akshay kranti vol 3€¦ · पक्ष को प्रभािवत न कर e,...

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संरक ®ी देबाशीष मजुमदार अÅय एवं बंध िनदेशक परामशदाता मंडल अÅय ®ी ..खटाना सदÖय ®ी अिभलाख िसंह डॉ. आर.सी.शमा ®ी आर.के . िवमल ®ी कमवीर ®ीमती संगीता ®ीवाÖतव ®ी हरीश कुमार चावला ®ीमती अलका कुमार संपादक ®ीमती संगीता ®ीवाÖतव संपादन सहयोग ®ी संजय कुमार आय ®ी आलर कुÐलू ®ीमती शिश बाला पपन§ सु®ी तुलसी नव वष , 2014 के अवसर पर इरेडा की िहंदी -पिका के अगले अंक को जारी करते मुझे अ×यिधक हष और गौरव का अनुभव हो रहा है नव वष पर हम िहंदी के ित और अिधक समिपत होकर काय करने तथा िहंदी भाषा के िवकास के िलए और अिधक ितब हɉ िकसी भी ांितकी सफलता के िलए जन-जन की सहभािगता अिनवाय है अय ऊजा ांित को भी साकार करने के िलए जन जागǾकता परम आवæयक है तािक ऊजा उ×पादन और उपयोग के वतमान पैटन मɅ भावी पिरवतन और सुधार हो सके तथा यह पयावरण अनुक बन सके हमɅ आशा है अय ऊजा पर के िÛइरेडा की यह पिका इस िदशा मɅ जागǾकता पैदा कर अपना सबल योगदान देने मɅ सफल हो पाएगी इस -पिका के माÚयम से इरेडा किमयɉ को िहंदी मɅ अपनी रचनाओं और लेखɉ को èतुत करने , लेखन कौशल, जना×मकता और मता को बढ़ाने तथा उसे और पिरçकरने का अÍछा अवसर दान िकया गया है हमारे इस अिभनव यास मɅ अपनी-अपनी रचनाओं के जिरए नवीन और नवीकरणीय ऊजा मंालय तथा उपमɉ के कमगण भी जुड़ रहे हɇ हमारे इस यास से जुड़ने के िलए मɇ इरेडा पिरवार की ओर से उÛहɅ हािदक धÛयवाद देता हमɅ आशा है िभिवçय मɅ आप सभी का यह सहयोग और भी बढ़ेगा मुझे यह भी िवæवास है िहमारे इस पयावरण अनुक िहंदी -पिका के यास से जुड़कर अÛउपमɉ की सहभािगता भी बनी रहेगी भाषा तो िवचारɉ की अिभåयिका साधन है , संेषण का जिरया है यह संेषण साथक तभी हो सकता है जब सुनने अथवा पढ़ने वाले कहने अथवा िलखने वाले की बात अथपूण तरीके से समझ सकɅ भाषाई Ǻिçसे िहंदी सम , सरल और सहज है तथा जनता से अथपूण संपक के िलए िहंदी अहम भूिमका भी िनभा रही है हम सभी यिद Ïयादा से Ïयादा िहंदी का योग करɅ तो िहंदी अपनी यह भूिमका और बेहतर तथा åयापक तरीके से िनभा सकती है जनता की भाषा के योग से सरकारी नीितयɉ और कायमɉ के कायाÛवयन की सफलता को और अिधक कारगर Ǿप से सुिनिæचत िकया जा सकता है (देबाशीष मजुमदार) अÚय एवं बंध िनदेशक अय ांित िनजी िवतरण के िलए आईएस/आईएसओ 9001:2008 मािणत संदेश इरेडा की िहंदी - पिका : एक अिभनव यास

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Page 1: Akshay Kranti Vol 3€¦ · पक्ष को प्रभािवत न कर e, बािधत व पीिड़त न कर eवह काय-र्कौशल है।

सरकषक ी दबाशीष मजमदार

अ यकष एव परबध िनदशक

परामशरदाता मडल

अ यकष

ी एएखटाना

सद य

ी अिभलाख िसह

डॉ आरसीशमार

ी आरक िवमल

ी कमरवीर

ीमती सगीता ीवा तव

ी हरीश कमार चावला

ीमती अलका कमार

सपादक

ीमती सगीता ीवा तव

सपादन सहयोग

ी सजय कमार आयर

ी आलर क ल

ीमती शिश बाला पपन

स ी तलसी

नव वषर 2014 क अवसर पर इरडा की िहदी ई-पितरका क अगल अक को जारी करत हए मझ अ यिधक हषर और गौरव का अनभव हो रहा ह नव वषर पर हम िहदी क परित और अिधक समिपरत होकर कायर करन तथा िहदी भाषा क िवकास क िलए और अिधक परितबदध ह

िकसी भी lsquoकराितrsquo की सफलता क िलए जन-जन की सहभािगता अिनवायर ह अकषय ऊजार कराित को भी साकार करन क िलए जन जाग कता परम आव यक ह तािक ऊजार उ पादन और उपयोग क वतरमान पटनर म परभावी पिरवतरन और सधार हो सक तथा यह पयारवरण अनकल बन सक हम आशा ह अकषय ऊजार पर कि दरत इरडा की यह पितरका इस िदशा म जाग कता पदा कर अपना सबल योगदान दन म सफल हो पाएगी इस ई-पितरका क मा यम स इरडा किमरय को िहदी म अपनी रचनाओ और लख को पर तत करन लखन कौशल सजना मकता और कषमता को बढ़ान तथा उस और पिर कत करन का अ छा अवसर परदान िकया गया ह हमार इस अिभनव परयास म अपनी-अपनी रचनाओ क जिरए नवीन और नवीकरणीय ऊजार मतरालय तथा उपकरम क कमीरगण भी जड़ रह ह हमार इस परयास स जड़न क िलए म इरडा पिरवार की ओर स उ ह हािदरक ध यवाद दता ह हम आशा ह िक भिव य म आप सभी का यह सहयोग और भी बढ़गा मझ यह भी िव वास ह िक हमार इस पयारवरण अनकल िहदी ई-पितरका क परयास स जड़कर अ य उपकरम की सहभािगता भी बनी रहगी भाषा तो िवचार की अिभ यिक त का साधन ह सपरषण का जिरया ह यह सपरषण साथरक तभी हो सकता ह जब सनन अथवा पढ़न वाल कहन अथवा िलखन वाल की बात अथरपणर तरीक स समझ सक भाषाई ि ट स िहदी समदध सरल और सहज ह तथा जनता स अथरपणर सपकर क िलए िहदी अहम भिमका भी िनभा रही ह हम सभी यिद यादा स यादा िहदी का परयोग कर तो िहदी अपनी यह भिमका और बहतर तथा यापक तरीक स िनभा सकती ह जनता की भाषा क परयोग स सरकारी नीितय और कायरकरम क कायार वयन की सफलता को और अिधक कारगर प स सिनि चत िकया जा सकता ह

(दबाशीष मजमदार) अ यकष एव परबध िनदशक

अकषय कराित

िनजी िवतरण क िलए

आईएसआईएसओ 90012008 परमािणत

सदश

इरडा की िहदी ई - पितरका एक अिभनव परयास

प ठ 2

मसी ए क िघि डयाल भारतीय रा य फामर िनगम िलिमटड

अकषय कराित

हा इसी नाम स म उस पकारता था या य कह िक िचढ़ाता था गाव की भाषा म मसी का अथर होता ह छोटी सी चिहया गाव क बड़ स दो मिजल मकान म हम दो पिरवार रहत थ काफी समय पहल की बात ह म कल म पढ़ रहा था गाव म िबजली नही थी लालटन या ल प की रोशनी म ही पढ़ाई होती थी हमारा पिरवार भल ही आिथरक प स बहत समदध नही था िक त सामा य रहन सहन म कोई कमी भी नही थी गाव म कछ ही पिरवार थ िजनक ब च का पढ़न का कमरा अलग होता था तथा कसीर मज पर बठ कर पढ़त थ एक िदन कल स लौटा तो दखा आगन म एक छोटी सी ब ची खल रही थी लगभग तीन साढ़ तीन वषर की स दर कोमल सी उस काया न बरबस ही मरा यान खीच िलया गाव की तो वह थी नही कही बाहर स आई थी म उसस कछ पछन उसक पास गया तो वह शरमा कर भाग गई यह तो मालम हो गया िक यह पड़ोस क पिरवार म ही आई ह पड़ोस म एक स दर सी मिहला रहती थी िज ह म चाची कहा करता था पता चला िक वह ब ची उनकी छोटी बहन ह जो िक आज ही इस गाव म आई ह स दरता का ऐसा मल म दग था िक त उमर म इतना अ तर चाची न खद ही रह य खोला-मरी सौतली बहन ह छोटी मा की बटी न जान उस छोटी सी आ मा न क या असर डाला मरी आख उस ही ढढ रही थी बहत दर तक नही िदखी तो म मन मार कर चला आया शाम को खलत-खलत अनायास ही मझस टकरा गई मन पछा ndash चाची की बहन हो हा कहन क बजाय उसन िसर िहला िदया मन कहा िफर तो मरी मौसी हई ना उसन सदहा पद ि ट मझ पर डाली और भाग गई मझ लगा िक उस मरा पछना अ छा नही लगा मझ वय पर बड़ा ग सा आया रात म खाना खान क बाद म अपन कमर म पढ़न बठ गया अचानक मझ न ह पर की आहट सनाई दी दरवाज की ओर दखा तो वह दरवाज की ओट म खड़ी थी मर इशारा करन पर वह िनसकोच अ दर

पड़ोस म एक स दर सी मिहला रहती थी िज ह म चाची कहा करता था पता चला िक वह ब ची उनकी छोटी बहन ह जो िक आज ही इस गाव म आई ह

प ठ 3

अकषय कराित

आ गई उस पास दखकर ही मर अ दर एक नई ऊजार का सचार हो गया मन उस मौसी कहकर पकारा तो उसन मर गाल पर धीर स एक चपत लगा दी उन न ह हाथ का पशर मानो मर िलए जीवन सजीवनी बन गया उस िदन मन मन लगाकर पढ़ाई की दसर िदन जब म पढ़न बठा था तो वह वय ही सीध कमर म आ गई और इशार स उसन कछ पढ़न क िलए मागा मन एक प तक उस पकड़ा दी िजसस वह काफी िचतर आिद दख सकती थी वह बहत कम बोलती िक त िजतना भी बोलती मझ लगता की मान फल झड़ रह ह म उसकी आखो की चचलता तथा होठ की म कराहट ही दखता रह जाता तीसर िदन वह चपचाप कमर म आई और कसीर पर मर पीछ चढ़ गई अब म उस मौसी न कहकर मसी नाम स िचढ़ान लगा था िक त वह थी िक िचढ़ती ही न थी मानो उस मौसी या मसी िकसी श द स कोई भी फकर नही पड़ता था वह श द क इस फर स कोस दर थी अब मझ उसकी आदत पड़ चकी थी जब तक वह नही आती मरा मन पढ़ाई म न लगता िक त वह रोज आकर मरी कसीर पर चढ़कर मरी पीठ पर झल जाती उसकी बाह का आिलगन मझ जीवन म कछ करन की पररणा दता सा परतीत होता म उसकी आख की भाषा समझन लगा था उसकी आखो म भरी शरारत उसक मन की खशी को जािहर करती थी ओर मझ एक सकन दती थी एक िदन कल स घर पहचा तो आदतन सवरपरथम उस ही तलाशा कही नही िदखी तो लगा िक शायद ब च क साथ खलन चली गई होगी रात म पढ़न बठा तो कान उसक पर की आहट सनन क िलए आतर थ प तक खोलकर बठा तो था िक त िबना उस दख पढ़न को जी नही कर रहा था वह नही आई म उस िदन पढ़ नही पाया सवर उठत ही पहल मन चाची स ही पछा - वो िदखाई नही द रही व बोली - वह तो चली गई मरी मानो धड़कन क गई आखो क आस मन बाहर नही आन िदए बोला क य जान िदया आपन कछ िदन और रह न दती व बोली-उसकी मा उसक िलए परशान थी िफर वापस घर तो जाना ही था िकतन िदन यहा रहती म िन तर था िक त बहत िदन तक मरा मन उदास रहा

म उसकी आखो की चचलता तथा होठ की म कराहट ही दखता रह जाता

प ठ 4

अकषय कराित

समय बीतता गया म उ च िश कषा क िलए गाव छोड़कर शहर आ गया िफर िशकषा नौकरी आिद क चक कर म ऐसा डबा िक िपछला समय मित पटल स ओझल सा हो गया अब मरी नौकरी लग चकी थी पिरवार क सभी सद य शहर म ही थ अत गाव स नाता लगभग टट सा गया था काफी समय बाद गाव जान का मौका िमला परान घर क आगन म पहचत ही अनायास ही वह चहरा मर मित पटल पर आ गया चहरा कछ धधला सा था िक त उसकी चचल आख की स दरता तथा होठ की म कराहट परी तरह ताजा थी मर कमर म कसीर ndash मज अब भी वस ही रख थ जस ही म कसीर पर बठा उसकी बाह क आिलगन की क पना स ही मन परफि लत हो गया इसस अिधक मझस रहा नही गया तरत चाची क पास पहचा और पछा वो कसी ह अब तो बहत बड़ी हो गई होगी शादी-वादी भी हो गई होगी (गाव म शादी कछ ज दी हो जाती ह) चाची चप रह गई म अपन सवाल का जवाब तरत चाहता था मन पन पछा तो चाची कछ आसी होकर बोली ndash वो अब इस दिनया म नही ह मन कहा - क या मतलब मझ लगा िक चाची मर सवाल को समझी नही िक त उ ह न पन दोहराया िक यहा स जान क बाद उसकी तबीयत खराब रहन लगी थी काफी इलाज करवाया िक त वह दो वषर स अिधक नही जी पाई मझ अपन गाव आन पर बहत कषोभ था न आता तो शायद यह कट स य सनन को नही िमलता कम स कम मरी क पना म ही सही वह िज दा तो रहती उसक बाद भी म गाव क उस मकान म गया िक त पन म उस कसीर पर नही बठा िजस पर खड़ होकर वह मरी पीठ पर झलती थी आज भी जब वह िन छल चहरा म कराती मासम आख याद आती ह तो अनायास ही आस िनकल आत ह उसस तो मरा नजदीक का कोई िर ता भी नही था िफर उस आ मा स ऐसा लगाव क य मझ आज भी अपन इस सवाल का जवाब नही िमला सोचता ह क या वह िन छल आ मा ही परमा मा का प थी या परमा मा वय ही धरती पर ----------------

उसक बाद भी म गाव क उस मकान म गया िक त पन म उस कसीर पर नही बठा िजस पर खड़ होकर वह मरी पीठ पर झलती थी

प ठ 5

अकषय कराित

कोई ही ऐसा यिकत या सगठन िवशष होगा जो अपन बहतर अथारत उ क ट जीवन की चाह न रखता हो लिकन चाह रखन मातर स काम नही चलता और न ही िकसी यय को परा त िकया जा सकता चाह हमारा यिकतगत जीवन हो या कायारलयीन जीवन अपन ल य को परा त करन क िलए सबिधत काय गितिविधय क ठ परबधन की आव यकता होती ह ठ परबधन क बहत स सतर हम गीता स िमल ह िजन पर आज हम

ल छदार अगरजी म ढर सािह य उपल ध ह कछ वष पहल बीएचईएल म एक नारा काफी परचिलत रहा वह था उ क टता की ओर अगरसर िविभ न कषतर म उ क टता क ल य को हािसल करन क िलए बीएचईएल न उ क टता पर कार योजना लाग की थी िजसका आधार सतर भी गीता का एक पद ह योग कमरस कौशलम कमर म कौशल का नाम योग ह यह योग की एक पिरभाषा ह शारीिरक मानिसक और भावा मक - इस ितरिवध वा य क सदभर म ही कायर कौशल को दखा जा सकता ह समझा जा सकता ह काम करना अिनवायर नही ह परयोजन क साथ कायर आता ह परयोजन समा त कायर समा त कायर क परित परवि त क िलए परयोजन मखय होता ह हमारा परयोजन कया ह परयोजन ह जीवन की अिनवायर आव यकताए- रोटी कपड़ा मकान िशकषा िचिक सा आिद-आिद इसी क साथ कायर क िव तार क साथ-साथ वतरमान यग म औ योिगक और यावसाियक िव तार हआ और इसन ज म िदया कायर की कषमता और कायर-कौशल अवधारणा को यहा कौशल की चचार स पवर अ छा होगा िक हम कौशल श द को समझ कायर का कौशल वह ह जो दसर क िहत को बािधत न कर जो लाभ द हािन न

पहचाए इन िदन हमारा कायर-कौशल बढ़ा ह िक त उसी क साथ मानिसक

अ त- य तता भी बढ़ी ह कौशल यिद हमार वा य को परभािवत कर रहा ह मानिसक िवकषप बढ़ा रहा ह तो उस कायर-कौशल और कायर-कषमता नही कहा जा सकता

कछ वष पहल बीएचईएल म एक नारा काफी परचिलत रहा वह था उ क टता की ओर अगरसर

कपाराम लहकरा बीएचईएल

कायर-कौशल बढाए तथा उ क टता का ल य पाए

प ठ 6

अकषय कराित

एक सतलन होना बहत ज री ह कायर म दकषता बढ़ तो शारीिरक और मानिसक वा य भी उसी अनपात म बढ़ आज िवकास और कायर-कौशल की अवधारणा मातर पदाथर एवम पदाथर-िनमारण पर अटक गई ह पदाथर का िवकास अिधकािधक होना चािहए हर िदशा म िवकास और कायर-कौशल बढ़ रहा ह लिकन इसान अ छा बन इस परयास म कमी दखी जा सकती ह आदमी अपन आप म इतना पीिड़त और अशात ह िक उसकी क पना भी नही की जा सकती भावा मक वा य क अभाव म कायर-कौशल की सभावना नही की जा सकती भावा मक वा य का कोई पमाना नही ह िक त यिकत क यवहार स हम उस परख सकत ह भावा मक वा य की चार कसौिटया ह

1) उपशम - मन की शाित 2) मदता या िवनमर यवहार 3) मदता या िन छल यवहार 4) सतोष

यिद कायर-कौशल मन की अशाित पदा कर रहा ह िवनमर यवहार म बाधा डाल रहा ह तो िफर कायर की ऐसी दकषता को अदकषता ही कहा जाएगा कायर-कौशल की पहली पिरभाषा यह होनी चािहए - जो जीवन क िकसी अ य पकष को परभािवत न कर बािधत व पीिड़त न कर वह कायर-कौशल ह इस सदभर म िन न बात को अपनात हए कायर-कौशल बढ़ाया जा सकता ह और उ क टता का ल य हािसल िकया जा सकता ह 1) िकसी भी कायर को योजनापवरक कर - कायर-कौशल क साधन म

मह वपणर ह िक िकसी भी कायर को योजना-पवरक करना कायर-कौशल क िलए लिनन का एक परिसदध सतर याद आ रहा ह - िचतन िनणरय और कायार वयन म ल बा अतराल न हो उनम उिचत सामज य रह िचतन आज िकया िनणरय एक वषर बाद और कायार वयन पाच वषर बाद यह बात नही होनी चािहए स कत सािह य म इस दीघरसतरता कहा गया ह जो काम िजस समय करना चािहए उस समय न करक ल ब अतराल क बाद िकया जाए तो असफलता ही हाथ लगगी

2) कोई कायर हड़बड़ी म न कर - कायर-कौशल का दसरा मखय सतर ह िक हड़बड़ी म कोई काम न कर िचतन और िववकपवरक कर

यिद कायर-कौशल मन की अशाित पदा कर रहा ह िवनमर यवहार म बाधा डाल रहा ह तो िफर कायर की ऐसी दकषता को अदकषता ही कहा जाएगा

प ठ 7

अकषय कराित

3 कायर को एकागरता स कर - कायर-कौशल का एक मह वपणर सतर ह - एकागरता का िवकास एक िवचार एक िवक प एक कायर ल और उसी म त मय बन जाए उसी म परी तरह िचत व मन को लगा द हमार अतकरण की सारी परवि तया उसक िलए समिपरत हो जाए जब तक उस कायर क िलए समपरण नही होता तब तक कायर-कौशल नही बढ़ता एकागरता क िलए साधना और अ यास ज री ह अ यास होता ह तो एकागरता बढ़ जाती ह

4 वतरमान म जीना सीख - भत-भिव य को मार भगाई वतरमान म जीओ भाई वतरमान म जीन का ता पयर वतरमान का अनभव वतरमान का जीवन और वतरमान का वास हम वास लत ह तो कभी अतीत म नही लत न भिव य म लत ह अतीत और भिव य की िचता स हम मानिसक अशाित तो होती ह बि क शारीिरक िवकार भी पदा हो जात ह िजसस हमार कायर-कौशल म कमी आती ह जन सािह य म दो श द आत ह - दर य िकरया और भाव िकरया दर य िकरया का ता पयर ह - मदार िकरया मत िकरया भाव िकरया का ता पयर ह जीिवत िकरया पराणवान िकरया वतरमान म जो िजया जा रहा ह कवल उसी का अनभव करत रह यह कायर-कौशल का मह वपणर सतर ह

अत म सार यह उभर कर आता ह िक हमार ल य पिवतर ह हमारा कायर-कौशल इस परकार िवकिसत ह जो िकसी को अकशल न बनाए पीड़ा न पहचाए दसर क िहत पर कठाराघात न कर हमारा सारा परय न और प षाथर इस िदशा म चल िक हमारा अपना कायर िकसी दसर क कायर म बाधा न पहचाए कायर-कौशल का दय यही ह

कायर-कौशल का एक मह वपणर सतर ह - एकागरता का िवकास एक िवचार एक िवक प एक कायर ल और उसी म त मय बन जाए उसी म परी तरह िचत व मन को लगा द

प ठ 8

अकषय कराित

एक राजा था उसक रा य म सब परकार स सख शाित थी िकसी परकार का कोई वर-िवरोध नही था जनता हर परकार स सखी थी पर त राजा को एक बहत बड़ा दख था िक उसकी कोई सतान न थी उस अपना वश चलान की तथा अपन उ तरािधकारी की िचता खाए जा रही थी मिदर मि जद ग वार म जाकर माथा टका कई तीथर थान की यातरा की पर त कोई लाभ न हआ सतान की कमी उस िदन ब िदन खाए जा रही थी बहत सोच-िवचार क प चात उसन अपन रा य क सभी िव वान पिडत को बलवाया और उनस सतान पराि त का उपाय ढढ़न को कहा सभी िव वान न िवचार िकया राजा की ज म कडली का गहन िव लषण िकया अत म व सभी एक मत स एक िन कषर पर पहच उ ह न राजा स कहा िक यिद कोई बरा मण का ब चा अपनी खशी स दवता को बिल द तो आपको सतान की पराि त हो सकती ह राजा न िव वान की बात सनी उसन सार रा य म घोषणा करवा दी िक यिद कोई बरा मण का ब चा अपनी इ छा स खशी-खशी बिल दगा तो उसक घर वाल को बहत सा धन िदया जाएगा राजा क रा य म एक बहत ही गरीब बरा मण था कई िदन फाक म ही गजर जात थ उसक चार लड़क थ बड़ तीन लड़क तो अपना काम-धधा करत थ और अपन पिरवार को आिथरक सहयोग दत थ पर त जो सबस छोटा लड़का था वह कोई काम नही करता था उसका सारा यान हमशा भगवान भिकत म लगा रहता था उसका सारा िदन स कमर करत हए भगवान का मरण करत ही बीत जाता था उसक िपता न भी घोषणा सनी और सोचा यह लड़का िनठ ला ह और कोई काम-धधा भी नही करता इसको बिल क िलए भज दत ह राजा स धन िमल जाएगा तो घर की हालत कछ सधर जाएगी बरा मण अपन सबस छोट लड़क को लकर राजा क पास पहचा राजा न उस लड़क स पछा कया तम िबना िकसी दबाव क अपनी मजीर स अपनी खशी स बिल दन को तयार हो जी महाराज लड़क न बड़ी िवनमरता स उ तर िदया यिद मरी बिल दन स आपको सतान की पराि त होती ह तो म खशी स अपनी बिल दन को तयार ह दकर िवदा िकया ठहराया गया

उसन सार रा य म घोषणा करवा दी िक यिद कोई बरा मण का ब चा अपनी इ छा स खशी-खशी बिल दगा तो उसक घर वाल को बहत सा धन िदया जाएगा

शकर द त पीईसी िलिमटड

िचतन कर

प ठ 9

अकषय कराित

लड़क को अितिथ गह म ठहराया गया हर परकार स उसका खयाल रखा गया अत म उसकी बिल दन का िदन भी आ गया राजा न लड़क को बलाया और कहा आज त हारी बिल द दी जाएगी अगर त हारी कोई आिखरी इ छा हो तो बताओ हम उस परी करग मझ कछ भी नही चािहए बरा मण पतर न कहा बस म बिल दन स पहल नदी म नान करक पजा करना चाहता ह राजा यह सनकर बहत परस न हआ और बोला ठीक ह हम भी त हार साथ नदी तक चलग उस लड़क न नदी म नान िकया िफर नदी िकनार की रत को इकटठा िकया और उसकी चार ढिरया बना दी उसन चार ढिरओ की ओर दखा िफर एक ढरी को अपन पर स िगरा िदया िफर उसी परकार स दसरी ढरी को भी िगरा िदया िफर तीसरी ढरी को भी िगरा िदया उसक वह चौथी ढरी क पास गया उसक चार ओर तीन बार चककर लगाया हाथ जोड़कर उसको माथा टका उसकी वदना की और राजा क पास बिल क िलए आ गया राजा उसका यह सारा करतब बड़ ही कौतहल स दख रहा था पहल तो राजा न सोचा िक बालक ह रत स खल रहा ह पर त जब राजा न दखा िक उसन चौथी ढरी को हाथ जोड़कर परणाम िकया ह तो राजा को इसका रह य जानन की इ छा हई राजा न बालक स पछा बालक तमन रत की चार ढिरया बनाई िफर उनम स तीन को तोड़ िदया और चौथी को परणाम िकया इसका कया रह य ह पहल तो ब च न कोई उ तर नही िदया पर त राजा क दोबारा पछन पर लड़क न कहा राजन आपन बिल क िलए मझ कहा ह म बिल दन क िलए तयार ह आप अपना काम कीिजए आपको इस बात स कया लना िक मन रत की वो ढिरया कय तोड़ी ह राजा को बालक स ऐस उ तर की आशान थी राजा न उसस कहा बालक हमन त हार िपता को त हारी कीमत दकर त ह खरीदा ह तम हमार खरीद हए गलाम हो इसिलए हमार हर पर न का उ तर दना और हमारी हर बात को मानना त हारा धमर बनता ह ह राजन जब आप िजद कर रह ह तो सिनए लड़क न उ तर िदया जब कोई ब चा पदा होता ह तो सबस पहल उसक माता-िपता उसकी रकषा करत ह अगर वह आग क पास जान लगता ह तो उसको उसस बचात ह उसकी हर परकार स रकषा करन की िज मवारी उनकी होती ह लिकन यहा तो मर िपता न ही धन क लालच म मझ बिल दन क िलए आपक पास बच िदया इसिलए पहली

उसकी वदना की और राजा क पास बिल क िलए आ गया राजा उसका यह सारा करतब बड़ ही कौतहल स दख रहा था

प ठ 10

अकषय कराित

ढरी जो उनक नाम की बनाई थी वह मन ढहा दी लड़क न आग कहा दसरी िज मदारी राजा पर होती ह अपनी परजा की रकषा करन की आपन मझ अपनी सतान पराि त क िलए बिल दन क िलए खरीद िलया तब आपस कया पराथरना करता इसिलए दसरी ढरी जो मन आपक नाम की बनाई थी वह भी तोड़ दी जीव की रकषा करन का तीसरा भार दवी-दवताओ का होता ह बालक न तीसरी ढरी का रह य बतात हए कहा लिकन यहा तो दवता वय ही मरी बिल लन को तयार बठा ह तो इसस कया पराथरना करता इसिलए मन तीसरी ढरी भी तोड़ दी लिकन चौथी ढरी का कया रह य ह राजा न पछा और अत म सहारा होता ह भगवान का ई वर का ब च न रत की ढिरय का रह य खोलत हए कहा मरी बिल दी जानी थी सो मन अत म ई वर स पराथरना की परभ की पजा-अचरना करक उनस रकषा करन की पराथरना की अब वही मरी रकषा करग वही होगा जो ई वर को मजर होगा म बिल दन क िलए तयार ह rsquo इतना कहकर वह बालक राजा क पास जाकर िसर झका कर खड़ा हो गया राजा उस छोट स बालक की इतनी जञान की बात सनकर स न रह गया राजा न सोचा म इस बालक की बिल द दगा बरा मण ह या भी हो जायगी िफर पता नही मझ जो सतान परा त होगी वो कसी होगी परजा का खयाल रखन वाली होगी या नही कही मरा और वश का नाम ही न डबो द यह बालक गणवान ह ई वर का भकत ह सब परकार स मर लायक ह कय न म इस ही गोद ल ल और इस ही अपना पतर बना ल इतना िवचार करत ही उसन उस बालक की बिल दन का कायरकरम र कर िदया और उस बालक को गोद ल िलया कहत ह उस बालक म अ छ गण होन क कारण उसन कई साल तक रा य िकया और हर परकार स परजा की रकषा की उसक रा य म िकसी को िकसी परकार का कोई क ट नही था

इतना कहकर वह बालक राजा क पास जाकर िसर झका कर खड़ा हो गया राजा उस छोट स बालक की इतनी जञान की बात सनकर स न रह गया

परकित िजदगी स ह िजदगी बनी भी परकित स ह चलता रह य िविचतर खल य ही इसका भी अमल िजदगी स ह

प ठ 11

शोिभत ह िज़दगी धरती की धार पर इस हिरत धारा पर ऊजार स भरपर ह हिरत ऊजार स य ससि जत य खब ह

हिरत ऊजार क भ डार का खजाना य खब ह जल वाय और सौर ऊजार ह इनक अ यत ोत

ल अमल म इनको अगर बचाना ह य धरा अनमोल अदभत ह खजान परकित क अगर कर ल मन य इनका सदपयोग

य झोखा जो हवा का ह य जो तरग म जलधारा ह अदभत िकरण जो फलाती जीवन की धारा ह

समझ ल इनका जो इशारा ह कर परयोग इ ही का अपन यतर मतर स छपा ऊजार का अनमोल खजाना ह

परकित िजदगी स ह िजदगी बनी भी परकित स ह चलता रह य िविचतर खल य ही इसका भी अमल िजदगी स ह

रकषा कर इस धरा की स पना इसको नई िजदगी को ह इस परकित स बना मन य महान

िफर क य कर रहा परकित का सवरनाश खद को बचा हर िजदगी को बचा

करक हिरत ऊजार का स मान जीन द जीवन को और भी कर ल सयम म अपना य िवषकत घटता जीवन का चकर य ह इशारा परकित का हर पल सभल जरा ना कर इसको त तग

मक त खल परकित स कर ल इस हिरत ऊजार का परयोग अ छ क बदल अ छा दना सीख परकित का य खल

अलका कमार इरडा

अकषय कराित

किवता

प ठ 12

नही सीखा अब भी अगर परकित म सब जाएगा बदल जी ना पायगा िफर त इस परकित म िमट जाएगा अश तरा इस परकित स हिरत परकित और य हिरत ऊजार ह य इस धरा क जीवन दायक सीख परकित स लना दना

िसखा रह य जीवन का मल मतर परकित का आहार परकित मत द आहार आपराकितक सतलन िबगड़ गया अगर हो जायगी िवनाश िजदगी

अब सभल जरा और कर ल परण करक हिरत ऊजार को ही खचर बना धारा को शोिभत हरदम

िफर रहगा परकित और िजदगी का य खबसरत सग

हिरत परकित और य हिरत ऊजार ह य इस धारा क जीवन दायक सीख परकित स लना दना िसखा रह य जीवन का मल मतर

अकषय कराित

प ठ 13

अकषय कराित

कमरचािरय की आदत उनक यिक त व और िन पादन कषमता का पार पिरक सबध - एक िव लषण

हम िजस िकसी सगठन म काम करत ह उसक परित हमारा ल य होना चािहए सबिधत स थान क िलए अपनी सपणर कषमताओ का इ तमाल कषमताओ का बहतर परयोग तभी हो सकता ह जब हम अपन अदर अ छी आदत का िवकास कर हमार शा तर वद उपिनष और अ य धािमरक गरथ हम अ छी आदत क िवकास क सबध म बीज मतर बतात ह िक हम मनसा वाचा और कमरणा शदध रहना चािहए मनसा वाचा और कमरणा शदधता स ता पयर ह िक हम मन वाणी और कम स अ छ बन रह हमारी नीयत नक हो हम अपन सहकिमरय सािथय और अ य लोग क साथ अ छा बरताव कर और हमार कमर अ छ ह इस बीज मतर पर चलन वाला हमशा अपन अदर अ छी आदत का िवकास होता पायगा

असल म िदककत यही ह िक हम उपदश दन म तो आग रहत ह लिकन खद क अदर नही झाकत या कम ही झाकत ह - lsquoपर उपदश कशल बहतरrsquo सपरिसदध लखक सरदार परन िसह न एक बार कहा था आचरण की स यतामय भाषा सदा मौन रहती ह अथारत आदमी खद चप रहकर खद को ठीक रख तो इसका परभाव खद-ब-खद दसर पर पड़ता ह इसको हम एक छोट स उदाहरण स प ट कर सकत ह िक मान िलया जाए हम ब च स कह धमरपान नही करत लिकन उसक सामन खद ऐसा कर इसस इतर हम अगर यह सब करत ही नही ह तो इसका यादा असर ब च पर पड़गा अ छी आदत घर स श होकर समाज द तर और उसस आग तक हम हमशा हमारा फायदा िदलाती ह

कहा जाता ह िक व थ तन म ही व थ मन िनवास करता ह इसी तरह यह भी कहा जाता ह िक व थ वातावरण ही उ नित का योतक होता ह व थ वातावरण तभी बनगा जब उस माहौल म रहन वाल लोग

हीरा व लभ नराकास

असल म िदककत यही ह िक हम उपदश दन म तो आग रहत ह लिकन खद क अदर नही झाकत या कम ही झाकत ह - lsquoपर उपदश कशल बहतरrsquo

प ठ 14

अकषय कराित एक दसर का स मान करग खद की आदत को सधारग और उस स था की तरककी क िलए अपन तर पर हर वह काररवाई करग जो औ योिगक सगठन और लोग की उ नित म ज री होती ह

औ योिगक सगठन िकसी भी दश की अथर यव था को मजबत आधार परदान करत ह औ योिगक सगठन म परयोग होन वाल सम त ससाधन म मानव ससाधन अथारत उसम काम करन वाल कमरचारी मह वपणर और िनणारयक होत ह इन सगठन का सफल सचालन वहा कायररत कमरचािरय की कशलता और कायरकषमता पर आधािरत होता ह कशलता और कायरकषमता का ोत हमारा आचरण और यवहार होता ह जािहर ह औ योिगक सगठन म मानवीय सबध परी एक ऐसी िकताब ह िजसक िबना कभी कछ नही कराया जा सकता लोग क साथ सतोषजनक प स काम करना परबधन क काम का िसफर एक िह सा नही ह वरन सारा

काम इसी पर िटका ह कय िक सभी उ योग म मशीन माल या दसरी चीज़ क साथ कोई भी काम लोग क मा यम स ही िकया जा सकता ह तीन lsquoएमrsquo अथारत मनी मटीिरयल और मशीन औ योिगक सगठन क िलए मह वपणर ससाधन होत ह लिकन इ ह पिरणाम तक पहचान का कायर कमरचारी (man) ही करत ह जो सगठन दर अदशी रहकर कमरचािरय क जञान उनकी िविश टताओ उनक आचरण को अनकल साच म ढालन क परित सजग रहत ह वही सफलता की ऊचाइय को छत ह अगरजी म एक परानी कहावत ह -- Where the vision is one year Cultivate flowers Where the vision is ten years Cultivate trees Where the vision is eternity Cultivate people अथारत जहा दरअदशी एक साल क िलए हो तो फल लगाइय जहा दरअदशी दस साल क िलए हो तो पड़ लगाइय

औ योिगक सगठन म परयोग होन वाल सम त ससाधन म मानव ससाधन अथारत उसम काम करन वाल कमरचारी मह वपणर और िनणारयक होत ह

प ठ 15

अकषय कराित जहा दरअदशी अनत काल क िलए हो तो लोग का िवकास कीिजए औ योिगक सगठन म 500 आदमी ह 5000 आदमी ह 50000 ह या इसस अिधक अगर कामकाज ठीक स चलाना ह तो बहत ज री ह परबधन उनस िनभाना जानता हो यिकतगत सपकर का मह व

वातानकिलत कमर म बठकर और सचार मा यम या िकसी अ य तरीक स कमरचािरय की िरपोटर लना और आस पास होन वाल घटनाकरम को जानना अलग बात ह और कायर थल पर वय उपि थत रहकर ि थित को समझना और िनदश दना अलग बात महान जनरल रोमल की सफलता का मखय कारण यह था िक व हमशा कायर थल पर वय उपि थत होकर िनदश दत बात की पि ट करत सम याए सलझात और दखत िक काम कसा चल रहा ह रोमल का यह तरीका इतना सफल रहा िक िकसी भी औ योिगक सगठन या कारोबार म इस अपनाया जाए तो आशातीत पिरणाम सामन आ सकत ह लोग क बीच खद उपि थत होकर काम करन का कोई िवक प नही ह लोग अिधकाशतः उनको नापसद करत ह िज ह व ठीक स जानत नही ह पर एक बार जान पहचान हो जान पर हालात बदल जात ह कमरचािरय म अ छी आदत का िवकास करन की पहली शतर ह िक पहल उनक िदल म घर िकया जाए ऐस िकसी भी बरताव स बचा जाए िजसस वह अपन को उपिकषत महसस करन लग अतः सवदनशीलता का यान रखना बहत ज री ह

कमरचािरय क परित सवदनशील यवहार-कौशल और धयरपणर होन क अितिरकत इस बात पर ढ़ रहना ज री ह िक काम ठीक परकार स हो अ छ यवहार क साथ कमरचािरय को यह जताना भी ज री ह िक उनस काम का उ च तर अपिकषत ह और उस पर उनक साथ कोई समझौता नही और अगर इस पर अमल नही करत तो उ ह पता होना चािहए िक आप कड़ी काररवाई करग

सकारा मक नजिरया परबधन का एकमातर काम िनदश दना नही ह वरन उस साथ-साथ लोग का िवकास करना होता ह

महान जनरल रोमल की सफलता का मखय कारण यह था िक व हमशा कायर थल पर वय उपि थत होकर िनदश दत बात की पि ट करत सम याए सलझात और दखत िक काम कसा चल रहा ह

प ठ 16

अकषय कराित एक अिधकारी का मखय काम यही ह िक वह अपन साथ काम करन वाल लोग म अ छी आदत का िवकास कर उनकी सहायता कर यिद यह काम परभावशाली ढग स कर पाता ह तो इसस कवल उसक अपन काम ही बहतर नही ह ग बि क उसक पास परिशिकषत और कशल कमरचािरय का परा दल होगा जो उसक परित परी िन ठा स काम करगा इसक िलए सबस पहल कमरचािरय का नजिरया ठीक करना ज री ह उनम सबस पहल यह भावना लानी होगी िक हमार अदर जो चीज ह वही हम ऊपर की ओर ल जाती ह और वह हमारा नजिरया ह

एक आदमी मल म ग बार बचकर अपनी गज़र-बसर करता था उसक पास लाल नील पील हर-चार रग क ग बार थ जब कभी उसकी िबकरी कम होन लगती तब वह हीिलयम गस स भरा एक ग बारा हवा म छोड़ दता ब च उस उड़ता दखकर वसा ही उड़न वाला ग बारा पान क िलए मचल उठत ब च उसस ग बारा ख़रीदत और इस तरह उसकी िबकरी िफर स बढ़ जाती िदन-भर यही िसलिसला चलता रहता एक िदन वह आदमी बाज़ार म खड़ा ग बार बच रहा था अचानक उस महसस हआ िक पीछ स कोई उसका करता पकड़कर खीच रहा ह उसन पीछ मड़कर दखा तो एक छोट स ब च को खड़ा पाया उस ब च न ग बार वाल स पछा ldquoअगर आप काला ग बारा छोड़ग तो कया वह भी उड़गाrdquo ब च की बात उसक िदल म लगी और उसन यार स जवाब िदया ldquoबट ग बारा अपन रग की वजह स नही उड़ता बि क उसक अदर कया ह इस वजह स ही वह ऊपर जाता ह rdquo ठीक यही बात हमारी िज़दगी म भी लाग होती ह अगर लोग का नजिरया बहतर हो उनम अदर स काम करन की इ छा भरी हो तो व खलकर आपस म िमलकर काम करग इसस नकसान तो कम होगा ही स थान क परित िन ठा बढ़गी और लगन स काम करन का वातावरण तयार होगा िव वास हािसल करना आव यक

कमरचािरय स बहतरीन काम लन क िलए शानदार टीम लीडर होना ज री ह मटठीभर लोग का कोई समह िकला तभी फतह कर सकता ह जब

एक आदमी मल म ग बार बचकर अपनी गज़र-बसर करता था उसक पास लाल नील पील हर-चार रग क ग बार थ

प ठ 17

अकषय कराित जब उनका सनापित उनम वह जोश भर सक िक उ ह कोई भी ऊचाई यादा न लग अतः सबस ज री ह िक स थान म कमरचािरय की

कषमताओ का परा फायदा लन क िलए उनका िव वास जीता जाए इसक िलए उनक साथ परी इ जत स पश आना ज री ह उनकी छोटी-बड़ी खशी को बाटना और उनकी राय को परा स मान दना भी उतना ही ज री ह कई बार परबधन क उ चािधकारी या लीडर अपनी टीम क सद य स िसफर इसिलए राय नही लत कय िक उ ह लगता ह िक एक बार राय लन पर अगर उनकी बात नही मानी गयी तो उ ह बरा लगगा लिकन सबस ज री ह िक टीम म सभी सद य को िव वास म लकर काम िकया जाए यहा टीम लीडर की भिमका मह वपणर होती ह वह खद वकत का पाबद होगा तो उसक मातहत कमरचािरय म वयमव यह गण आदत का प ल लगी टीम लीडर का काम अपनी टीम का उ साह बढ़ात हए दी गयी िज मदािरय को समय स परा करना ह मगर उसम नयी चीज़ को सीखन की ललक होनी चािहए ऐसी ललक जब स थान क कमरचािरय म आदत का प लन लगती ह तो वह स थान जािहर ह नए परितमान थािपत करन लगता ह जापानी कपिनया हर बात म कमरचािरय क िहत का यान रखती ह िजसस व वय ही उ पादकता क परित सचत हो जात ह जानी-मानी टोयोटा कपनी क कमरचािरय म तो काम की ऐसी आदत सी या ललक होती ह िक व तब तक काम करत ह जब तक खद थक कर चर नही हो जात यह उनकी आदत ही बन चकी ह िक यिद व िकसी बात पर नाराज होत ह तब भी कपनी या अपन भागय को भल ही कोस ल पर अपन काम पर असर नही पड़न दत इसका कारण यह ह िक जापानी कपिनया काम का एक अ छा वातावरण बनान और लोग म काम क परित स ची लगन को बढ़ावा दन क िलए कड़ा परयास करती ह वहा लोग को लगातार परिशकषण िमलता रहता ह जो कवल तकनीक और मनजमट ही नही कायर स जड़ी नितकता और अ छी आदत क िवकास पर किदरत होता ह चिरतर का िनमारण उनकी एक आदत सी बन जाती ह अगर हम भी एक अ छी शिखसयत बनना ह तो हम अपनी आदत को गहराई स जाचना होगा

ऐसी ललक जब स थान क कमरचािरय म आदत का प लन लगती ह तो वह स थान जािहर ह नए परितमान थािपत करन लगता ह जापानी कपिनया हर बात म कमरचािरय क िहत का यान रखती ह

प ठ 18

अकषय कराित चतन और अवचतन मन

हमार चतन मन क पास सोचन की शिकत होती ह यह िकसी बात को मान सकता ह और नही भी मान सकता मगर अवचतन मन िसफर वीकार करता ह यह इनपट (input) को लकर कोई भदभाव नही करता अगर हम अपन मन म डर शका नफरत क भाव भर तो यह आ म सझाव इन सभी भाव को सिकरय बनाकर हकीकत म बदल दगा हमारा अवचतन मन एक डाटा बक की तरह ह अवचतन मन एक गाड़ी की तरह ह और चतन मन एक डराइवर की तरह शिकत तो गाड़ी म होती ह मगर उसका कटरोल डराइवर क पास होता ह

हम अवचतन मन को इस तरह ढालन की ज रत ह िक वह हम सही और ठीक रा त पर ल जा सक अवचतन मन एक बगीच की तरह होता ह िजस कोई परवाह नही होती िक आप कस पौध लगात ह यह िनरपकष (neutral) होता ह इसम अ छा बोन पर अ छा िमलता ह अ यथा जगली पौध उग जायग

बि क अ छ बीज बोन क बावजद जगली पौध उगन बद नही होत आव यकता होती ह उ ह उखाड़ फकन का िसलिसला जारी रखन की इसी िसदधात को कमरचािरय क मामल म समझन की ज रत ह हम याद रखना ह िक सही और गलत िवचार मन म एक साथ नही रह सकत आव यकता उनक अवचतन मन को इस तरह ढालन की ह िक उनम अ छी आदत का िवकास हो दरअसल अवचतन योगयता वह होती ह जब हम यान दन और सोचन की यादा ज रत नही होती कय िक यह हमार यवहार म खद ब खद उतरन लगा ह िजस स थान क कमरचारी इस तर पर पहच जात ह उनम अ छी आदत वयमव घर करन लगती ह जब बरी आदत हमार अवचतन योगयता क तर तक पहच जाती ह तो वह कावट उ प न करती ह

पिरवतरन का िवरोध बरी आदत को पहचान लन क बाद भी अकसर दखा गया ह िक

लोग उ ह बदलत नही ह ऐसा आिखर कय होता ह उनक न बदलन का कारण ह िक व िज मदारी को वीकार करन स इनकार करत ह

हम अवचतन मन को इस तरह ढालन की ज रत ह िक वह हम सही और ठीक रा त पर ल जा सक अवचतन मन एक बगीच की तरह होता ह िजस कोई परवाह नही होती िक आप कस पौध लगात ह

प ठ 19

अकषय कराित अपनी उन आदत को बनाय रखन म उ ह जो आनद िमलता ह वह पिरवतरन क ददर स यादा होता ह इसक िन निलिखत कारण हो सकत ह -- 1 पिरवतरन की इ छाशिकत का अभाव 2 पिरवतरन क िलए आव यक अनशासन की कमी 3 िव वास की कमी 4 आव यक जानकारी की कमी परबधन वारा इन िबदओ पर िवचार कर अपन किमरय म आशातीत पिरवतरन लाया जा सकता ह सामा यतः खराब आदत को न बदलन क बहान िदय जात ह और कहा जाता ह -- हम लोग इसी तरह करत ह या िक म नही समझता इसस कोई फकर पड़गा और कछ न िमला तो कह िदया जाता ह म बहत य त ह अ छी आदत का िन पण

आदत म पिरवतरन लाया जा सकता ह आव यकता ह इसक िलए सही पिरवश का िनमारण करन की कमरचािरय को परिशिकषत करन की परिरत करन की और ऐसी ि थितया उ प न करन की िजसस कमरचािरय म अ छी आदत का िन पण हो सक दरअसल सफल लोग का राज यह ह िक व काम करन की उन आदत को डाल लत ह जो असफल लोग करना नही चाहत य वही काम ह िज ह सफल लोग भी करना

नही चाहत लिकन व िफर भी करत ह उदाहरण क िलए असफल लोग अनशासन और महनत करना पसद नही करत सफल लोग भी अनशासन और कड़ी महनत नापसद करत ह लिकन व िफर भी ऐसा करत ह कय िक य लोग उन काम को करन की आदत डाल लत ह िज ह असफल लोग नही कर पात नजिरय और सोच का तरीका एक आदत ह और इस बदला जा सकता ह सही ि ट और सतलन कमरचािरय म काम क सबध म सही ि ट बनाय रखन की परवि त िवकिसत करना ज री ह जब कछ गलत हो रहा होता ह तो उस ठीक करना परबधन का ही काम होता ह समझा यह जाता ह िक परायः हम गलत हो रह काम को लकर इतन िचितत हो जात ह िक जो सही हो रहा ह उस भी अनदखा करन की हमम आदत होती ह

दरअसल सफल लोग का राज यह ह िक व काम करन की उन आदत को डाल लत ह जो असफल लोग करना नही चाहत

प ठ 20

अकषय कराित उदाहरण क िलए अगर िकसी स कोई गलती हो जाती ह तो हम एकदम उस पर िच ला पड़त ह या उसक िव दध काररवाई कर बठतहअ छा यह रहगा िक आप उस अलग ल जाकर अकल म बात कर अगर परशसा करनी हो तो सबक सामन कर

अगर िकसी स सहमित न बन तो उस पर करोध करना ज री नही ह अगर अपन करोध पर काब रखग तो लोग अपनी असहमित को अ यथा नही लग अगर आप अपन िवचार को खला रखग तो दसरी ओर स भी आप ऐस ही यवहार की अपकषा कर सकत ह परायः लोग अपनी सहमित कछ इस तरह जतात ह िक सामन वाला भी अपनी बात पर अड़ जाता ह समझन की बात यह ह िक सभी ि थितय म कवल तकर ही काफी नही होगा िकसी स असहमत होन म भी यवहार कशल होना ज री ह सबस पहल तो दसर को अपना पकष रखन का मौका द उसकी बात सन और जहा तक हो सक उसस अपनी सहमित भी परकट कर और िजन बात पर सहमित न बना सक उस समझाए

हमम स अिधकाश लोग उन किमरय और उनकी गलितय पर अ यिधक यान दत ह िजनक िलए हम काम करत ह पर अपन किमरय पर नज़र डालना भल जात ह अगर वय को उन लोग की नजर स दखा जाए तो आशातीत पिरणाम दखन को िमलत ह

आ म मथन आप कया करना चाहत ह कसा करना चाहत ह - इस सोच को

वतरमान म अपन अदर मथन करन को आ म-सझाव कहत ह एक बार सब म जब इसकी पिरपाटी श हो जाती ह तो यह हमार अदर िवजञापन की तरह काम करता ह अपन बार म अपन िलए अदर ही परचािरत करता ह इसका हमार चतन और अवचतन (Sub-concious) मन दोन पर परभाव पड़ता ह अततः यह हमार नजिरए और यवहार को परभािवत करता ह और धीर-धीर आदत का प लता ह यह दरअसल अपन अवचतन मन को ढ़ालन या परोगराम करन की िविध ह

हमम स अिधकाश लोग उन किमरय और उनकी गलितय पर अ यिधक यान दत ह िजनक िलए हम काम करत ह पर अपन किमरय पर नज़र डालना भल जात ह

प ठ 21

अकषय कराित आ म-सझाव अ छ या बर हो सकत ह जब हम बर आ म-सझाव को बार-बार दोहरात ह तब हमारा अवचतन मन उन पर िव वास करन लगता ह और हम उसी को वा तव म यवहार करन लगत ह सकारा मक आ म-सझाव को बार-बार मथन करन स उसकी हमार िदलोिदमाग म त वीर बन जाती ह और वही असिलयत का प लन लगता ह एक उदाहरण क िलए जब कभी हम सबह 0600 बज टरन पकड़नी हो और हमार पास अलामर घड़ी न हो तो हम मन म कहकर उठत ह िक 0400 बज उठना ह तो कया हम नही उठत अगर उठत ह तो इसक पीछ आ म-सझाव ही काम करता ह आ म-सझाव एक रा ता ह िजसस हम अपन िदमाग को परोगराम करक ढ़ालत ह सकारा मक आदत को िवकिसत करन म आ म-सझाव की परवि त मह वपणर िसदध हो सकती ह हमार नजिरए और आदत को तय करन वाल कारक हमार नज़िरए को मखयतः तीन कारक परभािवत करत ह - वातावरणः घर कल आिफस मीिडया सा कितक प ठभिम धािमरक प ठभिम परपराए और भाषाए सामािजक-राजनितक माहौल - य सब िमलकर एक तहजीब बनात ह चाह घर हो या आिफस या अ यतर - हर जगह हर िकसी की अपनी तहजीब होती ह उदाहरण क िलए हम एक दकान म जात ह तो वहा का स समन बड़ अदब वाला होता ह लिकन वही जब दसरी दकान पर जात ह तो वहा का स समन कभी-कभी बड़ा खा और बदतमीज िमल जाता ह उसी तरह िकसी क घर म यार भरा माहौल िमलता ह तो िकसी क घर म हमशा लड़ाई-झगड़ का इसी तरह जब सरकार और राजनीितक माहौल ईमानदारी का होता ह तो लोग भी ईमानदार मददगार और कानन का पालन करन वाल होत ह बईमान और भर ट माहौल म िजस तरह एक ईमानदार का जीना मि कल होता ह उसी तरह ईमानदारी भर माहौल म बईमान यिकत को मि कल होती ह िन सदह अ छ वातावरण म मामली कमरचारी म वमव अ छी आदत िवकिसत होती ह और उसकी कायर करन की शिकत बढ़ जाती ह जबिक खराब माहौल म अ छा काम करन वाल की भी कषमता िगर जाती ह

सकारा मक आदत को िवकिसत करन म आ म-सझाव की परवि त मह वपणर िसदध हो सकती ह

प ठ 22

अकषय कराित कायर-स कित का बहाव ऊपर स नीच की ओर होता ह नीच स ऊपर की ओर कभी नही यह दखना बहत ज री ह िक हमन अपन िलए और आस-पास क लोग क िलए कसा वातावरण तयार िकया ह खराब वातावरण म अ छ की उ मीद करना बमानी ह अनभवः हम अपन जीवन म अपन काम-काज म हालात स जसा अनभव पात ह वह हमारी आदत का िह सा बन जात ह और उसी क अनसार हमारा यवहार होता ह अगर िकसी क परित हमारा अनभव अ छा होता ह तो हमारा नज़िरया भी अ छा होता ह ज री ह िक कमरचािरय को ऐसा कायर-पिरवश िमल िजसस उनक अवचतन म अ छ अनभव की छाप अिकत हो

परिशकषण भी ज़ री यहा िसफर सदधाितक जञान ही काफी नही होता बि क औपचािरक और अनौपचािरक दोन ही तरह की िशकषा व परिशकषण ज री ह जञान और जानकारी को यिद योजनाबदध तरीक स परयोग िकया जाए तो उसस बौिदधक तर को बढ़ान म आशातीत सफलता िमलती ह काम करन की कला अ छी िशकषा स ही आती ह ज री ह िक परिशकषण म मनोवजञािनक सामािजक आिथरक व अ य पहल को समझन की आदत िवकिसत की जाए अवचतन म यह िबठाना बहत ज री ह िक जीवन की भ यता काम क वारा ही सभव ह स थान म सभी को लगना चािहए िक उनका काम मह वपणर ह यही परबधन कला का सार ह जब कमरचािरय को ऐसा एहसास होन लगता ह तो उनक नज़िरए म बदलाव आन लगता ह उपसहारः काम क परित लोग म अ छी आदत िन िपत करन और उनम उ साह जगान स कायर-िन पादन म िनरतर िनखार आता ह दरअसल हर यिकत म मानिसक और शारीिरक ऊजार उ प न होती ह िजसक िलए काम ही सबस अ छा िनकास ह एक िवचारक क अनसार lsquoआप पछत ह म लगातार काम कय करता ह

यहा िसफर सदधाितक जञान ही काफी नही होता बि क औपचािरक और अनौपचािरक दोन ही तरह की िशकषा व परिशकषण ज री ह

प ठ 23

अकषय कराित इसका वही कारण ह िजस कारण स मगीर अ ड दती जाती ह rsquo काम क िबना इसान घट सा जाता ह उस काम की उतनी ही ज रत होती ह िजतनी हवा की आव यकता ह िक उस सही वातावरण उपल ध करान और सही िदशा म अिभपरिरत करन की व ततः हर यिकत अदर स गिरमा और आ मस मान की चाह रखता ह आव यकता ह उस अतःपरिरत करन की लोग को खद स परिरत करन क िलए हम उनकी ज रत और इ छाओ को समझना होगा पररणा कायरकषमता और आदत क बीच सीधा सबध ह जो लोग उतना ही काम करत ह िक उनकी नौकरी बची रह तो ऐस लोग िकसी भी स थान क िलए मह वपणर नही हो सकत अतपररणा स सोच म बदलाव लाया जा सकता ह पररणा आग क समान होती ह

कमरचािरय को िजतना परिरत िकया जाएगा उनम उतनी ही सकारा मक आदत का िवकास होगा कमरचािरय को उिचत स मान दकर उनक कायर को अिधक मनोरजक बनाकर परबधन वारा उनकी बात को गौर स सनकर उनकी सम याओ और सझाव पर गौर करक उ ह वय ल य िनधारिरत करन क िलए परो सािहत करक िवकास क नय अवसर उपल ध कराकर आव यकतानसार समय-समय पर समिचत परिशकषण िदलाकर तथा नयी चनौितय स जझन क िलए परो सािहत करक िन सदह उनक आचार और यवहार को सकारा मक िदशा म पाियत िकया जा सकता ह

कमरचािरय को िजतना परिरत िकया जाएगा उनम उतनी ही सकारा मक आदत का िवकास होगा

ई-पितरका म लख आिद म परकट िवचार

मलतः लखक क ह तथा यह आव यक नही ह िक

इरडा भी इन िवचार स सहमत हो

प ठ 24

अकषय कराित

िबिटया

आख म मोती लकर तम िबिटया जाती हो हा जाओ िशकषा का उपहार द रह िवदा समय यह लो ल जाओ इन पराण म परीित त हारी ममता क धन िसदरी इन नयन की बद पली परकट करती ह मजबरी लाचारी ह िफर पराण म क य ह इतनी आकलता

जब इस रीित पर पराओ म वश न िकसी का ह चलता िपतकल को तजकर अब िबिटया पित-कल म जाना होगा

नटखटपन को छोड़ धमर का ही िजसम बाना होगा इस घर की तम बड़ी लाडली पराण स यारी िबिटया

चली लाकर आज सभी को िपता की कर सनी किटया िजन हाथ न लाड़ चाव स अब तक था िजसको पाला उन हाथ न ही िबिटया को दलह राजा जी को द डाला

िजसका दख जरा मन मला हो जाती थी हरानी क यादान उसी का कर क दय बनाया पाषाणी

िकया न जाता था पल भर को इन आख स दर िजस मोती झरत िवदा द रहा आज सकल पिरवार उस अपनी मा क जीवन की तम परित-पल हो आधार रहो

िवजयता िपता क दय मिदर की िबिटया तम साकार रही आज जीवन क सख-दख सार वही िबतान तम लो जान आओगी जब कभी यहा तम होगी महमान समान

सतीश कमार कलावत इरडा

इस घर की तम बड़ी लाडली पराण स यारी िबिटया चली लाकर आज सभी

को िपता की कर सनी किटया

प ठ 25

ससराल की कभी बराई कही न मह पर आ जाव धमर कमर क तर य पथ म पाव नही िडगन पाव

सात परितजञाय जो तमन अिग नदव स मख की धारण द पि त जीवन का मह व ह करना स च मन स पालन

बटी इन सात बचन का यान दय म रह सदा दोन कल की लाज इसी म भला न दना इस कदा पित ही ह सवर तर त हार पित ही को जीवन समझो

जो कछ कह उसी को मान उनको िबिटया तम धन समझो शीलवती तम बन िबिटया पित-भक त मना सदर िनस दह वय उपजग क प-वकष घर क अ दर

पहन सिशकषा की साड़ी को शभ गण भषण अपनाओ दस लकषण शभ लकषण धार िन य नय मगल गाओ यह िशकषा उपहार दय का तम को राह िदखायगा भल भटक कर भी अिधयारा पास न आन पायगा

हम सब की आख स मोती उर स िनकल रही आशीष सभी सख स पणर परफि लत कर त ह दलह राजा की ईश

अकषय कराित

िजन हाथ न लाड़ चाव स अब तक था िजसको पाला उन हाथ न ही िबिटया को दलह राजा जी को द डाला

प ठ 26 अकषय कराित

ldquoपयारवरणrdquo श द पिर+आवरण स बना ह अथारत बा य आवरण को ही पयारवरण कहत ह इस बा य आवरण का ता पयर हमार चार ओर क वातावरण और पिरवश स ह िजस हम दसर श द म परकित भी कह सकत ह प वी पर िव यमान सपणर जीव-जगत क अि त व जीवन-यापन एव चहमखी िवकास म परकित की मह वपणर भिमका ह मानव बिदधजीवी पराणी ह और परकित क मह व स भली-भाित पिरिचत होन क कारण ही सिदय स परकित की पजा करता रहा ह

विदक काल स ही परकित तथा मानव क बीच जीवन ततर का अटट सबध रहा ह हमार पराचीन ऋिष-मिनय न प वी म हवा पानी िमटटी पड़-पौध जीव-ज तओ और मानव क सिकरय सहयोगा मक सतलन को यान म रखकर ही परकित को प य माना धमर क साथ परकित को जोड़कर उ ह न परकित को पयार त मह व िदया व जानत थ िक िजस परकार जीवन क िलए भिम की आव यकता होती ह उसी परकार वन पितया व अ य पराणी भी आव यक ह य सभी परकित क अिभ न अग ह इनम स एक क भी न ट होन का परभाव दसर पर पड़ता ह और पिरणाम व प पराकितक असतलन पदा हो जाता ह व तत प वी म हवा पानी िमटटी पड़-पौध जीव-ज तओ और मानव का सिकरय सहयोगा मक सतलन रहता ह पड़-पौध भिम को उपजाऊ बनात ह िमटटी को बाधकर रखत ह बरसात करवान तथा जल एव वाय को व छ रखन म सहायक होत ह परत आज क बढ़त औ योिगकीकरण और शहरीकरण न परकित और मानव क बीच असतलन उ प न कर िदया ह यह असतलन अिशकषण बढ़ती जनसख या शहर की ओर पलायन वकष की कटाई गगनचबी इमारत बड़-बड़ उ योग की थापना आिद क कारण ह और यही पयारवरण परदषण क मख य कारण ह मटरोपोिलटन एव बड़ शहर म अनक काबरिनक और अकाबरिनक गस जस ndash काबरन-मोनोऑक साइड अमोिनया आिद परदषण क मख य ोत ह

वतरमान पयारवरण -21वी सदी की चनौती

लख सरीन सल

विदक काल स ही परकित तथा मानव क बीच जीवन ततर का अटट सबध रहा ह

प ठ 27 अकषय कराित मन य न अपनी भितक सख-सिवधाओ की आपित र क िलए परकरित स

िखलवाड़ िकया ह वतरमान मशीनी यग म मन य वारा परकित क अ यिधक दोहन एव िनत नए कारखान की थापना स पयारवरण सकट उ प न हआ ह मानव न परकित क साथ जो अ यायपणर यवहार िकया ह उसी क फल व प परकित का िवरोधी रवया हआ ह िजस भिव य म सह पाना मि कल होगा

अिशकषा क कारण दश की तजी स बढ़ती आबादी क आवास की मलभत आव यकता को परा करन क िलए वकष की कटाई करक ऊची-ऊची इमारत बनाई जा रही ह वकष की अधाधध कटाई स भिम की ऊवररा शिक त का तो ास हो ही रहा ह साथ ही परदषण जसी िवकराल सम या भी ज म ल रही ह

परदषण पयारवरण क ास का परमख कारण ह िवकासशील दश िनत नए उ योग की थापना करक बराजगारी की सम या को तो दर कर रह ह िकत इसस जल वाय विन तथा िविभ न परकार क परदषण बढ़ रह ह कल-कारखान और मोटर स िनकलन वाल धए स वाय परदषण हो रहा ह जल थल व नभ क मागर पर शिक त चािलत वाहन विन परदषण का मख य ोत ह शहरीकरण और औ योिगकीकरण क कारण शदध पयजल की सम या िवकराल प धारण कर रही ह कारखान स िनकलन वाल कड़-कचर क निदय म िमलन स जल परदषण हो रहा ह रासायिनक खाद और कीटनाशी दवाओ स मदा परदषण का खतरा बन गया ह

इस परकार जनसख या विदध शहरीकरण औ योिगकीकरण एव परदषण जसी सम याओ न पयारवरण को बरी तरह परभािवत िकया ह आज सपणर िव व पयारवरण को लकर िचितत ह इस भयावह ि थित स बचन क िलए पर यक यिक त को पयारवरण क परित जाग क करना आज की अिनवायर आव यकता ह

इस िदशा म सवरपरथम िनरकषरता को समा त िकया जाना चािहए साकषर भारत की पिरक पना म जनसख या विदध दर वय िनयितरत हो जाएगी करल रा य इसका परमाण ह जहा साकषरता क साथ-साथ जनसख या िनयतरण भी ह

जल थल व नभ क मागर पर शिक त चािलत वाहन विन परदषण का मख य ोत ह

प ठ 28 अकषय कराित

इसक बाद बात आती ह परदषण िनवारण की आज िव व भर क

वजञािनक और पयारवरणिवद इस िदशा म कायररत ह सवरपरथम वन क काटन पर परितबध लगाया गया ह और वन सपना क िव तार हत वकष लगान क िलए परो सािहत िकया गया इसक िलए सरकार की ओर स वकष आिद िनश क उपल ध कराए जात ह ldquoपयारवरण परदषण स थाrdquo और व छ वाय अिधिनयम जस िविधक उपाय स वाय परदषण पर रोक लगान का परयास िकया जा रहा ह जहरील धआ उगलन वाल कारखान तथा वाहन पर भारी आिथरक दड का परावधान ह िविभ न सचार मा यम mdashदरदशरन समाचार-पतर तथा आकाशवाणी क मा यम स जनता को पयारवरण क परित जाग क करन क परयास िकए जा रह ह निदय म खलन वाल परदषण ोत को बद करन की योजनाए चलाई जा रही ह पािलथीन क परयोग को बद करन क िलए चलाया जा रहा ह अिभयान भी परशसनीय ह

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह इस खतर स सपणर भमडल का अि त व न ट हो जाए इसस पहल हम पयारवरण की सरकषा करन का सक प लना होगा

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह

िस धी होन क प चात भी मझ बगाली रीित िरवाज़ िमठाइया यहा का पहनावा अगरज क ज़मान की बनी सरचनाए एव भवन इ यािद म बहत िदलच पी एव िच थी

प ठ 29 अकषय कराित

यातरा स मरण-कोलकाता-खिशय हषर का शहर(िसटी ऑफ जॉय)

सोिनया सिह वानी पीईसी िलिमटड

म पी ई सी िलिमटड नामक कपनी क िविध ककष म उप िविध परबधक क पद पर कायररत ह सन 2010 जन स इस कपनी म मन परबधन परिशकष क प म अपनी पहली नौकरी की श आत की पी ई सी िलिमटड वािण य मतरालय क अतगरत आन वाली आयात-िनयारत यापार स स बिधत क पिनय म स एक ह इस स दभर म जनवरी 2011 म िविभ न िवभाग क परबधन परिशकषओ को ओिरएटशन हत काडला कोलकाता इ यािद शहर म भजन का कायरकरम िनि चत िकया गया कोलकाता क पास हि दया पोटर होन क कारण कोलकाता शहर चना गया जहा पी ई सी वारा आयात की गयी व तए पोटर गोदाम म रखी जाती ह साथ ही म कोलकाता पोटर िभ न गोदाम इ यािद दखन की यव था की गयी एव सची म समावश िकया गया यह सनकर मरी ख़शी का िठकाना न रहा क य िक मन कोलकाता शहर क बार म सना बहत था पर त कभी दखा न था िस धी होन क प चात भी मझ बगाली रीित िरवाज़ िमठाइया यहा का पहनावा अगरज क ज़मान की बनी सरचनाए एव भवन इ यािद म बहत िदलच पी एव िच थी आिखरकार मझ मौका िमला और जनवरी की कड़ाकदार ठ ड क बीच हम एक रिववार शाम कोलकाता राजधानी स अपनी मिजल की और िनकल पड़ िद ली स कोलकाता क सफ़र क बीच हमारी गाड़ी इलाहाबाद गया िबहार तथा धनबाद जस शहर स होत हए बगाल की ओर पहची हसत-गात खलत-खात हए हम अगली सबह हावड़ा जकशन पहच गए रलगाड़ी स उतर कर टशन स बाहर िनकलत ही मझ िसटी ऑफ जॉय क नाम स मशहर कोलकाता की पहली झलक िदखाई दी ऐसा लगा मानो मझ भारत क दो पहल एकसाथ जीत हए नज़र आए एक तरफ थ टशन स बाहर एव अ दर जात हए स दर कपड़ गहन म लद हए कोलकाता क बगाली िनवासी साथ म बड़ी-बड़ी गािड़य म घमत कोलकाता क नौजवान और ठीक दसरी तरफ मरी नज़र पड़ी हगली नदी पर बन परिसदध हावड़ा िबरज पर िजस दख एक अलग ही दिनया का एहसास हआ

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह

िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी

एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया नतीजा मर समकष था

प ठ 30 अकषय कराित

हावड़ा िबरज पर हर तरफ लोग का जमावड़ा था इतन लोग दख िद ली क चादनी चौक की याद आ गयी ऐसा लगा मानो म 50 साल पीछ िकसी लक एव वाईट दिनया म कदम रख चकी थी िबरज क दोन तरफ सामान बचत हए दकानदार िखलौन मछली रख हए औरत एव छोट-छोट ब च मख य शहर स हावड़ा जान वाल आम आदमी मजदर की तज़ र तार फरी स र ता पार करन वाल यापारी इन सब को दख लगा कोलकाता म मबई जसी भागम भाग भी थी िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया नतीजा मर समकष था जस-जस म कोलकाता शहर क भीतर आन लगी मझ इस शहर क िवकास की झलक िदखाई दी एक तरफ थी ऊची ईमारत सदर िवशाल िव यासागर सत पल बड़-बड़ होटल माल कोलकाता उ च यायालय राईटसर िबि डग मशहर इडन गाडरन टिडयम इ यािद तो दसरी तरफ था िवक टोिरया ममोिरयल अगरज की वा तकला क अनसार िदखती लाल ईटो की इमारत िवक टोिरयल सरचनाए भवन छोटी-छोटी पटिरय पर समान बचत नया बाज़ार (New Market) क दकानदार एव िवक टोिरया ममोिरयल क बाहर चलत सलािनय क िलए रथ वाल घोड़ हमारा होटल जसीबोस सड़क पर ि थत था एव सिवधाओ स भरपर था पर त मन य जाना िक असली कोलकाता का मज़ा गाड़ी म नही अथवा िरक शा ऑटो तथा साल स चलती आ रही सड़क पर टराम म था

हर तरफ मझ पील रग की टिक सया िदखाई दी सब एक समान थी तथा मरसीडीज़ गाड़ी क बगल म चलती 1-2 पय म सफ़र की जान वाली टराम भी साथ िदखाई दी परी िजदगी िद ली म यतीत करन क बाद हर नए शहर का रहन-सहन बोल-चाल रीित-िरवाज़ जानन की जाग कता मझम हमशा रही पहल ही िदन स कोलकाता मझ रास आया जस िक कहत ह lsquoकोलकाता हमार खब भाला लागली छ rsquo कहन का ता पयर य िक मझ कोलकाता बहत अ छा लगा पहल िदन िक शाम को हमन य मािकर ट म खरीददारी करन का मन बनाया म हरान थी िक वहा चीज िकतनी स ती िमल रही थी िद ली क मतािबक एक ितहाई दाम पर चिडया गहन बग जत कत इ यािद िमल

िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया

प ठ 31 अकषय कराित य मािकर ट िद ली क लाजपत एव सरोिजनी नगर समान ह कम

दाम म अ छा समान िमला कोलकाता चमड़ क िलए भी मशहर ह एव परिसदध ी लदसर दकान भी इस बाज़ार म ि थत ह यहा खरीदारी का हमन खब ल फ़ उठाया

अगल िदन हम हि दया पोटर गए एव अनक जहाज़ दख 3-4 घट की दरी पर ि थत यह पोटर अनक एकड़ म फला हआ था पहली बार इतन बड़ जहाज़ को अदर स दख खब आनद आया तीसर िदन हम काली बाड़ी मिदर गए बगाली अ यत पाठ-पजा वाल दगार मा क स च उपासक ह यह सब जानत ह दगार पजा इनका लोकिपरय उ सव ह तथा काली मा एव दगार मा की स च मन स पजा करत ह कोलकाता क िनवासी भिक त भावपणर ह यह सना था अब खद दख भी िलया बगाली र म स पजा करन का य मौका अ यत आनदमयी था इसक अलावा काली बाड़ी क नज़दीक ही ि थत ह गौिरहाट बाज़ार यहा की दकान बगाली सािड़या कपड़ सट कत इ यािद क िलए परिसदध ह आिद धक तशवर नामक मशहर दकान म जाकर मरा भी मन िकया िक म भी खरीददारी क मर सािथय न बहत सािड़या खरीदी एव दाम दखकर म दग रह गई सदर स सदर साड़ी मातर 600700 पय की थी मन बगाल की मशहर लाल एव सफद िपरट की साड़ी भी खरीदी कोलकाता म खरीददारी का अलग की मज़ा ह उसी िदन शाम हम सा ट लक िसटी मॉल गए वह सा ट लक टिडयम क नज़दीक ह यहा िदखाई िदया कोलकाता का परगितशील प नौजवान फटबाल की जसीर पहन माल म घम रह थ एक स एक

मशहर बरड वहा मौजद थ इसक अलावा कोलकाता क िनवासी खब मनोरजन क शौक़ीन ह सगीत नाच गाना इ यादी म िच रखत ह कोलकाता म जगह-जगह सगीत कला अकडमी तथा पढ़न (रीिडग) क क लब ह अगरज क शौक तथा रहन-सहन की झलक आज भी यहा िदखती ह यहा क नौजवान को खल-कद म भी खब िदलच पी ह फटबाल का तो जस यहॉ सबको जनन ह

भारत क परिसदध मोहन बगान फटबाल क लब फटबाल क वहा क नौजवान ही नही परा शहर ही दीवाना ह भारत-पाक मच हो या आई पी एल इडन गाडरन मदान लोग स खचा-खच भरा रहता ह अफ़सोस म वहा अदर जा न सकी

इसक अलावा काली बाड़ी क नज़दीक ही ि थत ह गौिरहाट बाज़ार यहा की दकान बगाली सािडया कपड़ सट कत इ यािद क िलए परिसदध ह

प ठ 32 अकषय कराित

मर सफर क आखरी िदन म मन कोलकाता क लोग म एकता क नजार दख िविभ नता म भी एकता का उदाहरण दखा चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख िजस िदन हम कोलकाता पहच थ उसी िदन वहा शहर बद था और मन एक जट होकर लोग को अपनी बात कहत हए दखा एव सना यहा क लोग अपन शहर क िवकास बहतरी क िलए जाग क ह िज मदारी लत ह तथा सरकार को अपनी बात भली-भाित कहत ह लड़िकय औरत की इ ज़त करत ह एव यहा िक मिहलाओ को मन िनदरलीय पाया जहा एक ओर भारत की राजधानी होन क बावजद िद ली वाल अपनी िजदगी म मगन रहत ह वही दसरी और कोलकाता म अमीरी-गरीबी िभ न जाितय म भी एक जटता ह कपड़ा एव खाना आज भी यहा खब स ता िमलता ह पर त दसरी तरफ सब जानत ह िक बड़-बड़ उ योगपित िव वान लखक िखलाड़ी गायक अिभनता िनदशक यहा स उभर ह सािह य हो या लख बॉलीवड हो या िकरकट बगाल न भारत को अनक नाम एव गौरव िदए ह चाह सौरव दादा हो या रिव दर नाथ टगोर ममता बनजीर रानी मखजीर हो या योित बस भारत म इनकी भिमका का वणरन करन की ज रत नही

मन कछ िदन क कोलकाता क सफर म इस शहर को जानन समझन का परयास िकया हगली नदी क िकनार खड़ होकर समदर को दखा निदय को िनहारा िव यासागर सत िबरज की सदरता िवशालता को सराहा क सी दास की परिसदध िमठाई का ल फ उठाया मन बहत शहर घम पर त यह सफर मर िलए सबस यादगार रहा कोलकाता परगित क मागर पर िनरतर बढ़ रहा ह पर त आज भी वह अपनी जड़ नितक म य को नही भला ह एक आम आदमी आज भी टराम म या फरी स सफर करता ह यहा क िनवासी दो पय स लकर 500 ० का खाना खात ह पराना एव नया कोलकाता एक साथ जीिवत ह िसक क क दो पहल की तरह कोलकाता क यह दो प को एक साथ रहत दख बहत आनद आया

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 33 अकषय कराित

जल परकित का अनपम उपहार ह मानव जाित अपन परादभारवकाल स ही इस उपहार का उपयोग अपन िहत क िलए करती आई ह जल वह पराकितक उपहार ह िजसका कोई िवक प नही ह इसिलए जल को अमतया जीवन भी कहा गया ह जल क िबना जीवन की सभावना भी नही ह पर यकष प स तो जल की मानवीय आव यकता सीिमत ह परत परोकष आव यकताओ पर नजर डाल तो दिनक जीवन की आव यकताए जस अ न फल स जी दध स लकर हमार पहराव आवास तक सब जल स जड़ हजल का जरा भी सतलन िबगड़ जाए तो जीवन यापन क टपरद होन म दर नही परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह जल क सामा य त य जल या पानी एक आम रासायिनक पदाथर ह जो जीवन क सभी जञात प क जीिवत रहन क िलए ज री ह आमतौर पर जल अपनी दरव अव था म उपयोग म लाया जाता ह पर यह ठोस अव था बफर और गस अव था जल वा प या भाप प म भी पाया जाता ह प वी क लगभग तीन चौथाई िह स पर िव व क महासागर का अिधकार ह अनमानत प वी पर जल की कल मातरा लगभग 1400 िमिलयन घन िकलोमीटर ह जो िक प वी पर 3000 मीटर गहरी परत िबछा दन क िलए काफी ह तथािप जल की इस िवशाल मातरा म व छ जल का अनपात बहत कम ह प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह शष जल झील निदय वायम डल नमी मदा और वन पित म मौजद ह जल की जो मातरा उपभोग और अ य परयोग क िलए व ततः उपल ध ह वह निदय झील और भजल म उपल ध मातरा का छोटा-सा िह सा ह इसिलए जल ससाधन िवकास और परब ध की बाबत सकट इसिलए उ प न होता ह कय िक अिधकाश जल उपभोग क िलए उपल ध नही हो पाता

परभावी जल परबधन और दश का िवकास

दीपक आहजा ओएनजीसी िवदश

प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह

प ठ 34 अकषय कराित

और दसर इसका िवषमतापणर थािनक िवतरण इसकी एक अ य िविश टता ह फलतः जल का मह व वीकार िकया गया ह और इसक िकफायती परयोग तथा परब ध पर अिधक बल िदया गया ह प वी पर उपल ध जल जल-चकर क मा यम स चलायमान ह जल लगातार एक चकर म घमता रहता ह िजस जलचकर कहत ह इसम वा पीकरण वषार और बह कर सागर म पहचना शािमल ह हवा जल वा प को थल क ऊपर उसी दर स उड़ा ल जाती ह िजस गित स यह बहकर सागर म पहचाता ह जल चकर का िचतर नीच पर तत िकया गया ह

अिधकाश उपभोकताओ जस िक मन य पशओ अथवा पौध क िलए जल क सचलन की ज रत होती ह जल ससाधन की गितशील और नवीकरणीय परकित और इसक परयोग की बार बार ज रत को ि टगत रखत हए यह ज री ह िक जल ससाधन को उनकी परवाह दर क अनसार मापा जाए इस परकार जल ससाधन क दो पहल ह अिधकाश िवकासा मक ज रत क िलए परवाह क प म मािपत गितशील ससाधन अिधक परासिगक ह आरिकषत भ डार की ि थर अथवा िनयत परकित और साथ ही जल की मातरा तथा जल िनकाय क कषतर की ल बाई व म यपालन नौ सचालन आिद जस कछक िकरयाकलाप क िलए भी परासिगक ह

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 35 अकषय कराित

जल का यय अप यय जल क बार म एक नही कई च कान वाल त य ह िव व म और िवशष प स भारत म जल िकस परकार न ट होता ह इस िवषय म जो त य सामन आए ह उस पर जाग कता स यान दकर जल क अप यय को रोका जा सकता ह अनक त य ऐस ह जो हम आन वाल ख़तर स तो सावधान करत ही ह दसर स पररणा लन क िलए परो सािहत करत ह और पानी क मह व व इसक अनजान ोत की जानकारी भी दत ह प वी पर पदा होन वाली सभी वन पितया स भी हम पानी िमलता ह

आल और अनानास म 80 परितशत और टमाटर म 95 परितशत पानी ह पीन क िलए मानव को परितिदन 3 लीटर और पशओ को 50 लीटर पानी

चािहए भारत म 83 परितशत पानी खती और िसचाई क िलए उपयोग िकया जाता

ह इज़राइल म औसतन मातर 10 सटीमीटर वषार होती ह इस वषार स वह

इतना अनाज पदा कर लता ह िक वह उसका िनयारत कर सकता ह दसरी ओर भारत म औसतन 50 सटीमीटर स भी अिधक वषार होन क बावजद अनाज की कमी बनी रहती ह

िपछल 50 वष म जल क िलए 37 भीषण ह याकाड हए ह भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल

चलती ह पानी ज य रोग स िव व म हर वषर 22 लाख लोग की मौत हो जाती ह यिद बरश करत समय नल खला रह गया ह तो पाच िमनट म करीब 25

स 30 लीटर पानी बरबाद होता ह बाथ टब म नहात समय 300 स 500 लीटर पानी खचर होता ह जबिक

सामा य प स नहान म 100 स 150 लीटर पानी खचर होता ह िव व म परित 10 यिकतय म स 2 यिकतय को पीन का शदध पानी

नही िमल पाता ह परित वषर 6 अरब लीटर बोतल पक पानी मन य वारा पीन क िलए

परयकत िकया जाता ह मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 36 अकषय कराित

िद ली मबई और च नई जस महानगर म पाइप लाइन क वॉ व की खराबी क कारण रोज़ 14 स 44 परितशत पानी बकार बह जाता ह

निदया पानी का सबस बड़ा ोत ह जहा एक ओर निदय म बढ़त परदषण रोकन क िलए िवशषजञ उपाय खोज रह ह वही कल कारखान स बहत हए रसायन उ ह भारी मातरा म दिषत कर रह ह

भारत म जल सकट नासा की एक िरपोटर न पानी को लकर दश भर म बढ़ती जा रही लापरवाही क परित आख खोली ह इस िरपोटर म भारत म सख की ि थित पदा होन क िलए िज मवार कारण म स एक अहम कारण अधाधध जल दोहन को बताया गया ह बतात चल िक दश भर क 604 िजल म स 161 सख की मार झल रह ह वस अब बताया जा रहा ह िक सख की मार स बहाल िजल की सखया बढ़कर 246 हो गई ह यानी कहा जाए तो आधा दश सख की चपट म ह बहरहाल नासा की इस िरपोटर म बताया गया ह िक भारत क कई रा य कषमता स यादा जल दोहन कर रह ह यहा कषमता स ता पयर यह ह िक उनस िजतन सलाना जल दोहन की उ मीद कदर करती ह व उसस कही यादा जल दोहन कर रह ह नासा न यह अ ययन 2002 स 2008 क बीच

की ि थितय क आधार पर िकया ह इस िरपोटर म बताया गया ह िक पजाब हिरयाणा और राज थान हर साल औसतन 177 अरब कयिबक मीटर पानी जमीन क अदर स िनकाल रह ह जबिक कदर की तरफ स लगाए गए अनमान क मतािबक इ ह हर साल 132 अरब कयिबक मीटर पानी ही जमीन क अदर स िनकालना था इस तरह स दखा जाए तो य तीन रा य िमलकर कषमता स 30 फीसदी यादा पानी का दोहन कर रह ह जािहर ह िक िबना कछ सोच-िवचार जब इस पमान पर पराकितक ससाधन का दोहन िकया जाएगा तो परकित भी बदला लगी और वही हो रहा ह इस िरपोटर म यह भी बताया गया ह िक भारत का महज 58 फीसदी भजल ही हर साल िरचाजर हो पाता ह नासा की यह िरपोटर बताती ह िक अधाधध जल दोहन की वजह स पर उ तर पि चम भारत क भजल तर म हर साल 4 सटीमीटर यानी 16 इच की कमी आ रही ह इस अ ययन को अजाम दन म नासा क जल िवजञानी मट रोडल न अहम भिमका िनभाई ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 37 अकषय कराित

उनक हवाल स इस िरपोटर म बताया गया ह िक दश क उ तर पि चम कषतर म 2002 स 2008 क दौरान तकरीबन 109 कयिबक िकलोमीटर पानी की कमी हई ह यह मातरा िकतनी अिधक ह इसका अदाजा इसी स लगाया जा सकता ह िक यह अमिरका क सबस बड़ जलाशय लक मीड की कषमता स दगन स भी कही यादा ह अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह इस िरपोटर क मतािबक अगर अधाधध जल दोहन इसी तरह स जारी रहा तो आन वाल समय म भारत को अनाज और पानी क सकट को झलन क िलए अभी स तयार हो जाना चािहए जािहर ह िक जब जल सकट बढ़गा तो खती पर इसका गहरा परभाव पड़गा अनाज क उ पादन म कमी आएगी इस वजह स अनाज सकट पदा होगा और भख का एक नया चहरा उभरकर सामन आएगा एक बड़ा तबका जो आज भरपट भोजन कर पाता ह उसक िलए पट भर खाना िमलना मि कल हो जाएगा भखमरी की जो सम या पदा होगी उसस िफर िनपटना आसान नही होगा इसक अलावा पीन क पानी का टोटा तो होगा ही अभी ही दश क कई िह स ऐस ह जहा क लोग को पीन क िलए साफ पानी नही िमल पा रहा ह कई कषतर ऐस ह जहा गमीर क िदन म हडपप स पानी आना बद हो जाता ह वहा क लोग को हर साल बोिरग को कछ फट बढ़वाना होता ह यह सम या भजल तर क िगरत जान की वजह स ही पदा हई ह जब पीन क पानी का सकट पदा होगा तो बोतलबद पानी का कारोबार काफी तजी स बढ़गा कहन का मतलब यह िक िजसक पास पसा होगा वह अपनी यास बझा सकगा और िजसक पास पसा नही होगा उस अपनी यास बझान क िलए भी सघषर करना पड़गा ि थित की भयावहता की क पना ही िसहरन पदा करती ह भारत म दिनया का हर छठा आदमी रहता ह यानी कहा जाए तो दिनया क कल आबादी क तकरीबन सतरह फीसदी लोग भारत म रहत ह जबिक दिनया का महज साढ़ चार फीसदी पानी ही भारत म उपल ध ह ऐस म जल सम या स दो-चार होना कोई आनापिकषत बात नही ह एक बात तो तय ह िक पराकितक ससाधन म इजाफा तो नही िकया जा सकता ह लिकन इसका सरकषण अव य िकया जा सकता ह

अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह

प ठ 38 अकषय कराित

भारत म लोग िकसी एक मा यम स पयजल परा त करन पर िनभरर नही ह इस दश म 357 फीसदी लोग हडपप स 367 फीसदी लोग नल स 182 फीसदी लोग तालाब पोखर या झील स 56 फीसदी कओ स 12 फीसदी लोग पारपिरक साधन स और 26 फीसदी लोग अ य मा यम स पीन का पानी परा त करत ह इस िलहाज स अगर दखा जाए तो जल सकट को दर करन क िलए समगर कायरयोजना की ज रत ह

दरअसल भारत म गहरात जल सकट क िलए काफी हद तक पानी की बबारदी भी िज मवार ह यहा जल आपित र की यव था म काफी खािमया ह नल क जिरए घर तक पहचन वाल पानी का एक बड़ा िह सा िरस कर बबारद हो जाता ह हर शहर म फट हए आपित र पाइप आसानी स दख जा सकत ह इस बदहाल यव था क िलए सरकार क साथ-साथ सामा य लोग भी कम िज मदार नही ह एक तरफ तो सरकार पयजल क नाम पर हर साल हजार करोड़ पए का बजट बनाती ह और दसरी तरफ जमीनी तर पर हालात म कोई बदलाव नही िदखता ह सामािजक तौर पर भी जल सरकषण को लकर जाग कता का अभाव िदखता ह यह सामािजक तान-बान का ही असर ह िक लोग कही भी जल की बबारदी को दखकर उस सामा य घटना मानत हए नजरअदाज कर दत ह दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था यह अब घटकर 1800 कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर हो चका ह

दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था

प ठ 39 अकषय कराित

िवशषजञ का अनमान ह िक अगर पानी की खपत और बबारदी इसी तरह स जारी रही तो 2025 तक यह घटकर हजार कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर ही रह जाएगा उस समय तक पानी की उपल धता म आन वाली इस कमी की वजह स किष उ पादन म तीस फीसदी की कमी आन की सभावना ह इन पिरि थितय म दश की आिथरक और सामािजक ि थित का कया होगा इसका अदाजा सहज ही लगाया जा सकता ह भारत म जल सरकषण क परित आज भी आम लोग क मन म उपकषा का भाव बना हआ ह साथ ही इस कायर क िलए आव यक तकनीक की भी कमी ह जो तकनीक उपल ध ह उनस सामा य लोग अनजान ह बािरश क पानी का सगरह करक उस उपयोग म लाना एक अ छा िवक प ह पर इस तरह की कोिशश काफी सीिमत मातरा म काफी छोट तर पर हो रही ह यही वजह ह िक दश म होन वाली बािरश क पानी का अ सी फीसदी िह सा आज भी समदर म पहच जाता ह अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह अगर जल की इस िवशाल मातरा का आधा भी परयोग कर िलया जाए तो ि थित म यापक बदलाव आना तय ह शहरी कषतर म तो पानी की कालाबाजारी जोर पर ह जगह-जगह पर जल मािफया सिकरय हो गए ह िद ली क ही एक अखबार न कछ समय पहल यह बात उजागर िकया था यहा तो समानातर जल बोडर भी चलाया जा रहा ह हरानी की बात तो यह ह िक इसक बावजद भी पानी क काल धध पर अकश नही लगाया जा सका ह अहम सवाल यह ह िक कस सामा य तबक क लोग तक व छ पानी पहचाया जाए शहरी कषतर क साथ-साथ गरामीण कषतर म भी यह एक बड़ी चनौती ह आबादी म अपर यािशत विदध बढ़त शहरीकरण औ योिगकीकरण और किष उ पाद की बढ़ती माग क कारण पानी की माग िपछल कछ साल म वाभािवक प स बढ़ी ह इसक पिरणाम व प भजल ससाधन का अ यिधक दोहन हआ ह और इसका नतीजा हआ िक लगातार भजल का तर घटता जा रहा ह शहरी कषतर म ि थित बहद भयावह ह तदनसार वहा न कवल शीघराितशीघर जल ससाधन क सरकषण की ज रत ह बि क परभावी रणनीित और परबधन क जिरए त काल कदम उठान की ज रत ह

अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह

प ठ 40 अकषय कराित

खासकर इस बात को यान म ऱखकर िक िविभ न परितयोगी कषतर म कभी भी माग बढ़ सकती ह भिव य म उपयोग क िलए छत पर या सतह पर जलगरहण बनाकर वषारजल सरकषण बहद ज री ह यह पानी की बढ़ती ज रत का खयाल रखन िमटटी की नमी तर को बढ़ान शहरी हिरयाली को बढ़ान भजल तर को कितरम प स पनभररण करन और भजल की गणव ता स सधार का काम करता ह भारत म जल परबधन स दश का िवकास भारत म दिनया की 16 परितशत आबादी रहती ह लिकन दिनया क िसफर 4 परितशत जल ससाधन ही भारत क पास ह 3290000 वगर िकलोमीटर क भिम कषतर और एक अरब स यादा की आबादी क साथ भारत क एक बहलवादी िविवधता का िचतर ह िवशाल पराकितक ससाधन क साथ सप न तकनीकी और वजञािनक किमरय का भी यह दिनया म दसरा सबस बड़ा सम चय ह भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह मानव िवकास म 80 क दशक म लगभग 26 परितशत और 90 क दशक क दौरान और 24 परितशत क वारा सधार हआ ह आजादी क बाद छह दशक म भारत न जल ससाधन का अभतपवर िवकास और खा या न म आ मिनभररता शहरी कषतर ऊजार और औ योिगक कषतर और पीन का पानी क बिनयादी ढाच म तजी स िव तार दखा ह िजसका उपयोग भारत की लगभग 85 परितशत शहरी और गरामीण आबादी क वारा िकया जाता ह भारत म रा य सरकार और भारत सरकार क परितबदध और ठोस परयास की वजह स गरामीण और शहरी आबादी को सरिकषत पयजल को उपल ध करवान म काफी सफलता हािसल की ह इस उपलि ध न भजल की कमी जल जमावजल गणव ता िगरावट जल परदषण और बढ़त लवणता तर स बड़ कषतर को परभािवत िकया ह और अभी भी िविभ न रा य म गरामीण और शहरी भारत क मानव िवकास सचकाक (HDI)rsquo म बहत असमानता मौजद ह पानी क िलए कषतरीय माग तजी स बढ़ रह शहरीकरण की गित स बढ़ रही ह (अनमानत 2025 तक दश की आबादी का 50 परितशत स अिधक शहर म रहग) जनसखया विदध बढ़ती आय और औ योिगक िवकासशहरी भारत तजी स िवकास की माग क कदर क प म उभर रहा ह

भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह

प ठ 41 अकषय कराित

नतीजतन परित यिकत पानी की उपल धता िगर रही ह परधानमतरी की अ यकषता म 12वी योजना क िलए हई योजना आयोग की पणर बठक म दसर म क साथ जल परबधन पर िवशष चचार हई बठक क बाद योजना आयोग क उपा यकष म टक िसह अहलवािलया न कहा िक भ-जल कानन स लकर दसर म की यापक समीकषा ज री ह व यनाथन सिमित जहा वतरमान म भ-जल कानन की साथरकता का अ ययन करगी वही भारतीय अतिरकष अनसधान सगठन [इसरो] की मदद स पानी की उपल धता का िव तत अ ययन होगा म टक न कहा िक उसी आधार पर रणनीित तय होगी सरकार यह यान रखगी िक पानी का अिधकतम उपयोग हो सक और सभी को उपल ध हो पानी पर िकसी का एकािधकार न हो सक बतात ह िक द पयोग को रोकन क िलए श क लगान पर भी िवचार िकया जा सकता ह हालािक इसस पहल रा य सरकार स चचार होगी यह तय ह िक एआइबीपी कायरकरम म यापक बदलाव ह ग ी म टक िसह अहलवािलया न कहा िक वतरमान म इस कायरकरम का सही िकरया वयन नही हो रहा ह िलहाजा उसम पिरवतरन ज री ह सभव ह िक हर रा य म जल िनयामक परािधकरण बनान की शतर भी लगाई जाए उ ह न कहा िक जल परबधन की यापक समीकषा कर नई रणनीित तय की जाएगी कल िमलाकर रा टरीय तर पर वतरमान जल ससाधन का अिधक स अिधक करन क िलए माग को परा करन क िलए पयार त ह लिकन भिव य क अ ययन पिरयोजना ह िक जल आपित र की ि थित अगल आध सदी म अिधक किठन हो सकती ह जल सकट स िनपटन को जल सरकषण परबधन अिनवायर परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह बढ़त वि वक तापमान क फल व प अितवि ट अनावि ट अ पवि ट और असामियक वि ट हम परितवषर दख रह ह िजसका परभाव हमार जल ससाधन पर पड़ता िदखाई द रहा ह कओ व बाविडय का िमटता अि त व नदी-नाल का घटता पानी भ-गभर जल का िगरता तर िचता की पिरिध स िनकलकर खतर की घटी बनता जा रहा ह

निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह

प ठ 42 अकषय कराित

िव व भर म सीमट क अधाधध परयोग न धरातल क सहज अवशोषण कषतर को घटाया ह तथा जल बहाव भिम कटाव व बाढ़ म विदध की ह ऐसी ि थित म जल सरकषण का दािय व मातर वजञािनक व सरकार तक सीिमत न रहकर पर यक उपभोकता क कध पर आ जाता ह इसी दािय व क िनवरहन क िलए हमार पास दो िवक प सामन आत ह 1 वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई

उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

2 पािरवािरक तर पर वषार जल को सगरिहत कर उसका उपयोग कर य दोन ही परयास गरामीण कषतर म तो सरलता स अपनाए जा सकत ह परत शहरी कषतर म व ट वाटर मनजमट की बड़ी पिरयोजनाए बनाकर ही पानी को िरसाइिकल िकया जा सकता ह भ-गभर अिधकािधक जल अवशोिषत होकर

जाए इसक िलए मदानी भाग म िनयोिजत ढग स बड़-बड़ पोखर बनाकर तथा पहाड़ी कषतर म नाल -ख ड म िमटटी प थर आरसीसी क बड़-छोट डम लगाकर जल बहाव रोक भ-सरकषण बचाव व जल भडारण और धरातल जल शोषण कषतर बढ़ाया जा सकता ह िव व बक भारत सरकार वारा म य िहमालय जलागम पिरयोजना रा य क भ-सरकषण िवभाग इस कषतर म कारगर उपाय लकर

हमार सामन ह परत जनसहयोग क िबना इन पिरयोजनाओ क आशातीत पिरणाम ल पाना किठन ह वकषारोपण इस सपणर जल चकर को बल दन वाला कारक ह जल क परित चतना जागत न हई तो अव य ही अगल िव व यदध का कारण जल ही होगा

जल भोजन ह और अिगन भोजन का भकषक ह अिगन जल म और जल अिगन म िव यमान ह

- ततरीय उपिनषद 38

वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

प ठ 43 अकषय कराित

म भी गान गा सकता ह शबनम क िखलत फल क म भी गीत सना सकता ह सावन क म त झल क लिकन जब घर-घर म बादल छाय घोर िनराशा क तब म नगम गा रहा ह उ मीद की आशा क

सड़क पर खड़ बचपन की य बात सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह

हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

इस बदलत पिरवश का राग सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

गाधी जी क सपन का जो राम-रा य कहलाता ह उस भारत म सड़क पर छोट चाय पहचाता ह

कहा गई वो अ हड़ म ती कहा गया वो यार का रा ता उन हाथ स बचत झड िजन हाथ को चािहए ब ता

उस सोन की िचिड़या की म बात बतान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

कही बम की गमर हवाए कही ससद म कोहराम ह कही होत घोटाल स परशान आदमी आम ह

कही कल की िकलकारी ह कही सड़क पर बचपन ह कही चलता नही गजारा कही िवदश म काला धन ह

म स चाई गा-गाकर सबको बतलान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

बदलता भारत मनीष लाल इरडा

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

प ठ 44 अकषय कराित

करन वाल काम बहत ह यथर उलझन को छोड़ो म ला-पिड़त तोड़ रह ह तम बस lsquoअपन को जोड़ो

lsquoहम बदलग-यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का lsquoवद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का

वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हम बदलग mdash यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का वद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

प ठ 45 अकषय कराित

िसफर काला और सफ़द य ही वो दो रग थ जो तर पास सि ट बनान क आधार थ

काला वो जो कािलमा िलय ह िजस कहत ह दख िनराशा म य अपयश और वो सबकछ जो नकारा मक ह

मगर सफद ह वो रग िजसस जड़ा ह जीवन आशा सख और कीितर और वो सब कछ जो सकारा मक ह पर इन रग स तझ चन ना िमला त सोचन लगा अगर सि ट बनानी ह

तो िकस िलए- ससगर और परम क िलए और

इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग

ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह

बस- बना डाला तन इ दरधनष

जो बरसात क बाद सरज और प वी क अनपम परम को रग दता ह सतरगी रग स

और उ ही सतरगी इ दरधनषी रग म हम हर पल हर कषण डबत गहरात इतरात रहत ह

और खिशय भर ससार म हर रग को अलग-अलग तरह स महसस करक जीत रहत ह

रग तो रग ह मगर-

ससगर और परम क िलए और इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह बस-

सतरगी िचतर सगीता ीवा तव इरडा

प ठ 46 अकषय कराित

कभी पक क कभी फीक़ तो कछ कभी दाग बनकर उभर आत ह

कछ आख म नील बादल स छाए रहत ह तो कछ गाल पर गलाबी रग बनकर छलक जात ह

याद रहत ह अक सर वो रग- जो खदी पर इस तरह छा जात ह िक खद म घलकर खद क होन

का एहसास दत-दत खद का एक रग बन जात ह

बगनी आसामनी नीला हरा पीला नारगी लाल इ दरधनष क य सात रग ही जोड़त ह हमार िदल को

हमार मन को जोड़न वाल इन रग की सतरगी दिनया म-

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा बनाय

और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क

सतरगी िचतर

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा

बनाय और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क सतरगी िचतर

Page 2: Akshay Kranti Vol 3€¦ · पक्ष को प्रभािवत न कर e, बािधत व पीिड़त न कर eवह काय-र्कौशल है।

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मसी ए क िघि डयाल भारतीय रा य फामर िनगम िलिमटड

अकषय कराित

हा इसी नाम स म उस पकारता था या य कह िक िचढ़ाता था गाव की भाषा म मसी का अथर होता ह छोटी सी चिहया गाव क बड़ स दो मिजल मकान म हम दो पिरवार रहत थ काफी समय पहल की बात ह म कल म पढ़ रहा था गाव म िबजली नही थी लालटन या ल प की रोशनी म ही पढ़ाई होती थी हमारा पिरवार भल ही आिथरक प स बहत समदध नही था िक त सामा य रहन सहन म कोई कमी भी नही थी गाव म कछ ही पिरवार थ िजनक ब च का पढ़न का कमरा अलग होता था तथा कसीर मज पर बठ कर पढ़त थ एक िदन कल स लौटा तो दखा आगन म एक छोटी सी ब ची खल रही थी लगभग तीन साढ़ तीन वषर की स दर कोमल सी उस काया न बरबस ही मरा यान खीच िलया गाव की तो वह थी नही कही बाहर स आई थी म उसस कछ पछन उसक पास गया तो वह शरमा कर भाग गई यह तो मालम हो गया िक यह पड़ोस क पिरवार म ही आई ह पड़ोस म एक स दर सी मिहला रहती थी िज ह म चाची कहा करता था पता चला िक वह ब ची उनकी छोटी बहन ह जो िक आज ही इस गाव म आई ह स दरता का ऐसा मल म दग था िक त उमर म इतना अ तर चाची न खद ही रह य खोला-मरी सौतली बहन ह छोटी मा की बटी न जान उस छोटी सी आ मा न क या असर डाला मरी आख उस ही ढढ रही थी बहत दर तक नही िदखी तो म मन मार कर चला आया शाम को खलत-खलत अनायास ही मझस टकरा गई मन पछा ndash चाची की बहन हो हा कहन क बजाय उसन िसर िहला िदया मन कहा िफर तो मरी मौसी हई ना उसन सदहा पद ि ट मझ पर डाली और भाग गई मझ लगा िक उस मरा पछना अ छा नही लगा मझ वय पर बड़ा ग सा आया रात म खाना खान क बाद म अपन कमर म पढ़न बठ गया अचानक मझ न ह पर की आहट सनाई दी दरवाज की ओर दखा तो वह दरवाज की ओट म खड़ी थी मर इशारा करन पर वह िनसकोच अ दर

पड़ोस म एक स दर सी मिहला रहती थी िज ह म चाची कहा करता था पता चला िक वह ब ची उनकी छोटी बहन ह जो िक आज ही इस गाव म आई ह

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अकषय कराित

आ गई उस पास दखकर ही मर अ दर एक नई ऊजार का सचार हो गया मन उस मौसी कहकर पकारा तो उसन मर गाल पर धीर स एक चपत लगा दी उन न ह हाथ का पशर मानो मर िलए जीवन सजीवनी बन गया उस िदन मन मन लगाकर पढ़ाई की दसर िदन जब म पढ़न बठा था तो वह वय ही सीध कमर म आ गई और इशार स उसन कछ पढ़न क िलए मागा मन एक प तक उस पकड़ा दी िजसस वह काफी िचतर आिद दख सकती थी वह बहत कम बोलती िक त िजतना भी बोलती मझ लगता की मान फल झड़ रह ह म उसकी आखो की चचलता तथा होठ की म कराहट ही दखता रह जाता तीसर िदन वह चपचाप कमर म आई और कसीर पर मर पीछ चढ़ गई अब म उस मौसी न कहकर मसी नाम स िचढ़ान लगा था िक त वह थी िक िचढ़ती ही न थी मानो उस मौसी या मसी िकसी श द स कोई भी फकर नही पड़ता था वह श द क इस फर स कोस दर थी अब मझ उसकी आदत पड़ चकी थी जब तक वह नही आती मरा मन पढ़ाई म न लगता िक त वह रोज आकर मरी कसीर पर चढ़कर मरी पीठ पर झल जाती उसकी बाह का आिलगन मझ जीवन म कछ करन की पररणा दता सा परतीत होता म उसकी आख की भाषा समझन लगा था उसकी आखो म भरी शरारत उसक मन की खशी को जािहर करती थी ओर मझ एक सकन दती थी एक िदन कल स घर पहचा तो आदतन सवरपरथम उस ही तलाशा कही नही िदखी तो लगा िक शायद ब च क साथ खलन चली गई होगी रात म पढ़न बठा तो कान उसक पर की आहट सनन क िलए आतर थ प तक खोलकर बठा तो था िक त िबना उस दख पढ़न को जी नही कर रहा था वह नही आई म उस िदन पढ़ नही पाया सवर उठत ही पहल मन चाची स ही पछा - वो िदखाई नही द रही व बोली - वह तो चली गई मरी मानो धड़कन क गई आखो क आस मन बाहर नही आन िदए बोला क य जान िदया आपन कछ िदन और रह न दती व बोली-उसकी मा उसक िलए परशान थी िफर वापस घर तो जाना ही था िकतन िदन यहा रहती म िन तर था िक त बहत िदन तक मरा मन उदास रहा

म उसकी आखो की चचलता तथा होठ की म कराहट ही दखता रह जाता

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अकषय कराित

समय बीतता गया म उ च िश कषा क िलए गाव छोड़कर शहर आ गया िफर िशकषा नौकरी आिद क चक कर म ऐसा डबा िक िपछला समय मित पटल स ओझल सा हो गया अब मरी नौकरी लग चकी थी पिरवार क सभी सद य शहर म ही थ अत गाव स नाता लगभग टट सा गया था काफी समय बाद गाव जान का मौका िमला परान घर क आगन म पहचत ही अनायास ही वह चहरा मर मित पटल पर आ गया चहरा कछ धधला सा था िक त उसकी चचल आख की स दरता तथा होठ की म कराहट परी तरह ताजा थी मर कमर म कसीर ndash मज अब भी वस ही रख थ जस ही म कसीर पर बठा उसकी बाह क आिलगन की क पना स ही मन परफि लत हो गया इसस अिधक मझस रहा नही गया तरत चाची क पास पहचा और पछा वो कसी ह अब तो बहत बड़ी हो गई होगी शादी-वादी भी हो गई होगी (गाव म शादी कछ ज दी हो जाती ह) चाची चप रह गई म अपन सवाल का जवाब तरत चाहता था मन पन पछा तो चाची कछ आसी होकर बोली ndash वो अब इस दिनया म नही ह मन कहा - क या मतलब मझ लगा िक चाची मर सवाल को समझी नही िक त उ ह न पन दोहराया िक यहा स जान क बाद उसकी तबीयत खराब रहन लगी थी काफी इलाज करवाया िक त वह दो वषर स अिधक नही जी पाई मझ अपन गाव आन पर बहत कषोभ था न आता तो शायद यह कट स य सनन को नही िमलता कम स कम मरी क पना म ही सही वह िज दा तो रहती उसक बाद भी म गाव क उस मकान म गया िक त पन म उस कसीर पर नही बठा िजस पर खड़ होकर वह मरी पीठ पर झलती थी आज भी जब वह िन छल चहरा म कराती मासम आख याद आती ह तो अनायास ही आस िनकल आत ह उसस तो मरा नजदीक का कोई िर ता भी नही था िफर उस आ मा स ऐसा लगाव क य मझ आज भी अपन इस सवाल का जवाब नही िमला सोचता ह क या वह िन छल आ मा ही परमा मा का प थी या परमा मा वय ही धरती पर ----------------

उसक बाद भी म गाव क उस मकान म गया िक त पन म उस कसीर पर नही बठा िजस पर खड़ होकर वह मरी पीठ पर झलती थी

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अकषय कराित

कोई ही ऐसा यिकत या सगठन िवशष होगा जो अपन बहतर अथारत उ क ट जीवन की चाह न रखता हो लिकन चाह रखन मातर स काम नही चलता और न ही िकसी यय को परा त िकया जा सकता चाह हमारा यिकतगत जीवन हो या कायारलयीन जीवन अपन ल य को परा त करन क िलए सबिधत काय गितिविधय क ठ परबधन की आव यकता होती ह ठ परबधन क बहत स सतर हम गीता स िमल ह िजन पर आज हम

ल छदार अगरजी म ढर सािह य उपल ध ह कछ वष पहल बीएचईएल म एक नारा काफी परचिलत रहा वह था उ क टता की ओर अगरसर िविभ न कषतर म उ क टता क ल य को हािसल करन क िलए बीएचईएल न उ क टता पर कार योजना लाग की थी िजसका आधार सतर भी गीता का एक पद ह योग कमरस कौशलम कमर म कौशल का नाम योग ह यह योग की एक पिरभाषा ह शारीिरक मानिसक और भावा मक - इस ितरिवध वा य क सदभर म ही कायर कौशल को दखा जा सकता ह समझा जा सकता ह काम करना अिनवायर नही ह परयोजन क साथ कायर आता ह परयोजन समा त कायर समा त कायर क परित परवि त क िलए परयोजन मखय होता ह हमारा परयोजन कया ह परयोजन ह जीवन की अिनवायर आव यकताए- रोटी कपड़ा मकान िशकषा िचिक सा आिद-आिद इसी क साथ कायर क िव तार क साथ-साथ वतरमान यग म औ योिगक और यावसाियक िव तार हआ और इसन ज म िदया कायर की कषमता और कायर-कौशल अवधारणा को यहा कौशल की चचार स पवर अ छा होगा िक हम कौशल श द को समझ कायर का कौशल वह ह जो दसर क िहत को बािधत न कर जो लाभ द हािन न

पहचाए इन िदन हमारा कायर-कौशल बढ़ा ह िक त उसी क साथ मानिसक

अ त- य तता भी बढ़ी ह कौशल यिद हमार वा य को परभािवत कर रहा ह मानिसक िवकषप बढ़ा रहा ह तो उस कायर-कौशल और कायर-कषमता नही कहा जा सकता

कछ वष पहल बीएचईएल म एक नारा काफी परचिलत रहा वह था उ क टता की ओर अगरसर

कपाराम लहकरा बीएचईएल

कायर-कौशल बढाए तथा उ क टता का ल य पाए

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अकषय कराित

एक सतलन होना बहत ज री ह कायर म दकषता बढ़ तो शारीिरक और मानिसक वा य भी उसी अनपात म बढ़ आज िवकास और कायर-कौशल की अवधारणा मातर पदाथर एवम पदाथर-िनमारण पर अटक गई ह पदाथर का िवकास अिधकािधक होना चािहए हर िदशा म िवकास और कायर-कौशल बढ़ रहा ह लिकन इसान अ छा बन इस परयास म कमी दखी जा सकती ह आदमी अपन आप म इतना पीिड़त और अशात ह िक उसकी क पना भी नही की जा सकती भावा मक वा य क अभाव म कायर-कौशल की सभावना नही की जा सकती भावा मक वा य का कोई पमाना नही ह िक त यिकत क यवहार स हम उस परख सकत ह भावा मक वा य की चार कसौिटया ह

1) उपशम - मन की शाित 2) मदता या िवनमर यवहार 3) मदता या िन छल यवहार 4) सतोष

यिद कायर-कौशल मन की अशाित पदा कर रहा ह िवनमर यवहार म बाधा डाल रहा ह तो िफर कायर की ऐसी दकषता को अदकषता ही कहा जाएगा कायर-कौशल की पहली पिरभाषा यह होनी चािहए - जो जीवन क िकसी अ य पकष को परभािवत न कर बािधत व पीिड़त न कर वह कायर-कौशल ह इस सदभर म िन न बात को अपनात हए कायर-कौशल बढ़ाया जा सकता ह और उ क टता का ल य हािसल िकया जा सकता ह 1) िकसी भी कायर को योजनापवरक कर - कायर-कौशल क साधन म

मह वपणर ह िक िकसी भी कायर को योजना-पवरक करना कायर-कौशल क िलए लिनन का एक परिसदध सतर याद आ रहा ह - िचतन िनणरय और कायार वयन म ल बा अतराल न हो उनम उिचत सामज य रह िचतन आज िकया िनणरय एक वषर बाद और कायार वयन पाच वषर बाद यह बात नही होनी चािहए स कत सािह य म इस दीघरसतरता कहा गया ह जो काम िजस समय करना चािहए उस समय न करक ल ब अतराल क बाद िकया जाए तो असफलता ही हाथ लगगी

2) कोई कायर हड़बड़ी म न कर - कायर-कौशल का दसरा मखय सतर ह िक हड़बड़ी म कोई काम न कर िचतन और िववकपवरक कर

यिद कायर-कौशल मन की अशाित पदा कर रहा ह िवनमर यवहार म बाधा डाल रहा ह तो िफर कायर की ऐसी दकषता को अदकषता ही कहा जाएगा

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अकषय कराित

3 कायर को एकागरता स कर - कायर-कौशल का एक मह वपणर सतर ह - एकागरता का िवकास एक िवचार एक िवक प एक कायर ल और उसी म त मय बन जाए उसी म परी तरह िचत व मन को लगा द हमार अतकरण की सारी परवि तया उसक िलए समिपरत हो जाए जब तक उस कायर क िलए समपरण नही होता तब तक कायर-कौशल नही बढ़ता एकागरता क िलए साधना और अ यास ज री ह अ यास होता ह तो एकागरता बढ़ जाती ह

4 वतरमान म जीना सीख - भत-भिव य को मार भगाई वतरमान म जीओ भाई वतरमान म जीन का ता पयर वतरमान का अनभव वतरमान का जीवन और वतरमान का वास हम वास लत ह तो कभी अतीत म नही लत न भिव य म लत ह अतीत और भिव य की िचता स हम मानिसक अशाित तो होती ह बि क शारीिरक िवकार भी पदा हो जात ह िजसस हमार कायर-कौशल म कमी आती ह जन सािह य म दो श द आत ह - दर य िकरया और भाव िकरया दर य िकरया का ता पयर ह - मदार िकरया मत िकरया भाव िकरया का ता पयर ह जीिवत िकरया पराणवान िकरया वतरमान म जो िजया जा रहा ह कवल उसी का अनभव करत रह यह कायर-कौशल का मह वपणर सतर ह

अत म सार यह उभर कर आता ह िक हमार ल य पिवतर ह हमारा कायर-कौशल इस परकार िवकिसत ह जो िकसी को अकशल न बनाए पीड़ा न पहचाए दसर क िहत पर कठाराघात न कर हमारा सारा परय न और प षाथर इस िदशा म चल िक हमारा अपना कायर िकसी दसर क कायर म बाधा न पहचाए कायर-कौशल का दय यही ह

कायर-कौशल का एक मह वपणर सतर ह - एकागरता का िवकास एक िवचार एक िवक प एक कायर ल और उसी म त मय बन जाए उसी म परी तरह िचत व मन को लगा द

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अकषय कराित

एक राजा था उसक रा य म सब परकार स सख शाित थी िकसी परकार का कोई वर-िवरोध नही था जनता हर परकार स सखी थी पर त राजा को एक बहत बड़ा दख था िक उसकी कोई सतान न थी उस अपना वश चलान की तथा अपन उ तरािधकारी की िचता खाए जा रही थी मिदर मि जद ग वार म जाकर माथा टका कई तीथर थान की यातरा की पर त कोई लाभ न हआ सतान की कमी उस िदन ब िदन खाए जा रही थी बहत सोच-िवचार क प चात उसन अपन रा य क सभी िव वान पिडत को बलवाया और उनस सतान पराि त का उपाय ढढ़न को कहा सभी िव वान न िवचार िकया राजा की ज म कडली का गहन िव लषण िकया अत म व सभी एक मत स एक िन कषर पर पहच उ ह न राजा स कहा िक यिद कोई बरा मण का ब चा अपनी खशी स दवता को बिल द तो आपको सतान की पराि त हो सकती ह राजा न िव वान की बात सनी उसन सार रा य म घोषणा करवा दी िक यिद कोई बरा मण का ब चा अपनी इ छा स खशी-खशी बिल दगा तो उसक घर वाल को बहत सा धन िदया जाएगा राजा क रा य म एक बहत ही गरीब बरा मण था कई िदन फाक म ही गजर जात थ उसक चार लड़क थ बड़ तीन लड़क तो अपना काम-धधा करत थ और अपन पिरवार को आिथरक सहयोग दत थ पर त जो सबस छोटा लड़का था वह कोई काम नही करता था उसका सारा यान हमशा भगवान भिकत म लगा रहता था उसका सारा िदन स कमर करत हए भगवान का मरण करत ही बीत जाता था उसक िपता न भी घोषणा सनी और सोचा यह लड़का िनठ ला ह और कोई काम-धधा भी नही करता इसको बिल क िलए भज दत ह राजा स धन िमल जाएगा तो घर की हालत कछ सधर जाएगी बरा मण अपन सबस छोट लड़क को लकर राजा क पास पहचा राजा न उस लड़क स पछा कया तम िबना िकसी दबाव क अपनी मजीर स अपनी खशी स बिल दन को तयार हो जी महाराज लड़क न बड़ी िवनमरता स उ तर िदया यिद मरी बिल दन स आपको सतान की पराि त होती ह तो म खशी स अपनी बिल दन को तयार ह दकर िवदा िकया ठहराया गया

उसन सार रा य म घोषणा करवा दी िक यिद कोई बरा मण का ब चा अपनी इ छा स खशी-खशी बिल दगा तो उसक घर वाल को बहत सा धन िदया जाएगा

शकर द त पीईसी िलिमटड

िचतन कर

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अकषय कराित

लड़क को अितिथ गह म ठहराया गया हर परकार स उसका खयाल रखा गया अत म उसकी बिल दन का िदन भी आ गया राजा न लड़क को बलाया और कहा आज त हारी बिल द दी जाएगी अगर त हारी कोई आिखरी इ छा हो तो बताओ हम उस परी करग मझ कछ भी नही चािहए बरा मण पतर न कहा बस म बिल दन स पहल नदी म नान करक पजा करना चाहता ह राजा यह सनकर बहत परस न हआ और बोला ठीक ह हम भी त हार साथ नदी तक चलग उस लड़क न नदी म नान िकया िफर नदी िकनार की रत को इकटठा िकया और उसकी चार ढिरया बना दी उसन चार ढिरओ की ओर दखा िफर एक ढरी को अपन पर स िगरा िदया िफर उसी परकार स दसरी ढरी को भी िगरा िदया िफर तीसरी ढरी को भी िगरा िदया उसक वह चौथी ढरी क पास गया उसक चार ओर तीन बार चककर लगाया हाथ जोड़कर उसको माथा टका उसकी वदना की और राजा क पास बिल क िलए आ गया राजा उसका यह सारा करतब बड़ ही कौतहल स दख रहा था पहल तो राजा न सोचा िक बालक ह रत स खल रहा ह पर त जब राजा न दखा िक उसन चौथी ढरी को हाथ जोड़कर परणाम िकया ह तो राजा को इसका रह य जानन की इ छा हई राजा न बालक स पछा बालक तमन रत की चार ढिरया बनाई िफर उनम स तीन को तोड़ िदया और चौथी को परणाम िकया इसका कया रह य ह पहल तो ब च न कोई उ तर नही िदया पर त राजा क दोबारा पछन पर लड़क न कहा राजन आपन बिल क िलए मझ कहा ह म बिल दन क िलए तयार ह आप अपना काम कीिजए आपको इस बात स कया लना िक मन रत की वो ढिरया कय तोड़ी ह राजा को बालक स ऐस उ तर की आशान थी राजा न उसस कहा बालक हमन त हार िपता को त हारी कीमत दकर त ह खरीदा ह तम हमार खरीद हए गलाम हो इसिलए हमार हर पर न का उ तर दना और हमारी हर बात को मानना त हारा धमर बनता ह ह राजन जब आप िजद कर रह ह तो सिनए लड़क न उ तर िदया जब कोई ब चा पदा होता ह तो सबस पहल उसक माता-िपता उसकी रकषा करत ह अगर वह आग क पास जान लगता ह तो उसको उसस बचात ह उसकी हर परकार स रकषा करन की िज मवारी उनकी होती ह लिकन यहा तो मर िपता न ही धन क लालच म मझ बिल दन क िलए आपक पास बच िदया इसिलए पहली

उसकी वदना की और राजा क पास बिल क िलए आ गया राजा उसका यह सारा करतब बड़ ही कौतहल स दख रहा था

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अकषय कराित

ढरी जो उनक नाम की बनाई थी वह मन ढहा दी लड़क न आग कहा दसरी िज मदारी राजा पर होती ह अपनी परजा की रकषा करन की आपन मझ अपनी सतान पराि त क िलए बिल दन क िलए खरीद िलया तब आपस कया पराथरना करता इसिलए दसरी ढरी जो मन आपक नाम की बनाई थी वह भी तोड़ दी जीव की रकषा करन का तीसरा भार दवी-दवताओ का होता ह बालक न तीसरी ढरी का रह य बतात हए कहा लिकन यहा तो दवता वय ही मरी बिल लन को तयार बठा ह तो इसस कया पराथरना करता इसिलए मन तीसरी ढरी भी तोड़ दी लिकन चौथी ढरी का कया रह य ह राजा न पछा और अत म सहारा होता ह भगवान का ई वर का ब च न रत की ढिरय का रह य खोलत हए कहा मरी बिल दी जानी थी सो मन अत म ई वर स पराथरना की परभ की पजा-अचरना करक उनस रकषा करन की पराथरना की अब वही मरी रकषा करग वही होगा जो ई वर को मजर होगा म बिल दन क िलए तयार ह rsquo इतना कहकर वह बालक राजा क पास जाकर िसर झका कर खड़ा हो गया राजा उस छोट स बालक की इतनी जञान की बात सनकर स न रह गया राजा न सोचा म इस बालक की बिल द दगा बरा मण ह या भी हो जायगी िफर पता नही मझ जो सतान परा त होगी वो कसी होगी परजा का खयाल रखन वाली होगी या नही कही मरा और वश का नाम ही न डबो द यह बालक गणवान ह ई वर का भकत ह सब परकार स मर लायक ह कय न म इस ही गोद ल ल और इस ही अपना पतर बना ल इतना िवचार करत ही उसन उस बालक की बिल दन का कायरकरम र कर िदया और उस बालक को गोद ल िलया कहत ह उस बालक म अ छ गण होन क कारण उसन कई साल तक रा य िकया और हर परकार स परजा की रकषा की उसक रा य म िकसी को िकसी परकार का कोई क ट नही था

इतना कहकर वह बालक राजा क पास जाकर िसर झका कर खड़ा हो गया राजा उस छोट स बालक की इतनी जञान की बात सनकर स न रह गया

परकित िजदगी स ह िजदगी बनी भी परकित स ह चलता रह य िविचतर खल य ही इसका भी अमल िजदगी स ह

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शोिभत ह िज़दगी धरती की धार पर इस हिरत धारा पर ऊजार स भरपर ह हिरत ऊजार स य ससि जत य खब ह

हिरत ऊजार क भ डार का खजाना य खब ह जल वाय और सौर ऊजार ह इनक अ यत ोत

ल अमल म इनको अगर बचाना ह य धरा अनमोल अदभत ह खजान परकित क अगर कर ल मन य इनका सदपयोग

य झोखा जो हवा का ह य जो तरग म जलधारा ह अदभत िकरण जो फलाती जीवन की धारा ह

समझ ल इनका जो इशारा ह कर परयोग इ ही का अपन यतर मतर स छपा ऊजार का अनमोल खजाना ह

परकित िजदगी स ह िजदगी बनी भी परकित स ह चलता रह य िविचतर खल य ही इसका भी अमल िजदगी स ह

रकषा कर इस धरा की स पना इसको नई िजदगी को ह इस परकित स बना मन य महान

िफर क य कर रहा परकित का सवरनाश खद को बचा हर िजदगी को बचा

करक हिरत ऊजार का स मान जीन द जीवन को और भी कर ल सयम म अपना य िवषकत घटता जीवन का चकर य ह इशारा परकित का हर पल सभल जरा ना कर इसको त तग

मक त खल परकित स कर ल इस हिरत ऊजार का परयोग अ छ क बदल अ छा दना सीख परकित का य खल

अलका कमार इरडा

अकषय कराित

किवता

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नही सीखा अब भी अगर परकित म सब जाएगा बदल जी ना पायगा िफर त इस परकित म िमट जाएगा अश तरा इस परकित स हिरत परकित और य हिरत ऊजार ह य इस धरा क जीवन दायक सीख परकित स लना दना

िसखा रह य जीवन का मल मतर परकित का आहार परकित मत द आहार आपराकितक सतलन िबगड़ गया अगर हो जायगी िवनाश िजदगी

अब सभल जरा और कर ल परण करक हिरत ऊजार को ही खचर बना धारा को शोिभत हरदम

िफर रहगा परकित और िजदगी का य खबसरत सग

हिरत परकित और य हिरत ऊजार ह य इस धारा क जीवन दायक सीख परकित स लना दना िसखा रह य जीवन का मल मतर

अकषय कराित

प ठ 13

अकषय कराित

कमरचािरय की आदत उनक यिक त व और िन पादन कषमता का पार पिरक सबध - एक िव लषण

हम िजस िकसी सगठन म काम करत ह उसक परित हमारा ल य होना चािहए सबिधत स थान क िलए अपनी सपणर कषमताओ का इ तमाल कषमताओ का बहतर परयोग तभी हो सकता ह जब हम अपन अदर अ छी आदत का िवकास कर हमार शा तर वद उपिनष और अ य धािमरक गरथ हम अ छी आदत क िवकास क सबध म बीज मतर बतात ह िक हम मनसा वाचा और कमरणा शदध रहना चािहए मनसा वाचा और कमरणा शदधता स ता पयर ह िक हम मन वाणी और कम स अ छ बन रह हमारी नीयत नक हो हम अपन सहकिमरय सािथय और अ य लोग क साथ अ छा बरताव कर और हमार कमर अ छ ह इस बीज मतर पर चलन वाला हमशा अपन अदर अ छी आदत का िवकास होता पायगा

असल म िदककत यही ह िक हम उपदश दन म तो आग रहत ह लिकन खद क अदर नही झाकत या कम ही झाकत ह - lsquoपर उपदश कशल बहतरrsquo सपरिसदध लखक सरदार परन िसह न एक बार कहा था आचरण की स यतामय भाषा सदा मौन रहती ह अथारत आदमी खद चप रहकर खद को ठीक रख तो इसका परभाव खद-ब-खद दसर पर पड़ता ह इसको हम एक छोट स उदाहरण स प ट कर सकत ह िक मान िलया जाए हम ब च स कह धमरपान नही करत लिकन उसक सामन खद ऐसा कर इसस इतर हम अगर यह सब करत ही नही ह तो इसका यादा असर ब च पर पड़गा अ छी आदत घर स श होकर समाज द तर और उसस आग तक हम हमशा हमारा फायदा िदलाती ह

कहा जाता ह िक व थ तन म ही व थ मन िनवास करता ह इसी तरह यह भी कहा जाता ह िक व थ वातावरण ही उ नित का योतक होता ह व थ वातावरण तभी बनगा जब उस माहौल म रहन वाल लोग

हीरा व लभ नराकास

असल म िदककत यही ह िक हम उपदश दन म तो आग रहत ह लिकन खद क अदर नही झाकत या कम ही झाकत ह - lsquoपर उपदश कशल बहतरrsquo

प ठ 14

अकषय कराित एक दसर का स मान करग खद की आदत को सधारग और उस स था की तरककी क िलए अपन तर पर हर वह काररवाई करग जो औ योिगक सगठन और लोग की उ नित म ज री होती ह

औ योिगक सगठन िकसी भी दश की अथर यव था को मजबत आधार परदान करत ह औ योिगक सगठन म परयोग होन वाल सम त ससाधन म मानव ससाधन अथारत उसम काम करन वाल कमरचारी मह वपणर और िनणारयक होत ह इन सगठन का सफल सचालन वहा कायररत कमरचािरय की कशलता और कायरकषमता पर आधािरत होता ह कशलता और कायरकषमता का ोत हमारा आचरण और यवहार होता ह जािहर ह औ योिगक सगठन म मानवीय सबध परी एक ऐसी िकताब ह िजसक िबना कभी कछ नही कराया जा सकता लोग क साथ सतोषजनक प स काम करना परबधन क काम का िसफर एक िह सा नही ह वरन सारा

काम इसी पर िटका ह कय िक सभी उ योग म मशीन माल या दसरी चीज़ क साथ कोई भी काम लोग क मा यम स ही िकया जा सकता ह तीन lsquoएमrsquo अथारत मनी मटीिरयल और मशीन औ योिगक सगठन क िलए मह वपणर ससाधन होत ह लिकन इ ह पिरणाम तक पहचान का कायर कमरचारी (man) ही करत ह जो सगठन दर अदशी रहकर कमरचािरय क जञान उनकी िविश टताओ उनक आचरण को अनकल साच म ढालन क परित सजग रहत ह वही सफलता की ऊचाइय को छत ह अगरजी म एक परानी कहावत ह -- Where the vision is one year Cultivate flowers Where the vision is ten years Cultivate trees Where the vision is eternity Cultivate people अथारत जहा दरअदशी एक साल क िलए हो तो फल लगाइय जहा दरअदशी दस साल क िलए हो तो पड़ लगाइय

औ योिगक सगठन म परयोग होन वाल सम त ससाधन म मानव ससाधन अथारत उसम काम करन वाल कमरचारी मह वपणर और िनणारयक होत ह

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अकषय कराित जहा दरअदशी अनत काल क िलए हो तो लोग का िवकास कीिजए औ योिगक सगठन म 500 आदमी ह 5000 आदमी ह 50000 ह या इसस अिधक अगर कामकाज ठीक स चलाना ह तो बहत ज री ह परबधन उनस िनभाना जानता हो यिकतगत सपकर का मह व

वातानकिलत कमर म बठकर और सचार मा यम या िकसी अ य तरीक स कमरचािरय की िरपोटर लना और आस पास होन वाल घटनाकरम को जानना अलग बात ह और कायर थल पर वय उपि थत रहकर ि थित को समझना और िनदश दना अलग बात महान जनरल रोमल की सफलता का मखय कारण यह था िक व हमशा कायर थल पर वय उपि थत होकर िनदश दत बात की पि ट करत सम याए सलझात और दखत िक काम कसा चल रहा ह रोमल का यह तरीका इतना सफल रहा िक िकसी भी औ योिगक सगठन या कारोबार म इस अपनाया जाए तो आशातीत पिरणाम सामन आ सकत ह लोग क बीच खद उपि थत होकर काम करन का कोई िवक प नही ह लोग अिधकाशतः उनको नापसद करत ह िज ह व ठीक स जानत नही ह पर एक बार जान पहचान हो जान पर हालात बदल जात ह कमरचािरय म अ छी आदत का िवकास करन की पहली शतर ह िक पहल उनक िदल म घर िकया जाए ऐस िकसी भी बरताव स बचा जाए िजसस वह अपन को उपिकषत महसस करन लग अतः सवदनशीलता का यान रखना बहत ज री ह

कमरचािरय क परित सवदनशील यवहार-कौशल और धयरपणर होन क अितिरकत इस बात पर ढ़ रहना ज री ह िक काम ठीक परकार स हो अ छ यवहार क साथ कमरचािरय को यह जताना भी ज री ह िक उनस काम का उ च तर अपिकषत ह और उस पर उनक साथ कोई समझौता नही और अगर इस पर अमल नही करत तो उ ह पता होना चािहए िक आप कड़ी काररवाई करग

सकारा मक नजिरया परबधन का एकमातर काम िनदश दना नही ह वरन उस साथ-साथ लोग का िवकास करना होता ह

महान जनरल रोमल की सफलता का मखय कारण यह था िक व हमशा कायर थल पर वय उपि थत होकर िनदश दत बात की पि ट करत सम याए सलझात और दखत िक काम कसा चल रहा ह

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अकषय कराित एक अिधकारी का मखय काम यही ह िक वह अपन साथ काम करन वाल लोग म अ छी आदत का िवकास कर उनकी सहायता कर यिद यह काम परभावशाली ढग स कर पाता ह तो इसस कवल उसक अपन काम ही बहतर नही ह ग बि क उसक पास परिशिकषत और कशल कमरचािरय का परा दल होगा जो उसक परित परी िन ठा स काम करगा इसक िलए सबस पहल कमरचािरय का नजिरया ठीक करना ज री ह उनम सबस पहल यह भावना लानी होगी िक हमार अदर जो चीज ह वही हम ऊपर की ओर ल जाती ह और वह हमारा नजिरया ह

एक आदमी मल म ग बार बचकर अपनी गज़र-बसर करता था उसक पास लाल नील पील हर-चार रग क ग बार थ जब कभी उसकी िबकरी कम होन लगती तब वह हीिलयम गस स भरा एक ग बारा हवा म छोड़ दता ब च उस उड़ता दखकर वसा ही उड़न वाला ग बारा पान क िलए मचल उठत ब च उसस ग बारा ख़रीदत और इस तरह उसकी िबकरी िफर स बढ़ जाती िदन-भर यही िसलिसला चलता रहता एक िदन वह आदमी बाज़ार म खड़ा ग बार बच रहा था अचानक उस महसस हआ िक पीछ स कोई उसका करता पकड़कर खीच रहा ह उसन पीछ मड़कर दखा तो एक छोट स ब च को खड़ा पाया उस ब च न ग बार वाल स पछा ldquoअगर आप काला ग बारा छोड़ग तो कया वह भी उड़गाrdquo ब च की बात उसक िदल म लगी और उसन यार स जवाब िदया ldquoबट ग बारा अपन रग की वजह स नही उड़ता बि क उसक अदर कया ह इस वजह स ही वह ऊपर जाता ह rdquo ठीक यही बात हमारी िज़दगी म भी लाग होती ह अगर लोग का नजिरया बहतर हो उनम अदर स काम करन की इ छा भरी हो तो व खलकर आपस म िमलकर काम करग इसस नकसान तो कम होगा ही स थान क परित िन ठा बढ़गी और लगन स काम करन का वातावरण तयार होगा िव वास हािसल करना आव यक

कमरचािरय स बहतरीन काम लन क िलए शानदार टीम लीडर होना ज री ह मटठीभर लोग का कोई समह िकला तभी फतह कर सकता ह जब

एक आदमी मल म ग बार बचकर अपनी गज़र-बसर करता था उसक पास लाल नील पील हर-चार रग क ग बार थ

प ठ 17

अकषय कराित जब उनका सनापित उनम वह जोश भर सक िक उ ह कोई भी ऊचाई यादा न लग अतः सबस ज री ह िक स थान म कमरचािरय की

कषमताओ का परा फायदा लन क िलए उनका िव वास जीता जाए इसक िलए उनक साथ परी इ जत स पश आना ज री ह उनकी छोटी-बड़ी खशी को बाटना और उनकी राय को परा स मान दना भी उतना ही ज री ह कई बार परबधन क उ चािधकारी या लीडर अपनी टीम क सद य स िसफर इसिलए राय नही लत कय िक उ ह लगता ह िक एक बार राय लन पर अगर उनकी बात नही मानी गयी तो उ ह बरा लगगा लिकन सबस ज री ह िक टीम म सभी सद य को िव वास म लकर काम िकया जाए यहा टीम लीडर की भिमका मह वपणर होती ह वह खद वकत का पाबद होगा तो उसक मातहत कमरचािरय म वयमव यह गण आदत का प ल लगी टीम लीडर का काम अपनी टीम का उ साह बढ़ात हए दी गयी िज मदािरय को समय स परा करना ह मगर उसम नयी चीज़ को सीखन की ललक होनी चािहए ऐसी ललक जब स थान क कमरचािरय म आदत का प लन लगती ह तो वह स थान जािहर ह नए परितमान थािपत करन लगता ह जापानी कपिनया हर बात म कमरचािरय क िहत का यान रखती ह िजसस व वय ही उ पादकता क परित सचत हो जात ह जानी-मानी टोयोटा कपनी क कमरचािरय म तो काम की ऐसी आदत सी या ललक होती ह िक व तब तक काम करत ह जब तक खद थक कर चर नही हो जात यह उनकी आदत ही बन चकी ह िक यिद व िकसी बात पर नाराज होत ह तब भी कपनी या अपन भागय को भल ही कोस ल पर अपन काम पर असर नही पड़न दत इसका कारण यह ह िक जापानी कपिनया काम का एक अ छा वातावरण बनान और लोग म काम क परित स ची लगन को बढ़ावा दन क िलए कड़ा परयास करती ह वहा लोग को लगातार परिशकषण िमलता रहता ह जो कवल तकनीक और मनजमट ही नही कायर स जड़ी नितकता और अ छी आदत क िवकास पर किदरत होता ह चिरतर का िनमारण उनकी एक आदत सी बन जाती ह अगर हम भी एक अ छी शिखसयत बनना ह तो हम अपनी आदत को गहराई स जाचना होगा

ऐसी ललक जब स थान क कमरचािरय म आदत का प लन लगती ह तो वह स थान जािहर ह नए परितमान थािपत करन लगता ह जापानी कपिनया हर बात म कमरचािरय क िहत का यान रखती ह

प ठ 18

अकषय कराित चतन और अवचतन मन

हमार चतन मन क पास सोचन की शिकत होती ह यह िकसी बात को मान सकता ह और नही भी मान सकता मगर अवचतन मन िसफर वीकार करता ह यह इनपट (input) को लकर कोई भदभाव नही करता अगर हम अपन मन म डर शका नफरत क भाव भर तो यह आ म सझाव इन सभी भाव को सिकरय बनाकर हकीकत म बदल दगा हमारा अवचतन मन एक डाटा बक की तरह ह अवचतन मन एक गाड़ी की तरह ह और चतन मन एक डराइवर की तरह शिकत तो गाड़ी म होती ह मगर उसका कटरोल डराइवर क पास होता ह

हम अवचतन मन को इस तरह ढालन की ज रत ह िक वह हम सही और ठीक रा त पर ल जा सक अवचतन मन एक बगीच की तरह होता ह िजस कोई परवाह नही होती िक आप कस पौध लगात ह यह िनरपकष (neutral) होता ह इसम अ छा बोन पर अ छा िमलता ह अ यथा जगली पौध उग जायग

बि क अ छ बीज बोन क बावजद जगली पौध उगन बद नही होत आव यकता होती ह उ ह उखाड़ फकन का िसलिसला जारी रखन की इसी िसदधात को कमरचािरय क मामल म समझन की ज रत ह हम याद रखना ह िक सही और गलत िवचार मन म एक साथ नही रह सकत आव यकता उनक अवचतन मन को इस तरह ढालन की ह िक उनम अ छी आदत का िवकास हो दरअसल अवचतन योगयता वह होती ह जब हम यान दन और सोचन की यादा ज रत नही होती कय िक यह हमार यवहार म खद ब खद उतरन लगा ह िजस स थान क कमरचारी इस तर पर पहच जात ह उनम अ छी आदत वयमव घर करन लगती ह जब बरी आदत हमार अवचतन योगयता क तर तक पहच जाती ह तो वह कावट उ प न करती ह

पिरवतरन का िवरोध बरी आदत को पहचान लन क बाद भी अकसर दखा गया ह िक

लोग उ ह बदलत नही ह ऐसा आिखर कय होता ह उनक न बदलन का कारण ह िक व िज मदारी को वीकार करन स इनकार करत ह

हम अवचतन मन को इस तरह ढालन की ज रत ह िक वह हम सही और ठीक रा त पर ल जा सक अवचतन मन एक बगीच की तरह होता ह िजस कोई परवाह नही होती िक आप कस पौध लगात ह

प ठ 19

अकषय कराित अपनी उन आदत को बनाय रखन म उ ह जो आनद िमलता ह वह पिरवतरन क ददर स यादा होता ह इसक िन निलिखत कारण हो सकत ह -- 1 पिरवतरन की इ छाशिकत का अभाव 2 पिरवतरन क िलए आव यक अनशासन की कमी 3 िव वास की कमी 4 आव यक जानकारी की कमी परबधन वारा इन िबदओ पर िवचार कर अपन किमरय म आशातीत पिरवतरन लाया जा सकता ह सामा यतः खराब आदत को न बदलन क बहान िदय जात ह और कहा जाता ह -- हम लोग इसी तरह करत ह या िक म नही समझता इसस कोई फकर पड़गा और कछ न िमला तो कह िदया जाता ह म बहत य त ह अ छी आदत का िन पण

आदत म पिरवतरन लाया जा सकता ह आव यकता ह इसक िलए सही पिरवश का िनमारण करन की कमरचािरय को परिशिकषत करन की परिरत करन की और ऐसी ि थितया उ प न करन की िजसस कमरचािरय म अ छी आदत का िन पण हो सक दरअसल सफल लोग का राज यह ह िक व काम करन की उन आदत को डाल लत ह जो असफल लोग करना नही चाहत य वही काम ह िज ह सफल लोग भी करना

नही चाहत लिकन व िफर भी करत ह उदाहरण क िलए असफल लोग अनशासन और महनत करना पसद नही करत सफल लोग भी अनशासन और कड़ी महनत नापसद करत ह लिकन व िफर भी ऐसा करत ह कय िक य लोग उन काम को करन की आदत डाल लत ह िज ह असफल लोग नही कर पात नजिरय और सोच का तरीका एक आदत ह और इस बदला जा सकता ह सही ि ट और सतलन कमरचािरय म काम क सबध म सही ि ट बनाय रखन की परवि त िवकिसत करना ज री ह जब कछ गलत हो रहा होता ह तो उस ठीक करना परबधन का ही काम होता ह समझा यह जाता ह िक परायः हम गलत हो रह काम को लकर इतन िचितत हो जात ह िक जो सही हो रहा ह उस भी अनदखा करन की हमम आदत होती ह

दरअसल सफल लोग का राज यह ह िक व काम करन की उन आदत को डाल लत ह जो असफल लोग करना नही चाहत

प ठ 20

अकषय कराित उदाहरण क िलए अगर िकसी स कोई गलती हो जाती ह तो हम एकदम उस पर िच ला पड़त ह या उसक िव दध काररवाई कर बठतहअ छा यह रहगा िक आप उस अलग ल जाकर अकल म बात कर अगर परशसा करनी हो तो सबक सामन कर

अगर िकसी स सहमित न बन तो उस पर करोध करना ज री नही ह अगर अपन करोध पर काब रखग तो लोग अपनी असहमित को अ यथा नही लग अगर आप अपन िवचार को खला रखग तो दसरी ओर स भी आप ऐस ही यवहार की अपकषा कर सकत ह परायः लोग अपनी सहमित कछ इस तरह जतात ह िक सामन वाला भी अपनी बात पर अड़ जाता ह समझन की बात यह ह िक सभी ि थितय म कवल तकर ही काफी नही होगा िकसी स असहमत होन म भी यवहार कशल होना ज री ह सबस पहल तो दसर को अपना पकष रखन का मौका द उसकी बात सन और जहा तक हो सक उसस अपनी सहमित भी परकट कर और िजन बात पर सहमित न बना सक उस समझाए

हमम स अिधकाश लोग उन किमरय और उनकी गलितय पर अ यिधक यान दत ह िजनक िलए हम काम करत ह पर अपन किमरय पर नज़र डालना भल जात ह अगर वय को उन लोग की नजर स दखा जाए तो आशातीत पिरणाम दखन को िमलत ह

आ म मथन आप कया करना चाहत ह कसा करना चाहत ह - इस सोच को

वतरमान म अपन अदर मथन करन को आ म-सझाव कहत ह एक बार सब म जब इसकी पिरपाटी श हो जाती ह तो यह हमार अदर िवजञापन की तरह काम करता ह अपन बार म अपन िलए अदर ही परचािरत करता ह इसका हमार चतन और अवचतन (Sub-concious) मन दोन पर परभाव पड़ता ह अततः यह हमार नजिरए और यवहार को परभािवत करता ह और धीर-धीर आदत का प लता ह यह दरअसल अपन अवचतन मन को ढ़ालन या परोगराम करन की िविध ह

हमम स अिधकाश लोग उन किमरय और उनकी गलितय पर अ यिधक यान दत ह िजनक िलए हम काम करत ह पर अपन किमरय पर नज़र डालना भल जात ह

प ठ 21

अकषय कराित आ म-सझाव अ छ या बर हो सकत ह जब हम बर आ म-सझाव को बार-बार दोहरात ह तब हमारा अवचतन मन उन पर िव वास करन लगता ह और हम उसी को वा तव म यवहार करन लगत ह सकारा मक आ म-सझाव को बार-बार मथन करन स उसकी हमार िदलोिदमाग म त वीर बन जाती ह और वही असिलयत का प लन लगता ह एक उदाहरण क िलए जब कभी हम सबह 0600 बज टरन पकड़नी हो और हमार पास अलामर घड़ी न हो तो हम मन म कहकर उठत ह िक 0400 बज उठना ह तो कया हम नही उठत अगर उठत ह तो इसक पीछ आ म-सझाव ही काम करता ह आ म-सझाव एक रा ता ह िजसस हम अपन िदमाग को परोगराम करक ढ़ालत ह सकारा मक आदत को िवकिसत करन म आ म-सझाव की परवि त मह वपणर िसदध हो सकती ह हमार नजिरए और आदत को तय करन वाल कारक हमार नज़िरए को मखयतः तीन कारक परभािवत करत ह - वातावरणः घर कल आिफस मीिडया सा कितक प ठभिम धािमरक प ठभिम परपराए और भाषाए सामािजक-राजनितक माहौल - य सब िमलकर एक तहजीब बनात ह चाह घर हो या आिफस या अ यतर - हर जगह हर िकसी की अपनी तहजीब होती ह उदाहरण क िलए हम एक दकान म जात ह तो वहा का स समन बड़ अदब वाला होता ह लिकन वही जब दसरी दकान पर जात ह तो वहा का स समन कभी-कभी बड़ा खा और बदतमीज िमल जाता ह उसी तरह िकसी क घर म यार भरा माहौल िमलता ह तो िकसी क घर म हमशा लड़ाई-झगड़ का इसी तरह जब सरकार और राजनीितक माहौल ईमानदारी का होता ह तो लोग भी ईमानदार मददगार और कानन का पालन करन वाल होत ह बईमान और भर ट माहौल म िजस तरह एक ईमानदार का जीना मि कल होता ह उसी तरह ईमानदारी भर माहौल म बईमान यिकत को मि कल होती ह िन सदह अ छ वातावरण म मामली कमरचारी म वमव अ छी आदत िवकिसत होती ह और उसकी कायर करन की शिकत बढ़ जाती ह जबिक खराब माहौल म अ छा काम करन वाल की भी कषमता िगर जाती ह

सकारा मक आदत को िवकिसत करन म आ म-सझाव की परवि त मह वपणर िसदध हो सकती ह

प ठ 22

अकषय कराित कायर-स कित का बहाव ऊपर स नीच की ओर होता ह नीच स ऊपर की ओर कभी नही यह दखना बहत ज री ह िक हमन अपन िलए और आस-पास क लोग क िलए कसा वातावरण तयार िकया ह खराब वातावरण म अ छ की उ मीद करना बमानी ह अनभवः हम अपन जीवन म अपन काम-काज म हालात स जसा अनभव पात ह वह हमारी आदत का िह सा बन जात ह और उसी क अनसार हमारा यवहार होता ह अगर िकसी क परित हमारा अनभव अ छा होता ह तो हमारा नज़िरया भी अ छा होता ह ज री ह िक कमरचािरय को ऐसा कायर-पिरवश िमल िजसस उनक अवचतन म अ छ अनभव की छाप अिकत हो

परिशकषण भी ज़ री यहा िसफर सदधाितक जञान ही काफी नही होता बि क औपचािरक और अनौपचािरक दोन ही तरह की िशकषा व परिशकषण ज री ह जञान और जानकारी को यिद योजनाबदध तरीक स परयोग िकया जाए तो उसस बौिदधक तर को बढ़ान म आशातीत सफलता िमलती ह काम करन की कला अ छी िशकषा स ही आती ह ज री ह िक परिशकषण म मनोवजञािनक सामािजक आिथरक व अ य पहल को समझन की आदत िवकिसत की जाए अवचतन म यह िबठाना बहत ज री ह िक जीवन की भ यता काम क वारा ही सभव ह स थान म सभी को लगना चािहए िक उनका काम मह वपणर ह यही परबधन कला का सार ह जब कमरचािरय को ऐसा एहसास होन लगता ह तो उनक नज़िरए म बदलाव आन लगता ह उपसहारः काम क परित लोग म अ छी आदत िन िपत करन और उनम उ साह जगान स कायर-िन पादन म िनरतर िनखार आता ह दरअसल हर यिकत म मानिसक और शारीिरक ऊजार उ प न होती ह िजसक िलए काम ही सबस अ छा िनकास ह एक िवचारक क अनसार lsquoआप पछत ह म लगातार काम कय करता ह

यहा िसफर सदधाितक जञान ही काफी नही होता बि क औपचािरक और अनौपचािरक दोन ही तरह की िशकषा व परिशकषण ज री ह

प ठ 23

अकषय कराित इसका वही कारण ह िजस कारण स मगीर अ ड दती जाती ह rsquo काम क िबना इसान घट सा जाता ह उस काम की उतनी ही ज रत होती ह िजतनी हवा की आव यकता ह िक उस सही वातावरण उपल ध करान और सही िदशा म अिभपरिरत करन की व ततः हर यिकत अदर स गिरमा और आ मस मान की चाह रखता ह आव यकता ह उस अतःपरिरत करन की लोग को खद स परिरत करन क िलए हम उनकी ज रत और इ छाओ को समझना होगा पररणा कायरकषमता और आदत क बीच सीधा सबध ह जो लोग उतना ही काम करत ह िक उनकी नौकरी बची रह तो ऐस लोग िकसी भी स थान क िलए मह वपणर नही हो सकत अतपररणा स सोच म बदलाव लाया जा सकता ह पररणा आग क समान होती ह

कमरचािरय को िजतना परिरत िकया जाएगा उनम उतनी ही सकारा मक आदत का िवकास होगा कमरचािरय को उिचत स मान दकर उनक कायर को अिधक मनोरजक बनाकर परबधन वारा उनकी बात को गौर स सनकर उनकी सम याओ और सझाव पर गौर करक उ ह वय ल य िनधारिरत करन क िलए परो सािहत करक िवकास क नय अवसर उपल ध कराकर आव यकतानसार समय-समय पर समिचत परिशकषण िदलाकर तथा नयी चनौितय स जझन क िलए परो सािहत करक िन सदह उनक आचार और यवहार को सकारा मक िदशा म पाियत िकया जा सकता ह

कमरचािरय को िजतना परिरत िकया जाएगा उनम उतनी ही सकारा मक आदत का िवकास होगा

ई-पितरका म लख आिद म परकट िवचार

मलतः लखक क ह तथा यह आव यक नही ह िक

इरडा भी इन िवचार स सहमत हो

प ठ 24

अकषय कराित

िबिटया

आख म मोती लकर तम िबिटया जाती हो हा जाओ िशकषा का उपहार द रह िवदा समय यह लो ल जाओ इन पराण म परीित त हारी ममता क धन िसदरी इन नयन की बद पली परकट करती ह मजबरी लाचारी ह िफर पराण म क य ह इतनी आकलता

जब इस रीित पर पराओ म वश न िकसी का ह चलता िपतकल को तजकर अब िबिटया पित-कल म जाना होगा

नटखटपन को छोड़ धमर का ही िजसम बाना होगा इस घर की तम बड़ी लाडली पराण स यारी िबिटया

चली लाकर आज सभी को िपता की कर सनी किटया िजन हाथ न लाड़ चाव स अब तक था िजसको पाला उन हाथ न ही िबिटया को दलह राजा जी को द डाला

िजसका दख जरा मन मला हो जाती थी हरानी क यादान उसी का कर क दय बनाया पाषाणी

िकया न जाता था पल भर को इन आख स दर िजस मोती झरत िवदा द रहा आज सकल पिरवार उस अपनी मा क जीवन की तम परित-पल हो आधार रहो

िवजयता िपता क दय मिदर की िबिटया तम साकार रही आज जीवन क सख-दख सार वही िबतान तम लो जान आओगी जब कभी यहा तम होगी महमान समान

सतीश कमार कलावत इरडा

इस घर की तम बड़ी लाडली पराण स यारी िबिटया चली लाकर आज सभी

को िपता की कर सनी किटया

प ठ 25

ससराल की कभी बराई कही न मह पर आ जाव धमर कमर क तर य पथ म पाव नही िडगन पाव

सात परितजञाय जो तमन अिग नदव स मख की धारण द पि त जीवन का मह व ह करना स च मन स पालन

बटी इन सात बचन का यान दय म रह सदा दोन कल की लाज इसी म भला न दना इस कदा पित ही ह सवर तर त हार पित ही को जीवन समझो

जो कछ कह उसी को मान उनको िबिटया तम धन समझो शीलवती तम बन िबिटया पित-भक त मना सदर िनस दह वय उपजग क प-वकष घर क अ दर

पहन सिशकषा की साड़ी को शभ गण भषण अपनाओ दस लकषण शभ लकषण धार िन य नय मगल गाओ यह िशकषा उपहार दय का तम को राह िदखायगा भल भटक कर भी अिधयारा पास न आन पायगा

हम सब की आख स मोती उर स िनकल रही आशीष सभी सख स पणर परफि लत कर त ह दलह राजा की ईश

अकषय कराित

िजन हाथ न लाड़ चाव स अब तक था िजसको पाला उन हाथ न ही िबिटया को दलह राजा जी को द डाला

प ठ 26 अकषय कराित

ldquoपयारवरणrdquo श द पिर+आवरण स बना ह अथारत बा य आवरण को ही पयारवरण कहत ह इस बा य आवरण का ता पयर हमार चार ओर क वातावरण और पिरवश स ह िजस हम दसर श द म परकित भी कह सकत ह प वी पर िव यमान सपणर जीव-जगत क अि त व जीवन-यापन एव चहमखी िवकास म परकित की मह वपणर भिमका ह मानव बिदधजीवी पराणी ह और परकित क मह व स भली-भाित पिरिचत होन क कारण ही सिदय स परकित की पजा करता रहा ह

विदक काल स ही परकित तथा मानव क बीच जीवन ततर का अटट सबध रहा ह हमार पराचीन ऋिष-मिनय न प वी म हवा पानी िमटटी पड़-पौध जीव-ज तओ और मानव क सिकरय सहयोगा मक सतलन को यान म रखकर ही परकित को प य माना धमर क साथ परकित को जोड़कर उ ह न परकित को पयार त मह व िदया व जानत थ िक िजस परकार जीवन क िलए भिम की आव यकता होती ह उसी परकार वन पितया व अ य पराणी भी आव यक ह य सभी परकित क अिभ न अग ह इनम स एक क भी न ट होन का परभाव दसर पर पड़ता ह और पिरणाम व प पराकितक असतलन पदा हो जाता ह व तत प वी म हवा पानी िमटटी पड़-पौध जीव-ज तओ और मानव का सिकरय सहयोगा मक सतलन रहता ह पड़-पौध भिम को उपजाऊ बनात ह िमटटी को बाधकर रखत ह बरसात करवान तथा जल एव वाय को व छ रखन म सहायक होत ह परत आज क बढ़त औ योिगकीकरण और शहरीकरण न परकित और मानव क बीच असतलन उ प न कर िदया ह यह असतलन अिशकषण बढ़ती जनसख या शहर की ओर पलायन वकष की कटाई गगनचबी इमारत बड़-बड़ उ योग की थापना आिद क कारण ह और यही पयारवरण परदषण क मख य कारण ह मटरोपोिलटन एव बड़ शहर म अनक काबरिनक और अकाबरिनक गस जस ndash काबरन-मोनोऑक साइड अमोिनया आिद परदषण क मख य ोत ह

वतरमान पयारवरण -21वी सदी की चनौती

लख सरीन सल

विदक काल स ही परकित तथा मानव क बीच जीवन ततर का अटट सबध रहा ह

प ठ 27 अकषय कराित मन य न अपनी भितक सख-सिवधाओ की आपित र क िलए परकरित स

िखलवाड़ िकया ह वतरमान मशीनी यग म मन य वारा परकित क अ यिधक दोहन एव िनत नए कारखान की थापना स पयारवरण सकट उ प न हआ ह मानव न परकित क साथ जो अ यायपणर यवहार िकया ह उसी क फल व प परकित का िवरोधी रवया हआ ह िजस भिव य म सह पाना मि कल होगा

अिशकषा क कारण दश की तजी स बढ़ती आबादी क आवास की मलभत आव यकता को परा करन क िलए वकष की कटाई करक ऊची-ऊची इमारत बनाई जा रही ह वकष की अधाधध कटाई स भिम की ऊवररा शिक त का तो ास हो ही रहा ह साथ ही परदषण जसी िवकराल सम या भी ज म ल रही ह

परदषण पयारवरण क ास का परमख कारण ह िवकासशील दश िनत नए उ योग की थापना करक बराजगारी की सम या को तो दर कर रह ह िकत इसस जल वाय विन तथा िविभ न परकार क परदषण बढ़ रह ह कल-कारखान और मोटर स िनकलन वाल धए स वाय परदषण हो रहा ह जल थल व नभ क मागर पर शिक त चािलत वाहन विन परदषण का मख य ोत ह शहरीकरण और औ योिगकीकरण क कारण शदध पयजल की सम या िवकराल प धारण कर रही ह कारखान स िनकलन वाल कड़-कचर क निदय म िमलन स जल परदषण हो रहा ह रासायिनक खाद और कीटनाशी दवाओ स मदा परदषण का खतरा बन गया ह

इस परकार जनसख या विदध शहरीकरण औ योिगकीकरण एव परदषण जसी सम याओ न पयारवरण को बरी तरह परभािवत िकया ह आज सपणर िव व पयारवरण को लकर िचितत ह इस भयावह ि थित स बचन क िलए पर यक यिक त को पयारवरण क परित जाग क करना आज की अिनवायर आव यकता ह

इस िदशा म सवरपरथम िनरकषरता को समा त िकया जाना चािहए साकषर भारत की पिरक पना म जनसख या विदध दर वय िनयितरत हो जाएगी करल रा य इसका परमाण ह जहा साकषरता क साथ-साथ जनसख या िनयतरण भी ह

जल थल व नभ क मागर पर शिक त चािलत वाहन विन परदषण का मख य ोत ह

प ठ 28 अकषय कराित

इसक बाद बात आती ह परदषण िनवारण की आज िव व भर क

वजञािनक और पयारवरणिवद इस िदशा म कायररत ह सवरपरथम वन क काटन पर परितबध लगाया गया ह और वन सपना क िव तार हत वकष लगान क िलए परो सािहत िकया गया इसक िलए सरकार की ओर स वकष आिद िनश क उपल ध कराए जात ह ldquoपयारवरण परदषण स थाrdquo और व छ वाय अिधिनयम जस िविधक उपाय स वाय परदषण पर रोक लगान का परयास िकया जा रहा ह जहरील धआ उगलन वाल कारखान तथा वाहन पर भारी आिथरक दड का परावधान ह िविभ न सचार मा यम mdashदरदशरन समाचार-पतर तथा आकाशवाणी क मा यम स जनता को पयारवरण क परित जाग क करन क परयास िकए जा रह ह निदय म खलन वाल परदषण ोत को बद करन की योजनाए चलाई जा रही ह पािलथीन क परयोग को बद करन क िलए चलाया जा रहा ह अिभयान भी परशसनीय ह

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह इस खतर स सपणर भमडल का अि त व न ट हो जाए इसस पहल हम पयारवरण की सरकषा करन का सक प लना होगा

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह

िस धी होन क प चात भी मझ बगाली रीित िरवाज़ िमठाइया यहा का पहनावा अगरज क ज़मान की बनी सरचनाए एव भवन इ यािद म बहत िदलच पी एव िच थी

प ठ 29 अकषय कराित

यातरा स मरण-कोलकाता-खिशय हषर का शहर(िसटी ऑफ जॉय)

सोिनया सिह वानी पीईसी िलिमटड

म पी ई सी िलिमटड नामक कपनी क िविध ककष म उप िविध परबधक क पद पर कायररत ह सन 2010 जन स इस कपनी म मन परबधन परिशकष क प म अपनी पहली नौकरी की श आत की पी ई सी िलिमटड वािण य मतरालय क अतगरत आन वाली आयात-िनयारत यापार स स बिधत क पिनय म स एक ह इस स दभर म जनवरी 2011 म िविभ न िवभाग क परबधन परिशकषओ को ओिरएटशन हत काडला कोलकाता इ यािद शहर म भजन का कायरकरम िनि चत िकया गया कोलकाता क पास हि दया पोटर होन क कारण कोलकाता शहर चना गया जहा पी ई सी वारा आयात की गयी व तए पोटर गोदाम म रखी जाती ह साथ ही म कोलकाता पोटर िभ न गोदाम इ यािद दखन की यव था की गयी एव सची म समावश िकया गया यह सनकर मरी ख़शी का िठकाना न रहा क य िक मन कोलकाता शहर क बार म सना बहत था पर त कभी दखा न था िस धी होन क प चात भी मझ बगाली रीित िरवाज़ िमठाइया यहा का पहनावा अगरज क ज़मान की बनी सरचनाए एव भवन इ यािद म बहत िदलच पी एव िच थी आिखरकार मझ मौका िमला और जनवरी की कड़ाकदार ठ ड क बीच हम एक रिववार शाम कोलकाता राजधानी स अपनी मिजल की और िनकल पड़ िद ली स कोलकाता क सफ़र क बीच हमारी गाड़ी इलाहाबाद गया िबहार तथा धनबाद जस शहर स होत हए बगाल की ओर पहची हसत-गात खलत-खात हए हम अगली सबह हावड़ा जकशन पहच गए रलगाड़ी स उतर कर टशन स बाहर िनकलत ही मझ िसटी ऑफ जॉय क नाम स मशहर कोलकाता की पहली झलक िदखाई दी ऐसा लगा मानो मझ भारत क दो पहल एकसाथ जीत हए नज़र आए एक तरफ थ टशन स बाहर एव अ दर जात हए स दर कपड़ गहन म लद हए कोलकाता क बगाली िनवासी साथ म बड़ी-बड़ी गािड़य म घमत कोलकाता क नौजवान और ठीक दसरी तरफ मरी नज़र पड़ी हगली नदी पर बन परिसदध हावड़ा िबरज पर िजस दख एक अलग ही दिनया का एहसास हआ

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह

िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी

एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया नतीजा मर समकष था

प ठ 30 अकषय कराित

हावड़ा िबरज पर हर तरफ लोग का जमावड़ा था इतन लोग दख िद ली क चादनी चौक की याद आ गयी ऐसा लगा मानो म 50 साल पीछ िकसी लक एव वाईट दिनया म कदम रख चकी थी िबरज क दोन तरफ सामान बचत हए दकानदार िखलौन मछली रख हए औरत एव छोट-छोट ब च मख य शहर स हावड़ा जान वाल आम आदमी मजदर की तज़ र तार फरी स र ता पार करन वाल यापारी इन सब को दख लगा कोलकाता म मबई जसी भागम भाग भी थी िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया नतीजा मर समकष था जस-जस म कोलकाता शहर क भीतर आन लगी मझ इस शहर क िवकास की झलक िदखाई दी एक तरफ थी ऊची ईमारत सदर िवशाल िव यासागर सत पल बड़-बड़ होटल माल कोलकाता उ च यायालय राईटसर िबि डग मशहर इडन गाडरन टिडयम इ यािद तो दसरी तरफ था िवक टोिरया ममोिरयल अगरज की वा तकला क अनसार िदखती लाल ईटो की इमारत िवक टोिरयल सरचनाए भवन छोटी-छोटी पटिरय पर समान बचत नया बाज़ार (New Market) क दकानदार एव िवक टोिरया ममोिरयल क बाहर चलत सलािनय क िलए रथ वाल घोड़ हमारा होटल जसीबोस सड़क पर ि थत था एव सिवधाओ स भरपर था पर त मन य जाना िक असली कोलकाता का मज़ा गाड़ी म नही अथवा िरक शा ऑटो तथा साल स चलती आ रही सड़क पर टराम म था

हर तरफ मझ पील रग की टिक सया िदखाई दी सब एक समान थी तथा मरसीडीज़ गाड़ी क बगल म चलती 1-2 पय म सफ़र की जान वाली टराम भी साथ िदखाई दी परी िजदगी िद ली म यतीत करन क बाद हर नए शहर का रहन-सहन बोल-चाल रीित-िरवाज़ जानन की जाग कता मझम हमशा रही पहल ही िदन स कोलकाता मझ रास आया जस िक कहत ह lsquoकोलकाता हमार खब भाला लागली छ rsquo कहन का ता पयर य िक मझ कोलकाता बहत अ छा लगा पहल िदन िक शाम को हमन य मािकर ट म खरीददारी करन का मन बनाया म हरान थी िक वहा चीज िकतनी स ती िमल रही थी िद ली क मतािबक एक ितहाई दाम पर चिडया गहन बग जत कत इ यािद िमल

िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया

प ठ 31 अकषय कराित य मािकर ट िद ली क लाजपत एव सरोिजनी नगर समान ह कम

दाम म अ छा समान िमला कोलकाता चमड़ क िलए भी मशहर ह एव परिसदध ी लदसर दकान भी इस बाज़ार म ि थत ह यहा खरीदारी का हमन खब ल फ़ उठाया

अगल िदन हम हि दया पोटर गए एव अनक जहाज़ दख 3-4 घट की दरी पर ि थत यह पोटर अनक एकड़ म फला हआ था पहली बार इतन बड़ जहाज़ को अदर स दख खब आनद आया तीसर िदन हम काली बाड़ी मिदर गए बगाली अ यत पाठ-पजा वाल दगार मा क स च उपासक ह यह सब जानत ह दगार पजा इनका लोकिपरय उ सव ह तथा काली मा एव दगार मा की स च मन स पजा करत ह कोलकाता क िनवासी भिक त भावपणर ह यह सना था अब खद दख भी िलया बगाली र म स पजा करन का य मौका अ यत आनदमयी था इसक अलावा काली बाड़ी क नज़दीक ही ि थत ह गौिरहाट बाज़ार यहा की दकान बगाली सािड़या कपड़ सट कत इ यािद क िलए परिसदध ह आिद धक तशवर नामक मशहर दकान म जाकर मरा भी मन िकया िक म भी खरीददारी क मर सािथय न बहत सािड़या खरीदी एव दाम दखकर म दग रह गई सदर स सदर साड़ी मातर 600700 पय की थी मन बगाल की मशहर लाल एव सफद िपरट की साड़ी भी खरीदी कोलकाता म खरीददारी का अलग की मज़ा ह उसी िदन शाम हम सा ट लक िसटी मॉल गए वह सा ट लक टिडयम क नज़दीक ह यहा िदखाई िदया कोलकाता का परगितशील प नौजवान फटबाल की जसीर पहन माल म घम रह थ एक स एक

मशहर बरड वहा मौजद थ इसक अलावा कोलकाता क िनवासी खब मनोरजन क शौक़ीन ह सगीत नाच गाना इ यादी म िच रखत ह कोलकाता म जगह-जगह सगीत कला अकडमी तथा पढ़न (रीिडग) क क लब ह अगरज क शौक तथा रहन-सहन की झलक आज भी यहा िदखती ह यहा क नौजवान को खल-कद म भी खब िदलच पी ह फटबाल का तो जस यहॉ सबको जनन ह

भारत क परिसदध मोहन बगान फटबाल क लब फटबाल क वहा क नौजवान ही नही परा शहर ही दीवाना ह भारत-पाक मच हो या आई पी एल इडन गाडरन मदान लोग स खचा-खच भरा रहता ह अफ़सोस म वहा अदर जा न सकी

इसक अलावा काली बाड़ी क नज़दीक ही ि थत ह गौिरहाट बाज़ार यहा की दकान बगाली सािडया कपड़ सट कत इ यािद क िलए परिसदध ह

प ठ 32 अकषय कराित

मर सफर क आखरी िदन म मन कोलकाता क लोग म एकता क नजार दख िविभ नता म भी एकता का उदाहरण दखा चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख िजस िदन हम कोलकाता पहच थ उसी िदन वहा शहर बद था और मन एक जट होकर लोग को अपनी बात कहत हए दखा एव सना यहा क लोग अपन शहर क िवकास बहतरी क िलए जाग क ह िज मदारी लत ह तथा सरकार को अपनी बात भली-भाित कहत ह लड़िकय औरत की इ ज़त करत ह एव यहा िक मिहलाओ को मन िनदरलीय पाया जहा एक ओर भारत की राजधानी होन क बावजद िद ली वाल अपनी िजदगी म मगन रहत ह वही दसरी और कोलकाता म अमीरी-गरीबी िभ न जाितय म भी एक जटता ह कपड़ा एव खाना आज भी यहा खब स ता िमलता ह पर त दसरी तरफ सब जानत ह िक बड़-बड़ उ योगपित िव वान लखक िखलाड़ी गायक अिभनता िनदशक यहा स उभर ह सािह य हो या लख बॉलीवड हो या िकरकट बगाल न भारत को अनक नाम एव गौरव िदए ह चाह सौरव दादा हो या रिव दर नाथ टगोर ममता बनजीर रानी मखजीर हो या योित बस भारत म इनकी भिमका का वणरन करन की ज रत नही

मन कछ िदन क कोलकाता क सफर म इस शहर को जानन समझन का परयास िकया हगली नदी क िकनार खड़ होकर समदर को दखा निदय को िनहारा िव यासागर सत िबरज की सदरता िवशालता को सराहा क सी दास की परिसदध िमठाई का ल फ उठाया मन बहत शहर घम पर त यह सफर मर िलए सबस यादगार रहा कोलकाता परगित क मागर पर िनरतर बढ़ रहा ह पर त आज भी वह अपनी जड़ नितक म य को नही भला ह एक आम आदमी आज भी टराम म या फरी स सफर करता ह यहा क िनवासी दो पय स लकर 500 ० का खाना खात ह पराना एव नया कोलकाता एक साथ जीिवत ह िसक क क दो पहल की तरह कोलकाता क यह दो प को एक साथ रहत दख बहत आनद आया

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 33 अकषय कराित

जल परकित का अनपम उपहार ह मानव जाित अपन परादभारवकाल स ही इस उपहार का उपयोग अपन िहत क िलए करती आई ह जल वह पराकितक उपहार ह िजसका कोई िवक प नही ह इसिलए जल को अमतया जीवन भी कहा गया ह जल क िबना जीवन की सभावना भी नही ह पर यकष प स तो जल की मानवीय आव यकता सीिमत ह परत परोकष आव यकताओ पर नजर डाल तो दिनक जीवन की आव यकताए जस अ न फल स जी दध स लकर हमार पहराव आवास तक सब जल स जड़ हजल का जरा भी सतलन िबगड़ जाए तो जीवन यापन क टपरद होन म दर नही परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह जल क सामा य त य जल या पानी एक आम रासायिनक पदाथर ह जो जीवन क सभी जञात प क जीिवत रहन क िलए ज री ह आमतौर पर जल अपनी दरव अव था म उपयोग म लाया जाता ह पर यह ठोस अव था बफर और गस अव था जल वा प या भाप प म भी पाया जाता ह प वी क लगभग तीन चौथाई िह स पर िव व क महासागर का अिधकार ह अनमानत प वी पर जल की कल मातरा लगभग 1400 िमिलयन घन िकलोमीटर ह जो िक प वी पर 3000 मीटर गहरी परत िबछा दन क िलए काफी ह तथािप जल की इस िवशाल मातरा म व छ जल का अनपात बहत कम ह प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह शष जल झील निदय वायम डल नमी मदा और वन पित म मौजद ह जल की जो मातरा उपभोग और अ य परयोग क िलए व ततः उपल ध ह वह निदय झील और भजल म उपल ध मातरा का छोटा-सा िह सा ह इसिलए जल ससाधन िवकास और परब ध की बाबत सकट इसिलए उ प न होता ह कय िक अिधकाश जल उपभोग क िलए उपल ध नही हो पाता

परभावी जल परबधन और दश का िवकास

दीपक आहजा ओएनजीसी िवदश

प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह

प ठ 34 अकषय कराित

और दसर इसका िवषमतापणर थािनक िवतरण इसकी एक अ य िविश टता ह फलतः जल का मह व वीकार िकया गया ह और इसक िकफायती परयोग तथा परब ध पर अिधक बल िदया गया ह प वी पर उपल ध जल जल-चकर क मा यम स चलायमान ह जल लगातार एक चकर म घमता रहता ह िजस जलचकर कहत ह इसम वा पीकरण वषार और बह कर सागर म पहचना शािमल ह हवा जल वा प को थल क ऊपर उसी दर स उड़ा ल जाती ह िजस गित स यह बहकर सागर म पहचाता ह जल चकर का िचतर नीच पर तत िकया गया ह

अिधकाश उपभोकताओ जस िक मन य पशओ अथवा पौध क िलए जल क सचलन की ज रत होती ह जल ससाधन की गितशील और नवीकरणीय परकित और इसक परयोग की बार बार ज रत को ि टगत रखत हए यह ज री ह िक जल ससाधन को उनकी परवाह दर क अनसार मापा जाए इस परकार जल ससाधन क दो पहल ह अिधकाश िवकासा मक ज रत क िलए परवाह क प म मािपत गितशील ससाधन अिधक परासिगक ह आरिकषत भ डार की ि थर अथवा िनयत परकित और साथ ही जल की मातरा तथा जल िनकाय क कषतर की ल बाई व म यपालन नौ सचालन आिद जस कछक िकरयाकलाप क िलए भी परासिगक ह

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 35 अकषय कराित

जल का यय अप यय जल क बार म एक नही कई च कान वाल त य ह िव व म और िवशष प स भारत म जल िकस परकार न ट होता ह इस िवषय म जो त य सामन आए ह उस पर जाग कता स यान दकर जल क अप यय को रोका जा सकता ह अनक त य ऐस ह जो हम आन वाल ख़तर स तो सावधान करत ही ह दसर स पररणा लन क िलए परो सािहत करत ह और पानी क मह व व इसक अनजान ोत की जानकारी भी दत ह प वी पर पदा होन वाली सभी वन पितया स भी हम पानी िमलता ह

आल और अनानास म 80 परितशत और टमाटर म 95 परितशत पानी ह पीन क िलए मानव को परितिदन 3 लीटर और पशओ को 50 लीटर पानी

चािहए भारत म 83 परितशत पानी खती और िसचाई क िलए उपयोग िकया जाता

ह इज़राइल म औसतन मातर 10 सटीमीटर वषार होती ह इस वषार स वह

इतना अनाज पदा कर लता ह िक वह उसका िनयारत कर सकता ह दसरी ओर भारत म औसतन 50 सटीमीटर स भी अिधक वषार होन क बावजद अनाज की कमी बनी रहती ह

िपछल 50 वष म जल क िलए 37 भीषण ह याकाड हए ह भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल

चलती ह पानी ज य रोग स िव व म हर वषर 22 लाख लोग की मौत हो जाती ह यिद बरश करत समय नल खला रह गया ह तो पाच िमनट म करीब 25

स 30 लीटर पानी बरबाद होता ह बाथ टब म नहात समय 300 स 500 लीटर पानी खचर होता ह जबिक

सामा य प स नहान म 100 स 150 लीटर पानी खचर होता ह िव व म परित 10 यिकतय म स 2 यिकतय को पीन का शदध पानी

नही िमल पाता ह परित वषर 6 अरब लीटर बोतल पक पानी मन य वारा पीन क िलए

परयकत िकया जाता ह मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 36 अकषय कराित

िद ली मबई और च नई जस महानगर म पाइप लाइन क वॉ व की खराबी क कारण रोज़ 14 स 44 परितशत पानी बकार बह जाता ह

निदया पानी का सबस बड़ा ोत ह जहा एक ओर निदय म बढ़त परदषण रोकन क िलए िवशषजञ उपाय खोज रह ह वही कल कारखान स बहत हए रसायन उ ह भारी मातरा म दिषत कर रह ह

भारत म जल सकट नासा की एक िरपोटर न पानी को लकर दश भर म बढ़ती जा रही लापरवाही क परित आख खोली ह इस िरपोटर म भारत म सख की ि थित पदा होन क िलए िज मवार कारण म स एक अहम कारण अधाधध जल दोहन को बताया गया ह बतात चल िक दश भर क 604 िजल म स 161 सख की मार झल रह ह वस अब बताया जा रहा ह िक सख की मार स बहाल िजल की सखया बढ़कर 246 हो गई ह यानी कहा जाए तो आधा दश सख की चपट म ह बहरहाल नासा की इस िरपोटर म बताया गया ह िक भारत क कई रा य कषमता स यादा जल दोहन कर रह ह यहा कषमता स ता पयर यह ह िक उनस िजतन सलाना जल दोहन की उ मीद कदर करती ह व उसस कही यादा जल दोहन कर रह ह नासा न यह अ ययन 2002 स 2008 क बीच

की ि थितय क आधार पर िकया ह इस िरपोटर म बताया गया ह िक पजाब हिरयाणा और राज थान हर साल औसतन 177 अरब कयिबक मीटर पानी जमीन क अदर स िनकाल रह ह जबिक कदर की तरफ स लगाए गए अनमान क मतािबक इ ह हर साल 132 अरब कयिबक मीटर पानी ही जमीन क अदर स िनकालना था इस तरह स दखा जाए तो य तीन रा य िमलकर कषमता स 30 फीसदी यादा पानी का दोहन कर रह ह जािहर ह िक िबना कछ सोच-िवचार जब इस पमान पर पराकितक ससाधन का दोहन िकया जाएगा तो परकित भी बदला लगी और वही हो रहा ह इस िरपोटर म यह भी बताया गया ह िक भारत का महज 58 फीसदी भजल ही हर साल िरचाजर हो पाता ह नासा की यह िरपोटर बताती ह िक अधाधध जल दोहन की वजह स पर उ तर पि चम भारत क भजल तर म हर साल 4 सटीमीटर यानी 16 इच की कमी आ रही ह इस अ ययन को अजाम दन म नासा क जल िवजञानी मट रोडल न अहम भिमका िनभाई ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 37 अकषय कराित

उनक हवाल स इस िरपोटर म बताया गया ह िक दश क उ तर पि चम कषतर म 2002 स 2008 क दौरान तकरीबन 109 कयिबक िकलोमीटर पानी की कमी हई ह यह मातरा िकतनी अिधक ह इसका अदाजा इसी स लगाया जा सकता ह िक यह अमिरका क सबस बड़ जलाशय लक मीड की कषमता स दगन स भी कही यादा ह अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह इस िरपोटर क मतािबक अगर अधाधध जल दोहन इसी तरह स जारी रहा तो आन वाल समय म भारत को अनाज और पानी क सकट को झलन क िलए अभी स तयार हो जाना चािहए जािहर ह िक जब जल सकट बढ़गा तो खती पर इसका गहरा परभाव पड़गा अनाज क उ पादन म कमी आएगी इस वजह स अनाज सकट पदा होगा और भख का एक नया चहरा उभरकर सामन आएगा एक बड़ा तबका जो आज भरपट भोजन कर पाता ह उसक िलए पट भर खाना िमलना मि कल हो जाएगा भखमरी की जो सम या पदा होगी उसस िफर िनपटना आसान नही होगा इसक अलावा पीन क पानी का टोटा तो होगा ही अभी ही दश क कई िह स ऐस ह जहा क लोग को पीन क िलए साफ पानी नही िमल पा रहा ह कई कषतर ऐस ह जहा गमीर क िदन म हडपप स पानी आना बद हो जाता ह वहा क लोग को हर साल बोिरग को कछ फट बढ़वाना होता ह यह सम या भजल तर क िगरत जान की वजह स ही पदा हई ह जब पीन क पानी का सकट पदा होगा तो बोतलबद पानी का कारोबार काफी तजी स बढ़गा कहन का मतलब यह िक िजसक पास पसा होगा वह अपनी यास बझा सकगा और िजसक पास पसा नही होगा उस अपनी यास बझान क िलए भी सघषर करना पड़गा ि थित की भयावहता की क पना ही िसहरन पदा करती ह भारत म दिनया का हर छठा आदमी रहता ह यानी कहा जाए तो दिनया क कल आबादी क तकरीबन सतरह फीसदी लोग भारत म रहत ह जबिक दिनया का महज साढ़ चार फीसदी पानी ही भारत म उपल ध ह ऐस म जल सम या स दो-चार होना कोई आनापिकषत बात नही ह एक बात तो तय ह िक पराकितक ससाधन म इजाफा तो नही िकया जा सकता ह लिकन इसका सरकषण अव य िकया जा सकता ह

अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह

प ठ 38 अकषय कराित

भारत म लोग िकसी एक मा यम स पयजल परा त करन पर िनभरर नही ह इस दश म 357 फीसदी लोग हडपप स 367 फीसदी लोग नल स 182 फीसदी लोग तालाब पोखर या झील स 56 फीसदी कओ स 12 फीसदी लोग पारपिरक साधन स और 26 फीसदी लोग अ य मा यम स पीन का पानी परा त करत ह इस िलहाज स अगर दखा जाए तो जल सकट को दर करन क िलए समगर कायरयोजना की ज रत ह

दरअसल भारत म गहरात जल सकट क िलए काफी हद तक पानी की बबारदी भी िज मवार ह यहा जल आपित र की यव था म काफी खािमया ह नल क जिरए घर तक पहचन वाल पानी का एक बड़ा िह सा िरस कर बबारद हो जाता ह हर शहर म फट हए आपित र पाइप आसानी स दख जा सकत ह इस बदहाल यव था क िलए सरकार क साथ-साथ सामा य लोग भी कम िज मदार नही ह एक तरफ तो सरकार पयजल क नाम पर हर साल हजार करोड़ पए का बजट बनाती ह और दसरी तरफ जमीनी तर पर हालात म कोई बदलाव नही िदखता ह सामािजक तौर पर भी जल सरकषण को लकर जाग कता का अभाव िदखता ह यह सामािजक तान-बान का ही असर ह िक लोग कही भी जल की बबारदी को दखकर उस सामा य घटना मानत हए नजरअदाज कर दत ह दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था यह अब घटकर 1800 कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर हो चका ह

दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था

प ठ 39 अकषय कराित

िवशषजञ का अनमान ह िक अगर पानी की खपत और बबारदी इसी तरह स जारी रही तो 2025 तक यह घटकर हजार कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर ही रह जाएगा उस समय तक पानी की उपल धता म आन वाली इस कमी की वजह स किष उ पादन म तीस फीसदी की कमी आन की सभावना ह इन पिरि थितय म दश की आिथरक और सामािजक ि थित का कया होगा इसका अदाजा सहज ही लगाया जा सकता ह भारत म जल सरकषण क परित आज भी आम लोग क मन म उपकषा का भाव बना हआ ह साथ ही इस कायर क िलए आव यक तकनीक की भी कमी ह जो तकनीक उपल ध ह उनस सामा य लोग अनजान ह बािरश क पानी का सगरह करक उस उपयोग म लाना एक अ छा िवक प ह पर इस तरह की कोिशश काफी सीिमत मातरा म काफी छोट तर पर हो रही ह यही वजह ह िक दश म होन वाली बािरश क पानी का अ सी फीसदी िह सा आज भी समदर म पहच जाता ह अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह अगर जल की इस िवशाल मातरा का आधा भी परयोग कर िलया जाए तो ि थित म यापक बदलाव आना तय ह शहरी कषतर म तो पानी की कालाबाजारी जोर पर ह जगह-जगह पर जल मािफया सिकरय हो गए ह िद ली क ही एक अखबार न कछ समय पहल यह बात उजागर िकया था यहा तो समानातर जल बोडर भी चलाया जा रहा ह हरानी की बात तो यह ह िक इसक बावजद भी पानी क काल धध पर अकश नही लगाया जा सका ह अहम सवाल यह ह िक कस सामा य तबक क लोग तक व छ पानी पहचाया जाए शहरी कषतर क साथ-साथ गरामीण कषतर म भी यह एक बड़ी चनौती ह आबादी म अपर यािशत विदध बढ़त शहरीकरण औ योिगकीकरण और किष उ पाद की बढ़ती माग क कारण पानी की माग िपछल कछ साल म वाभािवक प स बढ़ी ह इसक पिरणाम व प भजल ससाधन का अ यिधक दोहन हआ ह और इसका नतीजा हआ िक लगातार भजल का तर घटता जा रहा ह शहरी कषतर म ि थित बहद भयावह ह तदनसार वहा न कवल शीघराितशीघर जल ससाधन क सरकषण की ज रत ह बि क परभावी रणनीित और परबधन क जिरए त काल कदम उठान की ज रत ह

अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह

प ठ 40 अकषय कराित

खासकर इस बात को यान म ऱखकर िक िविभ न परितयोगी कषतर म कभी भी माग बढ़ सकती ह भिव य म उपयोग क िलए छत पर या सतह पर जलगरहण बनाकर वषारजल सरकषण बहद ज री ह यह पानी की बढ़ती ज रत का खयाल रखन िमटटी की नमी तर को बढ़ान शहरी हिरयाली को बढ़ान भजल तर को कितरम प स पनभररण करन और भजल की गणव ता स सधार का काम करता ह भारत म जल परबधन स दश का िवकास भारत म दिनया की 16 परितशत आबादी रहती ह लिकन दिनया क िसफर 4 परितशत जल ससाधन ही भारत क पास ह 3290000 वगर िकलोमीटर क भिम कषतर और एक अरब स यादा की आबादी क साथ भारत क एक बहलवादी िविवधता का िचतर ह िवशाल पराकितक ससाधन क साथ सप न तकनीकी और वजञािनक किमरय का भी यह दिनया म दसरा सबस बड़ा सम चय ह भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह मानव िवकास म 80 क दशक म लगभग 26 परितशत और 90 क दशक क दौरान और 24 परितशत क वारा सधार हआ ह आजादी क बाद छह दशक म भारत न जल ससाधन का अभतपवर िवकास और खा या न म आ मिनभररता शहरी कषतर ऊजार और औ योिगक कषतर और पीन का पानी क बिनयादी ढाच म तजी स िव तार दखा ह िजसका उपयोग भारत की लगभग 85 परितशत शहरी और गरामीण आबादी क वारा िकया जाता ह भारत म रा य सरकार और भारत सरकार क परितबदध और ठोस परयास की वजह स गरामीण और शहरी आबादी को सरिकषत पयजल को उपल ध करवान म काफी सफलता हािसल की ह इस उपलि ध न भजल की कमी जल जमावजल गणव ता िगरावट जल परदषण और बढ़त लवणता तर स बड़ कषतर को परभािवत िकया ह और अभी भी िविभ न रा य म गरामीण और शहरी भारत क मानव िवकास सचकाक (HDI)rsquo म बहत असमानता मौजद ह पानी क िलए कषतरीय माग तजी स बढ़ रह शहरीकरण की गित स बढ़ रही ह (अनमानत 2025 तक दश की आबादी का 50 परितशत स अिधक शहर म रहग) जनसखया विदध बढ़ती आय और औ योिगक िवकासशहरी भारत तजी स िवकास की माग क कदर क प म उभर रहा ह

भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह

प ठ 41 अकषय कराित

नतीजतन परित यिकत पानी की उपल धता िगर रही ह परधानमतरी की अ यकषता म 12वी योजना क िलए हई योजना आयोग की पणर बठक म दसर म क साथ जल परबधन पर िवशष चचार हई बठक क बाद योजना आयोग क उपा यकष म टक िसह अहलवािलया न कहा िक भ-जल कानन स लकर दसर म की यापक समीकषा ज री ह व यनाथन सिमित जहा वतरमान म भ-जल कानन की साथरकता का अ ययन करगी वही भारतीय अतिरकष अनसधान सगठन [इसरो] की मदद स पानी की उपल धता का िव तत अ ययन होगा म टक न कहा िक उसी आधार पर रणनीित तय होगी सरकार यह यान रखगी िक पानी का अिधकतम उपयोग हो सक और सभी को उपल ध हो पानी पर िकसी का एकािधकार न हो सक बतात ह िक द पयोग को रोकन क िलए श क लगान पर भी िवचार िकया जा सकता ह हालािक इसस पहल रा य सरकार स चचार होगी यह तय ह िक एआइबीपी कायरकरम म यापक बदलाव ह ग ी म टक िसह अहलवािलया न कहा िक वतरमान म इस कायरकरम का सही िकरया वयन नही हो रहा ह िलहाजा उसम पिरवतरन ज री ह सभव ह िक हर रा य म जल िनयामक परािधकरण बनान की शतर भी लगाई जाए उ ह न कहा िक जल परबधन की यापक समीकषा कर नई रणनीित तय की जाएगी कल िमलाकर रा टरीय तर पर वतरमान जल ससाधन का अिधक स अिधक करन क िलए माग को परा करन क िलए पयार त ह लिकन भिव य क अ ययन पिरयोजना ह िक जल आपित र की ि थित अगल आध सदी म अिधक किठन हो सकती ह जल सकट स िनपटन को जल सरकषण परबधन अिनवायर परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह बढ़त वि वक तापमान क फल व प अितवि ट अनावि ट अ पवि ट और असामियक वि ट हम परितवषर दख रह ह िजसका परभाव हमार जल ससाधन पर पड़ता िदखाई द रहा ह कओ व बाविडय का िमटता अि त व नदी-नाल का घटता पानी भ-गभर जल का िगरता तर िचता की पिरिध स िनकलकर खतर की घटी बनता जा रहा ह

निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह

प ठ 42 अकषय कराित

िव व भर म सीमट क अधाधध परयोग न धरातल क सहज अवशोषण कषतर को घटाया ह तथा जल बहाव भिम कटाव व बाढ़ म विदध की ह ऐसी ि थित म जल सरकषण का दािय व मातर वजञािनक व सरकार तक सीिमत न रहकर पर यक उपभोकता क कध पर आ जाता ह इसी दािय व क िनवरहन क िलए हमार पास दो िवक प सामन आत ह 1 वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई

उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

2 पािरवािरक तर पर वषार जल को सगरिहत कर उसका उपयोग कर य दोन ही परयास गरामीण कषतर म तो सरलता स अपनाए जा सकत ह परत शहरी कषतर म व ट वाटर मनजमट की बड़ी पिरयोजनाए बनाकर ही पानी को िरसाइिकल िकया जा सकता ह भ-गभर अिधकािधक जल अवशोिषत होकर

जाए इसक िलए मदानी भाग म िनयोिजत ढग स बड़-बड़ पोखर बनाकर तथा पहाड़ी कषतर म नाल -ख ड म िमटटी प थर आरसीसी क बड़-छोट डम लगाकर जल बहाव रोक भ-सरकषण बचाव व जल भडारण और धरातल जल शोषण कषतर बढ़ाया जा सकता ह िव व बक भारत सरकार वारा म य िहमालय जलागम पिरयोजना रा य क भ-सरकषण िवभाग इस कषतर म कारगर उपाय लकर

हमार सामन ह परत जनसहयोग क िबना इन पिरयोजनाओ क आशातीत पिरणाम ल पाना किठन ह वकषारोपण इस सपणर जल चकर को बल दन वाला कारक ह जल क परित चतना जागत न हई तो अव य ही अगल िव व यदध का कारण जल ही होगा

जल भोजन ह और अिगन भोजन का भकषक ह अिगन जल म और जल अिगन म िव यमान ह

- ततरीय उपिनषद 38

वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

प ठ 43 अकषय कराित

म भी गान गा सकता ह शबनम क िखलत फल क म भी गीत सना सकता ह सावन क म त झल क लिकन जब घर-घर म बादल छाय घोर िनराशा क तब म नगम गा रहा ह उ मीद की आशा क

सड़क पर खड़ बचपन की य बात सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह

हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

इस बदलत पिरवश का राग सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

गाधी जी क सपन का जो राम-रा य कहलाता ह उस भारत म सड़क पर छोट चाय पहचाता ह

कहा गई वो अ हड़ म ती कहा गया वो यार का रा ता उन हाथ स बचत झड िजन हाथ को चािहए ब ता

उस सोन की िचिड़या की म बात बतान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

कही बम की गमर हवाए कही ससद म कोहराम ह कही होत घोटाल स परशान आदमी आम ह

कही कल की िकलकारी ह कही सड़क पर बचपन ह कही चलता नही गजारा कही िवदश म काला धन ह

म स चाई गा-गाकर सबको बतलान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

बदलता भारत मनीष लाल इरडा

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

प ठ 44 अकषय कराित

करन वाल काम बहत ह यथर उलझन को छोड़ो म ला-पिड़त तोड़ रह ह तम बस lsquoअपन को जोड़ो

lsquoहम बदलग-यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का lsquoवद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का

वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हम बदलग mdash यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का वद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

प ठ 45 अकषय कराित

िसफर काला और सफ़द य ही वो दो रग थ जो तर पास सि ट बनान क आधार थ

काला वो जो कािलमा िलय ह िजस कहत ह दख िनराशा म य अपयश और वो सबकछ जो नकारा मक ह

मगर सफद ह वो रग िजसस जड़ा ह जीवन आशा सख और कीितर और वो सब कछ जो सकारा मक ह पर इन रग स तझ चन ना िमला त सोचन लगा अगर सि ट बनानी ह

तो िकस िलए- ससगर और परम क िलए और

इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग

ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह

बस- बना डाला तन इ दरधनष

जो बरसात क बाद सरज और प वी क अनपम परम को रग दता ह सतरगी रग स

और उ ही सतरगी इ दरधनषी रग म हम हर पल हर कषण डबत गहरात इतरात रहत ह

और खिशय भर ससार म हर रग को अलग-अलग तरह स महसस करक जीत रहत ह

रग तो रग ह मगर-

ससगर और परम क िलए और इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह बस-

सतरगी िचतर सगीता ीवा तव इरडा

प ठ 46 अकषय कराित

कभी पक क कभी फीक़ तो कछ कभी दाग बनकर उभर आत ह

कछ आख म नील बादल स छाए रहत ह तो कछ गाल पर गलाबी रग बनकर छलक जात ह

याद रहत ह अक सर वो रग- जो खदी पर इस तरह छा जात ह िक खद म घलकर खद क होन

का एहसास दत-दत खद का एक रग बन जात ह

बगनी आसामनी नीला हरा पीला नारगी लाल इ दरधनष क य सात रग ही जोड़त ह हमार िदल को

हमार मन को जोड़न वाल इन रग की सतरगी दिनया म-

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा बनाय

और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क

सतरगी िचतर

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा

बनाय और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क सतरगी िचतर

Page 3: Akshay Kranti Vol 3€¦ · पक्ष को प्रभािवत न कर e, बािधत व पीिड़त न कर eवह काय-र्कौशल है।

प ठ 3

अकषय कराित

आ गई उस पास दखकर ही मर अ दर एक नई ऊजार का सचार हो गया मन उस मौसी कहकर पकारा तो उसन मर गाल पर धीर स एक चपत लगा दी उन न ह हाथ का पशर मानो मर िलए जीवन सजीवनी बन गया उस िदन मन मन लगाकर पढ़ाई की दसर िदन जब म पढ़न बठा था तो वह वय ही सीध कमर म आ गई और इशार स उसन कछ पढ़न क िलए मागा मन एक प तक उस पकड़ा दी िजसस वह काफी िचतर आिद दख सकती थी वह बहत कम बोलती िक त िजतना भी बोलती मझ लगता की मान फल झड़ रह ह म उसकी आखो की चचलता तथा होठ की म कराहट ही दखता रह जाता तीसर िदन वह चपचाप कमर म आई और कसीर पर मर पीछ चढ़ गई अब म उस मौसी न कहकर मसी नाम स िचढ़ान लगा था िक त वह थी िक िचढ़ती ही न थी मानो उस मौसी या मसी िकसी श द स कोई भी फकर नही पड़ता था वह श द क इस फर स कोस दर थी अब मझ उसकी आदत पड़ चकी थी जब तक वह नही आती मरा मन पढ़ाई म न लगता िक त वह रोज आकर मरी कसीर पर चढ़कर मरी पीठ पर झल जाती उसकी बाह का आिलगन मझ जीवन म कछ करन की पररणा दता सा परतीत होता म उसकी आख की भाषा समझन लगा था उसकी आखो म भरी शरारत उसक मन की खशी को जािहर करती थी ओर मझ एक सकन दती थी एक िदन कल स घर पहचा तो आदतन सवरपरथम उस ही तलाशा कही नही िदखी तो लगा िक शायद ब च क साथ खलन चली गई होगी रात म पढ़न बठा तो कान उसक पर की आहट सनन क िलए आतर थ प तक खोलकर बठा तो था िक त िबना उस दख पढ़न को जी नही कर रहा था वह नही आई म उस िदन पढ़ नही पाया सवर उठत ही पहल मन चाची स ही पछा - वो िदखाई नही द रही व बोली - वह तो चली गई मरी मानो धड़कन क गई आखो क आस मन बाहर नही आन िदए बोला क य जान िदया आपन कछ िदन और रह न दती व बोली-उसकी मा उसक िलए परशान थी िफर वापस घर तो जाना ही था िकतन िदन यहा रहती म िन तर था िक त बहत िदन तक मरा मन उदास रहा

म उसकी आखो की चचलता तथा होठ की म कराहट ही दखता रह जाता

प ठ 4

अकषय कराित

समय बीतता गया म उ च िश कषा क िलए गाव छोड़कर शहर आ गया िफर िशकषा नौकरी आिद क चक कर म ऐसा डबा िक िपछला समय मित पटल स ओझल सा हो गया अब मरी नौकरी लग चकी थी पिरवार क सभी सद य शहर म ही थ अत गाव स नाता लगभग टट सा गया था काफी समय बाद गाव जान का मौका िमला परान घर क आगन म पहचत ही अनायास ही वह चहरा मर मित पटल पर आ गया चहरा कछ धधला सा था िक त उसकी चचल आख की स दरता तथा होठ की म कराहट परी तरह ताजा थी मर कमर म कसीर ndash मज अब भी वस ही रख थ जस ही म कसीर पर बठा उसकी बाह क आिलगन की क पना स ही मन परफि लत हो गया इसस अिधक मझस रहा नही गया तरत चाची क पास पहचा और पछा वो कसी ह अब तो बहत बड़ी हो गई होगी शादी-वादी भी हो गई होगी (गाव म शादी कछ ज दी हो जाती ह) चाची चप रह गई म अपन सवाल का जवाब तरत चाहता था मन पन पछा तो चाची कछ आसी होकर बोली ndash वो अब इस दिनया म नही ह मन कहा - क या मतलब मझ लगा िक चाची मर सवाल को समझी नही िक त उ ह न पन दोहराया िक यहा स जान क बाद उसकी तबीयत खराब रहन लगी थी काफी इलाज करवाया िक त वह दो वषर स अिधक नही जी पाई मझ अपन गाव आन पर बहत कषोभ था न आता तो शायद यह कट स य सनन को नही िमलता कम स कम मरी क पना म ही सही वह िज दा तो रहती उसक बाद भी म गाव क उस मकान म गया िक त पन म उस कसीर पर नही बठा िजस पर खड़ होकर वह मरी पीठ पर झलती थी आज भी जब वह िन छल चहरा म कराती मासम आख याद आती ह तो अनायास ही आस िनकल आत ह उसस तो मरा नजदीक का कोई िर ता भी नही था िफर उस आ मा स ऐसा लगाव क य मझ आज भी अपन इस सवाल का जवाब नही िमला सोचता ह क या वह िन छल आ मा ही परमा मा का प थी या परमा मा वय ही धरती पर ----------------

उसक बाद भी म गाव क उस मकान म गया िक त पन म उस कसीर पर नही बठा िजस पर खड़ होकर वह मरी पीठ पर झलती थी

प ठ 5

अकषय कराित

कोई ही ऐसा यिकत या सगठन िवशष होगा जो अपन बहतर अथारत उ क ट जीवन की चाह न रखता हो लिकन चाह रखन मातर स काम नही चलता और न ही िकसी यय को परा त िकया जा सकता चाह हमारा यिकतगत जीवन हो या कायारलयीन जीवन अपन ल य को परा त करन क िलए सबिधत काय गितिविधय क ठ परबधन की आव यकता होती ह ठ परबधन क बहत स सतर हम गीता स िमल ह िजन पर आज हम

ल छदार अगरजी म ढर सािह य उपल ध ह कछ वष पहल बीएचईएल म एक नारा काफी परचिलत रहा वह था उ क टता की ओर अगरसर िविभ न कषतर म उ क टता क ल य को हािसल करन क िलए बीएचईएल न उ क टता पर कार योजना लाग की थी िजसका आधार सतर भी गीता का एक पद ह योग कमरस कौशलम कमर म कौशल का नाम योग ह यह योग की एक पिरभाषा ह शारीिरक मानिसक और भावा मक - इस ितरिवध वा य क सदभर म ही कायर कौशल को दखा जा सकता ह समझा जा सकता ह काम करना अिनवायर नही ह परयोजन क साथ कायर आता ह परयोजन समा त कायर समा त कायर क परित परवि त क िलए परयोजन मखय होता ह हमारा परयोजन कया ह परयोजन ह जीवन की अिनवायर आव यकताए- रोटी कपड़ा मकान िशकषा िचिक सा आिद-आिद इसी क साथ कायर क िव तार क साथ-साथ वतरमान यग म औ योिगक और यावसाियक िव तार हआ और इसन ज म िदया कायर की कषमता और कायर-कौशल अवधारणा को यहा कौशल की चचार स पवर अ छा होगा िक हम कौशल श द को समझ कायर का कौशल वह ह जो दसर क िहत को बािधत न कर जो लाभ द हािन न

पहचाए इन िदन हमारा कायर-कौशल बढ़ा ह िक त उसी क साथ मानिसक

अ त- य तता भी बढ़ी ह कौशल यिद हमार वा य को परभािवत कर रहा ह मानिसक िवकषप बढ़ा रहा ह तो उस कायर-कौशल और कायर-कषमता नही कहा जा सकता

कछ वष पहल बीएचईएल म एक नारा काफी परचिलत रहा वह था उ क टता की ओर अगरसर

कपाराम लहकरा बीएचईएल

कायर-कौशल बढाए तथा उ क टता का ल य पाए

प ठ 6

अकषय कराित

एक सतलन होना बहत ज री ह कायर म दकषता बढ़ तो शारीिरक और मानिसक वा य भी उसी अनपात म बढ़ आज िवकास और कायर-कौशल की अवधारणा मातर पदाथर एवम पदाथर-िनमारण पर अटक गई ह पदाथर का िवकास अिधकािधक होना चािहए हर िदशा म िवकास और कायर-कौशल बढ़ रहा ह लिकन इसान अ छा बन इस परयास म कमी दखी जा सकती ह आदमी अपन आप म इतना पीिड़त और अशात ह िक उसकी क पना भी नही की जा सकती भावा मक वा य क अभाव म कायर-कौशल की सभावना नही की जा सकती भावा मक वा य का कोई पमाना नही ह िक त यिकत क यवहार स हम उस परख सकत ह भावा मक वा य की चार कसौिटया ह

1) उपशम - मन की शाित 2) मदता या िवनमर यवहार 3) मदता या िन छल यवहार 4) सतोष

यिद कायर-कौशल मन की अशाित पदा कर रहा ह िवनमर यवहार म बाधा डाल रहा ह तो िफर कायर की ऐसी दकषता को अदकषता ही कहा जाएगा कायर-कौशल की पहली पिरभाषा यह होनी चािहए - जो जीवन क िकसी अ य पकष को परभािवत न कर बािधत व पीिड़त न कर वह कायर-कौशल ह इस सदभर म िन न बात को अपनात हए कायर-कौशल बढ़ाया जा सकता ह और उ क टता का ल य हािसल िकया जा सकता ह 1) िकसी भी कायर को योजनापवरक कर - कायर-कौशल क साधन म

मह वपणर ह िक िकसी भी कायर को योजना-पवरक करना कायर-कौशल क िलए लिनन का एक परिसदध सतर याद आ रहा ह - िचतन िनणरय और कायार वयन म ल बा अतराल न हो उनम उिचत सामज य रह िचतन आज िकया िनणरय एक वषर बाद और कायार वयन पाच वषर बाद यह बात नही होनी चािहए स कत सािह य म इस दीघरसतरता कहा गया ह जो काम िजस समय करना चािहए उस समय न करक ल ब अतराल क बाद िकया जाए तो असफलता ही हाथ लगगी

2) कोई कायर हड़बड़ी म न कर - कायर-कौशल का दसरा मखय सतर ह िक हड़बड़ी म कोई काम न कर िचतन और िववकपवरक कर

यिद कायर-कौशल मन की अशाित पदा कर रहा ह िवनमर यवहार म बाधा डाल रहा ह तो िफर कायर की ऐसी दकषता को अदकषता ही कहा जाएगा

प ठ 7

अकषय कराित

3 कायर को एकागरता स कर - कायर-कौशल का एक मह वपणर सतर ह - एकागरता का िवकास एक िवचार एक िवक प एक कायर ल और उसी म त मय बन जाए उसी म परी तरह िचत व मन को लगा द हमार अतकरण की सारी परवि तया उसक िलए समिपरत हो जाए जब तक उस कायर क िलए समपरण नही होता तब तक कायर-कौशल नही बढ़ता एकागरता क िलए साधना और अ यास ज री ह अ यास होता ह तो एकागरता बढ़ जाती ह

4 वतरमान म जीना सीख - भत-भिव य को मार भगाई वतरमान म जीओ भाई वतरमान म जीन का ता पयर वतरमान का अनभव वतरमान का जीवन और वतरमान का वास हम वास लत ह तो कभी अतीत म नही लत न भिव य म लत ह अतीत और भिव य की िचता स हम मानिसक अशाित तो होती ह बि क शारीिरक िवकार भी पदा हो जात ह िजसस हमार कायर-कौशल म कमी आती ह जन सािह य म दो श द आत ह - दर य िकरया और भाव िकरया दर य िकरया का ता पयर ह - मदार िकरया मत िकरया भाव िकरया का ता पयर ह जीिवत िकरया पराणवान िकरया वतरमान म जो िजया जा रहा ह कवल उसी का अनभव करत रह यह कायर-कौशल का मह वपणर सतर ह

अत म सार यह उभर कर आता ह िक हमार ल य पिवतर ह हमारा कायर-कौशल इस परकार िवकिसत ह जो िकसी को अकशल न बनाए पीड़ा न पहचाए दसर क िहत पर कठाराघात न कर हमारा सारा परय न और प षाथर इस िदशा म चल िक हमारा अपना कायर िकसी दसर क कायर म बाधा न पहचाए कायर-कौशल का दय यही ह

कायर-कौशल का एक मह वपणर सतर ह - एकागरता का िवकास एक िवचार एक िवक प एक कायर ल और उसी म त मय बन जाए उसी म परी तरह िचत व मन को लगा द

प ठ 8

अकषय कराित

एक राजा था उसक रा य म सब परकार स सख शाित थी िकसी परकार का कोई वर-िवरोध नही था जनता हर परकार स सखी थी पर त राजा को एक बहत बड़ा दख था िक उसकी कोई सतान न थी उस अपना वश चलान की तथा अपन उ तरािधकारी की िचता खाए जा रही थी मिदर मि जद ग वार म जाकर माथा टका कई तीथर थान की यातरा की पर त कोई लाभ न हआ सतान की कमी उस िदन ब िदन खाए जा रही थी बहत सोच-िवचार क प चात उसन अपन रा य क सभी िव वान पिडत को बलवाया और उनस सतान पराि त का उपाय ढढ़न को कहा सभी िव वान न िवचार िकया राजा की ज म कडली का गहन िव लषण िकया अत म व सभी एक मत स एक िन कषर पर पहच उ ह न राजा स कहा िक यिद कोई बरा मण का ब चा अपनी खशी स दवता को बिल द तो आपको सतान की पराि त हो सकती ह राजा न िव वान की बात सनी उसन सार रा य म घोषणा करवा दी िक यिद कोई बरा मण का ब चा अपनी इ छा स खशी-खशी बिल दगा तो उसक घर वाल को बहत सा धन िदया जाएगा राजा क रा य म एक बहत ही गरीब बरा मण था कई िदन फाक म ही गजर जात थ उसक चार लड़क थ बड़ तीन लड़क तो अपना काम-धधा करत थ और अपन पिरवार को आिथरक सहयोग दत थ पर त जो सबस छोटा लड़का था वह कोई काम नही करता था उसका सारा यान हमशा भगवान भिकत म लगा रहता था उसका सारा िदन स कमर करत हए भगवान का मरण करत ही बीत जाता था उसक िपता न भी घोषणा सनी और सोचा यह लड़का िनठ ला ह और कोई काम-धधा भी नही करता इसको बिल क िलए भज दत ह राजा स धन िमल जाएगा तो घर की हालत कछ सधर जाएगी बरा मण अपन सबस छोट लड़क को लकर राजा क पास पहचा राजा न उस लड़क स पछा कया तम िबना िकसी दबाव क अपनी मजीर स अपनी खशी स बिल दन को तयार हो जी महाराज लड़क न बड़ी िवनमरता स उ तर िदया यिद मरी बिल दन स आपको सतान की पराि त होती ह तो म खशी स अपनी बिल दन को तयार ह दकर िवदा िकया ठहराया गया

उसन सार रा य म घोषणा करवा दी िक यिद कोई बरा मण का ब चा अपनी इ छा स खशी-खशी बिल दगा तो उसक घर वाल को बहत सा धन िदया जाएगा

शकर द त पीईसी िलिमटड

िचतन कर

प ठ 9

अकषय कराित

लड़क को अितिथ गह म ठहराया गया हर परकार स उसका खयाल रखा गया अत म उसकी बिल दन का िदन भी आ गया राजा न लड़क को बलाया और कहा आज त हारी बिल द दी जाएगी अगर त हारी कोई आिखरी इ छा हो तो बताओ हम उस परी करग मझ कछ भी नही चािहए बरा मण पतर न कहा बस म बिल दन स पहल नदी म नान करक पजा करना चाहता ह राजा यह सनकर बहत परस न हआ और बोला ठीक ह हम भी त हार साथ नदी तक चलग उस लड़क न नदी म नान िकया िफर नदी िकनार की रत को इकटठा िकया और उसकी चार ढिरया बना दी उसन चार ढिरओ की ओर दखा िफर एक ढरी को अपन पर स िगरा िदया िफर उसी परकार स दसरी ढरी को भी िगरा िदया िफर तीसरी ढरी को भी िगरा िदया उसक वह चौथी ढरी क पास गया उसक चार ओर तीन बार चककर लगाया हाथ जोड़कर उसको माथा टका उसकी वदना की और राजा क पास बिल क िलए आ गया राजा उसका यह सारा करतब बड़ ही कौतहल स दख रहा था पहल तो राजा न सोचा िक बालक ह रत स खल रहा ह पर त जब राजा न दखा िक उसन चौथी ढरी को हाथ जोड़कर परणाम िकया ह तो राजा को इसका रह य जानन की इ छा हई राजा न बालक स पछा बालक तमन रत की चार ढिरया बनाई िफर उनम स तीन को तोड़ िदया और चौथी को परणाम िकया इसका कया रह य ह पहल तो ब च न कोई उ तर नही िदया पर त राजा क दोबारा पछन पर लड़क न कहा राजन आपन बिल क िलए मझ कहा ह म बिल दन क िलए तयार ह आप अपना काम कीिजए आपको इस बात स कया लना िक मन रत की वो ढिरया कय तोड़ी ह राजा को बालक स ऐस उ तर की आशान थी राजा न उसस कहा बालक हमन त हार िपता को त हारी कीमत दकर त ह खरीदा ह तम हमार खरीद हए गलाम हो इसिलए हमार हर पर न का उ तर दना और हमारी हर बात को मानना त हारा धमर बनता ह ह राजन जब आप िजद कर रह ह तो सिनए लड़क न उ तर िदया जब कोई ब चा पदा होता ह तो सबस पहल उसक माता-िपता उसकी रकषा करत ह अगर वह आग क पास जान लगता ह तो उसको उसस बचात ह उसकी हर परकार स रकषा करन की िज मवारी उनकी होती ह लिकन यहा तो मर िपता न ही धन क लालच म मझ बिल दन क िलए आपक पास बच िदया इसिलए पहली

उसकी वदना की और राजा क पास बिल क िलए आ गया राजा उसका यह सारा करतब बड़ ही कौतहल स दख रहा था

प ठ 10

अकषय कराित

ढरी जो उनक नाम की बनाई थी वह मन ढहा दी लड़क न आग कहा दसरी िज मदारी राजा पर होती ह अपनी परजा की रकषा करन की आपन मझ अपनी सतान पराि त क िलए बिल दन क िलए खरीद िलया तब आपस कया पराथरना करता इसिलए दसरी ढरी जो मन आपक नाम की बनाई थी वह भी तोड़ दी जीव की रकषा करन का तीसरा भार दवी-दवताओ का होता ह बालक न तीसरी ढरी का रह य बतात हए कहा लिकन यहा तो दवता वय ही मरी बिल लन को तयार बठा ह तो इसस कया पराथरना करता इसिलए मन तीसरी ढरी भी तोड़ दी लिकन चौथी ढरी का कया रह य ह राजा न पछा और अत म सहारा होता ह भगवान का ई वर का ब च न रत की ढिरय का रह य खोलत हए कहा मरी बिल दी जानी थी सो मन अत म ई वर स पराथरना की परभ की पजा-अचरना करक उनस रकषा करन की पराथरना की अब वही मरी रकषा करग वही होगा जो ई वर को मजर होगा म बिल दन क िलए तयार ह rsquo इतना कहकर वह बालक राजा क पास जाकर िसर झका कर खड़ा हो गया राजा उस छोट स बालक की इतनी जञान की बात सनकर स न रह गया राजा न सोचा म इस बालक की बिल द दगा बरा मण ह या भी हो जायगी िफर पता नही मझ जो सतान परा त होगी वो कसी होगी परजा का खयाल रखन वाली होगी या नही कही मरा और वश का नाम ही न डबो द यह बालक गणवान ह ई वर का भकत ह सब परकार स मर लायक ह कय न म इस ही गोद ल ल और इस ही अपना पतर बना ल इतना िवचार करत ही उसन उस बालक की बिल दन का कायरकरम र कर िदया और उस बालक को गोद ल िलया कहत ह उस बालक म अ छ गण होन क कारण उसन कई साल तक रा य िकया और हर परकार स परजा की रकषा की उसक रा य म िकसी को िकसी परकार का कोई क ट नही था

इतना कहकर वह बालक राजा क पास जाकर िसर झका कर खड़ा हो गया राजा उस छोट स बालक की इतनी जञान की बात सनकर स न रह गया

परकित िजदगी स ह िजदगी बनी भी परकित स ह चलता रह य िविचतर खल य ही इसका भी अमल िजदगी स ह

प ठ 11

शोिभत ह िज़दगी धरती की धार पर इस हिरत धारा पर ऊजार स भरपर ह हिरत ऊजार स य ससि जत य खब ह

हिरत ऊजार क भ डार का खजाना य खब ह जल वाय और सौर ऊजार ह इनक अ यत ोत

ल अमल म इनको अगर बचाना ह य धरा अनमोल अदभत ह खजान परकित क अगर कर ल मन य इनका सदपयोग

य झोखा जो हवा का ह य जो तरग म जलधारा ह अदभत िकरण जो फलाती जीवन की धारा ह

समझ ल इनका जो इशारा ह कर परयोग इ ही का अपन यतर मतर स छपा ऊजार का अनमोल खजाना ह

परकित िजदगी स ह िजदगी बनी भी परकित स ह चलता रह य िविचतर खल य ही इसका भी अमल िजदगी स ह

रकषा कर इस धरा की स पना इसको नई िजदगी को ह इस परकित स बना मन य महान

िफर क य कर रहा परकित का सवरनाश खद को बचा हर िजदगी को बचा

करक हिरत ऊजार का स मान जीन द जीवन को और भी कर ल सयम म अपना य िवषकत घटता जीवन का चकर य ह इशारा परकित का हर पल सभल जरा ना कर इसको त तग

मक त खल परकित स कर ल इस हिरत ऊजार का परयोग अ छ क बदल अ छा दना सीख परकित का य खल

अलका कमार इरडा

अकषय कराित

किवता

प ठ 12

नही सीखा अब भी अगर परकित म सब जाएगा बदल जी ना पायगा िफर त इस परकित म िमट जाएगा अश तरा इस परकित स हिरत परकित और य हिरत ऊजार ह य इस धरा क जीवन दायक सीख परकित स लना दना

िसखा रह य जीवन का मल मतर परकित का आहार परकित मत द आहार आपराकितक सतलन िबगड़ गया अगर हो जायगी िवनाश िजदगी

अब सभल जरा और कर ल परण करक हिरत ऊजार को ही खचर बना धारा को शोिभत हरदम

िफर रहगा परकित और िजदगी का य खबसरत सग

हिरत परकित और य हिरत ऊजार ह य इस धारा क जीवन दायक सीख परकित स लना दना िसखा रह य जीवन का मल मतर

अकषय कराित

प ठ 13

अकषय कराित

कमरचािरय की आदत उनक यिक त व और िन पादन कषमता का पार पिरक सबध - एक िव लषण

हम िजस िकसी सगठन म काम करत ह उसक परित हमारा ल य होना चािहए सबिधत स थान क िलए अपनी सपणर कषमताओ का इ तमाल कषमताओ का बहतर परयोग तभी हो सकता ह जब हम अपन अदर अ छी आदत का िवकास कर हमार शा तर वद उपिनष और अ य धािमरक गरथ हम अ छी आदत क िवकास क सबध म बीज मतर बतात ह िक हम मनसा वाचा और कमरणा शदध रहना चािहए मनसा वाचा और कमरणा शदधता स ता पयर ह िक हम मन वाणी और कम स अ छ बन रह हमारी नीयत नक हो हम अपन सहकिमरय सािथय और अ य लोग क साथ अ छा बरताव कर और हमार कमर अ छ ह इस बीज मतर पर चलन वाला हमशा अपन अदर अ छी आदत का िवकास होता पायगा

असल म िदककत यही ह िक हम उपदश दन म तो आग रहत ह लिकन खद क अदर नही झाकत या कम ही झाकत ह - lsquoपर उपदश कशल बहतरrsquo सपरिसदध लखक सरदार परन िसह न एक बार कहा था आचरण की स यतामय भाषा सदा मौन रहती ह अथारत आदमी खद चप रहकर खद को ठीक रख तो इसका परभाव खद-ब-खद दसर पर पड़ता ह इसको हम एक छोट स उदाहरण स प ट कर सकत ह िक मान िलया जाए हम ब च स कह धमरपान नही करत लिकन उसक सामन खद ऐसा कर इसस इतर हम अगर यह सब करत ही नही ह तो इसका यादा असर ब च पर पड़गा अ छी आदत घर स श होकर समाज द तर और उसस आग तक हम हमशा हमारा फायदा िदलाती ह

कहा जाता ह िक व थ तन म ही व थ मन िनवास करता ह इसी तरह यह भी कहा जाता ह िक व थ वातावरण ही उ नित का योतक होता ह व थ वातावरण तभी बनगा जब उस माहौल म रहन वाल लोग

हीरा व लभ नराकास

असल म िदककत यही ह िक हम उपदश दन म तो आग रहत ह लिकन खद क अदर नही झाकत या कम ही झाकत ह - lsquoपर उपदश कशल बहतरrsquo

प ठ 14

अकषय कराित एक दसर का स मान करग खद की आदत को सधारग और उस स था की तरककी क िलए अपन तर पर हर वह काररवाई करग जो औ योिगक सगठन और लोग की उ नित म ज री होती ह

औ योिगक सगठन िकसी भी दश की अथर यव था को मजबत आधार परदान करत ह औ योिगक सगठन म परयोग होन वाल सम त ससाधन म मानव ससाधन अथारत उसम काम करन वाल कमरचारी मह वपणर और िनणारयक होत ह इन सगठन का सफल सचालन वहा कायररत कमरचािरय की कशलता और कायरकषमता पर आधािरत होता ह कशलता और कायरकषमता का ोत हमारा आचरण और यवहार होता ह जािहर ह औ योिगक सगठन म मानवीय सबध परी एक ऐसी िकताब ह िजसक िबना कभी कछ नही कराया जा सकता लोग क साथ सतोषजनक प स काम करना परबधन क काम का िसफर एक िह सा नही ह वरन सारा

काम इसी पर िटका ह कय िक सभी उ योग म मशीन माल या दसरी चीज़ क साथ कोई भी काम लोग क मा यम स ही िकया जा सकता ह तीन lsquoएमrsquo अथारत मनी मटीिरयल और मशीन औ योिगक सगठन क िलए मह वपणर ससाधन होत ह लिकन इ ह पिरणाम तक पहचान का कायर कमरचारी (man) ही करत ह जो सगठन दर अदशी रहकर कमरचािरय क जञान उनकी िविश टताओ उनक आचरण को अनकल साच म ढालन क परित सजग रहत ह वही सफलता की ऊचाइय को छत ह अगरजी म एक परानी कहावत ह -- Where the vision is one year Cultivate flowers Where the vision is ten years Cultivate trees Where the vision is eternity Cultivate people अथारत जहा दरअदशी एक साल क िलए हो तो फल लगाइय जहा दरअदशी दस साल क िलए हो तो पड़ लगाइय

औ योिगक सगठन म परयोग होन वाल सम त ससाधन म मानव ससाधन अथारत उसम काम करन वाल कमरचारी मह वपणर और िनणारयक होत ह

प ठ 15

अकषय कराित जहा दरअदशी अनत काल क िलए हो तो लोग का िवकास कीिजए औ योिगक सगठन म 500 आदमी ह 5000 आदमी ह 50000 ह या इसस अिधक अगर कामकाज ठीक स चलाना ह तो बहत ज री ह परबधन उनस िनभाना जानता हो यिकतगत सपकर का मह व

वातानकिलत कमर म बठकर और सचार मा यम या िकसी अ य तरीक स कमरचािरय की िरपोटर लना और आस पास होन वाल घटनाकरम को जानना अलग बात ह और कायर थल पर वय उपि थत रहकर ि थित को समझना और िनदश दना अलग बात महान जनरल रोमल की सफलता का मखय कारण यह था िक व हमशा कायर थल पर वय उपि थत होकर िनदश दत बात की पि ट करत सम याए सलझात और दखत िक काम कसा चल रहा ह रोमल का यह तरीका इतना सफल रहा िक िकसी भी औ योिगक सगठन या कारोबार म इस अपनाया जाए तो आशातीत पिरणाम सामन आ सकत ह लोग क बीच खद उपि थत होकर काम करन का कोई िवक प नही ह लोग अिधकाशतः उनको नापसद करत ह िज ह व ठीक स जानत नही ह पर एक बार जान पहचान हो जान पर हालात बदल जात ह कमरचािरय म अ छी आदत का िवकास करन की पहली शतर ह िक पहल उनक िदल म घर िकया जाए ऐस िकसी भी बरताव स बचा जाए िजसस वह अपन को उपिकषत महसस करन लग अतः सवदनशीलता का यान रखना बहत ज री ह

कमरचािरय क परित सवदनशील यवहार-कौशल और धयरपणर होन क अितिरकत इस बात पर ढ़ रहना ज री ह िक काम ठीक परकार स हो अ छ यवहार क साथ कमरचािरय को यह जताना भी ज री ह िक उनस काम का उ च तर अपिकषत ह और उस पर उनक साथ कोई समझौता नही और अगर इस पर अमल नही करत तो उ ह पता होना चािहए िक आप कड़ी काररवाई करग

सकारा मक नजिरया परबधन का एकमातर काम िनदश दना नही ह वरन उस साथ-साथ लोग का िवकास करना होता ह

महान जनरल रोमल की सफलता का मखय कारण यह था िक व हमशा कायर थल पर वय उपि थत होकर िनदश दत बात की पि ट करत सम याए सलझात और दखत िक काम कसा चल रहा ह

प ठ 16

अकषय कराित एक अिधकारी का मखय काम यही ह िक वह अपन साथ काम करन वाल लोग म अ छी आदत का िवकास कर उनकी सहायता कर यिद यह काम परभावशाली ढग स कर पाता ह तो इसस कवल उसक अपन काम ही बहतर नही ह ग बि क उसक पास परिशिकषत और कशल कमरचािरय का परा दल होगा जो उसक परित परी िन ठा स काम करगा इसक िलए सबस पहल कमरचािरय का नजिरया ठीक करना ज री ह उनम सबस पहल यह भावना लानी होगी िक हमार अदर जो चीज ह वही हम ऊपर की ओर ल जाती ह और वह हमारा नजिरया ह

एक आदमी मल म ग बार बचकर अपनी गज़र-बसर करता था उसक पास लाल नील पील हर-चार रग क ग बार थ जब कभी उसकी िबकरी कम होन लगती तब वह हीिलयम गस स भरा एक ग बारा हवा म छोड़ दता ब च उस उड़ता दखकर वसा ही उड़न वाला ग बारा पान क िलए मचल उठत ब च उसस ग बारा ख़रीदत और इस तरह उसकी िबकरी िफर स बढ़ जाती िदन-भर यही िसलिसला चलता रहता एक िदन वह आदमी बाज़ार म खड़ा ग बार बच रहा था अचानक उस महसस हआ िक पीछ स कोई उसका करता पकड़कर खीच रहा ह उसन पीछ मड़कर दखा तो एक छोट स ब च को खड़ा पाया उस ब च न ग बार वाल स पछा ldquoअगर आप काला ग बारा छोड़ग तो कया वह भी उड़गाrdquo ब च की बात उसक िदल म लगी और उसन यार स जवाब िदया ldquoबट ग बारा अपन रग की वजह स नही उड़ता बि क उसक अदर कया ह इस वजह स ही वह ऊपर जाता ह rdquo ठीक यही बात हमारी िज़दगी म भी लाग होती ह अगर लोग का नजिरया बहतर हो उनम अदर स काम करन की इ छा भरी हो तो व खलकर आपस म िमलकर काम करग इसस नकसान तो कम होगा ही स थान क परित िन ठा बढ़गी और लगन स काम करन का वातावरण तयार होगा िव वास हािसल करना आव यक

कमरचािरय स बहतरीन काम लन क िलए शानदार टीम लीडर होना ज री ह मटठीभर लोग का कोई समह िकला तभी फतह कर सकता ह जब

एक आदमी मल म ग बार बचकर अपनी गज़र-बसर करता था उसक पास लाल नील पील हर-चार रग क ग बार थ

प ठ 17

अकषय कराित जब उनका सनापित उनम वह जोश भर सक िक उ ह कोई भी ऊचाई यादा न लग अतः सबस ज री ह िक स थान म कमरचािरय की

कषमताओ का परा फायदा लन क िलए उनका िव वास जीता जाए इसक िलए उनक साथ परी इ जत स पश आना ज री ह उनकी छोटी-बड़ी खशी को बाटना और उनकी राय को परा स मान दना भी उतना ही ज री ह कई बार परबधन क उ चािधकारी या लीडर अपनी टीम क सद य स िसफर इसिलए राय नही लत कय िक उ ह लगता ह िक एक बार राय लन पर अगर उनकी बात नही मानी गयी तो उ ह बरा लगगा लिकन सबस ज री ह िक टीम म सभी सद य को िव वास म लकर काम िकया जाए यहा टीम लीडर की भिमका मह वपणर होती ह वह खद वकत का पाबद होगा तो उसक मातहत कमरचािरय म वयमव यह गण आदत का प ल लगी टीम लीडर का काम अपनी टीम का उ साह बढ़ात हए दी गयी िज मदािरय को समय स परा करना ह मगर उसम नयी चीज़ को सीखन की ललक होनी चािहए ऐसी ललक जब स थान क कमरचािरय म आदत का प लन लगती ह तो वह स थान जािहर ह नए परितमान थािपत करन लगता ह जापानी कपिनया हर बात म कमरचािरय क िहत का यान रखती ह िजसस व वय ही उ पादकता क परित सचत हो जात ह जानी-मानी टोयोटा कपनी क कमरचािरय म तो काम की ऐसी आदत सी या ललक होती ह िक व तब तक काम करत ह जब तक खद थक कर चर नही हो जात यह उनकी आदत ही बन चकी ह िक यिद व िकसी बात पर नाराज होत ह तब भी कपनी या अपन भागय को भल ही कोस ल पर अपन काम पर असर नही पड़न दत इसका कारण यह ह िक जापानी कपिनया काम का एक अ छा वातावरण बनान और लोग म काम क परित स ची लगन को बढ़ावा दन क िलए कड़ा परयास करती ह वहा लोग को लगातार परिशकषण िमलता रहता ह जो कवल तकनीक और मनजमट ही नही कायर स जड़ी नितकता और अ छी आदत क िवकास पर किदरत होता ह चिरतर का िनमारण उनकी एक आदत सी बन जाती ह अगर हम भी एक अ छी शिखसयत बनना ह तो हम अपनी आदत को गहराई स जाचना होगा

ऐसी ललक जब स थान क कमरचािरय म आदत का प लन लगती ह तो वह स थान जािहर ह नए परितमान थािपत करन लगता ह जापानी कपिनया हर बात म कमरचािरय क िहत का यान रखती ह

प ठ 18

अकषय कराित चतन और अवचतन मन

हमार चतन मन क पास सोचन की शिकत होती ह यह िकसी बात को मान सकता ह और नही भी मान सकता मगर अवचतन मन िसफर वीकार करता ह यह इनपट (input) को लकर कोई भदभाव नही करता अगर हम अपन मन म डर शका नफरत क भाव भर तो यह आ म सझाव इन सभी भाव को सिकरय बनाकर हकीकत म बदल दगा हमारा अवचतन मन एक डाटा बक की तरह ह अवचतन मन एक गाड़ी की तरह ह और चतन मन एक डराइवर की तरह शिकत तो गाड़ी म होती ह मगर उसका कटरोल डराइवर क पास होता ह

हम अवचतन मन को इस तरह ढालन की ज रत ह िक वह हम सही और ठीक रा त पर ल जा सक अवचतन मन एक बगीच की तरह होता ह िजस कोई परवाह नही होती िक आप कस पौध लगात ह यह िनरपकष (neutral) होता ह इसम अ छा बोन पर अ छा िमलता ह अ यथा जगली पौध उग जायग

बि क अ छ बीज बोन क बावजद जगली पौध उगन बद नही होत आव यकता होती ह उ ह उखाड़ फकन का िसलिसला जारी रखन की इसी िसदधात को कमरचािरय क मामल म समझन की ज रत ह हम याद रखना ह िक सही और गलत िवचार मन म एक साथ नही रह सकत आव यकता उनक अवचतन मन को इस तरह ढालन की ह िक उनम अ छी आदत का िवकास हो दरअसल अवचतन योगयता वह होती ह जब हम यान दन और सोचन की यादा ज रत नही होती कय िक यह हमार यवहार म खद ब खद उतरन लगा ह िजस स थान क कमरचारी इस तर पर पहच जात ह उनम अ छी आदत वयमव घर करन लगती ह जब बरी आदत हमार अवचतन योगयता क तर तक पहच जाती ह तो वह कावट उ प न करती ह

पिरवतरन का िवरोध बरी आदत को पहचान लन क बाद भी अकसर दखा गया ह िक

लोग उ ह बदलत नही ह ऐसा आिखर कय होता ह उनक न बदलन का कारण ह िक व िज मदारी को वीकार करन स इनकार करत ह

हम अवचतन मन को इस तरह ढालन की ज रत ह िक वह हम सही और ठीक रा त पर ल जा सक अवचतन मन एक बगीच की तरह होता ह िजस कोई परवाह नही होती िक आप कस पौध लगात ह

प ठ 19

अकषय कराित अपनी उन आदत को बनाय रखन म उ ह जो आनद िमलता ह वह पिरवतरन क ददर स यादा होता ह इसक िन निलिखत कारण हो सकत ह -- 1 पिरवतरन की इ छाशिकत का अभाव 2 पिरवतरन क िलए आव यक अनशासन की कमी 3 िव वास की कमी 4 आव यक जानकारी की कमी परबधन वारा इन िबदओ पर िवचार कर अपन किमरय म आशातीत पिरवतरन लाया जा सकता ह सामा यतः खराब आदत को न बदलन क बहान िदय जात ह और कहा जाता ह -- हम लोग इसी तरह करत ह या िक म नही समझता इसस कोई फकर पड़गा और कछ न िमला तो कह िदया जाता ह म बहत य त ह अ छी आदत का िन पण

आदत म पिरवतरन लाया जा सकता ह आव यकता ह इसक िलए सही पिरवश का िनमारण करन की कमरचािरय को परिशिकषत करन की परिरत करन की और ऐसी ि थितया उ प न करन की िजसस कमरचािरय म अ छी आदत का िन पण हो सक दरअसल सफल लोग का राज यह ह िक व काम करन की उन आदत को डाल लत ह जो असफल लोग करना नही चाहत य वही काम ह िज ह सफल लोग भी करना

नही चाहत लिकन व िफर भी करत ह उदाहरण क िलए असफल लोग अनशासन और महनत करना पसद नही करत सफल लोग भी अनशासन और कड़ी महनत नापसद करत ह लिकन व िफर भी ऐसा करत ह कय िक य लोग उन काम को करन की आदत डाल लत ह िज ह असफल लोग नही कर पात नजिरय और सोच का तरीका एक आदत ह और इस बदला जा सकता ह सही ि ट और सतलन कमरचािरय म काम क सबध म सही ि ट बनाय रखन की परवि त िवकिसत करना ज री ह जब कछ गलत हो रहा होता ह तो उस ठीक करना परबधन का ही काम होता ह समझा यह जाता ह िक परायः हम गलत हो रह काम को लकर इतन िचितत हो जात ह िक जो सही हो रहा ह उस भी अनदखा करन की हमम आदत होती ह

दरअसल सफल लोग का राज यह ह िक व काम करन की उन आदत को डाल लत ह जो असफल लोग करना नही चाहत

प ठ 20

अकषय कराित उदाहरण क िलए अगर िकसी स कोई गलती हो जाती ह तो हम एकदम उस पर िच ला पड़त ह या उसक िव दध काररवाई कर बठतहअ छा यह रहगा िक आप उस अलग ल जाकर अकल म बात कर अगर परशसा करनी हो तो सबक सामन कर

अगर िकसी स सहमित न बन तो उस पर करोध करना ज री नही ह अगर अपन करोध पर काब रखग तो लोग अपनी असहमित को अ यथा नही लग अगर आप अपन िवचार को खला रखग तो दसरी ओर स भी आप ऐस ही यवहार की अपकषा कर सकत ह परायः लोग अपनी सहमित कछ इस तरह जतात ह िक सामन वाला भी अपनी बात पर अड़ जाता ह समझन की बात यह ह िक सभी ि थितय म कवल तकर ही काफी नही होगा िकसी स असहमत होन म भी यवहार कशल होना ज री ह सबस पहल तो दसर को अपना पकष रखन का मौका द उसकी बात सन और जहा तक हो सक उसस अपनी सहमित भी परकट कर और िजन बात पर सहमित न बना सक उस समझाए

हमम स अिधकाश लोग उन किमरय और उनकी गलितय पर अ यिधक यान दत ह िजनक िलए हम काम करत ह पर अपन किमरय पर नज़र डालना भल जात ह अगर वय को उन लोग की नजर स दखा जाए तो आशातीत पिरणाम दखन को िमलत ह

आ म मथन आप कया करना चाहत ह कसा करना चाहत ह - इस सोच को

वतरमान म अपन अदर मथन करन को आ म-सझाव कहत ह एक बार सब म जब इसकी पिरपाटी श हो जाती ह तो यह हमार अदर िवजञापन की तरह काम करता ह अपन बार म अपन िलए अदर ही परचािरत करता ह इसका हमार चतन और अवचतन (Sub-concious) मन दोन पर परभाव पड़ता ह अततः यह हमार नजिरए और यवहार को परभािवत करता ह और धीर-धीर आदत का प लता ह यह दरअसल अपन अवचतन मन को ढ़ालन या परोगराम करन की िविध ह

हमम स अिधकाश लोग उन किमरय और उनकी गलितय पर अ यिधक यान दत ह िजनक िलए हम काम करत ह पर अपन किमरय पर नज़र डालना भल जात ह

प ठ 21

अकषय कराित आ म-सझाव अ छ या बर हो सकत ह जब हम बर आ म-सझाव को बार-बार दोहरात ह तब हमारा अवचतन मन उन पर िव वास करन लगता ह और हम उसी को वा तव म यवहार करन लगत ह सकारा मक आ म-सझाव को बार-बार मथन करन स उसकी हमार िदलोिदमाग म त वीर बन जाती ह और वही असिलयत का प लन लगता ह एक उदाहरण क िलए जब कभी हम सबह 0600 बज टरन पकड़नी हो और हमार पास अलामर घड़ी न हो तो हम मन म कहकर उठत ह िक 0400 बज उठना ह तो कया हम नही उठत अगर उठत ह तो इसक पीछ आ म-सझाव ही काम करता ह आ म-सझाव एक रा ता ह िजसस हम अपन िदमाग को परोगराम करक ढ़ालत ह सकारा मक आदत को िवकिसत करन म आ म-सझाव की परवि त मह वपणर िसदध हो सकती ह हमार नजिरए और आदत को तय करन वाल कारक हमार नज़िरए को मखयतः तीन कारक परभािवत करत ह - वातावरणः घर कल आिफस मीिडया सा कितक प ठभिम धािमरक प ठभिम परपराए और भाषाए सामािजक-राजनितक माहौल - य सब िमलकर एक तहजीब बनात ह चाह घर हो या आिफस या अ यतर - हर जगह हर िकसी की अपनी तहजीब होती ह उदाहरण क िलए हम एक दकान म जात ह तो वहा का स समन बड़ अदब वाला होता ह लिकन वही जब दसरी दकान पर जात ह तो वहा का स समन कभी-कभी बड़ा खा और बदतमीज िमल जाता ह उसी तरह िकसी क घर म यार भरा माहौल िमलता ह तो िकसी क घर म हमशा लड़ाई-झगड़ का इसी तरह जब सरकार और राजनीितक माहौल ईमानदारी का होता ह तो लोग भी ईमानदार मददगार और कानन का पालन करन वाल होत ह बईमान और भर ट माहौल म िजस तरह एक ईमानदार का जीना मि कल होता ह उसी तरह ईमानदारी भर माहौल म बईमान यिकत को मि कल होती ह िन सदह अ छ वातावरण म मामली कमरचारी म वमव अ छी आदत िवकिसत होती ह और उसकी कायर करन की शिकत बढ़ जाती ह जबिक खराब माहौल म अ छा काम करन वाल की भी कषमता िगर जाती ह

सकारा मक आदत को िवकिसत करन म आ म-सझाव की परवि त मह वपणर िसदध हो सकती ह

प ठ 22

अकषय कराित कायर-स कित का बहाव ऊपर स नीच की ओर होता ह नीच स ऊपर की ओर कभी नही यह दखना बहत ज री ह िक हमन अपन िलए और आस-पास क लोग क िलए कसा वातावरण तयार िकया ह खराब वातावरण म अ छ की उ मीद करना बमानी ह अनभवः हम अपन जीवन म अपन काम-काज म हालात स जसा अनभव पात ह वह हमारी आदत का िह सा बन जात ह और उसी क अनसार हमारा यवहार होता ह अगर िकसी क परित हमारा अनभव अ छा होता ह तो हमारा नज़िरया भी अ छा होता ह ज री ह िक कमरचािरय को ऐसा कायर-पिरवश िमल िजसस उनक अवचतन म अ छ अनभव की छाप अिकत हो

परिशकषण भी ज़ री यहा िसफर सदधाितक जञान ही काफी नही होता बि क औपचािरक और अनौपचािरक दोन ही तरह की िशकषा व परिशकषण ज री ह जञान और जानकारी को यिद योजनाबदध तरीक स परयोग िकया जाए तो उसस बौिदधक तर को बढ़ान म आशातीत सफलता िमलती ह काम करन की कला अ छी िशकषा स ही आती ह ज री ह िक परिशकषण म मनोवजञािनक सामािजक आिथरक व अ य पहल को समझन की आदत िवकिसत की जाए अवचतन म यह िबठाना बहत ज री ह िक जीवन की भ यता काम क वारा ही सभव ह स थान म सभी को लगना चािहए िक उनका काम मह वपणर ह यही परबधन कला का सार ह जब कमरचािरय को ऐसा एहसास होन लगता ह तो उनक नज़िरए म बदलाव आन लगता ह उपसहारः काम क परित लोग म अ छी आदत िन िपत करन और उनम उ साह जगान स कायर-िन पादन म िनरतर िनखार आता ह दरअसल हर यिकत म मानिसक और शारीिरक ऊजार उ प न होती ह िजसक िलए काम ही सबस अ छा िनकास ह एक िवचारक क अनसार lsquoआप पछत ह म लगातार काम कय करता ह

यहा िसफर सदधाितक जञान ही काफी नही होता बि क औपचािरक और अनौपचािरक दोन ही तरह की िशकषा व परिशकषण ज री ह

प ठ 23

अकषय कराित इसका वही कारण ह िजस कारण स मगीर अ ड दती जाती ह rsquo काम क िबना इसान घट सा जाता ह उस काम की उतनी ही ज रत होती ह िजतनी हवा की आव यकता ह िक उस सही वातावरण उपल ध करान और सही िदशा म अिभपरिरत करन की व ततः हर यिकत अदर स गिरमा और आ मस मान की चाह रखता ह आव यकता ह उस अतःपरिरत करन की लोग को खद स परिरत करन क िलए हम उनकी ज रत और इ छाओ को समझना होगा पररणा कायरकषमता और आदत क बीच सीधा सबध ह जो लोग उतना ही काम करत ह िक उनकी नौकरी बची रह तो ऐस लोग िकसी भी स थान क िलए मह वपणर नही हो सकत अतपररणा स सोच म बदलाव लाया जा सकता ह पररणा आग क समान होती ह

कमरचािरय को िजतना परिरत िकया जाएगा उनम उतनी ही सकारा मक आदत का िवकास होगा कमरचािरय को उिचत स मान दकर उनक कायर को अिधक मनोरजक बनाकर परबधन वारा उनकी बात को गौर स सनकर उनकी सम याओ और सझाव पर गौर करक उ ह वय ल य िनधारिरत करन क िलए परो सािहत करक िवकास क नय अवसर उपल ध कराकर आव यकतानसार समय-समय पर समिचत परिशकषण िदलाकर तथा नयी चनौितय स जझन क िलए परो सािहत करक िन सदह उनक आचार और यवहार को सकारा मक िदशा म पाियत िकया जा सकता ह

कमरचािरय को िजतना परिरत िकया जाएगा उनम उतनी ही सकारा मक आदत का िवकास होगा

ई-पितरका म लख आिद म परकट िवचार

मलतः लखक क ह तथा यह आव यक नही ह िक

इरडा भी इन िवचार स सहमत हो

प ठ 24

अकषय कराित

िबिटया

आख म मोती लकर तम िबिटया जाती हो हा जाओ िशकषा का उपहार द रह िवदा समय यह लो ल जाओ इन पराण म परीित त हारी ममता क धन िसदरी इन नयन की बद पली परकट करती ह मजबरी लाचारी ह िफर पराण म क य ह इतनी आकलता

जब इस रीित पर पराओ म वश न िकसी का ह चलता िपतकल को तजकर अब िबिटया पित-कल म जाना होगा

नटखटपन को छोड़ धमर का ही िजसम बाना होगा इस घर की तम बड़ी लाडली पराण स यारी िबिटया

चली लाकर आज सभी को िपता की कर सनी किटया िजन हाथ न लाड़ चाव स अब तक था िजसको पाला उन हाथ न ही िबिटया को दलह राजा जी को द डाला

िजसका दख जरा मन मला हो जाती थी हरानी क यादान उसी का कर क दय बनाया पाषाणी

िकया न जाता था पल भर को इन आख स दर िजस मोती झरत िवदा द रहा आज सकल पिरवार उस अपनी मा क जीवन की तम परित-पल हो आधार रहो

िवजयता िपता क दय मिदर की िबिटया तम साकार रही आज जीवन क सख-दख सार वही िबतान तम लो जान आओगी जब कभी यहा तम होगी महमान समान

सतीश कमार कलावत इरडा

इस घर की तम बड़ी लाडली पराण स यारी िबिटया चली लाकर आज सभी

को िपता की कर सनी किटया

प ठ 25

ससराल की कभी बराई कही न मह पर आ जाव धमर कमर क तर य पथ म पाव नही िडगन पाव

सात परितजञाय जो तमन अिग नदव स मख की धारण द पि त जीवन का मह व ह करना स च मन स पालन

बटी इन सात बचन का यान दय म रह सदा दोन कल की लाज इसी म भला न दना इस कदा पित ही ह सवर तर त हार पित ही को जीवन समझो

जो कछ कह उसी को मान उनको िबिटया तम धन समझो शीलवती तम बन िबिटया पित-भक त मना सदर िनस दह वय उपजग क प-वकष घर क अ दर

पहन सिशकषा की साड़ी को शभ गण भषण अपनाओ दस लकषण शभ लकषण धार िन य नय मगल गाओ यह िशकषा उपहार दय का तम को राह िदखायगा भल भटक कर भी अिधयारा पास न आन पायगा

हम सब की आख स मोती उर स िनकल रही आशीष सभी सख स पणर परफि लत कर त ह दलह राजा की ईश

अकषय कराित

िजन हाथ न लाड़ चाव स अब तक था िजसको पाला उन हाथ न ही िबिटया को दलह राजा जी को द डाला

प ठ 26 अकषय कराित

ldquoपयारवरणrdquo श द पिर+आवरण स बना ह अथारत बा य आवरण को ही पयारवरण कहत ह इस बा य आवरण का ता पयर हमार चार ओर क वातावरण और पिरवश स ह िजस हम दसर श द म परकित भी कह सकत ह प वी पर िव यमान सपणर जीव-जगत क अि त व जीवन-यापन एव चहमखी िवकास म परकित की मह वपणर भिमका ह मानव बिदधजीवी पराणी ह और परकित क मह व स भली-भाित पिरिचत होन क कारण ही सिदय स परकित की पजा करता रहा ह

विदक काल स ही परकित तथा मानव क बीच जीवन ततर का अटट सबध रहा ह हमार पराचीन ऋिष-मिनय न प वी म हवा पानी िमटटी पड़-पौध जीव-ज तओ और मानव क सिकरय सहयोगा मक सतलन को यान म रखकर ही परकित को प य माना धमर क साथ परकित को जोड़कर उ ह न परकित को पयार त मह व िदया व जानत थ िक िजस परकार जीवन क िलए भिम की आव यकता होती ह उसी परकार वन पितया व अ य पराणी भी आव यक ह य सभी परकित क अिभ न अग ह इनम स एक क भी न ट होन का परभाव दसर पर पड़ता ह और पिरणाम व प पराकितक असतलन पदा हो जाता ह व तत प वी म हवा पानी िमटटी पड़-पौध जीव-ज तओ और मानव का सिकरय सहयोगा मक सतलन रहता ह पड़-पौध भिम को उपजाऊ बनात ह िमटटी को बाधकर रखत ह बरसात करवान तथा जल एव वाय को व छ रखन म सहायक होत ह परत आज क बढ़त औ योिगकीकरण और शहरीकरण न परकित और मानव क बीच असतलन उ प न कर िदया ह यह असतलन अिशकषण बढ़ती जनसख या शहर की ओर पलायन वकष की कटाई गगनचबी इमारत बड़-बड़ उ योग की थापना आिद क कारण ह और यही पयारवरण परदषण क मख य कारण ह मटरोपोिलटन एव बड़ शहर म अनक काबरिनक और अकाबरिनक गस जस ndash काबरन-मोनोऑक साइड अमोिनया आिद परदषण क मख य ोत ह

वतरमान पयारवरण -21वी सदी की चनौती

लख सरीन सल

विदक काल स ही परकित तथा मानव क बीच जीवन ततर का अटट सबध रहा ह

प ठ 27 अकषय कराित मन य न अपनी भितक सख-सिवधाओ की आपित र क िलए परकरित स

िखलवाड़ िकया ह वतरमान मशीनी यग म मन य वारा परकित क अ यिधक दोहन एव िनत नए कारखान की थापना स पयारवरण सकट उ प न हआ ह मानव न परकित क साथ जो अ यायपणर यवहार िकया ह उसी क फल व प परकित का िवरोधी रवया हआ ह िजस भिव य म सह पाना मि कल होगा

अिशकषा क कारण दश की तजी स बढ़ती आबादी क आवास की मलभत आव यकता को परा करन क िलए वकष की कटाई करक ऊची-ऊची इमारत बनाई जा रही ह वकष की अधाधध कटाई स भिम की ऊवररा शिक त का तो ास हो ही रहा ह साथ ही परदषण जसी िवकराल सम या भी ज म ल रही ह

परदषण पयारवरण क ास का परमख कारण ह िवकासशील दश िनत नए उ योग की थापना करक बराजगारी की सम या को तो दर कर रह ह िकत इसस जल वाय विन तथा िविभ न परकार क परदषण बढ़ रह ह कल-कारखान और मोटर स िनकलन वाल धए स वाय परदषण हो रहा ह जल थल व नभ क मागर पर शिक त चािलत वाहन विन परदषण का मख य ोत ह शहरीकरण और औ योिगकीकरण क कारण शदध पयजल की सम या िवकराल प धारण कर रही ह कारखान स िनकलन वाल कड़-कचर क निदय म िमलन स जल परदषण हो रहा ह रासायिनक खाद और कीटनाशी दवाओ स मदा परदषण का खतरा बन गया ह

इस परकार जनसख या विदध शहरीकरण औ योिगकीकरण एव परदषण जसी सम याओ न पयारवरण को बरी तरह परभािवत िकया ह आज सपणर िव व पयारवरण को लकर िचितत ह इस भयावह ि थित स बचन क िलए पर यक यिक त को पयारवरण क परित जाग क करना आज की अिनवायर आव यकता ह

इस िदशा म सवरपरथम िनरकषरता को समा त िकया जाना चािहए साकषर भारत की पिरक पना म जनसख या विदध दर वय िनयितरत हो जाएगी करल रा य इसका परमाण ह जहा साकषरता क साथ-साथ जनसख या िनयतरण भी ह

जल थल व नभ क मागर पर शिक त चािलत वाहन विन परदषण का मख य ोत ह

प ठ 28 अकषय कराित

इसक बाद बात आती ह परदषण िनवारण की आज िव व भर क

वजञािनक और पयारवरणिवद इस िदशा म कायररत ह सवरपरथम वन क काटन पर परितबध लगाया गया ह और वन सपना क िव तार हत वकष लगान क िलए परो सािहत िकया गया इसक िलए सरकार की ओर स वकष आिद िनश क उपल ध कराए जात ह ldquoपयारवरण परदषण स थाrdquo और व छ वाय अिधिनयम जस िविधक उपाय स वाय परदषण पर रोक लगान का परयास िकया जा रहा ह जहरील धआ उगलन वाल कारखान तथा वाहन पर भारी आिथरक दड का परावधान ह िविभ न सचार मा यम mdashदरदशरन समाचार-पतर तथा आकाशवाणी क मा यम स जनता को पयारवरण क परित जाग क करन क परयास िकए जा रह ह निदय म खलन वाल परदषण ोत को बद करन की योजनाए चलाई जा रही ह पािलथीन क परयोग को बद करन क िलए चलाया जा रहा ह अिभयान भी परशसनीय ह

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह इस खतर स सपणर भमडल का अि त व न ट हो जाए इसस पहल हम पयारवरण की सरकषा करन का सक प लना होगा

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह

िस धी होन क प चात भी मझ बगाली रीित िरवाज़ िमठाइया यहा का पहनावा अगरज क ज़मान की बनी सरचनाए एव भवन इ यािद म बहत िदलच पी एव िच थी

प ठ 29 अकषय कराित

यातरा स मरण-कोलकाता-खिशय हषर का शहर(िसटी ऑफ जॉय)

सोिनया सिह वानी पीईसी िलिमटड

म पी ई सी िलिमटड नामक कपनी क िविध ककष म उप िविध परबधक क पद पर कायररत ह सन 2010 जन स इस कपनी म मन परबधन परिशकष क प म अपनी पहली नौकरी की श आत की पी ई सी िलिमटड वािण य मतरालय क अतगरत आन वाली आयात-िनयारत यापार स स बिधत क पिनय म स एक ह इस स दभर म जनवरी 2011 म िविभ न िवभाग क परबधन परिशकषओ को ओिरएटशन हत काडला कोलकाता इ यािद शहर म भजन का कायरकरम िनि चत िकया गया कोलकाता क पास हि दया पोटर होन क कारण कोलकाता शहर चना गया जहा पी ई सी वारा आयात की गयी व तए पोटर गोदाम म रखी जाती ह साथ ही म कोलकाता पोटर िभ न गोदाम इ यािद दखन की यव था की गयी एव सची म समावश िकया गया यह सनकर मरी ख़शी का िठकाना न रहा क य िक मन कोलकाता शहर क बार म सना बहत था पर त कभी दखा न था िस धी होन क प चात भी मझ बगाली रीित िरवाज़ िमठाइया यहा का पहनावा अगरज क ज़मान की बनी सरचनाए एव भवन इ यािद म बहत िदलच पी एव िच थी आिखरकार मझ मौका िमला और जनवरी की कड़ाकदार ठ ड क बीच हम एक रिववार शाम कोलकाता राजधानी स अपनी मिजल की और िनकल पड़ िद ली स कोलकाता क सफ़र क बीच हमारी गाड़ी इलाहाबाद गया िबहार तथा धनबाद जस शहर स होत हए बगाल की ओर पहची हसत-गात खलत-खात हए हम अगली सबह हावड़ा जकशन पहच गए रलगाड़ी स उतर कर टशन स बाहर िनकलत ही मझ िसटी ऑफ जॉय क नाम स मशहर कोलकाता की पहली झलक िदखाई दी ऐसा लगा मानो मझ भारत क दो पहल एकसाथ जीत हए नज़र आए एक तरफ थ टशन स बाहर एव अ दर जात हए स दर कपड़ गहन म लद हए कोलकाता क बगाली िनवासी साथ म बड़ी-बड़ी गािड़य म घमत कोलकाता क नौजवान और ठीक दसरी तरफ मरी नज़र पड़ी हगली नदी पर बन परिसदध हावड़ा िबरज पर िजस दख एक अलग ही दिनया का एहसास हआ

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह

िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी

एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया नतीजा मर समकष था

प ठ 30 अकषय कराित

हावड़ा िबरज पर हर तरफ लोग का जमावड़ा था इतन लोग दख िद ली क चादनी चौक की याद आ गयी ऐसा लगा मानो म 50 साल पीछ िकसी लक एव वाईट दिनया म कदम रख चकी थी िबरज क दोन तरफ सामान बचत हए दकानदार िखलौन मछली रख हए औरत एव छोट-छोट ब च मख य शहर स हावड़ा जान वाल आम आदमी मजदर की तज़ र तार फरी स र ता पार करन वाल यापारी इन सब को दख लगा कोलकाता म मबई जसी भागम भाग भी थी िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया नतीजा मर समकष था जस-जस म कोलकाता शहर क भीतर आन लगी मझ इस शहर क िवकास की झलक िदखाई दी एक तरफ थी ऊची ईमारत सदर िवशाल िव यासागर सत पल बड़-बड़ होटल माल कोलकाता उ च यायालय राईटसर िबि डग मशहर इडन गाडरन टिडयम इ यािद तो दसरी तरफ था िवक टोिरया ममोिरयल अगरज की वा तकला क अनसार िदखती लाल ईटो की इमारत िवक टोिरयल सरचनाए भवन छोटी-छोटी पटिरय पर समान बचत नया बाज़ार (New Market) क दकानदार एव िवक टोिरया ममोिरयल क बाहर चलत सलािनय क िलए रथ वाल घोड़ हमारा होटल जसीबोस सड़क पर ि थत था एव सिवधाओ स भरपर था पर त मन य जाना िक असली कोलकाता का मज़ा गाड़ी म नही अथवा िरक शा ऑटो तथा साल स चलती आ रही सड़क पर टराम म था

हर तरफ मझ पील रग की टिक सया िदखाई दी सब एक समान थी तथा मरसीडीज़ गाड़ी क बगल म चलती 1-2 पय म सफ़र की जान वाली टराम भी साथ िदखाई दी परी िजदगी िद ली म यतीत करन क बाद हर नए शहर का रहन-सहन बोल-चाल रीित-िरवाज़ जानन की जाग कता मझम हमशा रही पहल ही िदन स कोलकाता मझ रास आया जस िक कहत ह lsquoकोलकाता हमार खब भाला लागली छ rsquo कहन का ता पयर य िक मझ कोलकाता बहत अ छा लगा पहल िदन िक शाम को हमन य मािकर ट म खरीददारी करन का मन बनाया म हरान थी िक वहा चीज िकतनी स ती िमल रही थी िद ली क मतािबक एक ितहाई दाम पर चिडया गहन बग जत कत इ यािद िमल

िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया

प ठ 31 अकषय कराित य मािकर ट िद ली क लाजपत एव सरोिजनी नगर समान ह कम

दाम म अ छा समान िमला कोलकाता चमड़ क िलए भी मशहर ह एव परिसदध ी लदसर दकान भी इस बाज़ार म ि थत ह यहा खरीदारी का हमन खब ल फ़ उठाया

अगल िदन हम हि दया पोटर गए एव अनक जहाज़ दख 3-4 घट की दरी पर ि थत यह पोटर अनक एकड़ म फला हआ था पहली बार इतन बड़ जहाज़ को अदर स दख खब आनद आया तीसर िदन हम काली बाड़ी मिदर गए बगाली अ यत पाठ-पजा वाल दगार मा क स च उपासक ह यह सब जानत ह दगार पजा इनका लोकिपरय उ सव ह तथा काली मा एव दगार मा की स च मन स पजा करत ह कोलकाता क िनवासी भिक त भावपणर ह यह सना था अब खद दख भी िलया बगाली र म स पजा करन का य मौका अ यत आनदमयी था इसक अलावा काली बाड़ी क नज़दीक ही ि थत ह गौिरहाट बाज़ार यहा की दकान बगाली सािड़या कपड़ सट कत इ यािद क िलए परिसदध ह आिद धक तशवर नामक मशहर दकान म जाकर मरा भी मन िकया िक म भी खरीददारी क मर सािथय न बहत सािड़या खरीदी एव दाम दखकर म दग रह गई सदर स सदर साड़ी मातर 600700 पय की थी मन बगाल की मशहर लाल एव सफद िपरट की साड़ी भी खरीदी कोलकाता म खरीददारी का अलग की मज़ा ह उसी िदन शाम हम सा ट लक िसटी मॉल गए वह सा ट लक टिडयम क नज़दीक ह यहा िदखाई िदया कोलकाता का परगितशील प नौजवान फटबाल की जसीर पहन माल म घम रह थ एक स एक

मशहर बरड वहा मौजद थ इसक अलावा कोलकाता क िनवासी खब मनोरजन क शौक़ीन ह सगीत नाच गाना इ यादी म िच रखत ह कोलकाता म जगह-जगह सगीत कला अकडमी तथा पढ़न (रीिडग) क क लब ह अगरज क शौक तथा रहन-सहन की झलक आज भी यहा िदखती ह यहा क नौजवान को खल-कद म भी खब िदलच पी ह फटबाल का तो जस यहॉ सबको जनन ह

भारत क परिसदध मोहन बगान फटबाल क लब फटबाल क वहा क नौजवान ही नही परा शहर ही दीवाना ह भारत-पाक मच हो या आई पी एल इडन गाडरन मदान लोग स खचा-खच भरा रहता ह अफ़सोस म वहा अदर जा न सकी

इसक अलावा काली बाड़ी क नज़दीक ही ि थत ह गौिरहाट बाज़ार यहा की दकान बगाली सािडया कपड़ सट कत इ यािद क िलए परिसदध ह

प ठ 32 अकषय कराित

मर सफर क आखरी िदन म मन कोलकाता क लोग म एकता क नजार दख िविभ नता म भी एकता का उदाहरण दखा चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख िजस िदन हम कोलकाता पहच थ उसी िदन वहा शहर बद था और मन एक जट होकर लोग को अपनी बात कहत हए दखा एव सना यहा क लोग अपन शहर क िवकास बहतरी क िलए जाग क ह िज मदारी लत ह तथा सरकार को अपनी बात भली-भाित कहत ह लड़िकय औरत की इ ज़त करत ह एव यहा िक मिहलाओ को मन िनदरलीय पाया जहा एक ओर भारत की राजधानी होन क बावजद िद ली वाल अपनी िजदगी म मगन रहत ह वही दसरी और कोलकाता म अमीरी-गरीबी िभ न जाितय म भी एक जटता ह कपड़ा एव खाना आज भी यहा खब स ता िमलता ह पर त दसरी तरफ सब जानत ह िक बड़-बड़ उ योगपित िव वान लखक िखलाड़ी गायक अिभनता िनदशक यहा स उभर ह सािह य हो या लख बॉलीवड हो या िकरकट बगाल न भारत को अनक नाम एव गौरव िदए ह चाह सौरव दादा हो या रिव दर नाथ टगोर ममता बनजीर रानी मखजीर हो या योित बस भारत म इनकी भिमका का वणरन करन की ज रत नही

मन कछ िदन क कोलकाता क सफर म इस शहर को जानन समझन का परयास िकया हगली नदी क िकनार खड़ होकर समदर को दखा निदय को िनहारा िव यासागर सत िबरज की सदरता िवशालता को सराहा क सी दास की परिसदध िमठाई का ल फ उठाया मन बहत शहर घम पर त यह सफर मर िलए सबस यादगार रहा कोलकाता परगित क मागर पर िनरतर बढ़ रहा ह पर त आज भी वह अपनी जड़ नितक म य को नही भला ह एक आम आदमी आज भी टराम म या फरी स सफर करता ह यहा क िनवासी दो पय स लकर 500 ० का खाना खात ह पराना एव नया कोलकाता एक साथ जीिवत ह िसक क क दो पहल की तरह कोलकाता क यह दो प को एक साथ रहत दख बहत आनद आया

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 33 अकषय कराित

जल परकित का अनपम उपहार ह मानव जाित अपन परादभारवकाल स ही इस उपहार का उपयोग अपन िहत क िलए करती आई ह जल वह पराकितक उपहार ह िजसका कोई िवक प नही ह इसिलए जल को अमतया जीवन भी कहा गया ह जल क िबना जीवन की सभावना भी नही ह पर यकष प स तो जल की मानवीय आव यकता सीिमत ह परत परोकष आव यकताओ पर नजर डाल तो दिनक जीवन की आव यकताए जस अ न फल स जी दध स लकर हमार पहराव आवास तक सब जल स जड़ हजल का जरा भी सतलन िबगड़ जाए तो जीवन यापन क टपरद होन म दर नही परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह जल क सामा य त य जल या पानी एक आम रासायिनक पदाथर ह जो जीवन क सभी जञात प क जीिवत रहन क िलए ज री ह आमतौर पर जल अपनी दरव अव था म उपयोग म लाया जाता ह पर यह ठोस अव था बफर और गस अव था जल वा प या भाप प म भी पाया जाता ह प वी क लगभग तीन चौथाई िह स पर िव व क महासागर का अिधकार ह अनमानत प वी पर जल की कल मातरा लगभग 1400 िमिलयन घन िकलोमीटर ह जो िक प वी पर 3000 मीटर गहरी परत िबछा दन क िलए काफी ह तथािप जल की इस िवशाल मातरा म व छ जल का अनपात बहत कम ह प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह शष जल झील निदय वायम डल नमी मदा और वन पित म मौजद ह जल की जो मातरा उपभोग और अ य परयोग क िलए व ततः उपल ध ह वह निदय झील और भजल म उपल ध मातरा का छोटा-सा िह सा ह इसिलए जल ससाधन िवकास और परब ध की बाबत सकट इसिलए उ प न होता ह कय िक अिधकाश जल उपभोग क िलए उपल ध नही हो पाता

परभावी जल परबधन और दश का िवकास

दीपक आहजा ओएनजीसी िवदश

प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह

प ठ 34 अकषय कराित

और दसर इसका िवषमतापणर थािनक िवतरण इसकी एक अ य िविश टता ह फलतः जल का मह व वीकार िकया गया ह और इसक िकफायती परयोग तथा परब ध पर अिधक बल िदया गया ह प वी पर उपल ध जल जल-चकर क मा यम स चलायमान ह जल लगातार एक चकर म घमता रहता ह िजस जलचकर कहत ह इसम वा पीकरण वषार और बह कर सागर म पहचना शािमल ह हवा जल वा प को थल क ऊपर उसी दर स उड़ा ल जाती ह िजस गित स यह बहकर सागर म पहचाता ह जल चकर का िचतर नीच पर तत िकया गया ह

