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औǏोिगक ƈाŀȔत -अथ˿ और कारण (Industrial Revolution) ȣनातक Ǘितǯा (इितहास) ĻǑतीय वष˿ इकाई-10 अिवनाश कु मार अिसȣट˵ट Ǘोफे सर-इितहास पटना कॉलेज, पटना मोबाइल न. 6202393206 -मेल पता -avinashisavailable@gmail.कॉम

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  • औ ोिगक ा त -अथ और कारण (Industrial Revolution)

    नातक ित ा (इितहास) तीय वष

    इकाई-10

    अिवनाश कुमारअिस टट ोफेसर-इितहास

    पटना कॉलेज, पटना

    मोबाइल न. 6202393206

    ई-मेल पता -avinashisavailable@gmail.कॉम

  • • वैचा रक िविनमय के म म अ सर यह बात उभर कर सामने आती है िक दिुनया क िव भ ांितय – ांसीसी, अमे रक , सी आिद-ने वतमान दिुनया को नई िदशा और दशा दान क ।ं बशेक ये बात सही है। पर या कभी यह बात भी आम ई िक इन सब

    ांितय के लए आव यक पृ भूिम बनाने का अहम कारी औ ोिगक ा त ने िकया। औ ोिगक ा त ने ही म य वग को ज म िदया जसने ांसीसी ा त को अिनवाय बना िदया, ये औ ोिगक िहत का टकराव ही था जसके चलते अमरीक उपिनवेश इं लड के खलाफ हो गए, यह औ ोिगक शोषण ही था जसने कारखाने के मजदरू को

    सी ा त के लए तैयार िकया। और सबसे बड़ी बात, इसी औ ोिगक ा त ने व तओंु और सेवाओं के वहृद पैमान ेपर उ पादन को संभव बनाया जससे वै वीकरण संभव हो पाया। पर सौ टके के सवाल अभी बाक है िक आ खर ये ा त ई कैसे?

  • औ ोिगक ांित – Industrial Revolution• “ ांित” श द से साधारणतया आक मक उथल-पथुल का बोध होता है. लेिकन औ ोिगक ांित

    (Industrial Revolution) के साथ हम वैसी बात नह पाते ह. साधारणतः लोहे, काँसे और दसूरी-दसूरी चीज के उ पादन के ढंग म आमूल प रवतन को “औ ोिगक ांित (Industrial

    Revolution)” क सं ा दी जाती है. द तकारी के थान पर वै ािनक अनसंुधान के प रणाम व प कारखान का ज म आ, उ पादन म वृ ध ई. सं ेप म, औ ोिगक ांित (Industrial Revolution) का अ भ ाय उन प रवतन से है ज ह ने यह संभव कर िदया िक

    मनु य उ पादन के ाचीन तरीक को छोड़कर बड़ी मा ा बड़े-बड़े कारखान म व तओुं का उ पादन कर सके. इितहासकार रायकर ने औ ोिगक ा त को प रभािषत करते ए कहा है िक – “द तकारी के थान पर वा पयं ारा चा लत उ पादन और यातायात क ि याओं म सामा य

    प से प रवतन लाना ही औ ोिगक ांित (Industrial Revolution) थी.”

  • • 1760 ई. से लेकर 1840 ई. तक Europe म अक मात ्औ ोिगक ि या म नई-नई चीज ई,ं ज ह कुल िमलाकर औ ोिगक ांित का नाम िदया गया. व ततुः यह ि या आज तक चल रही है पर त ुउस समय के कालखंड म औ ोिगक उ पादन क ि या म जो बदलाव आये थे वे अ ंत आक मक और अभूतपवू थे. इस संदभ म 1760 ई. का मह व यह है िक उसी वष castiron blowing cylinder का सव थम योग आ था. 1840 ई. के बाद यूरोप म रेलवे का िव तार आ इस लए इसके बाद औ ोिगक उ पादन म अभूतपवू गित ई. अतः इस दौर को तीय औ ोिगक ा त का नाम िदया गया.

  • औ ोिगक ांित• औ ोिगक ांित (Industrial Revolution) के ार भ होन े के पहले घरेल ू उ ोग-धंध का

    बोलबाला था. श पकार, कारीगर, द तकार अपने घर के सु दर-सु दर व तएँु तैयार करत ेथे. औ ोिगक ांित (Industrial Revolution) के फल व प उ पादन के तरीक म आमलू प रवतन आ. मानवीय म के थान पर यं ो का ोयग शु आ. नयी-नयी मशीन बन . इस

    कार द तकारी के थान पर वै ािनक अनसंुधान के फल व प जब कारखान का ज म आ और उ पादन म वृ ध ई तो इसे ही “औ ोिगक ांित (IndustrialRevolution)” क सं ा दी गई. सं ेप म, औ ोिगक ांित (Industrial Revolution) का अ भ ाय उन प रवतन से ह ज ह न ेयह संभव कर िदया िक मनु य उ पादन के ाचीन तरीक को छोड़कर बड़ी मा ा म बड़े-बड़े कारखान म व तओंु का उ पादन कर सके.

