह छा जात ह िक खद म घलकर खद क होन

का एहसास दत-दत खद का एक रग बन जात ह

बगनी आसामनी नीला हरा पीला नारगी लाल इ दरधनष क य सात रग ही जोड़त ह हमार िदल को

हमार मन को जोड़न वाल इन रग की सतरगी दिनया म-

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा बनाय

और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क

सतरगी िचतर

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा

बनाय और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क सतरगी िचतर

िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी

एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया नतीजा मर समकष था

प ठ 30 अकषय कराित

हावड़ा िबरज पर हर तरफ लोग का जमावड़ा था इतन लोग दख िद ली क चादनी चौक की याद आ गयी ऐसा लगा मानो म 50 साल पीछ िकसी लक एव वाईट दिनया म कदम रख चकी थी िबरज क दोन तरफ सामान बचत हए दकानदार िखलौन मछली रख हए औरत एव छोट-छोट ब च मख य शहर स हावड़ा जान वाल आम आदमी मजदर की तज़ र तार फरी स र ता पार करन वाल यापारी इन सब को दख लगा कोलकाता म मबई जसी भागम भाग भी थी िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया नतीजा मर समकष था जस-जस म कोलकाता शहर क भीतर आन लगी मझ इस शहर क िवकास की झलक िदखाई दी एक तरफ थी ऊची ईमारत सदर िवशाल िव यासागर सत पल बड़-बड़ होटल माल कोलकाता उ च यायालय राईटसर िबि डग मशहर इडन गाडरन टिडयम इ यािद तो दसरी तरफ था िवक टोिरया ममोिरयल अगरज की वा तकला क अनसार िदखती लाल ईटो की इमारत िवक टोिरयल सरचनाए भवन छोटी-छोटी पटिरय पर समान बचत नया बाज़ार (New Market) क दकानदार एव िवक टोिरया ममोिरयल क बाहर चलत सलािनय क िलए रथ वाल घोड़ हमारा होटल जसीबोस सड़क पर ि थत था एव सिवधाओ स भरपर था पर त मन य जाना िक असली कोलकाता का मज़ा गाड़ी म नही अथवा िरक शा ऑटो तथा साल स चलती आ रही सड़क पर टराम म था

हर तरफ मझ पील रग की टिक सया िदखाई दी सब एक समान थी तथा मरसीडीज़ गाड़ी क बगल म चलती 1-2 पय म सफ़र की जान वाली टराम भी साथ िदखाई दी परी िजदगी िद ली म यतीत करन क बाद हर नए शहर का रहन-सहन बोल-चाल रीित-िरवाज़ जानन की जाग कता मझम हमशा रही पहल ही िदन स कोलकाता मझ रास आया जस िक कहत ह lsquoकोलकाता हमार खब भाला लागली छ rsquo कहन का ता पयर य िक मझ कोलकाता बहत अ छा लगा पहल िदन िक शाम को हमन य मािकर ट म खरीददारी करन का मन बनाया म हरान थी िक वहा चीज िकतनी स ती िमल रही थी िद ली क मतािबक एक ितहाई दाम पर चिडया गहन बग जत कत इ यािद िमल

िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया

प ठ 31 अकषय कराित य मािकर ट िद ली क लाजपत एव सरोिजनी नगर समान ह कम

दाम म अ छा समान िमला कोलकाता चमड़ क िलए भी मशहर ह एव परिसदध ी लदसर दकान भी इस बाज़ार म ि थत ह यहा खरीदारी का हमन खब ल फ़ उठाया

अगल िदन हम हि दया पोटर गए एव अनक जहाज़ दख 3-4 घट की दरी पर ि थत यह पोटर अनक एकड़ म फला हआ था पहली बार इतन बड़ जहाज़ को अदर स दख खब आनद आया तीसर िदन हम काली बाड़ी मिदर गए बगाली अ यत पाठ-पजा वाल दगार मा क स च उपासक ह यह सब जानत ह दगार पजा इनका लोकिपरय उ सव ह तथा काली मा एव दगार मा की स च मन स पजा करत ह कोलकाता क िनवासी भिक त भावपणर ह यह सना था अब खद दख भी िलया बगाली र म स पजा करन का य मौका अ यत आनदमयी था इसक अलावा काली बाड़ी क नज़दीक ही ि थत ह गौिरहाट बाज़ार यहा की दकान बगाली सािड़या कपड़ सट कत इ यािद क िलए परिसदध ह आिद धक तशवर नामक मशहर दकान म जाकर मरा भी मन िकया िक म भी खरीददारी क मर सािथय न बहत सािड़या खरीदी एव दाम दखकर म दग रह गई सदर स सदर साड़ी मातर 600700 पय की थी मन बगाल की मशहर लाल एव सफद िपरट की साड़ी भी खरीदी कोलकाता म खरीददारी का अलग की मज़ा ह उसी िदन शाम हम सा ट लक िसटी मॉल गए वह सा ट लक टिडयम क नज़दीक ह यहा िदखाई िदया कोलकाता का परगितशील प नौजवान फटबाल की जसीर पहन माल म घम रह थ एक स एक

मशहर बरड वहा मौजद थ इसक अलावा कोलकाता क िनवासी खब मनोरजन क शौक़ीन ह सगीत नाच गाना इ यादी म िच रखत ह कोलकाता म जगह-जगह सगीत कला अकडमी तथा पढ़न (रीिडग) क क लब ह अगरज क शौक तथा रहन-सहन की झलक आज भी यहा िदखती ह यहा क नौजवान को खल-कद म भी खब िदलच पी ह फटबाल का तो जस यहॉ सबको जनन ह

भारत क परिसदध मोहन बगान फटबाल क लब फटबाल क वहा क नौजवान ही नही परा शहर ही दीवाना ह भारत-पाक मच हो या आई पी एल इडन गाडरन मदान लोग स खचा-खच भरा रहता ह अफ़सोस म वहा अदर जा न सकी

इसक अलावा काली बाड़ी क नज़दीक ही ि थत ह गौिरहाट बाज़ार यहा की दकान बगाली सािडया कपड़ सट कत इ यािद क िलए परिसदध ह

प ठ 32 अकषय कराित

मर सफर क आखरी िदन म मन कोलकाता क लोग म एकता क नजार दख िविभ नता म भी एकता का उदाहरण दखा चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख िजस िदन हम कोलकाता पहच थ उसी िदन वहा शहर बद था और मन एक जट होकर लोग को अपनी बात कहत हए दखा एव सना यहा क लोग अपन शहर क िवकास बहतरी क िलए जाग क ह िज मदारी लत ह तथा सरकार को अपनी बात भली-भाित कहत ह लड़िकय औरत की इ ज़त करत ह एव यहा िक मिहलाओ को मन िनदरलीय पाया जहा एक ओर भारत की राजधानी होन क बावजद िद ली वाल अपनी िजदगी म मगन रहत ह वही दसरी और कोलकाता म अमीरी-गरीबी िभ न जाितय म भी एक जटता ह कपड़ा एव खाना आज भी यहा खब स ता िमलता ह पर त दसरी तरफ सब जानत ह िक बड़-बड़ उ योगपित िव वान लखक िखलाड़ी गायक अिभनता िनदशक यहा स उभर ह सािह य हो या लख बॉलीवड हो या िकरकट बगाल न भारत को अनक नाम एव गौरव िदए ह चाह सौरव दादा हो या रिव दर नाथ टगोर ममता बनजीर रानी मखजीर हो या योित बस भारत म इनकी भिमका का वणरन करन की ज रत नही

मन कछ िदन क कोलकाता क सफर म इस शहर को जानन समझन का परयास िकया हगली नदी क िकनार खड़ होकर समदर को दखा निदय को िनहारा िव यासागर सत िबरज की सदरता िवशालता को सराहा क सी दास की परिसदध िमठाई का ल फ उठाया मन बहत शहर घम पर त यह सफर मर िलए सबस यादगार रहा कोलकाता परगित क मागर पर िनरतर बढ़ रहा ह पर त आज भी वह अपनी जड़ नितक म य को नही भला ह एक आम आदमी आज भी टराम म या फरी स सफर करता ह यहा क िनवासी दो पय स लकर 500 ० का खाना खात ह पराना एव नया कोलकाता एक साथ जीिवत ह िसक क क दो पहल की तरह कोलकाता क यह दो प को एक साथ रहत दख बहत आनद आया

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 33 अकषय कराित

जल परकित का अनपम उपहार ह मानव जाित अपन परादभारवकाल स ही इस उपहार का उपयोग अपन िहत क िलए करती आई ह जल वह पराकितक उपहार ह िजसका कोई िवक प नही ह इसिलए जल को अमतया जीवन भी कहा गया ह जल क िबना जीवन की सभावना भी नही ह पर यकष प स तो जल की मानवीय आव यकता सीिमत ह परत परोकष आव यकताओ पर नजर डाल तो दिनक जीवन की आव यकताए जस अ न फल स जी दध स लकर हमार पहराव आवास तक सब जल स जड़ हजल का जरा भी सतलन िबगड़ जाए तो जीवन यापन क टपरद होन म दर नही परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह जल क सामा य त य जल या पानी एक आम रासायिनक पदाथर ह जो जीवन क सभी जञात प क जीिवत रहन क िलए ज री ह आमतौर पर जल अपनी दरव अव था म उपयोग म लाया जाता ह पर यह ठोस अव था बफर और गस अव था जल वा प या भाप प म भी पाया जाता ह प वी क लगभग तीन चौथाई िह स पर िव व क महासागर का अिधकार ह अनमानत प वी पर जल की कल मातरा लगभग 1400 िमिलयन घन िकलोमीटर ह जो िक प वी पर 3000 मीटर गहरी परत िबछा दन क िलए काफी ह तथािप जल की इस िवशाल मातरा म व छ जल का अनपात बहत कम ह प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह शष जल झील निदय वायम डल नमी मदा और वन पित म मौजद ह जल की जो मातरा उपभोग और अ य परयोग क िलए व ततः उपल ध ह वह निदय झील और भजल म उपल ध मातरा का छोटा-सा िह सा ह इसिलए जल ससाधन िवकास और परब ध की बाबत सकट इसिलए उ प न होता ह कय िक अिधकाश जल उपभोग क िलए उपल ध नही हो पाता

परभावी जल परबधन और दश का िवकास

दीपक आहजा ओएनजीसी िवदश

प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह

प ठ 34 अकषय कराित

और दसर इसका िवषमतापणर थािनक िवतरण इसकी एक अ य िविश टता ह फलतः जल का मह व वीकार िकया गया ह और इसक िकफायती परयोग तथा परब ध पर अिधक बल िदया गया ह प वी पर उपल ध जल जल-चकर क मा यम स चलायमान ह जल लगातार एक चकर म घमता रहता ह िजस जलचकर कहत ह इसम वा पीकरण वषार और बह कर सागर म पहचना शािमल ह हवा जल वा प को थल क ऊपर उसी दर स उड़ा ल जाती ह िजस गित स यह बहकर सागर म पहचाता ह जल चकर का िचतर नीच पर तत िकया गया ह

अिधकाश उपभोकताओ जस िक मन य पशओ अथवा पौध क िलए जल क सचलन की ज रत होती ह जल ससाधन की गितशील और नवीकरणीय परकित और इसक परयोग की बार बार ज रत को ि टगत रखत हए यह ज री ह िक जल ससाधन को उनकी परवाह दर क अनसार मापा जाए इस परकार जल ससाधन क दो पहल ह अिधकाश िवकासा मक ज रत क िलए परवाह क प म मािपत गितशील ससाधन अिधक परासिगक ह आरिकषत भ डार की ि थर अथवा िनयत परकित और साथ ही जल की मातरा तथा जल िनकाय क कषतर की ल बाई व म यपालन नौ सचालन आिद जस कछक िकरयाकलाप क िलए भी परासिगक ह

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 35 अकषय कराित

जल का यय अप यय जल क बार म एक नही कई च कान वाल त य ह िव व म और िवशष प स भारत म जल िकस परकार न ट होता ह इस िवषय म जो त य सामन आए ह उस पर जाग कता स यान दकर जल क अप यय को रोका जा सकता ह अनक त य ऐस ह जो हम आन वाल ख़तर स तो सावधान करत ही ह दसर स पररणा लन क िलए परो सािहत करत ह और पानी क मह व व इसक अनजान ोत की जानकारी भी दत ह प वी पर पदा होन वाली सभी वन पितया स भी हम पानी िमलता ह

आल और अनानास म 80 परितशत और टमाटर म 95 परितशत पानी ह पीन क िलए मानव को परितिदन 3 लीटर और पशओ को 50 लीटर पानी

चािहए भारत म 83 परितशत पानी खती और िसचाई क िलए उपयोग िकया जाता

ह इज़राइल म औसतन मातर 10 सटीमीटर वषार होती ह इस वषार स वह

इतना अनाज पदा कर लता ह िक वह उसका िनयारत कर सकता ह दसरी ओर भारत म औसतन 50 सटीमीटर स भी अिधक वषार होन क बावजद अनाज की कमी बनी रहती ह

िपछल 50 वष म जल क िलए 37 भीषण ह याकाड हए ह भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल

चलती ह पानी ज य रोग स िव व म हर वषर 22 लाख लोग की मौत हो जाती ह यिद बरश करत समय नल खला रह गया ह तो पाच िमनट म करीब 25

स 30 लीटर पानी बरबाद होता ह बाथ टब म नहात समय 300 स 500 लीटर पानी खचर होता ह जबिक

सामा य प स नहान म 100 स 150 लीटर पानी खचर होता ह िव व म परित 10 यिकतय म स 2 यिकतय को पीन का शदध पानी

नही िमल पाता ह परित वषर 6 अरब लीटर बोतल पक पानी मन य वारा पीन क िलए

परयकत िकया जाता ह मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 36 अकषय कराित

िद ली मबई और च नई जस महानगर म पाइप लाइन क वॉ व की खराबी क कारण रोज़ 14 स 44 परितशत पानी बकार बह जाता ह

निदया पानी का सबस बड़ा ोत ह जहा एक ओर निदय म बढ़त परदषण रोकन क िलए िवशषजञ उपाय खोज रह ह वही कल कारखान स बहत हए रसायन उ ह भारी मातरा म दिषत कर रह ह

भारत म जल सकट नासा की एक िरपोटर न पानी को लकर दश भर म बढ़ती जा रही लापरवाही क परित आख खोली ह इस िरपोटर म भारत म सख की ि थित पदा होन क िलए िज मवार कारण म स एक अहम कारण अधाधध जल दोहन को बताया गया ह बतात चल िक दश भर क 604 िजल म स 161 सख की मार झल रह ह वस अब बताया जा रहा ह िक सख की मार स बहाल िजल की सखया बढ़कर 246 हो गई ह यानी कहा जाए तो आधा दश सख की चपट म ह बहरहाल नासा की इस िरपोटर म बताया गया ह िक भारत क कई रा य कषमता स यादा जल दोहन कर रह ह यहा कषमता स ता पयर यह ह िक उनस िजतन सलाना जल दोहन की उ मीद कदर करती ह व उसस कही यादा जल दोहन कर रह ह नासा न यह अ ययन 2002 स 2008 क बीच

की ि थितय क आधार पर िकया ह इस िरपोटर म बताया गया ह िक पजाब हिरयाणा और राज थान हर साल औसतन 177 अरब कयिबक मीटर पानी जमीन क अदर स िनकाल रह ह जबिक कदर की तरफ स लगाए गए अनमान क मतािबक इ ह हर साल 132 अरब कयिबक मीटर पानी ही जमीन क अदर स िनकालना था इस तरह स दखा जाए तो य तीन रा य िमलकर कषमता स 30 फीसदी यादा पानी का दोहन कर रह ह जािहर ह िक िबना कछ सोच-िवचार जब इस पमान पर पराकितक ससाधन का दोहन िकया जाएगा तो परकित भी बदला लगी और वही हो रहा ह इस िरपोटर म यह भी बताया गया ह िक भारत का महज 58 फीसदी भजल ही हर साल िरचाजर हो पाता ह नासा की यह िरपोटर बताती ह िक अधाधध जल दोहन की वजह स पर उ तर पि चम भारत क भजल तर म हर साल 4 सटीमीटर यानी 16 इच की कमी आ रही ह इस अ ययन को अजाम दन म नासा क जल िवजञानी मट रोडल न अहम भिमका िनभाई ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 37 अकषय कराित

उनक हवाल स इस िरपोटर म बताया गया ह िक दश क उ तर पि चम कषतर म 2002 स 2008 क दौरान तकरीबन 109 कयिबक िकलोमीटर पानी की कमी हई ह यह मातरा िकतनी अिधक ह इसका अदाजा इसी स लगाया जा सकता ह िक यह अमिरका क सबस बड़ जलाशय लक मीड की कषमता स दगन स भी कही यादा ह अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह इस िरपोटर क मतािबक अगर अधाधध जल दोहन इसी तरह स जारी रहा तो आन वाल समय म भारत को अनाज और पानी क सकट को झलन क िलए अभी स तयार हो जाना चािहए जािहर ह िक जब जल सकट बढ़गा तो खती पर इसका गहरा परभाव पड़गा अनाज क उ पादन म कमी आएगी इस वजह स अनाज सकट पदा होगा और भख का एक नया चहरा उभरकर सामन आएगा एक बड़ा तबका जो आज भरपट भोजन कर पाता ह उसक िलए पट भर खाना िमलना मि कल हो जाएगा भखमरी की जो सम या पदा होगी उसस िफर िनपटना आसान नही होगा इसक अलावा पीन क पानी का टोटा तो होगा ही अभी ही दश क कई िह स ऐस ह जहा क लोग को पीन क िलए साफ पानी नही िमल पा रहा ह कई कषतर ऐस ह जहा गमीर क िदन म हडपप स पानी आना बद हो जाता ह वहा क लोग को हर साल बोिरग को कछ फट बढ़वाना होता ह यह सम या भजल तर क िगरत जान की वजह स ही पदा हई ह जब पीन क पानी का सकट पदा होगा तो बोतलबद पानी का कारोबार काफी तजी स बढ़गा कहन का मतलब यह िक िजसक पास पसा होगा वह अपनी यास बझा सकगा और िजसक पास पसा नही होगा उस अपनी यास बझान क िलए भी सघषर करना पड़गा ि थित की भयावहता की क पना ही िसहरन पदा करती ह भारत म दिनया का हर छठा आदमी रहता ह यानी कहा जाए तो दिनया क कल आबादी क तकरीबन सतरह फीसदी लोग भारत म रहत ह जबिक दिनया का महज साढ़ चार फीसदी पानी ही भारत म उपल ध ह ऐस म जल सम या स दो-चार होना कोई आनापिकषत बात नही ह एक बात तो तय ह िक पराकितक ससाधन म इजाफा तो नही िकया जा सकता ह लिकन इसका सरकषण अव य िकया जा सकता ह

अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह

प ठ 38 अकषय कराित

भारत म लोग िकसी एक मा यम स पयजल परा त करन पर िनभरर नही ह इस दश म 357 फीसदी लोग हडपप स 367 फीसदी लोग नल स 182 फीसदी लोग तालाब पोखर या झील स 56 फीसदी कओ स 12 फीसदी लोग पारपिरक साधन स और 26 फीसदी लोग अ य मा यम स पीन का पानी परा त करत ह इस िलहाज स अगर दखा जाए तो जल सकट को दर करन क िलए समगर कायरयोजना की ज रत ह

दरअसल भारत म गहरात जल सकट क िलए काफी हद तक पानी की बबारदी भी िज मवार ह यहा जल आपित र की यव था म काफी खािमया ह नल क जिरए घर तक पहचन वाल पानी का एक बड़ा िह सा िरस कर बबारद हो जाता ह हर शहर म फट हए आपित र पाइप आसानी स दख जा सकत ह इस बदहाल यव था क िलए सरकार क साथ-साथ सामा य लोग भी कम िज मदार नही ह एक तरफ तो सरकार पयजल क नाम पर हर साल हजार करोड़ पए का बजट बनाती ह और दसरी तरफ जमीनी तर पर हालात म कोई बदलाव नही िदखता ह सामािजक तौर पर भी जल सरकषण को लकर जाग कता का अभाव िदखता ह यह सामािजक तान-बान का ही असर ह िक लोग कही भी जल की बबारदी को दखकर उस सामा य घटना मानत हए नजरअदाज कर दत ह दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था यह अब घटकर 1800 कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर हो चका ह

दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था

प ठ 39 अकषय कराित

िवशषजञ का अनमान ह िक अगर पानी की खपत और बबारदी इसी तरह स जारी रही तो 2025 तक यह घटकर हजार कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर ही रह जाएगा उस समय तक पानी की उपल धता म आन वाली इस कमी की वजह स किष उ पादन म तीस फीसदी की कमी आन की सभावना ह इन पिरि थितय म दश की आिथरक और सामािजक ि थित का कया होगा इसका अदाजा सहज ही लगाया जा सकता ह भारत म जल सरकषण क परित आज भी आम लोग क मन म उपकषा का भाव बना हआ ह साथ ही इस कायर क िलए आव यक तकनीक की भी कमी ह जो तकनीक उपल ध ह उनस सामा य लोग अनजान ह बािरश क पानी का सगरह करक उस उपयोग म लाना एक अ छा िवक प ह पर इस तरह की कोिशश काफी सीिमत मातरा म काफी छोट तर पर हो रही ह यही वजह ह िक दश म होन वाली बािरश क पानी का अ सी फीसदी िह सा आज भी समदर म पहच जाता ह अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह अगर जल की इस िवशाल मातरा का आधा भी परयोग कर िलया जाए तो ि थित म यापक बदलाव आना तय ह शहरी कषतर म तो पानी की कालाबाजारी जोर पर ह जगह-जगह पर जल मािफया सिकरय हो गए ह िद ली क ही एक अखबार न कछ समय पहल यह बात उजागर िकया था यहा तो समानातर जल बोडर भी चलाया जा रहा ह हरानी की बात तो यह ह िक इसक बावजद भी पानी क काल धध पर अकश नही लगाया जा सका ह अहम सवाल यह ह िक कस सामा य तबक क लोग तक व छ पानी पहचाया जाए शहरी कषतर क साथ-साथ गरामीण कषतर म भी यह एक बड़ी चनौती ह आबादी म अपर यािशत विदध बढ़त शहरीकरण औ योिगकीकरण और किष उ पाद की बढ़ती माग क कारण पानी की माग िपछल कछ साल म वाभािवक प स बढ़ी ह इसक पिरणाम व प भजल ससाधन का अ यिधक दोहन हआ ह और इसका नतीजा हआ िक लगातार भजल का तर घटता जा रहा ह शहरी कषतर म ि थित बहद भयावह ह तदनसार वहा न कवल शीघराितशीघर जल ससाधन क सरकषण की ज रत ह बि क परभावी रणनीित और परबधन क जिरए त काल कदम उठान की ज रत ह

अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह

प ठ 40 अकषय कराित

खासकर इस बात को यान म ऱखकर िक िविभ न परितयोगी कषतर म कभी भी माग बढ़ सकती ह भिव य म उपयोग क िलए छत पर या सतह पर जलगरहण बनाकर वषारजल सरकषण बहद ज री ह यह पानी की बढ़ती ज रत का खयाल रखन िमटटी की नमी तर को बढ़ान शहरी हिरयाली को बढ़ान भजल तर को कितरम प स पनभररण करन और भजल की गणव ता स सधार का काम करता ह भारत म जल परबधन स दश का िवकास भारत म दिनया की 16 परितशत आबादी रहती ह लिकन दिनया क िसफर 4 परितशत जल ससाधन ही भारत क पास ह 3290000 वगर िकलोमीटर क भिम कषतर और एक अरब स यादा की आबादी क साथ भारत क एक बहलवादी िविवधता का िचतर ह िवशाल पराकितक ससाधन क साथ सप न तकनीकी और वजञािनक किमरय का भी यह दिनया म दसरा सबस बड़ा सम चय ह भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह मानव िवकास म 80 क दशक म लगभग 26 परितशत और 90 क दशक क दौरान और 24 परितशत क वारा सधार हआ ह आजादी क बाद छह दशक म भारत न जल ससाधन का अभतपवर िवकास और खा या न म आ मिनभररता शहरी कषतर ऊजार और औ योिगक कषतर और पीन का पानी क बिनयादी ढाच म तजी स िव तार दखा ह िजसका उपयोग भारत की लगभग 85 परितशत शहरी और गरामीण आबादी क वारा िकया जाता ह भारत म रा य सरकार और भारत सरकार क परितबदध और ठोस परयास की वजह स गरामीण और शहरी आबादी को सरिकषत पयजल को उपल ध करवान म काफी सफलता हािसल की ह इस उपलि ध न भजल की कमी जल जमावजल गणव ता िगरावट जल परदषण और बढ़त लवणता तर स बड़ कषतर को परभािवत िकया ह और अभी भी िविभ न रा य म गरामीण और शहरी भारत क मानव िवकास सचकाक (HDI)rsquo म बहत असमानता मौजद ह पानी क िलए कषतरीय माग तजी स बढ़ रह शहरीकरण की गित स बढ़ रही ह (अनमानत 2025 तक दश की आबादी का 50 परितशत स अिधक शहर म रहग) जनसखया विदध बढ़ती आय और औ योिगक िवकासशहरी भारत तजी स िवकास की माग क कदर क प म उभर रहा ह

भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह

प ठ 41 अकषय कराित

नतीजतन परित यिकत पानी की उपल धता िगर रही ह परधानमतरी की अ यकषता म 12वी योजना क िलए हई योजना आयोग की पणर बठक म दसर म क साथ जल परबधन पर िवशष चचार हई बठक क बाद योजना आयोग क उपा यकष म टक िसह अहलवािलया न कहा िक भ-जल कानन स लकर दसर म की यापक समीकषा ज री ह व यनाथन सिमित जहा वतरमान म भ-जल कानन की साथरकता का अ ययन करगी वही भारतीय अतिरकष अनसधान सगठन [इसरो] की मदद स पानी की उपल धता का िव तत अ ययन होगा म टक न कहा िक उसी आधार पर रणनीित तय होगी सरकार यह यान रखगी िक पानी का अिधकतम उपयोग हो सक और सभी को उपल ध हो पानी पर िकसी का एकािधकार न हो सक बतात ह िक द पयोग को रोकन क िलए श क लगान पर भी िवचार िकया जा सकता ह हालािक इसस पहल रा य सरकार स चचार होगी यह तय ह िक एआइबीपी कायरकरम म यापक बदलाव ह ग ी म टक िसह अहलवािलया न कहा िक वतरमान म इस कायरकरम का सही िकरया वयन नही हो रहा ह िलहाजा उसम पिरवतरन ज री ह सभव ह िक हर रा य म जल िनयामक परािधकरण बनान की शतर भी लगाई जाए उ ह न कहा िक जल परबधन की यापक समीकषा कर नई रणनीित तय की जाएगी कल िमलाकर रा टरीय तर पर वतरमान जल ससाधन का अिधक स अिधक करन क िलए माग को परा करन क िलए पयार त ह लिकन भिव य क अ ययन पिरयोजना ह िक जल आपित र की ि थित अगल आध सदी म अिधक किठन हो सकती ह जल सकट स िनपटन को जल सरकषण परबधन अिनवायर परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह बढ़त वि वक तापमान क फल व प अितवि ट अनावि ट अ पवि ट और असामियक वि ट हम परितवषर दख रह ह िजसका परभाव हमार जल ससाधन पर पड़ता िदखाई द रहा ह कओ व बाविडय का िमटता अि त व नदी-नाल का घटता पानी भ-गभर जल का िगरता तर िचता की पिरिध स िनकलकर खतर की घटी बनता जा रहा ह

निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह

प ठ 42 अकषय कराित

िव व भर म सीमट क अधाधध परयोग न धरातल क सहज अवशोषण कषतर को घटाया ह तथा जल बहाव भिम कटाव व बाढ़ म विदध की ह ऐसी ि थित म जल सरकषण का दािय व मातर वजञािनक व सरकार तक सीिमत न रहकर पर यक उपभोकता क कध पर आ जाता ह इसी दािय व क िनवरहन क िलए हमार पास दो िवक प सामन आत ह 1 वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई

उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

2 पािरवािरक तर पर वषार जल को सगरिहत कर उसका उपयोग कर य दोन ही परयास गरामीण कषतर म तो सरलता स अपनाए जा सकत ह परत शहरी कषतर म व ट वाटर मनजमट की बड़ी पिरयोजनाए बनाकर ही पानी को िरसाइिकल िकया जा सकता ह भ-गभर अिधकािधक जल अवशोिषत होकर

जाए इसक िलए मदानी भाग म िनयोिजत ढग स बड़-बड़ पोखर बनाकर तथा पहाड़ी कषतर म नाल -ख ड म िमटटी प थर आरसीसी क बड़-छोट डम लगाकर जल बहाव रोक भ-सरकषण बचाव व जल भडारण और धरातल जल शोषण कषतर बढ़ाया जा सकता ह िव व बक भारत सरकार वारा म य िहमालय जलागम पिरयोजना रा य क भ-सरकषण िवभाग इस कषतर म कारगर उपाय लकर

हमार सामन ह परत जनसहयोग क िबना इन पिरयोजनाओ क आशातीत पिरणाम ल पाना किठन ह वकषारोपण इस सपणर जल चकर को बल दन वाला कारक ह जल क परित चतना जागत न हई तो अव य ही अगल िव व यदध का कारण जल ही होगा

जल भोजन ह और अिगन भोजन का भकषक ह अिगन जल म और जल अिगन म िव यमान ह

- ततरीय उपिनषद 38

वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

प ठ 43 अकषय कराित

म भी गान गा सकता ह शबनम क िखलत फल क म भी गीत सना सकता ह सावन क म त झल क लिकन जब घर-घर म बादल छाय घोर िनराशा क तब म नगम गा रहा ह उ मीद की आशा क

सड़क पर खड़ बचपन की य बात सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह

हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

इस बदलत पिरवश का राग सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

गाधी जी क सपन का जो राम-रा य कहलाता ह उस भारत म सड़क पर छोट चाय पहचाता ह

कहा गई वो अ हड़ म ती कहा गया वो यार का रा ता उन हाथ स बचत झड िजन हाथ को चािहए ब ता

उस सोन की िचिड़या की म बात बतान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

कही बम की गमर हवाए कही ससद म कोहराम ह कही होत घोटाल स परशान आदमी आम ह

कही कल की िकलकारी ह कही सड़क पर बचपन ह कही चलता नही गजारा कही िवदश म काला धन ह

म स चाई गा-गाकर सबको बतलान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

बदलता भारत मनीष लाल इरडा

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

प ठ 44 अकषय कराित

करन वाल काम बहत ह यथर उलझन को छोड़ो म ला-पिड़त तोड़ रह ह तम बस lsquoअपन को जोड़ो

lsquoहम बदलग-यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का lsquoवद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का

वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हम बदलग mdash यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का वद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

प ठ 45 अकषय कराित

िसफर काला और सफ़द य ही वो दो रग थ जो तर पास सि ट बनान क आधार थ

काला वो जो कािलमा िलय ह िजस कहत ह दख िनराशा म य अपयश और वो सबकछ जो नकारा मक ह

मगर सफद ह वो रग िजसस जड़ा ह जीवन आशा सख और कीितर और वो सब कछ जो सकारा मक ह पर इन रग स तझ चन ना िमला त सोचन लगा अगर सि ट बनानी ह