अिधकाश उपभोकताओ जस िक मन य पशओ अथवा पौध क िलए जल क सचलन की ज रत होती ह जल ससाधन की गितशील और नवीकरणीय परकित और इसक परयोग की बार बार ज रत को ि टगत रखत हए यह ज री ह िक जल ससाधन को उनकी परवाह दर क अनसार मापा जाए इस परकार जल ससाधन क दो पहल ह अिधकाश िवकासा मक ज रत क िलए परवाह क प म मािपत गितशील ससाधन अिधक परासिगक ह आरिकषत भ डार की ि थर अथवा िनयत परकित और साथ ही जल की मातरा तथा जल िनकाय क कषतर की ल बाई व म यपालन नौ सचालन आिद जस कछक िकरयाकलाप क िलए भी परासिगक ह

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 35 अकषय कराित

जल का यय अप यय जल क बार म एक नही कई च कान वाल त य ह िव व म और िवशष प स भारत म जल िकस परकार न ट होता ह इस िवषय म जो त य सामन आए ह उस पर जाग कता स यान दकर जल क अप यय को रोका जा सकता ह अनक त य ऐस ह जो हम आन वाल ख़तर स तो सावधान करत ही ह दसर स पररणा लन क िलए परो सािहत करत ह और पानी क मह व व इसक अनजान ोत की जानकारी भी दत ह प वी पर पदा होन वाली सभी वन पितया स भी हम पानी िमलता ह

आल और अनानास म 80 परितशत और टमाटर म 95 परितशत पानी ह पीन क िलए मानव को परितिदन 3 लीटर और पशओ को 50 लीटर पानी

चािहए भारत म 83 परितशत पानी खती और िसचाई क िलए उपयोग िकया जाता

ह इज़राइल म औसतन मातर 10 सटीमीटर वषार होती ह इस वषार स वह

इतना अनाज पदा कर लता ह िक वह उसका िनयारत कर सकता ह दसरी ओर भारत म औसतन 50 सटीमीटर स भी अिधक वषार होन क बावजद अनाज की कमी बनी रहती ह

िपछल 50 वष म जल क िलए 37 भीषण ह याकाड हए ह भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल

चलती ह पानी ज य रोग स िव व म हर वषर 22 लाख लोग की मौत हो जाती ह यिद बरश करत समय नल खला रह गया ह तो पाच िमनट म करीब 25

स 30 लीटर पानी बरबाद होता ह बाथ टब म नहात समय 300 स 500 लीटर पानी खचर होता ह जबिक

सामा य प स नहान म 100 स 150 लीटर पानी खचर होता ह िव व म परित 10 यिकतय म स 2 यिकतय को पीन का शदध पानी

नही िमल पाता ह परित वषर 6 अरब लीटर बोतल पक पानी मन य वारा पीन क िलए

परयकत िकया जाता ह मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 36 अकषय कराित

िद ली मबई और च नई जस महानगर म पाइप लाइन क वॉ व की खराबी क कारण रोज़ 14 स 44 परितशत पानी बकार बह जाता ह

निदया पानी का सबस बड़ा ोत ह जहा एक ओर निदय म बढ़त परदषण रोकन क िलए िवशषजञ उपाय खोज रह ह वही कल कारखान स बहत हए रसायन उ ह भारी मातरा म दिषत कर रह ह

भारत म जल सकट नासा की एक िरपोटर न पानी को लकर दश भर म बढ़ती जा रही लापरवाही क परित आख खोली ह इस िरपोटर म भारत म सख की ि थित पदा होन क िलए िज मवार कारण म स एक अहम कारण अधाधध जल दोहन को बताया गया ह बतात चल िक दश भर क 604 िजल म स 161 सख की मार झल रह ह वस अब बताया जा रहा ह िक सख की मार स बहाल िजल की सखया बढ़कर 246 हो गई ह यानी कहा जाए तो आधा दश सख की चपट म ह बहरहाल नासा की इस िरपोटर म बताया गया ह िक भारत क कई रा य कषमता स यादा जल दोहन कर रह ह यहा कषमता स ता पयर यह ह िक उनस िजतन सलाना जल दोहन की उ मीद कदर करती ह व उसस कही यादा जल दोहन कर रह ह नासा न यह अ ययन 2002 स 2008 क बीच

की ि थितय क आधार पर िकया ह इस िरपोटर म बताया गया ह िक पजाब हिरयाणा और राज थान हर साल औसतन 177 अरब कयिबक मीटर पानी जमीन क अदर स िनकाल रह ह जबिक कदर की तरफ स लगाए गए अनमान क मतािबक इ ह हर साल 132 अरब कयिबक मीटर पानी ही जमीन क अदर स िनकालना था इस तरह स दखा जाए तो य तीन रा य िमलकर कषमता स 30 फीसदी यादा पानी का दोहन कर रह ह जािहर ह िक िबना कछ सोच-िवचार जब इस पमान पर पराकितक ससाधन का दोहन िकया जाएगा तो परकित भी बदला लगी और वही हो रहा ह इस िरपोटर म यह भी बताया गया ह िक भारत का महज 58 फीसदी भजल ही हर साल िरचाजर हो पाता ह नासा की यह िरपोटर बताती ह िक अधाधध जल दोहन की वजह स पर उ तर पि चम भारत क भजल तर म हर साल 4 सटीमीटर यानी 16 इच की कमी आ रही ह इस अ ययन को अजाम दन म नासा क जल िवजञानी मट रोडल न अहम भिमका िनभाई ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 37 अकषय कराित

उनक हवाल स इस िरपोटर म बताया गया ह िक दश क उ तर पि चम कषतर म 2002 स 2008 क दौरान तकरीबन 109 कयिबक िकलोमीटर पानी की कमी हई ह यह मातरा िकतनी अिधक ह इसका अदाजा इसी स लगाया जा सकता ह िक यह अमिरका क सबस बड़ जलाशय लक मीड की कषमता स दगन स भी कही यादा ह अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह इस िरपोटर क मतािबक अगर अधाधध जल दोहन इसी तरह स जारी रहा तो आन वाल समय म भारत को अनाज और पानी क सकट को झलन क िलए अभी स तयार हो जाना चािहए जािहर ह िक जब जल सकट बढ़गा तो खती पर इसका गहरा परभाव पड़गा अनाज क उ पादन म कमी आएगी इस वजह स अनाज सकट पदा होगा और भख का एक नया चहरा उभरकर सामन आएगा एक बड़ा तबका जो आज भरपट भोजन कर पाता ह उसक िलए पट भर खाना िमलना मि कल हो जाएगा भखमरी की जो सम या पदा होगी उसस िफर िनपटना आसान नही होगा इसक अलावा पीन क पानी का टोटा तो होगा ही अभी ही दश क कई िह स ऐस ह जहा क लोग को पीन क िलए साफ पानी नही िमल पा रहा ह कई कषतर ऐस ह जहा गमीर क िदन म हडपप स पानी आना बद हो जाता ह वहा क लोग को हर साल बोिरग को कछ फट बढ़वाना होता ह यह सम या भजल तर क िगरत जान की वजह स ही पदा हई ह जब पीन क पानी का सकट पदा होगा तो बोतलबद पानी का कारोबार काफी तजी स बढ़गा कहन का मतलब यह िक िजसक पास पसा होगा वह अपनी यास बझा सकगा और िजसक पास पसा नही होगा उस अपनी यास बझान क िलए भी सघषर करना पड़गा ि थित की भयावहता की क पना ही िसहरन पदा करती ह भारत म दिनया का हर छठा आदमी रहता ह यानी कहा जाए तो दिनया क कल आबादी क तकरीबन सतरह फीसदी लोग भारत म रहत ह जबिक दिनया का महज साढ़ चार फीसदी पानी ही भारत म उपल ध ह ऐस म जल सम या स दो-चार होना कोई आनापिकषत बात नही ह एक बात तो तय ह िक पराकितक ससाधन म इजाफा तो नही िकया जा सकता ह लिकन इसका सरकषण अव य िकया जा सकता ह

अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह

प ठ 38 अकषय कराित

भारत म लोग िकसी एक मा यम स पयजल परा त करन पर िनभरर नही ह इस दश म 357 फीसदी लोग हडपप स 367 फीसदी लोग नल स 182 फीसदी लोग तालाब पोखर या झील स 56 फीसदी कओ स 12 फीसदी लोग पारपिरक साधन स और 26 फीसदी लोग अ य मा यम स पीन का पानी परा त करत ह इस िलहाज स अगर दखा जाए तो जल सकट को दर करन क िलए समगर कायरयोजना की ज रत ह

दरअसल भारत म गहरात जल सकट क िलए काफी हद तक पानी की बबारदी भी िज मवार ह यहा जल आपित र की यव था म काफी खािमया ह नल क जिरए घर तक पहचन वाल पानी का एक बड़ा िह सा िरस कर बबारद हो जाता ह हर शहर म फट हए आपित र पाइप आसानी स दख जा सकत ह इस बदहाल यव था क िलए सरकार क साथ-साथ सामा य लोग भी कम िज मदार नही ह एक तरफ तो सरकार पयजल क नाम पर हर साल हजार करोड़ पए का बजट बनाती ह और दसरी तरफ जमीनी तर पर हालात म कोई बदलाव नही िदखता ह सामािजक तौर पर भी जल सरकषण को लकर जाग कता का अभाव िदखता ह यह सामािजक तान-बान का ही असर ह िक लोग कही भी जल की बबारदी को दखकर उस सामा य घटना मानत हए नजरअदाज कर दत ह दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था यह अब घटकर 1800 कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर हो चका ह

दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था

प ठ 39 अकषय कराित

िवशषजञ का अनमान ह िक अगर पानी की खपत और बबारदी इसी तरह स जारी रही तो 2025 तक यह घटकर हजार कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर ही रह जाएगा उस समय तक पानी की उपल धता म आन वाली इस कमी की वजह स किष उ पादन म तीस फीसदी की कमी आन की सभावना ह इन पिरि थितय म दश की आिथरक और सामािजक ि थित का कया होगा इसका अदाजा सहज ही लगाया जा सकता ह भारत म जल सरकषण क परित आज भी आम लोग क मन म उपकषा का भाव बना हआ ह साथ ही इस कायर क िलए आव यक तकनीक की भी कमी ह जो तकनीक उपल ध ह उनस सामा य लोग अनजान ह बािरश क पानी का सगरह करक उस उपयोग म लाना एक अ छा िवक प ह पर इस तरह की कोिशश काफी सीिमत मातरा म काफी छोट तर पर हो रही ह यही वजह ह िक दश म होन वाली बािरश क पानी का अ सी फीसदी िह सा आज भी समदर म पहच जाता ह अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह अगर जल की इस िवशाल मातरा का आधा भी परयोग कर िलया जाए तो ि थित म यापक बदलाव आना तय ह शहरी कषतर म तो पानी की कालाबाजारी जोर पर ह जगह-जगह पर जल मािफया सिकरय हो गए ह िद ली क ही एक अखबार न कछ समय पहल यह बात उजागर िकया था यहा तो समानातर जल बोडर भी चलाया जा रहा ह हरानी की बात तो यह ह िक इसक बावजद भी पानी क काल धध पर अकश नही लगाया जा सका ह अहम सवाल यह ह िक कस सामा य तबक क लोग तक व छ पानी पहचाया जाए शहरी कषतर क साथ-साथ गरामीण कषतर म भी यह एक बड़ी चनौती ह आबादी म अपर यािशत विदध बढ़त शहरीकरण औ योिगकीकरण और किष उ पाद की बढ़ती माग क कारण पानी की माग िपछल कछ साल म वाभािवक प स बढ़ी ह इसक पिरणाम व प भजल ससाधन का अ यिधक दोहन हआ ह और इसका नतीजा हआ िक लगातार भजल का तर घटता जा रहा ह शहरी कषतर म ि थित बहद भयावह ह तदनसार वहा न कवल शीघराितशीघर जल ससाधन क सरकषण की ज रत ह बि क परभावी रणनीित और परबधन क जिरए त काल कदम उठान की ज रत ह

अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह

प ठ 40 अकषय कराित

खासकर इस बात को यान म ऱखकर िक िविभ न परितयोगी कषतर म कभी भी माग बढ़ सकती ह भिव य म उपयोग क िलए छत पर या सतह पर जलगरहण बनाकर वषारजल सरकषण बहद ज री ह यह पानी की बढ़ती ज रत का खयाल रखन िमटटी की नमी तर को बढ़ान शहरी हिरयाली को बढ़ान भजल तर को कितरम प स पनभररण करन और भजल की गणव ता स सधार का काम करता ह भारत म जल परबधन स दश का िवकास भारत म दिनया की 16 परितशत आबादी रहती ह लिकन दिनया क िसफर 4 परितशत जल ससाधन ही भारत क पास ह 3290000 वगर िकलोमीटर क भिम कषतर और एक अरब स यादा की आबादी क साथ भारत क एक बहलवादी िविवधता का िचतर ह िवशाल पराकितक ससाधन क साथ सप न तकनीकी और वजञािनक किमरय का भी यह दिनया म दसरा सबस बड़ा सम चय ह भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह मानव िवकास म 80 क दशक म लगभग 26 परितशत और 90 क दशक क दौरान और 24 परितशत क वारा सधार हआ ह आजादी क बाद छह दशक म भारत न जल ससाधन का अभतपवर िवकास और खा या न म आ मिनभररता शहरी कषतर ऊजार और औ योिगक कषतर और पीन का पानी क बिनयादी ढाच म तजी स िव तार दखा ह िजसका उपयोग भारत की लगभग 85 परितशत शहरी और गरामीण आबादी क वारा िकया जाता ह भारत म रा य सरकार और भारत सरकार क परितबदध और ठोस परयास की वजह स गरामीण और शहरी आबादी को सरिकषत पयजल को उपल ध करवान म काफी सफलता हािसल की ह इस उपलि ध न भजल की कमी जल जमावजल गणव ता िगरावट जल परदषण और बढ़त लवणता तर स बड़ कषतर को परभािवत िकया ह और अभी भी िविभ न रा य म गरामीण और शहरी भारत क मानव िवकास सचकाक (HDI)rsquo म बहत असमानता मौजद ह पानी क िलए कषतरीय माग तजी स बढ़ रह शहरीकरण की गित स बढ़ रही ह (अनमानत 2025 तक दश की आबादी का 50 परितशत स अिधक शहर म रहग) जनसखया विदध बढ़ती आय और औ योिगक िवकासशहरी भारत तजी स िवकास की माग क कदर क प म उभर रहा ह

भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह

प ठ 41 अकषय कराित

नतीजतन परित यिकत पानी की उपल धता िगर रही ह परधानमतरी की अ यकषता म 12वी योजना क िलए हई योजना आयोग की पणर बठक म दसर म क साथ जल परबधन पर िवशष चचार हई बठक क बाद योजना आयोग क उपा यकष म टक िसह अहलवािलया न कहा िक भ-जल कानन स लकर दसर म की यापक समीकषा ज री ह व यनाथन सिमित जहा वतरमान म भ-जल कानन की साथरकता का अ ययन करगी वही भारतीय अतिरकष अनसधान सगठन [इसरो] की मदद स पानी की उपल धता का िव तत अ ययन होगा म टक न कहा िक उसी आधार पर रणनीित तय होगी सरकार यह यान रखगी िक पानी का अिधकतम उपयोग हो सक और सभी को उपल ध हो पानी पर िकसी का एकािधकार न हो सक बतात ह िक द पयोग को रोकन क िलए श क लगान पर भी िवचार िकया जा सकता ह हालािक इसस पहल रा य सरकार स चचार होगी यह तय ह िक एआइबीपी कायरकरम म यापक बदलाव ह ग ी म टक िसह अहलवािलया न कहा िक वतरमान म इस कायरकरम का सही िकरया वयन नही हो रहा ह िलहाजा उसम पिरवतरन ज री ह सभव ह िक हर रा य म जल िनयामक परािधकरण बनान की शतर भी लगाई जाए उ ह न कहा िक जल परबधन की यापक समीकषा कर नई रणनीित तय की जाएगी कल िमलाकर रा टरीय तर पर वतरमान जल ससाधन का अिधक स अिधक करन क िलए माग को परा करन क िलए पयार त ह लिकन भिव य क अ ययन पिरयोजना ह िक जल आपित र की ि थित अगल आध सदी म अिधक किठन हो सकती ह जल सकट स िनपटन को जल सरकषण परबधन अिनवायर परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह बढ़त वि वक तापमान क फल व प अितवि ट अनावि ट अ पवि ट और असामियक वि ट हम परितवषर दख रह ह िजसका परभाव हमार जल ससाधन पर पड़ता िदखाई द रहा ह कओ व बाविडय का िमटता अि त व नदी-नाल का घटता पानी भ-गभर जल का िगरता तर िचता की पिरिध स िनकलकर खतर की घटी बनता जा रहा ह

निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह

प ठ 42 अकषय कराित

िव व भर म सीमट क अधाधध परयोग न धरातल क सहज अवशोषण कषतर को घटाया ह तथा जल बहाव भिम कटाव व बाढ़ म विदध की ह ऐसी ि थित म जल सरकषण का दािय व मातर वजञािनक व सरकार तक सीिमत न रहकर पर यक उपभोकता क कध पर आ जाता ह इसी दािय व क िनवरहन क िलए हमार पास दो िवक प सामन आत ह 1 वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई

उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

2 पािरवािरक तर पर वषार जल को सगरिहत कर उसका उपयोग कर य दोन ही परयास गरामीण कषतर म तो सरलता स अपनाए जा सकत ह परत शहरी कषतर म व ट वाटर मनजमट की बड़ी पिरयोजनाए बनाकर ही पानी को िरसाइिकल िकया जा सकता ह भ-गभर अिधकािधक जल अवशोिषत होकर

जाए इसक िलए मदानी भाग म िनयोिजत ढग स बड़-बड़ पोखर बनाकर तथा पहाड़ी कषतर म नाल -ख ड म िमटटी प थर आरसीसी क बड़-छोट डम लगाकर जल बहाव रोक भ-सरकषण बचाव व जल भडारण और धरातल जल शोषण कषतर बढ़ाया जा सकता ह िव व बक भारत सरकार वारा म य िहमालय जलागम पिरयोजना रा य क भ-सरकषण िवभाग इस कषतर म कारगर उपाय लकर

हमार सामन ह परत जनसहयोग क िबना इन पिरयोजनाओ क आशातीत पिरणाम ल पाना किठन ह वकषारोपण इस सपणर जल चकर को बल दन वाला कारक ह जल क परित चतना जागत न हई तो अव य ही अगल िव व यदध का कारण जल ही होगा

जल भोजन ह और अिगन भोजन का भकषक ह अिगन जल म और जल अिगन म िव यमान ह

- ततरीय उपिनषद 38

वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

प ठ 43 अकषय कराित

म भी गान गा सकता ह शबनम क िखलत फल क म भी गीत सना सकता ह सावन क म त झल क लिकन जब घर-घर म बादल छाय घोर िनराशा क तब म नगम गा रहा ह उ मीद की आशा क

सड़क पर खड़ बचपन की य बात सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह

हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

इस बदलत पिरवश का राग सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

गाधी जी क सपन का जो राम-रा य कहलाता ह उस भारत म सड़क पर छोट चाय पहचाता ह

कहा गई वो अ हड़ म ती कहा गया वो यार का रा ता उन हाथ स बचत झड िजन हाथ को चािहए ब ता

उस सोन की िचिड़या की म बात बतान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

कही बम की गमर हवाए कही ससद म कोहराम ह कही होत घोटाल स परशान आदमी आम ह

कही कल की िकलकारी ह कही सड़क पर बचपन ह कही चलता नही गजारा कही िवदश म काला धन ह

म स चाई गा-गाकर सबको बतलान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

बदलता भारत मनीष लाल इरडा

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

प ठ 44 अकषय कराित

करन वाल काम बहत ह यथर उलझन को छोड़ो म ला-पिड़त तोड़ रह ह तम बस lsquoअपन को जोड़ो

lsquoहम बदलग-यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का lsquoवद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का

वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हम बदलग mdash यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का वद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

प ठ 45 अकषय कराित

िसफर काला और सफ़द य ही वो दो रग थ जो तर पास सि ट बनान क आधार थ

काला वो जो कािलमा िलय ह िजस कहत ह दख िनराशा म य अपयश और वो सबकछ जो नकारा मक ह

मगर सफद ह वो रग िजसस जड़ा ह जीवन आशा सख और कीितर और वो सब कछ जो सकारा मक ह पर इन रग स तझ चन ना िमला त सोचन लगा अगर सि ट बनानी ह

तो िकस िलए- ससगर और परम क िलए और

इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग

ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह

बस- बना डाला तन इ दरधनष

जो बरसात क बाद सरज और प वी क अनपम परम को रग दता ह सतरगी रग स

और उ ही सतरगी इ दरधनषी रग म हम हर पल हर कषण डबत गहरात इतरात रहत ह

और खिशय भर ससार म हर रग को अलग-अलग तरह स महसस करक जीत रहत ह

रग तो रग ह मगर-

ससगर और परम क िलए और इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह बस-

सतरगी िचतर सगीता ीवा तव इरडा

प ठ 46 अकषय कराित

कभी पक क कभी फीक़ तो कछ कभी दाग बनकर उभर आत ह

कछ आख म नील बादल स छाए रहत ह तो कछ गाल पर गलाबी रग बनकर छलक जात ह

याद रहत ह अक सर वो रग- जो खदी पर इस तरह छा जात ह िक खद म घलकर खद क होन

का एहसास दत-दत खद का एक रग बन जात ह

बगनी आसामनी नीला हरा पीला नारगी लाल इ दरधनष क य सात रग ही जोड़त ह हमार िदल को

हमार मन को जोड़न वाल इन रग की सतरगी दिनया म-

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा बनाय

और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क

सतरगी िचतर

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा

बनाय और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क सतरगी िचतर

Page 4: Akshay Kranti Vol 3€¦ · पक्ष को प्रभािवत न कर e, बािधत व पीिड़त न कर eवह काय-र्कौशल है।

प ठ 4

अकषय कराित

समय बीतता गया म उ च िश कषा क िलए गाव छोड़कर शहर आ गया िफर िशकषा नौकरी आिद क चक कर म ऐसा डबा िक िपछला समय मित पटल स ओझल सा हो गया अब मरी नौकरी लग चकी थी पिरवार क सभी सद य शहर म ही थ अत गाव स नाता लगभग टट सा गया था काफी समय बाद गाव जान का मौका िमला परान घर क आगन म पहचत ही अनायास ही वह चहरा मर मित पटल पर आ गया चहरा कछ धधला सा था िक त उसकी चचल आख की स दरता तथा होठ की म कराहट परी तरह ताजा थी मर कमर म कसीर ndash मज अब भी वस ही रख थ जस ही म कसीर पर बठा उसकी बाह क आिलगन की क पना स ही मन परफि लत हो गया इसस अिधक मझस रहा नही गया तरत चाची क पास पहचा और पछा वो कसी ह अब तो बहत बड़ी हो गई होगी शादी-वादी भी हो गई होगी (गाव म शादी कछ ज दी हो जाती ह) चाची चप रह गई म अपन सवाल का जवाब तरत चाहता था मन पन पछा तो चाची कछ आसी होकर बोली ndash वो अब इस दिनया म नही ह मन कहा - क या मतलब मझ लगा िक चाची मर सवाल को समझी नही िक त उ ह न पन दोहराया िक यहा स जान क बाद उसकी तबीयत खराब रहन लगी थी काफी इलाज करवाया िक त वह दो वषर स अिधक नही जी पाई मझ अपन गाव आन पर बहत कषोभ था न आता तो शायद यह कट स य सनन को नही िमलता कम स कम मरी क पना म ही सही वह िज दा तो रहती उसक बाद भी म गाव क उस मकान म गया िक त पन म उस कसीर पर नही बठा िजस पर खड़ होकर वह मरी पीठ पर झलती थी आज भी जब वह िन छल चहरा म कराती मासम आख याद आती ह तो अनायास ही आस िनकल आत ह उसस तो मरा नजदीक का कोई िर ता भी नही था िफर उस आ मा स ऐसा लगाव क य मझ आज भी अपन इस सवाल का जवाब नही िमला सोचता ह क या वह िन छल आ मा ही परमा मा का प थी या परमा मा वय ही धरती पर ----------------

उसक बाद भी म गाव क उस मकान म गया िक त पन म उस कसीर पर नही बठा िजस पर खड़ होकर वह मरी पीठ पर झलती थी

प ठ 5

अकषय कराित

कोई ही ऐसा यिकत या सगठन िवशष होगा जो अपन बहतर अथारत उ क ट जीवन की चाह न रखता हो लिकन चाह रखन मातर स काम नही चलता और न ही िकसी यय को परा त िकया जा सकता चाह हमारा यिकतगत जीवन हो या कायारलयीन जीवन अपन ल य को परा त करन क िलए सबिधत काय गितिविधय क ठ परबधन की आव यकता होती ह ठ परबधन क बहत स सतर हम गीता स िमल ह िजन पर आज हम

ल छदार अगरजी म ढर सािह य उपल ध ह कछ वष पहल बीएचईएल म एक नारा काफी परचिलत रहा वह था उ क टता की ओर अगरसर िविभ न कषतर म उ क टता क ल य को हािसल करन क िलए बीएचईएल न उ क टता पर कार योजना लाग की थी िजसका आधार सतर भी गीता का एक पद ह योग कमरस कौशलम कमर म कौशल का नाम योग ह यह योग की एक पिरभाषा ह शारीिरक मानिसक और भावा मक - इस ितरिवध वा य क सदभर म ही कायर कौशल को दखा जा सकता ह समझा जा सकता ह काम करना अिनवायर नही ह परयोजन क साथ कायर आता ह परयोजन समा त कायर समा त कायर क परित परवि त क िलए परयोजन मखय होता ह हमारा परयोजन कया ह परयोजन ह जीवन की अिनवायर आव यकताए- रोटी कपड़ा मकान िशकषा िचिक सा आिद-आिद इसी क साथ कायर क िव तार क साथ-साथ वतरमान यग म औ योिगक और यावसाियक िव तार हआ और इसन ज म िदया कायर की कषमता और कायर-कौशल अवधारणा को यहा कौशल की चचार स पवर अ छा होगा िक हम कौशल श द को समझ कायर का कौशल वह ह जो दसर क िहत को बािधत न कर जो लाभ द हािन न

पहचाए इन िदन हमारा कायर-कौशल बढ़ा ह िक त उसी क साथ मानिसक

अ त- य तता भी बढ़ी ह कौशल यिद हमार वा य को परभािवत कर रहा ह मानिसक िवकषप बढ़ा रहा ह तो उस कायर-कौशल और कायर-कषमता नही कहा जा सकता

कछ वष पहल बीएचईएल म एक नारा काफी परचिलत रहा वह था उ क टता की ओर अगरसर

कपाराम लहकरा बीएचईएल

कायर-कौशल बढाए तथा उ क टता का ल य पाए

प ठ 6

अकषय कराित

एक सतलन होना बहत ज री ह कायर म दकषता बढ़ तो शारीिरक और मानिसक वा य भी उसी अनपात म बढ़ आज िवकास और कायर-कौशल की अवधारणा मातर पदाथर एवम पदाथर-िनमारण पर अटक गई ह पदाथर का िवकास अिधकािधक होना चािहए हर िदशा म िवकास और कायर-कौशल बढ़ रहा ह लिकन इसान अ छा बन इस परयास म कमी दखी जा सकती ह आदमी अपन आप म इतना पीिड़त और अशात ह िक उसकी क पना भी नही की जा सकती भावा मक वा य क अभाव म कायर-कौशल की सभावना नही की जा सकती भावा मक वा य का कोई पमाना नही ह िक त यिकत क यवहार स हम उस परख सकत ह भावा मक वा य की चार कसौिटया ह

1) उपशम - मन की शाित 2) मदता या िवनमर यवहार 3) मदता या िन छल यवहार 4) सतोष

यिद कायर-कौशल मन की अशाित पदा कर रहा ह िवनमर यवहार म बाधा डाल रहा ह तो िफर कायर की ऐसी दकषता को अदकषता ही कहा जाएगा कायर-कौशल की पहली पिरभाषा यह होनी चािहए - जो जीवन क िकसी अ य पकष को परभािवत न कर बािधत व पीिड़त न कर वह कायर-कौशल ह इस सदभर म िन न बात को अपनात हए कायर-कौशल बढ़ाया जा सकता ह और उ क टता का ल य हािसल िकया जा सकता ह 1) िकसी भी कायर को योजनापवरक कर - कायर-कौशल क साधन म

मह वपणर ह िक िकसी भी कायर को योजना-पवरक करना कायर-कौशल क िलए लिनन का एक परिसदध सतर याद आ रहा ह - िचतन िनणरय और कायार वयन म ल बा अतराल न हो उनम उिचत सामज य रह िचतन आज िकया िनणरय एक वषर बाद और कायार वयन पाच वषर बाद यह बात नही होनी चािहए स कत सािह य म इस दीघरसतरता कहा गया ह जो काम िजस समय करना चािहए उस समय न करक ल ब अतराल क बाद िकया जाए तो असफलता ही हाथ लगगी

2) कोई कायर हड़बड़ी म न कर - कायर-कौशल का दसरा मखय सतर ह िक हड़बड़ी म कोई काम न कर िचतन और िववकपवरक कर

यिद कायर-कौशल मन की अशाित पदा कर रहा ह िवनमर यवहार म बाधा डाल रहा ह तो िफर कायर की ऐसी दकषता को अदकषता ही कहा जाएगा

प ठ 7

अकषय कराित

3 कायर को एकागरता स कर - कायर-कौशल का एक मह वपणर सतर ह - एकागरता का िवकास एक िवचार एक िवक प एक कायर ल और उसी म त मय बन जाए उसी म परी तरह िचत व मन को लगा द हमार अतकरण की सारी परवि तया उसक िलए समिपरत हो जाए जब तक उस कायर क िलए समपरण नही होता तब तक कायर-कौशल नही बढ़ता एकागरता क िलए साधना और अ यास ज री ह अ यास होता ह तो एकागरता बढ़ जाती ह

4 वतरमान म जीना सीख - भत-भिव य को मार भगाई वतरमान म जीओ भाई वतरमान म जीन का ता पयर वतरमान का अनभव वतरमान का जीवन और वतरमान का वास हम वास लत ह तो कभी अतीत म नही लत न भिव य म लत ह अतीत और भिव य की िचता स हम मानिसक अशाित तो होती ह बि क शारीिरक िवकार भी पदा हो जात ह िजसस हमार कायर-कौशल म कमी आती ह जन सािह य म दो श द आत ह - दर य िकरया और भाव िकरया दर य िकरया का ता पयर ह - मदार िकरया मत िकरया भाव िकरया का ता पयर ह जीिवत िकरया पराणवान िकरया वतरमान म जो िजया जा रहा ह कवल उसी का अनभव करत रह यह कायर-कौशल का मह वपणर सतर ह

अत म सार यह उभर कर आता ह िक हमार ल य पिवतर ह हमारा कायर-कौशल इस परकार िवकिसत ह जो िकसी को अकशल न बनाए पीड़ा न पहचाए दसर क िहत पर कठाराघात न कर हमारा सारा परय न और प षाथर इस िदशा म चल िक हमारा अपना कायर िकसी दसर क कायर म बाधा न पहचाए कायर-कौशल का दय यही ह

कायर-कौशल का एक मह वपणर सतर ह - एकागरता का िवकास एक िवचार एक िवक प एक कायर ल और उसी म त मय बन जाए उसी म परी तरह िचत व मन को लगा द

प ठ 8

अकषय कराित

एक राजा था उसक रा य म सब परकार स सख शाित थी िकसी परकार का कोई वर-िवरोध नही था जनता हर परकार स सखी थी पर त राजा को एक बहत बड़ा दख था िक उसकी कोई सतान न थी उस अपना वश चलान की तथा अपन उ तरािधकारी की िचता खाए जा रही थी मिदर मि जद ग वार म जाकर माथा टका कई तीथर थान की यातरा की पर त कोई लाभ न हआ सतान की कमी उस िदन ब िदन खाए जा रही थी बहत सोच-िवचार क प चात उसन अपन रा य क सभी िव वान पिडत को बलवाया और उनस सतान पराि त का उपाय ढढ़न को कहा सभी िव वान न िवचार िकया राजा की ज म कडली का गहन िव लषण िकया अत म व सभी एक मत स एक िन कषर पर पहच उ ह न राजा स कहा िक यिद कोई बरा मण का ब चा अपनी खशी स दवता को बिल द तो आपको सतान की पराि त हो सकती ह राजा न िव वान की बात सनी उसन सार रा य म घोषणा करवा दी िक यिद कोई बरा मण का ब चा अपनी इ छा स खशी-खशी बिल दगा तो उसक घर वाल को बहत सा धन िदया जाएगा राजा क रा य म एक बहत ही गरीब बरा मण था कई िदन फाक म ही गजर जात थ उसक चार लड़क थ बड़ तीन लड़क तो अपना काम-धधा करत थ और अपन पिरवार को आिथरक सहयोग दत थ पर त जो सबस छोटा लड़का था वह कोई काम नही करता था उसका सारा यान हमशा भगवान भिकत म लगा रहता था उसका सारा िदन स कमर करत हए भगवान का मरण करत ही बीत जाता था उसक िपता न भी घोषणा सनी और सोचा यह लड़का िनठ ला ह और कोई काम-धधा भी नही करता इसको बिल क िलए भज दत ह राजा स धन िमल जाएगा तो घर की हालत कछ सधर जाएगी बरा मण अपन सबस छोट लड़क को लकर राजा क पास पहचा राजा न उस लड़क स पछा कया तम िबना िकसी दबाव क अपनी मजीर स अपनी खशी स बिल दन को तयार हो जी महाराज लड़क न बड़ी िवनमरता स उ तर िदया यिद मरी बिल दन स आपको सतान की पराि त होती ह तो म खशी स अपनी बिल दन को तयार ह दकर िवदा िकया ठहराया गया

उसन सार रा य म घोषणा करवा दी िक यिद कोई बरा मण का ब चा अपनी इ छा स खशी-खशी बिल दगा तो उसक घर वाल को बहत सा धन िदया जाएगा

शकर द त पीईसी िलिमटड

िचतन कर

प ठ 9

अकषय कराित

लड़क को अितिथ गह म ठहराया गया हर परकार स उसका खयाल रखा गया अत म उसकी बिल दन का िदन भी आ गया राजा न लड़क को बलाया और कहा आज त हारी बिल द दी जाएगी अगर त हारी कोई आिखरी इ छा हो तो बताओ हम उस परी करग मझ कछ भी नही चािहए बरा मण पतर न कहा बस म बिल दन स पहल नदी म नान करक पजा करना चाहता ह राजा यह सनकर बहत परस न हआ और बोला ठीक ह हम भी त हार साथ नदी तक चलग उस लड़क न नदी म नान िकया िफर नदी िकनार की रत को इकटठा िकया और उसकी चार ढिरया बना दी उसन चार ढिरओ की ओर दखा िफर एक ढरी को अपन पर स िगरा िदया िफर उसी परकार स दसरी ढरी को भी िगरा िदया िफर तीसरी ढरी को भी िगरा िदया उसक वह चौथी ढरी क पास गया उसक चार ओर तीन बार चककर लगाया हाथ जोड़कर उसको माथा टका उसकी वदना की और राजा क पास बिल क िलए आ गया राजा उसका यह सारा करतब बड़ ही कौतहल स दख रहा था पहल तो राजा न सोचा िक बालक ह रत स खल रहा ह पर त जब राजा न दखा िक उसन चौथी ढरी को हाथ जोड़कर परणाम िकया ह तो राजा को इसका रह य जानन की इ छा हई राजा न बालक स पछा बालक तमन रत की चार ढिरया बनाई िफर उनम स तीन को तोड़ िदया और चौथी को परणाम िकया इसका कया रह य ह पहल तो ब च न कोई उ तर नही िदया पर त राजा क दोबारा पछन पर लड़क न कहा राजन आपन बिल क िलए मझ कहा ह म बिल दन क िलए तयार ह आप अपना काम कीिजए आपको इस बात स कया लना िक मन रत की वो ढिरया कय तोड़ी ह राजा को बालक स ऐस उ तर की आशान थी राजा न उसस कहा बालक हमन त हार िपता को त हारी कीमत दकर त ह खरीदा ह तम हमार खरीद हए गलाम हो इसिलए हमार हर पर न का उ तर दना और हमारी हर बात को मानना त हारा धमर बनता ह ह राजन जब आप िजद कर रह ह तो सिनए लड़क न उ तर िदया जब कोई ब चा पदा होता ह तो सबस पहल उसक माता-िपता उसकी रकषा करत ह अगर वह आग क पास जान लगता ह तो उसको उसस बचात ह उसकी हर परकार स रकषा करन की िज मवारी उनकी होती ह लिकन यहा तो मर िपता न ही धन क लालच म मझ बिल दन क िलए आपक पास बच िदया इसिलए पहली

उसकी वदना की और राजा क पास बिल क िलए आ गया राजा उसका यह सारा करतब बड़ ही कौतहल स दख रहा था

प ठ 10

अकषय कराित

ढरी जो उनक नाम की बनाई थी वह मन ढहा दी लड़क न आग कहा दसरी िज मदारी राजा पर होती ह अपनी परजा की रकषा करन की आपन मझ अपनी सतान पराि त क िलए बिल दन क िलए खरीद िलया तब आपस कया पराथरना करता इसिलए दसरी ढरी जो मन आपक नाम की बनाई थी वह भी तोड़ दी जीव की रकषा करन का तीसरा भार दवी-दवताओ का होता ह बालक न तीसरी ढरी का रह य बतात हए कहा लिकन यहा तो दवता वय ही मरी बिल लन को तयार बठा ह तो इसस कया पराथरना करता इसिलए मन तीसरी ढरी भी तोड़ दी लिकन चौथी ढरी का कया रह य ह राजा न पछा और अत म सहारा होता ह भगवान का ई वर का ब च न रत की ढिरय का रह य खोलत हए कहा मरी बिल दी जानी थी सो मन अत म ई वर स पराथरना की परभ की पजा-अचरना करक उनस रकषा करन की पराथरना की अब वही मरी रकषा करग वही होगा जो ई वर को मजर होगा म बिल दन क िलए तयार ह rsquo इतना कहकर वह बालक राजा क पास जाकर िसर झका कर खड़ा हो गया राजा उस छोट स बालक की इतनी जञान की बात सनकर स न रह गया राजा न सोचा म इस बालक की बिल द दगा बरा मण ह या भी हो जायगी िफर पता नही मझ जो सतान परा त होगी वो कसी होगी परजा का खयाल रखन वाली होगी या नही कही मरा और वश का नाम ही न डबो द यह बालक गणवान ह ई वर का भकत ह सब परकार स मर लायक ह कय न म इस ही गोद ल ल और इस ही अपना पतर बना ल इतना िवचार करत ही उसन उस बालक की बिल दन का कायरकरम र कर िदया और उस बालक को गोद ल िलया कहत ह उस बालक म अ छ गण होन क कारण उसन कई साल तक रा य िकया और हर परकार स परजा की रकषा की उसक रा य म िकसी को िकसी परकार का कोई क ट नही था

इतना कहकर वह बालक राजा क पास जाकर िसर झका कर खड़ा हो गया राजा उस छोट स बालक की इतनी जञान की बात सनकर स न रह गया

परकित िजदगी स ह िजदगी बनी भी परकित स ह चलता रह य िविचतर खल य ही इसका भी अमल िजदगी स ह

प ठ 11

शोिभत ह िज़दगी धरती की धार पर इस हिरत धारा पर ऊजार स भरपर ह हिरत ऊजार स य ससि जत य खब ह

हिरत ऊजार क भ डार का खजाना य खब ह जल वाय और सौर ऊजार ह इनक अ यत ोत

ल अमल म इनको अगर बचाना ह य धरा अनमोल अदभत ह खजान परकित क अगर कर ल मन य इनका सदपयोग

य झोखा जो हवा का ह य जो तरग म जलधारा ह अदभत िकरण जो फलाती जीवन की धारा ह

समझ ल इनका जो इशारा ह कर परयोग इ ही का अपन यतर मतर स छपा ऊजार का अनमोल खजाना ह

परकित िजदगी स ह िजदगी बनी भी परकित स ह चलता रह य िविचतर खल य ही इसका भी अमल िजदगी स ह

रकषा कर इस धरा की स पना इसको नई िजदगी को ह इस परकित स बना मन य महान

िफर क य कर रहा परकित का सवरनाश खद को बचा हर िजदगी को बचा

करक हिरत ऊजार का स मान जीन द जीवन को और भी कर ल सयम म अपना य िवषकत घटता जीवन का चकर य ह इशारा परकित का हर पल सभल जरा ना कर इसको त तग

मक त खल परकित स कर ल इस हिरत ऊजार का परयोग अ छ क बदल अ छा दना सीख परकित का य खल

अलका कमार इरडा

अकषय कराित

किवता

प ठ 12

नही सीखा अब भी अगर परकित म सब जाएगा बदल जी ना पायगा िफर त इस परकित म िमट जाएगा अश तरा इस परकित स हिरत परकित और य हिरत ऊजार ह य इस धरा क जीवन दायक सीख परकित स लना दना

िसखा रह य जीवन का मल मतर परकित का आहार परकित मत द आहार आपराकितक सतलन िबगड़ गया अगर हो जायगी िवनाश िजदगी

अब सभल जरा और कर ल परण करक हिरत ऊजार को ही खचर बना धारा को शोिभत हरदम

िफर रहगा परकित और िजदगी का य खबसरत सग

हिरत परकित और य हिरत ऊजार ह य इस धारा क जीवन दायक सीख परकित स लना दना िसखा रह य जीवन का मल मतर

अकषय कराित

प ठ 13

अकषय कराित

कमरचािरय की आदत उनक यिक त व और िन पादन कषमता का पार पिरक सबध - एक िव लषण

हम िजस िकसी सगठन म काम करत ह उसक परित हमारा ल य होना चािहए सबिधत स थान क िलए अपनी सपणर कषमताओ का इ तमाल कषमताओ का बहतर परयोग तभी हो सकता ह जब हम अपन अदर अ छी आदत का िवकास कर हमार शा तर वद उपिनष और अ य धािमरक गरथ हम अ छी आदत क िवकास क सबध म बीज मतर बतात ह िक हम मनसा वाचा और कमरणा शदध रहना चािहए मनसा वाचा और कमरणा शदधता स ता पयर ह िक हम मन वाणी और कम स अ छ बन रह हमारी नीयत नक हो हम अपन सहकिमरय सािथय और अ य लोग क साथ अ छा बरताव कर और हमार कमर अ छ ह इस बीज मतर पर चलन वाला हमशा अपन अदर अ छी आदत का िवकास होता पायगा

असल म िदककत यही ह िक हम उपदश दन म तो आग रहत ह लिकन खद क अदर नही झाकत या कम ही झाकत ह - lsquoपर उपदश कशल बहतरrsquo सपरिसदध लखक सरदार परन िसह न एक बार कहा था आचरण की स यतामय भाषा सदा मौन रहती ह अथारत आदमी खद चप रहकर खद को ठीक रख तो इसका परभाव खद-ब-खद दसर पर पड़ता ह इसको हम एक छोट स उदाहरण स प ट कर सकत ह िक मान िलया जाए हम ब च स कह धमरपान नही करत लिकन उसक सामन खद ऐसा कर इसस इतर हम अगर यह सब करत ही नही ह तो इसका यादा असर ब च पर पड़गा अ छी आदत घर स श होकर समाज द तर और उसस आग तक हम हमशा हमारा फायदा िदलाती ह

कहा जाता ह िक व थ तन म ही व थ मन िनवास करता ह इसी तरह यह भी कहा जाता ह िक व थ वातावरण ही उ नित का योतक होता ह व थ वातावरण तभी बनगा जब उस माहौल म रहन वाल लोग

हीरा व लभ नराकास

असल म िदककत यही ह िक हम उपदश दन म तो आग रहत ह लिकन खद क अदर नही झाकत या कम ही झाकत ह - lsquoपर उपदश कशल बहतरrsquo

प ठ 14

अकषय कराित एक दसर का स मान करग खद की आदत को सधारग और उस स था की तरककी क िलए अपन तर पर हर वह काररवाई करग जो औ योिगक सगठन और लोग की उ नित म ज री होती ह

औ योिगक सगठन िकसी भी दश की अथर यव था को मजबत आधार परदान करत ह औ योिगक सगठन म परयोग होन वाल सम त ससाधन म मानव ससाधन अथारत उसम काम करन वाल कमरचारी मह वपणर और िनणारयक होत ह इन सगठन का सफल सचालन वहा कायररत कमरचािरय की कशलता और कायरकषमता पर आधािरत होता ह कशलता और कायरकषमता का ोत हमारा आचरण और यवहार होता ह जािहर ह औ योिगक सगठन म मानवीय सबध परी एक ऐसी िकताब ह िजसक िबना कभी कछ नही कराया जा सकता लोग क साथ सतोषजनक प स काम करना परबधन क काम का िसफर एक िह सा नही ह वरन सारा

काम इसी पर िटका ह कय िक सभी उ योग म मशीन माल या दसरी चीज़ क साथ कोई भी काम लोग क मा यम स ही िकया जा सकता ह तीन lsquoएमrsquo अथारत मनी मटीिरयल और मशीन औ योिगक सगठन क िलए मह वपणर ससाधन होत ह लिकन इ ह पिरणाम तक पहचान का कायर कमरचारी (man) ही करत ह जो सगठन दर अदशी रहकर कमरचािरय क जञान उनकी िविश टताओ उनक आचरण को अनकल साच म ढालन क परित सजग रहत ह वही सफलता की ऊचाइय को छत ह अगरजी म एक परानी कहावत ह -- Where the vision is one year Cultivate flowers Where the vision is ten years Cultivate trees Where the vision is eternity Cultivate people अथारत जहा दरअदशी एक साल क िलए हो तो फल लगाइय जहा दरअदशी दस साल क िलए हो तो पड़ लगाइय

औ योिगक सगठन म परयोग होन वाल सम त ससाधन म मानव ससाधन अथारत उसम काम करन वाल कमरचारी मह वपणर और िनणारयक होत ह

प ठ 15

अकषय कराित जहा दरअदशी अनत काल क िलए हो तो लोग का िवकास कीिजए औ योिगक सगठन म 500 आदमी ह 5000 आदमी ह 50000 ह या इसस अिधक अगर कामकाज ठीक स चलाना ह तो बहत ज री ह परबधन उनस िनभाना जानता हो यिकतगत सपकर का मह व

वातानकिलत कमर म बठकर और सचार मा यम या िकसी अ य तरीक स कमरचािरय की िरपोटर लना और आस पास होन वाल घटनाकरम को जानना अलग बात ह और कायर थल पर वय उपि थत रहकर ि थित को समझना और िनदश दना अलग बात महान जनरल रोमल की सफलता का मखय कारण यह था िक व हमशा कायर थल पर वय उपि थत होकर िनदश दत बात की पि ट करत सम याए सलझात और दखत िक काम कसा चल रहा ह रोमल का यह तरीका इतना सफल रहा िक िकसी भी औ योिगक सगठन या कारोबार म इस अपनाया जाए तो आशातीत पिरणाम सामन आ सकत ह लोग क बीच खद उपि थत होकर काम करन का कोई िवक प नही ह लोग अिधकाशतः उनको नापसद करत ह िज ह व ठीक स जानत नही ह पर एक बार जान पहचान हो जान पर हालात बदल जात ह कमरचािरय म अ छी आदत का िवकास करन की पहली शतर ह िक पहल उनक िदल म घर िकया जाए ऐस िकसी भी बरताव स बचा जाए िजसस वह अपन को उपिकषत महसस करन लग अतः सवदनशीलता का यान रखना बहत ज री ह

कमरचािरय क परित सवदनशील यवहार-कौशल और धयरपणर होन क अितिरकत इस बात पर ढ़ रहना ज री ह िक काम ठीक परकार स हो अ छ यवहार क साथ कमरचािरय को यह जताना भी ज री ह िक उनस काम का उ च तर अपिकषत ह और उस पर उनक साथ कोई समझौता नही और अगर इस पर अमल नही करत तो उ ह पता होना चािहए िक आप कड़ी काररवाई करग

सकारा मक नजिरया परबधन का एकमातर काम िनदश दना नही ह वरन उस साथ-साथ लोग का िवकास करना होता ह

महान जनरल रोमल की सफलता का मखय कारण यह था िक व हमशा कायर थल पर वय उपि थत होकर िनदश दत बात की पि ट करत सम याए सलझात और दखत िक काम कसा चल रहा ह

प ठ 16

अकषय कराित एक अिधकारी का मखय काम यही ह िक वह अपन साथ काम करन वाल लोग म अ छी आदत का िवकास कर उनकी सहायता कर यिद यह काम परभावशाली ढग स कर पाता ह तो इसस कवल उसक अपन काम ही बहतर नही ह ग बि क उसक पास परिशिकषत और कशल कमरचािरय का परा दल होगा जो उसक परित परी िन ठा स काम करगा इसक िलए सबस पहल कमरचािरय का नजिरया ठीक करना ज री ह उनम सबस पहल यह भावना लानी होगी िक हमार अदर जो चीज ह वही हम ऊपर की ओर ल जाती ह और वह हमारा नजिरया ह

एक आदमी मल म ग बार बचकर अपनी गज़र-बसर करता था उसक पास लाल नील पील हर-चार रग क ग बार थ जब कभी उसकी िबकरी कम होन लगती तब वह हीिलयम गस स भरा एक ग बारा हवा म छोड़ दता ब च उस उड़ता दखकर वसा ही उड़न वाला ग बारा पान क िलए मचल उठत ब च उसस ग बारा ख़रीदत और इस तरह उसकी िबकरी िफर स बढ़ जाती िदन-भर यही िसलिसला चलता रहता एक िदन वह आदमी बाज़ार म खड़ा ग बार बच रहा था अचानक उस महसस हआ िक पीछ स कोई उसका करता पकड़कर खीच रहा ह उसन पीछ मड़कर दखा तो एक छोट स ब च को खड़ा पाया उस ब च न ग बार वाल स पछा ldquoअगर आप काला ग बारा छोड़ग तो कया वह भी उड़गाrdquo ब च की बात उसक िदल म लगी और उसन यार स जवाब िदया ldquoबट ग बारा अपन रग की वजह स नही उड़ता बि क उसक अदर कया ह इस वजह स ही वह ऊपर जाता ह rdquo ठीक यही बात हमारी िज़दगी म भी लाग होती ह अगर लोग का नजिरया बहतर हो उनम अदर स काम करन की इ छा भरी हो तो व खलकर आपस म िमलकर काम करग इसस नकसान तो कम होगा ही स थान क परित िन ठा बढ़गी और लगन स काम करन का वातावरण तयार होगा िव वास हािसल करना आव यक

कमरचािरय स बहतरीन काम लन क िलए शानदार टीम लीडर होना ज री ह मटठीभर लोग का कोई समह िकला तभी फतह कर सकता ह जब

एक आदमी मल म ग बार बचकर अपनी गज़र-बसर करता था उसक पास लाल नील पील हर-चार रग क ग बार थ

प ठ 17

अकषय कराित जब उनका सनापित उनम वह जोश भर सक िक उ ह कोई भी ऊचाई यादा न लग अतः सबस ज री ह िक स थान म कमरचािरय की

कषमताओ का परा फायदा लन क िलए उनका िव वास जीता जाए इसक िलए उनक साथ परी इ जत स पश आना ज री ह उनकी छोटी-बड़ी खशी को बाटना और उनकी राय को परा स मान दना भी उतना ही ज री ह कई बार परबधन क उ चािधकारी या लीडर अपनी टीम क सद य स िसफर इसिलए राय नही लत कय िक उ ह लगता ह िक एक बार राय लन पर अगर उनकी बात नही मानी गयी तो उ ह बरा लगगा लिकन सबस ज री ह िक टीम म सभी सद य को िव वास म लकर काम िकया जाए यहा टीम लीडर की भिमका मह वपणर होती ह वह खद वकत का पाबद होगा तो उसक मातहत कमरचािरय म वयमव यह गण आदत का प ल लगी टीम लीडर का काम अपनी टीम का उ साह बढ़ात हए दी गयी िज मदािरय को समय स परा करना ह मगर उसम नयी चीज़ को सीखन की ललक होनी चािहए ऐसी ललक जब स थान क कमरचािरय म आदत का प लन लगती ह तो वह स थान जािहर ह नए परितमान थािपत करन लगता ह जापानी कपिनया हर बात म कमरचािरय क िहत का यान रखती ह िजसस व वय ही उ पादकता क परित सचत हो जात ह जानी-मानी टोयोटा कपनी क कमरचािरय म तो काम की ऐसी आदत सी या ललक होती ह िक व तब तक काम करत ह जब तक खद थक कर चर नही हो जात यह उनकी आदत ही बन चकी ह िक यिद व िकसी बात पर नाराज होत ह तब भी कपनी या अपन भागय को भल ही कोस ल पर अपन काम पर असर नही पड़न दत इसका कारण यह ह िक जापानी कपिनया काम का एक अ छा वातावरण बनान और लोग म काम क परित स ची लगन को बढ़ावा दन क िलए कड़ा परयास करती ह वहा लोग को लगातार परिशकषण िमलता रहता ह जो कवल तकनीक और मनजमट ही नही कायर स जड़ी नितकता और अ छी आदत क िवकास पर किदरत होता ह चिरतर का िनमारण उनकी एक आदत सी बन जाती ह अगर हम भी एक अ छी शिखसयत बनना ह तो हम अपनी आदत को गहराई स जाचना होगा

ऐसी ललक जब स थान क कमरचािरय म आदत का प लन लगती ह तो वह स थान जािहर ह नए परितमान थािपत करन लगता ह जापानी कपिनया हर बात म कमरचािरय क िहत का यान रखती ह

प ठ 18

अकषय कराित चतन और अवचतन मन

हमार चतन मन क पास सोचन की शिकत होती ह यह िकसी बात को मान सकता ह और नही भी मान सकता मगर अवचतन मन िसफर वीकार करता ह यह इनपट (input) को लकर कोई भदभाव नही करता अगर हम अपन मन म डर शका नफरत क भाव भर तो यह आ म सझाव इन सभी भाव को सिकरय बनाकर हकीकत म बदल दगा हमारा अवचतन मन एक डाटा बक की तरह ह अवचतन मन एक गाड़ी की तरह ह और चतन मन एक डराइवर की तरह शिकत तो गाड़ी म होती ह मगर उसका कटरोल डराइवर क पास होता ह

हम अवचतन मन को इस तरह ढालन की ज रत ह िक वह हम सही और ठीक रा त पर ल जा सक अवचतन मन एक बगीच की तरह होता ह िजस कोई परवाह नही होती िक आप कस पौध लगात ह यह िनरपकष (neutral) होता ह इसम अ छा बोन पर अ छा िमलता ह अ यथा जगली पौध उग जायग

बि क अ छ बीज बोन क बावजद जगली पौध उगन बद नही होत आव यकता होती ह उ ह उखाड़ फकन का िसलिसला जारी रखन की इसी िसदधात को कमरचािरय क मामल म समझन की ज रत ह हम याद रखना ह िक सही और गलत िवचार मन म एक साथ नही रह सकत आव यकता उनक अवचतन मन को इस तरह ढालन की ह िक उनम अ छी आदत का िवकास हो दरअसल अवचतन योगयता वह होती ह जब हम यान दन और सोचन की यादा ज रत नही होती कय िक यह हमार यवहार म खद ब खद उतरन लगा ह िजस स थान क कमरचारी इस तर पर पहच जात ह उनम अ छी आदत वयमव घर करन लगती ह जब बरी आदत हमार अवचतन योगयता क तर तक पहच जाती ह तो वह कावट उ प न करती ह

पिरवतरन का िवरोध बरी आदत को पहचान लन क बाद भी अकसर दखा गया ह िक

लोग उ ह बदलत नही ह ऐसा आिखर कय होता ह उनक न बदलन का कारण ह िक व िज मदारी को वीकार करन स इनकार करत ह

हम अवचतन मन को इस तरह ढालन की ज रत ह िक वह हम सही और ठीक रा त पर ल जा सक अवचतन मन एक बगीच की तरह होता ह िजस कोई परवाह नही होती िक आप कस पौध लगात ह

प ठ 19

अकषय कराित अपनी उन आदत को बनाय रखन म उ ह जो आनद िमलता ह वह पिरवतरन क ददर स यादा होता ह इसक िन निलिखत कारण हो सकत ह -- 1 पिरवतरन की इ छाशिकत का अभाव 2 पिरवतरन क िलए आव यक अनशासन की कमी 3 िव वास की कमी 4 आव यक जानकारी की कमी परबधन वारा इन िबदओ पर िवचार कर अपन किमरय म आशातीत पिरवतरन लाया जा सकता ह सामा यतः खराब आदत को न बदलन क बहान िदय जात ह और कहा जाता ह -- हम लोग इसी तरह करत ह या िक म नही समझता इसस कोई फकर पड़गा और कछ न िमला तो कह िदया जाता ह म बहत य त ह अ छी आदत का िन पण

आदत म पिरवतरन लाया जा सकता ह आव यकता ह इसक िलए सही पिरवश का िनमारण करन की कमरचािरय को परिशिकषत करन की परिरत करन की और ऐसी ि थितया उ प न करन की िजसस कमरचािरय म अ छी आदत का िन पण हो सक दरअसल सफल लोग का राज यह ह िक व काम करन की उन आदत को डाल लत ह जो असफल लोग करना नही चाहत य वही काम ह िज ह सफल लोग भी करना

नही चाहत लिकन व िफर भी करत ह उदाहरण क िलए असफल लोग अनशासन और महनत करना पसद नही करत सफल लोग भी अनशासन और कड़ी महनत नापसद करत ह लिकन व िफर भी ऐसा करत ह कय िक य लोग उन काम को करन की आदत डाल लत ह िज ह असफल लोग नही कर पात नजिरय और सोच का तरीका एक आदत ह और इस बदला जा सकता ह सही ि ट और सतलन कमरचािरय म काम क सबध म सही ि ट बनाय रखन की परवि त िवकिसत करना ज री ह जब कछ गलत हो रहा होता ह तो उस ठीक करना परबधन का ही काम होता ह समझा यह जाता ह िक परायः हम गलत हो रह काम को लकर इतन िचितत हो जात ह िक जो सही हो रहा ह उस भी अनदखा करन की हमम आदत होती ह

दरअसल सफल लोग का राज यह ह िक व काम करन की उन आदत को डाल लत ह जो असफल लोग करना नही चाहत

प ठ 20

अकषय कराित उदाहरण क िलए अगर िकसी स कोई गलती हो जाती ह तो हम एकदम उस पर िच ला पड़त ह या उसक िव दध काररवाई कर बठतहअ छा यह रहगा िक आप उस अलग ल जाकर अकल म बात कर अगर परशसा करनी हो तो सबक सामन कर

अगर िकसी स सहमित न बन तो उस पर करोध करना ज री नही ह अगर अपन करोध पर काब रखग तो लोग अपनी असहमित को अ यथा नही लग अगर आप अपन िवचार को खला रखग तो दसरी ओर स भी आप ऐस ही यवहार की अपकषा कर सकत ह परायः लोग अपनी सहमित कछ इस तरह जतात ह िक सामन वाला भी अपनी बात पर अड़ जाता ह समझन की बात यह ह िक सभी ि थितय म कवल तकर ही काफी नही होगा िकसी स असहमत होन म भी यवहार कशल होना ज री ह सबस पहल तो दसर को अपना पकष रखन का मौका द उसकी बात सन और जहा तक हो सक उसस अपनी सहमित भी परकट कर और िजन बात पर सहमित न बना सक उस समझाए

हमम स अिधकाश लोग उन किमरय और उनकी गलितय पर अ यिधक यान दत ह िजनक िलए हम काम करत ह पर अपन किमरय पर नज़र डालना भल जात ह अगर वय को उन लोग की नजर स दखा जाए तो आशातीत पिरणाम दखन को िमलत ह

आ म मथन आप कया करना चाहत ह कसा करना चाहत ह - इस सोच को

वतरमान म अपन अदर मथन करन को आ म-सझाव कहत ह एक बार सब म जब इसकी पिरपाटी श हो जाती ह तो यह हमार अदर िवजञापन की तरह काम करता ह अपन बार म अपन िलए अदर ही परचािरत करता ह इसका हमार चतन और अवचतन (Sub-concious) मन दोन पर परभाव पड़ता ह अततः यह हमार नजिरए और यवहार को परभािवत करता ह और धीर-धीर आदत का प लता ह यह दरअसल अपन अवचतन मन को ढ़ालन या परोगराम करन की िविध ह

हमम स अिधकाश लोग उन किमरय और उनकी गलितय पर अ यिधक यान दत ह िजनक िलए हम काम करत ह पर अपन किमरय पर नज़र डालना भल जात ह

प ठ 21

अकषय कराित आ म-सझाव अ छ या बर हो सकत ह जब हम बर आ म-सझाव को बार-बार दोहरात ह तब हमारा अवचतन मन उन पर िव वास करन लगता ह और हम उसी को वा तव म यवहार करन लगत ह सकारा मक आ म-सझाव को बार-बार मथन करन स उसकी हमार िदलोिदमाग म त वीर बन जाती ह और वही असिलयत का प लन लगता ह एक उदाहरण क िलए जब कभी हम सबह 0600 बज टरन पकड़नी हो और हमार पास अलामर घड़ी न हो तो हम मन म कहकर उठत ह िक 0400 बज उठना ह तो कया हम नही उठत अगर उठत ह तो इसक पीछ आ म-सझाव ही काम करता ह आ म-सझाव एक रा ता ह िजसस हम अपन िदमाग को परोगराम करक ढ़ालत ह सकारा मक आदत को िवकिसत करन म आ म-सझाव की परवि त मह वपणर िसदध हो सकती ह हमार नजिरए और आदत को तय करन वाल कारक हमार नज़िरए को मखयतः तीन कारक परभािवत करत ह - वातावरणः घर कल आिफस मीिडया सा कितक प ठभिम धािमरक प ठभिम परपराए और भाषाए सामािजक-राजनितक माहौल - य सब िमलकर एक तहजीब बनात ह चाह घर हो या आिफस या अ यतर - हर जगह हर िकसी की अपनी तहजीब होती ह उदाहरण क िलए हम एक दकान म जात ह तो वहा का स समन बड़ अदब वाला होता ह लिकन वही जब दसरी दकान पर जात ह तो वहा का स समन कभी-कभी बड़ा खा और बदतमीज िमल जाता ह उसी तरह िकसी क घर म यार भरा माहौल िमलता ह तो िकसी क घर म हमशा लड़ाई-झगड़ का इसी तरह जब सरकार और राजनीितक माहौल ईमानदारी का होता ह तो लोग भी ईमानदार मददगार और कानन का पालन करन वाल होत ह बईमान और भर ट माहौल म िजस तरह एक ईमानदार का जीना मि कल होता ह उसी तरह ईमानदारी भर माहौल म बईमान यिकत को मि कल होती ह िन सदह अ छ वातावरण म मामली कमरचारी म वमव अ छी आदत िवकिसत होती ह और उसकी कायर करन की शिकत बढ़ जाती ह जबिक खराब माहौल म अ छा काम करन वाल की भी कषमता िगर जाती ह

सकारा मक आदत को िवकिसत करन म आ म-सझाव की परवि त मह वपणर िसदध हो सकती ह

प ठ 22

अकषय कराित कायर-स कित का बहाव ऊपर स नीच की ओर होता ह नीच स ऊपर की ओर कभी नही यह दखना बहत ज री ह िक हमन अपन िलए और आस-पास क लोग क िलए कसा वातावरण तयार िकया ह खराब वातावरण म अ छ की उ मीद करना बमानी ह अनभवः हम अपन जीवन म अपन काम-काज म हालात स जसा अनभव पात ह वह हमारी आदत का िह सा बन जात ह और उसी क अनसार हमारा यवहार होता ह अगर िकसी क परित हमारा अनभव अ छा होता ह तो हमारा नज़िरया भी अ छा होता ह ज री ह िक कमरचािरय को ऐसा कायर-पिरवश िमल िजसस उनक अवचतन म अ छ अनभव की छाप अिकत हो

परिशकषण भी ज़ री यहा िसफर सदधाितक जञान ही काफी नही होता बि क औपचािरक और अनौपचािरक दोन ही तरह की िशकषा व परिशकषण ज री ह जञान और जानकारी को यिद योजनाबदध तरीक स परयोग िकया जाए तो उसस बौिदधक तर को बढ़ान म आशातीत सफलता िमलती ह काम करन की कला अ छी िशकषा स ही आती ह ज री ह िक परिशकषण म मनोवजञािनक सामािजक आिथरक व अ य पहल को समझन की आदत िवकिसत की जाए अवचतन म यह िबठाना बहत ज री ह िक जीवन की भ यता काम क वारा ही सभव ह स थान म सभी को लगना चािहए िक उनका काम मह वपणर ह यही परबधन कला का सार ह जब कमरचािरय को ऐसा एहसास होन लगता ह तो उनक नज़िरए म बदलाव आन लगता ह उपसहारः काम क परित लोग म अ छी आदत िन िपत करन और उनम उ साह जगान स कायर-िन पादन म िनरतर िनखार आता ह दरअसल हर यिकत म मानिसक और शारीिरक ऊजार उ प न होती ह िजसक िलए काम ही सबस अ छा िनकास ह एक िवचारक क अनसार lsquoआप पछत ह म लगातार काम कय करता ह

यहा िसफर सदधाितक जञान ही काफी नही होता बि क औपचािरक और अनौपचािरक दोन ही तरह की िशकषा व परिशकषण ज री ह

प ठ 23

अकषय कराित इसका वही कारण ह िजस कारण स मगीर अ ड दती जाती ह rsquo काम क िबना इसान घट सा जाता ह उस काम की उतनी ही ज रत होती ह िजतनी हवा की आव यकता ह िक उस सही वातावरण उपल ध करान और सही िदशा म अिभपरिरत करन की व ततः हर यिकत अदर स गिरमा और आ मस मान की चाह रखता ह आव यकता ह उस अतःपरिरत करन की लोग को खद स परिरत करन क िलए हम उनकी ज रत और इ छाओ को समझना होगा पररणा कायरकषमता और आदत क बीच सीधा सबध ह जो लोग उतना ही काम करत ह िक उनकी नौकरी बची रह तो ऐस लोग िकसी भी स थान क िलए मह वपणर नही हो सकत अतपररणा स सोच म बदलाव लाया जा सकता ह पररणा आग क समान होती ह

कमरचािरय को िजतना परिरत िकया जाएगा उनम उतनी ही सकारा मक आदत का िवकास होगा कमरचािरय को उिचत स मान दकर उनक कायर को अिधक मनोरजक बनाकर परबधन वारा उनकी बात को गौर स सनकर उनकी सम याओ और सझाव पर गौर करक उ ह वय ल य िनधारिरत करन क िलए परो सािहत करक िवकास क नय अवसर उपल ध कराकर आव यकतानसार समय-समय पर समिचत परिशकषण िदलाकर तथा नयी चनौितय स जझन क िलए परो सािहत करक िन सदह उनक आचार और यवहार को सकारा मक िदशा म पाियत िकया जा सकता ह

कमरचािरय को िजतना परिरत िकया जाएगा उनम उतनी ही सकारा मक आदत का िवकास होगा

ई-पितरका म लख आिद म परकट िवचार

मलतः लखक क ह तथा यह आव यक नही ह िक

इरडा भी इन िवचार स सहमत हो

प ठ 24

अकषय कराित

िबिटया

आख म मोती लकर तम िबिटया जाती हो हा जाओ िशकषा का उपहार द रह िवदा समय यह लो ल जाओ इन पराण म परीित त हारी ममता क धन िसदरी इन नयन की बद पली परकट करती ह मजबरी लाचारी ह िफर पराण म क य ह इतनी आकलता

जब इस रीित पर पराओ म वश न िकसी का ह चलता िपतकल को तजकर अब िबिटया पित-कल म जाना होगा

नटखटपन को छोड़ धमर का ही िजसम बाना होगा इस घर की तम बड़ी लाडली पराण स यारी िबिटया

चली लाकर आज सभी को िपता की कर सनी किटया िजन हाथ न लाड़ चाव स अब तक था िजसको पाला उन हाथ न ही िबिटया को दलह राजा जी को द डाला

िजसका दख जरा मन मला हो जाती थी हरानी क यादान उसी का कर क दय बनाया पाषाणी

िकया न जाता था पल भर को इन आख स दर िजस मोती झरत िवदा द रहा आज सकल पिरवार उस अपनी मा क जीवन की तम परित-पल हो आधार रहो

िवजयता िपता क दय मिदर की िबिटया तम साकार रही आज जीवन क सख-दख सार वही िबतान तम लो जान आओगी जब कभी यहा तम होगी महमान समान

सतीश कमार कलावत इरडा

इस घर की तम बड़ी लाडली पराण स यारी िबिटया चली लाकर आज सभी

को िपता की कर सनी किटया

प ठ 25

ससराल की कभी बराई कही न मह पर आ जाव धमर कमर क तर य पथ म पाव नही िडगन पाव

सात परितजञाय जो तमन अिग नदव स मख की धारण द पि त जीवन का मह व ह करना स च मन स पालन

बटी इन सात बचन का यान दय म रह सदा दोन कल की लाज इसी म भला न दना इस कदा पित ही ह सवर तर त हार पित ही को जीवन समझो

जो कछ कह उसी को मान उनको िबिटया तम धन समझो शीलवती तम बन िबिटया पित-भक त मना सदर िनस दह वय उपजग क प-वकष घर क अ दर

पहन सिशकषा की साड़ी को शभ गण भषण अपनाओ दस लकषण शभ लकषण धार िन य नय मगल गाओ यह िशकषा उपहार दय का तम को राह िदखायगा भल भटक कर भी अिधयारा पास न आन पायगा

हम सब की आख स मोती उर स िनकल रही आशीष सभी सख स पणर परफि लत कर त ह दलह राजा की ईश

अकषय कराित

िजन हाथ न लाड़ चाव स अब तक था िजसको पाला उन हाथ न ही िबिटया को दलह राजा जी को द डाला

प ठ 26 अकषय कराित

ldquoपयारवरणrdquo श द पिर+आवरण स बना ह अथारत बा य आवरण को ही पयारवरण कहत ह इस बा य आवरण का ता पयर हमार चार ओर क वातावरण और पिरवश स ह िजस हम दसर श द म परकित भी कह सकत ह प वी पर िव यमान सपणर जीव-जगत क अि त व जीवन-यापन एव चहमखी िवकास म परकित की मह वपणर भिमका ह मानव बिदधजीवी पराणी ह और परकित क मह व स भली-भाित पिरिचत होन क कारण ही सिदय स परकित की पजा करता रहा ह

विदक काल स ही परकित तथा मानव क बीच जीवन ततर का अटट सबध रहा ह हमार पराचीन ऋिष-मिनय न प वी म हवा पानी िमटटी पड़-पौध जीव-ज तओ और मानव क सिकरय सहयोगा मक सतलन को यान म रखकर ही परकित को प य माना धमर क साथ परकित को जोड़कर उ ह न परकित को पयार त मह व िदया व जानत थ िक िजस परकार जीवन क िलए भिम की आव यकता होती ह उसी परकार वन पितया व अ य पराणी भी आव यक ह य सभी परकित क अिभ न अग ह इनम स एक क भी न ट होन का परभाव दसर पर पड़ता ह और पिरणाम व प पराकितक असतलन पदा हो जाता ह व तत प वी म हवा पानी िमटटी पड़-पौध जीव-ज तओ और मानव का सिकरय सहयोगा मक सतलन रहता ह पड़-पौध भिम को उपजाऊ बनात ह िमटटी को बाधकर रखत ह बरसात करवान तथा जल एव वाय को व छ रखन म सहायक होत ह परत आज क बढ़त औ योिगकीकरण और शहरीकरण न परकित और मानव क बीच असतलन उ प न कर िदया ह यह असतलन अिशकषण बढ़ती जनसख या शहर की ओर पलायन वकष की कटाई गगनचबी इमारत बड़-बड़ उ योग की थापना आिद क कारण ह और यही पयारवरण परदषण क मख य कारण ह मटरोपोिलटन एव बड़ शहर म अनक काबरिनक और अकाबरिनक गस जस ndash काबरन-मोनोऑक साइड अमोिनया आिद परदषण क मख य ोत ह

वतरमान पयारवरण -21वी सदी की चनौती

लख सरीन सल

विदक काल स ही परकित तथा मानव क बीच जीवन ततर का अटट सबध रहा ह

प ठ 27 अकषय कराित मन य न अपनी भितक सख-सिवधाओ की आपित र क िलए परकरित स

िखलवाड़ िकया ह वतरमान मशीनी यग म मन य वारा परकित क अ यिधक दोहन एव िनत नए कारखान की थापना स पयारवरण सकट उ प न हआ ह मानव न परकित क साथ जो अ यायपणर यवहार िकया ह उसी क फल व प परकित का िवरोधी रवया हआ ह िजस भिव य म सह पाना मि कल होगा

अिशकषा क कारण दश की तजी स बढ़ती आबादी क आवास की मलभत आव यकता को परा करन क िलए वकष की कटाई करक ऊची-ऊची इमारत बनाई जा रही ह वकष की अधाधध कटाई स भिम की ऊवररा शिक त का तो ास हो ही रहा ह साथ ही परदषण जसी िवकराल सम या भी ज म ल रही ह

परदषण पयारवरण क ास का परमख कारण ह िवकासशील दश िनत नए उ योग की थापना करक बराजगारी की सम या को तो दर कर रह ह िकत इसस जल वाय विन तथा िविभ न परकार क परदषण बढ़ रह ह कल-कारखान और मोटर स िनकलन वाल धए स वाय परदषण हो रहा ह जल थल व नभ क मागर पर शिक त चािलत वाहन विन परदषण का मख य ोत ह शहरीकरण और औ योिगकीकरण क कारण शदध पयजल की सम या िवकराल प धारण कर रही ह कारखान स िनकलन वाल कड़-कचर क निदय म िमलन स जल परदषण हो रहा ह रासायिनक खाद और कीटनाशी दवाओ स मदा परदषण का खतरा बन गया ह

इस परकार जनसख या विदध शहरीकरण औ योिगकीकरण एव परदषण जसी सम याओ न पयारवरण को बरी तरह परभािवत िकया ह आज सपणर िव व पयारवरण को लकर िचितत ह इस भयावह ि थित स बचन क िलए पर यक यिक त को पयारवरण क परित जाग क करना आज की अिनवायर आव यकता ह

इस िदशा म सवरपरथम िनरकषरता को समा त िकया जाना चािहए साकषर भारत की पिरक पना म जनसख या विदध दर वय िनयितरत हो जाएगी करल रा य इसका परमाण ह जहा साकषरता क साथ-साथ जनसख या िनयतरण भी ह

जल थल व नभ क मागर पर शिक त चािलत वाहन विन परदषण का मख य ोत ह

प ठ 28 अकषय कराित

इसक बाद बात आती ह परदषण िनवारण की आज िव व भर क

वजञािनक और पयारवरणिवद इस िदशा म कायररत ह सवरपरथम वन क काटन पर परितबध लगाया गया ह और वन सपना क िव तार हत वकष लगान क िलए परो सािहत िकया गया इसक िलए सरकार की ओर स वकष आिद िनश क उपल ध कराए जात ह ldquoपयारवरण परदषण स थाrdquo और व छ वाय अिधिनयम जस िविधक उपाय स वाय परदषण पर रोक लगान का परयास िकया जा रहा ह जहरील धआ उगलन वाल कारखान तथा वाहन पर भारी आिथरक दड का परावधान ह िविभ न सचार मा यम mdashदरदशरन समाचार-पतर तथा आकाशवाणी क मा यम स जनता को पयारवरण क परित जाग क करन क परयास िकए जा रह ह निदय म खलन वाल परदषण ोत को बद करन की योजनाए चलाई जा रही ह पािलथीन क परयोग को बद करन क िलए चलाया जा रहा ह अिभयान भी परशसनीय ह

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह इस खतर स सपणर भमडल का अि त व न ट हो जाए इसस पहल हम पयारवरण की सरकषा करन का सक प लना होगा

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह

िस धी होन क प चात भी मझ बगाली रीित िरवाज़ िमठाइया यहा का पहनावा अगरज क ज़मान की बनी सरचनाए एव भवन इ यािद म बहत िदलच पी एव िच थी

प ठ 29 अकषय कराित

यातरा स मरण-कोलकाता-खिशय हषर का शहर(िसटी ऑफ जॉय)

सोिनया सिह वानी पीईसी िलिमटड

म पी ई सी िलिमटड नामक कपनी क िविध ककष म उप िविध परबधक क पद पर कायररत ह सन 2010 जन स इस कपनी म मन परबधन परिशकष क प म अपनी पहली नौकरी की श आत की पी ई सी िलिमटड वािण य मतरालय क अतगरत आन वाली आयात-िनयारत यापार स स बिधत क पिनय म स एक ह इस स दभर म जनवरी 2011 म िविभ न िवभाग क परबधन परिशकषओ को ओिरएटशन हत काडला कोलकाता इ यािद शहर म भजन का कायरकरम िनि चत िकया गया कोलकाता क पास हि दया पोटर होन क कारण कोलकाता शहर चना गया जहा पी ई सी वारा आयात की गयी व तए पोटर गोदाम म रखी जाती ह साथ ही म कोलकाता पोटर िभ न गोदाम इ यािद दखन की यव था की गयी एव सची म समावश िकया गया यह सनकर मरी ख़शी का िठकाना न रहा क य िक मन कोलकाता शहर क बार म सना बहत था पर त कभी दखा न था िस धी होन क प चात भी मझ बगाली रीित िरवाज़ िमठाइया यहा का पहनावा अगरज क ज़मान की बनी सरचनाए एव भवन इ यािद म बहत िदलच पी एव िच थी आिखरकार मझ मौका िमला और जनवरी की कड़ाकदार ठ ड क बीच हम एक रिववार शाम कोलकाता राजधानी स अपनी मिजल की और िनकल पड़ िद ली स कोलकाता क सफ़र क बीच हमारी गाड़ी इलाहाबाद गया िबहार तथा धनबाद जस शहर स होत हए बगाल की ओर पहची हसत-गात खलत-खात हए हम अगली सबह हावड़ा जकशन पहच गए रलगाड़ी स उतर कर टशन स बाहर िनकलत ही मझ िसटी ऑफ जॉय क नाम स मशहर कोलकाता की पहली झलक िदखाई दी ऐसा लगा मानो मझ भारत क दो पहल एकसाथ जीत हए नज़र आए एक तरफ थ टशन स बाहर एव अ दर जात हए स दर कपड़ गहन म लद हए कोलकाता क बगाली िनवासी साथ म बड़ी-बड़ी गािड़य म घमत कोलकाता क नौजवान और ठीक दसरी तरफ मरी नज़र पड़ी हगली नदी पर बन परिसदध हावड़ा िबरज पर िजस दख एक अलग ही दिनया का एहसास हआ

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह

िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी

एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया नतीजा मर समकष था

प ठ 30 अकषय कराित

हावड़ा िबरज पर हर तरफ लोग का जमावड़ा था इतन लोग दख िद ली क चादनी चौक की याद आ गयी ऐसा लगा मानो म 50 साल पीछ िकसी लक एव वाईट दिनया म कदम रख चकी थी िबरज क दोन तरफ सामान बचत हए दकानदार िखलौन मछली रख हए औरत एव छोट-छोट ब च मख य शहर स हावड़ा जान वाल आम आदमी मजदर की तज़ र तार फरी स र ता पार करन वाल यापारी इन सब को दख लगा कोलकाता म मबई जसी भागम भाग भी थी िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया नतीजा मर समकष था जस-जस म कोलकाता शहर क भीतर आन लगी मझ इस शहर क िवकास की झलक िदखाई दी एक तरफ थी ऊची ईमारत सदर िवशाल िव यासागर सत पल बड़-बड़ होटल माल कोलकाता उ च यायालय राईटसर िबि डग मशहर इडन गाडरन टिडयम इ यािद तो दसरी तरफ था िवक टोिरया ममोिरयल अगरज की वा तकला क अनसार िदखती लाल ईटो की इमारत िवक टोिरयल सरचनाए भवन छोटी-छोटी पटिरय पर समान बचत नया बाज़ार (New Market) क दकानदार एव िवक टोिरया ममोिरयल क बाहर चलत सलािनय क िलए रथ वाल घोड़ हमारा होटल जसीबोस सड़क पर ि थत था एव सिवधाओ स भरपर था पर त मन य जाना िक असली कोलकाता का मज़ा गाड़ी म नही अथवा िरक शा ऑटो तथा साल स चलती आ रही सड़क पर टराम म था

हर तरफ मझ पील रग की टिक सया िदखाई दी सब एक समान थी तथा मरसीडीज़ गाड़ी क बगल म चलती 1-2 पय म सफ़र की जान वाली टराम भी साथ िदखाई दी परी िजदगी िद ली म यतीत करन क बाद हर नए शहर का रहन-सहन बोल-चाल रीित-िरवाज़ जानन की जाग कता मझम हमशा रही पहल ही िदन स कोलकाता मझ रास आया जस िक कहत ह lsquoकोलकाता हमार खब भाला लागली छ rsquo कहन का ता पयर य िक मझ कोलकाता बहत अ छा लगा पहल िदन िक शाम को हमन य मािकर ट म खरीददारी करन का मन बनाया म हरान थी िक वहा चीज िकतनी स ती िमल रही थी िद ली क मतािबक एक ितहाई दाम पर चिडया गहन बग जत कत इ यािद िमल

िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया

प ठ 31 अकषय कराित य मािकर ट िद ली क लाजपत एव सरोिजनी नगर समान ह कम

दाम म अ छा समान िमला कोलकाता चमड़ क िलए भी मशहर ह एव परिसदध ी लदसर दकान भी इस बाज़ार म ि थत ह यहा खरीदारी का हमन खब ल फ़ उठाया

अगल िदन हम हि दया पोटर गए एव अनक जहाज़ दख 3-4 घट की दरी पर ि थत यह पोटर अनक एकड़ म फला हआ था पहली बार इतन बड़ जहाज़ को अदर स दख खब आनद आया तीसर िदन हम काली बाड़ी मिदर गए बगाली अ यत पाठ-पजा वाल दगार मा क स च उपासक ह यह सब जानत ह दगार पजा इनका लोकिपरय उ सव ह तथा काली मा एव दगार मा की स च मन स पजा करत ह कोलकाता क िनवासी भिक त भावपणर ह यह सना था अब खद दख भी िलया बगाली र म स पजा करन का य मौका अ यत आनदमयी था इसक अलावा काली बाड़ी क नज़दीक ही ि थत ह गौिरहाट बाज़ार यहा की दकान बगाली सािड़या कपड़ सट कत इ यािद क िलए परिसदध ह आिद धक तशवर नामक मशहर दकान म जाकर मरा भी मन िकया िक म भी खरीददारी क मर सािथय न बहत सािड़या खरीदी एव दाम दखकर म दग रह गई सदर स सदर साड़ी मातर 600700 पय की थी मन बगाल की मशहर लाल एव सफद िपरट की साड़ी भी खरीदी कोलकाता म खरीददारी का अलग की मज़ा ह उसी िदन शाम हम सा ट लक िसटी मॉल गए वह सा ट लक टिडयम क नज़दीक ह यहा िदखाई िदया कोलकाता का परगितशील प नौजवान फटबाल की जसीर पहन माल म घम रह थ एक स एक

मशहर बरड वहा मौजद थ इसक अलावा कोलकाता क िनवासी खब मनोरजन क शौक़ीन ह सगीत नाच गाना इ यादी म िच रखत ह कोलकाता म जगह-जगह सगीत कला अकडमी तथा पढ़न (रीिडग) क क लब ह अगरज क शौक तथा रहन-सहन की झलक आज भी यहा िदखती ह यहा क नौजवान को खल-कद म भी खब िदलच पी ह फटबाल का तो जस यहॉ सबको जनन ह

भारत क परिसदध मोहन बगान फटबाल क लब फटबाल क वहा क नौजवान ही नही परा शहर ही दीवाना ह भारत-पाक मच हो या आई पी एल इडन गाडरन मदान लोग स खचा-खच भरा रहता ह अफ़सोस म वहा अदर जा न सकी

इसक अलावा काली बाड़ी क नज़दीक ही ि थत ह गौिरहाट बाज़ार यहा की दकान बगाली सािडया कपड़ सट कत इ यािद क िलए परिसदध ह

प ठ 32 अकषय कराित

मर सफर क आखरी िदन म मन कोलकाता क लोग म एकता क नजार दख िविभ नता म भी एकता का उदाहरण दखा चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख िजस िदन हम कोलकाता पहच थ उसी िदन वहा शहर बद था और मन एक जट होकर लोग को अपनी बात कहत हए दखा एव सना यहा क लोग अपन शहर क िवकास बहतरी क िलए जाग क ह िज मदारी लत ह तथा सरकार को अपनी बात भली-भाित कहत ह लड़िकय औरत की इ ज़त करत ह एव यहा िक मिहलाओ को मन िनदरलीय पाया जहा एक ओर भारत की राजधानी होन क बावजद िद ली वाल अपनी िजदगी म मगन रहत ह वही दसरी और कोलकाता म अमीरी-गरीबी िभ न जाितय म भी एक जटता ह कपड़ा एव खाना आज भी यहा खब स ता िमलता ह पर त दसरी तरफ सब जानत ह िक बड़-बड़ उ योगपित िव वान लखक िखलाड़ी गायक अिभनता िनदशक यहा स उभर ह सािह य हो या लख बॉलीवड हो या िकरकट बगाल न भारत को अनक नाम एव गौरव िदए ह चाह सौरव दादा हो या रिव दर नाथ टगोर ममता बनजीर रानी मखजीर हो या योित बस भारत म इनकी भिमका का वणरन करन की ज रत नही

मन कछ िदन क कोलकाता क सफर म इस शहर को जानन समझन का परयास िकया हगली नदी क िकनार खड़ होकर समदर को दखा निदय को िनहारा िव यासागर सत िबरज की सदरता िवशालता को सराहा क सी दास की परिसदध िमठाई का ल फ उठाया मन बहत शहर घम पर त यह सफर मर िलए सबस यादगार रहा कोलकाता परगित क मागर पर िनरतर बढ़ रहा ह पर त आज भी वह अपनी जड़ नितक म य को नही भला ह एक आम आदमी आज भी टराम म या फरी स सफर करता ह यहा क िनवासी दो पय स लकर 500 ० का खाना खात ह पराना एव नया कोलकाता एक साथ जीिवत ह िसक क क दो पहल की तरह कोलकाता क यह दो प को एक साथ रहत दख बहत आनद आया

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 33 अकषय कराित

जल परकित का अनपम उपहार ह मानव जाित अपन परादभारवकाल स ही इस उपहार का उपयोग अपन िहत क िलए करती आई ह जल वह पराकितक उपहार ह िजसका कोई िवक प नही ह इसिलए जल को अमतया जीवन भी कहा गया ह जल क िबना जीवन की सभावना भी नही ह पर यकष प स तो जल की मानवीय आव यकता सीिमत ह परत परोकष आव यकताओ पर नजर डाल तो दिनक जीवन की आव यकताए जस अ न फल स जी दध स लकर हमार पहराव आवास तक सब जल स जड़ हजल का जरा भी सतलन िबगड़ जाए तो जीवन यापन क टपरद होन म दर नही परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह जल क सामा य त य जल या पानी एक आम रासायिनक पदाथर ह जो जीवन क सभी जञात प क जीिवत रहन क िलए ज री ह आमतौर पर जल अपनी दरव अव था म उपयोग म लाया जाता ह पर यह ठोस अव था बफर और गस अव था जल वा प या भाप प म भी पाया जाता ह प वी क लगभग तीन चौथाई िह स पर िव व क महासागर का अिधकार ह अनमानत प वी पर जल की कल मातरा लगभग 1400 िमिलयन घन िकलोमीटर ह जो िक प वी पर 3000 मीटर गहरी परत िबछा दन क िलए काफी ह तथािप जल की इस िवशाल मातरा म व छ जल का अनपात बहत कम ह प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह शष जल झील निदय वायम डल नमी मदा और वन पित म मौजद ह जल की जो मातरा उपभोग और अ य परयोग क िलए व ततः उपल ध ह वह निदय झील और भजल म उपल ध मातरा का छोटा-सा िह सा ह इसिलए जल ससाधन िवकास और परब ध की बाबत सकट इसिलए उ प न होता ह कय िक अिधकाश जल उपभोग क िलए उपल ध नही हो पाता

परभावी जल परबधन और दश का िवकास

दीपक आहजा ओएनजीसी िवदश

प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह

प ठ 34 अकषय कराित

और दसर इसका िवषमतापणर थािनक िवतरण इसकी एक अ य िविश टता ह फलतः जल का मह व वीकार िकया गया ह और इसक िकफायती परयोग तथा परब ध पर अिधक बल िदया गया ह प वी पर उपल ध जल जल-चकर क मा यम स चलायमान ह जल लगातार एक चकर म घमता रहता ह िजस जलचकर कहत ह इसम वा पीकरण वषार और बह कर सागर म पहचना शािमल ह हवा जल वा प को थल क ऊपर उसी दर स उड़ा ल जाती ह िजस गित स यह बहकर सागर म पहचाता ह जल चकर का िचतर नीच पर तत िकया गया ह

अिधकाश उपभोकताओ जस िक मन य पशओ अथवा पौध क िलए जल क सचलन की ज रत होती ह जल ससाधन की गितशील और नवीकरणीय परकित और इसक परयोग की बार बार ज रत को ि टगत रखत हए यह ज री ह िक जल ससाधन को उनकी परवाह दर क अनसार मापा जाए इस परकार जल ससाधन क दो पहल ह अिधकाश िवकासा मक ज रत क िलए परवाह क प म मािपत गितशील ससाधन अिधक परासिगक ह आरिकषत भ डार की ि थर अथवा िनयत परकित और साथ ही जल की मातरा तथा जल िनकाय क कषतर की ल बाई व म यपालन नौ सचालन आिद जस कछक िकरयाकलाप क िलए भी परासिगक ह

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 35 अकषय कराित

जल का यय अप यय जल क बार म एक नही कई च कान वाल त य ह िव व म और िवशष प स भारत म जल िकस परकार न ट होता ह इस िवषय म जो त य सामन आए ह उस पर जाग कता स यान दकर जल क अप यय को रोका जा सकता ह अनक त य ऐस ह जो हम आन वाल ख़तर स तो सावधान करत ही ह दसर स पररणा लन क िलए परो सािहत करत ह और पानी क मह व व इसक अनजान ोत की जानकारी भी दत ह प वी पर पदा होन वाली सभी वन पितया स भी हम पानी िमलता ह

आल और अनानास म 80 परितशत और टमाटर म 95 परितशत पानी ह पीन क िलए मानव को परितिदन 3 लीटर और पशओ को 50 लीटर पानी

चािहए भारत म 83 परितशत पानी खती और िसचाई क िलए उपयोग िकया जाता

ह इज़राइल म औसतन मातर 10 सटीमीटर वषार होती ह इस वषार स वह

इतना अनाज पदा कर लता ह िक वह उसका िनयारत कर सकता ह दसरी ओर भारत म औसतन 50 सटीमीटर स भी अिधक वषार होन क बावजद अनाज की कमी बनी रहती ह

िपछल 50 वष म जल क िलए 37 भीषण ह याकाड हए ह भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल

चलती ह पानी ज य रोग स िव व म हर वषर 22 लाख लोग की मौत हो जाती ह यिद बरश करत समय नल खला रह गया ह तो पाच िमनट म करीब 25

स 30 लीटर पानी बरबाद होता ह बाथ टब म नहात समय 300 स 500 लीटर पानी खचर होता ह जबिक

सामा य प स नहान म 100 स 150 लीटर पानी खचर होता ह िव व म परित 10 यिकतय म स 2 यिकतय को पीन का शदध पानी

नही िमल पाता ह परित वषर 6 अरब लीटर बोतल पक पानी मन य वारा पीन क िलए

परयकत िकया जाता ह मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 36 अकषय कराित

िद ली मबई और च नई जस महानगर म पाइप लाइन क वॉ व की खराबी क कारण रोज़ 14 स 44 परितशत पानी बकार बह जाता ह

निदया पानी का सबस बड़ा ोत ह जहा एक ओर निदय म बढ़त परदषण रोकन क िलए िवशषजञ उपाय खोज रह ह वही कल कारखान स बहत हए रसायन उ ह भारी मातरा म दिषत कर रह ह

भारत म जल सकट नासा की एक िरपोटर न पानी को लकर दश भर म बढ़ती जा रही लापरवाही क परित आख खोली ह इस िरपोटर म भारत म सख की ि थित पदा होन क िलए िज मवार कारण म स एक अहम कारण अधाधध जल दोहन को बताया गया ह बतात चल िक दश भर क 604 िजल म स 161 सख की मार झल रह ह वस अब बताया जा रहा ह िक सख की मार स बहाल िजल की सखया बढ़कर 246 हो गई ह यानी कहा जाए तो आधा दश सख की चपट म ह बहरहाल नासा की इस िरपोटर म बताया गया ह िक भारत क कई रा य कषमता स यादा जल दोहन कर रह ह यहा कषमता स ता पयर यह ह िक उनस िजतन सलाना जल दोहन की उ मीद कदर करती ह व उसस कही यादा जल दोहन कर रह ह नासा न यह अ ययन 2002 स 2008 क बीच

की ि थितय क आधार पर िकया ह इस िरपोटर म बताया गया ह िक पजाब हिरयाणा और राज थान हर साल औसतन 177 अरब कयिबक मीटर पानी जमीन क अदर स िनकाल रह ह जबिक कदर की तरफ स लगाए गए अनमान क मतािबक इ ह हर साल 132 अरब कयिबक मीटर पानी ही जमीन क अदर स िनकालना था इस तरह स दखा जाए तो य तीन रा य िमलकर कषमता स 30 फीसदी यादा पानी का दोहन कर रह ह जािहर ह िक िबना कछ सोच-िवचार जब इस पमान पर पराकितक ससाधन का दोहन िकया जाएगा तो परकित भी बदला लगी और वही हो रहा ह इस िरपोटर म यह भी बताया गया ह िक भारत का महज 58 फीसदी भजल ही हर साल िरचाजर हो पाता ह नासा की यह िरपोटर बताती ह िक अधाधध जल दोहन की वजह स पर उ तर पि चम भारत क भजल तर म हर साल 4 सटीमीटर यानी 16 इच की कमी आ रही ह इस अ ययन को अजाम दन म नासा क जल िवजञानी मट रोडल न अहम भिमका िनभाई ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 37 अकषय कराित

उनक हवाल स इस िरपोटर म बताया गया ह िक दश क उ तर पि चम कषतर म 2002 स 2008 क दौरान तकरीबन 109 कयिबक िकलोमीटर पानी की कमी हई ह यह मातरा िकतनी अिधक ह इसका अदाजा इसी स लगाया जा सकता ह िक यह अमिरका क सबस बड़ जलाशय लक मीड की कषमता स दगन स भी कही यादा ह अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह इस िरपोटर क मतािबक अगर अधाधध जल दोहन इसी तरह स जारी रहा तो आन वाल समय म भारत को अनाज और पानी क सकट को झलन क िलए अभी स तयार हो जाना चािहए जािहर ह िक जब जल सकट बढ़गा तो खती पर इसका गहरा परभाव पड़गा अनाज क उ पादन म कमी आएगी इस वजह स अनाज सकट पदा होगा और भख का एक नया चहरा उभरकर सामन आएगा एक बड़ा तबका जो आज भरपट भोजन कर पाता ह उसक िलए पट भर खाना िमलना मि कल हो जाएगा भखमरी की जो सम या पदा होगी उसस िफर िनपटना आसान नही होगा इसक अलावा पीन क पानी का टोटा तो होगा ही अभी ही दश क कई िह स ऐस ह जहा क लोग को पीन क िलए साफ पानी नही िमल पा रहा ह कई कषतर ऐस ह जहा गमीर क िदन म हडपप स पानी आना बद हो जाता ह वहा क लोग को हर साल बोिरग को कछ फट बढ़वाना होता ह यह सम या भजल तर क िगरत जान की वजह स ही पदा हई ह जब पीन क पानी का सकट पदा होगा तो बोतलबद पानी का कारोबार काफी तजी स बढ़गा कहन का मतलब यह िक िजसक पास पसा होगा वह अपनी यास बझा सकगा और िजसक पास पसा नही होगा उस अपनी यास बझान क िलए भी सघषर करना पड़गा ि थित की भयावहता की क पना ही िसहरन पदा करती ह भारत म दिनया का हर छठा आदमी रहता ह यानी कहा जाए तो दिनया क कल आबादी क तकरीबन सतरह फीसदी लोग भारत म रहत ह जबिक दिनया का महज साढ़ चार फीसदी पानी ही भारत म उपल ध ह ऐस म जल सम या स दो-चार होना कोई आनापिकषत बात नही ह एक बात तो तय ह िक पराकितक ससाधन म इजाफा तो नही िकया जा सकता ह लिकन इसका सरकषण अव य िकया जा सकता ह

अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह

प ठ 38 अकषय कराित

भारत म लोग िकसी एक मा यम स पयजल परा त करन पर िनभरर नही ह इस दश म 357 फीसदी लोग हडपप स 367 फीसदी लोग नल स 182 फीसदी लोग तालाब पोखर या झील स 56 फीसदी कओ स 12 फीसदी लोग पारपिरक साधन स और 26 फीसदी लोग अ य मा यम स पीन का पानी परा त करत ह इस िलहाज स अगर दखा जाए तो जल सकट को दर करन क िलए समगर कायरयोजना की ज रत ह

दरअसल भारत म गहरात जल सकट क िलए काफी हद तक पानी की बबारदी भी िज मवार ह यहा जल आपित र की यव था म काफी खािमया ह नल क जिरए घर तक पहचन वाल पानी का एक बड़ा िह सा िरस कर बबारद हो जाता ह हर शहर म फट हए आपित र पाइप आसानी स दख जा सकत ह इस बदहाल यव था क िलए सरकार क साथ-साथ सामा य लोग भी कम िज मदार नही ह एक तरफ तो सरकार पयजल क नाम पर हर साल हजार करोड़ पए का बजट बनाती ह और दसरी तरफ जमीनी तर पर हालात म कोई बदलाव नही िदखता ह सामािजक तौर पर भी जल सरकषण को लकर जाग कता का अभाव िदखता ह यह सामािजक तान-बान का ही असर ह िक लोग कही भी जल की बबारदी को दखकर उस सामा य घटना मानत हए नजरअदाज कर दत ह दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था यह अब घटकर 1800 कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर हो चका ह

दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था

प ठ 39 अकषय कराित

िवशषजञ का अनमान ह िक अगर पानी की खपत और बबारदी इसी तरह स जारी रही तो 2025 तक यह घटकर हजार कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर ही रह जाएगा उस समय तक पानी की उपल धता म आन वाली इस कमी की वजह स किष उ पादन म तीस फीसदी की कमी आन की सभावना ह इन पिरि थितय म दश की आिथरक और सामािजक ि थित का कया होगा इसका अदाजा सहज ही लगाया जा सकता ह भारत म जल सरकषण क परित आज भी आम लोग क मन म उपकषा का भाव बना हआ ह साथ ही इस कायर क िलए आव यक तकनीक की भी कमी ह जो तकनीक उपल ध ह उनस सामा य लोग अनजान ह बािरश क पानी का सगरह करक उस उपयोग म लाना एक अ छा िवक प ह पर इस तरह की कोिशश काफी सीिमत मातरा म काफी छोट तर पर हो रही ह यही वजह ह िक दश म होन वाली बािरश क पानी का अ सी फीसदी िह सा आज भी समदर म पहच जाता ह अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह अगर जल की इस िवशाल मातरा का आधा भी परयोग कर िलया जाए तो ि थित म यापक बदलाव आना तय ह शहरी कषतर म तो पानी की कालाबाजारी जोर पर ह जगह-जगह पर जल मािफया सिकरय हो गए ह िद ली क ही एक अखबार न कछ समय पहल यह बात उजागर िकया था यहा तो समानातर जल बोडर भी चलाया जा रहा ह हरानी की बात तो यह ह िक इसक बावजद भी पानी क काल धध पर अकश नही लगाया जा सका ह अहम सवाल यह ह िक कस सामा य तबक क लोग तक व छ पानी पहचाया जाए शहरी कषतर क साथ-साथ गरामीण कषतर म भी यह एक बड़ी चनौती ह आबादी म अपर यािशत विदध बढ़त शहरीकरण औ योिगकीकरण और किष उ पाद की बढ़ती माग क कारण पानी की माग िपछल कछ साल म वाभािवक प स बढ़ी ह इसक पिरणाम व प भजल ससाधन का अ यिधक दोहन हआ ह और इसका नतीजा हआ िक लगातार भजल का तर घटता जा रहा ह शहरी कषतर म ि थित बहद भयावह ह तदनसार वहा न कवल शीघराितशीघर जल ससाधन क सरकषण की ज रत ह बि क परभावी रणनीित और परबधन क जिरए त काल कदम उठान की ज रत ह

अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह

प ठ 40 अकषय कराित

खासकर इस बात को यान म ऱखकर िक िविभ न परितयोगी कषतर म कभी भी माग बढ़ सकती ह भिव य म उपयोग क िलए छत पर या सतह पर जलगरहण बनाकर वषारजल सरकषण बहद ज री ह यह पानी की बढ़ती ज रत का खयाल रखन िमटटी की नमी तर को बढ़ान शहरी हिरयाली को बढ़ान भजल तर को कितरम प स पनभररण करन और भजल की गणव ता स सधार का काम करता ह भारत म जल परबधन स दश का िवकास भारत म दिनया की 16 परितशत आबादी रहती ह लिकन दिनया क िसफर 4 परितशत जल ससाधन ही भारत क पास ह 3290000 वगर िकलोमीटर क भिम कषतर और एक अरब स यादा की आबादी क साथ भारत क एक बहलवादी िविवधता का िचतर ह िवशाल पराकितक ससाधन क साथ सप न तकनीकी और वजञािनक किमरय का भी यह दिनया म दसरा सबस बड़ा सम चय ह भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह मानव िवकास म 80 क दशक म लगभग 26 परितशत और 90 क दशक क दौरान और 24 परितशत क वारा सधार हआ ह आजादी क बाद छह दशक म भारत न जल ससाधन का अभतपवर िवकास और खा या न म आ मिनभररता शहरी कषतर ऊजार और औ योिगक कषतर और पीन का पानी क बिनयादी ढाच म तजी स िव तार दखा ह िजसका उपयोग भारत की लगभग 85 परितशत शहरी और गरामीण आबादी क वारा िकया जाता ह भारत म रा य सरकार और भारत सरकार क परितबदध और ठोस परयास की वजह स गरामीण और शहरी आबादी को सरिकषत पयजल को उपल ध करवान म काफी सफलता हािसल की ह इस उपलि ध न भजल की कमी जल जमावजल गणव ता िगरावट जल परदषण और बढ़त लवणता तर स बड़ कषतर को परभािवत िकया ह और अभी भी िविभ न रा य म गरामीण और शहरी भारत क मानव िवकास सचकाक (HDI)rsquo म बहत असमानता मौजद ह पानी क िलए कषतरीय माग तजी स बढ़ रह शहरीकरण की गित स बढ़ रही ह (अनमानत 2025 तक दश की आबादी का 50 परितशत स अिधक शहर म रहग) जनसखया विदध बढ़ती आय और औ योिगक िवकासशहरी भारत तजी स िवकास की माग क कदर क प म उभर रहा ह

भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह

प ठ 41 अकषय कराित

नतीजतन परित यिकत पानी की उपल धता िगर रही ह परधानमतरी की अ यकषता म 12वी योजना क िलए हई योजना आयोग की पणर बठक म दसर म क साथ जल परबधन पर िवशष चचार हई बठक क बाद योजना आयोग क उपा यकष म टक िसह अहलवािलया न कहा िक भ-जल कानन स लकर दसर म की यापक समीकषा ज री ह व यनाथन सिमित जहा वतरमान म भ-जल कानन की साथरकता का अ ययन करगी वही भारतीय अतिरकष अनसधान सगठन [इसरो] की मदद स पानी की उपल धता का िव तत अ ययन होगा म टक न कहा िक उसी आधार पर रणनीित तय होगी सरकार यह यान रखगी िक पानी का अिधकतम उपयोग हो सक और सभी को उपल ध हो पानी पर िकसी का एकािधकार न हो सक बतात ह िक द पयोग को रोकन क िलए श क लगान पर भी िवचार िकया जा सकता ह हालािक इसस पहल रा य सरकार स चचार होगी यह तय ह िक एआइबीपी कायरकरम म यापक बदलाव ह ग ी म टक िसह अहलवािलया न कहा िक वतरमान म इस कायरकरम का सही िकरया वयन नही हो रहा ह िलहाजा उसम पिरवतरन ज री ह सभव ह िक हर रा य म जल िनयामक परािधकरण बनान की शतर भी लगाई जाए उ ह न कहा िक जल परबधन की यापक समीकषा कर नई रणनीित तय की जाएगी कल िमलाकर रा टरीय तर पर वतरमान जल ससाधन का अिधक स अिधक करन क िलए माग को परा करन क िलए पयार त ह लिकन भिव य क अ ययन पिरयोजना ह िक जल आपित र की ि थित अगल आध सदी म अिधक किठन हो सकती ह जल सकट स िनपटन को जल सरकषण परबधन अिनवायर परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह बढ़त वि वक तापमान क फल व प अितवि ट अनावि ट अ पवि ट और असामियक वि ट हम परितवषर दख रह ह िजसका परभाव हमार जल ससाधन पर पड़ता िदखाई द रहा ह कओ व बाविडय का िमटता अि त व नदी-नाल का घटता पानी भ-गभर जल का िगरता तर िचता की पिरिध स िनकलकर खतर की घटी बनता जा रहा ह

निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह

प ठ 42 अकषय कराित

िव व भर म सीमट क अधाधध परयोग न धरातल क सहज अवशोषण कषतर को घटाया ह तथा जल बहाव भिम कटाव व बाढ़ म विदध की ह ऐसी ि थित म जल सरकषण का दािय व मातर वजञािनक व सरकार तक सीिमत न रहकर पर यक उपभोकता क कध पर आ जाता ह इसी दािय व क िनवरहन क िलए हमार पास दो िवक प सामन आत ह 1 वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई

उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

2 पािरवािरक तर पर वषार जल को सगरिहत कर उसका उपयोग कर य दोन ही परयास गरामीण कषतर म तो सरलता स अपनाए जा सकत ह परत शहरी कषतर म व ट वाटर मनजमट की बड़ी पिरयोजनाए बनाकर ही पानी को िरसाइिकल िकया जा सकता ह भ-गभर अिधकािधक जल अवशोिषत होकर

जाए इसक िलए मदानी भाग म िनयोिजत ढग स बड़-बड़ पोखर बनाकर तथा पहाड़ी कषतर म नाल -ख ड म िमटटी प थर आरसीसी क बड़-छोट डम लगाकर जल बहाव रोक भ-सरकषण बचाव व जल भडारण और धरातल जल शोषण कषतर बढ़ाया जा सकता ह िव व बक भारत सरकार वारा म य िहमालय जलागम पिरयोजना रा य क भ-सरकषण िवभाग इस कषतर म कारगर उपाय लकर

हमार सामन ह परत जनसहयोग क िबना इन पिरयोजनाओ क आशातीत पिरणाम ल पाना किठन ह वकषारोपण इस सपणर जल चकर को बल दन वाला कारक ह जल क परित चतना जागत न हई तो अव य ही अगल िव व यदध का कारण जल ही होगा

जल भोजन ह और अिगन भोजन का भकषक ह अिगन जल म और जल अिगन म िव यमान ह

- ततरीय उपिनषद 38

वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

प ठ 43 अकषय कराित

म भी गान गा सकता ह शबनम क िखलत फल क म भी गीत सना सकता ह सावन क म त झल क लिकन जब घर-घर म बादल छाय घोर िनराशा क तब म नगम गा रहा ह उ मीद की आशा क

सड़क पर खड़ बचपन की य बात सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह

हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

इस बदलत पिरवश का राग सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

गाधी जी क सपन का जो राम-रा य कहलाता ह उस भारत म सड़क पर छोट चाय पहचाता ह

कहा गई वो अ हड़ म ती कहा गया वो यार का रा ता उन हाथ स बचत झड िजन हाथ को चािहए ब ता

उस सोन की िचिड़या की म बात बतान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

कही बम की गमर हवाए कही ससद म कोहराम ह कही होत घोटाल स परशान आदमी आम ह

कही कल की िकलकारी ह कही सड़क पर बचपन ह कही चलता नही गजारा कही िवदश म काला धन ह

म स चाई गा-गाकर सबको बतलान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

बदलता भारत मनीष लाल इरडा

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

प ठ 44 अकषय कराित

करन वाल काम बहत ह यथर उलझन को छोड़ो म ला-पिड़त तोड़ रह ह तम बस lsquoअपन को जोड़ो

lsquoहम बदलग-यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का lsquoवद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का

वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हम बदलग mdash यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का वद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

प ठ 45 अकषय कराित

िसफर काला और सफ़द य ही वो दो रग थ जो तर पास सि ट बनान क आधार थ

काला वो जो कािलमा िलय ह िजस कहत ह दख िनराशा म य अपयश और वो सबकछ जो नकारा मक ह

मगर सफद ह वो रग िजसस जड़ा ह जीवन आशा सख और कीितर और वो सब कछ जो सकारा मक ह पर इन रग स तझ चन ना िमला त सोचन लगा अगर सि ट बनानी ह

तो िकस िलए- ससगर और परम क िलए और

इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग

ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह

बस- बना डाला तन इ दरधनष

जो बरसात क बाद सरज और प वी क अनपम परम को रग दता ह सतरगी रग स

और उ ही सतरगी इ दरधनषी रग म हम हर पल हर कषण डबत गहरात इतरात रहत ह

और खिशय भर ससार म हर रग को अलग-अलग तरह स महसस करक जीत रहत ह

रग तो रग ह मगर-

ससगर और परम क िलए और इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह बस-

सतरगी िचतर सगीता ीवा तव इरडा

प ठ 46 अकषय कराित

कभी पक क कभी फीक़ तो कछ कभी दाग बनकर उभर आत ह

कछ आख म नील बादल स छाए रहत ह तो कछ गाल पर गलाबी रग बनकर छलक जात ह

याद रहत ह अक सर वो रग- जो खदी पर इस तरह छा जात ह िक खद म घलकर खद क होन

का एहसास दत-दत खद का एक रग बन जात ह

बगनी आसामनी नीला हरा पीला नारगी लाल इ दरधनष क य सात रग ही जोड़त ह हमार िदल को

हमार मन को जोड़न वाल इन रग की सतरगी दिनया म-

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा बनाय

और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क

सतरगी िचतर

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा

बनाय और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क सतरगी िचतर

Page 5: Akshay Kranti Vol 3€¦ · पक्ष को प्रभािवत न कर e, बािधत व पीिड़त न कर eवह काय-र्कौशल है।

प ठ 5

अकषय कराित

कोई ही ऐसा यिकत या सगठन िवशष होगा जो अपन बहतर अथारत उ क ट जीवन की चाह न रखता हो लिकन चाह रखन मातर स काम नही चलता और न ही िकसी यय को परा त िकया जा सकता चाह हमारा यिकतगत जीवन हो या कायारलयीन जीवन अपन ल य को परा त करन क िलए सबिधत काय गितिविधय क ठ परबधन की आव यकता होती ह ठ परबधन क बहत स सतर हम गीता स िमल ह िजन पर आज हम

ल छदार अगरजी म ढर सािह य उपल ध ह कछ वष पहल बीएचईएल म एक नारा काफी परचिलत रहा वह था उ क टता की ओर अगरसर िविभ न कषतर म उ क टता क ल य को हािसल करन क िलए बीएचईएल न उ क टता पर कार योजना लाग की थी िजसका आधार सतर भी गीता का एक पद ह योग कमरस कौशलम कमर म कौशल का नाम योग ह यह योग की एक पिरभाषा ह शारीिरक मानिसक और भावा मक - इस ितरिवध वा य क सदभर म ही कायर कौशल को दखा जा सकता ह समझा जा सकता ह काम करना अिनवायर नही ह परयोजन क साथ कायर आता ह परयोजन समा त कायर समा त कायर क परित परवि त क िलए परयोजन मखय होता ह हमारा परयोजन कया ह परयोजन ह जीवन की अिनवायर आव यकताए- रोटी कपड़ा मकान िशकषा िचिक सा आिद-आिद इसी क साथ कायर क िव तार क साथ-साथ वतरमान यग म औ योिगक और यावसाियक िव तार हआ और इसन ज म िदया कायर की कषमता और कायर-कौशल अवधारणा को यहा कौशल की चचार स पवर अ छा होगा िक हम कौशल श द को समझ कायर का कौशल वह ह जो दसर क िहत को बािधत न कर जो लाभ द हािन न

पहचाए इन िदन हमारा कायर-कौशल बढ़ा ह िक त उसी क साथ मानिसक

अ त- य तता भी बढ़ी ह कौशल यिद हमार वा य को परभािवत कर रहा ह मानिसक िवकषप बढ़ा रहा ह तो उस कायर-कौशल और कायर-कषमता नही कहा जा सकता

कछ वष पहल बीएचईएल म एक नारा काफी परचिलत रहा वह था उ क टता की ओर अगरसर

कपाराम लहकरा बीएचईएल

कायर-कौशल बढाए तथा उ क टता का ल य पाए

प ठ 6

अकषय कराित

एक सतलन होना बहत ज री ह कायर म दकषता बढ़ तो शारीिरक और मानिसक वा य भी उसी अनपात म बढ़ आज िवकास और कायर-कौशल की अवधारणा मातर पदाथर एवम पदाथर-िनमारण पर अटक गई ह पदाथर का िवकास अिधकािधक होना चािहए हर िदशा म िवकास और कायर-कौशल बढ़ रहा ह लिकन इसान अ छा बन इस परयास म कमी दखी जा सकती ह आदमी अपन आप म इतना पीिड़त और अशात ह िक उसकी क पना भी नही की जा सकती भावा मक वा य क अभाव म कायर-कौशल की सभावना नही की जा सकती भावा मक वा य का कोई पमाना नही ह िक त यिकत क यवहार स हम उस परख सकत ह भावा मक वा य की चार कसौिटया ह

1) उपशम - मन की शाित 2) मदता या िवनमर यवहार 3) मदता या िन छल यवहार 4) सतोष

यिद कायर-कौशल मन की अशाित पदा कर रहा ह िवनमर यवहार म बाधा डाल रहा ह तो िफर कायर की ऐसी दकषता को अदकषता ही कहा जाएगा कायर-कौशल की पहली पिरभाषा यह होनी चािहए - जो जीवन क िकसी अ य पकष को परभािवत न कर बािधत व पीिड़त न कर वह कायर-कौशल ह इस सदभर म िन न बात को अपनात हए कायर-कौशल बढ़ाया जा सकता ह और उ क टता का ल य हािसल िकया जा सकता ह 1) िकसी भी कायर को योजनापवरक कर - कायर-कौशल क साधन म

मह वपणर ह िक िकसी भी कायर को योजना-पवरक करना कायर-कौशल क िलए लिनन का एक परिसदध सतर याद आ रहा ह - िचतन िनणरय और कायार वयन म ल बा अतराल न हो उनम उिचत सामज य रह िचतन आज िकया िनणरय एक वषर बाद और कायार वयन पाच वषर बाद यह बात नही होनी चािहए स कत सािह य म इस दीघरसतरता कहा गया ह जो काम िजस समय करना चािहए उस समय न करक ल ब अतराल क बाद िकया जाए तो असफलता ही हाथ लगगी

2) कोई कायर हड़बड़ी म न कर - कायर-कौशल का दसरा मखय सतर ह िक हड़बड़ी म कोई काम न कर िचतन और िववकपवरक कर

यिद कायर-कौशल मन की अशाित पदा कर रहा ह िवनमर यवहार म बाधा डाल रहा ह तो िफर कायर की ऐसी दकषता को अदकषता ही कहा जाएगा

प ठ 7

अकषय कराित

3 कायर को एकागरता स कर - कायर-कौशल का एक मह वपणर सतर ह - एकागरता का िवकास एक िवचार एक िवक प एक कायर ल और उसी म त मय बन जाए उसी म परी तरह िचत व मन को लगा द हमार अतकरण की सारी परवि तया उसक िलए समिपरत हो जाए जब तक उस कायर क िलए समपरण नही होता तब तक कायर-कौशल नही बढ़ता एकागरता क िलए साधना और अ यास ज री ह अ यास होता ह तो एकागरता बढ़ जाती ह

4 वतरमान म जीना सीख - भत-भिव य को मार भगाई वतरमान म जीओ भाई वतरमान म जीन का ता पयर वतरमान का अनभव वतरमान का जीवन और वतरमान का वास हम वास लत ह तो कभी अतीत म नही लत न भिव य म लत ह अतीत और भिव य की िचता स हम मानिसक अशाित तो होती ह बि क शारीिरक िवकार भी पदा हो जात ह िजसस हमार कायर-कौशल म कमी आती ह जन सािह य म दो श द आत ह - दर य िकरया और भाव िकरया दर य िकरया का ता पयर ह - मदार िकरया मत िकरया भाव िकरया का ता पयर ह जीिवत िकरया पराणवान िकरया वतरमान म जो िजया जा रहा ह कवल उसी का अनभव करत रह यह कायर-कौशल का मह वपणर सतर ह

अत म सार यह उभर कर आता ह िक हमार ल य पिवतर ह हमारा कायर-कौशल इस परकार िवकिसत ह जो िकसी को अकशल न बनाए पीड़ा न पहचाए दसर क िहत पर कठाराघात न कर हमारा सारा परय न और प षाथर इस िदशा म चल िक हमारा अपना कायर िकसी दसर क कायर म बाधा न पहचाए कायर-कौशल का दय यही ह

कायर-कौशल का एक मह वपणर सतर ह - एकागरता का िवकास एक िवचार एक िवक प एक कायर ल और उसी म त मय बन जाए उसी म परी तरह िचत व मन को लगा द

प ठ 8

अकषय कराित

एक राजा था उसक रा य म सब परकार स सख शाित थी िकसी परकार का कोई वर-िवरोध नही था जनता हर परकार स सखी थी पर त राजा को एक बहत बड़ा दख था िक उसकी कोई सतान न थी उस अपना वश चलान की तथा अपन उ तरािधकारी की िचता खाए जा रही थी मिदर मि जद ग वार म जाकर माथा टका कई तीथर थान की यातरा की पर त कोई लाभ न हआ सतान की कमी उस िदन ब िदन खाए जा रही थी बहत सोच-िवचार क प चात उसन अपन रा य क सभी िव वान पिडत को बलवाया और उनस सतान पराि त का उपाय ढढ़न को कहा सभी िव वान न िवचार िकया राजा की ज म कडली का गहन िव लषण िकया अत म व सभी एक मत स एक िन कषर पर पहच उ ह न राजा स कहा िक यिद कोई बरा मण का ब चा अपनी खशी स दवता को बिल द तो आपको सतान की पराि त हो सकती ह राजा न िव वान की बात सनी उसन सार रा य म घोषणा करवा दी िक यिद कोई बरा मण का ब चा अपनी इ छा स खशी-खशी बिल दगा तो उसक घर वाल को बहत सा धन िदया जाएगा राजा क रा य म एक बहत ही गरीब बरा मण था कई िदन फाक म ही गजर जात थ उसक चार लड़क थ बड़ तीन लड़क तो अपना काम-धधा करत थ और अपन पिरवार को आिथरक सहयोग दत थ पर त जो सबस छोटा लड़का था वह कोई काम नही करता था उसका सारा यान हमशा भगवान भिकत म लगा रहता था उसका सारा िदन स कमर करत हए भगवान का मरण करत ही बीत जाता था उसक िपता न भी घोषणा सनी और सोचा यह लड़का िनठ ला ह और कोई काम-धधा भी नही करता इसको बिल क िलए भज दत ह राजा स धन िमल जाएगा तो घर की हालत कछ सधर जाएगी बरा मण अपन सबस छोट लड़क को लकर राजा क पास पहचा राजा न उस लड़क स पछा कया तम िबना िकसी दबाव क अपनी मजीर स अपनी खशी स बिल दन को तयार हो जी महाराज लड़क न बड़ी िवनमरता स उ तर िदया यिद मरी बिल दन स आपको सतान की पराि त होती ह तो म खशी स अपनी बिल दन को तयार ह दकर िवदा िकया ठहराया गया

उसन सार रा य म घोषणा करवा दी िक यिद कोई बरा मण का ब चा अपनी इ छा स खशी-खशी बिल दगा तो उसक घर वाल को बहत सा धन िदया जाएगा

शकर द त पीईसी िलिमटड

िचतन कर

प ठ 9

अकषय कराित

लड़क को अितिथ गह म ठहराया गया हर परकार स उसका खयाल रखा गया अत म उसकी बिल दन का िदन भी आ गया राजा न लड़क को बलाया और कहा आज त हारी बिल द दी जाएगी अगर त हारी कोई आिखरी इ छा हो तो बताओ हम उस परी करग मझ कछ भी नही चािहए बरा मण पतर न कहा बस म बिल दन स पहल नदी म नान करक पजा करना चाहता ह राजा यह सनकर बहत परस न हआ और बोला ठीक ह हम भी त हार साथ नदी तक चलग उस लड़क न नदी म नान िकया िफर नदी िकनार की रत को इकटठा िकया और उसकी चार ढिरया बना दी उसन चार ढिरओ की ओर दखा िफर एक ढरी को अपन पर स िगरा िदया िफर उसी परकार स दसरी ढरी को भी िगरा िदया िफर तीसरी ढरी को भी िगरा िदया उसक वह चौथी ढरी क पास गया उसक चार ओर तीन बार चककर लगाया हाथ जोड़कर उसको माथा टका उसकी वदना की और राजा क पास बिल क िलए आ गया राजा उसका यह सारा करतब बड़ ही कौतहल स दख रहा था पहल तो राजा न सोचा िक बालक ह रत स खल रहा ह पर त जब राजा न दखा िक उसन चौथी ढरी को हाथ जोड़कर परणाम िकया ह तो राजा को इसका रह य जानन की इ छा हई राजा न बालक स पछा बालक तमन रत की चार ढिरया बनाई िफर उनम स तीन को तोड़ िदया और चौथी को परणाम िकया इसका कया रह य ह पहल तो ब च न कोई उ तर नही िदया पर त राजा क दोबारा पछन पर लड़क न कहा राजन आपन बिल क िलए मझ कहा ह म बिल दन क िलए तयार ह आप अपना काम कीिजए आपको इस बात स कया लना िक मन रत की वो ढिरया कय तोड़ी ह राजा को बालक स ऐस उ तर की आशान थी राजा न उसस कहा बालक हमन त हार िपता को त हारी कीमत दकर त ह खरीदा ह तम हमार खरीद हए गलाम हो इसिलए हमार हर पर न का उ तर दना और हमारी हर बात को मानना त हारा धमर बनता ह ह राजन जब आप िजद कर रह ह तो सिनए लड़क न उ तर िदया जब कोई ब चा पदा होता ह तो सबस पहल उसक माता-िपता उसकी रकषा करत ह अगर वह आग क पास जान लगता ह तो उसको उसस बचात ह उसकी हर परकार स रकषा करन की िज मवारी उनकी होती ह लिकन यहा तो मर िपता न ही धन क लालच म मझ बिल दन क िलए आपक पास बच िदया इसिलए पहली

उसकी वदना की और राजा क पास बिल क िलए आ गया राजा उसका यह सारा करतब बड़ ही कौतहल स दख रहा था

प ठ 10

अकषय कराित

ढरी जो उनक नाम की बनाई थी वह मन ढहा दी लड़क न आग कहा दसरी िज मदारी राजा पर होती ह अपनी परजा की रकषा करन की आपन मझ अपनी सतान पराि त क िलए बिल दन क िलए खरीद िलया तब आपस कया पराथरना करता इसिलए दसरी ढरी जो मन आपक नाम की बनाई थी वह भी तोड़ दी जीव की रकषा करन का तीसरा भार दवी-दवताओ का होता ह बालक न तीसरी ढरी का रह य बतात हए कहा लिकन यहा तो दवता वय ही मरी बिल लन को तयार बठा ह तो इसस कया पराथरना करता इसिलए मन तीसरी ढरी भी तोड़ दी लिकन चौथी ढरी का कया रह य ह राजा न पछा और अत म सहारा होता ह भगवान का ई वर का ब च न रत की ढिरय का रह य खोलत हए कहा मरी बिल दी जानी थी सो मन अत म ई वर स पराथरना की परभ की पजा-अचरना करक उनस रकषा करन की पराथरना की अब वही मरी रकषा करग वही होगा जो ई वर को मजर होगा म बिल दन क िलए तयार ह rsquo इतना कहकर वह बालक राजा क पास जाकर िसर झका कर खड़ा हो गया राजा उस छोट स बालक की इतनी जञान की बात सनकर स न रह गया राजा न सोचा म इस बालक की बिल द दगा बरा मण ह या भी हो जायगी िफर पता नही मझ जो सतान परा त होगी वो कसी होगी परजा का खयाल रखन वाली होगी या नही कही मरा और वश का नाम ही न डबो द यह बालक गणवान ह ई वर का भकत ह सब परकार स मर लायक ह कय न म इस ही गोद ल ल और इस ही अपना पतर बना ल इतना िवचार करत ही उसन उस बालक की बिल दन का कायरकरम र कर िदया और उस बालक को गोद ल िलया कहत ह उस बालक म अ छ गण होन क कारण उसन कई साल तक रा य िकया और हर परकार स परजा की रकषा की उसक रा य म िकसी को िकसी परकार का कोई क ट नही था

इतना कहकर वह बालक राजा क पास जाकर िसर झका कर खड़ा हो गया राजा उस छोट स बालक की इतनी जञान की बात सनकर स न रह गया

परकित िजदगी स ह िजदगी बनी भी परकित स ह चलता रह य िविचतर खल य ही इसका भी अमल िजदगी स ह

प ठ 11

शोिभत ह िज़दगी धरती की धार पर इस हिरत धारा पर ऊजार स भरपर ह हिरत ऊजार स य ससि जत य खब ह

हिरत ऊजार क भ डार का खजाना य खब ह जल वाय और सौर ऊजार ह इनक अ यत ोत

ल अमल म इनको अगर बचाना ह य धरा अनमोल अदभत ह खजान परकित क अगर कर ल मन य इनका सदपयोग

य झोखा जो हवा का ह य जो तरग म जलधारा ह अदभत िकरण जो फलाती जीवन की धारा ह

समझ ल इनका जो इशारा ह कर परयोग इ ही का अपन यतर मतर स छपा ऊजार का अनमोल खजाना ह

परकित िजदगी स ह िजदगी बनी भी परकित स ह चलता रह य िविचतर खल य ही इसका भी अमल िजदगी स ह

रकषा कर इस धरा की स पना इसको नई िजदगी को ह इस परकित स बना मन य महान

िफर क य कर रहा परकित का सवरनाश खद को बचा हर िजदगी को बचा

करक हिरत ऊजार का स मान जीन द जीवन को और भी कर ल सयम म अपना य िवषकत घटता जीवन का चकर य ह इशारा परकित का हर पल सभल जरा ना कर इसको त तग

मक त खल परकित स कर ल इस हिरत ऊजार का परयोग अ छ क बदल अ छा दना सीख परकित का य खल

अलका कमार इरडा

अकषय कराित

किवता

प ठ 12

नही सीखा अब भी अगर परकित म सब जाएगा बदल जी ना पायगा िफर त इस परकित म िमट जाएगा अश तरा इस परकित स हिरत परकित और य हिरत ऊजार ह य इस धरा क जीवन दायक सीख परकित स लना दना

िसखा रह य जीवन का मल मतर परकित का आहार परकित मत द आहार आपराकितक सतलन िबगड़ गया अगर हो जायगी िवनाश िजदगी

अब सभल जरा और कर ल परण करक हिरत ऊजार को ही खचर बना धारा को शोिभत हरदम

िफर रहगा परकित और िजदगी का य खबसरत सग

हिरत परकित और य हिरत ऊजार ह य इस धारा क जीवन दायक सीख परकित स लना दना िसखा रह य जीवन का मल मतर

अकषय कराित

प ठ 13

अकषय कराित

कमरचािरय की आदत उनक यिक त व और िन पादन कषमता का पार पिरक सबध - एक िव लषण

हम िजस िकसी सगठन म काम करत ह उसक परित हमारा ल य होना चािहए सबिधत स थान क िलए अपनी सपणर कषमताओ का इ तमाल कषमताओ का बहतर परयोग तभी हो सकता ह जब हम अपन अदर अ छी आदत का िवकास कर हमार शा तर वद उपिनष और अ य धािमरक गरथ हम अ छी आदत क िवकास क सबध म बीज मतर बतात ह िक हम मनसा वाचा और कमरणा शदध रहना चािहए मनसा वाचा और कमरणा शदधता स ता पयर ह िक हम मन वाणी और कम स अ छ बन रह हमारी नीयत नक हो हम अपन सहकिमरय सािथय और अ य लोग क साथ अ छा बरताव कर और हमार कमर अ छ ह इस बीज मतर पर चलन वाला हमशा अपन अदर अ छी आदत का िवकास होता पायगा

असल म िदककत यही ह िक हम उपदश दन म तो आग रहत ह लिकन खद क अदर नही झाकत या कम ही झाकत ह - lsquoपर उपदश कशल बहतरrsquo सपरिसदध लखक सरदार परन िसह न एक बार कहा था आचरण की स यतामय भाषा सदा मौन रहती ह अथारत आदमी खद चप रहकर खद को ठीक रख तो इसका परभाव खद-ब-खद दसर पर पड़ता ह इसको हम एक छोट स उदाहरण स प ट कर सकत ह िक मान िलया जाए हम ब च स कह धमरपान नही करत लिकन उसक सामन खद ऐसा कर इसस इतर हम अगर यह सब करत ही नही ह तो इसका यादा असर ब च पर पड़गा अ छी आदत घर स श होकर समाज द तर और उसस आग तक हम हमशा हमारा फायदा िदलाती ह

कहा जाता ह िक व थ तन म ही व थ मन िनवास करता ह इसी तरह यह भी कहा जाता ह िक व थ वातावरण ही उ नित का योतक होता ह व थ वातावरण तभी बनगा जब उस माहौल म रहन वाल लोग

हीरा व लभ नराकास

असल म िदककत यही ह िक हम उपदश दन म तो आग रहत ह लिकन खद क अदर नही झाकत या कम ही झाकत ह - lsquoपर उपदश कशल बहतरrsquo

प ठ 14

अकषय कराित एक दसर का स मान करग खद की आदत को सधारग और उस स था की तरककी क िलए अपन तर पर हर वह काररवाई करग जो औ योिगक सगठन और लोग की उ नित म ज री होती ह

औ योिगक सगठन िकसी भी दश की अथर यव था को मजबत आधार परदान करत ह औ योिगक सगठन म परयोग होन वाल सम त ससाधन म मानव ससाधन अथारत उसम काम करन वाल कमरचारी मह वपणर और िनणारयक होत ह इन सगठन का सफल सचालन वहा कायररत कमरचािरय की कशलता और कायरकषमता पर आधािरत होता ह कशलता और कायरकषमता का ोत हमारा आचरण और यवहार होता ह जािहर ह औ योिगक सगठन म मानवीय सबध परी एक ऐसी िकताब ह िजसक िबना कभी कछ नही कराया जा सकता लोग क साथ सतोषजनक प स काम करना परबधन क काम का िसफर एक िह सा नही ह वरन सारा

काम इसी पर िटका ह कय िक सभी उ योग म मशीन माल या दसरी चीज़ क साथ कोई भी काम लोग क मा यम स ही िकया जा सकता ह तीन lsquoएमrsquo अथारत मनी मटीिरयल और मशीन औ योिगक सगठन क िलए मह वपणर ससाधन होत ह लिकन इ ह पिरणाम तक पहचान का कायर कमरचारी (man) ही करत ह जो सगठन दर अदशी रहकर कमरचािरय क जञान उनकी िविश टताओ उनक आचरण को अनकल साच म ढालन क परित सजग रहत ह वही सफलता की ऊचाइय को छत ह अगरजी म एक परानी कहावत ह -- Where the vision is one year Cultivate flowers Where the vision is ten years Cultivate trees Where the vision is eternity Cultivate people अथारत जहा दरअदशी एक साल क िलए हो तो फल लगाइय जहा दरअदशी दस साल क िलए हो तो पड़ लगाइय

औ योिगक सगठन म परयोग होन वाल सम त ससाधन म मानव ससाधन अथारत उसम काम करन वाल कमरचारी मह वपणर और िनणारयक होत ह

प ठ 15

अकषय कराित जहा दरअदशी अनत काल क िलए हो तो लोग का िवकास कीिजए औ योिगक सगठन म 500 आदमी ह 5000 आदमी ह 50000 ह या इसस अिधक अगर कामकाज ठीक स चलाना ह तो बहत ज री ह परबधन उनस िनभाना जानता हो यिकतगत सपकर का मह व

वातानकिलत कमर म बठकर और सचार मा यम या िकसी अ य तरीक स कमरचािरय की िरपोटर लना और आस पास होन वाल घटनाकरम को जानना अलग बात ह और कायर थल पर वय उपि थत रहकर ि थित को समझना और िनदश दना अलग बात महान जनरल रोमल की सफलता का मखय कारण यह था िक व हमशा कायर थल पर वय उपि थत होकर िनदश दत बात की पि ट करत सम याए सलझात और दखत िक काम कसा चल रहा ह रोमल का यह तरीका इतना सफल रहा िक िकसी भी औ योिगक सगठन या कारोबार म इस अपनाया जाए तो आशातीत पिरणाम सामन आ सकत ह लोग क बीच खद उपि थत होकर काम करन का कोई िवक प नही ह लोग अिधकाशतः उनको नापसद करत ह िज ह व ठीक स जानत नही ह पर एक बार जान पहचान हो जान पर हालात बदल जात ह कमरचािरय म अ छी आदत का िवकास करन की पहली शतर ह िक पहल उनक िदल म घर िकया जाए ऐस िकसी भी बरताव स बचा जाए िजसस वह अपन को उपिकषत महसस करन लग अतः सवदनशीलता का यान रखना बहत ज री ह

कमरचािरय क परित सवदनशील यवहार-कौशल और धयरपणर होन क अितिरकत इस बात पर ढ़ रहना ज री ह िक काम ठीक परकार स हो अ छ यवहार क साथ कमरचािरय को यह जताना भी ज री ह िक उनस काम का उ च तर अपिकषत ह और उस पर उनक साथ कोई समझौता नही और अगर इस पर अमल नही करत तो उ ह पता होना चािहए िक आप कड़ी काररवाई करग

सकारा मक नजिरया परबधन का एकमातर काम िनदश दना नही ह वरन उस साथ-साथ लोग का िवकास करना होता ह

महान जनरल रोमल की सफलता का मखय कारण यह था िक व हमशा कायर थल पर वय उपि थत होकर िनदश दत बात की पि ट करत सम याए सलझात और दखत िक काम कसा चल रहा ह

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अकषय कराित एक अिधकारी का मखय काम यही ह िक वह अपन साथ काम करन वाल लोग म अ छी आदत का िवकास कर उनकी सहायता कर यिद यह काम परभावशाली ढग स कर पाता ह तो इसस कवल उसक अपन काम ही बहतर नही ह ग बि क उसक पास परिशिकषत और कशल कमरचािरय का परा दल होगा जो उसक परित परी िन ठा स काम करगा इसक िलए सबस पहल कमरचािरय का नजिरया ठीक करना ज री ह उनम सबस पहल यह भावना लानी होगी िक हमार अदर जो चीज ह वही हम ऊपर की ओर ल जाती ह और वह हमारा नजिरया ह

एक आदमी मल म ग बार बचकर अपनी गज़र-बसर करता था उसक पास लाल नील पील हर-चार रग क ग बार थ जब कभी उसकी िबकरी कम होन लगती तब वह हीिलयम गस स भरा एक ग बारा हवा म छोड़ दता ब च उस उड़ता दखकर वसा ही उड़न वाला ग बारा पान क िलए मचल उठत ब च उसस ग बारा ख़रीदत और इस तरह उसकी िबकरी िफर स बढ़ जाती िदन-भर यही िसलिसला चलता रहता एक िदन वह आदमी बाज़ार म खड़ा ग बार बच रहा था अचानक उस महसस हआ िक पीछ स कोई उसका करता पकड़कर खीच रहा ह उसन पीछ मड़कर दखा तो एक छोट स ब च को खड़ा पाया उस ब च न ग बार वाल स पछा ldquoअगर आप काला ग बारा छोड़ग तो कया वह भी उड़गाrdquo ब च की बात उसक िदल म लगी और उसन यार स जवाब िदया ldquoबट ग बारा अपन रग की वजह स नही उड़ता बि क उसक अदर कया ह इस वजह स ही वह ऊपर जाता ह rdquo ठीक यही बात हमारी िज़दगी म भी लाग होती ह अगर लोग का नजिरया बहतर हो उनम अदर स काम करन की इ छा भरी हो तो व खलकर आपस म िमलकर काम करग इसस नकसान तो कम होगा ही स थान क परित िन ठा बढ़गी और लगन स काम करन का वातावरण तयार होगा िव वास हािसल करना आव यक

कमरचािरय स बहतरीन काम लन क िलए शानदार टीम लीडर होना ज री ह मटठीभर लोग का कोई समह िकला तभी फतह कर सकता ह जब

एक आदमी मल म ग बार बचकर अपनी गज़र-बसर करता था उसक पास लाल नील पील हर-चार रग क ग बार थ

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अकषय कराित जब उनका सनापित उनम वह जोश भर सक िक उ ह कोई भी ऊचाई यादा न लग अतः सबस ज री ह िक स थान म कमरचािरय की

कषमताओ का परा फायदा लन क िलए उनका िव वास जीता जाए इसक िलए उनक साथ परी इ जत स पश आना ज री ह उनकी छोटी-बड़ी खशी को बाटना और उनकी राय को परा स मान दना भी उतना ही ज री ह कई बार परबधन क उ चािधकारी या लीडर अपनी टीम क सद य स िसफर इसिलए राय नही लत कय िक उ ह लगता ह िक एक बार राय लन पर अगर उनकी बात नही मानी गयी तो उ ह बरा लगगा लिकन सबस ज री ह िक टीम म सभी सद य को िव वास म लकर काम िकया जाए यहा टीम लीडर की भिमका मह वपणर होती ह वह खद वकत का पाबद होगा तो उसक मातहत कमरचािरय म वयमव यह गण आदत का प ल लगी टीम लीडर का काम अपनी टीम का उ साह बढ़ात हए दी गयी िज मदािरय को समय स परा करना ह मगर उसम नयी चीज़ को सीखन की ललक होनी चािहए ऐसी ललक जब स थान क कमरचािरय म आदत का प लन लगती ह तो वह स थान जािहर ह नए परितमान थािपत करन लगता ह जापानी कपिनया हर बात म कमरचािरय क िहत का यान रखती ह िजसस व वय ही उ पादकता क परित सचत हो जात ह जानी-मानी टोयोटा कपनी क कमरचािरय म तो काम की ऐसी आदत सी या ललक होती ह िक व तब तक काम करत ह जब तक खद थक कर चर नही हो जात यह उनकी आदत ही बन चकी ह िक यिद व िकसी बात पर नाराज होत ह तब भी कपनी या अपन भागय को भल ही कोस ल पर अपन काम पर असर नही पड़न दत इसका कारण यह ह िक जापानी कपिनया काम का एक अ छा वातावरण बनान और लोग म काम क परित स ची लगन को बढ़ावा दन क िलए कड़ा परयास करती ह वहा लोग को लगातार परिशकषण िमलता रहता ह जो कवल तकनीक और मनजमट ही नही कायर स जड़ी नितकता और अ छी आदत क िवकास पर किदरत होता ह चिरतर का िनमारण उनकी एक आदत सी बन जाती ह अगर हम भी एक अ छी शिखसयत बनना ह तो हम अपनी आदत को गहराई स जाचना होगा

ऐसी ललक जब स थान क कमरचािरय म आदत का प लन लगती ह तो वह स थान जािहर ह नए परितमान थािपत करन लगता ह जापानी कपिनया हर बात म कमरचािरय क िहत का यान रखती ह

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अकषय कराित चतन और अवचतन मन

हमार चतन मन क पास सोचन की शिकत होती ह यह िकसी बात को मान सकता ह और नही भी मान सकता मगर अवचतन मन िसफर वीकार करता ह यह इनपट (input) को लकर कोई भदभाव नही करता अगर हम अपन मन म डर शका नफरत क भाव भर तो यह आ म सझाव इन सभी भाव को सिकरय बनाकर हकीकत म बदल दगा हमारा अवचतन मन एक डाटा बक की तरह ह अवचतन मन एक गाड़ी की तरह ह और चतन मन एक डराइवर की तरह शिकत तो गाड़ी म होती ह मगर उसका कटरोल डराइवर क पास होता ह

हम अवचतन मन को इस तरह ढालन की ज रत ह िक वह हम सही और ठीक रा त पर ल जा सक अवचतन मन एक बगीच की तरह होता ह िजस कोई परवाह नही होती िक आप कस पौध लगात ह यह िनरपकष (neutral) होता ह इसम अ छा बोन पर अ छा िमलता ह अ यथा जगली पौध उग जायग

बि क अ छ बीज बोन क बावजद जगली पौध उगन बद नही होत आव यकता होती ह उ ह उखाड़ फकन का िसलिसला जारी रखन की इसी िसदधात को कमरचािरय क मामल म समझन की ज रत ह हम याद रखना ह िक सही और गलत िवचार मन म एक साथ नही रह सकत आव यकता उनक अवचतन मन को इस तरह ढालन की ह िक उनम अ छी आदत का िवकास हो दरअसल अवचतन योगयता वह होती ह जब हम यान दन और सोचन की यादा ज रत नही होती कय िक यह हमार यवहार म खद ब खद उतरन लगा ह िजस स थान क कमरचारी इस तर पर पहच जात ह उनम अ छी आदत वयमव घर करन लगती ह जब बरी आदत हमार अवचतन योगयता क तर तक पहच जाती ह तो वह कावट उ प न करती ह

पिरवतरन का िवरोध बरी आदत को पहचान लन क बाद भी अकसर दखा गया ह िक

लोग उ ह बदलत नही ह ऐसा आिखर कय होता ह उनक न बदलन का कारण ह िक व िज मदारी को वीकार करन स इनकार करत ह

हम अवचतन मन को इस तरह ढालन की ज रत ह िक वह हम सही और ठीक रा त पर ल जा सक अवचतन मन एक बगीच की तरह होता ह िजस कोई परवाह नही होती िक आप कस पौध लगात ह

प ठ 19

अकषय कराित अपनी उन आदत को बनाय रखन म उ ह जो आनद िमलता ह वह पिरवतरन क ददर स यादा होता ह इसक िन निलिखत कारण हो सकत ह -- 1 पिरवतरन की इ छाशिकत का अभाव 2 पिरवतरन क िलए आव यक अनशासन की कमी 3 िव वास की कमी 4 आव यक जानकारी की कमी परबधन वारा इन िबदओ पर िवचार कर अपन किमरय म आशातीत पिरवतरन लाया जा सकता ह सामा यतः खराब आदत को न बदलन क बहान िदय जात ह और कहा जाता ह -- हम लोग इसी तरह करत ह या िक म नही समझता इसस कोई फकर पड़गा और कछ न िमला तो कह िदया जाता ह म बहत य त ह अ छी आदत का िन पण

आदत म पिरवतरन लाया जा सकता ह आव यकता ह इसक िलए सही पिरवश का िनमारण करन की कमरचािरय को परिशिकषत करन की परिरत करन की और ऐसी ि थितया उ प न करन की िजसस कमरचािरय म अ छी आदत का िन पण हो सक दरअसल सफल लोग का राज यह ह िक व काम करन की उन आदत को डाल लत ह जो असफल लोग करना नही चाहत य वही काम ह िज ह सफल लोग भी करना

नही चाहत लिकन व िफर भी करत ह उदाहरण क िलए असफल लोग अनशासन और महनत करना पसद नही करत सफल लोग भी अनशासन और कड़ी महनत नापसद करत ह लिकन व िफर भी ऐसा करत ह कय िक य लोग उन काम को करन की आदत डाल लत ह िज ह असफल लोग नही कर पात नजिरय और सोच का तरीका एक आदत ह और इस बदला जा सकता ह सही ि ट और सतलन कमरचािरय म काम क सबध म सही ि ट बनाय रखन की परवि त िवकिसत करना ज री ह जब कछ गलत हो रहा होता ह तो उस ठीक करना परबधन का ही काम होता ह समझा यह जाता ह िक परायः हम गलत हो रह काम को लकर इतन िचितत हो जात ह िक जो सही हो रहा ह उस भी अनदखा करन की हमम आदत होती ह

दरअसल सफल लोग का राज यह ह िक व काम करन की उन आदत को डाल लत ह जो असफल लोग करना नही चाहत

प ठ 20

अकषय कराित उदाहरण क िलए अगर िकसी स कोई गलती हो जाती ह तो हम एकदम उस पर िच ला पड़त ह या उसक िव दध काररवाई कर बठतहअ छा यह रहगा िक आप उस अलग ल जाकर अकल म बात कर अगर परशसा करनी हो तो सबक सामन कर

अगर िकसी स सहमित न बन तो उस पर करोध करना ज री नही ह अगर अपन करोध पर काब रखग तो लोग अपनी असहमित को अ यथा नही लग अगर आप अपन िवचार को खला रखग तो दसरी ओर स भी आप ऐस ही यवहार की अपकषा कर सकत ह परायः लोग अपनी सहमित कछ इस तरह जतात ह िक सामन वाला भी अपनी बात पर अड़ जाता ह समझन की बात यह ह िक सभी ि थितय म कवल तकर ही काफी नही होगा िकसी स असहमत होन म भी यवहार कशल होना ज री ह सबस पहल तो दसर को अपना पकष रखन का मौका द उसकी बात सन और जहा तक हो सक उसस अपनी सहमित भी परकट कर और िजन बात पर सहमित न बना सक उस समझाए

हमम स अिधकाश लोग उन किमरय और उनकी गलितय पर अ यिधक यान दत ह िजनक िलए हम काम करत ह पर अपन किमरय पर नज़र डालना भल जात ह अगर वय को उन लोग की नजर स दखा जाए तो आशातीत पिरणाम दखन को िमलत ह

आ म मथन आप कया करना चाहत ह कसा करना चाहत ह - इस सोच को

वतरमान म अपन अदर मथन करन को आ म-सझाव कहत ह एक बार सब म जब इसकी पिरपाटी श हो जाती ह तो यह हमार अदर िवजञापन की तरह काम करता ह अपन बार म अपन िलए अदर ही परचािरत करता ह इसका हमार चतन और अवचतन (Sub-concious) मन दोन पर परभाव पड़ता ह अततः यह हमार नजिरए और यवहार को परभािवत करता ह और धीर-धीर आदत का प लता ह यह दरअसल अपन अवचतन मन को ढ़ालन या परोगराम करन की िविध ह

हमम स अिधकाश लोग उन किमरय और उनकी गलितय पर अ यिधक यान दत ह िजनक िलए हम काम करत ह पर अपन किमरय पर नज़र डालना भल जात ह

प ठ 21

अकषय कराित आ म-सझाव अ छ या बर हो सकत ह जब हम बर आ म-सझाव को बार-बार दोहरात ह तब हमारा अवचतन मन उन पर िव वास करन लगता ह और हम उसी को वा तव म यवहार करन लगत ह सकारा मक आ म-सझाव को बार-बार मथन करन स उसकी हमार िदलोिदमाग म त वीर बन जाती ह और वही असिलयत का प लन लगता ह एक उदाहरण क िलए जब कभी हम सबह 0600 बज टरन पकड़नी हो और हमार पास अलामर घड़ी न हो तो हम मन म कहकर उठत ह िक 0400 बज उठना ह तो कया हम नही उठत अगर उठत ह तो इसक पीछ आ म-सझाव ही काम करता ह आ म-सझाव एक रा ता ह िजसस हम अपन िदमाग को परोगराम करक ढ़ालत ह सकारा मक आदत को िवकिसत करन म आ म-सझाव की परवि त मह वपणर िसदध हो सकती ह हमार नजिरए और आदत को तय करन वाल कारक हमार नज़िरए को मखयतः तीन कारक परभािवत करत ह - वातावरणः घर कल आिफस मीिडया सा कितक प ठभिम धािमरक प ठभिम परपराए और भाषाए सामािजक-राजनितक माहौल - य सब िमलकर एक तहजीब बनात ह चाह घर हो या आिफस या अ यतर - हर जगह हर िकसी की अपनी तहजीब होती ह उदाहरण क िलए हम एक दकान म जात ह तो वहा का स समन बड़ अदब वाला होता ह लिकन वही जब दसरी दकान पर जात ह तो वहा का स समन कभी-कभी बड़ा खा और बदतमीज िमल जाता ह उसी तरह िकसी क घर म यार भरा माहौल िमलता ह तो िकसी क घर म हमशा लड़ाई-झगड़ का इसी तरह जब सरकार और राजनीितक माहौल ईमानदारी का होता ह तो लोग भी ईमानदार मददगार और कानन का पालन करन वाल होत ह बईमान और भर ट माहौल म िजस तरह एक ईमानदार का जीना मि कल होता ह उसी तरह ईमानदारी भर माहौल म बईमान यिकत को मि कल होती ह िन सदह अ छ वातावरण म मामली कमरचारी म वमव अ छी आदत िवकिसत होती ह और उसकी कायर करन की शिकत बढ़ जाती ह जबिक खराब माहौल म अ छा काम करन वाल की भी कषमता िगर जाती ह

सकारा मक आदत को िवकिसत करन म आ म-सझाव की परवि त मह वपणर िसदध हो सकती ह

प ठ 22

अकषय कराित कायर-स कित का बहाव ऊपर स नीच की ओर होता ह नीच स ऊपर की ओर कभी नही यह दखना बहत ज री ह िक हमन अपन िलए और आस-पास क लोग क िलए कसा वातावरण तयार िकया ह खराब वातावरण म अ छ की उ मीद करना बमानी ह अनभवः हम अपन जीवन म अपन काम-काज म हालात स जसा अनभव पात ह वह हमारी आदत का िह सा बन जात ह और उसी क अनसार हमारा यवहार होता ह अगर िकसी क परित हमारा अनभव अ छा होता ह तो हमारा नज़िरया भी अ छा होता ह ज री ह िक कमरचािरय को ऐसा कायर-पिरवश िमल िजसस उनक अवचतन म अ छ अनभव की छाप अिकत हो

परिशकषण भी ज़ री यहा िसफर सदधाितक जञान ही काफी नही होता बि क औपचािरक और अनौपचािरक दोन ही तरह की िशकषा व परिशकषण ज री ह जञान और जानकारी को यिद योजनाबदध तरीक स परयोग िकया जाए तो उसस बौिदधक तर को बढ़ान म आशातीत सफलता िमलती ह काम करन की कला अ छी िशकषा स ही आती ह ज री ह िक परिशकषण म मनोवजञािनक सामािजक आिथरक व अ य पहल को समझन की आदत िवकिसत की जाए अवचतन म यह िबठाना बहत ज री ह िक जीवन की भ यता काम क वारा ही सभव ह स थान म सभी को लगना चािहए िक उनका काम मह वपणर ह यही परबधन कला का सार ह जब कमरचािरय को ऐसा एहसास होन लगता ह तो उनक नज़िरए म बदलाव आन लगता ह उपसहारः काम क परित लोग म अ छी आदत िन िपत करन और उनम उ साह जगान स कायर-िन पादन म िनरतर िनखार आता ह दरअसल हर यिकत म मानिसक और शारीिरक ऊजार उ प न होती ह िजसक िलए काम ही सबस अ छा िनकास ह एक िवचारक क अनसार lsquoआप पछत ह म लगातार काम कय करता ह

यहा िसफर सदधाितक जञान ही काफी नही होता बि क औपचािरक और अनौपचािरक दोन ही तरह की िशकषा व परिशकषण ज री ह

प ठ 23

अकषय कराित इसका वही कारण ह िजस कारण स मगीर अ ड दती जाती ह rsquo काम क िबना इसान घट सा जाता ह उस काम की उतनी ही ज रत होती ह िजतनी हवा की आव यकता ह िक उस सही वातावरण उपल ध करान और सही िदशा म अिभपरिरत करन की व ततः हर यिकत अदर स गिरमा और आ मस मान की चाह रखता ह आव यकता ह उस अतःपरिरत करन की लोग को खद स परिरत करन क िलए हम उनकी ज रत और इ छाओ को समझना होगा पररणा कायरकषमता और आदत क बीच सीधा सबध ह जो लोग उतना ही काम करत ह िक उनकी नौकरी बची रह तो ऐस लोग िकसी भी स थान क िलए मह वपणर नही हो सकत अतपररणा स सोच म बदलाव लाया जा सकता ह पररणा आग क समान होती ह

कमरचािरय को िजतना परिरत िकया जाएगा उनम उतनी ही सकारा मक आदत का िवकास होगा कमरचािरय को उिचत स मान दकर उनक कायर को अिधक मनोरजक बनाकर परबधन वारा उनकी बात को गौर स सनकर उनकी सम याओ और सझाव पर गौर करक उ ह वय ल य िनधारिरत करन क िलए परो सािहत करक िवकास क नय अवसर उपल ध कराकर आव यकतानसार समय-समय पर समिचत परिशकषण िदलाकर तथा नयी चनौितय स जझन क िलए परो सािहत करक िन सदह उनक आचार और यवहार को सकारा मक िदशा म पाियत िकया जा सकता ह

कमरचािरय को िजतना परिरत िकया जाएगा उनम उतनी ही सकारा मक आदत का िवकास होगा

ई-पितरका म लख आिद म परकट िवचार

मलतः लखक क ह तथा यह आव यक नही ह िक

इरडा भी इन िवचार स सहमत हो

प ठ 24

अकषय कराित

िबिटया

आख म मोती लकर तम िबिटया जाती हो हा जाओ िशकषा का उपहार द रह िवदा समय यह लो ल जाओ इन पराण म परीित त हारी ममता क धन िसदरी इन नयन की बद पली परकट करती ह मजबरी लाचारी ह िफर पराण म क य ह इतनी आकलता

जब इस रीित पर पराओ म वश न िकसी का ह चलता िपतकल को तजकर अब िबिटया पित-कल म जाना होगा

नटखटपन को छोड़ धमर का ही िजसम बाना होगा इस घर की तम बड़ी लाडली पराण स यारी िबिटया

चली लाकर आज सभी को िपता की कर सनी किटया िजन हाथ न लाड़ चाव स अब तक था िजसको पाला उन हाथ न ही िबिटया को दलह राजा जी को द डाला

िजसका दख जरा मन मला हो जाती थी हरानी क यादान उसी का कर क दय बनाया पाषाणी

िकया न जाता था पल भर को इन आख स दर िजस मोती झरत िवदा द रहा आज सकल पिरवार उस अपनी मा क जीवन की तम परित-पल हो आधार रहो

िवजयता िपता क दय मिदर की िबिटया तम साकार रही आज जीवन क सख-दख सार वही िबतान तम लो जान आओगी जब कभी यहा तम होगी महमान समान

सतीश कमार कलावत इरडा

इस घर की तम बड़ी लाडली पराण स यारी िबिटया चली लाकर आज सभी

को िपता की कर सनी किटया

प ठ 25

ससराल की कभी बराई कही न मह पर आ जाव धमर कमर क तर य पथ म पाव नही िडगन पाव

सात परितजञाय जो तमन अिग नदव स मख की धारण द पि त जीवन का मह व ह करना स च मन स पालन

बटी इन सात बचन का यान दय म रह सदा दोन कल की लाज इसी म भला न दना इस कदा पित ही ह सवर तर त हार पित ही को जीवन समझो

जो कछ कह उसी को मान उनको िबिटया तम धन समझो शीलवती तम बन िबिटया पित-भक त मना सदर िनस दह वय उपजग क प-वकष घर क अ दर

पहन सिशकषा की साड़ी को शभ गण भषण अपनाओ दस लकषण शभ लकषण धार िन य नय मगल गाओ यह िशकषा उपहार दय का तम को राह िदखायगा भल भटक कर भी अिधयारा पास न आन पायगा

हम सब की आख स मोती उर स िनकल रही आशीष सभी सख स पणर परफि लत कर त ह दलह राजा की ईश

अकषय कराित

िजन हाथ न लाड़ चाव स अब तक था िजसको पाला उन हाथ न ही िबिटया को दलह राजा जी को द डाला

प ठ 26 अकषय कराित

ldquoपयारवरणrdquo श द पिर+आवरण स बना ह अथारत बा य आवरण को ही पयारवरण कहत ह इस बा य आवरण का ता पयर हमार चार ओर क वातावरण और पिरवश स ह िजस हम दसर श द म परकित भी कह सकत ह प वी पर िव यमान सपणर जीव-जगत क अि त व जीवन-यापन एव चहमखी िवकास म परकित की मह वपणर भिमका ह मानव बिदधजीवी पराणी ह और परकित क मह व स भली-भाित पिरिचत होन क कारण ही सिदय स परकित की पजा करता रहा ह

विदक काल स ही परकित तथा मानव क बीच जीवन ततर का अटट सबध रहा ह हमार पराचीन ऋिष-मिनय न प वी म हवा पानी िमटटी पड़-पौध जीव-ज तओ और मानव क सिकरय सहयोगा मक सतलन को यान म रखकर ही परकित को प य माना धमर क साथ परकित को जोड़कर उ ह न परकित को पयार त मह व िदया व जानत थ िक िजस परकार जीवन क िलए भिम की आव यकता होती ह उसी परकार वन पितया व अ य पराणी भी आव यक ह य सभी परकित क अिभ न अग ह इनम स एक क भी न ट होन का परभाव दसर पर पड़ता ह और पिरणाम व प पराकितक असतलन पदा हो जाता ह व तत प वी म हवा पानी िमटटी पड़-पौध जीव-ज तओ और मानव का सिकरय सहयोगा मक सतलन रहता ह पड़-पौध भिम को उपजाऊ बनात ह िमटटी को बाधकर रखत ह बरसात करवान तथा जल एव वाय को व छ रखन म सहायक होत ह परत आज क बढ़त औ योिगकीकरण और शहरीकरण न परकित और मानव क बीच असतलन उ प न कर िदया ह यह असतलन अिशकषण बढ़ती जनसख या शहर की ओर पलायन वकष की कटाई गगनचबी इमारत बड़-बड़ उ योग की थापना आिद क कारण ह और यही पयारवरण परदषण क मख य कारण ह मटरोपोिलटन एव बड़ शहर म अनक काबरिनक और अकाबरिनक गस जस ndash काबरन-मोनोऑक साइड अमोिनया आिद परदषण क मख य ोत ह

वतरमान पयारवरण -21वी सदी की चनौती

लख सरीन सल

विदक काल स ही परकित तथा मानव क बीच जीवन ततर का अटट सबध रहा ह

प ठ 27 अकषय कराित मन य न अपनी भितक सख-सिवधाओ की आपित र क िलए परकरित स

िखलवाड़ िकया ह वतरमान मशीनी यग म मन य वारा परकित क अ यिधक दोहन एव िनत नए कारखान की थापना स पयारवरण सकट उ प न हआ ह मानव न परकित क साथ जो अ यायपणर यवहार िकया ह उसी क फल व प परकित का िवरोधी रवया हआ ह िजस भिव य म सह पाना मि कल होगा

अिशकषा क कारण दश की तजी स बढ़ती आबादी क आवास की मलभत आव यकता को परा करन क िलए वकष की कटाई करक ऊची-ऊची इमारत बनाई जा रही ह वकष की अधाधध कटाई स भिम की ऊवररा शिक त का तो ास हो ही रहा ह साथ ही परदषण जसी िवकराल सम या भी ज म ल रही ह

परदषण पयारवरण क ास का परमख कारण ह िवकासशील दश िनत नए उ योग की थापना करक बराजगारी की सम या को तो दर कर रह ह िकत इसस जल वाय विन तथा िविभ न परकार क परदषण बढ़ रह ह कल-कारखान और मोटर स िनकलन वाल धए स वाय परदषण हो रहा ह जल थल व नभ क मागर पर शिक त चािलत वाहन विन परदषण का मख य ोत ह शहरीकरण और औ योिगकीकरण क कारण शदध पयजल की सम या िवकराल प धारण कर रही ह कारखान स िनकलन वाल कड़-कचर क निदय म िमलन स जल परदषण हो रहा ह रासायिनक खाद और कीटनाशी दवाओ स मदा परदषण का खतरा बन गया ह

इस परकार जनसख या विदध शहरीकरण औ योिगकीकरण एव परदषण जसी सम याओ न पयारवरण को बरी तरह परभािवत िकया ह आज सपणर िव व पयारवरण को लकर िचितत ह इस भयावह ि थित स बचन क िलए पर यक यिक त को पयारवरण क परित जाग क करना आज की अिनवायर आव यकता ह

इस िदशा म सवरपरथम िनरकषरता को समा त िकया जाना चािहए साकषर भारत की पिरक पना म जनसख या विदध दर वय िनयितरत हो जाएगी करल रा य इसका परमाण ह जहा साकषरता क साथ-साथ जनसख या िनयतरण भी ह

जल थल व नभ क मागर पर शिक त चािलत वाहन विन परदषण का मख य ोत ह

प ठ 28 अकषय कराित

इसक बाद बात आती ह परदषण िनवारण की आज िव व भर क

वजञािनक और पयारवरणिवद इस िदशा म कायररत ह सवरपरथम वन क काटन पर परितबध लगाया गया ह और वन सपना क िव तार हत वकष लगान क िलए परो सािहत िकया गया इसक िलए सरकार की ओर स वकष आिद िनश क उपल ध कराए जात ह ldquoपयारवरण परदषण स थाrdquo और व छ वाय अिधिनयम जस िविधक उपाय स वाय परदषण पर रोक लगान का परयास िकया जा रहा ह जहरील धआ उगलन वाल कारखान तथा वाहन पर भारी आिथरक दड का परावधान ह िविभ न सचार मा यम mdashदरदशरन समाचार-पतर तथा आकाशवाणी क मा यम स जनता को पयारवरण क परित जाग क करन क परयास िकए जा रह ह निदय म खलन वाल परदषण ोत को बद करन की योजनाए चलाई जा रही ह पािलथीन क परयोग को बद करन क िलए चलाया जा रहा ह अिभयान भी परशसनीय ह

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह इस खतर स सपणर भमडल का अि त व न ट हो जाए इसस पहल हम पयारवरण की सरकषा करन का सक प लना होगा

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह

िस धी होन क प चात भी मझ बगाली रीित िरवाज़ िमठाइया यहा का पहनावा अगरज क ज़मान की बनी सरचनाए एव भवन इ यािद म बहत िदलच पी एव िच थी

प ठ 29 अकषय कराित

यातरा स मरण-कोलकाता-खिशय हषर का शहर(िसटी ऑफ जॉय)

सोिनया सिह वानी पीईसी िलिमटड

म पी ई सी िलिमटड नामक कपनी क िविध ककष म उप िविध परबधक क पद पर कायररत ह सन 2010 जन स इस कपनी म मन परबधन परिशकष क प म अपनी पहली नौकरी की श आत की पी ई सी िलिमटड वािण य मतरालय क अतगरत आन वाली आयात-िनयारत यापार स स बिधत क पिनय म स एक ह इस स दभर म जनवरी 2011 म िविभ न िवभाग क परबधन परिशकषओ को ओिरएटशन हत काडला कोलकाता इ यािद शहर म भजन का कायरकरम िनि चत िकया गया कोलकाता क पास हि दया पोटर होन क कारण कोलकाता शहर चना गया जहा पी ई सी वारा आयात की गयी व तए पोटर गोदाम म रखी जाती ह साथ ही म कोलकाता पोटर िभ न गोदाम इ यािद दखन की यव था की गयी एव सची म समावश िकया गया यह सनकर मरी ख़शी का िठकाना न रहा क य िक मन कोलकाता शहर क बार म सना बहत था पर त कभी दखा न था िस धी होन क प चात भी मझ बगाली रीित िरवाज़ िमठाइया यहा का पहनावा अगरज क ज़मान की बनी सरचनाए एव भवन इ यािद म बहत िदलच पी एव िच थी आिखरकार मझ मौका िमला और जनवरी की कड़ाकदार ठ ड क बीच हम एक रिववार शाम कोलकाता राजधानी स अपनी मिजल की और िनकल पड़ िद ली स कोलकाता क सफ़र क बीच हमारी गाड़ी इलाहाबाद गया िबहार तथा धनबाद जस शहर स होत हए बगाल की ओर पहची हसत-गात खलत-खात हए हम अगली सबह हावड़ा जकशन पहच गए रलगाड़ी स उतर कर टशन स बाहर िनकलत ही मझ िसटी ऑफ जॉय क नाम स मशहर कोलकाता की पहली झलक िदखाई दी ऐसा लगा मानो मझ भारत क दो पहल एकसाथ जीत हए नज़र आए एक तरफ थ टशन स बाहर एव अ दर जात हए स दर कपड़ गहन म लद हए कोलकाता क बगाली िनवासी साथ म बड़ी-बड़ी गािड़य म घमत कोलकाता क नौजवान और ठीक दसरी तरफ मरी नज़र पड़ी हगली नदी पर बन परिसदध हावड़ा िबरज पर िजस दख एक अलग ही दिनया का एहसास हआ

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह

िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी

एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया नतीजा मर समकष था

प ठ 30 अकषय कराित

हावड़ा िबरज पर हर तरफ लोग का जमावड़ा था इतन लोग दख िद ली क चादनी चौक की याद आ गयी ऐसा लगा मानो म 50 साल पीछ िकसी लक एव वाईट दिनया म कदम रख चकी थी िबरज क दोन तरफ सामान बचत हए दकानदार िखलौन मछली रख हए औरत एव छोट-छोट ब च मख य शहर स हावड़ा जान वाल आम आदमी मजदर की तज़ र तार फरी स र ता पार करन वाल यापारी इन सब को दख लगा कोलकाता म मबई जसी भागम भाग भी थी िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया नतीजा मर समकष था जस-जस म कोलकाता शहर क भीतर आन लगी मझ इस शहर क िवकास की झलक िदखाई दी एक तरफ थी ऊची ईमारत सदर िवशाल िव यासागर सत पल बड़-बड़ होटल माल कोलकाता उ च यायालय राईटसर िबि डग मशहर इडन गाडरन टिडयम इ यािद तो दसरी तरफ था िवक टोिरया ममोिरयल अगरज की वा तकला क अनसार िदखती लाल ईटो की इमारत िवक टोिरयल सरचनाए भवन छोटी-छोटी पटिरय पर समान बचत नया बाज़ार (New Market) क दकानदार एव िवक टोिरया ममोिरयल क बाहर चलत सलािनय क िलए रथ वाल घोड़ हमारा होटल जसीबोस सड़क पर ि थत था एव सिवधाओ स भरपर था पर त मन य जाना िक असली कोलकाता का मज़ा गाड़ी म नही अथवा िरक शा ऑटो तथा साल स चलती आ रही सड़क पर टराम म था

हर तरफ मझ पील रग की टिक सया िदखाई दी सब एक समान थी तथा मरसीडीज़ गाड़ी क बगल म चलती 1-2 पय म सफ़र की जान वाली टराम भी साथ िदखाई दी परी िजदगी िद ली म यतीत करन क बाद हर नए शहर का रहन-सहन बोल-चाल रीित-िरवाज़ जानन की जाग कता मझम हमशा रही पहल ही िदन स कोलकाता मझ रास आया जस िक कहत ह lsquoकोलकाता हमार खब भाला लागली छ rsquo कहन का ता पयर य िक मझ कोलकाता बहत अ छा लगा पहल िदन िक शाम को हमन य मािकर ट म खरीददारी करन का मन बनाया म हरान थी िक वहा चीज िकतनी स ती िमल रही थी िद ली क मतािबक एक ितहाई दाम पर चिडया गहन बग जत कत इ यािद िमल

िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया

प ठ 31 अकषय कराित य मािकर ट िद ली क लाजपत एव सरोिजनी नगर समान ह कम

दाम म अ छा समान िमला कोलकाता चमड़ क िलए भी मशहर ह एव परिसदध ी लदसर दकान भी इस बाज़ार म ि थत ह यहा खरीदारी का हमन खब ल फ़ उठाया

अगल िदन हम हि दया पोटर गए एव अनक जहाज़ दख 3-4 घट की दरी पर ि थत यह पोटर अनक एकड़ म फला हआ था पहली बार इतन बड़ जहाज़ को अदर स दख खब आनद आया तीसर िदन हम काली बाड़ी मिदर गए बगाली अ यत पाठ-पजा वाल दगार मा क स च उपासक ह यह सब जानत ह दगार पजा इनका लोकिपरय उ सव ह तथा काली मा एव दगार मा की स च मन स पजा करत ह कोलकाता क िनवासी भिक त भावपणर ह यह सना था अब खद दख भी िलया बगाली र म स पजा करन का य मौका अ यत आनदमयी था इसक अलावा काली बाड़ी क नज़दीक ही ि थत ह गौिरहाट बाज़ार यहा की दकान बगाली सािड़या कपड़ सट कत इ यािद क िलए परिसदध ह आिद धक तशवर नामक मशहर दकान म जाकर मरा भी मन िकया िक म भी खरीददारी क मर सािथय न बहत सािड़या खरीदी एव दाम दखकर म दग रह गई सदर स सदर साड़ी मातर 600700 पय की थी मन बगाल की मशहर लाल एव सफद िपरट की साड़ी भी खरीदी कोलकाता म खरीददारी का अलग की मज़ा ह उसी िदन शाम हम सा ट लक िसटी मॉल गए वह सा ट लक टिडयम क नज़दीक ह यहा िदखाई िदया कोलकाता का परगितशील प नौजवान फटबाल की जसीर पहन माल म घम रह थ एक स एक

मशहर बरड वहा मौजद थ इसक अलावा कोलकाता क िनवासी खब मनोरजन क शौक़ीन ह सगीत नाच गाना इ यादी म िच रखत ह कोलकाता म जगह-जगह सगीत कला अकडमी तथा पढ़न (रीिडग) क क लब ह अगरज क शौक तथा रहन-सहन की झलक आज भी यहा िदखती ह यहा क नौजवान को खल-कद म भी खब िदलच पी ह फटबाल का तो जस यहॉ सबको जनन ह

भारत क परिसदध मोहन बगान फटबाल क लब फटबाल क वहा क नौजवान ही नही परा शहर ही दीवाना ह भारत-पाक मच हो या आई पी एल इडन गाडरन मदान लोग स खचा-खच भरा रहता ह अफ़सोस म वहा अदर जा न सकी

इसक अलावा काली बाड़ी क नज़दीक ही ि थत ह गौिरहाट बाज़ार यहा की दकान बगाली सािडया कपड़ सट कत इ यािद क िलए परिसदध ह

प ठ 32 अकषय कराित

मर सफर क आखरी िदन म मन कोलकाता क लोग म एकता क नजार दख िविभ नता म भी एकता का उदाहरण दखा चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख िजस िदन हम कोलकाता पहच थ उसी िदन वहा शहर बद था और मन एक जट होकर लोग को अपनी बात कहत हए दखा एव सना यहा क लोग अपन शहर क िवकास बहतरी क िलए जाग क ह िज मदारी लत ह तथा सरकार को अपनी बात भली-भाित कहत ह लड़िकय औरत की इ ज़त करत ह एव यहा िक मिहलाओ को मन िनदरलीय पाया जहा एक ओर भारत की राजधानी होन क बावजद िद ली वाल अपनी िजदगी म मगन रहत ह वही दसरी और कोलकाता म अमीरी-गरीबी िभ न जाितय म भी एक जटता ह कपड़ा एव खाना आज भी यहा खब स ता िमलता ह पर त दसरी तरफ सब जानत ह िक बड़-बड़ उ योगपित िव वान लखक िखलाड़ी गायक अिभनता िनदशक यहा स उभर ह सािह य हो या लख बॉलीवड हो या िकरकट बगाल न भारत को अनक नाम एव गौरव िदए ह चाह सौरव दादा हो या रिव दर नाथ टगोर ममता बनजीर रानी मखजीर हो या योित बस भारत म इनकी भिमका का वणरन करन की ज रत नही

मन कछ िदन क कोलकाता क सफर म इस शहर को जानन समझन का परयास िकया हगली नदी क िकनार खड़ होकर समदर को दखा निदय को िनहारा िव यासागर सत िबरज की सदरता िवशालता को सराहा क सी दास की परिसदध िमठाई का ल फ उठाया मन बहत शहर घम पर त यह सफर मर िलए सबस यादगार रहा कोलकाता परगित क मागर पर िनरतर बढ़ रहा ह पर त आज भी वह अपनी जड़ नितक म य को नही भला ह एक आम आदमी आज भी टराम म या फरी स सफर करता ह यहा क िनवासी दो पय स लकर 500 ० का खाना खात ह पराना एव नया कोलकाता एक साथ जीिवत ह िसक क क दो पहल की तरह कोलकाता क यह दो प को एक साथ रहत दख बहत आनद आया

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 33 अकषय कराित

जल परकित का अनपम उपहार ह मानव जाित अपन परादभारवकाल स ही इस उपहार का उपयोग अपन िहत क िलए करती आई ह जल वह पराकितक उपहार ह िजसका कोई िवक प नही ह इसिलए जल को अमतया जीवन भी कहा गया ह जल क िबना जीवन की सभावना भी नही ह पर यकष प स तो जल की मानवीय आव यकता सीिमत ह परत परोकष आव यकताओ पर नजर डाल तो दिनक जीवन की आव यकताए जस अ न फल स जी दध स लकर हमार पहराव आवास तक सब जल स जड़ हजल का जरा भी सतलन िबगड़ जाए तो जीवन यापन क टपरद होन म दर नही परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह जल क सामा य त य जल या पानी एक आम रासायिनक पदाथर ह जो जीवन क सभी जञात प क जीिवत रहन क िलए ज री ह आमतौर पर जल अपनी दरव अव था म उपयोग म लाया जाता ह पर यह ठोस अव था बफर और गस अव था जल वा प या भाप प म भी पाया जाता ह प वी क लगभग तीन चौथाई िह स पर िव व क महासागर का अिधकार ह अनमानत प वी पर जल की कल मातरा लगभग 1400 िमिलयन घन िकलोमीटर ह जो िक प वी पर 3000 मीटर गहरी परत िबछा दन क िलए काफी ह तथािप जल की इस िवशाल मातरा म व छ जल का अनपात बहत कम ह प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह शष जल झील निदय वायम डल नमी मदा और वन पित म मौजद ह जल की जो मातरा उपभोग और अ य परयोग क िलए व ततः उपल ध ह वह निदय झील और भजल म उपल ध मातरा का छोटा-सा िह सा ह इसिलए जल ससाधन िवकास और परब ध की बाबत सकट इसिलए उ प न होता ह कय िक अिधकाश जल उपभोग क िलए उपल ध नही हो पाता

परभावी जल परबधन और दश का िवकास

दीपक आहजा ओएनजीसी िवदश

प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह

प ठ 34 अकषय कराित

और दसर इसका िवषमतापणर थािनक िवतरण इसकी एक अ य िविश टता ह फलतः जल का मह व वीकार िकया गया ह और इसक िकफायती परयोग तथा परब ध पर अिधक बल िदया गया ह प वी पर उपल ध जल जल-चकर क मा यम स चलायमान ह जल लगातार एक चकर म घमता रहता ह िजस जलचकर कहत ह इसम वा पीकरण वषार और बह कर सागर म पहचना शािमल ह हवा जल वा प को थल क ऊपर उसी दर स उड़ा ल जाती ह िजस गित स यह बहकर सागर म पहचाता ह जल चकर का िचतर नीच पर तत िकया गया ह

अिधकाश उपभोकताओ जस िक मन य पशओ अथवा पौध क िलए जल क सचलन की ज रत होती ह जल ससाधन की गितशील और नवीकरणीय परकित और इसक परयोग की बार बार ज रत को ि टगत रखत हए यह ज री ह िक जल ससाधन को उनकी परवाह दर क अनसार मापा जाए इस परकार जल ससाधन क दो पहल ह अिधकाश िवकासा मक ज रत क िलए परवाह क प म मािपत गितशील ससाधन अिधक परासिगक ह आरिकषत भ डार की ि थर अथवा िनयत परकित और साथ ही जल की मातरा तथा जल िनकाय क कषतर की ल बाई व म यपालन नौ सचालन आिद जस कछक िकरयाकलाप क िलए भी परासिगक ह

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 35 अकषय कराित

जल का यय अप यय जल क बार म एक नही कई च कान वाल त य ह िव व म और िवशष प स भारत म जल िकस परकार न ट होता ह इस िवषय म जो त य सामन आए ह उस पर जाग कता स यान दकर जल क अप यय को रोका जा सकता ह अनक त य ऐस ह जो हम आन वाल ख़तर स तो सावधान करत ही ह दसर स पररणा लन क िलए परो सािहत करत ह और पानी क मह व व इसक अनजान ोत की जानकारी भी दत ह प वी पर पदा होन वाली सभी वन पितया स भी हम पानी िमलता ह

आल और अनानास म 80 परितशत और टमाटर म 95 परितशत पानी ह पीन क िलए मानव को परितिदन 3 लीटर और पशओ को 50 लीटर पानी

चािहए भारत म 83 परितशत पानी खती और िसचाई क िलए उपयोग िकया जाता

ह इज़राइल म औसतन मातर 10 सटीमीटर वषार होती ह इस वषार स वह

इतना अनाज पदा कर लता ह िक वह उसका िनयारत कर सकता ह दसरी ओर भारत म औसतन 50 सटीमीटर स भी अिधक वषार होन क बावजद अनाज की कमी बनी रहती ह

िपछल 50 वष म जल क िलए 37 भीषण ह याकाड हए ह भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल

चलती ह पानी ज य रोग स िव व म हर वषर 22 लाख लोग की मौत हो जाती ह यिद बरश करत समय नल खला रह गया ह तो पाच िमनट म करीब 25

स 30 लीटर पानी बरबाद होता ह बाथ टब म नहात समय 300 स 500 लीटर पानी खचर होता ह जबिक

सामा य प स नहान म 100 स 150 लीटर पानी खचर होता ह िव व म परित 10 यिकतय म स 2 यिकतय को पीन का शदध पानी

नही िमल पाता ह परित वषर 6 अरब लीटर बोतल पक पानी मन य वारा पीन क िलए

परयकत िकया जाता ह मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 36 अकषय कराित

िद ली मबई और च नई जस महानगर म पाइप लाइन क वॉ व की खराबी क कारण रोज़ 14 स 44 परितशत पानी बकार बह जाता ह

निदया पानी का सबस बड़ा ोत ह जहा एक ओर निदय म बढ़त परदषण रोकन क िलए िवशषजञ उपाय खोज रह ह वही कल कारखान स बहत हए रसायन उ ह भारी मातरा म दिषत कर रह ह

भारत म जल सकट नासा की एक िरपोटर न पानी को लकर दश भर म बढ़ती जा रही लापरवाही क परित आख खोली ह इस िरपोटर म भारत म सख की ि थित पदा होन क िलए िज मवार कारण म स एक अहम कारण अधाधध जल दोहन को बताया गया ह बतात चल िक दश भर क 604 िजल म स 161 सख की मार झल रह ह वस अब बताया जा रहा ह िक सख की मार स बहाल िजल की सखया बढ़कर 246 हो गई ह यानी कहा जाए तो आधा दश सख की चपट म ह बहरहाल नासा की इस िरपोटर म बताया गया ह िक भारत क कई रा य कषमता स यादा जल दोहन कर रह ह यहा कषमता स ता पयर यह ह िक उनस िजतन सलाना जल दोहन की उ मीद कदर करती ह व उसस कही यादा जल दोहन कर रह ह नासा न यह अ ययन 2002 स 2008 क बीच

की ि थितय क आधार पर िकया ह इस िरपोटर म बताया गया ह िक पजाब हिरयाणा और राज थान हर साल औसतन 177 अरब कयिबक मीटर पानी जमीन क अदर स िनकाल रह ह जबिक कदर की तरफ स लगाए गए अनमान क मतािबक इ ह हर साल 132 अरब कयिबक मीटर पानी ही जमीन क अदर स िनकालना था इस तरह स दखा जाए तो य तीन रा य िमलकर कषमता स 30 फीसदी यादा पानी का दोहन कर रह ह जािहर ह िक िबना कछ सोच-िवचार जब इस पमान पर पराकितक ससाधन का दोहन िकया जाएगा तो परकित भी बदला लगी और वही हो रहा ह इस िरपोटर म यह भी बताया गया ह िक भारत का महज 58 फीसदी भजल ही हर साल िरचाजर हो पाता ह नासा की यह िरपोटर बताती ह िक अधाधध जल दोहन की वजह स पर उ तर पि चम भारत क भजल तर म हर साल 4 सटीमीटर यानी 16 इच की कमी आ रही ह इस अ ययन को अजाम दन म नासा क जल िवजञानी मट रोडल न अहम भिमका िनभाई ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 37 अकषय कराित

उनक हवाल स इस िरपोटर म बताया गया ह िक दश क उ तर पि चम कषतर म 2002 स 2008 क दौरान तकरीबन 109 कयिबक िकलोमीटर पानी की कमी हई ह यह मातरा िकतनी अिधक ह इसका अदाजा इसी स लगाया जा सकता ह िक यह अमिरका क सबस बड़ जलाशय लक मीड की कषमता स दगन स भी कही यादा ह अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह इस िरपोटर क मतािबक अगर अधाधध जल दोहन इसी तरह स जारी रहा तो आन वाल समय म भारत को अनाज और पानी क सकट को झलन क िलए अभी स तयार हो जाना चािहए जािहर ह िक जब जल सकट बढ़गा तो खती पर इसका गहरा परभाव पड़गा अनाज क उ पादन म कमी आएगी इस वजह स अनाज सकट पदा होगा और भख का एक नया चहरा उभरकर सामन आएगा एक बड़ा तबका जो आज भरपट भोजन कर पाता ह उसक िलए पट भर खाना िमलना मि कल हो जाएगा भखमरी की जो सम या पदा होगी उसस िफर िनपटना आसान नही होगा इसक अलावा पीन क पानी का टोटा तो होगा ही अभी ही दश क कई िह स ऐस ह जहा क लोग को पीन क िलए साफ पानी नही िमल पा रहा ह कई कषतर ऐस ह जहा गमीर क िदन म हडपप स पानी आना बद हो जाता ह वहा क लोग को हर साल बोिरग को कछ फट बढ़वाना होता ह यह सम या भजल तर क िगरत जान की वजह स ही पदा हई ह जब पीन क पानी का सकट पदा होगा तो बोतलबद पानी का कारोबार काफी तजी स बढ़गा कहन का मतलब यह िक िजसक पास पसा होगा वह अपनी यास बझा सकगा और िजसक पास पसा नही होगा उस अपनी यास बझान क िलए भी सघषर करना पड़गा ि थित की भयावहता की क पना ही िसहरन पदा करती ह भारत म दिनया का हर छठा आदमी रहता ह यानी कहा जाए तो दिनया क कल आबादी क तकरीबन सतरह फीसदी लोग भारत म रहत ह जबिक दिनया का महज साढ़ चार फीसदी पानी ही भारत म उपल ध ह ऐस म जल सम या स दो-चार होना कोई आनापिकषत बात नही ह एक बात तो तय ह िक पराकितक ससाधन म इजाफा तो नही िकया जा सकता ह लिकन इसका सरकषण अव य िकया जा सकता ह

अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह

प ठ 38 अकषय कराित

भारत म लोग िकसी एक मा यम स पयजल परा त करन पर िनभरर नही ह इस दश म 357 फीसदी लोग हडपप स 367 फीसदी लोग नल स 182 फीसदी लोग तालाब पोखर या झील स 56 फीसदी कओ स 12 फीसदी लोग पारपिरक साधन स और 26 फीसदी लोग अ य मा यम स पीन का पानी परा त करत ह इस िलहाज स अगर दखा जाए तो जल सकट को दर करन क िलए समगर कायरयोजना की ज रत ह

दरअसल भारत म गहरात जल सकट क िलए काफी हद तक पानी की बबारदी भी िज मवार ह यहा जल आपित र की यव था म काफी खािमया ह नल क जिरए घर तक पहचन वाल पानी का एक बड़ा िह सा िरस कर बबारद हो जाता ह हर शहर म फट हए आपित र पाइप आसानी स दख जा सकत ह इस बदहाल यव था क िलए सरकार क साथ-साथ सामा य लोग भी कम िज मदार नही ह एक तरफ तो सरकार पयजल क नाम पर हर साल हजार करोड़ पए का बजट बनाती ह और दसरी तरफ जमीनी तर पर हालात म कोई बदलाव नही िदखता ह सामािजक तौर पर भी जल सरकषण को लकर जाग कता का अभाव िदखता ह यह सामािजक तान-बान का ही असर ह िक लोग कही भी जल की बबारदी को दखकर उस सामा य घटना मानत हए नजरअदाज कर दत ह दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था यह अब घटकर 1800 कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर हो चका ह

दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था

प ठ 39 अकषय कराित

िवशषजञ का अनमान ह िक अगर पानी की खपत और बबारदी इसी तरह स जारी रही तो 2025 तक यह घटकर हजार कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर ही रह जाएगा उस समय तक पानी की उपल धता म आन वाली इस कमी की वजह स किष उ पादन म तीस फीसदी की कमी आन की सभावना ह इन पिरि थितय म दश की आिथरक और सामािजक ि थित का कया होगा इसका अदाजा सहज ही लगाया जा सकता ह भारत म जल सरकषण क परित आज भी आम लोग क मन म उपकषा का भाव बना हआ ह साथ ही इस कायर क िलए आव यक तकनीक की भी कमी ह जो तकनीक उपल ध ह उनस सामा य लोग अनजान ह बािरश क पानी का सगरह करक उस उपयोग म लाना एक अ छा िवक प ह पर इस तरह की कोिशश काफी सीिमत मातरा म काफी छोट तर पर हो रही ह यही वजह ह िक दश म होन वाली बािरश क पानी का अ सी फीसदी िह सा आज भी समदर म पहच जाता ह अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह अगर जल की इस िवशाल मातरा का आधा भी परयोग कर िलया जाए तो ि थित म यापक बदलाव आना तय ह शहरी कषतर म तो पानी की कालाबाजारी जोर पर ह जगह-जगह पर जल मािफया सिकरय हो गए ह िद ली क ही एक अखबार न कछ समय पहल यह बात उजागर िकया था यहा तो समानातर जल बोडर भी चलाया जा रहा ह हरानी की बात तो यह ह िक इसक बावजद भी पानी क काल धध पर अकश नही लगाया जा सका ह अहम सवाल यह ह िक कस सामा य तबक क लोग तक व छ पानी पहचाया जाए शहरी कषतर क साथ-साथ गरामीण कषतर म भी यह एक बड़ी चनौती ह आबादी म अपर यािशत विदध बढ़त शहरीकरण औ योिगकीकरण और किष उ पाद की बढ़ती माग क कारण पानी की माग िपछल कछ साल म वाभािवक प स बढ़ी ह इसक पिरणाम व प भजल ससाधन का अ यिधक दोहन हआ ह और इसका नतीजा हआ िक लगातार भजल का तर घटता जा रहा ह शहरी कषतर म ि थित बहद भयावह ह तदनसार वहा न कवल शीघराितशीघर जल ससाधन क सरकषण की ज रत ह बि क परभावी रणनीित और परबधन क जिरए त काल कदम उठान की ज रत ह

अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह

प ठ 40 अकषय कराित

खासकर इस बात को यान म ऱखकर िक िविभ न परितयोगी कषतर म कभी भी माग बढ़ सकती ह भिव य म उपयोग क िलए छत पर या सतह पर जलगरहण बनाकर वषारजल सरकषण बहद ज री ह यह पानी की बढ़ती ज रत का खयाल रखन िमटटी की नमी तर को बढ़ान शहरी हिरयाली को बढ़ान भजल तर को कितरम प स पनभररण करन और भजल की गणव ता स सधार का काम करता ह भारत म जल परबधन स दश का िवकास भारत म दिनया की 16 परितशत आबादी रहती ह लिकन दिनया क िसफर 4 परितशत जल ससाधन ही भारत क पास ह 3290000 वगर िकलोमीटर क भिम कषतर और एक अरब स यादा की आबादी क साथ भारत क एक बहलवादी िविवधता का िचतर ह िवशाल पराकितक ससाधन क साथ सप न तकनीकी और वजञािनक किमरय का भी यह दिनया म दसरा सबस बड़ा सम चय ह भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह मानव िवकास म 80 क दशक म लगभग 26 परितशत और 90 क दशक क दौरान और 24 परितशत क वारा सधार हआ ह आजादी क बाद छह दशक म भारत न जल ससाधन का अभतपवर िवकास और खा या न म आ मिनभररता शहरी कषतर ऊजार और औ योिगक कषतर और पीन का पानी क बिनयादी ढाच म तजी स िव तार दखा ह िजसका उपयोग भारत की लगभग 85 परितशत शहरी और गरामीण आबादी क वारा िकया जाता ह भारत म रा य सरकार और भारत सरकार क परितबदध और ठोस परयास की वजह स गरामीण और शहरी आबादी को सरिकषत पयजल को उपल ध करवान म काफी सफलता हािसल की ह इस उपलि ध न भजल की कमी जल जमावजल गणव ता िगरावट जल परदषण और बढ़त लवणता तर स बड़ कषतर को परभािवत िकया ह और अभी भी िविभ न रा य म गरामीण और शहरी भारत क मानव िवकास सचकाक (HDI)rsquo म बहत असमानता मौजद ह पानी क िलए कषतरीय माग तजी स बढ़ रह शहरीकरण की गित स बढ़ रही ह (अनमानत 2025 तक दश की आबादी का 50 परितशत स अिधक शहर म रहग) जनसखया विदध बढ़ती आय और औ योिगक िवकासशहरी भारत तजी स िवकास की माग क कदर क प म उभर रहा ह

भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह

प ठ 41 अकषय कराित

नतीजतन परित यिकत पानी की उपल धता िगर रही ह परधानमतरी की अ यकषता म 12वी योजना क िलए हई योजना आयोग की पणर बठक म दसर म क साथ जल परबधन पर िवशष चचार हई बठक क बाद योजना आयोग क उपा यकष म टक िसह अहलवािलया न कहा िक भ-जल कानन स लकर दसर म की यापक समीकषा ज री ह व यनाथन सिमित जहा वतरमान म भ-जल कानन की साथरकता का अ ययन करगी वही भारतीय अतिरकष अनसधान सगठन [इसरो] की मदद स पानी की उपल धता का िव तत अ ययन होगा म टक न कहा िक उसी आधार पर रणनीित तय होगी सरकार यह यान रखगी िक पानी का अिधकतम उपयोग हो सक और सभी को उपल ध हो पानी पर िकसी का एकािधकार न हो सक बतात ह िक द पयोग को रोकन क िलए श क लगान पर भी िवचार िकया जा सकता ह हालािक इसस पहल रा य सरकार स चचार होगी यह तय ह िक एआइबीपी कायरकरम म यापक बदलाव ह ग ी म टक िसह अहलवािलया न कहा िक वतरमान म इस कायरकरम का सही िकरया वयन नही हो रहा ह िलहाजा उसम पिरवतरन ज री ह सभव ह िक हर रा य म जल िनयामक परािधकरण बनान की शतर भी लगाई जाए उ ह न कहा िक जल परबधन की यापक समीकषा कर नई रणनीित तय की जाएगी कल िमलाकर रा टरीय तर पर वतरमान जल ससाधन का अिधक स अिधक करन क िलए माग को परा करन क िलए पयार त ह लिकन भिव य क अ ययन पिरयोजना ह िक जल आपित र की ि थित अगल आध सदी म अिधक किठन हो सकती ह जल सकट स िनपटन को जल सरकषण परबधन अिनवायर परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह बढ़त वि वक तापमान क फल व प अितवि ट अनावि ट अ पवि ट और असामियक वि ट हम परितवषर दख रह ह िजसका परभाव हमार जल ससाधन पर पड़ता िदखाई द रहा ह कओ व बाविडय का िमटता अि त व नदी-नाल का घटता पानी भ-गभर जल का िगरता तर िचता की पिरिध स िनकलकर खतर की घटी बनता जा रहा ह

निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह

प ठ 42 अकषय कराित

िव व भर म सीमट क अधाधध परयोग न धरातल क सहज अवशोषण कषतर को घटाया ह तथा जल बहाव भिम कटाव व बाढ़ म विदध की ह ऐसी ि थित म जल सरकषण का दािय व मातर वजञािनक व सरकार तक सीिमत न रहकर पर यक उपभोकता क कध पर आ जाता ह इसी दािय व क िनवरहन क िलए हमार पास दो िवक प सामन आत ह 1 वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई

उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

2 पािरवािरक तर पर वषार जल को सगरिहत कर उसका उपयोग कर य दोन ही परयास गरामीण कषतर म तो सरलता स अपनाए जा सकत ह परत शहरी कषतर म व ट वाटर मनजमट की बड़ी पिरयोजनाए बनाकर ही पानी को िरसाइिकल िकया जा सकता ह भ-गभर अिधकािधक जल अवशोिषत होकर

जाए इसक िलए मदानी भाग म िनयोिजत ढग स बड़-बड़ पोखर बनाकर तथा पहाड़ी कषतर म नाल -ख ड म िमटटी प थर आरसीसी क बड़-छोट डम लगाकर जल बहाव रोक भ-सरकषण बचाव व जल भडारण और धरातल जल शोषण कषतर बढ़ाया जा सकता ह िव व बक भारत सरकार वारा म य िहमालय जलागम पिरयोजना रा य क भ-सरकषण िवभाग इस कषतर म कारगर उपाय लकर

हमार सामन ह परत जनसहयोग क िबना इन पिरयोजनाओ क आशातीत पिरणाम ल पाना किठन ह वकषारोपण इस सपणर जल चकर को बल दन वाला कारक ह जल क परित चतना जागत न हई तो अव य ही अगल िव व यदध का कारण जल ही होगा

जल भोजन ह और अिगन भोजन का भकषक ह अिगन जल म और जल अिगन म िव यमान ह

- ततरीय उपिनषद 38

वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

प ठ 43 अकषय कराित

म भी गान गा सकता ह शबनम क िखलत फल क म भी गीत सना सकता ह सावन क म त झल क लिकन जब घर-घर म बादल छाय घोर िनराशा क तब म नगम गा रहा ह उ मीद की आशा क

सड़क पर खड़ बचपन की य बात सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह

हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

इस बदलत पिरवश का राग सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

गाधी जी क सपन का जो राम-रा य कहलाता ह उस भारत म सड़क पर छोट चाय पहचाता ह

कहा गई वो अ हड़ म ती कहा गया वो यार का रा ता उन हाथ स बचत झड िजन हाथ को चािहए ब ता

उस सोन की िचिड़या की म बात बतान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

कही बम की गमर हवाए कही ससद म कोहराम ह कही होत घोटाल स परशान आदमी आम ह

कही कल की िकलकारी ह कही सड़क पर बचपन ह कही चलता नही गजारा कही िवदश म काला धन ह

म स चाई गा-गाकर सबको बतलान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

बदलता भारत मनीष लाल इरडा

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

प ठ 44 अकषय कराित

करन वाल काम बहत ह यथर उलझन को छोड़ो म ला-पिड़त तोड़ रह ह तम बस lsquoअपन को जोड़ो

lsquoहम बदलग-यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का lsquoवद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का

वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हम बदलग mdash यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का वद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

प ठ 45 अकषय कराित

िसफर काला और सफ़द य ही वो दो रग थ जो तर पास सि ट बनान क आधार थ

काला वो जो कािलमा िलय ह िजस कहत ह दख िनराशा म य अपयश और वो सबकछ जो नकारा मक ह

मगर सफद ह वो रग िजसस जड़ा ह जीवन आशा सख और कीितर और वो सब कछ जो सकारा मक ह पर इन रग स तझ चन ना िमला त सोचन लगा अगर सि ट बनानी ह

तो िकस िलए- ससगर और परम क िलए और

इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग

ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह

बस- बना डाला तन इ दरधनष

जो बरसात क बाद सरज और प वी क अनपम परम को रग दता ह सतरगी रग स

और उ ही सतरगी इ दरधनषी रग म हम हर पल हर कषण डबत गहरात इतरात रहत ह

और खिशय भर ससार म हर रग को अलग-अलग तरह स महसस करक जीत रहत ह

रग तो रग ह मगर-

ससगर और परम क िलए और इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह बस-

सतरगी िचतर सगीता ीवा तव इरडा

प ठ 46 अकषय कराित

कभी पक क कभी फीक़ तो कछ कभी दाग बनकर उभर आत ह

कछ आख म नील बादल स छाए रहत ह तो कछ गाल पर गलाबी रग बनकर छलक जात ह

याद रहत ह अक सर वो रग- जो खदी पर इस तरह छा जात ह िक खद म घलकर खद क होन

का एहसास दत-दत खद का एक रग बन जात ह

बगनी आसामनी नीला हरा पीला नारगी लाल इ दरधनष क य सात रग ही जोड़त ह हमार िदल को

हमार मन को जोड़न वाल इन रग की सतरगी दिनया म-

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा बनाय

और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क

सतरगी िचतर

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा

बनाय और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क सतरगी िचतर

Page 6: Akshay Kranti Vol 3€¦ · पक्ष को प्रभािवत न कर e, बािधत व पीिड़त न कर eवह काय-र्कौशल है।

प ठ 6

अकषय कराित

एक सतलन होना बहत ज री ह कायर म दकषता बढ़ तो शारीिरक और मानिसक वा य भी उसी अनपात म बढ़ आज िवकास और कायर-कौशल की अवधारणा मातर पदाथर एवम पदाथर-िनमारण पर अटक गई ह पदाथर का िवकास अिधकािधक होना चािहए हर िदशा म िवकास और कायर-कौशल बढ़ रहा ह लिकन इसान अ छा बन इस परयास म कमी दखी जा सकती ह आदमी अपन आप म इतना पीिड़त और अशात ह िक उसकी क पना भी नही की जा सकती भावा मक वा य क अभाव म कायर-कौशल की सभावना नही की जा सकती भावा मक वा य का कोई पमाना नही ह िक त यिकत क यवहार स हम उस परख सकत ह भावा मक वा य की चार कसौिटया ह

1) उपशम - मन की शाित 2) मदता या िवनमर यवहार 3) मदता या िन छल यवहार 4) सतोष

यिद कायर-कौशल मन की अशाित पदा कर रहा ह िवनमर यवहार म बाधा डाल रहा ह तो िफर कायर की ऐसी दकषता को अदकषता ही कहा जाएगा कायर-कौशल की पहली पिरभाषा यह होनी चािहए - जो जीवन क िकसी अ य पकष को परभािवत न कर बािधत व पीिड़त न कर वह कायर-कौशल ह इस सदभर म िन न बात को अपनात हए कायर-कौशल बढ़ाया जा सकता ह और उ क टता का ल य हािसल िकया जा सकता ह 1) िकसी भी कायर को योजनापवरक कर - कायर-कौशल क साधन म

मह वपणर ह िक िकसी भी कायर को योजना-पवरक करना कायर-कौशल क िलए लिनन का एक परिसदध सतर याद आ रहा ह - िचतन िनणरय और कायार वयन म ल बा अतराल न हो उनम उिचत सामज य रह िचतन आज िकया िनणरय एक वषर बाद और कायार वयन पाच वषर बाद यह बात नही होनी चािहए स कत सािह य म इस दीघरसतरता कहा गया ह जो काम िजस समय करना चािहए उस समय न करक ल ब अतराल क बाद िकया जाए तो असफलता ही हाथ लगगी

2) कोई कायर हड़बड़ी म न कर - कायर-कौशल का दसरा मखय सतर ह िक हड़बड़ी म कोई काम न कर िचतन और िववकपवरक कर

यिद कायर-कौशल मन की अशाित पदा कर रहा ह िवनमर यवहार म बाधा डाल रहा ह तो िफर कायर की ऐसी दकषता को अदकषता ही कहा जाएगा

प ठ 7

अकषय कराित

3 कायर को एकागरता स कर - कायर-कौशल का एक मह वपणर सतर ह - एकागरता का िवकास एक िवचार एक िवक प एक कायर ल और उसी म त मय बन जाए उसी म परी तरह िचत व मन को लगा द हमार अतकरण की सारी परवि तया उसक िलए समिपरत हो जाए जब तक उस कायर क िलए समपरण नही होता तब तक कायर-कौशल नही बढ़ता एकागरता क िलए साधना और अ यास ज री ह अ यास होता ह तो एकागरता बढ़ जाती ह

4 वतरमान म जीना सीख - भत-भिव य को मार भगाई वतरमान म जीओ भाई वतरमान म जीन का ता पयर वतरमान का अनभव वतरमान का जीवन और वतरमान का वास हम वास लत ह तो कभी अतीत म नही लत न भिव य म लत ह अतीत और भिव य की िचता स हम मानिसक अशाित तो होती ह बि क शारीिरक िवकार भी पदा हो जात ह िजसस हमार कायर-कौशल म कमी आती ह जन सािह य म दो श द आत ह - दर य िकरया और भाव िकरया दर य िकरया का ता पयर ह - मदार िकरया मत िकरया भाव िकरया का ता पयर ह जीिवत िकरया पराणवान िकरया वतरमान म जो िजया जा रहा ह कवल उसी का अनभव करत रह यह कायर-कौशल का मह वपणर सतर ह

अत म सार यह उभर कर आता ह िक हमार ल य पिवतर ह हमारा कायर-कौशल इस परकार िवकिसत ह जो िकसी को अकशल न बनाए पीड़ा न पहचाए दसर क िहत पर कठाराघात न कर हमारा सारा परय न और प षाथर इस िदशा म चल िक हमारा अपना कायर िकसी दसर क कायर म बाधा न पहचाए कायर-कौशल का दय यही ह

कायर-कौशल का एक मह वपणर सतर ह - एकागरता का िवकास एक िवचार एक िवक प एक कायर ल और उसी म त मय बन जाए उसी म परी तरह िचत व मन को लगा द

प ठ 8

अकषय कराित

एक राजा था उसक रा य म सब परकार स सख शाित थी िकसी परकार का कोई वर-िवरोध नही था जनता हर परकार स सखी थी पर त राजा को एक बहत बड़ा दख था िक उसकी कोई सतान न थी उस अपना वश चलान की तथा अपन उ तरािधकारी की िचता खाए जा रही थी मिदर मि जद ग वार म जाकर माथा टका कई तीथर थान की यातरा की पर त कोई लाभ न हआ सतान की कमी उस िदन ब िदन खाए जा रही थी बहत सोच-िवचार क प चात उसन अपन रा य क सभी िव वान पिडत को बलवाया और उनस सतान पराि त का उपाय ढढ़न को कहा सभी िव वान न िवचार िकया राजा की ज म कडली का गहन िव लषण िकया अत म व सभी एक मत स एक िन कषर पर पहच उ ह न राजा स कहा िक यिद कोई बरा मण का ब चा अपनी खशी स दवता को बिल द तो आपको सतान की पराि त हो सकती ह राजा न िव वान की बात सनी उसन सार रा य म घोषणा करवा दी िक यिद कोई बरा मण का ब चा अपनी इ छा स खशी-खशी बिल दगा तो उसक घर वाल को बहत सा धन िदया जाएगा राजा क रा य म एक बहत ही गरीब बरा मण था कई िदन फाक म ही गजर जात थ उसक चार लड़क थ बड़ तीन लड़क तो अपना काम-धधा करत थ और अपन पिरवार को आिथरक सहयोग दत थ पर त जो सबस छोटा लड़का था वह कोई काम नही करता था उसका सारा यान हमशा भगवान भिकत म लगा रहता था उसका सारा िदन स कमर करत हए भगवान का मरण करत ही बीत जाता था उसक िपता न भी घोषणा सनी और सोचा यह लड़का िनठ ला ह और कोई काम-धधा भी नही करता इसको बिल क िलए भज दत ह राजा स धन िमल जाएगा तो घर की हालत कछ सधर जाएगी बरा मण अपन सबस छोट लड़क को लकर राजा क पास पहचा राजा न उस लड़क स पछा कया तम िबना िकसी दबाव क अपनी मजीर स अपनी खशी स बिल दन को तयार हो जी महाराज लड़क न बड़ी िवनमरता स उ तर िदया यिद मरी बिल दन स आपको सतान की पराि त होती ह तो म खशी स अपनी बिल दन को तयार ह दकर िवदा िकया ठहराया गया

उसन सार रा य म घोषणा करवा दी िक यिद कोई बरा मण का ब चा अपनी इ छा स खशी-खशी बिल दगा तो उसक घर वाल को बहत सा धन िदया जाएगा

शकर द त पीईसी िलिमटड

िचतन कर

प ठ 9

अकषय कराित

लड़क को अितिथ गह म ठहराया गया हर परकार स उसका खयाल रखा गया अत म उसकी बिल दन का िदन भी आ गया राजा न लड़क को बलाया और कहा आज त हारी बिल द दी जाएगी अगर त हारी कोई आिखरी इ छा हो तो बताओ हम उस परी करग मझ कछ भी नही चािहए बरा मण पतर न कहा बस म बिल दन स पहल नदी म नान करक पजा करना चाहता ह राजा यह सनकर बहत परस न हआ और बोला ठीक ह हम भी त हार साथ नदी तक चलग उस लड़क न नदी म नान िकया िफर नदी िकनार की रत को इकटठा िकया और उसकी चार ढिरया बना दी उसन चार ढिरओ की ओर दखा िफर एक ढरी को अपन पर स िगरा िदया िफर उसी परकार स दसरी ढरी को भी िगरा िदया िफर तीसरी ढरी को भी िगरा िदया उसक वह चौथी ढरी क पास गया उसक चार ओर तीन बार चककर लगाया हाथ जोड़कर उसको माथा टका उसकी वदना की और राजा क पास बिल क िलए आ गया राजा उसका यह सारा करतब बड़ ही कौतहल स दख रहा था पहल तो राजा न सोचा िक बालक ह रत स खल रहा ह पर त जब राजा न दखा िक उसन चौथी ढरी को हाथ जोड़कर परणाम िकया ह तो राजा को इसका रह य जानन की इ छा हई राजा न बालक स पछा बालक तमन रत की चार ढिरया बनाई िफर उनम स तीन को तोड़ िदया और चौथी को परणाम िकया इसका कया रह य ह पहल तो ब च न कोई उ तर नही िदया पर त राजा क दोबारा पछन पर लड़क न कहा राजन आपन बिल क िलए मझ कहा ह म बिल दन क िलए तयार ह आप अपना काम कीिजए आपको इस बात स कया लना िक मन रत की वो ढिरया कय तोड़ी ह राजा को बालक स ऐस उ तर की आशान थी राजा न उसस कहा बालक हमन त हार िपता को त हारी कीमत दकर त ह खरीदा ह तम हमार खरीद हए गलाम हो इसिलए हमार हर पर न का उ तर दना और हमारी हर बात को मानना त हारा धमर बनता ह ह राजन जब आप िजद कर रह ह तो सिनए लड़क न उ तर िदया जब कोई ब चा पदा होता ह तो सबस पहल उसक माता-िपता उसकी रकषा करत ह अगर वह आग क पास जान लगता ह तो उसको उसस बचात ह उसकी हर परकार स रकषा करन की िज मवारी उनकी होती ह लिकन यहा तो मर िपता न ही धन क लालच म मझ बिल दन क िलए आपक पास बच िदया इसिलए पहली

उसकी वदना की और राजा क पास बिल क िलए आ गया राजा उसका यह सारा करतब बड़ ही कौतहल स दख रहा था

प ठ 10

अकषय कराित

ढरी जो उनक नाम की बनाई थी वह मन ढहा दी लड़क न आग कहा दसरी िज मदारी राजा पर होती ह अपनी परजा की रकषा करन की आपन मझ अपनी सतान पराि त क िलए बिल दन क िलए खरीद िलया तब आपस कया पराथरना करता इसिलए दसरी ढरी जो मन आपक नाम की बनाई थी वह भी तोड़ दी जीव की रकषा करन का तीसरा भार दवी-दवताओ का होता ह बालक न तीसरी ढरी का रह य बतात हए कहा लिकन यहा तो दवता वय ही मरी बिल लन को तयार बठा ह तो इसस कया पराथरना करता इसिलए मन तीसरी ढरी भी तोड़ दी लिकन चौथी ढरी का कया रह य ह राजा न पछा और अत म सहारा होता ह भगवान का ई वर का ब च न रत की ढिरय का रह य खोलत हए कहा मरी बिल दी जानी थी सो मन अत म ई वर स पराथरना की परभ की पजा-अचरना करक उनस रकषा करन की पराथरना की अब वही मरी रकषा करग वही होगा जो ई वर को मजर होगा म बिल दन क िलए तयार ह rsquo इतना कहकर वह बालक राजा क पास जाकर िसर झका कर खड़ा हो गया राजा उस छोट स बालक की इतनी जञान की बात सनकर स न रह गया राजा न सोचा म इस बालक की बिल द दगा बरा मण ह या भी हो जायगी िफर पता नही मझ जो सतान परा त होगी वो कसी होगी परजा का खयाल रखन वाली होगी या नही कही मरा और वश का नाम ही न डबो द यह बालक गणवान ह ई वर का भकत ह सब परकार स मर लायक ह कय न म इस ही गोद ल ल और इस ही अपना पतर बना ल इतना िवचार करत ही उसन उस बालक की बिल दन का कायरकरम र कर िदया और उस बालक को गोद ल िलया कहत ह उस बालक म अ छ गण होन क कारण उसन कई साल तक रा य िकया और हर परकार स परजा की रकषा की उसक रा य म िकसी को िकसी परकार का कोई क ट नही था

इतना कहकर वह बालक राजा क पास जाकर िसर झका कर खड़ा हो गया राजा उस छोट स बालक की इतनी जञान की बात सनकर स न रह गया

परकित िजदगी स ह िजदगी बनी भी परकित स ह चलता रह य िविचतर खल य ही इसका भी अमल िजदगी स ह

प ठ 11

शोिभत ह िज़दगी धरती की धार पर इस हिरत धारा पर ऊजार स भरपर ह हिरत ऊजार स य ससि जत य खब ह

हिरत ऊजार क भ डार का खजाना य खब ह जल वाय और सौर ऊजार ह इनक अ यत ोत

ल अमल म इनको अगर बचाना ह य धरा अनमोल अदभत ह खजान परकित क अगर कर ल मन य इनका सदपयोग

य झोखा जो हवा का ह य जो तरग म जलधारा ह अदभत िकरण जो फलाती जीवन की धारा ह

समझ ल इनका जो इशारा ह कर परयोग इ ही का अपन यतर मतर स छपा ऊजार का अनमोल खजाना ह

परकित िजदगी स ह िजदगी बनी भी परकित स ह चलता रह य िविचतर खल य ही इसका भी अमल िजदगी स ह

रकषा कर इस धरा की स पना इसको नई िजदगी को ह इस परकित स बना मन य महान

िफर क य कर रहा परकित का सवरनाश खद को बचा हर िजदगी को बचा

करक हिरत ऊजार का स मान जीन द जीवन को और भी कर ल सयम म अपना य िवषकत घटता जीवन का चकर य ह इशारा परकित का हर पल सभल जरा ना कर इसको त तग

मक त खल परकित स कर ल इस हिरत ऊजार का परयोग अ छ क बदल अ छा दना सीख परकित का य खल

अलका कमार इरडा

अकषय कराित

किवता

प ठ 12

नही सीखा अब भी अगर परकित म सब जाएगा बदल जी ना पायगा िफर त इस परकित म िमट जाएगा अश तरा इस परकित स हिरत परकित और य हिरत ऊजार ह य इस धरा क जीवन दायक सीख परकित स लना दना

िसखा रह य जीवन का मल मतर परकित का आहार परकित मत द आहार आपराकितक सतलन िबगड़ गया अगर हो जायगी िवनाश िजदगी

अब सभल जरा और कर ल परण करक हिरत ऊजार को ही खचर बना धारा को शोिभत हरदम

िफर रहगा परकित और िजदगी का य खबसरत सग

हिरत परकित और य हिरत ऊजार ह य इस धारा क जीवन दायक सीख परकित स लना दना िसखा रह य जीवन का मल मतर

अकषय कराित

प ठ 13

अकषय कराित

कमरचािरय की आदत उनक यिक त व और िन पादन कषमता का पार पिरक सबध - एक िव लषण

हम िजस िकसी सगठन म काम करत ह उसक परित हमारा ल य होना चािहए सबिधत स थान क िलए अपनी सपणर कषमताओ का इ तमाल कषमताओ का बहतर परयोग तभी हो सकता ह जब हम अपन अदर अ छी आदत का िवकास कर हमार शा तर वद उपिनष और अ य धािमरक गरथ हम अ छी आदत क िवकास क सबध म बीज मतर बतात ह िक हम मनसा वाचा और कमरणा शदध रहना चािहए मनसा वाचा और कमरणा शदधता स ता पयर ह िक हम मन वाणी और कम स अ छ बन रह हमारी नीयत नक हो हम अपन सहकिमरय सािथय और अ य लोग क साथ अ छा बरताव कर और हमार कमर अ छ ह इस बीज मतर पर चलन वाला हमशा अपन अदर अ छी आदत का िवकास होता पायगा

असल म िदककत यही ह िक हम उपदश दन म तो आग रहत ह लिकन खद क अदर नही झाकत या कम ही झाकत ह - lsquoपर उपदश कशल बहतरrsquo सपरिसदध लखक सरदार परन िसह न एक बार कहा था आचरण की स यतामय भाषा सदा मौन रहती ह अथारत आदमी खद चप रहकर खद को ठीक रख तो इसका परभाव खद-ब-खद दसर पर पड़ता ह इसको हम एक छोट स उदाहरण स प ट कर सकत ह िक मान िलया जाए हम ब च स कह धमरपान नही करत लिकन उसक सामन खद ऐसा कर इसस इतर हम अगर यह सब करत ही नही ह तो इसका यादा असर ब च पर पड़गा अ छी आदत घर स श होकर समाज द तर और उसस आग तक हम हमशा हमारा फायदा िदलाती ह

कहा जाता ह िक व थ तन म ही व थ मन िनवास करता ह इसी तरह यह भी कहा जाता ह िक व थ वातावरण ही उ नित का योतक होता ह व थ वातावरण तभी बनगा जब उस माहौल म रहन वाल लोग

हीरा व लभ नराकास

असल म िदककत यही ह िक हम उपदश दन म तो आग रहत ह लिकन खद क अदर नही झाकत या कम ही झाकत ह - lsquoपर उपदश कशल बहतरrsquo

प ठ 14

अकषय कराित एक दसर का स मान करग खद की आदत को सधारग और उस स था की तरककी क िलए अपन तर पर हर वह काररवाई करग जो औ योिगक सगठन और लोग की उ नित म ज री होती ह

औ योिगक सगठन िकसी भी दश की अथर यव था को मजबत आधार परदान करत ह औ योिगक सगठन म परयोग होन वाल सम त ससाधन म मानव ससाधन अथारत उसम काम करन वाल कमरचारी मह वपणर और िनणारयक होत ह इन सगठन का सफल सचालन वहा कायररत कमरचािरय की कशलता और कायरकषमता पर आधािरत होता ह कशलता और कायरकषमता का ोत हमारा आचरण और यवहार होता ह जािहर ह औ योिगक सगठन म मानवीय सबध परी एक ऐसी िकताब ह िजसक िबना कभी कछ नही कराया जा सकता लोग क साथ सतोषजनक प स काम करना परबधन क काम का िसफर एक िह सा नही ह वरन सारा

काम इसी पर िटका ह कय िक सभी उ योग म मशीन माल या दसरी चीज़ क साथ कोई भी काम लोग क मा यम स ही िकया जा सकता ह तीन lsquoएमrsquo अथारत मनी मटीिरयल और मशीन औ योिगक सगठन क िलए मह वपणर ससाधन होत ह लिकन इ ह पिरणाम तक पहचान का कायर कमरचारी (man) ही करत ह जो सगठन दर अदशी रहकर कमरचािरय क जञान उनकी िविश टताओ उनक आचरण को अनकल साच म ढालन क परित सजग रहत ह वही सफलता की ऊचाइय को छत ह अगरजी म एक परानी कहावत ह -- Where the vision is one year Cultivate flowers Where the vision is ten years Cultivate trees Where the vision is eternity Cultivate people अथारत जहा दरअदशी एक साल क िलए हो तो फल लगाइय जहा दरअदशी दस साल क िलए हो तो पड़ लगाइय

औ योिगक सगठन म परयोग होन वाल सम त ससाधन म मानव ससाधन अथारत उसम काम करन वाल कमरचारी मह वपणर और िनणारयक होत ह

प ठ 15

अकषय कराित जहा दरअदशी अनत काल क िलए हो तो लोग का िवकास कीिजए औ योिगक सगठन म 500 आदमी ह 5000 आदमी ह 50000 ह या इसस अिधक अगर कामकाज ठीक स चलाना ह तो बहत ज री ह परबधन उनस िनभाना जानता हो यिकतगत सपकर का मह व

वातानकिलत कमर म बठकर और सचार मा यम या िकसी अ य तरीक स कमरचािरय की िरपोटर लना और आस पास होन वाल घटनाकरम को जानना अलग बात ह और कायर थल पर वय उपि थत रहकर ि थित को समझना और िनदश दना अलग बात महान जनरल रोमल की सफलता का मखय कारण यह था िक व हमशा कायर थल पर वय उपि थत होकर िनदश दत बात की पि ट करत सम याए सलझात और दखत िक काम कसा चल रहा ह रोमल का यह तरीका इतना सफल रहा िक िकसी भी औ योिगक सगठन या कारोबार म इस अपनाया जाए तो आशातीत पिरणाम सामन आ सकत ह लोग क बीच खद उपि थत होकर काम करन का कोई िवक प नही ह लोग अिधकाशतः उनको नापसद करत ह िज ह व ठीक स जानत नही ह पर एक बार जान पहचान हो जान पर हालात बदल जात ह कमरचािरय म अ छी आदत का िवकास करन की पहली शतर ह िक पहल उनक िदल म घर िकया जाए ऐस िकसी भी बरताव स बचा जाए िजसस वह अपन को उपिकषत महसस करन लग अतः सवदनशीलता का यान रखना बहत ज री ह

कमरचािरय क परित सवदनशील यवहार-कौशल और धयरपणर होन क अितिरकत इस बात पर ढ़ रहना ज री ह िक काम ठीक परकार स हो अ छ यवहार क साथ कमरचािरय को यह जताना भी ज री ह िक उनस काम का उ च तर अपिकषत ह और उस पर उनक साथ कोई समझौता नही और अगर इस पर अमल नही करत तो उ ह पता होना चािहए िक आप कड़ी काररवाई करग

सकारा मक नजिरया परबधन का एकमातर काम िनदश दना नही ह वरन उस साथ-साथ लोग का िवकास करना होता ह

महान जनरल रोमल की सफलता का मखय कारण यह था िक व हमशा कायर थल पर वय उपि थत होकर िनदश दत बात की पि ट करत सम याए सलझात और दखत िक काम कसा चल रहा ह

प ठ 16

अकषय कराित एक अिधकारी का मखय काम यही ह िक वह अपन साथ काम करन वाल लोग म अ छी आदत का िवकास कर उनकी सहायता कर यिद यह काम परभावशाली ढग स कर पाता ह तो इसस कवल उसक अपन काम ही बहतर नही ह ग बि क उसक पास परिशिकषत और कशल कमरचािरय का परा दल होगा जो उसक परित परी िन ठा स काम करगा इसक िलए सबस पहल कमरचािरय का नजिरया ठीक करना ज री ह उनम सबस पहल यह भावना लानी होगी िक हमार अदर जो चीज ह वही हम ऊपर की ओर ल जाती ह और वह हमारा नजिरया ह

एक आदमी मल म ग बार बचकर अपनी गज़र-बसर करता था उसक पास लाल नील पील हर-चार रग क ग बार थ जब कभी उसकी िबकरी कम होन लगती तब वह हीिलयम गस स भरा एक ग बारा हवा म छोड़ दता ब च उस उड़ता दखकर वसा ही उड़न वाला ग बारा पान क िलए मचल उठत ब च उसस ग बारा ख़रीदत और इस तरह उसकी िबकरी िफर स बढ़ जाती िदन-भर यही िसलिसला चलता रहता एक िदन वह आदमी बाज़ार म खड़ा ग बार बच रहा था अचानक उस महसस हआ िक पीछ स कोई उसका करता पकड़कर खीच रहा ह उसन पीछ मड़कर दखा तो एक छोट स ब च को खड़ा पाया उस ब च न ग बार वाल स पछा ldquoअगर आप काला ग बारा छोड़ग तो कया वह भी उड़गाrdquo ब च की बात उसक िदल म लगी और उसन यार स जवाब िदया ldquoबट ग बारा अपन रग की वजह स नही उड़ता बि क उसक अदर कया ह इस वजह स ही वह ऊपर जाता ह rdquo ठीक यही बात हमारी िज़दगी म भी लाग होती ह अगर लोग का नजिरया बहतर हो उनम अदर स काम करन की इ छा भरी हो तो व खलकर आपस म िमलकर काम करग इसस नकसान तो कम होगा ही स थान क परित िन ठा बढ़गी और लगन स काम करन का वातावरण तयार होगा िव वास हािसल करना आव यक

कमरचािरय स बहतरीन काम लन क िलए शानदार टीम लीडर होना ज री ह मटठीभर लोग का कोई समह िकला तभी फतह कर सकता ह जब

एक आदमी मल म ग बार बचकर अपनी गज़र-बसर करता था उसक पास लाल नील पील हर-चार रग क ग बार थ

प ठ 17

अकषय कराित जब उनका सनापित उनम वह जोश भर सक िक उ ह कोई भी ऊचाई यादा न लग अतः सबस ज री ह िक स थान म कमरचािरय की

कषमताओ का परा फायदा लन क िलए उनका िव वास जीता जाए इसक िलए उनक साथ परी इ जत स पश आना ज री ह उनकी छोटी-बड़ी खशी को बाटना और उनकी राय को परा स मान दना भी उतना ही ज री ह कई बार परबधन क उ चािधकारी या लीडर अपनी टीम क सद य स िसफर इसिलए राय नही लत कय िक उ ह लगता ह िक एक बार राय लन पर अगर उनकी बात नही मानी गयी तो उ ह बरा लगगा लिकन सबस ज री ह िक टीम म सभी सद य को िव वास म लकर काम िकया जाए यहा टीम लीडर की भिमका मह वपणर होती ह वह खद वकत का पाबद होगा तो उसक मातहत कमरचािरय म वयमव यह गण आदत का प ल लगी टीम लीडर का काम अपनी टीम का उ साह बढ़ात हए दी गयी िज मदािरय को समय स परा करना ह मगर उसम नयी चीज़ को सीखन की ललक होनी चािहए ऐसी ललक जब स थान क कमरचािरय म आदत का प लन लगती ह तो वह स थान जािहर ह नए परितमान थािपत करन लगता ह जापानी कपिनया हर बात म कमरचािरय क िहत का यान रखती ह िजसस व वय ही उ पादकता क परित सचत हो जात ह जानी-मानी टोयोटा कपनी क कमरचािरय म तो काम की ऐसी आदत सी या ललक होती ह िक व तब तक काम करत ह जब तक खद थक कर चर नही हो जात यह उनकी आदत ही बन चकी ह िक यिद व िकसी बात पर नाराज होत ह तब भी कपनी या अपन भागय को भल ही कोस ल पर अपन काम पर असर नही पड़न दत इसका कारण यह ह िक जापानी कपिनया काम का एक अ छा वातावरण बनान और लोग म काम क परित स ची लगन को बढ़ावा दन क िलए कड़ा परयास करती ह वहा लोग को लगातार परिशकषण िमलता रहता ह जो कवल तकनीक और मनजमट ही नही कायर स जड़ी नितकता और अ छी आदत क िवकास पर किदरत होता ह चिरतर का िनमारण उनकी एक आदत सी बन जाती ह अगर हम भी एक अ छी शिखसयत बनना ह तो हम अपनी आदत को गहराई स जाचना होगा

ऐसी ललक जब स थान क कमरचािरय म आदत का प लन लगती ह तो वह स थान जािहर ह नए परितमान थािपत करन लगता ह जापानी कपिनया हर बात म कमरचािरय क िहत का यान रखती ह

प ठ 18

अकषय कराित चतन और अवचतन मन

हमार चतन मन क पास सोचन की शिकत होती ह यह िकसी बात को मान सकता ह और नही भी मान सकता मगर अवचतन मन िसफर वीकार करता ह यह इनपट (input) को लकर कोई भदभाव नही करता अगर हम अपन मन म डर शका नफरत क भाव भर तो यह आ म सझाव इन सभी भाव को सिकरय बनाकर हकीकत म बदल दगा हमारा अवचतन मन एक डाटा बक की तरह ह अवचतन मन एक गाड़ी की तरह ह और चतन मन एक डराइवर की तरह शिकत तो गाड़ी म होती ह मगर उसका कटरोल डराइवर क पास होता ह

हम अवचतन मन को इस तरह ढालन की ज रत ह िक वह हम सही और ठीक रा त पर ल जा सक अवचतन मन एक बगीच की तरह होता ह िजस कोई परवाह नही होती िक आप कस पौध लगात ह यह िनरपकष (neutral) होता ह इसम अ छा बोन पर अ छा िमलता ह अ यथा जगली पौध उग जायग

बि क अ छ बीज बोन क बावजद जगली पौध उगन बद नही होत आव यकता होती ह उ ह उखाड़ फकन का िसलिसला जारी रखन की इसी िसदधात को कमरचािरय क मामल म समझन की ज रत ह हम याद रखना ह िक सही और गलत िवचार मन म एक साथ नही रह सकत आव यकता उनक अवचतन मन को इस तरह ढालन की ह िक उनम अ छी आदत का िवकास हो दरअसल अवचतन योगयता वह होती ह जब हम यान दन और सोचन की यादा ज रत नही होती कय िक यह हमार यवहार म खद ब खद उतरन लगा ह िजस स थान क कमरचारी इस तर पर पहच जात ह उनम अ छी आदत वयमव घर करन लगती ह जब बरी आदत हमार अवचतन योगयता क तर तक पहच जाती ह तो वह कावट उ प न करती ह

पिरवतरन का िवरोध बरी आदत को पहचान लन क बाद भी अकसर दखा गया ह िक

लोग उ ह बदलत नही ह ऐसा आिखर कय होता ह उनक न बदलन का कारण ह िक व िज मदारी को वीकार करन स इनकार करत ह

हम अवचतन मन को इस तरह ढालन की ज रत ह िक वह हम सही और ठीक रा त पर ल जा सक अवचतन मन एक बगीच की तरह होता ह िजस कोई परवाह नही होती िक आप कस पौध लगात ह

प ठ 19

अकषय कराित अपनी उन आदत को बनाय रखन म उ ह जो आनद िमलता ह वह पिरवतरन क ददर स यादा होता ह इसक िन निलिखत कारण हो सकत ह -- 1 पिरवतरन की इ छाशिकत का अभाव 2 पिरवतरन क िलए आव यक अनशासन की कमी 3 िव वास की कमी 4 आव यक जानकारी की कमी परबधन वारा इन िबदओ पर िवचार कर अपन किमरय म आशातीत पिरवतरन लाया जा सकता ह सामा यतः खराब आदत को न बदलन क बहान िदय जात ह और कहा जाता ह -- हम लोग इसी तरह करत ह या िक म नही समझता इसस कोई फकर पड़गा और कछ न िमला तो कह िदया जाता ह म बहत य त ह अ छी आदत का िन पण

आदत म पिरवतरन लाया जा सकता ह आव यकता ह इसक िलए सही पिरवश का िनमारण करन की कमरचािरय को परिशिकषत करन की परिरत करन की और ऐसी ि थितया उ प न करन की िजसस कमरचािरय म अ छी आदत का िन पण हो सक दरअसल सफल लोग का राज यह ह िक व काम करन की उन आदत को डाल लत ह जो असफल लोग करना नही चाहत य वही काम ह िज ह सफल लोग भी करना

नही चाहत लिकन व िफर भी करत ह उदाहरण क िलए असफल लोग अनशासन और महनत करना पसद नही करत सफल लोग भी अनशासन और कड़ी महनत नापसद करत ह लिकन व िफर भी ऐसा करत ह कय िक य लोग उन काम को करन की आदत डाल लत ह िज ह असफल लोग नही कर पात नजिरय और सोच का तरीका एक आदत ह और इस बदला जा सकता ह सही ि ट और सतलन कमरचािरय म काम क सबध म सही ि ट बनाय रखन की परवि त िवकिसत करना ज री ह जब कछ गलत हो रहा होता ह तो उस ठीक करना परबधन का ही काम होता ह समझा यह जाता ह िक परायः हम गलत हो रह काम को लकर इतन िचितत हो जात ह िक जो सही हो रहा ह उस भी अनदखा करन की हमम आदत होती ह

दरअसल सफल लोग का राज यह ह िक व काम करन की उन आदत को डाल लत ह जो असफल लोग करना नही चाहत

प ठ 20

अकषय कराित उदाहरण क िलए अगर िकसी स कोई गलती हो जाती ह तो हम एकदम उस पर िच ला पड़त ह या उसक िव दध काररवाई कर बठतहअ छा यह रहगा िक आप उस अलग ल जाकर अकल म बात कर अगर परशसा करनी हो तो सबक सामन कर

अगर िकसी स सहमित न बन तो उस पर करोध करना ज री नही ह अगर अपन करोध पर काब रखग तो लोग अपनी असहमित को अ यथा नही लग अगर आप अपन िवचार को खला रखग तो दसरी ओर स भी आप ऐस ही यवहार की अपकषा कर सकत ह परायः लोग अपनी सहमित कछ इस तरह जतात ह िक सामन वाला भी अपनी बात पर अड़ जाता ह समझन की बात यह ह िक सभी ि थितय म कवल तकर ही काफी नही होगा िकसी स असहमत होन म भी यवहार कशल होना ज री ह सबस पहल तो दसर को अपना पकष रखन का मौका द उसकी बात सन और जहा तक हो सक उसस अपनी सहमित भी परकट कर और िजन बात पर सहमित न बना सक उस समझाए

हमम स अिधकाश लोग उन किमरय और उनकी गलितय पर अ यिधक यान दत ह िजनक िलए हम काम करत ह पर अपन किमरय पर नज़र डालना भल जात ह अगर वय को उन लोग की नजर स दखा जाए तो आशातीत पिरणाम दखन को िमलत ह

आ म मथन आप कया करना चाहत ह कसा करना चाहत ह - इस सोच को

वतरमान म अपन अदर मथन करन को आ म-सझाव कहत ह एक बार सब म जब इसकी पिरपाटी श हो जाती ह तो यह हमार अदर िवजञापन की तरह काम करता ह अपन बार म अपन िलए अदर ही परचािरत करता ह इसका हमार चतन और अवचतन (Sub-concious) मन दोन पर परभाव पड़ता ह अततः यह हमार नजिरए और यवहार को परभािवत करता ह और धीर-धीर आदत का प लता ह यह दरअसल अपन अवचतन मन को ढ़ालन या परोगराम करन की िविध ह

हमम स अिधकाश लोग उन किमरय और उनकी गलितय पर अ यिधक यान दत ह िजनक िलए हम काम करत ह पर अपन किमरय पर नज़र डालना भल जात ह

प ठ 21

अकषय कराित आ म-सझाव अ छ या बर हो सकत ह जब हम बर आ म-सझाव को बार-बार दोहरात ह तब हमारा अवचतन मन उन पर िव वास करन लगता ह और हम उसी को वा तव म यवहार करन लगत ह सकारा मक आ म-सझाव को बार-बार मथन करन स उसकी हमार िदलोिदमाग म त वीर बन जाती ह और वही असिलयत का प लन लगता ह एक उदाहरण क िलए जब कभी हम सबह 0600 बज टरन पकड़नी हो और हमार पास अलामर घड़ी न हो तो हम मन म कहकर उठत ह िक 0400 बज उठना ह तो कया हम नही उठत अगर उठत ह तो इसक पीछ आ म-सझाव ही काम करता ह आ म-सझाव एक रा ता ह िजसस हम अपन िदमाग को परोगराम करक ढ़ालत ह सकारा मक आदत को िवकिसत करन म आ म-सझाव की परवि त मह वपणर िसदध हो सकती ह हमार नजिरए और आदत को तय करन वाल कारक हमार नज़िरए को मखयतः तीन कारक परभािवत करत ह - वातावरणः घर कल आिफस मीिडया सा कितक प ठभिम धािमरक प ठभिम परपराए और भाषाए सामािजक-राजनितक माहौल - य सब िमलकर एक तहजीब बनात ह चाह घर हो या आिफस या अ यतर - हर जगह हर िकसी की अपनी तहजीब होती ह उदाहरण क िलए हम एक दकान म जात ह तो वहा का स समन बड़ अदब वाला होता ह लिकन वही जब दसरी दकान पर जात ह तो वहा का स समन कभी-कभी बड़ा खा और बदतमीज िमल जाता ह उसी तरह िकसी क घर म यार भरा माहौल िमलता ह तो िकसी क घर म हमशा लड़ाई-झगड़ का इसी तरह जब सरकार और राजनीितक माहौल ईमानदारी का होता ह तो लोग भी ईमानदार मददगार और कानन का पालन करन वाल होत ह बईमान और भर ट माहौल म िजस तरह एक ईमानदार का जीना मि कल होता ह उसी तरह ईमानदारी भर माहौल म बईमान यिकत को मि कल होती ह िन सदह अ छ वातावरण म मामली कमरचारी म वमव अ छी आदत िवकिसत होती ह और उसकी कायर करन की शिकत बढ़ जाती ह जबिक खराब माहौल म अ छा काम करन वाल की भी कषमता िगर जाती ह

सकारा मक आदत को िवकिसत करन म आ म-सझाव की परवि त मह वपणर िसदध हो सकती ह

प ठ 22

अकषय कराित कायर-स कित का बहाव ऊपर स नीच की ओर होता ह नीच स ऊपर की ओर कभी नही यह दखना बहत ज री ह िक हमन अपन िलए और आस-पास क लोग क िलए कसा वातावरण तयार िकया ह खराब वातावरण म अ छ की उ मीद करना बमानी ह अनभवः हम अपन जीवन म अपन काम-काज म हालात स जसा अनभव पात ह वह हमारी आदत का िह सा बन जात ह और उसी क अनसार हमारा यवहार होता ह अगर िकसी क परित हमारा अनभव अ छा होता ह तो हमारा नज़िरया भी अ छा होता ह ज री ह िक कमरचािरय को ऐसा कायर-पिरवश िमल िजसस उनक अवचतन म अ छ अनभव की छाप अिकत हो

परिशकषण भी ज़ री यहा िसफर सदधाितक जञान ही काफी नही होता बि क औपचािरक और अनौपचािरक दोन ही तरह की िशकषा व परिशकषण ज री ह जञान और जानकारी को यिद योजनाबदध तरीक स परयोग िकया जाए तो उसस बौिदधक तर को बढ़ान म आशातीत सफलता िमलती ह काम करन की कला अ छी िशकषा स ही आती ह ज री ह िक परिशकषण म मनोवजञािनक सामािजक आिथरक व अ य पहल को समझन की आदत िवकिसत की जाए अवचतन म यह िबठाना बहत ज री ह िक जीवन की भ यता काम क वारा ही सभव ह स थान म सभी को लगना चािहए िक उनका काम मह वपणर ह यही परबधन कला का सार ह जब कमरचािरय को ऐसा एहसास होन लगता ह तो उनक नज़िरए म बदलाव आन लगता ह उपसहारः काम क परित लोग म अ छी आदत िन िपत करन और उनम उ साह जगान स कायर-िन पादन म िनरतर िनखार आता ह दरअसल हर यिकत म मानिसक और शारीिरक ऊजार उ प न होती ह िजसक िलए काम ही सबस अ छा िनकास ह एक िवचारक क अनसार lsquoआप पछत ह म लगातार काम कय करता ह

यहा िसफर सदधाितक जञान ही काफी नही होता बि क औपचािरक और अनौपचािरक दोन ही तरह की िशकषा व परिशकषण ज री ह

प ठ 23

अकषय कराित इसका वही कारण ह िजस कारण स मगीर अ ड दती जाती ह rsquo काम क िबना इसान घट सा जाता ह उस काम की उतनी ही ज रत होती ह िजतनी हवा की आव यकता ह िक उस सही वातावरण उपल ध करान और सही िदशा म अिभपरिरत करन की व ततः हर यिकत अदर स गिरमा और आ मस मान की चाह रखता ह आव यकता ह उस अतःपरिरत करन की लोग को खद स परिरत करन क िलए हम उनकी ज रत और इ छाओ को समझना होगा पररणा कायरकषमता और आदत क बीच सीधा सबध ह जो लोग उतना ही काम करत ह िक उनकी नौकरी बची रह तो ऐस लोग िकसी भी स थान क िलए मह वपणर नही हो सकत अतपररणा स सोच म बदलाव लाया जा सकता ह पररणा आग क समान होती ह

कमरचािरय को िजतना परिरत िकया जाएगा उनम उतनी ही सकारा मक आदत का िवकास होगा कमरचािरय को उिचत स मान दकर उनक कायर को अिधक मनोरजक बनाकर परबधन वारा उनकी बात को गौर स सनकर उनकी सम याओ और सझाव पर गौर करक उ ह वय ल य िनधारिरत करन क िलए परो सािहत करक िवकास क नय अवसर उपल ध कराकर आव यकतानसार समय-समय पर समिचत परिशकषण िदलाकर तथा नयी चनौितय स जझन क िलए परो सािहत करक िन सदह उनक आचार और यवहार को सकारा मक िदशा म पाियत िकया जा सकता ह

कमरचािरय को िजतना परिरत िकया जाएगा उनम उतनी ही सकारा मक आदत का िवकास होगा

ई-पितरका म लख आिद म परकट िवचार

मलतः लखक क ह तथा यह आव यक नही ह िक

इरडा भी इन िवचार स सहमत हो

प ठ 24

अकषय कराित

िबिटया

आख म मोती लकर तम िबिटया जाती हो हा जाओ िशकषा का उपहार द रह िवदा समय यह लो ल जाओ इन पराण म परीित त हारी ममता क धन िसदरी इन नयन की बद पली परकट करती ह मजबरी लाचारी ह िफर पराण म क य ह इतनी आकलता

जब इस रीित पर पराओ म वश न िकसी का ह चलता िपतकल को तजकर अब िबिटया पित-कल म जाना होगा

नटखटपन को छोड़ धमर का ही िजसम बाना होगा इस घर की तम बड़ी लाडली पराण स यारी िबिटया

चली लाकर आज सभी को िपता की कर सनी किटया िजन हाथ न लाड़ चाव स अब तक था िजसको पाला उन हाथ न ही िबिटया को दलह राजा जी को द डाला

िजसका दख जरा मन मला हो जाती थी हरानी क यादान उसी का कर क दय बनाया पाषाणी

िकया न जाता था पल भर को इन आख स दर िजस मोती झरत िवदा द रहा आज सकल पिरवार उस अपनी मा क जीवन की तम परित-पल हो आधार रहो

िवजयता िपता क दय मिदर की िबिटया तम साकार रही आज जीवन क सख-दख सार वही िबतान तम लो जान आओगी जब कभी यहा तम होगी महमान समान

सतीश कमार कलावत इरडा

इस घर की तम बड़ी लाडली पराण स यारी िबिटया चली लाकर आज सभी

को िपता की कर सनी किटया

प ठ 25

ससराल की कभी बराई कही न मह पर आ जाव धमर कमर क तर य पथ म पाव नही िडगन पाव

सात परितजञाय जो तमन अिग नदव स मख की धारण द पि त जीवन का मह व ह करना स च मन स पालन

बटी इन सात बचन का यान दय म रह सदा दोन कल की लाज इसी म भला न दना इस कदा पित ही ह सवर तर त हार पित ही को जीवन समझो

जो कछ कह उसी को मान उनको िबिटया तम धन समझो शीलवती तम बन िबिटया पित-भक त मना सदर िनस दह वय उपजग क प-वकष घर क अ दर

पहन सिशकषा की साड़ी को शभ गण भषण अपनाओ दस लकषण शभ लकषण धार िन य नय मगल गाओ यह िशकषा उपहार दय का तम को राह िदखायगा भल भटक कर भी अिधयारा पास न आन पायगा

हम सब की आख स मोती उर स िनकल रही आशीष सभी सख स पणर परफि लत कर त ह दलह राजा की ईश

अकषय कराित

िजन हाथ न लाड़ चाव स अब तक था िजसको पाला उन हाथ न ही िबिटया को दलह राजा जी को द डाला

प ठ 26 अकषय कराित

ldquoपयारवरणrdquo श द पिर+आवरण स बना ह अथारत बा य आवरण को ही पयारवरण कहत ह इस बा य आवरण का ता पयर हमार चार ओर क वातावरण और पिरवश स ह िजस हम दसर श द म परकित भी कह सकत ह प वी पर िव यमान सपणर जीव-जगत क अि त व जीवन-यापन एव चहमखी िवकास म परकित की मह वपणर भिमका ह मानव बिदधजीवी पराणी ह और परकित क मह व स भली-भाित पिरिचत होन क कारण ही सिदय स परकित की पजा करता रहा ह

विदक काल स ही परकित तथा मानव क बीच जीवन ततर का अटट सबध रहा ह हमार पराचीन ऋिष-मिनय न प वी म हवा पानी िमटटी पड़-पौध जीव-ज तओ और मानव क सिकरय सहयोगा मक सतलन को यान म रखकर ही परकित को प य माना धमर क साथ परकित को जोड़कर उ ह न परकित को पयार त मह व िदया व जानत थ िक िजस परकार जीवन क िलए भिम की आव यकता होती ह उसी परकार वन पितया व अ य पराणी भी आव यक ह य सभी परकित क अिभ न अग ह इनम स एक क भी न ट होन का परभाव दसर पर पड़ता ह और पिरणाम व प पराकितक असतलन पदा हो जाता ह व तत प वी म हवा पानी िमटटी पड़-पौध जीव-ज तओ और मानव का सिकरय सहयोगा मक सतलन रहता ह पड़-पौध भिम को उपजाऊ बनात ह िमटटी को बाधकर रखत ह बरसात करवान तथा जल एव वाय को व छ रखन म सहायक होत ह परत आज क बढ़त औ योिगकीकरण और शहरीकरण न परकित और मानव क बीच असतलन उ प न कर िदया ह यह असतलन अिशकषण बढ़ती जनसख या शहर की ओर पलायन वकष की कटाई गगनचबी इमारत बड़-बड़ उ योग की थापना आिद क कारण ह और यही पयारवरण परदषण क मख य कारण ह मटरोपोिलटन एव बड़ शहर म अनक काबरिनक और अकाबरिनक गस जस ndash काबरन-मोनोऑक साइड अमोिनया आिद परदषण क मख य ोत ह

वतरमान पयारवरण -21वी सदी की चनौती

लख सरीन सल

विदक काल स ही परकित तथा मानव क बीच जीवन ततर का अटट सबध रहा ह

प ठ 27 अकषय कराित मन य न अपनी भितक सख-सिवधाओ की आपित र क िलए परकरित स

िखलवाड़ िकया ह वतरमान मशीनी यग म मन य वारा परकित क अ यिधक दोहन एव िनत नए कारखान की थापना स पयारवरण सकट उ प न हआ ह मानव न परकित क साथ जो अ यायपणर यवहार िकया ह उसी क फल व प परकित का िवरोधी रवया हआ ह िजस भिव य म सह पाना मि कल होगा

अिशकषा क कारण दश की तजी स बढ़ती आबादी क आवास की मलभत आव यकता को परा करन क िलए वकष की कटाई करक ऊची-ऊची इमारत बनाई जा रही ह वकष की अधाधध कटाई स भिम की ऊवररा शिक त का तो ास हो ही रहा ह साथ ही परदषण जसी िवकराल सम या भी ज म ल रही ह

परदषण पयारवरण क ास का परमख कारण ह िवकासशील दश िनत नए उ योग की थापना करक बराजगारी की सम या को तो दर कर रह ह िकत इसस जल वाय विन तथा िविभ न परकार क परदषण बढ़ रह ह कल-कारखान और मोटर स िनकलन वाल धए स वाय परदषण हो रहा ह जल थल व नभ क मागर पर शिक त चािलत वाहन विन परदषण का मख य ोत ह शहरीकरण और औ योिगकीकरण क कारण शदध पयजल की सम या िवकराल प धारण कर रही ह कारखान स िनकलन वाल कड़-कचर क निदय म िमलन स जल परदषण हो रहा ह रासायिनक खाद और कीटनाशी दवाओ स मदा परदषण का खतरा बन गया ह

इस परकार जनसख या विदध शहरीकरण औ योिगकीकरण एव परदषण जसी सम याओ न पयारवरण को बरी तरह परभािवत िकया ह आज सपणर िव व पयारवरण को लकर िचितत ह इस भयावह ि थित स बचन क िलए पर यक यिक त को पयारवरण क परित जाग क करना आज की अिनवायर आव यकता ह

इस िदशा म सवरपरथम िनरकषरता को समा त िकया जाना चािहए साकषर भारत की पिरक पना म जनसख या विदध दर वय िनयितरत हो जाएगी करल रा य इसका परमाण ह जहा साकषरता क साथ-साथ जनसख या िनयतरण भी ह

जल थल व नभ क मागर पर शिक त चािलत वाहन विन परदषण का मख य ोत ह

प ठ 28 अकषय कराित

इसक बाद बात आती ह परदषण िनवारण की आज िव व भर क

वजञािनक और पयारवरणिवद इस िदशा म कायररत ह सवरपरथम वन क काटन पर परितबध लगाया गया ह और वन सपना क िव तार हत वकष लगान क िलए परो सािहत िकया गया इसक िलए सरकार की ओर स वकष आिद िनश क उपल ध कराए जात ह ldquoपयारवरण परदषण स थाrdquo और व छ वाय अिधिनयम जस िविधक उपाय स वाय परदषण पर रोक लगान का परयास िकया जा रहा ह जहरील धआ उगलन वाल कारखान तथा वाहन पर भारी आिथरक दड का परावधान ह िविभ न सचार मा यम mdashदरदशरन समाचार-पतर तथा आकाशवाणी क मा यम स जनता को पयारवरण क परित जाग क करन क परयास िकए जा रह ह निदय म खलन वाल परदषण ोत को बद करन की योजनाए चलाई जा रही ह पािलथीन क परयोग को बद करन क िलए चलाया जा रहा ह अिभयान भी परशसनीय ह

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह इस खतर स सपणर भमडल का अि त व न ट हो जाए इसस पहल हम पयारवरण की सरकषा करन का सक प लना होगा

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह

िस धी होन क प चात भी मझ बगाली रीित िरवाज़ िमठाइया यहा का पहनावा अगरज क ज़मान की बनी सरचनाए एव भवन इ यािद म बहत िदलच पी एव िच थी

प ठ 29 अकषय कराित

यातरा स मरण-कोलकाता-खिशय हषर का शहर(िसटी ऑफ जॉय)

सोिनया सिह वानी पीईसी िलिमटड

म पी ई सी िलिमटड नामक कपनी क िविध ककष म उप िविध परबधक क पद पर कायररत ह सन 2010 जन स इस कपनी म मन परबधन परिशकष क प म अपनी पहली नौकरी की श आत की पी ई सी िलिमटड वािण य मतरालय क अतगरत आन वाली आयात-िनयारत यापार स स बिधत क पिनय म स एक ह इस स दभर म जनवरी 2011 म िविभ न िवभाग क परबधन परिशकषओ को ओिरएटशन हत काडला कोलकाता इ यािद शहर म भजन का कायरकरम िनि चत िकया गया कोलकाता क पास हि दया पोटर होन क कारण कोलकाता शहर चना गया जहा पी ई सी वारा आयात की गयी व तए पोटर गोदाम म रखी जाती ह साथ ही म कोलकाता पोटर िभ न गोदाम इ यािद दखन की यव था की गयी एव सची म समावश िकया गया यह सनकर मरी ख़शी का िठकाना न रहा क य िक मन कोलकाता शहर क बार म सना बहत था पर त कभी दखा न था िस धी होन क प चात भी मझ बगाली रीित िरवाज़ िमठाइया यहा का पहनावा अगरज क ज़मान की बनी सरचनाए एव भवन इ यािद म बहत िदलच पी एव िच थी आिखरकार मझ मौका िमला और जनवरी की कड़ाकदार ठ ड क बीच हम एक रिववार शाम कोलकाता राजधानी स अपनी मिजल की और िनकल पड़ िद ली स कोलकाता क सफ़र क बीच हमारी गाड़ी इलाहाबाद गया िबहार तथा धनबाद जस शहर स होत हए बगाल की ओर पहची हसत-गात खलत-खात हए हम अगली सबह हावड़ा जकशन पहच गए रलगाड़ी स उतर कर टशन स बाहर िनकलत ही मझ िसटी ऑफ जॉय क नाम स मशहर कोलकाता की पहली झलक िदखाई दी ऐसा लगा मानो मझ भारत क दो पहल एकसाथ जीत हए नज़र आए एक तरफ थ टशन स बाहर एव अ दर जात हए स दर कपड़ गहन म लद हए कोलकाता क बगाली िनवासी साथ म बड़ी-बड़ी गािड़य म घमत कोलकाता क नौजवान और ठीक दसरी तरफ मरी नज़र पड़ी हगली नदी पर बन परिसदध हावड़ा िबरज पर िजस दख एक अलग ही दिनया का एहसास हआ

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह

िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी

एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया नतीजा मर समकष था

प ठ 30 अकषय कराित

हावड़ा िबरज पर हर तरफ लोग का जमावड़ा था इतन लोग दख िद ली क चादनी चौक की याद आ गयी ऐसा लगा मानो म 50 साल पीछ िकसी लक एव वाईट दिनया म कदम रख चकी थी िबरज क दोन तरफ सामान बचत हए दकानदार िखलौन मछली रख हए औरत एव छोट-छोट ब च मख य शहर स हावड़ा जान वाल आम आदमी मजदर की तज़ र तार फरी स र ता पार करन वाल यापारी इन सब को दख लगा कोलकाता म मबई जसी भागम भाग भी थी िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया नतीजा मर समकष था जस-जस म कोलकाता शहर क भीतर आन लगी मझ इस शहर क िवकास की झलक िदखाई दी एक तरफ थी ऊची ईमारत सदर िवशाल िव यासागर सत पल बड़-बड़ होटल माल कोलकाता उ च यायालय राईटसर िबि डग मशहर इडन गाडरन टिडयम इ यािद तो दसरी तरफ था िवक टोिरया ममोिरयल अगरज की वा तकला क अनसार िदखती लाल ईटो की इमारत िवक टोिरयल सरचनाए भवन छोटी-छोटी पटिरय पर समान बचत नया बाज़ार (New Market) क दकानदार एव िवक टोिरया ममोिरयल क बाहर चलत सलािनय क िलए रथ वाल घोड़ हमारा होटल जसीबोस सड़क पर ि थत था एव सिवधाओ स भरपर था पर त मन य जाना िक असली कोलकाता का मज़ा गाड़ी म नही अथवा िरक शा ऑटो तथा साल स चलती आ रही सड़क पर टराम म था

हर तरफ मझ पील रग की टिक सया िदखाई दी सब एक समान थी तथा मरसीडीज़ गाड़ी क बगल म चलती 1-2 पय म सफ़र की जान वाली टराम भी साथ िदखाई दी परी िजदगी िद ली म यतीत करन क बाद हर नए शहर का रहन-सहन बोल-चाल रीित-िरवाज़ जानन की जाग कता मझम हमशा रही पहल ही िदन स कोलकाता मझ रास आया जस िक कहत ह lsquoकोलकाता हमार खब भाला लागली छ rsquo कहन का ता पयर य िक मझ कोलकाता बहत अ छा लगा पहल िदन िक शाम को हमन य मािकर ट म खरीददारी करन का मन बनाया म हरान थी िक वहा चीज िकतनी स ती िमल रही थी िद ली क मतािबक एक ितहाई दाम पर चिडया गहन बग जत कत इ यािद िमल

िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया

प ठ 31 अकषय कराित य मािकर ट िद ली क लाजपत एव सरोिजनी नगर समान ह कम

दाम म अ छा समान िमला कोलकाता चमड़ क िलए भी मशहर ह एव परिसदध ी लदसर दकान भी इस बाज़ार म ि थत ह यहा खरीदारी का हमन खब ल फ़ उठाया

अगल िदन हम हि दया पोटर गए एव अनक जहाज़ दख 3-4 घट की दरी पर ि थत यह पोटर अनक एकड़ म फला हआ था पहली बार इतन बड़ जहाज़ को अदर स दख खब आनद आया तीसर िदन हम काली बाड़ी मिदर गए बगाली अ यत पाठ-पजा वाल दगार मा क स च उपासक ह यह सब जानत ह दगार पजा इनका लोकिपरय उ सव ह तथा काली मा एव दगार मा की स च मन स पजा करत ह कोलकाता क िनवासी भिक त भावपणर ह यह सना था अब खद दख भी िलया बगाली र म स पजा करन का य मौका अ यत आनदमयी था इसक अलावा काली बाड़ी क नज़दीक ही ि थत ह गौिरहाट बाज़ार यहा की दकान बगाली सािड़या कपड़ सट कत इ यािद क िलए परिसदध ह आिद धक तशवर नामक मशहर दकान म जाकर मरा भी मन िकया िक म भी खरीददारी क मर सािथय न बहत सािड़या खरीदी एव दाम दखकर म दग रह गई सदर स सदर साड़ी मातर 600700 पय की थी मन बगाल की मशहर लाल एव सफद िपरट की साड़ी भी खरीदी कोलकाता म खरीददारी का अलग की मज़ा ह उसी िदन शाम हम सा ट लक िसटी मॉल गए वह सा ट लक टिडयम क नज़दीक ह यहा िदखाई िदया कोलकाता का परगितशील प नौजवान फटबाल की जसीर पहन माल म घम रह थ एक स एक

मशहर बरड वहा मौजद थ इसक अलावा कोलकाता क िनवासी खब मनोरजन क शौक़ीन ह सगीत नाच गाना इ यादी म िच रखत ह कोलकाता म जगह-जगह सगीत कला अकडमी तथा पढ़न (रीिडग) क क लब ह अगरज क शौक तथा रहन-सहन की झलक आज भी यहा िदखती ह यहा क नौजवान को खल-कद म भी खब िदलच पी ह फटबाल का तो जस यहॉ सबको जनन ह

भारत क परिसदध मोहन बगान फटबाल क लब फटबाल क वहा क नौजवान ही नही परा शहर ही दीवाना ह भारत-पाक मच हो या आई पी एल इडन गाडरन मदान लोग स खचा-खच भरा रहता ह अफ़सोस म वहा अदर जा न सकी

इसक अलावा काली बाड़ी क नज़दीक ही ि थत ह गौिरहाट बाज़ार यहा की दकान बगाली सािडया कपड़ सट कत इ यािद क िलए परिसदध ह

प ठ 32 अकषय कराित

मर सफर क आखरी िदन म मन कोलकाता क लोग म एकता क नजार दख िविभ नता म भी एकता का उदाहरण दखा चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख िजस िदन हम कोलकाता पहच थ उसी िदन वहा शहर बद था और मन एक जट होकर लोग को अपनी बात कहत हए दखा एव सना यहा क लोग अपन शहर क िवकास बहतरी क िलए जाग क ह िज मदारी लत ह तथा सरकार को अपनी बात भली-भाित कहत ह लड़िकय औरत की इ ज़त करत ह एव यहा िक मिहलाओ को मन िनदरलीय पाया जहा एक ओर भारत की राजधानी होन क बावजद िद ली वाल अपनी िजदगी म मगन रहत ह वही दसरी और कोलकाता म अमीरी-गरीबी िभ न जाितय म भी एक जटता ह कपड़ा एव खाना आज भी यहा खब स ता िमलता ह पर त दसरी तरफ सब जानत ह िक बड़-बड़ उ योगपित िव वान लखक िखलाड़ी गायक अिभनता िनदशक यहा स उभर ह सािह य हो या लख बॉलीवड हो या िकरकट बगाल न भारत को अनक नाम एव गौरव िदए ह चाह सौरव दादा हो या रिव दर नाथ टगोर ममता बनजीर रानी मखजीर हो या योित बस भारत म इनकी भिमका का वणरन करन की ज रत नही

मन कछ िदन क कोलकाता क सफर म इस शहर को जानन समझन का परयास िकया हगली नदी क िकनार खड़ होकर समदर को दखा निदय को िनहारा िव यासागर सत िबरज की सदरता िवशालता को सराहा क सी दास की परिसदध िमठाई का ल फ उठाया मन बहत शहर घम पर त यह सफर मर िलए सबस यादगार रहा कोलकाता परगित क मागर पर िनरतर बढ़ रहा ह पर त आज भी वह अपनी जड़ नितक म य को नही भला ह एक आम आदमी आज भी टराम म या फरी स सफर करता ह यहा क िनवासी दो पय स लकर 500 ० का खाना खात ह पराना एव नया कोलकाता एक साथ जीिवत ह िसक क क दो पहल की तरह कोलकाता क यह दो प को एक साथ रहत दख बहत आनद आया

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 33 अकषय कराित

जल परकित का अनपम उपहार ह मानव जाित अपन परादभारवकाल स ही इस उपहार का उपयोग अपन िहत क िलए करती आई ह जल वह पराकितक उपहार ह िजसका कोई िवक प नही ह इसिलए जल को अमतया जीवन भी कहा गया ह जल क िबना जीवन की सभावना भी नही ह पर यकष प स तो जल की मानवीय आव यकता सीिमत ह परत परोकष आव यकताओ पर नजर डाल तो दिनक जीवन की आव यकताए जस अ न फल स जी दध स लकर हमार पहराव आवास तक सब जल स जड़ हजल का जरा भी सतलन िबगड़ जाए तो जीवन यापन क टपरद होन म दर नही परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह जल क सामा य त य जल या पानी एक आम रासायिनक पदाथर ह जो जीवन क सभी जञात प क जीिवत रहन क िलए ज री ह आमतौर पर जल अपनी दरव अव था म उपयोग म लाया जाता ह पर यह ठोस अव था बफर और गस अव था जल वा प या भाप प म भी पाया जाता ह प वी क लगभग तीन चौथाई िह स पर िव व क महासागर का अिधकार ह अनमानत प वी पर जल की कल मातरा लगभग 1400 िमिलयन घन िकलोमीटर ह जो िक प वी पर 3000 मीटर गहरी परत िबछा दन क िलए काफी ह तथािप जल की इस िवशाल मातरा म व छ जल का अनपात बहत कम ह प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह शष जल झील निदय वायम डल नमी मदा और वन पित म मौजद ह जल की जो मातरा उपभोग और अ य परयोग क िलए व ततः उपल ध ह वह निदय झील और भजल म उपल ध मातरा का छोटा-सा िह सा ह इसिलए जल ससाधन िवकास और परब ध की बाबत सकट इसिलए उ प न होता ह कय िक अिधकाश जल उपभोग क िलए उपल ध नही हो पाता

परभावी जल परबधन और दश का िवकास

दीपक आहजा ओएनजीसी िवदश

प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह

प ठ 34 अकषय कराित

और दसर इसका िवषमतापणर थािनक िवतरण इसकी एक अ य िविश टता ह फलतः जल का मह व वीकार िकया गया ह और इसक िकफायती परयोग तथा परब ध पर अिधक बल िदया गया ह प वी पर उपल ध जल जल-चकर क मा यम स चलायमान ह जल लगातार एक चकर म घमता रहता ह िजस जलचकर कहत ह इसम वा पीकरण वषार और बह कर सागर म पहचना शािमल ह हवा जल वा प को थल क ऊपर उसी दर स उड़ा ल जाती ह िजस गित स यह बहकर सागर म पहचाता ह जल चकर का िचतर नीच पर तत िकया गया ह

अिधकाश उपभोकताओ जस िक मन य पशओ अथवा पौध क िलए जल क सचलन की ज रत होती ह जल ससाधन की गितशील और नवीकरणीय परकित और इसक परयोग की बार बार ज रत को ि टगत रखत हए यह ज री ह िक जल ससाधन को उनकी परवाह दर क अनसार मापा जाए इस परकार जल ससाधन क दो पहल ह अिधकाश िवकासा मक ज रत क िलए परवाह क प म मािपत गितशील ससाधन अिधक परासिगक ह आरिकषत भ डार की ि थर अथवा िनयत परकित और साथ ही जल की मातरा तथा जल िनकाय क कषतर की ल बाई व म यपालन नौ सचालन आिद जस कछक िकरयाकलाप क िलए भी परासिगक ह

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 35 अकषय कराित

जल का यय अप यय जल क बार म एक नही कई च कान वाल त य ह िव व म और िवशष प स भारत म जल िकस परकार न ट होता ह इस िवषय म जो त य सामन आए ह उस पर जाग कता स यान दकर जल क अप यय को रोका जा सकता ह अनक त य ऐस ह जो हम आन वाल ख़तर स तो सावधान करत ही ह दसर स पररणा लन क िलए परो सािहत करत ह और पानी क मह व व इसक अनजान ोत की जानकारी भी दत ह प वी पर पदा होन वाली सभी वन पितया स भी हम पानी िमलता ह

आल और अनानास म 80 परितशत और टमाटर म 95 परितशत पानी ह पीन क िलए मानव को परितिदन 3 लीटर और पशओ को 50 लीटर पानी

चािहए भारत म 83 परितशत पानी खती और िसचाई क िलए उपयोग िकया जाता

ह इज़राइल म औसतन मातर 10 सटीमीटर वषार होती ह इस वषार स वह

इतना अनाज पदा कर लता ह िक वह उसका िनयारत कर सकता ह दसरी ओर भारत म औसतन 50 सटीमीटर स भी अिधक वषार होन क बावजद अनाज की कमी बनी रहती ह

िपछल 50 वष म जल क िलए 37 भीषण ह याकाड हए ह भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल

चलती ह पानी ज य रोग स िव व म हर वषर 22 लाख लोग की मौत हो जाती ह यिद बरश करत समय नल खला रह गया ह तो पाच िमनट म करीब 25

स 30 लीटर पानी बरबाद होता ह बाथ टब म नहात समय 300 स 500 लीटर पानी खचर होता ह जबिक

सामा य प स नहान म 100 स 150 लीटर पानी खचर होता ह िव व म परित 10 यिकतय म स 2 यिकतय को पीन का शदध पानी

नही िमल पाता ह परित वषर 6 अरब लीटर बोतल पक पानी मन य वारा पीन क िलए

परयकत िकया जाता ह मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 36 अकषय कराित

िद ली मबई और च नई जस महानगर म पाइप लाइन क वॉ व की खराबी क कारण रोज़ 14 स 44 परितशत पानी बकार बह जाता ह

निदया पानी का सबस बड़ा ोत ह जहा एक ओर निदय म बढ़त परदषण रोकन क िलए िवशषजञ उपाय खोज रह ह वही कल कारखान स बहत हए रसायन उ ह भारी मातरा म दिषत कर रह ह

भारत म जल सकट नासा की एक िरपोटर न पानी को लकर दश भर म बढ़ती जा रही लापरवाही क परित आख खोली ह इस िरपोटर म भारत म सख की ि थित पदा होन क िलए िज मवार कारण म स एक अहम कारण अधाधध जल दोहन को बताया गया ह बतात चल िक दश भर क 604 िजल म स 161 सख की मार झल रह ह वस अब बताया जा रहा ह िक सख की मार स बहाल िजल की सखया बढ़कर 246 हो गई ह यानी कहा जाए तो आधा दश सख की चपट म ह बहरहाल नासा की इस िरपोटर म बताया गया ह िक भारत क कई रा य कषमता स यादा जल दोहन कर रह ह यहा कषमता स ता पयर यह ह िक उनस िजतन सलाना जल दोहन की उ मीद कदर करती ह व उसस कही यादा जल दोहन कर रह ह नासा न यह अ ययन 2002 स 2008 क बीच

की ि थितय क आधार पर िकया ह इस िरपोटर म बताया गया ह िक पजाब हिरयाणा और राज थान हर साल औसतन 177 अरब कयिबक मीटर पानी जमीन क अदर स िनकाल रह ह जबिक कदर की तरफ स लगाए गए अनमान क मतािबक इ ह हर साल 132 अरब कयिबक मीटर पानी ही जमीन क अदर स िनकालना था इस तरह स दखा जाए तो य तीन रा य िमलकर कषमता स 30 फीसदी यादा पानी का दोहन कर रह ह जािहर ह िक िबना कछ सोच-िवचार जब इस पमान पर पराकितक ससाधन का दोहन िकया जाएगा तो परकित भी बदला लगी और वही हो रहा ह इस िरपोटर म यह भी बताया गया ह िक भारत का महज 58 फीसदी भजल ही हर साल िरचाजर हो पाता ह नासा की यह िरपोटर बताती ह िक अधाधध जल दोहन की वजह स पर उ तर पि चम भारत क भजल तर म हर साल 4 सटीमीटर यानी 16 इच की कमी आ रही ह इस अ ययन को अजाम दन म नासा क जल िवजञानी मट रोडल न अहम भिमका िनभाई ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 37 अकषय कराित