  • कारण

    • इंगलड म औ ोिगक ा त क न व पहले से ही तैयार क जा रही थी. इंगलड का यवसायी वग अ य देश के यवसायी वग क अपे ा अिधक कुशल और साहसी था. यापार क उ ित के लए उनम अिधक लगन और वाभािवक ेरणा थी. इंगलड का यवसाियक वग सरकारी ह त ेप से मु था. इंगलड क सरकार भी यापा रय के काय म सहायता देती थी. प र थित क सगुमता के अित र सामा जक, राजनीितक और आ थक प र थितय के कारण भी औ ोिगक ांित (Industrial Revolution) सव थम इंगलड म ई. इन कारण का िववरण कुछ इस कार है –

  • इं लड क आंत रक थित

    • 1688 ई. क ांित के फल व प इं लड संसदीय शासन-प धित क थापना ई. जनसाधारण के अिधकार सरु त हो चकेु थे. राजनीितक और धा मक अ ाचार से मुि पाकर लोग आ थक िवकास क ओर अ सर ए. गहृयु ध और बा आ मण क कोई आशंका नह थी. आंत रक शा त और सदुढ़ृता यापार क गित म सहायक ई. लेिकन अ य दसूरे-दसूरे देश राजनीितक उलझन म ही फँस ेथे.

  • म यम वग का उदय• सतरहव सदी म यापा रक ांित के कारण म यम वग क शि बढ़ी. िक त ुअब

    भी सामंती ितबंध के कारण म यम वग के वा ण य- यापार और उ ोग-धंध क गित नह हो रही थी. 1740 ई. म इंगलड म म यम वग ने ांित क . ांित के फल व प एक नयी यव था कायम ई. नयी यव था म परुाने सामंती

    ितबंध छुटकारा िमलने और उ ोगपितय के हाथ म शि आ जान ेके कारण इं लड म उ ोग-धंध क काफ गित ई. चूँिक इंगलड म म यम वग के हाथ म राजनीितक स ा ांस और अमे रका से पहले आई थी, इस लए औ ोिगक ांित (Industrial Revolution) का ार भ भी पहले-पहल इंगलड म आ.

  • पूँजी क अिधकता

    • इंगलड का यापार पवू और प चमी ीप समूह से होता था. इससे इंगलड को अिधक मुनाफा ा होता था. देश म पूँजीवादी य था िदन-

    ितिदन जोर पकड़ती जा रही थी. बची ई पूँजी का उपयोग लोग उ पादन बढ़ाने म करने लगे. उ पादन बढ़ने से औ ोिगक ांित (Industrial Revolution) को ो साहन िमला. बक- णाली के िवकास से भी धन इक ा करने म मदद िमली.

  • व तओुं क बढ़ती ई माँग

    • अठारहव शता दी के यु ध के प रणाम भी औ ोिगक ांित (Industrial Revolution) क गित म सहायक िस ध ए. इंगलड पेशेवर िसपािहय के लए यु ध-साम ी तयैार करता था. सामान क बढ़ती ई माँग ने उ पादन के तरीके और साधन म प रवतन को आव यक बना िदया था. ऐसी प र थित पैदा हो गयी थी िक लोग को बड़े पैमान पर व तओंु के उ पादन म अपनी बु ध लगानी पड़ी.

  • कृिष- ांित का भाव

    • इंगलड म स थम औ ोिगक ांित होने का एक मुख कारण यह था िक वहाँ सव थम कृिष- णाली म प रवतन आ. खेती के एक तरीके अपनाए गए और उ पादन म वृ ध

    ई. लोग क आ थक थित म प रवतन आया, उनक आव यकताएँ बढ और आव यकताओं क पतू के लए उ ोग-धंध का िवकास िकया गया. उ पादन बढ़ने से शहर क बढ़ती ई आबादी को खलाना संभव हो सका. कृिष- ा त का एक प रणाम यह भी आ िक खेती म लगे िकसान बेकार हो गए. वे जीिवका क खोज म शहर गए. इससे मशि के अभाव क पू त ई. अब कारखाना म तैयार व तओंु के लए देश म ही बाजार िमल गया.