तो िकस िलए- ससगर और परम क िलए और

इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग

ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह

बस- बना डाला तन इ दरधनष

जो बरसात क बाद सरज और प वी क अनपम परम को रग दता ह सतरगी रग स

और उ ही सतरगी इ दरधनषी रग म हम हर पल हर कषण डबत गहरात इतरात रहत ह

और खिशय भर ससार म हर रग को अलग-अलग तरह स महसस करक जीत रहत ह

रग तो रग ह मगर-

ससगर और परम क िलए और इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह बस-

सतरगी िचतर सगीता ीवा तव इरडा

प ठ 46 अकषय कराित

कभी पक क कभी फीक़ तो कछ कभी दाग बनकर उभर आत ह

कछ आख म नील बादल स छाए रहत ह तो कछ गाल पर गलाबी रग बनकर छलक जात ह

याद रहत ह अक सर वो रग- जो खदी पर इस तरह छा जात ह िक खद म घलकर खद क होन

का एहसास दत-दत खद का एक रग बन जात ह

बगनी आसामनी नीला हरा पीला नारगी लाल इ दरधनष क य सात रग ही जोड़त ह हमार िदल को

हमार मन को जोड़न वाल इन रग की सतरगी दिनया म-

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा बनाय

और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क

सतरगी िचतर

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा

बनाय और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क सतरगी िचतर

प ठ 31 अकषय कराित य मािकर ट िद ली क लाजपत एव सरोिजनी नगर समान ह कम

दाम म अ छा समान िमला कोलकाता चमड़ क िलए भी मशहर ह एव परिसदध ी लदसर दकान भी इस बाज़ार म ि थत ह यहा खरीदारी का हमन खब ल फ़ उठाया

अगल िदन हम हि दया पोटर गए एव अनक जहाज़ दख 3-4 घट की दरी पर ि थत यह पोटर अनक एकड़ म फला हआ था पहली बार इतन बड़ जहाज़ को अदर स दख खब आनद आया तीसर िदन हम काली बाड़ी मिदर गए बगाली अ यत पाठ-पजा वाल दगार मा क स च उपासक ह यह सब जानत ह दगार पजा इनका लोकिपरय उ सव ह तथा काली मा एव दगार मा की स च मन स पजा करत ह कोलकाता क िनवासी भिक त भावपणर ह यह सना था अब खद दख भी िलया बगाली र म स पजा करन का य मौका अ यत आनदमयी था इसक अलावा काली बाड़ी क नज़दीक ही ि थत ह गौिरहाट बाज़ार यहा की दकान बगाली सािड़या कपड़ सट कत इ यािद क िलए परिसदध ह आिद धक तशवर नामक मशहर दकान म जाकर मरा भी मन िकया िक म भी खरीददारी क मर सािथय न बहत सािड़या खरीदी एव दाम दखकर म दग रह गई सदर स सदर साड़ी मातर 600700 पय की थी मन बगाल की मशहर लाल एव सफद िपरट की साड़ी भी खरीदी कोलकाता म खरीददारी का अलग की मज़ा ह उसी िदन शाम हम सा ट लक िसटी मॉल गए वह सा ट लक टिडयम क नज़दीक ह यहा िदखाई िदया कोलकाता का परगितशील प नौजवान फटबाल की जसीर पहन माल म घम रह थ एक स एक

मशहर बरड वहा मौजद थ इसक अलावा कोलकाता क िनवासी खब मनोरजन क शौक़ीन ह सगीत नाच गाना इ यादी म िच रखत ह कोलकाता म जगह-जगह सगीत कला अकडमी तथा पढ़न (रीिडग) क क लब ह अगरज क शौक तथा रहन-सहन की झलक आज भी यहा िदखती ह यहा क नौजवान को खल-कद म भी खब िदलच पी ह फटबाल का तो जस यहॉ सबको जनन ह

भारत क परिसदध मोहन बगान फटबाल क लब फटबाल क वहा क नौजवान ही नही परा शहर ही दीवाना ह भारत-पाक मच हो या आई पी एल इडन गाडरन मदान लोग स खचा-खच भरा रहता ह अफ़सोस म वहा अदर जा न सकी

इसक अलावा काली बाड़ी क नज़दीक ही ि थत ह गौिरहाट बाज़ार यहा की दकान बगाली सािडया कपड़ सट कत इ यािद क िलए परिसदध ह

प ठ 32 अकषय कराित

मर सफर क आखरी िदन म मन कोलकाता क लोग म एकता क नजार दख िविभ नता म भी एकता का उदाहरण दखा चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख िजस िदन हम कोलकाता पहच थ उसी िदन वहा शहर बद था और मन एक जट होकर लोग को अपनी बात कहत हए दखा एव सना यहा क लोग अपन शहर क िवकास बहतरी क िलए जाग क ह िज मदारी लत ह तथा सरकार को अपनी बात भली-भाित कहत ह लड़िकय औरत की इ ज़त करत ह एव यहा िक मिहलाओ को मन िनदरलीय पाया जहा एक ओर भारत की राजधानी होन क बावजद िद ली वाल अपनी िजदगी म मगन रहत ह वही दसरी और कोलकाता म अमीरी-गरीबी िभ न जाितय म भी एक जटता ह कपड़ा एव खाना आज भी यहा खब स ता िमलता ह पर त दसरी तरफ सब जानत ह िक बड़-बड़ उ योगपित िव वान लखक िखलाड़ी गायक अिभनता िनदशक यहा स उभर ह सािह य हो या लख बॉलीवड हो या िकरकट बगाल न भारत को अनक नाम एव गौरव िदए ह चाह सौरव दादा हो या रिव दर नाथ टगोर ममता बनजीर रानी मखजीर हो या योित बस भारत म इनकी भिमका का वणरन करन की ज रत नही

मन कछ िदन क कोलकाता क सफर म इस शहर को जानन समझन का परयास िकया हगली नदी क िकनार खड़ होकर समदर को दखा निदय को िनहारा िव यासागर सत िबरज की सदरता िवशालता को सराहा क सी दास की परिसदध िमठाई का ल फ उठाया मन बहत शहर घम पर त यह सफर मर िलए सबस यादगार रहा कोलकाता परगित क मागर पर िनरतर बढ़ रहा ह पर त आज भी वह अपनी जड़ नितक म य को नही भला ह एक आम आदमी आज भी टराम म या फरी स सफर करता ह यहा क िनवासी दो पय स लकर 500 ० का खाना खात ह पराना एव नया कोलकाता एक साथ जीिवत ह िसक क क दो पहल की तरह कोलकाता क यह दो प को एक साथ रहत दख बहत आनद आया

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 33 अकषय कराित

जल परकित का अनपम उपहार ह मानव जाित अपन परादभारवकाल स ही इस उपहार का उपयोग अपन िहत क िलए करती आई ह जल वह पराकितक उपहार ह िजसका कोई िवक प नही ह इसिलए जल को अमतया जीवन भी कहा गया ह जल क िबना जीवन की सभावना भी नही ह पर यकष प स तो जल की मानवीय आव यकता सीिमत ह परत परोकष आव यकताओ पर नजर डाल तो दिनक जीवन की आव यकताए जस अ न फल स जी दध स लकर हमार पहराव आवास तक सब जल स जड़ हजल का जरा भी सतलन िबगड़ जाए तो जीवन यापन क टपरद होन म दर नही परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह जल क सामा य त य जल या पानी एक आम रासायिनक पदाथर ह जो जीवन क सभी जञात प क जीिवत रहन क िलए ज री ह आमतौर पर जल अपनी दरव अव था म उपयोग म लाया जाता ह पर यह ठोस अव था बफर और गस अव था जल वा प या भाप प म भी पाया जाता ह प वी क लगभग तीन चौथाई िह स पर िव व क महासागर का अिधकार ह अनमानत प वी पर जल की कल मातरा लगभग 1400 िमिलयन घन िकलोमीटर ह जो िक प वी पर 3000 मीटर गहरी परत िबछा दन क िलए काफी ह तथािप जल की इस िवशाल मातरा म व छ जल का अनपात बहत कम ह प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह शष जल झील निदय वायम डल नमी मदा और वन पित म मौजद ह जल की जो मातरा उपभोग और अ य परयोग क िलए व ततः उपल ध ह वह निदय झील और भजल म उपल ध मातरा का छोटा-सा िह सा ह इसिलए जल ससाधन िवकास और परब ध की बाबत सकट इसिलए उ प न होता ह कय िक अिधकाश जल उपभोग क िलए उपल ध नही हो पाता

परभावी जल परबधन और दश का िवकास

दीपक आहजा ओएनजीसी िवदश

प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह

प ठ 34 अकषय कराित

और दसर इसका िवषमतापणर थािनक िवतरण इसकी एक अ य िविश टता ह फलतः जल का मह व वीकार िकया गया ह और इसक िकफायती परयोग तथा परब ध पर अिधक बल िदया गया ह प वी पर उपल ध जल जल-चकर क मा यम स चलायमान ह जल लगातार एक चकर म घमता रहता ह िजस जलचकर कहत ह इसम वा पीकरण वषार और बह कर सागर म पहचना शािमल ह हवा जल वा प को थल क ऊपर उसी दर स उड़ा ल जाती ह िजस गित स यह बहकर सागर म पहचाता ह जल चकर का िचतर नीच पर तत िकया गया ह

अिधकाश उपभोकताओ जस िक मन य पशओ अथवा पौध क िलए जल क सचलन की ज रत होती ह जल ससाधन की गितशील और नवीकरणीय परकित और इसक परयोग की बार बार ज रत को ि टगत रखत हए यह ज री ह िक जल ससाधन को उनकी परवाह दर क अनसार मापा जाए इस परकार जल ससाधन क दो पहल ह अिधकाश िवकासा मक ज रत क िलए परवाह क प म मािपत गितशील ससाधन अिधक परासिगक ह आरिकषत भ डार की ि थर अथवा िनयत परकित और साथ ही जल की मातरा तथा जल िनकाय क कषतर की ल बाई व म यपालन नौ सचालन आिद जस कछक िकरयाकलाप क िलए भी परासिगक ह

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 35 अकषय कराित

जल का यय अप यय जल क बार म एक नही कई च कान वाल त य ह िव व म और िवशष प स भारत म जल िकस परकार न ट होता ह इस िवषय म जो त य सामन आए ह उस पर जाग कता स यान दकर जल क अप यय को रोका जा सकता ह अनक त य ऐस ह जो हम आन वाल ख़तर स तो सावधान करत ही ह दसर स पररणा लन क िलए परो सािहत करत ह और पानी क मह व व इसक अनजान ोत की जानकारी भी दत ह प वी पर पदा होन वाली सभी वन पितया स भी हम पानी िमलता ह

आल और अनानास म 80 परितशत और टमाटर म 95 परितशत पानी ह पीन क िलए मानव को परितिदन 3 लीटर और पशओ को 50 लीटर पानी

चािहए भारत म 83 परितशत पानी खती और िसचाई क िलए उपयोग िकया जाता

ह इज़राइल म औसतन मातर 10 सटीमीटर वषार होती ह इस वषार स वह

इतना अनाज पदा कर लता ह िक वह उसका िनयारत कर सकता ह दसरी ओर भारत म औसतन 50 सटीमीटर स भी अिधक वषार होन क बावजद अनाज की कमी बनी रहती ह

िपछल 50 वष म जल क िलए 37 भीषण ह याकाड हए ह भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल

चलती ह पानी ज य रोग स िव व म हर वषर 22 लाख लोग की मौत हो जाती ह यिद बरश करत समय नल खला रह गया ह तो पाच िमनट म करीब 25

स 30 लीटर पानी बरबाद होता ह बाथ टब म नहात समय 300 स 500 लीटर पानी खचर होता ह जबिक

सामा य प स नहान म 100 स 150 लीटर पानी खचर होता ह िव व म परित 10 यिकतय म स 2 यिकतय को पीन का शदध पानी

नही िमल पाता ह परित वषर 6 अरब लीटर बोतल पक पानी मन य वारा पीन क िलए

परयकत िकया जाता ह मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 36 अकषय कराित

िद ली मबई और च नई जस महानगर म पाइप लाइन क वॉ व की खराबी क कारण रोज़ 14 स 44 परितशत पानी बकार बह जाता ह

निदया पानी का सबस बड़ा ोत ह जहा एक ओर निदय म बढ़त परदषण रोकन क िलए िवशषजञ उपाय खोज रह ह वही कल कारखान स बहत हए रसायन उ ह भारी मातरा म दिषत कर रह ह

भारत म जल सकट नासा की एक िरपोटर न पानी को लकर दश भर म बढ़ती जा रही लापरवाही क परित आख खोली ह इस िरपोटर म भारत म सख की ि थित पदा होन क िलए िज मवार कारण म स एक अहम कारण अधाधध जल दोहन को बताया गया ह बतात चल िक दश भर क 604 िजल म स 161 सख की मार झल रह ह वस अब बताया जा रहा ह िक सख की मार स बहाल िजल की सखया बढ़कर 246 हो गई ह यानी कहा जाए तो आधा दश सख की चपट म ह बहरहाल नासा की इस िरपोटर म बताया गया ह िक भारत क कई रा य कषमता स यादा जल दोहन कर रह ह यहा कषमता स ता पयर यह ह िक उनस िजतन सलाना जल दोहन की उ मीद कदर करती ह व उसस कही यादा जल दोहन कर रह ह नासा न यह अ ययन 2002 स 2008 क बीच

की ि थितय क आधार पर िकया ह इस िरपोटर म बताया गया ह िक पजाब हिरयाणा और राज थान हर साल औसतन 177 अरब कयिबक मीटर पानी जमीन क अदर स िनकाल रह ह जबिक कदर की तरफ स लगाए गए अनमान क मतािबक इ ह हर साल 132 अरब कयिबक मीटर पानी ही जमीन क अदर स िनकालना था इस तरह स दखा जाए तो य तीन रा य िमलकर कषमता स 30 फीसदी यादा पानी का दोहन कर रह ह जािहर ह िक िबना कछ सोच-िवचार जब इस पमान पर पराकितक ससाधन का दोहन िकया जाएगा तो परकित भी बदला लगी और वही हो रहा ह इस िरपोटर म यह भी बताया गया ह िक भारत का महज 58 फीसदी भजल ही हर साल िरचाजर हो पाता ह नासा की यह िरपोटर बताती ह िक अधाधध जल दोहन की वजह स पर उ तर पि चम भारत क भजल तर म हर साल 4 सटीमीटर यानी 16 इच की कमी आ रही ह इस अ ययन को अजाम दन म नासा क जल िवजञानी मट रोडल न अहम भिमका िनभाई ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 37 अकषय कराित

उनक हवाल स इस िरपोटर म बताया गया ह िक दश क उ तर पि चम कषतर म 2002 स 2008 क दौरान तकरीबन 109 कयिबक िकलोमीटर पानी की कमी हई ह यह मातरा िकतनी अिधक ह इसका अदाजा इसी स लगाया जा सकता ह िक यह अमिरका क सबस बड़ जलाशय लक मीड की कषमता स दगन स भी कही यादा ह अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह इस िरपोटर क मतािबक अगर अधाधध जल दोहन इसी तरह स जारी रहा तो आन वाल समय म भारत को अनाज और पानी क सकट को झलन क िलए अभी स तयार हो जाना चािहए जािहर ह िक जब जल सकट बढ़गा तो खती पर इसका गहरा परभाव पड़गा अनाज क उ पादन म कमी आएगी इस वजह स अनाज सकट पदा होगा और भख का एक नया चहरा उभरकर सामन आएगा एक बड़ा तबका जो आज भरपट भोजन कर पाता ह उसक िलए पट भर खाना िमलना मि कल हो जाएगा भखमरी की जो सम या पदा होगी उसस िफर िनपटना आसान नही होगा इसक अलावा पीन क पानी का टोटा तो होगा ही अभी ही दश क कई िह स ऐस ह जहा क लोग को पीन क िलए साफ पानी नही िमल पा रहा ह कई कषतर ऐस ह जहा गमीर क िदन म हडपप स पानी आना बद हो जाता ह वहा क लोग को हर साल बोिरग को कछ फट बढ़वाना होता ह यह सम या भजल तर क िगरत जान की वजह स ही पदा हई ह जब पीन क पानी का सकट पदा होगा तो बोतलबद पानी का कारोबार काफी तजी स बढ़गा कहन का मतलब यह िक िजसक पास पसा होगा वह अपनी यास बझा सकगा और िजसक पास पसा नही होगा उस अपनी यास बझान क िलए भी सघषर करना पड़गा ि थित की भयावहता की क पना ही िसहरन पदा करती ह भारत म दिनया का हर छठा आदमी रहता ह यानी कहा जाए तो दिनया क कल आबादी क तकरीबन सतरह फीसदी लोग भारत म रहत ह जबिक दिनया का महज साढ़ चार फीसदी पानी ही भारत म उपल ध ह ऐस म जल सम या स दो-चार होना कोई आनापिकषत बात नही ह एक बात तो तय ह िक पराकितक ससाधन म इजाफा तो नही िकया जा सकता ह लिकन इसका सरकषण अव य िकया जा सकता ह

अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह

प ठ 38 अकषय कराित

भारत म लोग िकसी एक मा यम स पयजल परा त करन पर िनभरर नही ह इस दश म 357 फीसदी लोग हडपप स 367 फीसदी लोग नल स 182 फीसदी लोग तालाब पोखर या झील स 56 फीसदी कओ स 12 फीसदी लोग पारपिरक साधन स और 26 फीसदी लोग अ य मा यम स पीन का पानी परा त करत ह इस िलहाज स अगर दखा जाए तो जल सकट को दर करन क िलए समगर कायरयोजना की ज रत ह

दरअसल भारत म गहरात जल सकट क िलए काफी हद तक पानी की बबारदी भी िज मवार ह यहा जल आपित र की यव था म काफी खािमया ह नल क जिरए घर तक पहचन वाल पानी का एक बड़ा िह सा िरस कर बबारद हो जाता ह हर शहर म फट हए आपित र पाइप आसानी स दख जा सकत ह इस बदहाल यव था क िलए सरकार क साथ-साथ सामा य लोग भी कम िज मदार नही ह एक तरफ तो सरकार पयजल क नाम पर हर साल हजार करोड़ पए का बजट बनाती ह और दसरी तरफ जमीनी तर पर हालात म कोई बदलाव नही िदखता ह सामािजक तौर पर भी जल सरकषण को लकर जाग कता का अभाव िदखता ह यह सामािजक तान-बान का ही असर ह िक लोग कही भी जल की बबारदी को दखकर उस सामा य घटना मानत हए नजरअदाज कर दत ह दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था यह अब घटकर 1800 कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर हो चका ह

दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था

प ठ 39 अकषय कराित

िवशषजञ का अनमान ह िक अगर पानी की खपत और बबारदी इसी तरह स जारी रही तो 2025 तक यह घटकर हजार कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर ही रह जाएगा उस समय तक पानी की उपल धता म आन वाली इस कमी की वजह स किष उ पादन म तीस फीसदी की कमी आन की सभावना ह इन पिरि थितय म दश की आिथरक और सामािजक ि थित का कया होगा इसका अदाजा सहज ही लगाया जा सकता ह भारत म जल सरकषण क परित आज भी आम लोग क मन म उपकषा का भाव बना हआ ह साथ ही इस कायर क िलए आव यक तकनीक की भी कमी ह जो तकनीक उपल ध ह उनस सामा य लोग अनजान ह बािरश क पानी का सगरह करक उस उपयोग म लाना एक अ छा िवक प ह पर इस तरह की कोिशश काफी सीिमत मातरा म काफी छोट तर पर हो रही ह यही वजह ह िक दश म होन वाली बािरश क पानी का अ सी फीसदी िह सा आज भी समदर म पहच जाता ह अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह अगर जल की इस िवशाल मातरा का आधा भी परयोग कर िलया जाए तो ि थित म यापक बदलाव आना तय ह शहरी कषतर म तो पानी की कालाबाजारी जोर पर ह जगह-जगह पर जल मािफया सिकरय हो गए ह िद ली क ही एक अखबार न कछ समय पहल यह बात उजागर िकया था यहा तो समानातर जल बोडर भी चलाया जा रहा ह हरानी की बात तो यह ह िक इसक बावजद भी पानी क काल धध पर अकश नही लगाया जा सका ह अहम सवाल यह ह िक कस सामा य तबक क लोग तक व छ पानी पहचाया जाए शहरी कषतर क साथ-साथ गरामीण कषतर म भी यह एक बड़ी चनौती ह आबादी म अपर यािशत विदध बढ़त शहरीकरण औ योिगकीकरण और किष उ पाद की बढ़ती माग क कारण पानी की माग िपछल कछ साल म वाभािवक प स बढ़ी ह इसक पिरणाम व प भजल ससाधन का अ यिधक दोहन हआ ह और इसका नतीजा हआ िक लगातार भजल का तर घटता जा रहा ह शहरी कषतर म ि थित बहद भयावह ह तदनसार वहा न कवल शीघराितशीघर जल ससाधन क सरकषण की ज रत ह बि क परभावी रणनीित और परबधन क जिरए त काल कदम उठान की ज रत ह

अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह

प ठ 40 अकषय कराित

खासकर इस बात को यान म ऱखकर िक िविभ न परितयोगी कषतर म कभी भी माग बढ़ सकती ह भिव य म उपयोग क िलए छत पर या सतह पर जलगरहण बनाकर वषारजल सरकषण बहद ज री ह यह पानी की बढ़ती ज रत का खयाल रखन िमटटी की नमी तर को बढ़ान शहरी हिरयाली को बढ़ान भजल तर को कितरम प स पनभररण करन और भजल की गणव ता स सधार का काम करता ह भारत म जल परबधन स दश का िवकास भारत म दिनया की 16 परितशत आबादी रहती ह लिकन दिनया क िसफर 4 परितशत जल ससाधन ही भारत क पास ह 3290000 वगर िकलोमीटर क भिम कषतर और एक अरब स यादा की आबादी क साथ भारत क एक बहलवादी िविवधता का िचतर ह िवशाल पराकितक ससाधन क साथ सप न तकनीकी और वजञािनक किमरय का भी यह दिनया म दसरा सबस बड़ा सम चय ह भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह मानव िवकास म 80 क दशक म लगभग 26 परितशत और 90 क दशक क दौरान और 24 परितशत क वारा सधार हआ ह आजादी क बाद छह दशक म भारत न जल ससाधन का अभतपवर िवकास और खा या न म आ मिनभररता शहरी कषतर ऊजार और औ योिगक कषतर और पीन का पानी क बिनयादी ढाच म तजी स िव तार दखा ह िजसका उपयोग भारत की लगभग 85 परितशत शहरी और गरामीण आबादी क वारा िकया जाता ह भारत म रा य सरकार और भारत सरकार क परितबदध और ठोस परयास की वजह स गरामीण और शहरी आबादी को सरिकषत पयजल को उपल ध करवान म काफी सफलता हािसल की ह इस उपलि ध न भजल की कमी जल जमावजल गणव ता िगरावट जल परदषण और बढ़त लवणता तर स बड़ कषतर को परभािवत िकया ह और अभी भी िविभ न रा य म गरामीण और शहरी भारत क मानव िवकास सचकाक (HDI)rsquo म बहत असमानता मौजद ह पानी क िलए कषतरीय माग तजी स बढ़ रह शहरीकरण की गित स बढ़ रही ह (अनमानत 2025 तक दश की आबादी का 50 परितशत स अिधक शहर म रहग) जनसखया विदध बढ़ती आय और औ योिगक िवकासशहरी भारत तजी स िवकास की माग क कदर क प म उभर रहा ह

भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह

प ठ 41 अकषय कराित

नतीजतन परित यिकत पानी की उपल धता िगर रही ह परधानमतरी की अ यकषता म 12वी योजना क िलए हई योजना आयोग की पणर बठक म दसर म क साथ जल परबधन पर िवशष चचार हई बठक क बाद योजना आयोग क उपा यकष म टक िसह अहलवािलया न कहा िक भ-जल कानन स लकर दसर म की यापक समीकषा ज री ह व यनाथन सिमित जहा वतरमान म भ-जल कानन की साथरकता का अ ययन करगी वही भारतीय अतिरकष अनसधान सगठन [इसरो] की मदद स पानी की उपल धता का िव तत अ ययन होगा म टक न कहा िक उसी आधार पर रणनीित तय होगी सरकार यह यान रखगी िक पानी का अिधकतम उपयोग हो सक और सभी को उपल ध हो पानी पर िकसी का एकािधकार न हो सक बतात ह िक द पयोग को रोकन क िलए श क लगान पर भी िवचार िकया जा सकता ह हालािक इसस पहल रा य सरकार स चचार होगी यह तय ह िक एआइबीपी कायरकरम म यापक बदलाव ह ग ी म टक िसह अहलवािलया न कहा िक वतरमान म इस कायरकरम का सही िकरया वयन नही हो रहा ह िलहाजा उसम पिरवतरन ज री ह सभव ह िक हर रा य म जल िनयामक परािधकरण बनान की शतर भी लगाई जाए उ ह न कहा िक जल परबधन की यापक समीकषा कर नई रणनीित तय की जाएगी कल िमलाकर रा टरीय तर पर वतरमान जल ससाधन का अिधक स अिधक करन क िलए माग को परा करन क िलए पयार त ह लिकन भिव य क अ ययन पिरयोजना ह िक जल आपित र की ि थित अगल आध सदी म अिधक किठन हो सकती ह जल सकट स िनपटन को जल सरकषण परबधन अिनवायर परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह बढ़त वि वक तापमान क फल व प अितवि ट अनावि ट अ पवि ट और असामियक वि ट हम परितवषर दख रह ह िजसका परभाव हमार जल ससाधन पर पड़ता िदखाई द रहा ह कओ व बाविडय का िमटता अि त व नदी-नाल का घटता पानी भ-गभर जल का िगरता तर िचता की पिरिध स िनकलकर खतर की घटी बनता जा रहा ह

निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह

प ठ 42 अकषय कराित

िव व भर म सीमट क अधाधध परयोग न धरातल क सहज अवशोषण कषतर को घटाया ह तथा जल बहाव भिम कटाव व बाढ़ म विदध की ह ऐसी ि थित म जल सरकषण का दािय व मातर वजञािनक व सरकार तक सीिमत न रहकर पर यक उपभोकता क कध पर आ जाता ह इसी दािय व क िनवरहन क िलए हमार पास दो िवक प सामन आत ह 1 वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई

उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

2 पािरवािरक तर पर वषार जल को सगरिहत कर उसका उपयोग कर य दोन ही परयास गरामीण कषतर म तो सरलता स अपनाए जा सकत ह परत शहरी कषतर म व ट वाटर मनजमट की बड़ी पिरयोजनाए बनाकर ही पानी को िरसाइिकल िकया जा सकता ह भ-गभर अिधकािधक जल अवशोिषत होकर

जाए इसक िलए मदानी भाग म िनयोिजत ढग स बड़-बड़ पोखर बनाकर तथा पहाड़ी कषतर म नाल -ख ड म िमटटी प थर आरसीसी क बड़-छोट डम लगाकर जल बहाव रोक भ-सरकषण बचाव व जल भडारण और धरातल जल शोषण कषतर बढ़ाया जा सकता ह िव व बक भारत सरकार वारा म य िहमालय जलागम पिरयोजना रा य क भ-सरकषण िवभाग इस कषतर म कारगर उपाय लकर

हमार सामन ह परत जनसहयोग क िबना इन पिरयोजनाओ क आशातीत पिरणाम ल पाना किठन ह वकषारोपण इस सपणर जल चकर को बल दन वाला कारक ह जल क परित चतना जागत न हई तो अव य ही अगल िव व यदध का कारण जल ही होगा

जल भोजन ह और अिगन भोजन का भकषक ह अिगन जल म और जल अिगन म िव यमान ह

- ततरीय उपिनषद 38

वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

प ठ 43 अकषय कराित

म भी गान गा सकता ह शबनम क िखलत फल क म भी गीत सना सकता ह सावन क म त झल क लिकन जब घर-घर म बादल छाय घोर िनराशा क तब म नगम गा रहा ह उ मीद की आशा क

सड़क पर खड़ बचपन की य बात सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह

हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

इस बदलत पिरवश का राग सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

गाधी जी क सपन का जो राम-रा य कहलाता ह उस भारत म सड़क पर छोट चाय पहचाता ह

कहा गई वो अ हड़ म ती कहा गया वो यार का रा ता उन हाथ स बचत झड िजन हाथ को चािहए ब ता

उस सोन की िचिड़या की म बात बतान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

कही बम की गमर हवाए कही ससद म कोहराम ह कही होत घोटाल स परशान आदमी आम ह

कही कल की िकलकारी ह कही सड़क पर बचपन ह कही चलता नही गजारा कही िवदश म काला धन ह

म स चाई गा-गाकर सबको बतलान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

बदलता भारत मनीष लाल इरडा

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

प ठ 44 अकषय कराित

करन वाल काम बहत ह यथर उलझन को छोड़ो म ला-पिड़त तोड़ रह ह तम बस lsquoअपन को जोड़ो

lsquoहम बदलग-यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का lsquoवद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का

वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हम बदलग mdash यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का वद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

प ठ 45 अकषय कराित

िसफर काला और सफ़द य ही वो दो रग थ जो तर पास सि ट बनान क आधार थ

काला वो जो कािलमा िलय ह िजस कहत ह दख िनराशा म य अपयश और वो सबकछ जो नकारा मक ह

मगर सफद ह वो रग िजसस जड़ा ह जीवन आशा सख और कीितर और वो सब कछ जो सकारा मक ह पर इन रग स तझ चन ना िमला त सोचन लगा अगर सि ट बनानी ह