उनक हवाल स इस िरपोटर म बताया गया ह िक दश क उ तर पि चम कषतर म 2002 स 2008 क दौरान तकरीबन 109 कयिबक िकलोमीटर पानी की कमी हई ह यह मातरा िकतनी अिधक ह इसका अदाजा इसी स लगाया जा सकता ह िक यह अमिरका क सबस बड़ जलाशय लक मीड की कषमता स दगन स भी कही यादा ह अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह इस िरपोटर क मतािबक अगर अधाधध जल दोहन इसी तरह स जारी रहा तो आन वाल समय म भारत को अनाज और पानी क सकट को झलन क िलए अभी स तयार हो जाना चािहए जािहर ह िक जब जल सकट बढ़गा तो खती पर इसका गहरा परभाव पड़गा अनाज क उ पादन म कमी आएगी इस वजह स अनाज सकट पदा होगा और भख का एक नया चहरा उभरकर सामन आएगा एक बड़ा तबका जो आज भरपट भोजन कर पाता ह उसक िलए पट भर खाना िमलना मि कल हो जाएगा भखमरी की जो सम या पदा होगी उसस िफर िनपटना आसान नही होगा इसक अलावा पीन क पानी का टोटा तो होगा ही अभी ही दश क कई िह स ऐस ह जहा क लोग को पीन क िलए साफ पानी नही िमल पा रहा ह कई कषतर ऐस ह जहा गमीर क िदन म हडपप स पानी आना बद हो जाता ह वहा क लोग को हर साल बोिरग को कछ फट बढ़वाना होता ह यह सम या भजल तर क िगरत जान की वजह स ही पदा हई ह जब पीन क पानी का सकट पदा होगा तो बोतलबद पानी का कारोबार काफी तजी स बढ़गा कहन का मतलब यह िक िजसक पास पसा होगा वह अपनी यास बझा सकगा और िजसक पास पसा नही होगा उस अपनी यास बझान क िलए भी सघषर करना पड़गा ि थित की भयावहता की क पना ही िसहरन पदा करती ह भारत म दिनया का हर छठा आदमी रहता ह यानी कहा जाए तो दिनया क कल आबादी क तकरीबन सतरह फीसदी लोग भारत म रहत ह जबिक दिनया का महज साढ़ चार फीसदी पानी ही भारत म उपल ध ह ऐस म जल सम या स दो-चार होना कोई आनापिकषत बात नही ह एक बात तो तय ह िक पराकितक ससाधन म इजाफा तो नही िकया जा सकता ह लिकन इसका सरकषण अव य िकया जा सकता ह

अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह

प ठ 38 अकषय कराित

भारत म लोग िकसी एक मा यम स पयजल परा त करन पर िनभरर नही ह इस दश म 357 फीसदी लोग हडपप स 367 फीसदी लोग नल स 182 फीसदी लोग तालाब पोखर या झील स 56 फीसदी कओ स 12 फीसदी लोग पारपिरक साधन स और 26 फीसदी लोग अ य मा यम स पीन का पानी परा त करत ह इस िलहाज स अगर दखा जाए तो जल सकट को दर करन क िलए समगर कायरयोजना की ज रत ह

दरअसल भारत म गहरात जल सकट क िलए काफी हद तक पानी की बबारदी भी िज मवार ह यहा जल आपित र की यव था म काफी खािमया ह नल क जिरए घर तक पहचन वाल पानी का एक बड़ा िह सा िरस कर बबारद हो जाता ह हर शहर म फट हए आपित र पाइप आसानी स दख जा सकत ह इस बदहाल यव था क िलए सरकार क साथ-साथ सामा य लोग भी कम िज मदार नही ह एक तरफ तो सरकार पयजल क नाम पर हर साल हजार करोड़ पए का बजट बनाती ह और दसरी तरफ जमीनी तर पर हालात म कोई बदलाव नही िदखता ह सामािजक तौर पर भी जल सरकषण को लकर जाग कता का अभाव िदखता ह यह सामािजक तान-बान का ही असर ह िक लोग कही भी जल की बबारदी को दखकर उस सामा य घटना मानत हए नजरअदाज कर दत ह दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था यह अब घटकर 1800 कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर हो चका ह

दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था

प ठ 39 अकषय कराित

िवशषजञ का अनमान ह िक अगर पानी की खपत और बबारदी इसी तरह स जारी रही तो 2025 तक यह घटकर हजार कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर ही रह जाएगा उस समय तक पानी की उपल धता म आन वाली इस कमी की वजह स किष उ पादन म तीस फीसदी की कमी आन की सभावना ह इन पिरि थितय म दश की आिथरक और सामािजक ि थित का कया होगा इसका अदाजा सहज ही लगाया जा सकता ह भारत म जल सरकषण क परित आज भी आम लोग क मन म उपकषा का भाव बना हआ ह साथ ही इस कायर क िलए आव यक तकनीक की भी कमी ह जो तकनीक उपल ध ह उनस सामा य लोग अनजान ह बािरश क पानी का सगरह करक उस उपयोग म लाना एक अ छा िवक प ह पर इस तरह की कोिशश काफी सीिमत मातरा म काफी छोट तर पर हो रही ह यही वजह ह िक दश म होन वाली बािरश क पानी का अ सी फीसदी िह सा आज भी समदर म पहच जाता ह अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह अगर जल की इस िवशाल मातरा का आधा भी परयोग कर िलया जाए तो ि थित म यापक बदलाव आना तय ह शहरी कषतर म तो पानी की कालाबाजारी जोर पर ह जगह-जगह पर जल मािफया सिकरय हो गए ह िद ली क ही एक अखबार न कछ समय पहल यह बात उजागर िकया था यहा तो समानातर जल बोडर भी चलाया जा रहा ह हरानी की बात तो यह ह िक इसक बावजद भी पानी क काल धध पर अकश नही लगाया जा सका ह अहम सवाल यह ह िक कस सामा य तबक क लोग तक व छ पानी पहचाया जाए शहरी कषतर क साथ-साथ गरामीण कषतर म भी यह एक बड़ी चनौती ह आबादी म अपर यािशत विदध बढ़त शहरीकरण औ योिगकीकरण और किष उ पाद की बढ़ती माग क कारण पानी की माग िपछल कछ साल म वाभािवक प स बढ़ी ह इसक पिरणाम व प भजल ससाधन का अ यिधक दोहन हआ ह और इसका नतीजा हआ िक लगातार भजल का तर घटता जा रहा ह शहरी कषतर म ि थित बहद भयावह ह तदनसार वहा न कवल शीघराितशीघर जल ससाधन क सरकषण की ज रत ह बि क परभावी रणनीित और परबधन क जिरए त काल कदम उठान की ज रत ह

अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह

प ठ 40 अकषय कराित

खासकर इस बात को यान म ऱखकर िक िविभ न परितयोगी कषतर म कभी भी माग बढ़ सकती ह भिव य म उपयोग क िलए छत पर या सतह पर जलगरहण बनाकर वषारजल सरकषण बहद ज री ह यह पानी की बढ़ती ज रत का खयाल रखन िमटटी की नमी तर को बढ़ान शहरी हिरयाली को बढ़ान भजल तर को कितरम प स पनभररण करन और भजल की गणव ता स सधार का काम करता ह भारत म जल परबधन स दश का िवकास भारत म दिनया की 16 परितशत आबादी रहती ह लिकन दिनया क िसफर 4 परितशत जल ससाधन ही भारत क पास ह 3290000 वगर िकलोमीटर क भिम कषतर और एक अरब स यादा की आबादी क साथ भारत क एक बहलवादी िविवधता का िचतर ह िवशाल पराकितक ससाधन क साथ सप न तकनीकी और वजञािनक किमरय का भी यह दिनया म दसरा सबस बड़ा सम चय ह भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह मानव िवकास म 80 क दशक म लगभग 26 परितशत और 90 क दशक क दौरान और 24 परितशत क वारा सधार हआ ह आजादी क बाद छह दशक म भारत न जल ससाधन का अभतपवर िवकास और खा या न म आ मिनभररता शहरी कषतर ऊजार और औ योिगक कषतर और पीन का पानी क बिनयादी ढाच म तजी स िव तार दखा ह िजसका उपयोग भारत की लगभग 85 परितशत शहरी और गरामीण आबादी क वारा िकया जाता ह भारत म रा य सरकार और भारत सरकार क परितबदध और ठोस परयास की वजह स गरामीण और शहरी आबादी को सरिकषत पयजल को उपल ध करवान म काफी सफलता हािसल की ह इस उपलि ध न भजल की कमी जल जमावजल गणव ता िगरावट जल परदषण और बढ़त लवणता तर स बड़ कषतर को परभािवत िकया ह और अभी भी िविभ न रा य म गरामीण और शहरी भारत क मानव िवकास सचकाक (HDI)rsquo म बहत असमानता मौजद ह पानी क िलए कषतरीय माग तजी स बढ़ रह शहरीकरण की गित स बढ़ रही ह (अनमानत 2025 तक दश की आबादी का 50 परितशत स अिधक शहर म रहग) जनसखया विदध बढ़ती आय और औ योिगक िवकासशहरी भारत तजी स िवकास की माग क कदर क प म उभर रहा ह

भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह

प ठ 41 अकषय कराित

नतीजतन परित यिकत पानी की उपल धता िगर रही ह परधानमतरी की अ यकषता म 12वी योजना क िलए हई योजना आयोग की पणर बठक म दसर म क साथ जल परबधन पर िवशष चचार हई बठक क बाद योजना आयोग क उपा यकष म टक िसह अहलवािलया न कहा िक भ-जल कानन स लकर दसर म की यापक समीकषा ज री ह व यनाथन सिमित जहा वतरमान म भ-जल कानन की साथरकता का अ ययन करगी वही भारतीय अतिरकष अनसधान सगठन [इसरो] की मदद स पानी की उपल धता का िव तत अ ययन होगा म टक न कहा िक उसी आधार पर रणनीित तय होगी सरकार यह यान रखगी िक पानी का अिधकतम उपयोग हो सक और सभी को उपल ध हो पानी पर िकसी का एकािधकार न हो सक बतात ह िक द पयोग को रोकन क िलए श क लगान पर भी िवचार िकया जा सकता ह हालािक इसस पहल रा य सरकार स चचार होगी यह तय ह िक एआइबीपी कायरकरम म यापक बदलाव ह ग ी म टक िसह अहलवािलया न कहा िक वतरमान म इस कायरकरम का सही िकरया वयन नही हो रहा ह िलहाजा उसम पिरवतरन ज री ह सभव ह िक हर रा य म जल िनयामक परािधकरण बनान की शतर भी लगाई जाए उ ह न कहा िक जल परबधन की यापक समीकषा कर नई रणनीित तय की जाएगी कल िमलाकर रा टरीय तर पर वतरमान जल ससाधन का अिधक स अिधक करन क िलए माग को परा करन क िलए पयार त ह लिकन भिव य क अ ययन पिरयोजना ह िक जल आपित र की ि थित अगल आध सदी म अिधक किठन हो सकती ह जल सकट स िनपटन को जल सरकषण परबधन अिनवायर परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह बढ़त वि वक तापमान क फल व प अितवि ट अनावि ट अ पवि ट और असामियक वि ट हम परितवषर दख रह ह िजसका परभाव हमार जल ससाधन पर पड़ता िदखाई द रहा ह कओ व बाविडय का िमटता अि त व नदी-नाल का घटता पानी भ-गभर जल का िगरता तर िचता की पिरिध स िनकलकर खतर की घटी बनता जा रहा ह

निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह

प ठ 42 अकषय कराित

िव व भर म सीमट क अधाधध परयोग न धरातल क सहज अवशोषण कषतर को घटाया ह तथा जल बहाव भिम कटाव व बाढ़ म विदध की ह ऐसी ि थित म जल सरकषण का दािय व मातर वजञािनक व सरकार तक सीिमत न रहकर पर यक उपभोकता क कध पर आ जाता ह इसी दािय व क िनवरहन क िलए हमार पास दो िवक प सामन आत ह 1 वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई

उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

2 पािरवािरक तर पर वषार जल को सगरिहत कर उसका उपयोग कर य दोन ही परयास गरामीण कषतर म तो सरलता स अपनाए जा सकत ह परत शहरी कषतर म व ट वाटर मनजमट की बड़ी पिरयोजनाए बनाकर ही पानी को िरसाइिकल िकया जा सकता ह भ-गभर अिधकािधक जल अवशोिषत होकर

जाए इसक िलए मदानी भाग म िनयोिजत ढग स बड़-बड़ पोखर बनाकर तथा पहाड़ी कषतर म नाल -ख ड म िमटटी प थर आरसीसी क बड़-छोट डम लगाकर जल बहाव रोक भ-सरकषण बचाव व जल भडारण और धरातल जल शोषण कषतर बढ़ाया जा सकता ह िव व बक भारत सरकार वारा म य िहमालय जलागम पिरयोजना रा य क भ-सरकषण िवभाग इस कषतर म कारगर उपाय लकर

हमार सामन ह परत जनसहयोग क िबना इन पिरयोजनाओ क आशातीत पिरणाम ल पाना किठन ह वकषारोपण इस सपणर जल चकर को बल दन वाला कारक ह जल क परित चतना जागत न हई तो अव य ही अगल िव व यदध का कारण जल ही होगा

जल भोजन ह और अिगन भोजन का भकषक ह अिगन जल म और जल अिगन म िव यमान ह

- ततरीय उपिनषद 38

वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

प ठ 43 अकषय कराित

म भी गान गा सकता ह शबनम क िखलत फल क म भी गीत सना सकता ह सावन क म त झल क लिकन जब घर-घर म बादल छाय घोर िनराशा क तब म नगम गा रहा ह उ मीद की आशा क

सड़क पर खड़ बचपन की य बात सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह

हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

इस बदलत पिरवश का राग सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

गाधी जी क सपन का जो राम-रा य कहलाता ह उस भारत म सड़क पर छोट चाय पहचाता ह

कहा गई वो अ हड़ म ती कहा गया वो यार का रा ता उन हाथ स बचत झड िजन हाथ को चािहए ब ता

उस सोन की िचिड़या की म बात बतान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

कही बम की गमर हवाए कही ससद म कोहराम ह कही होत घोटाल स परशान आदमी आम ह

कही कल की िकलकारी ह कही सड़क पर बचपन ह कही चलता नही गजारा कही िवदश म काला धन ह

म स चाई गा-गाकर सबको बतलान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

बदलता भारत मनीष लाल इरडा

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

प ठ 44 अकषय कराित

करन वाल काम बहत ह यथर उलझन को छोड़ो म ला-पिड़त तोड़ रह ह तम बस lsquoअपन को जोड़ो

lsquoहम बदलग-यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का lsquoवद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का

वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हम बदलग mdash यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का वद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

प ठ 45 अकषय कराित

िसफर काला और सफ़द य ही वो दो रग थ जो तर पास सि ट बनान क आधार थ

काला वो जो कािलमा िलय ह िजस कहत ह दख िनराशा म य अपयश और वो सबकछ जो नकारा मक ह

मगर सफद ह वो रग िजसस जड़ा ह जीवन आशा सख और कीितर और वो सब कछ जो सकारा मक ह पर इन रग स तझ चन ना िमला त सोचन लगा अगर सि ट बनानी ह

तो िकस िलए- ससगर और परम क िलए और

इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग

ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह

बस- बना डाला तन इ दरधनष

जो बरसात क बाद सरज और प वी क अनपम परम को रग दता ह सतरगी रग स

और उ ही सतरगी इ दरधनषी रग म हम हर पल हर कषण डबत गहरात इतरात रहत ह

और खिशय भर ससार म हर रग को अलग-अलग तरह स महसस करक जीत रहत ह

रग तो रग ह मगर-

ससगर और परम क िलए और इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह बस-

सतरगी िचतर सगीता ीवा तव इरडा

प ठ 46 अकषय कराित

कभी पक क कभी फीक़ तो कछ कभी दाग बनकर उभर आत ह

कछ आख म नील बादल स छाए रहत ह तो कछ गाल पर गलाबी रग बनकर छलक जात ह

याद रहत ह अक सर वो रग- जो खदी पर इस तरह छा जात ह िक खद म घलकर खद क होन

का एहसास दत-दत खद का एक रग बन जात ह

बगनी आसामनी नीला हरा पीला नारगी लाल इ दरधनष क य सात रग ही जोड़त ह हमार िदल को

हमार मन को जोड़न वाल इन रग की सतरगी दिनया म-

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा बनाय

और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क

सतरगी िचतर

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा

बनाय और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क सतरगी िचतर

Page 7: Akshay Kranti Vol 3€¦ · पक्ष को प्रभािवत न कर e, बािधत व पीिड़त न कर eवह काय-र्कौशल है।

प ठ 7

अकषय कराित

3 कायर को एकागरता स कर - कायर-कौशल का एक मह वपणर सतर ह - एकागरता का िवकास एक िवचार एक िवक प एक कायर ल और उसी म त मय बन जाए उसी म परी तरह िचत व मन को लगा द हमार अतकरण की सारी परवि तया उसक िलए समिपरत हो जाए जब तक उस कायर क िलए समपरण नही होता तब तक कायर-कौशल नही बढ़ता एकागरता क िलए साधना और अ यास ज री ह अ यास होता ह तो एकागरता बढ़ जाती ह

4 वतरमान म जीना सीख - भत-भिव य को मार भगाई वतरमान म जीओ भाई वतरमान म जीन का ता पयर वतरमान का अनभव वतरमान का जीवन और वतरमान का वास हम वास लत ह तो कभी अतीत म नही लत न भिव य म लत ह अतीत और भिव य की िचता स हम मानिसक अशाित तो होती ह बि क शारीिरक िवकार भी पदा हो जात ह िजसस हमार कायर-कौशल म कमी आती ह जन सािह य म दो श द आत ह - दर य िकरया और भाव िकरया दर य िकरया का ता पयर ह - मदार िकरया मत िकरया भाव िकरया का ता पयर ह जीिवत िकरया पराणवान िकरया वतरमान म जो िजया जा रहा ह कवल उसी का अनभव करत रह यह कायर-कौशल का मह वपणर सतर ह

अत म सार यह उभर कर आता ह िक हमार ल य पिवतर ह हमारा कायर-कौशल इस परकार िवकिसत ह जो िकसी को अकशल न बनाए पीड़ा न पहचाए दसर क िहत पर कठाराघात न कर हमारा सारा परय न और प षाथर इस िदशा म चल िक हमारा अपना कायर िकसी दसर क कायर म बाधा न पहचाए कायर-कौशल का दय यही ह

कायर-कौशल का एक मह वपणर सतर ह - एकागरता का िवकास एक िवचार एक िवक प एक कायर ल और उसी म त मय बन जाए उसी म परी तरह िचत व मन को लगा द

प ठ 8

अकषय कराित

एक राजा था उसक रा य म सब परकार स सख शाित थी िकसी परकार का कोई वर-िवरोध नही था जनता हर परकार स सखी थी पर त राजा को एक बहत बड़ा दख था िक उसकी कोई सतान न थी उस अपना वश चलान की तथा अपन उ तरािधकारी की िचता खाए जा रही थी मिदर मि जद ग वार म जाकर माथा टका कई तीथर थान की यातरा की पर त कोई लाभ न हआ सतान की कमी उस िदन ब िदन खाए जा रही थी बहत सोच-िवचार क प चात उसन अपन रा य क सभी िव वान पिडत को बलवाया और उनस सतान पराि त का उपाय ढढ़न को कहा सभी िव वान न िवचार िकया राजा की ज म कडली का गहन िव लषण िकया अत म व सभी एक मत स एक िन कषर पर पहच उ ह न राजा स कहा िक यिद कोई बरा मण का ब चा अपनी खशी स दवता को बिल द तो आपको सतान की पराि त हो सकती ह राजा न िव वान की बात सनी उसन सार रा य म घोषणा करवा दी िक यिद कोई बरा मण का ब चा अपनी इ छा स खशी-खशी बिल दगा तो उसक घर वाल को बहत सा धन िदया जाएगा राजा क रा य म एक बहत ही गरीब बरा मण था कई िदन फाक म ही गजर जात थ उसक चार लड़क थ बड़ तीन लड़क तो अपना काम-धधा करत थ और अपन पिरवार को आिथरक सहयोग दत थ पर त जो सबस छोटा लड़का था वह कोई काम नही करता था उसका सारा यान हमशा भगवान भिकत म लगा रहता था उसका सारा िदन स कमर करत हए भगवान का मरण करत ही बीत जाता था उसक िपता न भी घोषणा सनी और सोचा यह लड़का िनठ ला ह और कोई काम-धधा भी नही करता इसको बिल क िलए भज दत ह राजा स धन िमल जाएगा तो घर की हालत कछ सधर जाएगी बरा मण अपन सबस छोट लड़क को लकर राजा क पास पहचा राजा न उस लड़क स पछा कया तम िबना िकसी दबाव क अपनी मजीर स अपनी खशी स बिल दन को तयार हो जी महाराज लड़क न बड़ी िवनमरता स उ तर िदया यिद मरी बिल दन स आपको सतान की पराि त होती ह तो म खशी स अपनी बिल दन को तयार ह दकर िवदा िकया ठहराया गया

उसन सार रा य म घोषणा करवा दी िक यिद कोई बरा मण का ब चा अपनी इ छा स खशी-खशी बिल दगा तो उसक घर वाल को बहत सा धन िदया जाएगा

शकर द त पीईसी िलिमटड

िचतन कर

प ठ 9

अकषय कराित

लड़क को अितिथ गह म ठहराया गया हर परकार स उसका खयाल रखा गया अत म उसकी बिल दन का िदन भी आ गया राजा न लड़क को बलाया और कहा आज त हारी बिल द दी जाएगी अगर त हारी कोई आिखरी इ छा हो तो बताओ हम उस परी करग मझ कछ भी नही चािहए बरा मण पतर न कहा बस म बिल दन स पहल नदी म नान करक पजा करना चाहता ह राजा यह सनकर बहत परस न हआ और बोला ठीक ह हम भी त हार साथ नदी तक चलग उस लड़क न नदी म नान िकया िफर नदी िकनार की रत को इकटठा िकया और उसकी चार ढिरया बना दी उसन चार ढिरओ की ओर दखा िफर एक ढरी को अपन पर स िगरा िदया िफर उसी परकार स दसरी ढरी को भी िगरा िदया िफर तीसरी ढरी को भी िगरा िदया उसक वह चौथी ढरी क पास गया उसक चार ओर तीन बार चककर लगाया हाथ जोड़कर उसको माथा टका उसकी वदना की और राजा क पास बिल क िलए आ गया राजा उसका यह सारा करतब बड़ ही कौतहल स दख रहा था पहल तो राजा न सोचा िक बालक ह रत स खल रहा ह पर त जब राजा न दखा िक उसन चौथी ढरी को हाथ जोड़कर परणाम िकया ह तो राजा को इसका रह य जानन की इ छा हई राजा न बालक स पछा बालक तमन रत की चार ढिरया बनाई िफर उनम स तीन को तोड़ िदया और चौथी को परणाम िकया इसका कया रह य ह पहल तो ब च न कोई उ तर नही िदया पर त राजा क दोबारा पछन पर लड़क न कहा राजन आपन बिल क िलए मझ कहा ह म बिल दन क िलए तयार ह आप अपना काम कीिजए आपको इस बात स कया लना िक मन रत की वो ढिरया कय तोड़ी ह राजा को बालक स ऐस उ तर की आशान थी राजा न उसस कहा बालक हमन त हार िपता को त हारी कीमत दकर त ह खरीदा ह तम हमार खरीद हए गलाम हो इसिलए हमार हर पर न का उ तर दना और हमारी हर बात को मानना त हारा धमर बनता ह ह राजन जब आप िजद कर रह ह तो सिनए लड़क न उ तर िदया जब कोई ब चा पदा होता ह तो सबस पहल उसक माता-िपता उसकी रकषा करत ह अगर वह आग क पास जान लगता ह तो उसको उसस बचात ह उसकी हर परकार स रकषा करन की िज मवारी उनकी होती ह लिकन यहा तो मर िपता न ही धन क लालच म मझ बिल दन क िलए आपक पास बच िदया इसिलए पहली

उसकी वदना की और राजा क पास बिल क िलए आ गया राजा उसका यह सारा करतब बड़ ही कौतहल स दख रहा था

प ठ 10

अकषय कराित

ढरी जो उनक नाम की बनाई थी वह मन ढहा दी लड़क न आग कहा दसरी िज मदारी राजा पर होती ह अपनी परजा की रकषा करन की आपन मझ अपनी सतान पराि त क िलए बिल दन क िलए खरीद िलया तब आपस कया पराथरना करता इसिलए दसरी ढरी जो मन आपक नाम की बनाई थी वह भी तोड़ दी जीव की रकषा करन का तीसरा भार दवी-दवताओ का होता ह बालक न तीसरी ढरी का रह य बतात हए कहा लिकन यहा तो दवता वय ही मरी बिल लन को तयार बठा ह तो इसस कया पराथरना करता इसिलए मन तीसरी ढरी भी तोड़ दी लिकन चौथी ढरी का कया रह य ह राजा न पछा और अत म सहारा होता ह भगवान का ई वर का ब च न रत की ढिरय का रह य खोलत हए कहा मरी बिल दी जानी थी सो मन अत म ई वर स पराथरना की परभ की पजा-अचरना करक उनस रकषा करन की पराथरना की अब वही मरी रकषा करग वही होगा जो ई वर को मजर होगा म बिल दन क िलए तयार ह rsquo इतना कहकर वह बालक राजा क पास जाकर िसर झका कर खड़ा हो गया राजा उस छोट स बालक की इतनी जञान की बात सनकर स न रह गया राजा न सोचा म इस बालक की बिल द दगा बरा मण ह या भी हो जायगी िफर पता नही मझ जो सतान परा त होगी वो कसी होगी परजा का खयाल रखन वाली होगी या नही कही मरा और वश का नाम ही न डबो द यह बालक गणवान ह ई वर का भकत ह सब परकार स मर लायक ह कय न म इस ही गोद ल ल और इस ही अपना पतर बना ल इतना िवचार करत ही उसन उस बालक की बिल दन का कायरकरम र कर िदया और उस बालक को गोद ल िलया कहत ह उस बालक म अ छ गण होन क कारण उसन कई साल तक रा य िकया और हर परकार स परजा की रकषा की उसक रा य म िकसी को िकसी परकार का कोई क ट नही था

इतना कहकर वह बालक राजा क पास जाकर िसर झका कर खड़ा हो गया राजा उस छोट स बालक की इतनी जञान की बात सनकर स न रह गया

परकित िजदगी स ह िजदगी बनी भी परकित स ह चलता रह य िविचतर खल य ही इसका भी अमल िजदगी स ह

प ठ 11

शोिभत ह िज़दगी धरती की धार पर इस हिरत धारा पर ऊजार स भरपर ह हिरत ऊजार स य ससि जत य खब ह

हिरत ऊजार क भ डार का खजाना य खब ह जल वाय और सौर ऊजार ह इनक अ यत ोत

ल अमल म इनको अगर बचाना ह य धरा अनमोल अदभत ह खजान परकित क अगर कर ल मन य इनका सदपयोग

य झोखा जो हवा का ह य जो तरग म जलधारा ह अदभत िकरण जो फलाती जीवन की धारा ह

समझ ल इनका जो इशारा ह कर परयोग इ ही का अपन यतर मतर स छपा ऊजार का अनमोल खजाना ह

परकित िजदगी स ह िजदगी बनी भी परकित स ह चलता रह य िविचतर खल य ही इसका भी अमल िजदगी स ह

रकषा कर इस धरा की स पना इसको नई िजदगी को ह इस परकित स बना मन य महान

िफर क य कर रहा परकित का सवरनाश खद को बचा हर िजदगी को बचा

करक हिरत ऊजार का स मान जीन द जीवन को और भी कर ल सयम म अपना य िवषकत घटता जीवन का चकर य ह इशारा परकित का हर पल सभल जरा ना कर इसको त तग

मक त खल परकित स कर ल इस हिरत ऊजार का परयोग अ छ क बदल अ छा दना सीख परकित का य खल

अलका कमार इरडा

अकषय कराित

किवता

प ठ 12

नही सीखा अब भी अगर परकित म सब जाएगा बदल जी ना पायगा िफर त इस परकित म िमट जाएगा अश तरा इस परकित स हिरत परकित और य हिरत ऊजार ह य इस धरा क जीवन दायक सीख परकित स लना दना

िसखा रह य जीवन का मल मतर परकित का आहार परकित मत द आहार आपराकितक सतलन िबगड़ गया अगर हो जायगी िवनाश िजदगी

अब सभल जरा और कर ल परण करक हिरत ऊजार को ही खचर बना धारा को शोिभत हरदम

िफर रहगा परकित और िजदगी का य खबसरत सग

हिरत परकित और य हिरत ऊजार ह य इस धारा क जीवन दायक सीख परकित स लना दना िसखा रह य जीवन का मल मतर

अकषय कराित

प ठ 13

अकषय कराित

कमरचािरय की आदत उनक यिक त व और िन पादन कषमता का पार पिरक सबध - एक िव लषण

हम िजस िकसी सगठन म काम करत ह उसक परित हमारा ल य होना चािहए सबिधत स थान क िलए अपनी सपणर कषमताओ का इ तमाल कषमताओ का बहतर परयोग तभी हो सकता ह जब हम अपन अदर अ छी आदत का िवकास कर हमार शा तर वद उपिनष और अ य धािमरक गरथ हम अ छी आदत क िवकास क सबध म बीज मतर बतात ह िक हम मनसा वाचा और कमरणा शदध रहना चािहए मनसा वाचा और कमरणा शदधता स ता पयर ह िक हम मन वाणी और कम स अ छ बन रह हमारी नीयत नक हो हम अपन सहकिमरय सािथय और अ य लोग क साथ अ छा बरताव कर और हमार कमर अ छ ह इस बीज मतर पर चलन वाला हमशा अपन अदर अ छी आदत का िवकास होता पायगा

असल म िदककत यही ह िक हम उपदश दन म तो आग रहत ह लिकन खद क अदर नही झाकत या कम ही झाकत ह - lsquoपर उपदश कशल बहतरrsquo सपरिसदध लखक सरदार परन िसह न एक बार कहा था आचरण की स यतामय भाषा सदा मौन रहती ह अथारत आदमी खद चप रहकर खद को ठीक रख तो इसका परभाव खद-ब-खद दसर पर पड़ता ह इसको हम एक छोट स उदाहरण स प ट कर सकत ह िक मान िलया जाए हम ब च स कह धमरपान नही करत लिकन उसक सामन खद ऐसा कर इसस इतर हम अगर यह सब करत ही नही ह तो इसका यादा असर ब च पर पड़गा अ छी आदत घर स श होकर समाज द तर और उसस आग तक हम हमशा हमारा फायदा िदलाती ह

कहा जाता ह िक व थ तन म ही व थ मन िनवास करता ह इसी तरह यह भी कहा जाता ह िक व थ वातावरण ही उ नित का योतक होता ह व थ वातावरण तभी बनगा जब उस माहौल म रहन वाल लोग

हीरा व लभ नराकास

असल म िदककत यही ह िक हम उपदश दन म तो आग रहत ह लिकन खद क अदर नही झाकत या कम ही झाकत ह - lsquoपर उपदश कशल बहतरrsquo

प ठ 14

अकषय कराित एक दसर का स मान करग खद की आदत को सधारग और उस स था की तरककी क िलए अपन तर पर हर वह काररवाई करग जो औ योिगक सगठन और लोग की उ नित म ज री होती ह

औ योिगक सगठन िकसी भी दश की अथर यव था को मजबत आधार परदान करत ह औ योिगक सगठन म परयोग होन वाल सम त ससाधन म मानव ससाधन अथारत उसम काम करन वाल कमरचारी मह वपणर और िनणारयक होत ह इन सगठन का सफल सचालन वहा कायररत कमरचािरय की कशलता और कायरकषमता पर आधािरत होता ह कशलता और कायरकषमता का ोत हमारा आचरण और यवहार होता ह जािहर ह औ योिगक सगठन म मानवीय सबध परी एक ऐसी िकताब ह िजसक िबना कभी कछ नही कराया जा सकता लोग क साथ सतोषजनक प स काम करना परबधन क काम का िसफर एक िह सा नही ह वरन सारा

काम इसी पर िटका ह कय िक सभी उ योग म मशीन माल या दसरी चीज़ क साथ कोई भी काम लोग क मा यम स ही िकया जा सकता ह तीन lsquoएमrsquo अथारत मनी मटीिरयल और मशीन औ योिगक सगठन क िलए मह वपणर ससाधन होत ह लिकन इ ह पिरणाम तक पहचान का कायर कमरचारी (man) ही करत ह जो सगठन दर अदशी रहकर कमरचािरय क जञान उनकी िविश टताओ उनक आचरण को अनकल साच म ढालन क परित सजग रहत ह वही सफलता की ऊचाइय को छत ह अगरजी म एक परानी कहावत ह -- Where the vision is one year Cultivate flowers Where the vision is ten years Cultivate trees Where the vision is eternity Cultivate people अथारत जहा दरअदशी एक साल क िलए हो तो फल लगाइय जहा दरअदशी दस साल क िलए हो तो पड़ लगाइय

औ योिगक सगठन म परयोग होन वाल सम त ससाधन म मानव ससाधन अथारत उसम काम करन वाल कमरचारी मह वपणर और िनणारयक होत ह

प ठ 15

अकषय कराित जहा दरअदशी अनत काल क िलए हो तो लोग का िवकास कीिजए औ योिगक सगठन म 500 आदमी ह 5000 आदमी ह 50000 ह या इसस अिधक अगर कामकाज ठीक स चलाना ह तो बहत ज री ह परबधन उनस िनभाना जानता हो यिकतगत सपकर का मह व

वातानकिलत कमर म बठकर और सचार मा यम या िकसी अ य तरीक स कमरचािरय की िरपोटर लना और आस पास होन वाल घटनाकरम को जानना अलग बात ह और कायर थल पर वय उपि थत रहकर ि थित को समझना और िनदश दना अलग बात महान जनरल रोमल की सफलता का मखय कारण यह था िक व हमशा कायर थल पर वय उपि थत होकर िनदश दत बात की पि ट करत सम याए सलझात और दखत िक काम कसा चल रहा ह रोमल का यह तरीका इतना सफल रहा िक िकसी भी औ योिगक सगठन या कारोबार म इस अपनाया जाए तो आशातीत पिरणाम सामन आ सकत ह लोग क बीच खद उपि थत होकर काम करन का कोई िवक प नही ह लोग अिधकाशतः उनको नापसद करत ह िज ह व ठीक स जानत नही ह पर एक बार जान पहचान हो जान पर हालात बदल जात ह कमरचािरय म अ छी आदत का िवकास करन की पहली शतर ह िक पहल उनक िदल म घर िकया जाए ऐस िकसी भी बरताव स बचा जाए िजसस वह अपन को उपिकषत महसस करन लग अतः सवदनशीलता का यान रखना बहत ज री ह

कमरचािरय क परित सवदनशील यवहार-कौशल और धयरपणर होन क अितिरकत इस बात पर ढ़ रहना ज री ह िक काम ठीक परकार स हो अ छ यवहार क साथ कमरचािरय को यह जताना भी ज री ह िक उनस काम का उ च तर अपिकषत ह और उस पर उनक साथ कोई समझौता नही और अगर इस पर अमल नही करत तो उ ह पता होना चािहए िक आप कड़ी काररवाई करग

सकारा मक नजिरया परबधन का एकमातर काम िनदश दना नही ह वरन उस साथ-साथ लोग का िवकास करना होता ह

महान जनरल रोमल की सफलता का मखय कारण यह था िक व हमशा कायर थल पर वय उपि थत होकर िनदश दत बात की पि ट करत सम याए सलझात और दखत िक काम कसा चल रहा ह

प ठ 16

अकषय कराित एक अिधकारी का मखय काम यही ह िक वह अपन साथ काम करन वाल लोग म अ छी आदत का िवकास कर उनकी सहायता कर यिद यह काम परभावशाली ढग स कर पाता ह तो इसस कवल उसक अपन काम ही बहतर नही ह ग बि क उसक पास परिशिकषत और कशल कमरचािरय का परा दल होगा जो उसक परित परी िन ठा स काम करगा इसक िलए सबस पहल कमरचािरय का नजिरया ठीक करना ज री ह उनम सबस पहल यह भावना लानी होगी िक हमार अदर जो चीज ह वही हम ऊपर की ओर ल जाती ह और वह हमारा नजिरया ह

एक आदमी मल म ग बार बचकर अपनी गज़र-बसर करता था उसक पास लाल नील पील हर-चार रग क ग बार थ जब कभी उसकी िबकरी कम होन लगती तब वह हीिलयम गस स भरा एक ग बारा हवा म छोड़ दता ब च उस उड़ता दखकर वसा ही उड़न वाला ग बारा पान क िलए मचल उठत ब च उसस ग बारा ख़रीदत और इस तरह उसकी िबकरी िफर स बढ़ जाती िदन-भर यही िसलिसला चलता रहता एक िदन वह आदमी बाज़ार म खड़ा ग बार बच रहा था अचानक उस महसस हआ िक पीछ स कोई उसका करता पकड़कर खीच रहा ह उसन पीछ मड़कर दखा तो एक छोट स ब च को खड़ा पाया उस ब च न ग बार वाल स पछा ldquoअगर आप काला ग बारा छोड़ग तो कया वह भी उड़गाrdquo ब च की बात उसक िदल म लगी और उसन यार स जवाब िदया ldquoबट ग बारा अपन रग की वजह स नही उड़ता बि क उसक अदर कया ह इस वजह स ही वह ऊपर जाता ह rdquo ठीक यही बात हमारी िज़दगी म भी लाग होती ह अगर लोग का नजिरया बहतर हो उनम अदर स काम करन की इ छा भरी हो तो व खलकर आपस म िमलकर काम करग इसस नकसान तो कम होगा ही स थान क परित िन ठा बढ़गी और लगन स काम करन का वातावरण तयार होगा िव वास हािसल करना आव यक

कमरचािरय स बहतरीन काम लन क िलए शानदार टीम लीडर होना ज री ह मटठीभर लोग का कोई समह िकला तभी फतह कर सकता ह जब

एक आदमी मल म ग बार बचकर अपनी गज़र-बसर करता था उसक पास लाल नील पील हर-चार रग क ग बार थ

प ठ 17

अकषय कराित जब उनका सनापित उनम वह जोश भर सक िक उ ह कोई भी ऊचाई यादा न लग अतः सबस ज री ह िक स थान म कमरचािरय की

कषमताओ का परा फायदा लन क िलए उनका िव वास जीता जाए इसक िलए उनक साथ परी इ जत स पश आना ज री ह उनकी छोटी-बड़ी खशी को बाटना और उनकी राय को परा स मान दना भी उतना ही ज री ह कई बार परबधन क उ चािधकारी या लीडर अपनी टीम क सद य स िसफर इसिलए राय नही लत कय िक उ ह लगता ह िक एक बार राय लन पर अगर उनकी बात नही मानी गयी तो उ ह बरा लगगा लिकन सबस ज री ह िक टीम म सभी सद य को िव वास म लकर काम िकया जाए यहा टीम लीडर की भिमका मह वपणर होती ह वह खद वकत का पाबद होगा तो उसक मातहत कमरचािरय म वयमव यह गण आदत का प ल लगी टीम लीडर का काम अपनी टीम का उ साह बढ़ात हए दी गयी िज मदािरय को समय स परा करना ह मगर उसम नयी चीज़ को सीखन की ललक होनी चािहए ऐसी ललक जब स थान क कमरचािरय म आदत का प लन लगती ह तो वह स थान जािहर ह नए परितमान थािपत करन लगता ह जापानी कपिनया हर बात म कमरचािरय क िहत का यान रखती ह िजसस व वय ही उ पादकता क परित सचत हो जात ह जानी-मानी टोयोटा कपनी क कमरचािरय म तो काम की ऐसी आदत सी या ललक होती ह िक व तब तक काम करत ह जब तक खद थक कर चर नही हो जात यह उनकी आदत ही बन चकी ह िक यिद व िकसी बात पर नाराज होत ह तब भी कपनी या अपन भागय को भल ही कोस ल पर अपन काम पर असर नही पड़न दत इसका कारण यह ह िक जापानी कपिनया काम का एक अ छा वातावरण बनान और लोग म काम क परित स ची लगन को बढ़ावा दन क िलए कड़ा परयास करती ह वहा लोग को लगातार परिशकषण िमलता रहता ह जो कवल तकनीक और मनजमट ही नही कायर स जड़ी नितकता और अ छी आदत क िवकास पर किदरत होता ह चिरतर का िनमारण उनकी एक आदत सी बन जाती ह अगर हम भी एक अ छी शिखसयत बनना ह तो हम अपनी आदत को गहराई स जाचना होगा

ऐसी ललक जब स थान क कमरचािरय म आदत का प लन लगती ह तो वह स थान जािहर ह नए परितमान थािपत करन लगता ह जापानी कपिनया हर बात म कमरचािरय क िहत का यान रखती ह

प ठ 18

अकषय कराित चतन और अवचतन मन

हमार चतन मन क पास सोचन की शिकत होती ह यह िकसी बात को मान सकता ह और नही भी मान सकता मगर अवचतन मन िसफर वीकार करता ह यह इनपट (input) को लकर कोई भदभाव नही करता अगर हम अपन मन म डर शका नफरत क भाव भर तो यह आ म सझाव इन सभी भाव को सिकरय बनाकर हकीकत म बदल दगा हमारा अवचतन मन एक डाटा बक की तरह ह अवचतन मन एक गाड़ी की तरह ह और चतन मन एक डराइवर की तरह शिकत तो गाड़ी म होती ह मगर उसका कटरोल डराइवर क पास होता ह

हम अवचतन मन को इस तरह ढालन की ज रत ह िक वह हम सही और ठीक रा त पर ल जा सक अवचतन मन एक बगीच की तरह होता ह िजस कोई परवाह नही होती िक आप कस पौध लगात ह यह िनरपकष (neutral) होता ह इसम अ छा बोन पर अ छा िमलता ह अ यथा जगली पौध उग जायग

बि क अ छ बीज बोन क बावजद जगली पौध उगन बद नही होत आव यकता होती ह उ ह उखाड़ फकन का िसलिसला जारी रखन की इसी िसदधात को कमरचािरय क मामल म समझन की ज रत ह हम याद रखना ह िक सही और गलत िवचार मन म एक साथ नही रह सकत आव यकता उनक अवचतन मन को इस तरह ढालन की ह िक उनम अ छी आदत का िवकास हो दरअसल अवचतन योगयता वह होती ह जब हम यान दन और सोचन की यादा ज रत नही होती कय िक यह हमार यवहार म खद ब खद उतरन लगा ह िजस स थान क कमरचारी इस तर पर पहच जात ह उनम अ छी आदत वयमव घर करन लगती ह जब बरी आदत हमार अवचतन योगयता क तर तक पहच जाती ह तो वह कावट उ प न करती ह

पिरवतरन का िवरोध बरी आदत को पहचान लन क बाद भी अकसर दखा गया ह िक

लोग उ ह बदलत नही ह ऐसा आिखर कय होता ह उनक न बदलन का कारण ह िक व िज मदारी को वीकार करन स इनकार करत ह

हम अवचतन मन को इस तरह ढालन की ज रत ह िक वह हम सही और ठीक रा त पर ल जा सक अवचतन मन एक बगीच की तरह होता ह िजस कोई परवाह नही होती िक आप कस पौध लगात ह

प ठ 19

अकषय कराित अपनी उन आदत को बनाय रखन म उ ह जो आनद िमलता ह वह पिरवतरन क ददर स यादा होता ह इसक िन निलिखत कारण हो सकत ह -- 1 पिरवतरन की इ छाशिकत का अभाव 2 पिरवतरन क िलए आव यक अनशासन की कमी 3 िव वास की कमी 4 आव यक जानकारी की कमी परबधन वारा इन िबदओ पर िवचार कर अपन किमरय म आशातीत पिरवतरन लाया जा सकता ह सामा यतः खराब आदत को न बदलन क बहान िदय जात ह और कहा जाता ह -- हम लोग इसी तरह करत ह या िक म नही समझता इसस कोई फकर पड़गा और कछ न िमला तो कह िदया जाता ह म बहत य त ह अ छी आदत का िन पण

आदत म पिरवतरन लाया जा सकता ह आव यकता ह इसक िलए सही पिरवश का िनमारण करन की कमरचािरय को परिशिकषत करन की परिरत करन की और ऐसी ि थितया उ प न करन की िजसस कमरचािरय म अ छी आदत का िन पण हो सक दरअसल सफल लोग का राज यह ह िक व काम करन की उन आदत को डाल लत ह जो असफल लोग करना नही चाहत य वही काम ह िज ह सफल लोग भी करना

नही चाहत लिकन व िफर भी करत ह उदाहरण क िलए असफल लोग अनशासन और महनत करना पसद नही करत सफल लोग भी अनशासन और कड़ी महनत नापसद करत ह लिकन व िफर भी ऐसा करत ह कय िक य लोग उन काम को करन की आदत डाल लत ह िज ह असफल लोग नही कर पात नजिरय और सोच का तरीका एक आदत ह और इस बदला जा सकता ह सही ि ट और सतलन कमरचािरय म काम क सबध म सही ि ट बनाय रखन की परवि त िवकिसत करना ज री ह जब कछ गलत हो रहा होता ह तो उस ठीक करना परबधन का ही काम होता ह समझा यह जाता ह िक परायः हम गलत हो रह काम को लकर इतन िचितत हो जात ह िक जो सही हो रहा ह उस भी अनदखा करन की हमम आदत होती ह

दरअसल सफल लोग का राज यह ह िक व काम करन की उन आदत को डाल लत ह जो असफल लोग करना नही चाहत

प ठ 20

अकषय कराित उदाहरण क िलए अगर िकसी स कोई गलती हो जाती ह तो हम एकदम उस पर िच ला पड़त ह या उसक िव दध काररवाई कर बठतहअ छा यह रहगा िक आप उस अलग ल जाकर अकल म बात कर अगर परशसा करनी हो तो सबक सामन कर

अगर िकसी स सहमित न बन तो उस पर करोध करना ज री नही ह अगर अपन करोध पर काब रखग तो लोग अपनी असहमित को अ यथा नही लग अगर आप अपन िवचार को खला रखग तो दसरी ओर स भी आप ऐस ही यवहार की अपकषा कर सकत ह परायः लोग अपनी सहमित कछ इस तरह जतात ह िक सामन वाला भी अपनी बात पर अड़ जाता ह समझन की बात यह ह िक सभी ि थितय म कवल तकर ही काफी नही होगा िकसी स असहमत होन म भी यवहार कशल होना ज री ह सबस पहल तो दसर को अपना पकष रखन का मौका द उसकी बात सन और जहा तक हो सक उसस अपनी सहमित भी परकट कर और िजन बात पर सहमित न बना सक उस समझाए

हमम स अिधकाश लोग उन किमरय और उनकी गलितय पर अ यिधक यान दत ह िजनक िलए हम काम करत ह पर अपन किमरय पर नज़र डालना भल जात ह अगर वय को उन लोग की नजर स दखा जाए तो आशातीत पिरणाम दखन को िमलत ह

आ म मथन आप कया करना चाहत ह कसा करना चाहत ह - इस सोच को

वतरमान म अपन अदर मथन करन को आ म-सझाव कहत ह एक बार सब म जब इसकी पिरपाटी श हो जाती ह तो यह हमार अदर िवजञापन की तरह काम करता ह अपन बार म अपन िलए अदर ही परचािरत करता ह इसका हमार चतन और अवचतन (Sub-concious) मन दोन पर परभाव पड़ता ह अततः यह हमार नजिरए और यवहार को परभािवत करता ह और धीर-धीर आदत का प लता ह यह दरअसल अपन अवचतन मन को ढ़ालन या परोगराम करन की िविध ह

हमम स अिधकाश लोग उन किमरय और उनकी गलितय पर अ यिधक यान दत ह िजनक िलए हम काम करत ह पर अपन किमरय पर नज़र डालना भल जात ह

प ठ 21

अकषय कराित आ म-सझाव अ छ या बर हो सकत ह जब हम बर आ म-सझाव को बार-बार दोहरात ह तब हमारा अवचतन मन उन पर िव वास करन लगता ह और हम उसी को वा तव म यवहार करन लगत ह सकारा मक आ म-सझाव को बार-बार मथन करन स उसकी हमार िदलोिदमाग म त वीर बन जाती ह और वही असिलयत का प लन लगता ह एक उदाहरण क िलए जब कभी हम सबह 0600 बज टरन पकड़नी हो और हमार पास अलामर घड़ी न हो तो हम मन म कहकर उठत ह िक 0400 बज उठना ह तो कया हम नही उठत अगर उठत ह तो इसक पीछ आ म-सझाव ही काम करता ह आ म-सझाव एक रा ता ह िजसस हम अपन िदमाग को परोगराम करक ढ़ालत ह सकारा मक आदत को िवकिसत करन म आ म-सझाव की परवि त मह वपणर िसदध हो सकती ह हमार नजिरए और आदत को तय करन वाल कारक हमार नज़िरए को मखयतः तीन कारक परभािवत करत ह - वातावरणः घर कल आिफस मीिडया सा कितक प ठभिम धािमरक प ठभिम परपराए और भाषाए सामािजक-राजनितक माहौल - य सब िमलकर एक तहजीब बनात ह चाह घर हो या आिफस या अ यतर - हर जगह हर िकसी की अपनी तहजीब होती ह उदाहरण क िलए हम एक दकान म जात ह तो वहा का स समन बड़ अदब वाला होता ह लिकन वही जब दसरी दकान पर जात ह तो वहा का स समन कभी-कभी बड़ा खा और बदतमीज िमल जाता ह उसी तरह िकसी क घर म यार भरा माहौल िमलता ह तो िकसी क घर म हमशा लड़ाई-झगड़ का इसी तरह जब सरकार और राजनीितक माहौल ईमानदारी का होता ह तो लोग भी ईमानदार मददगार और कानन का पालन करन वाल होत ह बईमान और भर ट माहौल म िजस तरह एक ईमानदार का जीना मि कल होता ह उसी तरह ईमानदारी भर माहौल म बईमान यिकत को मि कल होती ह िन सदह अ छ वातावरण म मामली कमरचारी म वमव अ छी आदत िवकिसत होती ह और उसकी कायर करन की शिकत बढ़ जाती ह जबिक खराब माहौल म अ छा काम करन वाल की भी कषमता िगर जाती ह

सकारा मक आदत को िवकिसत करन म आ म-सझाव की परवि त मह वपणर िसदध हो सकती ह

प ठ 22

अकषय कराित कायर-स कित का बहाव ऊपर स नीच की ओर होता ह नीच स ऊपर की ओर कभी नही यह दखना बहत ज री ह िक हमन अपन िलए और आस-पास क लोग क िलए कसा वातावरण तयार िकया ह खराब वातावरण म अ छ की उ मीद करना बमानी ह अनभवः हम अपन जीवन म अपन काम-काज म हालात स जसा अनभव पात ह वह हमारी आदत का िह सा बन जात ह और उसी क अनसार हमारा यवहार होता ह अगर िकसी क परित हमारा अनभव अ छा होता ह तो हमारा नज़िरया भी अ छा होता ह ज री ह िक कमरचािरय को ऐसा कायर-पिरवश िमल िजसस उनक अवचतन म अ छ अनभव की छाप अिकत हो

परिशकषण भी ज़ री यहा िसफर सदधाितक जञान ही काफी नही होता बि क औपचािरक और अनौपचािरक दोन ही तरह की िशकषा व परिशकषण ज री ह जञान और जानकारी को यिद योजनाबदध तरीक स परयोग िकया जाए तो उसस बौिदधक तर को बढ़ान म आशातीत सफलता िमलती ह काम करन की कला अ छी िशकषा स ही आती ह ज री ह िक परिशकषण म मनोवजञािनक सामािजक आिथरक व अ य पहल को समझन की आदत िवकिसत की जाए अवचतन म यह िबठाना बहत ज री ह िक जीवन की भ यता काम क वारा ही सभव ह स थान म सभी को लगना चािहए िक उनका काम मह वपणर ह यही परबधन कला का सार ह जब कमरचािरय को ऐसा एहसास होन लगता ह तो उनक नज़िरए म बदलाव आन लगता ह उपसहारः काम क परित लोग म अ छी आदत िन िपत करन और उनम उ साह जगान स कायर-िन पादन म िनरतर िनखार आता ह दरअसल हर यिकत म मानिसक और शारीिरक ऊजार उ प न होती ह िजसक िलए काम ही सबस अ छा िनकास ह एक िवचारक क अनसार lsquoआप पछत ह म लगातार काम कय करता ह

यहा िसफर सदधाितक जञान ही काफी नही होता बि क औपचािरक और अनौपचािरक दोन ही तरह की िशकषा व परिशकषण ज री ह

प ठ 23

अकषय कराित इसका वही कारण ह िजस कारण स मगीर अ ड दती जाती ह rsquo काम क िबना इसान घट सा जाता ह उस काम की उतनी ही ज रत होती ह िजतनी हवा की आव यकता ह िक उस सही वातावरण उपल ध करान और सही िदशा म अिभपरिरत करन की व ततः हर यिकत अदर स गिरमा और आ मस मान की चाह रखता ह आव यकता ह उस अतःपरिरत करन की लोग को खद स परिरत करन क िलए हम उनकी ज रत और इ छाओ को समझना होगा पररणा कायरकषमता और आदत क बीच सीधा सबध ह जो लोग उतना ही काम करत ह िक उनकी नौकरी बची रह तो ऐस लोग िकसी भी स थान क िलए मह वपणर नही हो सकत अतपररणा स सोच म बदलाव लाया जा सकता ह पररणा आग क समान होती ह

कमरचािरय को िजतना परिरत िकया जाएगा उनम उतनी ही सकारा मक आदत का िवकास होगा कमरचािरय को उिचत स मान दकर उनक कायर को अिधक मनोरजक बनाकर परबधन वारा उनकी बात को गौर स सनकर उनकी सम याओ और सझाव पर गौर करक उ ह वय ल य िनधारिरत करन क िलए परो सािहत करक िवकास क नय अवसर उपल ध कराकर आव यकतानसार समय-समय पर समिचत परिशकषण िदलाकर तथा नयी चनौितय स जझन क िलए परो सािहत करक िन सदह उनक आचार और यवहार को सकारा मक िदशा म पाियत िकया जा सकता ह

कमरचािरय को िजतना परिरत िकया जाएगा उनम उतनी ही सकारा मक आदत का िवकास होगा

ई-पितरका म लख आिद म परकट िवचार

मलतः लखक क ह तथा यह आव यक नही ह िक

इरडा भी इन िवचार स सहमत हो

प ठ 24

अकषय कराित

िबिटया

आख म मोती लकर तम िबिटया जाती हो हा जाओ िशकषा का उपहार द रह िवदा समय यह लो ल जाओ इन पराण म परीित त हारी ममता क धन िसदरी इन नयन की बद पली परकट करती ह मजबरी लाचारी ह िफर पराण म क य ह इतनी आकलता

जब इस रीित पर पराओ म वश न िकसी का ह चलता िपतकल को तजकर अब िबिटया पित-कल म जाना होगा

नटखटपन को छोड़ धमर का ही िजसम बाना होगा इस घर की तम बड़ी लाडली पराण स यारी िबिटया

चली लाकर आज सभी को िपता की कर सनी किटया िजन हाथ न लाड़ चाव स अब तक था िजसको पाला उन हाथ न ही िबिटया को दलह राजा जी को द डाला

िजसका दख जरा मन मला हो जाती थी हरानी क यादान उसी का कर क दय बनाया पाषाणी

िकया न जाता था पल भर को इन आख स दर िजस मोती झरत िवदा द रहा आज सकल पिरवार उस अपनी मा क जीवन की तम परित-पल हो आधार रहो

िवजयता िपता क दय मिदर की िबिटया तम साकार रही आज जीवन क सख-दख सार वही िबतान तम लो जान आओगी जब कभी यहा तम होगी महमान समान

सतीश कमार कलावत इरडा

इस घर की तम बड़ी लाडली पराण स यारी िबिटया चली लाकर आज सभी

को िपता की कर सनी किटया

प ठ 25

ससराल की कभी बराई कही न मह पर आ जाव धमर कमर क तर य पथ म पाव नही िडगन पाव

सात परितजञाय जो तमन अिग नदव स मख की धारण द पि त जीवन का मह व ह करना स च मन स पालन

बटी इन सात बचन का यान दय म रह सदा दोन कल की लाज इसी म भला न दना इस कदा पित ही ह सवर तर त हार पित ही को जीवन समझो

जो कछ कह उसी को मान उनको िबिटया तम धन समझो शीलवती तम बन िबिटया पित-भक त मना सदर िनस दह वय उपजग क प-वकष घर क अ दर

पहन सिशकषा की साड़ी को शभ गण भषण अपनाओ दस लकषण शभ लकषण धार िन य नय मगल गाओ यह िशकषा उपहार दय का तम को राह िदखायगा भल भटक कर भी अिधयारा पास न आन पायगा

हम सब की आख स मोती उर स िनकल रही आशीष सभी सख स पणर परफि लत कर त ह दलह राजा की ईश

अकषय कराित

िजन हाथ न लाड़ चाव स अब तक था िजसको पाला उन हाथ न ही िबिटया को दलह राजा जी को द डाला

प ठ 26 अकषय कराित

ldquoपयारवरणrdquo श द पिर+आवरण स बना ह अथारत बा य आवरण को ही पयारवरण कहत ह इस बा य आवरण का ता पयर हमार चार ओर क वातावरण और पिरवश स ह िजस हम दसर श द म परकित भी कह सकत ह प वी पर िव यमान सपणर जीव-जगत क अि त व जीवन-यापन एव चहमखी िवकास म परकित की मह वपणर भिमका ह मानव बिदधजीवी पराणी ह और परकित क मह व स भली-भाित पिरिचत होन क कारण ही सिदय स परकित की पजा करता रहा ह

विदक काल स ही परकित तथा मानव क बीच जीवन ततर का अटट सबध रहा ह हमार पराचीन ऋिष-मिनय न प वी म हवा पानी िमटटी पड़-पौध जीव-ज तओ और मानव क सिकरय सहयोगा मक सतलन को यान म रखकर ही परकित को प य माना धमर क साथ परकित को जोड़कर उ ह न परकित को पयार त मह व िदया व जानत थ िक िजस परकार जीवन क िलए भिम की आव यकता होती ह उसी परकार वन पितया व अ य पराणी भी आव यक ह य सभी परकित क अिभ न अग ह इनम स एक क भी न ट होन का परभाव दसर पर पड़ता ह और पिरणाम व प पराकितक असतलन पदा हो जाता ह व तत प वी म हवा पानी िमटटी पड़-पौध जीव-ज तओ और मानव का सिकरय सहयोगा मक सतलन रहता ह पड़-पौध भिम को उपजाऊ बनात ह िमटटी को बाधकर रखत ह बरसात करवान तथा जल एव वाय को व छ रखन म सहायक होत ह परत आज क बढ़त औ योिगकीकरण और शहरीकरण न परकित और मानव क बीच असतलन उ प न कर िदया ह यह असतलन अिशकषण बढ़ती जनसख या शहर की ओर पलायन वकष की कटाई गगनचबी इमारत बड़-बड़ उ योग की थापना आिद क कारण ह और यही पयारवरण परदषण क मख य कारण ह मटरोपोिलटन एव बड़ शहर म अनक काबरिनक और अकाबरिनक गस जस ndash काबरन-मोनोऑक साइड अमोिनया आिद परदषण क मख य ोत ह

वतरमान पयारवरण -21वी सदी की चनौती

लख सरीन सल

विदक काल स ही परकित तथा मानव क बीच जीवन ततर का अटट सबध रहा ह

प ठ 27 अकषय कराित मन य न अपनी भितक सख-सिवधाओ की आपित र क िलए परकरित स

िखलवाड़ िकया ह वतरमान मशीनी यग म मन य वारा परकित क अ यिधक दोहन एव िनत नए कारखान की थापना स पयारवरण सकट उ प न हआ ह मानव न परकित क साथ जो अ यायपणर यवहार िकया ह उसी क फल व प परकित का िवरोधी रवया हआ ह िजस भिव य म सह पाना मि कल होगा

अिशकषा क कारण दश की तजी स बढ़ती आबादी क आवास की मलभत आव यकता को परा करन क िलए वकष की कटाई करक ऊची-ऊची इमारत बनाई जा रही ह वकष की अधाधध कटाई स भिम की ऊवररा शिक त का तो ास हो ही रहा ह साथ ही परदषण जसी िवकराल सम या भी ज म ल रही ह

परदषण पयारवरण क ास का परमख कारण ह िवकासशील दश िनत नए उ योग की थापना करक बराजगारी की सम या को तो दर कर रह ह िकत इसस जल वाय विन तथा िविभ न परकार क परदषण बढ़ रह ह कल-कारखान और मोटर स िनकलन वाल धए स वाय परदषण हो रहा ह जल थल व नभ क मागर पर शिक त चािलत वाहन विन परदषण का मख य ोत ह शहरीकरण और औ योिगकीकरण क कारण शदध पयजल की सम या िवकराल प धारण कर रही ह कारखान स िनकलन वाल कड़-कचर क निदय म िमलन स जल परदषण हो रहा ह रासायिनक खाद और कीटनाशी दवाओ स मदा परदषण का खतरा बन गया ह

इस परकार जनसख या विदध शहरीकरण औ योिगकीकरण एव परदषण जसी सम याओ न पयारवरण को बरी तरह परभािवत िकया ह आज सपणर िव व पयारवरण को लकर िचितत ह इस भयावह ि थित स बचन क िलए पर यक यिक त को पयारवरण क परित जाग क करना आज की अिनवायर आव यकता ह

इस िदशा म सवरपरथम िनरकषरता को समा त िकया जाना चािहए साकषर भारत की पिरक पना म जनसख या विदध दर वय िनयितरत हो जाएगी करल रा य इसका परमाण ह जहा साकषरता क साथ-साथ जनसख या िनयतरण भी ह

जल थल व नभ क मागर पर शिक त चािलत वाहन विन परदषण का मख य ोत ह

प ठ 28 अकषय कराित

इसक बाद बात आती ह परदषण िनवारण की आज िव व भर क

वजञािनक और पयारवरणिवद इस िदशा म कायररत ह सवरपरथम वन क काटन पर परितबध लगाया गया ह और वन सपना क िव तार हत वकष लगान क िलए परो सािहत िकया गया इसक िलए सरकार की ओर स वकष आिद िनश क उपल ध कराए जात ह ldquoपयारवरण परदषण स थाrdquo और व छ वाय अिधिनयम जस िविधक उपाय स वाय परदषण पर रोक लगान का परयास िकया जा रहा ह जहरील धआ उगलन वाल कारखान तथा वाहन पर भारी आिथरक दड का परावधान ह िविभ न सचार मा यम mdashदरदशरन समाचार-पतर तथा आकाशवाणी क मा यम स जनता को पयारवरण क परित जाग क करन क परयास िकए जा रह ह निदय म खलन वाल परदषण ोत को बद करन की योजनाए चलाई जा रही ह पािलथीन क परयोग को बद करन क िलए चलाया जा रहा ह अिभयान भी परशसनीय ह

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह इस खतर स सपणर भमडल का अि त व न ट हो जाए इसस पहल हम पयारवरण की सरकषा करन का सक प लना होगा

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह

िस धी होन क प चात भी मझ बगाली रीित िरवाज़ िमठाइया यहा का पहनावा अगरज क ज़मान की बनी सरचनाए एव भवन इ यािद म बहत िदलच पी एव िच थी

प ठ 29 अकषय कराित

यातरा स मरण-कोलकाता-खिशय हषर का शहर(िसटी ऑफ जॉय)

सोिनया सिह वानी पीईसी िलिमटड

म पी ई सी िलिमटड नामक कपनी क िविध ककष म उप िविध परबधक क पद पर कायररत ह सन 2010 जन स इस कपनी म मन परबधन परिशकष क प म अपनी पहली नौकरी की श आत की पी ई सी िलिमटड वािण य मतरालय क अतगरत आन वाली आयात-िनयारत यापार स स बिधत क पिनय म स एक ह इस स दभर म जनवरी 2011 म िविभ न िवभाग क परबधन परिशकषओ को ओिरएटशन हत काडला कोलकाता इ यािद शहर म भजन का कायरकरम िनि चत िकया गया कोलकाता क पास हि दया पोटर होन क कारण कोलकाता शहर चना गया जहा पी ई सी वारा आयात की गयी व तए पोटर गोदाम म रखी जाती ह साथ ही म कोलकाता पोटर िभ न गोदाम इ यािद दखन की यव था की गयी एव सची म समावश िकया गया यह सनकर मरी ख़शी का िठकाना न रहा क य िक मन कोलकाता शहर क बार म सना बहत था पर त कभी दखा न था िस धी होन क प चात भी मझ बगाली रीित िरवाज़ िमठाइया यहा का पहनावा अगरज क ज़मान की बनी सरचनाए एव भवन इ यािद म बहत िदलच पी एव िच थी आिखरकार मझ मौका िमला और जनवरी की कड़ाकदार ठ ड क बीच हम एक रिववार शाम कोलकाता राजधानी स अपनी मिजल की और िनकल पड़ िद ली स कोलकाता क सफ़र क बीच हमारी गाड़ी इलाहाबाद गया िबहार तथा धनबाद जस शहर स होत हए बगाल की ओर पहची हसत-गात खलत-खात हए हम अगली सबह हावड़ा जकशन पहच गए रलगाड़ी स उतर कर टशन स बाहर िनकलत ही मझ िसटी ऑफ जॉय क नाम स मशहर कोलकाता की पहली झलक िदखाई दी ऐसा लगा मानो मझ भारत क दो पहल एकसाथ जीत हए नज़र आए एक तरफ थ टशन स बाहर एव अ दर जात हए स दर कपड़ गहन म लद हए कोलकाता क बगाली िनवासी साथ म बड़ी-बड़ी गािड़य म घमत कोलकाता क नौजवान और ठीक दसरी तरफ मरी नज़र पड़ी हगली नदी पर बन परिसदध हावड़ा िबरज पर िजस दख एक अलग ही दिनया का एहसास हआ

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह

िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी

एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया नतीजा मर समकष था

प ठ 30 अकषय कराित

हावड़ा िबरज पर हर तरफ लोग का जमावड़ा था इतन लोग दख िद ली क चादनी चौक की याद आ गयी ऐसा लगा मानो म 50 साल पीछ िकसी लक एव वाईट दिनया म कदम रख चकी थी िबरज क दोन तरफ सामान बचत हए दकानदार िखलौन मछली रख हए औरत एव छोट-छोट ब च मख य शहर स हावड़ा जान वाल आम आदमी मजदर की तज़ र तार फरी स र ता पार करन वाल यापारी इन सब को दख लगा कोलकाता म मबई जसी भागम भाग भी थी िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया नतीजा मर समकष था जस-जस म कोलकाता शहर क भीतर आन लगी मझ इस शहर क िवकास की झलक िदखाई दी एक तरफ थी ऊची ईमारत सदर िवशाल िव यासागर सत पल बड़-बड़ होटल माल कोलकाता उ च यायालय राईटसर िबि डग मशहर इडन गाडरन टिडयम इ यािद तो दसरी तरफ था िवक टोिरया ममोिरयल अगरज की वा तकला क अनसार िदखती लाल ईटो की इमारत िवक टोिरयल सरचनाए भवन छोटी-छोटी पटिरय पर समान बचत नया बाज़ार (New Market) क दकानदार एव िवक टोिरया ममोिरयल क बाहर चलत सलािनय क िलए रथ वाल घोड़ हमारा होटल जसीबोस सड़क पर ि थत था एव सिवधाओ स भरपर था पर त मन य जाना िक असली कोलकाता का मज़ा गाड़ी म नही अथवा िरक शा ऑटो तथा साल स चलती आ रही सड़क पर टराम म था

हर तरफ मझ पील रग की टिक सया िदखाई दी सब एक समान थी तथा मरसीडीज़ गाड़ी क बगल म चलती 1-2 पय म सफ़र की जान वाली टराम भी साथ िदखाई दी परी िजदगी िद ली म यतीत करन क बाद हर नए शहर का रहन-सहन बोल-चाल रीित-िरवाज़ जानन की जाग कता मझम हमशा रही पहल ही िदन स कोलकाता मझ रास आया जस िक कहत ह lsquoकोलकाता हमार खब भाला लागली छ rsquo कहन का ता पयर य िक मझ कोलकाता बहत अ छा लगा पहल िदन िक शाम को हमन य मािकर ट म खरीददारी करन का मन बनाया म हरान थी िक वहा चीज िकतनी स ती िमल रही थी िद ली क मतािबक एक ितहाई दाम पर चिडया गहन बग जत कत इ यािद िमल

िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया

प ठ 31 अकषय कराित य मािकर ट िद ली क लाजपत एव सरोिजनी नगर समान ह कम

दाम म अ छा समान िमला कोलकाता चमड़ क िलए भी मशहर ह एव परिसदध ी लदसर दकान भी इस बाज़ार म ि थत ह यहा खरीदारी का हमन खब ल फ़ उठाया

अगल िदन हम हि दया पोटर गए एव अनक जहाज़ दख 3-4 घट की दरी पर ि थत यह पोटर अनक एकड़ म फला हआ था पहली बार इतन बड़ जहाज़ को अदर स दख खब आनद आया तीसर िदन हम काली बाड़ी मिदर गए बगाली अ यत पाठ-पजा वाल दगार मा क स च उपासक ह यह सब जानत ह दगार पजा इनका लोकिपरय उ सव ह तथा काली मा एव दगार मा की स च मन स पजा करत ह कोलकाता क िनवासी भिक त भावपणर ह यह सना था अब खद दख भी िलया बगाली र म स पजा करन का य मौका अ यत आनदमयी था इसक अलावा काली बाड़ी क नज़दीक ही ि थत ह गौिरहाट बाज़ार यहा की दकान बगाली सािड़या कपड़ सट कत इ यािद क िलए परिसदध ह आिद धक तशवर नामक मशहर दकान म जाकर मरा भी मन िकया िक म भी खरीददारी क मर सािथय न बहत सािड़या खरीदी एव दाम दखकर म दग रह गई सदर स सदर साड़ी मातर 600700 पय की थी मन बगाल की मशहर लाल एव सफद िपरट की साड़ी भी खरीदी कोलकाता म खरीददारी का अलग की मज़ा ह उसी िदन शाम हम सा ट लक िसटी मॉल गए वह सा ट लक टिडयम क नज़दीक ह यहा िदखाई िदया कोलकाता का परगितशील प नौजवान फटबाल की जसीर पहन माल म घम रह थ एक स एक

मशहर बरड वहा मौजद थ इसक अलावा कोलकाता क िनवासी खब मनोरजन क शौक़ीन ह सगीत नाच गाना इ यादी म िच रखत ह कोलकाता म जगह-जगह सगीत कला अकडमी तथा पढ़न (रीिडग) क क लब ह अगरज क शौक तथा रहन-सहन की झलक आज भी यहा िदखती ह यहा क नौजवान को खल-कद म भी खब िदलच पी ह फटबाल का तो जस यहॉ सबको जनन ह

भारत क परिसदध मोहन बगान फटबाल क लब फटबाल क वहा क नौजवान ही नही परा शहर ही दीवाना ह भारत-पाक मच हो या आई पी एल इडन गाडरन मदान लोग स खचा-खच भरा रहता ह अफ़सोस म वहा अदर जा न सकी

इसक अलावा काली बाड़ी क नज़दीक ही ि थत ह गौिरहाट बाज़ार यहा की दकान बगाली सािडया कपड़ सट कत इ यािद क िलए परिसदध ह

प ठ 32 अकषय कराित

मर सफर क आखरी िदन म मन कोलकाता क लोग म एकता क नजार दख िविभ नता म भी एकता का उदाहरण दखा चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख िजस िदन हम कोलकाता पहच थ उसी िदन वहा शहर बद था और मन एक जट होकर लोग को अपनी बात कहत हए दखा एव सना यहा क लोग अपन शहर क िवकास बहतरी क िलए जाग क ह िज मदारी लत ह तथा सरकार को अपनी बात भली-भाित कहत ह लड़िकय औरत की इ ज़त करत ह एव यहा िक मिहलाओ को मन िनदरलीय पाया जहा एक ओर भारत की राजधानी होन क बावजद िद ली वाल अपनी िजदगी म मगन रहत ह वही दसरी और कोलकाता म अमीरी-गरीबी िभ न जाितय म भी एक जटता ह कपड़ा एव खाना आज भी यहा खब स ता िमलता ह पर त दसरी तरफ सब जानत ह िक बड़-बड़ उ योगपित िव वान लखक िखलाड़ी गायक अिभनता िनदशक यहा स उभर ह सािह य हो या लख बॉलीवड हो या िकरकट बगाल न भारत को अनक नाम एव गौरव िदए ह चाह सौरव दादा हो या रिव दर नाथ टगोर ममता बनजीर रानी मखजीर हो या योित बस भारत म इनकी भिमका का वणरन करन की ज रत नही

मन कछ िदन क कोलकाता क सफर म इस शहर को जानन समझन का परयास िकया हगली नदी क िकनार खड़ होकर समदर को दखा निदय को िनहारा िव यासागर सत िबरज की सदरता िवशालता को सराहा क सी दास की परिसदध िमठाई का ल फ उठाया मन बहत शहर घम पर त यह सफर मर िलए सबस यादगार रहा कोलकाता परगित क मागर पर िनरतर बढ़ रहा ह पर त आज भी वह अपनी जड़ नितक म य को नही भला ह एक आम आदमी आज भी टराम म या फरी स सफर करता ह यहा क िनवासी दो पय स लकर 500 ० का खाना खात ह पराना एव नया कोलकाता एक साथ जीिवत ह िसक क क दो पहल की तरह कोलकाता क यह दो प को एक साथ रहत दख बहत आनद आया

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 33 अकषय कराित

जल परकित का अनपम उपहार ह मानव जाित अपन परादभारवकाल स ही इस उपहार का उपयोग अपन िहत क िलए करती आई ह जल वह पराकितक उपहार ह िजसका कोई िवक प नही ह इसिलए जल को अमतया जीवन भी कहा गया ह जल क िबना जीवन की सभावना भी नही ह पर यकष प स तो जल की मानवीय आव यकता सीिमत ह परत परोकष आव यकताओ पर नजर डाल तो दिनक जीवन की आव यकताए जस अ न फल स जी दध स लकर हमार पहराव आवास तक सब जल स जड़ हजल का जरा भी सतलन िबगड़ जाए तो जीवन यापन क टपरद होन म दर नही परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह जल क सामा य त य जल या पानी एक आम रासायिनक पदाथर ह जो जीवन क सभी जञात प क जीिवत रहन क िलए ज री ह आमतौर पर जल अपनी दरव अव था म उपयोग म लाया जाता ह पर यह ठोस अव था बफर और गस अव था जल वा प या भाप प म भी पाया जाता ह प वी क लगभग तीन चौथाई िह स पर िव व क महासागर का अिधकार ह अनमानत प वी पर जल की कल मातरा लगभग 1400 िमिलयन घन िकलोमीटर ह जो िक प वी पर 3000 मीटर गहरी परत िबछा दन क िलए काफी ह तथािप जल की इस िवशाल मातरा म व छ जल का अनपात बहत कम ह प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह शष जल झील निदय वायम डल नमी मदा और वन पित म मौजद ह जल की जो मातरा उपभोग और अ य परयोग क िलए व ततः उपल ध ह वह निदय झील और भजल म उपल ध मातरा का छोटा-सा िह सा ह इसिलए जल ससाधन िवकास और परब ध की बाबत सकट इसिलए उ प न होता ह कय िक अिधकाश जल उपभोग क िलए उपल ध नही हो पाता

परभावी जल परबधन और दश का िवकास

दीपक आहजा ओएनजीसी िवदश

प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह

प ठ 34 अकषय कराित

और दसर इसका िवषमतापणर थािनक िवतरण इसकी एक अ य िविश टता ह फलतः जल का मह व वीकार िकया गया ह और इसक िकफायती परयोग तथा परब ध पर अिधक बल िदया गया ह प वी पर उपल ध जल जल-चकर क मा यम स चलायमान ह जल लगातार एक चकर म घमता रहता ह िजस जलचकर कहत ह इसम वा पीकरण वषार और बह कर सागर म पहचना शािमल ह हवा जल वा प को थल क ऊपर उसी दर स उड़ा ल जाती ह िजस गित स यह बहकर सागर म पहचाता ह जल चकर का िचतर नीच पर तत िकया गया ह

अिधकाश उपभोकताओ जस िक मन य पशओ अथवा पौध क िलए जल क सचलन की ज रत होती ह जल ससाधन की गितशील और नवीकरणीय परकित और इसक परयोग की बार बार ज रत को ि टगत रखत हए यह ज री ह िक जल ससाधन को उनकी परवाह दर क अनसार मापा जाए इस परकार जल ससाधन क दो पहल ह अिधकाश िवकासा मक ज रत क िलए परवाह क प म मािपत गितशील ससाधन अिधक परासिगक ह आरिकषत भ डार की ि थर अथवा िनयत परकित और साथ ही जल की मातरा तथा जल िनकाय क कषतर की ल बाई व म यपालन नौ सचालन आिद जस कछक िकरयाकलाप क िलए भी परासिगक ह

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 35 अकषय कराित

जल का यय अप यय जल क बार म एक नही कई च कान वाल त य ह िव व म और िवशष प स भारत म जल िकस परकार न ट होता ह इस िवषय म जो त य सामन आए ह उस पर जाग कता स यान दकर जल क अप यय को रोका जा सकता ह अनक त य ऐस ह जो हम आन वाल ख़तर स तो सावधान करत ही ह दसर स पररणा लन क िलए परो सािहत करत ह और पानी क मह व व इसक अनजान ोत की जानकारी भी दत ह प वी पर पदा होन वाली सभी वन पितया स भी हम पानी िमलता ह

आल और अनानास म 80 परितशत और टमाटर म 95 परितशत पानी ह पीन क िलए मानव को परितिदन 3 लीटर और पशओ को 50 लीटर पानी

चािहए भारत म 83 परितशत पानी खती और िसचाई क िलए उपयोग िकया जाता

ह इज़राइल म औसतन मातर 10 सटीमीटर वषार होती ह इस वषार स वह

इतना अनाज पदा कर लता ह िक वह उसका िनयारत कर सकता ह दसरी ओर भारत म औसतन 50 सटीमीटर स भी अिधक वषार होन क बावजद अनाज की कमी बनी रहती ह

िपछल 50 वष म जल क िलए 37 भीषण ह याकाड हए ह भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल

चलती ह पानी ज य रोग स िव व म हर वषर 22 लाख लोग की मौत हो जाती ह यिद बरश करत समय नल खला रह गया ह तो पाच िमनट म करीब 25

स 30 लीटर पानी बरबाद होता ह बाथ टब म नहात समय 300 स 500 लीटर पानी खचर होता ह जबिक

सामा य प स नहान म 100 स 150 लीटर पानी खचर होता ह िव व म परित 10 यिकतय म स 2 यिकतय को पीन का शदध पानी

नही िमल पाता ह परित वषर 6 अरब लीटर बोतल पक पानी मन य वारा पीन क िलए

परयकत िकया जाता ह मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 36 अकषय कराित

िद ली मबई और च नई जस महानगर म पाइप लाइन क वॉ व की खराबी क कारण रोज़ 14 स 44 परितशत पानी बकार बह जाता ह

निदया पानी का सबस बड़ा ोत ह जहा एक ओर निदय म बढ़त परदषण रोकन क िलए िवशषजञ उपाय खोज रह ह वही कल कारखान स बहत हए रसायन उ ह भारी मातरा म दिषत कर रह ह

भारत म जल सकट नासा की एक िरपोटर न पानी को लकर दश भर म बढ़ती जा रही लापरवाही क परित आख खोली ह इस िरपोटर म भारत म सख की ि थित पदा होन क िलए िज मवार कारण म स एक अहम कारण अधाधध जल दोहन को बताया गया ह बतात चल िक दश भर क 604 िजल म स 161 सख की मार झल रह ह वस अब बताया जा रहा ह िक सख की मार स बहाल िजल की सखया बढ़कर 246 हो गई ह यानी कहा जाए तो आधा दश सख की चपट म ह बहरहाल नासा की इस िरपोटर म बताया गया ह िक भारत क कई रा य कषमता स यादा जल दोहन कर रह ह यहा कषमता स ता पयर यह ह िक उनस िजतन सलाना जल दोहन की उ मीद कदर करती ह व उसस कही यादा जल दोहन कर रह ह नासा न यह अ ययन 2002 स 2008 क बीच

की ि थितय क आधार पर िकया ह इस िरपोटर म बताया गया ह िक पजाब हिरयाणा और राज थान हर साल औसतन 177 अरब कयिबक मीटर पानी जमीन क अदर स िनकाल रह ह जबिक कदर की तरफ स लगाए गए अनमान क मतािबक इ ह हर साल 132 अरब कयिबक मीटर पानी ही जमीन क अदर स िनकालना था इस तरह स दखा जाए तो य तीन रा य िमलकर कषमता स 30 फीसदी यादा पानी का दोहन कर रह ह जािहर ह िक िबना कछ सोच-िवचार जब इस पमान पर पराकितक ससाधन का दोहन िकया जाएगा तो परकित भी बदला लगी और वही हो रहा ह इस िरपोटर म यह भी बताया गया ह िक भारत का महज 58 फीसदी भजल ही हर साल िरचाजर हो पाता ह नासा की यह िरपोटर बताती ह िक अधाधध जल दोहन की वजह स पर उ तर पि चम भारत क भजल तर म हर साल 4 सटीमीटर यानी 16 इच की कमी आ रही ह इस अ ययन को अजाम दन म नासा क जल िवजञानी मट रोडल न अहम भिमका िनभाई ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 37 अकषय कराित

उनक हवाल स इस िरपोटर म बताया गया ह िक दश क उ तर पि चम कषतर म 2002 स 2008 क दौरान तकरीबन 109 कयिबक िकलोमीटर पानी की कमी हई ह यह मातरा िकतनी अिधक ह इसका अदाजा इसी स लगाया जा सकता ह िक यह अमिरका क सबस बड़ जलाशय लक मीड की कषमता स दगन स भी कही यादा ह अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह इस िरपोटर क मतािबक अगर अधाधध जल दोहन इसी तरह स जारी रहा तो आन वाल समय म भारत को अनाज और पानी क सकट को झलन क िलए अभी स तयार हो जाना चािहए जािहर ह िक जब जल सकट बढ़गा तो खती पर इसका गहरा परभाव पड़गा अनाज क उ पादन म कमी आएगी इस वजह स अनाज सकट पदा होगा और भख का एक नया चहरा उभरकर सामन आएगा एक बड़ा तबका जो आज भरपट भोजन कर पाता ह उसक िलए पट भर खाना िमलना मि कल हो जाएगा भखमरी की जो सम या पदा होगी उसस िफर िनपटना आसान नही होगा इसक अलावा पीन क पानी का टोटा तो होगा ही अभी ही दश क कई िह स ऐस ह जहा क लोग को पीन क िलए साफ पानी नही िमल पा रहा ह कई कषतर ऐस ह जहा गमीर क िदन म हडपप स पानी आना बद हो जाता ह वहा क लोग को हर साल बोिरग को कछ फट बढ़वाना होता ह यह सम या भजल तर क िगरत जान की वजह स ही पदा हई ह जब पीन क पानी का सकट पदा होगा तो बोतलबद पानी का कारोबार काफी तजी स बढ़गा कहन का मतलब यह िक िजसक पास पसा होगा वह अपनी यास बझा सकगा और िजसक पास पसा नही होगा उस अपनी यास बझान क िलए भी सघषर करना पड़गा ि थित की भयावहता की क पना ही िसहरन पदा करती ह भारत म दिनया का हर छठा आदमी रहता ह यानी कहा जाए तो दिनया क कल आबादी क तकरीबन सतरह फीसदी लोग भारत म रहत ह जबिक दिनया का महज साढ़ चार फीसदी पानी ही भारत म उपल ध ह ऐस म जल सम या स दो-चार होना कोई आनापिकषत बात नही ह एक बात तो तय ह िक पराकितक ससाधन म इजाफा तो नही िकया जा सकता ह लिकन इसका सरकषण अव य िकया जा सकता ह

अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह

प ठ 38 अकषय कराित

भारत म लोग िकसी एक मा यम स पयजल परा त करन पर िनभरर नही ह इस दश म 357 फीसदी लोग हडपप स 367 फीसदी लोग नल स 182 फीसदी लोग तालाब पोखर या झील स 56 फीसदी कओ स 12 फीसदी लोग पारपिरक साधन स और 26 फीसदी लोग अ य मा यम स पीन का पानी परा त करत ह इस िलहाज स अगर दखा जाए तो जल सकट को दर करन क िलए समगर कायरयोजना की ज रत ह

दरअसल भारत म गहरात जल सकट क िलए काफी हद तक पानी की बबारदी भी िज मवार ह यहा जल आपित र की यव था म काफी खािमया ह नल क जिरए घर तक पहचन वाल पानी का एक बड़ा िह सा िरस कर बबारद हो जाता ह हर शहर म फट हए आपित र पाइप आसानी स दख जा सकत ह इस बदहाल यव था क िलए सरकार क साथ-साथ सामा य लोग भी कम िज मदार नही ह एक तरफ तो सरकार पयजल क नाम पर हर साल हजार करोड़ पए का बजट बनाती ह और दसरी तरफ जमीनी तर पर हालात म कोई बदलाव नही िदखता ह सामािजक तौर पर भी जल सरकषण को लकर जाग कता का अभाव िदखता ह यह सामािजक तान-बान का ही असर ह िक लोग कही भी जल की बबारदी को दखकर उस सामा य घटना मानत हए नजरअदाज कर दत ह दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था यह अब घटकर 1800 कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर हो चका ह

दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था

प ठ 39 अकषय कराित

िवशषजञ का अनमान ह िक अगर पानी की खपत और बबारदी इसी तरह स जारी रही तो 2025 तक यह घटकर हजार कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर ही रह जाएगा उस समय तक पानी की उपल धता म आन वाली इस कमी की वजह स किष उ पादन म तीस फीसदी की कमी आन की सभावना ह इन पिरि थितय म दश की आिथरक और सामािजक ि थित का कया होगा इसका अदाजा सहज ही लगाया जा सकता ह भारत म जल सरकषण क परित आज भी आम लोग क मन म उपकषा का भाव बना हआ ह साथ ही इस कायर क िलए आव यक तकनीक की भी कमी ह जो तकनीक उपल ध ह उनस सामा य लोग अनजान ह बािरश क पानी का सगरह करक उस उपयोग म लाना एक अ छा िवक प ह पर इस तरह की कोिशश काफी सीिमत मातरा म काफी छोट तर पर हो रही ह यही वजह ह िक दश म होन वाली बािरश क पानी का अ सी फीसदी िह सा आज भी समदर म पहच जाता ह अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह अगर जल की इस िवशाल मातरा का आधा भी परयोग कर िलया जाए तो ि थित म यापक बदलाव आना तय ह शहरी कषतर म तो पानी की कालाबाजारी जोर पर ह जगह-जगह पर जल मािफया सिकरय हो गए ह िद ली क ही एक अखबार न कछ समय पहल यह बात उजागर िकया था यहा तो समानातर जल बोडर भी चलाया जा रहा ह हरानी की बात तो यह ह िक इसक बावजद भी पानी क काल धध पर अकश नही लगाया जा सका ह अहम सवाल यह ह िक कस सामा य तबक क लोग तक व छ पानी पहचाया जाए शहरी कषतर क साथ-साथ गरामीण कषतर म भी यह एक बड़ी चनौती ह आबादी म अपर यािशत विदध बढ़त शहरीकरण औ योिगकीकरण और किष उ पाद की बढ़ती माग क कारण पानी की माग िपछल कछ साल म वाभािवक प स बढ़ी ह इसक पिरणाम व प भजल ससाधन का अ यिधक दोहन हआ ह और इसका नतीजा हआ िक लगातार भजल का तर घटता जा रहा ह शहरी कषतर म ि थित बहद भयावह ह तदनसार वहा न कवल शीघराितशीघर जल ससाधन क सरकषण की ज रत ह बि क परभावी रणनीित और परबधन क जिरए त काल कदम उठान की ज रत ह

अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह

प ठ 40 अकषय कराित

खासकर इस बात को यान म ऱखकर िक िविभ न परितयोगी कषतर म कभी भी माग बढ़ सकती ह भिव य म उपयोग क िलए छत पर या सतह पर जलगरहण बनाकर वषारजल सरकषण बहद ज री ह यह पानी की बढ़ती ज रत का खयाल रखन िमटटी की नमी तर को बढ़ान शहरी हिरयाली को बढ़ान भजल तर को कितरम प स पनभररण करन और भजल की गणव ता स सधार का काम करता ह भारत म जल परबधन स दश का िवकास भारत म दिनया की 16 परितशत आबादी रहती ह लिकन दिनया क िसफर 4 परितशत जल ससाधन ही भारत क पास ह 3290000 वगर िकलोमीटर क भिम कषतर और एक अरब स यादा की आबादी क साथ भारत क एक बहलवादी िविवधता का िचतर ह िवशाल पराकितक ससाधन क साथ सप न तकनीकी और वजञािनक किमरय का भी यह दिनया म दसरा सबस बड़ा सम चय ह भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह मानव िवकास म 80 क दशक म लगभग 26 परितशत और 90 क दशक क दौरान और 24 परितशत क वारा सधार हआ ह आजादी क बाद छह दशक म भारत न जल ससाधन का अभतपवर िवकास और खा या न म आ मिनभररता शहरी कषतर ऊजार और औ योिगक कषतर और पीन का पानी क बिनयादी ढाच म तजी स िव तार दखा ह िजसका उपयोग भारत की लगभग 85 परितशत शहरी और गरामीण आबादी क वारा िकया जाता ह भारत म रा य सरकार और भारत सरकार क परितबदध और ठोस परयास की वजह स गरामीण और शहरी आबादी को सरिकषत पयजल को उपल ध करवान म काफी सफलता हािसल की ह इस उपलि ध न भजल की कमी जल जमावजल गणव ता िगरावट जल परदषण और बढ़त लवणता तर स बड़ कषतर को परभािवत िकया ह और अभी भी िविभ न रा य म गरामीण और शहरी भारत क मानव िवकास सचकाक (HDI)rsquo म बहत असमानता मौजद ह पानी क िलए कषतरीय माग तजी स बढ़ रह शहरीकरण की गित स बढ़ रही ह (अनमानत 2025 तक दश की आबादी का 50 परितशत स अिधक शहर म रहग) जनसखया विदध बढ़ती आय और औ योिगक िवकासशहरी भारत तजी स िवकास की माग क कदर क प म उभर रहा ह

भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह

प ठ 41 अकषय कराित

नतीजतन परित यिकत पानी की उपल धता िगर रही ह परधानमतरी की अ यकषता म 12वी योजना क िलए हई योजना आयोग की पणर बठक म दसर म क साथ जल परबधन पर िवशष चचार हई बठक क बाद योजना आयोग क उपा यकष म टक िसह अहलवािलया न कहा िक भ-जल कानन स लकर दसर म की यापक समीकषा ज री ह व यनाथन सिमित जहा वतरमान म भ-जल कानन की साथरकता का अ ययन करगी वही भारतीय अतिरकष अनसधान सगठन [इसरो] की मदद स पानी की उपल धता का िव तत अ ययन होगा म टक न कहा िक उसी आधार पर रणनीित तय होगी सरकार यह यान रखगी िक पानी का अिधकतम उपयोग हो सक और सभी को उपल ध हो पानी पर िकसी का एकािधकार न हो सक बतात ह िक द पयोग को रोकन क िलए श क लगान पर भी िवचार िकया जा सकता ह हालािक इसस पहल रा य सरकार स चचार होगी यह तय ह िक एआइबीपी कायरकरम म यापक बदलाव ह ग ी म टक िसह अहलवािलया न कहा िक वतरमान म इस कायरकरम का सही िकरया वयन नही हो रहा ह िलहाजा उसम पिरवतरन ज री ह सभव ह िक हर रा य म जल िनयामक परािधकरण बनान की शतर भी लगाई जाए उ ह न कहा िक जल परबधन की यापक समीकषा कर नई रणनीित तय की जाएगी कल िमलाकर रा टरीय तर पर वतरमान जल ससाधन का अिधक स अिधक करन क िलए माग को परा करन क िलए पयार त ह लिकन भिव य क अ ययन पिरयोजना ह िक जल आपित र की ि थित अगल आध सदी म अिधक किठन हो सकती ह जल सकट स िनपटन को जल सरकषण परबधन अिनवायर परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह बढ़त वि वक तापमान क फल व प अितवि ट अनावि ट अ पवि ट और असामियक वि ट हम परितवषर दख रह ह िजसका परभाव हमार जल ससाधन पर पड़ता िदखाई द रहा ह कओ व बाविडय का िमटता अि त व नदी-नाल का घटता पानी भ-गभर जल का िगरता तर िचता की पिरिध स िनकलकर खतर की घटी बनता जा रहा ह

निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह

प ठ 42 अकषय कराित

िव व भर म सीमट क अधाधध परयोग न धरातल क सहज अवशोषण कषतर को घटाया ह तथा जल बहाव भिम कटाव व बाढ़ म विदध की ह ऐसी ि थित म जल सरकषण का दािय व मातर वजञािनक व सरकार तक सीिमत न रहकर पर यक उपभोकता क कध पर आ जाता ह इसी दािय व क िनवरहन क िलए हमार पास दो िवक प सामन आत ह 1 वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई

उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

2 पािरवािरक तर पर वषार जल को सगरिहत कर उसका उपयोग कर य दोन ही परयास गरामीण कषतर म तो सरलता स अपनाए जा सकत ह परत शहरी कषतर म व ट वाटर मनजमट की बड़ी पिरयोजनाए बनाकर ही पानी को िरसाइिकल िकया जा सकता ह भ-गभर अिधकािधक जल अवशोिषत होकर

जाए इसक िलए मदानी भाग म िनयोिजत ढग स बड़-बड़ पोखर बनाकर तथा पहाड़ी कषतर म नाल -ख ड म िमटटी प थर आरसीसी क बड़-छोट डम लगाकर जल बहाव रोक भ-सरकषण बचाव व जल भडारण और धरातल जल शोषण कषतर बढ़ाया जा सकता ह िव व बक भारत सरकार वारा म य िहमालय जलागम पिरयोजना रा य क भ-सरकषण िवभाग इस कषतर म कारगर उपाय लकर

हमार सामन ह परत जनसहयोग क िबना इन पिरयोजनाओ क आशातीत पिरणाम ल पाना किठन ह वकषारोपण इस सपणर जल चकर को बल दन वाला कारक ह जल क परित चतना जागत न हई तो अव य ही अगल िव व यदध का कारण जल ही होगा

जल भोजन ह और अिगन भोजन का भकषक ह अिगन जल म और जल अिगन म िव यमान ह

- ततरीय उपिनषद 38

वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

प ठ 43 अकषय कराित

म भी गान गा सकता ह शबनम क िखलत फल क म भी गीत सना सकता ह सावन क म त झल क लिकन जब घर-घर म बादल छाय घोर िनराशा क तब म नगम गा रहा ह उ मीद की आशा क

सड़क पर खड़ बचपन की य बात सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह

हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

इस बदलत पिरवश का राग सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

गाधी जी क सपन का जो राम-रा य कहलाता ह उस भारत म सड़क पर छोट चाय पहचाता ह

कहा गई वो अ हड़ म ती कहा गया वो यार का रा ता उन हाथ स बचत झड िजन हाथ को चािहए ब ता

उस सोन की िचिड़या की म बात बतान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

कही बम की गमर हवाए कही ससद म कोहराम ह कही होत घोटाल स परशान आदमी आम ह

कही कल की िकलकारी ह कही सड़क पर बचपन ह कही चलता नही गजारा कही िवदश म काला धन ह

म स चाई गा-गाकर सबको बतलान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

बदलता भारत मनीष लाल इरडा

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

प ठ 44 अकषय कराित

करन वाल काम बहत ह यथर उलझन को छोड़ो म ला-पिड़त तोड़ रह ह तम बस lsquoअपन को जोड़ो

lsquoहम बदलग-यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का lsquoवद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का

वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हम बदलग mdash यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का वद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

प ठ 45 अकषय कराित

िसफर काला और सफ़द य ही वो दो रग थ जो तर पास सि ट बनान क आधार थ

काला वो जो कािलमा िलय ह िजस कहत ह दख िनराशा म य अपयश और वो सबकछ जो नकारा मक ह

मगर सफद ह वो रग िजसस जड़ा ह जीवन आशा सख और कीितर और वो सब कछ जो सकारा मक ह पर इन रग स तझ चन ना िमला त सोचन लगा अगर सि ट बनानी ह

तो िकस िलए- ससगर और परम क िलए और

इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग

ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह

बस- बना डाला तन इ दरधनष

जो बरसात क बाद सरज और प वी क अनपम परम को रग दता ह सतरगी रग स

और उ ही सतरगी इ दरधनषी रग म हम हर पल हर कषण डबत गहरात इतरात रहत ह

और खिशय भर ससार म हर रग को अलग-अलग तरह स महसस करक जीत रहत ह

रग तो रग ह मगर-

ससगर और परम क िलए और इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह बस-

सतरगी िचतर सगीता ीवा तव इरडा

प ठ 46 अकषय कराित

कभी पक क कभी फीक़ तो कछ कभी दाग बनकर उभर आत ह

कछ आख म नील बादल स छाए रहत ह तो कछ गाल पर गलाबी रग बनकर छलक जात ह

याद रहत ह अक सर वो रग- जो खदी पर इस तरह छा जात ह िक खद म घलकर खद क होन

का एहसास दत-दत खद का एक रग बन जात ह

बगनी आसामनी नीला हरा पीला नारगी लाल इ दरधनष क य सात रग ही जोड़त ह हमार िदल को

हमार मन को जोड़न वाल इन रग की सतरगी दिनया म-

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा बनाय

और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क

सतरगी िचतर

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा

बनाय और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क सतरगी िचतर

Page 8: Akshay Kranti Vol 3€¦ · पक्ष को प्रभािवत न कर e, बािधत व पीिड़त न कर eवह काय-र्कौशल है।

प ठ 8

अकषय कराित

एक राजा था उसक रा य म सब परकार स सख शाित थी िकसी परकार का कोई वर-िवरोध नही था जनता हर परकार स सखी थी पर त राजा को एक बहत बड़ा दख था िक उसकी कोई सतान न थी उस अपना वश चलान की तथा अपन उ तरािधकारी की िचता खाए जा रही थी मिदर मि जद ग वार म जाकर माथा टका कई तीथर थान की यातरा की पर त कोई लाभ न हआ सतान की कमी उस िदन ब िदन खाए जा रही थी बहत सोच-िवचार क प चात उसन अपन रा य क सभी िव वान पिडत को बलवाया और उनस सतान पराि त का उपाय ढढ़न को कहा सभी िव वान न िवचार िकया राजा की ज म कडली का गहन िव लषण िकया अत म व सभी एक मत स एक िन कषर पर पहच उ ह न राजा स कहा िक यिद कोई बरा मण का ब चा अपनी खशी स दवता को बिल द तो आपको सतान की पराि त हो सकती ह राजा न िव वान की बात सनी उसन सार रा य म घोषणा करवा दी िक यिद कोई बरा मण का ब चा अपनी इ छा स खशी-खशी बिल दगा तो उसक घर वाल को बहत सा धन िदया जाएगा राजा क रा य म एक बहत ही गरीब बरा मण था कई िदन फाक म ही गजर जात थ उसक चार लड़क थ बड़ तीन लड़क तो अपना काम-धधा करत थ और अपन पिरवार को आिथरक सहयोग दत थ पर त जो सबस छोटा लड़का था वह कोई काम नही करता था उसका सारा यान हमशा भगवान भिकत म लगा रहता था उसका सारा िदन स कमर करत हए भगवान का मरण करत ही बीत जाता था उसक िपता न भी घोषणा सनी और सोचा यह लड़का िनठ ला ह और कोई काम-धधा भी नही करता इसको बिल क िलए भज दत ह राजा स धन िमल जाएगा तो घर की हालत कछ सधर जाएगी बरा मण अपन सबस छोट लड़क को लकर राजा क पास पहचा राजा न उस लड़क स पछा कया तम िबना िकसी दबाव क अपनी मजीर स अपनी खशी स बिल दन को तयार हो जी महाराज लड़क न बड़ी िवनमरता स उ तर िदया यिद मरी बिल दन स आपको सतान की पराि त होती ह तो म खशी स अपनी बिल दन को तयार ह दकर िवदा िकया ठहराया गया

उसन सार रा य म घोषणा करवा दी िक यिद कोई बरा मण का ब चा अपनी इ छा स खशी-खशी बिल दगा तो उसक घर वाल को बहत सा धन िदया जाएगा

शकर द त पीईसी िलिमटड

िचतन कर

प ठ 9

अकषय कराित

लड़क को अितिथ गह म ठहराया गया हर परकार स उसका खयाल रखा गया अत म उसकी बिल दन का िदन भी आ गया राजा न लड़क को बलाया और कहा आज त हारी बिल द दी जाएगी अगर त हारी कोई आिखरी इ छा हो तो बताओ हम उस परी करग मझ कछ भी नही चािहए बरा मण पतर न कहा बस म बिल दन स पहल नदी म नान करक पजा करना चाहता ह राजा यह सनकर बहत परस न हआ और बोला ठीक ह हम भी त हार साथ नदी तक चलग उस लड़क न नदी म नान िकया िफर नदी िकनार की रत को इकटठा िकया और उसकी चार ढिरया बना दी उसन चार ढिरओ की ओर दखा िफर एक ढरी को अपन पर स िगरा िदया िफर उसी परकार स दसरी ढरी को भी िगरा िदया िफर तीसरी ढरी को भी िगरा िदया उसक वह चौथी ढरी क पास गया उसक चार ओर तीन बार चककर लगाया हाथ जोड़कर उसको माथा टका उसकी वदना की और राजा क पास बिल क िलए आ गया राजा उसका यह सारा करतब बड़ ही कौतहल स दख रहा था पहल तो राजा न सोचा िक बालक ह रत स खल रहा ह पर त जब राजा न दखा िक उसन चौथी ढरी को हाथ जोड़कर परणाम िकया ह तो राजा को इसका रह य जानन की इ छा हई राजा न बालक स पछा बालक तमन रत की चार ढिरया बनाई िफर उनम स तीन को तोड़ िदया और चौथी को परणाम िकया इसका कया रह य ह पहल तो ब च न कोई उ तर नही िदया पर त राजा क दोबारा पछन पर लड़क न कहा राजन आपन बिल क िलए मझ कहा ह म बिल दन क िलए तयार ह आप अपना काम कीिजए आपको इस बात स कया लना िक मन रत की वो ढिरया कय तोड़ी ह राजा को बालक स ऐस उ तर की आशान थी राजा न उसस कहा बालक हमन त हार िपता को त हारी कीमत दकर त ह खरीदा ह तम हमार खरीद हए गलाम हो इसिलए हमार हर पर न का उ तर दना और हमारी हर बात को मानना त हारा धमर बनता ह ह राजन जब आप िजद कर रह ह तो सिनए लड़क न उ तर िदया जब कोई ब चा पदा होता ह तो सबस पहल उसक माता-िपता उसकी रकषा करत ह अगर वह आग क पास जान लगता ह तो उसको उसस बचात ह उसकी हर परकार स रकषा करन की िज मवारी उनकी होती ह लिकन यहा तो मर िपता न ही धन क लालच म मझ बिल दन क िलए आपक पास बच िदया इसिलए पहली

उसकी वदना की और राजा क पास बिल क िलए आ गया राजा उसका यह सारा करतब बड़ ही कौतहल स दख रहा था

प ठ 10

अकषय कराित

ढरी जो उनक नाम की बनाई थी वह मन ढहा दी लड़क न आग कहा दसरी िज मदारी राजा पर होती ह अपनी परजा की रकषा करन की आपन मझ अपनी सतान पराि त क िलए बिल दन क िलए खरीद िलया तब आपस कया पराथरना करता इसिलए दसरी ढरी जो मन आपक नाम की बनाई थी वह भी तोड़ दी जीव की रकषा करन का तीसरा भार दवी-दवताओ का होता ह बालक न तीसरी ढरी का रह य बतात हए कहा लिकन यहा तो दवता वय ही मरी बिल लन को तयार बठा ह तो इसस कया पराथरना करता इसिलए मन तीसरी ढरी भी तोड़ दी लिकन चौथी ढरी का कया रह य ह राजा न पछा और अत म सहारा होता ह भगवान का ई वर का ब च न रत की ढिरय का रह य खोलत हए कहा मरी बिल दी जानी थी सो मन अत म ई वर स पराथरना की परभ की पजा-अचरना करक उनस रकषा करन की पराथरना की अब वही मरी रकषा करग वही होगा जो ई वर को मजर होगा म बिल दन क िलए तयार ह rsquo इतना कहकर वह बालक राजा क पास जाकर िसर झका कर खड़ा हो गया राजा उस छोट स बालक की इतनी जञान की बात सनकर स न रह गया राजा न सोचा म इस बालक की बिल द दगा बरा मण ह या भी हो जायगी िफर पता नही मझ जो सतान परा त होगी वो कसी होगी परजा का खयाल रखन वाली होगी या नही कही मरा और वश का नाम ही न डबो द यह बालक गणवान ह ई वर का भकत ह सब परकार स मर लायक ह कय न म इस ही गोद ल ल और इस ही अपना पतर बना ल इतना िवचार करत ही उसन उस बालक की बिल दन का कायरकरम र कर िदया और उस बालक को गोद ल िलया कहत ह उस बालक म अ छ गण होन क कारण उसन कई साल तक रा य िकया और हर परकार स परजा की रकषा की उसक रा य म िकसी को िकसी परकार का कोई क ट नही था

इतना कहकर वह बालक राजा क पास जाकर िसर झका कर खड़ा हो गया राजा उस छोट स बालक की इतनी जञान की बात सनकर स न रह गया

परकित िजदगी स ह िजदगी बनी भी परकित स ह चलता रह य िविचतर खल य ही इसका भी अमल िजदगी स ह

प ठ 11

शोिभत ह िज़दगी धरती की धार पर इस हिरत धारा पर ऊजार स भरपर ह हिरत ऊजार स य ससि जत य खब ह

हिरत ऊजार क भ डार का खजाना य खब ह जल वाय और सौर ऊजार ह इनक अ यत ोत

ल अमल म इनको अगर बचाना ह य धरा अनमोल अदभत ह खजान परकित क अगर कर ल मन य इनका सदपयोग

य झोखा जो हवा का ह य जो तरग म जलधारा ह अदभत िकरण जो फलाती जीवन की धारा ह

समझ ल इनका जो इशारा ह कर परयोग इ ही का अपन यतर मतर स छपा ऊजार का अनमोल खजाना ह

परकित िजदगी स ह िजदगी बनी भी परकित स ह चलता रह य िविचतर खल य ही इसका भी अमल िजदगी स ह

रकषा कर इस धरा की स पना इसको नई िजदगी को ह इस परकित स बना मन य महान

िफर क य कर रहा परकित का सवरनाश खद को बचा हर िजदगी को बचा

करक हिरत ऊजार का स मान जीन द जीवन को और भी कर ल सयम म अपना य िवषकत घटता जीवन का चकर य ह इशारा परकित का हर पल सभल जरा ना कर इसको त तग

मक त खल परकित स कर ल इस हिरत ऊजार का परयोग अ छ क बदल अ छा दना सीख परकित का य खल

अलका कमार इरडा

अकषय कराित

किवता

प ठ 12

नही सीखा अब भी अगर परकित म सब जाएगा बदल जी ना पायगा िफर त इस परकित म िमट जाएगा अश तरा इस परकित स हिरत परकित और य हिरत ऊजार ह य इस धरा क जीवन दायक सीख परकित स लना दना

िसखा रह य जीवन का मल मतर परकित का आहार परकित मत द आहार आपराकितक सतलन िबगड़ गया अगर हो जायगी िवनाश िजदगी

अब सभल जरा और कर ल परण करक हिरत ऊजार को ही खचर बना धारा को शोिभत हरदम

िफर रहगा परकित और िजदगी का य खबसरत सग

हिरत परकित और य हिरत ऊजार ह य इस धारा क जीवन दायक सीख परकित स लना दना िसखा रह य जीवन का मल मतर

अकषय कराित

प ठ 13

अकषय कराित

कमरचािरय की आदत उनक यिक त व और िन पादन कषमता का पार पिरक सबध - एक िव लषण

हम िजस िकसी सगठन म काम करत ह उसक परित हमारा ल य होना चािहए सबिधत स थान क िलए अपनी सपणर कषमताओ का इ तमाल कषमताओ का बहतर परयोग तभी हो सकता ह जब हम अपन अदर अ छी आदत का िवकास कर हमार शा तर वद उपिनष और अ य धािमरक गरथ हम अ छी आदत क िवकास क सबध म बीज मतर बतात ह िक हम मनसा वाचा और कमरणा शदध रहना चािहए मनसा वाचा और कमरणा शदधता स ता पयर ह िक हम मन वाणी और कम स अ छ बन रह हमारी नीयत नक हो हम अपन सहकिमरय सािथय और अ य लोग क साथ अ छा बरताव कर और हमार कमर अ छ ह इस बीज मतर पर चलन वाला हमशा अपन अदर अ छी आदत का िवकास होता पायगा

असल म िदककत यही ह िक हम उपदश दन म तो आग रहत ह लिकन खद क अदर नही झाकत या कम ही झाकत ह - lsquoपर उपदश कशल बहतरrsquo सपरिसदध लखक सरदार परन िसह न एक बार कहा था आचरण की स यतामय भाषा सदा मौन रहती ह अथारत आदमी खद चप रहकर खद को ठीक रख तो इसका परभाव खद-ब-खद दसर पर पड़ता ह इसको हम एक छोट स उदाहरण स प ट कर सकत ह िक मान िलया जाए हम ब च स कह धमरपान नही करत लिकन उसक सामन खद ऐसा कर इसस इतर हम अगर यह सब करत ही नही ह तो इसका यादा असर ब च पर पड़गा अ छी आदत घर स श होकर समाज द तर और उसस आग तक हम हमशा हमारा फायदा िदलाती ह

कहा जाता ह िक व थ तन म ही व थ मन िनवास करता ह इसी तरह यह भी कहा जाता ह िक व थ वातावरण ही उ नित का योतक होता ह व थ वातावरण तभी बनगा जब उस माहौल म रहन वाल लोग

हीरा व लभ नराकास

असल म िदककत यही ह िक हम उपदश दन म तो आग रहत ह लिकन खद क अदर नही झाकत या कम ही झाकत ह - lsquoपर उपदश कशल बहतरrsquo

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अकषय कराित एक दसर का स मान करग खद की आदत को सधारग और उस स था की तरककी क िलए अपन तर पर हर वह काररवाई करग जो औ योिगक सगठन और लोग की उ नित म ज री होती ह

औ योिगक सगठन िकसी भी दश की अथर यव था को मजबत आधार परदान करत ह औ योिगक सगठन म परयोग होन वाल सम त ससाधन म मानव ससाधन अथारत उसम काम करन वाल कमरचारी मह वपणर और िनणारयक होत ह इन सगठन का सफल सचालन वहा कायररत कमरचािरय की कशलता और कायरकषमता पर आधािरत होता ह कशलता और कायरकषमता का ोत हमारा आचरण और यवहार होता ह जािहर ह औ योिगक सगठन म मानवीय सबध परी एक ऐसी िकताब ह िजसक िबना कभी कछ नही कराया जा सकता लोग क साथ सतोषजनक प स काम करना परबधन क काम का िसफर एक िह सा नही ह वरन सारा

काम इसी पर िटका ह कय िक सभी उ योग म मशीन माल या दसरी चीज़ क साथ कोई भी काम लोग क मा यम स ही िकया जा सकता ह तीन lsquoएमrsquo अथारत मनी मटीिरयल और मशीन औ योिगक सगठन क िलए मह वपणर ससाधन होत ह लिकन इ ह पिरणाम तक पहचान का कायर कमरचारी (man) ही करत ह जो सगठन दर अदशी रहकर कमरचािरय क जञान उनकी िविश टताओ उनक आचरण को अनकल साच म ढालन क परित सजग रहत ह वही सफलता की ऊचाइय को छत ह अगरजी म एक परानी कहावत ह -- Where the vision is one year Cultivate flowers Where the vision is ten years Cultivate trees Where the vision is eternity Cultivate people अथारत जहा दरअदशी एक साल क िलए हो तो फल लगाइय जहा दरअदशी दस साल क िलए हो तो पड़ लगाइय

औ योिगक सगठन म परयोग होन वाल सम त ससाधन म मानव ससाधन अथारत उसम काम करन वाल कमरचारी मह वपणर और िनणारयक होत ह

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अकषय कराित जहा दरअदशी अनत काल क िलए हो तो लोग का िवकास कीिजए औ योिगक सगठन म 500 आदमी ह 5000 आदमी ह 50000 ह या इसस अिधक अगर कामकाज ठीक स चलाना ह तो बहत ज री ह परबधन उनस िनभाना जानता हो यिकतगत सपकर का मह व

वातानकिलत कमर म बठकर और सचार मा यम या िकसी अ य तरीक स कमरचािरय की िरपोटर लना और आस पास होन वाल घटनाकरम को जानना अलग बात ह और कायर थल पर वय उपि थत रहकर ि थित को समझना और िनदश दना अलग बात महान जनरल रोमल की सफलता का मखय कारण यह था िक व हमशा कायर थल पर वय उपि थत होकर िनदश दत बात की पि ट करत सम याए सलझात और दखत िक काम कसा चल रहा ह रोमल का यह तरीका इतना सफल रहा िक िकसी भी औ योिगक सगठन या कारोबार म इस अपनाया जाए तो आशातीत पिरणाम सामन आ सकत ह लोग क बीच खद उपि थत होकर काम करन का कोई िवक प नही ह लोग अिधकाशतः उनको नापसद करत ह िज ह व ठीक स जानत नही ह पर एक बार जान पहचान हो जान पर हालात बदल जात ह कमरचािरय म अ छी आदत का िवकास करन की पहली शतर ह िक पहल उनक िदल म घर िकया जाए ऐस िकसी भी बरताव स बचा जाए िजसस वह अपन को उपिकषत महसस करन लग अतः सवदनशीलता का यान रखना बहत ज री ह

कमरचािरय क परित सवदनशील यवहार-कौशल और धयरपणर होन क अितिरकत इस बात पर ढ़ रहना ज री ह िक काम ठीक परकार स हो अ छ यवहार क साथ कमरचािरय को यह जताना भी ज री ह िक उनस काम का उ च तर अपिकषत ह और उस पर उनक साथ कोई समझौता नही और अगर इस पर अमल नही करत तो उ ह पता होना चािहए िक आप कड़ी काररवाई करग

सकारा मक नजिरया परबधन का एकमातर काम िनदश दना नही ह वरन उस साथ-साथ लोग का िवकास करना होता ह

महान जनरल रोमल की सफलता का मखय कारण यह था िक व हमशा कायर थल पर वय उपि थत होकर िनदश दत बात की पि ट करत सम याए सलझात और दखत िक काम कसा चल रहा ह

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अकषय कराित एक अिधकारी का मखय काम यही ह िक वह अपन साथ काम करन वाल लोग म अ छी आदत का िवकास कर उनकी सहायता कर यिद यह काम परभावशाली ढग स कर पाता ह तो इसस कवल उसक अपन काम ही बहतर नही ह ग बि क उसक पास परिशिकषत और कशल कमरचािरय का परा दल होगा जो उसक परित परी िन ठा स काम करगा इसक िलए सबस पहल कमरचािरय का नजिरया ठीक करना ज री ह उनम सबस पहल यह भावना लानी होगी िक हमार अदर जो चीज ह वही हम ऊपर की ओर ल जाती ह और वह हमारा नजिरया ह

एक आदमी मल म ग बार बचकर अपनी गज़र-बसर करता था उसक पास लाल नील पील हर-चार रग क ग बार थ जब कभी उसकी िबकरी कम होन लगती तब वह हीिलयम गस स भरा एक ग बारा हवा म छोड़ दता ब च उस उड़ता दखकर वसा ही उड़न वाला ग बारा पान क िलए मचल उठत ब च उसस ग बारा ख़रीदत और इस तरह उसकी िबकरी िफर स बढ़ जाती िदन-भर यही िसलिसला चलता रहता एक िदन वह आदमी बाज़ार म खड़ा ग बार बच रहा था अचानक उस महसस हआ िक पीछ स कोई उसका करता पकड़कर खीच रहा ह उसन पीछ मड़कर दखा तो एक छोट स ब च को खड़ा पाया उस ब च न ग बार वाल स पछा ldquoअगर आप काला ग बारा छोड़ग तो कया वह भी उड़गाrdquo ब च की बात उसक िदल म लगी और उसन यार स जवाब िदया ldquoबट ग बारा अपन रग की वजह स नही उड़ता बि क उसक अदर कया ह इस वजह स ही वह ऊपर जाता ह rdquo ठीक यही बात हमारी िज़दगी म भी लाग होती ह अगर लोग का नजिरया बहतर हो उनम अदर स काम करन की इ छा भरी हो तो व खलकर आपस म िमलकर काम करग इसस नकसान तो कम होगा ही स थान क परित िन ठा बढ़गी और लगन स काम करन का वातावरण तयार होगा िव वास हािसल करना आव यक

कमरचािरय स बहतरीन काम लन क िलए शानदार टीम लीडर होना ज री ह मटठीभर लोग का कोई समह िकला तभी फतह कर सकता ह जब

एक आदमी मल म ग बार बचकर अपनी गज़र-बसर करता था उसक पास लाल नील पील हर-चार रग क ग बार थ

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अकषय कराित जब उनका सनापित उनम वह जोश भर सक िक उ ह कोई भी ऊचाई यादा न लग अतः सबस ज री ह िक स थान म कमरचािरय की

कषमताओ का परा फायदा लन क िलए उनका िव वास जीता जाए इसक िलए उनक साथ परी इ जत स पश आना ज री ह उनकी छोटी-बड़ी खशी को बाटना और उनकी राय को परा स मान दना भी उतना ही ज री ह कई बार परबधन क उ चािधकारी या लीडर अपनी टीम क सद य स िसफर इसिलए राय नही लत कय िक उ ह लगता ह िक एक बार राय लन पर अगर उनकी बात नही मानी गयी तो उ ह बरा लगगा लिकन सबस ज री ह िक टीम म सभी सद य को िव वास म लकर काम िकया जाए यहा टीम लीडर की भिमका मह वपणर होती ह वह खद वकत का पाबद होगा तो उसक मातहत कमरचािरय म वयमव यह गण आदत का प ल लगी टीम लीडर का काम अपनी टीम का उ साह बढ़ात हए दी गयी िज मदािरय को समय स परा करना ह मगर उसम नयी चीज़ को सीखन की ललक होनी चािहए ऐसी ललक जब स थान क कमरचािरय म आदत का प लन लगती ह तो वह स थान जािहर ह नए परितमान थािपत करन लगता ह जापानी कपिनया हर बात म कमरचािरय क िहत का यान रखती ह िजसस व वय ही उ पादकता क परित सचत हो जात ह जानी-मानी टोयोटा कपनी क कमरचािरय म तो काम की ऐसी आदत सी या ललक होती ह िक व तब तक काम करत ह जब तक खद थक कर चर नही हो जात यह उनकी आदत ही बन चकी ह िक यिद व िकसी बात पर नाराज होत ह तब भी कपनी या अपन भागय को भल ही कोस ल पर अपन काम पर असर नही पड़न दत इसका कारण यह ह िक जापानी कपिनया काम का एक अ छा वातावरण बनान और लोग म काम क परित स ची लगन को बढ़ावा दन क िलए कड़ा परयास करती ह वहा लोग को लगातार परिशकषण िमलता रहता ह जो कवल तकनीक और मनजमट ही नही कायर स जड़ी नितकता और अ छी आदत क िवकास पर किदरत होता ह चिरतर का िनमारण उनकी एक आदत सी बन जाती ह अगर हम भी एक अ छी शिखसयत बनना ह तो हम अपनी आदत को गहराई स जाचना होगा

ऐसी ललक जब स थान क कमरचािरय म आदत का प लन लगती ह तो वह स थान जािहर ह नए परितमान थािपत करन लगता ह जापानी कपिनया हर बात म कमरचािरय क िहत का यान रखती ह

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अकषय कराित चतन और अवचतन मन

हमार चतन मन क पास सोचन की शिकत होती ह यह िकसी बात को मान सकता ह और नही भी मान सकता मगर अवचतन मन िसफर वीकार करता ह यह इनपट (input) को लकर कोई भदभाव नही करता अगर हम अपन मन म डर शका नफरत क भाव भर तो यह आ म सझाव इन सभी भाव को सिकरय बनाकर हकीकत म बदल दगा हमारा अवचतन मन एक डाटा बक की तरह ह अवचतन मन एक गाड़ी की तरह ह और चतन मन एक डराइवर की तरह शिकत तो गाड़ी म होती ह मगर उसका कटरोल डराइवर क पास होता ह

हम अवचतन मन को इस तरह ढालन की ज रत ह िक वह हम सही और ठीक रा त पर ल जा सक अवचतन मन एक बगीच की तरह होता ह िजस कोई परवाह नही होती िक आप कस पौध लगात ह यह िनरपकष (neutral) होता ह इसम अ छा बोन पर अ छा िमलता ह अ यथा जगली पौध उग जायग

बि क अ छ बीज बोन क बावजद जगली पौध उगन बद नही होत आव यकता होती ह उ ह उखाड़ फकन का िसलिसला जारी रखन की इसी िसदधात को कमरचािरय क मामल म समझन की ज रत ह हम याद रखना ह िक सही और गलत िवचार मन म एक साथ नही रह सकत आव यकता उनक अवचतन मन को इस तरह ढालन की ह िक उनम अ छी आदत का िवकास हो दरअसल अवचतन योगयता वह होती ह जब हम यान दन और सोचन की यादा ज रत नही होती कय िक यह हमार यवहार म खद ब खद उतरन लगा ह िजस स थान क कमरचारी इस तर पर पहच जात ह उनम अ छी आदत वयमव घर करन लगती ह जब बरी आदत हमार अवचतन योगयता क तर तक पहच जाती ह तो वह कावट उ प न करती ह

पिरवतरन का िवरोध बरी आदत को पहचान लन क बाद भी अकसर दखा गया ह िक

लोग उ ह बदलत नही ह ऐसा आिखर कय होता ह उनक न बदलन का कारण ह िक व िज मदारी को वीकार करन स इनकार करत ह

हम अवचतन मन को इस तरह ढालन की ज रत ह िक वह हम सही और ठीक रा त पर ल जा सक अवचतन मन एक बगीच की तरह होता ह िजस कोई परवाह नही होती िक आप कस पौध लगात ह

प ठ 19

अकषय कराित अपनी उन आदत को बनाय रखन म उ ह जो आनद िमलता ह वह पिरवतरन क ददर स यादा होता ह इसक िन निलिखत कारण हो सकत ह -- 1 पिरवतरन की इ छाशिकत का अभाव 2 पिरवतरन क िलए आव यक अनशासन की कमी 3 िव वास की कमी 4 आव यक जानकारी की कमी परबधन वारा इन िबदओ पर िवचार कर अपन किमरय म आशातीत पिरवतरन लाया जा सकता ह सामा यतः खराब आदत को न बदलन क बहान िदय जात ह और कहा जाता ह -- हम लोग इसी तरह करत ह या िक म नही समझता इसस कोई फकर पड़गा और कछ न िमला तो कह िदया जाता ह म बहत य त ह अ छी आदत का िन पण

आदत म पिरवतरन लाया जा सकता ह आव यकता ह इसक िलए सही पिरवश का िनमारण करन की कमरचािरय को परिशिकषत करन की परिरत करन की और ऐसी ि थितया उ प न करन की िजसस कमरचािरय म अ छी आदत का िन पण हो सक दरअसल सफल लोग का राज यह ह िक व काम करन की उन आदत को डाल लत ह जो असफल लोग करना नही चाहत य वही काम ह िज ह सफल लोग भी करना

नही चाहत लिकन व िफर भी करत ह उदाहरण क िलए असफल लोग अनशासन और महनत करना पसद नही करत सफल लोग भी अनशासन और कड़ी महनत नापसद करत ह लिकन व िफर भी ऐसा करत ह कय िक य लोग उन काम को करन की आदत डाल लत ह िज ह असफल लोग नही कर पात नजिरय और सोच का तरीका एक आदत ह और इस बदला जा सकता ह सही ि ट और सतलन कमरचािरय म काम क सबध म सही ि ट बनाय रखन की परवि त िवकिसत करना ज री ह जब कछ गलत हो रहा होता ह तो उस ठीक करना परबधन का ही काम होता ह समझा यह जाता ह िक परायः हम गलत हो रह काम को लकर इतन िचितत हो जात ह िक जो सही हो रहा ह उस भी अनदखा करन की हमम आदत होती ह

दरअसल सफल लोग का राज यह ह िक व काम करन की उन आदत को डाल लत ह जो असफल लोग करना नही चाहत

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अकषय कराित उदाहरण क िलए अगर िकसी स कोई गलती हो जाती ह तो हम एकदम उस पर िच ला पड़त ह या उसक िव दध काररवाई कर बठतहअ छा यह रहगा िक आप उस अलग ल जाकर अकल म बात कर अगर परशसा करनी हो तो सबक सामन कर

अगर िकसी स सहमित न बन तो उस पर करोध करना ज री नही ह अगर अपन करोध पर काब रखग तो लोग अपनी असहमित को अ यथा नही लग अगर आप अपन िवचार को खला रखग तो दसरी ओर स भी आप ऐस ही यवहार की अपकषा कर सकत ह परायः लोग अपनी सहमित कछ इस तरह जतात ह िक सामन वाला भी अपनी बात पर अड़ जाता ह समझन की बात यह ह िक सभी ि थितय म कवल तकर ही काफी नही होगा िकसी स असहमत होन म भी यवहार कशल होना ज री ह सबस पहल तो दसर को अपना पकष रखन का मौका द उसकी बात सन और जहा तक हो सक उसस अपनी सहमित भी परकट कर और िजन बात पर सहमित न बना सक उस समझाए

हमम स अिधकाश लोग उन किमरय और उनकी गलितय पर अ यिधक यान दत ह िजनक िलए हम काम करत ह पर अपन किमरय पर नज़र डालना भल जात ह अगर वय को उन लोग की नजर स दखा जाए तो आशातीत पिरणाम दखन को िमलत ह

आ म मथन आप कया करना चाहत ह कसा करना चाहत ह - इस सोच को

वतरमान म अपन अदर मथन करन को आ म-सझाव कहत ह एक बार सब म जब इसकी पिरपाटी श हो जाती ह तो यह हमार अदर िवजञापन की तरह काम करता ह अपन बार म अपन िलए अदर ही परचािरत करता ह इसका हमार चतन और अवचतन (Sub-concious) मन दोन पर परभाव पड़ता ह अततः यह हमार नजिरए और यवहार को परभािवत करता ह और धीर-धीर आदत का प लता ह यह दरअसल अपन अवचतन मन को ढ़ालन या परोगराम करन की िविध ह

हमम स अिधकाश लोग उन किमरय और उनकी गलितय पर अ यिधक यान दत ह िजनक िलए हम काम करत ह पर अपन किमरय पर नज़र डालना भल जात ह

प ठ 21

अकषय कराित आ म-सझाव अ छ या बर हो सकत ह जब हम बर आ म-सझाव को बार-बार दोहरात ह तब हमारा अवचतन मन उन पर िव वास करन लगता ह और हम उसी को वा तव म यवहार करन लगत ह सकारा मक आ म-सझाव को बार-बार मथन करन स उसकी हमार िदलोिदमाग म त वीर बन जाती ह और वही असिलयत का प लन लगता ह एक उदाहरण क िलए जब कभी हम सबह 0600 बज टरन पकड़नी हो और हमार पास अलामर घड़ी न हो तो हम मन म कहकर उठत ह िक 0400 बज उठना ह तो कया हम नही उठत अगर उठत ह तो इसक पीछ आ म-सझाव ही काम करता ह आ म-सझाव एक रा ता ह िजसस हम अपन िदमाग को परोगराम करक ढ़ालत ह सकारा मक आदत को िवकिसत करन म आ म-सझाव की परवि त मह वपणर िसदध हो सकती ह हमार नजिरए और आदत को तय करन वाल कारक हमार नज़िरए को मखयतः तीन कारक परभािवत करत ह - वातावरणः घर कल आिफस मीिडया सा कितक प ठभिम धािमरक प ठभिम परपराए और भाषाए सामािजक-राजनितक माहौल - य सब िमलकर एक तहजीब बनात ह चाह घर हो या आिफस या अ यतर - हर जगह हर िकसी की अपनी तहजीब होती ह उदाहरण क िलए हम एक दकान म जात ह तो वहा का स समन बड़ अदब वाला होता ह लिकन वही जब दसरी दकान पर जात ह तो वहा का स समन कभी-कभी बड़ा खा और बदतमीज िमल जाता ह उसी तरह िकसी क घर म यार भरा माहौल िमलता ह तो िकसी क घर म हमशा लड़ाई-झगड़ का इसी तरह जब सरकार और राजनीितक माहौल ईमानदारी का होता ह तो लोग भी ईमानदार मददगार और कानन का पालन करन वाल होत ह बईमान और भर ट माहौल म िजस तरह एक ईमानदार का जीना मि कल होता ह उसी तरह ईमानदारी भर माहौल म बईमान यिकत को मि कल होती ह िन सदह अ छ वातावरण म मामली कमरचारी म वमव अ छी आदत िवकिसत होती ह और उसकी कायर करन की शिकत बढ़ जाती ह जबिक खराब माहौल म अ छा काम करन वाल की भी कषमता िगर जाती ह

सकारा मक आदत को िवकिसत करन म आ म-सझाव की परवि त मह वपणर िसदध हो सकती ह

प ठ 22

अकषय कराित कायर-स कित का बहाव ऊपर स नीच की ओर होता ह नीच स ऊपर की ओर कभी नही यह दखना बहत ज री ह िक हमन अपन िलए और आस-पास क लोग क िलए कसा वातावरण तयार िकया ह खराब वातावरण म अ छ की उ मीद करना बमानी ह अनभवः हम अपन जीवन म अपन काम-काज म हालात स जसा अनभव पात ह वह हमारी आदत का िह सा बन जात ह और उसी क अनसार हमारा यवहार होता ह अगर िकसी क परित हमारा अनभव अ छा होता ह तो हमारा नज़िरया भी अ छा होता ह ज री ह िक कमरचािरय को ऐसा कायर-पिरवश िमल िजसस उनक अवचतन म अ छ अनभव की छाप अिकत हो

परिशकषण भी ज़ री यहा िसफर सदधाितक जञान ही काफी नही होता बि क औपचािरक और अनौपचािरक दोन ही तरह की िशकषा व परिशकषण ज री ह जञान और जानकारी को यिद योजनाबदध तरीक स परयोग िकया जाए तो उसस बौिदधक तर को बढ़ान म आशातीत सफलता िमलती ह काम करन की कला अ छी िशकषा स ही आती ह ज री ह िक परिशकषण म मनोवजञािनक सामािजक आिथरक व अ य पहल को समझन की आदत िवकिसत की जाए अवचतन म यह िबठाना बहत ज री ह िक जीवन की भ यता काम क वारा ही सभव ह स थान म सभी को लगना चािहए िक उनका काम मह वपणर ह यही परबधन कला का सार ह जब कमरचािरय को ऐसा एहसास होन लगता ह तो उनक नज़िरए म बदलाव आन लगता ह उपसहारः काम क परित लोग म अ छी आदत िन िपत करन और उनम उ साह जगान स कायर-िन पादन म िनरतर िनखार आता ह दरअसल हर यिकत म मानिसक और शारीिरक ऊजार उ प न होती ह िजसक िलए काम ही सबस अ छा िनकास ह एक िवचारक क अनसार lsquoआप पछत ह म लगातार काम कय करता ह

यहा िसफर सदधाितक जञान ही काफी नही होता बि क औपचािरक और अनौपचािरक दोन ही तरह की िशकषा व परिशकषण ज री ह

प ठ 23

अकषय कराित इसका वही कारण ह िजस कारण स मगीर अ ड दती जाती ह rsquo काम क िबना इसान घट सा जाता ह उस काम की उतनी ही ज रत होती ह िजतनी हवा की आव यकता ह िक उस सही वातावरण उपल ध करान और सही िदशा म अिभपरिरत करन की व ततः हर यिकत अदर स गिरमा और आ मस मान की चाह रखता ह आव यकता ह उस अतःपरिरत करन की लोग को खद स परिरत करन क िलए हम उनकी ज रत और इ छाओ को समझना होगा पररणा कायरकषमता और आदत क बीच सीधा सबध ह जो लोग उतना ही काम करत ह िक उनकी नौकरी बची रह तो ऐस लोग िकसी भी स थान क िलए मह वपणर नही हो सकत अतपररणा स सोच म बदलाव लाया जा सकता ह पररणा आग क समान होती ह

कमरचािरय को िजतना परिरत िकया जाएगा उनम उतनी ही सकारा मक आदत का िवकास होगा कमरचािरय को उिचत स मान दकर उनक कायर को अिधक मनोरजक बनाकर परबधन वारा उनकी बात को गौर स सनकर उनकी सम याओ और सझाव पर गौर करक उ ह वय ल य िनधारिरत करन क िलए परो सािहत करक िवकास क नय अवसर उपल ध कराकर आव यकतानसार समय-समय पर समिचत परिशकषण िदलाकर तथा नयी चनौितय स जझन क िलए परो सािहत करक िन सदह उनक आचार और यवहार को सकारा मक िदशा म पाियत िकया जा सकता ह

कमरचािरय को िजतना परिरत िकया जाएगा उनम उतनी ही सकारा मक आदत का िवकास होगा

ई-पितरका म लख आिद म परकट िवचार

मलतः लखक क ह तथा यह आव यक नही ह िक

इरडा भी इन िवचार स सहमत हो

प ठ 24

अकषय कराित

िबिटया

आख म मोती लकर तम िबिटया जाती हो हा जाओ िशकषा का उपहार द रह िवदा समय यह लो ल जाओ इन पराण म परीित त हारी ममता क धन िसदरी इन नयन की बद पली परकट करती ह मजबरी लाचारी ह िफर पराण म क य ह इतनी आकलता

जब इस रीित पर पराओ म वश न िकसी का ह चलता िपतकल को तजकर अब िबिटया पित-कल म जाना होगा

नटखटपन को छोड़ धमर का ही िजसम बाना होगा इस घर की तम बड़ी लाडली पराण स यारी िबिटया

चली लाकर आज सभी को िपता की कर सनी किटया िजन हाथ न लाड़ चाव स अब तक था िजसको पाला उन हाथ न ही िबिटया को दलह राजा जी को द डाला

िजसका दख जरा मन मला हो जाती थी हरानी क यादान उसी का कर क दय बनाया पाषाणी

िकया न जाता था पल भर को इन आख स दर िजस मोती झरत िवदा द रहा आज सकल पिरवार उस अपनी मा क जीवन की तम परित-पल हो आधार रहो

िवजयता िपता क दय मिदर की िबिटया तम साकार रही आज जीवन क सख-दख सार वही िबतान तम लो जान आओगी जब कभी यहा तम होगी महमान समान

सतीश कमार कलावत इरडा

इस घर की तम बड़ी लाडली पराण स यारी िबिटया चली लाकर आज सभी

को िपता की कर सनी किटया

प ठ 25

ससराल की कभी बराई कही न मह पर आ जाव धमर कमर क तर य पथ म पाव नही िडगन पाव

सात परितजञाय जो तमन अिग नदव स मख की धारण द पि त जीवन का मह व ह करना स च मन स पालन

बटी इन सात बचन का यान दय म रह सदा दोन कल की लाज इसी म भला न दना इस कदा पित ही ह सवर तर त हार पित ही को जीवन समझो

जो कछ कह उसी को मान उनको िबिटया तम धन समझो शीलवती तम बन िबिटया पित-भक त मना सदर िनस दह वय उपजग क प-वकष घर क अ दर

पहन सिशकषा की साड़ी को शभ गण भषण अपनाओ दस लकषण शभ लकषण धार िन य नय मगल गाओ यह िशकषा उपहार दय का तम को राह िदखायगा भल भटक कर भी अिधयारा पास न आन पायगा

हम सब की आख स मोती उर स िनकल रही आशीष सभी सख स पणर परफि लत कर त ह दलह राजा की ईश

अकषय कराित

िजन हाथ न लाड़ चाव स अब तक था िजसको पाला उन हाथ न ही िबिटया को दलह राजा जी को द डाला

प ठ 26 अकषय कराित

ldquoपयारवरणrdquo श द पिर+आवरण स बना ह अथारत बा य आवरण को ही पयारवरण कहत ह इस बा य आवरण का ता पयर हमार चार ओर क वातावरण और पिरवश स ह िजस हम दसर श द म परकित भी कह सकत ह प वी पर िव यमान सपणर जीव-जगत क अि त व जीवन-यापन एव चहमखी िवकास म परकित की मह वपणर भिमका ह मानव बिदधजीवी पराणी ह और परकित क मह व स भली-भाित पिरिचत होन क कारण ही सिदय स परकित की पजा करता रहा ह

विदक काल स ही परकित तथा मानव क बीच जीवन ततर का अटट सबध रहा ह हमार पराचीन ऋिष-मिनय न प वी म हवा पानी िमटटी पड़-पौध जीव-ज तओ और मानव क सिकरय सहयोगा मक सतलन को यान म रखकर ही परकित को प य माना धमर क साथ परकित को जोड़कर उ ह न परकित को पयार त मह व िदया व जानत थ िक िजस परकार जीवन क िलए भिम की आव यकता होती ह उसी परकार वन पितया व अ य पराणी भी आव यक ह य सभी परकित क अिभ न अग ह इनम स एक क भी न ट होन का परभाव दसर पर पड़ता ह और पिरणाम व प पराकितक असतलन पदा हो जाता ह व तत प वी म हवा पानी िमटटी पड़-पौध जीव-ज तओ और मानव का सिकरय सहयोगा मक सतलन रहता ह पड़-पौध भिम को उपजाऊ बनात ह िमटटी को बाधकर रखत ह बरसात करवान तथा जल एव वाय को व छ रखन म सहायक होत ह परत आज क बढ़त औ योिगकीकरण और शहरीकरण न परकित और मानव क बीच असतलन उ प न कर िदया ह यह असतलन अिशकषण बढ़ती जनसख या शहर की ओर पलायन वकष की कटाई गगनचबी इमारत बड़-बड़ उ योग की थापना आिद क कारण ह और यही पयारवरण परदषण क मख य कारण ह मटरोपोिलटन एव बड़ शहर म अनक काबरिनक और अकाबरिनक गस जस ndash काबरन-मोनोऑक साइड अमोिनया आिद परदषण क मख य ोत ह

वतरमान पयारवरण -21वी सदी की चनौती

लख सरीन सल

विदक काल स ही परकित तथा मानव क बीच जीवन ततर का अटट सबध रहा ह

प ठ 27 अकषय कराित मन य न अपनी भितक सख-सिवधाओ की आपित र क िलए परकरित स

िखलवाड़ िकया ह वतरमान मशीनी यग म मन य वारा परकित क अ यिधक दोहन एव िनत नए कारखान की थापना स पयारवरण सकट उ प न हआ ह मानव न परकित क साथ जो अ यायपणर यवहार िकया ह उसी क फल व प परकित का िवरोधी रवया हआ ह िजस भिव य म सह पाना मि कल होगा

अिशकषा क कारण दश की तजी स बढ़ती आबादी क आवास की मलभत आव यकता को परा करन क िलए वकष की कटाई करक ऊची-ऊची इमारत बनाई जा रही ह वकष की अधाधध कटाई स भिम की ऊवररा शिक त का तो ास हो ही रहा ह साथ ही परदषण जसी िवकराल सम या भी ज म ल रही ह

परदषण पयारवरण क ास का परमख कारण ह िवकासशील दश िनत नए उ योग की थापना करक बराजगारी की सम या को तो दर कर रह ह िकत इसस जल वाय विन तथा िविभ न परकार क परदषण बढ़ रह ह कल-कारखान और मोटर स िनकलन वाल धए स वाय परदषण हो रहा ह जल थल व नभ क मागर पर शिक त चािलत वाहन विन परदषण का मख य ोत ह शहरीकरण और औ योिगकीकरण क कारण शदध पयजल की सम या िवकराल प धारण कर रही ह कारखान स िनकलन वाल कड़-कचर क निदय म िमलन स जल परदषण हो रहा ह रासायिनक खाद और कीटनाशी दवाओ स मदा परदषण का खतरा बन गया ह

इस परकार जनसख या विदध शहरीकरण औ योिगकीकरण एव परदषण जसी सम याओ न पयारवरण को बरी तरह परभािवत िकया ह आज सपणर िव व पयारवरण को लकर िचितत ह इस भयावह ि थित स बचन क िलए पर यक यिक त को पयारवरण क परित जाग क करना आज की अिनवायर आव यकता ह

इस िदशा म सवरपरथम िनरकषरता को समा त िकया जाना चािहए साकषर भारत की पिरक पना म जनसख या विदध दर वय िनयितरत हो जाएगी करल रा य इसका परमाण ह जहा साकषरता क साथ-साथ जनसख या िनयतरण भी ह

जल थल व नभ क मागर पर शिक त चािलत वाहन विन परदषण का मख य ोत ह

प ठ 28 अकषय कराित

इसक बाद बात आती ह परदषण िनवारण की आज िव व भर क

वजञािनक और पयारवरणिवद इस िदशा म कायररत ह सवरपरथम वन क काटन पर परितबध लगाया गया ह और वन सपना क िव तार हत वकष लगान क िलए परो सािहत िकया गया इसक िलए सरकार की ओर स वकष आिद िनश क उपल ध कराए जात ह ldquoपयारवरण परदषण स थाrdquo और व छ वाय अिधिनयम जस िविधक उपाय स वाय परदषण पर रोक लगान का परयास िकया जा रहा ह जहरील धआ उगलन वाल कारखान तथा वाहन पर भारी आिथरक दड का परावधान ह िविभ न सचार मा यम mdashदरदशरन समाचार-पतर तथा आकाशवाणी क मा यम स जनता को पयारवरण क परित जाग क करन क परयास िकए जा रह ह निदय म खलन वाल परदषण ोत को बद करन की योजनाए चलाई जा रही ह पािलथीन क परयोग को बद करन क िलए चलाया जा रहा ह अिभयान भी परशसनीय ह

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह इस खतर स सपणर भमडल का अि त व न ट हो जाए इसस पहल हम पयारवरण की सरकषा करन का सक प लना होगा

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह

िस धी होन क प चात भी मझ बगाली रीित िरवाज़ िमठाइया यहा का पहनावा अगरज क ज़मान की बनी सरचनाए एव भवन इ यािद म बहत िदलच पी एव िच थी

प ठ 29 अकषय कराित

यातरा स मरण-कोलकाता-खिशय हषर का शहर(िसटी ऑफ जॉय)

सोिनया सिह वानी पीईसी िलिमटड

म पी ई सी िलिमटड नामक कपनी क िविध ककष म उप िविध परबधक क पद पर कायररत ह सन 2010 जन स इस कपनी म मन परबधन परिशकष क प म अपनी पहली नौकरी की श आत की पी ई सी िलिमटड वािण य मतरालय क अतगरत आन वाली आयात-िनयारत यापार स स बिधत क पिनय म स एक ह इस स दभर म जनवरी 2011 म िविभ न िवभाग क परबधन परिशकषओ को ओिरएटशन हत काडला कोलकाता इ यािद शहर म भजन का कायरकरम िनि चत िकया गया कोलकाता क पास हि दया पोटर होन क कारण कोलकाता शहर चना गया जहा पी ई सी वारा आयात की गयी व तए पोटर गोदाम म रखी जाती ह साथ ही म कोलकाता पोटर िभ न गोदाम इ यािद दखन की यव था की गयी एव सची म समावश िकया गया यह सनकर मरी ख़शी का िठकाना न रहा क य िक मन कोलकाता शहर क बार म सना बहत था पर त कभी दखा न था िस धी होन क प चात भी मझ बगाली रीित िरवाज़ िमठाइया यहा का पहनावा अगरज क ज़मान की बनी सरचनाए एव भवन इ यािद म बहत िदलच पी एव िच थी आिखरकार मझ मौका िमला और जनवरी की कड़ाकदार ठ ड क बीच हम एक रिववार शाम कोलकाता राजधानी स अपनी मिजल की और िनकल पड़ िद ली स कोलकाता क सफ़र क बीच हमारी गाड़ी इलाहाबाद गया िबहार तथा धनबाद जस शहर स होत हए बगाल की ओर पहची हसत-गात खलत-खात हए हम अगली सबह हावड़ा जकशन पहच गए रलगाड़ी स उतर कर टशन स बाहर िनकलत ही मझ िसटी ऑफ जॉय क नाम स मशहर कोलकाता की पहली झलक िदखाई दी ऐसा लगा मानो मझ भारत क दो पहल एकसाथ जीत हए नज़र आए एक तरफ थ टशन स बाहर एव अ दर जात हए स दर कपड़ गहन म लद हए कोलकाता क बगाली िनवासी साथ म बड़ी-बड़ी गािड़य म घमत कोलकाता क नौजवान और ठीक दसरी तरफ मरी नज़र पड़ी हगली नदी पर बन परिसदध हावड़ा िबरज पर िजस दख एक अलग ही दिनया का एहसास हआ

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह

िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी

एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया नतीजा मर समकष था

प ठ 30 अकषय कराित

हावड़ा िबरज पर हर तरफ लोग का जमावड़ा था इतन लोग दख िद ली क चादनी चौक की याद आ गयी ऐसा लगा मानो म 50 साल पीछ िकसी लक एव वाईट दिनया म कदम रख चकी थी िबरज क दोन तरफ सामान बचत हए दकानदार िखलौन मछली रख हए औरत एव छोट-छोट ब च मख य शहर स हावड़ा जान वाल आम आदमी मजदर की तज़ र तार फरी स र ता पार करन वाल यापारी इन सब को दख लगा कोलकाता म मबई जसी भागम भाग भी थी िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया नतीजा मर समकष था जस-जस म कोलकाता शहर क भीतर आन लगी मझ इस शहर क िवकास की झलक िदखाई दी एक तरफ थी ऊची ईमारत सदर िवशाल िव यासागर सत पल बड़-बड़ होटल माल कोलकाता उ च यायालय राईटसर िबि डग मशहर इडन गाडरन टिडयम इ यािद तो दसरी तरफ था िवक टोिरया ममोिरयल अगरज की वा तकला क अनसार िदखती लाल ईटो की इमारत िवक टोिरयल सरचनाए भवन छोटी-छोटी पटिरय पर समान बचत नया बाज़ार (New Market) क दकानदार एव िवक टोिरया ममोिरयल क बाहर चलत सलािनय क िलए रथ वाल घोड़ हमारा होटल जसीबोस सड़क पर ि थत था एव सिवधाओ स भरपर था पर त मन य जाना िक असली कोलकाता का मज़ा गाड़ी म नही अथवा िरक शा ऑटो तथा साल स चलती आ रही सड़क पर टराम म था

हर तरफ मझ पील रग की टिक सया िदखाई दी सब एक समान थी तथा मरसीडीज़ गाड़ी क बगल म चलती 1-2 पय म सफ़र की जान वाली टराम भी साथ िदखाई दी परी िजदगी िद ली म यतीत करन क बाद हर नए शहर का रहन-सहन बोल-चाल रीित-िरवाज़ जानन की जाग कता मझम हमशा रही पहल ही िदन स कोलकाता मझ रास आया जस िक कहत ह lsquoकोलकाता हमार खब भाला लागली छ rsquo कहन का ता पयर य िक मझ कोलकाता बहत अ छा लगा पहल िदन िक शाम को हमन य मािकर ट म खरीददारी करन का मन बनाया म हरान थी िक वहा चीज िकतनी स ती िमल रही थी िद ली क मतािबक एक ितहाई दाम पर चिडया गहन बग जत कत इ यािद िमल

िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया

प ठ 31 अकषय कराित य मािकर ट िद ली क लाजपत एव सरोिजनी नगर समान ह कम

दाम म अ छा समान िमला कोलकाता चमड़ क िलए भी मशहर ह एव परिसदध ी लदसर दकान भी इस बाज़ार म ि थत ह यहा खरीदारी का हमन खब ल फ़ उठाया

अगल िदन हम हि दया पोटर गए एव अनक जहाज़ दख 3-4 घट की दरी पर ि थत यह पोटर अनक एकड़ म फला हआ था पहली बार इतन बड़ जहाज़ को अदर स दख खब आनद आया तीसर िदन हम काली बाड़ी मिदर गए बगाली अ यत पाठ-पजा वाल दगार मा क स च उपासक ह यह सब जानत ह दगार पजा इनका लोकिपरय उ सव ह तथा काली मा एव दगार मा की स च मन स पजा करत ह कोलकाता क िनवासी भिक त भावपणर ह यह सना था अब खद दख भी िलया बगाली र म स पजा करन का य मौका अ यत आनदमयी था इसक अलावा काली बाड़ी क नज़दीक ही ि थत ह गौिरहाट बाज़ार यहा की दकान बगाली सािड़या कपड़ सट कत इ यािद क िलए परिसदध ह आिद धक तशवर नामक मशहर दकान म जाकर मरा भी मन िकया िक म भी खरीददारी क मर सािथय न बहत सािड़या खरीदी एव दाम दखकर म दग रह गई सदर स सदर साड़ी मातर 600700 पय की थी मन बगाल की मशहर लाल एव सफद िपरट की साड़ी भी खरीदी कोलकाता म खरीददारी का अलग की मज़ा ह उसी िदन शाम हम सा ट लक िसटी मॉल गए वह सा ट लक टिडयम क नज़दीक ह यहा िदखाई िदया कोलकाता का परगितशील प नौजवान फटबाल की जसीर पहन माल म घम रह थ एक स एक

मशहर बरड वहा मौजद थ इसक अलावा कोलकाता क िनवासी खब मनोरजन क शौक़ीन ह सगीत नाच गाना इ यादी म िच रखत ह कोलकाता म जगह-जगह सगीत कला अकडमी तथा पढ़न (रीिडग) क क लब ह अगरज क शौक तथा रहन-सहन की झलक आज भी यहा िदखती ह यहा क नौजवान को खल-कद म भी खब िदलच पी ह फटबाल का तो जस यहॉ सबको जनन ह

भारत क परिसदध मोहन बगान फटबाल क लब फटबाल क वहा क नौजवान ही नही परा शहर ही दीवाना ह भारत-पाक मच हो या आई पी एल इडन गाडरन मदान लोग स खचा-खच भरा रहता ह अफ़सोस म वहा अदर जा न सकी

इसक अलावा काली बाड़ी क नज़दीक ही ि थत ह गौिरहाट बाज़ार यहा की दकान बगाली सािडया कपड़ सट कत इ यािद क िलए परिसदध ह

प ठ 32 अकषय कराित

मर सफर क आखरी िदन म मन कोलकाता क लोग म एकता क नजार दख िविभ नता म भी एकता का उदाहरण दखा चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख िजस िदन हम कोलकाता पहच थ उसी िदन वहा शहर बद था और मन एक जट होकर लोग को अपनी बात कहत हए दखा एव सना यहा क लोग अपन शहर क िवकास बहतरी क िलए जाग क ह िज मदारी लत ह तथा सरकार को अपनी बात भली-भाित कहत ह लड़िकय औरत की इ ज़त करत ह एव यहा िक मिहलाओ को मन िनदरलीय पाया जहा एक ओर भारत की राजधानी होन क बावजद िद ली वाल अपनी िजदगी म मगन रहत ह वही दसरी और कोलकाता म अमीरी-गरीबी िभ न जाितय म भी एक जटता ह कपड़ा एव खाना आज भी यहा खब स ता िमलता ह पर त दसरी तरफ सब जानत ह िक बड़-बड़ उ योगपित िव वान लखक िखलाड़ी गायक अिभनता िनदशक यहा स उभर ह सािह य हो या लख बॉलीवड हो या िकरकट बगाल न भारत को अनक नाम एव गौरव िदए ह चाह सौरव दादा हो या रिव दर नाथ टगोर ममता बनजीर रानी मखजीर हो या योित बस भारत म इनकी भिमका का वणरन करन की ज रत नही

मन कछ िदन क कोलकाता क सफर म इस शहर को जानन समझन का परयास िकया हगली नदी क िकनार खड़ होकर समदर को दखा निदय को िनहारा िव यासागर सत िबरज की सदरता िवशालता को सराहा क सी दास की परिसदध िमठाई का ल फ उठाया मन बहत शहर घम पर त यह सफर मर िलए सबस यादगार रहा कोलकाता परगित क मागर पर िनरतर बढ़ रहा ह पर त आज भी वह अपनी जड़ नितक म य को नही भला ह एक आम आदमी आज भी टराम म या फरी स सफर करता ह यहा क िनवासी दो पय स लकर 500 ० का खाना खात ह पराना एव नया कोलकाता एक साथ जीिवत ह िसक क क दो पहल की तरह कोलकाता क यह दो प को एक साथ रहत दख बहत आनद आया

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 33 अकषय कराित

जल परकित का अनपम उपहार ह मानव जाित अपन परादभारवकाल स ही इस उपहार का उपयोग अपन िहत क िलए करती आई ह जल वह पराकितक उपहार ह िजसका कोई िवक प नही ह इसिलए जल को अमतया जीवन भी कहा गया ह जल क िबना जीवन की सभावना भी नही ह पर यकष प स तो जल की मानवीय आव यकता सीिमत ह परत परोकष आव यकताओ पर नजर डाल तो दिनक जीवन की आव यकताए जस अ न फल स जी दध स लकर हमार पहराव आवास तक सब जल स जड़ हजल का जरा भी सतलन िबगड़ जाए तो जीवन यापन क टपरद होन म दर नही परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह जल क सामा य त य जल या पानी एक आम रासायिनक पदाथर ह जो जीवन क सभी जञात प क जीिवत रहन क िलए ज री ह आमतौर पर जल अपनी दरव अव था म उपयोग म लाया जाता ह पर यह ठोस अव था बफर और गस अव था जल वा प या भाप प म भी पाया जाता ह प वी क लगभग तीन चौथाई िह स पर िव व क महासागर का अिधकार ह अनमानत प वी पर जल की कल मातरा लगभग 1400 िमिलयन घन िकलोमीटर ह जो िक प वी पर 3000 मीटर गहरी परत िबछा दन क िलए काफी ह तथािप जल की इस िवशाल मातरा म व छ जल का अनपात बहत कम ह प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह शष जल झील निदय वायम डल नमी मदा और वन पित म मौजद ह जल की जो मातरा उपभोग और अ य परयोग क िलए व ततः उपल ध ह वह निदय झील और भजल म उपल ध मातरा का छोटा-सा िह सा ह इसिलए जल ससाधन िवकास और परब ध की बाबत सकट इसिलए उ प न होता ह कय िक अिधकाश जल उपभोग क िलए उपल ध नही हो पाता

परभावी जल परबधन और दश का िवकास

दीपक आहजा ओएनजीसी िवदश

प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह

प ठ 34 अकषय कराित

और दसर इसका िवषमतापणर थािनक िवतरण इसकी एक अ य िविश टता ह फलतः जल का मह व वीकार िकया गया ह और इसक िकफायती परयोग तथा परब ध पर अिधक बल िदया गया ह प वी पर उपल ध जल जल-चकर क मा यम स चलायमान ह जल लगातार एक चकर म घमता रहता ह िजस जलचकर कहत ह इसम वा पीकरण वषार और बह कर सागर म पहचना शािमल ह हवा जल वा प को थल क ऊपर उसी दर स उड़ा ल जाती ह िजस गित स यह बहकर सागर म पहचाता ह जल चकर का िचतर नीच पर तत िकया गया ह

अिधकाश उपभोकताओ जस िक मन य पशओ अथवा पौध क िलए जल क सचलन की ज रत होती ह जल ससाधन की गितशील और नवीकरणीय परकित और इसक परयोग की बार बार ज रत को ि टगत रखत हए यह ज री ह िक जल ससाधन को उनकी परवाह दर क अनसार मापा जाए इस परकार जल ससाधन क दो पहल ह अिधकाश िवकासा मक ज रत क िलए परवाह क प म मािपत गितशील ससाधन अिधक परासिगक ह आरिकषत भ डार की ि थर अथवा िनयत परकित और साथ ही जल की मातरा तथा जल िनकाय क कषतर की ल बाई व म यपालन नौ सचालन आिद जस कछक िकरयाकलाप क िलए भी परासिगक ह

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 35 अकषय कराित

जल का यय अप यय जल क बार म एक नही कई च कान वाल त य ह िव व म और िवशष प स भारत म जल िकस परकार न ट होता ह इस िवषय म जो त य सामन आए ह उस पर जाग कता स यान दकर जल क अप यय को रोका जा सकता ह अनक त य ऐस ह जो हम आन वाल ख़तर स तो सावधान करत ही ह दसर स पररणा लन क िलए परो सािहत करत ह और पानी क मह व व इसक अनजान ोत की जानकारी भी दत ह प वी पर पदा होन वाली सभी वन पितया स भी हम पानी िमलता ह

आल और अनानास म 80 परितशत और टमाटर म 95 परितशत पानी ह पीन क िलए मानव को परितिदन 3 लीटर और पशओ को 50 लीटर पानी

चािहए भारत म 83 परितशत पानी खती और िसचाई क िलए उपयोग िकया जाता

ह इज़राइल म औसतन मातर 10 सटीमीटर वषार होती ह इस वषार स वह

इतना अनाज पदा कर लता ह िक वह उसका िनयारत कर सकता ह दसरी ओर भारत म औसतन 50 सटीमीटर स भी अिधक वषार होन क बावजद अनाज की कमी बनी रहती ह

िपछल 50 वष म जल क िलए 37 भीषण ह याकाड हए ह भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल

चलती ह पानी ज य रोग स िव व म हर वषर 22 लाख लोग की मौत हो जाती ह यिद बरश करत समय नल खला रह गया ह तो पाच िमनट म करीब 25

स 30 लीटर पानी बरबाद होता ह बाथ टब म नहात समय 300 स 500 लीटर पानी खचर होता ह जबिक

सामा य प स नहान म 100 स 150 लीटर पानी खचर होता ह िव व म परित 10 यिकतय म स 2 यिकतय को पीन का शदध पानी

नही िमल पाता ह परित वषर 6 अरब लीटर बोतल पक पानी मन य वारा पीन क िलए

परयकत िकया जाता ह मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 36 अकषय कराित

िद ली मबई और च नई जस महानगर म पाइप लाइन क वॉ व की खराबी क कारण रोज़ 14 स 44 परितशत पानी बकार बह जाता ह

निदया पानी का सबस बड़ा ोत ह जहा एक ओर निदय म बढ़त परदषण रोकन क िलए िवशषजञ उपाय खोज रह ह वही कल कारखान स बहत हए रसायन उ ह भारी मातरा म दिषत कर रह ह

भारत म जल सकट नासा की एक िरपोटर न पानी को लकर दश भर म बढ़ती जा रही लापरवाही क परित आख खोली ह इस िरपोटर म भारत म सख की ि थित पदा होन क िलए िज मवार कारण म स एक अहम कारण अधाधध जल दोहन को बताया गया ह बतात चल िक दश भर क 604 िजल म स 161 सख की मार झल रह ह वस अब बताया जा रहा ह िक सख की मार स बहाल िजल की सखया बढ़कर 246 हो गई ह यानी कहा जाए तो आधा दश सख की चपट म ह बहरहाल नासा की इस िरपोटर म बताया गया ह िक भारत क कई रा य कषमता स यादा जल दोहन कर रह ह यहा कषमता स ता पयर यह ह िक उनस िजतन सलाना जल दोहन की उ मीद कदर करती ह व उसस कही यादा जल दोहन कर रह ह नासा न यह अ ययन 2002 स 2008 क बीच

की ि थितय क आधार पर िकया ह इस िरपोटर म बताया गया ह िक पजाब हिरयाणा और राज थान हर साल औसतन 177 अरब कयिबक मीटर पानी जमीन क अदर स िनकाल रह ह जबिक कदर की तरफ स लगाए गए अनमान क मतािबक इ ह हर साल 132 अरब कयिबक मीटर पानी ही जमीन क अदर स िनकालना था इस तरह स दखा जाए तो य तीन रा य िमलकर कषमता स 30 फीसदी यादा पानी का दोहन कर रह ह जािहर ह िक िबना कछ सोच-िवचार जब इस पमान पर पराकितक ससाधन का दोहन िकया जाएगा तो परकित भी बदला लगी और वही हो रहा ह इस िरपोटर म यह भी बताया गया ह िक भारत का महज 58 फीसदी भजल ही हर साल िरचाजर हो पाता ह नासा की यह िरपोटर बताती ह िक अधाधध जल दोहन की वजह स पर उ तर पि चम भारत क भजल तर म हर साल 4 सटीमीटर यानी 16 इच की कमी आ रही ह इस अ ययन को अजाम दन म नासा क जल िवजञानी मट रोडल न अहम भिमका िनभाई ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 37 अकषय कराित

उनक हवाल स इस िरपोटर म बताया गया ह िक दश क उ तर पि चम कषतर म 2002 स 2008 क दौरान तकरीबन 109 कयिबक िकलोमीटर पानी की कमी हई ह यह मातरा िकतनी अिधक ह इसका अदाजा इसी स लगाया जा सकता ह िक यह अमिरका क सबस बड़ जलाशय लक मीड की कषमता स दगन स भी कही यादा ह अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह इस िरपोटर क मतािबक अगर अधाधध जल दोहन इसी तरह स जारी रहा तो आन वाल समय म भारत को अनाज और पानी क सकट को झलन क िलए अभी स तयार हो जाना चािहए जािहर ह िक जब जल सकट बढ़गा तो खती पर इसका गहरा परभाव पड़गा अनाज क उ पादन म कमी आएगी इस वजह स अनाज सकट पदा होगा और भख का एक नया चहरा उभरकर सामन आएगा एक बड़ा तबका जो आज भरपट भोजन कर पाता ह उसक िलए पट भर खाना िमलना मि कल हो जाएगा भखमरी की जो सम या पदा होगी उसस िफर िनपटना आसान नही होगा इसक अलावा पीन क पानी का टोटा तो होगा ही अभी ही दश क कई िह स ऐस ह जहा क लोग को पीन क िलए साफ पानी नही िमल पा रहा ह कई कषतर ऐस ह जहा गमीर क िदन म हडपप स पानी आना बद हो जाता ह वहा क लोग को हर साल बोिरग को कछ फट बढ़वाना होता ह यह सम या भजल तर क िगरत जान की वजह स ही पदा हई ह जब पीन क पानी का सकट पदा होगा तो बोतलबद पानी का कारोबार काफी तजी स बढ़गा कहन का मतलब यह िक िजसक पास पसा होगा वह अपनी यास बझा सकगा और िजसक पास पसा नही होगा उस अपनी यास बझान क िलए भी सघषर करना पड़गा ि थित की भयावहता की क पना ही िसहरन पदा करती ह भारत म दिनया का हर छठा आदमी रहता ह यानी कहा जाए तो दिनया क कल आबादी क तकरीबन सतरह फीसदी लोग भारत म रहत ह जबिक दिनया का महज साढ़ चार फीसदी पानी ही भारत म उपल ध ह ऐस म जल सम या स दो-चार होना कोई आनापिकषत बात नही ह एक बात तो तय ह िक पराकितक ससाधन म इजाफा तो नही िकया जा सकता ह लिकन इसका सरकषण अव य िकया जा सकता ह

अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह

प ठ 38 अकषय कराित

भारत म लोग िकसी एक मा यम स पयजल परा त करन पर िनभरर नही ह इस दश म 357 फीसदी लोग हडपप स 367 फीसदी लोग नल स 182 फीसदी लोग तालाब पोखर या झील स 56 फीसदी कओ स 12 फीसदी लोग पारपिरक साधन स और 26 फीसदी लोग अ य मा यम स पीन का पानी परा त करत ह इस िलहाज स अगर दखा जाए तो जल सकट को दर करन क िलए समगर कायरयोजना की ज रत ह

दरअसल भारत म गहरात जल सकट क िलए काफी हद तक पानी की बबारदी भी िज मवार ह यहा जल आपित र की यव था म काफी खािमया ह नल क जिरए घर तक पहचन वाल पानी का एक बड़ा िह सा िरस कर बबारद हो जाता ह हर शहर म फट हए आपित र पाइप आसानी स दख जा सकत ह इस बदहाल यव था क िलए सरकार क साथ-साथ सामा य लोग भी कम िज मदार नही ह एक तरफ तो सरकार पयजल क नाम पर हर साल हजार करोड़ पए का बजट बनाती ह और दसरी तरफ जमीनी तर पर हालात म कोई बदलाव नही िदखता ह सामािजक तौर पर भी जल सरकषण को लकर जाग कता का अभाव िदखता ह यह सामािजक तान-बान का ही असर ह िक लोग कही भी जल की बबारदी को दखकर उस सामा य घटना मानत हए नजरअदाज कर दत ह दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था यह अब घटकर 1800 कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर हो चका ह

दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था

प ठ 39 अकषय कराित

िवशषजञ का अनमान ह िक अगर पानी की खपत और बबारदी इसी तरह स जारी रही तो 2025 तक यह घटकर हजार कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर ही रह जाएगा उस समय तक पानी की उपल धता म आन वाली इस कमी की वजह स किष उ पादन म तीस फीसदी की कमी आन की सभावना ह इन पिरि थितय म दश की आिथरक और सामािजक ि थित का कया होगा इसका अदाजा सहज ही लगाया जा सकता ह भारत म जल सरकषण क परित आज भी आम लोग क मन म उपकषा का भाव बना हआ ह साथ ही इस कायर क िलए आव यक तकनीक की भी कमी ह जो तकनीक उपल ध ह उनस सामा य लोग अनजान ह बािरश क पानी का सगरह करक उस उपयोग म लाना एक अ छा िवक प ह पर इस तरह की कोिशश काफी सीिमत मातरा म काफी छोट तर पर हो रही ह यही वजह ह िक दश म होन वाली बािरश क पानी का अ सी फीसदी िह सा आज भी समदर म पहच जाता ह अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह अगर जल की इस िवशाल मातरा का आधा भी परयोग कर िलया जाए तो ि थित म यापक बदलाव आना तय ह शहरी कषतर म तो पानी की कालाबाजारी जोर पर ह जगह-जगह पर जल मािफया सिकरय हो गए ह िद ली क ही एक अखबार न कछ समय पहल यह बात उजागर िकया था यहा तो समानातर जल बोडर भी चलाया जा रहा ह हरानी की बात तो यह ह िक इसक बावजद भी पानी क काल धध पर अकश नही लगाया जा सका ह अहम सवाल यह ह िक कस सामा य तबक क लोग तक व छ पानी पहचाया जाए शहरी कषतर क साथ-साथ गरामीण कषतर म भी यह एक बड़ी चनौती ह आबादी म अपर यािशत विदध बढ़त शहरीकरण औ योिगकीकरण और किष उ पाद की बढ़ती माग क कारण पानी की माग िपछल कछ साल म वाभािवक प स बढ़ी ह इसक पिरणाम व प भजल ससाधन का अ यिधक दोहन हआ ह और इसका नतीजा हआ िक लगातार भजल का तर घटता जा रहा ह शहरी कषतर म ि थित बहद भयावह ह तदनसार वहा न कवल शीघराितशीघर जल ससाधन क सरकषण की ज रत ह बि क परभावी रणनीित और परबधन क जिरए त काल कदम उठान की ज रत ह

अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह

प ठ 40 अकषय कराित

खासकर इस बात को यान म ऱखकर िक िविभ न परितयोगी कषतर म कभी भी माग बढ़ सकती ह भिव य म उपयोग क िलए छत पर या सतह पर जलगरहण बनाकर वषारजल सरकषण बहद ज री ह यह पानी की बढ़ती ज रत का खयाल रखन िमटटी की नमी तर को बढ़ान शहरी हिरयाली को बढ़ान भजल तर को कितरम प स पनभररण करन और भजल की गणव ता स सधार का काम करता ह भारत म जल परबधन स दश का िवकास भारत म दिनया की 16 परितशत आबादी रहती ह लिकन दिनया क िसफर 4 परितशत जल ससाधन ही भारत क पास ह 3290000 वगर िकलोमीटर क भिम कषतर और एक अरब स यादा की आबादी क साथ भारत क एक बहलवादी िविवधता का िचतर ह िवशाल पराकितक ससाधन क साथ सप न तकनीकी और वजञािनक किमरय का भी यह दिनया म दसरा सबस बड़ा सम चय ह भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह मानव िवकास म 80 क दशक म लगभग 26 परितशत और 90 क दशक क दौरान और 24 परितशत क वारा सधार हआ ह आजादी क बाद छह दशक म भारत न जल ससाधन का अभतपवर िवकास और खा या न म आ मिनभररता शहरी कषतर ऊजार और औ योिगक कषतर और पीन का पानी क बिनयादी ढाच म तजी स िव तार दखा ह िजसका उपयोग भारत की लगभग 85 परितशत शहरी और गरामीण आबादी क वारा िकया जाता ह भारत म रा य सरकार और भारत सरकार क परितबदध और ठोस परयास की वजह स गरामीण और शहरी आबादी को सरिकषत पयजल को उपल ध करवान म काफी सफलता हािसल की ह इस उपलि ध न भजल की कमी जल जमावजल गणव ता िगरावट जल परदषण और बढ़त लवणता तर स बड़ कषतर को परभािवत िकया ह और अभी भी िविभ न रा य म गरामीण और शहरी भारत क मानव िवकास सचकाक (HDI)rsquo म बहत असमानता मौजद ह पानी क िलए कषतरीय माग तजी स बढ़ रह शहरीकरण की गित स बढ़ रही ह (अनमानत 2025 तक दश की आबादी का 50 परितशत स अिधक शहर म रहग) जनसखया विदध बढ़ती आय और औ योिगक िवकासशहरी भारत तजी स िवकास की माग क कदर क प म उभर रहा ह

भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह

प ठ 41 अकषय कराित

नतीजतन परित यिकत पानी की उपल धता िगर रही ह परधानमतरी की अ यकषता म 12वी योजना क िलए हई योजना आयोग की पणर बठक म दसर म क साथ जल परबधन पर िवशष चचार हई बठक क बाद योजना आयोग क उपा यकष म टक िसह अहलवािलया न कहा िक भ-जल कानन स लकर दसर म की यापक समीकषा ज री ह व यनाथन सिमित जहा वतरमान म भ-जल कानन की साथरकता का अ ययन करगी वही भारतीय अतिरकष अनसधान सगठन [इसरो] की मदद स पानी की उपल धता का िव तत अ ययन होगा म टक न कहा िक उसी आधार पर रणनीित तय होगी सरकार यह यान रखगी िक पानी का अिधकतम उपयोग हो सक और सभी को उपल ध हो पानी पर िकसी का एकािधकार न हो सक बतात ह िक द पयोग को रोकन क िलए श क लगान पर भी िवचार िकया जा सकता ह हालािक इसस पहल रा य सरकार स चचार होगी यह तय ह िक एआइबीपी कायरकरम म यापक बदलाव ह ग ी म टक िसह अहलवािलया न कहा िक वतरमान म इस कायरकरम का सही िकरया वयन नही हो रहा ह िलहाजा उसम पिरवतरन ज री ह सभव ह िक हर रा य म जल िनयामक परािधकरण बनान की शतर भी लगाई जाए उ ह न कहा िक जल परबधन की यापक समीकषा कर नई रणनीित तय की जाएगी कल िमलाकर रा टरीय तर पर वतरमान जल ससाधन का अिधक स अिधक करन क िलए माग को परा करन क िलए पयार त ह लिकन भिव य क अ ययन पिरयोजना ह िक जल आपित र की ि थित अगल आध सदी म अिधक किठन हो सकती ह जल सकट स िनपटन को जल सरकषण परबधन अिनवायर परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह बढ़त वि वक तापमान क फल व प अितवि ट अनावि ट अ पवि ट और असामियक वि ट हम परितवषर दख रह ह िजसका परभाव हमार जल ससाधन पर पड़ता िदखाई द रहा ह कओ व बाविडय का िमटता अि त व नदी-नाल का घटता पानी भ-गभर जल का िगरता तर िचता की पिरिध स िनकलकर खतर की घटी बनता जा रहा ह

निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह

प ठ 42 अकषय कराित

िव व भर म सीमट क अधाधध परयोग न धरातल क सहज अवशोषण कषतर को घटाया ह तथा जल बहाव भिम कटाव व बाढ़ म विदध की ह ऐसी ि थित म जल सरकषण का दािय व मातर वजञािनक व सरकार तक सीिमत न रहकर पर यक उपभोकता क कध पर आ जाता ह इसी दािय व क िनवरहन क िलए हमार पास दो िवक प सामन आत ह 1 वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई

उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

2 पािरवािरक तर पर वषार जल को सगरिहत कर उसका उपयोग कर य दोन ही परयास गरामीण कषतर म तो सरलता स अपनाए जा सकत ह परत शहरी कषतर म व ट वाटर मनजमट की बड़ी पिरयोजनाए बनाकर ही पानी को िरसाइिकल िकया जा सकता ह भ-गभर अिधकािधक जल अवशोिषत होकर

जाए इसक िलए मदानी भाग म िनयोिजत ढग स बड़-बड़ पोखर बनाकर तथा पहाड़ी कषतर म नाल -ख ड म िमटटी प थर आरसीसी क बड़-छोट डम लगाकर जल बहाव रोक भ-सरकषण बचाव व जल भडारण और धरातल जल शोषण कषतर बढ़ाया जा सकता ह िव व बक भारत सरकार वारा म य िहमालय जलागम पिरयोजना रा य क भ-सरकषण िवभाग इस कषतर म कारगर उपाय लकर

हमार सामन ह परत जनसहयोग क िबना इन पिरयोजनाओ क आशातीत पिरणाम ल पाना किठन ह वकषारोपण इस सपणर जल चकर को बल दन वाला कारक ह जल क परित चतना जागत न हई तो अव य ही अगल िव व यदध का कारण जल ही होगा

जल भोजन ह और अिगन भोजन का भकषक ह अिगन जल म और जल अिगन म िव यमान ह

- ततरीय उपिनषद 38

वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

प ठ 43 अकषय कराित

म भी गान गा सकता ह शबनम क िखलत फल क म भी गीत सना सकता ह सावन क म त झल क लिकन जब घर-घर म बादल छाय घोर िनराशा क तब म नगम गा रहा ह उ मीद की आशा क

सड़क पर खड़ बचपन की य बात सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह

हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

इस बदलत पिरवश का राग सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

गाधी जी क सपन का जो राम-रा य कहलाता ह उस भारत म सड़क पर छोट चाय पहचाता ह

कहा गई वो अ हड़ म ती कहा गया वो यार का रा ता उन हाथ स बचत झड िजन हाथ को चािहए ब ता

उस सोन की िचिड़या की म बात बतान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

कही बम की गमर हवाए कही ससद म कोहराम ह कही होत घोटाल स परशान आदमी आम ह

कही कल की िकलकारी ह कही सड़क पर बचपन ह कही चलता नही गजारा कही िवदश म काला धन ह

म स चाई गा-गाकर सबको बतलान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

बदलता भारत मनीष लाल इरडा

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

प ठ 44 अकषय कराित

करन वाल काम बहत ह यथर उलझन को छोड़ो म ला-पिड़त तोड़ रह ह तम बस lsquoअपन को जोड़ो

lsquoहम बदलग-यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का lsquoवद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का

वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हम बदलग mdash यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का वद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

प ठ 45 अकषय कराित

िसफर काला और सफ़द य ही वो दो रग थ जो तर पास सि ट बनान क आधार थ

काला वो जो कािलमा िलय ह िजस कहत ह दख िनराशा म य अपयश और वो सबकछ जो नकारा मक ह

मगर सफद ह वो रग िजसस जड़ा ह जीवन आशा सख और कीितर और वो सब कछ जो सकारा मक ह पर इन रग स तझ चन ना िमला त सोचन लगा अगर सि ट बनानी ह

तो िकस िलए- ससगर और परम क िलए और

इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग

ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह

बस- बना डाला तन इ दरधनष

जो बरसात क बाद सरज और प वी क अनपम परम को रग दता ह सतरगी रग स

और उ ही सतरगी इ दरधनषी रग म हम हर पल हर कषण डबत गहरात इतरात रहत ह

और खिशय भर ससार म हर रग को अलग-अलग तरह स महसस करक जीत रहत ह

रग तो रग ह मगर-

ससगर और परम क िलए और इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह बस-

सतरगी िचतर सगीता ीवा तव इरडा

प ठ 46 अकषय कराित

कभी पक क कभी फीक़ तो कछ कभी दाग बनकर उभर आत ह

कछ आख म नील बादल स छाए रहत ह तो कछ गाल पर गलाबी रग बनकर छलक जात ह

याद रहत ह अक सर वो रग- जो खदी पर इस तरह छा जात ह िक खद म घलकर खद क होन

का एहसास दत-दत खद का एक रग बन जात ह

बगनी आसामनी नीला हरा पीला नारगी लाल इ दरधनष क य सात रग ही जोड़त ह हमार िदल को

हमार मन को जोड़न वाल इन रग की सतरगी दिनया म-

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा बनाय

और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क

सतरगी िचतर

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा

बनाय और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क सतरगी िचतर

Page 9: Akshay Kranti Vol 3€¦ · पक्ष को प्रभािवत न कर e, बािधत व पीिड़त न कर eवह काय-र्कौशल है।

प ठ 9

अकषय कराित

लड़क को अितिथ गह म ठहराया गया हर परकार स उसका खयाल रखा गया अत म उसकी बिल दन का िदन भी आ गया राजा न लड़क को बलाया और कहा आज त हारी बिल द दी जाएगी अगर त हारी कोई आिखरी इ छा हो तो बताओ हम उस परी करग मझ कछ भी नही चािहए बरा मण पतर न कहा बस म बिल दन स पहल नदी म नान करक पजा करना चाहता ह राजा यह सनकर बहत परस न हआ और बोला ठीक ह हम भी त हार साथ नदी तक चलग उस लड़क न नदी म नान िकया िफर नदी िकनार की रत को इकटठा िकया और उसकी चार ढिरया बना दी उसन चार ढिरओ की ओर दखा िफर एक ढरी को अपन पर स िगरा िदया िफर उसी परकार स दसरी ढरी को भी िगरा िदया िफर तीसरी ढरी को भी िगरा िदया उसक वह चौथी ढरी क पास गया उसक चार ओर तीन बार चककर लगाया हाथ जोड़कर उसको माथा टका उसकी वदना की और राजा क पास बिल क िलए आ गया राजा उसका यह सारा करतब बड़ ही कौतहल स दख रहा था पहल तो राजा न सोचा िक बालक ह रत स खल रहा ह पर त जब राजा न दखा िक उसन चौथी ढरी को हाथ जोड़कर परणाम िकया ह तो राजा को इसका रह य जानन की इ छा हई राजा न बालक स पछा बालक तमन रत की चार ढिरया बनाई िफर उनम स तीन को तोड़ िदया और चौथी को परणाम िकया इसका कया रह य ह पहल तो ब च न कोई उ तर नही िदया पर त राजा क दोबारा पछन पर लड़क न कहा राजन आपन बिल क िलए मझ कहा ह म बिल दन क िलए तयार ह आप अपना काम कीिजए आपको इस बात स कया लना िक मन रत की वो ढिरया कय तोड़ी ह राजा को बालक स ऐस उ तर की आशान थी राजा न उसस कहा बालक हमन त हार िपता को त हारी कीमत दकर त ह खरीदा ह तम हमार खरीद हए गलाम हो इसिलए हमार हर पर न का उ तर दना और हमारी हर बात को मानना त हारा धमर बनता ह ह राजन जब आप िजद कर रह ह तो सिनए लड़क न उ तर िदया जब कोई ब चा पदा होता ह तो सबस पहल उसक माता-िपता उसकी रकषा करत ह अगर वह आग क पास जान लगता ह तो उसको उसस बचात ह उसकी हर परकार स रकषा करन की िज मवारी उनकी होती ह लिकन यहा तो मर िपता न ही धन क लालच म मझ बिल दन क िलए आपक पास बच िदया इसिलए पहली

उसकी वदना की और राजा क पास बिल क िलए आ गया राजा उसका यह सारा करतब बड़ ही कौतहल स दख रहा था

प ठ 10

अकषय कराित

ढरी जो उनक नाम की बनाई थी वह मन ढहा दी लड़क न आग कहा दसरी िज मदारी राजा पर होती ह अपनी परजा की रकषा करन की आपन मझ अपनी सतान पराि त क िलए बिल दन क िलए खरीद िलया तब आपस कया पराथरना करता इसिलए दसरी ढरी जो मन आपक नाम की बनाई थी वह भी तोड़ दी जीव की रकषा करन का तीसरा भार दवी-दवताओ का होता ह बालक न तीसरी ढरी का रह य बतात हए कहा लिकन यहा तो दवता वय ही मरी बिल लन को तयार बठा ह तो इसस कया पराथरना करता इसिलए मन तीसरी ढरी भी तोड़ दी लिकन चौथी ढरी का कया रह य ह राजा न पछा और अत म सहारा होता ह भगवान का ई वर का ब च न रत की ढिरय का रह य खोलत हए कहा मरी बिल दी जानी थी सो मन अत म ई वर स पराथरना की परभ की पजा-अचरना करक उनस रकषा करन की पराथरना की अब वही मरी रकषा करग वही होगा जो ई वर को मजर होगा म बिल दन क िलए तयार ह rsquo इतना कहकर वह बालक राजा क पास जाकर िसर झका कर खड़ा हो गया राजा उस छोट स बालक की इतनी जञान की बात सनकर स न रह गया राजा न सोचा म इस बालक की बिल द दगा बरा मण ह या भी हो जायगी िफर पता नही मझ जो सतान परा त होगी वो कसी होगी परजा का खयाल रखन वाली होगी या नही कही मरा और वश का नाम ही न डबो द यह बालक गणवान ह ई वर का भकत ह सब परकार स मर लायक ह कय न म इस ही गोद ल ल और इस ही अपना पतर बना ल इतना िवचार करत ही उसन उस बालक की बिल दन का कायरकरम र कर िदया और उस बालक को गोद ल िलया कहत ह उस बालक म अ छ गण होन क कारण उसन कई साल तक रा य िकया और हर परकार स परजा की रकषा की उसक रा य म िकसी को िकसी परकार का कोई क ट नही था

इतना कहकर वह बालक राजा क पास जाकर िसर झका कर खड़ा हो गया राजा उस छोट स बालक की इतनी जञान की बात सनकर स न रह गया

परकित िजदगी स ह िजदगी बनी भी परकित स ह चलता रह य िविचतर खल य ही इसका भी अमल िजदगी स ह

प ठ 11

शोिभत ह िज़दगी धरती की धार पर इस हिरत धारा पर ऊजार स भरपर ह हिरत ऊजार स य ससि जत य खब ह

हिरत ऊजार क भ डार का खजाना य खब ह जल वाय और सौर ऊजार ह इनक अ यत ोत

ल अमल म इनको अगर बचाना ह य धरा अनमोल अदभत ह खजान परकित क अगर कर ल मन य इनका सदपयोग

य झोखा जो हवा का ह य जो तरग म जलधारा ह अदभत िकरण जो फलाती जीवन की धारा ह

समझ ल इनका जो इशारा ह कर परयोग इ ही का अपन यतर मतर स छपा ऊजार का अनमोल खजाना ह

परकित िजदगी स ह िजदगी बनी भी परकित स ह चलता रह य िविचतर खल य ही इसका भी अमल िजदगी स ह

रकषा कर इस धरा की स पना इसको नई िजदगी को ह इस परकित स बना मन य महान

िफर क य कर रहा परकित का सवरनाश खद को बचा हर िजदगी को बचा

करक हिरत ऊजार का स मान जीन द जीवन को और भी कर ल सयम म अपना य िवषकत घटता जीवन का चकर य ह इशारा परकित का हर पल सभल जरा ना कर इसको त तग

मक त खल परकित स कर ल इस हिरत ऊजार का परयोग अ छ क बदल अ छा दना सीख परकित का य खल

अलका कमार इरडा

अकषय कराित

किवता

प ठ 12

नही सीखा अब भी अगर परकित म सब जाएगा बदल जी ना पायगा िफर त इस परकित म िमट जाएगा अश तरा इस परकित स हिरत परकित और य हिरत ऊजार ह य इस धरा क जीवन दायक सीख परकित स लना दना

िसखा रह य जीवन का मल मतर परकित का आहार परकित मत द आहार आपराकितक सतलन िबगड़ गया अगर हो जायगी िवनाश िजदगी

अब सभल जरा और कर ल परण करक हिरत ऊजार को ही खचर बना धारा को शोिभत हरदम

िफर रहगा परकित और िजदगी का य खबसरत सग

हिरत परकित और य हिरत ऊजार ह य इस धारा क जीवन दायक सीख परकित स लना दना िसखा रह य जीवन का मल मतर

अकषय कराित

प ठ 13

अकषय कराित

कमरचािरय की आदत उनक यिक त व और िन पादन कषमता का पार पिरक सबध - एक िव लषण

हम िजस िकसी सगठन म काम करत ह उसक परित हमारा ल य होना चािहए सबिधत स थान क िलए अपनी सपणर कषमताओ का इ तमाल कषमताओ का बहतर परयोग तभी हो सकता ह जब हम अपन अदर अ छी आदत का िवकास कर हमार शा तर वद उपिनष और अ य धािमरक गरथ हम अ छी आदत क िवकास क सबध म बीज मतर बतात ह िक हम मनसा वाचा और कमरणा शदध रहना चािहए मनसा वाचा और कमरणा शदधता स ता पयर ह िक हम मन वाणी और कम स अ छ बन रह हमारी नीयत नक हो हम अपन सहकिमरय सािथय और अ य लोग क साथ अ छा बरताव कर और हमार कमर अ छ ह इस बीज मतर पर चलन वाला हमशा अपन अदर अ छी आदत का िवकास होता पायगा

असल म िदककत यही ह िक हम उपदश दन म तो आग रहत ह लिकन खद क अदर नही झाकत या कम ही झाकत ह - lsquoपर उपदश कशल बहतरrsquo सपरिसदध लखक सरदार परन िसह न एक बार कहा था आचरण की स यतामय भाषा सदा मौन रहती ह अथारत आदमी खद चप रहकर खद को ठीक रख तो इसका परभाव खद-ब-खद दसर पर पड़ता ह इसको हम एक छोट स उदाहरण स प ट कर सकत ह िक मान िलया जाए हम ब च स कह धमरपान नही करत लिकन उसक सामन खद ऐसा कर इसस इतर हम अगर यह सब करत ही नही ह तो इसका यादा असर ब च पर पड़गा अ छी आदत घर स श होकर समाज द तर और उसस आग तक हम हमशा हमारा फायदा िदलाती ह

कहा जाता ह िक व थ तन म ही व थ मन िनवास करता ह इसी तरह यह भी कहा जाता ह िक व थ वातावरण ही उ नित का योतक होता ह व थ वातावरण तभी बनगा जब उस माहौल म रहन वाल लोग

हीरा व लभ नराकास

असल म िदककत यही ह िक हम उपदश दन म तो आग रहत ह लिकन खद क अदर नही झाकत या कम ही झाकत ह - lsquoपर उपदश कशल बहतरrsquo

प ठ 14

अकषय कराित एक दसर का स मान करग खद की आदत को सधारग और उस स था की तरककी क िलए अपन तर पर हर वह काररवाई करग जो औ योिगक सगठन और लोग की उ नित म ज री होती ह

औ योिगक सगठन िकसी भी दश की अथर यव था को मजबत आधार परदान करत ह औ योिगक सगठन म परयोग होन वाल सम त ससाधन म मानव ससाधन अथारत उसम काम करन वाल कमरचारी मह वपणर और िनणारयक होत ह इन सगठन का सफल सचालन वहा कायररत कमरचािरय की कशलता और कायरकषमता पर आधािरत होता ह कशलता और कायरकषमता का ोत हमारा आचरण और यवहार होता ह जािहर ह औ योिगक सगठन म मानवीय सबध परी एक ऐसी िकताब ह िजसक िबना कभी कछ नही कराया जा सकता लोग क साथ सतोषजनक प स काम करना परबधन क काम का िसफर एक िह सा नही ह वरन सारा

काम इसी पर िटका ह कय िक सभी उ योग म मशीन माल या दसरी चीज़ क साथ कोई भी काम लोग क मा यम स ही िकया जा सकता ह तीन lsquoएमrsquo अथारत मनी मटीिरयल और मशीन औ योिगक सगठन क िलए मह वपणर ससाधन होत ह लिकन इ ह पिरणाम तक पहचान का कायर कमरचारी (man) ही करत ह जो सगठन दर अदशी रहकर कमरचािरय क जञान उनकी िविश टताओ उनक आचरण को अनकल साच म ढालन क परित सजग रहत ह वही सफलता की ऊचाइय को छत ह अगरजी म एक परानी कहावत ह -- Where the vision is one year Cultivate flowers Where the vision is ten years Cultivate trees Where the vision is eternity Cultivate people अथारत जहा दरअदशी एक साल क िलए हो तो फल लगाइय जहा दरअदशी दस साल क िलए हो तो पड़ लगाइय

औ योिगक सगठन म परयोग होन वाल सम त ससाधन म मानव ससाधन अथारत उसम काम करन वाल कमरचारी मह वपणर और िनणारयक होत ह

प ठ 15

अकषय कराित जहा दरअदशी अनत काल क िलए हो तो लोग का िवकास कीिजए औ योिगक सगठन म 500 आदमी ह 5000 आदमी ह 50000 ह या इसस अिधक अगर कामकाज ठीक स चलाना ह तो बहत ज री ह परबधन उनस िनभाना जानता हो यिकतगत सपकर का मह व

वातानकिलत कमर म बठकर और सचार मा यम या िकसी अ य तरीक स कमरचािरय की िरपोटर लना और आस पास होन वाल घटनाकरम को जानना अलग बात ह और कायर थल पर वय उपि थत रहकर ि थित को समझना और िनदश दना अलग बात महान जनरल रोमल की सफलता का मखय कारण यह था िक व हमशा कायर थल पर वय उपि थत होकर िनदश दत बात की पि ट करत सम याए सलझात और दखत िक काम कसा चल रहा ह रोमल का यह तरीका इतना सफल रहा िक िकसी भी औ योिगक सगठन या कारोबार म इस अपनाया जाए तो आशातीत पिरणाम सामन आ सकत ह लोग क बीच खद उपि थत होकर काम करन का कोई िवक प नही ह लोग अिधकाशतः उनको नापसद करत ह िज ह व ठीक स जानत नही ह पर एक बार जान पहचान हो जान पर हालात बदल जात ह कमरचािरय म अ छी आदत का िवकास करन की पहली शतर ह िक पहल उनक िदल म घर िकया जाए ऐस िकसी भी बरताव स बचा जाए िजसस वह अपन को उपिकषत महसस करन लग अतः सवदनशीलता का यान रखना बहत ज री ह

कमरचािरय क परित सवदनशील यवहार-कौशल और धयरपणर होन क अितिरकत इस बात पर ढ़ रहना ज री ह िक काम ठीक परकार स हो अ छ यवहार क साथ कमरचािरय को यह जताना भी ज री ह िक उनस काम का उ च तर अपिकषत ह और उस पर उनक साथ कोई समझौता नही और अगर इस पर अमल नही करत तो उ ह पता होना चािहए िक आप कड़ी काररवाई करग

सकारा मक नजिरया परबधन का एकमातर काम िनदश दना नही ह वरन उस साथ-साथ लोग का िवकास करना होता ह

महान जनरल रोमल की सफलता का मखय कारण यह था िक व हमशा कायर थल पर वय उपि थत होकर िनदश दत बात की पि ट करत सम याए सलझात और दखत िक काम कसा चल रहा ह

प ठ 16

अकषय कराित एक अिधकारी का मखय काम यही ह िक वह अपन साथ काम करन वाल लोग म अ छी आदत का िवकास कर उनकी सहायता कर यिद यह काम परभावशाली ढग स कर पाता ह तो इसस कवल उसक अपन काम ही बहतर नही ह ग बि क उसक पास परिशिकषत और कशल कमरचािरय का परा दल होगा जो उसक परित परी िन ठा स काम करगा इसक िलए सबस पहल कमरचािरय का नजिरया ठीक करना ज री ह उनम सबस पहल यह भावना लानी होगी िक हमार अदर जो चीज ह वही हम ऊपर की ओर ल जाती ह और वह हमारा नजिरया ह

एक आदमी मल म ग बार बचकर अपनी गज़र-बसर करता था उसक पास लाल नील पील हर-चार रग क ग बार थ जब कभी उसकी िबकरी कम होन लगती तब वह हीिलयम गस स भरा एक ग बारा हवा म छोड़ दता ब च उस उड़ता दखकर वसा ही उड़न वाला ग बारा पान क िलए मचल उठत ब च उसस ग बारा ख़रीदत और इस तरह उसकी िबकरी िफर स बढ़ जाती िदन-भर यही िसलिसला चलता रहता एक िदन वह आदमी बाज़ार म खड़ा ग बार बच रहा था अचानक उस महसस हआ िक पीछ स कोई उसका करता पकड़कर खीच रहा ह उसन पीछ मड़कर दखा तो एक छोट स ब च को खड़ा पाया उस ब च न ग बार वाल स पछा ldquoअगर आप काला ग बारा छोड़ग तो कया वह भी उड़गाrdquo ब च की बात उसक िदल म लगी और उसन यार स जवाब िदया ldquoबट ग बारा अपन रग की वजह स नही उड़ता बि क उसक अदर कया ह इस वजह स ही वह ऊपर जाता ह rdquo ठीक यही बात हमारी िज़दगी म भी लाग होती ह अगर लोग का नजिरया बहतर हो उनम अदर स काम करन की इ छा भरी हो तो व खलकर आपस म िमलकर काम करग इसस नकसान तो कम होगा ही स थान क परित िन ठा बढ़गी और लगन स काम करन का वातावरण तयार होगा िव वास हािसल करना आव यक

कमरचािरय स बहतरीन काम लन क िलए शानदार टीम लीडर होना ज री ह मटठीभर लोग का कोई समह िकला तभी फतह कर सकता ह जब

एक आदमी मल म ग बार बचकर अपनी गज़र-बसर करता था उसक पास लाल नील पील हर-चार रग क ग बार थ

प ठ 17

अकषय कराित जब उनका सनापित उनम वह जोश भर सक िक उ ह कोई भी ऊचाई यादा न लग अतः सबस ज री ह िक स थान म कमरचािरय की

कषमताओ का परा फायदा लन क िलए उनका िव वास जीता जाए इसक िलए उनक साथ परी इ जत स पश आना ज री ह उनकी छोटी-बड़ी खशी को बाटना और उनकी राय को परा स मान दना भी उतना ही ज री ह कई बार परबधन क उ चािधकारी या लीडर अपनी टीम क सद य स िसफर इसिलए राय नही लत कय िक उ ह लगता ह िक एक बार राय लन पर अगर उनकी बात नही मानी गयी तो उ ह बरा लगगा लिकन सबस ज री ह िक टीम म सभी सद य को िव वास म लकर काम िकया जाए यहा टीम लीडर की भिमका मह वपणर होती ह वह खद वकत का पाबद होगा तो उसक मातहत कमरचािरय म वयमव यह गण आदत का प ल लगी टीम लीडर का काम अपनी टीम का उ साह बढ़ात हए दी गयी िज मदािरय को समय स परा करना ह मगर उसम नयी चीज़ को सीखन की ललक होनी चािहए ऐसी ललक जब स थान क कमरचािरय म आदत का प लन लगती ह तो वह स थान जािहर ह नए परितमान थािपत करन लगता ह जापानी कपिनया हर बात म कमरचािरय क िहत का यान रखती ह िजसस व वय ही उ पादकता क परित सचत हो जात ह जानी-मानी टोयोटा कपनी क कमरचािरय म तो काम की ऐसी आदत सी या ललक होती ह िक व तब तक काम करत ह जब तक खद थक कर चर नही हो जात यह उनकी आदत ही बन चकी ह िक यिद व िकसी बात पर नाराज होत ह तब भी कपनी या अपन भागय को भल ही कोस ल पर अपन काम पर असर नही पड़न दत इसका कारण यह ह िक जापानी कपिनया काम का एक अ छा वातावरण बनान और लोग म काम क परित स ची लगन को बढ़ावा दन क िलए कड़ा परयास करती ह वहा लोग को लगातार परिशकषण िमलता रहता ह जो कवल तकनीक और मनजमट ही नही कायर स जड़ी नितकता और अ छी आदत क िवकास पर किदरत होता ह चिरतर का िनमारण उनकी एक आदत सी बन जाती ह अगर हम भी एक अ छी शिखसयत बनना ह तो हम अपनी आदत को गहराई स जाचना होगा

ऐसी ललक जब स थान क कमरचािरय म आदत का प लन लगती ह तो वह स थान जािहर ह नए परितमान थािपत करन लगता ह जापानी कपिनया हर बात म कमरचािरय क िहत का यान रखती ह

प ठ 18

अकषय कराित चतन और अवचतन मन

हमार चतन मन क पास सोचन की शिकत होती ह यह िकसी बात को मान सकता ह और नही भी मान सकता मगर अवचतन मन िसफर वीकार करता ह यह इनपट (input) को लकर कोई भदभाव नही करता अगर हम अपन मन म डर शका नफरत क भाव भर तो यह आ म सझाव इन सभी भाव को सिकरय बनाकर हकीकत म बदल दगा हमारा अवचतन मन एक डाटा बक की तरह ह अवचतन मन एक गाड़ी की तरह ह और चतन मन एक डराइवर की तरह शिकत तो गाड़ी म होती ह मगर उसका कटरोल डराइवर क पास होता ह

हम अवचतन मन को इस तरह ढालन की ज रत ह िक वह हम सही और ठीक रा त पर ल जा सक अवचतन मन एक बगीच की तरह होता ह िजस कोई परवाह नही होती िक आप कस पौध लगात ह यह िनरपकष (neutral) होता ह इसम अ छा बोन पर अ छा िमलता ह अ यथा जगली पौध उग जायग

बि क अ छ बीज बोन क बावजद जगली पौध उगन बद नही होत आव यकता होती ह उ ह उखाड़ फकन का िसलिसला जारी रखन की इसी िसदधात को कमरचािरय क मामल म समझन की ज रत ह हम याद रखना ह िक सही और गलत िवचार मन म एक साथ नही रह सकत आव यकता उनक अवचतन मन को इस तरह ढालन की ह िक उनम अ छी आदत का िवकास हो दरअसल अवचतन योगयता वह होती ह जब हम यान दन और सोचन की यादा ज रत नही होती कय िक यह हमार यवहार म खद ब खद उतरन लगा ह िजस स थान क कमरचारी इस तर पर पहच जात ह उनम अ छी आदत वयमव घर करन लगती ह जब बरी आदत हमार अवचतन योगयता क तर तक पहच जाती ह तो वह कावट उ प न करती ह

पिरवतरन का िवरोध बरी आदत को पहचान लन क बाद भी अकसर दखा गया ह िक

लोग उ ह बदलत नही ह ऐसा आिखर कय होता ह उनक न बदलन का कारण ह िक व िज मदारी को वीकार करन स इनकार करत ह

हम अवचतन मन को इस तरह ढालन की ज रत ह िक वह हम सही और ठीक रा त पर ल जा सक अवचतन मन एक बगीच की तरह होता ह िजस कोई परवाह नही होती िक आप कस पौध लगात ह

प ठ 19

अकषय कराित अपनी उन आदत को बनाय रखन म उ ह जो आनद िमलता ह वह पिरवतरन क ददर स यादा होता ह इसक िन निलिखत कारण हो सकत ह -- 1 पिरवतरन की इ छाशिकत का अभाव 2 पिरवतरन क िलए आव यक अनशासन की कमी 3 िव वास की कमी 4 आव यक जानकारी की कमी परबधन वारा इन िबदओ पर िवचार कर अपन किमरय म आशातीत पिरवतरन लाया जा सकता ह सामा यतः खराब आदत को न बदलन क बहान िदय जात ह और कहा जाता ह -- हम लोग इसी तरह करत ह या िक म नही समझता इसस कोई फकर पड़गा और कछ न िमला तो कह िदया जाता ह म बहत य त ह अ छी आदत का िन पण

आदत म पिरवतरन लाया जा सकता ह आव यकता ह इसक िलए सही पिरवश का िनमारण करन की कमरचािरय को परिशिकषत करन की परिरत करन की और ऐसी ि थितया उ प न करन की िजसस कमरचािरय म अ छी आदत का िन पण हो सक दरअसल सफल लोग का राज यह ह िक व काम करन की उन आदत को डाल लत ह जो असफल लोग करना नही चाहत य वही काम ह िज ह सफल लोग भी करना

नही चाहत लिकन व िफर भी करत ह उदाहरण क िलए असफल लोग अनशासन और महनत करना पसद नही करत सफल लोग भी अनशासन और कड़ी महनत नापसद करत ह लिकन व िफर भी ऐसा करत ह कय िक य लोग उन काम को करन की आदत डाल लत ह िज ह असफल लोग नही कर पात नजिरय और सोच का तरीका एक आदत ह और इस बदला जा सकता ह सही ि ट और सतलन कमरचािरय म काम क सबध म सही ि ट बनाय रखन की परवि त िवकिसत करना ज री ह जब कछ गलत हो रहा होता ह तो उस ठीक करना परबधन का ही काम होता ह समझा यह जाता ह िक परायः हम गलत हो रह काम को लकर इतन िचितत हो जात ह िक जो सही हो रहा ह उस भी अनदखा करन की हमम आदत होती ह

दरअसल सफल लोग का राज यह ह िक व काम करन की उन आदत को डाल लत ह जो असफल लोग करना नही चाहत

प ठ 20

अकषय कराित उदाहरण क िलए अगर िकसी स कोई गलती हो जाती ह तो हम एकदम उस पर िच ला पड़त ह या उसक िव दध काररवाई कर बठतहअ छा यह रहगा िक आप उस अलग ल जाकर अकल म बात कर अगर परशसा करनी हो तो सबक सामन कर

अगर िकसी स सहमित न बन तो उस पर करोध करना ज री नही ह अगर अपन करोध पर काब रखग तो लोग अपनी असहमित को अ यथा नही लग अगर आप अपन िवचार को खला रखग तो दसरी ओर स भी आप ऐस ही यवहार की अपकषा कर सकत ह परायः लोग अपनी सहमित कछ इस तरह जतात ह िक सामन वाला भी अपनी बात पर अड़ जाता ह समझन की बात यह ह िक सभी ि थितय म कवल तकर ही काफी नही होगा िकसी स असहमत होन म भी यवहार कशल होना ज री ह सबस पहल तो दसर को अपना पकष रखन का मौका द उसकी बात सन और जहा तक हो सक उसस अपनी सहमित भी परकट कर और िजन बात पर सहमित न बना सक उस समझाए

हमम स अिधकाश लोग उन किमरय और उनकी गलितय पर अ यिधक यान दत ह िजनक िलए हम काम करत ह पर अपन किमरय पर नज़र डालना भल जात ह अगर वय को उन लोग की नजर स दखा जाए तो आशातीत पिरणाम दखन को िमलत ह

आ म मथन आप कया करना चाहत ह कसा करना चाहत ह - इस सोच को

वतरमान म अपन अदर मथन करन को आ म-सझाव कहत ह एक बार सब म जब इसकी पिरपाटी श हो जाती ह तो यह हमार अदर िवजञापन की तरह काम करता ह अपन बार म अपन िलए अदर ही परचािरत करता ह इसका हमार चतन और अवचतन (Sub-concious) मन दोन पर परभाव पड़ता ह अततः यह हमार नजिरए और यवहार को परभािवत करता ह और धीर-धीर आदत का प लता ह यह दरअसल अपन अवचतन मन को ढ़ालन या परोगराम करन की िविध ह

हमम स अिधकाश लोग उन किमरय और उनकी गलितय पर अ यिधक यान दत ह िजनक िलए हम काम करत ह पर अपन किमरय पर नज़र डालना भल जात ह

प ठ 21

अकषय कराित आ म-सझाव अ छ या बर हो सकत ह जब हम बर आ म-सझाव को बार-बार दोहरात ह तब हमारा अवचतन मन उन पर िव वास करन लगता ह और हम उसी को वा तव म यवहार करन लगत ह सकारा मक आ म-सझाव को बार-बार मथन करन स उसकी हमार िदलोिदमाग म त वीर बन जाती ह और वही असिलयत का प लन लगता ह एक उदाहरण क िलए जब कभी हम सबह 0600 बज टरन पकड़नी हो और हमार पास अलामर घड़ी न हो तो हम मन म कहकर उठत ह िक 0400 बज उठना ह तो कया हम नही उठत अगर उठत ह तो इसक पीछ आ म-सझाव ही काम करता ह आ म-सझाव एक रा ता ह िजसस हम अपन िदमाग को परोगराम करक ढ़ालत ह सकारा मक आदत को िवकिसत करन म आ म-सझाव की परवि त मह वपणर िसदध हो सकती ह हमार नजिरए और आदत को तय करन वाल कारक हमार नज़िरए को मखयतः तीन कारक परभािवत करत ह - वातावरणः घर कल आिफस मीिडया सा कितक प ठभिम धािमरक प ठभिम परपराए और भाषाए सामािजक-राजनितक माहौल - य सब िमलकर एक तहजीब बनात ह चाह घर हो या आिफस या अ यतर - हर जगह हर िकसी की अपनी तहजीब होती ह उदाहरण क िलए हम एक दकान म जात ह तो वहा का स समन बड़ अदब वाला होता ह लिकन वही जब दसरी दकान पर जात ह तो वहा का स समन कभी-कभी बड़ा खा और बदतमीज िमल जाता ह उसी तरह िकसी क घर म यार भरा माहौल िमलता ह तो िकसी क घर म हमशा लड़ाई-झगड़ का इसी तरह जब सरकार और राजनीितक माहौल ईमानदारी का होता ह तो लोग भी ईमानदार मददगार और कानन का पालन करन वाल होत ह बईमान और भर ट माहौल म िजस तरह एक ईमानदार का जीना मि कल होता ह उसी तरह ईमानदारी भर माहौल म बईमान यिकत को मि कल होती ह िन सदह अ छ वातावरण म मामली कमरचारी म वमव अ छी आदत िवकिसत होती ह और उसकी कायर करन की शिकत बढ़ जाती ह जबिक खराब माहौल म अ छा काम करन वाल की भी कषमता िगर जाती ह

सकारा मक आदत को िवकिसत करन म आ म-सझाव की परवि त मह वपणर िसदध हो सकती ह

प ठ 22

अकषय कराित कायर-स कित का बहाव ऊपर स नीच की ओर होता ह नीच स ऊपर की ओर कभी नही यह दखना बहत ज री ह िक हमन अपन िलए और आस-पास क लोग क िलए कसा वातावरण तयार िकया ह खराब वातावरण म अ छ की उ मीद करना बमानी ह अनभवः हम अपन जीवन म अपन काम-काज म हालात स जसा अनभव पात ह वह हमारी आदत का िह सा बन जात ह और उसी क अनसार हमारा यवहार होता ह अगर िकसी क परित हमारा अनभव अ छा होता ह तो हमारा नज़िरया भी अ छा होता ह ज री ह िक कमरचािरय को ऐसा कायर-पिरवश िमल िजसस उनक अवचतन म अ छ अनभव की छाप अिकत हो

परिशकषण भी ज़ री यहा िसफर सदधाितक जञान ही काफी नही होता बि क औपचािरक और अनौपचािरक दोन ही तरह की िशकषा व परिशकषण ज री ह जञान और जानकारी को यिद योजनाबदध तरीक स परयोग िकया जाए तो उसस बौिदधक तर को बढ़ान म आशातीत सफलता िमलती ह काम करन की कला अ छी िशकषा स ही आती ह ज री ह िक परिशकषण म मनोवजञािनक सामािजक आिथरक व अ य पहल को समझन की आदत िवकिसत की जाए अवचतन म यह िबठाना बहत ज री ह िक जीवन की भ यता काम क वारा ही सभव ह स थान म सभी को लगना चािहए िक उनका काम मह वपणर ह यही परबधन कला का सार ह जब कमरचािरय को ऐसा एहसास होन लगता ह तो उनक नज़िरए म बदलाव आन लगता ह उपसहारः काम क परित लोग म अ छी आदत िन िपत करन और उनम उ साह जगान स कायर-िन पादन म िनरतर िनखार आता ह दरअसल हर यिकत म मानिसक और शारीिरक ऊजार उ प न होती ह िजसक िलए काम ही सबस अ छा िनकास ह एक िवचारक क अनसार lsquoआप पछत ह म लगातार काम कय करता ह

यहा िसफर सदधाितक जञान ही काफी नही होता बि क औपचािरक और अनौपचािरक दोन ही तरह की िशकषा व परिशकषण ज री ह

प ठ 23

अकषय कराित इसका वही कारण ह िजस कारण स मगीर अ ड दती जाती ह rsquo काम क िबना इसान घट सा जाता ह उस काम की उतनी ही ज रत होती ह िजतनी हवा की आव यकता ह िक उस सही वातावरण उपल ध करान और सही िदशा म अिभपरिरत करन की व ततः हर यिकत अदर स गिरमा और आ मस मान की चाह रखता ह आव यकता ह उस अतःपरिरत करन की लोग को खद स परिरत करन क िलए हम उनकी ज रत और इ छाओ को समझना होगा पररणा कायरकषमता और आदत क बीच सीधा सबध ह जो लोग उतना ही काम करत ह िक उनकी नौकरी बची रह तो ऐस लोग िकसी भी स थान क िलए मह वपणर नही हो सकत अतपररणा स सोच म बदलाव लाया जा सकता ह पररणा आग क समान होती ह

कमरचािरय को िजतना परिरत िकया जाएगा उनम उतनी ही सकारा मक आदत का िवकास होगा कमरचािरय को उिचत स मान दकर उनक कायर को अिधक मनोरजक बनाकर परबधन वारा उनकी बात को गौर स सनकर उनकी सम याओ और सझाव पर गौर करक उ ह वय ल य िनधारिरत करन क िलए परो सािहत करक िवकास क नय अवसर उपल ध कराकर आव यकतानसार समय-समय पर समिचत परिशकषण िदलाकर तथा नयी चनौितय स जझन क िलए परो सािहत करक िन सदह उनक आचार और यवहार को सकारा मक िदशा म पाियत िकया जा सकता ह

कमरचािरय को िजतना परिरत िकया जाएगा उनम उतनी ही सकारा मक आदत का िवकास होगा

ई-पितरका म लख आिद म परकट िवचार

मलतः लखक क ह तथा यह आव यक नही ह िक

इरडा भी इन िवचार स सहमत हो

प ठ 24

अकषय कराित

िबिटया

आख म मोती लकर तम िबिटया जाती हो हा जाओ िशकषा का उपहार द रह िवदा समय यह लो ल जाओ इन पराण म परीित त हारी ममता क धन िसदरी इन नयन की बद पली परकट करती ह मजबरी लाचारी ह िफर पराण म क य ह इतनी आकलता

जब इस रीित पर पराओ म वश न िकसी का ह चलता िपतकल को तजकर अब िबिटया पित-कल म जाना होगा

नटखटपन को छोड़ धमर का ही िजसम बाना होगा इस घर की तम बड़ी लाडली पराण स यारी िबिटया

चली लाकर आज सभी को िपता की कर सनी किटया िजन हाथ न लाड़ चाव स अब तक था िजसको पाला उन हाथ न ही िबिटया को दलह राजा जी को द डाला

िजसका दख जरा मन मला हो जाती थी हरानी क यादान उसी का कर क दय बनाया पाषाणी

िकया न जाता था पल भर को इन आख स दर िजस मोती झरत िवदा द रहा आज सकल पिरवार उस अपनी मा क जीवन की तम परित-पल हो आधार रहो

िवजयता िपता क दय मिदर की िबिटया तम साकार रही आज जीवन क सख-दख सार वही िबतान तम लो जान आओगी जब कभी यहा तम होगी महमान समान

सतीश कमार कलावत इरडा

इस घर की तम बड़ी लाडली पराण स यारी िबिटया चली लाकर आज सभी

को िपता की कर सनी किटया

प ठ 25

ससराल की कभी बराई कही न मह पर आ जाव धमर कमर क तर य पथ म पाव नही िडगन पाव

सात परितजञाय जो तमन अिग नदव स मख की धारण द पि त जीवन का मह व ह करना स च मन स पालन

बटी इन सात बचन का यान दय म रह सदा दोन कल की लाज इसी म भला न दना इस कदा पित ही ह सवर तर त हार पित ही को जीवन समझो

जो कछ कह उसी को मान उनको िबिटया तम धन समझो शीलवती तम बन िबिटया पित-भक त मना सदर िनस दह वय उपजग क प-वकष घर क अ दर

पहन सिशकषा की साड़ी को शभ गण भषण अपनाओ दस लकषण शभ लकषण धार िन य नय मगल गाओ यह िशकषा उपहार दय का तम को राह िदखायगा भल भटक कर भी अिधयारा पास न आन पायगा

हम सब की आख स मोती उर स िनकल रही आशीष सभी सख स पणर परफि लत कर त ह दलह राजा की ईश

अकषय कराित

िजन हाथ न लाड़ चाव स अब तक था िजसको पाला उन हाथ न ही िबिटया को दलह राजा जी को द डाला

प ठ 26 अकषय कराित

ldquoपयारवरणrdquo श द पिर+आवरण स बना ह अथारत बा य आवरण को ही पयारवरण कहत ह इस बा य आवरण का ता पयर हमार चार ओर क वातावरण और पिरवश स ह िजस हम दसर श द म परकित भी कह सकत ह प वी पर िव यमान सपणर जीव-जगत क अि त व जीवन-यापन एव चहमखी िवकास म परकित की मह वपणर भिमका ह मानव बिदधजीवी पराणी ह और परकित क मह व स भली-भाित पिरिचत होन क कारण ही सिदय स परकित की पजा करता रहा ह

विदक काल स ही परकित तथा मानव क बीच जीवन ततर का अटट सबध रहा ह हमार पराचीन ऋिष-मिनय न प वी म हवा पानी िमटटी पड़-पौध जीव-ज तओ और मानव क सिकरय सहयोगा मक सतलन को यान म रखकर ही परकित को प य माना धमर क साथ परकित को जोड़कर उ ह न परकित को पयार त मह व िदया व जानत थ िक िजस परकार जीवन क िलए भिम की आव यकता होती ह उसी परकार वन पितया व अ य पराणी भी आव यक ह य सभी परकित क अिभ न अग ह इनम स एक क भी न ट होन का परभाव दसर पर पड़ता ह और पिरणाम व प पराकितक असतलन पदा हो जाता ह व तत प वी म हवा पानी िमटटी पड़-पौध जीव-ज तओ और मानव का सिकरय सहयोगा मक सतलन रहता ह पड़-पौध भिम को उपजाऊ बनात ह िमटटी को बाधकर रखत ह बरसात करवान तथा जल एव वाय को व छ रखन म सहायक होत ह परत आज क बढ़त औ योिगकीकरण और शहरीकरण न परकित और मानव क बीच असतलन उ प न कर िदया ह यह असतलन अिशकषण बढ़ती जनसख या शहर की ओर पलायन वकष की कटाई गगनचबी इमारत बड़-बड़ उ योग की थापना आिद क कारण ह और यही पयारवरण परदषण क मख य कारण ह मटरोपोिलटन एव बड़ शहर म अनक काबरिनक और अकाबरिनक गस जस ndash काबरन-मोनोऑक साइड अमोिनया आिद परदषण क मख य ोत ह

वतरमान पयारवरण -21वी सदी की चनौती

लख सरीन सल

विदक काल स ही परकित तथा मानव क बीच जीवन ततर का अटट सबध रहा ह

प ठ 27 अकषय कराित मन य न अपनी भितक सख-सिवधाओ की आपित र क िलए परकरित स

िखलवाड़ िकया ह वतरमान मशीनी यग म मन य वारा परकित क अ यिधक दोहन एव िनत नए कारखान की थापना स पयारवरण सकट उ प न हआ ह मानव न परकित क साथ जो अ यायपणर यवहार िकया ह उसी क फल व प परकित का िवरोधी रवया हआ ह िजस भिव य म सह पाना मि कल होगा

अिशकषा क कारण दश की तजी स बढ़ती आबादी क आवास की मलभत आव यकता को परा करन क िलए वकष की कटाई करक ऊची-ऊची इमारत बनाई जा रही ह वकष की अधाधध कटाई स भिम की ऊवररा शिक त का तो ास हो ही रहा ह साथ ही परदषण जसी िवकराल सम या भी ज म ल रही ह

परदषण पयारवरण क ास का परमख कारण ह िवकासशील दश िनत नए उ योग की थापना करक बराजगारी की सम या को तो दर कर रह ह िकत इसस जल वाय विन तथा िविभ न परकार क परदषण बढ़ रह ह कल-कारखान और मोटर स िनकलन वाल धए स वाय परदषण हो रहा ह जल थल व नभ क मागर पर शिक त चािलत वाहन विन परदषण का मख य ोत ह शहरीकरण और औ योिगकीकरण क कारण शदध पयजल की सम या िवकराल प धारण कर रही ह कारखान स िनकलन वाल कड़-कचर क निदय म िमलन स जल परदषण हो रहा ह रासायिनक खाद और कीटनाशी दवाओ स मदा परदषण का खतरा बन गया ह

इस परकार जनसख या विदध शहरीकरण औ योिगकीकरण एव परदषण जसी सम याओ न पयारवरण को बरी तरह परभािवत िकया ह आज सपणर िव व पयारवरण को लकर िचितत ह इस भयावह ि थित स बचन क िलए पर यक यिक त को पयारवरण क परित जाग क करना आज की अिनवायर आव यकता ह

इस िदशा म सवरपरथम िनरकषरता को समा त िकया जाना चािहए साकषर भारत की पिरक पना म जनसख या विदध दर वय िनयितरत हो जाएगी करल रा य इसका परमाण ह जहा साकषरता क साथ-साथ जनसख या िनयतरण भी ह

जल थल व नभ क मागर पर शिक त चािलत वाहन विन परदषण का मख य ोत ह

प ठ 28 अकषय कराित

इसक बाद बात आती ह परदषण िनवारण की आज िव व भर क

वजञािनक और पयारवरणिवद इस िदशा म कायररत ह सवरपरथम वन क काटन पर परितबध लगाया गया ह और वन सपना क िव तार हत वकष लगान क िलए परो सािहत िकया गया इसक िलए सरकार की ओर स वकष आिद िनश क उपल ध कराए जात ह ldquoपयारवरण परदषण स थाrdquo और व छ वाय अिधिनयम जस िविधक उपाय स वाय परदषण पर रोक लगान का परयास िकया जा रहा ह जहरील धआ उगलन वाल कारखान तथा वाहन पर भारी आिथरक दड का परावधान ह िविभ न सचार मा यम mdashदरदशरन समाचार-पतर तथा आकाशवाणी क मा यम स जनता को पयारवरण क परित जाग क करन क परयास िकए जा रह ह निदय म खलन वाल परदषण ोत को बद करन की योजनाए चलाई जा रही ह पािलथीन क परयोग को बद करन क िलए चलाया जा रहा ह अिभयान भी परशसनीय ह

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह इस खतर स सपणर भमडल का अि त व न ट हो जाए इसस पहल हम पयारवरण की सरकषा करन का सक प लना होगा

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह

िस धी होन क प चात भी मझ बगाली रीित िरवाज़ िमठाइया यहा का पहनावा अगरज क ज़मान की बनी सरचनाए एव भवन इ यािद म बहत िदलच पी एव िच थी

प ठ 29 अकषय कराित

यातरा स मरण-कोलकाता-खिशय हषर का शहर(िसटी ऑफ जॉय)

सोिनया सिह वानी पीईसी िलिमटड

म पी ई सी िलिमटड नामक कपनी क िविध ककष म उप िविध परबधक क पद पर कायररत ह सन 2010 जन स इस कपनी म मन परबधन परिशकष क प म अपनी पहली नौकरी की श आत की पी ई सी िलिमटड वािण य मतरालय क अतगरत आन वाली आयात-िनयारत यापार स स बिधत क पिनय म स एक ह इस स दभर म जनवरी 2011 म िविभ न िवभाग क परबधन परिशकषओ को ओिरएटशन हत काडला कोलकाता इ यािद शहर म भजन का कायरकरम िनि चत िकया गया कोलकाता क पास हि दया पोटर होन क कारण कोलकाता शहर चना गया जहा पी ई सी वारा आयात की गयी व तए पोटर गोदाम म रखी जाती ह साथ ही म कोलकाता पोटर िभ न गोदाम इ यािद दखन की यव था की गयी एव सची म समावश िकया गया यह सनकर मरी ख़शी का िठकाना न रहा क य िक मन कोलकाता शहर क बार म सना बहत था पर त कभी दखा न था िस धी होन क प चात भी मझ बगाली रीित िरवाज़ िमठाइया यहा का पहनावा अगरज क ज़मान की बनी सरचनाए एव भवन इ यािद म बहत िदलच पी एव िच थी आिखरकार मझ मौका िमला और जनवरी की कड़ाकदार ठ ड क बीच हम एक रिववार शाम कोलकाता राजधानी स अपनी मिजल की और िनकल पड़ िद ली स कोलकाता क सफ़र क बीच हमारी गाड़ी इलाहाबाद गया िबहार तथा धनबाद जस शहर स होत हए बगाल की ओर पहची हसत-गात खलत-खात हए हम अगली सबह हावड़ा जकशन पहच गए रलगाड़ी स उतर कर टशन स बाहर िनकलत ही मझ िसटी ऑफ जॉय क नाम स मशहर कोलकाता की पहली झलक िदखाई दी ऐसा लगा मानो मझ भारत क दो पहल एकसाथ जीत हए नज़र आए एक तरफ थ टशन स बाहर एव अ दर जात हए स दर कपड़ गहन म लद हए कोलकाता क बगाली िनवासी साथ म बड़ी-बड़ी गािड़य म घमत कोलकाता क नौजवान और ठीक दसरी तरफ मरी नज़र पड़ी हगली नदी पर बन परिसदध हावड़ा िबरज पर िजस दख एक अलग ही दिनया का एहसास हआ

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह

िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी

एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया नतीजा मर समकष था

प ठ 30 अकषय कराित

हावड़ा िबरज पर हर तरफ लोग का जमावड़ा था इतन लोग दख िद ली क चादनी चौक की याद आ गयी ऐसा लगा मानो म 50 साल पीछ िकसी लक एव वाईट दिनया म कदम रख चकी थी िबरज क दोन तरफ सामान बचत हए दकानदार िखलौन मछली रख हए औरत एव छोट-छोट ब च मख य शहर स हावड़ा जान वाल आम आदमी मजदर की तज़ र तार फरी स र ता पार करन वाल यापारी इन सब को दख लगा कोलकाता म मबई जसी भागम भाग भी थी िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया नतीजा मर समकष था जस-जस म कोलकाता शहर क भीतर आन लगी मझ इस शहर क िवकास की झलक िदखाई दी एक तरफ थी ऊची ईमारत सदर िवशाल िव यासागर सत पल बड़-बड़ होटल माल कोलकाता उ च यायालय राईटसर िबि डग मशहर इडन गाडरन टिडयम इ यािद तो दसरी तरफ था िवक टोिरया ममोिरयल अगरज की वा तकला क अनसार िदखती लाल ईटो की इमारत िवक टोिरयल सरचनाए भवन छोटी-छोटी पटिरय पर समान बचत नया बाज़ार (New Market) क दकानदार एव िवक टोिरया ममोिरयल क बाहर चलत सलािनय क िलए रथ वाल घोड़ हमारा होटल जसीबोस सड़क पर ि थत था एव सिवधाओ स भरपर था पर त मन य जाना िक असली कोलकाता का मज़ा गाड़ी म नही अथवा िरक शा ऑटो तथा साल स चलती आ रही सड़क पर टराम म था

हर तरफ मझ पील रग की टिक सया िदखाई दी सब एक समान थी तथा मरसीडीज़ गाड़ी क बगल म चलती 1-2 पय म सफ़र की जान वाली टराम भी साथ िदखाई दी परी िजदगी िद ली म यतीत करन क बाद हर नए शहर का रहन-सहन बोल-चाल रीित-िरवाज़ जानन की जाग कता मझम हमशा रही पहल ही िदन स कोलकाता मझ रास आया जस िक कहत ह lsquoकोलकाता हमार खब भाला लागली छ rsquo कहन का ता पयर य िक मझ कोलकाता बहत अ छा लगा पहल िदन िक शाम को हमन य मािकर ट म खरीददारी करन का मन बनाया म हरान थी िक वहा चीज िकतनी स ती िमल रही थी िद ली क मतािबक एक ितहाई दाम पर चिडया गहन बग जत कत इ यािद िमल

िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया

प ठ 31 अकषय कराित य मािकर ट िद ली क लाजपत एव सरोिजनी नगर समान ह कम

दाम म अ छा समान िमला कोलकाता चमड़ क िलए भी मशहर ह एव परिसदध ी लदसर दकान भी इस बाज़ार म ि थत ह यहा खरीदारी का हमन खब ल फ़ उठाया

अगल िदन हम हि दया पोटर गए एव अनक जहाज़ दख 3-4 घट की दरी पर ि थत यह पोटर अनक एकड़ म फला हआ था पहली बार इतन बड़ जहाज़ को अदर स दख खब आनद आया तीसर िदन हम काली बाड़ी मिदर गए बगाली अ यत पाठ-पजा वाल दगार मा क स च उपासक ह यह सब जानत ह दगार पजा इनका लोकिपरय उ सव ह तथा काली मा एव दगार मा की स च मन स पजा करत ह कोलकाता क िनवासी भिक त भावपणर ह यह सना था अब खद दख भी िलया बगाली र म स पजा करन का य मौका अ यत आनदमयी था इसक अलावा काली बाड़ी क नज़दीक ही ि थत ह गौिरहाट बाज़ार यहा की दकान बगाली सािड़या कपड़ सट कत इ यािद क िलए परिसदध ह आिद धक तशवर नामक मशहर दकान म जाकर मरा भी मन िकया िक म भी खरीददारी क मर सािथय न बहत सािड़या खरीदी एव दाम दखकर म दग रह गई सदर स सदर साड़ी मातर 600700 पय की थी मन बगाल की मशहर लाल एव सफद िपरट की साड़ी भी खरीदी कोलकाता म खरीददारी का अलग की मज़ा ह उसी िदन शाम हम सा ट लक िसटी मॉल गए वह सा ट लक टिडयम क नज़दीक ह यहा िदखाई िदया कोलकाता का परगितशील प नौजवान फटबाल की जसीर पहन माल म घम रह थ एक स एक

मशहर बरड वहा मौजद थ इसक अलावा कोलकाता क िनवासी खब मनोरजन क शौक़ीन ह सगीत नाच गाना इ यादी म िच रखत ह कोलकाता म जगह-जगह सगीत कला अकडमी तथा पढ़न (रीिडग) क क लब ह अगरज क शौक तथा रहन-सहन की झलक आज भी यहा िदखती ह यहा क नौजवान को खल-कद म भी खब िदलच पी ह फटबाल का तो जस यहॉ सबको जनन ह

भारत क परिसदध मोहन बगान फटबाल क लब फटबाल क वहा क नौजवान ही नही परा शहर ही दीवाना ह भारत-पाक मच हो या आई पी एल इडन गाडरन मदान लोग स खचा-खच भरा रहता ह अफ़सोस म वहा अदर जा न सकी

इसक अलावा काली बाड़ी क नज़दीक ही ि थत ह गौिरहाट बाज़ार यहा की दकान बगाली सािडया कपड़ सट कत इ यािद क िलए परिसदध ह

प ठ 32 अकषय कराित

मर सफर क आखरी िदन म मन कोलकाता क लोग म एकता क नजार दख िविभ नता म भी एकता का उदाहरण दखा चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख िजस िदन हम कोलकाता पहच थ उसी िदन वहा शहर बद था और मन एक जट होकर लोग को अपनी बात कहत हए दखा एव सना यहा क लोग अपन शहर क िवकास बहतरी क िलए जाग क ह िज मदारी लत ह तथा सरकार को अपनी बात भली-भाित कहत ह लड़िकय औरत की इ ज़त करत ह एव यहा िक मिहलाओ को मन िनदरलीय पाया जहा एक ओर भारत की राजधानी होन क बावजद िद ली वाल अपनी िजदगी म मगन रहत ह वही दसरी और कोलकाता म अमीरी-गरीबी िभ न जाितय म भी एक जटता ह कपड़ा एव खाना आज भी यहा खब स ता िमलता ह पर त दसरी तरफ सब जानत ह िक बड़-बड़ उ योगपित िव वान लखक िखलाड़ी गायक अिभनता िनदशक यहा स उभर ह सािह य हो या लख बॉलीवड हो या िकरकट बगाल न भारत को अनक नाम एव गौरव िदए ह चाह सौरव दादा हो या रिव दर नाथ टगोर ममता बनजीर रानी मखजीर हो या योित बस भारत म इनकी भिमका का वणरन करन की ज रत नही

मन कछ िदन क कोलकाता क सफर म इस शहर को जानन समझन का परयास िकया हगली नदी क िकनार खड़ होकर समदर को दखा निदय को िनहारा िव यासागर सत िबरज की सदरता िवशालता को सराहा क सी दास की परिसदध िमठाई का ल फ उठाया मन बहत शहर घम पर त यह सफर मर िलए सबस यादगार रहा कोलकाता परगित क मागर पर िनरतर बढ़ रहा ह पर त आज भी वह अपनी जड़ नितक म य को नही भला ह एक आम आदमी आज भी टराम म या फरी स सफर करता ह यहा क िनवासी दो पय स लकर 500 ० का खाना खात ह पराना एव नया कोलकाता एक साथ जीिवत ह िसक क क दो पहल की तरह कोलकाता क यह दो प को एक साथ रहत दख बहत आनद आया

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 33 अकषय कराित

जल परकित का अनपम उपहार ह मानव जाित अपन परादभारवकाल स ही इस उपहार का उपयोग अपन िहत क िलए करती आई ह जल वह पराकितक उपहार ह िजसका कोई िवक प नही ह इसिलए जल को अमतया जीवन भी कहा गया ह जल क िबना जीवन की सभावना भी नही ह पर यकष प स तो जल की मानवीय आव यकता सीिमत ह परत परोकष आव यकताओ पर नजर डाल तो दिनक जीवन की आव यकताए जस अ न फल स जी दध स लकर हमार पहराव आवास तक सब जल स जड़ हजल का जरा भी सतलन िबगड़ जाए तो जीवन यापन क टपरद होन म दर नही परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह जल क सामा य त य जल या पानी एक आम रासायिनक पदाथर ह जो जीवन क सभी जञात प क जीिवत रहन क िलए ज री ह आमतौर पर जल अपनी दरव अव था म उपयोग म लाया जाता ह पर यह ठोस अव था बफर और गस अव था जल वा प या भाप प म भी पाया जाता ह प वी क लगभग तीन चौथाई िह स पर िव व क महासागर का अिधकार ह अनमानत प वी पर जल की कल मातरा लगभग 1400 िमिलयन घन िकलोमीटर ह जो िक प वी पर 3000 मीटर गहरी परत िबछा दन क िलए काफी ह तथािप जल की इस िवशाल मातरा म व छ जल का अनपात बहत कम ह प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह शष जल झील निदय वायम डल नमी मदा और वन पित म मौजद ह जल की जो मातरा उपभोग और अ य परयोग क िलए व ततः उपल ध ह वह निदय झील और भजल म उपल ध मातरा का छोटा-सा िह सा ह इसिलए जल ससाधन िवकास और परब ध की बाबत सकट इसिलए उ प न होता ह कय िक अिधकाश जल उपभोग क िलए उपल ध नही हो पाता

परभावी जल परबधन और दश का िवकास

दीपक आहजा ओएनजीसी िवदश

प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह

प ठ 34 अकषय कराित

और दसर इसका िवषमतापणर थािनक िवतरण इसकी एक अ य िविश टता ह फलतः जल का मह व वीकार िकया गया ह और इसक िकफायती परयोग तथा परब ध पर अिधक बल िदया गया ह प वी पर उपल ध जल जल-चकर क मा यम स चलायमान ह जल लगातार एक चकर म घमता रहता ह िजस जलचकर कहत ह इसम वा पीकरण वषार और बह कर सागर म पहचना शािमल ह हवा जल वा प को थल क ऊपर उसी दर स उड़ा ल जाती ह िजस गित स यह बहकर सागर म पहचाता ह जल चकर का िचतर नीच पर तत िकया गया ह

अिधकाश उपभोकताओ जस िक मन य पशओ अथवा पौध क िलए जल क सचलन की ज रत होती ह जल ससाधन की गितशील और नवीकरणीय परकित और इसक परयोग की बार बार ज रत को ि टगत रखत हए यह ज री ह िक जल ससाधन को उनकी परवाह दर क अनसार मापा जाए इस परकार जल ससाधन क दो पहल ह अिधकाश िवकासा मक ज रत क िलए परवाह क प म मािपत गितशील ससाधन अिधक परासिगक ह आरिकषत भ डार की ि थर अथवा िनयत परकित और साथ ही जल की मातरा तथा जल िनकाय क कषतर की ल बाई व म यपालन नौ सचालन आिद जस कछक िकरयाकलाप क िलए भी परासिगक ह

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 35 अकषय कराित

जल का यय अप यय जल क बार म एक नही कई च कान वाल त य ह िव व म और िवशष प स भारत म जल िकस परकार न ट होता ह इस िवषय म जो त य सामन आए ह उस पर जाग कता स यान दकर जल क अप यय को रोका जा सकता ह अनक त य ऐस ह जो हम आन वाल ख़तर स तो सावधान करत ही ह दसर स पररणा लन क िलए परो सािहत करत ह और पानी क मह व व इसक अनजान ोत की जानकारी भी दत ह प वी पर पदा होन वाली सभी वन पितया स भी हम पानी िमलता ह

आल और अनानास म 80 परितशत और टमाटर म 95 परितशत पानी ह पीन क िलए मानव को परितिदन 3 लीटर और पशओ को 50 लीटर पानी

चािहए भारत म 83 परितशत पानी खती और िसचाई क िलए उपयोग िकया जाता

ह इज़राइल म औसतन मातर 10 सटीमीटर वषार होती ह इस वषार स वह

इतना अनाज पदा कर लता ह िक वह उसका िनयारत कर सकता ह दसरी ओर भारत म औसतन 50 सटीमीटर स भी अिधक वषार होन क बावजद अनाज की कमी बनी रहती ह

िपछल 50 वष म जल क िलए 37 भीषण ह याकाड हए ह भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल

चलती ह पानी ज य रोग स िव व म हर वषर 22 लाख लोग की मौत हो जाती ह यिद बरश करत समय नल खला रह गया ह तो पाच िमनट म करीब 25

स 30 लीटर पानी बरबाद होता ह बाथ टब म नहात समय 300 स 500 लीटर पानी खचर होता ह जबिक

सामा य प स नहान म 100 स 150 लीटर पानी खचर होता ह िव व म परित 10 यिकतय म स 2 यिकतय को पीन का शदध पानी

नही िमल पाता ह परित वषर 6 अरब लीटर बोतल पक पानी मन य वारा पीन क िलए

परयकत िकया जाता ह मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 36 अकषय कराित

िद ली मबई और च नई जस महानगर म पाइप लाइन क वॉ व की खराबी क कारण रोज़ 14 स 44 परितशत पानी बकार बह जाता ह

निदया पानी का सबस बड़ा ोत ह जहा एक ओर निदय म बढ़त परदषण रोकन क िलए िवशषजञ उपाय खोज रह ह वही कल कारखान स बहत हए रसायन उ ह भारी मातरा म दिषत कर रह ह

भारत म जल सकट नासा की एक िरपोटर न पानी को लकर दश भर म बढ़ती जा रही लापरवाही क परित आख खोली ह इस िरपोटर म भारत म सख की ि थित पदा होन क िलए िज मवार कारण म स एक अहम कारण अधाधध जल दोहन को बताया गया ह बतात चल िक दश भर क 604 िजल म स 161 सख की मार झल रह ह वस अब बताया जा रहा ह िक सख की मार स बहाल िजल की सखया बढ़कर 246 हो गई ह यानी कहा जाए तो आधा दश सख की चपट म ह बहरहाल नासा की इस िरपोटर म बताया गया ह िक भारत क कई रा य कषमता स यादा जल दोहन कर रह ह यहा कषमता स ता पयर यह ह िक उनस िजतन सलाना जल दोहन की उ मीद कदर करती ह व उसस कही यादा जल दोहन कर रह ह नासा न यह अ ययन 2002 स 2008 क बीच

की ि थितय क आधार पर िकया ह इस िरपोटर म बताया गया ह िक पजाब हिरयाणा और राज थान हर साल औसतन 177 अरब कयिबक मीटर पानी जमीन क अदर स िनकाल रह ह जबिक कदर की तरफ स लगाए गए अनमान क मतािबक इ ह हर साल 132 अरब कयिबक मीटर पानी ही जमीन क अदर स िनकालना था इस तरह स दखा जाए तो य तीन रा य िमलकर कषमता स 30 फीसदी यादा पानी का दोहन कर रह ह जािहर ह िक िबना कछ सोच-िवचार जब इस पमान पर पराकितक ससाधन का दोहन िकया जाएगा तो परकित भी बदला लगी और वही हो रहा ह इस िरपोटर म यह भी बताया गया ह िक भारत का महज 58 फीसदी भजल ही हर साल िरचाजर हो पाता ह नासा की यह िरपोटर बताती ह िक अधाधध जल दोहन की वजह स पर उ तर पि चम भारत क भजल तर म हर साल 4 सटीमीटर यानी 16 इच की कमी आ रही ह इस अ ययन को अजाम दन म नासा क जल िवजञानी मट रोडल न अहम भिमका िनभाई ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 37 अकषय कराित

उनक हवाल स इस िरपोटर म बताया गया ह िक दश क उ तर पि चम कषतर म 2002 स 2008 क दौरान तकरीबन 109 कयिबक िकलोमीटर पानी की कमी हई ह यह मातरा िकतनी अिधक ह इसका अदाजा इसी स लगाया जा सकता ह िक यह अमिरका क सबस बड़ जलाशय लक मीड की कषमता स दगन स भी कही यादा ह अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह इस िरपोटर क मतािबक अगर अधाधध जल दोहन इसी तरह स जारी रहा तो आन वाल समय म भारत को अनाज और पानी क सकट को झलन क िलए अभी स तयार हो जाना चािहए जािहर ह िक जब जल सकट बढ़गा तो खती पर इसका गहरा परभाव पड़गा अनाज क उ पादन म कमी आएगी इस वजह स अनाज सकट पदा होगा और भख का एक नया चहरा उभरकर सामन आएगा एक बड़ा तबका जो आज भरपट भोजन कर पाता ह उसक िलए पट भर खाना िमलना मि कल हो जाएगा भखमरी की जो सम या पदा होगी उसस िफर िनपटना आसान नही होगा इसक अलावा पीन क पानी का टोटा तो होगा ही अभी ही दश क कई िह स ऐस ह जहा क लोग को पीन क िलए साफ पानी नही िमल पा रहा ह कई कषतर ऐस ह जहा गमीर क िदन म हडपप स पानी आना बद हो जाता ह वहा क लोग को हर साल बोिरग को कछ फट बढ़वाना होता ह यह सम या भजल तर क िगरत जान की वजह स ही पदा हई ह जब पीन क पानी का सकट पदा होगा तो बोतलबद पानी का कारोबार काफी तजी स बढ़गा कहन का मतलब यह िक िजसक पास पसा होगा वह अपनी यास बझा सकगा और िजसक पास पसा नही होगा उस अपनी यास बझान क िलए भी सघषर करना पड़गा ि थित की भयावहता की क पना ही िसहरन पदा करती ह भारत म दिनया का हर छठा आदमी रहता ह यानी कहा जाए तो दिनया क कल आबादी क तकरीबन सतरह फीसदी लोग भारत म रहत ह जबिक दिनया का महज साढ़ चार फीसदी पानी ही भारत म उपल ध ह ऐस म जल सम या स दो-चार होना कोई आनापिकषत बात नही ह एक बात तो तय ह िक पराकितक ससाधन म इजाफा तो नही िकया जा सकता ह लिकन इसका सरकषण अव य िकया जा सकता ह

अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह

प ठ 38 अकषय कराित

भारत म लोग िकसी एक मा यम स पयजल परा त करन पर िनभरर नही ह इस दश म 357 फीसदी लोग हडपप स 367 फीसदी लोग नल स 182 फीसदी लोग तालाब पोखर या झील स 56 फीसदी कओ स 12 फीसदी लोग पारपिरक साधन स और 26 फीसदी लोग अ य मा यम स पीन का पानी परा त करत ह इस िलहाज स अगर दखा जाए तो जल सकट को दर करन क िलए समगर कायरयोजना की ज रत ह

दरअसल भारत म गहरात जल सकट क िलए काफी हद तक पानी की बबारदी भी िज मवार ह यहा जल आपित र की यव था म काफी खािमया ह नल क जिरए घर तक पहचन वाल पानी का एक बड़ा िह सा िरस कर बबारद हो जाता ह हर शहर म फट हए आपित र पाइप आसानी स दख जा सकत ह इस बदहाल यव था क िलए सरकार क साथ-साथ सामा य लोग भी कम िज मदार नही ह एक तरफ तो सरकार पयजल क नाम पर हर साल हजार करोड़ पए का बजट बनाती ह और दसरी तरफ जमीनी तर पर हालात म कोई बदलाव नही िदखता ह सामािजक तौर पर भी जल सरकषण को लकर जाग कता का अभाव िदखता ह यह सामािजक तान-बान का ही असर ह िक लोग कही भी जल की बबारदी को दखकर उस सामा य घटना मानत हए नजरअदाज कर दत ह दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था यह अब घटकर 1800 कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर हो चका ह

दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था

प ठ 39 अकषय कराित

िवशषजञ का अनमान ह िक अगर पानी की खपत और बबारदी इसी तरह स जारी रही तो 2025 तक यह घटकर हजार कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर ही रह जाएगा उस समय तक पानी की उपल धता म आन वाली इस कमी की वजह स किष उ पादन म तीस फीसदी की कमी आन की सभावना ह इन पिरि थितय म दश की आिथरक और सामािजक ि थित का कया होगा इसका अदाजा सहज ही लगाया जा सकता ह भारत म जल सरकषण क परित आज भी आम लोग क मन म उपकषा का भाव बना हआ ह साथ ही इस कायर क िलए आव यक तकनीक की भी कमी ह जो तकनीक उपल ध ह उनस सामा य लोग अनजान ह बािरश क पानी का सगरह करक उस उपयोग म लाना एक अ छा िवक प ह पर इस तरह की कोिशश काफी सीिमत मातरा म काफी छोट तर पर हो रही ह यही वजह ह िक दश म होन वाली बािरश क पानी का अ सी फीसदी िह सा आज भी समदर म पहच जाता ह अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह अगर जल की इस िवशाल मातरा का आधा भी परयोग कर िलया जाए तो ि थित म यापक बदलाव आना तय ह शहरी कषतर म तो पानी की कालाबाजारी जोर पर ह जगह-जगह पर जल मािफया सिकरय हो गए ह िद ली क ही एक अखबार न कछ समय पहल यह बात उजागर िकया था यहा तो समानातर जल बोडर भी चलाया जा रहा ह हरानी की बात तो यह ह िक इसक बावजद भी पानी क काल धध पर अकश नही लगाया जा सका ह अहम सवाल यह ह िक कस सामा य तबक क लोग तक व छ पानी पहचाया जाए शहरी कषतर क साथ-साथ गरामीण कषतर म भी यह एक बड़ी चनौती ह आबादी म अपर यािशत विदध बढ़त शहरीकरण औ योिगकीकरण और किष उ पाद की बढ़ती माग क कारण पानी की माग िपछल कछ साल म वाभािवक प स बढ़ी ह इसक पिरणाम व प भजल ससाधन का अ यिधक दोहन हआ ह और इसका नतीजा हआ िक लगातार भजल का तर घटता जा रहा ह शहरी कषतर म ि थित बहद भयावह ह तदनसार वहा न कवल शीघराितशीघर जल ससाधन क सरकषण की ज रत ह बि क परभावी रणनीित और परबधन क जिरए त काल कदम उठान की ज रत ह

अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह

प ठ 40 अकषय कराित

खासकर इस बात को यान म ऱखकर िक िविभ न परितयोगी कषतर म कभी भी माग बढ़ सकती ह भिव य म उपयोग क िलए छत पर या सतह पर जलगरहण बनाकर वषारजल सरकषण बहद ज री ह यह पानी की बढ़ती ज रत का खयाल रखन िमटटी की नमी तर को बढ़ान शहरी हिरयाली को बढ़ान भजल तर को कितरम प स पनभररण करन और भजल की गणव ता स सधार का काम करता ह भारत म जल परबधन स दश का िवकास भारत म दिनया की 16 परितशत आबादी रहती ह लिकन दिनया क िसफर 4 परितशत जल ससाधन ही भारत क पास ह 3290000 वगर िकलोमीटर क भिम कषतर और एक अरब स यादा की आबादी क साथ भारत क एक बहलवादी िविवधता का िचतर ह िवशाल पराकितक ससाधन क साथ सप न तकनीकी और वजञािनक किमरय का भी यह दिनया म दसरा सबस बड़ा सम चय ह भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह मानव िवकास म 80 क दशक म लगभग 26 परितशत और 90 क दशक क दौरान और 24 परितशत क वारा सधार हआ ह आजादी क बाद छह दशक म भारत न जल ससाधन का अभतपवर िवकास और खा या न म आ मिनभररता शहरी कषतर ऊजार और औ योिगक कषतर और पीन का पानी क बिनयादी ढाच म तजी स िव तार दखा ह िजसका उपयोग भारत की लगभग 85 परितशत शहरी और गरामीण आबादी क वारा िकया जाता ह भारत म रा य सरकार और भारत सरकार क परितबदध और ठोस परयास की वजह स गरामीण और शहरी आबादी को सरिकषत पयजल को उपल ध करवान म काफी सफलता हािसल की ह इस उपलि ध न भजल की कमी जल जमावजल गणव ता िगरावट जल परदषण और बढ़त लवणता तर स बड़ कषतर को परभािवत िकया ह और अभी भी िविभ न रा य म गरामीण और शहरी भारत क मानव िवकास सचकाक (HDI)rsquo म बहत असमानता मौजद ह पानी क िलए कषतरीय माग तजी स बढ़ रह शहरीकरण की गित स बढ़ रही ह (अनमानत 2025 तक दश की आबादी का 50 परितशत स अिधक शहर म रहग) जनसखया विदध बढ़ती आय और औ योिगक िवकासशहरी भारत तजी स िवकास की माग क कदर क प म उभर रहा ह

भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह

प ठ 41 अकषय कराित

नतीजतन परित यिकत पानी की उपल धता िगर रही ह परधानमतरी की अ यकषता म 12वी योजना क िलए हई योजना आयोग की पणर बठक म दसर म क साथ जल परबधन पर िवशष चचार हई बठक क बाद योजना आयोग क उपा यकष म टक िसह अहलवािलया न कहा िक भ-जल कानन स लकर दसर म की यापक समीकषा ज री ह व यनाथन सिमित जहा वतरमान म भ-जल कानन की साथरकता का अ ययन करगी वही भारतीय अतिरकष अनसधान सगठन [इसरो] की मदद स पानी की उपल धता का िव तत अ ययन होगा म टक न कहा िक उसी आधार पर रणनीित तय होगी सरकार यह यान रखगी िक पानी का अिधकतम उपयोग हो सक और सभी को उपल ध हो पानी पर िकसी का एकािधकार न हो सक बतात ह िक द पयोग को रोकन क िलए श क लगान पर भी िवचार िकया जा सकता ह हालािक इसस पहल रा य सरकार स चचार होगी यह तय ह िक एआइबीपी कायरकरम म यापक बदलाव ह ग ी म टक िसह अहलवािलया न कहा िक वतरमान म इस कायरकरम का सही िकरया वयन नही हो रहा ह िलहाजा उसम पिरवतरन ज री ह सभव ह िक हर रा य म जल िनयामक परािधकरण बनान की शतर भी लगाई जाए उ ह न कहा िक जल परबधन की यापक समीकषा कर नई रणनीित तय की जाएगी कल िमलाकर रा टरीय तर पर वतरमान जल ससाधन का अिधक स अिधक करन क िलए माग को परा करन क िलए पयार त ह लिकन भिव य क अ ययन पिरयोजना ह िक जल आपित र की ि थित अगल आध सदी म अिधक किठन हो सकती ह जल सकट स िनपटन को जल सरकषण परबधन अिनवायर परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह बढ़त वि वक तापमान क फल व प अितवि ट अनावि ट अ पवि ट और असामियक वि ट हम परितवषर दख रह ह िजसका परभाव हमार जल ससाधन पर पड़ता िदखाई द रहा ह कओ व बाविडय का िमटता अि त व नदी-नाल का घटता पानी भ-गभर जल का िगरता तर िचता की पिरिध स िनकलकर खतर की घटी बनता जा रहा ह

निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह

प ठ 42 अकषय कराित

िव व भर म सीमट क अधाधध परयोग न धरातल क सहज अवशोषण कषतर को घटाया ह तथा जल बहाव भिम कटाव व बाढ़ म विदध की ह ऐसी ि थित म जल सरकषण का दािय व मातर वजञािनक व सरकार तक सीिमत न रहकर पर यक उपभोकता क कध पर आ जाता ह इसी दािय व क िनवरहन क िलए हमार पास दो िवक प सामन आत ह 1 वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई

उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

2 पािरवािरक तर पर वषार जल को सगरिहत कर उसका उपयोग कर य दोन ही परयास गरामीण कषतर म तो सरलता स अपनाए जा सकत ह परत शहरी कषतर म व ट वाटर मनजमट की बड़ी पिरयोजनाए बनाकर ही पानी को िरसाइिकल िकया जा सकता ह भ-गभर अिधकािधक जल अवशोिषत होकर

जाए इसक िलए मदानी भाग म िनयोिजत ढग स बड़-बड़ पोखर बनाकर तथा पहाड़ी कषतर म नाल -ख ड म िमटटी प थर आरसीसी क बड़-छोट डम लगाकर जल बहाव रोक भ-सरकषण बचाव व जल भडारण और धरातल जल शोषण कषतर बढ़ाया जा सकता ह िव व बक भारत सरकार वारा म य िहमालय जलागम पिरयोजना रा य क भ-सरकषण िवभाग इस कषतर म कारगर उपाय लकर

हमार सामन ह परत जनसहयोग क िबना इन पिरयोजनाओ क आशातीत पिरणाम ल पाना किठन ह वकषारोपण इस सपणर जल चकर को बल दन वाला कारक ह जल क परित चतना जागत न हई तो अव य ही अगल िव व यदध का कारण जल ही होगा

जल भोजन ह और अिगन भोजन का भकषक ह अिगन जल म और जल अिगन म िव यमान ह

- ततरीय उपिनषद 38

वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

प ठ 43 अकषय कराित

म भी गान गा सकता ह शबनम क िखलत फल क म भी गीत सना सकता ह सावन क म त झल क लिकन जब घर-घर म बादल छाय घोर िनराशा क तब म नगम गा रहा ह उ मीद की आशा क

सड़क पर खड़ बचपन की य बात सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह

हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

इस बदलत पिरवश का राग सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

गाधी जी क सपन का जो राम-रा य कहलाता ह उस भारत म सड़क पर छोट चाय पहचाता ह

कहा गई वो अ हड़ म ती कहा गया वो यार का रा ता उन हाथ स बचत झड िजन हाथ को चािहए ब ता

उस सोन की िचिड़या की म बात बतान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

कही बम की गमर हवाए कही ससद म कोहराम ह कही होत घोटाल स परशान आदमी आम ह

कही कल की िकलकारी ह कही सड़क पर बचपन ह कही चलता नही गजारा कही िवदश म काला धन ह

म स चाई गा-गाकर सबको बतलान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

बदलता भारत मनीष लाल इरडा

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

प ठ 44 अकषय कराित

करन वाल काम बहत ह यथर उलझन को छोड़ो म ला-पिड़त तोड़ रह ह तम बस lsquoअपन को जोड़ो

lsquoहम बदलग-यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का lsquoवद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का

वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हम बदलग mdash यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का वद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

प ठ 45 अकषय कराित

िसफर काला और सफ़द य ही वो दो रग थ जो तर पास सि ट बनान क आधार थ

काला वो जो कािलमा िलय ह िजस कहत ह दख िनराशा म य अपयश और वो सबकछ जो नकारा मक ह

मगर सफद ह वो रग िजसस जड़ा ह जीवन आशा सख और कीितर और वो सब कछ जो सकारा मक ह पर इन रग स तझ चन ना िमला त सोचन लगा अगर सि ट बनानी ह

तो िकस िलए- ससगर और परम क िलए और

इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग

ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह

बस- बना डाला तन इ दरधनष

जो बरसात क बाद सरज और प वी क अनपम परम को रग दता ह सतरगी रग स

और उ ही सतरगी इ दरधनषी रग म हम हर पल हर कषण डबत गहरात इतरात रहत ह

और खिशय भर ससार म हर रग को अलग-अलग तरह स महसस करक जीत रहत ह

रग तो रग ह मगर-

ससगर और परम क िलए और इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह बस-

सतरगी िचतर सगीता ीवा तव इरडा

प ठ 46 अकषय कराित

कभी पक क कभी फीक़ तो कछ कभी दाग बनकर उभर आत ह

कछ आख म नील बादल स छाए रहत ह तो कछ गाल पर गलाबी रग बनकर छलक जात ह

याद रहत ह अक सर वो रग- जो खदी पर इस तरह छा जात ह िक खद म घलकर खद क होन

का एहसास दत-दत खद का एक रग बन जात ह

बगनी आसामनी नीला हरा पीला नारगी लाल इ दरधनष क य सात रग ही जोड़त ह हमार िदल को

हमार मन को जोड़न वाल इन रग की सतरगी दिनया म-

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा बनाय

और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क

सतरगी िचतर

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा

बनाय और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क सतरगी िचतर

Page 10: Akshay Kranti Vol 3€¦ · पक्ष को प्रभािवत न कर e, बािधत व पीिड़त न कर eवह काय-र्कौशल है।

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अकषय कराित

ढरी जो उनक नाम की बनाई थी वह मन ढहा दी लड़क न आग कहा दसरी िज मदारी राजा पर होती ह अपनी परजा की रकषा करन की आपन मझ अपनी सतान पराि त क िलए बिल दन क िलए खरीद िलया तब आपस कया पराथरना करता इसिलए दसरी ढरी जो मन आपक नाम की बनाई थी वह भी तोड़ दी जीव की रकषा करन का तीसरा भार दवी-दवताओ का होता ह बालक न तीसरी ढरी का रह य बतात हए कहा लिकन यहा तो दवता वय ही मरी बिल लन को तयार बठा ह तो इसस कया पराथरना करता इसिलए मन तीसरी ढरी भी तोड़ दी लिकन चौथी ढरी का कया रह य ह राजा न पछा और अत म सहारा होता ह भगवान का ई वर का ब च न रत की ढिरय का रह य खोलत हए कहा मरी बिल दी जानी थी सो मन अत म ई वर स पराथरना की परभ की पजा-अचरना करक उनस रकषा करन की पराथरना की अब वही मरी रकषा करग वही होगा जो ई वर को मजर होगा म बिल दन क िलए तयार ह rsquo इतना कहकर वह बालक राजा क पास जाकर िसर झका कर खड़ा हो गया राजा उस छोट स बालक की इतनी जञान की बात सनकर स न रह गया राजा न सोचा म इस बालक की बिल द दगा बरा मण ह या भी हो जायगी िफर पता नही मझ जो सतान परा त होगी वो कसी होगी परजा का खयाल रखन वाली होगी या नही कही मरा और वश का नाम ही न डबो द यह बालक गणवान ह ई वर का भकत ह सब परकार स मर लायक ह कय न म इस ही गोद ल ल और इस ही अपना पतर बना ल इतना िवचार करत ही उसन उस बालक की बिल दन का कायरकरम र कर िदया और उस बालक को गोद ल िलया कहत ह उस बालक म अ छ गण होन क कारण उसन कई साल तक रा य िकया और हर परकार स परजा की रकषा की उसक रा य म िकसी को िकसी परकार का कोई क ट नही था

इतना कहकर वह बालक राजा क पास जाकर िसर झका कर खड़ा हो गया राजा उस छोट स बालक की इतनी जञान की बात सनकर स न रह गया

परकित िजदगी स ह िजदगी बनी भी परकित स ह चलता रह य िविचतर खल य ही इसका भी अमल िजदगी स ह

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शोिभत ह िज़दगी धरती की धार पर इस हिरत धारा पर ऊजार स भरपर ह हिरत ऊजार स य ससि जत य खब ह

हिरत ऊजार क भ डार का खजाना य खब ह जल वाय और सौर ऊजार ह इनक अ यत ोत

ल अमल म इनको अगर बचाना ह य धरा अनमोल अदभत ह खजान परकित क अगर कर ल मन य इनका सदपयोग

य झोखा जो हवा का ह य जो तरग म जलधारा ह अदभत िकरण जो फलाती जीवन की धारा ह

समझ ल इनका जो इशारा ह कर परयोग इ ही का अपन यतर मतर स छपा ऊजार का अनमोल खजाना ह

परकित िजदगी स ह िजदगी बनी भी परकित स ह चलता रह य िविचतर खल य ही इसका भी अमल िजदगी स ह

रकषा कर इस धरा की स पना इसको नई िजदगी को ह इस परकित स बना मन य महान

िफर क य कर रहा परकित का सवरनाश खद को बचा हर िजदगी को बचा

करक हिरत ऊजार का स मान जीन द जीवन को और भी कर ल सयम म अपना य िवषकत घटता जीवन का चकर य ह इशारा परकित का हर पल सभल जरा ना कर इसको त तग

मक त खल परकित स कर ल इस हिरत ऊजार का परयोग अ छ क बदल अ छा दना सीख परकित का य खल

अलका कमार इरडा

अकषय कराित

किवता

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नही सीखा अब भी अगर परकित म सब जाएगा बदल जी ना पायगा िफर त इस परकित म िमट जाएगा अश तरा इस परकित स हिरत परकित और य हिरत ऊजार ह य इस धरा क जीवन दायक सीख परकित स लना दना

िसखा रह य जीवन का मल मतर परकित का आहार परकित मत द आहार आपराकितक सतलन िबगड़ गया अगर हो जायगी िवनाश िजदगी

अब सभल जरा और कर ल परण करक हिरत ऊजार को ही खचर बना धारा को शोिभत हरदम

िफर रहगा परकित और िजदगी का य खबसरत सग

हिरत परकित और य हिरत ऊजार ह य इस धारा क जीवन दायक सीख परकित स लना दना िसखा रह य जीवन का मल मतर

अकषय कराित

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अकषय कराित

कमरचािरय की आदत उनक यिक त व और िन पादन कषमता का पार पिरक सबध - एक िव लषण

हम िजस िकसी सगठन म काम करत ह उसक परित हमारा ल य होना चािहए सबिधत स थान क िलए अपनी सपणर कषमताओ का इ तमाल कषमताओ का बहतर परयोग तभी हो सकता ह जब हम अपन अदर अ छी आदत का िवकास कर हमार शा तर वद उपिनष और अ य धािमरक गरथ हम अ छी आदत क िवकास क सबध म बीज मतर बतात ह िक हम मनसा वाचा और कमरणा शदध रहना चािहए मनसा वाचा और कमरणा शदधता स ता पयर ह िक हम मन वाणी और कम स अ छ बन रह हमारी नीयत नक हो हम अपन सहकिमरय सािथय और अ य लोग क साथ अ छा बरताव कर और हमार कमर अ छ ह इस बीज मतर पर चलन वाला हमशा अपन अदर अ छी आदत का िवकास होता पायगा

असल म िदककत यही ह िक हम उपदश दन म तो आग रहत ह लिकन खद क अदर नही झाकत या कम ही झाकत ह - lsquoपर उपदश कशल बहतरrsquo सपरिसदध लखक सरदार परन िसह न एक बार कहा था आचरण की स यतामय भाषा सदा मौन रहती ह अथारत आदमी खद चप रहकर खद को ठीक रख तो इसका परभाव खद-ब-खद दसर पर पड़ता ह इसको हम एक छोट स उदाहरण स प ट कर सकत ह िक मान िलया जाए हम ब च स कह धमरपान नही करत लिकन उसक सामन खद ऐसा कर इसस इतर हम अगर यह सब करत ही नही ह तो इसका यादा असर ब च पर पड़गा अ छी आदत घर स श होकर समाज द तर और उसस आग तक हम हमशा हमारा फायदा िदलाती ह

कहा जाता ह िक व थ तन म ही व थ मन िनवास करता ह इसी तरह यह भी कहा जाता ह िक व थ वातावरण ही उ नित का योतक होता ह व थ वातावरण तभी बनगा जब उस माहौल म रहन वाल लोग

हीरा व लभ नराकास

असल म िदककत यही ह िक हम उपदश दन म तो आग रहत ह लिकन खद क अदर नही झाकत या कम ही झाकत ह - lsquoपर उपदश कशल बहतरrsquo

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अकषय कराित एक दसर का स मान करग खद की आदत को सधारग और उस स था की तरककी क िलए अपन तर पर हर वह काररवाई करग जो औ योिगक सगठन और लोग की उ नित म ज री होती ह

औ योिगक सगठन िकसी भी दश की अथर यव था को मजबत आधार परदान करत ह औ योिगक सगठन म परयोग होन वाल सम त ससाधन म मानव ससाधन अथारत उसम काम करन वाल कमरचारी मह वपणर और िनणारयक होत ह इन सगठन का सफल सचालन वहा कायररत कमरचािरय की कशलता और कायरकषमता पर आधािरत होता ह कशलता और कायरकषमता का ोत हमारा आचरण और यवहार होता ह जािहर ह औ योिगक सगठन म मानवीय सबध परी एक ऐसी िकताब ह िजसक िबना कभी कछ नही कराया जा सकता लोग क साथ सतोषजनक प स काम करना परबधन क काम का िसफर एक िह सा नही ह वरन सारा

काम इसी पर िटका ह कय िक सभी उ योग म मशीन माल या दसरी चीज़ क साथ कोई भी काम लोग क मा यम स ही िकया जा सकता ह तीन lsquoएमrsquo अथारत मनी मटीिरयल और मशीन औ योिगक सगठन क िलए मह वपणर ससाधन होत ह लिकन इ ह पिरणाम तक पहचान का कायर कमरचारी (man) ही करत ह जो सगठन दर अदशी रहकर कमरचािरय क जञान उनकी िविश टताओ उनक आचरण को अनकल साच म ढालन क परित सजग रहत ह वही सफलता की ऊचाइय को छत ह अगरजी म एक परानी कहावत ह -- Where the vision is one year Cultivate flowers Where the vision is ten years Cultivate trees Where the vision is eternity Cultivate people अथारत जहा दरअदशी एक साल क िलए हो तो फल लगाइय जहा दरअदशी दस साल क िलए हो तो पड़ लगाइय

औ योिगक सगठन म परयोग होन वाल सम त ससाधन म मानव ससाधन अथारत उसम काम करन वाल कमरचारी मह वपणर और िनणारयक होत ह

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अकषय कराित जहा दरअदशी अनत काल क िलए हो तो लोग का िवकास कीिजए औ योिगक सगठन म 500 आदमी ह 5000 आदमी ह 50000 ह या इसस अिधक अगर कामकाज ठीक स चलाना ह तो बहत ज री ह परबधन उनस िनभाना जानता हो यिकतगत सपकर का मह व

वातानकिलत कमर म बठकर और सचार मा यम या िकसी अ य तरीक स कमरचािरय की िरपोटर लना और आस पास होन वाल घटनाकरम को जानना अलग बात ह और कायर थल पर वय उपि थत रहकर ि थित को समझना और िनदश दना अलग बात महान जनरल रोमल की सफलता का मखय कारण यह था िक व हमशा कायर थल पर वय उपि थत होकर िनदश दत बात की पि ट करत सम याए सलझात और दखत िक काम कसा चल रहा ह रोमल का यह तरीका इतना सफल रहा िक िकसी भी औ योिगक सगठन या कारोबार म इस अपनाया जाए तो आशातीत पिरणाम सामन आ सकत ह लोग क बीच खद उपि थत होकर काम करन का कोई िवक प नही ह लोग अिधकाशतः उनको नापसद करत ह िज ह व ठीक स जानत नही ह पर एक बार जान पहचान हो जान पर हालात बदल जात ह कमरचािरय म अ छी आदत का िवकास करन की पहली शतर ह िक पहल उनक िदल म घर िकया जाए ऐस िकसी भी बरताव स बचा जाए िजसस वह अपन को उपिकषत महसस करन लग अतः सवदनशीलता का यान रखना बहत ज री ह