  • कुशल कारीगर

    • सतरहव शता दी म धमयु ध के कारण अ य देश से अिधक सं या म कुशल कारीगर इंगलड आये थे. उ ह ने अपनी कला-कौशल का दशन इंगलड म िकया. इससे इंगलड के मजदरू के

    ान म वृ ध ई. खेती के तरीके म प रवतन आ और उ ोग-धंध का िवकास आ. इस कार उ ोग-धंध के िवकास म कुशल कारीगर ने ब त मदद प ँचाई.

  • क े माल क सिुवधा

    • 18व शता दी के म य तक इंगलड का औपिनवे शक सा ा य पवू कनाडा, उ री अमे रका, ो रडा, भारत, प चमी ीप समहू, प चमी अ का, ज ा टर तक फ़ैल चकुा था. इन थान से इंगलड को पया मा ा म क ा माल

    िमल जाता था. साथ ही िन मत व तओंु क खपत के लए बाजार भी िमल जाता था. उपिनवेश से धन भी िमल जाता था. इस कार औपिनवे शक सा ा य क वृ ध से इंगलड को औ ोिगक गित म काफ सहायता िमली. य िक औ ोिगक िवकास के मुख साधन – पूँजी, म, क ा माल और बाजार उपिनवेश म िमल जाते थे.

  • जनसं या म वृ ध

    •जनसं या म वृ ध औ ोिगक ा त का एक मुख कारण था. ब क सरु ा और गरीब क सहायता क यव था क गई थी. अब लोग आसानी से भुखमरी और

    रोक का शकार नह हो सकते थे. जनसं या बढ़ने से

    उ ोग के िवकास के लए म क पू त ई.

  • विनक संघ का पतन

    • विनक संघ के पतन के फल व प भी औ ोिगक ांित कामयाबी हािसल कर सक . विनक संघ के अ दर लोग को संघ के िनयमानसुार काम करना पड़ता था. लेिकन व णक संघ के टूट जाने से लोग अपने पसंद का काम करने लगे. तरह-तरह के यापार का उदय आ. इससे भी औ ोिगक ांित को बल

    िमला.

  • प रणाम

  • आ थक प रणाम• औ ोिगक ांित (Industrial Revolution) के फल व प लोग के आ थक

    जीवन म परिवतन आया. एक ओर बड़े-बड़े कारखान क थापना ई तो दसूरी

    ओर घरेल ू उ ोग-धंध का िवनाश आ. इस बरुा भाव द तकार पर पड़ा.

    अमीरी-गरीबी साथ-साथ बढ़ी. इं लड क रा ीय संपि म वृ ध ई. अतंदशीय यापार के साथ-साथ अतंरा ीय यापार म भी वृ ध ई. इं लड का यापार

    ए शया, अ का और अमे रका से होता था. इससे उसे आ थक लाभ ा आ.

    देहात के बेकार मजदरू और द तकार शहर म काम करने लगे. इससे शहर क जनसं या बढ़ी और साथ-साथ आ थक-साम जक सम याएँ भी उ प ई.ं

  • सामा जक प रणाम• पौि क आहार और दावा-दा के उिचत बंध के कारण जनसं या म वृ ध ई. दसूरी

    ओर कारखाना णाली का बरुा भाव मजदरू के वा य पर पड़ा. मजदरू को उिचत मजदरूी नह दी जाती थी. कम मजदरूी के कारण उ ह अ छा भोजन नह िमलता था. औ ोिगक ा त ने साम जक िवषमता को ज म िदया. पूँजी कुछ ही लोग के हाथ म जमा हो गई. पूँजीपित मुनाफा कमाने म लगे रहते थे और वे मजदरू क सिुवधा का

    याल नह करते थे. धनी िदन- ितिदन धनी होते जा रहे थे और गरीब क गरीबी बढ़ती जा रही थी. आ थक िवषमता ने साम जक िवषमता को ज म िदया. समाज म

    ाचार और य भचार जैसी साम जक बरुाइयाँ बढ . इससे लोग का जीवन क मय हो गया.

  • िन कष • िन कष के तौर पर कहा जा सकता है िक इं लड क आंत रक थित,

    उसक भौगो लक अव थित, म यम वग का उदय, पूंजी क अबाध आपू त, वै ािनक सोच का िवकास, कृिष का िवकास, कुशल कारीगर और क ेमाल क उपल ता ऐसे कारण थे जनसे औ ोगीकरण को हवा िमली। इसने वहाँ के समाज और अथ यव था म आमूलचलू प रवतन िकए ज ह ने आगे चलकर उसक राजनीित को भी आकार िदया।