तो िकस िलए- ससगर और परम क िलए और

इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग

ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह

बस- बना डाला तन इ दरधनष

जो बरसात क बाद सरज और प वी क अनपम परम को रग दता ह सतरगी रग स

और उ ही सतरगी इ दरधनषी रग म हम हर पल हर कषण डबत गहरात इतरात रहत ह

और खिशय भर ससार म हर रग को अलग-अलग तरह स महसस करक जीत रहत ह

रग तो रग ह मगर-

ससगर और परम क िलए और इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह बस-

सतरगी िचतर सगीता ीवा तव इरडा

प ठ 46 अकषय कराित

कभी पक क कभी फीक़ तो कछ कभी दाग बनकर उभर आत ह

कछ आख म नील बादल स छाए रहत ह तो कछ गाल पर गलाबी रग बनकर छलक जात ह

याद रहत ह अक सर वो रग- जो खदी पर इस तरह छा जात ह िक खद म घलकर खद क होन

का एहसास दत-दत खद का एक रग बन जात ह

बगनी आसामनी नीला हरा पीला नारगी लाल इ दरधनष क य सात रग ही जोड़त ह हमार िदल को

हमार मन को जोड़न वाल इन रग की सतरगी दिनया म-

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा बनाय

और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क

सतरगी िचतर

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा

बनाय और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क सतरगी िचतर

प ठ 32 अकषय कराित

मर सफर क आखरी िदन म मन कोलकाता क लोग म एकता क नजार दख िविभ नता म भी एकता का उदाहरण दखा चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख िजस िदन हम कोलकाता पहच थ उसी िदन वहा शहर बद था और मन एक जट होकर लोग को अपनी बात कहत हए दखा एव सना यहा क लोग अपन शहर क िवकास बहतरी क िलए जाग क ह िज मदारी लत ह तथा सरकार को अपनी बात भली-भाित कहत ह लड़िकय औरत की इ ज़त करत ह एव यहा िक मिहलाओ को मन िनदरलीय पाया जहा एक ओर भारत की राजधानी होन क बावजद िद ली वाल अपनी िजदगी म मगन रहत ह वही दसरी और कोलकाता म अमीरी-गरीबी िभ न जाितय म भी एक जटता ह कपड़ा एव खाना आज भी यहा खब स ता िमलता ह पर त दसरी तरफ सब जानत ह िक बड़-बड़ उ योगपित िव वान लखक िखलाड़ी गायक अिभनता िनदशक यहा स उभर ह सािह य हो या लख बॉलीवड हो या िकरकट बगाल न भारत को अनक नाम एव गौरव िदए ह चाह सौरव दादा हो या रिव दर नाथ टगोर ममता बनजीर रानी मखजीर हो या योित बस भारत म इनकी भिमका का वणरन करन की ज रत नही

मन कछ िदन क कोलकाता क सफर म इस शहर को जानन समझन का परयास िकया हगली नदी क िकनार खड़ होकर समदर को दखा निदय को िनहारा िव यासागर सत िबरज की सदरता िवशालता को सराहा क सी दास की परिसदध िमठाई का ल फ उठाया मन बहत शहर घम पर त यह सफर मर िलए सबस यादगार रहा कोलकाता परगित क मागर पर िनरतर बढ़ रहा ह पर त आज भी वह अपनी जड़ नितक म य को नही भला ह एक आम आदमी आज भी टराम म या फरी स सफर करता ह यहा क िनवासी दो पय स लकर 500 ० का खाना खात ह पराना एव नया कोलकाता एक साथ जीिवत ह िसक क क दो पहल की तरह कोलकाता क यह दो प को एक साथ रहत दख बहत आनद आया

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 33 अकषय कराित

जल परकित का अनपम उपहार ह मानव जाित अपन परादभारवकाल स ही इस उपहार का उपयोग अपन िहत क िलए करती आई ह जल वह पराकितक उपहार ह िजसका कोई िवक प नही ह इसिलए जल को अमतया जीवन भी कहा गया ह जल क िबना जीवन की सभावना भी नही ह पर यकष प स तो जल की मानवीय आव यकता सीिमत ह परत परोकष आव यकताओ पर नजर डाल तो दिनक जीवन की आव यकताए जस अ न फल स जी दध स लकर हमार पहराव आवास तक सब जल स जड़ हजल का जरा भी सतलन िबगड़ जाए तो जीवन यापन क टपरद होन म दर नही परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह जल क सामा य त य जल या पानी एक आम रासायिनक पदाथर ह जो जीवन क सभी जञात प क जीिवत रहन क िलए ज री ह आमतौर पर जल अपनी दरव अव था म उपयोग म लाया जाता ह पर यह ठोस अव था बफर और गस अव था जल वा प या भाप प म भी पाया जाता ह प वी क लगभग तीन चौथाई िह स पर िव व क महासागर का अिधकार ह अनमानत प वी पर जल की कल मातरा लगभग 1400 िमिलयन घन िकलोमीटर ह जो िक प वी पर 3000 मीटर गहरी परत िबछा दन क िलए काफी ह तथािप जल की इस िवशाल मातरा म व छ जल का अनपात बहत कम ह प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह शष जल झील निदय वायम डल नमी मदा और वन पित म मौजद ह जल की जो मातरा उपभोग और अ य परयोग क िलए व ततः उपल ध ह वह निदय झील और भजल म उपल ध मातरा का छोटा-सा िह सा ह इसिलए जल ससाधन िवकास और परब ध की बाबत सकट इसिलए उ प न होता ह कय िक अिधकाश जल उपभोग क िलए उपल ध नही हो पाता

परभावी जल परबधन और दश का िवकास

दीपक आहजा ओएनजीसी िवदश

प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह

प ठ 34 अकषय कराित

और दसर इसका िवषमतापणर थािनक िवतरण इसकी एक अ य िविश टता ह फलतः जल का मह व वीकार िकया गया ह और इसक िकफायती परयोग तथा परब ध पर अिधक बल िदया गया ह प वी पर उपल ध जल जल-चकर क मा यम स चलायमान ह जल लगातार एक चकर म घमता रहता ह िजस जलचकर कहत ह इसम वा पीकरण वषार और बह कर सागर म पहचना शािमल ह हवा जल वा प को थल क ऊपर उसी दर स उड़ा ल जाती ह िजस गित स यह बहकर सागर म पहचाता ह जल चकर का िचतर नीच पर तत िकया गया ह

अिधकाश उपभोकताओ जस िक मन य पशओ अथवा पौध क िलए जल क सचलन की ज रत होती ह जल ससाधन की गितशील और नवीकरणीय परकित और इसक परयोग की बार बार ज रत को ि टगत रखत हए यह ज री ह िक जल ससाधन को उनकी परवाह दर क अनसार मापा जाए इस परकार जल ससाधन क दो पहल ह अिधकाश िवकासा मक ज रत क िलए परवाह क प म मािपत गितशील ससाधन अिधक परासिगक ह आरिकषत भ डार की ि थर अथवा िनयत परकित और साथ ही जल की मातरा तथा जल िनकाय क कषतर की ल बाई व म यपालन नौ सचालन आिद जस कछक िकरयाकलाप क िलए भी परासिगक ह

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 35 अकषय कराित

जल का यय अप यय जल क बार म एक नही कई च कान वाल त य ह िव व म और िवशष प स भारत म जल िकस परकार न ट होता ह इस िवषय म जो त य सामन आए ह उस पर जाग कता स यान दकर जल क अप यय को रोका जा सकता ह अनक त य ऐस ह जो हम आन वाल ख़तर स तो सावधान करत ही ह दसर स पररणा लन क िलए परो सािहत करत ह और पानी क मह व व इसक अनजान ोत की जानकारी भी दत ह प वी पर पदा होन वाली सभी वन पितया स भी हम पानी िमलता ह

आल और अनानास म 80 परितशत और टमाटर म 95 परितशत पानी ह पीन क िलए मानव को परितिदन 3 लीटर और पशओ को 50 लीटर पानी

चािहए भारत म 83 परितशत पानी खती और िसचाई क िलए उपयोग िकया जाता

ह इज़राइल म औसतन मातर 10 सटीमीटर वषार होती ह इस वषार स वह

इतना अनाज पदा कर लता ह िक वह उसका िनयारत कर सकता ह दसरी ओर भारत म औसतन 50 सटीमीटर स भी अिधक वषार होन क बावजद अनाज की कमी बनी रहती ह

िपछल 50 वष म जल क िलए 37 भीषण ह याकाड हए ह भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल

चलती ह पानी ज य रोग स िव व म हर वषर 22 लाख लोग की मौत हो जाती ह यिद बरश करत समय नल खला रह गया ह तो पाच िमनट म करीब 25

स 30 लीटर पानी बरबाद होता ह बाथ टब म नहात समय 300 स 500 लीटर पानी खचर होता ह जबिक

सामा य प स नहान म 100 स 150 लीटर पानी खचर होता ह िव व म परित 10 यिकतय म स 2 यिकतय को पीन का शदध पानी

नही िमल पाता ह परित वषर 6 अरब लीटर बोतल पक पानी मन य वारा पीन क िलए

परयकत िकया जाता ह मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 36 अकषय कराित

िद ली मबई और च नई जस महानगर म पाइप लाइन क वॉ व की खराबी क कारण रोज़ 14 स 44 परितशत पानी बकार बह जाता ह

निदया पानी का सबस बड़ा ोत ह जहा एक ओर निदय म बढ़त परदषण रोकन क िलए िवशषजञ उपाय खोज रह ह वही कल कारखान स बहत हए रसायन उ ह भारी मातरा म दिषत कर रह ह

भारत म जल सकट नासा की एक िरपोटर न पानी को लकर दश भर म बढ़ती जा रही लापरवाही क परित आख खोली ह इस िरपोटर म भारत म सख की ि थित पदा होन क िलए िज मवार कारण म स एक अहम कारण अधाधध जल दोहन को बताया गया ह बतात चल िक दश भर क 604 िजल म स 161 सख की मार झल रह ह वस अब बताया जा रहा ह िक सख की मार स बहाल िजल की सखया बढ़कर 246 हो गई ह यानी कहा जाए तो आधा दश सख की चपट म ह बहरहाल नासा की इस िरपोटर म बताया गया ह िक भारत क कई रा य कषमता स यादा जल दोहन कर रह ह यहा कषमता स ता पयर यह ह िक उनस िजतन सलाना जल दोहन की उ मीद कदर करती ह व उसस कही यादा जल दोहन कर रह ह नासा न यह अ ययन 2002 स 2008 क बीच

की ि थितय क आधार पर िकया ह इस िरपोटर म बताया गया ह िक पजाब हिरयाणा और राज थान हर साल औसतन 177 अरब कयिबक मीटर पानी जमीन क अदर स िनकाल रह ह जबिक कदर की तरफ स लगाए गए अनमान क मतािबक इ ह हर साल 132 अरब कयिबक मीटर पानी ही जमीन क अदर स िनकालना था इस तरह स दखा जाए तो य तीन रा य िमलकर कषमता स 30 फीसदी यादा पानी का दोहन कर रह ह जािहर ह िक िबना कछ सोच-िवचार जब इस पमान पर पराकितक ससाधन का दोहन िकया जाएगा तो परकित भी बदला लगी और वही हो रहा ह इस िरपोटर म यह भी बताया गया ह िक भारत का महज 58 फीसदी भजल ही हर साल िरचाजर हो पाता ह नासा की यह िरपोटर बताती ह िक अधाधध जल दोहन की वजह स पर उ तर पि चम भारत क भजल तर म हर साल 4 सटीमीटर यानी 16 इच की कमी आ रही ह इस अ ययन को अजाम दन म नासा क जल िवजञानी मट रोडल न अहम भिमका िनभाई ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 37 अकषय कराित

उनक हवाल स इस िरपोटर म बताया गया ह िक दश क उ तर पि चम कषतर म 2002 स 2008 क दौरान तकरीबन 109 कयिबक िकलोमीटर पानी की कमी हई ह यह मातरा िकतनी अिधक ह इसका अदाजा इसी स लगाया जा सकता ह िक यह अमिरका क सबस बड़ जलाशय लक मीड की कषमता स दगन स भी कही यादा ह अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह इस िरपोटर क मतािबक अगर अधाधध जल दोहन इसी तरह स जारी रहा तो आन वाल समय म भारत को अनाज और पानी क सकट को झलन क िलए अभी स तयार हो जाना चािहए जािहर ह िक जब जल सकट बढ़गा तो खती पर इसका गहरा परभाव पड़गा अनाज क उ पादन म कमी आएगी इस वजह स अनाज सकट पदा होगा और भख का एक नया चहरा उभरकर सामन आएगा एक बड़ा तबका जो आज भरपट भोजन कर पाता ह उसक िलए पट भर खाना िमलना मि कल हो जाएगा भखमरी की जो सम या पदा होगी उसस िफर िनपटना आसान नही होगा इसक अलावा पीन क पानी का टोटा तो होगा ही अभी ही दश क कई िह स ऐस ह जहा क लोग को पीन क िलए साफ पानी नही िमल पा रहा ह कई कषतर ऐस ह जहा गमीर क िदन म हडपप स पानी आना बद हो जाता ह वहा क लोग को हर साल बोिरग को कछ फट बढ़वाना होता ह यह सम या भजल तर क िगरत जान की वजह स ही पदा हई ह जब पीन क पानी का सकट पदा होगा तो बोतलबद पानी का कारोबार काफी तजी स बढ़गा कहन का मतलब यह िक िजसक पास पसा होगा वह अपनी यास बझा सकगा और िजसक पास पसा नही होगा उस अपनी यास बझान क िलए भी सघषर करना पड़गा ि थित की भयावहता की क पना ही िसहरन पदा करती ह भारत म दिनया का हर छठा आदमी रहता ह यानी कहा जाए तो दिनया क कल आबादी क तकरीबन सतरह फीसदी लोग भारत म रहत ह जबिक दिनया का महज साढ़ चार फीसदी पानी ही भारत म उपल ध ह ऐस म जल सम या स दो-चार होना कोई आनापिकषत बात नही ह एक बात तो तय ह िक पराकितक ससाधन म इजाफा तो नही िकया जा सकता ह लिकन इसका सरकषण अव य िकया जा सकता ह

अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह

प ठ 38 अकषय कराित

भारत म लोग िकसी एक मा यम स पयजल परा त करन पर िनभरर नही ह इस दश म 357 फीसदी लोग हडपप स 367 फीसदी लोग नल स 182 फीसदी लोग तालाब पोखर या झील स 56 फीसदी कओ स 12 फीसदी लोग पारपिरक साधन स और 26 फीसदी लोग अ य मा यम स पीन का पानी परा त करत ह इस िलहाज स अगर दखा जाए तो जल सकट को दर करन क िलए समगर कायरयोजना की ज रत ह

दरअसल भारत म गहरात जल सकट क िलए काफी हद तक पानी की बबारदी भी िज मवार ह यहा जल आपित र की यव था म काफी खािमया ह नल क जिरए घर तक पहचन वाल पानी का एक बड़ा िह सा िरस कर बबारद हो जाता ह हर शहर म फट हए आपित र पाइप आसानी स दख जा सकत ह इस बदहाल यव था क िलए सरकार क साथ-साथ सामा य लोग भी कम िज मदार नही ह एक तरफ तो सरकार पयजल क नाम पर हर साल हजार करोड़ पए का बजट बनाती ह और दसरी तरफ जमीनी तर पर हालात म कोई बदलाव नही िदखता ह सामािजक तौर पर भी जल सरकषण को लकर जाग कता का अभाव िदखता ह यह सामािजक तान-बान का ही असर ह िक लोग कही भी जल की बबारदी को दखकर उस सामा य घटना मानत हए नजरअदाज कर दत ह दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था यह अब घटकर 1800 कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर हो चका ह

दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था

प ठ 39 अकषय कराित

िवशषजञ का अनमान ह िक अगर पानी की खपत और बबारदी इसी तरह स जारी रही तो 2025 तक यह घटकर हजार कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर ही रह जाएगा उस समय तक पानी की उपल धता म आन वाली इस कमी की वजह स किष उ पादन म तीस फीसदी की कमी आन की सभावना ह इन पिरि थितय म दश की आिथरक और सामािजक ि थित का कया होगा इसका अदाजा सहज ही लगाया जा सकता ह भारत म जल सरकषण क परित आज भी आम लोग क मन म उपकषा का भाव बना हआ ह साथ ही इस कायर क िलए आव यक तकनीक की भी कमी ह जो तकनीक उपल ध ह उनस सामा य लोग अनजान ह बािरश क पानी का सगरह करक उस उपयोग म लाना एक अ छा िवक प ह पर इस तरह की कोिशश काफी सीिमत मातरा म काफी छोट तर पर हो रही ह यही वजह ह िक दश म होन वाली बािरश क पानी का अ सी फीसदी िह सा आज भी समदर म पहच जाता ह अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह अगर जल की इस िवशाल मातरा का आधा भी परयोग कर िलया जाए तो ि थित म यापक बदलाव आना तय ह शहरी कषतर म तो पानी की कालाबाजारी जोर पर ह जगह-जगह पर जल मािफया सिकरय हो गए ह िद ली क ही एक अखबार न कछ समय पहल यह बात उजागर िकया था यहा तो समानातर जल बोडर भी चलाया जा रहा ह हरानी की बात तो यह ह िक इसक बावजद भी पानी क काल धध पर अकश नही लगाया जा सका ह अहम सवाल यह ह िक कस सामा य तबक क लोग तक व छ पानी पहचाया जाए शहरी कषतर क साथ-साथ गरामीण कषतर म भी यह एक बड़ी चनौती ह आबादी म अपर यािशत विदध बढ़त शहरीकरण औ योिगकीकरण और किष उ पाद की बढ़ती माग क कारण पानी की माग िपछल कछ साल म वाभािवक प स बढ़ी ह इसक पिरणाम व प भजल ससाधन का अ यिधक दोहन हआ ह और इसका नतीजा हआ िक लगातार भजल का तर घटता जा रहा ह शहरी कषतर म ि थित बहद भयावह ह तदनसार वहा न कवल शीघराितशीघर जल ससाधन क सरकषण की ज रत ह बि क परभावी रणनीित और परबधन क जिरए त काल कदम उठान की ज रत ह

अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह

प ठ 40 अकषय कराित

खासकर इस बात को यान म ऱखकर िक िविभ न परितयोगी कषतर म कभी भी माग बढ़ सकती ह भिव य म उपयोग क िलए छत पर या सतह पर जलगरहण बनाकर वषारजल सरकषण बहद ज री ह यह पानी की बढ़ती ज रत का खयाल रखन िमटटी की नमी तर को बढ़ान शहरी हिरयाली को बढ़ान भजल तर को कितरम प स पनभररण करन और भजल की गणव ता स सधार का काम करता ह भारत म जल परबधन स दश का िवकास भारत म दिनया की 16 परितशत आबादी रहती ह लिकन दिनया क िसफर 4 परितशत जल ससाधन ही भारत क पास ह 3290000 वगर िकलोमीटर क भिम कषतर और एक अरब स यादा की आबादी क साथ भारत क एक बहलवादी िविवधता का िचतर ह िवशाल पराकितक ससाधन क साथ सप न तकनीकी और वजञािनक किमरय का भी यह दिनया म दसरा सबस बड़ा सम चय ह भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह मानव िवकास म 80 क दशक म लगभग 26 परितशत और 90 क दशक क दौरान और 24 परितशत क वारा सधार हआ ह आजादी क बाद छह दशक म भारत न जल ससाधन का अभतपवर िवकास और खा या न म आ मिनभररता शहरी कषतर ऊजार और औ योिगक कषतर और पीन का पानी क बिनयादी ढाच म तजी स िव तार दखा ह िजसका उपयोग भारत की लगभग 85 परितशत शहरी और गरामीण आबादी क वारा िकया जाता ह भारत म रा य सरकार और भारत सरकार क परितबदध और ठोस परयास की वजह स गरामीण और शहरी आबादी को सरिकषत पयजल को उपल ध करवान म काफी सफलता हािसल की ह इस उपलि ध न भजल की कमी जल जमावजल गणव ता िगरावट जल परदषण और बढ़त लवणता तर स बड़ कषतर को परभािवत िकया ह और अभी भी िविभ न रा य म गरामीण और शहरी भारत क मानव िवकास सचकाक (HDI)rsquo म बहत असमानता मौजद ह पानी क िलए कषतरीय माग तजी स बढ़ रह शहरीकरण की गित स बढ़ रही ह (अनमानत 2025 तक दश की आबादी का 50 परितशत स अिधक शहर म रहग) जनसखया विदध बढ़ती आय और औ योिगक िवकासशहरी भारत तजी स िवकास की माग क कदर क प म उभर रहा ह

भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह

प ठ 41 अकषय कराित

नतीजतन परित यिकत पानी की उपल धता िगर रही ह परधानमतरी की अ यकषता म 12वी योजना क िलए हई योजना आयोग की पणर बठक म दसर म क साथ जल परबधन पर िवशष चचार हई बठक क बाद योजना आयोग क उपा यकष म टक िसह अहलवािलया न कहा िक भ-जल कानन स लकर दसर म की यापक समीकषा ज री ह व यनाथन सिमित जहा वतरमान म भ-जल कानन की साथरकता का अ ययन करगी वही भारतीय अतिरकष अनसधान सगठन [इसरो] की मदद स पानी की उपल धता का िव तत अ ययन होगा म टक न कहा िक उसी आधार पर रणनीित तय होगी सरकार यह यान रखगी िक पानी का अिधकतम उपयोग हो सक और सभी को उपल ध हो पानी पर िकसी का एकािधकार न हो सक बतात ह िक द पयोग को रोकन क िलए श क लगान पर भी िवचार िकया जा सकता ह हालािक इसस पहल रा य सरकार स चचार होगी यह तय ह िक एआइबीपी कायरकरम म यापक बदलाव ह ग ी म टक िसह अहलवािलया न कहा िक वतरमान म इस कायरकरम का सही िकरया वयन नही हो रहा ह िलहाजा उसम पिरवतरन ज री ह सभव ह िक हर रा य म जल िनयामक परािधकरण बनान की शतर भी लगाई जाए उ ह न कहा िक जल परबधन की यापक समीकषा कर नई रणनीित तय की जाएगी कल िमलाकर रा टरीय तर पर वतरमान जल ससाधन का अिधक स अिधक करन क िलए माग को परा करन क िलए पयार त ह लिकन भिव य क अ ययन पिरयोजना ह िक जल आपित र की ि थित अगल आध सदी म अिधक किठन हो सकती ह जल सकट स िनपटन को जल सरकषण परबधन अिनवायर परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह बढ़त वि वक तापमान क फल व प अितवि ट अनावि ट अ पवि ट और असामियक वि ट हम परितवषर दख रह ह िजसका परभाव हमार जल ससाधन पर पड़ता िदखाई द रहा ह कओ व बाविडय का िमटता अि त व नदी-नाल का घटता पानी भ-गभर जल का िगरता तर िचता की पिरिध स िनकलकर खतर की घटी बनता जा रहा ह

निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह

प ठ 42 अकषय कराित

िव व भर म सीमट क अधाधध परयोग न धरातल क सहज अवशोषण कषतर को घटाया ह तथा जल बहाव भिम कटाव व बाढ़ म विदध की ह ऐसी ि थित म जल सरकषण का दािय व मातर वजञािनक व सरकार तक सीिमत न रहकर पर यक उपभोकता क कध पर आ जाता ह इसी दािय व क िनवरहन क िलए हमार पास दो िवक प सामन आत ह 1 वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई

उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

2 पािरवािरक तर पर वषार जल को सगरिहत कर उसका उपयोग कर य दोन ही परयास गरामीण कषतर म तो सरलता स अपनाए जा सकत ह परत शहरी कषतर म व ट वाटर मनजमट की बड़ी पिरयोजनाए बनाकर ही पानी को िरसाइिकल िकया जा सकता ह भ-गभर अिधकािधक जल अवशोिषत होकर

जाए इसक िलए मदानी भाग म िनयोिजत ढग स बड़-बड़ पोखर बनाकर तथा पहाड़ी कषतर म नाल -ख ड म िमटटी प थर आरसीसी क बड़-छोट डम लगाकर जल बहाव रोक भ-सरकषण बचाव व जल भडारण और धरातल जल शोषण कषतर बढ़ाया जा सकता ह िव व बक भारत सरकार वारा म य िहमालय जलागम पिरयोजना रा य क भ-सरकषण िवभाग इस कषतर म कारगर उपाय लकर

हमार सामन ह परत जनसहयोग क िबना इन पिरयोजनाओ क आशातीत पिरणाम ल पाना किठन ह वकषारोपण इस सपणर जल चकर को बल दन वाला कारक ह जल क परित चतना जागत न हई तो अव य ही अगल िव व यदध का कारण जल ही होगा

जल भोजन ह और अिगन भोजन का भकषक ह अिगन जल म और जल अिगन म िव यमान ह

- ततरीय उपिनषद 38

वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

प ठ 43 अकषय कराित

म भी गान गा सकता ह शबनम क िखलत फल क म भी गीत सना सकता ह सावन क म त झल क लिकन जब घर-घर म बादल छाय घोर िनराशा क तब म नगम गा रहा ह उ मीद की आशा क

सड़क पर खड़ बचपन की य बात सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह

हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

इस बदलत पिरवश का राग सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

गाधी जी क सपन का जो राम-रा य कहलाता ह उस भारत म सड़क पर छोट चाय पहचाता ह

कहा गई वो अ हड़ म ती कहा गया वो यार का रा ता उन हाथ स बचत झड िजन हाथ को चािहए ब ता

उस सोन की िचिड़या की म बात बतान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

कही बम की गमर हवाए कही ससद म कोहराम ह कही होत घोटाल स परशान आदमी आम ह

कही कल की िकलकारी ह कही सड़क पर बचपन ह कही चलता नही गजारा कही िवदश म काला धन ह

म स चाई गा-गाकर सबको बतलान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

बदलता भारत मनीष लाल इरडा

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

प ठ 44 अकषय कराित

करन वाल काम बहत ह यथर उलझन को छोड़ो म ला-पिड़त तोड़ रह ह तम बस lsquoअपन को जोड़ो

lsquoहम बदलग-यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का lsquoवद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का

वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हम बदलग mdash यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का वद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

प ठ 45 अकषय कराित

िसफर काला और सफ़द य ही वो दो रग थ जो तर पास सि ट बनान क आधार थ

काला वो जो कािलमा िलय ह िजस कहत ह दख िनराशा म य अपयश और वो सबकछ जो नकारा मक ह

मगर सफद ह वो रग िजसस जड़ा ह जीवन आशा सख और कीितर और वो सब कछ जो सकारा मक ह पर इन रग स तझ चन ना िमला त सोचन लगा अगर सि ट बनानी ह

तो िकस िलए- ससगर और परम क िलए और

इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग

ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह

बस- बना डाला तन इ दरधनष

जो बरसात क बाद सरज और प वी क अनपम परम को रग दता ह सतरगी रग स

और उ ही सतरगी इ दरधनषी रग म हम हर पल हर कषण डबत गहरात इतरात रहत ह

और खिशय भर ससार म हर रग को अलग-अलग तरह स महसस करक जीत रहत ह

रग तो रग ह मगर-

ससगर और परम क िलए और इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह बस-

सतरगी िचतर सगीता ीवा तव इरडा

प ठ 46 अकषय कराित

कभी पक क कभी फीक़ तो कछ कभी दाग बनकर उभर आत ह

कछ आख म नील बादल स छाए रहत ह तो कछ गाल पर गलाबी रग बनकर छलक जात ह

याद रहत ह अक सर वो रग- जो खदी पर इस तरह छा जात ह िक खद म घलकर खद क होन

का एहसास दत-दत खद का एक रग बन जात ह

बगनी आसामनी नीला हरा पीला नारगी लाल इ दरधनष क य सात रग ही जोड़त ह हमार िदल को

हमार मन को जोड़न वाल इन रग की सतरगी दिनया म-

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा बनाय

और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क

सतरगी िचतर

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा

बनाय और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क सतरगी िचतर

प ठ 33 अकषय कराित

जल परकित का अनपम उपहार ह मानव जाित अपन परादभारवकाल स ही इस उपहार का उपयोग अपन िहत क िलए करती आई ह जल वह पराकितक उपहार ह िजसका कोई िवक प नही ह इसिलए जल को अमतया जीवन भी कहा गया ह जल क िबना जीवन की सभावना भी नही ह पर यकष प स तो जल की मानवीय आव यकता सीिमत ह परत परोकष आव यकताओ पर नजर डाल तो दिनक जीवन की आव यकताए जस अ न फल स जी दध स लकर हमार पहराव आवास तक सब जल स जड़ हजल का जरा भी सतलन िबगड़ जाए तो जीवन यापन क टपरद होन म दर नही परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह जल क सामा य त य जल या पानी एक आम रासायिनक पदाथर ह जो जीवन क सभी जञात प क जीिवत रहन क िलए ज री ह आमतौर पर जल अपनी दरव अव था म उपयोग म लाया जाता ह पर यह ठोस अव था बफर और गस अव था जल वा प या भाप प म भी पाया जाता ह प वी क लगभग तीन चौथाई िह स पर िव व क महासागर का अिधकार ह अनमानत प वी पर जल की कल मातरा लगभग 1400 िमिलयन घन िकलोमीटर ह जो िक प वी पर 3000 मीटर गहरी परत िबछा दन क िलए काफी ह तथािप जल की इस िवशाल मातरा म व छ जल का अनपात बहत कम ह प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह शष जल झील निदय वायम डल नमी मदा और वन पित म मौजद ह जल की जो मातरा उपभोग और अ य परयोग क िलए व ततः उपल ध ह वह निदय झील और भजल म उपल ध मातरा का छोटा-सा िह सा ह इसिलए जल ससाधन िवकास और परब ध की बाबत सकट इसिलए उ प न होता ह कय िक अिधकाश जल उपभोग क िलए उपल ध नही हो पाता

परभावी जल परबधन और दश का िवकास

दीपक आहजा ओएनजीसी िवदश

प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह

प ठ 34 अकषय कराित

और दसर इसका िवषमतापणर थािनक िवतरण इसकी एक अ य िविश टता ह फलतः जल का मह व वीकार िकया गया ह और इसक िकफायती परयोग तथा परब ध पर अिधक बल िदया गया ह प वी पर उपल ध जल जल-चकर क मा यम स चलायमान ह जल लगातार एक चकर म घमता रहता ह िजस जलचकर कहत ह इसम वा पीकरण वषार और बह कर सागर म पहचना शािमल ह हवा जल वा प को थल क ऊपर उसी दर स उड़ा ल जाती ह िजस गित स यह बहकर सागर म पहचाता ह जल चकर का िचतर नीच पर तत िकया गया ह

अिधकाश उपभोकताओ जस िक मन य पशओ अथवा पौध क िलए जल क सचलन की ज रत होती ह जल ससाधन की गितशील और नवीकरणीय परकित और इसक परयोग की बार बार ज रत को ि टगत रखत हए यह ज री ह िक जल ससाधन को उनकी परवाह दर क अनसार मापा जाए इस परकार जल ससाधन क दो पहल ह अिधकाश िवकासा मक ज रत क िलए परवाह क प म मािपत गितशील ससाधन अिधक परासिगक ह आरिकषत भ डार की ि थर अथवा िनयत परकित और साथ ही जल की मातरा तथा जल िनकाय क कषतर की ल बाई व म यपालन नौ सचालन आिद जस कछक िकरयाकलाप क िलए भी परासिगक ह

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 35 अकषय कराित

जल का यय अप यय जल क बार म एक नही कई च कान वाल त य ह िव व म और िवशष प स भारत म जल िकस परकार न ट होता ह इस िवषय म जो त य सामन आए ह उस पर जाग कता स यान दकर जल क अप यय को रोका जा सकता ह अनक त य ऐस ह जो हम आन वाल ख़तर स तो सावधान करत ही ह दसर स पररणा लन क िलए परो सािहत करत ह और पानी क मह व व इसक अनजान ोत की जानकारी भी दत ह प वी पर पदा होन वाली सभी वन पितया स भी हम पानी िमलता ह

आल और अनानास म 80 परितशत और टमाटर म 95 परितशत पानी ह पीन क िलए मानव को परितिदन 3 लीटर और पशओ को 50 लीटर पानी