कमरचािरय क परित सवदनशील यवहार-कौशल और धयरपणर होन क अितिरकत इस बात पर ढ़ रहना ज री ह िक काम ठीक परकार स हो अ छ यवहार क साथ कमरचािरय को यह जताना भी ज री ह िक उनस काम का उ च तर अपिकषत ह और उस पर उनक साथ कोई समझौता नही और अगर इस पर अमल नही करत तो उ ह पता होना चािहए िक आप कड़ी काररवाई करग

सकारा मक नजिरया परबधन का एकमातर काम िनदश दना नही ह वरन उस साथ-साथ लोग का िवकास करना होता ह

महान जनरल रोमल की सफलता का मखय कारण यह था िक व हमशा कायर थल पर वय उपि थत होकर िनदश दत बात की पि ट करत सम याए सलझात और दखत िक काम कसा चल रहा ह

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अकषय कराित एक अिधकारी का मखय काम यही ह िक वह अपन साथ काम करन वाल लोग म अ छी आदत का िवकास कर उनकी सहायता कर यिद यह काम परभावशाली ढग स कर पाता ह तो इसस कवल उसक अपन काम ही बहतर नही ह ग बि क उसक पास परिशिकषत और कशल कमरचािरय का परा दल होगा जो उसक परित परी िन ठा स काम करगा इसक िलए सबस पहल कमरचािरय का नजिरया ठीक करना ज री ह उनम सबस पहल यह भावना लानी होगी िक हमार अदर जो चीज ह वही हम ऊपर की ओर ल जाती ह और वह हमारा नजिरया ह

एक आदमी मल म ग बार बचकर अपनी गज़र-बसर करता था उसक पास लाल नील पील हर-चार रग क ग बार थ जब कभी उसकी िबकरी कम होन लगती तब वह हीिलयम गस स भरा एक ग बारा हवा म छोड़ दता ब च उस उड़ता दखकर वसा ही उड़न वाला ग बारा पान क िलए मचल उठत ब च उसस ग बारा ख़रीदत और इस तरह उसकी िबकरी िफर स बढ़ जाती िदन-भर यही िसलिसला चलता रहता एक िदन वह आदमी बाज़ार म खड़ा ग बार बच रहा था अचानक उस महसस हआ िक पीछ स कोई उसका करता पकड़कर खीच रहा ह उसन पीछ मड़कर दखा तो एक छोट स ब च को खड़ा पाया उस ब च न ग बार वाल स पछा ldquoअगर आप काला ग बारा छोड़ग तो कया वह भी उड़गाrdquo ब च की बात उसक िदल म लगी और उसन यार स जवाब िदया ldquoबट ग बारा अपन रग की वजह स नही उड़ता बि क उसक अदर कया ह इस वजह स ही वह ऊपर जाता ह rdquo ठीक यही बात हमारी िज़दगी म भी लाग होती ह अगर लोग का नजिरया बहतर हो उनम अदर स काम करन की इ छा भरी हो तो व खलकर आपस म िमलकर काम करग इसस नकसान तो कम होगा ही स थान क परित िन ठा बढ़गी और लगन स काम करन का वातावरण तयार होगा िव वास हािसल करना आव यक

कमरचािरय स बहतरीन काम लन क िलए शानदार टीम लीडर होना ज री ह मटठीभर लोग का कोई समह िकला तभी फतह कर सकता ह जब

एक आदमी मल म ग बार बचकर अपनी गज़र-बसर करता था उसक पास लाल नील पील हर-चार रग क ग बार थ

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अकषय कराित जब उनका सनापित उनम वह जोश भर सक िक उ ह कोई भी ऊचाई यादा न लग अतः सबस ज री ह िक स थान म कमरचािरय की

कषमताओ का परा फायदा लन क िलए उनका िव वास जीता जाए इसक िलए उनक साथ परी इ जत स पश आना ज री ह उनकी छोटी-बड़ी खशी को बाटना और उनकी राय को परा स मान दना भी उतना ही ज री ह कई बार परबधन क उ चािधकारी या लीडर अपनी टीम क सद य स िसफर इसिलए राय नही लत कय िक उ ह लगता ह िक एक बार राय लन पर अगर उनकी बात नही मानी गयी तो उ ह बरा लगगा लिकन सबस ज री ह िक टीम म सभी सद य को िव वास म लकर काम िकया जाए यहा टीम लीडर की भिमका मह वपणर होती ह वह खद वकत का पाबद होगा तो उसक मातहत कमरचािरय म वयमव यह गण आदत का प ल लगी टीम लीडर का काम अपनी टीम का उ साह बढ़ात हए दी गयी िज मदािरय को समय स परा करना ह मगर उसम नयी चीज़ को सीखन की ललक होनी चािहए ऐसी ललक जब स थान क कमरचािरय म आदत का प लन लगती ह तो वह स थान जािहर ह नए परितमान थािपत करन लगता ह जापानी कपिनया हर बात म कमरचािरय क िहत का यान रखती ह िजसस व वय ही उ पादकता क परित सचत हो जात ह जानी-मानी टोयोटा कपनी क कमरचािरय म तो काम की ऐसी आदत सी या ललक होती ह िक व तब तक काम करत ह जब तक खद थक कर चर नही हो जात यह उनकी आदत ही बन चकी ह िक यिद व िकसी बात पर नाराज होत ह तब भी कपनी या अपन भागय को भल ही कोस ल पर अपन काम पर असर नही पड़न दत इसका कारण यह ह िक जापानी कपिनया काम का एक अ छा वातावरण बनान और लोग म काम क परित स ची लगन को बढ़ावा दन क िलए कड़ा परयास करती ह वहा लोग को लगातार परिशकषण िमलता रहता ह जो कवल तकनीक और मनजमट ही नही कायर स जड़ी नितकता और अ छी आदत क िवकास पर किदरत होता ह चिरतर का िनमारण उनकी एक आदत सी बन जाती ह अगर हम भी एक अ छी शिखसयत बनना ह तो हम अपनी आदत को गहराई स जाचना होगा

ऐसी ललक जब स थान क कमरचािरय म आदत का प लन लगती ह तो वह स थान जािहर ह नए परितमान थािपत करन लगता ह जापानी कपिनया हर बात म कमरचािरय क िहत का यान रखती ह

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अकषय कराित चतन और अवचतन मन

हमार चतन मन क पास सोचन की शिकत होती ह यह िकसी बात को मान सकता ह और नही भी मान सकता मगर अवचतन मन िसफर वीकार करता ह यह इनपट (input) को लकर कोई भदभाव नही करता अगर हम अपन मन म डर शका नफरत क भाव भर तो यह आ म सझाव इन सभी भाव को सिकरय बनाकर हकीकत म बदल दगा हमारा अवचतन मन एक डाटा बक की तरह ह अवचतन मन एक गाड़ी की तरह ह और चतन मन एक डराइवर की तरह शिकत तो गाड़ी म होती ह मगर उसका कटरोल डराइवर क पास होता ह

हम अवचतन मन को इस तरह ढालन की ज रत ह िक वह हम सही और ठीक रा त पर ल जा सक अवचतन मन एक बगीच की तरह होता ह िजस कोई परवाह नही होती िक आप कस पौध लगात ह यह िनरपकष (neutral) होता ह इसम अ छा बोन पर अ छा िमलता ह अ यथा जगली पौध उग जायग

बि क अ छ बीज बोन क बावजद जगली पौध उगन बद नही होत आव यकता होती ह उ ह उखाड़ फकन का िसलिसला जारी रखन की इसी िसदधात को कमरचािरय क मामल म समझन की ज रत ह हम याद रखना ह िक सही और गलत िवचार मन म एक साथ नही रह सकत आव यकता उनक अवचतन मन को इस तरह ढालन की ह िक उनम अ छी आदत का िवकास हो दरअसल अवचतन योगयता वह होती ह जब हम यान दन और सोचन की यादा ज रत नही होती कय िक यह हमार यवहार म खद ब खद उतरन लगा ह िजस स थान क कमरचारी इस तर पर पहच जात ह उनम अ छी आदत वयमव घर करन लगती ह जब बरी आदत हमार अवचतन योगयता क तर तक पहच जाती ह तो वह कावट उ प न करती ह

पिरवतरन का िवरोध बरी आदत को पहचान लन क बाद भी अकसर दखा गया ह िक

लोग उ ह बदलत नही ह ऐसा आिखर कय होता ह उनक न बदलन का कारण ह िक व िज मदारी को वीकार करन स इनकार करत ह

हम अवचतन मन को इस तरह ढालन की ज रत ह िक वह हम सही और ठीक रा त पर ल जा सक अवचतन मन एक बगीच की तरह होता ह िजस कोई परवाह नही होती िक आप कस पौध लगात ह

प ठ 19

अकषय कराित अपनी उन आदत को बनाय रखन म उ ह जो आनद िमलता ह वह पिरवतरन क ददर स यादा होता ह इसक िन निलिखत कारण हो सकत ह -- 1 पिरवतरन की इ छाशिकत का अभाव 2 पिरवतरन क िलए आव यक अनशासन की कमी 3 िव वास की कमी 4 आव यक जानकारी की कमी परबधन वारा इन िबदओ पर िवचार कर अपन किमरय म आशातीत पिरवतरन लाया जा सकता ह सामा यतः खराब आदत को न बदलन क बहान िदय जात ह और कहा जाता ह -- हम लोग इसी तरह करत ह या िक म नही समझता इसस कोई फकर पड़गा और कछ न िमला तो कह िदया जाता ह म बहत य त ह अ छी आदत का िन पण

आदत म पिरवतरन लाया जा सकता ह आव यकता ह इसक िलए सही पिरवश का िनमारण करन की कमरचािरय को परिशिकषत करन की परिरत करन की और ऐसी ि थितया उ प न करन की िजसस कमरचािरय म अ छी आदत का िन पण हो सक दरअसल सफल लोग का राज यह ह िक व काम करन की उन आदत को डाल लत ह जो असफल लोग करना नही चाहत य वही काम ह िज ह सफल लोग भी करना

नही चाहत लिकन व िफर भी करत ह उदाहरण क िलए असफल लोग अनशासन और महनत करना पसद नही करत सफल लोग भी अनशासन और कड़ी महनत नापसद करत ह लिकन व िफर भी ऐसा करत ह कय िक य लोग उन काम को करन की आदत डाल लत ह िज ह असफल लोग नही कर पात नजिरय और सोच का तरीका एक आदत ह और इस बदला जा सकता ह सही ि ट और सतलन कमरचािरय म काम क सबध म सही ि ट बनाय रखन की परवि त िवकिसत करना ज री ह जब कछ गलत हो रहा होता ह तो उस ठीक करना परबधन का ही काम होता ह समझा यह जाता ह िक परायः हम गलत हो रह काम को लकर इतन िचितत हो जात ह िक जो सही हो रहा ह उस भी अनदखा करन की हमम आदत होती ह

दरअसल सफल लोग का राज यह ह िक व काम करन की उन आदत को डाल लत ह जो असफल लोग करना नही चाहत

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अकषय कराित उदाहरण क िलए अगर िकसी स कोई गलती हो जाती ह तो हम एकदम उस पर िच ला पड़त ह या उसक िव दध काररवाई कर बठतहअ छा यह रहगा िक आप उस अलग ल जाकर अकल म बात कर अगर परशसा करनी हो तो सबक सामन कर

अगर िकसी स सहमित न बन तो उस पर करोध करना ज री नही ह अगर अपन करोध पर काब रखग तो लोग अपनी असहमित को अ यथा नही लग अगर आप अपन िवचार को खला रखग तो दसरी ओर स भी आप ऐस ही यवहार की अपकषा कर सकत ह परायः लोग अपनी सहमित कछ इस तरह जतात ह िक सामन वाला भी अपनी बात पर अड़ जाता ह समझन की बात यह ह िक सभी ि थितय म कवल तकर ही काफी नही होगा िकसी स असहमत होन म भी यवहार कशल होना ज री ह सबस पहल तो दसर को अपना पकष रखन का मौका द उसकी बात सन और जहा तक हो सक उसस अपनी सहमित भी परकट कर और िजन बात पर सहमित न बना सक उस समझाए

हमम स अिधकाश लोग उन किमरय और उनकी गलितय पर अ यिधक यान दत ह िजनक िलए हम काम करत ह पर अपन किमरय पर नज़र डालना भल जात ह अगर वय को उन लोग की नजर स दखा जाए तो आशातीत पिरणाम दखन को िमलत ह

आ म मथन आप कया करना चाहत ह कसा करना चाहत ह - इस सोच को

वतरमान म अपन अदर मथन करन को आ म-सझाव कहत ह एक बार सब म जब इसकी पिरपाटी श हो जाती ह तो यह हमार अदर िवजञापन की तरह काम करता ह अपन बार म अपन िलए अदर ही परचािरत करता ह इसका हमार चतन और अवचतन (Sub-concious) मन दोन पर परभाव पड़ता ह अततः यह हमार नजिरए और यवहार को परभािवत करता ह और धीर-धीर आदत का प लता ह यह दरअसल अपन अवचतन मन को ढ़ालन या परोगराम करन की िविध ह

हमम स अिधकाश लोग उन किमरय और उनकी गलितय पर अ यिधक यान दत ह िजनक िलए हम काम करत ह पर अपन किमरय पर नज़र डालना भल जात ह

प ठ 21

अकषय कराित आ म-सझाव अ छ या बर हो सकत ह जब हम बर आ म-सझाव को बार-बार दोहरात ह तब हमारा अवचतन मन उन पर िव वास करन लगता ह और हम उसी को वा तव म यवहार करन लगत ह सकारा मक आ म-सझाव को बार-बार मथन करन स उसकी हमार िदलोिदमाग म त वीर बन जाती ह और वही असिलयत का प लन लगता ह एक उदाहरण क िलए जब कभी हम सबह 0600 बज टरन पकड़नी हो और हमार पास अलामर घड़ी न हो तो हम मन म कहकर उठत ह िक 0400 बज उठना ह तो कया हम नही उठत अगर उठत ह तो इसक पीछ आ म-सझाव ही काम करता ह आ म-सझाव एक रा ता ह िजसस हम अपन िदमाग को परोगराम करक ढ़ालत ह सकारा मक आदत को िवकिसत करन म आ म-सझाव की परवि त मह वपणर िसदध हो सकती ह हमार नजिरए और आदत को तय करन वाल कारक हमार नज़िरए को मखयतः तीन कारक परभािवत करत ह - वातावरणः घर कल आिफस मीिडया सा कितक प ठभिम धािमरक प ठभिम परपराए और भाषाए सामािजक-राजनितक माहौल - य सब िमलकर एक तहजीब बनात ह चाह घर हो या आिफस या अ यतर - हर जगह हर िकसी की अपनी तहजीब होती ह उदाहरण क िलए हम एक दकान म जात ह तो वहा का स समन बड़ अदब वाला होता ह लिकन वही जब दसरी दकान पर जात ह तो वहा का स समन कभी-कभी बड़ा खा और बदतमीज िमल जाता ह उसी तरह िकसी क घर म यार भरा माहौल िमलता ह तो िकसी क घर म हमशा लड़ाई-झगड़ का इसी तरह जब सरकार और राजनीितक माहौल ईमानदारी का होता ह तो लोग भी ईमानदार मददगार और कानन का पालन करन वाल होत ह बईमान और भर ट माहौल म िजस तरह एक ईमानदार का जीना मि कल होता ह उसी तरह ईमानदारी भर माहौल म बईमान यिकत को मि कल होती ह िन सदह अ छ वातावरण म मामली कमरचारी म वमव अ छी आदत िवकिसत होती ह और उसकी कायर करन की शिकत बढ़ जाती ह जबिक खराब माहौल म अ छा काम करन वाल की भी कषमता िगर जाती ह

सकारा मक आदत को िवकिसत करन म आ म-सझाव की परवि त मह वपणर िसदध हो सकती ह

प ठ 22

अकषय कराित कायर-स कित का बहाव ऊपर स नीच की ओर होता ह नीच स ऊपर की ओर कभी नही यह दखना बहत ज री ह िक हमन अपन िलए और आस-पास क लोग क िलए कसा वातावरण तयार िकया ह खराब वातावरण म अ छ की उ मीद करना बमानी ह अनभवः हम अपन जीवन म अपन काम-काज म हालात स जसा अनभव पात ह वह हमारी आदत का िह सा बन जात ह और उसी क अनसार हमारा यवहार होता ह अगर िकसी क परित हमारा अनभव अ छा होता ह तो हमारा नज़िरया भी अ छा होता ह ज री ह िक कमरचािरय को ऐसा कायर-पिरवश िमल िजसस उनक अवचतन म अ छ अनभव की छाप अिकत हो

परिशकषण भी ज़ री यहा िसफर सदधाितक जञान ही काफी नही होता बि क औपचािरक और अनौपचािरक दोन ही तरह की िशकषा व परिशकषण ज री ह जञान और जानकारी को यिद योजनाबदध तरीक स परयोग िकया जाए तो उसस बौिदधक तर को बढ़ान म आशातीत सफलता िमलती ह काम करन की कला अ छी िशकषा स ही आती ह ज री ह िक परिशकषण म मनोवजञािनक सामािजक आिथरक व अ य पहल को समझन की आदत िवकिसत की जाए अवचतन म यह िबठाना बहत ज री ह िक जीवन की भ यता काम क वारा ही सभव ह स थान म सभी को लगना चािहए िक उनका काम मह वपणर ह यही परबधन कला का सार ह जब कमरचािरय को ऐसा एहसास होन लगता ह तो उनक नज़िरए म बदलाव आन लगता ह उपसहारः काम क परित लोग म अ छी आदत िन िपत करन और उनम उ साह जगान स कायर-िन पादन म िनरतर िनखार आता ह दरअसल हर यिकत म मानिसक और शारीिरक ऊजार उ प न होती ह िजसक िलए काम ही सबस अ छा िनकास ह एक िवचारक क अनसार lsquoआप पछत ह म लगातार काम कय करता ह

यहा िसफर सदधाितक जञान ही काफी नही होता बि क औपचािरक और अनौपचािरक दोन ही तरह की िशकषा व परिशकषण ज री ह

प ठ 23

अकषय कराित इसका वही कारण ह िजस कारण स मगीर अ ड दती जाती ह rsquo काम क िबना इसान घट सा जाता ह उस काम की उतनी ही ज रत होती ह िजतनी हवा की आव यकता ह िक उस सही वातावरण उपल ध करान और सही िदशा म अिभपरिरत करन की व ततः हर यिकत अदर स गिरमा और आ मस मान की चाह रखता ह आव यकता ह उस अतःपरिरत करन की लोग को खद स परिरत करन क िलए हम उनकी ज रत और इ छाओ को समझना होगा पररणा कायरकषमता और आदत क बीच सीधा सबध ह जो लोग उतना ही काम करत ह िक उनकी नौकरी बची रह तो ऐस लोग िकसी भी स थान क िलए मह वपणर नही हो सकत अतपररणा स सोच म बदलाव लाया जा सकता ह पररणा आग क समान होती ह

कमरचािरय को िजतना परिरत िकया जाएगा उनम उतनी ही सकारा मक आदत का िवकास होगा कमरचािरय को उिचत स मान दकर उनक कायर को अिधक मनोरजक बनाकर परबधन वारा उनकी बात को गौर स सनकर उनकी सम याओ और सझाव पर गौर करक उ ह वय ल य िनधारिरत करन क िलए परो सािहत करक िवकास क नय अवसर उपल ध कराकर आव यकतानसार समय-समय पर समिचत परिशकषण िदलाकर तथा नयी चनौितय स जझन क िलए परो सािहत करक िन सदह उनक आचार और यवहार को सकारा मक िदशा म पाियत िकया जा सकता ह

कमरचािरय को िजतना परिरत िकया जाएगा उनम उतनी ही सकारा मक आदत का िवकास होगा

ई-पितरका म लख आिद म परकट िवचार

मलतः लखक क ह तथा यह आव यक नही ह िक

इरडा भी इन िवचार स सहमत हो

प ठ 24

अकषय कराित

िबिटया

आख म मोती लकर तम िबिटया जाती हो हा जाओ िशकषा का उपहार द रह िवदा समय यह लो ल जाओ इन पराण म परीित त हारी ममता क धन िसदरी इन नयन की बद पली परकट करती ह मजबरी लाचारी ह िफर पराण म क य ह इतनी आकलता

जब इस रीित पर पराओ म वश न िकसी का ह चलता िपतकल को तजकर अब िबिटया पित-कल म जाना होगा

नटखटपन को छोड़ धमर का ही िजसम बाना होगा इस घर की तम बड़ी लाडली पराण स यारी िबिटया

चली लाकर आज सभी को िपता की कर सनी किटया िजन हाथ न लाड़ चाव स अब तक था िजसको पाला उन हाथ न ही िबिटया को दलह राजा जी को द डाला

िजसका दख जरा मन मला हो जाती थी हरानी क यादान उसी का कर क दय बनाया पाषाणी

िकया न जाता था पल भर को इन आख स दर िजस मोती झरत िवदा द रहा आज सकल पिरवार उस अपनी मा क जीवन की तम परित-पल हो आधार रहो

िवजयता िपता क दय मिदर की िबिटया तम साकार रही आज जीवन क सख-दख सार वही िबतान तम लो जान आओगी जब कभी यहा तम होगी महमान समान

सतीश कमार कलावत इरडा

इस घर की तम बड़ी लाडली पराण स यारी िबिटया चली लाकर आज सभी

को िपता की कर सनी किटया

प ठ 25

ससराल की कभी बराई कही न मह पर आ जाव धमर कमर क तर य पथ म पाव नही िडगन पाव

सात परितजञाय जो तमन अिग नदव स मख की धारण द पि त जीवन का मह व ह करना स च मन स पालन

बटी इन सात बचन का यान दय म रह सदा दोन कल की लाज इसी म भला न दना इस कदा पित ही ह सवर तर त हार पित ही को जीवन समझो

जो कछ कह उसी को मान उनको िबिटया तम धन समझो शीलवती तम बन िबिटया पित-भक त मना सदर िनस दह वय उपजग क प-वकष घर क अ दर

पहन सिशकषा की साड़ी को शभ गण भषण अपनाओ दस लकषण शभ लकषण धार िन य नय मगल गाओ यह िशकषा उपहार दय का तम को राह िदखायगा भल भटक कर भी अिधयारा पास न आन पायगा

हम सब की आख स मोती उर स िनकल रही आशीष सभी सख स पणर परफि लत कर त ह दलह राजा की ईश

अकषय कराित

िजन हाथ न लाड़ चाव स अब तक था िजसको पाला उन हाथ न ही िबिटया को दलह राजा जी को द डाला

प ठ 26 अकषय कराित

ldquoपयारवरणrdquo श द पिर+आवरण स बना ह अथारत बा य आवरण को ही पयारवरण कहत ह इस बा य आवरण का ता पयर हमार चार ओर क वातावरण और पिरवश स ह िजस हम दसर श द म परकित भी कह सकत ह प वी पर िव यमान सपणर जीव-जगत क अि त व जीवन-यापन एव चहमखी िवकास म परकित की मह वपणर भिमका ह मानव बिदधजीवी पराणी ह और परकित क मह व स भली-भाित पिरिचत होन क कारण ही सिदय स परकित की पजा करता रहा ह

विदक काल स ही परकित तथा मानव क बीच जीवन ततर का अटट सबध रहा ह हमार पराचीन ऋिष-मिनय न प वी म हवा पानी िमटटी पड़-पौध जीव-ज तओ और मानव क सिकरय सहयोगा मक सतलन को यान म रखकर ही परकित को प य माना धमर क साथ परकित को जोड़कर उ ह न परकित को पयार त मह व िदया व जानत थ िक िजस परकार जीवन क िलए भिम की आव यकता होती ह उसी परकार वन पितया व अ य पराणी भी आव यक ह य सभी परकित क अिभ न अग ह इनम स एक क भी न ट होन का परभाव दसर पर पड़ता ह और पिरणाम व प पराकितक असतलन पदा हो जाता ह व तत प वी म हवा पानी िमटटी पड़-पौध जीव-ज तओ और मानव का सिकरय सहयोगा मक सतलन रहता ह पड़-पौध भिम को उपजाऊ बनात ह िमटटी को बाधकर रखत ह बरसात करवान तथा जल एव वाय को व छ रखन म सहायक होत ह परत आज क बढ़त औ योिगकीकरण और शहरीकरण न परकित और मानव क बीच असतलन उ प न कर िदया ह यह असतलन अिशकषण बढ़ती जनसख या शहर की ओर पलायन वकष की कटाई गगनचबी इमारत बड़-बड़ उ योग की थापना आिद क कारण ह और यही पयारवरण परदषण क मख य कारण ह मटरोपोिलटन एव बड़ शहर म अनक काबरिनक और अकाबरिनक गस जस ndash काबरन-मोनोऑक साइड अमोिनया आिद परदषण क मख य ोत ह

वतरमान पयारवरण -21वी सदी की चनौती

लख सरीन सल

विदक काल स ही परकित तथा मानव क बीच जीवन ततर का अटट सबध रहा ह

प ठ 27 अकषय कराित मन य न अपनी भितक सख-सिवधाओ की आपित र क िलए परकरित स

िखलवाड़ िकया ह वतरमान मशीनी यग म मन य वारा परकित क अ यिधक दोहन एव िनत नए कारखान की थापना स पयारवरण सकट उ प न हआ ह मानव न परकित क साथ जो अ यायपणर यवहार िकया ह उसी क फल व प परकित का िवरोधी रवया हआ ह िजस भिव य म सह पाना मि कल होगा

अिशकषा क कारण दश की तजी स बढ़ती आबादी क आवास की मलभत आव यकता को परा करन क िलए वकष की कटाई करक ऊची-ऊची इमारत बनाई जा रही ह वकष की अधाधध कटाई स भिम की ऊवररा शिक त का तो ास हो ही रहा ह साथ ही परदषण जसी िवकराल सम या भी ज म ल रही ह

परदषण पयारवरण क ास का परमख कारण ह िवकासशील दश िनत नए उ योग की थापना करक बराजगारी की सम या को तो दर कर रह ह िकत इसस जल वाय विन तथा िविभ न परकार क परदषण बढ़ रह ह कल-कारखान और मोटर स िनकलन वाल धए स वाय परदषण हो रहा ह जल थल व नभ क मागर पर शिक त चािलत वाहन विन परदषण का मख य ोत ह शहरीकरण और औ योिगकीकरण क कारण शदध पयजल की सम या िवकराल प धारण कर रही ह कारखान स िनकलन वाल कड़-कचर क निदय म िमलन स जल परदषण हो रहा ह रासायिनक खाद और कीटनाशी दवाओ स मदा परदषण का खतरा बन गया ह

इस परकार जनसख या विदध शहरीकरण औ योिगकीकरण एव परदषण जसी सम याओ न पयारवरण को बरी तरह परभािवत िकया ह आज सपणर िव व पयारवरण को लकर िचितत ह इस भयावह ि थित स बचन क िलए पर यक यिक त को पयारवरण क परित जाग क करना आज की अिनवायर आव यकता ह

इस िदशा म सवरपरथम िनरकषरता को समा त िकया जाना चािहए साकषर भारत की पिरक पना म जनसख या विदध दर वय िनयितरत हो जाएगी करल रा य इसका परमाण ह जहा साकषरता क साथ-साथ जनसख या िनयतरण भी ह

जल थल व नभ क मागर पर शिक त चािलत वाहन विन परदषण का मख य ोत ह

प ठ 28 अकषय कराित

इसक बाद बात आती ह परदषण िनवारण की आज िव व भर क

वजञािनक और पयारवरणिवद इस िदशा म कायररत ह सवरपरथम वन क काटन पर परितबध लगाया गया ह और वन सपना क िव तार हत वकष लगान क िलए परो सािहत िकया गया इसक िलए सरकार की ओर स वकष आिद िनश क उपल ध कराए जात ह ldquoपयारवरण परदषण स थाrdquo और व छ वाय अिधिनयम जस िविधक उपाय स वाय परदषण पर रोक लगान का परयास िकया जा रहा ह जहरील धआ उगलन वाल कारखान तथा वाहन पर भारी आिथरक दड का परावधान ह िविभ न सचार मा यम mdashदरदशरन समाचार-पतर तथा आकाशवाणी क मा यम स जनता को पयारवरण क परित जाग क करन क परयास िकए जा रह ह निदय म खलन वाल परदषण ोत को बद करन की योजनाए चलाई जा रही ह पािलथीन क परयोग को बद करन क िलए चलाया जा रहा ह अिभयान भी परशसनीय ह

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह इस खतर स सपणर भमडल का अि त व न ट हो जाए इसस पहल हम पयारवरण की सरकषा करन का सक प लना होगा

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह

िस धी होन क प चात भी मझ बगाली रीित िरवाज़ िमठाइया यहा का पहनावा अगरज क ज़मान की बनी सरचनाए एव भवन इ यािद म बहत िदलच पी एव िच थी

प ठ 29 अकषय कराित

यातरा स मरण-कोलकाता-खिशय हषर का शहर(िसटी ऑफ जॉय)

सोिनया सिह वानी पीईसी िलिमटड

म पी ई सी िलिमटड नामक कपनी क िविध ककष म उप िविध परबधक क पद पर कायररत ह सन 2010 जन स इस कपनी म मन परबधन परिशकष क प म अपनी पहली नौकरी की श आत की पी ई सी िलिमटड वािण य मतरालय क अतगरत आन वाली आयात-िनयारत यापार स स बिधत क पिनय म स एक ह इस स दभर म जनवरी 2011 म िविभ न िवभाग क परबधन परिशकषओ को ओिरएटशन हत काडला कोलकाता इ यािद शहर म भजन का कायरकरम िनि चत िकया गया कोलकाता क पास हि दया पोटर होन क कारण कोलकाता शहर चना गया जहा पी ई सी वारा आयात की गयी व तए पोटर गोदाम म रखी जाती ह साथ ही म कोलकाता पोटर िभ न गोदाम इ यािद दखन की यव था की गयी एव सची म समावश िकया गया यह सनकर मरी ख़शी का िठकाना न रहा क य िक मन कोलकाता शहर क बार म सना बहत था पर त कभी दखा न था िस धी होन क प चात भी मझ बगाली रीित िरवाज़ िमठाइया यहा का पहनावा अगरज क ज़मान की बनी सरचनाए एव भवन इ यािद म बहत िदलच पी एव िच थी आिखरकार मझ मौका िमला और जनवरी की कड़ाकदार ठ ड क बीच हम एक रिववार शाम कोलकाता राजधानी स अपनी मिजल की और िनकल पड़ िद ली स कोलकाता क सफ़र क बीच हमारी गाड़ी इलाहाबाद गया िबहार तथा धनबाद जस शहर स होत हए बगाल की ओर पहची हसत-गात खलत-खात हए हम अगली सबह हावड़ा जकशन पहच गए रलगाड़ी स उतर कर टशन स बाहर िनकलत ही मझ िसटी ऑफ जॉय क नाम स मशहर कोलकाता की पहली झलक िदखाई दी ऐसा लगा मानो मझ भारत क दो पहल एकसाथ जीत हए नज़र आए एक तरफ थ टशन स बाहर एव अ दर जात हए स दर कपड़ गहन म लद हए कोलकाता क बगाली िनवासी साथ म बड़ी-बड़ी गािड़य म घमत कोलकाता क नौजवान और ठीक दसरी तरफ मरी नज़र पड़ी हगली नदी पर बन परिसदध हावड़ा िबरज पर िजस दख एक अलग ही दिनया का एहसास हआ

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह

िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी

एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया नतीजा मर समकष था

प ठ 30 अकषय कराित

हावड़ा िबरज पर हर तरफ लोग का जमावड़ा था इतन लोग दख िद ली क चादनी चौक की याद आ गयी ऐसा लगा मानो म 50 साल पीछ िकसी लक एव वाईट दिनया म कदम रख चकी थी िबरज क दोन तरफ सामान बचत हए दकानदार िखलौन मछली रख हए औरत एव छोट-छोट ब च मख य शहर स हावड़ा जान वाल आम आदमी मजदर की तज़ र तार फरी स र ता पार करन वाल यापारी इन सब को दख लगा कोलकाता म मबई जसी भागम भाग भी थी िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया नतीजा मर समकष था जस-जस म कोलकाता शहर क भीतर आन लगी मझ इस शहर क िवकास की झलक िदखाई दी एक तरफ थी ऊची ईमारत सदर िवशाल िव यासागर सत पल बड़-बड़ होटल माल कोलकाता उ च यायालय राईटसर िबि डग मशहर इडन गाडरन टिडयम इ यािद तो दसरी तरफ था िवक टोिरया ममोिरयल अगरज की वा तकला क अनसार िदखती लाल ईटो की इमारत िवक टोिरयल सरचनाए भवन छोटी-छोटी पटिरय पर समान बचत नया बाज़ार (New Market) क दकानदार एव िवक टोिरया ममोिरयल क बाहर चलत सलािनय क िलए रथ वाल घोड़ हमारा होटल जसीबोस सड़क पर ि थत था एव सिवधाओ स भरपर था पर त मन य जाना िक असली कोलकाता का मज़ा गाड़ी म नही अथवा िरक शा ऑटो तथा साल स चलती आ रही सड़क पर टराम म था

हर तरफ मझ पील रग की टिक सया िदखाई दी सब एक समान थी तथा मरसीडीज़ गाड़ी क बगल म चलती 1-2 पय म सफ़र की जान वाली टराम भी साथ िदखाई दी परी िजदगी िद ली म यतीत करन क बाद हर नए शहर का रहन-सहन बोल-चाल रीित-िरवाज़ जानन की जाग कता मझम हमशा रही पहल ही िदन स कोलकाता मझ रास आया जस िक कहत ह lsquoकोलकाता हमार खब भाला लागली छ rsquo कहन का ता पयर य िक मझ कोलकाता बहत अ छा लगा पहल िदन िक शाम को हमन य मािकर ट म खरीददारी करन का मन बनाया म हरान थी िक वहा चीज िकतनी स ती िमल रही थी िद ली क मतािबक एक ितहाई दाम पर चिडया गहन बग जत कत इ यािद िमल

िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया

प ठ 31 अकषय कराित य मािकर ट िद ली क लाजपत एव सरोिजनी नगर समान ह कम

दाम म अ छा समान िमला कोलकाता चमड़ क िलए भी मशहर ह एव परिसदध ी लदसर दकान भी इस बाज़ार म ि थत ह यहा खरीदारी का हमन खब ल फ़ उठाया

अगल िदन हम हि दया पोटर गए एव अनक जहाज़ दख 3-4 घट की दरी पर ि थत यह पोटर अनक एकड़ म फला हआ था पहली बार इतन बड़ जहाज़ को अदर स दख खब आनद आया तीसर िदन हम काली बाड़ी मिदर गए बगाली अ यत पाठ-पजा वाल दगार मा क स च उपासक ह यह सब जानत ह दगार पजा इनका लोकिपरय उ सव ह तथा काली मा एव दगार मा की स च मन स पजा करत ह कोलकाता क िनवासी भिक त भावपणर ह यह सना था अब खद दख भी िलया बगाली र म स पजा करन का य मौका अ यत आनदमयी था इसक अलावा काली बाड़ी क नज़दीक ही ि थत ह गौिरहाट बाज़ार यहा की दकान बगाली सािड़या कपड़ सट कत इ यािद क िलए परिसदध ह आिद धक तशवर नामक मशहर दकान म जाकर मरा भी मन िकया िक म भी खरीददारी क मर सािथय न बहत सािड़या खरीदी एव दाम दखकर म दग रह गई सदर स सदर साड़ी मातर 600700 पय की थी मन बगाल की मशहर लाल एव सफद िपरट की साड़ी भी खरीदी कोलकाता म खरीददारी का अलग की मज़ा ह उसी िदन शाम हम सा ट लक िसटी मॉल गए वह सा ट लक टिडयम क नज़दीक ह यहा िदखाई िदया कोलकाता का परगितशील प नौजवान फटबाल की जसीर पहन माल म घम रह थ एक स एक

मशहर बरड वहा मौजद थ इसक अलावा कोलकाता क िनवासी खब मनोरजन क शौक़ीन ह सगीत नाच गाना इ यादी म िच रखत ह कोलकाता म जगह-जगह सगीत कला अकडमी तथा पढ़न (रीिडग) क क लब ह अगरज क शौक तथा रहन-सहन की झलक आज भी यहा िदखती ह यहा क नौजवान को खल-कद म भी खब िदलच पी ह फटबाल का तो जस यहॉ सबको जनन ह

भारत क परिसदध मोहन बगान फटबाल क लब फटबाल क वहा क नौजवान ही नही परा शहर ही दीवाना ह भारत-पाक मच हो या आई पी एल इडन गाडरन मदान लोग स खचा-खच भरा रहता ह अफ़सोस म वहा अदर जा न सकी

इसक अलावा काली बाड़ी क नज़दीक ही ि थत ह गौिरहाट बाज़ार यहा की दकान बगाली सािडया कपड़ सट कत इ यािद क िलए परिसदध ह

प ठ 32 अकषय कराित

मर सफर क आखरी िदन म मन कोलकाता क लोग म एकता क नजार दख िविभ नता म भी एकता का उदाहरण दखा चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख िजस िदन हम कोलकाता पहच थ उसी िदन वहा शहर बद था और मन एक जट होकर लोग को अपनी बात कहत हए दखा एव सना यहा क लोग अपन शहर क िवकास बहतरी क िलए जाग क ह िज मदारी लत ह तथा सरकार को अपनी बात भली-भाित कहत ह लड़िकय औरत की इ ज़त करत ह एव यहा िक मिहलाओ को मन िनदरलीय पाया जहा एक ओर भारत की राजधानी होन क बावजद िद ली वाल अपनी िजदगी म मगन रहत ह वही दसरी और कोलकाता म अमीरी-गरीबी िभ न जाितय म भी एक जटता ह कपड़ा एव खाना आज भी यहा खब स ता िमलता ह पर त दसरी तरफ सब जानत ह िक बड़-बड़ उ योगपित िव वान लखक िखलाड़ी गायक अिभनता िनदशक यहा स उभर ह सािह य हो या लख बॉलीवड हो या िकरकट बगाल न भारत को अनक नाम एव गौरव िदए ह चाह सौरव दादा हो या रिव दर नाथ टगोर ममता बनजीर रानी मखजीर हो या योित बस भारत म इनकी भिमका का वणरन करन की ज रत नही

मन कछ िदन क कोलकाता क सफर म इस शहर को जानन समझन का परयास िकया हगली नदी क िकनार खड़ होकर समदर को दखा निदय को िनहारा िव यासागर सत िबरज की सदरता िवशालता को सराहा क सी दास की परिसदध िमठाई का ल फ उठाया मन बहत शहर घम पर त यह सफर मर िलए सबस यादगार रहा कोलकाता परगित क मागर पर िनरतर बढ़ रहा ह पर त आज भी वह अपनी जड़ नितक म य को नही भला ह एक आम आदमी आज भी टराम म या फरी स सफर करता ह यहा क िनवासी दो पय स लकर 500 ० का खाना खात ह पराना एव नया कोलकाता एक साथ जीिवत ह िसक क क दो पहल की तरह कोलकाता क यह दो प को एक साथ रहत दख बहत आनद आया

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 33 अकषय कराित

जल परकित का अनपम उपहार ह मानव जाित अपन परादभारवकाल स ही इस उपहार का उपयोग अपन िहत क िलए करती आई ह जल वह पराकितक उपहार ह िजसका कोई िवक प नही ह इसिलए जल को अमतया जीवन भी कहा गया ह जल क िबना जीवन की सभावना भी नही ह पर यकष प स तो जल की मानवीय आव यकता सीिमत ह परत परोकष आव यकताओ पर नजर डाल तो दिनक जीवन की आव यकताए जस अ न फल स जी दध स लकर हमार पहराव आवास तक सब जल स जड़ हजल का जरा भी सतलन िबगड़ जाए तो जीवन यापन क टपरद होन म दर नही परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह जल क सामा य त य जल या पानी एक आम रासायिनक पदाथर ह जो जीवन क सभी जञात प क जीिवत रहन क िलए ज री ह आमतौर पर जल अपनी दरव अव था म उपयोग म लाया जाता ह पर यह ठोस अव था बफर और गस अव था जल वा प या भाप प म भी पाया जाता ह प वी क लगभग तीन चौथाई िह स पर िव व क महासागर का अिधकार ह अनमानत प वी पर जल की कल मातरा लगभग 1400 िमिलयन घन िकलोमीटर ह जो िक प वी पर 3000 मीटर गहरी परत िबछा दन क िलए काफी ह तथािप जल की इस िवशाल मातरा म व छ जल का अनपात बहत कम ह प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह शष जल झील निदय वायम डल नमी मदा और वन पित म मौजद ह जल की जो मातरा उपभोग और अ य परयोग क िलए व ततः उपल ध ह वह निदय झील और भजल म उपल ध मातरा का छोटा-सा िह सा ह इसिलए जल ससाधन िवकास और परब ध की बाबत सकट इसिलए उ प न होता ह कय िक अिधकाश जल उपभोग क िलए उपल ध नही हो पाता

परभावी जल परबधन और दश का िवकास

दीपक आहजा ओएनजीसी िवदश

प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह

प ठ 34 अकषय कराित

और दसर इसका िवषमतापणर थािनक िवतरण इसकी एक अ य िविश टता ह फलतः जल का मह व वीकार िकया गया ह और इसक िकफायती परयोग तथा परब ध पर अिधक बल िदया गया ह प वी पर उपल ध जल जल-चकर क मा यम स चलायमान ह जल लगातार एक चकर म घमता रहता ह िजस जलचकर कहत ह इसम वा पीकरण वषार और बह कर सागर म पहचना शािमल ह हवा जल वा प को थल क ऊपर उसी दर स उड़ा ल जाती ह िजस गित स यह बहकर सागर म पहचाता ह जल चकर का िचतर नीच पर तत िकया गया ह

अिधकाश उपभोकताओ जस िक मन य पशओ अथवा पौध क िलए जल क सचलन की ज रत होती ह जल ससाधन की गितशील और नवीकरणीय परकित और इसक परयोग की बार बार ज रत को ि टगत रखत हए यह ज री ह िक जल ससाधन को उनकी परवाह दर क अनसार मापा जाए इस परकार जल ससाधन क दो पहल ह अिधकाश िवकासा मक ज रत क िलए परवाह क प म मािपत गितशील ससाधन अिधक परासिगक ह आरिकषत भ डार की ि थर अथवा िनयत परकित और साथ ही जल की मातरा तथा जल िनकाय क कषतर की ल बाई व म यपालन नौ सचालन आिद जस कछक िकरयाकलाप क िलए भी परासिगक ह

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 35 अकषय कराित

जल का यय अप यय जल क बार म एक नही कई च कान वाल त य ह िव व म और िवशष प स भारत म जल िकस परकार न ट होता ह इस िवषय म जो त य सामन आए ह उस पर जाग कता स यान दकर जल क अप यय को रोका जा सकता ह अनक त य ऐस ह जो हम आन वाल ख़तर स तो सावधान करत ही ह दसर स पररणा लन क िलए परो सािहत करत ह और पानी क मह व व इसक अनजान ोत की जानकारी भी दत ह प वी पर पदा होन वाली सभी वन पितया स भी हम पानी िमलता ह

आल और अनानास म 80 परितशत और टमाटर म 95 परितशत पानी ह पीन क िलए मानव को परितिदन 3 लीटर और पशओ को 50 लीटर पानी

चािहए भारत म 83 परितशत पानी खती और िसचाई क िलए उपयोग िकया जाता

ह इज़राइल म औसतन मातर 10 सटीमीटर वषार होती ह इस वषार स वह

इतना अनाज पदा कर लता ह िक वह उसका िनयारत कर सकता ह दसरी ओर भारत म औसतन 50 सटीमीटर स भी अिधक वषार होन क बावजद अनाज की कमी बनी रहती ह

िपछल 50 वष म जल क िलए 37 भीषण ह याकाड हए ह भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल

चलती ह पानी ज य रोग स िव व म हर वषर 22 लाख लोग की मौत हो जाती ह यिद बरश करत समय नल खला रह गया ह तो पाच िमनट म करीब 25

स 30 लीटर पानी बरबाद होता ह बाथ टब म नहात समय 300 स 500 लीटर पानी खचर होता ह जबिक

सामा य प स नहान म 100 स 150 लीटर पानी खचर होता ह िव व म परित 10 यिकतय म स 2 यिकतय को पीन का शदध पानी

नही िमल पाता ह परित वषर 6 अरब लीटर बोतल पक पानी मन य वारा पीन क िलए

परयकत िकया जाता ह मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 36 अकषय कराित

िद ली मबई और च नई जस महानगर म पाइप लाइन क वॉ व की खराबी क कारण रोज़ 14 स 44 परितशत पानी बकार बह जाता ह

निदया पानी का सबस बड़ा ोत ह जहा एक ओर निदय म बढ़त परदषण रोकन क िलए िवशषजञ उपाय खोज रह ह वही कल कारखान स बहत हए रसायन उ ह भारी मातरा म दिषत कर रह ह

भारत म जल सकट नासा की एक िरपोटर न पानी को लकर दश भर म बढ़ती जा रही लापरवाही क परित आख खोली ह इस िरपोटर म भारत म सख की ि थित पदा होन क िलए िज मवार कारण म स एक अहम कारण अधाधध जल दोहन को बताया गया ह बतात चल िक दश भर क 604 िजल म स 161 सख की मार झल रह ह वस अब बताया जा रहा ह िक सख की मार स बहाल िजल की सखया बढ़कर 246 हो गई ह यानी कहा जाए तो आधा दश सख की चपट म ह बहरहाल नासा की इस िरपोटर म बताया गया ह िक भारत क कई रा य कषमता स यादा जल दोहन कर रह ह यहा कषमता स ता पयर यह ह िक उनस िजतन सलाना जल दोहन की उ मीद कदर करती ह व उसस कही यादा जल दोहन कर रह ह नासा न यह अ ययन 2002 स 2008 क बीच

की ि थितय क आधार पर िकया ह इस िरपोटर म बताया गया ह िक पजाब हिरयाणा और राज थान हर साल औसतन 177 अरब कयिबक मीटर पानी जमीन क अदर स िनकाल रह ह जबिक कदर की तरफ स लगाए गए अनमान क मतािबक इ ह हर साल 132 अरब कयिबक मीटर पानी ही जमीन क अदर स िनकालना था इस तरह स दखा जाए तो य तीन रा य िमलकर कषमता स 30 फीसदी यादा पानी का दोहन कर रह ह जािहर ह िक िबना कछ सोच-िवचार जब इस पमान पर पराकितक ससाधन का दोहन िकया जाएगा तो परकित भी बदला लगी और वही हो रहा ह इस िरपोटर म यह भी बताया गया ह िक भारत का महज 58 फीसदी भजल ही हर साल िरचाजर हो पाता ह नासा की यह िरपोटर बताती ह िक अधाधध जल दोहन की वजह स पर उ तर पि चम भारत क भजल तर म हर साल 4 सटीमीटर यानी 16 इच की कमी आ रही ह इस अ ययन को अजाम दन म नासा क जल िवजञानी मट रोडल न अहम भिमका िनभाई ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 37 अकषय कराित

उनक हवाल स इस िरपोटर म बताया गया ह िक दश क उ तर पि चम कषतर म 2002 स 2008 क दौरान तकरीबन 109 कयिबक िकलोमीटर पानी की कमी हई ह यह मातरा िकतनी अिधक ह इसका अदाजा इसी स लगाया जा सकता ह िक यह अमिरका क सबस बड़ जलाशय लक मीड की कषमता स दगन स भी कही यादा ह अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह इस िरपोटर क मतािबक अगर अधाधध जल दोहन इसी तरह स जारी रहा तो आन वाल समय म भारत को अनाज और पानी क सकट को झलन क िलए अभी स तयार हो जाना चािहए जािहर ह िक जब जल सकट बढ़गा तो खती पर इसका गहरा परभाव पड़गा अनाज क उ पादन म कमी आएगी इस वजह स अनाज सकट पदा होगा और भख का एक नया चहरा उभरकर सामन आएगा एक बड़ा तबका जो आज भरपट भोजन कर पाता ह उसक िलए पट भर खाना िमलना मि कल हो जाएगा भखमरी की जो सम या पदा होगी उसस िफर िनपटना आसान नही होगा इसक अलावा पीन क पानी का टोटा तो होगा ही अभी ही दश क कई िह स ऐस ह जहा क लोग को पीन क िलए साफ पानी नही िमल पा रहा ह कई कषतर ऐस ह जहा गमीर क िदन म हडपप स पानी आना बद हो जाता ह वहा क लोग को हर साल बोिरग को कछ फट बढ़वाना होता ह यह सम या भजल तर क िगरत जान की वजह स ही पदा हई ह जब पीन क पानी का सकट पदा होगा तो बोतलबद पानी का कारोबार काफी तजी स बढ़गा कहन का मतलब यह िक िजसक पास पसा होगा वह अपनी यास बझा सकगा और िजसक पास पसा नही होगा उस अपनी यास बझान क िलए भी सघषर करना पड़गा ि थित की भयावहता की क पना ही िसहरन पदा करती ह भारत म दिनया का हर छठा आदमी रहता ह यानी कहा जाए तो दिनया क कल आबादी क तकरीबन सतरह फीसदी लोग भारत म रहत ह जबिक दिनया का महज साढ़ चार फीसदी पानी ही भारत म उपल ध ह ऐस म जल सम या स दो-चार होना कोई आनापिकषत बात नही ह एक बात तो तय ह िक पराकितक ससाधन म इजाफा तो नही िकया जा सकता ह लिकन इसका सरकषण अव य िकया जा सकता ह

अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह

प ठ 38 अकषय कराित

भारत म लोग िकसी एक मा यम स पयजल परा त करन पर िनभरर नही ह इस दश म 357 फीसदी लोग हडपप स 367 फीसदी लोग नल स 182 फीसदी लोग तालाब पोखर या झील स 56 फीसदी कओ स 12 फीसदी लोग पारपिरक साधन स और 26 फीसदी लोग अ य मा यम स पीन का पानी परा त करत ह इस िलहाज स अगर दखा जाए तो जल सकट को दर करन क िलए समगर कायरयोजना की ज रत ह

दरअसल भारत म गहरात जल सकट क िलए काफी हद तक पानी की बबारदी भी िज मवार ह यहा जल आपित र की यव था म काफी खािमया ह नल क जिरए घर तक पहचन वाल पानी का एक बड़ा िह सा िरस कर बबारद हो जाता ह हर शहर म फट हए आपित र पाइप आसानी स दख जा सकत ह इस बदहाल यव था क िलए सरकार क साथ-साथ सामा य लोग भी कम िज मदार नही ह एक तरफ तो सरकार पयजल क नाम पर हर साल हजार करोड़ पए का बजट बनाती ह और दसरी तरफ जमीनी तर पर हालात म कोई बदलाव नही िदखता ह सामािजक तौर पर भी जल सरकषण को लकर जाग कता का अभाव िदखता ह यह सामािजक तान-बान का ही असर ह िक लोग कही भी जल की बबारदी को दखकर उस सामा य घटना मानत हए नजरअदाज कर दत ह दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था यह अब घटकर 1800 कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर हो चका ह

दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था

प ठ 39 अकषय कराित

िवशषजञ का अनमान ह िक अगर पानी की खपत और बबारदी इसी तरह स जारी रही तो 2025 तक यह घटकर हजार कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर ही रह जाएगा उस समय तक पानी की उपल धता म आन वाली इस कमी की वजह स किष उ पादन म तीस फीसदी की कमी आन की सभावना ह इन पिरि थितय म दश की आिथरक और सामािजक ि थित का कया होगा इसका अदाजा सहज ही लगाया जा सकता ह भारत म जल सरकषण क परित आज भी आम लोग क मन म उपकषा का भाव बना हआ ह साथ ही इस कायर क िलए आव यक तकनीक की भी कमी ह जो तकनीक उपल ध ह उनस सामा य लोग अनजान ह बािरश क पानी का सगरह करक उस उपयोग म लाना एक अ छा िवक प ह पर इस तरह की कोिशश काफी सीिमत मातरा म काफी छोट तर पर हो रही ह यही वजह ह िक दश म होन वाली बािरश क पानी का अ सी फीसदी िह सा आज भी समदर म पहच जाता ह अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह अगर जल की इस िवशाल मातरा का आधा भी परयोग कर िलया जाए तो ि थित म यापक बदलाव आना तय ह शहरी कषतर म तो पानी की कालाबाजारी जोर पर ह जगह-जगह पर जल मािफया सिकरय हो गए ह िद ली क ही एक अखबार न कछ समय पहल यह बात उजागर िकया था यहा तो समानातर जल बोडर भी चलाया जा रहा ह हरानी की बात तो यह ह िक इसक बावजद भी पानी क काल धध पर अकश नही लगाया जा सका ह अहम सवाल यह ह िक कस सामा य तबक क लोग तक व छ पानी पहचाया जाए शहरी कषतर क साथ-साथ गरामीण कषतर म भी यह एक बड़ी चनौती ह आबादी म अपर यािशत विदध बढ़त शहरीकरण औ योिगकीकरण और किष उ पाद की बढ़ती माग क कारण पानी की माग िपछल कछ साल म वाभािवक प स बढ़ी ह इसक पिरणाम व प भजल ससाधन का अ यिधक दोहन हआ ह और इसका नतीजा हआ िक लगातार भजल का तर घटता जा रहा ह शहरी कषतर म ि थित बहद भयावह ह तदनसार वहा न कवल शीघराितशीघर जल ससाधन क सरकषण की ज रत ह बि क परभावी रणनीित और परबधन क जिरए त काल कदम उठान की ज रत ह

अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह

प ठ 40 अकषय कराित

खासकर इस बात को यान म ऱखकर िक िविभ न परितयोगी कषतर म कभी भी माग बढ़ सकती ह भिव य म उपयोग क िलए छत पर या सतह पर जलगरहण बनाकर वषारजल सरकषण बहद ज री ह यह पानी की बढ़ती ज रत का खयाल रखन िमटटी की नमी तर को बढ़ान शहरी हिरयाली को बढ़ान भजल तर को कितरम प स पनभररण करन और भजल की गणव ता स सधार का काम करता ह भारत म जल परबधन स दश का िवकास भारत म दिनया की 16 परितशत आबादी रहती ह लिकन दिनया क िसफर 4 परितशत जल ससाधन ही भारत क पास ह 3290000 वगर िकलोमीटर क भिम कषतर और एक अरब स यादा की आबादी क साथ भारत क एक बहलवादी िविवधता का िचतर ह िवशाल पराकितक ससाधन क साथ सप न तकनीकी और वजञािनक किमरय का भी यह दिनया म दसरा सबस बड़ा सम चय ह भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह मानव िवकास म 80 क दशक म लगभग 26 परितशत और 90 क दशक क दौरान और 24 परितशत क वारा सधार हआ ह आजादी क बाद छह दशक म भारत न जल ससाधन का अभतपवर िवकास और खा या न म आ मिनभररता शहरी कषतर ऊजार और औ योिगक कषतर और पीन का पानी क बिनयादी ढाच म तजी स िव तार दखा ह िजसका उपयोग भारत की लगभग 85 परितशत शहरी और गरामीण आबादी क वारा िकया जाता ह भारत म रा य सरकार और भारत सरकार क परितबदध और ठोस परयास की वजह स गरामीण और शहरी आबादी को सरिकषत पयजल को उपल ध करवान म काफी सफलता हािसल की ह इस उपलि ध न भजल की कमी जल जमावजल गणव ता िगरावट जल परदषण और बढ़त लवणता तर स बड़ कषतर को परभािवत िकया ह और अभी भी िविभ न रा य म गरामीण और शहरी भारत क मानव िवकास सचकाक (HDI)rsquo म बहत असमानता मौजद ह पानी क िलए कषतरीय माग तजी स बढ़ रह शहरीकरण की गित स बढ़ रही ह (अनमानत 2025 तक दश की आबादी का 50 परितशत स अिधक शहर म रहग) जनसखया विदध बढ़ती आय और औ योिगक िवकासशहरी भारत तजी स िवकास की माग क कदर क प म उभर रहा ह

भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह

प ठ 41 अकषय कराित

नतीजतन परित यिकत पानी की उपल धता िगर रही ह परधानमतरी की अ यकषता म 12वी योजना क िलए हई योजना आयोग की पणर बठक म दसर म क साथ जल परबधन पर िवशष चचार हई बठक क बाद योजना आयोग क उपा यकष म टक िसह अहलवािलया न कहा िक भ-जल कानन स लकर दसर म की यापक समीकषा ज री ह व यनाथन सिमित जहा वतरमान म भ-जल कानन की साथरकता का अ ययन करगी वही भारतीय अतिरकष अनसधान सगठन [इसरो] की मदद स पानी की उपल धता का िव तत अ ययन होगा म टक न कहा िक उसी आधार पर रणनीित तय होगी सरकार यह यान रखगी िक पानी का अिधकतम उपयोग हो सक और सभी को उपल ध हो पानी पर िकसी का एकािधकार न हो सक बतात ह िक द पयोग को रोकन क िलए श क लगान पर भी िवचार िकया जा सकता ह हालािक इसस पहल रा य सरकार स चचार होगी यह तय ह िक एआइबीपी कायरकरम म यापक बदलाव ह ग ी म टक िसह अहलवािलया न कहा िक वतरमान म इस कायरकरम का सही िकरया वयन नही हो रहा ह िलहाजा उसम पिरवतरन ज री ह सभव ह िक हर रा य म जल िनयामक परािधकरण बनान की शतर भी लगाई जाए उ ह न कहा िक जल परबधन की यापक समीकषा कर नई रणनीित तय की जाएगी कल िमलाकर रा टरीय तर पर वतरमान जल ससाधन का अिधक स अिधक करन क िलए माग को परा करन क िलए पयार त ह लिकन भिव य क अ ययन पिरयोजना ह िक जल आपित र की ि थित अगल आध सदी म अिधक किठन हो सकती ह जल सकट स िनपटन को जल सरकषण परबधन अिनवायर परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह बढ़त वि वक तापमान क फल व प अितवि ट अनावि ट अ पवि ट और असामियक वि ट हम परितवषर दख रह ह िजसका परभाव हमार जल ससाधन पर पड़ता िदखाई द रहा ह कओ व बाविडय का िमटता अि त व नदी-नाल का घटता पानी भ-गभर जल का िगरता तर िचता की पिरिध स िनकलकर खतर की घटी बनता जा रहा ह

निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह

प ठ 42 अकषय कराित

िव व भर म सीमट क अधाधध परयोग न धरातल क सहज अवशोषण कषतर को घटाया ह तथा जल बहाव भिम कटाव व बाढ़ म विदध की ह ऐसी ि थित म जल सरकषण का दािय व मातर वजञािनक व सरकार तक सीिमत न रहकर पर यक उपभोकता क कध पर आ जाता ह इसी दािय व क िनवरहन क िलए हमार पास दो िवक प सामन आत ह 1 वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई

उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

2 पािरवािरक तर पर वषार जल को सगरिहत कर उसका उपयोग कर य दोन ही परयास गरामीण कषतर म तो सरलता स अपनाए जा सकत ह परत शहरी कषतर म व ट वाटर मनजमट की बड़ी पिरयोजनाए बनाकर ही पानी को िरसाइिकल िकया जा सकता ह भ-गभर अिधकािधक जल अवशोिषत होकर

जाए इसक िलए मदानी भाग म िनयोिजत ढग स बड़-बड़ पोखर बनाकर तथा पहाड़ी कषतर म नाल -ख ड म िमटटी प थर आरसीसी क बड़-छोट डम लगाकर जल बहाव रोक भ-सरकषण बचाव व जल भडारण और धरातल जल शोषण कषतर बढ़ाया जा सकता ह िव व बक भारत सरकार वारा म य िहमालय जलागम पिरयोजना रा य क भ-सरकषण िवभाग इस कषतर म कारगर उपाय लकर

हमार सामन ह परत जनसहयोग क िबना इन पिरयोजनाओ क आशातीत पिरणाम ल पाना किठन ह वकषारोपण इस सपणर जल चकर को बल दन वाला कारक ह जल क परित चतना जागत न हई तो अव य ही अगल िव व यदध का कारण जल ही होगा

जल भोजन ह और अिगन भोजन का भकषक ह अिगन जल म और जल अिगन म िव यमान ह

- ततरीय उपिनषद 38

वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

प ठ 43 अकषय कराित

म भी गान गा सकता ह शबनम क िखलत फल क म भी गीत सना सकता ह सावन क म त झल क लिकन जब घर-घर म बादल छाय घोर िनराशा क तब म नगम गा रहा ह उ मीद की आशा क

सड़क पर खड़ बचपन की य बात सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह

हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

इस बदलत पिरवश का राग सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

गाधी जी क सपन का जो राम-रा य कहलाता ह उस भारत म सड़क पर छोट चाय पहचाता ह

कहा गई वो अ हड़ म ती कहा गया वो यार का रा ता उन हाथ स बचत झड िजन हाथ को चािहए ब ता

उस सोन की िचिड़या की म बात बतान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

कही बम की गमर हवाए कही ससद म कोहराम ह कही होत घोटाल स परशान आदमी आम ह

कही कल की िकलकारी ह कही सड़क पर बचपन ह कही चलता नही गजारा कही िवदश म काला धन ह

म स चाई गा-गाकर सबको बतलान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

बदलता भारत मनीष लाल इरडा

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

प ठ 44 अकषय कराित

करन वाल काम बहत ह यथर उलझन को छोड़ो म ला-पिड़त तोड़ रह ह तम बस lsquoअपन को जोड़ो

lsquoहम बदलग-यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का lsquoवद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का

वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हम बदलग mdash यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का वद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

प ठ 45 अकषय कराित

िसफर काला और सफ़द य ही वो दो रग थ जो तर पास सि ट बनान क आधार थ

काला वो जो कािलमा िलय ह िजस कहत ह दख िनराशा म य अपयश और वो सबकछ जो नकारा मक ह

मगर सफद ह वो रग िजसस जड़ा ह जीवन आशा सख और कीितर और वो सब कछ जो सकारा मक ह पर इन रग स तझ चन ना िमला त सोचन लगा अगर सि ट बनानी ह

तो िकस िलए- ससगर और परम क िलए और

इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग

ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह

बस- बना डाला तन इ दरधनष

जो बरसात क बाद सरज और प वी क अनपम परम को रग दता ह सतरगी रग स

और उ ही सतरगी इ दरधनषी रग म हम हर पल हर कषण डबत गहरात इतरात रहत ह

और खिशय भर ससार म हर रग को अलग-अलग तरह स महसस करक जीत रहत ह

रग तो रग ह मगर-

ससगर और परम क िलए और इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह बस-

सतरगी िचतर सगीता ीवा तव इरडा

प ठ 46 अकषय कराित

कभी पक क कभी फीक़ तो कछ कभी दाग बनकर उभर आत ह

कछ आख म नील बादल स छाए रहत ह तो कछ गाल पर गलाबी रग बनकर छलक जात ह

याद रहत ह अक सर वो रग- जो खदी पर इस तरह छा जात ह िक खद म घलकर खद क होन

का एहसास दत-दत खद का एक रग बन जात ह

बगनी आसामनी नीला हरा पीला नारगी लाल इ दरधनष क य सात रग ही जोड़त ह हमार िदल को

हमार मन को जोड़न वाल इन रग की सतरगी दिनया म-

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा बनाय

और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क

सतरगी िचतर

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा

बनाय और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क सतरगी िचतर

Page 11: Akshay Kranti Vol 3€¦ · पक्ष को प्रभािवत न कर e, बािधत व पीिड़त न कर eवह काय-र्कौशल है।

परकित िजदगी स ह िजदगी बनी भी परकित स ह चलता रह य िविचतर खल य ही इसका भी अमल िजदगी स ह

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शोिभत ह िज़दगी धरती की धार पर इस हिरत धारा पर ऊजार स भरपर ह हिरत ऊजार स य ससि जत य खब ह

हिरत ऊजार क भ डार का खजाना य खब ह जल वाय और सौर ऊजार ह इनक अ यत ोत

ल अमल म इनको अगर बचाना ह य धरा अनमोल अदभत ह खजान परकित क अगर कर ल मन य इनका सदपयोग

य झोखा जो हवा का ह य जो तरग म जलधारा ह अदभत िकरण जो फलाती जीवन की धारा ह

समझ ल इनका जो इशारा ह कर परयोग इ ही का अपन यतर मतर स छपा ऊजार का अनमोल खजाना ह

परकित िजदगी स ह िजदगी बनी भी परकित स ह चलता रह य िविचतर खल य ही इसका भी अमल िजदगी स ह

रकषा कर इस धरा की स पना इसको नई िजदगी को ह इस परकित स बना मन य महान

िफर क य कर रहा परकित का सवरनाश खद को बचा हर िजदगी को बचा

करक हिरत ऊजार का स मान जीन द जीवन को और भी कर ल सयम म अपना य िवषकत घटता जीवन का चकर य ह इशारा परकित का हर पल सभल जरा ना कर इसको त तग

मक त खल परकित स कर ल इस हिरत ऊजार का परयोग अ छ क बदल अ छा दना सीख परकित का य खल

अलका कमार इरडा

अकषय कराित

किवता

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नही सीखा अब भी अगर परकित म सब जाएगा बदल जी ना पायगा िफर त इस परकित म िमट जाएगा अश तरा इस परकित स हिरत परकित और य हिरत ऊजार ह य इस धरा क जीवन दायक सीख परकित स लना दना

िसखा रह य जीवन का मल मतर परकित का आहार परकित मत द आहार आपराकितक सतलन िबगड़ गया अगर हो जायगी िवनाश िजदगी

अब सभल जरा और कर ल परण करक हिरत ऊजार को ही खचर बना धारा को शोिभत हरदम

िफर रहगा परकित और िजदगी का य खबसरत सग

हिरत परकित और य हिरत ऊजार ह य इस धारा क जीवन दायक सीख परकित स लना दना िसखा रह य जीवन का मल मतर

अकषय कराित

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अकषय कराित

कमरचािरय की आदत उनक यिक त व और िन पादन कषमता का पार पिरक सबध - एक िव लषण

हम िजस िकसी सगठन म काम करत ह उसक परित हमारा ल य होना चािहए सबिधत स थान क िलए अपनी सपणर कषमताओ का इ तमाल कषमताओ का बहतर परयोग तभी हो सकता ह जब हम अपन अदर अ छी आदत का िवकास कर हमार शा तर वद उपिनष और अ य धािमरक गरथ हम अ छी आदत क िवकास क सबध म बीज मतर बतात ह िक हम मनसा वाचा और कमरणा शदध रहना चािहए मनसा वाचा और कमरणा शदधता स ता पयर ह िक हम मन वाणी और कम स अ छ बन रह हमारी नीयत नक हो हम अपन सहकिमरय सािथय और अ य लोग क साथ अ छा बरताव कर और हमार कमर अ छ ह इस बीज मतर पर चलन वाला हमशा अपन अदर अ छी आदत का िवकास होता पायगा

असल म िदककत यही ह िक हम उपदश दन म तो आग रहत ह लिकन खद क अदर नही झाकत या कम ही झाकत ह - lsquoपर उपदश कशल बहतरrsquo सपरिसदध लखक सरदार परन िसह न एक बार कहा था आचरण की स यतामय भाषा सदा मौन रहती ह अथारत आदमी खद चप रहकर खद को ठीक रख तो इसका परभाव खद-ब-खद दसर पर पड़ता ह इसको हम एक छोट स उदाहरण स प ट कर सकत ह िक मान िलया जाए हम ब च स कह धमरपान नही करत लिकन उसक सामन खद ऐसा कर इसस इतर हम अगर यह सब करत ही नही ह तो इसका यादा असर ब च पर पड़गा अ छी आदत घर स श होकर समाज द तर और उसस आग तक हम हमशा हमारा फायदा िदलाती ह

कहा जाता ह िक व थ तन म ही व थ मन िनवास करता ह इसी तरह यह भी कहा जाता ह िक व थ वातावरण ही उ नित का योतक होता ह व थ वातावरण तभी बनगा जब उस माहौल म रहन वाल लोग

हीरा व लभ नराकास

असल म िदककत यही ह िक हम उपदश दन म तो आग रहत ह लिकन खद क अदर नही झाकत या कम ही झाकत ह - lsquoपर उपदश कशल बहतरrsquo

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अकषय कराित एक दसर का स मान करग खद की आदत को सधारग और उस स था की तरककी क िलए अपन तर पर हर वह काररवाई करग जो औ योिगक सगठन और लोग की उ नित म ज री होती ह

औ योिगक सगठन िकसी भी दश की अथर यव था को मजबत आधार परदान करत ह औ योिगक सगठन म परयोग होन वाल सम त ससाधन म मानव ससाधन अथारत उसम काम करन वाल कमरचारी मह वपणर और िनणारयक होत ह इन सगठन का सफल सचालन वहा कायररत कमरचािरय की कशलता और कायरकषमता पर आधािरत होता ह कशलता और कायरकषमता का ोत हमारा आचरण और यवहार होता ह जािहर ह औ योिगक सगठन म मानवीय सबध परी एक ऐसी िकताब ह िजसक िबना कभी कछ नही कराया जा सकता लोग क साथ सतोषजनक प स काम करना परबधन क काम का िसफर एक िह सा नही ह वरन सारा

काम इसी पर िटका ह कय िक सभी उ योग म मशीन माल या दसरी चीज़ क साथ कोई भी काम लोग क मा यम स ही िकया जा सकता ह तीन lsquoएमrsquo अथारत मनी मटीिरयल और मशीन औ योिगक सगठन क िलए मह वपणर ससाधन होत ह लिकन इ ह पिरणाम तक पहचान का कायर कमरचारी (man) ही करत ह जो सगठन दर अदशी रहकर कमरचािरय क जञान उनकी िविश टताओ उनक आचरण को अनकल साच म ढालन क परित सजग रहत ह वही सफलता की ऊचाइय को छत ह अगरजी म एक परानी कहावत ह -- Where the vision is one year Cultivate flowers Where the vision is ten years Cultivate trees Where the vision is eternity Cultivate people अथारत जहा दरअदशी एक साल क िलए हो तो फल लगाइय जहा दरअदशी दस साल क िलए हो तो पड़ लगाइय

औ योिगक सगठन म परयोग होन वाल सम त ससाधन म मानव ससाधन अथारत उसम काम करन वाल कमरचारी मह वपणर और िनणारयक होत ह

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अकषय कराित जहा दरअदशी अनत काल क िलए हो तो लोग का िवकास कीिजए औ योिगक सगठन म 500 आदमी ह 5000 आदमी ह 50000 ह या इसस अिधक अगर कामकाज ठीक स चलाना ह तो बहत ज री ह परबधन उनस िनभाना जानता हो यिकतगत सपकर का मह व

वातानकिलत कमर म बठकर और सचार मा यम या िकसी अ य तरीक स कमरचािरय की िरपोटर लना और आस पास होन वाल घटनाकरम को जानना अलग बात ह और कायर थल पर वय उपि थत रहकर ि थित को समझना और िनदश दना अलग बात महान जनरल रोमल की सफलता का मखय कारण यह था िक व हमशा कायर थल पर वय उपि थत होकर िनदश दत बात की पि ट करत सम याए सलझात और दखत िक काम कसा चल रहा ह रोमल का यह तरीका इतना सफल रहा िक िकसी भी औ योिगक सगठन या कारोबार म इस अपनाया जाए तो आशातीत पिरणाम सामन आ सकत ह लोग क बीच खद उपि थत होकर काम करन का कोई िवक प नही ह लोग अिधकाशतः उनको नापसद करत ह िज ह व ठीक स जानत नही ह पर एक बार जान पहचान हो जान पर हालात बदल जात ह कमरचािरय म अ छी आदत का िवकास करन की पहली शतर ह िक पहल उनक िदल म घर िकया जाए ऐस िकसी भी बरताव स बचा जाए िजसस वह अपन को उपिकषत महसस करन लग अतः सवदनशीलता का यान रखना बहत ज री ह

कमरचािरय क परित सवदनशील यवहार-कौशल और धयरपणर होन क अितिरकत इस बात पर ढ़ रहना ज री ह िक काम ठीक परकार स हो अ छ यवहार क साथ कमरचािरय को यह जताना भी ज री ह िक उनस काम का उ च तर अपिकषत ह और उस पर उनक साथ कोई समझौता नही और अगर इस पर अमल नही करत तो उ ह पता होना चािहए िक आप कड़ी काररवाई करग

सकारा मक नजिरया परबधन का एकमातर काम िनदश दना नही ह वरन उस साथ-साथ लोग का िवकास करना होता ह

महान जनरल रोमल की सफलता का मखय कारण यह था िक व हमशा कायर थल पर वय उपि थत होकर िनदश दत बात की पि ट करत सम याए सलझात और दखत िक काम कसा चल रहा ह

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अकषय कराित एक अिधकारी का मखय काम यही ह िक वह अपन साथ काम करन वाल लोग म अ छी आदत का िवकास कर उनकी सहायता कर यिद यह काम परभावशाली ढग स कर पाता ह तो इसस कवल उसक अपन काम ही बहतर नही ह ग बि क उसक पास परिशिकषत और कशल कमरचािरय का परा दल होगा जो उसक परित परी िन ठा स काम करगा इसक िलए सबस पहल कमरचािरय का नजिरया ठीक करना ज री ह उनम सबस पहल यह भावना लानी होगी िक हमार अदर जो चीज ह वही हम ऊपर की ओर ल जाती ह और वह हमारा नजिरया ह

एक आदमी मल म ग बार बचकर अपनी गज़र-बसर करता था उसक पास लाल नील पील हर-चार रग क ग बार थ जब कभी उसकी िबकरी कम होन लगती तब वह हीिलयम गस स भरा एक ग बारा हवा म छोड़ दता ब च उस उड़ता दखकर वसा ही उड़न वाला ग बारा पान क िलए मचल उठत ब च उसस ग बारा ख़रीदत और इस तरह उसकी िबकरी िफर स बढ़ जाती िदन-भर यही िसलिसला चलता रहता एक िदन वह आदमी बाज़ार म खड़ा ग बार बच रहा था अचानक उस महसस हआ िक पीछ स कोई उसका करता पकड़कर खीच रहा ह उसन पीछ मड़कर दखा तो एक छोट स ब च को खड़ा पाया उस ब च न ग बार वाल स पछा ldquoअगर आप काला ग बारा छोड़ग तो कया वह भी उड़गाrdquo ब च की बात उसक िदल म लगी और उसन यार स जवाब िदया ldquoबट ग बारा अपन रग की वजह स नही उड़ता बि क उसक अदर कया ह इस वजह स ही वह ऊपर जाता ह rdquo ठीक यही बात हमारी िज़दगी म भी लाग होती ह अगर लोग का नजिरया बहतर हो उनम अदर स काम करन की इ छा भरी हो तो व खलकर आपस म िमलकर काम करग इसस नकसान तो कम होगा ही स थान क परित िन ठा बढ़गी और लगन स काम करन का वातावरण तयार होगा िव वास हािसल करना आव यक

कमरचािरय स बहतरीन काम लन क िलए शानदार टीम लीडर होना ज री ह मटठीभर लोग का कोई समह िकला तभी फतह कर सकता ह जब

एक आदमी मल म ग बार बचकर अपनी गज़र-बसर करता था उसक पास लाल नील पील हर-चार रग क ग बार थ

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अकषय कराित जब उनका सनापित उनम वह जोश भर सक िक उ ह कोई भी ऊचाई यादा न लग अतः सबस ज री ह िक स थान म कमरचािरय की

कषमताओ का परा फायदा लन क िलए उनका िव वास जीता जाए इसक िलए उनक साथ परी इ जत स पश आना ज री ह उनकी छोटी-बड़ी खशी को बाटना और उनकी राय को परा स मान दना भी उतना ही ज री ह कई बार परबधन क उ चािधकारी या लीडर अपनी टीम क सद य स िसफर इसिलए राय नही लत कय िक उ ह लगता ह िक एक बार राय लन पर अगर उनकी बात नही मानी गयी तो उ ह बरा लगगा लिकन सबस ज री ह िक टीम म सभी सद य को िव वास म लकर काम िकया जाए यहा टीम लीडर की भिमका मह वपणर होती ह वह खद वकत का पाबद होगा तो उसक मातहत कमरचािरय म वयमव यह गण आदत का प ल लगी टीम लीडर का काम अपनी टीम का उ साह बढ़ात हए दी गयी िज मदािरय को समय स परा करना ह मगर उसम नयी चीज़ को सीखन की ललक होनी चािहए ऐसी ललक जब स थान क कमरचािरय म आदत का प लन लगती ह तो वह स थान जािहर ह नए परितमान थािपत करन लगता ह जापानी कपिनया हर बात म कमरचािरय क िहत का यान रखती ह िजसस व वय ही उ पादकता क परित सचत हो जात ह जानी-मानी टोयोटा कपनी क कमरचािरय म तो काम की ऐसी आदत सी या ललक होती ह िक व तब तक काम करत ह जब तक खद थक कर चर नही हो जात यह उनकी आदत ही बन चकी ह िक यिद व िकसी बात पर नाराज होत ह तब भी कपनी या अपन भागय को भल ही कोस ल पर अपन काम पर असर नही पड़न दत इसका कारण यह ह िक जापानी कपिनया काम का एक अ छा वातावरण बनान और लोग म काम क परित स ची लगन को बढ़ावा दन क िलए कड़ा परयास करती ह वहा लोग को लगातार परिशकषण िमलता रहता ह जो कवल तकनीक और मनजमट ही नही कायर स जड़ी नितकता और अ छी आदत क िवकास पर किदरत होता ह चिरतर का िनमारण उनकी एक आदत सी बन जाती ह अगर हम भी एक अ छी शिखसयत बनना ह तो हम अपनी आदत को गहराई स जाचना होगा

ऐसी ललक जब स थान क कमरचािरय म आदत का प लन लगती ह तो वह स थान जािहर ह नए परितमान थािपत करन लगता ह जापानी कपिनया हर बात म कमरचािरय क िहत का यान रखती ह

प ठ 18

अकषय कराित चतन और अवचतन मन

हमार चतन मन क पास सोचन की शिकत होती ह यह िकसी बात को मान सकता ह और नही भी मान सकता मगर अवचतन मन िसफर वीकार करता ह यह इनपट (input) को लकर कोई भदभाव नही करता अगर हम अपन मन म डर शका नफरत क भाव भर तो यह आ म सझाव इन सभी भाव को सिकरय बनाकर हकीकत म बदल दगा हमारा अवचतन मन एक डाटा बक की तरह ह अवचतन मन एक गाड़ी की तरह ह और चतन मन एक डराइवर की तरह शिकत तो गाड़ी म होती ह मगर उसका कटरोल डराइवर क पास होता ह

हम अवचतन मन को इस तरह ढालन की ज रत ह िक वह हम सही और ठीक रा त पर ल जा सक अवचतन मन एक बगीच की तरह होता ह िजस कोई परवाह नही होती िक आप कस पौध लगात ह यह िनरपकष (neutral) होता ह इसम अ छा बोन पर अ छा िमलता ह अ यथा जगली पौध उग जायग

बि क अ छ बीज बोन क बावजद जगली पौध उगन बद नही होत आव यकता होती ह उ ह उखाड़ फकन का िसलिसला जारी रखन की इसी िसदधात को कमरचािरय क मामल म समझन की ज रत ह हम याद रखना ह िक सही और गलत िवचार मन म एक साथ नही रह सकत आव यकता उनक अवचतन मन को इस तरह ढालन की ह िक उनम अ छी आदत का िवकास हो दरअसल अवचतन योगयता वह होती ह जब हम यान दन और सोचन की यादा ज रत नही होती कय िक यह हमार यवहार म खद ब खद उतरन लगा ह िजस स थान क कमरचारी इस तर पर पहच जात ह उनम अ छी आदत वयमव घर करन लगती ह जब बरी आदत हमार अवचतन योगयता क तर तक पहच जाती ह तो वह कावट उ प न करती ह

पिरवतरन का िवरोध बरी आदत को पहचान लन क बाद भी अकसर दखा गया ह िक

लोग उ ह बदलत नही ह ऐसा आिखर कय होता ह उनक न बदलन का कारण ह िक व िज मदारी को वीकार करन स इनकार करत ह

हम अवचतन मन को इस तरह ढालन की ज रत ह िक वह हम सही और ठीक रा त पर ल जा सक अवचतन मन एक बगीच की तरह होता ह िजस कोई परवाह नही होती िक आप कस पौध लगात ह

प ठ 19

अकषय कराित अपनी उन आदत को बनाय रखन म उ ह जो आनद िमलता ह वह पिरवतरन क ददर स यादा होता ह इसक िन निलिखत कारण हो सकत ह -- 1 पिरवतरन की इ छाशिकत का अभाव 2 पिरवतरन क िलए आव यक अनशासन की कमी 3 िव वास की कमी 4 आव यक जानकारी की कमी परबधन वारा इन िबदओ पर िवचार कर अपन किमरय म आशातीत पिरवतरन लाया जा सकता ह सामा यतः खराब आदत को न बदलन क बहान िदय जात ह और कहा जाता ह -- हम लोग इसी तरह करत ह या िक म नही समझता इसस कोई फकर पड़गा और कछ न िमला तो कह िदया जाता ह म बहत य त ह अ छी आदत का िन पण

आदत म पिरवतरन लाया जा सकता ह आव यकता ह इसक िलए सही पिरवश का िनमारण करन की कमरचािरय को परिशिकषत करन की परिरत करन की और ऐसी ि थितया उ प न करन की िजसस कमरचािरय म अ छी आदत का िन पण हो सक दरअसल सफल लोग का राज यह ह िक व काम करन की उन आदत को डाल लत ह जो असफल लोग करना नही चाहत य वही काम ह िज ह सफल लोग भी करना

नही चाहत लिकन व िफर भी करत ह उदाहरण क िलए असफल लोग अनशासन और महनत करना पसद नही करत सफल लोग भी अनशासन और कड़ी महनत नापसद करत ह लिकन व िफर भी ऐसा करत ह कय िक य लोग उन काम को करन की आदत डाल लत ह िज ह असफल लोग नही कर पात नजिरय और सोच का तरीका एक आदत ह और इस बदला जा सकता ह सही ि ट और सतलन कमरचािरय म काम क सबध म सही ि ट बनाय रखन की परवि त िवकिसत करना ज री ह जब कछ गलत हो रहा होता ह तो उस ठीक करना परबधन का ही काम होता ह समझा यह जाता ह िक परायः हम गलत हो रह काम को लकर इतन िचितत हो जात ह िक जो सही हो रहा ह उस भी अनदखा करन की हमम आदत होती ह

दरअसल सफल लोग का राज यह ह िक व काम करन की उन आदत को डाल लत ह जो असफल लोग करना नही चाहत

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अकषय कराित उदाहरण क िलए अगर िकसी स कोई गलती हो जाती ह तो हम एकदम उस पर िच ला पड़त ह या उसक िव दध काररवाई कर बठतहअ छा यह रहगा िक आप उस अलग ल जाकर अकल म बात कर अगर परशसा करनी हो तो सबक सामन कर

अगर िकसी स सहमित न बन तो उस पर करोध करना ज री नही ह अगर अपन करोध पर काब रखग तो लोग अपनी असहमित को अ यथा नही लग अगर आप अपन िवचार को खला रखग तो दसरी ओर स भी आप ऐस ही यवहार की अपकषा कर सकत ह परायः लोग अपनी सहमित कछ इस तरह जतात ह िक सामन वाला भी अपनी बात पर अड़ जाता ह समझन की बात यह ह िक सभी ि थितय म कवल तकर ही काफी नही होगा िकसी स असहमत होन म भी यवहार कशल होना ज री ह सबस पहल तो दसर को अपना पकष रखन का मौका द उसकी बात सन और जहा तक हो सक उसस अपनी सहमित भी परकट कर और िजन बात पर सहमित न बना सक उस समझाए

हमम स अिधकाश लोग उन किमरय और उनकी गलितय पर अ यिधक यान दत ह िजनक िलए हम काम करत ह पर अपन किमरय पर नज़र डालना भल जात ह अगर वय को उन लोग की नजर स दखा जाए तो आशातीत पिरणाम दखन को िमलत ह

आ म मथन आप कया करना चाहत ह कसा करना चाहत ह - इस सोच को

वतरमान म अपन अदर मथन करन को आ म-सझाव कहत ह एक बार सब म जब इसकी पिरपाटी श हो जाती ह तो यह हमार अदर िवजञापन की तरह काम करता ह अपन बार म अपन िलए अदर ही परचािरत करता ह इसका हमार चतन और अवचतन (Sub-concious) मन दोन पर परभाव पड़ता ह अततः यह हमार नजिरए और यवहार को परभािवत करता ह और धीर-धीर आदत का प लता ह यह दरअसल अपन अवचतन मन को ढ़ालन या परोगराम करन की िविध ह

हमम स अिधकाश लोग उन किमरय और उनकी गलितय पर अ यिधक यान दत ह िजनक िलए हम काम करत ह पर अपन किमरय पर नज़र डालना भल जात ह

प ठ 21

अकषय कराित आ म-सझाव अ छ या बर हो सकत ह जब हम बर आ म-सझाव को बार-बार दोहरात ह तब हमारा अवचतन मन उन पर िव वास करन लगता ह और हम उसी को वा तव म यवहार करन लगत ह सकारा मक आ म-सझाव को बार-बार मथन करन स उसकी हमार िदलोिदमाग म त वीर बन जाती ह और वही असिलयत का प लन लगता ह एक उदाहरण क िलए जब कभी हम सबह 0600 बज टरन पकड़नी हो और हमार पास अलामर घड़ी न हो तो हम मन म कहकर उठत ह िक 0400 बज उठना ह तो कया हम नही उठत अगर उठत ह तो इसक पीछ आ म-सझाव ही काम करता ह आ म-सझाव एक रा ता ह िजसस हम अपन िदमाग को परोगराम करक ढ़ालत ह सकारा मक आदत को िवकिसत करन म आ म-सझाव की परवि त मह वपणर िसदध हो सकती ह हमार नजिरए और आदत को तय करन वाल कारक हमार नज़िरए को मखयतः तीन कारक परभािवत करत ह - वातावरणः घर कल आिफस मीिडया सा कितक प ठभिम धािमरक प ठभिम परपराए और भाषाए सामािजक-राजनितक माहौल - य सब िमलकर एक तहजीब बनात ह चाह घर हो या आिफस या अ यतर - हर जगह हर िकसी की अपनी तहजीब होती ह उदाहरण क िलए हम एक दकान म जात ह तो वहा का स समन बड़ अदब वाला होता ह लिकन वही जब दसरी दकान पर जात ह तो वहा का स समन कभी-कभी बड़ा खा और बदतमीज िमल जाता ह उसी तरह िकसी क घर म यार भरा माहौल िमलता ह तो िकसी क घर म हमशा लड़ाई-झगड़ का इसी तरह जब सरकार और राजनीितक माहौल ईमानदारी का होता ह तो लोग भी ईमानदार मददगार और कानन का पालन करन वाल होत ह बईमान और भर ट माहौल म िजस तरह एक ईमानदार का जीना मि कल होता ह उसी तरह ईमानदारी भर माहौल म बईमान यिकत को मि कल होती ह िन सदह अ छ वातावरण म मामली कमरचारी म वमव अ छी आदत िवकिसत होती ह और उसकी कायर करन की शिकत बढ़ जाती ह जबिक खराब माहौल म अ छा काम करन वाल की भी कषमता िगर जाती ह

सकारा मक आदत को िवकिसत करन म आ म-सझाव की परवि त मह वपणर िसदध हो सकती ह

प ठ 22

अकषय कराित कायर-स कित का बहाव ऊपर स नीच की ओर होता ह नीच स ऊपर की ओर कभी नही यह दखना बहत ज री ह िक हमन अपन िलए और आस-पास क लोग क िलए कसा वातावरण तयार िकया ह खराब वातावरण म अ छ की उ मीद करना बमानी ह अनभवः हम अपन जीवन म अपन काम-काज म हालात स जसा अनभव पात ह वह हमारी आदत का िह सा बन जात ह और उसी क अनसार हमारा यवहार होता ह अगर िकसी क परित हमारा अनभव अ छा होता ह तो हमारा नज़िरया भी अ छा होता ह ज री ह िक कमरचािरय को ऐसा कायर-पिरवश िमल िजसस उनक अवचतन म अ छ अनभव की छाप अिकत हो

परिशकषण भी ज़ री यहा िसफर सदधाितक जञान ही काफी नही होता बि क औपचािरक और अनौपचािरक दोन ही तरह की िशकषा व परिशकषण ज री ह जञान और जानकारी को यिद योजनाबदध तरीक स परयोग िकया जाए तो उसस बौिदधक तर को बढ़ान म आशातीत सफलता िमलती ह काम करन की कला अ छी िशकषा स ही आती ह ज री ह िक परिशकषण म मनोवजञािनक सामािजक आिथरक व अ य पहल को समझन की आदत िवकिसत की जाए अवचतन म यह िबठाना बहत ज री ह िक जीवन की भ यता काम क वारा ही सभव ह स थान म सभी को लगना चािहए िक उनका काम मह वपणर ह यही परबधन कला का सार ह जब कमरचािरय को ऐसा एहसास होन लगता ह तो उनक नज़िरए म बदलाव आन लगता ह उपसहारः काम क परित लोग म अ छी आदत िन िपत करन और उनम उ साह जगान स कायर-िन पादन म िनरतर िनखार आता ह दरअसल हर यिकत म मानिसक और शारीिरक ऊजार उ प न होती ह िजसक िलए काम ही सबस अ छा िनकास ह एक िवचारक क अनसार lsquoआप पछत ह म लगातार काम कय करता ह

यहा िसफर सदधाितक जञान ही काफी नही होता बि क औपचािरक और अनौपचािरक दोन ही तरह की िशकषा व परिशकषण ज री ह

प ठ 23

अकषय कराित इसका वही कारण ह िजस कारण स मगीर अ ड दती जाती ह rsquo काम क िबना इसान घट सा जाता ह उस काम की उतनी ही ज रत होती ह िजतनी हवा की आव यकता ह िक उस सही वातावरण उपल ध करान और सही िदशा म अिभपरिरत करन की व ततः हर यिकत अदर स गिरमा और आ मस मान की चाह रखता ह आव यकता ह उस अतःपरिरत करन की लोग को खद स परिरत करन क िलए हम उनकी ज रत और इ छाओ को समझना होगा पररणा कायरकषमता और आदत क बीच सीधा सबध ह जो लोग उतना ही काम करत ह िक उनकी नौकरी बची रह तो ऐस लोग िकसी भी स थान क िलए मह वपणर नही हो सकत अतपररणा स सोच म बदलाव लाया जा सकता ह पररणा आग क समान होती ह

कमरचािरय को िजतना परिरत िकया जाएगा उनम उतनी ही सकारा मक आदत का िवकास होगा कमरचािरय को उिचत स मान दकर उनक कायर को अिधक मनोरजक बनाकर परबधन वारा उनकी बात को गौर स सनकर उनकी सम याओ और सझाव पर गौर करक उ ह वय ल य िनधारिरत करन क िलए परो सािहत करक िवकास क नय अवसर उपल ध कराकर आव यकतानसार समय-समय पर समिचत परिशकषण िदलाकर तथा नयी चनौितय स जझन क िलए परो सािहत करक िन सदह उनक आचार और यवहार को सकारा मक िदशा म पाियत िकया जा सकता ह

कमरचािरय को िजतना परिरत िकया जाएगा उनम उतनी ही सकारा मक आदत का िवकास होगा

ई-पितरका म लख आिद म परकट िवचार

मलतः लखक क ह तथा यह आव यक नही ह िक

इरडा भी इन िवचार स सहमत हो

प ठ 24

अकषय कराित

िबिटया

आख म मोती लकर तम िबिटया जाती हो हा जाओ िशकषा का उपहार द रह िवदा समय यह लो ल जाओ इन पराण म परीित त हारी ममता क धन िसदरी इन नयन की बद पली परकट करती ह मजबरी लाचारी ह िफर पराण म क य ह इतनी आकलता

जब इस रीित पर पराओ म वश न िकसी का ह चलता िपतकल को तजकर अब िबिटया पित-कल म जाना होगा

नटखटपन को छोड़ धमर का ही िजसम बाना होगा इस घर की तम बड़ी लाडली पराण स यारी िबिटया

चली लाकर आज सभी को िपता की कर सनी किटया िजन हाथ न लाड़ चाव स अब तक था िजसको पाला उन हाथ न ही िबिटया को दलह राजा जी को द डाला

िजसका दख जरा मन मला हो जाती थी हरानी क यादान उसी का कर क दय बनाया पाषाणी

िकया न जाता था पल भर को इन आख स दर िजस मोती झरत िवदा द रहा आज सकल पिरवार उस अपनी मा क जीवन की तम परित-पल हो आधार रहो

िवजयता िपता क दय मिदर की िबिटया तम साकार रही आज जीवन क सख-दख सार वही िबतान तम लो जान आओगी जब कभी यहा तम होगी महमान समान

सतीश कमार कलावत इरडा

इस घर की तम बड़ी लाडली पराण स यारी िबिटया चली लाकर आज सभी

को िपता की कर सनी किटया

प ठ 25

ससराल की कभी बराई कही न मह पर आ जाव धमर कमर क तर य पथ म पाव नही िडगन पाव

सात परितजञाय जो तमन अिग नदव स मख की धारण द पि त जीवन का मह व ह करना स च मन स पालन

बटी इन सात बचन का यान दय म रह सदा दोन कल की लाज इसी म भला न दना इस कदा पित ही ह सवर तर त हार पित ही को जीवन समझो

जो कछ कह उसी को मान उनको िबिटया तम धन समझो शीलवती तम बन िबिटया पित-भक त मना सदर िनस दह वय उपजग क प-वकष घर क अ दर

पहन सिशकषा की साड़ी को शभ गण भषण अपनाओ दस लकषण शभ लकषण धार िन य नय मगल गाओ यह िशकषा उपहार दय का तम को राह िदखायगा भल भटक कर भी अिधयारा पास न आन पायगा

हम सब की आख स मोती उर स िनकल रही आशीष सभी सख स पणर परफि लत कर त ह दलह राजा की ईश

अकषय कराित

िजन हाथ न लाड़ चाव स अब तक था िजसको पाला उन हाथ न ही िबिटया को दलह राजा जी को द डाला

प ठ 26 अकषय कराित

ldquoपयारवरणrdquo श द पिर+आवरण स बना ह अथारत बा य आवरण को ही पयारवरण कहत ह इस बा य आवरण का ता पयर हमार चार ओर क वातावरण और पिरवश स ह िजस हम दसर श द म परकित भी कह सकत ह प वी पर िव यमान सपणर जीव-जगत क अि त व जीवन-यापन एव चहमखी िवकास म परकित की मह वपणर भिमका ह मानव बिदधजीवी पराणी ह और परकित क मह व स भली-भाित पिरिचत होन क कारण ही सिदय स परकित की पजा करता रहा ह

विदक काल स ही परकित तथा मानव क बीच जीवन ततर का अटट सबध रहा ह हमार पराचीन ऋिष-मिनय न प वी म हवा पानी िमटटी पड़-पौध जीव-ज तओ और मानव क सिकरय सहयोगा मक सतलन को यान म रखकर ही परकित को प य माना धमर क साथ परकित को जोड़कर उ ह न परकित को पयार त मह व िदया व जानत थ िक िजस परकार जीवन क िलए भिम की आव यकता होती ह उसी परकार वन पितया व अ य पराणी भी आव यक ह य सभी परकित क अिभ न अग ह इनम स एक क भी न ट होन का परभाव दसर पर पड़ता ह और पिरणाम व प पराकितक असतलन पदा हो जाता ह व तत प वी म हवा पानी िमटटी पड़-पौध जीव-ज तओ और मानव का सिकरय सहयोगा मक सतलन रहता ह पड़-पौध भिम को उपजाऊ बनात ह िमटटी को बाधकर रखत ह बरसात करवान तथा जल एव वाय को व छ रखन म सहायक होत ह परत आज क बढ़त औ योिगकीकरण और शहरीकरण न परकित और मानव क बीच असतलन उ प न कर िदया ह यह असतलन अिशकषण बढ़ती जनसख या शहर की ओर पलायन वकष की कटाई गगनचबी इमारत बड़-बड़ उ योग की थापना आिद क कारण ह और यही पयारवरण परदषण क मख य कारण ह मटरोपोिलटन एव बड़ शहर म अनक काबरिनक और अकाबरिनक गस जस ndash काबरन-मोनोऑक साइड अमोिनया आिद परदषण क मख य ोत ह

वतरमान पयारवरण -21वी सदी की चनौती

लख सरीन सल

विदक काल स ही परकित तथा मानव क बीच जीवन ततर का अटट सबध रहा ह

प ठ 27 अकषय कराित मन य न अपनी भितक सख-सिवधाओ की आपित र क िलए परकरित स

िखलवाड़ िकया ह वतरमान मशीनी यग म मन य वारा परकित क अ यिधक दोहन एव िनत नए कारखान की थापना स पयारवरण सकट उ प न हआ ह मानव न परकित क साथ जो अ यायपणर यवहार िकया ह उसी क फल व प परकित का िवरोधी रवया हआ ह िजस भिव य म सह पाना मि कल होगा

अिशकषा क कारण दश की तजी स बढ़ती आबादी क आवास की मलभत आव यकता को परा करन क िलए वकष की कटाई करक ऊची-ऊची इमारत बनाई जा रही ह वकष की अधाधध कटाई स भिम की ऊवररा शिक त का तो ास हो ही रहा ह साथ ही परदषण जसी िवकराल सम या भी ज म ल रही ह

परदषण पयारवरण क ास का परमख कारण ह िवकासशील दश िनत नए उ योग की थापना करक बराजगारी की सम या को तो दर कर रह ह िकत इसस जल वाय विन तथा िविभ न परकार क परदषण बढ़ रह ह कल-कारखान और मोटर स िनकलन वाल धए स वाय परदषण हो रहा ह जल थल व नभ क मागर पर शिक त चािलत वाहन विन परदषण का मख य ोत ह शहरीकरण और औ योिगकीकरण क कारण शदध पयजल की सम या िवकराल प धारण कर रही ह कारखान स िनकलन वाल कड़-कचर क निदय म िमलन स जल परदषण हो रहा ह रासायिनक खाद और कीटनाशी दवाओ स मदा परदषण का खतरा बन गया ह

इस परकार जनसख या विदध शहरीकरण औ योिगकीकरण एव परदषण जसी सम याओ न पयारवरण को बरी तरह परभािवत िकया ह आज सपणर िव व पयारवरण को लकर िचितत ह इस भयावह ि थित स बचन क िलए पर यक यिक त को पयारवरण क परित जाग क करना आज की अिनवायर आव यकता ह

इस िदशा म सवरपरथम िनरकषरता को समा त िकया जाना चािहए साकषर भारत की पिरक पना म जनसख या विदध दर वय िनयितरत हो जाएगी करल रा य इसका परमाण ह जहा साकषरता क साथ-साथ जनसख या िनयतरण भी ह

जल थल व नभ क मागर पर शिक त चािलत वाहन विन परदषण का मख य ोत ह

प ठ 28 अकषय कराित

इसक बाद बात आती ह परदषण िनवारण की आज िव व भर क

वजञािनक और पयारवरणिवद इस िदशा म कायररत ह सवरपरथम वन क काटन पर परितबध लगाया गया ह और वन सपना क िव तार हत वकष लगान क िलए परो सािहत िकया गया इसक िलए सरकार की ओर स वकष आिद िनश क उपल ध कराए जात ह ldquoपयारवरण परदषण स थाrdquo और व छ वाय अिधिनयम जस िविधक उपाय स वाय परदषण पर रोक लगान का परयास िकया जा रहा ह जहरील धआ उगलन वाल कारखान तथा वाहन पर भारी आिथरक दड का परावधान ह िविभ न सचार मा यम mdashदरदशरन समाचार-पतर तथा आकाशवाणी क मा यम स जनता को पयारवरण क परित जाग क करन क परयास िकए जा रह ह निदय म खलन वाल परदषण ोत को बद करन की योजनाए चलाई जा रही ह पािलथीन क परयोग को बद करन क िलए चलाया जा रहा ह अिभयान भी परशसनीय ह

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह इस खतर स सपणर भमडल का अि त व न ट हो जाए इसस पहल हम पयारवरण की सरकषा करन का सक प लना होगा

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह

िस धी होन क प चात भी मझ बगाली रीित िरवाज़ िमठाइया यहा का पहनावा अगरज क ज़मान की बनी सरचनाए एव भवन इ यािद म बहत िदलच पी एव िच थी

प ठ 29 अकषय कराित

यातरा स मरण-कोलकाता-खिशय हषर का शहर(िसटी ऑफ जॉय)

सोिनया सिह वानी पीईसी िलिमटड

म पी ई सी िलिमटड नामक कपनी क िविध ककष म उप िविध परबधक क पद पर कायररत ह सन 2010 जन स इस कपनी म मन परबधन परिशकष क प म अपनी पहली नौकरी की श आत की पी ई सी िलिमटड वािण य मतरालय क अतगरत आन वाली आयात-िनयारत यापार स स बिधत क पिनय म स एक ह इस स दभर म जनवरी 2011 म िविभ न िवभाग क परबधन परिशकषओ को ओिरएटशन हत काडला कोलकाता इ यािद शहर म भजन का कायरकरम िनि चत िकया गया कोलकाता क पास हि दया पोटर होन क कारण कोलकाता शहर चना गया जहा पी ई सी वारा आयात की गयी व तए पोटर गोदाम म रखी जाती ह साथ ही म कोलकाता पोटर िभ न गोदाम इ यािद दखन की यव था की गयी एव सची म समावश िकया गया यह सनकर मरी ख़शी का िठकाना न रहा क य िक मन कोलकाता शहर क बार म सना बहत था पर त कभी दखा न था िस धी होन क प चात भी मझ बगाली रीित िरवाज़ िमठाइया यहा का पहनावा अगरज क ज़मान की बनी सरचनाए एव भवन इ यािद म बहत िदलच पी एव िच थी आिखरकार मझ मौका िमला और जनवरी की कड़ाकदार ठ ड क बीच हम एक रिववार शाम कोलकाता राजधानी स अपनी मिजल की और िनकल पड़ िद ली स कोलकाता क सफ़र क बीच हमारी गाड़ी इलाहाबाद गया िबहार तथा धनबाद जस शहर स होत हए बगाल की ओर पहची हसत-गात खलत-खात हए हम अगली सबह हावड़ा जकशन पहच गए रलगाड़ी स उतर कर टशन स बाहर िनकलत ही मझ िसटी ऑफ जॉय क नाम स मशहर कोलकाता की पहली झलक िदखाई दी ऐसा लगा मानो मझ भारत क दो पहल एकसाथ जीत हए नज़र आए एक तरफ थ टशन स बाहर एव अ दर जात हए स दर कपड़ गहन म लद हए कोलकाता क बगाली िनवासी साथ म बड़ी-बड़ी गािड़य म घमत कोलकाता क नौजवान और ठीक दसरी तरफ मरी नज़र पड़ी हगली नदी पर बन परिसदध हावड़ा िबरज पर िजस दख एक अलग ही दिनया का एहसास हआ

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह

िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी

एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया नतीजा मर समकष था

प ठ 30 अकषय कराित

हावड़ा िबरज पर हर तरफ लोग का जमावड़ा था इतन लोग दख िद ली क चादनी चौक की याद आ गयी ऐसा लगा मानो म 50 साल पीछ िकसी लक एव वाईट दिनया म कदम रख चकी थी िबरज क दोन तरफ सामान बचत हए दकानदार िखलौन मछली रख हए औरत एव छोट-छोट ब च मख य शहर स हावड़ा जान वाल आम आदमी मजदर की तज़ र तार फरी स र ता पार करन वाल यापारी इन सब को दख लगा कोलकाता म मबई जसी भागम भाग भी थी िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया नतीजा मर समकष था जस-जस म कोलकाता शहर क भीतर आन लगी मझ इस शहर क िवकास की झलक िदखाई दी एक तरफ थी ऊची ईमारत सदर िवशाल िव यासागर सत पल बड़-बड़ होटल माल कोलकाता उ च यायालय राईटसर िबि डग मशहर इडन गाडरन टिडयम इ यािद तो दसरी तरफ था िवक टोिरया ममोिरयल अगरज की वा तकला क अनसार िदखती लाल ईटो की इमारत िवक टोिरयल सरचनाए भवन छोटी-छोटी पटिरय पर समान बचत नया बाज़ार (New Market) क दकानदार एव िवक टोिरया ममोिरयल क बाहर चलत सलािनय क िलए रथ वाल घोड़ हमारा होटल जसीबोस सड़क पर ि थत था एव सिवधाओ स भरपर था पर त मन य जाना िक असली कोलकाता का मज़ा गाड़ी म नही अथवा िरक शा ऑटो तथा साल स चलती आ रही सड़क पर टराम म था

हर तरफ मझ पील रग की टिक सया िदखाई दी सब एक समान थी तथा मरसीडीज़ गाड़ी क बगल म चलती 1-2 पय म सफ़र की जान वाली टराम भी साथ िदखाई दी परी िजदगी िद ली म यतीत करन क बाद हर नए शहर का रहन-सहन बोल-चाल रीित-िरवाज़ जानन की जाग कता मझम हमशा रही पहल ही िदन स कोलकाता मझ रास आया जस िक कहत ह lsquoकोलकाता हमार खब भाला लागली छ rsquo कहन का ता पयर य िक मझ कोलकाता बहत अ छा लगा पहल िदन िक शाम को हमन य मािकर ट म खरीददारी करन का मन बनाया म हरान थी िक वहा चीज िकतनी स ती िमल रही थी िद ली क मतािबक एक ितहाई दाम पर चिडया गहन बग जत कत इ यािद िमल

िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया

प ठ 31 अकषय कराित य मािकर ट िद ली क लाजपत एव सरोिजनी नगर समान ह कम

दाम म अ छा समान िमला कोलकाता चमड़ क िलए भी मशहर ह एव परिसदध ी लदसर दकान भी इस बाज़ार म ि थत ह यहा खरीदारी का हमन खब ल फ़ उठाया

अगल िदन हम हि दया पोटर गए एव अनक जहाज़ दख 3-4 घट की दरी पर ि थत यह पोटर अनक एकड़ म फला हआ था पहली बार इतन बड़ जहाज़ को अदर स दख खब आनद आया तीसर िदन हम काली बाड़ी मिदर गए बगाली अ यत पाठ-पजा वाल दगार मा क स च उपासक ह यह सब जानत ह दगार पजा इनका लोकिपरय उ सव ह तथा काली मा एव दगार मा की स च मन स पजा करत ह कोलकाता क िनवासी भिक त भावपणर ह यह सना था अब खद दख भी िलया बगाली र म स पजा करन का य मौका अ यत आनदमयी था इसक अलावा काली बाड़ी क नज़दीक ही ि थत ह गौिरहाट बाज़ार यहा की दकान बगाली सािड़या कपड़ सट कत इ यािद क िलए परिसदध ह आिद धक तशवर नामक मशहर दकान म जाकर मरा भी मन िकया िक म भी खरीददारी क मर सािथय न बहत सािड़या खरीदी एव दाम दखकर म दग रह गई सदर स सदर साड़ी मातर 600700 पय की थी मन बगाल की मशहर लाल एव सफद िपरट की साड़ी भी खरीदी कोलकाता म खरीददारी का अलग की मज़ा ह उसी िदन शाम हम सा ट लक िसटी मॉल गए वह सा ट लक टिडयम क नज़दीक ह यहा िदखाई िदया कोलकाता का परगितशील प नौजवान फटबाल की जसीर पहन माल म घम रह थ एक स एक

मशहर बरड वहा मौजद थ इसक अलावा कोलकाता क िनवासी खब मनोरजन क शौक़ीन ह सगीत नाच गाना इ यादी म िच रखत ह कोलकाता म जगह-जगह सगीत कला अकडमी तथा पढ़न (रीिडग) क क लब ह अगरज क शौक तथा रहन-सहन की झलक आज भी यहा िदखती ह यहा क नौजवान को खल-कद म भी खब िदलच पी ह फटबाल का तो जस यहॉ सबको जनन ह

भारत क परिसदध मोहन बगान फटबाल क लब फटबाल क वहा क नौजवान ही नही परा शहर ही दीवाना ह भारत-पाक मच हो या आई पी एल इडन गाडरन मदान लोग स खचा-खच भरा रहता ह अफ़सोस म वहा अदर जा न सकी

इसक अलावा काली बाड़ी क नज़दीक ही ि थत ह गौिरहाट बाज़ार यहा की दकान बगाली सािडया कपड़ सट कत इ यािद क िलए परिसदध ह

प ठ 32 अकषय कराित

मर सफर क आखरी िदन म मन कोलकाता क लोग म एकता क नजार दख िविभ नता म भी एकता का उदाहरण दखा चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख िजस िदन हम कोलकाता पहच थ उसी िदन वहा शहर बद था और मन एक जट होकर लोग को अपनी बात कहत हए दखा एव सना यहा क लोग अपन शहर क िवकास बहतरी क िलए जाग क ह िज मदारी लत ह तथा सरकार को अपनी बात भली-भाित कहत ह लड़िकय औरत की इ ज़त करत ह एव यहा िक मिहलाओ को मन िनदरलीय पाया जहा एक ओर भारत की राजधानी होन क बावजद िद ली वाल अपनी िजदगी म मगन रहत ह वही दसरी और कोलकाता म अमीरी-गरीबी िभ न जाितय म भी एक जटता ह कपड़ा एव खाना आज भी यहा खब स ता िमलता ह पर त दसरी तरफ सब जानत ह िक बड़-बड़ उ योगपित िव वान लखक िखलाड़ी गायक अिभनता िनदशक यहा स उभर ह सािह य हो या लख बॉलीवड हो या िकरकट बगाल न भारत को अनक नाम एव गौरव िदए ह चाह सौरव दादा हो या रिव दर नाथ टगोर ममता बनजीर रानी मखजीर हो या योित बस भारत म इनकी भिमका का वणरन करन की ज रत नही

मन कछ िदन क कोलकाता क सफर म इस शहर को जानन समझन का परयास िकया हगली नदी क िकनार खड़ होकर समदर को दखा निदय को िनहारा िव यासागर सत िबरज की सदरता िवशालता को सराहा क सी दास की परिसदध िमठाई का ल फ उठाया मन बहत शहर घम पर त यह सफर मर िलए सबस यादगार रहा कोलकाता परगित क मागर पर िनरतर बढ़ रहा ह पर त आज भी वह अपनी जड़ नितक म य को नही भला ह एक आम आदमी आज भी टराम म या फरी स सफर करता ह यहा क िनवासी दो पय स लकर 500 ० का खाना खात ह पराना एव नया कोलकाता एक साथ जीिवत ह िसक क क दो पहल की तरह कोलकाता क यह दो प को एक साथ रहत दख बहत आनद आया

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 33 अकषय कराित

जल परकित का अनपम उपहार ह मानव जाित अपन परादभारवकाल स ही इस उपहार का उपयोग अपन िहत क िलए करती आई ह जल वह पराकितक उपहार ह िजसका कोई िवक प नही ह इसिलए जल को अमतया जीवन भी कहा गया ह जल क िबना जीवन की सभावना भी नही ह पर यकष प स तो जल की मानवीय आव यकता सीिमत ह परत परोकष आव यकताओ पर नजर डाल तो दिनक जीवन की आव यकताए जस अ न फल स जी दध स लकर हमार पहराव आवास तक सब जल स जड़ हजल का जरा भी सतलन िबगड़ जाए तो जीवन यापन क टपरद होन म दर नही परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह जल क सामा य त य जल या पानी एक आम रासायिनक पदाथर ह जो जीवन क सभी जञात प क जीिवत रहन क िलए ज री ह आमतौर पर जल अपनी दरव अव था म उपयोग म लाया जाता ह पर यह ठोस अव था बफर और गस अव था जल वा प या भाप प म भी पाया जाता ह प वी क लगभग तीन चौथाई िह स पर िव व क महासागर का अिधकार ह अनमानत प वी पर जल की कल मातरा लगभग 1400 िमिलयन घन िकलोमीटर ह जो िक प वी पर 3000 मीटर गहरी परत िबछा दन क िलए काफी ह तथािप जल की इस िवशाल मातरा म व छ जल का अनपात बहत कम ह प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह शष जल झील निदय वायम डल नमी मदा और वन पित म मौजद ह जल की जो मातरा उपभोग और अ य परयोग क िलए व ततः उपल ध ह वह निदय झील और भजल म उपल ध मातरा का छोटा-सा िह सा ह इसिलए जल ससाधन िवकास और परब ध की बाबत सकट इसिलए उ प न होता ह कय िक अिधकाश जल उपभोग क िलए उपल ध नही हो पाता

परभावी जल परबधन और दश का िवकास

दीपक आहजा ओएनजीसी िवदश

प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह

प ठ 34 अकषय कराित

और दसर इसका िवषमतापणर थािनक िवतरण इसकी एक अ य िविश टता ह फलतः जल का मह व वीकार िकया गया ह और इसक िकफायती परयोग तथा परब ध पर अिधक बल िदया गया ह प वी पर उपल ध जल जल-चकर क मा यम स चलायमान ह जल लगातार एक चकर म घमता रहता ह िजस जलचकर कहत ह इसम वा पीकरण वषार और बह कर सागर म पहचना शािमल ह हवा जल वा प को थल क ऊपर उसी दर स उड़ा ल जाती ह िजस गित स यह बहकर सागर म पहचाता ह जल चकर का िचतर नीच पर तत िकया गया ह

अिधकाश उपभोकताओ जस िक मन य पशओ अथवा पौध क िलए जल क सचलन की ज रत होती ह जल ससाधन की गितशील और नवीकरणीय परकित और इसक परयोग की बार बार ज रत को ि टगत रखत हए यह ज री ह िक जल ससाधन को उनकी परवाह दर क अनसार मापा जाए इस परकार जल ससाधन क दो पहल ह अिधकाश िवकासा मक ज रत क िलए परवाह क प म मािपत गितशील ससाधन अिधक परासिगक ह आरिकषत भ डार की ि थर अथवा िनयत परकित और साथ ही जल की मातरा तथा जल िनकाय क कषतर की ल बाई व म यपालन नौ सचालन आिद जस कछक िकरयाकलाप क िलए भी परासिगक ह

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 35 अकषय कराित

जल का यय अप यय जल क बार म एक नही कई च कान वाल त य ह िव व म और िवशष प स भारत म जल िकस परकार न ट होता ह इस िवषय म जो त य सामन आए ह उस पर जाग कता स यान दकर जल क अप यय को रोका जा सकता ह अनक त य ऐस ह जो हम आन वाल ख़तर स तो सावधान करत ही ह दसर स पररणा लन क िलए परो सािहत करत ह और पानी क मह व व इसक अनजान ोत की जानकारी भी दत ह प वी पर पदा होन वाली सभी वन पितया स भी हम पानी िमलता ह

आल और अनानास म 80 परितशत और टमाटर म 95 परितशत पानी ह पीन क िलए मानव को परितिदन 3 लीटर और पशओ को 50 लीटर पानी

चािहए भारत म 83 परितशत पानी खती और िसचाई क िलए उपयोग िकया जाता

ह इज़राइल म औसतन मातर 10 सटीमीटर वषार होती ह इस वषार स वह

इतना अनाज पदा कर लता ह िक वह उसका िनयारत कर सकता ह दसरी ओर भारत म औसतन 50 सटीमीटर स भी अिधक वषार होन क बावजद अनाज की कमी बनी रहती ह

िपछल 50 वष म जल क िलए 37 भीषण ह याकाड हए ह भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल

चलती ह पानी ज य रोग स िव व म हर वषर 22 लाख लोग की मौत हो जाती ह यिद बरश करत समय नल खला रह गया ह तो पाच िमनट म करीब 25

स 30 लीटर पानी बरबाद होता ह बाथ टब म नहात समय 300 स 500 लीटर पानी खचर होता ह जबिक

सामा य प स नहान म 100 स 150 लीटर पानी खचर होता ह िव व म परित 10 यिकतय म स 2 यिकतय को पीन का शदध पानी

नही िमल पाता ह परित वषर 6 अरब लीटर बोतल पक पानी मन य वारा पीन क िलए

परयकत िकया जाता ह मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 36 अकषय कराित

िद ली मबई और च नई जस महानगर म पाइप लाइन क वॉ व की खराबी क कारण रोज़ 14 स 44 परितशत पानी बकार बह जाता ह

निदया पानी का सबस बड़ा ोत ह जहा एक ओर निदय म बढ़त परदषण रोकन क िलए िवशषजञ उपाय खोज रह ह वही कल कारखान स बहत हए रसायन उ ह भारी मातरा म दिषत कर रह ह

भारत म जल सकट नासा की एक िरपोटर न पानी को लकर दश भर म बढ़ती जा रही लापरवाही क परित आख खोली ह इस िरपोटर म भारत म सख की ि थित पदा होन क िलए िज मवार कारण म स एक अहम कारण अधाधध जल दोहन को बताया गया ह बतात चल िक दश भर क 604 िजल म स 161 सख की मार झल रह ह वस अब बताया जा रहा ह िक सख की मार स बहाल िजल की सखया बढ़कर 246 हो गई ह यानी कहा जाए तो आधा दश सख की चपट म ह बहरहाल नासा की इस िरपोटर म बताया गया ह िक भारत क कई रा य कषमता स यादा जल दोहन कर रह ह यहा कषमता स ता पयर यह ह िक उनस िजतन सलाना जल दोहन की उ मीद कदर करती ह व उसस कही यादा जल दोहन कर रह ह नासा न यह अ ययन 2002 स 2008 क बीच

की ि थितय क आधार पर िकया ह इस िरपोटर म बताया गया ह िक पजाब हिरयाणा और राज थान हर साल औसतन 177 अरब कयिबक मीटर पानी जमीन क अदर स िनकाल रह ह जबिक कदर की तरफ स लगाए गए अनमान क मतािबक इ ह हर साल 132 अरब कयिबक मीटर पानी ही जमीन क अदर स िनकालना था इस तरह स दखा जाए तो य तीन रा य िमलकर कषमता स 30 फीसदी यादा पानी का दोहन कर रह ह जािहर ह िक िबना कछ सोच-िवचार जब इस पमान पर पराकितक ससाधन का दोहन िकया जाएगा तो परकित भी बदला लगी और वही हो रहा ह इस िरपोटर म यह भी बताया गया ह िक भारत का महज 58 फीसदी भजल ही हर साल िरचाजर हो पाता ह नासा की यह िरपोटर बताती ह िक अधाधध जल दोहन की वजह स पर उ तर पि चम भारत क भजल तर म हर साल 4 सटीमीटर यानी 16 इच की कमी आ रही ह इस अ ययन को अजाम दन म नासा क जल िवजञानी मट रोडल न अहम भिमका िनभाई ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 37 अकषय कराित

उनक हवाल स इस िरपोटर म बताया गया ह िक दश क उ तर पि चम कषतर म 2002 स 2008 क दौरान तकरीबन 109 कयिबक िकलोमीटर पानी की कमी हई ह यह मातरा िकतनी अिधक ह इसका अदाजा इसी स लगाया जा सकता ह िक यह अमिरका क सबस बड़ जलाशय लक मीड की कषमता स दगन स भी कही यादा ह अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह इस िरपोटर क मतािबक अगर अधाधध जल दोहन इसी तरह स जारी रहा तो आन वाल समय म भारत को अनाज और पानी क सकट को झलन क िलए अभी स तयार हो जाना चािहए जािहर ह िक जब जल सकट बढ़गा तो खती पर इसका गहरा परभाव पड़गा अनाज क उ पादन म कमी आएगी इस वजह स अनाज सकट पदा होगा और भख का एक नया चहरा उभरकर सामन आएगा एक बड़ा तबका जो आज भरपट भोजन कर पाता ह उसक िलए पट भर खाना िमलना मि कल हो जाएगा भखमरी की जो सम या पदा होगी उसस िफर िनपटना आसान नही होगा इसक अलावा पीन क पानी का टोटा तो होगा ही अभी ही दश क कई िह स ऐस ह जहा क लोग को पीन क िलए साफ पानी नही िमल पा रहा ह कई कषतर ऐस ह जहा गमीर क िदन म हडपप स पानी आना बद हो जाता ह वहा क लोग को हर साल बोिरग को कछ फट बढ़वाना होता ह यह सम या भजल तर क िगरत जान की वजह स ही पदा हई ह जब पीन क पानी का सकट पदा होगा तो बोतलबद पानी का कारोबार काफी तजी स बढ़गा कहन का मतलब यह िक िजसक पास पसा होगा वह अपनी यास बझा सकगा और िजसक पास पसा नही होगा उस अपनी यास बझान क िलए भी सघषर करना पड़गा ि थित की भयावहता की क पना ही िसहरन पदा करती ह भारत म दिनया का हर छठा आदमी रहता ह यानी कहा जाए तो दिनया क कल आबादी क तकरीबन सतरह फीसदी लोग भारत म रहत ह जबिक दिनया का महज साढ़ चार फीसदी पानी ही भारत म उपल ध ह ऐस म जल सम या स दो-चार होना कोई आनापिकषत बात नही ह एक बात तो तय ह िक पराकितक ससाधन म इजाफा तो नही िकया जा सकता ह लिकन इसका सरकषण अव य िकया जा सकता ह

अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह

प ठ 38 अकषय कराित

भारत म लोग िकसी एक मा यम स पयजल परा त करन पर िनभरर नही ह इस दश म 357 फीसदी लोग हडपप स 367 फीसदी लोग नल स 182 फीसदी लोग तालाब पोखर या झील स 56 फीसदी कओ स 12 फीसदी लोग पारपिरक साधन स और 26 फीसदी लोग अ य मा यम स पीन का पानी परा त करत ह इस िलहाज स अगर दखा जाए तो जल सकट को दर करन क िलए समगर कायरयोजना की ज रत ह

दरअसल भारत म गहरात जल सकट क िलए काफी हद तक पानी की बबारदी भी िज मवार ह यहा जल आपित र की यव था म काफी खािमया ह नल क जिरए घर तक पहचन वाल पानी का एक बड़ा िह सा िरस कर बबारद हो जाता ह हर शहर म फट हए आपित र पाइप आसानी स दख जा सकत ह इस बदहाल यव था क िलए सरकार क साथ-साथ सामा य लोग भी कम िज मदार नही ह एक तरफ तो सरकार पयजल क नाम पर हर साल हजार करोड़ पए का बजट बनाती ह और दसरी तरफ जमीनी तर पर हालात म कोई बदलाव नही िदखता ह सामािजक तौर पर भी जल सरकषण को लकर जाग कता का अभाव िदखता ह यह सामािजक तान-बान का ही असर ह िक लोग कही भी जल की बबारदी को दखकर उस सामा य घटना मानत हए नजरअदाज कर दत ह दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था यह अब घटकर 1800 कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर हो चका ह

दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था

प ठ 39 अकषय कराित

िवशषजञ का अनमान ह िक अगर पानी की खपत और बबारदी इसी तरह स जारी रही तो 2025 तक यह घटकर हजार कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर ही रह जाएगा उस समय तक पानी की उपल धता म आन वाली इस कमी की वजह स किष उ पादन म तीस फीसदी की कमी आन की सभावना ह इन पिरि थितय म दश की आिथरक और सामािजक ि थित का कया होगा इसका अदाजा सहज ही लगाया जा सकता ह भारत म जल सरकषण क परित आज भी आम लोग क मन म उपकषा का भाव बना हआ ह साथ ही इस कायर क िलए आव यक तकनीक की भी कमी ह जो तकनीक उपल ध ह उनस सामा य लोग अनजान ह बािरश क पानी का सगरह करक उस उपयोग म लाना एक अ छा िवक प ह पर इस तरह की कोिशश काफी सीिमत मातरा म काफी छोट तर पर हो रही ह यही वजह ह िक दश म होन वाली बािरश क पानी का अ सी फीसदी िह सा आज भी समदर म पहच जाता ह अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह अगर जल की इस िवशाल मातरा का आधा भी परयोग कर िलया जाए तो ि थित म यापक बदलाव आना तय ह शहरी कषतर म तो पानी की कालाबाजारी जोर पर ह जगह-जगह पर जल मािफया सिकरय हो गए ह िद ली क ही एक अखबार न कछ समय पहल यह बात उजागर िकया था यहा तो समानातर जल बोडर भी चलाया जा रहा ह हरानी की बात तो यह ह िक इसक बावजद भी पानी क काल धध पर अकश नही लगाया जा सका ह अहम सवाल यह ह िक कस सामा य तबक क लोग तक व छ पानी पहचाया जाए शहरी कषतर क साथ-साथ गरामीण कषतर म भी यह एक बड़ी चनौती ह आबादी म अपर यािशत विदध बढ़त शहरीकरण औ योिगकीकरण और किष उ पाद की बढ़ती माग क कारण पानी की माग िपछल कछ साल म वाभािवक प स बढ़ी ह इसक पिरणाम व प भजल ससाधन का अ यिधक दोहन हआ ह और इसका नतीजा हआ िक लगातार भजल का तर घटता जा रहा ह शहरी कषतर म ि थित बहद भयावह ह तदनसार वहा न कवल शीघराितशीघर जल ससाधन क सरकषण की ज रत ह बि क परभावी रणनीित और परबधन क जिरए त काल कदम उठान की ज रत ह

अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह

प ठ 40 अकषय कराित

खासकर इस बात को यान म ऱखकर िक िविभ न परितयोगी कषतर म कभी भी माग बढ़ सकती ह भिव य म उपयोग क िलए छत पर या सतह पर जलगरहण बनाकर वषारजल सरकषण बहद ज री ह यह पानी की बढ़ती ज रत का खयाल रखन िमटटी की नमी तर को बढ़ान शहरी हिरयाली को बढ़ान भजल तर को कितरम प स पनभररण करन और भजल की गणव ता स सधार का काम करता ह भारत म जल परबधन स दश का िवकास भारत म दिनया की 16 परितशत आबादी रहती ह लिकन दिनया क िसफर 4 परितशत जल ससाधन ही भारत क पास ह 3290000 वगर िकलोमीटर क भिम कषतर और एक अरब स यादा की आबादी क साथ भारत क एक बहलवादी िविवधता का िचतर ह िवशाल पराकितक ससाधन क साथ सप न तकनीकी और वजञािनक किमरय का भी यह दिनया म दसरा सबस बड़ा सम चय ह भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह मानव िवकास म 80 क दशक म लगभग 26 परितशत और 90 क दशक क दौरान और 24 परितशत क वारा सधार हआ ह आजादी क बाद छह दशक म भारत न जल ससाधन का अभतपवर िवकास और खा या न म आ मिनभररता शहरी कषतर ऊजार और औ योिगक कषतर और पीन का पानी क बिनयादी ढाच म तजी स िव तार दखा ह िजसका उपयोग भारत की लगभग 85 परितशत शहरी और गरामीण आबादी क वारा िकया जाता ह भारत म रा य सरकार और भारत सरकार क परितबदध और ठोस परयास की वजह स गरामीण और शहरी आबादी को सरिकषत पयजल को उपल ध करवान म काफी सफलता हािसल की ह इस उपलि ध न भजल की कमी जल जमावजल गणव ता िगरावट जल परदषण और बढ़त लवणता तर स बड़ कषतर को परभािवत िकया ह और अभी भी िविभ न रा य म गरामीण और शहरी भारत क मानव िवकास सचकाक (HDI)rsquo म बहत असमानता मौजद ह पानी क िलए कषतरीय माग तजी स बढ़ रह शहरीकरण की गित स बढ़ रही ह (अनमानत 2025 तक दश की आबादी का 50 परितशत स अिधक शहर म रहग) जनसखया विदध बढ़ती आय और औ योिगक िवकासशहरी भारत तजी स िवकास की माग क कदर क प म उभर रहा ह

भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह

प ठ 41 अकषय कराित

नतीजतन परित यिकत पानी की उपल धता िगर रही ह परधानमतरी की अ यकषता म 12वी योजना क िलए हई योजना आयोग की पणर बठक म दसर म क साथ जल परबधन पर िवशष चचार हई बठक क बाद योजना आयोग क उपा यकष म टक िसह अहलवािलया न कहा िक भ-जल कानन स लकर दसर म की यापक समीकषा ज री ह व यनाथन सिमित जहा वतरमान म भ-जल कानन की साथरकता का अ ययन करगी वही भारतीय अतिरकष अनसधान सगठन [इसरो] की मदद स पानी की उपल धता का िव तत अ ययन होगा म टक न कहा िक उसी आधार पर रणनीित तय होगी सरकार यह यान रखगी िक पानी का अिधकतम उपयोग हो सक और सभी को उपल ध हो पानी पर िकसी का एकािधकार न हो सक बतात ह िक द पयोग को रोकन क िलए श क लगान पर भी िवचार िकया जा सकता ह हालािक इसस पहल रा य सरकार स चचार होगी यह तय ह िक एआइबीपी कायरकरम म यापक बदलाव ह ग ी म टक िसह अहलवािलया न कहा िक वतरमान म इस कायरकरम का सही िकरया वयन नही हो रहा ह िलहाजा उसम पिरवतरन ज री ह सभव ह िक हर रा य म जल िनयामक परािधकरण बनान की शतर भी लगाई जाए उ ह न कहा िक जल परबधन की यापक समीकषा कर नई रणनीित तय की जाएगी कल िमलाकर रा टरीय तर पर वतरमान जल ससाधन का अिधक स अिधक करन क िलए माग को परा करन क िलए पयार त ह लिकन भिव य क अ ययन पिरयोजना ह िक जल आपित र की ि थित अगल आध सदी म अिधक किठन हो सकती ह जल सकट स िनपटन को जल सरकषण परबधन अिनवायर परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह बढ़त वि वक तापमान क फल व प अितवि ट अनावि ट अ पवि ट और असामियक वि ट हम परितवषर दख रह ह िजसका परभाव हमार जल ससाधन पर पड़ता िदखाई द रहा ह कओ व बाविडय का िमटता अि त व नदी-नाल का घटता पानी भ-गभर जल का िगरता तर िचता की पिरिध स िनकलकर खतर की घटी बनता जा रहा ह

निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह

प ठ 42 अकषय कराित

िव व भर म सीमट क अधाधध परयोग न धरातल क सहज अवशोषण कषतर को घटाया ह तथा जल बहाव भिम कटाव व बाढ़ म विदध की ह ऐसी ि थित म जल सरकषण का दािय व मातर वजञािनक व सरकार तक सीिमत न रहकर पर यक उपभोकता क कध पर आ जाता ह इसी दािय व क िनवरहन क िलए हमार पास दो िवक प सामन आत ह 1 वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई

उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

2 पािरवािरक तर पर वषार जल को सगरिहत कर उसका उपयोग कर य दोन ही परयास गरामीण कषतर म तो सरलता स अपनाए जा सकत ह परत शहरी कषतर म व ट वाटर मनजमट की बड़ी पिरयोजनाए बनाकर ही पानी को िरसाइिकल िकया जा सकता ह भ-गभर अिधकािधक जल अवशोिषत होकर

जाए इसक िलए मदानी भाग म िनयोिजत ढग स बड़-बड़ पोखर बनाकर तथा पहाड़ी कषतर म नाल -ख ड म िमटटी प थर आरसीसी क बड़-छोट डम लगाकर जल बहाव रोक भ-सरकषण बचाव व जल भडारण और धरातल जल शोषण कषतर बढ़ाया जा सकता ह िव व बक भारत सरकार वारा म य िहमालय जलागम पिरयोजना रा य क भ-सरकषण िवभाग इस कषतर म कारगर उपाय लकर

हमार सामन ह परत जनसहयोग क िबना इन पिरयोजनाओ क आशातीत पिरणाम ल पाना किठन ह वकषारोपण इस सपणर जल चकर को बल दन वाला कारक ह जल क परित चतना जागत न हई तो अव य ही अगल िव व यदध का कारण जल ही होगा

जल भोजन ह और अिगन भोजन का भकषक ह अिगन जल म और जल अिगन म िव यमान ह

- ततरीय उपिनषद 38

वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

प ठ 43 अकषय कराित

म भी गान गा सकता ह शबनम क िखलत फल क म भी गीत सना सकता ह सावन क म त झल क लिकन जब घर-घर म बादल छाय घोर िनराशा क तब म नगम गा रहा ह उ मीद की आशा क

सड़क पर खड़ बचपन की य बात सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह

हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

इस बदलत पिरवश का राग सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

गाधी जी क सपन का जो राम-रा य कहलाता ह उस भारत म सड़क पर छोट चाय पहचाता ह

कहा गई वो अ हड़ म ती कहा गया वो यार का रा ता उन हाथ स बचत झड िजन हाथ को चािहए ब ता

उस सोन की िचिड़या की म बात बतान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

कही बम की गमर हवाए कही ससद म कोहराम ह कही होत घोटाल स परशान आदमी आम ह

कही कल की िकलकारी ह कही सड़क पर बचपन ह कही चलता नही गजारा कही िवदश म काला धन ह

म स चाई गा-गाकर सबको बतलान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

बदलता भारत मनीष लाल इरडा

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

प ठ 44 अकषय कराित

करन वाल काम बहत ह यथर उलझन को छोड़ो म ला-पिड़त तोड़ रह ह तम बस lsquoअपन को जोड़ो

lsquoहम बदलग-यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का lsquoवद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का

वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हम बदलग mdash यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का वद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

प ठ 45 अकषय कराित

िसफर काला और सफ़द य ही वो दो रग थ जो तर पास सि ट बनान क आधार थ

काला वो जो कािलमा िलय ह िजस कहत ह दख िनराशा म य अपयश और वो सबकछ जो नकारा मक ह

मगर सफद ह वो रग िजसस जड़ा ह जीवन आशा सख और कीितर और वो सब कछ जो सकारा मक ह पर इन रग स तझ चन ना िमला त सोचन लगा अगर सि ट बनानी ह

तो िकस िलए- ससगर और परम क िलए और

इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग

ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह

बस- बना डाला तन इ दरधनष

जो बरसात क बाद सरज और प वी क अनपम परम को रग दता ह सतरगी रग स

और उ ही सतरगी इ दरधनषी रग म हम हर पल हर कषण डबत गहरात इतरात रहत ह

और खिशय भर ससार म हर रग को अलग-अलग तरह स महसस करक जीत रहत ह

रग तो रग ह मगर-

ससगर और परम क िलए और इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह बस-

सतरगी िचतर सगीता ीवा तव इरडा

प ठ 46 अकषय कराित

कभी पक क कभी फीक़ तो कछ कभी दाग बनकर उभर आत ह

कछ आख म नील बादल स छाए रहत ह तो कछ गाल पर गलाबी रग बनकर छलक जात ह

याद रहत ह अक सर वो रग- जो खदी पर इस तरह छा जात ह िक खद म घलकर खद क होन

का एहसास दत-दत खद का एक रग बन जात ह

बगनी आसामनी नीला हरा पीला नारगी लाल इ दरधनष क य सात रग ही जोड़त ह हमार िदल को

हमार मन को जोड़न वाल इन रग की सतरगी दिनया म-

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा बनाय

और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क

सतरगी िचतर

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा

बनाय और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क सतरगी िचतर

Page 12: Akshay Kranti Vol 3€¦ · पक्ष को प्रभािवत न कर e, बािधत व पीिड़त न कर eवह काय-र्कौशल है।

प ठ 12

नही सीखा अब भी अगर परकित म सब जाएगा बदल जी ना पायगा िफर त इस परकित म िमट जाएगा अश तरा इस परकित स हिरत परकित और य हिरत ऊजार ह य इस धरा क जीवन दायक सीख परकित स लना दना

िसखा रह य जीवन का मल मतर परकित का आहार परकित मत द आहार आपराकितक सतलन िबगड़ गया अगर हो जायगी िवनाश िजदगी

अब सभल जरा और कर ल परण करक हिरत ऊजार को ही खचर बना धारा को शोिभत हरदम

िफर रहगा परकित और िजदगी का य खबसरत सग

हिरत परकित और य हिरत ऊजार ह य इस धारा क जीवन दायक सीख परकित स लना दना िसखा रह य जीवन का मल मतर

अकषय कराित

प ठ 13

अकषय कराित

कमरचािरय की आदत उनक यिक त व और िन पादन कषमता का पार पिरक सबध - एक िव लषण

हम िजस िकसी सगठन म काम करत ह उसक परित हमारा ल य होना चािहए सबिधत स थान क िलए अपनी सपणर कषमताओ का इ तमाल कषमताओ का बहतर परयोग तभी हो सकता ह जब हम अपन अदर अ छी आदत का िवकास कर हमार शा तर वद उपिनष और अ य धािमरक गरथ हम अ छी आदत क िवकास क सबध म बीज मतर बतात ह िक हम मनसा वाचा और कमरणा शदध रहना चािहए मनसा वाचा और कमरणा शदधता स ता पयर ह िक हम मन वाणी और कम स अ छ बन रह हमारी नीयत नक हो हम अपन सहकिमरय सािथय और अ य लोग क साथ अ छा बरताव कर और हमार कमर अ छ ह इस बीज मतर पर चलन वाला हमशा अपन अदर अ छी आदत का िवकास होता पायगा

असल म िदककत यही ह िक हम उपदश दन म तो आग रहत ह लिकन खद क अदर नही झाकत या कम ही झाकत ह - lsquoपर उपदश कशल बहतरrsquo सपरिसदध लखक सरदार परन िसह न एक बार कहा था आचरण की स यतामय भाषा सदा मौन रहती ह अथारत आदमी खद चप रहकर खद को ठीक रख तो इसका परभाव खद-ब-खद दसर पर पड़ता ह इसको हम एक छोट स उदाहरण स प ट कर सकत ह िक मान िलया जाए हम ब च स कह धमरपान नही करत लिकन उसक सामन खद ऐसा कर इसस इतर हम अगर यह सब करत ही नही ह तो इसका यादा असर ब च पर पड़गा अ छी आदत घर स श होकर समाज द तर और उसस आग तक हम हमशा हमारा फायदा िदलाती ह

कहा जाता ह िक व थ तन म ही व थ मन िनवास करता ह इसी तरह यह भी कहा जाता ह िक व थ वातावरण ही उ नित का योतक होता ह व थ वातावरण तभी बनगा जब उस माहौल म रहन वाल लोग

हीरा व लभ नराकास

असल म िदककत यही ह िक हम उपदश दन म तो आग रहत ह लिकन खद क अदर नही झाकत या कम ही झाकत ह - lsquoपर उपदश कशल बहतरrsquo

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अकषय कराित एक दसर का स मान करग खद की आदत को सधारग और उस स था की तरककी क िलए अपन तर पर हर वह काररवाई करग जो औ योिगक सगठन और लोग की उ नित म ज री होती ह

औ योिगक सगठन िकसी भी दश की अथर यव था को मजबत आधार परदान करत ह औ योिगक सगठन म परयोग होन वाल सम त ससाधन म मानव ससाधन अथारत उसम काम करन वाल कमरचारी मह वपणर और िनणारयक होत ह इन सगठन का सफल सचालन वहा कायररत कमरचािरय की कशलता और कायरकषमता पर आधािरत होता ह कशलता और कायरकषमता का ोत हमारा आचरण और यवहार होता ह जािहर ह औ योिगक सगठन म मानवीय सबध परी एक ऐसी िकताब ह िजसक िबना कभी कछ नही कराया जा सकता लोग क साथ सतोषजनक प स काम करना परबधन क काम का िसफर एक िह सा नही ह वरन सारा

काम इसी पर िटका ह कय िक सभी उ योग म मशीन माल या दसरी चीज़ क साथ कोई भी काम लोग क मा यम स ही िकया जा सकता ह तीन lsquoएमrsquo अथारत मनी मटीिरयल और मशीन औ योिगक सगठन क िलए मह वपणर ससाधन होत ह लिकन इ ह पिरणाम तक पहचान का कायर कमरचारी (man) ही करत ह जो सगठन दर अदशी रहकर कमरचािरय क जञान उनकी िविश टताओ उनक आचरण को अनकल साच म ढालन क परित सजग रहत ह वही सफलता की ऊचाइय को छत ह अगरजी म एक परानी कहावत ह -- Where the vision is one year Cultivate flowers Where the vision is ten years Cultivate trees Where the vision is eternity Cultivate people अथारत जहा दरअदशी एक साल क िलए हो तो फल लगाइय जहा दरअदशी दस साल क िलए हो तो पड़ लगाइय

औ योिगक सगठन म परयोग होन वाल सम त ससाधन म मानव ससाधन अथारत उसम काम करन वाल कमरचारी मह वपणर और िनणारयक होत ह

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अकषय कराित जहा दरअदशी अनत काल क िलए हो तो लोग का िवकास कीिजए औ योिगक सगठन म 500 आदमी ह 5000 आदमी ह 50000 ह या इसस अिधक अगर कामकाज ठीक स चलाना ह तो बहत ज री ह परबधन उनस िनभाना जानता हो यिकतगत सपकर का मह व

वातानकिलत कमर म बठकर और सचार मा यम या िकसी अ य तरीक स कमरचािरय की िरपोटर लना और आस पास होन वाल घटनाकरम को जानना अलग बात ह और कायर थल पर वय उपि थत रहकर ि थित को समझना और िनदश दना अलग बात महान जनरल रोमल की सफलता का मखय कारण यह था िक व हमशा कायर थल पर वय उपि थत होकर िनदश दत बात की पि ट करत सम याए सलझात और दखत िक काम कसा चल रहा ह रोमल का यह तरीका इतना सफल रहा िक िकसी भी औ योिगक सगठन या कारोबार म इस अपनाया जाए तो आशातीत पिरणाम सामन आ सकत ह लोग क बीच खद उपि थत होकर काम करन का कोई िवक प नही ह लोग अिधकाशतः उनको नापसद करत ह िज ह व ठीक स जानत नही ह पर एक बार जान पहचान हो जान पर हालात बदल जात ह कमरचािरय म अ छी आदत का िवकास करन की पहली शतर ह िक पहल उनक िदल म घर िकया जाए ऐस िकसी भी बरताव स बचा जाए िजसस वह अपन को उपिकषत महसस करन लग अतः सवदनशीलता का यान रखना बहत ज री ह

कमरचािरय क परित सवदनशील यवहार-कौशल और धयरपणर होन क अितिरकत इस बात पर ढ़ रहना ज री ह िक काम ठीक परकार स हो अ छ यवहार क साथ कमरचािरय को यह जताना भी ज री ह िक उनस काम का उ च तर अपिकषत ह और उस पर उनक साथ कोई समझौता नही और अगर इस पर अमल नही करत तो उ ह पता होना चािहए िक आप कड़ी काररवाई करग

सकारा मक नजिरया परबधन का एकमातर काम िनदश दना नही ह वरन उस साथ-साथ लोग का िवकास करना होता ह

महान जनरल रोमल की सफलता का मखय कारण यह था िक व हमशा कायर थल पर वय उपि थत होकर िनदश दत बात की पि ट करत सम याए सलझात और दखत िक काम कसा चल रहा ह

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अकषय कराित एक अिधकारी का मखय काम यही ह िक वह अपन साथ काम करन वाल लोग म अ छी आदत का िवकास कर उनकी सहायता कर यिद यह काम परभावशाली ढग स कर पाता ह तो इसस कवल उसक अपन काम ही बहतर नही ह ग बि क उसक पास परिशिकषत और कशल कमरचािरय का परा दल होगा जो उसक परित परी िन ठा स काम करगा इसक िलए सबस पहल कमरचािरय का नजिरया ठीक करना ज री ह उनम सबस पहल यह भावना लानी होगी िक हमार अदर जो चीज ह वही हम ऊपर की ओर ल जाती ह और वह हमारा नजिरया ह

एक आदमी मल म ग बार बचकर अपनी गज़र-बसर करता था उसक पास लाल नील पील हर-चार रग क ग बार थ जब कभी उसकी िबकरी कम होन लगती तब वह हीिलयम गस स भरा एक ग बारा हवा म छोड़ दता ब च उस उड़ता दखकर वसा ही उड़न वाला ग बारा पान क िलए मचल उठत ब च उसस ग बारा ख़रीदत और इस तरह उसकी िबकरी िफर स बढ़ जाती िदन-भर यही िसलिसला चलता रहता एक िदन वह आदमी बाज़ार म खड़ा ग बार बच रहा था अचानक उस महसस हआ िक पीछ स कोई उसका करता पकड़कर खीच रहा ह उसन पीछ मड़कर दखा तो एक छोट स ब च को खड़ा पाया उस ब च न ग बार वाल स पछा ldquoअगर आप काला ग बारा छोड़ग तो कया वह भी उड़गाrdquo ब च की बात उसक िदल म लगी और उसन यार स जवाब िदया ldquoबट ग बारा अपन रग की वजह स नही उड़ता बि क उसक अदर कया ह इस वजह स ही वह ऊपर जाता ह rdquo ठीक यही बात हमारी िज़दगी म भी लाग होती ह अगर लोग का नजिरया बहतर हो उनम अदर स काम करन की इ छा भरी हो तो व खलकर आपस म िमलकर काम करग इसस नकसान तो कम होगा ही स थान क परित िन ठा बढ़गी और लगन स काम करन का वातावरण तयार होगा िव वास हािसल करना आव यक

कमरचािरय स बहतरीन काम लन क िलए शानदार टीम लीडर होना ज री ह मटठीभर लोग का कोई समह िकला तभी फतह कर सकता ह जब

एक आदमी मल म ग बार बचकर अपनी गज़र-बसर करता था उसक पास लाल नील पील हर-चार रग क ग बार थ

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अकषय कराित जब उनका सनापित उनम वह जोश भर सक िक उ ह कोई भी ऊचाई यादा न लग अतः सबस ज री ह िक स थान म कमरचािरय की

कषमताओ का परा फायदा लन क िलए उनका िव वास जीता जाए इसक िलए उनक साथ परी इ जत स पश आना ज री ह उनकी छोटी-बड़ी खशी को बाटना और उनकी राय को परा स मान दना भी उतना ही ज री ह कई बार परबधन क उ चािधकारी या लीडर अपनी टीम क सद य स िसफर इसिलए राय नही लत कय िक उ ह लगता ह िक एक बार राय लन पर अगर उनकी बात नही मानी गयी तो उ ह बरा लगगा लिकन सबस ज री ह िक टीम म सभी सद य को िव वास म लकर काम िकया जाए यहा टीम लीडर की भिमका मह वपणर होती ह वह खद वकत का पाबद होगा तो उसक मातहत कमरचािरय म वयमव यह गण आदत का प ल लगी टीम लीडर का काम अपनी टीम का उ साह बढ़ात हए दी गयी िज मदािरय को समय स परा करना ह मगर उसम नयी चीज़ को सीखन की ललक होनी चािहए ऐसी ललक जब स थान क कमरचािरय म आदत का प लन लगती ह तो वह स थान जािहर ह नए परितमान थािपत करन लगता ह जापानी कपिनया हर बात म कमरचािरय क िहत का यान रखती ह िजसस व वय ही उ पादकता क परित सचत हो जात ह जानी-मानी टोयोटा कपनी क कमरचािरय म तो काम की ऐसी आदत सी या ललक होती ह िक व तब तक काम करत ह जब तक खद थक कर चर नही हो जात यह उनकी आदत ही बन चकी ह िक यिद व िकसी बात पर नाराज होत ह तब भी कपनी या अपन भागय को भल ही कोस ल पर अपन काम पर असर नही पड़न दत इसका कारण यह ह िक जापानी कपिनया काम का एक अ छा वातावरण बनान और लोग म काम क परित स ची लगन को बढ़ावा दन क िलए कड़ा परयास करती ह वहा लोग को लगातार परिशकषण िमलता रहता ह जो कवल तकनीक और मनजमट ही नही कायर स जड़ी नितकता और अ छी आदत क िवकास पर किदरत होता ह चिरतर का िनमारण उनकी एक आदत सी बन जाती ह अगर हम भी एक अ छी शिखसयत बनना ह तो हम अपनी आदत को गहराई स जाचना होगा

ऐसी ललक जब स थान क कमरचािरय म आदत का प लन लगती ह तो वह स थान जािहर ह नए परितमान थािपत करन लगता ह जापानी कपिनया हर बात म कमरचािरय क िहत का यान रखती ह

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अकषय कराित चतन और अवचतन मन

हमार चतन मन क पास सोचन की शिकत होती ह यह िकसी बात को मान सकता ह और नही भी मान सकता मगर अवचतन मन िसफर वीकार करता ह यह इनपट (input) को लकर कोई भदभाव नही करता अगर हम अपन मन म डर शका नफरत क भाव भर तो यह आ म सझाव इन सभी भाव को सिकरय बनाकर हकीकत म बदल दगा हमारा अवचतन मन एक डाटा बक की तरह ह अवचतन मन एक गाड़ी की तरह ह और चतन मन एक डराइवर की तरह शिकत तो गाड़ी म होती ह मगर उसका कटरोल डराइवर क पास होता ह

हम अवचतन मन को इस तरह ढालन की ज रत ह िक वह हम सही और ठीक रा त पर ल जा सक अवचतन मन एक बगीच की तरह होता ह िजस कोई परवाह नही होती िक आप कस पौध लगात ह यह िनरपकष (neutral) होता ह इसम अ छा बोन पर अ छा िमलता ह अ यथा जगली पौध उग जायग

बि क अ छ बीज बोन क बावजद जगली पौध उगन बद नही होत आव यकता होती ह उ ह उखाड़ फकन का िसलिसला जारी रखन की इसी िसदधात को कमरचािरय क मामल म समझन की ज रत ह हम याद रखना ह िक सही और गलत िवचार मन म एक साथ नही रह सकत आव यकता उनक अवचतन मन को इस तरह ढालन की ह िक उनम अ छी आदत का िवकास हो दरअसल अवचतन योगयता वह होती ह जब हम यान दन और सोचन की यादा ज रत नही होती कय िक यह हमार यवहार म खद ब खद उतरन लगा ह िजस स थान क कमरचारी इस तर पर पहच जात ह उनम अ छी आदत वयमव घर करन लगती ह जब बरी आदत हमार अवचतन योगयता क तर तक पहच जाती ह तो वह कावट उ प न करती ह

पिरवतरन का िवरोध बरी आदत को पहचान लन क बाद भी अकसर दखा गया ह िक

लोग उ ह बदलत नही ह ऐसा आिखर कय होता ह उनक न बदलन का कारण ह िक व िज मदारी को वीकार करन स इनकार करत ह

हम अवचतन मन को इस तरह ढालन की ज रत ह िक वह हम सही और ठीक रा त पर ल जा सक अवचतन मन एक बगीच की तरह होता ह िजस कोई परवाह नही होती िक आप कस पौध लगात ह

प ठ 19

अकषय कराित अपनी उन आदत को बनाय रखन म उ ह जो आनद िमलता ह वह पिरवतरन क ददर स यादा होता ह इसक िन निलिखत कारण हो सकत ह -- 1 पिरवतरन की इ छाशिकत का अभाव 2 पिरवतरन क िलए आव यक अनशासन की कमी 3 िव वास की कमी 4 आव यक जानकारी की कमी परबधन वारा इन िबदओ पर िवचार कर अपन किमरय म आशातीत पिरवतरन लाया जा सकता ह सामा यतः खराब आदत को न बदलन क बहान िदय जात ह और कहा जाता ह -- हम लोग इसी तरह करत ह या िक म नही समझता इसस कोई फकर पड़गा और कछ न िमला तो कह िदया जाता ह म बहत य त ह अ छी आदत का िन पण

आदत म पिरवतरन लाया जा सकता ह आव यकता ह इसक िलए सही पिरवश का िनमारण करन की कमरचािरय को परिशिकषत करन की परिरत करन की और ऐसी ि थितया उ प न करन की िजसस कमरचािरय म अ छी आदत का िन पण हो सक दरअसल सफल लोग का राज यह ह िक व काम करन की उन आदत को डाल लत ह जो असफल लोग करना नही चाहत य वही काम ह िज ह सफल लोग भी करना

नही चाहत लिकन व िफर भी करत ह उदाहरण क िलए असफल लोग अनशासन और महनत करना पसद नही करत सफल लोग भी अनशासन और कड़ी महनत नापसद करत ह लिकन व िफर भी ऐसा करत ह कय िक य लोग उन काम को करन की आदत डाल लत ह िज ह असफल लोग नही कर पात नजिरय और सोच का तरीका एक आदत ह और इस बदला जा सकता ह सही ि ट और सतलन कमरचािरय म काम क सबध म सही ि ट बनाय रखन की परवि त िवकिसत करना ज री ह जब कछ गलत हो रहा होता ह तो उस ठीक करना परबधन का ही काम होता ह समझा यह जाता ह िक परायः हम गलत हो रह काम को लकर इतन िचितत हो जात ह िक जो सही हो रहा ह उस भी अनदखा करन की हमम आदत होती ह

दरअसल सफल लोग का राज यह ह िक व काम करन की उन आदत को डाल लत ह जो असफल लोग करना नही चाहत

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अकषय कराित उदाहरण क िलए अगर िकसी स कोई गलती हो जाती ह तो हम एकदम उस पर िच ला पड़त ह या उसक िव दध काररवाई कर बठतहअ छा यह रहगा िक आप उस अलग ल जाकर अकल म बात कर अगर परशसा करनी हो तो सबक सामन कर

अगर िकसी स सहमित न बन तो उस पर करोध करना ज री नही ह अगर अपन करोध पर काब रखग तो लोग अपनी असहमित को अ यथा नही लग अगर आप अपन िवचार को खला रखग तो दसरी ओर स भी आप ऐस ही यवहार की अपकषा कर सकत ह परायः लोग अपनी सहमित कछ इस तरह जतात ह िक सामन वाला भी अपनी बात पर अड़ जाता ह समझन की बात यह ह िक सभी ि थितय म कवल तकर ही काफी नही होगा िकसी स असहमत होन म भी यवहार कशल होना ज री ह सबस पहल तो दसर को अपना पकष रखन का मौका द उसकी बात सन और जहा तक हो सक उसस अपनी सहमित भी परकट कर और िजन बात पर सहमित न बना सक उस समझाए

हमम स अिधकाश लोग उन किमरय और उनकी गलितय पर अ यिधक यान दत ह िजनक िलए हम काम करत ह पर अपन किमरय पर नज़र डालना भल जात ह अगर वय को उन लोग की नजर स दखा जाए तो आशातीत पिरणाम दखन को िमलत ह

आ म मथन आप कया करना चाहत ह कसा करना चाहत ह - इस सोच को

वतरमान म अपन अदर मथन करन को आ म-सझाव कहत ह एक बार सब म जब इसकी पिरपाटी श हो जाती ह तो यह हमार अदर िवजञापन की तरह काम करता ह अपन बार म अपन िलए अदर ही परचािरत करता ह इसका हमार चतन और अवचतन (Sub-concious) मन दोन पर परभाव पड़ता ह अततः यह हमार नजिरए और यवहार को परभािवत करता ह और धीर-धीर आदत का प लता ह यह दरअसल अपन अवचतन मन को ढ़ालन या परोगराम करन की िविध ह

हमम स अिधकाश लोग उन किमरय और उनकी गलितय पर अ यिधक यान दत ह िजनक िलए हम काम करत ह पर अपन किमरय पर नज़र डालना भल जात ह

प ठ 21

अकषय कराित आ म-सझाव अ छ या बर हो सकत ह जब हम बर आ म-सझाव को बार-बार दोहरात ह तब हमारा अवचतन मन उन पर िव वास करन लगता ह और हम उसी को वा तव म यवहार करन लगत ह सकारा मक आ म-सझाव को बार-बार मथन करन स उसकी हमार िदलोिदमाग म त वीर बन जाती ह और वही असिलयत का प लन लगता ह एक उदाहरण क िलए जब कभी हम सबह 0600 बज टरन पकड़नी हो और हमार पास अलामर घड़ी न हो तो हम मन म कहकर उठत ह िक 0400 बज उठना ह तो कया हम नही उठत अगर उठत ह तो इसक पीछ आ म-सझाव ही काम करता ह आ म-सझाव एक रा ता ह िजसस हम अपन िदमाग को परोगराम करक ढ़ालत ह सकारा मक आदत को िवकिसत करन म आ म-सझाव की परवि त मह वपणर िसदध हो सकती ह हमार नजिरए और आदत को तय करन वाल कारक हमार नज़िरए को मखयतः तीन कारक परभािवत करत ह - वातावरणः घर कल आिफस मीिडया सा कितक प ठभिम धािमरक प ठभिम परपराए और भाषाए सामािजक-राजनितक माहौल - य सब िमलकर एक तहजीब बनात ह चाह घर हो या आिफस या अ यतर - हर जगह हर िकसी की अपनी तहजीब होती ह उदाहरण क िलए हम एक दकान म जात ह तो वहा का स समन बड़ अदब वाला होता ह लिकन वही जब दसरी दकान पर जात ह तो वहा का स समन कभी-कभी बड़ा खा और बदतमीज िमल जाता ह उसी तरह िकसी क घर म यार भरा माहौल िमलता ह तो िकसी क घर म हमशा लड़ाई-झगड़ का इसी तरह जब सरकार और राजनीितक माहौल ईमानदारी का होता ह तो लोग भी ईमानदार मददगार और कानन का पालन करन वाल होत ह बईमान और भर ट माहौल म िजस तरह एक ईमानदार का जीना मि कल होता ह उसी तरह ईमानदारी भर माहौल म बईमान यिकत को मि कल होती ह िन सदह अ छ वातावरण म मामली कमरचारी म वमव अ छी आदत िवकिसत होती ह और उसकी कायर करन की शिकत बढ़ जाती ह जबिक खराब माहौल म अ छा काम करन वाल की भी कषमता िगर जाती ह

सकारा मक आदत को िवकिसत करन म आ म-सझाव की परवि त मह वपणर िसदध हो सकती ह

प ठ 22

अकषय कराित कायर-स कित का बहाव ऊपर स नीच की ओर होता ह नीच स ऊपर की ओर कभी नही यह दखना बहत ज री ह िक हमन अपन िलए और आस-पास क लोग क िलए कसा वातावरण तयार िकया ह खराब वातावरण म अ छ की उ मीद करना बमानी ह अनभवः हम अपन जीवन म अपन काम-काज म हालात स जसा अनभव पात ह वह हमारी आदत का िह सा बन जात ह और उसी क अनसार हमारा यवहार होता ह अगर िकसी क परित हमारा अनभव अ छा होता ह तो हमारा नज़िरया भी अ छा होता ह ज री ह िक कमरचािरय को ऐसा कायर-पिरवश िमल िजसस उनक अवचतन म अ छ अनभव की छाप अिकत हो

परिशकषण भी ज़ री यहा िसफर सदधाितक जञान ही काफी नही होता बि क औपचािरक और अनौपचािरक दोन ही तरह की िशकषा व परिशकषण ज री ह जञान और जानकारी को यिद योजनाबदध तरीक स परयोग िकया जाए तो उसस बौिदधक तर को बढ़ान म आशातीत सफलता िमलती ह काम करन की कला अ छी िशकषा स ही आती ह ज री ह िक परिशकषण म मनोवजञािनक सामािजक आिथरक व अ य पहल को समझन की आदत िवकिसत की जाए अवचतन म यह िबठाना बहत ज री ह िक जीवन की भ यता काम क वारा ही सभव ह स थान म सभी को लगना चािहए िक उनका काम मह वपणर ह यही परबधन कला का सार ह जब कमरचािरय को ऐसा एहसास होन लगता ह तो उनक नज़िरए म बदलाव आन लगता ह उपसहारः काम क परित लोग म अ छी आदत िन िपत करन और उनम उ साह जगान स कायर-िन पादन म िनरतर िनखार आता ह दरअसल हर यिकत म मानिसक और शारीिरक ऊजार उ प न होती ह िजसक िलए काम ही सबस अ छा िनकास ह एक िवचारक क अनसार lsquoआप पछत ह म लगातार काम कय करता ह

यहा िसफर सदधाितक जञान ही काफी नही होता बि क औपचािरक और अनौपचािरक दोन ही तरह की िशकषा व परिशकषण ज री ह

प ठ 23

अकषय कराित इसका वही कारण ह िजस कारण स मगीर अ ड दती जाती ह rsquo काम क िबना इसान घट सा जाता ह उस काम की उतनी ही ज रत होती ह िजतनी हवा की आव यकता ह िक उस सही वातावरण उपल ध करान और सही िदशा म अिभपरिरत करन की व ततः हर यिकत अदर स गिरमा और आ मस मान की चाह रखता ह आव यकता ह उस अतःपरिरत करन की लोग को खद स परिरत करन क िलए हम उनकी ज रत और इ छाओ को समझना होगा पररणा कायरकषमता और आदत क बीच सीधा सबध ह जो लोग उतना ही काम करत ह िक उनकी नौकरी बची रह तो ऐस लोग िकसी भी स थान क िलए मह वपणर नही हो सकत अतपररणा स सोच म बदलाव लाया जा सकता ह पररणा आग क समान होती ह

कमरचािरय को िजतना परिरत िकया जाएगा उनम उतनी ही सकारा मक आदत का िवकास होगा कमरचािरय को उिचत स मान दकर उनक कायर को अिधक मनोरजक बनाकर परबधन वारा उनकी बात को गौर स सनकर उनकी सम याओ और सझाव पर गौर करक उ ह वय ल य िनधारिरत करन क िलए परो सािहत करक िवकास क नय अवसर उपल ध कराकर आव यकतानसार समय-समय पर समिचत परिशकषण िदलाकर तथा नयी चनौितय स जझन क िलए परो सािहत करक िन सदह उनक आचार और यवहार को सकारा मक िदशा म पाियत िकया जा सकता ह

कमरचािरय को िजतना परिरत िकया जाएगा उनम उतनी ही सकारा मक आदत का िवकास होगा

ई-पितरका म लख आिद म परकट िवचार

मलतः लखक क ह तथा यह आव यक नही ह िक

इरडा भी इन िवचार स सहमत हो

प ठ 24

अकषय कराित

िबिटया

आख म मोती लकर तम िबिटया जाती हो हा जाओ िशकषा का उपहार द रह िवदा समय यह लो ल जाओ इन पराण म परीित त हारी ममता क धन िसदरी इन नयन की बद पली परकट करती ह मजबरी लाचारी ह िफर पराण म क य ह इतनी आकलता

जब इस रीित पर पराओ म वश न िकसी का ह चलता िपतकल को तजकर अब िबिटया पित-कल म जाना होगा

नटखटपन को छोड़ धमर का ही िजसम बाना होगा इस घर की तम बड़ी लाडली पराण स यारी िबिटया

चली लाकर आज सभी को िपता की कर सनी किटया िजन हाथ न लाड़ चाव स अब तक था िजसको पाला उन हाथ न ही िबिटया को दलह राजा जी को द डाला

िजसका दख जरा मन मला हो जाती थी हरानी क यादान उसी का कर क दय बनाया पाषाणी

िकया न जाता था पल भर को इन आख स दर िजस मोती झरत िवदा द रहा आज सकल पिरवार उस अपनी मा क जीवन की तम परित-पल हो आधार रहो

िवजयता िपता क दय मिदर की िबिटया तम साकार रही आज जीवन क सख-दख सार वही िबतान तम लो जान आओगी जब कभी यहा तम होगी महमान समान

सतीश कमार कलावत इरडा

इस घर की तम बड़ी लाडली पराण स यारी िबिटया चली लाकर आज सभी

को िपता की कर सनी किटया

प ठ 25

ससराल की कभी बराई कही न मह पर आ जाव धमर कमर क तर य पथ म पाव नही िडगन पाव

सात परितजञाय जो तमन अिग नदव स मख की धारण द पि त जीवन का मह व ह करना स च मन स पालन

बटी इन सात बचन का यान दय म रह सदा दोन कल की लाज इसी म भला न दना इस कदा पित ही ह सवर तर त हार पित ही को जीवन समझो

जो कछ कह उसी को मान उनको िबिटया तम धन समझो शीलवती तम बन िबिटया पित-भक त मना सदर िनस दह वय उपजग क प-वकष घर क अ दर

पहन सिशकषा की साड़ी को शभ गण भषण अपनाओ दस लकषण शभ लकषण धार िन य नय मगल गाओ यह िशकषा उपहार दय का तम को राह िदखायगा भल भटक कर भी अिधयारा पास न आन पायगा

हम सब की आख स मोती उर स िनकल रही आशीष सभी सख स पणर परफि लत कर त ह दलह राजा की ईश

अकषय कराित

िजन हाथ न लाड़ चाव स अब तक था िजसको पाला उन हाथ न ही िबिटया को दलह राजा जी को द डाला

प ठ 26 अकषय कराित

ldquoपयारवरणrdquo श द पिर+आवरण स बना ह अथारत बा य आवरण को ही पयारवरण कहत ह इस बा य आवरण का ता पयर हमार चार ओर क वातावरण और पिरवश स ह िजस हम दसर श द म परकित भी कह सकत ह प वी पर िव यमान सपणर जीव-जगत क अि त व जीवन-यापन एव चहमखी िवकास म परकित की मह वपणर भिमका ह मानव बिदधजीवी पराणी ह और परकित क मह व स भली-भाित पिरिचत होन क कारण ही सिदय स परकित की पजा करता रहा ह

विदक काल स ही परकित तथा मानव क बीच जीवन ततर का अटट सबध रहा ह हमार पराचीन ऋिष-मिनय न प वी म हवा पानी िमटटी पड़-पौध जीव-ज तओ और मानव क सिकरय सहयोगा मक सतलन को यान म रखकर ही परकित को प य माना धमर क साथ परकित को जोड़कर उ ह न परकित को पयार त मह व िदया व जानत थ िक िजस परकार जीवन क िलए भिम की आव यकता होती ह उसी परकार वन पितया व अ य पराणी भी आव यक ह य सभी परकित क अिभ न अग ह इनम स एक क भी न ट होन का परभाव दसर पर पड़ता ह और पिरणाम व प पराकितक असतलन पदा हो जाता ह व तत प वी म हवा पानी िमटटी पड़-पौध जीव-ज तओ और मानव का सिकरय सहयोगा मक सतलन रहता ह पड़-पौध भिम को उपजाऊ बनात ह िमटटी को बाधकर रखत ह बरसात करवान तथा जल एव वाय को व छ रखन म सहायक होत ह परत आज क बढ़त औ योिगकीकरण और शहरीकरण न परकित और मानव क बीच असतलन उ प न कर िदया ह यह असतलन अिशकषण बढ़ती जनसख या शहर की ओर पलायन वकष की कटाई गगनचबी इमारत बड़-बड़ उ योग की थापना आिद क कारण ह और यही पयारवरण परदषण क मख य कारण ह मटरोपोिलटन एव बड़ शहर म अनक काबरिनक और अकाबरिनक गस जस ndash काबरन-मोनोऑक साइड अमोिनया आिद परदषण क मख य ोत ह

वतरमान पयारवरण -21वी सदी की चनौती

लख सरीन सल

विदक काल स ही परकित तथा मानव क बीच जीवन ततर का अटट सबध रहा ह

प ठ 27 अकषय कराित मन य न अपनी भितक सख-सिवधाओ की आपित र क िलए परकरित स

िखलवाड़ िकया ह वतरमान मशीनी यग म मन य वारा परकित क अ यिधक दोहन एव िनत नए कारखान की थापना स पयारवरण सकट उ प न हआ ह मानव न परकित क साथ जो अ यायपणर यवहार िकया ह उसी क फल व प परकित का िवरोधी रवया हआ ह िजस भिव य म सह पाना मि कल होगा

अिशकषा क कारण दश की तजी स बढ़ती आबादी क आवास की मलभत आव यकता को परा करन क िलए वकष की कटाई करक ऊची-ऊची इमारत बनाई जा रही ह वकष की अधाधध कटाई स भिम की ऊवररा शिक त का तो ास हो ही रहा ह साथ ही परदषण जसी िवकराल सम या भी ज म ल रही ह

परदषण पयारवरण क ास का परमख कारण ह िवकासशील दश िनत नए उ योग की थापना करक बराजगारी की सम या को तो दर कर रह ह िकत इसस जल वाय विन तथा िविभ न परकार क परदषण बढ़ रह ह कल-कारखान और मोटर स िनकलन वाल धए स वाय परदषण हो रहा ह जल थल व नभ क मागर पर शिक त चािलत वाहन विन परदषण का मख य ोत ह शहरीकरण और औ योिगकीकरण क कारण शदध पयजल की सम या िवकराल प धारण कर रही ह कारखान स िनकलन वाल कड़-कचर क निदय म िमलन स जल परदषण हो रहा ह रासायिनक खाद और कीटनाशी दवाओ स मदा परदषण का खतरा बन गया ह

इस परकार जनसख या विदध शहरीकरण औ योिगकीकरण एव परदषण जसी सम याओ न पयारवरण को बरी तरह परभािवत िकया ह आज सपणर िव व पयारवरण को लकर िचितत ह इस भयावह ि थित स बचन क िलए पर यक यिक त को पयारवरण क परित जाग क करना आज की अिनवायर आव यकता ह

इस िदशा म सवरपरथम िनरकषरता को समा त िकया जाना चािहए साकषर भारत की पिरक पना म जनसख या विदध दर वय िनयितरत हो जाएगी करल रा य इसका परमाण ह जहा साकषरता क साथ-साथ जनसख या िनयतरण भी ह

जल थल व नभ क मागर पर शिक त चािलत वाहन विन परदषण का मख य ोत ह

प ठ 28 अकषय कराित

इसक बाद बात आती ह परदषण िनवारण की आज िव व भर क

वजञािनक और पयारवरणिवद इस िदशा म कायररत ह सवरपरथम वन क काटन पर परितबध लगाया गया ह और वन सपना क िव तार हत वकष लगान क िलए परो सािहत िकया गया इसक िलए सरकार की ओर स वकष आिद िनश क उपल ध कराए जात ह ldquoपयारवरण परदषण स थाrdquo और व छ वाय अिधिनयम जस िविधक उपाय स वाय परदषण पर रोक लगान का परयास िकया जा रहा ह जहरील धआ उगलन वाल कारखान तथा वाहन पर भारी आिथरक दड का परावधान ह िविभ न सचार मा यम mdashदरदशरन समाचार-पतर तथा आकाशवाणी क मा यम स जनता को पयारवरण क परित जाग क करन क परयास िकए जा रह ह निदय म खलन वाल परदषण ोत को बद करन की योजनाए चलाई जा रही ह पािलथीन क परयोग को बद करन क िलए चलाया जा रहा ह अिभयान भी परशसनीय ह

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह इस खतर स सपणर भमडल का अि त व न ट हो जाए इसस पहल हम पयारवरण की सरकषा करन का सक प लना होगा

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह

िस धी होन क प चात भी मझ बगाली रीित िरवाज़ िमठाइया यहा का पहनावा अगरज क ज़मान की बनी सरचनाए एव भवन इ यािद म बहत िदलच पी एव िच थी

प ठ 29 अकषय कराित

यातरा स मरण-कोलकाता-खिशय हषर का शहर(िसटी ऑफ जॉय)

सोिनया सिह वानी पीईसी िलिमटड

म पी ई सी िलिमटड नामक कपनी क िविध ककष म उप िविध परबधक क पद पर कायररत ह सन 2010 जन स इस कपनी म मन परबधन परिशकष क प म अपनी पहली नौकरी की श आत की पी ई सी िलिमटड वािण य मतरालय क अतगरत आन वाली आयात-िनयारत यापार स स बिधत क पिनय म स एक ह इस स दभर म जनवरी 2011 म िविभ न िवभाग क परबधन परिशकषओ को ओिरएटशन हत काडला कोलकाता इ यािद शहर म भजन का कायरकरम िनि चत िकया गया कोलकाता क पास हि दया पोटर होन क कारण कोलकाता शहर चना गया जहा पी ई सी वारा आयात की गयी व तए पोटर गोदाम म रखी जाती ह साथ ही म कोलकाता पोटर िभ न गोदाम इ यािद दखन की यव था की गयी एव सची म समावश िकया गया यह सनकर मरी ख़शी का िठकाना न रहा क य िक मन कोलकाता शहर क बार म सना बहत था पर त कभी दखा न था िस धी होन क प चात भी मझ बगाली रीित िरवाज़ िमठाइया यहा का पहनावा अगरज क ज़मान की बनी सरचनाए एव भवन इ यािद म बहत िदलच पी एव िच थी आिखरकार मझ मौका िमला और जनवरी की कड़ाकदार ठ ड क बीच हम एक रिववार शाम कोलकाता राजधानी स अपनी मिजल की और िनकल पड़ िद ली स कोलकाता क सफ़र क बीच हमारी गाड़ी इलाहाबाद गया िबहार तथा धनबाद जस शहर स होत हए बगाल की ओर पहची हसत-गात खलत-खात हए हम अगली सबह हावड़ा जकशन पहच गए रलगाड़ी स उतर कर टशन स बाहर िनकलत ही मझ िसटी ऑफ जॉय क नाम स मशहर कोलकाता की पहली झलक िदखाई दी ऐसा लगा मानो मझ भारत क दो पहल एकसाथ जीत हए नज़र आए एक तरफ थ टशन स बाहर एव अ दर जात हए स दर कपड़ गहन म लद हए कोलकाता क बगाली िनवासी साथ म बड़ी-बड़ी गािड़य म घमत कोलकाता क नौजवान और ठीक दसरी तरफ मरी नज़र पड़ी हगली नदी पर बन परिसदध हावड़ा िबरज पर िजस दख एक अलग ही दिनया का एहसास हआ

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह

िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी

एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया नतीजा मर समकष था

प ठ 30 अकषय कराित

हावड़ा िबरज पर हर तरफ लोग का जमावड़ा था इतन लोग दख िद ली क चादनी चौक की याद आ गयी ऐसा लगा मानो म 50 साल पीछ िकसी लक एव वाईट दिनया म कदम रख चकी थी िबरज क दोन तरफ सामान बचत हए दकानदार िखलौन मछली रख हए औरत एव छोट-छोट ब च मख य शहर स हावड़ा जान वाल आम आदमी मजदर की तज़ र तार फरी स र ता पार करन वाल यापारी इन सब को दख लगा कोलकाता म मबई जसी भागम भाग भी थी िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया नतीजा मर समकष था जस-जस म कोलकाता शहर क भीतर आन लगी मझ इस शहर क िवकास की झलक िदखाई दी एक तरफ थी ऊची ईमारत सदर िवशाल िव यासागर सत पल बड़-बड़ होटल माल कोलकाता उ च यायालय राईटसर िबि डग मशहर इडन गाडरन टिडयम इ यािद तो दसरी तरफ था िवक टोिरया ममोिरयल अगरज की वा तकला क अनसार िदखती लाल ईटो की इमारत िवक टोिरयल सरचनाए भवन छोटी-छोटी पटिरय पर समान बचत नया बाज़ार (New Market) क दकानदार एव िवक टोिरया ममोिरयल क बाहर चलत सलािनय क िलए रथ वाल घोड़ हमारा होटल जसीबोस सड़क पर ि थत था एव सिवधाओ स भरपर था पर त मन य जाना िक असली कोलकाता का मज़ा गाड़ी म नही अथवा िरक शा ऑटो तथा साल स चलती आ रही सड़क पर टराम म था

हर तरफ मझ पील रग की टिक सया िदखाई दी सब एक समान थी तथा मरसीडीज़ गाड़ी क बगल म चलती 1-2 पय म सफ़र की जान वाली टराम भी साथ िदखाई दी परी िजदगी िद ली म यतीत करन क बाद हर नए शहर का रहन-सहन बोल-चाल रीित-िरवाज़ जानन की जाग कता मझम हमशा रही पहल ही िदन स कोलकाता मझ रास आया जस िक कहत ह lsquoकोलकाता हमार खब भाला लागली छ rsquo कहन का ता पयर य िक मझ कोलकाता बहत अ छा लगा पहल िदन िक शाम को हमन य मािकर ट म खरीददारी करन का मन बनाया म हरान थी िक वहा चीज िकतनी स ती िमल रही थी िद ली क मतािबक एक ितहाई दाम पर चिडया गहन बग जत कत इ यािद िमल

िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया

प ठ 31 अकषय कराित य मािकर ट िद ली क लाजपत एव सरोिजनी नगर समान ह कम

दाम म अ छा समान िमला कोलकाता चमड़ क िलए भी मशहर ह एव परिसदध ी लदसर दकान भी इस बाज़ार म ि थत ह यहा खरीदारी का हमन खब ल फ़ उठाया

अगल िदन हम हि दया पोटर गए एव अनक जहाज़ दख 3-4 घट की दरी पर ि थत यह पोटर अनक एकड़ म फला हआ था पहली बार इतन बड़ जहाज़ को अदर स दख खब आनद आया तीसर िदन हम काली बाड़ी मिदर गए बगाली अ यत पाठ-पजा वाल दगार मा क स च उपासक ह यह सब जानत ह दगार पजा इनका लोकिपरय उ सव ह तथा काली मा एव दगार मा की स च मन स पजा करत ह कोलकाता क िनवासी भिक त भावपणर ह यह सना था अब खद दख भी िलया बगाली र म स पजा करन का य मौका अ यत आनदमयी था इसक अलावा काली बाड़ी क नज़दीक ही ि थत ह गौिरहाट बाज़ार यहा की दकान बगाली सािड़या कपड़ सट कत इ यािद क िलए परिसदध ह आिद धक तशवर नामक मशहर दकान म जाकर मरा भी मन िकया िक म भी खरीददारी क मर सािथय न बहत सािड़या खरीदी एव दाम दखकर म दग रह गई सदर स सदर साड़ी मातर 600700 पय की थी मन बगाल की मशहर लाल एव सफद िपरट की साड़ी भी खरीदी कोलकाता म खरीददारी का अलग की मज़ा ह उसी िदन शाम हम सा ट लक िसटी मॉल गए वह सा ट लक टिडयम क नज़दीक ह यहा िदखाई िदया कोलकाता का परगितशील प नौजवान फटबाल की जसीर पहन माल म घम रह थ एक स एक

मशहर बरड वहा मौजद थ इसक अलावा कोलकाता क िनवासी खब मनोरजन क शौक़ीन ह सगीत नाच गाना इ यादी म िच रखत ह कोलकाता म जगह-जगह सगीत कला अकडमी तथा पढ़न (रीिडग) क क लब ह अगरज क शौक तथा रहन-सहन की झलक आज भी यहा िदखती ह यहा क नौजवान को खल-कद म भी खब िदलच पी ह फटबाल का तो जस यहॉ सबको जनन ह

भारत क परिसदध मोहन बगान फटबाल क लब फटबाल क वहा क नौजवान ही नही परा शहर ही दीवाना ह भारत-पाक मच हो या आई पी एल इडन गाडरन मदान लोग स खचा-खच भरा रहता ह अफ़सोस म वहा अदर जा न सकी

इसक अलावा काली बाड़ी क नज़दीक ही ि थत ह गौिरहाट बाज़ार यहा की दकान बगाली सािडया कपड़ सट कत इ यािद क िलए परिसदध ह

प ठ 32 अकषय कराित

मर सफर क आखरी िदन म मन कोलकाता क लोग म एकता क नजार दख िविभ नता म भी एकता का उदाहरण दखा चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख िजस िदन हम कोलकाता पहच थ उसी िदन वहा शहर बद था और मन एक जट होकर लोग को अपनी बात कहत हए दखा एव सना यहा क लोग अपन शहर क िवकास बहतरी क िलए जाग क ह िज मदारी लत ह तथा सरकार को अपनी बात भली-भाित कहत ह लड़िकय औरत की इ ज़त करत ह एव यहा िक मिहलाओ को मन िनदरलीय पाया जहा एक ओर भारत की राजधानी होन क बावजद िद ली वाल अपनी िजदगी म मगन रहत ह वही दसरी और कोलकाता म अमीरी-गरीबी िभ न जाितय म भी एक जटता ह कपड़ा एव खाना आज भी यहा खब स ता िमलता ह पर त दसरी तरफ सब जानत ह िक बड़-बड़ उ योगपित िव वान लखक िखलाड़ी गायक अिभनता िनदशक यहा स उभर ह सािह य हो या लख बॉलीवड हो या िकरकट बगाल न भारत को अनक नाम एव गौरव िदए ह चाह सौरव दादा हो या रिव दर नाथ टगोर ममता बनजीर रानी मखजीर हो या योित बस भारत म इनकी भिमका का वणरन करन की ज रत नही

मन कछ िदन क कोलकाता क सफर म इस शहर को जानन समझन का परयास िकया हगली नदी क िकनार खड़ होकर समदर को दखा निदय को िनहारा िव यासागर सत िबरज की सदरता िवशालता को सराहा क सी दास की परिसदध िमठाई का ल फ उठाया मन बहत शहर घम पर त यह सफर मर िलए सबस यादगार रहा कोलकाता परगित क मागर पर िनरतर बढ़ रहा ह पर त आज भी वह अपनी जड़ नितक म य को नही भला ह एक आम आदमी आज भी टराम म या फरी स सफर करता ह यहा क िनवासी दो पय स लकर 500 ० का खाना खात ह पराना एव नया कोलकाता एक साथ जीिवत ह िसक क क दो पहल की तरह कोलकाता क यह दो प को एक साथ रहत दख बहत आनद आया

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 33 अकषय कराित

जल परकित का अनपम उपहार ह मानव जाित अपन परादभारवकाल स ही इस उपहार का उपयोग अपन िहत क िलए करती आई ह जल वह पराकितक उपहार ह िजसका कोई िवक प नही ह इसिलए जल को अमतया जीवन भी कहा गया ह जल क िबना जीवन की सभावना भी नही ह पर यकष प स तो जल की मानवीय आव यकता सीिमत ह परत परोकष आव यकताओ पर नजर डाल तो दिनक जीवन की आव यकताए जस अ न फल स जी दध स लकर हमार पहराव आवास तक सब जल स जड़ हजल का जरा भी सतलन िबगड़ जाए तो जीवन यापन क टपरद होन म दर नही परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह जल क सामा य त य जल या पानी एक आम रासायिनक पदाथर ह जो जीवन क सभी जञात प क जीिवत रहन क िलए ज री ह आमतौर पर जल अपनी दरव अव था म उपयोग म लाया जाता ह पर यह ठोस अव था बफर और गस अव था जल वा प या भाप प म भी पाया जाता ह प वी क लगभग तीन चौथाई िह स पर िव व क महासागर का अिधकार ह अनमानत प वी पर जल की कल मातरा लगभग 1400 िमिलयन घन िकलोमीटर ह जो िक प वी पर 3000 मीटर गहरी परत िबछा दन क िलए काफी ह तथािप जल की इस िवशाल मातरा म व छ जल का अनपात बहत कम ह प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह शष जल झील निदय वायम डल नमी मदा और वन पित म मौजद ह जल की जो मातरा उपभोग और अ य परयोग क िलए व ततः उपल ध ह वह निदय झील और भजल म उपल ध मातरा का छोटा-सा िह सा ह इसिलए जल ससाधन िवकास और परब ध की बाबत सकट इसिलए उ प न होता ह कय िक अिधकाश जल उपभोग क िलए उपल ध नही हो पाता

परभावी जल परबधन और दश का िवकास

दीपक आहजा ओएनजीसी िवदश

प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह

प ठ 34 अकषय कराित

और दसर इसका िवषमतापणर थािनक िवतरण इसकी एक अ य िविश टता ह फलतः जल का मह व वीकार िकया गया ह और इसक िकफायती परयोग तथा परब ध पर अिधक बल िदया गया ह प वी पर उपल ध जल जल-चकर क मा यम स चलायमान ह जल लगातार एक चकर म घमता रहता ह िजस जलचकर कहत ह इसम वा पीकरण वषार और बह कर सागर म पहचना शािमल ह हवा जल वा प को थल क ऊपर उसी दर स उड़ा ल जाती ह िजस गित स यह बहकर सागर म पहचाता ह जल चकर का िचतर नीच पर तत िकया गया ह

अिधकाश उपभोकताओ जस िक मन य पशओ अथवा पौध क िलए जल क सचलन की ज रत होती ह जल ससाधन की गितशील और नवीकरणीय परकित और इसक परयोग की बार बार ज रत को ि टगत रखत हए यह ज री ह िक जल ससाधन को उनकी परवाह दर क अनसार मापा जाए इस परकार जल ससाधन क दो पहल ह अिधकाश िवकासा मक ज रत क िलए परवाह क प म मािपत गितशील ससाधन अिधक परासिगक ह आरिकषत भ डार की ि थर अथवा िनयत परकित और साथ ही जल की मातरा तथा जल िनकाय क कषतर की ल बाई व म यपालन नौ सचालन आिद जस कछक िकरयाकलाप क िलए भी परासिगक ह

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 35 अकषय कराित

जल का यय अप यय जल क बार म एक नही कई च कान वाल त य ह िव व म और िवशष प स भारत म जल िकस परकार न ट होता ह इस िवषय म जो त य सामन आए ह उस पर जाग कता स यान दकर जल क अप यय को रोका जा सकता ह अनक त य ऐस ह जो हम आन वाल ख़तर स तो सावधान करत ही ह दसर स पररणा लन क िलए परो सािहत करत ह और पानी क मह व व इसक अनजान ोत की जानकारी भी दत ह प वी पर पदा होन वाली सभी वन पितया स भी हम पानी िमलता ह

आल और अनानास म 80 परितशत और टमाटर म 95 परितशत पानी ह पीन क िलए मानव को परितिदन 3 लीटर और पशओ को 50 लीटर पानी

चािहए भारत म 83 परितशत पानी खती और िसचाई क िलए उपयोग िकया जाता

ह इज़राइल म औसतन मातर 10 सटीमीटर वषार होती ह इस वषार स वह

इतना अनाज पदा कर लता ह िक वह उसका िनयारत कर सकता ह दसरी ओर भारत म औसतन 50 सटीमीटर स भी अिधक वषार होन क बावजद अनाज की कमी बनी रहती ह

िपछल 50 वष म जल क िलए 37 भीषण ह याकाड हए ह भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल

चलती ह पानी ज य रोग स िव व म हर वषर 22 लाख लोग की मौत हो जाती ह यिद बरश करत समय नल खला रह गया ह तो पाच िमनट म करीब 25

स 30 लीटर पानी बरबाद होता ह बाथ टब म नहात समय 300 स 500 लीटर पानी खचर होता ह जबिक

सामा य प स नहान म 100 स 150 लीटर पानी खचर होता ह िव व म परित 10 यिकतय म स 2 यिकतय को पीन का शदध पानी

नही िमल पाता ह परित वषर 6 अरब लीटर बोतल पक पानी मन य वारा पीन क िलए

परयकत िकया जाता ह मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 36 अकषय कराित

िद ली मबई और च नई जस महानगर म पाइप लाइन क वॉ व की खराबी क कारण रोज़ 14 स 44 परितशत पानी बकार बह जाता ह

निदया पानी का सबस बड़ा ोत ह जहा एक ओर निदय म बढ़त परदषण रोकन क िलए िवशषजञ उपाय खोज रह ह वही कल कारखान स बहत हए रसायन उ ह भारी मातरा म दिषत कर रह ह

भारत म जल सकट नासा की एक िरपोटर न पानी को लकर दश भर म बढ़ती जा रही लापरवाही क परित आख खोली ह इस िरपोटर म भारत म सख की ि थित पदा होन क िलए िज मवार कारण म स एक अहम कारण अधाधध जल दोहन को बताया गया ह बतात चल िक दश भर क 604 िजल म स 161 सख की मार झल रह ह वस अब बताया जा रहा ह िक सख की मार स बहाल िजल की सखया बढ़कर 246 हो गई ह यानी कहा जाए तो आधा दश सख की चपट म ह बहरहाल नासा की इस िरपोटर म बताया गया ह िक भारत क कई रा य कषमता स यादा जल दोहन कर रह ह यहा कषमता स ता पयर यह ह िक उनस िजतन सलाना जल दोहन की उ मीद कदर करती ह व उसस कही यादा जल दोहन कर रह ह नासा न यह अ ययन 2002 स 2008 क बीच

की ि थितय क आधार पर िकया ह इस िरपोटर म बताया गया ह िक पजाब हिरयाणा और राज थान हर साल औसतन 177 अरब कयिबक मीटर पानी जमीन क अदर स िनकाल रह ह जबिक कदर की तरफ स लगाए गए अनमान क मतािबक इ ह हर साल 132 अरब कयिबक मीटर पानी ही जमीन क अदर स िनकालना था इस तरह स दखा जाए तो य तीन रा य िमलकर कषमता स 30 फीसदी यादा पानी का दोहन कर रह ह जािहर ह िक िबना कछ सोच-िवचार जब इस पमान पर पराकितक ससाधन का दोहन िकया जाएगा तो परकित भी बदला लगी और वही हो रहा ह इस िरपोटर म यह भी बताया गया ह िक भारत का महज 58 फीसदी भजल ही हर साल िरचाजर हो पाता ह नासा की यह िरपोटर बताती ह िक अधाधध जल दोहन की वजह स पर उ तर पि चम भारत क भजल तर म हर साल 4 सटीमीटर यानी 16 इच की कमी आ रही ह इस अ ययन को अजाम दन म नासा क जल िवजञानी मट रोडल न अहम भिमका िनभाई ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 37 अकषय कराित

उनक हवाल स इस िरपोटर म बताया गया ह िक दश क उ तर पि चम कषतर म 2002 स 2008 क दौरान तकरीबन 109 कयिबक िकलोमीटर पानी की कमी हई ह यह मातरा िकतनी अिधक ह इसका अदाजा इसी स लगाया जा सकता ह िक यह अमिरका क सबस बड़ जलाशय लक मीड की कषमता स दगन स भी कही यादा ह अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह इस िरपोटर क मतािबक अगर अधाधध जल दोहन इसी तरह स जारी रहा तो आन वाल समय म भारत को अनाज और पानी क सकट को झलन क िलए अभी स तयार हो जाना चािहए जािहर ह िक जब जल सकट बढ़गा तो खती पर इसका गहरा परभाव पड़गा अनाज क उ पादन म कमी आएगी इस वजह स अनाज सकट पदा होगा और भख का एक नया चहरा उभरकर सामन आएगा एक बड़ा तबका जो आज भरपट भोजन कर पाता ह उसक िलए पट भर खाना िमलना मि कल हो जाएगा भखमरी की जो सम या पदा होगी उसस िफर िनपटना आसान नही होगा इसक अलावा पीन क पानी का टोटा तो होगा ही अभी ही दश क कई िह स ऐस ह जहा क लोग को पीन क िलए साफ पानी नही िमल पा रहा ह कई कषतर ऐस ह जहा गमीर क िदन म हडपप स पानी आना बद हो जाता ह वहा क लोग को हर साल बोिरग को कछ फट बढ़वाना होता ह यह सम या भजल तर क िगरत जान की वजह स ही पदा हई ह जब पीन क पानी का सकट पदा होगा तो बोतलबद पानी का कारोबार काफी तजी स बढ़गा कहन का मतलब यह िक िजसक पास पसा होगा वह अपनी यास बझा सकगा और िजसक पास पसा नही होगा उस अपनी यास बझान क िलए भी सघषर करना पड़गा ि थित की भयावहता की क पना ही िसहरन पदा करती ह भारत म दिनया का हर छठा आदमी रहता ह यानी कहा जाए तो दिनया क कल आबादी क तकरीबन सतरह फीसदी लोग भारत म रहत ह जबिक दिनया का महज साढ़ चार फीसदी पानी ही भारत म उपल ध ह ऐस म जल सम या स दो-चार होना कोई आनापिकषत बात नही ह एक बात तो तय ह िक पराकितक ससाधन म इजाफा तो नही िकया जा सकता ह लिकन इसका सरकषण अव य िकया जा सकता ह

अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह

प ठ 38 अकषय कराित

भारत म लोग िकसी एक मा यम स पयजल परा त करन पर िनभरर नही ह इस दश म 357 फीसदी लोग हडपप स 367 फीसदी लोग नल स 182 फीसदी लोग तालाब पोखर या झील स 56 फीसदी कओ स 12 फीसदी लोग पारपिरक साधन स और 26 फीसदी लोग अ य मा यम स पीन का पानी परा त करत ह इस िलहाज स अगर दखा जाए तो जल सकट को दर करन क िलए समगर कायरयोजना की ज रत ह

दरअसल भारत म गहरात जल सकट क िलए काफी हद तक पानी की बबारदी भी िज मवार ह यहा जल आपित र की यव था म काफी खािमया ह नल क जिरए घर तक पहचन वाल पानी का एक बड़ा िह सा िरस कर बबारद हो जाता ह हर शहर म फट हए आपित र पाइप आसानी स दख जा सकत ह इस बदहाल यव था क िलए सरकार क साथ-साथ सामा य लोग भी कम िज मदार नही ह एक तरफ तो सरकार पयजल क नाम पर हर साल हजार करोड़ पए का बजट बनाती ह और दसरी तरफ जमीनी तर पर हालात म कोई बदलाव नही िदखता ह सामािजक तौर पर भी जल सरकषण को लकर जाग कता का अभाव िदखता ह यह सामािजक तान-बान का ही असर ह िक लोग कही भी जल की बबारदी को दखकर उस सामा य घटना मानत हए नजरअदाज कर दत ह दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था यह अब घटकर 1800 कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर हो चका ह

दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था

प ठ 39 अकषय कराित

िवशषजञ का अनमान ह िक अगर पानी की खपत और बबारदी इसी तरह स जारी रही तो 2025 तक यह घटकर हजार कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर ही रह जाएगा उस समय तक पानी की उपल धता म आन वाली इस कमी की वजह स किष उ पादन म तीस फीसदी की कमी आन की सभावना ह इन पिरि थितय म दश की आिथरक और सामािजक ि थित का कया होगा इसका अदाजा सहज ही लगाया जा सकता ह भारत म जल सरकषण क परित आज भी आम लोग क मन म उपकषा का भाव बना हआ ह साथ ही इस कायर क िलए आव यक तकनीक की भी कमी ह जो तकनीक उपल ध ह उनस सामा य लोग अनजान ह बािरश क पानी का सगरह करक उस उपयोग म लाना एक अ छा िवक प ह पर इस तरह की कोिशश काफी सीिमत मातरा म काफी छोट तर पर हो रही ह यही वजह ह िक दश म होन वाली बािरश क पानी का अ सी फीसदी िह सा आज भी समदर म पहच जाता ह अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह अगर जल की इस िवशाल मातरा का आधा भी परयोग कर िलया जाए तो ि थित म यापक बदलाव आना तय ह शहरी कषतर म तो पानी की कालाबाजारी जोर पर ह जगह-जगह पर जल मािफया सिकरय हो गए ह िद ली क ही एक अखबार न कछ समय पहल यह बात उजागर िकया था यहा तो समानातर जल बोडर भी चलाया जा रहा ह हरानी की बात तो यह ह िक इसक बावजद भी पानी क काल धध पर अकश नही लगाया जा सका ह अहम सवाल यह ह िक कस सामा य तबक क लोग तक व छ पानी पहचाया जाए शहरी कषतर क साथ-साथ गरामीण कषतर म भी यह एक बड़ी चनौती ह आबादी म अपर यािशत विदध बढ़त शहरीकरण औ योिगकीकरण और किष उ पाद की बढ़ती माग क कारण पानी की माग िपछल कछ साल म वाभािवक प स बढ़ी ह इसक पिरणाम व प भजल ससाधन का अ यिधक दोहन हआ ह और इसका नतीजा हआ िक लगातार भजल का तर घटता जा रहा ह शहरी कषतर म ि थित बहद भयावह ह तदनसार वहा न कवल शीघराितशीघर जल ससाधन क सरकषण की ज रत ह बि क परभावी रणनीित और परबधन क जिरए त काल कदम उठान की ज रत ह

अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह

प ठ 40 अकषय कराित

खासकर इस बात को यान म ऱखकर िक िविभ न परितयोगी कषतर म कभी भी माग बढ़ सकती ह भिव य म उपयोग क िलए छत पर या सतह पर जलगरहण बनाकर वषारजल सरकषण बहद ज री ह यह पानी की बढ़ती ज रत का खयाल रखन िमटटी की नमी तर को बढ़ान शहरी हिरयाली को बढ़ान भजल तर को कितरम प स पनभररण करन और भजल की गणव ता स सधार का काम करता ह भारत म जल परबधन स दश का िवकास भारत म दिनया की 16 परितशत आबादी रहती ह लिकन दिनया क िसफर 4 परितशत जल ससाधन ही भारत क पास ह 3290000 वगर िकलोमीटर क भिम कषतर और एक अरब स यादा की आबादी क साथ भारत क एक बहलवादी िविवधता का िचतर ह िवशाल पराकितक ससाधन क साथ सप न तकनीकी और वजञािनक किमरय का भी यह दिनया म दसरा सबस बड़ा सम चय ह भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह मानव िवकास म 80 क दशक म लगभग 26 परितशत और 90 क दशक क दौरान और 24 परितशत क वारा सधार हआ ह आजादी क बाद छह दशक म भारत न जल ससाधन का अभतपवर िवकास और खा या न म आ मिनभररता शहरी कषतर ऊजार और औ योिगक कषतर और पीन का पानी क बिनयादी ढाच म तजी स िव तार दखा ह िजसका उपयोग भारत की लगभग 85 परितशत शहरी और गरामीण आबादी क वारा िकया जाता ह भारत म रा य सरकार और भारत सरकार क परितबदध और ठोस परयास की वजह स गरामीण और शहरी आबादी को सरिकषत पयजल को उपल ध करवान म काफी सफलता हािसल की ह इस उपलि ध न भजल की कमी जल जमावजल गणव ता िगरावट जल परदषण और बढ़त लवणता तर स बड़ कषतर को परभािवत िकया ह और अभी भी िविभ न रा य म गरामीण और शहरी भारत क मानव िवकास सचकाक (HDI)rsquo म बहत असमानता मौजद ह पानी क िलए कषतरीय माग तजी स बढ़ रह शहरीकरण की गित स बढ़ रही ह (अनमानत 2025 तक दश की आबादी का 50 परितशत स अिधक शहर म रहग) जनसखया विदध बढ़ती आय और औ योिगक िवकासशहरी भारत तजी स िवकास की माग क कदर क प म उभर रहा ह

भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह

प ठ 41 अकषय कराित

नतीजतन परित यिकत पानी की उपल धता िगर रही ह परधानमतरी की अ यकषता म 12वी योजना क िलए हई योजना आयोग की पणर बठक म दसर म क साथ जल परबधन पर िवशष चचार हई बठक क बाद योजना आयोग क उपा यकष म टक िसह अहलवािलया न कहा िक भ-जल कानन स लकर दसर म की यापक समीकषा ज री ह व यनाथन सिमित जहा वतरमान म भ-जल कानन की साथरकता का अ ययन करगी वही भारतीय अतिरकष अनसधान सगठन [इसरो] की मदद स पानी की उपल धता का िव तत अ ययन होगा म टक न कहा िक उसी आधार पर रणनीित तय होगी सरकार यह यान रखगी िक पानी का अिधकतम उपयोग हो सक और सभी को उपल ध हो पानी पर िकसी का एकािधकार न हो सक बतात ह िक द पयोग को रोकन क िलए श क लगान पर भी िवचार िकया जा सकता ह हालािक इसस पहल रा य सरकार स चचार होगी यह तय ह िक एआइबीपी कायरकरम म यापक बदलाव ह ग ी म टक िसह अहलवािलया न कहा िक वतरमान म इस कायरकरम का सही िकरया वयन नही हो रहा ह िलहाजा उसम पिरवतरन ज री ह सभव ह िक हर रा य म जल िनयामक परािधकरण बनान की शतर भी लगाई जाए उ ह न कहा िक जल परबधन की यापक समीकषा कर नई रणनीित तय की जाएगी कल िमलाकर रा टरीय तर पर वतरमान जल ससाधन का अिधक स अिधक करन क िलए माग को परा करन क िलए पयार त ह लिकन भिव य क अ ययन पिरयोजना ह िक जल आपित र की ि थित अगल आध सदी म अिधक किठन हो सकती ह जल सकट स िनपटन को जल सरकषण परबधन अिनवायर परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह बढ़त वि वक तापमान क फल व प अितवि ट अनावि ट अ पवि ट और असामियक वि ट हम परितवषर दख रह ह िजसका परभाव हमार जल ससाधन पर पड़ता िदखाई द रहा ह कओ व बाविडय का िमटता अि त व नदी-नाल का घटता पानी भ-गभर जल का िगरता तर िचता की पिरिध स िनकलकर खतर की घटी बनता जा रहा ह

निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह

प ठ 42 अकषय कराित

िव व भर म सीमट क अधाधध परयोग न धरातल क सहज अवशोषण कषतर को घटाया ह तथा जल बहाव भिम कटाव व बाढ़ म विदध की ह ऐसी ि थित म जल सरकषण का दािय व मातर वजञािनक व सरकार तक सीिमत न रहकर पर यक उपभोकता क कध पर आ जाता ह इसी दािय व क िनवरहन क िलए हमार पास दो िवक प सामन आत ह 1 वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई

उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

2 पािरवािरक तर पर वषार जल को सगरिहत कर उसका उपयोग कर य दोन ही परयास गरामीण कषतर म तो सरलता स अपनाए जा सकत ह परत शहरी कषतर म व ट वाटर मनजमट की बड़ी पिरयोजनाए बनाकर ही पानी को िरसाइिकल िकया जा सकता ह भ-गभर अिधकािधक जल अवशोिषत होकर

जाए इसक िलए मदानी भाग म िनयोिजत ढग स बड़-बड़ पोखर बनाकर तथा पहाड़ी कषतर म नाल -ख ड म िमटटी प थर आरसीसी क बड़-छोट डम लगाकर जल बहाव रोक भ-सरकषण बचाव व जल भडारण और धरातल जल शोषण कषतर बढ़ाया जा सकता ह िव व बक भारत सरकार वारा म य िहमालय जलागम पिरयोजना रा य क भ-सरकषण िवभाग इस कषतर म कारगर उपाय लकर

हमार सामन ह परत जनसहयोग क िबना इन पिरयोजनाओ क आशातीत पिरणाम ल पाना किठन ह वकषारोपण इस सपणर जल चकर को बल दन वाला कारक ह जल क परित चतना जागत न हई तो अव य ही अगल िव व यदध का कारण जल ही होगा

जल भोजन ह और अिगन भोजन का भकषक ह अिगन जल म और जल अिगन म िव यमान ह

- ततरीय उपिनषद 38

वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

प ठ 43 अकषय कराित

म भी गान गा सकता ह शबनम क िखलत फल क म भी गीत सना सकता ह सावन क म त झल क लिकन जब घर-घर म बादल छाय घोर िनराशा क तब म नगम गा रहा ह उ मीद की आशा क

सड़क पर खड़ बचपन की य बात सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह

हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

इस बदलत पिरवश का राग सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

गाधी जी क सपन का जो राम-रा य कहलाता ह उस भारत म सड़क पर छोट चाय पहचाता ह

कहा गई वो अ हड़ म ती कहा गया वो यार का रा ता उन हाथ स बचत झड िजन हाथ को चािहए ब ता

उस सोन की िचिड़या की म बात बतान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

कही बम की गमर हवाए कही ससद म कोहराम ह कही होत घोटाल स परशान आदमी आम ह

कही कल की िकलकारी ह कही सड़क पर बचपन ह कही चलता नही गजारा कही िवदश म काला धन ह

म स चाई गा-गाकर सबको बतलान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

बदलता भारत मनीष लाल इरडा

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

प ठ 44 अकषय कराित

करन वाल काम बहत ह यथर उलझन को छोड़ो म ला-पिड़त तोड़ रह ह तम बस lsquoअपन को जोड़ो

lsquoहम बदलग-यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का lsquoवद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का

वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हम बदलग mdash यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का वद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

प ठ 45 अकषय कराित

िसफर काला और सफ़द य ही वो दो रग थ जो तर पास सि ट बनान क आधार थ

काला वो जो कािलमा िलय ह िजस कहत ह दख िनराशा म य अपयश और वो सबकछ जो नकारा मक ह

मगर सफद ह वो रग िजसस जड़ा ह जीवन आशा सख और कीितर और वो सब कछ जो सकारा मक ह पर इन रग स तझ चन ना िमला त सोचन लगा अगर सि ट बनानी ह

तो िकस िलए- ससगर और परम क िलए और

इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग

ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह

बस- बना डाला तन इ दरधनष

जो बरसात क बाद सरज और प वी क अनपम परम को रग दता ह सतरगी रग स

और उ ही सतरगी इ दरधनषी रग म हम हर पल हर कषण डबत गहरात इतरात रहत ह

और खिशय भर ससार म हर रग को अलग-अलग तरह स महसस करक जीत रहत ह

रग तो रग ह मगर-

ससगर और परम क िलए और इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह बस-

सतरगी िचतर सगीता ीवा तव इरडा

प ठ 46 अकषय कराित

कभी पक क कभी फीक़ तो कछ कभी दाग बनकर उभर आत ह

कछ आख म नील बादल स छाए रहत ह तो कछ गाल पर गलाबी रग बनकर छलक जात ह

याद रहत ह अक सर वो रग- जो खदी पर इस तरह छा जात ह िक खद म घलकर खद क होन

का एहसास दत-दत खद का एक रग बन जात ह

बगनी आसामनी नीला हरा पीला नारगी लाल इ दरधनष क य सात रग ही जोड़त ह हमार िदल को

हमार मन को जोड़न वाल इन रग की सतरगी दिनया म-

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा बनाय

और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क

सतरगी िचतर

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा

बनाय और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क सतरगी िचतर

Page 13: Akshay Kranti Vol 3€¦ · पक्ष को प्रभािवत न कर e, बािधत व पीिड़त न कर eवह काय-र्कौशल है।

प ठ 13

अकषय कराित

कमरचािरय की आदत उनक यिक त व और िन पादन कषमता का पार पिरक सबध - एक िव लषण

हम िजस िकसी सगठन म काम करत ह उसक परित हमारा ल य होना चािहए सबिधत स थान क िलए अपनी सपणर कषमताओ का इ तमाल कषमताओ का बहतर परयोग तभी हो सकता ह जब हम अपन अदर अ छी आदत का िवकास कर हमार शा तर वद उपिनष और अ य धािमरक गरथ हम अ छी आदत क िवकास क सबध म बीज मतर बतात ह िक हम मनसा वाचा और कमरणा शदध रहना चािहए मनसा वाचा और कमरणा शदधता स ता पयर ह िक हम मन वाणी और कम स अ छ बन रह हमारी नीयत नक हो हम अपन सहकिमरय सािथय और अ य लोग क साथ अ छा बरताव कर और हमार कमर अ छ ह इस बीज मतर पर चलन वाला हमशा अपन अदर अ छी आदत का िवकास होता पायगा

असल म िदककत यही ह िक हम उपदश दन म तो आग रहत ह लिकन खद क अदर नही झाकत या कम ही झाकत ह - lsquoपर उपदश कशल बहतरrsquo सपरिसदध लखक सरदार परन िसह न एक बार कहा था आचरण की स यतामय भाषा सदा मौन रहती ह अथारत आदमी खद चप रहकर खद को ठीक रख तो इसका परभाव खद-ब-खद दसर पर पड़ता ह इसको हम एक छोट स उदाहरण स प ट कर सकत ह िक मान िलया जाए हम ब च स कह धमरपान नही करत लिकन उसक सामन खद ऐसा कर इसस इतर हम अगर यह सब करत ही नही ह तो इसका यादा असर ब च पर पड़गा अ छी आदत घर स श होकर समाज द तर और उसस आग तक हम हमशा हमारा फायदा िदलाती ह

कहा जाता ह िक व थ तन म ही व थ मन िनवास करता ह इसी तरह यह भी कहा जाता ह िक व थ वातावरण ही उ नित का योतक होता ह व थ वातावरण तभी बनगा जब उस माहौल म रहन वाल लोग

हीरा व लभ नराकास

असल म िदककत यही ह िक हम उपदश दन म तो आग रहत ह लिकन खद क अदर नही झाकत या कम ही झाकत ह - lsquoपर उपदश कशल बहतरrsquo

प ठ 14

अकषय कराित एक दसर का स मान करग खद की आदत को सधारग और उस स था की तरककी क िलए अपन तर पर हर वह काररवाई करग जो औ योिगक सगठन और लोग की उ नित म ज री होती ह

औ योिगक सगठन िकसी भी दश की अथर यव था को मजबत आधार परदान करत ह औ योिगक सगठन म परयोग होन वाल सम त ससाधन म मानव ससाधन अथारत उसम काम करन वाल कमरचारी मह वपणर और िनणारयक होत ह इन सगठन का सफल सचालन वहा कायररत कमरचािरय की कशलता और कायरकषमता पर आधािरत होता ह कशलता और कायरकषमता का ोत हमारा आचरण और यवहार होता ह जािहर ह औ योिगक सगठन म मानवीय सबध परी एक ऐसी िकताब ह िजसक िबना कभी कछ नही कराया जा सकता लोग क साथ सतोषजनक प स काम करना परबधन क काम का िसफर एक िह सा नही ह वरन सारा

काम इसी पर िटका ह कय िक सभी उ योग म मशीन माल या दसरी चीज़ क साथ कोई भी काम लोग क मा यम स ही िकया जा सकता ह तीन lsquoएमrsquo अथारत मनी मटीिरयल और मशीन औ योिगक सगठन क िलए मह वपणर ससाधन होत ह लिकन इ ह पिरणाम तक पहचान का कायर कमरचारी (man) ही करत ह जो सगठन दर अदशी रहकर कमरचािरय क जञान उनकी िविश टताओ उनक आचरण को अनकल साच म ढालन क परित सजग रहत ह वही सफलता की ऊचाइय को छत ह अगरजी म एक परानी कहावत ह -- Where the vision is one year Cultivate flowers Where the vision is ten years Cultivate trees Where the vision is eternity Cultivate people अथारत जहा दरअदशी एक साल क िलए हो तो फल लगाइय जहा दरअदशी दस साल क िलए हो तो पड़ लगाइय

औ योिगक सगठन म परयोग होन वाल सम त ससाधन म मानव ससाधन अथारत उसम काम करन वाल कमरचारी मह वपणर और िनणारयक होत ह

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अकषय कराित जहा दरअदशी अनत काल क िलए हो तो लोग का िवकास कीिजए औ योिगक सगठन म 500 आदमी ह 5000 आदमी ह 50000 ह या इसस अिधक अगर कामकाज ठीक स चलाना ह तो बहत ज री ह परबधन उनस िनभाना जानता हो यिकतगत सपकर का मह व

वातानकिलत कमर म बठकर और सचार मा यम या िकसी अ य तरीक स कमरचािरय की िरपोटर लना और आस पास होन वाल घटनाकरम को जानना अलग बात ह और कायर थल पर वय उपि थत रहकर ि थित को समझना और िनदश दना अलग बात महान जनरल रोमल की सफलता का मखय कारण यह था िक व हमशा कायर थल पर वय उपि थत होकर िनदश दत बात की पि ट करत सम याए सलझात और दखत िक काम कसा चल रहा ह रोमल का यह तरीका इतना सफल रहा िक िकसी भी औ योिगक सगठन या कारोबार म इस अपनाया जाए तो आशातीत पिरणाम सामन आ सकत ह लोग क बीच खद उपि थत होकर काम करन का कोई िवक प नही ह लोग अिधकाशतः उनको नापसद करत ह िज ह व ठीक स जानत नही ह पर एक बार जान पहचान हो जान पर हालात बदल जात ह कमरचािरय म अ छी आदत का िवकास करन की पहली शतर ह िक पहल उनक िदल म घर िकया जाए ऐस िकसी भी बरताव स बचा जाए िजसस वह अपन को उपिकषत महसस करन लग अतः सवदनशीलता का यान रखना बहत ज री ह

कमरचािरय क परित सवदनशील यवहार-कौशल और धयरपणर होन क अितिरकत इस बात पर ढ़ रहना ज री ह िक काम ठीक परकार स हो अ छ यवहार क साथ कमरचािरय को यह जताना भी ज री ह िक उनस काम का उ च तर अपिकषत ह और उस पर उनक साथ कोई समझौता नही और अगर इस पर अमल नही करत तो उ ह पता होना चािहए िक आप कड़ी काररवाई करग

सकारा मक नजिरया परबधन का एकमातर काम िनदश दना नही ह वरन उस साथ-साथ लोग का िवकास करना होता ह

महान जनरल रोमल की सफलता का मखय कारण यह था िक व हमशा कायर थल पर वय उपि थत होकर िनदश दत बात की पि ट करत सम याए सलझात और दखत िक काम कसा चल रहा ह

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अकषय कराित एक अिधकारी का मखय काम यही ह िक वह अपन साथ काम करन वाल लोग म अ छी आदत का िवकास कर उनकी सहायता कर यिद यह काम परभावशाली ढग स कर पाता ह तो इसस कवल उसक अपन काम ही बहतर नही ह ग बि क उसक पास परिशिकषत और कशल कमरचािरय का परा दल होगा जो उसक परित परी िन ठा स काम करगा इसक िलए सबस पहल कमरचािरय का नजिरया ठीक करना ज री ह उनम सबस पहल यह भावना लानी होगी िक हमार अदर जो चीज ह वही हम ऊपर की ओर ल जाती ह और वह हमारा नजिरया ह

एक आदमी मल म ग बार बचकर अपनी गज़र-बसर करता था उसक पास लाल नील पील हर-चार रग क ग बार थ जब कभी उसकी िबकरी कम होन लगती तब वह हीिलयम गस स भरा एक ग बारा हवा म छोड़ दता ब च उस उड़ता दखकर वसा ही उड़न वाला ग बारा पान क िलए मचल उठत ब च उसस ग बारा ख़रीदत और इस तरह उसकी िबकरी िफर स बढ़ जाती िदन-भर यही िसलिसला चलता रहता एक िदन वह आदमी बाज़ार म खड़ा ग बार बच रहा था अचानक उस महसस हआ िक पीछ स कोई उसका करता पकड़कर खीच रहा ह उसन पीछ मड़कर दखा तो एक छोट स ब च को खड़ा पाया उस ब च न ग बार वाल स पछा ldquoअगर आप काला ग बारा छोड़ग तो कया वह भी उड़गाrdquo ब च की बात उसक िदल म लगी और उसन यार स जवाब िदया ldquoबट ग बारा अपन रग की वजह स नही उड़ता बि क उसक अदर कया ह इस वजह स ही वह ऊपर जाता ह rdquo ठीक यही बात हमारी िज़दगी म भी लाग होती ह अगर लोग का नजिरया बहतर हो उनम अदर स काम करन की इ छा भरी हो तो व खलकर आपस म िमलकर काम करग इसस नकसान तो कम होगा ही स थान क परित िन ठा बढ़गी और लगन स काम करन का वातावरण तयार होगा िव वास हािसल करना आव यक

कमरचािरय स बहतरीन काम लन क िलए शानदार टीम लीडर होना ज री ह मटठीभर लोग का कोई समह िकला तभी फतह कर सकता ह जब

एक आदमी मल म ग बार बचकर अपनी गज़र-बसर करता था उसक पास लाल नील पील हर-चार रग क ग बार थ

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अकषय कराित जब उनका सनापित उनम वह जोश भर सक िक उ ह कोई भी ऊचाई यादा न लग अतः सबस ज री ह िक स थान म कमरचािरय की

कषमताओ का परा फायदा लन क िलए उनका िव वास जीता जाए इसक िलए उनक साथ परी इ जत स पश आना ज री ह उनकी छोटी-बड़ी खशी को बाटना और उनकी राय को परा स मान दना भी उतना ही ज री ह कई बार परबधन क उ चािधकारी या लीडर अपनी टीम क सद य स िसफर इसिलए राय नही लत कय िक उ ह लगता ह िक एक बार राय लन पर अगर उनकी बात नही मानी गयी तो उ ह बरा लगगा लिकन सबस ज री ह िक टीम म सभी सद य को िव वास म लकर काम िकया जाए यहा टीम लीडर की भिमका मह वपणर होती ह वह खद वकत का पाबद होगा तो उसक मातहत कमरचािरय म वयमव यह गण आदत का प ल लगी टीम लीडर का काम अपनी टीम का उ साह बढ़ात हए दी गयी िज मदािरय को समय स परा करना ह मगर उसम नयी चीज़ को सीखन की ललक होनी चािहए ऐसी ललक जब स थान क कमरचािरय म आदत का प लन लगती ह तो वह स थान जािहर ह नए परितमान थािपत करन लगता ह जापानी कपिनया हर बात म कमरचािरय क िहत का यान रखती ह िजसस व वय ही उ पादकता क परित सचत हो जात ह जानी-मानी टोयोटा कपनी क कमरचािरय म तो काम की ऐसी आदत सी या ललक होती ह िक व तब तक काम करत ह जब तक खद थक कर चर नही हो जात यह उनकी आदत ही बन चकी ह िक यिद व िकसी बात पर नाराज होत ह तब भी कपनी या अपन भागय को भल ही कोस ल पर अपन काम पर असर नही पड़न दत इसका कारण यह ह िक जापानी कपिनया काम का एक अ छा वातावरण बनान और लोग म काम क परित स ची लगन को बढ़ावा दन क िलए कड़ा परयास करती ह वहा लोग को लगातार परिशकषण िमलता रहता ह जो कवल तकनीक और मनजमट ही नही कायर स जड़ी नितकता और अ छी आदत क िवकास पर किदरत होता ह चिरतर का िनमारण उनकी एक आदत सी बन जाती ह अगर हम भी एक अ छी शिखसयत बनना ह तो हम अपनी आदत को गहराई स जाचना होगा

ऐसी ललक जब स थान क कमरचािरय म आदत का प लन लगती ह तो वह स थान जािहर ह नए परितमान थािपत करन लगता ह जापानी कपिनया हर बात म कमरचािरय क िहत का यान रखती ह

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अकषय कराित चतन और अवचतन मन

हमार चतन मन क पास सोचन की शिकत होती ह यह िकसी बात को मान सकता ह और नही भी मान सकता मगर अवचतन मन िसफर वीकार करता ह यह इनपट (input) को लकर कोई भदभाव नही करता अगर हम अपन मन म डर शका नफरत क भाव भर तो यह आ म सझाव इन सभी भाव को सिकरय बनाकर हकीकत म बदल दगा हमारा अवचतन मन एक डाटा बक की तरह ह अवचतन मन एक गाड़ी की तरह ह और चतन मन एक डराइवर की तरह शिकत तो गाड़ी म होती ह मगर उसका कटरोल डराइवर क पास होता ह

हम अवचतन मन को इस तरह ढालन की ज रत ह िक वह हम सही और ठीक रा त पर ल जा सक अवचतन मन एक बगीच की तरह होता ह िजस कोई परवाह नही होती िक आप कस पौध लगात ह यह िनरपकष (neutral) होता ह इसम अ छा बोन पर अ छा िमलता ह अ यथा जगली पौध उग जायग

बि क अ छ बीज बोन क बावजद जगली पौध उगन बद नही होत आव यकता होती ह उ ह उखाड़ फकन का िसलिसला जारी रखन की इसी िसदधात को कमरचािरय क मामल म समझन की ज रत ह हम याद रखना ह िक सही और गलत िवचार मन म एक साथ नही रह सकत आव यकता उनक अवचतन मन को इस तरह ढालन की ह िक उनम अ छी आदत का िवकास हो दरअसल अवचतन योगयता वह होती ह जब हम यान दन और सोचन की यादा ज रत नही होती कय िक यह हमार यवहार म खद ब खद उतरन लगा ह िजस स थान क कमरचारी इस तर पर पहच जात ह उनम अ छी आदत वयमव घर करन लगती ह जब बरी आदत हमार अवचतन योगयता क तर तक पहच जाती ह तो वह कावट उ प न करती ह

पिरवतरन का िवरोध बरी आदत को पहचान लन क बाद भी अकसर दखा गया ह िक

लोग उ ह बदलत नही ह ऐसा आिखर कय होता ह उनक न बदलन का कारण ह िक व िज मदारी को वीकार करन स इनकार करत ह

हम अवचतन मन को इस तरह ढालन की ज रत ह िक वह हम सही और ठीक रा त पर ल जा सक अवचतन मन एक बगीच की तरह होता ह िजस कोई परवाह नही होती िक आप कस पौध लगात ह

प ठ 19

अकषय कराित अपनी उन आदत को बनाय रखन म उ ह जो आनद िमलता ह वह पिरवतरन क ददर स यादा होता ह इसक िन निलिखत कारण हो सकत ह -- 1 पिरवतरन की इ छाशिकत का अभाव 2 पिरवतरन क िलए आव यक अनशासन की कमी 3 िव वास की कमी 4 आव यक जानकारी की कमी परबधन वारा इन िबदओ पर िवचार कर अपन किमरय म आशातीत पिरवतरन लाया जा सकता ह सामा यतः खराब आदत को न बदलन क बहान िदय जात ह और कहा जाता ह -- हम लोग इसी तरह करत ह या िक म नही समझता इसस कोई फकर पड़गा और कछ न िमला तो कह िदया जाता ह म बहत य त ह अ छी आदत का िन पण

आदत म पिरवतरन लाया जा सकता ह आव यकता ह इसक िलए सही पिरवश का िनमारण करन की कमरचािरय को परिशिकषत करन की परिरत करन की और ऐसी ि थितया उ प न करन की िजसस कमरचािरय म अ छी आदत का िन पण हो सक दरअसल सफल लोग का राज यह ह िक व काम करन की उन आदत को डाल लत ह जो असफल लोग करना नही चाहत य वही काम ह िज ह सफल लोग भी करना

नही चाहत लिकन व िफर भी करत ह उदाहरण क िलए असफल लोग अनशासन और महनत करना पसद नही करत सफल लोग भी अनशासन और कड़ी महनत नापसद करत ह लिकन व िफर भी ऐसा करत ह कय िक य लोग उन काम को करन की आदत डाल लत ह िज ह असफल लोग नही कर पात नजिरय और सोच का तरीका एक आदत ह और इस बदला जा सकता ह सही ि ट और सतलन कमरचािरय म काम क सबध म सही ि ट बनाय रखन की परवि त िवकिसत करना ज री ह जब कछ गलत हो रहा होता ह तो उस ठीक करना परबधन का ही काम होता ह समझा यह जाता ह िक परायः हम गलत हो रह काम को लकर इतन िचितत हो जात ह िक जो सही हो रहा ह उस भी अनदखा करन की हमम आदत होती ह

दरअसल सफल लोग का राज यह ह िक व काम करन की उन आदत को डाल लत ह जो असफल लोग करना नही चाहत

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अकषय कराित उदाहरण क िलए अगर िकसी स कोई गलती हो जाती ह तो हम एकदम उस पर िच ला पड़त ह या उसक िव दध काररवाई कर बठतहअ छा यह रहगा िक आप उस अलग ल जाकर अकल म बात कर अगर परशसा करनी हो तो सबक सामन कर

अगर िकसी स सहमित न बन तो उस पर करोध करना ज री नही ह अगर अपन करोध पर काब रखग तो लोग अपनी असहमित को अ यथा नही लग अगर आप अपन िवचार को खला रखग तो दसरी ओर स भी आप ऐस ही यवहार की अपकषा कर सकत ह परायः लोग अपनी सहमित कछ इस तरह जतात ह िक सामन वाला भी अपनी बात पर अड़ जाता ह समझन की बात यह ह िक सभी ि थितय म कवल तकर ही काफी नही होगा िकसी स असहमत होन म भी यवहार कशल होना ज री ह सबस पहल तो दसर को अपना पकष रखन का मौका द उसकी बात सन और जहा तक हो सक उसस अपनी सहमित भी परकट कर और िजन बात पर सहमित न बना सक उस समझाए

हमम स अिधकाश लोग उन किमरय और उनकी गलितय पर अ यिधक यान दत ह िजनक िलए हम काम करत ह पर अपन किमरय पर नज़र डालना भल जात ह अगर वय को उन लोग की नजर स दखा जाए तो आशातीत पिरणाम दखन को िमलत ह

आ म मथन आप कया करना चाहत ह कसा करना चाहत ह - इस सोच को

वतरमान म अपन अदर मथन करन को आ म-सझाव कहत ह एक बार सब म जब इसकी पिरपाटी श हो जाती ह तो यह हमार अदर िवजञापन की तरह काम करता ह अपन बार म अपन िलए अदर ही परचािरत करता ह इसका हमार चतन और अवचतन (Sub-concious) मन दोन पर परभाव पड़ता ह अततः यह हमार नजिरए और यवहार को परभािवत करता ह और धीर-धीर आदत का प लता ह यह दरअसल अपन अवचतन मन को ढ़ालन या परोगराम करन की िविध ह

हमम स अिधकाश लोग उन किमरय और उनकी गलितय पर अ यिधक यान दत ह िजनक िलए हम काम करत ह पर अपन किमरय पर नज़र डालना भल जात ह

प ठ 21

अकषय कराित आ म-सझाव अ छ या बर हो सकत ह जब हम बर आ म-सझाव को बार-बार दोहरात ह तब हमारा अवचतन मन उन पर िव वास करन लगता ह और हम उसी को वा तव म यवहार करन लगत ह सकारा मक आ म-सझाव को बार-बार मथन करन स उसकी हमार िदलोिदमाग म त वीर बन जाती ह और वही असिलयत का प लन लगता ह एक उदाहरण क िलए जब कभी हम सबह 0600 बज टरन पकड़नी हो और हमार पास अलामर घड़ी न हो तो हम मन म कहकर उठत ह िक 0400 बज उठना ह तो कया हम नही उठत अगर उठत ह तो इसक पीछ आ म-सझाव ही काम करता ह आ म-सझाव एक रा ता ह िजसस हम अपन िदमाग को परोगराम करक ढ़ालत ह सकारा मक आदत को िवकिसत करन म आ म-सझाव की परवि त मह वपणर िसदध हो सकती ह हमार नजिरए और आदत को तय करन वाल कारक हमार नज़िरए को मखयतः तीन कारक परभािवत करत ह - वातावरणः घर कल आिफस मीिडया सा कितक प ठभिम धािमरक प ठभिम परपराए और भाषाए सामािजक-राजनितक माहौल - य सब िमलकर एक तहजीब बनात ह चाह घर हो या आिफस या अ यतर - हर जगह हर िकसी की अपनी तहजीब होती ह उदाहरण क िलए हम एक दकान म जात ह तो वहा का स समन बड़ अदब वाला होता ह लिकन वही जब दसरी दकान पर जात ह तो वहा का स समन कभी-कभी बड़ा खा और बदतमीज िमल जाता ह उसी तरह िकसी क घर म यार भरा माहौल िमलता ह तो िकसी क घर म हमशा लड़ाई-झगड़ का इसी तरह जब सरकार और राजनीितक माहौल ईमानदारी का होता ह तो लोग भी ईमानदार मददगार और कानन का पालन करन वाल होत ह बईमान और भर ट माहौल म िजस तरह एक ईमानदार का जीना मि कल होता ह उसी तरह ईमानदारी भर माहौल म बईमान यिकत को मि कल होती ह िन सदह अ छ वातावरण म मामली कमरचारी म वमव अ छी आदत िवकिसत होती ह और उसकी कायर करन की शिकत बढ़ जाती ह जबिक खराब माहौल म अ छा काम करन वाल की भी कषमता िगर जाती ह

सकारा मक आदत को िवकिसत करन म आ म-सझाव की परवि त मह वपणर िसदध हो सकती ह

प ठ 22

अकषय कराित कायर-स कित का बहाव ऊपर स नीच की ओर होता ह नीच स ऊपर की ओर कभी नही यह दखना बहत ज री ह िक हमन अपन िलए और आस-पास क लोग क िलए कसा वातावरण तयार िकया ह खराब वातावरण म अ छ की उ मीद करना बमानी ह अनभवः हम अपन जीवन म अपन काम-काज म हालात स जसा अनभव पात ह वह हमारी आदत का िह सा बन जात ह और उसी क अनसार हमारा यवहार होता ह अगर िकसी क परित हमारा अनभव अ छा होता ह तो हमारा नज़िरया भी अ छा होता ह ज री ह िक कमरचािरय को ऐसा कायर-पिरवश िमल िजसस उनक अवचतन म अ छ अनभव की छाप अिकत हो

परिशकषण भी ज़ री यहा िसफर सदधाितक जञान ही काफी नही होता बि क औपचािरक और अनौपचािरक दोन ही तरह की िशकषा व परिशकषण ज री ह जञान और जानकारी को यिद योजनाबदध तरीक स परयोग िकया जाए तो उसस बौिदधक तर को बढ़ान म आशातीत सफलता िमलती ह काम करन की कला अ छी िशकषा स ही आती ह ज री ह िक परिशकषण म मनोवजञािनक सामािजक आिथरक व अ य पहल को समझन की आदत िवकिसत की जाए अवचतन म यह िबठाना बहत ज री ह िक जीवन की भ यता काम क वारा ही सभव ह स थान म सभी को लगना चािहए िक उनका काम मह वपणर ह यही परबधन कला का सार ह जब कमरचािरय को ऐसा एहसास होन लगता ह तो उनक नज़िरए म बदलाव आन लगता ह उपसहारः काम क परित लोग म अ छी आदत िन िपत करन और उनम उ साह जगान स कायर-िन पादन म िनरतर िनखार आता ह दरअसल हर यिकत म मानिसक और शारीिरक ऊजार उ प न होती ह िजसक िलए काम ही सबस अ छा िनकास ह एक िवचारक क अनसार lsquoआप पछत ह म लगातार काम कय करता ह

यहा िसफर सदधाितक जञान ही काफी नही होता बि क औपचािरक और अनौपचािरक दोन ही तरह की िशकषा व परिशकषण ज री ह

प ठ 23

अकषय कराित इसका वही कारण ह िजस कारण स मगीर अ ड दती जाती ह rsquo काम क िबना इसान घट सा जाता ह उस काम की उतनी ही ज रत होती ह िजतनी हवा की आव यकता ह िक उस सही वातावरण उपल ध करान और सही िदशा म अिभपरिरत करन की व ततः हर यिकत अदर स गिरमा और आ मस मान की चाह रखता ह आव यकता ह उस अतःपरिरत करन की लोग को खद स परिरत करन क िलए हम उनकी ज रत और इ छाओ को समझना होगा पररणा कायरकषमता और आदत क बीच सीधा सबध ह जो लोग उतना ही काम करत ह िक उनकी नौकरी बची रह तो ऐस लोग िकसी भी स थान क िलए मह वपणर नही हो सकत अतपररणा स सोच म बदलाव लाया जा सकता ह पररणा आग क समान होती ह

कमरचािरय को िजतना परिरत िकया जाएगा उनम उतनी ही सकारा मक आदत का िवकास होगा कमरचािरय को उिचत स मान दकर उनक कायर को अिधक मनोरजक बनाकर परबधन वारा उनकी बात को गौर स सनकर उनकी सम याओ और सझाव पर गौर करक उ ह वय ल य िनधारिरत करन क िलए परो सािहत करक िवकास क नय अवसर उपल ध कराकर आव यकतानसार समय-समय पर समिचत परिशकषण िदलाकर तथा नयी चनौितय स जझन क िलए परो सािहत करक िन सदह उनक आचार और यवहार को सकारा मक िदशा म पाियत िकया जा सकता ह

कमरचािरय को िजतना परिरत िकया जाएगा उनम उतनी ही सकारा मक आदत का िवकास होगा

ई-पितरका म लख आिद म परकट िवचार

मलतः लखक क ह तथा यह आव यक नही ह िक

इरडा भी इन िवचार स सहमत हो

प ठ 24

अकषय कराित

िबिटया

आख म मोती लकर तम िबिटया जाती हो हा जाओ िशकषा का उपहार द रह िवदा समय यह लो ल जाओ इन पराण म परीित त हारी ममता क धन िसदरी इन नयन की बद पली परकट करती ह मजबरी लाचारी ह िफर पराण म क य ह इतनी आकलता

जब इस रीित पर पराओ म वश न िकसी का ह चलता िपतकल को तजकर अब िबिटया पित-कल म जाना होगा

नटखटपन को छोड़ धमर का ही िजसम बाना होगा इस घर की तम बड़ी लाडली पराण स यारी िबिटया

चली लाकर आज सभी को िपता की कर सनी किटया िजन हाथ न लाड़ चाव स अब तक था िजसको पाला उन हाथ न ही िबिटया को दलह राजा जी को द डाला

िजसका दख जरा मन मला हो जाती थी हरानी क यादान उसी का कर क दय बनाया पाषाणी

िकया न जाता था पल भर को इन आख स दर िजस मोती झरत िवदा द रहा आज सकल पिरवार उस अपनी मा क जीवन की तम परित-पल हो आधार रहो

िवजयता िपता क दय मिदर की िबिटया तम साकार रही आज जीवन क सख-दख सार वही िबतान तम लो जान आओगी जब कभी यहा तम होगी महमान समान

सतीश कमार कलावत इरडा

इस घर की तम बड़ी लाडली पराण स यारी िबिटया चली लाकर आज सभी

को िपता की कर सनी किटया

प ठ 25

ससराल की कभी बराई कही न मह पर आ जाव धमर कमर क तर य पथ म पाव नही िडगन पाव

सात परितजञाय जो तमन अिग नदव स मख की धारण द पि त जीवन का मह व ह करना स च मन स पालन

बटी इन सात बचन का यान दय म रह सदा दोन कल की लाज इसी म भला न दना इस कदा पित ही ह सवर तर त हार पित ही को जीवन समझो

जो कछ कह उसी को मान उनको िबिटया तम धन समझो शीलवती तम बन िबिटया पित-भक त मना सदर िनस दह वय उपजग क प-वकष घर क अ दर

पहन सिशकषा की साड़ी को शभ गण भषण अपनाओ दस लकषण शभ लकषण धार िन य नय मगल गाओ यह िशकषा उपहार दय का तम को राह िदखायगा भल भटक कर भी अिधयारा पास न आन पायगा

हम सब की आख स मोती उर स िनकल रही आशीष सभी सख स पणर परफि लत कर त ह दलह राजा की ईश

अकषय कराित

िजन हाथ न लाड़ चाव स अब तक था िजसको पाला उन हाथ न ही िबिटया को दलह राजा जी को द डाला

प ठ 26 अकषय कराित

ldquoपयारवरणrdquo श द पिर+आवरण स बना ह अथारत बा य आवरण को ही पयारवरण कहत ह इस बा य आवरण का ता पयर हमार चार ओर क वातावरण और पिरवश स ह िजस हम दसर श द म परकित भी कह सकत ह प वी पर िव यमान सपणर जीव-जगत क अि त व जीवन-यापन एव चहमखी िवकास म परकित की मह वपणर भिमका ह मानव बिदधजीवी पराणी ह और परकित क मह व स भली-भाित पिरिचत होन क कारण ही सिदय स परकित की पजा करता रहा ह

विदक काल स ही परकित तथा मानव क बीच जीवन ततर का अटट सबध रहा ह हमार पराचीन ऋिष-मिनय न प वी म हवा पानी िमटटी पड़-पौध जीव-ज तओ और मानव क सिकरय सहयोगा मक सतलन को यान म रखकर ही परकित को प य माना धमर क साथ परकित को जोड़कर उ ह न परकित को पयार त मह व िदया व जानत थ िक िजस परकार जीवन क िलए भिम की आव यकता होती ह उसी परकार वन पितया व अ य पराणी भी आव यक ह य सभी परकित क अिभ न अग ह इनम स एक क भी न ट होन का परभाव दसर पर पड़ता ह और पिरणाम व प पराकितक असतलन पदा हो जाता ह व तत प वी म हवा पानी िमटटी पड़-पौध जीव-ज तओ और मानव का सिकरय सहयोगा मक सतलन रहता ह पड़-पौध भिम को उपजाऊ बनात ह िमटटी को बाधकर रखत ह बरसात करवान तथा जल एव वाय को व छ रखन म सहायक होत ह परत आज क बढ़त औ योिगकीकरण और शहरीकरण न परकित और मानव क बीच असतलन उ प न कर िदया ह यह असतलन अिशकषण बढ़ती जनसख या शहर की ओर पलायन वकष की कटाई गगनचबी इमारत बड़-बड़ उ योग की थापना आिद क कारण ह और यही पयारवरण परदषण क मख य कारण ह मटरोपोिलटन एव बड़ शहर म अनक काबरिनक और अकाबरिनक गस जस ndash काबरन-मोनोऑक साइड अमोिनया आिद परदषण क मख य ोत ह

वतरमान पयारवरण -21वी सदी की चनौती

लख सरीन सल

विदक काल स ही परकित तथा मानव क बीच जीवन ततर का अटट सबध रहा ह

प ठ 27 अकषय कराित मन य न अपनी भितक सख-सिवधाओ की आपित र क िलए परकरित स

िखलवाड़ िकया ह वतरमान मशीनी यग म मन य वारा परकित क अ यिधक दोहन एव िनत नए कारखान की थापना स पयारवरण सकट उ प न हआ ह मानव न परकित क साथ जो अ यायपणर यवहार िकया ह उसी क फल व प परकित का िवरोधी रवया हआ ह िजस भिव य म सह पाना मि कल होगा

अिशकषा क कारण दश की तजी स बढ़ती आबादी क आवास की मलभत आव यकता को परा करन क िलए वकष की कटाई करक ऊची-ऊची इमारत बनाई जा रही ह वकष की अधाधध कटाई स भिम की ऊवररा शिक त का तो ास हो ही रहा ह साथ ही परदषण जसी िवकराल सम या भी ज म ल रही ह

परदषण पयारवरण क ास का परमख कारण ह िवकासशील दश िनत नए उ योग की थापना करक बराजगारी की सम या को तो दर कर रह ह िकत इसस जल वाय विन तथा िविभ न परकार क परदषण बढ़ रह ह कल-कारखान और मोटर स िनकलन वाल धए स वाय परदषण हो रहा ह जल थल व नभ क मागर पर शिक त चािलत वाहन विन परदषण का मख य ोत ह शहरीकरण और औ योिगकीकरण क कारण शदध पयजल की सम या िवकराल प धारण कर रही ह कारखान स िनकलन वाल कड़-कचर क निदय म िमलन स जल परदषण हो रहा ह रासायिनक खाद और कीटनाशी दवाओ स मदा परदषण का खतरा बन गया ह

इस परकार जनसख या विदध शहरीकरण औ योिगकीकरण एव परदषण जसी सम याओ न पयारवरण को बरी तरह परभािवत िकया ह आज सपणर िव व पयारवरण को लकर िचितत ह इस भयावह ि थित स बचन क िलए पर यक यिक त को पयारवरण क परित जाग क करना आज की अिनवायर आव यकता ह

इस िदशा म सवरपरथम िनरकषरता को समा त िकया जाना चािहए साकषर भारत की पिरक पना म जनसख या विदध दर वय िनयितरत हो जाएगी करल रा य इसका परमाण ह जहा साकषरता क साथ-साथ जनसख या िनयतरण भी ह

जल थल व नभ क मागर पर शिक त चािलत वाहन विन परदषण का मख य ोत ह

प ठ 28 अकषय कराित

इसक बाद बात आती ह परदषण िनवारण की आज िव व भर क

वजञािनक और पयारवरणिवद इस िदशा म कायररत ह सवरपरथम वन क काटन पर परितबध लगाया गया ह और वन सपना क िव तार हत वकष लगान क िलए परो सािहत िकया गया इसक िलए सरकार की ओर स वकष आिद िनश क उपल ध कराए जात ह ldquoपयारवरण परदषण स थाrdquo और व छ वाय अिधिनयम जस िविधक उपाय स वाय परदषण पर रोक लगान का परयास िकया जा रहा ह जहरील धआ उगलन वाल कारखान तथा वाहन पर भारी आिथरक दड का परावधान ह िविभ न सचार मा यम mdashदरदशरन समाचार-पतर तथा आकाशवाणी क मा यम स जनता को पयारवरण क परित जाग क करन क परयास िकए जा रह ह निदय म खलन वाल परदषण ोत को बद करन की योजनाए चलाई जा रही ह पािलथीन क परयोग को बद करन क िलए चलाया जा रहा ह अिभयान भी परशसनीय ह

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह इस खतर स सपणर भमडल का अि त व न ट हो जाए इसस पहल हम पयारवरण की सरकषा करन का सक प लना होगा

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह

िस धी होन क प चात भी मझ बगाली रीित िरवाज़ िमठाइया यहा का पहनावा अगरज क ज़मान की बनी सरचनाए एव भवन इ यािद म बहत िदलच पी एव िच थी

प ठ 29 अकषय कराित

यातरा स मरण-कोलकाता-खिशय हषर का शहर(िसटी ऑफ जॉय)

सोिनया सिह वानी पीईसी िलिमटड

म पी ई सी िलिमटड नामक कपनी क िविध ककष म उप िविध परबधक क पद पर कायररत ह सन 2010 जन स इस कपनी म मन परबधन परिशकष क प म अपनी पहली नौकरी की श आत की पी ई सी िलिमटड वािण य मतरालय क अतगरत आन वाली आयात-िनयारत यापार स स बिधत क पिनय म स एक ह इस स दभर म जनवरी 2011 म िविभ न िवभाग क परबधन परिशकषओ को ओिरएटशन हत काडला कोलकाता इ यािद शहर म भजन का कायरकरम िनि चत िकया गया कोलकाता क पास हि दया पोटर होन क कारण कोलकाता शहर चना गया जहा पी ई सी वारा आयात की गयी व तए पोटर गोदाम म रखी जाती ह साथ ही म कोलकाता पोटर िभ न गोदाम इ यािद दखन की यव था की गयी एव सची म समावश िकया गया यह सनकर मरी ख़शी का िठकाना न रहा क य िक मन कोलकाता शहर क बार म सना बहत था पर त कभी दखा न था िस धी होन क प चात भी मझ बगाली रीित िरवाज़ िमठाइया यहा का पहनावा अगरज क ज़मान की बनी सरचनाए एव भवन इ यािद म बहत िदलच पी एव िच थी आिखरकार मझ मौका िमला और जनवरी की कड़ाकदार ठ ड क बीच हम एक रिववार शाम कोलकाता राजधानी स अपनी मिजल की और िनकल पड़ िद ली स कोलकाता क सफ़र क बीच हमारी गाड़ी इलाहाबाद गया िबहार तथा धनबाद जस शहर स होत हए बगाल की ओर पहची हसत-गात खलत-खात हए हम अगली सबह हावड़ा जकशन पहच गए रलगाड़ी स उतर कर टशन स बाहर िनकलत ही मझ िसटी ऑफ जॉय क नाम स मशहर कोलकाता की पहली झलक िदखाई दी ऐसा लगा मानो मझ भारत क दो पहल एकसाथ जीत हए नज़र आए एक तरफ थ टशन स बाहर एव अ दर जात हए स दर कपड़ गहन म लद हए कोलकाता क बगाली िनवासी साथ म बड़ी-बड़ी गािड़य म घमत कोलकाता क नौजवान और ठीक दसरी तरफ मरी नज़र पड़ी हगली नदी पर बन परिसदध हावड़ा िबरज पर िजस दख एक अलग ही दिनया का एहसास हआ

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह

िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी

एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया नतीजा मर समकष था

प ठ 30 अकषय कराित

हावड़ा िबरज पर हर तरफ लोग का जमावड़ा था इतन लोग दख िद ली क चादनी चौक की याद आ गयी ऐसा लगा मानो म 50 साल पीछ िकसी लक एव वाईट दिनया म कदम रख चकी थी िबरज क दोन तरफ सामान बचत हए दकानदार िखलौन मछली रख हए औरत एव छोट-छोट ब च मख य शहर स हावड़ा जान वाल आम आदमी मजदर की तज़ र तार फरी स र ता पार करन वाल यापारी इन सब को दख लगा कोलकाता म मबई जसी भागम भाग भी थी िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया नतीजा मर समकष था जस-जस म कोलकाता शहर क भीतर आन लगी मझ इस शहर क िवकास की झलक िदखाई दी एक तरफ थी ऊची ईमारत सदर िवशाल िव यासागर सत पल बड़-बड़ होटल माल कोलकाता उ च यायालय राईटसर िबि डग मशहर इडन गाडरन टिडयम इ यािद तो दसरी तरफ था िवक टोिरया ममोिरयल अगरज की वा तकला क अनसार िदखती लाल ईटो की इमारत िवक टोिरयल सरचनाए भवन छोटी-छोटी पटिरय पर समान बचत नया बाज़ार (New Market) क दकानदार एव िवक टोिरया ममोिरयल क बाहर चलत सलािनय क िलए रथ वाल घोड़ हमारा होटल जसीबोस सड़क पर ि थत था एव सिवधाओ स भरपर था पर त मन य जाना िक असली कोलकाता का मज़ा गाड़ी म नही अथवा िरक शा ऑटो तथा साल स चलती आ रही सड़क पर टराम म था

हर तरफ मझ पील रग की टिक सया िदखाई दी सब एक समान थी तथा मरसीडीज़ गाड़ी क बगल म चलती 1-2 पय म सफ़र की जान वाली टराम भी साथ िदखाई दी परी िजदगी िद ली म यतीत करन क बाद हर नए शहर का रहन-सहन बोल-चाल रीित-िरवाज़ जानन की जाग कता मझम हमशा रही पहल ही िदन स कोलकाता मझ रास आया जस िक कहत ह lsquoकोलकाता हमार खब भाला लागली छ rsquo कहन का ता पयर य िक मझ कोलकाता बहत अ छा लगा पहल िदन िक शाम को हमन य मािकर ट म खरीददारी करन का मन बनाया म हरान थी िक वहा चीज िकतनी स ती िमल रही थी िद ली क मतािबक एक ितहाई दाम पर चिडया गहन बग जत कत इ यािद िमल

िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया

प ठ 31 अकषय कराित य मािकर ट िद ली क लाजपत एव सरोिजनी नगर समान ह कम

दाम म अ छा समान िमला कोलकाता चमड़ क िलए भी मशहर ह एव परिसदध ी लदसर दकान भी इस बाज़ार म ि थत ह यहा खरीदारी का हमन खब ल फ़ उठाया

अगल िदन हम हि दया पोटर गए एव अनक जहाज़ दख 3-4 घट की दरी पर ि थत यह पोटर अनक एकड़ म फला हआ था पहली बार इतन बड़ जहाज़ को अदर स दख खब आनद आया तीसर िदन हम काली बाड़ी मिदर गए बगाली अ यत पाठ-पजा वाल दगार मा क स च उपासक ह यह सब जानत ह दगार पजा इनका लोकिपरय उ सव ह तथा काली मा एव दगार मा की स च मन स पजा करत ह कोलकाता क िनवासी भिक त भावपणर ह यह सना था अब खद दख भी िलया बगाली र म स पजा करन का य मौका अ यत आनदमयी था इसक अलावा काली बाड़ी क नज़दीक ही ि थत ह गौिरहाट बाज़ार यहा की दकान बगाली सािड़या कपड़ सट कत इ यािद क िलए परिसदध ह आिद धक तशवर नामक मशहर दकान म जाकर मरा भी मन िकया िक म भी खरीददारी क मर सािथय न बहत सािड़या खरीदी एव दाम दखकर म दग रह गई सदर स सदर साड़ी मातर 600700 पय की थी मन बगाल की मशहर लाल एव सफद िपरट की साड़ी भी खरीदी कोलकाता म खरीददारी का अलग की मज़ा ह उसी िदन शाम हम सा ट लक िसटी मॉल गए वह सा ट लक टिडयम क नज़दीक ह यहा िदखाई िदया कोलकाता का परगितशील प नौजवान फटबाल की जसीर पहन माल म घम रह थ एक स एक

मशहर बरड वहा मौजद थ इसक अलावा कोलकाता क िनवासी खब मनोरजन क शौक़ीन ह सगीत नाच गाना इ यादी म िच रखत ह कोलकाता म जगह-जगह सगीत कला अकडमी तथा पढ़न (रीिडग) क क लब ह अगरज क शौक तथा रहन-सहन की झलक आज भी यहा िदखती ह यहा क नौजवान को खल-कद म भी खब िदलच पी ह फटबाल का तो जस यहॉ सबको जनन ह

भारत क परिसदध मोहन बगान फटबाल क लब फटबाल क वहा क नौजवान ही नही परा शहर ही दीवाना ह भारत-पाक मच हो या आई पी एल इडन गाडरन मदान लोग स खचा-खच भरा रहता ह अफ़सोस म वहा अदर जा न सकी

इसक अलावा काली बाड़ी क नज़दीक ही ि थत ह गौिरहाट बाज़ार यहा की दकान बगाली सािडया कपड़ सट कत इ यािद क िलए परिसदध ह

प ठ 32 अकषय कराित

मर सफर क आखरी िदन म मन कोलकाता क लोग म एकता क नजार दख िविभ नता म भी एकता का उदाहरण दखा चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख िजस िदन हम कोलकाता पहच थ उसी िदन वहा शहर बद था और मन एक जट होकर लोग को अपनी बात कहत हए दखा एव सना यहा क लोग अपन शहर क िवकास बहतरी क िलए जाग क ह िज मदारी लत ह तथा सरकार को अपनी बात भली-भाित कहत ह लड़िकय औरत की इ ज़त करत ह एव यहा िक मिहलाओ को मन िनदरलीय पाया जहा एक ओर भारत की राजधानी होन क बावजद िद ली वाल अपनी िजदगी म मगन रहत ह वही दसरी और कोलकाता म अमीरी-गरीबी िभ न जाितय म भी एक जटता ह कपड़ा एव खाना आज भी यहा खब स ता िमलता ह पर त दसरी तरफ सब जानत ह िक बड़-बड़ उ योगपित िव वान लखक िखलाड़ी गायक अिभनता िनदशक यहा स उभर ह सािह य हो या लख बॉलीवड हो या िकरकट बगाल न भारत को अनक नाम एव गौरव िदए ह चाह सौरव दादा हो या रिव दर नाथ टगोर ममता बनजीर रानी मखजीर हो या योित बस भारत म इनकी भिमका का वणरन करन की ज रत नही

मन कछ िदन क कोलकाता क सफर म इस शहर को जानन समझन का परयास िकया हगली नदी क िकनार खड़ होकर समदर को दखा निदय को िनहारा िव यासागर सत िबरज की सदरता िवशालता को सराहा क सी दास की परिसदध िमठाई का ल फ उठाया मन बहत शहर घम पर त यह सफर मर िलए सबस यादगार रहा कोलकाता परगित क मागर पर िनरतर बढ़ रहा ह पर त आज भी वह अपनी जड़ नितक म य को नही भला ह एक आम आदमी आज भी टराम म या फरी स सफर करता ह यहा क िनवासी दो पय स लकर 500 ० का खाना खात ह पराना एव नया कोलकाता एक साथ जीिवत ह िसक क क दो पहल की तरह कोलकाता क यह दो प को एक साथ रहत दख बहत आनद आया

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 33 अकषय कराित

जल परकित का अनपम उपहार ह मानव जाित अपन परादभारवकाल स ही इस उपहार का उपयोग अपन िहत क िलए करती आई ह जल वह पराकितक उपहार ह िजसका कोई िवक प नही ह इसिलए जल को अमतया जीवन भी कहा गया ह जल क िबना जीवन की सभावना भी नही ह पर यकष प स तो जल की मानवीय आव यकता सीिमत ह परत परोकष आव यकताओ पर नजर डाल तो दिनक जीवन की आव यकताए जस अ न फल स जी दध स लकर हमार पहराव आवास तक सब जल स जड़ हजल का जरा भी सतलन िबगड़ जाए तो जीवन यापन क टपरद होन म दर नही परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह जल क सामा य त य जल या पानी एक आम रासायिनक पदाथर ह जो जीवन क सभी जञात प क जीिवत रहन क िलए ज री ह आमतौर पर जल अपनी दरव अव था म उपयोग म लाया जाता ह पर यह ठोस अव था बफर और गस अव था जल वा प या भाप प म भी पाया जाता ह प वी क लगभग तीन चौथाई िह स पर िव व क महासागर का अिधकार ह अनमानत प वी पर जल की कल मातरा लगभग 1400 िमिलयन घन िकलोमीटर ह जो िक प वी पर 3000 मीटर गहरी परत िबछा दन क िलए काफी ह तथािप जल की इस िवशाल मातरा म व छ जल का अनपात बहत कम ह प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह शष जल झील निदय वायम डल नमी मदा और वन पित म मौजद ह जल की जो मातरा उपभोग और अ य परयोग क िलए व ततः उपल ध ह वह निदय झील और भजल म उपल ध मातरा का छोटा-सा िह सा ह इसिलए जल ससाधन िवकास और परब ध की बाबत सकट इसिलए उ प न होता ह कय िक अिधकाश जल उपभोग क िलए उपल ध नही हो पाता

परभावी जल परबधन और दश का िवकास

दीपक आहजा ओएनजीसी िवदश

प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह

प ठ 34 अकषय कराित

और दसर इसका िवषमतापणर थािनक िवतरण इसकी एक अ य िविश टता ह फलतः जल का मह व वीकार िकया गया ह और इसक िकफायती परयोग तथा परब ध पर अिधक बल िदया गया ह प वी पर उपल ध जल जल-चकर क मा यम स चलायमान ह जल लगातार एक चकर म घमता रहता ह िजस जलचकर कहत ह इसम वा पीकरण वषार और बह कर सागर म पहचना शािमल ह हवा जल वा प को थल क ऊपर उसी दर स उड़ा ल जाती ह िजस गित स यह बहकर सागर म पहचाता ह जल चकर का िचतर नीच पर तत िकया गया ह

अिधकाश उपभोकताओ जस िक मन य पशओ अथवा पौध क िलए जल क सचलन की ज रत होती ह जल ससाधन की गितशील और नवीकरणीय परकित और इसक परयोग की बार बार ज रत को ि टगत रखत हए यह ज री ह िक जल ससाधन को उनकी परवाह दर क अनसार मापा जाए इस परकार जल ससाधन क दो पहल ह अिधकाश िवकासा मक ज रत क िलए परवाह क प म मािपत गितशील ससाधन अिधक परासिगक ह आरिकषत भ डार की ि थर अथवा िनयत परकित और साथ ही जल की मातरा तथा जल िनकाय क कषतर की ल बाई व म यपालन नौ सचालन आिद जस कछक िकरयाकलाप क िलए भी परासिगक ह

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 35 अकषय कराित

जल का यय अप यय जल क बार म एक नही कई च कान वाल त य ह िव व म और िवशष प स भारत म जल िकस परकार न ट होता ह इस िवषय म जो त य सामन आए ह उस पर जाग कता स यान दकर जल क अप यय को रोका जा सकता ह अनक त य ऐस ह जो हम आन वाल ख़तर स तो सावधान करत ही ह दसर स पररणा लन क िलए परो सािहत करत ह और पानी क मह व व इसक अनजान ोत की जानकारी भी दत ह प वी पर पदा होन वाली सभी वन पितया स भी हम पानी िमलता ह

आल और अनानास म 80 परितशत और टमाटर म 95 परितशत पानी ह पीन क िलए मानव को परितिदन 3 लीटर और पशओ को 50 लीटर पानी

चािहए भारत म 83 परितशत पानी खती और िसचाई क िलए उपयोग िकया जाता

ह इज़राइल म औसतन मातर 10 सटीमीटर वषार होती ह इस वषार स वह

इतना अनाज पदा कर लता ह िक वह उसका िनयारत कर सकता ह दसरी ओर भारत म औसतन 50 सटीमीटर स भी अिधक वषार होन क बावजद अनाज की कमी बनी रहती ह

िपछल 50 वष म जल क िलए 37 भीषण ह याकाड हए ह भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल

चलती ह पानी ज य रोग स िव व म हर वषर 22 लाख लोग की मौत हो जाती ह यिद बरश करत समय नल खला रह गया ह तो पाच िमनट म करीब 25

स 30 लीटर पानी बरबाद होता ह बाथ टब म नहात समय 300 स 500 लीटर पानी खचर होता ह जबिक

सामा य प स नहान म 100 स 150 लीटर पानी खचर होता ह िव व म परित 10 यिकतय म स 2 यिकतय को पीन का शदध पानी

नही िमल पाता ह परित वषर 6 अरब लीटर बोतल पक पानी मन य वारा पीन क िलए

परयकत िकया जाता ह मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 36 अकषय कराित

िद ली मबई और च नई जस महानगर म पाइप लाइन क वॉ व की खराबी क कारण रोज़ 14 स 44 परितशत पानी बकार बह जाता ह

निदया पानी का सबस बड़ा ोत ह जहा एक ओर निदय म बढ़त परदषण रोकन क िलए िवशषजञ उपाय खोज रह ह वही कल कारखान स बहत हए रसायन उ ह भारी मातरा म दिषत कर रह ह

भारत म जल सकट नासा की एक िरपोटर न पानी को लकर दश भर म बढ़ती जा रही लापरवाही क परित आख खोली ह इस िरपोटर म भारत म सख की ि थित पदा होन क िलए िज मवार कारण म स एक अहम कारण अधाधध जल दोहन को बताया गया ह बतात चल िक दश भर क 604 िजल म स 161 सख की मार झल रह ह वस अब बताया जा रहा ह िक सख की मार स बहाल िजल की सखया बढ़कर 246 हो गई ह यानी कहा जाए तो आधा दश सख की चपट म ह बहरहाल नासा की इस िरपोटर म बताया गया ह िक भारत क कई रा य कषमता स यादा जल दोहन कर रह ह यहा कषमता स ता पयर यह ह िक उनस िजतन सलाना जल दोहन की उ मीद कदर करती ह व उसस कही यादा जल दोहन कर रह ह नासा न यह अ ययन 2002 स 2008 क बीच

की ि थितय क आधार पर िकया ह इस िरपोटर म बताया गया ह िक पजाब हिरयाणा और राज थान हर साल औसतन 177 अरब कयिबक मीटर पानी जमीन क अदर स िनकाल रह ह जबिक कदर की तरफ स लगाए गए अनमान क मतािबक इ ह हर साल 132 अरब कयिबक मीटर पानी ही जमीन क अदर स िनकालना था इस तरह स दखा जाए तो य तीन रा य िमलकर कषमता स 30 फीसदी यादा पानी का दोहन कर रह ह जािहर ह िक िबना कछ सोच-िवचार जब इस पमान पर पराकितक ससाधन का दोहन िकया जाएगा तो परकित भी बदला लगी और वही हो रहा ह इस िरपोटर म यह भी बताया गया ह िक भारत का महज 58 फीसदी भजल ही हर साल िरचाजर हो पाता ह नासा की यह िरपोटर बताती ह िक अधाधध जल दोहन की वजह स पर उ तर पि चम भारत क भजल तर म हर साल 4 सटीमीटर यानी 16 इच की कमी आ रही ह इस अ ययन को अजाम दन म नासा क जल िवजञानी मट रोडल न अहम भिमका िनभाई ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 37 अकषय कराित

उनक हवाल स इस िरपोटर म बताया गया ह िक दश क उ तर पि चम कषतर म 2002 स 2008 क दौरान तकरीबन 109 कयिबक िकलोमीटर पानी की कमी हई ह यह मातरा िकतनी अिधक ह इसका अदाजा इसी स लगाया जा सकता ह िक यह अमिरका क सबस बड़ जलाशय लक मीड की कषमता स दगन स भी कही यादा ह अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह इस िरपोटर क मतािबक अगर अधाधध जल दोहन इसी तरह स जारी रहा तो आन वाल समय म भारत को अनाज और पानी क सकट को झलन क िलए अभी स तयार हो जाना चािहए जािहर ह िक जब जल सकट बढ़गा तो खती पर इसका गहरा परभाव पड़गा अनाज क उ पादन म कमी आएगी इस वजह स अनाज सकट पदा होगा और भख का एक नया चहरा उभरकर सामन आएगा एक बड़ा तबका जो आज भरपट भोजन कर पाता ह उसक िलए पट भर खाना िमलना मि कल हो जाएगा भखमरी की जो सम या पदा होगी उसस िफर िनपटना आसान नही होगा इसक अलावा पीन क पानी का टोटा तो होगा ही अभी ही दश क कई िह स ऐस ह जहा क लोग को पीन क िलए साफ पानी नही िमल पा रहा ह कई कषतर ऐस ह जहा गमीर क िदन म हडपप स पानी आना बद हो जाता ह वहा क लोग को हर साल बोिरग को कछ फट बढ़वाना होता ह यह सम या भजल तर क िगरत जान की वजह स ही पदा हई ह जब पीन क पानी का सकट पदा होगा तो बोतलबद पानी का कारोबार काफी तजी स बढ़गा कहन का मतलब यह िक िजसक पास पसा होगा वह अपनी यास बझा सकगा और िजसक पास पसा नही होगा उस अपनी यास बझान क िलए भी सघषर करना पड़गा ि थित की भयावहता की क पना ही िसहरन पदा करती ह भारत म दिनया का हर छठा आदमी रहता ह यानी कहा जाए तो दिनया क कल आबादी क तकरीबन सतरह फीसदी लोग भारत म रहत ह जबिक दिनया का महज साढ़ चार फीसदी पानी ही भारत म उपल ध ह ऐस म जल सम या स दो-चार होना कोई आनापिकषत बात नही ह एक बात तो तय ह िक पराकितक ससाधन म इजाफा तो नही िकया जा सकता ह लिकन इसका सरकषण अव य िकया जा सकता ह

अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह

प ठ 38 अकषय कराित

भारत म लोग िकसी एक मा यम स पयजल परा त करन पर िनभरर नही ह इस दश म 357 फीसदी लोग हडपप स 367 फीसदी लोग नल स 182 फीसदी लोग तालाब पोखर या झील स 56 फीसदी कओ स 12 फीसदी लोग पारपिरक साधन स और 26 फीसदी लोग अ य मा यम स पीन का पानी परा त करत ह इस िलहाज स अगर दखा जाए तो जल सकट को दर करन क िलए समगर कायरयोजना की ज रत ह

दरअसल भारत म गहरात जल सकट क िलए काफी हद तक पानी की बबारदी भी िज मवार ह यहा जल आपित र की यव था म काफी खािमया ह नल क जिरए घर तक पहचन वाल पानी का एक बड़ा िह सा िरस कर बबारद हो जाता ह हर शहर म फट हए आपित र पाइप आसानी स दख जा सकत ह इस बदहाल यव था क िलए सरकार क साथ-साथ सामा य लोग भी कम िज मदार नही ह एक तरफ तो सरकार पयजल क नाम पर हर साल हजार करोड़ पए का बजट बनाती ह और दसरी तरफ जमीनी तर पर हालात म कोई बदलाव नही िदखता ह सामािजक तौर पर भी जल सरकषण को लकर जाग कता का अभाव िदखता ह यह सामािजक तान-बान का ही असर ह िक लोग कही भी जल की बबारदी को दखकर उस सामा य घटना मानत हए नजरअदाज कर दत ह दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था यह अब घटकर 1800 कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर हो चका ह

दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था

प ठ 39 अकषय कराित

िवशषजञ का अनमान ह िक अगर पानी की खपत और बबारदी इसी तरह स जारी रही तो 2025 तक यह घटकर हजार कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर ही रह जाएगा उस समय तक पानी की उपल धता म आन वाली इस कमी की वजह स किष उ पादन म तीस फीसदी की कमी आन की सभावना ह इन पिरि थितय म दश की आिथरक और सामािजक ि थित का कया होगा इसका अदाजा सहज ही लगाया जा सकता ह भारत म जल सरकषण क परित आज भी आम लोग क मन म उपकषा का भाव बना हआ ह साथ ही इस कायर क िलए आव यक तकनीक की भी कमी ह जो तकनीक उपल ध ह उनस सामा य लोग अनजान ह बािरश क पानी का सगरह करक उस उपयोग म लाना एक अ छा िवक प ह पर इस तरह की कोिशश काफी सीिमत मातरा म काफी छोट तर पर हो रही ह यही वजह ह िक दश म होन वाली बािरश क पानी का अ सी फीसदी िह सा आज भी समदर म पहच जाता ह अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह अगर जल की इस िवशाल मातरा का आधा भी परयोग कर िलया जाए तो ि थित म यापक बदलाव आना तय ह शहरी कषतर म तो पानी की कालाबाजारी जोर पर ह जगह-जगह पर जल मािफया सिकरय हो गए ह िद ली क ही एक अखबार न कछ समय पहल यह बात उजागर िकया था यहा तो समानातर जल बोडर भी चलाया जा रहा ह हरानी की बात तो यह ह िक इसक बावजद भी पानी क काल धध पर अकश नही लगाया जा सका ह अहम सवाल यह ह िक कस सामा य तबक क लोग तक व छ पानी पहचाया जाए शहरी कषतर क साथ-साथ गरामीण कषतर म भी यह एक बड़ी चनौती ह आबादी म अपर यािशत विदध बढ़त शहरीकरण औ योिगकीकरण और किष उ पाद की बढ़ती माग क कारण पानी की माग िपछल कछ साल म वाभािवक प स बढ़ी ह इसक पिरणाम व प भजल ससाधन का अ यिधक दोहन हआ ह और इसका नतीजा हआ िक लगातार भजल का तर घटता जा रहा ह शहरी कषतर म ि थित बहद भयावह ह तदनसार वहा न कवल शीघराितशीघर जल ससाधन क सरकषण की ज रत ह बि क परभावी रणनीित और परबधन क जिरए त काल कदम उठान की ज रत ह

अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह

प ठ 40 अकषय कराित

खासकर इस बात को यान म ऱखकर िक िविभ न परितयोगी कषतर म कभी भी माग बढ़ सकती ह भिव य म उपयोग क िलए छत पर या सतह पर जलगरहण बनाकर वषारजल सरकषण बहद ज री ह यह पानी की बढ़ती ज रत का खयाल रखन िमटटी की नमी तर को बढ़ान शहरी हिरयाली को बढ़ान भजल तर को कितरम प स पनभररण करन और भजल की गणव ता स सधार का काम करता ह भारत म जल परबधन स दश का िवकास भारत म दिनया की 16 परितशत आबादी रहती ह लिकन दिनया क िसफर 4 परितशत जल ससाधन ही भारत क पास ह 3290000 वगर िकलोमीटर क भिम कषतर और एक अरब स यादा की आबादी क साथ भारत क एक बहलवादी िविवधता का िचतर ह िवशाल पराकितक ससाधन क साथ सप न तकनीकी और वजञािनक किमरय का भी यह दिनया म दसरा सबस बड़ा सम चय ह भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह मानव िवकास म 80 क दशक म लगभग 26 परितशत और 90 क दशक क दौरान और 24 परितशत क वारा सधार हआ ह आजादी क बाद छह दशक म भारत न जल ससाधन का अभतपवर िवकास और खा या न म आ मिनभररता शहरी कषतर ऊजार और औ योिगक कषतर और पीन का पानी क बिनयादी ढाच म तजी स िव तार दखा ह िजसका उपयोग भारत की लगभग 85 परितशत शहरी और गरामीण आबादी क वारा िकया जाता ह भारत म रा य सरकार और भारत सरकार क परितबदध और ठोस परयास की वजह स गरामीण और शहरी आबादी को सरिकषत पयजल को उपल ध करवान म काफी सफलता हािसल की ह इस उपलि ध न भजल की कमी जल जमावजल गणव ता िगरावट जल परदषण और बढ़त लवणता तर स बड़ कषतर को परभािवत िकया ह और अभी भी िविभ न रा य म गरामीण और शहरी भारत क मानव िवकास सचकाक (HDI)rsquo म बहत असमानता मौजद ह पानी क िलए कषतरीय माग तजी स बढ़ रह शहरीकरण की गित स बढ़ रही ह (अनमानत 2025 तक दश की आबादी का 50 परितशत स अिधक शहर म रहग) जनसखया विदध बढ़ती आय और औ योिगक िवकासशहरी भारत तजी स िवकास की माग क कदर क प म उभर रहा ह

भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह

प ठ 41 अकषय कराित

नतीजतन परित यिकत पानी की उपल धता िगर रही ह परधानमतरी की अ यकषता म 12वी योजना क िलए हई योजना आयोग की पणर बठक म दसर म क साथ जल परबधन पर िवशष चचार हई बठक क बाद योजना आयोग क उपा यकष म टक िसह अहलवािलया न कहा िक भ-जल कानन स लकर दसर म की यापक समीकषा ज री ह व यनाथन सिमित जहा वतरमान म भ-जल कानन की साथरकता का अ ययन करगी वही भारतीय अतिरकष अनसधान सगठन [इसरो] की मदद स पानी की उपल धता का िव तत अ ययन होगा म टक न कहा िक उसी आधार पर रणनीित तय होगी सरकार यह यान रखगी िक पानी का अिधकतम उपयोग हो सक और सभी को उपल ध हो पानी पर िकसी का एकािधकार न हो सक बतात ह िक द पयोग को रोकन क िलए श क लगान पर भी िवचार िकया जा सकता ह हालािक इसस पहल रा य सरकार स चचार होगी यह तय ह िक एआइबीपी कायरकरम म यापक बदलाव ह ग ी म टक िसह अहलवािलया न कहा िक वतरमान म इस कायरकरम का सही िकरया वयन नही हो रहा ह िलहाजा उसम पिरवतरन ज री ह सभव ह िक हर रा य म जल िनयामक परािधकरण बनान की शतर भी लगाई जाए उ ह न कहा िक जल परबधन की यापक समीकषा कर नई रणनीित तय की जाएगी कल िमलाकर रा टरीय तर पर वतरमान जल ससाधन का अिधक स अिधक करन क िलए माग को परा करन क िलए पयार त ह लिकन भिव य क अ ययन पिरयोजना ह िक जल आपित र की ि थित अगल आध सदी म अिधक किठन हो सकती ह जल सकट स िनपटन को जल सरकषण परबधन अिनवायर परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह बढ़त वि वक तापमान क फल व प अितवि ट अनावि ट अ पवि ट और असामियक वि ट हम परितवषर दख रह ह िजसका परभाव हमार जल ससाधन पर पड़ता िदखाई द रहा ह कओ व बाविडय का िमटता अि त व नदी-नाल का घटता पानी भ-गभर जल का िगरता तर िचता की पिरिध स िनकलकर खतर की घटी बनता जा रहा ह

निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह

प ठ 42 अकषय कराित

िव व भर म सीमट क अधाधध परयोग न धरातल क सहज अवशोषण कषतर को घटाया ह तथा जल बहाव भिम कटाव व बाढ़ म विदध की ह ऐसी ि थित म जल सरकषण का दािय व मातर वजञािनक व सरकार तक सीिमत न रहकर पर यक उपभोकता क कध पर आ जाता ह इसी दािय व क िनवरहन क िलए हमार पास दो िवक प सामन आत ह 1 वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई

उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

2 पािरवािरक तर पर वषार जल को सगरिहत कर उसका उपयोग कर य दोन ही परयास गरामीण कषतर म तो सरलता स अपनाए जा सकत ह परत शहरी कषतर म व ट वाटर मनजमट की बड़ी पिरयोजनाए बनाकर ही पानी को िरसाइिकल िकया जा सकता ह भ-गभर अिधकािधक जल अवशोिषत होकर

जाए इसक िलए मदानी भाग म िनयोिजत ढग स बड़-बड़ पोखर बनाकर तथा पहाड़ी कषतर म नाल -ख ड म िमटटी प थर आरसीसी क बड़-छोट डम लगाकर जल बहाव रोक भ-सरकषण बचाव व जल भडारण और धरातल जल शोषण कषतर बढ़ाया जा सकता ह िव व बक भारत सरकार वारा म य िहमालय जलागम पिरयोजना रा य क भ-सरकषण िवभाग इस कषतर म कारगर उपाय लकर

हमार सामन ह परत जनसहयोग क िबना इन पिरयोजनाओ क आशातीत पिरणाम ल पाना किठन ह वकषारोपण इस सपणर जल चकर को बल दन वाला कारक ह जल क परित चतना जागत न हई तो अव य ही अगल िव व यदध का कारण जल ही होगा

जल भोजन ह और अिगन भोजन का भकषक ह अिगन जल म और जल अिगन म िव यमान ह

- ततरीय उपिनषद 38

वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

प ठ 43 अकषय कराित

म भी गान गा सकता ह शबनम क िखलत फल क म भी गीत सना सकता ह सावन क म त झल क लिकन जब घर-घर म बादल छाय घोर िनराशा क तब म नगम गा रहा ह उ मीद की आशा क

सड़क पर खड़ बचपन की य बात सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह

हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

इस बदलत पिरवश का राग सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

गाधी जी क सपन का जो राम-रा य कहलाता ह उस भारत म सड़क पर छोट चाय पहचाता ह

कहा गई वो अ हड़ म ती कहा गया वो यार का रा ता उन हाथ स बचत झड िजन हाथ को चािहए ब ता

उस सोन की िचिड़या की म बात बतान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

कही बम की गमर हवाए कही ससद म कोहराम ह कही होत घोटाल स परशान आदमी आम ह

कही कल की िकलकारी ह कही सड़क पर बचपन ह कही चलता नही गजारा कही िवदश म काला धन ह

म स चाई गा-गाकर सबको बतलान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

बदलता भारत मनीष लाल इरडा

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

प ठ 44 अकषय कराित

करन वाल काम बहत ह यथर उलझन को छोड़ो म ला-पिड़त तोड़ रह ह तम बस lsquoअपन को जोड़ो

lsquoहम बदलग-यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का lsquoवद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का

वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हम बदलग mdash यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का वद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

प ठ 45 अकषय कराित

िसफर काला और सफ़द य ही वो दो रग थ जो तर पास सि ट बनान क आधार थ

काला वो जो कािलमा िलय ह िजस कहत ह दख िनराशा म य अपयश और वो सबकछ जो नकारा मक ह

मगर सफद ह वो रग िजसस जड़ा ह जीवन आशा सख और कीितर और वो सब कछ जो सकारा मक ह पर इन रग स तझ चन ना िमला त सोचन लगा अगर सि ट बनानी ह

तो िकस िलए- ससगर और परम क िलए और

इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग

ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह

बस- बना डाला तन इ दरधनष

जो बरसात क बाद सरज और प वी क अनपम परम को रग दता ह सतरगी रग स

और उ ही सतरगी इ दरधनषी रग म हम हर पल हर कषण डबत गहरात इतरात रहत ह

और खिशय भर ससार म हर रग को अलग-अलग तरह स महसस करक जीत रहत ह

रग तो रग ह मगर-

ससगर और परम क िलए और इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह बस-

सतरगी िचतर सगीता ीवा तव इरडा

प ठ 46 अकषय कराित

कभी पक क कभी फीक़ तो कछ कभी दाग बनकर उभर आत ह

कछ आख म नील बादल स छाए रहत ह तो कछ गाल पर गलाबी रग बनकर छलक जात ह

याद रहत ह अक सर वो रग- जो खदी पर इस तरह छा जात ह िक खद म घलकर खद क होन

का एहसास दत-दत खद का एक रग बन जात ह

बगनी आसामनी नीला हरा पीला नारगी लाल इ दरधनष क य सात रग ही जोड़त ह हमार िदल को

हमार मन को जोड़न वाल इन रग की सतरगी दिनया म-

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा बनाय

और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क

सतरगी िचतर

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा

बनाय और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क सतरगी िचतर

Page 14: Akshay Kranti Vol 3€¦ · पक्ष को प्रभािवत न कर e, बािधत व पीिड़त न कर eवह काय-र्कौशल है।

प ठ 14

अकषय कराित एक दसर का स मान करग खद की आदत को सधारग और उस स था की तरककी क िलए अपन तर पर हर वह काररवाई करग जो औ योिगक सगठन और लोग की उ नित म ज री होती ह

औ योिगक सगठन िकसी भी दश की अथर यव था को मजबत आधार परदान करत ह औ योिगक सगठन म परयोग होन वाल सम त ससाधन म मानव ससाधन अथारत उसम काम करन वाल कमरचारी मह वपणर और िनणारयक होत ह इन सगठन का सफल सचालन वहा कायररत कमरचािरय की कशलता और कायरकषमता पर आधािरत होता ह कशलता और कायरकषमता का ोत हमारा आचरण और यवहार होता ह जािहर ह औ योिगक सगठन म मानवीय सबध परी एक ऐसी िकताब ह िजसक िबना कभी कछ नही कराया जा सकता लोग क साथ सतोषजनक प स काम करना परबधन क काम का िसफर एक िह सा नही ह वरन सारा

काम इसी पर िटका ह कय िक सभी उ योग म मशीन माल या दसरी चीज़ क साथ कोई भी काम लोग क मा यम स ही िकया जा सकता ह तीन lsquoएमrsquo अथारत मनी मटीिरयल और मशीन औ योिगक सगठन क िलए मह वपणर ससाधन होत ह लिकन इ ह पिरणाम तक पहचान का कायर कमरचारी (man) ही करत ह जो सगठन दर अदशी रहकर कमरचािरय क जञान उनकी िविश टताओ उनक आचरण को अनकल साच म ढालन क परित सजग रहत ह वही सफलता की ऊचाइय को छत ह अगरजी म एक परानी कहावत ह -- Where the vision is one year Cultivate flowers Where the vision is ten years Cultivate trees Where the vision is eternity Cultivate people अथारत जहा दरअदशी एक साल क िलए हो तो फल लगाइय जहा दरअदशी दस साल क िलए हो तो पड़ लगाइय

औ योिगक सगठन म परयोग होन वाल सम त ससाधन म मानव ससाधन अथारत उसम काम करन वाल कमरचारी मह वपणर और िनणारयक होत ह

प ठ 15

अकषय कराित जहा दरअदशी अनत काल क िलए हो तो लोग का िवकास कीिजए औ योिगक सगठन म 500 आदमी ह 5000 आदमी ह 50000 ह या इसस अिधक अगर कामकाज ठीक स चलाना ह तो बहत ज री ह परबधन उनस िनभाना जानता हो यिकतगत सपकर का मह व

वातानकिलत कमर म बठकर और सचार मा यम या िकसी अ य तरीक स कमरचािरय की िरपोटर लना और आस पास होन वाल घटनाकरम को जानना अलग बात ह और कायर थल पर वय उपि थत रहकर ि थित को समझना और िनदश दना अलग बात महान जनरल रोमल की सफलता का मखय कारण यह था िक व हमशा कायर थल पर वय उपि थत होकर िनदश दत बात की पि ट करत सम याए सलझात और दखत िक काम कसा चल रहा ह रोमल का यह तरीका इतना सफल रहा िक िकसी भी औ योिगक सगठन या कारोबार म इस अपनाया जाए तो आशातीत पिरणाम सामन आ सकत ह लोग क बीच खद उपि थत होकर काम करन का कोई िवक प नही ह लोग अिधकाशतः उनको नापसद करत ह िज ह व ठीक स जानत नही ह पर एक बार जान पहचान हो जान पर हालात बदल जात ह कमरचािरय म अ छी आदत का िवकास करन की पहली शतर ह िक पहल उनक िदल म घर िकया जाए ऐस िकसी भी बरताव स बचा जाए िजसस वह अपन को उपिकषत महसस करन लग अतः सवदनशीलता का यान रखना बहत ज री ह

कमरचािरय क परित सवदनशील यवहार-कौशल और धयरपणर होन क अितिरकत इस बात पर ढ़ रहना ज री ह िक काम ठीक परकार स हो अ छ यवहार क साथ कमरचािरय को यह जताना भी ज री ह िक उनस काम का उ च तर अपिकषत ह और उस पर उनक साथ कोई समझौता नही और अगर इस पर अमल नही करत तो उ ह पता होना चािहए िक आप कड़ी काररवाई करग

सकारा मक नजिरया परबधन का एकमातर काम िनदश दना नही ह वरन उस साथ-साथ लोग का िवकास करना होता ह

महान जनरल रोमल की सफलता का मखय कारण यह था िक व हमशा कायर थल पर वय उपि थत होकर िनदश दत बात की पि ट करत सम याए सलझात और दखत िक काम कसा चल रहा ह

प ठ 16

अकषय कराित एक अिधकारी का मखय काम यही ह िक वह अपन साथ काम करन वाल लोग म अ छी आदत का िवकास कर उनकी सहायता कर यिद यह काम परभावशाली ढग स कर पाता ह तो इसस कवल उसक अपन काम ही बहतर नही ह ग बि क उसक पास परिशिकषत और कशल कमरचािरय का परा दल होगा जो उसक परित परी िन ठा स काम करगा इसक िलए सबस पहल कमरचािरय का नजिरया ठीक करना ज री ह उनम सबस पहल यह भावना लानी होगी िक हमार अदर जो चीज ह वही हम ऊपर की ओर ल जाती ह और वह हमारा नजिरया ह

एक आदमी मल म ग बार बचकर अपनी गज़र-बसर करता था उसक पास लाल नील पील हर-चार रग क ग बार थ जब कभी उसकी िबकरी कम होन लगती तब वह हीिलयम गस स भरा एक ग बारा हवा म छोड़ दता ब च उस उड़ता दखकर वसा ही उड़न वाला ग बारा पान क िलए मचल उठत ब च उसस ग बारा ख़रीदत और इस तरह उसकी िबकरी िफर स बढ़ जाती िदन-भर यही िसलिसला चलता रहता एक िदन वह आदमी बाज़ार म खड़ा ग बार बच रहा था अचानक उस महसस हआ िक पीछ स कोई उसका करता पकड़कर खीच रहा ह उसन पीछ मड़कर दखा तो एक छोट स ब च को खड़ा पाया उस ब च न ग बार वाल स पछा ldquoअगर आप काला ग बारा छोड़ग तो कया वह भी उड़गाrdquo ब च की बात उसक िदल म लगी और उसन यार स जवाब िदया ldquoबट ग बारा अपन रग की वजह स नही उड़ता बि क उसक अदर कया ह इस वजह स ही वह ऊपर जाता ह rdquo ठीक यही बात हमारी िज़दगी म भी लाग होती ह अगर लोग का नजिरया बहतर हो उनम अदर स काम करन की इ छा भरी हो तो व खलकर आपस म िमलकर काम करग इसस नकसान तो कम होगा ही स थान क परित िन ठा बढ़गी और लगन स काम करन का वातावरण तयार होगा िव वास हािसल करना आव यक

कमरचािरय स बहतरीन काम लन क िलए शानदार टीम लीडर होना ज री ह मटठीभर लोग का कोई समह िकला तभी फतह कर सकता ह जब

एक आदमी मल म ग बार बचकर अपनी गज़र-बसर करता था उसक पास लाल नील पील हर-चार रग क ग बार थ

प ठ 17

अकषय कराित जब उनका सनापित उनम वह जोश भर सक िक उ ह कोई भी ऊचाई यादा न लग अतः सबस ज री ह िक स थान म कमरचािरय की

कषमताओ का परा फायदा लन क िलए उनका िव वास जीता जाए इसक िलए उनक साथ परी इ जत स पश आना ज री ह उनकी छोटी-बड़ी खशी को बाटना और उनकी राय को परा स मान दना भी उतना ही ज री ह कई बार परबधन क उ चािधकारी या लीडर अपनी टीम क सद य स िसफर इसिलए राय नही लत कय िक उ ह लगता ह िक एक बार राय लन पर अगर उनकी बात नही मानी गयी तो उ ह बरा लगगा लिकन सबस ज री ह िक टीम म सभी सद य को िव वास म लकर काम िकया जाए यहा टीम लीडर की भिमका मह वपणर होती ह वह खद वकत का पाबद होगा तो उसक मातहत कमरचािरय म वयमव यह गण आदत का प ल लगी टीम लीडर का काम अपनी टीम का उ साह बढ़ात हए दी गयी िज मदािरय को समय स परा करना ह मगर उसम नयी चीज़ को सीखन की ललक होनी चािहए ऐसी ललक जब स थान क कमरचािरय म आदत का प लन लगती ह तो वह स थान जािहर ह नए परितमान थािपत करन लगता ह जापानी कपिनया हर बात म कमरचािरय क िहत का यान रखती ह िजसस व वय ही उ पादकता क परित सचत हो जात ह जानी-मानी टोयोटा कपनी क कमरचािरय म तो काम की ऐसी आदत सी या ललक होती ह िक व तब तक काम करत ह जब तक खद थक कर चर नही हो जात यह उनकी आदत ही बन चकी ह िक यिद व िकसी बात पर नाराज होत ह तब भी कपनी या अपन भागय को भल ही कोस ल पर अपन काम पर असर नही पड़न दत इसका कारण यह ह िक जापानी कपिनया काम का एक अ छा वातावरण बनान और लोग म काम क परित स ची लगन को बढ़ावा दन क िलए कड़ा परयास करती ह वहा लोग को लगातार परिशकषण िमलता रहता ह जो कवल तकनीक और मनजमट ही नही कायर स जड़ी नितकता और अ छी आदत क िवकास पर किदरत होता ह चिरतर का िनमारण उनकी एक आदत सी बन जाती ह अगर हम भी एक अ छी शिखसयत बनना ह तो हम अपनी आदत को गहराई स जाचना होगा

ऐसी ललक जब स थान क कमरचािरय म आदत का प लन लगती ह तो वह स थान जािहर ह नए परितमान थािपत करन लगता ह जापानी कपिनया हर बात म कमरचािरय क िहत का यान रखती ह

प ठ 18

अकषय कराित चतन और अवचतन मन

हमार चतन मन क पास सोचन की शिकत होती ह यह िकसी बात को मान सकता ह और नही भी मान सकता मगर अवचतन मन िसफर वीकार करता ह यह इनपट (input) को लकर कोई भदभाव नही करता अगर हम अपन मन म डर शका नफरत क भाव भर तो यह आ म सझाव इन सभी भाव को सिकरय बनाकर हकीकत म बदल दगा हमारा अवचतन मन एक डाटा बक की तरह ह अवचतन मन एक गाड़ी की तरह ह और चतन मन एक डराइवर की तरह शिकत तो गाड़ी म होती ह मगर उसका कटरोल डराइवर क पास होता ह

हम अवचतन मन को इस तरह ढालन की ज रत ह िक वह हम सही और ठीक रा त पर ल जा सक अवचतन मन एक बगीच की तरह होता ह िजस कोई परवाह नही होती िक आप कस पौध लगात ह यह िनरपकष (neutral) होता ह इसम अ छा बोन पर अ छा िमलता ह अ यथा जगली पौध उग जायग

बि क अ छ बीज बोन क बावजद जगली पौध उगन बद नही होत आव यकता होती ह उ ह उखाड़ फकन का िसलिसला जारी रखन की इसी िसदधात को कमरचािरय क मामल म समझन की ज रत ह हम याद रखना ह िक सही और गलत िवचार मन म एक साथ नही रह सकत आव यकता उनक अवचतन मन को इस तरह ढालन की ह िक उनम अ छी आदत का िवकास हो दरअसल अवचतन योगयता वह होती ह जब हम यान दन और सोचन की यादा ज रत नही होती कय िक यह हमार यवहार म खद ब खद उतरन लगा ह िजस स थान क कमरचारी इस तर पर पहच जात ह उनम अ छी आदत वयमव घर करन लगती ह जब बरी आदत हमार अवचतन योगयता क तर तक पहच जाती ह तो वह कावट उ प न करती ह

पिरवतरन का िवरोध बरी आदत को पहचान लन क बाद भी अकसर दखा गया ह िक

लोग उ ह बदलत नही ह ऐसा आिखर कय होता ह उनक न बदलन का कारण ह िक व िज मदारी को वीकार करन स इनकार करत ह

हम अवचतन मन को इस तरह ढालन की ज रत ह िक वह हम सही और ठीक रा त पर ल जा सक अवचतन मन एक बगीच की तरह होता ह िजस कोई परवाह नही होती िक आप कस पौध लगात ह

प ठ 19

अकषय कराित अपनी उन आदत को बनाय रखन म उ ह जो आनद िमलता ह वह पिरवतरन क ददर स यादा होता ह इसक िन निलिखत कारण हो सकत ह -- 1 पिरवतरन की इ छाशिकत का अभाव 2 पिरवतरन क िलए आव यक अनशासन की कमी 3 िव वास की कमी 4 आव यक जानकारी की कमी परबधन वारा इन िबदओ पर िवचार कर अपन किमरय म आशातीत पिरवतरन लाया जा सकता ह सामा यतः खराब आदत को न बदलन क बहान िदय जात ह और कहा जाता ह -- हम लोग इसी तरह करत ह या िक म नही समझता इसस कोई फकर पड़गा और कछ न िमला तो कह िदया जाता ह म बहत य त ह अ छी आदत का िन पण

आदत म पिरवतरन लाया जा सकता ह आव यकता ह इसक िलए सही पिरवश का िनमारण करन की कमरचािरय को परिशिकषत करन की परिरत करन की और ऐसी ि थितया उ प न करन की िजसस कमरचािरय म अ छी आदत का िन पण हो सक दरअसल सफल लोग का राज यह ह िक व काम करन की उन आदत को डाल लत ह जो असफल लोग करना नही चाहत य वही काम ह िज ह सफल लोग भी करना

नही चाहत लिकन व िफर भी करत ह उदाहरण क िलए असफल लोग अनशासन और महनत करना पसद नही करत सफल लोग भी अनशासन और कड़ी महनत नापसद करत ह लिकन व िफर भी ऐसा करत ह कय िक य लोग उन काम को करन की आदत डाल लत ह िज ह असफल लोग नही कर पात नजिरय और सोच का तरीका एक आदत ह और इस बदला जा सकता ह सही ि ट और सतलन कमरचािरय म काम क सबध म सही ि ट बनाय रखन की परवि त िवकिसत करना ज री ह जब कछ गलत हो रहा होता ह तो उस ठीक करना परबधन का ही काम होता ह समझा यह जाता ह िक परायः हम गलत हो रह काम को लकर इतन िचितत हो जात ह िक जो सही हो रहा ह उस भी अनदखा करन की हमम आदत होती ह

दरअसल सफल लोग का राज यह ह िक व काम करन की उन आदत को डाल लत ह जो असफल लोग करना नही चाहत

प ठ 20

अकषय कराित उदाहरण क िलए अगर िकसी स कोई गलती हो जाती ह तो हम एकदम उस पर िच ला पड़त ह या उसक िव दध काररवाई कर बठतहअ छा यह रहगा िक आप उस अलग ल जाकर अकल म बात कर अगर परशसा करनी हो तो सबक सामन कर

अगर िकसी स सहमित न बन तो उस पर करोध करना ज री नही ह अगर अपन करोध पर काब रखग तो लोग अपनी असहमित को अ यथा नही लग अगर आप अपन िवचार को खला रखग तो दसरी ओर स भी आप ऐस ही यवहार की अपकषा कर सकत ह परायः लोग अपनी सहमित कछ इस तरह जतात ह िक सामन वाला भी अपनी बात पर अड़ जाता ह समझन की बात यह ह िक सभी ि थितय म कवल तकर ही काफी नही होगा िकसी स असहमत होन म भी यवहार कशल होना ज री ह सबस पहल तो दसर को अपना पकष रखन का मौका द उसकी बात सन और जहा तक हो सक उसस अपनी सहमित भी परकट कर और िजन बात पर सहमित न बना सक उस समझाए

हमम स अिधकाश लोग उन किमरय और उनकी गलितय पर अ यिधक यान दत ह िजनक िलए हम काम करत ह पर अपन किमरय पर नज़र डालना भल जात ह अगर वय को उन लोग की नजर स दखा जाए तो आशातीत पिरणाम दखन को िमलत ह

आ म मथन आप कया करना चाहत ह कसा करना चाहत ह - इस सोच को

वतरमान म अपन अदर मथन करन को आ म-सझाव कहत ह एक बार सब म जब इसकी पिरपाटी श हो जाती ह तो यह हमार अदर िवजञापन की तरह काम करता ह अपन बार म अपन िलए अदर ही परचािरत करता ह इसका हमार चतन और अवचतन (Sub-concious) मन दोन पर परभाव पड़ता ह अततः यह हमार नजिरए और यवहार को परभािवत करता ह और धीर-धीर आदत का प लता ह यह दरअसल अपन अवचतन मन को ढ़ालन या परोगराम करन की िविध ह

हमम स अिधकाश लोग उन किमरय और उनकी गलितय पर अ यिधक यान दत ह िजनक िलए हम काम करत ह पर अपन किमरय पर नज़र डालना भल जात ह

प ठ 21

अकषय कराित आ म-सझाव अ छ या बर हो सकत ह जब हम बर आ म-सझाव को बार-बार दोहरात ह तब हमारा अवचतन मन उन पर िव वास करन लगता ह और हम उसी को वा तव म यवहार करन लगत ह सकारा मक आ म-सझाव को बार-बार मथन करन स उसकी हमार िदलोिदमाग म त वीर बन जाती ह और वही असिलयत का प लन लगता ह एक उदाहरण क िलए जब कभी हम सबह 0600 बज टरन पकड़नी हो और हमार पास अलामर घड़ी न हो तो हम मन म कहकर उठत ह िक 0400 बज उठना ह तो कया हम नही उठत अगर उठत ह तो इसक पीछ आ म-सझाव ही काम करता ह आ म-सझाव एक रा ता ह िजसस हम अपन िदमाग को परोगराम करक ढ़ालत ह सकारा मक आदत को िवकिसत करन म आ म-सझाव की परवि त मह वपणर िसदध हो सकती ह हमार नजिरए और आदत को तय करन वाल कारक हमार नज़िरए को मखयतः तीन कारक परभािवत करत ह - वातावरणः घर कल आिफस मीिडया सा कितक प ठभिम धािमरक प ठभिम परपराए और भाषाए सामािजक-राजनितक माहौल - य सब िमलकर एक तहजीब बनात ह चाह घर हो या आिफस या अ यतर - हर जगह हर िकसी की अपनी तहजीब होती ह उदाहरण क िलए हम एक दकान म जात ह तो वहा का स समन बड़ अदब वाला होता ह लिकन वही जब दसरी दकान पर जात ह तो वहा का स समन कभी-कभी बड़ा खा और बदतमीज िमल जाता ह उसी तरह िकसी क घर म यार भरा माहौल िमलता ह तो िकसी क घर म हमशा लड़ाई-झगड़ का इसी तरह जब सरकार और राजनीितक माहौल ईमानदारी का होता ह तो लोग भी ईमानदार मददगार और कानन का पालन करन वाल होत ह बईमान और भर ट माहौल म िजस तरह एक ईमानदार का जीना मि कल होता ह उसी तरह ईमानदारी भर माहौल म बईमान यिकत को मि कल होती ह िन सदह अ छ वातावरण म मामली कमरचारी म वमव अ छी आदत िवकिसत होती ह और उसकी कायर करन की शिकत बढ़ जाती ह जबिक खराब माहौल म अ छा काम करन वाल की भी कषमता िगर जाती ह

सकारा मक आदत को िवकिसत करन म आ म-सझाव की परवि त मह वपणर िसदध हो सकती ह

प ठ 22

अकषय कराित कायर-स कित का बहाव ऊपर स नीच की ओर होता ह नीच स ऊपर की ओर कभी नही यह दखना बहत ज री ह िक हमन अपन िलए और आस-पास क लोग क िलए कसा वातावरण तयार िकया ह खराब वातावरण म अ छ की उ मीद करना बमानी ह अनभवः हम अपन जीवन म अपन काम-काज म हालात स जसा अनभव पात ह वह हमारी आदत का िह सा बन जात ह और उसी क अनसार हमारा यवहार होता ह अगर िकसी क परित हमारा अनभव अ छा होता ह तो हमारा नज़िरया भी अ छा होता ह ज री ह िक कमरचािरय को ऐसा कायर-पिरवश िमल िजसस उनक अवचतन म अ छ अनभव की छाप अिकत हो

परिशकषण भी ज़ री यहा िसफर सदधाितक जञान ही काफी नही होता बि क औपचािरक और अनौपचािरक दोन ही तरह की िशकषा व परिशकषण ज री ह जञान और जानकारी को यिद योजनाबदध तरीक स परयोग िकया जाए तो उसस बौिदधक तर को बढ़ान म आशातीत सफलता िमलती ह काम करन की कला अ छी िशकषा स ही आती ह ज री ह िक परिशकषण म मनोवजञािनक सामािजक आिथरक व अ य पहल को समझन की आदत िवकिसत की जाए अवचतन म यह िबठाना बहत ज री ह िक जीवन की भ यता काम क वारा ही सभव ह स थान म सभी को लगना चािहए िक उनका काम मह वपणर ह यही परबधन कला का सार ह जब कमरचािरय को ऐसा एहसास होन लगता ह तो उनक नज़िरए म बदलाव आन लगता ह उपसहारः काम क परित लोग म अ छी आदत िन िपत करन और उनम उ साह जगान स कायर-िन पादन म िनरतर िनखार आता ह दरअसल हर यिकत म मानिसक और शारीिरक ऊजार उ प न होती ह िजसक िलए काम ही सबस अ छा िनकास ह एक िवचारक क अनसार lsquoआप पछत ह म लगातार काम कय करता ह

यहा िसफर सदधाितक जञान ही काफी नही होता बि क औपचािरक और अनौपचािरक दोन ही तरह की िशकषा व परिशकषण ज री ह

प ठ 23

अकषय कराित इसका वही कारण ह िजस कारण स मगीर अ ड दती जाती ह rsquo काम क िबना इसान घट सा जाता ह उस काम की उतनी ही ज रत होती ह िजतनी हवा की आव यकता ह िक उस सही वातावरण उपल ध करान और सही िदशा म अिभपरिरत करन की व ततः हर यिकत अदर स गिरमा और आ मस मान की चाह रखता ह आव यकता ह उस अतःपरिरत करन की लोग को खद स परिरत करन क िलए हम उनकी ज रत और इ छाओ को समझना होगा पररणा कायरकषमता और आदत क बीच सीधा सबध ह जो लोग उतना ही काम करत ह िक उनकी नौकरी बची रह तो ऐस लोग िकसी भी स थान क िलए मह वपणर नही हो सकत अतपररणा स सोच म बदलाव लाया जा सकता ह पररणा आग क समान होती ह

कमरचािरय को िजतना परिरत िकया जाएगा उनम उतनी ही सकारा मक आदत का िवकास होगा कमरचािरय को उिचत स मान दकर उनक कायर को अिधक मनोरजक बनाकर परबधन वारा उनकी बात को गौर स सनकर उनकी सम याओ और सझाव पर गौर करक उ ह वय ल य िनधारिरत करन क िलए परो सािहत करक िवकास क नय अवसर उपल ध कराकर आव यकतानसार समय-समय पर समिचत परिशकषण िदलाकर तथा नयी चनौितय स जझन क िलए परो सािहत करक िन सदह उनक आचार और यवहार को सकारा मक िदशा म पाियत िकया जा सकता ह

कमरचािरय को िजतना परिरत िकया जाएगा उनम उतनी ही सकारा मक आदत का िवकास होगा

ई-पितरका म लख आिद म परकट िवचार

मलतः लखक क ह तथा यह आव यक नही ह िक

इरडा भी इन िवचार स सहमत हो

प ठ 24

अकषय कराित

िबिटया

आख म मोती लकर तम िबिटया जाती हो हा जाओ िशकषा का उपहार द रह िवदा समय यह लो ल जाओ इन पराण म परीित त हारी ममता क धन िसदरी इन नयन की बद पली परकट करती ह मजबरी लाचारी ह िफर पराण म क य ह इतनी आकलता

जब इस रीित पर पराओ म वश न िकसी का ह चलता िपतकल को तजकर अब िबिटया पित-कल म जाना होगा

नटखटपन को छोड़ धमर का ही िजसम बाना होगा इस घर की तम बड़ी लाडली पराण स यारी िबिटया

चली लाकर आज सभी को िपता की कर सनी किटया िजन हाथ न लाड़ चाव स अब तक था िजसको पाला उन हाथ न ही िबिटया को दलह राजा जी को द डाला

िजसका दख जरा मन मला हो जाती थी हरानी क यादान उसी का कर क दय बनाया पाषाणी

िकया न जाता था पल भर को इन आख स दर िजस मोती झरत िवदा द रहा आज सकल पिरवार उस अपनी मा क जीवन की तम परित-पल हो आधार रहो

िवजयता िपता क दय मिदर की िबिटया तम साकार रही आज जीवन क सख-दख सार वही िबतान तम लो जान आओगी जब कभी यहा तम होगी महमान समान

सतीश कमार कलावत इरडा

इस घर की तम बड़ी लाडली पराण स यारी िबिटया चली लाकर आज सभी

को िपता की कर सनी किटया

प ठ 25

ससराल की कभी बराई कही न मह पर आ जाव धमर कमर क तर य पथ म पाव नही िडगन पाव

सात परितजञाय जो तमन अिग नदव स मख की धारण द पि त जीवन का मह व ह करना स च मन स पालन

बटी इन सात बचन का यान दय म रह सदा दोन कल की लाज इसी म भला न दना इस कदा पित ही ह सवर तर त हार पित ही को जीवन समझो

जो कछ कह उसी को मान उनको िबिटया तम धन समझो शीलवती तम बन िबिटया पित-भक त मना सदर िनस दह वय उपजग क प-वकष घर क अ दर

पहन सिशकषा की साड़ी को शभ गण भषण अपनाओ दस लकषण शभ लकषण धार िन य नय मगल गाओ यह िशकषा उपहार दय का तम को राह िदखायगा भल भटक कर भी अिधयारा पास न आन पायगा

हम सब की आख स मोती उर स िनकल रही आशीष सभी सख स पणर परफि लत कर त ह दलह राजा की ईश

अकषय कराित

िजन हाथ न लाड़ चाव स अब तक था िजसको पाला उन हाथ न ही िबिटया को दलह राजा जी को द डाला

प ठ 26 अकषय कराित

ldquoपयारवरणrdquo श द पिर+आवरण स बना ह अथारत बा य आवरण को ही पयारवरण कहत ह इस बा य आवरण का ता पयर हमार चार ओर क वातावरण और पिरवश स ह िजस हम दसर श द म परकित भी कह सकत ह प वी पर िव यमान सपणर जीव-जगत क अि त व जीवन-यापन एव चहमखी िवकास म परकित की मह वपणर भिमका ह मानव बिदधजीवी पराणी ह और परकित क मह व स भली-भाित पिरिचत होन क कारण ही सिदय स परकित की पजा करता रहा ह

विदक काल स ही परकित तथा मानव क बीच जीवन ततर का अटट सबध रहा ह हमार पराचीन ऋिष-मिनय न प वी म हवा पानी िमटटी पड़-पौध जीव-ज तओ और मानव क सिकरय सहयोगा मक सतलन को यान म रखकर ही परकित को प य माना धमर क साथ परकित को जोड़कर उ ह न परकित को पयार त मह व िदया व जानत थ िक िजस परकार जीवन क िलए भिम की आव यकता होती ह उसी परकार वन पितया व अ य पराणी भी आव यक ह य सभी परकित क अिभ न अग ह इनम स एक क भी न ट होन का परभाव दसर पर पड़ता ह और पिरणाम व प पराकितक असतलन पदा हो जाता ह व तत प वी म हवा पानी िमटटी पड़-पौध जीव-ज तओ और मानव का सिकरय सहयोगा मक सतलन रहता ह पड़-पौध भिम को उपजाऊ बनात ह िमटटी को बाधकर रखत ह बरसात करवान तथा जल एव वाय को व छ रखन म सहायक होत ह परत आज क बढ़त औ योिगकीकरण और शहरीकरण न परकित और मानव क बीच असतलन उ प न कर िदया ह यह असतलन अिशकषण बढ़ती जनसख या शहर की ओर पलायन वकष की कटाई गगनचबी इमारत बड़-बड़ उ योग की थापना आिद क कारण ह और यही पयारवरण परदषण क मख य कारण ह मटरोपोिलटन एव बड़ शहर म अनक काबरिनक और अकाबरिनक गस जस ndash काबरन-मोनोऑक साइड अमोिनया आिद परदषण क मख य ोत ह

वतरमान पयारवरण -21वी सदी की चनौती

लख सरीन सल

विदक काल स ही परकित तथा मानव क बीच जीवन ततर का अटट सबध रहा ह

प ठ 27 अकषय कराित मन य न अपनी भितक सख-सिवधाओ की आपित र क िलए परकरित स

िखलवाड़ िकया ह वतरमान मशीनी यग म मन य वारा परकित क अ यिधक दोहन एव िनत नए कारखान की थापना स पयारवरण सकट उ प न हआ ह मानव न परकित क साथ जो अ यायपणर यवहार िकया ह उसी क फल व प परकित का िवरोधी रवया हआ ह िजस भिव य म सह पाना मि कल होगा

अिशकषा क कारण दश की तजी स बढ़ती आबादी क आवास की मलभत आव यकता को परा करन क िलए वकष की कटाई करक ऊची-ऊची इमारत बनाई जा रही ह वकष की अधाधध कटाई स भिम की ऊवररा शिक त का तो ास हो ही रहा ह साथ ही परदषण जसी िवकराल सम या भी ज म ल रही ह

परदषण पयारवरण क ास का परमख कारण ह िवकासशील दश िनत नए उ योग की थापना करक बराजगारी की सम या को तो दर कर रह ह िकत इसस जल वाय विन तथा िविभ न परकार क परदषण बढ़ रह ह कल-कारखान और मोटर स िनकलन वाल धए स वाय परदषण हो रहा ह जल थल व नभ क मागर पर शिक त चािलत वाहन विन परदषण का मख य ोत ह शहरीकरण और औ योिगकीकरण क कारण शदध पयजल की सम या िवकराल प धारण कर रही ह कारखान स िनकलन वाल कड़-कचर क निदय म िमलन स जल परदषण हो रहा ह रासायिनक खाद और कीटनाशी दवाओ स मदा परदषण का खतरा बन गया ह

इस परकार जनसख या विदध शहरीकरण औ योिगकीकरण एव परदषण जसी सम याओ न पयारवरण को बरी तरह परभािवत िकया ह आज सपणर िव व पयारवरण को लकर िचितत ह इस भयावह ि थित स बचन क िलए पर यक यिक त को पयारवरण क परित जाग क करना आज की अिनवायर आव यकता ह

इस िदशा म सवरपरथम िनरकषरता को समा त िकया जाना चािहए साकषर भारत की पिरक पना म जनसख या विदध दर वय िनयितरत हो जाएगी करल रा य इसका परमाण ह जहा साकषरता क साथ-साथ जनसख या िनयतरण भी ह

जल थल व नभ क मागर पर शिक त चािलत वाहन विन परदषण का मख य ोत ह

प ठ 28 अकषय कराित

इसक बाद बात आती ह परदषण िनवारण की आज िव व भर क

वजञािनक और पयारवरणिवद इस िदशा म कायररत ह सवरपरथम वन क काटन पर परितबध लगाया गया ह और वन सपना क िव तार हत वकष लगान क िलए परो सािहत िकया गया इसक िलए सरकार की ओर स वकष आिद िनश क उपल ध कराए जात ह ldquoपयारवरण परदषण स थाrdquo और व छ वाय अिधिनयम जस िविधक उपाय स वाय परदषण पर रोक लगान का परयास िकया जा रहा ह जहरील धआ उगलन वाल कारखान तथा वाहन पर भारी आिथरक दड का परावधान ह िविभ न सचार मा यम mdashदरदशरन समाचार-पतर तथा आकाशवाणी क मा यम स जनता को पयारवरण क परित जाग क करन क परयास िकए जा रह ह निदय म खलन वाल परदषण ोत को बद करन की योजनाए चलाई जा रही ह पािलथीन क परयोग को बद करन क िलए चलाया जा रहा ह अिभयान भी परशसनीय ह

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह इस खतर स सपणर भमडल का अि त व न ट हो जाए इसस पहल हम पयारवरण की सरकषा करन का सक प लना होगा

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह

िस धी होन क प चात भी मझ बगाली रीित िरवाज़ िमठाइया यहा का पहनावा अगरज क ज़मान की बनी सरचनाए एव भवन इ यािद म बहत िदलच पी एव िच थी

प ठ 29 अकषय कराित

यातरा स मरण-कोलकाता-खिशय हषर का शहर(िसटी ऑफ जॉय)

सोिनया सिह वानी पीईसी िलिमटड

म पी ई सी िलिमटड नामक कपनी क िविध ककष म उप िविध परबधक क पद पर कायररत ह सन 2010 जन स इस कपनी म मन परबधन परिशकष क प म अपनी पहली नौकरी की श आत की पी ई सी िलिमटड वािण य मतरालय क अतगरत आन वाली आयात-िनयारत यापार स स बिधत क पिनय म स एक ह इस स दभर म जनवरी 2011 म िविभ न िवभाग क परबधन परिशकषओ को ओिरएटशन हत काडला कोलकाता इ यािद शहर म भजन का कायरकरम िनि चत िकया गया कोलकाता क पास हि दया पोटर होन क कारण कोलकाता शहर चना गया जहा पी ई सी वारा आयात की गयी व तए पोटर गोदाम म रखी जाती ह साथ ही म कोलकाता पोटर िभ न गोदाम इ यािद दखन की यव था की गयी एव सची म समावश िकया गया यह सनकर मरी ख़शी का िठकाना न रहा क य िक मन कोलकाता शहर क बार म सना बहत था पर त कभी दखा न था िस धी होन क प चात भी मझ बगाली रीित िरवाज़ िमठाइया यहा का पहनावा अगरज क ज़मान की बनी सरचनाए एव भवन इ यािद म बहत िदलच पी एव िच थी आिखरकार मझ मौका िमला और जनवरी की कड़ाकदार ठ ड क बीच हम एक रिववार शाम कोलकाता राजधानी स अपनी मिजल की और िनकल पड़ िद ली स कोलकाता क सफ़र क बीच हमारी गाड़ी इलाहाबाद गया िबहार तथा धनबाद जस शहर स होत हए बगाल की ओर पहची हसत-गात खलत-खात हए हम अगली सबह हावड़ा जकशन पहच गए रलगाड़ी स उतर कर टशन स बाहर िनकलत ही मझ िसटी ऑफ जॉय क नाम स मशहर कोलकाता की पहली झलक िदखाई दी ऐसा लगा मानो मझ भारत क दो पहल एकसाथ जीत हए नज़र आए एक तरफ थ टशन स बाहर एव अ दर जात हए स दर कपड़ गहन म लद हए कोलकाता क बगाली िनवासी साथ म बड़ी-बड़ी गािड़य म घमत कोलकाता क नौजवान और ठीक दसरी तरफ मरी नज़र पड़ी हगली नदी पर बन परिसदध हावड़ा िबरज पर िजस दख एक अलग ही दिनया का एहसास हआ

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह

िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी

एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया नतीजा मर समकष था

प ठ 30 अकषय कराित

हावड़ा िबरज पर हर तरफ लोग का जमावड़ा था इतन लोग दख िद ली क चादनी चौक की याद आ गयी ऐसा लगा मानो म 50 साल पीछ िकसी लक एव वाईट दिनया म कदम रख चकी थी िबरज क दोन तरफ सामान बचत हए दकानदार िखलौन मछली रख हए औरत एव छोट-छोट ब च मख य शहर स हावड़ा जान वाल आम आदमी मजदर की तज़ र तार फरी स र ता पार करन वाल यापारी इन सब को दख लगा कोलकाता म मबई जसी भागम भाग भी थी िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया नतीजा मर समकष था जस-जस म कोलकाता शहर क भीतर आन लगी मझ इस शहर क िवकास की झलक िदखाई दी एक तरफ थी ऊची ईमारत सदर िवशाल िव यासागर सत पल बड़-बड़ होटल माल कोलकाता उ च यायालय राईटसर िबि डग मशहर इडन गाडरन टिडयम इ यािद तो दसरी तरफ था िवक टोिरया ममोिरयल अगरज की वा तकला क अनसार िदखती लाल ईटो की इमारत िवक टोिरयल सरचनाए भवन छोटी-छोटी पटिरय पर समान बचत नया बाज़ार (New Market) क दकानदार एव िवक टोिरया ममोिरयल क बाहर चलत सलािनय क िलए रथ वाल घोड़ हमारा होटल जसीबोस सड़क पर ि थत था एव सिवधाओ स भरपर था पर त मन य जाना िक असली कोलकाता का मज़ा गाड़ी म नही अथवा िरक शा ऑटो तथा साल स चलती आ रही सड़क पर टराम म था

हर तरफ मझ पील रग की टिक सया िदखाई दी सब एक समान थी तथा मरसीडीज़ गाड़ी क बगल म चलती 1-2 पय म सफ़र की जान वाली टराम भी साथ िदखाई दी परी िजदगी िद ली म यतीत करन क बाद हर नए शहर का रहन-सहन बोल-चाल रीित-िरवाज़ जानन की जाग कता मझम हमशा रही पहल ही िदन स कोलकाता मझ रास आया जस िक कहत ह lsquoकोलकाता हमार खब भाला लागली छ rsquo कहन का ता पयर य िक मझ कोलकाता बहत अ छा लगा पहल िदन िक शाम को हमन य मािकर ट म खरीददारी करन का मन बनाया म हरान थी िक वहा चीज िकतनी स ती िमल रही थी िद ली क मतािबक एक ितहाई दाम पर चिडया गहन बग जत कत इ यािद िमल

िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया

प ठ 31 अकषय कराित य मािकर ट िद ली क लाजपत एव सरोिजनी नगर समान ह कम

दाम म अ छा समान िमला कोलकाता चमड़ क िलए भी मशहर ह एव परिसदध ी लदसर दकान भी इस बाज़ार म ि थत ह यहा खरीदारी का हमन खब ल फ़ उठाया

अगल िदन हम हि दया पोटर गए एव अनक जहाज़ दख 3-4 घट की दरी पर ि थत यह पोटर अनक एकड़ म फला हआ था पहली बार इतन बड़ जहाज़ को अदर स दख खब आनद आया तीसर िदन हम काली बाड़ी मिदर गए बगाली अ यत पाठ-पजा वाल दगार मा क स च उपासक ह यह सब जानत ह दगार पजा इनका लोकिपरय उ सव ह तथा काली मा एव दगार मा की स च मन स पजा करत ह कोलकाता क िनवासी भिक त भावपणर ह यह सना था अब खद दख भी िलया बगाली र म स पजा करन का य मौका अ यत आनदमयी था इसक अलावा काली बाड़ी क नज़दीक ही ि थत ह गौिरहाट बाज़ार यहा की दकान बगाली सािड़या कपड़ सट कत इ यािद क िलए परिसदध ह आिद धक तशवर नामक मशहर दकान म जाकर मरा भी मन िकया िक म भी खरीददारी क मर सािथय न बहत सािड़या खरीदी एव दाम दखकर म दग रह गई सदर स सदर साड़ी मातर 600700 पय की थी मन बगाल की मशहर लाल एव सफद िपरट की साड़ी भी खरीदी कोलकाता म खरीददारी का अलग की मज़ा ह उसी िदन शाम हम सा ट लक िसटी मॉल गए वह सा ट लक टिडयम क नज़दीक ह यहा िदखाई िदया कोलकाता का परगितशील प नौजवान फटबाल की जसीर पहन माल म घम रह थ एक स एक

मशहर बरड वहा मौजद थ इसक अलावा कोलकाता क िनवासी खब मनोरजन क शौक़ीन ह सगीत नाच गाना इ यादी म िच रखत ह कोलकाता म जगह-जगह सगीत कला अकडमी तथा पढ़न (रीिडग) क क लब ह अगरज क शौक तथा रहन-सहन की झलक आज भी यहा िदखती ह यहा क नौजवान को खल-कद म भी खब िदलच पी ह फटबाल का तो जस यहॉ सबको जनन ह

भारत क परिसदध मोहन बगान फटबाल क लब फटबाल क वहा क नौजवान ही नही परा शहर ही दीवाना ह भारत-पाक मच हो या आई पी एल इडन गाडरन मदान लोग स खचा-खच भरा रहता ह अफ़सोस म वहा अदर जा न सकी

इसक अलावा काली बाड़ी क नज़दीक ही ि थत ह गौिरहाट बाज़ार यहा की दकान बगाली सािडया कपड़ सट कत इ यािद क िलए परिसदध ह

प ठ 32 अकषय कराित

मर सफर क आखरी िदन म मन कोलकाता क लोग म एकता क नजार दख िविभ नता म भी एकता का उदाहरण दखा चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख िजस िदन हम कोलकाता पहच थ उसी िदन वहा शहर बद था और मन एक जट होकर लोग को अपनी बात कहत हए दखा एव सना यहा क लोग अपन शहर क िवकास बहतरी क िलए जाग क ह िज मदारी लत ह तथा सरकार को अपनी बात भली-भाित कहत ह लड़िकय औरत की इ ज़त करत ह एव यहा िक मिहलाओ को मन िनदरलीय पाया जहा एक ओर भारत की राजधानी होन क बावजद िद ली वाल अपनी िजदगी म मगन रहत ह वही दसरी और कोलकाता म अमीरी-गरीबी िभ न जाितय म भी एक जटता ह कपड़ा एव खाना आज भी यहा खब स ता िमलता ह पर त दसरी तरफ सब जानत ह िक बड़-बड़ उ योगपित िव वान लखक िखलाड़ी गायक अिभनता िनदशक यहा स उभर ह सािह य हो या लख बॉलीवड हो या िकरकट बगाल न भारत को अनक नाम एव गौरव िदए ह चाह सौरव दादा हो या रिव दर नाथ टगोर ममता बनजीर रानी मखजीर हो या योित बस भारत म इनकी भिमका का वणरन करन की ज रत नही

मन कछ िदन क कोलकाता क सफर म इस शहर को जानन समझन का परयास िकया हगली नदी क िकनार खड़ होकर समदर को दखा निदय को िनहारा िव यासागर सत िबरज की सदरता िवशालता को सराहा क सी दास की परिसदध िमठाई का ल फ उठाया मन बहत शहर घम पर त यह सफर मर िलए सबस यादगार रहा कोलकाता परगित क मागर पर िनरतर बढ़ रहा ह पर त आज भी वह अपनी जड़ नितक म य को नही भला ह एक आम आदमी आज भी टराम म या फरी स सफर करता ह यहा क िनवासी दो पय स लकर 500 ० का खाना खात ह पराना एव नया कोलकाता एक साथ जीिवत ह िसक क क दो पहल की तरह कोलकाता क यह दो प को एक साथ रहत दख बहत आनद आया

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 33 अकषय कराित

जल परकित का अनपम उपहार ह मानव जाित अपन परादभारवकाल स ही इस उपहार का उपयोग अपन िहत क िलए करती आई ह जल वह पराकितक उपहार ह िजसका कोई िवक प नही ह इसिलए जल को अमतया जीवन भी कहा गया ह जल क िबना जीवन की सभावना भी नही ह पर यकष प स तो जल की मानवीय आव यकता सीिमत ह परत परोकष आव यकताओ पर नजर डाल तो दिनक जीवन की आव यकताए जस अ न फल स जी दध स लकर हमार पहराव आवास तक सब जल स जड़ हजल का जरा भी सतलन िबगड़ जाए तो जीवन यापन क टपरद होन म दर नही परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह जल क सामा य त य जल या पानी एक आम रासायिनक पदाथर ह जो जीवन क सभी जञात प क जीिवत रहन क िलए ज री ह आमतौर पर जल अपनी दरव अव था म उपयोग म लाया जाता ह पर यह ठोस अव था बफर और गस अव था जल वा प या भाप प म भी पाया जाता ह प वी क लगभग तीन चौथाई िह स पर िव व क महासागर का अिधकार ह अनमानत प वी पर जल की कल मातरा लगभग 1400 िमिलयन घन िकलोमीटर ह जो िक प वी पर 3000 मीटर गहरी परत िबछा दन क िलए काफी ह तथािप जल की इस िवशाल मातरा म व छ जल का अनपात बहत कम ह प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह शष जल झील निदय वायम डल नमी मदा और वन पित म मौजद ह जल की जो मातरा उपभोग और अ य परयोग क िलए व ततः उपल ध ह वह निदय झील और भजल म उपल ध मातरा का छोटा-सा िह सा ह इसिलए जल ससाधन िवकास और परब ध की बाबत सकट इसिलए उ प न होता ह कय िक अिधकाश जल उपभोग क िलए उपल ध नही हो पाता

परभावी जल परबधन और दश का िवकास

दीपक आहजा ओएनजीसी िवदश

प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह

प ठ 34 अकषय कराित

और दसर इसका िवषमतापणर थािनक िवतरण इसकी एक अ य िविश टता ह फलतः जल का मह व वीकार िकया गया ह और इसक िकफायती परयोग तथा परब ध पर अिधक बल िदया गया ह प वी पर उपल ध जल जल-चकर क मा यम स चलायमान ह जल लगातार एक चकर म घमता रहता ह िजस जलचकर कहत ह इसम वा पीकरण वषार और बह कर सागर म पहचना शािमल ह हवा जल वा प को थल क ऊपर उसी दर स उड़ा ल जाती ह िजस गित स यह बहकर सागर म पहचाता ह जल चकर का िचतर नीच पर तत िकया गया ह

अिधकाश उपभोकताओ जस िक मन य पशओ अथवा पौध क िलए जल क सचलन की ज रत होती ह जल ससाधन की गितशील और नवीकरणीय परकित और इसक परयोग की बार बार ज रत को ि टगत रखत हए यह ज री ह िक जल ससाधन को उनकी परवाह दर क अनसार मापा जाए इस परकार जल ससाधन क दो पहल ह अिधकाश िवकासा मक ज रत क िलए परवाह क प म मािपत गितशील ससाधन अिधक परासिगक ह आरिकषत भ डार की ि थर अथवा िनयत परकित और साथ ही जल की मातरा तथा जल िनकाय क कषतर की ल बाई व म यपालन नौ सचालन आिद जस कछक िकरयाकलाप क िलए भी परासिगक ह

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 35 अकषय कराित

जल का यय अप यय जल क बार म एक नही कई च कान वाल त य ह िव व म और िवशष प स भारत म जल िकस परकार न ट होता ह इस िवषय म जो त य सामन आए ह उस पर जाग कता स यान दकर जल क अप यय को रोका जा सकता ह अनक त य ऐस ह जो हम आन वाल ख़तर स तो सावधान करत ही ह दसर स पररणा लन क िलए परो सािहत करत ह और पानी क मह व व इसक अनजान ोत की जानकारी भी दत ह प वी पर पदा होन वाली सभी वन पितया स भी हम पानी िमलता ह

आल और अनानास म 80 परितशत और टमाटर म 95 परितशत पानी ह पीन क िलए मानव को परितिदन 3 लीटर और पशओ को 50 लीटर पानी

चािहए भारत म 83 परितशत पानी खती और िसचाई क िलए उपयोग िकया जाता

ह इज़राइल म औसतन मातर 10 सटीमीटर वषार होती ह इस वषार स वह

इतना अनाज पदा कर लता ह िक वह उसका िनयारत कर सकता ह दसरी ओर भारत म औसतन 50 सटीमीटर स भी अिधक वषार होन क बावजद अनाज की कमी बनी रहती ह

िपछल 50 वष म जल क िलए 37 भीषण ह याकाड हए ह भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल

चलती ह पानी ज य रोग स िव व म हर वषर 22 लाख लोग की मौत हो जाती ह यिद बरश करत समय नल खला रह गया ह तो पाच िमनट म करीब 25

स 30 लीटर पानी बरबाद होता ह बाथ टब म नहात समय 300 स 500 लीटर पानी खचर होता ह जबिक

सामा य प स नहान म 100 स 150 लीटर पानी खचर होता ह िव व म परित 10 यिकतय म स 2 यिकतय को पीन का शदध पानी

नही िमल पाता ह परित वषर 6 अरब लीटर बोतल पक पानी मन य वारा पीन क िलए

परयकत िकया जाता ह मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 36 अकषय कराित

िद ली मबई और च नई जस महानगर म पाइप लाइन क वॉ व की खराबी क कारण रोज़ 14 स 44 परितशत पानी बकार बह जाता ह

निदया पानी का सबस बड़ा ोत ह जहा एक ओर निदय म बढ़त परदषण रोकन क िलए िवशषजञ उपाय खोज रह ह वही कल कारखान स बहत हए रसायन उ ह भारी मातरा म दिषत कर रह ह

भारत म जल सकट नासा की एक िरपोटर न पानी को लकर दश भर म बढ़ती जा रही लापरवाही क परित आख खोली ह इस िरपोटर म भारत म सख की ि थित पदा होन क िलए िज मवार कारण म स एक अहम कारण अधाधध जल दोहन को बताया गया ह बतात चल िक दश भर क 604 िजल म स 161 सख की मार झल रह ह वस अब बताया जा रहा ह िक सख की मार स बहाल िजल की सखया बढ़कर 246 हो गई ह यानी कहा जाए तो आधा दश सख की चपट म ह बहरहाल नासा की इस िरपोटर म बताया गया ह िक भारत क कई रा य कषमता स यादा जल दोहन कर रह ह यहा कषमता स ता पयर यह ह िक उनस िजतन सलाना जल दोहन की उ मीद कदर करती ह व उसस कही यादा जल दोहन कर रह ह नासा न यह अ ययन 2002 स 2008 क बीच

की ि थितय क आधार पर िकया ह इस िरपोटर म बताया गया ह िक पजाब हिरयाणा और राज थान हर साल औसतन 177 अरब कयिबक मीटर पानी जमीन क अदर स िनकाल रह ह जबिक कदर की तरफ स लगाए गए अनमान क मतािबक इ ह हर साल 132 अरब कयिबक मीटर पानी ही जमीन क अदर स िनकालना था इस तरह स दखा जाए तो य तीन रा य िमलकर कषमता स 30 फीसदी यादा पानी का दोहन कर रह ह जािहर ह िक िबना कछ सोच-िवचार जब इस पमान पर पराकितक ससाधन का दोहन िकया जाएगा तो परकित भी बदला लगी और वही हो रहा ह इस िरपोटर म यह भी बताया गया ह िक भारत का महज 58 फीसदी भजल ही हर साल िरचाजर हो पाता ह नासा की यह िरपोटर बताती ह िक अधाधध जल दोहन की वजह स पर उ तर पि चम भारत क भजल तर म हर साल 4 सटीमीटर यानी 16 इच की कमी आ रही ह इस अ ययन को अजाम दन म नासा क जल िवजञानी मट रोडल न अहम भिमका िनभाई ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 37 अकषय कराित

उनक हवाल स इस िरपोटर म बताया गया ह िक दश क उ तर पि चम कषतर म 2002 स 2008 क दौरान तकरीबन 109 कयिबक िकलोमीटर पानी की कमी हई ह यह मातरा िकतनी अिधक ह इसका अदाजा इसी स लगाया जा सकता ह िक यह अमिरका क सबस बड़ जलाशय लक मीड की कषमता स दगन स भी कही यादा ह अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह इस िरपोटर क मतािबक अगर अधाधध जल दोहन इसी तरह स जारी रहा तो आन वाल समय म भारत को अनाज और पानी क सकट को झलन क िलए अभी स तयार हो जाना चािहए जािहर ह िक जब जल सकट बढ़गा तो खती पर इसका गहरा परभाव पड़गा अनाज क उ पादन म कमी आएगी इस वजह स अनाज सकट पदा होगा और भख का एक नया चहरा उभरकर सामन आएगा एक बड़ा तबका जो आज भरपट भोजन कर पाता ह उसक िलए पट भर खाना िमलना मि कल हो जाएगा भखमरी की जो सम या पदा होगी उसस िफर िनपटना आसान नही होगा इसक अलावा पीन क पानी का टोटा तो होगा ही अभी ही दश क कई िह स ऐस ह जहा क लोग को पीन क िलए साफ पानी नही िमल पा रहा ह कई कषतर ऐस ह जहा गमीर क िदन म हडपप स पानी आना बद हो जाता ह वहा क लोग को हर साल बोिरग को कछ फट बढ़वाना होता ह यह सम या भजल तर क िगरत जान की वजह स ही पदा हई ह जब पीन क पानी का सकट पदा होगा तो बोतलबद पानी का कारोबार काफी तजी स बढ़गा कहन का मतलब यह िक िजसक पास पसा होगा वह अपनी यास बझा सकगा और िजसक पास पसा नही होगा उस अपनी यास बझान क िलए भी सघषर करना पड़गा ि थित की भयावहता की क पना ही िसहरन पदा करती ह भारत म दिनया का हर छठा आदमी रहता ह यानी कहा जाए तो दिनया क कल आबादी क तकरीबन सतरह फीसदी लोग भारत म रहत ह जबिक दिनया का महज साढ़ चार फीसदी पानी ही भारत म उपल ध ह ऐस म जल सम या स दो-चार होना कोई आनापिकषत बात नही ह एक बात तो तय ह िक पराकितक ससाधन म इजाफा तो नही िकया जा सकता ह लिकन इसका सरकषण अव य िकया जा सकता ह

अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह

प ठ 38 अकषय कराित

भारत म लोग िकसी एक मा यम स पयजल परा त करन पर िनभरर नही ह इस दश म 357 फीसदी लोग हडपप स 367 फीसदी लोग नल स 182 फीसदी लोग तालाब पोखर या झील स 56 फीसदी कओ स 12 फीसदी लोग पारपिरक साधन स और 26 फीसदी लोग अ य मा यम स पीन का पानी परा त करत ह इस िलहाज स अगर दखा जाए तो जल सकट को दर करन क िलए समगर कायरयोजना की ज रत ह

दरअसल भारत म गहरात जल सकट क िलए काफी हद तक पानी की बबारदी भी िज मवार ह यहा जल आपित र की यव था म काफी खािमया ह नल क जिरए घर तक पहचन वाल पानी का एक बड़ा िह सा िरस कर बबारद हो जाता ह हर शहर म फट हए आपित र पाइप आसानी स दख जा सकत ह इस बदहाल यव था क िलए सरकार क साथ-साथ सामा य लोग भी कम िज मदार नही ह एक तरफ तो सरकार पयजल क नाम पर हर साल हजार करोड़ पए का बजट बनाती ह और दसरी तरफ जमीनी तर पर हालात म कोई बदलाव नही िदखता ह सामािजक तौर पर भी जल सरकषण को लकर जाग कता का अभाव िदखता ह यह सामािजक तान-बान का ही असर ह िक लोग कही भी जल की बबारदी को दखकर उस सामा य घटना मानत हए नजरअदाज कर दत ह दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था यह अब घटकर 1800 कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर हो चका ह

दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था

प ठ 39 अकषय कराित

िवशषजञ का अनमान ह िक अगर पानी की खपत और बबारदी इसी तरह स जारी रही तो 2025 तक यह घटकर हजार कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर ही रह जाएगा उस समय तक पानी की उपल धता म आन वाली इस कमी की वजह स किष उ पादन म तीस फीसदी की कमी आन की सभावना ह इन पिरि थितय म दश की आिथरक और सामािजक ि थित का कया होगा इसका अदाजा सहज ही लगाया जा सकता ह भारत म जल सरकषण क परित आज भी आम लोग क मन म उपकषा का भाव बना हआ ह साथ ही इस कायर क िलए आव यक तकनीक की भी कमी ह जो तकनीक उपल ध ह उनस सामा य लोग अनजान ह बािरश क पानी का सगरह करक उस उपयोग म लाना एक अ छा िवक प ह पर इस तरह की कोिशश काफी सीिमत मातरा म काफी छोट तर पर हो रही ह यही वजह ह िक दश म होन वाली बािरश क पानी का अ सी फीसदी िह सा आज भी समदर म पहच जाता ह अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह अगर जल की इस िवशाल मातरा का आधा भी परयोग कर िलया जाए तो ि थित म यापक बदलाव आना तय ह शहरी कषतर म तो पानी की कालाबाजारी जोर पर ह जगह-जगह पर जल मािफया सिकरय हो गए ह िद ली क ही एक अखबार न कछ समय पहल यह बात उजागर िकया था यहा तो समानातर जल बोडर भी चलाया जा रहा ह हरानी की बात तो यह ह िक इसक बावजद भी पानी क काल धध पर अकश नही लगाया जा सका ह अहम सवाल यह ह िक कस सामा य तबक क लोग तक व छ पानी पहचाया जाए शहरी कषतर क साथ-साथ गरामीण कषतर म भी यह एक बड़ी चनौती ह आबादी म अपर यािशत विदध बढ़त शहरीकरण औ योिगकीकरण और किष उ पाद की बढ़ती माग क कारण पानी की माग िपछल कछ साल म वाभािवक प स बढ़ी ह इसक पिरणाम व प भजल ससाधन का अ यिधक दोहन हआ ह और इसका नतीजा हआ िक लगातार भजल का तर घटता जा रहा ह शहरी कषतर म ि थित बहद भयावह ह तदनसार वहा न कवल शीघराितशीघर जल ससाधन क सरकषण की ज रत ह बि क परभावी रणनीित और परबधन क जिरए त काल कदम उठान की ज रत ह

अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह

प ठ 40 अकषय कराित

खासकर इस बात को यान म ऱखकर िक िविभ न परितयोगी कषतर म कभी भी माग बढ़ सकती ह भिव य म उपयोग क िलए छत पर या सतह पर जलगरहण बनाकर वषारजल सरकषण बहद ज री ह यह पानी की बढ़ती ज रत का खयाल रखन िमटटी की नमी तर को बढ़ान शहरी हिरयाली को बढ़ान भजल तर को कितरम प स पनभररण करन और भजल की गणव ता स सधार का काम करता ह भारत म जल परबधन स दश का िवकास भारत म दिनया की 16 परितशत आबादी रहती ह लिकन दिनया क िसफर 4 परितशत जल ससाधन ही भारत क पास ह 3290000 वगर िकलोमीटर क भिम कषतर और एक अरब स यादा की आबादी क साथ भारत क एक बहलवादी िविवधता का िचतर ह िवशाल पराकितक ससाधन क साथ सप न तकनीकी और वजञािनक किमरय का भी यह दिनया म दसरा सबस बड़ा सम चय ह भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह मानव िवकास म 80 क दशक म लगभग 26 परितशत और 90 क दशक क दौरान और 24 परितशत क वारा सधार हआ ह आजादी क बाद छह दशक म भारत न जल ससाधन का अभतपवर िवकास और खा या न म आ मिनभररता शहरी कषतर ऊजार और औ योिगक कषतर और पीन का पानी क बिनयादी ढाच म तजी स िव तार दखा ह िजसका उपयोग भारत की लगभग 85 परितशत शहरी और गरामीण आबादी क वारा िकया जाता ह भारत म रा य सरकार और भारत सरकार क परितबदध और ठोस परयास की वजह स गरामीण और शहरी आबादी को सरिकषत पयजल को उपल ध करवान म काफी सफलता हािसल की ह इस उपलि ध न भजल की कमी जल जमावजल गणव ता िगरावट जल परदषण और बढ़त लवणता तर स बड़ कषतर को परभािवत िकया ह और अभी भी िविभ न रा य म गरामीण और शहरी भारत क मानव िवकास सचकाक (HDI)rsquo म बहत असमानता मौजद ह पानी क िलए कषतरीय माग तजी स बढ़ रह शहरीकरण की गित स बढ़ रही ह (अनमानत 2025 तक दश की आबादी का 50 परितशत स अिधक शहर म रहग) जनसखया विदध बढ़ती आय और औ योिगक िवकासशहरी भारत तजी स िवकास की माग क कदर क प म उभर रहा ह

भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह

प ठ 41 अकषय कराित

नतीजतन परित यिकत पानी की उपल धता िगर रही ह परधानमतरी की अ यकषता म 12वी योजना क िलए हई योजना आयोग की पणर बठक म दसर म क साथ जल परबधन पर िवशष चचार हई बठक क बाद योजना आयोग क उपा यकष म टक िसह अहलवािलया न कहा िक भ-जल कानन स लकर दसर म की यापक समीकषा ज री ह व यनाथन सिमित जहा वतरमान म भ-जल कानन की साथरकता का अ ययन करगी वही भारतीय अतिरकष अनसधान सगठन [इसरो] की मदद स पानी की उपल धता का िव तत अ ययन होगा म टक न कहा िक उसी आधार पर रणनीित तय होगी सरकार यह यान रखगी िक पानी का अिधकतम उपयोग हो सक और सभी को उपल ध हो पानी पर िकसी का एकािधकार न हो सक बतात ह िक द पयोग को रोकन क िलए श क लगान पर भी िवचार िकया जा सकता ह हालािक इसस पहल रा य सरकार स चचार होगी यह तय ह िक एआइबीपी कायरकरम म यापक बदलाव ह ग ी म टक िसह अहलवािलया न कहा िक वतरमान म इस कायरकरम का सही िकरया वयन नही हो रहा ह िलहाजा उसम पिरवतरन ज री ह सभव ह िक हर रा य म जल िनयामक परािधकरण बनान की शतर भी लगाई जाए उ ह न कहा िक जल परबधन की यापक समीकषा कर नई रणनीित तय की जाएगी कल िमलाकर रा टरीय तर पर वतरमान जल ससाधन का अिधक स अिधक करन क िलए माग को परा करन क िलए पयार त ह लिकन भिव य क अ ययन पिरयोजना ह िक जल आपित र की ि थित अगल आध सदी म अिधक किठन हो सकती ह जल सकट स िनपटन को जल सरकषण परबधन अिनवायर परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह बढ़त वि वक तापमान क फल व प अितवि ट अनावि ट अ पवि ट और असामियक वि ट हम परितवषर दख रह ह िजसका परभाव हमार जल ससाधन पर पड़ता िदखाई द रहा ह कओ व बाविडय का िमटता अि त व नदी-नाल का घटता पानी भ-गभर जल का िगरता तर िचता की पिरिध स िनकलकर खतर की घटी बनता जा रहा ह

निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह

प ठ 42 अकषय कराित

िव व भर म सीमट क अधाधध परयोग न धरातल क सहज अवशोषण कषतर को घटाया ह तथा जल बहाव भिम कटाव व बाढ़ म विदध की ह ऐसी ि थित म जल सरकषण का दािय व मातर वजञािनक व सरकार तक सीिमत न रहकर पर यक उपभोकता क कध पर आ जाता ह इसी दािय व क िनवरहन क िलए हमार पास दो िवक प सामन आत ह 1 वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई

उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

2 पािरवािरक तर पर वषार जल को सगरिहत कर उसका उपयोग कर य दोन ही परयास गरामीण कषतर म तो सरलता स अपनाए जा सकत ह परत शहरी कषतर म व ट वाटर मनजमट की बड़ी पिरयोजनाए बनाकर ही पानी को िरसाइिकल िकया जा सकता ह भ-गभर अिधकािधक जल अवशोिषत होकर

जाए इसक िलए मदानी भाग म िनयोिजत ढग स बड़-बड़ पोखर बनाकर तथा पहाड़ी कषतर म नाल -ख ड म िमटटी प थर आरसीसी क बड़-छोट डम लगाकर जल बहाव रोक भ-सरकषण बचाव व जल भडारण और धरातल जल शोषण कषतर बढ़ाया जा सकता ह िव व बक भारत सरकार वारा म य िहमालय जलागम पिरयोजना रा य क भ-सरकषण िवभाग इस कषतर म कारगर उपाय लकर

हमार सामन ह परत जनसहयोग क िबना इन पिरयोजनाओ क आशातीत पिरणाम ल पाना किठन ह वकषारोपण इस सपणर जल चकर को बल दन वाला कारक ह जल क परित चतना जागत न हई तो अव य ही अगल िव व यदध का कारण जल ही होगा

जल भोजन ह और अिगन भोजन का भकषक ह अिगन जल म और जल अिगन म िव यमान ह

- ततरीय उपिनषद 38

वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

प ठ 43 अकषय कराित

म भी गान गा सकता ह शबनम क िखलत फल क म भी गीत सना सकता ह सावन क म त झल क लिकन जब घर-घर म बादल छाय घोर िनराशा क तब म नगम गा रहा ह उ मीद की आशा क

सड़क पर खड़ बचपन की य बात सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह

हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

इस बदलत पिरवश का राग सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

गाधी जी क सपन का जो राम-रा य कहलाता ह उस भारत म सड़क पर छोट चाय पहचाता ह

कहा गई वो अ हड़ म ती कहा गया वो यार का रा ता उन हाथ स बचत झड िजन हाथ को चािहए ब ता

उस सोन की िचिड़या की म बात बतान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

कही बम की गमर हवाए कही ससद म कोहराम ह कही होत घोटाल स परशान आदमी आम ह

कही कल की िकलकारी ह कही सड़क पर बचपन ह कही चलता नही गजारा कही िवदश म काला धन ह

म स चाई गा-गाकर सबको बतलान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

बदलता भारत मनीष लाल इरडा

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

प ठ 44 अकषय कराित

करन वाल काम बहत ह यथर उलझन को छोड़ो म ला-पिड़त तोड़ रह ह तम बस lsquoअपन को जोड़ो

lsquoहम बदलग-यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का lsquoवद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का

वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हम बदलग mdash यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का वद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

प ठ 45 अकषय कराित

िसफर काला और सफ़द य ही वो दो रग थ जो तर पास सि ट बनान क आधार थ

काला वो जो कािलमा िलय ह िजस कहत ह दख िनराशा म य अपयश और वो सबकछ जो नकारा मक ह

मगर सफद ह वो रग िजसस जड़ा ह जीवन आशा सख और कीितर और वो सब कछ जो सकारा मक ह पर इन रग स तझ चन ना िमला त सोचन लगा अगर सि ट बनानी ह

तो िकस िलए- ससगर और परम क िलए और

इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग

ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह

बस- बना डाला तन इ दरधनष

जो बरसात क बाद सरज और प वी क अनपम परम को रग दता ह सतरगी रग स

और उ ही सतरगी इ दरधनषी रग म हम हर पल हर कषण डबत गहरात इतरात रहत ह

और खिशय भर ससार म हर रग को अलग-अलग तरह स महसस करक जीत रहत ह

रग तो रग ह मगर-

ससगर और परम क िलए और इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह बस-

सतरगी िचतर सगीता ीवा तव इरडा

प ठ 46 अकषय कराित

कभी पक क कभी फीक़ तो कछ कभी दाग बनकर उभर आत ह

कछ आख म नील बादल स छाए रहत ह तो कछ गाल पर गलाबी रग बनकर छलक जात ह

याद रहत ह अक सर वो रग- जो खदी पर इस तरह छा जात ह िक खद म घलकर खद क होन

का एहसास दत-दत खद का एक रग बन जात ह

बगनी आसामनी नीला हरा पीला नारगी लाल इ दरधनष क य सात रग ही जोड़त ह हमार िदल को

हमार मन को जोड़न वाल इन रग की सतरगी दिनया म-

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा बनाय

और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क

सतरगी िचतर

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा

बनाय और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क सतरगी िचतर

Page 15: Akshay Kranti Vol 3€¦ · पक्ष को प्रभािवत न कर e, बािधत व पीिड़त न कर eवह काय-र्कौशल है।

प ठ 15

अकषय कराित जहा दरअदशी अनत काल क िलए हो तो लोग का िवकास कीिजए औ योिगक सगठन म 500 आदमी ह 5000 आदमी ह 50000 ह या इसस अिधक अगर कामकाज ठीक स चलाना ह तो बहत ज री ह परबधन उनस िनभाना जानता हो यिकतगत सपकर का मह व

वातानकिलत कमर म बठकर और सचार मा यम या िकसी अ य तरीक स कमरचािरय की िरपोटर लना और आस पास होन वाल घटनाकरम को जानना अलग बात ह और कायर थल पर वय उपि थत रहकर ि थित को समझना और िनदश दना अलग बात महान जनरल रोमल की सफलता का मखय कारण यह था िक व हमशा कायर थल पर वय उपि थत होकर िनदश दत बात की पि ट करत सम याए सलझात और दखत िक काम कसा चल रहा ह रोमल का यह तरीका इतना सफल रहा िक िकसी भी औ योिगक सगठन या कारोबार म इस अपनाया जाए तो आशातीत पिरणाम सामन आ सकत ह लोग क बीच खद उपि थत होकर काम करन का कोई िवक प नही ह लोग अिधकाशतः उनको नापसद करत ह िज ह व ठीक स जानत नही ह पर एक बार जान पहचान हो जान पर हालात बदल जात ह कमरचािरय म अ छी आदत का िवकास करन की पहली शतर ह िक पहल उनक िदल म घर िकया जाए ऐस िकसी भी बरताव स बचा जाए िजसस वह अपन को उपिकषत महसस करन लग अतः सवदनशीलता का यान रखना बहत ज री ह

कमरचािरय क परित सवदनशील यवहार-कौशल और धयरपणर होन क अितिरकत इस बात पर ढ़ रहना ज री ह िक काम ठीक परकार स हो अ छ यवहार क साथ कमरचािरय को यह जताना भी ज री ह िक उनस काम का उ च तर अपिकषत ह और उस पर उनक साथ कोई समझौता नही और अगर इस पर अमल नही करत तो उ ह पता होना चािहए िक आप कड़ी काररवाई करग

सकारा मक नजिरया परबधन का एकमातर काम िनदश दना नही ह वरन उस साथ-साथ लोग का िवकास करना होता ह

महान जनरल रोमल की सफलता का मखय कारण यह था िक व हमशा कायर थल पर वय उपि थत होकर िनदश दत बात की पि ट करत सम याए सलझात और दखत िक काम कसा चल रहा ह

प ठ 16

अकषय कराित एक अिधकारी का मखय काम यही ह िक वह अपन साथ काम करन वाल लोग म अ छी आदत का िवकास कर उनकी सहायता कर यिद यह काम परभावशाली ढग स कर पाता ह तो इसस कवल उसक अपन काम ही बहतर नही ह ग बि क उसक पास परिशिकषत और कशल कमरचािरय का परा दल होगा जो उसक परित परी िन ठा स काम करगा इसक िलए सबस पहल कमरचािरय का नजिरया ठीक करना ज री ह उनम सबस पहल यह भावना लानी होगी िक हमार अदर जो चीज ह वही हम ऊपर की ओर ल जाती ह और वह हमारा नजिरया ह

एक आदमी मल म ग बार बचकर अपनी गज़र-बसर करता था उसक पास लाल नील पील हर-चार रग क ग बार थ जब कभी उसकी िबकरी कम होन लगती तब वह हीिलयम गस स भरा एक ग बारा हवा म छोड़ दता ब च उस उड़ता दखकर वसा ही उड़न वाला ग बारा पान क िलए मचल उठत ब च उसस ग बारा ख़रीदत और इस तरह उसकी िबकरी िफर स बढ़ जाती िदन-भर यही िसलिसला चलता रहता एक िदन वह आदमी बाज़ार म खड़ा ग बार बच रहा था अचानक उस महसस हआ िक पीछ स कोई उसका करता पकड़कर खीच रहा ह उसन पीछ मड़कर दखा तो एक छोट स ब च को खड़ा पाया उस ब च न ग बार वाल स पछा ldquoअगर आप काला ग बारा छोड़ग तो कया वह भी उड़गाrdquo ब च की बात उसक िदल म लगी और उसन यार स जवाब िदया ldquoबट ग बारा अपन रग की वजह स नही उड़ता बि क उसक अदर कया ह इस वजह स ही वह ऊपर जाता ह rdquo ठीक यही बात हमारी िज़दगी म भी लाग होती ह अगर लोग का नजिरया बहतर हो उनम अदर स काम करन की इ छा भरी हो तो व खलकर आपस म िमलकर काम करग इसस नकसान तो कम होगा ही स थान क परित िन ठा बढ़गी और लगन स काम करन का वातावरण तयार होगा िव वास हािसल करना आव यक

कमरचािरय स बहतरीन काम लन क िलए शानदार टीम लीडर होना ज री ह मटठीभर लोग का कोई समह िकला तभी फतह कर सकता ह जब

एक आदमी मल म ग बार बचकर अपनी गज़र-बसर करता था उसक पास लाल नील पील हर-चार रग क ग बार थ

प ठ 17

अकषय कराित जब उनका सनापित उनम वह जोश भर सक िक उ ह कोई भी ऊचाई यादा न लग अतः सबस ज री ह िक स थान म कमरचािरय की

कषमताओ का परा फायदा लन क िलए उनका िव वास जीता जाए इसक िलए उनक साथ परी इ जत स पश आना ज री ह उनकी छोटी-बड़ी खशी को बाटना और उनकी राय को परा स मान दना भी उतना ही ज री ह कई बार परबधन क उ चािधकारी या लीडर अपनी टीम क सद य स िसफर इसिलए राय नही लत कय िक उ ह लगता ह िक एक बार राय लन पर अगर उनकी बात नही मानी गयी तो उ ह बरा लगगा लिकन सबस ज री ह िक टीम म सभी सद य को िव वास म लकर काम िकया जाए यहा टीम लीडर की भिमका मह वपणर होती ह वह खद वकत का पाबद होगा तो उसक मातहत कमरचािरय म वयमव यह गण आदत का प ल लगी टीम लीडर का काम अपनी टीम का उ साह बढ़ात हए दी गयी िज मदािरय को समय स परा करना ह मगर उसम नयी चीज़ को सीखन की ललक होनी चािहए ऐसी ललक जब स थान क कमरचािरय म आदत का प लन लगती ह तो वह स थान जािहर ह नए परितमान थािपत करन लगता ह जापानी कपिनया हर बात म कमरचािरय क िहत का यान रखती ह िजसस व वय ही उ पादकता क परित सचत हो जात ह जानी-मानी टोयोटा कपनी क कमरचािरय म तो काम की ऐसी आदत सी या ललक होती ह िक व तब तक काम करत ह जब तक खद थक कर चर नही हो जात यह उनकी आदत ही बन चकी ह िक यिद व िकसी बात पर नाराज होत ह तब भी कपनी या अपन भागय को भल ही कोस ल पर अपन काम पर असर नही पड़न दत इसका कारण यह ह िक जापानी कपिनया काम का एक अ छा वातावरण बनान और लोग म काम क परित स ची लगन को बढ़ावा दन क िलए कड़ा परयास करती ह वहा लोग को लगातार परिशकषण िमलता रहता ह जो कवल तकनीक और मनजमट ही नही कायर स जड़ी नितकता और अ छी आदत क िवकास पर किदरत होता ह चिरतर का िनमारण उनकी एक आदत सी बन जाती ह अगर हम भी एक अ छी शिखसयत बनना ह तो हम अपनी आदत को गहराई स जाचना होगा

ऐसी ललक जब स थान क कमरचािरय म आदत का प लन लगती ह तो वह स थान जािहर ह नए परितमान थािपत करन लगता ह जापानी कपिनया हर बात म कमरचािरय क िहत का यान रखती ह

प ठ 18

अकषय कराित चतन और अवचतन मन

हमार चतन मन क पास सोचन की शिकत होती ह यह िकसी बात को मान सकता ह और नही भी मान सकता मगर अवचतन मन िसफर वीकार करता ह यह इनपट (input) को लकर कोई भदभाव नही करता अगर हम अपन मन म डर शका नफरत क भाव भर तो यह आ म सझाव इन सभी भाव को सिकरय बनाकर हकीकत म बदल दगा हमारा अवचतन मन एक डाटा बक की तरह ह अवचतन मन एक गाड़ी की तरह ह और चतन मन एक डराइवर की तरह शिकत तो गाड़ी म होती ह मगर उसका कटरोल डराइवर क पास होता ह

हम अवचतन मन को इस तरह ढालन की ज रत ह िक वह हम सही और ठीक रा त पर ल जा सक अवचतन मन एक बगीच की तरह होता ह िजस कोई परवाह नही होती िक आप कस पौध लगात ह यह िनरपकष (neutral) होता ह इसम अ छा बोन पर अ छा िमलता ह अ यथा जगली पौध उग जायग

बि क अ छ बीज बोन क बावजद जगली पौध उगन बद नही होत आव यकता होती ह उ ह उखाड़ फकन का िसलिसला जारी रखन की इसी िसदधात को कमरचािरय क मामल म समझन की ज रत ह हम याद रखना ह िक सही और गलत िवचार मन म एक साथ नही रह सकत आव यकता उनक अवचतन मन को इस तरह ढालन की ह िक उनम अ छी आदत का िवकास हो दरअसल अवचतन योगयता वह होती ह जब हम यान दन और सोचन की यादा ज रत नही होती कय िक यह हमार यवहार म खद ब खद उतरन लगा ह िजस स थान क कमरचारी इस तर पर पहच जात ह उनम अ छी आदत वयमव घर करन लगती ह जब बरी आदत हमार अवचतन योगयता क तर तक पहच जाती ह तो वह कावट उ प न करती ह

पिरवतरन का िवरोध बरी आदत को पहचान लन क बाद भी अकसर दखा गया ह िक

लोग उ ह बदलत नही ह ऐसा आिखर कय होता ह उनक न बदलन का कारण ह िक व िज मदारी को वीकार करन स इनकार करत ह

हम अवचतन मन को इस तरह ढालन की ज रत ह िक वह हम सही और ठीक रा त पर ल जा सक अवचतन मन एक बगीच की तरह होता ह िजस कोई परवाह नही होती िक आप कस पौध लगात ह

प ठ 19

अकषय कराित अपनी उन आदत को बनाय रखन म उ ह जो आनद िमलता ह वह पिरवतरन क ददर स यादा होता ह इसक िन निलिखत कारण हो सकत ह -- 1 पिरवतरन की इ छाशिकत का अभाव 2 पिरवतरन क िलए आव यक अनशासन की कमी 3 िव वास की कमी 4 आव यक जानकारी की कमी परबधन वारा इन िबदओ पर िवचार कर अपन किमरय म आशातीत पिरवतरन लाया जा सकता ह सामा यतः खराब आदत को न बदलन क बहान िदय जात ह और कहा जाता ह -- हम लोग इसी तरह करत ह या िक म नही समझता इसस कोई फकर पड़गा और कछ न िमला तो कह िदया जाता ह म बहत य त ह अ छी आदत का िन पण

आदत म पिरवतरन लाया जा सकता ह आव यकता ह इसक िलए सही पिरवश का िनमारण करन की कमरचािरय को परिशिकषत करन की परिरत करन की और ऐसी ि थितया उ प न करन की िजसस कमरचािरय म अ छी आदत का िन पण हो सक दरअसल सफल लोग का राज यह ह िक व काम करन की उन आदत को डाल लत ह जो असफल लोग करना नही चाहत य वही काम ह िज ह सफल लोग भी करना

नही चाहत लिकन व िफर भी करत ह उदाहरण क िलए असफल लोग अनशासन और महनत करना पसद नही करत सफल लोग भी अनशासन और कड़ी महनत नापसद करत ह लिकन व िफर भी ऐसा करत ह कय िक य लोग उन काम को करन की आदत डाल लत ह िज ह असफल लोग नही कर पात नजिरय और सोच का तरीका एक आदत ह और इस बदला जा सकता ह सही ि ट और सतलन कमरचािरय म काम क सबध म सही ि ट बनाय रखन की परवि त िवकिसत करना ज री ह जब कछ गलत हो रहा होता ह तो उस ठीक करना परबधन का ही काम होता ह समझा यह जाता ह िक परायः हम गलत हो रह काम को लकर इतन िचितत हो जात ह िक जो सही हो रहा ह उस भी अनदखा करन की हमम आदत होती ह

दरअसल सफल लोग का राज यह ह िक व काम करन की उन आदत को डाल लत ह जो असफल लोग करना नही चाहत

प ठ 20

अकषय कराित उदाहरण क िलए अगर िकसी स कोई गलती हो जाती ह तो हम एकदम उस पर िच ला पड़त ह या उसक िव दध काररवाई कर बठतहअ छा यह रहगा िक आप उस अलग ल जाकर अकल म बात कर अगर परशसा करनी हो तो सबक सामन कर

अगर िकसी स सहमित न बन तो उस पर करोध करना ज री नही ह अगर अपन करोध पर काब रखग तो लोग अपनी असहमित को अ यथा नही लग अगर आप अपन िवचार को खला रखग तो दसरी ओर स भी आप ऐस ही यवहार की अपकषा कर सकत ह परायः लोग अपनी सहमित कछ इस तरह जतात ह िक सामन वाला भी अपनी बात पर अड़ जाता ह समझन की बात यह ह िक सभी ि थितय म कवल तकर ही काफी नही होगा िकसी स असहमत होन म भी यवहार कशल होना ज री ह सबस पहल तो दसर को अपना पकष रखन का मौका द उसकी बात सन और जहा तक हो सक उसस अपनी सहमित भी परकट कर और िजन बात पर सहमित न बना सक उस समझाए

हमम स अिधकाश लोग उन किमरय और उनकी गलितय पर अ यिधक यान दत ह िजनक िलए हम काम करत ह पर अपन किमरय पर नज़र डालना भल जात ह अगर वय को उन लोग की नजर स दखा जाए तो आशातीत पिरणाम दखन को िमलत ह

आ म मथन आप कया करना चाहत ह कसा करना चाहत ह - इस सोच को

वतरमान म अपन अदर मथन करन को आ म-सझाव कहत ह एक बार सब म जब इसकी पिरपाटी श हो जाती ह तो यह हमार अदर िवजञापन की तरह काम करता ह अपन बार म अपन िलए अदर ही परचािरत करता ह इसका हमार चतन और अवचतन (Sub-concious) मन दोन पर परभाव पड़ता ह अततः यह हमार नजिरए और यवहार को परभािवत करता ह और धीर-धीर आदत का प लता ह यह दरअसल अपन अवचतन मन को ढ़ालन या परोगराम करन की िविध ह

हमम स अिधकाश लोग उन किमरय और उनकी गलितय पर अ यिधक यान दत ह िजनक िलए हम काम करत ह पर अपन किमरय पर नज़र डालना भल जात ह

प ठ 21

अकषय कराित आ म-सझाव अ छ या बर हो सकत ह जब हम बर आ म-सझाव को बार-बार दोहरात ह तब हमारा अवचतन मन उन पर िव वास करन लगता ह और हम उसी को वा तव म यवहार करन लगत ह सकारा मक आ म-सझाव को बार-बार मथन करन स उसकी हमार िदलोिदमाग म त वीर बन जाती ह और वही असिलयत का प लन लगता ह एक उदाहरण क िलए जब कभी हम सबह 0600 बज टरन पकड़नी हो और हमार पास अलामर घड़ी न हो तो हम मन म कहकर उठत ह िक 0400 बज उठना ह तो कया हम नही उठत अगर उठत ह तो इसक पीछ आ म-सझाव ही काम करता ह आ म-सझाव एक रा ता ह िजसस हम अपन िदमाग को परोगराम करक ढ़ालत ह सकारा मक आदत को िवकिसत करन म आ म-सझाव की परवि त मह वपणर िसदध हो सकती ह हमार नजिरए और आदत को तय करन वाल कारक हमार नज़िरए को मखयतः तीन कारक परभािवत करत ह - वातावरणः घर कल आिफस मीिडया सा कितक प ठभिम धािमरक प ठभिम परपराए और भाषाए सामािजक-राजनितक माहौल - य सब िमलकर एक तहजीब बनात ह चाह घर हो या आिफस या अ यतर - हर जगह हर िकसी की अपनी तहजीब होती ह उदाहरण क िलए हम एक दकान म जात ह तो वहा का स समन बड़ अदब वाला होता ह लिकन वही जब दसरी दकान पर जात ह तो वहा का स समन कभी-कभी बड़ा खा और बदतमीज िमल जाता ह उसी तरह िकसी क घर म यार भरा माहौल िमलता ह तो िकसी क घर म हमशा लड़ाई-झगड़ का इसी तरह जब सरकार और राजनीितक माहौल ईमानदारी का होता ह तो लोग भी ईमानदार मददगार और कानन का पालन करन वाल होत ह बईमान और भर ट माहौल म िजस तरह एक ईमानदार का जीना मि कल होता ह उसी तरह ईमानदारी भर माहौल म बईमान यिकत को मि कल होती ह िन सदह अ छ वातावरण म मामली कमरचारी म वमव अ छी आदत िवकिसत होती ह और उसकी कायर करन की शिकत बढ़ जाती ह जबिक खराब माहौल म अ छा काम करन वाल की भी कषमता िगर जाती ह

सकारा मक आदत को िवकिसत करन म आ म-सझाव की परवि त मह वपणर िसदध हो सकती ह

प ठ 22

अकषय कराित कायर-स कित का बहाव ऊपर स नीच की ओर होता ह नीच स ऊपर की ओर कभी नही यह दखना बहत ज री ह िक हमन अपन िलए और आस-पास क लोग क िलए कसा वातावरण तयार िकया ह खराब वातावरण म अ छ की उ मीद करना बमानी ह अनभवः हम अपन जीवन म अपन काम-काज म हालात स जसा अनभव पात ह वह हमारी आदत का िह सा बन जात ह और उसी क अनसार हमारा यवहार होता ह अगर िकसी क परित हमारा अनभव अ छा होता ह तो हमारा नज़िरया भी अ छा होता ह ज री ह िक कमरचािरय को ऐसा कायर-पिरवश िमल िजसस उनक अवचतन म अ छ अनभव की छाप अिकत हो

परिशकषण भी ज़ री यहा िसफर सदधाितक जञान ही काफी नही होता बि क औपचािरक और अनौपचािरक दोन ही तरह की िशकषा व परिशकषण ज री ह जञान और जानकारी को यिद योजनाबदध तरीक स परयोग िकया जाए तो उसस बौिदधक तर को बढ़ान म आशातीत सफलता िमलती ह काम करन की कला अ छी िशकषा स ही आती ह ज री ह िक परिशकषण म मनोवजञािनक सामािजक आिथरक व अ य पहल को समझन की आदत िवकिसत की जाए अवचतन म यह िबठाना बहत ज री ह िक जीवन की भ यता काम क वारा ही सभव ह स थान म सभी को लगना चािहए िक उनका काम मह वपणर ह यही परबधन कला का सार ह जब कमरचािरय को ऐसा एहसास होन लगता ह तो उनक नज़िरए म बदलाव आन लगता ह उपसहारः काम क परित लोग म अ छी आदत िन िपत करन और उनम उ साह जगान स कायर-िन पादन म िनरतर िनखार आता ह दरअसल हर यिकत म मानिसक और शारीिरक ऊजार उ प न होती ह िजसक िलए काम ही सबस अ छा िनकास ह एक िवचारक क अनसार lsquoआप पछत ह म लगातार काम कय करता ह

यहा िसफर सदधाितक जञान ही काफी नही होता बि क औपचािरक और अनौपचािरक दोन ही तरह की िशकषा व परिशकषण ज री ह

प ठ 23

अकषय कराित इसका वही कारण ह िजस कारण स मगीर अ ड दती जाती ह rsquo काम क िबना इसान घट सा जाता ह उस काम की उतनी ही ज रत होती ह िजतनी हवा की आव यकता ह िक उस सही वातावरण उपल ध करान और सही िदशा म अिभपरिरत करन की व ततः हर यिकत अदर स गिरमा और आ मस मान की चाह रखता ह आव यकता ह उस अतःपरिरत करन की लोग को खद स परिरत करन क िलए हम उनकी ज रत और इ छाओ को समझना होगा पररणा कायरकषमता और आदत क बीच सीधा सबध ह जो लोग उतना ही काम करत ह िक उनकी नौकरी बची रह तो ऐस लोग िकसी भी स थान क िलए मह वपणर नही हो सकत अतपररणा स सोच म बदलाव लाया जा सकता ह पररणा आग क समान होती ह

कमरचािरय को िजतना परिरत िकया जाएगा उनम उतनी ही सकारा मक आदत का िवकास होगा कमरचािरय को उिचत स मान दकर उनक कायर को अिधक मनोरजक बनाकर परबधन वारा उनकी बात को गौर स सनकर उनकी सम याओ और सझाव पर गौर करक उ ह वय ल य िनधारिरत करन क िलए परो सािहत करक िवकास क नय अवसर उपल ध कराकर आव यकतानसार समय-समय पर समिचत परिशकषण िदलाकर तथा नयी चनौितय स जझन क िलए परो सािहत करक िन सदह उनक आचार और यवहार को सकारा मक िदशा म पाियत िकया जा सकता ह

कमरचािरय को िजतना परिरत िकया जाएगा उनम उतनी ही सकारा मक आदत का िवकास होगा

ई-पितरका म लख आिद म परकट िवचार

मलतः लखक क ह तथा यह आव यक नही ह िक

इरडा भी इन िवचार स सहमत हो

प ठ 24

अकषय कराित

िबिटया

आख म मोती लकर तम िबिटया जाती हो हा जाओ िशकषा का उपहार द रह िवदा समय यह लो ल जाओ इन पराण म परीित त हारी ममता क धन िसदरी इन नयन की बद पली परकट करती ह मजबरी लाचारी ह िफर पराण म क य ह इतनी आकलता

जब इस रीित पर पराओ म वश न िकसी का ह चलता िपतकल को तजकर अब िबिटया पित-कल म जाना होगा

नटखटपन को छोड़ धमर का ही िजसम बाना होगा इस घर की तम बड़ी लाडली पराण स यारी िबिटया

चली लाकर आज सभी को िपता की कर सनी किटया िजन हाथ न लाड़ चाव स अब तक था िजसको पाला उन हाथ न ही िबिटया को दलह राजा जी को द डाला

िजसका दख जरा मन मला हो जाती थी हरानी क यादान उसी का कर क दय बनाया पाषाणी

िकया न जाता था पल भर को इन आख स दर िजस मोती झरत िवदा द रहा आज सकल पिरवार उस अपनी मा क जीवन की तम परित-पल हो आधार रहो

िवजयता िपता क दय मिदर की िबिटया तम साकार रही आज जीवन क सख-दख सार वही िबतान तम लो जान आओगी जब कभी यहा तम होगी महमान समान

सतीश कमार कलावत इरडा

इस घर की तम बड़ी लाडली पराण स यारी िबिटया चली लाकर आज सभी

को िपता की कर सनी किटया

प ठ 25

ससराल की कभी बराई कही न मह पर आ जाव धमर कमर क तर य पथ म पाव नही िडगन पाव

सात परितजञाय जो तमन अिग नदव स मख की धारण द पि त जीवन का मह व ह करना स च मन स पालन

बटी इन सात बचन का यान दय म रह सदा दोन कल की लाज इसी म भला न दना इस कदा पित ही ह सवर तर त हार पित ही को जीवन समझो

जो कछ कह उसी को मान उनको िबिटया तम धन समझो शीलवती तम बन िबिटया पित-भक त मना सदर िनस दह वय उपजग क प-वकष घर क अ दर

पहन सिशकषा की साड़ी को शभ गण भषण अपनाओ दस लकषण शभ लकषण धार िन य नय मगल गाओ यह िशकषा उपहार दय का तम को राह िदखायगा भल भटक कर भी अिधयारा पास न आन पायगा

हम सब की आख स मोती उर स िनकल रही आशीष सभी सख स पणर परफि लत कर त ह दलह राजा की ईश

अकषय कराित

िजन हाथ न लाड़ चाव स अब तक था िजसको पाला उन हाथ न ही िबिटया को दलह राजा जी को द डाला

प ठ 26 अकषय कराित

ldquoपयारवरणrdquo श द पिर+आवरण स बना ह अथारत बा य आवरण को ही पयारवरण कहत ह इस बा य आवरण का ता पयर हमार चार ओर क वातावरण और पिरवश स ह िजस हम दसर श द म परकित भी कह सकत ह प वी पर िव यमान सपणर जीव-जगत क अि त व जीवन-यापन एव चहमखी िवकास म परकित की मह वपणर भिमका ह मानव बिदधजीवी पराणी ह और परकित क मह व स भली-भाित पिरिचत होन क कारण ही सिदय स परकित की पजा करता रहा ह

विदक काल स ही परकित तथा मानव क बीच जीवन ततर का अटट सबध रहा ह हमार पराचीन ऋिष-मिनय न प वी म हवा पानी िमटटी पड़-पौध जीव-ज तओ और मानव क सिकरय सहयोगा मक सतलन को यान म रखकर ही परकित को प य माना धमर क साथ परकित को जोड़कर उ ह न परकित को पयार त मह व िदया व जानत थ िक िजस परकार जीवन क िलए भिम की आव यकता होती ह उसी परकार वन पितया व अ य पराणी भी आव यक ह य सभी परकित क अिभ न अग ह इनम स एक क भी न ट होन का परभाव दसर पर पड़ता ह और पिरणाम व प पराकितक असतलन पदा हो जाता ह व तत प वी म हवा पानी िमटटी पड़-पौध जीव-ज तओ और मानव का सिकरय सहयोगा मक सतलन रहता ह पड़-पौध भिम को उपजाऊ बनात ह िमटटी को बाधकर रखत ह बरसात करवान तथा जल एव वाय को व छ रखन म सहायक होत ह परत आज क बढ़त औ योिगकीकरण और शहरीकरण न परकित और मानव क बीच असतलन उ प न कर िदया ह यह असतलन अिशकषण बढ़ती जनसख या शहर की ओर पलायन वकष की कटाई गगनचबी इमारत बड़-बड़ उ योग की थापना आिद क कारण ह और यही पयारवरण परदषण क मख य कारण ह मटरोपोिलटन एव बड़ शहर म अनक काबरिनक और अकाबरिनक गस जस ndash काबरन-मोनोऑक साइड अमोिनया आिद परदषण क मख य ोत ह

वतरमान पयारवरण -21वी सदी की चनौती

लख सरीन सल

विदक काल स ही परकित तथा मानव क बीच जीवन ततर का अटट सबध रहा ह

प ठ 27 अकषय कराित मन य न अपनी भितक सख-सिवधाओ की आपित र क िलए परकरित स

िखलवाड़ िकया ह वतरमान मशीनी यग म मन य वारा परकित क अ यिधक दोहन एव िनत नए कारखान की थापना स पयारवरण सकट उ प न हआ ह मानव न परकित क साथ जो अ यायपणर यवहार िकया ह उसी क फल व प परकित का िवरोधी रवया हआ ह िजस भिव य म सह पाना मि कल होगा

अिशकषा क कारण दश की तजी स बढ़ती आबादी क आवास की मलभत आव यकता को परा करन क िलए वकष की कटाई करक ऊची-ऊची इमारत बनाई जा रही ह वकष की अधाधध कटाई स भिम की ऊवररा शिक त का तो ास हो ही रहा ह साथ ही परदषण जसी िवकराल सम या भी ज म ल रही ह

परदषण पयारवरण क ास का परमख कारण ह िवकासशील दश िनत नए उ योग की थापना करक बराजगारी की सम या को तो दर कर रह ह िकत इसस जल वाय विन तथा िविभ न परकार क परदषण बढ़ रह ह कल-कारखान और मोटर स िनकलन वाल धए स वाय परदषण हो रहा ह जल थल व नभ क मागर पर शिक त चािलत वाहन विन परदषण का मख य ोत ह शहरीकरण और औ योिगकीकरण क कारण शदध पयजल की सम या िवकराल प धारण कर रही ह कारखान स िनकलन वाल कड़-कचर क निदय म िमलन स जल परदषण हो रहा ह रासायिनक खाद और कीटनाशी दवाओ स मदा परदषण का खतरा बन गया ह

इस परकार जनसख या विदध शहरीकरण औ योिगकीकरण एव परदषण जसी सम याओ न पयारवरण को बरी तरह परभािवत िकया ह आज सपणर िव व पयारवरण को लकर िचितत ह इस भयावह ि थित स बचन क िलए पर यक यिक त को पयारवरण क परित जाग क करना आज की अिनवायर आव यकता ह

इस िदशा म सवरपरथम िनरकषरता को समा त िकया जाना चािहए साकषर भारत की पिरक पना म जनसख या विदध दर वय िनयितरत हो जाएगी करल रा य इसका परमाण ह जहा साकषरता क साथ-साथ जनसख या िनयतरण भी ह

जल थल व नभ क मागर पर शिक त चािलत वाहन विन परदषण का मख य ोत ह

प ठ 28 अकषय कराित

इसक बाद बात आती ह परदषण िनवारण की आज िव व भर क

वजञािनक और पयारवरणिवद इस िदशा म कायररत ह सवरपरथम वन क काटन पर परितबध लगाया गया ह और वन सपना क िव तार हत वकष लगान क िलए परो सािहत िकया गया इसक िलए सरकार की ओर स वकष आिद िनश क उपल ध कराए जात ह ldquoपयारवरण परदषण स थाrdquo और व छ वाय अिधिनयम जस िविधक उपाय स वाय परदषण पर रोक लगान का परयास िकया जा रहा ह जहरील धआ उगलन वाल कारखान तथा वाहन पर भारी आिथरक दड का परावधान ह िविभ न सचार मा यम mdashदरदशरन समाचार-पतर तथा आकाशवाणी क मा यम स जनता को पयारवरण क परित जाग क करन क परयास िकए जा रह ह निदय म खलन वाल परदषण ोत को बद करन की योजनाए चलाई जा रही ह पािलथीन क परयोग को बद करन क िलए चलाया जा रहा ह अिभयान भी परशसनीय ह

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह इस खतर स सपणर भमडल का अि त व न ट हो जाए इसस पहल हम पयारवरण की सरकषा करन का सक प लना होगा

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह

िस धी होन क प चात भी मझ बगाली रीित िरवाज़ िमठाइया यहा का पहनावा अगरज क ज़मान की बनी सरचनाए एव भवन इ यािद म बहत िदलच पी एव िच थी

प ठ 29 अकषय कराित

यातरा स मरण-कोलकाता-खिशय हषर का शहर(िसटी ऑफ जॉय)

सोिनया सिह वानी पीईसी िलिमटड

म पी ई सी िलिमटड नामक कपनी क िविध ककष म उप िविध परबधक क पद पर कायररत ह सन 2010 जन स इस कपनी म मन परबधन परिशकष क प म अपनी पहली नौकरी की श आत की पी ई सी िलिमटड वािण य मतरालय क अतगरत आन वाली आयात-िनयारत यापार स स बिधत क पिनय म स एक ह इस स दभर म जनवरी 2011 म िविभ न िवभाग क परबधन परिशकषओ को ओिरएटशन हत काडला कोलकाता इ यािद शहर म भजन का कायरकरम िनि चत िकया गया कोलकाता क पास हि दया पोटर होन क कारण कोलकाता शहर चना गया जहा पी ई सी वारा आयात की गयी व तए पोटर गोदाम म रखी जाती ह साथ ही म कोलकाता पोटर िभ न गोदाम इ यािद दखन की यव था की गयी एव सची म समावश िकया गया यह सनकर मरी ख़शी का िठकाना न रहा क य िक मन कोलकाता शहर क बार म सना बहत था पर त कभी दखा न था िस धी होन क प चात भी मझ बगाली रीित िरवाज़ िमठाइया यहा का पहनावा अगरज क ज़मान की बनी सरचनाए एव भवन इ यािद म बहत िदलच पी एव िच थी आिखरकार मझ मौका िमला और जनवरी की कड़ाकदार ठ ड क बीच हम एक रिववार शाम कोलकाता राजधानी स अपनी मिजल की और िनकल पड़ िद ली स कोलकाता क सफ़र क बीच हमारी गाड़ी इलाहाबाद गया िबहार तथा धनबाद जस शहर स होत हए बगाल की ओर पहची हसत-गात खलत-खात हए हम अगली सबह हावड़ा जकशन पहच गए रलगाड़ी स उतर कर टशन स बाहर िनकलत ही मझ िसटी ऑफ जॉय क नाम स मशहर कोलकाता की पहली झलक िदखाई दी ऐसा लगा मानो मझ भारत क दो पहल एकसाथ जीत हए नज़र आए एक तरफ थ टशन स बाहर एव अ दर जात हए स दर कपड़ गहन म लद हए कोलकाता क बगाली िनवासी साथ म बड़ी-बड़ी गािड़य म घमत कोलकाता क नौजवान और ठीक दसरी तरफ मरी नज़र पड़ी हगली नदी पर बन परिसदध हावड़ा िबरज पर िजस दख एक अलग ही दिनया का एहसास हआ

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह

िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी

एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया नतीजा मर समकष था

प ठ 30 अकषय कराित

हावड़ा िबरज पर हर तरफ लोग का जमावड़ा था इतन लोग दख िद ली क चादनी चौक की याद आ गयी ऐसा लगा मानो म 50 साल पीछ िकसी लक एव वाईट दिनया म कदम रख चकी थी िबरज क दोन तरफ सामान बचत हए दकानदार िखलौन मछली रख हए औरत एव छोट-छोट ब च मख य शहर स हावड़ा जान वाल आम आदमी मजदर की तज़ र तार फरी स र ता पार करन वाल यापारी इन सब को दख लगा कोलकाता म मबई जसी भागम भाग भी थी िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया नतीजा मर समकष था जस-जस म कोलकाता शहर क भीतर आन लगी मझ इस शहर क िवकास की झलक िदखाई दी एक तरफ थी ऊची ईमारत सदर िवशाल िव यासागर सत पल बड़-बड़ होटल माल कोलकाता उ च यायालय राईटसर िबि डग मशहर इडन गाडरन टिडयम इ यािद तो दसरी तरफ था िवक टोिरया ममोिरयल अगरज की वा तकला क अनसार िदखती लाल ईटो की इमारत िवक टोिरयल सरचनाए भवन छोटी-छोटी पटिरय पर समान बचत नया बाज़ार (New Market) क दकानदार एव िवक टोिरया ममोिरयल क बाहर चलत सलािनय क िलए रथ वाल घोड़ हमारा होटल जसीबोस सड़क पर ि थत था एव सिवधाओ स भरपर था पर त मन य जाना िक असली कोलकाता का मज़ा गाड़ी म नही अथवा िरक शा ऑटो तथा साल स चलती आ रही सड़क पर टराम म था

हर तरफ मझ पील रग की टिक सया िदखाई दी सब एक समान थी तथा मरसीडीज़ गाड़ी क बगल म चलती 1-2 पय म सफ़र की जान वाली टराम भी साथ िदखाई दी परी िजदगी िद ली म यतीत करन क बाद हर नए शहर का रहन-सहन बोल-चाल रीित-िरवाज़ जानन की जाग कता मझम हमशा रही पहल ही िदन स कोलकाता मझ रास आया जस िक कहत ह lsquoकोलकाता हमार खब भाला लागली छ rsquo कहन का ता पयर य िक मझ कोलकाता बहत अ छा लगा पहल िदन िक शाम को हमन य मािकर ट म खरीददारी करन का मन बनाया म हरान थी िक वहा चीज िकतनी स ती िमल रही थी िद ली क मतािबक एक ितहाई दाम पर चिडया गहन बग जत कत इ यािद िमल

िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया

प ठ 31 अकषय कराित य मािकर ट िद ली क लाजपत एव सरोिजनी नगर समान ह कम

दाम म अ छा समान िमला कोलकाता चमड़ क िलए भी मशहर ह एव परिसदध ी लदसर दकान भी इस बाज़ार म ि थत ह यहा खरीदारी का हमन खब ल फ़ उठाया

अगल िदन हम हि दया पोटर गए एव अनक जहाज़ दख 3-4 घट की दरी पर ि थत यह पोटर अनक एकड़ म फला हआ था पहली बार इतन बड़ जहाज़ को अदर स दख खब आनद आया तीसर िदन हम काली बाड़ी मिदर गए बगाली अ यत पाठ-पजा वाल दगार मा क स च उपासक ह यह सब जानत ह दगार पजा इनका लोकिपरय उ सव ह तथा काली मा एव दगार मा की स च मन स पजा करत ह कोलकाता क िनवासी भिक त भावपणर ह यह सना था अब खद दख भी िलया बगाली र म स पजा करन का य मौका अ यत आनदमयी था इसक अलावा काली बाड़ी क नज़दीक ही ि थत ह गौिरहाट बाज़ार यहा की दकान बगाली सािड़या कपड़ सट कत इ यािद क िलए परिसदध ह आिद धक तशवर नामक मशहर दकान म जाकर मरा भी मन िकया िक म भी खरीददारी क मर सािथय न बहत सािड़या खरीदी एव दाम दखकर म दग रह गई सदर स सदर साड़ी मातर 600700 पय की थी मन बगाल की मशहर लाल एव सफद िपरट की साड़ी भी खरीदी कोलकाता म खरीददारी का अलग की मज़ा ह उसी िदन शाम हम सा ट लक िसटी मॉल गए वह सा ट लक टिडयम क नज़दीक ह यहा िदखाई िदया कोलकाता का परगितशील प नौजवान फटबाल की जसीर पहन माल म घम रह थ एक स एक

मशहर बरड वहा मौजद थ इसक अलावा कोलकाता क िनवासी खब मनोरजन क शौक़ीन ह सगीत नाच गाना इ यादी म िच रखत ह कोलकाता म जगह-जगह सगीत कला अकडमी तथा पढ़न (रीिडग) क क लब ह अगरज क शौक तथा रहन-सहन की झलक आज भी यहा िदखती ह यहा क नौजवान को खल-कद म भी खब िदलच पी ह फटबाल का तो जस यहॉ सबको जनन ह

भारत क परिसदध मोहन बगान फटबाल क लब फटबाल क वहा क नौजवान ही नही परा शहर ही दीवाना ह भारत-पाक मच हो या आई पी एल इडन गाडरन मदान लोग स खचा-खच भरा रहता ह अफ़सोस म वहा अदर जा न सकी

इसक अलावा काली बाड़ी क नज़दीक ही ि थत ह गौिरहाट बाज़ार यहा की दकान बगाली सािडया कपड़ सट कत इ यािद क िलए परिसदध ह

प ठ 32 अकषय कराित

मर सफर क आखरी िदन म मन कोलकाता क लोग म एकता क नजार दख िविभ नता म भी एकता का उदाहरण दखा चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख िजस िदन हम कोलकाता पहच थ उसी िदन वहा शहर बद था और मन एक जट होकर लोग को अपनी बात कहत हए दखा एव सना यहा क लोग अपन शहर क िवकास बहतरी क िलए जाग क ह िज मदारी लत ह तथा सरकार को अपनी बात भली-भाित कहत ह लड़िकय औरत की इ ज़त करत ह एव यहा िक मिहलाओ को मन िनदरलीय पाया जहा एक ओर भारत की राजधानी होन क बावजद िद ली वाल अपनी िजदगी म मगन रहत ह वही दसरी और कोलकाता म अमीरी-गरीबी िभ न जाितय म भी एक जटता ह कपड़ा एव खाना आज भी यहा खब स ता िमलता ह पर त दसरी तरफ सब जानत ह िक बड़-बड़ उ योगपित िव वान लखक िखलाड़ी गायक अिभनता िनदशक यहा स उभर ह सािह य हो या लख बॉलीवड हो या िकरकट बगाल न भारत को अनक नाम एव गौरव िदए ह चाह सौरव दादा हो या रिव दर नाथ टगोर ममता बनजीर रानी मखजीर हो या योित बस भारत म इनकी भिमका का वणरन करन की ज रत नही

मन कछ िदन क कोलकाता क सफर म इस शहर को जानन समझन का परयास िकया हगली नदी क िकनार खड़ होकर समदर को दखा निदय को िनहारा िव यासागर सत िबरज की सदरता िवशालता को सराहा क सी दास की परिसदध िमठाई का ल फ उठाया मन बहत शहर घम पर त यह सफर मर िलए सबस यादगार रहा कोलकाता परगित क मागर पर िनरतर बढ़ रहा ह पर त आज भी वह अपनी जड़ नितक म य को नही भला ह एक आम आदमी आज भी टराम म या फरी स सफर करता ह यहा क िनवासी दो पय स लकर 500 ० का खाना खात ह पराना एव नया कोलकाता एक साथ जीिवत ह िसक क क दो पहल की तरह कोलकाता क यह दो प को एक साथ रहत दख बहत आनद आया

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 33 अकषय कराित

जल परकित का अनपम उपहार ह मानव जाित अपन परादभारवकाल स ही इस उपहार का उपयोग अपन िहत क िलए करती आई ह जल वह पराकितक उपहार ह िजसका कोई िवक प नही ह इसिलए जल को अमतया जीवन भी कहा गया ह जल क िबना जीवन की सभावना भी नही ह पर यकष प स तो जल की मानवीय आव यकता सीिमत ह परत परोकष आव यकताओ पर नजर डाल तो दिनक जीवन की आव यकताए जस अ न फल स जी दध स लकर हमार पहराव आवास तक सब जल स जड़ हजल का जरा भी सतलन िबगड़ जाए तो जीवन यापन क टपरद होन म दर नही परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह जल क सामा य त य जल या पानी एक आम रासायिनक पदाथर ह जो जीवन क सभी जञात प क जीिवत रहन क िलए ज री ह आमतौर पर जल अपनी दरव अव था म उपयोग म लाया जाता ह पर यह ठोस अव था बफर और गस अव था जल वा प या भाप प म भी पाया जाता ह प वी क लगभग तीन चौथाई िह स पर िव व क महासागर का अिधकार ह अनमानत प वी पर जल की कल मातरा लगभग 1400 िमिलयन घन िकलोमीटर ह जो िक प वी पर 3000 मीटर गहरी परत िबछा दन क िलए काफी ह तथािप जल की इस िवशाल मातरा म व छ जल का अनपात बहत कम ह प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह शष जल झील निदय वायम डल नमी मदा और वन पित म मौजद ह जल की जो मातरा उपभोग और अ य परयोग क िलए व ततः उपल ध ह वह निदय झील और भजल म उपल ध मातरा का छोटा-सा िह सा ह इसिलए जल ससाधन िवकास और परब ध की बाबत सकट इसिलए उ प न होता ह कय िक अिधकाश जल उपभोग क िलए उपल ध नही हो पाता

परभावी जल परबधन और दश का िवकास

दीपक आहजा ओएनजीसी िवदश

प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह

प ठ 34 अकषय कराित

और दसर इसका िवषमतापणर थािनक िवतरण इसकी एक अ य िविश टता ह फलतः जल का मह व वीकार िकया गया ह और इसक िकफायती परयोग तथा परब ध पर अिधक बल िदया गया ह प वी पर उपल ध जल जल-चकर क मा यम स चलायमान ह जल लगातार एक चकर म घमता रहता ह िजस जलचकर कहत ह इसम वा पीकरण वषार और बह कर सागर म पहचना शािमल ह हवा जल वा प को थल क ऊपर उसी दर स उड़ा ल जाती ह िजस गित स यह बहकर सागर म पहचाता ह जल चकर का िचतर नीच पर तत िकया गया ह

अिधकाश उपभोकताओ जस िक मन य पशओ अथवा पौध क िलए जल क सचलन की ज रत होती ह जल ससाधन की गितशील और नवीकरणीय परकित और इसक परयोग की बार बार ज रत को ि टगत रखत हए यह ज री ह िक जल ससाधन को उनकी परवाह दर क अनसार मापा जाए इस परकार जल ससाधन क दो पहल ह अिधकाश िवकासा मक ज रत क िलए परवाह क प म मािपत गितशील ससाधन अिधक परासिगक ह आरिकषत भ डार की ि थर अथवा िनयत परकित और साथ ही जल की मातरा तथा जल िनकाय क कषतर की ल बाई व म यपालन नौ सचालन आिद जस कछक िकरयाकलाप क िलए भी परासिगक ह

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 35 अकषय कराित

जल का यय अप यय जल क बार म एक नही कई च कान वाल त य ह िव व म और िवशष प स भारत म जल िकस परकार न ट होता ह इस िवषय म जो त य सामन आए ह उस पर जाग कता स यान दकर जल क अप यय को रोका जा सकता ह अनक त य ऐस ह जो हम आन वाल ख़तर स तो सावधान करत ही ह दसर स पररणा लन क िलए परो सािहत करत ह और पानी क मह व व इसक अनजान ोत की जानकारी भी दत ह प वी पर पदा होन वाली सभी वन पितया स भी हम पानी िमलता ह

आल और अनानास म 80 परितशत और टमाटर म 95 परितशत पानी ह पीन क िलए मानव को परितिदन 3 लीटर और पशओ को 50 लीटर पानी

चािहए भारत म 83 परितशत पानी खती और िसचाई क िलए उपयोग िकया जाता

ह इज़राइल म औसतन मातर 10 सटीमीटर वषार होती ह इस वषार स वह

इतना अनाज पदा कर लता ह िक वह उसका िनयारत कर सकता ह दसरी ओर भारत म औसतन 50 सटीमीटर स भी अिधक वषार होन क बावजद अनाज की कमी बनी रहती ह

िपछल 50 वष म जल क िलए 37 भीषण ह याकाड हए ह भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल

चलती ह पानी ज य रोग स िव व म हर वषर 22 लाख लोग की मौत हो जाती ह यिद बरश करत समय नल खला रह गया ह तो पाच िमनट म करीब 25

स 30 लीटर पानी बरबाद होता ह बाथ टब म नहात समय 300 स 500 लीटर पानी खचर होता ह जबिक

सामा य प स नहान म 100 स 150 लीटर पानी खचर होता ह िव व म परित 10 यिकतय म स 2 यिकतय को पीन का शदध पानी

नही िमल पाता ह परित वषर 6 अरब लीटर बोतल पक पानी मन य वारा पीन क िलए

परयकत िकया जाता ह मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 36 अकषय कराित

िद ली मबई और च नई जस महानगर म पाइप लाइन क वॉ व की खराबी क कारण रोज़ 14 स 44 परितशत पानी बकार बह जाता ह

निदया पानी का सबस बड़ा ोत ह जहा एक ओर निदय म बढ़त परदषण रोकन क िलए िवशषजञ उपाय खोज रह ह वही कल कारखान स बहत हए रसायन उ ह भारी मातरा म दिषत कर रह ह

भारत म जल सकट नासा की एक िरपोटर न पानी को लकर दश भर म बढ़ती जा रही लापरवाही क परित आख खोली ह इस िरपोटर म भारत म सख की ि थित पदा होन क िलए िज मवार कारण म स एक अहम कारण अधाधध जल दोहन को बताया गया ह बतात चल िक दश भर क 604 िजल म स 161 सख की मार झल रह ह वस अब बताया जा रहा ह िक सख की मार स बहाल िजल की सखया बढ़कर 246 हो गई ह यानी कहा जाए तो आधा दश सख की चपट म ह बहरहाल नासा की इस िरपोटर म बताया गया ह िक भारत क कई रा य कषमता स यादा जल दोहन कर रह ह यहा कषमता स ता पयर यह ह िक उनस िजतन सलाना जल दोहन की उ मीद कदर करती ह व उसस कही यादा जल दोहन कर रह ह नासा न यह अ ययन 2002 स 2008 क बीच

की ि थितय क आधार पर िकया ह इस िरपोटर म बताया गया ह िक पजाब हिरयाणा और राज थान हर साल औसतन 177 अरब कयिबक मीटर पानी जमीन क अदर स िनकाल रह ह जबिक कदर की तरफ स लगाए गए अनमान क मतािबक इ ह हर साल 132 अरब कयिबक मीटर पानी ही जमीन क अदर स िनकालना था इस तरह स दखा जाए तो य तीन रा य िमलकर कषमता स 30 फीसदी यादा पानी का दोहन कर रह ह जािहर ह िक िबना कछ सोच-िवचार जब इस पमान पर पराकितक ससाधन का दोहन िकया जाएगा तो परकित भी बदला लगी और वही हो रहा ह इस िरपोटर म यह भी बताया गया ह िक भारत का महज 58 फीसदी भजल ही हर साल िरचाजर हो पाता ह नासा की यह िरपोटर बताती ह िक अधाधध जल दोहन की वजह स पर उ तर पि चम भारत क भजल तर म हर साल 4 सटीमीटर यानी 16 इच की कमी आ रही ह इस अ ययन को अजाम दन म नासा क जल िवजञानी मट रोडल न अहम भिमका िनभाई ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 37 अकषय कराित

उनक हवाल स इस िरपोटर म बताया गया ह िक दश क उ तर पि चम कषतर म 2002 स 2008 क दौरान तकरीबन 109 कयिबक िकलोमीटर पानी की कमी हई ह यह मातरा िकतनी अिधक ह इसका अदाजा इसी स लगाया जा सकता ह िक यह अमिरका क सबस बड़ जलाशय लक मीड की कषमता स दगन स भी कही यादा ह अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह इस िरपोटर क मतािबक अगर अधाधध जल दोहन इसी तरह स जारी रहा तो आन वाल समय म भारत को अनाज और पानी क सकट को झलन क िलए अभी स तयार हो जाना चािहए जािहर ह िक जब जल सकट बढ़गा तो खती पर इसका गहरा परभाव पड़गा अनाज क उ पादन म कमी आएगी इस वजह स अनाज सकट पदा होगा और भख का एक नया चहरा उभरकर सामन आएगा एक बड़ा तबका जो आज भरपट भोजन कर पाता ह उसक िलए पट भर खाना िमलना मि कल हो जाएगा भखमरी की जो सम या पदा होगी उसस िफर िनपटना आसान नही होगा इसक अलावा पीन क पानी का टोटा तो होगा ही अभी ही दश क कई िह स ऐस ह जहा क लोग को पीन क िलए साफ पानी नही िमल पा रहा ह कई कषतर ऐस ह जहा गमीर क िदन म हडपप स पानी आना बद हो जाता ह वहा क लोग को हर साल बोिरग को कछ फट बढ़वाना होता ह यह सम या भजल तर क िगरत जान की वजह स ही पदा हई ह जब पीन क पानी का सकट पदा होगा तो बोतलबद पानी का कारोबार काफी तजी स बढ़गा कहन का मतलब यह िक िजसक पास पसा होगा वह अपनी यास बझा सकगा और िजसक पास पसा नही होगा उस अपनी यास बझान क िलए भी सघषर करना पड़गा ि थित की भयावहता की क पना ही िसहरन पदा करती ह भारत म दिनया का हर छठा आदमी रहता ह यानी कहा जाए तो दिनया क कल आबादी क तकरीबन सतरह फीसदी लोग भारत म रहत ह जबिक दिनया का महज साढ़ चार फीसदी पानी ही भारत म उपल ध ह ऐस म जल सम या स दो-चार होना कोई आनापिकषत बात नही ह एक बात तो तय ह िक पराकितक ससाधन म इजाफा तो नही िकया जा सकता ह लिकन इसका सरकषण अव य िकया जा सकता ह

अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह

प ठ 38 अकषय कराित

भारत म लोग िकसी एक मा यम स पयजल परा त करन पर िनभरर नही ह इस दश म 357 फीसदी लोग हडपप स 367 फीसदी लोग नल स 182 फीसदी लोग तालाब पोखर या झील स 56 फीसदी कओ स 12 फीसदी लोग पारपिरक साधन स और 26 फीसदी लोग अ य मा यम स पीन का पानी परा त करत ह इस िलहाज स अगर दखा जाए तो जल सकट को दर करन क िलए समगर कायरयोजना की ज रत ह

दरअसल भारत म गहरात जल सकट क िलए काफी हद तक पानी की बबारदी भी िज मवार ह यहा जल आपित र की यव था म काफी खािमया ह नल क जिरए घर तक पहचन वाल पानी का एक बड़ा िह सा िरस कर बबारद हो जाता ह हर शहर म फट हए आपित र पाइप आसानी स दख जा सकत ह इस बदहाल यव था क िलए सरकार क साथ-साथ सामा य लोग भी कम िज मदार नही ह एक तरफ तो सरकार पयजल क नाम पर हर साल हजार करोड़ पए का बजट बनाती ह और दसरी तरफ जमीनी तर पर हालात म कोई बदलाव नही िदखता ह सामािजक तौर पर भी जल सरकषण को लकर जाग कता का अभाव िदखता ह यह सामािजक तान-बान का ही असर ह िक लोग कही भी जल की बबारदी को दखकर उस सामा य घटना मानत हए नजरअदाज कर दत ह दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था यह अब घटकर 1800 कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर हो चका ह

दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था

प ठ 39 अकषय कराित

िवशषजञ का अनमान ह िक अगर पानी की खपत और बबारदी इसी तरह स जारी रही तो 2025 तक यह घटकर हजार कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर ही रह जाएगा उस समय तक पानी की उपल धता म आन वाली इस कमी की वजह स किष उ पादन म तीस फीसदी की कमी आन की सभावना ह इन पिरि थितय म दश की आिथरक और सामािजक ि थित का कया होगा इसका अदाजा सहज ही लगाया जा सकता ह भारत म जल सरकषण क परित आज भी आम लोग क मन म उपकषा का भाव बना हआ ह साथ ही इस कायर क िलए आव यक तकनीक की भी कमी ह जो तकनीक उपल ध ह उनस सामा य लोग अनजान ह बािरश क पानी का सगरह करक उस उपयोग म लाना एक अ छा िवक प ह पर इस तरह की कोिशश काफी सीिमत मातरा म काफी छोट तर पर हो रही ह यही वजह ह िक दश म होन वाली बािरश क पानी का अ सी फीसदी िह सा आज भी समदर म पहच जाता ह अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह अगर जल की इस िवशाल मातरा का आधा भी परयोग कर िलया जाए तो ि थित म यापक बदलाव आना तय ह शहरी कषतर म तो पानी की कालाबाजारी जोर पर ह जगह-जगह पर जल मािफया सिकरय हो गए ह िद ली क ही एक अखबार न कछ समय पहल यह बात उजागर िकया था यहा तो समानातर जल बोडर भी चलाया जा रहा ह हरानी की बात तो यह ह िक इसक बावजद भी पानी क काल धध पर अकश नही लगाया जा सका ह अहम सवाल यह ह िक कस सामा य तबक क लोग तक व छ पानी पहचाया जाए शहरी कषतर क साथ-साथ गरामीण कषतर म भी यह एक बड़ी चनौती ह आबादी म अपर यािशत विदध बढ़त शहरीकरण औ योिगकीकरण और किष उ पाद की बढ़ती माग क कारण पानी की माग िपछल कछ साल म वाभािवक प स बढ़ी ह इसक पिरणाम व प भजल ससाधन का अ यिधक दोहन हआ ह और इसका नतीजा हआ िक लगातार भजल का तर घटता जा रहा ह शहरी कषतर म ि थित बहद भयावह ह तदनसार वहा न कवल शीघराितशीघर जल ससाधन क सरकषण की ज रत ह बि क परभावी रणनीित और परबधन क जिरए त काल कदम उठान की ज रत ह

अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह

प ठ 40 अकषय कराित

खासकर इस बात को यान म ऱखकर िक िविभ न परितयोगी कषतर म कभी भी माग बढ़ सकती ह भिव य म उपयोग क िलए छत पर या सतह पर जलगरहण बनाकर वषारजल सरकषण बहद ज री ह यह पानी की बढ़ती ज रत का खयाल रखन िमटटी की नमी तर को बढ़ान शहरी हिरयाली को बढ़ान भजल तर को कितरम प स पनभररण करन और भजल की गणव ता स सधार का काम करता ह भारत म जल परबधन स दश का िवकास भारत म दिनया की 16 परितशत आबादी रहती ह लिकन दिनया क िसफर 4 परितशत जल ससाधन ही भारत क पास ह 3290000 वगर िकलोमीटर क भिम कषतर और एक अरब स यादा की आबादी क साथ भारत क एक बहलवादी िविवधता का िचतर ह िवशाल पराकितक ससाधन क साथ सप न तकनीकी और वजञािनक किमरय का भी यह दिनया म दसरा सबस बड़ा सम चय ह भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह मानव िवकास म 80 क दशक म लगभग 26 परितशत और 90 क दशक क दौरान और 24 परितशत क वारा सधार हआ ह आजादी क बाद छह दशक म भारत न जल ससाधन का अभतपवर िवकास और खा या न म आ मिनभररता शहरी कषतर ऊजार और औ योिगक कषतर और पीन का पानी क बिनयादी ढाच म तजी स िव तार दखा ह िजसका उपयोग भारत की लगभग 85 परितशत शहरी और गरामीण आबादी क वारा िकया जाता ह भारत म रा य सरकार और भारत सरकार क परितबदध और ठोस परयास की वजह स गरामीण और शहरी आबादी को सरिकषत पयजल को उपल ध करवान म काफी सफलता हािसल की ह इस उपलि ध न भजल की कमी जल जमावजल गणव ता िगरावट जल परदषण और बढ़त लवणता तर स बड़ कषतर को परभािवत िकया ह और अभी भी िविभ न रा य म गरामीण और शहरी भारत क मानव िवकास सचकाक (HDI)rsquo म बहत असमानता मौजद ह पानी क िलए कषतरीय माग तजी स बढ़ रह शहरीकरण की गित स बढ़ रही ह (अनमानत 2025 तक दश की आबादी का 50 परितशत स अिधक शहर म रहग) जनसखया विदध बढ़ती आय और औ योिगक िवकासशहरी भारत तजी स िवकास की माग क कदर क प म उभर रहा ह

भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह

प ठ 41 अकषय कराित

नतीजतन परित यिकत पानी की उपल धता िगर रही ह परधानमतरी की अ यकषता म 12वी योजना क िलए हई योजना आयोग की पणर बठक म दसर म क साथ जल परबधन पर िवशष चचार हई बठक क बाद योजना आयोग क उपा यकष म टक िसह अहलवािलया न कहा िक भ-जल कानन स लकर दसर म की यापक समीकषा ज री ह व यनाथन सिमित जहा वतरमान म भ-जल कानन की साथरकता का अ ययन करगी वही भारतीय अतिरकष अनसधान सगठन [इसरो] की मदद स पानी की उपल धता का िव तत अ ययन होगा म टक न कहा िक उसी आधार पर रणनीित तय होगी सरकार यह यान रखगी िक पानी का अिधकतम उपयोग हो सक और सभी को उपल ध हो पानी पर िकसी का एकािधकार न हो सक बतात ह िक द पयोग को रोकन क िलए श क लगान पर भी िवचार िकया जा सकता ह हालािक इसस पहल रा य सरकार स चचार होगी यह तय ह िक एआइबीपी कायरकरम म यापक बदलाव ह ग ी म टक िसह अहलवािलया न कहा िक वतरमान म इस कायरकरम का सही िकरया वयन नही हो रहा ह िलहाजा उसम पिरवतरन ज री ह सभव ह िक हर रा य म जल िनयामक परािधकरण बनान की शतर भी लगाई जाए उ ह न कहा िक जल परबधन की यापक समीकषा कर नई रणनीित तय की जाएगी कल िमलाकर रा टरीय तर पर वतरमान जल ससाधन का अिधक स अिधक करन क िलए माग को परा करन क िलए पयार त ह लिकन भिव य क अ ययन पिरयोजना ह िक जल आपित र की ि थित अगल आध सदी म अिधक किठन हो सकती ह जल सकट स िनपटन को जल सरकषण परबधन अिनवायर परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह बढ़त वि वक तापमान क फल व प अितवि ट अनावि ट अ पवि ट और असामियक वि ट हम परितवषर दख रह ह िजसका परभाव हमार जल ससाधन पर पड़ता िदखाई द रहा ह कओ व बाविडय का िमटता अि त व नदी-नाल का घटता पानी भ-गभर जल का िगरता तर िचता की पिरिध स िनकलकर खतर की घटी बनता जा रहा ह

निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह

प ठ 42 अकषय कराित

िव व भर म सीमट क अधाधध परयोग न धरातल क सहज अवशोषण कषतर को घटाया ह तथा जल बहाव भिम कटाव व बाढ़ म विदध की ह ऐसी ि थित म जल सरकषण का दािय व मातर वजञािनक व सरकार तक सीिमत न रहकर पर यक उपभोकता क कध पर आ जाता ह इसी दािय व क िनवरहन क िलए हमार पास दो िवक प सामन आत ह 1 वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई

उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

2 पािरवािरक तर पर वषार जल को सगरिहत कर उसका उपयोग कर य दोन ही परयास गरामीण कषतर म तो सरलता स अपनाए जा सकत ह परत शहरी कषतर म व ट वाटर मनजमट की बड़ी पिरयोजनाए बनाकर ही पानी को िरसाइिकल िकया जा सकता ह भ-गभर अिधकािधक जल अवशोिषत होकर

जाए इसक िलए मदानी भाग म िनयोिजत ढग स बड़-बड़ पोखर बनाकर तथा पहाड़ी कषतर म नाल -ख ड म िमटटी प थर आरसीसी क बड़-छोट डम लगाकर जल बहाव रोक भ-सरकषण बचाव व जल भडारण और धरातल जल शोषण कषतर बढ़ाया जा सकता ह िव व बक भारत सरकार वारा म य िहमालय जलागम पिरयोजना रा य क भ-सरकषण िवभाग इस कषतर म कारगर उपाय लकर

हमार सामन ह परत जनसहयोग क िबना इन पिरयोजनाओ क आशातीत पिरणाम ल पाना किठन ह वकषारोपण इस सपणर जल चकर को बल दन वाला कारक ह जल क परित चतना जागत न हई तो अव य ही अगल िव व यदध का कारण जल ही होगा

जल भोजन ह और अिगन भोजन का भकषक ह अिगन जल म और जल अिगन म िव यमान ह

- ततरीय उपिनषद 38

वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

प ठ 43 अकषय कराित

म भी गान गा सकता ह शबनम क िखलत फल क म भी गीत सना सकता ह सावन क म त झल क लिकन जब घर-घर म बादल छाय घोर िनराशा क तब म नगम गा रहा ह उ मीद की आशा क

सड़क पर खड़ बचपन की य बात सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह

हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

इस बदलत पिरवश का राग सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

गाधी जी क सपन का जो राम-रा य कहलाता ह उस भारत म सड़क पर छोट चाय पहचाता ह

कहा गई वो अ हड़ म ती कहा गया वो यार का रा ता उन हाथ स बचत झड िजन हाथ को चािहए ब ता

उस सोन की िचिड़या की म बात बतान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

कही बम की गमर हवाए कही ससद म कोहराम ह कही होत घोटाल स परशान आदमी आम ह

कही कल की िकलकारी ह कही सड़क पर बचपन ह कही चलता नही गजारा कही िवदश म काला धन ह

म स चाई गा-गाकर सबको बतलान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

बदलता भारत मनीष लाल इरडा

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

प ठ 44 अकषय कराित

करन वाल काम बहत ह यथर उलझन को छोड़ो म ला-पिड़त तोड़ रह ह तम बस lsquoअपन को जोड़ो

lsquoहम बदलग-यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का lsquoवद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का

वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हम बदलग mdash यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का वद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

प ठ 45 अकषय कराित

िसफर काला और सफ़द य ही वो दो रग थ जो तर पास सि ट बनान क आधार थ

काला वो जो कािलमा िलय ह िजस कहत ह दख िनराशा म य अपयश और वो सबकछ जो नकारा मक ह

मगर सफद ह वो रग िजसस जड़ा ह जीवन आशा सख और कीितर और वो सब कछ जो सकारा मक ह पर इन रग स तझ चन ना िमला त सोचन लगा अगर सि ट बनानी ह

तो िकस िलए- ससगर और परम क िलए और

इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग

ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह

बस- बना डाला तन इ दरधनष

जो बरसात क बाद सरज और प वी क अनपम परम को रग दता ह सतरगी रग स

और उ ही सतरगी इ दरधनषी रग म हम हर पल हर कषण डबत गहरात इतरात रहत ह

और खिशय भर ससार म हर रग को अलग-अलग तरह स महसस करक जीत रहत ह

रग तो रग ह मगर-

ससगर और परम क िलए और इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह बस-

सतरगी िचतर सगीता ीवा तव इरडा

प ठ 46 अकषय कराित

कभी पक क कभी फीक़ तो कछ कभी दाग बनकर उभर आत ह

कछ आख म नील बादल स छाए रहत ह तो कछ गाल पर गलाबी रग बनकर छलक जात ह

याद रहत ह अक सर वो रग- जो खदी पर इस तरह छा जात ह िक खद म घलकर खद क होन

का एहसास दत-दत खद का एक रग बन जात ह

बगनी आसामनी नीला हरा पीला नारगी लाल इ दरधनष क य सात रग ही जोड़त ह हमार िदल को

हमार मन को जोड़न वाल इन रग की सतरगी दिनया म-

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा बनाय

और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क

सतरगी िचतर

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा

बनाय और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क सतरगी िचतर

Page 16: Akshay Kranti Vol 3€¦ · पक्ष को प्रभािवत न कर e, बािधत व पीिड़त न कर eवह काय-र्कौशल है।

प ठ 16

अकषय कराित एक अिधकारी का मखय काम यही ह िक वह अपन साथ काम करन वाल लोग म अ छी आदत का िवकास कर उनकी सहायता कर यिद यह काम परभावशाली ढग स कर पाता ह तो इसस कवल उसक अपन काम ही बहतर नही ह ग बि क उसक पास परिशिकषत और कशल कमरचािरय का परा दल होगा जो उसक परित परी िन ठा स काम करगा इसक िलए सबस पहल कमरचािरय का नजिरया ठीक करना ज री ह उनम सबस पहल यह भावना लानी होगी िक हमार अदर जो चीज ह वही हम ऊपर की ओर ल जाती ह और वह हमारा नजिरया ह

एक आदमी मल म ग बार बचकर अपनी गज़र-बसर करता था उसक पास लाल नील पील हर-चार रग क ग बार थ जब कभी उसकी िबकरी कम होन लगती तब वह हीिलयम गस स भरा एक ग बारा हवा म छोड़ दता ब च उस उड़ता दखकर वसा ही उड़न वाला ग बारा पान क िलए मचल उठत ब च उसस ग बारा ख़रीदत और इस तरह उसकी िबकरी िफर स बढ़ जाती िदन-भर यही िसलिसला चलता रहता एक िदन वह आदमी बाज़ार म खड़ा ग बार बच रहा था अचानक उस महसस हआ िक पीछ स कोई उसका करता पकड़कर खीच रहा ह उसन पीछ मड़कर दखा तो एक छोट स ब च को खड़ा पाया उस ब च न ग बार वाल स पछा ldquoअगर आप काला ग बारा छोड़ग तो कया वह भी उड़गाrdquo ब च की बात उसक िदल म लगी और उसन यार स जवाब िदया ldquoबट ग बारा अपन रग की वजह स नही उड़ता बि क उसक अदर कया ह इस वजह स ही वह ऊपर जाता ह rdquo ठीक यही बात हमारी िज़दगी म भी लाग होती ह अगर लोग का नजिरया बहतर हो उनम अदर स काम करन की इ छा भरी हो तो व खलकर आपस म िमलकर काम करग इसस नकसान तो कम होगा ही स थान क परित िन ठा बढ़गी और लगन स काम करन का वातावरण तयार होगा िव वास हािसल करना आव यक

कमरचािरय स बहतरीन काम लन क िलए शानदार टीम लीडर होना ज री ह मटठीभर लोग का कोई समह िकला तभी फतह कर सकता ह जब

एक आदमी मल म ग बार बचकर अपनी गज़र-बसर करता था उसक पास लाल नील पील हर-चार रग क ग बार थ

प ठ 17

अकषय कराित जब उनका सनापित उनम वह जोश भर सक िक उ ह कोई भी ऊचाई यादा न लग अतः सबस ज री ह िक स थान म कमरचािरय की

कषमताओ का परा फायदा लन क िलए उनका िव वास जीता जाए इसक िलए उनक साथ परी इ जत स पश आना ज री ह उनकी छोटी-बड़ी खशी को बाटना और उनकी राय को परा स मान दना भी उतना ही ज री ह कई बार परबधन क उ चािधकारी या लीडर अपनी टीम क सद य स िसफर इसिलए राय नही लत कय िक उ ह लगता ह िक एक बार राय लन पर अगर उनकी बात नही मानी गयी तो उ ह बरा लगगा लिकन सबस ज री ह िक टीम म सभी सद य को िव वास म लकर काम िकया जाए यहा टीम लीडर की भिमका मह वपणर होती ह वह खद वकत का पाबद होगा तो उसक मातहत कमरचािरय म वयमव यह गण आदत का प ल लगी टीम लीडर का काम अपनी टीम का उ साह बढ़ात हए दी गयी िज मदािरय को समय स परा करना ह मगर उसम नयी चीज़ को सीखन की ललक होनी चािहए ऐसी ललक जब स थान क कमरचािरय म आदत का प लन लगती ह तो वह स थान जािहर ह नए परितमान थािपत करन लगता ह जापानी कपिनया हर बात म कमरचािरय क िहत का यान रखती ह िजसस व वय ही उ पादकता क परित सचत हो जात ह जानी-मानी टोयोटा कपनी क कमरचािरय म तो काम की ऐसी आदत सी या ललक होती ह िक व तब तक काम करत ह जब तक खद थक कर चर नही हो जात यह उनकी आदत ही बन चकी ह िक यिद व िकसी बात पर नाराज होत ह तब भी कपनी या अपन भागय को भल ही कोस ल पर अपन काम पर असर नही पड़न दत इसका कारण यह ह िक जापानी कपिनया काम का एक अ छा वातावरण बनान और लोग म काम क परित स ची लगन को बढ़ावा दन क िलए कड़ा परयास करती ह वहा लोग को लगातार परिशकषण िमलता रहता ह जो कवल तकनीक और मनजमट ही नही कायर स जड़ी नितकता और अ छी आदत क िवकास पर किदरत होता ह चिरतर का िनमारण उनकी एक आदत सी बन जाती ह अगर हम भी एक अ छी शिखसयत बनना ह तो हम अपनी आदत को गहराई स जाचना होगा

ऐसी ललक जब स थान क कमरचािरय म आदत का प लन लगती ह तो वह स थान जािहर ह नए परितमान थािपत करन लगता ह जापानी कपिनया हर बात म कमरचािरय क िहत का यान रखती ह

प ठ 18

अकषय कराित चतन और अवचतन मन

हमार चतन मन क पास सोचन की शिकत होती ह यह िकसी बात को मान सकता ह और नही भी मान सकता मगर अवचतन मन िसफर वीकार करता ह यह इनपट (input) को लकर कोई भदभाव नही करता अगर हम अपन मन म डर शका नफरत क भाव भर तो यह आ म सझाव इन सभी भाव को सिकरय बनाकर हकीकत म बदल दगा हमारा अवचतन मन एक डाटा बक की तरह ह अवचतन मन एक गाड़ी की तरह ह और चतन मन एक डराइवर की तरह शिकत तो गाड़ी म होती ह मगर उसका कटरोल डराइवर क पास होता ह

हम अवचतन मन को इस तरह ढालन की ज रत ह िक वह हम सही और ठीक रा त पर ल जा सक अवचतन मन एक बगीच की तरह होता ह िजस कोई परवाह नही होती िक आप कस पौध लगात ह यह िनरपकष (neutral) होता ह इसम अ छा बोन पर अ छा िमलता ह अ यथा जगली पौध उग जायग

बि क अ छ बीज बोन क बावजद जगली पौध उगन बद नही होत आव यकता होती ह उ ह उखाड़ फकन का िसलिसला जारी रखन की इसी िसदधात को कमरचािरय क मामल म समझन की ज रत ह हम याद रखना ह िक सही और गलत िवचार मन म एक साथ नही रह सकत आव यकता उनक अवचतन मन को इस तरह ढालन की ह िक उनम अ छी आदत का िवकास हो दरअसल अवचतन योगयता वह होती ह जब हम यान दन और सोचन की यादा ज रत नही होती कय िक यह हमार यवहार म खद ब खद उतरन लगा ह िजस स थान क कमरचारी इस तर पर पहच जात ह उनम अ छी आदत वयमव घर करन लगती ह जब बरी आदत हमार अवचतन योगयता क तर तक पहच जाती ह तो वह कावट उ प न करती ह

पिरवतरन का िवरोध बरी आदत को पहचान लन क बाद भी अकसर दखा गया ह िक

लोग उ ह बदलत नही ह ऐसा आिखर कय होता ह उनक न बदलन का कारण ह िक व िज मदारी को वीकार करन स इनकार करत ह

हम अवचतन मन को इस तरह ढालन की ज रत ह िक वह हम सही और ठीक रा त पर ल जा सक अवचतन मन एक बगीच की तरह होता ह िजस कोई परवाह नही होती िक आप कस पौध लगात ह

प ठ 19

अकषय कराित अपनी उन आदत को बनाय रखन म उ ह जो आनद िमलता ह वह पिरवतरन क ददर स यादा होता ह इसक िन निलिखत कारण हो सकत ह -- 1 पिरवतरन की इ छाशिकत का अभाव 2 पिरवतरन क िलए आव यक अनशासन की कमी 3 िव वास की कमी 4 आव यक जानकारी की कमी परबधन वारा इन िबदओ पर िवचार कर अपन किमरय म आशातीत पिरवतरन लाया जा सकता ह सामा यतः खराब आदत को न बदलन क बहान िदय जात ह और कहा जाता ह -- हम लोग इसी तरह करत ह या िक म नही समझता इसस कोई फकर पड़गा और कछ न िमला तो कह िदया जाता ह म बहत य त ह अ छी आदत का िन पण

आदत म पिरवतरन लाया जा सकता ह आव यकता ह इसक िलए सही पिरवश का िनमारण करन की कमरचािरय को परिशिकषत करन की परिरत करन की और ऐसी ि थितया उ प न करन की िजसस कमरचािरय म अ छी आदत का िन पण हो सक दरअसल सफल लोग का राज यह ह िक व काम करन की उन आदत को डाल लत ह जो असफल लोग करना नही चाहत य वही काम ह िज ह सफल लोग भी करना

नही चाहत लिकन व िफर भी करत ह उदाहरण क िलए असफल लोग अनशासन और महनत करना पसद नही करत सफल लोग भी अनशासन और कड़ी महनत नापसद करत ह लिकन व िफर भी ऐसा करत ह कय िक य लोग उन काम को करन की आदत डाल लत ह िज ह असफल लोग नही कर पात नजिरय और सोच का तरीका एक आदत ह और इस बदला जा सकता ह सही ि ट और सतलन कमरचािरय म काम क सबध म सही ि ट बनाय रखन की परवि त िवकिसत करना ज री ह जब कछ गलत हो रहा होता ह तो उस ठीक करना परबधन का ही काम होता ह समझा यह जाता ह िक परायः हम गलत हो रह काम को लकर इतन िचितत हो जात ह िक जो सही हो रहा ह उस भी अनदखा करन की हमम आदत होती ह

दरअसल सफल लोग का राज यह ह िक व काम करन की उन आदत को डाल लत ह जो असफल लोग करना नही चाहत

प ठ 20

अकषय कराित उदाहरण क िलए अगर िकसी स कोई गलती हो जाती ह तो हम एकदम उस पर िच ला पड़त ह या उसक िव दध काररवाई कर बठतहअ छा यह रहगा िक आप उस अलग ल जाकर अकल म बात कर अगर परशसा करनी हो तो सबक सामन कर

अगर िकसी स सहमित न बन तो उस पर करोध करना ज री नही ह अगर अपन करोध पर काब रखग तो लोग अपनी असहमित को अ यथा नही लग अगर आप अपन िवचार को खला रखग तो दसरी ओर स भी आप ऐस ही यवहार की अपकषा कर सकत ह परायः लोग अपनी सहमित कछ इस तरह जतात ह िक सामन वाला भी अपनी बात पर अड़ जाता ह समझन की बात यह ह िक सभी ि थितय म कवल तकर ही काफी नही होगा िकसी स असहमत होन म भी यवहार कशल होना ज री ह सबस पहल तो दसर को अपना पकष रखन का मौका द उसकी बात सन और जहा तक हो सक उसस अपनी सहमित भी परकट कर और िजन बात पर सहमित न बना सक उस समझाए

हमम स अिधकाश लोग उन किमरय और उनकी गलितय पर अ यिधक यान दत ह िजनक िलए हम काम करत ह पर अपन किमरय पर नज़र डालना भल जात ह अगर वय को उन लोग की नजर स दखा जाए तो आशातीत पिरणाम दखन को िमलत ह

आ म मथन आप कया करना चाहत ह कसा करना चाहत ह - इस सोच को

वतरमान म अपन अदर मथन करन को आ म-सझाव कहत ह एक बार सब म जब इसकी पिरपाटी श हो जाती ह तो यह हमार अदर िवजञापन की तरह काम करता ह अपन बार म अपन िलए अदर ही परचािरत करता ह इसका हमार चतन और अवचतन (Sub-concious) मन दोन पर परभाव पड़ता ह अततः यह हमार नजिरए और यवहार को परभािवत करता ह और धीर-धीर आदत का प लता ह यह दरअसल अपन अवचतन मन को ढ़ालन या परोगराम करन की िविध ह

हमम स अिधकाश लोग उन किमरय और उनकी गलितय पर अ यिधक यान दत ह िजनक िलए हम काम करत ह पर अपन किमरय पर नज़र डालना भल जात ह

प ठ 21

अकषय कराित आ म-सझाव अ छ या बर हो सकत ह जब हम बर आ म-सझाव को बार-बार दोहरात ह तब हमारा अवचतन मन उन पर िव वास करन लगता ह और हम उसी को वा तव म यवहार करन लगत ह सकारा मक आ म-सझाव को बार-बार मथन करन स उसकी हमार िदलोिदमाग म त वीर बन जाती ह और वही असिलयत का प लन लगता ह एक उदाहरण क िलए जब कभी हम सबह 0600 बज टरन पकड़नी हो और हमार पास अलामर घड़ी न हो तो हम मन म कहकर उठत ह िक 0400 बज उठना ह तो कया हम नही उठत अगर उठत ह तो इसक पीछ आ म-सझाव ही काम करता ह आ म-सझाव एक रा ता ह िजसस हम अपन िदमाग को परोगराम करक ढ़ालत ह सकारा मक आदत को िवकिसत करन म आ म-सझाव की परवि त मह वपणर िसदध हो सकती ह हमार नजिरए और आदत को तय करन वाल कारक हमार नज़िरए को मखयतः तीन कारक परभािवत करत ह - वातावरणः घर कल आिफस मीिडया सा कितक प ठभिम धािमरक प ठभिम परपराए और भाषाए सामािजक-राजनितक माहौल - य सब िमलकर एक तहजीब बनात ह चाह घर हो या आिफस या अ यतर - हर जगह हर िकसी की अपनी तहजीब होती ह उदाहरण क िलए हम एक दकान म जात ह तो वहा का स समन बड़ अदब वाला होता ह लिकन वही जब दसरी दकान पर जात ह तो वहा का स समन कभी-कभी बड़ा खा और बदतमीज िमल जाता ह उसी तरह िकसी क घर म यार भरा माहौल िमलता ह तो िकसी क घर म हमशा लड़ाई-झगड़ का इसी तरह जब सरकार और राजनीितक माहौल ईमानदारी का होता ह तो लोग भी ईमानदार मददगार और कानन का पालन करन वाल होत ह बईमान और भर ट माहौल म िजस तरह एक ईमानदार का जीना मि कल होता ह उसी तरह ईमानदारी भर माहौल म बईमान यिकत को मि कल होती ह िन सदह अ छ वातावरण म मामली कमरचारी म वमव अ छी आदत िवकिसत होती ह और उसकी कायर करन की शिकत बढ़ जाती ह जबिक खराब माहौल म अ छा काम करन वाल की भी कषमता िगर जाती ह

सकारा मक आदत को िवकिसत करन म आ म-सझाव की परवि त मह वपणर िसदध हो सकती ह

प ठ 22

अकषय कराित कायर-स कित का बहाव ऊपर स नीच की ओर होता ह नीच स ऊपर की ओर कभी नही यह दखना बहत ज री ह िक हमन अपन िलए और आस-पास क लोग क िलए कसा वातावरण तयार िकया ह खराब वातावरण म अ छ की उ मीद करना बमानी ह अनभवः हम अपन जीवन म अपन काम-काज म हालात स जसा अनभव पात ह वह हमारी आदत का िह सा बन जात ह और उसी क अनसार हमारा यवहार होता ह अगर िकसी क परित हमारा अनभव अ छा होता ह तो हमारा नज़िरया भी अ छा होता ह ज री ह िक कमरचािरय को ऐसा कायर-पिरवश िमल िजसस उनक अवचतन म अ छ अनभव की छाप अिकत हो

परिशकषण भी ज़ री यहा िसफर सदधाितक जञान ही काफी नही होता बि क औपचािरक और अनौपचािरक दोन ही तरह की िशकषा व परिशकषण ज री ह जञान और जानकारी को यिद योजनाबदध तरीक स परयोग िकया जाए तो उसस बौिदधक तर को बढ़ान म आशातीत सफलता िमलती ह काम करन की कला अ छी िशकषा स ही आती ह ज री ह िक परिशकषण म मनोवजञािनक सामािजक आिथरक व अ य पहल को समझन की आदत िवकिसत की जाए अवचतन म यह िबठाना बहत ज री ह िक जीवन की भ यता काम क वारा ही सभव ह स थान म सभी को लगना चािहए िक उनका काम मह वपणर ह यही परबधन कला का सार ह जब कमरचािरय को ऐसा एहसास होन लगता ह तो उनक नज़िरए म बदलाव आन लगता ह उपसहारः काम क परित लोग म अ छी आदत िन िपत करन और उनम उ साह जगान स कायर-िन पादन म िनरतर िनखार आता ह दरअसल हर यिकत म मानिसक और शारीिरक ऊजार उ प न होती ह िजसक िलए काम ही सबस अ छा िनकास ह एक िवचारक क अनसार lsquoआप पछत ह म लगातार काम कय करता ह

यहा िसफर सदधाितक जञान ही काफी नही होता बि क औपचािरक और अनौपचािरक दोन ही तरह की िशकषा व परिशकषण ज री ह

प ठ 23

अकषय कराित इसका वही कारण ह िजस कारण स मगीर अ ड दती जाती ह rsquo काम क िबना इसान घट सा जाता ह उस काम की उतनी ही ज रत होती ह िजतनी हवा की आव यकता ह िक उस सही वातावरण उपल ध करान और सही िदशा म अिभपरिरत करन की व ततः हर यिकत अदर स गिरमा और आ मस मान की चाह रखता ह आव यकता ह उस अतःपरिरत करन की लोग को खद स परिरत करन क िलए हम उनकी ज रत और इ छाओ को समझना होगा पररणा कायरकषमता और आदत क बीच सीधा सबध ह जो लोग उतना ही काम करत ह िक उनकी नौकरी बची रह तो ऐस लोग िकसी भी स थान क िलए मह वपणर नही हो सकत अतपररणा स सोच म बदलाव लाया जा सकता ह पररणा आग क समान होती ह

कमरचािरय को िजतना परिरत िकया जाएगा उनम उतनी ही सकारा मक आदत का िवकास होगा कमरचािरय को उिचत स मान दकर उनक कायर को अिधक मनोरजक बनाकर परबधन वारा उनकी बात को गौर स सनकर उनकी सम याओ और सझाव पर गौर करक उ ह वय ल य िनधारिरत करन क िलए परो सािहत करक िवकास क नय अवसर उपल ध कराकर आव यकतानसार समय-समय पर समिचत परिशकषण िदलाकर तथा नयी चनौितय स जझन क िलए परो सािहत करक िन सदह उनक आचार और यवहार को सकारा मक िदशा म पाियत िकया जा सकता ह

कमरचािरय को िजतना परिरत िकया जाएगा उनम उतनी ही सकारा मक आदत का िवकास होगा

ई-पितरका म लख आिद म परकट िवचार

मलतः लखक क ह तथा यह आव यक नही ह िक

इरडा भी इन िवचार स सहमत हो

प ठ 24

अकषय कराित

िबिटया

आख म मोती लकर तम िबिटया जाती हो हा जाओ िशकषा का उपहार द रह िवदा समय यह लो ल जाओ इन पराण म परीित त हारी ममता क धन िसदरी इन नयन की बद पली परकट करती ह मजबरी लाचारी ह िफर पराण म क य ह इतनी आकलता

जब इस रीित पर पराओ म वश न िकसी का ह चलता िपतकल को तजकर अब िबिटया पित-कल म जाना होगा

नटखटपन को छोड़ धमर का ही िजसम बाना होगा इस घर की तम बड़ी लाडली पराण स यारी िबिटया

चली लाकर आज सभी को िपता की कर सनी किटया िजन हाथ न लाड़ चाव स अब तक था िजसको पाला उन हाथ न ही िबिटया को दलह राजा जी को द डाला

िजसका दख जरा मन मला हो जाती थी हरानी क यादान उसी का कर क दय बनाया पाषाणी

िकया न जाता था पल भर को इन आख स दर िजस मोती झरत िवदा द रहा आज सकल पिरवार उस अपनी मा क जीवन की तम परित-पल हो आधार रहो

िवजयता िपता क दय मिदर की िबिटया तम साकार रही आज जीवन क सख-दख सार वही िबतान तम लो जान आओगी जब कभी यहा तम होगी महमान समान

सतीश कमार कलावत इरडा

इस घर की तम बड़ी लाडली पराण स यारी िबिटया चली लाकर आज सभी

को िपता की कर सनी किटया

प ठ 25

ससराल की कभी बराई कही न मह पर आ जाव धमर कमर क तर य पथ म पाव नही िडगन पाव

सात परितजञाय जो तमन अिग नदव स मख की धारण द पि त जीवन का मह व ह करना स च मन स पालन

बटी इन सात बचन का यान दय म रह सदा दोन कल की लाज इसी म भला न दना इस कदा पित ही ह सवर तर त हार पित ही को जीवन समझो

जो कछ कह उसी को मान उनको िबिटया तम धन समझो शीलवती तम बन िबिटया पित-भक त मना सदर िनस दह वय उपजग क प-वकष घर क अ दर

पहन सिशकषा की साड़ी को शभ गण भषण अपनाओ दस लकषण शभ लकषण धार िन य नय मगल गाओ यह िशकषा उपहार दय का तम को राह िदखायगा भल भटक कर भी अिधयारा पास न आन पायगा

हम सब की आख स मोती उर स िनकल रही आशीष सभी सख स पणर परफि लत कर त ह दलह राजा की ईश

अकषय कराित

िजन हाथ न लाड़ चाव स अब तक था िजसको पाला उन हाथ न ही िबिटया को दलह राजा जी को द डाला

प ठ 26 अकषय कराित

ldquoपयारवरणrdquo श द पिर+आवरण स बना ह अथारत बा य आवरण को ही पयारवरण कहत ह इस बा य आवरण का ता पयर हमार चार ओर क वातावरण और पिरवश स ह िजस हम दसर श द म परकित भी कह सकत ह प वी पर िव यमान सपणर जीव-जगत क अि त व जीवन-यापन एव चहमखी िवकास म परकित की मह वपणर भिमका ह मानव बिदधजीवी पराणी ह और परकित क मह व स भली-भाित पिरिचत होन क कारण ही सिदय स परकित की पजा करता रहा ह

विदक काल स ही परकित तथा मानव क बीच जीवन ततर का अटट सबध रहा ह हमार पराचीन ऋिष-मिनय न प वी म हवा पानी िमटटी पड़-पौध जीव-ज तओ और मानव क सिकरय सहयोगा मक सतलन को यान म रखकर ही परकित को प य माना धमर क साथ परकित को जोड़कर उ ह न परकित को पयार त मह व िदया व जानत थ िक िजस परकार जीवन क िलए भिम की आव यकता होती ह उसी परकार वन पितया व अ य पराणी भी आव यक ह य सभी परकित क अिभ न अग ह इनम स एक क भी न ट होन का परभाव दसर पर पड़ता ह और पिरणाम व प पराकितक असतलन पदा हो जाता ह व तत प वी म हवा पानी िमटटी पड़-पौध जीव-ज तओ और मानव का सिकरय सहयोगा मक सतलन रहता ह पड़-पौध भिम को उपजाऊ बनात ह िमटटी को बाधकर रखत ह बरसात करवान तथा जल एव वाय को व छ रखन म सहायक होत ह परत आज क बढ़त औ योिगकीकरण और शहरीकरण न परकित और मानव क बीच असतलन उ प न कर िदया ह यह असतलन अिशकषण बढ़ती जनसख या शहर की ओर पलायन वकष की कटाई गगनचबी इमारत बड़-बड़ उ योग की थापना आिद क कारण ह और यही पयारवरण परदषण क मख य कारण ह मटरोपोिलटन एव बड़ शहर म अनक काबरिनक और अकाबरिनक गस जस ndash काबरन-मोनोऑक साइड अमोिनया आिद परदषण क मख य ोत ह

वतरमान पयारवरण -21वी सदी की चनौती

लख सरीन सल

विदक काल स ही परकित तथा मानव क बीच जीवन ततर का अटट सबध रहा ह

प ठ 27 अकषय कराित मन य न अपनी भितक सख-सिवधाओ की आपित र क िलए परकरित स

िखलवाड़ िकया ह वतरमान मशीनी यग म मन य वारा परकित क अ यिधक दोहन एव िनत नए कारखान की थापना स पयारवरण सकट उ प न हआ ह मानव न परकित क साथ जो अ यायपणर यवहार िकया ह उसी क फल व प परकित का िवरोधी रवया हआ ह िजस भिव य म सह पाना मि कल होगा

अिशकषा क कारण दश की तजी स बढ़ती आबादी क आवास की मलभत आव यकता को परा करन क िलए वकष की कटाई करक ऊची-ऊची इमारत बनाई जा रही ह वकष की अधाधध कटाई स भिम की ऊवररा शिक त का तो ास हो ही रहा ह साथ ही परदषण जसी िवकराल सम या भी ज म ल रही ह

परदषण पयारवरण क ास का परमख कारण ह िवकासशील दश िनत नए उ योग की थापना करक बराजगारी की सम या को तो दर कर रह ह िकत इसस जल वाय विन तथा िविभ न परकार क परदषण बढ़ रह ह कल-कारखान और मोटर स िनकलन वाल धए स वाय परदषण हो रहा ह जल थल व नभ क मागर पर शिक त चािलत वाहन विन परदषण का मख य ोत ह शहरीकरण और औ योिगकीकरण क कारण शदध पयजल की सम या िवकराल प धारण कर रही ह कारखान स िनकलन वाल कड़-कचर क निदय म िमलन स जल परदषण हो रहा ह रासायिनक खाद और कीटनाशी दवाओ स मदा परदषण का खतरा बन गया ह

इस परकार जनसख या विदध शहरीकरण औ योिगकीकरण एव परदषण जसी सम याओ न पयारवरण को बरी तरह परभािवत िकया ह आज सपणर िव व पयारवरण को लकर िचितत ह इस भयावह ि थित स बचन क िलए पर यक यिक त को पयारवरण क परित जाग क करना आज की अिनवायर आव यकता ह

इस िदशा म सवरपरथम िनरकषरता को समा त िकया जाना चािहए साकषर भारत की पिरक पना म जनसख या विदध दर वय िनयितरत हो जाएगी करल रा य इसका परमाण ह जहा साकषरता क साथ-साथ जनसख या िनयतरण भी ह

जल थल व नभ क मागर पर शिक त चािलत वाहन विन परदषण का मख य ोत ह

प ठ 28 अकषय कराित

इसक बाद बात आती ह परदषण िनवारण की आज िव व भर क

वजञािनक और पयारवरणिवद इस िदशा म कायररत ह सवरपरथम वन क काटन पर परितबध लगाया गया ह और वन सपना क िव तार हत वकष लगान क िलए परो सािहत िकया गया इसक िलए सरकार की ओर स वकष आिद िनश क उपल ध कराए जात ह ldquoपयारवरण परदषण स थाrdquo और व छ वाय अिधिनयम जस िविधक उपाय स वाय परदषण पर रोक लगान का परयास िकया जा रहा ह जहरील धआ उगलन वाल कारखान तथा वाहन पर भारी आिथरक दड का परावधान ह िविभ न सचार मा यम mdashदरदशरन समाचार-पतर तथा आकाशवाणी क मा यम स जनता को पयारवरण क परित जाग क करन क परयास िकए जा रह ह निदय म खलन वाल परदषण ोत को बद करन की योजनाए चलाई जा रही ह पािलथीन क परयोग को बद करन क िलए चलाया जा रहा ह अिभयान भी परशसनीय ह

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह इस खतर स सपणर भमडल का अि त व न ट हो जाए इसस पहल हम पयारवरण की सरकषा करन का सक प लना होगा

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह

िस धी होन क प चात भी मझ बगाली रीित िरवाज़ िमठाइया यहा का पहनावा अगरज क ज़मान की बनी सरचनाए एव भवन इ यािद म बहत िदलच पी एव िच थी

प ठ 29 अकषय कराित

यातरा स मरण-कोलकाता-खिशय हषर का शहर(िसटी ऑफ जॉय)

सोिनया सिह वानी पीईसी िलिमटड

म पी ई सी िलिमटड नामक कपनी क िविध ककष म उप िविध परबधक क पद पर कायररत ह सन 2010 जन स इस कपनी म मन परबधन परिशकष क प म अपनी पहली नौकरी की श आत की पी ई सी िलिमटड वािण य मतरालय क अतगरत आन वाली आयात-िनयारत यापार स स बिधत क पिनय म स एक ह इस स दभर म जनवरी 2011 म िविभ न िवभाग क परबधन परिशकषओ को ओिरएटशन हत काडला कोलकाता इ यािद शहर म भजन का कायरकरम िनि चत िकया गया कोलकाता क पास हि दया पोटर होन क कारण कोलकाता शहर चना गया जहा पी ई सी वारा आयात की गयी व तए पोटर गोदाम म रखी जाती ह साथ ही म कोलकाता पोटर िभ न गोदाम इ यािद दखन की यव था की गयी एव सची म समावश िकया गया यह सनकर मरी ख़शी का िठकाना न रहा क य िक मन कोलकाता शहर क बार म सना बहत था पर त कभी दखा न था िस धी होन क प चात भी मझ बगाली रीित िरवाज़ िमठाइया यहा का पहनावा अगरज क ज़मान की बनी सरचनाए एव भवन इ यािद म बहत िदलच पी एव िच थी आिखरकार मझ मौका िमला और जनवरी की कड़ाकदार ठ ड क बीच हम एक रिववार शाम कोलकाता राजधानी स अपनी मिजल की और िनकल पड़ िद ली स कोलकाता क सफ़र क बीच हमारी गाड़ी इलाहाबाद गया िबहार तथा धनबाद जस शहर स होत हए बगाल की ओर पहची हसत-गात खलत-खात हए हम अगली सबह हावड़ा जकशन पहच गए रलगाड़ी स उतर कर टशन स बाहर िनकलत ही मझ िसटी ऑफ जॉय क नाम स मशहर कोलकाता की पहली झलक िदखाई दी ऐसा लगा मानो मझ भारत क दो पहल एकसाथ जीत हए नज़र आए एक तरफ थ टशन स बाहर एव अ दर जात हए स दर कपड़ गहन म लद हए कोलकाता क बगाली िनवासी साथ म बड़ी-बड़ी गािड़य म घमत कोलकाता क नौजवान और ठीक दसरी तरफ मरी नज़र पड़ी हगली नदी पर बन परिसदध हावड़ा िबरज पर िजस दख एक अलग ही दिनया का एहसास हआ

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह

िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी

एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया नतीजा मर समकष था

प ठ 30 अकषय कराित

हावड़ा िबरज पर हर तरफ लोग का जमावड़ा था इतन लोग दख िद ली क चादनी चौक की याद आ गयी ऐसा लगा मानो म 50 साल पीछ िकसी लक एव वाईट दिनया म कदम रख चकी थी िबरज क दोन तरफ सामान बचत हए दकानदार िखलौन मछली रख हए औरत एव छोट-छोट ब च मख य शहर स हावड़ा जान वाल आम आदमी मजदर की तज़ र तार फरी स र ता पार करन वाल यापारी इन सब को दख लगा कोलकाता म मबई जसी भागम भाग भी थी िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया नतीजा मर समकष था जस-जस म कोलकाता शहर क भीतर आन लगी मझ इस शहर क िवकास की झलक िदखाई दी एक तरफ थी ऊची ईमारत सदर िवशाल िव यासागर सत पल बड़-बड़ होटल माल कोलकाता उ च यायालय राईटसर िबि डग मशहर इडन गाडरन टिडयम इ यािद तो दसरी तरफ था िवक टोिरया ममोिरयल अगरज की वा तकला क अनसार िदखती लाल ईटो की इमारत िवक टोिरयल सरचनाए भवन छोटी-छोटी पटिरय पर समान बचत नया बाज़ार (New Market) क दकानदार एव िवक टोिरया ममोिरयल क बाहर चलत सलािनय क िलए रथ वाल घोड़ हमारा होटल जसीबोस सड़क पर ि थत था एव सिवधाओ स भरपर था पर त मन य जाना िक असली कोलकाता का मज़ा गाड़ी म नही अथवा िरक शा ऑटो तथा साल स चलती आ रही सड़क पर टराम म था

हर तरफ मझ पील रग की टिक सया िदखाई दी सब एक समान थी तथा मरसीडीज़ गाड़ी क बगल म चलती 1-2 पय म सफ़र की जान वाली टराम भी साथ िदखाई दी परी िजदगी िद ली म यतीत करन क बाद हर नए शहर का रहन-सहन बोल-चाल रीित-िरवाज़ जानन की जाग कता मझम हमशा रही पहल ही िदन स कोलकाता मझ रास आया जस िक कहत ह lsquoकोलकाता हमार खब भाला लागली छ rsquo कहन का ता पयर य िक मझ कोलकाता बहत अ छा लगा पहल िदन िक शाम को हमन य मािकर ट म खरीददारी करन का मन बनाया म हरान थी िक वहा चीज िकतनी स ती िमल रही थी िद ली क मतािबक एक ितहाई दाम पर चिडया गहन बग जत कत इ यािद िमल

िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया

प ठ 31 अकषय कराित य मािकर ट िद ली क लाजपत एव सरोिजनी नगर समान ह कम

दाम म अ छा समान िमला कोलकाता चमड़ क िलए भी मशहर ह एव परिसदध ी लदसर दकान भी इस बाज़ार म ि थत ह यहा खरीदारी का हमन खब ल फ़ उठाया

अगल िदन हम हि दया पोटर गए एव अनक जहाज़ दख 3-4 घट की दरी पर ि थत यह पोटर अनक एकड़ म फला हआ था पहली बार इतन बड़ जहाज़ को अदर स दख खब आनद आया तीसर िदन हम काली बाड़ी मिदर गए बगाली अ यत पाठ-पजा वाल दगार मा क स च उपासक ह यह सब जानत ह दगार पजा इनका लोकिपरय उ सव ह तथा काली मा एव दगार मा की स च मन स पजा करत ह कोलकाता क िनवासी भिक त भावपणर ह यह सना था अब खद दख भी िलया बगाली र म स पजा करन का य मौका अ यत आनदमयी था इसक अलावा काली बाड़ी क नज़दीक ही ि थत ह गौिरहाट बाज़ार यहा की दकान बगाली सािड़या कपड़ सट कत इ यािद क िलए परिसदध ह आिद धक तशवर नामक मशहर दकान म जाकर मरा भी मन िकया िक म भी खरीददारी क मर सािथय न बहत सािड़या खरीदी एव दाम दखकर म दग रह गई सदर स सदर साड़ी मातर 600700 पय की थी मन बगाल की मशहर लाल एव सफद िपरट की साड़ी भी खरीदी कोलकाता म खरीददारी का अलग की मज़ा ह उसी िदन शाम हम सा ट लक िसटी मॉल गए वह सा ट लक टिडयम क नज़दीक ह यहा िदखाई िदया कोलकाता का परगितशील प नौजवान फटबाल की जसीर पहन माल म घम रह थ एक स एक

मशहर बरड वहा मौजद थ इसक अलावा कोलकाता क िनवासी खब मनोरजन क शौक़ीन ह सगीत नाच गाना इ यादी म िच रखत ह कोलकाता म जगह-जगह सगीत कला अकडमी तथा पढ़न (रीिडग) क क लब ह अगरज क शौक तथा रहन-सहन की झलक आज भी यहा िदखती ह यहा क नौजवान को खल-कद म भी खब िदलच पी ह फटबाल का तो जस यहॉ सबको जनन ह

भारत क परिसदध मोहन बगान फटबाल क लब फटबाल क वहा क नौजवान ही नही परा शहर ही दीवाना ह भारत-पाक मच हो या आई पी एल इडन गाडरन मदान लोग स खचा-खच भरा रहता ह अफ़सोस म वहा अदर जा न सकी

इसक अलावा काली बाड़ी क नज़दीक ही ि थत ह गौिरहाट बाज़ार यहा की दकान बगाली सािडया कपड़ सट कत इ यािद क िलए परिसदध ह

प ठ 32 अकषय कराित

मर सफर क आखरी िदन म मन कोलकाता क लोग म एकता क नजार दख िविभ नता म भी एकता का उदाहरण दखा चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख िजस िदन हम कोलकाता पहच थ उसी िदन वहा शहर बद था और मन एक जट होकर लोग को अपनी बात कहत हए दखा एव सना यहा क लोग अपन शहर क िवकास बहतरी क िलए जाग क ह िज मदारी लत ह तथा सरकार को अपनी बात भली-भाित कहत ह लड़िकय औरत की इ ज़त करत ह एव यहा िक मिहलाओ को मन िनदरलीय पाया जहा एक ओर भारत की राजधानी होन क बावजद िद ली वाल अपनी िजदगी म मगन रहत ह वही दसरी और कोलकाता म अमीरी-गरीबी िभ न जाितय म भी एक जटता ह कपड़ा एव खाना आज भी यहा खब स ता िमलता ह पर त दसरी तरफ सब जानत ह िक बड़-बड़ उ योगपित िव वान लखक िखलाड़ी गायक अिभनता िनदशक यहा स उभर ह सािह य हो या लख बॉलीवड हो या िकरकट बगाल न भारत को अनक नाम एव गौरव िदए ह चाह सौरव दादा हो या रिव दर नाथ टगोर ममता बनजीर रानी मखजीर हो या योित बस भारत म इनकी भिमका का वणरन करन की ज रत नही

मन कछ िदन क कोलकाता क सफर म इस शहर को जानन समझन का परयास िकया हगली नदी क िकनार खड़ होकर समदर को दखा निदय को िनहारा िव यासागर सत िबरज की सदरता िवशालता को सराहा क सी दास की परिसदध िमठाई का ल फ उठाया मन बहत शहर घम पर त यह सफर मर िलए सबस यादगार रहा कोलकाता परगित क मागर पर िनरतर बढ़ रहा ह पर त आज भी वह अपनी जड़ नितक म य को नही भला ह एक आम आदमी आज भी टराम म या फरी स सफर करता ह यहा क िनवासी दो पय स लकर 500 ० का खाना खात ह पराना एव नया कोलकाता एक साथ जीिवत ह िसक क क दो पहल की तरह कोलकाता क यह दो प को एक साथ रहत दख बहत आनद आया

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 33 अकषय कराित

जल परकित का अनपम उपहार ह मानव जाित अपन परादभारवकाल स ही इस उपहार का उपयोग अपन िहत क िलए करती आई ह जल वह पराकितक उपहार ह िजसका कोई िवक प नही ह इसिलए जल को अमतया जीवन भी कहा गया ह जल क िबना जीवन की सभावना भी नही ह पर यकष प स तो जल की मानवीय आव यकता सीिमत ह परत परोकष आव यकताओ पर नजर डाल तो दिनक जीवन की आव यकताए जस अ न फल स जी दध स लकर हमार पहराव आवास तक सब जल स जड़ हजल का जरा भी सतलन िबगड़ जाए तो जीवन यापन क टपरद होन म दर नही परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह जल क सामा य त य जल या पानी एक आम रासायिनक पदाथर ह जो जीवन क सभी जञात प क जीिवत रहन क िलए ज री ह आमतौर पर जल अपनी दरव अव था म उपयोग म लाया जाता ह पर यह ठोस अव था बफर और गस अव था जल वा प या भाप प म भी पाया जाता ह प वी क लगभग तीन चौथाई िह स पर िव व क महासागर का अिधकार ह अनमानत प वी पर जल की कल मातरा लगभग 1400 िमिलयन घन िकलोमीटर ह जो िक प वी पर 3000 मीटर गहरी परत िबछा दन क िलए काफी ह तथािप जल की इस िवशाल मातरा म व छ जल का अनपात बहत कम ह प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह शष जल झील निदय वायम डल नमी मदा और वन पित म मौजद ह जल की जो मातरा उपभोग और अ य परयोग क िलए व ततः उपल ध ह वह निदय झील और भजल म उपल ध मातरा का छोटा-सा िह सा ह इसिलए जल ससाधन िवकास और परब ध की बाबत सकट इसिलए उ प न होता ह कय िक अिधकाश जल उपभोग क िलए उपल ध नही हो पाता

परभावी जल परबधन और दश का िवकास

दीपक आहजा ओएनजीसी िवदश

प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह

प ठ 34 अकषय कराित

और दसर इसका िवषमतापणर थािनक िवतरण इसकी एक अ य िविश टता ह फलतः जल का मह व वीकार िकया गया ह और इसक िकफायती परयोग तथा परब ध पर अिधक बल िदया गया ह प वी पर उपल ध जल जल-चकर क मा यम स चलायमान ह जल लगातार एक चकर म घमता रहता ह िजस जलचकर कहत ह इसम वा पीकरण वषार और बह कर सागर म पहचना शािमल ह हवा जल वा प को थल क ऊपर उसी दर स उड़ा ल जाती ह िजस गित स यह बहकर सागर म पहचाता ह जल चकर का िचतर नीच पर तत िकया गया ह

अिधकाश उपभोकताओ जस िक मन य पशओ अथवा पौध क िलए जल क सचलन की ज रत होती ह जल ससाधन की गितशील और नवीकरणीय परकित और इसक परयोग की बार बार ज रत को ि टगत रखत हए यह ज री ह िक जल ससाधन को उनकी परवाह दर क अनसार मापा जाए इस परकार जल ससाधन क दो पहल ह अिधकाश िवकासा मक ज रत क िलए परवाह क प म मािपत गितशील ससाधन अिधक परासिगक ह आरिकषत भ डार की ि थर अथवा िनयत परकित और साथ ही जल की मातरा तथा जल िनकाय क कषतर की ल बाई व म यपालन नौ सचालन आिद जस कछक िकरयाकलाप क िलए भी परासिगक ह

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 35 अकषय कराित

जल का यय अप यय जल क बार म एक नही कई च कान वाल त य ह िव व म और िवशष प स भारत म जल िकस परकार न ट होता ह इस िवषय म जो त य सामन आए ह उस पर जाग कता स यान दकर जल क अप यय को रोका जा सकता ह अनक त य ऐस ह जो हम आन वाल ख़तर स तो सावधान करत ही ह दसर स पररणा लन क िलए परो सािहत करत ह और पानी क मह व व इसक अनजान ोत की जानकारी भी दत ह प वी पर पदा होन वाली सभी वन पितया स भी हम पानी िमलता ह

आल और अनानास म 80 परितशत और टमाटर म 95 परितशत पानी ह पीन क िलए मानव को परितिदन 3 लीटर और पशओ को 50 लीटर पानी

चािहए भारत म 83 परितशत पानी खती और िसचाई क िलए उपयोग िकया जाता

ह इज़राइल म औसतन मातर 10 सटीमीटर वषार होती ह इस वषार स वह

इतना अनाज पदा कर लता ह िक वह उसका िनयारत कर सकता ह दसरी ओर भारत म औसतन 50 सटीमीटर स भी अिधक वषार होन क बावजद अनाज की कमी बनी रहती ह

िपछल 50 वष म जल क िलए 37 भीषण ह याकाड हए ह भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल

चलती ह पानी ज य रोग स िव व म हर वषर 22 लाख लोग की मौत हो जाती ह यिद बरश करत समय नल खला रह गया ह तो पाच िमनट म करीब 25

स 30 लीटर पानी बरबाद होता ह बाथ टब म नहात समय 300 स 500 लीटर पानी खचर होता ह जबिक

सामा य प स नहान म 100 स 150 लीटर पानी खचर होता ह िव व म परित 10 यिकतय म स 2 यिकतय को पीन का शदध पानी

नही िमल पाता ह परित वषर 6 अरब लीटर बोतल पक पानी मन य वारा पीन क िलए

परयकत िकया जाता ह मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 36 अकषय कराित

िद ली मबई और च नई जस महानगर म पाइप लाइन क वॉ व की खराबी क कारण रोज़ 14 स 44 परितशत पानी बकार बह जाता ह

निदया पानी का सबस बड़ा ोत ह जहा एक ओर निदय म बढ़त परदषण रोकन क िलए िवशषजञ उपाय खोज रह ह वही कल कारखान स बहत हए रसायन उ ह भारी मातरा म दिषत कर रह ह

भारत म जल सकट नासा की एक िरपोटर न पानी को लकर दश भर म बढ़ती जा रही लापरवाही क परित आख खोली ह इस िरपोटर म भारत म सख की ि थित पदा होन क िलए िज मवार कारण म स एक अहम कारण अधाधध जल दोहन को बताया गया ह बतात चल िक दश भर क 604 िजल म स 161 सख की मार झल रह ह वस अब बताया जा रहा ह िक सख की मार स बहाल िजल की सखया बढ़कर 246 हो गई ह यानी कहा जाए तो आधा दश सख की चपट म ह बहरहाल नासा की इस िरपोटर म बताया गया ह िक भारत क कई रा य कषमता स यादा जल दोहन कर रह ह यहा कषमता स ता पयर यह ह िक उनस िजतन सलाना जल दोहन की उ मीद कदर करती ह व उसस कही यादा जल दोहन कर रह ह नासा न यह अ ययन 2002 स 2008 क बीच

की ि थितय क आधार पर िकया ह इस िरपोटर म बताया गया ह िक पजाब हिरयाणा और राज थान हर साल औसतन 177 अरब कयिबक मीटर पानी जमीन क अदर स िनकाल रह ह जबिक कदर की तरफ स लगाए गए अनमान क मतािबक इ ह हर साल 132 अरब कयिबक मीटर पानी ही जमीन क अदर स िनकालना था इस तरह स दखा जाए तो य तीन रा य िमलकर कषमता स 30 फीसदी यादा पानी का दोहन कर रह ह जािहर ह िक िबना कछ सोच-िवचार जब इस पमान पर पराकितक ससाधन का दोहन िकया जाएगा तो परकित भी बदला लगी और वही हो रहा ह इस िरपोटर म यह भी बताया गया ह िक भारत का महज 58 फीसदी भजल ही हर साल िरचाजर हो पाता ह नासा की यह िरपोटर बताती ह िक अधाधध जल दोहन की वजह स पर उ तर पि चम भारत क भजल तर म हर साल 4 सटीमीटर यानी 16 इच की कमी आ रही ह इस अ ययन को अजाम दन म नासा क जल िवजञानी मट रोडल न अहम भिमका िनभाई ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 37 अकषय कराित

उनक हवाल स इस िरपोटर म बताया गया ह िक दश क उ तर पि चम कषतर म 2002 स 2008 क दौरान तकरीबन 109 कयिबक िकलोमीटर पानी की कमी हई ह यह मातरा िकतनी अिधक ह इसका अदाजा इसी स लगाया जा सकता ह िक यह अमिरका क सबस बड़ जलाशय लक मीड की कषमता स दगन स भी कही यादा ह अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह इस िरपोटर क मतािबक अगर अधाधध जल दोहन इसी तरह स जारी रहा तो आन वाल समय म भारत को अनाज और पानी क सकट को झलन क िलए अभी स तयार हो जाना चािहए जािहर ह िक जब जल सकट बढ़गा तो खती पर इसका गहरा परभाव पड़गा अनाज क उ पादन म कमी आएगी इस वजह स अनाज सकट पदा होगा और भख का एक नया चहरा उभरकर सामन आएगा एक बड़ा तबका जो आज भरपट भोजन कर पाता ह उसक िलए पट भर खाना िमलना मि कल हो जाएगा भखमरी की जो सम या पदा होगी उसस िफर िनपटना आसान नही होगा इसक अलावा पीन क पानी का टोटा तो होगा ही अभी ही दश क कई िह स ऐस ह जहा क लोग को पीन क िलए साफ पानी नही िमल पा रहा ह कई कषतर ऐस ह जहा गमीर क िदन म हडपप स पानी आना बद हो जाता ह वहा क लोग को हर साल बोिरग को कछ फट बढ़वाना होता ह यह सम या भजल तर क िगरत जान की वजह स ही पदा हई ह जब पीन क पानी का सकट पदा होगा तो बोतलबद पानी का कारोबार काफी तजी स बढ़गा कहन का मतलब यह िक िजसक पास पसा होगा वह अपनी यास बझा सकगा और िजसक पास पसा नही होगा उस अपनी यास बझान क िलए भी सघषर करना पड़गा ि थित की भयावहता की क पना ही िसहरन पदा करती ह भारत म दिनया का हर छठा आदमी रहता ह यानी कहा जाए तो दिनया क कल आबादी क तकरीबन सतरह फीसदी लोग भारत म रहत ह जबिक दिनया का महज साढ़ चार फीसदी पानी ही भारत म उपल ध ह ऐस म जल सम या स दो-चार होना कोई आनापिकषत बात नही ह एक बात तो तय ह िक पराकितक ससाधन म इजाफा तो नही िकया जा सकता ह लिकन इसका सरकषण अव य िकया जा सकता ह

अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह

प ठ 38 अकषय कराित

भारत म लोग िकसी एक मा यम स पयजल परा त करन पर िनभरर नही ह इस दश म 357 फीसदी लोग हडपप स 367 फीसदी लोग नल स 182 फीसदी लोग तालाब पोखर या झील स 56 फीसदी कओ स 12 फीसदी लोग पारपिरक साधन स और 26 फीसदी लोग अ य मा यम स पीन का पानी परा त करत ह इस िलहाज स अगर दखा जाए तो जल सकट को दर करन क िलए समगर कायरयोजना की ज रत ह

दरअसल भारत म गहरात जल सकट क िलए काफी हद तक पानी की बबारदी भी िज मवार ह यहा जल आपित र की यव था म काफी खािमया ह नल क जिरए घर तक पहचन वाल पानी का एक बड़ा िह सा िरस कर बबारद हो जाता ह हर शहर म फट हए आपित र पाइप आसानी स दख जा सकत ह इस बदहाल यव था क िलए सरकार क साथ-साथ सामा य लोग भी कम िज मदार नही ह एक तरफ तो सरकार पयजल क नाम पर हर साल हजार करोड़ पए का बजट बनाती ह और दसरी तरफ जमीनी तर पर हालात म कोई बदलाव नही िदखता ह सामािजक तौर पर भी जल सरकषण को लकर जाग कता का अभाव िदखता ह यह सामािजक तान-बान का ही असर ह िक लोग कही भी जल की बबारदी को दखकर उस सामा य घटना मानत हए नजरअदाज कर दत ह दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था यह अब घटकर 1800 कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर हो चका ह

दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था

प ठ 39 अकषय कराित

िवशषजञ का अनमान ह िक अगर पानी की खपत और बबारदी इसी तरह स जारी रही तो 2025 तक यह घटकर हजार कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर ही रह जाएगा उस समय तक पानी की उपल धता म आन वाली इस कमी की वजह स किष उ पादन म तीस फीसदी की कमी आन की सभावना ह इन पिरि थितय म दश की आिथरक और सामािजक ि थित का कया होगा इसका अदाजा सहज ही लगाया जा सकता ह भारत म जल सरकषण क परित आज भी आम लोग क मन म उपकषा का भाव बना हआ ह साथ ही इस कायर क िलए आव यक तकनीक की भी कमी ह जो तकनीक उपल ध ह उनस सामा य लोग अनजान ह बािरश क पानी का सगरह करक उस उपयोग म लाना एक अ छा िवक प ह पर इस तरह की कोिशश काफी सीिमत मातरा म काफी छोट तर पर हो रही ह यही वजह ह िक दश म होन वाली बािरश क पानी का अ सी फीसदी िह सा आज भी समदर म पहच जाता ह अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह अगर जल की इस िवशाल मातरा का आधा भी परयोग कर िलया जाए तो ि थित म यापक बदलाव आना तय ह शहरी कषतर म तो पानी की कालाबाजारी जोर पर ह जगह-जगह पर जल मािफया सिकरय हो गए ह िद ली क ही एक अखबार न कछ समय पहल यह बात उजागर िकया था यहा तो समानातर जल बोडर भी चलाया जा रहा ह हरानी की बात तो यह ह िक इसक बावजद भी पानी क काल धध पर अकश नही लगाया जा सका ह अहम सवाल यह ह िक कस सामा य तबक क लोग तक व छ पानी पहचाया जाए शहरी कषतर क साथ-साथ गरामीण कषतर म भी यह एक बड़ी चनौती ह आबादी म अपर यािशत विदध बढ़त शहरीकरण औ योिगकीकरण और किष उ पाद की बढ़ती माग क कारण पानी की माग िपछल कछ साल म वाभािवक प स बढ़ी ह इसक पिरणाम व प भजल ससाधन का अ यिधक दोहन हआ ह और इसका नतीजा हआ िक लगातार भजल का तर घटता जा रहा ह शहरी कषतर म ि थित बहद भयावह ह तदनसार वहा न कवल शीघराितशीघर जल ससाधन क सरकषण की ज रत ह बि क परभावी रणनीित और परबधन क जिरए त काल कदम उठान की ज रत ह

अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह

प ठ 40 अकषय कराित

खासकर इस बात को यान म ऱखकर िक िविभ न परितयोगी कषतर म कभी भी माग बढ़ सकती ह भिव य म उपयोग क िलए छत पर या सतह पर जलगरहण बनाकर वषारजल सरकषण बहद ज री ह यह पानी की बढ़ती ज रत का खयाल रखन िमटटी की नमी तर को बढ़ान शहरी हिरयाली को बढ़ान भजल तर को कितरम प स पनभररण करन और भजल की गणव ता स सधार का काम करता ह भारत म जल परबधन स दश का िवकास भारत म दिनया की 16 परितशत आबादी रहती ह लिकन दिनया क िसफर 4 परितशत जल ससाधन ही भारत क पास ह 3290000 वगर िकलोमीटर क भिम कषतर और एक अरब स यादा की आबादी क साथ भारत क एक बहलवादी िविवधता का िचतर ह िवशाल पराकितक ससाधन क साथ सप न तकनीकी और वजञािनक किमरय का भी यह दिनया म दसरा सबस बड़ा सम चय ह भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह मानव िवकास म 80 क दशक म लगभग 26 परितशत और 90 क दशक क दौरान और 24 परितशत क वारा सधार हआ ह आजादी क बाद छह दशक म भारत न जल ससाधन का अभतपवर िवकास और खा या न म आ मिनभररता शहरी कषतर ऊजार और औ योिगक कषतर और पीन का पानी क बिनयादी ढाच म तजी स िव तार दखा ह िजसका उपयोग भारत की लगभग 85 परितशत शहरी और गरामीण आबादी क वारा िकया जाता ह भारत म रा य सरकार और भारत सरकार क परितबदध और ठोस परयास की वजह स गरामीण और शहरी आबादी को सरिकषत पयजल को उपल ध करवान म काफी सफलता हािसल की ह इस उपलि ध न भजल की कमी जल जमावजल गणव ता िगरावट जल परदषण और बढ़त लवणता तर स बड़ कषतर को परभािवत िकया ह और अभी भी िविभ न रा य म गरामीण और शहरी भारत क मानव िवकास सचकाक (HDI)rsquo म बहत असमानता मौजद ह पानी क िलए कषतरीय माग तजी स बढ़ रह शहरीकरण की गित स बढ़ रही ह (अनमानत 2025 तक दश की आबादी का 50 परितशत स अिधक शहर म रहग) जनसखया विदध बढ़ती आय और औ योिगक िवकासशहरी भारत तजी स िवकास की माग क कदर क प म उभर रहा ह

भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह

प ठ 41 अकषय कराित

नतीजतन परित यिकत पानी की उपल धता िगर रही ह परधानमतरी की अ यकषता म 12वी योजना क िलए हई योजना आयोग की पणर बठक म दसर म क साथ जल परबधन पर िवशष चचार हई बठक क बाद योजना आयोग क उपा यकष म टक िसह अहलवािलया न कहा िक भ-जल कानन स लकर दसर म की यापक समीकषा ज री ह व यनाथन सिमित जहा वतरमान म भ-जल कानन की साथरकता का अ ययन करगी वही भारतीय अतिरकष अनसधान सगठन [इसरो] की मदद स पानी की उपल धता का िव तत अ ययन होगा म टक न कहा िक उसी आधार पर रणनीित तय होगी सरकार यह यान रखगी िक पानी का अिधकतम उपयोग हो सक और सभी को उपल ध हो पानी पर िकसी का एकािधकार न हो सक बतात ह िक द पयोग को रोकन क िलए श क लगान पर भी िवचार िकया जा सकता ह हालािक इसस पहल रा य सरकार स चचार होगी यह तय ह िक एआइबीपी कायरकरम म यापक बदलाव ह ग ी म टक िसह अहलवािलया न कहा िक वतरमान म इस कायरकरम का सही िकरया वयन नही हो रहा ह िलहाजा उसम पिरवतरन ज री ह सभव ह िक हर रा य म जल िनयामक परािधकरण बनान की शतर भी लगाई जाए उ ह न कहा िक जल परबधन की यापक समीकषा कर नई रणनीित तय की जाएगी कल िमलाकर रा टरीय तर पर वतरमान जल ससाधन का अिधक स अिधक करन क िलए माग को परा करन क िलए पयार त ह लिकन भिव य क अ ययन पिरयोजना ह िक जल आपित र की ि थित अगल आध सदी म अिधक किठन हो सकती ह जल सकट स िनपटन को जल सरकषण परबधन अिनवायर परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह बढ़त वि वक तापमान क फल व प अितवि ट अनावि ट अ पवि ट और असामियक वि ट हम परितवषर दख रह ह िजसका परभाव हमार जल ससाधन पर पड़ता िदखाई द रहा ह कओ व बाविडय का िमटता अि त व नदी-नाल का घटता पानी भ-गभर जल का िगरता तर िचता की पिरिध स िनकलकर खतर की घटी बनता जा रहा ह

निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह

प ठ 42 अकषय कराित

िव व भर म सीमट क अधाधध परयोग न धरातल क सहज अवशोषण कषतर को घटाया ह तथा जल बहाव भिम कटाव व बाढ़ म विदध की ह ऐसी ि थित म जल सरकषण का दािय व मातर वजञािनक व सरकार तक सीिमत न रहकर पर यक उपभोकता क कध पर आ जाता ह इसी दािय व क िनवरहन क िलए हमार पास दो िवक प सामन आत ह 1 वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई

उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

2 पािरवािरक तर पर वषार जल को सगरिहत कर उसका उपयोग कर य दोन ही परयास गरामीण कषतर म तो सरलता स अपनाए जा सकत ह परत शहरी कषतर म व ट वाटर मनजमट की बड़ी पिरयोजनाए बनाकर ही पानी को िरसाइिकल िकया जा सकता ह भ-गभर अिधकािधक जल अवशोिषत होकर

जाए इसक िलए मदानी भाग म िनयोिजत ढग स बड़-बड़ पोखर बनाकर तथा पहाड़ी कषतर म नाल -ख ड म िमटटी प थर आरसीसी क बड़-छोट डम लगाकर जल बहाव रोक भ-सरकषण बचाव व जल भडारण और धरातल जल शोषण कषतर बढ़ाया जा सकता ह िव व बक भारत सरकार वारा म य िहमालय जलागम पिरयोजना रा य क भ-सरकषण िवभाग इस कषतर म कारगर उपाय लकर

हमार सामन ह परत जनसहयोग क िबना इन पिरयोजनाओ क आशातीत पिरणाम ल पाना किठन ह वकषारोपण इस सपणर जल चकर को बल दन वाला कारक ह जल क परित चतना जागत न हई तो अव य ही अगल िव व यदध का कारण जल ही होगा

जल भोजन ह और अिगन भोजन का भकषक ह अिगन जल म और जल अिगन म िव यमान ह

- ततरीय उपिनषद 38

वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

प ठ 43 अकषय कराित

म भी गान गा सकता ह शबनम क िखलत फल क म भी गीत सना सकता ह सावन क म त झल क लिकन जब घर-घर म बादल छाय घोर िनराशा क तब म नगम गा रहा ह उ मीद की आशा क

सड़क पर खड़ बचपन की य बात सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह

हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

इस बदलत पिरवश का राग सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

गाधी जी क सपन का जो राम-रा य कहलाता ह उस भारत म सड़क पर छोट चाय पहचाता ह

कहा गई वो अ हड़ म ती कहा गया वो यार का रा ता उन हाथ स बचत झड िजन हाथ को चािहए ब ता

उस सोन की िचिड़या की म बात बतान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

कही बम की गमर हवाए कही ससद म कोहराम ह कही होत घोटाल स परशान आदमी आम ह

कही कल की िकलकारी ह कही सड़क पर बचपन ह कही चलता नही गजारा कही िवदश म काला धन ह

म स चाई गा-गाकर सबको बतलान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

बदलता भारत मनीष लाल इरडा

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

प ठ 44 अकषय कराित

करन वाल काम बहत ह यथर उलझन को छोड़ो म ला-पिड़त तोड़ रह ह तम बस lsquoअपन को जोड़ो

lsquoहम बदलग-यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का lsquoवद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का

वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हम बदलग mdash यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का वद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

प ठ 45 अकषय कराित

िसफर काला और सफ़द य ही वो दो रग थ जो तर पास सि ट बनान क आधार थ

काला वो जो कािलमा िलय ह िजस कहत ह दख िनराशा म य अपयश और वो सबकछ जो नकारा मक ह

मगर सफद ह वो रग िजसस जड़ा ह जीवन आशा सख और कीितर और वो सब कछ जो सकारा मक ह पर इन रग स तझ चन ना िमला त सोचन लगा अगर सि ट बनानी ह

तो िकस िलए- ससगर और परम क िलए और

इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग

ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह

बस- बना डाला तन इ दरधनष

जो बरसात क बाद सरज और प वी क अनपम परम को रग दता ह सतरगी रग स

और उ ही सतरगी इ दरधनषी रग म हम हर पल हर कषण डबत गहरात इतरात रहत ह

और खिशय भर ससार म हर रग को अलग-अलग तरह स महसस करक जीत रहत ह

रग तो रग ह मगर-

ससगर और परम क िलए और इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह बस-

सतरगी िचतर सगीता ीवा तव इरडा

प ठ 46 अकषय कराित

कभी पक क कभी फीक़ तो कछ कभी दाग बनकर उभर आत ह

कछ आख म नील बादल स छाए रहत ह तो कछ गाल पर गलाबी रग बनकर छलक जात ह

याद रहत ह अक सर वो रग- जो खदी पर इस तरह छा जात ह िक खद म घलकर खद क होन

का एहसास दत-दत खद का एक रग बन जात ह

बगनी आसामनी नीला हरा पीला नारगी लाल इ दरधनष क य सात रग ही जोड़त ह हमार िदल को

हमार मन को जोड़न वाल इन रग की सतरगी दिनया म-

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा बनाय

और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क

सतरगी िचतर

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा

बनाय और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क सतरगी िचतर

Page 17: Akshay Kranti Vol 3€¦ · पक्ष को प्रभािवत न कर e, बािधत व पीिड़त न कर eवह काय-र्कौशल है।

प ठ 17

अकषय कराित जब उनका सनापित उनम वह जोश भर सक िक उ ह कोई भी ऊचाई यादा न लग अतः सबस ज री ह िक स थान म कमरचािरय की

कषमताओ का परा फायदा लन क िलए उनका िव वास जीता जाए इसक िलए उनक साथ परी इ जत स पश आना ज री ह उनकी छोटी-बड़ी खशी को बाटना और उनकी राय को परा स मान दना भी उतना ही ज री ह कई बार परबधन क उ चािधकारी या लीडर अपनी टीम क सद य स िसफर इसिलए राय नही लत कय िक उ ह लगता ह िक एक बार राय लन पर अगर उनकी बात नही मानी गयी तो उ ह बरा लगगा लिकन सबस ज री ह िक टीम म सभी सद य को िव वास म लकर काम िकया जाए यहा टीम लीडर की भिमका मह वपणर होती ह वह खद वकत का पाबद होगा तो उसक मातहत कमरचािरय म वयमव यह गण आदत का प ल लगी टीम लीडर का काम अपनी टीम का उ साह बढ़ात हए दी गयी िज मदािरय को समय स परा करना ह मगर उसम नयी चीज़ को सीखन की ललक होनी चािहए ऐसी ललक जब स थान क कमरचािरय म आदत का प लन लगती ह तो वह स थान जािहर ह नए परितमान थािपत करन लगता ह जापानी कपिनया हर बात म कमरचािरय क िहत का यान रखती ह िजसस व वय ही उ पादकता क परित सचत हो जात ह जानी-मानी टोयोटा कपनी क कमरचािरय म तो काम की ऐसी आदत सी या ललक होती ह िक व तब तक काम करत ह जब तक खद थक कर चर नही हो जात यह उनकी आदत ही बन चकी ह िक यिद व िकसी बात पर नाराज होत ह तब भी कपनी या अपन भागय को भल ही कोस ल पर अपन काम पर असर नही पड़न दत इसका कारण यह ह िक जापानी कपिनया काम का एक अ छा वातावरण बनान और लोग म काम क परित स ची लगन को बढ़ावा दन क िलए कड़ा परयास करती ह वहा लोग को लगातार परिशकषण िमलता रहता ह जो कवल तकनीक और मनजमट ही नही कायर स जड़ी नितकता और अ छी आदत क िवकास पर किदरत होता ह चिरतर का िनमारण उनकी एक आदत सी बन जाती ह अगर हम भी एक अ छी शिखसयत बनना ह तो हम अपनी आदत को गहराई स जाचना होगा

ऐसी ललक जब स थान क कमरचािरय म आदत का प लन लगती ह तो वह स थान जािहर ह नए परितमान थािपत करन लगता ह जापानी कपिनया हर बात म कमरचािरय क िहत का यान रखती ह

प ठ 18

अकषय कराित चतन और अवचतन मन

हमार चतन मन क पास सोचन की शिकत होती ह यह िकसी बात को मान सकता ह और नही भी मान सकता मगर अवचतन मन िसफर वीकार करता ह यह इनपट (input) को लकर कोई भदभाव नही करता अगर हम अपन मन म डर शका नफरत क भाव भर तो यह आ म सझाव इन सभी भाव को सिकरय बनाकर हकीकत म बदल दगा हमारा अवचतन मन एक डाटा बक की तरह ह अवचतन मन एक गाड़ी की तरह ह और चतन मन एक डराइवर की तरह शिकत तो गाड़ी म होती ह मगर उसका कटरोल डराइवर क पास होता ह

हम अवचतन मन को इस तरह ढालन की ज रत ह िक वह हम सही और ठीक रा त पर ल जा सक अवचतन मन एक बगीच की तरह होता ह िजस कोई परवाह नही होती िक आप कस पौध लगात ह यह िनरपकष (neutral) होता ह इसम अ छा बोन पर अ छा िमलता ह अ यथा जगली पौध उग जायग

बि क अ छ बीज बोन क बावजद जगली पौध उगन बद नही होत आव यकता होती ह उ ह उखाड़ फकन का िसलिसला जारी रखन की इसी िसदधात को कमरचािरय क मामल म समझन की ज रत ह हम याद रखना ह िक सही और गलत िवचार मन म एक साथ नही रह सकत आव यकता उनक अवचतन मन को इस तरह ढालन की ह िक उनम अ छी आदत का िवकास हो दरअसल अवचतन योगयता वह होती ह जब हम यान दन और सोचन की यादा ज रत नही होती कय िक यह हमार यवहार म खद ब खद उतरन लगा ह िजस स थान क कमरचारी इस तर पर पहच जात ह उनम अ छी आदत वयमव घर करन लगती ह जब बरी आदत हमार अवचतन योगयता क तर तक पहच जाती ह तो वह कावट उ प न करती ह

पिरवतरन का िवरोध बरी आदत को पहचान लन क बाद भी अकसर दखा गया ह िक

लोग उ ह बदलत नही ह ऐसा आिखर कय होता ह उनक न बदलन का कारण ह िक व िज मदारी को वीकार करन स इनकार करत ह

हम अवचतन मन को इस तरह ढालन की ज रत ह िक वह हम सही और ठीक रा त पर ल जा सक अवचतन मन एक बगीच की तरह होता ह िजस कोई परवाह नही होती िक आप कस पौध लगात ह

प ठ 19

अकषय कराित अपनी उन आदत को बनाय रखन म उ ह जो आनद िमलता ह वह पिरवतरन क ददर स यादा होता ह इसक िन निलिखत कारण हो सकत ह -- 1 पिरवतरन की इ छाशिकत का अभाव 2 पिरवतरन क िलए आव यक अनशासन की कमी 3 िव वास की कमी 4 आव यक जानकारी की कमी परबधन वारा इन िबदओ पर िवचार कर अपन किमरय म आशातीत पिरवतरन लाया जा सकता ह सामा यतः खराब आदत को न बदलन क बहान िदय जात ह और कहा जाता ह -- हम लोग इसी तरह करत ह या िक म नही समझता इसस कोई फकर पड़गा और कछ न िमला तो कह िदया जाता ह म बहत य त ह अ छी आदत का िन पण

आदत म पिरवतरन लाया जा सकता ह आव यकता ह इसक िलए सही पिरवश का िनमारण करन की कमरचािरय को परिशिकषत करन की परिरत करन की और ऐसी ि थितया उ प न करन की िजसस कमरचािरय म अ छी आदत का िन पण हो सक दरअसल सफल लोग का राज यह ह िक व काम करन की उन आदत को डाल लत ह जो असफल लोग करना नही चाहत य वही काम ह िज ह सफल लोग भी करना

नही चाहत लिकन व िफर भी करत ह उदाहरण क िलए असफल लोग अनशासन और महनत करना पसद नही करत सफल लोग भी अनशासन और कड़ी महनत नापसद करत ह लिकन व िफर भी ऐसा करत ह कय िक य लोग उन काम को करन की आदत डाल लत ह िज ह असफल लोग नही कर पात नजिरय और सोच का तरीका एक आदत ह और इस बदला जा सकता ह सही ि ट और सतलन कमरचािरय म काम क सबध म सही ि ट बनाय रखन की परवि त िवकिसत करना ज री ह जब कछ गलत हो रहा होता ह तो उस ठीक करना परबधन का ही काम होता ह समझा यह जाता ह िक परायः हम गलत हो रह काम को लकर इतन िचितत हो जात ह िक जो सही हो रहा ह उस भी अनदखा करन की हमम आदत होती ह

दरअसल सफल लोग का राज यह ह िक व काम करन की उन आदत को डाल लत ह जो असफल लोग करना नही चाहत

प ठ 20

अकषय कराित उदाहरण क िलए अगर िकसी स कोई गलती हो जाती ह तो हम एकदम उस पर िच ला पड़त ह या उसक िव दध काररवाई कर बठतहअ छा यह रहगा िक आप उस अलग ल जाकर अकल म बात कर अगर परशसा करनी हो तो सबक सामन कर

अगर िकसी स सहमित न बन तो उस पर करोध करना ज री नही ह अगर अपन करोध पर काब रखग तो लोग अपनी असहमित को अ यथा नही लग अगर आप अपन िवचार को खला रखग तो दसरी ओर स भी आप ऐस ही यवहार की अपकषा कर सकत ह परायः लोग अपनी सहमित कछ इस तरह जतात ह िक सामन वाला भी अपनी बात पर अड़ जाता ह समझन की बात यह ह िक सभी ि थितय म कवल तकर ही काफी नही होगा िकसी स असहमत होन म भी यवहार कशल होना ज री ह सबस पहल तो दसर को अपना पकष रखन का मौका द उसकी बात सन और जहा तक हो सक उसस अपनी सहमित भी परकट कर और िजन बात पर सहमित न बना सक उस समझाए

हमम स अिधकाश लोग उन किमरय और उनकी गलितय पर अ यिधक यान दत ह िजनक िलए हम काम करत ह पर अपन किमरय पर नज़र डालना भल जात ह अगर वय को उन लोग की नजर स दखा जाए तो आशातीत पिरणाम दखन को िमलत ह

आ म मथन आप कया करना चाहत ह कसा करना चाहत ह - इस सोच को

वतरमान म अपन अदर मथन करन को आ म-सझाव कहत ह एक बार सब म जब इसकी पिरपाटी श हो जाती ह तो यह हमार अदर िवजञापन की तरह काम करता ह अपन बार म अपन िलए अदर ही परचािरत करता ह इसका हमार चतन और अवचतन (Sub-concious) मन दोन पर परभाव पड़ता ह अततः यह हमार नजिरए और यवहार को परभािवत करता ह और धीर-धीर आदत का प लता ह यह दरअसल अपन अवचतन मन को ढ़ालन या परोगराम करन की िविध ह

हमम स अिधकाश लोग उन किमरय और उनकी गलितय पर अ यिधक यान दत ह िजनक िलए हम काम करत ह पर अपन किमरय पर नज़र डालना भल जात ह

प ठ 21

अकषय कराित आ म-सझाव अ छ या बर हो सकत ह जब हम बर आ म-सझाव को बार-बार दोहरात ह तब हमारा अवचतन मन उन पर िव वास करन लगता ह और हम उसी को वा तव म यवहार करन लगत ह सकारा मक आ म-सझाव को बार-बार मथन करन स उसकी हमार िदलोिदमाग म त वीर बन जाती ह और वही असिलयत का प लन लगता ह एक उदाहरण क िलए जब कभी हम सबह 0600 बज टरन पकड़नी हो और हमार पास अलामर घड़ी न हो तो हम मन म कहकर उठत ह िक 0400 बज उठना ह तो कया हम नही उठत अगर उठत ह तो इसक पीछ आ म-सझाव ही काम करता ह आ म-सझाव एक रा ता ह िजसस हम अपन िदमाग को परोगराम करक ढ़ालत ह सकारा मक आदत को िवकिसत करन म आ म-सझाव की परवि त मह वपणर िसदध हो सकती ह हमार नजिरए और आदत को तय करन वाल कारक हमार नज़िरए को मखयतः तीन कारक परभािवत करत ह - वातावरणः घर कल आिफस मीिडया सा कितक प ठभिम धािमरक प ठभिम परपराए और भाषाए सामािजक-राजनितक माहौल - य सब िमलकर एक तहजीब बनात ह चाह घर हो या आिफस या अ यतर - हर जगह हर िकसी की अपनी तहजीब होती ह उदाहरण क िलए हम एक दकान म जात ह तो वहा का स समन बड़ अदब वाला होता ह लिकन वही जब दसरी दकान पर जात ह तो वहा का स समन कभी-कभी बड़ा खा और बदतमीज िमल जाता ह उसी तरह िकसी क घर म यार भरा माहौल िमलता ह तो िकसी क घर म हमशा लड़ाई-झगड़ का इसी तरह जब सरकार और राजनीितक माहौल ईमानदारी का होता ह तो लोग भी ईमानदार मददगार और कानन का पालन करन वाल होत ह बईमान और भर ट माहौल म िजस तरह एक ईमानदार का जीना मि कल होता ह उसी तरह ईमानदारी भर माहौल म बईमान यिकत को मि कल होती ह िन सदह अ छ वातावरण म मामली कमरचारी म वमव अ छी आदत िवकिसत होती ह और उसकी कायर करन की शिकत बढ़ जाती ह जबिक खराब माहौल म अ छा काम करन वाल की भी कषमता िगर जाती ह

सकारा मक आदत को िवकिसत करन म आ म-सझाव की परवि त मह वपणर िसदध हो सकती ह

प ठ 22

अकषय कराित कायर-स कित का बहाव ऊपर स नीच की ओर होता ह नीच स ऊपर की ओर कभी नही यह दखना बहत ज री ह िक हमन अपन िलए और आस-पास क लोग क िलए कसा वातावरण तयार िकया ह खराब वातावरण म अ छ की उ मीद करना बमानी ह अनभवः हम अपन जीवन म अपन काम-काज म हालात स जसा अनभव पात ह वह हमारी आदत का िह सा बन जात ह और उसी क अनसार हमारा यवहार होता ह अगर िकसी क परित हमारा अनभव अ छा होता ह तो हमारा नज़िरया भी अ छा होता ह ज री ह िक कमरचािरय को ऐसा कायर-पिरवश िमल िजसस उनक अवचतन म अ छ अनभव की छाप अिकत हो

परिशकषण भी ज़ री यहा िसफर सदधाितक जञान ही काफी नही होता बि क औपचािरक और अनौपचािरक दोन ही तरह की िशकषा व परिशकषण ज री ह जञान और जानकारी को यिद योजनाबदध तरीक स परयोग िकया जाए तो उसस बौिदधक तर को बढ़ान म आशातीत सफलता िमलती ह काम करन की कला अ छी िशकषा स ही आती ह ज री ह िक परिशकषण म मनोवजञािनक सामािजक आिथरक व अ य पहल को समझन की आदत िवकिसत की जाए अवचतन म यह िबठाना बहत ज री ह िक जीवन की भ यता काम क वारा ही सभव ह स थान म सभी को लगना चािहए िक उनका काम मह वपणर ह यही परबधन कला का सार ह जब कमरचािरय को ऐसा एहसास होन लगता ह तो उनक नज़िरए म बदलाव आन लगता ह उपसहारः काम क परित लोग म अ छी आदत िन िपत करन और उनम उ साह जगान स कायर-िन पादन म िनरतर िनखार आता ह दरअसल हर यिकत म मानिसक और शारीिरक ऊजार उ प न होती ह िजसक िलए काम ही सबस अ छा िनकास ह एक िवचारक क अनसार lsquoआप पछत ह म लगातार काम कय करता ह

यहा िसफर सदधाितक जञान ही काफी नही होता बि क औपचािरक और अनौपचािरक दोन ही तरह की िशकषा व परिशकषण ज री ह

प ठ 23

अकषय कराित इसका वही कारण ह िजस कारण स मगीर अ ड दती जाती ह rsquo काम क िबना इसान घट सा जाता ह उस काम की उतनी ही ज रत होती ह िजतनी हवा की आव यकता ह िक उस सही वातावरण उपल ध करान और सही िदशा म अिभपरिरत करन की व ततः हर यिकत अदर स गिरमा और आ मस मान की चाह रखता ह आव यकता ह उस अतःपरिरत करन की लोग को खद स परिरत करन क िलए हम उनकी ज रत और इ छाओ को समझना होगा पररणा कायरकषमता और आदत क बीच सीधा सबध ह जो लोग उतना ही काम करत ह िक उनकी नौकरी बची रह तो ऐस लोग िकसी भी स थान क िलए मह वपणर नही हो सकत अतपररणा स सोच म बदलाव लाया जा सकता ह पररणा आग क समान होती ह

कमरचािरय को िजतना परिरत िकया जाएगा उनम उतनी ही सकारा मक आदत का िवकास होगा कमरचािरय को उिचत स मान दकर उनक कायर को अिधक मनोरजक बनाकर परबधन वारा उनकी बात को गौर स सनकर उनकी सम याओ और सझाव पर गौर करक उ ह वय ल य िनधारिरत करन क िलए परो सािहत करक िवकास क नय अवसर उपल ध कराकर आव यकतानसार समय-समय पर समिचत परिशकषण िदलाकर तथा नयी चनौितय स जझन क िलए परो सािहत करक िन सदह उनक आचार और यवहार को सकारा मक िदशा म पाियत िकया जा सकता ह

कमरचािरय को िजतना परिरत िकया जाएगा उनम उतनी ही सकारा मक आदत का िवकास होगा

ई-पितरका म लख आिद म परकट िवचार

मलतः लखक क ह तथा यह आव यक नही ह िक

इरडा भी इन िवचार स सहमत हो

प ठ 24

अकषय कराित

िबिटया

आख म मोती लकर तम िबिटया जाती हो हा जाओ िशकषा का उपहार द रह िवदा समय यह लो ल जाओ इन पराण म परीित त हारी ममता क धन िसदरी इन नयन की बद पली परकट करती ह मजबरी लाचारी ह िफर पराण म क य ह इतनी आकलता

जब इस रीित पर पराओ म वश न िकसी का ह चलता िपतकल को तजकर अब िबिटया पित-कल म जाना होगा

नटखटपन को छोड़ धमर का ही िजसम बाना होगा इस घर की तम बड़ी लाडली पराण स यारी िबिटया

चली लाकर आज सभी को िपता की कर सनी किटया िजन हाथ न लाड़ चाव स अब तक था िजसको पाला उन हाथ न ही िबिटया को दलह राजा जी को द डाला

िजसका दख जरा मन मला हो जाती थी हरानी क यादान उसी का कर क दय बनाया पाषाणी

िकया न जाता था पल भर को इन आख स दर िजस मोती झरत िवदा द रहा आज सकल पिरवार उस अपनी मा क जीवन की तम परित-पल हो आधार रहो

िवजयता िपता क दय मिदर की िबिटया तम साकार रही आज जीवन क सख-दख सार वही िबतान तम लो जान आओगी जब कभी यहा तम होगी महमान समान

सतीश कमार कलावत इरडा

इस घर की तम बड़ी लाडली पराण स यारी िबिटया चली लाकर आज सभी

को िपता की कर सनी किटया

प ठ 25

ससराल की कभी बराई कही न मह पर आ जाव धमर कमर क तर य पथ म पाव नही िडगन पाव

सात परितजञाय जो तमन अिग नदव स मख की धारण द पि त जीवन का मह व ह करना स च मन स पालन

बटी इन सात बचन का यान दय म रह सदा दोन कल की लाज इसी म भला न दना इस कदा पित ही ह सवर तर त हार पित ही को जीवन समझो

जो कछ कह उसी को मान उनको िबिटया तम धन समझो शीलवती तम बन िबिटया पित-भक त मना सदर िनस दह वय उपजग क प-वकष घर क अ दर

पहन सिशकषा की साड़ी को शभ गण भषण अपनाओ दस लकषण शभ लकषण धार िन य नय मगल गाओ यह िशकषा उपहार दय का तम को राह िदखायगा भल भटक कर भी अिधयारा पास न आन पायगा

हम सब की आख स मोती उर स िनकल रही आशीष सभी सख स पणर परफि लत कर त ह दलह राजा की ईश

अकषय कराित

िजन हाथ न लाड़ चाव स अब तक था िजसको पाला उन हाथ न ही िबिटया को दलह राजा जी को द डाला

प ठ 26 अकषय कराित

ldquoपयारवरणrdquo श द पिर+आवरण स बना ह अथारत बा य आवरण को ही पयारवरण कहत ह इस बा य आवरण का ता पयर हमार चार ओर क वातावरण और पिरवश स ह िजस हम दसर श द म परकित भी कह सकत ह प वी पर िव यमान सपणर जीव-जगत क अि त व जीवन-यापन एव चहमखी िवकास म परकित की मह वपणर भिमका ह मानव बिदधजीवी पराणी ह और परकित क मह व स भली-भाित पिरिचत होन क कारण ही सिदय स परकित की पजा करता रहा ह

विदक काल स ही परकित तथा मानव क बीच जीवन ततर का अटट सबध रहा ह हमार पराचीन ऋिष-मिनय न प वी म हवा पानी िमटटी पड़-पौध जीव-ज तओ और मानव क सिकरय सहयोगा मक सतलन को यान म रखकर ही परकित को प य माना धमर क साथ परकित को जोड़कर उ ह न परकित को पयार त मह व िदया व जानत थ िक िजस परकार जीवन क िलए भिम की आव यकता होती ह उसी परकार वन पितया व अ य पराणी भी आव यक ह य सभी परकित क अिभ न अग ह इनम स एक क भी न ट होन का परभाव दसर पर पड़ता ह और पिरणाम व प पराकितक असतलन पदा हो जाता ह व तत प वी म हवा पानी िमटटी पड़-पौध जीव-ज तओ और मानव का सिकरय सहयोगा मक सतलन रहता ह पड़-पौध भिम को उपजाऊ बनात ह िमटटी को बाधकर रखत ह बरसात करवान तथा जल एव वाय को व छ रखन म सहायक होत ह परत आज क बढ़त औ योिगकीकरण और शहरीकरण न परकित और मानव क बीच असतलन उ प न कर िदया ह यह असतलन अिशकषण बढ़ती जनसख या शहर की ओर पलायन वकष की कटाई गगनचबी इमारत बड़-बड़ उ योग की थापना आिद क कारण ह और यही पयारवरण परदषण क मख य कारण ह मटरोपोिलटन एव बड़ शहर म अनक काबरिनक और अकाबरिनक गस जस ndash काबरन-मोनोऑक साइड अमोिनया आिद परदषण क मख य ोत ह

वतरमान पयारवरण -21वी सदी की चनौती

लख सरीन सल

विदक काल स ही परकित तथा मानव क बीच जीवन ततर का अटट सबध रहा ह

प ठ 27 अकषय कराित मन य न अपनी भितक सख-सिवधाओ की आपित र क िलए परकरित स

िखलवाड़ िकया ह वतरमान मशीनी यग म मन य वारा परकित क अ यिधक दोहन एव िनत नए कारखान की थापना स पयारवरण सकट उ प न हआ ह मानव न परकित क साथ जो अ यायपणर यवहार िकया ह उसी क फल व प परकित का िवरोधी रवया हआ ह िजस भिव य म सह पाना मि कल होगा

अिशकषा क कारण दश की तजी स बढ़ती आबादी क आवास की मलभत आव यकता को परा करन क िलए वकष की कटाई करक ऊची-ऊची इमारत बनाई जा रही ह वकष की अधाधध कटाई स भिम की ऊवररा शिक त का तो ास हो ही रहा ह साथ ही परदषण जसी िवकराल सम या भी ज म ल रही ह

परदषण पयारवरण क ास का परमख कारण ह िवकासशील दश िनत नए उ योग की थापना करक बराजगारी की सम या को तो दर कर रह ह िकत इसस जल वाय विन तथा िविभ न परकार क परदषण बढ़ रह ह कल-कारखान और मोटर स िनकलन वाल धए स वाय परदषण हो रहा ह जल थल व नभ क मागर पर शिक त चािलत वाहन विन परदषण का मख य ोत ह शहरीकरण और औ योिगकीकरण क कारण शदध पयजल की सम या िवकराल प धारण कर रही ह कारखान स िनकलन वाल कड़-कचर क निदय म िमलन स जल परदषण हो रहा ह रासायिनक खाद और कीटनाशी दवाओ स मदा परदषण का खतरा बन गया ह

इस परकार जनसख या विदध शहरीकरण औ योिगकीकरण एव परदषण जसी सम याओ न पयारवरण को बरी तरह परभािवत िकया ह आज सपणर िव व पयारवरण को लकर िचितत ह इस भयावह ि थित स बचन क िलए पर यक यिक त को पयारवरण क परित जाग क करना आज की अिनवायर आव यकता ह

इस िदशा म सवरपरथम िनरकषरता को समा त िकया जाना चािहए साकषर भारत की पिरक पना म जनसख या विदध दर वय िनयितरत हो जाएगी करल रा य इसका परमाण ह जहा साकषरता क साथ-साथ जनसख या िनयतरण भी ह

जल थल व नभ क मागर पर शिक त चािलत वाहन विन परदषण का मख य ोत ह

प ठ 28 अकषय कराित

इसक बाद बात आती ह परदषण िनवारण की आज िव व भर क

वजञािनक और पयारवरणिवद इस िदशा म कायररत ह सवरपरथम वन क काटन पर परितबध लगाया गया ह और वन सपना क िव तार हत वकष लगान क िलए परो सािहत िकया गया इसक िलए सरकार की ओर स वकष आिद िनश क उपल ध कराए जात ह ldquoपयारवरण परदषण स थाrdquo और व छ वाय अिधिनयम जस िविधक उपाय स वाय परदषण पर रोक लगान का परयास िकया जा रहा ह जहरील धआ उगलन वाल कारखान तथा वाहन पर भारी आिथरक दड का परावधान ह िविभ न सचार मा यम mdashदरदशरन समाचार-पतर तथा आकाशवाणी क मा यम स जनता को पयारवरण क परित जाग क करन क परयास िकए जा रह ह निदय म खलन वाल परदषण ोत को बद करन की योजनाए चलाई जा रही ह पािलथीन क परयोग को बद करन क िलए चलाया जा रहा ह अिभयान भी परशसनीय ह

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह इस खतर स सपणर भमडल का अि त व न ट हो जाए इसस पहल हम पयारवरण की सरकषा करन का सक प लना होगा

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह

िस धी होन क प चात भी मझ बगाली रीित िरवाज़ िमठाइया यहा का पहनावा अगरज क ज़मान की बनी सरचनाए एव भवन इ यािद म बहत िदलच पी एव िच थी

प ठ 29 अकषय कराित

यातरा स मरण-कोलकाता-खिशय हषर का शहर(िसटी ऑफ जॉय)

सोिनया सिह वानी पीईसी िलिमटड

म पी ई सी िलिमटड नामक कपनी क िविध ककष म उप िविध परबधक क पद पर कायररत ह सन 2010 जन स इस कपनी म मन परबधन परिशकष क प म अपनी पहली नौकरी की श आत की पी ई सी िलिमटड वािण य मतरालय क अतगरत आन वाली आयात-िनयारत यापार स स बिधत क पिनय म स एक ह इस स दभर म जनवरी 2011 म िविभ न िवभाग क परबधन परिशकषओ को ओिरएटशन हत काडला कोलकाता इ यािद शहर म भजन का कायरकरम िनि चत िकया गया कोलकाता क पास हि दया पोटर होन क कारण कोलकाता शहर चना गया जहा पी ई सी वारा आयात की गयी व तए पोटर गोदाम म रखी जाती ह साथ ही म कोलकाता पोटर िभ न गोदाम इ यािद दखन की यव था की गयी एव सची म समावश िकया गया यह सनकर मरी ख़शी का िठकाना न रहा क य िक मन कोलकाता शहर क बार म सना बहत था पर त कभी दखा न था िस धी होन क प चात भी मझ बगाली रीित िरवाज़ िमठाइया यहा का पहनावा अगरज क ज़मान की बनी सरचनाए एव भवन इ यािद म बहत िदलच पी एव िच थी आिखरकार मझ मौका िमला और जनवरी की कड़ाकदार ठ ड क बीच हम एक रिववार शाम कोलकाता राजधानी स अपनी मिजल की और िनकल पड़ िद ली स कोलकाता क सफ़र क बीच हमारी गाड़ी इलाहाबाद गया िबहार तथा धनबाद जस शहर स होत हए बगाल की ओर पहची हसत-गात खलत-खात हए हम अगली सबह हावड़ा जकशन पहच गए रलगाड़ी स उतर कर टशन स बाहर िनकलत ही मझ िसटी ऑफ जॉय क नाम स मशहर कोलकाता की पहली झलक िदखाई दी ऐसा लगा मानो मझ भारत क दो पहल एकसाथ जीत हए नज़र आए एक तरफ थ टशन स बाहर एव अ दर जात हए स दर कपड़ गहन म लद हए कोलकाता क बगाली िनवासी साथ म बड़ी-बड़ी गािड़य म घमत कोलकाता क नौजवान और ठीक दसरी तरफ मरी नज़र पड़ी हगली नदी पर बन परिसदध हावड़ा िबरज पर िजस दख एक अलग ही दिनया का एहसास हआ

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह

िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी

एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया नतीजा मर समकष था

प ठ 30 अकषय कराित

हावड़ा िबरज पर हर तरफ लोग का जमावड़ा था इतन लोग दख िद ली क चादनी चौक की याद आ गयी ऐसा लगा मानो म 50 साल पीछ िकसी लक एव वाईट दिनया म कदम रख चकी थी िबरज क दोन तरफ सामान बचत हए दकानदार िखलौन मछली रख हए औरत एव छोट-छोट ब च मख य शहर स हावड़ा जान वाल आम आदमी मजदर की तज़ र तार फरी स र ता पार करन वाल यापारी इन सब को दख लगा कोलकाता म मबई जसी भागम भाग भी थी िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया नतीजा मर समकष था जस-जस म कोलकाता शहर क भीतर आन लगी मझ इस शहर क िवकास की झलक िदखाई दी एक तरफ थी ऊची ईमारत सदर िवशाल िव यासागर सत पल बड़-बड़ होटल माल कोलकाता उ च यायालय राईटसर िबि डग मशहर इडन गाडरन टिडयम इ यािद तो दसरी तरफ था िवक टोिरया ममोिरयल अगरज की वा तकला क अनसार िदखती लाल ईटो की इमारत िवक टोिरयल सरचनाए भवन छोटी-छोटी पटिरय पर समान बचत नया बाज़ार (New Market) क दकानदार एव िवक टोिरया ममोिरयल क बाहर चलत सलािनय क िलए रथ वाल घोड़ हमारा होटल जसीबोस सड़क पर ि थत था एव सिवधाओ स भरपर था पर त मन य जाना िक असली कोलकाता का मज़ा गाड़ी म नही अथवा िरक शा ऑटो तथा साल स चलती आ रही सड़क पर टराम म था

हर तरफ मझ पील रग की टिक सया िदखाई दी सब एक समान थी तथा मरसीडीज़ गाड़ी क बगल म चलती 1-2 पय म सफ़र की जान वाली टराम भी साथ िदखाई दी परी िजदगी िद ली म यतीत करन क बाद हर नए शहर का रहन-सहन बोल-चाल रीित-िरवाज़ जानन की जाग कता मझम हमशा रही पहल ही िदन स कोलकाता मझ रास आया जस िक कहत ह lsquoकोलकाता हमार खब भाला लागली छ rsquo कहन का ता पयर य िक मझ कोलकाता बहत अ छा लगा पहल िदन िक शाम को हमन य मािकर ट म खरीददारी करन का मन बनाया म हरान थी िक वहा चीज िकतनी स ती िमल रही थी िद ली क मतािबक एक ितहाई दाम पर चिडया गहन बग जत कत इ यािद िमल

िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया

प ठ 31 अकषय कराित य मािकर ट िद ली क लाजपत एव सरोिजनी नगर समान ह कम

दाम म अ छा समान िमला कोलकाता चमड़ क िलए भी मशहर ह एव परिसदध ी लदसर दकान भी इस बाज़ार म ि थत ह यहा खरीदारी का हमन खब ल फ़ उठाया

अगल िदन हम हि दया पोटर गए एव अनक जहाज़ दख 3-4 घट की दरी पर ि थत यह पोटर अनक एकड़ म फला हआ था पहली बार इतन बड़ जहाज़ को अदर स दख खब आनद आया तीसर िदन हम काली बाड़ी मिदर गए बगाली अ यत पाठ-पजा वाल दगार मा क स च उपासक ह यह सब जानत ह दगार पजा इनका लोकिपरय उ सव ह तथा काली मा एव दगार मा की स च मन स पजा करत ह कोलकाता क िनवासी भिक त भावपणर ह यह सना था अब खद दख भी िलया बगाली र म स पजा करन का य मौका अ यत आनदमयी था इसक अलावा काली बाड़ी क नज़दीक ही ि थत ह गौिरहाट बाज़ार यहा की दकान बगाली सािड़या कपड़ सट कत इ यािद क िलए परिसदध ह आिद धक तशवर नामक मशहर दकान म जाकर मरा भी मन िकया िक म भी खरीददारी क मर सािथय न बहत सािड़या खरीदी एव दाम दखकर म दग रह गई सदर स सदर साड़ी मातर 600700 पय की थी मन बगाल की मशहर लाल एव सफद िपरट की साड़ी भी खरीदी कोलकाता म खरीददारी का अलग की मज़ा ह उसी िदन शाम हम सा ट लक िसटी मॉल गए वह सा ट लक टिडयम क नज़दीक ह यहा िदखाई िदया कोलकाता का परगितशील प नौजवान फटबाल की जसीर पहन माल म घम रह थ एक स एक

मशहर बरड वहा मौजद थ इसक अलावा कोलकाता क िनवासी खब मनोरजन क शौक़ीन ह सगीत नाच गाना इ यादी म िच रखत ह कोलकाता म जगह-जगह सगीत कला अकडमी तथा पढ़न (रीिडग) क क लब ह अगरज क शौक तथा रहन-सहन की झलक आज भी यहा िदखती ह यहा क नौजवान को खल-कद म भी खब िदलच पी ह फटबाल का तो जस यहॉ सबको जनन ह

भारत क परिसदध मोहन बगान फटबाल क लब फटबाल क वहा क नौजवान ही नही परा शहर ही दीवाना ह भारत-पाक मच हो या आई पी एल इडन गाडरन मदान लोग स खचा-खच भरा रहता ह अफ़सोस म वहा अदर जा न सकी

इसक अलावा काली बाड़ी क नज़दीक ही ि थत ह गौिरहाट बाज़ार यहा की दकान बगाली सािडया कपड़ सट कत इ यािद क िलए परिसदध ह

प ठ 32 अकषय कराित

मर सफर क आखरी िदन म मन कोलकाता क लोग म एकता क नजार दख िविभ नता म भी एकता का उदाहरण दखा चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख िजस िदन हम कोलकाता पहच थ उसी िदन वहा शहर बद था और मन एक जट होकर लोग को अपनी बात कहत हए दखा एव सना यहा क लोग अपन शहर क िवकास बहतरी क िलए जाग क ह िज मदारी लत ह तथा सरकार को अपनी बात भली-भाित कहत ह लड़िकय औरत की इ ज़त करत ह एव यहा िक मिहलाओ को मन िनदरलीय पाया जहा एक ओर भारत की राजधानी होन क बावजद िद ली वाल अपनी िजदगी म मगन रहत ह वही दसरी और कोलकाता म अमीरी-गरीबी िभ न जाितय म भी एक जटता ह कपड़ा एव खाना आज भी यहा खब स ता िमलता ह पर त दसरी तरफ सब जानत ह िक बड़-बड़ उ योगपित िव वान लखक िखलाड़ी गायक अिभनता िनदशक यहा स उभर ह सािह य हो या लख बॉलीवड हो या िकरकट बगाल न भारत को अनक नाम एव गौरव िदए ह चाह सौरव दादा हो या रिव दर नाथ टगोर ममता बनजीर रानी मखजीर हो या योित बस भारत म इनकी भिमका का वणरन करन की ज रत नही

मन कछ िदन क कोलकाता क सफर म इस शहर को जानन समझन का परयास िकया हगली नदी क िकनार खड़ होकर समदर को दखा निदय को िनहारा िव यासागर सत िबरज की सदरता िवशालता को सराहा क सी दास की परिसदध िमठाई का ल फ उठाया मन बहत शहर घम पर त यह सफर मर िलए सबस यादगार रहा कोलकाता परगित क मागर पर िनरतर बढ़ रहा ह पर त आज भी वह अपनी जड़ नितक म य को नही भला ह एक आम आदमी आज भी टराम म या फरी स सफर करता ह यहा क िनवासी दो पय स लकर 500 ० का खाना खात ह पराना एव नया कोलकाता एक साथ जीिवत ह िसक क क दो पहल की तरह कोलकाता क यह दो प को एक साथ रहत दख बहत आनद आया

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 33 अकषय कराित

जल परकित का अनपम उपहार ह मानव जाित अपन परादभारवकाल स ही इस उपहार का उपयोग अपन िहत क िलए करती आई ह जल वह पराकितक उपहार ह िजसका कोई िवक प नही ह इसिलए जल को अमतया जीवन भी कहा गया ह जल क िबना जीवन की सभावना भी नही ह पर यकष प स तो जल की मानवीय आव यकता सीिमत ह परत परोकष आव यकताओ पर नजर डाल तो दिनक जीवन की आव यकताए जस अ न फल स जी दध स लकर हमार पहराव आवास तक सब जल स जड़ हजल का जरा भी सतलन िबगड़ जाए तो जीवन यापन क टपरद होन म दर नही परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह जल क सामा य त य जल या पानी एक आम रासायिनक पदाथर ह जो जीवन क सभी जञात प क जीिवत रहन क िलए ज री ह आमतौर पर जल अपनी दरव अव था म उपयोग म लाया जाता ह पर यह ठोस अव था बफर और गस अव था जल वा प या भाप प म भी पाया जाता ह प वी क लगभग तीन चौथाई िह स पर िव व क महासागर का अिधकार ह अनमानत प वी पर जल की कल मातरा लगभग 1400 िमिलयन घन िकलोमीटर ह जो िक प वी पर 3000 मीटर गहरी परत िबछा दन क िलए काफी ह तथािप जल की इस िवशाल मातरा म व छ जल का अनपात बहत कम ह प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह शष जल झील निदय वायम डल नमी मदा और वन पित म मौजद ह जल की जो मातरा उपभोग और अ य परयोग क िलए व ततः उपल ध ह वह निदय झील और भजल म उपल ध मातरा का छोटा-सा िह सा ह इसिलए जल ससाधन िवकास और परब ध की बाबत सकट इसिलए उ प न होता ह कय िक अिधकाश जल उपभोग क िलए उपल ध नही हो पाता

परभावी जल परबधन और दश का िवकास

दीपक आहजा ओएनजीसी िवदश

प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह

प ठ 34 अकषय कराित

और दसर इसका िवषमतापणर थािनक िवतरण इसकी एक अ य िविश टता ह फलतः जल का मह व वीकार िकया गया ह और इसक िकफायती परयोग तथा परब ध पर अिधक बल िदया गया ह प वी पर उपल ध जल जल-चकर क मा यम स चलायमान ह जल लगातार एक चकर म घमता रहता ह िजस जलचकर कहत ह इसम वा पीकरण वषार और बह कर सागर म पहचना शािमल ह हवा जल वा प को थल क ऊपर उसी दर स उड़ा ल जाती ह िजस गित स यह बहकर सागर म पहचाता ह जल चकर का िचतर नीच पर तत िकया गया ह

अिधकाश उपभोकताओ जस िक मन य पशओ अथवा पौध क िलए जल क सचलन की ज रत होती ह जल ससाधन की गितशील और नवीकरणीय परकित और इसक परयोग की बार बार ज रत को ि टगत रखत हए यह ज री ह िक जल ससाधन को उनकी परवाह दर क अनसार मापा जाए इस परकार जल ससाधन क दो पहल ह अिधकाश िवकासा मक ज रत क िलए परवाह क प म मािपत गितशील ससाधन अिधक परासिगक ह आरिकषत भ डार की ि थर अथवा िनयत परकित और साथ ही जल की मातरा तथा जल िनकाय क कषतर की ल बाई व म यपालन नौ सचालन आिद जस कछक िकरयाकलाप क िलए भी परासिगक ह

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 35 अकषय कराित

जल का यय अप यय जल क बार म एक नही कई च कान वाल त य ह िव व म और िवशष प स भारत म जल िकस परकार न ट होता ह इस िवषय म जो त य सामन आए ह उस पर जाग कता स यान दकर जल क अप यय को रोका जा सकता ह अनक त य ऐस ह जो हम आन वाल ख़तर स तो सावधान करत ही ह दसर स पररणा लन क िलए परो सािहत करत ह और पानी क मह व व इसक अनजान ोत की जानकारी भी दत ह प वी पर पदा होन वाली सभी वन पितया स भी हम पानी िमलता ह

आल और अनानास म 80 परितशत और टमाटर म 95 परितशत पानी ह पीन क िलए मानव को परितिदन 3 लीटर और पशओ को 50 लीटर पानी

चािहए भारत म 83 परितशत पानी खती और िसचाई क िलए उपयोग िकया जाता

ह इज़राइल म औसतन मातर 10 सटीमीटर वषार होती ह इस वषार स वह

इतना अनाज पदा कर लता ह िक वह उसका िनयारत कर सकता ह दसरी ओर भारत म औसतन 50 सटीमीटर स भी अिधक वषार होन क बावजद अनाज की कमी बनी रहती ह

िपछल 50 वष म जल क िलए 37 भीषण ह याकाड हए ह भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल

चलती ह पानी ज य रोग स िव व म हर वषर 22 लाख लोग की मौत हो जाती ह यिद बरश करत समय नल खला रह गया ह तो पाच िमनट म करीब 25

स 30 लीटर पानी बरबाद होता ह बाथ टब म नहात समय 300 स 500 लीटर पानी खचर होता ह जबिक

सामा य प स नहान म 100 स 150 लीटर पानी खचर होता ह िव व म परित 10 यिकतय म स 2 यिकतय को पीन का शदध पानी

नही िमल पाता ह परित वषर 6 अरब लीटर बोतल पक पानी मन य वारा पीन क िलए

परयकत िकया जाता ह मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 36 अकषय कराित

िद ली मबई और च नई जस महानगर म पाइप लाइन क वॉ व की खराबी क कारण रोज़ 14 स 44 परितशत पानी बकार बह जाता ह

निदया पानी का सबस बड़ा ोत ह जहा एक ओर निदय म बढ़त परदषण रोकन क िलए िवशषजञ उपाय खोज रह ह वही कल कारखान स बहत हए रसायन उ ह भारी मातरा म दिषत कर रह ह

भारत म जल सकट नासा की एक िरपोटर न पानी को लकर दश भर म बढ़ती जा रही लापरवाही क परित आख खोली ह इस िरपोटर म भारत म सख की ि थित पदा होन क िलए िज मवार कारण म स एक अहम कारण अधाधध जल दोहन को बताया गया ह बतात चल िक दश भर क 604 िजल म स 161 सख की मार झल रह ह वस अब बताया जा रहा ह िक सख की मार स बहाल िजल की सखया बढ़कर 246 हो गई ह यानी कहा जाए तो आधा दश सख की चपट म ह बहरहाल नासा की इस िरपोटर म बताया गया ह िक भारत क कई रा य कषमता स यादा जल दोहन कर रह ह यहा कषमता स ता पयर यह ह िक उनस िजतन सलाना जल दोहन की उ मीद कदर करती ह व उसस कही यादा जल दोहन कर रह ह नासा न यह अ ययन 2002 स 2008 क बीच

की ि थितय क आधार पर िकया ह इस िरपोटर म बताया गया ह िक पजाब हिरयाणा और राज थान हर साल औसतन 177 अरब कयिबक मीटर पानी जमीन क अदर स िनकाल रह ह जबिक कदर की तरफ स लगाए गए अनमान क मतािबक इ ह हर साल 132 अरब कयिबक मीटर पानी ही जमीन क अदर स िनकालना था इस तरह स दखा जाए तो य तीन रा य िमलकर कषमता स 30 फीसदी यादा पानी का दोहन कर रह ह जािहर ह िक िबना कछ सोच-िवचार जब इस पमान पर पराकितक ससाधन का दोहन िकया जाएगा तो परकित भी बदला लगी और वही हो रहा ह इस िरपोटर म यह भी बताया गया ह िक भारत का महज 58 फीसदी भजल ही हर साल िरचाजर हो पाता ह नासा की यह िरपोटर बताती ह िक अधाधध जल दोहन की वजह स पर उ तर पि चम भारत क भजल तर म हर साल 4 सटीमीटर यानी 16 इच की कमी आ रही ह इस अ ययन को अजाम दन म नासा क जल िवजञानी मट रोडल न अहम भिमका िनभाई ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 37 अकषय कराित

उनक हवाल स इस िरपोटर म बताया गया ह िक दश क उ तर पि चम कषतर म 2002 स 2008 क दौरान तकरीबन 109 कयिबक िकलोमीटर पानी की कमी हई ह यह मातरा िकतनी अिधक ह इसका अदाजा इसी स लगाया जा सकता ह िक यह अमिरका क सबस बड़ जलाशय लक मीड की कषमता स दगन स भी कही यादा ह अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह इस िरपोटर क मतािबक अगर अधाधध जल दोहन इसी तरह स जारी रहा तो आन वाल समय म भारत को अनाज और पानी क सकट को झलन क िलए अभी स तयार हो जाना चािहए जािहर ह िक जब जल सकट बढ़गा तो खती पर इसका गहरा परभाव पड़गा अनाज क उ पादन म कमी आएगी इस वजह स अनाज सकट पदा होगा और भख का एक नया चहरा उभरकर सामन आएगा एक बड़ा तबका जो आज भरपट भोजन कर पाता ह उसक िलए पट भर खाना िमलना मि कल हो जाएगा भखमरी की जो सम या पदा होगी उसस िफर िनपटना आसान नही होगा इसक अलावा पीन क पानी का टोटा तो होगा ही अभी ही दश क कई िह स ऐस ह जहा क लोग को पीन क िलए साफ पानी नही िमल पा रहा ह कई कषतर ऐस ह जहा गमीर क िदन म हडपप स पानी आना बद हो जाता ह वहा क लोग को हर साल बोिरग को कछ फट बढ़वाना होता ह यह सम या भजल तर क िगरत जान की वजह स ही पदा हई ह जब पीन क पानी का सकट पदा होगा तो बोतलबद पानी का कारोबार काफी तजी स बढ़गा कहन का मतलब यह िक िजसक पास पसा होगा वह अपनी यास बझा सकगा और िजसक पास पसा नही होगा उस अपनी यास बझान क िलए भी सघषर करना पड़गा ि थित की भयावहता की क पना ही िसहरन पदा करती ह भारत म दिनया का हर छठा आदमी रहता ह यानी कहा जाए तो दिनया क कल आबादी क तकरीबन सतरह फीसदी लोग भारत म रहत ह जबिक दिनया का महज साढ़ चार फीसदी पानी ही भारत म उपल ध ह ऐस म जल सम या स दो-चार होना कोई आनापिकषत बात नही ह एक बात तो तय ह िक पराकितक ससाधन म इजाफा तो नही िकया जा सकता ह लिकन इसका सरकषण अव य िकया जा सकता ह

अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह

प ठ 38 अकषय कराित

भारत म लोग िकसी एक मा यम स पयजल परा त करन पर िनभरर नही ह इस दश म 357 फीसदी लोग हडपप स 367 फीसदी लोग नल स 182 फीसदी लोग तालाब पोखर या झील स 56 फीसदी कओ स 12 फीसदी लोग पारपिरक साधन स और 26 फीसदी लोग अ य मा यम स पीन का पानी परा त करत ह इस िलहाज स अगर दखा जाए तो जल सकट को दर करन क िलए समगर कायरयोजना की ज रत ह

दरअसल भारत म गहरात जल सकट क िलए काफी हद तक पानी की बबारदी भी िज मवार ह यहा जल आपित र की यव था म काफी खािमया ह नल क जिरए घर तक पहचन वाल पानी का एक बड़ा िह सा िरस कर बबारद हो जाता ह हर शहर म फट हए आपित र पाइप आसानी स दख जा सकत ह इस बदहाल यव था क िलए सरकार क साथ-साथ सामा य लोग भी कम िज मदार नही ह एक तरफ तो सरकार पयजल क नाम पर हर साल हजार करोड़ पए का बजट बनाती ह और दसरी तरफ जमीनी तर पर हालात म कोई बदलाव नही िदखता ह सामािजक तौर पर भी जल सरकषण को लकर जाग कता का अभाव िदखता ह यह सामािजक तान-बान का ही असर ह िक लोग कही भी जल की बबारदी को दखकर उस सामा य घटना मानत हए नजरअदाज कर दत ह दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था यह अब घटकर 1800 कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर हो चका ह

दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था

प ठ 39 अकषय कराित

िवशषजञ का अनमान ह िक अगर पानी की खपत और बबारदी इसी तरह स जारी रही तो 2025 तक यह घटकर हजार कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर ही रह जाएगा उस समय तक पानी की उपल धता म आन वाली इस कमी की वजह स किष उ पादन म तीस फीसदी की कमी आन की सभावना ह इन पिरि थितय म दश की आिथरक और सामािजक ि थित का कया होगा इसका अदाजा सहज ही लगाया जा सकता ह भारत म जल सरकषण क परित आज भी आम लोग क मन म उपकषा का भाव बना हआ ह साथ ही इस कायर क िलए आव यक तकनीक की भी कमी ह जो तकनीक उपल ध ह उनस सामा य लोग अनजान ह बािरश क पानी का सगरह करक उस उपयोग म लाना एक अ छा िवक प ह पर इस तरह की कोिशश काफी सीिमत मातरा म काफी छोट तर पर हो रही ह यही वजह ह िक दश म होन वाली बािरश क पानी का अ सी फीसदी िह सा आज भी समदर म पहच जाता ह अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह अगर जल की इस िवशाल मातरा का आधा भी परयोग कर िलया जाए तो ि थित म यापक बदलाव आना तय ह शहरी कषतर म तो पानी की कालाबाजारी जोर पर ह जगह-जगह पर जल मािफया सिकरय हो गए ह िद ली क ही एक अखबार न कछ समय पहल यह बात उजागर िकया था यहा तो समानातर जल बोडर भी चलाया जा रहा ह हरानी की बात तो यह ह िक इसक बावजद भी पानी क काल धध पर अकश नही लगाया जा सका ह अहम सवाल यह ह िक कस सामा य तबक क लोग तक व छ पानी पहचाया जाए शहरी कषतर क साथ-साथ गरामीण कषतर म भी यह एक बड़ी चनौती ह आबादी म अपर यािशत विदध बढ़त शहरीकरण औ योिगकीकरण और किष उ पाद की बढ़ती माग क कारण पानी की माग िपछल कछ साल म वाभािवक प स बढ़ी ह इसक पिरणाम व प भजल ससाधन का अ यिधक दोहन हआ ह और इसका नतीजा हआ िक लगातार भजल का तर घटता जा रहा ह शहरी कषतर म ि थित बहद भयावह ह तदनसार वहा न कवल शीघराितशीघर जल ससाधन क सरकषण की ज रत ह बि क परभावी रणनीित और परबधन क जिरए त काल कदम उठान की ज रत ह

अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह

प ठ 40 अकषय कराित

खासकर इस बात को यान म ऱखकर िक िविभ न परितयोगी कषतर म कभी भी माग बढ़ सकती ह भिव य म उपयोग क िलए छत पर या सतह पर जलगरहण बनाकर वषारजल सरकषण बहद ज री ह यह पानी की बढ़ती ज रत का खयाल रखन िमटटी की नमी तर को बढ़ान शहरी हिरयाली को बढ़ान भजल तर को कितरम प स पनभररण करन और भजल की गणव ता स सधार का काम करता ह भारत म जल परबधन स दश का िवकास भारत म दिनया की 16 परितशत आबादी रहती ह लिकन दिनया क िसफर 4 परितशत जल ससाधन ही भारत क पास ह 3290000 वगर िकलोमीटर क भिम कषतर और एक अरब स यादा की आबादी क साथ भारत क एक बहलवादी िविवधता का िचतर ह िवशाल पराकितक ससाधन क साथ सप न तकनीकी और वजञािनक किमरय का भी यह दिनया म दसरा सबस बड़ा सम चय ह भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह मानव िवकास म 80 क दशक म लगभग 26 परितशत और 90 क दशक क दौरान और 24 परितशत क वारा सधार हआ ह आजादी क बाद छह दशक म भारत न जल ससाधन का अभतपवर िवकास और खा या न म आ मिनभररता शहरी कषतर ऊजार और औ योिगक कषतर और पीन का पानी क बिनयादी ढाच म तजी स िव तार दखा ह िजसका उपयोग भारत की लगभग 85 परितशत शहरी और गरामीण आबादी क वारा िकया जाता ह भारत म रा य सरकार और भारत सरकार क परितबदध और ठोस परयास की वजह स गरामीण और शहरी आबादी को सरिकषत पयजल को उपल ध करवान म काफी सफलता हािसल की ह इस उपलि ध न भजल की कमी जल जमावजल गणव ता िगरावट जल परदषण और बढ़त लवणता तर स बड़ कषतर को परभािवत िकया ह और अभी भी िविभ न रा य म गरामीण और शहरी भारत क मानव िवकास सचकाक (HDI)rsquo म बहत असमानता मौजद ह पानी क िलए कषतरीय माग तजी स बढ़ रह शहरीकरण की गित स बढ़ रही ह (अनमानत 2025 तक दश की आबादी का 50 परितशत स अिधक शहर म रहग) जनसखया विदध बढ़ती आय और औ योिगक िवकासशहरी भारत तजी स िवकास की माग क कदर क प म उभर रहा ह

भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह

प ठ 41 अकषय कराित

नतीजतन परित यिकत पानी की उपल धता िगर रही ह परधानमतरी की अ यकषता म 12वी योजना क िलए हई योजना आयोग की पणर बठक म दसर म क साथ जल परबधन पर िवशष चचार हई बठक क बाद योजना आयोग क उपा यकष म टक िसह अहलवािलया न कहा िक भ-जल कानन स लकर दसर म की यापक समीकषा ज री ह व यनाथन सिमित जहा वतरमान म भ-जल कानन की साथरकता का अ ययन करगी वही भारतीय अतिरकष अनसधान सगठन [इसरो] की मदद स पानी की उपल धता का िव तत अ ययन होगा म टक न कहा िक उसी आधार पर रणनीित तय होगी सरकार यह यान रखगी िक पानी का अिधकतम उपयोग हो सक और सभी को उपल ध हो पानी पर िकसी का एकािधकार न हो सक बतात ह िक द पयोग को रोकन क िलए श क लगान पर भी िवचार िकया जा सकता ह हालािक इसस पहल रा य सरकार स चचार होगी यह तय ह िक एआइबीपी कायरकरम म यापक बदलाव ह ग ी म टक िसह अहलवािलया न कहा िक वतरमान म इस कायरकरम का सही िकरया वयन नही हो रहा ह िलहाजा उसम पिरवतरन ज री ह सभव ह िक हर रा य म जल िनयामक परािधकरण बनान की शतर भी लगाई जाए उ ह न कहा िक जल परबधन की यापक समीकषा कर नई रणनीित तय की जाएगी कल िमलाकर रा टरीय तर पर वतरमान जल ससाधन का अिधक स अिधक करन क िलए माग को परा करन क िलए पयार त ह लिकन भिव य क अ ययन पिरयोजना ह िक जल आपित र की ि थित अगल आध सदी म अिधक किठन हो सकती ह जल सकट स िनपटन को जल सरकषण परबधन अिनवायर परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह बढ़त वि वक तापमान क फल व प अितवि ट अनावि ट अ पवि ट और असामियक वि ट हम परितवषर दख रह ह िजसका परभाव हमार जल ससाधन पर पड़ता िदखाई द रहा ह कओ व बाविडय का िमटता अि त व नदी-नाल का घटता पानी भ-गभर जल का िगरता तर िचता की पिरिध स िनकलकर खतर की घटी बनता जा रहा ह

निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह

प ठ 42 अकषय कराित

िव व भर म सीमट क अधाधध परयोग न धरातल क सहज अवशोषण कषतर को घटाया ह तथा जल बहाव भिम कटाव व बाढ़ म विदध की ह ऐसी ि थित म जल सरकषण का दािय व मातर वजञािनक व सरकार तक सीिमत न रहकर पर यक उपभोकता क कध पर आ जाता ह इसी दािय व क िनवरहन क िलए हमार पास दो िवक प सामन आत ह 1 वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई

उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

2 पािरवािरक तर पर वषार जल को सगरिहत कर उसका उपयोग कर य दोन ही परयास गरामीण कषतर म तो सरलता स अपनाए जा सकत ह परत शहरी कषतर म व ट वाटर मनजमट की बड़ी पिरयोजनाए बनाकर ही पानी को िरसाइिकल िकया जा सकता ह भ-गभर अिधकािधक जल अवशोिषत होकर

जाए इसक िलए मदानी भाग म िनयोिजत ढग स बड़-बड़ पोखर बनाकर तथा पहाड़ी कषतर म नाल -ख ड म िमटटी प थर आरसीसी क बड़-छोट डम लगाकर जल बहाव रोक भ-सरकषण बचाव व जल भडारण और धरातल जल शोषण कषतर बढ़ाया जा सकता ह िव व बक भारत सरकार वारा म य िहमालय जलागम पिरयोजना रा य क भ-सरकषण िवभाग इस कषतर म कारगर उपाय लकर

हमार सामन ह परत जनसहयोग क िबना इन पिरयोजनाओ क आशातीत पिरणाम ल पाना किठन ह वकषारोपण इस सपणर जल चकर को बल दन वाला कारक ह जल क परित चतना जागत न हई तो अव य ही अगल िव व यदध का कारण जल ही होगा

जल भोजन ह और अिगन भोजन का भकषक ह अिगन जल म और जल अिगन म िव यमान ह

- ततरीय उपिनषद 38

वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

प ठ 43 अकषय कराित

म भी गान गा सकता ह शबनम क िखलत फल क म भी गीत सना सकता ह सावन क म त झल क लिकन जब घर-घर म बादल छाय घोर िनराशा क तब म नगम गा रहा ह उ मीद की आशा क

सड़क पर खड़ बचपन की य बात सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह

हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

इस बदलत पिरवश का राग सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

गाधी जी क सपन का जो राम-रा य कहलाता ह उस भारत म सड़क पर छोट चाय पहचाता ह

कहा गई वो अ हड़ म ती कहा गया वो यार का रा ता उन हाथ स बचत झड िजन हाथ को चािहए ब ता

उस सोन की िचिड़या की म बात बतान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

कही बम की गमर हवाए कही ससद म कोहराम ह कही होत घोटाल स परशान आदमी आम ह

कही कल की िकलकारी ह कही सड़क पर बचपन ह कही चलता नही गजारा कही िवदश म काला धन ह

म स चाई गा-गाकर सबको बतलान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

बदलता भारत मनीष लाल इरडा

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

प ठ 44 अकषय कराित

करन वाल काम बहत ह यथर उलझन को छोड़ो म ला-पिड़त तोड़ रह ह तम बस lsquoअपन को जोड़ो

lsquoहम बदलग-यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का lsquoवद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का

वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हम बदलग mdash यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का वद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

प ठ 45 अकषय कराित

िसफर काला और सफ़द य ही वो दो रग थ जो तर पास सि ट बनान क आधार थ

काला वो जो कािलमा िलय ह िजस कहत ह दख िनराशा म य अपयश और वो सबकछ जो नकारा मक ह

मगर सफद ह वो रग िजसस जड़ा ह जीवन आशा सख और कीितर और वो सब कछ जो सकारा मक ह पर इन रग स तझ चन ना िमला त सोचन लगा अगर सि ट बनानी ह

तो िकस िलए- ससगर और परम क िलए और

इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग

ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह

बस- बना डाला तन इ दरधनष

जो बरसात क बाद सरज और प वी क अनपम परम को रग दता ह सतरगी रग स

और उ ही सतरगी इ दरधनषी रग म हम हर पल हर कषण डबत गहरात इतरात रहत ह

और खिशय भर ससार म हर रग को अलग-अलग तरह स महसस करक जीत रहत ह

रग तो रग ह मगर-

ससगर और परम क िलए और इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह बस-

सतरगी िचतर सगीता ीवा तव इरडा

प ठ 46 अकषय कराित

कभी पक क कभी फीक़ तो कछ कभी दाग बनकर उभर आत ह

कछ आख म नील बादल स छाए रहत ह तो कछ गाल पर गलाबी रग बनकर छलक जात ह

याद रहत ह अक सर वो रग- जो खदी पर इस तरह छा जात ह िक खद म घलकर खद क होन

का एहसास दत-दत खद का एक रग बन जात ह

बगनी आसामनी नीला हरा पीला नारगी लाल इ दरधनष क य सात रग ही जोड़त ह हमार िदल को

हमार मन को जोड़न वाल इन रग की सतरगी दिनया म-

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा बनाय

और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क

सतरगी िचतर

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा

बनाय और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क सतरगी िचतर

Page 18: Akshay Kranti Vol 3€¦ · पक्ष को प्रभािवत न कर e, बािधत व पीिड़त न कर eवह काय-र्कौशल है।

प ठ 18

अकषय कराित चतन और अवचतन मन

हमार चतन मन क पास सोचन की शिकत होती ह यह िकसी बात को मान सकता ह और नही भी मान सकता मगर अवचतन मन िसफर वीकार करता ह यह इनपट (input) को लकर कोई भदभाव नही करता अगर हम अपन मन म डर शका नफरत क भाव भर तो यह आ म सझाव इन सभी भाव को सिकरय बनाकर हकीकत म बदल दगा हमारा अवचतन मन एक डाटा बक की तरह ह अवचतन मन एक गाड़ी की तरह ह और चतन मन एक डराइवर की तरह शिकत तो गाड़ी म होती ह मगर उसका कटरोल डराइवर क पास होता ह

हम अवचतन मन को इस तरह ढालन की ज रत ह िक वह हम सही और ठीक रा त पर ल जा सक अवचतन मन एक बगीच की तरह होता ह िजस कोई परवाह नही होती िक आप कस पौध लगात ह यह िनरपकष (neutral) होता ह इसम अ छा बोन पर अ छा िमलता ह अ यथा जगली पौध उग जायग