चािहए भारत म 83 परितशत पानी खती और िसचाई क िलए उपयोग िकया जाता

ह इज़राइल म औसतन मातर 10 सटीमीटर वषार होती ह इस वषार स वह

इतना अनाज पदा कर लता ह िक वह उसका िनयारत कर सकता ह दसरी ओर भारत म औसतन 50 सटीमीटर स भी अिधक वषार होन क बावजद अनाज की कमी बनी रहती ह

िपछल 50 वष म जल क िलए 37 भीषण ह याकाड हए ह भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल

चलती ह पानी ज य रोग स िव व म हर वषर 22 लाख लोग की मौत हो जाती ह यिद बरश करत समय नल खला रह गया ह तो पाच िमनट म करीब 25

स 30 लीटर पानी बरबाद होता ह बाथ टब म नहात समय 300 स 500 लीटर पानी खचर होता ह जबिक

सामा य प स नहान म 100 स 150 लीटर पानी खचर होता ह िव व म परित 10 यिकतय म स 2 यिकतय को पीन का शदध पानी

नही िमल पाता ह परित वषर 6 अरब लीटर बोतल पक पानी मन य वारा पीन क िलए

परयकत िकया जाता ह मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 36 अकषय कराित

िद ली मबई और च नई जस महानगर म पाइप लाइन क वॉ व की खराबी क कारण रोज़ 14 स 44 परितशत पानी बकार बह जाता ह

निदया पानी का सबस बड़ा ोत ह जहा एक ओर निदय म बढ़त परदषण रोकन क िलए िवशषजञ उपाय खोज रह ह वही कल कारखान स बहत हए रसायन उ ह भारी मातरा म दिषत कर रह ह

भारत म जल सकट नासा की एक िरपोटर न पानी को लकर दश भर म बढ़ती जा रही लापरवाही क परित आख खोली ह इस िरपोटर म भारत म सख की ि थित पदा होन क िलए िज मवार कारण म स एक अहम कारण अधाधध जल दोहन को बताया गया ह बतात चल िक दश भर क 604 िजल म स 161 सख की मार झल रह ह वस अब बताया जा रहा ह िक सख की मार स बहाल िजल की सखया बढ़कर 246 हो गई ह यानी कहा जाए तो आधा दश सख की चपट म ह बहरहाल नासा की इस िरपोटर म बताया गया ह िक भारत क कई रा य कषमता स यादा जल दोहन कर रह ह यहा कषमता स ता पयर यह ह िक उनस िजतन सलाना जल दोहन की उ मीद कदर करती ह व उसस कही यादा जल दोहन कर रह ह नासा न यह अ ययन 2002 स 2008 क बीच

की ि थितय क आधार पर िकया ह इस िरपोटर म बताया गया ह िक पजाब हिरयाणा और राज थान हर साल औसतन 177 अरब कयिबक मीटर पानी जमीन क अदर स िनकाल रह ह जबिक कदर की तरफ स लगाए गए अनमान क मतािबक इ ह हर साल 132 अरब कयिबक मीटर पानी ही जमीन क अदर स िनकालना था इस तरह स दखा जाए तो य तीन रा य िमलकर कषमता स 30 फीसदी यादा पानी का दोहन कर रह ह जािहर ह िक िबना कछ सोच-िवचार जब इस पमान पर पराकितक ससाधन का दोहन िकया जाएगा तो परकित भी बदला लगी और वही हो रहा ह इस िरपोटर म यह भी बताया गया ह िक भारत का महज 58 फीसदी भजल ही हर साल िरचाजर हो पाता ह नासा की यह िरपोटर बताती ह िक अधाधध जल दोहन की वजह स पर उ तर पि चम भारत क भजल तर म हर साल 4 सटीमीटर यानी 16 इच की कमी आ रही ह इस अ ययन को अजाम दन म नासा क जल िवजञानी मट रोडल न अहम भिमका िनभाई ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 37 अकषय कराित

उनक हवाल स इस िरपोटर म बताया गया ह िक दश क उ तर पि चम कषतर म 2002 स 2008 क दौरान तकरीबन 109 कयिबक िकलोमीटर पानी की कमी हई ह यह मातरा िकतनी अिधक ह इसका अदाजा इसी स लगाया जा सकता ह िक यह अमिरका क सबस बड़ जलाशय लक मीड की कषमता स दगन स भी कही यादा ह अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह इस िरपोटर क मतािबक अगर अधाधध जल दोहन इसी तरह स जारी रहा तो आन वाल समय म भारत को अनाज और पानी क सकट को झलन क िलए अभी स तयार हो जाना चािहए जािहर ह िक जब जल सकट बढ़गा तो खती पर इसका गहरा परभाव पड़गा अनाज क उ पादन म कमी आएगी इस वजह स अनाज सकट पदा होगा और भख का एक नया चहरा उभरकर सामन आएगा एक बड़ा तबका जो आज भरपट भोजन कर पाता ह उसक िलए पट भर खाना िमलना मि कल हो जाएगा भखमरी की जो सम या पदा होगी उसस िफर िनपटना आसान नही होगा इसक अलावा पीन क पानी का टोटा तो होगा ही अभी ही दश क कई िह स ऐस ह जहा क लोग को पीन क िलए साफ पानी नही िमल पा रहा ह कई कषतर ऐस ह जहा गमीर क िदन म हडपप स पानी आना बद हो जाता ह वहा क लोग को हर साल बोिरग को कछ फट बढ़वाना होता ह यह सम या भजल तर क िगरत जान की वजह स ही पदा हई ह जब पीन क पानी का सकट पदा होगा तो बोतलबद पानी का कारोबार काफी तजी स बढ़गा कहन का मतलब यह िक िजसक पास पसा होगा वह अपनी यास बझा सकगा और िजसक पास पसा नही होगा उस अपनी यास बझान क िलए भी सघषर करना पड़गा ि थित की भयावहता की क पना ही िसहरन पदा करती ह भारत म दिनया का हर छठा आदमी रहता ह यानी कहा जाए तो दिनया क कल आबादी क तकरीबन सतरह फीसदी लोग भारत म रहत ह जबिक दिनया का महज साढ़ चार फीसदी पानी ही भारत म उपल ध ह ऐस म जल सम या स दो-चार होना कोई आनापिकषत बात नही ह एक बात तो तय ह िक पराकितक ससाधन म इजाफा तो नही िकया जा सकता ह लिकन इसका सरकषण अव य िकया जा सकता ह

अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह

प ठ 38 अकषय कराित

भारत म लोग िकसी एक मा यम स पयजल परा त करन पर िनभरर नही ह इस दश म 357 फीसदी लोग हडपप स 367 फीसदी लोग नल स 182 फीसदी लोग तालाब पोखर या झील स 56 फीसदी कओ स 12 फीसदी लोग पारपिरक साधन स और 26 फीसदी लोग अ य मा यम स पीन का पानी परा त करत ह इस िलहाज स अगर दखा जाए तो जल सकट को दर करन क िलए समगर कायरयोजना की ज रत ह

दरअसल भारत म गहरात जल सकट क िलए काफी हद तक पानी की बबारदी भी िज मवार ह यहा जल आपित र की यव था म काफी खािमया ह नल क जिरए घर तक पहचन वाल पानी का एक बड़ा िह सा िरस कर बबारद हो जाता ह हर शहर म फट हए आपित र पाइप आसानी स दख जा सकत ह इस बदहाल यव था क िलए सरकार क साथ-साथ सामा य लोग भी कम िज मदार नही ह एक तरफ तो सरकार पयजल क नाम पर हर साल हजार करोड़ पए का बजट बनाती ह और दसरी तरफ जमीनी तर पर हालात म कोई बदलाव नही िदखता ह सामािजक तौर पर भी जल सरकषण को लकर जाग कता का अभाव िदखता ह यह सामािजक तान-बान का ही असर ह िक लोग कही भी जल की बबारदी को दखकर उस सामा य घटना मानत हए नजरअदाज कर दत ह दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था यह अब घटकर 1800 कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर हो चका ह

दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था

प ठ 39 अकषय कराित

िवशषजञ का अनमान ह िक अगर पानी की खपत और बबारदी इसी तरह स जारी रही तो 2025 तक यह घटकर हजार कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर ही रह जाएगा उस समय तक पानी की उपल धता म आन वाली इस कमी की वजह स किष उ पादन म तीस फीसदी की कमी आन की सभावना ह इन पिरि थितय म दश की आिथरक और सामािजक ि थित का कया होगा इसका अदाजा सहज ही लगाया जा सकता ह भारत म जल सरकषण क परित आज भी आम लोग क मन म उपकषा का भाव बना हआ ह साथ ही इस कायर क िलए आव यक तकनीक की भी कमी ह जो तकनीक उपल ध ह उनस सामा य लोग अनजान ह बािरश क पानी का सगरह करक उस उपयोग म लाना एक अ छा िवक प ह पर इस तरह की कोिशश काफी सीिमत मातरा म काफी छोट तर पर हो रही ह यही वजह ह िक दश म होन वाली बािरश क पानी का अ सी फीसदी िह सा आज भी समदर म पहच जाता ह अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह अगर जल की इस िवशाल मातरा का आधा भी परयोग कर िलया जाए तो ि थित म यापक बदलाव आना तय ह शहरी कषतर म तो पानी की कालाबाजारी जोर पर ह जगह-जगह पर जल मािफया सिकरय हो गए ह िद ली क ही एक अखबार न कछ समय पहल यह बात उजागर िकया था यहा तो समानातर जल बोडर भी चलाया जा रहा ह हरानी की बात तो यह ह िक इसक बावजद भी पानी क काल धध पर अकश नही लगाया जा सका ह अहम सवाल यह ह िक कस सामा य तबक क लोग तक व छ पानी पहचाया जाए शहरी कषतर क साथ-साथ गरामीण कषतर म भी यह एक बड़ी चनौती ह आबादी म अपर यािशत विदध बढ़त शहरीकरण औ योिगकीकरण और किष उ पाद की बढ़ती माग क कारण पानी की माग िपछल कछ साल म वाभािवक प स बढ़ी ह इसक पिरणाम व प भजल ससाधन का अ यिधक दोहन हआ ह और इसका नतीजा हआ िक लगातार भजल का तर घटता जा रहा ह शहरी कषतर म ि थित बहद भयावह ह तदनसार वहा न कवल शीघराितशीघर जल ससाधन क सरकषण की ज रत ह बि क परभावी रणनीित और परबधन क जिरए त काल कदम उठान की ज रत ह

अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह

प ठ 40 अकषय कराित

खासकर इस बात को यान म ऱखकर िक िविभ न परितयोगी कषतर म कभी भी माग बढ़ सकती ह भिव य म उपयोग क िलए छत पर या सतह पर जलगरहण बनाकर वषारजल सरकषण बहद ज री ह यह पानी की बढ़ती ज रत का खयाल रखन िमटटी की नमी तर को बढ़ान शहरी हिरयाली को बढ़ान भजल तर को कितरम प स पनभररण करन और भजल की गणव ता स सधार का काम करता ह भारत म जल परबधन स दश का िवकास भारत म दिनया की 16 परितशत आबादी रहती ह लिकन दिनया क िसफर 4 परितशत जल ससाधन ही भारत क पास ह 3290000 वगर िकलोमीटर क भिम कषतर और एक अरब स यादा की आबादी क साथ भारत क एक बहलवादी िविवधता का िचतर ह िवशाल पराकितक ससाधन क साथ सप न तकनीकी और वजञािनक किमरय का भी यह दिनया म दसरा सबस बड़ा सम चय ह भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह मानव िवकास म 80 क दशक म लगभग 26 परितशत और 90 क दशक क दौरान और 24 परितशत क वारा सधार हआ ह आजादी क बाद छह दशक म भारत न जल ससाधन का अभतपवर िवकास और खा या न म आ मिनभररता शहरी कषतर ऊजार और औ योिगक कषतर और पीन का पानी क बिनयादी ढाच म तजी स िव तार दखा ह िजसका उपयोग भारत की लगभग 85 परितशत शहरी और गरामीण आबादी क वारा िकया जाता ह भारत म रा य सरकार और भारत सरकार क परितबदध और ठोस परयास की वजह स गरामीण और शहरी आबादी को सरिकषत पयजल को उपल ध करवान म काफी सफलता हािसल की ह इस उपलि ध न भजल की कमी जल जमावजल गणव ता िगरावट जल परदषण और बढ़त लवणता तर स बड़ कषतर को परभािवत िकया ह और अभी भी िविभ न रा य म गरामीण और शहरी भारत क मानव िवकास सचकाक (HDI)rsquo म बहत असमानता मौजद ह पानी क िलए कषतरीय माग तजी स बढ़ रह शहरीकरण की गित स बढ़ रही ह (अनमानत 2025 तक दश की आबादी का 50 परितशत स अिधक शहर म रहग) जनसखया विदध बढ़ती आय और औ योिगक िवकासशहरी भारत तजी स िवकास की माग क कदर क प म उभर रहा ह

भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह

प ठ 41 अकषय कराित

नतीजतन परित यिकत पानी की उपल धता िगर रही ह परधानमतरी की अ यकषता म 12वी योजना क िलए हई योजना आयोग की पणर बठक म दसर म क साथ जल परबधन पर िवशष चचार हई बठक क बाद योजना आयोग क उपा यकष म टक िसह अहलवािलया न कहा िक भ-जल कानन स लकर दसर म की यापक समीकषा ज री ह व यनाथन सिमित जहा वतरमान म भ-जल कानन की साथरकता का अ ययन करगी वही भारतीय अतिरकष अनसधान सगठन [इसरो] की मदद स पानी की उपल धता का िव तत अ ययन होगा म टक न कहा िक उसी आधार पर रणनीित तय होगी सरकार यह यान रखगी िक पानी का अिधकतम उपयोग हो सक और सभी को उपल ध हो पानी पर िकसी का एकािधकार न हो सक बतात ह िक द पयोग को रोकन क िलए श क लगान पर भी िवचार िकया जा सकता ह हालािक इसस पहल रा य सरकार स चचार होगी यह तय ह िक एआइबीपी कायरकरम म यापक बदलाव ह ग ी म टक िसह अहलवािलया न कहा िक वतरमान म इस कायरकरम का सही िकरया वयन नही हो रहा ह िलहाजा उसम पिरवतरन ज री ह सभव ह िक हर रा य म जल िनयामक परािधकरण बनान की शतर भी लगाई जाए उ ह न कहा िक जल परबधन की यापक समीकषा कर नई रणनीित तय की जाएगी कल िमलाकर रा टरीय तर पर वतरमान जल ससाधन का अिधक स अिधक करन क िलए माग को परा करन क िलए पयार त ह लिकन भिव य क अ ययन पिरयोजना ह िक जल आपित र की ि थित अगल आध सदी म अिधक किठन हो सकती ह जल सकट स िनपटन को जल सरकषण परबधन अिनवायर परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह बढ़त वि वक तापमान क फल व प अितवि ट अनावि ट अ पवि ट और असामियक वि ट हम परितवषर दख रह ह िजसका परभाव हमार जल ससाधन पर पड़ता िदखाई द रहा ह कओ व बाविडय का िमटता अि त व नदी-नाल का घटता पानी भ-गभर जल का िगरता तर िचता की पिरिध स िनकलकर खतर की घटी बनता जा रहा ह

निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह

प ठ 42 अकषय कराित

िव व भर म सीमट क अधाधध परयोग न धरातल क सहज अवशोषण कषतर को घटाया ह तथा जल बहाव भिम कटाव व बाढ़ म विदध की ह ऐसी ि थित म जल सरकषण का दािय व मातर वजञािनक व सरकार तक सीिमत न रहकर पर यक उपभोकता क कध पर आ जाता ह इसी दािय व क िनवरहन क िलए हमार पास दो िवक प सामन आत ह 1 वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई

उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

2 पािरवािरक तर पर वषार जल को सगरिहत कर उसका उपयोग कर य दोन ही परयास गरामीण कषतर म तो सरलता स अपनाए जा सकत ह परत शहरी कषतर म व ट वाटर मनजमट की बड़ी पिरयोजनाए बनाकर ही पानी को िरसाइिकल िकया जा सकता ह भ-गभर अिधकािधक जल अवशोिषत होकर

जाए इसक िलए मदानी भाग म िनयोिजत ढग स बड़-बड़ पोखर बनाकर तथा पहाड़ी कषतर म नाल -ख ड म िमटटी प थर आरसीसी क बड़-छोट डम लगाकर जल बहाव रोक भ-सरकषण बचाव व जल भडारण और धरातल जल शोषण कषतर बढ़ाया जा सकता ह िव व बक भारत सरकार वारा म य िहमालय जलागम पिरयोजना रा य क भ-सरकषण िवभाग इस कषतर म कारगर उपाय लकर

हमार सामन ह परत जनसहयोग क िबना इन पिरयोजनाओ क आशातीत पिरणाम ल पाना किठन ह वकषारोपण इस सपणर जल चकर को बल दन वाला कारक ह जल क परित चतना जागत न हई तो अव य ही अगल िव व यदध का कारण जल ही होगा

जल भोजन ह और अिगन भोजन का भकषक ह अिगन जल म और जल अिगन म िव यमान ह

- ततरीय उपिनषद 38

वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

प ठ 43 अकषय कराित

म भी गान गा सकता ह शबनम क िखलत फल क म भी गीत सना सकता ह सावन क म त झल क लिकन जब घर-घर म बादल छाय घोर िनराशा क तब म नगम गा रहा ह उ मीद की आशा क

सड़क पर खड़ बचपन की य बात सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह

हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

इस बदलत पिरवश का राग सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

गाधी जी क सपन का जो राम-रा य कहलाता ह उस भारत म सड़क पर छोट चाय पहचाता ह

कहा गई वो अ हड़ म ती कहा गया वो यार का रा ता उन हाथ स बचत झड िजन हाथ को चािहए ब ता

उस सोन की िचिड़या की म बात बतान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

कही बम की गमर हवाए कही ससद म कोहराम ह कही होत घोटाल स परशान आदमी आम ह

कही कल की िकलकारी ह कही सड़क पर बचपन ह कही चलता नही गजारा कही िवदश म काला धन ह

म स चाई गा-गाकर सबको बतलान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

बदलता भारत मनीष लाल इरडा

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

प ठ 44 अकषय कराित

करन वाल काम बहत ह यथर उलझन को छोड़ो म ला-पिड़त तोड़ रह ह तम बस lsquoअपन को जोड़ो

lsquoहम बदलग-यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का lsquoवद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का

वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हम बदलग mdash यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का वद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

प ठ 45 अकषय कराित

िसफर काला और सफ़द य ही वो दो रग थ जो तर पास सि ट बनान क आधार थ

काला वो जो कािलमा िलय ह िजस कहत ह दख िनराशा म य अपयश और वो सबकछ जो नकारा मक ह

मगर सफद ह वो रग िजसस जड़ा ह जीवन आशा सख और कीितर और वो सब कछ जो सकारा मक ह पर इन रग स तझ चन ना िमला त सोचन लगा अगर सि ट बनानी ह

तो िकस िलए- ससगर और परम क िलए और

इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग

ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह

बस- बना डाला तन इ दरधनष

जो बरसात क बाद सरज और प वी क अनपम परम को रग दता ह सतरगी रग स

और उ ही सतरगी इ दरधनषी रग म हम हर पल हर कषण डबत गहरात इतरात रहत ह

और खिशय भर ससार म हर रग को अलग-अलग तरह स महसस करक जीत रहत ह

रग तो रग ह मगर-

ससगर और परम क िलए और इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह बस-

सतरगी िचतर सगीता ीवा तव इरडा

प ठ 46 अकषय कराित

कभी पक क कभी फीक़ तो कछ कभी दाग बनकर उभर आत ह

कछ आख म नील बादल स छाए रहत ह तो कछ गाल पर गलाबी रग बनकर छलक जात ह

याद रहत ह अक सर वो रग- जो खदी पर इस तरह छा जात ह िक खद म घलकर खद क होन

का एहसास दत-दत खद का एक रग बन जात ह

बगनी आसामनी नीला हरा पीला नारगी लाल इ दरधनष क य सात रग ही जोड़त ह हमार िदल को

हमार मन को जोड़न वाल इन रग की सतरगी दिनया म-

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा बनाय

और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क

सतरगी िचतर

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा

बनाय और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क सतरगी िचतर

प ठ 34 अकषय कराित

और दसर इसका िवषमतापणर थािनक िवतरण इसकी एक अ य िविश टता ह फलतः जल का मह व वीकार िकया गया ह और इसक िकफायती परयोग तथा परब ध पर अिधक बल िदया गया ह प वी पर उपल ध जल जल-चकर क मा यम स चलायमान ह जल लगातार एक चकर म घमता रहता ह िजस जलचकर कहत ह इसम वा पीकरण वषार और बह कर सागर म पहचना शािमल ह हवा जल वा प को थल क ऊपर उसी दर स उड़ा ल जाती ह िजस गित स यह बहकर सागर म पहचाता ह जल चकर का िचतर नीच पर तत िकया गया ह

अिधकाश उपभोकताओ जस िक मन य पशओ अथवा पौध क िलए जल क सचलन की ज रत होती ह जल ससाधन की गितशील और नवीकरणीय परकित और इसक परयोग की बार बार ज रत को ि टगत रखत हए यह ज री ह िक जल ससाधन को उनकी परवाह दर क अनसार मापा जाए इस परकार जल ससाधन क दो पहल ह अिधकाश िवकासा मक ज रत क िलए परवाह क प म मािपत गितशील ससाधन अिधक परासिगक ह आरिकषत भ डार की ि थर अथवा िनयत परकित और साथ ही जल की मातरा तथा जल िनकाय क कषतर की ल बाई व म यपालन नौ सचालन आिद जस कछक िकरयाकलाप क िलए भी परासिगक ह

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 35 अकषय कराित

जल का यय अप यय जल क बार म एक नही कई च कान वाल त य ह िव व म और िवशष प स भारत म जल िकस परकार न ट होता ह इस िवषय म जो त य सामन आए ह उस पर जाग कता स यान दकर जल क अप यय को रोका जा सकता ह अनक त य ऐस ह जो हम आन वाल ख़तर स तो सावधान करत ही ह दसर स पररणा लन क िलए परो सािहत करत ह और पानी क मह व व इसक अनजान ोत की जानकारी भी दत ह प वी पर पदा होन वाली सभी वन पितया स भी हम पानी िमलता ह

आल और अनानास म 80 परितशत और टमाटर म 95 परितशत पानी ह पीन क िलए मानव को परितिदन 3 लीटर और पशओ को 50 लीटर पानी

चािहए भारत म 83 परितशत पानी खती और िसचाई क िलए उपयोग िकया जाता

ह इज़राइल म औसतन मातर 10 सटीमीटर वषार होती ह इस वषार स वह

इतना अनाज पदा कर लता ह िक वह उसका िनयारत कर सकता ह दसरी ओर भारत म औसतन 50 सटीमीटर स भी अिधक वषार होन क बावजद अनाज की कमी बनी रहती ह

िपछल 50 वष म जल क िलए 37 भीषण ह याकाड हए ह भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल

चलती ह पानी ज य रोग स िव व म हर वषर 22 लाख लोग की मौत हो जाती ह यिद बरश करत समय नल खला रह गया ह तो पाच िमनट म करीब 25

स 30 लीटर पानी बरबाद होता ह बाथ टब म नहात समय 300 स 500 लीटर पानी खचर होता ह जबिक

सामा य प स नहान म 100 स 150 लीटर पानी खचर होता ह िव व म परित 10 यिकतय म स 2 यिकतय को पीन का शदध पानी

नही िमल पाता ह परित वषर 6 अरब लीटर बोतल पक पानी मन य वारा पीन क िलए

परयकत िकया जाता ह मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 36 अकषय कराित

िद ली मबई और च नई जस महानगर म पाइप लाइन क वॉ व की खराबी क कारण रोज़ 14 स 44 परितशत पानी बकार बह जाता ह

निदया पानी का सबस बड़ा ोत ह जहा एक ओर निदय म बढ़त परदषण रोकन क िलए िवशषजञ उपाय खोज रह ह वही कल कारखान स बहत हए रसायन उ ह भारी मातरा म दिषत कर रह ह

भारत म जल सकट नासा की एक िरपोटर न पानी को लकर दश भर म बढ़ती जा रही लापरवाही क परित आख खोली ह इस िरपोटर म भारत म सख की ि थित पदा होन क िलए िज मवार कारण म स एक अहम कारण अधाधध जल दोहन को बताया गया ह बतात चल िक दश भर क 604 िजल म स 161 सख की मार झल रह ह वस अब बताया जा रहा ह िक सख की मार स बहाल िजल की सखया बढ़कर 246 हो गई ह यानी कहा जाए तो आधा दश सख की चपट म ह बहरहाल नासा की इस िरपोटर म बताया गया ह िक भारत क कई रा य कषमता स यादा जल दोहन कर रह ह यहा कषमता स ता पयर यह ह िक उनस िजतन सलाना जल दोहन की उ मीद कदर करती ह व उसस कही यादा जल दोहन कर रह ह नासा न यह अ ययन 2002 स 2008 क बीच

की ि थितय क आधार पर िकया ह इस िरपोटर म बताया गया ह िक पजाब हिरयाणा और राज थान हर साल औसतन 177 अरब कयिबक मीटर पानी जमीन क अदर स िनकाल रह ह जबिक कदर की तरफ स लगाए गए अनमान क मतािबक इ ह हर साल 132 अरब कयिबक मीटर पानी ही जमीन क अदर स िनकालना था इस तरह स दखा जाए तो य तीन रा य िमलकर कषमता स 30 फीसदी यादा पानी का दोहन कर रह ह जािहर ह िक िबना कछ सोच-िवचार जब इस पमान पर पराकितक ससाधन का दोहन िकया जाएगा तो परकित भी बदला लगी और वही हो रहा ह इस िरपोटर म यह भी बताया गया ह िक भारत का महज 58 फीसदी भजल ही हर साल िरचाजर हो पाता ह नासा की यह िरपोटर बताती ह िक अधाधध जल दोहन की वजह स पर उ तर पि चम भारत क भजल तर म हर साल 4 सटीमीटर यानी 16 इच की कमी आ रही ह इस अ ययन को अजाम दन म नासा क जल िवजञानी मट रोडल न अहम भिमका िनभाई ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 37 अकषय कराित

उनक हवाल स इस िरपोटर म बताया गया ह िक दश क उ तर पि चम कषतर म 2002 स 2008 क दौरान तकरीबन 109 कयिबक िकलोमीटर पानी की कमी हई ह यह मातरा िकतनी अिधक ह इसका अदाजा इसी स लगाया जा सकता ह िक यह अमिरका क सबस बड़ जलाशय लक मीड की कषमता स दगन स भी कही यादा ह अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह इस िरपोटर क मतािबक अगर अधाधध जल दोहन इसी तरह स जारी रहा तो आन वाल समय म भारत को अनाज और पानी क सकट को झलन क िलए अभी स तयार हो जाना चािहए जािहर ह िक जब जल सकट बढ़गा तो खती पर इसका गहरा परभाव पड़गा अनाज क उ पादन म कमी आएगी इस वजह स अनाज सकट पदा होगा और भख का एक नया चहरा उभरकर सामन आएगा एक बड़ा तबका जो आज भरपट भोजन कर पाता ह उसक िलए पट भर खाना िमलना मि कल हो जाएगा भखमरी की जो सम या पदा होगी उसस िफर िनपटना आसान नही होगा इसक अलावा पीन क पानी का टोटा तो होगा ही अभी ही दश क कई िह स ऐस ह जहा क लोग को पीन क िलए साफ पानी नही िमल पा रहा ह कई कषतर ऐस ह जहा गमीर क िदन म हडपप स पानी आना बद हो जाता ह वहा क लोग को हर साल बोिरग को कछ फट बढ़वाना होता ह यह सम या भजल तर क िगरत जान की वजह स ही पदा हई ह जब पीन क पानी का सकट पदा होगा तो बोतलबद पानी का कारोबार काफी तजी स बढ़गा कहन का मतलब यह िक िजसक पास पसा होगा वह अपनी यास बझा सकगा और िजसक पास पसा नही होगा उस अपनी यास बझान क िलए भी सघषर करना पड़गा ि थित की भयावहता की क पना ही िसहरन पदा करती ह भारत म दिनया का हर छठा आदमी रहता ह यानी कहा जाए तो दिनया क कल आबादी क तकरीबन सतरह फीसदी लोग भारत म रहत ह जबिक दिनया का महज साढ़ चार फीसदी पानी ही भारत म उपल ध ह ऐस म जल सम या स दो-चार होना कोई आनापिकषत बात नही ह एक बात तो तय ह िक पराकितक ससाधन म इजाफा तो नही िकया जा सकता ह लिकन इसका सरकषण अव य िकया जा सकता ह

अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह

प ठ 38 अकषय कराित

भारत म लोग िकसी एक मा यम स पयजल परा त करन पर िनभरर नही ह इस दश म 357 फीसदी लोग हडपप स 367 फीसदी लोग नल स 182 फीसदी लोग तालाब पोखर या झील स 56 फीसदी कओ स 12 फीसदी लोग पारपिरक साधन स और 26 फीसदी लोग अ य मा यम स पीन का पानी परा त करत ह इस िलहाज स अगर दखा जाए तो जल सकट को दर करन क िलए समगर कायरयोजना की ज रत ह

दरअसल भारत म गहरात जल सकट क िलए काफी हद तक पानी की बबारदी भी िज मवार ह यहा जल आपित र की यव था म काफी खािमया ह नल क जिरए घर तक पहचन वाल पानी का एक बड़ा िह सा िरस कर बबारद हो जाता ह हर शहर म फट हए आपित र पाइप आसानी स दख जा सकत ह इस बदहाल यव था क िलए सरकार क साथ-साथ सामा य लोग भी कम िज मदार नही ह एक तरफ तो सरकार पयजल क नाम पर हर साल हजार करोड़ पए का बजट बनाती ह और दसरी तरफ जमीनी तर पर हालात म कोई बदलाव नही िदखता ह सामािजक तौर पर भी जल सरकषण को लकर जाग कता का अभाव िदखता ह यह सामािजक तान-बान का ही असर ह िक लोग कही भी जल की बबारदी को दखकर उस सामा य घटना मानत हए नजरअदाज कर दत ह दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था यह अब घटकर 1800 कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर हो चका ह

दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था

प ठ 39 अकषय कराित

िवशषजञ का अनमान ह िक अगर पानी की खपत और बबारदी इसी तरह स जारी रही तो 2025 तक यह घटकर हजार कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर ही रह जाएगा उस समय तक पानी की उपल धता म आन वाली इस कमी की वजह स किष उ पादन म तीस फीसदी की कमी आन की सभावना ह इन पिरि थितय म दश की आिथरक और सामािजक ि थित का कया होगा इसका अदाजा सहज ही लगाया जा सकता ह भारत म जल सरकषण क परित आज भी आम लोग क मन म उपकषा का भाव बना हआ ह साथ ही इस कायर क िलए आव यक तकनीक की भी कमी ह जो तकनीक उपल ध ह उनस सामा य लोग अनजान ह बािरश क पानी का सगरह करक उस उपयोग म लाना एक अ छा िवक प ह पर इस तरह की कोिशश काफी सीिमत मातरा म काफी छोट तर पर हो रही ह यही वजह ह िक दश म होन वाली बािरश क पानी का अ सी फीसदी िह सा आज भी समदर म पहच जाता ह अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह अगर जल की इस िवशाल मातरा का आधा भी परयोग कर िलया जाए तो ि थित म यापक बदलाव आना तय ह शहरी कषतर म तो पानी की कालाबाजारी जोर पर ह जगह-जगह पर जल मािफया सिकरय हो गए ह िद ली क ही एक अखबार न कछ समय पहल यह बात उजागर िकया था यहा तो समानातर जल बोडर भी चलाया जा रहा ह हरानी की बात तो यह ह िक इसक बावजद भी पानी क काल धध पर अकश नही लगाया जा सका ह अहम सवाल यह ह िक कस सामा य तबक क लोग तक व छ पानी पहचाया जाए शहरी कषतर क साथ-साथ गरामीण कषतर म भी यह एक बड़ी चनौती ह आबादी म अपर यािशत विदध बढ़त शहरीकरण औ योिगकीकरण और किष उ पाद की बढ़ती माग क कारण पानी की माग िपछल कछ साल म वाभािवक प स बढ़ी ह इसक पिरणाम व प भजल ससाधन का अ यिधक दोहन हआ ह और इसका नतीजा हआ िक लगातार भजल का तर घटता जा रहा ह शहरी कषतर म ि थित बहद भयावह ह तदनसार वहा न कवल शीघराितशीघर जल ससाधन क सरकषण की ज रत ह बि क परभावी रणनीित और परबधन क जिरए त काल कदम उठान की ज रत ह

अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह

प ठ 40 अकषय कराित

खासकर इस बात को यान म ऱखकर िक िविभ न परितयोगी कषतर म कभी भी माग बढ़ सकती ह भिव य म उपयोग क िलए छत पर या सतह पर जलगरहण बनाकर वषारजल सरकषण बहद ज री ह यह पानी की बढ़ती ज रत का खयाल रखन िमटटी की नमी तर को बढ़ान शहरी हिरयाली को बढ़ान भजल तर को कितरम प स पनभररण करन और भजल की गणव ता स सधार का काम करता ह भारत म जल परबधन स दश का िवकास भारत म दिनया की 16 परितशत आबादी रहती ह लिकन दिनया क िसफर 4 परितशत जल ससाधन ही भारत क पास ह 3290000 वगर िकलोमीटर क भिम कषतर और एक अरब स यादा की आबादी क साथ भारत क एक बहलवादी िविवधता का िचतर ह िवशाल पराकितक ससाधन क साथ सप न तकनीकी और वजञािनक किमरय का भी यह दिनया म दसरा सबस बड़ा सम चय ह भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह मानव िवकास म 80 क दशक म लगभग 26 परितशत और 90 क दशक क दौरान और 24 परितशत क वारा सधार हआ ह आजादी क बाद छह दशक म भारत न जल ससाधन का अभतपवर िवकास और खा या न म आ मिनभररता शहरी कषतर ऊजार और औ योिगक कषतर और पीन का पानी क बिनयादी ढाच म तजी स िव तार दखा ह िजसका उपयोग भारत की लगभग 85 परितशत शहरी और गरामीण आबादी क वारा िकया जाता ह भारत म रा य सरकार और भारत सरकार क परितबदध और ठोस परयास की वजह स गरामीण और शहरी आबादी को सरिकषत पयजल को उपल ध करवान म काफी सफलता हािसल की ह इस उपलि ध न भजल की कमी जल जमावजल गणव ता िगरावट जल परदषण और बढ़त लवणता तर स बड़ कषतर को परभािवत िकया ह और अभी भी िविभ न रा य म गरामीण और शहरी भारत क मानव िवकास सचकाक (HDI)rsquo म बहत असमानता मौजद ह पानी क िलए कषतरीय माग तजी स बढ़ रह शहरीकरण की गित स बढ़ रही ह (अनमानत 2025 तक दश की आबादी का 50 परितशत स अिधक शहर म रहग) जनसखया विदध बढ़ती आय और औ योिगक िवकासशहरी भारत तजी स िवकास की माग क कदर क प म उभर रहा ह

भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह

प ठ 41 अकषय कराित

नतीजतन परित यिकत पानी की उपल धता िगर रही ह परधानमतरी की अ यकषता म 12वी योजना क िलए हई योजना आयोग की पणर बठक म दसर म क साथ जल परबधन पर िवशष चचार हई बठक क बाद योजना आयोग क उपा यकष म टक िसह अहलवािलया न कहा िक भ-जल कानन स लकर दसर म की यापक समीकषा ज री ह व यनाथन सिमित जहा वतरमान म भ-जल कानन की साथरकता का अ ययन करगी वही भारतीय अतिरकष अनसधान सगठन [इसरो] की मदद स पानी की उपल धता का िव तत अ ययन होगा म टक न कहा िक उसी आधार पर रणनीित तय होगी सरकार यह यान रखगी िक पानी का अिधकतम उपयोग हो सक और सभी को उपल ध हो पानी पर िकसी का एकािधकार न हो सक बतात ह िक द पयोग को रोकन क िलए श क लगान पर भी िवचार िकया जा सकता ह हालािक इसस पहल रा य सरकार स चचार होगी यह तय ह िक एआइबीपी कायरकरम म यापक बदलाव ह ग ी म टक िसह अहलवािलया न कहा िक वतरमान म इस कायरकरम का सही िकरया वयन नही हो रहा ह िलहाजा उसम पिरवतरन ज री ह सभव ह िक हर रा य म जल िनयामक परािधकरण बनान की शतर भी लगाई जाए उ ह न कहा िक जल परबधन की यापक समीकषा कर नई रणनीित तय की जाएगी कल िमलाकर रा टरीय तर पर वतरमान जल ससाधन का अिधक स अिधक करन क िलए माग को परा करन क िलए पयार त ह लिकन भिव य क अ ययन पिरयोजना ह िक जल आपित र की ि थित अगल आध सदी म अिधक किठन हो सकती ह जल सकट स िनपटन को जल सरकषण परबधन अिनवायर परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह बढ़त वि वक तापमान क फल व प अितवि ट अनावि ट अ पवि ट और असामियक वि ट हम परितवषर दख रह ह िजसका परभाव हमार जल ससाधन पर पड़ता िदखाई द रहा ह कओ व बाविडय का िमटता अि त व नदी-नाल का घटता पानी भ-गभर जल का िगरता तर िचता की पिरिध स िनकलकर खतर की घटी बनता जा रहा ह

निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह

प ठ 42 अकषय कराित

िव व भर म सीमट क अधाधध परयोग न धरातल क सहज अवशोषण कषतर को घटाया ह तथा जल बहाव भिम कटाव व बाढ़ म विदध की ह ऐसी ि थित म जल सरकषण का दािय व मातर वजञािनक व सरकार तक सीिमत न रहकर पर यक उपभोकता क कध पर आ जाता ह इसी दािय व क िनवरहन क िलए हमार पास दो िवक प सामन आत ह 1 वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई

उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

2 पािरवािरक तर पर वषार जल को सगरिहत कर उसका उपयोग कर य दोन ही परयास गरामीण कषतर म तो सरलता स अपनाए जा सकत ह परत शहरी कषतर म व ट वाटर मनजमट की बड़ी पिरयोजनाए बनाकर ही पानी को िरसाइिकल िकया जा सकता ह भ-गभर अिधकािधक जल अवशोिषत होकर

जाए इसक िलए मदानी भाग म िनयोिजत ढग स बड़-बड़ पोखर बनाकर तथा पहाड़ी कषतर म नाल -ख ड म िमटटी प थर आरसीसी क बड़-छोट डम लगाकर जल बहाव रोक भ-सरकषण बचाव व जल भडारण और धरातल जल शोषण कषतर बढ़ाया जा सकता ह िव व बक भारत सरकार वारा म य िहमालय जलागम पिरयोजना रा य क भ-सरकषण िवभाग इस कषतर म कारगर उपाय लकर

हमार सामन ह परत जनसहयोग क िबना इन पिरयोजनाओ क आशातीत पिरणाम ल पाना किठन ह वकषारोपण इस सपणर जल चकर को बल दन वाला कारक ह जल क परित चतना जागत न हई तो अव य ही अगल िव व यदध का कारण जल ही होगा

जल भोजन ह और अिगन भोजन का भकषक ह अिगन जल म और जल अिगन म िव यमान ह

- ततरीय उपिनषद 38

वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

प ठ 43 अकषय कराित

म भी गान गा सकता ह शबनम क िखलत फल क म भी गीत सना सकता ह सावन क म त झल क लिकन जब घर-घर म बादल छाय घोर िनराशा क तब म नगम गा रहा ह उ मीद की आशा क

सड़क पर खड़ बचपन की य बात सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह

हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

इस बदलत पिरवश का राग सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

गाधी जी क सपन का जो राम-रा य कहलाता ह उस भारत म सड़क पर छोट चाय पहचाता ह

कहा गई वो अ हड़ म ती कहा गया वो यार का रा ता उन हाथ स बचत झड िजन हाथ को चािहए ब ता

उस सोन की िचिड़या की म बात बतान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

कही बम की गमर हवाए कही ससद म कोहराम ह कही होत घोटाल स परशान आदमी आम ह

कही कल की िकलकारी ह कही सड़क पर बचपन ह कही चलता नही गजारा कही िवदश म काला धन ह

म स चाई गा-गाकर सबको बतलान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

बदलता भारत मनीष लाल इरडा

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

प ठ 44 अकषय कराित

करन वाल काम बहत ह यथर उलझन को छोड़ो म ला-पिड़त तोड़ रह ह तम बस lsquoअपन को जोड़ो

lsquoहम बदलग-यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का lsquoवद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का

वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हम बदलग mdash यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का वद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

प ठ 45 अकषय कराित

िसफर काला और सफ़द य ही वो दो रग थ जो तर पास सि ट बनान क आधार थ

काला वो जो कािलमा िलय ह िजस कहत ह दख िनराशा म य अपयश और वो सबकछ जो नकारा मक ह

मगर सफद ह वो रग िजसस जड़ा ह जीवन आशा सख और कीितर और वो सब कछ जो सकारा मक ह पर इन रग स तझ चन ना िमला त सोचन लगा अगर सि ट बनानी ह

तो िकस िलए- ससगर और परम क िलए और

इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग

ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह

बस- बना डाला तन इ दरधनष

जो बरसात क बाद सरज और प वी क अनपम परम को रग दता ह सतरगी रग स

और उ ही सतरगी इ दरधनषी रग म हम हर पल हर कषण डबत गहरात इतरात रहत ह

और खिशय भर ससार म हर रग को अलग-अलग तरह स महसस करक जीत रहत ह

रग तो रग ह मगर-

ससगर और परम क िलए और इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह बस-

सतरगी िचतर सगीता ीवा तव इरडा

प ठ 46 अकषय कराित

कभी पक क कभी फीक़ तो कछ कभी दाग बनकर उभर आत ह

कछ आख म नील बादल स छाए रहत ह तो कछ गाल पर गलाबी रग बनकर छलक जात ह

याद रहत ह अक सर वो रग- जो खदी पर इस तरह छा जात ह िक खद म घलकर खद क होन

का एहसास दत-दत खद का एक रग बन जात ह

बगनी आसामनी नीला हरा पीला नारगी लाल इ दरधनष क य सात रग ही जोड़त ह हमार िदल को

हमार मन को जोड़न वाल इन रग की सतरगी दिनया म-

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा बनाय

और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क

सतरगी िचतर

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा

बनाय और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क सतरगी िचतर

प ठ 35 अकषय कराित

जल का यय अप यय जल क बार म एक नही कई च कान वाल त य ह िव व म और िवशष प स भारत म जल िकस परकार न ट होता ह इस िवषय म जो त य सामन आए ह उस पर जाग कता स यान दकर जल क अप यय को रोका जा सकता ह अनक त य ऐस ह जो हम आन वाल ख़तर स तो सावधान करत ही ह दसर स पररणा लन क िलए परो सािहत करत ह और पानी क मह व व इसक अनजान ोत की जानकारी भी दत ह प वी पर पदा होन वाली सभी वन पितया स भी हम पानी िमलता ह

आल और अनानास म 80 परितशत और टमाटर म 95 परितशत पानी ह पीन क िलए मानव को परितिदन 3 लीटर और पशओ को 50 लीटर पानी

चािहए भारत म 83 परितशत पानी खती और िसचाई क िलए उपयोग िकया जाता

ह इज़राइल म औसतन मातर 10 सटीमीटर वषार होती ह इस वषार स वह

इतना अनाज पदा कर लता ह िक वह उसका िनयारत कर सकता ह दसरी ओर भारत म औसतन 50 सटीमीटर स भी अिधक वषार होन क बावजद अनाज की कमी बनी रहती ह

िपछल 50 वष म जल क िलए 37 भीषण ह याकाड हए ह भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल

चलती ह पानी ज य रोग स िव व म हर वषर 22 लाख लोग की मौत हो जाती ह यिद बरश करत समय नल खला रह गया ह तो पाच िमनट म करीब 25

स 30 लीटर पानी बरबाद होता ह बाथ टब म नहात समय 300 स 500 लीटर पानी खचर होता ह जबिक

सामा य प स नहान म 100 स 150 लीटर पानी खचर होता ह िव व म परित 10 यिकतय म स 2 यिकतय को पीन का शदध पानी

नही िमल पाता ह परित वषर 6 अरब लीटर बोतल पक पानी मन य वारा पीन क िलए

परयकत िकया जाता ह मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 36 अकषय कराित

िद ली मबई और च नई जस महानगर म पाइप लाइन क वॉ व की खराबी क कारण रोज़ 14 स 44 परितशत पानी बकार बह जाता ह

निदया पानी का सबस बड़ा ोत ह जहा एक ओर निदय म बढ़त परदषण रोकन क िलए िवशषजञ उपाय खोज रह ह वही कल कारखान स बहत हए रसायन उ ह भारी मातरा म दिषत कर रह ह

भारत म जल सकट नासा की एक िरपोटर न पानी को लकर दश भर म बढ़ती जा रही लापरवाही क परित आख खोली ह इस िरपोटर म भारत म सख की ि थित पदा होन क िलए िज मवार कारण म स एक अहम कारण अधाधध जल दोहन को बताया गया ह बतात चल िक दश भर क 604 िजल म स 161 सख की मार झल रह ह वस अब बताया जा रहा ह िक सख की मार स बहाल िजल की सखया बढ़कर 246 हो गई ह यानी कहा जाए तो आधा दश सख की चपट म ह बहरहाल नासा की इस िरपोटर म बताया गया ह िक भारत क कई रा य कषमता स यादा जल दोहन कर रह ह यहा कषमता स ता पयर यह ह िक उनस िजतन सलाना जल दोहन की उ मीद कदर करती ह व उसस कही यादा जल दोहन कर रह ह नासा न यह अ ययन 2002 स 2008 क बीच

की ि थितय क आधार पर िकया ह इस िरपोटर म बताया गया ह िक पजाब हिरयाणा और राज थान हर साल औसतन 177 अरब कयिबक मीटर पानी जमीन क अदर स िनकाल रह ह जबिक कदर की तरफ स लगाए गए अनमान क मतािबक इ ह हर साल 132 अरब कयिबक मीटर पानी ही जमीन क अदर स िनकालना था इस तरह स दखा जाए तो य तीन रा य िमलकर कषमता स 30 फीसदी यादा पानी का दोहन कर रह ह जािहर ह िक िबना कछ सोच-िवचार जब इस पमान पर पराकितक ससाधन का दोहन िकया जाएगा तो परकित भी बदला लगी और वही हो रहा ह इस िरपोटर म यह भी बताया गया ह िक भारत का महज 58 फीसदी भजल ही हर साल िरचाजर हो पाता ह नासा की यह िरपोटर बताती ह िक अधाधध जल दोहन की वजह स पर उ तर पि चम भारत क भजल तर म हर साल 4 सटीमीटर यानी 16 इच की कमी आ रही ह इस अ ययन को अजाम दन म नासा क जल िवजञानी मट रोडल न अहम भिमका िनभाई ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 37 अकषय कराित

उनक हवाल स इस िरपोटर म बताया गया ह िक दश क उ तर पि चम कषतर म 2002 स 2008 क दौरान तकरीबन 109 कयिबक िकलोमीटर पानी की कमी हई ह यह मातरा िकतनी अिधक ह इसका अदाजा इसी स लगाया जा सकता ह िक यह अमिरका क सबस बड़ जलाशय लक मीड की कषमता स दगन स भी कही यादा ह अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह इस िरपोटर क मतािबक अगर अधाधध जल दोहन इसी तरह स जारी रहा तो आन वाल समय म भारत को अनाज और पानी क सकट को झलन क िलए अभी स तयार हो जाना चािहए जािहर ह िक जब जल सकट बढ़गा तो खती पर इसका गहरा परभाव पड़गा अनाज क उ पादन म कमी आएगी इस वजह स अनाज सकट पदा होगा और भख का एक नया चहरा उभरकर सामन आएगा एक बड़ा तबका जो आज भरपट भोजन कर पाता ह उसक िलए पट भर खाना िमलना मि कल हो जाएगा भखमरी की जो सम या पदा होगी उसस िफर िनपटना आसान नही होगा इसक अलावा पीन क पानी का टोटा तो होगा ही अभी ही दश क कई िह स ऐस ह जहा क लोग को पीन क िलए साफ पानी नही िमल पा रहा ह कई कषतर ऐस ह जहा गमीर क िदन म हडपप स पानी आना बद हो जाता ह वहा क लोग को हर साल बोिरग को कछ फट बढ़वाना होता ह यह सम या भजल तर क िगरत जान की वजह स ही पदा हई ह जब पीन क पानी का सकट पदा होगा तो बोतलबद पानी का कारोबार काफी तजी स बढ़गा कहन का मतलब यह िक िजसक पास पसा होगा वह अपनी यास बझा सकगा और िजसक पास पसा नही होगा उस अपनी यास बझान क िलए भी सघषर करना पड़गा ि थित की भयावहता की क पना ही िसहरन पदा करती ह भारत म दिनया का हर छठा आदमी रहता ह यानी कहा जाए तो दिनया क कल आबादी क तकरीबन सतरह फीसदी लोग भारत म रहत ह जबिक दिनया का महज साढ़ चार फीसदी पानी ही भारत म उपल ध ह ऐस म जल सम या स दो-चार होना कोई आनापिकषत बात नही ह एक बात तो तय ह िक पराकितक ससाधन म इजाफा तो नही िकया जा सकता ह लिकन इसका सरकषण अव य िकया जा सकता ह

अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह

प ठ 38 अकषय कराित

भारत म लोग िकसी एक मा यम स पयजल परा त करन पर िनभरर नही ह इस दश म 357 फीसदी लोग हडपप स 367 फीसदी लोग नल स 182 फीसदी लोग तालाब पोखर या झील स 56 फीसदी कओ स 12 फीसदी लोग पारपिरक साधन स और 26 फीसदी लोग अ य मा यम स पीन का पानी परा त करत ह इस िलहाज स अगर दखा जाए तो जल सकट को दर करन क िलए समगर कायरयोजना की ज रत ह

दरअसल भारत म गहरात जल सकट क िलए काफी हद तक पानी की बबारदी भी िज मवार ह यहा जल आपित र की यव था म काफी खािमया ह नल क जिरए घर तक पहचन वाल पानी का एक बड़ा िह सा िरस कर बबारद हो जाता ह हर शहर म फट हए आपित र पाइप आसानी स दख जा सकत ह इस बदहाल यव था क िलए सरकार क साथ-साथ सामा य लोग भी कम िज मदार नही ह एक तरफ तो सरकार पयजल क नाम पर हर साल हजार करोड़ पए का बजट बनाती ह और दसरी तरफ जमीनी तर पर हालात म कोई बदलाव नही िदखता ह सामािजक तौर पर भी जल सरकषण को लकर जाग कता का अभाव िदखता ह यह सामािजक तान-बान का ही असर ह िक लोग कही भी जल की बबारदी को दखकर उस सामा य घटना मानत हए नजरअदाज कर दत ह दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था यह अब घटकर 1800 कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर हो चका ह

दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था

प ठ 39 अकषय कराित

िवशषजञ का अनमान ह िक अगर पानी की खपत और बबारदी इसी तरह स जारी रही तो 2025 तक यह घटकर हजार कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर ही रह जाएगा उस समय तक पानी की उपल धता म आन वाली इस कमी की वजह स किष उ पादन म तीस फीसदी की कमी आन की सभावना ह इन पिरि थितय म दश की आिथरक और सामािजक ि थित का कया होगा इसका अदाजा सहज ही लगाया जा सकता ह भारत म जल सरकषण क परित आज भी आम लोग क मन म उपकषा का भाव बना हआ ह साथ ही इस कायर क िलए आव यक तकनीक की भी कमी ह जो तकनीक उपल ध ह उनस सामा य लोग अनजान ह बािरश क पानी का सगरह करक उस उपयोग म लाना एक अ छा िवक प ह पर इस तरह की कोिशश काफी सीिमत मातरा म काफी छोट तर पर हो रही ह यही वजह ह िक दश म होन वाली बािरश क पानी का अ सी फीसदी िह सा आज भी समदर म पहच जाता ह अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह अगर जल की इस िवशाल मातरा का आधा भी परयोग कर िलया जाए तो ि थित म यापक बदलाव आना तय ह शहरी कषतर म तो पानी की कालाबाजारी जोर पर ह जगह-जगह पर जल मािफया सिकरय हो गए ह िद ली क ही एक अखबार न कछ समय पहल यह बात उजागर िकया था यहा तो समानातर जल बोडर भी चलाया जा रहा ह हरानी की बात तो यह ह िक इसक बावजद भी पानी क काल धध पर अकश नही लगाया जा सका ह अहम सवाल यह ह िक कस सामा य तबक क लोग तक व छ पानी पहचाया जाए शहरी कषतर क साथ-साथ गरामीण कषतर म भी यह एक बड़ी चनौती ह आबादी म अपर यािशत विदध बढ़त शहरीकरण औ योिगकीकरण और किष उ पाद की बढ़ती माग क कारण पानी की माग िपछल कछ साल म वाभािवक प स बढ़ी ह इसक पिरणाम व प भजल ससाधन का अ यिधक दोहन हआ ह और इसका नतीजा हआ िक लगातार भजल का तर घटता जा रहा ह शहरी कषतर म ि थित बहद भयावह ह तदनसार वहा न कवल शीघराितशीघर जल ससाधन क सरकषण की ज रत ह बि क परभावी रणनीित और परबधन क जिरए त काल कदम उठान की ज रत ह

अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह

प ठ 40 अकषय कराित

खासकर इस बात को यान म ऱखकर िक िविभ न परितयोगी कषतर म कभी भी माग बढ़ सकती ह भिव य म उपयोग क िलए छत पर या सतह पर जलगरहण बनाकर वषारजल सरकषण बहद ज री ह यह पानी की बढ़ती ज रत का खयाल रखन िमटटी की नमी तर को बढ़ान शहरी हिरयाली को बढ़ान भजल तर को कितरम प स पनभररण करन और भजल की गणव ता स सधार का काम करता ह भारत म जल परबधन स दश का िवकास भारत म दिनया की 16 परितशत आबादी रहती ह लिकन दिनया क िसफर 4 परितशत जल ससाधन ही भारत क पास ह 3290000 वगर िकलोमीटर क भिम कषतर और एक अरब स यादा की आबादी क साथ भारत क एक बहलवादी िविवधता का िचतर ह िवशाल पराकितक ससाधन क साथ सप न तकनीकी और वजञािनक किमरय का भी यह दिनया म दसरा सबस बड़ा सम चय ह भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह मानव िवकास म 80 क दशक म लगभग 26 परितशत और 90 क दशक क दौरान और 24 परितशत क वारा सधार हआ ह आजादी क बाद छह दशक म भारत न जल ससाधन का अभतपवर िवकास और खा या न म आ मिनभररता शहरी कषतर ऊजार और औ योिगक कषतर और पीन का पानी क बिनयादी ढाच म तजी स िव तार दखा ह िजसका उपयोग भारत की लगभग 85 परितशत शहरी और गरामीण आबादी क वारा िकया जाता ह भारत म रा य सरकार और भारत सरकार क परितबदध और ठोस परयास की वजह स गरामीण और शहरी आबादी को सरिकषत पयजल को उपल ध करवान म काफी सफलता हािसल की ह इस उपलि ध न भजल की कमी जल जमावजल गणव ता िगरावट जल परदषण और बढ़त लवणता तर स बड़ कषतर को परभािवत िकया ह और अभी भी िविभ न रा य म गरामीण और शहरी भारत क मानव िवकास सचकाक (HDI)rsquo म बहत असमानता मौजद ह पानी क िलए कषतरीय माग तजी स बढ़ रह शहरीकरण की गित स बढ़ रही ह (अनमानत 2025 तक दश की आबादी का 50 परितशत स अिधक शहर म रहग) जनसखया विदध बढ़ती आय और औ योिगक िवकासशहरी भारत तजी स िवकास की माग क कदर क प म उभर रहा ह

भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह

प ठ 41 अकषय कराित

नतीजतन परित यिकत पानी की उपल धता िगर रही ह परधानमतरी की अ यकषता म 12वी योजना क िलए हई योजना आयोग की पणर बठक म दसर म क साथ जल परबधन पर िवशष चचार हई बठक क बाद योजना आयोग क उपा यकष म टक िसह अहलवािलया न कहा िक भ-जल कानन स लकर दसर म की यापक समीकषा ज री ह व यनाथन सिमित जहा वतरमान म भ-जल कानन की साथरकता का अ ययन करगी वही भारतीय अतिरकष अनसधान सगठन [इसरो] की मदद स पानी की उपल धता का िव तत अ ययन होगा म टक न कहा िक उसी आधार पर रणनीित तय होगी सरकार यह यान रखगी िक पानी का अिधकतम उपयोग हो सक और सभी को उपल ध हो पानी पर िकसी का एकािधकार न हो सक बतात ह िक द पयोग को रोकन क िलए श क लगान पर भी िवचार िकया जा सकता ह हालािक इसस पहल रा य सरकार स चचार होगी यह तय ह िक एआइबीपी कायरकरम म यापक बदलाव ह ग ी म टक िसह अहलवािलया न कहा िक वतरमान म इस कायरकरम का सही िकरया वयन नही हो रहा ह िलहाजा उसम पिरवतरन ज री ह सभव ह िक हर रा य म जल िनयामक परािधकरण बनान की शतर भी लगाई जाए उ ह न कहा िक जल परबधन की यापक समीकषा कर नई रणनीित तय की जाएगी कल िमलाकर रा टरीय तर पर वतरमान जल ससाधन का अिधक स अिधक करन क िलए माग को परा करन क िलए पयार त ह लिकन भिव य क अ ययन पिरयोजना ह िक जल आपित र की ि थित अगल आध सदी म अिधक किठन हो सकती ह जल सकट स िनपटन को जल सरकषण परबधन अिनवायर परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह बढ़त वि वक तापमान क फल व प अितवि ट अनावि ट अ पवि ट और असामियक वि ट हम परितवषर दख रह ह िजसका परभाव हमार जल ससाधन पर पड़ता िदखाई द रहा ह कओ व बाविडय का िमटता अि त व नदी-नाल का घटता पानी भ-गभर जल का िगरता तर िचता की पिरिध स िनकलकर खतर की घटी बनता जा रहा ह

निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह

प ठ 42 अकषय कराित

िव व भर म सीमट क अधाधध परयोग न धरातल क सहज अवशोषण कषतर को घटाया ह तथा जल बहाव भिम कटाव व बाढ़ म विदध की ह ऐसी ि थित म जल सरकषण का दािय व मातर वजञािनक व सरकार तक सीिमत न रहकर पर यक उपभोकता क कध पर आ जाता ह इसी दािय व क िनवरहन क िलए हमार पास दो िवक प सामन आत ह 1 वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई

उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

2 पािरवािरक तर पर वषार जल को सगरिहत कर उसका उपयोग कर य दोन ही परयास गरामीण कषतर म तो सरलता स अपनाए जा सकत ह परत शहरी कषतर म व ट वाटर मनजमट की बड़ी पिरयोजनाए बनाकर ही पानी को िरसाइिकल िकया जा सकता ह भ-गभर अिधकािधक जल अवशोिषत होकर

जाए इसक िलए मदानी भाग म िनयोिजत ढग स बड़-बड़ पोखर बनाकर तथा पहाड़ी कषतर म नाल -ख ड म िमटटी प थर आरसीसी क बड़-छोट डम लगाकर जल बहाव रोक भ-सरकषण बचाव व जल भडारण और धरातल जल शोषण कषतर बढ़ाया जा सकता ह िव व बक भारत सरकार वारा म य िहमालय जलागम पिरयोजना रा य क भ-सरकषण िवभाग इस कषतर म कारगर उपाय लकर

हमार सामन ह परत जनसहयोग क िबना इन पिरयोजनाओ क आशातीत पिरणाम ल पाना किठन ह वकषारोपण इस सपणर जल चकर को बल दन वाला कारक ह जल क परित चतना जागत न हई तो अव य ही अगल िव व यदध का कारण जल ही होगा

जल भोजन ह और अिगन भोजन का भकषक ह अिगन जल म और जल अिगन म िव यमान ह

- ततरीय उपिनषद 38

वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

प ठ 43 अकषय कराित

म भी गान गा सकता ह शबनम क िखलत फल क म भी गीत सना सकता ह सावन क म त झल क लिकन जब घर-घर म बादल छाय घोर िनराशा क तब म नगम गा रहा ह उ मीद की आशा क

सड़क पर खड़ बचपन की य बात सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह

हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

इस बदलत पिरवश का राग सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

गाधी जी क सपन का जो राम-रा य कहलाता ह उस भारत म सड़क पर छोट चाय पहचाता ह

कहा गई वो अ हड़ म ती कहा गया वो यार का रा ता उन हाथ स बचत झड िजन हाथ को चािहए ब ता

उस सोन की िचिड़या की म बात बतान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

कही बम की गमर हवाए कही ससद म कोहराम ह कही होत घोटाल स परशान आदमी आम ह

कही कल की िकलकारी ह कही सड़क पर बचपन ह कही चलता नही गजारा कही िवदश म काला धन ह

म स चाई गा-गाकर सबको बतलान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

बदलता भारत मनीष लाल इरडा

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

प ठ 44 अकषय कराित

करन वाल काम बहत ह यथर उलझन को छोड़ो म ला-पिड़त तोड़ रह ह तम बस lsquoअपन को जोड़ो

lsquoहम बदलग-यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का lsquoवद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का

वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हम बदलग mdash यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का वद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

प ठ 45 अकषय कराित

िसफर काला और सफ़द य ही वो दो रग थ जो तर पास सि ट बनान क आधार थ

काला वो जो कािलमा िलय ह िजस कहत ह दख िनराशा म य अपयश और वो सबकछ जो नकारा मक ह

मगर सफद ह वो रग िजसस जड़ा ह जीवन आशा सख और कीितर और वो सब कछ जो सकारा मक ह पर इन रग स तझ चन ना िमला त सोचन लगा अगर सि ट बनानी ह

तो िकस िलए- ससगर और परम क िलए और

इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग

ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह

बस- बना डाला तन इ दरधनष

जो बरसात क बाद सरज और प वी क अनपम परम को रग दता ह सतरगी रग स

और उ ही सतरगी इ दरधनषी रग म हम हर पल हर कषण डबत गहरात इतरात रहत ह

और खिशय भर ससार म हर रग को अलग-अलग तरह स महसस करक जीत रहत ह

रग तो रग ह मगर-

ससगर और परम क िलए और इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह बस-

सतरगी िचतर सगीता ीवा तव इरडा

प ठ 46 अकषय कराित

कभी पक क कभी फीक़ तो कछ कभी दाग बनकर उभर आत ह

कछ आख म नील बादल स छाए रहत ह तो कछ गाल पर गलाबी रग बनकर छलक जात ह

याद रहत ह अक सर वो रग- जो खदी पर इस तरह छा जात ह िक खद म घलकर खद क होन

का एहसास दत-दत खद का एक रग बन जात ह

बगनी आसामनी नीला हरा पीला नारगी लाल इ दरधनष क य सात रग ही जोड़त ह हमार िदल को

हमार मन को जोड़न वाल इन रग की सतरगी दिनया म-

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा बनाय

और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क

सतरगी िचतर

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा

बनाय और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क सतरगी िचतर

प ठ 36 अकषय कराित

िद ली मबई और च नई जस महानगर म पाइप लाइन क वॉ व की खराबी क कारण रोज़ 14 स 44 परितशत पानी बकार बह जाता ह

निदया पानी का सबस बड़ा ोत ह जहा एक ओर निदय म बढ़त परदषण रोकन क िलए िवशषजञ उपाय खोज रह ह वही कल कारखान स बहत हए रसायन उ ह भारी मातरा म दिषत कर रह ह

भारत म जल सकट नासा की एक िरपोटर न पानी को लकर दश भर म बढ़ती जा रही लापरवाही क परित आख खोली ह इस िरपोटर म भारत म सख की ि थित पदा होन क िलए िज मवार कारण म स एक अहम कारण अधाधध जल दोहन को बताया गया ह बतात चल िक दश भर क 604 िजल म स 161 सख की मार झल रह ह वस अब बताया जा रहा ह िक सख की मार स बहाल िजल की सखया बढ़कर 246 हो गई ह यानी कहा जाए तो आधा दश सख की चपट म ह बहरहाल नासा की इस िरपोटर म बताया गया ह िक भारत क कई रा य कषमता स यादा जल दोहन कर रह ह यहा कषमता स ता पयर यह ह िक उनस िजतन सलाना जल दोहन की उ मीद कदर करती ह व उसस कही यादा जल दोहन कर रह ह नासा न यह अ ययन 2002 स 2008 क बीच

की ि थितय क आधार पर िकया ह इस िरपोटर म बताया गया ह िक पजाब हिरयाणा और राज थान हर साल औसतन 177 अरब कयिबक मीटर पानी जमीन क अदर स िनकाल रह ह जबिक कदर की तरफ स लगाए गए अनमान क मतािबक इ ह हर साल 132 अरब कयिबक मीटर पानी ही जमीन क अदर स िनकालना था इस तरह स दखा जाए तो य तीन रा य िमलकर कषमता स 30 फीसदी यादा पानी का दोहन कर रह ह जािहर ह िक िबना कछ सोच-िवचार जब इस पमान पर पराकितक ससाधन का दोहन िकया जाएगा तो परकित भी बदला लगी और वही हो रहा ह इस िरपोटर म यह भी बताया गया ह िक भारत का महज 58 फीसदी भजल ही हर साल िरचाजर हो पाता ह नासा की यह िरपोटर बताती ह िक अधाधध जल दोहन की वजह स पर उ तर पि चम भारत क भजल तर म हर साल 4 सटीमीटर यानी 16 इच की कमी आ रही ह इस अ ययन को अजाम दन म नासा क जल िवजञानी मट रोडल न अहम भिमका िनभाई ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 37 अकषय कराित

उनक हवाल स इस िरपोटर म बताया गया ह िक दश क उ तर पि चम कषतर म 2002 स 2008 क दौरान तकरीबन 109 कयिबक िकलोमीटर पानी की कमी हई ह यह मातरा िकतनी अिधक ह इसका अदाजा इसी स लगाया जा सकता ह िक यह अमिरका क सबस बड़ जलाशय लक मीड की कषमता स दगन स भी कही यादा ह अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह इस िरपोटर क मतािबक अगर अधाधध जल दोहन इसी तरह स जारी रहा तो आन वाल समय म भारत को अनाज और पानी क सकट को झलन क िलए अभी स तयार हो जाना चािहए जािहर ह िक जब जल सकट बढ़गा तो खती पर इसका गहरा परभाव पड़गा अनाज क उ पादन म कमी आएगी इस वजह स अनाज सकट पदा होगा और भख का एक नया चहरा उभरकर सामन आएगा एक बड़ा तबका जो आज भरपट भोजन कर पाता ह उसक िलए पट भर खाना िमलना मि कल हो जाएगा भखमरी की जो सम या पदा होगी उसस िफर िनपटना आसान नही होगा इसक अलावा पीन क पानी का टोटा तो होगा ही अभी ही दश क कई िह स ऐस ह जहा क लोग को पीन क िलए साफ पानी नही िमल पा रहा ह कई कषतर ऐस ह जहा गमीर क िदन म हडपप स पानी आना बद हो जाता ह वहा क लोग को हर साल बोिरग को कछ फट बढ़वाना होता ह यह सम या भजल तर क िगरत जान की वजह स ही पदा हई ह जब पीन क पानी का सकट पदा होगा तो बोतलबद पानी का कारोबार काफी तजी स बढ़गा कहन का मतलब यह िक िजसक पास पसा होगा वह अपनी यास बझा सकगा और िजसक पास पसा नही होगा उस अपनी यास बझान क िलए भी सघषर करना पड़गा ि थित की भयावहता की क पना ही िसहरन पदा करती ह भारत म दिनया का हर छठा आदमी रहता ह यानी कहा जाए तो दिनया क कल आबादी क तकरीबन सतरह फीसदी लोग भारत म रहत ह जबिक दिनया का महज साढ़ चार फीसदी पानी ही भारत म उपल ध ह ऐस म जल सम या स दो-चार होना कोई आनापिकषत बात नही ह एक बात तो तय ह िक पराकितक ससाधन म इजाफा तो नही िकया जा सकता ह लिकन इसका सरकषण अव य िकया जा सकता ह

अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह

प ठ 38 अकषय कराित

भारत म लोग िकसी एक मा यम स पयजल परा त करन पर िनभरर नही ह इस दश म 357 फीसदी लोग हडपप स 367 फीसदी लोग नल स 182 फीसदी लोग तालाब पोखर या झील स 56 फीसदी कओ स 12 फीसदी लोग पारपिरक साधन स और 26 फीसदी लोग अ य मा यम स पीन का पानी परा त करत ह इस िलहाज स अगर दखा जाए तो जल सकट को दर करन क िलए समगर कायरयोजना की ज रत ह

दरअसल भारत म गहरात जल सकट क िलए काफी हद तक पानी की बबारदी भी िज मवार ह यहा जल आपित र की यव था म काफी खािमया ह नल क जिरए घर तक पहचन वाल पानी का एक बड़ा िह सा िरस कर बबारद हो जाता ह हर शहर म फट हए आपित र पाइप आसानी स दख जा सकत ह इस बदहाल यव था क िलए सरकार क साथ-साथ सामा य लोग भी कम िज मदार नही ह एक तरफ तो सरकार पयजल क नाम पर हर साल हजार करोड़ पए का बजट बनाती ह और दसरी तरफ जमीनी तर पर हालात म कोई बदलाव नही िदखता ह सामािजक तौर पर भी जल सरकषण को लकर जाग कता का अभाव िदखता ह यह सामािजक तान-बान का ही असर ह िक लोग कही भी जल की बबारदी को दखकर उस सामा य घटना मानत हए नजरअदाज कर दत ह दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था यह अब घटकर 1800 कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर हो चका ह

दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था

प ठ 39 अकषय कराित

िवशषजञ का अनमान ह िक अगर पानी की खपत और बबारदी इसी तरह स जारी रही तो 2025 तक यह घटकर हजार कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर ही रह जाएगा उस समय तक पानी की उपल धता म आन वाली इस कमी की वजह स किष उ पादन म तीस फीसदी की कमी आन की सभावना ह इन पिरि थितय म दश की आिथरक और सामािजक ि थित का कया होगा इसका अदाजा सहज ही लगाया जा सकता ह भारत म जल सरकषण क परित आज भी आम लोग क मन म उपकषा का भाव बना हआ ह साथ ही इस कायर क िलए आव यक तकनीक की भी कमी ह जो तकनीक उपल ध ह उनस सामा य लोग अनजान ह बािरश क पानी का सगरह करक उस उपयोग म लाना एक अ छा िवक प ह पर इस तरह की कोिशश काफी सीिमत मातरा म काफी छोट तर पर हो रही ह यही वजह ह िक दश म होन वाली बािरश क पानी का अ सी फीसदी िह सा आज भी समदर म पहच जाता ह अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह अगर जल की इस िवशाल मातरा का आधा भी परयोग कर िलया जाए तो ि थित म यापक बदलाव आना तय ह शहरी कषतर म तो पानी की कालाबाजारी जोर पर ह जगह-जगह पर जल मािफया सिकरय हो गए ह िद ली क ही एक अखबार न कछ समय पहल यह बात उजागर िकया था यहा तो समानातर जल बोडर भी चलाया जा रहा ह हरानी की बात तो यह ह िक इसक बावजद भी पानी क काल धध पर अकश नही लगाया जा सका ह अहम सवाल यह ह िक कस सामा य तबक क लोग तक व छ पानी पहचाया जाए शहरी कषतर क साथ-साथ गरामीण कषतर म भी यह एक बड़ी चनौती ह आबादी म अपर यािशत विदध बढ़त शहरीकरण औ योिगकीकरण और किष उ पाद की बढ़ती माग क कारण पानी की माग िपछल कछ साल म वाभािवक प स बढ़ी ह इसक पिरणाम व प भजल ससाधन का अ यिधक दोहन हआ ह और इसका नतीजा हआ िक लगातार भजल का तर घटता जा रहा ह शहरी कषतर म ि थित बहद भयावह ह तदनसार वहा न कवल शीघराितशीघर जल ससाधन क सरकषण की ज रत ह बि क परभावी रणनीित और परबधन क जिरए त काल कदम उठान की ज रत ह

अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह

प ठ 40 अकषय कराित

खासकर इस बात को यान म ऱखकर िक िविभ न परितयोगी कषतर म कभी भी माग बढ़ सकती ह भिव य म उपयोग क िलए छत पर या सतह पर जलगरहण बनाकर वषारजल सरकषण बहद ज री ह यह पानी की बढ़ती ज रत का खयाल रखन िमटटी की नमी तर को बढ़ान शहरी हिरयाली को बढ़ान भजल तर को कितरम प स पनभररण करन और भजल की गणव ता स सधार का काम करता ह भारत म जल परबधन स दश का िवकास भारत म दिनया की 16 परितशत आबादी रहती ह लिकन दिनया क िसफर 4 परितशत जल ससाधन ही भारत क पास ह 3290000 वगर िकलोमीटर क भिम कषतर और एक अरब स यादा की आबादी क साथ भारत क एक बहलवादी िविवधता का िचतर ह िवशाल पराकितक ससाधन क साथ सप न तकनीकी और वजञािनक किमरय का भी यह दिनया म दसरा सबस बड़ा सम चय ह भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह मानव िवकास म 80 क दशक म लगभग 26 परितशत और 90 क दशक क दौरान और 24 परितशत क वारा सधार हआ ह आजादी क बाद छह दशक म भारत न जल ससाधन का अभतपवर िवकास और खा या न म आ मिनभररता शहरी कषतर ऊजार और औ योिगक कषतर और पीन का पानी क बिनयादी ढाच म तजी स िव तार दखा ह िजसका उपयोग भारत की लगभग 85 परितशत शहरी और गरामीण आबादी क वारा िकया जाता ह भारत म रा य सरकार और भारत सरकार क परितबदध और ठोस परयास की वजह स गरामीण और शहरी आबादी को सरिकषत पयजल को उपल ध करवान म काफी सफलता हािसल की ह इस उपलि ध न भजल की कमी जल जमावजल गणव ता िगरावट जल परदषण और बढ़त लवणता तर स बड़ कषतर को परभािवत िकया ह और अभी भी िविभ न रा य म गरामीण और शहरी भारत क मानव िवकास सचकाक (HDI)rsquo म बहत असमानता मौजद ह पानी क िलए कषतरीय माग तजी स बढ़ रह शहरीकरण की गित स बढ़ रही ह (अनमानत 2025 तक दश की आबादी का 50 परितशत स अिधक शहर म रहग) जनसखया विदध बढ़ती आय और औ योिगक िवकासशहरी भारत तजी स िवकास की माग क कदर क प म उभर रहा ह

भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह

प ठ 41 अकषय कराित

नतीजतन परित यिकत पानी की उपल धता िगर रही ह परधानमतरी की अ यकषता म 12वी योजना क िलए हई योजना आयोग की पणर बठक म दसर म क साथ जल परबधन पर िवशष चचार हई बठक क बाद योजना आयोग क उपा यकष म टक िसह अहलवािलया न कहा िक भ-जल कानन स लकर दसर म की यापक समीकषा ज री ह व यनाथन सिमित जहा वतरमान म भ-जल कानन की साथरकता का अ ययन करगी वही भारतीय अतिरकष अनसधान सगठन [इसरो] की मदद स पानी की उपल धता का िव तत अ ययन होगा म टक न कहा िक उसी आधार पर रणनीित तय होगी सरकार यह यान रखगी िक पानी का अिधकतम उपयोग हो सक और सभी को उपल ध हो पानी पर िकसी का एकािधकार न हो सक बतात ह िक द पयोग को रोकन क िलए श क लगान पर भी िवचार िकया जा सकता ह हालािक इसस पहल रा य सरकार स चचार होगी यह तय ह िक एआइबीपी कायरकरम म यापक बदलाव ह ग ी म टक िसह अहलवािलया न कहा िक वतरमान म इस कायरकरम का सही िकरया वयन नही हो रहा ह िलहाजा उसम पिरवतरन ज री ह सभव ह िक हर रा य म जल िनयामक परािधकरण बनान की शतर भी लगाई जाए उ ह न कहा िक जल परबधन की यापक समीकषा कर नई रणनीित तय की जाएगी कल िमलाकर रा टरीय तर पर वतरमान जल ससाधन का अिधक स अिधक करन क िलए माग को परा करन क िलए पयार त ह लिकन भिव य क अ ययन पिरयोजना ह िक जल आपित र की ि थित अगल आध सदी म अिधक किठन हो सकती ह जल सकट स िनपटन को जल सरकषण परबधन अिनवायर परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह बढ़त वि वक तापमान क फल व प अितवि ट अनावि ट अ पवि ट और असामियक वि ट हम परितवषर दख रह ह िजसका परभाव हमार जल ससाधन पर पड़ता िदखाई द रहा ह कओ व बाविडय का िमटता अि त व नदी-नाल का घटता पानी भ-गभर जल का िगरता तर िचता की पिरिध स िनकलकर खतर की घटी बनता जा रहा ह

निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह

प ठ 42 अकषय कराित

िव व भर म सीमट क अधाधध परयोग न धरातल क सहज अवशोषण कषतर को घटाया ह तथा जल बहाव भिम कटाव व बाढ़ म विदध की ह ऐसी ि थित म जल सरकषण का दािय व मातर वजञािनक व सरकार तक सीिमत न रहकर पर यक उपभोकता क कध पर आ जाता ह इसी दािय व क िनवरहन क िलए हमार पास दो िवक प सामन आत ह 1 वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई

उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

2 पािरवािरक तर पर वषार जल को सगरिहत कर उसका उपयोग कर य दोन ही परयास गरामीण कषतर म तो सरलता स अपनाए जा सकत ह परत शहरी कषतर म व ट वाटर मनजमट की बड़ी पिरयोजनाए बनाकर ही पानी को िरसाइिकल िकया जा सकता ह भ-गभर अिधकािधक जल अवशोिषत होकर

जाए इसक िलए मदानी भाग म िनयोिजत ढग स बड़-बड़ पोखर बनाकर तथा पहाड़ी कषतर म नाल -ख ड म िमटटी प थर आरसीसी क बड़-छोट डम लगाकर जल बहाव रोक भ-सरकषण बचाव व जल भडारण और धरातल जल शोषण कषतर बढ़ाया जा सकता ह िव व बक भारत सरकार वारा म य िहमालय जलागम पिरयोजना रा य क भ-सरकषण िवभाग इस कषतर म कारगर उपाय लकर

हमार सामन ह परत जनसहयोग क िबना इन पिरयोजनाओ क आशातीत पिरणाम ल पाना किठन ह वकषारोपण इस सपणर जल चकर को बल दन वाला कारक ह जल क परित चतना जागत न हई तो अव य ही अगल िव व यदध का कारण जल ही होगा

जल भोजन ह और अिगन भोजन का भकषक ह अिगन जल म और जल अिगन म िव यमान ह

- ततरीय उपिनषद 38

वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

प ठ 43 अकषय कराित

म भी गान गा सकता ह शबनम क िखलत फल क म भी गीत सना सकता ह सावन क म त झल क लिकन जब घर-घर म बादल छाय घोर िनराशा क तब म नगम गा रहा ह उ मीद की आशा क

सड़क पर खड़ बचपन की य बात सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह

हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

इस बदलत पिरवश का राग सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

गाधी जी क सपन का जो राम-रा य कहलाता ह उस भारत म सड़क पर छोट चाय पहचाता ह

कहा गई वो अ हड़ म ती कहा गया वो यार का रा ता उन हाथ स बचत झड िजन हाथ को चािहए ब ता

उस सोन की िचिड़या की म बात बतान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

कही बम की गमर हवाए कही ससद म कोहराम ह कही होत घोटाल स परशान आदमी आम ह

कही कल की िकलकारी ह कही सड़क पर बचपन ह कही चलता नही गजारा कही िवदश म काला धन ह

म स चाई गा-गाकर सबको बतलान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

बदलता भारत मनीष लाल इरडा

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

प ठ 44 अकषय कराित

करन वाल काम बहत ह यथर उलझन को छोड़ो म ला-पिड़त तोड़ रह ह तम बस lsquoअपन को जोड़ो

lsquoहम बदलग-यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का lsquoवद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का

वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हम बदलग mdash यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का वद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

प ठ 45 अकषय कराित

िसफर काला और सफ़द य ही वो दो रग थ जो तर पास सि ट बनान क आधार थ

काला वो जो कािलमा िलय ह िजस कहत ह दख िनराशा म य अपयश और वो सबकछ जो नकारा मक ह

मगर सफद ह वो रग िजसस जड़ा ह जीवन आशा सख और कीितर और वो सब कछ जो सकारा मक ह पर इन रग स तझ चन ना िमला त सोचन लगा अगर सि ट बनानी ह

तो िकस िलए- ससगर और परम क िलए और

इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग

ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह

बस- बना डाला तन इ दरधनष

जो बरसात क बाद सरज और प वी क अनपम परम को रग दता ह सतरगी रग स

और उ ही सतरगी इ दरधनषी रग म हम हर पल हर कषण डबत गहरात इतरात रहत ह

और खिशय भर ससार म हर रग को अलग-अलग तरह स महसस करक जीत रहत ह

रग तो रग ह मगर-

ससगर और परम क िलए और इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह बस-

सतरगी िचतर सगीता ीवा तव इरडा

प ठ 46 अकषय कराित

कभी पक क कभी फीक़ तो कछ कभी दाग बनकर उभर आत ह

कछ आख म नील बादल स छाए रहत ह तो कछ गाल पर गलाबी रग बनकर छलक जात ह

याद रहत ह अक सर वो रग- जो खदी पर इस तरह छा जात ह िक खद म घलकर खद क होन

का एहसास दत-दत खद का एक रग बन जात ह

बगनी आसामनी नीला हरा पीला नारगी लाल इ दरधनष क य सात रग ही जोड़त ह हमार िदल को

हमार मन को जोड़न वाल इन रग की सतरगी दिनया म-

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा बनाय

और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क

सतरगी िचतर

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा

बनाय और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क सतरगी िचतर

प ठ 37 अकषय कराित

उनक हवाल स इस िरपोटर म बताया गया ह िक दश क उ तर पि चम कषतर म 2002 स 2008 क दौरान तकरीबन 109 कयिबक िकलोमीटर पानी की कमी हई ह यह मातरा िकतनी अिधक ह इसका अदाजा इसी स लगाया जा सकता ह िक यह अमिरका क सबस बड़ जलाशय लक मीड की कषमता स दगन स भी कही यादा ह अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह इस िरपोटर क मतािबक अगर अधाधध जल दोहन इसी तरह स जारी रहा तो आन वाल समय म भारत को अनाज और पानी क सकट को झलन क िलए अभी स तयार हो जाना चािहए जािहर ह िक जब जल सकट बढ़गा तो खती पर इसका गहरा परभाव पड़गा अनाज क उ पादन म कमी आएगी इस वजह स अनाज सकट पदा होगा और भख का एक नया चहरा उभरकर सामन आएगा एक बड़ा तबका जो आज भरपट भोजन कर पाता ह उसक िलए पट भर खाना िमलना मि कल हो जाएगा भखमरी की जो सम या पदा होगी उसस िफर िनपटना आसान नही होगा इसक अलावा पीन क पानी का टोटा तो होगा ही अभी ही दश क कई िह स ऐस ह जहा क लोग को पीन क िलए साफ पानी नही िमल पा रहा ह कई कषतर ऐस ह जहा गमीर क िदन म हडपप स पानी आना बद हो जाता ह वहा क लोग को हर साल बोिरग को कछ फट बढ़वाना होता ह यह सम या भजल तर क िगरत जान की वजह स ही पदा हई ह जब पीन क पानी का सकट पदा होगा तो बोतलबद पानी का कारोबार काफी तजी स बढ़गा कहन का मतलब यह िक िजसक पास पसा होगा वह अपनी यास बझा सकगा और िजसक पास पसा नही होगा उस अपनी यास बझान क िलए भी सघषर करना पड़गा ि थित की भयावहता की क पना ही िसहरन पदा करती ह भारत म दिनया का हर छठा आदमी रहता ह यानी कहा जाए तो दिनया क कल आबादी क तकरीबन सतरह फीसदी लोग भारत म रहत ह जबिक दिनया का महज साढ़ चार फीसदी पानी ही भारत म उपल ध ह ऐस म जल सम या स दो-चार होना कोई आनापिकषत बात नही ह एक बात तो तय ह िक पराकितक ससाधन म इजाफा तो नही िकया जा सकता ह लिकन इसका सरकषण अव य िकया जा सकता ह

अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह

प ठ 38 अकषय कराित

भारत म लोग िकसी एक मा यम स पयजल परा त करन पर िनभरर नही ह इस दश म 357 फीसदी लोग हडपप स 367 फीसदी लोग नल स 182 फीसदी लोग तालाब पोखर या झील स 56 फीसदी कओ स 12 फीसदी लोग पारपिरक साधन स और 26 फीसदी लोग अ य मा यम स पीन का पानी परा त करत ह इस िलहाज स अगर दखा जाए तो जल सकट को दर करन क िलए समगर कायरयोजना की ज रत ह

दरअसल भारत म गहरात जल सकट क िलए काफी हद तक पानी की बबारदी भी िज मवार ह यहा जल आपित र की यव था म काफी खािमया ह नल क जिरए घर तक पहचन वाल पानी का एक बड़ा िह सा िरस कर बबारद हो जाता ह हर शहर म फट हए आपित र पाइप आसानी स दख जा सकत ह इस बदहाल यव था क िलए सरकार क साथ-साथ सामा य लोग भी कम िज मदार नही ह एक तरफ तो सरकार पयजल क नाम पर हर साल हजार करोड़ पए का बजट बनाती ह और दसरी तरफ जमीनी तर पर हालात म कोई बदलाव नही िदखता ह सामािजक तौर पर भी जल सरकषण को लकर जाग कता का अभाव िदखता ह यह सामािजक तान-बान का ही असर ह िक लोग कही भी जल की बबारदी को दखकर उस सामा य घटना मानत हए नजरअदाज कर दत ह दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था यह अब घटकर 1800 कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर हो चका ह

दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था

प ठ 39 अकषय कराित

िवशषजञ का अनमान ह िक अगर पानी की खपत और बबारदी इसी तरह स जारी रही तो 2025 तक यह घटकर हजार कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर ही रह जाएगा उस समय तक पानी की उपल धता म आन वाली इस कमी की वजह स किष उ पादन म तीस फीसदी की कमी आन की सभावना ह इन पिरि थितय म दश की आिथरक और सामािजक ि थित का कया होगा इसका अदाजा सहज ही लगाया जा सकता ह भारत म जल सरकषण क परित आज भी आम लोग क मन म उपकषा का भाव बना हआ ह साथ ही इस कायर क िलए आव यक तकनीक की भी कमी ह जो तकनीक उपल ध ह उनस सामा य लोग अनजान ह बािरश क पानी का सगरह करक उस उपयोग म लाना एक अ छा िवक प ह पर इस तरह की कोिशश काफी सीिमत मातरा म काफी छोट तर पर हो रही ह यही वजह ह िक दश म होन वाली बािरश क पानी का अ सी फीसदी िह सा आज भी समदर म पहच जाता ह अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह अगर जल की इस िवशाल मातरा का आधा भी परयोग कर िलया जाए तो ि थित म यापक बदलाव आना तय ह शहरी कषतर म तो पानी की कालाबाजारी जोर पर ह जगह-जगह पर जल मािफया सिकरय हो गए ह िद ली क ही एक अखबार न कछ समय पहल यह बात उजागर िकया था यहा तो समानातर जल बोडर भी चलाया जा रहा ह हरानी की बात तो यह ह िक इसक बावजद भी पानी क काल धध पर अकश नही लगाया जा सका ह अहम सवाल यह ह िक कस सामा य तबक क लोग तक व छ पानी पहचाया जाए शहरी कषतर क साथ-साथ गरामीण कषतर म भी यह एक बड़ी चनौती ह आबादी म अपर यािशत विदध बढ़त शहरीकरण औ योिगकीकरण और किष उ पाद की बढ़ती माग क कारण पानी की माग िपछल कछ साल म वाभािवक प स बढ़ी ह इसक पिरणाम व प भजल ससाधन का अ यिधक दोहन हआ ह और इसका नतीजा हआ िक लगातार भजल का तर घटता जा रहा ह शहरी कषतर म ि थित बहद भयावह ह तदनसार वहा न कवल शीघराितशीघर जल ससाधन क सरकषण की ज रत ह बि क परभावी रणनीित और परबधन क जिरए त काल कदम उठान की ज रत ह

अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह

प ठ 40 अकषय कराित

खासकर इस बात को यान म ऱखकर िक िविभ न परितयोगी कषतर म कभी भी माग बढ़ सकती ह भिव य म उपयोग क िलए छत पर या सतह पर जलगरहण बनाकर वषारजल सरकषण बहद ज री ह यह पानी की बढ़ती ज रत का खयाल रखन िमटटी की नमी तर को बढ़ान शहरी हिरयाली को बढ़ान भजल तर को कितरम प स पनभररण करन और भजल की गणव ता स सधार का काम करता ह भारत म जल परबधन स दश का िवकास भारत म दिनया की 16 परितशत आबादी रहती ह लिकन दिनया क िसफर 4 परितशत जल ससाधन ही भारत क पास ह 3290000 वगर िकलोमीटर क भिम कषतर और एक अरब स यादा की आबादी क साथ भारत क एक बहलवादी िविवधता का िचतर ह िवशाल पराकितक ससाधन क साथ सप न तकनीकी और वजञािनक किमरय का भी यह दिनया म दसरा सबस बड़ा सम चय ह भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह मानव िवकास म 80 क दशक म लगभग 26 परितशत और 90 क दशक क दौरान और 24 परितशत क वारा सधार हआ ह आजादी क बाद छह दशक म भारत न जल ससाधन का अभतपवर िवकास और खा या न म आ मिनभररता शहरी कषतर ऊजार और औ योिगक कषतर और पीन का पानी क बिनयादी ढाच म तजी स िव तार दखा ह िजसका उपयोग भारत की लगभग 85 परितशत शहरी और गरामीण आबादी क वारा िकया जाता ह भारत म रा य सरकार और भारत सरकार क परितबदध और ठोस परयास की वजह स गरामीण और शहरी आबादी को सरिकषत पयजल को उपल ध करवान म काफी सफलता हािसल की ह इस उपलि ध न भजल की कमी जल जमावजल गणव ता िगरावट जल परदषण और बढ़त लवणता तर स बड़ कषतर को परभािवत िकया ह और अभी भी िविभ न रा य म गरामीण और शहरी भारत क मानव िवकास सचकाक (HDI)rsquo म बहत असमानता मौजद ह पानी क िलए कषतरीय माग तजी स बढ़ रह शहरीकरण की गित स बढ़ रही ह (अनमानत 2025 तक दश की आबादी का 50 परितशत स अिधक शहर म रहग) जनसखया विदध बढ़ती आय और औ योिगक िवकासशहरी भारत तजी स िवकास की माग क कदर क प म उभर रहा ह

भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह

प ठ 41 अकषय कराित

नतीजतन परित यिकत पानी की उपल धता िगर रही ह परधानमतरी की अ यकषता म 12वी योजना क िलए हई योजना आयोग की पणर बठक म दसर म क साथ जल परबधन पर िवशष चचार हई बठक क बाद योजना आयोग क उपा यकष म टक िसह अहलवािलया न कहा िक भ-जल कानन स लकर दसर म की यापक समीकषा ज री ह व यनाथन सिमित जहा वतरमान म भ-जल कानन की साथरकता का अ ययन करगी वही भारतीय अतिरकष अनसधान सगठन [इसरो] की मदद स पानी की उपल धता का िव तत अ ययन होगा म टक न कहा िक उसी आधार पर रणनीित तय होगी सरकार यह यान रखगी िक पानी का अिधकतम उपयोग हो सक और सभी को उपल ध हो पानी पर िकसी का एकािधकार न हो सक बतात ह िक द पयोग को रोकन क िलए श क लगान पर भी िवचार िकया जा सकता ह हालािक इसस पहल रा य सरकार स चचार होगी यह तय ह िक एआइबीपी कायरकरम म यापक बदलाव ह ग ी म टक िसह अहलवािलया न कहा िक वतरमान म इस कायरकरम का सही िकरया वयन नही हो रहा ह िलहाजा उसम पिरवतरन ज री ह सभव ह िक हर रा य म जल िनयामक परािधकरण बनान की शतर भी लगाई जाए उ ह न कहा िक जल परबधन की यापक समीकषा कर नई रणनीित तय की जाएगी कल िमलाकर रा टरीय तर पर वतरमान जल ससाधन का अिधक स अिधक करन क िलए माग को परा करन क िलए पयार त ह लिकन भिव य क अ ययन पिरयोजना ह िक जल आपित र की ि थित अगल आध सदी म अिधक किठन हो सकती ह जल सकट स िनपटन को जल सरकषण परबधन अिनवायर परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह बढ़त वि वक तापमान क फल व प अितवि ट अनावि ट अ पवि ट और असामियक वि ट हम परितवषर दख रह ह िजसका परभाव हमार जल ससाधन पर पड़ता िदखाई द रहा ह कओ व बाविडय का िमटता अि त व नदी-नाल का घटता पानी भ-गभर जल का िगरता तर िचता की पिरिध स िनकलकर खतर की घटी बनता जा रहा ह

निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह

प ठ 42 अकषय कराित

िव व भर म सीमट क अधाधध परयोग न धरातल क सहज अवशोषण कषतर को घटाया ह तथा जल बहाव भिम कटाव व बाढ़ म विदध की ह ऐसी ि थित म जल सरकषण का दािय व मातर वजञािनक व सरकार तक सीिमत न रहकर पर यक उपभोकता क कध पर आ जाता ह इसी दािय व क िनवरहन क िलए हमार पास दो िवक प सामन आत ह 1 वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई

उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

2 पािरवािरक तर पर वषार जल को सगरिहत कर उसका उपयोग कर य दोन ही परयास गरामीण कषतर म तो सरलता स अपनाए जा सकत ह परत शहरी कषतर म व ट वाटर मनजमट की बड़ी पिरयोजनाए बनाकर ही पानी को िरसाइिकल िकया जा सकता ह भ-गभर अिधकािधक जल अवशोिषत होकर

जाए इसक िलए मदानी भाग म िनयोिजत ढग स बड़-बड़ पोखर बनाकर तथा पहाड़ी कषतर म नाल -ख ड म िमटटी प थर आरसीसी क बड़-छोट डम लगाकर जल बहाव रोक भ-सरकषण बचाव व जल भडारण और धरातल जल शोषण कषतर बढ़ाया जा सकता ह िव व बक भारत सरकार वारा म य िहमालय जलागम पिरयोजना रा य क भ-सरकषण िवभाग इस कषतर म कारगर उपाय लकर

हमार सामन ह परत जनसहयोग क िबना इन पिरयोजनाओ क आशातीत पिरणाम ल पाना किठन ह वकषारोपण इस सपणर जल चकर को बल दन वाला कारक ह जल क परित चतना जागत न हई तो अव य ही अगल िव व यदध का कारण जल ही होगा

जल भोजन ह और अिगन भोजन का भकषक ह अिगन जल म और जल अिगन म िव यमान ह

- ततरीय उपिनषद 38

वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

प ठ 43 अकषय कराित

म भी गान गा सकता ह शबनम क िखलत फल क म भी गीत सना सकता ह सावन क म त झल क लिकन जब घर-घर म बादल छाय घोर िनराशा क तब म नगम गा रहा ह उ मीद की आशा क

सड़क पर खड़ बचपन की य बात सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह

हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

इस बदलत पिरवश का राग सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

गाधी जी क सपन का जो राम-रा य कहलाता ह उस भारत म सड़क पर छोट चाय पहचाता ह

कहा गई वो अ हड़ म ती कहा गया वो यार का रा ता उन हाथ स बचत झड िजन हाथ को चािहए ब ता

उस सोन की िचिड़या की म बात बतान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

कही बम की गमर हवाए कही ससद म कोहराम ह कही होत घोटाल स परशान आदमी आम ह

कही कल की िकलकारी ह कही सड़क पर बचपन ह कही चलता नही गजारा कही िवदश म काला धन ह

म स चाई गा-गाकर सबको बतलान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

बदलता भारत मनीष लाल इरडा

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

प ठ 44 अकषय कराित

करन वाल काम बहत ह यथर उलझन को छोड़ो म ला-पिड़त तोड़ रह ह तम बस lsquoअपन को जोड़ो

lsquoहम बदलग-यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का lsquoवद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का

वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हम बदलग mdash यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का वद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

प ठ 45 अकषय कराित

िसफर काला और सफ़द य ही वो दो रग थ जो तर पास सि ट बनान क आधार थ

काला वो जो कािलमा िलय ह िजस कहत ह दख िनराशा म य अपयश और वो सबकछ जो नकारा मक ह

मगर सफद ह वो रग िजसस जड़ा ह जीवन आशा सख और कीितर और वो सब कछ जो सकारा मक ह पर इन रग स तझ चन ना िमला त सोचन लगा अगर सि ट बनानी ह

तो िकस िलए- ससगर और परम क िलए और

इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग

ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह

बस- बना डाला तन इ दरधनष

जो बरसात क बाद सरज और प वी क अनपम परम को रग दता ह सतरगी रग स

और उ ही सतरगी इ दरधनषी रग म हम हर पल हर कषण डबत गहरात इतरात रहत ह

और खिशय भर ससार म हर रग को अलग-अलग तरह स महसस करक जीत रहत ह

रग तो रग ह मगर-

ससगर और परम क िलए और इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह बस-

सतरगी िचतर सगीता ीवा तव इरडा

प ठ 46 अकषय कराित

कभी पक क कभी फीक़ तो कछ कभी दाग बनकर उभर आत ह

कछ आख म नील बादल स छाए रहत ह तो कछ गाल पर गलाबी रग बनकर छलक जात ह

याद रहत ह अक सर वो रग- जो खदी पर इस तरह छा जात ह िक खद म घलकर खद क होन

का एहसास दत-दत खद का एक रग बन जात ह

बगनी आसामनी नीला हरा पीला नारगी लाल इ दरधनष क य सात रग ही जोड़त ह हमार िदल को

हमार मन को जोड़न वाल इन रग की सतरगी दिनया म-

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा बनाय

और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क

सतरगी िचतर

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा

बनाय और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क सतरगी िचतर

प ठ 38 अकषय कराित

भारत म लोग िकसी एक मा यम स पयजल परा त करन पर िनभरर नही ह इस दश म 357 फीसदी लोग हडपप स 367 फीसदी लोग नल स 182 फीसदी लोग तालाब पोखर या झील स 56 फीसदी कओ स 12 फीसदी लोग पारपिरक साधन स और 26 फीसदी लोग अ य मा यम स पीन का पानी परा त करत ह इस िलहाज स अगर दखा जाए तो जल सकट को दर करन क िलए समगर कायरयोजना की ज रत ह

दरअसल भारत म गहरात जल सकट क िलए काफी हद तक पानी की बबारदी भी िज मवार ह यहा जल आपित र की यव था म काफी खािमया ह नल क जिरए घर तक पहचन वाल पानी का एक बड़ा िह सा िरस कर बबारद हो जाता ह हर शहर म फट हए आपित र पाइप आसानी स दख जा सकत ह इस बदहाल यव था क िलए सरकार क साथ-साथ सामा य लोग भी कम िज मदार नही ह एक तरफ तो सरकार पयजल क नाम पर हर साल हजार करोड़ पए का बजट बनाती ह और दसरी तरफ जमीनी तर पर हालात म कोई बदलाव नही िदखता ह सामािजक तौर पर भी जल सरकषण को लकर जाग कता का अभाव िदखता ह यह सामािजक तान-बान का ही असर ह िक लोग कही भी जल की बबारदी को दखकर उस सामा य घटना मानत हए नजरअदाज कर दत ह दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था यह अब घटकर 1800 कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर हो चका ह

दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था

प ठ 39 अकषय कराित

िवशषजञ का अनमान ह िक अगर पानी की खपत और बबारदी इसी तरह स जारी रही तो 2025 तक यह घटकर हजार कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर ही रह जाएगा उस समय तक पानी की उपल धता म आन वाली इस कमी की वजह स किष उ पादन म तीस फीसदी की कमी आन की सभावना ह इन पिरि थितय म दश की आिथरक और सामािजक ि थित का कया होगा इसका अदाजा सहज ही लगाया जा सकता ह भारत म जल सरकषण क परित आज भी आम लोग क मन म उपकषा का भाव बना हआ ह साथ ही इस कायर क िलए आव यक तकनीक की भी कमी ह जो तकनीक उपल ध ह उनस सामा य लोग अनजान ह बािरश क पानी का सगरह करक उस उपयोग म लाना एक अ छा िवक प ह पर इस तरह की कोिशश काफी सीिमत मातरा म काफी छोट तर पर हो रही ह यही वजह ह िक दश म होन वाली बािरश क पानी का अ सी फीसदी िह सा आज भी समदर म पहच जाता ह अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह अगर जल की इस िवशाल मातरा का आधा भी परयोग कर िलया जाए तो ि थित म यापक बदलाव आना तय ह शहरी कषतर म तो पानी की कालाबाजारी जोर पर ह जगह-जगह पर जल मािफया सिकरय हो गए ह िद ली क ही एक अखबार न कछ समय पहल यह बात उजागर िकया था यहा तो समानातर जल बोडर भी चलाया जा रहा ह हरानी की बात तो यह ह िक इसक बावजद भी पानी क काल धध पर अकश नही लगाया जा सका ह अहम सवाल यह ह िक कस सामा य तबक क लोग तक व छ पानी पहचाया जाए शहरी कषतर क साथ-साथ गरामीण कषतर म भी यह एक बड़ी चनौती ह आबादी म अपर यािशत विदध बढ़त शहरीकरण औ योिगकीकरण और किष उ पाद की बढ़ती माग क कारण पानी की माग िपछल कछ साल म वाभािवक प स बढ़ी ह इसक पिरणाम व प भजल ससाधन का अ यिधक दोहन हआ ह और इसका नतीजा हआ िक लगातार भजल का तर घटता जा रहा ह शहरी कषतर म ि थित बहद भयावह ह तदनसार वहा न कवल शीघराितशीघर जल ससाधन क सरकषण की ज रत ह बि क परभावी रणनीित और परबधन क जिरए त काल कदम उठान की ज रत ह

अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह

प ठ 40 अकषय कराित

खासकर इस बात को यान म ऱखकर िक िविभ न परितयोगी कषतर म कभी भी माग बढ़ सकती ह भिव य म उपयोग क िलए छत पर या सतह पर जलगरहण बनाकर वषारजल सरकषण बहद ज री ह यह पानी की बढ़ती ज रत का खयाल रखन िमटटी की नमी तर को बढ़ान शहरी हिरयाली को बढ़ान भजल तर को कितरम प स पनभररण करन और भजल की गणव ता स सधार का काम करता ह भारत म जल परबधन स दश का िवकास भारत म दिनया की 16 परितशत आबादी रहती ह लिकन दिनया क िसफर 4 परितशत जल ससाधन ही भारत क पास ह 3290000 वगर िकलोमीटर क भिम कषतर और एक अरब स यादा की आबादी क साथ भारत क एक बहलवादी िविवधता का िचतर ह िवशाल पराकितक ससाधन क साथ सप न तकनीकी और वजञािनक किमरय का भी यह दिनया म दसरा सबस बड़ा सम चय ह भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह मानव िवकास म 80 क दशक म लगभग 26 परितशत और 90 क दशक क दौरान और 24 परितशत क वारा सधार हआ ह आजादी क बाद छह दशक म भारत न जल ससाधन का अभतपवर िवकास और खा या न म आ मिनभररता शहरी कषतर ऊजार और औ योिगक कषतर और पीन का पानी क बिनयादी ढाच म तजी स िव तार दखा ह िजसका उपयोग भारत की लगभग 85 परितशत शहरी और गरामीण आबादी क वारा िकया जाता ह भारत म रा य सरकार और भारत सरकार क परितबदध और ठोस परयास की वजह स गरामीण और शहरी आबादी को सरिकषत पयजल को उपल ध करवान म काफी सफलता हािसल की ह इस उपलि ध न भजल की कमी जल जमावजल गणव ता िगरावट जल परदषण और बढ़त लवणता तर स बड़ कषतर को परभािवत िकया ह और अभी भी िविभ न रा य म गरामीण और शहरी भारत क मानव िवकास सचकाक (HDI)rsquo म बहत असमानता मौजद ह पानी क िलए कषतरीय माग तजी स बढ़ रह शहरीकरण की गित स बढ़ रही ह (अनमानत 2025 तक दश की आबादी का 50 परितशत स अिधक शहर म रहग) जनसखया विदध बढ़ती आय और औ योिगक िवकासशहरी भारत तजी स िवकास की माग क कदर क प म उभर रहा ह

भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह

प ठ 41 अकषय कराित

नतीजतन परित यिकत पानी की उपल धता िगर रही ह परधानमतरी की अ यकषता म 12वी योजना क िलए हई योजना आयोग की पणर बठक म दसर म क साथ जल परबधन पर िवशष चचार हई बठक क बाद योजना आयोग क उपा यकष म टक िसह अहलवािलया न कहा िक भ-जल कानन स लकर दसर म की यापक समीकषा ज री ह व यनाथन सिमित जहा वतरमान म भ-जल कानन की साथरकता का अ ययन करगी वही भारतीय अतिरकष अनसधान सगठन [इसरो] की मदद स पानी की उपल धता का िव तत अ ययन होगा म टक न कहा िक उसी आधार पर रणनीित तय होगी सरकार यह यान रखगी िक पानी का अिधकतम उपयोग हो सक और सभी को उपल ध हो पानी पर िकसी का एकािधकार न हो सक बतात ह िक द पयोग को रोकन क िलए श क लगान पर भी िवचार िकया जा सकता ह हालािक इसस पहल रा य सरकार स चचार होगी यह तय ह िक एआइबीपी कायरकरम म यापक बदलाव ह ग ी म टक िसह अहलवािलया न कहा िक वतरमान म इस कायरकरम का सही िकरया वयन नही हो रहा ह िलहाजा उसम पिरवतरन ज री ह सभव ह िक हर रा य म जल िनयामक परािधकरण बनान की शतर भी लगाई जाए उ ह न कहा िक जल परबधन की यापक समीकषा कर नई रणनीित तय की जाएगी कल िमलाकर रा टरीय तर पर वतरमान जल ससाधन का अिधक स अिधक करन क िलए माग को परा करन क िलए पयार त ह लिकन भिव य क अ ययन पिरयोजना ह िक जल आपित र की ि थित अगल आध सदी म अिधक किठन हो सकती ह जल सकट स िनपटन को जल सरकषण परबधन अिनवायर परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह बढ़त वि वक तापमान क फल व प अितवि ट अनावि ट अ पवि ट और असामियक वि ट हम परितवषर दख रह ह िजसका परभाव हमार जल ससाधन पर पड़ता िदखाई द रहा ह कओ व बाविडय का िमटता अि त व नदी-नाल का घटता पानी भ-गभर जल का िगरता तर िचता की पिरिध स िनकलकर खतर की घटी बनता जा रहा ह

निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह

प ठ 42 अकषय कराित

िव व भर म सीमट क अधाधध परयोग न धरातल क सहज अवशोषण कषतर को घटाया ह तथा जल बहाव भिम कटाव व बाढ़ म विदध की ह ऐसी ि थित म जल सरकषण का दािय व मातर वजञािनक व सरकार तक सीिमत न रहकर पर यक उपभोकता क कध पर आ जाता ह इसी दािय व क िनवरहन क िलए हमार पास दो िवक प सामन आत ह 1 वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई

उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

2 पािरवािरक तर पर वषार जल को सगरिहत कर उसका उपयोग कर य दोन ही परयास गरामीण कषतर म तो सरलता स अपनाए जा सकत ह परत शहरी कषतर म व ट वाटर मनजमट की बड़ी पिरयोजनाए बनाकर ही पानी को िरसाइिकल िकया जा सकता ह भ-गभर अिधकािधक जल अवशोिषत होकर

जाए इसक िलए मदानी भाग म िनयोिजत ढग स बड़-बड़ पोखर बनाकर तथा पहाड़ी कषतर म नाल -ख ड म िमटटी प थर आरसीसी क बड़-छोट डम लगाकर जल बहाव रोक भ-सरकषण बचाव व जल भडारण और धरातल जल शोषण कषतर बढ़ाया जा सकता ह िव व बक भारत सरकार वारा म य िहमालय जलागम पिरयोजना रा य क भ-सरकषण िवभाग इस कषतर म कारगर उपाय लकर

हमार सामन ह परत जनसहयोग क िबना इन पिरयोजनाओ क आशातीत पिरणाम ल पाना किठन ह वकषारोपण इस सपणर जल चकर को बल दन वाला कारक ह जल क परित चतना जागत न हई तो अव य ही अगल िव व यदध का कारण जल ही होगा

जल भोजन ह और अिगन भोजन का भकषक ह अिगन जल म और जल अिगन म िव यमान ह

- ततरीय उपिनषद 38

वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

प ठ 43 अकषय कराित

म भी गान गा सकता ह शबनम क िखलत फल क म भी गीत सना सकता ह सावन क म त झल क लिकन जब घर-घर म बादल छाय घोर िनराशा क तब म नगम गा रहा ह उ मीद की आशा क

सड़क पर खड़ बचपन की य बात सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह

हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

इस बदलत पिरवश का राग सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

गाधी जी क सपन का जो राम-रा य कहलाता ह उस भारत म सड़क पर छोट चाय पहचाता ह

कहा गई वो अ हड़ म ती कहा गया वो यार का रा ता उन हाथ स बचत झड िजन हाथ को चािहए ब ता

उस सोन की िचिड़या की म बात बतान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

कही बम की गमर हवाए कही ससद म कोहराम ह कही होत घोटाल स परशान आदमी आम ह

कही कल की िकलकारी ह कही सड़क पर बचपन ह कही चलता नही गजारा कही िवदश म काला धन ह

म स चाई गा-गाकर सबको बतलान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

बदलता भारत मनीष लाल इरडा

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

प ठ 44 अकषय कराित

करन वाल काम बहत ह यथर उलझन को छोड़ो म ला-पिड़त तोड़ रह ह तम बस lsquoअपन को जोड़ो

lsquoहम बदलग-यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का lsquoवद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का

वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हम बदलग mdash यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का वद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

प ठ 45 अकषय कराित

िसफर काला और सफ़द य ही वो दो रग थ जो तर पास सि ट बनान क आधार थ

काला वो जो कािलमा िलय ह िजस कहत ह दख िनराशा म य अपयश और वो सबकछ जो नकारा मक ह

मगर सफद ह वो रग िजसस जड़ा ह जीवन आशा सख और कीितर और वो सब कछ जो सकारा मक ह पर इन रग स तझ चन ना िमला त सोचन लगा अगर सि ट बनानी ह

तो िकस िलए- ससगर और परम क िलए और

इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग

ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह

बस- बना डाला तन इ दरधनष

जो बरसात क बाद सरज और प वी क अनपम परम को रग दता ह सतरगी रग स

और उ ही सतरगी इ दरधनषी रग म हम हर पल हर कषण डबत गहरात इतरात रहत ह

और खिशय भर ससार म हर रग को अलग-अलग तरह स महसस करक जीत रहत ह

रग तो रग ह मगर-

ससगर और परम क िलए और इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह बस-

सतरगी िचतर सगीता ीवा तव इरडा

प ठ 46 अकषय कराित

कभी पक क कभी फीक़ तो कछ कभी दाग बनकर उभर आत ह

कछ आख म नील बादल स छाए रहत ह तो कछ गाल पर गलाबी रग बनकर छलक जात ह

याद रहत ह अक सर वो रग- जो खदी पर इस तरह छा जात ह िक खद म घलकर खद क होन

का एहसास दत-दत खद का एक रग बन जात ह

बगनी आसामनी नीला हरा पीला नारगी लाल इ दरधनष क य सात रग ही जोड़त ह हमार िदल को

हमार मन को जोड़न वाल इन रग की सतरगी दिनया म-

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा बनाय

और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क

सतरगी िचतर

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा

बनाय और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क सतरगी िचतर

प ठ 39 अकषय कराित

िवशषजञ का अनमान ह िक अगर पानी की खपत और बबारदी इसी तरह स जारी रही तो 2025 तक यह घटकर हजार कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर ही रह जाएगा उस समय तक पानी की उपल धता म आन वाली इस कमी की वजह स किष उ पादन म तीस फीसदी की कमी आन की सभावना ह इन पिरि थितय म दश की आिथरक और सामािजक ि थित का कया होगा इसका अदाजा सहज ही लगाया जा सकता ह भारत म जल सरकषण क परित आज भी आम लोग क मन म उपकषा का भाव बना हआ ह साथ ही इस कायर क िलए आव यक तकनीक की भी कमी ह जो तकनीक उपल ध ह उनस सामा य लोग अनजान ह बािरश क पानी का सगरह करक उस उपयोग म लाना एक अ छा िवक प ह पर इस तरह की कोिशश काफी सीिमत मातरा म काफी छोट तर पर हो रही ह यही वजह ह िक दश म होन वाली बािरश क पानी का अ सी फीसदी िह सा आज भी समदर म पहच जाता ह अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह अगर जल की इस िवशाल मातरा का आधा भी परयोग कर िलया जाए तो ि थित म यापक बदलाव आना तय ह शहरी कषतर म तो पानी की कालाबाजारी जोर पर ह जगह-जगह पर जल मािफया सिकरय हो गए ह िद ली क ही एक अखबार न कछ समय पहल यह बात उजागर िकया था यहा तो समानातर जल बोडर भी चलाया जा रहा ह हरानी की बात तो यह ह िक इसक बावजद भी पानी क काल धध पर अकश नही लगाया जा सका ह अहम सवाल यह ह िक कस सामा य तबक क लोग तक व छ पानी पहचाया जाए शहरी कषतर क साथ-साथ गरामीण कषतर म भी यह एक बड़ी चनौती ह आबादी म अपर यािशत विदध बढ़त शहरीकरण औ योिगकीकरण और किष उ पाद की बढ़ती माग क कारण पानी की माग िपछल कछ साल म वाभािवक प स बढ़ी ह इसक पिरणाम व प भजल ससाधन का अ यिधक दोहन हआ ह और इसका नतीजा हआ िक लगातार भजल का तर घटता जा रहा ह शहरी कषतर म ि थित बहद भयावह ह तदनसार वहा न कवल शीघराितशीघर जल ससाधन क सरकषण की ज रत ह बि क परभावी रणनीित और परबधन क जिरए त काल कदम उठान की ज रत ह

अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह

प ठ 40 अकषय कराित

खासकर इस बात को यान म ऱखकर िक िविभ न परितयोगी कषतर म कभी भी माग बढ़ सकती ह भिव य म उपयोग क िलए छत पर या सतह पर जलगरहण बनाकर वषारजल सरकषण बहद ज री ह यह पानी की बढ़ती ज रत का खयाल रखन िमटटी की नमी तर को बढ़ान शहरी हिरयाली को बढ़ान भजल तर को कितरम प स पनभररण करन और भजल की गणव ता स सधार का काम करता ह भारत म जल परबधन स दश का िवकास भारत म दिनया की 16 परितशत आबादी रहती ह लिकन दिनया क िसफर 4 परितशत जल ससाधन ही भारत क पास ह 3290000 वगर िकलोमीटर क भिम कषतर और एक अरब स यादा की आबादी क साथ भारत क एक बहलवादी िविवधता का िचतर ह िवशाल पराकितक ससाधन क साथ सप न तकनीकी और वजञािनक किमरय का भी यह दिनया म दसरा सबस बड़ा सम चय ह भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह मानव िवकास म 80 क दशक म लगभग 26 परितशत और 90 क दशक क दौरान और 24 परितशत क वारा सधार हआ ह आजादी क बाद छह दशक म भारत न जल ससाधन का अभतपवर िवकास और खा या न म आ मिनभररता शहरी कषतर ऊजार और औ योिगक कषतर और पीन का पानी क बिनयादी ढाच म तजी स िव तार दखा ह िजसका उपयोग भारत की लगभग 85 परितशत शहरी और गरामीण आबादी क वारा िकया जाता ह भारत म रा य सरकार और भारत सरकार क परितबदध और ठोस परयास की वजह स गरामीण और शहरी आबादी को सरिकषत पयजल को उपल ध करवान म काफी सफलता हािसल की ह इस उपलि ध न भजल की कमी जल जमावजल गणव ता िगरावट जल परदषण और बढ़त लवणता तर स बड़ कषतर को परभािवत िकया ह और अभी भी िविभ न रा य म गरामीण और शहरी भारत क मानव िवकास सचकाक (HDI)rsquo म बहत असमानता मौजद ह पानी क िलए कषतरीय माग तजी स बढ़ रह शहरीकरण की गित स बढ़ रही ह (अनमानत 2025 तक दश की आबादी का 50 परितशत स अिधक शहर म रहग) जनसखया विदध बढ़ती आय और औ योिगक िवकासशहरी भारत तजी स िवकास की माग क कदर क प म उभर रहा ह

भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह

प ठ 41 अकषय कराित

नतीजतन परित यिकत पानी की उपल धता िगर रही ह परधानमतरी की अ यकषता म 12वी योजना क िलए हई योजना आयोग की पणर बठक म दसर म क साथ जल परबधन पर िवशष चचार हई बठक क बाद योजना आयोग क उपा यकष म टक िसह अहलवािलया न कहा िक भ-जल कानन स लकर दसर म की यापक समीकषा ज री ह व यनाथन सिमित जहा वतरमान म भ-जल कानन की साथरकता का अ ययन करगी वही भारतीय अतिरकष अनसधान सगठन [इसरो] की मदद स पानी की उपल धता का िव तत अ ययन होगा म टक न कहा िक उसी आधार पर रणनीित तय होगी सरकार यह यान रखगी िक पानी का अिधकतम उपयोग हो सक और सभी को उपल ध हो पानी पर िकसी का एकािधकार न हो सक बतात ह िक द पयोग को रोकन क िलए श क लगान पर भी िवचार िकया जा सकता ह हालािक इसस पहल रा य सरकार स चचार होगी यह तय ह िक एआइबीपी कायरकरम म यापक बदलाव ह ग ी म टक िसह अहलवािलया न कहा िक वतरमान म इस कायरकरम का सही िकरया वयन नही हो रहा ह िलहाजा उसम पिरवतरन ज री ह सभव ह िक हर रा य म जल िनयामक परािधकरण बनान की शतर भी लगाई जाए उ ह न कहा िक जल परबधन की यापक समीकषा कर नई रणनीित तय की जाएगी कल िमलाकर रा टरीय तर पर वतरमान जल ससाधन का अिधक स अिधक करन क िलए माग को परा करन क िलए पयार त ह लिकन भिव य क अ ययन पिरयोजना ह िक जल आपित र की ि थित अगल आध सदी म अिधक किठन हो सकती ह जल सकट स िनपटन को जल सरकषण परबधन अिनवायर परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह बढ़त वि वक तापमान क फल व प अितवि ट अनावि ट अ पवि ट और असामियक वि ट हम परितवषर दख रह ह िजसका परभाव हमार जल ससाधन पर पड़ता िदखाई द रहा ह कओ व बाविडय का िमटता अि त व नदी-नाल का घटता पानी भ-गभर जल का िगरता तर िचता की पिरिध स िनकलकर खतर की घटी बनता जा रहा ह

निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह

प ठ 42 अकषय कराित

िव व भर म सीमट क अधाधध परयोग न धरातल क सहज अवशोषण कषतर को घटाया ह तथा जल बहाव भिम कटाव व बाढ़ म विदध की ह ऐसी ि थित म जल सरकषण का दािय व मातर वजञािनक व सरकार तक सीिमत न रहकर पर यक उपभोकता क कध पर आ जाता ह इसी दािय व क िनवरहन क िलए हमार पास दो िवक प सामन आत ह 1 वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई

उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

2 पािरवािरक तर पर वषार जल को सगरिहत कर उसका उपयोग कर य दोन ही परयास गरामीण कषतर म तो सरलता स अपनाए जा सकत ह परत शहरी कषतर म व ट वाटर मनजमट की बड़ी पिरयोजनाए बनाकर ही पानी को िरसाइिकल िकया जा सकता ह भ-गभर अिधकािधक जल अवशोिषत होकर

जाए इसक िलए मदानी भाग म िनयोिजत ढग स बड़-बड़ पोखर बनाकर तथा पहाड़ी कषतर म नाल -ख ड म िमटटी प थर आरसीसी क बड़-छोट डम लगाकर जल बहाव रोक भ-सरकषण बचाव व जल भडारण और धरातल जल शोषण कषतर बढ़ाया जा सकता ह िव व बक भारत सरकार वारा म य िहमालय जलागम पिरयोजना रा य क भ-सरकषण िवभाग इस कषतर म कारगर उपाय लकर

हमार सामन ह परत जनसहयोग क िबना इन पिरयोजनाओ क आशातीत पिरणाम ल पाना किठन ह वकषारोपण इस सपणर जल चकर को बल दन वाला कारक ह जल क परित चतना जागत न हई तो अव य ही अगल िव व यदध का कारण जल ही होगा

जल भोजन ह और अिगन भोजन का भकषक ह अिगन जल म और जल अिगन म िव यमान ह

- ततरीय उपिनषद 38

वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

प ठ 43 अकषय कराित

म भी गान गा सकता ह शबनम क िखलत फल क म भी गीत सना सकता ह सावन क म त झल क लिकन जब घर-घर म बादल छाय घोर िनराशा क तब म नगम गा रहा ह उ मीद की आशा क

सड़क पर खड़ बचपन की य बात सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह

हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

इस बदलत पिरवश का राग सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

गाधी जी क सपन का जो राम-रा य कहलाता ह उस भारत म सड़क पर छोट चाय पहचाता ह

कहा गई वो अ हड़ म ती कहा गया वो यार का रा ता उन हाथ स बचत झड िजन हाथ को चािहए ब ता

उस सोन की िचिड़या की म बात बतान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

कही बम की गमर हवाए कही ससद म कोहराम ह कही होत घोटाल स परशान आदमी आम ह

कही कल की िकलकारी ह कही सड़क पर बचपन ह कही चलता नही गजारा कही िवदश म काला धन ह

म स चाई गा-गाकर सबको बतलान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

बदलता भारत मनीष लाल इरडा

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

प ठ 44 अकषय कराित

करन वाल काम बहत ह यथर उलझन को छोड़ो म ला-पिड़त तोड़ रह ह तम बस lsquoअपन को जोड़ो

lsquoहम बदलग-यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का lsquoवद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का

वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हम बदलग mdash यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का वद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

प ठ 45 अकषय कराित

िसफर काला और सफ़द य ही वो दो रग थ जो तर पास सि ट बनान क आधार थ

काला वो जो कािलमा िलय ह िजस कहत ह दख िनराशा म य अपयश और वो सबकछ जो नकारा मक ह

मगर सफद ह वो रग िजसस जड़ा ह जीवन आशा सख और कीितर और वो सब कछ जो सकारा मक ह पर इन रग स तझ चन ना िमला त सोचन लगा अगर सि ट बनानी ह