बि क अ छ बीज बोन क बावजद जगली पौध उगन बद नही होत आव यकता होती ह उ ह उखाड़ फकन का िसलिसला जारी रखन की इसी िसदधात को कमरचािरय क मामल म समझन की ज रत ह हम याद रखना ह िक सही और गलत िवचार मन म एक साथ नही रह सकत आव यकता उनक अवचतन मन को इस तरह ढालन की ह िक उनम अ छी आदत का िवकास हो दरअसल अवचतन योगयता वह होती ह जब हम यान दन और सोचन की यादा ज रत नही होती कय िक यह हमार यवहार म खद ब खद उतरन लगा ह िजस स थान क कमरचारी इस तर पर पहच जात ह उनम अ छी आदत वयमव घर करन लगती ह जब बरी आदत हमार अवचतन योगयता क तर तक पहच जाती ह तो वह कावट उ प न करती ह

पिरवतरन का िवरोध बरी आदत को पहचान लन क बाद भी अकसर दखा गया ह िक

लोग उ ह बदलत नही ह ऐसा आिखर कय होता ह उनक न बदलन का कारण ह िक व िज मदारी को वीकार करन स इनकार करत ह

हम अवचतन मन को इस तरह ढालन की ज रत ह िक वह हम सही और ठीक रा त पर ल जा सक अवचतन मन एक बगीच की तरह होता ह िजस कोई परवाह नही होती िक आप कस पौध लगात ह

प ठ 19

अकषय कराित अपनी उन आदत को बनाय रखन म उ ह जो आनद िमलता ह वह पिरवतरन क ददर स यादा होता ह इसक िन निलिखत कारण हो सकत ह -- 1 पिरवतरन की इ छाशिकत का अभाव 2 पिरवतरन क िलए आव यक अनशासन की कमी 3 िव वास की कमी 4 आव यक जानकारी की कमी परबधन वारा इन िबदओ पर िवचार कर अपन किमरय म आशातीत पिरवतरन लाया जा सकता ह सामा यतः खराब आदत को न बदलन क बहान िदय जात ह और कहा जाता ह -- हम लोग इसी तरह करत ह या िक म नही समझता इसस कोई फकर पड़गा और कछ न िमला तो कह िदया जाता ह म बहत य त ह अ छी आदत का िन पण

आदत म पिरवतरन लाया जा सकता ह आव यकता ह इसक िलए सही पिरवश का िनमारण करन की कमरचािरय को परिशिकषत करन की परिरत करन की और ऐसी ि थितया उ प न करन की िजसस कमरचािरय म अ छी आदत का िन पण हो सक दरअसल सफल लोग का राज यह ह िक व काम करन की उन आदत को डाल लत ह जो असफल लोग करना नही चाहत य वही काम ह िज ह सफल लोग भी करना

नही चाहत लिकन व िफर भी करत ह उदाहरण क िलए असफल लोग अनशासन और महनत करना पसद नही करत सफल लोग भी अनशासन और कड़ी महनत नापसद करत ह लिकन व िफर भी ऐसा करत ह कय िक य लोग उन काम को करन की आदत डाल लत ह िज ह असफल लोग नही कर पात नजिरय और सोच का तरीका एक आदत ह और इस बदला जा सकता ह सही ि ट और सतलन कमरचािरय म काम क सबध म सही ि ट बनाय रखन की परवि त िवकिसत करना ज री ह जब कछ गलत हो रहा होता ह तो उस ठीक करना परबधन का ही काम होता ह समझा यह जाता ह िक परायः हम गलत हो रह काम को लकर इतन िचितत हो जात ह िक जो सही हो रहा ह उस भी अनदखा करन की हमम आदत होती ह

दरअसल सफल लोग का राज यह ह िक व काम करन की उन आदत को डाल लत ह जो असफल लोग करना नही चाहत

प ठ 20

अकषय कराित उदाहरण क िलए अगर िकसी स कोई गलती हो जाती ह तो हम एकदम उस पर िच ला पड़त ह या उसक िव दध काररवाई कर बठतहअ छा यह रहगा िक आप उस अलग ल जाकर अकल म बात कर अगर परशसा करनी हो तो सबक सामन कर

अगर िकसी स सहमित न बन तो उस पर करोध करना ज री नही ह अगर अपन करोध पर काब रखग तो लोग अपनी असहमित को अ यथा नही लग अगर आप अपन िवचार को खला रखग तो दसरी ओर स भी आप ऐस ही यवहार की अपकषा कर सकत ह परायः लोग अपनी सहमित कछ इस तरह जतात ह िक सामन वाला भी अपनी बात पर अड़ जाता ह समझन की बात यह ह िक सभी ि थितय म कवल तकर ही काफी नही होगा िकसी स असहमत होन म भी यवहार कशल होना ज री ह सबस पहल तो दसर को अपना पकष रखन का मौका द उसकी बात सन और जहा तक हो सक उसस अपनी सहमित भी परकट कर और िजन बात पर सहमित न बना सक उस समझाए

हमम स अिधकाश लोग उन किमरय और उनकी गलितय पर अ यिधक यान दत ह िजनक िलए हम काम करत ह पर अपन किमरय पर नज़र डालना भल जात ह अगर वय को उन लोग की नजर स दखा जाए तो आशातीत पिरणाम दखन को िमलत ह

आ म मथन आप कया करना चाहत ह कसा करना चाहत ह - इस सोच को

वतरमान म अपन अदर मथन करन को आ म-सझाव कहत ह एक बार सब म जब इसकी पिरपाटी श हो जाती ह तो यह हमार अदर िवजञापन की तरह काम करता ह अपन बार म अपन िलए अदर ही परचािरत करता ह इसका हमार चतन और अवचतन (Sub-concious) मन दोन पर परभाव पड़ता ह अततः यह हमार नजिरए और यवहार को परभािवत करता ह और धीर-धीर आदत का प लता ह यह दरअसल अपन अवचतन मन को ढ़ालन या परोगराम करन की िविध ह

हमम स अिधकाश लोग उन किमरय और उनकी गलितय पर अ यिधक यान दत ह िजनक िलए हम काम करत ह पर अपन किमरय पर नज़र डालना भल जात ह

प ठ 21

अकषय कराित आ म-सझाव अ छ या बर हो सकत ह जब हम बर आ म-सझाव को बार-बार दोहरात ह तब हमारा अवचतन मन उन पर िव वास करन लगता ह और हम उसी को वा तव म यवहार करन लगत ह सकारा मक आ म-सझाव को बार-बार मथन करन स उसकी हमार िदलोिदमाग म त वीर बन जाती ह और वही असिलयत का प लन लगता ह एक उदाहरण क िलए जब कभी हम सबह 0600 बज टरन पकड़नी हो और हमार पास अलामर घड़ी न हो तो हम मन म कहकर उठत ह िक 0400 बज उठना ह तो कया हम नही उठत अगर उठत ह तो इसक पीछ आ म-सझाव ही काम करता ह आ म-सझाव एक रा ता ह िजसस हम अपन िदमाग को परोगराम करक ढ़ालत ह सकारा मक आदत को िवकिसत करन म आ म-सझाव की परवि त मह वपणर िसदध हो सकती ह हमार नजिरए और आदत को तय करन वाल कारक हमार नज़िरए को मखयतः तीन कारक परभािवत करत ह - वातावरणः घर कल आिफस मीिडया सा कितक प ठभिम धािमरक प ठभिम परपराए और भाषाए सामािजक-राजनितक माहौल - य सब िमलकर एक तहजीब बनात ह चाह घर हो या आिफस या अ यतर - हर जगह हर िकसी की अपनी तहजीब होती ह उदाहरण क िलए हम एक दकान म जात ह तो वहा का स समन बड़ अदब वाला होता ह लिकन वही जब दसरी दकान पर जात ह तो वहा का स समन कभी-कभी बड़ा खा और बदतमीज िमल जाता ह उसी तरह िकसी क घर म यार भरा माहौल िमलता ह तो िकसी क घर म हमशा लड़ाई-झगड़ का इसी तरह जब सरकार और राजनीितक माहौल ईमानदारी का होता ह तो लोग भी ईमानदार मददगार और कानन का पालन करन वाल होत ह बईमान और भर ट माहौल म िजस तरह एक ईमानदार का जीना मि कल होता ह उसी तरह ईमानदारी भर माहौल म बईमान यिकत को मि कल होती ह िन सदह अ छ वातावरण म मामली कमरचारी म वमव अ छी आदत िवकिसत होती ह और उसकी कायर करन की शिकत बढ़ जाती ह जबिक खराब माहौल म अ छा काम करन वाल की भी कषमता िगर जाती ह

सकारा मक आदत को िवकिसत करन म आ म-सझाव की परवि त मह वपणर िसदध हो सकती ह

प ठ 22

अकषय कराित कायर-स कित का बहाव ऊपर स नीच की ओर होता ह नीच स ऊपर की ओर कभी नही यह दखना बहत ज री ह िक हमन अपन िलए और आस-पास क लोग क िलए कसा वातावरण तयार िकया ह खराब वातावरण म अ छ की उ मीद करना बमानी ह अनभवः हम अपन जीवन म अपन काम-काज म हालात स जसा अनभव पात ह वह हमारी आदत का िह सा बन जात ह और उसी क अनसार हमारा यवहार होता ह अगर िकसी क परित हमारा अनभव अ छा होता ह तो हमारा नज़िरया भी अ छा होता ह ज री ह िक कमरचािरय को ऐसा कायर-पिरवश िमल िजसस उनक अवचतन म अ छ अनभव की छाप अिकत हो

परिशकषण भी ज़ री यहा िसफर सदधाितक जञान ही काफी नही होता बि क औपचािरक और अनौपचािरक दोन ही तरह की िशकषा व परिशकषण ज री ह जञान और जानकारी को यिद योजनाबदध तरीक स परयोग िकया जाए तो उसस बौिदधक तर को बढ़ान म आशातीत सफलता िमलती ह काम करन की कला अ छी िशकषा स ही आती ह ज री ह िक परिशकषण म मनोवजञािनक सामािजक आिथरक व अ य पहल को समझन की आदत िवकिसत की जाए अवचतन म यह िबठाना बहत ज री ह िक जीवन की भ यता काम क वारा ही सभव ह स थान म सभी को लगना चािहए िक उनका काम मह वपणर ह यही परबधन कला का सार ह जब कमरचािरय को ऐसा एहसास होन लगता ह तो उनक नज़िरए म बदलाव आन लगता ह उपसहारः काम क परित लोग म अ छी आदत िन िपत करन और उनम उ साह जगान स कायर-िन पादन म िनरतर िनखार आता ह दरअसल हर यिकत म मानिसक और शारीिरक ऊजार उ प न होती ह िजसक िलए काम ही सबस अ छा िनकास ह एक िवचारक क अनसार lsquoआप पछत ह म लगातार काम कय करता ह

यहा िसफर सदधाितक जञान ही काफी नही होता बि क औपचािरक और अनौपचािरक दोन ही तरह की िशकषा व परिशकषण ज री ह

प ठ 23

अकषय कराित इसका वही कारण ह िजस कारण स मगीर अ ड दती जाती ह rsquo काम क िबना इसान घट सा जाता ह उस काम की उतनी ही ज रत होती ह िजतनी हवा की आव यकता ह िक उस सही वातावरण उपल ध करान और सही िदशा म अिभपरिरत करन की व ततः हर यिकत अदर स गिरमा और आ मस मान की चाह रखता ह आव यकता ह उस अतःपरिरत करन की लोग को खद स परिरत करन क िलए हम उनकी ज रत और इ छाओ को समझना होगा पररणा कायरकषमता और आदत क बीच सीधा सबध ह जो लोग उतना ही काम करत ह िक उनकी नौकरी बची रह तो ऐस लोग िकसी भी स थान क िलए मह वपणर नही हो सकत अतपररणा स सोच म बदलाव लाया जा सकता ह पररणा आग क समान होती ह

कमरचािरय को िजतना परिरत िकया जाएगा उनम उतनी ही सकारा मक आदत का िवकास होगा कमरचािरय को उिचत स मान दकर उनक कायर को अिधक मनोरजक बनाकर परबधन वारा उनकी बात को गौर स सनकर उनकी सम याओ और सझाव पर गौर करक उ ह वय ल य िनधारिरत करन क िलए परो सािहत करक िवकास क नय अवसर उपल ध कराकर आव यकतानसार समय-समय पर समिचत परिशकषण िदलाकर तथा नयी चनौितय स जझन क िलए परो सािहत करक िन सदह उनक आचार और यवहार को सकारा मक िदशा म पाियत िकया जा सकता ह

कमरचािरय को िजतना परिरत िकया जाएगा उनम उतनी ही सकारा मक आदत का िवकास होगा

ई-पितरका म लख आिद म परकट िवचार

मलतः लखक क ह तथा यह आव यक नही ह िक

इरडा भी इन िवचार स सहमत हो

प ठ 24

अकषय कराित

िबिटया

आख म मोती लकर तम िबिटया जाती हो हा जाओ िशकषा का उपहार द रह िवदा समय यह लो ल जाओ इन पराण म परीित त हारी ममता क धन िसदरी इन नयन की बद पली परकट करती ह मजबरी लाचारी ह िफर पराण म क य ह इतनी आकलता

जब इस रीित पर पराओ म वश न िकसी का ह चलता िपतकल को तजकर अब िबिटया पित-कल म जाना होगा

नटखटपन को छोड़ धमर का ही िजसम बाना होगा इस घर की तम बड़ी लाडली पराण स यारी िबिटया

चली लाकर आज सभी को िपता की कर सनी किटया िजन हाथ न लाड़ चाव स अब तक था िजसको पाला उन हाथ न ही िबिटया को दलह राजा जी को द डाला

िजसका दख जरा मन मला हो जाती थी हरानी क यादान उसी का कर क दय बनाया पाषाणी

िकया न जाता था पल भर को इन आख स दर िजस मोती झरत िवदा द रहा आज सकल पिरवार उस अपनी मा क जीवन की तम परित-पल हो आधार रहो

िवजयता िपता क दय मिदर की िबिटया तम साकार रही आज जीवन क सख-दख सार वही िबतान तम लो जान आओगी जब कभी यहा तम होगी महमान समान

सतीश कमार कलावत इरडा

इस घर की तम बड़ी लाडली पराण स यारी िबिटया चली लाकर आज सभी

को िपता की कर सनी किटया

प ठ 25

ससराल की कभी बराई कही न मह पर आ जाव धमर कमर क तर य पथ म पाव नही िडगन पाव

सात परितजञाय जो तमन अिग नदव स मख की धारण द पि त जीवन का मह व ह करना स च मन स पालन

बटी इन सात बचन का यान दय म रह सदा दोन कल की लाज इसी म भला न दना इस कदा पित ही ह सवर तर त हार पित ही को जीवन समझो

जो कछ कह उसी को मान उनको िबिटया तम धन समझो शीलवती तम बन िबिटया पित-भक त मना सदर िनस दह वय उपजग क प-वकष घर क अ दर

पहन सिशकषा की साड़ी को शभ गण भषण अपनाओ दस लकषण शभ लकषण धार िन य नय मगल गाओ यह िशकषा उपहार दय का तम को राह िदखायगा भल भटक कर भी अिधयारा पास न आन पायगा

हम सब की आख स मोती उर स िनकल रही आशीष सभी सख स पणर परफि लत कर त ह दलह राजा की ईश

अकषय कराित

िजन हाथ न लाड़ चाव स अब तक था िजसको पाला उन हाथ न ही िबिटया को दलह राजा जी को द डाला

प ठ 26 अकषय कराित

ldquoपयारवरणrdquo श द पिर+आवरण स बना ह अथारत बा य आवरण को ही पयारवरण कहत ह इस बा य आवरण का ता पयर हमार चार ओर क वातावरण और पिरवश स ह िजस हम दसर श द म परकित भी कह सकत ह प वी पर िव यमान सपणर जीव-जगत क अि त व जीवन-यापन एव चहमखी िवकास म परकित की मह वपणर भिमका ह मानव बिदधजीवी पराणी ह और परकित क मह व स भली-भाित पिरिचत होन क कारण ही सिदय स परकित की पजा करता रहा ह

विदक काल स ही परकित तथा मानव क बीच जीवन ततर का अटट सबध रहा ह हमार पराचीन ऋिष-मिनय न प वी म हवा पानी िमटटी पड़-पौध जीव-ज तओ और मानव क सिकरय सहयोगा मक सतलन को यान म रखकर ही परकित को प य माना धमर क साथ परकित को जोड़कर उ ह न परकित को पयार त मह व िदया व जानत थ िक िजस परकार जीवन क िलए भिम की आव यकता होती ह उसी परकार वन पितया व अ य पराणी भी आव यक ह य सभी परकित क अिभ न अग ह इनम स एक क भी न ट होन का परभाव दसर पर पड़ता ह और पिरणाम व प पराकितक असतलन पदा हो जाता ह व तत प वी म हवा पानी िमटटी पड़-पौध जीव-ज तओ और मानव का सिकरय सहयोगा मक सतलन रहता ह पड़-पौध भिम को उपजाऊ बनात ह िमटटी को बाधकर रखत ह बरसात करवान तथा जल एव वाय को व छ रखन म सहायक होत ह परत आज क बढ़त औ योिगकीकरण और शहरीकरण न परकित और मानव क बीच असतलन उ प न कर िदया ह यह असतलन अिशकषण बढ़ती जनसख या शहर की ओर पलायन वकष की कटाई गगनचबी इमारत बड़-बड़ उ योग की थापना आिद क कारण ह और यही पयारवरण परदषण क मख य कारण ह मटरोपोिलटन एव बड़ शहर म अनक काबरिनक और अकाबरिनक गस जस ndash काबरन-मोनोऑक साइड अमोिनया आिद परदषण क मख य ोत ह

वतरमान पयारवरण -21वी सदी की चनौती

लख सरीन सल

विदक काल स ही परकित तथा मानव क बीच जीवन ततर का अटट सबध रहा ह

प ठ 27 अकषय कराित मन य न अपनी भितक सख-सिवधाओ की आपित र क िलए परकरित स

िखलवाड़ िकया ह वतरमान मशीनी यग म मन य वारा परकित क अ यिधक दोहन एव िनत नए कारखान की थापना स पयारवरण सकट उ प न हआ ह मानव न परकित क साथ जो अ यायपणर यवहार िकया ह उसी क फल व प परकित का िवरोधी रवया हआ ह िजस भिव य म सह पाना मि कल होगा

अिशकषा क कारण दश की तजी स बढ़ती आबादी क आवास की मलभत आव यकता को परा करन क िलए वकष की कटाई करक ऊची-ऊची इमारत बनाई जा रही ह वकष की अधाधध कटाई स भिम की ऊवररा शिक त का तो ास हो ही रहा ह साथ ही परदषण जसी िवकराल सम या भी ज म ल रही ह

परदषण पयारवरण क ास का परमख कारण ह िवकासशील दश िनत नए उ योग की थापना करक बराजगारी की सम या को तो दर कर रह ह िकत इसस जल वाय विन तथा िविभ न परकार क परदषण बढ़ रह ह कल-कारखान और मोटर स िनकलन वाल धए स वाय परदषण हो रहा ह जल थल व नभ क मागर पर शिक त चािलत वाहन विन परदषण का मख य ोत ह शहरीकरण और औ योिगकीकरण क कारण शदध पयजल की सम या िवकराल प धारण कर रही ह कारखान स िनकलन वाल कड़-कचर क निदय म िमलन स जल परदषण हो रहा ह रासायिनक खाद और कीटनाशी दवाओ स मदा परदषण का खतरा बन गया ह

इस परकार जनसख या विदध शहरीकरण औ योिगकीकरण एव परदषण जसी सम याओ न पयारवरण को बरी तरह परभािवत िकया ह आज सपणर िव व पयारवरण को लकर िचितत ह इस भयावह ि थित स बचन क िलए पर यक यिक त को पयारवरण क परित जाग क करना आज की अिनवायर आव यकता ह

इस िदशा म सवरपरथम िनरकषरता को समा त िकया जाना चािहए साकषर भारत की पिरक पना म जनसख या विदध दर वय िनयितरत हो जाएगी करल रा य इसका परमाण ह जहा साकषरता क साथ-साथ जनसख या िनयतरण भी ह

जल थल व नभ क मागर पर शिक त चािलत वाहन विन परदषण का मख य ोत ह

प ठ 28 अकषय कराित

इसक बाद बात आती ह परदषण िनवारण की आज िव व भर क

वजञािनक और पयारवरणिवद इस िदशा म कायररत ह सवरपरथम वन क काटन पर परितबध लगाया गया ह और वन सपना क िव तार हत वकष लगान क िलए परो सािहत िकया गया इसक िलए सरकार की ओर स वकष आिद िनश क उपल ध कराए जात ह ldquoपयारवरण परदषण स थाrdquo और व छ वाय अिधिनयम जस िविधक उपाय स वाय परदषण पर रोक लगान का परयास िकया जा रहा ह जहरील धआ उगलन वाल कारखान तथा वाहन पर भारी आिथरक दड का परावधान ह िविभ न सचार मा यम mdashदरदशरन समाचार-पतर तथा आकाशवाणी क मा यम स जनता को पयारवरण क परित जाग क करन क परयास िकए जा रह ह निदय म खलन वाल परदषण ोत को बद करन की योजनाए चलाई जा रही ह पािलथीन क परयोग को बद करन क िलए चलाया जा रहा ह अिभयान भी परशसनीय ह

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह इस खतर स सपणर भमडल का अि त व न ट हो जाए इसस पहल हम पयारवरण की सरकषा करन का सक प लना होगा

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह

िस धी होन क प चात भी मझ बगाली रीित िरवाज़ िमठाइया यहा का पहनावा अगरज क ज़मान की बनी सरचनाए एव भवन इ यािद म बहत िदलच पी एव िच थी

प ठ 29 अकषय कराित

यातरा स मरण-कोलकाता-खिशय हषर का शहर(िसटी ऑफ जॉय)

सोिनया सिह वानी पीईसी िलिमटड

म पी ई सी िलिमटड नामक कपनी क िविध ककष म उप िविध परबधक क पद पर कायररत ह सन 2010 जन स इस कपनी म मन परबधन परिशकष क प म अपनी पहली नौकरी की श आत की पी ई सी िलिमटड वािण य मतरालय क अतगरत आन वाली आयात-िनयारत यापार स स बिधत क पिनय म स एक ह इस स दभर म जनवरी 2011 म िविभ न िवभाग क परबधन परिशकषओ को ओिरएटशन हत काडला कोलकाता इ यािद शहर म भजन का कायरकरम िनि चत िकया गया कोलकाता क पास हि दया पोटर होन क कारण कोलकाता शहर चना गया जहा पी ई सी वारा आयात की गयी व तए पोटर गोदाम म रखी जाती ह साथ ही म कोलकाता पोटर िभ न गोदाम इ यािद दखन की यव था की गयी एव सची म समावश िकया गया यह सनकर मरी ख़शी का िठकाना न रहा क य िक मन कोलकाता शहर क बार म सना बहत था पर त कभी दखा न था िस धी होन क प चात भी मझ बगाली रीित िरवाज़ िमठाइया यहा का पहनावा अगरज क ज़मान की बनी सरचनाए एव भवन इ यािद म बहत िदलच पी एव िच थी आिखरकार मझ मौका िमला और जनवरी की कड़ाकदार ठ ड क बीच हम एक रिववार शाम कोलकाता राजधानी स अपनी मिजल की और िनकल पड़ िद ली स कोलकाता क सफ़र क बीच हमारी गाड़ी इलाहाबाद गया िबहार तथा धनबाद जस शहर स होत हए बगाल की ओर पहची हसत-गात खलत-खात हए हम अगली सबह हावड़ा जकशन पहच गए रलगाड़ी स उतर कर टशन स बाहर िनकलत ही मझ िसटी ऑफ जॉय क नाम स मशहर कोलकाता की पहली झलक िदखाई दी ऐसा लगा मानो मझ भारत क दो पहल एकसाथ जीत हए नज़र आए एक तरफ थ टशन स बाहर एव अ दर जात हए स दर कपड़ गहन म लद हए कोलकाता क बगाली िनवासी साथ म बड़ी-बड़ी गािड़य म घमत कोलकाता क नौजवान और ठीक दसरी तरफ मरी नज़र पड़ी हगली नदी पर बन परिसदध हावड़ा िबरज पर िजस दख एक अलग ही दिनया का एहसास हआ

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह

िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी

एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया नतीजा मर समकष था

प ठ 30 अकषय कराित

हावड़ा िबरज पर हर तरफ लोग का जमावड़ा था इतन लोग दख िद ली क चादनी चौक की याद आ गयी ऐसा लगा मानो म 50 साल पीछ िकसी लक एव वाईट दिनया म कदम रख चकी थी िबरज क दोन तरफ सामान बचत हए दकानदार िखलौन मछली रख हए औरत एव छोट-छोट ब च मख य शहर स हावड़ा जान वाल आम आदमी मजदर की तज़ र तार फरी स र ता पार करन वाल यापारी इन सब को दख लगा कोलकाता म मबई जसी भागम भाग भी थी िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया नतीजा मर समकष था जस-जस म कोलकाता शहर क भीतर आन लगी मझ इस शहर क िवकास की झलक िदखाई दी एक तरफ थी ऊची ईमारत सदर िवशाल िव यासागर सत पल बड़-बड़ होटल माल कोलकाता उ च यायालय राईटसर िबि डग मशहर इडन गाडरन टिडयम इ यािद तो दसरी तरफ था िवक टोिरया ममोिरयल अगरज की वा तकला क अनसार िदखती लाल ईटो की इमारत िवक टोिरयल सरचनाए भवन छोटी-छोटी पटिरय पर समान बचत नया बाज़ार (New Market) क दकानदार एव िवक टोिरया ममोिरयल क बाहर चलत सलािनय क िलए रथ वाल घोड़ हमारा होटल जसीबोस सड़क पर ि थत था एव सिवधाओ स भरपर था पर त मन य जाना िक असली कोलकाता का मज़ा गाड़ी म नही अथवा िरक शा ऑटो तथा साल स चलती आ रही सड़क पर टराम म था

हर तरफ मझ पील रग की टिक सया िदखाई दी सब एक समान थी तथा मरसीडीज़ गाड़ी क बगल म चलती 1-2 पय म सफ़र की जान वाली टराम भी साथ िदखाई दी परी िजदगी िद ली म यतीत करन क बाद हर नए शहर का रहन-सहन बोल-चाल रीित-िरवाज़ जानन की जाग कता मझम हमशा रही पहल ही िदन स कोलकाता मझ रास आया जस िक कहत ह lsquoकोलकाता हमार खब भाला लागली छ rsquo कहन का ता पयर य िक मझ कोलकाता बहत अ छा लगा पहल िदन िक शाम को हमन य मािकर ट म खरीददारी करन का मन बनाया म हरान थी िक वहा चीज िकतनी स ती िमल रही थी िद ली क मतािबक एक ितहाई दाम पर चिडया गहन बग जत कत इ यािद िमल

िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया

प ठ 31 अकषय कराित य मािकर ट िद ली क लाजपत एव सरोिजनी नगर समान ह कम

दाम म अ छा समान िमला कोलकाता चमड़ क िलए भी मशहर ह एव परिसदध ी लदसर दकान भी इस बाज़ार म ि थत ह यहा खरीदारी का हमन खब ल फ़ उठाया

अगल िदन हम हि दया पोटर गए एव अनक जहाज़ दख 3-4 घट की दरी पर ि थत यह पोटर अनक एकड़ म फला हआ था पहली बार इतन बड़ जहाज़ को अदर स दख खब आनद आया तीसर िदन हम काली बाड़ी मिदर गए बगाली अ यत पाठ-पजा वाल दगार मा क स च उपासक ह यह सब जानत ह दगार पजा इनका लोकिपरय उ सव ह तथा काली मा एव दगार मा की स च मन स पजा करत ह कोलकाता क िनवासी भिक त भावपणर ह यह सना था अब खद दख भी िलया बगाली र म स पजा करन का य मौका अ यत आनदमयी था इसक अलावा काली बाड़ी क नज़दीक ही ि थत ह गौिरहाट बाज़ार यहा की दकान बगाली सािड़या कपड़ सट कत इ यािद क िलए परिसदध ह आिद धक तशवर नामक मशहर दकान म जाकर मरा भी मन िकया िक म भी खरीददारी क मर सािथय न बहत सािड़या खरीदी एव दाम दखकर म दग रह गई सदर स सदर साड़ी मातर 600700 पय की थी मन बगाल की मशहर लाल एव सफद िपरट की साड़ी भी खरीदी कोलकाता म खरीददारी का अलग की मज़ा ह उसी िदन शाम हम सा ट लक िसटी मॉल गए वह सा ट लक टिडयम क नज़दीक ह यहा िदखाई िदया कोलकाता का परगितशील प नौजवान फटबाल की जसीर पहन माल म घम रह थ एक स एक

मशहर बरड वहा मौजद थ इसक अलावा कोलकाता क िनवासी खब मनोरजन क शौक़ीन ह सगीत नाच गाना इ यादी म िच रखत ह कोलकाता म जगह-जगह सगीत कला अकडमी तथा पढ़न (रीिडग) क क लब ह अगरज क शौक तथा रहन-सहन की झलक आज भी यहा िदखती ह यहा क नौजवान को खल-कद म भी खब िदलच पी ह फटबाल का तो जस यहॉ सबको जनन ह

भारत क परिसदध मोहन बगान फटबाल क लब फटबाल क वहा क नौजवान ही नही परा शहर ही दीवाना ह भारत-पाक मच हो या आई पी एल इडन गाडरन मदान लोग स खचा-खच भरा रहता ह अफ़सोस म वहा अदर जा न सकी

इसक अलावा काली बाड़ी क नज़दीक ही ि थत ह गौिरहाट बाज़ार यहा की दकान बगाली सािडया कपड़ सट कत इ यािद क िलए परिसदध ह

प ठ 32 अकषय कराित

मर सफर क आखरी िदन म मन कोलकाता क लोग म एकता क नजार दख िविभ नता म भी एकता का उदाहरण दखा चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख िजस िदन हम कोलकाता पहच थ उसी िदन वहा शहर बद था और मन एक जट होकर लोग को अपनी बात कहत हए दखा एव सना यहा क लोग अपन शहर क िवकास बहतरी क िलए जाग क ह िज मदारी लत ह तथा सरकार को अपनी बात भली-भाित कहत ह लड़िकय औरत की इ ज़त करत ह एव यहा िक मिहलाओ को मन िनदरलीय पाया जहा एक ओर भारत की राजधानी होन क बावजद िद ली वाल अपनी िजदगी म मगन रहत ह वही दसरी और कोलकाता म अमीरी-गरीबी िभ न जाितय म भी एक जटता ह कपड़ा एव खाना आज भी यहा खब स ता िमलता ह पर त दसरी तरफ सब जानत ह िक बड़-बड़ उ योगपित िव वान लखक िखलाड़ी गायक अिभनता िनदशक यहा स उभर ह सािह य हो या लख बॉलीवड हो या िकरकट बगाल न भारत को अनक नाम एव गौरव िदए ह चाह सौरव दादा हो या रिव दर नाथ टगोर ममता बनजीर रानी मखजीर हो या योित बस भारत म इनकी भिमका का वणरन करन की ज रत नही

मन कछ िदन क कोलकाता क सफर म इस शहर को जानन समझन का परयास िकया हगली नदी क िकनार खड़ होकर समदर को दखा निदय को िनहारा िव यासागर सत िबरज की सदरता िवशालता को सराहा क सी दास की परिसदध िमठाई का ल फ उठाया मन बहत शहर घम पर त यह सफर मर िलए सबस यादगार रहा कोलकाता परगित क मागर पर िनरतर बढ़ रहा ह पर त आज भी वह अपनी जड़ नितक म य को नही भला ह एक आम आदमी आज भी टराम म या फरी स सफर करता ह यहा क िनवासी दो पय स लकर 500 ० का खाना खात ह पराना एव नया कोलकाता एक साथ जीिवत ह िसक क क दो पहल की तरह कोलकाता क यह दो प को एक साथ रहत दख बहत आनद आया

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 33 अकषय कराित

जल परकित का अनपम उपहार ह मानव जाित अपन परादभारवकाल स ही इस उपहार का उपयोग अपन िहत क िलए करती आई ह जल वह पराकितक उपहार ह िजसका कोई िवक प नही ह इसिलए जल को अमतया जीवन भी कहा गया ह जल क िबना जीवन की सभावना भी नही ह पर यकष प स तो जल की मानवीय आव यकता सीिमत ह परत परोकष आव यकताओ पर नजर डाल तो दिनक जीवन की आव यकताए जस अ न फल स जी दध स लकर हमार पहराव आवास तक सब जल स जड़ हजल का जरा भी सतलन िबगड़ जाए तो जीवन यापन क टपरद होन म दर नही परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह जल क सामा य त य जल या पानी एक आम रासायिनक पदाथर ह जो जीवन क सभी जञात प क जीिवत रहन क िलए ज री ह आमतौर पर जल अपनी दरव अव था म उपयोग म लाया जाता ह पर यह ठोस अव था बफर और गस अव था जल वा प या भाप प म भी पाया जाता ह प वी क लगभग तीन चौथाई िह स पर िव व क महासागर का अिधकार ह अनमानत प वी पर जल की कल मातरा लगभग 1400 िमिलयन घन िकलोमीटर ह जो िक प वी पर 3000 मीटर गहरी परत िबछा दन क िलए काफी ह तथािप जल की इस िवशाल मातरा म व छ जल का अनपात बहत कम ह प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह शष जल झील निदय वायम डल नमी मदा और वन पित म मौजद ह जल की जो मातरा उपभोग और अ य परयोग क िलए व ततः उपल ध ह वह निदय झील और भजल म उपल ध मातरा का छोटा-सा िह सा ह इसिलए जल ससाधन िवकास और परब ध की बाबत सकट इसिलए उ प न होता ह कय िक अिधकाश जल उपभोग क िलए उपल ध नही हो पाता

परभावी जल परबधन और दश का िवकास

दीपक आहजा ओएनजीसी िवदश

प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह

प ठ 34 अकषय कराित

और दसर इसका िवषमतापणर थािनक िवतरण इसकी एक अ य िविश टता ह फलतः जल का मह व वीकार िकया गया ह और इसक िकफायती परयोग तथा परब ध पर अिधक बल िदया गया ह प वी पर उपल ध जल जल-चकर क मा यम स चलायमान ह जल लगातार एक चकर म घमता रहता ह िजस जलचकर कहत ह इसम वा पीकरण वषार और बह कर सागर म पहचना शािमल ह हवा जल वा प को थल क ऊपर उसी दर स उड़ा ल जाती ह िजस गित स यह बहकर सागर म पहचाता ह जल चकर का िचतर नीच पर तत िकया गया ह

अिधकाश उपभोकताओ जस िक मन य पशओ अथवा पौध क िलए जल क सचलन की ज रत होती ह जल ससाधन की गितशील और नवीकरणीय परकित और इसक परयोग की बार बार ज रत को ि टगत रखत हए यह ज री ह िक जल ससाधन को उनकी परवाह दर क अनसार मापा जाए इस परकार जल ससाधन क दो पहल ह अिधकाश िवकासा मक ज रत क िलए परवाह क प म मािपत गितशील ससाधन अिधक परासिगक ह आरिकषत भ डार की ि थर अथवा िनयत परकित और साथ ही जल की मातरा तथा जल िनकाय क कषतर की ल बाई व म यपालन नौ सचालन आिद जस कछक िकरयाकलाप क िलए भी परासिगक ह

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 35 अकषय कराित

जल का यय अप यय जल क बार म एक नही कई च कान वाल त य ह िव व म और िवशष प स भारत म जल िकस परकार न ट होता ह इस िवषय म जो त य सामन आए ह उस पर जाग कता स यान दकर जल क अप यय को रोका जा सकता ह अनक त य ऐस ह जो हम आन वाल ख़तर स तो सावधान करत ही ह दसर स पररणा लन क िलए परो सािहत करत ह और पानी क मह व व इसक अनजान ोत की जानकारी भी दत ह प वी पर पदा होन वाली सभी वन पितया स भी हम पानी िमलता ह

आल और अनानास म 80 परितशत और टमाटर म 95 परितशत पानी ह पीन क िलए मानव को परितिदन 3 लीटर और पशओ को 50 लीटर पानी

चािहए भारत म 83 परितशत पानी खती और िसचाई क िलए उपयोग िकया जाता

ह इज़राइल म औसतन मातर 10 सटीमीटर वषार होती ह इस वषार स वह

इतना अनाज पदा कर लता ह िक वह उसका िनयारत कर सकता ह दसरी ओर भारत म औसतन 50 सटीमीटर स भी अिधक वषार होन क बावजद अनाज की कमी बनी रहती ह

िपछल 50 वष म जल क िलए 37 भीषण ह याकाड हए ह भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल

चलती ह पानी ज य रोग स िव व म हर वषर 22 लाख लोग की मौत हो जाती ह यिद बरश करत समय नल खला रह गया ह तो पाच िमनट म करीब 25

स 30 लीटर पानी बरबाद होता ह बाथ टब म नहात समय 300 स 500 लीटर पानी खचर होता ह जबिक

सामा य प स नहान म 100 स 150 लीटर पानी खचर होता ह िव व म परित 10 यिकतय म स 2 यिकतय को पीन का शदध पानी

नही िमल पाता ह परित वषर 6 अरब लीटर बोतल पक पानी मन य वारा पीन क िलए

परयकत िकया जाता ह मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 36 अकषय कराित

िद ली मबई और च नई जस महानगर म पाइप लाइन क वॉ व की खराबी क कारण रोज़ 14 स 44 परितशत पानी बकार बह जाता ह

निदया पानी का सबस बड़ा ोत ह जहा एक ओर निदय म बढ़त परदषण रोकन क िलए िवशषजञ उपाय खोज रह ह वही कल कारखान स बहत हए रसायन उ ह भारी मातरा म दिषत कर रह ह

भारत म जल सकट नासा की एक िरपोटर न पानी को लकर दश भर म बढ़ती जा रही लापरवाही क परित आख खोली ह इस िरपोटर म भारत म सख की ि थित पदा होन क िलए िज मवार कारण म स एक अहम कारण अधाधध जल दोहन को बताया गया ह बतात चल िक दश भर क 604 िजल म स 161 सख की मार झल रह ह वस अब बताया जा रहा ह िक सख की मार स बहाल िजल की सखया बढ़कर 246 हो गई ह यानी कहा जाए तो आधा दश सख की चपट म ह बहरहाल नासा की इस िरपोटर म बताया गया ह िक भारत क कई रा य कषमता स यादा जल दोहन कर रह ह यहा कषमता स ता पयर यह ह िक उनस िजतन सलाना जल दोहन की उ मीद कदर करती ह व उसस कही यादा जल दोहन कर रह ह नासा न यह अ ययन 2002 स 2008 क बीच

की ि थितय क आधार पर िकया ह इस िरपोटर म बताया गया ह िक पजाब हिरयाणा और राज थान हर साल औसतन 177 अरब कयिबक मीटर पानी जमीन क अदर स िनकाल रह ह जबिक कदर की तरफ स लगाए गए अनमान क मतािबक इ ह हर साल 132 अरब कयिबक मीटर पानी ही जमीन क अदर स िनकालना था इस तरह स दखा जाए तो य तीन रा य िमलकर कषमता स 30 फीसदी यादा पानी का दोहन कर रह ह जािहर ह िक िबना कछ सोच-िवचार जब इस पमान पर पराकितक ससाधन का दोहन िकया जाएगा तो परकित भी बदला लगी और वही हो रहा ह इस िरपोटर म यह भी बताया गया ह िक भारत का महज 58 फीसदी भजल ही हर साल िरचाजर हो पाता ह नासा की यह िरपोटर बताती ह िक अधाधध जल दोहन की वजह स पर उ तर पि चम भारत क भजल तर म हर साल 4 सटीमीटर यानी 16 इच की कमी आ रही ह इस अ ययन को अजाम दन म नासा क जल िवजञानी मट रोडल न अहम भिमका िनभाई ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 37 अकषय कराित

उनक हवाल स इस िरपोटर म बताया गया ह िक दश क उ तर पि चम कषतर म 2002 स 2008 क दौरान तकरीबन 109 कयिबक िकलोमीटर पानी की कमी हई ह यह मातरा िकतनी अिधक ह इसका अदाजा इसी स लगाया जा सकता ह िक यह अमिरका क सबस बड़ जलाशय लक मीड की कषमता स दगन स भी कही यादा ह अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह इस िरपोटर क मतािबक अगर अधाधध जल दोहन इसी तरह स जारी रहा तो आन वाल समय म भारत को अनाज और पानी क सकट को झलन क िलए अभी स तयार हो जाना चािहए जािहर ह िक जब जल सकट बढ़गा तो खती पर इसका गहरा परभाव पड़गा अनाज क उ पादन म कमी आएगी इस वजह स अनाज सकट पदा होगा और भख का एक नया चहरा उभरकर सामन आएगा एक बड़ा तबका जो आज भरपट भोजन कर पाता ह उसक िलए पट भर खाना िमलना मि कल हो जाएगा भखमरी की जो सम या पदा होगी उसस िफर िनपटना आसान नही होगा इसक अलावा पीन क पानी का टोटा तो होगा ही अभी ही दश क कई िह स ऐस ह जहा क लोग को पीन क िलए साफ पानी नही िमल पा रहा ह कई कषतर ऐस ह जहा गमीर क िदन म हडपप स पानी आना बद हो जाता ह वहा क लोग को हर साल बोिरग को कछ फट बढ़वाना होता ह यह सम या भजल तर क िगरत जान की वजह स ही पदा हई ह जब पीन क पानी का सकट पदा होगा तो बोतलबद पानी का कारोबार काफी तजी स बढ़गा कहन का मतलब यह िक िजसक पास पसा होगा वह अपनी यास बझा सकगा और िजसक पास पसा नही होगा उस अपनी यास बझान क िलए भी सघषर करना पड़गा ि थित की भयावहता की क पना ही िसहरन पदा करती ह भारत म दिनया का हर छठा आदमी रहता ह यानी कहा जाए तो दिनया क कल आबादी क तकरीबन सतरह फीसदी लोग भारत म रहत ह जबिक दिनया का महज साढ़ चार फीसदी पानी ही भारत म उपल ध ह ऐस म जल सम या स दो-चार होना कोई आनापिकषत बात नही ह एक बात तो तय ह िक पराकितक ससाधन म इजाफा तो नही िकया जा सकता ह लिकन इसका सरकषण अव य िकया जा सकता ह

अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह

प ठ 38 अकषय कराित

भारत म लोग िकसी एक मा यम स पयजल परा त करन पर िनभरर नही ह इस दश म 357 फीसदी लोग हडपप स 367 फीसदी लोग नल स 182 फीसदी लोग तालाब पोखर या झील स 56 फीसदी कओ स 12 फीसदी लोग पारपिरक साधन स और 26 फीसदी लोग अ य मा यम स पीन का पानी परा त करत ह इस िलहाज स अगर दखा जाए तो जल सकट को दर करन क िलए समगर कायरयोजना की ज रत ह

दरअसल भारत म गहरात जल सकट क िलए काफी हद तक पानी की बबारदी भी िज मवार ह यहा जल आपित र की यव था म काफी खािमया ह नल क जिरए घर तक पहचन वाल पानी का एक बड़ा िह सा िरस कर बबारद हो जाता ह हर शहर म फट हए आपित र पाइप आसानी स दख जा सकत ह इस बदहाल यव था क िलए सरकार क साथ-साथ सामा य लोग भी कम िज मदार नही ह एक तरफ तो सरकार पयजल क नाम पर हर साल हजार करोड़ पए का बजट बनाती ह और दसरी तरफ जमीनी तर पर हालात म कोई बदलाव नही िदखता ह सामािजक तौर पर भी जल सरकषण को लकर जाग कता का अभाव िदखता ह यह सामािजक तान-बान का ही असर ह िक लोग कही भी जल की बबारदी को दखकर उस सामा य घटना मानत हए नजरअदाज कर दत ह दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था यह अब घटकर 1800 कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर हो चका ह

दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था

प ठ 39 अकषय कराित

िवशषजञ का अनमान ह िक अगर पानी की खपत और बबारदी इसी तरह स जारी रही तो 2025 तक यह घटकर हजार कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर ही रह जाएगा उस समय तक पानी की उपल धता म आन वाली इस कमी की वजह स किष उ पादन म तीस फीसदी की कमी आन की सभावना ह इन पिरि थितय म दश की आिथरक और सामािजक ि थित का कया होगा इसका अदाजा सहज ही लगाया जा सकता ह भारत म जल सरकषण क परित आज भी आम लोग क मन म उपकषा का भाव बना हआ ह साथ ही इस कायर क िलए आव यक तकनीक की भी कमी ह जो तकनीक उपल ध ह उनस सामा य लोग अनजान ह बािरश क पानी का सगरह करक उस उपयोग म लाना एक अ छा िवक प ह पर इस तरह की कोिशश काफी सीिमत मातरा म काफी छोट तर पर हो रही ह यही वजह ह िक दश म होन वाली बािरश क पानी का अ सी फीसदी िह सा आज भी समदर म पहच जाता ह अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह अगर जल की इस िवशाल मातरा का आधा भी परयोग कर िलया जाए तो ि थित म यापक बदलाव आना तय ह शहरी कषतर म तो पानी की कालाबाजारी जोर पर ह जगह-जगह पर जल मािफया सिकरय हो गए ह िद ली क ही एक अखबार न कछ समय पहल यह बात उजागर िकया था यहा तो समानातर जल बोडर भी चलाया जा रहा ह हरानी की बात तो यह ह िक इसक बावजद भी पानी क काल धध पर अकश नही लगाया जा सका ह अहम सवाल यह ह िक कस सामा य तबक क लोग तक व छ पानी पहचाया जाए शहरी कषतर क साथ-साथ गरामीण कषतर म भी यह एक बड़ी चनौती ह आबादी म अपर यािशत विदध बढ़त शहरीकरण औ योिगकीकरण और किष उ पाद की बढ़ती माग क कारण पानी की माग िपछल कछ साल म वाभािवक प स बढ़ी ह इसक पिरणाम व प भजल ससाधन का अ यिधक दोहन हआ ह और इसका नतीजा हआ िक लगातार भजल का तर घटता जा रहा ह शहरी कषतर म ि थित बहद भयावह ह तदनसार वहा न कवल शीघराितशीघर जल ससाधन क सरकषण की ज रत ह बि क परभावी रणनीित और परबधन क जिरए त काल कदम उठान की ज रत ह

अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह

प ठ 40 अकषय कराित

खासकर इस बात को यान म ऱखकर िक िविभ न परितयोगी कषतर म कभी भी माग बढ़ सकती ह भिव य म उपयोग क िलए छत पर या सतह पर जलगरहण बनाकर वषारजल सरकषण बहद ज री ह यह पानी की बढ़ती ज रत का खयाल रखन िमटटी की नमी तर को बढ़ान शहरी हिरयाली को बढ़ान भजल तर को कितरम प स पनभररण करन और भजल की गणव ता स सधार का काम करता ह भारत म जल परबधन स दश का िवकास भारत म दिनया की 16 परितशत आबादी रहती ह लिकन दिनया क िसफर 4 परितशत जल ससाधन ही भारत क पास ह 3290000 वगर िकलोमीटर क भिम कषतर और एक अरब स यादा की आबादी क साथ भारत क एक बहलवादी िविवधता का िचतर ह िवशाल पराकितक ससाधन क साथ सप न तकनीकी और वजञािनक किमरय का भी यह दिनया म दसरा सबस बड़ा सम चय ह भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह मानव िवकास म 80 क दशक म लगभग 26 परितशत और 90 क दशक क दौरान और 24 परितशत क वारा सधार हआ ह आजादी क बाद छह दशक म भारत न जल ससाधन का अभतपवर िवकास और खा या न म आ मिनभररता शहरी कषतर ऊजार और औ योिगक कषतर और पीन का पानी क बिनयादी ढाच म तजी स िव तार दखा ह िजसका उपयोग भारत की लगभग 85 परितशत शहरी और गरामीण आबादी क वारा िकया जाता ह भारत म रा य सरकार और भारत सरकार क परितबदध और ठोस परयास की वजह स गरामीण और शहरी आबादी को सरिकषत पयजल को उपल ध करवान म काफी सफलता हािसल की ह इस उपलि ध न भजल की कमी जल जमावजल गणव ता िगरावट जल परदषण और बढ़त लवणता तर स बड़ कषतर को परभािवत िकया ह और अभी भी िविभ न रा य म गरामीण और शहरी भारत क मानव िवकास सचकाक (HDI)rsquo म बहत असमानता मौजद ह पानी क िलए कषतरीय माग तजी स बढ़ रह शहरीकरण की गित स बढ़ रही ह (अनमानत 2025 तक दश की आबादी का 50 परितशत स अिधक शहर म रहग) जनसखया विदध बढ़ती आय और औ योिगक िवकासशहरी भारत तजी स िवकास की माग क कदर क प म उभर रहा ह

भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह

प ठ 41 अकषय कराित

नतीजतन परित यिकत पानी की उपल धता िगर रही ह परधानमतरी की अ यकषता म 12वी योजना क िलए हई योजना आयोग की पणर बठक म दसर म क साथ जल परबधन पर िवशष चचार हई बठक क बाद योजना आयोग क उपा यकष म टक िसह अहलवािलया न कहा िक भ-जल कानन स लकर दसर म की यापक समीकषा ज री ह व यनाथन सिमित जहा वतरमान म भ-जल कानन की साथरकता का अ ययन करगी वही भारतीय अतिरकष अनसधान सगठन [इसरो] की मदद स पानी की उपल धता का िव तत अ ययन होगा म टक न कहा िक उसी आधार पर रणनीित तय होगी सरकार यह यान रखगी िक पानी का अिधकतम उपयोग हो सक और सभी को उपल ध हो पानी पर िकसी का एकािधकार न हो सक बतात ह िक द पयोग को रोकन क िलए श क लगान पर भी िवचार िकया जा सकता ह हालािक इसस पहल रा य सरकार स चचार होगी यह तय ह िक एआइबीपी कायरकरम म यापक बदलाव ह ग ी म टक िसह अहलवािलया न कहा िक वतरमान म इस कायरकरम का सही िकरया वयन नही हो रहा ह िलहाजा उसम पिरवतरन ज री ह सभव ह िक हर रा य म जल िनयामक परािधकरण बनान की शतर भी लगाई जाए उ ह न कहा िक जल परबधन की यापक समीकषा कर नई रणनीित तय की जाएगी कल िमलाकर रा टरीय तर पर वतरमान जल ससाधन का अिधक स अिधक करन क िलए माग को परा करन क िलए पयार त ह लिकन भिव य क अ ययन पिरयोजना ह िक जल आपित र की ि थित अगल आध सदी म अिधक किठन हो सकती ह जल सकट स िनपटन को जल सरकषण परबधन अिनवायर परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह बढ़त वि वक तापमान क फल व प अितवि ट अनावि ट अ पवि ट और असामियक वि ट हम परितवषर दख रह ह िजसका परभाव हमार जल ससाधन पर पड़ता िदखाई द रहा ह कओ व बाविडय का िमटता अि त व नदी-नाल का घटता पानी भ-गभर जल का िगरता तर िचता की पिरिध स िनकलकर खतर की घटी बनता जा रहा ह

निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह

प ठ 42 अकषय कराित

िव व भर म सीमट क अधाधध परयोग न धरातल क सहज अवशोषण कषतर को घटाया ह तथा जल बहाव भिम कटाव व बाढ़ म विदध की ह ऐसी ि थित म जल सरकषण का दािय व मातर वजञािनक व सरकार तक सीिमत न रहकर पर यक उपभोकता क कध पर आ जाता ह इसी दािय व क िनवरहन क िलए हमार पास दो िवक प सामन आत ह 1 वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई

उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

2 पािरवािरक तर पर वषार जल को सगरिहत कर उसका उपयोग कर य दोन ही परयास गरामीण कषतर म तो सरलता स अपनाए जा सकत ह परत शहरी कषतर म व ट वाटर मनजमट की बड़ी पिरयोजनाए बनाकर ही पानी को िरसाइिकल िकया जा सकता ह भ-गभर अिधकािधक जल अवशोिषत होकर

जाए इसक िलए मदानी भाग म िनयोिजत ढग स बड़-बड़ पोखर बनाकर तथा पहाड़ी कषतर म नाल -ख ड म िमटटी प थर आरसीसी क बड़-छोट डम लगाकर जल बहाव रोक भ-सरकषण बचाव व जल भडारण और धरातल जल शोषण कषतर बढ़ाया जा सकता ह िव व बक भारत सरकार वारा म य िहमालय जलागम पिरयोजना रा य क भ-सरकषण िवभाग इस कषतर म कारगर उपाय लकर

हमार सामन ह परत जनसहयोग क िबना इन पिरयोजनाओ क आशातीत पिरणाम ल पाना किठन ह वकषारोपण इस सपणर जल चकर को बल दन वाला कारक ह जल क परित चतना जागत न हई तो अव य ही अगल िव व यदध का कारण जल ही होगा

जल भोजन ह और अिगन भोजन का भकषक ह अिगन जल म और जल अिगन म िव यमान ह

- ततरीय उपिनषद 38

वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

प ठ 43 अकषय कराित

म भी गान गा सकता ह शबनम क िखलत फल क म भी गीत सना सकता ह सावन क म त झल क लिकन जब घर-घर म बादल छाय घोर िनराशा क तब म नगम गा रहा ह उ मीद की आशा क

सड़क पर खड़ बचपन की य बात सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह

हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

इस बदलत पिरवश का राग सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

गाधी जी क सपन का जो राम-रा य कहलाता ह उस भारत म सड़क पर छोट चाय पहचाता ह

कहा गई वो अ हड़ म ती कहा गया वो यार का रा ता उन हाथ स बचत झड िजन हाथ को चािहए ब ता

उस सोन की िचिड़या की म बात बतान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

कही बम की गमर हवाए कही ससद म कोहराम ह कही होत घोटाल स परशान आदमी आम ह

कही कल की िकलकारी ह कही सड़क पर बचपन ह कही चलता नही गजारा कही िवदश म काला धन ह

म स चाई गा-गाकर सबको बतलान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

बदलता भारत मनीष लाल इरडा

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

प ठ 44 अकषय कराित

करन वाल काम बहत ह यथर उलझन को छोड़ो म ला-पिड़त तोड़ रह ह तम बस lsquoअपन को जोड़ो

lsquoहम बदलग-यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का lsquoवद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का

वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हम बदलग mdash यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का वद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

प ठ 45 अकषय कराित

िसफर काला और सफ़द य ही वो दो रग थ जो तर पास सि ट बनान क आधार थ

काला वो जो कािलमा िलय ह िजस कहत ह दख िनराशा म य अपयश और वो सबकछ जो नकारा मक ह

मगर सफद ह वो रग िजसस जड़ा ह जीवन आशा सख और कीितर और वो सब कछ जो सकारा मक ह पर इन रग स तझ चन ना िमला त सोचन लगा अगर सि ट बनानी ह

तो िकस िलए- ससगर और परम क िलए और

इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग

ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह

बस- बना डाला तन इ दरधनष

जो बरसात क बाद सरज और प वी क अनपम परम को रग दता ह सतरगी रग स

और उ ही सतरगी इ दरधनषी रग म हम हर पल हर कषण डबत गहरात इतरात रहत ह

और खिशय भर ससार म हर रग को अलग-अलग तरह स महसस करक जीत रहत ह

रग तो रग ह मगर-

ससगर और परम क िलए और इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह बस-

सतरगी िचतर सगीता ीवा तव इरडा

प ठ 46 अकषय कराित

कभी पक क कभी फीक़ तो कछ कभी दाग बनकर उभर आत ह

कछ आख म नील बादल स छाए रहत ह तो कछ गाल पर गलाबी रग बनकर छलक जात ह

याद रहत ह अक सर वो रग- जो खदी पर इस तरह छा जात ह िक खद म घलकर खद क होन

का एहसास दत-दत खद का एक रग बन जात ह

बगनी आसामनी नीला हरा पीला नारगी लाल इ दरधनष क य सात रग ही जोड़त ह हमार िदल को

हमार मन को जोड़न वाल इन रग की सतरगी दिनया म-

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा बनाय

और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क

सतरगी िचतर

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा

बनाय और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क सतरगी िचतर

Page 19: Akshay Kranti Vol 3€¦ · पक्ष को प्रभािवत न कर e, बािधत व पीिड़त न कर eवह काय-र्कौशल है।

प ठ 19

अकषय कराित अपनी उन आदत को बनाय रखन म उ ह जो आनद िमलता ह वह पिरवतरन क ददर स यादा होता ह इसक िन निलिखत कारण हो सकत ह -- 1 पिरवतरन की इ छाशिकत का अभाव 2 पिरवतरन क िलए आव यक अनशासन की कमी 3 िव वास की कमी 4 आव यक जानकारी की कमी परबधन वारा इन िबदओ पर िवचार कर अपन किमरय म आशातीत पिरवतरन लाया जा सकता ह सामा यतः खराब आदत को न बदलन क बहान िदय जात ह और कहा जाता ह -- हम लोग इसी तरह करत ह या िक म नही समझता इसस कोई फकर पड़गा और कछ न िमला तो कह िदया जाता ह म बहत य त ह अ छी आदत का िन पण

आदत म पिरवतरन लाया जा सकता ह आव यकता ह इसक िलए सही पिरवश का िनमारण करन की कमरचािरय को परिशिकषत करन की परिरत करन की और ऐसी ि थितया उ प न करन की िजसस कमरचािरय म अ छी आदत का िन पण हो सक दरअसल सफल लोग का राज यह ह िक व काम करन की उन आदत को डाल लत ह जो असफल लोग करना नही चाहत य वही काम ह िज ह सफल लोग भी करना

नही चाहत लिकन व िफर भी करत ह उदाहरण क िलए असफल लोग अनशासन और महनत करना पसद नही करत सफल लोग भी अनशासन और कड़ी महनत नापसद करत ह लिकन व िफर भी ऐसा करत ह कय िक य लोग उन काम को करन की आदत डाल लत ह िज ह असफल लोग नही कर पात नजिरय और सोच का तरीका एक आदत ह और इस बदला जा सकता ह सही ि ट और सतलन कमरचािरय म काम क सबध म सही ि ट बनाय रखन की परवि त िवकिसत करना ज री ह जब कछ गलत हो रहा होता ह तो उस ठीक करना परबधन का ही काम होता ह समझा यह जाता ह िक परायः हम गलत हो रह काम को लकर इतन िचितत हो जात ह िक जो सही हो रहा ह उस भी अनदखा करन की हमम आदत होती ह

दरअसल सफल लोग का राज यह ह िक व काम करन की उन आदत को डाल लत ह जो असफल लोग करना नही चाहत

प ठ 20

अकषय कराित उदाहरण क िलए अगर िकसी स कोई गलती हो जाती ह तो हम एकदम उस पर िच ला पड़त ह या उसक िव दध काररवाई कर बठतहअ छा यह रहगा िक आप उस अलग ल जाकर अकल म बात कर अगर परशसा करनी हो तो सबक सामन कर

अगर िकसी स सहमित न बन तो उस पर करोध करना ज री नही ह अगर अपन करोध पर काब रखग तो लोग अपनी असहमित को अ यथा नही लग अगर आप अपन िवचार को खला रखग तो दसरी ओर स भी आप ऐस ही यवहार की अपकषा कर सकत ह परायः लोग अपनी सहमित कछ इस तरह जतात ह िक सामन वाला भी अपनी बात पर अड़ जाता ह समझन की बात यह ह िक सभी ि थितय म कवल तकर ही काफी नही होगा िकसी स असहमत होन म भी यवहार कशल होना ज री ह सबस पहल तो दसर को अपना पकष रखन का मौका द उसकी बात सन और जहा तक हो सक उसस अपनी सहमित भी परकट कर और िजन बात पर सहमित न बना सक उस समझाए

हमम स अिधकाश लोग उन किमरय और उनकी गलितय पर अ यिधक यान दत ह िजनक िलए हम काम करत ह पर अपन किमरय पर नज़र डालना भल जात ह अगर वय को उन लोग की नजर स दखा जाए तो आशातीत पिरणाम दखन को िमलत ह

आ म मथन आप कया करना चाहत ह कसा करना चाहत ह - इस सोच को

वतरमान म अपन अदर मथन करन को आ म-सझाव कहत ह एक बार सब म जब इसकी पिरपाटी श हो जाती ह तो यह हमार अदर िवजञापन की तरह काम करता ह अपन बार म अपन िलए अदर ही परचािरत करता ह इसका हमार चतन और अवचतन (Sub-concious) मन दोन पर परभाव पड़ता ह अततः यह हमार नजिरए और यवहार को परभािवत करता ह और धीर-धीर आदत का प लता ह यह दरअसल अपन अवचतन मन को ढ़ालन या परोगराम करन की िविध ह

हमम स अिधकाश लोग उन किमरय और उनकी गलितय पर अ यिधक यान दत ह िजनक िलए हम काम करत ह पर अपन किमरय पर नज़र डालना भल जात ह

प ठ 21

अकषय कराित आ म-सझाव अ छ या बर हो सकत ह जब हम बर आ म-सझाव को बार-बार दोहरात ह तब हमारा अवचतन मन उन पर िव वास करन लगता ह और हम उसी को वा तव म यवहार करन लगत ह सकारा मक आ म-सझाव को बार-बार मथन करन स उसकी हमार िदलोिदमाग म त वीर बन जाती ह और वही असिलयत का प लन लगता ह एक उदाहरण क िलए जब कभी हम सबह 0600 बज टरन पकड़नी हो और हमार पास अलामर घड़ी न हो तो हम मन म कहकर उठत ह िक 0400 बज उठना ह तो कया हम नही उठत अगर उठत ह तो इसक पीछ आ म-सझाव ही काम करता ह आ म-सझाव एक रा ता ह िजसस हम अपन िदमाग को परोगराम करक ढ़ालत ह सकारा मक आदत को िवकिसत करन म आ म-सझाव की परवि त मह वपणर िसदध हो सकती ह हमार नजिरए और आदत को तय करन वाल कारक हमार नज़िरए को मखयतः तीन कारक परभािवत करत ह - वातावरणः घर कल आिफस मीिडया सा कितक प ठभिम धािमरक प ठभिम परपराए और भाषाए सामािजक-राजनितक माहौल - य सब िमलकर एक तहजीब बनात ह चाह घर हो या आिफस या अ यतर - हर जगह हर िकसी की अपनी तहजीब होती ह उदाहरण क िलए हम एक दकान म जात ह तो वहा का स समन बड़ अदब वाला होता ह लिकन वही जब दसरी दकान पर जात ह तो वहा का स समन कभी-कभी बड़ा खा और बदतमीज िमल जाता ह उसी तरह िकसी क घर म यार भरा माहौल िमलता ह तो िकसी क घर म हमशा लड़ाई-झगड़ का इसी तरह जब सरकार और राजनीितक माहौल ईमानदारी का होता ह तो लोग भी ईमानदार मददगार और कानन का पालन करन वाल होत ह बईमान और भर ट माहौल म िजस तरह एक ईमानदार का जीना मि कल होता ह उसी तरह ईमानदारी भर माहौल म बईमान यिकत को मि कल होती ह िन सदह अ छ वातावरण म मामली कमरचारी म वमव अ छी आदत िवकिसत होती ह और उसकी कायर करन की शिकत बढ़ जाती ह जबिक खराब माहौल म अ छा काम करन वाल की भी कषमता िगर जाती ह

सकारा मक आदत को िवकिसत करन म आ म-सझाव की परवि त मह वपणर िसदध हो सकती ह

प ठ 22

अकषय कराित कायर-स कित का बहाव ऊपर स नीच की ओर होता ह नीच स ऊपर की ओर कभी नही यह दखना बहत ज री ह िक हमन अपन िलए और आस-पास क लोग क िलए कसा वातावरण तयार िकया ह खराब वातावरण म अ छ की उ मीद करना बमानी ह अनभवः हम अपन जीवन म अपन काम-काज म हालात स जसा अनभव पात ह वह हमारी आदत का िह सा बन जात ह और उसी क अनसार हमारा यवहार होता ह अगर िकसी क परित हमारा अनभव अ छा होता ह तो हमारा नज़िरया भी अ छा होता ह ज री ह िक कमरचािरय को ऐसा कायर-पिरवश िमल िजसस उनक अवचतन म अ छ अनभव की छाप अिकत हो

परिशकषण भी ज़ री यहा िसफर सदधाितक जञान ही काफी नही होता बि क औपचािरक और अनौपचािरक दोन ही तरह की िशकषा व परिशकषण ज री ह जञान और जानकारी को यिद योजनाबदध तरीक स परयोग िकया जाए तो उसस बौिदधक तर को बढ़ान म आशातीत सफलता िमलती ह काम करन की कला अ छी िशकषा स ही आती ह ज री ह िक परिशकषण म मनोवजञािनक सामािजक आिथरक व अ य पहल को समझन की आदत िवकिसत की जाए अवचतन म यह िबठाना बहत ज री ह िक जीवन की भ यता काम क वारा ही सभव ह स थान म सभी को लगना चािहए िक उनका काम मह वपणर ह यही परबधन कला का सार ह जब कमरचािरय को ऐसा एहसास होन लगता ह तो उनक नज़िरए म बदलाव आन लगता ह उपसहारः काम क परित लोग म अ छी आदत िन िपत करन और उनम उ साह जगान स कायर-िन पादन म िनरतर िनखार आता ह दरअसल हर यिकत म मानिसक और शारीिरक ऊजार उ प न होती ह िजसक िलए काम ही सबस अ छा िनकास ह एक िवचारक क अनसार lsquoआप पछत ह म लगातार काम कय करता ह

यहा िसफर सदधाितक जञान ही काफी नही होता बि क औपचािरक और अनौपचािरक दोन ही तरह की िशकषा व परिशकषण ज री ह

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अकषय कराित इसका वही कारण ह िजस कारण स मगीर अ ड दती जाती ह rsquo काम क िबना इसान घट सा जाता ह उस काम की उतनी ही ज रत होती ह िजतनी हवा की आव यकता ह िक उस सही वातावरण उपल ध करान और सही िदशा म अिभपरिरत करन की व ततः हर यिकत अदर स गिरमा और आ मस मान की चाह रखता ह आव यकता ह उस अतःपरिरत करन की लोग को खद स परिरत करन क िलए हम उनकी ज रत और इ छाओ को समझना होगा पररणा कायरकषमता और आदत क बीच सीधा सबध ह जो लोग उतना ही काम करत ह िक उनकी नौकरी बची रह तो ऐस लोग िकसी भी स थान क िलए मह वपणर नही हो सकत अतपररणा स सोच म बदलाव लाया जा सकता ह पररणा आग क समान होती ह

कमरचािरय को िजतना परिरत िकया जाएगा उनम उतनी ही सकारा मक आदत का िवकास होगा कमरचािरय को उिचत स मान दकर उनक कायर को अिधक मनोरजक बनाकर परबधन वारा उनकी बात को गौर स सनकर उनकी सम याओ और सझाव पर गौर करक उ ह वय ल य िनधारिरत करन क िलए परो सािहत करक िवकास क नय अवसर उपल ध कराकर आव यकतानसार समय-समय पर समिचत परिशकषण िदलाकर तथा नयी चनौितय स जझन क िलए परो सािहत करक िन सदह उनक आचार और यवहार को सकारा मक िदशा म पाियत िकया जा सकता ह

कमरचािरय को िजतना परिरत िकया जाएगा उनम उतनी ही सकारा मक आदत का िवकास होगा

ई-पितरका म लख आिद म परकट िवचार

मलतः लखक क ह तथा यह आव यक नही ह िक

इरडा भी इन िवचार स सहमत हो

प ठ 24

अकषय कराित

िबिटया

आख म मोती लकर तम िबिटया जाती हो हा जाओ िशकषा का उपहार द रह िवदा समय यह लो ल जाओ इन पराण म परीित त हारी ममता क धन िसदरी इन नयन की बद पली परकट करती ह मजबरी लाचारी ह िफर पराण म क य ह इतनी आकलता

जब इस रीित पर पराओ म वश न िकसी का ह चलता िपतकल को तजकर अब िबिटया पित-कल म जाना होगा

नटखटपन को छोड़ धमर का ही िजसम बाना होगा इस घर की तम बड़ी लाडली पराण स यारी िबिटया

चली लाकर आज सभी को िपता की कर सनी किटया िजन हाथ न लाड़ चाव स अब तक था िजसको पाला उन हाथ न ही िबिटया को दलह राजा जी को द डाला

िजसका दख जरा मन मला हो जाती थी हरानी क यादान उसी का कर क दय बनाया पाषाणी

िकया न जाता था पल भर को इन आख स दर िजस मोती झरत िवदा द रहा आज सकल पिरवार उस अपनी मा क जीवन की तम परित-पल हो आधार रहो

िवजयता िपता क दय मिदर की िबिटया तम साकार रही आज जीवन क सख-दख सार वही िबतान तम लो जान आओगी जब कभी यहा तम होगी महमान समान

सतीश कमार कलावत इरडा

इस घर की तम बड़ी लाडली पराण स यारी िबिटया चली लाकर आज सभी

को िपता की कर सनी किटया

प ठ 25

ससराल की कभी बराई कही न मह पर आ जाव धमर कमर क तर य पथ म पाव नही िडगन पाव

सात परितजञाय जो तमन अिग नदव स मख की धारण द पि त जीवन का मह व ह करना स च मन स पालन

बटी इन सात बचन का यान दय म रह सदा दोन कल की लाज इसी म भला न दना इस कदा पित ही ह सवर तर त हार पित ही को जीवन समझो

जो कछ कह उसी को मान उनको िबिटया तम धन समझो शीलवती तम बन िबिटया पित-भक त मना सदर िनस दह वय उपजग क प-वकष घर क अ दर

पहन सिशकषा की साड़ी को शभ गण भषण अपनाओ दस लकषण शभ लकषण धार िन य नय मगल गाओ यह िशकषा उपहार दय का तम को राह िदखायगा भल भटक कर भी अिधयारा पास न आन पायगा

हम सब की आख स मोती उर स िनकल रही आशीष सभी सख स पणर परफि लत कर त ह दलह राजा की ईश

अकषय कराित

िजन हाथ न लाड़ चाव स अब तक था िजसको पाला उन हाथ न ही िबिटया को दलह राजा जी को द डाला

प ठ 26 अकषय कराित

ldquoपयारवरणrdquo श द पिर+आवरण स बना ह अथारत बा य आवरण को ही पयारवरण कहत ह इस बा य आवरण का ता पयर हमार चार ओर क वातावरण और पिरवश स ह िजस हम दसर श द म परकित भी कह सकत ह प वी पर िव यमान सपणर जीव-जगत क अि त व जीवन-यापन एव चहमखी िवकास म परकित की मह वपणर भिमका ह मानव बिदधजीवी पराणी ह और परकित क मह व स भली-भाित पिरिचत होन क कारण ही सिदय स परकित की पजा करता रहा ह

विदक काल स ही परकित तथा मानव क बीच जीवन ततर का अटट सबध रहा ह हमार पराचीन ऋिष-मिनय न प वी म हवा पानी िमटटी पड़-पौध जीव-ज तओ और मानव क सिकरय सहयोगा मक सतलन को यान म रखकर ही परकित को प य माना धमर क साथ परकित को जोड़कर उ ह न परकित को पयार त मह व िदया व जानत थ िक िजस परकार जीवन क िलए भिम की आव यकता होती ह उसी परकार वन पितया व अ य पराणी भी आव यक ह य सभी परकित क अिभ न अग ह इनम स एक क भी न ट होन का परभाव दसर पर पड़ता ह और पिरणाम व प पराकितक असतलन पदा हो जाता ह व तत प वी म हवा पानी िमटटी पड़-पौध जीव-ज तओ और मानव का सिकरय सहयोगा मक सतलन रहता ह पड़-पौध भिम को उपजाऊ बनात ह िमटटी को बाधकर रखत ह बरसात करवान तथा जल एव वाय को व छ रखन म सहायक होत ह परत आज क बढ़त औ योिगकीकरण और शहरीकरण न परकित और मानव क बीच असतलन उ प न कर िदया ह यह असतलन अिशकषण बढ़ती जनसख या शहर की ओर पलायन वकष की कटाई गगनचबी इमारत बड़-बड़ उ योग की थापना आिद क कारण ह और यही पयारवरण परदषण क मख य कारण ह मटरोपोिलटन एव बड़ शहर म अनक काबरिनक और अकाबरिनक गस जस ndash काबरन-मोनोऑक साइड अमोिनया आिद परदषण क मख य ोत ह

वतरमान पयारवरण -21वी सदी की चनौती

लख सरीन सल

विदक काल स ही परकित तथा मानव क बीच जीवन ततर का अटट सबध रहा ह

प ठ 27 अकषय कराित मन य न अपनी भितक सख-सिवधाओ की आपित र क िलए परकरित स

िखलवाड़ िकया ह वतरमान मशीनी यग म मन य वारा परकित क अ यिधक दोहन एव िनत नए कारखान की थापना स पयारवरण सकट उ प न हआ ह मानव न परकित क साथ जो अ यायपणर यवहार िकया ह उसी क फल व प परकित का िवरोधी रवया हआ ह िजस भिव य म सह पाना मि कल होगा

अिशकषा क कारण दश की तजी स बढ़ती आबादी क आवास की मलभत आव यकता को परा करन क िलए वकष की कटाई करक ऊची-ऊची इमारत बनाई जा रही ह वकष की अधाधध कटाई स भिम की ऊवररा शिक त का तो ास हो ही रहा ह साथ ही परदषण जसी िवकराल सम या भी ज म ल रही ह

परदषण पयारवरण क ास का परमख कारण ह िवकासशील दश िनत नए उ योग की थापना करक बराजगारी की सम या को तो दर कर रह ह िकत इसस जल वाय विन तथा िविभ न परकार क परदषण बढ़ रह ह कल-कारखान और मोटर स िनकलन वाल धए स वाय परदषण हो रहा ह जल थल व नभ क मागर पर शिक त चािलत वाहन विन परदषण का मख य ोत ह शहरीकरण और औ योिगकीकरण क कारण शदध पयजल की सम या िवकराल प धारण कर रही ह कारखान स िनकलन वाल कड़-कचर क निदय म िमलन स जल परदषण हो रहा ह रासायिनक खाद और कीटनाशी दवाओ स मदा परदषण का खतरा बन गया ह

इस परकार जनसख या विदध शहरीकरण औ योिगकीकरण एव परदषण जसी सम याओ न पयारवरण को बरी तरह परभािवत िकया ह आज सपणर िव व पयारवरण को लकर िचितत ह इस भयावह ि थित स बचन क िलए पर यक यिक त को पयारवरण क परित जाग क करना आज की अिनवायर आव यकता ह

इस िदशा म सवरपरथम िनरकषरता को समा त िकया जाना चािहए साकषर भारत की पिरक पना म जनसख या विदध दर वय िनयितरत हो जाएगी करल रा य इसका परमाण ह जहा साकषरता क साथ-साथ जनसख या िनयतरण भी ह

जल थल व नभ क मागर पर शिक त चािलत वाहन विन परदषण का मख य ोत ह

प ठ 28 अकषय कराित

इसक बाद बात आती ह परदषण िनवारण की आज िव व भर क

वजञािनक और पयारवरणिवद इस िदशा म कायररत ह सवरपरथम वन क काटन पर परितबध लगाया गया ह और वन सपना क िव तार हत वकष लगान क िलए परो सािहत िकया गया इसक िलए सरकार की ओर स वकष आिद िनश क उपल ध कराए जात ह ldquoपयारवरण परदषण स थाrdquo और व छ वाय अिधिनयम जस िविधक उपाय स वाय परदषण पर रोक लगान का परयास िकया जा रहा ह जहरील धआ उगलन वाल कारखान तथा वाहन पर भारी आिथरक दड का परावधान ह िविभ न सचार मा यम mdashदरदशरन समाचार-पतर तथा आकाशवाणी क मा यम स जनता को पयारवरण क परित जाग क करन क परयास िकए जा रह ह निदय म खलन वाल परदषण ोत को बद करन की योजनाए चलाई जा रही ह पािलथीन क परयोग को बद करन क िलए चलाया जा रहा ह अिभयान भी परशसनीय ह

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह इस खतर स सपणर भमडल का अि त व न ट हो जाए इसस पहल हम पयारवरण की सरकषा करन का सक प लना होगा

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह

िस धी होन क प चात भी मझ बगाली रीित िरवाज़ िमठाइया यहा का पहनावा अगरज क ज़मान की बनी सरचनाए एव भवन इ यािद म बहत िदलच पी एव िच थी

प ठ 29 अकषय कराित

यातरा स मरण-कोलकाता-खिशय हषर का शहर(िसटी ऑफ जॉय)

सोिनया सिह वानी पीईसी िलिमटड

म पी ई सी िलिमटड नामक कपनी क िविध ककष म उप िविध परबधक क पद पर कायररत ह सन 2010 जन स इस कपनी म मन परबधन परिशकष क प म अपनी पहली नौकरी की श आत की पी ई सी िलिमटड वािण य मतरालय क अतगरत आन वाली आयात-िनयारत यापार स स बिधत क पिनय म स एक ह इस स दभर म जनवरी 2011 म िविभ न िवभाग क परबधन परिशकषओ को ओिरएटशन हत काडला कोलकाता इ यािद शहर म भजन का कायरकरम िनि चत िकया गया कोलकाता क पास हि दया पोटर होन क कारण कोलकाता शहर चना गया जहा पी ई सी वारा आयात की गयी व तए पोटर गोदाम म रखी जाती ह साथ ही म कोलकाता पोटर िभ न गोदाम इ यािद दखन की यव था की गयी एव सची म समावश िकया गया यह सनकर मरी ख़शी का िठकाना न रहा क य िक मन कोलकाता शहर क बार म सना बहत था पर त कभी दखा न था िस धी होन क प चात भी मझ बगाली रीित िरवाज़ िमठाइया यहा का पहनावा अगरज क ज़मान की बनी सरचनाए एव भवन इ यािद म बहत िदलच पी एव िच थी आिखरकार मझ मौका िमला और जनवरी की कड़ाकदार ठ ड क बीच हम एक रिववार शाम कोलकाता राजधानी स अपनी मिजल की और िनकल पड़ िद ली स कोलकाता क सफ़र क बीच हमारी गाड़ी इलाहाबाद गया िबहार तथा धनबाद जस शहर स होत हए बगाल की ओर पहची हसत-गात खलत-खात हए हम अगली सबह हावड़ा जकशन पहच गए रलगाड़ी स उतर कर टशन स बाहर िनकलत ही मझ िसटी ऑफ जॉय क नाम स मशहर कोलकाता की पहली झलक िदखाई दी ऐसा लगा मानो मझ भारत क दो पहल एकसाथ जीत हए नज़र आए एक तरफ थ टशन स बाहर एव अ दर जात हए स दर कपड़ गहन म लद हए कोलकाता क बगाली िनवासी साथ म बड़ी-बड़ी गािड़य म घमत कोलकाता क नौजवान और ठीक दसरी तरफ मरी नज़र पड़ी हगली नदी पर बन परिसदध हावड़ा िबरज पर िजस दख एक अलग ही दिनया का एहसास हआ

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह

िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी

एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया नतीजा मर समकष था

प ठ 30 अकषय कराित

हावड़ा िबरज पर हर तरफ लोग का जमावड़ा था इतन लोग दख िद ली क चादनी चौक की याद आ गयी ऐसा लगा मानो म 50 साल पीछ िकसी लक एव वाईट दिनया म कदम रख चकी थी िबरज क दोन तरफ सामान बचत हए दकानदार िखलौन मछली रख हए औरत एव छोट-छोट ब च मख य शहर स हावड़ा जान वाल आम आदमी मजदर की तज़ र तार फरी स र ता पार करन वाल यापारी इन सब को दख लगा कोलकाता म मबई जसी भागम भाग भी थी िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया नतीजा मर समकष था जस-जस म कोलकाता शहर क भीतर आन लगी मझ इस शहर क िवकास की झलक िदखाई दी एक तरफ थी ऊची ईमारत सदर िवशाल िव यासागर सत पल बड़-बड़ होटल माल कोलकाता उ च यायालय राईटसर िबि डग मशहर इडन गाडरन टिडयम इ यािद तो दसरी तरफ था िवक टोिरया ममोिरयल अगरज की वा तकला क अनसार िदखती लाल ईटो की इमारत िवक टोिरयल सरचनाए भवन छोटी-छोटी पटिरय पर समान बचत नया बाज़ार (New Market) क दकानदार एव िवक टोिरया ममोिरयल क बाहर चलत सलािनय क िलए रथ वाल घोड़ हमारा होटल जसीबोस सड़क पर ि थत था एव सिवधाओ स भरपर था पर त मन य जाना िक असली कोलकाता का मज़ा गाड़ी म नही अथवा िरक शा ऑटो तथा साल स चलती आ रही सड़क पर टराम म था

हर तरफ मझ पील रग की टिक सया िदखाई दी सब एक समान थी तथा मरसीडीज़ गाड़ी क बगल म चलती 1-2 पय म सफ़र की जान वाली टराम भी साथ िदखाई दी परी िजदगी िद ली म यतीत करन क बाद हर नए शहर का रहन-सहन बोल-चाल रीित-िरवाज़ जानन की जाग कता मझम हमशा रही पहल ही िदन स कोलकाता मझ रास आया जस िक कहत ह lsquoकोलकाता हमार खब भाला लागली छ rsquo कहन का ता पयर य िक मझ कोलकाता बहत अ छा लगा पहल िदन िक शाम को हमन य मािकर ट म खरीददारी करन का मन बनाया म हरान थी िक वहा चीज िकतनी स ती िमल रही थी िद ली क मतािबक एक ितहाई दाम पर चिडया गहन बग जत कत इ यािद िमल

िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया

प ठ 31 अकषय कराित य मािकर ट िद ली क लाजपत एव सरोिजनी नगर समान ह कम

दाम म अ छा समान िमला कोलकाता चमड़ क िलए भी मशहर ह एव परिसदध ी लदसर दकान भी इस बाज़ार म ि थत ह यहा खरीदारी का हमन खब ल फ़ उठाया

अगल िदन हम हि दया पोटर गए एव अनक जहाज़ दख 3-4 घट की दरी पर ि थत यह पोटर अनक एकड़ म फला हआ था पहली बार इतन बड़ जहाज़ को अदर स दख खब आनद आया तीसर िदन हम काली बाड़ी मिदर गए बगाली अ यत पाठ-पजा वाल दगार मा क स च उपासक ह यह सब जानत ह दगार पजा इनका लोकिपरय उ सव ह तथा काली मा एव दगार मा की स च मन स पजा करत ह कोलकाता क िनवासी भिक त भावपणर ह यह सना था अब खद दख भी िलया बगाली र म स पजा करन का य मौका अ यत आनदमयी था इसक अलावा काली बाड़ी क नज़दीक ही ि थत ह गौिरहाट बाज़ार यहा की दकान बगाली सािड़या कपड़ सट कत इ यािद क िलए परिसदध ह आिद धक तशवर नामक मशहर दकान म जाकर मरा भी मन िकया िक म भी खरीददारी क मर सािथय न बहत सािड़या खरीदी एव दाम दखकर म दग रह गई सदर स सदर साड़ी मातर 600700 पय की थी मन बगाल की मशहर लाल एव सफद िपरट की साड़ी भी खरीदी कोलकाता म खरीददारी का अलग की मज़ा ह उसी िदन शाम हम सा ट लक िसटी मॉल गए वह सा ट लक टिडयम क नज़दीक ह यहा िदखाई िदया कोलकाता का परगितशील प नौजवान फटबाल की जसीर पहन माल म घम रह थ एक स एक

मशहर बरड वहा मौजद थ इसक अलावा कोलकाता क िनवासी खब मनोरजन क शौक़ीन ह सगीत नाच गाना इ यादी म िच रखत ह कोलकाता म जगह-जगह सगीत कला अकडमी तथा पढ़न (रीिडग) क क लब ह अगरज क शौक तथा रहन-सहन की झलक आज भी यहा िदखती ह यहा क नौजवान को खल-कद म भी खब िदलच पी ह फटबाल का तो जस यहॉ सबको जनन ह

भारत क परिसदध मोहन बगान फटबाल क लब फटबाल क वहा क नौजवान ही नही परा शहर ही दीवाना ह भारत-पाक मच हो या आई पी एल इडन गाडरन मदान लोग स खचा-खच भरा रहता ह अफ़सोस म वहा अदर जा न सकी

इसक अलावा काली बाड़ी क नज़दीक ही ि थत ह गौिरहाट बाज़ार यहा की दकान बगाली सािडया कपड़ सट कत इ यािद क िलए परिसदध ह

प ठ 32 अकषय कराित

मर सफर क आखरी िदन म मन कोलकाता क लोग म एकता क नजार दख िविभ नता म भी एकता का उदाहरण दखा चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख िजस िदन हम कोलकाता पहच थ उसी िदन वहा शहर बद था और मन एक जट होकर लोग को अपनी बात कहत हए दखा एव सना यहा क लोग अपन शहर क िवकास बहतरी क िलए जाग क ह िज मदारी लत ह तथा सरकार को अपनी बात भली-भाित कहत ह लड़िकय औरत की इ ज़त करत ह एव यहा िक मिहलाओ को मन िनदरलीय पाया जहा एक ओर भारत की राजधानी होन क बावजद िद ली वाल अपनी िजदगी म मगन रहत ह वही दसरी और कोलकाता म अमीरी-गरीबी िभ न जाितय म भी एक जटता ह कपड़ा एव खाना आज भी यहा खब स ता िमलता ह पर त दसरी तरफ सब जानत ह िक बड़-बड़ उ योगपित िव वान लखक िखलाड़ी गायक अिभनता िनदशक यहा स उभर ह सािह य हो या लख बॉलीवड हो या िकरकट बगाल न भारत को अनक नाम एव गौरव िदए ह चाह सौरव दादा हो या रिव दर नाथ टगोर ममता बनजीर रानी मखजीर हो या योित बस भारत म इनकी भिमका का वणरन करन की ज रत नही

मन कछ िदन क कोलकाता क सफर म इस शहर को जानन समझन का परयास िकया हगली नदी क िकनार खड़ होकर समदर को दखा निदय को िनहारा िव यासागर सत िबरज की सदरता िवशालता को सराहा क सी दास की परिसदध िमठाई का ल फ उठाया मन बहत शहर घम पर त यह सफर मर िलए सबस यादगार रहा कोलकाता परगित क मागर पर िनरतर बढ़ रहा ह पर त आज भी वह अपनी जड़ नितक म य को नही भला ह एक आम आदमी आज भी टराम म या फरी स सफर करता ह यहा क िनवासी दो पय स लकर 500 ० का खाना खात ह पराना एव नया कोलकाता एक साथ जीिवत ह िसक क क दो पहल की तरह कोलकाता क यह दो प को एक साथ रहत दख बहत आनद आया

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 33 अकषय कराित

जल परकित का अनपम उपहार ह मानव जाित अपन परादभारवकाल स ही इस उपहार का उपयोग अपन िहत क िलए करती आई ह जल वह पराकितक उपहार ह िजसका कोई िवक प नही ह इसिलए जल को अमतया जीवन भी कहा गया ह जल क िबना जीवन की सभावना भी नही ह पर यकष प स तो जल की मानवीय आव यकता सीिमत ह परत परोकष आव यकताओ पर नजर डाल तो दिनक जीवन की आव यकताए जस अ न फल स जी दध स लकर हमार पहराव आवास तक सब जल स जड़ हजल का जरा भी सतलन िबगड़ जाए तो जीवन यापन क टपरद होन म दर नही परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह जल क सामा य त य जल या पानी एक आम रासायिनक पदाथर ह जो जीवन क सभी जञात प क जीिवत रहन क िलए ज री ह आमतौर पर जल अपनी दरव अव था म उपयोग म लाया जाता ह पर यह ठोस अव था बफर और गस अव था जल वा प या भाप प म भी पाया जाता ह प वी क लगभग तीन चौथाई िह स पर िव व क महासागर का अिधकार ह अनमानत प वी पर जल की कल मातरा लगभग 1400 िमिलयन घन िकलोमीटर ह जो िक प वी पर 3000 मीटर गहरी परत िबछा दन क िलए काफी ह तथािप जल की इस िवशाल मातरा म व छ जल का अनपात बहत कम ह प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह शष जल झील निदय वायम डल नमी मदा और वन पित म मौजद ह जल की जो मातरा उपभोग और अ य परयोग क िलए व ततः उपल ध ह वह निदय झील और भजल म उपल ध मातरा का छोटा-सा िह सा ह इसिलए जल ससाधन िवकास और परब ध की बाबत सकट इसिलए उ प न होता ह कय िक अिधकाश जल उपभोग क िलए उपल ध नही हो पाता

परभावी जल परबधन और दश का िवकास

दीपक आहजा ओएनजीसी िवदश

प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह

प ठ 34 अकषय कराित

और दसर इसका िवषमतापणर थािनक िवतरण इसकी एक अ य िविश टता ह फलतः जल का मह व वीकार िकया गया ह और इसक िकफायती परयोग तथा परब ध पर अिधक बल िदया गया ह प वी पर उपल ध जल जल-चकर क मा यम स चलायमान ह जल लगातार एक चकर म घमता रहता ह िजस जलचकर कहत ह इसम वा पीकरण वषार और बह कर सागर म पहचना शािमल ह हवा जल वा प को थल क ऊपर उसी दर स उड़ा ल जाती ह िजस गित स यह बहकर सागर म पहचाता ह जल चकर का िचतर नीच पर तत िकया गया ह

अिधकाश उपभोकताओ जस िक मन य पशओ अथवा पौध क िलए जल क सचलन की ज रत होती ह जल ससाधन की गितशील और नवीकरणीय परकित और इसक परयोग की बार बार ज रत को ि टगत रखत हए यह ज री ह िक जल ससाधन को उनकी परवाह दर क अनसार मापा जाए इस परकार जल ससाधन क दो पहल ह अिधकाश िवकासा मक ज रत क िलए परवाह क प म मािपत गितशील ससाधन अिधक परासिगक ह आरिकषत भ डार की ि थर अथवा िनयत परकित और साथ ही जल की मातरा तथा जल िनकाय क कषतर की ल बाई व म यपालन नौ सचालन आिद जस कछक िकरयाकलाप क िलए भी परासिगक ह

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 35 अकषय कराित

जल का यय अप यय जल क बार म एक नही कई च कान वाल त य ह िव व म और िवशष प स भारत म जल िकस परकार न ट होता ह इस िवषय म जो त य सामन आए ह उस पर जाग कता स यान दकर जल क अप यय को रोका जा सकता ह अनक त य ऐस ह जो हम आन वाल ख़तर स तो सावधान करत ही ह दसर स पररणा लन क िलए परो सािहत करत ह और पानी क मह व व इसक अनजान ोत की जानकारी भी दत ह प वी पर पदा होन वाली सभी वन पितया स भी हम पानी िमलता ह

आल और अनानास म 80 परितशत और टमाटर म 95 परितशत पानी ह पीन क िलए मानव को परितिदन 3 लीटर और पशओ को 50 लीटर पानी

चािहए भारत म 83 परितशत पानी खती और िसचाई क िलए उपयोग िकया जाता

ह इज़राइल म औसतन मातर 10 सटीमीटर वषार होती ह इस वषार स वह

इतना अनाज पदा कर लता ह िक वह उसका िनयारत कर सकता ह दसरी ओर भारत म औसतन 50 सटीमीटर स भी अिधक वषार होन क बावजद अनाज की कमी बनी रहती ह

िपछल 50 वष म जल क िलए 37 भीषण ह याकाड हए ह भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल

चलती ह पानी ज य रोग स िव व म हर वषर 22 लाख लोग की मौत हो जाती ह यिद बरश करत समय नल खला रह गया ह तो पाच िमनट म करीब 25

स 30 लीटर पानी बरबाद होता ह बाथ टब म नहात समय 300 स 500 लीटर पानी खचर होता ह जबिक

सामा य प स नहान म 100 स 150 लीटर पानी खचर होता ह िव व म परित 10 यिकतय म स 2 यिकतय को पीन का शदध पानी

नही िमल पाता ह परित वषर 6 अरब लीटर बोतल पक पानी मन य वारा पीन क िलए

परयकत िकया जाता ह मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 36 अकषय कराित

िद ली मबई और च नई जस महानगर म पाइप लाइन क वॉ व की खराबी क कारण रोज़ 14 स 44 परितशत पानी बकार बह जाता ह

निदया पानी का सबस बड़ा ोत ह जहा एक ओर निदय म बढ़त परदषण रोकन क िलए िवशषजञ उपाय खोज रह ह वही कल कारखान स बहत हए रसायन उ ह भारी मातरा म दिषत कर रह ह

भारत म जल सकट नासा की एक िरपोटर न पानी को लकर दश भर म बढ़ती जा रही लापरवाही क परित आख खोली ह इस िरपोटर म भारत म सख की ि थित पदा होन क िलए िज मवार कारण म स एक अहम कारण अधाधध जल दोहन को बताया गया ह बतात चल िक दश भर क 604 िजल म स 161 सख की मार झल रह ह वस अब बताया जा रहा ह िक सख की मार स बहाल िजल की सखया बढ़कर 246 हो गई ह यानी कहा जाए तो आधा दश सख की चपट म ह बहरहाल नासा की इस िरपोटर म बताया गया ह िक भारत क कई रा य कषमता स यादा जल दोहन कर रह ह यहा कषमता स ता पयर यह ह िक उनस िजतन सलाना जल दोहन की उ मीद कदर करती ह व उसस कही यादा जल दोहन कर रह ह नासा न यह अ ययन 2002 स 2008 क बीच

की ि थितय क आधार पर िकया ह इस िरपोटर म बताया गया ह िक पजाब हिरयाणा और राज थान हर साल औसतन 177 अरब कयिबक मीटर पानी जमीन क अदर स िनकाल रह ह जबिक कदर की तरफ स लगाए गए अनमान क मतािबक इ ह हर साल 132 अरब कयिबक मीटर पानी ही जमीन क अदर स िनकालना था इस तरह स दखा जाए तो य तीन रा य िमलकर कषमता स 30 फीसदी यादा पानी का दोहन कर रह ह जािहर ह िक िबना कछ सोच-िवचार जब इस पमान पर पराकितक ससाधन का दोहन िकया जाएगा तो परकित भी बदला लगी और वही हो रहा ह इस िरपोटर म यह भी बताया गया ह िक भारत का महज 58 फीसदी भजल ही हर साल िरचाजर हो पाता ह नासा की यह िरपोटर बताती ह िक अधाधध जल दोहन की वजह स पर उ तर पि चम भारत क भजल तर म हर साल 4 सटीमीटर यानी 16 इच की कमी आ रही ह इस अ ययन को अजाम दन म नासा क जल िवजञानी मट रोडल न अहम भिमका िनभाई ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 37 अकषय कराित

उनक हवाल स इस िरपोटर म बताया गया ह िक दश क उ तर पि चम कषतर म 2002 स 2008 क दौरान तकरीबन 109 कयिबक िकलोमीटर पानी की कमी हई ह यह मातरा िकतनी अिधक ह इसका अदाजा इसी स लगाया जा सकता ह िक यह अमिरका क सबस बड़ जलाशय लक मीड की कषमता स दगन स भी कही यादा ह अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह इस िरपोटर क मतािबक अगर अधाधध जल दोहन इसी तरह स जारी रहा तो आन वाल समय म भारत को अनाज और पानी क सकट को झलन क िलए अभी स तयार हो जाना चािहए जािहर ह िक जब जल सकट बढ़गा तो खती पर इसका गहरा परभाव पड़गा अनाज क उ पादन म कमी आएगी इस वजह स अनाज सकट पदा होगा और भख का एक नया चहरा उभरकर सामन आएगा एक बड़ा तबका जो आज भरपट भोजन कर पाता ह उसक िलए पट भर खाना िमलना मि कल हो जाएगा भखमरी की जो सम या पदा होगी उसस िफर िनपटना आसान नही होगा इसक अलावा पीन क पानी का टोटा तो होगा ही अभी ही दश क कई िह स ऐस ह जहा क लोग को पीन क िलए साफ पानी नही िमल पा रहा ह कई कषतर ऐस ह जहा गमीर क िदन म हडपप स पानी आना बद हो जाता ह वहा क लोग को हर साल बोिरग को कछ फट बढ़वाना होता ह यह सम या भजल तर क िगरत जान की वजह स ही पदा हई ह जब पीन क पानी का सकट पदा होगा तो बोतलबद पानी का कारोबार काफी तजी स बढ़गा कहन का मतलब यह िक िजसक पास पसा होगा वह अपनी यास बझा सकगा और िजसक पास पसा नही होगा उस अपनी यास बझान क िलए भी सघषर करना पड़गा ि थित की भयावहता की क पना ही िसहरन पदा करती ह भारत म दिनया का हर छठा आदमी रहता ह यानी कहा जाए तो दिनया क कल आबादी क तकरीबन सतरह फीसदी लोग भारत म रहत ह जबिक दिनया का महज साढ़ चार फीसदी पानी ही भारत म उपल ध ह ऐस म जल सम या स दो-चार होना कोई आनापिकषत बात नही ह एक बात तो तय ह िक पराकितक ससाधन म इजाफा तो नही िकया जा सकता ह लिकन इसका सरकषण अव य िकया जा सकता ह

अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह

प ठ 38 अकषय कराित

भारत म लोग िकसी एक मा यम स पयजल परा त करन पर िनभरर नही ह इस दश म 357 फीसदी लोग हडपप स 367 फीसदी लोग नल स 182 फीसदी लोग तालाब पोखर या झील स 56 फीसदी कओ स 12 फीसदी लोग पारपिरक साधन स और 26 फीसदी लोग अ य मा यम स पीन का पानी परा त करत ह इस िलहाज स अगर दखा जाए तो जल सकट को दर करन क िलए समगर कायरयोजना की ज रत ह

दरअसल भारत म गहरात जल सकट क िलए काफी हद तक पानी की बबारदी भी िज मवार ह यहा जल आपित र की यव था म काफी खािमया ह नल क जिरए घर तक पहचन वाल पानी का एक बड़ा िह सा िरस कर बबारद हो जाता ह हर शहर म फट हए आपित र पाइप आसानी स दख जा सकत ह इस बदहाल यव था क िलए सरकार क साथ-साथ सामा य लोग भी कम िज मदार नही ह एक तरफ तो सरकार पयजल क नाम पर हर साल हजार करोड़ पए का बजट बनाती ह और दसरी तरफ जमीनी तर पर हालात म कोई बदलाव नही िदखता ह सामािजक तौर पर भी जल सरकषण को लकर जाग कता का अभाव िदखता ह यह सामािजक तान-बान का ही असर ह िक लोग कही भी जल की बबारदी को दखकर उस सामा य घटना मानत हए नजरअदाज कर दत ह दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था यह अब घटकर 1800 कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर हो चका ह

दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था

प ठ 39 अकषय कराित

िवशषजञ का अनमान ह िक अगर पानी की खपत और बबारदी इसी तरह स जारी रही तो 2025 तक यह घटकर हजार कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर ही रह जाएगा उस समय तक पानी की उपल धता म आन वाली इस कमी की वजह स किष उ पादन म तीस फीसदी की कमी आन की सभावना ह इन पिरि थितय म दश की आिथरक और सामािजक ि थित का कया होगा इसका अदाजा सहज ही लगाया जा सकता ह भारत म जल सरकषण क परित आज भी आम लोग क मन म उपकषा का भाव बना हआ ह साथ ही इस कायर क िलए आव यक तकनीक की भी कमी ह जो तकनीक उपल ध ह उनस सामा य लोग अनजान ह बािरश क पानी का सगरह करक उस उपयोग म लाना एक अ छा िवक प ह पर इस तरह की कोिशश काफी सीिमत मातरा म काफी छोट तर पर हो रही ह यही वजह ह िक दश म होन वाली बािरश क पानी का अ सी फीसदी िह सा आज भी समदर म पहच जाता ह अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह अगर जल की इस िवशाल मातरा का आधा भी परयोग कर िलया जाए तो ि थित म यापक बदलाव आना तय ह शहरी कषतर म तो पानी की कालाबाजारी जोर पर ह जगह-जगह पर जल मािफया सिकरय हो गए ह िद ली क ही एक अखबार न कछ समय पहल यह बात उजागर िकया था यहा तो समानातर जल बोडर भी चलाया जा रहा ह हरानी की बात तो यह ह िक इसक बावजद भी पानी क काल धध पर अकश नही लगाया जा सका ह अहम सवाल यह ह िक कस सामा य तबक क लोग तक व छ पानी पहचाया जाए शहरी कषतर क साथ-साथ गरामीण कषतर म भी यह एक बड़ी चनौती ह आबादी म अपर यािशत विदध बढ़त शहरीकरण औ योिगकीकरण और किष उ पाद की बढ़ती माग क कारण पानी की माग िपछल कछ साल म वाभािवक प स बढ़ी ह इसक पिरणाम व प भजल ससाधन का अ यिधक दोहन हआ ह और इसका नतीजा हआ िक लगातार भजल का तर घटता जा रहा ह शहरी कषतर म ि थित बहद भयावह ह तदनसार वहा न कवल शीघराितशीघर जल ससाधन क सरकषण की ज रत ह बि क परभावी रणनीित और परबधन क जिरए त काल कदम उठान की ज रत ह

अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह

प ठ 40 अकषय कराित

खासकर इस बात को यान म ऱखकर िक िविभ न परितयोगी कषतर म कभी भी माग बढ़ सकती ह भिव य म उपयोग क िलए छत पर या सतह पर जलगरहण बनाकर वषारजल सरकषण बहद ज री ह यह पानी की बढ़ती ज रत का खयाल रखन िमटटी की नमी तर को बढ़ान शहरी हिरयाली को बढ़ान भजल तर को कितरम प स पनभररण करन और भजल की गणव ता स सधार का काम करता ह भारत म जल परबधन स दश का िवकास भारत म दिनया की 16 परितशत आबादी रहती ह लिकन दिनया क िसफर 4 परितशत जल ससाधन ही भारत क पास ह 3290000 वगर िकलोमीटर क भिम कषतर और एक अरब स यादा की आबादी क साथ भारत क एक बहलवादी िविवधता का िचतर ह िवशाल पराकितक ससाधन क साथ सप न तकनीकी और वजञािनक किमरय का भी यह दिनया म दसरा सबस बड़ा सम चय ह भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह मानव िवकास म 80 क दशक म लगभग 26 परितशत और 90 क दशक क दौरान और 24 परितशत क वारा सधार हआ ह आजादी क बाद छह दशक म भारत न जल ससाधन का अभतपवर िवकास और खा या न म आ मिनभररता शहरी कषतर ऊजार और औ योिगक कषतर और पीन का पानी क बिनयादी ढाच म तजी स िव तार दखा ह िजसका उपयोग भारत की लगभग 85 परितशत शहरी और गरामीण आबादी क वारा िकया जाता ह भारत म रा य सरकार और भारत सरकार क परितबदध और ठोस परयास की वजह स गरामीण और शहरी आबादी को सरिकषत पयजल को उपल ध करवान म काफी सफलता हािसल की ह इस उपलि ध न भजल की कमी जल जमावजल गणव ता िगरावट जल परदषण और बढ़त लवणता तर स बड़ कषतर को परभािवत िकया ह और अभी भी िविभ न रा य म गरामीण और शहरी भारत क मानव िवकास सचकाक (HDI)rsquo म बहत असमानता मौजद ह पानी क िलए कषतरीय माग तजी स बढ़ रह शहरीकरण की गित स बढ़ रही ह (अनमानत 2025 तक दश की आबादी का 50 परितशत स अिधक शहर म रहग) जनसखया विदध बढ़ती आय और औ योिगक िवकासशहरी भारत तजी स िवकास की माग क कदर क प म उभर रहा ह

भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह

प ठ 41 अकषय कराित

नतीजतन परित यिकत पानी की उपल धता िगर रही ह परधानमतरी की अ यकषता म 12वी योजना क िलए हई योजना आयोग की पणर बठक म दसर म क साथ जल परबधन पर िवशष चचार हई बठक क बाद योजना आयोग क उपा यकष म टक िसह अहलवािलया न कहा िक भ-जल कानन स लकर दसर म की यापक समीकषा ज री ह व यनाथन सिमित जहा वतरमान म भ-जल कानन की साथरकता का अ ययन करगी वही भारतीय अतिरकष अनसधान सगठन [इसरो] की मदद स पानी की उपल धता का िव तत अ ययन होगा म टक न कहा िक उसी आधार पर रणनीित तय होगी सरकार यह यान रखगी िक पानी का अिधकतम उपयोग हो सक और सभी को उपल ध हो पानी पर िकसी का एकािधकार न हो सक बतात ह िक द पयोग को रोकन क िलए श क लगान पर भी िवचार िकया जा सकता ह हालािक इसस पहल रा य सरकार स चचार होगी यह तय ह िक एआइबीपी कायरकरम म यापक बदलाव ह ग ी म टक िसह अहलवािलया न कहा िक वतरमान म इस कायरकरम का सही िकरया वयन नही हो रहा ह िलहाजा उसम पिरवतरन ज री ह सभव ह िक हर रा य म जल िनयामक परािधकरण बनान की शतर भी लगाई जाए उ ह न कहा िक जल परबधन की यापक समीकषा कर नई रणनीित तय की जाएगी कल िमलाकर रा टरीय तर पर वतरमान जल ससाधन का अिधक स अिधक करन क िलए माग को परा करन क िलए पयार त ह लिकन भिव य क अ ययन पिरयोजना ह िक जल आपित र की ि थित अगल आध सदी म अिधक किठन हो सकती ह जल सकट स िनपटन को जल सरकषण परबधन अिनवायर परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह बढ़त वि वक तापमान क फल व प अितवि ट अनावि ट अ पवि ट और असामियक वि ट हम परितवषर दख रह ह िजसका परभाव हमार जल ससाधन पर पड़ता िदखाई द रहा ह कओ व बाविडय का िमटता अि त व नदी-नाल का घटता पानी भ-गभर जल का िगरता तर िचता की पिरिध स िनकलकर खतर की घटी बनता जा रहा ह

निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह

प ठ 42 अकषय कराित

िव व भर म सीमट क अधाधध परयोग न धरातल क सहज अवशोषण कषतर को घटाया ह तथा जल बहाव भिम कटाव व बाढ़ म विदध की ह ऐसी ि थित म जल सरकषण का दािय व मातर वजञािनक व सरकार तक सीिमत न रहकर पर यक उपभोकता क कध पर आ जाता ह इसी दािय व क िनवरहन क िलए हमार पास दो िवक प सामन आत ह 1 वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई

उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

2 पािरवािरक तर पर वषार जल को सगरिहत कर उसका उपयोग कर य दोन ही परयास गरामीण कषतर म तो सरलता स अपनाए जा सकत ह परत शहरी कषतर म व ट वाटर मनजमट की बड़ी पिरयोजनाए बनाकर ही पानी को िरसाइिकल िकया जा सकता ह भ-गभर अिधकािधक जल अवशोिषत होकर

जाए इसक िलए मदानी भाग म िनयोिजत ढग स बड़-बड़ पोखर बनाकर तथा पहाड़ी कषतर म नाल -ख ड म िमटटी प थर आरसीसी क बड़-छोट डम लगाकर जल बहाव रोक भ-सरकषण बचाव व जल भडारण और धरातल जल शोषण कषतर बढ़ाया जा सकता ह िव व बक भारत सरकार वारा म य िहमालय जलागम पिरयोजना रा य क भ-सरकषण िवभाग इस कषतर म कारगर उपाय लकर

हमार सामन ह परत जनसहयोग क िबना इन पिरयोजनाओ क आशातीत पिरणाम ल पाना किठन ह वकषारोपण इस सपणर जल चकर को बल दन वाला कारक ह जल क परित चतना जागत न हई तो अव य ही अगल िव व यदध का कारण जल ही होगा

जल भोजन ह और अिगन भोजन का भकषक ह अिगन जल म और जल अिगन म िव यमान ह

- ततरीय उपिनषद 38

वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

प ठ 43 अकषय कराित

म भी गान गा सकता ह शबनम क िखलत फल क म भी गीत सना सकता ह सावन क म त झल क लिकन जब घर-घर म बादल छाय घोर िनराशा क तब म नगम गा रहा ह उ मीद की आशा क

सड़क पर खड़ बचपन की य बात सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह

हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

इस बदलत पिरवश का राग सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

गाधी जी क सपन का जो राम-रा य कहलाता ह उस भारत म सड़क पर छोट चाय पहचाता ह

कहा गई वो अ हड़ म ती कहा गया वो यार का रा ता उन हाथ स बचत झड िजन हाथ को चािहए ब ता

उस सोन की िचिड़या की म बात बतान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

कही बम की गमर हवाए कही ससद म कोहराम ह कही होत घोटाल स परशान आदमी आम ह

कही कल की िकलकारी ह कही सड़क पर बचपन ह कही चलता नही गजारा कही िवदश म काला धन ह

म स चाई गा-गाकर सबको बतलान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

बदलता भारत मनीष लाल इरडा

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

प ठ 44 अकषय कराित

करन वाल काम बहत ह यथर उलझन को छोड़ो म ला-पिड़त तोड़ रह ह तम बस lsquoअपन को जोड़ो

lsquoहम बदलग-यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का lsquoवद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का

वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हम बदलग mdash यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का वद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

प ठ 45 अकषय कराित

िसफर काला और सफ़द य ही वो दो रग थ जो तर पास सि ट बनान क आधार थ

काला वो जो कािलमा िलय ह िजस कहत ह दख िनराशा म य अपयश और वो सबकछ जो नकारा मक ह

मगर सफद ह वो रग िजसस जड़ा ह जीवन आशा सख और कीितर और वो सब कछ जो सकारा मक ह पर इन रग स तझ चन ना िमला त सोचन लगा अगर सि ट बनानी ह

तो िकस िलए- ससगर और परम क िलए और

इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग

ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह

बस- बना डाला तन इ दरधनष

जो बरसात क बाद सरज और प वी क अनपम परम को रग दता ह सतरगी रग स

और उ ही सतरगी इ दरधनषी रग म हम हर पल हर कषण डबत गहरात इतरात रहत ह

और खिशय भर ससार म हर रग को अलग-अलग तरह स महसस करक जीत रहत ह

रग तो रग ह मगर-

ससगर और परम क िलए और इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह बस-

सतरगी िचतर सगीता ीवा तव इरडा

प ठ 46 अकषय कराित

कभी पक क कभी फीक़ तो कछ कभी दाग बनकर उभर आत ह

कछ आख म नील बादल स छाए रहत ह तो कछ गाल पर गलाबी रग बनकर छलक जात ह

याद रहत ह अक सर वो रग- जो खदी पर इस तरह छा जात ह िक खद म घलकर खद क होन

का एहसास दत-दत खद का एक रग बन जात ह

बगनी आसामनी नीला हरा पीला नारगी लाल इ दरधनष क य सात रग ही जोड़त ह हमार िदल को

हमार मन को जोड़न वाल इन रग की सतरगी दिनया म-

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा बनाय

और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क

सतरगी िचतर

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा

बनाय और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क सतरगी िचतर

Page 20: Akshay Kranti Vol 3€¦ · पक्ष को प्रभािवत न कर e, बािधत व पीिड़त न कर eवह काय-र्कौशल है।

प ठ 20

अकषय कराित उदाहरण क िलए अगर िकसी स कोई गलती हो जाती ह तो हम एकदम उस पर िच ला पड़त ह या उसक िव दध काररवाई कर बठतहअ छा यह रहगा िक आप उस अलग ल जाकर अकल म बात कर अगर परशसा करनी हो तो सबक सामन कर

अगर िकसी स सहमित न बन तो उस पर करोध करना ज री नही ह अगर अपन करोध पर काब रखग तो लोग अपनी असहमित को अ यथा नही लग अगर आप अपन िवचार को खला रखग तो दसरी ओर स भी आप ऐस ही यवहार की अपकषा कर सकत ह परायः लोग अपनी सहमित कछ इस तरह जतात ह िक सामन वाला भी अपनी बात पर अड़ जाता ह समझन की बात यह ह िक सभी ि थितय म कवल तकर ही काफी नही होगा िकसी स असहमत होन म भी यवहार कशल होना ज री ह सबस पहल तो दसर को अपना पकष रखन का मौका द उसकी बात सन और जहा तक हो सक उसस अपनी सहमित भी परकट कर और िजन बात पर सहमित न बना सक उस समझाए

हमम स अिधकाश लोग उन किमरय और उनकी गलितय पर अ यिधक यान दत ह िजनक िलए हम काम करत ह पर अपन किमरय पर नज़र डालना भल जात ह अगर वय को उन लोग की नजर स दखा जाए तो आशातीत पिरणाम दखन को िमलत ह

आ म मथन आप कया करना चाहत ह कसा करना चाहत ह - इस सोच को

वतरमान म अपन अदर मथन करन को आ म-सझाव कहत ह एक बार सब म जब इसकी पिरपाटी श हो जाती ह तो यह हमार अदर िवजञापन की तरह काम करता ह अपन बार म अपन िलए अदर ही परचािरत करता ह इसका हमार चतन और अवचतन (Sub-concious) मन दोन पर परभाव पड़ता ह अततः यह हमार नजिरए और यवहार को परभािवत करता ह और धीर-धीर आदत का प लता ह यह दरअसल अपन अवचतन मन को ढ़ालन या परोगराम करन की िविध ह

हमम स अिधकाश लोग उन किमरय और उनकी गलितय पर अ यिधक यान दत ह िजनक िलए हम काम करत ह पर अपन किमरय पर नज़र डालना भल जात ह

प ठ 21

अकषय कराित आ म-सझाव अ छ या बर हो सकत ह जब हम बर आ म-सझाव को बार-बार दोहरात ह तब हमारा अवचतन मन उन पर िव वास करन लगता ह और हम उसी को वा तव म यवहार करन लगत ह सकारा मक आ म-सझाव को बार-बार मथन करन स उसकी हमार िदलोिदमाग म त वीर बन जाती ह और वही असिलयत का प लन लगता ह एक उदाहरण क िलए जब कभी हम सबह 0600 बज टरन पकड़नी हो और हमार पास अलामर घड़ी न हो तो हम मन म कहकर उठत ह िक 0400 बज उठना ह तो कया हम नही उठत अगर उठत ह तो इसक पीछ आ म-सझाव ही काम करता ह आ म-सझाव एक रा ता ह िजसस हम अपन िदमाग को परोगराम करक ढ़ालत ह सकारा मक आदत को िवकिसत करन म आ म-सझाव की परवि त मह वपणर िसदध हो सकती ह हमार नजिरए और आदत को तय करन वाल कारक हमार नज़िरए को मखयतः तीन कारक परभािवत करत ह - वातावरणः घर कल आिफस मीिडया सा कितक प ठभिम धािमरक प ठभिम परपराए और भाषाए सामािजक-राजनितक माहौल - य सब िमलकर एक तहजीब बनात ह चाह घर हो या आिफस या अ यतर - हर जगह हर िकसी की अपनी तहजीब होती ह उदाहरण क िलए हम एक दकान म जात ह तो वहा का स समन बड़ अदब वाला होता ह लिकन वही जब दसरी दकान पर जात ह तो वहा का स समन कभी-कभी बड़ा खा और बदतमीज िमल जाता ह उसी तरह िकसी क घर म यार भरा माहौल िमलता ह तो िकसी क घर म हमशा लड़ाई-झगड़ का इसी तरह जब सरकार और राजनीितक माहौल ईमानदारी का होता ह तो लोग भी ईमानदार मददगार और कानन का पालन करन वाल होत ह बईमान और भर ट माहौल म िजस तरह एक ईमानदार का जीना मि कल होता ह उसी तरह ईमानदारी भर माहौल म बईमान यिकत को मि कल होती ह िन सदह अ छ वातावरण म मामली कमरचारी म वमव अ छी आदत िवकिसत होती ह और उसकी कायर करन की शिकत बढ़ जाती ह जबिक खराब माहौल म अ छा काम करन वाल की भी कषमता िगर जाती ह

सकारा मक आदत को िवकिसत करन म आ म-सझाव की परवि त मह वपणर िसदध हो सकती ह

प ठ 22

अकषय कराित कायर-स कित का बहाव ऊपर स नीच की ओर होता ह नीच स ऊपर की ओर कभी नही यह दखना बहत ज री ह िक हमन अपन िलए और आस-पास क लोग क िलए कसा वातावरण तयार िकया ह खराब वातावरण म अ छ की उ मीद करना बमानी ह अनभवः हम अपन जीवन म अपन काम-काज म हालात स जसा अनभव पात ह वह हमारी आदत का िह सा बन जात ह और उसी क अनसार हमारा यवहार होता ह अगर िकसी क परित हमारा अनभव अ छा होता ह तो हमारा नज़िरया भी अ छा होता ह ज री ह िक कमरचािरय को ऐसा कायर-पिरवश िमल िजसस उनक अवचतन म अ छ अनभव की छाप अिकत हो

परिशकषण भी ज़ री यहा िसफर सदधाितक जञान ही काफी नही होता बि क औपचािरक और अनौपचािरक दोन ही तरह की िशकषा व परिशकषण ज री ह जञान और जानकारी को यिद योजनाबदध तरीक स परयोग िकया जाए तो उसस बौिदधक तर को बढ़ान म आशातीत सफलता िमलती ह काम करन की कला अ छी िशकषा स ही आती ह ज री ह िक परिशकषण म मनोवजञािनक सामािजक आिथरक व अ य पहल को समझन की आदत िवकिसत की जाए अवचतन म यह िबठाना बहत ज री ह िक जीवन की भ यता काम क वारा ही सभव ह स थान म सभी को लगना चािहए िक उनका काम मह वपणर ह यही परबधन कला का सार ह जब कमरचािरय को ऐसा एहसास होन लगता ह तो उनक नज़िरए म बदलाव आन लगता ह उपसहारः काम क परित लोग म अ छी आदत िन िपत करन और उनम उ साह जगान स कायर-िन पादन म िनरतर िनखार आता ह दरअसल हर यिकत म मानिसक और शारीिरक ऊजार उ प न होती ह िजसक िलए काम ही सबस अ छा िनकास ह एक िवचारक क अनसार lsquoआप पछत ह म लगातार काम कय करता ह

यहा िसफर सदधाितक जञान ही काफी नही होता बि क औपचािरक और अनौपचािरक दोन ही तरह की िशकषा व परिशकषण ज री ह

प ठ 23

अकषय कराित इसका वही कारण ह िजस कारण स मगीर अ ड दती जाती ह rsquo काम क िबना इसान घट सा जाता ह उस काम की उतनी ही ज रत होती ह िजतनी हवा की आव यकता ह िक उस सही वातावरण उपल ध करान और सही िदशा म अिभपरिरत करन की व ततः हर यिकत अदर स गिरमा और आ मस मान की चाह रखता ह आव यकता ह उस अतःपरिरत करन की लोग को खद स परिरत करन क िलए हम उनकी ज रत और इ छाओ को समझना होगा पररणा कायरकषमता और आदत क बीच सीधा सबध ह जो लोग उतना ही काम करत ह िक उनकी नौकरी बची रह तो ऐस लोग िकसी भी स थान क िलए मह वपणर नही हो सकत अतपररणा स सोच म बदलाव लाया जा सकता ह पररणा आग क समान होती ह

कमरचािरय को िजतना परिरत िकया जाएगा उनम उतनी ही सकारा मक आदत का िवकास होगा कमरचािरय को उिचत स मान दकर उनक कायर को अिधक मनोरजक बनाकर परबधन वारा उनकी बात को गौर स सनकर उनकी सम याओ और सझाव पर गौर करक उ ह वय ल य िनधारिरत करन क िलए परो सािहत करक िवकास क नय अवसर उपल ध कराकर आव यकतानसार समय-समय पर समिचत परिशकषण िदलाकर तथा नयी चनौितय स जझन क िलए परो सािहत करक िन सदह उनक आचार और यवहार को सकारा मक िदशा म पाियत िकया जा सकता ह

कमरचािरय को िजतना परिरत िकया जाएगा उनम उतनी ही सकारा मक आदत का िवकास होगा

ई-पितरका म लख आिद म परकट िवचार

मलतः लखक क ह तथा यह आव यक नही ह िक

इरडा भी इन िवचार स सहमत हो

प ठ 24

अकषय कराित

िबिटया

आख म मोती लकर तम िबिटया जाती हो हा जाओ िशकषा का उपहार द रह िवदा समय यह लो ल जाओ इन पराण म परीित त हारी ममता क धन िसदरी इन नयन की बद पली परकट करती ह मजबरी लाचारी ह िफर पराण म क य ह इतनी आकलता

जब इस रीित पर पराओ म वश न िकसी का ह चलता िपतकल को तजकर अब िबिटया पित-कल म जाना होगा

नटखटपन को छोड़ धमर का ही िजसम बाना होगा इस घर की तम बड़ी लाडली पराण स यारी िबिटया

चली लाकर आज सभी को िपता की कर सनी किटया िजन हाथ न लाड़ चाव स अब तक था िजसको पाला उन हाथ न ही िबिटया को दलह राजा जी को द डाला

िजसका दख जरा मन मला हो जाती थी हरानी क यादान उसी का कर क दय बनाया पाषाणी

िकया न जाता था पल भर को इन आख स दर िजस मोती झरत िवदा द रहा आज सकल पिरवार उस अपनी मा क जीवन की तम परित-पल हो आधार रहो

िवजयता िपता क दय मिदर की िबिटया तम साकार रही आज जीवन क सख-दख सार वही िबतान तम लो जान आओगी जब कभी यहा तम होगी महमान समान

सतीश कमार कलावत इरडा

इस घर की तम बड़ी लाडली पराण स यारी िबिटया चली लाकर आज सभी

को िपता की कर सनी किटया

प ठ 25

ससराल की कभी बराई कही न मह पर आ जाव धमर कमर क तर य पथ म पाव नही िडगन पाव

सात परितजञाय जो तमन अिग नदव स मख की धारण द पि त जीवन का मह व ह करना स च मन स पालन

बटी इन सात बचन का यान दय म रह सदा दोन कल की लाज इसी म भला न दना इस कदा पित ही ह सवर तर त हार पित ही को जीवन समझो

जो कछ कह उसी को मान उनको िबिटया तम धन समझो शीलवती तम बन िबिटया पित-भक त मना सदर िनस दह वय उपजग क प-वकष घर क अ दर

पहन सिशकषा की साड़ी को शभ गण भषण अपनाओ दस लकषण शभ लकषण धार िन य नय मगल गाओ यह िशकषा उपहार दय का तम को राह िदखायगा भल भटक कर भी अिधयारा पास न आन पायगा

हम सब की आख स मोती उर स िनकल रही आशीष सभी सख स पणर परफि लत कर त ह दलह राजा की ईश

अकषय कराित

िजन हाथ न लाड़ चाव स अब तक था िजसको पाला उन हाथ न ही िबिटया को दलह राजा जी को द डाला

प ठ 26 अकषय कराित

ldquoपयारवरणrdquo श द पिर+आवरण स बना ह अथारत बा य आवरण को ही पयारवरण कहत ह इस बा य आवरण का ता पयर हमार चार ओर क वातावरण और पिरवश स ह िजस हम दसर श द म परकित भी कह सकत ह प वी पर िव यमान सपणर जीव-जगत क अि त व जीवन-यापन एव चहमखी िवकास म परकित की मह वपणर भिमका ह मानव बिदधजीवी पराणी ह और परकित क मह व स भली-भाित पिरिचत होन क कारण ही सिदय स परकित की पजा करता रहा ह

विदक काल स ही परकित तथा मानव क बीच जीवन ततर का अटट सबध रहा ह हमार पराचीन ऋिष-मिनय न प वी म हवा पानी िमटटी पड़-पौध जीव-ज तओ और मानव क सिकरय सहयोगा मक सतलन को यान म रखकर ही परकित को प य माना धमर क साथ परकित को जोड़कर उ ह न परकित को पयार त मह व िदया व जानत थ िक िजस परकार जीवन क िलए भिम की आव यकता होती ह उसी परकार वन पितया व अ य पराणी भी आव यक ह य सभी परकित क अिभ न अग ह इनम स एक क भी न ट होन का परभाव दसर पर पड़ता ह और पिरणाम व प पराकितक असतलन पदा हो जाता ह व तत प वी म हवा पानी िमटटी पड़-पौध जीव-ज तओ और मानव का सिकरय सहयोगा मक सतलन रहता ह पड़-पौध भिम को उपजाऊ बनात ह िमटटी को बाधकर रखत ह बरसात करवान तथा जल एव वाय को व छ रखन म सहायक होत ह परत आज क बढ़त औ योिगकीकरण और शहरीकरण न परकित और मानव क बीच असतलन उ प न कर िदया ह यह असतलन अिशकषण बढ़ती जनसख या शहर की ओर पलायन वकष की कटाई गगनचबी इमारत बड़-बड़ उ योग की थापना आिद क कारण ह और यही पयारवरण परदषण क मख य कारण ह मटरोपोिलटन एव बड़ शहर म अनक काबरिनक और अकाबरिनक गस जस ndash काबरन-मोनोऑक साइड अमोिनया आिद परदषण क मख य ोत ह

वतरमान पयारवरण -21वी सदी की चनौती

लख सरीन सल

विदक काल स ही परकित तथा मानव क बीच जीवन ततर का अटट सबध रहा ह

प ठ 27 अकषय कराित मन य न अपनी भितक सख-सिवधाओ की आपित र क िलए परकरित स

िखलवाड़ िकया ह वतरमान मशीनी यग म मन य वारा परकित क अ यिधक दोहन एव िनत नए कारखान की थापना स पयारवरण सकट उ प न हआ ह मानव न परकित क साथ जो अ यायपणर यवहार िकया ह उसी क फल व प परकित का िवरोधी रवया हआ ह िजस भिव य म सह पाना मि कल होगा

अिशकषा क कारण दश की तजी स बढ़ती आबादी क आवास की मलभत आव यकता को परा करन क िलए वकष की कटाई करक ऊची-ऊची इमारत बनाई जा रही ह वकष की अधाधध कटाई स भिम की ऊवररा शिक त का तो ास हो ही रहा ह साथ ही परदषण जसी िवकराल सम या भी ज म ल रही ह

परदषण पयारवरण क ास का परमख कारण ह िवकासशील दश िनत नए उ योग की थापना करक बराजगारी की सम या को तो दर कर रह ह िकत इसस जल वाय विन तथा िविभ न परकार क परदषण बढ़ रह ह कल-कारखान और मोटर स िनकलन वाल धए स वाय परदषण हो रहा ह जल थल व नभ क मागर पर शिक त चािलत वाहन विन परदषण का मख य ोत ह शहरीकरण और औ योिगकीकरण क कारण शदध पयजल की सम या िवकराल प धारण कर रही ह कारखान स िनकलन वाल कड़-कचर क निदय म िमलन स जल परदषण हो रहा ह रासायिनक खाद और कीटनाशी दवाओ स मदा परदषण का खतरा बन गया ह

इस परकार जनसख या विदध शहरीकरण औ योिगकीकरण एव परदषण जसी सम याओ न पयारवरण को बरी तरह परभािवत िकया ह आज सपणर िव व पयारवरण को लकर िचितत ह इस भयावह ि थित स बचन क िलए पर यक यिक त को पयारवरण क परित जाग क करना आज की अिनवायर आव यकता ह

इस िदशा म सवरपरथम िनरकषरता को समा त िकया जाना चािहए साकषर भारत की पिरक पना म जनसख या विदध दर वय िनयितरत हो जाएगी करल रा य इसका परमाण ह जहा साकषरता क साथ-साथ जनसख या िनयतरण भी ह

जल थल व नभ क मागर पर शिक त चािलत वाहन विन परदषण का मख य ोत ह

प ठ 28 अकषय कराित

इसक बाद बात आती ह परदषण िनवारण की आज िव व भर क

वजञािनक और पयारवरणिवद इस िदशा म कायररत ह सवरपरथम वन क काटन पर परितबध लगाया गया ह और वन सपना क िव तार हत वकष लगान क िलए परो सािहत िकया गया इसक िलए सरकार की ओर स वकष आिद िनश क उपल ध कराए जात ह ldquoपयारवरण परदषण स थाrdquo और व छ वाय अिधिनयम जस िविधक उपाय स वाय परदषण पर रोक लगान का परयास िकया जा रहा ह जहरील धआ उगलन वाल कारखान तथा वाहन पर भारी आिथरक दड का परावधान ह िविभ न सचार मा यम mdashदरदशरन समाचार-पतर तथा आकाशवाणी क मा यम स जनता को पयारवरण क परित जाग क करन क परयास िकए जा रह ह निदय म खलन वाल परदषण ोत को बद करन की योजनाए चलाई जा रही ह पािलथीन क परयोग को बद करन क िलए चलाया जा रहा ह अिभयान भी परशसनीय ह

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह इस खतर स सपणर भमडल का अि त व न ट हो जाए इसस पहल हम पयारवरण की सरकषा करन का सक प लना होगा

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह

िस धी होन क प चात भी मझ बगाली रीित िरवाज़ िमठाइया यहा का पहनावा अगरज क ज़मान की बनी सरचनाए एव भवन इ यािद म बहत िदलच पी एव िच थी

प ठ 29 अकषय कराित

यातरा स मरण-कोलकाता-खिशय हषर का शहर(िसटी ऑफ जॉय)

सोिनया सिह वानी पीईसी िलिमटड

म पी ई सी िलिमटड नामक कपनी क िविध ककष म उप िविध परबधक क पद पर कायररत ह सन 2010 जन स इस कपनी म मन परबधन परिशकष क प म अपनी पहली नौकरी की श आत की पी ई सी िलिमटड वािण य मतरालय क अतगरत आन वाली आयात-िनयारत यापार स स बिधत क पिनय म स एक ह इस स दभर म जनवरी 2011 म िविभ न िवभाग क परबधन परिशकषओ को ओिरएटशन हत काडला कोलकाता इ यािद शहर म भजन का कायरकरम िनि चत िकया गया कोलकाता क पास हि दया पोटर होन क कारण कोलकाता शहर चना गया जहा पी ई सी वारा आयात की गयी व तए पोटर गोदाम म रखी जाती ह साथ ही म कोलकाता पोटर िभ न गोदाम इ यािद दखन की यव था की गयी एव सची म समावश िकया गया यह सनकर मरी ख़शी का िठकाना न रहा क य िक मन कोलकाता शहर क बार म सना बहत था पर त कभी दखा न था िस धी होन क प चात भी मझ बगाली रीित िरवाज़ िमठाइया यहा का पहनावा अगरज क ज़मान की बनी सरचनाए एव भवन इ यािद म बहत िदलच पी एव िच थी आिखरकार मझ मौका िमला और जनवरी की कड़ाकदार ठ ड क बीच हम एक रिववार शाम कोलकाता राजधानी स अपनी मिजल की और िनकल पड़ िद ली स कोलकाता क सफ़र क बीच हमारी गाड़ी इलाहाबाद गया िबहार तथा धनबाद जस शहर स होत हए बगाल की ओर पहची हसत-गात खलत-खात हए हम अगली सबह हावड़ा जकशन पहच गए रलगाड़ी स उतर कर टशन स बाहर िनकलत ही मझ िसटी ऑफ जॉय क नाम स मशहर कोलकाता की पहली झलक िदखाई दी ऐसा लगा मानो मझ भारत क दो पहल एकसाथ जीत हए नज़र आए एक तरफ थ टशन स बाहर एव अ दर जात हए स दर कपड़ गहन म लद हए कोलकाता क बगाली िनवासी साथ म बड़ी-बड़ी गािड़य म घमत कोलकाता क नौजवान और ठीक दसरी तरफ मरी नज़र पड़ी हगली नदी पर बन परिसदध हावड़ा िबरज पर िजस दख एक अलग ही दिनया का एहसास हआ

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह

िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी

एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया नतीजा मर समकष था

प ठ 30 अकषय कराित

हावड़ा िबरज पर हर तरफ लोग का जमावड़ा था इतन लोग दख िद ली क चादनी चौक की याद आ गयी ऐसा लगा मानो म 50 साल पीछ िकसी लक एव वाईट दिनया म कदम रख चकी थी िबरज क दोन तरफ सामान बचत हए दकानदार िखलौन मछली रख हए औरत एव छोट-छोट ब च मख य शहर स हावड़ा जान वाल आम आदमी मजदर की तज़ र तार फरी स र ता पार करन वाल यापारी इन सब को दख लगा कोलकाता म मबई जसी भागम भाग भी थी िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया नतीजा मर समकष था जस-जस म कोलकाता शहर क भीतर आन लगी मझ इस शहर क िवकास की झलक िदखाई दी एक तरफ थी ऊची ईमारत सदर िवशाल िव यासागर सत पल बड़-बड़ होटल माल कोलकाता उ च यायालय राईटसर िबि डग मशहर इडन गाडरन टिडयम इ यािद तो दसरी तरफ था िवक टोिरया ममोिरयल अगरज की वा तकला क अनसार िदखती लाल ईटो की इमारत िवक टोिरयल सरचनाए भवन छोटी-छोटी पटिरय पर समान बचत नया बाज़ार (New Market) क दकानदार एव िवक टोिरया ममोिरयल क बाहर चलत सलािनय क िलए रथ वाल घोड़ हमारा होटल जसीबोस सड़क पर ि थत था एव सिवधाओ स भरपर था पर त मन य जाना िक असली कोलकाता का मज़ा गाड़ी म नही अथवा िरक शा ऑटो तथा साल स चलती आ रही सड़क पर टराम म था

हर तरफ मझ पील रग की टिक सया िदखाई दी सब एक समान थी तथा मरसीडीज़ गाड़ी क बगल म चलती 1-2 पय म सफ़र की जान वाली टराम भी साथ िदखाई दी परी िजदगी िद ली म यतीत करन क बाद हर नए शहर का रहन-सहन बोल-चाल रीित-िरवाज़ जानन की जाग कता मझम हमशा रही पहल ही िदन स कोलकाता मझ रास आया जस िक कहत ह lsquoकोलकाता हमार खब भाला लागली छ rsquo कहन का ता पयर य िक मझ कोलकाता बहत अ छा लगा पहल िदन िक शाम को हमन य मािकर ट म खरीददारी करन का मन बनाया म हरान थी िक वहा चीज िकतनी स ती िमल रही थी िद ली क मतािबक एक ितहाई दाम पर चिडया गहन बग जत कत इ यािद िमल

िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया

प ठ 31 अकषय कराित य मािकर ट िद ली क लाजपत एव सरोिजनी नगर समान ह कम

दाम म अ छा समान िमला कोलकाता चमड़ क िलए भी मशहर ह एव परिसदध ी लदसर दकान भी इस बाज़ार म ि थत ह यहा खरीदारी का हमन खब ल फ़ उठाया

अगल िदन हम हि दया पोटर गए एव अनक जहाज़ दख 3-4 घट की दरी पर ि थत यह पोटर अनक एकड़ म फला हआ था पहली बार इतन बड़ जहाज़ को अदर स दख खब आनद आया तीसर िदन हम काली बाड़ी मिदर गए बगाली अ यत पाठ-पजा वाल दगार मा क स च उपासक ह यह सब जानत ह दगार पजा इनका लोकिपरय उ सव ह तथा काली मा एव दगार मा की स च मन स पजा करत ह कोलकाता क िनवासी भिक त भावपणर ह यह सना था अब खद दख भी िलया बगाली र म स पजा करन का य मौका अ यत आनदमयी था इसक अलावा काली बाड़ी क नज़दीक ही ि थत ह गौिरहाट बाज़ार यहा की दकान बगाली सािड़या कपड़ सट कत इ यािद क िलए परिसदध ह आिद धक तशवर नामक मशहर दकान म जाकर मरा भी मन िकया िक म भी खरीददारी क मर सािथय न बहत सािड़या खरीदी एव दाम दखकर म दग रह गई सदर स सदर साड़ी मातर 600700 पय की थी मन बगाल की मशहर लाल एव सफद िपरट की साड़ी भी खरीदी कोलकाता म खरीददारी का अलग की मज़ा ह उसी िदन शाम हम सा ट लक िसटी मॉल गए वह सा ट लक टिडयम क नज़दीक ह यहा िदखाई िदया कोलकाता का परगितशील प नौजवान फटबाल की जसीर पहन माल म घम रह थ एक स एक

मशहर बरड वहा मौजद थ इसक अलावा कोलकाता क िनवासी खब मनोरजन क शौक़ीन ह सगीत नाच गाना इ यादी म िच रखत ह कोलकाता म जगह-जगह सगीत कला अकडमी तथा पढ़न (रीिडग) क क लब ह अगरज क शौक तथा रहन-सहन की झलक आज भी यहा िदखती ह यहा क नौजवान को खल-कद म भी खब िदलच पी ह फटबाल का तो जस यहॉ सबको जनन ह

भारत क परिसदध मोहन बगान फटबाल क लब फटबाल क वहा क नौजवान ही नही परा शहर ही दीवाना ह भारत-पाक मच हो या आई पी एल इडन गाडरन मदान लोग स खचा-खच भरा रहता ह अफ़सोस म वहा अदर जा न सकी

इसक अलावा काली बाड़ी क नज़दीक ही ि थत ह गौिरहाट बाज़ार यहा की दकान बगाली सािडया कपड़ सट कत इ यािद क िलए परिसदध ह

प ठ 32 अकषय कराित

मर सफर क आखरी िदन म मन कोलकाता क लोग म एकता क नजार दख िविभ नता म भी एकता का उदाहरण दखा चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख िजस िदन हम कोलकाता पहच थ उसी िदन वहा शहर बद था और मन एक जट होकर लोग को अपनी बात कहत हए दखा एव सना यहा क लोग अपन शहर क िवकास बहतरी क िलए जाग क ह िज मदारी लत ह तथा सरकार को अपनी बात भली-भाित कहत ह लड़िकय औरत की इ ज़त करत ह एव यहा िक मिहलाओ को मन िनदरलीय पाया जहा एक ओर भारत की राजधानी होन क बावजद िद ली वाल अपनी िजदगी म मगन रहत ह वही दसरी और कोलकाता म अमीरी-गरीबी िभ न जाितय म भी एक जटता ह कपड़ा एव खाना आज भी यहा खब स ता िमलता ह पर त दसरी तरफ सब जानत ह िक बड़-बड़ उ योगपित िव वान लखक िखलाड़ी गायक अिभनता िनदशक यहा स उभर ह सािह य हो या लख बॉलीवड हो या िकरकट बगाल न भारत को अनक नाम एव गौरव िदए ह चाह सौरव दादा हो या रिव दर नाथ टगोर ममता बनजीर रानी मखजीर हो या योित बस भारत म इनकी भिमका का वणरन करन की ज रत नही

मन कछ िदन क कोलकाता क सफर म इस शहर को जानन समझन का परयास िकया हगली नदी क िकनार खड़ होकर समदर को दखा निदय को िनहारा िव यासागर सत िबरज की सदरता िवशालता को सराहा क सी दास की परिसदध िमठाई का ल फ उठाया मन बहत शहर घम पर त यह सफर मर िलए सबस यादगार रहा कोलकाता परगित क मागर पर िनरतर बढ़ रहा ह पर त आज भी वह अपनी जड़ नितक म य को नही भला ह एक आम आदमी आज भी टराम म या फरी स सफर करता ह यहा क िनवासी दो पय स लकर 500 ० का खाना खात ह पराना एव नया कोलकाता एक साथ जीिवत ह िसक क क दो पहल की तरह कोलकाता क यह दो प को एक साथ रहत दख बहत आनद आया

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 33 अकषय कराित

जल परकित का अनपम उपहार ह मानव जाित अपन परादभारवकाल स ही इस उपहार का उपयोग अपन िहत क िलए करती आई ह जल वह पराकितक उपहार ह िजसका कोई िवक प नही ह इसिलए जल को अमतया जीवन भी कहा गया ह जल क िबना जीवन की सभावना भी नही ह पर यकष प स तो जल की मानवीय आव यकता सीिमत ह परत परोकष आव यकताओ पर नजर डाल तो दिनक जीवन की आव यकताए जस अ न फल स जी दध स लकर हमार पहराव आवास तक सब जल स जड़ हजल का जरा भी सतलन िबगड़ जाए तो जीवन यापन क टपरद होन म दर नही परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह जल क सामा य त य जल या पानी एक आम रासायिनक पदाथर ह जो जीवन क सभी जञात प क जीिवत रहन क िलए ज री ह आमतौर पर जल अपनी दरव अव था म उपयोग म लाया जाता ह पर यह ठोस अव था बफर और गस अव था जल वा प या भाप प म भी पाया जाता ह प वी क लगभग तीन चौथाई िह स पर िव व क महासागर का अिधकार ह अनमानत प वी पर जल की कल मातरा लगभग 1400 िमिलयन घन िकलोमीटर ह जो िक प वी पर 3000 मीटर गहरी परत िबछा दन क िलए काफी ह तथािप जल की इस िवशाल मातरा म व छ जल का अनपात बहत कम ह प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह शष जल झील निदय वायम डल नमी मदा और वन पित म मौजद ह जल की जो मातरा उपभोग और अ य परयोग क िलए व ततः उपल ध ह वह निदय झील और भजल म उपल ध मातरा का छोटा-सा िह सा ह इसिलए जल ससाधन िवकास और परब ध की बाबत सकट इसिलए उ प न होता ह कय िक अिधकाश जल उपभोग क िलए उपल ध नही हो पाता

परभावी जल परबधन और दश का िवकास

दीपक आहजा ओएनजीसी िवदश

प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह

प ठ 34 अकषय कराित

और दसर इसका िवषमतापणर थािनक िवतरण इसकी एक अ य िविश टता ह फलतः जल का मह व वीकार िकया गया ह और इसक िकफायती परयोग तथा परब ध पर अिधक बल िदया गया ह प वी पर उपल ध जल जल-चकर क मा यम स चलायमान ह जल लगातार एक चकर म घमता रहता ह िजस जलचकर कहत ह इसम वा पीकरण वषार और बह कर सागर म पहचना शािमल ह हवा जल वा प को थल क ऊपर उसी दर स उड़ा ल जाती ह िजस गित स यह बहकर सागर म पहचाता ह जल चकर का िचतर नीच पर तत िकया गया ह

अिधकाश उपभोकताओ जस िक मन य पशओ अथवा पौध क िलए जल क सचलन की ज रत होती ह जल ससाधन की गितशील और नवीकरणीय परकित और इसक परयोग की बार बार ज रत को ि टगत रखत हए यह ज री ह िक जल ससाधन को उनकी परवाह दर क अनसार मापा जाए इस परकार जल ससाधन क दो पहल ह अिधकाश िवकासा मक ज रत क िलए परवाह क प म मािपत गितशील ससाधन अिधक परासिगक ह आरिकषत भ डार की ि थर अथवा िनयत परकित और साथ ही जल की मातरा तथा जल िनकाय क कषतर की ल बाई व म यपालन नौ सचालन आिद जस कछक िकरयाकलाप क िलए भी परासिगक ह

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 35 अकषय कराित

जल का यय अप यय जल क बार म एक नही कई च कान वाल त य ह िव व म और िवशष प स भारत म जल िकस परकार न ट होता ह इस िवषय म जो त य सामन आए ह उस पर जाग कता स यान दकर जल क अप यय को रोका जा सकता ह अनक त य ऐस ह जो हम आन वाल ख़तर स तो सावधान करत ही ह दसर स पररणा लन क िलए परो सािहत करत ह और पानी क मह व व इसक अनजान ोत की जानकारी भी दत ह प वी पर पदा होन वाली सभी वन पितया स भी हम पानी िमलता ह

आल और अनानास म 80 परितशत और टमाटर म 95 परितशत पानी ह पीन क िलए मानव को परितिदन 3 लीटर और पशओ को 50 लीटर पानी

चािहए भारत म 83 परितशत पानी खती और िसचाई क िलए उपयोग िकया जाता

ह इज़राइल म औसतन मातर 10 सटीमीटर वषार होती ह इस वषार स वह

इतना अनाज पदा कर लता ह िक वह उसका िनयारत कर सकता ह दसरी ओर भारत म औसतन 50 सटीमीटर स भी अिधक वषार होन क बावजद अनाज की कमी बनी रहती ह

िपछल 50 वष म जल क िलए 37 भीषण ह याकाड हए ह भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल

चलती ह पानी ज य रोग स िव व म हर वषर 22 लाख लोग की मौत हो जाती ह यिद बरश करत समय नल खला रह गया ह तो पाच िमनट म करीब 25

स 30 लीटर पानी बरबाद होता ह बाथ टब म नहात समय 300 स 500 लीटर पानी खचर होता ह जबिक

सामा य प स नहान म 100 स 150 लीटर पानी खचर होता ह िव व म परित 10 यिकतय म स 2 यिकतय को पीन का शदध पानी

नही िमल पाता ह परित वषर 6 अरब लीटर बोतल पक पानी मन य वारा पीन क िलए

परयकत िकया जाता ह मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 36 अकषय कराित

िद ली मबई और च नई जस महानगर म पाइप लाइन क वॉ व की खराबी क कारण रोज़ 14 स 44 परितशत पानी बकार बह जाता ह

निदया पानी का सबस बड़ा ोत ह जहा एक ओर निदय म बढ़त परदषण रोकन क िलए िवशषजञ उपाय खोज रह ह वही कल कारखान स बहत हए रसायन उ ह भारी मातरा म दिषत कर रह ह

भारत म जल सकट नासा की एक िरपोटर न पानी को लकर दश भर म बढ़ती जा रही लापरवाही क परित आख खोली ह इस िरपोटर म भारत म सख की ि थित पदा होन क िलए िज मवार कारण म स एक अहम कारण अधाधध जल दोहन को बताया गया ह बतात चल िक दश भर क 604 िजल म स 161 सख की मार झल रह ह वस अब बताया जा रहा ह िक सख की मार स बहाल िजल की सखया बढ़कर 246 हो गई ह यानी कहा जाए तो आधा दश सख की चपट म ह बहरहाल नासा की इस िरपोटर म बताया गया ह िक भारत क कई रा य कषमता स यादा जल दोहन कर रह ह यहा कषमता स ता पयर यह ह िक उनस िजतन सलाना जल दोहन की उ मीद कदर करती ह व उसस कही यादा जल दोहन कर रह ह नासा न यह अ ययन 2002 स 2008 क बीच

की ि थितय क आधार पर िकया ह इस िरपोटर म बताया गया ह िक पजाब हिरयाणा और राज थान हर साल औसतन 177 अरब कयिबक मीटर पानी जमीन क अदर स िनकाल रह ह जबिक कदर की तरफ स लगाए गए अनमान क मतािबक इ ह हर साल 132 अरब कयिबक मीटर पानी ही जमीन क अदर स िनकालना था इस तरह स दखा जाए तो य तीन रा य िमलकर कषमता स 30 फीसदी यादा पानी का दोहन कर रह ह जािहर ह िक िबना कछ सोच-िवचार जब इस पमान पर पराकितक ससाधन का दोहन िकया जाएगा तो परकित भी बदला लगी और वही हो रहा ह इस िरपोटर म यह भी बताया गया ह िक भारत का महज 58 फीसदी भजल ही हर साल िरचाजर हो पाता ह नासा की यह िरपोटर बताती ह िक अधाधध जल दोहन की वजह स पर उ तर पि चम भारत क भजल तर म हर साल 4 सटीमीटर यानी 16 इच की कमी आ रही ह इस अ ययन को अजाम दन म नासा क जल िवजञानी मट रोडल न अहम भिमका िनभाई ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 37 अकषय कराित

उनक हवाल स इस िरपोटर म बताया गया ह िक दश क उ तर पि चम कषतर म 2002 स 2008 क दौरान तकरीबन 109 कयिबक िकलोमीटर पानी की कमी हई ह यह मातरा िकतनी अिधक ह इसका अदाजा इसी स लगाया जा सकता ह िक यह अमिरका क सबस बड़ जलाशय लक मीड की कषमता स दगन स भी कही यादा ह अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह इस िरपोटर क मतािबक अगर अधाधध जल दोहन इसी तरह स जारी रहा तो आन वाल समय म भारत को अनाज और पानी क सकट को झलन क िलए अभी स तयार हो जाना चािहए जािहर ह िक जब जल सकट बढ़गा तो खती पर इसका गहरा परभाव पड़गा अनाज क उ पादन म कमी आएगी इस वजह स अनाज सकट पदा होगा और भख का एक नया चहरा उभरकर सामन आएगा एक बड़ा तबका जो आज भरपट भोजन कर पाता ह उसक िलए पट भर खाना िमलना मि कल हो जाएगा भखमरी की जो सम या पदा होगी उसस िफर िनपटना आसान नही होगा इसक अलावा पीन क पानी का टोटा तो होगा ही अभी ही दश क कई िह स ऐस ह जहा क लोग को पीन क िलए साफ पानी नही िमल पा रहा ह कई कषतर ऐस ह जहा गमीर क िदन म हडपप स पानी आना बद हो जाता ह वहा क लोग को हर साल बोिरग को कछ फट बढ़वाना होता ह यह सम या भजल तर क िगरत जान की वजह स ही पदा हई ह जब पीन क पानी का सकट पदा होगा तो बोतलबद पानी का कारोबार काफी तजी स बढ़गा कहन का मतलब यह िक िजसक पास पसा होगा वह अपनी यास बझा सकगा और िजसक पास पसा नही होगा उस अपनी यास बझान क िलए भी सघषर करना पड़गा ि थित की भयावहता की क पना ही िसहरन पदा करती ह भारत म दिनया का हर छठा आदमी रहता ह यानी कहा जाए तो दिनया क कल आबादी क तकरीबन सतरह फीसदी लोग भारत म रहत ह जबिक दिनया का महज साढ़ चार फीसदी पानी ही भारत म उपल ध ह ऐस म जल सम या स दो-चार होना कोई आनापिकषत बात नही ह एक बात तो तय ह िक पराकितक ससाधन म इजाफा तो नही िकया जा सकता ह लिकन इसका सरकषण अव य िकया जा सकता ह

अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह

प ठ 38 अकषय कराित

भारत म लोग िकसी एक मा यम स पयजल परा त करन पर िनभरर नही ह इस दश म 357 फीसदी लोग हडपप स 367 फीसदी लोग नल स 182 फीसदी लोग तालाब पोखर या झील स 56 फीसदी कओ स 12 फीसदी लोग पारपिरक साधन स और 26 फीसदी लोग अ य मा यम स पीन का पानी परा त करत ह इस िलहाज स अगर दखा जाए तो जल सकट को दर करन क िलए समगर कायरयोजना की ज रत ह

दरअसल भारत म गहरात जल सकट क िलए काफी हद तक पानी की बबारदी भी िज मवार ह यहा जल आपित र की यव था म काफी खािमया ह नल क जिरए घर तक पहचन वाल पानी का एक बड़ा िह सा िरस कर बबारद हो जाता ह हर शहर म फट हए आपित र पाइप आसानी स दख जा सकत ह इस बदहाल यव था क िलए सरकार क साथ-साथ सामा य लोग भी कम िज मदार नही ह एक तरफ तो सरकार पयजल क नाम पर हर साल हजार करोड़ पए का बजट बनाती ह और दसरी तरफ जमीनी तर पर हालात म कोई बदलाव नही िदखता ह सामािजक तौर पर भी जल सरकषण को लकर जाग कता का अभाव िदखता ह यह सामािजक तान-बान का ही असर ह िक लोग कही भी जल की बबारदी को दखकर उस सामा य घटना मानत हए नजरअदाज कर दत ह दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था यह अब घटकर 1800 कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर हो चका ह

दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था

प ठ 39 अकषय कराित

िवशषजञ का अनमान ह िक अगर पानी की खपत और बबारदी इसी तरह स जारी रही तो 2025 तक यह घटकर हजार कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर ही रह जाएगा उस समय तक पानी की उपल धता म आन वाली इस कमी की वजह स किष उ पादन म तीस फीसदी की कमी आन की सभावना ह इन पिरि थितय म दश की आिथरक और सामािजक ि थित का कया होगा इसका अदाजा सहज ही लगाया जा सकता ह भारत म जल सरकषण क परित आज भी आम लोग क मन म उपकषा का भाव बना हआ ह साथ ही इस कायर क िलए आव यक तकनीक की भी कमी ह जो तकनीक उपल ध ह उनस सामा य लोग अनजान ह बािरश क पानी का सगरह करक उस उपयोग म लाना एक अ छा िवक प ह पर इस तरह की कोिशश काफी सीिमत मातरा म काफी छोट तर पर हो रही ह यही वजह ह िक दश म होन वाली बािरश क पानी का अ सी फीसदी िह सा आज भी समदर म पहच जाता ह अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह अगर जल की इस िवशाल मातरा का आधा भी परयोग कर िलया जाए तो ि थित म यापक बदलाव आना तय ह शहरी कषतर म तो पानी की कालाबाजारी जोर पर ह जगह-जगह पर जल मािफया सिकरय हो गए ह िद ली क ही एक अखबार न कछ समय पहल यह बात उजागर िकया था यहा तो समानातर जल बोडर भी चलाया जा रहा ह हरानी की बात तो यह ह िक इसक बावजद भी पानी क काल धध पर अकश नही लगाया जा सका ह अहम सवाल यह ह िक कस सामा य तबक क लोग तक व छ पानी पहचाया जाए शहरी कषतर क साथ-साथ गरामीण कषतर म भी यह एक बड़ी चनौती ह आबादी म अपर यािशत विदध बढ़त शहरीकरण औ योिगकीकरण और किष उ पाद की बढ़ती माग क कारण पानी की माग िपछल कछ साल म वाभािवक प स बढ़ी ह इसक पिरणाम व प भजल ससाधन का अ यिधक दोहन हआ ह और इसका नतीजा हआ िक लगातार भजल का तर घटता जा रहा ह शहरी कषतर म ि थित बहद भयावह ह तदनसार वहा न कवल शीघराितशीघर जल ससाधन क सरकषण की ज रत ह बि क परभावी रणनीित और परबधन क जिरए त काल कदम उठान की ज रत ह

अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह

प ठ 40 अकषय कराित

खासकर इस बात को यान म ऱखकर िक िविभ न परितयोगी कषतर म कभी भी माग बढ़ सकती ह भिव य म उपयोग क िलए छत पर या सतह पर जलगरहण बनाकर वषारजल सरकषण बहद ज री ह यह पानी की बढ़ती ज रत का खयाल रखन िमटटी की नमी तर को बढ़ान शहरी हिरयाली को बढ़ान भजल तर को कितरम प स पनभररण करन और भजल की गणव ता स सधार का काम करता ह भारत म जल परबधन स दश का िवकास भारत म दिनया की 16 परितशत आबादी रहती ह लिकन दिनया क िसफर 4 परितशत जल ससाधन ही भारत क पास ह 3290000 वगर िकलोमीटर क भिम कषतर और एक अरब स यादा की आबादी क साथ भारत क एक बहलवादी िविवधता का िचतर ह िवशाल पराकितक ससाधन क साथ सप न तकनीकी और वजञािनक किमरय का भी यह दिनया म दसरा सबस बड़ा सम चय ह भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह मानव िवकास म 80 क दशक म लगभग 26 परितशत और 90 क दशक क दौरान और 24 परितशत क वारा सधार हआ ह आजादी क बाद छह दशक म भारत न जल ससाधन का अभतपवर िवकास और खा या न म आ मिनभररता शहरी कषतर ऊजार और औ योिगक कषतर और पीन का पानी क बिनयादी ढाच म तजी स िव तार दखा ह िजसका उपयोग भारत की लगभग 85 परितशत शहरी और गरामीण आबादी क वारा िकया जाता ह भारत म रा य सरकार और भारत सरकार क परितबदध और ठोस परयास की वजह स गरामीण और शहरी आबादी को सरिकषत पयजल को उपल ध करवान म काफी सफलता हािसल की ह इस उपलि ध न भजल की कमी जल जमावजल गणव ता िगरावट जल परदषण और बढ़त लवणता तर स बड़ कषतर को परभािवत िकया ह और अभी भी िविभ न रा य म गरामीण और शहरी भारत क मानव िवकास सचकाक (HDI)rsquo म बहत असमानता मौजद ह पानी क िलए कषतरीय माग तजी स बढ़ रह शहरीकरण की गित स बढ़ रही ह (अनमानत 2025 तक दश की आबादी का 50 परितशत स अिधक शहर म रहग) जनसखया विदध बढ़ती आय और औ योिगक िवकासशहरी भारत तजी स िवकास की माग क कदर क प म उभर रहा ह

भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह

प ठ 41 अकषय कराित

नतीजतन परित यिकत पानी की उपल धता िगर रही ह परधानमतरी की अ यकषता म 12वी योजना क िलए हई योजना आयोग की पणर बठक म दसर म क साथ जल परबधन पर िवशष चचार हई बठक क बाद योजना आयोग क उपा यकष म टक िसह अहलवािलया न कहा िक भ-जल कानन स लकर दसर म की यापक समीकषा ज री ह व यनाथन सिमित जहा वतरमान म भ-जल कानन की साथरकता का अ ययन करगी वही भारतीय अतिरकष अनसधान सगठन [इसरो] की मदद स पानी की उपल धता का िव तत अ ययन होगा म टक न कहा िक उसी आधार पर रणनीित तय होगी सरकार यह यान रखगी िक पानी का अिधकतम उपयोग हो सक और सभी को उपल ध हो पानी पर िकसी का एकािधकार न हो सक बतात ह िक द पयोग को रोकन क िलए श क लगान पर भी िवचार िकया जा सकता ह हालािक इसस पहल रा य सरकार स चचार होगी यह तय ह िक एआइबीपी कायरकरम म यापक बदलाव ह ग ी म टक िसह अहलवािलया न कहा िक वतरमान म इस कायरकरम का सही िकरया वयन नही हो रहा ह िलहाजा उसम पिरवतरन ज री ह सभव ह िक हर रा य म जल िनयामक परािधकरण बनान की शतर भी लगाई जाए उ ह न कहा िक जल परबधन की यापक समीकषा कर नई रणनीित तय की जाएगी कल िमलाकर रा टरीय तर पर वतरमान जल ससाधन का अिधक स अिधक करन क िलए माग को परा करन क िलए पयार त ह लिकन भिव य क अ ययन पिरयोजना ह िक जल आपित र की ि थित अगल आध सदी म अिधक किठन हो सकती ह जल सकट स िनपटन को जल सरकषण परबधन अिनवायर परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह बढ़त वि वक तापमान क फल व प अितवि ट अनावि ट अ पवि ट और असामियक वि ट हम परितवषर दख रह ह िजसका परभाव हमार जल ससाधन पर पड़ता िदखाई द रहा ह कओ व बाविडय का िमटता अि त व नदी-नाल का घटता पानी भ-गभर जल का िगरता तर िचता की पिरिध स िनकलकर खतर की घटी बनता जा रहा ह

निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह

प ठ 42 अकषय कराित

िव व भर म सीमट क अधाधध परयोग न धरातल क सहज अवशोषण कषतर को घटाया ह तथा जल बहाव भिम कटाव व बाढ़ म विदध की ह ऐसी ि थित म जल सरकषण का दािय व मातर वजञािनक व सरकार तक सीिमत न रहकर पर यक उपभोकता क कध पर आ जाता ह इसी दािय व क िनवरहन क िलए हमार पास दो िवक प सामन आत ह 1 वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई

उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

2 पािरवािरक तर पर वषार जल को सगरिहत कर उसका उपयोग कर य दोन ही परयास गरामीण कषतर म तो सरलता स अपनाए जा सकत ह परत शहरी कषतर म व ट वाटर मनजमट की बड़ी पिरयोजनाए बनाकर ही पानी को िरसाइिकल िकया जा सकता ह भ-गभर अिधकािधक जल अवशोिषत होकर

जाए इसक िलए मदानी भाग म िनयोिजत ढग स बड़-बड़ पोखर बनाकर तथा पहाड़ी कषतर म नाल -ख ड म िमटटी प थर आरसीसी क बड़-छोट डम लगाकर जल बहाव रोक भ-सरकषण बचाव व जल भडारण और धरातल जल शोषण कषतर बढ़ाया जा सकता ह िव व बक भारत सरकार वारा म य िहमालय जलागम पिरयोजना रा य क भ-सरकषण िवभाग इस कषतर म कारगर उपाय लकर

हमार सामन ह परत जनसहयोग क िबना इन पिरयोजनाओ क आशातीत पिरणाम ल पाना किठन ह वकषारोपण इस सपणर जल चकर को बल दन वाला कारक ह जल क परित चतना जागत न हई तो अव य ही अगल िव व यदध का कारण जल ही होगा

जल भोजन ह और अिगन भोजन का भकषक ह अिगन जल म और जल अिगन म िव यमान ह

- ततरीय उपिनषद 38

वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

प ठ 43 अकषय कराित

म भी गान गा सकता ह शबनम क िखलत फल क म भी गीत सना सकता ह सावन क म त झल क लिकन जब घर-घर म बादल छाय घोर िनराशा क तब म नगम गा रहा ह उ मीद की आशा क

सड़क पर खड़ बचपन की य बात सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह

हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

इस बदलत पिरवश का राग सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

गाधी जी क सपन का जो राम-रा य कहलाता ह उस भारत म सड़क पर छोट चाय पहचाता ह

कहा गई वो अ हड़ म ती कहा गया वो यार का रा ता उन हाथ स बचत झड िजन हाथ को चािहए ब ता

उस सोन की िचिड़या की म बात बतान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

कही बम की गमर हवाए कही ससद म कोहराम ह कही होत घोटाल स परशान आदमी आम ह

कही कल की िकलकारी ह कही सड़क पर बचपन ह कही चलता नही गजारा कही िवदश म काला धन ह

म स चाई गा-गाकर सबको बतलान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

बदलता भारत मनीष लाल इरडा

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

प ठ 44 अकषय कराित

करन वाल काम बहत ह यथर उलझन को छोड़ो म ला-पिड़त तोड़ रह ह तम बस lsquoअपन को जोड़ो

lsquoहम बदलग-यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का lsquoवद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का

वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हम बदलग mdash यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का वद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

प ठ 45 अकषय कराित

िसफर काला और सफ़द य ही वो दो रग थ जो तर पास सि ट बनान क आधार थ

काला वो जो कािलमा िलय ह िजस कहत ह दख िनराशा म य अपयश और वो सबकछ जो नकारा मक ह

मगर सफद ह वो रग िजसस जड़ा ह जीवन आशा सख और कीितर और वो सब कछ जो सकारा मक ह पर इन रग स तझ चन ना िमला त सोचन लगा अगर सि ट बनानी ह

तो िकस िलए- ससगर और परम क िलए और

इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग

ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह

बस- बना डाला तन इ दरधनष

जो बरसात क बाद सरज और प वी क अनपम परम को रग दता ह सतरगी रग स

और उ ही सतरगी इ दरधनषी रग म हम हर पल हर कषण डबत गहरात इतरात रहत ह

और खिशय भर ससार म हर रग को अलग-अलग तरह स महसस करक जीत रहत ह

रग तो रग ह मगर-

ससगर और परम क िलए और इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह बस-

सतरगी िचतर सगीता ीवा तव इरडा

प ठ 46 अकषय कराित

कभी पक क कभी फीक़ तो कछ कभी दाग बनकर उभर आत ह

कछ आख म नील बादल स छाए रहत ह तो कछ गाल पर गलाबी रग बनकर छलक जात ह

याद रहत ह अक सर वो रग- जो खदी पर इस तरह छा जात ह िक खद म घलकर खद क होन

का एहसास दत-दत खद का एक रग बन जात ह

बगनी आसामनी नीला हरा पीला नारगी लाल इ दरधनष क य सात रग ही जोड़त ह हमार िदल को

हमार मन को जोड़न वाल इन रग की सतरगी दिनया म-

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा बनाय

और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क

सतरगी िचतर

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा

बनाय और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क सतरगी िचतर

Page 21: Akshay Kranti Vol 3€¦ · पक्ष को प्रभािवत न कर e, बािधत व पीिड़त न कर eवह काय-र्कौशल है।

प ठ 21

अकषय कराित आ म-सझाव अ छ या बर हो सकत ह जब हम बर आ म-सझाव को बार-बार दोहरात ह तब हमारा अवचतन मन उन पर िव वास करन लगता ह और हम उसी को वा तव म यवहार करन लगत ह सकारा मक आ म-सझाव को बार-बार मथन करन स उसकी हमार िदलोिदमाग म त वीर बन जाती ह और वही असिलयत का प लन लगता ह एक उदाहरण क िलए जब कभी हम सबह 0600 बज टरन पकड़नी हो और हमार पास अलामर घड़ी न हो तो हम मन म कहकर उठत ह िक 0400 बज उठना ह तो कया हम नही उठत अगर उठत ह तो इसक पीछ आ म-सझाव ही काम करता ह आ म-सझाव एक रा ता ह िजसस हम अपन िदमाग को परोगराम करक ढ़ालत ह सकारा मक आदत को िवकिसत करन म आ म-सझाव की परवि त मह वपणर िसदध हो सकती ह हमार नजिरए और आदत को तय करन वाल कारक हमार नज़िरए को मखयतः तीन कारक परभािवत करत ह - वातावरणः घर कल आिफस मीिडया सा कितक प ठभिम धािमरक प ठभिम परपराए और भाषाए सामािजक-राजनितक माहौल - य सब िमलकर एक तहजीब बनात ह चाह घर हो या आिफस या अ यतर - हर जगह हर िकसी की अपनी तहजीब होती ह उदाहरण क िलए हम एक दकान म जात ह तो वहा का स समन बड़ अदब वाला होता ह लिकन वही जब दसरी दकान पर जात ह तो वहा का स समन कभी-कभी बड़ा खा और बदतमीज िमल जाता ह उसी तरह िकसी क घर म यार भरा माहौल िमलता ह तो िकसी क घर म हमशा लड़ाई-झगड़ का इसी तरह जब सरकार और राजनीितक माहौल ईमानदारी का होता ह तो लोग भी ईमानदार मददगार और कानन का पालन करन वाल होत ह बईमान और भर ट माहौल म िजस तरह एक ईमानदार का जीना मि कल होता ह उसी तरह ईमानदारी भर माहौल म बईमान यिकत को मि कल होती ह िन सदह अ छ वातावरण म मामली कमरचारी म वमव अ छी आदत िवकिसत होती ह और उसकी कायर करन की शिकत बढ़ जाती ह जबिक खराब माहौल म अ छा काम करन वाल की भी कषमता िगर जाती ह

सकारा मक आदत को िवकिसत करन म आ म-सझाव की परवि त मह वपणर िसदध हो सकती ह

प ठ 22

अकषय कराित कायर-स कित का बहाव ऊपर स नीच की ओर होता ह नीच स ऊपर की ओर कभी नही यह दखना बहत ज री ह िक हमन अपन िलए और आस-पास क लोग क िलए कसा वातावरण तयार िकया ह खराब वातावरण म अ छ की उ मीद करना बमानी ह अनभवः हम अपन जीवन म अपन काम-काज म हालात स जसा अनभव पात ह वह हमारी आदत का िह सा बन जात ह और उसी क अनसार हमारा यवहार होता ह अगर िकसी क परित हमारा अनभव अ छा होता ह तो हमारा नज़िरया भी अ छा होता ह ज री ह िक कमरचािरय को ऐसा कायर-पिरवश िमल िजसस उनक अवचतन म अ छ अनभव की छाप अिकत हो

परिशकषण भी ज़ री यहा िसफर सदधाितक जञान ही काफी नही होता बि क औपचािरक और अनौपचािरक दोन ही तरह की िशकषा व परिशकषण ज री ह जञान और जानकारी को यिद योजनाबदध तरीक स परयोग िकया जाए तो उसस बौिदधक तर को बढ़ान म आशातीत सफलता िमलती ह काम करन की कला अ छी िशकषा स ही आती ह ज री ह िक परिशकषण म मनोवजञािनक सामािजक आिथरक व अ य पहल को समझन की आदत िवकिसत की जाए अवचतन म यह िबठाना बहत ज री ह िक जीवन की भ यता काम क वारा ही सभव ह स थान म सभी को लगना चािहए िक उनका काम मह वपणर ह यही परबधन कला का सार ह जब कमरचािरय को ऐसा एहसास होन लगता ह तो उनक नज़िरए म बदलाव आन लगता ह उपसहारः काम क परित लोग म अ छी आदत िन िपत करन और उनम उ साह जगान स कायर-िन पादन म िनरतर िनखार आता ह दरअसल हर यिकत म मानिसक और शारीिरक ऊजार उ प न होती ह िजसक िलए काम ही सबस अ छा िनकास ह एक िवचारक क अनसार lsquoआप पछत ह म लगातार काम कय करता ह

यहा िसफर सदधाितक जञान ही काफी नही होता बि क औपचािरक और अनौपचािरक दोन ही तरह की िशकषा व परिशकषण ज री ह

प ठ 23

अकषय कराित इसका वही कारण ह िजस कारण स मगीर अ ड दती जाती ह rsquo काम क िबना इसान घट सा जाता ह उस काम की उतनी ही ज रत होती ह िजतनी हवा की आव यकता ह िक उस सही वातावरण उपल ध करान और सही िदशा म अिभपरिरत करन की व ततः हर यिकत अदर स गिरमा और आ मस मान की चाह रखता ह आव यकता ह उस अतःपरिरत करन की लोग को खद स परिरत करन क िलए हम उनकी ज रत और इ छाओ को समझना होगा पररणा कायरकषमता और आदत क बीच सीधा सबध ह जो लोग उतना ही काम करत ह िक उनकी नौकरी बची रह तो ऐस लोग िकसी भी स थान क िलए मह वपणर नही हो सकत अतपररणा स सोच म बदलाव लाया जा सकता ह पररणा आग क समान होती ह

कमरचािरय को िजतना परिरत िकया जाएगा उनम उतनी ही सकारा मक आदत का िवकास होगा कमरचािरय को उिचत स मान दकर उनक कायर को अिधक मनोरजक बनाकर परबधन वारा उनकी बात को गौर स सनकर उनकी सम याओ और सझाव पर गौर करक उ ह वय ल य िनधारिरत करन क िलए परो सािहत करक िवकास क नय अवसर उपल ध कराकर आव यकतानसार समय-समय पर समिचत परिशकषण िदलाकर तथा नयी चनौितय स जझन क िलए परो सािहत करक िन सदह उनक आचार और यवहार को सकारा मक िदशा म पाियत िकया जा सकता ह

कमरचािरय को िजतना परिरत िकया जाएगा उनम उतनी ही सकारा मक आदत का िवकास होगा

ई-पितरका म लख आिद म परकट िवचार

मलतः लखक क ह तथा यह आव यक नही ह िक

इरडा भी इन िवचार स सहमत हो

प ठ 24

अकषय कराित

िबिटया

आख म मोती लकर तम िबिटया जाती हो हा जाओ िशकषा का उपहार द रह िवदा समय यह लो ल जाओ इन पराण म परीित त हारी ममता क धन िसदरी इन नयन की बद पली परकट करती ह मजबरी लाचारी ह िफर पराण म क य ह इतनी आकलता

जब इस रीित पर पराओ म वश न िकसी का ह चलता िपतकल को तजकर अब िबिटया पित-कल म जाना होगा

नटखटपन को छोड़ धमर का ही िजसम बाना होगा इस घर की तम बड़ी लाडली पराण स यारी िबिटया

चली लाकर आज सभी को िपता की कर सनी किटया िजन हाथ न लाड़ चाव स अब तक था िजसको पाला उन हाथ न ही िबिटया को दलह राजा जी को द डाला

िजसका दख जरा मन मला हो जाती थी हरानी क यादान उसी का कर क दय बनाया पाषाणी

िकया न जाता था पल भर को इन आख स दर िजस मोती झरत िवदा द रहा आज सकल पिरवार उस अपनी मा क जीवन की तम परित-पल हो आधार रहो

िवजयता िपता क दय मिदर की िबिटया तम साकार रही आज जीवन क सख-दख सार वही िबतान तम लो जान आओगी जब कभी यहा तम होगी महमान समान

सतीश कमार कलावत इरडा

इस घर की तम बड़ी लाडली पराण स यारी िबिटया चली लाकर आज सभी

को िपता की कर सनी किटया

प ठ 25

ससराल की कभी बराई कही न मह पर आ जाव धमर कमर क तर य पथ म पाव नही िडगन पाव

सात परितजञाय जो तमन अिग नदव स मख की धारण द पि त जीवन का मह व ह करना स च मन स पालन

बटी इन सात बचन का यान दय म रह सदा दोन कल की लाज इसी म भला न दना इस कदा पित ही ह सवर तर त हार पित ही को जीवन समझो

जो कछ कह उसी को मान उनको िबिटया तम धन समझो शीलवती तम बन िबिटया पित-भक त मना सदर िनस दह वय उपजग क प-वकष घर क अ दर

पहन सिशकषा की साड़ी को शभ गण भषण अपनाओ दस लकषण शभ लकषण धार िन य नय मगल गाओ यह िशकषा उपहार दय का तम को राह िदखायगा भल भटक कर भी अिधयारा पास न आन पायगा

हम सब की आख स मोती उर स िनकल रही आशीष सभी सख स पणर परफि लत कर त ह दलह राजा की ईश

अकषय कराित

िजन हाथ न लाड़ चाव स अब तक था िजसको पाला उन हाथ न ही िबिटया को दलह राजा जी को द डाला

प ठ 26 अकषय कराित

ldquoपयारवरणrdquo श द पिर+आवरण स बना ह अथारत बा य आवरण को ही पयारवरण कहत ह इस बा य आवरण का ता पयर हमार चार ओर क वातावरण और पिरवश स ह िजस हम दसर श द म परकित भी कह सकत ह प वी पर िव यमान सपणर जीव-जगत क अि त व जीवन-यापन एव चहमखी िवकास म परकित की मह वपणर भिमका ह मानव बिदधजीवी पराणी ह और परकित क मह व स भली-भाित पिरिचत होन क कारण ही सिदय स परकित की पजा करता रहा ह

विदक काल स ही परकित तथा मानव क बीच जीवन ततर का अटट सबध रहा ह हमार पराचीन ऋिष-मिनय न प वी म हवा पानी िमटटी पड़-पौध जीव-ज तओ और मानव क सिकरय सहयोगा मक सतलन को यान म रखकर ही परकित को प य माना धमर क साथ परकित को जोड़कर उ ह न परकित को पयार त मह व िदया व जानत थ िक िजस परकार जीवन क िलए भिम की आव यकता होती ह उसी परकार वन पितया व अ य पराणी भी आव यक ह य सभी परकित क अिभ न अग ह इनम स एक क भी न ट होन का परभाव दसर पर पड़ता ह और पिरणाम व प पराकितक असतलन पदा हो जाता ह व तत प वी म हवा पानी िमटटी पड़-पौध जीव-ज तओ और मानव का सिकरय सहयोगा मक सतलन रहता ह पड़-पौध भिम को उपजाऊ बनात ह िमटटी को बाधकर रखत ह बरसात करवान तथा जल एव वाय को व छ रखन म सहायक होत ह परत आज क बढ़त औ योिगकीकरण और शहरीकरण न परकित और मानव क बीच असतलन उ प न कर िदया ह यह असतलन अिशकषण बढ़ती जनसख या शहर की ओर पलायन वकष की कटाई गगनचबी इमारत बड़-बड़ उ योग की थापना आिद क कारण ह और यही पयारवरण परदषण क मख य कारण ह मटरोपोिलटन एव बड़ शहर म अनक काबरिनक और अकाबरिनक गस जस ndash काबरन-मोनोऑक साइड अमोिनया आिद परदषण क मख य ोत ह

वतरमान पयारवरण -21वी सदी की चनौती

लख सरीन सल

विदक काल स ही परकित तथा मानव क बीच जीवन ततर का अटट सबध रहा ह

प ठ 27 अकषय कराित मन य न अपनी भितक सख-सिवधाओ की आपित र क िलए परकरित स

िखलवाड़ िकया ह वतरमान मशीनी यग म मन य वारा परकित क अ यिधक दोहन एव िनत नए कारखान की थापना स पयारवरण सकट उ प न हआ ह मानव न परकित क साथ जो अ यायपणर यवहार िकया ह उसी क फल व प परकित का िवरोधी रवया हआ ह िजस भिव य म सह पाना मि कल होगा

अिशकषा क कारण दश की तजी स बढ़ती आबादी क आवास की मलभत आव यकता को परा करन क िलए वकष की कटाई करक ऊची-ऊची इमारत बनाई जा रही ह वकष की अधाधध कटाई स भिम की ऊवररा शिक त का तो ास हो ही रहा ह साथ ही परदषण जसी िवकराल सम या भी ज म ल रही ह

परदषण पयारवरण क ास का परमख कारण ह िवकासशील दश िनत नए उ योग की थापना करक बराजगारी की सम या को तो दर कर रह ह िकत इसस जल वाय विन तथा िविभ न परकार क परदषण बढ़ रह ह कल-कारखान और मोटर स िनकलन वाल धए स वाय परदषण हो रहा ह जल थल व नभ क मागर पर शिक त चािलत वाहन विन परदषण का मख य ोत ह शहरीकरण और औ योिगकीकरण क कारण शदध पयजल की सम या िवकराल प धारण कर रही ह कारखान स िनकलन वाल कड़-कचर क निदय म िमलन स जल परदषण हो रहा ह रासायिनक खाद और कीटनाशी दवाओ स मदा परदषण का खतरा बन गया ह

इस परकार जनसख या विदध शहरीकरण औ योिगकीकरण एव परदषण जसी सम याओ न पयारवरण को बरी तरह परभािवत िकया ह आज सपणर िव व पयारवरण को लकर िचितत ह इस भयावह ि थित स बचन क िलए पर यक यिक त को पयारवरण क परित जाग क करना आज की अिनवायर आव यकता ह

इस िदशा म सवरपरथम िनरकषरता को समा त िकया जाना चािहए साकषर भारत की पिरक पना म जनसख या विदध दर वय िनयितरत हो जाएगी करल रा य इसका परमाण ह जहा साकषरता क साथ-साथ जनसख या िनयतरण भी ह

जल थल व नभ क मागर पर शिक त चािलत वाहन विन परदषण का मख य ोत ह

प ठ 28 अकषय कराित

इसक बाद बात आती ह परदषण िनवारण की आज िव व भर क

वजञािनक और पयारवरणिवद इस िदशा म कायररत ह सवरपरथम वन क काटन पर परितबध लगाया गया ह और वन सपना क िव तार हत वकष लगान क िलए परो सािहत िकया गया इसक िलए सरकार की ओर स वकष आिद िनश क उपल ध कराए जात ह ldquoपयारवरण परदषण स थाrdquo और व छ वाय अिधिनयम जस िविधक उपाय स वाय परदषण पर रोक लगान का परयास िकया जा रहा ह जहरील धआ उगलन वाल कारखान तथा वाहन पर भारी आिथरक दड का परावधान ह िविभ न सचार मा यम mdashदरदशरन समाचार-पतर तथा आकाशवाणी क मा यम स जनता को पयारवरण क परित जाग क करन क परयास िकए जा रह ह निदय म खलन वाल परदषण ोत को बद करन की योजनाए चलाई जा रही ह पािलथीन क परयोग को बद करन क िलए चलाया जा रहा ह अिभयान भी परशसनीय ह

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह इस खतर स सपणर भमडल का अि त व न ट हो जाए इसस पहल हम पयारवरण की सरकषा करन का सक प लना होगा

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह

िस धी होन क प चात भी मझ बगाली रीित िरवाज़ िमठाइया यहा का पहनावा अगरज क ज़मान की बनी सरचनाए एव भवन इ यािद म बहत िदलच पी एव िच थी

प ठ 29 अकषय कराित

यातरा स मरण-कोलकाता-खिशय हषर का शहर(िसटी ऑफ जॉय)

सोिनया सिह वानी पीईसी िलिमटड

म पी ई सी िलिमटड नामक कपनी क िविध ककष म उप िविध परबधक क पद पर कायररत ह सन 2010 जन स इस कपनी म मन परबधन परिशकष क प म अपनी पहली नौकरी की श आत की पी ई सी िलिमटड वािण य मतरालय क अतगरत आन वाली आयात-िनयारत यापार स स बिधत क पिनय म स एक ह इस स दभर म जनवरी 2011 म िविभ न िवभाग क परबधन परिशकषओ को ओिरएटशन हत काडला कोलकाता इ यािद शहर म भजन का कायरकरम िनि चत िकया गया कोलकाता क पास हि दया पोटर होन क कारण कोलकाता शहर चना गया जहा पी ई सी वारा आयात की गयी व तए पोटर गोदाम म रखी जाती ह साथ ही म कोलकाता पोटर िभ न गोदाम इ यािद दखन की यव था की गयी एव सची म समावश िकया गया यह सनकर मरी ख़शी का िठकाना न रहा क य िक मन कोलकाता शहर क बार म सना बहत था पर त कभी दखा न था िस धी होन क प चात भी मझ बगाली रीित िरवाज़ िमठाइया यहा का पहनावा अगरज क ज़मान की बनी सरचनाए एव भवन इ यािद म बहत िदलच पी एव िच थी आिखरकार मझ मौका िमला और जनवरी की कड़ाकदार ठ ड क बीच हम एक रिववार शाम कोलकाता राजधानी स अपनी मिजल की और िनकल पड़ िद ली स कोलकाता क सफ़र क बीच हमारी गाड़ी इलाहाबाद गया िबहार तथा धनबाद जस शहर स होत हए बगाल की ओर पहची हसत-गात खलत-खात हए हम अगली सबह हावड़ा जकशन पहच गए रलगाड़ी स उतर कर टशन स बाहर िनकलत ही मझ िसटी ऑफ जॉय क नाम स मशहर कोलकाता की पहली झलक िदखाई दी ऐसा लगा मानो मझ भारत क दो पहल एकसाथ जीत हए नज़र आए एक तरफ थ टशन स बाहर एव अ दर जात हए स दर कपड़ गहन म लद हए कोलकाता क बगाली िनवासी साथ म बड़ी-बड़ी गािड़य म घमत कोलकाता क नौजवान और ठीक दसरी तरफ मरी नज़र पड़ी हगली नदी पर बन परिसदध हावड़ा िबरज पर िजस दख एक अलग ही दिनया का एहसास हआ

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह

िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी

एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया नतीजा मर समकष था

प ठ 30 अकषय कराित

हावड़ा िबरज पर हर तरफ लोग का जमावड़ा था इतन लोग दख िद ली क चादनी चौक की याद आ गयी ऐसा लगा मानो म 50 साल पीछ िकसी लक एव वाईट दिनया म कदम रख चकी थी िबरज क दोन तरफ सामान बचत हए दकानदार िखलौन मछली रख हए औरत एव छोट-छोट ब च मख य शहर स हावड़ा जान वाल आम आदमी मजदर की तज़ र तार फरी स र ता पार करन वाल यापारी इन सब को दख लगा कोलकाता म मबई जसी भागम भाग भी थी िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया नतीजा मर समकष था जस-जस म कोलकाता शहर क भीतर आन लगी मझ इस शहर क िवकास की झलक िदखाई दी एक तरफ थी ऊची ईमारत सदर िवशाल िव यासागर सत पल बड़-बड़ होटल माल कोलकाता उ च यायालय राईटसर िबि डग मशहर इडन गाडरन टिडयम इ यािद तो दसरी तरफ था िवक टोिरया ममोिरयल अगरज की वा तकला क अनसार िदखती लाल ईटो की इमारत िवक टोिरयल सरचनाए भवन छोटी-छोटी पटिरय पर समान बचत नया बाज़ार (New Market) क दकानदार एव िवक टोिरया ममोिरयल क बाहर चलत सलािनय क िलए रथ वाल घोड़ हमारा होटल जसीबोस सड़क पर ि थत था एव सिवधाओ स भरपर था पर त मन य जाना िक असली कोलकाता का मज़ा गाड़ी म नही अथवा िरक शा ऑटो तथा साल स चलती आ रही सड़क पर टराम म था

हर तरफ मझ पील रग की टिक सया िदखाई दी सब एक समान थी तथा मरसीडीज़ गाड़ी क बगल म चलती 1-2 पय म सफ़र की जान वाली टराम भी साथ िदखाई दी परी िजदगी िद ली म यतीत करन क बाद हर नए शहर का रहन-सहन बोल-चाल रीित-िरवाज़ जानन की जाग कता मझम हमशा रही पहल ही िदन स कोलकाता मझ रास आया जस िक कहत ह lsquoकोलकाता हमार खब भाला लागली छ rsquo कहन का ता पयर य िक मझ कोलकाता बहत अ छा लगा पहल िदन िक शाम को हमन य मािकर ट म खरीददारी करन का मन बनाया म हरान थी िक वहा चीज िकतनी स ती िमल रही थी िद ली क मतािबक एक ितहाई दाम पर चिडया गहन बग जत कत इ यािद िमल

िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया

प ठ 31 अकषय कराित य मािकर ट िद ली क लाजपत एव सरोिजनी नगर समान ह कम

दाम म अ छा समान िमला कोलकाता चमड़ क िलए भी मशहर ह एव परिसदध ी लदसर दकान भी इस बाज़ार म ि थत ह यहा खरीदारी का हमन खब ल फ़ उठाया

अगल िदन हम हि दया पोटर गए एव अनक जहाज़ दख 3-4 घट की दरी पर ि थत यह पोटर अनक एकड़ म फला हआ था पहली बार इतन बड़ जहाज़ को अदर स दख खब आनद आया तीसर िदन हम काली बाड़ी मिदर गए बगाली अ यत पाठ-पजा वाल दगार मा क स च उपासक ह यह सब जानत ह दगार पजा इनका लोकिपरय उ सव ह तथा काली मा एव दगार मा की स च मन स पजा करत ह कोलकाता क िनवासी भिक त भावपणर ह यह सना था अब खद दख भी िलया बगाली र म स पजा करन का य मौका अ यत आनदमयी था इसक अलावा काली बाड़ी क नज़दीक ही ि थत ह गौिरहाट बाज़ार यहा की दकान बगाली सािड़या कपड़ सट कत इ यािद क िलए परिसदध ह आिद धक तशवर नामक मशहर दकान म जाकर मरा भी मन िकया िक म भी खरीददारी क मर सािथय न बहत सािड़या खरीदी एव दाम दखकर म दग रह गई सदर स सदर साड़ी मातर 600700 पय की थी मन बगाल की मशहर लाल एव सफद िपरट की साड़ी भी खरीदी कोलकाता म खरीददारी का अलग की मज़ा ह उसी िदन शाम हम सा ट लक िसटी मॉल गए वह सा ट लक टिडयम क नज़दीक ह यहा िदखाई िदया कोलकाता का परगितशील प नौजवान फटबाल की जसीर पहन माल म घम रह थ एक स एक

मशहर बरड वहा मौजद थ इसक अलावा कोलकाता क िनवासी खब मनोरजन क शौक़ीन ह सगीत नाच गाना इ यादी म िच रखत ह कोलकाता म जगह-जगह सगीत कला अकडमी तथा पढ़न (रीिडग) क क लब ह अगरज क शौक तथा रहन-सहन की झलक आज भी यहा िदखती ह यहा क नौजवान को खल-कद म भी खब िदलच पी ह फटबाल का तो जस यहॉ सबको जनन ह

भारत क परिसदध मोहन बगान फटबाल क लब फटबाल क वहा क नौजवान ही नही परा शहर ही दीवाना ह भारत-पाक मच हो या आई पी एल इडन गाडरन मदान लोग स खचा-खच भरा रहता ह अफ़सोस म वहा अदर जा न सकी

इसक अलावा काली बाड़ी क नज़दीक ही ि थत ह गौिरहाट बाज़ार यहा की दकान बगाली सािडया कपड़ सट कत इ यािद क िलए परिसदध ह

प ठ 32 अकषय कराित

मर सफर क आखरी िदन म मन कोलकाता क लोग म एकता क नजार दख िविभ नता म भी एकता का उदाहरण दखा चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख िजस िदन हम कोलकाता पहच थ उसी िदन वहा शहर बद था और मन एक जट होकर लोग को अपनी बात कहत हए दखा एव सना यहा क लोग अपन शहर क िवकास बहतरी क िलए जाग क ह िज मदारी लत ह तथा सरकार को अपनी बात भली-भाित कहत ह लड़िकय औरत की इ ज़त करत ह एव यहा िक मिहलाओ को मन िनदरलीय पाया जहा एक ओर भारत की राजधानी होन क बावजद िद ली वाल अपनी िजदगी म मगन रहत ह वही दसरी और कोलकाता म अमीरी-गरीबी िभ न जाितय म भी एक जटता ह कपड़ा एव खाना आज भी यहा खब स ता िमलता ह पर त दसरी तरफ सब जानत ह िक बड़-बड़ उ योगपित िव वान लखक िखलाड़ी गायक अिभनता िनदशक यहा स उभर ह सािह य हो या लख बॉलीवड हो या िकरकट बगाल न भारत को अनक नाम एव गौरव िदए ह चाह सौरव दादा हो या रिव दर नाथ टगोर ममता बनजीर रानी मखजीर हो या योित बस भारत म इनकी भिमका का वणरन करन की ज रत नही

मन कछ िदन क कोलकाता क सफर म इस शहर को जानन समझन का परयास िकया हगली नदी क िकनार खड़ होकर समदर को दखा निदय को िनहारा िव यासागर सत िबरज की सदरता िवशालता को सराहा क सी दास की परिसदध िमठाई का ल फ उठाया मन बहत शहर घम पर त यह सफर मर िलए सबस यादगार रहा कोलकाता परगित क मागर पर िनरतर बढ़ रहा ह पर त आज भी वह अपनी जड़ नितक म य को नही भला ह एक आम आदमी आज भी टराम म या फरी स सफर करता ह यहा क िनवासी दो पय स लकर 500 ० का खाना खात ह पराना एव नया कोलकाता एक साथ जीिवत ह िसक क क दो पहल की तरह कोलकाता क यह दो प को एक साथ रहत दख बहत आनद आया

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 33 अकषय कराित

जल परकित का अनपम उपहार ह मानव जाित अपन परादभारवकाल स ही इस उपहार का उपयोग अपन िहत क िलए करती आई ह जल वह पराकितक उपहार ह िजसका कोई िवक प नही ह इसिलए जल को अमतया जीवन भी कहा गया ह जल क िबना जीवन की सभावना भी नही ह पर यकष प स तो जल की मानवीय आव यकता सीिमत ह परत परोकष आव यकताओ पर नजर डाल तो दिनक जीवन की आव यकताए जस अ न फल स जी दध स लकर हमार पहराव आवास तक सब जल स जड़ हजल का जरा भी सतलन िबगड़ जाए तो जीवन यापन क टपरद होन म दर नही परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह जल क सामा य त य जल या पानी एक आम रासायिनक पदाथर ह जो जीवन क सभी जञात प क जीिवत रहन क िलए ज री ह आमतौर पर जल अपनी दरव अव था म उपयोग म लाया जाता ह पर यह ठोस अव था बफर और गस अव था जल वा प या भाप प म भी पाया जाता ह प वी क लगभग तीन चौथाई िह स पर िव व क महासागर का अिधकार ह अनमानत प वी पर जल की कल मातरा लगभग 1400 िमिलयन घन िकलोमीटर ह जो िक प वी पर 3000 मीटर गहरी परत िबछा दन क िलए काफी ह तथािप जल की इस िवशाल मातरा म व छ जल का अनपात बहत कम ह प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह शष जल झील निदय वायम डल नमी मदा और वन पित म मौजद ह जल की जो मातरा उपभोग और अ य परयोग क िलए व ततः उपल ध ह वह निदय झील और भजल म उपल ध मातरा का छोटा-सा िह सा ह इसिलए जल ससाधन िवकास और परब ध की बाबत सकट इसिलए उ प न होता ह कय िक अिधकाश जल उपभोग क िलए उपल ध नही हो पाता

परभावी जल परबधन और दश का िवकास

दीपक आहजा ओएनजीसी िवदश

प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह

प ठ 34 अकषय कराित

और दसर इसका िवषमतापणर थािनक िवतरण इसकी एक अ य िविश टता ह फलतः जल का मह व वीकार िकया गया ह और इसक िकफायती परयोग तथा परब ध पर अिधक बल िदया गया ह प वी पर उपल ध जल जल-चकर क मा यम स चलायमान ह जल लगातार एक चकर म घमता रहता ह िजस जलचकर कहत ह इसम वा पीकरण वषार और बह कर सागर म पहचना शािमल ह हवा जल वा प को थल क ऊपर उसी दर स उड़ा ल जाती ह िजस गित स यह बहकर सागर म पहचाता ह जल चकर का िचतर नीच पर तत िकया गया ह

अिधकाश उपभोकताओ जस िक मन य पशओ अथवा पौध क िलए जल क सचलन की ज रत होती ह जल ससाधन की गितशील और नवीकरणीय परकित और इसक परयोग की बार बार ज रत को ि टगत रखत हए यह ज री ह िक जल ससाधन को उनकी परवाह दर क अनसार मापा जाए इस परकार जल ससाधन क दो पहल ह अिधकाश िवकासा मक ज रत क िलए परवाह क प म मािपत गितशील ससाधन अिधक परासिगक ह आरिकषत भ डार की ि थर अथवा िनयत परकित और साथ ही जल की मातरा तथा जल िनकाय क कषतर की ल बाई व म यपालन नौ सचालन आिद जस कछक िकरयाकलाप क िलए भी परासिगक ह

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 35 अकषय कराित

जल का यय अप यय जल क बार म एक नही कई च कान वाल त य ह िव व म और िवशष प स भारत म जल िकस परकार न ट होता ह इस िवषय म जो त य सामन आए ह उस पर जाग कता स यान दकर जल क अप यय को रोका जा सकता ह अनक त य ऐस ह जो हम आन वाल ख़तर स तो सावधान करत ही ह दसर स पररणा लन क िलए परो सािहत करत ह और पानी क मह व व इसक अनजान ोत की जानकारी भी दत ह प वी पर पदा होन वाली सभी वन पितया स भी हम पानी िमलता ह

आल और अनानास म 80 परितशत और टमाटर म 95 परितशत पानी ह पीन क िलए मानव को परितिदन 3 लीटर और पशओ को 50 लीटर पानी

चािहए भारत म 83 परितशत पानी खती और िसचाई क िलए उपयोग िकया जाता

ह इज़राइल म औसतन मातर 10 सटीमीटर वषार होती ह इस वषार स वह

इतना अनाज पदा कर लता ह िक वह उसका िनयारत कर सकता ह दसरी ओर भारत म औसतन 50 सटीमीटर स भी अिधक वषार होन क बावजद अनाज की कमी बनी रहती ह

िपछल 50 वष म जल क िलए 37 भीषण ह याकाड हए ह भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल

चलती ह पानी ज य रोग स िव व म हर वषर 22 लाख लोग की मौत हो जाती ह यिद बरश करत समय नल खला रह गया ह तो पाच िमनट म करीब 25

स 30 लीटर पानी बरबाद होता ह बाथ टब म नहात समय 300 स 500 लीटर पानी खचर होता ह जबिक

सामा य प स नहान म 100 स 150 लीटर पानी खचर होता ह िव व म परित 10 यिकतय म स 2 यिकतय को पीन का शदध पानी

नही िमल पाता ह परित वषर 6 अरब लीटर बोतल पक पानी मन य वारा पीन क िलए

परयकत िकया जाता ह मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 36 अकषय कराित

िद ली मबई और च नई जस महानगर म पाइप लाइन क वॉ व की खराबी क कारण रोज़ 14 स 44 परितशत पानी बकार बह जाता ह

निदया पानी का सबस बड़ा ोत ह जहा एक ओर निदय म बढ़त परदषण रोकन क िलए िवशषजञ उपाय खोज रह ह वही कल कारखान स बहत हए रसायन उ ह भारी मातरा म दिषत कर रह ह

भारत म जल सकट नासा की एक िरपोटर न पानी को लकर दश भर म बढ़ती जा रही लापरवाही क परित आख खोली ह इस िरपोटर म भारत म सख की ि थित पदा होन क िलए िज मवार कारण म स एक अहम कारण अधाधध जल दोहन को बताया गया ह बतात चल िक दश भर क 604 िजल म स 161 सख की मार झल रह ह वस अब बताया जा रहा ह िक सख की मार स बहाल िजल की सखया बढ़कर 246 हो गई ह यानी कहा जाए तो आधा दश सख की चपट म ह बहरहाल नासा की इस िरपोटर म बताया गया ह िक भारत क कई रा य कषमता स यादा जल दोहन कर रह ह यहा कषमता स ता पयर यह ह िक उनस िजतन सलाना जल दोहन की उ मीद कदर करती ह व उसस कही यादा जल दोहन कर रह ह नासा न यह अ ययन 2002 स 2008 क बीच

की ि थितय क आधार पर िकया ह इस िरपोटर म बताया गया ह िक पजाब हिरयाणा और राज थान हर साल औसतन 177 अरब कयिबक मीटर पानी जमीन क अदर स िनकाल रह ह जबिक कदर की तरफ स लगाए गए अनमान क मतािबक इ ह हर साल 132 अरब कयिबक मीटर पानी ही जमीन क अदर स िनकालना था इस तरह स दखा जाए तो य तीन रा य िमलकर कषमता स 30 फीसदी यादा पानी का दोहन कर रह ह जािहर ह िक िबना कछ सोच-िवचार जब इस पमान पर पराकितक ससाधन का दोहन िकया जाएगा तो परकित भी बदला लगी और वही हो रहा ह इस िरपोटर म यह भी बताया गया ह िक भारत का महज 58 फीसदी भजल ही हर साल िरचाजर हो पाता ह नासा की यह िरपोटर बताती ह िक अधाधध जल दोहन की वजह स पर उ तर पि चम भारत क भजल तर म हर साल 4 सटीमीटर यानी 16 इच की कमी आ रही ह इस अ ययन को अजाम दन म नासा क जल िवजञानी मट रोडल न अहम भिमका िनभाई ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 37 अकषय कराित

उनक हवाल स इस िरपोटर म बताया गया ह िक दश क उ तर पि चम कषतर म 2002 स 2008 क दौरान तकरीबन 109 कयिबक िकलोमीटर पानी की कमी हई ह यह मातरा िकतनी अिधक ह इसका अदाजा इसी स लगाया जा सकता ह िक यह अमिरका क सबस बड़ जलाशय लक मीड की कषमता स दगन स भी कही यादा ह अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह इस िरपोटर क मतािबक अगर अधाधध जल दोहन इसी तरह स जारी रहा तो आन वाल समय म भारत को अनाज और पानी क सकट को झलन क िलए अभी स तयार हो जाना चािहए जािहर ह िक जब जल सकट बढ़गा तो खती पर इसका गहरा परभाव पड़गा अनाज क उ पादन म कमी आएगी इस वजह स अनाज सकट पदा होगा और भख का एक नया चहरा उभरकर सामन आएगा एक बड़ा तबका जो आज भरपट भोजन कर पाता ह उसक िलए पट भर खाना िमलना मि कल हो जाएगा भखमरी की जो सम या पदा होगी उसस िफर िनपटना आसान नही होगा इसक अलावा पीन क पानी का टोटा तो होगा ही अभी ही दश क कई िह स ऐस ह जहा क लोग को पीन क िलए साफ पानी नही िमल पा रहा ह कई कषतर ऐस ह जहा गमीर क िदन म हडपप स पानी आना बद हो जाता ह वहा क लोग को हर साल बोिरग को कछ फट बढ़वाना होता ह यह सम या भजल तर क िगरत जान की वजह स ही पदा हई ह जब पीन क पानी का सकट पदा होगा तो बोतलबद पानी का कारोबार काफी तजी स बढ़गा कहन का मतलब यह िक िजसक पास पसा होगा वह अपनी यास बझा सकगा और िजसक पास पसा नही होगा उस अपनी यास बझान क िलए भी सघषर करना पड़गा ि थित की भयावहता की क पना ही िसहरन पदा करती ह भारत म दिनया का हर छठा आदमी रहता ह यानी कहा जाए तो दिनया क कल आबादी क तकरीबन सतरह फीसदी लोग भारत म रहत ह जबिक दिनया का महज साढ़ चार फीसदी पानी ही भारत म उपल ध ह ऐस म जल सम या स दो-चार होना कोई आनापिकषत बात नही ह एक बात तो तय ह िक पराकितक ससाधन म इजाफा तो नही िकया जा सकता ह लिकन इसका सरकषण अव य िकया जा सकता ह

अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह

प ठ 38 अकषय कराित

भारत म लोग िकसी एक मा यम स पयजल परा त करन पर िनभरर नही ह इस दश म 357 फीसदी लोग हडपप स 367 फीसदी लोग नल स 182 फीसदी लोग तालाब पोखर या झील स 56 फीसदी कओ स 12 फीसदी लोग पारपिरक साधन स और 26 फीसदी लोग अ य मा यम स पीन का पानी परा त करत ह इस िलहाज स अगर दखा जाए तो जल सकट को दर करन क िलए समगर कायरयोजना की ज रत ह

दरअसल भारत म गहरात जल सकट क िलए काफी हद तक पानी की बबारदी भी िज मवार ह यहा जल आपित र की यव था म काफी खािमया ह नल क जिरए घर तक पहचन वाल पानी का एक बड़ा िह सा िरस कर बबारद हो जाता ह हर शहर म फट हए आपित र पाइप आसानी स दख जा सकत ह इस बदहाल यव था क िलए सरकार क साथ-साथ सामा य लोग भी कम िज मदार नही ह एक तरफ तो सरकार पयजल क नाम पर हर साल हजार करोड़ पए का बजट बनाती ह और दसरी तरफ जमीनी तर पर हालात म कोई बदलाव नही िदखता ह सामािजक तौर पर भी जल सरकषण को लकर जाग कता का अभाव िदखता ह यह सामािजक तान-बान का ही असर ह िक लोग कही भी जल की बबारदी को दखकर उस सामा य घटना मानत हए नजरअदाज कर दत ह दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था यह अब घटकर 1800 कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर हो चका ह

दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था

प ठ 39 अकषय कराित

िवशषजञ का अनमान ह िक अगर पानी की खपत और बबारदी इसी तरह स जारी रही तो 2025 तक यह घटकर हजार कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर ही रह जाएगा उस समय तक पानी की उपल धता म आन वाली इस कमी की वजह स किष उ पादन म तीस फीसदी की कमी आन की सभावना ह इन पिरि थितय म दश की आिथरक और सामािजक ि थित का कया होगा इसका अदाजा सहज ही लगाया जा सकता ह भारत म जल सरकषण क परित आज भी आम लोग क मन म उपकषा का भाव बना हआ ह साथ ही इस कायर क िलए आव यक तकनीक की भी कमी ह जो तकनीक उपल ध ह उनस सामा य लोग अनजान ह बािरश क पानी का सगरह करक उस उपयोग म लाना एक अ छा िवक प ह पर इस तरह की कोिशश काफी सीिमत मातरा म काफी छोट तर पर हो रही ह यही वजह ह िक दश म होन वाली बािरश क पानी का अ सी फीसदी िह सा आज भी समदर म पहच जाता ह अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह अगर जल की इस िवशाल मातरा का आधा भी परयोग कर िलया जाए तो ि थित म यापक बदलाव आना तय ह शहरी कषतर म तो पानी की कालाबाजारी जोर पर ह जगह-जगह पर जल मािफया सिकरय हो गए ह िद ली क ही एक अखबार न कछ समय पहल यह बात उजागर िकया था यहा तो समानातर जल बोडर भी चलाया जा रहा ह हरानी की बात तो यह ह िक इसक बावजद भी पानी क काल धध पर अकश नही लगाया जा सका ह अहम सवाल यह ह िक कस सामा य तबक क लोग तक व छ पानी पहचाया जाए शहरी कषतर क साथ-साथ गरामीण कषतर म भी यह एक बड़ी चनौती ह आबादी म अपर यािशत विदध बढ़त शहरीकरण औ योिगकीकरण और किष उ पाद की बढ़ती माग क कारण पानी की माग िपछल कछ साल म वाभािवक प स बढ़ी ह इसक पिरणाम व प भजल ससाधन का अ यिधक दोहन हआ ह और इसका नतीजा हआ िक लगातार भजल का तर घटता जा रहा ह शहरी कषतर म ि थित बहद भयावह ह तदनसार वहा न कवल शीघराितशीघर जल ससाधन क सरकषण की ज रत ह बि क परभावी रणनीित और परबधन क जिरए त काल कदम उठान की ज रत ह

अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह

प ठ 40 अकषय कराित

खासकर इस बात को यान म ऱखकर िक िविभ न परितयोगी कषतर म कभी भी माग बढ़ सकती ह भिव य म उपयोग क िलए छत पर या सतह पर जलगरहण बनाकर वषारजल सरकषण बहद ज री ह यह पानी की बढ़ती ज रत का खयाल रखन िमटटी की नमी तर को बढ़ान शहरी हिरयाली को बढ़ान भजल तर को कितरम प स पनभररण करन और भजल की गणव ता स सधार का काम करता ह भारत म जल परबधन स दश का िवकास भारत म दिनया की 16 परितशत आबादी रहती ह लिकन दिनया क िसफर 4 परितशत जल ससाधन ही भारत क पास ह 3290000 वगर िकलोमीटर क भिम कषतर और एक अरब स यादा की आबादी क साथ भारत क एक बहलवादी िविवधता का िचतर ह िवशाल पराकितक ससाधन क साथ सप न तकनीकी और वजञािनक किमरय का भी यह दिनया म दसरा सबस बड़ा सम चय ह भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह मानव िवकास म 80 क दशक म लगभग 26 परितशत और 90 क दशक क दौरान और 24 परितशत क वारा सधार हआ ह आजादी क बाद छह दशक म भारत न जल ससाधन का अभतपवर िवकास और खा या न म आ मिनभररता शहरी कषतर ऊजार और औ योिगक कषतर और पीन का पानी क बिनयादी ढाच म तजी स िव तार दखा ह िजसका उपयोग भारत की लगभग 85 परितशत शहरी और गरामीण आबादी क वारा िकया जाता ह भारत म रा य सरकार और भारत सरकार क परितबदध और ठोस परयास की वजह स गरामीण और शहरी आबादी को सरिकषत पयजल को उपल ध करवान म काफी सफलता हािसल की ह इस उपलि ध न भजल की कमी जल जमावजल गणव ता िगरावट जल परदषण और बढ़त लवणता तर स बड़ कषतर को परभािवत िकया ह और अभी भी िविभ न रा य म गरामीण और शहरी भारत क मानव िवकास सचकाक (HDI)rsquo म बहत असमानता मौजद ह पानी क िलए कषतरीय माग तजी स बढ़ रह शहरीकरण की गित स बढ़ रही ह (अनमानत 2025 तक दश की आबादी का 50 परितशत स अिधक शहर म रहग) जनसखया विदध बढ़ती आय और औ योिगक िवकासशहरी भारत तजी स िवकास की माग क कदर क प म उभर रहा ह

भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह

प ठ 41 अकषय कराित

नतीजतन परित यिकत पानी की उपल धता िगर रही ह परधानमतरी की अ यकषता म 12वी योजना क िलए हई योजना आयोग की पणर बठक म दसर म क साथ जल परबधन पर िवशष चचार हई बठक क बाद योजना आयोग क उपा यकष म टक िसह अहलवािलया न कहा िक भ-जल कानन स लकर दसर म की यापक समीकषा ज री ह व यनाथन सिमित जहा वतरमान म भ-जल कानन की साथरकता का अ ययन करगी वही भारतीय अतिरकष अनसधान सगठन [इसरो] की मदद स पानी की उपल धता का िव तत अ ययन होगा म टक न कहा िक उसी आधार पर रणनीित तय होगी सरकार यह यान रखगी िक पानी का अिधकतम उपयोग हो सक और सभी को उपल ध हो पानी पर िकसी का एकािधकार न हो सक बतात ह िक द पयोग को रोकन क िलए श क लगान पर भी िवचार िकया जा सकता ह हालािक इसस पहल रा य सरकार स चचार होगी यह तय ह िक एआइबीपी कायरकरम म यापक बदलाव ह ग ी म टक िसह अहलवािलया न कहा िक वतरमान म इस कायरकरम का सही िकरया वयन नही हो रहा ह िलहाजा उसम पिरवतरन ज री ह सभव ह िक हर रा य म जल िनयामक परािधकरण बनान की शतर भी लगाई जाए उ ह न कहा िक जल परबधन की यापक समीकषा कर नई रणनीित तय की जाएगी कल िमलाकर रा टरीय तर पर वतरमान जल ससाधन का अिधक स अिधक करन क िलए माग को परा करन क िलए पयार त ह लिकन भिव य क अ ययन पिरयोजना ह िक जल आपित र की ि थित अगल आध सदी म अिधक किठन हो सकती ह जल सकट स िनपटन को जल सरकषण परबधन अिनवायर परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह बढ़त वि वक तापमान क फल व प अितवि ट अनावि ट अ पवि ट और असामियक वि ट हम परितवषर दख रह ह िजसका परभाव हमार जल ससाधन पर पड़ता िदखाई द रहा ह कओ व बाविडय का िमटता अि त व नदी-नाल का घटता पानी भ-गभर जल का िगरता तर िचता की पिरिध स िनकलकर खतर की घटी बनता जा रहा ह

निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह

प ठ 42 अकषय कराित

िव व भर म सीमट क अधाधध परयोग न धरातल क सहज अवशोषण कषतर को घटाया ह तथा जल बहाव भिम कटाव व बाढ़ म विदध की ह ऐसी ि थित म जल सरकषण का दािय व मातर वजञािनक व सरकार तक सीिमत न रहकर पर यक उपभोकता क कध पर आ जाता ह इसी दािय व क िनवरहन क िलए हमार पास दो िवक प सामन आत ह 1 वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई

उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

2 पािरवािरक तर पर वषार जल को सगरिहत कर उसका उपयोग कर य दोन ही परयास गरामीण कषतर म तो सरलता स अपनाए जा सकत ह परत शहरी कषतर म व ट वाटर मनजमट की बड़ी पिरयोजनाए बनाकर ही पानी को िरसाइिकल िकया जा सकता ह भ-गभर अिधकािधक जल अवशोिषत होकर

जाए इसक िलए मदानी भाग म िनयोिजत ढग स बड़-बड़ पोखर बनाकर तथा पहाड़ी कषतर म नाल -ख ड म िमटटी प थर आरसीसी क बड़-छोट डम लगाकर जल बहाव रोक भ-सरकषण बचाव व जल भडारण और धरातल जल शोषण कषतर बढ़ाया जा सकता ह िव व बक भारत सरकार वारा म य िहमालय जलागम पिरयोजना रा य क भ-सरकषण िवभाग इस कषतर म कारगर उपाय लकर

हमार सामन ह परत जनसहयोग क िबना इन पिरयोजनाओ क आशातीत पिरणाम ल पाना किठन ह वकषारोपण इस सपणर जल चकर को बल दन वाला कारक ह जल क परित चतना जागत न हई तो अव य ही अगल िव व यदध का कारण जल ही होगा

जल भोजन ह और अिगन भोजन का भकषक ह अिगन जल म और जल अिगन म िव यमान ह

- ततरीय उपिनषद 38

वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

प ठ 43 अकषय कराित

म भी गान गा सकता ह शबनम क िखलत फल क म भी गीत सना सकता ह सावन क म त झल क लिकन जब घर-घर म बादल छाय घोर िनराशा क तब म नगम गा रहा ह उ मीद की आशा क

सड़क पर खड़ बचपन की य बात सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह

हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

इस बदलत पिरवश का राग सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

गाधी जी क सपन का जो राम-रा य कहलाता ह उस भारत म सड़क पर छोट चाय पहचाता ह

कहा गई वो अ हड़ म ती कहा गया वो यार का रा ता उन हाथ स बचत झड िजन हाथ को चािहए ब ता

उस सोन की िचिड़या की म बात बतान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

कही बम की गमर हवाए कही ससद म कोहराम ह कही होत घोटाल स परशान आदमी आम ह

कही कल की िकलकारी ह कही सड़क पर बचपन ह कही चलता नही गजारा कही िवदश म काला धन ह

म स चाई गा-गाकर सबको बतलान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

बदलता भारत मनीष लाल इरडा

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

प ठ 44 अकषय कराित

करन वाल काम बहत ह यथर उलझन को छोड़ो म ला-पिड़त तोड़ रह ह तम बस lsquoअपन को जोड़ो

lsquoहम बदलग-यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का lsquoवद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का

वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हम बदलग mdash यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का वद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

प ठ 45 अकषय कराित

िसफर काला और सफ़द य ही वो दो रग थ जो तर पास सि ट बनान क आधार थ

काला वो जो कािलमा िलय ह िजस कहत ह दख िनराशा म य अपयश और वो सबकछ जो नकारा मक ह

मगर सफद ह वो रग िजसस जड़ा ह जीवन आशा सख और कीितर और वो सब कछ जो सकारा मक ह पर इन रग स तझ चन ना िमला त सोचन लगा अगर सि ट बनानी ह

तो िकस िलए- ससगर और परम क िलए और

इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग

ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह

बस- बना डाला तन इ दरधनष

जो बरसात क बाद सरज और प वी क अनपम परम को रग दता ह सतरगी रग स

और उ ही सतरगी इ दरधनषी रग म हम हर पल हर कषण डबत गहरात इतरात रहत ह

और खिशय भर ससार म हर रग को अलग-अलग तरह स महसस करक जीत रहत ह

रग तो रग ह मगर-

ससगर और परम क िलए और इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह बस-

सतरगी िचतर सगीता ीवा तव इरडा

प ठ 46 अकषय कराित

कभी पक क कभी फीक़ तो कछ कभी दाग बनकर उभर आत ह

कछ आख म नील बादल स छाए रहत ह तो कछ गाल पर गलाबी रग बनकर छलक जात ह

याद रहत ह अक सर वो रग- जो खदी पर इस तरह छा जात ह िक खद म घलकर खद क होन

का एहसास दत-दत खद का एक रग बन जात ह

बगनी आसामनी नीला हरा पीला नारगी लाल इ दरधनष क य सात रग ही जोड़त ह हमार िदल को

हमार मन को जोड़न वाल इन रग की सतरगी दिनया म-

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा बनाय

और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क

सतरगी िचतर

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा

बनाय और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क सतरगी िचतर

Page 22: Akshay Kranti Vol 3€¦ · पक्ष को प्रभािवत न कर e, बािधत व पीिड़त न कर eवह काय-र्कौशल है।

प ठ 22

अकषय कराित कायर-स कित का बहाव ऊपर स नीच की ओर होता ह नीच स ऊपर की ओर कभी नही यह दखना बहत ज री ह िक हमन अपन िलए और आस-पास क लोग क िलए कसा वातावरण तयार िकया ह खराब वातावरण म अ छ की उ मीद करना बमानी ह अनभवः हम अपन जीवन म अपन काम-काज म हालात स जसा अनभव पात ह वह हमारी आदत का िह सा बन जात ह और उसी क अनसार हमारा यवहार होता ह अगर िकसी क परित हमारा अनभव अ छा होता ह तो हमारा नज़िरया भी अ छा होता ह ज री ह िक कमरचािरय को ऐसा कायर-पिरवश िमल िजसस उनक अवचतन म अ छ अनभव की छाप अिकत हो

परिशकषण भी ज़ री यहा िसफर सदधाितक जञान ही काफी नही होता बि क औपचािरक और अनौपचािरक दोन ही तरह की िशकषा व परिशकषण ज री ह जञान और जानकारी को यिद योजनाबदध तरीक स परयोग िकया जाए तो उसस बौिदधक तर को बढ़ान म आशातीत सफलता िमलती ह काम करन की कला अ छी िशकषा स ही आती ह ज री ह िक परिशकषण म मनोवजञािनक सामािजक आिथरक व अ य पहल को समझन की आदत िवकिसत की जाए अवचतन म यह िबठाना बहत ज री ह िक जीवन की भ यता काम क वारा ही सभव ह स थान म सभी को लगना चािहए िक उनका काम मह वपणर ह यही परबधन कला का सार ह जब कमरचािरय को ऐसा एहसास होन लगता ह तो उनक नज़िरए म बदलाव आन लगता ह उपसहारः काम क परित लोग म अ छी आदत िन िपत करन और उनम उ साह जगान स कायर-िन पादन म िनरतर िनखार आता ह दरअसल हर यिकत म मानिसक और शारीिरक ऊजार उ प न होती ह िजसक िलए काम ही सबस अ छा िनकास ह एक िवचारक क अनसार lsquoआप पछत ह म लगातार काम कय करता ह

यहा िसफर सदधाितक जञान ही काफी नही होता बि क औपचािरक और अनौपचािरक दोन ही तरह की िशकषा व परिशकषण ज री ह

प ठ 23

अकषय कराित इसका वही कारण ह िजस कारण स मगीर अ ड दती जाती ह rsquo काम क िबना इसान घट सा जाता ह उस काम की उतनी ही ज रत होती ह िजतनी हवा की आव यकता ह िक उस सही वातावरण उपल ध करान और सही िदशा म अिभपरिरत करन की व ततः हर यिकत अदर स गिरमा और आ मस मान की चाह रखता ह आव यकता ह उस अतःपरिरत करन की लोग को खद स परिरत करन क िलए हम उनकी ज रत और इ छाओ को समझना होगा पररणा कायरकषमता और आदत क बीच सीधा सबध ह जो लोग उतना ही काम करत ह िक उनकी नौकरी बची रह तो ऐस लोग िकसी भी स थान क िलए मह वपणर नही हो सकत अतपररणा स सोच म बदलाव लाया जा सकता ह पररणा आग क समान होती ह

कमरचािरय को िजतना परिरत िकया जाएगा उनम उतनी ही सकारा मक आदत का िवकास होगा कमरचािरय को उिचत स मान दकर उनक कायर को अिधक मनोरजक बनाकर परबधन वारा उनकी बात को गौर स सनकर उनकी सम याओ और सझाव पर गौर करक उ ह वय ल य िनधारिरत करन क िलए परो सािहत करक िवकास क नय अवसर उपल ध कराकर आव यकतानसार समय-समय पर समिचत परिशकषण िदलाकर तथा नयी चनौितय स जझन क िलए परो सािहत करक िन सदह उनक आचार और यवहार को सकारा मक िदशा म पाियत िकया जा सकता ह

कमरचािरय को िजतना परिरत िकया जाएगा उनम उतनी ही सकारा मक आदत का िवकास होगा

ई-पितरका म लख आिद म परकट िवचार

मलतः लखक क ह तथा यह आव यक नही ह िक

इरडा भी इन िवचार स सहमत हो

प ठ 24

अकषय कराित

िबिटया

आख म मोती लकर तम िबिटया जाती हो हा जाओ िशकषा का उपहार द रह िवदा समय यह लो ल जाओ इन पराण म परीित त हारी ममता क धन िसदरी इन नयन की बद पली परकट करती ह मजबरी लाचारी ह िफर पराण म क य ह इतनी आकलता

जब इस रीित पर पराओ म वश न िकसी का ह चलता िपतकल को तजकर अब िबिटया पित-कल म जाना होगा

नटखटपन को छोड़ धमर का ही िजसम बाना होगा इस घर की तम बड़ी लाडली पराण स यारी िबिटया

चली लाकर आज सभी को िपता की कर सनी किटया िजन हाथ न लाड़ चाव स अब तक था िजसको पाला उन हाथ न ही िबिटया को दलह राजा जी को द डाला

िजसका दख जरा मन मला हो जाती थी हरानी क यादान उसी का कर क दय बनाया पाषाणी

िकया न जाता था पल भर को इन आख स दर िजस मोती झरत िवदा द रहा आज सकल पिरवार उस अपनी मा क जीवन की तम परित-पल हो आधार रहो

िवजयता िपता क दय मिदर की िबिटया तम साकार रही आज जीवन क सख-दख सार वही िबतान तम लो जान आओगी जब कभी यहा तम होगी महमान समान

सतीश कमार कलावत इरडा

इस घर की तम बड़ी लाडली पराण स यारी िबिटया चली लाकर आज सभी

को िपता की कर सनी किटया

प ठ 25

ससराल की कभी बराई कही न मह पर आ जाव धमर कमर क तर य पथ म पाव नही िडगन पाव

सात परितजञाय जो तमन अिग नदव स मख की धारण द पि त जीवन का मह व ह करना स च मन स पालन

बटी इन सात बचन का यान दय म रह सदा दोन कल की लाज इसी म भला न दना इस कदा पित ही ह सवर तर त हार पित ही को जीवन समझो

जो कछ कह उसी को मान उनको िबिटया तम धन समझो शीलवती तम बन िबिटया पित-भक त मना सदर िनस दह वय उपजग क प-वकष घर क अ दर

पहन सिशकषा की साड़ी को शभ गण भषण अपनाओ दस लकषण शभ लकषण धार िन य नय मगल गाओ यह िशकषा उपहार दय का तम को राह िदखायगा भल भटक कर भी अिधयारा पास न आन पायगा

हम सब की आख स मोती उर स िनकल रही आशीष सभी सख स पणर परफि लत कर त ह दलह राजा की ईश

अकषय कराित

िजन हाथ न लाड़ चाव स अब तक था िजसको पाला उन हाथ न ही िबिटया को दलह राजा जी को द डाला

प ठ 26 अकषय कराित

ldquoपयारवरणrdquo श द पिर+आवरण स बना ह अथारत बा य आवरण को ही पयारवरण कहत ह इस बा य आवरण का ता पयर हमार चार ओर क वातावरण और पिरवश स ह िजस हम दसर श द म परकित भी कह सकत ह प वी पर िव यमान सपणर जीव-जगत क अि त व जीवन-यापन एव चहमखी िवकास म परकित की मह वपणर भिमका ह मानव बिदधजीवी पराणी ह और परकित क मह व स भली-भाित पिरिचत होन क कारण ही सिदय स परकित की पजा करता रहा ह

विदक काल स ही परकित तथा मानव क बीच जीवन ततर का अटट सबध रहा ह हमार पराचीन ऋिष-मिनय न प वी म हवा पानी िमटटी पड़-पौध जीव-ज तओ और मानव क सिकरय सहयोगा मक सतलन को यान म रखकर ही परकित को प य माना धमर क साथ परकित को जोड़कर उ ह न परकित को पयार त मह व िदया व जानत थ िक िजस परकार जीवन क िलए भिम की आव यकता होती ह उसी परकार वन पितया व अ य पराणी भी आव यक ह य सभी परकित क अिभ न अग ह इनम स एक क भी न ट होन का परभाव दसर पर पड़ता ह और पिरणाम व प पराकितक असतलन पदा हो जाता ह व तत प वी म हवा पानी िमटटी पड़-पौध जीव-ज तओ और मानव का सिकरय सहयोगा मक सतलन रहता ह पड़-पौध भिम को उपजाऊ बनात ह िमटटी को बाधकर रखत ह बरसात करवान तथा जल एव वाय को व छ रखन म सहायक होत ह परत आज क बढ़त औ योिगकीकरण और शहरीकरण न परकित और मानव क बीच असतलन उ प न कर िदया ह यह असतलन अिशकषण बढ़ती जनसख या शहर की ओर पलायन वकष की कटाई गगनचबी इमारत बड़-बड़ उ योग की थापना आिद क कारण ह और यही पयारवरण परदषण क मख य कारण ह मटरोपोिलटन एव बड़ शहर म अनक काबरिनक और अकाबरिनक गस जस ndash काबरन-मोनोऑक साइड अमोिनया आिद परदषण क मख य ोत ह

वतरमान पयारवरण -21वी सदी की चनौती

लख सरीन सल

विदक काल स ही परकित तथा मानव क बीच जीवन ततर का अटट सबध रहा ह

प ठ 27 अकषय कराित मन य न अपनी भितक सख-सिवधाओ की आपित र क िलए परकरित स

िखलवाड़ िकया ह वतरमान मशीनी यग म मन य वारा परकित क अ यिधक दोहन एव िनत नए कारखान की थापना स पयारवरण सकट उ प न हआ ह मानव न परकित क साथ जो अ यायपणर यवहार िकया ह उसी क फल व प परकित का िवरोधी रवया हआ ह िजस भिव य म सह पाना मि कल होगा

अिशकषा क कारण दश की तजी स बढ़ती आबादी क आवास की मलभत आव यकता को परा करन क िलए वकष की कटाई करक ऊची-ऊची इमारत बनाई जा रही ह वकष की अधाधध कटाई स भिम की ऊवररा शिक त का तो ास हो ही रहा ह साथ ही परदषण जसी िवकराल सम या भी ज म ल रही ह

परदषण पयारवरण क ास का परमख कारण ह िवकासशील दश िनत नए उ योग की थापना करक बराजगारी की सम या को तो दर कर रह ह िकत इसस जल वाय विन तथा िविभ न परकार क परदषण बढ़ रह ह कल-कारखान और मोटर स िनकलन वाल धए स वाय परदषण हो रहा ह जल थल व नभ क मागर पर शिक त चािलत वाहन विन परदषण का मख य ोत ह शहरीकरण और औ योिगकीकरण क कारण शदध पयजल की सम या िवकराल प धारण कर रही ह कारखान स िनकलन वाल कड़-कचर क निदय म िमलन स जल परदषण हो रहा ह रासायिनक खाद और कीटनाशी दवाओ स मदा परदषण का खतरा बन गया ह

इस परकार जनसख या विदध शहरीकरण औ योिगकीकरण एव परदषण जसी सम याओ न पयारवरण को बरी तरह परभािवत िकया ह आज सपणर िव व पयारवरण को लकर िचितत ह इस भयावह ि थित स बचन क िलए पर यक यिक त को पयारवरण क परित जाग क करना आज की अिनवायर आव यकता ह

इस िदशा म सवरपरथम िनरकषरता को समा त िकया जाना चािहए साकषर भारत की पिरक पना म जनसख या विदध दर वय िनयितरत हो जाएगी करल रा य इसका परमाण ह जहा साकषरता क साथ-साथ जनसख या िनयतरण भी ह

जल थल व नभ क मागर पर शिक त चािलत वाहन विन परदषण का मख य ोत ह

प ठ 28 अकषय कराित

इसक बाद बात आती ह परदषण िनवारण की आज िव व भर क

वजञािनक और पयारवरणिवद इस िदशा म कायररत ह सवरपरथम वन क काटन पर परितबध लगाया गया ह और वन सपना क िव तार हत वकष लगान क िलए परो सािहत िकया गया इसक िलए सरकार की ओर स वकष आिद िनश क उपल ध कराए जात ह ldquoपयारवरण परदषण स थाrdquo और व छ वाय अिधिनयम जस िविधक उपाय स वाय परदषण पर रोक लगान का परयास िकया जा रहा ह जहरील धआ उगलन वाल कारखान तथा वाहन पर भारी आिथरक दड का परावधान ह िविभ न सचार मा यम mdashदरदशरन समाचार-पतर तथा आकाशवाणी क मा यम स जनता को पयारवरण क परित जाग क करन क परयास िकए जा रह ह निदय म खलन वाल परदषण ोत को बद करन की योजनाए चलाई जा रही ह पािलथीन क परयोग को बद करन क िलए चलाया जा रहा ह अिभयान भी परशसनीय ह

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह इस खतर स सपणर भमडल का अि त व न ट हो जाए इसस पहल हम पयारवरण की सरकषा करन का सक प लना होगा

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह

िस धी होन क प चात भी मझ बगाली रीित िरवाज़ िमठाइया यहा का पहनावा अगरज क ज़मान की बनी सरचनाए एव भवन इ यािद म बहत िदलच पी एव िच थी

प ठ 29 अकषय कराित

यातरा स मरण-कोलकाता-खिशय हषर का शहर(िसटी ऑफ जॉय)

सोिनया सिह वानी पीईसी िलिमटड

म पी ई सी िलिमटड नामक कपनी क िविध ककष म उप िविध परबधक क पद पर कायररत ह सन 2010 जन स इस कपनी म मन परबधन परिशकष क प म अपनी पहली नौकरी की श आत की पी ई सी िलिमटड वािण य मतरालय क अतगरत आन वाली आयात-िनयारत यापार स स बिधत क पिनय म स एक ह इस स दभर म जनवरी 2011 म िविभ न िवभाग क परबधन परिशकषओ को ओिरएटशन हत काडला कोलकाता इ यािद शहर म भजन का कायरकरम िनि चत िकया गया कोलकाता क पास हि दया पोटर होन क कारण कोलकाता शहर चना गया जहा पी ई सी वारा आयात की गयी व तए पोटर गोदाम म रखी जाती ह साथ ही म कोलकाता पोटर िभ न गोदाम इ यािद दखन की यव था की गयी एव सची म समावश िकया गया यह सनकर मरी ख़शी का िठकाना न रहा क य िक मन कोलकाता शहर क बार म सना बहत था पर त कभी दखा न था िस धी होन क प चात भी मझ बगाली रीित िरवाज़ िमठाइया यहा का पहनावा अगरज क ज़मान की बनी सरचनाए एव भवन इ यािद म बहत िदलच पी एव िच थी आिखरकार मझ मौका िमला और जनवरी की कड़ाकदार ठ ड क बीच हम एक रिववार शाम कोलकाता राजधानी स अपनी मिजल की और िनकल पड़ िद ली स कोलकाता क सफ़र क बीच हमारी गाड़ी इलाहाबाद गया िबहार तथा धनबाद जस शहर स होत हए बगाल की ओर पहची हसत-गात खलत-खात हए हम अगली सबह हावड़ा जकशन पहच गए रलगाड़ी स उतर कर टशन स बाहर िनकलत ही मझ िसटी ऑफ जॉय क नाम स मशहर कोलकाता की पहली झलक िदखाई दी ऐसा लगा मानो मझ भारत क दो पहल एकसाथ जीत हए नज़र आए एक तरफ थ टशन स बाहर एव अ दर जात हए स दर कपड़ गहन म लद हए कोलकाता क बगाली िनवासी साथ म बड़ी-बड़ी गािड़य म घमत कोलकाता क नौजवान और ठीक दसरी तरफ मरी नज़र पड़ी हगली नदी पर बन परिसदध हावड़ा िबरज पर िजस दख एक अलग ही दिनया का एहसास हआ

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह

िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी

एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया नतीजा मर समकष था

प ठ 30 अकषय कराित

हावड़ा िबरज पर हर तरफ लोग का जमावड़ा था इतन लोग दख िद ली क चादनी चौक की याद आ गयी ऐसा लगा मानो म 50 साल पीछ िकसी लक एव वाईट दिनया म कदम रख चकी थी िबरज क दोन तरफ सामान बचत हए दकानदार िखलौन मछली रख हए औरत एव छोट-छोट ब च मख य शहर स हावड़ा जान वाल आम आदमी मजदर की तज़ र तार फरी स र ता पार करन वाल यापारी इन सब को दख लगा कोलकाता म मबई जसी भागम भाग भी थी िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया नतीजा मर समकष था जस-जस म कोलकाता शहर क भीतर आन लगी मझ इस शहर क िवकास की झलक िदखाई दी एक तरफ थी ऊची ईमारत सदर िवशाल िव यासागर सत पल बड़-बड़ होटल माल कोलकाता उ च यायालय राईटसर िबि डग मशहर इडन गाडरन टिडयम इ यािद तो दसरी तरफ था िवक टोिरया ममोिरयल अगरज की वा तकला क अनसार िदखती लाल ईटो की इमारत िवक टोिरयल सरचनाए भवन छोटी-छोटी पटिरय पर समान बचत नया बाज़ार (New Market) क दकानदार एव िवक टोिरया ममोिरयल क बाहर चलत सलािनय क िलए रथ वाल घोड़ हमारा होटल जसीबोस सड़क पर ि थत था एव सिवधाओ स भरपर था पर त मन य जाना िक असली कोलकाता का मज़ा गाड़ी म नही अथवा िरक शा ऑटो तथा साल स चलती आ रही सड़क पर टराम म था

हर तरफ मझ पील रग की टिक सया िदखाई दी सब एक समान थी तथा मरसीडीज़ गाड़ी क बगल म चलती 1-2 पय म सफ़र की जान वाली टराम भी साथ िदखाई दी परी िजदगी िद ली म यतीत करन क बाद हर नए शहर का रहन-सहन बोल-चाल रीित-िरवाज़ जानन की जाग कता मझम हमशा रही पहल ही िदन स कोलकाता मझ रास आया जस िक कहत ह lsquoकोलकाता हमार खब भाला लागली छ rsquo कहन का ता पयर य िक मझ कोलकाता बहत अ छा लगा पहल िदन िक शाम को हमन य मािकर ट म खरीददारी करन का मन बनाया म हरान थी िक वहा चीज िकतनी स ती िमल रही थी िद ली क मतािबक एक ितहाई दाम पर चिडया गहन बग जत कत इ यािद िमल

िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया

प ठ 31 अकषय कराित य मािकर ट िद ली क लाजपत एव सरोिजनी नगर समान ह कम

दाम म अ छा समान िमला कोलकाता चमड़ क िलए भी मशहर ह एव परिसदध ी लदसर दकान भी इस बाज़ार म ि थत ह यहा खरीदारी का हमन खब ल फ़ उठाया

अगल िदन हम हि दया पोटर गए एव अनक जहाज़ दख 3-4 घट की दरी पर ि थत यह पोटर अनक एकड़ म फला हआ था पहली बार इतन बड़ जहाज़ को अदर स दख खब आनद आया तीसर िदन हम काली बाड़ी मिदर गए बगाली अ यत पाठ-पजा वाल दगार मा क स च उपासक ह यह सब जानत ह दगार पजा इनका लोकिपरय उ सव ह तथा काली मा एव दगार मा की स च मन स पजा करत ह कोलकाता क िनवासी भिक त भावपणर ह यह सना था अब खद दख भी िलया बगाली र म स पजा करन का य मौका अ यत आनदमयी था इसक अलावा काली बाड़ी क नज़दीक ही ि थत ह गौिरहाट बाज़ार यहा की दकान बगाली सािड़या कपड़ सट कत इ यािद क िलए परिसदध ह आिद धक तशवर नामक मशहर दकान म जाकर मरा भी मन िकया िक म भी खरीददारी क मर सािथय न बहत सािड़या खरीदी एव दाम दखकर म दग रह गई सदर स सदर साड़ी मातर 600700 पय की थी मन बगाल की मशहर लाल एव सफद िपरट की साड़ी भी खरीदी कोलकाता म खरीददारी का अलग की मज़ा ह उसी िदन शाम हम सा ट लक िसटी मॉल गए वह सा ट लक टिडयम क नज़दीक ह यहा िदखाई िदया कोलकाता का परगितशील प नौजवान फटबाल की जसीर पहन माल म घम रह थ एक स एक

मशहर बरड वहा मौजद थ इसक अलावा कोलकाता क िनवासी खब मनोरजन क शौक़ीन ह सगीत नाच गाना इ यादी म िच रखत ह कोलकाता म जगह-जगह सगीत कला अकडमी तथा पढ़न (रीिडग) क क लब ह अगरज क शौक तथा रहन-सहन की झलक आज भी यहा िदखती ह यहा क नौजवान को खल-कद म भी खब िदलच पी ह फटबाल का तो जस यहॉ सबको जनन ह

भारत क परिसदध मोहन बगान फटबाल क लब फटबाल क वहा क नौजवान ही नही परा शहर ही दीवाना ह भारत-पाक मच हो या आई पी एल इडन गाडरन मदान लोग स खचा-खच भरा रहता ह अफ़सोस म वहा अदर जा न सकी

इसक अलावा काली बाड़ी क नज़दीक ही ि थत ह गौिरहाट बाज़ार यहा की दकान बगाली सािडया कपड़ सट कत इ यािद क िलए परिसदध ह

प ठ 32 अकषय कराित

मर सफर क आखरी िदन म मन कोलकाता क लोग म एकता क नजार दख िविभ नता म भी एकता का उदाहरण दखा चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख िजस िदन हम कोलकाता पहच थ उसी िदन वहा शहर बद था और मन एक जट होकर लोग को अपनी बात कहत हए दखा एव सना यहा क लोग अपन शहर क िवकास बहतरी क िलए जाग क ह िज मदारी लत ह तथा सरकार को अपनी बात भली-भाित कहत ह लड़िकय औरत की इ ज़त करत ह एव यहा िक मिहलाओ को मन िनदरलीय पाया जहा एक ओर भारत की राजधानी होन क बावजद िद ली वाल अपनी िजदगी म मगन रहत ह वही दसरी और कोलकाता म अमीरी-गरीबी िभ न जाितय म भी एक जटता ह कपड़ा एव खाना आज भी यहा खब स ता िमलता ह पर त दसरी तरफ सब जानत ह िक बड़-बड़ उ योगपित िव वान लखक िखलाड़ी गायक अिभनता िनदशक यहा स उभर ह सािह य हो या लख बॉलीवड हो या िकरकट बगाल न भारत को अनक नाम एव गौरव िदए ह चाह सौरव दादा हो या रिव दर नाथ टगोर ममता बनजीर रानी मखजीर हो या योित बस भारत म इनकी भिमका का वणरन करन की ज रत नही

मन कछ िदन क कोलकाता क सफर म इस शहर को जानन समझन का परयास िकया हगली नदी क िकनार खड़ होकर समदर को दखा निदय को िनहारा िव यासागर सत िबरज की सदरता िवशालता को सराहा क सी दास की परिसदध िमठाई का ल फ उठाया मन बहत शहर घम पर त यह सफर मर िलए सबस यादगार रहा कोलकाता परगित क मागर पर िनरतर बढ़ रहा ह पर त आज भी वह अपनी जड़ नितक म य को नही भला ह एक आम आदमी आज भी टराम म या फरी स सफर करता ह यहा क िनवासी दो पय स लकर 500 ० का खाना खात ह पराना एव नया कोलकाता एक साथ जीिवत ह िसक क क दो पहल की तरह कोलकाता क यह दो प को एक साथ रहत दख बहत आनद आया

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 33 अकषय कराित

जल परकित का अनपम उपहार ह मानव जाित अपन परादभारवकाल स ही इस उपहार का उपयोग अपन िहत क िलए करती आई ह जल वह पराकितक उपहार ह िजसका कोई िवक प नही ह इसिलए जल को अमतया जीवन भी कहा गया ह जल क िबना जीवन की सभावना भी नही ह पर यकष प स तो जल की मानवीय आव यकता सीिमत ह परत परोकष आव यकताओ पर नजर डाल तो दिनक जीवन की आव यकताए जस अ न फल स जी दध स लकर हमार पहराव आवास तक सब जल स जड़ हजल का जरा भी सतलन िबगड़ जाए तो जीवन यापन क टपरद होन म दर नही परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह जल क सामा य त य जल या पानी एक आम रासायिनक पदाथर ह जो जीवन क सभी जञात प क जीिवत रहन क िलए ज री ह आमतौर पर जल अपनी दरव अव था म उपयोग म लाया जाता ह पर यह ठोस अव था बफर और गस अव था जल वा प या भाप प म भी पाया जाता ह प वी क लगभग तीन चौथाई िह स पर िव व क महासागर का अिधकार ह अनमानत प वी पर जल की कल मातरा लगभग 1400 िमिलयन घन िकलोमीटर ह जो िक प वी पर 3000 मीटर गहरी परत िबछा दन क िलए काफी ह तथािप जल की इस िवशाल मातरा म व छ जल का अनपात बहत कम ह प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह शष जल झील निदय वायम डल नमी मदा और वन पित म मौजद ह जल की जो मातरा उपभोग और अ य परयोग क िलए व ततः उपल ध ह वह निदय झील और भजल म उपल ध मातरा का छोटा-सा िह सा ह इसिलए जल ससाधन िवकास और परब ध की बाबत सकट इसिलए उ प न होता ह कय िक अिधकाश जल उपभोग क िलए उपल ध नही हो पाता

परभावी जल परबधन और दश का िवकास

दीपक आहजा ओएनजीसी िवदश

प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह

प ठ 34 अकषय कराित

और दसर इसका िवषमतापणर थािनक िवतरण इसकी एक अ य िविश टता ह फलतः जल का मह व वीकार िकया गया ह और इसक िकफायती परयोग तथा परब ध पर अिधक बल िदया गया ह प वी पर उपल ध जल जल-चकर क मा यम स चलायमान ह जल लगातार एक चकर म घमता रहता ह िजस जलचकर कहत ह इसम वा पीकरण वषार और बह कर सागर म पहचना शािमल ह हवा जल वा प को थल क ऊपर उसी दर स उड़ा ल जाती ह िजस गित स यह बहकर सागर म पहचाता ह जल चकर का िचतर नीच पर तत िकया गया ह

अिधकाश उपभोकताओ जस िक मन य पशओ अथवा पौध क िलए जल क सचलन की ज रत होती ह जल ससाधन की गितशील और नवीकरणीय परकित और इसक परयोग की बार बार ज रत को ि टगत रखत हए यह ज री ह िक जल ससाधन को उनकी परवाह दर क अनसार मापा जाए इस परकार जल ससाधन क दो पहल ह अिधकाश िवकासा मक ज रत क िलए परवाह क प म मािपत गितशील ससाधन अिधक परासिगक ह आरिकषत भ डार की ि थर अथवा िनयत परकित और साथ ही जल की मातरा तथा जल िनकाय क कषतर की ल बाई व म यपालन नौ सचालन आिद जस कछक िकरयाकलाप क िलए भी परासिगक ह

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 35 अकषय कराित

जल का यय अप यय जल क बार म एक नही कई च कान वाल त य ह िव व म और िवशष प स भारत म जल िकस परकार न ट होता ह इस िवषय म जो त य सामन आए ह उस पर जाग कता स यान दकर जल क अप यय को रोका जा सकता ह अनक त य ऐस ह जो हम आन वाल ख़तर स तो सावधान करत ही ह दसर स पररणा लन क िलए परो सािहत करत ह और पानी क मह व व इसक अनजान ोत की जानकारी भी दत ह प वी पर पदा होन वाली सभी वन पितया स भी हम पानी िमलता ह

आल और अनानास म 80 परितशत और टमाटर म 95 परितशत पानी ह पीन क िलए मानव को परितिदन 3 लीटर और पशओ को 50 लीटर पानी

चािहए भारत म 83 परितशत पानी खती और िसचाई क िलए उपयोग िकया जाता

ह इज़राइल म औसतन मातर 10 सटीमीटर वषार होती ह इस वषार स वह

इतना अनाज पदा कर लता ह िक वह उसका िनयारत कर सकता ह दसरी ओर भारत म औसतन 50 सटीमीटर स भी अिधक वषार होन क बावजद अनाज की कमी बनी रहती ह

िपछल 50 वष म जल क िलए 37 भीषण ह याकाड हए ह भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल

चलती ह पानी ज य रोग स िव व म हर वषर 22 लाख लोग की मौत हो जाती ह यिद बरश करत समय नल खला रह गया ह तो पाच िमनट म करीब 25

स 30 लीटर पानी बरबाद होता ह बाथ टब म नहात समय 300 स 500 लीटर पानी खचर होता ह जबिक

सामा य प स नहान म 100 स 150 लीटर पानी खचर होता ह िव व म परित 10 यिकतय म स 2 यिकतय को पीन का शदध पानी

नही िमल पाता ह परित वषर 6 अरब लीटर बोतल पक पानी मन य वारा पीन क िलए

परयकत िकया जाता ह मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 36 अकषय कराित

िद ली मबई और च नई जस महानगर म पाइप लाइन क वॉ व की खराबी क कारण रोज़ 14 स 44 परितशत पानी बकार बह जाता ह

निदया पानी का सबस बड़ा ोत ह जहा एक ओर निदय म बढ़त परदषण रोकन क िलए िवशषजञ उपाय खोज रह ह वही कल कारखान स बहत हए रसायन उ ह भारी मातरा म दिषत कर रह ह

भारत म जल सकट नासा की एक िरपोटर न पानी को लकर दश भर म बढ़ती जा रही लापरवाही क परित आख खोली ह इस िरपोटर म भारत म सख की ि थित पदा होन क िलए िज मवार कारण म स एक अहम कारण अधाधध जल दोहन को बताया गया ह बतात चल िक दश भर क 604 िजल म स 161 सख की मार झल रह ह वस अब बताया जा रहा ह िक सख की मार स बहाल िजल की सखया बढ़कर 246 हो गई ह यानी कहा जाए तो आधा दश सख की चपट म ह बहरहाल नासा की इस िरपोटर म बताया गया ह िक भारत क कई रा य कषमता स यादा जल दोहन कर रह ह यहा कषमता स ता पयर यह ह िक उनस िजतन सलाना जल दोहन की उ मीद कदर करती ह व उसस कही यादा जल दोहन कर रह ह नासा न यह अ ययन 2002 स 2008 क बीच

की ि थितय क आधार पर िकया ह इस िरपोटर म बताया गया ह िक पजाब हिरयाणा और राज थान हर साल औसतन 177 अरब कयिबक मीटर पानी जमीन क अदर स िनकाल रह ह जबिक कदर की तरफ स लगाए गए अनमान क मतािबक इ ह हर साल 132 अरब कयिबक मीटर पानी ही जमीन क अदर स िनकालना था इस तरह स दखा जाए तो य तीन रा य िमलकर कषमता स 30 फीसदी यादा पानी का दोहन कर रह ह जािहर ह िक िबना कछ सोच-िवचार जब इस पमान पर पराकितक ससाधन का दोहन िकया जाएगा तो परकित भी बदला लगी और वही हो रहा ह इस िरपोटर म यह भी बताया गया ह िक भारत का महज 58 फीसदी भजल ही हर साल िरचाजर हो पाता ह नासा की यह िरपोटर बताती ह िक अधाधध जल दोहन की वजह स पर उ तर पि चम भारत क भजल तर म हर साल 4 सटीमीटर यानी 16 इच की कमी आ रही ह इस अ ययन को अजाम दन म नासा क जल िवजञानी मट रोडल न अहम भिमका िनभाई ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 37 अकषय कराित

उनक हवाल स इस िरपोटर म बताया गया ह िक दश क उ तर पि चम कषतर म 2002 स 2008 क दौरान तकरीबन 109 कयिबक िकलोमीटर पानी की कमी हई ह यह मातरा िकतनी अिधक ह इसका अदाजा इसी स लगाया जा सकता ह िक यह अमिरका क सबस बड़ जलाशय लक मीड की कषमता स दगन स भी कही यादा ह अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह इस िरपोटर क मतािबक अगर अधाधध जल दोहन इसी तरह स जारी रहा तो आन वाल समय म भारत को अनाज और पानी क सकट को झलन क िलए अभी स तयार हो जाना चािहए जािहर ह िक जब जल सकट बढ़गा तो खती पर इसका गहरा परभाव पड़गा अनाज क उ पादन म कमी आएगी इस वजह स अनाज सकट पदा होगा और भख का एक नया चहरा उभरकर सामन आएगा एक बड़ा तबका जो आज भरपट भोजन कर पाता ह उसक िलए पट भर खाना िमलना मि कल हो जाएगा भखमरी की जो सम या पदा होगी उसस िफर िनपटना आसान नही होगा इसक अलावा पीन क पानी का टोटा तो होगा ही अभी ही दश क कई िह स ऐस ह जहा क लोग को पीन क िलए साफ पानी नही िमल पा रहा ह कई कषतर ऐस ह जहा गमीर क िदन म हडपप स पानी आना बद हो जाता ह वहा क लोग को हर साल बोिरग को कछ फट बढ़वाना होता ह यह सम या भजल तर क िगरत जान की वजह स ही पदा हई ह जब पीन क पानी का सकट पदा होगा तो बोतलबद पानी का कारोबार काफी तजी स बढ़गा कहन का मतलब यह िक िजसक पास पसा होगा वह अपनी यास बझा सकगा और िजसक पास पसा नही होगा उस अपनी यास बझान क िलए भी सघषर करना पड़गा ि थित की भयावहता की क पना ही िसहरन पदा करती ह भारत म दिनया का हर छठा आदमी रहता ह यानी कहा जाए तो दिनया क कल आबादी क तकरीबन सतरह फीसदी लोग भारत म रहत ह जबिक दिनया का महज साढ़ चार फीसदी पानी ही भारत म उपल ध ह ऐस म जल सम या स दो-चार होना कोई आनापिकषत बात नही ह एक बात तो तय ह िक पराकितक ससाधन म इजाफा तो नही िकया जा सकता ह लिकन इसका सरकषण अव य िकया जा सकता ह

अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह

प ठ 38 अकषय कराित

भारत म लोग िकसी एक मा यम स पयजल परा त करन पर िनभरर नही ह इस दश म 357 फीसदी लोग हडपप स 367 फीसदी लोग नल स 182 फीसदी लोग तालाब पोखर या झील स 56 फीसदी कओ स 12 फीसदी लोग पारपिरक साधन स और 26 फीसदी लोग अ य मा यम स पीन का पानी परा त करत ह इस िलहाज स अगर दखा जाए तो जल सकट को दर करन क िलए समगर कायरयोजना की ज रत ह

दरअसल भारत म गहरात जल सकट क िलए काफी हद तक पानी की बबारदी भी िज मवार ह यहा जल आपित र की यव था म काफी खािमया ह नल क जिरए घर तक पहचन वाल पानी का एक बड़ा िह सा िरस कर बबारद हो जाता ह हर शहर म फट हए आपित र पाइप आसानी स दख जा सकत ह इस बदहाल यव था क िलए सरकार क साथ-साथ सामा य लोग भी कम िज मदार नही ह एक तरफ तो सरकार पयजल क नाम पर हर साल हजार करोड़ पए का बजट बनाती ह और दसरी तरफ जमीनी तर पर हालात म कोई बदलाव नही िदखता ह सामािजक तौर पर भी जल सरकषण को लकर जाग कता का अभाव िदखता ह यह सामािजक तान-बान का ही असर ह िक लोग कही भी जल की बबारदी को दखकर उस सामा य घटना मानत हए नजरअदाज कर दत ह दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था यह अब घटकर 1800 कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर हो चका ह

दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था

प ठ 39 अकषय कराित

िवशषजञ का अनमान ह िक अगर पानी की खपत और बबारदी इसी तरह स जारी रही तो 2025 तक यह घटकर हजार कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर ही रह जाएगा उस समय तक पानी की उपल धता म आन वाली इस कमी की वजह स किष उ पादन म तीस फीसदी की कमी आन की सभावना ह इन पिरि थितय म दश की आिथरक और सामािजक ि थित का कया होगा इसका अदाजा सहज ही लगाया जा सकता ह भारत म जल सरकषण क परित आज भी आम लोग क मन म उपकषा का भाव बना हआ ह साथ ही इस कायर क िलए आव यक तकनीक की भी कमी ह जो तकनीक उपल ध ह उनस सामा य लोग अनजान ह बािरश क पानी का सगरह करक उस उपयोग म लाना एक अ छा िवक प ह पर इस तरह की कोिशश काफी सीिमत मातरा म काफी छोट तर पर हो रही ह यही वजह ह िक दश म होन वाली बािरश क पानी का अ सी फीसदी िह सा आज भी समदर म पहच जाता ह अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह अगर जल की इस िवशाल मातरा का आधा भी परयोग कर िलया जाए तो ि थित म यापक बदलाव आना तय ह शहरी कषतर म तो पानी की कालाबाजारी जोर पर ह जगह-जगह पर जल मािफया सिकरय हो गए ह िद ली क ही एक अखबार न कछ समय पहल यह बात उजागर िकया था यहा तो समानातर जल बोडर भी चलाया जा रहा ह हरानी की बात तो यह ह िक इसक बावजद भी पानी क काल धध पर अकश नही लगाया जा सका ह अहम सवाल यह ह िक कस सामा य तबक क लोग तक व छ पानी पहचाया जाए शहरी कषतर क साथ-साथ गरामीण कषतर म भी यह एक बड़ी चनौती ह आबादी म अपर यािशत विदध बढ़त शहरीकरण औ योिगकीकरण और किष उ पाद की बढ़ती माग क कारण पानी की माग िपछल कछ साल म वाभािवक प स बढ़ी ह इसक पिरणाम व प भजल ससाधन का अ यिधक दोहन हआ ह और इसका नतीजा हआ िक लगातार भजल का तर घटता जा रहा ह शहरी कषतर म ि थित बहद भयावह ह तदनसार वहा न कवल शीघराितशीघर जल ससाधन क सरकषण की ज रत ह बि क परभावी रणनीित और परबधन क जिरए त काल कदम उठान की ज रत ह

अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह

प ठ 40 अकषय कराित

खासकर इस बात को यान म ऱखकर िक िविभ न परितयोगी कषतर म कभी भी माग बढ़ सकती ह भिव य म उपयोग क िलए छत पर या सतह पर जलगरहण बनाकर वषारजल सरकषण बहद ज री ह यह पानी की बढ़ती ज रत का खयाल रखन िमटटी की नमी तर को बढ़ान शहरी हिरयाली को बढ़ान भजल तर को कितरम प स पनभररण करन और भजल की गणव ता स सधार का काम करता ह भारत म जल परबधन स दश का िवकास भारत म दिनया की 16 परितशत आबादी रहती ह लिकन दिनया क िसफर 4 परितशत जल ससाधन ही भारत क पास ह 3290000 वगर िकलोमीटर क भिम कषतर और एक अरब स यादा की आबादी क साथ भारत क एक बहलवादी िविवधता का िचतर ह िवशाल पराकितक ससाधन क साथ सप न तकनीकी और वजञािनक किमरय का भी यह दिनया म दसरा सबस बड़ा सम चय ह भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह मानव िवकास म 80 क दशक म लगभग 26 परितशत और 90 क दशक क दौरान और 24 परितशत क वारा सधार हआ ह आजादी क बाद छह दशक म भारत न जल ससाधन का अभतपवर िवकास और खा या न म आ मिनभररता शहरी कषतर ऊजार और औ योिगक कषतर और पीन का पानी क बिनयादी ढाच म तजी स िव तार दखा ह िजसका उपयोग भारत की लगभग 85 परितशत शहरी और गरामीण आबादी क वारा िकया जाता ह भारत म रा य सरकार और भारत सरकार क परितबदध और ठोस परयास की वजह स गरामीण और शहरी आबादी को सरिकषत पयजल को उपल ध करवान म काफी सफलता हािसल की ह इस उपलि ध न भजल की कमी जल जमावजल गणव ता िगरावट जल परदषण और बढ़त लवणता तर स बड़ कषतर को परभािवत िकया ह और अभी भी िविभ न रा य म गरामीण और शहरी भारत क मानव िवकास सचकाक (HDI)rsquo म बहत असमानता मौजद ह पानी क िलए कषतरीय माग तजी स बढ़ रह शहरीकरण की गित स बढ़ रही ह (अनमानत 2025 तक दश की आबादी का 50 परितशत स अिधक शहर म रहग) जनसखया विदध बढ़ती आय और औ योिगक िवकासशहरी भारत तजी स िवकास की माग क कदर क प म उभर रहा ह

भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह

प ठ 41 अकषय कराित

नतीजतन परित यिकत पानी की उपल धता िगर रही ह परधानमतरी की अ यकषता म 12वी योजना क िलए हई योजना आयोग की पणर बठक म दसर म क साथ जल परबधन पर िवशष चचार हई बठक क बाद योजना आयोग क उपा यकष म टक िसह अहलवािलया न कहा िक भ-जल कानन स लकर दसर म की यापक समीकषा ज री ह व यनाथन सिमित जहा वतरमान म भ-जल कानन की साथरकता का अ ययन करगी वही भारतीय अतिरकष अनसधान सगठन [इसरो] की मदद स पानी की उपल धता का िव तत अ ययन होगा म टक न कहा िक उसी आधार पर रणनीित तय होगी सरकार यह यान रखगी िक पानी का अिधकतम उपयोग हो सक और सभी को उपल ध हो पानी पर िकसी का एकािधकार न हो सक बतात ह िक द पयोग को रोकन क िलए श क लगान पर भी िवचार िकया जा सकता ह हालािक इसस पहल रा य सरकार स चचार होगी यह तय ह िक एआइबीपी कायरकरम म यापक बदलाव ह ग ी म टक िसह अहलवािलया न कहा िक वतरमान म इस कायरकरम का सही िकरया वयन नही हो रहा ह िलहाजा उसम पिरवतरन ज री ह सभव ह िक हर रा य म जल िनयामक परािधकरण बनान की शतर भी लगाई जाए उ ह न कहा िक जल परबधन की यापक समीकषा कर नई रणनीित तय की जाएगी कल िमलाकर रा टरीय तर पर वतरमान जल ससाधन का अिधक स अिधक करन क िलए माग को परा करन क िलए पयार त ह लिकन भिव य क अ ययन पिरयोजना ह िक जल आपित र की ि थित अगल आध सदी म अिधक किठन हो सकती ह जल सकट स िनपटन को जल सरकषण परबधन अिनवायर परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह बढ़त वि वक तापमान क फल व प अितवि ट अनावि ट अ पवि ट और असामियक वि ट हम परितवषर दख रह ह िजसका परभाव हमार जल ससाधन पर पड़ता िदखाई द रहा ह कओ व बाविडय का िमटता अि त व नदी-नाल का घटता पानी भ-गभर जल का िगरता तर िचता की पिरिध स िनकलकर खतर की घटी बनता जा रहा ह

निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह

प ठ 42 अकषय कराित

िव व भर म सीमट क अधाधध परयोग न धरातल क सहज अवशोषण कषतर को घटाया ह तथा जल बहाव भिम कटाव व बाढ़ म विदध की ह ऐसी ि थित म जल सरकषण का दािय व मातर वजञािनक व सरकार तक सीिमत न रहकर पर यक उपभोकता क कध पर आ जाता ह इसी दािय व क िनवरहन क िलए हमार पास दो िवक प सामन आत ह 1 वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई

उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

2 पािरवािरक तर पर वषार जल को सगरिहत कर उसका उपयोग कर य दोन ही परयास गरामीण कषतर म तो सरलता स अपनाए जा सकत ह परत शहरी कषतर म व ट वाटर मनजमट की बड़ी पिरयोजनाए बनाकर ही पानी को िरसाइिकल िकया जा सकता ह भ-गभर अिधकािधक जल अवशोिषत होकर

जाए इसक िलए मदानी भाग म िनयोिजत ढग स बड़-बड़ पोखर बनाकर तथा पहाड़ी कषतर म नाल -ख ड म िमटटी प थर आरसीसी क बड़-छोट डम लगाकर जल बहाव रोक भ-सरकषण बचाव व जल भडारण और धरातल जल शोषण कषतर बढ़ाया जा सकता ह िव व बक भारत सरकार वारा म य िहमालय जलागम पिरयोजना रा य क भ-सरकषण िवभाग इस कषतर म कारगर उपाय लकर

हमार सामन ह परत जनसहयोग क िबना इन पिरयोजनाओ क आशातीत पिरणाम ल पाना किठन ह वकषारोपण इस सपणर जल चकर को बल दन वाला कारक ह जल क परित चतना जागत न हई तो अव य ही अगल िव व यदध का कारण जल ही होगा

जल भोजन ह और अिगन भोजन का भकषक ह अिगन जल म और जल अिगन म िव यमान ह

- ततरीय उपिनषद 38

वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

प ठ 43 अकषय कराित

म भी गान गा सकता ह शबनम क िखलत फल क म भी गीत सना सकता ह सावन क म त झल क लिकन जब घर-घर म बादल छाय घोर िनराशा क तब म नगम गा रहा ह उ मीद की आशा क

सड़क पर खड़ बचपन की य बात सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह

हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

इस बदलत पिरवश का राग सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

गाधी जी क सपन का जो राम-रा य कहलाता ह उस भारत म सड़क पर छोट चाय पहचाता ह

कहा गई वो अ हड़ म ती कहा गया वो यार का रा ता उन हाथ स बचत झड िजन हाथ को चािहए ब ता

उस सोन की िचिड़या की म बात बतान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

कही बम की गमर हवाए कही ससद म कोहराम ह कही होत घोटाल स परशान आदमी आम ह

कही कल की िकलकारी ह कही सड़क पर बचपन ह कही चलता नही गजारा कही िवदश म काला धन ह

म स चाई गा-गाकर सबको बतलान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

बदलता भारत मनीष लाल इरडा

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

प ठ 44 अकषय कराित

करन वाल काम बहत ह यथर उलझन को छोड़ो म ला-पिड़त तोड़ रह ह तम बस lsquoअपन को जोड़ो

lsquoहम बदलग-यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का lsquoवद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का

वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हम बदलग mdash यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का वद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

प ठ 45 अकषय कराित

िसफर काला और सफ़द य ही वो दो रग थ जो तर पास सि ट बनान क आधार थ

काला वो जो कािलमा िलय ह िजस कहत ह दख िनराशा म य अपयश और वो सबकछ जो नकारा मक ह

मगर सफद ह वो रग िजसस जड़ा ह जीवन आशा सख और कीितर और वो सब कछ जो सकारा मक ह पर इन रग स तझ चन ना िमला त सोचन लगा अगर सि ट बनानी ह

तो िकस िलए- ससगर और परम क िलए और

इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग

ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह

बस- बना डाला तन इ दरधनष

जो बरसात क बाद सरज और प वी क अनपम परम को रग दता ह सतरगी रग स

और उ ही सतरगी इ दरधनषी रग म हम हर पल हर कषण डबत गहरात इतरात रहत ह

और खिशय भर ससार म हर रग को अलग-अलग तरह स महसस करक जीत रहत ह

रग तो रग ह मगर-

ससगर और परम क िलए और इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह बस-

सतरगी िचतर सगीता ीवा तव इरडा

प ठ 46 अकषय कराित

कभी पक क कभी फीक़ तो कछ कभी दाग बनकर उभर आत ह

कछ आख म नील बादल स छाए रहत ह तो कछ गाल पर गलाबी रग बनकर छलक जात ह

याद रहत ह अक सर वो रग- जो खदी पर इस तरह छा जात ह िक खद म घलकर खद क होन

का एहसास दत-दत खद का एक रग बन जात ह

बगनी आसामनी नीला हरा पीला नारगी लाल इ दरधनष क य सात रग ही जोड़त ह हमार िदल को

हमार मन को जोड़न वाल इन रग की सतरगी दिनया म-

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा बनाय

और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क

सतरगी िचतर

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा

बनाय और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क सतरगी िचतर

Page 23: Akshay Kranti Vol 3€¦ · पक्ष को प्रभािवत न कर e, बािधत व पीिड़त न कर eवह काय-र्कौशल है।

प ठ 23

अकषय कराित इसका वही कारण ह िजस कारण स मगीर अ ड दती जाती ह rsquo काम क िबना इसान घट सा जाता ह उस काम की उतनी ही ज रत होती ह िजतनी हवा की आव यकता ह िक उस सही वातावरण उपल ध करान और सही िदशा म अिभपरिरत करन की व ततः हर यिकत अदर स गिरमा और आ मस मान की चाह रखता ह आव यकता ह उस अतःपरिरत करन की लोग को खद स परिरत करन क िलए हम उनकी ज रत और इ छाओ को समझना होगा पररणा कायरकषमता और आदत क बीच सीधा सबध ह जो लोग उतना ही काम करत ह िक उनकी नौकरी बची रह तो ऐस लोग िकसी भी स थान क िलए मह वपणर नही हो सकत अतपररणा स सोच म बदलाव लाया जा सकता ह पररणा आग क समान होती ह

कमरचािरय को िजतना परिरत िकया जाएगा उनम उतनी ही सकारा मक आदत का िवकास होगा कमरचािरय को उिचत स मान दकर उनक कायर को अिधक मनोरजक बनाकर परबधन वारा उनकी बात को गौर स सनकर उनकी सम याओ और सझाव पर गौर करक उ ह वय ल य िनधारिरत करन क िलए परो सािहत करक िवकास क नय अवसर उपल ध कराकर आव यकतानसार समय-समय पर समिचत परिशकषण िदलाकर तथा नयी चनौितय स जझन क िलए परो सािहत करक िन सदह उनक आचार और यवहार को सकारा मक िदशा म पाियत िकया जा सकता ह

कमरचािरय को िजतना परिरत िकया जाएगा उनम उतनी ही सकारा मक आदत का िवकास होगा

ई-पितरका म लख आिद म परकट िवचार

मलतः लखक क ह तथा यह आव यक नही ह िक

इरडा भी इन िवचार स सहमत हो

प ठ 24

अकषय कराित

िबिटया

आख म मोती लकर तम िबिटया जाती हो हा जाओ िशकषा का उपहार द रह िवदा समय यह लो ल जाओ इन पराण म परीित त हारी ममता क धन िसदरी इन नयन की बद पली परकट करती ह मजबरी लाचारी ह िफर पराण म क य ह इतनी आकलता

जब इस रीित पर पराओ म वश न िकसी का ह चलता िपतकल को तजकर अब िबिटया पित-कल म जाना होगा

नटखटपन को छोड़ धमर का ही िजसम बाना होगा इस घर की तम बड़ी लाडली पराण स यारी िबिटया

चली लाकर आज सभी को िपता की कर सनी किटया िजन हाथ न लाड़ चाव स अब तक था िजसको पाला उन हाथ न ही िबिटया को दलह राजा जी को द डाला

िजसका दख जरा मन मला हो जाती थी हरानी क यादान उसी का कर क दय बनाया पाषाणी

िकया न जाता था पल भर को इन आख स दर िजस मोती झरत िवदा द रहा आज सकल पिरवार उस अपनी मा क जीवन की तम परित-पल हो आधार रहो

िवजयता िपता क दय मिदर की िबिटया तम साकार रही आज जीवन क सख-दख सार वही िबतान तम लो जान आओगी जब कभी यहा तम होगी महमान समान

सतीश कमार कलावत इरडा

इस घर की तम बड़ी लाडली पराण स यारी िबिटया चली लाकर आज सभी

को िपता की कर सनी किटया

प ठ 25

ससराल की कभी बराई कही न मह पर आ जाव धमर कमर क तर य पथ म पाव नही िडगन पाव

सात परितजञाय जो तमन अिग नदव स मख की धारण द पि त जीवन का मह व ह करना स च मन स पालन

बटी इन सात बचन का यान दय म रह सदा दोन कल की लाज इसी म भला न दना इस कदा पित ही ह सवर तर त हार पित ही को जीवन समझो

जो कछ कह उसी को मान उनको िबिटया तम धन समझो शीलवती तम बन िबिटया पित-भक त मना सदर िनस दह वय उपजग क प-वकष घर क अ दर

पहन सिशकषा की साड़ी को शभ गण भषण अपनाओ दस लकषण शभ लकषण धार िन य नय मगल गाओ यह िशकषा उपहार दय का तम को राह िदखायगा भल भटक कर भी अिधयारा पास न आन पायगा

हम सब की आख स मोती उर स िनकल रही आशीष सभी सख स पणर परफि लत कर त ह दलह राजा की ईश

अकषय कराित

िजन हाथ न लाड़ चाव स अब तक था िजसको पाला उन हाथ न ही िबिटया को दलह राजा जी को द डाला

प ठ 26 अकषय कराित

ldquoपयारवरणrdquo श द पिर+आवरण स बना ह अथारत बा य आवरण को ही पयारवरण कहत ह इस बा य आवरण का ता पयर हमार चार ओर क वातावरण और पिरवश स ह िजस हम दसर श द म परकित भी कह सकत ह प वी पर िव यमान सपणर जीव-जगत क अि त व जीवन-यापन एव चहमखी िवकास म परकित की मह वपणर भिमका ह मानव बिदधजीवी पराणी ह और परकित क मह व स भली-भाित पिरिचत होन क कारण ही सिदय स परकित की पजा करता रहा ह

विदक काल स ही परकित तथा मानव क बीच जीवन ततर का अटट सबध रहा ह हमार पराचीन ऋिष-मिनय न प वी म हवा पानी िमटटी पड़-पौध जीव-ज तओ और मानव क सिकरय सहयोगा मक सतलन को यान म रखकर ही परकित को प य माना धमर क साथ परकित को जोड़कर उ ह न परकित को पयार त मह व िदया व जानत थ िक िजस परकार जीवन क िलए भिम की आव यकता होती ह उसी परकार वन पितया व अ य पराणी भी आव यक ह य सभी परकित क अिभ न अग ह इनम स एक क भी न ट होन का परभाव दसर पर पड़ता ह और पिरणाम व प पराकितक असतलन पदा हो जाता ह व तत प वी म हवा पानी िमटटी पड़-पौध जीव-ज तओ और मानव का सिकरय सहयोगा मक सतलन रहता ह पड़-पौध भिम को उपजाऊ बनात ह िमटटी को बाधकर रखत ह बरसात करवान तथा जल एव वाय को व छ रखन म सहायक होत ह परत आज क बढ़त औ योिगकीकरण और शहरीकरण न परकित और मानव क बीच असतलन उ प न कर िदया ह यह असतलन अिशकषण बढ़ती जनसख या शहर की ओर पलायन वकष की कटाई गगनचबी इमारत बड़-बड़ उ योग की थापना आिद क कारण ह और यही पयारवरण परदषण क मख य कारण ह मटरोपोिलटन एव बड़ शहर म अनक काबरिनक और अकाबरिनक गस जस ndash काबरन-मोनोऑक साइड अमोिनया आिद परदषण क मख य ोत ह

वतरमान पयारवरण -21वी सदी की चनौती

लख सरीन सल

विदक काल स ही परकित तथा मानव क बीच जीवन ततर का अटट सबध रहा ह

प ठ 27 अकषय कराित मन य न अपनी भितक सख-सिवधाओ की आपित र क िलए परकरित स

िखलवाड़ िकया ह वतरमान मशीनी यग म मन य वारा परकित क अ यिधक दोहन एव िनत नए कारखान की थापना स पयारवरण सकट उ प न हआ ह मानव न परकित क साथ जो अ यायपणर यवहार िकया ह उसी क फल व प परकित का िवरोधी रवया हआ ह िजस भिव य म सह पाना मि कल होगा

अिशकषा क कारण दश की तजी स बढ़ती आबादी क आवास की मलभत आव यकता को परा करन क िलए वकष की कटाई करक ऊची-ऊची इमारत बनाई जा रही ह वकष की अधाधध कटाई स भिम की ऊवररा शिक त का तो ास हो ही रहा ह साथ ही परदषण जसी िवकराल सम या भी ज म ल रही ह

परदषण पयारवरण क ास का परमख कारण ह िवकासशील दश िनत नए उ योग की थापना करक बराजगारी की सम या को तो दर कर रह ह िकत इसस जल वाय विन तथा िविभ न परकार क परदषण बढ़ रह ह कल-कारखान और मोटर स िनकलन वाल धए स वाय परदषण हो रहा ह जल थल व नभ क मागर पर शिक त चािलत वाहन विन परदषण का मख य ोत ह शहरीकरण और औ योिगकीकरण क कारण शदध पयजल की सम या िवकराल प धारण कर रही ह कारखान स िनकलन वाल कड़-कचर क निदय म िमलन स जल परदषण हो रहा ह रासायिनक खाद और कीटनाशी दवाओ स मदा परदषण का खतरा बन गया ह

इस परकार जनसख या विदध शहरीकरण औ योिगकीकरण एव परदषण जसी सम याओ न पयारवरण को बरी तरह परभािवत िकया ह आज सपणर िव व पयारवरण को लकर िचितत ह इस भयावह ि थित स बचन क िलए पर यक यिक त को पयारवरण क परित जाग क करना आज की अिनवायर आव यकता ह

इस िदशा म सवरपरथम िनरकषरता को समा त िकया जाना चािहए साकषर भारत की पिरक पना म जनसख या विदध दर वय िनयितरत हो जाएगी करल रा य इसका परमाण ह जहा साकषरता क साथ-साथ जनसख या िनयतरण भी ह

जल थल व नभ क मागर पर शिक त चािलत वाहन विन परदषण का मख य ोत ह

प ठ 28 अकषय कराित

इसक बाद बात आती ह परदषण िनवारण की आज िव व भर क

वजञािनक और पयारवरणिवद इस िदशा म कायररत ह सवरपरथम वन क काटन पर परितबध लगाया गया ह और वन सपना क िव तार हत वकष लगान क िलए परो सािहत िकया गया इसक िलए सरकार की ओर स वकष आिद िनश क उपल ध कराए जात ह ldquoपयारवरण परदषण स थाrdquo और व छ वाय अिधिनयम जस िविधक उपाय स वाय परदषण पर रोक लगान का परयास िकया जा रहा ह जहरील धआ उगलन वाल कारखान तथा वाहन पर भारी आिथरक दड का परावधान ह िविभ न सचार मा यम mdashदरदशरन समाचार-पतर तथा आकाशवाणी क मा यम स जनता को पयारवरण क परित जाग क करन क परयास िकए जा रह ह निदय म खलन वाल परदषण ोत को बद करन की योजनाए चलाई जा रही ह पािलथीन क परयोग को बद करन क िलए चलाया जा रहा ह अिभयान भी परशसनीय ह

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह इस खतर स सपणर भमडल का अि त व न ट हो जाए इसस पहल हम पयारवरण की सरकषा करन का सक प लना होगा

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह

िस धी होन क प चात भी मझ बगाली रीित िरवाज़ िमठाइया यहा का पहनावा अगरज क ज़मान की बनी सरचनाए एव भवन इ यािद म बहत िदलच पी एव िच थी

प ठ 29 अकषय कराित

यातरा स मरण-कोलकाता-खिशय हषर का शहर(िसटी ऑफ जॉय)

सोिनया सिह वानी पीईसी िलिमटड

म पी ई सी िलिमटड नामक कपनी क िविध ककष म उप िविध परबधक क पद पर कायररत ह सन 2010 जन स इस कपनी म मन परबधन परिशकष क प म अपनी पहली नौकरी की श आत की पी ई सी िलिमटड वािण य मतरालय क अतगरत आन वाली आयात-िनयारत यापार स स बिधत क पिनय म स एक ह इस स दभर म जनवरी 2011 म िविभ न िवभाग क परबधन परिशकषओ को ओिरएटशन हत काडला कोलकाता इ यािद शहर म भजन का कायरकरम िनि चत िकया गया कोलकाता क पास हि दया पोटर होन क कारण कोलकाता शहर चना गया जहा पी ई सी वारा आयात की गयी व तए पोटर गोदाम म रखी जाती ह साथ ही म कोलकाता पोटर िभ न गोदाम इ यािद दखन की यव था की गयी एव सची म समावश िकया गया यह सनकर मरी ख़शी का िठकाना न रहा क य िक मन कोलकाता शहर क बार म सना बहत था पर त कभी दखा न था िस धी होन क प चात भी मझ बगाली रीित िरवाज़ िमठाइया यहा का पहनावा अगरज क ज़मान की बनी सरचनाए एव भवन इ यािद म बहत िदलच पी एव िच थी आिखरकार मझ मौका िमला और जनवरी की कड़ाकदार ठ ड क बीच हम एक रिववार शाम कोलकाता राजधानी स अपनी मिजल की और िनकल पड़ िद ली स कोलकाता क सफ़र क बीच हमारी गाड़ी इलाहाबाद गया िबहार तथा धनबाद जस शहर स होत हए बगाल की ओर पहची हसत-गात खलत-खात हए हम अगली सबह हावड़ा जकशन पहच गए रलगाड़ी स उतर कर टशन स बाहर िनकलत ही मझ िसटी ऑफ जॉय क नाम स मशहर कोलकाता की पहली झलक िदखाई दी ऐसा लगा मानो मझ भारत क दो पहल एकसाथ जीत हए नज़र आए एक तरफ थ टशन स बाहर एव अ दर जात हए स दर कपड़ गहन म लद हए कोलकाता क बगाली िनवासी साथ म बड़ी-बड़ी गािड़य म घमत कोलकाता क नौजवान और ठीक दसरी तरफ मरी नज़र पड़ी हगली नदी पर बन परिसदध हावड़ा िबरज पर िजस दख एक अलग ही दिनया का एहसास हआ

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह

िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी

एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया नतीजा मर समकष था

प ठ 30 अकषय कराित

हावड़ा िबरज पर हर तरफ लोग का जमावड़ा था इतन लोग दख िद ली क चादनी चौक की याद आ गयी ऐसा लगा मानो म 50 साल पीछ िकसी लक एव वाईट दिनया म कदम रख चकी थी िबरज क दोन तरफ सामान बचत हए दकानदार िखलौन मछली रख हए औरत एव छोट-छोट ब च मख य शहर स हावड़ा जान वाल आम आदमी मजदर की तज़ र तार फरी स र ता पार करन वाल यापारी इन सब को दख लगा कोलकाता म मबई जसी भागम भाग भी थी िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया नतीजा मर समकष था जस-जस म कोलकाता शहर क भीतर आन लगी मझ इस शहर क िवकास की झलक िदखाई दी एक तरफ थी ऊची ईमारत सदर िवशाल िव यासागर सत पल बड़-बड़ होटल माल कोलकाता उ च यायालय राईटसर िबि डग मशहर इडन गाडरन टिडयम इ यािद तो दसरी तरफ था िवक टोिरया ममोिरयल अगरज की वा तकला क अनसार िदखती लाल ईटो की इमारत िवक टोिरयल सरचनाए भवन छोटी-छोटी पटिरय पर समान बचत नया बाज़ार (New Market) क दकानदार एव िवक टोिरया ममोिरयल क बाहर चलत सलािनय क िलए रथ वाल घोड़ हमारा होटल जसीबोस सड़क पर ि थत था एव सिवधाओ स भरपर था पर त मन य जाना िक असली कोलकाता का मज़ा गाड़ी म नही अथवा िरक शा ऑटो तथा साल स चलती आ रही सड़क पर टराम म था

हर तरफ मझ पील रग की टिक सया िदखाई दी सब एक समान थी तथा मरसीडीज़ गाड़ी क बगल म चलती 1-2 पय म सफ़र की जान वाली टराम भी साथ िदखाई दी परी िजदगी िद ली म यतीत करन क बाद हर नए शहर का रहन-सहन बोल-चाल रीित-िरवाज़ जानन की जाग कता मझम हमशा रही पहल ही िदन स कोलकाता मझ रास आया जस िक कहत ह lsquoकोलकाता हमार खब भाला लागली छ rsquo कहन का ता पयर य िक मझ कोलकाता बहत अ छा लगा पहल िदन िक शाम को हमन य मािकर ट म खरीददारी करन का मन बनाया म हरान थी िक वहा चीज िकतनी स ती िमल रही थी िद ली क मतािबक एक ितहाई दाम पर चिडया गहन बग जत कत इ यािद िमल

िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया

प ठ 31 अकषय कराित य मािकर ट िद ली क लाजपत एव सरोिजनी नगर समान ह कम

दाम म अ छा समान िमला कोलकाता चमड़ क िलए भी मशहर ह एव परिसदध ी लदसर दकान भी इस बाज़ार म ि थत ह यहा खरीदारी का हमन खब ल फ़ उठाया

अगल िदन हम हि दया पोटर गए एव अनक जहाज़ दख 3-4 घट की दरी पर ि थत यह पोटर अनक एकड़ म फला हआ था पहली बार इतन बड़ जहाज़ को अदर स दख खब आनद आया तीसर िदन हम काली बाड़ी मिदर गए बगाली अ यत पाठ-पजा वाल दगार मा क स च उपासक ह यह सब जानत ह दगार पजा इनका लोकिपरय उ सव ह तथा काली मा एव दगार मा की स च मन स पजा करत ह कोलकाता क िनवासी भिक त भावपणर ह यह सना था अब खद दख भी िलया बगाली र म स पजा करन का य मौका अ यत आनदमयी था इसक अलावा काली बाड़ी क नज़दीक ही ि थत ह गौिरहाट बाज़ार यहा की दकान बगाली सािड़या कपड़ सट कत इ यािद क िलए परिसदध ह आिद धक तशवर नामक मशहर दकान म जाकर मरा भी मन िकया िक म भी खरीददारी क मर सािथय न बहत सािड़या खरीदी एव दाम दखकर म दग रह गई सदर स सदर साड़ी मातर 600700 पय की थी मन बगाल की मशहर लाल एव सफद िपरट की साड़ी भी खरीदी कोलकाता म खरीददारी का अलग की मज़ा ह उसी िदन शाम हम सा ट लक िसटी मॉल गए वह सा ट लक टिडयम क नज़दीक ह यहा िदखाई िदया कोलकाता का परगितशील प नौजवान फटबाल की जसीर पहन माल म घम रह थ एक स एक

मशहर बरड वहा मौजद थ इसक अलावा कोलकाता क िनवासी खब मनोरजन क शौक़ीन ह सगीत नाच गाना इ यादी म िच रखत ह कोलकाता म जगह-जगह सगीत कला अकडमी तथा पढ़न (रीिडग) क क लब ह अगरज क शौक तथा रहन-सहन की झलक आज भी यहा िदखती ह यहा क नौजवान को खल-कद म भी खब िदलच पी ह फटबाल का तो जस यहॉ सबको जनन ह

भारत क परिसदध मोहन बगान फटबाल क लब फटबाल क वहा क नौजवान ही नही परा शहर ही दीवाना ह भारत-पाक मच हो या आई पी एल इडन गाडरन मदान लोग स खचा-खच भरा रहता ह अफ़सोस म वहा अदर जा न सकी

इसक अलावा काली बाड़ी क नज़दीक ही ि थत ह गौिरहाट बाज़ार यहा की दकान बगाली सािडया कपड़ सट कत इ यािद क िलए परिसदध ह

प ठ 32 अकषय कराित

मर सफर क आखरी िदन म मन कोलकाता क लोग म एकता क नजार दख िविभ नता म भी एकता का उदाहरण दखा चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख िजस िदन हम कोलकाता पहच थ उसी िदन वहा शहर बद था और मन एक जट होकर लोग को अपनी बात कहत हए दखा एव सना यहा क लोग अपन शहर क िवकास बहतरी क िलए जाग क ह िज मदारी लत ह तथा सरकार को अपनी बात भली-भाित कहत ह लड़िकय औरत की इ ज़त करत ह एव यहा िक मिहलाओ को मन िनदरलीय पाया जहा एक ओर भारत की राजधानी होन क बावजद िद ली वाल अपनी िजदगी म मगन रहत ह वही दसरी और कोलकाता म अमीरी-गरीबी िभ न जाितय म भी एक जटता ह कपड़ा एव खाना आज भी यहा खब स ता िमलता ह पर त दसरी तरफ सब जानत ह िक बड़-बड़ उ योगपित िव वान लखक िखलाड़ी गायक अिभनता िनदशक यहा स उभर ह सािह य हो या लख बॉलीवड हो या िकरकट बगाल न भारत को अनक नाम एव गौरव िदए ह चाह सौरव दादा हो या रिव दर नाथ टगोर ममता बनजीर रानी मखजीर हो या योित बस भारत म इनकी भिमका का वणरन करन की ज रत नही

मन कछ िदन क कोलकाता क सफर म इस शहर को जानन समझन का परयास िकया हगली नदी क िकनार खड़ होकर समदर को दखा निदय को िनहारा िव यासागर सत िबरज की सदरता िवशालता को सराहा क सी दास की परिसदध िमठाई का ल फ उठाया मन बहत शहर घम पर त यह सफर मर िलए सबस यादगार रहा कोलकाता परगित क मागर पर िनरतर बढ़ रहा ह पर त आज भी वह अपनी जड़ नितक म य को नही भला ह एक आम आदमी आज भी टराम म या फरी स सफर करता ह यहा क िनवासी दो पय स लकर 500 ० का खाना खात ह पराना एव नया कोलकाता एक साथ जीिवत ह िसक क क दो पहल की तरह कोलकाता क यह दो प को एक साथ रहत दख बहत आनद आया

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 33 अकषय कराित

जल परकित का अनपम उपहार ह मानव जाित अपन परादभारवकाल स ही इस उपहार का उपयोग अपन िहत क िलए करती आई ह जल वह पराकितक उपहार ह िजसका कोई िवक प नही ह इसिलए जल को अमतया जीवन भी कहा गया ह जल क िबना जीवन की सभावना भी नही ह पर यकष प स तो जल की मानवीय आव यकता सीिमत ह परत परोकष आव यकताओ पर नजर डाल तो दिनक जीवन की आव यकताए जस अ न फल स जी दध स लकर हमार पहराव आवास तक सब जल स जड़ हजल का जरा भी सतलन िबगड़ जाए तो जीवन यापन क टपरद होन म दर नही परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह जल क सामा य त य जल या पानी एक आम रासायिनक पदाथर ह जो जीवन क सभी जञात प क जीिवत रहन क िलए ज री ह आमतौर पर जल अपनी दरव अव था म उपयोग म लाया जाता ह पर यह ठोस अव था बफर और गस अव था जल वा प या भाप प म भी पाया जाता ह प वी क लगभग तीन चौथाई िह स पर िव व क महासागर का अिधकार ह अनमानत प वी पर जल की कल मातरा लगभग 1400 िमिलयन घन िकलोमीटर ह जो िक प वी पर 3000 मीटर गहरी परत िबछा दन क िलए काफी ह तथािप जल की इस िवशाल मातरा म व छ जल का अनपात बहत कम ह प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह शष जल झील निदय वायम डल नमी मदा और वन पित म मौजद ह जल की जो मातरा उपभोग और अ य परयोग क िलए व ततः उपल ध ह वह निदय झील और भजल म उपल ध मातरा का छोटा-सा िह सा ह इसिलए जल ससाधन िवकास और परब ध की बाबत सकट इसिलए उ प न होता ह कय िक अिधकाश जल उपभोग क िलए उपल ध नही हो पाता

परभावी जल परबधन और दश का िवकास

दीपक आहजा ओएनजीसी िवदश

प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह

प ठ 34 अकषय कराित

और दसर इसका िवषमतापणर थािनक िवतरण इसकी एक अ य िविश टता ह फलतः जल का मह व वीकार िकया गया ह और इसक िकफायती परयोग तथा परब ध पर अिधक बल िदया गया ह प वी पर उपल ध जल जल-चकर क मा यम स चलायमान ह जल लगातार एक चकर म घमता रहता ह िजस जलचकर कहत ह इसम वा पीकरण वषार और बह कर सागर म पहचना शािमल ह हवा जल वा प को थल क ऊपर उसी दर स उड़ा ल जाती ह िजस गित स यह बहकर सागर म पहचाता ह जल चकर का िचतर नीच पर तत िकया गया ह

अिधकाश उपभोकताओ जस िक मन य पशओ अथवा पौध क िलए जल क सचलन की ज रत होती ह जल ससाधन की गितशील और नवीकरणीय परकित और इसक परयोग की बार बार ज रत को ि टगत रखत हए यह ज री ह िक जल ससाधन को उनकी परवाह दर क अनसार मापा जाए इस परकार जल ससाधन क दो पहल ह अिधकाश िवकासा मक ज रत क िलए परवाह क प म मािपत गितशील ससाधन अिधक परासिगक ह आरिकषत भ डार की ि थर अथवा िनयत परकित और साथ ही जल की मातरा तथा जल िनकाय क कषतर की ल बाई व म यपालन नौ सचालन आिद जस कछक िकरयाकलाप क िलए भी परासिगक ह

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 35 अकषय कराित

जल का यय अप यय जल क बार म एक नही कई च कान वाल त य ह िव व म और िवशष प स भारत म जल िकस परकार न ट होता ह इस िवषय म जो त य सामन आए ह उस पर जाग कता स यान दकर जल क अप यय को रोका जा सकता ह अनक त य ऐस ह जो हम आन वाल ख़तर स तो सावधान करत ही ह दसर स पररणा लन क िलए परो सािहत करत ह और पानी क मह व व इसक अनजान ोत की जानकारी भी दत ह प वी पर पदा होन वाली सभी वन पितया स भी हम पानी िमलता ह

आल और अनानास म 80 परितशत और टमाटर म 95 परितशत पानी ह पीन क िलए मानव को परितिदन 3 लीटर और पशओ को 50 लीटर पानी

चािहए भारत म 83 परितशत पानी खती और िसचाई क िलए उपयोग िकया जाता

ह इज़राइल म औसतन मातर 10 सटीमीटर वषार होती ह इस वषार स वह

इतना अनाज पदा कर लता ह िक वह उसका िनयारत कर सकता ह दसरी ओर भारत म औसतन 50 सटीमीटर स भी अिधक वषार होन क बावजद अनाज की कमी बनी रहती ह

िपछल 50 वष म जल क िलए 37 भीषण ह याकाड हए ह भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल

चलती ह पानी ज य रोग स िव व म हर वषर 22 लाख लोग की मौत हो जाती ह यिद बरश करत समय नल खला रह गया ह तो पाच िमनट म करीब 25

स 30 लीटर पानी बरबाद होता ह बाथ टब म नहात समय 300 स 500 लीटर पानी खचर होता ह जबिक

सामा य प स नहान म 100 स 150 लीटर पानी खचर होता ह िव व म परित 10 यिकतय म स 2 यिकतय को पीन का शदध पानी

नही िमल पाता ह परित वषर 6 अरब लीटर बोतल पक पानी मन य वारा पीन क िलए

परयकत िकया जाता ह मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 36 अकषय कराित

िद ली मबई और च नई जस महानगर म पाइप लाइन क वॉ व की खराबी क कारण रोज़ 14 स 44 परितशत पानी बकार बह जाता ह

निदया पानी का सबस बड़ा ोत ह जहा एक ओर निदय म बढ़त परदषण रोकन क िलए िवशषजञ उपाय खोज रह ह वही कल कारखान स बहत हए रसायन उ ह भारी मातरा म दिषत कर रह ह

भारत म जल सकट नासा की एक िरपोटर न पानी को लकर दश भर म बढ़ती जा रही लापरवाही क परित आख खोली ह इस िरपोटर म भारत म सख की ि थित पदा होन क िलए िज मवार कारण म स एक अहम कारण अधाधध जल दोहन को बताया गया ह बतात चल िक दश भर क 604 िजल म स 161 सख की मार झल रह ह वस अब बताया जा रहा ह िक सख की मार स बहाल िजल की सखया बढ़कर 246 हो गई ह यानी कहा जाए तो आधा दश सख की चपट म ह बहरहाल नासा की इस िरपोटर म बताया गया ह िक भारत क कई रा य कषमता स यादा जल दोहन कर रह ह यहा कषमता स ता पयर यह ह िक उनस िजतन सलाना जल दोहन की उ मीद कदर करती ह व उसस कही यादा जल दोहन कर रह ह नासा न यह अ ययन 2002 स 2008 क बीच

की ि थितय क आधार पर िकया ह इस िरपोटर म बताया गया ह िक पजाब हिरयाणा और राज थान हर साल औसतन 177 अरब कयिबक मीटर पानी जमीन क अदर स िनकाल रह ह जबिक कदर की तरफ स लगाए गए अनमान क मतािबक इ ह हर साल 132 अरब कयिबक मीटर पानी ही जमीन क अदर स िनकालना था इस तरह स दखा जाए तो य तीन रा य िमलकर कषमता स 30 फीसदी यादा पानी का दोहन कर रह ह जािहर ह िक िबना कछ सोच-िवचार जब इस पमान पर पराकितक ससाधन का दोहन िकया जाएगा तो परकित भी बदला लगी और वही हो रहा ह इस िरपोटर म यह भी बताया गया ह िक भारत का महज 58 फीसदी भजल ही हर साल िरचाजर हो पाता ह नासा की यह िरपोटर बताती ह िक अधाधध जल दोहन की वजह स पर उ तर पि चम भारत क भजल तर म हर साल 4 सटीमीटर यानी 16 इच की कमी आ रही ह इस अ ययन को अजाम दन म नासा क जल िवजञानी मट रोडल न अहम भिमका िनभाई ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 37 अकषय कराित

उनक हवाल स इस िरपोटर म बताया गया ह िक दश क उ तर पि चम कषतर म 2002 स 2008 क दौरान तकरीबन 109 कयिबक िकलोमीटर पानी की कमी हई ह यह मातरा िकतनी अिधक ह इसका अदाजा इसी स लगाया जा सकता ह िक यह अमिरका क सबस बड़ जलाशय लक मीड की कषमता स दगन स भी कही यादा ह अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह इस िरपोटर क मतािबक अगर अधाधध जल दोहन इसी तरह स जारी रहा तो आन वाल समय म भारत को अनाज और पानी क सकट को झलन क िलए अभी स तयार हो जाना चािहए जािहर ह िक जब जल सकट बढ़गा तो खती पर इसका गहरा परभाव पड़गा अनाज क उ पादन म कमी आएगी इस वजह स अनाज सकट पदा होगा और भख का एक नया चहरा उभरकर सामन आएगा एक बड़ा तबका जो आज भरपट भोजन कर पाता ह उसक िलए पट भर खाना िमलना मि कल हो जाएगा भखमरी की जो सम या पदा होगी उसस िफर िनपटना आसान नही होगा इसक अलावा पीन क पानी का टोटा तो होगा ही अभी ही दश क कई िह स ऐस ह जहा क लोग को पीन क िलए साफ पानी नही िमल पा रहा ह कई कषतर ऐस ह जहा गमीर क िदन म हडपप स पानी आना बद हो जाता ह वहा क लोग को हर साल बोिरग को कछ फट बढ़वाना होता ह यह सम या भजल तर क िगरत जान की वजह स ही पदा हई ह जब पीन क पानी का सकट पदा होगा तो बोतलबद पानी का कारोबार काफी तजी स बढ़गा कहन का मतलब यह िक िजसक पास पसा होगा वह अपनी यास बझा सकगा और िजसक पास पसा नही होगा उस अपनी यास बझान क िलए भी सघषर करना पड़गा ि थित की भयावहता की क पना ही िसहरन पदा करती ह भारत म दिनया का हर छठा आदमी रहता ह यानी कहा जाए तो दिनया क कल आबादी क तकरीबन सतरह फीसदी लोग भारत म रहत ह जबिक दिनया का महज साढ़ चार फीसदी पानी ही भारत म उपल ध ह ऐस म जल सम या स दो-चार होना कोई आनापिकषत बात नही ह एक बात तो तय ह िक पराकितक ससाधन म इजाफा तो नही िकया जा सकता ह लिकन इसका सरकषण अव य िकया जा सकता ह

अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह

प ठ 38 अकषय कराित

भारत म लोग िकसी एक मा यम स पयजल परा त करन पर िनभरर नही ह इस दश म 357 फीसदी लोग हडपप स 367 फीसदी लोग नल स 182 फीसदी लोग तालाब पोखर या झील स 56 फीसदी कओ स 12 फीसदी लोग पारपिरक साधन स और 26 फीसदी लोग अ य मा यम स पीन का पानी परा त करत ह इस िलहाज स अगर दखा जाए तो जल सकट को दर करन क िलए समगर कायरयोजना की ज रत ह

दरअसल भारत म गहरात जल सकट क िलए काफी हद तक पानी की बबारदी भी िज मवार ह यहा जल आपित र की यव था म काफी खािमया ह नल क जिरए घर तक पहचन वाल पानी का एक बड़ा िह सा िरस कर बबारद हो जाता ह हर शहर म फट हए आपित र पाइप आसानी स दख जा सकत ह इस बदहाल यव था क िलए सरकार क साथ-साथ सामा य लोग भी कम िज मदार नही ह एक तरफ तो सरकार पयजल क नाम पर हर साल हजार करोड़ पए का बजट बनाती ह और दसरी तरफ जमीनी तर पर हालात म कोई बदलाव नही िदखता ह सामािजक तौर पर भी जल सरकषण को लकर जाग कता का अभाव िदखता ह यह सामािजक तान-बान का ही असर ह िक लोग कही भी जल की बबारदी को दखकर उस सामा य घटना मानत हए नजरअदाज कर दत ह दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था यह अब घटकर 1800 कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर हो चका ह

दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था

प ठ 39 अकषय कराित

िवशषजञ का अनमान ह िक अगर पानी की खपत और बबारदी इसी तरह स जारी रही तो 2025 तक यह घटकर हजार कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर ही रह जाएगा उस समय तक पानी की उपल धता म आन वाली इस कमी की वजह स किष उ पादन म तीस फीसदी की कमी आन की सभावना ह इन पिरि थितय म दश की आिथरक और सामािजक ि थित का कया होगा इसका अदाजा सहज ही लगाया जा सकता ह भारत म जल सरकषण क परित आज भी आम लोग क मन म उपकषा का भाव बना हआ ह साथ ही इस कायर क िलए आव यक तकनीक की भी कमी ह जो तकनीक उपल ध ह उनस सामा य लोग अनजान ह बािरश क पानी का सगरह करक उस उपयोग म लाना एक अ छा िवक प ह पर इस तरह की कोिशश काफी सीिमत मातरा म काफी छोट तर पर हो रही ह यही वजह ह िक दश म होन वाली बािरश क पानी का अ सी फीसदी िह सा आज भी समदर म पहच जाता ह अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह अगर जल की इस िवशाल मातरा का आधा भी परयोग कर िलया जाए तो ि थित म यापक बदलाव आना तय ह शहरी कषतर म तो पानी की कालाबाजारी जोर पर ह जगह-जगह पर जल मािफया सिकरय हो गए ह िद ली क ही एक अखबार न कछ समय पहल यह बात उजागर िकया था यहा तो समानातर जल बोडर भी चलाया जा रहा ह हरानी की बात तो यह ह िक इसक बावजद भी पानी क काल धध पर अकश नही लगाया जा सका ह अहम सवाल यह ह िक कस सामा य तबक क लोग तक व छ पानी पहचाया जाए शहरी कषतर क साथ-साथ गरामीण कषतर म भी यह एक बड़ी चनौती ह आबादी म अपर यािशत विदध बढ़त शहरीकरण औ योिगकीकरण और किष उ पाद की बढ़ती माग क कारण पानी की माग िपछल कछ साल म वाभािवक प स बढ़ी ह इसक पिरणाम व प भजल ससाधन का अ यिधक दोहन हआ ह और इसका नतीजा हआ िक लगातार भजल का तर घटता जा रहा ह शहरी कषतर म ि थित बहद भयावह ह तदनसार वहा न कवल शीघराितशीघर जल ससाधन क सरकषण की ज रत ह बि क परभावी रणनीित और परबधन क जिरए त काल कदम उठान की ज रत ह

अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह

प ठ 40 अकषय कराित

खासकर इस बात को यान म ऱखकर िक िविभ न परितयोगी कषतर म कभी भी माग बढ़ सकती ह भिव य म उपयोग क िलए छत पर या सतह पर जलगरहण बनाकर वषारजल सरकषण बहद ज री ह यह पानी की बढ़ती ज रत का खयाल रखन िमटटी की नमी तर को बढ़ान शहरी हिरयाली को बढ़ान भजल तर को कितरम प स पनभररण करन और भजल की गणव ता स सधार का काम करता ह भारत म जल परबधन स दश का िवकास भारत म दिनया की 16 परितशत आबादी रहती ह लिकन दिनया क िसफर 4 परितशत जल ससाधन ही भारत क पास ह 3290000 वगर िकलोमीटर क भिम कषतर और एक अरब स यादा की आबादी क साथ भारत क एक बहलवादी िविवधता का िचतर ह िवशाल पराकितक ससाधन क साथ सप न तकनीकी और वजञािनक किमरय का भी यह दिनया म दसरा सबस बड़ा सम चय ह भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह मानव िवकास म 80 क दशक म लगभग 26 परितशत और 90 क दशक क दौरान और 24 परितशत क वारा सधार हआ ह आजादी क बाद छह दशक म भारत न जल ससाधन का अभतपवर िवकास और खा या न म आ मिनभररता शहरी कषतर ऊजार और औ योिगक कषतर और पीन का पानी क बिनयादी ढाच म तजी स िव तार दखा ह िजसका उपयोग भारत की लगभग 85 परितशत शहरी और गरामीण आबादी क वारा िकया जाता ह भारत म रा य सरकार और भारत सरकार क परितबदध और ठोस परयास की वजह स गरामीण और शहरी आबादी को सरिकषत पयजल को उपल ध करवान म काफी सफलता हािसल की ह इस उपलि ध न भजल की कमी जल जमावजल गणव ता िगरावट जल परदषण और बढ़त लवणता तर स बड़ कषतर को परभािवत िकया ह और अभी भी िविभ न रा य म गरामीण और शहरी भारत क मानव िवकास सचकाक (HDI)rsquo म बहत असमानता मौजद ह पानी क िलए कषतरीय माग तजी स बढ़ रह शहरीकरण की गित स बढ़ रही ह (अनमानत 2025 तक दश की आबादी का 50 परितशत स अिधक शहर म रहग) जनसखया विदध बढ़ती आय और औ योिगक िवकासशहरी भारत तजी स िवकास की माग क कदर क प म उभर रहा ह

भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह

प ठ 41 अकषय कराित

नतीजतन परित यिकत पानी की उपल धता िगर रही ह परधानमतरी की अ यकषता म 12वी योजना क िलए हई योजना आयोग की पणर बठक म दसर म क साथ जल परबधन पर िवशष चचार हई बठक क बाद योजना आयोग क उपा यकष म टक िसह अहलवािलया न कहा िक भ-जल कानन स लकर दसर म की यापक समीकषा ज री ह व यनाथन सिमित जहा वतरमान म भ-जल कानन की साथरकता का अ ययन करगी वही भारतीय अतिरकष अनसधान सगठन [इसरो] की मदद स पानी की उपल धता का िव तत अ ययन होगा म टक न कहा िक उसी आधार पर रणनीित तय होगी सरकार यह यान रखगी िक पानी का अिधकतम उपयोग हो सक और सभी को उपल ध हो पानी पर िकसी का एकािधकार न हो सक बतात ह िक द पयोग को रोकन क िलए श क लगान पर भी िवचार िकया जा सकता ह हालािक इसस पहल रा य सरकार स चचार होगी यह तय ह िक एआइबीपी कायरकरम म यापक बदलाव ह ग ी म टक िसह अहलवािलया न कहा िक वतरमान म इस कायरकरम का सही िकरया वयन नही हो रहा ह िलहाजा उसम पिरवतरन ज री ह सभव ह िक हर रा य म जल िनयामक परािधकरण बनान की शतर भी लगाई जाए उ ह न कहा िक जल परबधन की यापक समीकषा कर नई रणनीित तय की जाएगी कल िमलाकर रा टरीय तर पर वतरमान जल ससाधन का अिधक स अिधक करन क िलए माग को परा करन क िलए पयार त ह लिकन भिव य क अ ययन पिरयोजना ह िक जल आपित र की ि थित अगल आध सदी म अिधक किठन हो सकती ह जल सकट स िनपटन को जल सरकषण परबधन अिनवायर परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह बढ़त वि वक तापमान क फल व प अितवि ट अनावि ट अ पवि ट और असामियक वि ट हम परितवषर दख रह ह िजसका परभाव हमार जल ससाधन पर पड़ता िदखाई द रहा ह कओ व बाविडय का िमटता अि त व नदी-नाल का घटता पानी भ-गभर जल का िगरता तर िचता की पिरिध स िनकलकर खतर की घटी बनता जा रहा ह

निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह

प ठ 42 अकषय कराित

िव व भर म सीमट क अधाधध परयोग न धरातल क सहज अवशोषण कषतर को घटाया ह तथा जल बहाव भिम कटाव व बाढ़ म विदध की ह ऐसी ि थित म जल सरकषण का दािय व मातर वजञािनक व सरकार तक सीिमत न रहकर पर यक उपभोकता क कध पर आ जाता ह इसी दािय व क िनवरहन क िलए हमार पास दो िवक प सामन आत ह 1 वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई

उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

2 पािरवािरक तर पर वषार जल को सगरिहत कर उसका उपयोग कर य दोन ही परयास गरामीण कषतर म तो सरलता स अपनाए जा सकत ह परत शहरी कषतर म व ट वाटर मनजमट की बड़ी पिरयोजनाए बनाकर ही पानी को िरसाइिकल िकया जा सकता ह भ-गभर अिधकािधक जल अवशोिषत होकर

जाए इसक िलए मदानी भाग म िनयोिजत ढग स बड़-बड़ पोखर बनाकर तथा पहाड़ी कषतर म नाल -ख ड म िमटटी प थर आरसीसी क बड़-छोट डम लगाकर जल बहाव रोक भ-सरकषण बचाव व जल भडारण और धरातल जल शोषण कषतर बढ़ाया जा सकता ह िव व बक भारत सरकार वारा म य िहमालय जलागम पिरयोजना रा य क भ-सरकषण िवभाग इस कषतर म कारगर उपाय लकर

हमार सामन ह परत जनसहयोग क िबना इन पिरयोजनाओ क आशातीत पिरणाम ल पाना किठन ह वकषारोपण इस सपणर जल चकर को बल दन वाला कारक ह जल क परित चतना जागत न हई तो अव य ही अगल िव व यदध का कारण जल ही होगा

जल भोजन ह और अिगन भोजन का भकषक ह अिगन जल म और जल अिगन म िव यमान ह

- ततरीय उपिनषद 38

वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

प ठ 43 अकषय कराित

म भी गान गा सकता ह शबनम क िखलत फल क म भी गीत सना सकता ह सावन क म त झल क लिकन जब घर-घर म बादल छाय घोर िनराशा क तब म नगम गा रहा ह उ मीद की आशा क

सड़क पर खड़ बचपन की य बात सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह

हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

इस बदलत पिरवश का राग सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

गाधी जी क सपन का जो राम-रा य कहलाता ह उस भारत म सड़क पर छोट चाय पहचाता ह

कहा गई वो अ हड़ म ती कहा गया वो यार का रा ता उन हाथ स बचत झड िजन हाथ को चािहए ब ता

उस सोन की िचिड़या की म बात बतान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

कही बम की गमर हवाए कही ससद म कोहराम ह कही होत घोटाल स परशान आदमी आम ह

कही कल की िकलकारी ह कही सड़क पर बचपन ह कही चलता नही गजारा कही िवदश म काला धन ह

म स चाई गा-गाकर सबको बतलान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

बदलता भारत मनीष लाल इरडा

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

प ठ 44 अकषय कराित

करन वाल काम बहत ह यथर उलझन को छोड़ो म ला-पिड़त तोड़ रह ह तम बस lsquoअपन को जोड़ो

lsquoहम बदलग-यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का lsquoवद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का

वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हम बदलग mdash यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का वद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

प ठ 45 अकषय कराित

िसफर काला और सफ़द य ही वो दो रग थ जो तर पास सि ट बनान क आधार थ

काला वो जो कािलमा िलय ह िजस कहत ह दख िनराशा म य अपयश और वो सबकछ जो नकारा मक ह

मगर सफद ह वो रग िजसस जड़ा ह जीवन आशा सख और कीितर और वो सब कछ जो सकारा मक ह पर इन रग स तझ चन ना िमला त सोचन लगा अगर सि ट बनानी ह

तो िकस िलए- ससगर और परम क िलए और

इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग

ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह

बस- बना डाला तन इ दरधनष

जो बरसात क बाद सरज और प वी क अनपम परम को रग दता ह सतरगी रग स

और उ ही सतरगी इ दरधनषी रग म हम हर पल हर कषण डबत गहरात इतरात रहत ह

और खिशय भर ससार म हर रग को अलग-अलग तरह स महसस करक जीत रहत ह

रग तो रग ह मगर-

ससगर और परम क िलए और इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह बस-

सतरगी िचतर सगीता ीवा तव इरडा

प ठ 46 अकषय कराित

कभी पक क कभी फीक़ तो कछ कभी दाग बनकर उभर आत ह

कछ आख म नील बादल स छाए रहत ह तो कछ गाल पर गलाबी रग बनकर छलक जात ह

याद रहत ह अक सर वो रग- जो खदी पर इस तरह छा जात ह िक खद म घलकर खद क होन

का एहसास दत-दत खद का एक रग बन जात ह

बगनी आसामनी नीला हरा पीला नारगी लाल इ दरधनष क य सात रग ही जोड़त ह हमार िदल को

हमार मन को जोड़न वाल इन रग की सतरगी दिनया म-

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा बनाय

और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क

सतरगी िचतर

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा

बनाय और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क सतरगी िचतर

Page 24: Akshay Kranti Vol 3€¦ · पक्ष को प्रभािवत न कर e, बािधत व पीिड़त न कर eवह काय-र्कौशल है।

प ठ 24

अकषय कराित

िबिटया

आख म मोती लकर तम िबिटया जाती हो हा जाओ िशकषा का उपहार द रह िवदा समय यह लो ल जाओ इन पराण म परीित त हारी ममता क धन िसदरी इन नयन की बद पली परकट करती ह मजबरी लाचारी ह िफर पराण म क य ह इतनी आकलता

जब इस रीित पर पराओ म वश न िकसी का ह चलता िपतकल को तजकर अब िबिटया पित-कल म जाना होगा

नटखटपन को छोड़ धमर का ही िजसम बाना होगा इस घर की तम बड़ी लाडली पराण स यारी िबिटया

चली लाकर आज सभी को िपता की कर सनी किटया िजन हाथ न लाड़ चाव स अब तक था िजसको पाला उन हाथ न ही िबिटया को दलह राजा जी को द डाला

िजसका दख जरा मन मला हो जाती थी हरानी क यादान उसी का कर क दय बनाया पाषाणी

िकया न जाता था पल भर को इन आख स दर िजस मोती झरत िवदा द रहा आज सकल पिरवार उस अपनी मा क जीवन की तम परित-पल हो आधार रहो

िवजयता िपता क दय मिदर की िबिटया तम साकार रही आज जीवन क सख-दख सार वही िबतान तम लो जान आओगी जब कभी यहा तम होगी महमान समान

सतीश कमार कलावत इरडा

इस घर की तम बड़ी लाडली पराण स यारी िबिटया चली लाकर आज सभी

को िपता की कर सनी किटया

प ठ 25

ससराल की कभी बराई कही न मह पर आ जाव धमर कमर क तर य पथ म पाव नही िडगन पाव

सात परितजञाय जो तमन अिग नदव स मख की धारण द पि त जीवन का मह व ह करना स च मन स पालन

बटी इन सात बचन का यान दय म रह सदा दोन कल की लाज इसी म भला न दना इस कदा पित ही ह सवर तर त हार पित ही को जीवन समझो

जो कछ कह उसी को मान उनको िबिटया तम धन समझो शीलवती तम बन िबिटया पित-भक त मना सदर िनस दह वय उपजग क प-वकष घर क अ दर

पहन सिशकषा की साड़ी को शभ गण भषण अपनाओ दस लकषण शभ लकषण धार िन य नय मगल गाओ यह िशकषा उपहार दय का तम को राह िदखायगा भल भटक कर भी अिधयारा पास न आन पायगा

हम सब की आख स मोती उर स िनकल रही आशीष सभी सख स पणर परफि लत कर त ह दलह राजा की ईश

अकषय कराित

िजन हाथ न लाड़ चाव स अब तक था िजसको पाला उन हाथ न ही िबिटया को दलह राजा जी को द डाला

प ठ 26 अकषय कराित

ldquoपयारवरणrdquo श द पिर+आवरण स बना ह अथारत बा य आवरण को ही पयारवरण कहत ह इस बा य आवरण का ता पयर हमार चार ओर क वातावरण और पिरवश स ह िजस हम दसर श द म परकित भी कह सकत ह प वी पर िव यमान सपणर जीव-जगत क अि त व जीवन-यापन एव चहमखी िवकास म परकित की मह वपणर भिमका ह मानव बिदधजीवी पराणी ह और परकित क मह व स भली-भाित पिरिचत होन क कारण ही सिदय स परकित की पजा करता रहा ह

विदक काल स ही परकित तथा मानव क बीच जीवन ततर का अटट सबध रहा ह हमार पराचीन ऋिष-मिनय न प वी म हवा पानी िमटटी पड़-पौध जीव-ज तओ और मानव क सिकरय सहयोगा मक सतलन को यान म रखकर ही परकित को प य माना धमर क साथ परकित को जोड़कर उ ह न परकित को पयार त मह व िदया व जानत थ िक िजस परकार जीवन क िलए भिम की आव यकता होती ह उसी परकार वन पितया व अ य पराणी भी आव यक ह य सभी परकित क अिभ न अग ह इनम स एक क भी न ट होन का परभाव दसर पर पड़ता ह और पिरणाम व प पराकितक असतलन पदा हो जाता ह व तत प वी म हवा पानी िमटटी पड़-पौध जीव-ज तओ और मानव का सिकरय सहयोगा मक सतलन रहता ह पड़-पौध भिम को उपजाऊ बनात ह िमटटी को बाधकर रखत ह बरसात करवान तथा जल एव वाय को व छ रखन म सहायक होत ह परत आज क बढ़त औ योिगकीकरण और शहरीकरण न परकित और मानव क बीच असतलन उ प न कर िदया ह यह असतलन अिशकषण बढ़ती जनसख या शहर की ओर पलायन वकष की कटाई गगनचबी इमारत बड़-बड़ उ योग की थापना आिद क कारण ह और यही पयारवरण परदषण क मख य कारण ह मटरोपोिलटन एव बड़ शहर म अनक काबरिनक और अकाबरिनक गस जस ndash काबरन-मोनोऑक साइड अमोिनया आिद परदषण क मख य ोत ह

वतरमान पयारवरण -21वी सदी की चनौती

लख सरीन सल

विदक काल स ही परकित तथा मानव क बीच जीवन ततर का अटट सबध रहा ह

प ठ 27 अकषय कराित मन य न अपनी भितक सख-सिवधाओ की आपित र क िलए परकरित स

िखलवाड़ िकया ह वतरमान मशीनी यग म मन य वारा परकित क अ यिधक दोहन एव िनत नए कारखान की थापना स पयारवरण सकट उ प न हआ ह मानव न परकित क साथ जो अ यायपणर यवहार िकया ह उसी क फल व प परकित का िवरोधी रवया हआ ह िजस भिव य म सह पाना मि कल होगा

अिशकषा क कारण दश की तजी स बढ़ती आबादी क आवास की मलभत आव यकता को परा करन क िलए वकष की कटाई करक ऊची-ऊची इमारत बनाई जा रही ह वकष की अधाधध कटाई स भिम की ऊवररा शिक त का तो ास हो ही रहा ह साथ ही परदषण जसी िवकराल सम या भी ज म ल रही ह

परदषण पयारवरण क ास का परमख कारण ह िवकासशील दश िनत नए उ योग की थापना करक बराजगारी की सम या को तो दर कर रह ह िकत इसस जल वाय विन तथा िविभ न परकार क परदषण बढ़ रह ह कल-कारखान और मोटर स िनकलन वाल धए स वाय परदषण हो रहा ह जल थल व नभ क मागर पर शिक त चािलत वाहन विन परदषण का मख य ोत ह शहरीकरण और औ योिगकीकरण क कारण शदध पयजल की सम या िवकराल प धारण कर रही ह कारखान स िनकलन वाल कड़-कचर क निदय म िमलन स जल परदषण हो रहा ह रासायिनक खाद और कीटनाशी दवाओ स मदा परदषण का खतरा बन गया ह

इस परकार जनसख या विदध शहरीकरण औ योिगकीकरण एव परदषण जसी सम याओ न पयारवरण को बरी तरह परभािवत िकया ह आज सपणर िव व पयारवरण को लकर िचितत ह इस भयावह ि थित स बचन क िलए पर यक यिक त को पयारवरण क परित जाग क करना आज की अिनवायर आव यकता ह

इस िदशा म सवरपरथम िनरकषरता को समा त िकया जाना चािहए साकषर भारत की पिरक पना म जनसख या विदध दर वय िनयितरत हो जाएगी करल रा य इसका परमाण ह जहा साकषरता क साथ-साथ जनसख या िनयतरण भी ह

जल थल व नभ क मागर पर शिक त चािलत वाहन विन परदषण का मख य ोत ह

प ठ 28 अकषय कराित

इसक बाद बात आती ह परदषण िनवारण की आज िव व भर क

वजञािनक और पयारवरणिवद इस िदशा म कायररत ह सवरपरथम वन क काटन पर परितबध लगाया गया ह और वन सपना क िव तार हत वकष लगान क िलए परो सािहत िकया गया इसक िलए सरकार की ओर स वकष आिद िनश क उपल ध कराए जात ह ldquoपयारवरण परदषण स थाrdquo और व छ वाय अिधिनयम जस िविधक उपाय स वाय परदषण पर रोक लगान का परयास िकया जा रहा ह जहरील धआ उगलन वाल कारखान तथा वाहन पर भारी आिथरक दड का परावधान ह िविभ न सचार मा यम mdashदरदशरन समाचार-पतर तथा आकाशवाणी क मा यम स जनता को पयारवरण क परित जाग क करन क परयास िकए जा रह ह निदय म खलन वाल परदषण ोत को बद करन की योजनाए चलाई जा रही ह पािलथीन क परयोग को बद करन क िलए चलाया जा रहा ह अिभयान भी परशसनीय ह

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह इस खतर स सपणर भमडल का अि त व न ट हो जाए इसस पहल हम पयारवरण की सरकषा करन का सक प लना होगा

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह

िस धी होन क प चात भी मझ बगाली रीित िरवाज़ िमठाइया यहा का पहनावा अगरज क ज़मान की बनी सरचनाए एव भवन इ यािद म बहत िदलच पी एव िच थी

प ठ 29 अकषय कराित

यातरा स मरण-कोलकाता-खिशय हषर का शहर(िसटी ऑफ जॉय)

सोिनया सिह वानी पीईसी िलिमटड

म पी ई सी िलिमटड नामक कपनी क िविध ककष म उप िविध परबधक क पद पर कायररत ह सन 2010 जन स इस कपनी म मन परबधन परिशकष क प म अपनी पहली नौकरी की श आत की पी ई सी िलिमटड वािण य मतरालय क अतगरत आन वाली आयात-िनयारत यापार स स बिधत क पिनय म स एक ह इस स दभर म जनवरी 2011 म िविभ न िवभाग क परबधन परिशकषओ को ओिरएटशन हत काडला कोलकाता इ यािद शहर म भजन का कायरकरम िनि चत िकया गया कोलकाता क पास हि दया पोटर होन क कारण कोलकाता शहर चना गया जहा पी ई सी वारा आयात की गयी व तए पोटर गोदाम म रखी जाती ह साथ ही म कोलकाता पोटर िभ न गोदाम इ यािद दखन की यव था की गयी एव सची म समावश िकया गया यह सनकर मरी ख़शी का िठकाना न रहा क य िक मन कोलकाता शहर क बार म सना बहत था पर त कभी दखा न था िस धी होन क प चात भी मझ बगाली रीित िरवाज़ िमठाइया यहा का पहनावा अगरज क ज़मान की बनी सरचनाए एव भवन इ यािद म बहत िदलच पी एव िच थी आिखरकार मझ मौका िमला और जनवरी की कड़ाकदार ठ ड क बीच हम एक रिववार शाम कोलकाता राजधानी स अपनी मिजल की और िनकल पड़ िद ली स कोलकाता क सफ़र क बीच हमारी गाड़ी इलाहाबाद गया िबहार तथा धनबाद जस शहर स होत हए बगाल की ओर पहची हसत-गात खलत-खात हए हम अगली सबह हावड़ा जकशन पहच गए रलगाड़ी स उतर कर टशन स बाहर िनकलत ही मझ िसटी ऑफ जॉय क नाम स मशहर कोलकाता की पहली झलक िदखाई दी ऐसा लगा मानो मझ भारत क दो पहल एकसाथ जीत हए नज़र आए एक तरफ थ टशन स बाहर एव अ दर जात हए स दर कपड़ गहन म लद हए कोलकाता क बगाली िनवासी साथ म बड़ी-बड़ी गािड़य म घमत कोलकाता क नौजवान और ठीक दसरी तरफ मरी नज़र पड़ी हगली नदी पर बन परिसदध हावड़ा िबरज पर िजस दख एक अलग ही दिनया का एहसास हआ

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह

िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी

एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया नतीजा मर समकष था

प ठ 30 अकषय कराित

हावड़ा िबरज पर हर तरफ लोग का जमावड़ा था इतन लोग दख िद ली क चादनी चौक की याद आ गयी ऐसा लगा मानो म 50 साल पीछ िकसी लक एव वाईट दिनया म कदम रख चकी थी िबरज क दोन तरफ सामान बचत हए दकानदार िखलौन मछली रख हए औरत एव छोट-छोट ब च मख य शहर स हावड़ा जान वाल आम आदमी मजदर की तज़ र तार फरी स र ता पार करन वाल यापारी इन सब को दख लगा कोलकाता म मबई जसी भागम भाग भी थी िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया नतीजा मर समकष था जस-जस म कोलकाता शहर क भीतर आन लगी मझ इस शहर क िवकास की झलक िदखाई दी एक तरफ थी ऊची ईमारत सदर िवशाल िव यासागर सत पल बड़-बड़ होटल माल कोलकाता उ च यायालय राईटसर िबि डग मशहर इडन गाडरन टिडयम इ यािद तो दसरी तरफ था िवक टोिरया ममोिरयल अगरज की वा तकला क अनसार िदखती लाल ईटो की इमारत िवक टोिरयल सरचनाए भवन छोटी-छोटी पटिरय पर समान बचत नया बाज़ार (New Market) क दकानदार एव िवक टोिरया ममोिरयल क बाहर चलत सलािनय क िलए रथ वाल घोड़ हमारा होटल जसीबोस सड़क पर ि थत था एव सिवधाओ स भरपर था पर त मन य जाना िक असली कोलकाता का मज़ा गाड़ी म नही अथवा िरक शा ऑटो तथा साल स चलती आ रही सड़क पर टराम म था

हर तरफ मझ पील रग की टिक सया िदखाई दी सब एक समान थी तथा मरसीडीज़ गाड़ी क बगल म चलती 1-2 पय म सफ़र की जान वाली टराम भी साथ िदखाई दी परी िजदगी िद ली म यतीत करन क बाद हर नए शहर का रहन-सहन बोल-चाल रीित-िरवाज़ जानन की जाग कता मझम हमशा रही पहल ही िदन स कोलकाता मझ रास आया जस िक कहत ह lsquoकोलकाता हमार खब भाला लागली छ rsquo कहन का ता पयर य िक मझ कोलकाता बहत अ छा लगा पहल िदन िक शाम को हमन य मािकर ट म खरीददारी करन का मन बनाया म हरान थी िक वहा चीज िकतनी स ती िमल रही थी िद ली क मतािबक एक ितहाई दाम पर चिडया गहन बग जत कत इ यािद िमल

िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया

प ठ 31 अकषय कराित य मािकर ट िद ली क लाजपत एव सरोिजनी नगर समान ह कम

दाम म अ छा समान िमला कोलकाता चमड़ क िलए भी मशहर ह एव परिसदध ी लदसर दकान भी इस बाज़ार म ि थत ह यहा खरीदारी का हमन खब ल फ़ उठाया

अगल िदन हम हि दया पोटर गए एव अनक जहाज़ दख 3-4 घट की दरी पर ि थत यह पोटर अनक एकड़ म फला हआ था पहली बार इतन बड़ जहाज़ को अदर स दख खब आनद आया तीसर िदन हम काली बाड़ी मिदर गए बगाली अ यत पाठ-पजा वाल दगार मा क स च उपासक ह यह सब जानत ह दगार पजा इनका लोकिपरय उ सव ह तथा काली मा एव दगार मा की स च मन स पजा करत ह कोलकाता क िनवासी भिक त भावपणर ह यह सना था अब खद दख भी िलया बगाली र म स पजा करन का य मौका अ यत आनदमयी था इसक अलावा काली बाड़ी क नज़दीक ही ि थत ह गौिरहाट बाज़ार यहा की दकान बगाली सािड़या कपड़ सट कत इ यािद क िलए परिसदध ह आिद धक तशवर नामक मशहर दकान म जाकर मरा भी मन िकया िक म भी खरीददारी क मर सािथय न बहत सािड़या खरीदी एव दाम दखकर म दग रह गई सदर स सदर साड़ी मातर 600700 पय की थी मन बगाल की मशहर लाल एव सफद िपरट की साड़ी भी खरीदी कोलकाता म खरीददारी का अलग की मज़ा ह उसी िदन शाम हम सा ट लक िसटी मॉल गए वह सा ट लक टिडयम क नज़दीक ह यहा िदखाई िदया कोलकाता का परगितशील प नौजवान फटबाल की जसीर पहन माल म घम रह थ एक स एक

मशहर बरड वहा मौजद थ इसक अलावा कोलकाता क िनवासी खब मनोरजन क शौक़ीन ह सगीत नाच गाना इ यादी म िच रखत ह कोलकाता म जगह-जगह सगीत कला अकडमी तथा पढ़न (रीिडग) क क लब ह अगरज क शौक तथा रहन-सहन की झलक आज भी यहा िदखती ह यहा क नौजवान को खल-कद म भी खब िदलच पी ह फटबाल का तो जस यहॉ सबको जनन ह

भारत क परिसदध मोहन बगान फटबाल क लब फटबाल क वहा क नौजवान ही नही परा शहर ही दीवाना ह भारत-पाक मच हो या आई पी एल इडन गाडरन मदान लोग स खचा-खच भरा रहता ह अफ़सोस म वहा अदर जा न सकी

इसक अलावा काली बाड़ी क नज़दीक ही ि थत ह गौिरहाट बाज़ार यहा की दकान बगाली सािडया कपड़ सट कत इ यािद क िलए परिसदध ह

प ठ 32 अकषय कराित

मर सफर क आखरी िदन म मन कोलकाता क लोग म एकता क नजार दख िविभ नता म भी एकता का उदाहरण दखा चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख िजस िदन हम कोलकाता पहच थ उसी िदन वहा शहर बद था और मन एक जट होकर लोग को अपनी बात कहत हए दखा एव सना यहा क लोग अपन शहर क िवकास बहतरी क िलए जाग क ह िज मदारी लत ह तथा सरकार को अपनी बात भली-भाित कहत ह लड़िकय औरत की इ ज़त करत ह एव यहा िक मिहलाओ को मन िनदरलीय पाया जहा एक ओर भारत की राजधानी होन क बावजद िद ली वाल अपनी िजदगी म मगन रहत ह वही दसरी और कोलकाता म अमीरी-गरीबी िभ न जाितय म भी एक जटता ह कपड़ा एव खाना आज भी यहा खब स ता िमलता ह पर त दसरी तरफ सब जानत ह िक बड़-बड़ उ योगपित िव वान लखक िखलाड़ी गायक अिभनता िनदशक यहा स उभर ह सािह य हो या लख बॉलीवड हो या िकरकट बगाल न भारत को अनक नाम एव गौरव िदए ह चाह सौरव दादा हो या रिव दर नाथ टगोर ममता बनजीर रानी मखजीर हो या योित बस भारत म इनकी भिमका का वणरन करन की ज रत नही

मन कछ िदन क कोलकाता क सफर म इस शहर को जानन समझन का परयास िकया हगली नदी क िकनार खड़ होकर समदर को दखा निदय को िनहारा िव यासागर सत िबरज की सदरता िवशालता को सराहा क सी दास की परिसदध िमठाई का ल फ उठाया मन बहत शहर घम पर त यह सफर मर िलए सबस यादगार रहा कोलकाता परगित क मागर पर िनरतर बढ़ रहा ह पर त आज भी वह अपनी जड़ नितक म य को नही भला ह एक आम आदमी आज भी टराम म या फरी स सफर करता ह यहा क िनवासी दो पय स लकर 500 ० का खाना खात ह पराना एव नया कोलकाता एक साथ जीिवत ह िसक क क दो पहल की तरह कोलकाता क यह दो प को एक साथ रहत दख बहत आनद आया

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 33 अकषय कराित

जल परकित का अनपम उपहार ह मानव जाित अपन परादभारवकाल स ही इस उपहार का उपयोग अपन िहत क िलए करती आई ह जल वह पराकितक उपहार ह िजसका कोई िवक प नही ह इसिलए जल को अमतया जीवन भी कहा गया ह जल क िबना जीवन की सभावना भी नही ह पर यकष प स तो जल की मानवीय आव यकता सीिमत ह परत परोकष आव यकताओ पर नजर डाल तो दिनक जीवन की आव यकताए जस अ न फल स जी दध स लकर हमार पहराव आवास तक सब जल स जड़ हजल का जरा भी सतलन िबगड़ जाए तो जीवन यापन क टपरद होन म दर नही परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह जल क सामा य त य जल या पानी एक आम रासायिनक पदाथर ह जो जीवन क सभी जञात प क जीिवत रहन क िलए ज री ह आमतौर पर जल अपनी दरव अव था म उपयोग म लाया जाता ह पर यह ठोस अव था बफर और गस अव था जल वा प या भाप प म भी पाया जाता ह प वी क लगभग तीन चौथाई िह स पर िव व क महासागर का अिधकार ह अनमानत प वी पर जल की कल मातरा लगभग 1400 िमिलयन घन िकलोमीटर ह जो िक प वी पर 3000 मीटर गहरी परत िबछा दन क िलए काफी ह तथािप जल की इस िवशाल मातरा म व छ जल का अनपात बहत कम ह प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह शष जल झील निदय वायम डल नमी मदा और वन पित म मौजद ह जल की जो मातरा उपभोग और अ य परयोग क िलए व ततः उपल ध ह वह निदय झील और भजल म उपल ध मातरा का छोटा-सा िह सा ह इसिलए जल ससाधन िवकास और परब ध की बाबत सकट इसिलए उ प न होता ह कय िक अिधकाश जल उपभोग क िलए उपल ध नही हो पाता

परभावी जल परबधन और दश का िवकास

दीपक आहजा ओएनजीसी िवदश

प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह

प ठ 34 अकषय कराित

और दसर इसका िवषमतापणर थािनक िवतरण इसकी एक अ य िविश टता ह फलतः जल का मह व वीकार िकया गया ह और इसक िकफायती परयोग तथा परब ध पर अिधक बल िदया गया ह प वी पर उपल ध जल जल-चकर क मा यम स चलायमान ह जल लगातार एक चकर म घमता रहता ह िजस जलचकर कहत ह इसम वा पीकरण वषार और बह कर सागर म पहचना शािमल ह हवा जल वा प को थल क ऊपर उसी दर स उड़ा ल जाती ह िजस गित स यह बहकर सागर म पहचाता ह जल चकर का िचतर नीच पर तत िकया गया ह

अिधकाश उपभोकताओ जस िक मन य पशओ अथवा पौध क िलए जल क सचलन की ज रत होती ह जल ससाधन की गितशील और नवीकरणीय परकित और इसक परयोग की बार बार ज रत को ि टगत रखत हए यह ज री ह िक जल ससाधन को उनकी परवाह दर क अनसार मापा जाए इस परकार जल ससाधन क दो पहल ह अिधकाश िवकासा मक ज रत क िलए परवाह क प म मािपत गितशील ससाधन अिधक परासिगक ह आरिकषत भ डार की ि थर अथवा िनयत परकित और साथ ही जल की मातरा तथा जल िनकाय क कषतर की ल बाई व म यपालन नौ सचालन आिद जस कछक िकरयाकलाप क िलए भी परासिगक ह

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 35 अकषय कराित

जल का यय अप यय जल क बार म एक नही कई च कान वाल त य ह िव व म और िवशष प स भारत म जल िकस परकार न ट होता ह इस िवषय म जो त य सामन आए ह उस पर जाग कता स यान दकर जल क अप यय को रोका जा सकता ह अनक त य ऐस ह जो हम आन वाल ख़तर स तो सावधान करत ही ह दसर स पररणा लन क िलए परो सािहत करत ह और पानी क मह व व इसक अनजान ोत की जानकारी भी दत ह प वी पर पदा होन वाली सभी वन पितया स भी हम पानी िमलता ह

आल और अनानास म 80 परितशत और टमाटर म 95 परितशत पानी ह पीन क िलए मानव को परितिदन 3 लीटर और पशओ को 50 लीटर पानी

चािहए भारत म 83 परितशत पानी खती और िसचाई क िलए उपयोग िकया जाता

ह इज़राइल म औसतन मातर 10 सटीमीटर वषार होती ह इस वषार स वह

इतना अनाज पदा कर लता ह िक वह उसका िनयारत कर सकता ह दसरी ओर भारत म औसतन 50 सटीमीटर स भी अिधक वषार होन क बावजद अनाज की कमी बनी रहती ह

िपछल 50 वष म जल क िलए 37 भीषण ह याकाड हए ह भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल

चलती ह पानी ज य रोग स िव व म हर वषर 22 लाख लोग की मौत हो जाती ह यिद बरश करत समय नल खला रह गया ह तो पाच िमनट म करीब 25

स 30 लीटर पानी बरबाद होता ह बाथ टब म नहात समय 300 स 500 लीटर पानी खचर होता ह जबिक

सामा य प स नहान म 100 स 150 लीटर पानी खचर होता ह िव व म परित 10 यिकतय म स 2 यिकतय को पीन का शदध पानी

नही िमल पाता ह परित वषर 6 अरब लीटर बोतल पक पानी मन य वारा पीन क िलए

परयकत िकया जाता ह मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 36 अकषय कराित

िद ली मबई और च नई जस महानगर म पाइप लाइन क वॉ व की खराबी क कारण रोज़ 14 स 44 परितशत पानी बकार बह जाता ह

निदया पानी का सबस बड़ा ोत ह जहा एक ओर निदय म बढ़त परदषण रोकन क िलए िवशषजञ उपाय खोज रह ह वही कल कारखान स बहत हए रसायन उ ह भारी मातरा म दिषत कर रह ह

भारत म जल सकट नासा की एक िरपोटर न पानी को लकर दश भर म बढ़ती जा रही लापरवाही क परित आख खोली ह इस िरपोटर म भारत म सख की ि थित पदा होन क िलए िज मवार कारण म स एक अहम कारण अधाधध जल दोहन को बताया गया ह बतात चल िक दश भर क 604 िजल म स 161 सख की मार झल रह ह वस अब बताया जा रहा ह िक सख की मार स बहाल िजल की सखया बढ़कर 246 हो गई ह यानी कहा जाए तो आधा दश सख की चपट म ह बहरहाल नासा की इस िरपोटर म बताया गया ह िक भारत क कई रा य कषमता स यादा जल दोहन कर रह ह यहा कषमता स ता पयर यह ह िक उनस िजतन सलाना जल दोहन की उ मीद कदर करती ह व उसस कही यादा जल दोहन कर रह ह नासा न यह अ ययन 2002 स 2008 क बीच

की ि थितय क आधार पर िकया ह इस िरपोटर म बताया गया ह िक पजाब हिरयाणा और राज थान हर साल औसतन 177 अरब कयिबक मीटर पानी जमीन क अदर स िनकाल रह ह जबिक कदर की तरफ स लगाए गए अनमान क मतािबक इ ह हर साल 132 अरब कयिबक मीटर पानी ही जमीन क अदर स िनकालना था इस तरह स दखा जाए तो य तीन रा य िमलकर कषमता स 30 फीसदी यादा पानी का दोहन कर रह ह जािहर ह िक िबना कछ सोच-िवचार जब इस पमान पर पराकितक ससाधन का दोहन िकया जाएगा तो परकित भी बदला लगी और वही हो रहा ह इस िरपोटर म यह भी बताया गया ह िक भारत का महज 58 फीसदी भजल ही हर साल िरचाजर हो पाता ह नासा की यह िरपोटर बताती ह िक अधाधध जल दोहन की वजह स पर उ तर पि चम भारत क भजल तर म हर साल 4 सटीमीटर यानी 16 इच की कमी आ रही ह इस अ ययन को अजाम दन म नासा क जल िवजञानी मट रोडल न अहम भिमका िनभाई ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 37 अकषय कराित

उनक हवाल स इस िरपोटर म बताया गया ह िक दश क उ तर पि चम कषतर म 2002 स 2008 क दौरान तकरीबन 109 कयिबक िकलोमीटर पानी की कमी हई ह यह मातरा िकतनी अिधक ह इसका अदाजा इसी स लगाया जा सकता ह िक यह अमिरका क सबस बड़ जलाशय लक मीड की कषमता स दगन स भी कही यादा ह अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह इस िरपोटर क मतािबक अगर अधाधध जल दोहन इसी तरह स जारी रहा तो आन वाल समय म भारत को अनाज और पानी क सकट को झलन क िलए अभी स तयार हो जाना चािहए जािहर ह िक जब जल सकट बढ़गा तो खती पर इसका गहरा परभाव पड़गा अनाज क उ पादन म कमी आएगी इस वजह स अनाज सकट पदा होगा और भख का एक नया चहरा उभरकर सामन आएगा एक बड़ा तबका जो आज भरपट भोजन कर पाता ह उसक िलए पट भर खाना िमलना मि कल हो जाएगा भखमरी की जो सम या पदा होगी उसस िफर िनपटना आसान नही होगा इसक अलावा पीन क पानी का टोटा तो होगा ही अभी ही दश क कई िह स ऐस ह जहा क लोग को पीन क िलए साफ पानी नही िमल पा रहा ह कई कषतर ऐस ह जहा गमीर क िदन म हडपप स पानी आना बद हो जाता ह वहा क लोग को हर साल बोिरग को कछ फट बढ़वाना होता ह यह सम या भजल तर क िगरत जान की वजह स ही पदा हई ह जब पीन क पानी का सकट पदा होगा तो बोतलबद पानी का कारोबार काफी तजी स बढ़गा कहन का मतलब यह िक िजसक पास पसा होगा वह अपनी यास बझा सकगा और िजसक पास पसा नही होगा उस अपनी यास बझान क िलए भी सघषर करना पड़गा ि थित की भयावहता की क पना ही िसहरन पदा करती ह भारत म दिनया का हर छठा आदमी रहता ह यानी कहा जाए तो दिनया क कल आबादी क तकरीबन सतरह फीसदी लोग भारत म रहत ह जबिक दिनया का महज साढ़ चार फीसदी पानी ही भारत म उपल ध ह ऐस म जल सम या स दो-चार होना कोई आनापिकषत बात नही ह एक बात तो तय ह िक पराकितक ससाधन म इजाफा तो नही िकया जा सकता ह लिकन इसका सरकषण अव य िकया जा सकता ह

अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह

प ठ 38 अकषय कराित

भारत म लोग िकसी एक मा यम स पयजल परा त करन पर िनभरर नही ह इस दश म 357 फीसदी लोग हडपप स 367 फीसदी लोग नल स 182 फीसदी लोग तालाब पोखर या झील स 56 फीसदी कओ स 12 फीसदी लोग पारपिरक साधन स और 26 फीसदी लोग अ य मा यम स पीन का पानी परा त करत ह इस िलहाज स अगर दखा जाए तो जल सकट को दर करन क िलए समगर कायरयोजना की ज रत ह

दरअसल भारत म गहरात जल सकट क िलए काफी हद तक पानी की बबारदी भी िज मवार ह यहा जल आपित र की यव था म काफी खािमया ह नल क जिरए घर तक पहचन वाल पानी का एक बड़ा िह सा िरस कर बबारद हो जाता ह हर शहर म फट हए आपित र पाइप आसानी स दख जा सकत ह इस बदहाल यव था क िलए सरकार क साथ-साथ सामा य लोग भी कम िज मदार नही ह एक तरफ तो सरकार पयजल क नाम पर हर साल हजार करोड़ पए का बजट बनाती ह और दसरी तरफ जमीनी तर पर हालात म कोई बदलाव नही िदखता ह सामािजक तौर पर भी जल सरकषण को लकर जाग कता का अभाव िदखता ह यह सामािजक तान-बान का ही असर ह िक लोग कही भी जल की बबारदी को दखकर उस सामा य घटना मानत हए नजरअदाज कर दत ह दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था यह अब घटकर 1800 कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर हो चका ह

दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था

प ठ 39 अकषय कराित

िवशषजञ का अनमान ह िक अगर पानी की खपत और बबारदी इसी तरह स जारी रही तो 2025 तक यह घटकर हजार कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर ही रह जाएगा उस समय तक पानी की उपल धता म आन वाली इस कमी की वजह स किष उ पादन म तीस फीसदी की कमी आन की सभावना ह इन पिरि थितय म दश की आिथरक और सामािजक ि थित का कया होगा इसका अदाजा सहज ही लगाया जा सकता ह भारत म जल सरकषण क परित आज भी आम लोग क मन म उपकषा का भाव बना हआ ह साथ ही इस कायर क िलए आव यक तकनीक की भी कमी ह जो तकनीक उपल ध ह उनस सामा य लोग अनजान ह बािरश क पानी का सगरह करक उस उपयोग म लाना एक अ छा िवक प ह पर इस तरह की कोिशश काफी सीिमत मातरा म काफी छोट तर पर हो रही ह यही वजह ह िक दश म होन वाली बािरश क पानी का अ सी फीसदी िह सा आज भी समदर म पहच जाता ह अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह अगर जल की इस िवशाल मातरा का आधा भी परयोग कर िलया जाए तो ि थित म यापक बदलाव आना तय ह शहरी कषतर म तो पानी की कालाबाजारी जोर पर ह जगह-जगह पर जल मािफया सिकरय हो गए ह िद ली क ही एक अखबार न कछ समय पहल यह बात उजागर िकया था यहा तो समानातर जल बोडर भी चलाया जा रहा ह हरानी की बात तो यह ह िक इसक बावजद भी पानी क काल धध पर अकश नही लगाया जा सका ह अहम सवाल यह ह िक कस सामा य तबक क लोग तक व छ पानी पहचाया जाए शहरी कषतर क साथ-साथ गरामीण कषतर म भी यह एक बड़ी चनौती ह आबादी म अपर यािशत विदध बढ़त शहरीकरण औ योिगकीकरण और किष उ पाद की बढ़ती माग क कारण पानी की माग िपछल कछ साल म वाभािवक प स बढ़ी ह इसक पिरणाम व प भजल ससाधन का अ यिधक दोहन हआ ह और इसका नतीजा हआ िक लगातार भजल का तर घटता जा रहा ह शहरी कषतर म ि थित बहद भयावह ह तदनसार वहा न कवल शीघराितशीघर जल ससाधन क सरकषण की ज रत ह बि क परभावी रणनीित और परबधन क जिरए त काल कदम उठान की ज रत ह

अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह

प ठ 40 अकषय कराित

खासकर इस बात को यान म ऱखकर िक िविभ न परितयोगी कषतर म कभी भी माग बढ़ सकती ह भिव य म उपयोग क िलए छत पर या सतह पर जलगरहण बनाकर वषारजल सरकषण बहद ज री ह यह पानी की बढ़ती ज रत का खयाल रखन िमटटी की नमी तर को बढ़ान शहरी हिरयाली को बढ़ान भजल तर को कितरम प स पनभररण करन और भजल की गणव ता स सधार का काम करता ह भारत म जल परबधन स दश का िवकास भारत म दिनया की 16 परितशत आबादी रहती ह लिकन दिनया क िसफर 4 परितशत जल ससाधन ही भारत क पास ह 3290000 वगर िकलोमीटर क भिम कषतर और एक अरब स यादा की आबादी क साथ भारत क एक बहलवादी िविवधता का िचतर ह िवशाल पराकितक ससाधन क साथ सप न तकनीकी और वजञािनक किमरय का भी यह दिनया म दसरा सबस बड़ा सम चय ह भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह मानव िवकास म 80 क दशक म लगभग 26 परितशत और 90 क दशक क दौरान और 24 परितशत क वारा सधार हआ ह आजादी क बाद छह दशक म भारत न जल ससाधन का अभतपवर िवकास और खा या न म आ मिनभररता शहरी कषतर ऊजार और औ योिगक कषतर और पीन का पानी क बिनयादी ढाच म तजी स िव तार दखा ह िजसका उपयोग भारत की लगभग 85 परितशत शहरी और गरामीण आबादी क वारा िकया जाता ह भारत म रा य सरकार और भारत सरकार क परितबदध और ठोस परयास की वजह स गरामीण और शहरी आबादी को सरिकषत पयजल को उपल ध करवान म काफी सफलता हािसल की ह इस उपलि ध न भजल की कमी जल जमावजल गणव ता िगरावट जल परदषण और बढ़त लवणता तर स बड़ कषतर को परभािवत िकया ह और अभी भी िविभ न रा य म गरामीण और शहरी भारत क मानव िवकास सचकाक (HDI)rsquo म बहत असमानता मौजद ह पानी क िलए कषतरीय माग तजी स बढ़ रह शहरीकरण की गित स बढ़ रही ह (अनमानत 2025 तक दश की आबादी का 50 परितशत स अिधक शहर म रहग) जनसखया विदध बढ़ती आय और औ योिगक िवकासशहरी भारत तजी स िवकास की माग क कदर क प म उभर रहा ह

भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह

प ठ 41 अकषय कराित

नतीजतन परित यिकत पानी की उपल धता िगर रही ह परधानमतरी की अ यकषता म 12वी योजना क िलए हई योजना आयोग की पणर बठक म दसर म क साथ जल परबधन पर िवशष चचार हई बठक क बाद योजना आयोग क उपा यकष म टक िसह अहलवािलया न कहा िक भ-जल कानन स लकर दसर म की यापक समीकषा ज री ह व यनाथन सिमित जहा वतरमान म भ-जल कानन की साथरकता का अ ययन करगी वही भारतीय अतिरकष अनसधान सगठन [इसरो] की मदद स पानी की उपल धता का िव तत अ ययन होगा म टक न कहा िक उसी आधार पर रणनीित तय होगी सरकार यह यान रखगी िक पानी का अिधकतम उपयोग हो सक और सभी को उपल ध हो पानी पर िकसी का एकािधकार न हो सक बतात ह िक द पयोग को रोकन क िलए श क लगान पर भी िवचार िकया जा सकता ह हालािक इसस पहल रा य सरकार स चचार होगी यह तय ह िक एआइबीपी कायरकरम म यापक बदलाव ह ग ी म टक िसह अहलवािलया न कहा िक वतरमान म इस कायरकरम का सही िकरया वयन नही हो रहा ह िलहाजा उसम पिरवतरन ज री ह सभव ह िक हर रा य म जल िनयामक परािधकरण बनान की शतर भी लगाई जाए उ ह न कहा िक जल परबधन की यापक समीकषा कर नई रणनीित तय की जाएगी कल िमलाकर रा टरीय तर पर वतरमान जल ससाधन का अिधक स अिधक करन क िलए माग को परा करन क िलए पयार त ह लिकन भिव य क अ ययन पिरयोजना ह िक जल आपित र की ि थित अगल आध सदी म अिधक किठन हो सकती ह जल सकट स िनपटन को जल सरकषण परबधन अिनवायर परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह बढ़त वि वक तापमान क फल व प अितवि ट अनावि ट अ पवि ट और असामियक वि ट हम परितवषर दख रह ह िजसका परभाव हमार जल ससाधन पर पड़ता िदखाई द रहा ह कओ व बाविडय का िमटता अि त व नदी-नाल का घटता पानी भ-गभर जल का िगरता तर िचता की पिरिध स िनकलकर खतर की घटी बनता जा रहा ह

निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह

प ठ 42 अकषय कराित

िव व भर म सीमट क अधाधध परयोग न धरातल क सहज अवशोषण कषतर को घटाया ह तथा जल बहाव भिम कटाव व बाढ़ म विदध की ह ऐसी ि थित म जल सरकषण का दािय व मातर वजञािनक व सरकार तक सीिमत न रहकर पर यक उपभोकता क कध पर आ जाता ह इसी दािय व क िनवरहन क िलए हमार पास दो िवक प सामन आत ह 1 वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई

उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

2 पािरवािरक तर पर वषार जल को सगरिहत कर उसका उपयोग कर य दोन ही परयास गरामीण कषतर म तो सरलता स अपनाए जा सकत ह परत शहरी कषतर म व ट वाटर मनजमट की बड़ी पिरयोजनाए बनाकर ही पानी को िरसाइिकल िकया जा सकता ह भ-गभर अिधकािधक जल अवशोिषत होकर

जाए इसक िलए मदानी भाग म िनयोिजत ढग स बड़-बड़ पोखर बनाकर तथा पहाड़ी कषतर म नाल -ख ड म िमटटी प थर आरसीसी क बड़-छोट डम लगाकर जल बहाव रोक भ-सरकषण बचाव व जल भडारण और धरातल जल शोषण कषतर बढ़ाया जा सकता ह िव व बक भारत सरकार वारा म य िहमालय जलागम पिरयोजना रा य क भ-सरकषण िवभाग इस कषतर म कारगर उपाय लकर

हमार सामन ह परत जनसहयोग क िबना इन पिरयोजनाओ क आशातीत पिरणाम ल पाना किठन ह वकषारोपण इस सपणर जल चकर को बल दन वाला कारक ह जल क परित चतना जागत न हई तो अव य ही अगल िव व यदध का कारण जल ही होगा

जल भोजन ह और अिगन भोजन का भकषक ह अिगन जल म और जल अिगन म िव यमान ह

- ततरीय उपिनषद 38

वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

प ठ 43 अकषय कराित

म भी गान गा सकता ह शबनम क िखलत फल क म भी गीत सना सकता ह सावन क म त झल क लिकन जब घर-घर म बादल छाय घोर िनराशा क तब म नगम गा रहा ह उ मीद की आशा क

सड़क पर खड़ बचपन की य बात सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह

हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

इस बदलत पिरवश का राग सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

गाधी जी क सपन का जो राम-रा य कहलाता ह उस भारत म सड़क पर छोट चाय पहचाता ह

कहा गई वो अ हड़ म ती कहा गया वो यार का रा ता उन हाथ स बचत झड िजन हाथ को चािहए ब ता

उस सोन की िचिड़या की म बात बतान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

कही बम की गमर हवाए कही ससद म कोहराम ह कही होत घोटाल स परशान आदमी आम ह

कही कल की िकलकारी ह कही सड़क पर बचपन ह कही चलता नही गजारा कही िवदश म काला धन ह

म स चाई गा-गाकर सबको बतलान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

बदलता भारत मनीष लाल इरडा

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

प ठ 44 अकषय कराित

करन वाल काम बहत ह यथर उलझन को छोड़ो म ला-पिड़त तोड़ रह ह तम बस lsquoअपन को जोड़ो

lsquoहम बदलग-यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का lsquoवद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का

वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हम बदलग mdash यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का वद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

प ठ 45 अकषय कराित

िसफर काला और सफ़द य ही वो दो रग थ जो तर पास सि ट बनान क आधार थ

काला वो जो कािलमा िलय ह िजस कहत ह दख िनराशा म य अपयश और वो सबकछ जो नकारा मक ह

मगर सफद ह वो रग िजसस जड़ा ह जीवन आशा सख और कीितर और वो सब कछ जो सकारा मक ह पर इन रग स तझ चन ना िमला त सोचन लगा अगर सि ट बनानी ह

तो िकस िलए- ससगर और परम क िलए और

इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग

ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह

बस- बना डाला तन इ दरधनष

जो बरसात क बाद सरज और प वी क अनपम परम को रग दता ह सतरगी रग स

और उ ही सतरगी इ दरधनषी रग म हम हर पल हर कषण डबत गहरात इतरात रहत ह

और खिशय भर ससार म हर रग को अलग-अलग तरह स महसस करक जीत रहत ह

रग तो रग ह मगर-

ससगर और परम क िलए और इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह बस-

सतरगी िचतर सगीता ीवा तव इरडा

प ठ 46 अकषय कराित

कभी पक क कभी फीक़ तो कछ कभी दाग बनकर उभर आत ह

कछ आख म नील बादल स छाए रहत ह तो कछ गाल पर गलाबी रग बनकर छलक जात ह

याद रहत ह अक सर वो रग- जो खदी पर इस तरह छा जात ह िक खद म घलकर खद क होन

का एहसास दत-दत खद का एक रग बन जात ह

बगनी आसामनी नीला हरा पीला नारगी लाल इ दरधनष क य सात रग ही जोड़त ह हमार िदल को

हमार मन को जोड़न वाल इन रग की सतरगी दिनया म-

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा बनाय

और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क

सतरगी िचतर

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा

बनाय और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क सतरगी िचतर

Page 25: Akshay Kranti Vol 3€¦ · पक्ष को प्रभािवत न कर e, बािधत व पीिड़त न कर eवह काय-र्कौशल है।

प ठ 25

ससराल की कभी बराई कही न मह पर आ जाव धमर कमर क तर य पथ म पाव नही िडगन पाव

सात परितजञाय जो तमन अिग नदव स मख की धारण द पि त जीवन का मह व ह करना स च मन स पालन

बटी इन सात बचन का यान दय म रह सदा दोन कल की लाज इसी म भला न दना इस कदा पित ही ह सवर तर त हार पित ही को जीवन समझो

जो कछ कह उसी को मान उनको िबिटया तम धन समझो शीलवती तम बन िबिटया पित-भक त मना सदर िनस दह वय उपजग क प-वकष घर क अ दर

पहन सिशकषा की साड़ी को शभ गण भषण अपनाओ दस लकषण शभ लकषण धार िन य नय मगल गाओ यह िशकषा उपहार दय का तम को राह िदखायगा भल भटक कर भी अिधयारा पास न आन पायगा

हम सब की आख स मोती उर स िनकल रही आशीष सभी सख स पणर परफि लत कर त ह दलह राजा की ईश

अकषय कराित

िजन हाथ न लाड़ चाव स अब तक था िजसको पाला उन हाथ न ही िबिटया को दलह राजा जी को द डाला

प ठ 26 अकषय कराित

ldquoपयारवरणrdquo श द पिर+आवरण स बना ह अथारत बा य आवरण को ही पयारवरण कहत ह इस बा य आवरण का ता पयर हमार चार ओर क वातावरण और पिरवश स ह िजस हम दसर श द म परकित भी कह सकत ह प वी पर िव यमान सपणर जीव-जगत क अि त व जीवन-यापन एव चहमखी िवकास म परकित की मह वपणर भिमका ह मानव बिदधजीवी पराणी ह और परकित क मह व स भली-भाित पिरिचत होन क कारण ही सिदय स परकित की पजा करता रहा ह

विदक काल स ही परकित तथा मानव क बीच जीवन ततर का अटट सबध रहा ह हमार पराचीन ऋिष-मिनय न प वी म हवा पानी िमटटी पड़-पौध जीव-ज तओ और मानव क सिकरय सहयोगा मक सतलन को यान म रखकर ही परकित को प य माना धमर क साथ परकित को जोड़कर उ ह न परकित को पयार त मह व िदया व जानत थ िक िजस परकार जीवन क िलए भिम की आव यकता होती ह उसी परकार वन पितया व अ य पराणी भी आव यक ह य सभी परकित क अिभ न अग ह इनम स एक क भी न ट होन का परभाव दसर पर पड़ता ह और पिरणाम व प पराकितक असतलन पदा हो जाता ह व तत प वी म हवा पानी िमटटी पड़-पौध जीव-ज तओ और मानव का सिकरय सहयोगा मक सतलन रहता ह पड़-पौध भिम को उपजाऊ बनात ह िमटटी को बाधकर रखत ह बरसात करवान तथा जल एव वाय को व छ रखन म सहायक होत ह परत आज क बढ़त औ योिगकीकरण और शहरीकरण न परकित और मानव क बीच असतलन उ प न कर िदया ह यह असतलन अिशकषण बढ़ती जनसख या शहर की ओर पलायन वकष की कटाई गगनचबी इमारत बड़-बड़ उ योग की थापना आिद क कारण ह और यही पयारवरण परदषण क मख य कारण ह मटरोपोिलटन एव बड़ शहर म अनक काबरिनक और अकाबरिनक गस जस ndash काबरन-मोनोऑक साइड अमोिनया आिद परदषण क मख य ोत ह

वतरमान पयारवरण -21वी सदी की चनौती

लख सरीन सल

विदक काल स ही परकित तथा मानव क बीच जीवन ततर का अटट सबध रहा ह

प ठ 27 अकषय कराित मन य न अपनी भितक सख-सिवधाओ की आपित र क िलए परकरित स

िखलवाड़ िकया ह वतरमान मशीनी यग म मन य वारा परकित क अ यिधक दोहन एव िनत नए कारखान की थापना स पयारवरण सकट उ प न हआ ह मानव न परकित क साथ जो अ यायपणर यवहार िकया ह उसी क फल व प परकित का िवरोधी रवया हआ ह िजस भिव य म सह पाना मि कल होगा

अिशकषा क कारण दश की तजी स बढ़ती आबादी क आवास की मलभत आव यकता को परा करन क िलए वकष की कटाई करक ऊची-ऊची इमारत बनाई जा रही ह वकष की अधाधध कटाई स भिम की ऊवररा शिक त का तो ास हो ही रहा ह साथ ही परदषण जसी िवकराल सम या भी ज म ल रही ह

परदषण पयारवरण क ास का परमख कारण ह िवकासशील दश िनत नए उ योग की थापना करक बराजगारी की सम या को तो दर कर रह ह िकत इसस जल वाय विन तथा िविभ न परकार क परदषण बढ़ रह ह कल-कारखान और मोटर स िनकलन वाल धए स वाय परदषण हो रहा ह जल थल व नभ क मागर पर शिक त चािलत वाहन विन परदषण का मख य ोत ह शहरीकरण और औ योिगकीकरण क कारण शदध पयजल की सम या िवकराल प धारण कर रही ह कारखान स िनकलन वाल कड़-कचर क निदय म िमलन स जल परदषण हो रहा ह रासायिनक खाद और कीटनाशी दवाओ स मदा परदषण का खतरा बन गया ह

इस परकार जनसख या विदध शहरीकरण औ योिगकीकरण एव परदषण जसी सम याओ न पयारवरण को बरी तरह परभािवत िकया ह आज सपणर िव व पयारवरण को लकर िचितत ह इस भयावह ि थित स बचन क िलए पर यक यिक त को पयारवरण क परित जाग क करना आज की अिनवायर आव यकता ह

इस िदशा म सवरपरथम िनरकषरता को समा त िकया जाना चािहए साकषर भारत की पिरक पना म जनसख या विदध दर वय िनयितरत हो जाएगी करल रा य इसका परमाण ह जहा साकषरता क साथ-साथ जनसख या िनयतरण भी ह

जल थल व नभ क मागर पर शिक त चािलत वाहन विन परदषण का मख य ोत ह

प ठ 28 अकषय कराित

इसक बाद बात आती ह परदषण िनवारण की आज िव व भर क

वजञािनक और पयारवरणिवद इस िदशा म कायररत ह सवरपरथम वन क काटन पर परितबध लगाया गया ह और वन सपना क िव तार हत वकष लगान क िलए परो सािहत िकया गया इसक िलए सरकार की ओर स वकष आिद िनश क उपल ध कराए जात ह ldquoपयारवरण परदषण स थाrdquo और व छ वाय अिधिनयम जस िविधक उपाय स वाय परदषण पर रोक लगान का परयास िकया जा रहा ह जहरील धआ उगलन वाल कारखान तथा वाहन पर भारी आिथरक दड का परावधान ह िविभ न सचार मा यम mdashदरदशरन समाचार-पतर तथा आकाशवाणी क मा यम स जनता को पयारवरण क परित जाग क करन क परयास िकए जा रह ह निदय म खलन वाल परदषण ोत को बद करन की योजनाए चलाई जा रही ह पािलथीन क परयोग को बद करन क िलए चलाया जा रहा ह अिभयान भी परशसनीय ह

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह इस खतर स सपणर भमडल का अि त व न ट हो जाए इसस पहल हम पयारवरण की सरकषा करन का सक प लना होगा

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह

िस धी होन क प चात भी मझ बगाली रीित िरवाज़ िमठाइया यहा का पहनावा अगरज क ज़मान की बनी सरचनाए एव भवन इ यािद म बहत िदलच पी एव िच थी

प ठ 29 अकषय कराित

यातरा स मरण-कोलकाता-खिशय हषर का शहर(िसटी ऑफ जॉय)

सोिनया सिह वानी पीईसी िलिमटड

म पी ई सी िलिमटड नामक कपनी क िविध ककष म उप िविध परबधक क पद पर कायररत ह सन 2010 जन स इस कपनी म मन परबधन परिशकष क प म अपनी पहली नौकरी की श आत की पी ई सी िलिमटड वािण य मतरालय क अतगरत आन वाली आयात-िनयारत यापार स स बिधत क पिनय म स एक ह इस स दभर म जनवरी 2011 म िविभ न िवभाग क परबधन परिशकषओ को ओिरएटशन हत काडला कोलकाता इ यािद शहर म भजन का कायरकरम िनि चत िकया गया कोलकाता क पास हि दया पोटर होन क कारण कोलकाता शहर चना गया जहा पी ई सी वारा आयात की गयी व तए पोटर गोदाम म रखी जाती ह साथ ही म कोलकाता पोटर िभ न गोदाम इ यािद दखन की यव था की गयी एव सची म समावश िकया गया यह सनकर मरी ख़शी का िठकाना न रहा क य िक मन कोलकाता शहर क बार म सना बहत था पर त कभी दखा न था िस धी होन क प चात भी मझ बगाली रीित िरवाज़ िमठाइया यहा का पहनावा अगरज क ज़मान की बनी सरचनाए एव भवन इ यािद म बहत िदलच पी एव िच थी आिखरकार मझ मौका िमला और जनवरी की कड़ाकदार ठ ड क बीच हम एक रिववार शाम कोलकाता राजधानी स अपनी मिजल की और िनकल पड़ िद ली स कोलकाता क सफ़र क बीच हमारी गाड़ी इलाहाबाद गया िबहार तथा धनबाद जस शहर स होत हए बगाल की ओर पहची हसत-गात खलत-खात हए हम अगली सबह हावड़ा जकशन पहच गए रलगाड़ी स उतर कर टशन स बाहर िनकलत ही मझ िसटी ऑफ जॉय क नाम स मशहर कोलकाता की पहली झलक िदखाई दी ऐसा लगा मानो मझ भारत क दो पहल एकसाथ जीत हए नज़र आए एक तरफ थ टशन स बाहर एव अ दर जात हए स दर कपड़ गहन म लद हए कोलकाता क बगाली िनवासी साथ म बड़ी-बड़ी गािड़य म घमत कोलकाता क नौजवान और ठीक दसरी तरफ मरी नज़र पड़ी हगली नदी पर बन परिसदध हावड़ा िबरज पर िजस दख एक अलग ही दिनया का एहसास हआ

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह

िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी

एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया नतीजा मर समकष था

प ठ 30 अकषय कराित

हावड़ा िबरज पर हर तरफ लोग का जमावड़ा था इतन लोग दख िद ली क चादनी चौक की याद आ गयी ऐसा लगा मानो म 50 साल पीछ िकसी लक एव वाईट दिनया म कदम रख चकी थी िबरज क दोन तरफ सामान बचत हए दकानदार िखलौन मछली रख हए औरत एव छोट-छोट ब च मख य शहर स हावड़ा जान वाल आम आदमी मजदर की तज़ र तार फरी स र ता पार करन वाल यापारी इन सब को दख लगा कोलकाता म मबई जसी भागम भाग भी थी िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया नतीजा मर समकष था जस-जस म कोलकाता शहर क भीतर आन लगी मझ इस शहर क िवकास की झलक िदखाई दी एक तरफ थी ऊची ईमारत सदर िवशाल िव यासागर सत पल बड़-बड़ होटल माल कोलकाता उ च यायालय राईटसर िबि डग मशहर इडन गाडरन टिडयम इ यािद तो दसरी तरफ था िवक टोिरया ममोिरयल अगरज की वा तकला क अनसार िदखती लाल ईटो की इमारत िवक टोिरयल सरचनाए भवन छोटी-छोटी पटिरय पर समान बचत नया बाज़ार (New Market) क दकानदार एव िवक टोिरया ममोिरयल क बाहर चलत सलािनय क िलए रथ वाल घोड़ हमारा होटल जसीबोस सड़क पर ि थत था एव सिवधाओ स भरपर था पर त मन य जाना िक असली कोलकाता का मज़ा गाड़ी म नही अथवा िरक शा ऑटो तथा साल स चलती आ रही सड़क पर टराम म था

हर तरफ मझ पील रग की टिक सया िदखाई दी सब एक समान थी तथा मरसीडीज़ गाड़ी क बगल म चलती 1-2 पय म सफ़र की जान वाली टराम भी साथ िदखाई दी परी िजदगी िद ली म यतीत करन क बाद हर नए शहर का रहन-सहन बोल-चाल रीित-िरवाज़ जानन की जाग कता मझम हमशा रही पहल ही िदन स कोलकाता मझ रास आया जस िक कहत ह lsquoकोलकाता हमार खब भाला लागली छ rsquo कहन का ता पयर य िक मझ कोलकाता बहत अ छा लगा पहल िदन िक शाम को हमन य मािकर ट म खरीददारी करन का मन बनाया म हरान थी िक वहा चीज िकतनी स ती िमल रही थी िद ली क मतािबक एक ितहाई दाम पर चिडया गहन बग जत कत इ यािद िमल

िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया

प ठ 31 अकषय कराित य मािकर ट िद ली क लाजपत एव सरोिजनी नगर समान ह कम

दाम म अ छा समान िमला कोलकाता चमड़ क िलए भी मशहर ह एव परिसदध ी लदसर दकान भी इस बाज़ार म ि थत ह यहा खरीदारी का हमन खब ल फ़ उठाया

अगल िदन हम हि दया पोटर गए एव अनक जहाज़ दख 3-4 घट की दरी पर ि थत यह पोटर अनक एकड़ म फला हआ था पहली बार इतन बड़ जहाज़ को अदर स दख खब आनद आया तीसर िदन हम काली बाड़ी मिदर गए बगाली अ यत पाठ-पजा वाल दगार मा क स च उपासक ह यह सब जानत ह दगार पजा इनका लोकिपरय उ सव ह तथा काली मा एव दगार मा की स च मन स पजा करत ह कोलकाता क िनवासी भिक त भावपणर ह यह सना था अब खद दख भी िलया बगाली र म स पजा करन का य मौका अ यत आनदमयी था इसक अलावा काली बाड़ी क नज़दीक ही ि थत ह गौिरहाट बाज़ार यहा की दकान बगाली सािड़या कपड़ सट कत इ यािद क िलए परिसदध ह आिद धक तशवर नामक मशहर दकान म जाकर मरा भी मन िकया िक म भी खरीददारी क मर सािथय न बहत सािड़या खरीदी एव दाम दखकर म दग रह गई सदर स सदर साड़ी मातर 600700 पय की थी मन बगाल की मशहर लाल एव सफद िपरट की साड़ी भी खरीदी कोलकाता म खरीददारी का अलग की मज़ा ह उसी िदन शाम हम सा ट लक िसटी मॉल गए वह सा ट लक टिडयम क नज़दीक ह यहा िदखाई िदया कोलकाता का परगितशील प नौजवान फटबाल की जसीर पहन माल म घम रह थ एक स एक

मशहर बरड वहा मौजद थ इसक अलावा कोलकाता क िनवासी खब मनोरजन क शौक़ीन ह सगीत नाच गाना इ यादी म िच रखत ह कोलकाता म जगह-जगह सगीत कला अकडमी तथा पढ़न (रीिडग) क क लब ह अगरज क शौक तथा रहन-सहन की झलक आज भी यहा िदखती ह यहा क नौजवान को खल-कद म भी खब िदलच पी ह फटबाल का तो जस यहॉ सबको जनन ह

भारत क परिसदध मोहन बगान फटबाल क लब फटबाल क वहा क नौजवान ही नही परा शहर ही दीवाना ह भारत-पाक मच हो या आई पी एल इडन गाडरन मदान लोग स खचा-खच भरा रहता ह अफ़सोस म वहा अदर जा न सकी

इसक अलावा काली बाड़ी क नज़दीक ही ि थत ह गौिरहाट बाज़ार यहा की दकान बगाली सािडया कपड़ सट कत इ यािद क िलए परिसदध ह

प ठ 32 अकषय कराित

मर सफर क आखरी िदन म मन कोलकाता क लोग म एकता क नजार दख िविभ नता म भी एकता का उदाहरण दखा चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख िजस िदन हम कोलकाता पहच थ उसी िदन वहा शहर बद था और मन एक जट होकर लोग को अपनी बात कहत हए दखा एव सना यहा क लोग अपन शहर क िवकास बहतरी क िलए जाग क ह िज मदारी लत ह तथा सरकार को अपनी बात भली-भाित कहत ह लड़िकय औरत की इ ज़त करत ह एव यहा िक मिहलाओ को मन िनदरलीय पाया जहा एक ओर भारत की राजधानी होन क बावजद िद ली वाल अपनी िजदगी म मगन रहत ह वही दसरी और कोलकाता म अमीरी-गरीबी िभ न जाितय म भी एक जटता ह कपड़ा एव खाना आज भी यहा खब स ता िमलता ह पर त दसरी तरफ सब जानत ह िक बड़-बड़ उ योगपित िव वान लखक िखलाड़ी गायक अिभनता िनदशक यहा स उभर ह सािह य हो या लख बॉलीवड हो या िकरकट बगाल न भारत को अनक नाम एव गौरव िदए ह चाह सौरव दादा हो या रिव दर नाथ टगोर ममता बनजीर रानी मखजीर हो या योित बस भारत म इनकी भिमका का वणरन करन की ज रत नही

मन कछ िदन क कोलकाता क सफर म इस शहर को जानन समझन का परयास िकया हगली नदी क िकनार खड़ होकर समदर को दखा निदय को िनहारा िव यासागर सत िबरज की सदरता िवशालता को सराहा क सी दास की परिसदध िमठाई का ल फ उठाया मन बहत शहर घम पर त यह सफर मर िलए सबस यादगार रहा कोलकाता परगित क मागर पर िनरतर बढ़ रहा ह पर त आज भी वह अपनी जड़ नितक म य को नही भला ह एक आम आदमी आज भी टराम म या फरी स सफर करता ह यहा क िनवासी दो पय स लकर 500 ० का खाना खात ह पराना एव नया कोलकाता एक साथ जीिवत ह िसक क क दो पहल की तरह कोलकाता क यह दो प को एक साथ रहत दख बहत आनद आया

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 33 अकषय कराित

जल परकित का अनपम उपहार ह मानव जाित अपन परादभारवकाल स ही इस उपहार का उपयोग अपन िहत क िलए करती आई ह जल वह पराकितक उपहार ह िजसका कोई िवक प नही ह इसिलए जल को अमतया जीवन भी कहा गया ह जल क िबना जीवन की सभावना भी नही ह पर यकष प स तो जल की मानवीय आव यकता सीिमत ह परत परोकष आव यकताओ पर नजर डाल तो दिनक जीवन की आव यकताए जस अ न फल स जी दध स लकर हमार पहराव आवास तक सब जल स जड़ हजल का जरा भी सतलन िबगड़ जाए तो जीवन यापन क टपरद होन म दर नही परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह जल क सामा य त य जल या पानी एक आम रासायिनक पदाथर ह जो जीवन क सभी जञात प क जीिवत रहन क िलए ज री ह आमतौर पर जल अपनी दरव अव था म उपयोग म लाया जाता ह पर यह ठोस अव था बफर और गस अव था जल वा प या भाप प म भी पाया जाता ह प वी क लगभग तीन चौथाई िह स पर िव व क महासागर का अिधकार ह अनमानत प वी पर जल की कल मातरा लगभग 1400 िमिलयन घन िकलोमीटर ह जो िक प वी पर 3000 मीटर गहरी परत िबछा दन क िलए काफी ह तथािप जल की इस िवशाल मातरा म व छ जल का अनपात बहत कम ह प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह शष जल झील निदय वायम डल नमी मदा और वन पित म मौजद ह जल की जो मातरा उपभोग और अ य परयोग क िलए व ततः उपल ध ह वह निदय झील और भजल म उपल ध मातरा का छोटा-सा िह सा ह इसिलए जल ससाधन िवकास और परब ध की बाबत सकट इसिलए उ प न होता ह कय िक अिधकाश जल उपभोग क िलए उपल ध नही हो पाता

परभावी जल परबधन और दश का िवकास

दीपक आहजा ओएनजीसी िवदश

प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह

प ठ 34 अकषय कराित

और दसर इसका िवषमतापणर थािनक िवतरण इसकी एक अ य िविश टता ह फलतः जल का मह व वीकार िकया गया ह और इसक िकफायती परयोग तथा परब ध पर अिधक बल िदया गया ह प वी पर उपल ध जल जल-चकर क मा यम स चलायमान ह जल लगातार एक चकर म घमता रहता ह िजस जलचकर कहत ह इसम वा पीकरण वषार और बह कर सागर म पहचना शािमल ह हवा जल वा प को थल क ऊपर उसी दर स उड़ा ल जाती ह िजस गित स यह बहकर सागर म पहचाता ह जल चकर का िचतर नीच पर तत िकया गया ह

अिधकाश उपभोकताओ जस िक मन य पशओ अथवा पौध क िलए जल क सचलन की ज रत होती ह जल ससाधन की गितशील और नवीकरणीय परकित और इसक परयोग की बार बार ज रत को ि टगत रखत हए यह ज री ह िक जल ससाधन को उनकी परवाह दर क अनसार मापा जाए इस परकार जल ससाधन क दो पहल ह अिधकाश िवकासा मक ज रत क िलए परवाह क प म मािपत गितशील ससाधन अिधक परासिगक ह आरिकषत भ डार की ि थर अथवा िनयत परकित और साथ ही जल की मातरा तथा जल िनकाय क कषतर की ल बाई व म यपालन नौ सचालन आिद जस कछक िकरयाकलाप क िलए भी परासिगक ह

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 35 अकषय कराित

जल का यय अप यय जल क बार म एक नही कई च कान वाल त य ह िव व म और िवशष प स भारत म जल िकस परकार न ट होता ह इस िवषय म जो त य सामन आए ह उस पर जाग कता स यान दकर जल क अप यय को रोका जा सकता ह अनक त य ऐस ह जो हम आन वाल ख़तर स तो सावधान करत ही ह दसर स पररणा लन क िलए परो सािहत करत ह और पानी क मह व व इसक अनजान ोत की जानकारी भी दत ह प वी पर पदा होन वाली सभी वन पितया स भी हम पानी िमलता ह

आल और अनानास म 80 परितशत और टमाटर म 95 परितशत पानी ह पीन क िलए मानव को परितिदन 3 लीटर और पशओ को 50 लीटर पानी

चािहए भारत म 83 परितशत पानी खती और िसचाई क िलए उपयोग िकया जाता

ह इज़राइल म औसतन मातर 10 सटीमीटर वषार होती ह इस वषार स वह

इतना अनाज पदा कर लता ह िक वह उसका िनयारत कर सकता ह दसरी ओर भारत म औसतन 50 सटीमीटर स भी अिधक वषार होन क बावजद अनाज की कमी बनी रहती ह

िपछल 50 वष म जल क िलए 37 भीषण ह याकाड हए ह भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल

चलती ह पानी ज य रोग स िव व म हर वषर 22 लाख लोग की मौत हो जाती ह यिद बरश करत समय नल खला रह गया ह तो पाच िमनट म करीब 25

स 30 लीटर पानी बरबाद होता ह बाथ टब म नहात समय 300 स 500 लीटर पानी खचर होता ह जबिक

सामा य प स नहान म 100 स 150 लीटर पानी खचर होता ह िव व म परित 10 यिकतय म स 2 यिकतय को पीन का शदध पानी

नही िमल पाता ह परित वषर 6 अरब लीटर बोतल पक पानी मन य वारा पीन क िलए

परयकत िकया जाता ह मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 36 अकषय कराित

िद ली मबई और च नई जस महानगर म पाइप लाइन क वॉ व की खराबी क कारण रोज़ 14 स 44 परितशत पानी बकार बह जाता ह

निदया पानी का सबस बड़ा ोत ह जहा एक ओर निदय म बढ़त परदषण रोकन क िलए िवशषजञ उपाय खोज रह ह वही कल कारखान स बहत हए रसायन उ ह भारी मातरा म दिषत कर रह ह

भारत म जल सकट नासा की एक िरपोटर न पानी को लकर दश भर म बढ़ती जा रही लापरवाही क परित आख खोली ह इस िरपोटर म भारत म सख की ि थित पदा होन क िलए िज मवार कारण म स एक अहम कारण अधाधध जल दोहन को बताया गया ह बतात चल िक दश भर क 604 िजल म स 161 सख की मार झल रह ह वस अब बताया जा रहा ह िक सख की मार स बहाल िजल की सखया बढ़कर 246 हो गई ह यानी कहा जाए तो आधा दश सख की चपट म ह बहरहाल नासा की इस िरपोटर म बताया गया ह िक भारत क कई रा य कषमता स यादा जल दोहन कर रह ह यहा कषमता स ता पयर यह ह िक उनस िजतन सलाना जल दोहन की उ मीद कदर करती ह व उसस कही यादा जल दोहन कर रह ह नासा न यह अ ययन 2002 स 2008 क बीच

की ि थितय क आधार पर िकया ह इस िरपोटर म बताया गया ह िक पजाब हिरयाणा और राज थान हर साल औसतन 177 अरब कयिबक मीटर पानी जमीन क अदर स िनकाल रह ह जबिक कदर की तरफ स लगाए गए अनमान क मतािबक इ ह हर साल 132 अरब कयिबक मीटर पानी ही जमीन क अदर स िनकालना था इस तरह स दखा जाए तो य तीन रा य िमलकर कषमता स 30 फीसदी यादा पानी का दोहन कर रह ह जािहर ह िक िबना कछ सोच-िवचार जब इस पमान पर पराकितक ससाधन का दोहन िकया जाएगा तो परकित भी बदला लगी और वही हो रहा ह इस िरपोटर म यह भी बताया गया ह िक भारत का महज 58 फीसदी भजल ही हर साल िरचाजर हो पाता ह नासा की यह िरपोटर बताती ह िक अधाधध जल दोहन की वजह स पर उ तर पि चम भारत क भजल तर म हर साल 4 सटीमीटर यानी 16 इच की कमी आ रही ह इस अ ययन को अजाम दन म नासा क जल िवजञानी मट रोडल न अहम भिमका िनभाई ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 37 अकषय कराित

उनक हवाल स इस िरपोटर म बताया गया ह िक दश क उ तर पि चम कषतर म 2002 स 2008 क दौरान तकरीबन 109 कयिबक िकलोमीटर पानी की कमी हई ह यह मातरा िकतनी अिधक ह इसका अदाजा इसी स लगाया जा सकता ह िक यह अमिरका क सबस बड़ जलाशय लक मीड की कषमता स दगन स भी कही यादा ह अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह इस िरपोटर क मतािबक अगर अधाधध जल दोहन इसी तरह स जारी रहा तो आन वाल समय म भारत को अनाज और पानी क सकट को झलन क िलए अभी स तयार हो जाना चािहए जािहर ह िक जब जल सकट बढ़गा तो खती पर इसका गहरा परभाव पड़गा अनाज क उ पादन म कमी आएगी इस वजह स अनाज सकट पदा होगा और भख का एक नया चहरा उभरकर सामन आएगा एक बड़ा तबका जो आज भरपट भोजन कर पाता ह उसक िलए पट भर खाना िमलना मि कल हो जाएगा भखमरी की जो सम या पदा होगी उसस िफर िनपटना आसान नही होगा इसक अलावा पीन क पानी का टोटा तो होगा ही अभी ही दश क कई िह स ऐस ह जहा क लोग को पीन क िलए साफ पानी नही िमल पा रहा ह कई कषतर ऐस ह जहा गमीर क िदन म हडपप स पानी आना बद हो जाता ह वहा क लोग को हर साल बोिरग को कछ फट बढ़वाना होता ह यह सम या भजल तर क िगरत जान की वजह स ही पदा हई ह जब पीन क पानी का सकट पदा होगा तो बोतलबद पानी का कारोबार काफी तजी स बढ़गा कहन का मतलब यह िक िजसक पास पसा होगा वह अपनी यास बझा सकगा और िजसक पास पसा नही होगा उस अपनी यास बझान क िलए भी सघषर करना पड़गा ि थित की भयावहता की क पना ही िसहरन पदा करती ह भारत म दिनया का हर छठा आदमी रहता ह यानी कहा जाए तो दिनया क कल आबादी क तकरीबन सतरह फीसदी लोग भारत म रहत ह जबिक दिनया का महज साढ़ चार फीसदी पानी ही भारत म उपल ध ह ऐस म जल सम या स दो-चार होना कोई आनापिकषत बात नही ह एक बात तो तय ह िक पराकितक ससाधन म इजाफा तो नही िकया जा सकता ह लिकन इसका सरकषण अव य िकया जा सकता ह

अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह

प ठ 38 अकषय कराित

भारत म लोग िकसी एक मा यम स पयजल परा त करन पर िनभरर नही ह इस दश म 357 फीसदी लोग हडपप स 367 फीसदी लोग नल स 182 फीसदी लोग तालाब पोखर या झील स 56 फीसदी कओ स 12 फीसदी लोग पारपिरक साधन स और 26 फीसदी लोग अ य मा यम स पीन का पानी परा त करत ह इस िलहाज स अगर दखा जाए तो जल सकट को दर करन क िलए समगर कायरयोजना की ज रत ह

दरअसल भारत म गहरात जल सकट क िलए काफी हद तक पानी की बबारदी भी िज मवार ह यहा जल आपित र की यव था म काफी खािमया ह नल क जिरए घर तक पहचन वाल पानी का एक बड़ा िह सा िरस कर बबारद हो जाता ह हर शहर म फट हए आपित र पाइप आसानी स दख जा सकत ह इस बदहाल यव था क िलए सरकार क साथ-साथ सामा य लोग भी कम िज मदार नही ह एक तरफ तो सरकार पयजल क नाम पर हर साल हजार करोड़ पए का बजट बनाती ह और दसरी तरफ जमीनी तर पर हालात म कोई बदलाव नही िदखता ह सामािजक तौर पर भी जल सरकषण को लकर जाग कता का अभाव िदखता ह यह सामािजक तान-बान का ही असर ह िक लोग कही भी जल की बबारदी को दखकर उस सामा य घटना मानत हए नजरअदाज कर दत ह दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था यह अब घटकर 1800 कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर हो चका ह

दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था

प ठ 39 अकषय कराित

िवशषजञ का अनमान ह िक अगर पानी की खपत और बबारदी इसी तरह स जारी रही तो 2025 तक यह घटकर हजार कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर ही रह जाएगा उस समय तक पानी की उपल धता म आन वाली इस कमी की वजह स किष उ पादन म तीस फीसदी की कमी आन की सभावना ह इन पिरि थितय म दश की आिथरक और सामािजक ि थित का कया होगा इसका अदाजा सहज ही लगाया जा सकता ह भारत म जल सरकषण क परित आज भी आम लोग क मन म उपकषा का भाव बना हआ ह साथ ही इस कायर क िलए आव यक तकनीक की भी कमी ह जो तकनीक उपल ध ह उनस सामा य लोग अनजान ह बािरश क पानी का सगरह करक उस उपयोग म लाना एक अ छा िवक प ह पर इस तरह की कोिशश काफी सीिमत मातरा म काफी छोट तर पर हो रही ह यही वजह ह िक दश म होन वाली बािरश क पानी का अ सी फीसदी िह सा आज भी समदर म पहच जाता ह अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह अगर जल की इस िवशाल मातरा का आधा भी परयोग कर िलया जाए तो ि थित म यापक बदलाव आना तय ह शहरी कषतर म तो पानी की कालाबाजारी जोर पर ह जगह-जगह पर जल मािफया सिकरय हो गए ह िद ली क ही एक अखबार न कछ समय पहल यह बात उजागर िकया था यहा तो समानातर जल बोडर भी चलाया जा रहा ह हरानी की बात तो यह ह िक इसक बावजद भी पानी क काल धध पर अकश नही लगाया जा सका ह अहम सवाल यह ह िक कस सामा य तबक क लोग तक व छ पानी पहचाया जाए शहरी कषतर क साथ-साथ गरामीण कषतर म भी यह एक बड़ी चनौती ह आबादी म अपर यािशत विदध बढ़त शहरीकरण औ योिगकीकरण और किष उ पाद की बढ़ती माग क कारण पानी की माग िपछल कछ साल म वाभािवक प स बढ़ी ह इसक पिरणाम व प भजल ससाधन का अ यिधक दोहन हआ ह और इसका नतीजा हआ िक लगातार भजल का तर घटता जा रहा ह शहरी कषतर म ि थित बहद भयावह ह तदनसार वहा न कवल शीघराितशीघर जल ससाधन क सरकषण की ज रत ह बि क परभावी रणनीित और परबधन क जिरए त काल कदम उठान की ज रत ह

अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह

प ठ 40 अकषय कराित

खासकर इस बात को यान म ऱखकर िक िविभ न परितयोगी कषतर म कभी भी माग बढ़ सकती ह भिव य म उपयोग क िलए छत पर या सतह पर जलगरहण बनाकर वषारजल सरकषण बहद ज री ह यह पानी की बढ़ती ज रत का खयाल रखन िमटटी की नमी तर को बढ़ान शहरी हिरयाली को बढ़ान भजल तर को कितरम प स पनभररण करन और भजल की गणव ता स सधार का काम करता ह भारत म जल परबधन स दश का िवकास भारत म दिनया की 16 परितशत आबादी रहती ह लिकन दिनया क िसफर 4 परितशत जल ससाधन ही भारत क पास ह 3290000 वगर िकलोमीटर क भिम कषतर और एक अरब स यादा की आबादी क साथ भारत क एक बहलवादी िविवधता का िचतर ह िवशाल पराकितक ससाधन क साथ सप न तकनीकी और वजञािनक किमरय का भी यह दिनया म दसरा सबस बड़ा सम चय ह भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह मानव िवकास म 80 क दशक म लगभग 26 परितशत और 90 क दशक क दौरान और 24 परितशत क वारा सधार हआ ह आजादी क बाद छह दशक म भारत न जल ससाधन का अभतपवर िवकास और खा या न म आ मिनभररता शहरी कषतर ऊजार और औ योिगक कषतर और पीन का पानी क बिनयादी ढाच म तजी स िव तार दखा ह िजसका उपयोग भारत की लगभग 85 परितशत शहरी और गरामीण आबादी क वारा िकया जाता ह भारत म रा य सरकार और भारत सरकार क परितबदध और ठोस परयास की वजह स गरामीण और शहरी आबादी को सरिकषत पयजल को उपल ध करवान म काफी सफलता हािसल की ह इस उपलि ध न भजल की कमी जल जमावजल गणव ता िगरावट जल परदषण और बढ़त लवणता तर स बड़ कषतर को परभािवत िकया ह और अभी भी िविभ न रा य म गरामीण और शहरी भारत क मानव िवकास सचकाक (HDI)rsquo म बहत असमानता मौजद ह पानी क िलए कषतरीय माग तजी स बढ़ रह शहरीकरण की गित स बढ़ रही ह (अनमानत 2025 तक दश की आबादी का 50 परितशत स अिधक शहर म रहग) जनसखया विदध बढ़ती आय और औ योिगक िवकासशहरी भारत तजी स िवकास की माग क कदर क प म उभर रहा ह

भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह

प ठ 41 अकषय कराित

नतीजतन परित यिकत पानी की उपल धता िगर रही ह परधानमतरी की अ यकषता म 12वी योजना क िलए हई योजना आयोग की पणर बठक म दसर म क साथ जल परबधन पर िवशष चचार हई बठक क बाद योजना आयोग क उपा यकष म टक िसह अहलवािलया न कहा िक भ-जल कानन स लकर दसर म की यापक समीकषा ज री ह व यनाथन सिमित जहा वतरमान म भ-जल कानन की साथरकता का अ ययन करगी वही भारतीय अतिरकष अनसधान सगठन [इसरो] की मदद स पानी की उपल धता का िव तत अ ययन होगा म टक न कहा िक उसी आधार पर रणनीित तय होगी सरकार यह यान रखगी िक पानी का अिधकतम उपयोग हो सक और सभी को उपल ध हो पानी पर िकसी का एकािधकार न हो सक बतात ह िक द पयोग को रोकन क िलए श क लगान पर भी िवचार िकया जा सकता ह हालािक इसस पहल रा य सरकार स चचार होगी यह तय ह िक एआइबीपी कायरकरम म यापक बदलाव ह ग ी म टक िसह अहलवािलया न कहा िक वतरमान म इस कायरकरम का सही िकरया वयन नही हो रहा ह िलहाजा उसम पिरवतरन ज री ह सभव ह िक हर रा य म जल िनयामक परािधकरण बनान की शतर भी लगाई जाए उ ह न कहा िक जल परबधन की यापक समीकषा कर नई रणनीित तय की जाएगी कल िमलाकर रा टरीय तर पर वतरमान जल ससाधन का अिधक स अिधक करन क िलए माग को परा करन क िलए पयार त ह लिकन भिव य क अ ययन पिरयोजना ह िक जल आपित र की ि थित अगल आध सदी म अिधक किठन हो सकती ह जल सकट स िनपटन को जल सरकषण परबधन अिनवायर परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह बढ़त वि वक तापमान क फल व प अितवि ट अनावि ट अ पवि ट और असामियक वि ट हम परितवषर दख रह ह िजसका परभाव हमार जल ससाधन पर पड़ता िदखाई द रहा ह कओ व बाविडय का िमटता अि त व नदी-नाल का घटता पानी भ-गभर जल का िगरता तर िचता की पिरिध स िनकलकर खतर की घटी बनता जा रहा ह

निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह

प ठ 42 अकषय कराित

िव व भर म सीमट क अधाधध परयोग न धरातल क सहज अवशोषण कषतर को घटाया ह तथा जल बहाव भिम कटाव व बाढ़ म विदध की ह ऐसी ि थित म जल सरकषण का दािय व मातर वजञािनक व सरकार तक सीिमत न रहकर पर यक उपभोकता क कध पर आ जाता ह इसी दािय व क िनवरहन क िलए हमार पास दो िवक प सामन आत ह 1 वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई

उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

2 पािरवािरक तर पर वषार जल को सगरिहत कर उसका उपयोग कर य दोन ही परयास गरामीण कषतर म तो सरलता स अपनाए जा सकत ह परत शहरी कषतर म व ट वाटर मनजमट की बड़ी पिरयोजनाए बनाकर ही पानी को िरसाइिकल िकया जा सकता ह भ-गभर अिधकािधक जल अवशोिषत होकर

जाए इसक िलए मदानी भाग म िनयोिजत ढग स बड़-बड़ पोखर बनाकर तथा पहाड़ी कषतर म नाल -ख ड म िमटटी प थर आरसीसी क बड़-छोट डम लगाकर जल बहाव रोक भ-सरकषण बचाव व जल भडारण और धरातल जल शोषण कषतर बढ़ाया जा सकता ह िव व बक भारत सरकार वारा म य िहमालय जलागम पिरयोजना रा य क भ-सरकषण िवभाग इस कषतर म कारगर उपाय लकर

हमार सामन ह परत जनसहयोग क िबना इन पिरयोजनाओ क आशातीत पिरणाम ल पाना किठन ह वकषारोपण इस सपणर जल चकर को बल दन वाला कारक ह जल क परित चतना जागत न हई तो अव य ही अगल िव व यदध का कारण जल ही होगा

जल भोजन ह और अिगन भोजन का भकषक ह अिगन जल म और जल अिगन म िव यमान ह

- ततरीय उपिनषद 38

वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

प ठ 43 अकषय कराित

म भी गान गा सकता ह शबनम क िखलत फल क म भी गीत सना सकता ह सावन क म त झल क लिकन जब घर-घर म बादल छाय घोर िनराशा क तब म नगम गा रहा ह उ मीद की आशा क

सड़क पर खड़ बचपन की य बात सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह

हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

इस बदलत पिरवश का राग सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

गाधी जी क सपन का जो राम-रा य कहलाता ह उस भारत म सड़क पर छोट चाय पहचाता ह

कहा गई वो अ हड़ म ती कहा गया वो यार का रा ता उन हाथ स बचत झड िजन हाथ को चािहए ब ता

उस सोन की िचिड़या की म बात बतान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

कही बम की गमर हवाए कही ससद म कोहराम ह कही होत घोटाल स परशान आदमी आम ह

कही कल की िकलकारी ह कही सड़क पर बचपन ह कही चलता नही गजारा कही िवदश म काला धन ह

म स चाई गा-गाकर सबको बतलान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

बदलता भारत मनीष लाल इरडा

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

प ठ 44 अकषय कराित

करन वाल काम बहत ह यथर उलझन को छोड़ो म ला-पिड़त तोड़ रह ह तम बस lsquoअपन को जोड़ो

lsquoहम बदलग-यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का lsquoवद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का

वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हम बदलग mdash यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का वद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

प ठ 45 अकषय कराित

िसफर काला और सफ़द य ही वो दो रग थ जो तर पास सि ट बनान क आधार थ

काला वो जो कािलमा िलय ह िजस कहत ह दख िनराशा म य अपयश और वो सबकछ जो नकारा मक ह

मगर सफद ह वो रग िजसस जड़ा ह जीवन आशा सख और कीितर और वो सब कछ जो सकारा मक ह पर इन रग स तझ चन ना िमला त सोचन लगा अगर सि ट बनानी ह

तो िकस िलए- ससगर और परम क िलए और

इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग

ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह

बस- बना डाला तन इ दरधनष

जो बरसात क बाद सरज और प वी क अनपम परम को रग दता ह सतरगी रग स

और उ ही सतरगी इ दरधनषी रग म हम हर पल हर कषण डबत गहरात इतरात रहत ह

और खिशय भर ससार म हर रग को अलग-अलग तरह स महसस करक जीत रहत ह

रग तो रग ह मगर-

ससगर और परम क िलए और इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह बस-

सतरगी िचतर सगीता ीवा तव इरडा

प ठ 46 अकषय कराित

कभी पक क कभी फीक़ तो कछ कभी दाग बनकर उभर आत ह

कछ आख म नील बादल स छाए रहत ह तो कछ गाल पर गलाबी रग बनकर छलक जात ह

याद रहत ह अक सर वो रग- जो खदी पर इस तरह छा जात ह िक खद म घलकर खद क होन

का एहसास दत-दत खद का एक रग बन जात ह

बगनी आसामनी नीला हरा पीला नारगी लाल इ दरधनष क य सात रग ही जोड़त ह हमार िदल को

हमार मन को जोड़न वाल इन रग की सतरगी दिनया म-

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा बनाय

और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क

सतरगी िचतर

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा

बनाय और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क सतरगी िचतर

Page 26: Akshay Kranti Vol 3€¦ · पक्ष को प्रभािवत न कर e, बािधत व पीिड़त न कर eवह काय-र्कौशल है।

प ठ 26 अकषय कराित

ldquoपयारवरणrdquo श द पिर+आवरण स बना ह अथारत बा य आवरण को ही पयारवरण कहत ह इस बा य आवरण का ता पयर हमार चार ओर क वातावरण और पिरवश स ह िजस हम दसर श द म परकित भी कह सकत ह प वी पर िव यमान सपणर जीव-जगत क अि त व जीवन-यापन एव चहमखी िवकास म परकित की मह वपणर भिमका ह मानव बिदधजीवी पराणी ह और परकित क मह व स भली-भाित पिरिचत होन क कारण ही सिदय स परकित की पजा करता रहा ह

विदक काल स ही परकित तथा मानव क बीच जीवन ततर का अटट सबध रहा ह हमार पराचीन ऋिष-मिनय न प वी म हवा पानी िमटटी पड़-पौध जीव-ज तओ और मानव क सिकरय सहयोगा मक सतलन को यान म रखकर ही परकित को प य माना धमर क साथ परकित को जोड़कर उ ह न परकित को पयार त मह व िदया व जानत थ िक िजस परकार जीवन क िलए भिम की आव यकता होती ह उसी परकार वन पितया व अ य पराणी भी आव यक ह य सभी परकित क अिभ न अग ह इनम स एक क भी न ट होन का परभाव दसर पर पड़ता ह और पिरणाम व प पराकितक असतलन पदा हो जाता ह व तत प वी म हवा पानी िमटटी पड़-पौध जीव-ज तओ और मानव का सिकरय सहयोगा मक सतलन रहता ह पड़-पौध भिम को उपजाऊ बनात ह िमटटी को बाधकर रखत ह बरसात करवान तथा जल एव वाय को व छ रखन म सहायक होत ह परत आज क बढ़त औ योिगकीकरण और शहरीकरण न परकित और मानव क बीच असतलन उ प न कर िदया ह यह असतलन अिशकषण बढ़ती जनसख या शहर की ओर पलायन वकष की कटाई गगनचबी इमारत बड़-बड़ उ योग की थापना आिद क कारण ह और यही पयारवरण परदषण क मख य कारण ह मटरोपोिलटन एव बड़ शहर म अनक काबरिनक और अकाबरिनक गस जस ndash काबरन-मोनोऑक साइड अमोिनया आिद परदषण क मख य ोत ह

वतरमान पयारवरण -21वी सदी की चनौती

लख सरीन सल

विदक काल स ही परकित तथा मानव क बीच जीवन ततर का अटट सबध रहा ह

प ठ 27 अकषय कराित मन य न अपनी भितक सख-सिवधाओ की आपित र क िलए परकरित स

िखलवाड़ िकया ह वतरमान मशीनी यग म मन य वारा परकित क अ यिधक दोहन एव िनत नए कारखान की थापना स पयारवरण सकट उ प न हआ ह मानव न परकित क साथ जो अ यायपणर यवहार िकया ह उसी क फल व प परकित का िवरोधी रवया हआ ह िजस भिव य म सह पाना मि कल होगा

अिशकषा क कारण दश की तजी स बढ़ती आबादी क आवास की मलभत आव यकता को परा करन क िलए वकष की कटाई करक ऊची-ऊची इमारत बनाई जा रही ह वकष की अधाधध कटाई स भिम की ऊवररा शिक त का तो ास हो ही रहा ह साथ ही परदषण जसी िवकराल सम या भी ज म ल रही ह

परदषण पयारवरण क ास का परमख कारण ह िवकासशील दश िनत नए उ योग की थापना करक बराजगारी की सम या को तो दर कर रह ह िकत इसस जल वाय विन तथा िविभ न परकार क परदषण बढ़ रह ह कल-कारखान और मोटर स िनकलन वाल धए स वाय परदषण हो रहा ह जल थल व नभ क मागर पर शिक त चािलत वाहन विन परदषण का मख य ोत ह शहरीकरण और औ योिगकीकरण क कारण शदध पयजल की सम या िवकराल प धारण कर रही ह कारखान स िनकलन वाल कड़-कचर क निदय म िमलन स जल परदषण हो रहा ह रासायिनक खाद और कीटनाशी दवाओ स मदा परदषण का खतरा बन गया ह

इस परकार जनसख या विदध शहरीकरण औ योिगकीकरण एव परदषण जसी सम याओ न पयारवरण को बरी तरह परभािवत िकया ह आज सपणर िव व पयारवरण को लकर िचितत ह इस भयावह ि थित स बचन क िलए पर यक यिक त को पयारवरण क परित जाग क करना आज की अिनवायर आव यकता ह

इस िदशा म सवरपरथम िनरकषरता को समा त िकया जाना चािहए साकषर भारत की पिरक पना म जनसख या विदध दर वय िनयितरत हो जाएगी करल रा य इसका परमाण ह जहा साकषरता क साथ-साथ जनसख या िनयतरण भी ह

जल थल व नभ क मागर पर शिक त चािलत वाहन विन परदषण का मख य ोत ह

प ठ 28 अकषय कराित

इसक बाद बात आती ह परदषण िनवारण की आज िव व भर क

वजञािनक और पयारवरणिवद इस िदशा म कायररत ह सवरपरथम वन क काटन पर परितबध लगाया गया ह और वन सपना क िव तार हत वकष लगान क िलए परो सािहत िकया गया इसक िलए सरकार की ओर स वकष आिद िनश क उपल ध कराए जात ह ldquoपयारवरण परदषण स थाrdquo और व छ वाय अिधिनयम जस िविधक उपाय स वाय परदषण पर रोक लगान का परयास िकया जा रहा ह जहरील धआ उगलन वाल कारखान तथा वाहन पर भारी आिथरक दड का परावधान ह िविभ न सचार मा यम mdashदरदशरन समाचार-पतर तथा आकाशवाणी क मा यम स जनता को पयारवरण क परित जाग क करन क परयास िकए जा रह ह निदय म खलन वाल परदषण ोत को बद करन की योजनाए चलाई जा रही ह पािलथीन क परयोग को बद करन क िलए चलाया जा रहा ह अिभयान भी परशसनीय ह

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह इस खतर स सपणर भमडल का अि त व न ट हो जाए इसस पहल हम पयारवरण की सरकषा करन का सक प लना होगा

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह

िस धी होन क प चात भी मझ बगाली रीित िरवाज़ िमठाइया यहा का पहनावा अगरज क ज़मान की बनी सरचनाए एव भवन इ यािद म बहत िदलच पी एव िच थी

प ठ 29 अकषय कराित

यातरा स मरण-कोलकाता-खिशय हषर का शहर(िसटी ऑफ जॉय)

सोिनया सिह वानी पीईसी िलिमटड

म पी ई सी िलिमटड नामक कपनी क िविध ककष म उप िविध परबधक क पद पर कायररत ह सन 2010 जन स इस कपनी म मन परबधन परिशकष क प म अपनी पहली नौकरी की श आत की पी ई सी िलिमटड वािण य मतरालय क अतगरत आन वाली आयात-िनयारत यापार स स बिधत क पिनय म स एक ह इस स दभर म जनवरी 2011 म िविभ न िवभाग क परबधन परिशकषओ को ओिरएटशन हत काडला कोलकाता इ यािद शहर म भजन का कायरकरम िनि चत िकया गया कोलकाता क पास हि दया पोटर होन क कारण कोलकाता शहर चना गया जहा पी ई सी वारा आयात की गयी व तए पोटर गोदाम म रखी जाती ह साथ ही म कोलकाता पोटर िभ न गोदाम इ यािद दखन की यव था की गयी एव सची म समावश िकया गया यह सनकर मरी ख़शी का िठकाना न रहा क य िक मन कोलकाता शहर क बार म सना बहत था पर त कभी दखा न था िस धी होन क प चात भी मझ बगाली रीित िरवाज़ िमठाइया यहा का पहनावा अगरज क ज़मान की बनी सरचनाए एव भवन इ यािद म बहत िदलच पी एव िच थी आिखरकार मझ मौका िमला और जनवरी की कड़ाकदार ठ ड क बीच हम एक रिववार शाम कोलकाता राजधानी स अपनी मिजल की और िनकल पड़ िद ली स कोलकाता क सफ़र क बीच हमारी गाड़ी इलाहाबाद गया िबहार तथा धनबाद जस शहर स होत हए बगाल की ओर पहची हसत-गात खलत-खात हए हम अगली सबह हावड़ा जकशन पहच गए रलगाड़ी स उतर कर टशन स बाहर िनकलत ही मझ िसटी ऑफ जॉय क नाम स मशहर कोलकाता की पहली झलक िदखाई दी ऐसा लगा मानो मझ भारत क दो पहल एकसाथ जीत हए नज़र आए एक तरफ थ टशन स बाहर एव अ दर जात हए स दर कपड़ गहन म लद हए कोलकाता क बगाली िनवासी साथ म बड़ी-बड़ी गािड़य म घमत कोलकाता क नौजवान और ठीक दसरी तरफ मरी नज़र पड़ी हगली नदी पर बन परिसदध हावड़ा िबरज पर िजस दख एक अलग ही दिनया का एहसास हआ

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह

िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी

एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया नतीजा मर समकष था

प ठ 30 अकषय कराित

हावड़ा िबरज पर हर तरफ लोग का जमावड़ा था इतन लोग दख िद ली क चादनी चौक की याद आ गयी ऐसा लगा मानो म 50 साल पीछ िकसी लक एव वाईट दिनया म कदम रख चकी थी िबरज क दोन तरफ सामान बचत हए दकानदार िखलौन मछली रख हए औरत एव छोट-छोट ब च मख य शहर स हावड़ा जान वाल आम आदमी मजदर की तज़ र तार फरी स र ता पार करन वाल यापारी इन सब को दख लगा कोलकाता म मबई जसी भागम भाग भी थी िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया नतीजा मर समकष था जस-जस म कोलकाता शहर क भीतर आन लगी मझ इस शहर क िवकास की झलक िदखाई दी एक तरफ थी ऊची ईमारत सदर िवशाल िव यासागर सत पल बड़-बड़ होटल माल कोलकाता उ च यायालय राईटसर िबि डग मशहर इडन गाडरन टिडयम इ यािद तो दसरी तरफ था िवक टोिरया ममोिरयल अगरज की वा तकला क अनसार िदखती लाल ईटो की इमारत िवक टोिरयल सरचनाए भवन छोटी-छोटी पटिरय पर समान बचत नया बाज़ार (New Market) क दकानदार एव िवक टोिरया ममोिरयल क बाहर चलत सलािनय क िलए रथ वाल घोड़ हमारा होटल जसीबोस सड़क पर ि थत था एव सिवधाओ स भरपर था पर त मन य जाना िक असली कोलकाता का मज़ा गाड़ी म नही अथवा िरक शा ऑटो तथा साल स चलती आ रही सड़क पर टराम म था

हर तरफ मझ पील रग की टिक सया िदखाई दी सब एक समान थी तथा मरसीडीज़ गाड़ी क बगल म चलती 1-2 पय म सफ़र की जान वाली टराम भी साथ िदखाई दी परी िजदगी िद ली म यतीत करन क बाद हर नए शहर का रहन-सहन बोल-चाल रीित-िरवाज़ जानन की जाग कता मझम हमशा रही पहल ही िदन स कोलकाता मझ रास आया जस िक कहत ह lsquoकोलकाता हमार खब भाला लागली छ rsquo कहन का ता पयर य िक मझ कोलकाता बहत अ छा लगा पहल िदन िक शाम को हमन य मािकर ट म खरीददारी करन का मन बनाया म हरान थी िक वहा चीज िकतनी स ती िमल रही थी िद ली क मतािबक एक ितहाई दाम पर चिडया गहन बग जत कत इ यािद िमल

िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया

प ठ 31 अकषय कराित य मािकर ट िद ली क लाजपत एव सरोिजनी नगर समान ह कम

दाम म अ छा समान िमला कोलकाता चमड़ क िलए भी मशहर ह एव परिसदध ी लदसर दकान भी इस बाज़ार म ि थत ह यहा खरीदारी का हमन खब ल फ़ उठाया

अगल िदन हम हि दया पोटर गए एव अनक जहाज़ दख 3-4 घट की दरी पर ि थत यह पोटर अनक एकड़ म फला हआ था पहली बार इतन बड़ जहाज़ को अदर स दख खब आनद आया तीसर िदन हम काली बाड़ी मिदर गए बगाली अ यत पाठ-पजा वाल दगार मा क स च उपासक ह यह सब जानत ह दगार पजा इनका लोकिपरय उ सव ह तथा काली मा एव दगार मा की स च मन स पजा करत ह कोलकाता क िनवासी भिक त भावपणर ह यह सना था अब खद दख भी िलया बगाली र म स पजा करन का य मौका अ यत आनदमयी था इसक अलावा काली बाड़ी क नज़दीक ही ि थत ह गौिरहाट बाज़ार यहा की दकान बगाली सािड़या कपड़ सट कत इ यािद क िलए परिसदध ह आिद धक तशवर नामक मशहर दकान म जाकर मरा भी मन िकया िक म भी खरीददारी क मर सािथय न बहत सािड़या खरीदी एव दाम दखकर म दग रह गई सदर स सदर साड़ी मातर 600700 पय की थी मन बगाल की मशहर लाल एव सफद िपरट की साड़ी भी खरीदी कोलकाता म खरीददारी का अलग की मज़ा ह उसी िदन शाम हम सा ट लक िसटी मॉल गए वह सा ट लक टिडयम क नज़दीक ह यहा िदखाई िदया कोलकाता का परगितशील प नौजवान फटबाल की जसीर पहन माल म घम रह थ एक स एक

मशहर बरड वहा मौजद थ इसक अलावा कोलकाता क िनवासी खब मनोरजन क शौक़ीन ह सगीत नाच गाना इ यादी म िच रखत ह कोलकाता म जगह-जगह सगीत कला अकडमी तथा पढ़न (रीिडग) क क लब ह अगरज क शौक तथा रहन-सहन की झलक आज भी यहा िदखती ह यहा क नौजवान को खल-कद म भी खब िदलच पी ह फटबाल का तो जस यहॉ सबको जनन ह

भारत क परिसदध मोहन बगान फटबाल क लब फटबाल क वहा क नौजवान ही नही परा शहर ही दीवाना ह भारत-पाक मच हो या आई पी एल इडन गाडरन मदान लोग स खचा-खच भरा रहता ह अफ़सोस म वहा अदर जा न सकी

इसक अलावा काली बाड़ी क नज़दीक ही ि थत ह गौिरहाट बाज़ार यहा की दकान बगाली सािडया कपड़ सट कत इ यािद क िलए परिसदध ह

प ठ 32 अकषय कराित

मर सफर क आखरी िदन म मन कोलकाता क लोग म एकता क नजार दख िविभ नता म भी एकता का उदाहरण दखा चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख िजस िदन हम कोलकाता पहच थ उसी िदन वहा शहर बद था और मन एक जट होकर लोग को अपनी बात कहत हए दखा एव सना यहा क लोग अपन शहर क िवकास बहतरी क िलए जाग क ह िज मदारी लत ह तथा सरकार को अपनी बात भली-भाित कहत ह लड़िकय औरत की इ ज़त करत ह एव यहा िक मिहलाओ को मन िनदरलीय पाया जहा एक ओर भारत की राजधानी होन क बावजद िद ली वाल अपनी िजदगी म मगन रहत ह वही दसरी और कोलकाता म अमीरी-गरीबी िभ न जाितय म भी एक जटता ह कपड़ा एव खाना आज भी यहा खब स ता िमलता ह पर त दसरी तरफ सब जानत ह िक बड़-बड़ उ योगपित िव वान लखक िखलाड़ी गायक अिभनता िनदशक यहा स उभर ह सािह य हो या लख बॉलीवड हो या िकरकट बगाल न भारत को अनक नाम एव गौरव िदए ह चाह सौरव दादा हो या रिव दर नाथ टगोर ममता बनजीर रानी मखजीर हो या योित बस भारत म इनकी भिमका का वणरन करन की ज रत नही

मन कछ िदन क कोलकाता क सफर म इस शहर को जानन समझन का परयास िकया हगली नदी क िकनार खड़ होकर समदर को दखा निदय को िनहारा िव यासागर सत िबरज की सदरता िवशालता को सराहा क सी दास की परिसदध िमठाई का ल फ उठाया मन बहत शहर घम पर त यह सफर मर िलए सबस यादगार रहा कोलकाता परगित क मागर पर िनरतर बढ़ रहा ह पर त आज भी वह अपनी जड़ नितक म य को नही भला ह एक आम आदमी आज भी टराम म या फरी स सफर करता ह यहा क िनवासी दो पय स लकर 500 ० का खाना खात ह पराना एव नया कोलकाता एक साथ जीिवत ह िसक क क दो पहल की तरह कोलकाता क यह दो प को एक साथ रहत दख बहत आनद आया

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 33 अकषय कराित

जल परकित का अनपम उपहार ह मानव जाित अपन परादभारवकाल स ही इस उपहार का उपयोग अपन िहत क िलए करती आई ह जल वह पराकितक उपहार ह िजसका कोई िवक प नही ह इसिलए जल को अमतया जीवन भी कहा गया ह जल क िबना जीवन की सभावना भी नही ह पर यकष प स तो जल की मानवीय आव यकता सीिमत ह परत परोकष आव यकताओ पर नजर डाल तो दिनक जीवन की आव यकताए जस अ न फल स जी दध स लकर हमार पहराव आवास तक सब जल स जड़ हजल का जरा भी सतलन िबगड़ जाए तो जीवन यापन क टपरद होन म दर नही परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह जल क सामा य त य जल या पानी एक आम रासायिनक पदाथर ह जो जीवन क सभी जञात प क जीिवत रहन क िलए ज री ह आमतौर पर जल अपनी दरव अव था म उपयोग म लाया जाता ह पर यह ठोस अव था बफर और गस अव था जल वा प या भाप प म भी पाया जाता ह प वी क लगभग तीन चौथाई िह स पर िव व क महासागर का अिधकार ह अनमानत प वी पर जल की कल मातरा लगभग 1400 िमिलयन घन िकलोमीटर ह जो िक प वी पर 3000 मीटर गहरी परत िबछा दन क िलए काफी ह तथािप जल की इस िवशाल मातरा म व छ जल का अनपात बहत कम ह प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह शष जल झील निदय वायम डल नमी मदा और वन पित म मौजद ह जल की जो मातरा उपभोग और अ य परयोग क िलए व ततः उपल ध ह वह निदय झील और भजल म उपल ध मातरा का छोटा-सा िह सा ह इसिलए जल ससाधन िवकास और परब ध की बाबत सकट इसिलए उ प न होता ह कय िक अिधकाश जल उपभोग क िलए उपल ध नही हो पाता

परभावी जल परबधन और दश का िवकास

दीपक आहजा ओएनजीसी िवदश

प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह

प ठ 34 अकषय कराित

और दसर इसका िवषमतापणर थािनक िवतरण इसकी एक अ य िविश टता ह फलतः जल का मह व वीकार िकया गया ह और इसक िकफायती परयोग तथा परब ध पर अिधक बल िदया गया ह प वी पर उपल ध जल जल-चकर क मा यम स चलायमान ह जल लगातार एक चकर म घमता रहता ह िजस जलचकर कहत ह इसम वा पीकरण वषार और बह कर सागर म पहचना शािमल ह हवा जल वा प को थल क ऊपर उसी दर स उड़ा ल जाती ह िजस गित स यह बहकर सागर म पहचाता ह जल चकर का िचतर नीच पर तत िकया गया ह

अिधकाश उपभोकताओ जस िक मन य पशओ अथवा पौध क िलए जल क सचलन की ज रत होती ह जल ससाधन की गितशील और नवीकरणीय परकित और इसक परयोग की बार बार ज रत को ि टगत रखत हए यह ज री ह िक जल ससाधन को उनकी परवाह दर क अनसार मापा जाए इस परकार जल ससाधन क दो पहल ह अिधकाश िवकासा मक ज रत क िलए परवाह क प म मािपत गितशील ससाधन अिधक परासिगक ह आरिकषत भ डार की ि थर अथवा िनयत परकित और साथ ही जल की मातरा तथा जल िनकाय क कषतर की ल बाई व म यपालन नौ सचालन आिद जस कछक िकरयाकलाप क िलए भी परासिगक ह

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 35 अकषय कराित

जल का यय अप यय जल क बार म एक नही कई च कान वाल त य ह िव व म और िवशष प स भारत म जल िकस परकार न ट होता ह इस िवषय म जो त य सामन आए ह उस पर जाग कता स यान दकर जल क अप यय को रोका जा सकता ह अनक त य ऐस ह जो हम आन वाल ख़तर स तो सावधान करत ही ह दसर स पररणा लन क िलए परो सािहत करत ह और पानी क मह व व इसक अनजान ोत की जानकारी भी दत ह प वी पर पदा होन वाली सभी वन पितया स भी हम पानी िमलता ह

आल और अनानास म 80 परितशत और टमाटर म 95 परितशत पानी ह पीन क िलए मानव को परितिदन 3 लीटर और पशओ को 50 लीटर पानी

चािहए भारत म 83 परितशत पानी खती और िसचाई क िलए उपयोग िकया जाता

ह इज़राइल म औसतन मातर 10 सटीमीटर वषार होती ह इस वषार स वह

इतना अनाज पदा कर लता ह िक वह उसका िनयारत कर सकता ह दसरी ओर भारत म औसतन 50 सटीमीटर स भी अिधक वषार होन क बावजद अनाज की कमी बनी रहती ह

िपछल 50 वष म जल क िलए 37 भीषण ह याकाड हए ह भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल

चलती ह पानी ज य रोग स िव व म हर वषर 22 लाख लोग की मौत हो जाती ह यिद बरश करत समय नल खला रह गया ह तो पाच िमनट म करीब 25

स 30 लीटर पानी बरबाद होता ह बाथ टब म नहात समय 300 स 500 लीटर पानी खचर होता ह जबिक

सामा य प स नहान म 100 स 150 लीटर पानी खचर होता ह िव व म परित 10 यिकतय म स 2 यिकतय को पीन का शदध पानी

नही िमल पाता ह परित वषर 6 अरब लीटर बोतल पक पानी मन य वारा पीन क िलए

परयकत िकया जाता ह मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 36 अकषय कराित

िद ली मबई और च नई जस महानगर म पाइप लाइन क वॉ व की खराबी क कारण रोज़ 14 स 44 परितशत पानी बकार बह जाता ह

निदया पानी का सबस बड़ा ोत ह जहा एक ओर निदय म बढ़त परदषण रोकन क िलए िवशषजञ उपाय खोज रह ह वही कल कारखान स बहत हए रसायन उ ह भारी मातरा म दिषत कर रह ह

भारत म जल सकट नासा की एक िरपोटर न पानी को लकर दश भर म बढ़ती जा रही लापरवाही क परित आख खोली ह इस िरपोटर म भारत म सख की ि थित पदा होन क िलए िज मवार कारण म स एक अहम कारण अधाधध जल दोहन को बताया गया ह बतात चल िक दश भर क 604 िजल म स 161 सख की मार झल रह ह वस अब बताया जा रहा ह िक सख की मार स बहाल िजल की सखया बढ़कर 246 हो गई ह यानी कहा जाए तो आधा दश सख की चपट म ह बहरहाल नासा की इस िरपोटर म बताया गया ह िक भारत क कई रा य कषमता स यादा जल दोहन कर रह ह यहा कषमता स ता पयर यह ह िक उनस िजतन सलाना जल दोहन की उ मीद कदर करती ह व उसस कही यादा जल दोहन कर रह ह नासा न यह अ ययन 2002 स 2008 क बीच

की ि थितय क आधार पर िकया ह इस िरपोटर म बताया गया ह िक पजाब हिरयाणा और राज थान हर साल औसतन 177 अरब कयिबक मीटर पानी जमीन क अदर स िनकाल रह ह जबिक कदर की तरफ स लगाए गए अनमान क मतािबक इ ह हर साल 132 अरब कयिबक मीटर पानी ही जमीन क अदर स िनकालना था इस तरह स दखा जाए तो य तीन रा य िमलकर कषमता स 30 फीसदी यादा पानी का दोहन कर रह ह जािहर ह िक िबना कछ सोच-िवचार जब इस पमान पर पराकितक ससाधन का दोहन िकया जाएगा तो परकित भी बदला लगी और वही हो रहा ह इस िरपोटर म यह भी बताया गया ह िक भारत का महज 58 फीसदी भजल ही हर साल िरचाजर हो पाता ह नासा की यह िरपोटर बताती ह िक अधाधध जल दोहन की वजह स पर उ तर पि चम भारत क भजल तर म हर साल 4 सटीमीटर यानी 16 इच की कमी आ रही ह इस अ ययन को अजाम दन म नासा क जल िवजञानी मट रोडल न अहम भिमका िनभाई ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 37 अकषय कराित

उनक हवाल स इस िरपोटर म बताया गया ह िक दश क उ तर पि चम कषतर म 2002 स 2008 क दौरान तकरीबन 109 कयिबक िकलोमीटर पानी की कमी हई ह यह मातरा िकतनी अिधक ह इसका अदाजा इसी स लगाया जा सकता ह िक यह अमिरका क सबस बड़ जलाशय लक मीड की कषमता स दगन स भी कही यादा ह अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह इस िरपोटर क मतािबक अगर अधाधध जल दोहन इसी तरह स जारी रहा तो आन वाल समय म भारत को अनाज और पानी क सकट को झलन क िलए अभी स तयार हो जाना चािहए जािहर ह िक जब जल सकट बढ़गा तो खती पर इसका गहरा परभाव पड़गा अनाज क उ पादन म कमी आएगी इस वजह स अनाज सकट पदा होगा और भख का एक नया चहरा उभरकर सामन आएगा एक बड़ा तबका जो आज भरपट भोजन कर पाता ह उसक िलए पट भर खाना िमलना मि कल हो जाएगा भखमरी की जो सम या पदा होगी उसस िफर िनपटना आसान नही होगा इसक अलावा पीन क पानी का टोटा तो होगा ही अभी ही दश क कई िह स ऐस ह जहा क लोग को पीन क िलए साफ पानी नही िमल पा रहा ह कई कषतर ऐस ह जहा गमीर क िदन म हडपप स पानी आना बद हो जाता ह वहा क लोग को हर साल बोिरग को कछ फट बढ़वाना होता ह यह सम या भजल तर क िगरत जान की वजह स ही पदा हई ह जब पीन क पानी का सकट पदा होगा तो बोतलबद पानी का कारोबार काफी तजी स बढ़गा कहन का मतलब यह िक िजसक पास पसा होगा वह अपनी यास बझा सकगा और िजसक पास पसा नही होगा उस अपनी यास बझान क िलए भी सघषर करना पड़गा ि थित की भयावहता की क पना ही िसहरन पदा करती ह भारत म दिनया का हर छठा आदमी रहता ह यानी कहा जाए तो दिनया क कल आबादी क तकरीबन सतरह फीसदी लोग भारत म रहत ह जबिक दिनया का महज साढ़ चार फीसदी पानी ही भारत म उपल ध ह ऐस म जल सम या स दो-चार होना कोई आनापिकषत बात नही ह एक बात तो तय ह िक पराकितक ससाधन म इजाफा तो नही िकया जा सकता ह लिकन इसका सरकषण अव य िकया जा सकता ह

अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह

प ठ 38 अकषय कराित

भारत म लोग िकसी एक मा यम स पयजल परा त करन पर िनभरर नही ह इस दश म 357 फीसदी लोग हडपप स 367 फीसदी लोग नल स 182 फीसदी लोग तालाब पोखर या झील स 56 फीसदी कओ स 12 फीसदी लोग पारपिरक साधन स और 26 फीसदी लोग अ य मा यम स पीन का पानी परा त करत ह इस िलहाज स अगर दखा जाए तो जल सकट को दर करन क िलए समगर कायरयोजना की ज रत ह

दरअसल भारत म गहरात जल सकट क िलए काफी हद तक पानी की बबारदी भी िज मवार ह यहा जल आपित र की यव था म काफी खािमया ह नल क जिरए घर तक पहचन वाल पानी का एक बड़ा िह सा िरस कर बबारद हो जाता ह हर शहर म फट हए आपित र पाइप आसानी स दख जा सकत ह इस बदहाल यव था क िलए सरकार क साथ-साथ सामा य लोग भी कम िज मदार नही ह एक तरफ तो सरकार पयजल क नाम पर हर साल हजार करोड़ पए का बजट बनाती ह और दसरी तरफ जमीनी तर पर हालात म कोई बदलाव नही िदखता ह सामािजक तौर पर भी जल सरकषण को लकर जाग कता का अभाव िदखता ह यह सामािजक तान-बान का ही असर ह िक लोग कही भी जल की बबारदी को दखकर उस सामा य घटना मानत हए नजरअदाज कर दत ह दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था यह अब घटकर 1800 कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर हो चका ह

दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था

प ठ 39 अकषय कराित

िवशषजञ का अनमान ह िक अगर पानी की खपत और बबारदी इसी तरह स जारी रही तो 2025 तक यह घटकर हजार कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर ही रह जाएगा उस समय तक पानी की उपल धता म आन वाली इस कमी की वजह स किष उ पादन म तीस फीसदी की कमी आन की सभावना ह इन पिरि थितय म दश की आिथरक और सामािजक ि थित का कया होगा इसका अदाजा सहज ही लगाया जा सकता ह भारत म जल सरकषण क परित आज भी आम लोग क मन म उपकषा का भाव बना हआ ह साथ ही इस कायर क िलए आव यक तकनीक की भी कमी ह जो तकनीक उपल ध ह उनस सामा य लोग अनजान ह बािरश क पानी का सगरह करक उस उपयोग म लाना एक अ छा िवक प ह पर इस तरह की कोिशश काफी सीिमत मातरा म काफी छोट तर पर हो रही ह यही वजह ह िक दश म होन वाली बािरश क पानी का अ सी फीसदी िह सा आज भी समदर म पहच जाता ह अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह अगर जल की इस िवशाल मातरा का आधा भी परयोग कर िलया जाए तो ि थित म यापक बदलाव आना तय ह शहरी कषतर म तो पानी की कालाबाजारी जोर पर ह जगह-जगह पर जल मािफया सिकरय हो गए ह िद ली क ही एक अखबार न कछ समय पहल यह बात उजागर िकया था यहा तो समानातर जल बोडर भी चलाया जा रहा ह हरानी की बात तो यह ह िक इसक बावजद भी पानी क काल धध पर अकश नही लगाया जा सका ह अहम सवाल यह ह िक कस सामा य तबक क लोग तक व छ पानी पहचाया जाए शहरी कषतर क साथ-साथ गरामीण कषतर म भी यह एक बड़ी चनौती ह आबादी म अपर यािशत विदध बढ़त शहरीकरण औ योिगकीकरण और किष उ पाद की बढ़ती माग क कारण पानी की माग िपछल कछ साल म वाभािवक प स बढ़ी ह इसक पिरणाम व प भजल ससाधन का अ यिधक दोहन हआ ह और इसका नतीजा हआ िक लगातार भजल का तर घटता जा रहा ह शहरी कषतर म ि थित बहद भयावह ह तदनसार वहा न कवल शीघराितशीघर जल ससाधन क सरकषण की ज रत ह बि क परभावी रणनीित और परबधन क जिरए त काल कदम उठान की ज रत ह

अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह

प ठ 40 अकषय कराित

खासकर इस बात को यान म ऱखकर िक िविभ न परितयोगी कषतर म कभी भी माग बढ़ सकती ह भिव य म उपयोग क िलए छत पर या सतह पर जलगरहण बनाकर वषारजल सरकषण बहद ज री ह यह पानी की बढ़ती ज रत का खयाल रखन िमटटी की नमी तर को बढ़ान शहरी हिरयाली को बढ़ान भजल तर को कितरम प स पनभररण करन और भजल की गणव ता स सधार का काम करता ह भारत म जल परबधन स दश का िवकास भारत म दिनया की 16 परितशत आबादी रहती ह लिकन दिनया क िसफर 4 परितशत जल ससाधन ही भारत क पास ह 3290000 वगर िकलोमीटर क भिम कषतर और एक अरब स यादा की आबादी क साथ भारत क एक बहलवादी िविवधता का िचतर ह िवशाल पराकितक ससाधन क साथ सप न तकनीकी और वजञािनक किमरय का भी यह दिनया म दसरा सबस बड़ा सम चय ह भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह मानव िवकास म 80 क दशक म लगभग 26 परितशत और 90 क दशक क दौरान और 24 परितशत क वारा सधार हआ ह आजादी क बाद छह दशक म भारत न जल ससाधन का अभतपवर िवकास और खा या न म आ मिनभररता शहरी कषतर ऊजार और औ योिगक कषतर और पीन का पानी क बिनयादी ढाच म तजी स िव तार दखा ह िजसका उपयोग भारत की लगभग 85 परितशत शहरी और गरामीण आबादी क वारा िकया जाता ह भारत म रा य सरकार और भारत सरकार क परितबदध और ठोस परयास की वजह स गरामीण और शहरी आबादी को सरिकषत पयजल को उपल ध करवान म काफी सफलता हािसल की ह इस उपलि ध न भजल की कमी जल जमावजल गणव ता िगरावट जल परदषण और बढ़त लवणता तर स बड़ कषतर को परभािवत िकया ह और अभी भी िविभ न रा य म गरामीण और शहरी भारत क मानव िवकास सचकाक (HDI)rsquo म बहत असमानता मौजद ह पानी क िलए कषतरीय माग तजी स बढ़ रह शहरीकरण की गित स बढ़ रही ह (अनमानत 2025 तक दश की आबादी का 50 परितशत स अिधक शहर म रहग) जनसखया विदध बढ़ती आय और औ योिगक िवकासशहरी भारत तजी स िवकास की माग क कदर क प म उभर रहा ह

भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह

प ठ 41 अकषय कराित

नतीजतन परित यिकत पानी की उपल धता िगर रही ह परधानमतरी की अ यकषता म 12वी योजना क िलए हई योजना आयोग की पणर बठक म दसर म क साथ जल परबधन पर िवशष चचार हई बठक क बाद योजना आयोग क उपा यकष म टक िसह अहलवािलया न कहा िक भ-जल कानन स लकर दसर म की यापक समीकषा ज री ह व यनाथन सिमित जहा वतरमान म भ-जल कानन की साथरकता का अ ययन करगी वही भारतीय अतिरकष अनसधान सगठन [इसरो] की मदद स पानी की उपल धता का िव तत अ ययन होगा म टक न कहा िक उसी आधार पर रणनीित तय होगी सरकार यह यान रखगी िक पानी का अिधकतम उपयोग हो सक और सभी को उपल ध हो पानी पर िकसी का एकािधकार न हो सक बतात ह िक द पयोग को रोकन क िलए श क लगान पर भी िवचार िकया जा सकता ह हालािक इसस पहल रा य सरकार स चचार होगी यह तय ह िक एआइबीपी कायरकरम म यापक बदलाव ह ग ी म टक िसह अहलवािलया न कहा िक वतरमान म इस कायरकरम का सही िकरया वयन नही हो रहा ह िलहाजा उसम पिरवतरन ज री ह सभव ह िक हर रा य म जल िनयामक परािधकरण बनान की शतर भी लगाई जाए उ ह न कहा िक जल परबधन की यापक समीकषा कर नई रणनीित तय की जाएगी कल िमलाकर रा टरीय तर पर वतरमान जल ससाधन का अिधक स अिधक करन क िलए माग को परा करन क िलए पयार त ह लिकन भिव य क अ ययन पिरयोजना ह िक जल आपित र की ि थित अगल आध सदी म अिधक किठन हो सकती ह जल सकट स िनपटन को जल सरकषण परबधन अिनवायर परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह बढ़त वि वक तापमान क फल व प अितवि ट अनावि ट अ पवि ट और असामियक वि ट हम परितवषर दख रह ह िजसका परभाव हमार जल ससाधन पर पड़ता िदखाई द रहा ह कओ व बाविडय का िमटता अि त व नदी-नाल का घटता पानी भ-गभर जल का िगरता तर िचता की पिरिध स िनकलकर खतर की घटी बनता जा रहा ह

निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह

प ठ 42 अकषय कराित

िव व भर म सीमट क अधाधध परयोग न धरातल क सहज अवशोषण कषतर को घटाया ह तथा जल बहाव भिम कटाव व बाढ़ म विदध की ह ऐसी ि थित म जल सरकषण का दािय व मातर वजञािनक व सरकार तक सीिमत न रहकर पर यक उपभोकता क कध पर आ जाता ह इसी दािय व क िनवरहन क िलए हमार पास दो िवक प सामन आत ह 1 वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई

उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

2 पािरवािरक तर पर वषार जल को सगरिहत कर उसका उपयोग कर य दोन ही परयास गरामीण कषतर म तो सरलता स अपनाए जा सकत ह परत शहरी कषतर म व ट वाटर मनजमट की बड़ी पिरयोजनाए बनाकर ही पानी को िरसाइिकल िकया जा सकता ह भ-गभर अिधकािधक जल अवशोिषत होकर

जाए इसक िलए मदानी भाग म िनयोिजत ढग स बड़-बड़ पोखर बनाकर तथा पहाड़ी कषतर म नाल -ख ड म िमटटी प थर आरसीसी क बड़-छोट डम लगाकर जल बहाव रोक भ-सरकषण बचाव व जल भडारण और धरातल जल शोषण कषतर बढ़ाया जा सकता ह िव व बक भारत सरकार वारा म य िहमालय जलागम पिरयोजना रा य क भ-सरकषण िवभाग इस कषतर म कारगर उपाय लकर

हमार सामन ह परत जनसहयोग क िबना इन पिरयोजनाओ क आशातीत पिरणाम ल पाना किठन ह वकषारोपण इस सपणर जल चकर को बल दन वाला कारक ह जल क परित चतना जागत न हई तो अव य ही अगल िव व यदध का कारण जल ही होगा

जल भोजन ह और अिगन भोजन का भकषक ह अिगन जल म और जल अिगन म िव यमान ह

- ततरीय उपिनषद 38

वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

प ठ 43 अकषय कराित

म भी गान गा सकता ह शबनम क िखलत फल क म भी गीत सना सकता ह सावन क म त झल क लिकन जब घर-घर म बादल छाय घोर िनराशा क तब म नगम गा रहा ह उ मीद की आशा क

सड़क पर खड़ बचपन की य बात सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह

हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

इस बदलत पिरवश का राग सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

गाधी जी क सपन का जो राम-रा य कहलाता ह उस भारत म सड़क पर छोट चाय पहचाता ह

कहा गई वो अ हड़ म ती कहा गया वो यार का रा ता उन हाथ स बचत झड िजन हाथ को चािहए ब ता

उस सोन की िचिड़या की म बात बतान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

कही बम की गमर हवाए कही ससद म कोहराम ह कही होत घोटाल स परशान आदमी आम ह

कही कल की िकलकारी ह कही सड़क पर बचपन ह कही चलता नही गजारा कही िवदश म काला धन ह

म स चाई गा-गाकर सबको बतलान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

बदलता भारत मनीष लाल इरडा

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

प ठ 44 अकषय कराित

करन वाल काम बहत ह यथर उलझन को छोड़ो म ला-पिड़त तोड़ रह ह तम बस lsquoअपन को जोड़ो

lsquoहम बदलग-यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का lsquoवद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का

वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हम बदलग mdash यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का वद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

प ठ 45 अकषय कराित

िसफर काला और सफ़द य ही वो दो रग थ जो तर पास सि ट बनान क आधार थ

काला वो जो कािलमा िलय ह िजस कहत ह दख िनराशा म य अपयश और वो सबकछ जो नकारा मक ह

मगर सफद ह वो रग िजसस जड़ा ह जीवन आशा सख और कीितर और वो सब कछ जो सकारा मक ह पर इन रग स तझ चन ना िमला त सोचन लगा अगर सि ट बनानी ह

तो िकस िलए- ससगर और परम क िलए और

इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग

ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह

बस- बना डाला तन इ दरधनष

जो बरसात क बाद सरज और प वी क अनपम परम को रग दता ह सतरगी रग स

और उ ही सतरगी इ दरधनषी रग म हम हर पल हर कषण डबत गहरात इतरात रहत ह

और खिशय भर ससार म हर रग को अलग-अलग तरह स महसस करक जीत रहत ह

रग तो रग ह मगर-

ससगर और परम क िलए और इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह बस-

सतरगी िचतर सगीता ीवा तव इरडा

प ठ 46 अकषय कराित

कभी पक क कभी फीक़ तो कछ कभी दाग बनकर उभर आत ह

कछ आख म नील बादल स छाए रहत ह तो कछ गाल पर गलाबी रग बनकर छलक जात ह

याद रहत ह अक सर वो रग- जो खदी पर इस तरह छा जात ह िक खद म घलकर खद क होन

का एहसास दत-दत खद का एक रग बन जात ह

बगनी आसामनी नीला हरा पीला नारगी लाल इ दरधनष क य सात रग ही जोड़त ह हमार िदल को

हमार मन को जोड़न वाल इन रग की सतरगी दिनया म-

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा बनाय

और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क

सतरगी िचतर

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा

बनाय और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क सतरगी िचतर

Page 27: Akshay Kranti Vol 3€¦ · पक्ष को प्रभािवत न कर e, बािधत व पीिड़त न कर eवह काय-र्कौशल है।

प ठ 27 अकषय कराित मन य न अपनी भितक सख-सिवधाओ की आपित र क िलए परकरित स

िखलवाड़ िकया ह वतरमान मशीनी यग म मन य वारा परकित क अ यिधक दोहन एव िनत नए कारखान की थापना स पयारवरण सकट उ प न हआ ह मानव न परकित क साथ जो अ यायपणर यवहार िकया ह उसी क फल व प परकित का िवरोधी रवया हआ ह िजस भिव य म सह पाना मि कल होगा

अिशकषा क कारण दश की तजी स बढ़ती आबादी क आवास की मलभत आव यकता को परा करन क िलए वकष की कटाई करक ऊची-ऊची इमारत बनाई जा रही ह वकष की अधाधध कटाई स भिम की ऊवररा शिक त का तो ास हो ही रहा ह साथ ही परदषण जसी िवकराल सम या भी ज म ल रही ह

परदषण पयारवरण क ास का परमख कारण ह िवकासशील दश िनत नए उ योग की थापना करक बराजगारी की सम या को तो दर कर रह ह िकत इसस जल वाय विन तथा िविभ न परकार क परदषण बढ़ रह ह कल-कारखान और मोटर स िनकलन वाल धए स वाय परदषण हो रहा ह जल थल व नभ क मागर पर शिक त चािलत वाहन विन परदषण का मख य ोत ह शहरीकरण और औ योिगकीकरण क कारण शदध पयजल की सम या िवकराल प धारण कर रही ह कारखान स िनकलन वाल कड़-कचर क निदय म िमलन स जल परदषण हो रहा ह रासायिनक खाद और कीटनाशी दवाओ स मदा परदषण का खतरा बन गया ह

इस परकार जनसख या विदध शहरीकरण औ योिगकीकरण एव परदषण जसी सम याओ न पयारवरण को बरी तरह परभािवत िकया ह आज सपणर िव व पयारवरण को लकर िचितत ह इस भयावह ि थित स बचन क िलए पर यक यिक त को पयारवरण क परित जाग क करना आज की अिनवायर आव यकता ह

इस िदशा म सवरपरथम िनरकषरता को समा त िकया जाना चािहए साकषर भारत की पिरक पना म जनसख या विदध दर वय िनयितरत हो जाएगी करल रा य इसका परमाण ह जहा साकषरता क साथ-साथ जनसख या िनयतरण भी ह

जल थल व नभ क मागर पर शिक त चािलत वाहन विन परदषण का मख य ोत ह

प ठ 28 अकषय कराित

इसक बाद बात आती ह परदषण िनवारण की आज िव व भर क

वजञािनक और पयारवरणिवद इस िदशा म कायररत ह सवरपरथम वन क काटन पर परितबध लगाया गया ह और वन सपना क िव तार हत वकष लगान क िलए परो सािहत िकया गया इसक िलए सरकार की ओर स वकष आिद िनश क उपल ध कराए जात ह ldquoपयारवरण परदषण स थाrdquo और व छ वाय अिधिनयम जस िविधक उपाय स वाय परदषण पर रोक लगान का परयास िकया जा रहा ह जहरील धआ उगलन वाल कारखान तथा वाहन पर भारी आिथरक दड का परावधान ह िविभ न सचार मा यम mdashदरदशरन समाचार-पतर तथा आकाशवाणी क मा यम स जनता को पयारवरण क परित जाग क करन क परयास िकए जा रह ह निदय म खलन वाल परदषण ोत को बद करन की योजनाए चलाई जा रही ह पािलथीन क परयोग को बद करन क िलए चलाया जा रहा ह अिभयान भी परशसनीय ह

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह इस खतर स सपणर भमडल का अि त व न ट हो जाए इसस पहल हम पयारवरण की सरकषा करन का सक प लना होगा

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह

िस धी होन क प चात भी मझ बगाली रीित िरवाज़ िमठाइया यहा का पहनावा अगरज क ज़मान की बनी सरचनाए एव भवन इ यािद म बहत िदलच पी एव िच थी

प ठ 29 अकषय कराित

यातरा स मरण-कोलकाता-खिशय हषर का शहर(िसटी ऑफ जॉय)

सोिनया सिह वानी पीईसी िलिमटड

म पी ई सी िलिमटड नामक कपनी क िविध ककष म उप िविध परबधक क पद पर कायररत ह सन 2010 जन स इस कपनी म मन परबधन परिशकष क प म अपनी पहली नौकरी की श आत की पी ई सी िलिमटड वािण य मतरालय क अतगरत आन वाली आयात-िनयारत यापार स स बिधत क पिनय म स एक ह इस स दभर म जनवरी 2011 म िविभ न िवभाग क परबधन परिशकषओ को ओिरएटशन हत काडला कोलकाता इ यािद शहर म भजन का कायरकरम िनि चत िकया गया कोलकाता क पास हि दया पोटर होन क कारण कोलकाता शहर चना गया जहा पी ई सी वारा आयात की गयी व तए पोटर गोदाम म रखी जाती ह साथ ही म कोलकाता पोटर िभ न गोदाम इ यािद दखन की यव था की गयी एव सची म समावश िकया गया यह सनकर मरी ख़शी का िठकाना न रहा क य िक मन कोलकाता शहर क बार म सना बहत था पर त कभी दखा न था िस धी होन क प चात भी मझ बगाली रीित िरवाज़ िमठाइया यहा का पहनावा अगरज क ज़मान की बनी सरचनाए एव भवन इ यािद म बहत िदलच पी एव िच थी आिखरकार मझ मौका िमला और जनवरी की कड़ाकदार ठ ड क बीच हम एक रिववार शाम कोलकाता राजधानी स अपनी मिजल की और िनकल पड़ िद ली स कोलकाता क सफ़र क बीच हमारी गाड़ी इलाहाबाद गया िबहार तथा धनबाद जस शहर स होत हए बगाल की ओर पहची हसत-गात खलत-खात हए हम अगली सबह हावड़ा जकशन पहच गए रलगाड़ी स उतर कर टशन स बाहर िनकलत ही मझ िसटी ऑफ जॉय क नाम स मशहर कोलकाता की पहली झलक िदखाई दी ऐसा लगा मानो मझ भारत क दो पहल एकसाथ जीत हए नज़र आए एक तरफ थ टशन स बाहर एव अ दर जात हए स दर कपड़ गहन म लद हए कोलकाता क बगाली िनवासी साथ म बड़ी-बड़ी गािड़य म घमत कोलकाता क नौजवान और ठीक दसरी तरफ मरी नज़र पड़ी हगली नदी पर बन परिसदध हावड़ा िबरज पर िजस दख एक अलग ही दिनया का एहसास हआ

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह

िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी

एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया नतीजा मर समकष था

प ठ 30 अकषय कराित

हावड़ा िबरज पर हर तरफ लोग का जमावड़ा था इतन लोग दख िद ली क चादनी चौक की याद आ गयी ऐसा लगा मानो म 50 साल पीछ िकसी लक एव वाईट दिनया म कदम रख चकी थी िबरज क दोन तरफ सामान बचत हए दकानदार िखलौन मछली रख हए औरत एव छोट-छोट ब च मख य शहर स हावड़ा जान वाल आम आदमी मजदर की तज़ र तार फरी स र ता पार करन वाल यापारी इन सब को दख लगा कोलकाता म मबई जसी भागम भाग भी थी िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया नतीजा मर समकष था जस-जस म कोलकाता शहर क भीतर आन लगी मझ इस शहर क िवकास की झलक िदखाई दी एक तरफ थी ऊची ईमारत सदर िवशाल िव यासागर सत पल बड़-बड़ होटल माल कोलकाता उ च यायालय राईटसर िबि डग मशहर इडन गाडरन टिडयम इ यािद तो दसरी तरफ था िवक टोिरया ममोिरयल अगरज की वा तकला क अनसार िदखती लाल ईटो की इमारत िवक टोिरयल सरचनाए भवन छोटी-छोटी पटिरय पर समान बचत नया बाज़ार (New Market) क दकानदार एव िवक टोिरया ममोिरयल क बाहर चलत सलािनय क िलए रथ वाल घोड़ हमारा होटल जसीबोस सड़क पर ि थत था एव सिवधाओ स भरपर था पर त मन य जाना िक असली कोलकाता का मज़ा गाड़ी म नही अथवा िरक शा ऑटो तथा साल स चलती आ रही सड़क पर टराम म था

हर तरफ मझ पील रग की टिक सया िदखाई दी सब एक समान थी तथा मरसीडीज़ गाड़ी क बगल म चलती 1-2 पय म सफ़र की जान वाली टराम भी साथ िदखाई दी परी िजदगी िद ली म यतीत करन क बाद हर नए शहर का रहन-सहन बोल-चाल रीित-िरवाज़ जानन की जाग कता मझम हमशा रही पहल ही िदन स कोलकाता मझ रास आया जस िक कहत ह lsquoकोलकाता हमार खब भाला लागली छ rsquo कहन का ता पयर य िक मझ कोलकाता बहत अ छा लगा पहल िदन िक शाम को हमन य मािकर ट म खरीददारी करन का मन बनाया म हरान थी िक वहा चीज िकतनी स ती िमल रही थी िद ली क मतािबक एक ितहाई दाम पर चिडया गहन बग जत कत इ यािद िमल

िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया

प ठ 31 अकषय कराित य मािकर ट िद ली क लाजपत एव सरोिजनी नगर समान ह कम

दाम म अ छा समान िमला कोलकाता चमड़ क िलए भी मशहर ह एव परिसदध ी लदसर दकान भी इस बाज़ार म ि थत ह यहा खरीदारी का हमन खब ल फ़ उठाया

अगल िदन हम हि दया पोटर गए एव अनक जहाज़ दख 3-4 घट की दरी पर ि थत यह पोटर अनक एकड़ म फला हआ था पहली बार इतन बड़ जहाज़ को अदर स दख खब आनद आया तीसर िदन हम काली बाड़ी मिदर गए बगाली अ यत पाठ-पजा वाल दगार मा क स च उपासक ह यह सब जानत ह दगार पजा इनका लोकिपरय उ सव ह तथा काली मा एव दगार मा की स च मन स पजा करत ह कोलकाता क िनवासी भिक त भावपणर ह यह सना था अब खद दख भी िलया बगाली र म स पजा करन का य मौका अ यत आनदमयी था इसक अलावा काली बाड़ी क नज़दीक ही ि थत ह गौिरहाट बाज़ार यहा की दकान बगाली सािड़या कपड़ सट कत इ यािद क िलए परिसदध ह आिद धक तशवर नामक मशहर दकान म जाकर मरा भी मन िकया िक म भी खरीददारी क मर सािथय न बहत सािड़या खरीदी एव दाम दखकर म दग रह गई सदर स सदर साड़ी मातर 600700 पय की थी मन बगाल की मशहर लाल एव सफद िपरट की साड़ी भी खरीदी कोलकाता म खरीददारी का अलग की मज़ा ह उसी िदन शाम हम सा ट लक िसटी मॉल गए वह सा ट लक टिडयम क नज़दीक ह यहा िदखाई िदया कोलकाता का परगितशील प नौजवान फटबाल की जसीर पहन माल म घम रह थ एक स एक

मशहर बरड वहा मौजद थ इसक अलावा कोलकाता क िनवासी खब मनोरजन क शौक़ीन ह सगीत नाच गाना इ यादी म िच रखत ह कोलकाता म जगह-जगह सगीत कला अकडमी तथा पढ़न (रीिडग) क क लब ह अगरज क शौक तथा रहन-सहन की झलक आज भी यहा िदखती ह यहा क नौजवान को खल-कद म भी खब िदलच पी ह फटबाल का तो जस यहॉ सबको जनन ह

भारत क परिसदध मोहन बगान फटबाल क लब फटबाल क वहा क नौजवान ही नही परा शहर ही दीवाना ह भारत-पाक मच हो या आई पी एल इडन गाडरन मदान लोग स खचा-खच भरा रहता ह अफ़सोस म वहा अदर जा न सकी

इसक अलावा काली बाड़ी क नज़दीक ही ि थत ह गौिरहाट बाज़ार यहा की दकान बगाली सािडया कपड़ सट कत इ यािद क िलए परिसदध ह

प ठ 32 अकषय कराित

मर सफर क आखरी िदन म मन कोलकाता क लोग म एकता क नजार दख िविभ नता म भी एकता का उदाहरण दखा चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख िजस िदन हम कोलकाता पहच थ उसी िदन वहा शहर बद था और मन एक जट होकर लोग को अपनी बात कहत हए दखा एव सना यहा क लोग अपन शहर क िवकास बहतरी क िलए जाग क ह िज मदारी लत ह तथा सरकार को अपनी बात भली-भाित कहत ह लड़िकय औरत की इ ज़त करत ह एव यहा िक मिहलाओ को मन िनदरलीय पाया जहा एक ओर भारत की राजधानी होन क बावजद िद ली वाल अपनी िजदगी म मगन रहत ह वही दसरी और कोलकाता म अमीरी-गरीबी िभ न जाितय म भी एक जटता ह कपड़ा एव खाना आज भी यहा खब स ता िमलता ह पर त दसरी तरफ सब जानत ह िक बड़-बड़ उ योगपित िव वान लखक िखलाड़ी गायक अिभनता िनदशक यहा स उभर ह सािह य हो या लख बॉलीवड हो या िकरकट बगाल न भारत को अनक नाम एव गौरव िदए ह चाह सौरव दादा हो या रिव दर नाथ टगोर ममता बनजीर रानी मखजीर हो या योित बस भारत म इनकी भिमका का वणरन करन की ज रत नही

मन कछ िदन क कोलकाता क सफर म इस शहर को जानन समझन का परयास िकया हगली नदी क िकनार खड़ होकर समदर को दखा निदय को िनहारा िव यासागर सत िबरज की सदरता िवशालता को सराहा क सी दास की परिसदध िमठाई का ल फ उठाया मन बहत शहर घम पर त यह सफर मर िलए सबस यादगार रहा कोलकाता परगित क मागर पर िनरतर बढ़ रहा ह पर त आज भी वह अपनी जड़ नितक म य को नही भला ह एक आम आदमी आज भी टराम म या फरी स सफर करता ह यहा क िनवासी दो पय स लकर 500 ० का खाना खात ह पराना एव नया कोलकाता एक साथ जीिवत ह िसक क क दो पहल की तरह कोलकाता क यह दो प को एक साथ रहत दख बहत आनद आया

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 33 अकषय कराित

जल परकित का अनपम उपहार ह मानव जाित अपन परादभारवकाल स ही इस उपहार का उपयोग अपन िहत क िलए करती आई ह जल वह पराकितक उपहार ह िजसका कोई िवक प नही ह इसिलए जल को अमतया जीवन भी कहा गया ह जल क िबना जीवन की सभावना भी नही ह पर यकष प स तो जल की मानवीय आव यकता सीिमत ह परत परोकष आव यकताओ पर नजर डाल तो दिनक जीवन की आव यकताए जस अ न फल स जी दध स लकर हमार पहराव आवास तक सब जल स जड़ हजल का जरा भी सतलन िबगड़ जाए तो जीवन यापन क टपरद होन म दर नही परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह जल क सामा य त य जल या पानी एक आम रासायिनक पदाथर ह जो जीवन क सभी जञात प क जीिवत रहन क िलए ज री ह आमतौर पर जल अपनी दरव अव था म उपयोग म लाया जाता ह पर यह ठोस अव था बफर और गस अव था जल वा प या भाप प म भी पाया जाता ह प वी क लगभग तीन चौथाई िह स पर िव व क महासागर का अिधकार ह अनमानत प वी पर जल की कल मातरा लगभग 1400 िमिलयन घन िकलोमीटर ह जो िक प वी पर 3000 मीटर गहरी परत िबछा दन क िलए काफी ह तथािप जल की इस िवशाल मातरा म व छ जल का अनपात बहत कम ह प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह शष जल झील निदय वायम डल नमी मदा और वन पित म मौजद ह जल की जो मातरा उपभोग और अ य परयोग क िलए व ततः उपल ध ह वह निदय झील और भजल म उपल ध मातरा का छोटा-सा िह सा ह इसिलए जल ससाधन िवकास और परब ध की बाबत सकट इसिलए उ प न होता ह कय िक अिधकाश जल उपभोग क िलए उपल ध नही हो पाता

परभावी जल परबधन और दश का िवकास

दीपक आहजा ओएनजीसी िवदश

प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह

प ठ 34 अकषय कराित

और दसर इसका िवषमतापणर थािनक िवतरण इसकी एक अ य िविश टता ह फलतः जल का मह व वीकार िकया गया ह और इसक िकफायती परयोग तथा परब ध पर अिधक बल िदया गया ह प वी पर उपल ध जल जल-चकर क मा यम स चलायमान ह जल लगातार एक चकर म घमता रहता ह िजस जलचकर कहत ह इसम वा पीकरण वषार और बह कर सागर म पहचना शािमल ह हवा जल वा प को थल क ऊपर उसी दर स उड़ा ल जाती ह िजस गित स यह बहकर सागर म पहचाता ह जल चकर का िचतर नीच पर तत िकया गया ह

अिधकाश उपभोकताओ जस िक मन य पशओ अथवा पौध क िलए जल क सचलन की ज रत होती ह जल ससाधन की गितशील और नवीकरणीय परकित और इसक परयोग की बार बार ज रत को ि टगत रखत हए यह ज री ह िक जल ससाधन को उनकी परवाह दर क अनसार मापा जाए इस परकार जल ससाधन क दो पहल ह अिधकाश िवकासा मक ज रत क िलए परवाह क प म मािपत गितशील ससाधन अिधक परासिगक ह आरिकषत भ डार की ि थर अथवा िनयत परकित और साथ ही जल की मातरा तथा जल िनकाय क कषतर की ल बाई व म यपालन नौ सचालन आिद जस कछक िकरयाकलाप क िलए भी परासिगक ह

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 35 अकषय कराित

जल का यय अप यय जल क बार म एक नही कई च कान वाल त य ह िव व म और िवशष प स भारत म जल िकस परकार न ट होता ह इस िवषय म जो त य सामन आए ह उस पर जाग कता स यान दकर जल क अप यय को रोका जा सकता ह अनक त य ऐस ह जो हम आन वाल ख़तर स तो सावधान करत ही ह दसर स पररणा लन क िलए परो सािहत करत ह और पानी क मह व व इसक अनजान ोत की जानकारी भी दत ह प वी पर पदा होन वाली सभी वन पितया स भी हम पानी िमलता ह

आल और अनानास म 80 परितशत और टमाटर म 95 परितशत पानी ह पीन क िलए मानव को परितिदन 3 लीटर और पशओ को 50 लीटर पानी

चािहए भारत म 83 परितशत पानी खती और िसचाई क िलए उपयोग िकया जाता

ह इज़राइल म औसतन मातर 10 सटीमीटर वषार होती ह इस वषार स वह

इतना अनाज पदा कर लता ह िक वह उसका िनयारत कर सकता ह दसरी ओर भारत म औसतन 50 सटीमीटर स भी अिधक वषार होन क बावजद अनाज की कमी बनी रहती ह

िपछल 50 वष म जल क िलए 37 भीषण ह याकाड हए ह भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल

चलती ह पानी ज य रोग स िव व म हर वषर 22 लाख लोग की मौत हो जाती ह यिद बरश करत समय नल खला रह गया ह तो पाच िमनट म करीब 25

स 30 लीटर पानी बरबाद होता ह बाथ टब म नहात समय 300 स 500 लीटर पानी खचर होता ह जबिक

सामा य प स नहान म 100 स 150 लीटर पानी खचर होता ह िव व म परित 10 यिकतय म स 2 यिकतय को पीन का शदध पानी

नही िमल पाता ह परित वषर 6 अरब लीटर बोतल पक पानी मन य वारा पीन क िलए

परयकत िकया जाता ह मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 36 अकषय कराित

िद ली मबई और च नई जस महानगर म पाइप लाइन क वॉ व की खराबी क कारण रोज़ 14 स 44 परितशत पानी बकार बह जाता ह

निदया पानी का सबस बड़ा ोत ह जहा एक ओर निदय म बढ़त परदषण रोकन क िलए िवशषजञ उपाय खोज रह ह वही कल कारखान स बहत हए रसायन उ ह भारी मातरा म दिषत कर रह ह

भारत म जल सकट नासा की एक िरपोटर न पानी को लकर दश भर म बढ़ती जा रही लापरवाही क परित आख खोली ह इस िरपोटर म भारत म सख की ि थित पदा होन क िलए िज मवार कारण म स एक अहम कारण अधाधध जल दोहन को बताया गया ह बतात चल िक दश भर क 604 िजल म स 161 सख की मार झल रह ह वस अब बताया जा रहा ह िक सख की मार स बहाल िजल की सखया बढ़कर 246 हो गई ह यानी कहा जाए तो आधा दश सख की चपट म ह बहरहाल नासा की इस िरपोटर म बताया गया ह िक भारत क कई रा य कषमता स यादा जल दोहन कर रह ह यहा कषमता स ता पयर यह ह िक उनस िजतन सलाना जल दोहन की उ मीद कदर करती ह व उसस कही यादा जल दोहन कर रह ह नासा न यह अ ययन 2002 स 2008 क बीच

की ि थितय क आधार पर िकया ह इस िरपोटर म बताया गया ह िक पजाब हिरयाणा और राज थान हर साल औसतन 177 अरब कयिबक मीटर पानी जमीन क अदर स िनकाल रह ह जबिक कदर की तरफ स लगाए गए अनमान क मतािबक इ ह हर साल 132 अरब कयिबक मीटर पानी ही जमीन क अदर स िनकालना था इस तरह स दखा जाए तो य तीन रा य िमलकर कषमता स 30 फीसदी यादा पानी का दोहन कर रह ह जािहर ह िक िबना कछ सोच-िवचार जब इस पमान पर पराकितक ससाधन का दोहन िकया जाएगा तो परकित भी बदला लगी और वही हो रहा ह इस िरपोटर म यह भी बताया गया ह िक भारत का महज 58 फीसदी भजल ही हर साल िरचाजर हो पाता ह नासा की यह िरपोटर बताती ह िक अधाधध जल दोहन की वजह स पर उ तर पि चम भारत क भजल तर म हर साल 4 सटीमीटर यानी 16 इच की कमी आ रही ह इस अ ययन को अजाम दन म नासा क जल िवजञानी मट रोडल न अहम भिमका िनभाई ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 37 अकषय कराित

उनक हवाल स इस िरपोटर म बताया गया ह िक दश क उ तर पि चम कषतर म 2002 स 2008 क दौरान तकरीबन 109 कयिबक िकलोमीटर पानी की कमी हई ह यह मातरा िकतनी अिधक ह इसका अदाजा इसी स लगाया जा सकता ह िक यह अमिरका क सबस बड़ जलाशय लक मीड की कषमता स दगन स भी कही यादा ह अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह इस िरपोटर क मतािबक अगर अधाधध जल दोहन इसी तरह स जारी रहा तो आन वाल समय म भारत को अनाज और पानी क सकट को झलन क िलए अभी स तयार हो जाना चािहए जािहर ह िक जब जल सकट बढ़गा तो खती पर इसका गहरा परभाव पड़गा अनाज क उ पादन म कमी आएगी इस वजह स अनाज सकट पदा होगा और भख का एक नया चहरा उभरकर सामन आएगा एक बड़ा तबका जो आज भरपट भोजन कर पाता ह उसक िलए पट भर खाना िमलना मि कल हो जाएगा भखमरी की जो सम या पदा होगी उसस िफर िनपटना आसान नही होगा इसक अलावा पीन क पानी का टोटा तो होगा ही अभी ही दश क कई िह स ऐस ह जहा क लोग को पीन क िलए साफ पानी नही िमल पा रहा ह कई कषतर ऐस ह जहा गमीर क िदन म हडपप स पानी आना बद हो जाता ह वहा क लोग को हर साल बोिरग को कछ फट बढ़वाना होता ह यह सम या भजल तर क िगरत जान की वजह स ही पदा हई ह जब पीन क पानी का सकट पदा होगा तो बोतलबद पानी का कारोबार काफी तजी स बढ़गा कहन का मतलब यह िक िजसक पास पसा होगा वह अपनी यास बझा सकगा और िजसक पास पसा नही होगा उस अपनी यास बझान क िलए भी सघषर करना पड़गा ि थित की भयावहता की क पना ही िसहरन पदा करती ह भारत म दिनया का हर छठा आदमी रहता ह यानी कहा जाए तो दिनया क कल आबादी क तकरीबन सतरह फीसदी लोग भारत म रहत ह जबिक दिनया का महज साढ़ चार फीसदी पानी ही भारत म उपल ध ह ऐस म जल सम या स दो-चार होना कोई आनापिकषत बात नही ह एक बात तो तय ह िक पराकितक ससाधन म इजाफा तो नही िकया जा सकता ह लिकन इसका सरकषण अव य िकया जा सकता ह

अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह

प ठ 38 अकषय कराित

भारत म लोग िकसी एक मा यम स पयजल परा त करन पर िनभरर नही ह इस दश म 357 फीसदी लोग हडपप स 367 फीसदी लोग नल स 182 फीसदी लोग तालाब पोखर या झील स 56 फीसदी कओ स 12 फीसदी लोग पारपिरक साधन स और 26 फीसदी लोग अ य मा यम स पीन का पानी परा त करत ह इस िलहाज स अगर दखा जाए तो जल सकट को दर करन क िलए समगर कायरयोजना की ज रत ह

दरअसल भारत म गहरात जल सकट क िलए काफी हद तक पानी की बबारदी भी िज मवार ह यहा जल आपित र की यव था म काफी खािमया ह नल क जिरए घर तक पहचन वाल पानी का एक बड़ा िह सा िरस कर बबारद हो जाता ह हर शहर म फट हए आपित र पाइप आसानी स दख जा सकत ह इस बदहाल यव था क िलए सरकार क साथ-साथ सामा य लोग भी कम िज मदार नही ह एक तरफ तो सरकार पयजल क नाम पर हर साल हजार करोड़ पए का बजट बनाती ह और दसरी तरफ जमीनी तर पर हालात म कोई बदलाव नही िदखता ह सामािजक तौर पर भी जल सरकषण को लकर जाग कता का अभाव िदखता ह यह सामािजक तान-बान का ही असर ह िक लोग कही भी जल की बबारदी को दखकर उस सामा य घटना मानत हए नजरअदाज कर दत ह दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था यह अब घटकर 1800 कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर हो चका ह

दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था

प ठ 39 अकषय कराित

िवशषजञ का अनमान ह िक अगर पानी की खपत और बबारदी इसी तरह स जारी रही तो 2025 तक यह घटकर हजार कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर ही रह जाएगा उस समय तक पानी की उपल धता म आन वाली इस कमी की वजह स किष उ पादन म तीस फीसदी की कमी आन की सभावना ह इन पिरि थितय म दश की आिथरक और सामािजक ि थित का कया होगा इसका अदाजा सहज ही लगाया जा सकता ह भारत म जल सरकषण क परित आज भी आम लोग क मन म उपकषा का भाव बना हआ ह साथ ही इस कायर क िलए आव यक तकनीक की भी कमी ह जो तकनीक उपल ध ह उनस सामा य लोग अनजान ह बािरश क पानी का सगरह करक उस उपयोग म लाना एक अ छा िवक प ह पर इस तरह की कोिशश काफी सीिमत मातरा म काफी छोट तर पर हो रही ह यही वजह ह िक दश म होन वाली बािरश क पानी का अ सी फीसदी िह सा आज भी समदर म पहच जाता ह अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह अगर जल की इस िवशाल मातरा का आधा भी परयोग कर िलया जाए तो ि थित म यापक बदलाव आना तय ह शहरी कषतर म तो पानी की कालाबाजारी जोर पर ह जगह-जगह पर जल मािफया सिकरय हो गए ह िद ली क ही एक अखबार न कछ समय पहल यह बात उजागर िकया था यहा तो समानातर जल बोडर भी चलाया जा रहा ह हरानी की बात तो यह ह िक इसक बावजद भी पानी क काल धध पर अकश नही लगाया जा सका ह अहम सवाल यह ह िक कस सामा य तबक क लोग तक व छ पानी पहचाया जाए शहरी कषतर क साथ-साथ गरामीण कषतर म भी यह एक बड़ी चनौती ह आबादी म अपर यािशत विदध बढ़त शहरीकरण औ योिगकीकरण और किष उ पाद की बढ़ती माग क कारण पानी की माग िपछल कछ साल म वाभािवक प स बढ़ी ह इसक पिरणाम व प भजल ससाधन का अ यिधक दोहन हआ ह और इसका नतीजा हआ िक लगातार भजल का तर घटता जा रहा ह शहरी कषतर म ि थित बहद भयावह ह तदनसार वहा न कवल शीघराितशीघर जल ससाधन क सरकषण की ज रत ह बि क परभावी रणनीित और परबधन क जिरए त काल कदम उठान की ज रत ह

अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह

प ठ 40 अकषय कराित

खासकर इस बात को यान म ऱखकर िक िविभ न परितयोगी कषतर म कभी भी माग बढ़ सकती ह भिव य म उपयोग क िलए छत पर या सतह पर जलगरहण बनाकर वषारजल सरकषण बहद ज री ह यह पानी की बढ़ती ज रत का खयाल रखन िमटटी की नमी तर को बढ़ान शहरी हिरयाली को बढ़ान भजल तर को कितरम प स पनभररण करन और भजल की गणव ता स सधार का काम करता ह भारत म जल परबधन स दश का िवकास भारत म दिनया की 16 परितशत आबादी रहती ह लिकन दिनया क िसफर 4 परितशत जल ससाधन ही भारत क पास ह 3290000 वगर िकलोमीटर क भिम कषतर और एक अरब स यादा की आबादी क साथ भारत क एक बहलवादी िविवधता का िचतर ह िवशाल पराकितक ससाधन क साथ सप न तकनीकी और वजञािनक किमरय का भी यह दिनया म दसरा सबस बड़ा सम चय ह भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह मानव िवकास म 80 क दशक म लगभग 26 परितशत और 90 क दशक क दौरान और 24 परितशत क वारा सधार हआ ह आजादी क बाद छह दशक म भारत न जल ससाधन का अभतपवर िवकास और खा या न म आ मिनभररता शहरी कषतर ऊजार और औ योिगक कषतर और पीन का पानी क बिनयादी ढाच म तजी स िव तार दखा ह िजसका उपयोग भारत की लगभग 85 परितशत शहरी और गरामीण आबादी क वारा िकया जाता ह भारत म रा य सरकार और भारत सरकार क परितबदध और ठोस परयास की वजह स गरामीण और शहरी आबादी को सरिकषत पयजल को उपल ध करवान म काफी सफलता हािसल की ह इस उपलि ध न भजल की कमी जल जमावजल गणव ता िगरावट जल परदषण और बढ़त लवणता तर स बड़ कषतर को परभािवत िकया ह और अभी भी िविभ न रा य म गरामीण और शहरी भारत क मानव िवकास सचकाक (HDI)rsquo म बहत असमानता मौजद ह पानी क िलए कषतरीय माग तजी स बढ़ रह शहरीकरण की गित स बढ़ रही ह (अनमानत 2025 तक दश की आबादी का 50 परितशत स अिधक शहर म रहग) जनसखया विदध बढ़ती आय और औ योिगक िवकासशहरी भारत तजी स िवकास की माग क कदर क प म उभर रहा ह

भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह

प ठ 41 अकषय कराित

नतीजतन परित यिकत पानी की उपल धता िगर रही ह परधानमतरी की अ यकषता म 12वी योजना क िलए हई योजना आयोग की पणर बठक म दसर म क साथ जल परबधन पर िवशष चचार हई बठक क बाद योजना आयोग क उपा यकष म टक िसह अहलवािलया न कहा िक भ-जल कानन स लकर दसर म की यापक समीकषा ज री ह व यनाथन सिमित जहा वतरमान म भ-जल कानन की साथरकता का अ ययन करगी वही भारतीय अतिरकष अनसधान सगठन [इसरो] की मदद स पानी की उपल धता का िव तत अ ययन होगा म टक न कहा िक उसी आधार पर रणनीित तय होगी सरकार यह यान रखगी िक पानी का अिधकतम उपयोग हो सक और सभी को उपल ध हो पानी पर िकसी का एकािधकार न हो सक बतात ह िक द पयोग को रोकन क िलए श क लगान पर भी िवचार िकया जा सकता ह हालािक इसस पहल रा य सरकार स चचार होगी यह तय ह िक एआइबीपी कायरकरम म यापक बदलाव ह ग ी म टक िसह अहलवािलया न कहा िक वतरमान म इस कायरकरम का सही िकरया वयन नही हो रहा ह िलहाजा उसम पिरवतरन ज री ह सभव ह िक हर रा य म जल िनयामक परािधकरण बनान की शतर भी लगाई जाए उ ह न कहा िक जल परबधन की यापक समीकषा कर नई रणनीित तय की जाएगी कल िमलाकर रा टरीय तर पर वतरमान जल ससाधन का अिधक स अिधक करन क िलए माग को परा करन क िलए पयार त ह लिकन भिव य क अ ययन पिरयोजना ह िक जल आपित र की ि थित अगल आध सदी म अिधक किठन हो सकती ह जल सकट स िनपटन को जल सरकषण परबधन अिनवायर परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह बढ़त वि वक तापमान क फल व प अितवि ट अनावि ट अ पवि ट और असामियक वि ट हम परितवषर दख रह ह िजसका परभाव हमार जल ससाधन पर पड़ता िदखाई द रहा ह कओ व बाविडय का िमटता अि त व नदी-नाल का घटता पानी भ-गभर जल का िगरता तर िचता की पिरिध स िनकलकर खतर की घटी बनता जा रहा ह

निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह

प ठ 42 अकषय कराित

िव व भर म सीमट क अधाधध परयोग न धरातल क सहज अवशोषण कषतर को घटाया ह तथा जल बहाव भिम कटाव व बाढ़ म विदध की ह ऐसी ि थित म जल सरकषण का दािय व मातर वजञािनक व सरकार तक सीिमत न रहकर पर यक उपभोकता क कध पर आ जाता ह इसी दािय व क िनवरहन क िलए हमार पास दो िवक प सामन आत ह 1 वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई

उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

2 पािरवािरक तर पर वषार जल को सगरिहत कर उसका उपयोग कर य दोन ही परयास गरामीण कषतर म तो सरलता स अपनाए जा सकत ह परत शहरी कषतर म व ट वाटर मनजमट की बड़ी पिरयोजनाए बनाकर ही पानी को िरसाइिकल िकया जा सकता ह भ-गभर अिधकािधक जल अवशोिषत होकर

जाए इसक िलए मदानी भाग म िनयोिजत ढग स बड़-बड़ पोखर बनाकर तथा पहाड़ी कषतर म नाल -ख ड म िमटटी प थर आरसीसी क बड़-छोट डम लगाकर जल बहाव रोक भ-सरकषण बचाव व जल भडारण और धरातल जल शोषण कषतर बढ़ाया जा सकता ह िव व बक भारत सरकार वारा म य िहमालय जलागम पिरयोजना रा य क भ-सरकषण िवभाग इस कषतर म कारगर उपाय लकर

हमार सामन ह परत जनसहयोग क िबना इन पिरयोजनाओ क आशातीत पिरणाम ल पाना किठन ह वकषारोपण इस सपणर जल चकर को बल दन वाला कारक ह जल क परित चतना जागत न हई तो अव य ही अगल िव व यदध का कारण जल ही होगा

जल भोजन ह और अिगन भोजन का भकषक ह अिगन जल म और जल अिगन म िव यमान ह

- ततरीय उपिनषद 38

वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

प ठ 43 अकषय कराित

म भी गान गा सकता ह शबनम क िखलत फल क म भी गीत सना सकता ह सावन क म त झल क लिकन जब घर-घर म बादल छाय घोर िनराशा क तब म नगम गा रहा ह उ मीद की आशा क

सड़क पर खड़ बचपन की य बात सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह

हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

इस बदलत पिरवश का राग सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

गाधी जी क सपन का जो राम-रा य कहलाता ह उस भारत म सड़क पर छोट चाय पहचाता ह

कहा गई वो अ हड़ म ती कहा गया वो यार का रा ता उन हाथ स बचत झड िजन हाथ को चािहए ब ता

उस सोन की िचिड़या की म बात बतान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

कही बम की गमर हवाए कही ससद म कोहराम ह कही होत घोटाल स परशान आदमी आम ह

कही कल की िकलकारी ह कही सड़क पर बचपन ह कही चलता नही गजारा कही िवदश म काला धन ह

म स चाई गा-गाकर सबको बतलान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

बदलता भारत मनीष लाल इरडा

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

प ठ 44 अकषय कराित

करन वाल काम बहत ह यथर उलझन को छोड़ो म ला-पिड़त तोड़ रह ह तम बस lsquoअपन को जोड़ो

lsquoहम बदलग-यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का lsquoवद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का

वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हम बदलग mdash यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का वद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

प ठ 45 अकषय कराित

िसफर काला और सफ़द य ही वो दो रग थ जो तर पास सि ट बनान क आधार थ

काला वो जो कािलमा िलय ह िजस कहत ह दख िनराशा म य अपयश और वो सबकछ जो नकारा मक ह

मगर सफद ह वो रग िजसस जड़ा ह जीवन आशा सख और कीितर और वो सब कछ जो सकारा मक ह पर इन रग स तझ चन ना िमला त सोचन लगा अगर सि ट बनानी ह

तो िकस िलए- ससगर और परम क िलए और

इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग

ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह

बस- बना डाला तन इ दरधनष

जो बरसात क बाद सरज और प वी क अनपम परम को रग दता ह सतरगी रग स

और उ ही सतरगी इ दरधनषी रग म हम हर पल हर कषण डबत गहरात इतरात रहत ह

और खिशय भर ससार म हर रग को अलग-अलग तरह स महसस करक जीत रहत ह

रग तो रग ह मगर-

ससगर और परम क िलए और इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह बस-

सतरगी िचतर सगीता ीवा तव इरडा

प ठ 46 अकषय कराित

कभी पक क कभी फीक़ तो कछ कभी दाग बनकर उभर आत ह

कछ आख म नील बादल स छाए रहत ह तो कछ गाल पर गलाबी रग बनकर छलक जात ह

याद रहत ह अक सर वो रग- जो खदी पर इस तरह छा जात ह िक खद म घलकर खद क होन

का एहसास दत-दत खद का एक रग बन जात ह

बगनी आसामनी नीला हरा पीला नारगी लाल इ दरधनष क य सात रग ही जोड़त ह हमार िदल को

हमार मन को जोड़न वाल इन रग की सतरगी दिनया म-

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा बनाय

और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क

सतरगी िचतर

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा

बनाय और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क सतरगी िचतर

Page 28: Akshay Kranti Vol 3€¦ · पक्ष को प्रभािवत न कर e, बािधत व पीिड़त न कर eवह काय-र्कौशल है।

प ठ 28 अकषय कराित

इसक बाद बात आती ह परदषण िनवारण की आज िव व भर क

वजञािनक और पयारवरणिवद इस िदशा म कायररत ह सवरपरथम वन क काटन पर परितबध लगाया गया ह और वन सपना क िव तार हत वकष लगान क िलए परो सािहत िकया गया इसक िलए सरकार की ओर स वकष आिद िनश क उपल ध कराए जात ह ldquoपयारवरण परदषण स थाrdquo और व छ वाय अिधिनयम जस िविधक उपाय स वाय परदषण पर रोक लगान का परयास िकया जा रहा ह जहरील धआ उगलन वाल कारखान तथा वाहन पर भारी आिथरक दड का परावधान ह िविभ न सचार मा यम mdashदरदशरन समाचार-पतर तथा आकाशवाणी क मा यम स जनता को पयारवरण क परित जाग क करन क परयास िकए जा रह ह निदय म खलन वाल परदषण ोत को बद करन की योजनाए चलाई जा रही ह पािलथीन क परयोग को बद करन क िलए चलाया जा रहा ह अिभयान भी परशसनीय ह

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह इस खतर स सपणर भमडल का अि त व न ट हो जाए इसस पहल हम पयारवरण की सरकषा करन का सक प लना होगा

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह

िस धी होन क प चात भी मझ बगाली रीित िरवाज़ िमठाइया यहा का पहनावा अगरज क ज़मान की बनी सरचनाए एव भवन इ यािद म बहत िदलच पी एव िच थी

प ठ 29 अकषय कराित

यातरा स मरण-कोलकाता-खिशय हषर का शहर(िसटी ऑफ जॉय)

सोिनया सिह वानी पीईसी िलिमटड

म पी ई सी िलिमटड नामक कपनी क िविध ककष म उप िविध परबधक क पद पर कायररत ह सन 2010 जन स इस कपनी म मन परबधन परिशकष क प म अपनी पहली नौकरी की श आत की पी ई सी िलिमटड वािण य मतरालय क अतगरत आन वाली आयात-िनयारत यापार स स बिधत क पिनय म स एक ह इस स दभर म जनवरी 2011 म िविभ न िवभाग क परबधन परिशकषओ को ओिरएटशन हत काडला कोलकाता इ यािद शहर म भजन का कायरकरम िनि चत िकया गया कोलकाता क पास हि दया पोटर होन क कारण कोलकाता शहर चना गया जहा पी ई सी वारा आयात की गयी व तए पोटर गोदाम म रखी जाती ह साथ ही म कोलकाता पोटर िभ न गोदाम इ यािद दखन की यव था की गयी एव सची म समावश िकया गया यह सनकर मरी ख़शी का िठकाना न रहा क य िक मन कोलकाता शहर क बार म सना बहत था पर त कभी दखा न था िस धी होन क प चात भी मझ बगाली रीित िरवाज़ िमठाइया यहा का पहनावा अगरज क ज़मान की बनी सरचनाए एव भवन इ यािद म बहत िदलच पी एव िच थी आिखरकार मझ मौका िमला और जनवरी की कड़ाकदार ठ ड क बीच हम एक रिववार शाम कोलकाता राजधानी स अपनी मिजल की और िनकल पड़ िद ली स कोलकाता क सफ़र क बीच हमारी गाड़ी इलाहाबाद गया िबहार तथा धनबाद जस शहर स होत हए बगाल की ओर पहची हसत-गात खलत-खात हए हम अगली सबह हावड़ा जकशन पहच गए रलगाड़ी स उतर कर टशन स बाहर िनकलत ही मझ िसटी ऑफ जॉय क नाम स मशहर कोलकाता की पहली झलक िदखाई दी ऐसा लगा मानो मझ भारत क दो पहल एकसाथ जीत हए नज़र आए एक तरफ थ टशन स बाहर एव अ दर जात हए स दर कपड़ गहन म लद हए कोलकाता क बगाली िनवासी साथ म बड़ी-बड़ी गािड़य म घमत कोलकाता क नौजवान और ठीक दसरी तरफ मरी नज़र पड़ी हगली नदी पर बन परिसदध हावड़ा िबरज पर िजस दख एक अलग ही दिनया का एहसास हआ

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह

िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी

एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया नतीजा मर समकष था

प ठ 30 अकषय कराित

हावड़ा िबरज पर हर तरफ लोग का जमावड़ा था इतन लोग दख िद ली क चादनी चौक की याद आ गयी ऐसा लगा मानो म 50 साल पीछ िकसी लक एव वाईट दिनया म कदम रख चकी थी िबरज क दोन तरफ सामान बचत हए दकानदार िखलौन मछली रख हए औरत एव छोट-छोट ब च मख य शहर स हावड़ा जान वाल आम आदमी मजदर की तज़ र तार फरी स र ता पार करन वाल यापारी इन सब को दख लगा कोलकाता म मबई जसी भागम भाग भी थी िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया नतीजा मर समकष था जस-जस म कोलकाता शहर क भीतर आन लगी मझ इस शहर क िवकास की झलक िदखाई दी एक तरफ थी ऊची ईमारत सदर िवशाल िव यासागर सत पल बड़-बड़ होटल माल कोलकाता उ च यायालय राईटसर िबि डग मशहर इडन गाडरन टिडयम इ यािद तो दसरी तरफ था िवक टोिरया ममोिरयल अगरज की वा तकला क अनसार िदखती लाल ईटो की इमारत िवक टोिरयल सरचनाए भवन छोटी-छोटी पटिरय पर समान बचत नया बाज़ार (New Market) क दकानदार एव िवक टोिरया ममोिरयल क बाहर चलत सलािनय क िलए रथ वाल घोड़ हमारा होटल जसीबोस सड़क पर ि थत था एव सिवधाओ स भरपर था पर त मन य जाना िक असली कोलकाता का मज़ा गाड़ी म नही अथवा िरक शा ऑटो तथा साल स चलती आ रही सड़क पर टराम म था

हर तरफ मझ पील रग की टिक सया िदखाई दी सब एक समान थी तथा मरसीडीज़ गाड़ी क बगल म चलती 1-2 पय म सफ़र की जान वाली टराम भी साथ िदखाई दी परी िजदगी िद ली म यतीत करन क बाद हर नए शहर का रहन-सहन बोल-चाल रीित-िरवाज़ जानन की जाग कता मझम हमशा रही पहल ही िदन स कोलकाता मझ रास आया जस िक कहत ह lsquoकोलकाता हमार खब भाला लागली छ rsquo कहन का ता पयर य िक मझ कोलकाता बहत अ छा लगा पहल िदन िक शाम को हमन य मािकर ट म खरीददारी करन का मन बनाया म हरान थी िक वहा चीज िकतनी स ती िमल रही थी िद ली क मतािबक एक ितहाई दाम पर चिडया गहन बग जत कत इ यािद िमल

िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया

प ठ 31 अकषय कराित य मािकर ट िद ली क लाजपत एव सरोिजनी नगर समान ह कम

दाम म अ छा समान िमला कोलकाता चमड़ क िलए भी मशहर ह एव परिसदध ी लदसर दकान भी इस बाज़ार म ि थत ह यहा खरीदारी का हमन खब ल फ़ उठाया

अगल िदन हम हि दया पोटर गए एव अनक जहाज़ दख 3-4 घट की दरी पर ि थत यह पोटर अनक एकड़ म फला हआ था पहली बार इतन बड़ जहाज़ को अदर स दख खब आनद आया तीसर िदन हम काली बाड़ी मिदर गए बगाली अ यत पाठ-पजा वाल दगार मा क स च उपासक ह यह सब जानत ह दगार पजा इनका लोकिपरय उ सव ह तथा काली मा एव दगार मा की स च मन स पजा करत ह कोलकाता क िनवासी भिक त भावपणर ह यह सना था अब खद दख भी िलया बगाली र म स पजा करन का य मौका अ यत आनदमयी था इसक अलावा काली बाड़ी क नज़दीक ही ि थत ह गौिरहाट बाज़ार यहा की दकान बगाली सािड़या कपड़ सट कत इ यािद क िलए परिसदध ह आिद धक तशवर नामक मशहर दकान म जाकर मरा भी मन िकया िक म भी खरीददारी क मर सािथय न बहत सािड़या खरीदी एव दाम दखकर म दग रह गई सदर स सदर साड़ी मातर 600700 पय की थी मन बगाल की मशहर लाल एव सफद िपरट की साड़ी भी खरीदी कोलकाता म खरीददारी का अलग की मज़ा ह उसी िदन शाम हम सा ट लक िसटी मॉल गए वह सा ट लक टिडयम क नज़दीक ह यहा िदखाई िदया कोलकाता का परगितशील प नौजवान फटबाल की जसीर पहन माल म घम रह थ एक स एक

मशहर बरड वहा मौजद थ इसक अलावा कोलकाता क िनवासी खब मनोरजन क शौक़ीन ह सगीत नाच गाना इ यादी म िच रखत ह कोलकाता म जगह-जगह सगीत कला अकडमी तथा पढ़न (रीिडग) क क लब ह अगरज क शौक तथा रहन-सहन की झलक आज भी यहा िदखती ह यहा क नौजवान को खल-कद म भी खब िदलच पी ह फटबाल का तो जस यहॉ सबको जनन ह

भारत क परिसदध मोहन बगान फटबाल क लब फटबाल क वहा क नौजवान ही नही परा शहर ही दीवाना ह भारत-पाक मच हो या आई पी एल इडन गाडरन मदान लोग स खचा-खच भरा रहता ह अफ़सोस म वहा अदर जा न सकी

इसक अलावा काली बाड़ी क नज़दीक ही ि थत ह गौिरहाट बाज़ार यहा की दकान बगाली सािडया कपड़ सट कत इ यािद क िलए परिसदध ह

प ठ 32 अकषय कराित

मर सफर क आखरी िदन म मन कोलकाता क लोग म एकता क नजार दख िविभ नता म भी एकता का उदाहरण दखा चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख िजस िदन हम कोलकाता पहच थ उसी िदन वहा शहर बद था और मन एक जट होकर लोग को अपनी बात कहत हए दखा एव सना यहा क लोग अपन शहर क िवकास बहतरी क िलए जाग क ह िज मदारी लत ह तथा सरकार को अपनी बात भली-भाित कहत ह लड़िकय औरत की इ ज़त करत ह एव यहा िक मिहलाओ को मन िनदरलीय पाया जहा एक ओर भारत की राजधानी होन क बावजद िद ली वाल अपनी िजदगी म मगन रहत ह वही दसरी और कोलकाता म अमीरी-गरीबी िभ न जाितय म भी एक जटता ह कपड़ा एव खाना आज भी यहा खब स ता िमलता ह पर त दसरी तरफ सब जानत ह िक बड़-बड़ उ योगपित िव वान लखक िखलाड़ी गायक अिभनता िनदशक यहा स उभर ह सािह य हो या लख बॉलीवड हो या िकरकट बगाल न भारत को अनक नाम एव गौरव िदए ह चाह सौरव दादा हो या रिव दर नाथ टगोर ममता बनजीर रानी मखजीर हो या योित बस भारत म इनकी भिमका का वणरन करन की ज रत नही

मन कछ िदन क कोलकाता क सफर म इस शहर को जानन समझन का परयास िकया हगली नदी क िकनार खड़ होकर समदर को दखा निदय को िनहारा िव यासागर सत िबरज की सदरता िवशालता को सराहा क सी दास की परिसदध िमठाई का ल फ उठाया मन बहत शहर घम पर त यह सफर मर िलए सबस यादगार रहा कोलकाता परगित क मागर पर िनरतर बढ़ रहा ह पर त आज भी वह अपनी जड़ नितक म य को नही भला ह एक आम आदमी आज भी टराम म या फरी स सफर करता ह यहा क िनवासी दो पय स लकर 500 ० का खाना खात ह पराना एव नया कोलकाता एक साथ जीिवत ह िसक क क दो पहल की तरह कोलकाता क यह दो प को एक साथ रहत दख बहत आनद आया

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 33 अकषय कराित

जल परकित का अनपम उपहार ह मानव जाित अपन परादभारवकाल स ही इस उपहार का उपयोग अपन िहत क िलए करती आई ह जल वह पराकितक उपहार ह िजसका कोई िवक प नही ह इसिलए जल को अमतया जीवन भी कहा गया ह जल क िबना जीवन की सभावना भी नही ह पर यकष प स तो जल की मानवीय आव यकता सीिमत ह परत परोकष आव यकताओ पर नजर डाल तो दिनक जीवन की आव यकताए जस अ न फल स जी दध स लकर हमार पहराव आवास तक सब जल स जड़ हजल का जरा भी सतलन िबगड़ जाए तो जीवन यापन क टपरद होन म दर नही परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह जल क सामा य त य जल या पानी एक आम रासायिनक पदाथर ह जो जीवन क सभी जञात प क जीिवत रहन क िलए ज री ह आमतौर पर जल अपनी दरव अव था म उपयोग म लाया जाता ह पर यह ठोस अव था बफर और गस अव था जल वा प या भाप प म भी पाया जाता ह प वी क लगभग तीन चौथाई िह स पर िव व क महासागर का अिधकार ह अनमानत प वी पर जल की कल मातरा लगभग 1400 िमिलयन घन िकलोमीटर ह जो िक प वी पर 3000 मीटर गहरी परत िबछा दन क िलए काफी ह तथािप जल की इस िवशाल मातरा म व छ जल का अनपात बहत कम ह प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह शष जल झील निदय वायम डल नमी मदा और वन पित म मौजद ह जल की जो मातरा उपभोग और अ य परयोग क िलए व ततः उपल ध ह वह निदय झील और भजल म उपल ध मातरा का छोटा-सा िह सा ह इसिलए जल ससाधन िवकास और परब ध की बाबत सकट इसिलए उ प न होता ह कय िक अिधकाश जल उपभोग क िलए उपल ध नही हो पाता

परभावी जल परबधन और दश का िवकास

दीपक आहजा ओएनजीसी िवदश

प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह

प ठ 34 अकषय कराित

और दसर इसका िवषमतापणर थािनक िवतरण इसकी एक अ य िविश टता ह फलतः जल का मह व वीकार िकया गया ह और इसक िकफायती परयोग तथा परब ध पर अिधक बल िदया गया ह प वी पर उपल ध जल जल-चकर क मा यम स चलायमान ह जल लगातार एक चकर म घमता रहता ह िजस जलचकर कहत ह इसम वा पीकरण वषार और बह कर सागर म पहचना शािमल ह हवा जल वा प को थल क ऊपर उसी दर स उड़ा ल जाती ह िजस गित स यह बहकर सागर म पहचाता ह जल चकर का िचतर नीच पर तत िकया गया ह

अिधकाश उपभोकताओ जस िक मन य पशओ अथवा पौध क िलए जल क सचलन की ज रत होती ह जल ससाधन की गितशील और नवीकरणीय परकित और इसक परयोग की बार बार ज रत को ि टगत रखत हए यह ज री ह िक जल ससाधन को उनकी परवाह दर क अनसार मापा जाए इस परकार जल ससाधन क दो पहल ह अिधकाश िवकासा मक ज रत क िलए परवाह क प म मािपत गितशील ससाधन अिधक परासिगक ह आरिकषत भ डार की ि थर अथवा िनयत परकित और साथ ही जल की मातरा तथा जल िनकाय क कषतर की ल बाई व म यपालन नौ सचालन आिद जस कछक िकरयाकलाप क िलए भी परासिगक ह

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 35 अकषय कराित

जल का यय अप यय जल क बार म एक नही कई च कान वाल त य ह िव व म और िवशष प स भारत म जल िकस परकार न ट होता ह इस िवषय म जो त य सामन आए ह उस पर जाग कता स यान दकर जल क अप यय को रोका जा सकता ह अनक त य ऐस ह जो हम आन वाल ख़तर स तो सावधान करत ही ह दसर स पररणा लन क िलए परो सािहत करत ह और पानी क मह व व इसक अनजान ोत की जानकारी भी दत ह प वी पर पदा होन वाली सभी वन पितया स भी हम पानी िमलता ह

आल और अनानास म 80 परितशत और टमाटर म 95 परितशत पानी ह पीन क िलए मानव को परितिदन 3 लीटर और पशओ को 50 लीटर पानी

चािहए भारत म 83 परितशत पानी खती और िसचाई क िलए उपयोग िकया जाता

ह इज़राइल म औसतन मातर 10 सटीमीटर वषार होती ह इस वषार स वह

इतना अनाज पदा कर लता ह िक वह उसका िनयारत कर सकता ह दसरी ओर भारत म औसतन 50 सटीमीटर स भी अिधक वषार होन क बावजद अनाज की कमी बनी रहती ह

िपछल 50 वष म जल क िलए 37 भीषण ह याकाड हए ह भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल

चलती ह पानी ज य रोग स िव व म हर वषर 22 लाख लोग की मौत हो जाती ह यिद बरश करत समय नल खला रह गया ह तो पाच िमनट म करीब 25

स 30 लीटर पानी बरबाद होता ह बाथ टब म नहात समय 300 स 500 लीटर पानी खचर होता ह जबिक

सामा य प स नहान म 100 स 150 लीटर पानी खचर होता ह िव व म परित 10 यिकतय म स 2 यिकतय को पीन का शदध पानी

नही िमल पाता ह परित वषर 6 अरब लीटर बोतल पक पानी मन य वारा पीन क िलए

परयकत िकया जाता ह मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 36 अकषय कराित

िद ली मबई और च नई जस महानगर म पाइप लाइन क वॉ व की खराबी क कारण रोज़ 14 स 44 परितशत पानी बकार बह जाता ह

निदया पानी का सबस बड़ा ोत ह जहा एक ओर निदय म बढ़त परदषण रोकन क िलए िवशषजञ उपाय खोज रह ह वही कल कारखान स बहत हए रसायन उ ह भारी मातरा म दिषत कर रह ह

भारत म जल सकट नासा की एक िरपोटर न पानी को लकर दश भर म बढ़ती जा रही लापरवाही क परित आख खोली ह इस िरपोटर म भारत म सख की ि थित पदा होन क िलए िज मवार कारण म स एक अहम कारण अधाधध जल दोहन को बताया गया ह बतात चल िक दश भर क 604 िजल म स 161 सख की मार झल रह ह वस अब बताया जा रहा ह िक सख की मार स बहाल िजल की सखया बढ़कर 246 हो गई ह यानी कहा जाए तो आधा दश सख की चपट म ह बहरहाल नासा की इस िरपोटर म बताया गया ह िक भारत क कई रा य कषमता स यादा जल दोहन कर रह ह यहा कषमता स ता पयर यह ह िक उनस िजतन सलाना जल दोहन की उ मीद कदर करती ह व उसस कही यादा जल दोहन कर रह ह नासा न यह अ ययन 2002 स 2008 क बीच

की ि थितय क आधार पर िकया ह इस िरपोटर म बताया गया ह िक पजाब हिरयाणा और राज थान हर साल औसतन 177 अरब कयिबक मीटर पानी जमीन क अदर स िनकाल रह ह जबिक कदर की तरफ स लगाए गए अनमान क मतािबक इ ह हर साल 132 अरब कयिबक मीटर पानी ही जमीन क अदर स िनकालना था इस तरह स दखा जाए तो य तीन रा य िमलकर कषमता स 30 फीसदी यादा पानी का दोहन कर रह ह जािहर ह िक िबना कछ सोच-िवचार जब इस पमान पर पराकितक ससाधन का दोहन िकया जाएगा तो परकित भी बदला लगी और वही हो रहा ह इस िरपोटर म यह भी बताया गया ह िक भारत का महज 58 फीसदी भजल ही हर साल िरचाजर हो पाता ह नासा की यह िरपोटर बताती ह िक अधाधध जल दोहन की वजह स पर उ तर पि चम भारत क भजल तर म हर साल 4 सटीमीटर यानी 16 इच की कमी आ रही ह इस अ ययन को अजाम दन म नासा क जल िवजञानी मट रोडल न अहम भिमका िनभाई ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 37 अकषय कराित

उनक हवाल स इस िरपोटर म बताया गया ह िक दश क उ तर पि चम कषतर म 2002 स 2008 क दौरान तकरीबन 109 कयिबक िकलोमीटर पानी की कमी हई ह यह मातरा िकतनी अिधक ह इसका अदाजा इसी स लगाया जा सकता ह िक यह अमिरका क सबस बड़ जलाशय लक मीड की कषमता स दगन स भी कही यादा ह अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह इस िरपोटर क मतािबक अगर अधाधध जल दोहन इसी तरह स जारी रहा तो आन वाल समय म भारत को अनाज और पानी क सकट को झलन क िलए अभी स तयार हो जाना चािहए जािहर ह िक जब जल सकट बढ़गा तो खती पर इसका गहरा परभाव पड़गा अनाज क उ पादन म कमी आएगी इस वजह स अनाज सकट पदा होगा और भख का एक नया चहरा उभरकर सामन आएगा एक बड़ा तबका जो आज भरपट भोजन कर पाता ह उसक िलए पट भर खाना िमलना मि कल हो जाएगा भखमरी की जो सम या पदा होगी उसस िफर िनपटना आसान नही होगा इसक अलावा पीन क पानी का टोटा तो होगा ही अभी ही दश क कई िह स ऐस ह जहा क लोग को पीन क िलए साफ पानी नही िमल पा रहा ह कई कषतर ऐस ह जहा गमीर क िदन म हडपप स पानी आना बद हो जाता ह वहा क लोग को हर साल बोिरग को कछ फट बढ़वाना होता ह यह सम या भजल तर क िगरत जान की वजह स ही पदा हई ह जब पीन क पानी का सकट पदा होगा तो बोतलबद पानी का कारोबार काफी तजी स बढ़गा कहन का मतलब यह िक िजसक पास पसा होगा वह अपनी यास बझा सकगा और िजसक पास पसा नही होगा उस अपनी यास बझान क िलए भी सघषर करना पड़गा ि थित की भयावहता की क पना ही िसहरन पदा करती ह भारत म दिनया का हर छठा आदमी रहता ह यानी कहा जाए तो दिनया क कल आबादी क तकरीबन सतरह फीसदी लोग भारत म रहत ह जबिक दिनया का महज साढ़ चार फीसदी पानी ही भारत म उपल ध ह ऐस म जल सम या स दो-चार होना कोई आनापिकषत बात नही ह एक बात तो तय ह िक पराकितक ससाधन म इजाफा तो नही िकया जा सकता ह लिकन इसका सरकषण अव य िकया जा सकता ह

अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह

प ठ 38 अकषय कराित

भारत म लोग िकसी एक मा यम स पयजल परा त करन पर िनभरर नही ह इस दश म 357 फीसदी लोग हडपप स 367 फीसदी लोग नल स 182 फीसदी लोग तालाब पोखर या झील स 56 फीसदी कओ स 12 फीसदी लोग पारपिरक साधन स और 26 फीसदी लोग अ य मा यम स पीन का पानी परा त करत ह इस िलहाज स अगर दखा जाए तो जल सकट को दर करन क िलए समगर कायरयोजना की ज रत ह

दरअसल भारत म गहरात जल सकट क िलए काफी हद तक पानी की बबारदी भी िज मवार ह यहा जल आपित र की यव था म काफी खािमया ह नल क जिरए घर तक पहचन वाल पानी का एक बड़ा िह सा िरस कर बबारद हो जाता ह हर शहर म फट हए आपित र पाइप आसानी स दख जा सकत ह इस बदहाल यव था क िलए सरकार क साथ-साथ सामा य लोग भी कम िज मदार नही ह एक तरफ तो सरकार पयजल क नाम पर हर साल हजार करोड़ पए का बजट बनाती ह और दसरी तरफ जमीनी तर पर हालात म कोई बदलाव नही िदखता ह सामािजक तौर पर भी जल सरकषण को लकर जाग कता का अभाव िदखता ह यह सामािजक तान-बान का ही असर ह िक लोग कही भी जल की बबारदी को दखकर उस सामा य घटना मानत हए नजरअदाज कर दत ह दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था यह अब घटकर 1800 कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर हो चका ह

दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था

प ठ 39 अकषय कराित

िवशषजञ का अनमान ह िक अगर पानी की खपत और बबारदी इसी तरह स जारी रही तो 2025 तक यह घटकर हजार कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर ही रह जाएगा उस समय तक पानी की उपल धता म आन वाली इस कमी की वजह स किष उ पादन म तीस फीसदी की कमी आन की सभावना ह इन पिरि थितय म दश की आिथरक और सामािजक ि थित का कया होगा इसका अदाजा सहज ही लगाया जा सकता ह भारत म जल सरकषण क परित आज भी आम लोग क मन म उपकषा का भाव बना हआ ह साथ ही इस कायर क िलए आव यक तकनीक की भी कमी ह जो तकनीक उपल ध ह उनस सामा य लोग अनजान ह बािरश क पानी का सगरह करक उस उपयोग म लाना एक अ छा िवक प ह पर इस तरह की कोिशश काफी सीिमत मातरा म काफी छोट तर पर हो रही ह यही वजह ह िक दश म होन वाली बािरश क पानी का अ सी फीसदी िह सा आज भी समदर म पहच जाता ह अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह अगर जल की इस िवशाल मातरा का आधा भी परयोग कर िलया जाए तो ि थित म यापक बदलाव आना तय ह शहरी कषतर म तो पानी की कालाबाजारी जोर पर ह जगह-जगह पर जल मािफया सिकरय हो गए ह िद ली क ही एक अखबार न कछ समय पहल यह बात उजागर िकया था यहा तो समानातर जल बोडर भी चलाया जा रहा ह हरानी की बात तो यह ह िक इसक बावजद भी पानी क काल धध पर अकश नही लगाया जा सका ह अहम सवाल यह ह िक कस सामा य तबक क लोग तक व छ पानी पहचाया जाए शहरी कषतर क साथ-साथ गरामीण कषतर म भी यह एक बड़ी चनौती ह आबादी म अपर यािशत विदध बढ़त शहरीकरण औ योिगकीकरण और किष उ पाद की बढ़ती माग क कारण पानी की माग िपछल कछ साल म वाभािवक प स बढ़ी ह इसक पिरणाम व प भजल ससाधन का अ यिधक दोहन हआ ह और इसका नतीजा हआ िक लगातार भजल का तर घटता जा रहा ह शहरी कषतर म ि थित बहद भयावह ह तदनसार वहा न कवल शीघराितशीघर जल ससाधन क सरकषण की ज रत ह बि क परभावी रणनीित और परबधन क जिरए त काल कदम उठान की ज रत ह

अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह

प ठ 40 अकषय कराित

खासकर इस बात को यान म ऱखकर िक िविभ न परितयोगी कषतर म कभी भी माग बढ़ सकती ह भिव य म उपयोग क िलए छत पर या सतह पर जलगरहण बनाकर वषारजल सरकषण बहद ज री ह यह पानी की बढ़ती ज रत का खयाल रखन िमटटी की नमी तर को बढ़ान शहरी हिरयाली को बढ़ान भजल तर को कितरम प स पनभररण करन और भजल की गणव ता स सधार का काम करता ह भारत म जल परबधन स दश का िवकास भारत म दिनया की 16 परितशत आबादी रहती ह लिकन दिनया क िसफर 4 परितशत जल ससाधन ही भारत क पास ह 3290000 वगर िकलोमीटर क भिम कषतर और एक अरब स यादा की आबादी क साथ भारत क एक बहलवादी िविवधता का िचतर ह िवशाल पराकितक ससाधन क साथ सप न तकनीकी और वजञािनक किमरय का भी यह दिनया म दसरा सबस बड़ा सम चय ह भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह मानव िवकास म 80 क दशक म लगभग 26 परितशत और 90 क दशक क दौरान और 24 परितशत क वारा सधार हआ ह आजादी क बाद छह दशक म भारत न जल ससाधन का अभतपवर िवकास और खा या न म आ मिनभररता शहरी कषतर ऊजार और औ योिगक कषतर और पीन का पानी क बिनयादी ढाच म तजी स िव तार दखा ह िजसका उपयोग भारत की लगभग 85 परितशत शहरी और गरामीण आबादी क वारा िकया जाता ह भारत म रा य सरकार और भारत सरकार क परितबदध और ठोस परयास की वजह स गरामीण और शहरी आबादी को सरिकषत पयजल को उपल ध करवान म काफी सफलता हािसल की ह इस उपलि ध न भजल की कमी जल जमावजल गणव ता िगरावट जल परदषण और बढ़त लवणता तर स बड़ कषतर को परभािवत िकया ह और अभी भी िविभ न रा य म गरामीण और शहरी भारत क मानव िवकास सचकाक (HDI)rsquo म बहत असमानता मौजद ह पानी क िलए कषतरीय माग तजी स बढ़ रह शहरीकरण की गित स बढ़ रही ह (अनमानत 2025 तक दश की आबादी का 50 परितशत स अिधक शहर म रहग) जनसखया विदध बढ़ती आय और औ योिगक िवकासशहरी भारत तजी स िवकास की माग क कदर क प म उभर रहा ह

भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह

प ठ 41 अकषय कराित

नतीजतन परित यिकत पानी की उपल धता िगर रही ह परधानमतरी की अ यकषता म 12वी योजना क िलए हई योजना आयोग की पणर बठक म दसर म क साथ जल परबधन पर िवशष चचार हई बठक क बाद योजना आयोग क उपा यकष म टक िसह अहलवािलया न कहा िक भ-जल कानन स लकर दसर म की यापक समीकषा ज री ह व यनाथन सिमित जहा वतरमान म भ-जल कानन की साथरकता का अ ययन करगी वही भारतीय अतिरकष अनसधान सगठन [इसरो] की मदद स पानी की उपल धता का िव तत अ ययन होगा म टक न कहा िक उसी आधार पर रणनीित तय होगी सरकार यह यान रखगी िक पानी का अिधकतम उपयोग हो सक और सभी को उपल ध हो पानी पर िकसी का एकािधकार न हो सक बतात ह िक द पयोग को रोकन क िलए श क लगान पर भी िवचार िकया जा सकता ह हालािक इसस पहल रा य सरकार स चचार होगी यह तय ह िक एआइबीपी कायरकरम म यापक बदलाव ह ग ी म टक िसह अहलवािलया न कहा िक वतरमान म इस कायरकरम का सही िकरया वयन नही हो रहा ह िलहाजा उसम पिरवतरन ज री ह सभव ह िक हर रा य म जल िनयामक परािधकरण बनान की शतर भी लगाई जाए उ ह न कहा िक जल परबधन की यापक समीकषा कर नई रणनीित तय की जाएगी कल िमलाकर रा टरीय तर पर वतरमान जल ससाधन का अिधक स अिधक करन क िलए माग को परा करन क िलए पयार त ह लिकन भिव य क अ ययन पिरयोजना ह िक जल आपित र की ि थित अगल आध सदी म अिधक किठन हो सकती ह जल सकट स िनपटन को जल सरकषण परबधन अिनवायर परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह बढ़त वि वक तापमान क फल व प अितवि ट अनावि ट अ पवि ट और असामियक वि ट हम परितवषर दख रह ह िजसका परभाव हमार जल ससाधन पर पड़ता िदखाई द रहा ह कओ व बाविडय का िमटता अि त व नदी-नाल का घटता पानी भ-गभर जल का िगरता तर िचता की पिरिध स िनकलकर खतर की घटी बनता जा रहा ह

निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह

प ठ 42 अकषय कराित

िव व भर म सीमट क अधाधध परयोग न धरातल क सहज अवशोषण कषतर को घटाया ह तथा जल बहाव भिम कटाव व बाढ़ म विदध की ह ऐसी ि थित म जल सरकषण का दािय व मातर वजञािनक व सरकार तक सीिमत न रहकर पर यक उपभोकता क कध पर आ जाता ह इसी दािय व क िनवरहन क िलए हमार पास दो िवक प सामन आत ह 1 वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई

उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

2 पािरवािरक तर पर वषार जल को सगरिहत कर उसका उपयोग कर य दोन ही परयास गरामीण कषतर म तो सरलता स अपनाए जा सकत ह परत शहरी कषतर म व ट वाटर मनजमट की बड़ी पिरयोजनाए बनाकर ही पानी को िरसाइिकल िकया जा सकता ह भ-गभर अिधकािधक जल अवशोिषत होकर

जाए इसक िलए मदानी भाग म िनयोिजत ढग स बड़-बड़ पोखर बनाकर तथा पहाड़ी कषतर म नाल -ख ड म िमटटी प थर आरसीसी क बड़-छोट डम लगाकर जल बहाव रोक भ-सरकषण बचाव व जल भडारण और धरातल जल शोषण कषतर बढ़ाया जा सकता ह िव व बक भारत सरकार वारा म य िहमालय जलागम पिरयोजना रा य क भ-सरकषण िवभाग इस कषतर म कारगर उपाय लकर

हमार सामन ह परत जनसहयोग क िबना इन पिरयोजनाओ क आशातीत पिरणाम ल पाना किठन ह वकषारोपण इस सपणर जल चकर को बल दन वाला कारक ह जल क परित चतना जागत न हई तो अव य ही अगल िव व यदध का कारण जल ही होगा

जल भोजन ह और अिगन भोजन का भकषक ह अिगन जल म और जल अिगन म िव यमान ह

- ततरीय उपिनषद 38

वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

प ठ 43 अकषय कराित

म भी गान गा सकता ह शबनम क िखलत फल क म भी गीत सना सकता ह सावन क म त झल क लिकन जब घर-घर म बादल छाय घोर िनराशा क तब म नगम गा रहा ह उ मीद की आशा क

सड़क पर खड़ बचपन की य बात सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह

हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

इस बदलत पिरवश का राग सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

गाधी जी क सपन का जो राम-रा य कहलाता ह उस भारत म सड़क पर छोट चाय पहचाता ह

कहा गई वो अ हड़ म ती कहा गया वो यार का रा ता उन हाथ स बचत झड िजन हाथ को चािहए ब ता

उस सोन की िचिड़या की म बात बतान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

कही बम की गमर हवाए कही ससद म कोहराम ह कही होत घोटाल स परशान आदमी आम ह

कही कल की िकलकारी ह कही सड़क पर बचपन ह कही चलता नही गजारा कही िवदश म काला धन ह

म स चाई गा-गाकर सबको बतलान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

बदलता भारत मनीष लाल इरडा

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

प ठ 44 अकषय कराित

करन वाल काम बहत ह यथर उलझन को छोड़ो म ला-पिड़त तोड़ रह ह तम बस lsquoअपन को जोड़ो

lsquoहम बदलग-यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का lsquoवद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का

वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हम बदलग mdash यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का वद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

प ठ 45 अकषय कराित

िसफर काला और सफ़द य ही वो दो रग थ जो तर पास सि ट बनान क आधार थ

काला वो जो कािलमा िलय ह िजस कहत ह दख िनराशा म य अपयश और वो सबकछ जो नकारा मक ह

मगर सफद ह वो रग िजसस जड़ा ह जीवन आशा सख और कीितर और वो सब कछ जो सकारा मक ह पर इन रग स तझ चन ना िमला त सोचन लगा अगर सि ट बनानी ह

तो िकस िलए- ससगर और परम क िलए और

इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग

ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह

बस- बना डाला तन इ दरधनष

जो बरसात क बाद सरज और प वी क अनपम परम को रग दता ह सतरगी रग स

और उ ही सतरगी इ दरधनषी रग म हम हर पल हर कषण डबत गहरात इतरात रहत ह

और खिशय भर ससार म हर रग को अलग-अलग तरह स महसस करक जीत रहत ह

रग तो रग ह मगर-

ससगर और परम क िलए और इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह बस-

सतरगी िचतर सगीता ीवा तव इरडा

प ठ 46 अकषय कराित

कभी पक क कभी फीक़ तो कछ कभी दाग बनकर उभर आत ह

कछ आख म नील बादल स छाए रहत ह तो कछ गाल पर गलाबी रग बनकर छलक जात ह

याद रहत ह अक सर वो रग- जो खदी पर इस तरह छा जात ह िक खद म घलकर खद क होन

का एहसास दत-दत खद का एक रग बन जात ह

बगनी आसामनी नीला हरा पीला नारगी लाल इ दरधनष क य सात रग ही जोड़त ह हमार िदल को

हमार मन को जोड़न वाल इन रग की सतरगी दिनया म-

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा बनाय

और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क

सतरगी िचतर

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा

बनाय और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क सतरगी िचतर

Page 29: Akshay Kranti Vol 3€¦ · पक्ष को प्रभािवत न कर e, बािधत व पीिड़त न कर eवह काय-र्कौशल है।

िस धी होन क प चात भी मझ बगाली रीित िरवाज़ िमठाइया यहा का पहनावा अगरज क ज़मान की बनी सरचनाए एव भवन इ यािद म बहत िदलच पी एव िच थी

प ठ 29 अकषय कराित

यातरा स मरण-कोलकाता-खिशय हषर का शहर(िसटी ऑफ जॉय)

सोिनया सिह वानी पीईसी िलिमटड

म पी ई सी िलिमटड नामक कपनी क िविध ककष म उप िविध परबधक क पद पर कायररत ह सन 2010 जन स इस कपनी म मन परबधन परिशकष क प म अपनी पहली नौकरी की श आत की पी ई सी िलिमटड वािण य मतरालय क अतगरत आन वाली आयात-िनयारत यापार स स बिधत क पिनय म स एक ह इस स दभर म जनवरी 2011 म िविभ न िवभाग क परबधन परिशकषओ को ओिरएटशन हत काडला कोलकाता इ यािद शहर म भजन का कायरकरम िनि चत िकया गया कोलकाता क पास हि दया पोटर होन क कारण कोलकाता शहर चना गया जहा पी ई सी वारा आयात की गयी व तए पोटर गोदाम म रखी जाती ह साथ ही म कोलकाता पोटर िभ न गोदाम इ यािद दखन की यव था की गयी एव सची म समावश िकया गया यह सनकर मरी ख़शी का िठकाना न रहा क य िक मन कोलकाता शहर क बार म सना बहत था पर त कभी दखा न था िस धी होन क प चात भी मझ बगाली रीित िरवाज़ िमठाइया यहा का पहनावा अगरज क ज़मान की बनी सरचनाए एव भवन इ यािद म बहत िदलच पी एव िच थी आिखरकार मझ मौका िमला और जनवरी की कड़ाकदार ठ ड क बीच हम एक रिववार शाम कोलकाता राजधानी स अपनी मिजल की और िनकल पड़ िद ली स कोलकाता क सफ़र क बीच हमारी गाड़ी इलाहाबाद गया िबहार तथा धनबाद जस शहर स होत हए बगाल की ओर पहची हसत-गात खलत-खात हए हम अगली सबह हावड़ा जकशन पहच गए रलगाड़ी स उतर कर टशन स बाहर िनकलत ही मझ िसटी ऑफ जॉय क नाम स मशहर कोलकाता की पहली झलक िदखाई दी ऐसा लगा मानो मझ भारत क दो पहल एकसाथ जीत हए नज़र आए एक तरफ थ टशन स बाहर एव अ दर जात हए स दर कपड़ गहन म लद हए कोलकाता क बगाली िनवासी साथ म बड़ी-बड़ी गािड़य म घमत कोलकाता क नौजवान और ठीक दसरी तरफ मरी नज़र पड़ी हगली नदी पर बन परिसदध हावड़ा िबरज पर िजस दख एक अलग ही दिनया का एहसास हआ

आज का पयारवरण रावण का प लकर ससार क समकष एक भयकर खतर क प म परकट हो गया ह

िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी

एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया नतीजा मर समकष था

प ठ 30 अकषय कराित

हावड़ा िबरज पर हर तरफ लोग का जमावड़ा था इतन लोग दख िद ली क चादनी चौक की याद आ गयी ऐसा लगा मानो म 50 साल पीछ िकसी लक एव वाईट दिनया म कदम रख चकी थी िबरज क दोन तरफ सामान बचत हए दकानदार िखलौन मछली रख हए औरत एव छोट-छोट ब च मख य शहर स हावड़ा जान वाल आम आदमी मजदर की तज़ र तार फरी स र ता पार करन वाल यापारी इन सब को दख लगा कोलकाता म मबई जसी भागम भाग भी थी िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया नतीजा मर समकष था जस-जस म कोलकाता शहर क भीतर आन लगी मझ इस शहर क िवकास की झलक िदखाई दी एक तरफ थी ऊची ईमारत सदर िवशाल िव यासागर सत पल बड़-बड़ होटल माल कोलकाता उ च यायालय राईटसर िबि डग मशहर इडन गाडरन टिडयम इ यािद तो दसरी तरफ था िवक टोिरया ममोिरयल अगरज की वा तकला क अनसार िदखती लाल ईटो की इमारत िवक टोिरयल सरचनाए भवन छोटी-छोटी पटिरय पर समान बचत नया बाज़ार (New Market) क दकानदार एव िवक टोिरया ममोिरयल क बाहर चलत सलािनय क िलए रथ वाल घोड़ हमारा होटल जसीबोस सड़क पर ि थत था एव सिवधाओ स भरपर था पर त मन य जाना िक असली कोलकाता का मज़ा गाड़ी म नही अथवा िरक शा ऑटो तथा साल स चलती आ रही सड़क पर टराम म था

हर तरफ मझ पील रग की टिक सया िदखाई दी सब एक समान थी तथा मरसीडीज़ गाड़ी क बगल म चलती 1-2 पय म सफ़र की जान वाली टराम भी साथ िदखाई दी परी िजदगी िद ली म यतीत करन क बाद हर नए शहर का रहन-सहन बोल-चाल रीित-िरवाज़ जानन की जाग कता मझम हमशा रही पहल ही िदन स कोलकाता मझ रास आया जस िक कहत ह lsquoकोलकाता हमार खब भाला लागली छ rsquo कहन का ता पयर य िक मझ कोलकाता बहत अ छा लगा पहल िदन िक शाम को हमन य मािकर ट म खरीददारी करन का मन बनाया म हरान थी िक वहा चीज िकतनी स ती िमल रही थी िद ली क मतािबक एक ितहाई दाम पर चिडया गहन बग जत कत इ यािद िमल

िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया

प ठ 31 अकषय कराित य मािकर ट िद ली क लाजपत एव सरोिजनी नगर समान ह कम

दाम म अ छा समान िमला कोलकाता चमड़ क िलए भी मशहर ह एव परिसदध ी लदसर दकान भी इस बाज़ार म ि थत ह यहा खरीदारी का हमन खब ल फ़ उठाया

अगल िदन हम हि दया पोटर गए एव अनक जहाज़ दख 3-4 घट की दरी पर ि थत यह पोटर अनक एकड़ म फला हआ था पहली बार इतन बड़ जहाज़ को अदर स दख खब आनद आया तीसर िदन हम काली बाड़ी मिदर गए बगाली अ यत पाठ-पजा वाल दगार मा क स च उपासक ह यह सब जानत ह दगार पजा इनका लोकिपरय उ सव ह तथा काली मा एव दगार मा की स च मन स पजा करत ह कोलकाता क िनवासी भिक त भावपणर ह यह सना था अब खद दख भी िलया बगाली र म स पजा करन का य मौका अ यत आनदमयी था इसक अलावा काली बाड़ी क नज़दीक ही ि थत ह गौिरहाट बाज़ार यहा की दकान बगाली सािड़या कपड़ सट कत इ यािद क िलए परिसदध ह आिद धक तशवर नामक मशहर दकान म जाकर मरा भी मन िकया िक म भी खरीददारी क मर सािथय न बहत सािड़या खरीदी एव दाम दखकर म दग रह गई सदर स सदर साड़ी मातर 600700 पय की थी मन बगाल की मशहर लाल एव सफद िपरट की साड़ी भी खरीदी कोलकाता म खरीददारी का अलग की मज़ा ह उसी िदन शाम हम सा ट लक िसटी मॉल गए वह सा ट लक टिडयम क नज़दीक ह यहा िदखाई िदया कोलकाता का परगितशील प नौजवान फटबाल की जसीर पहन माल म घम रह थ एक स एक

मशहर बरड वहा मौजद थ इसक अलावा कोलकाता क िनवासी खब मनोरजन क शौक़ीन ह सगीत नाच गाना इ यादी म िच रखत ह कोलकाता म जगह-जगह सगीत कला अकडमी तथा पढ़न (रीिडग) क क लब ह अगरज क शौक तथा रहन-सहन की झलक आज भी यहा िदखती ह यहा क नौजवान को खल-कद म भी खब िदलच पी ह फटबाल का तो जस यहॉ सबको जनन ह

भारत क परिसदध मोहन बगान फटबाल क लब फटबाल क वहा क नौजवान ही नही परा शहर ही दीवाना ह भारत-पाक मच हो या आई पी एल इडन गाडरन मदान लोग स खचा-खच भरा रहता ह अफ़सोस म वहा अदर जा न सकी

इसक अलावा काली बाड़ी क नज़दीक ही ि थत ह गौिरहाट बाज़ार यहा की दकान बगाली सािडया कपड़ सट कत इ यािद क िलए परिसदध ह

प ठ 32 अकषय कराित

मर सफर क आखरी िदन म मन कोलकाता क लोग म एकता क नजार दख िविभ नता म भी एकता का उदाहरण दखा चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख िजस िदन हम कोलकाता पहच थ उसी िदन वहा शहर बद था और मन एक जट होकर लोग को अपनी बात कहत हए दखा एव सना यहा क लोग अपन शहर क िवकास बहतरी क िलए जाग क ह िज मदारी लत ह तथा सरकार को अपनी बात भली-भाित कहत ह लड़िकय औरत की इ ज़त करत ह एव यहा िक मिहलाओ को मन िनदरलीय पाया जहा एक ओर भारत की राजधानी होन क बावजद िद ली वाल अपनी िजदगी म मगन रहत ह वही दसरी और कोलकाता म अमीरी-गरीबी िभ न जाितय म भी एक जटता ह कपड़ा एव खाना आज भी यहा खब स ता िमलता ह पर त दसरी तरफ सब जानत ह िक बड़-बड़ उ योगपित िव वान लखक िखलाड़ी गायक अिभनता िनदशक यहा स उभर ह सािह य हो या लख बॉलीवड हो या िकरकट बगाल न भारत को अनक नाम एव गौरव िदए ह चाह सौरव दादा हो या रिव दर नाथ टगोर ममता बनजीर रानी मखजीर हो या योित बस भारत म इनकी भिमका का वणरन करन की ज रत नही

मन कछ िदन क कोलकाता क सफर म इस शहर को जानन समझन का परयास िकया हगली नदी क िकनार खड़ होकर समदर को दखा निदय को िनहारा िव यासागर सत िबरज की सदरता िवशालता को सराहा क सी दास की परिसदध िमठाई का ल फ उठाया मन बहत शहर घम पर त यह सफर मर िलए सबस यादगार रहा कोलकाता परगित क मागर पर िनरतर बढ़ रहा ह पर त आज भी वह अपनी जड़ नितक म य को नही भला ह एक आम आदमी आज भी टराम म या फरी स सफर करता ह यहा क िनवासी दो पय स लकर 500 ० का खाना खात ह पराना एव नया कोलकाता एक साथ जीिवत ह िसक क क दो पहल की तरह कोलकाता क यह दो प को एक साथ रहत दख बहत आनद आया

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 33 अकषय कराित

जल परकित का अनपम उपहार ह मानव जाित अपन परादभारवकाल स ही इस उपहार का उपयोग अपन िहत क िलए करती आई ह जल वह पराकितक उपहार ह िजसका कोई िवक प नही ह इसिलए जल को अमतया जीवन भी कहा गया ह जल क िबना जीवन की सभावना भी नही ह पर यकष प स तो जल की मानवीय आव यकता सीिमत ह परत परोकष आव यकताओ पर नजर डाल तो दिनक जीवन की आव यकताए जस अ न फल स जी दध स लकर हमार पहराव आवास तक सब जल स जड़ हजल का जरा भी सतलन िबगड़ जाए तो जीवन यापन क टपरद होन म दर नही परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह जल क सामा य त य जल या पानी एक आम रासायिनक पदाथर ह जो जीवन क सभी जञात प क जीिवत रहन क िलए ज री ह आमतौर पर जल अपनी दरव अव था म उपयोग म लाया जाता ह पर यह ठोस अव था बफर और गस अव था जल वा प या भाप प म भी पाया जाता ह प वी क लगभग तीन चौथाई िह स पर िव व क महासागर का अिधकार ह अनमानत प वी पर जल की कल मातरा लगभग 1400 िमिलयन घन िकलोमीटर ह जो िक प वी पर 3000 मीटर गहरी परत िबछा दन क िलए काफी ह तथािप जल की इस िवशाल मातरा म व छ जल का अनपात बहत कम ह प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह शष जल झील निदय वायम डल नमी मदा और वन पित म मौजद ह जल की जो मातरा उपभोग और अ य परयोग क िलए व ततः उपल ध ह वह निदय झील और भजल म उपल ध मातरा का छोटा-सा िह सा ह इसिलए जल ससाधन िवकास और परब ध की बाबत सकट इसिलए उ प न होता ह कय िक अिधकाश जल उपभोग क िलए उपल ध नही हो पाता

परभावी जल परबधन और दश का िवकास

दीपक आहजा ओएनजीसी िवदश

प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह

प ठ 34 अकषय कराित

और दसर इसका िवषमतापणर थािनक िवतरण इसकी एक अ य िविश टता ह फलतः जल का मह व वीकार िकया गया ह और इसक िकफायती परयोग तथा परब ध पर अिधक बल िदया गया ह प वी पर उपल ध जल जल-चकर क मा यम स चलायमान ह जल लगातार एक चकर म घमता रहता ह िजस जलचकर कहत ह इसम वा पीकरण वषार और बह कर सागर म पहचना शािमल ह हवा जल वा प को थल क ऊपर उसी दर स उड़ा ल जाती ह िजस गित स यह बहकर सागर म पहचाता ह जल चकर का िचतर नीच पर तत िकया गया ह

अिधकाश उपभोकताओ जस िक मन य पशओ अथवा पौध क िलए जल क सचलन की ज रत होती ह जल ससाधन की गितशील और नवीकरणीय परकित और इसक परयोग की बार बार ज रत को ि टगत रखत हए यह ज री ह िक जल ससाधन को उनकी परवाह दर क अनसार मापा जाए इस परकार जल ससाधन क दो पहल ह अिधकाश िवकासा मक ज रत क िलए परवाह क प म मािपत गितशील ससाधन अिधक परासिगक ह आरिकषत भ डार की ि थर अथवा िनयत परकित और साथ ही जल की मातरा तथा जल िनकाय क कषतर की ल बाई व म यपालन नौ सचालन आिद जस कछक िकरयाकलाप क िलए भी परासिगक ह

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 35 अकषय कराित

जल का यय अप यय जल क बार म एक नही कई च कान वाल त य ह िव व म और िवशष प स भारत म जल िकस परकार न ट होता ह इस िवषय म जो त य सामन आए ह उस पर जाग कता स यान दकर जल क अप यय को रोका जा सकता ह अनक त य ऐस ह जो हम आन वाल ख़तर स तो सावधान करत ही ह दसर स पररणा लन क िलए परो सािहत करत ह और पानी क मह व व इसक अनजान ोत की जानकारी भी दत ह प वी पर पदा होन वाली सभी वन पितया स भी हम पानी िमलता ह

आल और अनानास म 80 परितशत और टमाटर म 95 परितशत पानी ह पीन क िलए मानव को परितिदन 3 लीटर और पशओ को 50 लीटर पानी

चािहए भारत म 83 परितशत पानी खती और िसचाई क िलए उपयोग िकया जाता

ह इज़राइल म औसतन मातर 10 सटीमीटर वषार होती ह इस वषार स वह

इतना अनाज पदा कर लता ह िक वह उसका िनयारत कर सकता ह दसरी ओर भारत म औसतन 50 सटीमीटर स भी अिधक वषार होन क बावजद अनाज की कमी बनी रहती ह

िपछल 50 वष म जल क िलए 37 भीषण ह याकाड हए ह भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल

चलती ह पानी ज य रोग स िव व म हर वषर 22 लाख लोग की मौत हो जाती ह यिद बरश करत समय नल खला रह गया ह तो पाच िमनट म करीब 25

स 30 लीटर पानी बरबाद होता ह बाथ टब म नहात समय 300 स 500 लीटर पानी खचर होता ह जबिक

सामा य प स नहान म 100 स 150 लीटर पानी खचर होता ह िव व म परित 10 यिकतय म स 2 यिकतय को पीन का शदध पानी

नही िमल पाता ह परित वषर 6 अरब लीटर बोतल पक पानी मन य वारा पीन क िलए

परयकत िकया जाता ह मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 36 अकषय कराित

िद ली मबई और च नई जस महानगर म पाइप लाइन क वॉ व की खराबी क कारण रोज़ 14 स 44 परितशत पानी बकार बह जाता ह

निदया पानी का सबस बड़ा ोत ह जहा एक ओर निदय म बढ़त परदषण रोकन क िलए िवशषजञ उपाय खोज रह ह वही कल कारखान स बहत हए रसायन उ ह भारी मातरा म दिषत कर रह ह

भारत म जल सकट नासा की एक िरपोटर न पानी को लकर दश भर म बढ़ती जा रही लापरवाही क परित आख खोली ह इस िरपोटर म भारत म सख की ि थित पदा होन क िलए िज मवार कारण म स एक अहम कारण अधाधध जल दोहन को बताया गया ह बतात चल िक दश भर क 604 िजल म स 161 सख की मार झल रह ह वस अब बताया जा रहा ह िक सख की मार स बहाल िजल की सखया बढ़कर 246 हो गई ह यानी कहा जाए तो आधा दश सख की चपट म ह बहरहाल नासा की इस िरपोटर म बताया गया ह िक भारत क कई रा य कषमता स यादा जल दोहन कर रह ह यहा कषमता स ता पयर यह ह िक उनस िजतन सलाना जल दोहन की उ मीद कदर करती ह व उसस कही यादा जल दोहन कर रह ह नासा न यह अ ययन 2002 स 2008 क बीच

की ि थितय क आधार पर िकया ह इस िरपोटर म बताया गया ह िक पजाब हिरयाणा और राज थान हर साल औसतन 177 अरब कयिबक मीटर पानी जमीन क अदर स िनकाल रह ह जबिक कदर की तरफ स लगाए गए अनमान क मतािबक इ ह हर साल 132 अरब कयिबक मीटर पानी ही जमीन क अदर स िनकालना था इस तरह स दखा जाए तो य तीन रा य िमलकर कषमता स 30 फीसदी यादा पानी का दोहन कर रह ह जािहर ह िक िबना कछ सोच-िवचार जब इस पमान पर पराकितक ससाधन का दोहन िकया जाएगा तो परकित भी बदला लगी और वही हो रहा ह इस िरपोटर म यह भी बताया गया ह िक भारत का महज 58 फीसदी भजल ही हर साल िरचाजर हो पाता ह नासा की यह िरपोटर बताती ह िक अधाधध जल दोहन की वजह स पर उ तर पि चम भारत क भजल तर म हर साल 4 सटीमीटर यानी 16 इच की कमी आ रही ह इस अ ययन को अजाम दन म नासा क जल िवजञानी मट रोडल न अहम भिमका िनभाई ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 37 अकषय कराित

उनक हवाल स इस िरपोटर म बताया गया ह िक दश क उ तर पि चम कषतर म 2002 स 2008 क दौरान तकरीबन 109 कयिबक िकलोमीटर पानी की कमी हई ह यह मातरा िकतनी अिधक ह इसका अदाजा इसी स लगाया जा सकता ह िक यह अमिरका क सबस बड़ जलाशय लक मीड की कषमता स दगन स भी कही यादा ह अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह इस िरपोटर क मतािबक अगर अधाधध जल दोहन इसी तरह स जारी रहा तो आन वाल समय म भारत को अनाज और पानी क सकट को झलन क िलए अभी स तयार हो जाना चािहए जािहर ह िक जब जल सकट बढ़गा तो खती पर इसका गहरा परभाव पड़गा अनाज क उ पादन म कमी आएगी इस वजह स अनाज सकट पदा होगा और भख का एक नया चहरा उभरकर सामन आएगा एक बड़ा तबका जो आज भरपट भोजन कर पाता ह उसक िलए पट भर खाना िमलना मि कल हो जाएगा भखमरी की जो सम या पदा होगी उसस िफर िनपटना आसान नही होगा इसक अलावा पीन क पानी का टोटा तो होगा ही अभी ही दश क कई िह स ऐस ह जहा क लोग को पीन क िलए साफ पानी नही िमल पा रहा ह कई कषतर ऐस ह जहा गमीर क िदन म हडपप स पानी आना बद हो जाता ह वहा क लोग को हर साल बोिरग को कछ फट बढ़वाना होता ह यह सम या भजल तर क िगरत जान की वजह स ही पदा हई ह जब पीन क पानी का सकट पदा होगा तो बोतलबद पानी का कारोबार काफी तजी स बढ़गा कहन का मतलब यह िक िजसक पास पसा होगा वह अपनी यास बझा सकगा और िजसक पास पसा नही होगा उस अपनी यास बझान क िलए भी सघषर करना पड़गा ि थित की भयावहता की क पना ही िसहरन पदा करती ह भारत म दिनया का हर छठा आदमी रहता ह यानी कहा जाए तो दिनया क कल आबादी क तकरीबन सतरह फीसदी लोग भारत म रहत ह जबिक दिनया का महज साढ़ चार फीसदी पानी ही भारत म उपल ध ह ऐस म जल सम या स दो-चार होना कोई आनापिकषत बात नही ह एक बात तो तय ह िक पराकितक ससाधन म इजाफा तो नही िकया जा सकता ह लिकन इसका सरकषण अव य िकया जा सकता ह

अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह

प ठ 38 अकषय कराित

भारत म लोग िकसी एक मा यम स पयजल परा त करन पर िनभरर नही ह इस दश म 357 फीसदी लोग हडपप स 367 फीसदी लोग नल स 182 फीसदी लोग तालाब पोखर या झील स 56 फीसदी कओ स 12 फीसदी लोग पारपिरक साधन स और 26 फीसदी लोग अ य मा यम स पीन का पानी परा त करत ह इस िलहाज स अगर दखा जाए तो जल सकट को दर करन क िलए समगर कायरयोजना की ज रत ह