तो िकस िलए- ससगर और परम क िलए और

इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग

ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह

बस- बना डाला तन इ दरधनष

जो बरसात क बाद सरज और प वी क अनपम परम को रग दता ह सतरगी रग स

और उ ही सतरगी इ दरधनषी रग म हम हर पल हर कषण डबत गहरात इतरात रहत ह

और खिशय भर ससार म हर रग को अलग-अलग तरह स महसस करक जीत रहत ह

रग तो रग ह मगर-

ससगर और परम क िलए और इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह बस-

सतरगी िचतर सगीता ीवा तव इरडा

प ठ 46 अकषय कराित

कभी पक क कभी फीक़ तो कछ कभी दाग बनकर उभर आत ह

कछ आख म नील बादल स छाए रहत ह तो कछ गाल पर गलाबी रग बनकर छलक जात ह

याद रहत ह अक सर वो रग- जो खदी पर इस तरह छा जात ह िक खद म घलकर खद क होन

का एहसास दत-दत खद का एक रग बन जात ह

बगनी आसामनी नीला हरा पीला नारगी लाल इ दरधनष क य सात रग ही जोड़त ह हमार िदल को

हमार मन को जोड़न वाल इन रग की सतरगी दिनया म-

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा बनाय

और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क

सतरगी िचतर

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा

बनाय और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क सतरगी िचतर

प ठ 40 अकषय कराित

खासकर इस बात को यान म ऱखकर िक िविभ न परितयोगी कषतर म कभी भी माग बढ़ सकती ह भिव य म उपयोग क िलए छत पर या सतह पर जलगरहण बनाकर वषारजल सरकषण बहद ज री ह यह पानी की बढ़ती ज रत का खयाल रखन िमटटी की नमी तर को बढ़ान शहरी हिरयाली को बढ़ान भजल तर को कितरम प स पनभररण करन और भजल की गणव ता स सधार का काम करता ह भारत म जल परबधन स दश का िवकास भारत म दिनया की 16 परितशत आबादी रहती ह लिकन दिनया क िसफर 4 परितशत जल ससाधन ही भारत क पास ह 3290000 वगर िकलोमीटर क भिम कषतर और एक अरब स यादा की आबादी क साथ भारत क एक बहलवादी िविवधता का िचतर ह िवशाल पराकितक ससाधन क साथ सप न तकनीकी और वजञािनक किमरय का भी यह दिनया म दसरा सबस बड़ा सम चय ह भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह मानव िवकास म 80 क दशक म लगभग 26 परितशत और 90 क दशक क दौरान और 24 परितशत क वारा सधार हआ ह आजादी क बाद छह दशक म भारत न जल ससाधन का अभतपवर िवकास और खा या न म आ मिनभररता शहरी कषतर ऊजार और औ योिगक कषतर और पीन का पानी क बिनयादी ढाच म तजी स िव तार दखा ह िजसका उपयोग भारत की लगभग 85 परितशत शहरी और गरामीण आबादी क वारा िकया जाता ह भारत म रा य सरकार और भारत सरकार क परितबदध और ठोस परयास की वजह स गरामीण और शहरी आबादी को सरिकषत पयजल को उपल ध करवान म काफी सफलता हािसल की ह इस उपलि ध न भजल की कमी जल जमावजल गणव ता िगरावट जल परदषण और बढ़त लवणता तर स बड़ कषतर को परभािवत िकया ह और अभी भी िविभ न रा य म गरामीण और शहरी भारत क मानव िवकास सचकाक (HDI)rsquo म बहत असमानता मौजद ह पानी क िलए कषतरीय माग तजी स बढ़ रह शहरीकरण की गित स बढ़ रही ह (अनमानत 2025 तक दश की आबादी का 50 परितशत स अिधक शहर म रहग) जनसखया विदध बढ़ती आय और औ योिगक िवकासशहरी भारत तजी स िवकास की माग क कदर क प म उभर रहा ह

भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह

प ठ 41 अकषय कराित

नतीजतन परित यिकत पानी की उपल धता िगर रही ह परधानमतरी की अ यकषता म 12वी योजना क िलए हई योजना आयोग की पणर बठक म दसर म क साथ जल परबधन पर िवशष चचार हई बठक क बाद योजना आयोग क उपा यकष म टक िसह अहलवािलया न कहा िक भ-जल कानन स लकर दसर म की यापक समीकषा ज री ह व यनाथन सिमित जहा वतरमान म भ-जल कानन की साथरकता का अ ययन करगी वही भारतीय अतिरकष अनसधान सगठन [इसरो] की मदद स पानी की उपल धता का िव तत अ ययन होगा म टक न कहा िक उसी आधार पर रणनीित तय होगी सरकार यह यान रखगी िक पानी का अिधकतम उपयोग हो सक और सभी को उपल ध हो पानी पर िकसी का एकािधकार न हो सक बतात ह िक द पयोग को रोकन क िलए श क लगान पर भी िवचार िकया जा सकता ह हालािक इसस पहल रा य सरकार स चचार होगी यह तय ह िक एआइबीपी कायरकरम म यापक बदलाव ह ग ी म टक िसह अहलवािलया न कहा िक वतरमान म इस कायरकरम का सही िकरया वयन नही हो रहा ह िलहाजा उसम पिरवतरन ज री ह सभव ह िक हर रा य म जल िनयामक परािधकरण बनान की शतर भी लगाई जाए उ ह न कहा िक जल परबधन की यापक समीकषा कर नई रणनीित तय की जाएगी कल िमलाकर रा टरीय तर पर वतरमान जल ससाधन का अिधक स अिधक करन क िलए माग को परा करन क िलए पयार त ह लिकन भिव य क अ ययन पिरयोजना ह िक जल आपित र की ि थित अगल आध सदी म अिधक किठन हो सकती ह जल सकट स िनपटन को जल सरकषण परबधन अिनवायर परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह बढ़त वि वक तापमान क फल व प अितवि ट अनावि ट अ पवि ट और असामियक वि ट हम परितवषर दख रह ह िजसका परभाव हमार जल ससाधन पर पड़ता िदखाई द रहा ह कओ व बाविडय का िमटता अि त व नदी-नाल का घटता पानी भ-गभर जल का िगरता तर िचता की पिरिध स िनकलकर खतर की घटी बनता जा रहा ह

निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह

प ठ 42 अकषय कराित

िव व भर म सीमट क अधाधध परयोग न धरातल क सहज अवशोषण कषतर को घटाया ह तथा जल बहाव भिम कटाव व बाढ़ म विदध की ह ऐसी ि थित म जल सरकषण का दािय व मातर वजञािनक व सरकार तक सीिमत न रहकर पर यक उपभोकता क कध पर आ जाता ह इसी दािय व क िनवरहन क िलए हमार पास दो िवक प सामन आत ह 1 वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई

उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

2 पािरवािरक तर पर वषार जल को सगरिहत कर उसका उपयोग कर य दोन ही परयास गरामीण कषतर म तो सरलता स अपनाए जा सकत ह परत शहरी कषतर म व ट वाटर मनजमट की बड़ी पिरयोजनाए बनाकर ही पानी को िरसाइिकल िकया जा सकता ह भ-गभर अिधकािधक जल अवशोिषत होकर

जाए इसक िलए मदानी भाग म िनयोिजत ढग स बड़-बड़ पोखर बनाकर तथा पहाड़ी कषतर म नाल -ख ड म िमटटी प थर आरसीसी क बड़-छोट डम लगाकर जल बहाव रोक भ-सरकषण बचाव व जल भडारण और धरातल जल शोषण कषतर बढ़ाया जा सकता ह िव व बक भारत सरकार वारा म य िहमालय जलागम पिरयोजना रा य क भ-सरकषण िवभाग इस कषतर म कारगर उपाय लकर

हमार सामन ह परत जनसहयोग क िबना इन पिरयोजनाओ क आशातीत पिरणाम ल पाना किठन ह वकषारोपण इस सपणर जल चकर को बल दन वाला कारक ह जल क परित चतना जागत न हई तो अव य ही अगल िव व यदध का कारण जल ही होगा

जल भोजन ह और अिगन भोजन का भकषक ह अिगन जल म और जल अिगन म िव यमान ह

- ततरीय उपिनषद 38

वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

प ठ 43 अकषय कराित

म भी गान गा सकता ह शबनम क िखलत फल क म भी गीत सना सकता ह सावन क म त झल क लिकन जब घर-घर म बादल छाय घोर िनराशा क तब म नगम गा रहा ह उ मीद की आशा क

सड़क पर खड़ बचपन की य बात सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह

हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

इस बदलत पिरवश का राग सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

गाधी जी क सपन का जो राम-रा य कहलाता ह उस भारत म सड़क पर छोट चाय पहचाता ह

कहा गई वो अ हड़ म ती कहा गया वो यार का रा ता उन हाथ स बचत झड िजन हाथ को चािहए ब ता

उस सोन की िचिड़या की म बात बतान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

कही बम की गमर हवाए कही ससद म कोहराम ह कही होत घोटाल स परशान आदमी आम ह

कही कल की िकलकारी ह कही सड़क पर बचपन ह कही चलता नही गजारा कही िवदश म काला धन ह

म स चाई गा-गाकर सबको बतलान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

बदलता भारत मनीष लाल इरडा

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

प ठ 44 अकषय कराित

करन वाल काम बहत ह यथर उलझन को छोड़ो म ला-पिड़त तोड़ रह ह तम बस lsquoअपन को जोड़ो

lsquoहम बदलग-यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का lsquoवद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का

वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हम बदलग mdash यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का वद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

प ठ 45 अकषय कराित

िसफर काला और सफ़द य ही वो दो रग थ जो तर पास सि ट बनान क आधार थ

काला वो जो कािलमा िलय ह िजस कहत ह दख िनराशा म य अपयश और वो सबकछ जो नकारा मक ह

मगर सफद ह वो रग िजसस जड़ा ह जीवन आशा सख और कीितर और वो सब कछ जो सकारा मक ह पर इन रग स तझ चन ना िमला त सोचन लगा अगर सि ट बनानी ह

तो िकस िलए- ससगर और परम क िलए और

इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग

ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह

बस- बना डाला तन इ दरधनष

जो बरसात क बाद सरज और प वी क अनपम परम को रग दता ह सतरगी रग स

और उ ही सतरगी इ दरधनषी रग म हम हर पल हर कषण डबत गहरात इतरात रहत ह

और खिशय भर ससार म हर रग को अलग-अलग तरह स महसस करक जीत रहत ह

रग तो रग ह मगर-

ससगर और परम क िलए और इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह बस-

सतरगी िचतर सगीता ीवा तव इरडा

प ठ 46 अकषय कराित

कभी पक क कभी फीक़ तो कछ कभी दाग बनकर उभर आत ह

कछ आख म नील बादल स छाए रहत ह तो कछ गाल पर गलाबी रग बनकर छलक जात ह

याद रहत ह अक सर वो रग- जो खदी पर इस तरह छा जात ह िक खद म घलकर खद क होन

का एहसास दत-दत खद का एक रग बन जात ह

बगनी आसामनी नीला हरा पीला नारगी लाल इ दरधनष क य सात रग ही जोड़त ह हमार िदल को

हमार मन को जोड़न वाल इन रग की सतरगी दिनया म-

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा बनाय

और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क

सतरगी िचतर

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा

बनाय और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क सतरगी िचतर

प ठ 41 अकषय कराित

नतीजतन परित यिकत पानी की उपल धता िगर रही ह परधानमतरी की अ यकषता म 12वी योजना क िलए हई योजना आयोग की पणर बठक म दसर म क साथ जल परबधन पर िवशष चचार हई बठक क बाद योजना आयोग क उपा यकष म टक िसह अहलवािलया न कहा िक भ-जल कानन स लकर दसर म की यापक समीकषा ज री ह व यनाथन सिमित जहा वतरमान म भ-जल कानन की साथरकता का अ ययन करगी वही भारतीय अतिरकष अनसधान सगठन [इसरो] की मदद स पानी की उपल धता का िव तत अ ययन होगा म टक न कहा िक उसी आधार पर रणनीित तय होगी सरकार यह यान रखगी िक पानी का अिधकतम उपयोग हो सक और सभी को उपल ध हो पानी पर िकसी का एकािधकार न हो सक बतात ह िक द पयोग को रोकन क िलए श क लगान पर भी िवचार िकया जा सकता ह हालािक इसस पहल रा य सरकार स चचार होगी यह तय ह िक एआइबीपी कायरकरम म यापक बदलाव ह ग ी म टक िसह अहलवािलया न कहा िक वतरमान म इस कायरकरम का सही िकरया वयन नही हो रहा ह िलहाजा उसम पिरवतरन ज री ह सभव ह िक हर रा य म जल िनयामक परािधकरण बनान की शतर भी लगाई जाए उ ह न कहा िक जल परबधन की यापक समीकषा कर नई रणनीित तय की जाएगी कल िमलाकर रा टरीय तर पर वतरमान जल ससाधन का अिधक स अिधक करन क िलए माग को परा करन क िलए पयार त ह लिकन भिव य क अ ययन पिरयोजना ह िक जल आपित र की ि थित अगल आध सदी म अिधक किठन हो सकती ह जल सकट स िनपटन को जल सरकषण परबधन अिनवायर परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह बढ़त वि वक तापमान क फल व प अितवि ट अनावि ट अ पवि ट और असामियक वि ट हम परितवषर दख रह ह िजसका परभाव हमार जल ससाधन पर पड़ता िदखाई द रहा ह कओ व बाविडय का िमटता अि त व नदी-नाल का घटता पानी भ-गभर जल का िगरता तर िचता की पिरिध स िनकलकर खतर की घटी बनता जा रहा ह

निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह

प ठ 42 अकषय कराित

िव व भर म सीमट क अधाधध परयोग न धरातल क सहज अवशोषण कषतर को घटाया ह तथा जल बहाव भिम कटाव व बाढ़ म विदध की ह ऐसी ि थित म जल सरकषण का दािय व मातर वजञािनक व सरकार तक सीिमत न रहकर पर यक उपभोकता क कध पर आ जाता ह इसी दािय व क िनवरहन क िलए हमार पास दो िवक प सामन आत ह 1 वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई

उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

2 पािरवािरक तर पर वषार जल को सगरिहत कर उसका उपयोग कर य दोन ही परयास गरामीण कषतर म तो सरलता स अपनाए जा सकत ह परत शहरी कषतर म व ट वाटर मनजमट की बड़ी पिरयोजनाए बनाकर ही पानी को िरसाइिकल िकया जा सकता ह भ-गभर अिधकािधक जल अवशोिषत होकर

जाए इसक िलए मदानी भाग म िनयोिजत ढग स बड़-बड़ पोखर बनाकर तथा पहाड़ी कषतर म नाल -ख ड म िमटटी प थर आरसीसी क बड़-छोट डम लगाकर जल बहाव रोक भ-सरकषण बचाव व जल भडारण और धरातल जल शोषण कषतर बढ़ाया जा सकता ह िव व बक भारत सरकार वारा म य िहमालय जलागम पिरयोजना रा य क भ-सरकषण िवभाग इस कषतर म कारगर उपाय लकर

हमार सामन ह परत जनसहयोग क िबना इन पिरयोजनाओ क आशातीत पिरणाम ल पाना किठन ह वकषारोपण इस सपणर जल चकर को बल दन वाला कारक ह जल क परित चतना जागत न हई तो अव य ही अगल िव व यदध का कारण जल ही होगा

जल भोजन ह और अिगन भोजन का भकषक ह अिगन जल म और जल अिगन म िव यमान ह

- ततरीय उपिनषद 38

वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

प ठ 43 अकषय कराित

म भी गान गा सकता ह शबनम क िखलत फल क म भी गीत सना सकता ह सावन क म त झल क लिकन जब घर-घर म बादल छाय घोर िनराशा क तब म नगम गा रहा ह उ मीद की आशा क

सड़क पर खड़ बचपन की य बात सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह

हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

इस बदलत पिरवश का राग सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

गाधी जी क सपन का जो राम-रा य कहलाता ह उस भारत म सड़क पर छोट चाय पहचाता ह

कहा गई वो अ हड़ म ती कहा गया वो यार का रा ता उन हाथ स बचत झड िजन हाथ को चािहए ब ता

उस सोन की िचिड़या की म बात बतान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

कही बम की गमर हवाए कही ससद म कोहराम ह कही होत घोटाल स परशान आदमी आम ह

कही कल की िकलकारी ह कही सड़क पर बचपन ह कही चलता नही गजारा कही िवदश म काला धन ह

म स चाई गा-गाकर सबको बतलान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

बदलता भारत मनीष लाल इरडा

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

प ठ 44 अकषय कराित

करन वाल काम बहत ह यथर उलझन को छोड़ो म ला-पिड़त तोड़ रह ह तम बस lsquoअपन को जोड़ो

lsquoहम बदलग-यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का lsquoवद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का

वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हम बदलग mdash यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का वद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

प ठ 45 अकषय कराित

िसफर काला और सफ़द य ही वो दो रग थ जो तर पास सि ट बनान क आधार थ

काला वो जो कािलमा िलय ह िजस कहत ह दख िनराशा म य अपयश और वो सबकछ जो नकारा मक ह

मगर सफद ह वो रग िजसस जड़ा ह जीवन आशा सख और कीितर और वो सब कछ जो सकारा मक ह पर इन रग स तझ चन ना िमला त सोचन लगा अगर सि ट बनानी ह

तो िकस िलए- ससगर और परम क िलए और

इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग

ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह

बस- बना डाला तन इ दरधनष

जो बरसात क बाद सरज और प वी क अनपम परम को रग दता ह सतरगी रग स

और उ ही सतरगी इ दरधनषी रग म हम हर पल हर कषण डबत गहरात इतरात रहत ह

और खिशय भर ससार म हर रग को अलग-अलग तरह स महसस करक जीत रहत ह

रग तो रग ह मगर-

ससगर और परम क िलए और इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह बस-

सतरगी िचतर सगीता ीवा तव इरडा

प ठ 46 अकषय कराित

कभी पक क कभी फीक़ तो कछ कभी दाग बनकर उभर आत ह

कछ आख म नील बादल स छाए रहत ह तो कछ गाल पर गलाबी रग बनकर छलक जात ह

याद रहत ह अक सर वो रग- जो खदी पर इस तरह छा जात ह िक खद म घलकर खद क होन

का एहसास दत-दत खद का एक रग बन जात ह

बगनी आसामनी नीला हरा पीला नारगी लाल इ दरधनष क य सात रग ही जोड़त ह हमार िदल को

हमार मन को जोड़न वाल इन रग की सतरगी दिनया म-

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा बनाय

और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क

सतरगी िचतर

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा

बनाय और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क सतरगी िचतर

प ठ 42 अकषय कराित

िव व भर म सीमट क अधाधध परयोग न धरातल क सहज अवशोषण कषतर को घटाया ह तथा जल बहाव भिम कटाव व बाढ़ म विदध की ह ऐसी ि थित म जल सरकषण का दािय व मातर वजञािनक व सरकार तक सीिमत न रहकर पर यक उपभोकता क कध पर आ जाता ह इसी दािय व क िनवरहन क िलए हमार पास दो िवक प सामन आत ह 1 वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई

उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

2 पािरवािरक तर पर वषार जल को सगरिहत कर उसका उपयोग कर य दोन ही परयास गरामीण कषतर म तो सरलता स अपनाए जा सकत ह परत शहरी कषतर म व ट वाटर मनजमट की बड़ी पिरयोजनाए बनाकर ही पानी को िरसाइिकल िकया जा सकता ह भ-गभर अिधकािधक जल अवशोिषत होकर

जाए इसक िलए मदानी भाग म िनयोिजत ढग स बड़-बड़ पोखर बनाकर तथा पहाड़ी कषतर म नाल -ख ड म िमटटी प थर आरसीसी क बड़-छोट डम लगाकर जल बहाव रोक भ-सरकषण बचाव व जल भडारण और धरातल जल शोषण कषतर बढ़ाया जा सकता ह िव व बक भारत सरकार वारा म य िहमालय जलागम पिरयोजना रा य क भ-सरकषण िवभाग इस कषतर म कारगर उपाय लकर

हमार सामन ह परत जनसहयोग क िबना इन पिरयोजनाओ क आशातीत पिरणाम ल पाना किठन ह वकषारोपण इस सपणर जल चकर को बल दन वाला कारक ह जल क परित चतना जागत न हई तो अव य ही अगल िव व यदध का कारण जल ही होगा

जल भोजन ह और अिगन भोजन का भकषक ह अिगन जल म और जल अिगन म िव यमान ह

- ततरीय उपिनषद 38

वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

प ठ 43 अकषय कराित

म भी गान गा सकता ह शबनम क िखलत फल क म भी गीत सना सकता ह सावन क म त झल क लिकन जब घर-घर म बादल छाय घोर िनराशा क तब म नगम गा रहा ह उ मीद की आशा क

सड़क पर खड़ बचपन की य बात सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह

हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

इस बदलत पिरवश का राग सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

गाधी जी क सपन का जो राम-रा य कहलाता ह उस भारत म सड़क पर छोट चाय पहचाता ह

कहा गई वो अ हड़ म ती कहा गया वो यार का रा ता उन हाथ स बचत झड िजन हाथ को चािहए ब ता

उस सोन की िचिड़या की म बात बतान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

कही बम की गमर हवाए कही ससद म कोहराम ह कही होत घोटाल स परशान आदमी आम ह

कही कल की िकलकारी ह कही सड़क पर बचपन ह कही चलता नही गजारा कही िवदश म काला धन ह

म स चाई गा-गाकर सबको बतलान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

बदलता भारत मनीष लाल इरडा

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

प ठ 44 अकषय कराित

करन वाल काम बहत ह यथर उलझन को छोड़ो म ला-पिड़त तोड़ रह ह तम बस lsquoअपन को जोड़ो

lsquoहम बदलग-यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का lsquoवद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का

वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हम बदलग mdash यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का वद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

प ठ 45 अकषय कराित

िसफर काला और सफ़द य ही वो दो रग थ जो तर पास सि ट बनान क आधार थ

काला वो जो कािलमा िलय ह िजस कहत ह दख िनराशा म य अपयश और वो सबकछ जो नकारा मक ह

मगर सफद ह वो रग िजसस जड़ा ह जीवन आशा सख और कीितर और वो सब कछ जो सकारा मक ह पर इन रग स तझ चन ना िमला त सोचन लगा अगर सि ट बनानी ह

तो िकस िलए- ससगर और परम क िलए और

इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग

ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह

बस- बना डाला तन इ दरधनष

जो बरसात क बाद सरज और प वी क अनपम परम को रग दता ह सतरगी रग स

और उ ही सतरगी इ दरधनषी रग म हम हर पल हर कषण डबत गहरात इतरात रहत ह

और खिशय भर ससार म हर रग को अलग-अलग तरह स महसस करक जीत रहत ह

रग तो रग ह मगर-

ससगर और परम क िलए और इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह बस-

सतरगी िचतर सगीता ीवा तव इरडा

प ठ 46 अकषय कराित

कभी पक क कभी फीक़ तो कछ कभी दाग बनकर उभर आत ह

कछ आख म नील बादल स छाए रहत ह तो कछ गाल पर गलाबी रग बनकर छलक जात ह

याद रहत ह अक सर वो रग- जो खदी पर इस तरह छा जात ह िक खद म घलकर खद क होन

का एहसास दत-दत खद का एक रग बन जात ह

बगनी आसामनी नीला हरा पीला नारगी लाल इ दरधनष क य सात रग ही जोड़त ह हमार िदल को

हमार मन को जोड़न वाल इन रग की सतरगी दिनया म-

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा बनाय

और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क

सतरगी िचतर

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा

बनाय और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क सतरगी िचतर

प ठ 43 अकषय कराित

म भी गान गा सकता ह शबनम क िखलत फल क म भी गीत सना सकता ह सावन क म त झल क लिकन जब घर-घर म बादल छाय घोर िनराशा क तब म नगम गा रहा ह उ मीद की आशा क

सड़क पर खड़ बचपन की य बात सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह

हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

इस बदलत पिरवश का राग सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

गाधी जी क सपन का जो राम-रा य कहलाता ह उस भारत म सड़क पर छोट चाय पहचाता ह

कहा गई वो अ हड़ म ती कहा गया वो यार का रा ता उन हाथ स बचत झड िजन हाथ को चािहए ब ता

उस सोन की िचिड़या की म बात बतान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

कही बम की गमर हवाए कही ससद म कोहराम ह कही होत घोटाल स परशान आदमी आम ह

कही कल की िकलकारी ह कही सड़क पर बचपन ह कही चलता नही गजारा कही िवदश म काला धन ह

म स चाई गा-गाकर सबको बतलान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

बदलता भारत मनीष लाल इरडा

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

प ठ 44 अकषय कराित

करन वाल काम बहत ह यथर उलझन को छोड़ो म ला-पिड़त तोड़ रह ह तम बस lsquoअपन को जोड़ो

lsquoहम बदलग-यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का lsquoवद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का

वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हम बदलग mdash यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का वद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

प ठ 45 अकषय कराित

िसफर काला और सफ़द य ही वो दो रग थ जो तर पास सि ट बनान क आधार थ

काला वो जो कािलमा िलय ह िजस कहत ह दख िनराशा म य अपयश और वो सबकछ जो नकारा मक ह

मगर सफद ह वो रग िजसस जड़ा ह जीवन आशा सख और कीितर और वो सब कछ जो सकारा मक ह पर इन रग स तझ चन ना िमला त सोचन लगा अगर सि ट बनानी ह

तो िकस िलए- ससगर और परम क िलए और

इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग

ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह

बस- बना डाला तन इ दरधनष

जो बरसात क बाद सरज और प वी क अनपम परम को रग दता ह सतरगी रग स

और उ ही सतरगी इ दरधनषी रग म हम हर पल हर कषण डबत गहरात इतरात रहत ह

और खिशय भर ससार म हर रग को अलग-अलग तरह स महसस करक जीत रहत ह

रग तो रग ह मगर-

ससगर और परम क िलए और इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह बस-

सतरगी िचतर सगीता ीवा तव इरडा

प ठ 46 अकषय कराित

कभी पक क कभी फीक़ तो कछ कभी दाग बनकर उभर आत ह

कछ आख म नील बादल स छाए रहत ह तो कछ गाल पर गलाबी रग बनकर छलक जात ह

याद रहत ह अक सर वो रग- जो खदी पर इस तरह छा जात ह िक खद म घलकर खद क होन

का एहसास दत-दत खद का एक रग बन जात ह

बगनी आसामनी नीला हरा पीला नारगी लाल इ दरधनष क य सात रग ही जोड़त ह हमार िदल को

हमार मन को जोड़न वाल इन रग की सतरगी दिनया म-

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा बनाय

और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क

सतरगी िचतर

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा

बनाय और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क सतरगी िचतर

प ठ 44 अकषय कराित

करन वाल काम बहत ह यथर उलझन को छोड़ो म ला-पिड़त तोड़ रह ह तम बस lsquoअपन को जोड़ो

lsquoहम बदलग-यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का lsquoवद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का

वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हम बदलग mdash यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का वद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

प ठ 45 अकषय कराित

िसफर काला और सफ़द य ही वो दो रग थ जो तर पास सि ट बनान क आधार थ

काला वो जो कािलमा िलय ह िजस कहत ह दख िनराशा म य अपयश और वो सबकछ जो नकारा मक ह

मगर सफद ह वो रग िजसस जड़ा ह जीवन आशा सख और कीितर और वो सब कछ जो सकारा मक ह पर इन रग स तझ चन ना िमला त सोचन लगा अगर सि ट बनानी ह

तो िकस िलए- ससगर और परम क िलए और

इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग

ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह

बस- बना डाला तन इ दरधनष

जो बरसात क बाद सरज और प वी क अनपम परम को रग दता ह सतरगी रग स

और उ ही सतरगी इ दरधनषी रग म हम हर पल हर कषण डबत गहरात इतरात रहत ह

और खिशय भर ससार म हर रग को अलग-अलग तरह स महसस करक जीत रहत ह

रग तो रग ह मगर-

ससगर और परम क िलए और इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह बस-

सतरगी िचतर सगीता ीवा तव इरडा

प ठ 46 अकषय कराित

कभी पक क कभी फीक़ तो कछ कभी दाग बनकर उभर आत ह

कछ आख म नील बादल स छाए रहत ह तो कछ गाल पर गलाबी रग बनकर छलक जात ह

याद रहत ह अक सर वो रग- जो खदी पर इस तरह छा जात ह िक खद म घलकर खद क होन

का एहसास दत-दत खद का एक रग बन जात ह

बगनी आसामनी नीला हरा पीला नारगी लाल इ दरधनष क य सात रग ही जोड़त ह हमार िदल को

हमार मन को जोड़न वाल इन रग की सतरगी दिनया म-

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा बनाय

और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क

सतरगी िचतर

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा

बनाय और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क सतरगी िचतर

प ठ 45 अकषय कराित

िसफर काला और सफ़द य ही वो दो रग थ जो तर पास सि ट बनान क आधार थ

काला वो जो कािलमा िलय ह िजस कहत ह दख िनराशा म य अपयश और वो सबकछ जो नकारा मक ह

मगर सफद ह वो रग िजसस जड़ा ह जीवन आशा सख और कीितर और वो सब कछ जो सकारा मक ह पर इन रग स तझ चन ना िमला त सोचन लगा अगर सि ट बनानी ह

तो िकस िलए- ससगर और परम क िलए और

इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग

ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह

बस- बना डाला तन इ दरधनष

जो बरसात क बाद सरज और प वी क अनपम परम को रग दता ह सतरगी रग स

और उ ही सतरगी इ दरधनषी रग म हम हर पल हर कषण डबत गहरात इतरात रहत ह

और खिशय भर ससार म हर रग को अलग-अलग तरह स महसस करक जीत रहत ह

रग तो रग ह मगर-

ससगर और परम क िलए और इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह बस-

सतरगी िचतर सगीता ीवा तव इरडा

प ठ 46 अकषय कराित

कभी पक क कभी फीक़ तो कछ कभी दाग बनकर उभर आत ह

कछ आख म नील बादल स छाए रहत ह तो कछ गाल पर गलाबी रग बनकर छलक जात ह

याद रहत ह अक सर वो रग- जो खदी पर इस तरह छा जात ह िक खद म घलकर खद क होन

का एहसास दत-दत खद का एक रग बन जात ह

बगनी आसामनी नीला हरा पीला नारगी लाल इ दरधनष क य सात रग ही जोड़त ह हमार िदल को

हमार मन को जोड़न वाल इन रग की सतरगी दिनया म-

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा बनाय

और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क

सतरगी िचतर

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा

बनाय और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क सतरगी िचतर

प ठ 46 अकषय कराित

कभी पक क कभी फीक़ तो कछ कभी दाग बनकर उभर आत ह

कछ आख म नील बादल स छाए रहत ह तो कछ गाल पर गलाबी रग बनकर छलक जात ह

याद रहत ह अक सर वो रग- जो खदी पर इस तरह छा जात ह िक खद म घलकर खद क होन

का एहसास दत-दत खद का एक रग बन जात ह

बगनी आसामनी नीला हरा पीला नारगी लाल इ दरधनष क य सात रग ही जोड़त ह हमार िदल को

हमार मन को जोड़न वाल इन रग की सतरगी दिनया म-

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा बनाय

और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क

सतरगी िचतर

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा

बनाय और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क सतरगी िचतर

top related