दरअसल भारत म गहरात जल सकट क िलए काफी हद तक पानी की बबारदी भी िज मवार ह यहा जल आपित र की यव था म काफी खािमया ह नल क जिरए घर तक पहचन वाल पानी का एक बड़ा िह सा िरस कर बबारद हो जाता ह हर शहर म फट हए आपित र पाइप आसानी स दख जा सकत ह इस बदहाल यव था क िलए सरकार क साथ-साथ सामा य लोग भी कम िज मदार नही ह एक तरफ तो सरकार पयजल क नाम पर हर साल हजार करोड़ पए का बजट बनाती ह और दसरी तरफ जमीनी तर पर हालात म कोई बदलाव नही िदखता ह सामािजक तौर पर भी जल सरकषण को लकर जाग कता का अभाव िदखता ह यह सामािजक तान-बान का ही असर ह िक लोग कही भी जल की बबारदी को दखकर उस सामा य घटना मानत हए नजरअदाज कर दत ह दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था यह अब घटकर 1800 कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर हो चका ह

दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था

प ठ 39 अकषय कराित

िवशषजञ का अनमान ह िक अगर पानी की खपत और बबारदी इसी तरह स जारी रही तो 2025 तक यह घटकर हजार कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर ही रह जाएगा उस समय तक पानी की उपल धता म आन वाली इस कमी की वजह स किष उ पादन म तीस फीसदी की कमी आन की सभावना ह इन पिरि थितय म दश की आिथरक और सामािजक ि थित का कया होगा इसका अदाजा सहज ही लगाया जा सकता ह भारत म जल सरकषण क परित आज भी आम लोग क मन म उपकषा का भाव बना हआ ह साथ ही इस कायर क िलए आव यक तकनीक की भी कमी ह जो तकनीक उपल ध ह उनस सामा य लोग अनजान ह बािरश क पानी का सगरह करक उस उपयोग म लाना एक अ छा िवक प ह पर इस तरह की कोिशश काफी सीिमत मातरा म काफी छोट तर पर हो रही ह यही वजह ह िक दश म होन वाली बािरश क पानी का अ सी फीसदी िह सा आज भी समदर म पहच जाता ह अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह अगर जल की इस िवशाल मातरा का आधा भी परयोग कर िलया जाए तो ि थित म यापक बदलाव आना तय ह शहरी कषतर म तो पानी की कालाबाजारी जोर पर ह जगह-जगह पर जल मािफया सिकरय हो गए ह िद ली क ही एक अखबार न कछ समय पहल यह बात उजागर िकया था यहा तो समानातर जल बोडर भी चलाया जा रहा ह हरानी की बात तो यह ह िक इसक बावजद भी पानी क काल धध पर अकश नही लगाया जा सका ह अहम सवाल यह ह िक कस सामा य तबक क लोग तक व छ पानी पहचाया जाए शहरी कषतर क साथ-साथ गरामीण कषतर म भी यह एक बड़ी चनौती ह आबादी म अपर यािशत विदध बढ़त शहरीकरण औ योिगकीकरण और किष उ पाद की बढ़ती माग क कारण पानी की माग िपछल कछ साल म वाभािवक प स बढ़ी ह इसक पिरणाम व प भजल ससाधन का अ यिधक दोहन हआ ह और इसका नतीजा हआ िक लगातार भजल का तर घटता जा रहा ह शहरी कषतर म ि थित बहद भयावह ह तदनसार वहा न कवल शीघराितशीघर जल ससाधन क सरकषण की ज रत ह बि क परभावी रणनीित और परबधन क जिरए त काल कदम उठान की ज रत ह

अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह

प ठ 40 अकषय कराित

खासकर इस बात को यान म ऱखकर िक िविभ न परितयोगी कषतर म कभी भी माग बढ़ सकती ह भिव य म उपयोग क िलए छत पर या सतह पर जलगरहण बनाकर वषारजल सरकषण बहद ज री ह यह पानी की बढ़ती ज रत का खयाल रखन िमटटी की नमी तर को बढ़ान शहरी हिरयाली को बढ़ान भजल तर को कितरम प स पनभररण करन और भजल की गणव ता स सधार का काम करता ह भारत म जल परबधन स दश का िवकास भारत म दिनया की 16 परितशत आबादी रहती ह लिकन दिनया क िसफर 4 परितशत जल ससाधन ही भारत क पास ह 3290000 वगर िकलोमीटर क भिम कषतर और एक अरब स यादा की आबादी क साथ भारत क एक बहलवादी िविवधता का िचतर ह िवशाल पराकितक ससाधन क साथ सप न तकनीकी और वजञािनक किमरय का भी यह दिनया म दसरा सबस बड़ा सम चय ह भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह मानव िवकास म 80 क दशक म लगभग 26 परितशत और 90 क दशक क दौरान और 24 परितशत क वारा सधार हआ ह आजादी क बाद छह दशक म भारत न जल ससाधन का अभतपवर िवकास और खा या न म आ मिनभररता शहरी कषतर ऊजार और औ योिगक कषतर और पीन का पानी क बिनयादी ढाच म तजी स िव तार दखा ह िजसका उपयोग भारत की लगभग 85 परितशत शहरी और गरामीण आबादी क वारा िकया जाता ह भारत म रा य सरकार और भारत सरकार क परितबदध और ठोस परयास की वजह स गरामीण और शहरी आबादी को सरिकषत पयजल को उपल ध करवान म काफी सफलता हािसल की ह इस उपलि ध न भजल की कमी जल जमावजल गणव ता िगरावट जल परदषण और बढ़त लवणता तर स बड़ कषतर को परभािवत िकया ह और अभी भी िविभ न रा य म गरामीण और शहरी भारत क मानव िवकास सचकाक (HDI)rsquo म बहत असमानता मौजद ह पानी क िलए कषतरीय माग तजी स बढ़ रह शहरीकरण की गित स बढ़ रही ह (अनमानत 2025 तक दश की आबादी का 50 परितशत स अिधक शहर म रहग) जनसखया विदध बढ़ती आय और औ योिगक िवकासशहरी भारत तजी स िवकास की माग क कदर क प म उभर रहा ह

भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह

प ठ 41 अकषय कराित

नतीजतन परित यिकत पानी की उपल धता िगर रही ह परधानमतरी की अ यकषता म 12वी योजना क िलए हई योजना आयोग की पणर बठक म दसर म क साथ जल परबधन पर िवशष चचार हई बठक क बाद योजना आयोग क उपा यकष म टक िसह अहलवािलया न कहा िक भ-जल कानन स लकर दसर म की यापक समीकषा ज री ह व यनाथन सिमित जहा वतरमान म भ-जल कानन की साथरकता का अ ययन करगी वही भारतीय अतिरकष अनसधान सगठन [इसरो] की मदद स पानी की उपल धता का िव तत अ ययन होगा म टक न कहा िक उसी आधार पर रणनीित तय होगी सरकार यह यान रखगी िक पानी का अिधकतम उपयोग हो सक और सभी को उपल ध हो पानी पर िकसी का एकािधकार न हो सक बतात ह िक द पयोग को रोकन क िलए श क लगान पर भी िवचार िकया जा सकता ह हालािक इसस पहल रा य सरकार स चचार होगी यह तय ह िक एआइबीपी कायरकरम म यापक बदलाव ह ग ी म टक िसह अहलवािलया न कहा िक वतरमान म इस कायरकरम का सही िकरया वयन नही हो रहा ह िलहाजा उसम पिरवतरन ज री ह सभव ह िक हर रा य म जल िनयामक परािधकरण बनान की शतर भी लगाई जाए उ ह न कहा िक जल परबधन की यापक समीकषा कर नई रणनीित तय की जाएगी कल िमलाकर रा टरीय तर पर वतरमान जल ससाधन का अिधक स अिधक करन क िलए माग को परा करन क िलए पयार त ह लिकन भिव य क अ ययन पिरयोजना ह िक जल आपित र की ि थित अगल आध सदी म अिधक किठन हो सकती ह जल सकट स िनपटन को जल सरकषण परबधन अिनवायर परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह बढ़त वि वक तापमान क फल व प अितवि ट अनावि ट अ पवि ट और असामियक वि ट हम परितवषर दख रह ह िजसका परभाव हमार जल ससाधन पर पड़ता िदखाई द रहा ह कओ व बाविडय का िमटता अि त व नदी-नाल का घटता पानी भ-गभर जल का िगरता तर िचता की पिरिध स िनकलकर खतर की घटी बनता जा रहा ह

निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह

प ठ 42 अकषय कराित

िव व भर म सीमट क अधाधध परयोग न धरातल क सहज अवशोषण कषतर को घटाया ह तथा जल बहाव भिम कटाव व बाढ़ म विदध की ह ऐसी ि थित म जल सरकषण का दािय व मातर वजञािनक व सरकार तक सीिमत न रहकर पर यक उपभोकता क कध पर आ जाता ह इसी दािय व क िनवरहन क िलए हमार पास दो िवक प सामन आत ह 1 वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई

उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

2 पािरवािरक तर पर वषार जल को सगरिहत कर उसका उपयोग कर य दोन ही परयास गरामीण कषतर म तो सरलता स अपनाए जा सकत ह परत शहरी कषतर म व ट वाटर मनजमट की बड़ी पिरयोजनाए बनाकर ही पानी को िरसाइिकल िकया जा सकता ह भ-गभर अिधकािधक जल अवशोिषत होकर

जाए इसक िलए मदानी भाग म िनयोिजत ढग स बड़-बड़ पोखर बनाकर तथा पहाड़ी कषतर म नाल -ख ड म िमटटी प थर आरसीसी क बड़-छोट डम लगाकर जल बहाव रोक भ-सरकषण बचाव व जल भडारण और धरातल जल शोषण कषतर बढ़ाया जा सकता ह िव व बक भारत सरकार वारा म य िहमालय जलागम पिरयोजना रा य क भ-सरकषण िवभाग इस कषतर म कारगर उपाय लकर

हमार सामन ह परत जनसहयोग क िबना इन पिरयोजनाओ क आशातीत पिरणाम ल पाना किठन ह वकषारोपण इस सपणर जल चकर को बल दन वाला कारक ह जल क परित चतना जागत न हई तो अव य ही अगल िव व यदध का कारण जल ही होगा

जल भोजन ह और अिगन भोजन का भकषक ह अिगन जल म और जल अिगन म िव यमान ह

- ततरीय उपिनषद 38

वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

प ठ 43 अकषय कराित

म भी गान गा सकता ह शबनम क िखलत फल क म भी गीत सना सकता ह सावन क म त झल क लिकन जब घर-घर म बादल छाय घोर िनराशा क तब म नगम गा रहा ह उ मीद की आशा क

सड़क पर खड़ बचपन की य बात सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह

हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

इस बदलत पिरवश का राग सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

गाधी जी क सपन का जो राम-रा य कहलाता ह उस भारत म सड़क पर छोट चाय पहचाता ह

कहा गई वो अ हड़ म ती कहा गया वो यार का रा ता उन हाथ स बचत झड िजन हाथ को चािहए ब ता

उस सोन की िचिड़या की म बात बतान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

कही बम की गमर हवाए कही ससद म कोहराम ह कही होत घोटाल स परशान आदमी आम ह

कही कल की िकलकारी ह कही सड़क पर बचपन ह कही चलता नही गजारा कही िवदश म काला धन ह

म स चाई गा-गाकर सबको बतलान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

बदलता भारत मनीष लाल इरडा

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

प ठ 44 अकषय कराित

करन वाल काम बहत ह यथर उलझन को छोड़ो म ला-पिड़त तोड़ रह ह तम बस lsquoअपन को जोड़ो

lsquoहम बदलग-यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का lsquoवद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का

वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हम बदलग mdash यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का वद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

प ठ 45 अकषय कराित

िसफर काला और सफ़द य ही वो दो रग थ जो तर पास सि ट बनान क आधार थ

काला वो जो कािलमा िलय ह िजस कहत ह दख िनराशा म य अपयश और वो सबकछ जो नकारा मक ह

मगर सफद ह वो रग िजसस जड़ा ह जीवन आशा सख और कीितर और वो सब कछ जो सकारा मक ह पर इन रग स तझ चन ना िमला त सोचन लगा अगर सि ट बनानी ह

तो िकस िलए- ससगर और परम क िलए और

इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग

ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह

बस- बना डाला तन इ दरधनष

जो बरसात क बाद सरज और प वी क अनपम परम को रग दता ह सतरगी रग स

और उ ही सतरगी इ दरधनषी रग म हम हर पल हर कषण डबत गहरात इतरात रहत ह

और खिशय भर ससार म हर रग को अलग-अलग तरह स महसस करक जीत रहत ह

रग तो रग ह मगर-

ससगर और परम क िलए और इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह बस-

सतरगी िचतर सगीता ीवा तव इरडा

प ठ 46 अकषय कराित

कभी पक क कभी फीक़ तो कछ कभी दाग बनकर उभर आत ह

कछ आख म नील बादल स छाए रहत ह तो कछ गाल पर गलाबी रग बनकर छलक जात ह

याद रहत ह अक सर वो रग- जो खदी पर इस तरह छा जात ह िक खद म घलकर खद क होन

का एहसास दत-दत खद का एक रग बन जात ह

बगनी आसामनी नीला हरा पीला नारगी लाल इ दरधनष क य सात रग ही जोड़त ह हमार िदल को

हमार मन को जोड़न वाल इन रग की सतरगी दिनया म-

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा बनाय

और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क

सतरगी िचतर

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा

बनाय और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क सतरगी िचतर

Page 30: Akshay Kranti Vol 3€¦ · पक्ष को प्रभािवत न कर e, बािधत व पीिड़त न कर eवह काय-र्कौशल है।

िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी

एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया नतीजा मर समकष था

प ठ 30 अकषय कराित

हावड़ा िबरज पर हर तरफ लोग का जमावड़ा था इतन लोग दख िद ली क चादनी चौक की याद आ गयी ऐसा लगा मानो म 50 साल पीछ िकसी लक एव वाईट दिनया म कदम रख चकी थी िबरज क दोन तरफ सामान बचत हए दकानदार िखलौन मछली रख हए औरत एव छोट-छोट ब च मख य शहर स हावड़ा जान वाल आम आदमी मजदर की तज़ र तार फरी स र ता पार करन वाल यापारी इन सब को दख लगा कोलकाता म मबई जसी भागम भाग भी थी िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया नतीजा मर समकष था जस-जस म कोलकाता शहर क भीतर आन लगी मझ इस शहर क िवकास की झलक िदखाई दी एक तरफ थी ऊची ईमारत सदर िवशाल िव यासागर सत पल बड़-बड़ होटल माल कोलकाता उ च यायालय राईटसर िबि डग मशहर इडन गाडरन टिडयम इ यािद तो दसरी तरफ था िवक टोिरया ममोिरयल अगरज की वा तकला क अनसार िदखती लाल ईटो की इमारत िवक टोिरयल सरचनाए भवन छोटी-छोटी पटिरय पर समान बचत नया बाज़ार (New Market) क दकानदार एव िवक टोिरया ममोिरयल क बाहर चलत सलािनय क िलए रथ वाल घोड़ हमारा होटल जसीबोस सड़क पर ि थत था एव सिवधाओ स भरपर था पर त मन य जाना िक असली कोलकाता का मज़ा गाड़ी म नही अथवा िरक शा ऑटो तथा साल स चलती आ रही सड़क पर टराम म था

हर तरफ मझ पील रग की टिक सया िदखाई दी सब एक समान थी तथा मरसीडीज़ गाड़ी क बगल म चलती 1-2 पय म सफ़र की जान वाली टराम भी साथ िदखाई दी परी िजदगी िद ली म यतीत करन क बाद हर नए शहर का रहन-सहन बोल-चाल रीित-िरवाज़ जानन की जाग कता मझम हमशा रही पहल ही िदन स कोलकाता मझ रास आया जस िक कहत ह lsquoकोलकाता हमार खब भाला लागली छ rsquo कहन का ता पयर य िक मझ कोलकाता बहत अ छा लगा पहल िदन िक शाम को हमन य मािकर ट म खरीददारी करन का मन बनाया म हरान थी िक वहा चीज िकतनी स ती िमल रही थी िद ली क मतािबक एक ितहाई दाम पर चिडया गहन बग जत कत इ यािद िमल

िपछल कछ वष म कोलकाता शहर न खब परगित की ी योित बास जी एव ममता दीदी न अपन पि चम बगाल की बढ़ो तरी क िलए खब िनरतर परयास िकया

प ठ 31 अकषय कराित य मािकर ट िद ली क लाजपत एव सरोिजनी नगर समान ह कम

दाम म अ छा समान िमला कोलकाता चमड़ क िलए भी मशहर ह एव परिसदध ी लदसर दकान भी इस बाज़ार म ि थत ह यहा खरीदारी का हमन खब ल फ़ उठाया

अगल िदन हम हि दया पोटर गए एव अनक जहाज़ दख 3-4 घट की दरी पर ि थत यह पोटर अनक एकड़ म फला हआ था पहली बार इतन बड़ जहाज़ को अदर स दख खब आनद आया तीसर िदन हम काली बाड़ी मिदर गए बगाली अ यत पाठ-पजा वाल दगार मा क स च उपासक ह यह सब जानत ह दगार पजा इनका लोकिपरय उ सव ह तथा काली मा एव दगार मा की स च मन स पजा करत ह कोलकाता क िनवासी भिक त भावपणर ह यह सना था अब खद दख भी िलया बगाली र म स पजा करन का य मौका अ यत आनदमयी था इसक अलावा काली बाड़ी क नज़दीक ही ि थत ह गौिरहाट बाज़ार यहा की दकान बगाली सािड़या कपड़ सट कत इ यािद क िलए परिसदध ह आिद धक तशवर नामक मशहर दकान म जाकर मरा भी मन िकया िक म भी खरीददारी क मर सािथय न बहत सािड़या खरीदी एव दाम दखकर म दग रह गई सदर स सदर साड़ी मातर 600700 पय की थी मन बगाल की मशहर लाल एव सफद िपरट की साड़ी भी खरीदी कोलकाता म खरीददारी का अलग की मज़ा ह उसी िदन शाम हम सा ट लक िसटी मॉल गए वह सा ट लक टिडयम क नज़दीक ह यहा िदखाई िदया कोलकाता का परगितशील प नौजवान फटबाल की जसीर पहन माल म घम रह थ एक स एक

मशहर बरड वहा मौजद थ इसक अलावा कोलकाता क िनवासी खब मनोरजन क शौक़ीन ह सगीत नाच गाना इ यादी म िच रखत ह कोलकाता म जगह-जगह सगीत कला अकडमी तथा पढ़न (रीिडग) क क लब ह अगरज क शौक तथा रहन-सहन की झलक आज भी यहा िदखती ह यहा क नौजवान को खल-कद म भी खब िदलच पी ह फटबाल का तो जस यहॉ सबको जनन ह

भारत क परिसदध मोहन बगान फटबाल क लब फटबाल क वहा क नौजवान ही नही परा शहर ही दीवाना ह भारत-पाक मच हो या आई पी एल इडन गाडरन मदान लोग स खचा-खच भरा रहता ह अफ़सोस म वहा अदर जा न सकी

इसक अलावा काली बाड़ी क नज़दीक ही ि थत ह गौिरहाट बाज़ार यहा की दकान बगाली सािडया कपड़ सट कत इ यािद क िलए परिसदध ह

प ठ 32 अकषय कराित

मर सफर क आखरी िदन म मन कोलकाता क लोग म एकता क नजार दख िविभ नता म भी एकता का उदाहरण दखा चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख िजस िदन हम कोलकाता पहच थ उसी िदन वहा शहर बद था और मन एक जट होकर लोग को अपनी बात कहत हए दखा एव सना यहा क लोग अपन शहर क िवकास बहतरी क िलए जाग क ह िज मदारी लत ह तथा सरकार को अपनी बात भली-भाित कहत ह लड़िकय औरत की इ ज़त करत ह एव यहा िक मिहलाओ को मन िनदरलीय पाया जहा एक ओर भारत की राजधानी होन क बावजद िद ली वाल अपनी िजदगी म मगन रहत ह वही दसरी और कोलकाता म अमीरी-गरीबी िभ न जाितय म भी एक जटता ह कपड़ा एव खाना आज भी यहा खब स ता िमलता ह पर त दसरी तरफ सब जानत ह िक बड़-बड़ उ योगपित िव वान लखक िखलाड़ी गायक अिभनता िनदशक यहा स उभर ह सािह य हो या लख बॉलीवड हो या िकरकट बगाल न भारत को अनक नाम एव गौरव िदए ह चाह सौरव दादा हो या रिव दर नाथ टगोर ममता बनजीर रानी मखजीर हो या योित बस भारत म इनकी भिमका का वणरन करन की ज रत नही

मन कछ िदन क कोलकाता क सफर म इस शहर को जानन समझन का परयास िकया हगली नदी क िकनार खड़ होकर समदर को दखा निदय को िनहारा िव यासागर सत िबरज की सदरता िवशालता को सराहा क सी दास की परिसदध िमठाई का ल फ उठाया मन बहत शहर घम पर त यह सफर मर िलए सबस यादगार रहा कोलकाता परगित क मागर पर िनरतर बढ़ रहा ह पर त आज भी वह अपनी जड़ नितक म य को नही भला ह एक आम आदमी आज भी टराम म या फरी स सफर करता ह यहा क िनवासी दो पय स लकर 500 ० का खाना खात ह पराना एव नया कोलकाता एक साथ जीिवत ह िसक क क दो पहल की तरह कोलकाता क यह दो प को एक साथ रहत दख बहत आनद आया

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 33 अकषय कराित

जल परकित का अनपम उपहार ह मानव जाित अपन परादभारवकाल स ही इस उपहार का उपयोग अपन िहत क िलए करती आई ह जल वह पराकितक उपहार ह िजसका कोई िवक प नही ह इसिलए जल को अमतया जीवन भी कहा गया ह जल क िबना जीवन की सभावना भी नही ह पर यकष प स तो जल की मानवीय आव यकता सीिमत ह परत परोकष आव यकताओ पर नजर डाल तो दिनक जीवन की आव यकताए जस अ न फल स जी दध स लकर हमार पहराव आवास तक सब जल स जड़ हजल का जरा भी सतलन िबगड़ जाए तो जीवन यापन क टपरद होन म दर नही परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह जल क सामा य त य जल या पानी एक आम रासायिनक पदाथर ह जो जीवन क सभी जञात प क जीिवत रहन क िलए ज री ह आमतौर पर जल अपनी दरव अव था म उपयोग म लाया जाता ह पर यह ठोस अव था बफर और गस अव था जल वा प या भाप प म भी पाया जाता ह प वी क लगभग तीन चौथाई िह स पर िव व क महासागर का अिधकार ह अनमानत प वी पर जल की कल मातरा लगभग 1400 िमिलयन घन िकलोमीटर ह जो िक प वी पर 3000 मीटर गहरी परत िबछा दन क िलए काफी ह तथािप जल की इस िवशाल मातरा म व छ जल का अनपात बहत कम ह प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह शष जल झील निदय वायम डल नमी मदा और वन पित म मौजद ह जल की जो मातरा उपभोग और अ य परयोग क िलए व ततः उपल ध ह वह निदय झील और भजल म उपल ध मातरा का छोटा-सा िह सा ह इसिलए जल ससाधन िवकास और परब ध की बाबत सकट इसिलए उ प न होता ह कय िक अिधकाश जल उपभोग क िलए उपल ध नही हो पाता

परभावी जल परबधन और दश का िवकास

दीपक आहजा ओएनजीसी िवदश

प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह

प ठ 34 अकषय कराित

और दसर इसका िवषमतापणर थािनक िवतरण इसकी एक अ य िविश टता ह फलतः जल का मह व वीकार िकया गया ह और इसक िकफायती परयोग तथा परब ध पर अिधक बल िदया गया ह प वी पर उपल ध जल जल-चकर क मा यम स चलायमान ह जल लगातार एक चकर म घमता रहता ह िजस जलचकर कहत ह इसम वा पीकरण वषार और बह कर सागर म पहचना शािमल ह हवा जल वा प को थल क ऊपर उसी दर स उड़ा ल जाती ह िजस गित स यह बहकर सागर म पहचाता ह जल चकर का िचतर नीच पर तत िकया गया ह

अिधकाश उपभोकताओ जस िक मन य पशओ अथवा पौध क िलए जल क सचलन की ज रत होती ह जल ससाधन की गितशील और नवीकरणीय परकित और इसक परयोग की बार बार ज रत को ि टगत रखत हए यह ज री ह िक जल ससाधन को उनकी परवाह दर क अनसार मापा जाए इस परकार जल ससाधन क दो पहल ह अिधकाश िवकासा मक ज रत क िलए परवाह क प म मािपत गितशील ससाधन अिधक परासिगक ह आरिकषत भ डार की ि थर अथवा िनयत परकित और साथ ही जल की मातरा तथा जल िनकाय क कषतर की ल बाई व म यपालन नौ सचालन आिद जस कछक िकरयाकलाप क िलए भी परासिगक ह

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 35 अकषय कराित

जल का यय अप यय जल क बार म एक नही कई च कान वाल त य ह िव व म और िवशष प स भारत म जल िकस परकार न ट होता ह इस िवषय म जो त य सामन आए ह उस पर जाग कता स यान दकर जल क अप यय को रोका जा सकता ह अनक त य ऐस ह जो हम आन वाल ख़तर स तो सावधान करत ही ह दसर स पररणा लन क िलए परो सािहत करत ह और पानी क मह व व इसक अनजान ोत की जानकारी भी दत ह प वी पर पदा होन वाली सभी वन पितया स भी हम पानी िमलता ह

आल और अनानास म 80 परितशत और टमाटर म 95 परितशत पानी ह पीन क िलए मानव को परितिदन 3 लीटर और पशओ को 50 लीटर पानी

चािहए भारत म 83 परितशत पानी खती और िसचाई क िलए उपयोग िकया जाता

ह इज़राइल म औसतन मातर 10 सटीमीटर वषार होती ह इस वषार स वह

इतना अनाज पदा कर लता ह िक वह उसका िनयारत कर सकता ह दसरी ओर भारत म औसतन 50 सटीमीटर स भी अिधक वषार होन क बावजद अनाज की कमी बनी रहती ह

िपछल 50 वष म जल क िलए 37 भीषण ह याकाड हए ह भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल

चलती ह पानी ज य रोग स िव व म हर वषर 22 लाख लोग की मौत हो जाती ह यिद बरश करत समय नल खला रह गया ह तो पाच िमनट म करीब 25

स 30 लीटर पानी बरबाद होता ह बाथ टब म नहात समय 300 स 500 लीटर पानी खचर होता ह जबिक

सामा य प स नहान म 100 स 150 लीटर पानी खचर होता ह िव व म परित 10 यिकतय म स 2 यिकतय को पीन का शदध पानी

नही िमल पाता ह परित वषर 6 अरब लीटर बोतल पक पानी मन य वारा पीन क िलए

परयकत िकया जाता ह मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 36 अकषय कराित

िद ली मबई और च नई जस महानगर म पाइप लाइन क वॉ व की खराबी क कारण रोज़ 14 स 44 परितशत पानी बकार बह जाता ह

निदया पानी का सबस बड़ा ोत ह जहा एक ओर निदय म बढ़त परदषण रोकन क िलए िवशषजञ उपाय खोज रह ह वही कल कारखान स बहत हए रसायन उ ह भारी मातरा म दिषत कर रह ह

भारत म जल सकट नासा की एक िरपोटर न पानी को लकर दश भर म बढ़ती जा रही लापरवाही क परित आख खोली ह इस िरपोटर म भारत म सख की ि थित पदा होन क िलए िज मवार कारण म स एक अहम कारण अधाधध जल दोहन को बताया गया ह बतात चल िक दश भर क 604 िजल म स 161 सख की मार झल रह ह वस अब बताया जा रहा ह िक सख की मार स बहाल िजल की सखया बढ़कर 246 हो गई ह यानी कहा जाए तो आधा दश सख की चपट म ह बहरहाल नासा की इस िरपोटर म बताया गया ह िक भारत क कई रा य कषमता स यादा जल दोहन कर रह ह यहा कषमता स ता पयर यह ह िक उनस िजतन सलाना जल दोहन की उ मीद कदर करती ह व उसस कही यादा जल दोहन कर रह ह नासा न यह अ ययन 2002 स 2008 क बीच

की ि थितय क आधार पर िकया ह इस िरपोटर म बताया गया ह िक पजाब हिरयाणा और राज थान हर साल औसतन 177 अरब कयिबक मीटर पानी जमीन क अदर स िनकाल रह ह जबिक कदर की तरफ स लगाए गए अनमान क मतािबक इ ह हर साल 132 अरब कयिबक मीटर पानी ही जमीन क अदर स िनकालना था इस तरह स दखा जाए तो य तीन रा य िमलकर कषमता स 30 फीसदी यादा पानी का दोहन कर रह ह जािहर ह िक िबना कछ सोच-िवचार जब इस पमान पर पराकितक ससाधन का दोहन िकया जाएगा तो परकित भी बदला लगी और वही हो रहा ह इस िरपोटर म यह भी बताया गया ह िक भारत का महज 58 फीसदी भजल ही हर साल िरचाजर हो पाता ह नासा की यह िरपोटर बताती ह िक अधाधध जल दोहन की वजह स पर उ तर पि चम भारत क भजल तर म हर साल 4 सटीमीटर यानी 16 इच की कमी आ रही ह इस अ ययन को अजाम दन म नासा क जल िवजञानी मट रोडल न अहम भिमका िनभाई ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 37 अकषय कराित

उनक हवाल स इस िरपोटर म बताया गया ह िक दश क उ तर पि चम कषतर म 2002 स 2008 क दौरान तकरीबन 109 कयिबक िकलोमीटर पानी की कमी हई ह यह मातरा िकतनी अिधक ह इसका अदाजा इसी स लगाया जा सकता ह िक यह अमिरका क सबस बड़ जलाशय लक मीड की कषमता स दगन स भी कही यादा ह अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह इस िरपोटर क मतािबक अगर अधाधध जल दोहन इसी तरह स जारी रहा तो आन वाल समय म भारत को अनाज और पानी क सकट को झलन क िलए अभी स तयार हो जाना चािहए जािहर ह िक जब जल सकट बढ़गा तो खती पर इसका गहरा परभाव पड़गा अनाज क उ पादन म कमी आएगी इस वजह स अनाज सकट पदा होगा और भख का एक नया चहरा उभरकर सामन आएगा एक बड़ा तबका जो आज भरपट भोजन कर पाता ह उसक िलए पट भर खाना िमलना मि कल हो जाएगा भखमरी की जो सम या पदा होगी उसस िफर िनपटना आसान नही होगा इसक अलावा पीन क पानी का टोटा तो होगा ही अभी ही दश क कई िह स ऐस ह जहा क लोग को पीन क िलए साफ पानी नही िमल पा रहा ह कई कषतर ऐस ह जहा गमीर क िदन म हडपप स पानी आना बद हो जाता ह वहा क लोग को हर साल बोिरग को कछ फट बढ़वाना होता ह यह सम या भजल तर क िगरत जान की वजह स ही पदा हई ह जब पीन क पानी का सकट पदा होगा तो बोतलबद पानी का कारोबार काफी तजी स बढ़गा कहन का मतलब यह िक िजसक पास पसा होगा वह अपनी यास बझा सकगा और िजसक पास पसा नही होगा उस अपनी यास बझान क िलए भी सघषर करना पड़गा ि थित की भयावहता की क पना ही िसहरन पदा करती ह भारत म दिनया का हर छठा आदमी रहता ह यानी कहा जाए तो दिनया क कल आबादी क तकरीबन सतरह फीसदी लोग भारत म रहत ह जबिक दिनया का महज साढ़ चार फीसदी पानी ही भारत म उपल ध ह ऐस म जल सम या स दो-चार होना कोई आनापिकषत बात नही ह एक बात तो तय ह िक पराकितक ससाधन म इजाफा तो नही िकया जा सकता ह लिकन इसका सरकषण अव य िकया जा सकता ह

अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह

प ठ 38 अकषय कराित

भारत म लोग िकसी एक मा यम स पयजल परा त करन पर िनभरर नही ह इस दश म 357 फीसदी लोग हडपप स 367 फीसदी लोग नल स 182 फीसदी लोग तालाब पोखर या झील स 56 फीसदी कओ स 12 फीसदी लोग पारपिरक साधन स और 26 फीसदी लोग अ य मा यम स पीन का पानी परा त करत ह इस िलहाज स अगर दखा जाए तो जल सकट को दर करन क िलए समगर कायरयोजना की ज रत ह

दरअसल भारत म गहरात जल सकट क िलए काफी हद तक पानी की बबारदी भी िज मवार ह यहा जल आपित र की यव था म काफी खािमया ह नल क जिरए घर तक पहचन वाल पानी का एक बड़ा िह सा िरस कर बबारद हो जाता ह हर शहर म फट हए आपित र पाइप आसानी स दख जा सकत ह इस बदहाल यव था क िलए सरकार क साथ-साथ सामा य लोग भी कम िज मदार नही ह एक तरफ तो सरकार पयजल क नाम पर हर साल हजार करोड़ पए का बजट बनाती ह और दसरी तरफ जमीनी तर पर हालात म कोई बदलाव नही िदखता ह सामािजक तौर पर भी जल सरकषण को लकर जाग कता का अभाव िदखता ह यह सामािजक तान-बान का ही असर ह िक लोग कही भी जल की बबारदी को दखकर उस सामा य घटना मानत हए नजरअदाज कर दत ह दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था यह अब घटकर 1800 कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर हो चका ह

दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था

प ठ 39 अकषय कराित

िवशषजञ का अनमान ह िक अगर पानी की खपत और बबारदी इसी तरह स जारी रही तो 2025 तक यह घटकर हजार कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर ही रह जाएगा उस समय तक पानी की उपल धता म आन वाली इस कमी की वजह स किष उ पादन म तीस फीसदी की कमी आन की सभावना ह इन पिरि थितय म दश की आिथरक और सामािजक ि थित का कया होगा इसका अदाजा सहज ही लगाया जा सकता ह भारत म जल सरकषण क परित आज भी आम लोग क मन म उपकषा का भाव बना हआ ह साथ ही इस कायर क िलए आव यक तकनीक की भी कमी ह जो तकनीक उपल ध ह उनस सामा य लोग अनजान ह बािरश क पानी का सगरह करक उस उपयोग म लाना एक अ छा िवक प ह पर इस तरह की कोिशश काफी सीिमत मातरा म काफी छोट तर पर हो रही ह यही वजह ह िक दश म होन वाली बािरश क पानी का अ सी फीसदी िह सा आज भी समदर म पहच जाता ह अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह अगर जल की इस िवशाल मातरा का आधा भी परयोग कर िलया जाए तो ि थित म यापक बदलाव आना तय ह शहरी कषतर म तो पानी की कालाबाजारी जोर पर ह जगह-जगह पर जल मािफया सिकरय हो गए ह िद ली क ही एक अखबार न कछ समय पहल यह बात उजागर िकया था यहा तो समानातर जल बोडर भी चलाया जा रहा ह हरानी की बात तो यह ह िक इसक बावजद भी पानी क काल धध पर अकश नही लगाया जा सका ह अहम सवाल यह ह िक कस सामा य तबक क लोग तक व छ पानी पहचाया जाए शहरी कषतर क साथ-साथ गरामीण कषतर म भी यह एक बड़ी चनौती ह आबादी म अपर यािशत विदध बढ़त शहरीकरण औ योिगकीकरण और किष उ पाद की बढ़ती माग क कारण पानी की माग िपछल कछ साल म वाभािवक प स बढ़ी ह इसक पिरणाम व प भजल ससाधन का अ यिधक दोहन हआ ह और इसका नतीजा हआ िक लगातार भजल का तर घटता जा रहा ह शहरी कषतर म ि थित बहद भयावह ह तदनसार वहा न कवल शीघराितशीघर जल ससाधन क सरकषण की ज रत ह बि क परभावी रणनीित और परबधन क जिरए त काल कदम उठान की ज रत ह

अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह

प ठ 40 अकषय कराित

खासकर इस बात को यान म ऱखकर िक िविभ न परितयोगी कषतर म कभी भी माग बढ़ सकती ह भिव य म उपयोग क िलए छत पर या सतह पर जलगरहण बनाकर वषारजल सरकषण बहद ज री ह यह पानी की बढ़ती ज रत का खयाल रखन िमटटी की नमी तर को बढ़ान शहरी हिरयाली को बढ़ान भजल तर को कितरम प स पनभररण करन और भजल की गणव ता स सधार का काम करता ह भारत म जल परबधन स दश का िवकास भारत म दिनया की 16 परितशत आबादी रहती ह लिकन दिनया क िसफर 4 परितशत जल ससाधन ही भारत क पास ह 3290000 वगर िकलोमीटर क भिम कषतर और एक अरब स यादा की आबादी क साथ भारत क एक बहलवादी िविवधता का िचतर ह िवशाल पराकितक ससाधन क साथ सप न तकनीकी और वजञािनक किमरय का भी यह दिनया म दसरा सबस बड़ा सम चय ह भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह मानव िवकास म 80 क दशक म लगभग 26 परितशत और 90 क दशक क दौरान और 24 परितशत क वारा सधार हआ ह आजादी क बाद छह दशक म भारत न जल ससाधन का अभतपवर िवकास और खा या न म आ मिनभररता शहरी कषतर ऊजार और औ योिगक कषतर और पीन का पानी क बिनयादी ढाच म तजी स िव तार दखा ह िजसका उपयोग भारत की लगभग 85 परितशत शहरी और गरामीण आबादी क वारा िकया जाता ह भारत म रा य सरकार और भारत सरकार क परितबदध और ठोस परयास की वजह स गरामीण और शहरी आबादी को सरिकषत पयजल को उपल ध करवान म काफी सफलता हािसल की ह इस उपलि ध न भजल की कमी जल जमावजल गणव ता िगरावट जल परदषण और बढ़त लवणता तर स बड़ कषतर को परभािवत िकया ह और अभी भी िविभ न रा य म गरामीण और शहरी भारत क मानव िवकास सचकाक (HDI)rsquo म बहत असमानता मौजद ह पानी क िलए कषतरीय माग तजी स बढ़ रह शहरीकरण की गित स बढ़ रही ह (अनमानत 2025 तक दश की आबादी का 50 परितशत स अिधक शहर म रहग) जनसखया विदध बढ़ती आय और औ योिगक िवकासशहरी भारत तजी स िवकास की माग क कदर क प म उभर रहा ह

भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह

प ठ 41 अकषय कराित

नतीजतन परित यिकत पानी की उपल धता िगर रही ह परधानमतरी की अ यकषता म 12वी योजना क िलए हई योजना आयोग की पणर बठक म दसर म क साथ जल परबधन पर िवशष चचार हई बठक क बाद योजना आयोग क उपा यकष म टक िसह अहलवािलया न कहा िक भ-जल कानन स लकर दसर म की यापक समीकषा ज री ह व यनाथन सिमित जहा वतरमान म भ-जल कानन की साथरकता का अ ययन करगी वही भारतीय अतिरकष अनसधान सगठन [इसरो] की मदद स पानी की उपल धता का िव तत अ ययन होगा म टक न कहा िक उसी आधार पर रणनीित तय होगी सरकार यह यान रखगी िक पानी का अिधकतम उपयोग हो सक और सभी को उपल ध हो पानी पर िकसी का एकािधकार न हो सक बतात ह िक द पयोग को रोकन क िलए श क लगान पर भी िवचार िकया जा सकता ह हालािक इसस पहल रा य सरकार स चचार होगी यह तय ह िक एआइबीपी कायरकरम म यापक बदलाव ह ग ी म टक िसह अहलवािलया न कहा िक वतरमान म इस कायरकरम का सही िकरया वयन नही हो रहा ह िलहाजा उसम पिरवतरन ज री ह सभव ह िक हर रा य म जल िनयामक परािधकरण बनान की शतर भी लगाई जाए उ ह न कहा िक जल परबधन की यापक समीकषा कर नई रणनीित तय की जाएगी कल िमलाकर रा टरीय तर पर वतरमान जल ससाधन का अिधक स अिधक करन क िलए माग को परा करन क िलए पयार त ह लिकन भिव य क अ ययन पिरयोजना ह िक जल आपित र की ि थित अगल आध सदी म अिधक किठन हो सकती ह जल सकट स िनपटन को जल सरकषण परबधन अिनवायर परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह बढ़त वि वक तापमान क फल व प अितवि ट अनावि ट अ पवि ट और असामियक वि ट हम परितवषर दख रह ह िजसका परभाव हमार जल ससाधन पर पड़ता िदखाई द रहा ह कओ व बाविडय का िमटता अि त व नदी-नाल का घटता पानी भ-गभर जल का िगरता तर िचता की पिरिध स िनकलकर खतर की घटी बनता जा रहा ह

निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह

प ठ 42 अकषय कराित

िव व भर म सीमट क अधाधध परयोग न धरातल क सहज अवशोषण कषतर को घटाया ह तथा जल बहाव भिम कटाव व बाढ़ म विदध की ह ऐसी ि थित म जल सरकषण का दािय व मातर वजञािनक व सरकार तक सीिमत न रहकर पर यक उपभोकता क कध पर आ जाता ह इसी दािय व क िनवरहन क िलए हमार पास दो िवक प सामन आत ह 1 वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई

उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

2 पािरवािरक तर पर वषार जल को सगरिहत कर उसका उपयोग कर य दोन ही परयास गरामीण कषतर म तो सरलता स अपनाए जा सकत ह परत शहरी कषतर म व ट वाटर मनजमट की बड़ी पिरयोजनाए बनाकर ही पानी को िरसाइिकल िकया जा सकता ह भ-गभर अिधकािधक जल अवशोिषत होकर

जाए इसक िलए मदानी भाग म िनयोिजत ढग स बड़-बड़ पोखर बनाकर तथा पहाड़ी कषतर म नाल -ख ड म िमटटी प थर आरसीसी क बड़-छोट डम लगाकर जल बहाव रोक भ-सरकषण बचाव व जल भडारण और धरातल जल शोषण कषतर बढ़ाया जा सकता ह िव व बक भारत सरकार वारा म य िहमालय जलागम पिरयोजना रा य क भ-सरकषण िवभाग इस कषतर म कारगर उपाय लकर

हमार सामन ह परत जनसहयोग क िबना इन पिरयोजनाओ क आशातीत पिरणाम ल पाना किठन ह वकषारोपण इस सपणर जल चकर को बल दन वाला कारक ह जल क परित चतना जागत न हई तो अव य ही अगल िव व यदध का कारण जल ही होगा

जल भोजन ह और अिगन भोजन का भकषक ह अिगन जल म और जल अिगन म िव यमान ह

- ततरीय उपिनषद 38

वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

प ठ 43 अकषय कराित

म भी गान गा सकता ह शबनम क िखलत फल क म भी गीत सना सकता ह सावन क म त झल क लिकन जब घर-घर म बादल छाय घोर िनराशा क तब म नगम गा रहा ह उ मीद की आशा क

सड़क पर खड़ बचपन की य बात सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह

हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

इस बदलत पिरवश का राग सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

गाधी जी क सपन का जो राम-रा य कहलाता ह उस भारत म सड़क पर छोट चाय पहचाता ह

कहा गई वो अ हड़ म ती कहा गया वो यार का रा ता उन हाथ स बचत झड िजन हाथ को चािहए ब ता

उस सोन की िचिड़या की म बात बतान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

कही बम की गमर हवाए कही ससद म कोहराम ह कही होत घोटाल स परशान आदमी आम ह

कही कल की िकलकारी ह कही सड़क पर बचपन ह कही चलता नही गजारा कही िवदश म काला धन ह

म स चाई गा-गाकर सबको बतलान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

बदलता भारत मनीष लाल इरडा

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

प ठ 44 अकषय कराित

करन वाल काम बहत ह यथर उलझन को छोड़ो म ला-पिड़त तोड़ रह ह तम बस lsquoअपन को जोड़ो

lsquoहम बदलग-यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का lsquoवद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का

वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हम बदलग mdash यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का वद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

प ठ 45 अकषय कराित

िसफर काला और सफ़द य ही वो दो रग थ जो तर पास सि ट बनान क आधार थ

काला वो जो कािलमा िलय ह िजस कहत ह दख िनराशा म य अपयश और वो सबकछ जो नकारा मक ह

मगर सफद ह वो रग िजसस जड़ा ह जीवन आशा सख और कीितर और वो सब कछ जो सकारा मक ह पर इन रग स तझ चन ना िमला त सोचन लगा अगर सि ट बनानी ह

तो िकस िलए- ससगर और परम क िलए और

इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग

ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह

बस- बना डाला तन इ दरधनष

जो बरसात क बाद सरज और प वी क अनपम परम को रग दता ह सतरगी रग स

और उ ही सतरगी इ दरधनषी रग म हम हर पल हर कषण डबत गहरात इतरात रहत ह

और खिशय भर ससार म हर रग को अलग-अलग तरह स महसस करक जीत रहत ह

रग तो रग ह मगर-

ससगर और परम क िलए और इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह बस-

सतरगी िचतर सगीता ीवा तव इरडा

प ठ 46 अकषय कराित

कभी पक क कभी फीक़ तो कछ कभी दाग बनकर उभर आत ह

कछ आख म नील बादल स छाए रहत ह तो कछ गाल पर गलाबी रग बनकर छलक जात ह

याद रहत ह अक सर वो रग- जो खदी पर इस तरह छा जात ह िक खद म घलकर खद क होन

का एहसास दत-दत खद का एक रग बन जात ह

बगनी आसामनी नीला हरा पीला नारगी लाल इ दरधनष क य सात रग ही जोड़त ह हमार िदल को

हमार मन को जोड़न वाल इन रग की सतरगी दिनया म-

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा बनाय

और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क

सतरगी िचतर

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा

बनाय और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क सतरगी िचतर

Page 31: Akshay Kranti Vol 3€¦ · पक्ष को प्रभािवत न कर e, बािधत व पीिड़त न कर eवह काय-र्कौशल है।

प ठ 31 अकषय कराित य मािकर ट िद ली क लाजपत एव सरोिजनी नगर समान ह कम

दाम म अ छा समान िमला कोलकाता चमड़ क िलए भी मशहर ह एव परिसदध ी लदसर दकान भी इस बाज़ार म ि थत ह यहा खरीदारी का हमन खब ल फ़ उठाया

अगल िदन हम हि दया पोटर गए एव अनक जहाज़ दख 3-4 घट की दरी पर ि थत यह पोटर अनक एकड़ म फला हआ था पहली बार इतन बड़ जहाज़ को अदर स दख खब आनद आया तीसर िदन हम काली बाड़ी मिदर गए बगाली अ यत पाठ-पजा वाल दगार मा क स च उपासक ह यह सब जानत ह दगार पजा इनका लोकिपरय उ सव ह तथा काली मा एव दगार मा की स च मन स पजा करत ह कोलकाता क िनवासी भिक त भावपणर ह यह सना था अब खद दख भी िलया बगाली र म स पजा करन का य मौका अ यत आनदमयी था इसक अलावा काली बाड़ी क नज़दीक ही ि थत ह गौिरहाट बाज़ार यहा की दकान बगाली सािड़या कपड़ सट कत इ यािद क िलए परिसदध ह आिद धक तशवर नामक मशहर दकान म जाकर मरा भी मन िकया िक म भी खरीददारी क मर सािथय न बहत सािड़या खरीदी एव दाम दखकर म दग रह गई सदर स सदर साड़ी मातर 600700 पय की थी मन बगाल की मशहर लाल एव सफद िपरट की साड़ी भी खरीदी कोलकाता म खरीददारी का अलग की मज़ा ह उसी िदन शाम हम सा ट लक िसटी मॉल गए वह सा ट लक टिडयम क नज़दीक ह यहा िदखाई िदया कोलकाता का परगितशील प नौजवान फटबाल की जसीर पहन माल म घम रह थ एक स एक

मशहर बरड वहा मौजद थ इसक अलावा कोलकाता क िनवासी खब मनोरजन क शौक़ीन ह सगीत नाच गाना इ यादी म िच रखत ह कोलकाता म जगह-जगह सगीत कला अकडमी तथा पढ़न (रीिडग) क क लब ह अगरज क शौक तथा रहन-सहन की झलक आज भी यहा िदखती ह यहा क नौजवान को खल-कद म भी खब िदलच पी ह फटबाल का तो जस यहॉ सबको जनन ह

भारत क परिसदध मोहन बगान फटबाल क लब फटबाल क वहा क नौजवान ही नही परा शहर ही दीवाना ह भारत-पाक मच हो या आई पी एल इडन गाडरन मदान लोग स खचा-खच भरा रहता ह अफ़सोस म वहा अदर जा न सकी

इसक अलावा काली बाड़ी क नज़दीक ही ि थत ह गौिरहाट बाज़ार यहा की दकान बगाली सािडया कपड़ सट कत इ यािद क िलए परिसदध ह

प ठ 32 अकषय कराित

मर सफर क आखरी िदन म मन कोलकाता क लोग म एकता क नजार दख िविभ नता म भी एकता का उदाहरण दखा चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख िजस िदन हम कोलकाता पहच थ उसी िदन वहा शहर बद था और मन एक जट होकर लोग को अपनी बात कहत हए दखा एव सना यहा क लोग अपन शहर क िवकास बहतरी क िलए जाग क ह िज मदारी लत ह तथा सरकार को अपनी बात भली-भाित कहत ह लड़िकय औरत की इ ज़त करत ह एव यहा िक मिहलाओ को मन िनदरलीय पाया जहा एक ओर भारत की राजधानी होन क बावजद िद ली वाल अपनी िजदगी म मगन रहत ह वही दसरी और कोलकाता म अमीरी-गरीबी िभ न जाितय म भी एक जटता ह कपड़ा एव खाना आज भी यहा खब स ता िमलता ह पर त दसरी तरफ सब जानत ह िक बड़-बड़ उ योगपित िव वान लखक िखलाड़ी गायक अिभनता िनदशक यहा स उभर ह सािह य हो या लख बॉलीवड हो या िकरकट बगाल न भारत को अनक नाम एव गौरव िदए ह चाह सौरव दादा हो या रिव दर नाथ टगोर ममता बनजीर रानी मखजीर हो या योित बस भारत म इनकी भिमका का वणरन करन की ज रत नही

मन कछ िदन क कोलकाता क सफर म इस शहर को जानन समझन का परयास िकया हगली नदी क िकनार खड़ होकर समदर को दखा निदय को िनहारा िव यासागर सत िबरज की सदरता िवशालता को सराहा क सी दास की परिसदध िमठाई का ल फ उठाया मन बहत शहर घम पर त यह सफर मर िलए सबस यादगार रहा कोलकाता परगित क मागर पर िनरतर बढ़ रहा ह पर त आज भी वह अपनी जड़ नितक म य को नही भला ह एक आम आदमी आज भी टराम म या फरी स सफर करता ह यहा क िनवासी दो पय स लकर 500 ० का खाना खात ह पराना एव नया कोलकाता एक साथ जीिवत ह िसक क क दो पहल की तरह कोलकाता क यह दो प को एक साथ रहत दख बहत आनद आया

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 33 अकषय कराित

जल परकित का अनपम उपहार ह मानव जाित अपन परादभारवकाल स ही इस उपहार का उपयोग अपन िहत क िलए करती आई ह जल वह पराकितक उपहार ह िजसका कोई िवक प नही ह इसिलए जल को अमतया जीवन भी कहा गया ह जल क िबना जीवन की सभावना भी नही ह पर यकष प स तो जल की मानवीय आव यकता सीिमत ह परत परोकष आव यकताओ पर नजर डाल तो दिनक जीवन की आव यकताए जस अ न फल स जी दध स लकर हमार पहराव आवास तक सब जल स जड़ हजल का जरा भी सतलन िबगड़ जाए तो जीवन यापन क टपरद होन म दर नही परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह जल क सामा य त य जल या पानी एक आम रासायिनक पदाथर ह जो जीवन क सभी जञात प क जीिवत रहन क िलए ज री ह आमतौर पर जल अपनी दरव अव था म उपयोग म लाया जाता ह पर यह ठोस अव था बफर और गस अव था जल वा प या भाप प म भी पाया जाता ह प वी क लगभग तीन चौथाई िह स पर िव व क महासागर का अिधकार ह अनमानत प वी पर जल की कल मातरा लगभग 1400 िमिलयन घन िकलोमीटर ह जो िक प वी पर 3000 मीटर गहरी परत िबछा दन क िलए काफी ह तथािप जल की इस िवशाल मातरा म व छ जल का अनपात बहत कम ह प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह शष जल झील निदय वायम डल नमी मदा और वन पित म मौजद ह जल की जो मातरा उपभोग और अ य परयोग क िलए व ततः उपल ध ह वह निदय झील और भजल म उपल ध मातरा का छोटा-सा िह सा ह इसिलए जल ससाधन िवकास और परब ध की बाबत सकट इसिलए उ प न होता ह कय िक अिधकाश जल उपभोग क िलए उपल ध नही हो पाता

परभावी जल परबधन और दश का िवकास

दीपक आहजा ओएनजीसी िवदश

प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह

प ठ 34 अकषय कराित

और दसर इसका िवषमतापणर थािनक िवतरण इसकी एक अ य िविश टता ह फलतः जल का मह व वीकार िकया गया ह और इसक िकफायती परयोग तथा परब ध पर अिधक बल िदया गया ह प वी पर उपल ध जल जल-चकर क मा यम स चलायमान ह जल लगातार एक चकर म घमता रहता ह िजस जलचकर कहत ह इसम वा पीकरण वषार और बह कर सागर म पहचना शािमल ह हवा जल वा प को थल क ऊपर उसी दर स उड़ा ल जाती ह िजस गित स यह बहकर सागर म पहचाता ह जल चकर का िचतर नीच पर तत िकया गया ह

अिधकाश उपभोकताओ जस िक मन य पशओ अथवा पौध क िलए जल क सचलन की ज रत होती ह जल ससाधन की गितशील और नवीकरणीय परकित और इसक परयोग की बार बार ज रत को ि टगत रखत हए यह ज री ह िक जल ससाधन को उनकी परवाह दर क अनसार मापा जाए इस परकार जल ससाधन क दो पहल ह अिधकाश िवकासा मक ज रत क िलए परवाह क प म मािपत गितशील ससाधन अिधक परासिगक ह आरिकषत भ डार की ि थर अथवा िनयत परकित और साथ ही जल की मातरा तथा जल िनकाय क कषतर की ल बाई व म यपालन नौ सचालन आिद जस कछक िकरयाकलाप क िलए भी परासिगक ह

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 35 अकषय कराित

जल का यय अप यय जल क बार म एक नही कई च कान वाल त य ह िव व म और िवशष प स भारत म जल िकस परकार न ट होता ह इस िवषय म जो त य सामन आए ह उस पर जाग कता स यान दकर जल क अप यय को रोका जा सकता ह अनक त य ऐस ह जो हम आन वाल ख़तर स तो सावधान करत ही ह दसर स पररणा लन क िलए परो सािहत करत ह और पानी क मह व व इसक अनजान ोत की जानकारी भी दत ह प वी पर पदा होन वाली सभी वन पितया स भी हम पानी िमलता ह

आल और अनानास म 80 परितशत और टमाटर म 95 परितशत पानी ह पीन क िलए मानव को परितिदन 3 लीटर और पशओ को 50 लीटर पानी

चािहए भारत म 83 परितशत पानी खती और िसचाई क िलए उपयोग िकया जाता

ह इज़राइल म औसतन मातर 10 सटीमीटर वषार होती ह इस वषार स वह

इतना अनाज पदा कर लता ह िक वह उसका िनयारत कर सकता ह दसरी ओर भारत म औसतन 50 सटीमीटर स भी अिधक वषार होन क बावजद अनाज की कमी बनी रहती ह

िपछल 50 वष म जल क िलए 37 भीषण ह याकाड हए ह भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल

चलती ह पानी ज य रोग स िव व म हर वषर 22 लाख लोग की मौत हो जाती ह यिद बरश करत समय नल खला रह गया ह तो पाच िमनट म करीब 25

स 30 लीटर पानी बरबाद होता ह बाथ टब म नहात समय 300 स 500 लीटर पानी खचर होता ह जबिक

सामा य प स नहान म 100 स 150 लीटर पानी खचर होता ह िव व म परित 10 यिकतय म स 2 यिकतय को पीन का शदध पानी

नही िमल पाता ह परित वषर 6 अरब लीटर बोतल पक पानी मन य वारा पीन क िलए

परयकत िकया जाता ह मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 36 अकषय कराित

िद ली मबई और च नई जस महानगर म पाइप लाइन क वॉ व की खराबी क कारण रोज़ 14 स 44 परितशत पानी बकार बह जाता ह

निदया पानी का सबस बड़ा ोत ह जहा एक ओर निदय म बढ़त परदषण रोकन क िलए िवशषजञ उपाय खोज रह ह वही कल कारखान स बहत हए रसायन उ ह भारी मातरा म दिषत कर रह ह

भारत म जल सकट नासा की एक िरपोटर न पानी को लकर दश भर म बढ़ती जा रही लापरवाही क परित आख खोली ह इस िरपोटर म भारत म सख की ि थित पदा होन क िलए िज मवार कारण म स एक अहम कारण अधाधध जल दोहन को बताया गया ह बतात चल िक दश भर क 604 िजल म स 161 सख की मार झल रह ह वस अब बताया जा रहा ह िक सख की मार स बहाल िजल की सखया बढ़कर 246 हो गई ह यानी कहा जाए तो आधा दश सख की चपट म ह बहरहाल नासा की इस िरपोटर म बताया गया ह िक भारत क कई रा य कषमता स यादा जल दोहन कर रह ह यहा कषमता स ता पयर यह ह िक उनस िजतन सलाना जल दोहन की उ मीद कदर करती ह व उसस कही यादा जल दोहन कर रह ह नासा न यह अ ययन 2002 स 2008 क बीच

की ि थितय क आधार पर िकया ह इस िरपोटर म बताया गया ह िक पजाब हिरयाणा और राज थान हर साल औसतन 177 अरब कयिबक मीटर पानी जमीन क अदर स िनकाल रह ह जबिक कदर की तरफ स लगाए गए अनमान क मतािबक इ ह हर साल 132 अरब कयिबक मीटर पानी ही जमीन क अदर स िनकालना था इस तरह स दखा जाए तो य तीन रा य िमलकर कषमता स 30 फीसदी यादा पानी का दोहन कर रह ह जािहर ह िक िबना कछ सोच-िवचार जब इस पमान पर पराकितक ससाधन का दोहन िकया जाएगा तो परकित भी बदला लगी और वही हो रहा ह इस िरपोटर म यह भी बताया गया ह िक भारत का महज 58 फीसदी भजल ही हर साल िरचाजर हो पाता ह नासा की यह िरपोटर बताती ह िक अधाधध जल दोहन की वजह स पर उ तर पि चम भारत क भजल तर म हर साल 4 सटीमीटर यानी 16 इच की कमी आ रही ह इस अ ययन को अजाम दन म नासा क जल िवजञानी मट रोडल न अहम भिमका िनभाई ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 37 अकषय कराित

उनक हवाल स इस िरपोटर म बताया गया ह िक दश क उ तर पि चम कषतर म 2002 स 2008 क दौरान तकरीबन 109 कयिबक िकलोमीटर पानी की कमी हई ह यह मातरा िकतनी अिधक ह इसका अदाजा इसी स लगाया जा सकता ह िक यह अमिरका क सबस बड़ जलाशय लक मीड की कषमता स दगन स भी कही यादा ह अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह इस िरपोटर क मतािबक अगर अधाधध जल दोहन इसी तरह स जारी रहा तो आन वाल समय म भारत को अनाज और पानी क सकट को झलन क िलए अभी स तयार हो जाना चािहए जािहर ह िक जब जल सकट बढ़गा तो खती पर इसका गहरा परभाव पड़गा अनाज क उ पादन म कमी आएगी इस वजह स अनाज सकट पदा होगा और भख का एक नया चहरा उभरकर सामन आएगा एक बड़ा तबका जो आज भरपट भोजन कर पाता ह उसक िलए पट भर खाना िमलना मि कल हो जाएगा भखमरी की जो सम या पदा होगी उसस िफर िनपटना आसान नही होगा इसक अलावा पीन क पानी का टोटा तो होगा ही अभी ही दश क कई िह स ऐस ह जहा क लोग को पीन क िलए साफ पानी नही िमल पा रहा ह कई कषतर ऐस ह जहा गमीर क िदन म हडपप स पानी आना बद हो जाता ह वहा क लोग को हर साल बोिरग को कछ फट बढ़वाना होता ह यह सम या भजल तर क िगरत जान की वजह स ही पदा हई ह जब पीन क पानी का सकट पदा होगा तो बोतलबद पानी का कारोबार काफी तजी स बढ़गा कहन का मतलब यह िक िजसक पास पसा होगा वह अपनी यास बझा सकगा और िजसक पास पसा नही होगा उस अपनी यास बझान क िलए भी सघषर करना पड़गा ि थित की भयावहता की क पना ही िसहरन पदा करती ह भारत म दिनया का हर छठा आदमी रहता ह यानी कहा जाए तो दिनया क कल आबादी क तकरीबन सतरह फीसदी लोग भारत म रहत ह जबिक दिनया का महज साढ़ चार फीसदी पानी ही भारत म उपल ध ह ऐस म जल सम या स दो-चार होना कोई आनापिकषत बात नही ह एक बात तो तय ह िक पराकितक ससाधन म इजाफा तो नही िकया जा सकता ह लिकन इसका सरकषण अव य िकया जा सकता ह

अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह

प ठ 38 अकषय कराित

भारत म लोग िकसी एक मा यम स पयजल परा त करन पर िनभरर नही ह इस दश म 357 फीसदी लोग हडपप स 367 फीसदी लोग नल स 182 फीसदी लोग तालाब पोखर या झील स 56 फीसदी कओ स 12 फीसदी लोग पारपिरक साधन स और 26 फीसदी लोग अ य मा यम स पीन का पानी परा त करत ह इस िलहाज स अगर दखा जाए तो जल सकट को दर करन क िलए समगर कायरयोजना की ज रत ह

दरअसल भारत म गहरात जल सकट क िलए काफी हद तक पानी की बबारदी भी िज मवार ह यहा जल आपित र की यव था म काफी खािमया ह नल क जिरए घर तक पहचन वाल पानी का एक बड़ा िह सा िरस कर बबारद हो जाता ह हर शहर म फट हए आपित र पाइप आसानी स दख जा सकत ह इस बदहाल यव था क िलए सरकार क साथ-साथ सामा य लोग भी कम िज मदार नही ह एक तरफ तो सरकार पयजल क नाम पर हर साल हजार करोड़ पए का बजट बनाती ह और दसरी तरफ जमीनी तर पर हालात म कोई बदलाव नही िदखता ह सामािजक तौर पर भी जल सरकषण को लकर जाग कता का अभाव िदखता ह यह सामािजक तान-बान का ही असर ह िक लोग कही भी जल की बबारदी को दखकर उस सामा य घटना मानत हए नजरअदाज कर दत ह दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था यह अब घटकर 1800 कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर हो चका ह

दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था

प ठ 39 अकषय कराित

िवशषजञ का अनमान ह िक अगर पानी की खपत और बबारदी इसी तरह स जारी रही तो 2025 तक यह घटकर हजार कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर ही रह जाएगा उस समय तक पानी की उपल धता म आन वाली इस कमी की वजह स किष उ पादन म तीस फीसदी की कमी आन की सभावना ह इन पिरि थितय म दश की आिथरक और सामािजक ि थित का कया होगा इसका अदाजा सहज ही लगाया जा सकता ह भारत म जल सरकषण क परित आज भी आम लोग क मन म उपकषा का भाव बना हआ ह साथ ही इस कायर क िलए आव यक तकनीक की भी कमी ह जो तकनीक उपल ध ह उनस सामा य लोग अनजान ह बािरश क पानी का सगरह करक उस उपयोग म लाना एक अ छा िवक प ह पर इस तरह की कोिशश काफी सीिमत मातरा म काफी छोट तर पर हो रही ह यही वजह ह िक दश म होन वाली बािरश क पानी का अ सी फीसदी िह सा आज भी समदर म पहच जाता ह अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह अगर जल की इस िवशाल मातरा का आधा भी परयोग कर िलया जाए तो ि थित म यापक बदलाव आना तय ह शहरी कषतर म तो पानी की कालाबाजारी जोर पर ह जगह-जगह पर जल मािफया सिकरय हो गए ह िद ली क ही एक अखबार न कछ समय पहल यह बात उजागर िकया था यहा तो समानातर जल बोडर भी चलाया जा रहा ह हरानी की बात तो यह ह िक इसक बावजद भी पानी क काल धध पर अकश नही लगाया जा सका ह अहम सवाल यह ह िक कस सामा य तबक क लोग तक व छ पानी पहचाया जाए शहरी कषतर क साथ-साथ गरामीण कषतर म भी यह एक बड़ी चनौती ह आबादी म अपर यािशत विदध बढ़त शहरीकरण औ योिगकीकरण और किष उ पाद की बढ़ती माग क कारण पानी की माग िपछल कछ साल म वाभािवक प स बढ़ी ह इसक पिरणाम व प भजल ससाधन का अ यिधक दोहन हआ ह और इसका नतीजा हआ िक लगातार भजल का तर घटता जा रहा ह शहरी कषतर म ि थित बहद भयावह ह तदनसार वहा न कवल शीघराितशीघर जल ससाधन क सरकषण की ज रत ह बि क परभावी रणनीित और परबधन क जिरए त काल कदम उठान की ज रत ह

अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह

प ठ 40 अकषय कराित

खासकर इस बात को यान म ऱखकर िक िविभ न परितयोगी कषतर म कभी भी माग बढ़ सकती ह भिव य म उपयोग क िलए छत पर या सतह पर जलगरहण बनाकर वषारजल सरकषण बहद ज री ह यह पानी की बढ़ती ज रत का खयाल रखन िमटटी की नमी तर को बढ़ान शहरी हिरयाली को बढ़ान भजल तर को कितरम प स पनभररण करन और भजल की गणव ता स सधार का काम करता ह भारत म जल परबधन स दश का िवकास भारत म दिनया की 16 परितशत आबादी रहती ह लिकन दिनया क िसफर 4 परितशत जल ससाधन ही भारत क पास ह 3290000 वगर िकलोमीटर क भिम कषतर और एक अरब स यादा की आबादी क साथ भारत क एक बहलवादी िविवधता का िचतर ह िवशाल पराकितक ससाधन क साथ सप न तकनीकी और वजञािनक किमरय का भी यह दिनया म दसरा सबस बड़ा सम चय ह भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह मानव िवकास म 80 क दशक म लगभग 26 परितशत और 90 क दशक क दौरान और 24 परितशत क वारा सधार हआ ह आजादी क बाद छह दशक म भारत न जल ससाधन का अभतपवर िवकास और खा या न म आ मिनभररता शहरी कषतर ऊजार और औ योिगक कषतर और पीन का पानी क बिनयादी ढाच म तजी स िव तार दखा ह िजसका उपयोग भारत की लगभग 85 परितशत शहरी और गरामीण आबादी क वारा िकया जाता ह भारत म रा य सरकार और भारत सरकार क परितबदध और ठोस परयास की वजह स गरामीण और शहरी आबादी को सरिकषत पयजल को उपल ध करवान म काफी सफलता हािसल की ह इस उपलि ध न भजल की कमी जल जमावजल गणव ता िगरावट जल परदषण और बढ़त लवणता तर स बड़ कषतर को परभािवत िकया ह और अभी भी िविभ न रा य म गरामीण और शहरी भारत क मानव िवकास सचकाक (HDI)rsquo म बहत असमानता मौजद ह पानी क िलए कषतरीय माग तजी स बढ़ रह शहरीकरण की गित स बढ़ रही ह (अनमानत 2025 तक दश की आबादी का 50 परितशत स अिधक शहर म रहग) जनसखया विदध बढ़ती आय और औ योिगक िवकासशहरी भारत तजी स िवकास की माग क कदर क प म उभर रहा ह

भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह

प ठ 41 अकषय कराित

नतीजतन परित यिकत पानी की उपल धता िगर रही ह परधानमतरी की अ यकषता म 12वी योजना क िलए हई योजना आयोग की पणर बठक म दसर म क साथ जल परबधन पर िवशष चचार हई बठक क बाद योजना आयोग क उपा यकष म टक िसह अहलवािलया न कहा िक भ-जल कानन स लकर दसर म की यापक समीकषा ज री ह व यनाथन सिमित जहा वतरमान म भ-जल कानन की साथरकता का अ ययन करगी वही भारतीय अतिरकष अनसधान सगठन [इसरो] की मदद स पानी की उपल धता का िव तत अ ययन होगा म टक न कहा िक उसी आधार पर रणनीित तय होगी सरकार यह यान रखगी िक पानी का अिधकतम उपयोग हो सक और सभी को उपल ध हो पानी पर िकसी का एकािधकार न हो सक बतात ह िक द पयोग को रोकन क िलए श क लगान पर भी िवचार िकया जा सकता ह हालािक इसस पहल रा य सरकार स चचार होगी यह तय ह िक एआइबीपी कायरकरम म यापक बदलाव ह ग ी म टक िसह अहलवािलया न कहा िक वतरमान म इस कायरकरम का सही िकरया वयन नही हो रहा ह िलहाजा उसम पिरवतरन ज री ह सभव ह िक हर रा य म जल िनयामक परािधकरण बनान की शतर भी लगाई जाए उ ह न कहा िक जल परबधन की यापक समीकषा कर नई रणनीित तय की जाएगी कल िमलाकर रा टरीय तर पर वतरमान जल ससाधन का अिधक स अिधक करन क िलए माग को परा करन क िलए पयार त ह लिकन भिव य क अ ययन पिरयोजना ह िक जल आपित र की ि थित अगल आध सदी म अिधक किठन हो सकती ह जल सकट स िनपटन को जल सरकषण परबधन अिनवायर परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह बढ़त वि वक तापमान क फल व प अितवि ट अनावि ट अ पवि ट और असामियक वि ट हम परितवषर दख रह ह िजसका परभाव हमार जल ससाधन पर पड़ता िदखाई द रहा ह कओ व बाविडय का िमटता अि त व नदी-नाल का घटता पानी भ-गभर जल का िगरता तर िचता की पिरिध स िनकलकर खतर की घटी बनता जा रहा ह

निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह

प ठ 42 अकषय कराित

िव व भर म सीमट क अधाधध परयोग न धरातल क सहज अवशोषण कषतर को घटाया ह तथा जल बहाव भिम कटाव व बाढ़ म विदध की ह ऐसी ि थित म जल सरकषण का दािय व मातर वजञािनक व सरकार तक सीिमत न रहकर पर यक उपभोकता क कध पर आ जाता ह इसी दािय व क िनवरहन क िलए हमार पास दो िवक प सामन आत ह 1 वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई

उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

2 पािरवािरक तर पर वषार जल को सगरिहत कर उसका उपयोग कर य दोन ही परयास गरामीण कषतर म तो सरलता स अपनाए जा सकत ह परत शहरी कषतर म व ट वाटर मनजमट की बड़ी पिरयोजनाए बनाकर ही पानी को िरसाइिकल िकया जा सकता ह भ-गभर अिधकािधक जल अवशोिषत होकर

जाए इसक िलए मदानी भाग म िनयोिजत ढग स बड़-बड़ पोखर बनाकर तथा पहाड़ी कषतर म नाल -ख ड म िमटटी प थर आरसीसी क बड़-छोट डम लगाकर जल बहाव रोक भ-सरकषण बचाव व जल भडारण और धरातल जल शोषण कषतर बढ़ाया जा सकता ह िव व बक भारत सरकार वारा म य िहमालय जलागम पिरयोजना रा य क भ-सरकषण िवभाग इस कषतर म कारगर उपाय लकर

हमार सामन ह परत जनसहयोग क िबना इन पिरयोजनाओ क आशातीत पिरणाम ल पाना किठन ह वकषारोपण इस सपणर जल चकर को बल दन वाला कारक ह जल क परित चतना जागत न हई तो अव य ही अगल िव व यदध का कारण जल ही होगा

जल भोजन ह और अिगन भोजन का भकषक ह अिगन जल म और जल अिगन म िव यमान ह

- ततरीय उपिनषद 38

वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

प ठ 43 अकषय कराित

म भी गान गा सकता ह शबनम क िखलत फल क म भी गीत सना सकता ह सावन क म त झल क लिकन जब घर-घर म बादल छाय घोर िनराशा क तब म नगम गा रहा ह उ मीद की आशा क

सड़क पर खड़ बचपन की य बात सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह

हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

इस बदलत पिरवश का राग सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

गाधी जी क सपन का जो राम-रा य कहलाता ह उस भारत म सड़क पर छोट चाय पहचाता ह

कहा गई वो अ हड़ म ती कहा गया वो यार का रा ता उन हाथ स बचत झड िजन हाथ को चािहए ब ता

उस सोन की िचिड़या की म बात बतान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

कही बम की गमर हवाए कही ससद म कोहराम ह कही होत घोटाल स परशान आदमी आम ह

कही कल की िकलकारी ह कही सड़क पर बचपन ह कही चलता नही गजारा कही िवदश म काला धन ह

म स चाई गा-गाकर सबको बतलान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

बदलता भारत मनीष लाल इरडा

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

प ठ 44 अकषय कराित

करन वाल काम बहत ह यथर उलझन को छोड़ो म ला-पिड़त तोड़ रह ह तम बस lsquoअपन को जोड़ो

lsquoहम बदलग-यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का lsquoवद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का

वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हम बदलग mdash यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का वद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

प ठ 45 अकषय कराित

िसफर काला और सफ़द य ही वो दो रग थ जो तर पास सि ट बनान क आधार थ

काला वो जो कािलमा िलय ह िजस कहत ह दख िनराशा म य अपयश और वो सबकछ जो नकारा मक ह

मगर सफद ह वो रग िजसस जड़ा ह जीवन आशा सख और कीितर और वो सब कछ जो सकारा मक ह पर इन रग स तझ चन ना िमला त सोचन लगा अगर सि ट बनानी ह

तो िकस िलए- ससगर और परम क िलए और

इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग

ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह

बस- बना डाला तन इ दरधनष

जो बरसात क बाद सरज और प वी क अनपम परम को रग दता ह सतरगी रग स

और उ ही सतरगी इ दरधनषी रग म हम हर पल हर कषण डबत गहरात इतरात रहत ह

और खिशय भर ससार म हर रग को अलग-अलग तरह स महसस करक जीत रहत ह

रग तो रग ह मगर-

ससगर और परम क िलए और इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह बस-

सतरगी िचतर सगीता ीवा तव इरडा

प ठ 46 अकषय कराित

कभी पक क कभी फीक़ तो कछ कभी दाग बनकर उभर आत ह

कछ आख म नील बादल स छाए रहत ह तो कछ गाल पर गलाबी रग बनकर छलक जात ह

याद रहत ह अक सर वो रग- जो खदी पर इस तरह छा जात ह िक खद म घलकर खद क होन

का एहसास दत-दत खद का एक रग बन जात ह

बगनी आसामनी नीला हरा पीला नारगी लाल इ दरधनष क य सात रग ही जोड़त ह हमार िदल को

हमार मन को जोड़न वाल इन रग की सतरगी दिनया म-

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा बनाय

और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क

सतरगी िचतर

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा

बनाय और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क सतरगी िचतर

Page 32: Akshay Kranti Vol 3€¦ · पक्ष को प्रभािवत न कर e, बािधत व पीिड़त न कर eवह काय-र्कौशल है।

प ठ 32 अकषय कराित

मर सफर क आखरी िदन म मन कोलकाता क लोग म एकता क नजार दख िविभ नता म भी एकता का उदाहरण दखा चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख िजस िदन हम कोलकाता पहच थ उसी िदन वहा शहर बद था और मन एक जट होकर लोग को अपनी बात कहत हए दखा एव सना यहा क लोग अपन शहर क िवकास बहतरी क िलए जाग क ह िज मदारी लत ह तथा सरकार को अपनी बात भली-भाित कहत ह लड़िकय औरत की इ ज़त करत ह एव यहा िक मिहलाओ को मन िनदरलीय पाया जहा एक ओर भारत की राजधानी होन क बावजद िद ली वाल अपनी िजदगी म मगन रहत ह वही दसरी और कोलकाता म अमीरी-गरीबी िभ न जाितय म भी एक जटता ह कपड़ा एव खाना आज भी यहा खब स ता िमलता ह पर त दसरी तरफ सब जानत ह िक बड़-बड़ उ योगपित िव वान लखक िखलाड़ी गायक अिभनता िनदशक यहा स उभर ह सािह य हो या लख बॉलीवड हो या िकरकट बगाल न भारत को अनक नाम एव गौरव िदए ह चाह सौरव दादा हो या रिव दर नाथ टगोर ममता बनजीर रानी मखजीर हो या योित बस भारत म इनकी भिमका का वणरन करन की ज रत नही

मन कछ िदन क कोलकाता क सफर म इस शहर को जानन समझन का परयास िकया हगली नदी क िकनार खड़ होकर समदर को दखा निदय को िनहारा िव यासागर सत िबरज की सदरता िवशालता को सराहा क सी दास की परिसदध िमठाई का ल फ उठाया मन बहत शहर घम पर त यह सफर मर िलए सबस यादगार रहा कोलकाता परगित क मागर पर िनरतर बढ़ रहा ह पर त आज भी वह अपनी जड़ नितक म य को नही भला ह एक आम आदमी आज भी टराम म या फरी स सफर करता ह यहा क िनवासी दो पय स लकर 500 ० का खाना खात ह पराना एव नया कोलकाता एक साथ जीिवत ह िसक क क दो पहल की तरह कोलकाता क यह दो प को एक साथ रहत दख बहत आनद आया

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 33 अकषय कराित

जल परकित का अनपम उपहार ह मानव जाित अपन परादभारवकाल स ही इस उपहार का उपयोग अपन िहत क िलए करती आई ह जल वह पराकितक उपहार ह िजसका कोई िवक प नही ह इसिलए जल को अमतया जीवन भी कहा गया ह जल क िबना जीवन की सभावना भी नही ह पर यकष प स तो जल की मानवीय आव यकता सीिमत ह परत परोकष आव यकताओ पर नजर डाल तो दिनक जीवन की आव यकताए जस अ न फल स जी दध स लकर हमार पहराव आवास तक सब जल स जड़ हजल का जरा भी सतलन िबगड़ जाए तो जीवन यापन क टपरद होन म दर नही परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह जल क सामा य त य जल या पानी एक आम रासायिनक पदाथर ह जो जीवन क सभी जञात प क जीिवत रहन क िलए ज री ह आमतौर पर जल अपनी दरव अव था म उपयोग म लाया जाता ह पर यह ठोस अव था बफर और गस अव था जल वा प या भाप प म भी पाया जाता ह प वी क लगभग तीन चौथाई िह स पर िव व क महासागर का अिधकार ह अनमानत प वी पर जल की कल मातरा लगभग 1400 िमिलयन घन िकलोमीटर ह जो िक प वी पर 3000 मीटर गहरी परत िबछा दन क िलए काफी ह तथािप जल की इस िवशाल मातरा म व छ जल का अनपात बहत कम ह प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह शष जल झील निदय वायम डल नमी मदा और वन पित म मौजद ह जल की जो मातरा उपभोग और अ य परयोग क िलए व ततः उपल ध ह वह निदय झील और भजल म उपल ध मातरा का छोटा-सा िह सा ह इसिलए जल ससाधन िवकास और परब ध की बाबत सकट इसिलए उ प न होता ह कय िक अिधकाश जल उपभोग क िलए उपल ध नही हो पाता

परभावी जल परबधन और दश का िवकास

दीपक आहजा ओएनजीसी िवदश

प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह

प ठ 34 अकषय कराित

और दसर इसका िवषमतापणर थािनक िवतरण इसकी एक अ य िविश टता ह फलतः जल का मह व वीकार िकया गया ह और इसक िकफायती परयोग तथा परब ध पर अिधक बल िदया गया ह प वी पर उपल ध जल जल-चकर क मा यम स चलायमान ह जल लगातार एक चकर म घमता रहता ह िजस जलचकर कहत ह इसम वा पीकरण वषार और बह कर सागर म पहचना शािमल ह हवा जल वा प को थल क ऊपर उसी दर स उड़ा ल जाती ह िजस गित स यह बहकर सागर म पहचाता ह जल चकर का िचतर नीच पर तत िकया गया ह

अिधकाश उपभोकताओ जस िक मन य पशओ अथवा पौध क िलए जल क सचलन की ज रत होती ह जल ससाधन की गितशील और नवीकरणीय परकित और इसक परयोग की बार बार ज रत को ि टगत रखत हए यह ज री ह िक जल ससाधन को उनकी परवाह दर क अनसार मापा जाए इस परकार जल ससाधन क दो पहल ह अिधकाश िवकासा मक ज रत क िलए परवाह क प म मािपत गितशील ससाधन अिधक परासिगक ह आरिकषत भ डार की ि थर अथवा िनयत परकित और साथ ही जल की मातरा तथा जल िनकाय क कषतर की ल बाई व म यपालन नौ सचालन आिद जस कछक िकरयाकलाप क िलए भी परासिगक ह

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 35 अकषय कराित

जल का यय अप यय जल क बार म एक नही कई च कान वाल त य ह िव व म और िवशष प स भारत म जल िकस परकार न ट होता ह इस िवषय म जो त य सामन आए ह उस पर जाग कता स यान दकर जल क अप यय को रोका जा सकता ह अनक त य ऐस ह जो हम आन वाल ख़तर स तो सावधान करत ही ह दसर स पररणा लन क िलए परो सािहत करत ह और पानी क मह व व इसक अनजान ोत की जानकारी भी दत ह प वी पर पदा होन वाली सभी वन पितया स भी हम पानी िमलता ह

आल और अनानास म 80 परितशत और टमाटर म 95 परितशत पानी ह पीन क िलए मानव को परितिदन 3 लीटर और पशओ को 50 लीटर पानी

चािहए भारत म 83 परितशत पानी खती और िसचाई क िलए उपयोग िकया जाता

ह इज़राइल म औसतन मातर 10 सटीमीटर वषार होती ह इस वषार स वह

इतना अनाज पदा कर लता ह िक वह उसका िनयारत कर सकता ह दसरी ओर भारत म औसतन 50 सटीमीटर स भी अिधक वषार होन क बावजद अनाज की कमी बनी रहती ह

िपछल 50 वष म जल क िलए 37 भीषण ह याकाड हए ह भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल

चलती ह पानी ज य रोग स िव व म हर वषर 22 लाख लोग की मौत हो जाती ह यिद बरश करत समय नल खला रह गया ह तो पाच िमनट म करीब 25

स 30 लीटर पानी बरबाद होता ह बाथ टब म नहात समय 300 स 500 लीटर पानी खचर होता ह जबिक

सामा य प स नहान म 100 स 150 लीटर पानी खचर होता ह िव व म परित 10 यिकतय म स 2 यिकतय को पीन का शदध पानी

नही िमल पाता ह परित वषर 6 अरब लीटर बोतल पक पानी मन य वारा पीन क िलए

परयकत िकया जाता ह मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 36 अकषय कराित

िद ली मबई और च नई जस महानगर म पाइप लाइन क वॉ व की खराबी क कारण रोज़ 14 स 44 परितशत पानी बकार बह जाता ह

निदया पानी का सबस बड़ा ोत ह जहा एक ओर निदय म बढ़त परदषण रोकन क िलए िवशषजञ उपाय खोज रह ह वही कल कारखान स बहत हए रसायन उ ह भारी मातरा म दिषत कर रह ह

भारत म जल सकट नासा की एक िरपोटर न पानी को लकर दश भर म बढ़ती जा रही लापरवाही क परित आख खोली ह इस िरपोटर म भारत म सख की ि थित पदा होन क िलए िज मवार कारण म स एक अहम कारण अधाधध जल दोहन को बताया गया ह बतात चल िक दश भर क 604 िजल म स 161 सख की मार झल रह ह वस अब बताया जा रहा ह िक सख की मार स बहाल िजल की सखया बढ़कर 246 हो गई ह यानी कहा जाए तो आधा दश सख की चपट म ह बहरहाल नासा की इस िरपोटर म बताया गया ह िक भारत क कई रा य कषमता स यादा जल दोहन कर रह ह यहा कषमता स ता पयर यह ह िक उनस िजतन सलाना जल दोहन की उ मीद कदर करती ह व उसस कही यादा जल दोहन कर रह ह नासा न यह अ ययन 2002 स 2008 क बीच

की ि थितय क आधार पर िकया ह इस िरपोटर म बताया गया ह िक पजाब हिरयाणा और राज थान हर साल औसतन 177 अरब कयिबक मीटर पानी जमीन क अदर स िनकाल रह ह जबिक कदर की तरफ स लगाए गए अनमान क मतािबक इ ह हर साल 132 अरब कयिबक मीटर पानी ही जमीन क अदर स िनकालना था इस तरह स दखा जाए तो य तीन रा य िमलकर कषमता स 30 फीसदी यादा पानी का दोहन कर रह ह जािहर ह िक िबना कछ सोच-िवचार जब इस पमान पर पराकितक ससाधन का दोहन िकया जाएगा तो परकित भी बदला लगी और वही हो रहा ह इस िरपोटर म यह भी बताया गया ह िक भारत का महज 58 फीसदी भजल ही हर साल िरचाजर हो पाता ह नासा की यह िरपोटर बताती ह िक अधाधध जल दोहन की वजह स पर उ तर पि चम भारत क भजल तर म हर साल 4 सटीमीटर यानी 16 इच की कमी आ रही ह इस अ ययन को अजाम दन म नासा क जल िवजञानी मट रोडल न अहम भिमका िनभाई ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 37 अकषय कराित

उनक हवाल स इस िरपोटर म बताया गया ह िक दश क उ तर पि चम कषतर म 2002 स 2008 क दौरान तकरीबन 109 कयिबक िकलोमीटर पानी की कमी हई ह यह मातरा िकतनी अिधक ह इसका अदाजा इसी स लगाया जा सकता ह िक यह अमिरका क सबस बड़ जलाशय लक मीड की कषमता स दगन स भी कही यादा ह अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह इस िरपोटर क मतािबक अगर अधाधध जल दोहन इसी तरह स जारी रहा तो आन वाल समय म भारत को अनाज और पानी क सकट को झलन क िलए अभी स तयार हो जाना चािहए जािहर ह िक जब जल सकट बढ़गा तो खती पर इसका गहरा परभाव पड़गा अनाज क उ पादन म कमी आएगी इस वजह स अनाज सकट पदा होगा और भख का एक नया चहरा उभरकर सामन आएगा एक बड़ा तबका जो आज भरपट भोजन कर पाता ह उसक िलए पट भर खाना िमलना मि कल हो जाएगा भखमरी की जो सम या पदा होगी उसस िफर िनपटना आसान नही होगा इसक अलावा पीन क पानी का टोटा तो होगा ही अभी ही दश क कई िह स ऐस ह जहा क लोग को पीन क िलए साफ पानी नही िमल पा रहा ह कई कषतर ऐस ह जहा गमीर क िदन म हडपप स पानी आना बद हो जाता ह वहा क लोग को हर साल बोिरग को कछ फट बढ़वाना होता ह यह सम या भजल तर क िगरत जान की वजह स ही पदा हई ह जब पीन क पानी का सकट पदा होगा तो बोतलबद पानी का कारोबार काफी तजी स बढ़गा कहन का मतलब यह िक िजसक पास पसा होगा वह अपनी यास बझा सकगा और िजसक पास पसा नही होगा उस अपनी यास बझान क िलए भी सघषर करना पड़गा ि थित की भयावहता की क पना ही िसहरन पदा करती ह भारत म दिनया का हर छठा आदमी रहता ह यानी कहा जाए तो दिनया क कल आबादी क तकरीबन सतरह फीसदी लोग भारत म रहत ह जबिक दिनया का महज साढ़ चार फीसदी पानी ही भारत म उपल ध ह ऐस म जल सम या स दो-चार होना कोई आनापिकषत बात नही ह एक बात तो तय ह िक पराकितक ससाधन म इजाफा तो नही िकया जा सकता ह लिकन इसका सरकषण अव य िकया जा सकता ह

अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह

प ठ 38 अकषय कराित

भारत म लोग िकसी एक मा यम स पयजल परा त करन पर िनभरर नही ह इस दश म 357 फीसदी लोग हडपप स 367 फीसदी लोग नल स 182 फीसदी लोग तालाब पोखर या झील स 56 फीसदी कओ स 12 फीसदी लोग पारपिरक साधन स और 26 फीसदी लोग अ य मा यम स पीन का पानी परा त करत ह इस िलहाज स अगर दखा जाए तो जल सकट को दर करन क िलए समगर कायरयोजना की ज रत ह

दरअसल भारत म गहरात जल सकट क िलए काफी हद तक पानी की बबारदी भी िज मवार ह यहा जल आपित र की यव था म काफी खािमया ह नल क जिरए घर तक पहचन वाल पानी का एक बड़ा िह सा िरस कर बबारद हो जाता ह हर शहर म फट हए आपित र पाइप आसानी स दख जा सकत ह इस बदहाल यव था क िलए सरकार क साथ-साथ सामा य लोग भी कम िज मदार नही ह एक तरफ तो सरकार पयजल क नाम पर हर साल हजार करोड़ पए का बजट बनाती ह और दसरी तरफ जमीनी तर पर हालात म कोई बदलाव नही िदखता ह सामािजक तौर पर भी जल सरकषण को लकर जाग कता का अभाव िदखता ह यह सामािजक तान-बान का ही असर ह िक लोग कही भी जल की बबारदी को दखकर उस सामा य घटना मानत हए नजरअदाज कर दत ह दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था यह अब घटकर 1800 कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर हो चका ह

दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था

प ठ 39 अकषय कराित

िवशषजञ का अनमान ह िक अगर पानी की खपत और बबारदी इसी तरह स जारी रही तो 2025 तक यह घटकर हजार कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर ही रह जाएगा उस समय तक पानी की उपल धता म आन वाली इस कमी की वजह स किष उ पादन म तीस फीसदी की कमी आन की सभावना ह इन पिरि थितय म दश की आिथरक और सामािजक ि थित का कया होगा इसका अदाजा सहज ही लगाया जा सकता ह भारत म जल सरकषण क परित आज भी आम लोग क मन म उपकषा का भाव बना हआ ह साथ ही इस कायर क िलए आव यक तकनीक की भी कमी ह जो तकनीक उपल ध ह उनस सामा य लोग अनजान ह बािरश क पानी का सगरह करक उस उपयोग म लाना एक अ छा िवक प ह पर इस तरह की कोिशश काफी सीिमत मातरा म काफी छोट तर पर हो रही ह यही वजह ह िक दश म होन वाली बािरश क पानी का अ सी फीसदी िह सा आज भी समदर म पहच जाता ह अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह अगर जल की इस िवशाल मातरा का आधा भी परयोग कर िलया जाए तो ि थित म यापक बदलाव आना तय ह शहरी कषतर म तो पानी की कालाबाजारी जोर पर ह जगह-जगह पर जल मािफया सिकरय हो गए ह िद ली क ही एक अखबार न कछ समय पहल यह बात उजागर िकया था यहा तो समानातर जल बोडर भी चलाया जा रहा ह हरानी की बात तो यह ह िक इसक बावजद भी पानी क काल धध पर अकश नही लगाया जा सका ह अहम सवाल यह ह िक कस सामा य तबक क लोग तक व छ पानी पहचाया जाए शहरी कषतर क साथ-साथ गरामीण कषतर म भी यह एक बड़ी चनौती ह आबादी म अपर यािशत विदध बढ़त शहरीकरण औ योिगकीकरण और किष उ पाद की बढ़ती माग क कारण पानी की माग िपछल कछ साल म वाभािवक प स बढ़ी ह इसक पिरणाम व प भजल ससाधन का अ यिधक दोहन हआ ह और इसका नतीजा हआ िक लगातार भजल का तर घटता जा रहा ह शहरी कषतर म ि थित बहद भयावह ह तदनसार वहा न कवल शीघराितशीघर जल ससाधन क सरकषण की ज रत ह बि क परभावी रणनीित और परबधन क जिरए त काल कदम उठान की ज रत ह

अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह

प ठ 40 अकषय कराित

खासकर इस बात को यान म ऱखकर िक िविभ न परितयोगी कषतर म कभी भी माग बढ़ सकती ह भिव य म उपयोग क िलए छत पर या सतह पर जलगरहण बनाकर वषारजल सरकषण बहद ज री ह यह पानी की बढ़ती ज रत का खयाल रखन िमटटी की नमी तर को बढ़ान शहरी हिरयाली को बढ़ान भजल तर को कितरम प स पनभररण करन और भजल की गणव ता स सधार का काम करता ह भारत म जल परबधन स दश का िवकास भारत म दिनया की 16 परितशत आबादी रहती ह लिकन दिनया क िसफर 4 परितशत जल ससाधन ही भारत क पास ह 3290000 वगर िकलोमीटर क भिम कषतर और एक अरब स यादा की आबादी क साथ भारत क एक बहलवादी िविवधता का िचतर ह िवशाल पराकितक ससाधन क साथ सप न तकनीकी और वजञािनक किमरय का भी यह दिनया म दसरा सबस बड़ा सम चय ह भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह मानव िवकास म 80 क दशक म लगभग 26 परितशत और 90 क दशक क दौरान और 24 परितशत क वारा सधार हआ ह आजादी क बाद छह दशक म भारत न जल ससाधन का अभतपवर िवकास और खा या न म आ मिनभररता शहरी कषतर ऊजार और औ योिगक कषतर और पीन का पानी क बिनयादी ढाच म तजी स िव तार दखा ह िजसका उपयोग भारत की लगभग 85 परितशत शहरी और गरामीण आबादी क वारा िकया जाता ह भारत म रा य सरकार और भारत सरकार क परितबदध और ठोस परयास की वजह स गरामीण और शहरी आबादी को सरिकषत पयजल को उपल ध करवान म काफी सफलता हािसल की ह इस उपलि ध न भजल की कमी जल जमावजल गणव ता िगरावट जल परदषण और बढ़त लवणता तर स बड़ कषतर को परभािवत िकया ह और अभी भी िविभ न रा य म गरामीण और शहरी भारत क मानव िवकास सचकाक (HDI)rsquo म बहत असमानता मौजद ह पानी क िलए कषतरीय माग तजी स बढ़ रह शहरीकरण की गित स बढ़ रही ह (अनमानत 2025 तक दश की आबादी का 50 परितशत स अिधक शहर म रहग) जनसखया विदध बढ़ती आय और औ योिगक िवकासशहरी भारत तजी स िवकास की माग क कदर क प म उभर रहा ह

भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह

प ठ 41 अकषय कराित

नतीजतन परित यिकत पानी की उपल धता िगर रही ह परधानमतरी की अ यकषता म 12वी योजना क िलए हई योजना आयोग की पणर बठक म दसर म क साथ जल परबधन पर िवशष चचार हई बठक क बाद योजना आयोग क उपा यकष म टक िसह अहलवािलया न कहा िक भ-जल कानन स लकर दसर म की यापक समीकषा ज री ह व यनाथन सिमित जहा वतरमान म भ-जल कानन की साथरकता का अ ययन करगी वही भारतीय अतिरकष अनसधान सगठन [इसरो] की मदद स पानी की उपल धता का िव तत अ ययन होगा म टक न कहा िक उसी आधार पर रणनीित तय होगी सरकार यह यान रखगी िक पानी का अिधकतम उपयोग हो सक और सभी को उपल ध हो पानी पर िकसी का एकािधकार न हो सक बतात ह िक द पयोग को रोकन क िलए श क लगान पर भी िवचार िकया जा सकता ह हालािक इसस पहल रा य सरकार स चचार होगी यह तय ह िक एआइबीपी कायरकरम म यापक बदलाव ह ग ी म टक िसह अहलवािलया न कहा िक वतरमान म इस कायरकरम का सही िकरया वयन नही हो रहा ह िलहाजा उसम पिरवतरन ज री ह सभव ह िक हर रा य म जल िनयामक परािधकरण बनान की शतर भी लगाई जाए उ ह न कहा िक जल परबधन की यापक समीकषा कर नई रणनीित तय की जाएगी कल िमलाकर रा टरीय तर पर वतरमान जल ससाधन का अिधक स अिधक करन क िलए माग को परा करन क िलए पयार त ह लिकन भिव य क अ ययन पिरयोजना ह िक जल आपित र की ि थित अगल आध सदी म अिधक किठन हो सकती ह जल सकट स िनपटन को जल सरकषण परबधन अिनवायर परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह बढ़त वि वक तापमान क फल व प अितवि ट अनावि ट अ पवि ट और असामियक वि ट हम परितवषर दख रह ह िजसका परभाव हमार जल ससाधन पर पड़ता िदखाई द रहा ह कओ व बाविडय का िमटता अि त व नदी-नाल का घटता पानी भ-गभर जल का िगरता तर िचता की पिरिध स िनकलकर खतर की घटी बनता जा रहा ह

निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह

प ठ 42 अकषय कराित

िव व भर म सीमट क अधाधध परयोग न धरातल क सहज अवशोषण कषतर को घटाया ह तथा जल बहाव भिम कटाव व बाढ़ म विदध की ह ऐसी ि थित म जल सरकषण का दािय व मातर वजञािनक व सरकार तक सीिमत न रहकर पर यक उपभोकता क कध पर आ जाता ह इसी दािय व क िनवरहन क िलए हमार पास दो िवक प सामन आत ह 1 वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई

उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

2 पािरवािरक तर पर वषार जल को सगरिहत कर उसका उपयोग कर य दोन ही परयास गरामीण कषतर म तो सरलता स अपनाए जा सकत ह परत शहरी कषतर म व ट वाटर मनजमट की बड़ी पिरयोजनाए बनाकर ही पानी को िरसाइिकल िकया जा सकता ह भ-गभर अिधकािधक जल अवशोिषत होकर

जाए इसक िलए मदानी भाग म िनयोिजत ढग स बड़-बड़ पोखर बनाकर तथा पहाड़ी कषतर म नाल -ख ड म िमटटी प थर आरसीसी क बड़-छोट डम लगाकर जल बहाव रोक भ-सरकषण बचाव व जल भडारण और धरातल जल शोषण कषतर बढ़ाया जा सकता ह िव व बक भारत सरकार वारा म य िहमालय जलागम पिरयोजना रा य क भ-सरकषण िवभाग इस कषतर म कारगर उपाय लकर

हमार सामन ह परत जनसहयोग क िबना इन पिरयोजनाओ क आशातीत पिरणाम ल पाना किठन ह वकषारोपण इस सपणर जल चकर को बल दन वाला कारक ह जल क परित चतना जागत न हई तो अव य ही अगल िव व यदध का कारण जल ही होगा

जल भोजन ह और अिगन भोजन का भकषक ह अिगन जल म और जल अिगन म िव यमान ह

- ततरीय उपिनषद 38

वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

प ठ 43 अकषय कराित

म भी गान गा सकता ह शबनम क िखलत फल क म भी गीत सना सकता ह सावन क म त झल क लिकन जब घर-घर म बादल छाय घोर िनराशा क तब म नगम गा रहा ह उ मीद की आशा क

सड़क पर खड़ बचपन की य बात सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह

हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

इस बदलत पिरवश का राग सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

गाधी जी क सपन का जो राम-रा य कहलाता ह उस भारत म सड़क पर छोट चाय पहचाता ह

कहा गई वो अ हड़ म ती कहा गया वो यार का रा ता उन हाथ स बचत झड िजन हाथ को चािहए ब ता

उस सोन की िचिड़या की म बात बतान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

कही बम की गमर हवाए कही ससद म कोहराम ह कही होत घोटाल स परशान आदमी आम ह

कही कल की िकलकारी ह कही सड़क पर बचपन ह कही चलता नही गजारा कही िवदश म काला धन ह

म स चाई गा-गाकर सबको बतलान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

बदलता भारत मनीष लाल इरडा

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

प ठ 44 अकषय कराित

करन वाल काम बहत ह यथर उलझन को छोड़ो म ला-पिड़त तोड़ रह ह तम बस lsquoअपन को जोड़ो

lsquoहम बदलग-यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का lsquoवद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का

वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हम बदलग mdash यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का वद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

प ठ 45 अकषय कराित

िसफर काला और सफ़द य ही वो दो रग थ जो तर पास सि ट बनान क आधार थ

काला वो जो कािलमा िलय ह िजस कहत ह दख िनराशा म य अपयश और वो सबकछ जो नकारा मक ह

मगर सफद ह वो रग िजसस जड़ा ह जीवन आशा सख और कीितर और वो सब कछ जो सकारा मक ह पर इन रग स तझ चन ना िमला त सोचन लगा अगर सि ट बनानी ह

तो िकस िलए- ससगर और परम क िलए और

इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग

ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह

बस- बना डाला तन इ दरधनष

जो बरसात क बाद सरज और प वी क अनपम परम को रग दता ह सतरगी रग स

और उ ही सतरगी इ दरधनषी रग म हम हर पल हर कषण डबत गहरात इतरात रहत ह

और खिशय भर ससार म हर रग को अलग-अलग तरह स महसस करक जीत रहत ह

रग तो रग ह मगर-

ससगर और परम क िलए और इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह बस-

सतरगी िचतर सगीता ीवा तव इरडा

प ठ 46 अकषय कराित

कभी पक क कभी फीक़ तो कछ कभी दाग बनकर उभर आत ह

कछ आख म नील बादल स छाए रहत ह तो कछ गाल पर गलाबी रग बनकर छलक जात ह

याद रहत ह अक सर वो रग- जो खदी पर इस तरह छा जात ह िक खद म घलकर खद क होन

का एहसास दत-दत खद का एक रग बन जात ह

बगनी आसामनी नीला हरा पीला नारगी लाल इ दरधनष क य सात रग ही जोड़त ह हमार िदल को

हमार मन को जोड़न वाल इन रग की सतरगी दिनया म-

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा बनाय

और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क

सतरगी िचतर

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा

बनाय और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क सतरगी िचतर

Page 33: Akshay Kranti Vol 3€¦ · पक्ष को प्रभािवत न कर e, बािधत व पीिड़त न कर eवह काय-र्कौशल है।

प ठ 33 अकषय कराित

जल परकित का अनपम उपहार ह मानव जाित अपन परादभारवकाल स ही इस उपहार का उपयोग अपन िहत क िलए करती आई ह जल वह पराकितक उपहार ह िजसका कोई िवक प नही ह इसिलए जल को अमतया जीवन भी कहा गया ह जल क िबना जीवन की सभावना भी नही ह पर यकष प स तो जल की मानवीय आव यकता सीिमत ह परत परोकष आव यकताओ पर नजर डाल तो दिनक जीवन की आव यकताए जस अ न फल स जी दध स लकर हमार पहराव आवास तक सब जल स जड़ हजल का जरा भी सतलन िबगड़ जाए तो जीवन यापन क टपरद होन म दर नही परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह जल क सामा य त य जल या पानी एक आम रासायिनक पदाथर ह जो जीवन क सभी जञात प क जीिवत रहन क िलए ज री ह आमतौर पर जल अपनी दरव अव था म उपयोग म लाया जाता ह पर यह ठोस अव था बफर और गस अव था जल वा प या भाप प म भी पाया जाता ह प वी क लगभग तीन चौथाई िह स पर िव व क महासागर का अिधकार ह अनमानत प वी पर जल की कल मातरा लगभग 1400 िमिलयन घन िकलोमीटर ह जो िक प वी पर 3000 मीटर गहरी परत िबछा दन क िलए काफी ह तथािप जल की इस िवशाल मातरा म व छ जल का अनपात बहत कम ह प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह शष जल झील निदय वायम डल नमी मदा और वन पित म मौजद ह जल की जो मातरा उपभोग और अ य परयोग क िलए व ततः उपल ध ह वह निदय झील और भजल म उपल ध मातरा का छोटा-सा िह सा ह इसिलए जल ससाधन िवकास और परब ध की बाबत सकट इसिलए उ प न होता ह कय िक अिधकाश जल उपभोग क िलए उपल ध नही हो पाता

परभावी जल परबधन और दश का िवकास

दीपक आहजा ओएनजीसी िवदश

प वी पर उपल ध समगर जल म स लगभग 27 परितशत जल व छ ह िजसम स लगभग 752 परितशत जल धरवीय कषतर म जमा रहता ह और 226 परितशत भजल क प म िव यमान ह

प ठ 34 अकषय कराित

और दसर इसका िवषमतापणर थािनक िवतरण इसकी एक अ य िविश टता ह फलतः जल का मह व वीकार िकया गया ह और इसक िकफायती परयोग तथा परब ध पर अिधक बल िदया गया ह प वी पर उपल ध जल जल-चकर क मा यम स चलायमान ह जल लगातार एक चकर म घमता रहता ह िजस जलचकर कहत ह इसम वा पीकरण वषार और बह कर सागर म पहचना शािमल ह हवा जल वा प को थल क ऊपर उसी दर स उड़ा ल जाती ह िजस गित स यह बहकर सागर म पहचाता ह जल चकर का िचतर नीच पर तत िकया गया ह

अिधकाश उपभोकताओ जस िक मन य पशओ अथवा पौध क िलए जल क सचलन की ज रत होती ह जल ससाधन की गितशील और नवीकरणीय परकित और इसक परयोग की बार बार ज रत को ि टगत रखत हए यह ज री ह िक जल ससाधन को उनकी परवाह दर क अनसार मापा जाए इस परकार जल ससाधन क दो पहल ह अिधकाश िवकासा मक ज रत क िलए परवाह क प म मािपत गितशील ससाधन अिधक परासिगक ह आरिकषत भ डार की ि थर अथवा िनयत परकित और साथ ही जल की मातरा तथा जल िनकाय क कषतर की ल बाई व म यपालन नौ सचालन आिद जस कछक िकरयाकलाप क िलए भी परासिगक ह

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 35 अकषय कराित

जल का यय अप यय जल क बार म एक नही कई च कान वाल त य ह िव व म और िवशष प स भारत म जल िकस परकार न ट होता ह इस िवषय म जो त य सामन आए ह उस पर जाग कता स यान दकर जल क अप यय को रोका जा सकता ह अनक त य ऐस ह जो हम आन वाल ख़तर स तो सावधान करत ही ह दसर स पररणा लन क िलए परो सािहत करत ह और पानी क मह व व इसक अनजान ोत की जानकारी भी दत ह प वी पर पदा होन वाली सभी वन पितया स भी हम पानी िमलता ह

आल और अनानास म 80 परितशत और टमाटर म 95 परितशत पानी ह पीन क िलए मानव को परितिदन 3 लीटर और पशओ को 50 लीटर पानी

चािहए भारत म 83 परितशत पानी खती और िसचाई क िलए उपयोग िकया जाता

ह इज़राइल म औसतन मातर 10 सटीमीटर वषार होती ह इस वषार स वह

इतना अनाज पदा कर लता ह िक वह उसका िनयारत कर सकता ह दसरी ओर भारत म औसतन 50 सटीमीटर स भी अिधक वषार होन क बावजद अनाज की कमी बनी रहती ह

िपछल 50 वष म जल क िलए 37 भीषण ह याकाड हए ह भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल

चलती ह पानी ज य रोग स िव व म हर वषर 22 लाख लोग की मौत हो जाती ह यिद बरश करत समय नल खला रह गया ह तो पाच िमनट म करीब 25

स 30 लीटर पानी बरबाद होता ह बाथ टब म नहात समय 300 स 500 लीटर पानी खचर होता ह जबिक

सामा य प स नहान म 100 स 150 लीटर पानी खचर होता ह िव व म परित 10 यिकतय म स 2 यिकतय को पीन का शदध पानी

नही िमल पाता ह परित वषर 6 अरब लीटर बोतल पक पानी मन य वारा पीन क िलए

परयकत िकया जाता ह मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 36 अकषय कराित

िद ली मबई और च नई जस महानगर म पाइप लाइन क वॉ व की खराबी क कारण रोज़ 14 स 44 परितशत पानी बकार बह जाता ह

निदया पानी का सबस बड़ा ोत ह जहा एक ओर निदय म बढ़त परदषण रोकन क िलए िवशषजञ उपाय खोज रह ह वही कल कारखान स बहत हए रसायन उ ह भारी मातरा म दिषत कर रह ह

भारत म जल सकट नासा की एक िरपोटर न पानी को लकर दश भर म बढ़ती जा रही लापरवाही क परित आख खोली ह इस िरपोटर म भारत म सख की ि थित पदा होन क िलए िज मवार कारण म स एक अहम कारण अधाधध जल दोहन को बताया गया ह बतात चल िक दश भर क 604 िजल म स 161 सख की मार झल रह ह वस अब बताया जा रहा ह िक सख की मार स बहाल िजल की सखया बढ़कर 246 हो गई ह यानी कहा जाए तो आधा दश सख की चपट म ह बहरहाल नासा की इस िरपोटर म बताया गया ह िक भारत क कई रा य कषमता स यादा जल दोहन कर रह ह यहा कषमता स ता पयर यह ह िक उनस िजतन सलाना जल दोहन की उ मीद कदर करती ह व उसस कही यादा जल दोहन कर रह ह नासा न यह अ ययन 2002 स 2008 क बीच

की ि थितय क आधार पर िकया ह इस िरपोटर म बताया गया ह िक पजाब हिरयाणा और राज थान हर साल औसतन 177 अरब कयिबक मीटर पानी जमीन क अदर स िनकाल रह ह जबिक कदर की तरफ स लगाए गए अनमान क मतािबक इ ह हर साल 132 अरब कयिबक मीटर पानी ही जमीन क अदर स िनकालना था इस तरह स दखा जाए तो य तीन रा य िमलकर कषमता स 30 फीसदी यादा पानी का दोहन कर रह ह जािहर ह िक िबना कछ सोच-िवचार जब इस पमान पर पराकितक ससाधन का दोहन िकया जाएगा तो परकित भी बदला लगी और वही हो रहा ह इस िरपोटर म यह भी बताया गया ह िक भारत का महज 58 फीसदी भजल ही हर साल िरचाजर हो पाता ह नासा की यह िरपोटर बताती ह िक अधाधध जल दोहन की वजह स पर उ तर पि चम भारत क भजल तर म हर साल 4 सटीमीटर यानी 16 इच की कमी आ रही ह इस अ ययन को अजाम दन म नासा क जल िवजञानी मट रोडल न अहम भिमका िनभाई ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 37 अकषय कराित

उनक हवाल स इस िरपोटर म बताया गया ह िक दश क उ तर पि चम कषतर म 2002 स 2008 क दौरान तकरीबन 109 कयिबक िकलोमीटर पानी की कमी हई ह यह मातरा िकतनी अिधक ह इसका अदाजा इसी स लगाया जा सकता ह िक यह अमिरका क सबस बड़ जलाशय लक मीड की कषमता स दगन स भी कही यादा ह अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह इस िरपोटर क मतािबक अगर अधाधध जल दोहन इसी तरह स जारी रहा तो आन वाल समय म भारत को अनाज और पानी क सकट को झलन क िलए अभी स तयार हो जाना चािहए जािहर ह िक जब जल सकट बढ़गा तो खती पर इसका गहरा परभाव पड़गा अनाज क उ पादन म कमी आएगी इस वजह स अनाज सकट पदा होगा और भख का एक नया चहरा उभरकर सामन आएगा एक बड़ा तबका जो आज भरपट भोजन कर पाता ह उसक िलए पट भर खाना िमलना मि कल हो जाएगा भखमरी की जो सम या पदा होगी उसस िफर िनपटना आसान नही होगा इसक अलावा पीन क पानी का टोटा तो होगा ही अभी ही दश क कई िह स ऐस ह जहा क लोग को पीन क िलए साफ पानी नही िमल पा रहा ह कई कषतर ऐस ह जहा गमीर क िदन म हडपप स पानी आना बद हो जाता ह वहा क लोग को हर साल बोिरग को कछ फट बढ़वाना होता ह यह सम या भजल तर क िगरत जान की वजह स ही पदा हई ह जब पीन क पानी का सकट पदा होगा तो बोतलबद पानी का कारोबार काफी तजी स बढ़गा कहन का मतलब यह िक िजसक पास पसा होगा वह अपनी यास बझा सकगा और िजसक पास पसा नही होगा उस अपनी यास बझान क िलए भी सघषर करना पड़गा ि थित की भयावहता की क पना ही िसहरन पदा करती ह भारत म दिनया का हर छठा आदमी रहता ह यानी कहा जाए तो दिनया क कल आबादी क तकरीबन सतरह फीसदी लोग भारत म रहत ह जबिक दिनया का महज साढ़ चार फीसदी पानी ही भारत म उपल ध ह ऐस म जल सम या स दो-चार होना कोई आनापिकषत बात नही ह एक बात तो तय ह िक पराकितक ससाधन म इजाफा तो नही िकया जा सकता ह लिकन इसका सरकषण अव य िकया जा सकता ह

अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह

प ठ 38 अकषय कराित

भारत म लोग िकसी एक मा यम स पयजल परा त करन पर िनभरर नही ह इस दश म 357 फीसदी लोग हडपप स 367 फीसदी लोग नल स 182 फीसदी लोग तालाब पोखर या झील स 56 फीसदी कओ स 12 फीसदी लोग पारपिरक साधन स और 26 फीसदी लोग अ य मा यम स पीन का पानी परा त करत ह इस िलहाज स अगर दखा जाए तो जल सकट को दर करन क िलए समगर कायरयोजना की ज रत ह

दरअसल भारत म गहरात जल सकट क िलए काफी हद तक पानी की बबारदी भी िज मवार ह यहा जल आपित र की यव था म काफी खािमया ह नल क जिरए घर तक पहचन वाल पानी का एक बड़ा िह सा िरस कर बबारद हो जाता ह हर शहर म फट हए आपित र पाइप आसानी स दख जा सकत ह इस बदहाल यव था क िलए सरकार क साथ-साथ सामा य लोग भी कम िज मदार नही ह एक तरफ तो सरकार पयजल क नाम पर हर साल हजार करोड़ पए का बजट बनाती ह और दसरी तरफ जमीनी तर पर हालात म कोई बदलाव नही िदखता ह सामािजक तौर पर भी जल सरकषण को लकर जाग कता का अभाव िदखता ह यह सामािजक तान-बान का ही असर ह िक लोग कही भी जल की बबारदी को दखकर उस सामा य घटना मानत हए नजरअदाज कर दत ह दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था यह अब घटकर 1800 कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर हो चका ह

दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था

प ठ 39 अकषय कराित

िवशषजञ का अनमान ह िक अगर पानी की खपत और बबारदी इसी तरह स जारी रही तो 2025 तक यह घटकर हजार कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर ही रह जाएगा उस समय तक पानी की उपल धता म आन वाली इस कमी की वजह स किष उ पादन म तीस फीसदी की कमी आन की सभावना ह इन पिरि थितय म दश की आिथरक और सामािजक ि थित का कया होगा इसका अदाजा सहज ही लगाया जा सकता ह भारत म जल सरकषण क परित आज भी आम लोग क मन म उपकषा का भाव बना हआ ह साथ ही इस कायर क िलए आव यक तकनीक की भी कमी ह जो तकनीक उपल ध ह उनस सामा य लोग अनजान ह बािरश क पानी का सगरह करक उस उपयोग म लाना एक अ छा िवक प ह पर इस तरह की कोिशश काफी सीिमत मातरा म काफी छोट तर पर हो रही ह यही वजह ह िक दश म होन वाली बािरश क पानी का अ सी फीसदी िह सा आज भी समदर म पहच जाता ह अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह अगर जल की इस िवशाल मातरा का आधा भी परयोग कर िलया जाए तो ि थित म यापक बदलाव आना तय ह शहरी कषतर म तो पानी की कालाबाजारी जोर पर ह जगह-जगह पर जल मािफया सिकरय हो गए ह िद ली क ही एक अखबार न कछ समय पहल यह बात उजागर िकया था यहा तो समानातर जल बोडर भी चलाया जा रहा ह हरानी की बात तो यह ह िक इसक बावजद भी पानी क काल धध पर अकश नही लगाया जा सका ह अहम सवाल यह ह िक कस सामा य तबक क लोग तक व छ पानी पहचाया जाए शहरी कषतर क साथ-साथ गरामीण कषतर म भी यह एक बड़ी चनौती ह आबादी म अपर यािशत विदध बढ़त शहरीकरण औ योिगकीकरण और किष उ पाद की बढ़ती माग क कारण पानी की माग िपछल कछ साल म वाभािवक प स बढ़ी ह इसक पिरणाम व प भजल ससाधन का अ यिधक दोहन हआ ह और इसका नतीजा हआ िक लगातार भजल का तर घटता जा रहा ह शहरी कषतर म ि थित बहद भयावह ह तदनसार वहा न कवल शीघराितशीघर जल ससाधन क सरकषण की ज रत ह बि क परभावी रणनीित और परबधन क जिरए त काल कदम उठान की ज रत ह

अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह

प ठ 40 अकषय कराित

खासकर इस बात को यान म ऱखकर िक िविभ न परितयोगी कषतर म कभी भी माग बढ़ सकती ह भिव य म उपयोग क िलए छत पर या सतह पर जलगरहण बनाकर वषारजल सरकषण बहद ज री ह यह पानी की बढ़ती ज रत का खयाल रखन िमटटी की नमी तर को बढ़ान शहरी हिरयाली को बढ़ान भजल तर को कितरम प स पनभररण करन और भजल की गणव ता स सधार का काम करता ह भारत म जल परबधन स दश का िवकास भारत म दिनया की 16 परितशत आबादी रहती ह लिकन दिनया क िसफर 4 परितशत जल ससाधन ही भारत क पास ह 3290000 वगर िकलोमीटर क भिम कषतर और एक अरब स यादा की आबादी क साथ भारत क एक बहलवादी िविवधता का िचतर ह िवशाल पराकितक ससाधन क साथ सप न तकनीकी और वजञािनक किमरय का भी यह दिनया म दसरा सबस बड़ा सम चय ह भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह मानव िवकास म 80 क दशक म लगभग 26 परितशत और 90 क दशक क दौरान और 24 परितशत क वारा सधार हआ ह आजादी क बाद छह दशक म भारत न जल ससाधन का अभतपवर िवकास और खा या न म आ मिनभररता शहरी कषतर ऊजार और औ योिगक कषतर और पीन का पानी क बिनयादी ढाच म तजी स िव तार दखा ह िजसका उपयोग भारत की लगभग 85 परितशत शहरी और गरामीण आबादी क वारा िकया जाता ह भारत म रा य सरकार और भारत सरकार क परितबदध और ठोस परयास की वजह स गरामीण और शहरी आबादी को सरिकषत पयजल को उपल ध करवान म काफी सफलता हािसल की ह इस उपलि ध न भजल की कमी जल जमावजल गणव ता िगरावट जल परदषण और बढ़त लवणता तर स बड़ कषतर को परभािवत िकया ह और अभी भी िविभ न रा य म गरामीण और शहरी भारत क मानव िवकास सचकाक (HDI)rsquo म बहत असमानता मौजद ह पानी क िलए कषतरीय माग तजी स बढ़ रह शहरीकरण की गित स बढ़ रही ह (अनमानत 2025 तक दश की आबादी का 50 परितशत स अिधक शहर म रहग) जनसखया विदध बढ़ती आय और औ योिगक िवकासशहरी भारत तजी स िवकास की माग क कदर क प म उभर रहा ह

भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह

प ठ 41 अकषय कराित

नतीजतन परित यिकत पानी की उपल धता िगर रही ह परधानमतरी की अ यकषता म 12वी योजना क िलए हई योजना आयोग की पणर बठक म दसर म क साथ जल परबधन पर िवशष चचार हई बठक क बाद योजना आयोग क उपा यकष म टक िसह अहलवािलया न कहा िक भ-जल कानन स लकर दसर म की यापक समीकषा ज री ह व यनाथन सिमित जहा वतरमान म भ-जल कानन की साथरकता का अ ययन करगी वही भारतीय अतिरकष अनसधान सगठन [इसरो] की मदद स पानी की उपल धता का िव तत अ ययन होगा म टक न कहा िक उसी आधार पर रणनीित तय होगी सरकार यह यान रखगी िक पानी का अिधकतम उपयोग हो सक और सभी को उपल ध हो पानी पर िकसी का एकािधकार न हो सक बतात ह िक द पयोग को रोकन क िलए श क लगान पर भी िवचार िकया जा सकता ह हालािक इसस पहल रा य सरकार स चचार होगी यह तय ह िक एआइबीपी कायरकरम म यापक बदलाव ह ग ी म टक िसह अहलवािलया न कहा िक वतरमान म इस कायरकरम का सही िकरया वयन नही हो रहा ह िलहाजा उसम पिरवतरन ज री ह सभव ह िक हर रा य म जल िनयामक परािधकरण बनान की शतर भी लगाई जाए उ ह न कहा िक जल परबधन की यापक समीकषा कर नई रणनीित तय की जाएगी कल िमलाकर रा टरीय तर पर वतरमान जल ससाधन का अिधक स अिधक करन क िलए माग को परा करन क िलए पयार त ह लिकन भिव य क अ ययन पिरयोजना ह िक जल आपित र की ि थित अगल आध सदी म अिधक किठन हो सकती ह जल सकट स िनपटन को जल सरकषण परबधन अिनवायर परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह बढ़त वि वक तापमान क फल व प अितवि ट अनावि ट अ पवि ट और असामियक वि ट हम परितवषर दख रह ह िजसका परभाव हमार जल ससाधन पर पड़ता िदखाई द रहा ह कओ व बाविडय का िमटता अि त व नदी-नाल का घटता पानी भ-गभर जल का िगरता तर िचता की पिरिध स िनकलकर खतर की घटी बनता जा रहा ह

निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह

प ठ 42 अकषय कराित

िव व भर म सीमट क अधाधध परयोग न धरातल क सहज अवशोषण कषतर को घटाया ह तथा जल बहाव भिम कटाव व बाढ़ म विदध की ह ऐसी ि थित म जल सरकषण का दािय व मातर वजञािनक व सरकार तक सीिमत न रहकर पर यक उपभोकता क कध पर आ जाता ह इसी दािय व क िनवरहन क िलए हमार पास दो िवक प सामन आत ह 1 वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई

उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

2 पािरवािरक तर पर वषार जल को सगरिहत कर उसका उपयोग कर य दोन ही परयास गरामीण कषतर म तो सरलता स अपनाए जा सकत ह परत शहरी कषतर म व ट वाटर मनजमट की बड़ी पिरयोजनाए बनाकर ही पानी को िरसाइिकल िकया जा सकता ह भ-गभर अिधकािधक जल अवशोिषत होकर

जाए इसक िलए मदानी भाग म िनयोिजत ढग स बड़-बड़ पोखर बनाकर तथा पहाड़ी कषतर म नाल -ख ड म िमटटी प थर आरसीसी क बड़-छोट डम लगाकर जल बहाव रोक भ-सरकषण बचाव व जल भडारण और धरातल जल शोषण कषतर बढ़ाया जा सकता ह िव व बक भारत सरकार वारा म य िहमालय जलागम पिरयोजना रा य क भ-सरकषण िवभाग इस कषतर म कारगर उपाय लकर

हमार सामन ह परत जनसहयोग क िबना इन पिरयोजनाओ क आशातीत पिरणाम ल पाना किठन ह वकषारोपण इस सपणर जल चकर को बल दन वाला कारक ह जल क परित चतना जागत न हई तो अव य ही अगल िव व यदध का कारण जल ही होगा

जल भोजन ह और अिगन भोजन का भकषक ह अिगन जल म और जल अिगन म िव यमान ह

- ततरीय उपिनषद 38

वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

प ठ 43 अकषय कराित

म भी गान गा सकता ह शबनम क िखलत फल क म भी गीत सना सकता ह सावन क म त झल क लिकन जब घर-घर म बादल छाय घोर िनराशा क तब म नगम गा रहा ह उ मीद की आशा क

सड़क पर खड़ बचपन की य बात सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह

हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

इस बदलत पिरवश का राग सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

गाधी जी क सपन का जो राम-रा य कहलाता ह उस भारत म सड़क पर छोट चाय पहचाता ह

कहा गई वो अ हड़ म ती कहा गया वो यार का रा ता उन हाथ स बचत झड िजन हाथ को चािहए ब ता

उस सोन की िचिड़या की म बात बतान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

कही बम की गमर हवाए कही ससद म कोहराम ह कही होत घोटाल स परशान आदमी आम ह

कही कल की िकलकारी ह कही सड़क पर बचपन ह कही चलता नही गजारा कही िवदश म काला धन ह

म स चाई गा-गाकर सबको बतलान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

बदलता भारत मनीष लाल इरडा

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

प ठ 44 अकषय कराित

करन वाल काम बहत ह यथर उलझन को छोड़ो म ला-पिड़त तोड़ रह ह तम बस lsquoअपन को जोड़ो

lsquoहम बदलग-यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का lsquoवद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का

वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हम बदलग mdash यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का वद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

प ठ 45 अकषय कराित

िसफर काला और सफ़द य ही वो दो रग थ जो तर पास सि ट बनान क आधार थ

काला वो जो कािलमा िलय ह िजस कहत ह दख िनराशा म य अपयश और वो सबकछ जो नकारा मक ह

मगर सफद ह वो रग िजसस जड़ा ह जीवन आशा सख और कीितर और वो सब कछ जो सकारा मक ह पर इन रग स तझ चन ना िमला त सोचन लगा अगर सि ट बनानी ह

तो िकस िलए- ससगर और परम क िलए और

इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग

ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह

बस- बना डाला तन इ दरधनष

जो बरसात क बाद सरज और प वी क अनपम परम को रग दता ह सतरगी रग स

और उ ही सतरगी इ दरधनषी रग म हम हर पल हर कषण डबत गहरात इतरात रहत ह

और खिशय भर ससार म हर रग को अलग-अलग तरह स महसस करक जीत रहत ह

रग तो रग ह मगर-

ससगर और परम क िलए और इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह बस-

सतरगी िचतर सगीता ीवा तव इरडा

प ठ 46 अकषय कराित

कभी पक क कभी फीक़ तो कछ कभी दाग बनकर उभर आत ह

कछ आख म नील बादल स छाए रहत ह तो कछ गाल पर गलाबी रग बनकर छलक जात ह

याद रहत ह अक सर वो रग- जो खदी पर इस तरह छा जात ह िक खद म घलकर खद क होन

का एहसास दत-दत खद का एक रग बन जात ह

बगनी आसामनी नीला हरा पीला नारगी लाल इ दरधनष क य सात रग ही जोड़त ह हमार िदल को

हमार मन को जोड़न वाल इन रग की सतरगी दिनया म-

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा बनाय

और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क

सतरगी िचतर

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा

बनाय और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क सतरगी िचतर

Page 34: Akshay Kranti Vol 3€¦ · पक्ष को प्रभािवत न कर e, बािधत व पीिड़त न कर eवह काय-र्कौशल है।

प ठ 34 अकषय कराित

और दसर इसका िवषमतापणर थािनक िवतरण इसकी एक अ य िविश टता ह फलतः जल का मह व वीकार िकया गया ह और इसक िकफायती परयोग तथा परब ध पर अिधक बल िदया गया ह प वी पर उपल ध जल जल-चकर क मा यम स चलायमान ह जल लगातार एक चकर म घमता रहता ह िजस जलचकर कहत ह इसम वा पीकरण वषार और बह कर सागर म पहचना शािमल ह हवा जल वा प को थल क ऊपर उसी दर स उड़ा ल जाती ह िजस गित स यह बहकर सागर म पहचाता ह जल चकर का िचतर नीच पर तत िकया गया ह

अिधकाश उपभोकताओ जस िक मन य पशओ अथवा पौध क िलए जल क सचलन की ज रत होती ह जल ससाधन की गितशील और नवीकरणीय परकित और इसक परयोग की बार बार ज रत को ि टगत रखत हए यह ज री ह िक जल ससाधन को उनकी परवाह दर क अनसार मापा जाए इस परकार जल ससाधन क दो पहल ह अिधकाश िवकासा मक ज रत क िलए परवाह क प म मािपत गितशील ससाधन अिधक परासिगक ह आरिकषत भ डार की ि थर अथवा िनयत परकित और साथ ही जल की मातरा तथा जल िनकाय क कषतर की ल बाई व म यपालन नौ सचालन आिद जस कछक िकरयाकलाप क िलए भी परासिगक ह

चाह कोई उ सव हो या योहार या कोई राजनितक म ा जगह-जगह लोग एकतर हो रली या भाषण का िह सा बनत दख

प ठ 35 अकषय कराित

जल का यय अप यय जल क बार म एक नही कई च कान वाल त य ह िव व म और िवशष प स भारत म जल िकस परकार न ट होता ह इस िवषय म जो त य सामन आए ह उस पर जाग कता स यान दकर जल क अप यय को रोका जा सकता ह अनक त य ऐस ह जो हम आन वाल ख़तर स तो सावधान करत ही ह दसर स पररणा लन क िलए परो सािहत करत ह और पानी क मह व व इसक अनजान ोत की जानकारी भी दत ह प वी पर पदा होन वाली सभी वन पितया स भी हम पानी िमलता ह

आल और अनानास म 80 परितशत और टमाटर म 95 परितशत पानी ह पीन क िलए मानव को परितिदन 3 लीटर और पशओ को 50 लीटर पानी

चािहए भारत म 83 परितशत पानी खती और िसचाई क िलए उपयोग िकया जाता

ह इज़राइल म औसतन मातर 10 सटीमीटर वषार होती ह इस वषार स वह

इतना अनाज पदा कर लता ह िक वह उसका िनयारत कर सकता ह दसरी ओर भारत म औसतन 50 सटीमीटर स भी अिधक वषार होन क बावजद अनाज की कमी बनी रहती ह

िपछल 50 वष म जल क िलए 37 भीषण ह याकाड हए ह भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल

चलती ह पानी ज य रोग स िव व म हर वषर 22 लाख लोग की मौत हो जाती ह यिद बरश करत समय नल खला रह गया ह तो पाच िमनट म करीब 25

स 30 लीटर पानी बरबाद होता ह बाथ टब म नहात समय 300 स 500 लीटर पानी खचर होता ह जबिक

सामा य प स नहान म 100 स 150 लीटर पानी खचर होता ह िव व म परित 10 यिकतय म स 2 यिकतय को पीन का शदध पानी

नही िमल पाता ह परित वषर 6 अरब लीटर बोतल पक पानी मन य वारा पीन क िलए

परयकत िकया जाता ह मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 36 अकषय कराित

िद ली मबई और च नई जस महानगर म पाइप लाइन क वॉ व की खराबी क कारण रोज़ 14 स 44 परितशत पानी बकार बह जाता ह

निदया पानी का सबस बड़ा ोत ह जहा एक ओर निदय म बढ़त परदषण रोकन क िलए िवशषजञ उपाय खोज रह ह वही कल कारखान स बहत हए रसायन उ ह भारी मातरा म दिषत कर रह ह

भारत म जल सकट नासा की एक िरपोटर न पानी को लकर दश भर म बढ़ती जा रही लापरवाही क परित आख खोली ह इस िरपोटर म भारत म सख की ि थित पदा होन क िलए िज मवार कारण म स एक अहम कारण अधाधध जल दोहन को बताया गया ह बतात चल िक दश भर क 604 िजल म स 161 सख की मार झल रह ह वस अब बताया जा रहा ह िक सख की मार स बहाल िजल की सखया बढ़कर 246 हो गई ह यानी कहा जाए तो आधा दश सख की चपट म ह बहरहाल नासा की इस िरपोटर म बताया गया ह िक भारत क कई रा य कषमता स यादा जल दोहन कर रह ह यहा कषमता स ता पयर यह ह िक उनस िजतन सलाना जल दोहन की उ मीद कदर करती ह व उसस कही यादा जल दोहन कर रह ह नासा न यह अ ययन 2002 स 2008 क बीच

की ि थितय क आधार पर िकया ह इस िरपोटर म बताया गया ह िक पजाब हिरयाणा और राज थान हर साल औसतन 177 अरब कयिबक मीटर पानी जमीन क अदर स िनकाल रह ह जबिक कदर की तरफ स लगाए गए अनमान क मतािबक इ ह हर साल 132 अरब कयिबक मीटर पानी ही जमीन क अदर स िनकालना था इस तरह स दखा जाए तो य तीन रा य िमलकर कषमता स 30 फीसदी यादा पानी का दोहन कर रह ह जािहर ह िक िबना कछ सोच-िवचार जब इस पमान पर पराकितक ससाधन का दोहन िकया जाएगा तो परकित भी बदला लगी और वही हो रहा ह इस िरपोटर म यह भी बताया गया ह िक भारत का महज 58 फीसदी भजल ही हर साल िरचाजर हो पाता ह नासा की यह िरपोटर बताती ह िक अधाधध जल दोहन की वजह स पर उ तर पि चम भारत क भजल तर म हर साल 4 सटीमीटर यानी 16 इच की कमी आ रही ह इस अ ययन को अजाम दन म नासा क जल िवजञानी मट रोडल न अहम भिमका िनभाई ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 37 अकषय कराित

उनक हवाल स इस िरपोटर म बताया गया ह िक दश क उ तर पि चम कषतर म 2002 स 2008 क दौरान तकरीबन 109 कयिबक िकलोमीटर पानी की कमी हई ह यह मातरा िकतनी अिधक ह इसका अदाजा इसी स लगाया जा सकता ह िक यह अमिरका क सबस बड़ जलाशय लक मीड की कषमता स दगन स भी कही यादा ह अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह इस िरपोटर क मतािबक अगर अधाधध जल दोहन इसी तरह स जारी रहा तो आन वाल समय म भारत को अनाज और पानी क सकट को झलन क िलए अभी स तयार हो जाना चािहए जािहर ह िक जब जल सकट बढ़गा तो खती पर इसका गहरा परभाव पड़गा अनाज क उ पादन म कमी आएगी इस वजह स अनाज सकट पदा होगा और भख का एक नया चहरा उभरकर सामन आएगा एक बड़ा तबका जो आज भरपट भोजन कर पाता ह उसक िलए पट भर खाना िमलना मि कल हो जाएगा भखमरी की जो सम या पदा होगी उसस िफर िनपटना आसान नही होगा इसक अलावा पीन क पानी का टोटा तो होगा ही अभी ही दश क कई िह स ऐस ह जहा क लोग को पीन क िलए साफ पानी नही िमल पा रहा ह कई कषतर ऐस ह जहा गमीर क िदन म हडपप स पानी आना बद हो जाता ह वहा क लोग को हर साल बोिरग को कछ फट बढ़वाना होता ह यह सम या भजल तर क िगरत जान की वजह स ही पदा हई ह जब पीन क पानी का सकट पदा होगा तो बोतलबद पानी का कारोबार काफी तजी स बढ़गा कहन का मतलब यह िक िजसक पास पसा होगा वह अपनी यास बझा सकगा और िजसक पास पसा नही होगा उस अपनी यास बझान क िलए भी सघषर करना पड़गा ि थित की भयावहता की क पना ही िसहरन पदा करती ह भारत म दिनया का हर छठा आदमी रहता ह यानी कहा जाए तो दिनया क कल आबादी क तकरीबन सतरह फीसदी लोग भारत म रहत ह जबिक दिनया का महज साढ़ चार फीसदी पानी ही भारत म उपल ध ह ऐस म जल सम या स दो-चार होना कोई आनापिकषत बात नही ह एक बात तो तय ह िक पराकितक ससाधन म इजाफा तो नही िकया जा सकता ह लिकन इसका सरकषण अव य िकया जा सकता ह

अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह

प ठ 38 अकषय कराित

भारत म लोग िकसी एक मा यम स पयजल परा त करन पर िनभरर नही ह इस दश म 357 फीसदी लोग हडपप स 367 फीसदी लोग नल स 182 फीसदी लोग तालाब पोखर या झील स 56 फीसदी कओ स 12 फीसदी लोग पारपिरक साधन स और 26 फीसदी लोग अ य मा यम स पीन का पानी परा त करत ह इस िलहाज स अगर दखा जाए तो जल सकट को दर करन क िलए समगर कायरयोजना की ज रत ह

दरअसल भारत म गहरात जल सकट क िलए काफी हद तक पानी की बबारदी भी िज मवार ह यहा जल आपित र की यव था म काफी खािमया ह नल क जिरए घर तक पहचन वाल पानी का एक बड़ा िह सा िरस कर बबारद हो जाता ह हर शहर म फट हए आपित र पाइप आसानी स दख जा सकत ह इस बदहाल यव था क िलए सरकार क साथ-साथ सामा य लोग भी कम िज मदार नही ह एक तरफ तो सरकार पयजल क नाम पर हर साल हजार करोड़ पए का बजट बनाती ह और दसरी तरफ जमीनी तर पर हालात म कोई बदलाव नही िदखता ह सामािजक तौर पर भी जल सरकषण को लकर जाग कता का अभाव िदखता ह यह सामािजक तान-बान का ही असर ह िक लोग कही भी जल की बबारदी को दखकर उस सामा य घटना मानत हए नजरअदाज कर दत ह दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था यह अब घटकर 1800 कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर हो चका ह

दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था

प ठ 39 अकषय कराित

िवशषजञ का अनमान ह िक अगर पानी की खपत और बबारदी इसी तरह स जारी रही तो 2025 तक यह घटकर हजार कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर ही रह जाएगा उस समय तक पानी की उपल धता म आन वाली इस कमी की वजह स किष उ पादन म तीस फीसदी की कमी आन की सभावना ह इन पिरि थितय म दश की आिथरक और सामािजक ि थित का कया होगा इसका अदाजा सहज ही लगाया जा सकता ह भारत म जल सरकषण क परित आज भी आम लोग क मन म उपकषा का भाव बना हआ ह साथ ही इस कायर क िलए आव यक तकनीक की भी कमी ह जो तकनीक उपल ध ह उनस सामा य लोग अनजान ह बािरश क पानी का सगरह करक उस उपयोग म लाना एक अ छा िवक प ह पर इस तरह की कोिशश काफी सीिमत मातरा म काफी छोट तर पर हो रही ह यही वजह ह िक दश म होन वाली बािरश क पानी का अ सी फीसदी िह सा आज भी समदर म पहच जाता ह अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह अगर जल की इस िवशाल मातरा का आधा भी परयोग कर िलया जाए तो ि थित म यापक बदलाव आना तय ह शहरी कषतर म तो पानी की कालाबाजारी जोर पर ह जगह-जगह पर जल मािफया सिकरय हो गए ह िद ली क ही एक अखबार न कछ समय पहल यह बात उजागर िकया था यहा तो समानातर जल बोडर भी चलाया जा रहा ह हरानी की बात तो यह ह िक इसक बावजद भी पानी क काल धध पर अकश नही लगाया जा सका ह अहम सवाल यह ह िक कस सामा य तबक क लोग तक व छ पानी पहचाया जाए शहरी कषतर क साथ-साथ गरामीण कषतर म भी यह एक बड़ी चनौती ह आबादी म अपर यािशत विदध बढ़त शहरीकरण औ योिगकीकरण और किष उ पाद की बढ़ती माग क कारण पानी की माग िपछल कछ साल म वाभािवक प स बढ़ी ह इसक पिरणाम व प भजल ससाधन का अ यिधक दोहन हआ ह और इसका नतीजा हआ िक लगातार भजल का तर घटता जा रहा ह शहरी कषतर म ि थित बहद भयावह ह तदनसार वहा न कवल शीघराितशीघर जल ससाधन क सरकषण की ज रत ह बि क परभावी रणनीित और परबधन क जिरए त काल कदम उठान की ज रत ह

अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह

प ठ 40 अकषय कराित

खासकर इस बात को यान म ऱखकर िक िविभ न परितयोगी कषतर म कभी भी माग बढ़ सकती ह भिव य म उपयोग क िलए छत पर या सतह पर जलगरहण बनाकर वषारजल सरकषण बहद ज री ह यह पानी की बढ़ती ज रत का खयाल रखन िमटटी की नमी तर को बढ़ान शहरी हिरयाली को बढ़ान भजल तर को कितरम प स पनभररण करन और भजल की गणव ता स सधार का काम करता ह भारत म जल परबधन स दश का िवकास भारत म दिनया की 16 परितशत आबादी रहती ह लिकन दिनया क िसफर 4 परितशत जल ससाधन ही भारत क पास ह 3290000 वगर िकलोमीटर क भिम कषतर और एक अरब स यादा की आबादी क साथ भारत क एक बहलवादी िविवधता का िचतर ह िवशाल पराकितक ससाधन क साथ सप न तकनीकी और वजञािनक किमरय का भी यह दिनया म दसरा सबस बड़ा सम चय ह भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह मानव िवकास म 80 क दशक म लगभग 26 परितशत और 90 क दशक क दौरान और 24 परितशत क वारा सधार हआ ह आजादी क बाद छह दशक म भारत न जल ससाधन का अभतपवर िवकास और खा या न म आ मिनभररता शहरी कषतर ऊजार और औ योिगक कषतर और पीन का पानी क बिनयादी ढाच म तजी स िव तार दखा ह िजसका उपयोग भारत की लगभग 85 परितशत शहरी और गरामीण आबादी क वारा िकया जाता ह भारत म रा य सरकार और भारत सरकार क परितबदध और ठोस परयास की वजह स गरामीण और शहरी आबादी को सरिकषत पयजल को उपल ध करवान म काफी सफलता हािसल की ह इस उपलि ध न भजल की कमी जल जमावजल गणव ता िगरावट जल परदषण और बढ़त लवणता तर स बड़ कषतर को परभािवत िकया ह और अभी भी िविभ न रा य म गरामीण और शहरी भारत क मानव िवकास सचकाक (HDI)rsquo म बहत असमानता मौजद ह पानी क िलए कषतरीय माग तजी स बढ़ रह शहरीकरण की गित स बढ़ रही ह (अनमानत 2025 तक दश की आबादी का 50 परितशत स अिधक शहर म रहग) जनसखया विदध बढ़ती आय और औ योिगक िवकासशहरी भारत तजी स िवकास की माग क कदर क प म उभर रहा ह

भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह

प ठ 41 अकषय कराित

नतीजतन परित यिकत पानी की उपल धता िगर रही ह परधानमतरी की अ यकषता म 12वी योजना क िलए हई योजना आयोग की पणर बठक म दसर म क साथ जल परबधन पर िवशष चचार हई बठक क बाद योजना आयोग क उपा यकष म टक िसह अहलवािलया न कहा िक भ-जल कानन स लकर दसर म की यापक समीकषा ज री ह व यनाथन सिमित जहा वतरमान म भ-जल कानन की साथरकता का अ ययन करगी वही भारतीय अतिरकष अनसधान सगठन [इसरो] की मदद स पानी की उपल धता का िव तत अ ययन होगा म टक न कहा िक उसी आधार पर रणनीित तय होगी सरकार यह यान रखगी िक पानी का अिधकतम उपयोग हो सक और सभी को उपल ध हो पानी पर िकसी का एकािधकार न हो सक बतात ह िक द पयोग को रोकन क िलए श क लगान पर भी िवचार िकया जा सकता ह हालािक इसस पहल रा य सरकार स चचार होगी यह तय ह िक एआइबीपी कायरकरम म यापक बदलाव ह ग ी म टक िसह अहलवािलया न कहा िक वतरमान म इस कायरकरम का सही िकरया वयन नही हो रहा ह िलहाजा उसम पिरवतरन ज री ह सभव ह िक हर रा य म जल िनयामक परािधकरण बनान की शतर भी लगाई जाए उ ह न कहा िक जल परबधन की यापक समीकषा कर नई रणनीित तय की जाएगी कल िमलाकर रा टरीय तर पर वतरमान जल ससाधन का अिधक स अिधक करन क िलए माग को परा करन क िलए पयार त ह लिकन भिव य क अ ययन पिरयोजना ह िक जल आपित र की ि थित अगल आध सदी म अिधक किठन हो सकती ह जल सकट स िनपटन को जल सरकषण परबधन अिनवायर परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह बढ़त वि वक तापमान क फल व प अितवि ट अनावि ट अ पवि ट और असामियक वि ट हम परितवषर दख रह ह िजसका परभाव हमार जल ससाधन पर पड़ता िदखाई द रहा ह कओ व बाविडय का िमटता अि त व नदी-नाल का घटता पानी भ-गभर जल का िगरता तर िचता की पिरिध स िनकलकर खतर की घटी बनता जा रहा ह

निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह

प ठ 42 अकषय कराित

िव व भर म सीमट क अधाधध परयोग न धरातल क सहज अवशोषण कषतर को घटाया ह तथा जल बहाव भिम कटाव व बाढ़ म विदध की ह ऐसी ि थित म जल सरकषण का दािय व मातर वजञािनक व सरकार तक सीिमत न रहकर पर यक उपभोकता क कध पर आ जाता ह इसी दािय व क िनवरहन क िलए हमार पास दो िवक प सामन आत ह 1 वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई

उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

2 पािरवािरक तर पर वषार जल को सगरिहत कर उसका उपयोग कर य दोन ही परयास गरामीण कषतर म तो सरलता स अपनाए जा सकत ह परत शहरी कषतर म व ट वाटर मनजमट की बड़ी पिरयोजनाए बनाकर ही पानी को िरसाइिकल िकया जा सकता ह भ-गभर अिधकािधक जल अवशोिषत होकर

जाए इसक िलए मदानी भाग म िनयोिजत ढग स बड़-बड़ पोखर बनाकर तथा पहाड़ी कषतर म नाल -ख ड म िमटटी प थर आरसीसी क बड़-छोट डम लगाकर जल बहाव रोक भ-सरकषण बचाव व जल भडारण और धरातल जल शोषण कषतर बढ़ाया जा सकता ह िव व बक भारत सरकार वारा म य िहमालय जलागम पिरयोजना रा य क भ-सरकषण िवभाग इस कषतर म कारगर उपाय लकर

हमार सामन ह परत जनसहयोग क िबना इन पिरयोजनाओ क आशातीत पिरणाम ल पाना किठन ह वकषारोपण इस सपणर जल चकर को बल दन वाला कारक ह जल क परित चतना जागत न हई तो अव य ही अगल िव व यदध का कारण जल ही होगा

जल भोजन ह और अिगन भोजन का भकषक ह अिगन जल म और जल अिगन म िव यमान ह

- ततरीय उपिनषद 38

वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

प ठ 43 अकषय कराित

म भी गान गा सकता ह शबनम क िखलत फल क म भी गीत सना सकता ह सावन क म त झल क लिकन जब घर-घर म बादल छाय घोर िनराशा क तब म नगम गा रहा ह उ मीद की आशा क

सड़क पर खड़ बचपन की य बात सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह

हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

इस बदलत पिरवश का राग सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

गाधी जी क सपन का जो राम-रा य कहलाता ह उस भारत म सड़क पर छोट चाय पहचाता ह

कहा गई वो अ हड़ म ती कहा गया वो यार का रा ता उन हाथ स बचत झड िजन हाथ को चािहए ब ता

उस सोन की िचिड़या की म बात बतान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

कही बम की गमर हवाए कही ससद म कोहराम ह कही होत घोटाल स परशान आदमी आम ह

कही कल की िकलकारी ह कही सड़क पर बचपन ह कही चलता नही गजारा कही िवदश म काला धन ह

म स चाई गा-गाकर सबको बतलान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

बदलता भारत मनीष लाल इरडा

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

प ठ 44 अकषय कराित

करन वाल काम बहत ह यथर उलझन को छोड़ो म ला-पिड़त तोड़ रह ह तम बस lsquoअपन को जोड़ो

lsquoहम बदलग-यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का lsquoवद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का

वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हम बदलग mdash यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का वद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

प ठ 45 अकषय कराित

िसफर काला और सफ़द य ही वो दो रग थ जो तर पास सि ट बनान क आधार थ

काला वो जो कािलमा िलय ह िजस कहत ह दख िनराशा म य अपयश और वो सबकछ जो नकारा मक ह

मगर सफद ह वो रग िजसस जड़ा ह जीवन आशा सख और कीितर और वो सब कछ जो सकारा मक ह पर इन रग स तझ चन ना िमला त सोचन लगा अगर सि ट बनानी ह

तो िकस िलए- ससगर और परम क िलए और

इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग

ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह

बस- बना डाला तन इ दरधनष

जो बरसात क बाद सरज और प वी क अनपम परम को रग दता ह सतरगी रग स

और उ ही सतरगी इ दरधनषी रग म हम हर पल हर कषण डबत गहरात इतरात रहत ह

और खिशय भर ससार म हर रग को अलग-अलग तरह स महसस करक जीत रहत ह

रग तो रग ह मगर-

ससगर और परम क िलए और इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह बस-

सतरगी िचतर सगीता ीवा तव इरडा

प ठ 46 अकषय कराित

कभी पक क कभी फीक़ तो कछ कभी दाग बनकर उभर आत ह

कछ आख म नील बादल स छाए रहत ह तो कछ गाल पर गलाबी रग बनकर छलक जात ह

याद रहत ह अक सर वो रग- जो खदी पर इस तरह छा जात ह िक खद म घलकर खद क होन

का एहसास दत-दत खद का एक रग बन जात ह

बगनी आसामनी नीला हरा पीला नारगी लाल इ दरधनष क य सात रग ही जोड़त ह हमार िदल को

हमार मन को जोड़न वाल इन रग की सतरगी दिनया म-

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा बनाय

और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क

सतरगी िचतर

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा

बनाय और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क सतरगी िचतर

Page 35: Akshay Kranti Vol 3€¦ · पक्ष को प्रभािवत न कर e, बािधत व पीिड़त न कर eवह काय-र्कौशल है।

प ठ 35 अकषय कराित

जल का यय अप यय जल क बार म एक नही कई च कान वाल त य ह िव व म और िवशष प स भारत म जल िकस परकार न ट होता ह इस िवषय म जो त य सामन आए ह उस पर जाग कता स यान दकर जल क अप यय को रोका जा सकता ह अनक त य ऐस ह जो हम आन वाल ख़तर स तो सावधान करत ही ह दसर स पररणा लन क िलए परो सािहत करत ह और पानी क मह व व इसक अनजान ोत की जानकारी भी दत ह प वी पर पदा होन वाली सभी वन पितया स भी हम पानी िमलता ह

आल और अनानास म 80 परितशत और टमाटर म 95 परितशत पानी ह पीन क िलए मानव को परितिदन 3 लीटर और पशओ को 50 लीटर पानी

चािहए भारत म 83 परितशत पानी खती और िसचाई क िलए उपयोग िकया जाता

ह इज़राइल म औसतन मातर 10 सटीमीटर वषार होती ह इस वषार स वह

इतना अनाज पदा कर लता ह िक वह उसका िनयारत कर सकता ह दसरी ओर भारत म औसतन 50 सटीमीटर स भी अिधक वषार होन क बावजद अनाज की कमी बनी रहती ह

िपछल 50 वष म जल क िलए 37 भीषण ह याकाड हए ह भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल

चलती ह पानी ज य रोग स िव व म हर वषर 22 लाख लोग की मौत हो जाती ह यिद बरश करत समय नल खला रह गया ह तो पाच िमनट म करीब 25

स 30 लीटर पानी बरबाद होता ह बाथ टब म नहात समय 300 स 500 लीटर पानी खचर होता ह जबिक

सामा य प स नहान म 100 स 150 लीटर पानी खचर होता ह िव व म परित 10 यिकतय म स 2 यिकतय को पीन का शदध पानी

नही िमल पाता ह परित वषर 6 अरब लीटर बोतल पक पानी मन य वारा पीन क िलए

परयकत िकया जाता ह मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 36 अकषय कराित

िद ली मबई और च नई जस महानगर म पाइप लाइन क वॉ व की खराबी क कारण रोज़ 14 स 44 परितशत पानी बकार बह जाता ह

निदया पानी का सबस बड़ा ोत ह जहा एक ओर निदय म बढ़त परदषण रोकन क िलए िवशषजञ उपाय खोज रह ह वही कल कारखान स बहत हए रसायन उ ह भारी मातरा म दिषत कर रह ह

भारत म जल सकट नासा की एक िरपोटर न पानी को लकर दश भर म बढ़ती जा रही लापरवाही क परित आख खोली ह इस िरपोटर म भारत म सख की ि थित पदा होन क िलए िज मवार कारण म स एक अहम कारण अधाधध जल दोहन को बताया गया ह बतात चल िक दश भर क 604 िजल म स 161 सख की मार झल रह ह वस अब बताया जा रहा ह िक सख की मार स बहाल िजल की सखया बढ़कर 246 हो गई ह यानी कहा जाए तो आधा दश सख की चपट म ह बहरहाल नासा की इस िरपोटर म बताया गया ह िक भारत क कई रा य कषमता स यादा जल दोहन कर रह ह यहा कषमता स ता पयर यह ह िक उनस िजतन सलाना जल दोहन की उ मीद कदर करती ह व उसस कही यादा जल दोहन कर रह ह नासा न यह अ ययन 2002 स 2008 क बीच

की ि थितय क आधार पर िकया ह इस िरपोटर म बताया गया ह िक पजाब हिरयाणा और राज थान हर साल औसतन 177 अरब कयिबक मीटर पानी जमीन क अदर स िनकाल रह ह जबिक कदर की तरफ स लगाए गए अनमान क मतािबक इ ह हर साल 132 अरब कयिबक मीटर पानी ही जमीन क अदर स िनकालना था इस तरह स दखा जाए तो य तीन रा य िमलकर कषमता स 30 फीसदी यादा पानी का दोहन कर रह ह जािहर ह िक िबना कछ सोच-िवचार जब इस पमान पर पराकितक ससाधन का दोहन िकया जाएगा तो परकित भी बदला लगी और वही हो रहा ह इस िरपोटर म यह भी बताया गया ह िक भारत का महज 58 फीसदी भजल ही हर साल िरचाजर हो पाता ह नासा की यह िरपोटर बताती ह िक अधाधध जल दोहन की वजह स पर उ तर पि चम भारत क भजल तर म हर साल 4 सटीमीटर यानी 16 इच की कमी आ रही ह इस अ ययन को अजाम दन म नासा क जल िवजञानी मट रोडल न अहम भिमका िनभाई ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 37 अकषय कराित

उनक हवाल स इस िरपोटर म बताया गया ह िक दश क उ तर पि चम कषतर म 2002 स 2008 क दौरान तकरीबन 109 कयिबक िकलोमीटर पानी की कमी हई ह यह मातरा िकतनी अिधक ह इसका अदाजा इसी स लगाया जा सकता ह िक यह अमिरका क सबस बड़ जलाशय लक मीड की कषमता स दगन स भी कही यादा ह अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह इस िरपोटर क मतािबक अगर अधाधध जल दोहन इसी तरह स जारी रहा तो आन वाल समय म भारत को अनाज और पानी क सकट को झलन क िलए अभी स तयार हो जाना चािहए जािहर ह िक जब जल सकट बढ़गा तो खती पर इसका गहरा परभाव पड़गा अनाज क उ पादन म कमी आएगी इस वजह स अनाज सकट पदा होगा और भख का एक नया चहरा उभरकर सामन आएगा एक बड़ा तबका जो आज भरपट भोजन कर पाता ह उसक िलए पट भर खाना िमलना मि कल हो जाएगा भखमरी की जो सम या पदा होगी उसस िफर िनपटना आसान नही होगा इसक अलावा पीन क पानी का टोटा तो होगा ही अभी ही दश क कई िह स ऐस ह जहा क लोग को पीन क िलए साफ पानी नही िमल पा रहा ह कई कषतर ऐस ह जहा गमीर क िदन म हडपप स पानी आना बद हो जाता ह वहा क लोग को हर साल बोिरग को कछ फट बढ़वाना होता ह यह सम या भजल तर क िगरत जान की वजह स ही पदा हई ह जब पीन क पानी का सकट पदा होगा तो बोतलबद पानी का कारोबार काफी तजी स बढ़गा कहन का मतलब यह िक िजसक पास पसा होगा वह अपनी यास बझा सकगा और िजसक पास पसा नही होगा उस अपनी यास बझान क िलए भी सघषर करना पड़गा ि थित की भयावहता की क पना ही िसहरन पदा करती ह भारत म दिनया का हर छठा आदमी रहता ह यानी कहा जाए तो दिनया क कल आबादी क तकरीबन सतरह फीसदी लोग भारत म रहत ह जबिक दिनया का महज साढ़ चार फीसदी पानी ही भारत म उपल ध ह ऐस म जल सम या स दो-चार होना कोई आनापिकषत बात नही ह एक बात तो तय ह िक पराकितक ससाधन म इजाफा तो नही िकया जा सकता ह लिकन इसका सरकषण अव य िकया जा सकता ह

अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह

प ठ 38 अकषय कराित

भारत म लोग िकसी एक मा यम स पयजल परा त करन पर िनभरर नही ह इस दश म 357 फीसदी लोग हडपप स 367 फीसदी लोग नल स 182 फीसदी लोग तालाब पोखर या झील स 56 फीसदी कओ स 12 फीसदी लोग पारपिरक साधन स और 26 फीसदी लोग अ य मा यम स पीन का पानी परा त करत ह इस िलहाज स अगर दखा जाए तो जल सकट को दर करन क िलए समगर कायरयोजना की ज रत ह

दरअसल भारत म गहरात जल सकट क िलए काफी हद तक पानी की बबारदी भी िज मवार ह यहा जल आपित र की यव था म काफी खािमया ह नल क जिरए घर तक पहचन वाल पानी का एक बड़ा िह सा िरस कर बबारद हो जाता ह हर शहर म फट हए आपित र पाइप आसानी स दख जा सकत ह इस बदहाल यव था क िलए सरकार क साथ-साथ सामा य लोग भी कम िज मदार नही ह एक तरफ तो सरकार पयजल क नाम पर हर साल हजार करोड़ पए का बजट बनाती ह और दसरी तरफ जमीनी तर पर हालात म कोई बदलाव नही िदखता ह सामािजक तौर पर भी जल सरकषण को लकर जाग कता का अभाव िदखता ह यह सामािजक तान-बान का ही असर ह िक लोग कही भी जल की बबारदी को दखकर उस सामा य घटना मानत हए नजरअदाज कर दत ह दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था यह अब घटकर 1800 कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर हो चका ह

दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था

प ठ 39 अकषय कराित

िवशषजञ का अनमान ह िक अगर पानी की खपत और बबारदी इसी तरह स जारी रही तो 2025 तक यह घटकर हजार कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर ही रह जाएगा उस समय तक पानी की उपल धता म आन वाली इस कमी की वजह स किष उ पादन म तीस फीसदी की कमी आन की सभावना ह इन पिरि थितय म दश की आिथरक और सामािजक ि थित का कया होगा इसका अदाजा सहज ही लगाया जा सकता ह भारत म जल सरकषण क परित आज भी आम लोग क मन म उपकषा का भाव बना हआ ह साथ ही इस कायर क िलए आव यक तकनीक की भी कमी ह जो तकनीक उपल ध ह उनस सामा य लोग अनजान ह बािरश क पानी का सगरह करक उस उपयोग म लाना एक अ छा िवक प ह पर इस तरह की कोिशश काफी सीिमत मातरा म काफी छोट तर पर हो रही ह यही वजह ह िक दश म होन वाली बािरश क पानी का अ सी फीसदी िह सा आज भी समदर म पहच जाता ह अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह अगर जल की इस िवशाल मातरा का आधा भी परयोग कर िलया जाए तो ि थित म यापक बदलाव आना तय ह शहरी कषतर म तो पानी की कालाबाजारी जोर पर ह जगह-जगह पर जल मािफया सिकरय हो गए ह िद ली क ही एक अखबार न कछ समय पहल यह बात उजागर िकया था यहा तो समानातर जल बोडर भी चलाया जा रहा ह हरानी की बात तो यह ह िक इसक बावजद भी पानी क काल धध पर अकश नही लगाया जा सका ह अहम सवाल यह ह िक कस सामा य तबक क लोग तक व छ पानी पहचाया जाए शहरी कषतर क साथ-साथ गरामीण कषतर म भी यह एक बड़ी चनौती ह आबादी म अपर यािशत विदध बढ़त शहरीकरण औ योिगकीकरण और किष उ पाद की बढ़ती माग क कारण पानी की माग िपछल कछ साल म वाभािवक प स बढ़ी ह इसक पिरणाम व प भजल ससाधन का अ यिधक दोहन हआ ह और इसका नतीजा हआ िक लगातार भजल का तर घटता जा रहा ह शहरी कषतर म ि थित बहद भयावह ह तदनसार वहा न कवल शीघराितशीघर जल ससाधन क सरकषण की ज रत ह बि क परभावी रणनीित और परबधन क जिरए त काल कदम उठान की ज रत ह

अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह

प ठ 40 अकषय कराित

खासकर इस बात को यान म ऱखकर िक िविभ न परितयोगी कषतर म कभी भी माग बढ़ सकती ह भिव य म उपयोग क िलए छत पर या सतह पर जलगरहण बनाकर वषारजल सरकषण बहद ज री ह यह पानी की बढ़ती ज रत का खयाल रखन िमटटी की नमी तर को बढ़ान शहरी हिरयाली को बढ़ान भजल तर को कितरम प स पनभररण करन और भजल की गणव ता स सधार का काम करता ह भारत म जल परबधन स दश का िवकास भारत म दिनया की 16 परितशत आबादी रहती ह लिकन दिनया क िसफर 4 परितशत जल ससाधन ही भारत क पास ह 3290000 वगर िकलोमीटर क भिम कषतर और एक अरब स यादा की आबादी क साथ भारत क एक बहलवादी िविवधता का िचतर ह िवशाल पराकितक ससाधन क साथ सप न तकनीकी और वजञािनक किमरय का भी यह दिनया म दसरा सबस बड़ा सम चय ह भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह मानव िवकास म 80 क दशक म लगभग 26 परितशत और 90 क दशक क दौरान और 24 परितशत क वारा सधार हआ ह आजादी क बाद छह दशक म भारत न जल ससाधन का अभतपवर िवकास और खा या न म आ मिनभररता शहरी कषतर ऊजार और औ योिगक कषतर और पीन का पानी क बिनयादी ढाच म तजी स िव तार दखा ह िजसका उपयोग भारत की लगभग 85 परितशत शहरी और गरामीण आबादी क वारा िकया जाता ह भारत म रा य सरकार और भारत सरकार क परितबदध और ठोस परयास की वजह स गरामीण और शहरी आबादी को सरिकषत पयजल को उपल ध करवान म काफी सफलता हािसल की ह इस उपलि ध न भजल की कमी जल जमावजल गणव ता िगरावट जल परदषण और बढ़त लवणता तर स बड़ कषतर को परभािवत िकया ह और अभी भी िविभ न रा य म गरामीण और शहरी भारत क मानव िवकास सचकाक (HDI)rsquo म बहत असमानता मौजद ह पानी क िलए कषतरीय माग तजी स बढ़ रह शहरीकरण की गित स बढ़ रही ह (अनमानत 2025 तक दश की आबादी का 50 परितशत स अिधक शहर म रहग) जनसखया विदध बढ़ती आय और औ योिगक िवकासशहरी भारत तजी स िवकास की माग क कदर क प म उभर रहा ह

भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह

प ठ 41 अकषय कराित

नतीजतन परित यिकत पानी की उपल धता िगर रही ह परधानमतरी की अ यकषता म 12वी योजना क िलए हई योजना आयोग की पणर बठक म दसर म क साथ जल परबधन पर िवशष चचार हई बठक क बाद योजना आयोग क उपा यकष म टक िसह अहलवािलया न कहा िक भ-जल कानन स लकर दसर म की यापक समीकषा ज री ह व यनाथन सिमित जहा वतरमान म भ-जल कानन की साथरकता का अ ययन करगी वही भारतीय अतिरकष अनसधान सगठन [इसरो] की मदद स पानी की उपल धता का िव तत अ ययन होगा म टक न कहा िक उसी आधार पर रणनीित तय होगी सरकार यह यान रखगी िक पानी का अिधकतम उपयोग हो सक और सभी को उपल ध हो पानी पर िकसी का एकािधकार न हो सक बतात ह िक द पयोग को रोकन क िलए श क लगान पर भी िवचार िकया जा सकता ह हालािक इसस पहल रा य सरकार स चचार होगी यह तय ह िक एआइबीपी कायरकरम म यापक बदलाव ह ग ी म टक िसह अहलवािलया न कहा िक वतरमान म इस कायरकरम का सही िकरया वयन नही हो रहा ह िलहाजा उसम पिरवतरन ज री ह सभव ह िक हर रा य म जल िनयामक परािधकरण बनान की शतर भी लगाई जाए उ ह न कहा िक जल परबधन की यापक समीकषा कर नई रणनीित तय की जाएगी कल िमलाकर रा टरीय तर पर वतरमान जल ससाधन का अिधक स अिधक करन क िलए माग को परा करन क िलए पयार त ह लिकन भिव य क अ ययन पिरयोजना ह िक जल आपित र की ि थित अगल आध सदी म अिधक किठन हो सकती ह जल सकट स िनपटन को जल सरकषण परबधन अिनवायर परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह बढ़त वि वक तापमान क फल व प अितवि ट अनावि ट अ पवि ट और असामियक वि ट हम परितवषर दख रह ह िजसका परभाव हमार जल ससाधन पर पड़ता िदखाई द रहा ह कओ व बाविडय का िमटता अि त व नदी-नाल का घटता पानी भ-गभर जल का िगरता तर िचता की पिरिध स िनकलकर खतर की घटी बनता जा रहा ह

निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह

प ठ 42 अकषय कराित

िव व भर म सीमट क अधाधध परयोग न धरातल क सहज अवशोषण कषतर को घटाया ह तथा जल बहाव भिम कटाव व बाढ़ म विदध की ह ऐसी ि थित म जल सरकषण का दािय व मातर वजञािनक व सरकार तक सीिमत न रहकर पर यक उपभोकता क कध पर आ जाता ह इसी दािय व क िनवरहन क िलए हमार पास दो िवक प सामन आत ह 1 वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई

उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

2 पािरवािरक तर पर वषार जल को सगरिहत कर उसका उपयोग कर य दोन ही परयास गरामीण कषतर म तो सरलता स अपनाए जा सकत ह परत शहरी कषतर म व ट वाटर मनजमट की बड़ी पिरयोजनाए बनाकर ही पानी को िरसाइिकल िकया जा सकता ह भ-गभर अिधकािधक जल अवशोिषत होकर

जाए इसक िलए मदानी भाग म िनयोिजत ढग स बड़-बड़ पोखर बनाकर तथा पहाड़ी कषतर म नाल -ख ड म िमटटी प थर आरसीसी क बड़-छोट डम लगाकर जल बहाव रोक भ-सरकषण बचाव व जल भडारण और धरातल जल शोषण कषतर बढ़ाया जा सकता ह िव व बक भारत सरकार वारा म य िहमालय जलागम पिरयोजना रा य क भ-सरकषण िवभाग इस कषतर म कारगर उपाय लकर

हमार सामन ह परत जनसहयोग क िबना इन पिरयोजनाओ क आशातीत पिरणाम ल पाना किठन ह वकषारोपण इस सपणर जल चकर को बल दन वाला कारक ह जल क परित चतना जागत न हई तो अव य ही अगल िव व यदध का कारण जल ही होगा

जल भोजन ह और अिगन भोजन का भकषक ह अिगन जल म और जल अिगन म िव यमान ह

- ततरीय उपिनषद 38

वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

प ठ 43 अकषय कराित

म भी गान गा सकता ह शबनम क िखलत फल क म भी गीत सना सकता ह सावन क म त झल क लिकन जब घर-घर म बादल छाय घोर िनराशा क तब म नगम गा रहा ह उ मीद की आशा क

सड़क पर खड़ बचपन की य बात सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह

हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

इस बदलत पिरवश का राग सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

गाधी जी क सपन का जो राम-रा य कहलाता ह उस भारत म सड़क पर छोट चाय पहचाता ह

कहा गई वो अ हड़ म ती कहा गया वो यार का रा ता उन हाथ स बचत झड िजन हाथ को चािहए ब ता

उस सोन की िचिड़या की म बात बतान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

कही बम की गमर हवाए कही ससद म कोहराम ह कही होत घोटाल स परशान आदमी आम ह

कही कल की िकलकारी ह कही सड़क पर बचपन ह कही चलता नही गजारा कही िवदश म काला धन ह

म स चाई गा-गाकर सबको बतलान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

बदलता भारत मनीष लाल इरडा

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

प ठ 44 अकषय कराित

करन वाल काम बहत ह यथर उलझन को छोड़ो म ला-पिड़त तोड़ रह ह तम बस lsquoअपन को जोड़ो

lsquoहम बदलग-यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का lsquoवद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का

वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हम बदलग mdash यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का वद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

प ठ 45 अकषय कराित

िसफर काला और सफ़द य ही वो दो रग थ जो तर पास सि ट बनान क आधार थ

काला वो जो कािलमा िलय ह िजस कहत ह दख िनराशा म य अपयश और वो सबकछ जो नकारा मक ह

मगर सफद ह वो रग िजसस जड़ा ह जीवन आशा सख और कीितर और वो सब कछ जो सकारा मक ह पर इन रग स तझ चन ना िमला त सोचन लगा अगर सि ट बनानी ह

तो िकस िलए- ससगर और परम क िलए और

इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग

ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह

बस- बना डाला तन इ दरधनष

जो बरसात क बाद सरज और प वी क अनपम परम को रग दता ह सतरगी रग स

और उ ही सतरगी इ दरधनषी रग म हम हर पल हर कषण डबत गहरात इतरात रहत ह

और खिशय भर ससार म हर रग को अलग-अलग तरह स महसस करक जीत रहत ह

रग तो रग ह मगर-

ससगर और परम क िलए और इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह बस-

सतरगी िचतर सगीता ीवा तव इरडा

प ठ 46 अकषय कराित

कभी पक क कभी फीक़ तो कछ कभी दाग बनकर उभर आत ह

कछ आख म नील बादल स छाए रहत ह तो कछ गाल पर गलाबी रग बनकर छलक जात ह

याद रहत ह अक सर वो रग- जो खदी पर इस तरह छा जात ह िक खद म घलकर खद क होन

का एहसास दत-दत खद का एक रग बन जात ह

बगनी आसामनी नीला हरा पीला नारगी लाल इ दरधनष क य सात रग ही जोड़त ह हमार िदल को

हमार मन को जोड़न वाल इन रग की सतरगी दिनया म-

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा बनाय

और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क

सतरगी िचतर

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा

बनाय और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क सतरगी िचतर

Page 36: Akshay Kranti Vol 3€¦ · पक्ष को प्रभािवत न कर e, बािधत व पीिड़त न कर eवह काय-र्कौशल है।

प ठ 36 अकषय कराित

िद ली मबई और च नई जस महानगर म पाइप लाइन क वॉ व की खराबी क कारण रोज़ 14 स 44 परितशत पानी बकार बह जाता ह

निदया पानी का सबस बड़ा ोत ह जहा एक ओर निदय म बढ़त परदषण रोकन क िलए िवशषजञ उपाय खोज रह ह वही कल कारखान स बहत हए रसायन उ ह भारी मातरा म दिषत कर रह ह

भारत म जल सकट नासा की एक िरपोटर न पानी को लकर दश भर म बढ़ती जा रही लापरवाही क परित आख खोली ह इस िरपोटर म भारत म सख की ि थित पदा होन क िलए िज मवार कारण म स एक अहम कारण अधाधध जल दोहन को बताया गया ह बतात चल िक दश भर क 604 िजल म स 161 सख की मार झल रह ह वस अब बताया जा रहा ह िक सख की मार स बहाल िजल की सखया बढ़कर 246 हो गई ह यानी कहा जाए तो आधा दश सख की चपट म ह बहरहाल नासा की इस िरपोटर म बताया गया ह िक भारत क कई रा य कषमता स यादा जल दोहन कर रह ह यहा कषमता स ता पयर यह ह िक उनस िजतन सलाना जल दोहन की उ मीद कदर करती ह व उसस कही यादा जल दोहन कर रह ह नासा न यह अ ययन 2002 स 2008 क बीच

की ि थितय क आधार पर िकया ह इस िरपोटर म बताया गया ह िक पजाब हिरयाणा और राज थान हर साल औसतन 177 अरब कयिबक मीटर पानी जमीन क अदर स िनकाल रह ह जबिक कदर की तरफ स लगाए गए अनमान क मतािबक इ ह हर साल 132 अरब कयिबक मीटर पानी ही जमीन क अदर स िनकालना था इस तरह स दखा जाए तो य तीन रा य िमलकर कषमता स 30 फीसदी यादा पानी का दोहन कर रह ह जािहर ह िक िबना कछ सोच-िवचार जब इस पमान पर पराकितक ससाधन का दोहन िकया जाएगा तो परकित भी बदला लगी और वही हो रहा ह इस िरपोटर म यह भी बताया गया ह िक भारत का महज 58 फीसदी भजल ही हर साल िरचाजर हो पाता ह नासा की यह िरपोटर बताती ह िक अधाधध जल दोहन की वजह स पर उ तर पि चम भारत क भजल तर म हर साल 4 सटीमीटर यानी 16 इच की कमी आ रही ह इस अ ययन को अजाम दन म नासा क जल िवजञानी मट रोडल न अहम भिमका िनभाई ह

भारतीय नारी पीन क जल क िलए रोज ही औसतन चार मील पदल चलती ह

मबई म रोज़ वाहन धोन म ही 50 लाख लीटर पानी खचर हो जाता ह

प ठ 37 अकषय कराित

उनक हवाल स इस िरपोटर म बताया गया ह िक दश क उ तर पि चम कषतर म 2002 स 2008 क दौरान तकरीबन 109 कयिबक िकलोमीटर पानी की कमी हई ह यह मातरा िकतनी अिधक ह इसका अदाजा इसी स लगाया जा सकता ह िक यह अमिरका क सबस बड़ जलाशय लक मीड की कषमता स दगन स भी कही यादा ह अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह इस िरपोटर क मतािबक अगर अधाधध जल दोहन इसी तरह स जारी रहा तो आन वाल समय म भारत को अनाज और पानी क सकट को झलन क िलए अभी स तयार हो जाना चािहए जािहर ह िक जब जल सकट बढ़गा तो खती पर इसका गहरा परभाव पड़गा अनाज क उ पादन म कमी आएगी इस वजह स अनाज सकट पदा होगा और भख का एक नया चहरा उभरकर सामन आएगा एक बड़ा तबका जो आज भरपट भोजन कर पाता ह उसक िलए पट भर खाना िमलना मि कल हो जाएगा भखमरी की जो सम या पदा होगी उसस िफर िनपटना आसान नही होगा इसक अलावा पीन क पानी का टोटा तो होगा ही अभी ही दश क कई िह स ऐस ह जहा क लोग को पीन क िलए साफ पानी नही िमल पा रहा ह कई कषतर ऐस ह जहा गमीर क िदन म हडपप स पानी आना बद हो जाता ह वहा क लोग को हर साल बोिरग को कछ फट बढ़वाना होता ह यह सम या भजल तर क िगरत जान की वजह स ही पदा हई ह जब पीन क पानी का सकट पदा होगा तो बोतलबद पानी का कारोबार काफी तजी स बढ़गा कहन का मतलब यह िक िजसक पास पसा होगा वह अपनी यास बझा सकगा और िजसक पास पसा नही होगा उस अपनी यास बझान क िलए भी सघषर करना पड़गा ि थित की भयावहता की क पना ही िसहरन पदा करती ह भारत म दिनया का हर छठा आदमी रहता ह यानी कहा जाए तो दिनया क कल आबादी क तकरीबन सतरह फीसदी लोग भारत म रहत ह जबिक दिनया का महज साढ़ चार फीसदी पानी ही भारत म उपल ध ह ऐस म जल सम या स दो-चार होना कोई आनापिकषत बात नही ह एक बात तो तय ह िक पराकितक ससाधन म इजाफा तो नही िकया जा सकता ह लिकन इसका सरकषण अव य िकया जा सकता ह

अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह

प ठ 38 अकषय कराित

भारत म लोग िकसी एक मा यम स पयजल परा त करन पर िनभरर नही ह इस दश म 357 फीसदी लोग हडपप स 367 फीसदी लोग नल स 182 फीसदी लोग तालाब पोखर या झील स 56 फीसदी कओ स 12 फीसदी लोग पारपिरक साधन स और 26 फीसदी लोग अ य मा यम स पीन का पानी परा त करत ह इस िलहाज स अगर दखा जाए तो जल सकट को दर करन क िलए समगर कायरयोजना की ज रत ह

दरअसल भारत म गहरात जल सकट क िलए काफी हद तक पानी की बबारदी भी िज मवार ह यहा जल आपित र की यव था म काफी खािमया ह नल क जिरए घर तक पहचन वाल पानी का एक बड़ा िह सा िरस कर बबारद हो जाता ह हर शहर म फट हए आपित र पाइप आसानी स दख जा सकत ह इस बदहाल यव था क िलए सरकार क साथ-साथ सामा य लोग भी कम िज मदार नही ह एक तरफ तो सरकार पयजल क नाम पर हर साल हजार करोड़ पए का बजट बनाती ह और दसरी तरफ जमीनी तर पर हालात म कोई बदलाव नही िदखता ह सामािजक तौर पर भी जल सरकषण को लकर जाग कता का अभाव िदखता ह यह सामािजक तान-बान का ही असर ह िक लोग कही भी जल की बबारदी को दखकर उस सामा य घटना मानत हए नजरअदाज कर दत ह दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था यह अब घटकर 1800 कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर हो चका ह

दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था

प ठ 39 अकषय कराित

िवशषजञ का अनमान ह िक अगर पानी की खपत और बबारदी इसी तरह स जारी रही तो 2025 तक यह घटकर हजार कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर ही रह जाएगा उस समय तक पानी की उपल धता म आन वाली इस कमी की वजह स किष उ पादन म तीस फीसदी की कमी आन की सभावना ह इन पिरि थितय म दश की आिथरक और सामािजक ि थित का कया होगा इसका अदाजा सहज ही लगाया जा सकता ह भारत म जल सरकषण क परित आज भी आम लोग क मन म उपकषा का भाव बना हआ ह साथ ही इस कायर क िलए आव यक तकनीक की भी कमी ह जो तकनीक उपल ध ह उनस सामा य लोग अनजान ह बािरश क पानी का सगरह करक उस उपयोग म लाना एक अ छा िवक प ह पर इस तरह की कोिशश काफी सीिमत मातरा म काफी छोट तर पर हो रही ह यही वजह ह िक दश म होन वाली बािरश क पानी का अ सी फीसदी िह सा आज भी समदर म पहच जाता ह अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह अगर जल की इस िवशाल मातरा का आधा भी परयोग कर िलया जाए तो ि थित म यापक बदलाव आना तय ह शहरी कषतर म तो पानी की कालाबाजारी जोर पर ह जगह-जगह पर जल मािफया सिकरय हो गए ह िद ली क ही एक अखबार न कछ समय पहल यह बात उजागर िकया था यहा तो समानातर जल बोडर भी चलाया जा रहा ह हरानी की बात तो यह ह िक इसक बावजद भी पानी क काल धध पर अकश नही लगाया जा सका ह अहम सवाल यह ह िक कस सामा य तबक क लोग तक व छ पानी पहचाया जाए शहरी कषतर क साथ-साथ गरामीण कषतर म भी यह एक बड़ी चनौती ह आबादी म अपर यािशत विदध बढ़त शहरीकरण औ योिगकीकरण और किष उ पाद की बढ़ती माग क कारण पानी की माग िपछल कछ साल म वाभािवक प स बढ़ी ह इसक पिरणाम व प भजल ससाधन का अ यिधक दोहन हआ ह और इसका नतीजा हआ िक लगातार भजल का तर घटता जा रहा ह शहरी कषतर म ि थित बहद भयावह ह तदनसार वहा न कवल शीघराितशीघर जल ससाधन क सरकषण की ज रत ह बि क परभावी रणनीित और परबधन क जिरए त काल कदम उठान की ज रत ह

अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह

प ठ 40 अकषय कराित

खासकर इस बात को यान म ऱखकर िक िविभ न परितयोगी कषतर म कभी भी माग बढ़ सकती ह भिव य म उपयोग क िलए छत पर या सतह पर जलगरहण बनाकर वषारजल सरकषण बहद ज री ह यह पानी की बढ़ती ज रत का खयाल रखन िमटटी की नमी तर को बढ़ान शहरी हिरयाली को बढ़ान भजल तर को कितरम प स पनभररण करन और भजल की गणव ता स सधार का काम करता ह भारत म जल परबधन स दश का िवकास भारत म दिनया की 16 परितशत आबादी रहती ह लिकन दिनया क िसफर 4 परितशत जल ससाधन ही भारत क पास ह 3290000 वगर िकलोमीटर क भिम कषतर और एक अरब स यादा की आबादी क साथ भारत क एक बहलवादी िविवधता का िचतर ह िवशाल पराकितक ससाधन क साथ सप न तकनीकी और वजञािनक किमरय का भी यह दिनया म दसरा सबस बड़ा सम चय ह भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह मानव िवकास म 80 क दशक म लगभग 26 परितशत और 90 क दशक क दौरान और 24 परितशत क वारा सधार हआ ह आजादी क बाद छह दशक म भारत न जल ससाधन का अभतपवर िवकास और खा या न म आ मिनभररता शहरी कषतर ऊजार और औ योिगक कषतर और पीन का पानी क बिनयादी ढाच म तजी स िव तार दखा ह िजसका उपयोग भारत की लगभग 85 परितशत शहरी और गरामीण आबादी क वारा िकया जाता ह भारत म रा य सरकार और भारत सरकार क परितबदध और ठोस परयास की वजह स गरामीण और शहरी आबादी को सरिकषत पयजल को उपल ध करवान म काफी सफलता हािसल की ह इस उपलि ध न भजल की कमी जल जमावजल गणव ता िगरावट जल परदषण और बढ़त लवणता तर स बड़ कषतर को परभािवत िकया ह और अभी भी िविभ न रा य म गरामीण और शहरी भारत क मानव िवकास सचकाक (HDI)rsquo म बहत असमानता मौजद ह पानी क िलए कषतरीय माग तजी स बढ़ रह शहरीकरण की गित स बढ़ रही ह (अनमानत 2025 तक दश की आबादी का 50 परितशत स अिधक शहर म रहग) जनसखया विदध बढ़ती आय और औ योिगक िवकासशहरी भारत तजी स िवकास की माग क कदर क प म उभर रहा ह

भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह

प ठ 41 अकषय कराित

नतीजतन परित यिकत पानी की उपल धता िगर रही ह परधानमतरी की अ यकषता म 12वी योजना क िलए हई योजना आयोग की पणर बठक म दसर म क साथ जल परबधन पर िवशष चचार हई बठक क बाद योजना आयोग क उपा यकष म टक िसह अहलवािलया न कहा िक भ-जल कानन स लकर दसर म की यापक समीकषा ज री ह व यनाथन सिमित जहा वतरमान म भ-जल कानन की साथरकता का अ ययन करगी वही भारतीय अतिरकष अनसधान सगठन [इसरो] की मदद स पानी की उपल धता का िव तत अ ययन होगा म टक न कहा िक उसी आधार पर रणनीित तय होगी सरकार यह यान रखगी िक पानी का अिधकतम उपयोग हो सक और सभी को उपल ध हो पानी पर िकसी का एकािधकार न हो सक बतात ह िक द पयोग को रोकन क िलए श क लगान पर भी िवचार िकया जा सकता ह हालािक इसस पहल रा य सरकार स चचार होगी यह तय ह िक एआइबीपी कायरकरम म यापक बदलाव ह ग ी म टक िसह अहलवािलया न कहा िक वतरमान म इस कायरकरम का सही िकरया वयन नही हो रहा ह िलहाजा उसम पिरवतरन ज री ह सभव ह िक हर रा य म जल िनयामक परािधकरण बनान की शतर भी लगाई जाए उ ह न कहा िक जल परबधन की यापक समीकषा कर नई रणनीित तय की जाएगी कल िमलाकर रा टरीय तर पर वतरमान जल ससाधन का अिधक स अिधक करन क िलए माग को परा करन क िलए पयार त ह लिकन भिव य क अ ययन पिरयोजना ह िक जल आपित र की ि थित अगल आध सदी म अिधक किठन हो सकती ह जल सकट स िनपटन को जल सरकषण परबधन अिनवायर परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह बढ़त वि वक तापमान क फल व प अितवि ट अनावि ट अ पवि ट और असामियक वि ट हम परितवषर दख रह ह िजसका परभाव हमार जल ससाधन पर पड़ता िदखाई द रहा ह कओ व बाविडय का िमटता अि त व नदी-नाल का घटता पानी भ-गभर जल का िगरता तर िचता की पिरिध स िनकलकर खतर की घटी बनता जा रहा ह

निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह

प ठ 42 अकषय कराित

िव व भर म सीमट क अधाधध परयोग न धरातल क सहज अवशोषण कषतर को घटाया ह तथा जल बहाव भिम कटाव व बाढ़ म विदध की ह ऐसी ि थित म जल सरकषण का दािय व मातर वजञािनक व सरकार तक सीिमत न रहकर पर यक उपभोकता क कध पर आ जाता ह इसी दािय व क िनवरहन क िलए हमार पास दो िवक प सामन आत ह 1 वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई

उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

2 पािरवािरक तर पर वषार जल को सगरिहत कर उसका उपयोग कर य दोन ही परयास गरामीण कषतर म तो सरलता स अपनाए जा सकत ह परत शहरी कषतर म व ट वाटर मनजमट की बड़ी पिरयोजनाए बनाकर ही पानी को िरसाइिकल िकया जा सकता ह भ-गभर अिधकािधक जल अवशोिषत होकर

जाए इसक िलए मदानी भाग म िनयोिजत ढग स बड़-बड़ पोखर बनाकर तथा पहाड़ी कषतर म नाल -ख ड म िमटटी प थर आरसीसी क बड़-छोट डम लगाकर जल बहाव रोक भ-सरकषण बचाव व जल भडारण और धरातल जल शोषण कषतर बढ़ाया जा सकता ह िव व बक भारत सरकार वारा म य िहमालय जलागम पिरयोजना रा य क भ-सरकषण िवभाग इस कषतर म कारगर उपाय लकर

हमार सामन ह परत जनसहयोग क िबना इन पिरयोजनाओ क आशातीत पिरणाम ल पाना किठन ह वकषारोपण इस सपणर जल चकर को बल दन वाला कारक ह जल क परित चतना जागत न हई तो अव य ही अगल िव व यदध का कारण जल ही होगा

जल भोजन ह और अिगन भोजन का भकषक ह अिगन जल म और जल अिगन म िव यमान ह

- ततरीय उपिनषद 38

वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

प ठ 43 अकषय कराित

म भी गान गा सकता ह शबनम क िखलत फल क म भी गीत सना सकता ह सावन क म त झल क लिकन जब घर-घर म बादल छाय घोर िनराशा क तब म नगम गा रहा ह उ मीद की आशा क

सड़क पर खड़ बचपन की य बात सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह

हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

इस बदलत पिरवश का राग सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

गाधी जी क सपन का जो राम-रा य कहलाता ह उस भारत म सड़क पर छोट चाय पहचाता ह

कहा गई वो अ हड़ म ती कहा गया वो यार का रा ता उन हाथ स बचत झड िजन हाथ को चािहए ब ता

उस सोन की िचिड़या की म बात बतान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

कही बम की गमर हवाए कही ससद म कोहराम ह कही होत घोटाल स परशान आदमी आम ह

कही कल की िकलकारी ह कही सड़क पर बचपन ह कही चलता नही गजारा कही िवदश म काला धन ह

म स चाई गा-गाकर सबको बतलान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

बदलता भारत मनीष लाल इरडा

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

प ठ 44 अकषय कराित

करन वाल काम बहत ह यथर उलझन को छोड़ो म ला-पिड़त तोड़ रह ह तम बस lsquoअपन को जोड़ो

lsquoहम बदलग-यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का lsquoवद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का

वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हम बदलग mdash यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का वद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

प ठ 45 अकषय कराित

िसफर काला और सफ़द य ही वो दो रग थ जो तर पास सि ट बनान क आधार थ

काला वो जो कािलमा िलय ह िजस कहत ह दख िनराशा म य अपयश और वो सबकछ जो नकारा मक ह

मगर सफद ह वो रग िजसस जड़ा ह जीवन आशा सख और कीितर और वो सब कछ जो सकारा मक ह पर इन रग स तझ चन ना िमला त सोचन लगा अगर सि ट बनानी ह

तो िकस िलए- ससगर और परम क िलए और

इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग

ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह

बस- बना डाला तन इ दरधनष

जो बरसात क बाद सरज और प वी क अनपम परम को रग दता ह सतरगी रग स

और उ ही सतरगी इ दरधनषी रग म हम हर पल हर कषण डबत गहरात इतरात रहत ह

और खिशय भर ससार म हर रग को अलग-अलग तरह स महसस करक जीत रहत ह

रग तो रग ह मगर-

ससगर और परम क िलए और इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह बस-

सतरगी िचतर सगीता ीवा तव इरडा

प ठ 46 अकषय कराित

कभी पक क कभी फीक़ तो कछ कभी दाग बनकर उभर आत ह

कछ आख म नील बादल स छाए रहत ह तो कछ गाल पर गलाबी रग बनकर छलक जात ह

याद रहत ह अक सर वो रग- जो खदी पर इस तरह छा जात ह िक खद म घलकर खद क होन

का एहसास दत-दत खद का एक रग बन जात ह

बगनी आसामनी नीला हरा पीला नारगी लाल इ दरधनष क य सात रग ही जोड़त ह हमार िदल को

हमार मन को जोड़न वाल इन रग की सतरगी दिनया म-

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा बनाय

और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क

सतरगी िचतर

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा

बनाय और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क सतरगी िचतर

Page 37: Akshay Kranti Vol 3€¦ · पक्ष को प्रभािवत न कर e, बािधत व पीिड़त न कर eवह काय-र्कौशल है।

प ठ 37 अकषय कराित

उनक हवाल स इस िरपोटर म बताया गया ह िक दश क उ तर पि चम कषतर म 2002 स 2008 क दौरान तकरीबन 109 कयिबक िकलोमीटर पानी की कमी हई ह यह मातरा िकतनी अिधक ह इसका अदाजा इसी स लगाया जा सकता ह िक यह अमिरका क सबस बड़ जलाशय लक मीड की कषमता स दगन स भी कही यादा ह अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह इस िरपोटर क मतािबक अगर अधाधध जल दोहन इसी तरह स जारी रहा तो आन वाल समय म भारत को अनाज और पानी क सकट को झलन क िलए अभी स तयार हो जाना चािहए जािहर ह िक जब जल सकट बढ़गा तो खती पर इसका गहरा परभाव पड़गा अनाज क उ पादन म कमी आएगी इस वजह स अनाज सकट पदा होगा और भख का एक नया चहरा उभरकर सामन आएगा एक बड़ा तबका जो आज भरपट भोजन कर पाता ह उसक िलए पट भर खाना िमलना मि कल हो जाएगा भखमरी की जो सम या पदा होगी उसस िफर िनपटना आसान नही होगा इसक अलावा पीन क पानी का टोटा तो होगा ही अभी ही दश क कई िह स ऐस ह जहा क लोग को पीन क िलए साफ पानी नही िमल पा रहा ह कई कषतर ऐस ह जहा गमीर क िदन म हडपप स पानी आना बद हो जाता ह वहा क लोग को हर साल बोिरग को कछ फट बढ़वाना होता ह यह सम या भजल तर क िगरत जान की वजह स ही पदा हई ह जब पीन क पानी का सकट पदा होगा तो बोतलबद पानी का कारोबार काफी तजी स बढ़गा कहन का मतलब यह िक िजसक पास पसा होगा वह अपनी यास बझा सकगा और िजसक पास पसा नही होगा उस अपनी यास बझान क िलए भी सघषर करना पड़गा ि थित की भयावहता की क पना ही िसहरन पदा करती ह भारत म दिनया का हर छठा आदमी रहता ह यानी कहा जाए तो दिनया क कल आबादी क तकरीबन सतरह फीसदी लोग भारत म रहत ह जबिक दिनया का महज साढ़ चार फीसदी पानी ही भारत म उपल ध ह ऐस म जल सम या स दो-चार होना कोई आनापिकषत बात नही ह एक बात तो तय ह िक पराकितक ससाधन म इजाफा तो नही िकया जा सकता ह लिकन इसका सरकषण अव य िकया जा सकता ह

अधाधध जल दोहन और इसस भजल तर म आ रही िगरावट क बड़ भयानक पिरणाम ह ग यह बात भी नासा की िरपोटर ही कह रही ह

प ठ 38 अकषय कराित

भारत म लोग िकसी एक मा यम स पयजल परा त करन पर िनभरर नही ह इस दश म 357 फीसदी लोग हडपप स 367 फीसदी लोग नल स 182 फीसदी लोग तालाब पोखर या झील स 56 फीसदी कओ स 12 फीसदी लोग पारपिरक साधन स और 26 फीसदी लोग अ य मा यम स पीन का पानी परा त करत ह इस िलहाज स अगर दखा जाए तो जल सकट को दर करन क िलए समगर कायरयोजना की ज रत ह

दरअसल भारत म गहरात जल सकट क िलए काफी हद तक पानी की बबारदी भी िज मवार ह यहा जल आपित र की यव था म काफी खािमया ह नल क जिरए घर तक पहचन वाल पानी का एक बड़ा िह सा िरस कर बबारद हो जाता ह हर शहर म फट हए आपित र पाइप आसानी स दख जा सकत ह इस बदहाल यव था क िलए सरकार क साथ-साथ सामा य लोग भी कम िज मदार नही ह एक तरफ तो सरकार पयजल क नाम पर हर साल हजार करोड़ पए का बजट बनाती ह और दसरी तरफ जमीनी तर पर हालात म कोई बदलाव नही िदखता ह सामािजक तौर पर भी जल सरकषण को लकर जाग कता का अभाव िदखता ह यह सामािजक तान-बान का ही असर ह िक लोग कही भी जल की बबारदी को दखकर उस सामा य घटना मानत हए नजरअदाज कर दत ह दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था यह अब घटकर 1800 कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर हो चका ह

दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था

प ठ 39 अकषय कराित

िवशषजञ का अनमान ह िक अगर पानी की खपत और बबारदी इसी तरह स जारी रही तो 2025 तक यह घटकर हजार कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर ही रह जाएगा उस समय तक पानी की उपल धता म आन वाली इस कमी की वजह स किष उ पादन म तीस फीसदी की कमी आन की सभावना ह इन पिरि थितय म दश की आिथरक और सामािजक ि थित का कया होगा इसका अदाजा सहज ही लगाया जा सकता ह भारत म जल सरकषण क परित आज भी आम लोग क मन म उपकषा का भाव बना हआ ह साथ ही इस कायर क िलए आव यक तकनीक की भी कमी ह जो तकनीक उपल ध ह उनस सामा य लोग अनजान ह बािरश क पानी का सगरह करक उस उपयोग म लाना एक अ छा िवक प ह पर इस तरह की कोिशश काफी सीिमत मातरा म काफी छोट तर पर हो रही ह यही वजह ह िक दश म होन वाली बािरश क पानी का अ सी फीसदी िह सा आज भी समदर म पहच जाता ह अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह अगर जल की इस िवशाल मातरा का आधा भी परयोग कर िलया जाए तो ि थित म यापक बदलाव आना तय ह शहरी कषतर म तो पानी की कालाबाजारी जोर पर ह जगह-जगह पर जल मािफया सिकरय हो गए ह िद ली क ही एक अखबार न कछ समय पहल यह बात उजागर िकया था यहा तो समानातर जल बोडर भी चलाया जा रहा ह हरानी की बात तो यह ह िक इसक बावजद भी पानी क काल धध पर अकश नही लगाया जा सका ह अहम सवाल यह ह िक कस सामा य तबक क लोग तक व छ पानी पहचाया जाए शहरी कषतर क साथ-साथ गरामीण कषतर म भी यह एक बड़ी चनौती ह आबादी म अपर यािशत विदध बढ़त शहरीकरण औ योिगकीकरण और किष उ पाद की बढ़ती माग क कारण पानी की माग िपछल कछ साल म वाभािवक प स बढ़ी ह इसक पिरणाम व प भजल ससाधन का अ यिधक दोहन हआ ह और इसका नतीजा हआ िक लगातार भजल का तर घटता जा रहा ह शहरी कषतर म ि थित बहद भयावह ह तदनसार वहा न कवल शीघराितशीघर जल ससाधन क सरकषण की ज रत ह बि क परभावी रणनीित और परबधन क जिरए त काल कदम उठान की ज रत ह

अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह

प ठ 40 अकषय कराित

खासकर इस बात को यान म ऱखकर िक िविभ न परितयोगी कषतर म कभी भी माग बढ़ सकती ह भिव य म उपयोग क िलए छत पर या सतह पर जलगरहण बनाकर वषारजल सरकषण बहद ज री ह यह पानी की बढ़ती ज रत का खयाल रखन िमटटी की नमी तर को बढ़ान शहरी हिरयाली को बढ़ान भजल तर को कितरम प स पनभररण करन और भजल की गणव ता स सधार का काम करता ह भारत म जल परबधन स दश का िवकास भारत म दिनया की 16 परितशत आबादी रहती ह लिकन दिनया क िसफर 4 परितशत जल ससाधन ही भारत क पास ह 3290000 वगर िकलोमीटर क भिम कषतर और एक अरब स यादा की आबादी क साथ भारत क एक बहलवादी िविवधता का िचतर ह िवशाल पराकितक ससाधन क साथ सप न तकनीकी और वजञािनक किमरय का भी यह दिनया म दसरा सबस बड़ा सम चय ह भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह मानव िवकास म 80 क दशक म लगभग 26 परितशत और 90 क दशक क दौरान और 24 परितशत क वारा सधार हआ ह आजादी क बाद छह दशक म भारत न जल ससाधन का अभतपवर िवकास और खा या न म आ मिनभररता शहरी कषतर ऊजार और औ योिगक कषतर और पीन का पानी क बिनयादी ढाच म तजी स िव तार दखा ह िजसका उपयोग भारत की लगभग 85 परितशत शहरी और गरामीण आबादी क वारा िकया जाता ह भारत म रा य सरकार और भारत सरकार क परितबदध और ठोस परयास की वजह स गरामीण और शहरी आबादी को सरिकषत पयजल को उपल ध करवान म काफी सफलता हािसल की ह इस उपलि ध न भजल की कमी जल जमावजल गणव ता िगरावट जल परदषण और बढ़त लवणता तर स बड़ कषतर को परभािवत िकया ह और अभी भी िविभ न रा य म गरामीण और शहरी भारत क मानव िवकास सचकाक (HDI)rsquo म बहत असमानता मौजद ह पानी क िलए कषतरीय माग तजी स बढ़ रह शहरीकरण की गित स बढ़ रही ह (अनमानत 2025 तक दश की आबादी का 50 परितशत स अिधक शहर म रहग) जनसखया विदध बढ़ती आय और औ योिगक िवकासशहरी भारत तजी स िवकास की माग क कदर क प म उभर रहा ह

भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह

प ठ 41 अकषय कराित

नतीजतन परित यिकत पानी की उपल धता िगर रही ह परधानमतरी की अ यकषता म 12वी योजना क िलए हई योजना आयोग की पणर बठक म दसर म क साथ जल परबधन पर िवशष चचार हई बठक क बाद योजना आयोग क उपा यकष म टक िसह अहलवािलया न कहा िक भ-जल कानन स लकर दसर म की यापक समीकषा ज री ह व यनाथन सिमित जहा वतरमान म भ-जल कानन की साथरकता का अ ययन करगी वही भारतीय अतिरकष अनसधान सगठन [इसरो] की मदद स पानी की उपल धता का िव तत अ ययन होगा म टक न कहा िक उसी आधार पर रणनीित तय होगी सरकार यह यान रखगी िक पानी का अिधकतम उपयोग हो सक और सभी को उपल ध हो पानी पर िकसी का एकािधकार न हो सक बतात ह िक द पयोग को रोकन क िलए श क लगान पर भी िवचार िकया जा सकता ह हालािक इसस पहल रा य सरकार स चचार होगी यह तय ह िक एआइबीपी कायरकरम म यापक बदलाव ह ग ी म टक िसह अहलवािलया न कहा िक वतरमान म इस कायरकरम का सही िकरया वयन नही हो रहा ह िलहाजा उसम पिरवतरन ज री ह सभव ह िक हर रा य म जल िनयामक परािधकरण बनान की शतर भी लगाई जाए उ ह न कहा िक जल परबधन की यापक समीकषा कर नई रणनीित तय की जाएगी कल िमलाकर रा टरीय तर पर वतरमान जल ससाधन का अिधक स अिधक करन क िलए माग को परा करन क िलए पयार त ह लिकन भिव य क अ ययन पिरयोजना ह िक जल आपित र की ि थित अगल आध सदी म अिधक किठन हो सकती ह जल सकट स िनपटन को जल सरकषण परबधन अिनवायर परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह बढ़त वि वक तापमान क फल व प अितवि ट अनावि ट अ पवि ट और असामियक वि ट हम परितवषर दख रह ह िजसका परभाव हमार जल ससाधन पर पड़ता िदखाई द रहा ह कओ व बाविडय का िमटता अि त व नदी-नाल का घटता पानी भ-गभर जल का िगरता तर िचता की पिरिध स िनकलकर खतर की घटी बनता जा रहा ह

निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह

प ठ 42 अकषय कराित

िव व भर म सीमट क अधाधध परयोग न धरातल क सहज अवशोषण कषतर को घटाया ह तथा जल बहाव भिम कटाव व बाढ़ म विदध की ह ऐसी ि थित म जल सरकषण का दािय व मातर वजञािनक व सरकार तक सीिमत न रहकर पर यक उपभोकता क कध पर आ जाता ह इसी दािय व क िनवरहन क िलए हमार पास दो िवक प सामन आत ह 1 वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई

उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

2 पािरवािरक तर पर वषार जल को सगरिहत कर उसका उपयोग कर य दोन ही परयास गरामीण कषतर म तो सरलता स अपनाए जा सकत ह परत शहरी कषतर म व ट वाटर मनजमट की बड़ी पिरयोजनाए बनाकर ही पानी को िरसाइिकल िकया जा सकता ह भ-गभर अिधकािधक जल अवशोिषत होकर

जाए इसक िलए मदानी भाग म िनयोिजत ढग स बड़-बड़ पोखर बनाकर तथा पहाड़ी कषतर म नाल -ख ड म िमटटी प थर आरसीसी क बड़-छोट डम लगाकर जल बहाव रोक भ-सरकषण बचाव व जल भडारण और धरातल जल शोषण कषतर बढ़ाया जा सकता ह िव व बक भारत सरकार वारा म य िहमालय जलागम पिरयोजना रा य क भ-सरकषण िवभाग इस कषतर म कारगर उपाय लकर

हमार सामन ह परत जनसहयोग क िबना इन पिरयोजनाओ क आशातीत पिरणाम ल पाना किठन ह वकषारोपण इस सपणर जल चकर को बल दन वाला कारक ह जल क परित चतना जागत न हई तो अव य ही अगल िव व यदध का कारण जल ही होगा

जल भोजन ह और अिगन भोजन का भकषक ह अिगन जल म और जल अिगन म िव यमान ह

- ततरीय उपिनषद 38

वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

प ठ 43 अकषय कराित

म भी गान गा सकता ह शबनम क िखलत फल क म भी गीत सना सकता ह सावन क म त झल क लिकन जब घर-घर म बादल छाय घोर िनराशा क तब म नगम गा रहा ह उ मीद की आशा क

सड़क पर खड़ बचपन की य बात सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह

हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

इस बदलत पिरवश का राग सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

गाधी जी क सपन का जो राम-रा य कहलाता ह उस भारत म सड़क पर छोट चाय पहचाता ह

कहा गई वो अ हड़ म ती कहा गया वो यार का रा ता उन हाथ स बचत झड िजन हाथ को चािहए ब ता

उस सोन की िचिड़या की म बात बतान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

कही बम की गमर हवाए कही ससद म कोहराम ह कही होत घोटाल स परशान आदमी आम ह

कही कल की िकलकारी ह कही सड़क पर बचपन ह कही चलता नही गजारा कही िवदश म काला धन ह

म स चाई गा-गाकर सबको बतलान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

बदलता भारत मनीष लाल इरडा

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

प ठ 44 अकषय कराित

करन वाल काम बहत ह यथर उलझन को छोड़ो म ला-पिड़त तोड़ रह ह तम बस lsquoअपन को जोड़ो

lsquoहम बदलग-यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का lsquoवद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का

वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हम बदलग mdash यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का वद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

प ठ 45 अकषय कराित

िसफर काला और सफ़द य ही वो दो रग थ जो तर पास सि ट बनान क आधार थ

काला वो जो कािलमा िलय ह िजस कहत ह दख िनराशा म य अपयश और वो सबकछ जो नकारा मक ह

मगर सफद ह वो रग िजसस जड़ा ह जीवन आशा सख और कीितर और वो सब कछ जो सकारा मक ह पर इन रग स तझ चन ना िमला त सोचन लगा अगर सि ट बनानी ह

तो िकस िलए- ससगर और परम क िलए और

इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग

ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह

बस- बना डाला तन इ दरधनष

जो बरसात क बाद सरज और प वी क अनपम परम को रग दता ह सतरगी रग स

और उ ही सतरगी इ दरधनषी रग म हम हर पल हर कषण डबत गहरात इतरात रहत ह

और खिशय भर ससार म हर रग को अलग-अलग तरह स महसस करक जीत रहत ह

रग तो रग ह मगर-

ससगर और परम क िलए और इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह बस-

सतरगी िचतर सगीता ीवा तव इरडा

प ठ 46 अकषय कराित

कभी पक क कभी फीक़ तो कछ कभी दाग बनकर उभर आत ह

कछ आख म नील बादल स छाए रहत ह तो कछ गाल पर गलाबी रग बनकर छलक जात ह

याद रहत ह अक सर वो रग- जो खदी पर इस तरह छा जात ह िक खद म घलकर खद क होन

का एहसास दत-दत खद का एक रग बन जात ह

बगनी आसामनी नीला हरा पीला नारगी लाल इ दरधनष क य सात रग ही जोड़त ह हमार िदल को

हमार मन को जोड़न वाल इन रग की सतरगी दिनया म-

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा बनाय

और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क

सतरगी िचतर

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा

बनाय और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क सतरगी िचतर

Page 38: Akshay Kranti Vol 3€¦ · पक्ष को प्रभािवत न कर e, बािधत व पीिड़त न कर eवह काय-र्कौशल है।

प ठ 38 अकषय कराित

भारत म लोग िकसी एक मा यम स पयजल परा त करन पर िनभरर नही ह इस दश म 357 फीसदी लोग हडपप स 367 फीसदी लोग नल स 182 फीसदी लोग तालाब पोखर या झील स 56 फीसदी कओ स 12 फीसदी लोग पारपिरक साधन स और 26 फीसदी लोग अ य मा यम स पीन का पानी परा त करत ह इस िलहाज स अगर दखा जाए तो जल सकट को दर करन क िलए समगर कायरयोजना की ज रत ह

दरअसल भारत म गहरात जल सकट क िलए काफी हद तक पानी की बबारदी भी िज मवार ह यहा जल आपित र की यव था म काफी खािमया ह नल क जिरए घर तक पहचन वाल पानी का एक बड़ा िह सा िरस कर बबारद हो जाता ह हर शहर म फट हए आपित र पाइप आसानी स दख जा सकत ह इस बदहाल यव था क िलए सरकार क साथ-साथ सामा य लोग भी कम िज मदार नही ह एक तरफ तो सरकार पयजल क नाम पर हर साल हजार करोड़ पए का बजट बनाती ह और दसरी तरफ जमीनी तर पर हालात म कोई बदलाव नही िदखता ह सामािजक तौर पर भी जल सरकषण को लकर जाग कता का अभाव िदखता ह यह सामािजक तान-बान का ही असर ह िक लोग कही भी जल की बबारदी को दखकर उस सामा य घटना मानत हए नजरअदाज कर दत ह दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था यह अब घटकर 1800 कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर हो चका ह

दश क बीस करोड़ लोग को पीन का व छ पानी नही िमल पाना बहद दभारगयपणर ह आजादी क वकत भारत म पाच हजार कयिबक मीटर पानी परित यिकत परित वषर उपल ध था

प ठ 39 अकषय कराित

िवशषजञ का अनमान ह िक अगर पानी की खपत और बबारदी इसी तरह स जारी रही तो 2025 तक यह घटकर हजार कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर ही रह जाएगा उस समय तक पानी की उपल धता म आन वाली इस कमी की वजह स किष उ पादन म तीस फीसदी की कमी आन की सभावना ह इन पिरि थितय म दश की आिथरक और सामािजक ि थित का कया होगा इसका अदाजा सहज ही लगाया जा सकता ह भारत म जल सरकषण क परित आज भी आम लोग क मन म उपकषा का भाव बना हआ ह साथ ही इस कायर क िलए आव यक तकनीक की भी कमी ह जो तकनीक उपल ध ह उनस सामा य लोग अनजान ह बािरश क पानी का सगरह करक उस उपयोग म लाना एक अ छा िवक प ह पर इस तरह की कोिशश काफी सीिमत मातरा म काफी छोट तर पर हो रही ह यही वजह ह िक दश म होन वाली बािरश क पानी का अ सी फीसदी िह सा आज भी समदर म पहच जाता ह अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह अगर जल की इस िवशाल मातरा का आधा भी परयोग कर िलया जाए तो ि थित म यापक बदलाव आना तय ह शहरी कषतर म तो पानी की कालाबाजारी जोर पर ह जगह-जगह पर जल मािफया सिकरय हो गए ह िद ली क ही एक अखबार न कछ समय पहल यह बात उजागर िकया था यहा तो समानातर जल बोडर भी चलाया जा रहा ह हरानी की बात तो यह ह िक इसक बावजद भी पानी क काल धध पर अकश नही लगाया जा सका ह अहम सवाल यह ह िक कस सामा य तबक क लोग तक व छ पानी पहचाया जाए शहरी कषतर क साथ-साथ गरामीण कषतर म भी यह एक बड़ी चनौती ह आबादी म अपर यािशत विदध बढ़त शहरीकरण औ योिगकीकरण और किष उ पाद की बढ़ती माग क कारण पानी की माग िपछल कछ साल म वाभािवक प स बढ़ी ह इसक पिरणाम व प भजल ससाधन का अ यिधक दोहन हआ ह और इसका नतीजा हआ िक लगातार भजल का तर घटता जा रहा ह शहरी कषतर म ि थित बहद भयावह ह तदनसार वहा न कवल शीघराितशीघर जल ससाधन क सरकषण की ज रत ह बि क परभावी रणनीित और परबधन क जिरए त काल कदम उठान की ज रत ह

अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह

प ठ 40 अकषय कराित

खासकर इस बात को यान म ऱखकर िक िविभ न परितयोगी कषतर म कभी भी माग बढ़ सकती ह भिव य म उपयोग क िलए छत पर या सतह पर जलगरहण बनाकर वषारजल सरकषण बहद ज री ह यह पानी की बढ़ती ज रत का खयाल रखन िमटटी की नमी तर को बढ़ान शहरी हिरयाली को बढ़ान भजल तर को कितरम प स पनभररण करन और भजल की गणव ता स सधार का काम करता ह भारत म जल परबधन स दश का िवकास भारत म दिनया की 16 परितशत आबादी रहती ह लिकन दिनया क िसफर 4 परितशत जल ससाधन ही भारत क पास ह 3290000 वगर िकलोमीटर क भिम कषतर और एक अरब स यादा की आबादी क साथ भारत क एक बहलवादी िविवधता का िचतर ह िवशाल पराकितक ससाधन क साथ सप न तकनीकी और वजञािनक किमरय का भी यह दिनया म दसरा सबस बड़ा सम चय ह भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह मानव िवकास म 80 क दशक म लगभग 26 परितशत और 90 क दशक क दौरान और 24 परितशत क वारा सधार हआ ह आजादी क बाद छह दशक म भारत न जल ससाधन का अभतपवर िवकास और खा या न म आ मिनभररता शहरी कषतर ऊजार और औ योिगक कषतर और पीन का पानी क बिनयादी ढाच म तजी स िव तार दखा ह िजसका उपयोग भारत की लगभग 85 परितशत शहरी और गरामीण आबादी क वारा िकया जाता ह भारत म रा य सरकार और भारत सरकार क परितबदध और ठोस परयास की वजह स गरामीण और शहरी आबादी को सरिकषत पयजल को उपल ध करवान म काफी सफलता हािसल की ह इस उपलि ध न भजल की कमी जल जमावजल गणव ता िगरावट जल परदषण और बढ़त लवणता तर स बड़ कषतर को परभािवत िकया ह और अभी भी िविभ न रा य म गरामीण और शहरी भारत क मानव िवकास सचकाक (HDI)rsquo म बहत असमानता मौजद ह पानी क िलए कषतरीय माग तजी स बढ़ रह शहरीकरण की गित स बढ़ रही ह (अनमानत 2025 तक दश की आबादी का 50 परितशत स अिधक शहर म रहग) जनसखया विदध बढ़ती आय और औ योिगक िवकासशहरी भारत तजी स िवकास की माग क कदर क प म उभर रहा ह

भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह

प ठ 41 अकषय कराित

नतीजतन परित यिकत पानी की उपल धता िगर रही ह परधानमतरी की अ यकषता म 12वी योजना क िलए हई योजना आयोग की पणर बठक म दसर म क साथ जल परबधन पर िवशष चचार हई बठक क बाद योजना आयोग क उपा यकष म टक िसह अहलवािलया न कहा िक भ-जल कानन स लकर दसर म की यापक समीकषा ज री ह व यनाथन सिमित जहा वतरमान म भ-जल कानन की साथरकता का अ ययन करगी वही भारतीय अतिरकष अनसधान सगठन [इसरो] की मदद स पानी की उपल धता का िव तत अ ययन होगा म टक न कहा िक उसी आधार पर रणनीित तय होगी सरकार यह यान रखगी िक पानी का अिधकतम उपयोग हो सक और सभी को उपल ध हो पानी पर िकसी का एकािधकार न हो सक बतात ह िक द पयोग को रोकन क िलए श क लगान पर भी िवचार िकया जा सकता ह हालािक इसस पहल रा य सरकार स चचार होगी यह तय ह िक एआइबीपी कायरकरम म यापक बदलाव ह ग ी म टक िसह अहलवािलया न कहा िक वतरमान म इस कायरकरम का सही िकरया वयन नही हो रहा ह िलहाजा उसम पिरवतरन ज री ह सभव ह िक हर रा य म जल िनयामक परािधकरण बनान की शतर भी लगाई जाए उ ह न कहा िक जल परबधन की यापक समीकषा कर नई रणनीित तय की जाएगी कल िमलाकर रा टरीय तर पर वतरमान जल ससाधन का अिधक स अिधक करन क िलए माग को परा करन क िलए पयार त ह लिकन भिव य क अ ययन पिरयोजना ह िक जल आपित र की ि थित अगल आध सदी म अिधक किठन हो सकती ह जल सकट स िनपटन को जल सरकषण परबधन अिनवायर परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह बढ़त वि वक तापमान क फल व प अितवि ट अनावि ट अ पवि ट और असामियक वि ट हम परितवषर दख रह ह िजसका परभाव हमार जल ससाधन पर पड़ता िदखाई द रहा ह कओ व बाविडय का िमटता अि त व नदी-नाल का घटता पानी भ-गभर जल का िगरता तर िचता की पिरिध स िनकलकर खतर की घटी बनता जा रहा ह

निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह

प ठ 42 अकषय कराित

िव व भर म सीमट क अधाधध परयोग न धरातल क सहज अवशोषण कषतर को घटाया ह तथा जल बहाव भिम कटाव व बाढ़ म विदध की ह ऐसी ि थित म जल सरकषण का दािय व मातर वजञािनक व सरकार तक सीिमत न रहकर पर यक उपभोकता क कध पर आ जाता ह इसी दािय व क िनवरहन क िलए हमार पास दो िवक प सामन आत ह 1 वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई

उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

2 पािरवािरक तर पर वषार जल को सगरिहत कर उसका उपयोग कर य दोन ही परयास गरामीण कषतर म तो सरलता स अपनाए जा सकत ह परत शहरी कषतर म व ट वाटर मनजमट की बड़ी पिरयोजनाए बनाकर ही पानी को िरसाइिकल िकया जा सकता ह भ-गभर अिधकािधक जल अवशोिषत होकर

जाए इसक िलए मदानी भाग म िनयोिजत ढग स बड़-बड़ पोखर बनाकर तथा पहाड़ी कषतर म नाल -ख ड म िमटटी प थर आरसीसी क बड़-छोट डम लगाकर जल बहाव रोक भ-सरकषण बचाव व जल भडारण और धरातल जल शोषण कषतर बढ़ाया जा सकता ह िव व बक भारत सरकार वारा म य िहमालय जलागम पिरयोजना रा य क भ-सरकषण िवभाग इस कषतर म कारगर उपाय लकर

हमार सामन ह परत जनसहयोग क िबना इन पिरयोजनाओ क आशातीत पिरणाम ल पाना किठन ह वकषारोपण इस सपणर जल चकर को बल दन वाला कारक ह जल क परित चतना जागत न हई तो अव य ही अगल िव व यदध का कारण जल ही होगा

जल भोजन ह और अिगन भोजन का भकषक ह अिगन जल म और जल अिगन म िव यमान ह

- ततरीय उपिनषद 38

वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

प ठ 43 अकषय कराित

म भी गान गा सकता ह शबनम क िखलत फल क म भी गीत सना सकता ह सावन क म त झल क लिकन जब घर-घर म बादल छाय घोर िनराशा क तब म नगम गा रहा ह उ मीद की आशा क

सड़क पर खड़ बचपन की य बात सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह

हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

इस बदलत पिरवश का राग सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

गाधी जी क सपन का जो राम-रा य कहलाता ह उस भारत म सड़क पर छोट चाय पहचाता ह

कहा गई वो अ हड़ म ती कहा गया वो यार का रा ता उन हाथ स बचत झड िजन हाथ को चािहए ब ता

उस सोन की िचिड़या की म बात बतान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

कही बम की गमर हवाए कही ससद म कोहराम ह कही होत घोटाल स परशान आदमी आम ह

कही कल की िकलकारी ह कही सड़क पर बचपन ह कही चलता नही गजारा कही िवदश म काला धन ह

म स चाई गा-गाकर सबको बतलान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

बदलता भारत मनीष लाल इरडा

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

प ठ 44 अकषय कराित

करन वाल काम बहत ह यथर उलझन को छोड़ो म ला-पिड़त तोड़ रह ह तम बस lsquoअपन को जोड़ो

lsquoहम बदलग-यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का lsquoवद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का

वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हम बदलग mdash यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का वद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

प ठ 45 अकषय कराित

िसफर काला और सफ़द य ही वो दो रग थ जो तर पास सि ट बनान क आधार थ

काला वो जो कािलमा िलय ह िजस कहत ह दख िनराशा म य अपयश और वो सबकछ जो नकारा मक ह

मगर सफद ह वो रग िजसस जड़ा ह जीवन आशा सख और कीितर और वो सब कछ जो सकारा मक ह पर इन रग स तझ चन ना िमला त सोचन लगा अगर सि ट बनानी ह

तो िकस िलए- ससगर और परम क िलए और

इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग

ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह

बस- बना डाला तन इ दरधनष

जो बरसात क बाद सरज और प वी क अनपम परम को रग दता ह सतरगी रग स

और उ ही सतरगी इ दरधनषी रग म हम हर पल हर कषण डबत गहरात इतरात रहत ह

और खिशय भर ससार म हर रग को अलग-अलग तरह स महसस करक जीत रहत ह

रग तो रग ह मगर-

ससगर और परम क िलए और इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह बस-

सतरगी िचतर सगीता ीवा तव इरडा

प ठ 46 अकषय कराित

कभी पक क कभी फीक़ तो कछ कभी दाग बनकर उभर आत ह

कछ आख म नील बादल स छाए रहत ह तो कछ गाल पर गलाबी रग बनकर छलक जात ह

याद रहत ह अक सर वो रग- जो खदी पर इस तरह छा जात ह िक खद म घलकर खद क होन

का एहसास दत-दत खद का एक रग बन जात ह

बगनी आसामनी नीला हरा पीला नारगी लाल इ दरधनष क य सात रग ही जोड़त ह हमार िदल को

हमार मन को जोड़न वाल इन रग की सतरगी दिनया म-

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा बनाय

और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क

सतरगी िचतर

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा

बनाय और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क सतरगी िचतर

Page 39: Akshay Kranti Vol 3€¦ · पक्ष को प्रभािवत न कर e, बािधत व पीिड़त न कर eवह काय-र्कौशल है।

प ठ 39 अकषय कराित

िवशषजञ का अनमान ह िक अगर पानी की खपत और बबारदी इसी तरह स जारी रही तो 2025 तक यह घटकर हजार कयिबक मीटर परित यिकत परित वषर ही रह जाएगा उस समय तक पानी की उपल धता म आन वाली इस कमी की वजह स किष उ पादन म तीस फीसदी की कमी आन की सभावना ह इन पिरि थितय म दश की आिथरक और सामािजक ि थित का कया होगा इसका अदाजा सहज ही लगाया जा सकता ह भारत म जल सरकषण क परित आज भी आम लोग क मन म उपकषा का भाव बना हआ ह साथ ही इस कायर क िलए आव यक तकनीक की भी कमी ह जो तकनीक उपल ध ह उनस सामा य लोग अनजान ह बािरश क पानी का सगरह करक उस उपयोग म लाना एक अ छा िवक प ह पर इस तरह की कोिशश काफी सीिमत मातरा म काफी छोट तर पर हो रही ह यही वजह ह िक दश म होन वाली बािरश क पानी का अ सी फीसदी िह सा आज भी समदर म पहच जाता ह अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह अगर जल की इस िवशाल मातरा का आधा भी परयोग कर िलया जाए तो ि थित म यापक बदलाव आना तय ह शहरी कषतर म तो पानी की कालाबाजारी जोर पर ह जगह-जगह पर जल मािफया सिकरय हो गए ह िद ली क ही एक अखबार न कछ समय पहल यह बात उजागर िकया था यहा तो समानातर जल बोडर भी चलाया जा रहा ह हरानी की बात तो यह ह िक इसक बावजद भी पानी क काल धध पर अकश नही लगाया जा सका ह अहम सवाल यह ह िक कस सामा य तबक क लोग तक व छ पानी पहचाया जाए शहरी कषतर क साथ-साथ गरामीण कषतर म भी यह एक बड़ी चनौती ह आबादी म अपर यािशत विदध बढ़त शहरीकरण औ योिगकीकरण और किष उ पाद की बढ़ती माग क कारण पानी की माग िपछल कछ साल म वाभािवक प स बढ़ी ह इसक पिरणाम व प भजल ससाधन का अ यिधक दोहन हआ ह और इसका नतीजा हआ िक लगातार भजल का तर घटता जा रहा ह शहरी कषतर म ि थित बहद भयावह ह तदनसार वहा न कवल शीघराितशीघर जल ससाधन क सरकषण की ज रत ह बि क परभावी रणनीित और परबधन क जिरए त काल कदम उठान की ज रत ह

अगर खराब मानसन की वजह स इस साल बािरश म हई कमी को छोड़ द तो भारत म कल वािषरक बािरश औसतन 1170 िममी होती ह

प ठ 40 अकषय कराित

खासकर इस बात को यान म ऱखकर िक िविभ न परितयोगी कषतर म कभी भी माग बढ़ सकती ह भिव य म उपयोग क िलए छत पर या सतह पर जलगरहण बनाकर वषारजल सरकषण बहद ज री ह यह पानी की बढ़ती ज रत का खयाल रखन िमटटी की नमी तर को बढ़ान शहरी हिरयाली को बढ़ान भजल तर को कितरम प स पनभररण करन और भजल की गणव ता स सधार का काम करता ह भारत म जल परबधन स दश का िवकास भारत म दिनया की 16 परितशत आबादी रहती ह लिकन दिनया क िसफर 4 परितशत जल ससाधन ही भारत क पास ह 3290000 वगर िकलोमीटर क भिम कषतर और एक अरब स यादा की आबादी क साथ भारत क एक बहलवादी िविवधता का िचतर ह िवशाल पराकितक ससाधन क साथ सप न तकनीकी और वजञािनक किमरय का भी यह दिनया म दसरा सबस बड़ा सम चय ह भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह मानव िवकास म 80 क दशक म लगभग 26 परितशत और 90 क दशक क दौरान और 24 परितशत क वारा सधार हआ ह आजादी क बाद छह दशक म भारत न जल ससाधन का अभतपवर िवकास और खा या न म आ मिनभररता शहरी कषतर ऊजार और औ योिगक कषतर और पीन का पानी क बिनयादी ढाच म तजी स िव तार दखा ह िजसका उपयोग भारत की लगभग 85 परितशत शहरी और गरामीण आबादी क वारा िकया जाता ह भारत म रा य सरकार और भारत सरकार क परितबदध और ठोस परयास की वजह स गरामीण और शहरी आबादी को सरिकषत पयजल को उपल ध करवान म काफी सफलता हािसल की ह इस उपलि ध न भजल की कमी जल जमावजल गणव ता िगरावट जल परदषण और बढ़त लवणता तर स बड़ कषतर को परभािवत िकया ह और अभी भी िविभ न रा य म गरामीण और शहरी भारत क मानव िवकास सचकाक (HDI)rsquo म बहत असमानता मौजद ह पानी क िलए कषतरीय माग तजी स बढ़ रह शहरीकरण की गित स बढ़ रही ह (अनमानत 2025 तक दश की आबादी का 50 परितशत स अिधक शहर म रहग) जनसखया विदध बढ़ती आय और औ योिगक िवकासशहरी भारत तजी स िवकास की माग क कदर क प म उभर रहा ह

भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह

प ठ 41 अकषय कराित

नतीजतन परित यिकत पानी की उपल धता िगर रही ह परधानमतरी की अ यकषता म 12वी योजना क िलए हई योजना आयोग की पणर बठक म दसर म क साथ जल परबधन पर िवशष चचार हई बठक क बाद योजना आयोग क उपा यकष म टक िसह अहलवािलया न कहा िक भ-जल कानन स लकर दसर म की यापक समीकषा ज री ह व यनाथन सिमित जहा वतरमान म भ-जल कानन की साथरकता का अ ययन करगी वही भारतीय अतिरकष अनसधान सगठन [इसरो] की मदद स पानी की उपल धता का िव तत अ ययन होगा म टक न कहा िक उसी आधार पर रणनीित तय होगी सरकार यह यान रखगी िक पानी का अिधकतम उपयोग हो सक और सभी को उपल ध हो पानी पर िकसी का एकािधकार न हो सक बतात ह िक द पयोग को रोकन क िलए श क लगान पर भी िवचार िकया जा सकता ह हालािक इसस पहल रा य सरकार स चचार होगी यह तय ह िक एआइबीपी कायरकरम म यापक बदलाव ह ग ी म टक िसह अहलवािलया न कहा िक वतरमान म इस कायरकरम का सही िकरया वयन नही हो रहा ह िलहाजा उसम पिरवतरन ज री ह सभव ह िक हर रा य म जल िनयामक परािधकरण बनान की शतर भी लगाई जाए उ ह न कहा िक जल परबधन की यापक समीकषा कर नई रणनीित तय की जाएगी कल िमलाकर रा टरीय तर पर वतरमान जल ससाधन का अिधक स अिधक करन क िलए माग को परा करन क िलए पयार त ह लिकन भिव य क अ ययन पिरयोजना ह िक जल आपित र की ि थित अगल आध सदी म अिधक किठन हो सकती ह जल सकट स िनपटन को जल सरकषण परबधन अिनवायर परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह बढ़त वि वक तापमान क फल व प अितवि ट अनावि ट अ पवि ट और असामियक वि ट हम परितवषर दख रह ह िजसका परभाव हमार जल ससाधन पर पड़ता िदखाई द रहा ह कओ व बाविडय का िमटता अि त व नदी-नाल का घटता पानी भ-गभर जल का िगरता तर िचता की पिरिध स िनकलकर खतर की घटी बनता जा रहा ह

निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह

प ठ 42 अकषय कराित

िव व भर म सीमट क अधाधध परयोग न धरातल क सहज अवशोषण कषतर को घटाया ह तथा जल बहाव भिम कटाव व बाढ़ म विदध की ह ऐसी ि थित म जल सरकषण का दािय व मातर वजञािनक व सरकार तक सीिमत न रहकर पर यक उपभोकता क कध पर आ जाता ह इसी दािय व क िनवरहन क िलए हमार पास दो िवक प सामन आत ह 1 वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई

उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

2 पािरवािरक तर पर वषार जल को सगरिहत कर उसका उपयोग कर य दोन ही परयास गरामीण कषतर म तो सरलता स अपनाए जा सकत ह परत शहरी कषतर म व ट वाटर मनजमट की बड़ी पिरयोजनाए बनाकर ही पानी को िरसाइिकल िकया जा सकता ह भ-गभर अिधकािधक जल अवशोिषत होकर

जाए इसक िलए मदानी भाग म िनयोिजत ढग स बड़-बड़ पोखर बनाकर तथा पहाड़ी कषतर म नाल -ख ड म िमटटी प थर आरसीसी क बड़-छोट डम लगाकर जल बहाव रोक भ-सरकषण बचाव व जल भडारण और धरातल जल शोषण कषतर बढ़ाया जा सकता ह िव व बक भारत सरकार वारा म य िहमालय जलागम पिरयोजना रा य क भ-सरकषण िवभाग इस कषतर म कारगर उपाय लकर

हमार सामन ह परत जनसहयोग क िबना इन पिरयोजनाओ क आशातीत पिरणाम ल पाना किठन ह वकषारोपण इस सपणर जल चकर को बल दन वाला कारक ह जल क परित चतना जागत न हई तो अव य ही अगल िव व यदध का कारण जल ही होगा

जल भोजन ह और अिगन भोजन का भकषक ह अिगन जल म और जल अिगन म िव यमान ह

- ततरीय उपिनषद 38

वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

प ठ 43 अकषय कराित

म भी गान गा सकता ह शबनम क िखलत फल क म भी गीत सना सकता ह सावन क म त झल क लिकन जब घर-घर म बादल छाय घोर िनराशा क तब म नगम गा रहा ह उ मीद की आशा क

सड़क पर खड़ बचपन की य बात सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह

हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

इस बदलत पिरवश का राग सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

गाधी जी क सपन का जो राम-रा य कहलाता ह उस भारत म सड़क पर छोट चाय पहचाता ह

कहा गई वो अ हड़ म ती कहा गया वो यार का रा ता उन हाथ स बचत झड िजन हाथ को चािहए ब ता

उस सोन की िचिड़या की म बात बतान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

कही बम की गमर हवाए कही ससद म कोहराम ह कही होत घोटाल स परशान आदमी आम ह

कही कल की िकलकारी ह कही सड़क पर बचपन ह कही चलता नही गजारा कही िवदश म काला धन ह

म स चाई गा-गाकर सबको बतलान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

बदलता भारत मनीष लाल इरडा

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

प ठ 44 अकषय कराित

करन वाल काम बहत ह यथर उलझन को छोड़ो म ला-पिड़त तोड़ रह ह तम बस lsquoअपन को जोड़ो

lsquoहम बदलग-यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का lsquoवद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का

वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हम बदलग mdash यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का वद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

प ठ 45 अकषय कराित

िसफर काला और सफ़द य ही वो दो रग थ जो तर पास सि ट बनान क आधार थ

काला वो जो कािलमा िलय ह िजस कहत ह दख िनराशा म य अपयश और वो सबकछ जो नकारा मक ह

मगर सफद ह वो रग िजसस जड़ा ह जीवन आशा सख और कीितर और वो सब कछ जो सकारा मक ह पर इन रग स तझ चन ना िमला त सोचन लगा अगर सि ट बनानी ह

तो िकस िलए- ससगर और परम क िलए और

इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग

ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह

बस- बना डाला तन इ दरधनष

जो बरसात क बाद सरज और प वी क अनपम परम को रग दता ह सतरगी रग स

और उ ही सतरगी इ दरधनषी रग म हम हर पल हर कषण डबत गहरात इतरात रहत ह

और खिशय भर ससार म हर रग को अलग-अलग तरह स महसस करक जीत रहत ह

रग तो रग ह मगर-

ससगर और परम क िलए और इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह बस-

सतरगी िचतर सगीता ीवा तव इरडा

प ठ 46 अकषय कराित

कभी पक क कभी फीक़ तो कछ कभी दाग बनकर उभर आत ह

कछ आख म नील बादल स छाए रहत ह तो कछ गाल पर गलाबी रग बनकर छलक जात ह

याद रहत ह अक सर वो रग- जो खदी पर इस तरह छा जात ह िक खद म घलकर खद क होन

का एहसास दत-दत खद का एक रग बन जात ह

बगनी आसामनी नीला हरा पीला नारगी लाल इ दरधनष क य सात रग ही जोड़त ह हमार िदल को

हमार मन को जोड़न वाल इन रग की सतरगी दिनया म-

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा बनाय

और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क

सतरगी िचतर

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा

बनाय और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क सतरगी िचतर

Page 40: Akshay Kranti Vol 3€¦ · पक्ष को प्रभािवत न कर e, बािधत व पीिड़त न कर eवह काय-र्कौशल है।

प ठ 40 अकषय कराित

खासकर इस बात को यान म ऱखकर िक िविभ न परितयोगी कषतर म कभी भी माग बढ़ सकती ह भिव य म उपयोग क िलए छत पर या सतह पर जलगरहण बनाकर वषारजल सरकषण बहद ज री ह यह पानी की बढ़ती ज रत का खयाल रखन िमटटी की नमी तर को बढ़ान शहरी हिरयाली को बढ़ान भजल तर को कितरम प स पनभररण करन और भजल की गणव ता स सधार का काम करता ह भारत म जल परबधन स दश का िवकास भारत म दिनया की 16 परितशत आबादी रहती ह लिकन दिनया क िसफर 4 परितशत जल ससाधन ही भारत क पास ह 3290000 वगर िकलोमीटर क भिम कषतर और एक अरब स यादा की आबादी क साथ भारत क एक बहलवादी िविवधता का िचतर ह िवशाल पराकितक ससाधन क साथ सप न तकनीकी और वजञािनक किमरय का भी यह दिनया म दसरा सबस बड़ा सम चय ह भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह मानव िवकास म 80 क दशक म लगभग 26 परितशत और 90 क दशक क दौरान और 24 परितशत क वारा सधार हआ ह आजादी क बाद छह दशक म भारत न जल ससाधन का अभतपवर िवकास और खा या न म आ मिनभररता शहरी कषतर ऊजार और औ योिगक कषतर और पीन का पानी क बिनयादी ढाच म तजी स िव तार दखा ह िजसका उपयोग भारत की लगभग 85 परितशत शहरी और गरामीण आबादी क वारा िकया जाता ह भारत म रा य सरकार और भारत सरकार क परितबदध और ठोस परयास की वजह स गरामीण और शहरी आबादी को सरिकषत पयजल को उपल ध करवान म काफी सफलता हािसल की ह इस उपलि ध न भजल की कमी जल जमावजल गणव ता िगरावट जल परदषण और बढ़त लवणता तर स बड़ कषतर को परभािवत िकया ह और अभी भी िविभ न रा य म गरामीण और शहरी भारत क मानव िवकास सचकाक (HDI)rsquo म बहत असमानता मौजद ह पानी क िलए कषतरीय माग तजी स बढ़ रह शहरीकरण की गित स बढ़ रही ह (अनमानत 2025 तक दश की आबादी का 50 परितशत स अिधक शहर म रहग) जनसखया विदध बढ़ती आय और औ योिगक िवकासशहरी भारत तजी स िवकास की माग क कदर क प म उभर रहा ह

भारतीय अथर यव था म तजी स विदध हई ह और आिथरक उदारीकरण न िनजी कषतर की िवशाल कषमता को बढ़ावा िदया ह जो आज लगभग 75 सकल घरल उ पाद (GDP) परितशत क िलए योगदान दता ह

प ठ 41 अकषय कराित

नतीजतन परित यिकत पानी की उपल धता िगर रही ह परधानमतरी की अ यकषता म 12वी योजना क िलए हई योजना आयोग की पणर बठक म दसर म क साथ जल परबधन पर िवशष चचार हई बठक क बाद योजना आयोग क उपा यकष म टक िसह अहलवािलया न कहा िक भ-जल कानन स लकर दसर म की यापक समीकषा ज री ह व यनाथन सिमित जहा वतरमान म भ-जल कानन की साथरकता का अ ययन करगी वही भारतीय अतिरकष अनसधान सगठन [इसरो] की मदद स पानी की उपल धता का िव तत अ ययन होगा म टक न कहा िक उसी आधार पर रणनीित तय होगी सरकार यह यान रखगी िक पानी का अिधकतम उपयोग हो सक और सभी को उपल ध हो पानी पर िकसी का एकािधकार न हो सक बतात ह िक द पयोग को रोकन क िलए श क लगान पर भी िवचार िकया जा सकता ह हालािक इसस पहल रा य सरकार स चचार होगी यह तय ह िक एआइबीपी कायरकरम म यापक बदलाव ह ग ी म टक िसह अहलवािलया न कहा िक वतरमान म इस कायरकरम का सही िकरया वयन नही हो रहा ह िलहाजा उसम पिरवतरन ज री ह सभव ह िक हर रा य म जल िनयामक परािधकरण बनान की शतर भी लगाई जाए उ ह न कहा िक जल परबधन की यापक समीकषा कर नई रणनीित तय की जाएगी कल िमलाकर रा टरीय तर पर वतरमान जल ससाधन का अिधक स अिधक करन क िलए माग को परा करन क िलए पयार त ह लिकन भिव य क अ ययन पिरयोजना ह िक जल आपित र की ि थित अगल आध सदी म अिधक किठन हो सकती ह जल सकट स िनपटन को जल सरकषण परबधन अिनवायर परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह बढ़त वि वक तापमान क फल व प अितवि ट अनावि ट अ पवि ट और असामियक वि ट हम परितवषर दख रह ह िजसका परभाव हमार जल ससाधन पर पड़ता िदखाई द रहा ह कओ व बाविडय का िमटता अि त व नदी-नाल का घटता पानी भ-गभर जल का िगरता तर िचता की पिरिध स िनकलकर खतर की घटी बनता जा रहा ह

निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह

प ठ 42 अकषय कराित

िव व भर म सीमट क अधाधध परयोग न धरातल क सहज अवशोषण कषतर को घटाया ह तथा जल बहाव भिम कटाव व बाढ़ म विदध की ह ऐसी ि थित म जल सरकषण का दािय व मातर वजञािनक व सरकार तक सीिमत न रहकर पर यक उपभोकता क कध पर आ जाता ह इसी दािय व क िनवरहन क िलए हमार पास दो िवक प सामन आत ह 1 वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई

उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

2 पािरवािरक तर पर वषार जल को सगरिहत कर उसका उपयोग कर य दोन ही परयास गरामीण कषतर म तो सरलता स अपनाए जा सकत ह परत शहरी कषतर म व ट वाटर मनजमट की बड़ी पिरयोजनाए बनाकर ही पानी को िरसाइिकल िकया जा सकता ह भ-गभर अिधकािधक जल अवशोिषत होकर

जाए इसक िलए मदानी भाग म िनयोिजत ढग स बड़-बड़ पोखर बनाकर तथा पहाड़ी कषतर म नाल -ख ड म िमटटी प थर आरसीसी क बड़-छोट डम लगाकर जल बहाव रोक भ-सरकषण बचाव व जल भडारण और धरातल जल शोषण कषतर बढ़ाया जा सकता ह िव व बक भारत सरकार वारा म य िहमालय जलागम पिरयोजना रा य क भ-सरकषण िवभाग इस कषतर म कारगर उपाय लकर

हमार सामन ह परत जनसहयोग क िबना इन पिरयोजनाओ क आशातीत पिरणाम ल पाना किठन ह वकषारोपण इस सपणर जल चकर को बल दन वाला कारक ह जल क परित चतना जागत न हई तो अव य ही अगल िव व यदध का कारण जल ही होगा

जल भोजन ह और अिगन भोजन का भकषक ह अिगन जल म और जल अिगन म िव यमान ह

- ततरीय उपिनषद 38

वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

प ठ 43 अकषय कराित

म भी गान गा सकता ह शबनम क िखलत फल क म भी गीत सना सकता ह सावन क म त झल क लिकन जब घर-घर म बादल छाय घोर िनराशा क तब म नगम गा रहा ह उ मीद की आशा क

सड़क पर खड़ बचपन की य बात सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह

हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

इस बदलत पिरवश का राग सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

गाधी जी क सपन का जो राम-रा य कहलाता ह उस भारत म सड़क पर छोट चाय पहचाता ह

कहा गई वो अ हड़ म ती कहा गया वो यार का रा ता उन हाथ स बचत झड िजन हाथ को चािहए ब ता

उस सोन की िचिड़या की म बात बतान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

कही बम की गमर हवाए कही ससद म कोहराम ह कही होत घोटाल स परशान आदमी आम ह

कही कल की िकलकारी ह कही सड़क पर बचपन ह कही चलता नही गजारा कही िवदश म काला धन ह

म स चाई गा-गाकर सबको बतलान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

बदलता भारत मनीष लाल इरडा

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

प ठ 44 अकषय कराित

करन वाल काम बहत ह यथर उलझन को छोड़ो म ला-पिड़त तोड़ रह ह तम बस lsquoअपन को जोड़ो

lsquoहम बदलग-यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का lsquoवद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का

वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हम बदलग mdash यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का वद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

प ठ 45 अकषय कराित

िसफर काला और सफ़द य ही वो दो रग थ जो तर पास सि ट बनान क आधार थ

काला वो जो कािलमा िलय ह िजस कहत ह दख िनराशा म य अपयश और वो सबकछ जो नकारा मक ह

मगर सफद ह वो रग िजसस जड़ा ह जीवन आशा सख और कीितर और वो सब कछ जो सकारा मक ह पर इन रग स तझ चन ना िमला त सोचन लगा अगर सि ट बनानी ह

तो िकस िलए- ससगर और परम क िलए और

इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग

ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह

बस- बना डाला तन इ दरधनष

जो बरसात क बाद सरज और प वी क अनपम परम को रग दता ह सतरगी रग स

और उ ही सतरगी इ दरधनषी रग म हम हर पल हर कषण डबत गहरात इतरात रहत ह

और खिशय भर ससार म हर रग को अलग-अलग तरह स महसस करक जीत रहत ह

रग तो रग ह मगर-

ससगर और परम क िलए और इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह बस-

सतरगी िचतर सगीता ीवा तव इरडा

प ठ 46 अकषय कराित

कभी पक क कभी फीक़ तो कछ कभी दाग बनकर उभर आत ह

कछ आख म नील बादल स छाए रहत ह तो कछ गाल पर गलाबी रग बनकर छलक जात ह

याद रहत ह अक सर वो रग- जो खदी पर इस तरह छा जात ह िक खद म घलकर खद क होन

का एहसास दत-दत खद का एक रग बन जात ह

बगनी आसामनी नीला हरा पीला नारगी लाल इ दरधनष क य सात रग ही जोड़त ह हमार िदल को

हमार मन को जोड़न वाल इन रग की सतरगी दिनया म-

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा बनाय

और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क

सतरगी िचतर

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा

बनाय और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क सतरगी िचतर

Page 41: Akshay Kranti Vol 3€¦ · पक्ष को प्रभािवत न कर e, बािधत व पीिड़त न कर eवह काय-र्कौशल है।

प ठ 41 अकषय कराित

नतीजतन परित यिकत पानी की उपल धता िगर रही ह परधानमतरी की अ यकषता म 12वी योजना क िलए हई योजना आयोग की पणर बठक म दसर म क साथ जल परबधन पर िवशष चचार हई बठक क बाद योजना आयोग क उपा यकष म टक िसह अहलवािलया न कहा िक भ-जल कानन स लकर दसर म की यापक समीकषा ज री ह व यनाथन सिमित जहा वतरमान म भ-जल कानन की साथरकता का अ ययन करगी वही भारतीय अतिरकष अनसधान सगठन [इसरो] की मदद स पानी की उपल धता का िव तत अ ययन होगा म टक न कहा िक उसी आधार पर रणनीित तय होगी सरकार यह यान रखगी िक पानी का अिधकतम उपयोग हो सक और सभी को उपल ध हो पानी पर िकसी का एकािधकार न हो सक बतात ह िक द पयोग को रोकन क िलए श क लगान पर भी िवचार िकया जा सकता ह हालािक इसस पहल रा य सरकार स चचार होगी यह तय ह िक एआइबीपी कायरकरम म यापक बदलाव ह ग ी म टक िसह अहलवािलया न कहा िक वतरमान म इस कायरकरम का सही िकरया वयन नही हो रहा ह िलहाजा उसम पिरवतरन ज री ह सभव ह िक हर रा य म जल िनयामक परािधकरण बनान की शतर भी लगाई जाए उ ह न कहा िक जल परबधन की यापक समीकषा कर नई रणनीित तय की जाएगी कल िमलाकर रा टरीय तर पर वतरमान जल ससाधन का अिधक स अिधक करन क िलए माग को परा करन क िलए पयार त ह लिकन भिव य क अ ययन पिरयोजना ह िक जल आपित र की ि थित अगल आध सदी म अिधक किठन हो सकती ह जल सकट स िनपटन को जल सरकषण परबधन अिनवायर परकित का जो असतलन िपछल दो-तीन दशक स दखा जा रहा ह इसक पिरणाम व प िव व भर क वजञािनक जल ससाधन व जल सरकषण की ओर जनमानस को सचत व सजग कर रह ह निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह बढ़त वि वक तापमान क फल व प अितवि ट अनावि ट अ पवि ट और असामियक वि ट हम परितवषर दख रह ह िजसका परभाव हमार जल ससाधन पर पड़ता िदखाई द रहा ह कओ व बाविडय का िमटता अि त व नदी-नाल का घटता पानी भ-गभर जल का िगरता तर िचता की पिरिध स िनकलकर खतर की घटी बनता जा रहा ह

निदया नाल झरन कए बाविड़या बोर वल परमख जल ससाधन ह इन ससाधन का ोत िहमपात और वषार ह

प ठ 42 अकषय कराित

िव व भर म सीमट क अधाधध परयोग न धरातल क सहज अवशोषण कषतर को घटाया ह तथा जल बहाव भिम कटाव व बाढ़ म विदध की ह ऐसी ि थित म जल सरकषण का दािय व मातर वजञािनक व सरकार तक सीिमत न रहकर पर यक उपभोकता क कध पर आ जाता ह इसी दािय व क िनवरहन क िलए हमार पास दो िवक प सामन आत ह 1 वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई

उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

2 पािरवािरक तर पर वषार जल को सगरिहत कर उसका उपयोग कर य दोन ही परयास गरामीण कषतर म तो सरलता स अपनाए जा सकत ह परत शहरी कषतर म व ट वाटर मनजमट की बड़ी पिरयोजनाए बनाकर ही पानी को िरसाइिकल िकया जा सकता ह भ-गभर अिधकािधक जल अवशोिषत होकर

जाए इसक िलए मदानी भाग म िनयोिजत ढग स बड़-बड़ पोखर बनाकर तथा पहाड़ी कषतर म नाल -ख ड म िमटटी प थर आरसीसी क बड़-छोट डम लगाकर जल बहाव रोक भ-सरकषण बचाव व जल भडारण और धरातल जल शोषण कषतर बढ़ाया जा सकता ह िव व बक भारत सरकार वारा म य िहमालय जलागम पिरयोजना रा य क भ-सरकषण िवभाग इस कषतर म कारगर उपाय लकर

हमार सामन ह परत जनसहयोग क िबना इन पिरयोजनाओ क आशातीत पिरणाम ल पाना किठन ह वकषारोपण इस सपणर जल चकर को बल दन वाला कारक ह जल क परित चतना जागत न हई तो अव य ही अगल िव व यदध का कारण जल ही होगा

जल भोजन ह और अिगन भोजन का भकषक ह अिगन जल म और जल अिगन म िव यमान ह

- ततरीय उपिनषद 38

वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

प ठ 43 अकषय कराित

म भी गान गा सकता ह शबनम क िखलत फल क म भी गीत सना सकता ह सावन क म त झल क लिकन जब घर-घर म बादल छाय घोर िनराशा क तब म नगम गा रहा ह उ मीद की आशा क

सड़क पर खड़ बचपन की य बात सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह

हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

इस बदलत पिरवश का राग सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

गाधी जी क सपन का जो राम-रा य कहलाता ह उस भारत म सड़क पर छोट चाय पहचाता ह

कहा गई वो अ हड़ म ती कहा गया वो यार का रा ता उन हाथ स बचत झड िजन हाथ को चािहए ब ता

उस सोन की िचिड़या की म बात बतान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

कही बम की गमर हवाए कही ससद म कोहराम ह कही होत घोटाल स परशान आदमी आम ह

कही कल की िकलकारी ह कही सड़क पर बचपन ह कही चलता नही गजारा कही िवदश म काला धन ह

म स चाई गा-गाकर सबको बतलान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

बदलता भारत मनीष लाल इरडा

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

प ठ 44 अकषय कराित

करन वाल काम बहत ह यथर उलझन को छोड़ो म ला-पिड़त तोड़ रह ह तम बस lsquoअपन को जोड़ो

lsquoहम बदलग-यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का lsquoवद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का

वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हम बदलग mdash यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का वद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

प ठ 45 अकषय कराित

िसफर काला और सफ़द य ही वो दो रग थ जो तर पास सि ट बनान क आधार थ

काला वो जो कािलमा िलय ह िजस कहत ह दख िनराशा म य अपयश और वो सबकछ जो नकारा मक ह

मगर सफद ह वो रग िजसस जड़ा ह जीवन आशा सख और कीितर और वो सब कछ जो सकारा मक ह पर इन रग स तझ चन ना िमला त सोचन लगा अगर सि ट बनानी ह

तो िकस िलए- ससगर और परम क िलए और

इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग

ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह

बस- बना डाला तन इ दरधनष

जो बरसात क बाद सरज और प वी क अनपम परम को रग दता ह सतरगी रग स

और उ ही सतरगी इ दरधनषी रग म हम हर पल हर कषण डबत गहरात इतरात रहत ह

और खिशय भर ससार म हर रग को अलग-अलग तरह स महसस करक जीत रहत ह

रग तो रग ह मगर-

ससगर और परम क िलए और इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह बस-

सतरगी िचतर सगीता ीवा तव इरडा

प ठ 46 अकषय कराित

कभी पक क कभी फीक़ तो कछ कभी दाग बनकर उभर आत ह

कछ आख म नील बादल स छाए रहत ह तो कछ गाल पर गलाबी रग बनकर छलक जात ह

याद रहत ह अक सर वो रग- जो खदी पर इस तरह छा जात ह िक खद म घलकर खद क होन

का एहसास दत-दत खद का एक रग बन जात ह

बगनी आसामनी नीला हरा पीला नारगी लाल इ दरधनष क य सात रग ही जोड़त ह हमार िदल को

हमार मन को जोड़न वाल इन रग की सतरगी दिनया म-

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा बनाय

और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क

सतरगी िचतर

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा

बनाय और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क सतरगी िचतर

Page 42: Akshay Kranti Vol 3€¦ · पक्ष को प्रभािवत न कर e, बािधत व पीिड़त न कर eवह काय-र्कौशल है।

प ठ 42 अकषय कराित

िव व भर म सीमट क अधाधध परयोग न धरातल क सहज अवशोषण कषतर को घटाया ह तथा जल बहाव भिम कटाव व बाढ़ म विदध की ह ऐसी ि थित म जल सरकषण का दािय व मातर वजञािनक व सरकार तक सीिमत न रहकर पर यक उपभोकता क कध पर आ जाता ह इसी दािय व क िनवरहन क िलए हमार पास दो िवक प सामन आत ह 1 वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई

उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

2 पािरवािरक तर पर वषार जल को सगरिहत कर उसका उपयोग कर य दोन ही परयास गरामीण कषतर म तो सरलता स अपनाए जा सकत ह परत शहरी कषतर म व ट वाटर मनजमट की बड़ी पिरयोजनाए बनाकर ही पानी को िरसाइिकल िकया जा सकता ह भ-गभर अिधकािधक जल अवशोिषत होकर

जाए इसक िलए मदानी भाग म िनयोिजत ढग स बड़-बड़ पोखर बनाकर तथा पहाड़ी कषतर म नाल -ख ड म िमटटी प थर आरसीसी क बड़-छोट डम लगाकर जल बहाव रोक भ-सरकषण बचाव व जल भडारण और धरातल जल शोषण कषतर बढ़ाया जा सकता ह िव व बक भारत सरकार वारा म य िहमालय जलागम पिरयोजना रा य क भ-सरकषण िवभाग इस कषतर म कारगर उपाय लकर

हमार सामन ह परत जनसहयोग क िबना इन पिरयोजनाओ क आशातीत पिरणाम ल पाना किठन ह वकषारोपण इस सपणर जल चकर को बल दन वाला कारक ह जल क परित चतना जागत न हई तो अव य ही अगल िव व यदध का कारण जल ही होगा

जल भोजन ह और अिगन भोजन का भकषक ह अिगन जल म और जल अिगन म िव यमान ह

- ततरीय उपिनषद 38

वयिकतक परयास क अतगरत हर पिरवार नहान-धोन तथा अ य रसोई उपयोग क उपरात बकार जान वाल जल को पनः उपयोगी बनान का उपाय कर उस उपयोग म लाए

प ठ 43 अकषय कराित

म भी गान गा सकता ह शबनम क िखलत फल क म भी गीत सना सकता ह सावन क म त झल क लिकन जब घर-घर म बादल छाय घोर िनराशा क तब म नगम गा रहा ह उ मीद की आशा क

सड़क पर खड़ बचपन की य बात सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह

हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

इस बदलत पिरवश का राग सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

गाधी जी क सपन का जो राम-रा य कहलाता ह उस भारत म सड़क पर छोट चाय पहचाता ह

कहा गई वो अ हड़ म ती कहा गया वो यार का रा ता उन हाथ स बचत झड िजन हाथ को चािहए ब ता

उस सोन की िचिड़या की म बात बतान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

कही बम की गमर हवाए कही ससद म कोहराम ह कही होत घोटाल स परशान आदमी आम ह

कही कल की िकलकारी ह कही सड़क पर बचपन ह कही चलता नही गजारा कही िवदश म काला धन ह

म स चाई गा-गाकर सबको बतलान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

बदलता भारत मनीष लाल इरडा

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

प ठ 44 अकषय कराित

करन वाल काम बहत ह यथर उलझन को छोड़ो म ला-पिड़त तोड़ रह ह तम बस lsquoअपन को जोड़ो

lsquoहम बदलग-यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का lsquoवद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का

वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हम बदलग mdash यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का वद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

प ठ 45 अकषय कराित

िसफर काला और सफ़द य ही वो दो रग थ जो तर पास सि ट बनान क आधार थ

काला वो जो कािलमा िलय ह िजस कहत ह दख िनराशा म य अपयश और वो सबकछ जो नकारा मक ह

मगर सफद ह वो रग िजसस जड़ा ह जीवन आशा सख और कीितर और वो सब कछ जो सकारा मक ह पर इन रग स तझ चन ना िमला त सोचन लगा अगर सि ट बनानी ह

तो िकस िलए- ससगर और परम क िलए और

इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग

ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह

बस- बना डाला तन इ दरधनष

जो बरसात क बाद सरज और प वी क अनपम परम को रग दता ह सतरगी रग स

और उ ही सतरगी इ दरधनषी रग म हम हर पल हर कषण डबत गहरात इतरात रहत ह

और खिशय भर ससार म हर रग को अलग-अलग तरह स महसस करक जीत रहत ह

रग तो रग ह मगर-

ससगर और परम क िलए और इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह बस-

सतरगी िचतर सगीता ीवा तव इरडा

प ठ 46 अकषय कराित

कभी पक क कभी फीक़ तो कछ कभी दाग बनकर उभर आत ह

कछ आख म नील बादल स छाए रहत ह तो कछ गाल पर गलाबी रग बनकर छलक जात ह

याद रहत ह अक सर वो रग- जो खदी पर इस तरह छा जात ह िक खद म घलकर खद क होन

का एहसास दत-दत खद का एक रग बन जात ह

बगनी आसामनी नीला हरा पीला नारगी लाल इ दरधनष क य सात रग ही जोड़त ह हमार िदल को

हमार मन को जोड़न वाल इन रग की सतरगी दिनया म-

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा बनाय

और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क

सतरगी िचतर

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा

बनाय और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क सतरगी िचतर

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प ठ 43 अकषय कराित

म भी गान गा सकता ह शबनम क िखलत फल क म भी गीत सना सकता ह सावन क म त झल क लिकन जब घर-घर म बादल छाय घोर िनराशा क तब म नगम गा रहा ह उ मीद की आशा क

सड़क पर खड़ बचपन की य बात सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह

हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

इस बदलत पिरवश का राग सनान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

गाधी जी क सपन का जो राम-रा य कहलाता ह उस भारत म सड़क पर छोट चाय पहचाता ह

कहा गई वो अ हड़ म ती कहा गया वो यार का रा ता उन हाथ स बचत झड िजन हाथ को चािहए ब ता

उस सोन की िचिड़या की म बात बतान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

कही बम की गमर हवाए कही ससद म कोहराम ह कही होत घोटाल स परशान आदमी आम ह

कही कल की िकलकारी ह कही सड़क पर बचपन ह कही चलता नही गजारा कही िवदश म काला धन ह

म स चाई गा-गाकर सबको बतलान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

बदलता भारत मनीष लाल इरडा

हर-भर लहरात पड़ बन रह िबयावान ह महगाई की मार स सहमा सा हर इसान ह हर तरफ होत गोली क शोर स शहर बनत जा रह किबर तान ह

प ठ 44 अकषय कराित

करन वाल काम बहत ह यथर उलझन को छोड़ो म ला-पिड़त तोड़ रह ह तम बस lsquoअपन को जोड़ो

lsquoहम बदलग-यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का lsquoवद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का

वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हम बदलग mdash यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का वद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

प ठ 45 अकषय कराित

िसफर काला और सफ़द य ही वो दो रग थ जो तर पास सि ट बनान क आधार थ

काला वो जो कािलमा िलय ह िजस कहत ह दख िनराशा म य अपयश और वो सबकछ जो नकारा मक ह

मगर सफद ह वो रग िजसस जड़ा ह जीवन आशा सख और कीितर और वो सब कछ जो सकारा मक ह पर इन रग स तझ चन ना िमला त सोचन लगा अगर सि ट बनानी ह

तो िकस िलए- ससगर और परम क िलए और

इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग

ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह

बस- बना डाला तन इ दरधनष

जो बरसात क बाद सरज और प वी क अनपम परम को रग दता ह सतरगी रग स

और उ ही सतरगी इ दरधनषी रग म हम हर पल हर कषण डबत गहरात इतरात रहत ह

और खिशय भर ससार म हर रग को अलग-अलग तरह स महसस करक जीत रहत ह

रग तो रग ह मगर-

ससगर और परम क िलए और इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह बस-

सतरगी िचतर सगीता ीवा तव इरडा

प ठ 46 अकषय कराित

कभी पक क कभी फीक़ तो कछ कभी दाग बनकर उभर आत ह

कछ आख म नील बादल स छाए रहत ह तो कछ गाल पर गलाबी रग बनकर छलक जात ह

याद रहत ह अक सर वो रग- जो खदी पर इस तरह छा जात ह िक खद म घलकर खद क होन

का एहसास दत-दत खद का एक रग बन जात ह

बगनी आसामनी नीला हरा पीला नारगी लाल इ दरधनष क य सात रग ही जोड़त ह हमार िदल को

हमार मन को जोड़न वाल इन रग की सतरगी दिनया म-

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा बनाय

और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क

सतरगी िचतर

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा

बनाय और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क सतरगी िचतर

Page 44: Akshay Kranti Vol 3€¦ · पक्ष को प्रभािवत न कर e, बािधत व पीिड़त न कर eवह काय-र्कौशल है।

प ठ 44 अकषय कराित

करन वाल काम बहत ह यथर उलझन को छोड़ो म ला-पिड़त तोड़ रह ह तम बस lsquoअपन को जोड़ो

lsquoहम बदलग-यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का lsquoवद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का

वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

हम बदलग mdash यग बदलगाrsquo मतर यही ह सवरन का वद मातरमrsquo गीत नही य पर न ह जीन-मरन का वक त यही ह सध लन का य पाठ पढ़ान आया ह म बदलत भारत की त वीर िदखान लाया ह

प ठ 45 अकषय कराित

िसफर काला और सफ़द य ही वो दो रग थ जो तर पास सि ट बनान क आधार थ

काला वो जो कािलमा िलय ह िजस कहत ह दख िनराशा म य अपयश और वो सबकछ जो नकारा मक ह

मगर सफद ह वो रग िजसस जड़ा ह जीवन आशा सख और कीितर और वो सब कछ जो सकारा मक ह पर इन रग स तझ चन ना िमला त सोचन लगा अगर सि ट बनानी ह

तो िकस िलए- ससगर और परम क िलए और

इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग

ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह

बस- बना डाला तन इ दरधनष

जो बरसात क बाद सरज और प वी क अनपम परम को रग दता ह सतरगी रग स

और उ ही सतरगी इ दरधनषी रग म हम हर पल हर कषण डबत गहरात इतरात रहत ह

और खिशय भर ससार म हर रग को अलग-अलग तरह स महसस करक जीत रहत ह

रग तो रग ह मगर-

ससगर और परम क िलए और इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह बस-

सतरगी िचतर सगीता ीवा तव इरडा

प ठ 46 अकषय कराित

कभी पक क कभी फीक़ तो कछ कभी दाग बनकर उभर आत ह

कछ आख म नील बादल स छाए रहत ह तो कछ गाल पर गलाबी रग बनकर छलक जात ह

याद रहत ह अक सर वो रग- जो खदी पर इस तरह छा जात ह िक खद म घलकर खद क होन

का एहसास दत-दत खद का एक रग बन जात ह

बगनी आसामनी नीला हरा पीला नारगी लाल इ दरधनष क य सात रग ही जोड़त ह हमार िदल को

हमार मन को जोड़न वाल इन रग की सतरगी दिनया म-

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा बनाय

और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क

सतरगी िचतर

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा

बनाय और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क सतरगी िचतर

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प ठ 45 अकषय कराित

िसफर काला और सफ़द य ही वो दो रग थ जो तर पास सि ट बनान क आधार थ

काला वो जो कािलमा िलय ह िजस कहत ह दख िनराशा म य अपयश और वो सबकछ जो नकारा मक ह

मगर सफद ह वो रग िजसस जड़ा ह जीवन आशा सख और कीितर और वो सब कछ जो सकारा मक ह पर इन रग स तझ चन ना िमला त सोचन लगा अगर सि ट बनानी ह

तो िकस िलए- ससगर और परम क िलए और

इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग

ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह

बस- बना डाला तन इ दरधनष

जो बरसात क बाद सरज और प वी क अनपम परम को रग दता ह सतरगी रग स

और उ ही सतरगी इ दरधनषी रग म हम हर पल हर कषण डबत गहरात इतरात रहत ह

और खिशय भर ससार म हर रग को अलग-अलग तरह स महसस करक जीत रहत ह

रग तो रग ह मगर-

ससगर और परम क िलए और इस ससार क िव तार और परसार क िलए तो मझ और रग बनान ह ग ऐस रग जो अपनी एक अलग पिरभाषा िलए ह जो परम और िसफर परम क अनक प िलए ह बस-

सतरगी िचतर सगीता ीवा तव इरडा

प ठ 46 अकषय कराित

कभी पक क कभी फीक़ तो कछ कभी दाग बनकर उभर आत ह

कछ आख म नील बादल स छाए रहत ह तो कछ गाल पर गलाबी रग बनकर छलक जात ह

याद रहत ह अक सर वो रग- जो खदी पर इस तरह छा जात ह िक खद म घलकर खद क होन

का एहसास दत-दत खद का एक रग बन जात ह

बगनी आसामनी नीला हरा पीला नारगी लाल इ दरधनष क य सात रग ही जोड़त ह हमार िदल को

हमार मन को जोड़न वाल इन रग की सतरगी दिनया म-

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा बनाय

और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क

सतरगी िचतर

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा

बनाय और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क सतरगी िचतर

Page 46: Akshay Kranti Vol 3€¦ · पक्ष को प्रभािवत न कर e, बािधत व पीिड़त न कर eवह काय-र्कौशल है।

प ठ 46 अकषय कराित

कभी पक क कभी फीक़ तो कछ कभी दाग बनकर उभर आत ह

कछ आख म नील बादल स छाए रहत ह तो कछ गाल पर गलाबी रग बनकर छलक जात ह

याद रहत ह अक सर वो रग- जो खदी पर इस तरह छा जात ह िक खद म घलकर खद क होन

का एहसास दत-दत खद का एक रग बन जात ह

बगनी आसामनी नीला हरा पीला नारगी लाल इ दरधनष क य सात रग ही जोड़त ह हमार िदल को

हमार मन को जोड़न वाल इन रग की सतरगी दिनया म-

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा बनाय

और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क

सतरगी िचतर

आओ हम सब य घल िमल जाए िक तरा य रग भरा ससार- जसा तन चाहा ह वसा

बनाय और कह- ओ सतरगी दिनया क िचतर हम भी तो ह तरी दिनया क सतरगी िचतर